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VIDEHA_Ravindra_SPECIAL-21-40
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अप्नन -र्ीवनक यज्ञक प्रकाश- हमर सभक ऐ र्ीवन-यज्ञमे आउ, र्इमे पााँ च
डवभाग िै , अिाात, ब्रह्म-यज्ञ, दे व-यज्ञ, डपतृ-यज्ञ, अछतछि-यज्ञ, आ
िललवै श्वदे व-यज्ञ; पााँ च लोक द्वारा सं चाललत, अिाात, ब्राह्मण, क्षलरय, वै श्य
आ शूद्र क चारर सामाजर्क-आर्ििक वगा आ पााँ चम आन समूह कखनो काल
आयल आगं तुक। आ से तीनटा िै - अिाात, पाक यज्ञ, हडवयाज्ञ आ सोमयज्ञ;
आ र्कर सात डवस्त्तार िै , अिाात, अप्ननष्टोम, अत्यप्ननष्टोम, उक्त्या, षोिषी,
वार्पे य, अछतरार आ अप्तोयमी। अप्नन, अहााँ हमरा सभक ने ता आ अग्रगामी
िी, आ अहााँ दे वत्व ले ल हमर यज्ञक वाहक िी आ सङ्गडह हमरा सभक ले ल
यज्ञक फलक अग्रदूत िी। प्रािाना अछि र्े आउ आ हमरा सभक र्ीवन
तरहरर सन अन्हार सदाक ले ल दूर करै िला िनू। (यज्ञ व्यक्क्तगतसाँ र्ीवनक
सामाजर्क, राष्रीय, वै जश्वक आ पयाावरणीय स्त्तर धरर र्ीवनक डवकासक
एकटा रचनात्मक प्रडक्रया अछि। उपरोक्त व्याख्या सामाजर्क स्त्तरसाँ
सम्िन्न्धत अछि। स्त्वामी ब्रह्ममुनी व्यक्क्तगत स्त्तर पर यज्ञक व्याख्या करै त
िछि, आ ई ऋनवे द 10,7,6 मे से हो सुझाओल गे ल अछिः 'स्त्वयं यज्ञ'; आ
यर्ुवेद 4,13: 'इयम ते यज्ञीय तनू', र्कर अिा अछि- अपन डवकासक
ऋतुक अनुसार यज्ञ द्वारा अपना केँ डवकलसत करू, आ मोन राखू र्े शरीर,
मन आ आत्मा युक्त अहााँ क र्ीवन यज्ञक से वाक ले ल अछि, आ तइसाँ अहााँ क
व्यक्क्तगत डवकास हएत; अहााँ क शरीर अहााँ क र्ीवनक व्यापक यज्ञक पडहल
साधन अछि। ई व्यक्क्तगत यज्ञ पााँ च प्रकारक अछि, पृथ्वी, र्ल, ऊष्मा, वायु
आ आकाशक मौललक सं तुलनक ले ल; तीन प्रकारक- वात, डपत्त आ कफक
सं तुलनक ले ल; आ शरीर, मन आ आत्माक सं तुललत डवकासक ले ल से हो;
सात प्रकारक माने रस, रक्त, मानस, मे धा, अब्स्त्ि, मज्जर्ा आ डवयाक
डवकासक ले ल। ऐ तरहेँ यज्ञ व्यक्क्तसाँ शुरू होइत डवकासक प्रडक्रया अछि, र्े
ब्रह्मां िीय स्त्तर पर सम्पन्न होइत अछि।)
आब आउ यूरोपक विद्वान लोकवन द्वारा िे दक गलत अनुिादक वकछु
उदाहरण दे ख:ू -
EXAMPLES OF SOME MISTRANSLATIONS OF
VEDAS BY WESTERN SCHOLARS
Mekshamyurdhvastisthaan ma ma
hinsishurishvarah.
II
𑒀
'विदे ह' ३४८ म अं क १५ जून २०२२ (िर्ष १५ मास १७४ अं क ३४८)
निम्बर 2021 केँ विदे ह 'रिीन्द्र न थ ठ कुर विशे ष ां क’ प्रक त्रशत करब क
स िवजवनक घोषण केलक आ प्रस्तुत अछि ई विशे ष ां क। एकर एवह ललिंकपर
दे खि सकैत िी-घोषणा। वकिु आले ि एल क ब द एकट वनखित त रीि
केर घोषण अप्रैल 2022 केँ केलक। एकर एवह ललिंकपर दे खि सकैत
िी घोषणा।
समीक्षक सभहक आले िसँ कएल ज रहल अछि। सां गे-सां ग ई क्रम ने तँ
उम्रक िररष्ठत केर प लन करै ए आ ने रचन क गुणित्त क। हँ , एते क धे आन
जरूर र िल गे ल िै जे प ठकक रसभां ग नवह होइन आ से विश्व स अछि जे
रसभां ग नै हे तवन।
आब एकट लोक प्रि दपर आबी। प्रि द एहन चीज िै ज वहसँ र म द्व र
सीत क दोसर बे र वनि वसन भऽ ज इत िै अग्ग्नपररक्ष क ब दो। तँ इ एवहपर
ब त करब उछचत। सां योग ि कुसां योग जे हो मुद विदे हक विशे ष ां क केर
घोषण होइते वकिु ले िक एवह सां स रकेँ िोवड़ दे ल ह। रिीन्द्रजीक सां गे इएह
भे ल। मुद हमर जनै त ई एकट सां योग िै । विदे हक विशे ष ां क सभ शुरू
होमएसँ पवहने आ तकर ब दो ओहन ले िक सभ सां स रसँ विद भे ल ह
जजनक पर विदे ह कोनो घोषण नै केने िल। वनच्च वकिु एहन तथ्य सभ दऽ
रहल िी ज वहसँ मै छथली स वहत्य केर असल ब त बूजझ सकबै --
2) विदे ह जजबै त मुद उपे जक्षत ले िकपर प्रय स करै िै आ एवह क्रममे बहुत
एहन ले िक िछथ जजनकर उम्र पूरर गे ल िवन मुद ओ उपे जक्षत िछथ। तँ इ
विदे ह रिीन्द्रनाथ ठाकुर विशे ष ां क || 5
हमर सभ लग सां कट अछि जे वकनक पर वनक लू। जँ एकट िररष्ठ उपे जक्षतकेँ
कछतय कऽ दोसर कम उम्र बल पर वनक ली तँ ईहो उछचत नै ।