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ग़म है या ख़ुशी है तू - ग़ज़ल
ग़म है या ख़ुशी है तू - ग़ज़ल
ग़म है या ख़ुशी है तू
नाDसर काज़मी
ग़म है या ख़ुशी है तू
आफ़तX के दौर मF
चैन की घड़ी है तू
मेरी नbद भी है तू
मL िख़ज़ाँ की शाम Kँ
cत बहार की है तू
दोdX के दरिमयाँ
वeह-ए-दोdी है तू
मेरी सारी उN मF
एक ही कमी है तू
मL तो वो नहb रहा
'नािसर' इस दयार मF
िकतना अजनबी है तू
Uोत:
Deewan
अगली
आज तो बे-सबब उदास है जी
इ2 होता तो कोई बात भी थी '
नाQसर काज़मी
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नाQसर काज़मी कD लोक#Nय ग़ज़लW
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संपूणC ग़ज़लW
नाQसर काज़मी
बन गए।
पBरचय
ई-पु?तक 39
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