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अ यतं गोपनीय-के वल आतं रक एवं सीिमत योग हेतु

सेकडरी कूल सिटिफके ट परी ा, 2023


अंक-योजना
िहंदी ‘ब’ िवषय कोड—085
-प कोड-- 4/1/1, 4/1/2, 4/1/3
सामा य िनदश:-
1. आप जानते ह िक परी ािथय के सही और उिचत आकलन के िलए उ र पिु तकाओ ं का मू याक ं न एक मह वपणू
ि या है। मू यांकन म एक छोटी-सी भल
ू भी गभं ीर सम या को ज म दे सकती है, जो परी ािथय के भिव य, िश ा- णाली और
अ यापन- यव था को भी भािवत कर सकती है। इससे बचने के िलए अनरु ोध िकया जाता है िक मू यांकन ारंभ करने से पवू ही
आप मू यांकन िनदश को पढ़ और समझ ल।
2. मू याक ं न नीित एक गोपनीय नीित है य िक यह आयोिजत परी ाओ ं क गोपनीयता, िकये गए मू याकं न तथा कई अ य
पहलओु ं से संबंिधत है | इसका िकसी भी तरह से सावजिनक प से लीक होना परी ा- णाली के पटरी से उतरने का कारण बन
सकता है और लाख परी ािथय के जीवन और भिव य को भािवत कर सकता है | इस नीित /द तावेज को िकसी को भी साझा
करना, िकसी पि का म कािशत करना और समाचार प /वेबसाइट आिद म छापना IPC के तहत कायवाही को आमिं त कर
सकता है |
3. मू यांकन अकं -योजना म िदए गए िनदश के अनसु ार ही िकया जाना चािहए, अपनी यि गत या या या िकसी अ य
धारणा के अनसु ार नह । यह अिनवाय है िक अकं -योजना का अनपु ालन परू ी तरह और िन ापवू क िकया जाए। हालाँिक, मू याक
ं न
करते समय नवीनतम सचू ना और ान पर आधा रत अथवा नवाचार पर आधा रत उ र को उनक स यता और उपयु ता को
परखते हए परू े अक
ं िदए जाएँ।
4. मु य परी क येक मू यांकनकता के ारा पहले िदन जाँची गई उ र-पिु तकाओ ं के मू यांकन क जाँच यानपूवक करे
और आ त हो िक मू याक ं न-योजना म िदए गए िनदश के अनसु ार ही मू याक
ं न िकया जा रहा है। परी क को बाक उ र-
पिु तकाएँ तभी दी जाएँ जब वह आ त हो िक उनके अक ं न म कोई िभ नता नह है।
5. परी क सही उ र पर सही का िनशान (√) लगाएँ और गलत उ र पर गलत का (×) । मू यांकन-कता ारा ऐसा िच न
लगाने से ऐसा समझ म आता है िक उ र सही है परंतु उस पर अक
ं नह िदए गए। परी क ारा यह भल
ू सवािधक क जाती है।
6. यिद िकसी का उपभाग हो तो कृ पया के उपभाग के उ र पर दाय ओर अक ं िदए जाएँ। बाद म इन उपभाग के
अक ं का योग बाय ओर के हािशये म िलखकर उसे गोलाकृ त कर िदया जाए। इसका अनपु ालन ढ़तापूवक िकया जाए।
7. यिद िकसी का कोई उपभाग न हो तो बाय ओर के हािशये म अक
ं िदए जाएँ और उ ह गोलाकृ त िकया जाए। इसके
अनपु ालन म भी ढ़ता बरती जाए।

1
8. यिद परी ाथ ने िकसी का उ र दो थान पर िलख िदया है और िकसी को काटा नह है तो िजस उ र पर अिधक
अक ं ा हो रहे ह , उस पर अंक द और दसू रे को काट द। यिद परी ाथ ने अित र / का उ र दे िदया है तो िजन उ र पर
अिधक अक ं ा हो रहे ह उ ह ही वीकार कर/ उ ह पर अक ं द।
9. एक ही कार क अशिु बार-बार हो तो उसे अनदेखा कर और उस पर अक
ं न काटे जाएँ।
10. यहाँ यह यान रखना होगा िक मू यांकन म संपूण अक
ं पैमाने 0 – 80 (उदाहरण 0--80 अक
ं जैसा िक -प म िदया
गया है) का योग अभी है अथात परी ाथ ने यिद सभी अपेि त उ र-िबदं ओु ं का उ लेख िकया है तो उसे परू े अक
ं देने म
संकोच न कर।
11. येक परी क को पणू काय-अविध म अथात 8 घंटे ितिदन अिनवाय प से मू यांकन काय करना है। (िव तृत िववरण
‘ पॉट गाइडलाइन’ म िदया गया है)
12. यह सिु नि त कर िक आप िन निलिखत कार क िु टयाँ न कर जो िपछले वष म क जाती रही ह-
• उ र पिु तका म िकसी उ र या उ र के अश
ं को जाँचे िबना छोड़ देना।
• उ र के िलए िनधा रत अक
ं से अिधक अक
ं देना।
• उ र म िदए गए अक
ं का योग ठीक न होना।
• उ र-पिु तका के अदं र िदए गए अक
ं का आवरण पृ पर सही अतं रण न होना।
• आवरण पृ पर ानसु ार योग करने म अशिु ।
• योग करने म अक
ं और श द म अतं र होना।
• उ र पिु तकाओ ं से ऑनलाइन अक
ं सचू ी म सही अतं रण न होना।
• कुल अक
ं के योग म अशिु ।
• उ र पर सही का िच (√) लगाना िकंतु अक
ं न देना।
13. येक परी क यह भी सिु नि त करेगा िक सभी उ र का मू याक
ं न िकया जाए, शीषक पृ क गई िवि सही हो तथा कुल
अकं को आक
ं ड़ और श द म िलखे।
14. उ मीदवार िनधा रत सं करण शु क के भगु तान पर अनरु ोध कर उ र-पिु तका क फोटोकॉपी ा करने के हकदार ह। अतः
सभी मु य परी क / अित र मु य परी क / परी क / सम वयक को एक बार िफर से याद िदलाया जाता है िक उ ह यह
सिु नि त करना चािहए िक मू यांकन योजना म िदए गए येक उ र के िलए मू य-िबंदओ
ु ं के अनसु ार मू यांकन िकया जाए।

2
Series Z1YXW/1 -प कोड 4/1/1, 4/1/2, 4/1/3
अंक योजना
िहदं ी ‘ब’
स.ं 4/1/1 4/1/2 4/1/3 मू यांकन िबंदु अंक
खंड अ
व तुपरक न के उ र
1 1 2 1 अपिठत ग ांश पर आधा रत बहिवक पीय : 5x1
(i) (c) छोटा होने के कारण इस पर िबताए समय का िहसाब नह रखा जा =5
सकता ।
(ii) (b) टैब और मोबाइल का पढ़ाई का िह सा होना ।
(iii) (d) कथन (A) तथा कारण (R) दोन सही ह तथा कारण (R) कथन
(A) क सही या या करता है ।
(iv) (c) भारत
(v) (d) इसका उपयोग काफ अिधक बढ़ गया ।
2 2 1 2 अपिठत ग ांश पर आधा रत बहिवक पीय : 5x1
(i) (b) लार के प म डीएनए =5
(ii) (d) सौरमडं ल तथा उससे आगे भी बीज बक थािपत करके
(iii) (b) वै ािनक
(iv) (c) पृ वी पर संपणू िवनाश क ि थित म मानव को पनु ज म देने क
संभावना को जीिवत रखना ।
(v) (a) के वल (क)
3 3 6 4 ‘पदबंध’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4x1
अपेि त : =4
(i) (c) सं ा पदबंध
(ii) (b) के वल (घ)
(iii) (d) थािपत हो चक ु े थे
(iv) (b) िवशेषण पदबंध
(v) (b) सवनाम पदबंध
4 4 - - ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से 4x1
िक ह चार के उ र अपेि त : =4
(i) (b) िम वा य
3
(ii) (d) जब म उनक लताड़ सनु ता, तब आँसू बहाने लगता ।
(iii) (d) वा य का प प रवितत करते समय उसका अथ भी प रवितत हो
जाता है ।
(iv) (a) ऐसी कई बात ह िजनका ान उ ह अिधक है ।
(v) (b) सरल वा य
- 4 - ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से 4x1
िक ह चार के उ र अपेि त : =4
(i) (b) िम वा य
(ii) (a) य िप वह अपनी पारंप रक पोशाक म रहता था िफर भी कमर म
लकड़ी क एक तलवार हमेशा बाँधे रहता था ।
(iii) (c) वा य पांतरण के दौरान उसके अथ म प रवतन नह आना
चािहए ।
(iv) (a) आप जो कुछ कह रहे ह वह सच है ।
(v) (b) सरल वा य
- - 3 ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से 4x1
िक ह चार के उ र अपेि त : =4
(i) (c) िम वा य
(ii) (a) जब तमाम ब चे िखलिखलाकर हँस पड़े तो वह शरमा गया ।
(iii) (a) सरल वा य म एक ही उ े य और एक ही िवधेय होता है ।
(iv) (b) यिद म बीमार हो जाऊँ तो तु हारे हाथ-पाँव फूल जाएँगे ।
(v) (d) सयं ु वा य

5 5 - - ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4x1


अपेि त : =4
(i) (a) त पु ष समास
(ii) (c) त पु ष समास
(iii) (b) महान है जो िवभिू त
(iv) (d) पंचानन
(v) (a) दख ु पी राि – कमधारय समास

- 5 - ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4x1


अपेि त : =4
(i) (b) त पु ष समास
(ii) (c) ं समास

4
(iii) (b) िवचार म म न
(iv) (a) चतभु जु
(v) (a) काय का भार – त पु ष समास
- - 6 ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4x1
अपेि त : =4
(i) (c) उ र पद
(ii) (a) त पु ष समास
(iii) (d) अि थ का जाल
(iv) (d) ल बोदर
(v) (b) पशु क वृि – त पु ष समास
6 6 3 5 ‘मुहावरे’ पर आधा रत छह बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4x1
अपेि त : =4
(i) (a) बड़ा काम करना
(ii) (b) के वल III
(iii) (b) नामो-िनशान िमटा देना
(iv) (d) आँख म धल ू झ कना
(v) (a) दधू क म खी
(vi) (a) पापड़ बेलना
7 7 8 9 ‘पिठत प ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 5x1
(i) (c) भारत के ित श तु ा-भाव रखने वाले का =5
(ii) (b) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है ।
(iii) (a) देश के िलए योछावर होने का उदाहरण रखना ।
(iv) (d) वािसय को
(v) (a) देश के ित गलत मश ं ा रखने वाले क

8 8 7 7 ‘पाठ्यपु तक के प पाठ ’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 2x1


(i) (a) (क) और (ख) =2
(ii) (a) सख ु के ण म परमा मा क याद

5
9 9 10 10 ‘पिठत ग ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 5x1
(i) (b) तताँरा से छुटकारा पाने क याकुलता =5
(ii) (b) तताँरा के ित ेम से वह याकुल हो रही थी ।
(iii) (b) मनोनक ु ूल
(iv) (c) दसू रे गाँव के वर और क या का वैवािहक संबंध
(v) (b) कथन (A) सही है, लेिकन कारण (R) गलत है ।

10 10 9 8 ‘पाठ्यपु तक के ग पाठ ’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 2x1


(i) (a) लोक त व का अभाव =2
(ii) (c) अतीत और भिव य क िचंता छोड़ वतमान म जी कर ।

खडं ब
वणना मक न
11 11 - - िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
िनदश - 2+1=
 दीया-बाती के व फूल को मत तोड़ो, फूल ब ुआ देते ह । 3
 द रया पर जाओ तो उसे सलाम िकया करो, वह खश
ु होता है ।
 कबूतर को मत सताया करो, वे हज़रत मोह मद को अज़ीज़ ह ।
 मगु को परेशान नह िकया करो, वह मु ला जी से पहले अज़ान देकर
सबको जगाता है ।
(िक ह दो िबंदओ
ु ं का उ लेख अपेि त)
सीख-
कृ ित और जीव-जंतुओ ं के ित संवदे नशील होना
(ख) 3
 वामीरो का दन और उसक िकसी भी तरह क सहायता न कर पाने क
िववशता
 िववाह क िनषेध परंपरा पर ोभ और अपनी असमथता पर खीझ
 वामीरो क माँ ारा गाँव वाल क उपि थित म िकया जाने वाला अपमान
 गाँव के लोग ारा िकया गया िवरोध
(िक ह तीन िबदं ओ
ु ं का उ लेख अपेि त)

6
(ग)
 उ रदािय वबोध के कारण 3
 छोटे भाई को सही राह पर चलाने के िलए
 उसके सामने आदश तुत करने के िलए

- 11 - िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3


=6
(क) 3
 लगातार बढ़ती आबादी, बढ़ती ज रत को परू ा करने के िलए कृ ित का
अित दोहन करना
 पेड़–पौध के अ यिधक कटाव के कारण पश-ु पि य का आ य िछनना
 बा द क िवनाशलीलाओ ं से वातावरण का दिू षत होना

(ख) 1+2=
काय-
3
 एक-दसू रे से ेम करना
य-
 दोन म ही एक-दसू रे के ित मे क अनभु िू त, एक सहज समपण भाव
 मे एक सहज- वाभािवक अहसास, जो रीित- रवाज , परंपराओ ं के बधं न
से मु

(ग) 3
 बुि मान होना
 पढ़ाई को कम समय देने पर भी यान से पढ़ना
 क ा म अपमान से बचने और अ यापक क नज़र म अ छा बने रहने के
िलए यास करना
 बड़े भाई साहब क डाँट और उनके ित आदर-भाव होना

7
- - 11 िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6

(क) 3
 पढ़ाई, पाठ्य म और परू ी िश ा यव था के ित नकारा मक भाव और
अ िच
 बड़े भाई के अनसु ार िश ा का यवहारोपयोगी न होना
 छोटे भाई के ित उ रदािय व के अहसास के कारण अित र मानिसक
दवाब और असामा य-अ वाभािवक िदनचया
(ख)
 मु उ र वीकाय 3
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू यांकन

(ग) 1+2=
गुण- 3
 जीव-जंतुओ ं के ित संवदे नशीलता
ासंिगकता का कारण -
 मु उ र वीकाय
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू यांकन
12 12 - - िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
घर क तीका मकता - 1+2=
 वाथ, अहक ं ार, अ ानता आिद मनोिवकार 3
तीका मक घर जलाने का कारण -
 मनोिवकार से मु होना
 व थ समाज का िनमाण करना
(ख) 3
 पवत क उ चाकां ाओ ं के तीक वृ का मानवीकरण
 शांत, िनर आकाश का अिनमेष भाव से झाँकते हए िच ण
 पवत के व थल पर उगे वृ का आकाश क ऊँचाई को छूने का यास

8
(ग) 3
 ससं ार हमेशा उसे याद रखता है ।
 उस उदार यि का सदैव उदाहरण िदया जाता है ।
 शा तथा कथाओ ं म उनका उ लेख होता है ।
- 12 - िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
कहाँ- 1+1+
 सव या 1=3
कारण-
 अ ानता, सांसा रक माया-मोह का आकषण
कै से-
 ान, आ था, भि , िव ास के सहारे 3
(ख)
 मसू लाधार बा रश के कारण
 अ यता के कारण
 कृ ित म या भय के कारण
(ग)
वा तिवक साम यवान – 1+2=
3
 जो अपने साम य से आगे बढ़े और दसू र क भी आगे बढ़ने म सहायता
करे ।
य-
 इससे यि , समाज और िव का क याण संभव
 भेदभाव से मु होकर आगे बढ़ने के िलए
- - 12 िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
कबीर के दुखी होने का कारण - 3
 सांसा रक स य का ान
 लोग क अ ानता का भान
संसार के सुख का कारण -

9
 अ ानता के कारण भौितक सुख को वा तिवक सख
ु मानना
(ख) 3
 सहानुभिू त, दया, उदारता, याग, परोपकार करते हए मृ यु को ा करना
 सम त िव जीव के ित सम ि -समभाव रखने वाले क मृ यु
 स कम के कारण मरने के बाद भी याद क जाने वाली मृ यु
(ग) 3
 पवत क उ चाकां ाओ ं के तीक वृ का मानवीकरण
 शांत, िनर आकाश का अिनमेष भाव से झाँकते हए िच ण
 पवत के व थल पर उगे वृ का आकाश क ऊँचाई को छूने का यास

13 13 13 13 िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3


=6
(क) 3
 मु उ र वीकाय
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू यांकन

(ख)
3
 ओमा एक अनुशासनहीन छा था, िजसक पढ़ाई-िलखाई म अ िच थी ।
 उसक बात, बात करने का तरीका, गािलयाँ देना, लड़ना-झगड़ना आिद
कदािप सराहनीय और अनक ु रणीय नह ।
(अ य उिचत िबंदु भी वीकाय)
(ग) 3
 दादी के अित र घर के सभी बड़े सद य अ ब,ू अ मी, बाजी का उसे
डाँटना
 छोटी बहन नज़ु हत ारा उसक कािपय पर त वीर बनाकर उसे तगं करना
 दादी ारा उसे तरह-तरह क कहािनयाँ सनु ाना
 दादी क बोली और उनके बोलने के तरीके से लगाव
(िक ह तीन िबदं ओ
ु ं का उ लेख अपेि त)

10
14 14 15 15 िकसी एक िवषय पर संकेत-िबंदओ
ु ं के आधार पर लगभग 100 श द म अनु छे द 1 x 5
लेखन : =5
 िवषय-व तु – 3 अक

 भाषा – 1 अक

 तिु त – 1 अक

15 15 14 16 िकसी एक िवषय पर लगभग 100 श द म प लेखन: 1x5
 आरंभ व अतं क औपचा रकताएँ – 1 अक
ं =5
 िवषय-व तु – 2 अक

 भाषा – 1 अक

 तिु त – 1 अक

16 16 16 17 िकसी एक िवषय पर लगभग 80 श द म सचू ना लेखन: 1x4
 िवषय-व तु – 2 अक
ं =4
 तुित – 1 अक

 भाषा – 1 अक

17 17 18 18 िकसी एक िवषय पर लगभग 60 श द म िव ापन : 1x3
 िवषय-व तु – 1 अक
ं =3
 तुित – 1 अक

 भाषा – 1 अकं
18 18 17 14 लगभग100 श द म लघक
ु था अथवा ई-मेल लेखन : 1x5
लघक
ु था लेखन – =5
 िवषय-व तु – 3
 भाषा – 1
 भाव – 1
अथवा
ई-मेल लेखन
 औपचा रकताएँ – 1 अक

 िवषय-व तु – 2 अक

 तुित – 1 अक

 भाषा – 1 अक

11
अ यतं गोपनीय-के वल आतं रक एवं सीिमत योग हेतु
सेकडरी कूल सिटिफके ट परी ा, 2023
अंक-योजना
िहंदी ‘ब’ िवषय कोड—085
-प कोड-- 4/2/1, 4/2/2, 4/2/3
सामा य िनदश:-
1. आप जानते ह िक परी ािथय के सही और उिचत आकलन के िलए उ र पिु तकाओ ं का मू याक ं न एक मह वपणू
ि या है। मू यांकन म एक छोटी-सी भल
ू भी गभं ीर सम या को ज म दे सकती है, जो परी ािथय के भिव य, िश ा- णाली और
अ यापन- यव था को भी भािवत कर सकती है। इससे बचने के िलए अनरु ोध िकया जाता है िक मू यांकन ारंभ करने से पवू ही
आप मू यांकन िनदश को पढ़ और समझ ल।
2. मू याक ं न नीित एक गोपनीय नीित है य िक यह आयोिजत परी ाओ ं क गोपनीयता, िकये गए मू याकं न तथा कई अ य
पहलओु ं से संबंिधत है | इसका िकसी भी तरह से सावजिनक प से लीक होना परी ा- णाली के पटरी से उतरने का कारण बन
सकता है और लाख परी ािथय के जीवन और भिव य को भािवत कर सकता है | इस नीित /द तावेज को िकसी को भी साझा
करना, िकसी पि का म कािशत करना और समाचार प /वेबसाइट आिद म छापना IPC के तहत कायवाही को आमिं त कर
सकता है |
3. मू यांकन अकं -योजना म िदए गए िनदश के अनसु ार ही िकया जाना चािहए, अपनी यि गत या या या िकसी अ य
धारणा के अनसु ार नह । यह अिनवाय है िक अकं -योजना का अनपु ालन परू ी तरह और िन ापवू क िकया जाए। हालाँिक, मू याक
ं न
करते समय नवीनतम सचू ना और ान पर आधा रत अथवा नवाचार पर आधा रत उ र को उनक स यता और उपयु ता को
परखते हए परू े अक
ं िदए जाएँ।
4. मु य परी क येक मू यांकनकता के ारा पहले िदन जाँची गई उ र-पिु तकाओ ं के मू यांकन क जाँच यानपूवक करे
और आ त हो िक मू याक ं न-योजना म िदए गए िनदश के अनसु ार ही मू याक
ं न िकया जा रहा है। परी क को बाक उ र-
पिु तकाएँ तभी दी जाएँ जब वह आ त हो िक उनके अक ं न म कोई िभ नता नह है।
5. परी क सही उ र पर सही का िनशान (√) लगाएँ और गलत उ र पर गलत का (×) । मू यांकन-कता ारा ऐसा िच न
लगाने से ऐसा समझ म आता है िक उ र सही है परंतु उस पर अक
ं नह िदए गए। परी क ारा यह भल
ू सवािधक क जाती है।
6. यिद िकसी का उपभाग हो तो कृ पया के उपभाग के उ र पर दाय ओर अक ं िदए जाएँ। बाद म इन उपभाग के
अक ं का योग बाय ओर के हािशये म िलखकर उसे गोलाकृ त कर िदया जाए। इसका अनपु ालन ढ़तापूवक िकया जाए।
7. यिद िकसी का कोई उपभाग न हो तो बाय ओर के हािशये म अक
ं िदए जाएँ और उ ह गोलाकृ त िकया जाए। इसके
अनपु ालन म भी ढ़ता बरती जाए।

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8. यिद परी ाथ ने िकसी का उ र दो थान पर िलख िदया है और िकसी को काटा नह है तो िजस उ र पर अिधक
अक ं ा हो रहे ह , उस पर अंक द और दसू रे को काट द। यिद परी ाथ ने अित र / का उ र दे िदया है तो िजन उ र पर
अिधक अक ं ा हो रहे ह उ ह ही वीकार कर/ उ ह पर अक ं द।
9. एक ही कार क अशिु बार-बार हो तो उसे अनदेखा कर और उस पर अक
ं न काटे जाएँ।
10. यहाँ यह यान रखना होगा िक मू यांकन म संपूण अक
ं पैमाने 0 – 80 (उदाहरण 0--80 अक
ं जैसा िक -प म िदया
गया है) का योग अभी है अथात परी ाथ ने यिद सभी अपेि त उ र-िबदं ओु ं का उ लेख िकया है तो उसे परू े अक
ं देने म
संकोच न कर।
11. येक परी क को पणू काय-अविध म अथात 8 घंटे ितिदन अिनवाय प से मू यांकन काय करना है। (िव तृत िववरण
‘ पॉट गाइडलाइन’ म िदया गया है)
12. यह सिु नि त कर िक आप िन निलिखत कार क िु टयाँ न कर जो िपछले वष म क जाती रही ह-
• उ र पिु तका म िकसी उ र या उ र के अश
ं को जाँचे िबना छोड़ देना।
• उ र के िलए िनधा रत अक
ं से अिधक अक
ं देना।
• उ र म िदए गए अक
ं का योग ठीक न होना।
• उ र-पिु तका के अदं र िदए गए अक
ं का आवरण पृ पर सही अतं रण न होना।
• आवरण पृ पर ानसु ार योग करने म अशिु ।
• योग करने म अक
ं और श द म अतं र होना।
• उ र पिु तकाओ ं से ऑनलाइन अक
ं सचू ी म सही अतं रण न होना।
• कुल अक
ं के योग म अशिु ।
• उ र पर सही का िच (√) लगाना िकंतु अक
ं न देना।
13. येक परी क यह भी सिु नि त करेगा िक सभी उ र का मू याक
ं न िकया जाए, शीषक पृ क गई िवि सही हो तथा कुल
अकं को आक
ं ड़ और श द म िलखे।
14. उ मीदवार िनधा रत सं करण शु क के भगु तान पर अनरु ोध कर उ र-पिु तका क फोटोकॉपी ा करने के हकदार ह। अतः
सभी मु य परी क / अित र मु य परी क / परी क / सम वयक को एक बार िफर से याद िदलाया जाता है िक उ ह यह
सिु नि त करना चािहए िक मू यांकन योजना म िदए गए येक उ र के िलए मू य-िबंदओ
ु ं के अनसु ार मू यांकन िकया जाए।

2
Series Z1YXW/2 -प कोड 4/2/1, 4/2/2, 4/2/3
अंक योजना
िहदं ी ‘ब’
स.ं 4/2/1 4/2/2 4/2/3 मू यांकन िबंदु अंक
खंड अ
व तुपरक न के उ र
1 1 2 1 अपिठत ग ांश पर आधा रत बहिवक पीय : 5x1
(i) (a) मानव डीएनए को =5
(ii) (a) रोचक और िवचारणीय
(iii) (b) कथन (A) सही है, लेिकन कारण (R) ग़लत है ।
(iv) (d) चाँद पर
(v) (d) परमाणु हिथयार के योग से होने वाले दु भाव रोकना
2 2 1 2 अपिठत ग ांश पर आधा रत बहिवक पीय : 5x1
(i) (b) इलै ॉिनक उपकरण का सीिमत उपयोग करना चािहए । =5
(ii) (c) गैजेट्स को अपनी हैिसयत से जोड़ना ।
(iii) (d) (ख), (ग) और (घ)
(iv) (c) सपं नता का िदखावा
(v) (d) उपयु तीन पर िबताया गया समय
3 3 6 4 ‘पदबंध’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4x1
अपेि त : =4
(i) (a) सं ा पदबंध
(ii) (b) के वल (ख)
(iii) (d) उतर चक ु ा है
(iv) (c) िवशेषण पदबंध
(v) (b) सवनाम पदबंध
4 4 - - ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह 4x1
चार के उ र अपेि त : =4
(i) (c) िम वा य
(ii) (c) जब म ात:काल ना ता कर लेता तब पढ़ने बैठ जाता हँ ।
(iii) (a) वा य संरचना क ि से वा य के मु य तीन भेद होते ह ।
(iv) (a) उ ह ने डोर पकड़ ली और हो टल क तरफ दौड़े ।
(v) (b) सरल वा य

3
- 4 - ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह 4x1
चार के उ र अपेि त : =4
(i) (c) िम वा य
(ii) (b) जो ि याँ मोनमु ट क सीिढ़य पर थ वे झडं ा फहराकर घोषणा पढ़
रही थ ।
(iii) (a) वा य का प प रवितत करते समय उसका अथ प रवितत नह
होना चािहए ।
(iv) (b) जो समझ अनुभव से आती है वो िकताब से नह आती ।
(v) (b) सरल वा य
- - 3 ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह 4x1
चार के उ र अपेि त : =4
(i) (d) िम वा य
(ii) (a) सिु म ानंदन पतं का ज म अ मोड़ा म हआ था और उ ह ने बचपन
से ही किवता िलखना शु कर िदया था ।
(iii) (d) िम वा य म उसके उपवा य का अपना वतं अि त व भी होता
है ।
(iv) (c) म बहत य न करता परंतु उस पहेली का हल नह िमलता ।
(v) (a) सरल वा य
5 5 - - ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4x1
अपेि त : =4
(i) (a) त पु ष समास
(ii) (c) त पु ष समास
(iii) (c) देह का अवसान
(iv) (b) च पािण
(v) (a) द:ु ख पी ताप — कमधारय समास
5 - 5 - ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4x1
अपेि त : =4
(i) (d) त पु ष समास
(ii) (a) ज म से िस
(iii) (c) बह ीिह समास म
(iv) (a) नील गगन
(v) (b) जीवन पयत – अ ययीभाव समास

4
5 - - 6 ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (a) पवू पद
(ii) (b) त पु ष समास
(iii) (d) क ित का गान
(iv) (d) वयभं ू
(v) (a) दया का िनधान – त पु ष समास
6 6 3 5 ‘मुहावरे’ पर आधा रत छह बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (a) बहत बुरा लगना
(ii) (c) (ग) और (घ)
(iii) (b) आँख म धल ू झ कना
(iv) (d) आड़े हाथ लेना
(v) (d) तूती बोलना
(vi) (d) दाँत पसीना आना
7 7 8 9 ‘पिठत प ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 5x1
(i) (a) देश क सरु ा क =5
(ii) (b) के वल (ग)
(iii) (d) देश क र ा हेतु त पर सैिनक के कािफ़ले को
(iv) (a) देश क र ा हेतु कुबान होते सैिनक के िलए
(v) (b) मातृभिू म क र ा हेतु बिलदान क राह
8 8 7 7 ‘पाठ्यपु तक के प पाठ ’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 2x1
(i) (d) अ याचारी का अतं एक न एक िदन अव यंभावी है =2
(ii) (c) (ग) और (घ)
9 9 10 10 ‘पिठत ग ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 5x1
(i) (a) पिु लस शासन =5
(ii) (b) वतं ता िदवस क वषगाँठ मनाना
(iii) (a) ैिफ़क पिु लस ग त के काम म लगी थी ।
(iv) (b) सरकारी आदेशानसु ार कत य का िनवाह करने के िलए
(v) (c) कथन (A) सही है, लेिकन कारण (R) उसक ग़लत या या करता
है ।

5
10 10 9 8 ‘पाठ्यपु तक के प पाठ ’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 2x1
(i) (a) आ म सतं ुि के सख ु क कामना =2
(ii) (d) हम अतीत और भिव य क िचंता याग कर वतमान म जीना
चािहए ।
खंड ब
वणना मक न
11 11 - - िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
 दीया-बाती के व फूल को मत तोड़ो, फूल ब ुआ देते ह । 2+1=
3
 द रया पर जाओ तो उसे सलाम िकया करो, वह खश
ु होता है ।
 कबतू र को मत सताया करो, वे हज़रत मोह मद को अज़ीज़ ह ।
 मगु को परेशान नह िकया करो, वह मु ला जी से पहले अज़ान देकर सबको
जगाता है ।
(िक ह दो िबदं ओ
ु ं का उ लेख अपेि त)
जीवन मू य-
कृ ित और जीव-जंतुओ ं के ित संवदे नशीलता
(ख)
 मु उ र वीकाय 3
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू यांकन

(ग)
3
 भावक
ु एवं संवेदनशील किव
 िसनेमा क चकाच ध के बीच रहते हए भी यश और धन-िल सा क कामना
न करना
 आ म-संतुि को ही स चा सख
ु मानना
 िफ म िनमाता के प म कत य के िनवाह के ित सजग
(िक ह तीन िबंदओ
ु ं का उ लेख अपेि त)

6
- 11 - िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
 लगातार बढ़ती आबादी, बढ़ती ज रत को पूरा करने के िलए कृ ित का 3
अित दोहन
 पेड़–पौध के अ यिधक कटाव के कारण पश-ु पि य का आ य िछनना
 मौसम-च म प रवतन
 बेव क सद -गम , वषा, बाढ़-सख
ू ा आिद ाकृ ितक आपदाएँ और िनत
नए रोग
 दषू ण क सम या
(िक ह तीन िबदं ओ
ु ं का उ लेख अपेि त) 2+1=
(ख) 3
कै से -
 ोध का शमन करने हेतु तताँरा ारा ीप को दो भाग म िवभ करना
 ीप के दसू रे भाग को पकड़ने का असफल यास
 समु क सतह क ओर िफसलते जाना
 तताँरा का लहलहु ान होकर अचेत होना और बह जाना
 तताँरा के िवयोग म वामीरो का प रवार से िवलग होकर लापता हो जाना
प रवतन -
 अलग-अलग गाँव के बीच वैवािहक संबंध आरंभ होना
(ग) 1+1+
चा रि क िवशेषताएँ - 1=3

 आ मिव ास, िनडरता, साहस, देशभि , अ याय के िखलाफ खड़े होने का


ज बा, बहादरु ी, अपने लोग क ि क तथा सहयोग लेने का तरीका,
दरू दिशता, नेतृ व मता, योजनाब काम करने का तरीका आिद ।
िक ह अपनाएँगे और य -
 मु उ र वीकाय
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू याक
ं न

7
- - 11 िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क) 1+2=
 धािमक वृित के कारण 3
 पयावरण के मह व को समझने के कारण
उदाहरण
 दीया-बाती के व फूल को मत तोड़ो,
 सरू ज ढले आँगन के पेड़ से प े मत तोड़ो
 द रया पर जाओ तो उसे सलाम िकया करो आिद उपयु उदाहरण वीकाय
(ख) 2+1=
आ ह य – 3
 वामीरो के गीत और उसक मधरु आवाज़ के ित सहज प से आकिषत
 संभवतः उसके मन म वामीरो के ित ेमानभु िू त का सहज अक
ं ु रण फुिटत
होना
िवशेषता -
 हर आ ह म शालीनता एवं िवन ता
(ग) 3
 कठोर प र म के बाद भी सालाना इि तहान म खदु असफल होने
और छोटे भाई के क ा म अ वल आने के कारण संकोच वश
 लगातार दो साल क ा म थम आने पर छोटे भाई के यवहार म
आए प रवतन को समझकर
 अपनी सहज बुि के कारण अहसास िक उ ह छोटे भाई को डाँटने
का पहले जैसा अिधकार नह
12 12 - - िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
 दख
ु ी– 1+1+
1=3
 सासं ा रक मनु य क अ ानता देखकर
 भौितक सखु -सिु वधा व माया-मोह के बंधन म िल देखकर
जागना तीक है –
 ई र-भि के आनदं का ान

8
 संसार क न रता और णभंगरु ता का ान
दुख का कारण –
 मु उ र वीकाय
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू यांकन
(ख) 3
 सहानुभिू त, दया, उदारता, याग, परोपकार जैसे गणु से यु परिहत
म जीने-मरने वाले
 सम त िव के ित सम ि एवं समभाव रखने वाले
 िबना िकसी भेद-भाव के अपने साथ दसू र को भी आगे ले वाले ।
(ग) 2+1=
य – 3
 पवत के नैसिगक स दय से भािवत होकर
 पवत क महानता और िवशालता से भािवत होकर
कै से –
 झर-झर क विन के साथ ती गित से बहकर
- 12 - िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
घर क तीका मकता - 1+2
 वाथ, अहक
ं ार, अ ानता आिद मनोिवकार =3
आशय -
 मनोिवकार से मु होना
 व थ समाज का िनमाण करना
(ख) 1+2=
िकस तरह का जीवन यथ -
3
 िनज िहत को सव प र मानने वाले को
य -
 के वल अपने बारे म सोचना पश-ु वृि है ।
 मानव जीवन क साथकता दसू र के िहत िचंतन म ही है ।
(ग)
3
 झरने का मानवीकरण

9
 झरन का पानी झागदार
 दरू से देखने पर मोती क लिड़य से सदंु र तीत होना
- - 12 िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
 अहक
ं ार रिहत 3
 िवन एवं मधुर
 सख
ु और शीतलता दान करने वाली
(ख) 3
 जीवन न र है
 मृ यु के भय से मिु
 परोपकारी जीवन जीना
(ग)
कहाँ – 1+2
=3
 शाल के वृ का धरती म धँसे हए तीत होना
य –
 मसू लाधार वषा के भय से
 अ यता के कारण
13 13 13 13 िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
 मु उ र वीकाय 3
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू यांकन
(ख)
3
 मु उ र वीकाय
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू यांकन
(ग) 3
 मु उ र वीकाय
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू यांकन

10
14 14 15 15 िकसी एक िवषय पर संकेत-िबंदओ
ु ं के आधार पर लगभग 100 श द म अनु छे द 1 x 5
लेखन : =5
 िवषय-व तु – 3 अक

 भाषा – 1 अक

 तिु त – 1 अक

15 15 14 16 िकसी एक िवषय पर लगभग 100 श द म प लेखन: 1x5
 आरंभ व अतं क औपचा रकताएँ – 1 अक
ं =5
 िवषय-व तु – 2 अक

 भाषा – 1 अक

 तिु त – 1 अक

16 16 16 17 िकसी एक िवषय पर लगभग 80 श द म सचू ना लेखन: 1x4
 िवषय-व तु – 2 अक
ं =4
 तुित – 1 अक

 भाषा – 1 अक

17 17 18 18 िकसी एक िवषय पर लगभग 60 श द म िव ापन : 1x3
 िवषय-व तु – 1 अक
ं =3
 तुित – 1 अक

 भाषा – 1 अकं
18 18 17 14 लगभग100 श द म लघक
ु था अथवा ई-मेल लेखन : 1x5
लघक
ु था लेखन – =5
 िवषय-व तु – 3
 भाषा – 1
 भाव – 1
अथवा
ई-मेल लेखन
 औपचा रकताएँ – 1 अक

 िवषय-व तु – 2 अक

 तुित – 1 अक

 भाषा – 1 अक

11
अ यतं गोपनीय-के वल आतं रक एवं सीिमत योग हेतु
सेकडरी कूल सिटिफके ट परी ा, 2023
अंक-योजना
िहंदी ‘ब’ िवषय कोड—085
-प कोड-- 4/4/1, 4/4/2, 4/4/3
सामा य िनदश:-
1. आप जानते ह िक परी ािथय के सही और उिचत आकलन के िलए उ र पिु तकाओ ं का मू याक ं न एक मह वपणू ि या
है। मू यांकन म एक छोटी-सी भल ू भी गंभीर सम या को ज म दे सकती है, जो परी ािथय के भिव य, िश ा- णाली और अ यापन-
यव था को भी भािवत कर सकती है। इससे बचने के िलए अनरु ोध िकया जाता है िक मू यांकन ारंभ करने से पवू ही आप मू यांकन
िनदश को पढ़ और समझ ल।
2. मू याक
ं न नीित एक गोपनीय नीित है य िक यह आयोिजत परी ाओ ं क गोपनीयता, िकये गए मू याक ं न तथा कई अ य
पहलओ ु ं से संबंिधत है | इसका िकसी भी तरह से सावजिनक प से लीक होना परी ा- णाली के पटरी से उतरने का कारण बन
सकता है और लाख परी ािथय के जीवन और भिव य को भािवत कर सकता है | इस नीित /द तावेज को िकसी को भी साझा
करना, िकसी पि का म कािशत करना और समाचार प /वेबसाइट आिद म छापना IPC के तहत कायवाही को आमिं त कर सकता
है |
3. मू यांकन अंक-योजना म िदए गए िनदश के अनसु ार ही िकया जाना चािहए, अपनी यि गत या या या िकसी अ य
धारणा के अनसु ार नह । यह अिनवाय है िक अक ं -योजना का अनपु ालन परू ी तरह और िन ापवू क िकया जाए। हालाँिक, मू याक
ं न
करते समय नवीनतम सचू ना और ान पर आधा रत अथवा नवाचार पर आधा रत उ र को उनक स यता और उपयु ता को परखते
हए परू े अक
ं िदए जाएँ।
4. मु य परी क येक मू यांकनकता के ारा पहले िदन जाँची गई उ र-पिु तकाओ ं के मू यांकन क जाँच यानपूवक करे
और आ त हो िक मू याक ं न-योजना म िदए गए िनदश के अनसु ार ही मू याक ं न िकया जा रहा है। परी क को बाक उ र-
पिु तकाएँ तभी दी जाएँ जब वह आ त हो िक उनके अक ं न म कोई िभ नता नह है।
5. परी क सही उ र पर सही का िनशान (√) लगाएँ और गलत उ र पर गलत का (×) । मू यांकन-कता ारा ऐसा िच न
लगाने से ऐसा समझ म आता है िक उ र सही है परंतु उस पर अक ं नह िदए गए। परी क ारा यह भल ू सवािधक क जाती है।
6. यिद िकसी का उपभाग हो तो कृ पया के उपभाग के उ र पर दाय ओर अक ं िदए जाएँ। बाद म इन उपभाग के
अक ं का योग बाय ओर के हािशये म िलखकर उसे गोलाकृ त कर िदया जाए। इसका अनपु ालन ढ़तापूवक िकया जाए।
7. यिद िकसी का कोई उपभाग न हो तो बाय ओर के हािशये म अक ं िदए जाएँ और उ ह गोलाकृ त िकया जाए। इसके
अनपु ालन म भी ढ़ता बरती जाए।
8. यिद परी ाथ ने िकसी का उ र दो थान पर िलख िदया है और िकसी को काटा नह है तो िजस उ र पर अिधक अक ं
ा हो रहे ह , उस पर अक
ं द और दसू रे को काट द। यिद परी ाथ ने अित र / का उ र दे िदया है तो िजन उ र पर अिधक
अक ं ा हो रहे ह उ ह ही वीकार कर/ उ ह पर अक ं द।
9. एक ही कार क अशिु बार-बार हो तो उसे अनदेखा कर और उस पर अक ं न काटे जाएँ।
10. यहाँ यह यान रखना होगा िक मू यांकन म सपं णू अक ं पैमाने 0 – 80 (उदाहरण 0--80 अक ं जैसा िक -प म िदया गया

1
है) का योग अभी है अथात परी ाथ ने यिद सभी अपेि त उ र-िबंदुओ ं का उ लेख िकया है तो उसे परू े अक ं देने म संकोच न
कर।
11. येक परी क को पणू काय-अविध म अथात 8 घटं े ितिदन अिनवाय प से मू याक ं न काय करना है। (िव तृत िववरण
‘ पॉट गाइडलाइन’ म िदया गया है)
12. यह सिु नि त कर िक आप िन निलिखत कार क िु टयाँ न कर जो िपछले वष म क जाती रही ह-
• उ र पिु तका म िकसी उ र या उ र के अश ं को जाँचे िबना छोड़ देना।
• उ र के िलए िनधा रत अक ं से अिधक अक ं देना।
• उ र म िदए गए अक ं का योग ठीक न होना।
• उ र-पिु तका के अदं र िदए गए अकं का आवरण पृ पर सही अतं रण न होना।
• आवरण पृ पर ानसु ार योग करने म अशिु ।
• योग करने म अकं और श द म अतं र होना।
• उ र पिु तकाओ ं से ऑनलाइन अक ं सचू ी म सही अतं रण न होना।
• कुल अक ं के योग म अशिु ।
• उ र पर सही का िच (√) लगाना िकंतु अक ं न देना।
13. येक परी क यह भी सिु नि त करेगा िक सभी उ र का मू यांकन िकया जाए, शीषक पृ क गई िवि सही हो तथा कुल
अक ं को आक ं ड़ और श द म िलखे।
14. उ मीदवार िनधा रत सं करण शु क के भगु तान पर अनरु ोध कर उ र-पिु तका क फोटोकॉपी ा करने के हकदार ह। अतः
सभी मु य परी क / अित र मु य परी क / परी क / सम वयक को एक बार िफर से याद िदलाया जाता है िक उ ह यह सिु नि त
करना चािहए िक मू यांकन योजना म िदए गए येक उ र के िलए मू य-िबंदओ ु ं के अनुसार मू यांकन िकया जाए।

2
Series Z1YXW/4 -प कोड 4/4/1, 4/4/2, 4/4/3
अंक योजना
िहदं ी ‘ब’
स.ं 4/4/1 4/4/2 4/4/3 मू यांकन िबंदु अंक
खंड अ
व तुपरक न के उ र
1 1 2 1 ‘अपिठत ग ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय : 5x1
(i) (d) िम ी क उवरता और गणु व ा बढ़ाने के िलए =5
(ii) (c) िम ी के िनरंतर उपयोग से ।
(iii) (c) गलने-सड़ने से पवू सहायक फसल को खेत म दबाने को ।
(iv) (d) (II), (III) और (IV)
(v) (d) कथन (A) तथा कारण (R) दोन सही ह तथा कारण (R) कथन
(A) क सही या या करता है ।
2 2 1 2 ‘अपिठत ग ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय : 5x1
(i) (a) ल य सोच-िवचार कर शी िनधा रत करना चािहए । =5
(ii) (b) ब चे िच के अनु प ल य िनधा रत कर आगे बढ़ सक ।
(iii) (b) सही उ म ल य-िनधारण क मह ा समझाने के िलए ।
(iv) (d) कोिशश करना
(v) (c) कथन (A) सही है लेिकन कारण (R) उसक गलत या या करता
है ।
3 3 - - ‘पदबंध’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (d) ि यािवशेषण पदबंध
(ii) (b) याचना भरा चेहरा
(iii) (b) ि या पदबंध
(iv) (a) लकड़ी क बड़ी
(v) (b) सवनाम पदबंध

3
- 3 - ‘पदबंध’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (d) ि यािवशेषण पदबंध
(ii) (c) अ ु त साहसी यवु क
(iii) (c) ि या पदबंध
(iv) (c) ठंडी और भीगी
(v) (b) सवनाम पदबंध
- - 3 ‘पदबंध’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (b) ि या पदबंध
(ii) (c) ठंडा और उबाऊ िदन
(iii) (d) एक घायल, गदं ा
(iv) (d) ि या िवशेषण पदबंध
(v) (c) अनश ु ासन भंग करने वाल म से कुछ
4 4 - - ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह 4 x 1
चार के उ र अपेि त : =4
(i) (b) सरल वा य
(ii) (b) उनक नज़र मेरी ओर उठी और मेरे ाण िनकले ।
(iii) (c) सफल िखलाड़ी वह है िजसका कोई िनशाना खाली नह जाता ।
(iv) (d) िम वा य
(v) (a) मेरी माँ के अनसु ार सरू ज ढले आँगन के पेड़ से प े तोड़ने पर पेड़
रोएँगे ।
- 4 - ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह 4 x 1
चार के उ र अपेि त : =4
(i) (b) सरल वा य
(ii) (b) म लताड़ सुनता और आँसू बहाने लगता ।
(iii) (b) अपने ऊपर जो िव ास पैदा हआ था वह िफर लु हो गया ।
(iv) (d) िम वा य
(v) (a) वािलयर म हमारा मकान था और उसके दालान म दो रोशनदान
थे।

4
- - 4 ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह 4 x 1
चार के उ र अपेि त : =4
(i) (c) सरल वा य
(ii) (b) कई बार मझु े डाँटने का अवसर िमला परंतु उ ह ने धीरज से काम
िलया ।
(iii) (d) सहसा भाई साहब से मेरी मठु भेड़ हो गई, जो शायद बाज़ार से लौट
रहे थे ।
(iv) (d) िम वा य
(v) (a) जा नह सकने वाल ने यहाँ – वहाँ डेरा डाल िलया है ।
5 5 - - ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (a) भय से आकुल - त पु ष समास
(ii) (c) अ ययीभाव
(iii) (b) नर पी ह र
(iv) (d) लबं ोदर
(v) (b) आ म क कथा
5 - 5 - ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (a) रा य क यव था - त पु ष
(ii) (b) अ ययीभाव
(iii) (a) िग र को धारण िकया है िजसने - बह ीिह
(iv) (b) चौमासा
(v) (c) िनयम के अनसु ार
5 - - 5 ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (b) यु म ि थर - त पु ष
(ii) (d) अ ययीभाव
(iii) (b) पीला है अबं र िजसका - बह ीिह
(iv) (b) कमधारय
(v) (b) पु तक के िलए आलय

5
6 6 - - ‘मुहावरे’ पर आधा रत छह बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (c) भयभीत हो जाना
(ii) (a) साहस समा होना
(iii) (c) खशु ी का िठकाना न रहा
(iv) (a) आँख फोड़ना
(v) (d) काम तमाम करना
(vi) (b) आसमान के तारे तोड़ना / (d) हथेली पर सरस उगाना
- 6 - ‘मुहावरे’ पर आधा रत छह बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (b) स मान क र ा करना
(ii) (a) घाव पर नमक िछड़कना
(iii) (d) अ ान समा होना
(iv) (a) छोटा महँु बड़ी बात
(v) (b) आँख भर आना
(vi) (d) हाथ-पाँव फूलना
- - 6 ‘मुहावरे’ पर आधा रत छह बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (c) उपाय समझ न आना
(ii) (b) अ छी तरह समझ लेना
(iii) (c) तलवे चाटना – खश ु ामद करना
(iv) (d) पापड़ बेलना
(v) (a) बाट जोहना
(vi) (d) अधं े के हाथ बटेर लगना
7 7 9 7 ‘पिठत प ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 5x1
(i) (c) िवषय-वासनाओ ं म िल मनु य को देखकर । =5
(ii) (c) अ ान और ान के
(iii) (c) िजसके मन म िवरह पी सप ने घर बसा िलया हो ।
(iv) (d) जो भु के िवयोग म जीवन यतीत कर रहा है ।
(v) (d) कोई उपाय काम न आना
8 8 10 8 ‘पाठ्यपु तक के प पाठ ’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 2x1
(i) (a) आि मक भय से =2
(ii) (c) िग र के

6
9 9 7 9 ‘पिठत ग ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 5x1
(i) (d) िफ़ म क सभं ािवत असफलता के खतर से । =5
(ii) (c) आदशवादी भावक ु किव
(iii) (a) िफ़ म के िलए खरीददार का न िमलना ।
(iv) (c) अिधक से अिधक मनु ाफ़ा कमाना ।
(v) (a) यह क णा अनभु िू त का िवषय थी, नाप-तोल का नह ।
10 10 8 10 ‘पाठ्यपु तक के ग पाठ ’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 2x1
(i) (d) ोध िनवारण =2
(ii) (d) कृ ित और जीव-जतं ओ
ु ं से ेम करने के िलए ।
खडं ब
वणना मक न
11 11 12 13 िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
 मु उ र वीकाय 3
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू यांकन

(ख)
3
 शहर म पिु लस क ग त बढ़ा दी
 मोनमू ट पाक सिहत शहर के सभी पाक और मैदान को बड़ी सं या म पिु लस
ारा घेर िलया गया ।
 शहर म कोई भी सभा आयोिजत न करने के िलए नोिटस जारी कर िदया गया।
(ग) 3
 अवध के उ रािधकारी के प म वज़ीर अली का ज म
 नवाब बनने का सपना टूटना
 वज़ीर अली क पैदाइश को अपनी मौत ख़याल करना

12 12 11 12 िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3


=6
(क)
तीक - 1+2=
 तोप – अ याचारी स ा का 3

7
 गौरै या – आम जनता का
संदेश –
 अ याचारी स ा का अतं िनि त
 अतीत क गलितय से सीख
 धरोहर/िवरासत का सरं ण

(ख) 2+1=
या - 3
 आपसी मेलजोल कम न हो
 पर पर भाईचारे क भावना उ प न हो
 रा ते अलग होने पर भी सभी िमलजल
ु कर रह
 वैचा रक िभ नता होते हए भी मन-मटु ाव न हो
य -
 एक होकर चलने से हमारे काम वयं िस हो जाते ह
 हम माग क बाधाओ ं को आसानी से ढके ल सकते ह
 सगं ठन म ही शि है
(ग) 2+1=
अपे ाएँ - 3

 तन-मन-धन से देश क र ा के िलए सदैव त पर रहना


 श ु चाहे बाहरी हो या भीतरी, देश क र ा करने से पीछे नह हटना
िकस प म खरा उतरना -
 मु उ र वीकाय
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू यांकन

13 13 13 11 िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3


=6
(क)
 घर म उनक भावनाओ ं को समझने वाला कोई नह था 3
 उनके िलए िकसी के पास समय नह था, सब अपने म ही य त थे
 प रवारवाल का उपे ापणू यवहार

8
(ख) 2+1 =
कारण - 3
 मा टर ारा िपटाई का भय
 नई क ा के पाठ्य म क किठनता
 उनक व छंद वृि पर रोक
 माता-िपता ारा िश ा क अहिमयत न समझना
(िक ह दो िबंदओ
ु ं का उ लेख अपेि त)
अपना अनुभव -
 मु उ र वीकाय
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू यांकन

(ग) 2+1
य - =3
 िकसी के भी ारा उसक भावनाओ ं को न समझ पाना
 नए कले टर साहब के ब च ारा टोपी को दु कारा जाना
 क ा म लगातार दो साल फे ल हो जाने पर साथी िम और मा टर ारा
अपमािनत होना
बालमन पर भाव -
 िम के अभाव म टोपी का भावना मक प से टूटना
 अपने मन क बात िकसी से न कह पाना
 अके लेपन का िशकार होना
14 14 18 14 िकसी एक िवषय पर संकेत-िबंदओ
ु ं के आधार पर लगभग 100 श द म अनु छे द 1 x 5
लेखन : =5
 िवषय-व तु – 3 अक

 भाषा – 1 अक

 तुित – 1 अक

15 15 14 15 िकसी एक िवषय पर लगभग 100 श द म प लेखन: 1x5
 आरंभ व अतं क औपचा रकताएँ – 1 अक
ं =5
 िवषय-व तु – 2 अक

 भाषा – 1 अक

 तुित – 1 अक

9
16 16 15 16 िकसी एक िवषय पर लगभग 80 श द म सचू ना लेखन: 1x4
 िवषय-व तु – 2 अक
ं =4
 तुित – 1 अक

 भाषा – 1 अक

17 17 17 17 िकसी एक िवषय पर लगभग 60 श द म िव ापन : 1x3
 िवषय-व तु – 1 अक
ं =3
 तिु त – 1 अक

 भाषा – 1 अकं
18 18 16 18 लगभग100 श द म लघक
ु था अथवा ई-मेल लेखन : 1x5
लघक
ु था लेखन – =5
 िवषय-व तु – 3
 भाषा – 1
 भाव – 1
अथवा
ई-मेल लेखन -
 औपचा रकताएँ – 1 अक

 िवषय-व तु – 2 अक

 तिु त – 1 अक

 भाषा – 1 अक

10
अ यतं गोपनीय-के वल आतं रक एवं सीिमत योग हेतु
सेकडरी कूल सिटिफके ट परी ा, 2023
अंक-योजना
िहंदी ‘ब’ िवषय कोड—085
-प कोड-- 4/5/1, 4/5/2, 4/5/3
सामा य िनदश:-
1. आप जानते ह िक परी ािथय के सही और उिचत आकलन के िलए उ र पिु तकाओ ं का मू याक ं न एक मह वपणू ि या
है। मू यांकन म एक छोटी-सी भल ू भी गंभीर सम या को ज म दे सकती है, जो परी ािथय के भिव य, िश ा- णाली और अ यापन-
यव था को भी भािवत कर सकती है। इससे बचने के िलए अनरु ोध िकया जाता है िक मू यांकन ारंभ करने से पवू ही आप मू यांकन
िनदश को पढ़ और समझ ल।
2. मू याक
ं न नीित एक गोपनीय नीित है य िक यह आयोिजत परी ाओ ं क गोपनीयता, िकये गए मू याक ं न तथा कई अ य
पहलओ ु ं से संबंिधत है | इसका िकसी भी तरह से सावजिनक प से लीक होना परी ा- णाली के पटरी से उतरने का कारण बन
सकता है और लाख परी ािथय के जीवन और भिव य को भािवत कर सकता है | इस नीित /द तावेज को िकसी को भी साझा
करना, िकसी पि का म कािशत करना और समाचार प /वेबसाइट आिद म छापना IPC के तहत कायवाही को आमिं त कर सकता
है |
3. मू यांकन अंक-योजना म िदए गए िनदश के अनसु ार ही िकया जाना चािहए, अपनी यि गत या या या िकसी अ य
धारणा के अनसु ार नह । यह अिनवाय है िक अक ं -योजना का अनपु ालन परू ी तरह और िन ापवू क िकया जाए। हालाँिक, मू याक
ं न
करते समय नवीनतम सचू ना और ान पर आधा रत अथवा नवाचार पर आधा रत उ र को उनक स यता और उपयु ता को परखते
हए परू े अक
ं िदए जाएँ।
4. मु य परी क येक मू यांकनकता के ारा पहले िदन जाँची गई उ र-पिु तकाओ ं के मू यांकन क जाँच यानपूवक करे
और आ त हो िक मू याक ं न-योजना म िदए गए िनदश के अनसु ार ही मू याक ं न िकया जा रहा है। परी क को बाक उ र-
पिु तकाएँ तभी दी जाएँ जब वह आ त हो िक उनके अक ं न म कोई िभ नता नह है।
5. परी क सही उ र पर सही का िनशान (√) लगाएँ और गलत उ र पर गलत का (×) । मू यांकन-कता ारा ऐसा िच न
लगाने से ऐसा समझ म आता है िक उ र सही है परंतु उस पर अक ं नह िदए गए। परी क ारा यह भल ू सवािधक क जाती है।
6. यिद िकसी का उपभाग हो तो कृ पया के उपभाग के उ र पर दाय ओर अक ं िदए जाएँ। बाद म इन उपभाग के
अक ं का योग बाय ओर के हािशये म िलखकर उसे गोलाकृ त कर िदया जाए। इसका अनपु ालन ढ़तापूवक िकया जाए।
7. यिद िकसी का कोई उपभाग न हो तो बाय ओर के हािशये म अक ं िदए जाएँ और उ ह गोलाकृ त िकया जाए। इसके
अनपु ालन म भी ढ़ता बरती जाए।
8. यिद परी ाथ ने िकसी का उ र दो थान पर िलख िदया है और िकसी को काटा नह है तो िजस उ र पर अिधक अक ं
ा हो रहे ह , उस पर अक
ं द और दसू रे को काट द। यिद परी ाथ ने अित र / का उ र दे िदया है तो िजन उ र पर अिधक
अक ं ा हो रहे ह उ ह ही वीकार कर/ उ ह पर अक ं द।
9. एक ही कार क अशिु बार-बार हो तो उसे अनदेखा कर और उस पर अक ं न काटे जाएँ।
10. यहाँ यह यान रखना होगा िक मू यांकन म सपं णू अक ं पैमाने 0 – 80 (उदाहरण 0--80 अक ं जैसा िक -प म िदया गया

1
है) का योग अभी है अथात परी ाथ ने यिद सभी अपेि त उ र-िबंदुओ ं का उ लेख िकया है तो उसे परू े अक ं देने म संकोच न
कर।
11. येक परी क को पणू काय-अविध म अथात 8 घटं े ितिदन अिनवाय प से मू याक ं न काय करना है। (िव तृत िववरण
‘ पॉट गाइडलाइन’ म िदया गया है)
12. यह सिु नि त कर िक आप िन निलिखत कार क िु टयाँ न कर जो िपछले वष म क जाती रही ह-
• उ र पिु तका म िकसी उ र या उ र के अश ं को जाँचे िबना छोड़ देना।
• उ र के िलए िनधा रत अक ं से अिधक अक ं देना।
• उ र म िदए गए अक ं का योग ठीक न होना।
• उ र-पिु तका के अदं र िदए गए अकं का आवरण पृ पर सही अतं रण न होना।
• आवरण पृ पर ानसु ार योग करने म अशिु ।
• योग करने म अकं और श द म अतं र होना।
• उ र पिु तकाओ ं से ऑनलाइन अक ं सचू ी म सही अतं रण न होना।
• कुल अक ं के योग म अशिु ।
• उ र पर सही का िच (√) लगाना िकंतु अक ं न देना।
13. येक परी क यह भी सिु नि त करेगा िक सभी उ र का मू यांकन िकया जाए, शीषक पृ क गई िवि सही हो तथा कुल
अक ं को आक ं ड़ और श द म िलखे।
14. उ मीदवार िनधा रत सं करण शु क के भगु तान पर अनरु ोध कर उ र-पिु तका क फोटोकॉपी ा करने के हकदार ह। अतः
सभी मु य परी क / अित र मु य परी क / परी क / सम वयक को एक बार िफर से याद िदलाया जाता है िक उ ह यह सिु नि त
करना चािहए िक मू यांकन योजना म िदए गए येक उ र के िलए मू य-िबंदओ ु ं के अनुसार मू यांकन िकया जाए।

2
Series Z1YXW/5 -प कोड 4/5/1, 4/5/2, 4/5/3
अंक योजना
िहदं ी ‘ब’
स.ं 4/5/1 4/5/2 4/5/3 मू यांकन िबंदु अंक
खंड अ
व तुपरक न के उ र
1 1 2 1 ‘अपिठत ग ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय : 5x1
(i) (d) शहर म सीमट-कं ट के िनमाण का अिधक होना =5
(ii) (c) शहर म ह रयाली का असमान अनपु ात
(iii) (c) वृ व कमजोर वा य के लोग पर
(iv) (d) कुआँ, तालाब, बावड़ी
(v) (d) कथन (A) तथा कारण (R) दोन सही ह तथा कारण (R), कथन
(A) क सही या या करता है ।
2 2 1 2 ‘अपिठत ग ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय : 5x1
(i) (b) चलने–िफरने क अ मता के कारण =5
(ii) (d) छोटी लड़क क सकारा मक सोच व कोिशश को
(iii) (b) आकृ ित
(iv) (a) (क) और (ग)
(v) (d) कथन (A) तथा कारण (R) दोन सही ह तथा कारण (R), कथन
(A) क सही या या करता है ।
3 3 - - ‘पदबंध’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (a) सं ा पदबंध
(ii) (b) सवनाम पदबंध
(iii) (a) गद क तरह लढ़ु ककर
(iv) (b) िड बेनमु ा छोटे घर म
(v) (c) ि या पदबंध

3
- 3 - ‘पदबंध’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (c) सदंु र और शि शाली
(ii) (a) सं ा पदबंध
(iii) (c) ि या पदबंध
(iv) (c) सच का साथ देने वाले तमु
(v) (d) ि या-िवशेषण पदबंध
- - 3 ‘पदबंध’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (c) िवशेषण पदबंध
(ii) (d) ि या-िवशेषण पदबंध
(iii) (b) िदन-रात एक करने वाला छा
(iv) (b) ि या पदबंध
(v) (d) बाहर से आए लोग म से कुछ
4 4 - - ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह 4x1
चार के उ र अपेि त : =4
(i) (a) सरल वा य
(ii) (a) भाई साहब ने तलवार ख ची और मझु पर टूट पड़े ।
(iii) (b) जापान म चाय पीने क जो िविध है उसे चा-नो-यू कहते ह ।
(iv) (d) िम वा य
(v) (d) वक ल क ह या करने के बाद वज़ीर अली नेपाल क तरफ भाग
गया ।
- 4 - ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह 4x1
चार के उ र अपेि त : =4
(i) (c) िम वा य
(ii) (b) कबूतर परे शानी म थे इसिलए इधर–उधर फड़फड़ा रहे थे ।
(iii) (b) बाहर जो बेढब–सा बरतन था वह िम ी का था ।
(iv) (a) रामू बगल के कमरे म जाकर कुछ बरतन ले आया ।
(v) (a) सरल वा य

4
- - 4 ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह 4x1
चार के उ र अपेि त : =4
(i) (a) सरल वा य
(ii) (c) अिवनाश बाबू ने झंडा गाड़ा और पिु लस ने उ ह पकड़ िलया ।
(iii) (d) कलक ा के नाम पर कलंक था िक यहाँ काम नह हो रहा है ।
(iv) (b) द रया जाने पर उसे सलाम िकया करो ।
(v) (b) संयु वा य
5 5 - - ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (b) हाथ से िलिखत
(ii) (a) महान है जो आ मा — कमधारय
(iii) (b) व के अधीन
(iv) (b) अ ययीभाव
(v) (d) गगनचंबु ी
5 - 5 - ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (a) आ म का स मान
(ii) (d) ि गु
(iii) (d) घन पी याम — कमधारय
(iv) (c) हाथ ही हाथ म
(v) (c) शोक से आकुल
5 - - 5 ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (a) लोक म ि य
(ii) (a) त पु ष समास
(iii) (c) स या ह
(iv) (c) ं समास
(v) (a) िव ा पी धन — कमधारय

5
6 6 6 6 ‘मुहावरे’ पर आधा रत छह बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (b) चोरी-चोरी आना
(ii) (b) उिचत-अनिु चत का िनणय करना
(iii) (d) डेरा डालना
(iv) (a) चमड़ी उधड़ेना
(v) (b) नीचा िदखाना
(vi) (a) अधं े क लाठी
7 7 7 7 ‘पिठत प ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 5x1
(i) (b) उसके अ य हो जाने से है =5
(ii) (b) अबं र ने धरती पर मसू लाधार वषा शु कर दी
(iii) (d) बादल क गड़गड़ाहट
(iv) (b) वषा ॠतु म पवतीय देश के स दय का
(v) (d) कृ ित का
8 8 8 8 ‘पाठ्यपु तक के प पाठ ’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 2x1
(i) (c) हज़ारी साद ि वेदी =2
(ii) (c) (a) और (b) दोन
9 9 9 9 ‘पिठत ग ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 5x1
(i) (b) पु तक य ान से बुि का िवकास करना =5
(ii) (c) य िक सम त भमू डं ल पर उनका वािम व नह था
(iii) (a) अपनी शि पर घमडं करना
(iv) (d) लेखक के यवहार म आए घमंड को रोकने के िलए
(v) (b) थोड़ी सी सहायता करने वाला
10 10 10 10 ‘पाठ्यपु तक के ग पाठ ’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 2x1
(i) (d) बेघर जीव को उसके घर पहँचाना =2
(ii) (b) आदशवािदय क
खंड ब
वणना मक न
11 11 16 12 िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
 मु उ र वीकाय 3
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू यांकन

6
(ख) 3
 स यता के िवकास के साथ-साथ सवं ेदनशीलता म कमी आना
 जीवन–मू य के ास क ओर यान आकिषत करना
 दो पीिढ़य क सोच म अतं र दशाना 3
(ग)
 पशु पव म लपाती और पासा दोन गाँव के लोग का एकि त होना
 मेले म तताँरा और वामीरो का ेम संबंध उजागर होना
 वामीरो क माँ तथा गाँव के लोग ारा तताँरा और वामीरो के ेम सबं ंध का
िवरोध
 ोध म आकर तताँरा ारा अपनी तलवार से ीप को दो टुकड़ म िवभािजत
करना
12 12 17 11 िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
अथ – 1+2=
य ान/ सा ी 3
उेय–
 जीवन म यावहा रक मू य का ान देना जैस-े ेम का मह व, मीठी
वाणी का योग, अहक
ं ार का याग, िनंदा को सकारा मक अथ म लेना
आिद ।
 आ याि मक मू य का ान देना जैसे - कण-कण म ई र क याि
(ख)
1+2=
िनवेदन-
3
 आि मक और मानिसक बल पाने क ाथना
 जीवन क किठनाइय से िनभय होकर सघं ष करने क शि
िवशेषता -
 साहस और पु षाथ
 वयं पर िव ास
 ई र पर असीम िव ास
3
(ग)
 ीकृ ण के भ व सल प का उ लेख करते हए उनक मताओ ं का
गणु गान
7
 ोपदी, भ हलाद- नरिसंह, गजराज आिद का उदाहरण
 ीकृ ण से सबके साथ-साथ अपने उ ार क ाथना
13 13 18 13 िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
य- 1+1+
 ह रहर काका को अपने ाण का भय 1=3
 महतं और भाइय के मन म बहला–फुसला के ह रहर क ज़मीन हड़पने क
आशक ं ा
िकसके ारा-
 वा तिवक सरु ा महतं और ह रहर के भाइय ारा
कै से-
 महतं और ह रहर के भाइय ारा चौबीस घटं े उनक िनगरानी करके
(ख) 2+1 =
प रवतन- 3
 कठोर शारी रक दंड - अपराध क ेणी म, कानूनी ि से ितबंिधत
 अनश
ु ासन म रखने के िलए मनोवै ािनक तरीक का उपयोग - यथा
ब च को ो सािहत करना, उनक शसं ा करना, परु कार देना आिद
 खेल–खेल म िसखाने पर जोर
ि कोण -
 मु उ र वीकाय
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू याक
ं न
(ग) 2+1
िचढ़ने का कारण- =3
 टोपी के ित प रवार का प पातपणू यवहार
 मु नी बाबू को े और टोपी को िन न िस िकया जाना
 मु नी बाबू के झठू के कारण टोपी को मार पड़ना
ि कोण -
 मु उ र वीकाय
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू यांकन

8
14 14 11 14 िकसी एक िवषय पर संकेत-िबंदओ
ु ं के आधार पर लगभग 100 श द म अनु छे द 1 x 5
लेखन : =5
 िवषय-व तु – 3 अक

 भाषा – 1 अक

 तिु त – 1 अक

15 15 12 15 िकसी एक िवषय पर लगभग 100 श द म प लेखन: 1x5
 आरंभ व अतं क औपचा रकताएँ – 1 अक
ं =5
 िवषय-व तु – 2 अक

 भाषा – 1 अक

 तिु त – 1 अक

16 16 13 16 िकसी एक िवषय पर लगभग 80 श द म सचू ना लेखन: 1x4
 िवषय-व तु – 2 अक
ं =4
 तुित – 1 अक

 भाषा – 1 अक

17 17 14 17 िकसी एक िवषय पर लगभग 60 श द म िव ापन : 1x3
 िवषय-व तु – 1 अक
ं =3
 तुित – 1 अक

 भाषा – 1 अकं
18 18 15 18 लगभग100 श द म लघक
ु था अथवा ई-मेल लेखन : 1x5
लघक
ु था लेखन – =5
 िवषय-व तु – 3
 भाषा – 1
 भाव – 1
अथवा
ई-मेल लेखन -
 औपचा रकताएँ – 1 अक

 िवषय-व तु – 2 अक

 तुित – 1 अक

 भाषा – 1 अक

9
अ यतं गोपनीय-के वल आतं रक एवं सीिमत योग हेतु
सेकडरी कूल सिटिफके ट परी ा, 2023
अंक-योजना
िहंदी ‘ब’ िवषय कोड—085
-प कोड-- 4/6/1, 4/6/2, 4/6/3
सामा य िनदश:-
1. आप जानते ह िक परी ािथय के सही और उिचत आकलन के िलए उ र पिु तकाओ ं का मू याक ं न एक मह वपणू ि या
है। मू यांकन म एक छोटी-सी भल ू भी गंभीर सम या को ज म दे सकती है, जो परी ािथय के भिव य, िश ा- णाली और अ यापन-
यव था को भी भािवत कर सकती है। इससे बचने के िलए अनरु ोध िकया जाता है िक मू यांकन ारंभ करने से पवू ही आप मू यांकन
िनदश को पढ़ और समझ ल।
2. मू याक
ं न नीित एक गोपनीय नीित है य िक यह आयोिजत परी ाओ ं क गोपनीयता, िकये गए मू याक ं न तथा कई अ य
पहलओ ु ं से संबंिधत है | इसका िकसी भी तरह से सावजिनक प से लीक होना परी ा- णाली के पटरी से उतरने का कारण बन
सकता है और लाख परी ािथय के जीवन और भिव य को भािवत कर सकता है | इस नीित /द तावेज को िकसी को भी साझा
करना, िकसी पि का म कािशत करना और समाचार प /वेबसाइट आिद म छापना IPC के तहत कायवाही को आमिं त कर सकता
है |
3. मू यांकन अंक-योजना म िदए गए िनदश के अनसु ार ही िकया जाना चािहए, अपनी यि गत या या या िकसी अ य
धारणा के अनसु ार नह । यह अिनवाय है िक अक ं -योजना का अनपु ालन परू ी तरह और िन ापवू क िकया जाए। हालाँिक, मू याक
ं न
करते समय नवीनतम सचू ना और ान पर आधा रत अथवा नवाचार पर आधा रत उ र को उनक स यता और उपयु ता को परखते
हए परू े अक
ं िदए जाएँ।
4. मु य परी क येक मू यांकनकता के ारा पहले िदन जाँची गई उ र-पिु तकाओ ं के मू यांकन क जाँच यानपूवक करे
और आ त हो िक मू याक ं न-योजना म िदए गए िनदश के अनसु ार ही मू याक ं न िकया जा रहा है। परी क को बाक उ र-
पिु तकाएँ तभी दी जाएँ जब वह आ त हो िक उनके अक ं न म कोई िभ नता नह है।
5. परी क सही उ र पर सही का िनशान (√) लगाएँ और गलत उ र पर गलत का (×) । मू यांकन-कता ारा ऐसा िच न
लगाने से ऐसा समझ म आता है िक उ र सही है परंतु उस पर अक ं नह िदए गए। परी क ारा यह भल ू सवािधक क जाती है।
6. यिद िकसी का उपभाग हो तो कृ पया के उपभाग के उ र पर दाय ओर अक ं िदए जाएँ। बाद म इन उपभाग के
अक ं का योग बाय ओर के हािशये म िलखकर उसे गोलाकृ त कर िदया जाए। इसका अनपु ालन ढ़तापूवक िकया जाए।
7. यिद िकसी का कोई उपभाग न हो तो बाय ओर के हािशये म अक ं िदए जाएँ और उ ह गोलाकृ त िकया जाए। इसके
अनपु ालन म भी ढ़ता बरती जाए।
8. यिद परी ाथ ने िकसी का उ र दो थान पर िलख िदया है और िकसी को काटा नह है तो िजस उ र पर अिधक अक ं
ा हो रहे ह , उस पर अक
ं द और दसू रे को काट द। यिद परी ाथ ने अित र / का उ र दे िदया है तो िजन उ र पर अिधक
अक ं ा हो रहे ह उ ह ही वीकार कर/ उ ह पर अक ं द।
9. एक ही कार क अशिु बार-बार हो तो उसे अनदेखा कर और उस पर अक ं न काटे जाएँ।
10. यहाँ यह यान रखना होगा िक मू यांकन म संपणू अक ं पैमाने 0 – 80 (उदाहरण 0--80 अक ं जैसा िक -प म िदया गया

1
है) का योग अभी है अथात परी ाथ ने यिद सभी अपेि त उ र-िबंदुओ ं का उ लेख िकया है तो उसे परू े अक ं देने म संकोच न
कर।
11. येक परी क को पणू काय-अविध म अथात 8 घटं े ितिदन अिनवाय प से मू याक ं न काय करना है। (िव तृत िववरण
‘ पॉट गाइडलाइन’ म िदया गया है)
12. यह सिु नि त कर िक आप िन निलिखत कार क िु टयाँ न कर जो िपछले वष म क जाती रही ह-
• उ र पिु तका म िकसी उ र या उ र के अश ं को जाँचे िबना छोड़ देना।
• उ र के िलए िनधा रत अक ं से अिधक अक ं देना।
• उ र म िदए गए अक ं का योग ठीक न होना।
• उ र-पिु तका के अदं र िदए गए अकं का आवरण पृ पर सही अतं रण न होना।
• आवरण पृ पर ानसु ार योग करने म अशिु ।
• योग करने म अकं और श द म अतं र होना।
• उ र पिु तकाओ ं से ऑनलाइन अक ं सचू ी म सही अतं रण न होना।
• कुल अक ं के योग म अशिु ।
• उ र पर सही का िच (√) लगाना िकंतु अक ं न देना।
13. येक परी क यह भी सिु नि त करेगा िक सभी उ र का मू यांकन िकया जाए, शीषक पृ क गई िवि सही हो तथा कुल
अक ं को आक ं ड़ और श द म िलखे।
14. उ मीदवार िनधा रत सं करण शु क के भगु तान पर अनरु ोध कर उ र-पिु तका क फोटोकॉपी ा करने के हकदार ह। अतः
सभी मु य परी क / अित र मु य परी क / परी क / सम वयक को एक बार िफर से याद िदलाया जाता है िक उ ह यह सिु नि त
करना चािहए िक मू यांकन योजना म िदए गए येक उ र के िलए मू य-िबंदओ ु ं के अनुसार मू यांकन िकया जाए।

2
Series Z1YXW/6 -प कोड 4/6/1, 4/6/2, 4/6/3
अंक योजना
िहदं ी ‘ब’
स.ं 4/6/1 4/6/2 4/6/3 मू यांकन िबंदु अंक
खंड अ
व तुपरक न के उ र
1 1 2 1 ‘अपिठत ग ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय : 5x1
(i) (c) इससे यि क िव मृितय का िव तार होता है । =5
(ii) (a) अ यंत आवेग म िकया गया ोध
(iii) (d) प रि थितय को दसू र के नज रए से जानने का यास करना ।
(iv) (c) संयिमत रहने का य न
(v) (d) कथन (A) सही है, लेिकन कारण (R) उसक सही या या नह
है।
2 2 1 2 ‘अपिठत ग ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय : 5x1
(i) (b) वा य सेवाओ ं से जड़ु े लोग को =5
(ii) (a) िवकासशील देश म अनौपचा रक े िव तार क सम या नह
है।
(iii) (d) वे शोर-शराबे से भरी िजदं गी जीने को िववश ह ।
(iv) (b) वण-कोिशकाएँ ित त
(v) (c) कथन (A) सही है तथा कारण (R) कथन (A) क सही या या
करता है ।
3 3 6 4 ‘पदबध ं ’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4x1
अपेि त : =4
(i) (c) सं ा पदबधं
(ii) (d) ि या-िवशेषण पदबंध
(iii) (d) दरू ही रहे
(iv) (c) िवशेषण पदबधं
(v) (b) सवनाम पदबंध
4 4 - - ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह 4x1
चार के उ र अपेि त : =4
(i) (c) िम वा य
(ii) (a) जब सालाना इि तहान हआ तब म उसम अ वल दरजे से पास हो
गया ।

3
(iii) (a) सरल वा य म एक उ े य और एक ही िवधेय होता है ।
(iv) (d) हालाँिक म पास हो गया िफर भी मेरा ितर कार हआ ।
(v) (b) सरल वा य
- 4 - ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह 4x1
चार के उ र अपेि त : =4
(i) (c) िम वा य
(ii) (c) जब चार बजकर चौबीस िमनट हए तब सभु ाष बाबू जल ु सू लेकर
आए ।
(iii) (b) सयं ु वा य म उसके येक वा य का अपना वतं अि त व
होता है ।
(iv) (d) जैसा तजरु बा उ ह है उसक बराबरी नह हो सकती ।
(v) (b) सरल वा य
- - 3 ‘रचना के आधार पर वा य भेद’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह 4x1
चार के उ र अपेि त : =4
(i) (c) िम वा य
(ii) (a) जब हम सब पंि म होते तो पहले और आिखरी िव ाथ का यान
रखते ।
(iii) (b) वा य का प प रवितत करते समय उसका अथ प रवितत होना
चािहए ।
(iv) (a) िफर छु याँ बीतने लगत तो िदन िगनने लगते ।
(v) (d) सयं ु वा य
5 5 - - ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4x1
अपेि त : =4
(i) (a) समास
(ii) (b) कमधारय समास
(iii) (b) जलद पी यान
(iv) (c) दशानन
(v) (c) यगु क वाणी – त पु ष समास
5 - 5 - ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4x1
अपेि त : =4
(i) (b) त पु ष समास
(ii) (a) अ ययीभाव समास
(iii) (d) वण सम िकरण
(iv) (b) लंबोदर

4
(v) (b) मन का बल - त पु ष समास
5 - - 6 ‘समास’ पर आधा रत पाँच बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4 x 1
अपेि त : =4
(i) (c) अ ययीभाव समास
(ii) (d) त पु ष समास
(iii) (d) ेम क कथा
(iv) (d) ि लोकनाथ
(v) (d) भय से आकुल – त पु ष समास
6 6 3 5 ‘मुहावरे’ पर आधा रत छह बहिवक पीय म से िक ह चार के उ र 4x1
अपेि त : =4
(i) (c) िमत होना
(ii) (a) (I) और (II)
(iii) (b) फूलकर कु पा हो जाना / (c) सातव आसमान पर होना
(iv) (c) िह मत टूटना
(v) (d) तूती बोलना
(vi) (d) रात-िदन एक करना
7 7 8 9 ‘पिठत प ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 5x1
(i) (a) ढ़ता और कत यपरायणता =5
(ii) (d) देश के मान का
(iii) (a) देश क र ा हेतु कुबान होते सैिनक के िलए
(iv) (b) (क) और (ग)
(v) (c) देश क र ा क
8 8 7 7 ‘पाठ्यपु तक के प पाठ ’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 2x1
(i) (c) कथन (A) सही है, लेिकन कारण (R) गलत है । =2
(ii) (a) दख ु का सामना करने हेतु साम य
9 9 10 10 ‘पिठत ग ांश’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 5x1
(i) (b) वह नेक और मददगार यि था । =5
(ii) (c) उसके याग और सेवाभाव के कारण
(iii) (a) य िक तताँरा उसे कभी अपने से अलग नह करता था । /
(d) य िक तताँरा अके ले ही अ ु त साहिसक कारनाम िकया करता
था ।
(iv) (c) वो पोशाक जो िकसी देश िवशेष म सिदय से पहनी जाती हो ।
(v) (c) कथन (A) सही है, लेिकन कारण (R) उसक गलत या या करता
है ।
5
10 10 9 8 ‘पाठ्यपु तक के ग पाठ ’ पर आधा रत बहिवक पीय के उ र : 2x1
(i) (b) आदशवादी यि य क =2
(ii) (a) िफ म क संवदे ना का चार न होने के कारण
खंड ब
वणना मक न
11 11 - - िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
 मौसम च भािवत, गरमी म अिधक गरमी, बेव वषा आिद 3
 भक
ू ं प, बाढ़, सख
ू ा जैसी ाकृ ितक आपदाओ ं म वृि
 तरह-तरह के नए रोग
(ख) 3
 गाँव क िववाह संबंधी िनषेध परंपरा से बँधे होने के कारण
 पारंप रक सामािजक यव था बनाए रखने के कारण
 गाँव वाल ारा परंपराओ ं को जीवन से अिधक मह वपणू समझने के कारण
(ग)
3
 बड़े भाई साहब से पड़ने वाली डाँट और भय के कारण
 बड़े भाई क नज़र म अ छे बने रहने के कारण
 उनके ित सहज- वाभािवक आदर भाव के कारण
 खेल के ित अ यिधक िच के कारण
(िक ह तीन िबंदओ
ु ं का उ लेख अपेि त)
- 11 - िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
 मु उ र वीकाय 3
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू याक
ं न

(ख)
3
 तलवार लकड़ी क होने के बावजदू ीप का दो टुकड़ म िवभ हो जाना
 तताँरा के ारा तलवार का िकसी के सामने योग न करना
 तताँरा के अनेक साहिसक कारनामे

6
(ग) 3
 िसफ िकताबी ान और रटंत िव ा पर बल
 पाठ्य म म ऐसे िवषय शािमल िजनका वतमान एवं यावहा रकता से कोई
लेना-देना नह
 मू याक
ं न णाली से असतं ोष
- - 11 िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
 एक प रवार के समान, बड़े-बड़े दालान , आँगन वाले घर म िमल-जल
ु कर 3
रहना
 टुकड़ म बँटा, एक-दसू रे से दरू , लगातार बढ़ती आबादी और उसक ज रत
को परू ा करने के िलए कृ ित के हर प का दोहन
 वतमान जीवन छोटे-छोटे िड बे जैसे घर म िसमटा
 स यता के िवकास के साथ-साथ संवेदनशीलता म कमी
(ख) 1+2=
 ोध के शमन हेतु तलवार को धरती म घ प िदया और उसे दरू तक ख चकर 3
ले गया ।
 मु उ र वीकाय
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू याक
ं न
3
(ग)
 चंचल वभाव के कारण छोटे भाई क िच पढ़ने म कम और खेलने म
अिधक
 छोटे भाई को गलत राह पर जाने से रोकने एवं अहक
ं ार से बचाने के िलए
 बड़े भाई को उसके भटक जाने का डर, साथ ही उसके ित उ रदािय व का
अहसास

7
12 12 - - िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
या - 2+1=
 ीकृ ण क सेिवका बनकर उनके िलए बाग लगाना, वृदं ावन क गिलय म 3
लीला-गान करना, ऊँचे-ऊँचे झरोखेदार/िखड़िकय वाले महल बनाना
 लोक-मयादा का भय याग कर सजना-सँवरना, कुसु बी साड़ी म आधी रात
म भी यमनु ा-तट पर जाना
य -
 अपने इ कृ ण के दशन, भि और सिु मरन क ाि के िलए
 कृ ण के ित एकिन ता के कारण
(ख) 1+2=
कै से- 3
 परोपकार रिहत वाथपणू जीवन को
य -
 वाथपणू जीवन पशवु त यवहार
 समाज म आदश थािपत न कर पाना
 मनु यता के िलए वाथ भावना से मु होना आव यक
(ग) 3
 आकाश म अचानक काले-घने बादल के िघरने से
 मसू लाधार वषा होने से
 अ यता क ि थित के कारण पवत का िदखाई न देना

- 12 - िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3


=6
(क)
 ीकृ ण के साि न य म रहकर उनक सेवा करने के िलए 3
 दशन-लाभ ा करने के िलए
 सिु मरन और भि पी जागीर पाने के िलए
(ख) 3
 इस ससं ार म ज म लेने वाले हर िकसी क मृ यु िनि त, जो िनि त है उससे
डर कै सा ?
8
 शरीर न र, आ मा अमर । मृ यु भी शरीर क ही
 अ छा कम करके साथक मृ यु को ा करने वाले क यशगाथा अमर
(ग)
1+2=
क पना -
3
 अपने हज़ार फूल पी आँख से वयं को िनहारना
 अपने िवशाल व प को देखकर मु ध होना
कारण -
 पवत का अपने प- स दय पर मोिहत होना
 एक बार देखने से तृि का अनभु व न होना
 चरण म पलने वाले ताल म अपने ितिबबं को देखना
- - 12 िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3
=6
(क)
कै से- 1+2=
 अ य भ का ांत देकर मनहु ार 3
या-
 आम जन के साथ अपनी पीड़ा और भय से मिु क ाथना
 अपने आरा य क मताओ ं का गणु गान एवं ीकृ ण को उनके क य का
मरण
(ख) 1+2=
िकसे -
3
 िजसे परमा मा क कृ पा और अपने स कम पर भरोसा न हो
 िजसम धैय न हो
य -
 ई र क कृ पा पर भरोसा न होना
 त ण फल- ाि क इ छा
 धन और बल पर अहक
ं ार
(ग) 1+1+
िकसे- 1=3
 पवत पर उगे सह फूल को
कहाँ-
9
 ताल पी दपण म
य-
 पवत का अपने प- स दय पर मोिहत होना

13 13 13 13 िक ह दो के उ र लगभग 60 श द म अपेि त – 2x3


=6
(क)
 ह रहर काका का प रवार उनके िहत क जगह अपने वाथ और िहत से बँधा 3
 ह रहर काका क जमीन हिथयाने के िलए उनक देखभाल और सेवा का
िदखावा करना
 भाइय ारा शारी रक यातना देना और मानिसक प से तािड़त करना
(ख)
 मु उ र वीकाय
 िव ािथय क उिचत तािकक अिभ यि के आधार पर मू यांकन
(ग)
 दादी का टोपी के ित कठोर और उपे ा मक यवहार 3
 टोपी और उसक माँ क बोली का उपहास
 दादी का टोपी के ित आ ोश-भरा यवहार, डाँट-फटकार
 दादी के कारण ही उसे अपनी माँ रामदल
ु ारी से अकसर डाँट-फटकार पड़ना
( िक ह तीन िबंदओ
ु ं का उ लेख अपेि त)

14 14 15 15 िकसी एक िवषय पर संकेत-िबंदओ


ु ं के आधार पर लगभग 100 श द म अनु छे द 1 x 5
लेखन : =5
 िवषय-व तु – 3 अक

 भाषा – 1 अक

 तुित – 1 अक

15 15 14 16 िकसी एक िवषय पर लगभग 100 श द म प लेखन: 1x5
 आरंभ व अतं क औपचा रकताएँ – 1 अक
ं =5
 िवषय-व तु – 2 अक

 भाषा – 1 अक

 तुित – 1 अक

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16 16 16 17 िकसी एक िवषय पर लगभग 80 श द म सचू ना लेखन: 1x4
 िवषय-व तु – 2 अक
ं =4
 तुित – 1 अक

 भाषा – 1 अक

17 17 18 18 िकसी एक िवषय पर लगभग 60 श द म िव ापन : 1x3
 िवषय-व तु – 1 अक
ं =3
 तिु त – 1 अक

 भाषा – 1 अक

18 18 17 14 लगभग 100 श द म लघक
ु था अथवा ई-मेल लेखन : 1x5
लघक
ु था लेखन – =5
 िवषय-व तु – 3
 भाषा – 1
 भाव – 1
अथवा
ई-मेल लेखन -
 औपचा रकताएँ – 1 अक

 िवषय-व तु – 2 अक

 तिु त – 1 अक

 भाषा – 1 अक

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