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मैंने प्रेमचंद द्वारा लिखित पुस्तक "गोदान" पढ़ी है। "गोदान" हिंदी साहित्य की एक

अमूल्य कृति है, जो भारतीय ग्राम्य जीवन की समस्याओं और संघर्षों को गहराई से


प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक में मुख्य पात्र होरी है, जो एक गरीब किसान है और उसका
सपना है कि वह एक गाय का दान कर सके, जिसे "गोदान" कहते हैं।

कहानी का सारां: होरी अपनी पत्नी धनिया, बेटी रूपा और बेटे गोबर के साथ छोटे से
गांव में रहता है। उसकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है, और कर्ज़ में डूबा हुआ है।
गोबर गांव छोड़कर हर चला जाता है और वहां नौकरी कर लेता है। होरी का सपना है
कि वह गोदान कर सके, लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं हैं। कहानी के अंत तक,
होरी का संघर्ष और उसका जीवन के प्रति समर्पण उसे एक आदर्पात्र बनाता है।

मुख्य विषय और संदेश: "गोदान" में प्रेमचंद ने भारतीय समाज में व्याप्त जातिगत
भेदभाव, गरीबी, किसानों की दुर्द र्शऔर सामाजिक अन्याय को बहुत ही मार्मिकता से
चित्रित किया है। होरी के माध्यम से उन्होंने दिखाया है कि कैसे एक साधारण
किसान अपने धर्म और संस्कृति के प्रति समर्पित रहता है, चाहे उसके सामने कितनी
भी मुकिलेंलें श्कि
क्यों न आएं। पुस्तक का मुख्य संदेश है कि मनुष्य को अपने सपनों को
पूरा करने के लिए संघर्ष करना चाहिए, चाहे परिस्थिति कैसी भी हो।

लेखन ली: प्रेमचंद की लेखन शैली बहुत ही सरल और प्रभाव ली लीशाहै। उनकी भाषा में
सहजता और प्रवाह है, जो पाठकों को कहानी से जोड़कर रखती है। उनका विवरणात्मक
लेखन और पात्रों का मनोवैज्ञानिक विलेषषण
ण श्ले
बहुत ही उत्कृष्ट है। प्रेमचंद ने
ग्रामीण जीवन और उनके संघर्षों को इतने जीवंत तरीके से प्रस्तुत किया है कि
पाठक खुद को उस माहौल में महसूस करता है।

वि षताएँ:

 पात्रों की गहराई: होरी और धनिया के चरित्र को इतने विस्तार से उकेरा गया


है कि वे वास्तविक जीवन के पात्र लगते हैं।
 सामाजिक मुद्दों का चित्रण: प्रेमचंद ने सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को बड़े
ही संवेदन लता लता शी
के साथ प्रस्तुत किया है।
 संवाद: संवादों में ग्रामीण भाषा का उपयोग कहानी को और अधिक वास्तविक बनाता
है।

समापन: "गोदान" एक सी पुस्तक है जो पाठकों को सोचने पर मजबूर करती है। यह न केवल


एक कहानी है, बल्कि एक सामाजिक दस्तावेज भी है, जो उस समय की वास्तविकता को
प्रतिबिंबित करता है। प्रेमचंद की यह कृति हमें अपने समाज को समझने और उसमें
सुधार लाने के लिए प्रेरित करती है। इस पुस्तक को पढ़ना एक अद्वितीय अनुभव है
और यह हिंदी साहित्य की धरोहर है।

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