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परमाणु ऊर्ाा केंद्रीय विद्यालय -2 ,मुम्बई

आिधिक परीक्षा – १ ( २०२३-२४)

विषय – ह िं दी [हितीय भाषा ]

कक्षा – नौिीिं अिं क – 40 समय – डे ढ़ घिंटा

प्र.1 धनम्नलखित गद्यािं श को पढ़कर हदए गए प्रश्नों के ब ु विकल्पीय उत्तर में स ी उत्तर चु नकर
धलखिए - 5

सिंघषा के मागा में अकेला ी चलना पड़ता ै | कोई बा री शवि आपकी स ायता न ीिं करती
ै | पररश्रम, दृढ़ इच्छाशवि , लगन आहद मानिीय गुण व्यवि को सिंघषा करने और र्ीिन में
सफलता प्राप्त करने का मागा प्रशस्त करते ैं । दो म त्िपूण ा तथ्य स्मरणीय ैं - प्रत्येक समस्या
अपने साथ सिंघषा लेकर आती ै | प्रत्येक सिंघषा के गभा में विर्य धनह त र ती ै | एक
अध्यापक स्कूल छोड़ने िाले अपने छात्रों को य सिंदेश दे ता ै तुम् ें र्ीिन में सफल ोने के
धलए समस्याओिं से सिंघषा करने का अभ्यास करना ोगा। म कोई भी काया सिोच्च धशिर पर
प ुुँ चने का सिंकल्प लेकर चलें | सफलता में कभी धनराश न ीिं करे गी | समस्त ग्रिंथों और
म ापुरुषों के अनुभिों का धनष्कषा य ै हक सिंघषा से डरना अथिा उससे विमुि ोना अह तकर
ै | मानि िमा के प्रधतकूल ै और अपने विकास को अनािश्यक रूप से बाधित करना ै । आप
र्ाधगए, उहिए, दृढ़ सिंकल्प, उत्सा एििं सा स के साथ सिंघषा रूपी विर्य रथ पर चहढ़ए और
अपने र्ीिन के विकास की बािाओिं रूपी शत्रु ओिं पर विर्य प्राप्त कीखर्ए।

[क] मनुष्य को सिंघषा करने और र्ीिन में सफलता प्राप्त करने का मागा प्रशस्त करते ैं -

1. धनभीकता ,सा स, पररश्रम 2. पररश्रम ,लगन ,आत्मविश्वास

3. सा स ,दृढ़ इच्छाशवि, पररश्रम 4. पररश्रम, दृढ़ इच्छाशवि , लगन

[ि] प्रत्येक समस्या अपने साथ लेकर आती ै –

1. सिंघषा 2. कहिनाइयाुँ

3. चु नौधतयाुँ 4. सुि द पररणाम

1
[ग] समस्त ग्रिंथों और अनुभिों का धनष्कषा ै –

1. सिंघषा से डरना या विमुि ोना अह तकर ै

2. मानि िमा के प्रधतकूल ै

3. अपने विकास को बाधित करना ै

4. उपयुि
ा सभी

[घ] मानिीय शब्द में मूल शब्द और प्रत्यय ै -

1. मानिी + य 2. मानि + ईय

3. मानि + नीय 4. मानि + इय

[ड] सिंघषा रूप विर्य रथ पर चढ़ने के धलए आिश्यक ै –

1. दृढ़ सिंकल्प, धनडरता और िै य ा 2. दृढ़ सिंकल्प ,उत्सा एििं सा स

3. दृढ़ सिंकल्प ,आत्मविश्वास और सा स 4. दृढ़ सिंकल्प ,उत्तम चररत्र एििं सा स।

प्र.2 धनम्नधलखित गद्यािं श को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के ब ु विकल्पीय उत्तरों के स ी विकल्प


चु नकर धलखिए। 5

गिे को कभी क्रोि करते न ीिं सुना न दे िा। खर्तना चा ो गरीब को मारो चा े र्ै सी सड़ी ु ई
घास सामने डाल दो ,उसके चे रे पर कभी असिंतोष की छाया भी न हदिाई दे गी। बैसाि में चा े
एकाि बार कुलेल कर लेता ो, पर मने तो उसे कभी िु श ोते न ीिं दे िा | उसके चे रे पर
एक विषाद स्थायी रूप से छाया र ता ै | सुि -दुि , ाधन-लाभ, हकसी भी दशा में उसे बदलते
न ीिं दे िा |ऋवषयों - मुधनयों के खर्तने गुण ैं , िे सभी उसमें पराकाष्ठा को प ुुँ च गए ैं | पर
आदमी उसे बेिकूफ क ता ै | सद्गुणों का इतना अनादर क ीिं न ीिं दे िा।

[क] गिा कैसा प्राणी ै?

1. ह िं सक 2. स नशील 3. उदिं ड 4. क्रोिी स्िभाि का

2
[ि] गिे के चे रे पर कैसा भाि छाया र ता ै?

1. क्रोि का भाि 2. ईष्याा का भाि 3. स्थायी विषाद 4. असिंतोष का भाि

[ग] गिे में ऋवष-मुधनयों का कौन सा गुण पाया र्ाता ै ?

1.योग सािना का 2.परोपकार का 3. विित्ता का 4.सुि दुि में एक समान भाि से र ने का

[घ] गिे को आदमी क्या समझता ै ?

1. बेिकूफ 2. सिंत 3. लाचार 4. ह िं सक प्राणी

[ड] अनादर शब्द में उपसगा ोगा -

1. अन 2. अन ् 3. आना 4. दर

प्र.3 धनम्नधलखित पद्यािं श को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के ब ु विकल्पीय उत्तर चु नकर धलखिए- 5

रस्सी कच्चे िागे की िीिं च र ी मैं नाि।

र्ाने कब सुने मेरी पुकार करे दे ि भिसागर पार ||

पानी टपके कच्चे सकोरे व्यथा प्रयास ो र े मेरे।

र्ी में उिती र -र कर ु क घर र्ाने की इच्छा ै घेरे।|

[क] कच्चा िागा हकसका प्रतीक ै ?

1. कच्चे प्रेम का 2. सच्चे प्रेम का

3. कमर्ोर और नाशिान स ारे का 4. इनमें से कोई न ीिं

[ि] कच्चे सकोरे का क्या आशय ै ?

1. स्िाभाविक रूप से कमर्ोर प्रयास 2. साथाक प्रयास

3. मुवि की आकािं क्षा 4. भिसागर पार करने का माध्यम।

3
[ग] किधयत्री को हकस घर र्ाने की इच्छा ो र ी ै ?

1. अपनी मािं के घर 2. आत्मा का परमात्मा से धमलन परमात्मा के घर

3. अपने वप्रयतम के घर 4. उपयुि


ा सभी।

[घ] किधयत्री के मोक्ष प्राधप्त के रास्ते बिंद क्यों ैं ?

1. उसके प्रयास कमर्ोर ैं 2. उन् ोंने नाशिान चीर्ों का स ारा धलया ै

3. य मो ग्रस्त ै 4. ि ईश्वर में विश्वास न ीिं रिती

[ड] रस्सी का हकसके धलए प्रयोग ु आ ै ?

1. बिंिन के धलए 2. र्ीिन रूपी डोर के धलए

3. ईश्वर प्राधप्त के धलए ो र े प्रयासों के धलए 4. परिं परा के धलए

प्र.4 धनम्नधलखित प्रश्नों के उत्तरों के स ी विकल्प चु नकर धलखिए - 6

[क] दो बैलों की कथा नामक पाि से में क्या प्रेरणा धमलती ै ?

1. में मे नत करनी चाह ए 2. माधलक की सेिा करनी चाह ए

3. स्ितिंत्रता के धलए सिंघषा आिश्यक ै 4. शत्रु ओिं को शत्रु ी समझना चाह ए

[ि] पशुओिं में कौन सा गुण मनुष्य के गुणों से ज्यादा विकधसत ै ?

1. मन के भािों को समझना 2. श्रम करना

3. अच्छे बुरे में भेद करना 4. दस


ू रे से काम लेना

[ग] ‘लेहकन औरत र्ात पर सीिं ग चलाना मना ै ’- य कथन हकसका ै ?

1. मोती का 2. ीरा का 3. झूरी का 4. गया का

[घ] कबीर ने सिंत के क्या लक्षण बताए ैं ?

4
1. ि हकसी एकमत को मानता ै 2. अपने पक्ष का समथान करने िाला ोता ै

3. ि धनरपेक्ष ोकर ईश्वर का भर्न करता ै 4. ि सभी मतों को मानता ै

[ड] मनुष्य कब म ान क लाता ै ?

1. र्ब ि ऊुँचे कुल में र्न्म लेता ै 2. र्ब उसके मािं -बाप िनी ोते ैं

3. र्ब ि पैसे िाला बन र्ाता ै 4. र्ब उसके कमा ऊुँचे ोते ैं

[च] मारी ईश्वर से कब प चान ोगी?

1. र्ब म कमों में धलप्त र ें गे 2. र्ब म धशक्षा प्राप्त करें गे

3. र्ब म दूसरों पर उपकार करें गे 4. र्ब म स्ियिं को र्ानेंगे।

प्र.5 धनम्नधलखित प्रश्नों में से हकन् ी दो के उत्तर धलखिए - 2+2=4

[क] छोटी बच्ची को बैलों के प्रधत प्रेम क्यों उमड़ आया?

[ि] क ानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीधत विषयक मूल्य उभर कर आए ैं ?

[ग] कािं र्ी ौस में कैद पशुओिं की ाखर्री क्यों ली र्ाती ोगी?

प्र.6 धनम्नधलखित प्रश्नों में से हकन् ी दो के उत्तर धलखिए - 2+2=4

[क] कवि कबीर दास ने सच्चे प्रेम की क्या कसौटी बताई ै ?

[ि] कबीर ने ईश्वर प्राधप्त के धलए हकन प्रचधलत विश्वासों का ििं डन हकया ै ?

[ग] बिंद िार की साुँ कल िोलने के धलए किधयत्री ललद्यद ने क्या उपाय सुझाया ै?

प्र. 7 धनम्नधलखित शब्दों में कौन सा उपसगा प्रयुि ु आ ै? 3

[क] दुराचार

1. दु 2. दरु 3. दरु ् 4. दरु ा

5
[ि] सिंिेदन

1. से 2. सम 3. सम ् 4. सैम

[ग] अध्यक्ष

1. अब 2. अध्य 3. अि ् 4. अधि

प्र.8 धनम्नधलखित शब्दों में कौन सा प्रत्यय प्रयुि ु आ ै? 3

[क] प्यास

1. स 2. आस 3. अब 4. िास।

[ि] खिलौना

1. आना 2. ना 3. अना 4. औना

[ग] उड़ान

1. डान 2. आन 3. ना 4. न

प्र.9 गली मो ल्ले की सड़कों और नाधलयों की समुधचत सफाई न ोने की धशकायत करते ुए
नगर धनगम के अध्यक्ष को पत्र धलखिए। 5

अथिा

आप रो न/ राधिका ैं । खर्ला स्तरीय िाद वििाद प्रधतयोधगता में विर्यी र ने पर बिाई दे ते

ु ए अपने धमत्र दीपािं शु / दीवपका को पत्र धलखिए।

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