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हिन्दी निबंध एवं अन्य गद्य विधाए
हिन्दी निबंध एवं अन्य गद्य विधाए
व्यक्तिगत परिप्रेक्ष्य: आत्मकथा व्यक्तिगत परिप्रेक्ष्य से लिखी जाती है, जिसमें लेखक अपने
अनुभवों को सच्चाई और संवेदनशीलता से व्यक्त करते हैं।
साक्षात्कार और विचार: आत्मकथा में लेखक अपने व्यक्तिगत साक्षात्कार और अनुभवों के
माध्यम से अपने विचारों को प्रस्तुत करते हैं।
स्वीकृ ति और स्वाधीनता: यह लेखक की अपनी जीवनी होती है और उन्हें अपनी स्वतंत्र
दृष्टिकोण से प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता मिलती है।
समाजिक संदेश: अक्सर आत्मकथाएँ समाजिक संदेश या प्रेरणा प्रदान करती हैं, जो पाठकों को
जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के लिए प्रेरित करती हैं।
वास्तविकता और उपन्यासीकरण: आत्मकथा अक्सर वास्तविकता के आधार पर लिखी जाती
है, लेकिन कई बार लेखक उपन्यासीकृ त तत्वों का भी सहारा लेते हैं ताकि उनकी कथा पाठकों
को संवादित करने में मदद कर सके ।