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fundamental-duties-in-indian-constitution-in-hindi-upsc-notes-in-hindi-9b6915ce
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यप
ू ीएससी भारतीय संविधान में
भारतीय संविधान में मौलिक कततव्य (Fundamental Duties in Indian Constitution in Hindi) नैतिक
दातित्वों का एक समह
ू है , जिसका पालन सभी भारिीि नागररकों को करना होिा है । मौलिक कततव्यों
(Fundamental Duties in Hindi) के ललए ववचार भारतीय संविधान ित्कालीन सोवविि संघ के संववधान से
ललिा गिा था। एक नागररिक होने के नािे हम सब अपने मौललक अधधकार की बािें करिे हैं , लेककन
मौलिक कततव्य (Fundamental Duties) को भल
ू िािे हैं, एक िप
ू ीएससी एजपपरें ट होने के नािे आपको
अपने फंडामें टल ड्िूटीज़ की िानकारी होने चाहहए और इसे बखब
ू ी तनभाना चाहहए।
मल
ू रूप से, संववधान तनमाािाओं ने मौलिक कततव्यों (Fundamental Duties) को संववधान में शालमल नहीं
ककिा था।
चूंकक आंतररक आपातकाि (1975 - 1977) के दौरान आिश्यकता महसस
ू की गई थी , सरदार स्िर्त लसंह
सलमतत ने लसफाररश की कक इसे एक अलग अध्िाि के रूप में भारि के संववधान में िोडा िाना चाहहए।
इस लसफाररश के आधार पर, भाग IV A िो मौलिक कततव्यों (Fundamental Duties in Hindi) से
संबधं धि था, को 1976 में 42िें संविधान संशोधन अधधतनयम द्वारा संववधान में िोडा गिा था।
प्रारं भ में अनच्
ु छे द 51 (A) के िहि 10 मौलिक कततव्यों (Fundamental Duties Hindi me) को िोडा गिा
था। बाद में 2002 में, 86िें संविधान संशोधन अधधतनयम ने सच
ू ी में एक और किाव्ि िोडा। इस प्रकार
भारतीय संविधान में कुल 11 मौलिक कततव्य (11 Fundamental Duties in Hindi) हैं।
UPSC परीक्षा के ललए भारिीि रािनीति के िहि एक बहुि ही महत्वपूर्ा टॉवपक है । आइए इस लेख में
आगे 11 मौलिक कततव्यों की सूची (List Of 11 Fundamental Duties in Hindi) िानिे हैं।
51 A (d) दे श की रक्षा करना और िरूरि पडने िा कहे िाने पर राष्ट्रीि सेवाएं प्रदान करना।
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हमारी लमली-िल
ु ी संपकृति की समद्
ृ ध ववरासि को महत्व दे ना और उसका संरक्षर्
51 A (f)
करना।
वनों, झीलों, नहदिों और वन्ििीवों सहहि प्राकृतिक पिाावरर् को महत्व दे ना, उसकी
51 A (g)
रक्षा करना और उसमें सध
ु ार करना और िीववि प्राणर्िों के प्रति दिाभाव रखना।
व्िजतिगि और सामहू हक गतिववधध के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट्टिा की हदशा में प्रिास
51 A (j)
करना िाकक राष्ट्र तनरं िर प्रिास और उपलजधध के उच्च पिर िक पहुंचे।
यह भी पढें : चन
ु ाि कानून
िह सझ
ु ाव हदिा गिा कक संववधान में एक अलग अध्िाि िोडा िाए।
इसने इस बाि पर िोर हदिा कक नागररकों को इस बाि की िानकारी होनी चाहहए कक अधधकारों का
आनंद लेने के अलावा, उनकी जिम्मेदाररिां भी हैं और संववधान में आठ मौललक किाव्िों को शालमल
करने का प्रपिाव रखा।
1976 में , केंद्र सरकार ने इन प्रपिावों को पवीकार ककिा और 42िें संविधान संशोधन अधधतनिम को
अपनािा, जिसने संववधान में एक निा खंड िोडा, जिसे भाग IVA के रूप में िाना िािा है ।
नए खंड में केवल एक लेख, अनच्
ु छे द 51A शालमल था, जिसने पहली बार दस आवश्िक नागररक किाव्िों
का एक कोड पथावपि ककिा।
हदलचपप बाि िह है कक सलमति की कुछ लसफाररशों को पवीकार नहीं ककिा गिा और इस प्रकार उन्हें
संववधान में शालमल नहीं ककिा गिा, िैसे :
o संसद ऐसे दं ड िा दं ड को लागू करने का प्रावधान कर सकिी है िो ककसी भी किाव्िों का पालन
करने से इनकार करने िा ककसी भी गैर-अनप
ु ालन के ललए उपित
ु ि समझा िा सकिा है ।
o एक िा अधधक के उल्लंघन के आधार पर इस िरह के दं ड िा दं ड को लागू करने वाले ककसी भी
कानन
ू को अदालि में चन
ु ौिी नहीं दी िा सकिी है ।
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1998 में , इन किाव्िों को लसखाने के ललए एक राष्ट्रीि कािाक्रम को लागू करने के ललए एक रर्नीति
िैिार करने और एक कािाप्रर्ाली ववकलसि करने के ललए न्िािमतू िा वमाा सलमति का गठन ककिा गिा
था, इसे हर शैक्षणर्क संपथान में लागू करने िोग्ि बनाने और सेवाकालीन प्रलशक्षर् शरू
ु करने के ललए।
िह सझ
ु ाव हदिा गिा था कक संववधान के अनच्
ु छे द 51A में संशोधन ककिा िाए, िाकक चुनावों में मिदान
की जिम्मेदारी को िोडा िा सके, शासन की लोकिांत्रत्रक प्रकक्रिा में सकक्रि रूप से भाग ललिा िा सके
और करों का भग
ु िान ककिा िा सके।
इसने कई मौललक किाव्िों को परू ा करने के ललए कानन
ू ी प्रावधानों को भी रे खांककि ककिा, जिनमें शालमल
हैं :
o भारिीि संववधान, राष्ट्रीि ध्वि और राष्ट्रगान का अनादर तनवषद्ध है
o राष्ट्रीि सम्मान के अपमान की रोकथाम अधधतनिम (1971)।
o नागररक अधधकार संरक्षर् अधधतनिम 4 (1955) के िहि िाति और धमा से संबधं धि अपराध
दं डनीि हैं।
o 1967 का गैरकानन
ू ी गतिववधध (रोकथाम) अधधतनिम एक सांप्रदातिक संगठन को गैरकानन
ू ी संघ
घोवषि करने की अनम
ु ति दे िा है ।
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वे भारि के नागररकों को असामाजिक और राष्ट्र ववरोधी गतिववधधिों के प्रति आगाह करिे हैं।
वे नागररकों को संववधान द्वारा प्रदि मौललक अधधकारों का आनंद लेिे हुए कुछ मौललक किाव्िों का
पालन करने की िाद हदलािे हैं।
वे नागररकों के बीच अनश
ु ासन और प्रतिबद्धिा की भावना को बढावा दे िे हैं और उन्हें राष्ट्रीि लक्ष्िों की
प्राजति में भागीदारी के महत्व को समझने में भी मदद करिे हैं।
उनका उपिोग अदालिों द्वारा ककसी कानन
ू की संवध
ै ातनक वैधिा को सत्िावपि करने के ललए ककिा
िािा है ।
भारि की ित्कालीन प्रधानमंत्री इंहदरा गांधी ने हटतपर्ी की कक भारिीि संववधान में इन किाव्िों को
शालमल करने से लोकिंत्र मिबूि होगा। िद्िवप मौललक किाव्िों को स्िर्त लसंह सलमतत की लसफाररशों के
आधार पर शालमि ककया गया था, लेककन उनके द्वारा सुझाए गए कुछ मौललक अधधकारों पर कांग्रेस पाटी
द्वारा ववचार नहीं ककिा गिा था। कुछ किाव्िों िैसे वोट दे ने का किाव्ि, करों का भुगिान करने का
किाव्ि, आसपास को साफ रखने के किाव्ि आहद को शालमल करने से नागररक दे श के ववकास के प्रति
अधधक िवाबदे ह हो िाएंगे।
हम आशा करिे हैं कक भारतीय संविधान में मौलिक कततव्य (Fundamental Duties in Indian Constitution
in Hindi) के बारे में आपको पूरी िानकारी लमल गई होगी। टे पटबुक प्रतििोगी परीक्षा की िैिारी के ललए
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राष्ट्रीय मानिाधधकार आयोग प्रधानमंत्री और मंत्रत्रपररषद
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