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Sri Suktam 16 Mantra

1- ॐ हर यवणा ह रण , सुवणरजत जाम् ।


च ां हर मय ल म , जातवेदो म आ वह ।।

2- तां म आ वह जातवेदो, ल मीमनपगा मनीम् ।


य यां हर यं व दे यं, गाम ं पु षानहम् ।।

3- अ पूवा रथम यां, ह तनाद मो दनीम् ।


यं दे वीमुप ये, ीमा दे वी जुषताम् ।।

4- कां सो मतां हर य ाकारामा ा वल त तृ तां तपय तीम् ।


प े तां प वणा ता महोप ये यम् ।।

5- च ां भासां यशसा वल त यं लोके दे वजु ामुदाराम् ।


तां प नीम शरणं प े अल मीम न यतां वां वृणे ।।

6- आ द यवण तपसोऽ ध जातो वन त तव वृ ोऽ ब वः ।


त य फला न तपसा नुद तु या अ तरा या बा ा अल मीः ।।

7- उपैतु मां दै वसखः, क त म णना सह ।


ा भूतोऽ म रा ेऽ मन्, क तमृ ददातु मे ।।

8- ु पपासामलां ये ामल म नाशया यहम् ।


अभू तमसमृ च, सवा नणुद मे गृहात् ।।

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9- ग ारां राधषा, न यपु ां करी षणीम् ।
ई र सवभूतानां, ता महोप ये यम् ।।

10- मनसः काममाकू त, वाचः स यमशीम ह ।


पशूनां पम य, म य ीः यतां यशः ।।

11- कदमेन जा भूता म य स व कदम ।


यं वासय मे कुले मातरं प मा लनीम् ।।

12- आपः सृज तु न धा न च लीत वस मे गृहे ।


न च दे व मातरं यं वासय मे कुले ।।

13- आ ा पु क रण पु पगलां प मा लनीम् ।


च ां हर मय ल म , जातवेदो म आ वह ।।

14- आ ा य क रण य सुवणा हेममा लनीम् ।


सूया हर मय ल म जातवेदो म आ वह ।।

15- तां म आ वह जातवेदो ल मीमनपगा मनीम् ।


य यां हर यं भूतं गावो दा योऽ ान् व दे यं पु षानहम् ।।

16- य: शु च: यतो भू वा जु यादा यम वहम् ।


सू ं पंचदशच च ीकाम: सततं जपेत् ।।
।। इ त समा त ।।

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