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(घ) भह
झ ल्रे के झॊझटों से छझटकाया
(3) गदययॊश के अनस
ु यर, मह
ु ल्ऱेदयरी के बयरे में सच है -
कथन ऩढ़कय सही विकल्ऩ का चमन कीजजए-
कथन
(i) आऩस भें मभर-जझरकय यहना
(ii) दख
झ -सख
झ भें साथ दे ना
(iii) अऩनी फात ककसी से गझप्त न यखना
(iv) आस-ऩड़ोस का हस्तऺेऩ ऩसॊद न कयना
विकल्ऩ
(क) कथन (i) सही है (ग) कथन (i), (ii) ि (iv) सही है
(ख) कथन (ii) ि (iii) सही हैं (घ) कथन (iii) ि (iv) सही हैं।
(4) आज बहुत कठिनयई से प्रयप्त होने ियऱी िस्तु है -
(क) सॊफॊधों की भहत्ता (ग) आत्भीमता
(ख) धन-सॊऩवत्त (घ) िैचारयक स्ितॊत्रता
(5) कथन (A) और कयरण (R) को ऩढ़कर उऩयक्
ु त विकल्ऩ चनु नए-
कथन (A): ऩरु यने समय में मह
ु ल्ऱेदयरी ऩयररियररक आत्मीयतय से भरी होती थी।
कयरण (R): ऩरू य मह
ु ल्ऱय ठिड्डी दऱ की तरह उमड़ ऩड़तय थय।
(क) कथन (A) गरत है , ककॊतझ कायण (R) सही है ।
(ख) कथन (A) औय कायण (R) दोनों ही गरत हैं।
(ग) कथन (A) सही है औय कायण (R) कथन (A) की सही व्माख्मा है ।
(घ) कथन (A) सही है , ककॊतझ कायण (R) कथन (A) की सही व्माख्मा नहीॊ है ।
2. ननम्नलऱखित ऩधयॊश ऩर आधयररत बहुविकल्ऩी प्रश्नों के सियाधधक उऩयक्
ु त विकल्ऩ
चन
ु कर लऱखिए-
तझम्हायी छनश्चर आॉखें
प्रेभ वऩता का टदखाई नहीॊ दे ता है ।
जरूय टदखाई दे ती होंगी नसीहतें
नक
झ ीरे ऩत्थयों-सी
दछझ नमा बय के वऩताओॊ की रॊफी कताय भें
ऩता नहीॊ कौन-सा ककतना कयोड़िाॉ नॊफय है भेया
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ऩय फच्चों के पूरोंिारे फगीचे की दछझ नमा भें
तभ
झ अव्िर हो ऩहरी कताय भें भेये मरए
भझ
झ े भाप कयना भैं अऩनी भख
ू त
ख ा औय प्रेभ भें सभझता था
भेयी छामा के तरे ही सयझ क्षऺत यॊ ग-बफयॊ गी दछझ नमा होगी तझम्हायी
अफ जफ तझभ सचभच
झ की दछझ नमा भें छनकर गई हो
भैं खश
झ हूॉ सोचकय
कक भेयी बाषा के अहाते से ऩये है तम्
झ हायी ऩयछाई।
(1) वऩतय कय प्रेम स्ऩष्ि प्रदलशात नहीॊ होने कय कयरण है -
कथन ऩढ़कय सही विकल्ऩ का चमन कीजजए-
कथन
1. वऩता स्िबाि से कठोय होते हैं।q1
2. वऩता की फातों भें नसीहतें अधधक होती हैं
3. वऩता के ऩास प्रेभ व्मक्त कयने का सभम नहीॊ होता
4. वऩता केिर क्रोध कयना जानते हैं।
विकल्ऩ
(क) कथन (i) औय (iii) सही है (ग) कथन (i) औय (ii) सही है
(ख) कथन (ii) ि (iv) सही हैं (घ) कथन (ii) औय (iii) सही है
(2) ऩदययॊश में ककसके अकेऱेऩन की बयत की गई है?
(क) वऩता के (ग) ऩत्र
झ के
(ख) भाता के (घ) ऩत्र
झ ी के
विकल्ऩ
(क) 1-iii, 2-i, 3-ii (ग) 1-ii, 2-i, 3-iii
(ख) 1-ii, 2-iii, 3-i (घ) 1-iii, 2-ii, 3-i
िॊड – ि (िणानयत्मक प्रश्न)
4. ननम्नलऱखित तीन विषयों में से ककसी एक विषय ऩर ऱगभग 120 शब्दों में एक
अनच्
ु छे द लऱखिए-
(1) नायी औय नौकयी
सॊकेत बफन्द झ :
दोगझना कामख
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(3) ऩयीऺा से ऩहरे भेयी भनोदशा
सॊकेत बफन्द झ :
ऩयीऺा नाभ से बम
ऩमाखप्त तैमायी
प्रश्नऩत्र दे खकय बम दयू हझआ
5. ऩस्
झ तकारम भें टहॊदी के प्रमसद्ध रेखकों की ऩस्
झ तकें भॉगिाने के मरए प्राचामख को
रगबग 100 शब्दों भें एक प्राथखना-ऩत्र मरखखए।
अथिय
अऩने सेिाछनित
ृ ऩि
ू ख प्रधानाध्माऩक को उनकी उऩरजब्धमों की सयाहना कयते हझए
रगबग 100 शब्दों भें धन्मिाद ऻाऩन का ऩत्र मरखखए |
6. आऩ सश
झ ीर गझप्ता/सश
झ ीरा गझप्ता है आऩने स्नातक स्तय तक अध्ममन ककमा है तथा
आऩ (सश
झ ीरा गझप्ता) एक सभाज सेविका के रूऩ भें कामख कय यही है । बास्कय भें
आॉगनफाड़ी भें सहाछमका हे तझ विऻाऩन प्रकामशत हझआ है । इस ऩद ऩय छनमजझ क्त ऩाने
हे तझ रगबग 80 शब्दों भें एक स्िित्त
ृ तैमाय कीजजए।
अथिय
आऩको अऩनी फहन के वििाह भें शामभर होने के मरए 3 टदन के अिकाश की
आिश्मकता है । इसके मरए प्रधानाचामख को रगबग 80 शब्दों भें एक ईभेर मरखखए।
7. आऩके नगय भें आमोजजत होने िारी बायत की साॊस्कृछतक एकता प्रदशखनी को दे खने के
मरए रोगों को आभॊबत्रत कयते हझए रगबग 40 शब्दों भें एक आकषखक विऻाऩन तैमाय
कीजजए।
अथिय
मशऺक टदिस के अिसय ऩय अऩने टहॊदी मशऺक के मरए रगबग 40 शब्दों भें एक
सॊदेश मरखखए।
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GYAN BHARTI WORLD SCHOOL
उऩयक्
ु त विकल्ऩ चन
ु कर लऱखिए -
याष्ट्रीम एकता एक भनोिैऻाननक प्रक्रिमा ि एक बािना है जो क्रकसी याष्ट्र अथिा
दे श के रोगों भें बाईचाया अथिा याष्ट्र के प्रनत प्रेभ एिॊ अऩनत्ि का बाि प्रदर्शित
कयती है । याष्ट्रीम एकता याष्ट्र को सशक्त एिॊ सॊगठित फनाती है । याष्ट्रीम एकता
का अथि मह है क्रक दे श के सबी नागरयक , चाहे िे क्रकसी बी सॊप्रदाम , जानत, धभि,
बाषा अथिा ऺेत्र से सॊफॊधधत हो , इन सफ सीभाओॊ से ऊऩय उिकय इस सभच
ू े दे श
के प्रनत िपादाय औय आत्भीमताऩण
ू ि हो इसके र्रए मठद उनको अऩने ननजी स्िाथि
अथिा सभह
ू के स्िाथि का बी त्माग कयना ऩडे तो उसके र्रए उन्हें तैमाय यहना
चाठहए औय उनके र्रए दे श का ठहत सिोऩरय होना चाठहए. क्रकॊतु कबी-कबी तो
रगता है क्रक दे श की स्ितॊत्रता के फाद हभ याष्ट्रीम एकता से विभख
ु होकय याष्ट्रीम
विघटन की ओय अग्रसय हो यहे हैं। स्ितॊत्रता के ऩहरे गाॊधी जी के नेतत्ृ ि भें ऩयू ा
दे श एक होकय अॊग्रेजी साम्राज्म के विरुद्ध रडा था , ऩयॊ तु उसके फाद ऩन
ु ् हभ
धभि, बाषा, ऺेत्रीमता के नाभ से आऩसी झगडों भें उरझ गए हैं। कई फाय ऐसा
रगता है क्रक हभाये दे श भें असर्भमा , फॊगारी, ऩॊजाफी, भयािा, भद्रासी इत्माठद तो
है , ऩय बायतीम बफयरे ही हैं। हभाया दे श प्राचीनकार से ही विर्बन्न धभों, सॊप्रदामों,
विचायाधायाओॊ तथा ऩयॊ ऩयाओॊ का सभन्िम स्थर यहा है , ऩयॊ तु आधनु नककार भें
जफ से विर्बन्न धभों औय सॊप्रदामों भें अरगाि होने रगा, ऩायस्ऩरयक िेष , घण
ृ ा
औय सॊघषि फढ़ने रगा , तबी से याष्ट्र प्रत्मेक दृष्ष्ट्ट से कभजोय होने रगा।
याजनैनतक दर इस ऩायस्ऩरयक तनाि का राब उिाकय याजनैनतक स्िाथि ऩयू ा कयने
रगे। इसीर्रए नेहरू जी ने कहा था , "भैं साॊप्रदानमकता को दे श का सफसे फडा शत्रु
भानता हूॉ।
(1) याष्ट्रीम एकता का अथि है -
कथन ऩढ़कय सही विकल्ऩ का चमन कीष्जए-
कथन
(क) सबी बेदबािों को बर
ू कय दे श के प्रनत िपादाय औय आत्भीमताऩण
ू ि होना।
(ख) विर्बन्न बाषा बावषमों भें एक-दस
ू ये की बाषा के प्रनत रगाि होना।
(ग) एक-दस
ू ये के धार्भिक स्थरों के प्रनत श्रद्धा बाि होना।
(घ) ऩयस्ऩय वियोधी जानतमों का एक होना।
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विकल्ऩ
(क) कथन (i) सही है
(ख) कथन (ii) ि (iv) सही हैं
(ग) कथन (i) ि (iii) सही हैं
(घ) कथन (iii) ि (iv) सही हैं
(2) दे श कय हहत सिोऩरर होनय चयहहए कथन कय तयत्ऩया है -
(क) अऩना काभ छोडकय केिर दे श सेिा कयना
(ख) दे श के र्रए अऩनी वप्रमिस्तु का फर्रदान कयना
(ग) दे श के र्रए जानतगत स्िाथी का त्माग कयना
(घ) स्िाथि त्मागकय दे श के ठहत की धचॊता कयना
(3) ऱेिक को क्यों ऱगतय है कक हम रयष्ट्रीय विघटन की ओर बढ़ रहे हैं?
(क) नागरयकों के आऩस भें झगडने के कायण
(ख) स्िाथि के र्रए दे श के ठहत का त्माग कयने के कायण
(ग) धभि, बाषा औय ऺेत्रीमता के झगडों भें उरझने के कायण
(घ) ऩयस्ऩय ऊॉच-नीच के बाि के कायण
(4) ऱेिक के अनस
ु यर रयष्ट्र कमजोर क्यों हो रहय है?
(क) ऺेत्रीमता के ऩनऩने के कायण
(ख) धभि के नाभ ऩय आऩसी झगडों के कायण
(ग) याजनैनतक दरों की स्िाथी प्रिवृ ि के कायण
(घ) साॊप्रदानमक अरगाि, द्िेष औय घण
ृ ा के कायण
(5) कथन (A) और कयरण (R) को ऩढ़कर उऩयक्
ु त विकल्ऩ चनु नए-
कथन (A): रयजनैनतक दऱ ऩयरस्ऩररक तनयि कय ऱयभ उठयकर रयजनैनतक स्ियथा ऩरू य
करने ऱगे।
कयरण (R): विलभन्न धमों और सॊप्रदययों में अऱगयि होने ऱगय, ऩयरस्ऩररक दिेष,
घण
ृ य और सॊघषा बढ़ने ऱगय।
(क) कथन (A) गरत है , क्रकॊतु कायण (R) सही है ।
(ख) कथन (A) औय कायण (R) दोनों ही गरत हैं।
(ग) कथन (A) सही है औय कायण (R) कथन (A) की सही व्माख्मा है ।
(घ) कथन (A) सही है , क्रकॊतु कायण (R) कथन (A) की सही व्माख्मा नहीॊ है ।
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2. ननम्नलऱखित ऩधयॊश ऩर आधयररत बहुविकल्ऩी प्रश्नों के सियाधधक उऩयक्
ु त विकल्ऩ
चन
ु कर लऱखिए-
धचरधचराती धऩ
ू को जो चाॉदनी दे िें फना।
काभ ऩडने ऩय कयें जो शेय का बी साभना ||
जो क्रक हॉ स-हॉ स के चफा रेते है रोहे का चना ।
है कठिन कुछ बी नहीॊ ष्जनके है जी भें मह िना।।
कोस क्रकतने ही चरें ऩय मे कबी थकते नहीॊ।
कौन-सी गाॉि ष्जसको खोर िे सकते नहीॊ ।।
सॊकटों से िीय घफयाते नहीॊ आऩदाएॊ दे ख नछऩ जाते नहीॊ।
रग गए ष्जस काभ भें ऩयू ा क्रकमा, काभ कयके व्मथि ऩछताते नहीॊ।।
हो सयर मा कठिन हो यास्ता कभििीयों को न इससे िास्ता |
फढ़ चरे तो अॊत तक ही फढ़ चरे, कठिनॊतय धगरयश्रॊग
ृ ऊऩय चढ़ चरे।।
धचऱधचऱयती धऩ
ू को चयॉदनी बनयने कय अथा है -
कथन ऩढ़कय सही विकल्ऩ का चमन कीष्जए-
कथन
1. ठदन को यात कय दे ना
2. धऩ
ू को छाॉि फना दे ना
3. कठिन कामि को सयर फना दे ना
4. दख
ु द को सख
ु द फना दे ना
विकल्ऩ
(क) कथन (i) औय (ii) सही है (ग) कथन (iii) औय (iv) सही है
(ख) कथन (ii) ि (iii) सही हैं (घ) कथन (i) औय (iv) सही है
(2) कयवययॊश में ककसकय िणान है?
(क) कभििीयों का (ग) िीय सैननकों का
(ख) आरसी व्मष्क्तमों का (घ) क्रकसानों का
(3) ऱोहे के चने चबयनय कय अथा है -
(क) रोहे की गोर्रमाॉ खाना (ग) कच्चे चने खाना
(ख) फहुत कठिन काभ कयना (घ) रोहे जैसे चने खाना
(4) कभििीयों को क्रकससे िास्ता नहीॊ है ?
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(क) यास्ता सयर हो मा कठिन (ग) राब हो मा हानन
(ख) काभ अच्छा हो मा फयु ा (घ) सख
ु र्भरे मा दख
ु
(5) कथन (A) और कयरण (R) को ऩढ़कर उऩयक्
ु त विकल्ऩ चनु नए—
कथन (A) : िीय ऩरु
ु ष सॊकट औय फाधाओॊ से कबी घफयाते नहीॊ है ।
कायण (R) : रक्ष्म के भागि की फाधाओॊ से उनका कोई िास्ता नहीॊ होता।
(क) कथन (A) गरत है, क्रकॊतु कायण (R) सही है |
(ख) कथन (A) औय कायण (R) दोनों ही गरत हैं |
(ग) कथन (A) सही है औय कायण (R) कथन (A) की सही व्माख्मा है |
(घ) कथन (A) सही है, क्रकॊतु कायण (R) कथन (A) की सही व्माख्मा नहीॊ है |
3. ननदे शयनस
ु यर 'रचनय के आधयर ऩर ियक्य भेद' ऩर आधयररत ऩयॉच बहुविकल्ऩी प्रश्नों में से
ककन्ही चयर प्रश्नों के उत्तर दीजजए-
(1) ननम्नलऱखित ियक्यों में सॊयक्
ु त ियक्य ऩहचयनकर नीचे हदए गए सबसे सही विकल्ऩ
को चनु नए—
कथन
1. फादर नघये क्रकॊतु फयसात न हुई।
2. मठद ऩढोगे तो ऩास हो जाओगे
3. भार्रक आमा औय घोडा ठहनठहनाने रगा
4. बफर का बग
ु तान न कयने ऩय तम्
ु हें भार िावऩस कयना होगा
विकल्ऩ
(क) केिर कथन (i) सही है (ग) कथन (i) ि (iii) सही है
(ख) कथन (i) ि (ii) सही है (घ) कथन (i), (ii) ि (iii) सही है
(2) करो यय मरो" सॊयक्
ु त ियक्य को लमश्र ियक्य में बदलऱए-
(क) कयो औय भयो | (ग) कयते यहने ऩय बी भयोगे ।
(ख) कयते यहो औय भयते यहो। (घ) मठद नहीॊ कयोगे तो भयोगे।
(3) 'आऩ चाम मा कॉपी भें से क्मा रेंग?
े ' इस िाक्म को सॊमक्
ु त िाक्म भें ऩरयिनतित
कीष्जए ।
(क) आऩ चाम औय कॉपी भें से क्मा रेंगे ।
(ख) आऩ चाम औय कॉपी दोनों रेंगे।
(ग) आऩ चाम बी रेंग,े कॉपी बी रेंगे।
(घ) आऩ चाम रेंगे मा कॉपी रेंगे।
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(4) िह इस प्रकाय चरता है जैसे कोई फीभाय हो। यचना के आधाय ऩय िाक्म बेद है -
(क) सयर िाक्म (ग) र्भश्र िाक्म
(ख) सकायात्भक िाक्म (घ) सॊमक्
ु त िाक्म
(5) कॉरभ 1 को कॉरभ 2 के साथ सभ
ु ेर्रत कीष्जए औय सही विकल्ऩ चन
ु कय र्रखखए-
कॉरभ 1 कॉरभ 2
(1) सत्म फोरो ऩयॊ तु कटु सत्म न (i) सयर िाक्म
फोरो
मि
ु ा ऩीढ़ी औय जॊक पूड
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सॊकेत बफन्द ु :
आयॊ ब औय उद्दे श्म
छात्रों औय सयकायी कभिचारयमों का सहमोग
जन साधायण को प्रेरयत कयना
िेस्ट भैनेजभें ट तकनीकों को फढ़ामा।
5. क्रकसी प्रख्मात सभाचायऩत्र के सॊऩादक के नाभ रगबग 100 शब्दों भें एक ऩत्र
र्रखकय ये र आयऺण व्मिस्था भें हुए सध
ु ाय की प्रशॊसा कीष्जए।
अथिय
6. आऩका नाभ सज्जन र्सॊह है भमयू भोटसि कॊऩनी भें भाकेठटॊग एक्जीक्मठू टि की
आिश्मकता है । मइम्स ऑप इॊडडमा भें इस ऩद हे तु विऻाऩन प्रकार्शत क्रकमा गमा है ।
आऩ नौकयी की तराश भें है अत् आऩ इस ऩद ऩय ननमष्ु क्त ऩाने हे तु रगबग 80
शब्दों भें एक स्ििि
ृ तैमाय कीष्जए।
अथिय
ध्िनन प्रदष
ू ण की सभस्मा से अिगत कयाते हुए नगय मोजना अधधकायी को
रगबग 80 शब्दों भें एक ई-भेर र्रखखए।
7. फॉर ऩेनों की एक कॊऩनी 'सपर' नाभ से फाजाय भें आई है । उसके र्रए एक आकषिक
विऻाऩन रगबग 40 शब्दों भें तैमाय कीष्जए।
अथिय
दीऩािरी ऩय र्भत्र को शब
ु काभना दे ने हे तु रगबग 40 शब्दों भें एक सॊदेश तैमाय
कीष्जए।
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