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PA-03 ( JULY 2023)new
PA-03 ( JULY 2023)new
PA-03
94620-70112
Public Administration
(II Year Examination)
Max Marks: 30
Section-A
Section-B
● अभियोगों का निर्णय (Decision of Cases) व्यवस्थापिका द्वारा पारित एवं कार्यपालिका द्वारा
क्रियान्वित विधियों की अवहे लना करने वाले नागरिकों के विरुद्ध जो अभियोग प्रस्तत
ु किये जाते हैं.
उनका निर्णय न्यायपालिका द्वारा किया जाता है । इसके अलावा नागरिकों को पारस्परिक झगड़ों तथा
नागरिकों और सरकार के बीच विवादों का निर्णय भी इसी के द्वारा किया जाता है ।
● नागरिक अधिकारों की रक्षा (Protection of Civil Rights) न्यायपालिका व्यक्ति की स्वतंत्रता तथा
उनके अधिकारों की रक्षा का कार्य करती हैं। व्यक्ति को न्याय मिलता रहे , उसके अधिकार सरु क्षित रहे तो
वह राजनीतिक प्रक्रिया की भागीदारी में शामिल हो जाता है । दे श की सामान्य विधि द्वारा निःसतृ जो भी
अधिकार नागरिकों को मिलते हैं, वे नागरिक अधिकार माने जाते हैं।
Section "C
(i)अनिवार्य कार्य
राज्य या समाज का स्वरूप कैसा भी हो, प्रत्येक स्थिति में राज्य के कुछ कार्य अनिवार्य होते हैं। राज्य के इन
अनिवार्य कार्यों का निष्पादन प्रशासनिक संस्थाओं द्वारा ही किया जाता है ।
प्रशासनिक सीमाओं के प्रथम अनिवार्य कार्यों में आन्तरिक शान्ति व्यवस्था बनाए रखना तथा विदे शी आक्रमण से
रक्षा को सम्मिलित किया जाता है । सेना तथा पलि ु स से सम्बन्धित संस्थाएं इन कार्यों का निष्पादन करती हैं।
प्रशासनिक संस्थाओं के अनिवार्य कार्यों की श्रेणी में आने वाले दस
ू रे प्रकार के कार्य वे हैं, जिनका सम्बन्ध राज्य
1.सकारात्मक राज्य
ए.आर. दे साई ने अपने लेख 'द मिथ ऑफ द वेल्फेयर स्टे ट' में लोक कल्याणकारी राज्य को एक ऐसी संस्था माना
है जो आवश्यक बरु ाई नहीं है बल्कि सकारात्मक अच्छाई लाने में समर्थ है । अर्थात ् राज्य एक ऐसा माध्यम है जो
सदै व नागरिक हितों में वद्
ृ धि करने का प्रयास करता है तथा शोषण, अन्याय, भय, गरीबी, लाचारी, अशिक्षा,
इत्यादि हालातों में सध
ु ार करने के लिए वचनबद्ध है ।
● नागरिक स्वतंत्रताएँ
● मानवाधिकारों पर केन्द्रित
लोक कल्याणकारी राज्य की विशेषताओं में शोषण एवं भयमक् ु त समाज की स्थापना करना प्रमख
ु है । इस हे तु
मानव दस ू रे मानव के साथ किसी प्रकार का अत्याचार एवं भेदभाव न कर सके ऐसी व्यवस्था राज्य द्वारा किया
जाना चाहिए। इस प्रकार ऐसे राज्य की विचारधारा 'प्रत्येक सभी के लिए तथा सभी प्रत्येक के लिए' सिद्धान्त पर
आधारित है । राज्य प्रत्येक व्यक्ति में इस भावना का विकास करता है कि व्यक्ति और समाज का अटूट सम्बन्ध है
तथा प्रत्येक व्यक्ति का हित दस ू रे व्यक्ति के हित में निहित है ।