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G4-Hindi-Grammar-Sarvnaam-749
G4-Hindi-Grammar-Sarvnaam-749
सर्वनाम
निम्ननिखित गद्यांश में निए गए ियिी स्थयि ां में सही सर्वियम शब्द भरिए।
In the following passage, fill in the blanks with the correct pronouns.
एक लड़की थी - ममताली। उसे बात-बात पर गुस्सा आता था। 1. ……………….. मााँ ने उसे कई
बार समझाया मक बेटी, गु स्सा मत मकया करो, यह अच्छी आदत नहीीं है ; परन्तु इस बात पर र्ह और
अमिक गु स्सा हो जाती और रूठकर एक कोने में बैठ जाया करती थी।
2. ……………….. दे खकर बहुत खु श हो रही थी। 3. ……………….. फूलदान को लाकर मेज़ पर रख मदया
और नहाने चली गई। उस समय उसका छोटा भाई सामहल मेज़ के पास ही खेल रहा था मक अचानक
उसका हाथ फूलदान पर लगा और र्ह फशव पर मगरकर चूर-चूर हो गया। यह दे खकर ममताली को
बहुत गु स्सा आया। उसकी आाँ खें गुस्से से लाल हो गईीं और र्ह सामहल पर ज़ोर-ज़ोर से मचल्लाने लगी।
तभी उसकी मााँ र्हााँ आ गईीं। जब 4. ……………….. ममताली को इतना गु स्सा होते हुए दे खा तो उन्हें बहुत
बुरा लगा। 5. ……………….. एक दपवण लाईीं और उसे ममताली के चेहरे के सामने कर मदया। जब ममताली
ने शीशे में अपना चेहरा दे खा तो र्ह घबरा गई। शीशे में उसका चेहरा बहुत कुरूप लग रहा था।
6. ……………….. मबगड़ा हुआ रूप दे खकर र्ह रोने लगी। तब उसकी मााँ ने उसे समझते हुए कहा -
"दे खा 7. ………………..? गुस्से में 8. ……………….. चेहरा मकतना भद्दा हो गया है ! अगर तुमने गुस्सा नहीीं
छोड़ा, तो कोई भी 9. ……………….. प्यार नहीीं करे गा और न ही तुमसे बात करे गा। 10. ………………..
भी बच्चा तुम्हारे साथ खेलेगा भी नहीीं। इतना ही नहीीं, गुस्सा कर-करके तुम अपनी सुींदरता भी खो दोगी।
गुस्सा करके अपना सुन्दर रूप मत मबगाड़ो।" ममताली को अपनी मााँ की बात समझ आ गई और उसने
अपने गुस्से पर काबू करना शुरू कर मदया। िीरे -िीरे उसने गुस्सा करना छोड़ मदया। अब सभी लोग
उसे प्यार करते थे, साथ ही अब र्ह और भी अमिक सुन्दर मदखने लगी थी।
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