हमारा संस्कृति-speaking skills 1

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हमारा संस्कृ ति

हमारा विविधताओं का देश है, जहां अलग-अलग धर्म, जाति, लिंग के लोग आपस में
मिलजुल कर रहते हैं। अनेकता में एकता हीहमारा संस्कृ ति की मूल पहचान है।हमारा संस्कृ ति
सबसे प्राचीन संस्कृ ति होने के बावजूद आज भी अपने नैतिक मूल्यों और परंपराओं को बनाए हुए
है।हमारा संस्कृ ति की सबसे बड़ी खासियत सहिष्णुता और सहनशीलता है। भारतीयों के साथ
अंग्रेजी शासकों और आक्रमणकारियों द्वारा काफी क्रू र व्यवहार किया गया और उन पर
असहनीय जुल्म ढाह गए, लेकिन भारतीयों ने देश में शांति बनाए रखने के लिए कई हमलावरों के
अत्याचारों को सहन किया। वहीं सहनशीलता का गुण भारतीयों को उसकी संस्कृ ति से विरासत
में मिला है। वहीं कई महापुरुषों ने भी सहिष्णुता की शिक्षा दी है।हमारा संस्कृ ति, का मूल आधार
आध्यात्मिकता है, जो कि मूल रूप से धर्म, कर्म एवं ईश्वरीय विश्वास से जुड़ी हुई है।
हमारासंस्कृ ति में रह रहे अलग-अलग धर्म और जाति के लोगों को अपने परमेश्वर पर अटू ट
आस्था एवं विश्वास है।हमारामूल के व्यक्ति की शिष्टता एवं अच्छे संस्कार जैसे बड़ों का आदर
करना, अनुशासन में रहना, परोपकार एवं भलाई करना, जीवों के प्रति दया का भाव रखना एवं
अच्छे कर्म करना हीहमारा संस्कृ ति की सबसे बड़ी खासियत है। अत: मनुष्य के अंदर जो भी
गुण समाहित होते हैं, वो उन्हे उनकी संस्कृ ति से विरासत में मिलते हैं और उसे एक सामाजिक
एवं आदर्श प्राणी बनाने में मदद करते हैं।

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