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जानिए मूट कोर्ट क्या है और इसके कितने प्रकार है?

 मयंक विश्नोई

 Updated on

 अप्रैल 6, 2023

1 minute read

मूट कोर्ट कानून की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की उन गतिविधियों में से एक है


जहाँ विद्यार्थियों को वास्तविक जीवन में होने वाली अदालती कार्यवाही से परिचय
कराया जाता है। मूट कोर्ट का लक्ष्य विद्यार्थियों को वास्तविकता दिखाने का और
जिसका प्रयास विद्यार्थियों को अदालती प्रक्रिया के लिए तैयार करने का होता हैं।
मूट कोर्ट का उद्देय श्य
कानून की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को अदालतों की कार्य
प्रक्रिया, उपयोग होने वाले ड्रेसकोड और दलीलों में प्रयोग होनी वाली मर्यादित
भाषा आदि के बारें में बताना होता है। देखा जाए तो यह एक सा शानदार तरीका है जहाँ
विद्यार्थियों में आत्मविवास सश्वा
, बोलने, लिखने और रिसर्च आदि के स्तर को बढ़ाया
जाता है। और अधिक जानकारी के लिए आपको यह ब्लॉग अंत तक पढ़ना चाहिए। Moot
court kya hai के बारे में विस्तार से जानने के लिए यह ब्लॉग पूरा पढ़ें।

THIS BLOG INCLUDES:

1. मूट कोर्ट क्या है?


2. मूट कोर्ट के प्रकार
3. मूट कोर्ट के महत्व
4. मूट कोर्ट का उद्देय श्य
5. मूट कोर्ट और न्यायालय में अंतर
6. मूट कोर्ट गठित अथवा संचालित करने की रीति
7. मूट कोर्ट को संक्षिप्त में समझें
8. मूट कोर्ट कम्पटीशन क्या होता है?
9. FAQs

मूट कोर्ट क्या है?


मूट कोर्ट एक ऐसी व्यवस्था है जहाँ कानून की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को
अदालत में होने वाली कारवाही, अदालत की कार्य प्रक्रिया, नियमों आदि के बारें
में बताया जाता है। दरअसल यह एक प्रकार का सेटअप होता है जहाँ से आप भविष्य
के लिए कानून के अच्छे जानकर, अच्छे वक्ता और एक अच्छे अधिवक्ता बनकर
निकलते हैं।

Moot court kya hai यह जानना चाहते हैं, तो आपको बता दें कि मूट कोर्ट का मुख्य काम
अदालत में होने वाले व्यवहार के बारें में संपूर्ण जानकारी देना होता है, मूट
कोर्ट प्रतियोगिताओं का मुख्य उद्देय श्य
दो पक्षों के बीच होने वाले विवादों के संबंध
में होने वाली अदालती कार्यवाही से छात्रों को अवगत कराना होता है तांकि छात्र
हर उस माहौल के बारें में जान जाएं, जिनका उन्हें भविष्य में सामना करना पड़
सकता है।

मूट कोर्ट के प्रकार


मूट कोर्ट मूलतः छात्रों के अंदर एक अच्छे अधिवक्ता, एक अच्छे वक्ता, एक अच्छे
वकील, एक अच्छे रिसर्चर और एक अच्छे न्यायधीश का निर्माण करता हैं। मूट कोर्ट
प्रतियोगिताओं को लॉ कॉलेजेस में आयोजित किया जाता है जिनके मुख्य दो प्रकार
होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं;

 राष्ट्रीय मूट कोर्ट


 अंतर्राष्ट्रीय मूट कोर्ट

मूट कोर्ट के महत्व


मूट कोर्ट वाद-विवाद को जड़ से जानने और उससे एक स्वस्थ निष्कर्ष निकालने पर
अधिक बल देता है, इसी कड़ी में मूट कोर्ट देश के भावी न्यायधी शा , कानून के जानकर
अधिवक्ताओं आदि में आत्मविवास सश्वाऔर सकारत्मकता का संचार करता है,
निम्नलिखित महत्वों को पढ़कर आप moot court kya hai की जानकारी प्राप्त कर सकते
हैं-

 मूट कोर्ट छात्रों को कानून की हर बारीकियों से अवगत कराता है।


 मूट कोर्ट छात्रों को हर एक विषय पर गहराई से ठोस रिसर्च करने में सहायता
करता है।
 वाद-विवाद के माध्यम से छात्रों में आत्मविवास सश्वा
को बढ़ाता है।
 मूट कोर्ट छात्रों को टीम वर्क करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है।
 मूट कोर्ट छात्रों को अदालतों में होने वाली दलीलों से परिचित करवाता है।
 मूट कोर्ट छात्रों में विवास सश्वा
के स्तर को बढ़ाता है।
 मूट कोर्ट के माध्यम से छात्र वाद-विवाद करना सीख पाते हैं।

मूट कोर्ट का उद्देय


य य
मूट कोर्ट का उद्देय श्य
बेहद सरल और स्पष्ट होता है कि इसके माध्यम से छात्रों को
अदालत में होने वाली कार्यवाही के बारें में पता चल सकें; नीचे दिए गए बिंदुओं
के माध्यम से आप मूट कोर्ट के उद्देयोंश्यों
के बारें में जान सकते हैं;

 मूट कोर्ट का उद्देय श्य


कानून के छात्रों को एक ऐसा मंच देना हैं जहाँ से वह
अदालत के बारें में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकें।
 छात्रों को मर्यादित भाषा में दलीलें देना सिखाना।
 छात्रों में विवास सश्वा
मूट कोर्ट का उद्देय श्य के भाव को बढ़ाना है।

मूट कोर्ट और न्यायालय में अंतर


Moot court kya hai यह जानने जे साथ-साथ आपको मूट कोर्ट और न्यायालय में अंतर
भी पता होना चाहिए। मूट कोर्ट और न्यायलय में खास अंतर यही है कि मूट कोर्ट
वास्तविक न्यायालय की जैसी व्यवस्था होती है जहाँ लॉ स्टूडेंट्स को वास्तविक
अदालत की भांति ही वाद-विवाद का एक मंच दिया जाता है। दूसरे शब्दों में कहा जाये तो
यह एक कृत्रिम अदालत होती है जबकि एक अदालत विधि द्वारा स्थापित वह स्थान है
जहाँ कानून के दायरे में रहकर बहस और कानून के दायरे में रहकर क्रियात्मक
कार्यवाही की जाती है।

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मूट कोर्ट गठित अथवा संचालित करने की रीति
मूट कोर्ट गठित अथवा संचालित करने की भी एक अलग रीति या प्रक्रिया होती है, जो कि
मूट कोर्ट नोट्स में निम्नलिखित हैं;

 छात्रों के दोनों पक्षों को बराबर दलील देने का समय मिले इसके लिए बैंच
का निर्माण होता हैं जिसमें की इस क्षेत्र के धुरंदरों को रखा जाता हैं।
 पक्ष और प्रतिपक्ष के छात्रों को बैंच के साथ बेहतर समन्वय बनाना पड़ता
है जिसमें की मर्यादित बोल और पक्षों की दलीले देने वाले व्यक्ति की
आवाज ऊँची नहीं होनी चाहिए।
 बैंच से मिले परिणाम को स्वीकार करा जाना चाहिए और एक सभ्य तरीके से ही
मूट कोर्ट चलाना ही सबकी प्रथम प्राथमिकता होनी चाहिए।
 दोनों पक्षों को तर्कों पर ही बात करनी चाहिए कुतर्कों को आधार नहीं बनाना
चाहिए।

मूट कोर्ट को संक्षिप्त में समझें


Moot court kya hai को समझने के लिए नीचे दिए गए बिंदुओं को समझें;

 मूट कोर्ट एक ऐसी व्यवस्था है, जो लॉ स्टूडेंट्स को वाद-विवाद करने में सक्षम
बनता है।
 मूट कोर्ट अदालत की भांति ही एक मंच है परन्तु यह विधि द्वारा स्थापित नहीं
होता है।
 मूट कोर्ट एक ऐसा माध्यम है जो छात्रों के विवास सश्वा
को प्रबल करता है।
 मूट कोर्ट अदालत में होनी वाली कार्य प्रक्रिया से छात्रों को अवगत कराता
है।

मूट कोर्ट कम्पटीन क्या होता है?


मूट कोर्ट नोट्स के अनुसार मूट कोर्ट या मूट कोर्ट कम्पटीशन एक ऐसी प्रतियोगिता है
जिसका आयोजन लॉ कॉलेज के विद्यार्थियों को अदालत में होने वाली कार्य
लीसे अवगत कराता हैं। इन प्रतियोगिताओं को
प्रक्रिया, तौर तरीके और भाषा लीशै
राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाता है, जिसमें इस फील्ड में
काम कर रहे धुरंदरों को बैंच का सदस्य बनाया जाता है।

FAQs
मूट कोर्ट से आप क्या समझते हैं?
Moot court kya hai के इस ब्लॉग में आपने जाना होगा कि मूट कोर्ट वास्तविक अदालत
की भांति होती है या आसान भाषा में कहा जाए तो यह वास्तविक अदालत की जेरोक्स
होती है पर यह विधि द्वारा स्थापित होती है।

क्या मूट कोर्ट “लॉ स्टूडेंट्स” के लिए अनिवार्य है?


हाँ, मूट कोर्ट “लॉ स्टूडेंट्स” के लिए अनिवार्य है क्योंकि इसके माध्यम से
स्टूडेंट्स को अदालत की व्यवस्था के बारें में पता चलता है।

मूट कोर्ट प्रतियोगिता कितने प्रकार की होती है?


मूट कोर्ट प्रतियोगिता मुख्यतः 2 प्रकार की होती है;
-राष्ट्रीय मूट कोर्ट
-अंतर्राष्ट्रीय मूट कोर्ट

मूट कोर्ट और न्यायिक अदालत में अंतर को आप कैसे समझते है?


मूट कोर्ट नोट्स के अनुसार मूट कोर्ट वास्तविक अदालत की प्रतिकृति होती है जहाँ दोनों
पक्ष वाद-विवाद करते है और अदालत की कार्य प्रणाली को समझने की को विशाश करते
हैं जबकि न्यायिक अदालत विधि द्वारा स्थापित अदालत होती है जो कानून का संरक्षण
करती है और कानून के माध्यम से न्याय करती है।

आ शाहैंं कि आपको Moot court kya hai का यह ब्लॉग जानकारी से भरपूर लगा होगा। ऐसे ही
जानकारी से भरपूर ब्लॉग्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu से जुड़े
रहें और मूट कोर्ट नोट्स से संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप नीचे दी गयी
वीडियो को भी देख सकते हैं।

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