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महान

�ववाद
महाान
वि�वााद
Copyright © 2022 by Ellen G. White Estate, Inc.

Published by Review and Herald® Publishing Association, Silver Spring,


MD 20904, United States of America

Cover art and design copyright by Eduardo Olszewski and Casa


Publicadora Brasileira, Tatuí, SP – Brazil

Layout: Ellen G. White Estate, Inc.


Typeset: Plec 10
Language: Hindi

ISBN: 978-0-8127-0555-3

All rights reserved.

To learn more about The Great Controversy or the Bible, please visit:
www.thegreatcontroversy.org
वि�षय सूूचीी
प्रस्ताावनाा............................................................................................................ 5
परि�चय............................................................................................................... 7
1. यरूशलेेम काा वि�नााश..................................................................................... 13
2. पहलीी शतााब्दीी मेंं सतााव................................................................................. 28
3. आध्याात्मि�क अंंधकाार काा युुग........................................................................... 35
4. वााल्डेेन्सेेस.................................................................................................. 44
5. जॉॉन वि�क्लि�फ............................................................................................. 56
6. हस और जेेरोोम............................................................................................ 68
7. लूूथर काा रोोम सेे अलग होोनाा............................................................................ 84
8. सभाा केे समक्ष लूूथर.................................................................................... 102
9. स्वि�स सुुधाारक........................................................................................... 120
10. जर्ममनीी मेंं सुुधाार कीी प्रगति�............................................................................. 130
11. नि�र्वाा�चकोंं� काा वि�रोोध.................................................................................... 139
12. फ्रांं�सीीसीी धर्मम सुुधाार..................................................................................... 149
13. नीीदरलैैण्ड और स्कैंंडि�नेेवि�याा.......................................................................... 167
14. बााद केे अंंग्रेेज़ धर्मम सुुधाारक........................................................................... 173
15. बााइबल और फ्रांं�सीीसीी क्रांं�ति�.......................................................................... 187
16. पि�लग्रि�म फाादर.......................................................................................... 203
17. सुुबह केे संं देेश........................................................................................... 210
18. एक अमेेरि�कीी सुुधाारक................................................................................. 222
19. अंंधकाार केे राास्तेे प्रकााश............................................................................... 240
20. एक महाान धाार्मि�क जाागृृति�............................................................................ 248
21. एक चेेताावनीी अस्वीीकृृ त................................................................................ 262
22. भवि�ष्यद्वााणि�याँँ� पूूरीी हुईं................................................................................ 274
23. पवि�त्र स्थाान क्याा हैै?................................................................................... 286
24. परम पवि�त्र स्थाान मेंं.................................................................................... 296
25. परमेेश्वर काा नि�यम अपरि�वर्ततनीीय................................................................... 303
26. सुुधाार काा काार्यय.......................................................................................... 315
27. आधुुनि�क धाार्मि�क जाागृृति�............................................................................. 322
28. जीीवन केे इति�हाास काा साामनाा करनाा................................................................ 335
29. बुुरााई कीी उत्पत्ति�........................................................................................ 344
30. मनुुष्य और शैैताान केे बीीच शत्रुुताा.................................................................... 353
31. दुष्ु ट आत्मााओंं केे मााध्यम............................................................................. 358
32. शैैताान केे फंं देे............................................................................................ 363
33. पहलाा बड़ाा धोोखाा........................................................................................ 373
34. क्याा हमाारेे मृृतक हमसेे बाात कर सकतेे हैंं?......................................................... 387
35. वि�वेेक कीी स्वतंं त्रताा कोो खतराा........................................................................ 395
36. आसन्न संं घर्षष............................................................................................ 409
37. पवि�त्र शाास्त्र एक सुुरक्षाा कवच........................................................................ 417
38. अंंति�म चेेताावनीी......................................................................................... 424
39. संं कट काा समय.......................................................................................... 431
40. परमेेश्वर केे लोोगोंं� काा उद्धाार.......................................................................... 446
41. पृृथ्वीी काा वि�नााश........................................................................................ 458
42. वि�वााद समााप्त हुआ.................................................................................... 465
परि�शि�ष्ट........................................................................................................ 477
प्रस्ताावनाा
पााठक, यह पुुस्तक हमेंं यह बताानेे केे लि�ए प्रकााशि�त नहींं� हुई हैै कि� इस दुनि�या ु ा मेंं पााप और दुःः�ख
हैै। हम यह सब बहुत अच्छीी तरह जाानतेे हैंं। यह पुुस्तक हमेंं यह बताानेे केे लि�ए प्रकााशि�त हुई हैै कि�
अंंधकाार और प्रकााश, पााप और धाार्मि�कताा, गलत और सहीी, मृृत्युु और जीीवन केे बीीच एक असंं गत
वि�वााद हैै। हमाारेे हृदय मेंं हम यह जाानतेे हैंं, और जाानतेे हैंं कि� हम संं घर्षष मेंं भाागीीदाार, कर्ताा� हैंं।
लेेकि�न हम मेंं सेे प्रत्येेक केे लि�ए कभीी-कभीी महाान वि�वााद केे बाारेे मेंं अधि�क जााननेे कीी तीीव्र इच्छाा
होोतीी हैै। वि�वााद कैै सेे शुुरू हुआ? याा यह हमेेशाा यहाँँ� थाा? इसकेे अत्यधि�क जटि�ल पहलूू मेंं कौौन सेे तत्व
प्रवेेश करतेे हैंं? मैंं इससेे कैै सेे संं बंं धि�त हूंं? मेेरीी ज़ि�म्मेेदाारीी क्याा हैै? मैंं अपनेे आप कोो इस दुनि�या ु ा मेंं
पााताा हूंं, लेेकि�न अपनीी मर्ज़ीी सेे नहींं�। क्याा इसकाा मतलब मेेरेे लि�ए बुुराा याा अच्छाा हैै?
इसमेंं कौौन सेे महाान सि�द्धांं�त शाामि�ल हैंं? कब तक चलेेगाा वि�वााद? इसकाा अंंत क्याा होोगाा? क्याा
यह पृृथ्वीी एक सूूर्यय रहि�त, जमीी हुई, शााश्वत राात कीी गहरााई मेंं डूू ब जााएगीी, जैैसाा कि� कुु छ वैैज्ञाानि�क
कहतेे हैंं? याा कोोई बेेहतर भवि�ष्य हैै?
प्रश्न और भीी करीीब आताा हैै: मेेरेे अपनेे दि�ल मेंं वि�वााद, अन्तर्वाा�हीी स्वाार्थथ और जाावक प्रेेम केे बीीच
संं घर्षष, भलााई कीी जीीत मेंं कैै सेे स्थाापि�त कि�याा जाा सकताा हैै, और हमेेशाा केे लि�ए स्थाापि�त कि�याा जाा सकताा
हैै? बााइबल क्याा कहतीी हैै? इस शााश्वत महत्वपूूर्णण प्रश्न केे बाारेे मेंं परमेेश्वर नेे हमेंं क्याा सि�खाानाा हैै?
पााठक, इस पुुस्तक काा उद्देेश्य परेेशाान आत्माा कोो इन सभीी समस्यााओंं काा सहीी समााधाान करनेे मेंं
मदद करनाा हैै। यह उसकेे द्वााराा लि�खाा गयाा हैै जि�सनेे चखाा हैै और पाायाा हैै कि� ईश्वर अच्छाा हैै, और
जि�सनेे ईश्वर केे सााथ सहभाागि�ताा और उसकेे वचन केे अध्ययन मेंं सीीखाा हैै कि� प्रभुु काा रहस्य उनकेे
पाास हैै जोो उसकाा भय माानतेे हैंं, और वह उन्हेंं अपनीी वााचाा दि�खााएगाा।
तााकि� हम सर्वव महत्वपूूर्णण वि�वााद केे सि�द्धांं�तोंं� कोो बेेहतर ढंंग सेे समझ सकेंं , जि�समेंं एक सृृष्टि�ि काा जीीवन
शाामि�ल हैै, लेेखक नेे इसेे हमाारेे साामनेे पि�छलीी बीीस शतााब्दि�योंं� केे महाान, ठोोस ज्वलंं त उदााहरणोंं� मेंं रखाा हैै।
यह पुुस्तक परमेेश्वर केे चुुनेे हुए लोोगोंं� केे शहर, यरूशलेेम केे इति�हाास केे दुख ु द समाापन दृश्योंं� केे
सााथ शुुरू होोतीी हैै।
उसकेे द्वााराा कलवरीी केे महाापुुरुष कोो अस्वीीकाार कि�ए जाानेे केे बााद, जोो बचाानेे आयाा थाा। तब
सेे रााष्ट्रोंं�� कीी महाान शृंंखलाा केे सााथ-सााथ, यह हमेंं प्राारम्भि�क शतााब्दि�योंं� मेंं परमेेश्वर केे लोोगोंं� केे
उत्पीीड़न, महाान धर्मम-त्यााग जोो उसकीी कलीीसि�याा मेंं हुआ; सुुधाार कीी वि�श्व-जाागृृति�, जि�समेंं वि�वााद
केे कुु छ महाान सि�द्धांं�त स्पष्ट रूप सेे प्रकट होोतेे हैंं; फ्रांं�स द्वााराा सहीी सि�द्धांं�तोंं� कीी अस्वीीकृृ ति� केे भयाानक
सबक; पवि�त्रशाास्त्र काा पुुनःः प्रचलन और उसकेे उत्थाान, और उसकेे लााभकाारीी, जीीवन-रक्षक प्रभााव;
अंंत केे दि�नोंं� कीी धाार्मि�क जाागृृति�; अंंधेेरेे केे हर भ्रम केे घाातक उत्थाान सेे परि�चि�त होोनेे केे लि�येे, प्रकााश
और ज्ञाान केे अपनेे अद्भु ् ुत रहस्योोद्घा् ाटन सहि�त परमेेश्वर केे वचन केे दीीप्ति�माान फव्वाारेे केे खुुलनेे
कीी ओर इशााराा करतीी हैै।
वर्ततमाान आसन्न संं घर्षष, इसमेंं शाामि�ल महत्वपूूर्णण सि�द्धांं�तोंं� केे सााथ, जि�समेंं कोोई भीी तटस्थ नहींं� होो
सकताा हैै, बस, स्पष्ट रूप सेे, दृढ़ताा सेे, आगेे नि�र्धाा�रि�त हैै।
6 महाान वि�वााद

आखि�रकाार, हमेंं बुुरााई पर अच्छााई, गलत पर सहीी, अंंधेरेे े पर प्रकााश, दुःः�ख पर खुुशीी, नि�रााशाा पर
आशाा, शर्मम पर महि�माा, मृृत्युु पर जीीवन, और प्रति�शोोधीी घृृणाा पर अनन्त, लंं बेे समय सेे पीीड़ि�त प्याार कीी
शााश्वत और शाानदाार जीीत केे बाारेे मेंं बताायाा जााताा हैै।
अपनेे पहलेे संं स्करण (1888) सेे शुुरू होोकर, एक लेेखक केे संं शोोधन (1911) केे बााद, इस
उत्कृृष्ट काार्यय नेे कई संं स्करणोंं� और अनुुवाादोंं� केे मााध्यम सेे दुनि�या
ु ा भर मेंं प्रसाार हाासि�ल कि�याा हैै। पााठक
पााएंं गेे कि� लेेखक स्पष्ट रूप सेे और सख्तीी सेे लि�खताा हैै, त्रुुटि�योंं� कोो इंं गि�त करताा हैै और ईश्वर केे
अचूूक वचन केे आधाार पर समााधाान प्रस्ताावि�त करताा हैै। और भलेे हीी पि�छलेे कुु छ दशकोंं� मेंं साामा�-
जि�क-धाार्मि�क दुनि�याु ा मेंं बदलााव और समाायोोजन देेखाा गयाा हैै, इस पुुस्तक मेंं प्रस्तुुत मुुख्य योोजनाा और
भवि�ष्य केे अनुुमाान आज पूूर्णण समयबद्धताा और अवशोोषक रुचि� कोो बनाायेे रखतेे हैंं।
इस पुुस्तक केे पूूर्वव संं स्करण कई आत्मााओंं कोो सच्चेे चरवााहेे केे पाास लाायाा हैै; प्रकााशक कीी यह प्राार्थथनाा हैै
कि� यह संं स्करण और भीी सनाातन कल्यााणकाारीी होो।

प्रकााशक।
परि�चय
पााप केे प्रवेेश सेे पहलेे, आदम अपनेे सृृष्टि�िकर्ताा� केे सााथ खुुलेे संं वााद काा आनंं द लेेताा थाा; परन्तुु
जब सेे मनुुष्य नेे अपनेे आप कोो अपरााध केे द्वााराा परमेेश्वर सेे अलग कि�याा, माानव जााति� कोो इस उच्च
वि�शेेषााधि�काार सेे वंं चि�त कर दि�याा गयाा हैै। छुु टकाारेे कीी योोजनाा केे द्वााराा, हाालांं�कि�, एक राास्ताा खोोल
दि�याा गयाा हैै जि�ससेे पृृथ्वीी केे नि�वाासि�योंं� काा अभीी भीी स्वर्गग केे सााथ संं बंं ध होो सकताा हैै। परमेेश्वर नेे
अपनीी आत्माा केे द्वााराा मनुुष्योंं� केे सााथ संं चाार कि�याा हैै, और उसकेे चुुनेे हुए सेेवकोंं� कोो रहस्योोद्घा् ाटन
द्वााराा दुनि�या
ु ा कोो पवि�त्र प्रकााश प्रदाान कि�याा गयाा हैै। «भक्‍‍त जन पवि�त्र आत्माा केे द्वााराा उभाारेे जााकर
परमेेश्वर कीी ओर सेे बोोलतेे थेे।» 2 पतरस 1:21।
माानव इति�हाास केे पहलेे पच्चीीस सौौ वर्षोंं केे दौौराान, कोोई लि�खि�त रहस्योोद्घा् ाटन नहींं� हुआ थाा।
जि�न्हेंं परमेेश्वर कीी शि�क्षाा दीी गई थीी, उन्होंं�नेे अपनेे ज्ञाान कोो दूू सरोंं� तक पहुँँचाायाा, और यह एक केे बााद
एक आनेे वाालीी पीीढ़ि�योंं� मेंं पि�ताा सेे पुुत्र कोो दि�याा जााताा थाा। लि�खि�त वचन कीी तैैयाारीी मूूसाा केे समय
मेंं शुुरू हुई। प्रेेरि�त रहस्योोद्घा् ाटन तब एक प्रेेरि�त पुुस्तक मेंं सन्नि��हि�त थेे। यह काार्यय सोोलह सौौ वर्षोंं कीी
लंं बीी अवधि� केे दौौराान ज़ाारीी रहाा - सृृष्टि�ि और व्यवस्थाा केे इति�हाासकाार मूूसाा सेे लेेकर यूूहन्नाा तक, जोो
सुुसमााचाार केे सबसेे उदाात्त सत्योंं� काा अभि�लेेखक हैै।
बााइबल परमेेश्वर कोो इसकेे लेेखक केे रूप मेंं इंं गि�त करतीी हैै; फि�र भीी यह माानव हााथोंं� सेे लि�खाा
गयाा थाा; और अपनीी वि�भि�न्न पुुस्तकोंं� कीी वि�वि�ध शैैलीी मेंं यह अनेेक लेेखकोंं� कीी वि�शेेषतााओंं कोो प्रस्तुुत
करताा हैै। प्रकट कि�ए गए सत्य सभीी «परमेेश्वर कीी प्रेेरणाा सेे दि�ए गए हैंं» (2 तीीमुुथि�युसु 3:16);
मगर वेे मनुुष्योंं� केे शब्दोंं� मेंं व्यक्त कि�ए गए हैंं। जोो अनंं त हैै उसनेे अपनीी पवि�त्र आत्माा सेे अपनेे सेेवकोंं�
केे मन और हृदय मेंं प्रकााश डाालाा हैै। उसनेे स्वप्न और दर्शशन, प्रतीीक और आंंकड़ेे दि�ए हैंं; और जि�न
पर इस प्रकाार सत्य प्रगट हुआ, उन्होंं�नेे स्वयंं इस वि�चाार कोो माानवीीय भााषाा मेंं मूूर्तत रूप दि�याा हैै।
दस आज्ञााएँँ स्वयंं परमेेश्वर केे द्वााराा बोोलीी गई थींं�, और उसीी केे हााथ सेे लि�खीी गई थींं�। वेे ईश्वरीीय
रचनाा केे हैंं, माानव केे नहींं�। लेेकि�न बााइबल, अपनेे ईश्वर प्रदत्त सत्योंं� कोो मनुुष्योंं� कीी भााषाा मेंं व्यक्त
करतेे हुए, परमाात्माा और माानव केे मि�लन कोो प्रस्तुुत करतीी हैै। ऐसाा मि�लन मसीीह केे स्वभााव मेंं मौौजूूद
थाा, जोो परमेेश्वर काा पुुत्र और मनुुष्य काा पुुत्र थाा। इस प्रकाार यह बााइबल केे बाारेे मेंं सच हैै, जैैसाा कि�
यह मसीीह केे बाारेे मेंं थाा, कि� «वचन देेहधाारीी हुआ, और हमाारेे बीीच मेंं डेेराा कि�याा।» यूूहन्नाा 1:14।
व्यवसााय और पद मेंं, और माानसि�क और आध्याात्मि�क प्रति�भाा मेंं व्याापक रूप सेे भि�न्न व्यक्ति�योंं�
द्वााराा अलग-अलग युुगोंं� मेंं लि�खीी गईं, बााइबल कीी पुुस्तकेंं शैैलीी मेंं व्याापक वि�परीीतताा, और सााथ हीी
प्रकााशि�त वि�षयोंं� कीी प्रकृृ ति� मेंं वि�वि�धताा भीी प्रस्तुुत करतीी हैंं। वि�भि�न्न लेेखकोंं� द्वााराा अभि�व्यक्ति� केे
वि�भि�न्न रूपोंं� काा प्रयोोग कि�याा जााताा हैै; अक्सर एक हीी सत्य कोो एक दूू सरेे कीी तुुलनाा मेंं अधि�क स्पष्ट
रूप सेे प्रस्तुुत कि�याा जााताा हैै। और जैैसाा कि� कई लेेखक वि�भि�न्न पहलुुओं ं और संं बंं धोंं� केे तहत एक
वि�षय प्रस्तुुत करतेे हैंं, वेे साामाान्य, लाापरवााह, याा पूूर्वाा�ग्रहीी पााठक कोो वि�संं गति� याा वि�रोोधााभाास केे रूप
मेंं प्रकट होो सकतेे हैंं, जहांं� वि�चाारशीील, श्रद्धेेय छाात्र, स्पष्ट अंंतर्दृृष्टि�ि केे सााथ, अंंतर्नि�हि�त सद्भा
् ाव कोो
समझतेे हैंं।
8 महाान वि�वााद

जैैसाा कि� अलग-अलग व्यक्ति�योंं� केे मााध्यम सेे प्रस्तुुत कि�याा जााताा हैै, सत्य कोो उसकेे वि�वि�ध
पहलुुओं ं मेंं साामनेे लाायाा जााताा हैै। एक लेेखक वि�षय केे एक चरण सेे अधि�क प्रभाावि�त होोताा हैै; वह
उन मुुद्दोंं� कोो पकड़ लेेताा हैै जोो उसकेे अनुुभव याा उसकीी समझ और मुुल्यांं�कन कीी शक्ति� केे अनुुरूप
होोतेे हैंं; दूू सराा एक अलग चरण कोो उत्सााहीी तरीीकेे सेे उपयोोग करताा हैै; और प्रत्येेक, पवि�त्र आत्माा केे
माार्गगदर्शशन मेंं, वह प्रस्तुुत करताा हैै जोो उसकेे स्वयंं केे मन कोो प्रभाावकाारीी तरीीकेे सेे समझाायाा जााताा हैै
- प्रत्येेक मेंं सत्य काा एक अलग पहलूू , लेेकि�न सभीी मेंं एक पूूर्णण साामंं जस्य। और इस प्रकाार प्रकट हुए
सत्य, जीीवन कीी सभीी परि�स्थि�ति�योंं� और अनुुभवोंं� मेंं मनुुष्योंं� कीी आवश्यकतााओंं कोो पूूराा करनेे केे लि�ए
अनुुकूूलि�त, एक पूूर्णण इकााई बनाानेे केे लि�ए एकजुुट होो जाातेे हैंं।
परमेेश्वर नेे माानवीीय सााधनोंं� द्वााराा दुनि�या
ु ा कोो अपनेे सत्य काा संं चाार करनेे मेंं प्रसन्नताा व्यक्त कीी हैै,
और उसनेे स्वयंं , अपनीी पवि�त्र आत्माा द्वााराा, मनुुष्योंं� कोो योोग्य बनाायाा और उन्हेंं यह काार्यय करनेे मेंं सक्षम
बनाायाा। क्याा बोोलनाा हैै और क्याा लि�खनाा हैै, इसकेे चयन मेंं उसनेे दि�मााग काा माार्गगदर्शशन कि�याा। धन
मि�ट्टीी केे बर्ततनोंं� कोो सौंं�पाा गयाा थाा, फि�र भीी, यह स्वर्गग सेे हैै। गवााहीी माानवीीय भााषाा कीी अपूूर्णण अभि�व्य-
क्ति� केे मााध्यम सेे व्यक्त कीी जाातीी हैै, फि�र भीी यह परमेेश्वर कीी गवााहीी हैै; और आज्ञााकाारीी, वि�श्वाासीी
परमेेश्वर कीी सन्ताान उस मेंं अनुुग्रह और सच्चााई सेे परि�पूूर्णण ईश्वरीीय साामर्थ्यय कीी महि�माा कोो देेखताा हैै।
अपनेे वचन मेंं, परमेेश्वर नेे मनुुष्योंं� कोो उद्धाार केे लि�ए आवश्यक ज्ञाान प्रदाान कि�याा हैै। पवि�त्र शाास्त्र
कोो उसकीी इच्छाा केे एक आधि�काारि�क, अचूूक रहस्योोद्घा् ाटन केे रूप मेंं स्वीीकाार कि�याा जाानाा चााहि�ए। वेे
चरि�त्र केे माानक, सि�द्धांं�तोंं� कोो प्रकट करनेे वाालेे और अनुुभव कीी परख हैंं। «सम्पूूर्णण पवि�त्रशाास्त्र परमेे-
श्वर कीी प्रेेरणाा सेे रचाा गयाा हैै और उपदेेश, और समझाानेे, और सुुधाारनेे, और धाार्मि�कताा कीी शि�क्षाा
केे लि�येे लााभदाायक हैै, तााकि� परमेेश्वर काा जन सि�द्ध बनेे, और हर एक भलेे कााम केे लि�येे तत्पर होो
जााए।» 2 तीीमुुथि�युसु 3:16,17।
फि�र भीी इस तथ्य नेे कि� परमेेश्वर नेे अपनेे वचन केे द्वााराा मनुुष्योंं� पर अपनीी इच्छाा प्रकट कीी हैै,
पवि�त्र आत्माा कीी नि�रंंतर उपस्थि�ति� और माार्गगदर्शशन कोो अनाावश्यक नहींं� बनाायाा हैै। इसकेे वि�परीीत,
अपनेे भक्तोंं� केे लि�ए उसकेे वचन कोो उजाागर करनेे केे लि�ए, उसकीी शि�क्षााओंं कोो प्रकााशि�त करनेे और
लाागूू करनेे केे लि�ए, हमाारेे उद्धाारकर्ताा� द्वााराा पवि�त्र आत्माा काा वाादाा कि�याा गयाा थाा। और चूँँ�कि� यह परमेे-
श्वर काा आत्माा थाा जि�सनेे बााइबल कोो प्रेेरि�त कि�याा, यह असंं भव हैै कि� पवि�त्र आत्माा कीी शि�क्षाा कभीी
भीी वचन केे वि�परीीत होो।
पवि�त्र आत्माा बााइबल काा स्थाान लेेनेे केे लि�ए नहींं� दि�याा गयाा थाा और न हीी इसेे कभीी दि�याा जाा
सकताा हैै; क्योंं�कि� पवि�त्रशाास्त्र स्पष्ट रूप सेे कहताा हैै कि� परमेेश्वर काा वचन वह माानक हैै जि�सकेे द्वााराा
सभीी शि�क्षण और अनुुभव काा परीीक्षण कि�याा जाानाा चााहि�ए। प्रेेरि�त यूूहन्नाा कहताा हैै «हर एक आत्माा
कीी प्रतीीति� न करोो, वरन्् आत्मााओंं कोो परखोो कि� वेे परमेेश्वर कीी ओर सेे हैंं कि� नहींं�; क्योंं�कि� बहुत
सेे झूठेू े भवि�ष्यद्वक्‍‍ताा जगत मेंं नि�कल खड़ेे हुए हैंं।» 1 यूूहन्नाा 4:1। और यशाायााह घोोषणाा करताा हैै,
«व्यवस्थाा और चि�तौौनीी हीी कीी चर्चाा� कि�याा करोो! यदि� वेे लोोग इन वचनोंं� केे अनुुसाार न बोोलेंं तोो नि�श्‍‍चय
उनकेे लि�येे पौौ न फटेेगीी।» यशाायााह 8:20।
एक वर्गग केे भ्रमोंं� केे काारण पवि�त्र आत्माा केे काार्यय पर बड़ीी नि�न्दाा कीी गई हैै, जोो अपनेे ज्ञाानोोदय
काा दाावाा करतेे हुए, परमेेश्वर केे वचन सेे माार्गगदर्शशन कीी कोोई आवश्यकताा नहींं� होोनेे काा दाावाा करताा
परिचय 9

हैै। वेे उन धाारणााओंं द्वााराा नि�यन्त्रि��त होोतेे हैंं जि�न्हेंं वेे आत्माा मेंं ईश्वर कीी आवााज़ माानतेे हैंं। परन्तुु जोो
आत्माा उन्हेंं नि�यंं त्रि�त करतीी हैै, वह परमेेश्वर काा आत्माा नहींं� हैै। धाारणााओंं काा यह अनुुसरण, शाास्त्रोंं�
कीी उपेेक्षाा तक, केे वल भ्रम, धोोखेे और बर्बाा�दीी कीी ओर लेे जाा सकताा हैै। यह केे वल दुष्ु ट केे उद्देेश्योंं� कोो
आगेे बढ़ाानेे केे लि�ए काार्यय करताा हैै। चूँँ�कि� पवि�त्र आत्माा कीी सेेवकााई मसीीह कीी कलीीसि�याा केे लि�ए बहुत
महत्वपूूर्णण हैै, चरमपंं थि�योंं� और कट्टरपंं थि�योंं� केे भ्रमोंं� केे मााध्यम सेे, आत्माा केे काार्यय कीी नि�न्दाा करनाा
और परमेेश्वर केे लोोगोंं� कोो स्वयंं प्रभुु द्वााराा प्रदत्त शक्ति� केे इस स्रोोत कीी उपेेक्षाा करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त
करनाा शैैताान कीी युुक्ति�योंं� मेंं सेे एक हैै।
परमेेश्वर केे वचन केे साामंं जस्य मेंं, उसकेे आत्माा कोो सुुसमााचाार प्रदाान करनेे कीी पूूरीी अवधि� केे
दौौराान अपनाा काार्यय ज़ाारीी रखनाा थाा। उन युुगोंं� केे दौौराान जब पुुराानेे और नए नि�यम दोोनोंं� केे पवि�त्र लेेख
दि�ए जाा रहेे थेे, पवि�त्र आत्माा नेे पवि�त्र सि�द्धांं�त मेंं सन्नि��हि�त करनेे केे लि�ए ईश्वरोोक्ति�योंं� केे अलाावाा,
वि�शि�ष्ट बुुद्धि�जीीवीी व्यक्ति�योंं� मेंं प्रकााश काा संं चाार करनाा बंं द नहींं� कि�याा। बााइबल स्वयंं बताातीी हैै कि�
कैै सेे, पवि�त्र आत्माा केे मााध्यम सेे, उन माामलोंं� मेंं जोो पवि�त्र शाास्त्र कोो देेनेे सेे संं बंं धि�त नहींं� हैंं, लोोगोंं�
कोो चेेताावनीी, फटकाार, सलााह और नि�र्देेश प्रााप्त हुए। और भि�न्न-भि�न्न युुगोंं� केे भवि�ष्यद्वक्तााओंं काा
उल्लेेख मि�लताा हैै, जि�नकेे कथनोंं� केे बाारेे मेंं कुु छ भीी दर्जज नहींं� हैै। इसीी तरह, पवि�त्रशाास्त्र केे सि�द्धांं�त
केे बंं द होोनेे केे बााद भीी, पवि�त्र आत्माा कोो परमेेश्वर केे बच्चोंं� कोो प्रबुुद्ध करनेे, चेेताावनीी देेनेे और ढााढ़स
देेनेे काा अपनाा काार्यय जाारीी रखनाा थाा।
यीीशुु नेे अपनेे शि�ष्योंं� सेे वाादाा कि�याा, «परन्तुु सहाायक अर्थाा�त्् पवि�त्र आत्माा जि�सेे पि�ताा मेेरेे नााम
सेे भेेजेेगाा, वह तुुम्हेंं सब बाातेंं सि�खााएगाा, और जोो कुु छ मैंं नेे तुुम सेे कहाा हैै, वह सब तुुम्हेंं स्मरण
करााएगाा।» «परन्तुु जब वह अर्थाा�त्् सत्य काा आत्माा आएगाा, तोो तुुम्हेंं सब सत्य काा माार्गग बतााएगाा: ..
और आनेेवाालीी बाातेंं तुुम्हेंं बतााएगाा।» यूूहन्नाा 14:26; 16:13। पवि�त्रशाास्त्र स्पष्ट रूप सेे शि�क्षाा देेताा
हैै कि� येे प्रति�ज्ञााएंं , प्रेेरि�तोंं� केे दि�नोंं� तक सीीमि�त होोनेे केे बजााय, सभीी युुगोंं� मेंं मसीीह कीी कलीीसि�याा तक
वि�स्तृृत हैंं। उद्धाारकर्ताा� अपनेे अनुुयाायि�योंं� कोो आश्वाासन देेताा हैै, «मैंं जगत केे अन्त तक सदाा तुुम्हाारेे
संं ग हूँँ।” मत्तीी 28:20। और पौौलुुस नेे घोोषणाा कीी कि� आत्माा केे उपहाार और प्रत्यक्षीीकरण कलीीसि�याा
मेंं स्थाापि�त कि�ए गए थेे «जि�स सेे पवि�त्र लोोग सि�द्ध होो जााएँँ और सेेवाा काा कााम कि�याा जााए और मसीीह
कीी देेह उन्नति� पााए: जब तक कि� हम सब केे सब वि�श्‍‍वाास और परमेेश्वर केे पुुत्र कीी पहि�चाान मेंं
एक न होो जााएँँ, और एक सि�द्ध मनुुष्य न बन जााएँँ और मसीीह केे पूूरेे डीील–डौौल तक न बढ़ जााएँँ।»
इफि�सि�योंं� 4:12,13।
इफि�सुुस केे वि�श्वाासि�योंं� केे लि�ए प्रेेरि�त नेे प्राार्थथनाा कीी, «कि� हमाारेे प्रभुु यीीशुु मसीीह काा परमेेश्वर, जोो
महि�माा काा पि�ताा हैै, तुुम्हेंं अपनीी पहचाान मेंं ज्ञाान और प्रकााश कीी आत्माा देे: और तुुम्हाारेे मन कीी आँँखेंं
ज्योोति�र्ममय होंं�; कि� तुुम जाान लोो कि� उसकीी बुुलााहट कीी आशाा क्याा हैै, और ... उसकीी साामर्थ्यय हम मेंं
जोो वि�श्‍‍वाास करतेे हैंं, कि�तनीी महाान्् हैै।» इफि�सि�योंं� 1:17-19। समझ कोो प्रबुुद्ध करनेे मेंं और परमेे-
श्वर केे पवि�त्र वचन कीी गूूढ़ बाातोंं� केे प्रति� ग्रहणशीील बनाानेे मेंं पवि�त्र आत्माा कीी सेेवकााई, वह आशीीष
थीी जि�सेे पौौलुुस नेे इस प्रकाार इफि�सि�योंं� कीी कलीीसि�याा केे लि�ए चााहाा थाा।
पि�न्तेेकुुस्त केे दि�न पवि�त्र आत्माा केे अद्भु ् ुत प्रकटीीकरण केे बााद, पतरस नेे लोोगोंं� कोो उनकेे पाापोंं�
कीी क्षमाा केे लि�ए, मसीीह केे नााम पर पश्चाातााप और बपति�स्माा लेेनेे केे लि�ए प्रोोत्सााहि�त कि�याा; और
10 महाान वि�वााद

उसनेे कहाा: “तुुम पवि�त्र आत्माा काा दाान पााओगेे। क्योंं�कि� यह प्रति�ज्ञाा तुुम, और तुुम्हाारीी सन्ताानोंं�, और
उन सब दूू र–दूू र केे लोोगोंं� केे लि�येे भीी हैै, जि�नकोो प्रभुु हमााराा परमेेश्वर अपनेे पाास बुुलााएगाा।” प्रेेरि�तोंं�
केे 2:38,39।
परमेेश्वर केे महाान दि�न केे दृश्योंं� केे नि�कटतम संं बंं ध मेंं, भवि�ष्यद्वक्ताा योोएल द्वााराा प्रभुु नेे अपनीी
आत्माा केे एक वि�शेेष प्रकटीीकरण काा वाादाा कि�याा हैै। योोएल 2:28। यह भवि�ष्यद्वााणीी पि�न्तेेकुुस्त केे
दि�न आत्माा केे उण्डेेलेे जाानेे मेंं आंंशि�क रूप सेे पूूरीी हुई; लेेकि�न यह सुुसमााचाार केे समाापन काार्यय मेंं
सहयोोग देेनेे वाालेे ईश्वरीीय अनुुग्रह केे प्रकटीीकरण मेंं अपनीी पूूर्णण उपलब्धि� तक पहुंंचेेगीी।
अच्छााई और बुुरााई केे बीीच महाान वि�वााद समय केे अंंत तक उग्रताा मेंं बढ़ेेगाा। सभीी युुगोंं� मेंं मसीीह
कीी कलीीसि�याा पर शैैताान काा क्रोोध प्रकट हुआ हैै; और परमेेश्वर नेे अपनीी प्रजाा कोो दुष्ु ट कीी शक्ति�
केे वि�रुद्ध खड़ेे होोनेे हेेतुु प्रबल करनेे केे लि�ए अपनाा अनुुग्रह और आत्माा प्रदाान कि�ए हैंं। जब मसीीह
केे प्रेेरि�तोंं� कोो अपनेे सुुसमााचाार कोो दुनि�याु ा केे साामनेे लाानाा थाा और भवि�ष्य केे सभीी युुगोंं� केे लि�ए इसेे
लि�पि�बद्ध करनाा थाा, तोो वेे वि�शेेष रूप सेे आत्माा केे ज्ञाान सेे प्रबुुद्ध कि�ए गए। परन्तुु जैैसेे-जैैसेे कलीीसि�याा
अपनेे अंंति�म छुु टकाारेे कीी ओर अग्रसर होोतीी हैै, शैैताान कोो अधि�क शक्ति� केे सााथ काार्यय करनाा होोताा हैै।
वह «बड़ेे क्रोोध केे सााथ उतर आयाा हैै, क्योंं�कि� जाानताा हैै कि� उसकाा थोोड़ाा हीी समय और बााकीी हैै।” प्र-
कााशि�तवााक्य 12:12। वह «सब प्रकाार कीी झूठीू ी साामर्थ्यय, और चि�ह्न, और अद्भु ् ुत कााम केे सााथ»
कााम करेेगाा। 2 2 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 2:9। छह हजाार वर्षोंं सेे वह माास्टरमााइंं ड जोो कभीी ईश्वर केे स्वर्गग-
दूू तोंं� मेंं सर्वोोच्च थाा, पूूरीी तरह सेे धोोखेे और बर्बाा�दीी केे कााम मेंं लगाा हुआ हैै। और शैैताानीी कौौशल और
कुु टि�लताा काा संं पूूर्णण अधि�गृृहीीत चाातुुर्यय, युुगोंं� केे इन संं घर्षोंं केे दौौराान वि�कसि�त कीी गई साारीी क्रूूरताा कोो
अंंति�म संं घर्षष मेंं परमेेश्वर केे लोोगोंं� केे खि�लााफ काार्ररवााई मेंं लाायाा जााएगाा। और संं कट केे इस समय
मेंं मसीीह केे अनुुयाायि�योंं� कोो दुनि�याु ा केे साामनेे प्रभुु केे दूू सरेे आगमन कीी चेेताावनीी देेनीी हैै; और लोोगोंं�
कोो उसकेे आनेे पर, उसकेे साामनेे «नि�ष्कलंं क और नि�र्दोोष» ठहरनेे केे लि�ए तैैयाार रहनाा हैै। 2 पतरस
3:14। इस समय ईश्वरीीय अनुुग्रह और साामर्थ्यय काा वि�शेेष उपहाार कलीीसि�याा केे लि�ए प्रेेरि�ति�क दि�नोंं�
कीी तुुलनाा मेंं कम आवश्यक नहींं� हैै।
पवि�त्र आत्माा केे प्रकााश केे मााध्यम सेे इन पृृष् ठोंं� केे लेेखक केे लि�ए अच्छााई और बुुरााई केे बीीच
लंं बेे समय सेे जाारीी संं घर्षष केे दृश्य खोोलेे गए हैंं। समय-समय पर मुुझेे वि�भि�न्न युुगोंं� मेंं, मसीीह, जीीवन
केे कर्ताा�, हमाारेे उद्धाार केे लेेखक, और शैैताान, बुुरााई केे रााजकुु माार, पााप केे लेेखक, परमेेश्वर कीी
पवि�त्र व्यवस्थाा केे प्रथम उल्लंं घन करनेेवाालेे केे बीीच महाान वि�वााद केे कााम कोो देे खनेे कीी अनुुमति�
दीी गई हैै। मसीीह केे वि�रुद्ध शैैताान कीी शत्रुुताा उसकेे अनुुयाायि�योंं� केे वि�रुद्ध प्रकट कीी गई हैै। परमेे-
श्वर कीी व्यवस्थाा केे सि�द्धांं�तोंं� केे प्रति� वहीी घृृणाा, वहीी धोोखेे कीी नीीति�, जि�ससेे भ्रम कोो सत्य केे रूप
मेंं प्रकट कि�याा जााताा हैै, जि�सकेे द्वााराा परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे लि�ए माानवीीय नि�यमोंं� कोो प्रति�स्थाा-
पि�त कि�याा जााताा हैै, और मनुुष्य कोो सृृष्टि�िकर्ताा� केे बजााय प्रााणीी कीी पूूजाा करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा
जााताा हैै, अतीीत केे संं पूूर्णण इति�हाास मेंं पााई जाा सकतीी हैै। परमेेश्वर केे चरि�त्र कोो गलत तरीीकेे सेे
प्रस्तुुत करनेे केे लि�ए, लोोगोंं� कोो सृृष्टि�िकर्ताा� कीी एक झूूठीी अवधाारणाा कोो संं जोोनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करनेे
केे लि�ए, और इस प्रकाार उसेे प्रेेम केे बजााय भय और घृृणाा केे सााथ मााननेे केे लि�ए शैैताान केे प्रयाास;
ईश्वरीीय व्यवस्थाा कोो अलग रखनेे केे उसकेे प्रयाास, जि�स सेे प्रेेरि�त होोकर लोोग स्वयंं कोो इसकीी
परिचय 11

आवश्यकतााओंं सेे मुुक्त समझनेे लगेंं; और उसकेे धोोखेे काा वि�रोोध करनेे काा सााहस करनेे वाालोंं� काा
उत्पीीड़न, सभीी युुगोंं� मेंं लगााताार ज़ाारीी रखेे गए हैंं। उन्हेंं शहीीदोंं� और सुुधाारकोंं� केे कुु लपि�तााओंं, भवि�-
ष्यद्वक्तााओंं और प्रेेरि�तोंं� केे इति�हाास मेंं देे खाा जाा सकताा हैै।
महाान अंंति�म संं घर्षष मेंं, शैैताान उसीी नीीति� कोो लाागूू करेेगाा, उसीी भाावनाा कोो प्रकट करेेगाा, और उसीी
अंंत केे लि�ए काार्यय करेेगाा जैैसाा कि� सभीी पूूर्वववर्तीी युुगोंं� मेंं थाा। जोो रहाा हैै, रहेेगाा, सि�वााय इसकेे कि� आनेे
वाालेे संं घर्षष मेंं एक भयाानक उग्रताा होोगीी, जैैसीी कि� दुनि�या ु ा नेे कभीी नहींं� देेखीी। शैैताान केे धोोखेे अधि�क
धूूर्तत होंं�गेे, उसकेे हमलेे अधि�क नि�र्धाा�रि�त होंं�गेे। यदि� यह संं भव होोताा, तोो वह चुुनाा हुओंं कोो पथभ्रष्ट कर
देेताा। मरकुु स 13:22।
जैैसेे परमेेश्वर कीी आत्माा नेे मेेरेे दि�मााग मेंं उसकेे वचन केे महाान सत्य, और अतीीत और भवि�ष्य केे
दृश्योंं� कोो उजाागर कि�याा हैै, मुुझेे दूू सरोंं� कोो यह बताानेे केे लि�ए कहाा गयाा हैै जोो इस प्रकाार प्रकट हुआ
हैै - पि�छलेे युुगोंं� मेंं वि�वााद केे इति�हाास काा पताा लगाानेे केे लि�ए , और वि�शेेष रूप सेे इसेे इस प्रकाार
प्रस्तुुत करनेे केे लि�ए कि� भवि�ष्य केे तेेज़ीी सेे आनेे वाालेे संं घर्षष पर प्रकााश डाालाा जाा सकेे । इस उद्देेश्य
केे अनुुसरण मेंं, मैंंनेे कलीीसि�याा केे इति�हाास कीी घटनााओंं कोो इस तरह सेे चुुननेे और समूूहबद्ध करनेे
काा प्रयाास कि�याा हैै कि� उन महाान कष्टकर सत्योंं� केे प्रकट होोनेे काा पताा लगाायाा जाा सकेे जोो दुनि�या ु ा
कोो अलग-अलग समय पर दि�ए गए हैंं, जि�न्होंं�नेे शैैताान केे क्रोोध, और एक वि�श्व-प्रेेमीी कलीीसि�याा कीी
शत्रुुताा कोो उत्तेेजि�त कि�याा हैै, और यह उन लोोगोंं� कीी गवााहीी द्वााराा बनााए रखाा गयाा हैै जि�न्होंं�नेे «अपनेे
प्रााणोंं� कोो प्रि�य न जाानाा, यहाँँ� तक कि� मृृत्युु भीी सह लीी।»
इन अभि�लेेखोंं� मेंं हम अपनेे साामनेे संं घर्षष काा पूूर्वाा�भाास देेख सकतेे हैंं। परमेेश्वर केे वचन केे
प्रकााश मेंं उन्हेंं महत्व प्रदाान करनेे पर, और उसकीी आत्माा केे प्रकााश सेे, हम दुष्ु ट कीी युुक्ति�योंं� कोो और
उन खतरोंं� कोो जि�नसेे उन्हेंं दूू र रहनाा चााहि�ए जोो प्रभुु केे आनेे पर «नि�र्दोोष» पााए जााएंं गेे अनाावृृत देेख
सकतेे हैंं।
पि�छलेे युुगोंं� मेंं सुुधाार कीी प्रगति� कोो चि�ह्नि�ित करनेे वाालीी महाान घटनााएंं इति�हाास केे माामलेे हैंं,
जि�न्हेंं प्रोोटेेस्टेंंट दुनि�या
ु ा द्वााराा जाानाा जााताा हैै और साार्ववभौौमि�क रूप सेे स्वीीकाार कि�याा गयाा हैै; वेे ऐसेे तथ्य
हैंं जि�न्हेंं कोोई अस्वीीकाार नहींं� कर सकताा। इस इति�हाास कोो मैंंनेे पुुस्तक केे दाायरेे केे अनुुसाार संं क्षेेप मेंं
प्रस्तुुत कि�याा हैै, और संं क्षि�प्तताा जि�सेे अनि�वाार्यय रूप सेे देेखाा जाानाा चााहि�ए, तथ्योंं� कोो उनकेे अनुुप्रयोोग
कीी उचि�त समझ केे अनुुरूप कम जगह मेंं संं घनि�त कि�याा गयाा हैै। कुु छ माामलोंं� मेंं जहांं� एक इति�हा�-
सकाार नेे घटनााओंं कोो एक सााथ इस प्रकाार समूूहीीकृृ त कि�याा हैै कि� संं क्षेेप मेंं, वि�षय काा एक व्याापक
दृष्टि�िकोोण प्रदाान कर सकेे , याा सुुवि�धााजनक तरीीकेे सेे वि�वरणोंं� कोो संं क्षेेप मेंं प्रस्तुुत कि�याा हैै, उसकेे
शब्दोंं� कोो उद्धृृत कि�याा गयाा हैै; लेेकि�न कुु छ उदााहरणोंं� मेंं कोोई वि�शि�ष्ट श्रेेय नहींं� दि�याा गयाा हैै, क्योंं�कि�
उद्धरण उस लेेखक कोो अधि�काार केे रूप मेंं उद्धृतृ करनेे केे उद्देेश्य सेे नहींं� दि�ए गए हैंं, बल्कि� इसलि�ए
कि� उनकाा बयाान वि�षय कीी एक तैैयाार और प्रबल प्रस्तुुति� देेताा हैै। हमाारेे समय मेंं सुुधाार केे काार्योंं कोो
आगेे बढ़ाानेे वाालोंं� केे अनुुभव और वि�चाारोंं� कोो बताानेे मेंं उनकीी प्रकााशि�त रचनााओंं काा भीी ऐसाा हीी
उपयोोग कि�याा गयाा हैै।
इस पुुस्तक काा उद्देेश्य पुुराानेे समय केे संं घर्षोंं सेे संं बंं धि�त नए सत्य कोो प्रस्तुुत करनाा इतनाा नहींं� हैै,
जि�तनाा कि� आनेे वाालीी घटनााओंं पर प्रभााव डाालनेे वाालेे तथ्योंं� और सि�द्धांं�तोंं� कोो साामनेे लाानाा हैै। फि�र भीी
12 महाान वि�वााद

प्रकााश और अंंधकाार कीी शक्ति�योंं� केे बीीच वि�वााद केे एक भााग केे रूप मेंं देेखेे जाानेे पर, अतीीत केे इन
सभीी अभि�लेेखोंं� काा एक नयाा महत्व देेखाा गयाा हैै; और उनकेे मााध्यम सेे भवि�ष्य पर एक प्रकााश डाालाा
गयाा हैै, जोो उन लोोगोंं� केे माार्गग कोो रोोशन करताा हैै, जोो पि�छलेे युुगोंं� केे सुुधाारकोंं� कीी तरह, यहांं� तक कि�
सभीी सांं�साारि�क भलााई केे जोोखि�म पर, «परमेेश्वर केे वचन केे लि�ए, और यीीशुु मसीीह कीी गवााहीी केे
लि�ए» गवााहीी देेनेे केे लि�ए बुुलााए जााएंं गेे।»
सत्य और भ्रम केे बीीच महाान वि�वााद केे दृश्योंं� कोो प्रकट करनाा; शैैताान कीी चाालोंं� और उन तरीीकोंं�
कोो जि�नकेे द्वााराा उसकाा सफलताापूूर्ववक वि�रोोध कि�याा जाा सकताा हैै प्रकट करनाा; बुुरााई कीी महाान समस्याा
काा एक संं तोोषजनक समााधाान प्रस्तुुत करनाा, पााप केे मूूल और अंंति�म स्वभााव पर इतनाा प्रकााश डाालनाा
कि� वह अपनेे प्रााणि�योंं� केे सााथ अपनेे सभीी व्यवहाारोंं� मेंं परमेेश्वर केे न्यााय और परोोपकाार कोो पूूरीी तरह
सेे प्रकट कर सकेे ; और उसकीी व्यवस्थाा कीी पवि�त्र, अपरि�वर्ततनीीय प्रकृृ ति� कोो दि�खाानाा, इस पुुस्तक काा
उद्देेश्य हैै। लेेखक कीी हाार्दि�क प्राार्थथनाा हैै कि� इसकेे प्रभााव सेे आत्मााएंं अंंधकाार कीी शक्ति� सेे मुुक्त होो सकेंं ,
और «प्रकााश मेंं संं तोंं� कीी वि�राासत केे हि�स्सेेदाार» बन सकेंं , उसकीी प्रशंं साा केे लि�ए, जि�सनेे हम सेे प्याार
कि�याा, और हमाारेे लि�ए खुुद कोो देे दि�याा।

एलेेन गोोल्ड व्हााइट।


1

यरूशलेेम काा वि�नााश

“क्याा हीी भलाा होोताा कि� तूू, हाँँ�, तूू हीी, इसीी दि�न मेंं कुु शल कीी बाातेंं जाानताा, परन्तुु अब वेे तेेरीी आँँखोंं�
सेे छि�प गई हैंं। वेे दि�न तुुझ पर आएंं गेे कि� तेेरेे बैैरीी मोोर्चाा� बाँँ�धकर तुुझेे घेेर लेंंगे,े और चाारोंं� ओर
सेे तुुझेे दबााएंं गे;े और तुुझेे और तेेरेे बाालकोंं� कोो जोो तुुझ मेंं हैंं, मि�ट्टीी मेंं मि�लााएंं गे,े और तुुझ मेंं पत्थर पर पत्थर
भीी न छोोड़ेंंगे;े क्योंं�कि� तूूनेे उस अवसर कोो जब तुुझ पर कृृ पाा दृष्टि�ि कीी गई न पहचाानाा।” लूूकाा 19:42-44।
जैैतूून केे शि�खर सेे, यीीशुु नेे यरूशलेेम कोो देेखाा। उसकेे साामनेे सुंं� दर और शांं�ति�पूूर्णण दृश्य फैै लाा हुआ
थाा। यह फसह काा समय थाा, और सभीी देेशोंं� सेे यााकूू ब केे संं ताान महाान रााष्ट्रीी�य त्योोहाार मनाानेे केे लि�ए
वहांं� इकट्ठाा हुए थेे। बगीीचोंं� और दााख कीी बाारि�योंं� और तीीर्थथयाात्रि�योंं� केे तंं बुुओं ं सेे जड़ीी हरीी ढलाानोंं� केे
बीीच मेंं, सीीढ़ीीदाार पहााड़ि�याँँ�, आलीीशाान महल और इस्रााएल कीी रााजधाानीी केे परकोोटेे दि�खााई पड़तेे थेे।
सि�य्योोन कीी बेेटीी नेे माानोो अपनेे गर्वव मेंं कहाा, मैंं एक राानीी केे रूप मेंं बैैठीी हूंं, और मुुझेे कोोई दुःः�ख नहींं�
होोगाा; तब केे रूप मेंं सुंं� दर, और खुुद कोो स्वर्गग केे अनुुग्रह मेंं सुुरक्षि�त माानतेे हुए,जैैसाा कि� सदि�योंं� पहलेे,
जब शााहीी गवैैयोंं� नेे गाायाा थाा: «सि�य्योोन पर्ववत ऊँँचााई मेंं सुुन्दर और साारीी पृृथ्वीी केे हर्षष काा काारण हैै,
रााजााधि�रााज काा नगर उत्तरीी सि�रेे पर हैै।» भजन संं हि�ताा 48:2। मंं दि�र कीी भव्य इमाारतेंं पूूरीी तरह सेे
दि�खााई देेतीी थींं�। डूू बतेे सूूरज कीी कि�रणेंं इसकीी संं गमरमर कीी दीीवाारोंं� कीी बर्फ़़ जैैसाा सफेे दीी कोो रोोशन
करतीी थींं� और सुुनहरेे द्वाार और मीीनाार और शि�खर सेे चमकतीी थींं�। «सौंं�दर्यय कीी पूूर्णणताा» यह यहूदीी
रााष्ट्रर काा गौौरव थींं�। कौौन साा इस्रााएलीी खुुशीी और प्रशंं साा केे रोोमांं�च केे बि�नाा दृश्य कोो देेख सकताा थाा!
लेेकि�न यीीशुु केे दि�मााग मेंं अन्य वि�चाारोंं� सेे भराा हुआ थाा। «जब वह नि�कट आयाा तोो नगर कोो देेखकर
उस पर रोोयाा।» लूूकाा 19:41। वि�जयीी प्रवेेश केे साार्ववभौौमि�क आनंं द केे बीीच, जब तााड़ कीी शााखााएंं
लहराा रहीी थींं�, जब हर्षि�त होोसन्नाा नेे पहााड़ि�योंं� कीी गूँँ�ज कोो जगाायाा, और हजाारोंं� आवााज़ोंं� नेे उसेे रााजाा
घोोषि�त कि�याा, दुनि�या ु ा काा उद्धाारक अचाानक और रहस्यमय दुःः�ख सेे वि�ह्वल होो गयाा। वह, परमेे-
श्वर काा पुुत्र, इस्रााएल काा वाादाा कि�याा हुआ, जि�सकीी शक्ति� नेे मृृत्युु पर वि�जय प्रााप्त कीी थीी और उसकेे
बन्धुुओं ं कोो कब्र सेे जीी उठाायाा थाा, उसकीी आँँखोंं� मेंं सााधाारण शोोक केे नहींं�, बल्कि� तीीव्र, असहनीीय
पीीड़ाा केे आँँसूू थेे।
14 महाान वि�वााद

उसकेे आंंसूू उसकेे स्वयंं केे लि�ए नहींं� थेे, हाालांं�कि� वह अच्छीी तरह जाानताा थाा कि� उसकेे पैैर कि�धर
जाा रहेे हैंं। उसकेे साामनेे गतसमनीी थाा, उसकीी आनेे वाालीी पीीड़ाा काा दृश्य। भेेड़ काा फााटक भीी दृष्टि�ि मेंं
थाा, जि�सकेे राास्तेे सदि�योंं� सेे बलि�दाान केे पशुु लााए जाातेे थेे, और जि�सेे उसकेे «एक मेेमनेे कीी नााईं वध केे
लि�ए लााए जाानेे» केे समय खोोलाा जाानाा थाा। यशाायााह 53:7। सूूलीी पर चढ़ााए जाानेे काा स्थाान, कलवरीी,
बहुत दूू र नहींं� थाा। अपनीी आत्माा कोो पााप केे लि�ए एक बलि�दाान करनेे केे समय, जि�स राास्तेे पर मसीीह
जल्द हीी चलनेे वाालाा थाा, उस पर घोोर अंंधकाार काा भय छाानाा थाा। फि�र भीी यह इन दृश्योंं� काा चिं�तन ं
नहींं� थाा जि�सनेे आनंं द कीी इस घड़ीी मेंं उसकोो नि�रााश कि�याा। उसकीी अपनीी अलौौकि�क पीीड़ाा केे कि�सीी
पूूर्वाा�भाास नेे उस निः�ःस्वाार्थथ भाावनाा कोो मलि�न नहींं� कि�याा। वह यरूशलेेम केे हजाारोंं� अभि�शप्त लोोगोंं� केे
लि�ए रोोयाा- उन केे अंंधेपे न और हठधर्मि�ताा केे काारण जि�न्हेंं वह आशीीर्वाा�द देेनेे और बचाानेे आयाा थाा।
चुुनेे हुए लोोगोंं� पर प्रकट हुई परमेेश्वर कीी वि�शेेष कृृ पाा और अभि�भाावक देेखभााल केे एक हज़ाार सेे
अधि�क वर्षोंं काा इति�हाास, यीीशुु कीी आंंखोंं� केे लि�ए खुुलाा थाा। वहाँँ� मोोरि�य्यााह पर्ववत थाा, जहांं� प्रति�ज्ञाा काा
पुुत्र, एक अवि�रोोधीी शि�काार, वेेदीी सेे बंं धाा हुआ थाा - परमेेश्वर केे पुुत्र कीी भेंंट केे प्रतीीक। वहाँँ� आशीीष कीी
वााचाा, महि�माामय मसीीहााई प्रति�ज्ञाा, वि�श्वाासि�योंं� केे पि�ताा केे लि�ए पक्कीी कीी गई थीी। उत्पत्ति� 22:9,16-
18। वहाँँ� ओर्नाा�न केे खलि�हाान सेे स्वर्गग कीी ओर चढ़तेे हुए बलि�दाान कीी लपटोंं� नेे नष्ट करनेे वाालेे स्वर्गग-
दूू त (1 इति�हाास 21) कीी तलवाार कोो अलग कर दि�याा थाा - जोो उद्धाारकर्ताा� केे बलि�दाान और दोोषीी पुुरुषोंं�
केे लि�ए मध्यस्थताा काा प्रतीीक थाा। यरूशलेेम कोो साारीी पृृथ्वीी केे ऊपर परमेेश्वर केे द्वााराा सम्माानि�त कि�याा
गयाा थाा। यहोोवाा नेे «सि�य्योोन कोो चुुन लि�याा थाा,» उसनेे «इसेे अपनेे नि�वाास केे लि�ए चााहाा थाा।» भजन
132:13। वहाँँ�, सदि�योंं� सेे, पवि�त्र भवि�ष्यद्वक्तााओंं नेे चेेताावनीी केे अपनेे संं देेश दि�ए थेे। वहाँँ� यााजकोंं� नेे
अपनेे धूूपदाान लहरााए थेे, और धूूप काा धुुआं,ं उपाासकोंं� कीी प्राार्थथनाा केे सााथ, परमेेश्वर केे साामनेे ऊपर
कोो उठाा थाा। वहाँँ�, परमेेश्वर केे मेेमनेे कीी ओर इशााराा करतेे हुए, प्रति�दि�न माारेे गए मेेमनोंं� काा लहू चढ़ाायाा
जााताा थाा। वहाँँ� यहोोवाा नेे प्राायश्चि�ित केे आसन केे ऊपर महि�माा केे बाादल मेंं अपनीी उपस्थि�ति� प्रगट कीी
थीी। वहाँँ� उस रहस्यवाादीी सीीढ़ीी काा आधाार थाा जोो पृृथ्वीी कोो स्वर्गग सेे जोोड़तीी थीी (उत्पत्ति� 28:12; यूूहन्नाा
1:51) — वह सीीढ़ीी जि�स पर परमेेश्वर केे स्वर्गगदूू त उतरेे और चढ़ेे, और जि�सनेे दुनि�या ु ा केे लि�ए सबसेे
पवि�त्र काा माार्गग खोोलाा। यदि� इस्रााएल एक रााष्ट्रर केे रूप मेंं स्वर्गग केे प्रति� अपनीी नि�ष्ठाा कोो बनााए रखताा, तोो
यरूशलेेम हमेेशाा केे लि�ए, परमेेश्वर काा चुुनाा हुआ बनाा रहताा। यि�र्मयाम ाह 17:21-25। लेेकि�न उन इष्ट
लोोगोंं� काा इति�हाास पुुनःः पतन और वि�द्रोोह काा रि�कॉॉर्डड थाा। उन्होंं�नेे स्वर्गग केे अनुुग्रह काा वि�रोोध कि�याा थाा,
अपनेे वि�शेेषााधि�काारोंं� काा दुरुु पयोोग कि�याा थाा, और अपनेे अवसरोंं� काा ति�रस्काार कि�याा थाा।
यद्यपि� इस्रााएल नेे «परमेेश्वर केे दूू तोंं� काा ठट्ठाा कि�याा, और उसकेे वचनोंं� कोो तुुच्छ जाानाा, और उसकेे
भवि�ष्यद्वक्तााओंं काा दुरुु पयोोग कि�याा» (2 इति�हाास 36:16), फि�र भीी उसनेे अपनेे आप कोो उन पर
«दयाालुु और अनुुग्रहकाारीी, अति� करुणाामय, और भलााई और सच्चााई सेे भरपूूर यहोोवाा परमेेश्वर»
जैैसेे प्रकट कि�याा, (नि�र्गगमन 34:6); आवर्तीी अस्वीीकृृ ति� केे बाावजूूद , उसकीी दयाा नेे उसकीी यााचनाा जाारीी
रखीी थीी। परमेेश्वर नेे अपनेे पुुत्र केे प्रति� पि�ताा केे करूणाामय प्रेेम सेे भीी बढ़कर, «अपनेे दूू तोंं� सेे उनकेे
पाास कहलाा भेेजाा, क्योंं�कि� वह अपनीी प्रजाा और अपनेे धााम पर तरस खााताा थाा।” 2 इति�हाास 36:15।
जब उलााहनाा, यााचनाा, और तााड़नाा नि�ष्फल होो गई, उस नेे उनकेे पाास स्वर्गग काा उत्तम तोोहफाा भेेजाा;
नहींं�, उसनेे उस एक उपहाार मेंं सााराा स्वर्गग उँँडेेल दि�याा।
यरूशलेम का विना 15

परमेेश्वर केे पुुत्र कोो स्वयंं उस नगर सेे यााचनाा करनेे केे लि�ए भेेजाा गयाा थाा। यह मसीीह हीी थाा जोो
इस्रााएल कोो मि�स्र सेे एक अच्छीी दााखलताा केे रूप मेंं लाायाा थाा। भजन 80:8। उसकेे हीी हााथ नेे उसकेे
आगेे अन्यजााति�योंं� कोो नि�कााल दि�याा थाा। उसनेे उसेे “बहुत उपजााऊ टीीलेे पर” लगाायाा थाा। उसनेे उसेे
“बहुत उपजााऊ टीीलेे पर” लगाायाा थाा। उसकीी संं रक्षक सरपरस्तीी नेे उसकेे चाारोंं� ओर हााताा बनाायाा थाा।
उसकेे सेेवकोंं� कोो उसकेे पाालन-पोोषण केे लि�ए भेेजाा गयाा थाा। «मेेरीी दााख कीी बाारीी केे लि�येे और क्याा
करनाा रह गयाा,» वह कहताा हैै, «जोो मैंं नेे उसकेे लि�येे न कि�याा होो?» यशाायााह 5:1-4। यद्यपि� जब
उसनेे दााख कीी आशाा कीी, परन्तुु उसमेंं नि�कम्मीी दााखेंं हीी लगींं�, तौौभीी परि�पूूर्णणताा कीी आशाा केे सााथ वह
स्वयंं अपनीी दााख कीी बाारीी मेंं आयाा, तााकि� यदि� होो सकेे तोो उसेे वि�नााश सेे बचाायाा जाा सकेे । उसनेे अपनीी
दााख कीी बाारीी कीी मि�ट्टीी खोोदीी; उसेे छाँँ�टाा और संं जोोयाा। वह अपनेे हीी रोोपण कीी इस दााख कीी बाारीी कोो
बचाानेे केे अपनेे प्रयाासोंं� मेंं अथक थाा।
तीीन वर्षोंं केे लि�ए प्रकााश और महि�माा काा प्रभुु अपनीी प्रजाा केे बीीच समय व्यतीीत कि�याा थाा।
शोोक-सन्तप्त कोो दि�लाासाा देेतेे हुए, बन्धेे हुए लोोगोंं� कोो छुु ड़ाातेे हुए, अंंधोंं� कोो दृष्टि�ि बहााल करतेे हुए,
लंं गड़ोंं� कोो चलनेे मेंं सक्षम बनाातेे हुए और बहरोंं� कोो सुुननेे केे योोग्य बनाातेे हुए, मरेे हुओंं कोो जि�लाातेे हुए
और कंं गाालोंं� कोो सुुसमााचाार काा प्रचाार करतेे हुए, वह «भलााई करताा और सब कोो जोो शैैताान केे सतााए
हुए थेे, अच्छाा करताा फि�राा।» प्रेेरि�तोंं� केे कााम 10:38; लूूकाा 4:18; मत्तीी 11:5। सभीी वर्गोंं केे लि�ए
समाान रूप सेे अनुुग्रहपूूर्णण आह्वाान कोो संं बोोधि�त कि�याा गयाा थाा: «हेे सब परि�श्रम करनेे वाालोंं� और बोोझ
सेे दबेे लोोगोंं�, मेेरेे पाास आओ, और मैंं तुुम्हेंं वि�श्रााम दूंं�गाा।» मत्तीी 11:28।
यद्यपि� उसेे भलााई केे बदलेे बुुरााई और अपनेे प्रेेम केे लि�ए घृृणाा सेे पुुरस्कृृत कि�याा गयाा थाा
(भजन संं हि�ताा 109:5), वह दयाा केे अपनेे काार्यय मेंं दृढ़ताापूूर्ववक लगाा रहाा। उन लोोगोंं� कोो कभीी भीी
अस्वीीकाार नहींं� कि�याा गयाा जि�न्होंं�नेे उसकीी कृृ पाा कीी मांं�ग कीी। एक बेेघर पथि�क, प्रति�दि�न ति�रस्काार
और दरि�द्रताा कीी कसौौटीी पर, वह लोोगोंं� कीी ज़रूरतोंं� कोो पूूराा करनेे और मनुुष्य केे दुःः�ख कोो कम करनेे,
जीीवन केे उपहाार कोो स्वीीकाार करनेे केे लि�ए उनसेे यााचनाा करनेे केे लि�ए जीीवि�त रहाा। उन जि�द्दीी
दि�लोंं� द्वााराा पछााड़ दीी गई दयाा कीी लहरेंं, करुणाामय अवर्णणनीीय प्रेेम केे एक अधि�क प्रबल ज्वाार मेंं
लौौटींं�। परन्तुु इस्रााएल अपनेे सबसेे अच्छेे मि�त्र और एकमाात्र सहाायक सेे मुुकर गयाा थाा। उसकेे प्रेेम
कीी वि�नतीी कोो तुुच्छ जाानाा गयाा, उसकीी सलााहोंं� कोो ठुु कराा दि�याा गयाा, उसकीी चेेताावनि�योंं� काा उपहाास
कि�याा गयाा।
आशाा और क्षमाा कीी घड़ीी तेेज़ीी सेे बीीत रहीी थीी; लंं बेे समय सेे स्थगि�त परमेेश्वर केे कोोप काा प्याालाा
लगभग भर चुुकाा थाा। वह बाादल जोो धर्ममत्यााग और वि�द्रोोह केे युुगोंं� सेे इकट्ठाा होो रहाा थाा, अब शोोक सेे
काालाा, एक दोोषीी प्रजाा पर फटनेे वाालाा थाा; और जोो अकेे लाा उन्हेंं उनकेे आसन्न भााग्य सेे बचाा सकताा
थाा, उसेे तुुच्छ समझाा गयाा थाा, प्रतााड़ि�त कि�याा गयाा थाा, अस्वीीकृृ त कर दि�याा गयाा थाा, और शीीघ्र हीी
क्रूूस पर चढ़ाायाा जाानेे वाालाा थाा। मसीीह केे कलवरीी केे क्रूूस पर चढ़नेे केे सााथ, परमेेश्वर द्वााराा अनुुग्रहि�त
और आशीीषि�त रााष्ट्रर केे रूप मेंं इस्रााएल काा दि�न समााप्त होो जााएगाा। एक आत्माा कीी भीी हाानि� एक ऐसीी
आपदाा हैै जोो वि�श्व केे लााभ और खजाानेे सेे असीीम रूप सेे अधि�क हैै; लेेकि�न जब मसीीह नेे यरूशलेेम
कोो देेखाा, तोो उसकेे साामनेे एक पूूरेे शहर, एक पूूरेे रााष्ट्रर काा वि�नााश थाा - वह नगर, वह रााष्ट्रर, जोो कभीी
परमेेश्वर द्वााराा चुुनाा गयाा, उसकाा अनोोखाा खजाानाा।
16 महाान वि�वााद

भवि�ष्यद्वक्ताा इस्रााएल केे धर्ममत्यााग और उसकेे पाापोंं� केे परि�णाामस्वरूप भयाानक वि�नााश पर दुःः�खीी
हुए थेे। यि�र्ममयााह चााहताा थाा कि� उसकीी आंंखेंं आँँसुुओं ं काा सोोताा होंं�, कि� वह अपनीी प्रजाा कीी बेेटीी केे
माारेे गए लोोगोंं� केे लि�ए, बन्धुुआई मेंं लेे जााई गई यहोोवाा कीी भेेड़ोंं� केे लि�ए, दि�न-राात रोोताा रहेे। यि�र्ममयााह
9:1; 13:17। तोो फि�र, उसकाा दुःः�ख कि�तनाा थाा, जि�सकीी भवि�ष्यसूूचक दृष्टि�ि नेे वर्षोंं कोो नहींं�, बल्कि�
युुगोंं� कोो गौौर सेे देेखाा! उस नेे उस नााश करनेे वाालेे दूू त कोो उस नगर पर तलवाार उठााए हुए देेखाा, जोो
उस समय तक यहोोवाा काा नि�वाास स्थाान थाा। जैैतूून केे पहााड़ सेे, जि�स स्थाान पर बााद मेंं टााइटस और
उसकीी सेेनाा काा कब्जाा होो गयाा, उसनेे घााटीी केे पाार पवि�त्र दरबाारोंं� और बराामदोंं� कोो देेखाा, और अश्रुु-
पूूरि�त आँँखोंं� सेे उसनेे, भयाानक परि�प्रेेक्ष्य मेंं, वि�देेशीी सेेनााओंं सेे घि�रीी दीीवाारोंं� कोो देेखाा। उसनेे युुद्ध केे
लि�ए सेेनाा केे दल केे चलनेे कोो सुुनाा। उसनेे घि�रेे शहर मेंं माातााओंं और बच्चोंं� कोो रोोटीी केे लि�ए रोोतेे हुए
सुुनाा। उसनेे उसकेे पवि�त्र और सुंं� दर घर, उसकेे महलोंं� और मीीनाारोंं� कोो आग कीी लपटोंं� मेंं, और जहांं�
वेे एक बाार खड़ेे थेे, वहांं� केे वल सुुलगतेे खंं डहरोंं� काा एक ढेेर देेखाा।
अतीीत केे युुगोंं� कोो देेखतेे हुए, उसनेे वााचाा केे लोोगोंं� कोो हर देेश मेंं ति�तर-बि�तर हुए देेखाा «रेेगि�स्ताान
केे कि�नाारेे पर मलबेे कीी तरह।» अपनेे बच्चोंं� पर पड़नेे वाालेे अस्थाायीी प्रति�शोोध मेंं, उसनेे क्रोोध केे उस
प्याालेे सेे पहलाा मसौौदाा देेखाा, जि�सेे अंंति�म नि�र्णणय केे समय आखि�रीी दम तक धीीरेे-धीीरेे बहाानाा होोगाा।
ईश्वरीीय दयाा, तड़पतेे हुए प्रेेम नेे शोोकााकुु ल शब्दोंं� मेंं उच्चाारण पाायाा: «हेे यरूशलेेम, हेे यरूशलेेम, तूू
भवि�ष्यद्वक्‍‍तााओंं कोो माार डाालताा हैै, और जोो तेेरेे पाास भेेजेे गए, उन पर पथरााव करताा हैै। कि�तनीी हीी
बाार मैंं नेे चााहाा कि� जैैसेे मुुर्गीी अपनेे चूूज़ोंं� कोो अपनेे पंं खोंं� केे नीीचेे इकट्ठाा करतीी हैै, वैैसेे हीी मैंं भीी तेेरेे
बाालकोंं� कोो इकट्ठाा कर लूू , परन्तुु तुुमनेे न चााहाा!» कााश तूू , सब सेे अधि�क अनुुग्रह प्रााप्त जााति�, ईश्वर
केे कोोप केे समय कोो, और उन बाातोंं� कोो जोो तेेरीी शाान्ति� कीी हैंं, जाान लेेतीी! मैंंनेे न्यााय केे दूू त कोो रोोकाा,
मैंंनेे तुुझेे प्राायश्चि�ित्त केे लि�येे बुुलाायाा, परन्तुु व्यर्थथ। तूूनेे केे वल सेेवकोंं�, प्रति�नि�धि�योंं� और भवि�ष्यद्वक्‍‍तााओंं
कोो हीी नहींं�, बल्कि� इस्रााएल केे पवि�त्र, तेेरेे उद्धाारकर्ताा� कोो अस्वीीकाार और ति�रस्कृृत कि�याा हैै। यदि� तुुम
नष्ट कि�ए जाातेे होो, तुुम अकेे लेे ज़ि�म्मेेदाार होो। «तुुम जीीवन पाानेे केे लि�येे मेेरेे पाास आनाा नहींं� चााहतेे।»
मत्तीी 23:37; यूूहन्नाा 5:40।
मसीीह नेे यरूशलेेम मेंं अवि�श्वाास और वि�द्रोोह मेंं कठोोर और परमेेश्वर केे प्रति�शोोधाात्मक नि�र्णणयोंं�
काा दंंड पाानेे कीी ओर शीीघ्रताा सेे बढ़तेे संं साार काा प्रतीीक देेखाा। पति�त जााति� केे दुःः�ख नेे, उसकीी आत्माा पर
दबााव डाालतेे हुए, उसकेे होोठोंं� कोो उस अत्यधि�क कटुु पुुकाार केे लि�येे वि�वश कर दि�याा। उसनेे माानवीीय
ु , आंंसुुओं ं और लहू मेंं पााप केे लि�खि�त प्रमााण कीी रूप रेेखाा देेखीी; उसकाा हृदय पृृथ्वीी केे पीीड़ि�त
दुखोंं�
और व्यथि�त लोोगोंं� केे लि�ए असीीम दयाा सेे भर गयाा; वह उन सभीी कोो रााहत देेनेे केे लि�ए लाालाायि�त थाा।
लेेकि�न शाायद उसकाा हााथ भीी माानव संं कट केे ज्वाार कोो वाापस नहींं� लौौटाा सकताा; कुु छ हीी अपनीी मदद
केे एकमाात्र स्रोोत सेे प्राार्थथनाा करेंंगेे। वह अपनीी आत्माा कोो मृृत्युु तक उंं डेेलनेे केे लि�ए तैैयाार थाा, तााकि�
उद्धाार उनकीी पहुंंच मेंं लाायाा जाा सकेे ; परन्तुु थोोड़ेे हीी उसकेे पाास आएंं गेे कि� वेे जीीवन पााएंं ।
स्वर्गग कीी महि�माा आंंसुुओं ं मेंं! अनंं त परमेेश्वर काा पुुत्र, आत्माा मेंं व्यााकुु ल, वेेदनाा सेे दबाा हुआ!
इस दृश्य नेे पूूरेे स्वर्गग कोो आश्चर्यय सेे भर दि�याा। वह दृश्य हमेंं पााप कीी अत्यधि�क पाापमयताा कोो प्रकट
करताा हैै; यह दि�खााताा हैै कि� अनंं त शक्ति� केे लि�ए भीी दोोषि�योंं� कोो परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे उल्लंं घन
केे परि�णाामोंं� सेे बचाानाा कि�तनाा कठि�न काार्यय हैै। पि�छलीी पीीढ़ीी कीी ओर देेखतेे हुए, यीीशुु नेे दुनि�या ु ा कोो
यरूशलेम का विना 17

उसीी तरह केे धोोखेे मेंं शाामि�ल देेखाा, जोो कि� यरूशलेेम केे वि�नााश काा काारण बनाा। यहूदि�योंं� काा सबसेे
बड़ाा पााप उनकाा मसीीह कोो अस्वीीकाार करनाा थाा; मसीीहीी दुनि�या ु ा काा महाान पााप परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा
कीी अस्वीीकृृ ति� होोगाा, स्वर्गग और पृृथ्वीी मेंं उसकीी सत्ताा कीी नींं�व। यहोोवाा केे उपदेेशोंं� काा ति�रस्काार और
अवहेेलनाा कीी जााएगीी। लााखोंं� पााप केे बंं धन मेंं, शैैताान केे दाास, जोो दूू सरीी मृृत्युु कोो भुुगतनेे केे लि�ए
अभि�शप्त थेे, अपनीी आपत्ति� केे दि�न सत्य केे वचनोंं� कोो सुुननेे सेे इंं काार कर देंंगेे। भयाानक अंंधाापन!
अजीीब मोोह!
फसह सेे दोो दि�न पहलेे, जब मसीीह नेे आखि�रीी बाार मंं दि�र सेे प्रस्थाान कि�याा थाा, यहूदीी शाासकोंं� केे
पााखंं ड कीी निं�दां ा करनेे केे बााद, वह फि�र सेे अपनेे शि�ष्योंं� केे सााथ जैैतूून केे पहााड़ पर चलाा गयाा और
उनकेे सााथ घाास कीी ढलाान पर बैैठ गयाा जहाँँ� सेे नगर दि�खााई देेताा थाा। एक बाार फि�र उसनेे उसकीी
दीीवाारोंं�, उसकेे गुुम्मटोंं� और उसकेे महलोंं� कोो देेखाा। एक बाार फि�र उसनेे मंं दि�र कोो उसकेे चकााचौंं�ध भरेे
वैैभव मेंं देेखाा, सुंं� दरताा काा एक मुुकुुट जोो पवि�त्र पर्ववत कीी शोोभाा बढ़ाा रहाा थाा।
एक हज़ाार सााल पहलेे, इस आधाार पर कि� परमेेश्वर नेे इस्रााएल केे पवि�त्र घर कोो अपनाा नि�वाास
स्थाान बनाायाा थाा, भजनहाार नेे इस्रााएल पर परमेेश्वर केे अनुुग्रह कोो बढ़ाा-चढ़ाा कर बताायाा थाा। «शाालेेम
मेंं भीी उसकाा तम्बूू और सि�य्योोन मेंं उसकाा नि�वाास स्थाान हैै।» उसनेे “यहूदाा केे गोोत्र कोो चुुनाा, सि�य्योोन
पर्ववत जि�सेे वह प्याार करताा थाा। और उसनेे अपनाा पवि�त्र स्थाान ऊँँचेे महलोंं� केे समाान बनाायाा।” भजन
76:2; 78:68, 69। पहलाा मंं दि�र इस्रााएल केे इति�हाास केे सबसेे समृृद्ध कााल मेंं बनाायाा गयाा थाा। इस
उद्देेश्य केे लि�ए रााजाा दााऊद द्वााराा खजाानेे केे वि�शााल भंं डाार एकत्र कि�ए गए थेे, और इसकेे नि�र्माा�ण कीी
योोजनाा स्वर्गीीय प्रेेरणाा सेे बनााई गई थीी। 1 इति�हाास 28:12, 19। सुुलैैमाान, इस्रााएल केे रााजााओंं मेंं
सबसेे बुुद्धि�माान, नेे कााम पूूराा कि�याा थाा। यह मंं दि�र दुनि�या
ु ा कीी अब तक कीी सबसेे शाानदाार इमाारत थीी।
तदाापि� यहोोवाा नेे दूू सरेे मन्दि�र केे वि�षय मेंं भवि�ष्यद्वक्ताा हााग्गैै द्वााराा घोोषि�त कि�याा थाा: «इस भवन कीी
पि�छलीी महि�माा इसकीी पहलीी महि�माा सेे बड़ीी होोगीी।» «मैंं सब जााति�योंं� कोो कंं पकंं पााऊंंगाा, और साारीी
जााति�योंं� कीी मनभाावनीी वस्तुुएँँ आएँँगीी; और मैंं इस भवन कोो अपनीी महि�माा केे तेेज सेे भर दूँँ� गाा,
सेेनााओंं केे यहोोवाा काा यहीी वचन हैै।» हााग्गैै 2:9,7।
नबूूकदनेेस्सर द्वााराा मंं दि�र केे वि�नााश केे बााद, इसेे मसीीह केे जन्म सेे लगभग पांं�च सौौ सााल पहलेे उन
लोोगोंं� द्वााराा बनाायाा गयाा थाा, जोो आजीीवन कैै द सेे एक बंं जर और लगभग नि�र्जजन देेश मेंं लौौट आए थेे।
और उन मेंं सेे पुुरनि�येे भीी थेे, जि�न्होंं�नेे सुुलैैमाान केे भवन कीी महि�माा कोो देेखाा थाा, और जोो नए भवन कीी
संं स्थाापनाा पर रोो पड़ेे, कि� वह पहलेे वाालेे सेे इतनाा हीीन होोगाा। जोो भाावनाा प्रबल थीी, उसकाा वर्णणन भवि�-
ष्यद्वक्ताा द्वााराा जबरन कि�याा गयाा हैै: «तुुम मेंं सेे कौौन हैै, जि�स नेे इस भवन कीी पहलीी महि�माा देेखीी हैै?
अब तुुम इसेे कैै सीी दशाा मेंं देेखतेे होो? क्याा यह सच नहींं� कि� यह तुुम्हाारीी दृष्टि�ि मेंं उस पहलेे कीी अपेेक्षाा
कुु छ भीी अच्छाा नहींं� हैै?» हााग्गैै 2:3; एज्राा 3:12। फि�र वाादाा कि�याा गयाा कि� इस बााद वाालेे घर कीी
महि�माा पहलेे वाालेे घर सेे अधि�क होोगीी।
लेेकि�न दूू सराा मंं दि�र भव्यताा मेंं पहलेे केे बरााबर नहींं� थाा; न हीी यह पहलेे मंं दि�र सेे संं बंं धि�त ईश्वरीीय
उपस्थि�ति� केे उन दृश्यमाान चि�ह्नोंं� द्वााराा पवि�त्र कि�याा गयाा थाा। इसकेे समर्पपण कोो चि�ह्नि�ित करनेे केे लि�ए
अलौौकि�क शक्ति� कीी कोोई अभि�व्यक्ति� नहींं� थीी। नव-नि�र्मि�त मंं दि�र भरनेे केे लि�ए महि�माा काा कोोई बाादल
नहींं� देेखाा गयाा थाा। अपनीी वेेदीी पर बलि�दाान कोो भस्म करनेे केे लि�ए स्वर्गग सेे कोोई आग नहींं� उतरीी।
18 महाान वि�वााद

इसकीी वेेदीी पर बलि�दाान कोो भस्म करनेे केे लि�ए स्वर्गग सेे कोोई आग नहींं� उतरीी। ईश्वरीीय उपस्थि�ति�
अब परम-पवि�त्र स्थाान मेंं करूबोंं� केे बीीच नहींं� रहतीी थीी; वााचाा काा सन्दूू क, प्राायश्चि�ित काा आसन, और
सााक्षीीपत्र कीी मेेज़ेंं उसमेंं नहींं� थीी। पूूछतााछ करनेे वाालेे यााजक कोो यहोोवाा कीी इच्छाा केे बाारेे मेंं बताानेे केे
लि�ए स्वर्गग सेे कोोई आवााज़ नहींं� आतीी थीी।
सदि�योंं� सेे यहूदि�योंं� नेे यह दि�खाानेे काा व्यर्थथ प्रयाास कि�याा थाा कि� हााग्गैै द्वााराा दि�याा गयाा परमेेश्वर काा
वाादाा कि�समेंं पूूराा हुआ थाा; फि�र भीी गर्वव और अवि�श्वाास नेे उनकेे दि�मााग कोो भवि�ष्यद्वक्ताा केे शब्दोंं� केे
सहीी अर्थथ केे लि�ए अंंधाा कर दि�याा। दूू सरेे मंं दि�र कोो यहोोवाा कीी महि�माा केे बाादल सेे सम्माानि�त नहींं� कि�याा
गयाा थाा, परन्तुु उस कीी जीीवि�त उपस्थि�ति� केे सााथ जि�समेंं परमेेश्वरत्व कीी परि�पूूर्णणताा शाारीीरि�क रूप सेे
वाास करतीी थीी—जोो स्वयंं परमेेश्वर देेह मेंं प्रकट हुआ थाा। «साारीी जााति�योंं� कीी मनभाावनीी वस्तुुएँँ »
वाास्तव मेंं उसकेे मंं दि�र मेंं तब आ गई थीी जब यीीशुु नाासरीी नेे पवि�त्र दरबाारोंं� मेंं शि�क्षाा दीी और चंं गााई
दीी। मसीीह कीी उपस्थि�ति� मेंं, और केे वल इसीी मेंं, दूू सराा मंं दि�र महि�माा मेंं पहलेे सेे अधि�क होो गयाा। परन्तुु
इस्रााएल नेे स्वर्गग केे प्रस्ताावि�त उपहाार कीी उपेेक्षाा कीी। उस वि�नम्र शि�क्षक केे सााथ, जोो उस दि�न अपनेे
सुुनहरेे द्वाार सेे नि�कल गयाा थाा, मंं दि�र सेे महि�माा हमेेशाा केे लि�ए चलीी गई थीी। उद्धाारकर्ताा� केे वचन पहलेे
हीी पूूरेे होो चुुकेे थेे: «तुुम्हााराा घर तुुम्हाारेे लि�ए उजााड़ पड़ाा हैै।» मत्तीी 23:38।
मंं दि�र कोो उखााड़ फेंंकनेे कीी मसीीह कीी भवि�ष्यद्वााणीी पर शि�ष्य वि�स्मय और आश्चर्यय सेे भर गए थेे,
और वेे उसकेे शब्दोंं� केे अर्थथ कोो पूूरीी तरह सेे समझनाा चााहतेे थेे। धन, श्रम और स्थाापत्य कौौशल कोो
इसकेे वैैभव कोो बढ़ाानेे केे लि�ए चाालीीस सेे अधि�क वर्षोंं सेे स्वतंं त्र रूप सेे व्यय कि�याा गयाा थाा। हेेरोोदेेस
महाान नेे इस पर रोोमन धन और यहूदीी खजाानाा दोोनोंं� उदाारताा सेे व्यय कि�येे थेे, और यहांं� तक कि� दुनि�या ु ा
केे सम्रााट नेे भीी इसेे अपनेे उपहाारोंं� सेे समृृद्ध कि�याा थाा। इस उद्देेश्य केे लि�ए रोोम सेे भेेजेे गए लगभग
शाानदाार आकाार केे सफेे द संं गमरमर केे वि�शााल ब्लॉॉक, इसकीी संं रचनाा काा एक हि�स्साा बनेे; और इन
पर चेेलोंं� नेे अपनेे स्वाामीी काा ध्याान यह कहकर आकर्षि�त कि�याा थाा: «हेे गुुरु, देेख, कैै सेे वि�शााल पत्थर
और कैै सेे भव्य भवन हैंं!” मरकुु स 13:1।
इन शब्दोंं� केे लि�ए, यीीशुु नेे गंं भीीर और चौंं�काा देेनेे वाालाा उत्तर दि�याा: “तुुम यह सब देेख रहेे होो न!
मैंं तुुम सेे सच कहताा हूँँ, यहाँँ� पत्थर पर पत्थर भीी न छूू टेेगाा जोो ढाायाा न जााएगाा।” मत्तीी 24:2।
यरूशलेेम केे तख्ताापलट केे सााथ, चेेलोंं� नेे साार्ववभौौमि�क सााम्रााज्य काा सिं�हां ासन लेेनेे केे लि�ए लौौकि�क
महि�माा मेंं मसीीह केे व्यक्ति�गत आगमन कीी घटनााओंं कोो, आसन्न यहूदि�योंं� कोो दंंडि�त करनेे और रााष्ट्रर
सेे रोोमन दाासताा सेे अलग करनेे सेे जोोड़ाा। प्रभुु नेे उनसेे कहाा थाा कि� वह दूू सरीी बाार आएगाा। इसलि�ए
यरूशलेेम पर न्याायदंंड काा उल्लेेख करतेे हीी, उनकाा मन उस आगमन कीी ओर फि�र गयाा; और जब वेे
जैैतूून पहााड़ पर उद्धाारकर्ताा� केे पाास इकट्ठेे हुए, तोो उन्होंं�नेे पूूछाा, “येे बाातेंं कब होंं�गीी? और तेेरेे आनेे काा
और जगत केे अन्त काा क्याा चि�न्ह होोगाा?” पद 3।
शि�ष्योंं� कोो भवि�ष्य केे बाारेे मेंं अनभि�ज्ञ रखाा गयाा थाा। अगर वेे उस समय दोो भयाानक तथ्योंं� कोो
पूूरीी तरह सेे समझ गए होोतेे - उद्धाारकर्ताा� कीी पीीड़ाा और मृृत्युु, और उनकेे शहर और मंं दि�र काा वि�नााश
- तोो वेे भय सेे अभि�भूूत होो जाातेे। मसीीह नेे उनकेे साामनेे समय कीी समााप्ति� सेे पहलेे होोनेे वाालीी प्रमुुख
घटनााओंं कीी रूपरेेखाा प्रस्तुुत कीी। उसकेे शब्द तब पूूरीी तरह सेे समझ मेंं नहींं� आए थेे; लेेकि�न लोोगोंं� कोो
उसमेंं दि�ए गए नि�र्देेश कीी आवश्यकताा अनुुसाार उनकाा अर्थथ प्रकट होोनाा थाा। उसनेे जोो भवि�ष्यद्वााणीी
यरूशलेम का विना 19

कीी थीी, उसकाा अर्थथ दोोहराा थाा; यरूशलेेम केे वि�नााश काा पूूर्वाा�भाास देेतेे हुए, इसनेे अंंति�म महाान दि�न केे
भय कोो भीी पूूर्वव-इंं गि�त कि�याा।
यीीशुु नेे सुुननेे वाालेे शि�ष्योंं� कोो उन नि�र्णणयोंं� कीी घोोषणाा कीी जोो धर्ममत्याागीी इस्रााएल पर पड़नेे वाालेे थेे,
और वि�शेेष रूप सेे दण्डाात्मक प्रति�शोोध जोो उन पर आनेे कोो थाा, क्योंं�कि� उन्होंं�नेे मसीीह कोो ठुु करााकर
क्रूूस पर चढ़ाा दि�याा थाा। अचूूक संं केे त भयाानक चरमोोत्कर्षष सेे पहलेे होंं�गेे। भयाानक घड़ीी अचाानक और
तेेज़ीी सेे आएगीी। और उद्धाारकर्ताा� नेे अपनेे अनुुयाायि�योंं� कोो चेेताावनीी दीी: “इसलि�येे जब तुुम उस उजााड़नेे
वाालीी घृृणि�त वस्तुु कोो, जि�सकीी चर्चाा� दाानि�य्येेल भवि�ष्यद्वक्‍‍ताा केे द्वााराा हुई थीी, पवि�त्र स्थाान मेंं खड़ीी हुई
देेखोो, (जोो पढ़ेे, वह समझेे:) तब जोो यहूदि�याा मेंं होंं�, वेे पहााड़ोंं� पर भााग जााएँँ। « मत्तीी 24:15, 16;
लूूकाा 21:20, 21। शहर कीी दीीवाारोंं� केे बााहर कुु छ फर्लांं�ग फैै लीी हुई पवि�त्र भूूमि� मेंं रोोमि�योंं� केे मूूर्ति�-
पूूजक ध्वज केे स्थाापि�त कि�ए जाानेे पर मसीीह केे अनुुयाायि�योंं� कोो भााग जाानेे मेंं सुुरक्षाा मि�लनीी थीी।
चेेताावनीी चि�न्ह केे दि�खााई देेनेे पर, बच कर नि�कलनेे वाालोंं� कोो बि�नाा देेर कि�ए जल्दीी करनीी थीी। यहूदि�याा
केे पूूरेे देेश मेंं, सााथ हीी यरूशलेेम मेंं भीी, भााग जाानेे केे संं केे त काा तुुरंंत पाालन कि�याा जाानाा थाा। वह जोो
संं योोगवश छत पर थाा, उसेे अपनेे सबसेे बहुमूूल्य खजाानेे कोो बचाानेे केे लि�ए भीी अपनेे घर मेंं नहींं� जाानाा
थाा। जोो लोोग खेेतोंं� याा दााख कीी बाारि�योंं� मेंं कााम कर रहेे थेे, उन्हेंं दि�न कीी गर्मीी मेंं परि�श्रम करतेे समय
अलग रखेे हुए बााहरीी वस्त्र केे लि�ए लौौटनेे केे लि�ए समय नहींं� गंं वाानाा थाा। उन्हेंं एक पल भीी संं कोोच नहींं�
करनाा थाा, ऐसाा न होो कि� वेे साामाान्य वि�नााश मेंं शाामि�ल होो जाातेे।
हेेरोोदेेस केे शाासन-कााल मेंं, यरूशलेेम कोो न केे वल बहुत सुंं� दर बनाायाा गयाा थाा, बल्कि� टाावरोंं�,
दीीवाारोंं� और कि�लोंं� केे नि�र्माा�ण सेे, इसकीी स्थि�ति� कीी प्रााकृृ ति�क तााकत कोो जोोड़कर, इसेे स्पष्ट रूप सेे
अभेेद्य बनाा दि�याा गयाा थाा। इस समय साार्ववजनि�क रूप सेे उसकेे वि�नााश कीी भवि�ष्यद्वााणीी करनेे वाालेे कोो
एक पाागल भय-प्रसाारक कहाा जााताा, जैैसेे नूूह कोो उसकेे समय मेंं कहाा गयाा थाा। परन्तुु मसीीह नेे कहाा
थाा: «आकााश और पृृथ्वीी टल जााएँँगेे, परन्तुु मेेरीी बाातेंं कभीी न टलेंंगीी।» मत्तीी 24:35। उसकेे पाापोंं� केे
काारण, यरूशलेेम केे वि�रुद्ध क्रोोध कीी भवि�ष्यद्वााणीी कीी गई थीी, और उसकेे हठीीलेे अवि�श्वाास नेे उसकाा
वि�नााश नि�श्चि�ित कर दि�याा थाा।
यहोोवाा नेे मीीकाा भवि�ष्यद्वक्ताा केे द्वााराा घोोषि�त कि�याा थाा: «हेे यााक़ूूब केे घराानेे केे प्रधाानोंं�, हेे इस्रााएल
केे घराानेे केे न्याायि�योंं�, हेे न्यााय सेे घृृणाा करनेे वाालोंं� और सब सीीधीी बाातोंं� कोो टेेढ़ीी–मेेढ़ीी करनेेवाालोंं�, यह
बाात सुुनोो। तुुम सि�य्योोन कोो हत्याा करकेे और यरूशलेेम कोो कुु टि�लताा करकेे दृढ़ करतेे होो। उसकेे प्रधाान
घूूस लेे लेेकर वि�चाार करतेे, और यााजक दााम लेे लेेकर व्यवस्थाा देेतेे हैंं, और भवि�ष्यद्वक्‍‍ताा रुपयेे केे लि�येे
भाावीी कहतेे हैंं; तौौभीी वेे यह कहकर यहोोवाा पर भरोोसाा रखतेे हैंं, “यहोोवाा हमाारेे बीीच मेंं हैै, इसलि�येे कोोई
वि�पत्ति� हम पर न आएगीी।” मीीकाा 3:9-11।
इन शब्दोंं� नेे यरूशलेेम केे भ्रष्ट और आत्म-धर्मीी नि�वाासि�योंं� काा ईमाानदाारीी सेे वर्णणन कि�याा। परमेे-
श्वर कीी व्यवस्थाा केे नि�यमोंं� काा कठोोरताा सेे पाालन करनेे काा दाावाा करतेे हुए, वेे इसकेे सभीी सि�द्धांं�तोंं�
काा उल्लंं घन कर रहेे थेे। वेे मसीीह सेे घृृणाा करतेे थेे क्योंं�कि� उसकीी पवि�त्रताा और धाार्मि�कताा नेे उनकेे
अधर्मम कोो प्रकट कि�याा; और उन्होंं�नेे उस पर उन सब वि�पत्ति�योंं� काा काारण होोनेे काा आरोोप लगाायाा जोो
उनकेे पाापोंं� केे काारण उन पर आई थींं�। यद्यपि� वेे जाानतेे थेे कि� वह पाापरहि�त हैै, उन्होंं�नेे घोोषणाा कीी थीी
कि� एक रााष्ट्रर केे रूप मेंं उनकीी सुुरक्षाा केे लि�ए उसकीी मृृत्युु आवश्यक थीी। यहूदीी अगुुवोंं� नेे कहाा, «यदि�
20 महाान वि�वााद

हम उसेे योंं� हीी छोोड़ देंं , तोो सब उस पर वि�श्‍‍वाास लेे आएँँगेे, और रोोमीी आकर हमाारीी जगह और जााति�
दोोनोंं� पर अधि�काार कर लेंंगेे।” यूूहन्नाा 11:48। यदि� मसीीह कीी बलि� दीी जााए, तोो वेे एक बाार फि�र सेे
एक मजबूूत, एकजुुट जााति� बन सकतेे थेे। इस प्रकाार उन्होंं�नेे तर्कक कि�याा, और उन्होंं�नेे अपनेे महाायााजक
केे नि�र्णणय मेंं सहमति� व्यक्त कीी, कि� पूूरीी जााति� केे नााश होोनेे सेे एक आदमीी काा मरनाा बेेहतर होोगाा।
इस प्रकाार यहूदीी अगुुवोंं� नेे, «सि�य्योोन कोो हत्याा करकेे और यरूशलेेम कोो कुु टि�लताा करकेे » दृढ़
कि�याा थाा। मीीकाा 3:10। और फि�र भीी, जब उन्होंं�नेे अपनेे उद्धाारकर्ताा� कोो माार डाालाा क्योंं�कि� उसनेे
उनकेे पाापोंं� कीी निं�दां ा कीी थीी, उनकीी आत्म-धाार्मि�कताा ऐसीी थीी कि� वेे स्वयंं कोो परमेेश्वर केे पसंं दीीदाा
लोोगोंं� केे रूप मेंं माानतेे थेे और अपेेक्षाा करतेे थेे कि� प्रभुु उन्हेंं उनकेे शत्रुुओं ं सेे छुु ड़ााएगाा। «इसलि�येे,»
भवि�ष्यद्वक्ताा नेे आगेे कहाा, «तुुम्हाारेे काारण सि�य्योोन जोोतकर खेेत बनाायाा जााएगाा, और यरूशलेेम
खण्डहरोंं� काा ढेेर होो जााएगाा, और जि�स पर्ववत पर भवन बनाा हैै, वह वन केे ऊँँचेे स्थाान–साा होो
जााएगाा।» पद 12।
यरूशलेेम केे वि�नााश कीी घोोषणाा स्वयंं मसीीह द्वााराा कि�ए जाानेे केे लगभग चाालीीस वर्षोंं केे बााद, प्रभुु
नेे शहर और रााष्ट्रर पर अपनेे न्यााय मेंं देेरीी कीी। अपनेे सुुसमााचाार कोो नकाारनेे वाालोंं� और अपनेे पुुत्र केे
हत्याारोंं� केे प्रति� परमेेश्वर कीी सहनशीीलताा अद्भु ् ुत थीी। नि�ष्फल वृृक्ष काा दृष्टाान्त यहूदीी रााष्ट्रर केे सााथ
परमेेश्वर केे व्यवहाार कोो दर्शाा�ताा हैै। आज्ञाा नि�कलीी थीी, «इसेे कााट डााल कि� यह भूूमि� कोो भीी क्योंं� रोोकेे
रहेे?» (लूूकाा 13:7) परन्तुु ईश्‍‍वरीीय दयाा नेे इसेे कुु छ और समय केे लि�ए छोोड़ दि�याा थाा। यहूदि�योंं� मेंं
अभीी भीी बहुत सेे ऐसेे थेे जोो मसीीह केे चरि�त्र और काार्यय सेे अनभि�ज्ञ थेे। और बच्चोंं� नेे उन अवसरोंं� काा
आनंं द नहींं� लि�याा थाा याा वह प्रकााश प्रााप्त नहींं� कि�याा थाा जि�सेे उनकेे मााताा-पि�ताा नेे ठुु कराा दि�याा थाा।
प्रेेरि�तोंं� और उनकेे सहयोोगि�योंं� केे प्रचाार केे द्वााराा, परमेेश्वर उन पर प्रकााश चमकाानेे कोो थाा; उन्हेंं यह
देेखनेे कीी अनुुमति� दीी जाानेे वाालीी थीी कि� कैै सेे न केे वल मसीीह केे जन्म और जीीवन मेंं, बल्कि� उनकीी
मृृत्युु और पुुनरुत्थाान मेंं भवि�ष्यद्वााणीी पूूरीी हुई थीी। मााताा-पि�ताा केे पाापोंं� केे लि�ए बच्चोंं� कीी निं�दां ा नहींं� कीी
गई; परन्तुु जब, अपनेे मााताा-पि�ताा कोो दीी गई साारीी ज्योोति� केे ज्ञाान केे होोतेे हुए, बच्चोंं� नेे स्वयंं कोो दि�ए
गए अति�रि�क्त प्रकााश कोो अस्वीीकाार कर दि�याा, तोो वेे मााताा-पि�ताा केे पाापोंं� केे भाागीी बन गए, और उन्होोनेंं
अपनेे अधर्मम कीी माात्राा कोो भर दि�याा।
यरूशलेेम केे प्रति� परमेेश्वर केे धैैर्यय नेे केे वल यहूदि�योंं� केे हठीीलेेपन कीी पुुष्टि�ि कीी। यीीशुु केे शि�ष्योंं�
केे प्रति� अपनीी घृृणाा और क्रूूरताा मेंं उन्होंं�नेे दयाा केे अंंति�म प्रस्तााव कोो अस्वीीकाार कर दि�याा। तब परमेे-
श्वर नेे उनसेे अपनीी सुुरक्षाा वाापस लेे लीी और शैैताान और उसकेे स्वर्गगदूू तोंं� सेे अपनीी नि�रोोधक शक्ति� कोो
हटाा दि�याा, और रााष्ट्रर कोो उस अगुुवेे केे नि�यंं त्रण मेंं छोोड़ दि�याा गयाा जि�सेे उसनेे चुुनाा थाा। उसकेे बच्चोंं� नेे
मसीीह केे अनुुग्रह कोो ठुु कराा दि�याा थाा, जि�ससेे वेे अपनेे बुुरेे आवेेगोंं� कोो वश मेंं कर सकतेे थेे, और अब
येे वि�जेेताा बन गए। शैैताान नेे आत्माा केे सबसेे उग्र और सबसेे भ्रष्ट जुुनूून कोो जगाायाा। पुुरुषोंं� नेे तर्कक
नहींं� कि�याा; वेे तर्कक सेे परेे थेे-आवेेग और अंंधेे क्रोोध द्वााराा नि�यंं त्रि�त। वेे अपनीी क्रूूरताा मेंं शैैताानीी होो गए।
परि�वाार और रााष्ट्रर मेंं, उच्चतम और नि�म्नतम वर्गोंं मेंं समाान रूप सेे, संं देेह, ईर्ष्याा�, घृृणाा, कलह, वि�द्रोोह,
हत्याा थीी। कहींं� कोोई सुुरक्षाा नहींं� थीी। दोोस्तोंं� और रि�श्तेेदाारोंं� नेे एक दूू सरेे कोो धोोखाा दि�याा। मााताा-पि�ताा
नेे अपनेे बच्चोंं� कोो माार डाालाा, और बच्चोंं� नेे अपनेे मााताा-पि�ताा कोो। प्रजाा केे शाासकोंं� केे पाास स्वयंं कोो
नि�यंं त्रि�त करनेे कीी शक्ति� नहींं� थीी। अनि�यंं त्रि�त जुुनूून नेे उन्हेंं अत्यााचाारीी बनाा दि�याा। यहूदि�योंं� नेे परमेेश्वर
यरूशलेम का विना 21

केे नि�र्दोोष पुुत्र कीी निं�दां ा करनेे केे लि�ए झूठीू ी गवााहीी स्वीीकाार कीी थीी। अब झूठेू े आरोोपोंं� नेे उनकेे अपनेे
जीीवन कोो अनि�श्चि�ित बनाा दि�याा हैै। वेे लंं बेे समय सेे अपनेे काामोंं� सेे कहतेे आ रहेे थेे: “इस्रााएल केे
पवि�त्र कोो हमाारेे साामनेे सेे दूू र करोो।” यशाायााह 30:11। अब उनकीी इच्छाा पूूरीी हुई। परमेेश्वर काा
भय अब उन्हेंं परेेशाान नहींं� करताा थाा। शैैताान रााष्ट्रर काा मुुखि�याा थाा, और सर्वोोच्च नाागरि�क और धाार्मि�क
अधि�काारीी उसकेे अधीीन थेे।
वि�रोोधीी गुुटोंं� केे अगुुवेे कभीी-कभीी अपनेे दयनीीय पीीड़ि�तोंं� कोो लूूटनेे और प्रतााड़ि�त करनेे केे लि�ए
एकजुुट होोतेे थेे, और फि�र सेे वेे एक-दूू सरेे कीी सेेनाा पर हमलाा करतेे थेे और नि�र्ददयताा सेे कत्ल करतेे
थेे। यहांं� तक कि� मंं दि�र कीी पवि�त्रताा भीी उनकीी भयाानक क्रूूरताा कोो रोोक नहींं� पााई। उपाासक वेेदीी
केे सााम्हनेे माारेे गए, और पवि�त्र स्थाान मरेे हुओंं केे शरीीरोंं� सेे अशुुद्ध होो गयाा। फि�र भीी अपनेे अंंधेे
और ईशाानिं�ंदाात्मक अनुुमाान मेंं इस नाारकीीय काार्यय केे प्रवर्ततकोंं� नेे साार्ववजनि�क रूप सेे घोोषि�त कि�याा
कि� उन्हेंं इस बाात काा कोोई डर नहींं� हैै कि� यरूशलेेम कोो नष्ट कर दि�याा जााएगाा, क्योंं�कि� यह परमेे-
श्वर काा अपनाा शहर थाा। अपनीी शक्ति� कोो और अधि�क दृढ़ताा सेे स्थाापि�त करनेे केे लि�ए, उन्होंं�नेे
झूूठेे भवि�ष्यद्वक्तााओंं कोो यह घोोषणाा करनेे केे लि�ए रि�श्वत दीी कि� जब रोोमन सेेनाा मंं दि�र कोो घेेर रहीी
होो, तब लोोग परमेेश्वर कीी ओर सेे मुुक्ति� कीी प्रतीीक्षाा करेंं । अंंत तक, साामाान्य लोोग इस वि�श्वाास
पर काायम रहेे कि� परमप्रधाान उनकेे वि�रोोधि�योंं� कीी हाार केे लि�ए हस्तक्षेेप करेे गाा। परन्तुु इस्रााएल नेे
ईश्वरीीय सुुरक्षाा कोो ठुु कराा दि�याा थाा, और अब उसकेे पाास कोोई बचााव नहींं� थाा। दुुखीी यरूशलेेम!
आंंतरि�क कलह सेे वि�भााजि�त, एक दूू सरेे केे हााथोंं� सेे माारेे गए उसकेे बच्चोंं� काा खूून उसकीी सड़कोंं�
कोो लााल करतेे हुए, जबकि� वि�देे शीी सेेनााओंं नेे उसकेे कि�लेेबंंदीी कोो पराास्त कर दि�याा और उसकेे
शूूरवीीरोंं� कोो माार डाालाा!
यरूशलेेम केे वि�नााश केे वि�षय मेंं मसीीह द्वााराा दीी गई सभीी भवि�ष्यद्वााणि�याँँ� पूूरीी तरह सेे पूूरीी हुईं।
यहूदि�योंं� नेे उसकीी चेेताावनीी केे शब्दोंं� कीी सच्चााई काा अनुुभव कि�याा: «जि�स नााप सेे तुुम नाापतेे होो, उसीी
नााप सेे तुुम्हाारेे लि�येे भीी नाापाा जााएगाा।» मत्तीी 7:2।
संं केे त और चमत्काार आपदाा और वि�नााश कीी भवि�ष्यद्वााणीी करतेे हुए दि�खााई दि�ए। आधीी राात कोो
मंं दि�र और वेेदीी पर एक अप्रााकृृ ति�क प्रकााश चमकाा। सूूर्याा�स्त केे समय बाादलोंं� पर रथोंं� और युुद्ध केे
लि�ए इकट्ठाा होोनेे वाालेे पुुरुष दि�खााई देे रहेे थेे। राात केे समय पवि�त्र स्थाान मेंं सेेवाा कर रहेे यााजक रहस्य-
मयीी आवााज़ोंं� सेे डर गए; धरतीी कांं�प उठीी, और बहुत सीी आवााज़ेंं सुुनााई पड़ींं�, “आओ, हम यहांं� सेे
चलेंं।” वि�शााल पूूर्वीी द्वाार, जोो इतनाा भाारीी थाा कि� इसेे कई लोोगोंं� द्वााराा बंं द नहींं� कि�याा जाा सकताा थाा,
और जोो ठोोस पत्थर केे फ़र्शश मेंं गहरााई तक गड़ीी लोोहेे कीी वि�शााल सलााखोंं� सेे दृढ़ताा सेे जुुड़ाा हुआ थाा,
आधीी राात कोो, बि�नाा कि�सीी प्रकट मााध्यम केे खुुल गयाा-मि�लमैैन, द हि�स्ट्रीी� ऑफ द ज्यूूज़, पुुस्तक 13।
साात वर्षष तक एक मनुुष्य यरूशलेेम कीी सड़कोंं� पर घूूमताा रहाा, और नगर पर आनेे वाालीी वि�पत्ति�योंं�
काा समााचाार सुुनााताा रहाा। दि�न और राात वह अद्भु ् ुत वि�लााप गीीत गााताा थाा: «पूूर्वव सेे एक आवााज!
पश्चि�िम सेे एक आवााज़! चाार हवााओंं सेे एक आवााज़! यरूशलेेम केे वि�रुद्ध और मन्दि�र केे वि�रुद्ध एक
आवााज़! दूू ल्हेे और दुल्हन ु केे वि�रुद्ध एक आवााज! साारीी प्रजाा केे वि�रुद्ध एक आवााज़!” —उक्त। इस
वि�चि�त्र प्रााणीी कोो कैै द कर लि�याा गयाा और कोोड़ेे माारेे गए, लेेकि�न उसकेे होंं�ठोंं� सेे कोोई शि�काायत नहींं�
नि�कलीी। अपमाान और निं�दां ा केे जवााब मेंं उसनेे केे वल उत्तर दि�याा: «हााय, यरूशलेेम पर हााय!» «हााय,
22 महाान वि�वााद

उसकेे नि�वाासि�योंं� पर हााय!» उसकीी चेेताावनीी कीी पुुकाार तब तक बंं द नहींं� हुई जब तक कि� वह उस
घेेरााबंं दीी मेंं नहींं� मााराा गयाा जि�सकीी उसनेे भवि�ष्यद्वााणीी कीी थीी।
यरूशलेेम केे वि�नााश मेंं एक भीी मसीीहीी नहींं� मराा। मसीीह नेे अपनेे चेेलोंं� कोो चेेताावनीी दीी थीी, और
वेे सब जोो उसकेे वचनोंं� पर वि�श्वाास करतेे थेे, प्रति�ज्ञाा कि�ए हुए चि�न्ह कीी ओर देेखतेे रहेे। “जब तुुम
यरूशलेेम कोो सेेनााओंं सेे घि�राा हुआ देेखोो, «यीीशुु नेे कहाा, तोो जाान लेेनाा कि� उसकाा उजााड़ जाानाा नि�कट
हैै। तब जोो यहूदि�याा मेंं होंं� वेे पहााड़ोंं� पर भााग जााएँँ; और जोो यरूशलेेम केे भीीतर होंं� वेे बााहर नि�कल
जााएँँ; और जोो गाँँ�वोंं� मेंं होंं� वेे उस मेंं न जााएँँ। « लूूकाा 21:20,21। सेेस्टि�यस केे अधीीन रोोमनोंं� द्वााराा
शहर कोो घेेर लेेनेे केे बााद, उन्होंं�नेे अप्रत्यााशि�त रूप सेे घेेरााबंं दीी कोो छोोड़ दि�याा जब सब कुु छ तत्कााल
हमलेे केे लि�ए अनुुकूूल लग रहाा थाा। घि�रेे हुए, सफल प्रति�रोोध सेे नि�रााश, आत्मसमर्पपण केे कगाार पर
थेे, जब रोोमन जनरल नेे अल्पतम स्पष्ट काारण केे बि�नाा अपनीी सेेनाा वाापस लेे लीी। लेेकि�न परमेेश्वर काा
दयाालुु वि�धाान अपनेे हीी लोोगोंं� कीी भलााई केे लि�ए घटनााओंं कोो नि�र्देेशि�त कर रहाा थाा। वाादाा कि�याा हुआ
चि�न्ह प्रतीीक्षाारत मसीीहि�योंं� कोो दि�याा गयाा थाा, और अब उन सभीी केे लि�ए एक अवसर कीी पेेशकश कीी
गई थीी जोो उद्धाारकर्ताा� कीी चेेताावनीी काा पाालन करनाा चााहतेे थेे। घटनााओंं कोो इस तरह सेे खाारि�ज कर
दि�याा गयाा थाा कि� न तोो यहूदीी और न हीी रोोमन मसीीहि�योंं� कीी उड़ाान मेंं बााधाा डाालेंं। सेेस्टि�यस केे पीीछेे
हटनेे पर, यहूदि�योंं� नेे, यरूशलेेम सेे आक्रमण करतेे हुए, उसकीी पीीछेे हटतीी सेेनाा काा पीीछाा कि�याा; और
जब दोोनोंं� सेेनााएंं इस प्रकाार पूूरीी तरह सेे लगीी हुई थींं�, मसीीहि�योंं� केे पाास शहर छोोड़नेे काा अवसर थाा।
इस समय देेश कोो उन शत्रुुओं ं सेे भीी मुुक्त कर दि�याा गयाा थाा, जोो शाायद उन्हेंं रोोकनेे काा प्रयाास करतेे।
घेेरााबंं दीी केे समय, यहूदीी झोोपड़ि�योंं� काा पर्वव मनाानेे केे लि�ए यरूशलेेम मेंं इकट्ठेे हुए थेे, और इस प्रकाार
देेश केे प्रत्येेक भााग मेंं मसीीहीी बि�नाा बााधाा केे अपनाा पलाायन करनेे मेंं सफल रहेे। बि�नाा देेर कि�ए वेे
सुुरक्षि�त स्थाान पर भााग गए—पेेलाा नगर, जोो पेेरि�याा देेश मेंं यरदन केे पाार हैै।
यहूदीी सेेनाा नेे, सेेस्टि�यस और उसकीी सेेनाा काा पीीछाा करतेे हुए, उसकेे अंंति�म भााग पर इतनीी उग्रताा
केे सााथ हमलाा कि�याा माानोो उन्हेंं पूूर्णण वि�नााश कीी धमकीी देे रहीी होो। बड़ीी मुुश्कि�ल सेे रोोमन अपनेे पीीछेे
हटनेे मेंं सफल हुए। यहूदीी लगभग बि�नाा कि�सीी नुुकसाान केे बच नि�कलेे, और अपनीी लूूट केे सााथ
वि�जयीी होोकर यरूशलेेम लौौट आए। फि�र भीी यह प्रतीीयमाान सफलताा उनकेे लि�ए केे वल वि�पदाा लेेकर
आई। इसनेे उन्हेंं रोोमनोंं� केे लि�ए जि�द्दीी प्रति�रोोध कीी उस भाावनाा सेे प्रेेरि�त कि�याा जोो तेेज़ीी सेे बर्बाा�द शहर
पर अकथनीीय दुःः�ख लेेकर आई।
जब तीीतुुस नेे घेेरााबंं दीी फि�र सेे शुुरू कीी तोो यरूशलेेम पर भयाानक वि�पत्ति�याँँ� पड़ींं�। फसह केे समय
शहर वि�भूूषि�त कि�याा गयाा थाा, जब लााखोंं� यहूदीी इसकीी दीीवाारोंं� केे भीीतर इकट्ठेे हुए थेे। उनकेे प्राावधाान
केे भंं डाार, जि�न्हेंं अगर साावधाानीी सेे संं रक्षि�त कि�याा जााताा तोो वर्षोंं तक नि�वाासि�योंं� कीी आपूूर्ति� होोतीी, पहलेे
सेे वि�रोोधीी गुुटोंं� कीी ईर्ष्याा� और प्रति�शोोध केे काारण नष्ट होो चुुकेे थेे, और अब भुुखमरीी कीी भयाावहताा
काा अनुुभव कि�याा गयाा। सेेर भर गेेहूँँ 6000 दीीनाार मेंं बेेचाा गयाा। भूूख कीी पीीड़ाा इतनीी भयंं कर थीी कि�
लोोग अपनेे कमरबन्द और जूूतोंं� काा चमड़ाा और अपनीी ढाालोंं� केे आवरण कोो कााट लेेतेे थेे। बड़ीी संं ख्याा
मेंं लोोग राात मेंं चुुपकेे सेे शहर कीी दीीवाारोंं� केे बााहर उगनेे वाालेे जंं गलीी पौौधोंं� कोो इकट्ठाा करनेे केे लि�ए
नि�कलतेे थेे, हाालाँँ�कि� बहुतोंं� कोो पकड़ लि�याा जााताा थाा और क्रूूर याातनााओंं केे सााथ मौौत केे घााट उताार
दि�याा जााताा थाा, और अक्सर जोो लोोग सुुरक्षि�त लौौट आतेे थेे, उनसेे वह लूूट लि�याा जााताा थाा जि�सेे उन्होंं�नेे
यरूशलेम का विना 23

इतनाा बड़ाा खतराा उठााकर इकट्ठाा कि�याा थाा। सबसेे अमाानवीीय याातनााएंं सत्ताा मेंं बैैठेे लोोगोंं� द्वााराा दीी जाातीी
थींं�, तााकि� जरूरतमंं द लोोगोंं� सेे बलपूूर्ववक अंंति�म अल्प आपूूर्ति� कोो छीीन लि�याा जाा सकेे जि�सेे उन्होंं�नेे
छुु पाायाा होोगाा। और इन क्रूूरतााओंं कोो अक्सर उन पुुरुषोंं� द्वााराा नहींं� कि�याा जााताा थाा जोो स्वयंं परि�पुुष् ट थेे,
और जोो केे वल भवि�ष्य केे लि�ए प्राावधाान काा भंं डाार रखनाा चााहतेे थेे।
अकााल और महाामाारीी सेे हज़ाारोंं� लोोग माारेे गए। ऐसाा लग रहाा थाा कि� प्रााकृृ ति�क स्नेेह नष्ट होो
गयाा हैै। पति� अपनीी पत्नि��योंं� कोो लूूटतेे थेे, और पत्नि��यांं� अपनेे पति� कोो। बच्चेे अपनेे वृृद्ध मााताा-पि�ताा
केे मुंं� ह सेे खाानाा छीीनतेे नजर आतेे थेे। «क्याा कोोई स्त्रीी अपनेे दूू ध पीीतेे बच्चेे कोो भूूल सकतीी हैै?»
भवि�ष्यद्वक्ताा केे प्रश्न काा उत्तर उस बर्बाा�द शहर कीी दीीवाारोंं� केे भीीतर मि�लाा: «दयाालुु स्त्रि�ियोंं� नेे अपनेे
हीी हााथोंं� सेे अपनेे बच्‍‍चोंं� कोो पकाायाा हैै: मेेरेे लोोगोंं� केे वि�नााश केे समय वेे हीी उनकाा आहाार बन गए।»
यशाायााह 49:15; वि�लाापगीीत 4:10। चौौदह सदि�योंं� पहलेे दीी गई चेेताावनीी कीी भवि�ष्यद्वााणीी फि�र पूूरीी
हुई: «तुुझ मेंं जोो स्त्रीी यहाँँ� तक कोोमल और सुुकुुमाार होो कि� सुुकुुमाारपन और कोोमलताा केे माारेे भूूमि�
पर पाँँ�व धरतेे भीी डरतीी होो, वह भीी अपनेे प्रााणप्रि�य पति�, और बेेटेे, और बेेटीी कोो, अपनीी खेेरीी, वरन््
अपनेे जनेे हुए बच्‍‍चोंं� कोो क्रूूर दृष्टि�ि सेे देेखेेगीी, क्योंं�कि� घि�र जाानेे और उस संं कट केे समय जि�समेंं तेेरेे
शत्रुु तुुझेे तेेरेे फााटकोंं� केे भीीतर घेेरकर रखेंंगेे, वह सब वस्तुुओं ं कीी घटीी केे माारेे उन्हेंं छि�प केे खााएगीी।»
व्यवस्थाावि�वरण 28:56,57।
रोोमन अधि�काारि�योंं� नेे यहूदि�योंं� कोो आतंं कि�त करनेे काा प्रयाास कि�याा और इस प्रकाार उन्हेंं आत्मस-
मर्पपण करनेे केे लि�ए वि�वश कि�याा। जि�न कैै दि�योंं� नेे पकड़ेे जाानेे पर वि�रोोध कि�याा, उन्हेंं कोोड़ेे सेे मााराा गयाा,
प्रतााड़ि�त कि�याा गयाा और शहर कीी दीीवाार केे साामनेे सूूलीी पर चढ़ाा दि�याा गयाा। इस तरह सेे प्रति�दि�न
सैैकड़ोंं� लोोगोंं� कोो मौौत केे घााट उताार दि�याा जााताा थाा, और यह भयाानक कााम तब तक ज़ाारीी रहाा जब तक
कि�, यहोोशाापाात कीी घााटीी केे कि�नाारेे और कलवरीी मेंं इतनीी बड़ीी संं ख्याा मेंं क्रूूस खड़ेे कि�ए गए कि� उनकेे
बीीच जाानेे केे लि�ए बहुत कम जगह थीी। पि�लाातुुस केे न्यााय आसन केे साामनेे कहाा गयाा वह भयंं कर
अभि�शााप बुुरीी तरह सेे लगाा: : «इसकाा लहू हम पर और हमाारीी सन्ताान पर होो।» मत्तीी 27:25।
तीीतुुस नेे स्वेेच्छाा सेे उस भयाानक दृश्य काा अंंत कर दि�याा होोताा, और इस प्रकाार यरूशलेेम कोो
पूूरीी तरह नष्ट नहींं� कि�याा होोताा। घााटि�योंं� मेंं लााशोंं� केे ढेेर मेंं पड़ेे हुए शवोंं� कोो देेखकर वह दहशत सेे
भर गयाा। एक मोोहि�त कीी तरह, उसनेे जैैतूून पहााड़ केे शि�खर सेे भव्य मंं दि�र कीी ओर देेखाा और आज्ञाा
दीी कि� उसकाा एक भीी पत्थर छुु आ न जााए। इस गढ़ पर कब्ज़ाा करनेे काा प्रयाास करनेे सेे पहलेे, उसनेे
यहूदीी अधि�काारि�योंं� सेे एक गंं भीीर अपीील कीी कि� पवि�त्र स्थाान कोो खूून सेे अपवि�त्र करनेे केे लि�ए वह
उसेे मजबूूर न करेंं। यदि� वेे आगेे आकर कि�सीी अन्य स्थाान पर लड़तेे, तोो कोोई भीी रोोमन मंं दि�र कीी
पवि�त्रताा काा उल्लंं घन नहींं� करताा। जोोसीीफस नेे खुुद , एक अत्यंं त वााक्पटुु अपीील मेंं, उन्हेंं आत्मस-
मर्पपण करनेे, अपनेे शहर और अपनेे पूूजाा स्थल कोो बचाानेे केे लि�ए वि�नतीी कीी। लेेकि�न उसकेे शब्दोंं�
काा जवााब कड़वेे शााप सेे दि�याा गयाा। जब वह उनसेे यााचनाा कर रहाा थाा, उस पर, उनकेे अंंति�म माानव
मध्यस्थ पर, भाालेे फेंंकेे गए। यहूदि�योंं� नेे परमेेश्वर केे पुुत्र कीी यााचनााओंं कोो ठुु कराा दि�याा थाा, और अब
उलााहनाा और वि�नतीी नेे उन्हेंं अंंत तक वि�रोोध करनेे केे लि�ए और अधि�क दृढ़ बनाा दि�याा थाा। मंं दि�र
कोो बचाानेे केे लि�ए तीीतुुस केे प्रयाास व्यर्थथ थेे; एक उससेे अधि�क महाान नेे घोोषणाा कीी थीी कि� एक पत्थर
दूू सरेे पर नहींं� छोोड़ाा जााएगाा।
24 महाान वि�वााद

यहूदीी अधि�काारि�योंं� केे अंंध हठ, और घि�रेे शहर केे भीीतर कि�ए गए घृृणि�त अपरााधोंं� नेे रोोमनोंं�
केे आतंं क और आक्रोोश कोो उत्तेेजि�त कर दि�याा, और अंंत मेंं तीीतुुस नेे आकस्मि�क हमलेे सेे मंं दि�र पर
कब्ज़ाा करनेे काा फैै सलाा कि�याा। हाालाँँ�कि�, उसनेे नि�श्चय कि�याा कि� यदि� संं भव होो तोो इसेे वि�नााश सेे
बचाायाा जाानाा चााहि�ए। लेेकि�न उसकेे आदेेशोंं� कीी अवहेेलनाा कीी गई। राात मेंं जब वह अपनेे डेेरेे मेंं सोोनेे
चलाा गयाा, तोो यहूदि�योंं� नेे मंं दि�र सेे धाावाा बोोलतेे हुए, बााहर सैैनि�कोंं� पर हमलाा कर दि�याा। संं घर्षष मेंं, एक
सैैनि�क द्वााराा ड्योोढ़ीी मेंं एक खुुलीी जगह मेंं सेे एक मशााल फेंंकीी गई, और शीीघ्र पवि�त्र भवन केे चाारोंं� ओर
देेवदाार कीी परत वाालीी कोोठरि�योंं� मेंं आग लग गई। तीीतुुस शीीघ्रताा सेे उस स्थाान पर पहुंंचाा, और उसकेे
सेेनाापति� और सैैनि�क उसकेे पीीछेे -पीीछेे  वहाँँ� आए, और उसनेे सैैनि�कोंं� कोो आग बुुझाानेे काा आदेेश
दि�याा। उसकीी बाातोंं� कीी अवहेेलनाा कीी गई। अपनेे क्रोोध मेंं सैैनि�कोंं� नेे मंं दि�र केे पाास कीी कोोठरि�योंं� मेंं
धधकतीी मशाालेंं फेंंकीी, और जि�न लोोगोंं� नेे वहांं� शरण पााई थीी, उन कोो उन्होंं�नेे अपनीी तलवाारोंं� सेे बड़ीी
संं ख्याा मेंं घाात कि�याा। मंं दि�र कीी सीीढ़ि�योंं� सेे पाानीी कीी तरह खूून बहाा। कई हज़ाार यहूदीी माारेे गए। युुद्ध केे
शोोर सेे भीी ऊँँ चीी, आवााज़ेंं चि�ल्लाातीी हुई सुुनााई दींं�: «इकााबोोद!» - महि�माा चलीी गई।
«तीीतुुस नेे सैैनि�कोंं� केे क्रोोध कोो रोोकनाा असंं भव पाायाा; तब वह अपनेे हााकि�मोंं� केे संं ग भीीतर गयाा,
और उस नेे पवि�त्र भवन केे भीीतरीी भााग काा नि�रीीक्षण कि�याा। वैैभव नेे उन्हेंं आश्चर्यय सेे भर दि�याा; और
क्योंं�कि� लपटेंं अभीी तक पवि�त्र स्थाान मेंं प्रवेेश नहींं� कर पााई थींं�, उसनेे उसेे बचाानेे केे लि�ए अंंति�म प्रयाास
कि�याा, और बााहर नि�कलकर, फि�र सेे सैैनि�कोंं� कोो आग कीी प्रगति� कोो रोोकनेे केे लि�ए प्रोोत्सााहि�त कि�याा।
शतपति� लि�बरेेलि�स नेे अपनेे पद केे अधि�काार सेे बलाात्् आज्ञााकाारि�ताा काा प्रयाास कि�याा; लेेकि�न सम्रााट
केे प्रति� सम्माान भीी यहूदि�योंं� केे प्रति� प्रचंं ड शत्रुुताा, युुद्ध केे उग्र उत्सााह और लूूट कीी अतृृप्त आशाा केे
साामनेे हाार गयाा। सैैनि�कोंं� नेे अपनेे चाारोंं� ओर सब कुु छ सोोनेे सेे दीीप्ति�माान देेखाा, जोो लपटोंं� कीी अद्भु ् ुत
रोोशनीी मेंं चमक रहाा थाा; उनकाा मााननाा थाा कि� पवि�त्र स्थाान मेंं अतुुलनीीय धन रखाा हैै। एक सैैनि�क नेे,
अदृष्ट, एक जलतीी हुई मशााल कोो दरवााज़ेे केे कब्जोंं� केे बीीच झोंं�क दि�याा: एक पल मेंं पूूरीी इमाारत आग
कीी लपटोंं� मेंं घि�र गई। अंंधाा कर देेनेे वाालेे धुुएंं और आग नेे अधि�काारि�योंं� कोो पीीछेे हटनेे केे लि�ए मजबूूर
कर दि�याा, और उस महाान भवन कोो उसकेे भााग्य पर छोोड़ दि�याा गयाा।
«यह रोोमन केे लि�ए एक भयाावह तमााशाा थाा - यह यहूदीी केे लि�ए क्याा थाा? पहााड़ीी काा पूूराा शि�खर
जोो शहर पर पहराा देेताा थाा, एक ज्वाालाामुुखीी कीी तरह धधक रहाा थाा। एक केे बााद एक इमाारतेंं एक
ज़बरदस्त धमााकेे केे सााथ गि�र गईं, और आग कीी खााई मेंं समाा गईं। देेवदाार कीी छतेंं लौौ कीी चाादरोंं�
कीी तरह थींं�; सुुनहरेे शि�खर लााल प्रकााश कीी नोोकदाार छड़ कीी तरह चमक रहीी थींं�; फााटक केे गुुम्मटोंं� सेे
आग और धुुएंं केे ऊँँचेे लााट उठ रहेे थेे। आस पाास कीी पहााड़ि�यांं� रोोशन थींं�; और लोोगोंं� केे नि�रााशााजनक
समूूह वि�नााश कीी प्रगति� कोो भयाानक चिं�तां ा केे सााथ देेखतेे हुए दि�खााई देे रहेे थेे: ऊपरीी शहर कीी दीीवाारोंं�
और ऊंंचााइयोंं� पर चेेहरोंं� कीी भीीड़ थीी, कुु छ नि�रााशाा कीी पीीड़ाा सेे फीीकेे थेे, कुु छ बेेवजह प्रति�शोोध केे सााथ
चि�ल्लाा रहेे थेे। इधर-उधर भााग रहेे रोोमन सैैनि�कोंं� कीी चीीख-पुुकाार, और वि�द्रोोहि�योंं� कीी चि�ल्लााहट, जोो
आग कीी लपटोंं� मेंं मर रहेे थेे, आग कीी लपटोंं� कीी गर्जजन और गि�रतीी लकड़ि�योंं� कीी गड़गड़ााहट केे सााथ
घुुलमि�ल गईं। पहााड़ोंं� कीी ऊंंचााई लोोगोंं� कीी चीीखोंं� सेे गूंं�ज उठीी; दीीवाारोंं� सेे चीीख-पुुकाार और क्रंंदन प्रति�-
ध्वनि�त होो रहाा थाा; जोो लोोग भुुखमरीी सेे मर रहेे थेे, उन्होंं�नेे अपनीी शेेष शक्ति� कोो पीीड़ाा और माायूूसीी कीी
पुुकाार केे उच्चाारण केे लि�ए जुुटाायाा।
यरूशलेम का विना 25

“अंंदर काा नर-संं हाार बााहर केे दृश्य सेे भीी अधि�क भयाानक थाा। पुुरुष और महि�लााएंं , बूूढ़ेे और
जवाान, वि�द्रोोहीी और यााजक, जि�न्होोनेंं मुुकााबलाा कि�याा और जि�न्होोनेंं दयाा कीी यााचनाा कीी, उन्हेंं अंंधााधुंं�ध
नरसंं हाार मेंं कााट दि�याा गयाा। माारेे गए लोोगोंं� कीी संं ख्याा हत्याारोंं� कीी संं ख्याा सेे अधि�क थीी। सेेनाापति�योंं� कोो
नि�र्मूू�लन केे काार्यय कोो ज़ाारीी रखनेे केे लि�ए मृृतकोंं� केे ढेेर पर हााथ-पैैर केे बल कठि�नााई सेे चढ़नाा पड़ाा।”
—मि�लमैैन, द हि�स्ट्रीी� ऑफ द ज्यूूज़, पुुस्तक 16।
मंं दि�र केे वि�नााश केे बााद, पूूराा शहर जल्द हीी रोोमनोंं� केे हााथोंं� मेंं आ गयाा। यहूदि�योंं� केे अधि�काारि�योंं�
नेे अपनेे अभेेद्य दुर्गगु छोोड़ दि�ए, और तीीतुुस नेे उन्हेंं नि�र्जजन पाायाा। उस नेे उन्हेंं चकि�त होोकर देेखाा, और
कहाा, कि� परमेेश्वर नेे उन्हेंं उसकेे हााथोंं� मेंं कर दि�याा हैै; क्योंं�कि� कोोई भीी इंं जन, चााहेे वह कि�तनाा भीी
शक्ति�शाालीी क्योंं� न होो, उन अति� वि�शााल परकोोटोंं� केे खि�लााफ प्रबल नहींं� होो सकताा थाा। नगर और
मन्दि�र दोोनोंं� कीी नींं�व ढाा दीी गई, और जि�स भूूमि� पर पवि�त्र भवन खड़ाा थाा, वह “खेेत कीी नााईं जोोतीी
गई।” यि�र्ममयााह 26:18। घेेरााबंं दीी और उसकेे बााद हुए नरसंं हाार मेंं, एक लााख सेे अधि�क लोोग माारेे
गए; बचेे हुए लोोगोंं� कोो बंं दि�योंं� केे रूप मेंं लेे जाायाा गयाा, गुुलाामोंं� केे रूप मेंं बेेचाा गयाा, वि�जेेताा कीी जीीत
कीी शोोभाा बढ़ाानेे केे लि�ए घसीीट कर रोोम लेे जाायाा गयाा, अखााड़ेे मेंं जंं गलीी जाानवरोंं� केे साामनेे फेंंक दि�याा
गयाा, याा पूूरीी पृृथ्वीी पर बेेघर पथि�कोंं� केे रूप मेंं ति�तर- बि�तर कर दि�याा गयाा।
यहूदि�योंं� नेे अपनीी बेेड़ि�याँँ� गढ़ीी थींं�; उन्होंं�नेे अपनेे लि�ए प्रति�शोोध काा प्याालाा भर लि�याा थाा। एक रााष्ट्रर
केे रूप मेंं उन पर जोो वि�नााश आयाा, और उन सभीी वि�पत्ति�योंं� मेंं, जोो उनकेे ति�तर- बि�तर होोनेे मेंं उनकेे
बााद आई थींं�, वेे केे वल उस फसल कोो कााट रहेे थेे जोो उनकेे अपनेे हााथोंं� नेे बोोई थीी। भवि�ष्यद्वक्ताा कहताा
हैै, «हेे इस्रााएल, तेेरेे वि�नााश काा काारण यह हैै;» «तूू नेे अपनेे अधर्मम केे काारण ठोोकर खााई हैै।» होोशेे
13:9; 14:1। उनकेे कष्टोंं� कोो अक्सर ईश्वर केे प्रत्यक्ष फरमाान द्वााराा उन पर दीी गई सज़ाा केे रूप मेंं
दर्शाा�याा जााताा हैै। ऐसाा इसलि�ए हैै कि� महाान धोोखेेबााज़ अपनेे कााम कोो छुु पाानाा चााहताा हैै। ईश्वरीीय प्रेेम
और दयाा कीी हठपूूर्ववक अस्वीीकृृ ति� केे द्वााराा, यहूदि�योंं� नेे स्वयंं कोो ईश्वर कीी सुुरक्षाा सेे वंं चि�त कर लि�याा
थाा। यरूशलेेम केे वि�नााश मेंं लाागूू कीी गई भयाानक क्रूूरताा उन लोोगोंं� पर शैैताान कीी प्रति�शोोधीी शक्ति� काा
प्रदर्शशन हैै जोो उसकेे नि�यंं त्रण मेंं आ जाातेे हैंं।
हम यह नहींं� जाान सकतेे कि� जि�स शांं�ति� और सुुरक्षाा काा हम आनंं द लेेतेे हैंं, उसकेे लि�ए हम मसीीह
केे प्रति� कि�तनेे ऋणीी हैंं। यह परमेेश्वर कीी प्रति�रोोधक शक्ति� हैै जोो माानव जााति� कोो शैैताान केे नि�यंं त्रण मेंं
पूूरीी तरह सेे चलेे जाानेे सेे रोोकतीी हैै। अवज्ञााकाारीी और कृृ तघ्न लोोगोंं� केे पाास ईश्वर कीी दयाा और दुष्ु ट
कीी क्रूूर, घाातक शक्ति� कोो रोोकनेे केे लि�ए लंं बेे समय तक कृृ तज्ञताा काा बहुत बड़ाा काारण हैै। लेेकि�न जब
मनुुष्य ईश्वरीीय सहनशीीलताा कीी सीीमाा कोो पाार कर जााताा हैै, तोो वह प्रति�रोोध हट जााताा हैै। परमेेश्वर
पाापीी कीी ओर अपरााध केे वि�रुद्ध दण्ड केे जल्लााद केे रूप मेंं खड़ाा नहींं� होोताा हैै; परन्तुु जोो कुु छ उन्होंं�नेे
बोोयाा हैै उसेे कााटनेे केे लि�ए वह उस करूणाा कोो ठुु कराानेेवाालोंं� कोो उन्हींं� पर छोोड़ देेताा हैै। अस्वीीकृृ त कीी
गई प्रकााश कीी हर कि�रण, ति�रस्कृृत याा अनसुुनाा कर दीी गई हर चेेताावनीी, हर आसक्त जुुनूून, परमेे-
श्वर कीी व्यवस्थाा काा हर उल्लंं घन, एक बोोयाा गयाा बीीज हैै जोो अपनीी अटूू ट फसल देेताा हैै। परमेेश्वर
काा आत्माा, जि�सकाा लगााताार वि�रोोध कि�याा जााताा हैै, अंंत मेंं पाापीी सेे वाापस लेे लीी जााताा हैै, और फि�र
आत्माा कीी दुष्ु ट भाावनााओंं कोो नि�यंं त्रि�त करनेे कीी कोोई शक्ति� नहींं� बचतीी हैै, और शैैताान केे द्वेेष और
शत्रुुताा सेे कोोई सुुरक्षाा नहींं� रहतीी। यरूशलेेम काा वि�नााश उन सभीी केे लि�ए एक भयाानक और गंं भीीर
26 महाान वि�वााद

चेेताावनीी हैै, जोो ईश्वरीीय अनुुग्रह केे प्रस्ताावोंं� कोो गंं भीीरताा सेे नहींं� लेेतेे हैंं और ईश्वरीीय दयाा कीी वि�नतीी
काा वि�रोोध करतेे हैंं। पााप केे प्रति� परमेेश्वर कीी घृृणाा और दोोषि�योंं� पर पड़नेे वाालेे नि�श्चि�ित दंंड केे लि�ए
इससेे अधि�क नि�र्णाा�यक गवााहीी कभीी नहींं� दीी गई थीी।
यरूशलेेम पर न्यााय केे आगमन केे बाारेे मेंं उद्धाारकर्ताा� कीी भवि�ष्यद्वााणीी कीी एक और पूूर्ति� कीी हैै,
जि�समेंं सेे वह भयाानक वीीराानीी केे वल एक धुंं�धलीी छाायाा थीी। चुुनेे हुए शहर केे भााग्य मेंं हम एक ऐसेे
संं साार कीी नि�यति� कोो देेख सकतेे हैंं जि�सनेे परमेेश्वर कीी दयाा कोो ठुु कराा दि�याा हैै और उसकीी व्यवस्थाा
कोो रौंं�द डाालाा हैै। अपरााध कीी अपनीी लंं बीी सदि�योंं� केे दौौराान, संं साार द्वााराा देेखेे गए माानव दुख ु केे प्रमााण
नि�रााशााजनक हैंं। हृदय खि�न्न होो जााताा हैै, और चि�न्तन मेंं बुुद्धि� मंं द होो जाातीी हैै। स्वर्गग केे अधि�काार कोो
अस्वीीकाार करनेे केे परि�णााम भयाानक रहेे हैंं। लेेकि�न भवि�ष्य केे खुुलाासेे मेंं एक और भीी गहराा दृश्य
प्रस्तुुत कि�याा गयाा हैै। अतीीत केे अभि�लेेख, - हंंगाामेे, संं घर्षोंं और क्रांं�ति�योंं� काा लंं बाा जुुलूूस, «युुद्ध मेंं
लड़नेेवाालेे सि�पााहि�योंं� ...........कोोलााहल और लहू मेंं लथड़ेे हुए कपड़ेे» (यशाायााह 9:5), -जब परमेे-
श्वर काा प्रति�रोोधक आत्माा दुष्ु टोंं� सेे पूूरीी तरह सेे हटाा लि�याा जााएगाा, जब माानव जुुनूून और शैैताानीी क्रोोध
केे प्रकोोप कोो रोोकनेे केे लि�ए नहींं� रहेेगाा- उस दि�न कीी भयाावहताा कीी तुुलनाा मेंं येे क्याा हैंं! तब संं साार
शैैताान केे शाासन केे परि�णाामोंं� कोो देेखेेगाा, जैैसाा उसनेे पहलेे कभीी नहींं� देेखाा थाा।
परन्तुु उस दि�न, जैैसेे यरूशलेेम केे वि�नााश केे समय मेंं, परमेेश्वर केे लोोग छुु ड़ााए जााएंं गे,े जि�तनेे जीीवतोंं�
मेंं लि�खेे हुए पााए जााएंं गे।े यशाायााह 4:3। मसीीह नेे घोोषणाा कीी हैै कि� वह अपनेे वफाादाार लोोगोंं� कोो अपनेे
पाास इकट्ठाा करनेे केे लि�ए दूू सरीी बाार आएगाा: «तब पृृथ्वीी केे सब कुु लोंं� केे लोोग छाातीी पीीटेंंगे;े और मनुुष्य
केे पुुत्र कोो बड़ीी साामर्थ्यय और ऐश्‍‍वर्यय केे सााथ आकााश केे बाादलोंं� पर आतेे देेखेंगें ।े वह तुुरहीी केे बड़ेे शब्द
केे सााथ अपनेे दूू तोंं� कोो भेेजेगाे ा, और वेे आकााश केे इस छोोर सेे उस छोोर तक, चाारोंं� दि�शााओंं सेे उसकेे चुुनेे
हुओंं कोो इकट्ठाा करेंंगे।े « मत्तीी 24:30, 31। तब जोो लोोग सुुसमााचाार काा पाालन नहींं� करतेे, वेे उसकेे मुंं�ह
कीी फूँँ� क सेे भस्म होो जााएंं गेे और उसकेे आगमन केे तेेज सेे भस्म होो जााएंं गे।े 2 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 2:8। पुुराानेे
समय केे इस्रााएल कीी नााई दुष्ु ट भीी अपनेे आप कोो नष्ट करतेे हैंं; वेे अपनेे अधर्मम केे काारण गि�र जाातेे हैंं।
पाापमय जीीवन केे काारण, उन्होंं�नेे परमेेश्वर केे सााथ साामंं जस्य सेे इतनाा अलग कर लि�याा हैै, उनकीी प्रकृृ ति�
बुुरााई सेे इतनीी खरााब होो गई हैै कि� उसकीी महि�माा काा प्रकटीीकरण उनकेे लि�ए भस्म करनेे वाालीी आग हैै।
मनुुष्योंं� कोो साावधाान रहनाा चााहि�ए कि� कहींं� वेे मसीीह केे वचनोंं� मेंं उन्हेंं दि�ए गए सबक कीी उपेेक्षाा न
करेंं। जैैसेे उसनेे अपनेे चेेलोंं� कोो यरूशलेेम केे वि�नााश कीी चेेताावनीी दीी, और उन्हेंं आनेे वाालेे वि�नााश काा
संं केे त दि�याा, तााकि� वेे बच सकेंं ; वैैसेे हीी उस नेे मनुुष्य जााति� कोो अन्ति�म वि�नााश केे दि�न कीी चि�तौौनीी दीी
और उन्हेंं उसकेे आनेे केे संं केे त दि�ए हैंं, तााकि� वेे सभीी जोो चााहेंं, आनेे वाालेे सेे भााग सकेंं । यीीशुु घोोषणाा
करताा हैै: «सूूरज, और चाँँ�द , और ताारोंं� मेंं चि�ह्न दि�खााई देंंगेे; और पृृथ्वीी पर देेश–देेश केे लोोगोंं� कोो
संं कट होोगाा।» लूूकाा 21:25; मत्तीी 24:29; मरकुु स 13:24-26; प्रकााशि�तवााक्य 6:12-17। जोो
लोोग उसकेे आगमन केे इन अग्रदूू तोंं� कोो देेखतेे हैंं, उन्हेंं «यह जाान लेेनाा चााहि�ए कि� वह नि�कट हैै, वरन
द्वाारोंं� पर भीी।» मत्तीी 24:33। «इसलि�येे जाागतेे रहोो,» उसकीी चेेताावनीी केे शब्द हैंं। मरकुु स 13:35।
जोो चेेताावनीी पर ध्याान देंंगेे, वेे अन्धकाार मेंं न रहेंंगेे, कि� वह दि�न अनजाानेे मेंं उन पर आ पड़ेे। परन्तुु
जोो जाागतेे और साावधाान नहींं� रहेंंगेे, «जैैसाा राात कोो चोोर आताा हैै, वैैसाा हीी प्रभुु काा दि�न आनेेवाालाा हैै।»
1 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 5:2-5।
यरूशलेम का विना 27

दुनि�या
ु ा इस समय केे लि�ए संं देेश कोो श्रेेय देेनेे केे लि�ए उतनीी हीी तैैयाार हैै, जि�तनाा कि� यहूदीी
यरूशलेेम केे बाारेे मेंं उद्धाारकर्ताा� कीी चेेताावनीी प्रााप्त करनेे केे लि�ए थेे। जब भीी आए, ईश्वर काा दि�न
अधर्मि�योंं� केे लि�ए अप्रत्यााशि�त रूप सेे आएगाा। जब जीीवन अपनेे अपरि�वर्ततनशीील दौौर मेंं चल रहाा हैै;
जब मनुुष्य आनंं द मेंं, व्याापाार मेंं, यााताायाात मेंं, धन कमाानेे मेंं लीीन हैै; जब धर्ममगुुरु संं साार कीी प्रगति� और
ज्ञाान कोो बढ़ाा-चढ़ााकर दि�खाा रहेे हैंं, और लोोगोंं� कोो यह वि�श्वाास दि�लाायाा गयाा हैै कि� वेे सुुरक्षि�त हैंं, जब वेे
सुुरक्षि�त नहींं� हैंं -फि�र, जैैसेे आधीी राात चोोर बि�नाा पहरेे केे घर मेंं चोोरीी करताा हैै, वैैसेे हीी असाावधाान और
अधर्मीी लोोगोंं� पर अचाानक वि�नााश आ जााएगाा, «और वेे बच नहींं� पााएंं गेे।» पद 3।
2

पहलीी शतााब्दीी मेंं सतााव

ज ब यीीशुु नेे अपनेे शि�ष्योंं� कोो यरूशलेेम केे भााग्य और दूू सरेे आगमन केे दृश्योंं� केे बाारेे मेंं बताायाा,
उसनेे उसकेे अपनेे लोोगोंं� सेे अलग कर दि�ए जाानेे केे समय सेे लेेकर उनकेे उद्धाार केे लि�ए शक्ति�
और महि�माा मेंं उसकीी वाापसीी केे समय तक केे उनकेे अनुुभव कीी भीी भवि�ष्यद्वााणीी भीी कीी। जैैतूून केे
पहााड़ सेे उद्धाारकर्ताा� नेे प्रेेरि�ति�क कलीीसि�याा पर अचाानक आनेे वाालेे तूूफाानोंं� कोो देेखाा; और भवि�ष्य
मेंं गहरााई सेे प्रवेेश करतेे हुए, उसकीी आंंख नेे भयंं कर, बर्बाा�द करनेे वाालेे तूूफाानोंं� कोो देेखाा जोो आनेे
वाालेे अंंधकाार और उत्पीीड़न केे युुग मेंं उसकेे अनुुयाायि�योंं� पर पड़नेे वाालेे थेे। वि�स्मयकाारीी महत्व केे
कुु छ संं क्षि�प्त शब्दोंं� मेंं उसनेे उस भााग कीी भवि�ष्यद्वााणीी कीी थीी जोो इस दुनि�या ु ा केे शाासक परमेेश्वर
कीी कलीीसि�याा पर प्रभााव मेंं लाानेे वाालेे थेे। मत्तीी 24:9, 21, 22। मसीीह केे अनुुयाायि�योंं� कोो अपमाान,
ति�रस्काार और पीीड़ाा केे उसीी माार्गग पर चलनाा होोगाा जि�स पर उनकाा गुुरु चलाा थाा। दुनि�या ु ा केे उद्धाारक केे
प्रति� जोो दुश्म ु नीी एकााएक प्रकट हुई, वह उन सब पर प्रकट होोगीी जोो उसकेे नााम पर वि�श्वाास करेंंगेे।
प्राारंं भि�क कलीीसि�याा काा इति�हाास उद्धाारकर्ताा� केे वचनोंं� कीी पूूर्ति� कीी गवााहीी देेताा हैै। पृृथ्वीी और
नरक कीी शक्ति�योंं� नेे मसीीह केे अनुुयाायि�योंं� केे रूप मेंं स्वयंं कोो उसकेे वि�रुद्ध खड़ाा कर लि�याा। बुुतप-
रस्तीी नेे पूूर्वाा�नुुमाान लगाायाा कि� यदि� सुुसमााचाार कीी वि�जय होोतीी हैै, तोो उसकेे मंं दि�र और वेेदि�याँँ� नष्ट
होो जााएंं गेे; इसलि�ए उसनेे ईसााई धर्मम कोो नष्ट करनेे केे लि�ए अपनीी सेेनाा कोो बुुलाायाा। प्रतााड़नाा कीी
आग लगााई गई। मसीीहि�योंं� सेे उनकीी संं पत्ति� छीीन लीी गई और उन्हेंं उनकेे घरोंं� सेे खदेेड़ दि�याा गयाा।
वेे “दु:ु खोंं� केे बड़ेे संं घर्षष मेंं स्थि�र रहेे।” इब्राानि�योंं� 10:32। कई «ठट्ठोंं� मेंं उड़ााए जाानेे; और कोोड़ेे खाानेे
वरन्् बाँँ�धेे जाानेे, और कैै द मेंं पड़नेे केे द्वााराा परखेे गए।» इब्राानि�योंं� 11:36। बड़ीी संं ख्याा मेंं लोोगोंं� नेे
अपनीी गवााहीी कोो अपनेे बलि�दाान सेे सुुनि�श्चि�ित कि�याा। कुु लीीन और दाास, अमीीर और गरीीब, वि�द्वाान
और अज्ञाानीी, बि�नाा दयाा केे समाान रूप सेे माारेे गए।
लगभग पौौलुुसस कीी शहाादत केे समय, नीीरोो केे अधीीन शुुरू हुए येे उत्पीीड़न सदि�योंं� तक कम याा
और अधि�क रोोष केे सााथ ज़ाारीी रहेे। मसीीहि�योंं� पर सबसेे भयाानक अपरााधोंं� काा झूठाू ा आरोोप लगाायाा
गयाा और उन्हेंं बड़ीी आपदााओंं - अकााल, महाामाारीी और भूूकंंप काा काारण घोोषि�त कि�याा गयाा। क्योंं�कि�
पहली शताब्दीमें स 29

वेे लोोक-सम्मत घृृणाा और संं देेह केे पाात्र बन गए, मुुखबि�र लााभ केे लि�ए, नि�र्दोोष कोो धोोखाा देेनेे केे लि�ए
ु न और समााज केे लि�ए कीीट केे रूप मेंं उनकीी निं�दां ा
तैैयाार खड़ेे थेे। सााम्रााज्य केे प्रति� वि�द्रोोहीी, धर्मम केे दुश्म
कीी गई। बड़ीी संं ख्याा मेंं लोोगोंं� कोो जंं गलीी जाानवरोंं� केे साामनेे फेंंक दि�याा गयाा याा अखााड़ोंं� मेंं ज़ि�न्दाा जलाा
दि�याा गयाा। कुु छ कोो सूूलीी पर चढ़ाा दि�याा गयाा; दूू सरोंं� कोो जंं गलीी जाानवरोंं� कीी खााल सेे ढांं�क कर कुु त्तोंं�
द्वााराा फााड़ेे जाानेे केे लि�ए अखााड़ेे मेंं फेंंक दि�याा गयाा थाा। साार्ववजनि�क समाारोोहोंं� मेंं उनकीी सज़ाा कोो अक्सर
मुुख्य मनोोरंंजन बनाायाा जााताा थाा। इस नज़ाारेे काा आनंं द लेेनेे केे लि�ए बड़ीी संं ख्याा मेंं लोोग इकट्ठाा होोतेे थेे
और हँँसीी और ताालि�योंं� केे सााथ उनकीी मृृत्युु कीी पीीड़ाा काा स्वाागत करतेे थेे।
वेे जहाँँ� कहींं� भीी शरण लेेतेे थेे, मसीीह केे अनुुयाायि�योंं� काा शि�काार केे जाानवरोंं� कीी तरह शि�काार
कि�याा जााताा थाा। वेे सुुनसाान और एकाान्त स्थाानोंं� मेंं छि�पनेे केे लि�ए वि�वश होो जाातेे थेे। «वेे कंं गाालीी मेंं,
और क्लेेश मेंं, और दु:ु ख भोोगतेे हुए; (संं साार उनकेे योोग्य न थाा:) जंं गलोंं�, और पहााड़ोंं�, और गुुफााओंं
मेंं, और पृृथ्वीी कीी दराारोंं� मेंं भटकतेे फि�रेे।» पद 37,38। कब्रोंं� केे तहखाानोंं� नेे ज़ि�न्दाा लोोगोंं� कोो आश्रय
दि�याा। रोोम शहर केे बााहर कीी पहााड़ि�योंं� केे नीीचेे, लंं बीी दीीर्घाा�ओं ं कोो पृृथ्वीी और चट्टाान केे राास्तेे सेे सुुरंंग
बनाायाा गयाा थाा; माार्गोंं काा अंंधेराे ा और जटि�ल नेेटवर्कक शहर कीी दीीवाारोंं� सेे परेे मीीलोंं� तक फैै लाा हुआ
हैै। इन भूूमि�गत एकाान्त स्थाानोंं� मेंं मसीीह केे अनुुयाायीी अपनेे मृृतकोंं� कोो दफनाातेे थेे; और यहाँँ� भीी, जब
उन पर संं देेह जााताा थाा और उन्हेंं वर्जि�त कि�याा जााताा थाा, उन्हेंं एक घर मि�लताा थाा। जब जीीवन देेनेे
वाालाा उन लोोगोंं� कोो जगााएगाा जि�न्होंं�नेे अच्छीी लड़ााई लड़ीी हैै, तोो मसीीह केे लि�ए कई शहीीद उन उदाास
गुुफााओंं सेे नि�कलेंंगेे।
भीीषण उत्पीीड़न केे तहत यीीशुु केे इन गवााहोंं� नेे अपनेे वि�श्वाास कोो बेेदााग रखाा। हाालाँँ�कि� हर सुुख-
सुुवि�धाा सेे वंं चि�त, सूूरज कीी रोोशनीी सेे दूू र, अपनेे घर कोो धरतीी कीी अंंधेरीे ी लेेकि�न मैैत्रीीपूूर्णण गोोद मेंं
बनााकर, उन्होंं�नेे कोोई शि�काायत नहींं� कीी। वि�श्वाास, धैैर्यय और आशाा केे शब्दोंं� केे सााथ उन्होंं�नेे एक दूू सरेे
कोो कष्ट और संं कट सहनेे केे लि�ए प्रोोत्सााहि�त कि�याा। हर सांं�साारि�क आशीीर्वाा�द काा नुुकसाान उन्हेंं मसीीह
मेंं अपनेे वि�श्वाास कोो त्याागनेे केे लि�ए वि�वश नहींं� कर सकाा। परीीक्षण और उत्पीीड़न उन्हेंं उनकेे वि�श्रााम
और उनकेे पुुरस्काार केे करीीब लाानेे वाालेे कदम थेे।
परमेेश्वर केे पूूर्वव सेेवकोंं� कीी तरह, बहुत सेे लोोग «माार खाातेे खाातेे मर गए और छुु टकााराा न चााहाा,
इसलि�येे कि� उत्तम पुुनरुत्थाान केे भाागीी होंं�।» पद 35। इससेे उन्हेंं अपनेे स्वाामीी केे शब्द यााद आए, कि�
जब उन्हेंं मसीीह केे लि�ए सताायाा जााए, उन्हेंं बहुत आनंं दि�त होोनाा थाा, क्योंं�कि� स्वर्गग मेंं उनकाा प्रति�फल
बहुत होोगाा; क्योंं�कि� इस प्रकाार उनसेे पहलेे भवि�ष्यद्वक्ताा सतााए गए थेे। वेे आनन्दि�त हुए कि� वेे सत्य
केे लि�ए पीीड़ि�त होोनेे केे योोग्य माानेे गए थेे, और भड़कतीी लपटोंं� केे बीीच सेे वि�जय केे गीीत सुुनााई दि�ए।
वि�श्वाास सेे ऊपर कीी ओर देेखतेे हुए, उन्होंं�नेे मसीीह और स्वर्गगदूू तोंं� कोो उन्हेंं गहरीी दि�लचस्पीी और
उनकीी दृढ़ताा केे बाारेे मेंं अनुुमोोदन केे सााथ वि�चाार करतेे हुए स्वर्गग केे परकोोटोंं� केे ऊपर झुुकेे हुए देेखाा।
उन्होंं�नेे परमेेश्वर केे सिं�हां ासन सेे एक आवााज़ सुुनीी: «प्रााण देेनेे तक वि�श्‍‍वाासीी रह, तोो मैंं तुुझेे जीीवन
काा मुुकुुट दूँँ� गाा।» प्रकााशि�तवााक्य 2:10।
हिं�सां ा केे द्वााराा मसीीह कीी कलीीसि�याा कोो नष्ट करनेे केे शैैताान केे प्रयाास व्यर्थथ थेे। यीीशुु केे शि�ष्योंं� नेे
जि�स महाान वि�वााद मेंं अपनेे प्रााणोंं� कीी आहुति� दीी, वह तब समााप्त नहींं� हुआ जब येे वफाादाार ध्वज-
वााहक अपनेे स्थाान पर परााजि�त हुए। परााजय सेे उन्होंं�नेे वि�जय प्रााप्त कीी। परमेेश्वर केे कााम करनेेवाालेे
30 महाान वि�वााद

माारेे गए, लेेकि�न उसकाा कााम लगााताार आगेे बढ़ताा गयाा। सुुसमााचाार काा प्रसाार जाारीी रहाा और इसकेे
अनुुयाायि�योंं� कीी संं ख्याा मेंं वृृद्धि� हुई। यह उन क्षेेत्रोंं� मेंं पहुँँच गयाा जोो रोोम कीी चीीलोंं� केे लि�ए भीी दुर्गगु म थेे।
उत्पीीड़न कोो आगेे बढ़ाानेे काा आग्रह करनेे वाालेे अन्यजााति�योंं� केे शाासकोंं� केे सााथ व्यााख्याा करतेे हुए,
एक मसीीहीी नेे कहाा: आप «हमेंं माार सकतेे हैंं, हमेंं याातनाा देे सकतेे हैंं, हमेंं अपरााधीी ठहराा सकतेे हैंं...
आपकाा अन्यााय इस बाात काा प्रमााण हैै कि� हम नि�र्दोोष हैंं
... नाा हीी तेेरीी क्रूूरताा... तुुझेे फाायदाा होोताा हैै। « यह दूू सरोंं� कोो अपनेे व्यक्ति�गत वि�श्वाास मेंं लाानेे केे लि�ए
एक प्रभाावशाालीी नि�मंं त्रण थाा। “जि�तनीी बाार हम तुुम्हाारेे द्वााराा कााटेे जाातेे हैंं, उतनीी हीी अधि�क संं ख्याा मेंं हम
बढ़तेे हैंं; मसीीहि�योंं� काा लहू बीीज हैै।”—टरटुुलि�यन, अपोोलोोजीी, परि�च्छेे द 50।
हज़ाारोंं� कोो कैै द कर लि�याा गयाा और माार डाालाा गयाा, लेेकि�न अन्य लोोग उनकेे स्थाान कोो भरनेे केे
लि�ए उठ खड़ेे हुए। और जोो अपनेे वि�श्वाास केे लि�ए शहीीद हुए थेे, वेे मसीीह मेंं सुुरक्षि�त होो गए और
उसकेे द्वााराा उन्हेंं वि�जेेताा केे रूप मेंं गि�नाा गयाा। उन्होंं�नेे अच्छीी लड़ााई लड़ीी थीी, और मसीीह केे आनेे पर
उन्हेंं महि�माा काा मुुकुुट प्रााप्त होोनाा थाा। उन्होंं�नेे जोो कष्ट सहेे, वह मसीीहि�योंं� कोो एक-दूू सरेे केे और उनकेे
मुुक्ति�दााताा केे करीीब लेे आए। उनकाा जीीताा जाागताा उदााहरण और मरणाासन्न गवााहीी सत्य केे नि�रंंतर
सााक्षीी थेे; और जहाँँ� कम सेे कम उम्मीीद थीी, शैैताान कीी प्रजाा उसकीी सेेवाा-टहल छोोड़कर मसीीह कीी
पहचाान केे तहत शाामि�ल होो रहेे थेे।
इसलि�ए शैैताान नेे मसीीहीी कलीीसि�याा मेंं अपनीी पहचाान स्थाापि�त करकेे परमेेश्वर कीी सरकाार केे
वि�रुद्ध और अधि�क सफलताापूूर्ववक युुद्ध करनेे कीी अपनीी योोजनाा बनााई। यदि� मसीीह केे अनुुयाायि�योंं� कोो
धोोखाा दि�याा जाा सकताा हैै और परमेेश्वर कोो अप्रसन्न करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा जाा सकताा हैै, तोो उनकीी
तााकत, धैैर्यय और दृढ़ताा वि�फल होो जााएगीी, और वेे एक आसाान शि�काार बन जााएंं गेे।
महाान वि�रोोधीी नेे अब धूूर्ततताा सेे वह हाासि�ल करनेे काा प्रयाास कि�याा जि�सेे वह बल द्वााराा हाासि�ल करनेे
मेंं वि�फल रहाा थाा। उत्पीीड़न बंं द होो गयाा, और इसकेे स्थाान पर अस्थाायीी समृृद्धि� और सांं�साारि�क सम्माान
केे खतरनााक प्रलोोभनोंं� कोो प्रति�स्थाापि�त कि�याा गयाा। मूूर्ति�पूूजकोंं� कोो मसीीहीी वि�श्वाास काा एक हि�स्साा
प्रााप्त करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा गयाा, जबकि� उन्होंं�नेे अन्य आवश्यक सत्योंं� कोो अस्वीीकाार कर दि�याा।
वेे यीीशुु कोो परमेेश्वर केे पुुत्र केे रूप मेंं स्वीीकाार करनेे और उसकीी मृृत्युु और पुुनरुत्थाान मेंं वि�श्वाास करनेे
काा दाावाा करतेे थेे, लेेकि�न उन्होंं�नेे पााप कीी भयाावहताा काा अनुुभव नहींं� कि�याा और पश्चाातााप याा हृदय
परि�वर्ततन कीी कोोई आवश्यकताा महसूूस नहींं� कीी। अपनीी ओर सेे कुु छ रि�याायतोंं� केे सााथ उन्होंं�नेे प्रस्ताा-
वि�त कि�याा कि� मसीीहि�योंं� कोो रि�याायतेंं देेनीी चााहि�ए, तााकि� सभीी मसीीह मेंं वि�श्वाास केे मंं च पर एकजुुट
होो सकेंं ।
अब कलीीसि�याा भयाानक संं कट मेंं थीी। इसकीी तुुलनाा मेंं कााराागाार, याातनाा, अग्नि�ि और तलवाार
वरदाान थेे। कुु छ मसीीहीी अडि�ग रहेे, यह घोोषणाा करतेे हुए कि� वेे समझौौताा नहींं� कर
सकतेे। अन्य अपनेे वि�श्वाास कीी कुु छ वि�शेेषतााओंं कोो प्रस्तुुत करनेे याा संं शोोधि�त करनेे और उन
लोोगोंं� केे सााथ एकजुुट होोनेे केे पक्ष मेंं थेे जि�न्होंं�नेे मसीीहीी धर्मम केे एक हि�स्सेे कोो स्वीीकाार कर लि�याा थाा,
यह आग्रह करतेे हुए कि� यह उनकेे पूूर्णण रूपांं�तरण काा सााधन होो सकताा हैै। वह मसीीह केे वफाादाार
अनुुयाायि�योंं� केे लि�ए तीीव्र व्यथाा काा समय थाा। तथाा-कथि�त मसि�हि�यत कीी आड़ मेंं, शैैताान उनकेे मन
कोो सत्य केे वचन सेे दूू र करनेे केे लि�ए स्वयंं कोो कलीीसि�याा मेंं पैैठाा रहाा थाा।
पहली शताब्दीमें स 31

अधि�कांं�श मसीीहि�योंं� नेे अंंततःः अपनेे माानदंंड कोो कम करनेे केे लि�ए सहमति� देे दीी, और मसीीहीी
धर्मम और बुुतपरस्तीी केे बीीच एक संं घ काा गठन कि�याा गयाा। हाालाँँ�कि� मूूर्ति�योंं� केे उपाासकोंं� नेे परि�वर्ति�त
होोनेे और कलीीसि�याा केे सााथ एकजुुट होोनेे काा दाावाा कि�याा, फि�र भीी वेे केे वल अपनीी पूूजाा कीी वस्तुुओं ं
कोो यीीशुु कीी, और यहाँँ� तक कि� मरि�यम और संं तोंं� कीी भीी छवि�योंं� मेंं बदल कर, मूूर्ति�पूूजाा कोो दृढ़ताा
सेे पकड़ेे रहेे। इस प्रकाार कलीीसि�याा मेंं लााई गई मूूर्ति�पूूजाा केे दुर्गंंु धयुुक्त खमीीर नेे अपनाा घाातक काार्यय
ज़ाारीी रखाा। उसकेे वि�श्वाास और पूूजाा मेंं गलत सि�द्धांं�त, अंंधवि�श्वाासीी संं स्काार और मूूर्ति�पूूजक प्रथााएँँ
सम्मि�लि�त होो गए। जैैसेे हीी मसीीह केे अनुुयाायीी मूूर्ति�पूूजकोंं� केे सााथ एकजुुट हुए, मसीीहीी धर्मम भ्रष्ट होो
गयाा, और कलीीसि�याा नेे अपनीी पवि�त्रताा और शक्ति� खोो दीी। हाालांं�कि�, कुु छ ऐसेे भीी थेे जोो इन भ्रमोंं� सेे
गुुमरााह नहींं� हुए थेे। उन्होंं�नेे अभीी भीी सत्य केे प्रवर्ततक केे प्रति� अपनीी नि�ष्ठाा बनााए रखीी और केे वल
परमेेश्वर कीी पूूजाा कीी।
मसीीह केे अनुुयाायीी होोनेे काा दाावाा करनेे वाालोंं� मेंं सदैैव दोो वर्गग रहेे हैंं। जबकि� एक वर्गग उद्धाारकर्ताा� केे
जीीवन काा अध्ययन करताा हैै और अपनेे दोोषोंं� कोो सुुधाारनेे और स्वरूप केे अनुुरूप होोनेे काा ईमाानदाारीी सेे
प्रयाास करताा हैै, दूू सराा वर्गग उन स्पष्ट, व्याावहाारि�क सत्योंं� सेे दूू र रहताा हैै जोो उनकेे भ्रमोंं� कोो उजाागर करतेे
हैंं। यहांं� तक कि� उसकीी सबसेे अच्छीी अवस्थाा मेंं भीी कलीीसि�याा पूूरीी तरह सेे उससेे नहींं� बनीी थीी जोो खराा,
शुुद्ध और नि�ष्कपट थाा। हमाारेे उद्धाारकर्ताा� नेे सि�खाायाा कि� जोो लोोग जाानबूूझ कर पााप मेंं लि�प्त होोतेे हैंं उन्हेंं
कलीीसि�याा मेंं स्वीीकाार नहींं� कि�याा जाानाा चााहि�ए; फि�र भीी वह उन लोोगोंं� सेे जुुड़ाा जोो चरि�त्र मेंं दोोषपूूर्णण थेे,
और उन्हेंं अपनीी शि�क्षााओंं और उदााहरण कीी सुुवि�धाा दीी, तााकि� उन्हेंं अपनीी त्रुुटि�योंं� कोो देेखनेे और उन्हेंं
सुुधाारनेे काा अवसर मि�ल सकेे । बाारह प्रेेरि�तोंं� मेंं सेे एक वि�श्वाासघाातीी थाा। यहूदाा कोो उसकेे चरि�त्र दोोषोंं�
केे काारण नहींं�, बल्कि� उनकेे बाावजूूद स्वीीकाार कि�याा गयाा थाा। वह शि�ष्योंं� केे सााथ सम्बद्ध कि�याा गयाा थाा,
तााकि�, मसीीह केे नि�र्देेश और उदााहरण केे मााध्यम सेे, वह सीीख सकेे कि� मसीीहीी चरि�त्र काा गठन कि�स सेे
होोताा हैै, और इस प्रकाार अपनीी त्रुुटि�योंं� कोो देेखनेे केे लि�ए, पश्चाातााप करनेे केे लि�ए, और ईश्वरीीय अनुुग्रह
कीी सहाायताा सेे, «सत्य काा पाालन करनेे मेंं» अपनीी आत्माा कोो शुुद्ध करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा जाा सकेे ।
लेेकि�न यहूदाा उस प्रकााश मेंं नहींं� चलाा, जि�सेे इतनीी कृृ पाा सेे उस पर चमकनेे दि�याा गयाा थाा। पााप मेंं लि�प्त
होोकर उसनेे शैैताान केे प्रलोोभनोंं� कोो आमंं त्रि�त कि�याा। उसकेे चरि�त्र केे बुुरेे लक्षण प्रबल होो गए। उसनेे
अपनेे मन कोो अंंधकाार कीी शक्ति�योंं� केे नि�यंं त्रण मेंं देे दि�याा, जब उसकेे दोोषोंं� काा निं�दां ा कीी जाातीी थीी वह
क्रोोधि�त होो जााताा थाा, और इस प्रकाार वह अपनेे गुुरु कोो धोोखाा देेनेे काा भयाानक अपरााध करनेे केे लि�ए
प्रेेरि�त होो गयाा। तोो क्याा वेे सभीी जोो धाार्मि�कताा केे ढोंं�ग केे तहत बुुरााई कोो पाालतेे हैंं, उनसेे घृृणाा करतेे हैंं
जोो उनकेे पााप केे माार्गग कीी निं�दां ा करकेे उनकीी शांं�ति� भंं ग करतेे हैंं। जब एक अनुुकूूल अवसर प्रस्तुुत कि�याा
जााताा हैै, तोो वेे, यहूदाा कीी तरह, उन लोोगोंं� केे सााथ वि�श्वाासघाात करेंंगे,े जि�न्होंं�नेे उनकीी भलााई केे लि�ए
उन्हेंं तााड़नाा देेनेे कीी कोोशि�श कीी हैै।
प्रेेरि�तोंं� नेे कलीीसि�याा मेंं उन लोोगोंं� काा साामनाा कि�याा जि�न्होंं�नेे गुुप्त रूप सेे अधर्मम कोो पोोषि�त करतेे हुए
धाार्मि�कताा काा दाावाा कि�याा थाा। हनन्यााह और सफीीराा नेे परमेेश्वर केे लि�ए एक संं पूूर्णण बलि�दाान करनेे काा
ढोंं�ग करतेे हुए, धोोखेेबााज़ोंं� कीी भूूमि�काा नि�भााई, जब वेे लाालच सेे अपनेे लि�ए एक हि�स्साा दबाा कर रख
रहेे थेे। सत्य कीी आत्माा नेे प्रेेरि�तोंं� कोो इन ढोंं�गि�योंं� केे वाास्तवि�क चरि�त्र कोो प्रकट कि�याा, और परमेेश्वर केे
नि�र्णणयोंं� नेे कलीीसि�याा कोो उसकीी पवि�त्रताा पर लगेे इस कलंं क सेे छुु टकााराा दि�लाायाा। कलीीसि�याा मेंं भेेदक
32 महाान वि�वााद

आत्माा काा यह वि�शि�ष्ट सबूूत पााखंं डि�योंं� और कुु कर्मि�योंं� केे लि�ए एक आतंं क थाा। वेे लंं बेे समय तक उन
लोोगोंं� केे संं पर्कक मेंं नहींं� रह सकेे , जोो आदत और स्वभााव मेंं, मसीीह केे अपरि�वर्ततनशीील प्रति�नि�धि� थेे;
और जब उसकेे अनुुयाायि�योंं� पर परीीक्षण और उत्पीीड़न आयाा, तोो केे वल वेे हीी जोो सत्य केे लि�ए सब कुु छ
त्याागनेे कोो तैैयाार थेे, उसकेे शि�ष्य बननाा चााहतेे थेे। इस प्रकाार, जब तक उत्पीीड़न ज़ाारीी रहाा, कलीीसि�याा
तुुलनाात्मक रूप सेे शुुद्ध बनीी रहीी। लेेकि�न जैैसेे हीी यह बंं द हुआ, धर्माा�न्तरि�त लोोग जुुड़ गए जोो कम
ईमाानदाार और समर्पि�त थेे, और शैैताान केे लि�ए पैैर जमाानेे काा राास्ताा खुुल गयाा।
लेेकि�न प्रकााश केे रााजकुु माार और अंंधेरेे े केे रााजकुु माार केे बीीच कोोई मि�लन नहींं� हैै, और उनकेे
अनुुयाायि�योंं� केे बीीच कोोई मि�लन नहींं� होो सकताा हैै। जब मसीीहि�योंं� नेे उन लोोगोंं� केे सााथ एकजुुट होोनेे कीी
सहमति� दीी जोो बुुतपरस्तीी सेे माात्र आधेे परि�वर्ति�त हुए थेे, तोो वेे एक ऐसेे राास्तेे पर चल पड़ेे जोो सच्चााई सेे और
अधि�क दूूर लेे जााताा गयाा। शैैताान इस बाात सेे प्रसन्न थाा कि� उसनेे इतनीी बड़ीी संं ख्याा मेंं मसीीह केे अनुुयाायि�योंं�
कोो धोोखाा देेनेे मेंं सफलताा प्रााप्त कीी थीी। फि�र उसनेे इन पर अपनीी शक्ति� और अधि�क पूूरीी तरह सेे लाागूू कीी,
और उन्हेंं उन लोोगोंं� कोो सताानेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा जोो परमेेश्वर केे प्रति� सच्चेे बनेे रहेे। कि�सीी कोो भीी इतनीी
अच्छीी तरह समझ नहींं� आयाा कि� सच्चेे मसीीहीी वि�श्वाास काा वि�रोोध कैै सेे कि�याा जााए, जैैसाा कि� उन लोोगोंं� नेे
कि�याा थाा जोो कभीी इसकेे रक्षक थेे; और इन धर्ममत्याागीी मसीीहि�योंं� नेे, अपनेे अर्धध-मूूर्ति�पूजक ू सााथि�योंं� केे सााथ
मि�लकर, मसीीह केे धर्मम- सि�द्धाान्तोंं� कीी सबसेे आवश्यक वि�शेेषतााओंं केे वि�रुद्ध अपनेे युुद्ध कोो नि�र्देेशि�त कि�याा।
यााजकीीय वस्त्रोंं� मेंं प्रच्छन्न और कलीीसि�याा मेंं दााखि�ल हुए धोोखोंं� और घृृणि�त काार्योंं केे वि�रुद्ध दृढ़ताा
सेे खड़ेे होोनेे केे लि�ए वफाादाार रहनेे वाालोंं� कोो एक अति� सााहसि�क संं घर्षष कीी आवश्यकताा थीी। बााइबल
कोो वि�श्वाास केे माानक केे रूप मेंं स्वीीकाार नहींं� कि�याा गयाा थाा। धाार्मि�क स्वतंं त्रताा केे सि�द्धांं�त कोो वि�धर्मम
कहाा गयाा, और इसकेे समर्थथकोंं� सेे घृृणाा कीी गई और उन्हेंं प्रति�बंं धि�त कि�याा गयाा।
एक लंं बेे और गंं भीीर संं घर्षष केे बााद, कुु छ वफाादाार लोोगोंं� नेे धर्ममत्याागीी कलीीसि�याा केे सााथ, अगर
तब भीी उसनेे स्वयंं कोो झूठू और मूूर्ति�पूूजाा सेे मुुक्त करनेे सेे इनकाार कि�याा, संं पूूर्णण मेेल जोोल समााप्त
करनेे काा फैै सलाा कि�याा। उन्होंं�नेे देेखाा कि� अगर वेे परमेेश्वर केे वचन काा पाालन करेंंगेे तोो अलगााव एक
परम आवश्यकताा थीी। उन्होंं�नेे अपनीी आत्माा केे लि�ए घाातक त्रुुटि�योंं� कोो बर्दाा�श्त करनेे कीी और एक
ऐसाा उदााहरण स्थाापि�त करनेे कीी जोो उनकेे बच्चोंं� और बच्चोंं� केे बच्चोंं� केे वि�श्वाास कोो खतरेे मेंं डााल देेगाा
धृृष् टताा नहींं� कीी। शांं�ति� और एकताा कोो प्रााप्त कर करनेे केे लि�ए वेे परमेेश्वर केे प्रति� नि�ष्ठाा केे अनुुरूप
कोोई भीी रि�याायत देेनेे केे लि�ए तैैयाार थेे; लेेकि�न उन्होंं�नेे महसूूस कि�याा कि� सि�द्धांं�त केे त्यााग पर शांं�ति� भीी
बहुत महंंगीी होोगीी। यदि� सत्य और धाार्मि�कताा कोो संं कट मेंं डाालनेे सेे हीी एकताा प्रााप्त होो सकतीी हैै, तोो
अंंतर, और यहाँँ� तक कि� युुद्ध भीी होोनेे देंं।
कलीीसि�याा और दुनि�या ु ा केे लि�ए अच्छाा होोताा अगर परमेेश्वर केे तथााकथि�त लोोगोंं� केे दि�लोंं� मेंं
उन दृढ़ आत्मााओंं कोो सक्रि�य करनेे वाालेे सि�द्धांं�तोंं� कोो पुुनर्जीीवि�त कि�याा जााताा। उन सि�द्धांं�तोंं� केे संं बंं ध
मेंं जोो मसीीहीी आस्थाा केे स्तंं भ हैंं, एक चिं�तां ाजनक उदाासीीनताा हैै। यह रााय ज़ोोर पकड़ रहीी हैै, कि�
आखि�रकाार, येे महत्वपूूर्णण महत्व केे नहींं� हैंं। यह अवनति� शैैताान केे कर्ममकोंं� केे हााथोंं� कोो मजबूूत कर
रहीी हैै, जि�ससेे कि� झूठेू े सि�द्धांं�त और घाातक भ्रम, जि�नकाा वि�रोोध और पर्दाा�फााश करनेे केे लि�ए पि�छलेे
युुगोंं� मेंं वि�श्वाासि�योंं� नेे अपनेे जीीवन कोो खतरेे मेंं डााल दि�याा थाा, अब उन हजाारोंं� लोोगोंं� द्वााराा समर्थथन केे
सााथ माानाा जााताा हैै जोो मसीीह केे अनुुयाायीी होोनेे काा दाावाा करतेे हैंं।
पहली शताब्दीमें स 33

प्राारंंभि�क मसीीहीी वाास्तव मेंं एक नि�ज प्रजाा थेे। उनकाा नि�र्दोोष आचरण और अडि�ग वि�श्वाास एक
नि�रंंतर फटकाार थाा जोो पाापीी कीी शांं�ति� कोो भंं ग करताा थाा। यद्यपि� संं ख्याा मेंं कम, धन, पद याा माानद
उपााधि� केे बि�नाा, जहांं� कहींं� भीी उनकेे चरि�त्र और सि�द्धांं�त वि�दि�त थेे, वेे कुु कर्मि�योंं� केे लि�ए एक आतंं क
थेे। इस काारण दुष्ु ट लोोग उन सेे बैैर रखतेे थेे, जि�स प्रकाार दुष्ु ट कैै न नेे हााबि�ल सेे बैैर रखाा। जि�स
काारण सेे कैै न नेे हााबि�ल कोो माार डाालाा, उसीी काारण सेे पवि�त्र आत्माा केे संं यम कोो दूू र करनेे कीी कोोशि�श
करनेे वाालोंं� नेे परमेेश्वर केे लोोगोंं� कोो माार डाालाा। यह उसीी काारण सेे थाा कि� यहूदि�योंं� नेे उद्धाारकर्ताा�
कोो अस्वीीकाार कर दि�याा और क्रूूस पर चढ़ाा दि�याा - क्योंं�कि� उसकेे चरि�त्र कीी पवि�त्रताा और धाार्मि�कताा
उनकेे स्वाार्थथ और भ्रष्टााचाार केे लि�ए एक नि�रंंतर फटकाार थीी। मसीीह केे दि�नोंं� सेे लेेकर अब तक उनकेे
वफाादाार शि�ष्योंं� नेे उन लोोगोंं� केे द्वेेष और वि�रोोध कोो उत्तेेजि�त कि�याा हैै जोो पााप सेे प्रेेम करतेे हैंं और पााप
केे माार्गोंं काा अनुुसरण करतेे हैंं।
तोो फि�र, सुुसमााचाार कोो शाान्ति� काा सन्देेश कैै सेे कहाा जाा सकताा हैै? जब यशाायााह नेे मसीीहाा केे
जन्म कीी भवि�ष्यवााणीी कीी, तोो उसनेे उसेे «शांं�ति� काा रााजकुु माार» नााम दि�याा। जब स्वर्गगदूू तोंं� नेे चरवााहोंं�
कोो घोोषणाा कीी कि� मसीीह काा जन्म हुआ हैै, तोो उन्होंं�नेे बेेतलेेहेमे केे मैैदाानोंं� पर स्तुुति� करतेे हुए गाायाा:
“आकााश मेंं परमेेश्वर कीी महि�माा और पृृथ्वीी पर उन मनुुष्योंं� मेंं जि�नसेे वह प्रसन्न हैै, शाान्ति� होो।” लूूकाा
2:14। इन भवि�ष्यसूूचक घोोषणााओंं और मसीीह केे शब्दोंं� केे बीीच एक स्पष्ट वि�रोोधााभाास हैै: «मैंं मि�लााप
कराानेे नहींं�, पर तलवाार चलवाानेे आयाा हूँँ।» मत्तीी 10:34। लेेकि�न, अगर सहीी ढंंग सेे समझाा जााए, तोो
दोोनोंं� पूूर्णण साामंं जस्य मेंं हैंं। सुुसमााचाार शांं�ति� काा संं देेश हैै। मसीीहीी धर्मम एक ऐसीी प्रणाालीी हैै, जि�सेे प्रााप्त
करनेे और उसकाा पाालन करनेे पर, पूूरीी पृृथ्वीी पर शांं�ति�, सद्भा ् ाव और खुुशीी काा प्रसाार होोगाा। मसीीह काा
धर्मम उन सभीी कोो घनि�ष्ठ भााईचाारेे मेंं एकजुुट करेेगाा जोो इसकीी शि�क्षााओंं कोो स्वीीकाार करतेे हैंं। यह यीीशुु
काा मि�शन थाा कि� वह मनुुष्योंं� कोो परमेेश्वर सेे मि�लााए, और इस प्रकाार एक दूू सरेे केे सााथ सेे मेेल-मि�लााप
करााए। लेेकि�न पूूरीी दुनि�या ु ा शैैताान केे नि�यंं त्रण मेंं हैै, जोो मसीीह काा सबसेे बड़ाा दुश्म
ु न हैै। सुुसमााचाार उन्हेंं
जीीवन केे सि�द्धांं�त प्रस्तुुत करताा हैै जोो उनकीी आदतोंं� और इच्छााओंं सेे पूूरीी तरह भि�न्न हैंं, और वेे इसकेे
खि�लााफ वि�द्रोोह मेंं उठ खड़ेे होोतेे हैंं। वेे उस पवि�त्रताा सेे घृृणाा करतेे हैंं जोो उनकेे पाापोंं� कोो प्रकट करतीी हैै
और उनकीी निं�दां ा करतीी हैै, और वेे उन लोोगोंं� कोो सताातेे और नष्ट करतेे हैंं जोो उन पर अपनेे न्याायपूूर्णण
और पवि�त्र अनुुरोोध काा आग्रह करतीी हैै। यह इस अर्थथ मेंं हैै - क्योंं�कि� जोो उत्कृृष्ट सत्य यह लेेकर आतीी
हैै, वह घृृणाा और संं घर्षष उत्पन्न करताा हैै- कि� सुुसमााचाार कोो तलवाार कहाा जााताा हैै।
रहस्यमय वि�धाान जोो धर्मीी कोो दुष्ु टोंं� केे हााथोंं� उत्पीीड़न सहनेे कीी अनुुमति� देेताा हैै, कई लोोगोंं� केे
लि�ए, जोो वि�श्वाास मेंं कमज़ोोर हैंं, बड़ीी हैैराानीी काा काारण रहाा हैै। कुु छ तोो परमेेश्वर मेंं अपनाा वि�श्वाास
त्याागनेे केे लि�ए भीी तैैयाार हैंं क्योंं�कि� वह सबसेे कमीीनेे लोोगोंं� कोो समृृद्ध होोनेे देेताा हैै, जबकि� सबसेे अच्छेे
और खरेे लोोग उनकीी क्रूूर शक्ति� केे द्वााराा पीीड़ि�त और उत्पीीड़ि�त होोतेे हैंं। यह पूूछाा जााताा हैै कि� जोो न्याायीी
और दयाालुु हैै, और जोो शक्ति� मेंं भीी अनंं त हैै, वह इस तरह केे अन्यााय और उत्पीीड़न कोो कैै सेे सहन
कर सकताा हैै? यह एक ऐसाा सवााल हैै जि�ससेे हमााराा कोोई लेेनाा-देेनाा नहींं� हैै। परमेेश्वर नेे हमेंं उसकेे
प्रेेम काा पर्याा�प्त प्रमााण दि�याा हैै, और हमेंं उसकीी भलााई पर संं देेह नहींं� करनाा चााहि�ए क्योंं�कि� हम उसकेे
वि�धाान केे काार्योंं कोो नहींं� समझ सकतेे हैंं। उद्धाारकर्ताा� नेे अपनेे शि�ष्योंं� सेे कहाा, उन संं देेहोंं� कोो देेखतेे हुए
जोो परीीक्षण और अंंधकाार केे दि�नोंं� मेंं उनकीी आत्माा पर दबााव डाालेंंगेे: «जोो बाात मैंं नेे तुुम सेे कहीी थीी,
34 महाान वि�वााद

‘दाास अपनेे स्वाामीी सेे बड़ाा नहींं� होोताा, उसकोो यााद रखोो। यदि� उन्होंं�नेे मुुझेे सताायाा, तोो तुुम्हेंं भीी सतााएँँगेे।
« यूूहन्नाा 15:20। यीीशुु नेे हमाारेे लि�ए जि�तनाा दुख ु उठाायाा, यह उस कष्ट सेे कहींं� अधि�क थाा जोो उसकेे
अनुुयाायि�योंं� मेंं सेे कि�सीी कोो भीी दुष्ु टोंं� कीी क्रूूरताा केे द्वााराा पहुंंचाायाा जाा सकताा हैै। जि�न्हेंं याातनाा और
शहाादत सहनेे केे लि�ए बुुलाायाा जााताा हैै, वेे परमेेश्वर केे प्रि�य पुुत्र केे कदमोंं� पर चल रहेे हैंं।
«प्रभुु अपनीी प्रति�ज्ञाा केे वि�षय मेंं देेर नहींं� करताा।» 2 पतरस 3:9। न तोो वह अपनेे बच्चोंं� कोो
भूूलताा हैै और न हीी उनकीी उपेेक्षाा करताा हैै; परन्तुु वह दुष्ु टोंं� कोो उनकेे सच्चेे चरि�त्र कोो प्रकट करनेे
देेताा हैै, कि� कि�सीी कोो भीी जोो उसकीी इच्छाा पूूरीी करनाा चााहताा हैै, उनकेे वि�षय मेंं धोोखाा नहींं� होो। फि�र
धर्मि�योंं� कोो दु:ु ख केे भट्ठेे मेंं रखाा जााताा हैै, कि� वेे आप हीी शुुद्ध कि�ए जााएंं ; तााकि� उनकाा उदााहरण दूू सरोंं�
कोो वि�श्वाास और भक्ति� कीी वाास्तवि�कताा केे बाारेे मेंं समझाा सकेे ; और यह भीी कि� उनकाा सुुसंंगत माार्गग
अधर्मीी और अवि�श्वाासि�योंं� कीी निं�दां ा कर सकताा हैै।
परमेेश्वर दुष्ु टोंं� कोो समृृद्ध होोनेे देेताा हैै और अपनेे वि�रुद्ध उनकीी शत्रुुताा कोो प्रकट होोनेे देेताा हैै, तााकि�
जब वेे अपनेे अधर्मम कीी माात्राा कोो पूूराा कर लेंंगेे, तोो सभीी उसकेे न्यााय और उसकीी दयाा कोो उनकेे वि�नााश
मेंं देेख सकतेे हैंं। उसकेे प्रति�शोोध काा दि�न जल्द हीी आ रहाा हैै, जब वेे सभीी जि�न्होंं�नेे उसकीी व्यवस्थाा
काा उल्लंं घन कि�याा हैै और उसकेे लोोगोंं� पर अत्यााचाार कि�याा हैै, उन्हेंं अपनेे कर्मोंं काा उचि�त प्रति�फल
मि�लेेगाा; जब परमेेश्वर केे वफाादाार लोोगोंं� केे प्रति� क्रूूरताा याा अन्यााय केे हर कृृ त्य कोो दंंडि�त कि�याा जााएगाा
माानोो वह कृृ त्य स्वयंं मसीीह केे सााथ कि�याा गयाा होो।
एक और अधि�क महत्वपूूर्णण प्रश्न हैै जि�स पर आज कीी कलीीसि�यााओंं काा ध्याान आकर्षि�त होोनाा
चााहि�ए। प्रेेरि�त पौौलुुस घोोषणाा करताा हैै कि� «जि�तनेे मसीीह यीीशुु मेंं भक्‍ति�ि� केे सााथ जीीवन बि�ताानाा चााहतेे
हैंं वेे सब सतााए जााएँँगेे।» 2 तीीमुुथि�युसु 3:12। तोो फि�र, ऐसाा क्योंं� लगताा हैै कि� उत्पीीड़न बहुत हद तक
नींं�द मेंं हैै? एकमाात्र काारण यह हैै कि� कलीीसि�याा दुनि�या ु ा केे माानक केे सदृश याा अनुुरूप होो गई हैै और
इसलि�ए कोोई वि�रोोध उत्पन्न नहींं� करतीी हैै। हमाारेे समय मेंं जोो धर्मम प्रचलि�त हैै, वह शुुद्ध और पवि�त्र
स्वभााव काा नहींं� हैै, जि�सनेे मसीीह और उसकेे प्रेेरि�तोंं� केे दि�नोंं� मेंं मसीीहीी वि�श्वाास कोो प्रदर्शि�त कि�याा थाा।
यह केे वल पााप केे सााथ समझौौताा करनेे कीी भाावनाा केे काारण हैै, क्योंं�कि� परमेेश्वर केे वचन केे महाान
सत्योंं� कोो इतनीी उदाासीीनताा सेे माानाा जााताा हैै, क्योंं�कि� कलीीसि�याा मेंं बहुत कम महत्वपूूर्णण धाार्मि�कताा हैै,
कि� मसीीहीी धर्मम दुनि�याु ा मेंं स्पष्ट रूप सेे इतनाा लोोकप्रि�य हैै। प्राारंंभि�क कलीीसि�याा केे वि�श्वाास और प्रभााव
काा पुुनर्जाा�गरण होोनेे देंं , और उत्पीीड़न कीी भाावनाा पुुनःः उत्पन्न होो जााएगीी, और उत्पीीड़न कीी आग फि�र
सेे प्रज्वलि�त होो जााएगीी।
3

आध्याात्मि�क अंंधकाार काा युुग

प्रेे रि�त पौौलुुस नेे थि�स्सलुुनीीकि�योंं� कोो लि�खेे अपनेे दूू सरेे पत्र मेंं महाान धर्ममत्यााग कीी भवि�ष्यद्वााणीी
कीी थीी जि�सकेे परि�णाामस्वरूप पोोप केे अधि�काार कीी स्थाापनाा होोगीी। उसनेे घोोषणाा कीी कि�
मसीीह काा दि�न «न आएगाा जब तक धर्मम काा त्यााग न होो लेे, और वह पााप काा पुुरुष अर्थाा�त््
वि�नााश काा पुुत्र प्रगट न होो; जोो वि�रोोध करताा हैै, और हर एक सेे जोो ईश्‍‍वर याा पूूज्य कहलााताा हैै,
अपनेे आप कोो बड़ाा ठहरााताा हैै; यहाँँ� तक कि� वह परमेेश्वर केे मन्दि�र मेंं बैैठकर अपनेे आप कोो
ईश्‍‍वर ठहरााताा हैै।» और इसकेे अलाावाा, प्रेेरि�त अपनेे भााइयोंं� कोो चेेताावनीी देे ताा हैै कि� «अधर्मम
काा भेेद अब भीी काार्यय करताा जााताा हैै।» 2 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 2:3,4,7। उस प्राारंं भि�क काालाावधि�
मेंं भीी उसनेे, कलीीसि�याा मेंं धीीरेे -धीीरेे बढ़तेे हुए, ऐसेे भ्रम देे खेे, जोो पोोपतंं त्र केे वि�काास काा राास्ताा
तैैयाार करनेे वाालेे थेे।
धीीरेे-धीीरेे, पहलेे चुुपकेे और मौौन मेंं, और फि�र अधि�क खुुलेे तौौर पर जैैसेे-जैैसेे इसमेंं वृृद्धि� हुई और
इसनेे लोोगोंं� केे दि�माागोंं� पर नि�यंं त्रण हाासि�ल कि�याा, «अधर्मम केे भेेद» नेे अपनेे भ्राामक और ईशनिं�दां ा
केे कााम कोो आगेे बढ़ाायाा। लगभग अदृश्य रूप सेे बुुतपरस्तीी केे रीीति�-रि�वााज़ोंं� नेे मसीीहीी कलीीसि�याा मेंं
अपनाा राास्ताा खोोज लि�याा। कलीीसि�याा नेे बुुतपरस्तीी केे तहत जोो भीीषण अत्यााचाार सहेे थेे, उससेे कुु छ
समय केे लि�ए समझौौताा और अनुुरूपताा कीी भाावनाा कोो रोोक दि�याा गयाा थाा। लेेकि�न जैैसेे हीी उत्पीीड़न
बंं द हुआ, और मसीीहीी धर्मम नेे रााजााओंं केे दरबाारोंं� और महलोंं� मेंं प्रवेेश कि�याा, उसनेे मूूर्ति�पूूजक यााजकोंं�
और शाासकोंं� केे आडंंबर और गर्वव केे लि�ए मसीीह और उसकेे प्रेेरि�तोंं� कीी वि�नम्र साादगीी कोो दरकि�नाार
कर दि�याा; और परमेेश्वर कीी अपेेक्षााओंं केे स्थाान पर, उसनेे माानवीीय सि�द्धांं�तोंं� और परंंपरााओंं कोो प्र-
ति�स्थाापि�त कि�याा। चौौथीी शतााब्दीी केे प्राारंंभि�क भााग मेंं, कॉॉन्सटेंंटााइन केे नााममाात्र केे परि�वर्ततन सेे बहुत
खुुशीी हुई; और संं साार धाार्मि�कताा काा रूप धाारण करकेे कलीीसि�याा मेंं चलाा गयाा। अब भ्रष्टााचाार काा
कााम तेेजीी सेे आगेे बढ़ाा। बुुतपरस्तीी, पराास्त होोतीी दि�खााई देेतेे हुए, वि�जेेताा बन गई। कलीीसि�याा उसकीी
वि�चाारधााराा केे नि�यन्त्रण मेंं थीी। उसकेे सि�द्धांं�तोंं�, समाारोोहोंं� और अंंधवि�श्वाासोंं� कोो मसीीह केे कथि�त
अनुुयाायि�योंं� केे वि�श्वाास और पूूजाा मेंं समाावि�ष्ट कर दि�याा गयाा थाा।
36 महाान वि�वााद

बुुतपरस्तीी और मसीीहीी धर्मम केे बीीच इस समझौौतेे केे परि�णाामस्वरूप «पााप केे पुुरुष» काा वि�काास
हुआ, जि�ससेे संं बंं धि�त भवि�ष्यद्वााणीी मेंं पहलेे सेे बताा दि�याा गयाा थाा कि� वह ईश्‍‍वर काा वि�रोोध करताा हैै,
और ईश्‍‍वर सेे अपनेे आप कोो बड़ाा ठहरााताा हैै। झूठेू े धर्मम कीी वह वि�शााल व्यवस्थाा शैैताान कीी शक्ति� कीी
एक उत्कृृष्ट कृृ ति� हैै—उसकीी इच्छाा केे अनुुसाार पृृथ्वीी पर शाासन करनेे केे लि�ए सिं�हां ासन पर बैैठनेे केे
उसकेे प्रयाासोंं� काा एक स्माारक।
शैैताान नेे एक बाार मसीीह केे सााथ समझौौताा करनेे काा प्रयाास कि�याा थाा। वह प्रलोोभन केे जंं गल मेंं
परमेेश्वर केे पुुत्र केे पाास आयाा, और उसनेे उसेे दुनि�या ु ा केे सभीी रााज्य और उनकीी महि�माा दि�खाातेे हुए,
सब कुु छ उसकेे हााथोंं� मेंं देेनेे कीी पेेशकश कीी, इस शर्तत पर कि� वह अंंधकाार केे रााजकुु माार कीी सर्वोोच्चताा
कोो स्वीीकाार करेे। मसीीह नेे धृृष् ट प्रलोोभक कोो फटकााराा और उसेे जाानेे केे लि�ए वि�वश कर दि�याा। परन्तुु
शैैताान कोो मनुुष्य केे साामनेे वहीी परीीक्षााएँँ प्रस्तुुत करनेे मेंं अधि�क सफलताा प्रााप्त होोतीी हैै। सांं�साारि�क
लााभ और सम्माान कोो प्रााप्त करनेे केे लि�ए, कलीीसि�याा कोो पृृथ्वीी केे महाापुुरुषोंं� काा अनुुग्रह और समर्थथन
प्रााप्त करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा गयाा; और इस प्रकाार मसीीह कोो अस्वीीकाार करनेे केे बााद, उसेे रोोम केे
धर्माा�ध्यक्ष - शैैताान केे प्रति�नि�धि� केे प्रति� नि�ष्ठाा उत्पन्न करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा गयाा।
यह रोोमनवााद केे प्रमुुख सि�द्धांं�तोंं� मेंं सेे एक हैै कि� पोोप वि�श्व केे सभीी क्षेेत्रोंं� मेंं बि�शप और
पाादरि�योंं� पर सर्वोोच्च अधि�काार केे सााथ वि�भूूषि�त, मसीीह कीी सर्ववव्याापीी कलीीसि�याा काा दृश्यमाान
प्रमुुख हैै। इससेे भीी अधि�क, पोोप कोो ईश्वर कीी वाास्तवि�क उपााधि�याँँ� दीी गई हैंं। उसेे «लॉॉर्डड गॉॉड
द पोोप» (टि�प्पणीी 1 और2 देे खेंं) नााम दि�याा गयाा हैै, और उसेे अचूूक घोोषि�त कि�याा गयाा हैै। वह
समस्त मनुुष्य-जााति� कीी श्रद्धांं�जलि� कीी मांं�ग करताा हैै। शैैताान द्वााराा प्रलोोभन केे जंं गल मेंं आग्रह
कि�याा गयाा वहीी कथन अभीी भीी रोोम कीी कलीीसि�याा केे मााध्यम सेे उसकेे द्वााराा दृढ़ताापूूर्ववक अनुुनय
कि�याा गयाा हैै, और बड़ीी संं ख्याा मेंं लोोग उसेे श्रद्धांं�जलि� देे नेे केे लि�ए तैैयाार हैंं।
लेेकि�न जोो लोोग परमेेश्वर काा भय माानतेे हैंं और उसकाा सम्माान करतेे हैंं, वेे इस स्वर्गग कोो चुुनौौतीी
देेनेे वाालीी पूूर्ववधाारणाा काा साामनाा उसीी तरह करतेे हैंं जैैसेे मसीीह नेे कपटीी शत्रुु केे उकसाावोंं� काा साामनाा
कि�याा: «तूू प्रभुु अपनेे परमेेश्वर कोो प्रणााम कर; और केे वल उसीी कीी उपाासनाा कर।» लूूकाा 4:8। परमेे-
श्वर नेे अपनेे वचन मेंं कभीी कोोई संं केे त नहींं� दि�याा हैै कि� उसनेे कि�सीी व्यक्ति� कोो कलीीसि�याा काा मुुखि�याा
नि�युुक्त कि�याा हैै। पोोप कीी सर्वोोच्चताा काा सि�द्धांं�त सीीधेे तौौर पर पवि�त्रशाास्त्र कीी शि�क्षााओंं केे वि�परीीत हैै।
हड़पनेे केे अलाावाा पोोप केे पाास मसीीह कीी कलीीसि�याा पर कोोई अधि�काार नहींं� होो सकताा हैै।
रोोमनवाादि�योंं� नेे रोोमीीय मत वि�रोोधि�योंं� केे वि�रुद्ध वि�धर्मम और सच्चीी कलीीसि�याा सेे स्वेेच्छााचाारीी
अलगााव काा आरोोप लगाानाा ज़ाारीी रखाा हैै। लेेकि�न येे आरोोप खुुद हीी पर लाागूू होोतेे हैंं। वेे वहीी हैंं जि�न्होंं�नेे
मसीीह कीी पहचाान कोो त्यााग दि�याा और «उस वि�श्‍‍वाास सेे जोो पवि�त्र लोोगोंं� कोो एक हीी बाार सौंं�पाा गयाा
थाा» वि�दाा होो गए। यहूदाा 3।
शैैताान अच्छीी तरह जाानताा थाा कि� पवि�त्र शाास्त्र लोोगोंं� कोो उसकेे धोोखेे कोो पहचााननेे और उसकीी
शक्ति� काा साामनाा करनेे मेंं सक्षम करेेगाा। इस वचन केे द्वााराा हीी संं साार केे उद्धाारकर्ताा� नेे भीी उसकेे
आक्रमणोंं� काा वि�रोोध कि�याा थाा। हर हमलेे मेंं, मसीीह नेे अनन्त सत्य कीी ढााल कोो यह कहतेे हुए प्रस्तुुत
कि�याा, «लि�खाा हैै।» वि�रोोधीी केे हर सुुझााव केे लि�ए, उसनेे वचन कीी बुुद्धि�मत्ताा और साामर्थ्यय कीी आड़
लीी। मनुुष्योंं� पर अपनाा आधि�पत्य बनााए रखनेे केे लि�ए, और पोोप संं बंं धीी अनधि�काार ग्रााहीी केे अधि�काार
आध्यात्मिक अंधकार का 37

कोो स्थाापि�त करनेे केे लि�ए, शैैताान कोो उन्हेंं पवि�त्रशाास्त्र कीी अज्ञाानताा मेंं रखनाा थाा। बााइबल परमेेश्वर
कीी महि�माा करतीी और सीीमााबद्ध लोोगोंं� कोो उनकेे वाास्तवि�क स्थाान पर रखतीी; इसलि�ए इसकीी पवि�त्र
सच्चााइयोंं� कोो छुु पाानाा और दबाानाा थाा। इस तर्कक कोो रोोमन कलीीसि�याा नेे अपनाायाा। सैैकड़ोंं� वर्षोंं तक
बााइबल केे प्रसाार पर रोोक लगाा दीी गई। लोोगोंं� कोो इसेे पढ़नेे याा अपनेे घरोंं� मेंं रखनेे सेे मनाा कि�याा गयाा
थाा, और सि�द्धांं�तहीीन यााजकोंं� और धर्माा�ध्यक्षोंं� नेे अपनेे ढोंं�ग कोो बनााए रखनेे केे लि�ए इसकीी शि�क्षााओंं
कीी व्यााख्याा कीी। इस प्रकाार पोोप कोो लगभग साार्ववभौौमि�क रूप सेे कलीीसि�याा और रााज्य पर अधि�काार
केे सााथ संं पन्न, पृृथ्वीी पर ईश्वर केे प्रति�नि�धि� केे रूप मेंं स्वीीकाार कि�याा जाानेे लगाा।
भ्रम केे संं सूूचक कोो हटाा दि�ए जाानेे केे बााद, शैैताान नेे उसकीी इच्छाा केे अनुुसाार कााम कि�याा। भवि�-
ष्यद्वााणीी नेे घोोषणाा कीी थीी कि� पोोपवााद «समय और व्यवस्थाा कोो बदल देेनेे कीी आशाा करनेे केे लि�ए»
थाा। दाानि�य्येेल 7:25। इस कााम काा प्रयाास करनेे केे लि�ए वह वि�लंं बकाारीी नहींं� थाा। मूूर्ति�योंं� कीी पूूजाा
केे वि�कल्प केे रूप मेंं मूूर्ति�पूूजाा सेे धर्माा�न्तरि�त लोोगोंं� कोो वहन करनेे केे लि�ए, और इस प्रकाार मसीीहीी
धर्मम कीी उनकीी नााममाात्र कीी स्वीीकृृ ति� कोो बढ़ाावाा देेनेे केे लि�ए, छवि�योंं� और अवशेेषोंं� कीी पूूजाा कोो धीीरेे-
धीीरेे मसीीहीी आरााधनाा मेंं सूूत्रपाात कि�याा गयाा। एक साामाान्य परि�षद केे आदेेश (टि�प्पणीी 3) नेे अंंततःः
मूूर्ति�पूूजाा कीी इस प्रणाालीी कोो स्थाापि�त कि�याा। धर्ममद्रोोहीी काार्यय कोो पूूराा करनेे केे लि�ए, रोोम नेे मूूर्ति�पूूजाा
कोो मनाा करनेे वाालीी दूू सरीी आज्ञाा कोो हटाानेे और संं ख्याा कोो संं रक्षि�त करनेे केे लि�ए दसवींं� आज्ञाा कोो
वि�भााजि�त करनेे कीी धृृष् टताा कीी।
बुुतपरस्तीी केे प्रति� रि�याायत कीी भाावनाा नेे स्वर्गग केे अधि�काार कीी और भीी अवहेेलनाा काा राास्ताा
खोोल दि�याा। शैैताान नेे, कलीीसि�याा केे अप्रति�ष्ठि��त अगुुवोंं� केे मााध्यम सेे काार्यय करतेे हुए, चौौथीी आज्ञाा केे
सााथ भीी छेे ड़छााड़ कीी, और प्रााचीीन सब्त कोो अलग करनेे, वह दि�न जि�सेे परमेेश्वर नेे आशीीषि�त और
पवि�त्र ठहराायाा थाा (उत्पत्ति� 2:2, 3), और इसकेे स्थाान पर अन्यजााति�योंं� द्वााराा मनााए जाानेे वाालेे पर्वव
कोो «सूूर्यय केे आदरणीीय दि�न» केे रूप मेंं प्रति�ष्ठि��त करनेे काा प्रयाास कि�याा। यह परि�वर्ततन पहलेे खुुलेे
तौौर पर करनेे काा प्रयाास नहींं� कि�याा गयाा थाा। पहलीी शतााब्दि�योंं� मेंं सभीी मसीीहि�योंं� द्वााराा सच्चेे सब्त काा
पाालन कि�याा गयाा थाा। वेे परमेेश्वर केे सम्माान केे लि�ए अधाार्मि�कताा न सहनेे वाालेे थेे, और यह वि�श्वाास
करतेे हुए कि� उसकीी व्यवस्थाा अपरि�वर्ततनीीय हैै, उन्होंं�नेे उत्सााह केे सााथ इसकेे उपदेेशोंं� कीी पवि�त्रताा
कीी रक्षाा कीी। लेेकि�न बड़ीी चाालााकीी सेे शैैताान नेे अपनेे दूू तोंं� केे मााध्यम सेे अपनेे उद्देेश्य कोो पूूराा करनेे
काा कााम कि�याा। लोोगोंं� काा ध्याान रवि�वाार कीी ओर आकर्षि�त करनेे केे लि�ए, इसेे मसीीह केे पुुनरुत्थाान
केे सम्माान मेंं एक त्योोहाार बनाायाा गयाा। उस दि�न धाार्मि�क सभााएंं आयोोजि�त कीी जाातीी थींं�; फि�र भीी
इसेे मनोोरंं जन केे दि�न केे रूप मेंं माानाा जााताा थाा, सब्त कोो अभीी भीी पवि�त्र रूप सेे मनाायाा जााताा थाा।
अपनेे द्वााराा नि�यत कि�ए गए काार्यय कोो संं पन्न करनेे हेेतुु माार्गग तैैयाार करनेे केे लि�ए, शैैताान नेे मसीीह
केे आगमन सेे पहलेे, यहूदि�योंं� कोो, सब्त कोो सबसेे कठि�न अपेेक्षााओंं केे सााथ बोोझि�ल करनेे केे लि�ए
प्रेेरि�त कि�याा थाा, जि�ससेे इसकाा पाालन एक बोोझ बन गयाा। अब, उस झूठेू े प्रकााश काा लााभ उठाातेे हुए,
जि�समेंं इसेे इस प्रकाार माानाा जाानेे लगाा, उसनेे इसेे एक यहूदीी संं स्थाा केे रूप मेंं नि�न्दनीीय ठहराायाा।
जबकि� मसीीहीी आम तौौर पर रवि�वाार कोो एक खुुशीी केे त्योोहाार केे रूप मेंं मनाातेे रहेे, उसनेे उनकोो यहूदीी
धर्मम केे प्रति� उनकीी नफरत दि�खाानेे केे लि�ए, सब्त कोो एक उपवाास, उदाासीी और उत्सााहहीीनताा काा दि�न,
बनाानेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा।
38 महाान वि�वााद

चौौथीी शतााब्दीी केे शुुरुआतीी दौौर मेंं सम्रााट कॉॉन्सटेंंटााइन नेे पूूरेे रोोमन सााम्रााज्य मेंं रवि�वाार कोो एक
साार्ववजनि�क त्योोहाार बनाानेे काा फरमाान ज़ाारीी कि�याा। (टि�प्पणीी 4) सूूर्यय केे दि�न कोो उसकीी मूूर्ति�पूूजक
प्रजाा द्वााराा पूूजनीीय माानाा जााताा थाा और मसीीहि�योंं� द्वााराा सम्माान केे सााथ माानाा जााताा थाा; बुुतपरस्तीी और
मसीीहीी धर्मम केे परस्पर वि�रोोधीी हि�तोंं� कोो एकजुुट करनाा सम्रााट कीी नीीति� थीी। उन्हेंं कलीीसि�याा केे धर्मा�ा-
ध्यक्षोंं� द्वााराा ऐसाा करनेे काा आग्रह कि�याा गयाा थाा, जि�न्होंं�नेे महत्वााकांं�क्षाा और सत्ताा कीी भूूख सेे प्रेेरि�त
होोकर यह माानाा कि� यदि� मसीीहि�योंं� और अन्यजााति�योंं� दोोनोंं� केे द्वााराा समाान दि�न काा पाालन कि�याा जााताा
हैै, तोो यह अन्यजााति�योंं� द्वााराा मसीीहीी धर्मम कीी नााममाात्र स्वीीकृृ ति� कोो बढ़ाावाा देेगाा इस प्रकाार कलीीसि�याा
कीी शक्ति� और महि�माा कोो आगेे बढ़ााएगाा। लेेकि�न जबकि� परमेेश्वर काा भय मााननेे वाालेे कई मसीीहि�योंं�
कोो धीीरेे-धीीरेे यह मााननेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा गयाा कि� रवि�वाार कि�सीी हद तक पवि�त्र हैै, वेे अब भीी सच्चेे
वि�श्रााम दि�न कोो यहोोवाा केे लि�ए माानतेे थेे और चौौथीी आज्ञाा काा पाालन करतेे हुए उसकाा पाालन करतेे थेे।
धूूर्तत धोोखेेबााज़ नेे अपनाा कााम पूूराा नहींं� कि�याा थाा। वह मसीीहि�योंं� कोो अपनेे बैैनर तलेे इकट्ठाा करनेे
और मसीीह केे प्रति�नि�धि� होोनेे काा दाावाा करनेे वाालेे गर्वि�त धर्माा�ध्यक्ष, अपनेे प्रति�नि�धि� केे मााध्यम सेे
अपनीी शक्ति� काा प्रयोोग करनेे केे लि�ए कृृ तसंं कल्प थाा। अर्धध-रूपांं�तरि�त वि�धर्मि�योंं�, महत्वााकांं�क्षीी धर्मा�ा-
ध्यक्षोंं� और वि�श्व-प्रेेमीी पाादरीी जन केे मााध्यम सेे उसनेे अपनेे उद्देेश्य कोो पूूराा कि�याा। समय-समय पर
व्याापक महाासभााएंं आयोोजि�त कीी जाातीी थींं�, जि�समेंं दुनि�या ु ा भर सेे कलीीसि�याा केे गणमाान्य व्यक्ति�योंं� कोो
बुुलाायाा जााताा थाा। लगभग हर महाासभाा मेंं परमेेश्वर द्वााराा स्थाापि�त सब्त काा दरजाा घटाा दि�याा जााताा
थाा, जबकि� रवि�वाार कोो उसीी केे अनुुसाार ऊंंचाा स्थाान दि�याा जााताा थाा। इस प्रकाार बुुतपरस्त त्योोहाार कोो
अंंततःः एक पवि�त्र व्यवस्थाा केे रूप मेंं सम्माानि�त कि�याा जाानेे लगाा, जबकि� बााइबि�ल सब्त कोो यहूदीी धर्मम
काा स्मृृति�चि�ह्न घोोषि�त कि�याा गयाा, और उसकाा पाालन करनेे वाालोंं� कोो शाापि�त घोोषि�त कि�याा गयाा।
महाान धर्ममत्याागीी खुुद कोो «हर एक सेे जोो ईश्‍‍वर कहलााताा हैै, याा जि�सकीी पूूजाा कीी जाातीी हैै”, ऊंंचाा
ठहराानेे मेंं सफल रहाा थाा। 2 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 2:4। उन्होंं�नेे ईश्वरीीय व्यवस्थाा केे एकमाात्र नि�यम कोो
बदलनेे कीी हि�म्मत कीी थीी जोो स्पष्ट रूप सेे संं पूूर्णण माानव जााति� काा ध्याान सच्चेे और जीीवि�त ईश्वर कीी
ओर आकर्षि�त करताा हैै। चौौथीी आज्ञाा मेंं, परमेेश्वर कोो आकााश और पृृथ्वीी केे सृृष्टि�िकर्ताा� केे रूप मेंं प्रकट
कि�याा गयाा हैै, और इस प्रकाार इसेे सभीी झूठेू े देेवतााओंं सेे वि�भि�न्नताा प्रदाान कीी गई हैै। यह सृृष्टि�ि केे काार्यय
केे स्माारक केे रूप मेंं थाा कि� साातवेंं दि�न कोो मनुुष्य केे वि�श्रााम केे दि�न केे रूप मेंं पवि�त्र ठहराायाा गयाा थाा।
यह जीीवि�त ईश्वर कोो हमेेशाा लोोगोंं� केे ज़हन मेंं रखनेे केे स्रोोत और श्रद्धाा और पूूजाा कीी वस्तुु केे रूप मेंं
रखनेे केे लि�ए नि�यत कि�याा गयाा थाा। शैैताान मनुुष्योंं� कोो परमेेश्वर केे प्रति� उनकीी नि�ष्ठाा सेे, और उसकीी
व्यवस्थाा केे प्रति� आज्ञााकाारि�ताा सेे हटाानेे काा प्रयाास करताा हैै; इसलि�ए वह अपनेे प्रयाासोंं� कोो वि�शेेष रूप
सेे उस आज्ञाा केे वि�रुद्ध नि�र्देेशि�त करताा हैै जोो सृृष्टि�िकर्ताा� केे रूप मेंं परमेेश्वर कीी ओर इशााराा करतीी हैै।
प्रोोटेेस्टेंंट अब आग्रह करतेे हैंं कि� रवि�वाार कोो मसीीह केे पुुनरुत्थाान नेे इसेे मसीीहीी सब्त बनाा दि�याा।
लेेकि�न पवि�त्र शाास्त्र केे सबूूतोंं� कीी कमीी हैै। उस दि�न कोो मसीीह याा उसकेे प्रेेरि�तोंं� द्वााराा ऐसीी कोोई माान्यताा
नहींं� दीी गई थाा। रवि�वाार कोो मसीीहीी व्यवस्थाा केे रूप मेंं मनााए जाानेे काा उद्गम उस «अधर्मम केे भेेद»
(2 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 2:7) मेंं थाा, जि�सनेे पौौलुुस केे दि�नोंं� मेंं भीी अपनाा काार्यय शुुरू कर दि�याा थाा। प्रभुु नेे
पोोपतंं त्र कीी इस उपज कोो कहाँँ� और कब अपनाायाा? उस परि�वर्ततन केे लि�ए कौौन साा वैैध काारण दि�याा
जाा सकताा हैै जि�सेे पवि�त्र शाास्त्र मंं जूूरीी नहींं� देेताा हैै?
आध्यात्मिक अंधकार का 39

छठीी शतााब्दीी मेंं पोोपतंं त्र द्रढ़ताा सेे स्थाापि�त होो गयाा थाा। इसकीी सत्ताा काा गढ़ शााहीी शहर मेंं तय
कि�याा गयाा, और रोोम केे धर्माा�ध्यक्ष कोो संं पूूर्णण कलीीसि�याा काा मुुखि�याा घोोषि�त कि�याा गयाा। बुुतपरस्तीी नेे
पोोपतंं त्र कोो जगह देे दीी थीी। अजगर नेे उस पशुु कोो “अपनीी साामर्थ्यय और अपनाा सिं�हां ासन और बड़ाा
अधि�काार” देे दि�याा थाा। प्रकााशि�तवााक्य 13:2। और अब दाानि�य्येेल और प्रकााशि�तवााक्य कीी भवि�ष्य-
द्वााणि�योंं� मेंं पूूर्वव बतााए गए 1260 वर्षोंं केे पोोप संं बंं धीी उत्पीीड़न काा प्राारंंभ हुआ। दाानि�य्येेल 7:25; प्र-
कााशि�तवााक्य 13:5-7. (टि�प्पणीी 5 देेखेंं।) मसीीहि�योंं� कोो याा तोो अपनीी सत्यनि�ष्ठाा कोो छोोड़नाा चुुननाा
थाा और पोोप संं बंं धीी समाारोोहोंं� और पूूजाा कोो स्वीीकाार करनाा थाा, याा कााल कोोठरीी मेंं अपनेे जीीवन कोो
खत्म करनाा थाा याा याातनाा-यंं त्र, जलााऊ लकड़ीी केे गट्ठर, याा जल्लााद कीी कुु ल्हााड़ीी सेे मौौत काा शि�काार
होोनाा थाा। अब यीीशुु केे वचन पूूरेे हुए: «तुुम्हाारेे मााताा–पि�ताा, और भााई, और कुु टुुम्ब, और मि�त्र भीी
तुुम्हेंं पकड़वााएँँगेे; यहाँँ� तक कि� तुुम मेंं सेे कुु छ कोो मरवाा डाालेंंगेे। मेेरेे नााम केे काारण सब लोोग तुुम
सेे बैैर करेंंगेे।» लूूकाा 21:16, 17। वि�श्वाासि�योंं� पर पहलेे सेे कहींं� अधि�क क्रोोध केे सााथ सतााव शुुरू
हुआ, और दुनि�या ु ा एक वि�शााल युुद्धक्षेत्रे बन गई। सैैकड़ोंं� वर्षोंं तक मसीीह कीी कलीीसि�याा नेे एकांं�त और
गुुमनाामीी मेंं शरण लीी। भवि�ष्यद्वक्ताा इस प्रकाार कहताा हैै: «वह स्त्रीी उस जंं गल कोो भााग गई जहाँँ� परमेे-
श्वर कीी ओर सेे उसकेे लि�येे एक जगह तैैयाार कीी गई थीी कि� वहाँँ� वह एक हज़ाार दोो सौौ सााठ दि�न तक
पाालीी जााए।» प्रकााशि�तवााक्य 12:6।
रोोमन कलीीसि�याा केे सत्ताा मेंं आनेे सेे अंंधकाार युुग कीी शुुरुआत हुई। जैैसे-े जैैसेे उसकीी शक्ति� बढ़तीी
गई, अंंधकाार गहरााताा गयाा। वि�श्वाास वाास्तवि�क नींं�व, मसीीह केे बजााय रोोम केे पोोप पर कि�याा जाानेे लगाा।
पाापोंं� कीी क्षमाा और अनन्त उद्धाार केे लि�ए परमेेश्वर केे पुुत्र पर भरोोसाा करनेे केे बजााय, लोोग पोोप, और
यााजकोंं� और धर्ममगुरुु ओंं पर नि�र्भभर करनेे लगेे जि�न्हेंं उसनेे अधि�काार सौंं�प दि�याा थाा। उन्हेंं सि�खाायाा गयाा
थाा कि� पोोप उनकाा सांं�साारि�क मध्यस्थ थाा और यह कि� कोोई भीी उसकेे बि�नाा परमेेश्वर केे पाास नहींं� जाा
सकताा थाा; और, इसकेे अलाावाा, कि� वह उनकेे लि�ए परमेेश्वर केे स्थाान पर खड़ाा थाा और इसलि�ए उसकीी
आज्ञाा काा पाालन कि�याा जाानाा थाा। उसकीी अपेेक्षााओंं सेे वि�चलन अपरााधि�योंं� केे शरीीर और आत्मााओंं पर
कड़ीी सेे कड़ीी सज़ाा देेनेे केे लि�ए पर्यााप्त� काारण थाा। इस प्रकाार लोोगोंं� केे मन ईश्वर सेे भटकेे हुए, गलत,
और क्रूूर पुुरुषोंं� कीी ओर मुुड़ गए, बल्कि�, स्वयंं अंंधकाार केे रााजकुु माार अर्थाा�त शैैताान कीी ओर, जि�सनेे
उनकेे मााध्यम सेे अपनीी शक्ति� काा प्रयोोग कि�याा। पााप पवि�त्रताा केे वेेश मेंं छि�पाा हुआ थाा। जब पवि�त्र
शाास्त्र कोो दबाा दि�याा जााताा हैै, और मनुुष्य खुुद कोो सर्वोोच्च मााननेे लगताा हैै, तोो हमेंं केे वल धूूर्ततताा, छल,
और अपमाानजनक अधर्मम कीी हीी उम्मीीद होोनीी चााहि�ए। माानवीीय नि�यमोंं� और परंंपरााओंं केे उत्थाान केे
सााथ भ्रष्टााचाार प्रकट हुआ जोो हमेेशाा परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कीी उपेेक्षाा करनेे केे परि�णाामस्वरूप होोताा हैै।
वेे मसीीह कीी कलीीसि�याा केे लि�ए संं कट केे दि�न थेे। वफाादाार माानक-वााहक वाास्तव मेंं कुु छ हीी थेे।
हाालाँँ�कि� सत्य कोो गवााहोंं� केे बि�नाा नहींं� छोोड़ाा गयाा थाा, फि�र भीी कई बाार ऐसाा लगताा थाा कि� त्रुुटि� और
अंंधवि�श्वाास पूूरीी तरह सेे प्रबल होो जााएगाा, और सच्चाा धर्मम पृृथ्वीी सेे दूू र होो जााएगाा। सुुसमााचाार कोो
भुुलाा दि�याा गयाा थाा, लेेकि�न धर्मम केे रूपोंं� कोो कई गुुनाा बढ़ाा दि�याा गयाा थाा, और लोोग अत्यााचाारोंं� सेे
बोोझि�ल होो गए थेे।
उन्हेंं न केे वल पोोप कोो अपनेे मध्यस्थ केे रूप मेंं देेखनाा सि�खाायाा गयाा थाा, बल्कि� पााप केे प्राायश्चि�ित
केे लि�ए अपनेे स्वयंं केे काार्योंं पर भरोोसाा करनाा भीी सि�खाायाा गयाा थाा। लंं बीी तीीर्थथयाात्रााएंं , तपस्याा केे काार्यय,
40 महाान वि�वााद

अवशेेषोंं� कीी पूूजाा, गि�रजााघरोंं�, मंं दि�रोंं� और वेेदि�योंं� काा नि�र्माा�ण, मंं दि�रोंं� कोो बड़ीी रकम काा भुुगताान - येे
और इसीी तरह केे कई काार्यय परमेेश्वर केे क्रोोध कोो शांं�त करनेे याा उसकेे अनुुग्रह कोो प्रााप्त करनेे केे लि�ए
कि�ए गए थेे; माानोो परमेेश्वर मनुुष्योंं� केे समाान थाा, जोो तुुच्छ बाातोंं� पर क्रोोधि�त होोताा थाा, याा उपहाारोंं� याा
तपस्याा केे कृृ त्योंं� सेे शांं�त होोताा थाा!
इस बाात केे होोतेे हुए भीी कि� रोोमन कलीीसि�याा केे अगुुवोंं� केे बीीच भीी दोोष प्रबल थाा, उसकाा प्रभााव
लगााताार बढ़ताा जाा रहाा थाा। आठवींं� शतााब्दीी केे करीीब, पोोप-समर्थथकोंं� नेे दाावाा कि�याा कि� कलीीसि�याा
केे शुुरुआतीी युुगोंं� मेंं रोोम केे धर्माा�ध्यक्षोंं� केे पाास वहीी आध्याात्मि�क शक्ति� थीी जोो उन्होंं�नेे अब ग्रहण कीी
थीी। इस दाावेे कोो स्थाापि�त करनेे केे लि�ए, इसेे अधि�काार काा रूप देेनेे केे लि�ए कुु छ सााधनोंं� काा उपयोोग
कि�याा जाानाा चााहि�ए; और यह झूठू केे पि�ताा द्वााराा आसाानीी सेे सुुझाायाा गयाा। प्रााचीीन लेेखन भि�क्षुुओं ं द्वााराा
नकल कि�ए गए। सभााओंं केे असााधाारण आदेेश खोोजेे गए, जि�न्होंं�नेे प्रााचीीन कााल सेे हीी पोोप केे साार्वव-
भौौमि�क वर्चचस्व कोो प्रमााणि�त कि�याा। और एक कलीीसि�याा जि�सनेे सच्चााई कोो अस्वीीकाार कर दि�याा थाा
उसनेे लाालच सेे इन अपवाादोंं� कोो स्वीीकाार कर लि�याा। (टि�प्पणीी 6 देेखेंं।)
सच्चीी नींं�व पर कुु छ वफाादाार रााजमि�स्त्रीी (1 कुु रि�न्थि�योंं� 3:10, 11) भ्रमि�त और बााधि�त थेे क्योंं�कि�
झूठेू े सि�द्धांं�त केे कचरेे नेे कााम मेंं बााधाा डाालीी। नहेेमाायााह केे दि�नोंं� मेंं यरूशलेेम कीी शहरपनााह बनाानेेवाालोंं�
कीी तरह, कुु छ लोोग यह कहनेे कोो तैैयाार थेे: “ढोोनेेवाालोंं� काा बल घट गयाा, और मि�ट्टीी बहुत पड़ीी हैै,
इसलि�येे शहरपनााह हम सेे नहींं� बन सकतीी।” नहेेम्यााह 4:10। सतााव, कपट, अधर्मम, और हर दूू सरीी
बााधाा सेे थक कर जोो शैैताान उनकीी प्रगति� मेंं बााधाा डाालनेे केे लि�ए ईजााद कर सकताा थाा, कुु छ लोोग
जोो वि�श्वाासयोोग्य रााजमि�स्त्रीी थेे, नि�रााश होो गए; और अपनीी सम्पत्ति� और अपनेे प्रााणोंं� कीी शाान्ति� और
सुुरक्षाा केे नि�मि�त्त वेे सच्चीी नींं�व सेे फि�र गए। दूू सरोंं� नेे, अपनेे शत्रुुओं ं केे वि�रोोध सेे अवि�चलि�त, नि�डर
होोकर घोोषि�त कि�याा: “उनसेे मत डरोो; प्रभुु जोो महाान्् और भययोोग्य हैै, उसीी कोो स्मरण करनाा” (पद
14); और अपनीी-अपनीी तलवाार लि�ए हुए, उन्होंं�नेे कााम कोो आगेे बढ़ाायाा। इफि�सि�योंं� 6:17।
उसीी घृृणाा और सत्य केे वि�रोोध कीी भाावनाा नेे हर युुग मेंं ईश्वर केे शत्रुुओं ं कोो प्रेेरि�त कि�याा हैै, और
उसकेे सेेवकोंं� मेंं भीी उसीी सतर्कक ताा और नि�ष्ठाा कीी अपेेक्षाा रखीी गई हैै। पहलेे शि�ष्योंं� केे लि�ए मसीीह केे
शब्द उसकेे अनुुयाायि�योंं� पर समय केे अंंत तक लाागूू होोतेे हैंं: «जोो मैंं तुुम सेे कहताा हूँँ, वहीी सबसेे कहताा
हूँँ, जाागतेे रहोो!” मरकुु स 13:37।
अँँधेेराा और घनाा होोताा दि�ख रहाा थाा। मूूर्ति�पूूजाा अधि�क साार्ववजनि�क होो गई थीी। मूूर्ति�योंं� केे साामनेे
मोोमबत्ति�यांं� जलााई जाातीी थींं� और उनसेे प्राार्थथनाा कीी जाातीी थींं�। सबसेे बेेतुके ु े और अंंधवि�श्वाासीी रीीति�-
रि�वााज़ प्रबल होो गए। मनुुष्य केे मन अंंधवि�श्वाास सेे इस कदर वश मेंं होो गए थेे कि� ऐसाा प्रतीीत होोताा
थाा कि� बुुद्धि� नेे अपनाा प्रभााव खोो दि�याा होो। जबकि� यााजक और धर्माा�ध्यक्ष स्वयंं आनंं दप्रि�य, काामुुक
और भ्रष्ट थेे, केे वल यह उम्मीीद कीी जाा सकतीी थीी कि� जोो लोोग माार्गगदर्शशन केे लि�ए उन पर नि�र्भभर थेे, वेे
अज्ञाानताा और दोोष मेंं डूू ब जााएंं गेे।
पोोप कीी माान्यताा मेंं एक और कदम उठाायाा गयाा, जब ग्याारहवींं� शतााब्दीी मेंं, पोोप ग्रेेगरीी VII नेे
रोोमन कलीीसि�याा कीी उत्कृृष्टताा कीी घोोषणाा कीी। उसकेे द्वााराा रखेे गए प्रस्ताावोंं� मेंं सेे एक थाा जोो यह प्रकट
करताा थाा कि� पवि�त्र शाास्त्र केे अनुुसाार, कलीीसि�याा नेे कभीी गलतीी नहींं� कीी थीी, और न हीी यह कभीी
गलतीी करेेगीी। लेेकि�न दाावेे केे सााथ पवि�त्रशाास्त्र केे प्रमााण नहींं� थेे। गर्वि�त पोोप नेे सम्रााटोंं� कोो पदच्युुत
आध्यात्मिक अंधकार का 41

करनेे केे अधि�काार काा भीी दाावाा कि�याा, और घोोषणाा कीी कि� उसकेे द्वााराा सुुनााई गई कोोई भीी सजाा कि�सीी
केे द्वााराा रद्द नहींं� कीी जाा सकतीी हैै, लेेकि�न अन्य सभीी केे नि�र्णणयोंं� कोो रद्द करनाा उसकाा वि�शेेषााधि�काार
थाा। (टि�प्पणीी 7 देेखेंं।)
अचूूकताा केे इस पैैरोोकाार केे अत्यााचाारीी चरि�त्र काा एक आकर्षषक उदााहरण जर्ममन सम्रााट हेेनरीी
चतुुर्थथ केे प्रति� उसकेे व्यवहाार मेंं दि�याा गयाा थाा। पोोप केे अधि�काार कीी अवहेेलनाा करनेे काा अनुुमाान
लगाानेे केे लि�ए, इस सम्रााट कोो बहि�ष्कृृ त और रााजपद सेे अपदस्थ घोोषि�त कि�याा गयाा थाा। अपनेे स्वयंं
केे प्रधाानोंं� केे परि�त्यााग और आतंं क सेे भयभीीत, जि�न्हेंं पोोप केे जनाादेेश द्वााराा उसकेे खि�लााफ वि�द्रोोह
मेंं प्रोोत्सााहि�त कि�याा गयाा थाा, हेेनरीी कोो रोोम केे सााथ साामंं जस्य स्थाापि�त करनेे कीी आवश्यकताा महसूूस
हुई। अपनीी पत्नीी और एक वफाादाार दाास कीी संं गति� मेंं उसनेे मध्य सर्दि�योंं� मेंं आल्प्स कोो पाार कि�याा,
तााकि� वह पोोप केे साामनेे खुुद कोो वि�नम्र कर सकेे । उस महल तक पहुँँचनेे पर जहाँँ� सेे ग्रेेगरीी अलग होो
गयाा थाा, उसेे उसकेे अंंगरक्षकोंं� केे बि�नाा, एक बााहरीी आंंगन मेंं लाायाा गयाा, और वहांं�, सर्दि�योंं� कीी भीीषण
ठंं ड मेंं, खुुलेे सि�र और नंं गेे पैैर, और एक दयनीीय पोोशााक मेंं, उसनेे पोोप कीी उपस्थि�ति� मेंं आनेे केे लि�ए
उसकीी अनुुमति� कीी प्रतीीक्षाा कीी। पोोप नेे उसेे क्षमाा-दाान तभीी दि�याा जब उसनेे तीीन दि�न काा उपवाास
रखनाा और पाापोंं� काा अंंगीीकाार करनाा ज़ाारीी रखाा। फि�र भीी यह केे वल इस शर्तत पर थाा कि� सम्रााट कोो
प्रतीीक चि�न्ह कोो पुुनःः ग्रहण करनेे याा प्रभुुत्व केे अधि�काार काा प्रयोोग करनेे सेे पहलेे पोोप कीी मंं ज़ूूरीी काा
इंं तज़ाार करनाा चााहि�ए। और ग्रेेगरीी नेे अपनीी जीीत सेे उत्सााहि�त होोकर दाावाा कि�याा कि� रााजााओंं केे गौौरव
कोो कम करनाा उसकाा कर्ततव्य थाा।
कि�तनाा अंंतर हैै इस अभि�माानीी पोोप केे दबंं ग गर्वव और मसीीह कीी नम्रताा और दीीनताा केे बीीच,
मसीीह जोो प्रवेेश केे लि�ए हृदय केे द्वाार पर वि�नतीी करतेे हुए स्वयंं काा प्रति�नि�धि�त्व करताा हैै, तााकि� वह
क्षमाा और शांं�ति� लाानेे केे लि�ए आ सकेे , और जि�सनेे अपनेे शि�ष्योंं� कोो सि�खाायाा : «जोो तुुम मेंं प्रधाान होोनाा
चााहेे, वह तुुम्हााराा दाास बनेे।» मत्तीी 20:27।
प्रगाामीी सदि�योंं� नेे रोोम सेे दि�ए गए सि�द्धांं�तोंं� मेंं भ्रम कीी नि�रंंतर वृृद्धि� देेखीी। पोोपतंं त्र कीी स्थाापनाा सेे
पहलेे हीी, अन्यजााति�योंं� केे दाार्शशनि�कोंं� कीी शि�क्षााओंं नेे ध्याान आकर्षि�त कि�याा थाा और कलीीसि�याा पर
प्रभााव डाालाा थाा। बहुत सेे जि�न्होंं�नेे धर्मांं�तरण कोो स्वीीकाार कि�याा थाा, वेे अभीी भीी अपनेे मूूर्ति�पूूजक दर्शशन
केे सि�द्धांं�तोंं� सेे चि�पकेे हुए थेे, और उन्होंं�नेे न केे वल स्वयंं इसकाा अध्ययन ज़ाारीी रखाा, बल्कि� अन्यजााति�-
योंं� केे बीीच अपनेे प्रभााव कोो बढ़ाानेे केे सााधन केे रूप मेंं इसेे दूू सरोंं� पर लाागूू करनेे काा आग्रह कि�याा। इस
प्रकाार गंं भीीर भ्रमोंं� कोो मसीीहीी वि�श्वाास मेंं प्रस्ताावि�त कि�याा गयाा। इनमेंं सेे प्रमुुख थाा मनुुष्य कीी प्रााकृृ ति�क
अमरताा और मृृत्युु मेंं उसकीी चेेतनाा मेंं वि�श्वाास। इस सि�द्धांं�त नेे नींं�व रखीी जि�स पर रोोम नेे पवि�त्र लोोगोंं�
केे आह्वाान और कुँँ� वाारीी मरि�यम कीी आरााधनाा कीी स्थाापनाा कीी। इससेे अंंतत: अपश्चाात्ताापीी केे लि�ए
अनन्त पीीड़ाा काा वि�धर्मम उत्पन्न हुआ, जि�सेे जल्दीी हीी कैै थोोलि�क वि�श्वाास मेंं शाामि�ल कर लि�याा गयाा।
फि�र बुुतपरस्तीी केे एक और आवि�ष्काार कीी शुुरूआत केे लि�ए राास्ताा तैैयाार कि�याा गयाा, जि�सेे रोोम नेे
शोोधक नााम दि�याा, और भोोलीी -भाालीी और अंंधवि�श्वाासीी भीीड़ कोो डराानेे केे लि�ए नि�योोजि�त कि�याा। इस
वि�धर्मम सेे पीीड़ाा केे स्थाान केे अस्ति�त्व कीी पुुष्टि�ि होोतीी हैै, जि�समेंं ऐसेे लोोगोंं� कीी आत्मााओंं कोो, जोो अनन्त
दंंड केे पाात्र नहींं� हैंं, उनकेे पाापोंं� केे लि�ए दंंड भुुगतनाा पड़ताा हैै, और जहांं� सेे, अशुुद्धताा सेे मुुक्त होोनेे पर,
उन्हेंं स्वर्गग मेंं प्रवेेश दि�याा जााताा हैै। (टि�प्पणीी 8 देेखेंं।)
42 महाान वि�वााद

फि�र भीी एक और छलरचनाा कीी आवश्यकताा थीी तााकि� रोोम अपनेे अनुुयाायि�योंं� केे भय और
बुुरााइयोंं� सेे लााभाान्वि�त होो सकेे । यह दंंड कीी छूू ट केे सि�द्धांं�त द्वााराा आपूूर्ति� कीी गई थीी। उन सभीी सेे, जोो
पोोप केे सांं�साारि�क प्रभुुत्व काा वि�स्ताार करनेे केे लि�ए, उसकेे दुश्म ु नोंं� कोो दंंडि�त करनेे केे लि�ए, याा उन
लोोगोंं� कोो, जि�न्होंं�नेे उसकेे आध्याात्मि�क वर्चचस्व कोो अस्वीीकाार करनेे काा सााहस कि�याा थाा, नष्ट करनेे
केे लि�ए उसकेे युुद्धोंं� मेंं सहयोोग करेंंगेे, अतीीत, वर्ततमाान और भवि�ष्य केे पाापोंं� कीी पूूर्णण छूू ट, और सभीी
पीीड़ााओंं और दंंडोंं� सेे मुुक्ति� देेनेे काा वाादाा कि�याा गयाा थाा। लोोगोंं� कोो यह भीी सि�खाायाा गयाा थाा कि� चर्चच कोो
पैैसेे देेकर वेे खुुद कोो पााप सेे मुुक्त कर सकतेे हैंं, और अपनेे मृृत दोोस्तोंं� कीी आत्मााओंं कोो भीी मुुक्त कर
सकतेे हैंं जोो आग कीी लपटोंं� मेंं कैै द थेे। इस तरह सेे रोोम नेे अपनेे खजाानेे कोो भर दि�याा और जि�सकेे
पाास अपनाा सि�र रखनेे कीी जगह नहींं� थीी, उसकेे तथाा-कथि�त प्रति�नि�धि�योंं� कीी भव्यताा, वि�लाासि�ताा और
बुुरााई कोो बनााए रखाा। (टि�प्पणीी 9 देेखेंं।)
प्रभुु भोोज केे पवि�त्र शाास्त्र संं बंं धीी अध्याादेेश कोो साामूूहि�क मूूर्ति�पूूजाा बलि�दाान द्वााराा प्रति�स्थाापि�त
कि�याा गयाा थाा। कैै थोोलि�क यााजक अपनेे मूूर्खखताापूूर्णण स्वांं�ग द्वााराा सााधाारण रोोटीी और शरााब कोो «मसीीह
केे वाास्तवि�क शरीीर और लहू» मेंं बदलनेे काा दि�खाावाा करतेे थेे। —प्रधाान ज्ञाानीी, धन्य यूूकरि�स्ट मेंं
हमाारेे प्रभुु यीीशुु मसीीह केे शरीीर और रक्त कीी वाास्तवि�क उपस्थि�ति�, पवि�त्रशाास्त्र सेे प्रमााणि�त, व्यााख्याान
8, भााग 3, अनुुच्छेेद 26। ईशनिं�दां ात्मक अनुुमाान केे सााथ, उन्होंं�नेे खुुलेे तौौर पर सभीी वस्तुुओं ं केे
सृृष्टि�िकर्ताा�, परमेेश्वर कीी सृृष्टि�ि करनेे केे अधि�काार काा दाावाा कि�याा। मृृत्युु कीी धमकीी पर मसीीहि�योंं� सेे
इस भयाानक, स्वर्गग-अपमाानजनक वि�धर्मम मेंं अपनेे वि�श्वाास कीी घोोषणाा करनेे कीी अपेेक्षाा कीी जाातीी थीी।
मनाा करनेे वाालेे लोोगोंं� कोो आग कीी लपटोंं� कोो सौंं�प दि�याा जााताा थाा। (टि�प्पणीी 10 देेखेंं।)
तेेरहवींं� शतााब्दीी मेंं पोोपतंं त्र केे सभीी योोजनााओंं मेंं सबसेे भयाानक योोजनाा स्थाापि�त कीी गई—
न्याायि�क जांं�च। शैैताान नेे पोोप सेे संं बंं धि�त पदाानुुक्रम केे अगुुवोंं� केे सााथ कााम कि�याा। अपनीी गुुप्त
सभााओंं मेंं शैैताान और उसकेे दूू त दुष्ु ट लोोगोंं� केे मन कोो नि�यंं त्रि�त करतेे थेे, जबकि� बीीच मेंं ईश्वर काा
एक अदृश्य दूू त खड़ाा थाा, जोो उनकेे अधर्मीी फरमाानोंं� काा भयाानक वि�वरण लेे रहाा थाा और ऐसेे कर्मोंं
काा इति�हाास लि�ख रहाा थाा जोो माानव आंंखोंं� केे साामनेे प्रकट होोनेे केे लि�ए बहुत भयाानक थेे। «बड़ाा
बेेबीीलोोन» «पवि�त्र लोोगोंं� काा लहू पीीनेे सेे मतवाालाा» होो गयाा थाा। लााखोंं� शहीीदोंं� केे क्षत-वि�क्षत रूप उस
धर्ममत्याागीी शक्ति� सेे प्रति�शोोध केे लि�ए ईश्वर कीी दुहाु ाई देे रहेे थेे।
पोोप काा धर्मम संं साार काा ताानााशााह बन गयाा थाा। रााजाा और सम्रााट रोोमन पोोप केे फरमाानोंं� केे आगेे
झुकते
ु े थेे। मनुुष्य कीी नि�यति�, समय और अनंं त कााल दोोनोंं� केे लि�ए, उसकेे नि�यंं त्रण मेंं थीी। सैैकड़ोंं� वर्षोंं
सेे रोोम केे सि�द्धांं�त बड़ेे पैैमाानेे पर और नि�हि�त रूप सेे स्वीीकाार कि�ए गए थेे, इसकेे संं स्काार श्रद्धाापूूर्ववक
कि�ए जाातेे थेे, इसकेे त्योोहाार आम तौौर पर मनााए जाातेे थेे। इसकेे पाादरि�योंं� काा सम्माान कि�याा जााताा थाा
और उदाारताापूूर्ववक काायम रखाा जााताा थाा। तब सेे रोोमन कलीीसि�याा नेे कभीी भीी अधि�क गरि�माा, भव्यताा
याा शक्ति� प्रााप्त नहींं� कीी हैै।
लेेकि�न “पोोपतंं त्र कीी दोोपहर संं साार कीी आधीी राात थीी।”—जेे. ए वि�लीी, द हि�स्ट्रीी� ऑफ प्रोोटेेस्टेंं-
टि�ज्म, पुुस्तक 1, अध्यााय 4। न केे वल लोोगोंं� केे लि�ए, बल्कि� यााजकोंं� केे लि�ए पवि�त्र शाास्त्र लगभग
अज्ञाात थाा। बीीतेे समय केे फरीीसि�योंं� कीी तरह, पोोप काालीीन अगुुवोंं� कोो उस प्रकााश सेे नफरत थीी जोो
उनकेे पाापोंं� कोो प्रकट करताा थाा। परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा, धाार्मि�कताा केे स्तर कोो हटााए जाानेे केे बााद,
आध्यात्मिक अंधकार का 43

वेे असीीमि�त शक्ति� काा प्रयोोग करतेे थेे, और अनर्गगल अधर्मम काा अभ्याास करतेे थेे। कपट, लोोभ और
अपव्यय काा बोोलबाालाा थाा। लोोग ऐसेे कि�सीी भीी अपरााध सेे पीीछेे नहींं� हटतेे थेे, जि�ससेे वेे धन याा पद
प्रााप्त कर सकेंं । पोोप और धर्माा�ध्यक्षोंं� केे महल सबसेे घि�नौौनेे व्यभि�चाार केे दृश्य थेे। शाासन करनेे वाालेे
कुु छ पोोप इतनेे घि�नौौनेे अपरााधोंं� केे दोोषीी थेे कि� धर्ममनि�रपेेक्ष शाासकोंं� नेे कलीीसि�याा केे इन गणमाान्य
व्यक्ति�योंं� कोो पदच्युुत करनेे काा प्रयाास कि�याा क्योंं�कि� वेे उन्हेंं रााक्षस माानतेे थेे जोो इतनेे भ्रष्ट थेे कि� उन्हेंं
बर्दाा�श्त नहींं� कि�याा जाा सकताा थाा। सदि�योंं� सेे यूूरोोप नेे शि�क्षाा, कलाा याा सभ्यताा मेंं कोोई प्रगति� नहींं� कीी
थीी। मसीीहीी जगत पर एक नैैति�क और बौौद्धि�क पक्षााघाात आ गयाा थाा।
रोोमीी सत्ताा केे तहत जगत कीी स्थि�ति� नेे भवि�ष्यवक्ताा होोशेे केे शब्दोंं� कीी एक भयाानक और मर्ममभेेदीी
पूूर्ति� प्रस्तुुत कीी: «मेेरेे ज्ञाान केे न होोनेे सेे मेेरीी प्रजाा नष्ट होो गई; तूू नेे मेेरेे ज्ञाान कोो तुुच्छ जाानाा हैै, इसलि�येे
मैंं तुुझेे अयोोग्य ठहरााऊँँगाा: ... इसलि�येे कि� तूू नेे अपनेे परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कोो तज दि�याा हैै, मैंं भीी
तेेरेे बााल–बच्‍‍चोंं� कोो छोोड़ दूँँ� गाा। इस देेश मेंं न तोो कुु छ सच्‍‍चााई हैै, न कुु छ करुणाा और न कुु छ परमेे-
श्वर काा ज्ञाान हीी हैै। यहाँँ� शााप देेनेे, झूठू बोोलनेे, वध करनेे, चुुराानेे, और व्यभि�चाार करनेे कोो छोोड़ कुु छ
नहींं� होोताा; वेे व्यवस्थाा कीी सीीमाा कोो लाँँ�घकर कुु कर्मम करतेे हैंं और खूून हीी खूून होोताा रहताा हैै।» होोशेे
4:6,1,2। परमेेश्वर केे वचन कोो दूू र करनेे केे परि�णााम ऐसेे थेे।
4

वााल्डेेन्सेसे

पोो प काालीीन वर्चचस्व कीी लंं बीी अवधि� केे दौौराान पृृथ्वीी पर छााई नि�रााशाा केे बीीच, सत्य काा प्रकााश पूूरीी
तरह सेे बुुझ नहींं� सकाा। हर युुग मेंं परमेेश्वर केे गवााह थेे—वेे लोोग जि�न्होंं�नेे मसीीह मेंं वि�श्वाास
कोो परमेेश्वर और मनुुष्य केे बीीच एकमाात्र मध्यस्थ केे रूप मेंं पोोषि�त कि�याा, जि�न्होंं�नेे बााइबल कोो जीीवन
केे एकमाात्र सि�द्धांं�त केे रूप मेंं माानाा, और जि�न्होंं�नेे सच्चेे सब्त कोो पवि�त्र कि�याा। इन व्यक्ति�योंं� काा संं साार
कि�तनाा ऋणीी हैै, यह आनेे वाालीी पीीढ़ीी कभीी नहींं� जाान पााएगीी। उन्हेंं वि�धर्मि�योंं� केे रूप मेंं वर्गीीकृृ त कि�याा
गयाा, उनकेे उद्देेश्योंं� काा खण्डन कि�याा गयाा, उनकेे चरि�त्रोंं� कोो बदनााम कि�याा गयाा, उनकेे लेेखन कोो दबाा
दि�याा गयाा, गलत तरीीकेे सेे प्रस्तुुत कि�याा गयाा, याा वि�कृृ त कर दि�याा गयाा। फि�र भीी वेे दृढ़ रहेे, और आनेे
वाालीी पीीढ़ि�योंं� केे लि�ए उन्होंं�नेंं एक पवि�त्र वि�राासत केे रूप मेंं, युुगोंं�-युुगोंं� तक इसकीी पवि�त्रताा मेंं अपनाा
वि�श्वाास बनााए रखाा।
रोोम कीी सर्वोोच्चताा केे बााद अंंधकाार केे युुग केे दौौराान परमेेश्वर केे लोोगोंं� काा इति�हाास स्वर्गग मेंं
लि�खाा गयाा हैै, लेेकि�न माानव अभि�लेेखोंं� मेंं उनकाा बहुत कम स्थाान हैै। उनकेे उत्पीीड़कोंं� केे आरोोपोंं�
कोो छोोड़कर, उनकेे अस्ति�त्व केे कुु छ हीी अवशेेष पााए जाा सकतेे हैंं। रोोम कीी नीीति� थीी कि� वह अपनेे
सि�द्धांं�तोंं� याा फरमाानोंं� सेे असहमति� केे हर नि�शाान कोो मि�टाा देे। जोो कुु छ भीी वि�धर्मीी थाा, चााहेे वह व्यक्ति�
होो याा लेेखन, उसनेे नष्ट करनेे कीी कोोशि�श कीी। संं देेह कीी अभि�व्यक्ति�याँँ�, याा पोोप केे हठधर्मि�ताा केे
अधि�काार केे बाारेे मेंं प्रश्न, अमीीर याा गरीीब, उच्च याा नि�म्न केे जीीवन कोो समााप्त करनेे केे लि�ए पर्याा�प्त
थेे। रोोम नेे असंं तुुष् टोंं� केे प्रति� उसकीी क्रूूरताा केे हर अभि�लेेख कोो नष्ट करनेे काा भीी प्रयाास कि�याा। पोोप
कीी सभााओंं नेे आदेेश ज़ाारीी कि�याा कि� इस तरह केे अभि�लेेखोंं� वाालीी पुुस्तकोंं� और लेेखोंं� कोो आग कीी
लपटोंं� कोो सौंं�प दि�याा जााए। छपााई केे आवि�ष्काार सेे पहलेे, कि�तााबेंं संं ख्याा मेंं कम थींं�, और एक ऐसेे
रूप मेंं थींं� जोो संं रक्षण केे लि�ए अनुुकूूल नहींं� थाा; इसलि�ए रोोमनवाादि�योंं� कोो अपनेे उद्देेश्य कोो पूूराा करनेे
सेे रोोकनेे केे लि�ए बहुत कम थाा।
रोोम संं बद्ध अधि�काार क्षेेत्र कीी सीीमाा केे अंंदर कोोई भीी कलीीसि�याा लंं बेे समय तक अंंतराात्माा कीी स्व-
तंं त्रताा केे आनंं द मेंं अबााधि�त नहींं� थीी। जैैसेे हीी पोोपतंं त्र नेे अधि�काार प्रााप्त कि�याा थाा, उसनेे उन सभीी
वाल्डेन 45

कोो, जि�न्होंं�नेे उसकेे प्रभााव कोो स्वीीकाार करनेे सेे मनाा कि�याा, कुु चलनेे केे लि�ए अपनेे हााथ आगेे बढ़ााए,
और एक केे बााद एक कलीीसि�यााएँँ उसकेे प्रभुुत्व केे अधीीन होो गईं।
ग्रेेट ब्रि�टेेन मेंं आदि�म मसीीहीी धर्मम नेे बहुत पहलेे हीी जड़ेंं जमाा लीी थींं�। पहलीी शतााब्दि�योंं� मेंं ब्रि�टेेन
केे लोोगोंं� द्वााराा प्रााप्त कि�याा गयाा सुुसमााचाार रोोम संं बद्ध धर्ममत्यााग द्वााराा अवि�कृृ त थाा। बुुतपरस्त सम्रााटोंं�
द्वााराा उत्पीीड़न, जोो इन दूू र-दरााज केे तटोंं� तक भीी फैै लाा थाा, एकमाात्र उपहाार थाा जोो ब्रि�टेेन कीी पहलीी
कलीीसि�यााओंं कोो रोोम सेे प्रााप्त हुआ थाा। इंं ग्लैंडं मेंं उत्पीीड़न सेे भाागकर कई मसीीहि�योंं� नेे स्कॉॉटलैंंड मेंं शरण
लीी; वहाँँ� सेे सच्चााई कोो आयरलैंंड लेे जाायाा गयाा, और इन सभीी देेशोंं� मेंं इसेे खुुशीी केे सााथ ग्रहण कि�याा गयाा।
जब जर्ममनीी नेे ब्रि�टेेन पर आक्रमण कि�याा, तोो बुुतपरस्तीी हाावीी होो गई। वि�जेेतााओंं नेे अपनेे दाासोंं�
द्वााराा नि�र्देेश दि�ए जाानेे काा ति�रस्काार कि�याा, और मसीीहीी पहााड़ोंं� और बीीहड़ बंं जर प्रदेेशोंं� मेंं शरण लेेनेे
केे लि�ए वि�वश होो गए। फि�र भीी कुु छ समय केे लि�ए छि�पाा हुआ प्रकााश जलताा रहाा। स्कॉॉटलैंंड मेंं, एक
सदीी बााद, यह एक चमक केे सााथ चमक उठाा जोो दूू र-दूू र तक फैै ल गई। आयरलैंंड सेे पवि�त्र कोोलंं बाा
और उसकेे सहयोोगीी आए, जि�न्होंं�नेे इओनाा केे एकााकीी द्वीीप पर बि�खरेे हुए वि�श्वाासि�योंं� कोो इकट्ठाा करकेे
इसेे अपनेे धर्माा�र्थथ काार्यय-संं बंं धीी काार्यय काा केंंद्र बनाा दि�याा। इन सुुसमााचाार प्रचाारकोंं� मेंं बााइबल सब्त काा
एक पर्ययवेेक्षक थाा, और इस प्रकाार लोोगोंं� केे बीीच इस सत्य काा परि�चय कराायाा गयाा। इओनाा मेंं एक
स्कूूल कीी स्थाापनाा कीी गई, जि�समेंं सेे मि�शनरीी न केे वल स्कॉॉटलैंंड और इंं ग्लैंडं गए, बल्कि� जर्ममनीी, स्वि�-
ट््जरलैंंड और यहांं� तक कि� इटलीी भीी गए।
लेेकि�न रोोम नेे अपनीी नि�गााह ब्रि�टेेन पर टि�कााई हुई थीी, और उसेे अपनेे वर्चचस्व मेंं लाानेे केे लि�ए
कृृ तसंं कल्प थाा। छठीी शतााब्दीी मेंं उसकेे मि�शनरि�योंं� नेे अन्यजााति�योंं� केे जर्ममनोंं� केे धर्मम परि�वर्ततन काा
बीीड़ाा उठाायाा।
उन्हेंं घमंं डीी बर्बबर लोोगोंं� द्वााराा समर्थथन केे सााथ स्वीीकाार कि�याा गयाा, और उन्होंं�नेे रोोमीी वि�श्वाास कोो
मााननेे केे लि�ए कई हज़ाारोंं� लोोगोंं� कोो प्रेेरि�त कि�याा। जैैसेे-जैैसेे कााम आगेे बढ़ाा, पोोप सेे जुुड़ेे अगुुवोंं� और
उनकेे धर्माा�न्तरि�त लोोगोंं� काा साामनाा आदि�म मसीीहि�योंं� सेे हुआ। एक आकर्षषक वि�रोोधााभाास प्रस्तुुत कि�याा
गयाा थाा। उत्तराार्द्धध चरि�त्र, सि�द्धांं�त और शि�ष्टााचाार मेंं सरल, वि�नम्र और पवि�त्र शाास्त्र केे वि�श्वाासीी थेे,
जबकि� पर्वूू�वर्तीी अंंधवि�श्वाास, धूूमधााम और पोोपवााद केे अहंंकाार कोो प्रकट करतेे थेे। रोोम केे दूू त नेे
मांं�ग कीी कि� येे मसीीहीी कलीीसि�यााएंं संं प्रभुु पोोप कीी सर्वोोच्चताा कोो स्वीीकाार करेंं। ब्रि�ताानि�योंं� नेे नम्रताा सेे
उत्तर दि�याा कि� वेे सभीी मनुुष्योंं� सेे प्याार करनाा चााहतेे थेे, लेेकि�न पोोप कलीीसि�याा मेंं प्रभुुत्व काा हकदाार
नहींं� थाा, और वेे उसकेे प्रति� उतनीी हीी दीीनताा दि�खाा सकतेे थेे, जि�तनीी कि� मसीीह केे प्रत्येेक अनुुयाायीी
कोो देेय थीी। रोोम केे प्रति� उनकीी नि�ष्ठाा कोो प्रााप्त करनेे केे लि�ए बाार-बाार प्रयाास कि�ए गए; परन्तुु इन
नम्र मसीीहि�योंं� नेे, अपनेे दूू तोंं� द्वााराा प्रदर्शि�त गर्वव सेे चकि�त होोकर, दृढ़ताा सेे उत्तर दि�याा कि� वेे मसीीह केे
अलाावाा कि�सीी अन्य स्वाामीी कोो नहींं� जाानतेे। अब पोोपतंं त्र कीी असलीी भाावनाा काा पताा चलाा थाा। रोोम सेे
जुुड़ेे अगुुवेे नेे कहाा: «यदि� आप उन भााइयोंं� कोो स्वीीकाार नहींं� करेंंगेे जोो आपकोो शांं�ति� प्रदाान करतेे हैंं,
तोो आप शत्रुुओं ं काा स्वाागत करेंंगेे जोो आपकेे लि�ए युुद्ध काा काारण होंं�गेे। यदि� आप जर्ममनोंं� कोो जीीवन
काा माार्गग दि�खाानेे मेंं हमाारेे सााथ एक नहींं� होंं�गेे, तोो आप उनकेे हााथोंं� मृृत्युु प्रााप्त करेंंगेे।” —जेे.एच. मर्लेे
डीी›ऑबि�ग्नेे, हि�स्ट्रीी� ऑफ़ द रि�फॉॉर्मेेशन ऑफ़ द सि�क्सटींं�थ सेंंचुुरीी, पुुस्तक 17, अध्यााय 2। येे कोोई
बेेकाार कीी धमकि�यांं� नहींं� थीी। इन गवााहोंं� केे खि�लााफ युुद्ध, सााज़ि�श और धोोखेे कोो बााइबल वि�श्वाास केे
46 महाान वि�वााद

लि�ए नि�योोजि�त कि�याा गयाा, जब तक कि� ब्रि�टेेन कीी कलीीसि�यााएंं नष्ट न होो गईं, याा पोोप केे अधि�काार केे
प्रति� समर्पपण करनेे केे लि�ए वि�वश न होो गईं।
रोोम केे अधि�काार क्षेेत्र सेे बााहर कीी भूूमि� मेंं कई शतााब्दि�योंं� तक मसीीहि�योंं� केे समूूह अस्ति�त्व मेंं रहेे
जोो पोोप केे भ्रष्टााचाार सेे लगभग पूूरीी तरह मुुक्त थेे। वेे बुुतपरस्तीी सेे घि�रेे हुए थेे और युुगोंं� केे अंंत मेंं
इसकेे भ्रमोंं� सेे प्रभाावि�त थेे; लेेकि�न उन्होंं�नेे धाार्मि�क वि�श्वाास मेंं बााइबल कोो एकमाात्र माानक मााननाा ज़ाारीी
रखाा और इसकीी कई सच्चााइयोंं� काा पाालन कि�याा। येे मसीीहीी परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कीी शााश्वतताा मेंं
वि�श्वाास करतेे थेे और चौौथीी आज्ञाा केे सब्त काा पाालन करतेे थेे। इस वि�श्वाास और प्रथाा कोो मााननेे वाालीी
कलीीसि�यााएंं मध्य अफ्रीीकाा और एशि�याा केे अर्मेेनि�यााई लोोगोंं� केे बीीच मौौजूूद थेे।
लेेकि�न पोोप सत्ताा केे अति�क्रमण काा वि�रोोध करनेे वाालोंं� मेंं वााल्डेंंस सबसेे आगेे थेे। जि�स देेश मेंं
पोोपवााद नेे अपनाा स्थाान पक्काा कर लि�याा थाा, वहांं� उसकेे झूठू और भ्रष्टााचाार काा डटकर वि�रोोध कि�याा
गयाा थाा। सदि�योंं� सेे पीीडमोंं�ट कीी कलीीसि�यााओंं नेे अपनीी स्वतंं त्रताा बनााए रखीी; लेेकि�न अंंत मेंं वह
समय आ गयाा जब रोोम नेे उनकेे अधीीन होोनेे पर ज़ोोर दि�याा। उसकेे अत्यााचाार केे खि�लााफ नि�ष्प्रभाावीी
संं घर्षोंं केे बााद, इन कलीीसि�यााओंं केे अगुुवोंं� नेे अनि�च्छाा सेे उस शक्ति� कीी सर्वोोच्चताा कोो स्वीीकाार कि�याा,
जि�सकेे लि�ए पूूरीी दुनि�याु ा श्रद्धांं�जलि� देे रहीी थीी। हाालाँँ�कि�, कुु छ ऐसेे भीी थेे, जि�न्होंं�नेे पोोप याा धर्माा�ध्यक्ष केे
अधि�काार केे आगेे झुकने ु े सेे इनकाार कर दि�याा। वेे परमेेश्वर केे प्रति� अपनीी नि�ष्ठाा कोो क़ाायम रखनेे और
अपनेे वि�श्वाास कीी नि�र्ममलताा और सरलताा कोो बनााए रखनेे केे लि�ए दृढ़ थेे। एक अलगााव हुआ। जोो
लोोग प्रााचीीन वि�श्वाास काा पाालन करतेे थेे वेे अब पीीछेे हट गए; कुु छ नेे, अपनेे मूूल आल्प्स कोो छोोड़कर,
वि�देेशोंं� मेंं सत्य काा झंं डाा फहराायाा; अन्य लोंं�गोंं� नेे पहााड़ोंं� कीी एकांं�त घााटि�योंं� और चट्टाानीी कि�लोंं� मेंं शरण
लीी, और वहांं� परमेेश्वर कीी आरााधनाा करनेे कीी अपनीी स्वतंं त्रताा कोो बनााए रखाा।
जोो वि�श्वाास वााल्डेंंसि�यन मसीीहि�योंं� द्वााराा सदि�योंं� सेे रखाा और सि�खाायाा गयाा थाा, वह रोोम सेे साामनेे
आए झूठेू े सि�द्धांं�तोंं� केे वि�परीीत थाा। उनकाा धाार्मि�क वि�श्वाास ईश्वर केे लि�खि�त वचन, मसीीहीी धर्मम कीी
सच्चीी प्रणाालीी पर आधाारि�त थाा। लेेकि�न वेे वि�नम्र कि�साान, अपनेे गुुप्त आश्रयोंं� मेंं, दुनि�या ु ा सेे दूू र,
और अपनेे झुंं�डोंं� और अपनेे दााख कीी बाारि�योंं� केे बीीच दैैनि�क परि�श्रम करनेे केे लि�ए बााध्य, धर्ममत्याागीी
कलीीसि�याा कीी हठधर्मि�ताा और वि�धर्मम केे वि�रोोध मेंं सत्य तक स्वयंं नहींं� पहुंंचेे थेे। उनकाा वि�श्वाास कोोई
नयाा वि�श्वाास नहींं� थाा। उनकाा धाार्मि�क वि�श्वाास उनकेे पि�ताा कीी ओर सेे उनकीी वि�राासत थीी। उन्होंं�नेे
प्रेेरि�ति�क कलीीसि�याा केे वि�श्वाास केे लि�ए संं घर्षष कि�याा, - «वह वि�श्वाास जोो पवि�त्र लोोगोंं� कोो एक हीी बाार
सौंं�पाा गयाा थाा।» यहूदाा 3। «जंं गल मेंं कलीीसि�याा,» न कि� दुनि�या ु ा कीी महाान रााजधाानीी मेंं सिं�हां ासना�-
रूढ़ धर्ममसत्ताा, मसीीह कीी सच्चीी कलीीसि�याा थीी, सत्य केे खजाानेे कीी संं रक्षक, जि�सेे परमेेश्वर नेे अपनेे
लोोगोंं� कोो दुनि�या
ु ा कोो देेनेे केे लि�ए प्रति�बद्ध कि�याा हैै।
रोोम सेे सच्चीी कलीीसि�याा केे पृृथकत्व केे प्रमुुख काारणोंं� मेंं बााइबि�ल सब्त केे प्रति� रोोम कीी नफरत
थीी। जैैसाा कि� भवि�ष्यद्वााणीी केे द्वााराा पहलेे सेे बताायाा गयाा थाा, पोोप कीी सत्ताा नेे सच्‍‍चााई कोो मि�ट्टीी मेंं मि�लाा
दि�याा। परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कोो धूूल मेंं रौंं�दाा गयाा, जबकि� मनुुष्योंं� कीी परंंपरााओंं और रीीति�-रि�वााज़ोंं� कोो
कोो ऊंंचाा कि�याा गयाा। पोोपतंं त्र केे शाासन केे अधीीन कलीीसि�यााओंं कोो पहलेे हीी रवि�वाार कोो पवि�त्र दि�न
केे रूप मेंं मााननेे करनेे केे लि�ए वि�वश कि�याा गयाा थाा। प्रचलि�त भ्रम और अंंधवि�श्वाास केे बीीच, कई,
यहाँँ� तक कि� परमेेश्वर केे सच्चेे लोोग भीी इतनेे भ्रमि�त होो गए कि� जब वेे सब्त काा पाालन करतेे थेे, तोो वेे
वाल्डेन 47

रवि�वाार कोो भीी श्रम सेे दूू र रहतेे थेे। लेेकि�न कैै थोोलि�क अगुुवेे इससेे संं तुुष् ट नहींं� थेे। उन्होंं�नेे मांं�ग कीी कि�
न केे वल रवि�वाार कोो पवि�त्र माानाा जााए, बल्कि� यह कि� सब्त कोो अपवि�त्र कि�याा जााए; और उन्होंं�नेे कठोोर
भााषाा मेंं उन लोोगोंं� कीी निं�दां ा कीी जि�न्होंं�नेे इसेे मााननेे काा सााहस कि�याा। केे वल रोोम कीी सत्ताा सेे भाागनेे केे
द्वााराा हीी कोोई भीी शांं�ति�पूूर्ववक परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा काा पाालन कर सकताा थाा। (टि�प्पणीी 11 देेखेंं।)
पवि�त्र शाास्त्र काा अनुुवााद प्रााप्त करनेे केे लि�ए वााल्डोो परि�वाार यूूरोोप केे लोोगोंं� मेंं सेे सबसेे पहलेे
थेे। (टि�प्पणीी 12 देेखेंं।) धर्ममसुुधाार सेे सैैकड़ोंं� सााल पहलेे उनकेे पाास अपनीी माातृृभााषाा मेंं पांं�डुुलि�पि�
मेंं बााइबल थीी। उनकेे पाास वि�शुुद्ध सत्य थाा, और इसनेे उन्हेंं घृृणाा और उत्पीीड़न काा वि�शेेष पाात्र बनाा
दि�याा। उन्होंं�नेे रोोम कीी कलीीसि�याा कोो सर्ववनााश काा धर्ममत्याागीी बााबुुल घोोषि�त कि�याा, और अपनेे जीीवन
कोो संं कट मेंं डाालकर वेे उसकेे भ्रष्टााचाारोंं� काा वि�रोोध करनेे केे लि�ए खड़ेे हुए। जबकि�, लंं बेे समय सेे
ज़ाारीी उत्पीीड़न केे दबााव मेंं, कुु छ नेे अपनेे वि�श्वाास सेे समझौौताा कि�याा, अपनेे वि�शि�ष्ट सि�द्धांं�तोंं� कोो
थोोड़ाा-थोोड़ाा करकेे , दूू सरोंं� नेे सत्य कोो दृढ़ताा सेे धाारण कि�याा। अज्ञाान और धर्ममत्यााग केे युुगोंं� मेंं वााल्डेंंस
थेे जि�न्होंं�नेे रोोम कीी सर्वोोच्चताा कोो नकाार दि�याा थाा, जि�न्होंं�नेे प्रति�माा-पूूजाा कोो मूूर्ति�पूूजाा केे रूप मेंं
अस्वीीकाार कर दि�याा थाा, और जि�न्होंं�नेे सच्चेे सब्त काा पाालन कि�याा थाा। वि�रोोध केे भीीषण तूूफाानोंं� केे
तहत उन्होंं�नेे अपनाा वि�श्वाास बनााए रखाा। हाालांं�कि� फ्रांं�स केे सेेवॉॉय क्षेेत्र केे भाालेे सेे आहत, और रोोमीी
लोोहेे कीी छड़ोंं� सेे झुुलसेे हुए, वेे परमेेश्वर केे वचन और उसकेे सम्माान केे लि�ए नि�र्भीीकताा सेे खड़ेे रहेे।
पहााड़ोंं� कीी ऊंंचेे -ऊंंचेे परकोोटोंं� केे पीीछेे -हर युुग मेंं सतााए हुओंं और उत्पीीड़ि�तोंं� कीी शरणस्थलीी —
वााल्डेंंस कोो छि�पनेे कीी जगह मि�ल गई। यहांं� मध्य युुग केे अंंधकाार केे बीीच सत्य काा प्रकााश जलताा रहाा।
यहांं�, एक हजाार सााल तक, सत्य केे गवााहोंं� नेे प्रााचीीन आस्थाा कोो काायम रखाा।
परमेेश्वर नेे अपनेे लोोगोंं� केे लि�ए अद्भु ् ुत भव्यताा काा एक पवि�त्र स्थाान प्रदाान कि�याा थाा, जोो उनकेे
वि�श्वाास कोो सौंं�पेे गए महाान सत्योंं� केे अनुुरूप थाा। उन वफाादाार बंं धुुओं ं केे लि�ए पहााड़ यहोोवाा कीी
अपरि�वर्ततनीीय धाार्मि�कताा काा प्रतीीक थेे। उन्होंं�नेे अपनेे बच्चोंं� काा ध्याान अपरि�वर्ततनीीय महि�माा मेंं उनकेे
ऊपर कीी ऊंंचााइयोंं� कीी ओर आकर्षि�त करतेे थेे, और उनसेे उसकेे बाारेे मेंं बाात करतेे थेे, जि�समेंं न तोो
कोोई परि�वर्ततन होो सकताा हैै, और न अदल बदल केे काारण उस पर छाायाा पड़तीी हैै, जि�सकाा वचन
सनाातन पहााड़ि�योंं� केे समाान हैै। परमेेश्वर नेे पहााड़ोंं� कोो दृढ़ कि�याा थाा, और उन्हेंं बल सेे बांं�धाा थाा; अनंं त
शक्ति� अर्थाा�त्् परमेेश्वर कीी भुुजाा केे सि�वााय उन्हेंं उनकेे स्थाान सेे अन्य कोोई भुुजाा नहींं� हटाा सकतीी थीी।
उसीी तरह उसनेे अपनीी व्यवस्थाा, स्वर्गग और पृृथ्वीी पर अपनेे रााज्य कीी नींं�व स्थाापि�त कीी थीी। मनुुष्य
काा हााथ उसकेे संं गीी जनोंं� तक पहुंंच सकताा हैै और उनकेे जीीवन कोो नष्ट कर सकताा हैै; परन्तुु वह
हााथ पहााड़ोंं� कोो उनकीी नींं�व पर सेे उतनीी हीी आसाानीी सेे उखााड़कर समुुद्र मेंं डााल सकताा थाा, और उन्हेंं
समुुद्र मेंं फेंंक सकताा थाा, जि�तनीी आसाानीी सेे वह यहोोवाा कीी व्यवस्थाा केे एक उपदेेश कोो बदल सकताा
थाा, याा जोो उसकीी इच्छाा पूूरीी करतेे हैंं, उनकेे लि�ए उसकीी प्रति�ज्ञााओंं मेंं सेे एक कोो मि�टाा सकताा थाा।
उसकीी व्यवस्थाा केे प्रति� अपनीी नि�ष्ठाा मेंं, परमेेश्वर केे सेेवकोंं� कोो अपरि�वर्ततनीीय पहााड़ि�योंं� कीी तरह दृढ़
होोनाा चााहि�ए।
साामाान्य घााटि�योंं� कोो घेेरेे हुए पहााड़, परमेेश्वर कीी रचनाात्मक शक्ति� केे नि�रंंतर सााक्षीी थेे, और उसकीी
संं रक्षीी दाायि�त्व काा अवि�रत आश्वाासन थेे। उन तीीर्थथयाात्रि�योंं� नेे यहोोवाा कीी उपस्थि�ति� केे मूूक प्रतीीकोंं� सेे
प्रेेम करनाा सीीखाा। वेे अपनेे भााग्य कीी कठि�नााइयोंं� केे काारण भीी कोोई असंं तोोष व्यक्त नहींं� करतेे थेे; पहााड़
48 महाान वि�वााद

केे एकांं�त केे बीीच वेे कभीी अकेे लेे नहींं� थेे। वेे परमेेश्वर काा धन्यवााद करतेे थेे कि� उसनेे मनुुष्योंं� केे क्रोोध
और क्रूूरताा सेे उन्हेंं शरण दीी थीी। वेे उसकेे साामनेे आरााधनाा करनेे कीी अपनीी स्वतंं त्रताा मेंं आनन्दि�त होोतेे
थेे। अक्सर जब उनकेे दुश्म ु नोंं� द्वााराा पीीछाा कि�याा जााताा हैै, तोो पहााड़ि�योंं� कीी तााकत एक नि�श्चि�ित बचााव
सााबि�त होोतीी हैै। उन्होंं�नेे बहुत सीी खड़ीी पहााड़ि�योंं� सेे परमेेश्वर कीी स्तुुति� कीी, और रोोम कीी सेेनााएँँ उनकेे
धन्यवााद केे गीीतोंं� कोो चुुप नहींं� कराा सकींं�।
मसीीह केे इन अनुुयाायि�योंं� कीी पवि�त्रताा नि�र्ममल, सरल और उत्कट थीी। सत्य केे सि�द्धांं�तोंं� कोो वेे घरोंं�
और जमीीनोंं�, दोोस्तोंं�, रि�श्तेेदाारोंं�, यहांं� तक कि� जीीवन सेे भीी ऊपर रखतेे थेे। इन सि�द्धांं�तोंं� कोो उन्होंं�नेे
युुवााओंं केे हृदयोंं� पर अंंकि�त करनेे कीी पूूरीी कोोशि�श कीी। बचपन सेे हीी युुवााओंं कोो पवि�त्र शाास्त्रोंं� मेंं
शि�क्षाा दीी जाातीी थीी और परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे दाावोंं� कोो पवि�त्रताा सेे मााननेे कीी शि�क्षाा दीी जाातीी थीी।
बााइबल कीी प्रति�यांं� दुर्ललभु थींं�; इसलि�ए इसकेे अनमोोल शब्द स्मरण रखेे जाातेे थेे। कई पुुराानेे और नए
नि�यम दोोनोंं� केे बड़ेे हि�स्सेे कोो दोोहराानेे मेंं सक्षम थेे। परमेेश्वर केे वि�चाार प्रकृृ ति� केे उदाात्त दृश्योंं� और
दैैनि�क जीीवन कीी आशीीषोंं� केे सााथ समाान रूप सेे जुुड़ेे हुए थेे। छोोटेे-छोोटेे बच्चेे हर सहाायताा और हर
सुुख केे दााताा परमेेश्वर कोो कृृ तज्ञताा सेे देेखनाा सीीखतेे थेे।
मााताा-पि�ताा, कोोमल और स्नेेहीी, जैैसेे वेे थेे, अपनेे बच्चोंं� सेे इतनीी समझदाारीी सेे प्याार करतेे थेे कि�
उन्होंं�नेे उन्हेंं आत्म-भोोग केे आदीी नहींं� होोनेे दि�याा। उनकेे साामनेे एक परीीक्षण और कठि�नााई काा जीीवन
थाा, शाायद एक शहीीद कीी मृृत्युु। उन्हेंं बचपन सेे हीी कठोोरताा सहनेे, नि�यंं त्रण केे अधीीन रहनेे और फि�र
भीी स्वयंं सोोचनेे और काार्यय करनेे कीी शि�क्षाा दीी गई थीी। बहुत पहलेे हीी उन्हेंं ज़ि�म्मेेदाारि�योंं� कोो नि�भाानाा,
वााणीी पर संं यम रखनाा और मौौन केे ज्ञाान कोो समझनाा सि�खाायाा गयाा थाा। उसकेे शत्रुुओं ं केे सुुननेे मेंं एक
अवि�वेेकीी शब्द पहुंंचाानाा न केे वल वक्ताा केे जीीवन कोो, बल्कि� उसकेे सैैकड़ोंं� भााइयोंं� केे जीीवन कोो खतरेे
मेंं डााल सकताा हैै; क्योंं�कि� जैैसेे भेेड़ि�येे अपनाा शि�काार करतेे थेे, वैैसेे हीी सत्य केे शत्रुु उनकाा पीीछाा करतेे
थेे जि�न्होंं�नेे धाार्मि�क आस्थाा कीी स्वतंं त्रताा काा दाावाा करनेे काा सााहस कि�याा।
वााल्डोो केे अनुुयाायि�योंं� नेे सच्चााई केे लि�ए अपनीी सांं�साारि�क समृृद्धि� काा बलि�दाान कि�याा थाा, और
उन्होंं�नेे अपनीी रोोटीी केे लि�ए कठि�न परि�श्रम कि�याा थाा। पहााड़ोंं� केे बीीच खेेतीी योोग्य भूूमि� केे हर स्थाान
कोो साावधाानीीपूूर्ववक सुुधााराा गयाा; घााटि�योंं� और कम उपजााऊ पहााड़ि�योंं� कोो उनकीी उपज बढ़ाानेे केे लि�ए
तैैयाार कि�याा गयाा थाा। अर्थथव्यवस्थाा और कठोोर आत्म-त्यााग शि�क्षण काा एक हि�स्साा थेे जोो बच्चोंं� कोो
उनकीी एकमाात्र वि�राासत केे रूप मेंं प्रााप्त करतेे थेे। उन्हेंं सि�खाायाा गयाा थाा कि� परमेेश्वर जीीवन कोो एक
अनुुशाासन केे रूप मेंं बनााताा हैै, और यह कि� उनकीी ज़रुरतोंं� कोो केे वल व्यक्ति�गत श्रम सेे, पूूर्वववि�चाार
सेे, देेखभााल और वि�श्वाास सेे हीी पूूराा कि�याा जाा सकताा हैै। यह प्रक्रि�याा श्रमसााध्य और थकााऊ थीी,
लेेकि�न यह स्वाास्थ्यकर थीी, ठीीक वहीी जि�सकीी मनुुष्य कोो अपनीी पति�त अवस्थाा मेंं आवश्यकताा हैै, वह
शि�क्षाा जोो परमेेश्वर नेे उसकेे प्रशि�क्षण और वि�काास केे लि�ए प्रदाान कीी हैै। जबकि� युुवाा परि�श्रम और
कठि�नााई केे आदीी थेे, फि�र भीी बुुद्धि� कीी वृृद्धि� कीी उपेेक्षाा नहींं� कीी जाातीी थीी। उन्हेंं सि�खाायाा गयाा थाा कि�
उनकाा सााराा साामर्थ्यय परमेेश्वर काा हैै, और यह कि� उसकीी सेेवाा- केे लि�ए सभीी कोो सुुधााराा और वि�कसि�त
कि�याा जाानाा हैै।
वााल्डोो सेे जुुड़ीी कलीीसि�यााएंं , प्रेेरि�ति�क समय कीी कलीीसि�याा सेे मि�लतीी-जुुलतीी थींं�। पोोप और धर्मा�ा-
ध्यक्ष कीी सर्वोोच्चताा कोो खाारि�ज करतेे हुए, उन्होंं�नेे बााइबल कोो एकमाात्र सर्वोोच्च, अचूूक अधि�काार केे
वाल्डेन 49

रूप मेंं माानाा। उनकेे पाादरि�योंं� नेे, रोोम केे प्रमुुख यााजकोंं� केे वि�परीीत, अपनेे स्वाामीी केे उदााहरण काा
अनुुसरण कि�याा, जोो «इसलि�येे नहींं� आयाा कि� उसकीी सेेवाा टहल कीी जााए, पर इसलि�येे आयाा कि� आप
सेेवाा टहल करेे।» उन्होंं�नेे परमेेश्वर केे झुंं�ड कोो पोोषि�त कि�याा, और उन्हेंं हरीी-भरीी चरााइयोंं� और उसकेे
पवि�त्र वचन केे जीीवि�त सोोतोंं� तक लेे गए। माानव धूूमधााम और गौौरव केे स्माारकोंं� सेे दूू र, शाानदाार
मन्दि�रोंं� याा भव्य गि�रजााघरोंं� मेंं नहींं�, बल्कि� पहााड़ोंं� कीी छाायाा केे नीीचेे, अल्पााइन घााटि�योंं� मेंं, याा, खतरेे
केे समय, कि�सीी चट्टाानीी गढ़ मेंं, सुुननेे केे लि�ए लोोग इकट्ठेे होोतेे थेे कि� मसीीह केे दाासोंं� कीी ओर सेे सत्य कीी
बाातेंं सुुनेंं। पाादरीी न केे वल सुुसमााचाार काा प्रचाार करतेे थेे, बल्कि� वेे बीीमाारोंं� सेे मि�लनेे जाातेे थेे, बच्चोंं� कोो
बुुनि�याादीी मसीीहीी धाार्मि�क शि�क्षाा देेतेे थेे, गलतीी करनेे वाालोंं� कोो सलााह देेतेे थेे, और वि�वाादोंं� कोो सुुलझाानेे
और सद्भा ् ाव और भ्राात्रीीय प्रेेम कोो बढ़ाावाा देेनेे काा प्रयाास करतेे थेे। शांं�ति� केे समय मेंं वेे लोोगोंं� कीी स्वेेच्छाा
सेे दीी जाानेे वाालीी भेंंटोंं� सेे पोोषि�त होोतेे थेे; लेेकि�न पौौलुुस कीी तरह, जि�स काा उद्यम तम्बूू बनाानेे काा थाा,
प्रत्येेक नेे कोोई न कोोई उद्यम याा व्यवसााय सीीखाा, जि�सकेे द्वााराा, यदि� आवश्यक होो तोो, अपनेे स्वयंं केे
भरण पोोषण केे लि�ए व्यवस्थाा कर सकेे ।
उनकेे पाादरि�योंं� सेे युुवाा शि�क्षाा प्रााप्त करतेे थेे। जबकि� साामाान्य शि�क्षाा कीी शााखााओंं पर ध्याान दि�याा
गयाा थाा, बााइबल कोो मुुख्य अध्ययन बनाायाा गयाा थाा। कई पत्रि�योंं� सहि�त मत्तीी और यूूहन्नाा रचि�त
सुुसमााचाार कोो स्मरण रखाा गयाा। वेे पवि�त्रशाास्त्र कीी प्रति�लि�पि� तैैयाार करनेे केे लि�ए भीी नि�युुक्त कि�याा
गयाा। कुु छ पांं�डुुलि�पि�योंं� मेंं पूूरीी बााइबि�ल थीी, अन्य मेंं केे वल संं क्षि�प्त संं ग्रह थेे, जि�नमेंं पााठ्य भााग कीी
कुु छ सरल व्यााख्यााओंं कोो उन लोोगोंं� द्वााराा जोोड़ाा गयाा थाा जोो पवि�त्रशाास्त्र कीी व्यााख्याा करनेे मेंं सक्षम थेे।
इस प्रकाार सत्य केे खजाानेे कोो साामनेे लाायाा गयाा, जोो इतनेे लंं बेे समय तक उन लोोगोंं� द्वााराा छुु पाायाा गयाा
थाा, जि�न्होंं�नेे स्वयंं कोो परमेेश्वर सेे ऊपर उठाानेे काा प्रयाास कि�याा थाा।
सहनशीील, अथक परि�श्रम सेे, कभीी-कभीी पृृथ्वीी कीी गहरीी, अंंधेरीे ी गुुफााओंं मेंं, मशाालोंं� कीी रोोशनीी
कीी सहाायताा सेे, पवि�त्र शाास्त्र कोो, पद्य दर पद्य, अध्यााय दर अध्यााय लि�खाा जााताा थाा। इस प्रकाार कााम
चलताा रहाा, परमेेश्वर कीी प्रकट इच्छाा चोोखेे सोोनेे केे समाान चमकतीी रहीी; इसकेे लि�ए साामनाा कि�ए
गए परीीक्षणोंं� केे काारण कि�तनीी उज्जवल, स्पष्ट और अधि�क शक्ति�शाालीी थीी, केे वल वेे हीी महसूूस कर
सकतेे थेे जोो कााम मेंं लगेे हुए थेे। स्वर्गग सेे स्वर्गगदूू त इन वफाादाार सेेवकोंं� कोो घेेर लेेतेे थेे।
शैैताान नेे कैै थोोलि�क यााजकोंं� और धर्माा�ध्यक्षोंं� सेे सत्य केे वचन कोो भ्रम, वि�धर्मम और अंंधवि�-
श्वाास कीी नि�रर्थथकताा रूपीी मलबेे केे नीीचेे दफनाानेे काा आग्रह कि�याा थाा; लेेकि�न सबसेे अद्भु ् ुत तरीीकेे
सेे इसेे अंंधकाार केे सभीी युुगोंं� मेंं अवि�कृृ त संं रक्षि�त रखाा गयाा थाा। उस पर मनुुष्य कीी मुुहर नहींं�, बल्कि�
ईश्वर कीी छााप थीी। मनुुष्य पवि�त्रशाास्त्र केे सहज, सरल अर्थथ कोो अस्पष्ट करनेे, और उन्हेंं अपनीी स्वयंं
कीी गवााहीी काा खंं डन करनेे केे अपनेे प्रयाासोंं� मेंं अथक रहेे हैंं; परन्तुु अथााह समुुद्र पर उस सन्दूू क कीी
नााईं, परमेेश्वर काा वचन उन तूूफाानोंं� कोो पीीछेे छोोड़ देेताा हैै, जोो उस पर वि�नााश कीी आशंं काा जताातेे
हैंं। चूंं�कि� खदाान मेंं सतह केे नीीचेे सोोनेे और चांं�दीी कीी समृृद्ध परतेंं छुु पीी हुई, इसलि�येे सभीी जोो इसकेे
कीीमतीी भंं डाार कीी खोोज करनाा चााहतेे हैंं, उन्हेंं खुुदााई करनीी होोगीी, इसलि�येे पवि�त्र शाास्त्र मेंं सत्य काा
खजाानाा हैै जोो केे वल ईमाानदाार, वि�नम्र, प्राार्थथनाा करनेे वाालेे सााधक केे लि�ए प्रकट होोताा हैै। परमेेश्वर नेे
बााइबि�ल कीी रूपरेेखाा कोो बचपन, युुवाावस्थाा और प्रौौढ़ताा मेंं सभीी माानव जााति� केे लि�ए एक पााठ पुुस्तक
केे रूप मेंं और हर समय अध्ययन करनेे केे लि�ए तैैयाार कि�याा हैै। उसनेे अपनाा वचन मनुुष्योंं� कोो स्वयंं
50 महाान वि�वााद

केे प्रकटीीकरण केे रूप मेंं दि�याा। हर नए सत्य कीी खोोज उसकेे लेेखक केे चरि�त्र काा एक तााज़ाा प्रकटी�-
करण हैै। पवि�त्र शाास्त्र काा अध्ययन मनुुष्योंं� कोो उनकेे सृृष्टि�िकर्ताा� केे सााथ नि�कट संं बंं ध मेंं लाानेे और
उसकीी इच्छाा काा स्पष्ट ज्ञाान देेनेे केे लि�ए ईश्वरीीय रूप सेे नि�युुक्त कि�याा सााधन हैै। यह ईश्वर और मनुुष्य
केे बीीच संं चाार काा मााध्यम हैै।
जबकि� वााल्डोो परि�वाार नेे प्रभुु केे भय कोो ज्ञाान कीी शुुरुआत केे रूप मेंं माानाा, वेे समझ मेंं वृृद्धि� और
धाारणााओंं कोो प्रवृृत्त करनेे मेंं, दुनि�या
ु ा केे सााथ संं पर्कक केे महत्व, मनुुष्य और सक्रि�य जीीवन केे ज्ञाान केे
प्रति� उदाासीीन नहींं� थेे। पहााड़ोंं� मेंं उनकेे शि�क्षाालयोंं� सेे कुु छ युुवााओंं कोो फ्रांं�स याा इटलीी केे शहरोंं� मेंं
शि�क्षण संं स्थाानोंं� मेंं भेेजाा गयाा थाा, जहांं� उनकेे मूूल आल्प्स मेंं क्षेेत्र कीी तुुलनाा मेंं अध्ययन, वि�चाार और
अवलोोकन केे लि�ए अधि�क वि�स्ताारि�त क्षेेत्र थाा। इस प्रकाार भेेजेे गए युुवााओंं कोो प्रलोोभन काा साामनाा
करनाा पड़ाा, उन्होंं�नेे बुुरााई देेखीी, उनकाा साामनाा शैैताान केे चाालााक प्रति�नि�धि�योंं� सेे हुआ, जि�न्होंं�नेे उनसेे
सबसेे सूूक्ष्म पााखंं ड और सबसेे खतरनााक कपट केे लि�ए प्रोोत्सााहि�त कि�याा। लेेकि�न उनकीी बचपन सेे हीी
शि�क्षाा एक ऐसीी वि�शेेषताा कीी रहीी थीी जोो उन्हेंं इस सब केे लि�ए तैैयाार करेे।
वेे जि�न शि�क्षाालयोंं� मेंं गए, उन्हेंं कि�सीी कोो वि�श्वाासपाात्र नहींं� बनाानाा थाा। उनकेे वस्त्र इस प्रकाार
तैैयाार कि�ए गए थेे कि� वेे अपनाा सबसेे बड़ाा खजाानाा—पवि�त्रशाास्त्र कीी बहुमूूल्य पांं�डुुलि�पि�यांं� छुु पाा सकतेे
थेे। येे, महीीनोंं� और वर्षोंं कीी मेेहनत काा फल, वेे अपनेे सााथ लेे जाातेे थेे, और जब भीी वेे बि�नाा संं देेह
उत्पन्न करााए कर सकतेे थेे, वेे साावधाानीी सेे कुु छ अंंश कोो उन लोोगोंं� केे राास्तेे मेंं रख देेतेे थेे जि�नकेे
हृदय सत्य कोो ग्रहण करनेे केे लि�ए खुुलेे हुआ प्रतीीत होोतेे थेे। वााल्डेंंसि�यन युुवााओंं कोो बचपन सेे हीी इस
उद्देेश्य कोो ध्याान मेंं रखतेे हुए प्रशि�क्षि�त कि�याा गयाा थाा; वेे अपनेे कााम कोो समझतेे थेे और ईमाानदाारीी
सेे उसेे नि�भाातेे थेे। सच्चेे वि�श्वाास मेंं लााए गए धर्माा�न्तरि�त लोोग शि�क्षाा केे इन संं स्थाानोंं� काा प्रति�फल थेे,
और अक्सर इसकेे सि�द्धांं�तोंं� कोो पूूरेे शि�क्षाालय मेंं व्यााप्त होोताा पाायाा गयाा थाा; फि�र भीी कैै थोोलि�क अगुुवेे,
नि�कटतम पूूछतााछ सेे, इस तथााकथि�त भ्रष्ट वि�धर्मम केे स्रोोत तक नहींं� पहुंंच पााए।
मसीीह कीी आत्माा एक मि�शनरीी आत्माा हैै। नयेे सि�रेे सेे उत्पन्न हृदय काा सबसेे पहलीी प्रबल इच्छाा
दूू सरोंं� कोो भीी उद्धाारकर्ताा� केे पाास लाानाा हैै। ऐसीी थीी वााल्डेंंसि�यन मसीीहि�योंं� कीी भाावनाा। उन्होंं�नेे महसूूस
कि�याा कि� परमेेश्वर उनकीी अपनीी कलीीसि�यााओंं मेंं माात्र सत्य कीी पवि�त्रताा कोो बनााए रखनेे सेे अधि�क
कीी अपेेक्षाा रखताा थाा; कि� यह उनकीी पवि�त्र ज़ि�म्मेेदाारीी थीी कि� उन लोोगोंं� केे साामनेे जोो अन्धकाार मेंं थेे,
अपनाा प्रकााश चमकनेे देंं; परमेेश्वर केे वचन कीी प्रबलताा सेे उन्होंं�नेे उस बंं धन कोो तोोड़नेे कीी कोोशि�श कीी
जि�सेे रोोम नेे थोोपाा थाा। जोो भीी सेेवकााई मेंं प्रवेेश करनेे कीी उम्मीीद करताा थाा, उसेे पहलेे एक इंं जीीलवाादीी
केे रूप मेंं अनुुभव प्रााप्त करनेे कीी आवश्यकताा होोतीी थीी, इसलि�ए वााल्डेंंसि�यन पाादरि�योंं� कोो मि�शनरि�योंं�
केे रूप मेंं प्रशि�क्षि�त कि�याा जााताा थाा। प्रत्येेक कोो अपनीी जन्मभूूमि� मेंं कलीीसि�याा काा काार्ययभाार संं भाालनेे
सेे पहलेे कि�सीी न कि�सीी मि�शन क्षेेत्र मेंं तीीन सााल सेेवकााई करनीी होोतीी थीी। उस समय मेंं जोो मनुुष्योंं� कीी
आत्मााओंं कोो परखताा थाा, यह सेेवकााई, जि�सकीी शुुरुआत मेंं आत्म-त्यााग और बलि�दाान कीी आवश्य-
कताा होोतीी थीी, एक पाादरीी केे जीीवन काा एक उपयुुक्त परि�चय थीी। पवि�त्र पद पर अभि�षेेक प्रााप्त करनेे
वाालेे युुवााओंं नेे उनकेे साामनेे सांं�साारि�क धन और वैैभव कीी संं भाावनाा नहींं� देेखीी, बल्कि� परि�श्रम और
खतरेे काा जीीवन, और संं भवतःः एक शहीीद काा भााग्य देेखाा। जैैसेे हीी यीीशुु नेे अपनेे चेेलोंं� कोो भेेजाा थाा,
मि�शनरीी दोो-दोो करकेे जाातेे थेे। प्रत्येेक युुवक केे सााथ आमतौौर पर एक सयाानाा और अनुुभवीी व्यक्ति�
वाल्डेन 51

जुुड़ाा होोताा थाा, और युुवाा अपनेे सााथीी केे माार्गगदर्शशन मेंं होोताा थाा, जि�सेे उसकेे प्रशि�क्षण केे लि�ए ज़ि�म्मेेदाार
ठहराायाा जााताा थाा, और जि�सकेे नि�र्देेश पर उसेे ध्याान देेनाा होोताा थाा। येे सहयोोगीी हमेेशाा एक सााथ नहींं�
होोतेे थेे, लेेकि�न अक्सर प्राार्थथनाा और सलााह केे लि�ए मि�लतेे थेे, और इस प्रकाार वि�श्वाास मेंं एक दूू सरेे
कोो मज़बूूत करतेे थेे।
अपनेे मि�शन केे उद्देेश्य सेे अवगत कराानेे सेे उसकीी हाार सुुनि�श्चि�ित होो जाातीी; इसलि�ए उन्होंं�नेे
साावधाानीी सेे अपनेे वाास्तवि�क चरि�त्र कोो छुु पाायाा। प्रत्येेक पाादरीी कोो कि�सीी न कि�सीी व्याापाार याा उद्यम
काा ज्ञाान होोताा थाा, और धर्ममप्रचाारक अपनेे काार्यय कोो एक धर्ममनि�रपेेक्ष आह्वाान कीी आड़ मेंं चलाातेे थेे।
आमतौौर पर वेे व्याापाारीी याा फेे रीी वाालोंं� केे उद्यम कोो चुुनतेे थेे। “वेे रेेशम, गहनेे और अन्य साामाान लेे
जाातेे थेे, जोो उस समय आसाानीी सेे खरीीदनेे योोग्य नहींं� थेे, सि�वााय दूू र केे बााजाारोंं� मेंं; और वहाँँ� उनकाा
व्याापाारि�योंं� केे रूप मेंं स्वाागत कि�याा जााताा थाा जहाँँ� उन्हेंं मि�शनरि�योंं� केे रूप मेंं ठुु कराा दि�याा गयाा होोताा।”
—वि�लीी, खंं ड 1, अध्यााय. 7। सोोनेे याा रत्नोंं� सेे अधि�क कीीमतीी खज़ाानाा प्रस्तुुत करनेे केे लि�ए ज्ञाान केे
लि�ए उनकेे मन कीी ओर लगेे हुए थेे। वेे गुुप्त रूप सेे अपनेे सााथ बााइबल कीी प्रति�यांं�, संं पूूर्णण याा आंंशि�क
रूप सेे लेे गए; और जब भीी उन्हेंं अवसर मि�लताा, वेे अपनेे ग्रााहकोंं� काा ध्याान इन पांं�डुुलि�पि�योंं� कीी ओर
आकर्षि�त करतेे थेे। इस प्रकाार अक्सर परमेेश्वर केे वचन कोो पढ़नेे कीी रुचि� जाागृृत होोतीी थीी, और कुु छ
हि�स्साा खुुशीी-खुुशीी उनकेे पाास रह जााताा थाा जोो इसेे प्रााप्त करनाा चााहतेे थेे।
इन मि�शनरि�योंं� काा कााम मैैदाानोंं� और घााटि�योंं� मेंं उनकेे अपनेे पहााड़ोंं� कीी तलहटीी मेंं शुुरू हुआ,
लेेकि�न यह इन सीीमााओंं सेे बहुत आगेे तक बढ़ाा। नंं गेे पांं�व और उनकेे स्वाामीी केे वस्त्रोंं� कीी तरह वस्त्रोंं�
मेंं, वेे बड़ेे शहरोंं� सेे गुुज़रेे और दूू र देेशोंं� मेंं पहुंंच गए। उन्होंं�नेे हर जगह अनमोोल बीीज बि�खेेर दि�याा।
उनकेे माार्गग मेंं कलीीसि�यााएँँ अस्ति�त्व मेंं आईं, और शहीीदोंं� केे खूून नेे सत्य कीी गवााहीी दीी। परमेेश्वर काा
दि�न इन वफाादाार मनुुष्योंं� केे परि�श्रम सेे खत्तेे मेंं रखीी आत्मााओंं कीी एक समृृद्ध फसल कोो प्रकट करेेगाा।
गुुप्त और अनुुच्चरि�त, परमेेश्वर काा वचन मसीीहीी जगत केे मााध्यम सेे अपनाा राास्ताा बनाा रहाा थाा और
लोोगोंं� केे घरोंं� और हृदयोंं� मेंं सहर्षष स्वीीकृृ ति� पाा रहाा थाा।
वााल्डेंंसि�यनोंं� केे लि�ए पवि�त्रशाास्त्र अतीीत मेंं मनुुष्योंं� केे सााथ परमेेश्वर केे व्यवहाार काा और वर्ततमाान
कीी ज़ि�म्मेेदाारि�योंं� और कर्ततव्योंं� केे प्रकटीीकरण काा एक अभि�लेेख माात्र नहींं� थाा, बल्कि� भवि�ष्य केे खतरोंं�
और महि�मााओंं काा खुुलाासाा थाा। उनकाा मााननाा थाा कि� सभीी चीीज़ोंं� काा अंंत दूू र नहींं� थाा, और जब
उन्होंं�नेे प्राार्थथनाा और आंंसुुओं ं केे सााथ बााइबल काा अध्ययन कि�याा, तोो वेे इसकेे अनमोोल कथनोंं� और
दूू सरोंं� कोो इसकेे उद्धाार दि�लाानेे वाालेे सत्य कोो बताानेे केे अपनेे कर्ततव्य सेे अधि�क गहरााई सेे प्रभाावि�त
हुए। उन्होंं�नेे पवि�त्र पृृष् ठोंं� मेंं स्पष्ट रूप सेे प्रकट हई उद्धाार कीी योोजनाा कोो देेखाा, और उन्होंं�नेे यीीशुु मेंं
वि�श्वाास करनेे मेंं उद्धाार, आशाा और शांं�ति� पााई। जैैसेे हीी प्रकााश नेे उनकीी समझ कोो रोोशन कि�याा और
उनकेे हृदयोंं� कोो खुुश कि�याा, वेे उन लोोगोंं� पर अपनीी कि�रणेंं डाालनेे केे लि�ए अत्यंं त अभि�लााषीी थेे जोो
कैै थोोलि�क भ्रम केे अंंधकाार मेंं थेे।
उन्होंं�नेे देेखाा कि� पोोप और यााजक केे माार्गगदर्शशन मेंं, बहुत सेे लोोग अपनीी आत्माा केे पााप केे लि�ए
अपनेे शरीीर कोो कष्ट देेकर क्षमाा प्रााप्त करनेे काा व्यर्थथ प्रयाास कर रहेे थेे। बचााए जाानेे केे लि�ए अपनेे
अच्छेे काामोंं� पर भरोोसाा करनेे केे लि�ए शि�क्षि�त, वेे हमेेशाा अपनेे आप कोो देेख रहेे थेे, उनकाा मन उनकीी
पाापमय स्थि�ति� पर लगाा रहताा थाा, वेे स्वयंं कोो ईश्वर केे क्रोोध केे लि�ए सुुलभ देेख रहेे थेे, आत्माा और
52 महाान वि�वााद

जीीव कोो दु:ु ख देे रहेे थेे, फि�र भीी कोोई रााहत नहींं� पाा रहेे थेे। इस प्रकाार कर्ततव्यनि�ष्ठ आत्मााएंं रोोम केे
सि�द्धांं�तोंं� सेे परि�मि�त कर दीी गई थींं�। हजाारोंं� नेे मि�त्रोंं� और रि�श्तेेदाारोंं� कोो त्यााग दि�याा और, और धर्ममसंंघ
केे एकांं�त कमरोंं� मेंं अपनाा जीीवन बि�ताायाा। प्राायःः पुुनराावृृत्त उपवाास और क्रूूर कशााघाात सेे, मध्यराात्रि� केे
जाागरण सेे, उनकेे नीीरस नि�वाास केे नम, ठंं डेे पत्थरोंं� पर नि�ढााल घंं टोंं� सेे, लंं बीी तीीर्थथयाात्रााओंं सेे, वि�नीीत
भााव सेे प्राायश्चि�ित करनेे भयाानक याातनााओंं सेे, हजाारोंं� नेे व्यर्थथ मेंं अन्तराात्माा कीी शांं�ति� प्रााप्त करनेे काा
प्रयाास कि�याा। पााप कीी भाावनाा सेे उत्पीीड़ि�त, और परमेेश्वर केे प्रति�शोोधीी क्रोोध केे भय सेे त्रस्त, बहुत सेे
लोोग तब तक सहतेे रहेे, जब तक कि� जीीवन शक्ति� नेे जवााब नहींं� देे दि�याा, और प्रकााश याा आशाा कीी
एक भीी कि�रण केे बि�नाा वेे कब्र मेंं चलेे गए।
वााल्डेंंसि�यन इन भूूखेे जीीवोंं� केे लि�ए जीीवन कीी रोोटीी तोोड़नेे केे लि�ए, उनकेे लि�ए ईश्वर केे वाादोंं� मेंं
शांं�ति� केे संं देेश प्रकट करनेे और उद्धाार कीी एकमाात्र आशाा केे रूप मेंं मसीीह केे वि�षय मेंं गवााहीी देेनेे केे
लि�ए अत्यंं त अभि�लााषीी थेे। इस सि�द्धांं�त कोो कि� अच्छेे काार्यय, परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे उल्लंं घन काा प्रा�-
यश्चि�ित कर सकतेे हैंं, वेे असत्य पर आधाारि�त माानतेे थेे। माानवीीय योोग्यताा पर वि�श्वाास मसीीह केे अनंं त
प्रेेम केे दृष्टि�िकोोण कोो रोोकताा हैै। यीीशुु मनुुष्य केे लि�ए बलि�दाान केे रूप मेंं मराा क्योंं�कि� पति�त जााति� परमेे-
श्वर केे सम्मुुख स्वयंं कीी स्वीीकाार्यय बनाा करनेे केे लि�ए कुु छ नहींं� कर सकतीी। क्रूूस पर चढ़ााए गए और
पुुनर्जीीवि�त उद्धाारकर्ताा� केे गुुण मसीीहीी केे वि�श्वाास कीी नींं�व हैंं। मन कीी मसीीह पर नि�र्भभरताा उतनीी हीी
वाास्तवि�क हैै, और उसकेे सााथ उसकाा संं बंं ध उतनाा हीी नि�कट होोनाा चााहि�ए, जि�तनाा कि� शरीीर केे कि�सीी
अंंग काा, याा कि�सीी शााखाा सेे दााखलताा काा।
पोोप और यााजकोंं� कीी शि�क्षााओंं नेे लोोगोंं� कोो परमेेश्वर केे चरि�त्र कोो, और यहांं� तक कि� मसीीह केे
चरि�त्र कोो भीी, कठोोर, वि�षाादपूूर्णण और अनि�ष्ट केे रूप मेंं देेखनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा थाा। उद्धाारक-
र्ताा� कोो मनुुष्य केे सााथ उसकीी पति�त अवस्थाा मेंं इस हद तक सहाानुुभूूति� सेे रहि�त दर्शाा�याा गयाा थाा, कि�
यााजकोंं� और पवि�त्र लोोगोंं� कीी मध्यस्थताा काा आह्वाान आवश्यक थाा। जि�नकेे मन परमेेश्वर केे वचन सेे
प्रबुुद्ध होो गए थेे, वेे उनकेे लि�ए मसीीह केे वि�षय मेंं दयाालुु, हााथ फैै लााए खड़ेे प्रेेमपूूर्णण उद्धाारकर्ताा� केे रूप
मेंं गवााहीी देेनेे केे लि�ए अत्यंं त अभि�लााषीी थेे, जोो सभीी कोो अपनेे पााप केे बोोझ, अपनीी चिं�तां ा और थकाान
केे सााथ उसकेे पाास आनेे केे लि�ए आमंं त्रि�त कर रहाा थाा। जि�न बााधााओंं काा शैैताान नेे ढेेर लगाा दि�याा थाा,
तााकि� लोोग अपनेे पाापोंं� कोो स्वीीकाार करतेे हुए, और क्षमाा और शांं�ति� प्रााप्त करतेे हुए, वाादोंं� कोो न देेख
सकेंं , और सीीधेे परमेेश्वर केे पाास न आ सकेंं , वेे उन बााधााओंं कोो दूू र करनाा चााहतेे थेे।
वााल्डेंंसि�यन मि�शनरीी नेे उत्सुुकताा सेे जि�ज्ञाासुु मन कोो सुुसमााचाार केे अनमोोल सत्योंं� कोो प्रकट कि�याा।
उन्होंं�नेे साावधाानीी सेे पवि�त्र शाास्त्र केे साावधाानीीपूूर्ववक लि�खेे गए अंंशोंं� कोो प्रस्तुुत कि�याा। कर्ततव्यनि�ष्ठ,
पााप सेे त्रस्त मन कोो, जोो केे वल अंंजााम देेनेे कीी प्रतीीक्षाा करतेे प्रति�शोोध केे परमेेश्वर कोो देेख सकताा थाा,
आशाा देेनाा उस काा परम आनंं द थाा। काँँ�पतेे हुए होंं�ठ और अश्रुुपूूर्णण आँँखोंं� सेे उसनेे, अक्सर झुके ु े हुए
घुुटनोंं� पर, अपनेे भााइयोंं� केे लि�ए उन बहुमूूल्य प्रति�ज्ञााओंं पर प्रकााश डाालाा जोो पाापीी कीी एकमाात्र आशाा
कोो प्रकट करतीी हैंं। इस प्रकाार, अन्धकाार केे बाादल कोो पीीछेे कीी ओर खदेेड़तेे हुए, सत्य काा प्रकााश
बहुतोंं� केे अन्धकाारमय मन मेंं प्रवेेश कर गयाा, जब तक कि� धाार्मि�कताा काा सूूर्यय अपनीी कि�रणोंं� मेंं चंं गााई
केे सााथ हृदय मेंं नहींं� चमकाा। अक्सर ऐसाा होोताा थाा कि� पवि�त्रशाास्त्र केे कुु छ हि�स्सेे कोो बाार-बाार पढ़ाा
जााताा थाा, क्योंं�कि� सुुननेे वाालाा चााहताा थाा कि� इसेे दोोहराायाा जााए, जैैसेे कि� वह खुुद कोो आश्वस्त करेेगाा
वाल्डेन 53

कि� उसनेे ठीीक सुुनाा हैै। वि�शेेष रूप सेे इन शब्दोंं� कीी पुुनराावृृत्ति� उत्सुुकताा सेे वांं�छि�त थीी: «उसकेे पुुत्र
यीीशुु काा लहू हमेंं सब पाापोंं� सेे शुुद्ध करताा हैै।» 1 यूूहन्नाा 1:7। «और जि�स रीीति� सेे मूूसाा नेे जंं गल मेंं
साँँ�प कोो ऊँँचेे पर चढ़ाायाा, उसीी रीीति� सेे अवश्य हैै कि� मनुुष्य काा पुुत्र भीी ऊँँचेे पर चढ़ाायाा जााए; तााकि� जोो
कोोई उस पर वि�श्‍‍वाास करेे वह अनन्त जीीवन पााए।» यूूहन्नाा 3:14,15।
रोोम केे दाावोंं� केे संं बंं ध मेंं बहुत सेे भ्रम सेे दूू र थेे। उन्होंं�नेे देेखाा कि� पाापीी कीी तरफ़ सेे मनुुष्योंं� याा स्व-
र्गगदूू तोंं� कीी मध्यस्थताा कि�तनीी व्यर्थथ हैै। जब उनकेे मन मेंं सच्चीी ज्योोति� जाागीी, तोो वेे आनन्द सेे कहनेे
लगेे: “मसीीह मेेराा यााजक हैै; उसकाा लहू मेेराा बलि�दाान हैै; उसकीी वेेदीी मेेरीी पााप स्वीीकाार-पीीठि�काा हैै।”
उन्होंं�नेे इन शब्दोंं� कोो दोोहराातेे हुए खुुद कोो पूूरीी तरह सेे यीीशुु केे गुुणोंं� पर छोोड़ दि�याा, «वि�श्‍‍वाास बि�नाा
उसेे प्रसन्न करनाा अनहोोनाा हैै।» इब्राानि�योंं� 11:6। «स्वर्गग केे नीीचेे मनुुष्योंं� मेंं और कोोई दूू सराा नााम नहींं�
दि�याा गयाा, जि�सकेे द्वााराा हम उद्धाार पाा सकेंं ।” प्रेेरि�तोंं� केे कााम 4:12।
एक उद्धाारकर्ताा� केे प्रेेम काा आश्वाासन इन दीीन बेेहद परेेशाान व्यक्ति�योंं� केे एहसाास सेे परेे प्रतीीत होो
रहाा थाा। इससेे जोो रााहत मि�लीी वह इतनीी बड़ीी थीी, उन पर ऐसाा प्रकााश बि�खराा, कि� ऐसाा लगाा कि� उन्हेंं
स्वर्गग मेंं लेे जाायाा गयाा होो। उनकेे हााथ वि�श्वाास केे सााथ मसीीह केे हााथ मेंं रखेे गए थेे; उनकेे पांं�व सनाातन
चट्टाान पर स्थि�र थेे। मृृत्युु काा सााराा भय दूू र होो गयाा थाा। यदि� वेे इस प्रकाार अपनेे मुुक्ति�दााताा केे नााम काा
सम्माान करतेे भीी तोो वेे अब बन्दीीगृृह और लोोहेे कीी छड़ोंं� केे लि�ए अभि�लााषाा कर सकतेे थेे।
गुुप्त स्थाानोंं� मेंं इस प्रकाार परमेेश्वर केे वचन कोो आगेे लाायाा जााताा थाा और पढ़ाा जााताा थाा, कभीी-
कभीी एक जीीव केे लि�ए, कभीी-कभीी एक छोोटीी सीी मंं डलीी केे लि�ए जोो प्रकााश और सत्य केे लि�ए तरस
रहेे थेे। प्रााय: पूूरीी राात इसीी प्रकाार व्यतीीत होो जाातीी थीी। श्रोोतााओंं काा आश्चर्यय और उनकीी श्रद्धाा इतनीी
अधि�क होोतीी थीी कि� दयाा काा दूू त अक्सर अपनाा पढ़नाा तब तक बंं द करनेे केे लि�ए वि�वश होो जााताा थाा
जब तक कि� समझ कोो उद्धाार केे संं देेश काा बोोध नहींं� होो जााताा थाा। अक्सर इस तरह केे शब्द कहेे जाातेे
थेे: “क्याा परमेेश्वर सचमुुच मेेरीी भेंंट स्वीीकाार करेेगाा? क्याा वह मुुझ पर कृृ पाा करेेगाा? क्याा वह मुुझेे
मााफ़ करेेगाा?” उत्तर पढ़ाा जााताा थाा: “हेे सब परि�श्रम करनेेवाालोंं� और बोोझ सेे दबेे हुए लोोगोंं�, मेेरेे पाास
आओ; मैंं तुुम्हेंं वि�श्रााम दूँँ� गाा। « मत्तीी 11:28।
वि�श्वाास प्रति�ज्ञाा कोो थााम लेेताा थाा, और हर्षि�त प्रति�क्रि�याा सुुनााई देेतीी थीी: “अब करनेे केे लि�ए और
लंं बीी तीीर्थथयाात्राा नहींं�; पवि�त्र तीीर्थोंं कीी कोोई और दर्ददनााक याात्राा नहींं�। मैंं यीीशुु केे पाास वैैसेे हीी आ सकताा
हूँँ जैैसाा मैंं हूँँ, पाापीी और अपवि�त्र, और वह पश्चाातााप कीी प्राार्थथनाा कोो नहींं� ठुु करााएगाा। ‹तेेरेे पााप क्षमाा
कि�ए जााएंं । ‹ मेेरेे, मेेरेे भीी क्षमाा कि�ए जााएंं !”
पवि�त्र आनंं द काा एक ज्वाार हृदय कोो भर देेताा थाा, और स्तुुति� और धन्यवााद केे द्वााराा यीीशुु केे नााम
कीी बड़ााई होोतीी थीी। वेे प्रसन्न आत्मााएंं प्रकााश बि�खेेरनेे केे लि�ए अपनेे घरोंं� कोो लौौट गईं, जि�तनाा अच्छीी
तरह वेे कर सकतीी थींं�, दूू सरोंं� कोो अपनेे नए अनुुभव कोो दोोहराानेे केे लि�ए; कि� उन्हेंं सच्चाा और जीीवि�त
माार्गग मि�ल गयाा थाा। पवि�त्रशाास्त्र केे शब्दोंं� मेंं एक अजीीब और पवि�त्र साामर्थ्यय थीी जोो सीीधेे उन लोोगोंं� केे
दि�लोंं� सेे बाात करतीी थीी जोो सत्य कीी लाालसाा रखतेे थेे। यह परमेेश्वर कीी वााणीी थीी, और इसनेे सुुननेे
वाालोंं� केे लि�ए आश्वस्त करनेे वाालाा थाा।
सत्य काा दूू त चलाा गयाा; लेेकि�न उसकीी वि�नम्रताा काा रूप, उसकीी ईमाानदाारीी, उसकीी गंं भीीरताा और
गहन उत्सााह, अक्सर टि�प्पणीी केे वि�षय थेे। कई बाार उसकेे सुुननेे वाालोंं� नेे उससेे यह नहींं� पूूछाा थाा कि�
54 महाान वि�वााद

वह कहाँँ� सेे आयाा थाा याा कहाँँ� गयाा थाा। वेे इतनेे अभि�भूूत थेे, पहलेे तोो आश्चर्यय सेे, और बााद मेंं कृृ तज्ञताा
और खुुशीी सेे, कि� उन्होंं�नेे उससेे सवााल करनेे केे बाारेे मेंं सोोचाा हीी नहींं� थाा। जब उन्होंं�नेे उसेे अपनेे सााथ
अपनेे घरोंं� मेंं जाानेे केे लि�ए कहाा थाा, तोो उसनेे उत्तर दि�याा थाा कि� उसेे झुण्ड ु कीी खोोई हुई भेेड़ोंं� केे पाास
जाानाा होोगाा। क्याा वह स्वर्गग सेे स्वर्गगदूू त होो सकताा थाा? उन्होंं�नेे पूूछाा।
कई माामलोंं� मेंं सत्य केे दूू त कोो और नहींं� देेखाा गयाा। उसनेे अन्य देेशोंं� मेंं गयाा थाा, याा वह कि�सीी
अज्ञाात काालकोोठरीी मेंं अपनाा जीीवन व्यतीीत कर रहाा थाा, याा शाायद उसकीी हड्डि�याँँ� उस स्थाान पर हल्केे
रंंग मेंं बदल रहीी थींं� जहाँँ� उसनेे सच्चााई केे लि�ए गवााहीी दीी थीी। लेेकि�न उनकेे द्वााराा पीीछेे छोोड़ेे गए शब्दोंं�
कोो नष्ट नहींं� कि�याा जाा सकाा। वेे मनुुष्योंं� केे मन मेंं अपनाा कााम कर रहेे थेे; धन्य परि�णााम पूूरीी तरह सेे
केे वल न्यााय मेंं हीी ज्ञाात होंं�गेे।
वााल्डेेन्सि�यन मि�शनरीी शैैताान केे रााज्य पर आक्रमण कर रहेे थेे, और अंंधकाार कीी शक्ति�याँँ� जाागृृत
होोकर अधि�क सतर्कक होो गईं। सच्चााई कोो आगेे बढ़ाानेे केे हर प्रयाास कोो दुष्ु टाात्मााओंं केे सरदाार नेे देेखाा,
और उसनेे अपनेे दूू तोंं� केे डर कोो उकसाायाा। कैै थोोलि�क अगुुवोंं� नेे इन वि�नम्र दौौराा करनेे वाालोंं� केे श्रम सेे
अपनेे काार्यय केे लि�ए खतरेे काा एक संं केे त देेखाा। यदि� सत्य केे प्रकााश कोो अबााधि�त रूप सेे चमकनेे दि�याा
जााताा, तोो यह लोोगोंं� मेंं व्यााप्त भ्रम केे भाारीी बाादलोंं� कोो दूू र कर देेताा। यह मनुुष्योंं� केे मन कोो केे वल परमेे-
श्वर कीी ओर नि�र्देेशि�त करताा और अंंततःः रोोम कीी सर्वोोच्चताा कोो नष्ट कर देेताा।
प्रााचीीन कलीीसि�याा केे वि�श्वाास कोो धाारण करनेे वाालेे इन लोोगोंं� काा अस्ति�त्व रोोम केे धर्ममत्यााग काा
एक नि�रंंतर प्रमााण थाा, और इसलि�ए इसनेे सबसेे द्वेेषपूूर्णण घृृणाा और उत्पीीड़न कोो उकसाायाा। उनकाा
पवि�त्र शाास्त्र काा परि�त्यााग करनाा करनेे सेे इनकाार करनाा भीी एक ऐसाा अपरााध थाा जि�सेे रोोम बर्दाा�श्त
नहींं� कर सकताा थाा। उसनेे उन्हेंं पृृथ्वीी सेे मि�टाा देेनेे काा नि�श्चय कि�याा। अब परमेेश्वर केे लोोगोंं� केे
खि�लााफ उनकेे पहााड़ीी घरोंं� मेंं सबसेे भयाानक धर्ममयुद्धु शुुरू हुआ। पूूछतााछ करनेे वाालोंं� कोो उनकेे राास्तेे
पर नि�युुक्त कि�याा गयाा थाा, और नि�र्दोोष हााबि�ल काा हत्याारेे कैै न केे हााथोंं� परााजि�त होोनेे काा दृश्य अक्सर
दोोहराायाा जााताा थाा।
बाार-बाार उनकीी उपजााऊ भूूमि� उजााड़ दीी गई, उनकेे आवाास और प्राार्थथनाालय तबााह कर दि�ए गए,
तााकि� जहांं� कभीी फलतेे-फूू लतेे खेेत और नि�र्दोोष, मेेहनतीी लोोगोंं� केे घर थेे, वहांं� केे वल एक रेेगि�स्ताान
रह गयाा। जि�स तरह खूून केे स्वााद सेे खूंं� खाार जाानवर और अधि�क उग्र होो जााताा हैै, उसीी तरह पोोप केे
समर्थथकोंं� काा क्रोोध उनकेे पीीड़ि�तोंं� कीी पीीड़ाा सेे अधि�क तीीव्र होो गयाा थाा। खरेे वि�श्वाास केे लि�ए इन गवााहोंं�
मेंं सेे कई लोोगोंं� काा पहााड़ोंं� केे पाार पीीछाा कि�याा गयाा और घााटि�योंं� मेंं माार गि�राायाा गयाा जहांं� वेे जंं गलोंं�
और चट्टाानोंं� केे शि�खरोंं� द्वााराा घि�रेे हुए, छि�पेे हुए थेे।
इस प्रति�बंं धि�त वर्गग केे नैैति�क चरि�त्र केे खि�लााफ कोोई आरोोप नहींं� लगाायाा जाा सकताा थाा। यहांं�
तक कि� उनकेे शत्रुुओं ं नेे भीी उन्हेंं एक शांं�ति�प्रि�य, नि�रुपद्रव, धर्ममपराायण जनसमूूह घोोषि�त कर दि�याा।
उनकाा बड़ाा अपरााध यह थाा कि� वेे परमेेश्वर कीी आरााधनाा पोोप कीी इच्छाा केे अनुुसाार नहींं� करतेे थेे।
इस अपरााध केे लि�ए हर माानहाानि�, अपमाान और याातनाा जि�सकाा ईजााद मनुुष्य याा शैैताान कर सकतेे
थेे, उन पर लााद दि�ए गए।
जब रोोम नेे एक समय मेंं नफरत वाालेे संं प्रदााय कोो खत्म करनेे केे लि�ए दृढ़ संं कल्प कि�याा थाा, तोो उनकीी
वि�धर्मि�योंं� केे रूप मेंं निं�दां ा करतेे हुए, और उन्हेंं घाात कि�ए जाानेे केे लि�ए सौंं�पतेे हुए, पोोप द्वााराा एक दस्ताावेेज
वाल्डेन 55

ज़ाारीी कि�याा गयाा थाा। (टि�प्पणीी 13 देेखें।ं ) उन पर आलसीी, याा बेेईमाान, याा उच्छृंं�खल होोनेे काा आरोोप नहींं�
लगाायाा गयाा थाा; लेेकि�न यह घोोषि�त कि�याा गयाा कि� उनकेे पाास धर्ममपराायणताा और पवि�त्रताा काा आवि�र्भाा�व
थाा जोो “सच्चेे बााड़ेे कीी भेेड़ोंं�” कोो बहकााताा थाा। इसलि�ए पोोप नेे आदेेश दि�याा कि� «हाानि�काारकोंं� काा दुर्भा ु ा-�
वनाापूूर्णण और घृृणि�त संं प्रदााय,» यदि� वेे «औपचाारि�क रूप सेे त्याागनेे सेे इनकाार करतेे हैंं, वि�षैैलेे सांं�पोंं� कीी
तरह कुु चल दि�ए जााएंं ।» —वि�लीी, खंं ड 16, अध्यााय 1। क्याा यह अभि�माानीी ताानााशााह उन शब्दोंं� कोो
फि�र सेे पूूराा करनेे कीी उम्मीीद कर रहाा थाा? क्याा वह जाानताा थाा कि� न्यााय केे समय उसकाा साामनाा करनेे केे
लि�ए वेे स्वर्गग कीी पुुस्तकोंं� मेंं दर्जज थेे? «मैंं तुुम सेे सच कहताा हूँँ कि� तुुमनेे जोो मेेरेे इन छोोटेे सेे छोोटेे भााइयोंं�
मेंं सेे कि�सीी एक केे सााथ कि�याा», यीीशुु नेे कहाा, «वह मेेरेे हीी सााथ कि�याा।» मत्तीी 25:40।
इस दस्ताावेेज़ नेे कलीीसि�याा केे सभीी सदस्योंं� कोो वि�धर्मि�योंं� केे खि�लााफ धर्ममयुद्धु मेंं शाामि�ल होोनेे काा
आह्वाान कि�याा। इस क्रूूर काार्यय मेंं संं लग्न होोनेे केे लि�ए एक प्रोोत्सााहन केे रूप मेंं, «यह सभीी कलीीसि�यााई
पीीड़ााओंं और दंंडोंं� सेे, साामाान्य और वि�शेेष, दूू र होो गयाा; इसनेे उन सभीी कोो, जोो धर्ममयुद्धु मेंं शाामि�ल
हुए थेे, कि�सीी भीी शपथ सेे मुुक्त कर दि�याा, जोो उन्होंं�नेे लीी होोगीी; इसनेे उनकेे द्वााराा अवैैध रूप सेे अर्जि�त
कीी गई कि�सीी भीी संं पत्ति� पर उनकेे स्वाामि�त्व कोो वैैध ठहराायाा; और कि�सीी भीी वि�धर्मीी कोो माारनेे वाालेे
कोो उनकेे सभीी पाापोंं� कीी क्षमाा काा वाादाा कि�याा। इसनेे वााल्डेेनि�सि�यनोंं� केे पक्ष मेंं कि�ए गए सभीी अनुुबंंधोंं�
कोो रद्द कर दि�याा, उनकेे गृृह-सेेवकोंं� कोो उन्हेंं त्याागनेे काा आदेेश दि�याा, सभीी व्यक्ति�योंं� कोो उन्हेंं कोोई
भीी सहाायताा देेनेे सेे मनाा कि�याा, और सभीी व्यक्ति�योंं� कोो उनकीी संं पत्ति� पर कब्जाा करनेे काा अधि�काार
दि�याा।” —वााइलीी, खंं ड 16, अध्यााय 1। यह दस्ताावेेज़ स्पष्ट रूप सेे पर्देे केे पीीछेे अभि�भाावीी भाावनाा
कोो प्रकट करताा हैै। यह अजगर कीी दहााड़ हैै, न कि� मसीीह कीी आवााज, जोो उसमेंं सुुनााई देेतीी हैै।
पोोप केे अगुुवेे अपनेे चरि�त्रोंं� कोो परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे महाान माानक केे अनुुरूप नहींं� बनाातेे थेे,
लेेकि�न उन्होंं�नेे खुुद केे अनुुरूप एक माानक खड़ाा कि�याा, और सभीी कोो इसकेे अनुुरूप होोनेे केे लि�ए मजबूूर
करनेे काा दृढ़ संं कल्प कि�याा क्योंं�कि� रोोम कीी इच्छाा थीी। सबसेे भयाानक त्राासदि�योंं� कोो अभि�नीीत कि�याा
गयाा। भ्रष्ट और ईशनिं�दां ा करनेे वाालेे यााजक और पोोप वह कााम कर रहेे थेे जि�सकेे लि�ए शैैताान नेे उन्हेंं
नि�युुक्त कि�याा थाा। उनकेे स्वभााव मेंं दयाा काा कोोई स्थाान नहींं� थाा। वहीी भाावनाा जि�सनेे मसीीह कोो सूूलीी
पर चढ़ाा दि�याा और प्रेेरि�तोंं� कोो माार डाालाा, वहीी जोो खूून केे प्याासेे नीीरोो कोो उसकेे समय मेंं वि�श्वाासि�योंं� केे
खि�लााफ लेे गई, पृृथ्वीी सेे उन लोोगोंं� कोो, जोो परमेेश्वर केे प्रि�य थेे, हटाा देेनेे काा कााम कर रहीी थीी।
परमेेश्वर काा भय मााननेे वाालेे इन लोोगोंं� पर शतााब्दि�योंं� तक कि�ए गए अत्यााचाारोंं� कोो उनकेे द्वााराा एक धैैर्यय
और दृढ़ताा केे सााथ सहन कि�याा गयाा जि�सनेे उनकेे उद्धाारक कोो सम्माानि�त कि�याा। उनकेे वि�रुद्ध धर्ममयुद्धु , और
अमाानवीीय हत्यााकांं�ड केे बाावजूूद, जि�सकेे वेे पाात्र बनेे, वेे अनमोोल सत्य कोो फैै लाानेे केे लि�ए अपनेे मि�शनरि�योंं�
कोो भेेजतेे रहेे। उन्हेंं मौौत केे घााट उतााराा गयाा; तौौभीी उनकेे लहू नेे बोोए हुए बीीज कोो सींं�चाा, और वह फल देेनेे
मेंं असफल नहींं� रहाा। इस प्रकाार वााल्डेे संं प्रदााय केे सदस्य लूूथर केे जन्म सेे सदि�योंं� पहलेे परमेेश्वर केे सााक्षीी
बनेे। कई देेशोंं� मेंं बि�खरेे हुए, उन्होंं�नेे धर्ममसुधाु ार केे बीीज बोोए, जोो वि�क्लि�फ केे समय मेंं शुुरू हुआ थाा, लूूथर
केे दि�नोंं� मेंं व्याापक और गहराा हुआ, और उन लोोगोंं� केे द्वााराा जोो “परमेेश्वर केे वचन और यीीशुु मसीीह कीी
गवााहीी” केे लि�ए सब कुु छ सहनेे कोो तैैयाार हैंं, समय केे अंंत तक लेे जाायाा जाानाा हैै। प्रकााशि�तवााक्य 1:9।
5

जॉॉन वि�क्लि�फ

ध र्ममसुुधाार सेे पहलेे कभीी-कभीी बााइबल कीी बहुत कम प्रति�यांं� अस्ति�त्व मेंं हुआ करतीी थींं�, लेेकि�न
परमेेश्वर नेे अपनेे वचन कोो पूूरीी तरह सेे नष्ट नहींं� होोनेे दि�याा थाा। इसकीी सच्चााई कोो हमेेशाा केे
लि�ए छुु पाायाा नहींं� जाानाा थाा। वह जीीवन केे वचनोंं� कोो उतनीी हीी आसाानीी सेे खोोल सकताा थाा जि�तनीी
आसाानीी सेे वह अपनेे सेेवकोंं� कोो मुुक्त करनेे केे लि�ए बन्दीीगृृह केे द्वाारोंं� और लोोहेे केे फााटकोंं� कोो खोोल
सकताा थाा। यूूरोोप केे अलग-अलग देेशोंं� मेंं लोोग परमेेश्वर केे आत्माा द्वााराा सत्य कीी खोोज करनेे केे लि�ए
प्रेेरि�त हुए जैैसेे कि� छि�पेे हुए खजाानेे कीी खोोज कर रहेे होंं�। पवि�त्र शाास्त्र कीी ओर परमेेश्वर कीी दयाा सेे
नि�र्देेशि�त होोकर, उन्होंं�नेे गहन रुचि� केे सााथ पवि�त्र पृृष् ठोंं� काा अध्ययन कि�याा। वेे अपनेे लि�ए कि�सीी भीी
कीीमत पर प्रकााश कोो स्वीीकाार करनेे कोो तैैयाार थेे। हाालांं�कि� उन्होंं�नेे सभीी चीीज़ोंं� कोो स्पष्ट रूप सेे नहींं�
देेखाा थाा, लेेकि�न वेे लंं बेे समय सेे दबेे हुए कई सत्योंं� कोो समझनेे मेंं सक्षम कि�ए गए थेे। स्वर्गग सेे भेेजेे गए
दूू तोंं� केे रूप मेंं, भ्रम और अंंधवि�श्वाास कीी जंं जीीरोंं� कोो तोोड़तेे हुए, और जोो इतनेे लंं बेे समय सेे गुुलााम थेे,
उन्हेंं उठनेे और अपनीी स्वतंं त्रताा पर ज़ोोर देेनेे काा आह्वाान करतेे हुए, वेे आगेे बढ़ेे।
वााल्डेे संं प्रदााय केे अलाावाा, परमेेश्वर काा वचन युुगोंं� सेे उन भााषााओंं मेंं बंं द थाा जि�न्हेंं केे वल वि�द्वाान
जाानतेे थेे; परन्तुु समय आ गयाा थाा कि� पवि�त्र शाास्त्र काा अनुुवााद कि�याा जााए और वि�भि�न्न देेशोंं� केे
लोोगोंं� कोो उनकीी माातृृभााषाा मेंं दि�याा जााए। दुनि�या ु ा नेे अपनीी मध्यराात्रि� कोो पाार कर लि�याा थाा। अंंधकाार
कीी घड़ि�यांं� ढल रहीी थींं�, और कई देेशोंं� मेंं आनेे वाालेे भोोर केे प्रतीीक दि�खााई दि�ए।
चौौदहवींं� शतााब्दीी मेंं इंं ग्लैण्ड
ै मेंं «धर्ममसुधाु ार-अग्रणीी» उत्पन्न हुआ। जॉॉन वि�क्लि�फ केे वल इंं ग्लैंडं केे
लि�ए नहींं�, बल्कि� संं पूूर्णण मसीीहीी जगत केे लि�ए धर्ममसुधाु ार काा अग्रदूू त थाा। रोोम केे वि�रुद्ध वि�शेेष प्रति�वााद
जि�सेे बयाान करनेे कीी उसेे अनुुमति� दीी गई थीी, उसेे कभीी भीी शांं�त नहींं� होोनाा थाा। उस प्रति�वााद नेे उस
संं घर्षष कोो प्राारम्भ कि�याा, जि�सेे व्यक्ति�योंं�, गि�रजााघरोंं� और रााष्ट्रों��ं कीी मुुक्ति� मेंं परि�णाानाामि�त होोनाा थाा।
वि�क्लि�फ नेे उदाार शि�क्षाा प्रााप्त कीी, और उसकेे लि�ए प्रभुु काा भय ज्ञाान कीी शुुरुआत थीी। उसेे
कॉॉलेेज मेंं उसकीी उत्कट धर्ममपराायणताा केे सााथ-सााथ उसकीी उल्लेेखनीीय प्रति�भाा और समर्थथ वि�द्वत्ताा
केे लि�ए जाानाा जााताा थाा। ज्ञाान कीी अपनीी तीीव्र इच्छाा मेंं उसनेे शि�क्षाा कीी हर शााखाा सेे परि�चि�त होोनेे
जॉन विक्ल 57

कीी कोोशि�श कीी। उसनेे रूढ़ि�वाादीी दर्शशनशाास्त्र मेंं, कलीीसि�याा केे सि�द्धांं�तोंं� मेंं, और नाागरि�क काानूून मेंं,
वि�शेेष रूप सेे अपनेे देेश कीी व्यवहाार वि�धि� मेंं शि�क्षाा प्रााप्त कीी थीी। उनकेे बााद केे श्रम मेंं इस प्राारंंभि�क
प्रशि�क्षण काा मूूल्य स्पष्ट थाा। अपनेे समय केे अव्यवहाार्यय दर्शशनशाास्त्र सेे पूूरीी तरह परि�चि�त होोनेे सेे
वह अपनीी त्रुुटि�योंं� कोो उजाागर करनेे मेंं सक्षम हुआ; और रााष्ट्रीी�य और कलीीसि�याा-संं बंं धीी काानूून केे
अपनेे अध्ययन सेे वह नाागरि�क और धाार्मि�क स्वतंं त्रताा केे लि�ए महाान संं घर्षष मेंं शाामि�ल होोनेे केे लि�ए
तैैयाार हुआ। जबकि� वह परमेेश्वर केे वचन सेे नि�काालेे गए सााधनोंं� काा इस्तेेमााल कर सकताा थाा, उसनेे
शि�क्षाालयोंं� केे बौौद्धि�क अनुुशाासन कोो हाासि�ल कर लि�याा थाा, और वह शि�क्षक कीी युुक्ति�योंं� कोो समझताा
थाा। उसकीी प्रति�भाा कीी साामर्थ्यय और उसकेे ज्ञाान कीी संं पूूर्णणताा मि�त्रोंं� और शत्रुुओं ं दोोनोंं� केे लि�ए सम्माान केे
योोग्य थींं�। उनकेे अनुुयाायि�योंं� नेे संं तोोष केे सााथ गौौर कि�याा कि� उनकाा चैंंपि�यन रााष्ट्रर केे अग्रणीी व्यक्ति�योंं�
मेंं सबसेे आगेे थाा; और उसकेे दुश्म ु नोंं� पर सुुधाार कीी अज्ञाानताा याा कमजोोरीी कोो प्रकट कर उन्हेंं उसकीी
अवमााननाा करनेे सेे रोोकाा गयाा।
जब वि�क्लि�फ कॉॉलेेज मेंं हीी थाा, उसनेे पवि�त्र शाास्त्र केे अध्ययन मेंं प्रवेेश कि�याा। उस प्राारंंभि�क
समय मेंं, जब बााइबल केे वल प्रााचीीन भााषााओंं मेंं मौौजूूद थीी, वि�द्वाानोंं� कोो सत्य केे स्रोोत तक पहुँँचनेे काा
राास्ताा खोोजनेे मेंं सक्षम बनाायाा गयाा थाा, जोो अशि�क्षि�त वर्गोंं केे लि�ए बंं द थाा। इस प्रकाार एक सुुधाारक
केे रूप मेंं वि�क्लि�फ केे भाावीी काार्यय केे लि�ए माार्गग पहलेे सेे हीी तैैयाार कि�याा जाा चुुकाा थाा। ज्ञाानीी लोोगोंं� नेे
परमेेश्वर केे वचन काा अध्ययन कि�याा थाा और वहांं� प्रकट हुए उनकेे मुुक्त अनुुग्रह केे महाान सत्य कोो
पाायाा थाा। अपनीी शि�क्षााओंं मेंं उन्होंं�नेे इस सत्य काा ज्ञाान फैै लाायाा थाा, और दूू सरोंं� कोो जीीवि�त वचन कीी
ओर मोोड़नेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा थाा।
जब वि�क्लि�फ काा ध्याान पवि�त्र शाास्त्र कीी ओर गयाा, तोो उसनेे उसीी गहनताा केे सााथ उसकीी जांं�च
करनाा प्राारम्भ कि�याा, जि�सनेे उसेे शि�क्षाालयोंं� कीी शि�क्षाा मेंं महाारत हाासि�ल करनेे मेंं सक्षम बनाायाा थाा।
इससेे पहलेे उसनेे एक बड़ीी कमीी महसूूस कीी थीी, जि�सेे न तोो उसकाा शैैक्षि�क अध्ययन और न हीी चर्चच
कीी शि�क्षाा पूूरीी कर सकतीी थीी। परमेेश्वर केे वचन मेंं उसनेे वह पाायाा जोो उसनेे पहलेे व्यर्थथ मेंं खोोजाा थाा।
यहाँँ� उसनेे उद्धाार कीी योोजनाा काा प्रकटन और मसीीह काा मनुुष्य केे लि�ए एकमाात्र अधि�वक्ताा केे रूप मेंं
नि�र्धाा�रि�त होोनाा देेखाा। उसनेे स्वयंं कोो मसीीह कीी सेेवाा-टहल केे लि�ए समर्पि�त कर दि�याा और अपनेे द्वााराा
खोोजेे गए सत्योंं� कीी घोोषणाा करनेे काा नि�श्चय कि�याा।
बााद केे सुुधाारकोंं� कीी तरह, वि�क्लि�फ नेे अपनेे कााम कीी शुुरुआत मेंं यह अनुुमाान नहींं� लगाायाा कि�
यह उसेे कि�स दि�शाा मेंं लेे जााएगाा। उसनेे जाानबूूझकर रोोम केे वि�रोोध मेंं खुुद कोो स्थाापि�त नहींं� कि�याा।
लेेकि�न सत्य कीी भक्ति� उसेे असत्य केे सााथ संं घर्षष मेंं नहींं� लाा सकीी। जि�तनाा अधि�क स्पष्ट रूप सेे उसनेे
पोोपतंं त्र कीी त्रुुटि�योंं� कोो पहचाानाा, उतनीी हीी गंं भीीरताा सेे उसनेे बााइबल कीी शि�क्षाा कोो प्रस्तुुत कि�याा।
उसनेे देेखाा कि� रोोम नेे माानव परंंपराा केे लि�ए परमेेश्वर केे वचन कोो त्यााग दि�याा थाा; उसनेे नि�र्भीीकताा सेे
पौौरोोहि�त्य पर पवि�त्रशाास्त्र कोो नि�र्वाा�सि�त करनेे काा आरोोप लगाायाा, और मांं�ग कीी कि� लोोगोंं� कोो बााइबि�ल
फि�र सेे दीी जााए और कलीीसि�याा मेंं उसकाा अधि�काार फि�र सेे स्थाापि�त कि�याा जााए। वह एक योोग्य और
ईमाानदाार शि�क्षक और वााक्पटुु उपदेेशक थाा, और उसकाा दैैनि�क जीीवन उसकेे द्वााराा प्रचाारि�त सत्योंं� काा
प्रदर्शशन थाा। पवि�त्र शाास्त्र काा उसकाा ज्ञाान, उसकेे जीीवन कीी पवि�त्रताा, और उसकेे अटूू ट सााहस और
अखंं डताा नेे उसकेे लि�ए साार्ववजनि�क सम्माान और आत्मवि�श्वाास जीीताा। बहुत सेे लोोग अपनेे पूूर्वव वि�श्वाास
58 महाान वि�वााद

सेे असंं तुुष् ट होो गए थेे क्योंं�कि� उन्होंं�नेे रोोमन कलीीसि�याा मेंं व्यााप्त अधर्मम कोो देेखाा थाा, और वेे वि�क्लि�फ
द्वााराा लााए गए सत्य कोो प्रकट आनंं द केे सााथ स्वीीकाार करतेे थेे; लेेकि�न कैै थोोलि�क अगुुवेे क्रोोध सेे भर
गए जब उन्होंं�नेे महसूूस कि�याा कि� यह सुुधाारक उनसेे अधि�क प्रभाावशाालीी होो रहाा थाा।
वि�क्लि�फ भ्रम काा एक कुु शााग्रबुुद्धि� संं सूचक
ू थाा, और वह रोोम केे अधि�काार द्वााराा स्वीीकृृ त कई कुु रीीति�योंं�
केे खि�लााफ नि�डरताा सेे प्रहाार करताा थाा। रााजाा केे लि�ए पाादरीी केे रूप मेंं काार्यय करतेे हुए, उसनेे अंंग्रेज े सम्रााट सेे
पोोप द्वााराा दाावाा कि�ए हुए शुुल्क केे भुुगताान केे खि�लााफ एक सााहसि�क कदम उठाायाा और दि�खाायाा कि� धर्ममनि�र-
पेेक्ष शाासकोंं� पर पोोप केे अधि�काार कीी माान्यताा तर्कक और ईश्वरोोक्ति� दोोनोंं� केे वि�परीीत थीी। पोोप कीी मांं�गोंं� नेे बहुत
आक्रोोश पैैदाा कि�याा थाा, और वि�क्लि�फ कीी शि�क्षााओंं नेे रााष्ट्रर केे प्रमुुख बुुद्धि�जीीवि�योंं� पर प्रभााव डाालाा। लौौकि�क
अधि�काार केे लि�ए पोोप केे दाावेे कोो नकाारनेे और शुुल्क केे भुुगताान सेे इनकाार करनेे मेंं रााजाा और कुु लीीन व्यक्ति�
एकजुुट हुए। इस प्रकाार इंं ग्लैंडं मेंं पोोप केे वर्चचस्व केे खि�लााफ एक प्रभाावशाालीी प्रहाार कि�याा गयाा।
एक और बुुरााई जि�सकेे खि�लााफ सुुधाारक नेे लंं बीी और दृढ़ लड़ााई छेे ड़ीी, वह थाा यााचक भि�क्षुुओं ं
केे गणोंं� काा संं स्थाापन। रााष्ट्रर कीी महाानताा और समृृद्धि� पर कलंं क लगाातेे हुए, इंं ग्लैंंड मेंं इन भि�क्षुुओं ं
काा झुंं�ड उमड़ पड़ाा। उद्योोग, शि�क्षाा, नैैति�कताा, सभीी नेे मुुरझाातेे प्रभााव कोो महसूूस कि�याा। भि�क्षुु काा
आलस्य और भि�क्षाावृृत्ति� काा जीीवन न केे वल लोोगोंं� केे संं सााधनोंं� पर भाारीी बोोझ थाा, बल्कि� इसकेे
काारण उपयोोगीी श्रम अवमााननाा काा वि�षय होो गयाा। युुवााओंं काा मनोोबल गि�राायाा गयाा और उन्हेंं भ्रष्ट
कि�याा गयाा। भि�क्षुुओं ं केे प्रभााव सेे कई लोोगोंं� कोो मठ मेंं प्रवेेश करनेे और मठवाासीी जीीवन केे लि�ए
खुुद कोो समर्पि�त करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा गयाा थाा, और यह न केे वल उनकेे मााताा-पि�ताा कीी सहमति�
केे बि�नाा, बल्कि� उनकीी जाानकाारीी केे बि�नाा और उनकेे आदेेशोंं� केे वि�परीीत भीी थाा। रोोमन कलीीसि�याा
केे शुुरुआतीी पाादरि�योंं� मेंं सेे एक नेे, प्रेेम और कर्ततव्य केे दाायि�त्वोंं� सेे ऊपर मठवााद केे दाावोंं� काा आग्रह
करतेे हुए घोोषणाा कीी थीी: «यद्यपि� तेेराा पि�ताा तेेरेे द्वाार केे सााम्हनेे रोोताा और वि�लााप करताा रहेे, और
तेेरीी मााताा उस देेह कोो दि�खााए, जि�सनेे तुुझेे धाारण कि�याा गयाा और उन स्तनोंं� कोो दि�खााए जि�न्होंं�नेे तुुझेे
पाालाा थाा, तूू नि�श्चि�ित रूप सेे उन्हेंं पांं�वोंं� केे नीीचेे रौंं�द डाालनाा, और सीीधेे मसीीह केे पाास चलेे जाानाा।»
जैैसाा कि� लूूथर नेे बााद मेंं इसेे शैैलीीबद्ध कि�याा, «मसीीहीी और मनुुष्य काा आभाास देेनेे कीी तुुलनाा मेंं
भेेड़ि�येे और अत्यााचाारीी काा अधि�क आभाास देेनेे वाालीी इस रााक्षसीी अमाानवीीयताा» केे द्वााराा, बच्चोंं� केे
हृदय उनकेे मााताा-पि�ताा केे खि�लााफ कठोोर होो गए। —बर्नाा�स सीीअर्सस, द लााइफ ऑफ लूूथर, पृृष् ठ
70, 69। इस प्रकाार, पोोप केे अगुुवोंं� नेे, प्रााचीीन समय केे फरीीसि�योंं� कीी तरह, अपनीी परंं पराा केे द्वााराा
परमेेश्वर कीी आज्ञाा कोो नि�ष्प्रभाावीी बनाा दि�याा। इस प्रकाार घर उजााड़ होो गए और मााताा-पि�ताा अपनेे
बेेटेे और बेेटि�योंं� कीी संं गति� सेे वंं चि�त होो गए।
यहांं� तक कि� वि�श्ववि�द्याालयोंं� केे छाात्र भीी भि�क्षुुओं ं केे झूठेू े अभ्याावेेदनोंं� सेे गुुमरााह होो गए और
उनकेे गणोंं� मेंं शाामि�ल होोनेे केे लि�ए प्रेेरि�त होो गए। बााद मेंं बहुतोंं� कोो इस कदम पर पछताावाा हुआ,
यह देेखकर कि� उन्होंं�नेे अपनेे स्वयंं केे जीीवन कोो हाानि� पहुंंचााई थीी और अपनेे मााताा-पि�ताा कोो दुख ु
पहुंंचाायाा थाा; लेेकि�न एक बाार जााल मेंं फँँसनेे केे बााद उनकेे लि�ए अपनीी आज़ाादीी पाानाा नाामुुमकि�न थाा।
कई अभि�भाावकोंं� नेे, भि�क्षुुओं ं केे प्रभााव केे डर सेे, अपनेे बेेटोंं� कोो वि�श्ववि�द्याालयोंं� मेंं भेेजनेे सेे इनकाार
कर दि�याा। शि�क्षाा केे महाान केंंद्रोंं� मेंं उपस्थि�त छाात्रोंं� कीी संं ख्याा मेंं उल्लेेखनीीय गि�राावट आई। शि�क्षाालय
वि�फल होो गए, और अज्ञाानताा प्रबल होो गई।
जॉन विक्ल 59

पोोप नेे इन भि�क्षुुओं ं कोो स्वीीकाारोोक्ति� सुुननेे और क्षमाादाान देेनेे काा अधि�काार दि�याा थाा। यह बड़ीी
बुुरााई काा स्रोोत बन गयाा। अपनेे लााभ कोो बढ़ाानेे केे लि�ए, भि�क्षुु मुुक्ति� देेनेे केे लि�ए इतनेे तैैयाार थेे कि� सभीी
प्रकाार केे अपरााधि�योंं� नेे उनकाा सहााराा लि�याा, और परि�णाामस्वरूप, सबसेे खरााब बुुरााईयांं� तेेज़ीी सेे बढ़ीी।
बीीमाारोंं� और गरीीबोंं� कोो पीीड़ि�त होोनेे केे लि�ए छोोड़ दि�याा गयाा थाा, जबकि� उपहाार जोो उनकीी ज़रुरतोंं� कोो
पूूराा कर सकतेे थेे भि�क्षुुओं ं केे पाास गए, जि�न्होंं�नेे उनकेे गणोंं� कोो उपहाारोंं� सेे वंं चि�त रखनेे वाालोंं� केे अधर्मम
कीी निं�दां ा करतेे हुए, धमकि�योंं� केे सााथ लोोगोंं� सेे भि�क्षाा मांं�गीी। भि�क्षाावृृति� केे बाावजूूद , भि�क्षुुओं ं कीी संं पत्ति�
लगााताार बढ़ रहीी थीी, और उनकीी शाानदाार इमाारतोंं� और शाानदाार ताालि�कााओंं नेे रााष्ट्रर कीी बढ़तीी गरीीबीी
कोो और अधि�क स्पष्ट कर दि�याा। और वि�लाासि�ताा और आनंं द मेंं अपनाा समय व्यतीीत करतेे हुए,
उन्होंं�नेे अपनेे स्थाान पर अज्ञाानीी पुुरुषोंं� कोो भेेजाा, जोो लोोगोंं� काा मनोोरंंजन करनेे केे लि�ए केे वल अद्भु ् ुत
कहाानि�योंं�, किं�ंवदंंति�योंं� और मजााकोंं� काा वर्णणन कर सकतेे थेे और उन्हेंं और पूूरीी तरह सेे मूूढ़ भि�क्षुु बनाा
देेतेे थेे। फि�र भीी भि�क्षुुओं ं नेे अंंधवि�श्वाासीी भीीड़ पर अपनीी पकड़ बनााए रखीी और उन्हेंं वि�श्वाास दि�लाायाा
कि� सभीी धाार्मि�क कर्ततव्य पोोप कीी सर्वोोच्चताा कोो स्वीीकाार करनेे, संं तोंं� कीी पूूजाा करनेे और भि�क्षुुओं ं कोो
उपहाार देेनेे मेंं समाावि�ष्ट थेे, और यह कि� उन्हेंं स्वर्गग मेंं स्थाान दि�लाानेे केे लि�ए यह पर्याा�प्त थाा।
इन मठवाासीी गणोंं� मेंं सुुधाार लाानेे केे लि�ए वि�द्वाान और धर्ममपराायण लोोगोंं� नेे व्यर्थथ परि�श्रम कि�याा
थाा; लेेकि�न वि�क्लि�फ नेे स्पष्ट अंंतर्दृृष्टि�ि केे सााथ, बुुरााई कीी जड़ पर प्रहाार कि�याा, यह घोोषणाा करतेे हुए
कि� प्रणाालीी स्वयंं झूठीू ी थीी और इसेे समााप्त कर दि�याा जाानाा चााहि�ए। चर्चाा� और पूूछतााछ जाागृृत होो
रहीी थीी। जैैसेे-जैैसेे भि�क्षुुओं ं नेे पोोप केे क्षमाादाान कोो बेेचतेे हुए, देेश कीी याात्राा कीी, कई लोोगोंं� कोो धन
सेे क्षमाा खरीीदनेे कीी संं भाावनाा पर संं देेह हुआ, और उन्होंं�नेे सवााल कि�याा कि� क्याा उन्हेंं रोोम केे पोोप केे
बजााय परमेेश्वर सेे क्षमाा नहींं� मांं�गनीी चााहि�ए। (टि�प्पणीी 9 देेखेंं।) कई भि�क्षुुओं ं केे अत्यधि�क लाालच
सेे आशंं कि�त हुए, जि�नकाा लाालच कभीी संं तुुष् ट नहींं� होोताा थाा। «रोोम केे भि�क्षुु और पाादरीी,» उन्होंं�नेे
कहाा, «हमेंं कैंंसर कीी तरह खाा रहेे हैंं। परमेेश्वर कोो अवश्य हीी हमेंं छुु ड़ाानाा चााहि�ए, नहींं� तोो लोोग नााश
होो जााएंं गेे।” —डीी औबि�ग्नेे, खंं ड 17, अध्यााय 7। अपनेे लाालच कोो छि�पाानेे केे लि�ए, इन भीीख मांं�गनेे
वाालेे भि�क्षुुओं ं नेे दाावाा कि�याा कि� वेे उद्धाारकर्ताा� केे उदााहरण काा अनुुसरण कर रहेे थेे, यह घोोषणाा करतेे
हुए कि� यीीशुु और उनकेे शि�ष्योंं� काा लोोगोंं� केे दाान द्वााराा भरण-पोोषण कि�याा गयाा थाा। इस दाावेे केे परि�-
णाामस्वरूप उनकेे मनोोरथ कोो हाानि� पहुँँचीी, क्योंं�कि� इसनेे कई लोोगोंं� कोो स्वयंं केे लि�ए सच्चााई सीीखनेे केे
लि�ए बााइबल तक पहुँँचाायाा - एक परि�णााम जोो अन्य सभीी मेंं सेे कम सेे कम रोोम द्वााराा वांं�छि�त नहींं� थाा।
मनुुष्य केे मन सत्य केे स्रोोत कीी ओर नि�र्देेशि�त हुए, जि�सेे छि�पाानाा उसकाा उद्देेश्य थाा।
वि�क्लि�फ नेे भि�क्षुुओं ं केे वि�रुद्ध लघुु पुुस्ति�कााओंं काा लेेखन और प्रकााशन शुुरू कि�याा, हाालांं�कि�,
उनकेे सााथ वि�वााद मेंं पड़नेे केे लि�ए इतनाा अधि�क प्रयाास नहींं� कि�याा जि�तनाा कि� लोोगोंं� केे मन कोो
बााइबि�ल और उसकेे लेेखक कीी शि�क्षााओंं कीी ओर फि�राानेे केे लि�ए प्रयाास कि�याा। उसनेे घोोषणाा कीी कि�
पोोप केे पाास क्षमाा याा बहि�ष्काार काा अधि�काार साामाान्य पाादरि�योंं� सेे अधि�क नहींं� हैै, और यह कि� कि�सीी
भीी व्यक्ति� कोो वाास्तव मेंं तब तक बहि�ष्कृृ त नहींं� कि�याा जाा सकताा हैै जब तक कि� वह पहलेे स्वयंं कोो
परमेेश्वर केे दण्डाादेेश काा पाात्र न बनााए। कोोई और अधि�क प्रभाावशाालीी तरीीकेे सेे वह आध्याात्मि�क
और लौौकि�क प्रभुुत्व केे उस वि�शााल ताानेे-बाानेे कोो उखााड़ फेंंकनेे काा कााम नहींं� कर सकताा थाा जि�सेे पोोप
नेे खड़ाा कि�याा थाा और जि�समेंं लााखोंं� लोोगोंं� कीी आत्मााएंं और शरीीर कैै द थींं�।
60 महाान वि�वााद

रोोम केे अति�क्रमण केे खि�लााफ अंंग्रेेजीी तााज केे अधि�काारोंं� कीी रक्षाा केे लि�ए फि�र सेे वि�क्लि�फ कोो
बुुलाायाा गयाा; और एक शााहीी रााजदूू त नि�युुक्त होोनेे केे नाातेे, उसनेे पोोप केे आयुुक्तोंं� केे सााथ संं गति� मेंं
नीीदरलैंंड मेंं दोो सााल बि�तााए। यहांं� उसकाा संं पर्कक
फ्रांं�स, इटलीी और स्पेेन केे पाादरि�योंं� केे सााथ हुआ, और उसेे पर्देे केे पीीछेे देेखनेे और कई चीीज़ोंं�
काा ज्ञाान हाासि�ल करनेे काा अवसर मि�लाा, जोो इंं ग्लैंडं मेंं उससेे छि�पीी रहतीी। उसनेे बहुत कुु छ सीीखाा
जि�सेे उसकेे बााद केे श्रम पर ध्याान देेनाा थाा। पोोप केे दरबाार केे इन प्रति�नि�धि�योंं� मेंं, उसनेे धर्ममसत्‍‍ताा केे
वाास्तवि�क चरि�त्र और उद्देेश्योंं� कोो पढ़ाा। वह अपनीी पूूर्वव शि�क्षााओंं कोो और अधि�क खुुलेे तौौर पर और
अधि�क उत्सााह केे सााथ दोोहराानेे केे लि�ए इंं ग्लैंडं लौौट आयाा, यह घोोषणाा करतेे हुए कि� लोोभ, गर्वव और
धोोखेे रोोम केे देेवताा थेे।
अपनीी एक लघुु पुुस्ति�काा मेंं उसनेे पोोप और उसकेे संं ग्रहकर्ताा�ओं ं केे बाारेे मेंं बाात करतेे हुए कहाा:
«संं स्काारोंं� और आध्याात्मि�क चीीज़ोंं� केे लि�ए, वेे हमाारीी भूूमि� सेे गरीीब जनोंं� कीी आजीीवि�काा, और प्रति� वर्षष
रााजाा केे धन केे कई हज़ाार अंंक नि�कााल लेेतेे हैंं, जोो कि� पवि�त्र गणोंं� कीी खरीीद और बि�क्रीी काा शाापि�त
वि�धर्मम हैै, सम्पूूर्णण मसीीहीी जगत कोो इस वि�धर्मम कोो मााननेे और बनााए रखनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करताा हैै।
और नि�श्चि�ित रूप सेे हाालाँँ�कि�, हमाारेे क्षेेत्र मेंं सोोनेे काा एक वि�शााल ढेेर थाा, और इस गर्वि�त, सांं�साारि�क
पाादरीी केे अलाावाा कि�सीी अन्य व्यक्ति� नेे कभीी भीी इस मेंं सेे नहींं� लि�याा थाा, समय कीी प्रक्रि�याा द्वााराा इस
ढेेर कोो खर्चच होो जाानाा चााहि�ए; क्योंं�कि� वह हमाारेे देेश मेंं सेे सर्ववदाा धन लेे लेेताा हैै, और गणोंं� कीी खरीीद
और बि�क्रीी केे परि�णाामस्वरूप परमेेश्वर केे शााप कोो छोोड़ और कुु छ नहींं� भेेजताा हैै। «—जॉॉन लेेवि�स,
हि�स्ट्रीी� ऑफ द लााइफ एंं ड सफ़रिं�ंग्स ऑफ जेे. वि�क्लि�फ, पृृष् ठ 37।
इंं ग्लैंडं लौौटनेे केे तुुरंंत बााद, वि�क्लि�फ कोो रााजाा द्वााराा लटरवर्थथ मेंं रेेक्टर-नि�वाासगृृह मेंं नि�योोजि�त
भेंंट केे लि�ए बुुलाायाा गयाा। यह एक आश्वाासन थाा कि� सम्रााट कम सेे कम उसकेे स्पष्टवाादीी कथन सेे
नाारााज़ तोो नहींं� हुआ थाा। वि�क्लि�फ काा प्रभााव अदाालत कीी काार्ररवााई कोो आकाार देेनेे केे सााथ-सााथ रााष्ट्रर
केे वि�श्वाास कोो ढाालनेे मेंं भीी महसूूस कि�याा गयाा।
पोोप कीी ओर सेे उसकीी घोोर निं�दां ा कीी गई। तीीन आधि�काारि�क दस्ताावेेज इंं ग्लैंडं भेेजेे गए, - वि�श्व-
वि�द्याालय कोो, रााजाा कोो, और धर्माा�ध्यक्षोंं� कोो - सभीी कोो वि�धर्मम केे शि�क्षक कोो चुुप कराानेे केे लि�ए
तत्कााल और नि�र्णाा�यक उपााय करनेे काा आदेेश दि�याा गयाा। ((ऑगस्टस नि�एंं डर, जेेनरल हि�स्ट्रीी� ऑफ
द क्रि�श्चि�ियन रि�लि�जन एंं ड चर्चच, पीीरि�यड 6, खंं ड 2, बिं�दुं 1ु , अनुुच्छेेद 8 टि�प्पणीी 15 भीी देेखेंं।)।
हाालांं�कि�, आधि�काारि�क दस्ताावेेजोंं� केे आनेे सेे पहलेे, बि�शपोंं� नेे अपनेे जोोश मेंं, वि�क्लि�फ कोो मुुकदमेे केे
लि�ए अपनेे सम्मुुख बुुलाायाा थाा। लेेकि�न रााज्य केे दोो सबसेे शक्ति�शाालीी रााजकुु माार उसकेे सााथ न्याायाालय
मेंं गए; और इमाारत कोो घेेरतेे हुए और अंंदर भाागतेे हुए लोोगोंं� नेे न्याायााधीीशोंं� कोो इतनाा धमकाायाा कि�
काार्ययवााहीी कुु छ समय केे लि�ए स्थगि�त कर दीी गई, और उसेे शांं�ति� सेे अपनेे राास्तेे जाानेे दि�याा गयाा। कुु छ
समय बााद, एडवर्डड III कीी, जि�ससेे उसकेे बुुढ़ाापेे मेंं धर्माा�ध्यक्ष सुुधाारक केे खि�लााफ प्रभााव कीी उम्मीीद
कर रहेे थेे, मृृत्युु होो गई, और वि�क्लि�फ काा पूूर्वव रक्षक रााज्य काा रााज प्रति�नि�धि� बन गयाा।
लेेकि�न पोोप केे दस्ताावेेजोंं� केे आगमन नेे पूूरेे इंं ग्लैंडं कोो वि�धर्मीी कीी गि�रफ्ताारीी और कााराावाास केे
लि�ए एक अनि�वाार्यय आदेेश दि�याा। इन काार्ययवााहि�योंं� नेे सीीधेे धर्मम हेेतुु मरण कीी ओर इशााराा कि�याा। यह
नि�श्चि�ित प्रतीीत हुआ कि� वि�क्लि�फ जल्द हीी रोोम केे प्रति�शोोध काा शि�काार होोगाा। लेेकि�न वह जि�सनेे
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सदि�योंं� पहलेे एक कोो घोोषि�त कि�याा, «डर मत: ...। मैंं तेेरीी ढााल हूँँ” (उत्पत्ति� 15:1), अपनेे दाास कीी
रक्षाा केे लि�ए फि�र सेे अपनाा हााथ बढ़ाायाा। मृृत्युु सुुधाारक कोो नहींं�, बल्कि� उस पोोप कोो आई, जि�सनेे
उसकेे वि�नााश काा आदेेश दि�याा थाा। ग्रेेगरीी XI (ग्याारह) कीी मृृत्युु होो गई, और वि�क्लि�फ केे मुुकदमेे केे
लि�ए इकट्ठेे हुए पाादरीी ति�तर-बि�तर होो गए।
धर्मम सुुधाार केे वि�काास काा अवसर देे नेे केे लि�ए, ईश्वरीीय रक्षाा नेे घटनााओंं कोो और भीी नि�ष्प्र-
भााव कर दि�याा थाा। ग्रेेगरीी कीी मृृत्युु केे बााद दोो प्रति�द्वंं द्वीी पोोपोंं� काा चुुनााव हुआ। दोो परस्पर वि�रोोधीी
शक्ति�योंं� नेे, प्रत्येेक कथि�त रूप सेे अचूूक, नेे अब आज्ञााकाारि�ताा काा दाावाा कि�याा। (टि�प्पणीी 2 और
टि�प्पणीी 14 देे खेंं।) अपनेे वि�रोोधि�योंं� केे खि�लााफ भयाानक अभि�शाापोंं� द्वााराा और अपनेे समर्थथकोंं�
कोो स्वर्गग मेंं पुुरस्काार केे आश्वाासन द्वााराा अपनीी मांं�गोंं� कोो लाागूू करतेे हुए, प्रत्येेक नेे वि�श्वाासि�योंं� सेे
आह्वाान कि�याा कि� वेे दूू सरेे सेे युुद्ध करनेे मेंं उनकीी सहाायताा करेंं । इस घटनाा नेे पोोपतंं त्र कीी शक्ति�
कोो बहुत कमज़ोोर कर दि�याा। प्रति�द्वंं द्वीी गुुटोंं� केे पाास एक-दूू सरेे पर हमलाा करनेे केे लि�ए वेे सब
कुु छ थाा, और वि�क्लि�फ नेे कुु छ समय केे लि�ए आरााम कि�याा। पोोप अभि�शाापोंं� और दोोषाारोोपण केे
पाात्र बन गए, और उनकेे परस्पर वि�रोोधीी दाावोंं� काा समर्थथन करनेे केे लि�ए खूून कीी धाारााएंं बहााई
गईं। कलीीसि�याा मेंं अपरााध और अपवाादोंं� कीी बााढ़ आ गई। इस बीीच, सुुधाारक, लटरवर्थथ केे अपनेे
धर्ममप्रदेे श केे शांं�त अवकााशप्रााप्त जीीवन मेंं, लोोगोंं� काा ध्याान प्रति�स्पर्धीी पोोपोंं� सेे हटााकर शांं�ति� केे
रााजकुु माार, यीीशुु कीी ओर इंं गि�त करनेे केे लि�ए कर्ममठताापूूर्ववक श्रम कर रहाा थाा।
इस अलगााव नेे, और इसकेे काारण हुए सभीी संं घर्षोंं और भ्रष्टााचाारोंं� नेे, लोोगोंं� कोो पोोपतंं त्र कीी वाास्त-
वि�कताा सेे परि�चि�त होोनेे केे लि�ए सक्षम करकेे सुुधाार केे लि�ए राास्ताा तैैयाार कि�याा। उसकेे द्वााराा प्रकााशि�त,
ऑन द स्कि�ज्म ऑफ द पोोप्स, नाामक एक लघुु पुुस्ति�काा मेंं वि�क्लि�फ नेे लोोगोंं� सेे इस बाात पर वि�चाार करनेे
काा आह्वाान कि�याा कि� क्याा येे दोोनोंं� धर्माा�ध्यक्ष एक-दूू सरेे कीी मसीीह वि�रोोधीी केे रूप मेंं निं�दां ा करनेे मेंं सच
नहींं� बोोल रहेे थेे। «परमेेश्वर,» उसनेे कहाा, «अब शैैताान कोो केे वल एक हीी ऐसेे धर्माा�ध्यक्ष मेंं रााज करनेे
कीी अनुुमति� नहींं� देेगाा, लेेकि�न ... दोो केे बीीच वि�भााजन कि�याा, तााकि� लोोग, मसीीह केे नााम मेंं, अधि�क
आसाानीी सेे उन दोोनोंं� पर वि�जय प्रााप्त कर सकेंं ।» -आर . वॉॉन, लााइफ एंं ड ओपि�नि�यन्स ऑफ जॉॉन डीी
वि�क्लि�फ, वॉॉल्यूूम। 2, पृृ. 6।
वि�क्लि�फ नेे अपनेे गुुरु कीी तरह गरीीबोंं� कोो सुुसमााचाार काा प्रचाार कि�याा। लटरवर्थथ केे अपनेे स्वयंं केे
धर्ममप्रदेेश मेंं उनकेे सााधाारण घरोंं� मेंं प्रकााश फैै लाानेे सेे संं तुुष् ट नहींं�, उसनेे संं कल्प कि�याा कि� इसेे इंं ग्लैंडं
केे हर हि�स्सेे मेंं लेे जाायाा जाानाा चााहि�ए। इसेे पूूराा करनेे केे लि�ए उसनेे प्रचाारकोंं�, सरल, धर्ममपराायण लोोगोंं�
केे एक समूूह कोो संं गठि�त कि�याा, जोो सत्य सेे प्रेेम करतेे थेे और इसेे वि�स्ताारि�त करनेे केे लि�ए इतनाा
कुु छ नहींं� चााहतेे थेे। येे लोोग बााज़ाारोंं� मेंं, बड़ेे शहरोंं� कीी गलि�योंं� मेंं, और देेश कीी गलि�योंं� मेंं उपदेेश
देेतेे हुए हर जगह गए। वेे वृृद्धोंं�, रोोगि�योंं� और कंं गाालोंं� केे पाास गए, और उन्हेंं परमेेश्वर केे अनुुग्रह काा
सुुसमााचाार सुुनाायाा।
ऑक्सफोोर्डड मेंं धर्ममशाास्त्र केे प्रोोफेे सर केे रूप मेंं, वि�क्लि�फ नेे वि�श्ववि�द्याालय मेंं परमेेश्वर केे वचन
काा प्रचाार कि�याा। उसनेे उसकेे शि�क्षण केे तहत छाात्रोंं� केे लि�ए सत्य कोो इतनीी ईमाानदाारीी सेे प्रस्तुुत कि�याा,
कि� उसेे «गॉॉस्पल डॉॉक्टर (सुुसमााचाार चि�कि�त्सक)» कीी उपााधि� मि�लीी। लेेकि�न उसकेे जीीवन काा सबसेे
बड़ाा कााम पवि�त्र शाास्त्र काा अंंग्रेेजीी भााषाा मेंं अनुुवााद होोनाा थाा। ऑन द ट्रुुथ एंं ड मीीनिं�गं ऑफ स्क्रि�प्चर
62 महाान वि�वााद

नाामक एक लेेखन काार्यय मेंं, उसनेे बााइबल काा अनुुवााद करनेे कीी अपनीी मंं शाा व्यक्त कीी, तााकि� इंं ग्लैंडं
काा प्रत्येेक व्यक्ति�, अपनीी माातृृभााषाा मेंं, परमेेश्वर केे अद्भु ् ुत काार्योंं कोो पढ़ सकेे ।
लेेकि�न अचाानक उसकाा काार्यय रुक गयाा। यद्यपि� अभीी वह सााठ वर्षष काा नहींं� हुआ थाा, फि�र भीी
नि�रंंतर परि�श्रम, अध्ययन और उसकेे शत्रुुओं ं केे आक्रमणोंं� नेे उसकेे स्वाास्थ्य पर असर कि�याा थाा और
उसेे समय सेे पहलेे बूूढ़ाा बनाा दि�याा थाा। वह एक खतरनााक बीीमाारीी सेे ग्रसि�त होो गयाा। इस खबर सेे
भि�क्षुु बहुत खुुश हुए। अब उन्होंं�नेे सोोचाा कि� वह उस नुुक़साान काा पश्चाातााप करेेगाा जोो उसनेे कलीीसि�याा
कोो पहुंंचाायाा थाा, और वेे उसकेे अंंगीीकाार कोो सुुननेे केे लि�ए उसकेे कक्ष मेंं पहुंंचेे। चाार धाार्मि�क गणोंं� केे
प्रति�नि�धि�, चाार नाागरि�क अधि�काारि�योंं� केे सााथ, तथााकथि�त मरनेे वाालेे व्यक्ति� केे आसपाास एकत्र हुए।
“मृृत्युु तेेरेे होोठोंं� पर हैै,» उन्होंं�नेे कहाा; «अपनेे दोोषोंं� सेे व्यााकुु ल होो, और जोो कुु छ तूू नेे कहाा जि�ससेे
हमेंं नुुक़साान पहुंंचाा, उससेे हमाारेे सााम्हनेे मुुकर जाा।» सुुधाारक चुुपचााप सुुनताा रहाा; फि�र उस नेे अपकेे
सेेवक सेे कहाा कि� वह उसेे बि�छौौनेे पर उठााकर बैैठाा देे , और जब वेे उसकेे प्राायश्चि�ित कीी बााट जोोहतेे
हुए उस पर टकटकीी लगााकर देेखतेे रहेे थेे, उस नेे कठोोर, प्रभाावशाालीी स्वर मेंं कहाा, जि�सेे सुुनकर वेे
प्राायःः कांं�प उठतेे थेे: “मैंं मरूंंगाा नहींं�, वरन जीीवि�त रहूंंगाा; और फि�र सेे भि�क्षुुओं ं केे बुुरेे काामोंं� काा बखाान
करूंंगाा।” —डीी औबि�ग्नेे, खंं ड 17, अध्यााय 7। चकि�त और हतप्रभ होोकर भि�क्षुु जल्दीी सेे कमरेे सेे
चलेे गए।
वि�क्लि�फ काा कहाा पूूराा हुआ। वह अपनेे देेशवाासि�योंं� केे हााथोंं� मेंं रोोम केे खि�लााफ सभीी हथि�याारोंं�
मेंं सबसेे शक्ति�शाालीी हथि�याार रखनेे केे लि�ए जीीवि�त रहाा—उन्हेंं लोोगोंं� कोो मुुक्त करनेे, प्रबुुद्ध करनेे और
लोोगोंं� कोो सुुसमााचाार काा प्रचाार करनेे केे लि�ए स्वर्गग-नि�युुक्त कर्ताा�, बााइबि�ल देेनेे केे लि�ए। इस काार्यय कीी
सि�द्धि� मेंं अनेेक और बड़ीी बााधााओंं कोो पाार करनाा थाा। वि�क्लि�फ दुर्बबल ु तााओंं सेे बोोझि�ल थाा; वह जाानताा
थाा कि� उसकेे लि�ए श्रम केे लि�ए केे वल कुु छ वर्षष शेेष हैंं; उसनेे उस वि�रोोध कोो देेखाा जि�सकाा उसेे साामनाा
करनाा थाा; लेेकि�न, परमेेश्वर केे वचन केे वाादोंं� सेे प्रोोत्सााहि�त होोकर, वह बि�नाा कि�सीी डर केे आगेे बढ़
गयाा। अपनीी बौौद्धि�क शक्ति�योंं� केे पूूरेे जोोश मेंं, अनुुभव केे धनीी, उसेे इसकेे लि�ए, उसकाा सबसेे बड़ाा
काार्यय थाा, परमेेश्वर केे वि�शेेष संं रक्षण द्वााराा संं रक्षि�त और तैैयाार कि�याा गयाा थाा। जबकि� संं पूूर्णण मसीीहीी
जगत कोोलााहल सेे भराा हुआ थाा, सुुधाारक नेे लटरवर्थथ मेंं अपनेे नि�वाास-स्थाान मेंं, बााहर उठेे तूूफाान कोो
अनदेेखाा करतेे हुए, अपनेे आप कोो अपनेे चुुनेे हुए काार्यय मेंं लगाा दि�याा।
अंंत मेंं कााम पूूराा होो गयाा - बााइबल काा अब तक काा पहलाा अंंग्रेेज़ीी अनुुवााद। परमेेश्वर काा वचन
इंं ग्लैंडं मेंं प्रचाार कि�याा गयाा। सुुधाारक कोो अब जेेल याा धर्मम हेेतुु मरण काा डर नहींं� थाा। उसनेे अंंग्रेेज़ोंं� केे
हााथ मेंं एक ऐसाा प्रकााश रखाा थाा जोो कभीी बुुझनेे वाालाा नहींं� थाा। अपनेे देेशवाासि�योंं� कोो बााइबि�ल देेनेे
मेंं, उसनेे अज्ञाानताा और बुुरााई केे बंं धनोंं� कोो तोोड़नेे केे लि�ए और अपनेे देेश कोो मुुक्त करनेे और ऊंंचाा
करनेे केे लि�ए इतनाा अधि�क कि�याा थाा, जि�तनाा कि� युुद्ध केे मैैदाानोंं� पर सबसेे शाानदाार जीीत सेे भीी कभीी
हाासि�ल नहींं� कि�याा गयाा थाा।
छपााई कीी कलाा अभीी भीी अज्ञाात थीी, यह केे वल धीीमेे और थकाानेे वाालेे श्रम सेे हीी संं भव थाा कि�
बााइबल कीी प्रति�योंं� मेंं वृृद्धि� कीी जाा सकतीी थीी। पुुस्तक प्रााप्त करनेे कीी रुचि� इतनीी अधि�क थीी कि� बहुत
सेे लोोग स्वेेच्छाा सेे इसेे प्रति�लेेखि�त करनेे केे काार्यय मेंं लग गए, लेेकि�न यह कठि�नााई केे सााथ थाा कि� प्रति�-
लि�पि�काार मांं�ग कीी आपूूर्ति� कर सकेे । कुु छ अधि�क धनीी ख़रीीदाारोंं� नेे पूूरीी बााइबल चााहीी। दूू सरोंं� नेे केे वल
जॉन विक्ल 63

एक हि�स्साा खरीीदाा। कई माामलोंं� मेंं, कई परि�वाार एक प्रति� खरीीदनेे केे लि�ए एकजुुट हुए। इस प्रकाार
वि�क्लि�फ कीी बााइबि�ल जल्द हीी लोोगोंं� केे घरोंं� तक पहुंंच गई।
मनुुष्य कीी तर्कक शक्ति� सेे आग्रह नेे उन्हेंं कैै थोोलि�क हठधर्मि�ताा केे प्रति� उनकेे नि�ष्क्रि�य समर्पपण सेे
जगाायाा। वि�क्लि�फ नेे अब प्रोोटेेस्टेंंटवााद केे वि�शि�ष्ट सि�द्धांं�तोंं� कीी शि�क्षाा दीी—मसीीह मेंं वि�श्वाास केे द्वााराा
उद्धाार, और पवि�त्रशाास्त्र कीी एकमाात्र अचूूकताा। जि�न प्रचाारकोंं� कोो उसनेे भेेजाा थाा, उन्होंं�नेे सुुधाारक केे
लेेखोंं� केे सााथ बााइबल काा प्रसाार कि�याा, और इतनीी सफलताा केे सााथ कि� नए वि�श्वाास कोो इंं ग्लैंडं केे
लगभग आधेे लोोगोंं� नेे स्वीीकाार कर लि�याा।
पवि�त्र शाास्त्र कीी उपस्थि�ति� नेे कलीीसि�याा केे अधि�काारि�योंं� कोो नि�रााश कि�याा। उन्हेंं अब वि�क्लि�फ सेे
अधि�क शक्ति�शाालीी मााध्यम सेे मि�लनाा थाा - एक ऐसाा मााध्यम जि�सकेे खि�लााफ उनकेे हथि�याारोंं� कोो बहुत
कम फाायदाा होोगाा। इस समय इंं ग्लैंडं मेंं बााइबल कोो प्रति�बंं धि�त करनेे वाालाा कोोई काानूून नहींं� थाा, क्योंं�कि�
यह पहलेे कभीी लोोगोंं� कीी भााषाा मेंं प्रकााशि�त नहींं� हुई थीी। इस तरह केे काानूूनोंं� कोो बााद मेंं अधि�नि�य-
मि�त कि�याा गयाा और सख्तीी सेे लाागूू कि�याा गयाा। इस बीीच, यााजकोंं� केे प्रयाासोंं� केे बाावजूूद , कुु छ समय
केे लि�ए, परमेेश्वर केे वचन केे प्रसाार काा अवसर थाा।
फि�र सेे पोोप सेे जुुड़ेे अगुुवोंं� नेे सुुधाारक कीी आवााज़ कोो दबाानेे कीी सााजि�श रचीी। तीीन न्याायााधि�क-
रणोंं� केे समक्ष उसेे मुुकदमेे केे लि�ए क्रमि�क रूप सेे बुुलाायाा गयाा, लेेकि�न कोोई फाायदाा नहींं� हुआ। सबसेे
पहलेे बि�शपोंं� कीी एक धर्ममसभाा नेे उसकेे लेेखन कोो वि�धर्मीी घोोषि�त कि�याा, और, युुवाा रााजाा, रि�चर्डड द्वि�तीीय
कोो अपनेे पक्ष मेंं कर, उन्होंं�नेे एक शााहीी फरमाान प्रााप्त कि�याा, जि�सकेे आधाार पर, नि�षि�द्ध सि�द्धांं�तोंं� कोो
धाारण करनेे वाालेे सभीी कोो जेेल भेेज दि�याा जाानाा थाा।
वि�क्लि�फ नेे धर्ममसभाा सेे संं सद तक अनुुरोोध कि�याा; उसनेे नि�डर होोकर रााष्ट्रीी�य परि�षद केे समक्ष
धर्ममसत्‍‍ताा कोो अपरााधीी ठहराायाा और कलीीसि�याा द्वााराा स्वीीकृृ त असााधाारण अत्यााचाार केे वि�षय मेंं सुुधाार
कीी मांं�ग कीी। ठोोस अधि�काार केे सााथ उसनेे पोोप केे अनधि�काार ग्रहण और भ्रष्टााचाार कोो चि�त्रि�त कि�याा।
उसकेे दुश्म ु न असमंं जस मेंं पड़ गए। वि�क्लि�फ केे मि�त्रोंं� और समर्थथकोंं� कोो हाार मााननेे केे लि�ए वि�वश
कि�याा गयाा थाा, और यह वि�श्वाासपूूर्ववक उम्मीीद कीी जाा रहीी थीी कि� सुुधाारक स्वयंं , अपनेे बुुढ़ाापेे मेंं, अकेे लेे
और मि�त्रहीीन, रााजाा और पोोप केे संं युुक्त अधि�काार केे साामनेे झुके ु े गाा। लेेकि�न इसकेे बजााय पोोप केे
समर्थथकोंं� नेे खुुद कोो परााजि�त देेखाा। संं सद नेे, वि�क्लि�फ कीी भाावोोत्तेेजक यााचि�कााओंं सेे उत्तेेजि�त होोकर,
उत्पीीड़न केे आदेेश कोो नि�रस्त कर दि�याा, और सुुधाारक फि�र सेे स्वतंं त्र होो गयाा।
तीीसरीी बाार उसेे मुुकदमेे केे लि�ए लाायाा गयाा, और अब रााज्य मेंं सर्वोोच्च कलीीसि�याा संं बंं धीी न्याायााधि�-
करण केे साामनेे। यहांं� वि�धर्मि�योंं� पर कोोई एहसाान नहींं� कि�याा जाानाा थाा। यहाँँ� अंंत मेंं रोोम कीी जीीत होोगीी,
और सुुधाारक काा कााम रोोक दि�याा जााएगाा। पोोप केे समर्थथकोंं� नेे ऐसाा सोोचाा थाा। यदि� वेे अपनेे उद्देेश्य कोो
पूूराा करनेे मेंं सफल होो जाातेे, तोो वि�क्लि�फ कोो अपनेे सि�द्धांं�तोंं� कोो त्याागनेे केे लि�ए मजबूूर होोनाा पड़ताा,
याा अदाालत सेे बााहर आकर केे वल आग कीी लपटोंं� केे हवाालेे होो जााताा।
लेेकि�न वि�क्लि�फ पीीछेे नहींं� हटाा; उसनेे अपनेे वि�श्वाास कोो नहींं� छि�पाायाा। उसनेे नि�डर होोकर अपनीी
शि�क्षााओंं कोो काायम रखाा और अपनेे उत्पीीड़कोंं� केे आरोोपोंं� कोो खाारि�ज कर दि�याा। अपनेे आप कोो,
अपनीी स्थि�ति�, अवसर कोो भूूलकर, उसनेे अपनेे श्रोोतााओंं कोो पवि�त्र न्याायाालय केे समक्ष बुुलाायाा, और
उनकेे  कुु तर्कक और धोोखेे कोो शााश्वत सत्य केे तरााजूू मेंं तौौलाा। पवि�त्र आत्माा केे साामर्थ्यय कोो सभाा कक्ष मेंं
64 महाान वि�वााद

महसूूस कि�याा गयाा थाा। श्रोोताा परमेेश्वर सेे सम्मोोहि�त थेे। ऐसाा लग रहाा थाा कि� उनकेे पाास जगह छोोड़नेे
कीी कोोई शक्ति� नहींं� थीी। प्रभुु केे तरकश सेे तीीरोंं� कीी तरह, सुुधाारक केे वचनोंं� नेे उनकेे हृदयोंं� कोो छेे द
दि�याा। वि�धर्मम काा आरोोप, जोो उन्होंं�नेे उसकेे खि�लााफ लगाायाा थाा, उसनेे ठोोस अधि�काार केे सााथ उसनेे
उन्हींं� केे मुंं� ह पर देे मााराा। उसनेे मांं�ग कीी कि� उन्होंं�नेे अपनेे भ्रमोंं� कोो फैै लाानेे कीी हि�म्मत क्योंं� कीी? लााभ
केे लि�ए परमेेश्वर कीी कृृ पाा काा व्याापाार करनाा?
«सोोचोो, कि� तुुम,» उसनेे अंंत मेंं कहाा, «कि�स केे सााथ मुुकााबलाा कर रहेे होो? कब्र केे कगाार पर एक
बूूढ़ेे आदमीी केे सााथ? नहींं�! सत्य केे सााथ—सत्य जोो तुुमसेे अधि�क बलवाान हैै, और तुुम पर वि�जय
प्रााप्त करेेगाा।” —वि�लीी, खंं ड 2, अध्यााय 13। यह कहकर वह मण्डलीी सेे हट गयाा, और उसकेे कि�सीी
वि�रोोधीी नेे उसेे रोोकनेे काा प्रयत्न न कि�याा।
वि�क्लि�फ काा कााम लगभग होो चुुकाा थाा; सच्चााई काा झण्डाा जोो उसनेे इतनेे लंं बेे समय तक थााम
रखाा थाा, वह जल्द हीी उसकेे हााथ सेे गि�रनेे वाालाा थाा; परन्तुु एक बाार फि�र उसेे सुुसमााचाार कीी गवााहीी
देेनीी थीी। सत्य कोो भ्रम केे रााज्य केे गढ़ सेे घोोषि�त कि�याा जाानाा थाा। वि�क्लि�फ कोो मुुकदमेे केे लि�ए रोोम
मेंं पोोप केे न्याायाालय केे समक्ष बुुलाायाा गयाा थाा, जि�सनेे अक्सर पवि�त्र लोोगोंं� काा खूून बहाायाा थाा। वह
उस खतरेे केे प्रति� अंंधाा नहींं� थाा जोो उसपर मंं डराा रहाा थाा, फि�र भीी उसनेे आह्वाान पत्र काा पाालन कि�याा
होोताा अगर पक्षााघाात काा झटकाा उसकेे लि�ए याात्राा करनाा असंं भव नहींं� बनाा देेताा। लेेकि�न यद्यपि� उसकीी
आवााज़ रोोम मेंं नहींं� सुुनीी जाानीी थीी, वह पत्र द्वााराा बोोल सकताा थाा, और उसनेे ऐसाा करनेे काा नि�श्चय
कि�याा। सुुधाारक नेे अपनेे नि�वाास सेे पोोप कोो एक पत्र लि�खाा, जोो शब्दोंं� मेंं सम्माानजनक और भााव मेंं
मसीीहीी होोनेे केे बाावजूूद , पोोप केे पद केे आडंंबर और गर्वव केे लि�ए एक गहरीी फटकाार थाा।
«वाास्तव मेंं मैंं आनन्दि�त हूंं,» उसनेे कहाा, «हर आदमीी केे सम्मुुख उस वि�श्वाास कोो प्रकट और
घोोषि�त करनेे केे लि�ए जोो मैंं थाामेे रहताा हूंं, और वि�शेेष रूप सेे रोोम केे बि�शप केे सम्मुुख: जोो, जैैसाा कि�
मैंं माानताा हूंं कि� सहीी और सच्चाा हैै, वह स्वेेच्छाा सेे मेेरेे उक्त वि�श्वाास कीी पुुष्टि�ि करेेगाा, याा यदि� यह गलत
हैै, तोो उसमेंं संं शोोधन करेेगाा।
«सबसेे पहलेे, मुुझेे लगताा हैै कि� मसीीह काा सुुसमााचाार परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा काा मुुख्य भााग हैै ...।
मेेरीी समझ मेंं रोोम काा बि�शप, चूंं�कि� वह यहांं� पृृथ्वीी पर मसीीह काा प्रति�नि�धि� हैै, अन्य सभीी मनुुष्योंं� कीी
तुुलनाा मेंं, सुुसमााचाार कीी उस व्यवस्थाा केे वि�षय मेंं, सब सेे अधि�क बााध्य हैै। क्योंं�कि� मसीीह केे शि�ष्योंं� कीी
महाानताा सांं�साारि�क गरि�माा याा सम्माान मेंं नहींं� थीी, बल्कि� जीीवन और व्यवहाार मेंं मसीीह केे सदृश और
सटीीक अनुुसरण मेंं थीी। यहाँँ� एक महाान उद्देेश्य केे लि�येे अपनीी लंं बीी वि�शेेष याात्राा केे दौौराान, मसीीह एक
अत्यंं त कंंगााल व्यक्ति� थाा, जि�सनेे सभीी सांं�साारि�क अधि�काार और सम्माान कोो त्यााग दि�याा।
«कि�सीी भीी वि�श्वाासीी कोो न तोो स्वयंं पोोप काा अनुुसरण करनाा चााहि�ए, न हीी कि�सीी पवि�त्र व्यक्ति� कोो,
माात्र ऐसेे माामलोंं� मेंं जब वह प्रभुु यीीशुु मसीीह काा अनुुसरण करताा हैै; इसलि�ए कि� पतरस और जब्‍‍दीी
कीी सन्‍‍ताान नेे सांं�साारि�क आदर कीी अभि�लााषाा करकेे , मसीीह केे पदचि�न्होंं� केे वि�परीीत, अपरााध कि�याा,
और इस काारण उन गलति�योंं� मेंं उनकाा अनुुसरण नहींं� कि�याा जाानाा चााहि�ए।
«पोोप कोो सभीी अस्थाायीी प्रभुुत्व और शाासन कोो धर्ममनि�रपेेक्ष शक्ति� पर छोोड़ देेनाा चााहि�ए, और
उसकेे बााद प्रभाावीी रूप सेे अपनेे पूूरेे पाादरीी वर्गग कोो प्रेेरि�त करनाा चााहि�ए और नसीीहत देेनीी चााहि�ए;
क्योंं�कि� मसीीह नेे, और वि�शेेष रूप सेे उसकेे प्रेेरि�तोंं� नेे भीी ऐसाा हीी कि�याा। इसलि�ए, यदि� मैंंनेे इनमेंं सेे
जॉन विक्ल 65

कि�सीी भीी मुुद्देे मेंं गलतीी कीी हैै, तोो मैंं सबसेे वि�नम्रताापूूर्ववक अपनेे आप कोो सुुधाार केे लि�ए प्रस्तुुत करूंंगाा,
यहांं� तक कि� मृृत्युु केे द्वााराा भीी, यदि� प्रयोोजन अपेेक्षाा रखताा होो तोो; और यदि� मैंं अपनीी इच्छाा केे अनुुसाार
व्यक्ति�गत रूप सेे श्रम कर पााताा, तोो नि�श्चय हीी रोोम केे धर्माा�ध्यक्ष केे सााम्हनेे उपस्थि�त होोताा; परन्तुु
यहोोवाा नेे मुुझ सेे इसकेे वि�परीीत करनेे काा आदेेश दि�याा, और मुुझेे मनुुष्योंं� सेे बढ़कर परमेेश्वर कीी आज्ञाा
काा पाालन करनाा सि�खाायाा हैै।”
समाापन मेंं उसनेे कहाा : «आइए हम अपनेे ईश्वर सेे प्राार्थथनाा करेंं, कि� वह हमाारेे पोोप अर्बबन VI कोो
इतनाा उत्तेेजि�त करेे, जैैसाा कि� उसनेे शुुरू कि�याा थाा, कि� वह अपनेे पाादरि�योंं� केे सााथ जीीवन और व्यवहाार
मेंं प्रभुु यीीशुु मसीीह काा अनुुसरण कर सकेे ; और यह कि� वह लोोगोंं� कोो प्रभाावशाालीी तरीीकेे सेे शि�क्षाा देंं ,
और उसीी प्रकाार वेे भीी नि�ष्ठाापूूर्ववक उनकाा अनुुसरण करेंं।” —जॉॉन फॉॉक्स, एक्ट््स एंं ड मॉॉन्यूूमेंंट्स् ,
खंं ड 3, पृृष् ठ 49, 50।
इस प्रकाार वि�क्लि�फ नेे पोोप और उसकेे काार्डि�नलोंं� केे समक्ष मसीीह कीी दीीनताा और नम्रताा प्रस्तुुत
कीी, न केे वल खुुद कोो बल्कि� सभीी संं पूूर्णण मसीीहीी जगत कोो उनकेे और उस स्वाामीी केे बीीच केे अंंतर कोो
प्रदर्शि�त करतेे हुए, जि�सकेे प्रति�नि�धि� होोनेे काा वेे दाावाा करतेे थेे।
वि�क्लि�फ कोो पूूरीी उम्मीीद थीी कि� उसकीी वफाादाारीी कीी कीीमत उसकाा जीीवन होोगाा। रााजाा, पोोप और
बि�शप उसकीी बर्बाा�दीी कोो पूूराा करनेे केे लि�ए एकजुुट थेे, और यह नि�श्चि�ित लग रहाा थाा कि� कुु छ महीीनेे
उसेे धर्मम हेेतुु मरण केे लि�ए पहुंंचाा देंंगेे। लेेकि�न उनकाा सााहस अडि�ग थाा। «आप शहाादत काा तााज दूू र
पाानेे कीी बाात क्योंं� करतेे हैंं?» उसनेे कहाा। “अभि�माानीी धर्ममगुुरुओंं कोो मसीीह केे सुुसमााचाार काा प्रचाार
करोो, और शहाादत तुुम्हेंं नि�रााश नहींं� करेेगीी। क्याा! मैंं जीीवि�त रहकर चुुप रहूंं? कदाापि� नहींं�! प्रहाार होोनेे
दोो, मैंं उसकेे होोनेे काा इंं तज़ाार कर रहाा हूँँ।” —डीी› औबि�ग्नेे, खण्ड 17, अध्यााय 8 हैै।
परन्तुु परमेेश्वर केे वि�धाान नेे फि�र भीी उसकेे सेेवक कीी रक्षाा कीी। जोो व्यक्ति� प्रति�दि�न अपनेे जीीवन
कोो खतरेे मेंं डाालकर, जीीवन भर सत्य काा समर्थथन करताा रहाा थाा, उसेे उसकेे शत्रुुओं ं कीी घृृणाा काा शि�काार
नहींं� होोनाा थाा। वि�क्लि�फ नेे कभीी खुुद कोो बचाानेे कीी कोोशि�श नहींं� कीी थीी, लेेकि�न प्रभुु उसकाा रक्षक थाा;
और अब, जब उसकेे शत्रुुओं ं नेे अपनेे शि�काार केे बाारेे मेंं नि�श्चि�ित महसूूस कि�याा, तोो परमेेश्वर केे हााथ
नेे उसेे उनकीी पहुंंच सेे बााहर कर दि�याा। लटरवर्थथ मेंं अपनीी कलीीसि�याा मेंं, जब वह प्रभुु-भोोज देेनेे हीी
वाालाा थाा, वह पक्षााघाात सेे पीीड़ि�त होोकर गि�र गयाा, और कुु छ हीी समय मेंं उसनेे अपनेे प्रााण त्यााग दि�ए।
परमेेश्वर नेे वि�क्लि�फ कोो अपनाा कााम सौंं�पाा थाा। उस नेे सत्य काा वचन अपनेे मुंं� ह मेंं डाालाा थाा,
और उस नेे अपनेे आसपाास पहराा बैैठाायाा, कि� यह वचन लोोगोंं� तक पहुंंचेे। उसकेे जीीवन कीी रक्षाा कीी
गई, और उसकेे परि�श्रम कोो तब तक बढ़ाायाा गयाा, जब तक कि� सुुधाार केे महाान काार्यय कीी नींं�व नहींं�
रख दीी गई।
वि�क्लि�फ तमोोयुुग केे अंंधकाार सेे आयाा थाा। उसकेे कोोई अग्रदूू त नहींं� थेे जि�नकेे कााम सेे वह अपनीी
सुुधाार प्रणाालीी कोो आकाार देे सकताा। एक वि�शेेष मि�शन कोो पूूराा करनेे केे लि�ए युुहन्नाा बपति�स्माा देेनेे
वाालेे कीी तरह, वह एक नए युुग काा अग्रदूू त थाा। फि�र भीी उसकेे द्वााराा प्रस्तुुत कीी गई सत्य कीी प्रणाालीी मेंं
एकताा और पूूर्णणताा थीी, जि�सेे उसकेे बााद आनेे वाालेे सुुधाारकोंं� नेे माात नहींं� दीी, और जहांं� तक कुु छ लोोग
सौौ सााल बााद भीी नहींं� पहुंंचेे। नींं�व इतनीी व्याापक और गहरीी रखीी गई थीी, ढांं�चाा इतनाा दृढ़ और सच्चाा
थाा, कि� उसकेे बााद आनेे वाालेे लोोगोंं� द्वााराा इसेे फि�र सेे बनााए जाानेे कीी आवश्यकताा नहींं� थीी।
66 महाान वि�वााद

वि�क्लि�फ नेे जि�स महाान आंंदोोलन काा उद्घा् ाटन कि�याा, जोो अंंतराात्माा और बुुद्धि� कोो मुुक्त करनेे
केे लि�ए थाा, और रोोम कीी असवाारीी सेे इतनेे लंं बेे समय तक बंं धेे हुए रााष्ट्रों��ं कोो मुुक्त करनेे केे लि�ए थाा,
उसकाा सोोताा बााइबि�ल मेंं थाा। यहाँँ� आशीीष कीी उस धााराा काा स्रोोत थाा, जोो जीीवन केे जल कीी तरह,
चौौदहवींं� शतााब्दीी सेे सदि�योंं� सेे बह रहीी हैै। वि�क्लि�फ नेे पवि�त्र शाास्त्र कोो ईश्वर कीी इच्छाा केे प्रेेरि�त प्र-
कााशि�तवााक्य, वि�श्वाास और अभ्याास केे पर्याा�प्त नि�यम केे रूप मेंं नि�हि�त वि�श्वाास केे सााथ स्वीीकाार
कि�याा। उसेे रोोम कीी कलीीसि�याा कोो पवि�त्र, अचूूक सत्तााधाारीी केे रूप मेंं मााननेे और एक हज़ाार सााल कीी
स्थाापि�त शि�क्षााओंं और रीीति�-रि�वााजोंं� कोो नि�र्वि�वााद सम्माान केे सााथ स्वीीकाार करनेे केे लि�ए शि�क्षि�त कि�याा
गयाा थाा; परन्तुु वह इन सब सेे फि�रकर परमेेश्वर काा पवि�त्र वचन सुुननेे लगाा। यह वह प्रााधि�काार थाा
जि�सेे स्वीीकाार करनेे केे लि�ए उसनेे लोोगोंं� सेे आग्रह कि�याा। पोोप केे मााध्यम सेे बोोलनेे वाालीी कलीीसि�याा
केे बजााय, उसनेे वचन केे मााध्यम सेे अभि�व्यक्त यहोोवाा कीी वााणीी कोो एकमाात्र सच्चाा प्रााधि�काार घोोषि�त
कि�याा। और उसनेे न केे वल यह सि�खाायाा कि� बााइबल परमेेश्वर कीी इच्छाा काा एक सि�द्ध प्रकााशन हैै,
बल्कि� यह कि� पवि�त्र आत्माा हीी इसकाा एकमाात्र दुभा ु ाषि�याा हैै, और यह कि� प्रत्येेक व्यक्ति� कोो, इसकीी
शि�क्षााओंं केे अध्ययन सेे, स्वयंं अपनेे कर्ततव्य कोो जााननाा होोगाा। इस प्रकाार उसनेे पोोप और रोोम कीी
कलीीसि�याा केे लोोगोंं� केे मन कोो परमेेश्वर केे वचन कीी ओर फि�राायाा।
वि�क्लि�फ सबसेे महाान सुुधाारकोंं� मेंं सेे एक थाा। बुुद्धि� कीी व्याापकताा मेंं, वि�चाार कीी स्पष्टताा मेंं, सत्य
कोो बनााए रखनेे कीी दृढ़ताा मेंं, और उसकीी रक्षाा करनेे केे सााहस मेंं, उसकेे बााद आनेे वाालेे कुु छ लोोगोंं� द्वााराा
उसकीी बरााबरीी कीी गई। जीीवन कीी पवि�त्रताा, अध्ययन और श्रम मेंं अथक परि�श्रम, अवि�नााशीी सत्यनि�-
ष्ठाा, और अपनीी सेेवकााई मेंं मसीीह केे समाान प्रेेम और वि�श्वाासयोोग्यताा, सुुधाारकोंं� मेंं सेे प्रथम कीी वि�शेेषताा
थीी। और यह उस युुग केे बौौद्धि�क अंंधकाार और नैैति�क भ्रष्टााचाार केे बाावजूूद , जि�समेंं सेे वह उभराा।
वि�क्लि�फ काा चरि�त्र पवि�त्र शाास्त्र कीी साामर्थीी, परि�वर्ततनकाारीी शक्ति� काा प्रमााण हैै। यह बााइबल हीी थीी
जि�सनेे उसेे वह बनाायाा जोो वह थाा। प्रकााशि�तवााक्य केे महाान सत्य कोो समझनेे काा प्रयाास सभीी संं काायोंं�
कोो तााज़गीी और जोोश प्रदाान करताा हैै। यह समझ कोो व्याापक बनााताा हैै, हमाारीी समझनेे कीी क्षमताा कोो
बढ़ााताा हैै, और नि�र्णणय कोो परि�पक्व करताा हैै। बााइबल काा अध्ययन हर वि�चाार, भाावनाा और आकांं�क्षाा
कोो उतनाा हीी समृृद्ध करेेगाा जि�तनाा कोोई अन्य अध्ययन नहींं� कर सकताा। यह उद्देेश्य, धैैर्यय, सााहस और
दृढ़ताा कीी स्थि�रताा देेताा हैै; यह चरि�त्र कोो परि�ष्कृृत करताा हैै और आत्माा कोो पवि�त्र करताा हैै। पवि�त्र
शाास्त्र काा एक गंं भीीर, श्रद्धाापूूर्णण अध्ययन, छाात्र केे मन कोो अनंं त मन केे सीीधेे संं पर्कक मेंं लाातेे हुए, दुनि�या
ु ा
कोो मजबूूत और अधि�क सक्रि�य बुुद्धि� केे सााथ-सााथ महाान सि�द्धांं�त केे लोोग देेगाा, कभीी भीी परि�णााम नहींं�
देेगाा, जोो माानव दर्शशन द्वााराा प्रदाान कि�ए जाानेे वाालेे सक्षम प्रशि�क्षण केे परि�णाामस्वरूप कभीी भीी नहींं�
हुआ। «तेेरीी बाातोंं� केे खुुलनेे सेे,» भजनकाार कहताा हैै, «प्रकााश होोताा हैै; उससेे भोोलेे लोोग समझ प्रााप्‍‍त
करतेे हैंं।» भजन संं हि�ताा 119:130।
वि�क्लि�फ द्वााराा सि�खााए गए सि�द्धांं�त कुु छ समय तक फैै लतेे रहेे; उसकेे अनुुयाायि�योंं� नेे, जि�न्हेंं वि�क्लि�-
फि�ट््स और लॉॉलाार्ड््�स केे नााम सेे जाानाा जााताा थाा, न केे वल इंं ग्लैंडं कीी याात्राा कीी, बल्कि� सुुसमााचाार केे
ज्ञाान कोो लेेकर अन्य देेशोंं� मेंं भीी फैै ल गए। अब जब उनकाा अगुुवाा हटाा दि�याा गयाा, तोो प्रचाारकोंं� नेे पहलेे
सेे भीी अधि�क जोोश केे सााथ कााम कि�याा, और उनकीी शि�क्षााओंं कोो सुुननेे केे लि�ए लोोगोंं� कीी भीीड़ उमड़
पड़ीी। कुु छ कुु लीीन लोोग, और यहाँँ� तक कि� रााजाा कीी पत्नीी भीी, धर्माा�न्तरि�त लोोगोंं� मेंं थेे। कई जगहोंं� पर
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लोोगोंं� केे तौौर-तरीीकोंं� मेंं उल्लेेखनीीय सुुधाार हुआ और गि�रजााघरोंं� सेे रोोमनवााद केे मूूर्ति�पूूजक प्रतीीकोंं� कोो
हटाा दि�याा गयाा। लेेकि�न जल्द हीी उन लोोगोंं� पर अत्यााचाार कीी भयंं कर आंंधीी चलीी, जि�न्होंं�नेे बााइबल कोो
अपनाा माार्गगदर्शशक मााननेे काा सााहस कि�याा थाा। रोोम काा समर्थथन हाासि�ल करकेे अपनीी शक्ति� कोो मज़बूूत
करनेे केे लि�ए उत्सुुक अंंग्रेेज़ सम्रााटोंं� नेे सुुधाारकोंं� कीी बलि� देेनेे मेंं कोोई संं कोोच नहींं� कि�याा। इंं ग्लैण्ड ै केे
इति�हाास मेंं पहलीी बाार सुुसमााचाार केे शि�ष्योंं� केे वि�रुद्ध धर्मम हेेतुु मरण काा आदेेश दि�याा गयाा थाा। एक केे
बााद एक शहाादतेंं हुईं। सत्य केे पैैरोोकाार, नि�षि�द्ध और उत्पीीड़ि�त, केे वल सब्त केे दि�न केे प्रभुु कीी दोोहााई
देे सकतेे थेे कि� वह उनकीी ओर काान लगााए। कलीीसि�याा केे दुश्म ु नोंं� और क्षेेत्र केे गद्दाारोंं� केे रूप मेंं शि�काार
कि�ए गए, उन्होंं�नेे, जहांं� तक संं भव थाा गरीीबोंं� केे सीीधेे-सााधेे घरोंं� मेंं आश्रय ढूंं�ढतेे हुए और अक्सर मांं�दोंं�
और गुुफााओंं मेंं भीी छि�पतेे हुए, गुुप्त स्थाानोंं� मेंं प्रचाार करनाा ज़ाारीी रखाा।
उत्पीीड़न केे प्रकोोप केे बाावजूूद , धाार्मि�क आस्थाा केे प्रचलि�त भ्रष्टााचाार केे खि�लााफ एक शांं�त, धर्ममनि�-
ष्ठ, गंं भीीर, धैैर्यययुक्त ु वि�रोोध सदि�योंं� तक ज़ाारीी रहाा। उस प्राारंंभि�क समय केे मसीीहि�योंं� कोो सच्चााई काा केे वल
आंंशि�क ज्ञाान थाा, लेेकि�न उन्होंं�नेे परमेेश्वर केे वचन सेे प्रेेम करनाा और उसकाा पाालन करनाा सीीख लि�याा थाा,
और उन्होंं�नेे इसकेे लि�ए धैैर्ययपूर्ववक ू कष्ट उठाायाा। प्रेेरि�तोंं� केे दि�नोंं� मेंं शि�ष्योंं� कीी तरह, कई लोोगोंं� नेे अपनीी
सांं�साारि�क संं पत्ति� कोो मसीीह केे लि�ए बलि�दाान कर दि�याा। जि�न लोोगोंं� कोो अपनेे घरोंं� मेंं रहनेे कीी अनुुमति� दीी
गई थीी, उन्होंं�नेे खुुशीी-खुुशीी अपनेे नि�र्वाा�सि�त भााइयोंं� कोो आश्रय दि�याा, और जब उन्हेंं भीी नि�कााल दि�याा गयाा,
तोो उन्होंं�नेे खुुशीी-खुुशीी बहि�ष्कृृ त लोोगोंं� कोो स्वीीकाार कर लि�याा। यह सच हैै कि� हज़ाारोंं� नेे, अपनेे उत्पीीड़कोंं�
केे क्रोोध सेे भयभीीत होोकर, अपनेे वि�श्वाास केे त्यााग कर अपनीी स्वतंं त्रताा प्रााप्त कर लीी, और प्राायश्चि�ित
करनेे वाालोंं� केे वस्त्र पहनेे, अपनेे प्राायश्चि�ित्त कोो साार्ववजनि�क करनेे केे लि�ए, अपनेे बन्दीीगृृह सेे बााहर गए।
लेेकि�न संं ख्याा छोोटीी नहींं� थीी—और उनमेंं कुु लीीन जन्म केे लोोग थेे और वि�नम्र और दीीन भीी थेे—जि�न्होंं�नेे
«लोोलाार्डड टाावर्सस» मेंं, काालकोोठरीी केे तहखाानोंं� मेंं, और याातनाा और ज्वाालाा केे बीीच मेंं, खुुशीी मनाातेे हुए कि�
वेे “उसकेे कष्टोंं� कीी संं गति�” जााननेे केे योोग्य समझेे गए, सत्य कीी नि�डर गवााहीी दीी।
पोोप केे समर्थथक अपनेे जीीवन केे दौौराान वि�क्लि�फ केे सााथ अपनीी इच्छाा पूूरीी करनेे मेंं वि�फल रहेे थेे,
और उनकीी घृृणाा संं तुष्ु ट नहींं� होो सकतीी थीी, जबकि� उसकाा शरीीर कब्र मेंं चुुपचााप वि�श्रााम कर रहाा थाा।
कौंं�सि�ल ऑफ कॉॉन्स्टेंंस केे फरमाान सेे, उसकीी मृृत्युु केे चाालीीस सेे अधि�क वर्षोंं केे बााद उसकीी हड्डि�योंं� कोो
नि�काालाा गयाा और साार्ववजनि�क रूप सेे जलाा दि�याा गयाा, और रााख कोो पाास कीी एक नदीी मेंं फेंंक दि�याा गयाा।
«इस नदीी नेे,» एक वृृद्ध लेेखक कहताा हैै, «उसकीी रााख कोो एवन मेंं, एवन नेे सेेवर्नन मेंं, सेेवर्नन नेे संं कीीर्णण
समुुद्रोंं� मेंं, उन्होंं�नेंं मुुख्य महाासाागर मेंं पहुंंचाा दि�याा। और इस प्रकाार वि�क्लि�फ कीी रााख उसकेे सि�द्धांं�त काा
प्रतीीक हैै, जोो अब पूूरीी दुनि�या ु ा मेंं बि�खराा हुआ हैै।” -टीी फुु लर, चर्चच हि�स्ट्रीी� ऑफ ब्रि�टेेन, पुुस्तक 4, भााग
2, परि�च्छेे द 54। उसकेे शत्रुुओं ं कोो उनकेे द्वेेषपूूर्णण काार्यय केे महत्व काा एहसाास बहुत कम थाा।
यह वि�क्लि�फ केे लेेखन केे मााध्यम सेे थाा कि� बोोहेेमि�याा केे जॉॉन हस कोो रोोमनवााद केे कई भ्रमोंं�
कोो त्याागनेे और सुुधाार केे कााम शुुरू करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा गयाा थाा। इस प्रकाार इन दोोनोंं� देेशोंं� मेंं,
इतनेे व्याापक रूप सेे अलग, सत्य काा बीीज बोोयाा गयाा। बोोहेेमि�याा सेे कााम दूू सरेे देेशोंं� तक फैै लाा। मनुुष्योंं�
केे मन नेे परमेेश्वर केे लंं बेे समय सेे भूूलेे हुए वचन कीी ओर रााह लीी। एक पवि�त्र हााथ महाान सुुधाार केे
लि�ए माार्गग तैैयाार कर रहाा थाा।
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हस और जेेरोोम

नौौ वींं� शतााब्दीी कीी शुुरुआत मेंं बोोहेेमि�याा मेंं सुुसमााचाार काा रोोपण कि�याा गयाा थाा। बााइबल काा अनुुवााद
कि�याा गयाा, और साार्ववजनि�क उपाासनाा लोोगोंं� कीी भााषाा मेंं कीी जाातीी थीी। परन्तुु जैैसे-े जैैसेे पोोप कीी शक्ति�
बढ़तीी गई, वैैसे-े वैैसेे परमेेश्वर काा वचन अस्पष्ट होोताा गयाा। ग्रेेगरीी VII, जि�सनेे रााजााओंं केे गौौरव कोो
वि�नम्र करनेे काा उत्तरदाायि�त्व स्वयंं पर लि�याा थाा, लोोगोंं� कोो गुुलााम बनाानेे केे इराादेे सेे कम उन्मुुख नहींं� थाा,
और तदनुुसाार बोोहेेमि�यन भााषाा मेंं साार्ववजनि�क पूूजाा करनेे सेे मनाा करनेे केे लि�ए एक दस्ताावेेज ज़ाारीी कि�याा
गयाा। पोोप नेे घोोषणाा कीी कि� «यह सर्ववशक्ति�माान केे लि�ए आनन्ददाायक थाा कि� उसकीी आरााधनाा एक अज्ञाात
भााषाा मेंं कीी जााए, और यह कि� इस नि�यम काा पाालन न करनेे सेे कई बुुरााइयाँँ� और वि�धर्मम उत्पन्न हुए थेे।»
—वि�लीी, पुुस्तक 3, अध्यााय 1। इस प्रकाार रोोम नेे आदेेश दि�याा कि� परमेेश्वर केे वचन काा प्रकााश बुुझ जाानाा
चााहि�ए और लोोगोंं� कोो अंंधेरेे े मेंं कैै द होो जाानाा चााहि�ए। लेेकि�न कलीीसि�याा केे संं रक्षण केे लि�ए स्वर्गग नेे अन्य
सााधन प्रदाान कि�ए थेे। फ्रांं�स और इटलीी मेंं अपनेे घरोंं� सेे उत्पीीड़न सेे प्रेेरि�त कई वााल्डेंंसि�यन और एल्बि�जेेयन
बोोहेेमि�याा आए। हाालाँँ�कि� वेे खुुलेे तौौर पर पढ़ाानेे काा सााहस नहींं� करतेे थेे, फि�र भीी वेे गुुप्त रूप सेे उत्सााहपूूर्ववक
कााम करतेे थेे। इस प्रकाार सच्चाा वि�श्वाास सदीी सेे सदीी तक संं रक्षि�त रहाा।
हस केे दि�नोंं� सेे पहलेे बोोहेेमि�याा मेंं ऐसेे लोोग थेे जोो कलीीसि�याा मेंं भ्रष्टााचाार और लोोगोंं� कीी लाापरवााहीी
कीी खुुलेे तौौर पर निं�दां ा करनेे केे लि�ए उठ खड़ेे हुए थेे। उनकेे काार्यय नेे व्याापक रुचि� जगााई। धर्ममसत्‍‍ताा काा
भय जगाायाा गयाा, और सुुसमााचाार केे शि�ष्योंं� केे खि�लााफ उत्पीीड़न प्राारम्भ कि�याा गयाा।
जंं गलोंं� और पहााड़ोंं� मेंं पूूजाा करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त, उनकाा सैैनि�कोंं� द्वााराा पीीछाा कि�याा गयाा, और
कई कोो मौौत केे घााट उताार दि�याा गयाा। कुु छ समय बााद यह नि�र्णणय लि�याा गयाा कि� रोोमीी उपाासनाा सेे
मुंं� ह फेे र लेेनेे वाालेे सभीी लोोगोंं� कोो जलाा दि�याा जाानाा चााहि�ए। लेेकि�न जब मसीीहि�योंं� नेे अपनेे प्रााणोंं� कीी
आहुति� देे दीी, तोो वेे अपनेे अभि�याान कीी वि�जय कीी प्रतीीक्षाा करनेे लगेे। उनमेंं सेे एक जि�सनेे «सि�खाायाा
कि� उद्धाार केे वल क्रूूस पर चढ़ााए गए उद्धाारकर्ताा� मेंं वि�श्वाास केे द्वााराा हीी पाायाा जााताा हैै,» मरतेे समय
घोोषि�त कि�याा: «सत्य केे शत्रुुओं ं काा क्रोोध अब हम पर प्रबल होोताा हैै, परन्तुु यह हमेेशाा केे लि�ए नहींं�
रहेेगाा; आम लोोगोंं� मेंं सेे एक बि�नाा तलवाार वाा अधि�काार केे उठेे गाा, और वेे उस पर प्रबल न होो सकेंं गेे।”
हस और जेरोम 69

—पूूर्वोोक्त., खंं ड 3, अध्यााय 1। लूूथर काा समय अभीी बहुत दूू र थाा; परन्तुु एक काा उदय पहलेे सेे हीी
होो रहाा थाा, जि�सकीी रोोम केे वि�रुद्ध गवााहीी रााष्ट्रोंं�� कोो हि�लाा देेनेे वाालीी थीी।
जॉॉन हस एक वि�नम्र परि�वाार मेंं पैैदाा हुआ थाा, और अपनेे पि�ताा कीी मृृत्युु केे काारण जल्दीी हीी एक
अनााथ होो गयाा थाा। उनकीी धर्ममपराायण माँँ�, शि�क्षाा और ईश्वर केे भय कोो संं पत्ति�योंं� मेंं सबसेे मूूल्यवाान
संं पत्ति� माानतेे हुए, अपनेे बेेटेे केे लि�ए इस वि�राासत कोो सुुरक्षि�त करनाा चााहतीी थीी। हस नेे प्रांं�तीीय स्कूूल
मेंं अध्ययन कि�याा, और फि�र प्रााग वि�श्ववि�द्याालय मेंं एक दाानााश्रि�त छाात्र केे रूप मेंं प्रवेेश प्रााप्त कि�याा।
प्रााग कीी याात्राा मेंं उसकेे सााथ उसकीी मांं� भीी थींं�; वि�धवाा और गरीीब, उसकेे पाास अपनेे बेेटेे कोो देेनेे केे लि�ए
सांं�साारि�क धन काा कोोई उपहाार नहींं� थाा, लेेकि�न जैैसेे हीी वेे महाान शहर केे पाास पहुंंचे,े उसनेे अनााथ युुवाा
केे पाास घुुटनेे टेेकेे और उसकेे लि�ए स्वर्गग मेंं अपनेे पि�ताा काा आशीीर्वााद� मांं�गाा। उस माँँ� कोो यह नहींं� पताा
थाा कि� उसकीी प्राार्थथनाा काा उत्तर कैै सेे दि�याा जााएगाा।
वि�श्ववि�द्याालय मेंं, हस नेे जल्द हीी अपनेे अथक परि�श्रम और द्रुुत प्रगति� सेे खुुद कोो प्रति�ष्ठि��त
कि�याा, जबकि� उसकेे नि�र्दोोष जीीवन और सौौम्य, आकर्षषक आचरण नेे उसकेे लि�ए असीीम सम्माान
प्रााप्त कि�याा। वह रोोमन कलीीसि�याा काा एक ईमाानदाार अनुुयाायीी थाा और उन आध्याात्मि�क आशीीषोंं�
काा एक सच्चाा सााधक थाा जि�न्हेंं प्रदाान करनेे काा वह दाावाा करतीी हैै। एक जुुबलीी (अनुुग्रह काा वि�शेेष
वर्षष) केे अवसर पर वह स्वीीकाारोोक्ति� केे लि�ए गयाा, अपनेे अल्प भंं डाार मेंं उसकेे पाास मौौजूूद आखि�रीी
कुु छ सि�क्कोंं� काा भुुगताान कि�याा, और जुुलूूस मेंं शाामि�ल होो गयाा, तााकि� वह वाादाा कि�ए गए क्षमाादाान
मेंं हि�स्साा लेे सकेे । अपनेे कॉॉलेेज केे पााठ्यक्रम कोो पूूराा करनेे केे बााद, उसनेे यााजकीीय पद ग्रहण
कि�याा, और तेेजीी सेे प्रति�ष्ठि��त होो जाानेे केे काारण, वह जल्द हीी रााजाा केे दरबाार सेे जुुड़ गयाा। उसेे
उस वि�श्ववि�द्याालय काा प्रोोफेे सर और बााद मेंं पाादरीी भीी बनाायाा गयाा जहाँँ� उसनेे अपनीी शि�क्षाा प्रााप्त
कीी थीी। कुु छ हीी वर्षोंं मेंं यह दाानााश्रि�त छाात्र अपनेे देे श काा गौौरव बन गयाा थाा, और उसकाा नााम
पूूरेे यूूरोोप मेंं प्रसि�द्ध होो गयाा थाा।
लेेकि�न यह दूू सरेे क्षेेत्र मेंं थाा कि� हस नेे सुुधाार काा कााम शुुरू कि�याा। पाादरीी बननेे केे कई वर्षोंं बााद
उन्हेंं बेेथलहम केे चैैपल काा प्रचाारक नि�युुक्त कि�याा गयाा। इस चैैपल केे संं स्थाापक नेे लोोगोंं� कीी भााषाा मेंं
पवि�त्र शाास्त्र केे प्रचाार कोो बहुत महत्व देेनेे कीी वकाालत कीी थीी। रोोम केे इस प्रथाा केे वि�रोोध केे बाावजूूद ,
बोोहेेमि�याा मेंं इसेे पूूरीी तरह बंं द नहींं� कि�याा गयाा थाा। लेेकि�न बााइबल कीी बहुत उपेेक्षाा कीी जाातीी थीी, और
सभीी वर्गोंं केे लोोगोंं� केे बीीच सबसेे बुुरीी बुुरााईयाँँ� प्रबल थींं�। उसकेे द्वााराा मन मेंं बैैठााए गए सत्य और
पवि�त्रताा केे सि�द्धांं�तोंं� कोो लाागूू करनेे केे लि�ए परमेेश्वर केे वचन कोो ठीीक रीीति� सेे कााम मेंं लाातेे हुए, हस
नेे इन बुुरााइयोंं� कीी उदाारताापूूर्ववक नि�न्दाा कीी।
प्रााग काा एक नाागरि�क, जेेरोोम, जोो बााद मेंं हस केे सााथ बहुत नि�कटताा सेे जुुड़ गयाा थाा, इंं ग्लैंडं सेे
लौौटनेे पर, वि�क्लि�फ केे लेेखन कोो अपनेे सााथ लाायाा थाा। इंं ग्लैंडं कीी राानीी, जोो वि�क्लि�फ कीी शि�क्षााओंं सेे
परि�वर्ति�त हुई थीी, एक बोोहेेमि�यन रााजकुु माारीी थीी, और उसकेे प्रभााव सेे भीी सुुधाारक केे काार्योंं कोो उसकेे
मूूल देेश मेंं व्याापक रूप सेे प्रसाारि�त कि�याा गयाा थाा। येे लेेखन हस रुचि� केे सााथ पढ़ताा थाा; उसकाा मााननाा
थाा कि� उनकाा लेेखक एक ईमाानदाार मसीीहीी थाा और उन सुुधाारोंं� केे पक्ष मेंं थाा जि�नकीी उसनेे वकाालत
कीी थीी। पहलेे सेे हीी, हाालांं�कि� वह यह नहींं� जाानताा थाा, हस नेे एक ऐसेे राास्तेे पर कदम रखाा थाा जोो उसेे
रोोम सेे बहुत दूू र लेे जाानेे वाालाा थाा।
70 महाान वि�वााद

लगभग इसीी समय इंं ग्लैंडं सेे दोो अजनबीी लोोग प्रााग पहुंंचेे, जोो वि�द्वाान थेे, जि�न्होंं�नेे प्रकााश प्रााप्त
कि�याा थाा और इस दूू र देेश मेंं इसेे फैै लाानेे आए थेे। पोोप कीी सर्वोोच्चताा पर खुुलेे हमलेे केे सााथ शुुरुआत
करतेे हुए, उन्हेंं जल्द हीी अधि�काारि�योंं� द्वााराा चुुप कराा दि�याा गयाा; लेेकि�न अपनेे उद्देेश्य कोो छोोड़नेे केे लि�ए
तैैयाार न होोनेे केे काारण, उन्होंं�नेे अन्य उपाायोंं� काा सहााराा लि�याा। कलााकाार होोनेे केे सााथ-सााथ उपदेेशक
होोनेे केे काारण वेे अपनेे कौौशल काा प्रयोोग करनेे लगेे। जनताा केे लि�ए खुुलेे स्थाान मेंं उन्होंं�नेे दोो चि�त्र
बनााए। एक यरूशलेेम मेंं, «नम्र हैै, और गदहेे पर बैैठेे» (मत्तीी 21:5), मसीीह केे प्रवेेश काा, और याात्राा
केे दौौराान खरााब हुए वस्त्र पहि�नेे हुए और नंं गेे पांं�व उसकाा अनुुसरण करतेे हुए शि�ष्योंं� काा प्रतीीक थाा।
दूू सरीी तस्वीीर मेंं एक आडंंबरपूूर्णण जुुलूूस कोो चि�त्रि�त कि�याा गयाा थाा - पोोप अपनेे समृृद्ध वस्त्र और ति�हरेे
मुुकुुट पहि�नेे हुए, भव्य रूप सेे सुुशोोभि�त घोोड़ेे पर चढ़ाा हुआ, जि�सकेे आगेे-आगेे तुुरहीी बजाानेे वाालेे थेे
और पीीछेे -पीीछेे चमकदाार पोोशााकोंं� मेंं काार्डि�नल और धर्माा�धि�काारीी थेे।
यहाँँ� एक उपदेेश थाा जि�सनेे सभीी वर्गोंं काा ध्याान आकर्षि�त कि�याा। चि�त्र देेखनेे केे लि�ए भीीड़ उमड़
पड़ीी। कोोई भीी नीीति�गत सन्देेश कोो पढ़नेे मेंं असफल नहींं� होो सकताा थाा, और कई लोोग मसीीह कीी
नम्रताा और दीीनताा और उसकेे तथााकथि�त सेेवक, पोोप केे गर्वव और अहंंकाार केे बीीच केे अंंतर सेे बहुत
अधि�क प्रभाावि�त हुए। प्रााग मेंं बहुत हंंगाामाा हुआ, और कुु छ समय बााद अजनबि�योंं� नेे अपनीी सुुरक्षाा
केे लि�ए, प्रस्थाान करनाा आवश्यक समझाा। लेेकि�न उन्होंं�नेे जोो पााठ पढ़ाायाा थाा उसेे भुुलाायाा नहींं� गयाा।
चि�त्रोंं� नेे हस केे दि�मााग पर गहराा प्रभााव डाालाा और उन्हेंं बााइबल और वि�क्लि�फ केे लेेखन काा करीीब
सेे अध्ययन करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा। यद्यपि� वह अभीी भीी, वि�क्लि�फ द्वााराा समर्थि�त सभीी सुुधाारोंं�
कोो स्वीीकाार करनेे केे लि�ए तैैयाार नहींं� थाा, उसनेे पोोपतंं त्र केे सच्चेे स्वरूप कोो और अधि�क स्पष्ट रूप सेे
देेखाा, और गर्वव, महत्वााकांं�क्षाा और धर्ममसत्‍‍ताा केे भ्रष्टााचाार कीी और अधि�क उत्सााह केे सााथ निं�दां ा कीी।
बोोहेेमि�याा सेे प्रकााश जर्ममनीी तक फैै ल गयाा, प्रााग वि�श्ववि�द्याालय मेंं गड़बड़ीी केे काारण सैैकड़ोंं� जर्ममन
छाात्रोंं� कीी वाापसीी हुई। उनमेंं सेे बहुतोंं� नेे हस सेे बााइबल काा अपनाा पहलाा ज्ञाान प्रााप्त कि�याा थाा, और
उनकीी वाापसीी पर उन्होंं�नेे अपनीी जन्मभूूमि� मेंं सुुसमााचाार काा प्रसाार कि�याा।
प्रााग मेंं कााम कीी खबर रोोम लेे जाायाा गयाा, और हस कोो जल्द हीी पोोप केे साामनेे पेेश होोनेे केे
लि�ए बुुलाायाा गयाा। आज्ञाापाालन करनेे काा अर्थथ स्वयंं कोो नि�श्चि�ित मृृत्युु केे लि�ए बेेनकााब करनाा होोताा।
बोोहेेमि�याा केे रााजाा और राानीी, वि�श्ववि�द्याालय, कुु लीीन वर्गग केे सदस्य, और सरकाार केे अधि�काारि�योंं�
नेे बि�शप सेे नि�वेेदन करनेे केे लि�ए एकजुुट हुए कि� हस कोो प्रााग मेंं रहनेे दि�याा जााए और रोोम मेंं
प्रति�नि�धि� द्वााराा जवााब देेनेे कीी अनुुमति� दीी जााए। इस अनुुरोोध कोो स्वीीकाार करनेे केे बजााय, पोोप
हस केे मुुकदमेे और दण्डाादेेश केे लि�ए आगेे बढ़ाा, और फि�र प्रााग शहर कोो पोोप कीी आज्ञाा केे अधीीन
घोोषि�त कर दि�याा।
उस युुग मेंं यह वााक्य, जब भीी उच्चाारि�त कि�याा जााताा थाा, व्याापक आपत्ति� काा पूूर्ववसंंकेे त पैैदाा करताा
थाा। इसकेे सहगत समाारोोह उन लोोगोंं� केे लि�ए आतंं क पैैदाा करनेे केे लि�ए अच्छीी तरह सेे अनुुकूूलि�त थेे जोो
पोोप कोो स्वयंं परमेेश्वर केे प्रति�नि�धि� केे रूप मेंं देेखतेे थेे, जि�नकेे पाास स्वर्गग और नर्कक कीी कुंं�जि�याँँ� थींं�, और
जि�सकेे पाास लौौकि�क और आध्याात्मि�क न्यााय काा आह्वाान करनेे कीी शक्ति� थीी। यह माानाा जााताा थाा कि�
स्वर्गग केे द्वाार उस क्षेेत्र केे लि�ए बंं द कर दि�ए गए थेे, जोो पोोप कीी आज्ञाा सेे प्रभाावि�त क्षेेत्र थेे; यह कि� जब तक
पोोप प्रति�बंं ध हटाानेे केे लि�ए रााज़ीी न होो, तब तक मृृतक आनंं द केे नि�वाास सेे बााहर रहतेे थेे। इस भयाानक
हस और जेरोम 71

आपदाा केे उपलक्ष मेंं, धर्मम कीी सभीी वि�धि�योंं� कोो नि�लंं बि�त कर दि�याा जााताा थाा। गि�रजााघर बंं द कर दि�ए
जाातेे थेे। वि�वााह गि�रजााघर केे प्रांं�गण मेंं संं पन्न कीी कि�ए जाातेे थेे। समर्पि�त भूूमि� मेंं दफनााए जाानेे सेे वंं चि�त,
मृृतकोंं� कोो, कब्रोंं� केे संं स्काार केे बि�नाा, खााई याा खेेतोंं� मेंं दफन कर दि�याा जााताा थाा। इस प्रकाार उन उपाायोंं�
केे द्वााराा जोो कल्पनाा कोो आकर्षि�त करतेे थेे, रोोम नेे मनुुष्य केे वि�वेेक कोो नि�यंं त्रि�त करनेे काा प्रयाास कि�याा।
प्रााग शहर कोोलााहल सेे भर गयाा थाा। एक बड़ेे वर्गग नेे हस कोो उनकीी सभीी वि�पत्ति�योंं� काा काारण
बताायाा और मांं�ग कीी कि� उसेे रोोम केे प्रति�शोोध केे हवाालेे कर दि�याा जााए। तूूफाान कोो शांं�त करनेे केे लि�ए
सुुधाारक कुु छ समय केे लि�ए अपनेे पैैतृृक गांं�व वाापस चलाा गयाा। जि�न मि�त्रोंं� कोो वह प्रााग मेंं छोोड़ आयाा
थाा, उन्हेंं लि�खतेे हुए उसनेे कहाा: «यदि� मैंं तुुम्हाारेे बीीच सेे हट गयाा हूंं, तोो यीीशुु मसीीह केे उपदेेश और
उदााहरण काा पाालन करनेे केे लि�ए हैै, तााकि� दुष्ु टोंं� कोो अपनेे आप पर अनन्त दण्डााज्ञाा लाानेे काा अवसर
न देंं , और धर्ममपराायण केे लि�ए दुख ु और उत्पीीड़न काा काारण न बनेंं। मैंं भीी इस आशंं काा केे सााथ भीी
पीीछेे हट गयाा हूंं कि� आपकेे बीीच परमेेश्वर केे वचन केे प्रचाार कोो प्रति�बंं धि�त करनेे केे लि�ए दुष्ु ट पाादरीी
लंं बेे समय तक बनेे रह सकतेे हैंं; लेेकि�न मैंंनेे ईश्वरीीय सत्य कोो अस्वीीकाार करनेे केे लि�ए आपकोो नहींं�
छोोड़ाा हैै, जि�सकेे लि�ए, ईश्वर कीी सहाायताा सेे, मैंं मरनेे कोो तैैयाार हूंं।” -बोोन्चोोस, द रि�फॉॉर्ममर्सस बि�फोोर द
रि�फॉॉर्मेेशन, खंं ड 1, पृृष् ठ 87। हस नेे अपनाा कााम बंं द नहींं� कि�याा, बल्कि� उत्सुुक भीीड़ कोो उपदेेश देेतेे
हुए, आस-पाास केे देेश कीी याात्राा कीी। इस प्रकाार पोोप नेे सुुसमााचाार कोो दबाानेे केे लि�ए जि�न उपाायोंं� काा
सहााराा लि�याा, वेे इसेे और अधि�क व्याापक रूप सेे वि�स्ताारि�त कर रहेे थेे। «क्योंं�कि� हम सत्य केे वि�रोोध मेंं
कुु छ नहींं� कर सकतेे, पर सत्य केे लि�येे हीी कर सकतेे हैंं।» 2 कुु रि�न्थि�योंं� 13:8।
«अपनेे व्यवसााय केे इस पड़ााव पर हस काा दि�मााग, एक दर्ददनााक संं घर्षष काा दृश्य प्रतीीत हुआ होोगाा।
यद्यपि� कलीीसि�याा उसेे अपनेे वज्र सेे अभि�भूूत करनेे कीी कोोशि�श कर रहीी थीी, उसनेे उसकेे  अधि�काार कोो
अस्वीीकाार नहींं� कि�याा थाा। रोोमन कलीीसि�याा अभीी भीी उसकेे लि�ए मसीीह कीी दुल्हन ु थीी, और पोोप परमेे-
श्वर काा प्रति�नि�धि� थाा। हस जि�स वि�षय केे खि�लााफ युुद्ध कर रहाा थाा, वह अधि�काार काा दुरुु पयोोग थाा,
न कि� स्वयंं सि�द्धांं�त। इससेे उसकीी समझ केे वि�श्वाासोंं� और उसकेे वि�वेेक केे दाावोंं� केे बीीच एक भयाानक
संं घर्षष हुआ। यदि� अधि�काार न्याायपूूर्णण और अचूूक थाा, जैैसाा कि� वह माानताा थाा, तोो ऐसाा कैै सेे हुआ कि�
उसनेे इसकीी अवज्ञाा करनेे केे लि�ए वि�वश महसूूस कि�याा? उसनेे देेखाा, आज्ञाा मााननाा पााप करनाा थाा;
लेेकि�न एक अचूूक कलीीसि�याा केे प्रति� आज्ञााकाारि�ताा ऐसेे मुुद्देे तक कैै सेे पहुंंचीी? यहीी वह समस्याा थीी
जि�सेे वह हल नहींं� कर सकाा; यहीी वह संं देेह थाा जि�सनेे उसेे घंं टेे-घंं टेे प्रतााड़ि�त कि�याा। एक समााधाान केे
नि�कटतम सन्नि��कटन जोो वह करनेे मेंं सक्षम थाा वह यह थाा कि� यह फि�र सेे हुआ, जैैसाा कि� उद्धाारक-
र्ताा� केे दि�नोंं� मेंं एक बाार पहलेे हुआ थाा, कि� कलीीसि�याा केे पाादरीी दुष्ु ट व्यक्ति� बन गए थेे और गैैरकाानूूनीी
उद्देेश्योंं� केे लि�ए अपनेे वैैध अधि�काार काा उपयोोग कर रहेे थेे। इसनेे उन्हेंं अपनेे स्वयंं केे माार्गगदर्शशन केे
लि�ए अपनाानेे केे लि�ए, और दूू सरोंं� कोो उनकेे माार्गगदर्शशन केे लि�ए प्रचाार करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा, यह
कहाावत कि� पवि�त्रशाास्त्र केे उपदेेश, समझ केे मााध्यम सेे, वि�वेेक पर शाासन करनेे केे लि�ए हैंं; दूू सरेे
शब्दोंं� मेंं, कि� बााइबल मेंं परमेेश्वर कीी वााणीी, न कि� पौौरोोहि�त्य केे मााध्यम सेे बोोल रहीी कलीीसि�याा, एकल
अचूूक माार्गगदर्शशक हैै।” —वि�लीी, पुुस्तक 3, अध्यााय 2।
जब एक समय केे बााद प्रााग मेंं उत्सााह कम होो गयाा, तोो हस बेेथलहम केे अपनेे चैैपल मेंं लौौट
आयाा, तााकि� परमेेश्वर केे वचन काा प्रचाार अधि�क उत्सााह और सााहस केे सााथ ज़ाारीी रखाा जाा सकेे ।
72 महाान वि�वााद

उसकेे दुश्म ु न सक्रि�य और शक्ति�शाालीी थेे, लेेकि�न राानीी और कई रईस उसकेे दोोस्त थेे, और बड़ीी संं ख्याा
मेंं लोोग उसकाा सााथ देेतेे थेे। उसकीी शुुद्ध और उन्नत शि�क्षााओंं और पवि�त्र जीीवन कीी तुुलनाा अपमा�-
नजनक हठधर्मि�ताा केे सााथ करतेे हुए, जि�सकाा रोोमनवाादि�योंं� नेे प्रचाार कि�याा, और जि�स लोोभ और
व्यभि�चाार काा उन्होंं�नेे अभ्याास कि�याा, कई लोोगोंं� नेे इसेे उसकेे पक्ष मेंं होोनाा एक सम्माान माानाा।
अब तक हस अपनेे परि�श्रम मेंं अकेे लाा खड़ाा थाा; लेेकि�न अब जेेरोोम, जि�सनेे इंं ग्लैंडं मेंं रहतेे हुए
वि�क्लि�फ कीी शि�क्षााओंं कोो स्वीीकाार कर लि�याा थाा, सुुधाार केे काार्यय मेंं शाामि�ल होो गयाा। इसकेे बााद दोोनोंं�
अपनेे जीीवन मेंं एक होो गए, और मृृत्युु मेंं उन्हेंं अलग नहींं� होोनाा थाा। वि�शि�ष्ट स्वााभाावि�क योोग्यताा,
वााक्पटुुताा और वि�द्वत्ताा कीी प्रति�भाा - लोोकप्रि�य पक्ष जीीतनेे वाालेे उपहाार - जेेरोोम इन गुुणोंं� काा वि�शेेष
रूप सेे धनीी थाा; लेेकि�न उन गुुणोंं� मेंं जोो चरि�त्र कीी वाास्तवि�क तााकत काा गठन करतेे हैंं, हस उससेे महाान।
उसकेे शांं�त नि�र्णणय नेे जेेरोोम कीी आवेेगीी भाावनाा पर एक संं यम केे रूप मेंं काार्यय कि�याा, जोो सच्चीी वि�नम्रताा
केे सााथ, उसकीी योोग्यताा कोो महसूूस कि�याा, और उसकीी सलााह केे आगेे झुक ु गयाा। उनकेे संं युुक्त श्रम
केे तहत सुुधाार कोो और अधि�क तेेज़ीी सेे बढ़ाायाा गयाा।
परमेेश्वर नेे इन चुुनेे हुए लोोगोंं� केे मनोंं� पर महाान प्रकााश चमकनेे दि�याा, उन पर रोोम केे कई भ्रमोंं� कोो
प्रकट कि�याा; परन्तुु उन्होोनेंं वह साारीी ज्योोति� जोो जगत कोो दीी जाानीी थीी, ग्रहण नहींं� कीी। उसकेे इन सेेवकोंं�
द्वााराा, परमेेश्वर लोोगोंं� कोो रोोमनवााद केे अंंधकाार सेे बााहर नि�कााल रहाा थाा; परन्तुु बहुत सीी और बड़ीी बााधााएँँ थींं�,
जि�नकाा उन्हेंं साामनाा करनाा थाा, और वह उन्हेंं एक-एक कदम आगेे लेे गयाा, जैैसाा वेे सह सकतेे थेे। वेे एक
हीी बाार मेंं साारीी ज्योोति� प्रााप्त करनेे केे लि�ए तैैयाार नहींं� थेे। जोो लंं बेे समय सेे अंंधेरेे े मेंं रहेे हैंं, उन लोोगोंं� केे लि�ए
दोोपहर केे सूूरज कीी पूूरीी महि�माा कीी तरह, अगर इसेे प्रस्तुुत कि�याा जााताा, तोो वेे दूूर होो जाातेे। इसलि�ए उसनेे
इसेे धीीरेे-धीीरेे अगुुवोंं� पर प्रकट कि�याा, जैैसाा कि� लोोगोंं� द्वााराा ग्रहण कि�याा जाा सकताा थाा। सदीी सेे सदीी तक,
अन्य वफाादाार काार्ययकर्ताा�ओं ं कोो आनाा थाा, तााकि� लोोगोंं� कोो सुुधाार केे माार्गग पर और आगेे लेे जाायाा जाा सकेे ।
कलीीसि�याा मेंं वि�वााद अभीी भीी ज़ाारीी थाा। तीीन पोोप अब सर्वोोच्चताा केे लि�ए लड़ रहेे थेे, और उनकेे
संं घर्षष नेे मसीीहीी जगत कोो अपरााध और कोोलााहल सेे भर दि�याा। शााप देेनेे सेे संं तुुष् ट नहींं�, उन्होंं�नेे
लौौकि�क हथि�याारोंं� काा सहााराा लि�याा। प्रत्येेक नेे हथि�याार खरीीदनेे और सैैनि�कोंं� कोो प्रााप्त करनेे केे लि�ए
व्याापक रूप सेे खोोजबीीन कीी। बेेशक पैैसाा होोनाा चााहि�ए; और इसेे प्रााप्त करनेे केे लि�ए, कलीीसि�याा केे
उपहाार, पद और आशीीषेंं बि�क्रीी केे लि�ए पेेश कि�ए गए। (टि�प्पणीी 9 देेखेंं।) यााजकोंं� नेे भीी, अपनेे
वरि�ष्ठोंं� काा अनुुकरण करतेे हुए, अपनेे प्रति�द्वंं द्वि�योंं� कोो नीीचाा दि�खाानेे और अपनीी शक्ति� कोो मजबूूत
करनेे केे लि�ए कलीीसि�यााई वि�शेेषााधि�काारोंं� केे क्रय-वि�क्रय, और युुद्ध काा सहााराा लि�याा। धर्मम केे नााम पर
बर्दाा�श्त कीी जाानेे वाालीी घि�नौौनीी हरकतोंं� केे खि�लााफ हस दि�न-ब-दि�न बढ़तेे हौौसलेे सेे गरजाा; और लोोगोंं�
नेे खुुलेे तौौर पर रोोमीी अगुुवोंं� पर उन दुखोंं� ु काा काारण होोनेे काा आरोोप लगाायाा जि�न्होंं�नेे मसीीहीी जगत कोो
अभि�भूूत कर दि�याा थाा।
प्रााग शहर फि�र सेे एक खूूनीी संं घर्षष केे कगाार पर लग रहाा थाा। जैैसेे पुुराानेे ज़माानेे मेंं, परमेेश्वर केे
सेेवक पर “इस्रााएल कोो सताानेेवाालाा” होोनेे काा इलज़ााम लगाायाा गयाा। 1 रााजाा 18:17। शहर कोो फि�र
सेे पोोप कीी आज्ञाा केे अधीीन रखाा गयाा थाा, और हस अपनेे पैैतृक ृ गांं�व वाापस चलाा गयाा। बेेतलेेहेमे केे
उसकेे प्रि�य गि�रजााघर सेे इतनीी ईमाानदाारीी सेे दीी गई गवााहीी समााप्त होो गई थीी। सत्य केे सााक्षीी केे रूप मेंं
अपनाा जीीवन देेनेे सेे पहलेे, उसेे एक व्याापक मंं च सेे, सम्पूूर्णण मसीीहीी जगत सेे बोोलनाा थाा।
हस और जेरोम 73

यूूरोोप कोो वि�चलि�त करनेे वाालीी बुुरााइयोंं� कोो ठीीक करनेे केे लि�ए, कॉॉन्स्टेंंस मेंं इकट्ठाा होोनेे केे लि�ए
एक साामाान्य सभाा बुुलााई गई थीी। सभाा सम्रााट सि�गि�स्मंं ड कीी इच्छाा पर, तीीन प्रति�द्वंं द्वीी पोोपोंं� मेंं सेे एक,
जॉॉन २३ द्वााराा बुुलााई गई थीी। एक सभाा कीी मांं�ग पोोप जॉॉन केे लि�ए शाायद हीी सुुखद थीी, जि�सकाा चरि�त्र
और नीीति� तहकीीकाात मेंं धर्माा�धि�काारि�योंं� द्वााराा भीी, नैैति�कताा मेंं धर्मम भ्रष्ट दि�खलाायाा जाा सकताा थाा, जैैसाा
कि� उस समय केे पाादरीी जन थेे। हाालांं�कि�, उसनेे सि�गि�स्मंं ड कीी इच्छाा काा वि�रोोध करनेे काा सााहस नहींं�
कि�याा। (टि�प्पणीी 16 देेखेंं।)
सभाा द्वााराा पूूराा कि�याा जाानेे वाालाा मुुख्य उद्देेश्य कलीीसि�याा मेंं फूू ट कोो ठीीक करनाा और वि�धर्मम कोो
जड़ सेे समााप्त करनाा थाा। इसलि�ए दोो स्व-नि�युुक्त पोोपोंं� कोो इसकेे साामनेे पेेश होोनेे केे लि�ए बुुलाायाा गयाा,
सााथ हीी सााथ नई रााय केे प्रमुुख प्रचाारक जॉॉन हस कोो भीी बुुलाायाा गयाा। पोोप अपनीी सुुरक्षाा कोो देेखतेे
हुए, व्यक्ति�गत रूप उपस्थि�त नहींं� हुए, लेेकि�न उनकेे प्रति�नि�धि�योंं� द्वााराा प्रति�नि�धि�त्व कि�याा गयाा। पोोप
जॉॉन, जबकि� ज़ााहि�राा तौौर पर सभाा काा संं योोजक, उसेे पदच्युुत करनेे केे लि�ए, सम्रााट केे गुुप्त उद्देेश्य पर
संं देेह करतेे हुए, और उन दोोषोंं� केे लि�ए पूूछतााछ कि�ए जाानेे केे डर सेे, जि�न्होंं�नेे मुुकुुट कोो अपमाानि�त
कि�याा थाा, सााथ हीी सााथ उन अपरााधोंं� केे लि�ए जोो प्रााप्ति� केे लि�ए कि�ए गए, कई संं देेहोंं� केे सााथ आयाा।
फि�र भीी उसनेे कॉॉन्स्टेंंस शहर मेंं बड़ीी धूूमधााम सेे प्रवेेश कि�याा, जि�समेंं उच्चतम श्रेेणीी केे पाादरीी शाामि�ल
हुए और उनकेे पीीछेे -पीीछेे दरबाारि�योंं� काा एक अनुुगाामीी समूूह आयाा। नाागरि�कोंं� कीी भाारीी भीीड़ केे सााथ
शहर केे सभीी पाादरीी और गणमाान्य व्यक्ति� उसकाा स्वाागत करनेे केे लि�ए नि�कल पड़ेे। उसकेे सि�र केे
ऊपर एक सुुनहरीी छतरीी थीी, जि�सेे चाार मुुख्य दंंडााधि�काारि�योंं� नेे उठाा रखाा थाा। सेेनाा कोो उसकेे आगेे लेे
जाायाा गयाा, और काार्डि�नल्स और रईसोंं� कीी समृृद्ध पोोशााक नेे एक भव्य प्रदर्शशन कि�याा।
इस बीीच एक अन्य याात्रीी कॉॉन्स्टेंंस केे पाास आ रहाा थाा। हस उन खतरोंं� केे प्रति� सचेेत थाा जि�नसेे
उसेे खतराा थाा।
वह अपनेे दोोस्तोंं� सेे इस तरह अलग होो गयाा जैैसेे कि� वह उनसेे फि�र कभीी नहींं� मि�लनेे वाालाा थाा,
और अपनीी याात्राा पर यह महसूूस करतेे हुए चलाा गयाा कि� यह उसेे धर्मम हेेतुु मरण कीी ओर लेे जाा रहाा
होो। इसकेे बाावजूूद कि� उसनेे बोोहेेमि�याा केे रााजाा सेे, और अपनीी याात्राा केे दौौराान सम्रााट सि�गि�स्मंं ड सेे
भीी एक सुुरक्षि�त प्रबन्ध प्रााप्त कि�याा थाा, उसनेे अपनीी मृृत्युु कीी संं भाावनाा कोो देेखतेे हुए अपनीी साारीी
व्यवस्थाा कीी।
प्रााग मेंं अपनेे दोोस्तोंं� कोो संं बोोधि�त एक पत्र मेंं उसनेे कहाा: «मेेरेे भााइयोंं�, ... मैंं अपनेे असंं ख्य और
नश्वर शत्रुुओं ं सेे मि�लनेे केे लि�ए रााजाा कीी ओर सेे सुुरक्षि�त प्रबन्ध केे सााथ प्रस्थाान कर रहाा हूंं। मैंं सर्वव-
शक्ति�माान परमेेश्वर, अपनेे उद्धाारकर्ताा� मेंं पूूरीी तरह वि�श्वाास करताा हूंं; मुुझेे भरोोसाा हैै कि� वह आपकीी
हाार्दि�क प्राार्थथनााओंं कोो सुुनेेगाा, कि� वह अपनेे वि�वेेक और अपनीी बुुद्धि� कोो मेेरेे मुंं� ह मेंं डााल देेगाा, तााकि�
मैंं उनकाा वि�रोोध कर सकूंं� ; और यह कि� वह मुुझेे अपनाा पवि�त्र आत्माा देेगाा कि� मैंं उसकेे सत्य मेंं दृढ़ होो
जााऊंं, कि� मैंं सााहस केे सााथ, परीीक्षाा, बंं दीीगृृह, और, यदि� आवश्यक होो, एक क्रूूर मृृत्युु काा साामनाा कर
सकूँँ� । यीीशुु मसीीह नेे अपनेे प्रि�यतम केे लि�ए कष्ट सहेे; और इसलि�ए क्याा हमेंं चकि�त होोनाा चााहि�ए कि�
उसनेे हमाारेे लि�ए अपनाा उदााहरण छोोड़ दि�याा हैै, कि� हम आप हीी अपनेे उद्धाार केे लि�ए सब कुु छ धैैर्यय केे
सााथ सह सकेंं ? वह परमेेश्वर हैै, और हम उसकीी सृृष्टि�ि हैंं; वह यहोोवाा हैै, और हम उसकेे दाास हैंं; वह
दुनि�या
ु ा काा माालि�क हैै, और हम घृृणि�त नश्वर हैंं-फि�र भीी उसनेे कष्ट उठाायाा! तोो फि�र, हमेंं भीी कष्ट
74 महाान वि�वााद

क्योंं� नहींं� उठाानाा चााहि�ए, खाासकर जब दुख ु हमाारेे लि�ए शुुद्धि� हैै? इसलि�ए, प्रि�य, यदि� मेेरीी मृृत्युु उसकीी
महि�माा मेंं योोगदाान देेतीी हैै, तोो प्राार्थथनाा करेंं कि� यह जल्दीी सेे आ जााए, और वह मुुझेे मेेरीी सभीी वि�पत्ति�योंं�
काा समर्थथन करनेे मेंं सक्षम करेे। लेेकि�न अगर यह बेेहतर हैै कि� मैंं तुुम्हाारेे बीीच लौौट आऊंं, तोो हम
ईश्वर सेे प्राार्थथनाा करेंं कि� मैंं बि�नाा दााग केे वाापस आ सकूंं� -अर्थाा�त, कि� मैंं अपनेे भााइयोंं� द्वााराा पाालन करनेे
केे लि�ए एक उत्कृृष्ट उदााहरण छोोड़नेे केे लि�ए सुुसमााचाार कीी सच्चााई काा एक छोोटाा साा हि�स्साा भीी नहींं�
दबााऊंं। शाायद, इसलि�ए, तुुम कभीी भीी प्रााग मेंं मेेराा चेेहराा नहींं� देेखोोगेे; परन्तुु यदि� सर्ववशक्ति�माान परमेे-
श्वर कीी इच्छाा मुुझेे तुुम्हाारेे पाास लौौटाानेे कीी इच्छाा करेे, तोो आइए हम उसकेे ज्ञाान और उसकीी व्यवस्थाा
केे प्रेेम मेंं दृढ़ मन केे सााथ आगेे बढ़ेंं।” —बोोनचोोस, खंं ड 1, पृृष् ठ 147, 148।
एक अन्य पत्र मेंं, एक पाादरीी कोो, जोो सुुसमााचाार काा शि�ष्य बन गयाा थाा, हस नेे खुुद पर «कीीमतीी परि�धाान
पहननेे मेंं खुुशीी महसूूस करनेे और बेेकाार केे काामोंं� मेंं घंं टोंं� बर्बााद� करनेे» काा आरोोप लगाातेे हुए, बहुत वि�नम्रताा
केे सााथ अपनीी गलति�योंं� केे बाारेे मेंं बाात कीी। फि�र उसनेे इन माार्मि�क चेेताावनि�योंं� कोो जोोड़ाा: «तुुम्हाारेे मन मेंं
परमेेश्वर कीी महि�माा और आत्मााओंं काा उद्धाार होो, न कि� यााजकीीय वृृति� और सम्पदाा काा अधि�काार»। अपनेे
प्रााण सेे अधि�क अपकेे घर कोो सजाानेे सेे साावधाान रहेंं; और, सबसेे बढ़कर, आध्याात्मि�क भवन कीी देेखभााल
करेंं। कंं गाालोंं� केे सााथ नेेकचलन और वि�नम्र रहेंं, और भोोज मेंं अपनेे धन कोो नष्ट न करेंं। यदि� आप अपनेे
जीीवन मेंं संं शोोधन नहींं� करतेे हैंं और बााहुल्य सेे परहेेज नहींं� करतेे हैंं, तोो मुुझेे डर हैै कि� आप कोो गंं भीीर रूप सेे
दंंडि�त कि�याा जााएगाा, जैैसाा कि� मैंं स्वयंं कि�याा गयाा हूंं। तूू मेेरेे उपदेेश कोो जाानताा हैै, क्योंं�कि� तूू नेे बचपन सेे हीी
मेेरीी शि�क्षाा पााई हैै; इसलि�ए मेेरेे लि�ए यह बेेकाार हैै कि� मैंं तुुझेे आगेे और कुु छ लि�खूंं� । परन्‍‍तुु मैंं तुुझ सेे, हमाारेे
प्रभुु कीी कृृ पाा सेे, वि�नतीी करताा हूंं, तूू उन सब दि�खाावोंं� मेंं, जि�न मेंं तूू नेे मुुझेे गि�रतेे हुए देेखाा हैै, मेेरीी सीी चााल
न चलनाा।” पत्र केे मुुखपृष्ृ ठ पर उसनेे जोोड़ाा: «हेे मेेरेे मि�त्र, मैंं तुुझ सेे वि�नतीी करताा हूंं, कि� जब तक तूू यह
नि�श्चय न कर लेे कि� मैंं मर चुुकाा हूंं, तब तक इस मुुहर कोो न तोोड़नाा।” — पूूर्वोोक्त, खंं ड 1, पृृष्ठ 148, 149।
अपनीी याात्राा केे दौौराान, हस नेे हर जगह अपनेे सि�द्धांं�तोंं� केे प्रसाार और उस समर्थथन केे संं केे त देेखेे
जोो उसकेे काार्यय कोो प्रााप्त हुआ थाा। लोोग उससेे भेंंट करनेे केे लि�येे उमड़ पड़तेे थेे, और कुु छ नगरोंं� मेंं
दण्डााधि�काारीी अपनीी-अपनीी गलि�योंं� सेे होोकर उसकीी सुुधि� लेेतेे थेे।
कॉॉन्स्टेंंस मेंं पहुंंचनेे पर, हस कोो पूूर्णण स्वतंं त्रताा दीी गई थीी। सम्रााट केे सुुरक्षि�त प्रबन्ध मेंं पोोप
द्वााराा सुुरक्षाा काा एक व्यक्ति�गत आश्वाासन जोोड़ाा गयाा थाा। लेेकि�न, इन गंं भीीर और बाार-बाार कीी गई
घोोषणााओंं केे उल्लंं घन मेंं, पोोप और काार्डि�नल्स केे आदेेश सेे सुुधाारक कोो थोोड़ेे समय मेंं गि�रफ्ताार कर
लि�याा गयाा, और एक घृृणि�त काालकोोठरीी मेंं डााल दि�याा गयाा। बााद मेंं उसेे रााइन केे एक मजबूूत महल मेंं
स्थाानांं�तरि�त कर दि�याा गयाा और वहांं� उसेे एक कैै दीी केे रूप मेंं रखाा गयाा। पोोप कोो, अपनेे वि�श्वाासघाात
सेे बहुत कम लााभ कमाातेे हुए, जल्दीी हीी उसीी बन्दीीगृृह केे सुुपुर्ददु कर दि�याा गयाा। पूूर्वोोक्त, खंं ड 1, पृृष् ठ
247। वह सभाा केे साामनेे «पााप जोो नााम रखनेे केे योोग्य नहींं� हैंं», हत्याा, कलीीसि�यााई वि�शेेषााधि�काारोंं�
केे क्रय-वि�क्रय, और व्यभि�चाार केे अलाावाा, सबसेे नीीच अपरााधोंं� काा दोोषीी सााबि�त हुआ थाा। तोो सभाा
नेे हीी घोोषणाा कीी, और अंंत मेंं उन्हेंं मुुकुुट सेे वंं चि�त कर दि�याा गयाा और बन्दीीगृृह मेंं डााल दि�याा गयाा।
स्व-नि�युुक्त पोोप कोो भीी हटाा दि�याा गयाा थाा, और एक नयाा पोोप चुुनाा गयाा थाा।
यद्यपि� पोोप स्वयंं पाादरि�योंं� पर हस द्वााराा आरोोपि�त कि�ए गए अपरााधोंं� कीी तुुलनाा मेंं अधि�क अपरााधोंं�
काा दोोषीी थाा, और जि�सकेे लि�ए उसनेे सुुधाार कीी मांं�ग कीी थीी, फि�र भीी वहीी सभाा जि�सनेे पोोप कोो नीीचाा
हस और जेरोम 75

दि�खाायाा, सुुधाारक कोो कुु चलनेे केे लि�ए आगेे बढ़ीी। हस कीी कैै द नेे बोोहेेमि�याा मेंं बहुत आक्रोोश पैैदाा कि�याा।
प्रभाावशाालीी सरदाारोंं� नेे सभाा केे समक्ष इस अत्यााचाार केे खि�लााफ जोोरदाार वि�रोोध प्रदर्शशन कि�याा। सम्रााट
नेे, जोो एक सुुरक्षि�त प्रबंं ध केे उल्लंं घन कीी अनुुमति� देेनेे केे लि�ए अनि�च्छुु क थाा, उसकेे खि�लााफ काार्ययवााहीी
काा वि�रोोध कि�याा। लेेकि�न सुुधाारक केे दुश्म ु न घाातक और दृढ़ नि�श्चयीी थेे। उन्होंं�नेे सम्रााट कीी पूूर्ववधाार-
णााओंं, उसकेे डर कोो, कलीीसि�याा केे लि�ए उसकेे उत्सााह कोो आकर्षि�त कि�याा। उन्होंं�नेे यह सााबि�त करनेे केे
लि�ए बहुत लंं बाा तर्कक दि�याा कि� «वि�श्वाास कोो वि�धर्मि�योंं� केे सााथ नहींं� रखाा जाानाा चााहि�ए, न हीी वि�धर्मम केे
संं दि�ग्ध व्यक्ति�योंं� केे सााथ, हाालांं�कि� वेे सम्रााट और रााजााओंं कीी ओर सेे सुुरक्षि�त प्रबंं ध सेे सुुसज्जि�ित हैंं।»
—जैैक्स लेेनफैंंट, हि�स्ट्रीी� ऑफ द कााउंं सि�ल ऑफ कॉॉन्स्टेंंस, खंं ड 1, पृृष् ठ 516। इस प्रकाार वेे प्रबल हुए।
बीीमाारीी और कााराावाास सेे कमज़ोोर, - क्योंं�कि� उसकीी काालकोोठरीी कीी नम, दुर्गंंु धयुुक्त हवाा केे
काारण उसेे बुुखाार आ गयाा थाा, जि�सनेे उसकाा जीीवन लगभग समााप्त कर दि�याा थाा, - हस कोो अंंत मेंं
सभाा केे साामनेे लाायाा गयाा। जंं जीीरोंं� सेे लदाा हुआ वह उस सम्रााट कीी उपस्थि�ति� मेंं खड़ाा थाा, जि�सकाा
सम्माान और सद्भा ् ावनाा उसकीी रक्षाा केे लि�ए एक शपथ सेे बंं धेे हुए थेे। अपनेे लंं बेे परीीक्षण केे दौौराान
उसनेे दृढ़ताा सेे सच्चााई कोो बनााए रखाा, और कलीीसि�याा और रााज्य केे एकत्रि�त गणमाान्य व्यक्ति�योंं� कीी
उपस्थि�ति� मेंं उसनेे धर्ममसत्‍‍ताा केे भ्रष्टााचाार केे खि�लााफ एक नि�ष्कपट और वफाादाार वि�रोोध कि�याा। जब
उसेे यह चुुननेे कीी आवश्यकताा थीी कि� वह अपनेे सि�द्धांं�तोंं� काा त्यााग करेे गाा याा मृृत्युु कोो भुुगतेेगाा, तोो
उसनेे शहीीद केे भााग्य कोो स्वीीकाार कर लि�याा।
परमेेश्वर कीी कृृ पाा नेे उसेे काायम रखाा। उसकेे अंंति�म दंंडाादेेश सेे पहलेे गुुज़रेे कष्टोंं� केे हफ्तोंं� केे
दौौराान, स्वर्गग कीी शांं�ति� नेे उसकीी आत्माा कोो भर दि�याा। «कल मेेरेे मृृत्युुदण्ड कीी उम्मीीद करतेे हुए, मैंं
अपनेे बन्दीीगृृह मेंं, और जंं जीीर मेंं बंंधेे हुए मेेरेे हााथ सेे, मैंं यह पत्र लि�खताा हूंं», उसनेे एक दोोस्त सेे
कहाा। जब, यीीशुु मसीीह कीी सहाायताा सेे, हम फि�र सेे भवि�ष्य केे जीीवन कीी सुुखद शांं�ति� मेंं मि�लेंंगेे, तोो
आप सीीखेंंगेे कि� परमेेश्वर नेे मुुझ पर अपनेे आप कोो कि�तनाा दयाालुु दि�खाायाा हैै, उसनेे मेेरेे प्रलोोभनोंं�
और परीीक्षणोंं� केे बीीच मुुझेे कि�तनीी प्रभाावीी रूप सेे समर्थथन दि�याा हैै।” -बोोनचोोज़, खंं ड 2, पृृष् ठ 67।
अपनेे काालकोोठरीी कीी उदाासीी मेंं उसनेे सच्चेे वि�श्वाास कीी वि�जय काा पूूर्वाा�भाास कि�याा। अपनेे
सपनोंं� मेंं प्रााग केे चैैपल मेंं लौौटतेे हुए, जहाँँ� उसनेे सुुसमााचाार काा प्रचाार कि�याा थाा, उसनेे पोोप और
उसकेे बि�शपोंं� कोो मसीीह केे चि�त्रोंं� कोो मि�टाातेे हुए देेखाा, जि�सेे उसनेे उसकीी दीीवाारोंं� पर चि�त्रि�त कि�याा
थाा। «इस दर्शशन नेे उसेे व्यथि�त कि�याा: लेेकि�न अगलेे दि�न उसनेे देेखाा कि� कई चि�त्रकाार इन आकृृ ति�योंं�
कोो अधि�क संं ख्याा मेंं और चमकीीलेे रंं गोंं� मेंं पुुनर्स्थाा�पि�त करनेे मेंं लगेे हुए हैंं। जैैसेे हीी उनकाा काार्यय
समााप्त हुआ, चि�त्रकाार, जोो एक वि�शााल भीीड़ सेे घि�रेे हुए थेे, खुुशीी सेे बोोलेे, ‹अब पोोप और बि�शप
आनेे दोो; वेे उन्हेंं फि�र कभीी नहींं� मि�टााएंं गेे!›» सुुधाारक नेे अपनेे सपनेे केे बाारेे मेंं बताातेे हुए कहाा:
«मैंं नि�श्चि�ित रूप सेे इस बाात पर काायम हूंं , कि� मसीीह कीी छवि� कभीी नहींं� मि�टेेगीी। उन्होंं�नेे इसेे नष्ट
करनाा चााहाा हैै, लेेकि�न इसेे मेेरेे सेे कहींं� बेेहतर प्रचाारकोंं� द्वााराा सभीी दि�लोंं� मेंं नए सि�रेे सेे चि�त्रि�त कि�याा
जााएगाा।” - डीी›ऑबि�ग्नेे, पुुस्तक1, अध्यााय 6।
आखि�रीी बाार हस कोो सभाा केे साामनेे लाायाा गयाा। यह एक वि�शााल और शाानदाार सभाा थीी -
सम्रााट, सााम्रााज्य केे रााजकुु माार, शााहीी प्रति�नि�धि�, काार्डि�नल, बि�शप और पाादरीी, और एक वि�शााल
भीीड़ जोो दि�न कीी घटनााओंं केे दर्शशकोंं� केे रूप मेंं आई थीी। उस लंं बेे संं घर्षष मेंं जि�सकेे द्वााराा अंंतःःकरण
76 महाान वि�वााद

कीी स्वतंं त्रताा कोो सुुरक्षि�त कि�याा जाानाा थाा, इस पहलेे महाान बलि�दाान केे गवााह मसीीहीी जगत केे
सभीी हि�स्सोंं� सेे एकत्रि�त हुए थेे।
अपनेे अंंति�म नि�र्णणय केे लि�ए बुुलााए जाानेे केे बााद, हस नेे त्यााग करनेे सेे इनकाार कर दि�याा, और
सम्रााट पर, जि�सकेे वचनबद्ध कथन काा इतनीी बेेशर्मीी सेे उल्लंं घन कि�याा गयाा थाा, अपनीी मर्ममज्ञ नज़र
गड़ाातेे हुए, उसनेे घोोषणाा कीी: «मैंंनेे यहाँँ� मौौजूूद सम्रााट केे साार्ववजनि�क संं रक्षण और वि�श्वाास केे तहत,
अपनीी मर्ज़ीी सेे, इस सभाा केे साामनेे पेेश होोनेे काा फैै सलाा कि�याा।» -बोोनचोोज़, खंं ड 2, पृृष् ठ 84। जैैसेे
हीी सभाा मेंं सभीी कीी नि�गााहेंं उस पर पड़ींं�, लज्जाा सेे सि�गि�स्मंंड केे चेेहरेे पर एक लाालीी छाा गई।
सज़ाा सुुनााए जाानेे केे बााद अवनति� कीी रस्म शुुरू हुई। धर्माा�ध्यक्षोंं� नेे अपनेे कैै दीी कोो पवि�त्र पहनाावाा
पहनाायाा, और जैैसेे हीी उसनेे यााजक काा चोोगाा लि�याा, उसनेे कहाा: «जब हेेरोोदेेस नेे हमाारेे प्रभुु यीीशुु
मसीीह कोो पीीलाातुुस केे साामनेे भि�जवाायाा, तब अपमाान केे रूप मेंं उसेे एक सफेे द वस्त्र सेे ढकाा गयाा।»
—पूूर्वोोक्त, खंं ड 2, पृृष् ठ 86। फि�र सेे पीीछेे हटनेे केे लि�ए प्रोोत्सााहि�त कि�ए जाानेे पर, उसनेे लोोगोंं� कीी ओर
मुुड़तेे हुए उत्तर दि�याा: “तोो मैंं कि�स मुुख सेे आकााश कोो देेखूंं� ? जि�न लोोगोंं� कोो मैंं नेे पवि�त्र सुुसमााचाार
सुुनाायाा हैै, उन लोोगोंं� कीी भीीड़ कोो मैंं कि�स दृष्टि�ि सेे देेखूंं� ? नहींं�; अब मृृत्युु केे लि�ए नि�युुक्त इस दीीन
शरीीर सेे अधि�क मैंं उनकेे उद्धाार केे बाारेे मेंं सोोचताा हूंं।» वेेश-भूूषाा कोो एक-एक करकेे हटाा दि�याा गयाा,
और प्रत्येेक बि�शप नेे शााप काा उच्चाारण करतेे हुए समाारोोह केे अपनेे हि�स्सेे काा प्रदर्शशन कि�याा। अंंत मेंं
«उन्होंं�नेे उसकेे सि�र पर एक टोोपीी याा काागज केे पि�राामि�ड केे आकाार कीी पाादरीी कीी टोोपीी रखीी, जि�स
पर साामनेे सुुस्पष्ट रूप सेे ‹मुुख्य वि�धर्मीी› शब्द सहि�त, रााक्षसोंं� केे भयाानक आकाार चि�त्रि�त कि�ए गए थेे।
‹अत्यंं त खुुशीी सेे,› हस नेे कहाा, ‹मैंं आपकेे लि�ए शर्मम काा यह तााज पहनूंं�गाा, हेे यीीशुु, जि�सनेे मेेरेे लि�ए
कांं�टोंं� काा तााज पहनाा थाा। ‹»
जब उसेे इस प्रकाार तैैयाार कर दि�याा गयाा थाा, «धर्माा�धि�काारि�योंं� नेे कहाा, ‹अब हम आपकीी आत्माा
कोो शैैताान कोो समर्पि�त करतेे हैंं।› ‹और मैंं,› जॉॉन हस नेे अपनीी आँँखेंं स्वर्गग कीी ओर उठााकर कहाा,
‹अपनीी आत्माा कोो तेेरेे हााथोंं� मेंं सौंं�पताा हूंं, हेे प्रभुु यीीशुु, क्योंं�कि� तुुमनेे मुुझेे छुु टकााराा दि�लाायाा हैै।›»
-वि�लीी, पुुस्तक 3, अध्यााय 7।
अब उसेे धर्ममनि�रपेक्षे अधि�काारि�योंं� केे हवाालेे कर दि�याा गयाा और उसेे फांं�सीी कीी जगह लेे जाायाा
गयाा। एक वि�शााल जुुलूसू पीीछेे -पीीछेे  चलाा, सैैकड़ोंं� सशस्त्र पुुरुष, महंंगेे वस्त्रोंं� मेंं पाादरीी और बि�शप, और
कॉॉन्स्टेंंस केे नि�वाासीी। जब उसेे कााठ पर बांं�ध दि�याा गयाा थाा, और आग जलाानेे केे लि�ए सब कुु छ तैैयाार थाा,
तोो शहीीद कोो एक बाार फि�र अपनीी गलति�योंं� कोो त्याागकर खुुद कोो बचाानेे केे लि�ए प्रोोत्सााहि�त कि�याा गयाा।
«कौौन सेे भ्रम,» हस नेे कहाा, «मैंं त्यााग दूंं�? मुुझेे पताा हैै कि� मैंं खुुद कि�सीी काा दोोषीी नहींं� हूंं। मैंं परमेेश्वर
कोो गवााहीी देेनेे केे लि�ए बुुलााताा हूंं कि� जोो कुु छ मैंंनेे लि�खाा और प्रचाार कि�याा हैै वह आत्मााओंं कोो पााप और
वि�नााश सेे बचाानेे केे लि�ए कि�याा गयाा हैै; और इसलि�येे उस सत्य कोो जोो मैंं नेे लि�खाा और प्रचाार कि�याा हैै, मैंं
अपनेे लहू सेे अति� आनन्द केे सााथ प्रमााणि�त करूंंगाा।” — पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 3, अध्यााय 7। जब आग कीी
लपटेंं उसकेे चाारोंं� ओर भड़कींं�, तोो वह गाानेे लगाा, “हेे यीीशुु, दााऊद कीी सन्ताान, मुुझ पर दयाा कर,” और
यह तब तक चलताा रहाा जब तक कि� उसकाा स्वर सदाा केे लि�ए चुुप न होो गयाा।
यहाँँ� तक कि� उसकेे शत्रुु भीी उसकीी वीीरताा सेे प्रभाावि�त थेे। हस और जेेरोोम, जोो जल्द हीी मर गए,
उनकीी शहाादत काा वर्णणन करतेे हुए एक जोोशीीलेे पोोप समर्थथक नेे कहाा: “जब उनकाा अंंति�म समय
हस और जेरोम 77

नि�कट आयाा, तोो दोोनोंं� नेे अपनेे मन कोो शाान्त बनााए रखाा। वेे आग केे लि�ए ऐसेे तैैयाार हुए, जैैसेे वेे कि�सीी
शाादीी कीी दाावत मेंं जाा रहेे होंं�। वेे दर्दद मेंं भीी नहींं� चि�ल्लााए। जब आग कीी लपटेंं उठींं�, तोो वेे भजन गाानेे
लगेे; और आग कीी प्रबलताा उनकेे गाायन कोो नहींं� रोोक सकीी।” — पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 3, अध्यााय 7।
जब हस काा शरीीर पूूरीी तरह सेे भस्म होो गयाा, तोो उसकीी रााख, उस मि�ट्टीी केे सााथ जि�स पर वह
शाान्त पड़ीी थींं�, एकत्र कीी गई और रााइन मेंं छि�तराा दीी गई, और इस प्रकाार आगेे समुुद्र मेंं लेे जााई
गई। उसकेे सताानेेवाालोंं� नेे व्यर्थथ हीी कल्पनाा कीी कि� उन्होंं�नेे उन सत्योंं� कोो जड़ सेे उखााड़ फेंंकाा हैै जि�नकाा
उसनेे प्रचाार कि�याा थाा। उन्होंं�नेे सपनेे मेंं भीी नहींं� सोोचाा थाा कि� उस दि�न जोो रााख समुुद्र मेंं लेे जााई गई,
वह पृृथ्वीी केे सब देेशोंं� मेंं बि�खेेरेे गए बीीज केे समाान होोगीी; कि� उन देेशोंं� मेंं जोो अभीी तक अज्ञाात हैंं, वह
सत्य केे गवााहोंं� मेंं प्रचुुर माात्राा मेंं फल देेगीी। कॉॉन्स्टेंंस केे सभाा गृृह मेंं बोोलेे गए शब्दोंं� नेे गूँँ�ज जगाा दीी
थीी जोो आनेे वाालेे सभीी युुगोंं� मेंं सुुनााई देेनेे वाालीी थीी। हस नहींं� रहाा, लेेकि�न जि�स सत्य केे लि�ए वह मराा
वह कभीी नष्ट नहींं� होो सकाा। उसकेे वि�श्वाास और दृढ़ताा केे उदााहरण नेे लोोगोंं� कोो याातनाा और मृृत्युु काा
साामनाा करनेे केे लि�ए सत्य केे लि�ए दृढ़ रहनेे केे लि�ए प्रोोत्सााहि�त कि�याा। उसकीी हत्याा नेे पूूरीी दुनि�या ु ा कोो
रोोम कीी घोोर क्रूूरताा काा परि�चय दि�याा थाा। सत्य केे दुश्म ु न, हाालांं�कि� वेे इसेे नहींं� जाानतेे थेे, वेे उस काारण
कोो आगेे बढ़ाा रहेे थेे जि�सेे वेे नष्ट करनेे कीी कोोशि�श कर रहेे थेे।
कॉॉन्स्टेंंस मेंं एक और अहरन स्थाापि�त कि�याा जाानाा थाा। दूू सरेे गवााह केे खूून कोो सत्य केे लि�ए गवााहीी
देेनेे थीी। जेेरोोम नेे, हस केे सभाा केे लि�ए प्रस्थाान करनेे पर, उसेे सााहस और दृढ़ताा केे लि�ए प्रोोत्सााहि�त
कि�याा थाा, यह घोोषणाा करतेे हुए कि� यदि� वह कि�सीी भीी खतरेे मेंं पड़ताा हैै, तोो वह स्वयंं उसकीी सहाायताा
केे लि�ए उड़ाा चलाा आएगाा। सुुधाारक केे कााराावाास कीी खबर सुुनकर, वि�श्वाासयोोग्य शि�ष्य तुुरंंत अपनाा
वाादाा पूूराा करनेे केे लि�ए तैैयाार होो गयाा। एक सुुरक्षि�त प्रबंं ध केे बि�नाा, वह एक सााथीी केे सााथ, कॉॉन्स्टेंंस
केे लि�ए नि�कल पड़ाा। वहांं� पहुंंचनेे पर उसेे यकीीन होो गयाा कि� उसनेे केे वल खुुद कोो खतरेे मेंं डाालाा हैै,
और हस केे उद्धाार केे लि�ए कुु छ भीी करनेे कीी कोोई संं भाावनाा नहींं� थीी। वह शहर सेे भााग गयाा, लेेकि�न
उसेे घर कीी ओर याात्राा पर गि�रफ्ताार कर लि�याा गयाा और बेेड़ि�योंं� सेे लदेे और सैैनि�कोंं� केे एक जत्थेे कीी
हि�राासत मेंं वाापस लाायाा गयाा। सभाा केे साामनेे पहलीी बाार उपस्थि�त होोनेे पर उसकेे खि�लााफ लगााए गए
आरोोपोंं� काा जवााब देेनेे केे उसकेे प्रयाासोंं� कोो चि�ल्लााहट केे सााथ प्रत्युुत्तर मि�लाा, «उसेे आग कीी लपटोंं� केे
हवाालेे कर दोो, आग कीी लपटोंं� केे हवाालेे!» - बोोनचोोज़, खंं ड1, पृृष् ठ 234। उसेे एक काालकोोठरीी मेंं
फेंंक दि�याा गयाा, एक ऐसीी अवस्थाा मेंं जंं जीीर सेे बांं�ध दि�याा गयाा जि�ससेे उसेे बहुत पीीड़ाा हुई, और भोोजन
केे लि�ए रोोटीी और पाानीी दि�याा गयाा। कुु छ महीीनोंं� केे बााद उसकेे कााराावाास कीी क्रूूरताा कीी वजह सेे जेेरोोम
कोो एक ऐसीी बीीमाारीी सेे ग्रस्त होो गयाा जि�ससेे उसकीी जाान कोो खतराा पैैदाा होो गयाा, और उसकेे दुश्म ु नोंं�
नेे, इस डर सेे कि� वह उनसेे बच नि�कलेेगाा, उसकेे सााथ कम कठोोरताा सेे व्यवहाार कि�याा, हाालाँँ�कि� वह
एक सााल तक जेेल मेंं रहाा।
हस कीी मृृत्युु पोोप समर्थथकोंं� कीी आशाा अनुुसाार परि�णाामि�त नहींं� हुई थीी। उसकेे सुुरक्षि�त-प्रबंं ध केे
उल्लंं घन नेे आक्रोोश काा तूूफाान खड़ाा कर दि�याा थाा, और सुुरक्षि�त काार्ययवााहीी केे रूप मेंं, सभाा नेे जेेरोोम कोो
जलाानेे केे बजााय, यदि� संं भव होो तोो, उसेे औपचाारि�क रूप सेे अपनेे पूूर्वव धाारि�त वि�श्वाास कोो अस्वीीकाार
करनेे केे लि�ए बााध्य करनेे काा नि�श्चय कि�याा। उसेे सभाा केे साामनेे लाायाा गयाा, और उसेे त्याागनेे, याा धर्मम
हेेतुु मरण केे वि�कल्प कीी पेेशकश कीी गई। उसकेे कााराावाास कीी शुुरुआत मेंं मृृत्युु उस भयाानक पीीड़ाा कीी
78 महाान वि�वााद

तुुलनाा मेंं, जोो उसनेे झेेलीी थीी, एक दयाा होोतीी; लेेकि�न अब, बीीमाारीी, अपनेे बंं दीीगृृह कीी कठोोरताा सेे, और
चिं�तां ा और रहस्य कीी याातनाा सेे, अपनेे दोोस्तोंं� सेे अलग होोनेे सेे क्षीीण, और हस कीी मृृत्युु सेे नि�रााश होोकर,
जेेरोोम काा धैैर्यय टूू ट गयाा, और वह सभाा केे आगेे समर्पपण करनेे केे लि�ए सहमत होो गयाा। उसनेे खुुद कोो
कैै थोोलि�क वि�श्वाास काा पाालन करनेे केे लि�ए वचनबद्ध कि�याा, और वि�क्लि�फ और हस केे सि�द्धांं�तोंं� कीी
निं�दां ा करनेे मेंं सभाा कीी काार्ररवााई कोो स्वीीकाार कि�याा, हाालांं�कि�, «पवि�त्र सत्य» कोो छोोड़कर, जोो उन्होंं�नेे
सि�खाायाा थाा। - पूूर्वोोक्त, खंं ड 2, पृृष् ठ 141।
इस उपााय केे द्वााराा जेेरोोम नेे अंंतराात्माा कीी आवााज कोो चुुप कराानेे और अपनेे वि�नााश सेे बचनेे
काा प्रयाास कि�याा। लेेकि�न अपनीी काालकोोठरीी केे एकांं�त मेंं उसनेे वह सब कुु छ जोो उसनेे कि�याा थाा,
उसेे अधि�क स्पष्ट रूप सेे देेखाा। उसनेे हस केे सााहस और नि�ष्ठाा केे बाारेे मेंं सोोचाा, और इसकेे वि�परीीत
सच्चााई केे अपनेे इनकाार पर वि�चाार कि�याा। उसनेे उस पवि�त्र गुुरु केे बाारेे मेंं सोोचाा, जि�सकीी उसनेे स्वयंं
सेेवाा करनेे कीी प्रति�ज्ञाा कीी थीी, और जि�सनेे उसकेे लि�ए क्रूूस कीी मृृत्युु कोो सहन कि�याा। अपनेे पीीछेे हटनेे
सेे पहलेे उसनेे, अपनेे सभीी कष्टोंं� केे बीीच, परमेेश्वर केे अनुुग्रह केे आश्वाासन मेंं आरााम पाायाा थाा;
लेेकि�न अब पछताावेे और शंं कााओंं नेे उसकीी आत्माा कोो तड़पाायाा। वह जाानताा थाा कि� रोोम केे सााथ
शांं�ति� स्थाापि�त करनेे सेे पहलेे और भीी प्रत्यााहाार करनेे थेे। जोो रााह वह लेेनेे वाालाा थाा, वह पूूर्णण धर्ममत्यााग
मेंं हीी समााप्त होो सकतीी थीी। उसकाा संं कल्प लेे लि�याा गयाा थाा: थोोड़ेे समय केे कष्ट सेे बचनेे केे लि�ए वह
अपनेे प्रभुु काा इनकाार नहींं� करेेगाा।
जल्द हीी उसेे फि�र सेे सभाा केे साामनेे लाायाा गयाा। उसकेे प्रस्तुुति�करण नेे उसकेे न्याायााधीीशोंं� कोो
संं तुुष् ट नहींं� कि�याा थाा। खूून कीी उनकीी प्याास, हस कीी मृृत्युु सेे उत्तेेजि�त, नए पीीड़ि�तोंं� कीी ज़ोोरदाार माँँ�ग
कर रहीी थीी। केे वल सत्य केे स्पष्टभााषीी समर्पपण सेे हीी जेेरोोम अपनेे जीीवन कोो सुुरक्षि�त रख सकताा थाा।
लेेकि�न उसनेे अपनेे वि�श्वाास कोो खुुलकर स्वीीकाार करनेे और अपनेे सााथीी शहीीद काा आग कीी लपटोंं�
तक अनुुसरण करनेे काा दृढ़ संं कल्प कि�याा थाा।
उसनेे अपनेे पूूर्वव प्रत्यााहाार कोो त्यााग दि�याा, और, एक मरतेे हुए व्यक्ति� केे रूप मेंं, अपनाा बचााव
करनेे केे लि�ए एक अवसर कीी आग्रहपूूर्ववक माँँ�ग कीी। उसकेे शब्दोंं� केे प्रभााव केे डर सेे, धर्माा�ध्यक्षोंं� नेे
ज़ोोर देेकर कहाा कि� उसेे केे वल अपनेे खि�लााफ लगााए गए आरोोपोंं� कीी सच्चााई कीी पुुष्टि�ि याा खंं डन करनाा
चााहि�ए। जेेरोोम नेे ऐसीी क्रूूरताा और अन्यााय काा वि�रोोध कि�याा। «तुुमनेे मुुझेे तीीन सौौ चाालीीस दि�नोंं� तक
एक भयाानक बंं दीीगृृह मेंं बंं द रखाा हैै,» उसनेे कहाा, «गंं दगीी, शोोर, बदबूू , और हर चीीज कीी अत्यधि�क
कमीी केे बीीच; फि�र तुुम मुुझेे अपनेे सााम्हनेे बााहर लेे आतेे होो, और मेेरेे नश्वर शत्रुुओं ं कोो आत्मि�यताा सेे
सुुनतेे हुए मेेरीी बाात सुुननेे सेे इन्काार करतेे होो। यदि� तुुम सचमुुच बुुद्धि�माान व्यक्ति� और जगत कीी ज्योोति�
होो, तोो साावधाान रहोो कि� न्यााय केे नि�मि�त्त पााप न करोो। मेेरेे लि�ए, मैंं केे वल एक कमज़ोोर नश्वर हूंं; मेेरेे
जीीवन काा कोोई महत्व नहींं� हैै; और जब मैंं तुुझ सेे बि�नतीी करताा हूंं, कि� तूू अन्यााय काा दण्ड न सुुनााए,
तब मैंं तेेरेे लि�ए बोोलनेे कीी तुुलनाा मेंं अपनेे लि�ए कम बोोलताा हूंं।” — पूूर्वोोक्त, खंं ड 2, पृृष् ठ 146,147।
अंंतत: उसकाा अनुुरोोध माान लि�याा गयाा। अपनेे न्याायााधीीशोंं� कीी उपस्थि�ति� मेंं, जेेरोोम नेे घुुटनेे टेेकेे
और प्राार्थथनाा कीी कि� पवि�त्र आत्माा उसकेे वि�चाारोंं� और शब्दोंं� कोो नि�यंं त्रि�त कर सकेे , कि� वह सच्चााई केे
वि�परीीत याा अपनेे स्वाामीी केे अयोोग्य कुु छ भीी न बोोलेे। उसकेे लि�ए उस दि�न परमेेश्वर द्वााराा प्राारम्भि�क
शि�ष्योंं� सेे कीी गई प्रति�ज्ञाा पूूरीी हुई: «तुुम मेेरेे लि�येे हााकि�मोंं� और रााजााओंं केे साामनेे पहुँँचााए जााओगेे।
हस और जेरोम 79

जब वेे तुुम्हेंं पकड़वााएँँगेे तोो यह चि�न्ताा न करनाा कि� हम कि�स रीीति� सेे याा क्याा कहेंंगेे: क्योंं�कि� जोो कुु छ
तुुम कोो कहनाा होोगाा, वह उसीी घड़ीी तुुम्हेंं बताा दि�याा जााएगाा। क्योंं�कि� बोोलनेेवाालेे तुुम नहींं� होो, परन्तुु
तुुम्हाारेे पि�ताा काा आत्माा तुुम मेंं बोोलताा हैै। « मत्तीी 10:18-20।
जेेरोोम केे शब्दोंं� नेे उसकेे शत्रुुओं ं मेंं भीी वि�स्मय और प्रशंं साा कोो उत्तेेजि�त कि�याा। एक पूूरेे सााल केे
लि�ए वह पढ़नेे याा देेखनेे मेंं भीी असमर्थथ, बड़ीी शाारीीरि�क पीीड़ाा और माानसि�क चिं�तां ा मेंं एक काालकोोठरीी
मेंं बंं द थाा। फि�र भीी उसकेे तर्कोंं कोो उतनीी हीी स्पष्टताा और शक्ति� केे सााथ प्रस्तुुत कि�याा गयाा माानोो उसेे
अध्ययन केे लि�ए अबााधि�त अवसर मि�लेे होंं�। उसनेे अपनेे श्रोोतााओंं काा ध्याान उन पवि�त्र लोोगोंं� कीी लंं बीी
कताार कीी ओर आकर्षि�त कि�याा जि�नकीी अन्याायीी न्याायि�योंं� नेे निं�दां ा कीी थीी। लगभग हर पीीढ़ीी मेंं ऐसेे
लोोग रहेे हैंं, जोो अपनेे समय केे लोोगोंं� कोो ऊपर उठाानेे कीी कोोशि�श करतेे हुए, ति�रस्कृृत और बहि�ष्कृृ त
कि�ए गए, लेेकि�न बााद केे समय मेंं उन्हेंं सम्माान केे योोग्य दि�खाायाा गयाा हैै। एक अधर्मीी न्याायााधि�करण
मेंं स्वयंं मसीीह कीी एक कुु कर्मीी केे रूप मेंं निं�दां ा कीी गई थीी।
अपनेे पीीछेे हटनेे पर, जेेरोोम नेे हस कोो दोोषीी ठहराानेे वाालीी सज़ाा केे औचि�त्य केे लि�ए सहमति�
व्यक्त कीी थीी; उसनेे अब अपनेे पश्चाातााप कीी घोोषणाा कीी और शहीीद कीी बेेगुुनााहीी और पवि�त्रताा कीी
गवााहीी दीी। «मैंं उसेे बचपन सेे जाानताा थाा,» उसनेे कहाा। “वह अति� उत्तम, न्याायीी और पवि�त्र मनुुष्य
थाा; उसकीी बेेगुुनााहीी केे बाावजूूद उसेे दोोषीी ठहराायाा गयाा। मैंं भीी—मैंं मरनेे केे लि�ए तैैयाार हूंं: मैंं अपनेे
शत्रुुओं ं और झूठेू े गवााहोंं� द्वााराा मेेरेे लि�ए तैैयाार कीी गई पीीड़ााओंं सेे पीीछेे नहींं� हटूंं�गाा, जि�न्हेंं एक दि�न महाान
ईश्वर केे साामनेे अपनेे कपटोंं� काा लेेखाा-जोोखाा देेनाा होोगाा, जि�सेे कुु छ भीी धोोखाा नहींं� देे सकताा।» —
बोोनचोोज़, खंं ड 2, पृृष् ठ 151।
सत्य केे अपनेे स्वयंं केे इनकाार केे लि�ए आत्म-निं�दां ा मेंं, जेेरोोम नेे कहनाा ज़ाारीी रखाा: «मैंंनेे अपनीी
युुवाावस्थाा सेे जि�तनेे भीी पााप कि�ए हैंं, उनमेंं सेे कोोई भीी मेेरेे दि�मााग पर इतनाा भाारीी नहींं� पड़ताा हैै, और
मेेरेे लि�ए इस तरह केे माार्मि�क पश्चाातााप काा काारण नहींं� बनताा हैै, जैैसाा कि� वह पााप जोो मैंंनेे इस घाातक
जगह मेंं कि�याा थाा, जब मैंंनेे वि�क्लि�फ केे खि�लााफ, और पवि�त्र शहीीद, जॉॉन हस, मेेरेे गुुरु और मेेरेे दोोस्त
केे नि�मि�त्त दीी गई अन्याायपूूर्णण सज़ाा कोो मंं ज़ूूरीी दीी। हाँँ�! मैंं इसेे अपनेे दि�ल सेे स्वीीकाार करताा हूंं, और
अत्यंं त घृृणाा केे सााथ घोोषणाा करताा हूंं कि� मैंंनेे शर्ममनााक तरीीकेे सेे हाार माान लीी, जब मैंंनेे मृृत्युु केे भय सेे
उनकेे सि�द्धांं�तोंं� कीी निं�दां ा कीी। इसलि�ए मैंं यााचनाा करताा हूँँ ... सर्ववशक्ति�माान ईश्वर सेे मेेरेे पाापोंं� कोो क्षमाा
करनेे केे लि�ए, और वि�शेेष रूप सेे इसकोो जोो सबसेे जघन्य हैै। « अपनेे न्याायााधीीशोंं� कीी ओर इशााराा
करतेे हुए, उसनेे दृढ़ताा सेे कहाा: «आपनेे वि�क्लि�फ और जॉॉन हस कोो दोोषीी ठहराायाा, कलीीसि�याा केे
सि�द्धांं�त कोो हि�लााकर रख देेनेे केे लि�ए नहींं�, बल्कि� सि�र्फफ इसलि�ए कि� उसनेे पाादरि�योंं� सेे होोनेे वाालेे घोोटाालोंं�
कीी निं�दां ा कीी - उनकाा वैैभव, उनकाा घमण्ड, और धर्माा�ध्यक्षोंं� और यााजकोंं� केे सब दोोष।
जि�न बाातोंं� कीी उन्होंं�नेे पुुष्टि�ि कीी हैै, और जोो अकााट्य हैंं, मैंं भीी उनकीी तरह सोोचताा और घोोषि�त
करताा हूंं। «
उसकीी बाातोंं� कोो बीीच मेंं हीी रोोक दि�याा गयाा। धर्ममगुुरु, क्रोोध सेे कांं�पतेे हुए चि�ल्लाा उठेे : “आगेे सबूूत
कीी क्याा ज़रूरत हैै? हम अपनीी आँँखोंं� सेे वि�धर्मि�योंं� मेंं सबसेे हठीीलेे कोो देेखतेे हैंं! «
तूूफ़ाान सेे बेेपरवााह, जेेरोोम नेे कहाा: “क्याा! क्याा तुुम्हेंं लगताा हैै कि� मुुझेे मरनेे सेे डर लगताा हैै?
तुुमनेे मुुझेे पूूरेे एक सााल तक एक भयाानक काालकोोठरीी मेंं रखाा हैै, जोो मौौत सेे भीी अधि�क भयाानक हैै।
80 महाान वि�वााद

तूूनेे मेेरेे सााथ तुुर्कक , यहूदीी, याा मूूर्ति�पूूजक सेे अधि�क क्रूूर व्यवहाार कि�याा हैै, और मेेराा मांं�स सचमुुच सड़
कर हड्डि�योंं� सेे अलग होो गयाा; तौौभीी मैंं कोोई शि�काायत नहींं� करताा, क्योंं�कि� वि�लााप हृदय और आत्माा केे
धनीी मनुुष्य कोो शोोभाा नहींं� देेताा; लेेकि�न मैंं एक मसीीहीी केे प्रति� इतनीी बड़ीी बर्बबरताा पर अपनेे आश्चर्यय
कोो व्यक्त करनेे सेे नहींं� रोोक सकताा।” —पूूर्वोोक्त, खंं ड 2, पृृष् ठ 151,153।
फि�र सेे क्रोोध काा तूूफाान फूू ट पड़ाा, और जेेरोोम कोो फुु र्तीी सेे बन्दीीगृृह मेंं लेे जाायाा गयाा। फि�र भीी सभाा
मेंं कुु छ ऐसेे भीी थेे जि�न पर उसकीी बाातोंं� काा गहराा प्रभााव पड़ाा और जोो उसकीी जाान बचाानाा चााहतेे थेे।
कलीीसि�याा केे गणमाान्य लोोगोंं� नेे उससेे भेंंट कीी और उससेे आग्रह कि�याा कि� वह स्वयंं सभाा केे आगेे
समर्पपण कर देे। रोोम केे वि�रोोध कोो त्याागनेे केे इनााम केे रूप मेंं उसकेे साामनेे सबसेे शाानदाार संं भाावनााएंं
प्रस्तुुत कीी गईं। लेेकि�न अपनेे गुुरु कीी तरह जब दुनि�या ु ा कीी महि�माा कीी पेेशकश कीी गई, तोो जेेरोोम दृढ़ रहाा।
उसनेे कहाा, «पवि�त्र शाास्त्र सेे मुुझेे प्रमााणि�त करोो कि� मुुझसेे गलतीी हुई हैै, और मैंं उसेे त्यााग दूँँ� गाा।»
«पवि�त्र लेेख!» उसकेे एक प्रलोोभक नेे कहाा, «क्याा सब कुु छ उसकेे द्वााराा आँँकाा जाानाा चााहि�ए?
जब तक कलीीसि�याा नेे उनकीी व्यााख्याा नहींं� करतीी हैै, तब तक उन्हेंं कौौन समझ सकताा हैै?”
«क्याा मनुुष्योंं� कीी परम्परााएँँ हमाारेे उद्धाारकर्ताा� केे सुुसमााचाार सेे अधि�क वि�श्वाास केे योोग्य हैंं?»
जेेरोोम नेे जवााब दि�याा। «पौौलुुस नेे उन्हेंं नसीीहत नहींं� दीी, जि�न्हेंं उसनेे मनुुष्योंं� कीी परंंपरााओंं कोो सुुननेे केे
लि�ए लि�खाा थाा, लेेकि�न कहाा, ‹पवि�त्रशाास्त्र मेंं ढूँँ� ढोो। ‹»
«वि�धर्मीी!» जवााब थाा, «मैंं तुुमसेे इतनीी देेर तक मि�न्नत करनेे केे बााद पछताा रहाा हूंं। मैंं देेख रहाा
हूँँ कि� शैैताान नेे आपसेे आग्रह कि�याा हैै।” —वि�लीी, पुुस्तक 3, अध्यााय 10।
कुु छ हीी समय बााद उस पर दण्ड कीी आज्ञाा पाारि�त कीी गई। उसेे उसीी स्थाान पर लेे जाायाा गयाा,
जि�स पर हस नेे अपनीी जाान दीी थीी। वह अपनेे राास्तेे मेंं गााताा चलाा गयाा, उसकाा चेेहराा खुुशीी और
शांं�ति� सेे चमक उठाा। उसकीी नि�गााह मसीीह पर टि�कीी हुई थीी, और उसकेे लि�ए मृृत्युु नेे अपनाा भय खोो
दि�याा थाा। जब जल्लााद ढेेर कोो जलाानेे वाालाा थाा, उसनेे उसकेे पीीछेे कदम रखाा, तोो शहीीद नेे कहाा:
“नि�डरताा सेे आगेे आओ; मेेरेे साामनेे आकर आग लगााओ। अगर मुुझेे डर होोताा तोो मुुझेे यहांं� नहींं�
होोनाा चााहि�ए थाा। «
जैैसेे-जैैसेे उसकेे चाारोंं� ओर आग कीी लपटेंं उठींं�, उसकेे द्वााराा बोोलेे गए अंंति�म शब्द एक प्राार्थथनाा थेे।
«हेे प्रभुु, सर्ववशक्ति�माान पि�ताा,» उसनेे पुुकााराा, «मुुझ पर दयाा कर, और मेेरेे पाापोंं� कोो क्षमाा कर; क्योंं�कि�
तूू जाानताा हैै कि� मैंं नेे तेेरेे सत्य सेे सदाा प्रेेम रखाा हैै।” — बोोनचोोज़, खंं ड 2, पृृष् ठ 168। उसकीी आवााज
बंं द होो गई, लेेकि�न उसकेे होंं�ठ प्राार्थथनाा मेंं हि�लतेे रहेे। जब आग नेे अपनाा कााम कर दि�याा, शहीीद कीी
रााख कोो, उस मि�ट्टीी केे सााथ जि�स पर वह शांं�त पड़ीी थीी, इकट्ठाा कि�याा गयाा, और हस कीी रााख कीी तरह,
रााइन मेंं फेंंक दि�याा गयाा।
इस प्रकाार परमेेश्वर केे वि�श्वाासयोोग्य प्रकााश वााहकोंं� काा अंंत हुआ। लेेकि�न उनकेे द्वााराा घोोषि�त
सत्योंं� काा प्रकााश-उनकेे वीीरताापूूर्णण उदााहरण काा प्रकााश- बुुझाायाा नहींं� जाा सकाा। जि�स प्रकाार मनुुष्य
सूूर्यय कोो उसकेे पथ मेंं वाापस करनेे काा प्रयाास नहींं� कर सकताा, वैैसेे हीी उस दि�न केे अरुणोोदय कोो रोोकनेे
केे लि�ए, जोो उस समय भीी दुनि�या ु ा मेंं होो रहाा थाा, वह कुु छ नहींं� कर सकताा थाा।
हस कीी हत्याा नेे बोोहेेमि�याा मेंं आक्रोोश और दहशत कीी ज्वाालाा जलाा दीी थीी। पूूरेे देेश कोो लगाा कि�
वह पाादरि�योंं� केे द्वेेष और सम्रााट केे वि�श्वाासघाात काा शि�काार होो गयाा थाा। उसेे सत्य काा एक वफाादाार
हस और जेरोम 81

शि�क्षक घोोषि�त कि�याा गयाा, और जि�स सभाा नेे उसकीी मृृत्युु काा फैै सलाा कि�याा थाा, उस पर हत्याा केे
अपरााध काा आरोोप लगाायाा गयाा। उसकेे सि�द्धांं�तोंं� नेे अब पहलेे सेे कहींं� अधि�क ध्याान आकर्षि�त कि�याा।
पोोप केे आदेेशोंं� द्वााराा वि�क्लि�फ केे लेेखन कोो आग कीी लपटोंं� केे हवाालेे कर दि�याा गयाा थाा। लेेकि�न जोो
वि�नााश सेे बच गए थेे, उन्हेंं अब उनकेे गुुप्त स्थाानोंं� सेे बााहर लाायाा गयाा और उनकाा बााइबल याा उसकेे
ऐसेे भाागोंं� केे संं दर्भभ मेंं, जि�न्हेंं लोोग प्रााप्त कर सकेंं , अध्ययन कि�याा गयाा, और इस प्रकाार कई लोोगोंं� कोो
सुुधाारि�त वि�श्वाास कोो स्वीीकाार करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा गयाा।
हस केे हत्याारोंं� नेे चुुपचााप खड़ेे होोकर उसकेे अभि�याान कीी जीीत कोो नहींं� देेखाा। पोोप और सम्रााट
आंंदोोलन कोो कुु चलनेे केे लि�ए एकजुुट हुए, और सि�गि�स्मंं ड कीी सेेनााओंं कोो बोोहेेमि�याा पर हमलाा करनेे
केे लि�ए भेेजाा गयाा।
लेेकि�न एक बचाानेे वाालेे कोो खड़ाा कि�याा गयाा। ज़ि�स्काा, जोो युुद्ध कीी शुुरुआत केे तुुरंंत बााद पूूरीी तरह
सेे अंंधाा होो गयाा थाा, फि�र भीी जोो अपनीी उम्र केे सबसेे योोग्य सेेनाापति�योंं� मेंं सेे एक थाा, बोोहेेमि�योंं� काा
अगुुवाा थाा। परमेेश्वर कीी मदद और अपनेे अभि�याान कीी धाार्मि�कताा पर भरोोसाा करतेे हुए, उन लोोगोंं� नेे
सबसेे शक्ति�शाालीी सेेनााओंं काा साामनाा कि�याा, जि�न्हेंं उनकेे खि�लााफ लाायाा जाा सकताा थाा। बाार-बाार सम्रााट
नेे, नई सेेनााएँँ खड़ीी करतेे हुए, बोोहेेमि�याा पर आक्रमण कि�याा, केे वल अपमाानजनक रूप सेे नि�रस्त कि�ए
जाानेे केे लि�ए। हस केे अनुुयाायीी मृृत्युु केे भय सेे प्रभाावि�त नहींं� थेे, और कुु छ भीी उनकोो चुुनौौतीी नहींं� देे
सकताा थाा। युुद्ध कीी शुुरुआत केे कुु छ सााल बााद, बहाादुरु ज़ि�स्काा कीी मृृत्युु होो गई; लेेकि�न उसकाा स्थाान
प्रोोकोोपि�यस द्वााराा भराा गयाा, जोो उतनाा हीी बहाादुरु और कुु शल सेेनाापति� थाा, और कुु छ माामलोंं� मेंं एक
अधि�क सक्षम अगुुवाा थाा।
बोोहेेमि�योंं� केे शत्रुुओं ं नेे, यह जाानतेे हुए कि� अंंधाा योोद्धाा मर चुुकाा थाा, जोो कुु छ खोोयाा थाा उसेे पुुनःः
प्रााप्त करनेे केे लि�ए अवसर कोो अनुुकूूल समझाा। पोोप नेे अब हस केे अनुुयाायि�योंं� केे खि�लााफ एक धर्मम-
युुद्ध कीी घोोषणाा कीी, और फि�र सेे बोोहेेमि�याा पर एक वि�शााल सेेनाा भेेजीी गई, लेेकि�न केे वल भयाानक
हाार काा साामनाा करनेे केे लि�ए। एक और धर्ममयुद्धु कीी घोोषणाा कीी गई। यूूरोोप केे सभीी पोोप संं बंं धीी देेशोंं�
मेंं, पुुरुषोंं�, धन और युुद्ध केे हथि�याारोंं� कोो इकट्ठाा कि�याा गयाा। पोोप केे ध्वज कीी ओर भीीड़ उमड़ पड़ीी,
सुुनि�श्चि�ित कि� अंंत मेंं हस संं बंं धीी वि�धर्मि�योंं� काा अंंत कि�याा जााएगाा। जीीत केे प्रति� आश्वस्त, वि�शााल
सेेनाा बोोहेेमि�याा मेंं प्रवेेश कर गई। लोोग उन्हेंं खदेेड़नेे केे लि�ए एकत्र होो गए। दोोनोंं� सेेनााएँँ एक दूू सरेे केे
पाास पहुँँचींं� और उनकेे बीीच केे वल एक नदीी रह गई। «धर्ममयोोद्धाा बल मेंं बेेहतर थेे, लेेकि�न नदीी केे पाार
दौौड़नेे और हस केे अनुुयाायि�योंं� केे सााथ युुद्ध करनेे केे बजााय, जि�नसेे वेे मि�लनेे केे लि�ए इतनीी दूू र आए
थेे, वेे चुुपचााप उन योोद्धााओंं कोो टकटकीी लगााए देेख रहेे थेे।» —वि�लीी, पुुस्तक 3, अध्यााय 17। तभीी
अचाानक एक रहस्यमयीी आतंं क सेेनाा पर आ पड़ाा। बि�नाा प्रहाार कि�ए वह शक्ति�शाालीी सेेनाा भंं ग होो गई
और बि�खर गई माानोो कि�सीी अदृश्य शक्ति� द्वााराा ति�तर-बि�तर कर दीी गई होो। हस केे अनुुयाायि�योंं� कीी सेेनाा
द्वााराा बड़ीी संं ख्याा मेंं कत्ल कि�ए गए, जि�सनेे भगोोड़ोंं� काा पीीछाा कि�याा, और एक वि�शााल लूूट वि�जेेतााओंं केे
हााथोंं� मेंं आ गई, जि�ससेे युुद्ध नेे, दरि�द्र कर देेनेे केे बजााय, बोोहेेमि�योंं� कोो समृृद्ध कि�याा।
कुु छ सााल बााद, एक नए पोोप केे तहत, एक और धर्ममयुद्धु शुुरू कि�याा गयाा। पहलेे कीी तरह, यूूरोोप
केे सभीी पोोप संं बंं धीी देेशोंं� सेे पुुरुष और सााधन जुुटााए गए। इस खतरनााक उद्यम मेंं शाामि�ल होोनेे वाालोंं�
केे लि�ए बहुत बढ़ि�याा प्रोोत्सााहन प्रस्ताावि�त कि�ए गए। हर धर्ममयोोद्धाा केे लि�ए सबसेे जघन्य अपरााधोंं� कीी
82 महाान वि�वााद

पूूर्णण क्षमाा सुुनि�श्चि�ित कीी गई। युुद्ध मेंं माारेे गए सभीी लोोगोंं� कोो स्वर्गग मेंं एक समृृद्ध पुुरस्काार काा वाादाा
कि�याा गयाा, और बचेे हुए लोोगोंं� कोो युुद्ध केे मैैदाान पर सम्माान और धन प्रााप्त करनाा तय थाा। फि�र सेे एक
वि�शााल सेेनाा इकट्ठीी कीी गई, और सीीमाा पाार करतेे हुए वेे बोोहेेमि�याा मेंं प्रवेेश कर गए। हस केे अनुुयाायि�योंं�
कीी सेेनाा उनकेे साामनेे पीीछेे हट गई, और इस तरह आक्रमणकाारि�योंं� कोो देेश मेंं आगेे और आगेे खींं�चाा,
और उन्हेंं यह वि�चाार करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा कि� वेे पहलेे हीी युुद्ध जीीत चुुकेे हैंं। अंंत मेंं प्रोोकोोपि�यस
कीी सेेनाा नेे एक नि�र्णणय लि�याा, और दुश्म ु न पर पलटतेे हुए, उनसेे युुद्ध करनेे केे लि�ए आगेे बढ़ीी। धर्ममयो�-
द्धाा, अब अपनीी गलतीी समझतेे हुए, अपनेे डेेरेे मेंं शुुरुआत कीी प्रतीीक्षाा करतेे हुए पड़ेे थेे। जैैसेे हीी आनेे
वाालीी सेेनाा कीी आवााज सुुनीी गई, हस केे अनुुयाायि�योंं� कीी सेेनाा केे दि�खनेे सेे पहलेे हीी, धर्ममयोोद्धााओंं मेंं
फि�र सेे दहशत फैै ल गई। रााजकुु माार, सेेनाापति� और साामाान्य सैैनि�क, अपनेे कवच कोो फेंंक कर, सभीी
दि�शााओंं मेंं भााग गए। व्यर्थथ मेंं पोोप द्वााराा नि�युुक्त कि�ए गए प्रति�नि�धि� नेे, जोो आक्रमण काा सरदाार थाा,
अपनीी भयभीीत और असंं गठि�त सेेनााओंं कोो एकजुुट करनेे काा प्रयाास कि�याा। तमााम कोोशि�शोंं� केे बााद
भीी वह खुुद भगोोड़ोंं� केे ज्वाार मेंं बहाा लि�याा गयाा। सेेनाा कीी बुुरीी तरह सेे हाार हुई, और फि�र सेे एक वि�पुुल
लूूट वि�जेेतााओंं केे हााथोंं� मेंं आ गई।
इस प्रकाार दूू सरीी बाार एक वि�शााल सेेनाा, जि�सेे यूूरोोप केे सबसेे शक्ति�शाालीी रााष्ट्रों��ं द्वााराा भेेजाा गयाा,
बहाादुरु , रणकुु शल पुुरुषोंं� काा एक समूूह, प्रशि�क्षि�त और युुद्ध केे लि�ए सुुसज्जि�ित, एक छोोटेे और अब तक
आवााज़ रााष्ट्रर केे रक्षकोंं� केे साामनेे बि�नाा कि�सीी प्रहाार केे भााग गयाा। यहाँँ� पवि�त्र शक्ति� काा प्रकटीीकरण
थाा। आक्रमणकाारीी एक अलौौकि�क आतंं क सेे ग्रस्त होो गए। वह जि�सनेे लााल समुुद्र मेंं फ़ि�रौौन कीी सेेनाा
कोो हराा दि�याा, जि�सनेे गि�दोोन और उसकेे तीीन सौौ लोोगोंं� केे साामनेे सेे मि�द्याानि�योंं� कीी सेेनाा कोो भगाा दि�याा,
जि�सनेे एक हीी राात मेंं घमण्डीी अश्शूूरि�योंं� कीी सेेनाा कोो कुु चल डाालाा, उस नेे फि�र सेे उत्पीीड़क कीी शक्ति�
कोो नष्ट करनेे केे लि�ए अपनाा हााथ बढ़ाायाा। «वहाँँ� उन पर भय छाा गयाा जहाँँ� भय काा कोोई काारण न थाा:
क्योंं�कि� यहोोवाा नेे उनकीी हड्डि�योंं� कोो, जोो तेेरेे वि�रुद्ध छाावनीी डाालेे पड़ेे थेे, ति�तर बि�तर कर दि�याा; तूू नेे तोो
उन्हेंं लज्जि�ित कर दि�याा इसलि�येे कि� परमेेश्वर नेे उनकोो नि�कम्माा ठहराायाा हैै।» भजन संं हि�ताा 53:5।
रोोमन कैै थोोलि�क अगुुवोंं� नेे, बल द्वााराा वि�जय प्रााप्त करनेे सेे नि�रााश होोकर, अंंततःः कूू टनीीति� काा सहााराा
लि�याा। एक समझौौताा कि�याा गयाा थाा, कि� बोोहेेमि�योंं� कोो अंंतराात्माा कीी स्वतंं त्रताा देेनेे काा दाावाा करतेे हुए,
जि�सनेे वाास्तव मेंं धोोखेे सेे उन्हेंं रोोम केे अधीीन कर दि�याा। बोोहेेमि�योंं� नेे रोोम केे सााथ शांं�ति� कीी शर्तत केे रूप
मेंं चाार मुुद्दोंं� कोो नि�र्दि�ष्ट कि�याा थाा: बााइबि�ल काा मुुक्त प्रचाार; प्रभुु-भोोज मेंं रोोटीी और दााखमधुु दोोनोंं� पर
साारीी कलीीसि�याा काा अधि�काार, और परमेेश्वर कीी उपाासनाा मेंं माातृृभााषाा काा प्रयोोग; पाादरि�योंं� कोो सभीी
धर्ममनि�रपेक्ष े पदोंं� और सत्ताा सेे वर्जजन; और, अपरााध केे माामलोंं� मेंं, दीीवाानीी अदाालतोंं� काा पाादरि�योंं� और
आम लोोगोंं� पर समाान अधि�काार। पोोप केे तहत अधि�काारि�योंं� नेे आखि�रकाार «इस बाात पर सहमति� व्यक्त
कीी कि� हस केे अनुुयाायि�योंं� केे चाार लेेखोंं� कोो स्वीीकाार कि�याा जाानाा चााहि�ए, लेेकि�न उन्हेंं समझाानेे काा
अधि�काार, याानीी उनकेे सटीीक आयाात काा नि�र्धाा�रण करनेे काा अधि�काार, सभाा काा होोनाा चााहि�ए - दूू सरेे
शब्दोंं� मेंं, पोोप और सम्रााट काा।” —वि�लीी, पुुस्तक 3, अध्यााय 18। इस आधाार पर एक संं धि� कीी गई,
और रोोम नेे जोो कुु छ भीी वह संं घर्षष सेे हाासि�ल करनेे मेंं वि�फल रहाा थाा, वह वि�घटन और धोोखााधड़ीी सेे
प्रााप्त कि�याा; क्योंं�कि� हस केे लेेखोंं� पर, जैैसेे कि� बााइबि�ल पर, अपनीी व्यााख्याा रखतेे हुए, वह अपनेे स्वयंं
केे उद्देेश्योंं� केे अनुुरूप उनकेे अर्थथ कोो वि�कृृ त कर सकताा थाा।
हस और जेरोम 83

बोोहेेमि�याा मेंं एक बड़ाा वर्गग, यह देेखतेे हुए कि� इसनेे उनकीी स्वतंं त्रताा केे सााथ वि�श्वाासघाात कि�याा हैै,
संं घ केे लि�ए सहमति� नहींं� देे सकाा। मतभेेद और वि�भााजन पैैदाा हुए, जि�ससेे आपस मेंं संं घर्षष और रक्तपाात
हुआ। इस संं घर्षष मेंं महाान प्रोोकोोपि�यस परााजि�त हुआ, और बोोहेेमि�याा कीी स्वतंं त्रताा समााप्त होो गई।
हस और जेेरोोम काा वि�श्वाासघाातीी सि�गि�स्मंं ड, अब बोोहेेमि�याा काा रााजाा बन गयाा, और बोोहेेमि�योंं� केे
अधि�काारोंं� काा समर्थथन करनेे कीी उसकीी शपथ केे बाावजूूद , वह पोोपवााद स्थाापि�त करनेे केे लि�ए आगेे
बढ़ाा। लेेकि�न रोोम कीी अधीीनताा सेे उसेे बहुत कम लााभ हुआ थाा। बीीस वर्षोंं तक उसकाा जीीवन परि�श्रम
और संं कटोंं� सेे भराा रहाा थाा। एक लंं बेे और नि�ष्फल संं घर्षष सेे उसकीी सेेनााएंं बर्बाा�द होो गई थींं� और उसकेे
खजाानेे खत्म होो गए थेे; और अब, एक वर्षष केे रााज्य करनेे केे बााद, अपनेे रााज्य कोो गृृहयुुद्ध केे कगाार
पर छोोड़, और आनेे वाालीी पीीढ़ीी कोो अपयश सेे कलंं कि�त नााम देेकर, वह मर गयाा।
उथल-पुुथल, कलह, और खूून-खरााबाा लंं बेे समय तक चलताा रहाा। फि�र सेे वि�देेशीी सेेनााओंं नेे
बोोहेेमि�याा पर आक्रमण कि�याा, और आंंतरि�क कलह नेे रााष्ट्रर कोो वि�चलि�त करनाा ज़ाारीी रखाा। जोो लोोग
सुुसमााचाार केे प्रति� वि�श्वाासयोोग्य बनेे रहेे, उन्हेंं भयंं कर सतााव काा शि�काार होोनाा पड़ाा।
जैैसेे उनकेे पूूर्वव सााथि�योंं� नेे, रोोम केे सााथ समझौौताा करतेे हुए, उसकेे भ्रमोंं� कोो ग्रहण कि�याा, प्रााचीीन
वि�श्वाास काा पाालन करनेे वाालेे लोोगोंं� नेे, खुुद कोो, «यूूनााइटेेड ब्रदरन» केे नााम सेे, एक अलग कलीीसि�याा
बनाा लि�याा। इस व्यवस्थाा नेे उन पर सभीी वर्गोंं कीी दुर्भा ु ा�वनााओंं कोो उकसाायाा। फि�र भीी उनकीी दृढ़ताा
अडि�ग थीी। जंं गल और गुुफााओंं मेंं शरण पाानेे केे लि�ए मजबूूर, वेे अभीी भीी परमेेश्वर केे वचन कोो पढ़नेे
और उसकीी पूूजाा मेंं एकजुुट होोनेे केे लि�ए इकट्ठाा होोतेे थेे।
गुुप्त रूप सेे अलग-अलग देेशोंं� मेंं भेेजेे गए दूू तोंं� केे मााध्यम सेे, उन्हेंं पताा चलाा कि� यहाँँ� और वहाँँ�
«सच्चााई केे पृृथक्कृृ त अंंगीीकाार करनेे वाालेे थेे, इस शहर मेंं कुु छ और उस मेंं कुु छ, उन्हींं� केे जैैसेे,
उत्पीीड़न केे पाात्र; और यह कि� आल्प्स केे पहााड़ोंं� केे बीीच एक प्रााचीीन गि�रि�जााघर थाा, जोो पवि�त्रशाा-
स्त्र कीी नींं�व पर टि�काा हुआ थाा, और रोोम केे मूूर्ति�पूूजक भ्रष्टााचाारोंं� केे खि�लााफ वि�रोोध प्रदर्शशन कर रहाा
थाा।” —वि�लीी, पुुस्तक 3, अध्यााय 19। यह खुुफि�याा जाानकाारीी बहुत खुुशीी केे सााथ ग्रहण कीी गई,
और वााल्डेेन्सि�यन मसीीहि�योंं� केे सााथ एक संं गतताा शुुरू कीी गई।
सुुसमााचाार केे प्रति� अडि�ग, बोोहेेमि�योंं� नेे अपनेे उत्पीीड़न कीी पूूरीी राात, सबसेे दुःः�खद घड़ि�योंं� मेंं भीी, उन लोोगोंं�
कीी तरह जोो सुुबह होोनेे काा इंं तज़ाार करतेे हैंं, अपनीी आँँखेंं क्षि�ति�ज कीी ओर लगााए रखीी। «उनकाा पाासाा बुुरेे
समय मेंं फेंंक दि�याा गयाा थाा, लेेकि�न ... उन्होंं�नेे पहलेे हस द्वााराा कहेे गए और जेेरोोम द्वााराा दोोहरााए गए शब्दोंं� कोो
यााद कि�याा, पौौ फटनेे सेे पहलेे एक सदीी काा बीीतनाा आवश्यक हैै। तााबोोरि�योंं� (हस केे अनुुयाायि�योंं�) केे लि�ए येे
शब्द वहीी माायनेे रखतेे थेे, जोो दाासत्व केे घर मेंं गोोत्रोंं� केे लि�ए यूूसुफ ु केे शब्दोंं� केे माायनेे थेे: ‹मैंं तोो मरनेे पर हूँँ;
परन्तुु परमेेश्वर नि�श्‍‍चय तुुम्हाारीी सुुधि� लेेगाा, और तुुम्हेंं इस देेश सेे नि�काालकर उस देेश मेंं पहुँँचाा देेगाा।›» —
पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 3, अध्यााय 19। «पंं द्रहवींं� शतााब्दीी कीी समााप्ति� अवधि� मेंं ब्रदरन कीी कलीीसि�यााओंं कीी धीीमीी
लेेकि�न नि�श्चि�ित वृृद्धि� देेखीी गई। हाालाँँ�कि� वेे बााधाारहि�त तोो नहींं� थेे, फि�र भीी तुुलनाा कीी जााए तोो वेे शाान्ति� काा
आनंं द लेे रहेे थेे। सोोलहवींं� शतााब्दीी केे प्राारंंभ मेंं बोोहेेमि�याा और मोोराावि�याा मेंं उनकेे गि�रजााघरोंं� कीी संं ख्याा दोो सौौ
थीी।” —एज्राा हॉॉल गि�ल्लेेट, लााइफ एंं ड टााइम्स ऑफ जॉॉन हस, खंं ड 2, पृृष्ठ 570। “आग और तलवाार केे
वि�नााशकाारीी प्रकोोप सेे बचेे हुए लोोग इतनेे उत्तम थेे कि�, उन्हेंं उस दि�न केे उदय कोो देेखनेे कीी अनुुमति� दीी गई,
जि�सकीी भवि�ष्यद्वााणीी हस नेे कीी थीी।” — वि�लीी, पुुस्तक 3, अध्यााय 19।
7

लूूथर काा रोोम सेे अलग होोनाा

माा र्टि�न लूूथर उन लोोगोंं� मेंं सबसेे आगेे थाा, जि�सेे पोोपवााद केे अंंधकाार सेे कलीीसि�याा कोो एक पवि�त्र
वि�श्वाास केे प्रकााश मेंं लेे जाानेे केे लि�ए बुुलाायाा गयाा थाा। जोोशीीलाा, उत्सााहीी और समर्पि�त, केे वल
परमेेश्वर काा भय माानतेे हुए, और धाार्मि�क वि�श्वाास केे लि�ए पवि�त्र शाास्त्र केे अलाावाा और कि�सीी आधाार
कोो स्वीीकाार नहींं� करतेे हुए, लूूथर अपनेे समय केे लि�ए सबसेे उपयुुक्त व्यक्ति� थाा; उसकेे द्वााराा परमेेश्वर नेे
कलीीसि�याा केे सुुधाार और संं साार केे ज्ञाानोोदय केे लि�ए एक महाान काार्यय कोो पूूराा कि�याा।
सुुसमााचाार केे पहलेे अग्रदूू तोंं� कीी तरह, लूूथर गरीीबीी कीी श्रेेणीी सेे नि�कलाा। उसकेे प्राारंंभि�क वर्षष एक
जर्ममन कि�साान केे सााधाारण घर मेंं व्यतीीत हुए। एक खनि�क केे रूप मेंं दैैनि�क परि�श्रम सेे उसकेे पि�ताा नेे
उसकीी शि�क्षाा केे लि�ए सााधन अर्जि�त कि�ए। वह चााहताा थाा कि� वह एक वकीील बनेे; लेेकि�न परमेेश्वर
काा उद्देेश्य उसेे उस महाान मंं दि�र मेंं एक रााजमि�स्त्रीी बनाानाा थाा जोो सदि�योंं� सेे इतनीी धीीमीी गति� सेे बढ़
रहाा थाा। कठि�नााई, अभााव और कठोोर अनुुशाासन वह शि�क्षाा थीी जि�समेंं अनंं त ज्ञाान नेे लूूथर कोो उसकेे
जीीवन केे महत्वपूूर्णण मि�शन केे लि�ए तैैयाार कि�याा थाा।
लूूथर काा पि�ताा एक अटल और सक्रि�य दि�मााग और भरोोसेेमंंद रूप सेे अपनेे काार्योंं कीी जि�म्मेेदाारीी
लेेनेे वाालाा व्यक्ति� थाा, ईमाानदाार, दृढ़ और स्पष्टवाादीी। वह कर्ततव्य कीी आस्थाा केे प्रति� समर्पि�त थाा, भलेे
हीी परि�णााम कुु छ भीी होो। उसकीी अच्छीी समझ नेे उसेे मठवाासीी व्यवस्थाा कोो अवि�श्वाास कीी दृष्टि�ि सेे
देेखनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा। जब लूूथर नेे उसकीी सहमति� केे बि�नाा एक मठ मेंं प्रवेेश कि�याा, तोो वह बहुत
अप्रसन्न हुआ; और दोो सााल बााद हीी पि�ताा काा अपनेे बेेटेे सेे मेेल-मि�लााप हुआ, और तब भीी उसकीी
रााय वहीी रहीी।
लूूथर केे मााताा-पि�ताा नेे अपनेे बच्चोंं� कीी शि�क्षाा और प्रशि�क्षण पर बहुत ध्याान दि�याा। उन्होंं�नेे उसेे
ईश्वर केे ज्ञाान और मसीीहीी गुुणोंं� केे अभ्याास मेंं नि�र्देेश देेनेे काा प्रयाास कि�याा। पि�ताा अक्सर ऊंंचीी आवााज़
मेंं प्राार्थथनाा करताा थाा तााकि� बेेटाा सुुन सकेे और प्रभुु काा नााम यााद कर सकेे और एक दि�न उसकीी सच्चााई
कीी प्रगति� मेंं सहाायताा कर सकेे । नैैति�क याा बौौद्धि�क उन्नति� केे लि�ए हर सुुअवसर कोो, जि�नकाा आनंं द
लेेनेे केे लि�ए उनकेे परि�श्रम केे जीीवन नेे उन्हेंं अनुुमति� दीी, इन मााताा-पि�ताा द्वााराा उत्सुुकताा सेे बेेहतर
लूथर का रोम से अलग होना 85

बनाायाा गयाा। उनकेे प्रयाास अपनेे बच्चोंं� कोो धर्ममपराायण और साार्थथक जीीवन केे लि�ए तैैयाार करनेे केे लि�ए
गंं भीीर और दृढ़ थेे। अपनीी दृढ़ताा और चरि�त्र कीी तााकत केे सााथ वेे कभीी-कभीी बहुत अधि�क सख़्तीी काा
प्रयोोग करतेे थेे; लेेकि�न सुुधाारक नेे स्वयंं , हाालांं�कि� यह जाानतेे हुए कि� कुु छ माामलोंं� मेंं उन्होंं�नेे गलतीी कीी
थीी, उनकेे अनुुशाासन मेंं निं�दां ा करनेे कीी तुुलनाा मेंं अनुुमोोदन करनेे केे लि�ए अधि�क पाायाा।
स्कूूल मेंं, जहाँँ� उसेे कम उम्र मेंं भेेजाा गयाा थाा, लूूथर केे सााथ कठोोरताा और यहाँँ� तक कि� हिं�सां ा केे
सााथ व्यवहाार कि�याा गयाा। उसकेे मााताा-पि�ताा इतनेे गरीीब थेे कि� जब वह दूू सरेे शहर मेंं स्कूूल जााताा थाा
तोो वह कुु छ समय केे लि�ए घर-घर जााकर गाानाा गााकर अपनाा भोोजन प्रााप्त करनेे केे लि�ए बााध्य थाा,
और वह अक्सर भूूख सेे पीीड़ि�त होोताा थाा। उस समय प्रचलि�त धर्मम केे वि�षाादीी, अंंधवि�श्वाासीी वि�चाारोंं�
नेे उसेे भय सेे भर दि�याा। चिं�ति�त ं होोकर अंंधकाारमय भवि�ष्य कीी ओर देेखतेे हुए और परमेेश्वर केे एक
दयाालुु स्वर्गीीय पि�ताा होोनेे केे बजााय एक कठोोर, नि�र्ददयीी न्याायााधीीश, एक क्रूूर अत्यााचाारीी होोनेे केे वि�चाार
पर अत्यधि�क भय मेंं वह एक उदाास मन केे सााथ राात मेंं लेेट जााताा।
फि�र भीी इतनेे साारेे और इतनेे असाामाान्य हतोोत्सााहोंं� केे तहत लूूथर उनकीी आत्माा कोो आकर्षि�त
करनेे वाालीी नैैति�क और बौौद्धि�क उत्कृृष्टताा केे उच्च स्तर कीी ओर दृढ़ताा सेे आगेे बढ़ाा। वह ज्ञाान काा
प्याासाा थाा, और उसकेे मन केे गंं भीीर और व्याावहाारि�क स्वभााव नेे उसेे दि�खाावटीी और सतहीी केे बजााय
ठोोस और उपयोोगीी कीी इच्छाा केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा।
जब, अठाारह वर्षष कीी आयुु मेंं, उसनेे एरफर्टट वि�श्ववि�द्याालय मेंं प्रवेेश कि�याा, उसकीी स्थि�ति� अधि�क
अनुुकूूल थीी और उसकीी संं भाावनााएंं उसकेे पहलेे केे वर्षोंं कीी तुुलनाा मेंं उज्जवल थींं�। उसकेे मााताा-
पि�ताा नेे मि�तव्ययि�ताा और परि�श्रम सेे एक क्षमताा प्रााप्त कीी, जि�ससेे वेे उसेे हर प्रकाार कीी आवश्यक
सहाायताा प्रदाान करनेे मेंं सक्षम थेे। और वि�वेेकपूूर्णण मि�त्रोंं� केे प्रभााव नेे उसकेे पूूर्वव प्रशि�क्षण केे नि�रााशाा-
जनक प्रभाावोंं� कोो कुु छ हद तक कम कर दि�याा थाा। कर्ममठताापूूर्ववक उनकेे सबसेे प्रभाावशाालीी वि�चाारोंं� कोो
संं जोोतेे हुए और बुुद्धि�माानोंं� केे ज्ञाान कोो अपनाा बनाातेे हुए, उसनेे खुुद कोो सर्ववश्रेेष् ठ लेेखकोंं� केे अध्ययन
मेंं लगाायाा। अपनेे पूूर्वव प्रशि�क्षकोंं� केे कठोोर अनुुशाासन केे तहत भीी उसनेे बहुत जल्दीी वि�शि�ष्टताा काा
संं केे त दि�याा थाा, और अनुुकूूल प्रभाावोंं� केे सााथ उसकाा दि�मााग तेेज़ीी सेे वि�कसि�त हुआ। एक अवधाारण
स्मृृति�, एक जीीवंं त कल्पनाा, पुुख़्ताा तर्कक शक्ति� और अथक प्रयोोग नेे जल्द हीी उसेे अपनेे सहयोोगि�योंं� केे
बीीच सबसेे प्रमुुख स्थाान पर रख दि�याा। बौौद्धि�क अनुुशाासन नेे उसकीी समझ कोो परि�पक्व कि�याा और
मन कीी सक्रि�यताा और धाारणाा कीी उत्सुुकताा कोो जगाायाा जोो उसेे अपनेे जीीवन केे संं घर्षोंं केे लि�ए तैैयाार
कर रहीी थीी।
प्रभुु काा भय लूूथर केे दि�ल मेंं बसताा थाा, जि�ससेे वह अपनेे उद्देेश्य कीी दृढ़ताा कोो बनााए रखनेे मेंं
सक्षम होो गयाा और जि�सनेे उसेे परमेेश्वर केे साामनेे गहरीी दीीनताा केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा। उसेे ईश्वरीीय
सहाायताा पर उसकीी नि�र्भभरताा काा एक स्थाायीी बोोध थाा, और वह हर दि�न प्राार्थथनाा केे सााथ शुुरू करनेे मेंं
चूूकताा नहींं� थाा, और उसकेे हृदय लगााताार माार्गगदर्शशन और समर्थथन केे लि�ए यााचनाा कर रहाा होोताा थाा।
«अच्छीी तरह सेे प्राार्थथनाा करनाा,» वह अक्सर कहाा करताा थाा, «अध्ययन काा बेेहतर आधाा हि�स्साा हैै।»
- डीी›ऑबि�ग्नेे, पुुस्तक 2, अध्यााय 2।
एक दि�न वि�श्ववि�द्याालय केे पुुस्तकाालय मेंं पुुस्तकोंं� कीी जांं�च करतेे हुए, लूूथर कोो एक लाातीीनीी
बााइबि�ल मि�लीी। ऐसीी पुुस्तक उसनेे पहलेे कभीी नहींं� देेखीी थीी। वह इसकेे अस्ति�त्व सेे भीी अनभि�ज्ञ थाा।
86 महाान वि�वााद

उसनेे सुुसमााचाार और पत्रि�योंं� केे अंंश सुुनेे थेे, जोो लोोगोंं� केे लि�ए साार्ववजनि�क उपाासनाा केे दौौराान पढ़ेे जाातेे
थेे, और उसनेे समझाा कि� वेे पूूरीी बााइबल थेे। अब, पहलीी बाार, उसनेे परमेेश्वर केे पूूरेे वचन कोो देेखाा।
मि�श्रि�त वि�स्मय और आश्चर्यय केे सााथ उसनेे पवि�त्र पन्नेे पलटेे; उत्सााह और धड़कतेे दि�ल केे सााथ उसनेे
अपनेे लि�ए जीीवन केे वचन कोो पढ़ाा, कभीी-कभीी भाावुुक होोकर कहनेे केे लि�ए रुकतेे हुए: «कााश कि�
परमेेश्वर मुुझेे अपनेे लि�ए ऐसीी कि�तााब देे देेताा!» - पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 2, अध्यााय 2। स्वर्गग केे दूू त उसकेे
सााथ थेे, और परमेेश्वर केे सिं�हां ासन सेे प्रकााश कीी कि�रणोंं� नेे उसकीी समझ केे लि�ए सत्य केे खजाानेे कोो
प्रकट कि�याा। वह कभीी भीी परमेेश्वर कोो ठेे स पहुँँचाानेे सेे डरताा थाा, लेेकि�न अब एक पाापीी केे रूप मेंं
उसकीी स्थि�ति� काा अपरााध बोोध उस पर ऐसेे हाावीी जैैसाा पहलेे कभीी नहींं� हुआ थाा।
पााप सेे मुुक्त होोनेे और परमेेश्वर केे सााथ मेेल रखनेे कीी तीीव्र इच्छाा नेे उसेे अंंत मेंं एक मठ मेंं प्रवेेश
करनेे और खुुद कोो एक मठवाासीी जीीवन केे लि�ए समर्पि�त करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा। यहांं� उसेे सबसेे
कम मेेहनत करनीी पड़तीी थीी और घर-घर भीीख मांं�गनीी पड़तीी थीी। वह उम्र केे उस पड़ााव मेंं थाा जब
सम्माान और प्रशंं साा कीी सबसेे अधि�क लाालसाा होोतीी हैै, और येे तुुच्छ काार्यय उसकीी स्वााभाावि�क भाावनााओंं
केे लि�ए अत्यंं त अपमाानजनक थेे; परन्तुु उसनेे यह वि�श्वाास करतेे हुए कि� यह उसकेे पाापोंं� केे काारण
आवश्यक थाा, धैैर्ययपूूर्ववक इस अपमाान कोो सहन कि�याा।
खुुद कोो नींं�द सेे वंं चि�त करतेे हुए और अपनेे अल्प भोोजन मेंं बि�तााए गए समय केे लि�ए भीी अप्र-
सन्न होोतेे हुए, उसनेे हर पल जोो उसकेे दैैनि�क कर्ततव्योंं� सेे बख्शाा जाा सकताा थाा, अध्ययन मेंं लगाायाा।
सबसेे बढ़कर वह परमेेश्वर केे वचन केे अध्ययन सेे प्रसन्न होोताा थाा। उसेे कॉॉन्वेंंट कीी दीीवाार सेे बंं धीी
एक बााइबल मि�लीी थीी, और वह अक्सर वहाँँ� जााताा थाा। जैैसेे-जैैसेे उसकेे पााप काा अपरााध बोोध गहरााताा
गयाा, उसनेे अपनेे स्वयंं केे काार्योंं सेे क्षमाा और शांं�ति� प्रााप्त करनेे काा प्रयाास कि�याा। उसनेे अपनेे स्वभााव
कीी उन बुुरााइयोंं� कोो, जि�नसेे मठवाासीी जीीवन कोोई छुु टकााराा नहींं� दि�लाा पाायाा थाा, वश मेंं करनेे केे लि�ए
उपवाास, सतर्कक ताा और कशााघाात द्वााराा प्रयाास करतेे हुए सबसेे कठोोर जीीवन व्यतीीत कि�याा। वह कि�सीी
भीी बलि�दाान सेे पीीछेे नहींं� हटताा थाा जि�सकेे द्वााराा वह हृदय कीी उस पवि�त्रताा कोो प्रााप्त कर सकेे जोो उसेे
परमेेश्वर केे सम्मुुख स्वीीकृृ त ठहराा सकेे । «मैंं वाास्तव मेंं एक पवि�त्र भि�क्षुु थाा,» उसनेे बााद मेंं कहाा,
«और जि�तनाा मैंं व्यक्त कर सकताा हूंं उससेे अधि�क सख्तीी सेे मेेरेे वर्गग केे नि�यमोंं� काा पाालन कि�याा। यदि�
कभीी भि�क्षुु अपनेे भि�क्षुु जैैसेे कर्मोंं सेे स्वर्गग प्रााप्त कर सकताा थाा, तोो मुुझेे नि�श्चि�ित रूप सेे इसकाा हकदाार
होोनाा चााहि�ए थाा। यदि� यह बहुत अधि�क समय तक चलताा, तोो मुुझेे अपनेे आत्मदमन कोो मृृत्युु तक लेे
जाानाा चााहि�ए थाा।” - पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 2, अध्यााय 3। इस कष्टदाायक अभ्याास केे परि�णाामस्वरूप वह
दुर्बबल
ु होो गयाा और उसेे बेेहोोशीी केे दौौरेे पड़नेे लगेे, जि�सकेे प्रभााव सेे वह कभीी भीी पूूरीी तरह सेे ठीीक नहींं�
हुआ। लेेकि�न उसकेे सभीी प्रयाासोंं� केे बाावजूूद उसकीी बोोझि�ल आत्माा कोो कोोई रााहत नहींं� मि�लीी। अंंत
मेंं वह नि�रााशाा केे कगाार पर पहुंंच गयाा।
जब लूूथर कोो लगाा कि� सब कुु छ खोो गयाा हैै, तोो परमेेश्वर नेे उसकेे लि�ए एक मि�त्र और सहाायक
कोो खड़ाा कि�याा। पवि�त्र स्टौौपि�ट््ज़ नेे लूूथर केे मन मेंं परमेेश्वर केे वचन काा प्रकााश डाालाा और उसेे
अपनीी नि�गााह खुुद सेे हटाानेे, परमेेश्वर केे काानूून केे उल्लंं घन केे लि�ए अनंं त दंं ड केे चिं�तन ं कोो रोोकनेे
और अपनेे पााप-क्षमाा करनेे वाालेे उद्धाारकर्ताा� यीीशुु कोो देेखनेे केे लि�ए कहाा। «अपनेे पाापोंं� केे काारण
अपनेे आप कोो पीीड़ाा देेनेे केे बजााय, अपनेे आप कोो मुुक्ति�दााताा कीी बााहोंं� मेंं डााल दोो। उस पर भरोोसाा
लूथर का रोम से अलग होना 87

करोो, उसकेे जीीवन कीी धाार्मि�कताा मेंं, उसकीी मृृत्युु केे प्राायश्चि�ित मेंं. परमेेश्वर केे पुुत्र कोो सुुनोो। वह
आपकोो ईश्वरीीय कृृ पाा काा आश्वाासन देेनेे केे लि�ए मनुुष्य बनाा।” «उससेे प्याार करोो जि�सनेे पहलेे
तुुमसेे प्याार कि�याा थाा।» - पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 2, अध्यााय 4। दयाा केे दूू त नेे इस प्रकाार कहाा। उसकीी
बाातोंं� नेे लूूथर केे मन पर गहरीी छााप छोोड़ीी। लंं बेे समय सेे पोोषि�त भ्रमोंं� केे सााथ कई संं घर्षोंं केे बााद,
वह सत्य कोो समझनेे मेंं सक्षम हुआ, और उसकीी परेे शाान आत्माा कोो शांं�ति� मि�लीी।
लूूथर कोो वि�धि�वत्् पाादरीी बनाायाा गयाा और उसेे मठ सेे वि�टनबर्गग वि�श्ववि�द्याालय मेंं प्रोोफेे सर केे
पद पर बुुलाायाा गयाा। यहाँँ� वह मूूल भााषााओंं मेंं शाास्त्रोंं� काा अध्ययन करनेे लगाा। उसनेे बााइबल पर
व्यााख्याान देेनाा शुुरू कि�याा; और आनन्दि�त श्रोोतााओंं केे समझनेे केे लि�ए भजन संं हि�ताा कीी पुुस्तक,
सुुसमााचाार, और पत्रि�योंं� पर प्रकााश डाालाा गयाा। उसकेे दोोस्त और वरि�ष्ठ, स्टॉॉपि�ट््ज़ नेे उससेे पुुलपि�ट
पर चढ़नेे और परमेेश्वर केे वचन काा प्रचाार करनेे काा आग्रह कि�याा। खुुद कोो मसीीह केे स्थाान पर लोोगोंं�
सेे बाात करनेे केे लि�ए अयोोग्य महसूूस करतेे हुए, लूूथर हि�चकि�चाायाा। लंं बेे संं घर्षष केे बााद हीी वह अपनेे
दोोस्तोंं� कीी यााचनाा केे आगेे झुका ु ा। वह पहलेे सेे हीी पवि�त्र शाास्त्र अच्छीी तरह जाानताा थाा, और परमेेश्वर
काा अनुुग्रह उसपर थाा। उसकीी वााक्पटुुताा नेे उसकेे श्रोोतााओंं कोो मंं त्रमुुग्ध कर दि�याा, जि�स स्पष्टताा और
शक्ति� केे सााथ उसनेे सत्य प्रस्तुुत कि�याा, उसनेे उनकीी समझ कोो आश्वस्त कि�याा, और उसकाा उत्सााह
उनकेे दि�लोंं� कोो छूू गयाा।
लूूथर अभीी भीी रोोमन कैै थोोलि�क कलीीसि�याा काा एक सच्चाा पुुत्र थाा और उसनेे यह नहींं� सोोचाा थाा कि�
वह कभीी और कुु छ भीी होोगाा। परमेेश्वर केे वि�धाान मेंं उसेे रोोम कीी याात्राा केे लि�ए लेे जाायाा गयाा। राास्तेे
मेंं मठोंं� मेंं ठहरतेे हुए, उसनेे अपनीी याात्राा पैैदल ज़ाारीी रखीी। इटलीी मेंं एक कॉॉन्वेंंट मेंं जोो धन-दौौलत,
भव्यताा और वि�लाासि�ताा उसनेे देेखीी, उस पर वह आश्चर्यय सेे भर गयाा। एक रााजसीी रााजस्व केे सााथ
संं पन्न, भि�क्षुु शाानदाार अपाार्टटमेंंट मेंं रहतेे थेे, बहुमूूल्य और सबसेे महंंगेे वस्त्र पहनतेे थेे, और एक
शाानदाार मेेज़ पर भोोजन करतेे थेे। दुःः�खद आशंं कााओंं केे सााथ लूूथर नेे इस दृश्य कीी तुुलनाा अपनेे स्वयंं
केे जीीवन केे आत्मत्यााग और कष्ट सेे कीी। उसकाा मन व्यााकुु ल होोताा जाा रहाा थाा।
अंंत मेंं उसनेे दूू र सेे साात-पहााड़ि�योंं� वाालेे शहर कोो देेखाा।
गहरीी भाावनाा केे सााथ उसनेे खुुद कोो पृृथ्वीी पर दण्डवत कि�याा, और कहाा: «पवि�त्र रोोम, मैंं तुुम्हेंं
सलााम करताा हूंं!» - पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 2, अध्यााय 6। उसनेे शहर मेंं प्रवेेश कि�याा, कलीीसि�यााओंं काा
दौौराा कि�याा, पाादरि�योंं� और भि�क्षुुओं ं द्वााराा दोोहरााई गई अद्भु ् ुत कहाानि�योंं� कोो सुुनाा, और सभीी आवश्यक
धर्ममक्रि�यााओंं काा पाालन कि�याा। हर जगह उसेे ऐसेे दृश्य देेखनेे कोो मि�लेे जि�न्होंं�नेे उसेे वि�स्मय और भय सेे
भर दि�याा। उसनेे देेखाा कि� पाादरि�योंं� केे सभीी वर्गोंं मेंं अधर्मम वि�द्यमाान थाा। उसनेे धर्माा�ध्यक्षोंं� कोो अश्लीील
चुुटकुु लेे सुुनाातेे हुए सुुनाा, और वह उनकीी मि�स्साा केे दौौराान भीी घोोर अपवि�त्रताा पर अत्यंं त घृृणाा सेे भर
गयाा थाा। जैैसेे-जैैसेे वह भि�क्षुुओं ं और नाागरि�कोंं� केे सााथ घुुलाा-मि�लाा, उसकाा साामनाा आनंं द-क्रीीड़ाा,
व्यभि�चाार सेे हुआ। वह जि�धर भीी गयाा, पवि�त्रताा केे स्थाान पर उसेे अपवि�त्रताा मि�लीी। “कोोई सोोच भीी
नहींं� सकताा,” उसनेे लि�खाा, “रोोम मेंं कौौन सेे पााप और कुु ख्याात काार्यय कि�ए जाातेे हैंं; उन पर वि�श्वाास
करनेे केे लि�ए उन्हेंं देेखाा और सुुनाा जाानाा चााहि�ए। उन्हेंं इस प्रकाार कहनेे कीी आदत हैै, ‹यदि� कोोई नरक
हैै, तोो रोोम उस पर बनाा हैै: यह एक रसाातल हैै जहाँँ� सेे हर तरह केे पााप नि�कलतेे हैंं। ‹» - पूूर्वोोक्त.,
पुुस्तक 2, अध्यााय 6।
88 महाान वि�वााद

हााल हीी केे एक आदेेश केे द्वााराा «पि�लाातुुस केे सोोपाान» पर घुुटनोंं� केे बल चढ़नेे वाालेे सभीी लोोगोंं� कोो
पोोप द्वााराा एक रि�याायत काा वाादाा कि�याा गयाा थाा, जि�सकेे बाारेे मेंं कहाा जााताा हैै कि� यहाँँ� सेे हमााराा उद्धा�-
रकर्ताा� रोोमन न्यााय कक्ष सेे बााहर नि�कलनेे पर नीीचेे उतराा थाा और उसेे चमत्काारि�क रूप सेे यरूशलेेम सेे
रोोम तक पहुँँचाायाा गयाा थाा। एक दि�न लूूथर इन सीीढि़�योंं� � पर श्रद्धाापूूर्ववक चढ़ रहाा थाा, तभीी अचाानक गड़-
गड़ााहट जैैसीी एक आवााज़ उससेे यह कहतीी प्रतीीत हुई: «वि�श्‍‍वाास सेे धर्मीी जन जीीवि�त रहेेगाा।» रोोमि�योंं�
1:17। वह झट सेे खड़ाा होो गयाा और लज्जाा और भय सेे उस स्थाान सेे भाागाा। उस पद काा प्रभााव
उसकेे माानस सेे कभीी दूू र नहींं� हुआ। उस समय सेे उसनेे उद्धाार केे लि�ए माानवीीय काार्योंं पर भरोोसाा करनेे
कीी भ्रांं�ति�, और मसीीह केे गुुणोंं� मेंं नि�रंंतर वि�श्वाास कीी आवश्यकताा कोो पहलेे सेे कहींं� अधि�क स्पष्ट
रूप सेे देेखाा। वह पोोपवााद केे भ्रम सेे अवगत होो गयाा, और यह जाागरूकताा हमेेशाा केे लि�ए बनीी रहनेे
वाालीी थीी। जब उसनेे रोोम सेे अपनाा मुँँ�ह फेे र लि�याा तोो उसनेे उसेे अपनेे हृदय सेे भीी दूू र कर दि�याा, और
उस समय सेे अलगााव व्याापक होोताा गयाा, जब तक कि� उसनेे रोोमन कैै थोोलि�क कलीीसि�याा केे सााथ सभीी
संं बंं ध नहींं� तोोड़ दि�ए।
रोोम सेे लौौटनेे केे बााद, लूूथर नेे वि�टनबर्गग वि�श्ववि�द्याालय सेे धर्ममज्ञ कीी उपााधि� प्रााप्त कीी। अब वह
पवि�त्रशाास्त्र केे प्रति�, जोो उसेे प्रि�याा थाा, अपनेे आप कोो समर्पि�त करनेे केे लि�ए स्वतंं त्र थाा, जैैसाा कि� पहलेे
कभीी नहींं� थाा। उसनेे अपनेे जीीवन केे सभीी दि�नोंं� मेंं पोोप केे कथनोंं� और सि�द्धांं�तोंं� पर नहींं�, बल्कि� परमेे-
श्वर केे वचन काा ध्याानपूूर्ववक अध्ययन करनेे और नि�ष्ठाा केे सााथ प्रचाार करनेे कीी पवि�त्र शपथ लीी थीी।
वह अब माात्र भि�क्षुु याा प्रोोफेे सर नहींं� थाा, बल्कि� बााइबल काा अधि�कृृत दूू त थाा। उसेे परमेेश्वर केे झुंं�ड
कोो चराानेे केे लि�ए एक चरवााहेे केे रूप मेंं बुुलाायाा गयाा थाा, जोो सत्य केे भूूखेे और प्याासेे थेे। उसनेे दृढ़ताा
सेे घोोषणाा कीी कि� मसीीहि�योंं� कोो पवि�त्र शाास्त्र केे प्राामााणि�कताा पर आधाारि�त सि�द्धांं�तोंं� केे अलाावाा कोोई
अन्य सि�द्धांं�त स्वीीकाार नहींं� करनाा चााहि�ए। इन शब्दोंं� नेे पोोप केे वर्चचस्व कीी नींं�व पर प्रहाार कि�याा। उनमेंं
सुुधाार काा महत्वपूूर्णण सि�द्धांं�त नि�हि�त थाा।
लूूथर नेे माानव सि�द्धांं�तोंं� कोो परमेेश्वर केे वचन सेे बढ़कर मााननेे केे खतरेे कोो देेखाा। उसनेे नि�डर
होोकर शि�क्षकोंं� केे परि�कल्पि�त अधर्मम पर आक्षेेप कि�याा और दर्शशन और आध्याात्मवि�द्याा काा वि�रोोध
कि�याा, जि�सकाा लोोगोंं� पर लंं बेे समय सेे नि�यंं त्रण थाा। उसनेे इस तरह केे अध्ययनोंं� कोो न केे वल बेेकाार
बल्कि� हाानि�काारक बताायाा, और अपनेे श्रोोतााओंं केे दि�मााग कोो दाार्शशनि�कोंं� और धर्ममशाास्त्रि�ियोंं� केे कुु तर्कोंं
सेे भवि�ष्यद्वक्तााओंं और प्रेेरि�तोंं� द्वााराा नि�र्धाा�रि�त शााश्वत सत्य कीी ओर मोोड़नेे काा प्रयाास कि�याा।
जोो संं देेश उसनेे उत्सुुक भीीड़ कोो दि�याा जोो उसकेे उसकीी बाातोंं� पर ध्याान देे रहीी थीी अनमोोल थाा।
ऐसीी शि�क्षाा उनकेे काानोंं� मेंं पहलेे कभीी नहींं� पड़ीी थीी। एक उद्धाारकर्ताा� केे प्रेेम कीी खुुशखबरीी, उसकेे प्रा�-
यश्चि�ित लहू केे मााध्यम सेे क्षमाा और शांं�ति� केे आश्वाासन नेे, उनकेे हृदयोंं� कोो आनन्दि�त कर दि�याा और
उनकेे भीीतर एक अमर आशाा कोो प्रेेरि�त कि�याा। वि�टेेनबर्गग मेंं एक प्रकााश चमकाायाा गयाा जि�सकीी कि�रणेंं
पृृथ्वीी केे सुुदूूर हि�स्सोंं� तक पहुंंचनीी थीी, और जि�सेे समय केे अंंत तक और अधि�क प्रज्वलि�त होोनाा थाा।
लेेकि�न प्रकााश और अंंधकाार काा मेेल नहींं� होो सकताा। सत्य और भ्रम केे बीीच एक अदम्य संं घर्षष हैै।
एक कोो बनााए रखनाा और उसकीी रक्षाा करनाा दूू सरेे पर हमलाा करनाा और उसेे उखााड़ फेंंकनाा हैै। हमाारेे
उद्धाारकर्ताा� नेे स्वयंं घोोषणाा कीी: «मैंं मि�लााप कराानेे नहींं�, पर तलवाार चलवाानेे आयाा हूँँ।» मत्तीी 10:34।
धाार्मि�क सुुधाार केे प्राारंंभ केे कुु छ सााल बााद लूूथर नेे कहाा: «परमेेश्वर मेेराा माार्गगदर्शशन नहींं� करताा, वह
लूथर का रोम से अलग होना 89

मुुझेे आगेे बढ़ााताा हैै। वह मुुझेे लेे जााताा हैै। मैंं खुुद काा माालि�क नहींं� हूंं। मैंं आरााम सेे रहनाा चााहताा हूँँ;
लेेकि�न मैंं फेंंक दि�याा जााताा हूंं
उथल-पुुथल और क्रांं�ति�योंं� केे बीीच।” —डीी›ऑबि�ग्नेे, पुुस्तक 5, अध्यााय 2। अब उसेे प्रति�यो�-
गि�ताा मेंं शाामि�ल करनेे केे लि�ए कहाा जाानेे वाालाा थाा।
रोोमन कलीीसि�याा नेे परमेेश्वर केे अनुुग्रह कोो ति�जाारत बनाा दि�याा थाा। उसकीी वेेदि�योंं� केे पाास सर्राा�फोंं�
केे पीीढ़ेे (मत्तीी 21:12) लगााए गए थेे, और हवाा खरीीदाारोंं� और वि�क्रेेतााओंं केे शोोर सेे गूंं�जतीी थीी। रोोम
मेंं सेंंट पीीटर्सस चर्चच केे नि�र्माा�ण केे लि�ए धन जुुटाानेे कीी यााचि�काा केे तहत, पोोप केे अधि�काार द्वााराा पााप केे
लि�ए रि�याायतेंं साार्ववजनि�क रूप सेे बि�क्रीी केे लि�ए पेेश कीी गई थींं�। अपरााध कीी कीीमत सेे परमेेश्वर कीी
उपाासनाा केे लि�ए एक मंं दि�र बनाायाा जाानाा थाा—अधर्मम कीी मजदूू रीी केे सााथ आधाारशि�लाा रखीी गई!
लेेकि�न रोोम कीी उन्नति� केे लि�ए अपनााए गए सााधनोंं� नेे उसकीी शक्ति� और महाानताा कोो सबसेे घाातक
आघाात पहुँँचाायाा। यह वह थाा जि�सनेे पोोपवााद केे सबसेे दृढ़ संं कल्पीी और सफल शत्रुुओं ं कोो जगाायाा,
और उस लड़ााई काा काारण बनाा जि�सनेे पोोप केे सिं�हां ासन कोो हि�लाा दि�याा और मुुख्य धर्माा�ध्यक्ष केे सि�र
पर ति�हरेे तााज कोो झटकाा दि�याा।
जर्ममनीी मेंं रि�याायतोंं� कीी बि�क्रीी काा संं चाालन करनेे केे लि�ए नि�युुक्त अधि�काारीी - नााम सेे टेेटज़ेेल - कोो
समााज केे खि�लााफ और परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे खि�लााफ सबसेे गंं भीीर अपरााधोंं� काा दोोषीी ठहराायाा गयाा
थाा; लेेकि�न उसकेे अपरााधोंं� केे लि�ए नि�यत सजाा सेे बचनेे केे बााद, उसेे पोोप कीी लााभ पर केंंद्रि�त और
अनैैति�क परि�योोजनााओंं कोो आगेे बढ़ाानेे केे लि�ए नि�योोजि�त कि�याा गयाा। एक अज्ञाानीी, वि�श्वाासपाात्र और
अंंधवि�श्वाासीी प्रजाा कोो धोोखाा देेनेे केे लि�ए उसनेे बड़ेे दुस्सा ु ाहस केे सााथ सबसेे स्पष्ट असत्य कोो दोोहराायाा
और अद्भु ् त
ु कि�स्सेे सुु ना ाए। यदि� उनकेे पाास परमेे श् वर काा वचन होोताा तोो वेे इस प्रकाार धोोखाा न खाातेे।
पोोपतंं त्र केे महत्वााकांं�क्षीी अगुुवोंं� कीी शक्ति� और धन कोो बढ़ाानेे केे लि�ए यह उन्हेंं पोोपतंं त्र केे नि�यंं त्रण मेंं
रखनेे केे लि�ए थाा, कि� बााइबि�ल कोो उनसेे दूू र रखाा गयाा थाा। (देेखेंं जॉॉन सीी. एल. गि�सेेलर, ए कंं पेंंडि�यम
ऑफ एक्लीीसि�एस्टि�कल हि�स्ट्रीी�, भााग 1, परि�च्छेे द 5।)
जैैसेे हीी टेेटज़ेेल नेे एक नगर मेंं प्रवेेश कि�याा, एक दूू त उसकेे आगेे-आगेे गयाा, यह घोोषणाा करतेे
हुए: “परमेेश्वर और पवि�त्र पि�ताा कीी कृृ पाा तुुम्हाारेे द्वाार पर हैै।” —डीी औबि�ग्नेे, पुुस्तक 3, अध्यााय
1। और लोोगोंं� नेे ईशनिं�दां ा करनेे वाालेे पााखंं डीी काा इस तरह स्वाागत कि�याा माानोो वह स्वयंं परमेेश्वर होो,
जोो स्वर्गग सेे उनकेे पाास उतर आयाा थाा। कलीीसि�याा मेंं कुु ख्याात लेेन-देेन ज़ाारीी कि�याा गयाा, और टेेटज़ेेल
नेे, पुुलपि�ट पर चढ़तेे हुए, रि�याायतोंं� कीी परमेेश्वर केे सबसेे कीीमतीी उपहाार केे रूप मेंं प्रशंं साा कीी। उसनेे
घोोषणाा कीी कि� उसकेे क्षमाा प्रमााण-पत्र केे आधाार पर ग्रााहक द्वााराा कि�ए जाानेे वाालेे सभीी पाापोंं� कोो क्षमाा
कर दि�याा जााएगाा, और यह कि� «पश्चाातााप भीी आवश्यक नहींं� हैै।»— पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 3, अध्यााय
1। इससेे भीी बढ़कर, उसनेे अपनेे श्रोोतााओंं कोो आश्वाासन दि�याा कि� रि�याायतोंं� मेंं न केे वल जीीवि�त बल्कि�
मृृतकोंं� कोो बचाानेे कीी साामर्थ्यय हैै; कि� जि�स क्षण पैैसाा उसकेे सन्दूू क केे तलेे सेे टकरााकर खनखनााएगाा,
जि�स व्यक्ति� कीी ओर सेे यह भुुगताान कि�याा गयाा थाा, वह पाापशोोधन स्थल सेे बच जााएगाा और स्वर्गग कीी
ओर बढ़ जााएगाा। ((केे .आर. हेेगनबैैक, हि�स्ट्रीी� ऑफ द रि�फॉॉर्मेेशन, खंं ड 1, पृृष् ठ 96 देेखेंं।))
जब जाादूू गर शमौौन नेे प्रेेरि�तोंं� सेे चमत्काार करनेे कीी शक्ति� खरीीदनेे कीी पेेशकश कीी, तोो पतरस नेे उसेे
उत्तर दि�याा: “तेेरेे रुपयेे तेेरेे सााथ नष्ट होंं�, क्योंं�कि� तूू नेे परमेेश्वर काा दाान रुपयोंं� सेे मोोल लेेनेे काा वि�चाार
90 महाान वि�वााद

कि�याा।» प्रेेरि�तोंं� केे कााम 8:20। लेेकि�न टेेटजेेल केे प्रस्तााव कोो हज़ाारोंं� उत्सुुक लोोगोंं� द्वााराा स्वीीकाार कर
लि�याा गयाा। उसकेे भंं डाार मेंं सोोनाा-चाँँ�दीी बहुताायत सेे आनेे लगाा। एक उद्धाार जि�सेे रुपयेे-पैैसेे सेे खरीीदाा
जाा सकताा थाा, उससेे अधि�क आसाानीी सेे प्रााप्त कि�याा जाा सकताा थाा, जि�सकेे लि�ए पश्चाातााप, वि�श्वाास
और पााप काा प्रति�रोोध करनेे और उस पर वि�जय पाानेे केे लि�ए मेेहनतीी प्रयाास कीी आवश्यकताा होोतीी
हैै। (टि�प्पणीी 9 देेखेंं।)
रोोमन कलीीसि�याा मेंं ज्ञाानीी और धर्ममपराायण लोोगोंं� द्वााराा रि�याायतोंं� केे सि�द्धांं�त काा वि�रोोध कि�याा गयाा
थाा, और ऐसेे कई लोोग थेे जि�न्हेंं उन झूठेू े दाावोंं� मेंं वि�श्वाास नहींं� थाा जोो तर्कक और प्रकटीीकरण दोोनोंं� केे
इतनाा वि�परीीत थेे। कि�सीी भीी धर्ममगुुरु नेे इस अधर्मीी लेेन-देेन केे खि�लााफ आवााज़ उठाानेे कीी हि�म्मत नहींं�
कीी; लेेकि�न लोोगोंं� केे मन अशांं�त और बेेचैैन होो रहेे थेे, और बहुतोंं� नेे उत्सुुकताा सेे पूूछाा कि� क्याा परमेे-
श्वर अपनीी कलीीसि�याा कीी शुुद्धि� केे लि�ए कि�सीी सााधन केे मााध्यम सेे कााम नहींं� करेेगाा।
लूूथर, हाालांं�कि� अभीी भीी सबसेे सख्त कि�स्म काा रोोमन कैै थलि�क थाा, रि�याायतोंं� केे सौौदाागरोंं� कीी
धर्ममनिं�दां ात्मक धाारणााओंं केे प्रति� अत्यंं त घृृणाा सेे भर गयाा थाा। उसकीी अपनीी मण्डलीी केे कई लोोगोंं� नेे
क्षमाा केे प्रमााण पत्र खरीीदेे थेे, और वेे जल्द हीी अपनेे वि�भि�न्न पाापोंं� कोो स्वीीकाार करतेे हुए, और मुुक्ति�
कीी उम्मीीद करतेे हुए, इसलि�ए नहींं� कि� वेे पश्चाातााप कर रहेे थेे और सुुधाार कीी काामनाा करतेे थेे, बल्कि�
रि�याायतोंं� केे आधाार पर, अपनेे पाादरीी केे पाास आनेे लगेे। लूूथर नेे उन्हेंं दोोषमुुक्त करनेे सेे मनाा कर
दि�याा, और उन्हेंं चेेताावनीी दीी कि� यदि� वेे पश्चाातााप नहींं� करेंंगेे और अपनेे जीीवन मेंं सुुधाार नहींं� करेंंगेे,
वेे अपनेे पाापोंं� मेंं मर जााएंं गेे। बड़ीी उलझन मेंं वेे इस शि�काायत केे सााथ टेेटज़ेेल केे पाास गए कि� उनकेे
पाापस्वीीकरण-पाादरीी नेे उनकेे प्रमााणपत्रोंं� कोो अस्वीीकाार कर दि�याा हैै; और कुु छ नेे सााहसपूूर्ववक मांं�ग कीी
कि� उनकाा पैैसाा उन्हेंं वाापस कर दि�याा जााए। भि�क्षुु क्रोोध सेे भर गयाा। उसनेे सबसेे भयाानक शााप दि�ए,
साार्ववजनि�क चौौकोंं� मेंं आग लगवााई, और घोोषणाा कीी कि� उसेे «पोोप सेे एक आदेेश मि�लाा थाा कि� वह उन
सभीी वि�धर्मि�योंं� कोो जलाा देे जोो उसकेे सबसेे पवि�त्र रि�याायतोंं� काा वि�रोोध करनेे कीी धृृष् टताा करतेे थेे।» -
डीी›ऑबि�ग्नेे, पुुस्तक 3, अध्यााय 4।
लूूथर नेे अब सच्चााई केे हि�माायतीी केे रूप मेंं अपनेे काार्यय मेंं सााहसपूूर्ववक प्रवेेश कि�याा। उसकीी सम्मति�
कोो गंं भीीर चेेताावनीी मेंं उपदेेश-मंं च सेे सुुनाा गयाा थाा। उसनेे लोोगोंं� केे साामनेे पााप काा घि�नौौनाा स्वरूप
रखाा, और उन्हेंं सि�खाायाा कि� मनुुष्य केे लि�ए, अपनेे स्वयंं केे काार्योंं सेे, अपनेे अपरााध कोो कम करनाा याा
उसकेे दंंड सेे बचनाा असंं भव हैै। परमेेश्वर केे प्रति� पश्चाातााप और मसीीह मेंं वि�श्वाास केे अलाावाा कुु छ
भीी पाापीी कोो नहींं� बचाा सकताा। मसीीह काा अनुुग्रह खरीीदाा नहींं� जाा सकताा; यह एक मुुफ्त उपहाार हैै।
उन्होंं�नेे लोोगोंं� कोो सलााह दीी कि� वेे रि�याायतोंं� कोो खरीीदनेे कीी कोोशि�श न करेंं, बल्कि� वि�श्वाास मेंं एक क्रूूस
पर चढ़ााए गए उद्धाारक कोो देेखेंं। उसनेे उद्धाार पाानेे केे लि�ए अपमाान और तपस्याा द्वााराा व्यर्थथ प्रयाास मेंं
अपनेे स्वयंं केे दर्ददनााक अनुुभव काा वर्णणन कि�याा, और अपनेे श्रोोतााओंं कोो आश्वाासन दि�याा यह स्वयंं सेे
दृष्टि�ि हटााकर और मसीीह मेंं वि�श्वाास करनेे सेे उसेे शांं�ति� और आनंं द मि�लाा।
जबकि� टेेटज़ेेल नेे अपनाा लेेन-देेन और अपनेे झूठेू े दाावोंं� कोो जाारीी रखाा, लूूथर नेे इन असहनीीय
कुु रीीति�योंं� केे खि�लााफ अधि�क प्रभाावीी वि�रोोध करनाा तय कि�याा। जल्द हीी एक अवसर आयाा। वि�टन-
बर्गग केे ऑल सेंंट्स् चर्चच मेंं कई अवशेेष थेे, जोो कुु छ पवि�त्र दि�नोंं� पर लोोगोंं� केे लि�ए प्रदर्शि�त कि�ए जाातेे
थेे, और उन सभोंं� कोो जोो उस समय गि�रि�जााघर मेंं आतेे थेे और अपनेे पाापोंं� कोो अंंगीीकाार करतेे थेे,
लूथर का रोम से अलग होना 91

उन सभोंं� केे पााप पूूरीी तरह सेे क्षमाा कि�ए जाातेे थेे। इस रीीति� सेे इन दि�नोंं� बड़ीी संं ख्याा मेंं लोोग वहाँँ� जाातेे
थेे। इन अवसरोंं� मेंं सबसेे महत्वपूूर्णण अवसर, ऑल सेंंट्स् पर्वव नि�कट आ रहाा थाा। पि�छलेे दि�न, लूूथर
नेे, उन लोोगोंं� कीी भीीड़ मेंं शाामि�ल होोकर, जोो पहलेे सेे हीी गि�रि�जााघर जाा रहेे थेे, अपनेे दरवााजेे पर एक
लेेखपत्र पोोस्ट कि�याा जि�समेंं रि�याायतोंं� केे सि�द्धांं�त केे खि�लााफ पंं चाानवेे प्रस्तााव थेे। उसनेे अगलेे दि�न, उन
सभीी केे खि�लााफ जोो उन पर सवााल करनाा उपयुुक्त समझतेे थेे, वि�श्ववि�द्याालय मेंं इन लेेखोंं� काा प्रत्युु-
त्तर देेनेे कीी तत्परताा ज़ााहि�र कीी।
उसकेे प्रस्ताावोंं� नेे सर्ववव्याापीी ध्याान आकर्षि�त कि�याा। उन्हेंं पढ़ाा और फि�र सेे पढ़ाा गयाा, और हर दि�शाा
मेंं दोोहराायाा गयाा। वि�श्ववि�द्याालय और पूूरेे शहर मेंं जबरदस्त उत्सााह उत्पन्न हुआ। इन लेेखोंं� केे द्वााराा
यह दि�खाायाा गयाा थाा कि� पााप कीी क्षमाा प्रदाान करनेे और उसकेे दंंड कोो मााफ करनेे कीी शक्ति� पोोप याा
कि�सीी अन्य व्यक्ति� कोो कभीी नहींं� दीी गई थीी। पूूरीी योोजनाा एक तमााशाा थीी, — लोोगोंं� केे अंंधवि�श्वाासोंं� सेे
खेेलकर पैैसेे वसूूलनेे कीी एक चााल, —शैैताान कीी एक युुक्ति� जोो उन सभीी कीी आत्मााओंं कोो नष्ट करनेे
केे लि�ए थीी जोो इसकेे झूठेू े दाावोंं� पर भरोोसाा करतेे थेे। यह भीी स्पष्ट रूप सेे दि�खाायाा गयाा थाा कि� मसीीह
काा सुुसमााचाार कलीीसि�याा काा सबसेे मूूल्यवाान खजाानाा हैै, और यह कि� काा अनुुग्रह, जोो उसमेंं प्रकट कि�याा
गयाा हैै, उन सभीी कोो स्वतंं त्र रूप सेे प्रदाान कि�याा जााताा हैै जोो इसेे पश्चाातााप और वि�श्वाास सेे माँँ�गतेे हैंं।
लूूथर केे लेेखोंं� नेे चर्चाा� कोो चुुनौौतीी दीी; लेेकि�न कि�सीी नेे चुुनौौतीी स्वीीकाार करनेे कीी हि�म्मत नहींं� कीी।
जोो प्रश्न उसनेे प्रस्ताावि�त कि�ए थेे, वेे कुु छ हीी दि�नोंं� मेंं पूूरेे जर्ममनीी मेंं फैै ल गए, और कुु छ हीी हफ्तोंं� मेंं
वेे पूूरेे मसीीहीी जगत मेंं सुुनााई देेनेे लगेे। कई समर्पि�त रोोमनवाादि�योंं� नेे, जि�न्होंं�नेे कलीीसि�याा मेंं व्यााप्त
भयाानक अधर्मम कोो देेखाा थाा और जि�स पर शोोक प्रकट कि�याा थाा, लेेकि�न नहींं� जाानतेे थेे कि� इसकीी
प्रगति� कोो कैै सेे रोोकाा जााए, प्रस्ताावोंं� कोो बड़ेे आनंं द केे सााथ पढ़ाा, और उनमेंं ईश्वर कीी आवााज़ कोो
पहचाानाा। उन्होंं�नेे महसूूस कि�याा कि� रोोम केे पाादरीी केे स्थाान सेे जाारीी भ्रष्टााचाार केे तेेज़ीी सेे बढ़तेे ज्वाार
कोो रोोकनेे केे लि�ए, प्रभुु नेे कृृ पाापूूर्ववक अपनाा हााथ बढ़ाायाा थाा। रााजकुु माारोंं� और जनपदााधीीशोंं� नेे गुुप्त
रूप सेे प्रसन्नताा व्यक्त कीी कि� अभि�माानीी शक्ति� पर एक रोोक लगााई जाानेे वाालीी थीी जि�सनेे अपनेे नि�र्णणयोंं�
केे नि�मि�त्त अपीील केे अधि�काार सेे वंं चि�त कि�याा थाा।
लेेकि�न पााप-प्रेेमीी और अंंधवि�श्वाासीी भीीड़ डर गई थीी क्योंं�कि� उनकेे डर कोो शांं�त करनेे वाालेे कुु तर्कोंं
कोो खत्म कर दि�याा गयाा थाा। चाालााक पाादरीी, अपरााध कोो मंं ज़ूरीू ी देेनेे केे अपनेे कााम मेंं बााधि�त, और
अपनेे लााभ कोो खतरेे मेंं देेखकर, क्रोोधि�त होो गए, और अपनेे झूठेू े दाावोंं� कोो सहीी ठहराानेे केे लि�ए एकत्र
हुए। सुुधाारक कोो द्वेेषपूूर्णण अभि�योोगि�योंं� काा साामनाा करनाा थाा। कुु छ नेे उस पर जल्दबााज़ीी और आवेेग
सेे काार्यय करनेे काा आरोोप लगाायाा। दूू सरोंं� नेे उस पर धृृष् टताा काा आरोोप लगाायाा, यह घोोषणाा करतेे हुए कि�
वह परमेेश्वर द्वााराा नि�र्देेशि�त नहींं� थाा, लेेकि�न गर्वव और बेेतकल्लुुफ़ीी सेे प्रेेरि�त थाा। «कौौन नहींं� जाानताा,»
उसनेे जवााब दि�याा, «कि� एक आदमीी बि�नाा गर्वव केे आवि�र्भाा�व केे , और रोोमांं�चक झगड़ोंं� केे लि�ए
आरोोपि�त हुए बि�नाा, शाायद हीी कभीी कोोई नयाा वि�चाार रखताा हैै? मसीीह और सभीी शहीीदोंं� कोो मौौत केे
घााट क्योंं� उतााराा गयाा? क्योंं�कि� वेे उस समय केे ज्ञाान केे अभि�माानीी ति�रस्काार करनेे वाालेे प्रतीीत होोतेे थेे,
और क्योंं�कि� उन्होंं�नेे पहलेे केे समाान वि�नम्रताापूूर्ववक शकुु न कीी सलााह लि�ए बि�नाा नवीीनतााएँँ उन्नत कींं�।”
उसनेे फि�र सेे घोोषणाा कीी: “मैंं जोो कुु छ भीी करूंंगाा वह मनुुष्य कीी समझदाारीी सेे नहींं�, बल्कि� परमेे-
श्वर कीी सलााह सेे होोगाा। कााम परमेेश्वर काा होो तोो उसेे कौौन रोोकेे गाा? यदि� नहींं� तोो इसेे कौौन आगेे बढ़ाा
92 महाान वि�वााद

सकताा हैै? न मेेरीी, न उनकीी, न हमाारीी; परन्तुु तेेरीी इच्छाा, हेे पवि�त्र पि�ताा, जोो स्वर्गग मेंं हैै।” —पूूर्वोोक्त,
पुुस्तक 3, अध्यााय 6।
यद्यपि� लूूथर कोो परमेेश्वर केे आत्माा द्वााराा अपनाा काार्यय शुुरू करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा गयाा थाा,
लेेकि�न उसेे गंं भीीर संं घर्षोंं केे बि�नाा इसेे आगेे नहींं� बढ़ाानाा थाा। उसकेे शत्रुुओं ं काा ति�रस्काार, उसकेे उद्देेश्योंं�
केे बाारेे मेंं उनकीी गलत व्यााख्याा, और उसकेे चरि�त्र और उद्देेश्योंं� पर उनकेे अन्याायपूूर्णण और द्वेेषपूूर्णण
प्रति�बिं�बं , उस पर एक प्रचंं ड बााढ़ कीी तरह आ गए; और वेे प्रभाावहीीन नहींं� थेे। उसेे वि�श्वाास थाा कि�
कलीीसि�याा और संं स्थााओंं मेंं लोोगोंं� केे गुुरू सुुधाार केे प्रयाासोंं� मेंं उसकेे सााथ खुुशीी-खुुशीी एक होो जााएंं गेे।
उच्च पदोंं� पर बैैठेे लोोगोंं� केे प्रोोत्सााहन केे शब्दोंं� नेे उसेे खुुशीी और आशाा सेे प्रेेरि�त कि�याा थाा। पहलेे सेे
हीी प्रत्यााशाा मेंं उसनेे कलीीसि�याा केे लि�ए एक उज्जवल दि�न कीी शुुरुआत देेखीी थीी। लेेकि�न प्रोोत्सााहन
फटकाार और निं�दां ा मेंं बदल गयाा थाा। कलीीसि�याा और रााज्य दोोनोंं� केे कई गणमाान्य व्यक्ति�योंं� कोो उसकेे
लेेखोंं� कीी सत्यताा पर वि�श्वाास होो गयाा थाा; लेेकि�न उन्हेंं जल्द हीी एहसाास होो गयाा कि� इन सच्चााइयोंं� कोो
स्वीीकाार करनेे सेे बड़ेे बदलााव होोनाा तय थाा। लोोगोंं� कोो प्रबुुद्ध और सुुधाारनाा वस्तुुतःः रोोम केे अधि�काार
कोो कमजोोर करनाा थाा, हज़ाारोंं� धाारााओंं कोो अब उसकेे खजाानेे मेंं बहनेे सेे रोोकनाा थाा, और इस तरह
पोोप संं बंं धीी अगुुवोंं� केे अपव्यय और वि�लाासि�ताा कोो कम करनाा थाा। इसकेे अलाावाा, लोोगोंं� कोो ज़ि�म्मेेदाार
प्रााणीी केे रूप मेंं सोोचनेे और काार्यय करनेे कीी शि�क्षाा, और उद्धाार केे लि�ए अकेे लेे मसीीह कीी ओर देेखनाा,
पोोप केे सिं�हां ासन काा तख्ताा पलट देेताा और अंंततःः उनकेे स्वयंं केे अधि�काार कोो नष्ट कर देेताा। इस
काारण सेे उन्होंं�नेे उस ज्ञाान कोो अस्वीीकाार कर दि�याा जोो उन्हेंं परमेेश्वर केे द्वााराा प्रदाान कि�याा गयाा थाा और
उस व्यक्ति� केे प्रति� अपनेे वि�रोोध केे द्वााराा जि�सेे उसनेे उन्हेंं प्रबुुद्ध करनेे केे लि�ए भेेजाा थाा, उन्होंं�नेे
मसीीह और सच्चााई केे खि�लााफ अपनेे आप कोो व्यवस्थि�त कि�याा।
लूूथर अपनेे आप कोो देेखकर कांं�प उठाा - एक व्यक्ति� पृृथ्वीी कीी सबसेे शक्ति�शाालीी शक्ति�योंं� केे
वि�रुद्ध। उसेे कभीी-कभीी संं देेह होोताा थाा कि� क्याा उसेे परमेेश्वर केे द्वााराा कलीीसि�याा केे अधि�काार केे
वि�रुद्ध स्थाापि�त होोनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा गयाा थाा। «मैंं कौौन थाा,» वह लि�खताा हैै, «पोोप कीी महि�माा
काा वि�रोोध करनेे केे लि�ए, जि�सकेे साामनेे ... पृृथ्वीी केे रााजाा और पूूरीी दुनि�या ु ा कांं�पतीी थीी? कोोई नहींं�
जाान सकताा कि� इन पहलेे दोो वर्षोंं केे दौौराान मेेरेे दि�ल कोो क्याा सहनाा पड़ाा, और कि�स माायूूसीी मेंं, मैंं
कह सकताा हूंं कि� कि�स नि�रााशाा मेंं, मैंं डूू ब गयाा थाा।” —पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 3, अध्यााय 6। लेेकि�न उसेे
पूूरीी तरह सेे नि�रााश होोनेे केे लि�ए नहींं� छोोड़ नहींं� दि�याा गयाा थाा। जब माानव समर्थथन वि�फल होो गयाा, तोो
उसनेे केे वल परमेेश्वर कीी ओर दृष्टि�ि कीी और जाानाा कि� वह उस सर्ववशक्ति�माान भुुजाा काा सुुरक्षि�त रूप
सेे सहााराा लेे सकताा थाा।
धर्मम-सुुधाार केे एक मि�त्र कोो लूूथर नेे लि�खाा: “हम पवि�त्रशाास्त्र कीी समझ कोो न तोो अध्ययन सेे
प्रााप्त कर सकतेे हैंं और न हीी बुुद्धि� सेे। आपकाा पहलाा कर्ततव्य प्राार्थथनाा सेे शुुरू करनाा हैै। प्रभुु सेे वि�नतीी
करेंं कि� वह आपकोो, अपनेे महाान अनुुग्रह सेे, अपनेे वचन कीी सच्चीी समझ प्रदाान करेे। परमेेश्वर केे
वचन काा इस वचन केे लेेखक केे अलाावाा कोोई अन्य व्यााख्यााकाार नहींं� हैै, जैैसाा कि� उसनेे स्वयंं कहाा
हैै, ‘वेे सब परमेेश्वर कीी ओर सेे सि�खााए हुए होंं�गेे।’ अपनेे स्वयंं केे परि�श्रम सेे, अपनीी समझ सेे कुु छ
भीी आशाा न रखेंं: केे वल परमेेश्वर पर, और उसकीी आत्माा केे प्रभााव पर भरोोसाा रखेंं। उस व्यक्ति� केे
वचन पर वि�श्वाास करेंं जि�सकेे पाास अनुुभव हैै।” —पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 3, अध्यााय 7। यहांं� उन लोोगोंं�
लूथर का रोम से अलग होना 93

केे लि�ए अत्यधि�क महत्व काा एक सबक हैै जोो महसूूस करतेे हैंं कि� परमेेश्वर नेे उन्हेंं इस समय केे लि�ए
गंं भीीर सत्य दूू सरोंं� केे समक्ष रखनेे केे लि�ए बुुलाायाा हैै। येे सच्चााई शैैताान और उन लोोगोंं� कीी दुश्म ु नीी कोो
भड़कााएगीी जोो उसकेे द्वााराा गढ़ीी गई दंंतकथााओंं सेे प्याार करतेे हैंं। बुुरााई कीी शक्ति�योंं� केे सााथ संं घर्षष मेंं
बुुद्धि� और माानव ज्ञाान कीी तााकत सेे ज्याादाा कुु छ चााहि�ए।
जब शत्रुुओं ं नेे रीीति� और परंंपराा, याा पोोप केे दाावेे और अधि�काार केे प्रति� रुचि� दि�खााई, तोो लूूथर नेे
बााइबल और केे वल बााइबल सेे उनकाा साामनाा कि�याा। यहांं� ऐसेे तर्कक थेे जि�नकाा वेे उत्तर नहींं� देे सकेे ;
इसलि�ए औपचाारि�कताा और अंंधवि�श्वाास केे दाासोंं� नेे उसकेे खूून केे लि�ए मांं�ग कीी, जैैसाा कि� यहूदि�योंं�
नेे मसीीह केे खूून केे लि�ए कि�याा थाा। «वह एक वि�धर्मीी हैै,» रोोमन चि�ल्लााए। “इतनेे भयाानक वि�धर्मीी
कोो एक घंं टेे अधि�क जीीनेे कीी अनुुमति� देेनाा कलीीसि�याा केे खि�लााफ उच्च रााजद्रोोह हैै। उसकेे लि�ए फौौरन
वध-मंं च खड़ाा कि�याा जााए!” —पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 3, अध्यााय 9। लेेकि�न लूूथर उनकेे क्रोोध काा शि�काार
नहींं� हुआ। परमेेश्वर केे पाास उसकेे लि�ए एक काार्यय थाा, और उसकीी रक्षाा केे लि�ए स्वर्गग केे दूू त भेेजेे गए।
हाालाँँ�कि�, बहुत सेे, जि�न्होंं�नेे लूूथर सेे कीीमतीी प्रकााश प्रााप्त कि�याा थाा, उन्हेंं शैैताान केे क्रोोध काा पाात्र बनाायाा
गयाा और सच्चााई केे लि�ए उन्होंं�नेे नि�डर होोकर याातनाा और मृृत्युु काा साामनाा कि�याा।
लूूथर कीी शि�क्षााओंं नेे पूूरेे जर्ममनीी मेंं वि�चाारशीील लोोगोंं� काा ध्याान आकर्षि�त कि�याा। उसकेे उपदेेशोंं�
और लेेखन सेे प्रकााश कीी कि�रणेंं प्रवााहि�त हुईं जि�न्होंं�नेे हजाारोंं� कोो जााग्रत और प्रबुुद्ध कि�याा। एक जीीवि�त
वि�श्वाास मृृत उस औपचाारि�कताा काा स्थाान लेे रहाा थाा जि�सकीी पकड़ मेंं कलीीसि�याा इतनेे लंं बेे समय सेे
थीी। रोोमनवााद केे अन्धवि�श्वाासोंं� सेे लोोगोंं� काा वि�श्वाास प्रति�दि�न कम होोताा जाा रहाा थाा। पूूर्वाा�ग्रह कीी
बााधााएंं कम होो रहीी थींं�। परमेेश्वर काा वचन, जि�सकेे द्वााराा लूूथर नेे हर सि�द्धांं�त और हर दाावेे काा परीीक्षण
कि�याा, दोोधाारीी तलवाार कीी तरह थाा, जोो लोोगोंं� केे दि�लोंं� कोो कााट रहाा थाा। सर्ववत्र आध्याात्मि�क उन्नति� कीी
इच्छाा जाागृृत होो रहीी थीी। हर जगह धाार्मि�कताा कीी ऐसीी भूूख और प्याास थीी जोो सदि�योंं� सेे नहींं� देेखीी गई
थीी। लोोगोंं� काा ध्याान, जोो अब तक माानव संं स्काारोंं� और सांं�साारि�क मध्यस्थोंं� कीी ओर लगाा हुआ थाा, अब
पश्चाातााप और वि�श्वाास मेंं मसीीह कीी ओर उसकेे सूूलीी पर चढ़ााए जाानेे कीी ओर आकर्षि�त होो रहाा थाा।
इस व्याापक दि�लचस्पीी नेे पोोप संं बंं धीी अधि�काारि�योंं� केे डर कोो और भीी बढ़ाा दि�याा। लूूथर कोो वि�धर्मम
केे आरोोप काा जवााब देेनेे केे लि�ए रोोम मेंं उपस्थि�त होोनेे केे लि�ए एक आह्वााहन पत्र प्रााप्त हुआ। आदेेश
नेे उसकेे दोोस्तोंं� कोो आतंं क सेे भर दि�याा। यीीशुु केे शहीीदोंं� केे लहू मेंं डूू बे,े उस भ्रष्ट शहर मेंं उस पर
खतरनााक रूप सेे मंं डराा रहेे खतरेे कोो वेे भलीी-भांं�ति� जाानतेे थेे। उन्होंं�नेे उसकेे रोोम जाानेे काा वि�रोोध कि�याा
और अनुुरोोध कि�याा कि� वह अपनीी पूूछतााछ जर्ममनीी मेंं होोनेे देे।
यह व्यवस्थाा आखि�रकाार प्रभाावीी होो गई, और माामलेे कीी सुुनवााई केे लि�ए पोोप केे प्रति�नि�धि� कोो
नि�युुक्त कि�याा गयाा। पोोप द्वााराा इस अधि�काारीी कोो बतााए गए नि�र्देेशोंं� मेंं कहाा गयाा थाा कि� लूूथर कोो पहलेे
हीी वि�धर्मीी घोोषि�त कर दि�याा गयाा थाा। इसलि�ए प्रति�नि�धि� कोो «बि�नाा कि�सीी देेरीी केे मुुकदमाा चलाानेे और
वि�वश करनेे» काा आदेेश दि�याा गयाा थाा। « यदि� वह दृढ़ रहाा, और प्रति�नि�धि� उस पर आधि�पत्य स्थाापि�त
करनेे मेंं वि�फल रहाा, तोो उसेे «जर्ममनीी केे हर हि�स्सेे मेंं उस पर मुुकदमाा चलाानेे; उन सभीी कोो जोो उससेे
जुुड़ेे हुए हैंं, उन्हेंं नि�र्वाा�सि�त करनेे, शााप देेनेे और बहि�ष्कृृ त करनेे काा अधि�काार दि�याा गयाा।» —पूूर्वोोक्त,
पुुस्तक 4, अध्यााय 2। और, इसकेे अलाावाा, घाातक वि�धर्मम कोो पूूरीी तरह सेे जड़ सेे उखााड़ फेंंकनेे केे
लि�ए, पोोप नेे अपनेे प्रति�नि�धि� कोो नि�र्देेश दि�याा कि� वह सम्रााट कोो छोोड़कर, कलीीसि�याा याा रााज्य मेंं उन
94 महाान वि�वााद

सभीी कोो, जोो लूूथर और उसकेे अनुुयाायि�योंं� कोो नहींं� पकड़नेे और उन्हेंं रोोम केे प्रति�शोोध केे हवाालेे करनेे
कीी उपेेक्षाा करतेे हैंं, बहि�ष्कृृ त कि�याा जााए।
यहांं� प्रदर्शि�त हैै पोोपतंं त्र कीी सच्चीी भाावनाा। पूूरेे दस्ताावेेज़ मेंं मसीीहीी सि�द्धांं�त याा साामाान्य न्यााय काा
कोोई नि�शाान नहींं� हैै। लूूथर रोोम सेे कााफीी दूू रीी पर थाा; उसेे अपनीी स्थि�ति� स्पष्ट करनेे याा बचााव करनेे
काा कोोई अवसर नहींं� मि�लाा थाा; फ़ि�र भीी उसकेे माामलेे कीी जांं�च सेे पहलेे, उसेे संं क्षेेप मेंं एक वि�धर्मीी
घोोषि�त कि�याा गयाा थाा, और उसीी दि�न, उसेे संं बोोधि�त कि�याा गयाा, आरोोपि�त कि�याा गयाा, जांं�चाा गयाा, और
दंंडि�त कि�याा गयाा; और यह सब कलीीसि�याा याा रााज्य मेंं एकमाात्र सर्वोोच्च, अचूूक प्रााधि�काारीी, स्वयंं भूू
पवि�त्र पाादरीी द्वााराा!
इस समय, जब लूूथर कोो एक सच्चेे मि�त्र कीी सहाानुुभूूति� और सलााह कीी इतनीी अधि�क आवश्यकताा
थीी, परमेेश्वर नेे मेेलंंकथॉॉन कोो वि�टनबर्गग भेेजाा। उम्र मेंं कम, अपनेे व्यवहाार मेंं वि�नम्र और संं कोोचीी,
मेेलंंकथॉॉन केे सहीी नि�र्णणय, व्याापक ज्ञाान और आकर्षषक वााक्पटुुताा, और इसकेे सााथ उसकेे चरि�त्र कीी
पवि�त्रताा और ईमाानदाारीी केे फलस्वरूप उसेे सर्ववव्याापीी प्रशंं साा और सम्माान मि�लाा। उसकेे साामर्थ्यय कीी
प्रति�भाा उसकेे स्वभााव कीी सज्जनताा सेे अधि�क उल्लेेखनीीय नहींं� थीी। वह जल्द हीी सुुसमााचाार काा एक
ईमाानदाार शि�ष्य बन गयाा, और लूूथर काा सबसेे भरोोसेेमंंद दोोस्त और अहम समर्थथक; उसकीी सज्जनताा,
साावधाानीी और सटीीकताा नेे लूूथर केे सााहस और काार्ययशक्ति� केे पूूरक केे रूप मेंं काार्यय कि�याा। कााम मेंं
उनकेे मेेल-जोोल नेे धाार्मि�क सुुधाार कोो सशक्त कि�याा और वह लूूथर केे लि�ए बहुत प्रोोत्सााहन काा स्रोोत थाा।
ऑग्सबर्गग कोो मुुकदमेे कीी जगह केे रूप मेंं तय कि�याा गयाा थाा, और सुुधाारक वहांं� सेे याात्राा करनेे केे
लि�ए पैैदल नि�कल पड़ाा। उसकीी ओर सेे गंं भीीर आशंं कााओंं पर सुुवि�चाार कि�याा गयाा। खुुलेेआम धमकीी
दीी गई थीी कि� राास्तेे मेंं उसेे पकड़ लि�याा जााएगाा और उसकीी हत्याा कर दीी जााएगीी, और उसकेे दोोस्तोंं�
नेे उससेे अनुुरोोध कि�याा कि� वह जोोखि�म न उठााए। उन्होंं�नेे उससेे कुु छ समय केे लि�ए वि�टनबर्गग छोोड़नेे
और उन लोोगोंं� केे सााथ सुुरक्षाा पाानेे काा भीी अनुुरोोध कि�याा जोो खुुशीी सेे उसकीी रक्षाा करेंंगेे। परन्तुु वह
उस पद कोो छोोड़नेे केे लि�ए तैैयाार नहींं� थाा जहाँँ� परमेेश्वर नेे उसेे रखाा थाा। उस पर आनेे वाालेे तूूफाानोंं� केे
बाावजूूद , उसेे सच्चााई कोो ईमाानदाारीी सेे क़ाायम रखनाा ज़ाारीी रखनाा थाा। उसकीी भााषाा थीी: “मैंं यि�र्ममयााह
केे समाान हूंं, संं घर्षषरत और वि�वाादाास्पद व्यक्ति�; लेेकि�न जि�तनीी उनकीी धमकि�यांं� बढ़तीी हैंं, उतनीी हीी
मेेरीी खुुशीी कई गुुनाा बढ़ जाातीी हैै। उन्होंं�नेे मेेरेे सम्माान और मेेरीी प्रति�ष्ठाा कोो पहलेे हीी नष्ट कर दि�याा
हैै। एक हीी बाात रह जाातीी हैै; यह मेेराा मनहूस शरीीर हैै: वेे इसेे लेे लेंं; इस प्रकाार वेे मेेरेे जीीवन-कााल
केे कुु छ घंं टेे कम कर देंंगेे। लेेकि�न जहांं� तक मेेरीी आत्माा काा सवााल हैै, वेे इसेे नहींं� लेे सकतेे। वह जोो
संं साार मेंं मसीीह केे वचन कीी घोोषणाा करनाा चााहताा हैै, उसेे हर पल मृृत्युु कीी प्रत्यााशाा करनीी चााहि�ए।”
—पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 4, अध्यााय 4।
ऑग्सबर्गग मेंं लूूथर केे आगमन कीी खबर सेे पोोप काा प्रति�नि�धि� बहुत संं तुुष् ट हुआ। परेेशाानीी पैैदाा
करनेे वाालाा वि�धर्मीी जोो पूूरीी दुनि�या ु ा काा ध्याान आकर्षि�त कर रहाा थाा, अब रोोम केे अधि�काार मेंं प्रतीीत
होो रहाा थाा, और प्रति�नि�धि� नेे ठाान लि�याा कि� उसेे बच कर नहींं� नि�कलनाा चााहि�ए। सुुधाारक स्वयंं कोो
आधि�काारि�क सुुरक्षाा प्रदाान करनेे मेंं वि�फल रहाा थाा। उसकेे दोोस्तोंं� नेे उसेे बि�नाा आधि�काारि�क सुुरक्षाा केे
प्रति�नि�धि� केे साामनेे न आनेे काा आग्रह कि�याा, और उन्होंं�नेे स्वयंं सम्रााट सेे इसेे प्रााप्त करनेे काा बीीड़ाा
उठाायाा। प्रति�नि�धि� काा इराादाा लूूथर कोो, यदि� संं भव होो तोो, पीीछेे हटनेे केे लि�ए, याा इसमेंं वि�फल होोनेे
लूथर का रोम से अलग होना 95

पर, उसेे रोोम मेंं लेे जााए जाानेे केे लि�ए, हस और जेेरोोम केे भााग्य कोो सााझाा करनेे केे लि�ए मजबूूर
करनाा थाा। इसलि�ए अपनेे काारिं�ंदोंं� केे मााध्यम सेे उसनेे लूूथर कोो उसकीी दयाा पर भरोोसाा करतेे हुए,
आधि�काारि�क सुुरक्षाा केे बि�नाा प्रकट होोनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करनेे काा प्रयाास कि�याा। सुुधाारक नेे ऐसाा करनेे
केे लि�ए दृढ़ताा सेे मनाा कर दि�याा। जब तक उसेे शााहीी सुुरक्षाा काा प्रति�ज्ञाा पत्र नहींं� मि�लाा, वह पोोप केे
प्रति�नि�धि� केे साामनेे प्रस्तुुत नहींं� हुआ।
नीीति� केे संं दर्भभ मेंं, रोोमनवाादि�योंं� नेे नम्रताा कीी प्रतीीति� द्वााराा लूूथर कोो जीीतनेे काा प्रयाास करनेे काा
नि�र्णणय लि�याा थाा। प्रति�नि�धि� नेे, उसकेे सााथ अपनेे सााक्षाात्काार मेंं, महाान मि�त्रताा काा दाावाा कि�याा; लेेकि�न
उसनेे मांं�ग कीी कि� लूूथर परोोक्ष रूप सेे कलीीसि�याा केे अधि�काार केे अधीीन होो जााए, और बि�नाा तर्कक याा
प्रश्न केे हर मुुद्देे पर हाार माान लेे। उसनेे उस व्यक्ति� केे चरि�त्र काा ठीीक-ठीीक अनुुमाान नहींं� लगाायाा थाा
जि�सकेे सााथ उसेे काार्ययवााहीी करनीी थीी। जवााब मेंं, लूूथर नेे कलीीसि�याा केे लि�ए अपनाा सम्माान, सत्य केे
लि�ए अपनीी अभि�लााषाा, जोो कुु छ उसेे सि�खाायाा थाा, उससेे संं बंं धि�त सभीी आपत्ति�योंं� काा जवााब देेनेे कीी
उसकीी तत्परताा, और कुु छ प्रमुुख वि�श्ववि�द्याालयोंं� केे नि�र्णणय केे लि�ए अपनेे सि�द्धांं�तोंं� कोो प्रस्तुुत करनेे केे
लि�ए अपनीी इच्छाा व्यक्त कीी। लेेकि�न सााथ हीी उसनेे काार्डि�नल द्वााराा उसेे गलत सााबि�त कि�ए बि�नाा उससेे
रााय वाापस लेेनेे कीी अपेेक्षाा कर रहीी काार्ययवााहीी काा वि�रोोध कि�याा।
एकमाात्र प्रति�क्रि�याा थीी: «रााय वाापस लोो!» सुुधाारक नेे दि�खाायाा कि� उसकीी स्थि�ति� पवि�त्र शाास्त्र
द्वााराा काायम थीी और दृढ़ताा सेे घोोषि�त कि�याा कि� वह सत्य काा त्यााग नहींं� कर सकताा। लूूथर केे तर्कोंं
काा उत्तर देेनेे मेंं असमर्थथ, प्रति�नि�धि� नेे, सुुधाारक कोो भर्त्ससनाा, उपहाास और चाापलूूसीी, बीीच-बीीच
मेंं पाादरि�योंं� केे प्रवचनोंं� और परंं पराा सेे उद्धरणोंं� केे तूूफाान सेे अभि�भूूत कर दि�याा, जि�ससेे उसेे बोोलनेे
काा कोोई अवसर नहींं� मि�लाा। यह देेखतेे हुए कि�, इस रीीति� सेे ज़ाारीी रहाा वाार्ताा�लााप, पूूरीी तरह सेे
नि�रर्थथक होोगाा, लूूथर नेे अंंततःः लि�खि�त रूप मेंं अपनाा उत्तर प्रस्तुुत करनेे केे लि�ए अनि�च्छुु क अनुुमति�
प्रााप्त कीी।
“ऐसाा करनेे सेे,” उसनेे एक मि�त्र कोो लि�खतेे हुए कहाा, “उत्पीीड़ि�तोंं� कोो दुगु नाा लााभ मि�लताा हैै;
सबसेे पहलेे, जोो लि�खाा हैै उसेे दूू सरोंं� केे नि�र्णणय केे लि�ए प्रस्तुुत कि�याा जाा सकताा हैै; और दूू सराा, कि�सीी
कोो एक अभि�माानीी और बड़बोोलेे नि�रंंकुुश केे वि�वेेक पर नहींं�, तोो डर पर कााम करनेे काा एक बेेहतर
मौौकाा मि�लताा हैै, जोो अन्यथाा अपनीी अत्यााचाारीी भााषाा सेे हाावीी होो जााएगाा।” - माार्टि�न, द लााइफ एंं ड
टााइम्स ऑफ लूूथर, पेेज 271, 272।
अगलेे सााक्षाात्काार केे समय, लूूथर नेे अपनेे वि�चाारोंं� कीी एक स्पष्ट, संं क्षि�प्त और प्रबल व्यााख्याा
प्रस्तुुत कीी, जोो पूूरीी तरह सेे पवि�त्रशाास्त्र केे कई उद्धरणोंं� द्वााराा समर्थि�त थीी। इस लेेख कोो ज़ोोर सेे पढ़नेे केे
बााद, उसनेे काार्डि�नल कोो सौंं�प दि�याा, जि�सनेे, हाालांं�कि�, इसेे बेेकाार शब्दोंं� और अप्राासंं गि�क उद्धरणोंं� काा
एक संं कलन घोोषि�त करतेे हुए ति�रस्काारपूूर्ववक एक तरफ रख दि�याा। लूूथर, पूूरीी तरह सेे भड़काा हुआ,
अब अभि�माानीी धर्माा�ध्यक्ष काा साामनाा उसीी केे वि�षय कोो लेेकर कि�याा — कलीीसि�याा कीी परंंपरााएँँ और
शि�क्षााएँँ — और उसकीी धाारणााओंं कोो पूूरीी तरह सेे उलट दि�याा।
जब धर्माा�ध्यक्ष नेे देेखाा कि� लूूथर कीी ताार्कि�क सोोच लााजवााब थीी, उसनेे अपनाा सााराा संं यम खोो दि�याा,
और गुुस्सेे मेंं चि�ल्लाायाा: «रााय वाापस लोो! याा मैंं तुुम्हेंं तुुम्हाारेे माामलेे काा संं ज्ञाान लेेनेे केे लि�ए नि�युुक्त
न्याायााधीीशोंं� केे साामनेे पेेश होोनेे केे लि�ए रोोम भेेजूंं�गाा। और मैंं तुुम्हेंं और तुुम्हाारेे सभीी पक्षपााति�योंं� कोो,
96 महाान वि�वााद

और उन सभीी कोो बहि�ष्कृृ त कर दूंं�गाा जोो कि�सीी भीी समय तुुम्हााराा समर्थथन करेंंगेे, और उन्हेंं कलीीसि�याा
सेे नि�कााल दूंं�गाा।” और उसनेे अंंत मेंं, एक अभि�माानीी और क्रोोधि�त स्वर मेंं घोोषि�त कि�याा: «रााय वाापस
लोो, याा फि�र न लौौटनाा।” —डीी›ऑबि�ग्नेे, लंं दन संं स्करण, पुुस्तक 4, अध्यााय 8।
सुुधाारक तुुरंंत अपनेे दोोस्तोंं� केे सााथ वाापस होो लि�याा, इस प्रकाार स्पष्ट रूप सेे घोोषि�त करतेे हुए कि� उससेे
कोोई वाापसीी कीी उम्मीीद नहींं� कीी जाानीी चााहि�ए। काार्डि�नल काा यह उद्देश्य े नहींं� थाा। उसनेे खुुद कोो इस संं तोोष

सेे प्रसन्न कि�याा थाा कि� हिं�साा सेे वह लूूथर कोो डराा कर अधीीन कर सकताा हैै। अब, अपनेे समर्थथकोंं� केे सााथ
अकेे लाा, वह अपनीी योोजनााओंं कीी अप्रत्यााशि�त वि�फलताा पर एक-एक कीी तरफ घोोर नि�रााशाा सेे देेखताा हैै।
इस अवसर पर लूूथर केे प्रयाास अच्छेे परि�णाामोंं� सेे अछूू तेे नहींं� थेे। उपस्थि�त बड़ीी सभाा केे पाास दोो
व्यक्ति�योंं� कीी तुुलनाा करनेे, और उनकेे द्वााराा प्रकट कीी गई वि�चाारधााराा केे सााथ-सााथ उनकेे पदोंं� कीी शक्ति�
और सत्यताा कोो परखनेे काा अवसर थाा। कि�तनीी सुुस्पष्ट वि�षमताा! सुुधाारक, सरल, वि�नम्र, दृढ़, सत्य
केे उसकेे पक्ष मेंं होोतेे हुए, परमेेश्वर केे साामर्थ्यय मेंं खड़ाा हुआ थाा; पोोप काा प्रति�नि�धि�, अहंंकाारीी, दबंं ग,
अभि�माानीी और अतर्ककसंं गत, जि�सकेे पाास पवि�त्र शाास्त्र सेे एक भीी तर्कक नहींं� थाा, फि�र भीी साावेेग चि�ल्लाा
रहाा थाा: «रााय वाापस लोो याा सज़ाा केे लि�ए रोोम भेेज दि�ए जााओ।”
हाालांं�कि� लूूथर नेे आधि�काारि�क सुुरक्षाा प्रााप्त कर लीी थीी, रोोमनवाादीी उसेे पकड़नेे और कैै द करनेे कीी
सााजि�श रच रहेे थेे। उसकेे दोोस्तोंं� नेे आग्रह कि�याा कि� चूंं�कि� उसकेे लि�ए अपनेे प्रवाास कोो लंं बाा करनाा
बेेकाार थाा, इसलि�ए उसेे बि�नाा देेर कि�ए वि�टनबर्गग लौौट जाानाा चााहि�ए, और अपनेे इराादोंं� कोो छि�पाानेे
केे लि�ए अत्यधि�क साावधाानीी बरतनीी चााहि�ए। तद्नु् ुसाार वह भोोर होोनेे सेे पहलेे घोोड़ेे पर सवाार होोकर
ऑग्सबर्गग सेे, केे वल एक माार्गगदर्शशक केे सााथ जोो उसेे जनपदााधीीश द्वााराा जुुटाायाा गयाा थाा, नि�कल पड़ाा।
कई पूूर्वाा�भाासोंं� केे सााथ वह चुुपकेे सेे शहर कीी अंंधेरीे ी और खाामोोश गलि�योंं� सेे होोकर नि�कल लि�याा। शत्रुु,
सतर्कक और क्रूूर, उसकेे वि�नााश कीी सााजि�श रच रहेे थेे। क्याा वह उसकेे लि�ए तैैयाार कि�ए गए फन्दोंं� सेे
बच पााएगाा? वेे चिं�तां ा और गंं भीीर प्राार्थथनाा केे क्षण थेे। वह शहर कीी दीीवाार केे एक छोोटेे सेे फााटक पर
पहुंंचाा। यह उसकेे लि�ए खोोल दि�याा गयाा थाा, और वह अपनेे माार्गगदर्शशक केे सााथ बि�नाा कि�सीी बााधाा केे
वहांं� सेे पाार होो गयाा। एक बाार सुुरक्षि�त रूप सेे बााहर जाानेे केे बााद, पलाायकोंं� नेे अपनीी उड़ाान तेेज़ कर
दीी, और इससेे पहलेे कि� प्रति�नि�धि� कोो लूूथर केे जाानेे काा पताा चलताा, वह अपनेे उत्पीीड़कोंं� कीी पहुंंच सेे
बााहर थाा। शैैताान और उसकेे दूू त हाार गए। जि�स मनुुष्य कोो उन्होंं�नेे अपनेे अधीीन समझ लि�याा थाा, वह
ऐसेे बच कर नि�कल गयाा थाा जैैसेे एक पक्षीी चि�ड़ीीमाार केे फन्देे सेे बच नि�कलताा हैै।
लूूथर केे भाागनेे कीी खबर सुुनकर प्रति�नि�धि� आश्चर्यय और क्रोोध सेे भर गयाा। कलीीसि�याा केे इस
वि�घ्नहर्ताा� सेे नि�पटनेे मेंं उसकीी बुुद्धि� और दृढ़ताा केे लि�ए उसेे बहुत सम्माान मि�लनेे कीी उम्मीीद थीी; लेेकि�न
उसकीी आशाा पर पाानीी फि�र गयाा। लूूथर कीी कटुु निं�दां ा करतेे हुए और मांं�ग करतेे हुए कि� फ्रेेडरि�क
सुुधाारक कोो रोोम भेेज देे याा उसेे सैैक्सोोनीी सेे नि�र्वाा�सि�त कर देे , उसनेे सैैक्सोोनीी केे नि�र्वाा�चक फ्रेेडरि�क कोो
लि�खेे एक पत्र मेंं अपनेे क्रोोध कीी अभि�व्यक्ति� कीी।
बचााव मेंं, लूूथर नेे आग्रह कि�याा कि� प्रति�नि�धि� याा पोोप उसेे पवि�त्रशाास्त्र सेे उसकीी त्रुुटि�यांं� दि�खााएंं ,
और उसकेे सि�द्धांं�तोंं� कोो परमेेश्वर केे वचन काा खण्डन करतेे पााए जाानेे कीी सूूरत मेंं उसनेे अपनेे सि�द्धांं�तोंं�
कोो त्याागनेे केे लि�ए खुुद कोो दृढ़ताापूूर्ववक प्रति�ज्ञााबद्ध कि�याा। और उसनेे परमेेश्वर केे प्रति� अपनीी कृृ तज्ञताा
व्यक्त कीी कि� वह इतनेे पवि�त्र काार्यय मेंं कष्ट उठाानेे केे योोग्य समझाा गयाा थाा।
लूथर का रोम से अलग होना 97

नि�र्वाा�चक कोो अभीी तक सुुधाारि�त सि�द्धांं�तोंं� काा बहुत कम ज्ञाान थाा, लेेकि�न वह लूूथर केे शब्दोंं� कीी
स्पष्टताा, शक्ति� और स्पष्टताा सेे बहुत प्रभाावि�त हुआ, और जब तक सुुधाारक कोो गलत सााबि�त नहींं�
कि�याा जााए, तब तक फ्रेेडरि�क नेे उसकेे रक्षक केे रूप मेंं खड़ेे होोनेे काा संं कल्प लि�याा। प्रति�नि�धि� कीी मांं�ग
केे जवााब मेंं उसनेे लि�खाा: «चूंं�कि� डॉॉ माार्टि�न ऑग्सबर्गग मेंं आपकेे साामनेे पेेश हुए हैंं, इसलि�ए आपकोो
संं तुुष् ट होोनाा चााहि�ए। हमेंं उम्मीीद नहींं� थीी कि� आप उसेे उसकीी गलति�योंं� केे बाारेे मेंं आश्वस्त कि�ए बि�नाा
उसेे उसकीी रााय वाापस लेेनेे केे लि�ए बााध्य करनेे काा प्रयाास करेंंगेे। हमाारीी रि�याासत मेंं कि�सीी भीी वि�द्वाान
व्यक्ति� नेे मुुझेे सूूचि�त नहींं� कि�याा हैै कि� माार्टि�न काा सि�द्धांं�त अधर्मीी, मसीीहीी वि�रोोधीी याा वि�धर्मीी हैै। «
इसकेे अलाावाा, नि�र्वाा�चक नेे लूूथर कोो रोोम भेेजनेे याा उसेे उसकेे रााज्योंं� सेे नि�ष्काासि�त करनेे सेे इनकाार
कर दि�याा। - डीी›ऑबि�ग्नेे, पुुस्तक 4, अध्यााय 10।
नि�र्वाा�चक नेे देेखाा कि� समााज केे नैैति�क बंं धनोंं� काा साार्ववजनि�क पतन होो रहाा थाा। सुुधाार केे एक
महाान काार्यय कीी आवश्यकताा थीी। यदि� मनुुष्य नेे परमेेश्वर कीी शर्तोंं और एक प्रबुुद्ध अंंतराात्माा कीी
आज्ञााओंं कोो स्वीीकाार कर लि�याा होोताा और उनकाा पाालन कि�याा होोताा, तोो अपरााध कोो रोोकनेे और दंंडि�त
करनेे केे लि�ए जटि�ल और महंंगीी व्यवस्थाा अनाावश्यक होोतीी। उसनेे देेखाा कि� लूूथर इस लक्ष्य कोो प्रााप्त
करनेे केे लि�ए परि�श्रम कर रहाा थाा, और वह गुुप्त रूप सेे खुुश थाा कि� कलीीसि�याा मेंं एक बेेहतर प्रभााव
महसूूस कि�याा जाा रहाा थाा।
उसनेे यह भीी देेखाा कि� वि�श्ववि�द्याालय मेंं एक प्रोोफेे सर केे रूप मेंं लूूथर उल्लेेखनीीय रूप सेे सफल
रहाा। सुुधाारक द्वााराा ऑल सेंंट्स् चर्चच पर अपनेे लेेखोंं� कोो पोोस्ट कि�ए हुए केे वल एक वर्षष हीी बीीताा थाा,
फि�र भीी ऑल सेंंट्स् पर्वव पर गि�रजााघर मेंं आनेे वाालेे तीीर्थथयाात्रि�योंं� कीी संं ख्याा मेंं अभीी सेे हीी बहुत गि�राावट
आई थीी। रोोम उपाासकोंं� और भेंंट सेे वंं चि�त होो गयाा थाा, लेेकि�न उनकाा स्थाान वि�टेेनबर्गग आए एक और
वर्गग, अवशेेषोंं� कीी पूूजाा करनेे केे लि�ए तीीर्थथयाात्रि�योंं� द्वााराा नहींं�, बल्कि� शि�क्षाालयोंं� कोो भरनेे केे लि�ए छाात्रोंं�
द्वााराा भर दि�याा गयाा थाा। लूूथर केे लेेखन नेे हर जगह पवि�त्र शाास्त्र मेंं एक नई दि�लचस्पीी जगााई थीी,
और न केे वल जर्ममनीी केे सभीी हि�स्सोंं� सेे, बल्कि� अन्य देेशोंं� सेे, छाात्रोंं� नेे बड़ीी संं ख्याा मेंं वि�श्ववि�द्याालय
मेंं आनाा शुुरू कि�याा थाा। नवयुुवकोंं� नेे, जोो पहलीी बाार वि�टनबर्गग आए थेे, «स्वर्गग कीी ओर हााथ उठाायाा,
और परमेेश्वर कीी स्तुुति� कीी, कि� इस नगर सेे सत्य काा प्रकााश चमकाा, जैैसाा कि� पुुराानेे समय मेंं सि�य्योोन
सेे चमकाा थाा, और जहांं� सेे यह दूू रस्थ देेशोंं� तक फैै ल गयाा थाा।” - पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 4, अध्यााय 10।
लूूथर अभीी तक केे वल आंंशि�क रूप सेे रोोमनवााद कीी त्रुुटि�योंं� सेे परि�वर्ति�त हुआ थाा। लेेकि�न जब
उसनेे परमेेश्वर केे पवि�त्र वचन कीी तुुलनाा पोोप केे फरमाानोंं� और मूूल सि�द्धाान्तोंं� सेे कीी, तोो वह आश्चर्यय
सेे भर गयाा। «मैंं पोोप केे फरमाान,» उसनेे लि�खाा, «पढ़ रहाा हूँँ, और ... मैंं नहींं� जाानताा कि� पोोप स्वयंं
मसीीह-वि�रोोधीी हैंं, याा उसकाा प्रेेरि�त, इतनेे गलत तरीीकेे सेे मसीीह कोो इन मेंं प्रस्तुुत कि�याा गयाा हैै और
दोोषीी ठहराायाा गयाा हैै।” - पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 5, अध्यााय 1। फि�र भीी इस समय लूूथर अभीी भीी रोोमन
कलीीसि�याा चर्चच काा समर्थथक थाा, और उसनेे यह नहींं� सोोचाा थाा कि� वह कभीी भीी उसकीी सहभाागि�ताा सेे
अलग होोगाा।
सुुधाारक केे लेेखन और उसकेे सि�द्धांं�त मसीीहीी जगत मेंं हर रााष्ट्रर तक फैै ल रहेे थेे। कााम स्वि�ट््जरलैंंड
और हॉॉलैंंड तक फैै ल गयाा। उसकेे लेेखन कीी प्रति�यांं� फ्रांं�स और स्पेेन तक पहुंंच गईं। इंं ग्लैंडं मेंं उसकीी
शि�क्षााओंं कोो जीीवन केे वचन केे रूप मेंं ग्रहण कि�याा गयाा। बेेल्जि�यम और इटलीी तक भीी सत्य प्रसाारि�त
98 महाान वि�वााद

होो चुुकाा थाा। हज़ाारोंं� लोोग अपनीी मृृत्युु जैैसीी मूूढ़ताा सेे जाागृृत होोकर वि�श्वाास केे जीीवन केे आनंं द और
आशाा कीी ओर जाा रहेे थेे।
लूूथर केे हमलोंं� सेे रोोम बहुत हीी क्रोोधि�त होो गयाा, और उसकेे कुु छ कट्टर वि�रोोधि�योंं� द्वााराा, यहांं� तक
कि� कैै थोोलि�क वि�श्ववि�द्याालयोंं� केे वि�द्वाानोंं� द्वााराा भीी घोोषि�त कि�याा गयाा कि� जोो वि�द्रोोहीी भि�क्षुु कीी हत्याा
करेेगाा वह नि�ष्पााप होोगाा। एक दि�न एक अजनबीी, अपनेे कपड़ेे केे नीीचेे पि�स्तौौल छि�पााकर, सुुधाारक केे
पाास पहुंंचाा और पूूछाा कि� वह इस प्रकाार अकेे लाा क्योंं� जााताा थाा। «मैंं परमेेश्वर केे हााथोंं� मेंं हूँँ,» लूूथर नेे
उत्तर दि�याा। «वह मेेरीी तााकत और मेेरीी ढााल हैै। मनुुष्य मेेराा क्याा कर सकताा हैै?” — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक
6, अध्यााय 2। इन शब्दोंं� कोो सुुनकर, अजनबीी केे चेेहरेे काा रंंग उड़ गयाा और वााह ऐसेे भाागाा माानोो
स्वर्गग केे स्वर्गगदूू तोंं� कीी उपस्थि�ति� सेे दूू र भाागाा होो।
रोोम लूूथर केे वि�नााश पर आमाादाा थाा; परन्तुु परमेेश्वर उसकाा बचााव थाा। उसकेे सि�द्धांं�त हर जगह
सुुनेे जाातेे थेे- «कुु टीीर और मठोंं� मेंं, ... रईसोंं� केे महलोंं� मेंं, वि�श्ववि�द्याालयोंं� मेंं, और रााजााओंं केे महलोंं�
मेंं;» और उसकेे प्रयाासोंं� कोो बनााए रखनेे केे लि�ए हर तरफ श्रेेष् ठ जन खड़ेे होो रहेे थेे। — पूूर्वोोक्त.,
पुुस्तक 6, अध्यााय 2।
यह इस समय केे बाारेे मेंं थाा कि� लूूथर नेे हस केे काार्योंं कोो पढ़तेे हुए पाायाा कि� वि�श्वाास द्वााराा धर्मीी
ठहरााए जाानेे काा महाान सत्य, जि�सेे वह स्वयंं बनााए रखनेे और सि�खाानेे कीी कोोशि�श कर रहाा थाा,
बोोहेेमि�यन सुुधाारक द्वााराा समर्थि�त कि�याा गयाा थाा। «हमाारेे पाास सब कुु छ हैै,» लूूथर नेे कहाा, «पॉॉल,
ऑगस्टााइन और मैंं, यह जाानेे बि�नाा हीी हस केे अनुुयाायीी होो गए!» «परमेेश्वर नि�श्चि�ित रूप सेे दुनि�या ु ा
पर दंंड भेेजेगाे ा,» उसनेे आगेे कहाा, «क्योंं�कि� एक सदीी पहलेे उसेे सत्य काा प्रचाार कि�याा गयाा थाा, और
जलाा दि�याा गयाा थाा!» - वि�लीी, पुुस्तक 6, अध्यााय 1
मसीीहीी धर्मम केे सुुधाार कीी ओर सेे सम्रााट और जर्ममनीी केे उच्च पद केे लोोगोंं� कोो संं बोोधि�त एक अपीील
मेंं, लूूथर नेे पोोप केे बाारेे मेंं लि�खाा: «उस व्यक्ति� कोो देेखनाा एक घृृणाास्पद बाात हैै जोो खुुद कोो मसीीह केे
उपााध्यक्ष केे रूप मेंं प्रदर्शि�त करताा हैै, एक ऐसीी भव्यताा प्रदर्शि�त करतेे हुए जि�सकीी बरााबरीी कोोई सम्रााट
नहींं� कर सकताा। क्याा यह दीीन यीीशुु, याा वि�नम्र पतरस कीी तरह होोनाा हैै? वेे कहतेे हैंं, वह जगत काा
स्वाामीी हैै! लेेकि�न मसीीह, जि�सकाा प्रति�नि�धि� होोनेे काा वह दाावाा करताा हैै, नेे कहाा हैै, «मेेराा रााज्य इस
दुनि�या
ु ा काा नहींं� हैै।» क्याा एक पाादरीी काा प्रभुुत्व उसकेे श्रेेष् ठ केे प्रभुुत्व सेे आगेे बढ़ सकताा हैै?» —
डीी›ऑबि�ग्नेे, पुुस्तक 6, अध्यााय 3।
उसनेे वि�श्ववि�द्याालयोंं� केे बाारेे मेंं इस प्रकाार लि�खाा: «मुुझेे बहुत डर हैै कि� वि�श्ववि�द्याालय नरक केे
महाान द्वाार सााबि�त होंं�गेे, जब तक कि� वेे पवि�त्र शाास्त्र कीी व्यााख्याा करनेे और उन्हेंं युुवााओंं केे दि�लोंं� मेंं
उकेे रनेे मेंं कर्ममठताापूूर्ववक परि�श्रम नहींं� करतेे। मैंं कि�सीी कोो भीी सलााह नहींं� देेताा कि� वह अपनेे बच्चेे कोो
ऐसेे स्थाान पर रखेे जहाँँ� पवि�त्रशाास्त्र सर्वोोपरि� नहींं� हैै। प्रत्येेक संं स्थाा काा जि�समेंं मनुुष्य नि�रंंतर परमेेश्वर
केे वचन मेंं व्यस्त नहींं� रहतेे हैंं, भ्रष्ट होो जाानाा तय हैै। « — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 6, अध्यााय 3।
इस अपीील कोो शीीघ्रताा सेे पूूरेे जर्ममनीी मेंं प्रसाारि�त कि�याा गयाा और लोोगोंं� पर इसकाा गहराा प्रभााव
पड़ाा। पूूरेे देेश मेंं हड़कंंप मच गयाा, और सुुधाार कीी पतााकाा केे इर्दद-गि�र्दद समर्थथन करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त
हुए। लूूथर केे वि�रोोधि�योंं� नेे बदलाा लेेनेे कीी इच्छाा सेे उत्तेेजि�त होोतेे हुए पोोप सेे उसकेे खि�लााफ नि�र्णाा�यक
कदम उठाानेे काा आग्रह कि�याा। यह नि�र्णणय लि�याा गयाा कि� उसकेे सि�द्धांं�तोंं� कीी तुुरंंत निं�दां ा कीी जाानीी
लूथर का रोम से अलग होना 99

चााहि�ए। सुुधाारक और उसकेे अनुुयाायि�योंं� कोो सााठ दि�नोंं� काा समय दि�याा गयाा थाा, जि�सकेे बााद, यदि� वेे
पीीछेे नहींं� हटेे, तोो उन सभीी कोो बहि�ष्कृृ त कर दि�याा जाानाा थाा।
सुुधाार केे लि�ए वह एक भयाानक संं कट थाा। सदि�योंं� सेे रोोम द्वााराा घोोषि�त बहि�ष्काार कीी सजाा नेे
शक्ति�शाालीी रााजााओंं कोो आतंं कि�त कर दि�याा थाा; इसनेे शक्ति�शाालीी सााम्रााज्योंं� कोो शोोक और नि�रााशाा सेे
भर दि�याा थाा। जि�नकीी इसनेे निं�दां ा कीी उन्हेंं सभीी केे द्वााराा भय और अत्यंं त घृृणाा केे सााथ देेखाा जााताा
थाा; उन्हेंं अपनेे सााथि�योंं� केे सााथ पाारस्परि�क मेेल जोोल सेे वंं चि�त कर दि�याा जााताा थाा और उनकेे सााथ
अपरााधि�योंं� साा व्यवहाार कि�याा जााताा थाा, तााकि� उन्हेंं ढूंं�ढ कर उनकाा संं हाार कि�याा जाा सकेे । लूूथर उस
पर आनेे वाालेे तूूफाान सेे अनजाान नहींं� थाा; परन्तुु मसीीह पर भरोोसाा करकेे कि� वह उसकाा सहााराा और
ढााल होोगाा, वह दृढ़ रहाा। एक शहीीद केे वि�श्वाास और सााहस केे सााथ उसनेे लि�खाा: «क्याा होोनेे वाालाा हैै
मैंं नहींं� जाानताा, न हीी मुुझेे जााननेे कीी परवााह हैै। प्रहाार कोो जहांं� होोनाा हैै, होो जााए, मैंं नि�र्भभय हूंं। हमाारेे
पि�ताा कीी इच्छाा केे बि�नाा एक पत्ताा भीी नहींं� गि�रताा। तोो वह हमाारीी कि�तनीी परवााह करेेगाा! वचन केे लि�ए
मरनाा एक हल्कीी बाात हैै, क्योंं�कि� जोो वचन देेहधाारीी हुआ, वह स्वयंं मर गयाा। यदि� हम उसकेे सााथ
मरेंंगेे, तोो उसकेे सााथ जीीएंं गेे; और जि�स मेंं सेे होोकर वह हम सेे पहलेे गुुजराा हैै, उसमेंं सेे होोकर गुुजरतेे
हुए हम वहींं� होंं�गेे जहांं� वह हैै और उसकेे सााथ सर्ववदाा वाास करेंंगेे।” — पूूर्वोोक्त., 3डीी लंं दन संं स्करण,
वााल्थर, 1840, पुुस्तक 6, अध्यााय 9।
जब पोोप काा आदेेश लूूथर केे पाास पहुंंचाा, तोो उसनेे कहाा: «मैंं इसेे अपवि�त्र, झूठू माानकर इसकीी
निं�दाा और इसेे आलोोचनाा करताा हूंं। उसमेंं स्वयंं मसीीह कीी निं�दां ा कीी गई हैै। सर्वोोत्तम काार्योंं केे लि�ए इस

तरह केे दुःः�ख सहन करनेे मेंं आनंं दि�त होोताा हूंं। पहलेे सेे हीी मैंं अपनेे दि�ल मेंं अधि�क स्वतंं त्रताा महसूूस
करताा हूँँ; क्योंं�कि� आख़ि�रकाार मैंं जाानताा हूँँ कि� पोोप मसीीह वि�रोोधीी हैै, और उसकाा सिं�हां ासन स्वयंं शैैताान
काा हैै।” —डीी›ऑबि�ग्नेे, पुुस्तक 6, अध्यााय 9।
फि�र भीी रोोम काा शाासनाादेेश प्रभाावहीीन नहींं� थाा। आज्ञााकाारि�ताा कोो लाागूू करनेे केे लि�ए बन्दीीगृृह,
याातनाा और तलवाार शक्ति�शाालीी हथि�याार थेे। पोोप केे आदेेश केे आगेे कमज़ोोर और अंंधवि�श्वाासीी कांं�प
गए; और जबकि� लूूथर केे लि�ए सहाानुुभूूति� थीी, कई लोोगोंं� नेे महसूूस कि�याा कि� जीीवन इतनाा प्रि�य हैै कि�
इसेे सुुधाार केे काारण जोोखि�म मेंं नहींं� डाालाा जाा सकताा हैै। सब कुु छ संं केे त देे रहाा थाा कि� सुुधाारक काा
कााम बंं द होोनेे वाालाा थाा।
लेेकि�न लूूथर अभीी भीी नि�डर थाा। रोोम नेे उसकीी घोोर निं�दां ा कीी, और दुनि�या ु ा देेखतीी रहीी, बि�नाा कि�सीी
संं देेह केे कि� वह नष्ट होो जााएगाा याा झुकने ु े केे लि�ए मजबूूर होो जााएगाा। लेेकि�न अनि�र्ववचनीीय अधि�काार
केे सााथ उसनेे निं�दां ा काा उत्तर निं�दां ा सेे दि�याा और साार्ववजनि�क रूप सेे उसेे हमेेशाा केे लि�ए त्याागनेे केे अपनेे
दृढ़ संं कल्प कीी घोोषणाा कीी। छाात्रोंं�, वि�द्वाानोंं�, और सभीी वर्गोंं केे नाागरि�कोंं� कीी भीीड़ कीी उपस्थि�ति� मेंं
लूूथर नेे पोोप द्वााराा जाारीी कि�ए गए आदेेश, और सााथ हीी कलीीसि�यााई काानूूनोंं�, अध्याादेेशोंं�, और पोोप
कीी शक्ति� कोो बनााए रखनेे वाालेे कुु छ लेेखनोंं� कोो जलाा डाालाा। उसनेे कहाा, «मेेरेे दुश्म ु न मेेरीी कि�तााबोंं� कोो
जलााकर, आम लोोगोंं� केे मन मेंं सत्य केे सि�द्धाान्त कोो चोोट पहुँँचाानेे और उनकीी आत्मााओंं कोो नष्ट करनेे
मेंं सफल हुए हैंं; इस काारण सेे मैंंनेे बदलेे मेंं उनकीी पुुस्तकेंं जलाा डाालींं�। एक गंं भीीर संं घर्षष अभीी शुुरू
हुआ हैै। अब तक मैंं सि�र्फफ पोोप केे सााथ खेेलताा रहाा हूंं। मैंंनेे यह कााम परमेेश्वर केे नााम सेे शुुरू कि�याा
थाा; वह मेेरेे बि�नाा, और उसकेे परााक्रम सेे समााप्त होो जााएगाा।” — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 6, अध्यााय 10।
100 महाान वि�वााद

अपनेे शत्रुुओं ं कीी फटकाार केे लि�ए, जि�न्होंं�नेे उसकेे सि�द्धाान्त कीी कमजोोरीी केे सााथ उसेे ताानाा मााराा,
लूूथर नेे उत्तर दि�याा: «कौौन जाानताा हैै कि� परमेेश्वर नेे मुुझेे नहींं� चुुनाा हैै और नहींं� बुुलाायाा हैै, और यदि�
वेे इस बाात सेे न डरेंं, मेेराा ति�रस्काार करकेे वेे स्वयंं परमेेश्वर कोो तुुच्छ जाानेंंगेे? मि�स्र सेे प्रस्थाान केे समय
मूूसाा अकेे लाा थाा; रााजाा अहााब केे रााज्य मेंं एलि�य्यााह अकेे लाा थाा; यरूशलेेम मेंं यशाायााह अकेे लाा; बााबुुल
मेंं यहेेजकेेल अकेे लाा। परमेेश्वर नेे कभीी भीी महाायााजक याा कि�सीी अन्य महाान व्यक्ति� कोो भवि�ष्यद्व-
क्ताा केे रूप मेंं नहींं� चुुनाा; परन्तुु साामाान्यतयाा उसनेे नि�म्न श्रेेणीी केे और तुुच्छ लोोगोंं� कोो चुुनाा, यहांं� तक
कि� एक बाार आमोोस चरवााहेे कोो भीी। हर युुग मेंं, पवि�त्र लोोगोंं� कोो अपनेे जीीवन केे संं कट मेंं महाान,
रााजााओंं, रााजकुु माारोंं�, यााजकोंं�, और ज्ञाानि�योंं� कोो फटकाारनाा पड़ाा हैै। मैंं यह नहींं� कहताा कि� मैंं भवि�ष्य-
द्वक्ताा हूंं; लेेकि�न मैंं कहताा हूंं कि� उन्हेंं नि�श्चि�ित रूप सेे डरनाा चााहि�ए क्योंं�कि� मैंं अकेे लाा हूंं और वेे बहुत
हैंं। मुुझेे इस बाात काा यक़ीीन हैै, कि� परमेेश्वर काा वचन मेेरेे पाास हैै, और यह उनकेे पाास नहींं� हैै।”—
पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 6, अध्यााय 10.
फि�र भीी यह खुुद केे सााथ एक भयाानक संं घर्षष केे बि�नाा नहींं� थाा कि� लूूथर नेे कलीीसि�याा सेे सुुनि�श्चि�ित
रूप सेे अलग होोनेे काा फैै सलाा कि�याा। यह इस समय केे बाारेे मेंं थाा कि� उसनेे लि�खाा: «मैंं हर दि�न अधि�क
सेे अधि�क महसूूस करताा हूंं कि� बचपन मेंं जोो नि�ष्ठााएंं ग्रहण कीी गईं, उन्हेंं अलग करनाा कि�तनाा मुुश्कि�ल
हैै। ओह, इसनेे मुुझेे कि�तनाा कष्ट पहुँँचाायाा हैै, हाालाँँ�कि� मेेरेे पाास पवि�त्रशाास्त्र थाा, अपनेे आप केे लि�ए
यह उचि�त ठहराानाा कि� मुुझेे पोोप केे खि�लााफ अकेे लेे खड़ेे होोनेे काा सााहस करनाा चााहि�ए, और उसेे मसीीह-
वि�रोोधीी केे रूप मेंं आगेे रखनाा चााहि�ए! मेेरेे हृदय मेंं क्याा-क्याा क्लेेश नहींं� हुए! कि�तनीी बाार मैंंनेे कटुुताा
केे सााथ खुुद सेे ऐसाा सवााल नहींं� पूूछाा जोो पोोप-समर्थथकोंं� केे होोठोंं� पर बाार-बाार आताा थाा: ‹क्याा आप
अकेे लेे बुुद्धि�माान हैंं? क्याा बााकीी सभीी गलत होो सकतेे हैंं? कैै साा रहेेगाा, अगर, आखि�रकाार, यह आप हीी
हैंं जोो गलत हैंं, और जोो अपनेे भ्रम मेंं इतनेे लोोगोंं� कोो शाामि�ल कर रहेे हैंं, जोो फि�र हमेेशाा केे लि�ए शाापि�त
होो जााएंं गेे? इस प्रकाार मैंं अपनेे आप सेे और शैैताान सेे तब तक लड़ाा, जब तक कि� मसीीह नेे अपनेे
अचूूक वचन सेे, मेेरेे हृदय कोो इन शंं कााओंं केे वि�रुद्ध दृढ़ न कर दि�याा।” —माार्टि�न, पृृष् ठ 372, 373।
पोोप नेे लूूथर कोो धमकीी दीी थीी कि� यदि� वह पीीछेे नहींं� हटेेगाा तोो उसेे बहि�ष्कृृ त कर दि�याा जााएगाा,
और इस धमकीी कोो अब पूूराा कि�याा गयाा। रोोमन कलीीसि�याा सेे सुुधाारक केे अंंति�म अलगााव कीी घोोषणाा
करतेे हुए, उस कीी स्वर्गग केे शाापि�त केे रूप मेंं निं�दां ा करतेे हुए, और उसीी दण्डााज्ञाा मेंं उसकेे सि�द्धांं�तोंं� कोो
ग्रहण करनेे वाालोंं� कोो शाामि�ल करतेे हुए, एक नयाा आदेेश आयाा। अब वह पूूरीी तरह सेे महाान प्रति�यो�-
गि�ताा मेंं प्रवेेश मेंं कर चुुकाा थाा।
वि�रोोध उन सभीी केे हि�स्सेे मेंं आताा हैै जि�न्हेंं परमेेश्वर उनकेे समय केे लि�ए वि�शेेष रूप सेे उपयुुक्त
सत्य कोो प्रस्तुुत करनेे केे लि�ए नि�युुक्त करताा हैै। लूूथर केे दि�नोंं� मेंं एक सत्य वचन थाा, - वि�शेेष महत्व
केे उस समय एक सत्य; आज कलीीसि�याा केे लि�ए एक सत्य वचन हैै।
वह जोो उसकीी इच्छाा कीी सलााह केे अनुुसाार सब कुु छ करताा हैै, वह मनुुष्योंं� कोो वि�भि�न्न परि�स्थि�-
ति�योंं� मेंं रखनेे और उन पर उस समय केे लि�ए, जि�समेंं वेे रहतेे हैंं और जि�न परि�स्थि�ति�योंं� मेंं उन्हेंं रखाा
जााताा हैै, वि�शेेष कर्ततव्योंं� कोो नि�र्धाा�रि�त करनेे सेे प्रसन्न हुआ हैै। यदि� वेे उन्हेंं दि�ए गए प्रकााश कोो महत्त्व
देंंगेे, तोो सत्य केे व्याापक वि�चाार उनकेे साामनेे खोोलेे जााएंं गेे। लेेकि�न लूूथर काा वि�रोोध करनेे वाालेे पोोप
समर्थथकोंं� कीी तुुलनाा मेंं सच्चााई आज अधि�कांं�श लोोगोंं� द्वााराा अधि�क वांं�छि�त नहींं� हैै। जैैसाा कि� पूूर्वव युुगोंं� मेंं
लूथर का रोम से अलग होना 101

थाा, परमेेश्वर केे वचन केे बजााय मनुुष्योंं� केे सि�द्धांं�तोंं� और परंंपरााओंं कोो स्वीीकाार करनेे काा वहीी झुका ु ाव
हैै। जोो लोोग इस समय केे लि�ए सत्य प्रस्तुुत करतेे हैंं, उन्हेंं पहलेे सुुधाारकोंं� कीी तुुलनाा मेंं अधि�क समर्थथन
प्रााप्त होोनेे कीी उम्मीीद नहींं� करनीी चााहि�ए। सत्य और त्रुुटि� केे बीीच, मसीीह और शैैताान केे बीीच महाान
वि�वााद, इस दुनि�या ु ा केे इति�हाास केे अंंत तक उग्रताा मेंं वृृद्धि� करेेगाा।
यीीशुु नेे अपनेे चेेलोंं� सेे कहाा: «यदि� तुुम संं साार केे होोतेे, तोो संं साार अपनोंं� सेे प्रेेम रखताा; परन्तुु इस
काारण कि� तुुम संं साार केे नहींं�, वरन्् मैंं नेे तुुम्हेंं संं साार मेंं सेे चुुन लि�याा हैै, इसीी लि�येे संं साार तुुम सेे बैैर
रखताा हैै। जोो बाात मैंं नेे तुुम सेे कहीी थीी, दाास अपनेे स्वाामीी सेे बड़ाा नहींं� होोताा। यदि� उन्होंं�नेे मुुझेे सताायाा,
तोो तुुम्हेंं भीी सतााएँँगेे; यदि� उन्होंं�नेे मेेरीी बाात माानीी, तोो तुुम्हाारीी भीी माानेंंगेे। « यूूहन्नाा 15:19,20। और
दूू सरीी ओर हमाारेे प्रभुु नेे स्पष्ट रूप सेे घोोषणाा कीी: «हााय तुुम पर जब सब मनुुष्य तुुम्हेंं भलाा कहेंं, क्योंं�कि�
उनकेे बााप–दाादेे झूठेू े भवि�ष्यद्वक्‍‍तााओंं केे सााथ भीी ऐसाा हीी कि�याा करतेे थेे।» लूूकाा 6:26। संं साार कीी
आत्माा पहलेे केे समय कीी तुुलनाा मेंं आज मसीीह कीी आत्माा केे सााथ मेेल नहींं� खाातीी हैै, और जोो लोोग
पवि�त्रताा मेंं परमेेश्वर केे वचन काा प्रचाार करतेे हैंं, उन्हेंं उस समय सेे बड़ाा अनुुग्रह प्रााप्त नहींं� होोगाा। सत्य
केे वि�रोोध केे रूप बदल सकतेे हैंं, शत्रुुताा कम स्पष्ट होो सकतीी हैै क्योंं�कि� वह अधि�क गूूढ़ हैै; लेेकि�न वहीी
वि�रोोध अभीी भीी मौौजूूद हैै और समय केे अंंत तक प्रकट होोगाा।
8

सभाा केे समक्ष लूूथर

ए क नयाा सम्रााट, चाार्ल्सस पंं चम, जर्ममनीी केे सिं�हां ासन पर बैैठाा, और रोोम केे दूू त शीीघ्र अपनीी बधााई
प्रस्तुुत करनेे और सम्रााट कोो सुुधाार केे खि�लााफ अपनीी शक्ति� काा उपयोोग करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करनेे
केे लि�ए गए। दूू सरीी ओर, सैैक्सोोनीी केे नि�र्वाा�चक नेे, जि�सकेे प्रति� चाार्ल्सस अपनेे मुुकुुट केे लि�ए कााफीी
हद तक आभाारीी थाा, उससेे आग्रह कि�याा कि� जब तक वह लूूथर कोो सुुनवााई कीी अनुुमति� नहींं� देे , तब
तक लूूथर केे खि�लााफ कोोई कदम नहींं� उठाायाा जााए। इस प्रकाार सम्रााट बड़ीी उलझन और बेेचैैनीी कीी
स्थि�ति� मेंं पड़ गयाा। पोोप समर्थथक लूूथर कोो मृृत्युुदंंड देेनेे केे शााहीी आदेेश सेे कुु छ भीी कम मेंं संं तुुष् ट
होोनेे वाालेे नहींं� थेे। नि�र्वाा�चक नेे दृढ़ताा सेे घोोषणाा कीी थीी कि� «न तोो सम्रााट और न हीी कि�सीी अन्य व्यक्ति�
नेे दि�खाायाा थाा कि� लूूथर केे लेेखन काा खंं डन कि�याा गयाा थाा;» इसलि�ए उसनेे अनुुरोोध कि�याा कि� «डॉॉ
लूूथर कोो आधि�काारि�क सुुरक्षाा प्रदाान कीी जााए, तााकि� वह वि�द्वाान, पवि�त्र और नि�ष्पक्ष न्याायााधीीशोंं� केे
न्याायाालय केे साामनेे पेेश होो सकेे ।»—डीी›ऑबि�ग्नेे, पुुस्तक 6, अध्यााय 11।
सभीी दलोंं� काा ध्याान अब जर्ममन रााज्योंं� कीी सभाा कीी ओर गयाा, जोो चाार्ल्सस केे सााम्रााज्य मेंं प्रवेेश केे
तुुरंंत बााद वर्म्सस मेंं बुुलााई गई थीी। इस रााष्ट्रीी�य सभाा द्वााराा वि�चाार कि�ए जाानेे वाालेे महत्वपूूर्णण रााजनीीति�क
प्रश्न और हि�त थेे; पहलीी बाार जर्ममनीी केे नि�र्वाा�चकोंं� कोो अपनेे युुवाा सम्रााट सेे वि�चाार-वि�मर्शश सभाा मेंं
मि�लनाा थाा। पि�तृृभूूमि� केे सभीी हि�स्सोंं� सेे कलीीसि�याा और रााज्य केे गणमाान्य व्यक्ति� आए थेे। कुु लीीन,
शक्ति�शाालीी, और अपनेे वंं शाानुुगत अधि�काारोंं� केे लि�ए सतर्कक , धर्ममनि�रपेेक्ष सरदाार; रााजसीी पाादरीी, पद
और शक्ति� मेंं अपनीी सचेेत श्रेेष् ठताा सेे प्लाावि�त; दरबाारीी शूूरवीीर और उनकेे सशस्त्र अनुुचर; और
परदेेशोंं� और दूू र देेशोंं� केे रााजदूू त, —वेे सब वर्म्सस मेंं इकट्ठेे हुए। फि�र भीी उस वि�शााल सभाा मेंं जि�स
वि�षय नेे सबसेे गहरीी दि�लचस्पीी जगााई, वह सैैक्सन सुुधाारक काा पक्ष थाा।
चाार्ल्सस नेे पहलेे नि�र्वाा�चक कोो नि�र्देेश दि�याा थाा कि� वह लूूथर कोो अपनेे सााथ सभाा मेंं लााए, जि�सकेे लि�ए
उसनेे उसेे सुुरक्षाा काा आश्वाासन दि�याा थाा, और वि�वाादि�त प्रश्नोंं� पर सक्षम व्यक्ति�योंं� केे सााथ एक मुुक्त चर्चाा� काा
वाादाा कि�याा थाा। लूूथर सम्रााट केे साामनेे पेेश होोनेे केे लि�ए उत्सुुक थाा। उनकाा स्वाास्थ्य इस समय बहुत खरााब
थाा; फि�र भीी उसनेे नि�र्वाा�चक कोो लि�खाा: “यदि� मैंं “यदि� मैंं स्वस्थ अवस्थाा मेंं वर्म्सस जाानेे मेंं असमर्थथ रहाा, तोो
सभा के समक्ष लू 103

मुुझेे बीीमाार अवस्थाा मेंं हीी वहाँँ� लेे जाायाा जााए। क्योंं�कि� यदि� सम्रााट मुुझेे बुुलााताा हैै, तोो मैंं इसमेंं संं देहे नहींं� कर
सकताा कि� यह स्वयंं परमेेश्वर कीी पुुकाार हैै। अगर वेे मेेरेे खि�लााफ हिं�सां ा करनाा चााहतेे हैंं, और यह बहुत संं भव
हैै (क्योंं�कि� यह उनकेे नि�र्देेश केे लि�ए नहींं� हैै कि� वेे मुुझेे पेेश होोनेे काा आदेेश देे रहेे हैंं), मैंं माामलाा प्रभुु केे हााथोंं�
मेंं रखताा हूंं। वह अभीी भीी जीीवि�त हैै और शाासन करताा हैै जि�सनेे तीीन युुवकोंं� कोो जलतीी हुई भट्टीी मेंं सुुरक्षि�त
रखाा। यदि� वह मुुझेे नहींं� बचााएगाा, तोो मेेरेे जीीवन काा कोोई महत्व नहींं� हैै। आइए हम केे वल सुुसमााचाार कोो
दुष्ु टोंं� केे ति�रस्काार केे संं पर्कक मेंं आनेे सेे रोोकेंं, और इसकेे लि�ए अपनाा खूून बहााएंं , क्योंं�कि� डरेे तोो वेे वि�जयीी
होंं�गेे। यह तय करनाा मेेरेे लि�ए नहींं� हैै कि� मेेराा जीीवन याा मेेरीी मृृत्युु सभीी केे उद्धाार मेंं सबसेे अधि�क योोगदाान
देेगीी याा नहींं�। आप मुुझसेे हर बाात कीी उम्मीीद कर सकतेे हैंं... पलाायन और प्रत्यााहाार कोो छोोड़कर। पलाायन
मैंं कर नहींं� सकताा, और प्रत्यााहाार कीी और भीी कम संं भाावनाा हैै।” -पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 7, अध्यााय 1।
जैैसेे हीी वर्म्सस मेंं यह खबर प्रसाारि�त कीी गई कि� लूूथर कोो सभाा केे साामनेे पेेश होोनाा हैै, एक व्याापक
उत्सााह पैैदाा होो गयाा थाा। एलि�एंंडर, पोोप काा प्रति�नि�धि� जि�सेे वि�शेेष रूप सेे माामलाा सौंं�पाा गयाा थाा,
ं और क्रोोधि�त होो गयाा। उसनेे देेखाा कि� इसकाा परि�णााम पोोप संं बंं धीी हि�त केे नि�मि�त्त वि�नााशकाारीी
चिं�ति�त
होोगाा। एक माामलेे कीी जांं�च आरम्भ करनेे केे लि�ए जि�समेंं पोोप नेे पहलेे हीी निं�दां ा कीी सजाा सुुनााई थीी,
संं प्रभुु पोोप केे अधि�काार कीी नि�न्दाा करनाा होोगाा। इसकेे अलाावाा, वह आशंं कि�त थाा कि� इस व्यक्ति� केे
वााक्पटुु और प्रभाावशाालीी तर्कक पोोप केे मनोोरथ सेे कई नि�र्वाा�चकोंं� कोो दूू र कर सकतेे हैंं। इसलि�ए, उसनेे
सबसेे आग्रहपूूर्णण तरीीकेे सेे चाार्ल्सस केे सााथ वर्म्सस मेंं लूूथर कीी उपस्थि�ति� केे खि�लााफ वि�रोोध कि�याा।
लगभग इस समय लूूथर केे बहि�ष्काार कीी घोोषणाा करनेे वाालाा आदेेश प्रकााशि�त हुआ; और इसनेे, पोोप
केे प्रति�नि�धि� केे अभि�वेेदनोंं� केे सााथ, सम्रााट कोो रााज़ीी होोनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा। उसनेे नि�र्वाा�चक कोो
लि�खाा कि� यदि� लूूथर पीीछेे नहींं� हटेेगाा, तोो उसेे वि�टनबर्गग मेंं हीी रहनाा होोगाा।
इस जीीत सेे असंं तुुष् ट, एलि�एंंडर नेे लूूथर कीी निं�दां ा कोो नि�श्चि�ित करनेे केे लि�ए अपनीी पूूरीी तााकत
और चाालााकीी सेे कााम लि�याा। एक बेेहतर अभि�याान केे योोग्य दृढ़ताा केे सााथ, उसनेे सुुधाारक पर
«रााजद्रोोह, वि�द्रोोह, अधर्मम और ईशनिं�दां ा» काा आरोोप लगाातेे हुए, प्रधाानोंं�, धर्माा�ध्यक्षोंं� और सभाा केे
अन्य सदस्योंं� केे ध्याान कीी ओर प्रवृृत्त कि�याा। लेेकि�न पोोप केे प्रति�नि�धि� द्वााराा प्रकट जोोश और जुुनूून नेे
उस भाावनाा कोो बहुत स्पष्ट रूप सेे प्रकट कि�याा जि�सकेे द्वााराा उसेे उकसाायाा गयाा थाा। «वह जोोश और
धर्ममपराायणताा सेे कहींं� अधि�क,» साार्ववजनि�क टि�प्पणीी थीी, «घृृणाा और प्रति�शोोध सेे प्रेेरि�त हैै।» —
पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 7, अध्यााय 1। सभाा केे अधि�कांं�श लोोग लूूथर केे काार्यय काा समर्थथन करनेे केे लि�ए पहलेे
सेे कहींं� अधि�क इच्छुु क थेे।
दुगु नेे उत्सााह केे सााथ एलि�एंंडर नेे सम्रााट सेे पोोप केे आदेेशोंं� कोो क्रि�याान्वि�त करनेे काा आग्रह
कि�याा। लेेकि�न जर्ममनीी केे काानूूनोंं� केे तहत यह रााजकुु माारोंं� कीी सहमति� केे बि�नाा नहींं� कि�याा जाा सकताा
थाा; और, अंंत मेंं पोोप केे प्रति�नि�धि� केे आग्रह सेे वशीीभूूत होोकर, चाार्ल्सस नेे उसेे अपनाा माामलाा सभाा
केे साामनेे पेेश करनेे केे लि�ए कहाा। «यह पोोप केे दूू त केे लि�ए गर्वव काा दि�न थाा। सभाा महाान थीी: लक्ष्य
और भीी बड़ाा थाा। एलि�एंंडर कोो रोोम केे लि�ए यााचनाा करनीी थीी, ... सभीी कलीीसि�यााओंं कीी माँँ� और
उपपत्नीी। « उसेे मसीीहीी जगत कीी इकट्ठीी हुई रि�याासतोंं� केे साामनेे पतरस कीी रि�याासत कोो सहीी ठहराानाा
थाा। «उसकेे पाास वााक्पटुुताा काा उपहाार थाा, और इस अवसर पर उसनेे अपनीी महाानताा सााबि�त करतेे
हुए साामाान्य सेे बेेहतर प्रदर्शशन कि�याा। यह परमेेश्वर कीी ओर सेे थाा कि� रोोम कोो नि�रााकृृ त होोनेे सेे पहलेे
104 महाान वि�वााद

पेेश होो, और सबसेे अधि�क सम्माान्य न्याायााधीीशोंं� कीी उपस्थि�ति� मेंं, उसकेे सबसेे योोग्य वक्तााओंं द्वााराा तर्कक
प्रस्तुुत करेे ।” —वि�लीी, पुुस्तक 6, अध्यााय 4। जोो लोोग सुुधाारक केे पक्ष मेंं थेे, वेे कुु छ आशंं कााओंं
केे सााथ एलि�एंंडर केे भााषण केे प्रभााव कीी प्रतीीक्षाा कर रहेे थेे। सैैक्सोोनीी काा नि�र्वाा�चक उपस्थि�त नहींं�
थाा, लेेकि�न उसकेे नि�र्देेश पर उसकेे कुु छ पाार्षषद पोोप केे प्रति�नि�धि� केे सम्बोोधन कोो लि�पि�बद्ध करनेे केे
लि�ए उपस्थि�त केे लि�ए।
वि�द्वत्ताा और वााक्पटुुताा कीी साारीी शक्ति� केे सााथ, एलि�एंंडर नेे सत्य कोो उखााड़ फेंंकनेे केे लि�ए खुुद कोो
तैैयाार कि�याा। उसनेे लूूथर कोो कलीीसि�याा और रााज्य, जीीवि�त और मृृत, पाादरीी वर्गग और जन-सााधाारण,
समि�ति� और अशाासकीीय मसीीहि�योंं� काा दुश्म ु न कराार देेतेे हुए, उसपर एक केे बााद एक आरोोप लगााए।
«लूूथर केे भ्रम मेंं,» उसनेे घोोषणाा कीी, «एक लााख वि�धर्मि�योंं� केे दहन कोो प्रमााणि�क ठहराानेे केे लि�ए
पर्याा�प्त हैै।»
अंंत मेंं उन्होंं�नेे सुुधाारि�त वि�श्वाास केे अनुुयाायि�योंं� कीी निं�दां ा करनेे काा प्रयाास कि�याा: «येे सभीी लूूथरन
क्याा हैंं? ढीीठ शि�क्षाा-शाास्त्रि�ियोंं�, भ्रष्ट पुुजाारि�योंं�, धूूर्तत भि�क्षुुओं,ं अज्ञाानीी वकीीलोंं�, और अपमाानि�त रईसोंं�
काा एक दल, और वेे आम लोोग जि�न्हेंं उन्होंं�नेे गुुमरााह और वि�कृृ त कि�याा हैै। संं ख्याा, क्षमताा और शक्ति�
केे माामलेे मेंं कैै थोोलि�क पाार्टीी उनसेे कि�तनीी बेेहतर हैै! इस शाानदाार सभाा सेे एक सर्ववसम्मत नि�र्णणय
सीीधेे सााधेे लोोगोंं� कोो प्रबुुद्ध करेेगाा, अवि�वेेकीी कोो चेेताावनीी देेगाा, डगमगाानेे वाालोंं� कोो स्थि�र करेेगाा, और
कमज़ोोरोंं� कोो शक्ति� देेगाा।” - डीी›ऑबि�ग्नेे, पुुस्तक 7, अध्यााय 3।
ऐसेे हथि�याारोंं� सेे हर युुग मेंं सत्य केे पैैरोोकाारोंं� पर हमलेे होोतेे रहेे हैंं। परमेेश्वर केे वचन कीी सीीधीी
और प्रत्यक्ष शि�क्षााओंं कोो प्रमााणि�त भ्रम केे वि�रोोध मेंं प्रस्तुुत करनेे काा सााहस करनेे वाालेे सभीी लोोगोंं� केे
खि�लााफ अभीी भीी वहीी तर्कक दि�ए जाातेे हैंं। «नए सि�द्धांं�तोंं� केे येे प्रचाारक कौौन हैंं?» एक लोोकप्रि�य धर्मम कीी
इच्छाा रखनेे वाालेे आश्चर्यय सेे पूूछतेे हैंं। “वेे अशि�क्षि�त हैंं, संं ख्याा मेंं कम हैंं, और गरीीब वर्गग केे हैंं। फि�र
भीी वेे दाावाा करतेे हैंं कि� उनकेे पाास सत्य हैै, और वेे परमेेश्वर केे चुुनेे हुए लोोग हैंं। वेे नि�र्बुु�द्धि� और धोोखाा
खााए हुए हैंं। हमाारीी कलीीसि�याा संं ख्याा और प्रभााव मेंं कि�तनीी श्रेेष् ठ हैै! हमाारेे बीीच कि�तनेे महाान और
वि�द्वाान लोोग हैंं! हमाारेे पक्ष मेंं कि�तनीी अधि�क शक्ति� हैै!” येे वेे तर्कक हैंं जि�नकाा दुनि�या ु ा पर स्पष्ट प्रभााव
हैै; लेेकि�न वेे वर्ततमाान समय मेंं उतनेे हीी नि�र्णाा�यक हैंं जि�तनेे कि� सुुधाारक केे दि�नोंं� मेंं थेे।
धाार्मि�क सुुधाार, जैैसाा कि� कई लोोग माानतेे हैंं, लूूथर केे सााथ समााप्त नहींं� हुआ। इसेे इस दुनि�या ु ा केे
इति�हाास केे अंंत तक ज़ाारीी रखाा जाानाा हैै। लूूथर केे पाास उस प्रकााश कोो दूू सरोंं� केे लि�ए प्रति�बिं�बि�त ं करनेे
केे लि�ए, जि�सेे परमेेश्वर नेे उसपर प्रकट होोनेे कीी अनुुमति� दीी थीी, एक महाान काार्यय थाा; तौौभीी उसेे वह
साारीी ज्योोति� नहींं� मि�लीी जोो जगत कोो दीी जाानीी थीी। उस समय सेे अब तक, पवि�त्रशाास्त्र पर लगााताार
नयाा प्रकााश चमक रहाा हैै, और नए सत्य लगााताार साामनेे आ रहेे हैंं।
पोोप केे प्रति�नि�धि� केे संं बोोधन नेे सभाा पर गहरीी छााप छोोड़ीी। पोोप केे प्रति�नि�धि� कोो हराानेे केे लि�ए
परमेेश्वर केे वचन केे स्पष्ट और ठोोस सत्य केे सााथ कोोई लूूथर मौौजूूद नहींं� थाा। सुुधाारक केे बचााव काा
कोोई प्रयाास नहींं� कि�याा गयाा। न केे वल उस कीी और उस केे द्वााराा सि�खााए गए सि�द्धांं�तोंं� कीी निं�दां ा करनेे केे
लि�ए, बल्कि� यदि� संं भव होो तोो, वि�धर्मम कोो उखााड़ फेंंकनेे केे लि�ए एक साार्ववजनि�क झुका ु ाव प्रकट हुआ।
रोोम नेे अपनेे उद्देेश्य कीी रक्षाा केे लि�ए सबसेे अनुुकूूल अवसर काा आनंं द लि�याा थाा। जोो कुु छ वह अपनेे
पक्ष मेंं कह सकताा थाा, वह सब कह दि�याा गयाा थाा। लेेकि�न दृश्यमाान जीीत हाार काा संं केे त थीी। अब सेे
सभा के समक्ष लू 105

सत्य और भ्रम केे बीीच काा अंंतर अधि�क स्पष्ट रूप सेे देेखाा जााएगाा, क्योंं�कि� वेे सक्रि�य लड़ााई याा वि�वााद
मेंं शाामि�ल होंं�गेे। उस दि�न सेे रोोम कभीी भीी उतनाा सुुरक्षि�त नहींं� रहेेगाा जि�तनाा वह थाा।
जबकि� सभाा केे अधि�कांं�श सदस्योंं� नेे लूूथर कोो रोोम द्वााराा दंंड केे लि�ए पेेश करनेे मेंं संं कोोच नहींं�
कि�याा होोगाा, उनमेंं सेे कई नेे कलीीसि�याा मेंं मौौजूूदाा भ्रष्टताा कोो देेखाा और उसकीी निं�दां ा कीी, और भ्रष्टा�-
चाार और धर्ममसत्‍‍ताा केे लाालच केे परि�णाामस्वरूप जर्ममन लोोगोंं� द्वााराा झेेलीी जाानेे वाालीी कुु रीीति�योंं� केे दमन
कीी मांं�ग कीी। पोोप केे प्रति�नि�धि� नेे पोोप शाासन कोो सबसेे सकााराात्मक तरीीकेे सेे प्रस्तुुत कि�याा थाा। अब
प्रति�नि�धि� नेे सभाा केे एक सदस्य सेे पोोप केे अत्यााचाार केे प्रभाावोंं� काा सहीी वर्णणन करनेे केे लि�ए कहाा।
भद्र दृढ़ताा केे सााथ, सैैक्सोोनीी केे ड्यूूक जॉॉर्जज उस भव्य सभाा मेंं खड़ाा हुआ और पोोपवााद केे छल और
घि�नौौनेे काामोंं� और उनकेे भयाानक परि�णाामोंं� कोो दि�ल दहलाा देेनेे वाालीी सटीीकताा केे सााथ नि�र्दि�ष्ट कि�याा।
समाापन मेंं उसनेे कहाा:
«येे कुु छ कुु रीीति�यांं� हैंं जोो रोोम केे खि�लााफ आवााज़ उठाातीी हैंं। सभीी शर्मम कोो एक तरफ रख दि�याा
गयाा हैै, और उनकाा एकमाात्र उद्देेश्य हैै ... पैैसाा, पैैसाा, पैैसाा, ... तााकि� वेे उपदेेशक जि�न्हेंं सत्य कीी शि�क्षाा
देेनीी चााहि�येे, और उन्हेंं न केे वल सहन कि�याा जााताा हैै, वरन वेे प्रति�फल भीी पाातेे हैंं, क्योंं�कि� जि�तनाा
बड़ाा उनकाा झूठू , उतनाा हीी अधि�क उनकाा लााभ। यह इस अशुुद्ध सोोतेे सेे हैै कि� ऐसाा गंं दाा पाानीी बहताा
हैै। व्यभि�चाार लोोभ कीी ओर हााथ बढ़ााताा हैै। आह, यह पाादरि�योंं� द्वााराा कि�याा गयाा घोोटाालाा हैै जोो इतनेे
साारेे दीीन लोोगोंं� कोो अनन्त निं�दां ा काा पाात्र बनाा देेताा हैै। एक साार्ववजनि�क सुुधाार कि�याा जाानाा चााहि�ए।”
-पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 7, अध्यााय 4।
पोोप कीी कुु रीीति�योंं� सेे संं बंं धि�त कीी अधि�क सक्षम और जबरन निं�दां ा स्वयंं लूूथर द्वााराा प्रस्तुुत नहींं�
कीी जाा सकतीी थीी; और इस तथ्य नेे कि� वक्ताा सुुधाारक काा दृढ़ शत्रुु थाा उसकेे शब्दोंं� कोो अधि�क
प्रभाावपूूर्णण कि�याा।
यदि� सभाा कीी आँँखेंं खोोलीी जाातींं�, तोो वेे भ्रम केे अंंधकाार केे आर-पाार प्रकााश कीी कि�रणेंं बि�खेेरतेे
हुए और सत्य केे अभि�ग्रहण केे लि�ए दि�मााग और दि�ल खोोलतेे हुए, परमेेश्वर केे स्वर्गगदूू तोंं� कोो अपनेे
बीीच मेंं देेखते।े सत्य और बुुद्धि� केे परमेेश्वर केे साामर्थ्यय नेे हीी सुुधाार केे वि�रोोधि�योंं� कोो भीी नि�यंं त्रि�त कि�याा,
और इस प्रकाार महाान काार्यय केे पूूराा होोनेे काा माार्गग तैैयाार कि�याा। माार्टि�न लूूथर मौौजूूद नहींं� थाा; परन्तुु उस
सभाा मेंं लूूथर सेे बड़ेे एक काा शब्द सुुनाा गयाा।
जर्ममन लोोगोंं� पर पोोप केे कष्टदाायक उत्पीीड़न कीी एक सूूचीी तैैयाार करनेे केे लि�ए सभाा द्वााराा तुुरंंत एक
समि�ति� नि�युुक्त कीी गई। एक सौौ एक वि�शि�ष्टतााओंं वाालीी यह सूूचीी सम्रााट कोो इस अनुुरोोध केे सााथ प्रस्तुुत
कीी गई थीी कि� वह इन कुु रीीति�योंं� केे सुुधाार केे लि�ए तत्कााल उपााय करेेगाा। «कि�तनेे मसीीहीी लोोगोंं� नेे प्रााण
गँँवााए, यााचि�काा-कर्तााओं � ं नेे कहाा, « घोोटाालोंं� केे काारण क्याा लूूट-पााट, क्याा जबरन वसूूलीी, जि�सकेे द्वााराा
मसीीहीी जगत काा आध्याात्मि�क प्रमुुख घि�राा हुआ हैै! यह हमााराा कर्ततव्य हैै कि� हम अपनेे लोोगोंं� कीी बर्बाा�दीी
और अपमाान कोो रोोकेंं। इस काारण सेे हम आपसेे दीीनताा सेे लेेकि�न आग्रहपूूर्ववक अनुुरोोध करतेे हैंं कि�
आप एक साार्ववजनि�क धाार्मि�क सुुधाार काा आदेेश देंं , और इसेे संं पन्न करनेे काा बीीड़ाा उठााएंं ।” -पूूर्वोोक्त.,
पुुस्तक 7, अध्यााय 4।
सभाा नेे अब उनकेे साामनेे सुुधाारक कीी उपस्थि�ति� कीी मांं�ग कीी। एलि�एंंडर कीी मि�न्नतोंं�, वि�रोोधोंं� और
धमकि�योंं� केे बाावजूूद , सम्रााट नेे आख़ि�रकाार सहमति� दीी, और लूूथर कोो सभाा केे साामनेे पेेश होोनेे केे
106 महाान वि�वााद

लि�ए बुुलाायाा गयाा। सुुरक्षि�त स्थाान पर उसकीी वाापसीी सुुनि�श्चि�ित करतेे हुए, आह्वाान-पत्र केे सााथ एक
आधि�काारि�क सुुरक्षाा जाारीी कीी गई। येे एक संं देेशवााहक द्वााराा वि�टनबर्गग लेे जााए गए, जि�सेे उसेे वर्म्सस लेे
जाानेे काा काार्यय सौंं�पाा गयाा थाा।
लूूथर केे मि�त्र भयभीीत और व्यथि�त थेे। उनकेे प्रति� पूूर्वाा�ग्रह और शत्रुुताा कोो जाानतेे हुए, उन्हेंं डर
थाा कि� उसकीी आधि�काारि�क सुुरक्षाा कोो माान्य नहींं� ठहराायाा जााएगाा, और उन्होंं�नेे उससेे अपनेे जीीवन कोो
खतरेे मेंं न डाालनेे काा आग्रह कि�याा। उसनेे उत्तर दि�याा: «पोोप समर्थथक मेेरेे वर्म्सस मेंं आनेे कीी इच्छाा नहींं�
रखतेे, बल्कि� मेेरीी निं�दां ा और मेेरीी मृृत्युु चााहतेे हैंं। यह माायनेे नहींं� रखताा। मेेरेे लि�ए नहींं�, बल्कि� परमेेश्वर
केे वचन केे लि�ए प्राार्थथनाा करोो। भ्रम केे इन अगुुवोंं� पर वि�जय पाानेे केे लि�ए मसीीह मुुझेे अपनीी आत्माा
देेगाा। मैंं अपनेे जीीवन मेंं उनकाा ति�रस्काार करताा हूंं; मैंं अपनीी मृृत्युु सेे उन पर वि�जय प्रााप्त करूंंगाा। वेे
वर्म्सस मेंं मुुझेे पीीछेे हटनेे केे लि�ए मजबूूर करनेे केे बाारेे मेंं व्यस्त हैंं; और यह मेेराा प्रत्यााहाार होोगाा: मैंंनेे
पहलेे कहाा थाा कि� पोोप मसीीह काा प्रति�नि�धि� थाा; अब मैंं दाावाा करताा हूँँ कि� वह हमाारेे प्रभुु काा वि�रोोधीी
और शैैताान काा प्रेेरि�त हैै।” — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 7, अध्यााय 6।
लूूथर कोो अपनीी खतरनााक याात्राा अकेे लेे नहींं� करनीी थीी। शााहीी दूू त केे अलाावाा, उसकेे तीीन सबसेे
अंंतरंंग मि�त्रोंं� नेे उसकेे सााथ जाानेे काा फैै सलाा कि�याा। मेेलांं�कथन नेे उनकेे सााथ जाानेे कीी हाार्दि�क इच्छाा
थीी। उसकाा हृदय लूूथर केे सााथ जुुड़ाा हुआ थाा, और वह बन्दीीगृृह याा मृृत्युु तक भीी, यदि� आवश्यक
होो तोो, उसकाा सााथ देेनेे काा इच्छुु क थाा। लेेकि�न उसकीी यााचनााओंं कोो अस्वीीकाार कर दि�याा गयाा। यदि�
लूूथर मृृत्युु कोो प्रााप्त होो जााताा, तोो सुुधाार कीी आशााएँँ उसकेे युुवाा सहयोोगीी पर केे न्द्रि�त होोनीी थीी। सुुधाारक
नेे मेेलंंकथॉॉन सेे अलग होोतेे हुए कहाा: «यदि� मैंं न लौौटूंं�, और मेेरेे शत्रुु मुुझेे माार डाालेंं, तोो उपदेेश देेतेे
रहनाा, और सत्य मेंं स्थि�र रहनाा। मेेरेे स्थाान पर श्रम करनाा। यदि� तुुम जीीवि�त रहोोगेे, तोो मेेरीी मृृत्युु काा
बहुत कम महत्व होोगाा।” —पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 7, अध्यााय 7। छाात्र और नाागरि�क जोो लूूथर केे प्रस्थाान
केे लि�ए एकत्रि�त हुए थेे बहुत द्रवि�त हुए। एक भीीड़ जि�सकेे दि�लोंं� कोो सुुसमााचाार नेे छुु आ थाा, उसेे रोोतेे
हुए वि�दाा कि�याा। इस प्रकाार सुुधाारक और उसकेे सााथीी वि�टनबर्गग सेे नि�कल पड़ेे।
याात्राा केे दौौराान उन्होंं�नेे देे खाा कि� लोोगोंं� केे मन उदाास पूूर्वाा�भाास सेे पीीड़ि�त थेे। कुु छ शहरोंं� मेंं
उन्हेंं कोोई सम्माान नहींं� दि�याा गयाा। जब वेे राात केे लि�ए रुकेे , तोो एक मि�त्र पाादरीी नेे लूूथर केे साामनेे
एक इताालवीी सुुधाारक, जोो शहीीद होो गयाा थाा, केे चि�त्र कोो पकड़कर अपनाा डर व्यक्त कि�याा।
अगलेे दि�न उन्हेंं पताा चलाा कि� वर्म्सस मेंं लूूथर केे लेेखन कीी निं�ंदाा कीी गई थीी। शााहीी संं देे शवााहक
सम्रााट केे फरमाान कीी घोोषणाा कर रहेे थेे और लोोगोंं� सेे उन नि�षि�द्ध लेेखन काार्योंं कोो मजि�स्ट्रेे�ट
केे पाास लाानेे काा आह्वाान कर रहेे थेे। सभाा मेंं लूूथर कीी सुुरक्षाा केे डर सेे, और यह सोोचकर कि�
पहलेे सेे हीी उसकाा संं कल्प हि�ल सकताा हैै, दूू त नेे पूूछाा कि� क्याा वह अभीी भीी आगेे बढ़नाा चााहताा
थाा। उसनेे उत्तर दि�याा: “यद्यपि� सब नगरोंं� मेंं दोोष लगाायाा जााए, तौौभीी मैंं चलताा रहूंं गाा।” —
पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 7, अध्यााय 7।
एरफर्टट मेंं लूूथर काा सम्माान केे सााथ स्वाागत कि�याा गयाा। नि�हाारतीी हुई भीीड़ सेे घि�राा हुआ, वह
उन गलि�योंं� सेे गुुज़राा जहाँँ� वह अक्सर अपनेे भि�क्षाा मांं�गनेे वाालेे बटुुए केे सााथ जााताा थाा। उसनेे अपनेे
कॉॉन्वेंंट प्रकोोष्ठ काा दौौराा कि�याा, और उन संं घर्षोंं पर वि�चाार कि�याा जि�नकेे मााध्यम सेे अब जर्ममनीी कोो
भर रहाा प्रकााश उसकीी आत्माा पर डाालाा गयाा थीी। उन्हेंं उपदेेश देेनेे काा आग्रह कि�याा गयाा। ऐसाा करनेे
सभा के समक्ष लू 107

केे लि�ए उसेे मनाा कि�याा गयाा थाा, लेेकि�न संं देेशवााहक नेे उसेे अनुुमति� देे दीी, और भि�क्षुु नेे, जि�सेे कभीी
कॉॉन्वेंंट काा टहलुुआ बनाायाा गयाा थाा, अब उपदेेश-मंं च मेंं प्रवेेश कि�याा।
भीीड़ भरीी सभाा मेंं उसनेे मसीीह केे शब्दोंं� सेे कहाा, «तुुम्हेंं शांं�ति� मि�लेे।» «दाार्शशनि�कोंं�, वि�द्वाानोंं� और
लेेखकोंं� नेे मनुुष्योंं� कोो अनन्त जीीवन पाानेे काा माार्गग सि�खाानेे काा प्रयाास कि�याा हैै, और वेे सफल नहींं� हुए
हैंं। मैंं अब आपकोो यह बतााऊंंगाा: परमेेश्वर नेे एक मनुुष्य कोो मरेे हुओंं मेंं सेे जि�लाायाा हैै, प्रभुु यीीशुु
मसीीह, कि� वह मृृत्युु काा नााश करेे, पााप काा नााश करेे, और नरक केे द्वाारोंं� कोो बंं द कर देे। यह उद्धाार काा
काार्यय हैै। मसीीह नेे वि�जय प्रााप्त कर लीी हैै! यह खुुशखबरीी हैै; और हम उसकेे काार्यय केे द्वााराा बचााए गए
हैंं, न कि� हमाारेे काार्यय केे द्वााराा। हमाारेे प्रभुु यीीशुु मसीीह नेे कहाा, ‹तुुम्हेंं शाान्ति� मि�लेे; मेेरेे हााथोंं� कोो देेखोो,
‹अर्थाा�त देेख, हेे मनुुष्य! केे वल मैंं हीी हूंं, जि�स नेे तेेराा पााप उठााकर तुुझेे छुु ड़ाायाा हैै; और अब तुुझेे शाान्ति�
मि�लीी हैै, यहोोवाा कीी यहीी वााणीी हैै।”
उसनेे बोोलनाा ज़ाारीी रखाा, यह दि�खाातेे हुए कि� सच्चाा वि�श्वाास एक पवि�त्र जीीवन सेे प्रकट होोगाा।
«चूंं�कि� परमेेश्वर नेे हमेंं बचाायाा हैै, हम अपनेे काामोंं� कोो इस प्रकाार व्यवस्थि�त करेंं कि� वेे उसेे स्वीीकाार्यय
होंं�। क्याा तुुम अमीीर होो? अपनीी संं पत्ति� सेे कंं गाालोंं� कीी आवश्यकतााओंं कोो पूूराा होोनेे दोो। क्याा तुुम
गरीीब होो? अपनीी सेेवााओंं कोो धनवाानोंं� केे लि�येे स्वीीकाार्यय होोनेे दोो। यदि� तेेराा परि�श्रम केे वल तेेरेे हीी
कााम आताा हैै, तोो जोो सेेवाा तूू परमेेश्वर कोो करनेे काा दि�खाावाा करताा हैै वह झूूठ हैै।” — पूूर्वोोक्त,
पुुस्तक 7, अध्यााय 7।
लोोगोंं� नेे मंं त्रमुुग्ध होोकर सुुनाा। जोो वचन केे भूूखेे थेे उनकेे लि�ए जीीवन कीी रोोटीी तोोड़ीी गई। उनकेे
समक्ष मसीीह कोो पोोप, प्रति�नि�धि�योंं�, सम्रााटोंं� और रााजााओंं सेे बढ़कर गौौरवाान्वि�त कि�याा गयाा। लूूथर नेे
अपनीी खतरनााक स्थि�ति� काा कोोई उल्लेेख नहींं� कि�याा। उसनेे खुुद कोो वि�चाार याा सहाानुुभूूति� काा वि�षय
बनाानेे कीी कोोशि�श नहींं� कीी। मसीीह केे चिं�तन ं मेंं उसनेे स्वयंं कोो भुुलाा दि�याा थाा। केे वल यीीशुु कोो पाापीी केे
मुुक्ति�दााताा केे रूप मेंं प्रस्तुुत करनेे केे प्रयाास मेंं, वह कलवरीी केे मनुुष्य केे पीीछेे छि�प गयाा।
जैैसेे-जैैसेे सुुधाारक अपनीी याात्राा पर आगेे बढ़ाा, उसेे हर जगह बड़ीी दि�लचस्पीी केे सााथ माानाा जाानेे
लगाा। उसकेे चाारोंं� ओर एक उत्सुुक भीीड़ उमड़ पड़ीी, और मैैत्रीीपूूर्णण आवााज़ोंं� नेे उसेे रोोमनवाादि�योंं� केे
उद्देेश्य केे बाारेे मेंं चेेताावनीी दीी। «वेे तुुम्हेंं जलाा देंंगेे,» कुु छ नेे कहाा, «और तुुम्हाारेे शरीीर कोो रााख मेंं बदल
देंंगेे, जैैसाा कि� उन्होंं�नेे जॉॉन हस केे सााथ कि�याा थाा।» लूूथर नेे उत्तर दि�याा, «यद्यपि� वेे वर्म्सस सेे लेेकर
वि�टनबर्गग तक आग लगाा देंं , जि�सकीी लपटेंं स्वर्गग तक पहुंंच जााएंं , मैंं यहोोवाा केे नााम पर उसकेे एक
ओर सेे दूू सरीी ओर चल कर जााउंं गाा; मैंं उनकेे साामनेे पेेश होोऊंंगाा; मैंं इस असााधाारण रूप सेे महत्व-
पूूर्णण और प्रख्याात व्यक्ति� केे जबड़ोंं� मेंं प्रवेेश कर, यीीशुु मसीीह कोो अंंगीीकाार करतेे हुए, उसकेे दांं�त तोोड़
दूंं�गाा।» —पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 7, अध्यााय 7।
वर्म्सस कीी ओर उसकेे बढ़नेे कीी खबर नेे हलचल पैैदाा कर दीी। उसकीी सुुरक्षाा केे लि�ए उसकेे दोोस्त
कांं�पनेे लगेे; उसकेे शत्रुुओं ं कोो अपनेे उद्देेश्य कीी सफलताा काा भय थाा। उसेे शहर मेंं प्रवेेश करनेे सेे रोोकनेे
केे लि�ए कााफीी प्रयाास कि�ए गए। पोोप समर्थथकोंं� केे कहनेे पर उससेे एक मि�त्रवत योोद्धाा केे महल मेंं शरण
प्रााप्त करनेे काा आग्रह कि�याा गयाा, जहांं�, यह घोोषि�त कि�याा गयाा थाा, सभीी कठि�नााइयोंं� कोो सौौहाार्ददपूूर्णण
ढंंग सेे समाायोोजि�त कि�याा जाा सकताा थाा। दोोस्तोंं� नेे उन खतरोंं� काा वर्णणन करकेे उसकेे डर कोो उबाारनेे काा
प्रयाास कि�याा जि�नसेे उसेे खतराा थाा। उनकेे साारेे प्रयाास वि�फल रहेे। लूूथर नेे, जोो अभीी भीी अडि�ग थाा,
108 महाान वि�वााद

घोोषि�त कि�याा: «यहाँँ� तक कि� वर्म्सस मेंं उतनेे शैैताान होंं� जि�तनेे कि� छतोंं� पर टााइलेंं होंं�, फि�र भीी मैंं उसमेंं
प्रवेेश करूँँगाा।» — पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 7, अध्यााय 7।
वर्म्सस मेंं उसकेे आगमन पर, उसकेे स्वाागत केे लि�ए एक वि�शााल भीीड़ फााटकोंं� पर उमड़ पड़ीी। इतनाा
बड़ाा जत्थाा स्वयंं सम्रााट काा अभि�नन्दन करनेे केे लि�ए एकत्रि�त नहींं� हुआ थाा। उत्सााह तीीव्र थाा, और
भीीड़ केे बीीच सेे एक तीीखीी और शोोकपूूर्णण आवााज नेे लूूथर कोो उस अंंत केे बाारेे मेंं, जोो उसकाा इंं तजाार
कर रहाा थाा, चेेताावनीी केे रूप मेंं अंंति�म संं स्काार संं बंं धीी गीीत गाायाा। «परमेेश्वर मेेराा बचााव होोगाा,» उस
नेे अपनीी गााड़ीी सेे उतरतेे हुए कहाा।
पोोप समर्थथकोंं� कोो वि�श्वाास नहींं� थाा कि� लूूथर वाास्तव मेंं वर्म्सस मेंं प्रकट होोनेे काा सााहस करेेगाा, और
उनकेे आगमन नेे उन्हेंं आश्चर्यय सेे भर दि�याा। सम्रााट नेे तुुरंंत अपनेे पाार्षषदोंं� कोो यह वि�चाार करनेे केे लि�ए
बुुलाायाा कि� क्याा तरीीकाा अपनाायाा जाानाा चााहि�ए। धर्माा�ध्यक्षोंं� मेंं सेे एक, एक कठोोर पोोपवाादीी, नेे घोोषणाा कीी:
“हमनेे इस माामलेे पर लंं बेे समय सेे वि�चाार-वि�मर्शश कि�याा हैै। सम्रााट इस आदमीी सेे तुुरंंत छुु टकााराा दि�लााएंं ।
क्याा सि�गि�स्मंं ड नेे जॉॉन हस कोो जलााकर नहींं� मरवाा डाालाा? हम वि�धर्मीी कोो आधि�काारि�क सुुरक्षाा देेनेे याा
पाालन करनेे केे लि�ए बााध्य नहींं� हैंं।» «नहींं�,» सम्रााट नेे कहाा, «हमेंं अपनाा वाादाा नि�भाानाा चााहि�ए।»—
पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 7, अध्यााय 8. इसलि�ए यह नि�र्णणय लि�याा गयाा कि� सुुधाारक कोो सुुनाा जाानाा चााहि�ए।
सभीी शहर इस उल्लेेखनीीय व्यक्ति� कोो देेखनेे केे लि�ए उत्सुुक थेे, और आगंं तुुकोंं� कीी एक भीीड़ नेे
जल्द हीी उसकेे आवाास कोो भर दि�याा। लूूथर अपनीी हााल कीी बीीमाारीी सेे मुुश्कि�ल सेे हीी ठीीक होो पाायाा थाा;
वह याात्राा सेे थक गयाा थाा, जि�सनेे पूूरेे दोो सप्तााह काा समय लि�याा थाा; उसेे कल कीी महत्वपूूर्णण घटनााओंं
काा साामनाा करनेे केे लि�ए तैैयाार होोनाा थाा, और उसेे शांं�ति� और आरााम कीी आवश्यकताा थीी। लेेकि�न उसेे
देेखनेे कीी इच्छाा इतनीी अधि�क थीी कि� उसनेे केे वल कुु छ घंं टोंं� केे लि�ए आरााम कि�याा थाा, जब कुु लीीन
जन, योोद्धाा, पाादरीी, और नाागरि�क उसकेे चाारोंं� ओर उत्सुुकताा सेे इकट्ठाा होो गए। इनमेंं सेे कई वेे कुु लीीन
जन थेे जि�न्होंं�नेे इतनीी सााहसपूूर्ववक सम्रााट सेे कलीीसि�यााई कुु रीीति�योंं� केे सुुधाार कीी मांं�ग कीी थीी और जोो,
लूूथर केे अनुुसाार, «उसकेे सुुसमााचाार द्वााराा मुुक्त हुए थेे।» —माार्टि�न, पृृष् ठ 393। शत्रुुओं ं केे सााथ-
सााथ मि�त्र भीी नि�डर भि�क्षुु कोो देेखनेे आए; तौौभीी उस नेे उन सेे अवि�चलि�त शाान्ति� सेे भेंंट कीी, और सब
कोो मर्याा�दाा और बुुद्धि� सेे उत्तर दि�याा। उसकाा हााव भााव दृढ़ और नि�र्भभय थाा। परि�श्रम और बीीमाारीी केे
नि�शाानोंं� सेे चि�ह्नि�ित, उसकेे कांं�ति�हीीन, दुबु लेे चेेहरेे पर एक मनोोहर और यहांं� तक कि� हर्षि�त अभि�व्य-
क्ति� थीी। उसकेे शब्दोंं� कीी संं स्काारपूूर्णणताा और संं जीीदाा गंं भीीरताा नेे उसेे एक ऐसीी शक्ति� प्रदाान कीी जि�सेे
उसकेे दुश्म ु न भीी पूूरीी तरह बर्दाा�श्त नहींं� कर सकेे । मि�त्र और शत्रुु दोोनोंं� आश्चर्यय सेे भर गए। कुु छ लोोग
आश्वस्त थेे कि� उसपर ईश्वरीीय प्रभााव थाा; दूू सरोंं� नेे घोोषि�त कि�याा, जैैसाा कि� फरीीसि�योंं� नेे मसीीह केे
वि�षय मेंं कि�याा थाा: «उस मेंं एक शैैताान हैै।»
अगलेे दि�न लूूथर कोो सभाा मेंं उपस्थि�त होोनेे केे लि�ए बुुलाायाा गयाा। दर्शशकोंं� केे वि�शााल कक्ष मेंं उसेे लेे
जाानेे केे लि�ए एक शााहीी अधि�काारीी नि�युुक्त कि�याा गयाा थाा; फि�र भीी बड़ीी कठि�नााई सेे वह उस स्थाान पर
पहुँँचाा। हर गलीी मेंं उस भि�क्षुु कोो देेखनेे केे लि�ए उत्सुुक दर्शशकोंं� कीी भीीड़ थीी जि�सनेे पोोप केे अधि�काार
काा वि�रोोध करनेे काा सााहस कि�याा थाा।
जैैसेे हीी वह अपनेे न्याायााधीीशोंं� कीी उपस्थि�ति� मेंं प्रवेेश करनेे वाालाा थाा, कई युुद्धोंं� केे सूूरमाा, एक
बुुजुुर्गग सेेनाापति� नेे उससेे वि�नम्रताापूूर्ववक कहाा: «दीीन भि�क्षुु, दीीन भि�क्षुु, अब तूू साार्ववजनि�क रूप सेे अपनाा
सभा के समक्ष लू 109

महाान नि�र्णणय व्यक्त करनेे जाा रहाा हैै, जोो हमाारेे सबसेे खूूनीी युुद्धोंं� मेंं मेेरेे याा कि�सीी भीी अन्य कप्ताान द्वााराा
लि�ए गए नि�श्चि�ित नि�र्णणय कीी तुुलनाा मेंं अधि�क महाान हैै। परन्तुु यदि� तेेराा काारण न्याायसंं गत हैै, और तूू
उस पर वि�श्वाास रखताा हैै, तोो परमेेश्वर केे नााम सेे आगेे बढ़, और कि�सीी बाात सेे मत डर। परमेेश्वर
तुुझेे नहींं� छोोड़ेेगाा।” —डीी›ऑबि�ग्नेे, पुुस्तक 7, अध्यााय 8।
अंंत मेंं लूूथर सभाा केे साामनेे खड़ाा होो गयाा। सम्रााट सिं�हां ासन पर वि�रााजमाान हुआ। वह सााम्रााज्य केे
सबसेे प्रसि�द्ध व्यक्ति�योंं� सेे घि�राा हुआ थाा। जि�स भव्य सभाा केे साामनेे माार्टि�न लूूथर कोो अपनेे वि�श्वाास केे
लि�ए जवााब देेनाा थाा, उससेे अधि�क भव्य सभाा कीी उपस्थि�ति� मेंं कभीी कोोई व्यक्ति� प्रकट नहींं� हुआ थाा। «यह
उपस्थि�ति� अपनेे आप मेंं पोोपवााद पर एक वि�शि�ष्ट जीीत थीी। पोोप नेे उस व्यक्ति� कीी निं�दां ा कीी थीी, और वह अब
न्याायााधीीशोंं� कीी एक सभाा केे साामनेे खड़ाा थाा जि�सनेे, इस काार्यय सेे, खुुद कोो पोोप केे ऊपर स्थाापि�त कर दि�याा
थाा। पोोप नेे उसेे एक नि�षेेधााज्ञाा केे तहत रखाा थाा, और उसेे पूूरेे माानव समााज सेे कााट दि�याा थाा; और फि�र भीी
उसेे सम्माानजनक भााषाा मेंं बुुलाायाा गयाा, और दुनि�या ु ा कीी सबसेे प्रति�ष्ठि��त सभाा केे साामनेे उसकाा स्वाागत कि�याा
गयाा। पोोप नेे उसेे हमेेशाा केे लि�ए चुुप रहनेे केे लि�ए मजबूूर कर दि�याा थाा, और अब वह मसीीहीी जगत केे दूूर-
दरााज केे हि�स्सोंं� सेे एकत्रि�त हज़ाारोंं� सचेेत श्रोोतााओंं केे साामनेे बोोलनेे वाालाा थाा। इस प्रकाार लूूथर ज़रि�येे सेे एक
बहुत बड़ीी क्रांं�ति� उत्पन्न हुई थीी। रोोम पहलेे सेे हीी अपनेे सिं�हां ासन सेे नि�म्न स्थि�ति� मेंं जाा रहाा थाा, और यह एक
भि�क्षुु कीी आवााज़ थीी जोो इस अपमाान काा काारण बनीी।” -पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 7, अध्यााय 8।
उस शक्ति�शाालीी और अभि�जाात सभाा कीी उपस्थि�ति� मेंं दीीन-हीीन जन्मजाात सुुधाारक वि�स्मयााकुु ल
और बेेचैैन लग रहाा थाा। कई हााकि�म, उसकीी भाावनाा कोो देेखतेे हुए, उसकेे पाास आए, और उनमेंं सेे
एक नेे फुु सफुु साायाा: «उनसेे मत डरोो जोो शरीीर कोो माारतेे हैंं, लेेकि�न आत्माा कोो माारनेे मेंं सक्षम नहींं� हैंं।»
एक और नेे कहाा: «जब तुुम मेेरेे लि�येे हााकि�मोंं� और रााजााओंं केे साामनेे लााए जााओगेे, तोो जोो कुु छ तुुम
कोो कहनाा होोगाा, तुुम्हाारेे पि�ताा केे आत्माा केे द्वााराा तुुम्हेंं दि�याा जााएगाा।» इस प्रकाार मसीीह केे वचन संं साार
केे महाापुुरुषोंं� द्वााराा परीीक्षाा कीी घड़ीी मेंं अपनेे सेेवक कोो मजबूूत करनेे केे लि�ए लााए गए।
लूूथर कोो सीीधेे सम्रााट केे सिं�हां ासन केे साामनेे एक स्थाान पर लेे जाायाा गयाा। भरीी सभाा पर एक
गहराा सन्नााटाा छाा गयाा। फि�र एक शााहीी अधि�काारीी खड़ाा हुआ और लूूथर केे लेेखोंं� केे संं ग्रह कीी ओर
इशााराा करतेे हुए उसनेे मांं�ग कीी कि� सुुधाारक दोो प्रश्नोंं� काा उत्तर देंं- क्याा वह उन्हेंं अपनेे लेेखन केे रूप
मेंं स्वीीकाार करताा हैै, और क्याा वह उन वि�चाारोंं� काा, जि�न कोो उसनेे बढ़ाावाा दि�याा थाा, त्यााग करनेे काा
इराादाा रखताा हैै। पुुस्तकोंं� केे शीीर्षषक पढ़ेे जाानेे केे बााद, लूूथर नेे उत्तर दि�याा कि� जहांं� तक पहलेे प्रश्न
काा सवााल थाा, वह पुुस्तकोंं� कोो अपनीी माानताा हैै। «दूू सरेे केे बाारेे मेंं,» उसनेे कहाा, «यह देेखतेे हुए कि�
यह एक ऐसाा प्रश्न हैै जोो वि�श्वाास और आत्मााओंं केे उद्धाार सेे संं बंं धि�त हैै, और जि�समेंं स्वर्गग याा पृृथ्वीी
मेंं सबसेे बड़ाा और सबसेे कीीमतीी खजाानाा, परमेेश्वर काा वचन, शाामि�ल हैै, अगर मैंं बि�नाा सोोचेे-समझेे
उत्तर दूंं�गाा, मैंं अवि�वेेकपूूर्णण काार्यय करूंंगाा। मैंं परि�स्थि�ति� कीी मांं�ग सेे कम, याा सच्चााई कीी आवश्यकताा सेे
अधि�क कीी पुुष्टि�ि कर सकताा हूंं, और इस प्रकाार मसीीह केे इस कथन केे खि�लााफ पााप कर सकताा हूंं:
«पर जोो कोोई मनुुष्योंं� केे साामनेे मेेराा इन्काार करेेगाा, उस सेे मैंं भीी अपनेे स्वर्गीीय पि�ताा केे साामनेे इन्काार
करूँँगाा।» [मत्तीी 10: 33.] इस काारण सेे मैंं सम्रााट सेे वि�नतीी करताा हूंं, पूूरीी वि�नम्रताा केे सााथ, कि� मुुझेे
समय दि�याा जााए, तााकि� मैंं परमेेश्वर केे वचन काा उल्लंं घन कि�ए बि�नाा उत्तर देे सकूंं� ।” - डीी›ऑबि�ग्नेे,
पुुस्तक 7, अध्यााय 8।
110 महाान वि�वााद

यह अनुुरोोध करनेे मेंं, लूूथर बुुद्धि�माानीी सेे आगेे बढ़ाा। उसकेे क्रि�याावि�धि� नेे सभाा कोो आश्वस्त कि�याा
कि� उसनेे जुुनूून याा आवेेग सेे काार्यय नहींं� कि�याा। स्वयंं कोो नि�र्भीीक और कट्टर दि�खाानेे वाालेे मेंं अप्रत्याा-
शि�त, इस तरह कीी नि�श्चलताा और आत्मसंं वरण नेे उसकीी साामर्थ्यय कोो बढ़ाायाा, और बााद मेंं उसेे वि�वेेक,
दृढ़ताा, ज्ञाान और गरि�माा केे सााथ जवााब देेनेे मेंं सक्षम बनाायाा जि�सनेे उसकेे वि�रोोधि�योंं� कोो आश्चर्ययच-
कि�त और नि�रााश कि�याा, और उनकेे अक्खड़पन और अभि�माान कोो फटकाार लगााई।
अगलेे दि�न उसेे अपनाा अंंति�म उत्तर देेनेे केे लि�ए उपस्थि�त होोनाा थाा। जब उसनेे उन तााकतोंं� पर
वि�चाार कि�याा जोो सच्चााई केे खि�लााफ संं युुक्त थींं�, उसेे कुु छ समय केे लि�ए अत्यंं त नि�रााशाा हुई। उसकाा
वि�श्वाास डगमगाायाा; उसेे थरथरााहट और कँँ पकँँपीी लगीी, और भय उसपर हाावीी होो गयाा। उसकेे साामनेे
खतरेे कई गुुनाा बढ़ गए; ऐसाा लग रहाा थाा कि� उसकेे शत्रुु वि�जयीी होोनेे वाालेे हैंं, और अंंधकाार कीी शक्ति�याँँ�
प्रबल होोनेे वाालीी हैंं। बाादल उसकेे चाारोंं� ओर इकट्ठेे होो गए और उसेे यहोोवाा सेे अलग करनेे लगेे। वह
इस आश्वाासन कीी लाालसाा रखताा थाा कि� सेेनााओंं काा यहोोवाा उसकेे सााथ रहेेगाा। आत्माा कीी पीीड़ाा मेंं
उसनेे अपनेे आप कोो मुँँ�ह केे बल गि�राायाा और नि�रााश हृदय वि�दाारक यााचनाा व्यक्त कीी, जि�सेे परमेेश्वर
केे अलाावाा और कोोई भीी पूूरीी तरह नहींं� समझ सकताा थाा।
«हेे सर्ववशक्ति�माान और सनाातन परमेेश्वर,» उसनेे नि�वेेदन कि�याा, «यह दुनि�या ु ा कि�तनीी भयाानक हैै!
देेख, वह मुुझेे नि�गलनेे केे लि�ए अपनाा मुंं� ह खोोलताा हैै, और मुुझेे तुुझ पर इतनाा कम भरोोसाा हैै। अगर
इस दुनि�या
ु ा कीी तााकत मेंं हीी मुुझेे अपनाा भरोोसाा रखनाा हैै, तोो सब खत्म होो गयाा हैै। मेेराा अंंति�म समय आ
गयाा हैै, मेेरीी निं�दां ा कीी गई हैै। हेे परमेेश्वर, जगत कीी साारीी बुुद्धि�मत्ताा केे वि�रुद्ध मेेरीी सहाायताा कर। इसेे
कर, ... केे वल तूू ; ... क्योंं�कि� यह मेेराा कााम नहींं�, बल्कि� तेेराा हैै। मुुझेे यहांं� कुु छ नहींं� करनाा हैै, दुनि�या
ु ा
केे इन महाान लोोगोंं� केे सााथ संं घर्षष करनेे केे लि�ए कुु छ भीी नहींं� हैै। लेेकि�न अभि�याान तेेराा हैै, ... और
यह एक धर्मीी और शााश्वत अभि�याान हैै। हेे परमेेश्वर, मेेरीी मदद कर! वि�श्‍‍वाासयोोग्य और अपरि�वर्तत-
नीीय परमेेश्वर, मैंं कि�सीी भीी आदमीी पर भरोोसाा नहींं� करताा। जोो कुु छ मनुुष्य काा हैै वह अनि�श्चि�ित हैै;
मनुुष्य कीी ओर सेे जोो कुु छ भीी आताा हैै वह वि�फल होो जााताा हैै। तूूनेे मुुझेे इस कााम केे लि�ए चुुनाा हैै।
अपनेे प्रि�य यीीशुु मसीीह केे नि�मि�त्त, जोो मेेराा बचााव, मेेरीी ढााल, और मेेराा दृढ़ गढ़ हैै, मेेराा सहाायक होो।”
— पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 7, अध्यााय 8।
एक सर्ववज्ञाानीी परमेेश्वर नेे लूूथर कोो उसकेे जोोखि�म काा एहसाास होोनेे दि�याा थाा, तााकि� वह अपनीी
तााकत पर भरोोसाा न करेे और ढि�ठााई सेे खतरेे मेंं न पड़ जााए। फि�र भीी यह व्यक्ति�गत पीीड़ाा, याातनाा
याा मृृत्युु काा भय नहींं� थाा, जोो तुुरंंत आसन्न लग रहाा थाा, जि�सनेे उसेे अपनेे आतंं क सेे अभि�भूूत कर
दि�याा। वह संं कट मेंं आ गयाा थाा, और उसनेे उसेे पूूराा करनेे केे लि�ए अपनीी अपर्याा�प्तताा काा एहसाास
हुआ। उसकीी दुर्बबल ु ताा सेे सत्य केे अभि�याान कोो हाानि� होो सकतीी हैै। अपनीी सुुरक्षाा केे लि�ए नहींं�, परन्तुु
सुुसमााचाार कीी वि�जय केे लि�ए उसनेे परमेेश्वर सेे मल्लयुुद्ध कि�याा। उस राात मेंं एकााकीी धााराा केे पाास
इज़रााएल केे संं घर्षष मेंं व्यथाा और द्वंंद्व कीी तरह, उसकीी आत्माा काा संं तााप और द्वंंद्व थाा। इज़रााएल कीी
तरह, वह परमेेश्वर केे सााथ प्रबल हुआ। उसकीी अत्यन्त बेेबसीी मेंं उसकाा वि�श्वाास शक्ति�शाालीी उद्धाार-
कर्ताा�, मसीीह पर टि�काा हुआ थाा। इस आश्वाासन केे सााथ दृढ़ कि�याा गयाा कि� वह सभाा केे समक्ष अकेे लेे
पेेश नहींं� होोगाा। उसकीी आत्माा मेंं शांं�ति� लौौट आई, और वह आनन्दि�त हुआ कि� उसेे रााष्ट्रों��ं केे शाासकोंं�
केे साामनेे परमेेश्वर केे वचन कोो ऊपर उठाानेे कीी अनुुमति� दीी गई थीी।
सभा के समक्ष लू 111

परमेेश्वर पर मन लगााकर लूूथर नेे उसकेे साामनेे संं घर्षष कीी तैैयाारीी कीी। उसनेे उसकेे उत्तर कीी
योोजनाा पर वि�चाार कि�याा, अपनेे स्वयंं केे लेेखन मेंं अंंशोंं� कीी जांं�च कीी, और पवि�त्र शाास्त्र सेे अपनीी
वि�चाार पद्धति� कोो बनााए रखनेे केे लि�ए उपयुुक्त प्रमााण प्रााप्त कि�ए। फि�र, अपनाा बाायाँँ� हााथ उसकेे
साामनेे खुुलीी पुुस्तक पर रखतेे हुए, उसनेे अपनाा दााहि�नाा हााथ स्वर्गग कीी ओर उठाायाा और «सुुसमााचाार
केे प्रति� वि�श्वाासयोोग्य रहनेे केे लि�ए, और भलेे हीी उसेे अपनीी गवााहीी पर अपनेे लहू कीी मुुहर लगाानीी
पड़ेे, उसनेे अपनेे वि�श्वाास कोो स्वतंं त्र रूप सेे स्वीीकाार करनेे केे लि�ए शपथ लीी।» — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक
7, अध्यााय 8।
जब उसेे फि�र सेे सभाा कीी उपस्थि�ति� मेंं लाायाा गयाा, तोो उसकेे चेेहरेे पर भय याा बेेचैैनीी काा कोोई
नि�शाान नहींं� थाा। नि�श्चल और शांं�ति�पूूर्णण, फि�र भीी बहुत बहाादुरु और महाान, वह पृृथ्वीी केे महाान लोोगोंं�
केे बीीच परमेेश्वर केे गवााह केे रूप मेंं खड़ाा थाा। शााहीी अधि�काारीी नेे अब अपनेे नि�र्णणय कीी मांं�ग कीी कि�
क्याा वह अपनेे सि�द्धांं�तोंं� सेे मुुकरनाा चााहताा हैै। लूूथर नेे बि�नाा कि�सीी उग्रताा याा जुुनूून केे , एक दबेे और
वि�नम्र स्वर मेंं अपनाा जवााब दि�याा। उसकाा व्यवहाार संं कोोचीी और सम्माानजनक थाा; फि�र भीी उसनेे एक
आत्मवि�श्वाास और खुुशीी प्रकट कीी जि�सनेे सभाा कोो चकि�त कर दि�याा।
«सबसेे प्रशांं�त सम्रााट, प्रख्याात नि�र्वाा�चकोंं�, दयाालुु प्रभुुओं,ं » लूूथर नेे कहाा, मैंं आज आपकेे साामनेे
आयाा हूंं, जोो मुुझेे कल दि�ए गए आदेेश केे अनुुरूप हैै, और परमेेश्वर कीी दयाा सेे मैंं आदरणीीय सम्रााट
और सम्माान्य श्रेेष् ठ जनोंं� सेे एक सि�द्धाान्त केे प्रति�वााद कोो, जि�सकेे बाारेे मेंं मुुझेे वि�श्वाास हैै कि� यह न्याा-
यसंं गत और सत्य हैै, वि�नम्रताापूूर्ववक सुुननेे केे लि�ए नि�वेेदन करताा हूंं। यदि� अज्ञाानताावश मैंं न्याायाालयोंं�
कीी प्रथााओंं और औचि�त्य काा उल्लंं घन करूँँ , तोो मैंं आपसेे क्षमाा माँँ�गताा हूँँ; क्योंं�कि� मेेराा पाालन-पोोषण
रााजााओंं केे महलोंं� मेंं नहींं� हुआ, बल्कि� एक मठ केे एकांं�त मेंं हुआ थाा।” — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 7,
अध्यााय 8।
फि�र, इस सवााल पर आगेे बढ़तेे हुए, उसनेे कहाा कि� उसकीी प्रकााशि�त रचनााएँँ सभीी एक हीी
वि�शेेषताा कीी नहींं� थींं�। कुु छ मेंं उसनेे वि�श्वाास और भलेे काामोंं� पर चर्चाा� कीी थीी, और यहाँँ� तक कि� उसकेे
शत्रुुओं ं नेे भीी उन्हेंं न केे वल हाानि�रहि�त बल्कि� लााभदाायक घोोषि�त कि�याा थाा। इन्हेंं त्याागनाा उन सत्योंं� कीी
निं�दां ा करनाा होोगाा जि�न्हेंं सभीी पक्षोंं� नेे स्वीीकाार कि�याा थाा। दूू सरेे वर्गग मेंं पोोपतंं त्र केे भ्रष्टााचाार और दुर्व्यय
ु -
वहाार कोो उजाागर करनेे वाालेे लेेखन शाामि�ल थेे। इन लेेखन काार्योंं कोो रद्द करनेे सेे रोोम केे अत्यााचाार
कोो बल मि�लेेगाा और कई और महाान पाापोंं� केे लि�ए एक व्याापक द्वाार खुुल जााएगाा। अपनीी पुुस्तकोंं� केे
तीीसरेे वर्गग मेंं उसनेे उन लोोगोंं� पर हमलाा कि�याा थाा जि�न्होंं�नेे मौौजूूदाा बुुरााइयोंं� काा बचााव कि�याा थाा। इनकेे
बाारेे मेंं उसनेे स्वतंं त्र रूप सेे स्वीीकाार कि�याा कि� वह जि�तनाा यथोोचि�त थाा उससेे अधि�क उग्र थाा। उसनेे
नि�र्दोोष होोनेे काा दाावाा नहींं� कि�याा; परन्तुु इन पुुस्तकोंं� कोो भीी वह रद्द नहींं� कर सकताा थाा, क्योंं�कि� ऐसीी
काार्ययवााहीी सत्य केे शत्रुुओं ं कोो प्रोोत्सााहि�त करेेगीी, और तब वेे परमेेश्वर केे लोोगोंं� कोो और भीी अधि�क
क्रूूरताा सेे कुु चलनेे केे अवसर काा उपयोोग करेंंगेे।
«फि�र भीी मैंं केे वल एक मनुुष्य हूंं, और परमेेश्वर नहींं�,» उसनेे आगेे कहाा; «इसलि�ए मैंं अपनाा
बचााव करूंंगाा जैैसाा कि� मसीीह नेे कि�याा थाा: यदि� मैंंनेे बुुराा कहाा हैै, तोो उस बुुरााई कीी गवााहीी दोो।› ...
परमेेश्वर कीी दयाा सेे मैंं आदरणीीय सम्रााट और आप, सबसेे सम्माान्य श्रेेष् ठ जनोंं� सेे, और हर वर्गग केे
व्यक्ति�योंं� सेे नि�वेेदन करताा हूंं, कि� भवि�ष्यद्वक्तााओंं और प्रेेरि�तोंं� कीी लि�खीी हुई बाातोंं� सेे यह प्रमााणि�त करेंं,
112 महाान वि�वााद

कि� मैंं नेे भूूल कीी हैै। जैैसेे हीी मुुझेे इस पर यकीीन होो जााएगाा, मैंं हर गलतीी कोो माान लूंं�गाा, और अपनीी
कि�तााबोंं� कोो पकड़कर आग मेंं फेंंकनेे वाालाा पहलाा व्यक्ति� होोऊंंगाा।
«जोो कुु छ मैंंनेे अभीी कहाा हैै, वह स्पष्ट रूप सेे दि�खााताा हैै, मुुझेे आशाा हैै, कि� मैंंनेे साावधाानीी सेे उन
खतरोंं� कोो तौौलाा हैै और उन पर वि�चाार कि�याा हैै जि�नकेे लि�ए मैंं खुुद कोो सुुगम्य कर रहाा हूंं; परन्तुु नि�रााश
न होोकर, मैंं यह देेखकर आनन्दि�त होोताा हूंं कि� सुुसमााचाार अब, जैैसाा कि� पहि�लेे समय मेंं, संं कट और
वि�वााद काा काारण हैै। यहीी स्वभााव हैै, यहीी नि�यति� हैै, परमेेश्वर केे वचन कीी। ‹यह न समझोो कि� मैंं
पृृथ्वीी पर मि�लााप कराानेे आयाा हूँँ; मैंं मि�लााप कराानेे नहींं�, पर तलवाार चलवाानेे आयाा हूँँ,› यीीशुु मसीीह नेे
कहाा। परमेेश्वर अपनीी युुक्ति�योंं� मेंं अद्भु ् ुत और भयाानक हैै; साावधाान रहेंं, ऐसाा न होो कि� मतभेेदोंं� कोो
समााप्त करनेे काा अनुुमाान लगााकर, आप परमेेश्वर केे पवि�त्र वचन काा दमन करेंं, और अपनेे ऊपर
दुर्गगु म खतरोंं�, वर्ततमाान आपदााओंं, और अनन्त वीीराानीी कीी एक भयाावह भरमाार कोो आमंं त्रि�त कर लेंं। मैंं
परमेेश्वर केे वचनोंं� सेे कई उदााहरण उद्धृतृ कर सकताा हूंं। मैंं फि�रौौन, बााबुुल केे रााजााओंं, और इस्रााएल
केे लोोगोंं� केे बाारेे मेंं बाात कर सकताा हूंं, जि�नकेे काार्योंं नेे उनकेे स्वंंय केे वि�नााश मेंं सबसेे अधि�क प्रभाावो�-
त्पाादक ढंंग सेे योोगदाान दि�याा, जब उन्होंं�नेे नि�स्संंदेेह रूप सेे सबसेे बुुद्धि�माान सलााहकाारोंं� कीी सहाायताा सेे
अपनेे प्रभुुत्व कोो दृढ़ करनेे काा प्रयाास कि�याा। «वह तोो पर्ववतोंं� कोो अचाानक हटाा देेताा हैै और उन्हेंं पताा
भीी नहींं� लगताा।» — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 7, अध्यााय 8।
लूूथर नेे जर्ममन मेंं बाात कीी थीी; अब उनसेे लाातीीनीी मेंं उन्हींं� शब्दोंं� कोो दोोहराानेे काा अनुुरोोध कि�याा
गयाा। हाालांं�कि� पि�छलेे प्रयाास सेे थकाा हुआ, उसनेे अनुुपाालन कि�याा, और फि�र सेे पहलेे कीी तरह उसीी
स्पष्टताा और जीीवंं तताा केे सााथ अपनाा भााषण दि�याा। परमेेश्वर केे वि�धाान नेे इस माामलेे मेंं नि�र्देेशि�त
कि�याा। कई नि�र्वाा�चकोंं� केे दि�मााग भ्रम और अंंधवि�श्वाास सेे इतनेे अंंधेे थेे कि� पहलेे भााषण मेंं उन्होंं�नेे
लूूथर केे तर्कक कीी तााकत कोो नहींं� देेखाा; लेेकि�न दोोहरााव नेे उन्हेंं प्रस्तुुत कि�ए गए मुुद्दोंं� कोो स्पष्ट रूप सेे
समझनेे मेंं सक्षम बनाायाा।
जि�न लोोगोंं� नेे हठपूूर्ववक प्रकााश कीी उपेेक्षाा कीी, और सत्य केे प्रति� आश्वस्त न होोनेे काा नि�श्चय
कि�याा, वेे लूूथर केे शब्दोंं� केे प्रभााव सेे क्रोोधि�त हुए। जैैसेे हीी उसनेे बोोलनाा बंं द कि�याा, सभाा केे प्रवक्ताा नेे
गुुस्सेे मेंं कहाा: «आपनेे पूूछेे गए प्रश्न काा उत्तर नहींं� दि�याा हैै। आपकोो एक स्पष्ट और सटीीक उत्तर देेनेे
कीी आवश्यकताा हैै। आप पीीछेे हटेंंगेे याा नहींं�?”
सुुधाारक नेे उत्तर दि�याा: «चूंं�कि� सबसेे प्रशांं�त सम्रााट और श्रद्धाास्पद महोोदय मुुझसेे एक स्पष्ट, सरल
और सटीीक उत्तर कीी अपेेक्षाा करतेे हैंं, मैंं आपकोो उत्तर दूंं�गाा, और वह यह हैै: मैंं न तोो पोोप और नाा हीी सभाा
केे प्रति� अपनेे वि�श्वाास काा समर्पपण कर सकताा हूंं, क्योंं�कि� यह बि�ल्कुुल स्पष्ट हैै कि� उन्होंं�नेे बाार-बाार गलतीी
कीी हैै और एक-दूू सरेे काा खंं डन कि�याा हैै। जब तक मैंं पवि�त्रशाास्त्र कीी गवााहीी याा स्पष्ट तर्कक सेे आश्वस्त
नहींं� होो जााताा, जब तक कि� मैंं उन अंंशोंं� केे मााध्यम सेे रााजीी नहींं� होो जााताा जि�न्हेंं मैंंनेे उद्धृतृ कि�याा हैै, और
जब तक वेे मेेरेे अन्तःःकरण कोो परमेेश्वर केे वचन सेे नहींं� बांं�धतेे, मैंं पीीछेे नहींं� हट सकताा और न हटूंं�गाा,
क्योंं�कि� एक मसीीहीी केे लि�ए अपनेे अन्तःःकरण केे वि�रुद्ध बोोलनाा असुुरक्षि�त हैै। यह मेेराा वि�श्वाास हैै, मैंं इस
पर अवि�श्वाास नहींं� कर सकताा; परमेेश्वर मेेरीी मदद करेे। आमीीन।» — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 7, अध्यााय 8।
इस प्रकाार यह धर्मीी व्यक्ति� परमेेश्वर केे वचन कीी दृढ़ नींं�व पर खड़ाा थाा। स्वर्गग केे प्रकााश नेे उसकेे
चेेहरेे कोो ज्योोति�मय कर दि�याा। उसकीी महाानताा और चरि�त्र कीी पवि�त्रताा, उसकेे हृदय कीी शांं�ति� और
सभा के समक्ष लू 113

प्रसन्नताा, सभीी केे लि�ए प्रकट हुई जब उसनेे भ्रम केे प्रभााव केे खि�लााफ गवााहीी दीी और उस वि�श्वाास
कीी श्रेेष् ठताा काा सााक्षीी बनाा जोो दुनि�याु ा पर वि�जय प्रााप्त करताा हैै।
पूूरीी सभाा वि�स्मय सेे अवााक रह गई। अपनेे पहलेे उत्तर मेंं लूूथर नेे धीीमेे स्वर मेंं, सम्माानजनक,
लगभग वि�नम्र भााव सेे बाात कीी थीी। रोोमनवाादि�योंं� नेे इसकीी व्यााख्याा इस प्रमााण केे रूप मेंं कीी थीी कि�
उसकाा सााहस वि�फल होोनेे लगाा थाा। उन्होंं�नेे देेरीी केे अनुुरोोध कोो केे वल उसकेे त्यााग केे प्रस्ताावनाा केे रूप
मेंं माानाा। चाार्ल्सस नेे स्वयंं , कााफ़ीी हद तक ति�रस्काारपूूर्ववक, भि�क्षुु केे जीीर्णण गठन, उसकीी साादाा पोोशााक
और उसकेे संं बोोधन कीी साादगीी कोो ध्याान मेंं रखतेे हुए घोोषि�त कि�याा थाा: «यह भि�क्षुु कभीी भीी मुुझेे
वि�धर्मीी नहींं� बनााएगाा।» जि�स सााहस और दृढ़ताा काा उसनेे अब प्रदर्शशन कि�याा, सााथ हीी सााथ उसकेे तर्कक
केे प्रभााव और स्पष्टताा नेे सभीी पक्षोंं� कोो आश्चर्यय सेे भर दि�याा।
प्रभाावि�त होोकर प्रशंं साा करतेे हुए, सम्रााट नेे कहाा: «यह भि�क्षुु एक नि�डर हृदय और अडि�ग सााहस
केे सााथ बोोलताा हैै।» कई जर्ममन नि�र्वाा�चकोंं� नेे अपनेे रााष्ट्रर केे इस प्रति�नि�धि� कोो गर्वव और खुुशीी सेे देेखाा।
रोोम केे कट्टरपंं थि�योंं� कीी हाार हुई थीी; उनकाा हि�त सबसेे नकााराात्मक प्रकााश मेंं प्रकट हुआ। उन्होंं�नेे
अपनीी शक्ति� कोो क़ाायम रखनेे काा प्रयाास कि�याा, पवि�त्रशाास्त्र कीी मदद सेे नहींं�, बल्कि� धमकि�योंं� काा
सहााराा लेेकर, रोोम कीी अवि�रत युुक्ति�। सभाा केे प्रवक्ताा नेे कहाा: «यदि� आप पीीछेे नहींं� हटतेे हैंं, तोो
सम्रााट और सााम्रााज्य केे रााज्य पराामर्शश करेंंगेे कि� एक अपरि�वर्ततनीीय वि�धर्मीी केे खि�लााफ क्याा राास्ताा
अपनाायाा जााए।»
लूूथर काा मि�त्र, जि�सनेे उसकेे प्रभाावशाालीी बचााव कोो बड़ेे आनन्द सेे सुुनाा थाा, इन शब्दोंं� सेे काँँ�प
उठाा; लेेकि�न आचाार्यय नेे खुुद शांं�त भााव सेे कहाा: «परमेेश्वर मेेराा सहाायक होो, क्योंं�कि� मैंं कि�सीी भीी बाात
मेंं पीीछेे नहींं� हट सकताा।» — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 7, अध्यााय 8।
उसेे सभाा सेे हटनेे काा नि�र्देेश दि�याा गयाा, जबकि� नि�र्वाा�चकोंं� नेे एक दूू सरेे केे सााथ पराामर्शश कि�याा।
लगाा कि� कोोई बड़ाा संं कट आ गयाा हैै। लूूथर केे लगााताार इन्काार करनेे सेे कलीीसि�याा काा इति�हाास सदि�योंं�
तक प्रभाावि�त होो सकताा हैै। उसेे पीीछेे हटनेे काा एक और मौौकाा देेनेे काा फैै सलाा कि�याा गयाा। आखि�रीी
बाार उसेे सभाा मेंं लाायाा गयाा थाा। फि�र सेे यह प्रश्न रखाा गयाा कि� क्याा वह अपनेे सि�द्धांं�तोंं� काा परि�त्यााग
करेेगाा। «मेेरेे पाास देेनेे केे लि�ए और कोोई जवााब नहींं� हैै,» उसनेे कहाा, «उसकेे अलाावाा जोो मैंंनेे पहलेे
दि�याा थाा।» यह स्पष्ट थाा कि� उसेे रोोम केे शाासनाादेेश केे अधीीन होोनेे केे लि�ए, न तोो वाादोंं� सेे और न हीी
धमकि�योंं� सेे प्रेेरि�त नहींं� कि�याा जाा सकताा थाा।
पोोप सेे संं बन्धि�त अगुुवेे इस बाात सेे नाारााज़ थेे कि� उनकीी शक्ति�, जि�सकेे काारण रााजाा और रईस
कांं�पतेे हैंं, इस प्रकाार एक वि�नम्र भि�क्षुु द्वााराा ति�रस्कृृत कीी गई थीी; वेे उसकेे जीीवन पर अत्यााचाार करकेे
उसेे अपनाा क्रोोध महसूूस कराानाा चााहतेे थेे। लेेकि�न लूूथर नेे अपनेे खतरेे कोो समझतेे हुए, सभीी सेे मसीीहीी
गरि�माा और शांं�ति� केे सााथ बाात कीी थीी। उसकेे कथन गर्वव, जुुनूून और गलत बयाानीी सेे मुुक्त थेे। वह
अपनेे आप सेे, उसकेे आसपाास केे महाापुुरुषोंं� सेे बेेख़बर थाा, और केे वल यह महसूूस कर रहाा थाा कि� वह
पोोप, धर्माा�ध्यक्षोंं�, रााजााओंं और सम्रााटोंं� सेे असीीम रूप सेे श्रेेष् ठ एक अर्थाा�त्् परमेेश्वर कीी उपस्थि�ति� मेंं
थाा। मसीीह नेे लूूथर कीी गवााहीी केे मााध्यम सेे एक साामर्थ्यय और बड़प्पन केे सााथ बाात कीी थीी जि�सनेे उस
समय केे लि�ए मि�त्रोंं� और शत्रुुओं ं दोोनोंं� कोो श्रद्धाायुुक्त भय और आश्चर्यय सेे प्रेेरि�त कि�याा थाा। उस सभाा मेंं
सााम्रााज्य केे प्रमुुखोंं� केे दि�लोंं� कोो प्रभाावि�त करतेे हुए, परमेेश्वर काा आत्माा उपस्थि�त थाा। कई नि�र्वाा�चकोंं�
114 महाान वि�वााद

नेे सााहसपूूर्ववक लूूथर केे सि�द्धाान्त केे औचि�त्य कोो स्वीीकाार कि�याा। बहुतोंं� कोो सत्य काा यकीीन होो गयाा थाा;
लेेकि�न कुु छ केे लि�ए प्रााप्त प्रभााव स्थाायीी नहींं� थाा। एक और वर्गग थाा जि�सनेे उस समय अपनीी धाारणााओंं
कोो व्यक्त नहींं� कि�याा थाा, लेेकि�न जोो, जोो स्वयंं केे लि�ए पवि�त्र शाास्त्र काा अध्ययन करनेे केे बााद, भवि�ष्य
मेंं धाार्मि�क सुुधाार केे नि�डर समर्थथक बन गए।
नि�र्वाा�चक फ्रेेडरि�क नेे सभाा केे समक्ष लूूथर कीी उपस्थि�ति� केे लि�ए उत्सुुकताा सेे प्रतीीक्षाा कीी थीी, और
उसनेे भाावुुक होोकर उसकाा भााषण सुुनाा। प्रसन्नताा और गर्वव केे सााथ उसनेे आचाार्यय केे सााहस, दृढ़ताा
और आत्मसंं यम कोो देेखाा, और उसकेे बचााव मेंं और अधि�क स्थि�रताा सेे खड़ेे होोनेे काा दृढ़ संं कल्प
कि�याा। उसनेे वााद-वि�वााद मेंं भााग लेेनेे वाालेे दलोंं� कीी तुुलनाा कीी, और देेखाा कि� सत्य कीी साामर्थ्यय सेे पोोप,
रााजााओंं और धर्माा�ध्यक्षोंं� काा ज्ञाान शूून्य होो गयाा थाा। पोोपतंं त्र नेे एक ऐसीी हाार काा साामनाा कि�याा थाा जि�सेे
सभीी रााष्ट्रों��ं और सभीी युुगोंं� मेंं महसूूस कि�याा जाानेे वाालाा थाा।
जि�स तरह सेे पोोप केे प्रति�नि�धि� नेे लूूथर केे भााषण सेे उत्पन्न प्रभााव कोो अनुुभव कि�याा, वह पोोप
काा अधि�काार मााननेे वाालोंं� कीी सत्ताा कीी सुुरक्षाा केे वि�षय मेंं ऐसाा भयभीीत हुआ, जैैसाा पहलेे कभीी नहींं�
हुआ थाा, और उसनेे सुुधाारक केे तख्ताापलट कोो प्रभाावि�त करनेे केे लि�ए उसकेे पाास उपलब्ध हर सााधन
कोो नि�योोजि�त करनेे काा संं कल्प लि�याा। संं पूूर्णण वााक्पटुुताा और कूू टनीीति�क कौौशल केे सााथ, जि�सकेे लि�ए
वह इतनेे उत्कृृष्ट रूप सेे प्रति�ष्ठि��त थाा, उसनेे युुवाा सम्रााट केे समक्ष, एक तुुच्छ भि�क्षुु केे काारण, रोोम केे
शक्ति�शाालीी धर्माा�ध्यक्ष कीी मि�त्रताा और समर्थथन काा त्यााग करनेे कीी मूूर्खखताा और खतरेे काा वर्णणन कि�याा।
उसकेे संं वााद केे शब्दोंं� काा नि�श्चि�ित रूप सेे असर हुआ। लूूथर केे जवााब केे अगलेे दि�न, चाार्ल्सस नेे
सभाा केे समक्ष एक संं देेश प्रस्तुुत कि�याा, जि�समेंं उसनेे कैै थोोलि�क धर्मम कोो बनााए रखनेे और उसकीी रक्षाा
करनेे केे लि�ए अपनेे पूूर्वववर्ति�योंं� कीी नीीति� कोो पूूराा करनेे केे अपनेे दृढ़ संं कल्प कीी घोोषणाा कीी। चूंं�कि� लूूथर
नेे अपनेे भ्रम कोो त्याागनेे सेे इनकाार कर दि�याा थाा, इसलि�ए उसकेे और उसकेे द्वााराा सि�खााए गए वि�धर्मम
केे खि�लााफ सबसेे कठोोर काार्ययवााहीी कीी जाानीी चााहि�ए। «एक अकेे लाा भि�क्षुु, अपनीी मूूर्खखताा सेे गुुमरााह
होोकर, मसीीहीी जगत केे वि�श्वाास केे वि�रुद्ध उठ खड़ाा हुआ हैै। ऐसीी अधाार्मि�कताा कोो स्थगि�त करनेे केे
लि�ए, मैंं अपनेे रााज्य, अपनेे खजाानेे, अपनेे दोोस्तोंं�, अपनेे शरीीर, अपनेे खूून, अपनीी आत्माा और अपनेे
जीीवन काा बलि�दाान करूंंगाा। ऑगस्टााइन लूूथर कोो लोोगोंं� मेंं कम सेे कम अव्यवस्थाा पैैदाा करनेे सेे मनाा
करतेे हुए, मैंं उसेे बर्खाा�स्त करनेे वाालाा हूंं; फि�र मैंं उसकेे और उसकेे अनुुयाायि�योंं� केे खि�लााफ, उन्हेंं
दुराु ाग्रहीी वि�धर्मीी माान कर, बहि�ष्काार द्वााराा, अंंतर्वि�रोोध द्वााराा, और उन्हेंं नष्ट करनेे केे लि�ए सुुनि�योोजि�त
हर तरह केे सााधनोंं� द्वााराा आगेे बढ़ूंं�गाा। मैंं रााज्योंं� केे सदस्योंं� सेे वफाादाार मसीीहि�योंं� कीी तरह व्यवहाार
करनेे काा आह्वाान करताा हूंं।” —पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 7, अध्यााय 9। फि�र भीी सम्रााट नेे घोोषणाा कीी कि�
लूूथर कीी आधि�काारि�क सुुरक्षाा कोो माान्यताा दीी जाानीी चााहि�ए, और उसकेे खि�लााफ काार्ययवााहीी शुुरू करनेे
सेे पहलेे, उसेे सुुरक्षि�त रूप सेे अपनेे घर पहुंंचनेे कीी अनुुमति� दीी जाानीी चााहि�ए।
सभाा केे सदस्योंं� द्वााराा अब दोो परस्पर वि�रोोधीी मतोंं� काा दबााव डाालाा गयाा। पोोप केे दूू तोंं� और प्रति�नि�-
धि�योंं� नेे फि�र सेे मांं�ग कीी कि� सुुधाारक कीी आधि�काारि�क सुुरक्षाा कीी अवहेेलनाा कीी जाानीी चााहि�ए। «उसकीी
अस्थि�योंं� कोो,» उन्होंं�नेे कहाा, «रााइन नदीी मेंं बहाा देेनाा चााहि�ए, जैैसाा कि� एक सदीी पहलेे जॉॉन हस कीी
अस्थि�योंं� कोो बहाायाा थाा।» —पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 7, अध्यााय 9। हाालांं�कि� जर्ममनीी केे नि�र्वाा�चक, स्वयंं पोोप
समर्थथक और लूूथर केे तथााकथि�त शत्रुु थेे, लेेकि�न साार्ववजनि�क वि�श्वाास केे इस तरह केे उल्लंं घन काा
सभा के समक्ष लू 115

रााष्ट्रर केे सम्माान पर एक दााग होोनेे काा वि�रोोध कि�याा। उन्होंं�नेे उन आपदााओंं कीी ओर इशााराा कि�याा जोो
हस कीी मृृत्युु केे बााद हुई थींं�, और घोोषणाा कीी कि� वेे जर्ममनीी पर और अपनेे युुवाा सम्रााट केे सि�र पर, उन
भयाानक बुुरााइयोंं� कीी पुुनराावृृत्ति� होोनेे देेनेे कीी धृृष् टताा नहींं� करेंंगेे।
स्वयंं चाार्ल्सस नेे मूूल प्रस्तााव केे जवााब मेंं कहाा: «यद्यपि� सम्माान और वि�श्वाास साारीी दुनि�या ु ा सेे हटाा
दि�ए जााएंं , वेे नि�र्वाा�चकोंं� केे हृदयोंं� मेंं शरण पााएंं गेे।» —पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 7, अध्यााय 9। लूूथर केे
सबसेे कटुु पोोप-संं बंं धीी शत्रुुओं ं द्वााराा उससेे सुुधाारक केे सााथ वहीी काार्ययवााहीी करनेे काा आग्रह कि�याा जोो
सि�गि�स्मंं ड नेे हस केे सााथ कीी थीी—उसेे कलीीसि�याा कीी दयाा पर छोोड़ देे; लेेकि�न उस दृश्य कोो यााद करतेे
हुए जब हस नेे साार्ववजनि�क सभाा मेंं अपनीी जंं जीीरोंं� कीी ओर इशााराा कि�याा थाा और सम्रााट कोो उसकेे वाादाा
कि�ए गए समर्थथन काा स्मरण कराायाा थाा, चाार्ल्सस पंं चम नेे घोोषणाा कीी: «मैंं सि�गि�स्मंं ड कीी तरह लज्जि�ित
नहींं� होोनाा चााहताा।» — लेेनफेंंट, पुुस्तक 1, पृृष् ठ 422।
फि�र भीी चाार्ल्सस नेे जाानबूूझ कर लूूथर द्वााराा प्रस्तुुत सत्य कोो अस्वीीकाार कर दि�याा थाा। सम्रााट नेे
लि�खाा, “मैंं अपनेे पूूर्ववजोंं� केे उदााहरण काा अनुुकरण करनेे केे लि�ए दृढ़ संं कल्पि�त हूंं।” —डीी›ऑबि�-
ग्नेे, पुुस्तक 7, अध्यााय 9। उसनेे नि�श्चय कर लि�याा थाा कि� वह रीीति� केे माार्गग सेे नहींं� हटेेगाा, यहाँँ� तक
कि� सत्य और धाार्मि�कताा केे माार्गग पर चलनेे केे लि�ए भीी नहींं�। क्योंं�कि� उसकेे पूूर्ववजोंं� नेे कि�याा थाा, वह
पोोपतंं त्र काा उसकीी तमााम नि�र्ददयताा और भ्रष्टताा केे सााथ समर्थथन करेेगाा। इस प्रकाार पुुरखााओंं कोो जोो
कुु छ मि�लाा थाा, उसकेे आगेे कोोई प्रकााश ग्रहण करनेे सेे याा कि�सीी ऐसेे कर्ततव्य कोो नि�भाानेे केे लि�ए, जोो
उन्होंं�नेे नहींं� कि�याा थाा, इन्काार करतेे हुए उसनेे अपनाा रुख अपनाायाा।
वर्ततमाान समय मेंं कई ऐसेे हैंं जोो इस रीीति� सेे अपनेे पूूर्ववजोंं� केे रीीति�-रि�वााजोंं� और परंंपरााओंं सेे चि�पकेे
हुए हैंं। जब यहोोवाा उनकेे पाास अति�रि�क्त प्रकााश भेेजताा हैै, तोो वेे उसेे ग्रहण करनेे सेे इन्काार करतेे हैंं, क्योंं�कि�
उनकेे पुुरखााओंं कोो न दि�ए जाानेे केे काारण, उन्होंं�नेे उसेे ग्रहण नहींं� कि�याा। हमेंं वहाँँ� नहींं� रखाा गयाा जहाँँ� हमाारेे
पूूर्ववज थेे; फलस्वरूप हमाारेे कर्ततव्य और दाायि�त्व उनकेे कर्ततव्योंं� और दाायि�त्वोंं� केे समाान नहींं� हैंं। अपनेे कर्ततव्य
काा नि�र्धाा�रण करनेे केे लि�ए हमेंं अपनेे लि�ए सत्य वचन खोोजनेे केे बजााय अपनेे पूूर्ववजोंं� केे उदााहरण कोो देेखनेे
मेंं परमेेश्वर काा अनुुमोोदन नहींं� होोगाा। हमाारेे पूूर्ववजोंं� कीी तुुलनाा मेंं हमाारीी जि�म्मेेदाारीी अधि�क हैै। हम उस
प्रकााश केे लि�ए उत्तरदाायीी हैंं जोो उन्होंं�नेे प्रााप्त कि�याा थाा, और जोो हमाारेे लि�ए वि�राासत केे रूप मेंं दि�याा गयाा थाा,
और हम उस अति�रि�क्त प्रकााश केे लि�ए भीी उत्तरदाायीी हैंं जोो अब परमेेश्वर केे वचन सेे हम पर चमक रहाा हैै।
मसीीह नेे अवि�श्वाासीी यहूदि�योंं� केे बाारेे मेंं कहाा: «यदि� मैंं न आताा और उनसेे बाातेंं न करताा, तोो वेे
पाापीी न ठहरतेे; परन्तुु अब उन्हेंं उनकेे पााप केे लि�येे कोोई बहाानाा नहींं�।» यूूहन्नाा 15:22। उसीी ईश्वरीीय
शक्ति� नेे लूूथर केे मााध्यम सेे जर्ममनीी केे सम्रााट और नि�र्वाा�चकोंं� सेे बाात कीी थीी। और जैैसेे- जैैसेे परमेेश्वर
केे वचन सेे प्रकााश चमकाा, उसकेे आत्माा नेे उस सभाा मेंं बहुतोंं� सेे अंंति�म बाार यााचनाा कीी। जैैसेे सदि�योंं�
पहलेे पि�लाातुुस नेे गर्वव और लोोकप्रि�यताा कोो अपनेे हृदय कोो दुनि�या ु ा केे उद्धाारकर्ताा� केे खि�लााफ कठोोर
होोनेे कीी अनुुमति� दीी थीी; जैैसेे काँँ�पतेे हुए फेे लि�क्स नेे सच्चााई केे दूू त सेे कहाा, “अभीी तोो जाा; अवसर
पााकर मैंं तुुझेे फि�र बुुलााऊँँगाा;” जैैसेे अभि�माानीी अग्रि�प्पाा नेे स्वीीकाार कि�याा, “तूू थोोड़ेे हीी समझाानेे सेे मुुझेे
मसीीहीी बनाानाा चााहताा हैै?” (प्रेेरि�तोंं� केे कााम 24:25; 26:28), फि�र भीी अत्यधि�क समयोोचि�त संं देेश
कोो नज़रअंंदााज़ कर दि�याा—वैैसेे हीी चाार्ल्सस पंं चम नेे, सांं�साारि�क अहंंकाार और नीीति� केे आदेेशोंं� केे आगेे
झुकते
ु े हुए, सत्य केे प्रकााश कोो अस्वीीकाार करनेे काा नि�र्णणय लि�याा।
116 महाान वि�वााद

लूूथर केे खि�लााफ षड्यंंत्र कीी अफवााहेंं व्याापक रूप सेे प्रसाारि�त कीी गईं, जि�ससेे पूूरेे शहर मेंं कााफीी
उत्सााह पैैदाा हुआ। सुुधाारक नेे कई मि�त्र बनााए थेे, जि�न्होंं�नेे, रोोम केे भ्रष्टााचाारोंं� कोो उजाागर करनेे काा
सााहस करनेे वाालोंं� केे प्रति� रोोम कीी क्रूूरताा कोो जाानतेे हुए, संं कल्प लि�याा कि� उसकीी बलि� नहींं� दीी जाानीी
चााहि�ए। सैैकड़ोंं� श्रेेष् ठ जनोंं� नेे उसकीी रक्षाा करनेे काा संं कल्प लि�याा। कई लोोगोंं� नेे खुुलेे तौौर पर रोोम कीी
नि�यंं त्रण शक्ति� केे प्रति� प्रभाावहीीन समर्पपण काा संं केे त देेनेे वाालेे शााहीी संं देेश कीी निं�दां ा कीी। घरोंं� केे फााटकोंं�
और साार्ववजनि�क स्थाानोंं� पर, तख्ति�यांं� लगााई गईं, कुु छ लूूथर कीी निं�दां ा करतेे हुए और कुु छ उसकाा
समर्थथन करतेे हुए। इनमेंं सेे एक पर केे वल बुुद्धि�माान व्यक्ति� केे महत्वपूूर्णण शब्द लि�खेे गए थेे: «हेे देेश,
तुुझ पर हााय जब तेेराा रााजाा लड़काा हैै।» सभोोपदेेशक 10:16। पूूरेे जर्ममनीी मेंं लूूथर केे पक्ष मेंं लोोकप्रि�य
उत्सााह नेे सम्रााट और सभाा दोोनोंं� कोो आश्वस्त कर दि�याा कि� उसकेे प्रति� दि�खााए गए कि�सीी भीी अन्यााय
सेे सााम्रााज्य कीी शांं�ति� और यहांं� तक कि� सिं�हां ासन कीी स्थि�रताा कोो भीी खतराा होोगाा।
सैैक्सोोनीी केे फ्रेेडरि�क नेे सुुधाारक केे प्रति� अपनीी वाास्तवि�क भाावनााओंं कोो ध्याान सेे छि�पाातेे हुए एक
सुुवि�चाारि�त आत्मसंं यम क़ाायम रखाा, जबकि� सााथ हीी सााथ उसनेे उसकीी और उसकेे सब शत्रुुओं ं कीी
गति�वि�धि�योंं� कोो देेखतेे हुए, अथक सतर्कक ताा केे सााथ उसकीी रक्षाा कीी। लेेकि�न कई ऐसेे भीी थेे जि�न्होंं�नेे
लूूथर केे प्रति� अपनीी सहाानुुभूूति� छि�पाानेे काा कोोई प्रयाास नहींं� कि�याा। रााजकुु माार, यूूरोोपि�य देेशोंं� केे
कुु लीीन व्यक्ति�, साामन्त, और अन्य वि�शि�ष्ट व्यक्ति�, साामाान्य जन और कलीीसि�याा-संं बंं धीी दोोनोंं� उससेे
भेंंट करनेे आए। स्पैैलााटि�न नेे लि�खाा, “ डॉॉक्टर केे छोोटेे सेे कमरेे मेंं, भेंंट करनेे आए कुु छ हीी आगंं तुुक
समाा सकेे । « —माार्टि�न 1:404। लोोग उसेे ऐसेे देेख रहेे थेे जैैसेे वह मनुुष्य सेे बढ़कर होो। यहांं� तक
कि� जि�न लोोगोंं� कोो उनकेे सि�द्धांं�तोंं� मेंं कोोई वि�श्वाास नहींं� थाा, वेे भीी उस उदाात्त सत्यनि�ष्ठाा कीी प्रशंं साा हीी
कर सकतेे थेे, जि�सनेे उसेे अपनेे वि�वेेक काा उल्लंं घन करनेे केे बजााय बहाादुरीु ी सेे मृृत्युु कोो गलेे लगाानेे
केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा।
रोोम केे सााथ एक समझौौतेे केे लि�ए लूूथर कीी सहमति� प्रााप्त करनेे केे लि�ए गंं भीीर प्रयाास कि�ए गए।
कुु लीीन व्यक्ति�योंं� और नि�र्वाा�चकोंं� नेे उसेे संं केे त दि�याा कि� यदि� वह कलीीसि�याा और सभााओंं केे खि�लााफ
अपनेे नि�जीी नि�र्णणय कोो स्थाापि�त करनेे मेंं क़ाायम रहेेगाा तोो उसेे जल्द हीी सााम्रााज्य सेे नि�र्वाा�सि�त कर
दि�याा जााएगाा और उसकेे पाास कोोई बचााव नहींं� होोगाा। इस आग्रह केे लि�ए लूूथर नेे उत्तर दि�याा: «बि�नाा
अपकाार केे मसीीह केे सुुसमााचाार काा प्रचाार नहींं� कि�याा जाा सकताा। फि�र क्योंं� खतरेे काा भय याा आशंं काा
मुुझेे प्रभुु सेे, और उस पवि�त्र वचन सेे, जोो केे वल सत्य हैै, अलग कर देे? नहींं�; इसकेे बजााय मैंं अपनाा
शरीीर, अपनाा लहू और अपनाा जीीवन त्यााग दूँँ� गाा।” —डीी›ऑबि�ग्नेे, पुुस्तक 7, अध्यााय 10।
फि�र सेे उससेे सम्रााट केे फैै सलेे केे अधीीन होोनेे काा आग्रह कि�याा गयाा, और तब उसकेे लि�ए
डरनेे कीी कोोई बाात नहींं� होोतीी। «मैंं सहमत हूंं ,» उसनेे जवााब मेंं कहाा, «मेेरेे पूूरेे दि�ल सेे, कि� सम्रााट,
नि�र्वाा�चकोंं� और यहांं� तक कि� सबसेे तुुच्छ मसीीहीी, मेेरेे काामोंं� कोो जांं�चेंं और उनकाा आंंकलन करेंं ;
परन्तुु एक शर्तत पर, कि� वेे परमेेश्वर केे अपनेे माानक केे लि�ए वचन कोो लेंं। मनुुष्य केे पाास इसेे मााननेे
केे अलाावाा और कुु छ नहींं� हैै। मेेरेे अंंतःःकरण पर हिं�ंसाा न करनाा, जोो पवि�त्र शाास्त्र सेे बँँधाा हुआ हैै।”
—पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 7, अध्यााय 10।
एक अन्य आग्रह केे लि�ए उसनेे कहाा: “मैंं अपनीी आधि�काारि�क सुुरक्षाा कोो त्याागनेे केे लि�ए
सहमत हूँँ। मैंं अपनेे व्यक्ति� और अपनेे जीीवन कोो सम्रााट केे हााथोंं� मेंं सौंं�पताा हूंं, लेेकि�न परमेेश्वर काा
सभा के समक्ष लू 117

वचन—कभीी नहींं�!” —पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 7, अध्यााय 10। उसनेे एक साार्ववजनि�क सभाा केे नि�र्णणय
कोो स्वीीकाार करनेे कीी अपनीी इच्छाा व्यक्त कीी, लेेकि�न केे वल इस शर्तत पर कि� सभाा सेे पवि�त्र शाास्त्र केे
अनुुसाार नि�र्णणय लेेनेे कीी अपेेक्षाा कीी जााए। “परमेेश्वर केे वचन और वि�श्‍‍वाास केे माामलेे मेंं हर मसीीहीी
उतनाा हीी अच्छाा न्याायीी हैै जि�तनाा कि� पोोप, हाालाँँ�कि� लााखोंं� सभााओंं द्वााराा समर्थि�त, उसकेे लि�ए होो सकताा
हैै।” —माार्टि�न 1:410। मि�त्रोंं� और शत्रुुओं ं दोोनोंं� कोो अंंततःः वि�श्वाास होो गयाा थाा कि� सुुलह केे लि�ए
और प्रयाास बेेकाार होंं�गेे।
यदि� सुुधाारक नेे एक भीी तर्कक मेंं हाार माानीी होोतीी, तोो शैैताान और उसकेे समुुदााय कोो वि�जय प्रााप्त होो
जाातीी। लेेकि�न उसकीी अटूू ट दृढ़ताा कलीीसि�याा कोो मुुक्त करनेे और एक नए और बेेहतर युुग कीी शुुरुआत
करनेे काा सााधन थीी। धाार्मि�क माामलोंं� मेंं अपनेे लि�ए सोोचनेे और काार्यय करनेे कीी हि�म्मत रखनेे वाालेे इस
एक व्यक्ति� केे प्रभााव कोो, न केे वल अपनेे समय मेंं, बल्कि� सभीी आनेे वाालीी पीीढ़ि�योंं� मेंं कलीीसि�याा और
दुनि�या
ु ा कोो प्रभाावि�त करनाा थाा। उसकीी दृढ़ताा और नि�ष्ठाा समय केे अंंत तक सभीी कोो, जोो इसीी तरह केे
अनुुभव सेे गुुजरेंंगेे, प्रबल करेेगीी। परमेेश्वर कीी साामर्थ्यय और महि�माा मनुुष्योंं� कीी सलााह सेे, शैैताान कीी
शक्ति�शाालीी शक्ति� सेे बढ़कर प्रकट हुई।
लूूथर कोो जल्द हीी सम्रााट केे इख़्ति�याार सेे घर लौौटनेे काा आदेेश दि�याा गयाा, और वह जाानताा थाा कि�
इस नोोटि�स केे बााद बि�नाा वि�लंं ब केे उसकीी दण्डााज्ञाा आएगीी। संं कट केे बाादल उसकेे राास्तेे पर मँँडराा रहेे
थेे; परन्तुु जब वह वर्म्सस सेे वि�दाा हुआ, उसकाा हृदय आनन्द और स्तुुति� सेे भर गयाा। «शैैताान स्वयंं ,»
उसनेे कहाा, «पोोप केे गढ़ कीी रखवाालीी करताा थाा; परन्तुु मसीीह नेे उसमेंं एक बड़ीी दराार डााल दीी, और
शैैताान कोो यह अंंगीीकाार करनेे केे लि�ए वि�वश कर दि�याा कि� प्रभुु उस सेे अधि�क शक्ति�शाालीी हैै।” —
डीी›ऑबि�ग्नेे, पुुस्तक 7, अध्यााय 11।
अपनेे प्रस्थाान केे बााद, अभीी भीी यह इच्छाा रखतेे हुए कि� भूूल सेे उसकीी दृढ़ताा कोो वि�द्रोोह नहींं� माानाा
जााए, लूूथर नेे सम्रााट कोो लि�खाा। «ईश्वर, जोो मन कोो खोोजनेे वाालाा हैै, मेेराा गवााह हैै,» उसनेे कहाा,
«कि� मैंं आपकीी बाात मााननेे कोो तैैयाार हूंं, सम्माान मेंं याा अपमाान मेंं, जीीवन मेंं याा मृृत्युु मेंं, और बि�नाा
कि�सीी अपवााद केे केे वल वचन केे अलाावाा, जि�सकेे द्वााराा मनुुष्य जीीवि�त रहताा हैै। इस वर्ततमाान जीीवन
केे सभीी माामलोंं� मेंं, मेेरीी नि�ष्ठाा अडि�ग रहेेगीी, क्योंं�कि� यहांं� हाारनाा याा हाासि�ल करनाा उद्धाार केे लि�ए कोोई
माायनेे नहींं� रखताा। लेेकि�न जब शााश्वत हि�तोंं� काा संं बंं ध हैै, तोो परमेेश्वर नहींं� चााहताा कि� मनुुष्य मनुुष्य केे
अधीीन होो जााए। आध्याात्मि�क माामलोंं� मेंं इस तरह काा आत्मसमर्पपण एक वाास्तवि�क पूूजाा हैै, और इसेे
केे वल सृृष्टि�िकर्ताा� कोो हीी समर्पि�त कि�याा जाानाा चााहि�ए।” - पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 7, अध्यााय 11।
वर्म्सस सेे याात्राा पर लूूथर काा स्वाागत, उसकेे उस स्थाान केे दौौरेे कीी तुुलनाा मेंं, कहींं� अधि�क सुुखद थाा।
रि�याासतोंं� केे धर्ममगुुरुओंं नेे बहि�ष्कृृ त भि�क्षुु काा स्वाागत कि�याा, और धर्ममनि�रपेेक्ष शाासकोंं� नेे उस व्यक्ति� कोो
सम्माानि�त कि�याा जि�सकीी सम्रााट नेे निं�दां ा कीी थीी। उससेे उपदेेश देेनेे काा आग्रह कि�याा गयाा, और शााहीी
नि�षेेध केे बाावजूूद , वह फि�र सेे उपदेेश-मंं च पर चढ़ाा। उसनेे कहाा, “मैंंनेे कभीी परमेेश्वर केे वचन कोो
जंं जीीर मेंं बाँँ�धनेे कीी प्रति�ज्ञाा नहींं� कीी, और न हीी करूँँगाा।” —माार्टि�न 1:420।
वह लंं बेे समय सेे वर्म्सस सेे अनुुपस्थि�त नहींं� थाा, जब पोोप समर्थथकोंं� नेे सम्रााट कोो उसकेे खि�लााफ एक
आदेेश ज़ाारीी करनेे केे लि�ए रााज़ीी कि�याा। इस फरमाान मेंं लूूथर कीी «एक आदमीी केे भेेष मेंं खुुद शैैताान
और एक भि�क्षुु कीी पोोशााक पहनेे हुए केे रूप मेंं» निं�दां ा कीी गई थीी। - डीी›ऑबि�ग्नेे, पुुस्तक 7, अध्यााय
118 महाान वि�वााद

11। यह आदेेश दि�याा गयाा कि� जैैसेे हीी उसकीी आधि�काारि�क सुुरक्षाा समााप्त होो जााए, उसकेे कााम कोो
रोोकनेे केे उपााय कि�ए जााएंं । सभीी व्यक्ति�योंं� कोो उसेे शरण देेनेे, उसेे भोोजन याा पेेय देेनेे, याा शब्दोंं� मेंं
व्यक्त कर याा कृृ त्य सेे, साार्ववजनि�क याा नि�जीी तौौर पर, उसकीी सहाायताा करनेे याा उकसाानेे केे लि�ए मनाा
कि�याा गयाा थाा। वह जहांं� कहींं� भीी होो, उसेे पकड़ लि�याा जाानाा थाा और अधि�काारि�योंं� कोो सौंं�प दि�याा जाानाा
थाा। उसकेे अनुुयाायि�योंं� कोो भीी बन्दीीगृृह मेंं डााल दि�याा जाानाा थाा और उनकीी संं पत्ति� कोो जब्त कर लि�याा
जाानाा थाा। उसकेे लेेखन कोो नष्ट कर दि�याा जाानाा थाा, और अंंत मेंं, इस आदेेश केे वि�परीीत काार्यय करनेे
काा सााहस करनेे वाालेे सभीी लोोगोंं� कोो इसकीी दण्डााज्ञाा मेंं शाामि�ल कि�याा गयाा थाा।
सैैक्सोोनीी केे नि�र्वाा�चक और लूूथर केे सबसेे मि�त्रवत नि�र्वाा�चकोंं� नेे उसकेे जाानेे केे तुुरंंत बााद वर्म्सस
छोोड़ दि�याा थाा, और सम्रााट केे फरमाान कोो सभाा कीी मंं जूूरीी मि�ल गई थीी। अब रोोमनवाादीी खुुश थेे।
उन्होंं�नेे धाार्मि�क सुुधाार कीी नि�यति� कोो सुुनि�श्चि�ित माानाा।
इस संं कट कीी घड़ीी मेंं परमेेश्वर नेे अपनेे सेेवक केे लि�ए बचनेे काा माार्गग प्रदाान कि�याा थाा। लूूथर कीी
हरकतोंं� पर एक सतर्कक नज़र रखीी गई थीी, और एक सच्चेे और नेेक दि�ल नेे उसकेे बचााव काा संं कल्प
लि�याा थाा। यह स्पष्ट थाा कि� रोोम केे वल उसकीी मृृत्युु सेे हीी संं तुुष् ट होोगाा; केे वल छि�पााए जाानेे सेे हीी उसेे
सिं�हं केे जबड़ोंं� सेे बचाायाा जाा सकताा थाा। सुुधाारक केे संं रक्षण केे लि�ए एक योोजनाा तैैयाार करनेे केे लि�ए
परमेेश्वर नेे सैैक्सोोनीी केे फ्रेेडरि�क कोो ज्ञाान दि�याा। सच्चेे मि�त्रोंं� केे सहयोोग सेे नि�र्वाा�चक केे उद्देेश्य कोो
पूूराा कि�याा गयाा, और लूूथर कोो सफलताापूूर्ववक मि�त्रोंं� और शत्रुुओं ं सेे छि�पाायाा गयाा। जब वह अपनेे घर
कीी ओर याात्राा कर रहाा थाा, तोो उसेे पकड़ लि�याा गयाा, उसकेे परि�चाारकोंं� सेे अलग कर दि�याा गयाा, और
जल्दीी सेे जंं गल केे राास्तेे एक एकााकीी पहााड़ीी कि�लेे, वाार्टटबर्गग केे महल मेंं पहुंंचाा दि�याा गयाा। उसकाा हरण
और छि�पााव रहस्य मेंं इतनेे उलझेे हुए थेे कि� खुुद फ्रेेडरि�क भीी लंं बेे समय तक नहींं� जाानताा थाा कि� उसेे
कहाँँ� लेे जाायाा गयाा थाा। यह अज्ञाानताा बि�नाा योोजनाा केे नहींं� थीी; जब तक नि�र्वाा�चक कोो लूूथर केे ठि�काानेे
केे बाारेे मेंं कुु छ नहींं� पताा थाा, वह कुु छ भीी नहींं� बताा सकताा थाा। उसनेे अपनेे आप कोो संं तुुष् ट कि�याा कि�
सुुधाारक सुुरक्षि�त थाा, और इस ज्ञाान सेे वह संं तुुष् ट थाा।
वसंं त, ग्रीीष्म और शरद ऋतुु बीीत गई, और सर्दीी आ गई, और लूूथर अभीी भीी एक कैै दीी बनाा
रहाा। जैैसेे हीी सुुसमााचाार काा प्रकााश बुुझताा हुआ प्रतीीत होो रहाा थाा, एलि�एंंडर और उसकेे सााथीी हर्षि�त
होो उठेे । परन्तुु इसकेे बदलेे सुुधाारक सत्य केे भंं डाार सेे अपनाा दीीपक भर रहाा थाा; और उसकाा प्रकााश
और स्पष्टताा सेे चमकनेे वाालाा थाा।
वाार्टटबर्गग कीी मैैत्रीीपूूर्णण सुुरक्षाा मेंं, लूूथर नेे कुु छ समय केे लि�ए युुद्ध कीी गर्मीी और उथल-पुुथल सेे
अपनीी रि�हााई काा आनंं द लि�याा। लेेकि�न नि�स्तब्धताा और वि�श्रााम मेंं उसकीी संं तुुष्टि�ि लंं बेे समय तक थीी।
गति�वि�धि� और कड़ेे संं घर्षष केे जीीवन काा आदीी, वह नि�ष्क्रि�य रहनाा सहन नहींं� कर सकाा। उन एकाान्त
दि�नोंं� मेंं कलीीसि�याा कीी स्थि�ति� उसकेे साामनेे उठ खड़ीी हुई और वह अत्यंं त माायूूस हुआ। «आह! उसकेे
क्रोोध केे इस अंंति�म दि�न मेंं कोोई नहींं�, जोो यहोोवाा केे सााम्हनेे शहरपनााह केे समाान खड़ाा होो, और इस्रााएल
काा उद्धाार करेे!” —पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 9, अध्यााय 2। फि�र सेे, उसकेे वि�चाार अपनेे आप मेंं लौौट आए,
और उसेे वााद-वि�वााद सेे कि�नााराा कर लेेनेे मेंं काायरताा काा आरोोप लगााए जाानेे केे डर नेे घर लि�याा। फि�र
उसनेे अपनीी आलस्य और असंं यम केे लि�ए खुुद कोो फटकाार लगााई। फि�र भीी सााथ हीी वह एक आदमीी
केे लि�ए जि�तनाा संं भव लग रहाा थाा, उससेे कहींं� अधि�क दैैनि�क रूप सेे पूूराा कर रहाा थाा। उसकीी कलम
सभा के समक्ष लू 119

कभीी खाालीी नहींं� होोतीी। यद्यपि� उसकेे दुश्म ु न अपनेे आप मेंं खुुश थेे कि� उसेे चुुप कराा दि�याा गयाा थाा,
वेे ठोोस प्रमााण सेे चकि�त और भ्रमि�त थेे कि� वह अभीी भीी सक्रि�य थाा। उसकीी कलम सेे ज़ाारीी कई लघुु
नि�बन्ध पुुस्ति�कााएंं पूूरेे जर्ममनीी मेंं प्रसाारि�त होो गईं। नए नि�यम काा जर्ममन भााषाा मेंं अनुुवााद करकेे उसनेे
अपनेे देेशवाासि�योंं� केे लि�ए सबसेे महत्वपूूर्णण सेेवाा भीी कीी। अपनेे चट्टाानीी पतमोोस सेे वह लगभग पूूरेे
एक वर्षष तक सुुसमााचाार काा प्रचाार करताा रहाा और पाापोंं� और समय कीी कुु रीीति�योंं� कोो तााड़नाा देेताा रहाा।
लेेकि�न यह केे वल लूूथर कोो उसकेे शत्रुुओं ं केे क्रोोध सेे बचाानेे केे लि�ए नहींं� थाा, और न हीी उसेे इन
महत्वपूूर्णण काार्योंं केे लि�ए शांं�त समय देेनेे केे लि�ए, कि� परमेेश्वर नेे अपनेे सेेवक कोो साार्ववजनि�क जीीवन
केे मंं च सेे दूू र कर लि�याा थाा। इन परि�णाामोंं� सेे अधि�क उत्कृृष्ट परि�णााम प्रााप्त करनेे थेे। अपनेे पहााड़ीी
आश्रय-स्थल केे एकांं�त और गुुमनाामीी मेंं, लूूथर सांं�साारि�क समर्थथन सेे वंं चि�त थाा और माानवीीय प्रशंं साा सेे
दूू र थाा। इस प्रकाार वह उस गर्वव और आत्मवि�श्वाास सेे बच गयाा जोो अक्सर सफलताा सेे उत्पन्न होोताा
हैै। दुखु और अपमाान केे काारण वह फि�र सेे सफलताा कीी उन ऊंंचााइयोंं� पर सुुरक्षि�त रूप सेे चलनेे केे
लि�ए तैैयाार होो गयाा, जहांं� उसेे अचाानक सेे पहुंंचाा दि�याा गयाा थाा।
जब मनुुष्य उस स्वतंं त्रताा मेंं आनन्दि�त होोतेे हैंं जोो सत्य उन्हेंं देेताा हैै, वेे उन लोोगोंं� कीी प्रशंं साा करनेे
केे लि�ए प्रवृृत्त होोतेे हैंं जि�न्हेंं परमेेश्वर नेे भ्रम और अंंधवि�श्वाास कीी जंं जीीरोंं� कोो तोोड़नेे केे लि�ए नि�योोजि�त
कि�याा हैै। शैैताान मनुुष्योंं� केे वि�चाारोंं� और प्रेेम कोो परमेेश्वर सेे हटाानेे, और उन्हेंं माानवीीय एजेंंसि�योंं� पर
स्थाापि�त करनेे काा प्रयाास करताा हैै; वह उन्हेंं सााधन माात्र काा सम्माान करनेे और उस हााथ कीी उपेेक्षाा
करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करताा हैै जोो ईश्वरीीय संं रक्षकताा कीी सभीी घटनााओंं कोो नि�र्देेशि�त करताा हैै। बहुत
बाार धर्मम गुुरु जि�नकीी इस प्रकाार प्रशंं साा कीी जाातीी हैै और सम्माान कि�याा जााताा हैै, वेे ईश्वर पर अपनीी
नि�र्भभरताा कोो भूूल जाातेे हैंं और वेे खुुद पर भरोोसाा करनेे लगतेे हैंं। परि�णाामस्वरूप वेे लोोगोंं� केे मन और
वि�वेेक कोो नि�यंं त्रि�त करनेे काा प्रयाास करतेे हैंं, जोो परमेेश्वर केे वचन कीी ओर देेखनेे केे बजााय माार्गगद-
र्शशन केे लि�ए उनकीी ओर देेखनेे केे लि�ए प्रवृृत्त होोतेे हैंं। इसकेे समर्थथकोंं� केे इस भाावनाा मेंं लि�प्त होोनेे केे
काारण सुुधाार काा काार्यय अक्सर मंं द होो जााताा हैै। इस खतरेे सेे, परमेेश्वर सुुधाार केे काार्यय कीी रक्षाा करेेगाा।
वह चााहताा थाा कि� वह काार्यय मनुुष्य काा नहींं�, बल्कि� परमेेश्वर काा प्रभााव प्रााप्त करेे। लोोगोंं� कीी नि�गााहेंं
सत्य केे प्रति�पाादक केे रूप मेंं लूूथर कीी ओर लगीी थींं�; उसेे अलग कि�याा गयाा तााकि� सभीी कीी नि�गााहेंं
सत्य केे शााश्वत लेेखक कीी ओर रहेे।
9

स्वि�स सुुधाारक

क लीीसि�याा केे सुुधाार केे लि�ए उपकरणोंं� केे चुुनााव मेंं वहीी पवि�त्र योोजनाा दि�खााई देेतीी हैै जोो
कलीीसि�याा कीी स्थाापनाा मेंं दि�खााई देेतीी हैै। स्वर्गीीय गुुरु पृृथ्वीी केे अभि�जाात और धनवाान महाापुु-
रुषोंं� केे पाास सेे होोकर नि�कल गयाा, जोो लोोगोंं� केे अगुुओं ं केे रूप मेंं प्रशंं साा और श्रद्धांं�जलि� प्रााप्त करनेे केे
आदीी थेे। वेे अपनीी दम्भीी श्रेेष् ठताा मेंं इतनेे घमंं डीी और आत्मवि�श्वाासीी थेे कि� उन्हेंं अन्य लोोगोंं� केे सााथ
सहाानुुभूूति� रखनेे और वि�नम्र नाासरीी मनुुष्य केे सहयोोगीी बननेे केे लि�ए ढाालाा नहींं� जाा सकाा। बुुलााहट
गलीील केे अनपढ़, मेेहनतीी मछुु वाारोंं� कोो संं बोोधि�त थीी: “मेेरेे पीीछेे चलेे आओ, तोो मैंं तुुम कोो मनुुष्योंं�
केे पकड़नेेवाालेे बनााऊँँगाा।” मत्तीी 4:19। येे शि�ष्य वि�नम्र और सि�खाानेे योोग्य थेे। जि�तनाा कम वेे अपनेे
समय कीी झूठीू ी शि�क्षाा सेे प्रभाावि�त हुए थेे, उतनीी हीी सफलताापूूर्ववक मसीीह उन्हेंं अपनेे काार्यय केे लि�ए
नि�र्देेश और प्रशि�क्षण देे सकताा थाा। महाान सुुधाार केे दि�नोंं� मेंं भीी ऐसाा हीी थाा। प्रमुुख सुुधाारक साादगीीपूूर्णण
वर्गग केे पुुरुष थेे -वेे व्यक्ति� जोो अपनेे समय मेंं ओहदेे केे घमंं ड और कट्टरताा और पुुरोोहि�तीी केे प्रभााव सेे
सबसेे अधि�क मुुक्त थेे। महाान परि�णााम प्रााप्त करनेे केे लि�ए साादगीीपूूर्णण उपकरणोंं� कोो नि�योोजि�त करनाा
परमेेश्वर कीी योोजनाा हैै। तब महि�माा मनुुष्योंं� कोो नहींं�, परन्तुु उसेे दीी जााएगीी जोो उनकेे द्वााराा अपनीी इच्छाा
और अपनेे आनंं द केे लि�ए कााम करताा हैै।
सैैक्सोोनीी मेंं एक खनि�क केे केे बि�न मेंं लूूथर केे जन्म केे कुु छ सप्तााह बााद, उलरि�क ज़्विं�ं� गलीी काा
जन्म आल्प्स केे बीीच एक चरवााहेे कीी झोोपड़ीी मेंं हुआ थाा। बचपन मेंं ज़्विं�ं� गलीी काा परि�वेेश, और
उसकाा प्राारंं भि�क प्रशि�क्षण, उसेे उसकेे भवि�ष्य केे मि�शन केे लि�ए तैैयाार करनेे वाालाा थाा। प्रााकृृ ति�क
भव्यताा, सुंं� दरताा और महि�माामय उदाात्तताा केे दृश्योंं� केे बीीच पाालन-पोोषण सेे, उसकाा मन परमेे-
श्वर कीी महाानताा, शक्ति� और महि�माा कीी भाावनाा सेे बहुत जल्द प्रभाावि�त हुआ। अपनेे देेशीीय
पहााड़ोंं� पर हाासि�ल कि�ए गए वीीरताापूूर्णण काार्योंं केे इति�हाास नेे उसकीी युुवाा आकांं�क्षााओंं कोो जगाायाा।
और अपनीी धर्ममपराायण दाादीी केे पाास वह बााइबल कीी कुु छ अनमोोल कहाानि�याँँ� सुुनाा करताा थाा जोो
उसनेे कलीीसि�याा कीी किं�ंवदंं ति�योंं� और परंं परााओंं मेंं सेे संं ग्रहीीत कीी थींं�। बड़ीी दि�लचस्पीी केे सााथ वह
कुु लपि�तााओंं और भवि�ष्यद्वक्तााओंं केे महाान काामोंं� केे बाारेे मेंं सुुनाा करताा थाा, चरवााहोंं� केे बाारेे मेंं जोो
स्विस सुधा 121

फि�लि�स्तीीन कीी पहााड़ि�योंं� पर अपनेे झुंं�डोंं� कोो देेखतेे थेे, जहांं� स्वर्गगदूू त उनकेे सााथ बेेथलहम केे बाालक
और कलवरीी केे मनुुष्य केे बाारेे मेंं बाात करतेे थेे।
जॉॉन लूूथर कीी तरह, ज़्विं�ं�गलीी काा पि�ताा चााहताा थाा कि� उसकाा पुुत्र ताालीीम हाासि�ल करेे , और लड़केे
कोो उसकेे जन्म-स्थाान सेे जल्द हीी भेेज दि�याा गयाा थाा। उसकाा दि�मााग तेेज़ीी सेे वि�कसि�त हुआ, और यह
जल्द हीी एक सवााल बन गयाा कि� उसेे शि�क्षाा देेनेे केे लि�ए सक्षम शि�क्षकोंं� कोो कहाँँ� खोोजाा जााए। तेेरह
सााल कीी उम्र मेंं वह बर्नन गयाा, जहाँँ� स्वि�ट््जरलैंंड काा सबसेे प्रति�ष्ठि��त वि�द्याालय थाा। यहाँँ�, हाालांं�कि�,
एक खतराा पैैदाा हुआ जि�सनेे उसकेे जीीवन कीी प्रति�ज्ञाा कोो जोोखि�म मेंं डााल दि�याा। भि�क्षुुओं ं द्वााराा उसेे
लुुभााकर एक मठवाासीी बनाानेे केे लि�ए दृढ़ प्रयाास कि�ए गए। डोोमि�नि�कन और फ्रांं�सि�स्कन भि�क्षुु लोोक-
सम्मत अनुुमोोदन केे लि�ए मुुकााबलाा कर रहेे थेे। यह उन्होंं�नेे अपनेे गि�रजााघरोंं� केे दि�खाावटीी अलंं करण,
उनकेे समाारोोहोंं� कीी धूूमधााम, और प्रसि�द्ध अवशेेषोंं� और चमत्काार करनेे वाालीी छवि�योंं� केे आकर्षषण सेे
प्रााप्त करनेे काा प्रयाास कि�याा।
बर्नन केे डोोमि�नि�कनोंं� नेे देेखाा कि� यदि� वेे इस प्रति�भााशाालीी युुवाा वि�द्वाान कोो जीीत सकेे , तोो वेे लााभ और
सम्माान दोोनोंं� प्रााप्त करेंंगेे। उसकीी चरम युुवाावस्थाा, एक वक्ताा और लेेखक केे रूप मेंं उसकीी स्वााभाावि�क
क्षमताा, और संं गीीत और कााव्य केे लि�ए उसकीी प्रति�भाा, लोोगोंं� कोो उनकीी वि�धि�वत धर्मम-क्रि�यााओंं केे
लि�ए आकर्षि�त करनेे और उनकेे समुुदााय केे रााजस्व मेंं वृृद्धि� करनेे केे लि�ए उनकेे सभीी धूूमधााम और प्र-
दर्शशन सेे अधि�क प्रभाावीी होोगीी। छल और चाापलूूसीी सेे उन्होंं�नेे ज़्विं�ं�गलीी कोो अपनेे कॉॉन्वेंंट मेंं प्रवेेश करनेे
केे लि�ए प्रेेरि�त करनेे काा प्रयाास कि�याा। स्कूूल मेंं एक छाात्र केे रूप मेंं लूूथर नेे खुुद कोो एक मठ केे कक्ष
मेंं भुुलाा दि�याा थाा, और वह दुनि�या ु ा केे लि�ए खोो गयाा होोताा अगर परमेेश्वर केे वि�धाान नेे उसेे रि�हाा नहींं�
कि�याा होोताा। ज़्विं�ं�गलीी कोो उसीी जोोखि�म काा साामनाा करनेे कीी अनुुमति� नहींं� दीी गई। परमेेश्वर कीी दयाा
सेे उसकेे पि�ताा कोो भि�क्षुुओं ं केे मंं सूूबोंं� कीी जाानकाारीी मि�लीी। उसकाा अपनेे बेेटेे कोो भि�क्षुुओं ं केे नि�ष्क्रय
और नि�रर्थथक जीीवन काा पाालन करनेे कीी अनुुमति� देेनेे काा कोोई इराादाा नहींं� थाा। उसनेे देेखाा कि� उसकीी
भवि�ष्य कीी उपयोोगि�ताा दांं�व पर हैै, और उसेे बि�नाा देेर कि�ए घर लौौटनेे काा नि�र्देेश दि�याा।
आज्ञाा काा पाालन कि�याा गयाा; लेेकि�न युुवाा अपनेे जन्म-स्थाान मेंं लंं बेे समय तक संं तुुष् ट नहींं� रह
सकाा, और उसनेे, कुु छ समय बााद, बेेसल लौौटकर जल्द हीी अपनीी पढ़ााई फि�र सेे शुुरू कर दीी। यहींं� पर
ज्विं�गं लीी नेे सबसेे पहलेे परमेेश्वर केे मुुफ्त अनुुग्रह काा सुुसमााचाार सुुनाा थाा। प्रााचीीन भााषााओंं काा एक
शि�क्षक, वि�टम्बैैक, यूूनाानीी और इब्रीी काा अध्ययन करतेे हुए, पवि�त्र शाास्त्र सेे परि�चि�त हुआ थाा, और इस
प्रकाार उसकेे शि�क्षण केे तहत छाात्रोंं� केे दि�मााग मेंं ईश्वरीीय प्रकााश कीी कि�रणेंं डाालीी गईं। उसनेे घोोषणाा
कीी कि� स्कूूलीी छाात्रोंं� और दाार्शशनि�कोंं� द्वााराा सि�खााए गए सि�द्धांं�तोंं� कीी तुुलनाा मेंं एक सत्य थाा जोो अधि�क
प्रााचीीन और असीीम रूप सेे अधि�क महत्वपूूर्णण थाा। यह प्रााचीीन सत्य यह थाा कि� मसीीह कीी मृृत्युु पाापीी
कीी एकमाात्र छुु ड़ौौतीी हैै। ज़्विं�ं�गलीी केे लि�ए येे शब्द भोोर सेे पहलेे प्रकााश कीी पहलीी कि�रण काा रूप थेे।
ज्विं�गं लीी कोो जल्द हीी बेेसल सेे अपनेे जीीवन-काार्यय मेंं प्रवेेश करनेे केे लि�ए बुुलाायाा गयाा। उसकाा
पहलाा काार्यय-क्षेेत्र एक अल्पााइन कलीीसि�यााई समुुदााय मेंं थाा, जोो उसकेे जन्म-स्थाान सेे बहुत दूू र नहींं� थाा।
वि�धि�वत्् पाादरीी बननेे केे बााद, उसनेे «ईश्वरीीय सत्य कीी खोोज केे लि�ए स्वयंं कोो पूूर्णण रूप सेे समर्पि�त कर
दि�याा; क्योंं�कि� वह अच्छीी तरह जाानताा थाा,” एक संं गीी सुुधाारक कहताा हैै, «उसेे यह जााननेे कीी कि�तनीी
आवश्यकताा हैै कि� मसीीह काा झुंं�ड कि�सेे सौंं�पाा गयाा हैै।” —वि�लीी, पुुस्तक 8, अध्यााय 5। जि�तनाा
122 महाान वि�वााद

अधि�क उसनेे पवि�त्रशाास्त्र काा अध्ययन कि�याा, उसकाा सत्य और रोोम केे वि�धर्मम केे बीीच काा अंंतर उतनाा
हीी स्पष्ट होोताा गयाा। बााइबल कोो परमेेश्वर काा वचन, एकमाात्र पर्याा�प्त, अचूूक नि�यम माानकर स्वयंं कोो
उसकेे प्रति� समर्पि�त कर दि�याा। उसनेे देेखाा कि� इसेे स्वयंं अपनाा व्यााख्यााताा होोनाा चााहि�ए। उसनेे एक
पूूर्ववकल्पि�त मत याा सि�द्धांं�त कोो बनााए रखनेे केे लि�ए पवि�त्रशाास्त्र कीी व्यााख्याा करनेे काा प्रयाास करनेे काा
सााहस नहींं� कि�याा, लेेकि�न यह सीीखनाा अपनाा कर्ततव्य माानाा कि� इसकीी प्रत्यक्ष और स्पष्ट शि�क्षाा क्याा हैै।
उसनेे इसकेे अर्थथ कीी पूूर्णण और सहीी समझ प्रााप्त करनेे केे लि�ए हर मदद काा लााभ उठाानेे कीी कोोशि�श
कीी, और उसनेे पवि�त्र आत्माा कीी सहाायताा काा आह्वाान कि�याा, जोो, उसनेे घोोषि�त कि�याा, इसेे उन सभीी
केे लि�ए प्रकट करेेगाा जि�न्होंं�नेे इसेे ईमाानदाारीी सेे और प्राार्थथनाा केे सााथ मांं�गाा थाा।
«पवि�त्र वचन,» ज़्विं�ं�गलीी नेे कहाा, «परमेेश्वर सेे आताा हैै, मनुुष्य सेे नहींं�, और यहांं� तक कि� परमेे-
श्वर जोो प्रबुुद्ध करताा हैै आपकोो समझााएगाा कि� यह परमेेश्वर कीी वााणीी हैै। परमेेश्वर काा वचन ...
वि�फल नहींं� होो सकताा; यह उज्ज्वल हैै, यह खुुद कोो प्रकट करताा हैै, यह मन कोो संं पूूर्णण उद्धाार और
अनुुग्रह सेे प्रकााशि�त करताा हैै, परमेेश्वर मेंं वि�श्रााम देेताा हैै, इसेे वि�नम्र करताा हैै, तााकि� यह स्वयंं कोो
नि�म्न कर देे और यहाँँ� तक कि� अपनेे प्रााण कीी हाानि� भीी उठाा लेे, और परमेेश्वर कोो ग्रहण कर लेे।” इन
शब्दोंं� कीी सच्चााई खुुद ज्विं�गं लीी नेे सााबि�त कर दीी थीी। इस समय केे अपनेे अनुुभव केे बाारेे मेंं बोोलतेे हुए,
उसनेे बााद मेंं लि�खाा: «जब ... मैंंनेे खुुद कोो पूूरीी तरह सेे पवि�त्र शाास्त्र केे हवाालेे करनाा शुुरू कर दि�याा,
दर्शशनशाास्त्र और धर्ममशाास्त्र (शैैक्षि�क) हमेेशाा मुुझेे झगड़ोंं� काा सुुझााव देेतेे रहेे। अंंत मेंं मैंं इस पर आयाा,
कि� मैंंनेे सोोचाा, ‹तुुम्हेंं वह सब पड़ेे रहनेे देेनाा चााहि�ए, और परमेेश्वर केे अर्थथ कोो उसकेे अपनेे सरल वचन
सेे सीीखनाा चााहि�ए।› तब मैंं परमेेश्वर सेे उसकेे प्रकााश केे लि�ए प्राार्थथनाा करनेे लगाा, और पवि�त्रशाास्त्र मेेरेे
लि�ए बहुत आसाान होोनेे लगाा।” — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 8, अध्यााय 6।
ज़्विं�ं�गलीी द्वााराा प्रचाारि�त सि�द्धांं�त लूूथर सेे प्रााप्त नहींं� हुआ थाा। यह मसीीह काा सि�द्धांं�त थाा। «यदि�
लूूथर मसीीह काा प्रचाार करताा हैै,» स्वि�स सुुधाारक नेे कहाा, «वह वहीी करताा हैै जोो मैंं कर रहाा हूंं। जि�नकोो
वह मसीीह केे पाास लाायाा हैै, वेे उन सेे अधि�क हैंं जि�नकीी अगुुवााई मैंं नेे कि�याा हैै। लेेकि�न यह माायनेे नहींं�
रखताा। मैंं मसीीह केे सि�वााय, जि�सकाा मैंं सि�पााहीी हूंं, और जोो अकेे लाा मेेराा मुुखि�याा हैै, और कोोई नााम
नहींं� लूंं�गाा। न तोो मेेरेे द्वााराा लूूथर कोो, न हीी लूूथर द्वााराा मुुझे,े कभीी कोोई शब्द लि�खाा गयाा। और क्योंं�?
तााकि� यह दि�खाायाा जाा सकेे कि� परमेेश्वर काा आत्माा स्वयंं मेंं कि�तनेे साामंं जस्य मेंं हैै, क्योंं�कि� हम दोोनोंं�,
बि�नाा कि�सीी साँँ�ठ-गाँँ�ठ केे , मसीीह केे सि�द्धांं�त कोो ऐसीी एकरूपताा केे सााथ सि�खाातेे हैंं।”—डीी›ऑबि�-
ग्नेे, पुुस्तक 8, अध्यााय 9।
1516 मेंं ज़्विं�ं�गलीी कोो आइन्सि�डेेलन केे कॉॉन्वेंंट मेंं उपदेेशक बननेे केे लि�ए आमंं त्रि�त कि�याा गयाा
थाा। यहांं� उसेे रोोम केे भ्रष्टााचाारोंं� केे बाारेे मेंं करीीब सेे देेखनाा थाा और एक सुुधाारक केे रूप मेंं एक प्रभााव
डाालनाा थाा जोो कि� उसकेे जन्म केे देेश केे आल्प्स पर्ववतमाालाा सेे बहुत दूू र महसूूस कि�याा जााएगाा।
आइन्सि�डेेलन केे मुुख्य आकर्षषणोंं� मेंं कुँँ� वाारीी मरि�यम कीी एक मूूर्ति� थीी जि�सकेे बाारेे मेंं कहाा जााताा थाा
कि� इसमेंं चमत्काार करनेे कीी शक्ति� थीी। कॉॉन्वेंंट केे प्रवेेश द्वाार केे ऊपर शि�लाालेेख थाा, «यहाँँ� पाापोंं� कीी
पूूर्णण छूू ट प्रााप्त कीी जाा सकतीी हैै।» —पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 8, अध्यााय 5। हर मौौसम मेंं तीीर्थथयाात्रीी कुँँ� वाारीी
मरि�यम केे मंं दि�र मेंं जाातेे थेे; लेेकि�न इसकेे अभि�षेेक केे महाान वाार्षि�क उत्सव मेंं स्वि�टजरलैंंड केे सभीी
हि�स्सोंं� सेे, यहांं� तक कि� फ्रांं�स और जर्ममनीी सेे भीी बड़ीी संं ख्याा मेंं लोोग आतेे थेे। इस दृश्य सेे अत्यंं त
स्विस सुधा 123

खेेदि�त, ज़्विं�ं�गलीी नेे अवसर काा प्रयोोग अंंधवि�श्वाास केे इन दाासोंं� केे लि�ए सुुसमााचाार केे मााध्यम सेे स्व-
तंं त्रताा कीी घोोषणाा करनेे केे लि�ए कि�याा।
«यह मत सोोचोो,» उन्होंं�नेे कहाा, «कि� परमेेश्वर इस मंं दि�र मेंं सृृष्टि�ि केे कि�सीी भीी अन्य हि�स्सेे कीी
तुुलनाा मेंं अधि�क हैै। आप जि�स देेश मेंं रहतेे होंं�, ईश्वर आपकेे चाारोंं� ओर हैै, और आपकीी सुुनताा हैै।
क्याा व्यर्थथ काार्यय, लंं बीी तीीर्थथयाात्राा, भेंंट, मूूर्ति�याँँ,� कुँँ� वाारीी मरि�यम याा संं तोंं� काा आह्वाान, आपकेे लि�ए परमेे-
श्वर काा अनुुग्रह प्रााप्त कर सकताा हैै? जि�न शब्दोंं� केे सााथ हम अपनीी प्राार्थथनााओंं कोो मूूर्तत रूप देेतेे हैंं,
उन सेे क्याा लााभ होोताा हैै? एक चमकदाार शि�रोोवेेष् टन, केे शहीीन कि�ए हुए सि�र, एक लंं बेे और ढीीलेे-ढाालेे
लबाादेे , याा सोोनेे कीी कढ़ााई वाालीी चप्पलोंं� कीी क्याा प्रभाावि�कताा हैै? परमेेश्वर हृदय कोो देेखताा हैै, और
हमाारेे हृदय उससेे दूू र हैंं।” «मसीीह,» उसनेे कहाा, «जि�सेे कभीी क्रूूस पर चढ़ाायाा गयाा थाा, वह बलि�दाान
और बलि� हैै, जि�सनेे वि�श्वाासि�योंं� केे पाापोंं� केे लि�ए अनंं त कााल तक ऋणमुुक्ति� प्रदाान कीी थीी।» —
पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 8, अध्यााय 5।
कई श्रोोतााओंं केे लि�ए येे शि�क्षााएँँ अवांं�छि�त थींं�। उनकोो यह कहनाा कि� उनकीी कठि�न याात्राा व्यर्थथ मेंं
कीी गई थीी उनकेे लि�ए एक दुःः�खद नि�रााशाा थीी। वेे मसीीह केे द्वााराा स्वतंं त्र रूप सेे दीी गई क्षमाा कोो नहींं�
समझ सकेे । वेे स्वर्गग केे पुुराानेे राास्तेे सेे संं तुुष् ट थेे जि�सेे रोोम नेे उनकेे लि�ए चि�न्हि�त कि�याा थाा। वेे कुु छ
भीी बेेहतर खोोजनेे कीी उलझन सेे पीीछेे हट गए। हृदय कीी पवि�त्रताा केे लि�ए प्राार्थथनाा करनेे कीी तुुलनाा मेंं
पाादरि�योंं� और पोोप पर उनकेे उद्धाार पर भरोोसाा करनाा आसाान थाा।
परन्तुु एक और वर्गग नेे आनन्द केे सााथ मसीीह केे द्वााराा छुु टकाारेे काा समााचाार ग्रहण कि�याा। रोोम द्वााराा
नि�र्धाा�रि�त अनुुष् ठाान आत्माा कीी शांं�ति� लाानेे मेंं वि�फल रहेे थेे, और वि�श्वाास मेंं उन्होंं�नेे उद्धाारकर्ताा� केे लहू
कोो अपनेे प्राायश्चि�ित केे रूप मेंं स्वीीकाार कि�याा। येे अपनेे घरोंं� कोो लौौट गए तााकि� दूू सरोंं� कोो वह अनमोोल
प्रकााश प्रकट कर सकेंं जोो उन्हेंं प्रााप्त हुआ थाा। इस प्रकाार सत्य कोो गांं�व सेे गांं�व तक, शहर सेे शहर
तक लेे जाायाा गयाा, और कुँँ� वाारीी मरि�यम केे मंं दि�र मेंं तीीर्थथयाात्रि�योंं� कीी संं ख्याा बहुत कम होो गई। भेंंटोंं� मेंं
गि�राावट आई थीी, और फलस्वरूप ज़्विं�ं�गलीी केे वेेतन मेंं, जोो उन मेंं सेे नि�काालाा जााताा थाा। लेेकि�न इससेे
उसेे केे वल खुुशीी हुई क्योंं�कि� उसनेे देेखाा कि� कट्टरताा और अंंधवि�श्वाास कीी शक्ति� घट रहीी थीी।
कलीीसि�याा केे अधि�काारीी उस कााम केे प्रति� अंंधेे नहींं� थेे जोो ज़्विं�ं�गलीी पूूराा कर रहाा थाा; लेेकि�न
फि�लहााल केे लि�ए उन्होंं�नेे दखल देेनाा नहींं� छोोड़ाा। इस आशाा मेंं कि� वेे उसेे अपनेे हि�त केे पक्ष मेंं कर
लेंंगेे, उन्होंं�नेे चाापलूूसीी सेे उसेे जीीतनेे काा प्रयाास कि�याा; और इस बीीच सच्चााई लोोगोंं� केे दि�लोंं� पर अपनीी
पकड़ बनाा रहीी थीी।
आइन्सि�डेेलन मेंं ज़्विं�ं�गलीी केे श्रम नेे उसेे एक व्याापक क्षेेत्र केे लि�ए तैैयाार कि�याा थाा, और वह जल्द
हीी इसमेंं प्रवेेश करनेे वाालाा थाा। यहांं� तीीन सााल केे बााद उसेे ज्यूूरि�ख केे गि�रजााघर मेंं उपदेेशक केे पद
पर बुुलाायाा गयाा। यह तब स्वि�स संं घ काा सबसेे महत्वपूूर्णण शहर थाा, और यहाँँ� पर प्रभााव व्याापक रूप
सेे महसूूस कि�याा जाानेे वाालाा थाा। हाालाँँ�कि�, वेे पाादरीी जि�नकेे नि�मंं त्रण सेे वह ज्यूूरि�ख आयाा थाा, कि�सीी
भीी नवााचाार कोो रोोकनेे केे इच्छुु क थेे, और वेे तदनुुसाार उसेे उसकेे कर्ततव्योंं� केे बाारेे मेंं नि�र्देेश देेनेे केे लि�ए
आगेे बढ़ेे।
«कम सेे कम अनदेेखीी कि�ए बि�नाा,” उन्होंं�नेे कहाा, «यााजक सभाा केे रााजस्व कोो इकट्ठाा करनेे केे
लि�ए, आप हर प्रयाास करेंंगेे। सभीी दशमांं�श और देेय रााशि� काा भुुगताान करनेे केे लि�ए, और उनकीी भेंंटोंं�
124 महाान वि�वााद

केे द्वााराा कलीीसि�याा केे प्रति� उनकाा स्नेेह दि�खाानेे केे लि�ए, आप पुुल्पि�ट सेे और पाापस्वीीकाार-पीीठि�काा मेंं,
वफाादाार लोोगोंं� कोो प्रोोत्सााहि�त करेंंगेे। आप बीीमाारोंं� सेे, जनताा सेे, और साामाान्य रूप सेे हर गि�रजेे-संं बंं धीी
व्यवस्थाा सेे होोनेे वाालीी आय कोो बढ़ाानेे मेंं तन्मय होंं�गेे।” «संं स्काारोंं� काा प्रबंं धन, उपदेेश और झुंं�ड कीी
देेखभााल केे लि�ए,» उसकेे प्रशि�क्षकोंं� नेे कहाा, «येे भीी पाादरीी केे कर्ततव्य हैंं। लेेकि�न इनकेे लि�ए आप एक
वि�कल्प कोो नि�युुक्त कर सकतेे हैंं, और वि�शेेष रूप सेे प्रचाार मेंं। आपकोो संं स्काार कि�सीी और कोो नहींं�
बल्कि� वि�शि�ष्ट व्यक्ति�योंं� कोो देंंगेे, और केे वल तभीी जब कहाा जााए; आपकोो व्यक्ति�योंं� केे भेेद केे बि�नाा
ऐसाा करनेे सेे मनाा कि�याा गयाा हैै।” — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 8, अध्यााय 6।
ज़्विं�ं�गलीी नेे चुुपचााप इस प्रभाार कोो सुुनाा, और जवााब मेंं, इस महत्वपूूर्णण पद पर नि�मंं त्रि�त करनेे केे
सम्माान केे लि�ए अपनाा आभाार व्यक्त करनेे केे बााद, वह उस काार्यय-प्रणाालीी कीी व्यााख्याा करनेे केे लि�ए आगेे
बढ़ाा, जि�सेे वह अपनाानेे काा इराादाा रखताा थाा। «मसीीह काा जीीवन,» उसनेे कहाा, «लोोगोंं� सेे बहुत लंं बेे
समय सेे छि�पाा हुआ हैै। मैंं मत्तीी केे पूूरेे सुुसमााचाार पर प्रचाार करूंंगाा, ... पूूरीी तरह सेे पवि�त्रशाास्त्र केे सोोतोंं�
सेे प्रााप्त करतेे हुए, इसकीी गहनताा कोो सुुनि�श्चि�ित करतेे हुए, एक अंंश कीी दूू सरेे केे सााथ तुुलनाा करतेे हुए,
और नि�रंंतर और गंं भीीर प्राार्थथनाा द्वााराा समझनेे काा प्रयाास करतेे हुए। यह परमेेश्वर कीी महि�माा केे लि�ए हैै,
उसकेे इकलौौतेे पुुत्र कीी स्तुुति� केे लि�ए हैै, मनुुष्योंं� केे वाास्तवि�क उद्धाार केे लि�ए हैै, और सच्चेे वि�श्वाास मेंं
उनकीी उन्नति� केे लि�ए हैै, कि� मैंं अपनीी सेेवकााई कोो अर्पि�त करूंंगाा।” — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 8, अध्यााय
6। हाालाँँ�कि� कुु छ पाादरि�योंं� नेे उसकीी योोजनाा कोो अस्वीीकाार कर दि�याा, और उसेे इससेे दूू र करनेे काा प्रयाास
कि�याा, ज़्विं�ं�गलीी अडि�ग रहाा। उसनेे घोोषणाा कीी कि� वह कोोई नई वि�धि� पेेश करनेे वाालाा नहींं� थाा, बल्कि�
कलीीसि�याा द्वााराा पहलेे और अच्छेे समय मेंं इस्तेेमााल कीी जाानेे वाालीी पुुराानीी पद्धति� कोो पेेश करनेे वाालाा थाा।
उसकेे द्वााराा सि�खााए गए सत्य मेंं रुचि� पहलेे सेे हीी जाागृृत होो चुुकीी थीी; और लोोग बड़ीी संं ख्याा मेंं
उसकेे उपदेेश कोो सुुननेे केे लि�येे उमड़ पड़ेे। उसकेे सुुननेे वाालोंं� मेंं बहुत सेे ऐसेे थेे, जि�न्होंं�नेे लंं बेे समय सेे
आरााधनाा मेंं जाानाा बंं द कर दि�याा थाा। सुुसमााचाारोंं� पर प्रकााश डाालकर और अपनेे श्रोोतााओंं कोो मसीीह
केे जीीवन, शि�क्षााओंं और मृृत्युु कीी प्रेेरि�त कथाा कोो समझाातेे हुए, उसनेे अपनीी सेेवकााई प्राारंंभ कीी। यहाँँ�,
आइन्सि�डेेलन कीी तरह, उसनेे परमेेश्वर केे वचन कोो एकमाात्र अचूूक अधि�काार केे रूप मेंं और मसीीह
कीी मृृत्युु कोो एकमाात्र पूूर्णण बलि�दाान केे रूप मेंं प्रस्तुुत कि�याा। «वह मसीीह हैै,» उसनेे कहाा, «जि�सकीी
ओर मैंं आपकोो लेे जाानाा चााहताा हूंं —मसीीह कीी ओर, जोो उद्धाार काा सच्चाा स्रोोत हैै।» — पूूर्वोोक्त.,
पुुस्तक 8, अध्यााय 6। प्रचाारक केे चाारोंं� ओर रााजनेेतााओंं और वि�द्वाानोंं� सेे लेेकर काारीीगर और कि�साान
तक सभीी वर्गोंं केे लोोगोंं� कीी भीीड़ लग जाातीी थीी। वेे उसकेे संं देेश कोो बड़ीी दि�लचस्पीी सेे सुुनतेे थेे। उसनेे
न केे वल एक मुुफ़्त उद्धाार कीी पेेशकश कीी घोोषणाा कीी, बल्कि� नि�डर होोकर उस समय कीी बुुरााइयोंं�
और भ्रष्टााचाारोंं� कीी नि�न्दाा कीी। कई लोोग गि�रजााघर सेे परमेेश्वर कीी स्तुुति� करतेे हुए लौौटतेे थेे। «यह
आदमीी,» उन्होंं�नेे कहाा, «सत्य काा उपदेेशक हैै। वह हमााराा मूूसाा होोगाा, जोो हमेंं मि�स्र केे इस अन्धकाार
मेंं सेे नि�काालेेगाा।” — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 8, अध्यााय 6।
लेेकि�न हाालांं�कि� पहलेे तोो उसकेे कााम कोो बड़ेे उत्सााह केे सााथ स्वीीकाार कि�याा गयाा, लेेकि�न कुु छ
समय बााद इसकाा वि�रोोध शुुरू होो गयाा। भि�क्षुुओं ं नेे उसकेे कााम मेंं बााधाा डाालनेे और उसकीी शि�क्षााओंं कीी
निं�दां ा करनेे केे लि�ए खुुद कोो तैैयाार कि�याा। बहुतोंं� नेे उसपर ताानोंं� और ति�रस्काार कीी बौौछाार कीी; दूू सरोंं� नेे
बदतमीीज़ीी और धमकि�योंं� काा प्रयोोग कि�याा। लेेकि�न ज़्विं�ं�गलीी नेे सब कुु छ सहन करतेे हुए कहाा: “यदि�
स्विस सुधा 125

हम दुष्ु टोंं� यीीशुु मसीीह कीी ओर आकर्षि�त करनाा चााहतेे हैंं, तोो हमेंं बहुत सीी बाातोंं� कोो अनदेेखाा कर देेनाा
चााहि�ए।” — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 8, अध्यााय 6।
लगभग इसीी समय सुुधाार केे काार्यय कोो आगेे बढ़ाानेे केे लि�ए एक नयाा सााधन आयाा। बेेसल मेंं
सुुधाारि�त वि�श्वाास केे एक मि�त्र द्वााराा, लूूसि�यन नाामक एक आदमीी कोो लूूथर केे कुु छ लेेखोंं� केे सााथ
ज़्यूूरि�ख भेेजाा गयाा, जि�सनेे सुुझााव दि�याा थाा कि� इन पुुस्तकोंं� कीी बि�क्रीी प्रकााश कोो बि�खेेरनेे काा एक प्र-
भाावशाालीी सााधन होो सकतीी हैै। «पताा लगााओ,» उसनेे ज़्विं�ं�गलीी कोो लि�खाा, «क्याा इस आदमीी केे पाास
पर्याा�प्त वि�वेेक और कौौशल हैै; यदि� ऐसाा हैै, तोो वह एक नगर सेे दूू सरेे नगर, एक शहर सेे दूू सरेे शहर,
एक गाँँ�व सेे दूू सरेे गाँँ�व, और यहाँँ� तक कि� एक घर सेे दूू सरेे घर तक, स्वि�स लोोगोंं� केे बीीच, लूूथर केे
लेेखोंं� कोो, और वि�शेेष रूप सेे साामाान्य जन केे लि�ए लि�खीी गई प्रभुु कीी प्राार्थथनाा कीी उसकीी व्यााख्याा कोो,
लेे जााए। जि�तनाा अधि�क वेे जाानेे जााएंं गेे, उतनेे अधि�क खरीीदाार उन्हेंं मि�लेंंगेे।” — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक
8, अध्यााय 6। इस प्रकाार प्रकााश कोो प्रवेेश मि�ल गयाा।
जि�स समय परमेेश्वर अज्ञाानताा और अन्धवि�श्वाास कीी बेेड़ि�योंं� कोो तोोड़नेे कीी तैैयाारीी कर रहाा होोताा
हैै, उस समय शैैताान मनुुष्योंं� कोो अँँधेेरेे मेंं लपेेटनेे और उनकीी बेेड़ि�योंं� कोो और मज़बूूतीी सेे बाँँ�धनेे केे लि�ए
सबसेे बड़ीी शक्ति� केे सााथ कााम करताा हैै। जब लोोग अलग-अलग देेशोंं� मेंं मसीीह केे लहू केे मााध्यम सेे
लोोगोंं� केे लि�ए क्षमाा और धाार्मि�कताा प्रदाान करनेे केे लि�ए खड़ेे होो रहेे थेे, रोोम, पैैसेे केे बदलेे क्षमाा कीी
पेेशकश करतेे हुए, संं पूूर्णण मसीीहीी जगत मेंं अपनाा बााज़ाार खोोलनेे केे लि�ए नए जोोश केे सााथ आगेे बढ़ाा।
प्रत्येेक पााप कीी अपनीी कीीमत थीी, और यदि� और यदि� चर्चच केे खजाानेे कोो अच्छीी तरह सेे भराा रखाा
जााताा थाा तोो लोोगोंं� कोो अपरााध केे लि�ए मुुफ्त लााइसेंंस दि�याा जााताा थाा। इस प्रकाार दोोनोंं� अभि�याान आगेे
बढ़ेे, —एक पैैसेे केे बदलेे पााप कीी क्षमाा कीी पेेशकश, दूू सराा मसीीह केे द्वााराा क्षमाा, — रोोम पााप करनेे
काा अधि�काार देेतेे हुए और उसेे रााजस्व काा स्रोोत बनाातेे हुए; सुुधाारक पााप कीी निं�दां ा करतेे हुए और मसीीह
कोो प्राायश्चि�ित और उद्धाारकर्ताा� केे रूप मेंं इंं गि�त करतेे हुए।
जर्ममनीी मेंं क्षमाा कीी बि�क्रीी डोोमि�नि�कन भि�क्षुुओं ं केे सुुपुुर्दद कीी गई थीी और कुु ख्याात टेेटज़ेेल द्वााराा
संं चाालि�त कीी जाातीी थीी। स्वि�ट््ज़रलैंंड मेंं इस आदाान प्रदाान कोो एक इताालवीी भि�क्षुु, सैैमसन केे नि�यंं त्रण
मेंं, फ्रांं�सि�स्कनोंं� केे सुुपुुर्दद कर दि�याा गयाा थाा। पोोप केे खजाानेे कोो भरनेे केे लि�ए जर्ममनीी और स्वि�टज-
रलैंंड सेे भाारीी रकम हाासि�ल कर, सैैमसन नेे पहलेे सेे हीी चर्चच कीी अच्छीी सेेवाा कीी थीी। अब उसनेे बड़ीी
भीीड़ कोो आकर्षि�त करतेे हुए, गरीीब कि�साानोंं� कोो उनकीी कम कमााई सेे वंं चि�त करतेे हुए, और धनीी वर्गोंं
सेे समृृद्ध उपहाारोंं� कीी मांं�ग करतेे हुए, स्वि�ट््जरलैंंड कीी याात्राा कीी। लेेकि�न सुुधाार काा प्रभााव पहलेे सेे हीी
आदाान प्रदाान केे घटनेे मेंं प्रतीीत होो रहाा थाा, हाालांं�कि� यह व्याापाार कोो रोोक नहींं� सकाा। ज़्विं�ं�गलीी अभीी भीी
आइन्सि�डेेलन मेंं थाा, जब सैैमसन, स्वि�ट््जरलैंंड मेंं प्रवेेश करनेे केे तुुरंंत बााद, एक पड़ोोसीी शहर मेंं अपनेे
असबााब केे सााथ पहुंंचाा। उसकेे मि�शन सेे अवगत होोनेे केे बााद, सुुधाारक तुुरंंत उसकाा वि�रोोध करनेे केे
लि�ए नि�कल पड़ाा। दोोनोंं� कीी मुुलााकाात नहींं� हुई, लेेकि�न भि�क्षुु केे ढोंं�ग कोो उजाागर करनेे मेंं ज़्विं�ं�गलीी कीी
सफलताा ऐसीी थीी कि� वह अन्य जगहोंं� पर जाानेे केे लि�ए बााध्य होो गयाा।
ज़्यूूरि�ख मेंं, ज़्विं�ं�गलीी नेे क्षमाा केे सौौदाागरोंं� केे वि�रुद्ध उत्सााहपूूर्ववक प्रचाार कि�याा; और जब सैैमसन
उस स्थाान केे नि�कट पहुंंचाा, तब उस कीी भेंंट महाासभाा केे एक संं देेशवााहक सेे हुई, जोो एक सूूचनाा
लेेकर आयाा, जि�सेे आगेे पहुँँचाानेे कीी उससेे उम्मीीद थीी। अंंतत: उसनेे छल सेे एक प्रवेेश हाासि�ल कर
126 महाान वि�वााद

लि�याा, लेेकि�न उसेे एक भीी क्षमाा कीी बि�क्रीी केे बि�नाा भेेज दि�याा गयाा, और वह जल्द हीी स्वि�ट््जरलैंंड सेे
चलाा गयाा।
1519 मेंं स्वि�ट््जरलैंंड मेंं महाामाारीी, याा ग्रेेट डेेथ केे प्रकोोप सेे सुुधाार कोो अत्यधि�क प्रोोत्सााहन मि�लाा
थाा। जब लोोगोंं� कोो इस प्रकाार वि�नााशक केे आमनेे-साामनेे लाायाा गयाा, तोो कई लोोगोंं� कोो यह महसूूस
हुआ कि� जि�सेे उन्होंं�नेे हााल हीी मेंं खरीीदाा थाा क्षमाादाान कि�तनाा व्यर्थथ और बेेकाार थाा; और वेे अपनेे
वि�श्वाास केे लि�ए एक नि�श्चि�ित नींं�व कीी लाालसाा करनेे लगेे। ज्यूूरि�ख मेंं ज़्विं�ं�गलीी चपेेट मेंं आ गयाा;
उसकीी स्थि�ति� इतनीी खरााब होो गई कि� उसकेे ठीीक होोनेे कीी साारीी उम्मीीदेंं छोोड़ दीी गईं, और यह समााचाार
व्याापक रूप सेे प्रसाारि�त कि�याा गयाा कि� वह मर चुुकाा हैै। उस कठि�न घड़ीी मेंं उसकीी आशाा और सााहस
अडि�ग थाा। पााप केे लि�ए सर्वव-पर्याा�प्त प्राायश्चि�ित पर वि�श्वाास करतेे हुए, उसनेे वि�श्वाास मेंं कलवरीी केे
क्रूूस कीी ओर देेखाा। जब वह मृृत्युु केे फााटकोंं� सेे वाापस आयाा, तोो वह पहलेे सेे कहींं� अधि�क उत्सााह केे
सााथ सुुसमााचाार काा प्रचाार करनेे केे लि�ए थाा; और उसकेे शब्दोंं� मेंं असाामाान्य शक्ति� थीी। कब्र केे कि�नाारेे
सेे उनकेे पाास लौौट आए अपनेे प्रि�य पाादरीी काा लोोगोंं� नेे खुुशीी सेे स्वाागत कि�याा। वेे स्वयंं बीीमाारोंं� और
मरनेे वाालोंं� कीी देेखभााल करकेे आए थेे, और उन्होंं�नेे सुुसमााचाार केे महत्व कोो महसूूस कि�याा, जैैसाा कि�
पहलेे कभीी नहींं� कि�याा थाा।
ज़्विं�ं�गलीी नेे इसकेे सत्योंं� कीी एक स्पष्ट समझ प्रााप्त कर लीी थीी, और अपनेे आप मेंं इसकीी नवी�-
करणीीय शक्ति� काा अधि�क पूूर्णण अनुुभव कि�याा थाा। मनुुष्य काा पतन और छुु टकाारेे कीी योोजनाा वेे वि�षय
थेे जि�न पर वह वि�चाार करताा थाा। «आदम मेंं,» उसनेे कहाा, «भ्रष्टााचाार और निं�दां ा मेंं डूू बेे, हम सभीी
मर चुुकेे हैंं।» —वि�लीी, पुुस्तक 8, अध्यााय 9। «मसीीह ... नेे हमाारेे लि�ए कभीी न खत्म होोनेे वाालाा
छुु टकााराा खरीीदाा हैै। उसकाा जुुनूून हैै ... एक शााश्वत बलि�दाान, और हमेेशाा केे लि�ए चंं गाा करनेे केे लि�ए
प्रभाावीी; यह उन सब केे लि�येे जोो उस पर दृढ़ और अटल वि�श्वाास केे सााथ नि�र्भभर करतेे हैंं, ईश्वरीीय
न्यााय कोो सदाा केे लि�येे तृृप्त करताा हैै।” फि�र भीी उसनेे स्पष्ट रूप सेे सि�खाायाा कि� मनुुष्य, मसीीह केे
अनुुग्रह केे काारण, पााप मेंं बनेे रहनेे केे लि�ए स्वतंं त्र नहींं� हैंं। “जहाँँ� ईश्वर मेंं वि�श्वाास हैै, वहाँँ� ईश्वर
हैै; और जहांं� कहींं� परमेेश्वर रहताा हैै, वहांं� लोोगोंं� कोो अच्छेे काामोंं� केे लि�ए उकसाानेे और प्रेेरि�त करनेे
केे लि�ए तत्परताा होोतीी हैै।” —डीी औबि�ग्नेे, पुुस्तक 8, अध्यााय 9।
ज़्विं�ं�गलीी केे प्रचाार मेंं इतनीी दि�लचस्पीी थीी कि� गि�रजााघर उस भीीड़ सेे भर गयाा थाा जोो उसेे सुुननेे केे
लि�ए आई थीी। धीीरेे-धीीरेे, जैैसाा कि� वेे इसेे सहन कर सकतेे थेे, उसनेे अपनेे श्रोोतााओंं केे लि�ए सत्य कोो
प्रकट कि�याा। वह साावधाान थाा कि� शुुरू मेंं उन तथ्योंं� काा परि�चय न देंं जोो उन्हेंं चौंं�काा देंं और पूूर्वाा�ग्रह
पैैदाा करेंं। उसकाा काार्यय उनकेे हृदयोंं� कोो मसीीह कीी शि�क्षााओंं केे प्रति� जीीतनाा, उसकेे प्रेेम सेे उन्हेंं वि�नम्र
करनाा, और उनकेे साामनेे उसकाा उदााहरण रखनाा थाा; और उनकेे द्वााराा सुुसमााचाार केे सि�द्धांं�त प्रााप्त कि�ए
जाानेे पर, उनकीी अंंधवि�श्वाासीी माान्यतााएंं और प्रथााएंं अनि�वाार्यय रूप सेे उखााड़ फेंंकीी जाातीी।
कदम दर कदम सुुधाार ज़्यूूरि�ख मेंं उन्नत हुआ। आपत्ति� काा पूूर्ववसंंकेे त पााकर, इसकेे दुश्म ु न सक्रि�य
वि�रोोध केे लि�ए जााग उठेे । एक सााल पहलेे, वि�टनबर्गग केे भि�क्षुु नेे पोोप और वर्म्सस मेंं सम्रााट कोो अपनीी नाा
कहीी थीी, और अब सब कुु छ ज्यूूरि�ख मेंं पोोप केे दाावोंं� कीी समाान समझ काा संं केे त देेताा प्रतीीत होोताा थाा।
ज़्विं�ं�गलीी पर बाार-बाार हमलेे कि�ए गए। पोोप कीी छाावनि�योंं� मेंं, समय-समय पर, सुुसमााचाार केे शि�ष्योंं� कोो
धर्मम हेेतुु मरण केे लि�ए कााठ पर लाायाा जााताा थाा, लेेकि�न यह पर्याा�प्त नहींं� थाा; वि�धर्मम केे शि�क्षक कोो चुुप
स्विस सुधा 127

कराायाा जाानाा थाा। तदनुुसाार, ज़्विं�ं�गलीी पर लोोगोंं� कोो कलीीसि�याा कीी व्यवस्थाा काा उल्लंं घन करनेे केे लि�ए
सि�खाानेे और, इस प्रकाार समााज कीी शांं�ति� और अच्छीी व्यवस्थाा कोो खतरेे मेंं डाालनेे काा आरोोप लगाातेे
हुए, कॉॉन्स्टेंंस केे बि�शप नेे ज़्यूूरि�ख कीी महाासभाा नेे तीीन प्रति�नि�धि�योंं� कोो भेेजाा। कलीीसि�याा केे अधि�काार
कोो अलग रख देेनेे केे परि�णाामस्वरूप, उसनेे आग्रह कि�याा, साार्ववभौौमि�क अरााजकताा परि�णाामि�त होोगीी।
ज़्विं�ं�गलीी नेे उत्तर दि�याा कि� वह चाार सााल सेे ज्यूूरि�ख मेंं, «जोो कि� संं घ केे कि�सीी भीी अन्य शहर कीी
तुुलनाा मेंं अधि�क शांं�त और शांं�ति�पूूर्णण थाा,» सुुसमााचाार कीी शि�क्षाा देे रहाा थाा। «तोो क्याा, फि�र,» उसनेे
कहाा, «मसीीहीी धर्मम साामाान्य सुुरक्षाा काा सबसेे अच्छाा बचााव हैै?» — वि�लीी, पुुस्तक 8, अध्यााय 11।
प्रति�नि�धि�योंं� नेे सभाासदोंं� कोो कलीीसि�याा मेंं बनेे रहनेे कीी सलााह दीी थीी, जि�सकेे बााहर, उन्होंं�नेे
घोोषणाा कीी, कोोई उद्धाार नहींं� थाा। ज़्विं�ं�गलीी नेे जवााब दि�याा: «इस आरोोप कोो आप पर हाावीी न होोनेे देंं।
कलीीसि�याा कीी नींं�व वहीी चट्टाान हैै, वहीी मसीीह, जि�सनेे पतरस कोो उसकाा नााम दि�याा क्योंं�कि� उसनेे उसेे
वि�श्वाासपूूर्ववक अंंगीीकाार कि�याा थाा। प्रत्येेक रााष्ट्रर मेंं जोो कोोई भीी पूूरेे मन सेे प्रभुु यीीशुु मेंं वि�श्वाास करताा
हैै, वह परमेेश्वर द्वााराा स्वीीकाार कि�याा जााताा हैै। यहाँँ�, वाास्तव मेंं, कलीीसि�याा हैै, जि�सकेे बााहर कि�सीी कोो
भीी बचाायाा नहींं� जाा सकताा हैै। « —डीी› ऑबि�ग्नेे, लंं दन संं स्करण., पुुस्तक 8, अध्यााय 11। सम्मेेलन
केे परि�णाामस्वरूप, बि�शप केे एक प्रति�नि�धि� नेे सुुधाारि�त वि�श्वाास कोो स्वीीकाार कर लि�याा।
सभाा नेे ज़्विं�ं�गलीी केे खि�लााफ काार्ररवााई करनेे सेे इनकाार कर दि�याा, और रोोम एक नए हमलेे केे लि�ए
तैैयाार होो गयाा। सुुधाारक कोो जब अपनेे शत्रुुओं ं केे षडयंं त्रोंं� सेे अवगत कराायाा गयाा, तोो उसनेे कहाा:
“उन्हेंं आनेे दोो; मैंं उनसेे वैैसेे हीी डरताा हूंं जैैसेे प्रलम्बीी चट्टाान अपनेे नि�चलेे सि�रेे पर गरजनेे वाालीी लहरोंं�
सेे डरतीी हैै।” — वि�लीी, पुुस्तक 8, अध्यााय 11। पाादरि�योंं� केे प्रयाासोंं� नेे उस काार्यय कोो आगेे हीी बढ़ाायाा
जि�सेे वेे उखााड़ फेंंकनेे कीी कोोशि�श कर रहेे थेे। सत्य काा प्रसाार होोताा रहाा। जर्ममनीी मेंं लूूथर केे लाापताा
होोनेे सेे नि�रााश उसकेे अनुुयाायि�योंं� नेे फि�र सेे आत्मवि�श्वाास हाासि�ल कि�याा, क्योंं�कि� उन्होंं�नेे स्वि�ट््जरलैंंड
मेंं सुुसमााचाार कीी प्रगति� कोो देेखाा।
ज़्यूूरि�ख मेंं जैैसेे-जैैसेे सुुधाार स्थाापि�त हुआ, इसकेे फल पूूरीी तरह सेे बुुरााई केे दमन और व्यवस्थाा
और सद्भा ् ाव कोो बढ़ाावाा देेनेे मेंं देेखेे गए। «शांं�ति� काा वाास हमाारेे शहर मेंं हैै,» ज़्विं�ं�गलीी नेे लि�खाा; «कोोई
झगड़ाा नहींं�, कोोई पााखंं ड नहींं�, कोोई ईर्ष्याा� नहींं�, कोोई कलह नहींं�। ऐसाा मि�लन कहाँँ� सेे आ सकताा हैै
सि�वााय हमाारेे प्रभुु, और हमाारेे सि�द्धांं�त कीी ओर सेे जोो हमेंं शांं�ति� और पवि�त्रताा केे फल सेे भर देेताा हैै?”
- पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 8, अध्यााय 15।
सुुधाार द्वााराा प्रााप्त जीीत नेे रोोमनवाादि�योंं� कोो इसकीी परााजय केे लि�ए और अधि�क दृढ़ प्रयाासोंं� केे
लि�ए उकसाायाा।
यह देेखतेे हुए कि� जर्ममनीी मेंं लूूथर केे कााम कोो दबाानेे मेंं उत्पीीड़न सेे कि�तनाा कम हाासि�ल हुआ थाा,
उन्होंं�नेे सुुधाार हीी केे सााधनोंं� सेे उसकाा साामनाा करनेे काा फैै सलाा कि�याा। वेे ज़्विं�ं�गलीी केे सााथ वि�वााद
करेंंगेे, और माामलोंं� कीी व्यवस्थाा होोनेे पर, वेे न केे वल युुद्ध केे स्थाान कोो चुुनकर, बल्कि� उन न्याायााधीीशोंं�
कोो चुुनकर जीीत सुुनि�श्चि�ित करेंंगेे, जि�न्हेंं वि�वााद करनेेवाालोंं� केे बीीच फैै सलाा करनाा होो। और अगर वेे
एक बाार ज़्विं�ं�गलीी कोो अपनेे अधि�काार मेंं लाा सकेे , तोो वेे इस बाात काा ध्याान रखेंंगेे कि� वह उनसेे बचकर
न नि�कल जााए। अगुुवेे कोो चुुप करााए जाानेे केे बााद, अभि�याान कोो तेेजीी सेे कुु चलाा जाा सकताा थाा।
हाालाँँ�कि�, इस उद्देेश्य कोो साावधाानीी सेे छुु पाायाा गयाा थाा।
128 महाान वि�वााद

वााद-वि�वााद कोो बााडेेन मेंं आयोोजि�त करनेे केे लि�ए तय कि�याा गयाा; लेेकि�न ज्विं�गं लीी मौौजूूद नहींं�
थाा। ज्यूूरि�ख कीी महाासभाा नेे, पोोप समर्थथकोंं� केे षड्यंंत्र पर संं देेह करतेे हुए, और सुुसमााचाार केे स्वीी-
काार-कर्ताा�ओं ं केे लि�ए पोोप केे तहत प्राान्तोंं� मेंं जलााए गए दााहक ढेेरोंं� द्वााराा चेेताावनीी पााकर, अपनेे पाादरीी
कोो खुुद कोो इस संं कट मेंं उजाागर करनेे सेे मनाा कि�याा। ज्यूूरि�ख मेंं वह उन सभीी कट्टरपंं थि�योंं� सेे मि�लनेे
केे लि�ए तैैयाार थाा जि�न्हेंं रोोम भेेज सकताा थाा; लेेकि�न बााडेेन जाानेे केे लि�ए, जहांं� सत्य केे लि�ए शहीीदोंं�
काा खूून बहाायाा गयाा थाा, नि�श्चि�ित मौौत केे मुँँ�ह मेंं जाानाा थाा। ओइकोोलैैम्पैैडि�यस और हॉॉलर कोो सुुधाारकोंं�
काा प्रति�नि�धि� चुुनाा गयाा, जबकि� प्रसि�द्ध डॉॉ ऐक, कई वि�द्वाान आचाार्योंं और धर्माा�ध्यक्षोंं� द्वााराा समर्थि�त,
रोोम काा चैंंपि�यन थाा।
हाालांं�कि� ज्विं�गं लीी सम्मेेलन मेंं मौौजूूद नहींं� थाा, लेेकि�न उसकाा प्रभााव महसूूस कि�याा गयाा। सभीी
सचि�वोंं� कोो पोोप समर्थथकोंं� द्वााराा चुुनाा गयाा थाा, और अन्य लोोगोंं� कोो मृृत्युु कीी धमकीी देेकर, वि�वरण दर्जज
करनेे सेे मनाा कि�याा गयाा थाा। इसकेे बाावजूूद , ज़्विं�ं�गलीी कोो बााडेेन मेंं कहीी गई बाातोंं� काा एक सच्चाा
वि�वरण प्रति�दि�न मि�लताा थाा। वााद-वि�वााद केे समय उपस्थि�त एक छाात्र प्रत्येेक शााम उस दि�न प्रस्तुुत
कि�ए गए तर्कोंं काा वि�वरण लि�खताा थाा। इन पत्रि�योंं� कोो दोो अन्य छाात्र, ओइकोोलैैम्पैैडि�यस केे दैैनि�क
पत्रोंं� केे सााथ, ज्यूूरि�ख मेंं ज्विं�गं लीी तक पहुंंचाानेे काा दाायि�त्व लेेतेे थेे। सुुधाारक नेे सलााह और सुुझााव देेतेे
हुए उत्तर दि�याा। उसकेे पत्र राात मेंं लि�खेे जाातेे थेे और छाात्र सुुबह उनकेे सााथ बााडेेन लौौट जाातेे थेे। शहर
केे फााटकोंं� पर तैैनाात पहरेेदाारोंं� कीी सतर्कक ताा सेे बचनेे केे लि�ए, येे दूू त अपनेे सि�र पर मुुर्गि�योंं� कीी टोोकरि�याँँ�
लाातेे थेे, और उन्हेंं बि�नाा कि�सीी बााधाा केे जाानेे दि�याा जााताा थाा।
इस प्रकाार ज्विं�गं लीी नेे अपनेे चतुुर वि�रोोधि�योंं� केे सााथ लड़ााई कोो बनााए रखाा। मााइकोोनि�यस नेे
कहाा, « जि�तनीी मेेहनत उसनेे अपनेे दुश्म ु नोंं� केे बीीच व्यक्ति�गत रूप सेे चर्चाा� करकेे करताा, उससेे अधि�क
मेेहनत उसनेे अपनेे ध्याान सेे, अपनीी अनि�द्र राातोंं� सेे, और बााडेेन कोो प्रेेषि�त कीी सलााह केे द्वााराा कीी।» -
डीी› ऑबि�ग्नेे, पुुस्तक 8, अध्यााय 11।
प्रत्यााशि�त वि�जय सेे उत्तेेजि�त, रोोमनवाादीी, गहनोंं� सेे सुुसज्जि�ित और अपनेे सबसेे बहुमूूल्य वस्त्र
पहनेे हुए आए। वेे सुुख–वि�लाास और धूूम–धााम केे सााथ रहतेे थेे, उनकीी मेेज़ोंं� पर बेेहतरीीन मदि�राा
और सबसेे महंंगेे व्यंंजन हुआ करतेे थेे। उनकेे कलीीसि�यााई कर्ततव्योंं� केे उत्तरदाायि�त्व कीी गम्भीीरताा
उल्लाास और आनंं द सेे कम होो गई थीी। सुुधाारवाादीी इसकेे स्पष्टतयाा वि�परीीत दि�खााई देेतेे थेे, जि�न्हेंं लोोग
भि�खाारि�योंं� केे एक समूूह सेे थोोड़ाा हीी बेेहतर समझतेे थेे, जि�नकाा अल्प आहाार उन्हेंं मेेज़ पर कम समय
केे लि�ए हीी रखताा थाा। ओइकोोलैैम्पैैडि�यस केे मकाान माालि�क नेे, उसेे उसकेे कमरेे मेंं देेखनेे काा अवसर
पााकर , उसेे हमेेशाा अध्ययन याा प्राार्थथनाा मेंं व्यस्त और जााननेे केे लि�ए बहुत उत्सुुक पाायाा, और उसनेे
बताायाा कि� वि�धर्मीी कम सेे कम «बहुत पवि�त्र» थाा।
सम्मेेलन मेंं, «ऐक शाानदाार ढंंग सेे सजााए गए एक उपदेेश-मंं च पर चढ़ाा, जबकि� सााधाारण कपड़ेे
पहनेे हुए वि�नम्र ओइकोोलैैम्पैैडि�यस, अपनेे प्रति�द्वंं द्वीी केे साामनेे सााधाारण स्टूू ल पर अपनेे प्रति�द्वंं द्वीी केे
साामनेे अपनीी जगह लेेनेे केे लि�ए मजबूूर होो गयाा।» - पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 11, अध्यााय 13। ऐक कीी बुुलंंद
आवााज और असीीम आश्वाासन नेे कभीी उसकाा सााथ नहींं� छोोड़ाा। उसकाा जोोश धन कीी आशाा और
सााथ हीी प्रसि�द्धि� सेे प्रेेरि�त थाा; क्योंं�कि� वि�श्वाास केे रक्षक कोो एक उदाार शुुल्क सेे पुुरस्कृृत कि�याा जाानाा
थाा। जब बेेहतर तर्कक वि�फल होो गए, तोो उसनेे अपमाान और यहांं� तक कि� शपथ तक काा सहााराा लि�याा।
स्विस सुधा 129

ओइकोोलैैम्पैैडि�यस, वि�नम्र और आत्म-संं दि�ग्धचि�त्त, लड़ााई सेे पीीछेे हट गयाा थाा, और उसनेे इस मैंं
गंं भीीर घोोषणाा केे सााथ प्रवेेश कि�याा: «मैंं ईश्वर केे वचन केे अलाावाा नि�र्णणय केे कि�सीी अन्य माानक कोो
स्वीीकाार नहींं� करताा हूंं» - पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 11, अध्यााय 13। व्यवहाार मेंं वि�नम्र और भद्र होोतेे हुए भीी
उसनेे स्वयंं कोो सक्षम और नि�डर सााबि�त कि�याा। जबकि� रोोमनवाादि�योंं� नेे, उनकेे स्वभााव केे अनुुसाार,
कलीीसि�याा केे रीीति�-रि�वााज़ोंं� केे अधि�काार केे लि�ए अपीील कीी, सुुधाारक नेे पवि�त्र शाास्त्र काा दृढ़ताा सेे
पाालन कि�याा। «रीीति�-रि�वााज़ काा,» उसनेे कहाा, «हमाारेे स्वि�ट््जरलैंंड मेंं कोोई दबााव नहींं� हैै, जब तक कि�
यह संं वि�धाान केे अनुुसाार न होो; अब, वि�श्वाास केे माामलोंं� मेंं, बााइबल हमााराा संं वि�धाान हैै।” - पूूर्वोोक्त.,
पुुस्तक 11, अध्यााय 13।
दोो वााद-वि�वााद करनेे वाालोंं� केे बीीच वि�रोोधााभाास प्रभाावहीीन नहींं� थाा। इतनीी शि�ष्टताा और वि�नम्रताा
सेे प्रस्तुुत कि�ए गए, सुुधाारक केे शांं�त, स्पष्ट तर्कक नेे उन बुुद्धि�जीीवि�योंं� सेे आग्रह कि�याा, जोो ऐक कीी दम्भीी
और प्रचण्ड माान्यतााओंं सेे बेेहद नि�रााश होो गए थेे।
चर्चाा� अठाारह दि�नोंं� तक ज़ाारीी रहीी। इसकेे समाापन पर पोोप समर्थथकोंं� नेे बड़ेे वि�श्वाास केे सााथ जीीत
काा दाावाा कि�याा। अधि�कांं�श प्रति�नि�धि� रोोम केे पक्ष मेंं थेे, और सभाा नेे सुुधाारकोंं� कोो परााजि�त घोोषि�त
कि�याा और घोोषणाा कीी कि� वेे, उनकेे अगुुवाा केे सााथ, कलीीसि�याा सेे अलग दि�ए गए थेे। लेेकि�न चर्चाा� केे
परि�णााम सेे पताा चलाा कि� अनुुकूूल स्थि�ति� कि�स तरफ थीी। वााद-वि�वााद केे परि�णाामस्वरूप प्रोोटेेस्टेंंट हि�त
कोो बहुत प्रोोत्सााहन मि�लाा, और यह लंं बेे समय बााद नहींं� थाा कि� बर्नन और बेेसल केे महत्वपूूर्णण शहरोंं� नेे
सुुधाार केे लि�ए घोोषणाा कीी।
10

जर्ममनीी मेंं सुुधाार कीी प्रगति�

लूू थर केे रहस्यमय ढंंग सेे गाायब होोनेे सेे पूूरेे जर्ममनीी मेंं खलबलीी मच गई। उसकेे बाारेे मेंं पूूछतााछ हर
जगह सुुनीी गई। बेेतहााशाा अफवााहेंं फैै लााई गईं, और कई लोोगोंं� काा मााननाा थाा कि� उसकीी हत्याा
कर दीी गई थीी। न केे वल उनकेे प्रति�ष्ठि��त मि�त्रोंं� द्वााराा, बल्कि� उन हजाारोंं� लोोगोंं� द्वााराा भीी बहुत वि�लााप
कि�याा गयाा थाा, जि�न्होंं�नेे खुुलेे तौौर पर सुुधाार केे सााथ अपनाा पक्ष नहींं� रखाा थाा। कई लोोगोंं� नेे उनकीी मौौत
काा बदलाा लेेनेे कीी पवि�त्र शपथ लीी।
रोोमनवाादीी अगुुवोंं� नेे दहशत केे सााथ देेखाा कि� उनकेे खि�लााफ भाावनााएंं कि�स हद तक पहुंंच गईं थीी।
हाालांं�कि� पहलेे तोो लूूथर कीी कथि�त मौौत सेे बहुत खुुश, वेे जल्द हीी लोोगोंं� केे क्रोोध सेे छि�पनाा चााहतेे थेे।
उसकेे शत्रुु उसकेे सबसेे सााहसीी काार्योंं सेे इतनेे परेेशाान नहींं� हुए थेे जब वह उनकेे बीीच थाा, जि�तनाा कि�
वेे उसकेे नि�ष्काासन केे समय परेेशाान हुए। जि�न लोोगोंं� नेे अपनेे क्रोोध मेंं सााहसीी सुुधाारक कोो नष्ट करनेे
कीी कोोशि�श कीी थीी, वेे अब अत्यंं त भयभीीत होो गए थेे कि� वह एक असहााय बंं दीी बन गयाा थाा। «खुुद कोो
बचाानेे काा एकमाात्र शेेष तरीीकाा हैै,» एक नेे कहाा, «मशाालेंं जलााकर पूूरीी दुनि�या ु ा केे एक ओर सेे दूू सरीी
ओर तक लूूथर कोो ढूंं�ढ़नाा, और उसेे उस रााष्ट्रर मेंं बहााल करनाा जोो उसेे बुुलाा रहाा हैै।» - डीी›ऑबि�ग्नेे,
पुुस्तक 9, अध्यााय 1। ऐसाा लग रहाा थाा कि� सम्रााट काा फरमाान शक्ति�हीीन होोताा प्रतीीत होो रहाा थाा। पोोप
केे प्रति�नि�धि� आक्रोोश सेे भर गए जब उन्होंं�नेे देेखाा कि� लूूथर कीी नि�यति� कीी तुुलनाा मेंं इस पर बहुत कम
ध्याान दि�याा जाा रहाा थाा।
इस समााचाार नेे कि� वह सुुरक्षि�त थाा, हाालाँँ�कि� एक कैै दीी, लोोगोंं� केे डर कोो शांं�त कर दि�याा, जबकि�
इससेे उनकेे पक्ष मेंं उनकाा उत्सााह और भीी बढ़ गयाा। उसकीी रचनााओंं कोो पहलेे सेे कहींं� अधि�क
उत्सुुकताा सेे पढ़ाा गयाा। बढ़तीी संं ख्यााएंं उस वीीर व्यक्ति� केे हि�त मेंं शाामि�ल होो गईं, जि�सनेे ऐसीी भयाानक
बााधााओंं कीी अवस्थाा मेंं, परमेेश्वर केे वचन काा बचााव कि�याा थाा। सुुधाार लगााताार सुुदृढ़ होोताा जाा रहाा
थाा। लूूथर नेे जोो बीीज बोोयाा थाा, वह सब जगह उग आयाा। उसकीी अनुुपस्थि�ति� नेे एक ऐसाा कााम पूूराा
कि�याा जि�सेे करनेे मेंं उसकीी उपस्थि�ति� वि�फल रहीी होोतीी। अन्य मज़दूू रोंं� (काार्ययकर्ताा�ओं)ं कोो एक नई
ज़ि�म्मेेदाारीी काा अहसाास हुआ, अब जबकि� उनकेे महाान अगुुवेे कोो हटाा दि�याा गयाा थाा। नए वि�श्वाास
जर्मनी में सुधार की प् 131

और लगन केे सााथ वेे अपनीी शक्ति� सेे सब कुु छ करनेे केे लि�ए आगेे बढ़ेे, तााकि� इतनीी अच्छीी तरह सेे
शुुरू कि�याा गयाा काार्यय बााधि�त न होो।
लेेकि�न शैैताान नि�ष्क्रि�य नहींं� थाा। अब उसनेे वह प्रयाास कि�याा जोो उसनेे हर दूूसरेे सुुधाारवाादीी आंंदोोलन मेंं
कि�याा - सच्चेे कााम केे स्थाान पर लोोगोंं� कोो नकलीी स्वीीकाार करााकर उन्हेंं गुुमरााह करनाा और नष्ट करनाा। जैैसेे
मसीीहीी कलीीसि�याा कीी पहलीी शतााब्दीी मेंं झूठेू े मसीीहीी थेे, वैैसेे हीी सोोलहवींं� शतााब्दीी मेंं झूठेू े भवि�ष्यद्वक्ताा पैैदाा हुए।
धाार्मि�क दुनि�या
ु ा मेंं उल्लाास सेे अत्यंं त प्रभाावि�त, कुु छ लोोगोंं� नेे कल्पनाा कीी कि� उन्हेंं स्वर्गग सेे वि�शेेष
प्रकााश प्रााप्त हुआ थाा, और उन्होंं�नेे दाावाा कि�याा कि� उस सुुधाार कोो पूूराा करनेे केे लि�ए उन्हेंं परमेेश्वर कीी
ओर सेे काार्यय सौंं�पाा गयाा थाा, जोो लूूथर द्वााराा माामूूलीी तौौर पर शुुरू कि�याा गयाा थाा। वाास्तव मेंं, वेे उसीी काार्यय
कोो भ्रष्ट कर रहेे थेे जि�सेे उसनेे पूूराा कि�याा थाा। उन्होंं�नेे उस महाान सि�द्धांं�त कोो खाारि�ज कर दि�याा जोो सुुधाार
कीी नींं�व थाा—कि� परमेेश्वर काा वचन वि�श्वाास और अभ्याास काा सर्वव-पर्यााप्त � माानक हैै; और उस अचूूक
माार्गगदर्शशक केे बदलेे उन्होंं�नेे अपनीी भाावनााओंं और माान्यतााओंं केे परि�वर्ततनशीील, अनि�श्चि�ित माानक कोो
प्रति�स्थाापि�त कि�याा। भ्रम और असत्य केे महाान संं सूूचक कोो अलग करनेे केे इस काार्यय सेे शैैताान केे लि�ए
लोोगोंं� कीी दि�माागीी क्षमताा कोो अपनीी इच्छाा केे अनुुसाार नि�यंं त्रि�त करनेे काा राास्ताा खुुल गयाा।
इन भवि�ष्यद्वक्तााओंं मेंं सेे एक नेे स्वर्गगदूू त जि�ब्रााएल द्वााराा नि�र्देेश दि�ए जाानेे काा दाावाा कि�याा थाा। उसकेे
सााथ एकजुुट हुए एक छाात्र नेे, यह घोोषणाा करतेे हुए, अपनीी पढ़ााई छोोड़ दीी कि� उसेे स्वयंं परमेेश्वर द्वााराा
उसकेे वचन कोो समझाानेे केे लि�ए ज्ञाान दि�याा गयाा थाा। अन्य जोो स्वााभाावि�क रूप सेे कट्टरताा कीी ओर
प्रवृृत्त थेे, उनकेे सााथ एकजुुट होो गए। इन उत्सााहीी लोोगोंं� कीी काार्ययवााहीी नेे कोोई उत्सााह पैैदाा नहींं� कि�याा।
लूूथर केे प्रचाार नेे हर जगह लोोगोंं� कोो सुुधाार कीी आवश्यकताा महसूूस करनेे केे लि�ए जााग्रत कि�याा
थाा, और अब कुु छ वाास्तव मेंं ईमाानदाार व्यक्ति� नए भवि�ष्यद्वक्तााओंं केे ढोंं�गोंं� सेे गुुमरााह होो गए थेे।
अभि�याान केे अगुुवोंं� नेे वि�टनबर्गग जााकर मेेलांं�कथॉॉन और उसकेे सहयोोगि�योंं� सेे उनकेे दाावोंं� कीी
सच्चााई याा वैैधताा कोो स्वीीकाार करनेे काा आग्रह कि�याा। उन्होंं�नेे कहाा: “हमेंं परमेेश्वर नेे लोोगोंं� कोो
नि�र्देेश देेनेे केे लि�ए भेेजाा हैै। हमनेे प्रभुु केे सााथ अन्तरंंग बाातचीीत कीी हैै; हम जाानतेे हैंं कि� क्याा होोगाा;
संं क्षेेप मेंं, हम प्रेेरि�त और भवि�ष्यद्वक्ताा हैंं, और डॉॉ. लूूथर सेे नि�वेेदन करतेे हैंं।” —पुुरवोोक्त., पुुस्तक
9, अध्यााय 7।
सुुधाारक चकि�त और हैैराान थेे। यह एक ऐसाा तत्व थाा जि�सकाा उन्होंं�नेे पहलेे कभीी साामनाा नहींं�
कि�याा थाा, और वेे नहींं� जाानतेे थेे कि� कौौन साा तरीीकाा अपनााएंं । मेेलांं�कथॉॉन नेे कहाा: “इन लोोगोंं� मेंं
वाास्तव मेंं असााधाारण आत्मााएंं हैंं; लेेकि�न कौौन सीी आत्मााएंं ? एक ओर, आइए हम परमेेश्वर कीी आत्माा
कोो बुुझाानेे सेे साावधाान रहेंं, और दूू सरीी ओर, शैैताान कीी आत्माा केे बहकाावेे मेंं आनेे सेे।” — पूूर्वोोक्त.,
पुुस्तक 9, अध्यााय 7।
नई शि�क्षाा काा फल जल्द हीी स्पष्ट होो गयाा। लोोगोंं� कोो बााइबल कीी उपेेक्षाा करनेे याा इसेे पूूरीी तरह सेे
तुुच्छ जााननेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा गयाा। शि�क्षाालयोंं� मेंं भ्रम कीी स्थि�ति� पैैदाा होो गई। छाात्रोंं� नेे सभीी संं यम
कोो ठुु कराातेे हुए अपनीी पढ़ााई छोोड़ दीी और वि�श्ववि�द्याालय छोोड़ दि�याा। जि�न लोोगोंं� नेे खुुद कोो सुुधाार केे
कााम कोो पुुनर्जीीवि�त करनेे और नि�यंं त्रि�त करनेे केे लि�ए सक्षम समझाा, वेे इसेे बर्बाा�दीी केे कगाार पर लाानेे
मेंं हीी सफल हुए। रोोमनवाादि�योंं� नेे अब अपनाा आत्मवि�श्वाास फि�र सेे प्रााप्त कर लि�याा और खुुशीी सेे कहाा:
«एक आखि�रीी संं घर्षष, और सब हमााराा होोगाा।” — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 9, अध्यााय 7।
132 महाान वि�वााद

वाार्टटबर्गग मेंं लूूथर नेे, जोो कुु छ हुआ थाा, उसेे सुुनकर, गहरीी चिं�तां ा केे सााथ कहाा: «मुुझेे हमेेशाा
पूूर्वाा�भाास थाा कि� शैैताान हम पर यह वि�पदाा भेेजेगाे ा।” — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 9, अध्यााय 7। उसनेे उन
ढोंं�ग करनेे वाालेे भवि�ष्यद्वक्तााओंं केे वाास्तवि�क चरि�त्र कोो महसूूस कि�याा और उस खतरेे कोो देेखाा जोो सत्य
केे हि�त केे लि�ए खतराा थाा। पोोप और सम्रााट केे वि�रोोध नेे उन्हेंं इतनाा बड़ीी उलझन और कठि�नााई मेंं नहींं�
डाालाा थाा जैैसाा कि� उसनेे अब अनुुभव कि�याा। सुुधाार केे तथााकथि�त मि�त्रोंं� सेे उसकेे सबसेे बड़ेे दुश्म ु न
उठ खड़ेे हुए थेे। जि�न सत्योंं� सेे उसेे इतनाा आनंं द और ढााढ़स मि�लताा थाा, वहीी कलीीसि�याा मेंं कलह कोो
भड़काानेे और भ्रम पैैदाा करनेे केे लि�ए नि�योोजि�त कि�ए जाा रहेे थेे।
सुुधाार केे काार्यय मेंं, लूूथर कोो परमेेश्वर कीी आत्माा द्वााराा आगेे बढ़ाायाा गयाा थाा, और उसेे स्वयंं सेे परेे
लेे जाायाा गयाा थाा। उसनेे इस तरह केे पदोंं� कोो लेेनेे काा, याा इतनेे अति�वाादीी परि�वर्ततन करनेे काा इराादाा
नहींं� कि�याा थाा। वह अनंं त शक्ति� केे हााथ मेंं केे वल एक उपकरण थाा। फि�र भीी वह अक्सर अपनेे कााम
केे परि�णााम केे लि�ए कांं�पताा थाा। उसनेे एक बाार कहाा थाा: «अगर मुुझेे पताा होोताा कि� मेेरेे सि�द्धांं�त नेे एक
आदमीी कोो, एक अकेे लेे आदमीी कोो, चााहेे वह कि�तनाा हीी दीीन-हीीन और अप्रसि�द्ध होो, चोोट पहुँँचााई
होो- जोो वह नहींं� कर सकताा, क्योंं�कि� यह स्वयंं सुुसमााचाार हैै, - तोो मैंं इसकाा खण्डन न करनेे केे बजााय
दस बाार मरनाा पसंं द करूंंगाा।» — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 9, अध्यााय 7।
और अब स्वयंं वि�टनबर्गग, जोो सुुधाार काा केंंद्र थाा, कट्टरताा और अरााजकताा कीी शक्ति� केे काारण
तेेज़ीी सेे गि�र रहाा थाा। यह भयाानक स्थि�ति� लूूथर कीी शि�क्षााओंं केे परि�णाामस्वरूप नहींं� हुई थीी; लेेकि�न
पूूरेे जर्ममनीी मेंं उसकेे दुश्म ु न उस पर आरोोप लगाा रहेे थेे। दुखी ु ी मन सेे वह कभीी-कभीी पूूछताा थाा: «तोो
क्याा ऐसाा, सुुधाार केे इस महाान काार्यय काा अंंत होो सकताा हैै?» — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 9, अध्यााय 7।
इसकेे अति�रि�क्त, जब वह प्राार्थथनाा मेंं परमेेश्वर केे सााथ जूूझताा थाा, उसकेे हृदय मेंं शांं�ति� प्रवााहि�त होोतीी
थीी। «कााम मेेराा नहींं� हैै, बल्कि� तेेराा हैै,» उसनेे कहाा; «तूू इसेे अंंधवि�श्वाास याा कट्टरताा सेे दूू षि�त नहींं�
होोनेे देेगाा।» लेेकि�न इस तरह केे संं कट मेंं संं घर्षष सेे अधि�क समय तक बचेे रहनेे काा वि�चाार असहनीीय
होो गयाा। उसनेे वि�टेेनबर्गग लौौटनेे काा फैै सलाा कि�याा।
बि�नाा देेर कि�ए वह अपनीी खतरनााक याात्राा पर नि�कल पड़ाा। वह सााम्रााज्य केे प्रति�बंं ध केे अधीीन
थाा। शत्रुु उसकीी जाान लेेनेे केे लि�ए स्वतंं त्र थेे; दोोस्तोंं� कोो उसकीी सहाायताा करनेे याा आश्रय देेनेे सेे मनाा
कि�याा गयाा थाा। शााहीी सरकाार उसकेे अनुुयाायि�योंं� केे खि�लााफ सबसेे कड़ेे कदम उठाा रहीी थीी। परन्तुु
उसनेे देेखाा कि� सुुसमााचाार काा काार्यय संं कट मेंं पड़ गयाा हैै, और प्रभुु केे नााम मेंं वह सत्य केे लि�ए लड़नेे
केे लि�ए नि�डर होोकर नि�कल पड़ाा।
नि�र्वाा�चक कोो एक पत्र मेंं, वाार्टटबर्गग छोोड़नेे केे अपनेे उद्देेश्य कोो बताातेे हुए, लूूथर नेे कहाा: «महाामहि�म
कोो माालूूम होो कि� मैंं मुुख्य धर्माा�ध्यक्षोंं� और नि�र्वाा�चकोंं� कीी सुुरक्षाा कीी तुुलनाा मेंं कहींं� अधि�क सुुरक्षाा केे
तहत वि�टनबर्गग जाा रहाा हूंं। मैंं महाामहि�म केे समर्थथन केे लि�येे आग्रह करनेे केे बाारेे मेंं नहींं� सोोच रहाा
हूंं, और आपकेे द्वााराा सुुरक्षाा चााहनेे केे बजााय, मैंं कुु छ हद तक आपकीी रक्षाा स्वयंं करूंंगाा। अगर मुुझेे
पताा होोताा कि� महाामहि�म मेेरीी सुुरक्षाा कर सकतेे हैंं याा करेंंगेे, तोो मैंं वि�टेेनबर्गग बि�ल्कुुल नहींं� जााताा। ऐसीी
कोोई तलवाार नहींं� हैै जोो इस अभि�याान कोो आगेे बढ़ाा सकेे । मनुुष्य कीी सहाायताा याा एकचि�त्तताा केे बि�नाा,
केे वल परमेेश्वर कोो हीी सब कुु छ करनाा हैै। वह जि�सकेे पाास सबसेे बड़ाा वि�श्वाास हैै, वह रक्षाा करनेे मेंं
सबसेे अधि�क सक्षम हैै।” — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 9, अध्यााय 8।
जर्मनी में सुधार की प् 133

वि�टेेनबर्गग केे राास्तेे मेंं लि�खेे गए एक दूू सरेे पत्र मेंं, लूूथर नेे कहाा: «मैंं महाामहि�म कीी नाारााजगीी और
पूूरीी दुनि�या
ु ा केे क्रोोध कोो झेेलनेे केे लि�ए तैैयाार हूंं। क्याा वि�टेेनबर्गग केे लोोग मेेरीी भेेड़ेंं नहींं� हैंं? क्याा परमेे-
श्वर नेे उन्हेंं मुुझेे नहींं� सौंं�पाा हैै? और क्याा मुुझे,े यदि� आवश्यक होो, तोो उनकीी खााति�र खुुद कोो मृृत्युु केे
संं कट मेंं नहींं� डाालनाा चााहि�ए? इसकेे अलाावाा, मुुझेे जर्ममनीी मेंं एक भयाानक प्रकोोप काा डर हैै, जि�ससेे
परमेेश्वर हमाारेे रााष्ट्रर कोो दंंडि�त करेेगाा।” -पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 9, अध्यााय 7।
बड़ीी साावधाानीी और नम्रताा केे सााथ, फि�र भीी नि�र्णणय और दृढ़ताा केे सााथ, उसनेे अपनाा कााम शुुरू
कि�याा। «जोो हिं�सां ा सेे स्थाापि�त कि�याा गयाा हैै,” उसनेे कहाा, «उसेे हमेंं वचन केे द्वााराा उखााड़ फेंंकनाा और
नष्ट करनाा चााहि�ए। मैंं अन्धवि�श्वाासीी और अवि�श्वाासि�योंं� केे वि�रुद्ध बल काा प्रयोोग नहींं� करूँँगाा। कि�सीी
कोो वि�वश नहींं� करनाा चााहि�ए। स्वतंं त्रताा वि�श्वाास काा साार हैै।” -पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 9, अध्यााय 8।
जल्द हीी वि�टेेनबर्गग केे एक ओर सेे दूू सरीी ओर तक शोोर मच गयाा कि� लूूथर वाापस आ गयाा हैै और
वह प्रचाार करनेे वाालाा हैै। लोोग सभीी दि�शााओंं सेे अधि�क संं ख्याा मेंं एकत्र हुए, और आरााधनाालय पूूरीी
तरह सेे भर गयाा। उपदेेश-मंं च पर चढ़कर, उसनेे बड़ीी बुुद्धि� और नम्रताा केे सााथ उपदेेश दि�याा, प्रेेरि�त
कि�याा, और फटकाार लगााई। कुु छ लोोगोंं� केे तरीीकोंं� काा ज़ि�क्र करतेे हुए जि�न्होंं�नेे जनसमूूह कोो खत्म
करनेे केे लि�ए हिं�सक ं उपाायोंं� काा सहााराा लि�याा थाा, उसनेे कहाा:
«मि�स्साा एक बुुरीी रीीति� हैै; परमेेश्वर इसकाा वि�रोोध करताा हैै; इसेे समााप्त कि�याा जाानाा चााहि�ए;
और मैंं चााहताा हूंं कि� साारेे संं साार मेंं इसेे सुुसमााचाार केे प्रभुु-भोोज द्वााराा प्रति�स्थाापि�त कि�याा जााए।
परन्तुु कि�सीी कोो उससेे बलपूूर्ववक अलग न कि�याा जााए। हमेंं वि�षय कोो परमेेश्वर केे हााथ मेंं छोोड़
देेनाा चााहि�ए। उसकेे वचन कोो काार्यय करनाा चााहि�ए, न कि� हमेंं। और ऐसाा क्योंं�? तुुम पूूछोोगेे। क्योंं�कि�
जि�स प्रकाार कुु म्हाार मि�ट्टीी कोो थाामेे रहताा हैै, वैैसेे मैंं मनुुष्योंं� काा हृदय अपनेे हााथ मेंं नहींं� रखताा। हमेंं
बोोलनेे काा अधि�काार हैै: हमेंं काार्ररवााई करनेे काा अधि�काार नहींं� हैै। हम प्रचाार करेंं ; बााकीी परमेेश्वर काा
हैै। अगर मुुझेे बल प्रयोोग करनाा पड़ेे, तोो मुुझेे क्याा हाासि�ल होोगाा? ऐंंठाा मुंं� ह, औपचाारि�कताा, नकल,
माानव रीीति�यांं�, और पााखंं ड। लेेकि�न न हृदय कीी ईमाानदाारीी होोगीी, न आस्थाा, न प्रेेम। जहांं� इन तीीनोंं�
कीी कमीी हैै, वहांं� सबकाा अभााव हैै, और ऐसेे परि�णााम केे लि�ए कोोई योोगदाान नहींं� दूंं�गाा। जोो आप
और मैंं और साारीी दुनि�या ु ा हमाारीी एकजुुट शक्ति� सेे करतेे हैंं, उसकीी तुुलनाा मेंं परमेेश्वर अपनेे वचन
माात्र सेे अधि�क करताा हैै। परमेेश्वर हृदय कोो वश मेंं कर लेेताा हैै; और जब हृदय कोो जीीत लि�याा
जााए तोो सब जीीत लि�याा जााताा हैै।
“मैंं प्रचाार करूंंगाा, चर्चाा� करूंंगाा, और लि�खूंं�गाा; लेेकि�न मैंं कि�सीी कोो नहींं� रोोकूंं�गाा, क्योंं�कि� वि�श्‍‍वाास
स्वेेच्छाापूूर्ववक कि�याा जााताा हैै। देेखि�ए मैंंनेे क्याा कि�याा हैै। मैंं पोोप, दंंड कीी छूू ट और पोोप समर्थथकोंं� केे
खि�लााफ खड़ाा हुआ, लेेकि�न बि�नाा हिं�सां ा याा हंंगाामेे केे । मैंंनेे परमेेश्वर केे वचन कोो आगेे रखाा; मैंंनेे प्रचाार
कि�याा और लि�खाा- मैंंनेे बस इतनाा हीी कि�याा। और फि�र भीी जब मैंं सोो रहाा थाा, ... जि�स वचन काा मैंंनेे
प्रचाार कि�याा थाा, उसनेे पोोपवााद कोो उखााड़ फेंंकाा, तााकि� न तोो नि�र्वाा�चक और न हीी सम्रााट नेे इसेे इतनाा
नुुकसाान पहुंंचाायाा। और फि�र भीी मैंंनेे कुु छ नहींं� कि�याा; अकेे लेे वचन नेे सब कि�याा। अगर मैंं बल प्रयोोग
करनाा चााहताा, तोो शाायद पूूराा जर्ममनीी खूून सेे प्लाावि�त होो जााताा। लेेकि�न नतीीजाा क्याा होोताा? शरीीर और
आत्माा दोोनोंं� काा पतन तथाा सर्ववनााश। इसलि�ए मैंं चुुप रहाा, और अकेे लेे वचन कोो दुनि�या ु ा सेे नि�पटनेे केे
लि�ए छोोड़ दि�याा।” -पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 9, अध्यााय 8।
134 महाान वि�वााद

लूूथर दि�न-ब-दि�न, पूूरेे एक सप्तााह तक उत्सुुक भीीड़ केे लि�ए प्रचाार करताा रहाा। परमेेश्वर केे वचन
नेे धर्माा�न्ध जोोश केे दौौर कोो समााप्त कर दि�याा। सुुसमााचाार काा साामर्थ्यय पथभ्रष्ट लोोगोंं� कोो सत्य केे माार्गग
पर वाापस लेे आयाा।
लूूथर कोो उन कट्टरपंं थि�योंं� काा साामनाा करनेे कीी कोोई इच्छाा नहींं� थीी जि�नकीी काार्ययवााहीी नेे इतनीी
बड़ीी बुुरााई कोो जन्म दि�याा थाा। वह जाानताा थाा कि� वेे वि�क्षि�प्त वि�वेेक और अनि�यंं त्रि�त जुुनूून वाालेे व्यक्ति�
हैंं, जोो स्वर्गग सेे वि�शेेष रूप सेे प्रकााशि�त होोनेे काा दाावाा करतेे हुए, थोोड़ाा साा भीी वि�रोोधााभाास याा यहांं� तक
कि� सबसेे नम्र फटकाार याा सलााह कोो सहन नहींं� करेंंगेे। अपनेे आप कोो सर्वोोच्च सत्तााधाारीी माानतेे हुए, वेे
सभीी सेे, बि�नाा कि�सीी प्रश्न केे , उनकेे दाावोंं� कोो स्वीीकाार करनेे कीी अपेेक्षाा करतेे थेे। लेेकि�न, जब उन्होंं�नेे
उससेे सााक्षाात्काार कीी मांं�ग कीी, तोो वह उनसेे मि�लनेे केे लि�ए तैैयाार होो गयाा; और इतनीी सफलताापूूर्ववक
उसनेे उनकेे ढोंं�ग काा पर्दाा�फााश कि�याा कि� धोोखेेबााज़ तुुरंंत वि�टनबर्गग सेे चलेे गए।
एक समय केे लि�ए हठधर्मि�ताा पर नि�यंं त्रण पाा लि�याा गयाा; लेेकि�न कई वर्षोंं बााद इसनेे अधि�क हिं�सां ा
और अधि�क भयाानक परि�णाामोंं� केे सााथ शुुरुआत कीी। लूूथर नेे इस अभि�याान मेंं शाामि�ल अगुुवोंं� केे
बाारेे मेंं कहाा:
«उनकेे लि�ए पवि�त्र शाास्त्र एक नि�र्जीीव अक्षर थाा, और वेे सभीी चि�ल्लााकर कहनेे लगेे, ‹आत्माा!
आत्माा! ’ लेेकि�न नि�श्चि�ित रूप सेे मैंं वहांं� नहींं� जााउंं गाा नहींं� जााउंं गाा, जहांं� उनकीी आत्माा उन्हेंं लेे जाातीी
हैै। परमेेश्वर अपनीी कृृ पाा सेे मुुझेे उस कलीीसि�याा सेे बचााए जि�समेंं पवि�त्र लोोगोंं� केे अलाावाा कोोई नहींं�
हैै। मैंं नम्र, कमजोोर, बीीमाारोंं� केे सााथ रहनाा चााहताा हूंं, जोो अपनेे पाापोंं� कोो जाानतेे और महसूूस करतेे
हैंं, और जोो सांं�त्वनाा और समर्थथन प्रााप्त करनेे केे लि�ए लगााताार अपनेे परमेेश्वर सेे गि�ड़गि�ड़ााकर प्राार्थथनाा
करतेे हैंं।” -पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 10, अध्यााय 10।
कट्टरपंं थि�योंं� मेंं सबसेे अधि�क सक्रि�य थॉॉमस मुंं� ज़र, वि�शेेष रूप सेे योोग्य व्यक्ति� थाा, जि�सकीी योोग्यताा
कोो यदि� सहीी दि�शाा मि�लतीी तोो वह उसेे अच्छाा करनेे मेंं सक्षम बनाातीी; लेेकि�न उसनेे सच्चेे धर्मम केे सर्ववश्रेे-
ष्ठ सि�द्धांं�तोंं� कोो नहींं� सीीखाा थाा। «वह दुनि�या
ु ा कोो सुुधाारनेे कीी इच्छाा सेे ग्रस्त थाा, और भूूल गयाा थाा, जैैसाा
कि� सभीी उत्सााहीी लोोग करतेे हैंं, कि� सुुधाार स्वयंं सेे शुुरू होोनाा चााहि�ए।» - पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 9, अध्यााय
8। वह पद और प्रभााव प्रााप्त करनेे केे लि�ए महत्वााकांं�क्षीी थाा, और लूूथर केे बााद भीी दूू सरेे स्थाान पर
रहनेे कोो तैैयाार नहींं� थाा। उसनेे घोोषणाा कीी कि� सुुधाारक, पोोप केे स्थाान पर पवि�त्रशाास्त्र केे अधि�काार कोो
प्रति�स्थाापि�त करतेे हुए, केे वल पोोपवााद काा एक अलग रूप स्थाापि�त कर रहेे थेे। उसनेे स्वयंं दाावाा कि�याा
थाा कि� उसेे सच्चेे सुुधाार कीी शुुरुआत करनेे केे लि�ए परमेेश्वर कीी ओर सेे नि�युुक्त कि�याा गयाा थाा। मुंं� ज़र नेे
कहाा, «जि�सकेे पाास यह आत्माा हैै, उसकेे पाास सच्चाा वि�श्वाास हैै, भलेे हीी उसनेे अपनेे जीीवन मेंं पवि�त्र
शाास्त्र कोो कभीी नहींं� देेखेे।» - पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 10, अध्यााय 10।
हठधर्मीी शि�क्षकोंं� नेे हर वि�चाार और आवेेग कोो यहोोवाा कीी वााणीी माानतेे हुए, स्वयंं कोो धाारणााओंं
द्वााराा नि�यंं त्रि�त होोनेे दि�याा; फलस्वरूप वेे अत्यधि�क चरम सीीमाा पर चलेे गए। कुु छ लोोगोंं� नेे तोो यह कहतेे
हुए अपनीी बााइबि�लेंं भीी जलाा दींं�: «लेेख माारताा हैै, परन्तुु आत्माा जीीवन देेतीी हैै।” मुंं� ज़र कीी शि�क्षााओंं
नेे अद्भु ् ुत केे प्रति� लोोगोंं� कीी रुचि� जगााई, और सााथ-सााथ माानवीीय वि�चाारोंं� और धाारणााओंं कोो वस्तुुतःः
परमेेश्वर केे वचन सेे ऊपर रखकर उनकेे अभि�माान कोो तृृप्त कि�याा। उसकेे सि�द्धांं�तोंं� कोो हजाारोंं� लोोगोंं� नेे
स्वीीकाार कि�याा। उसनेे जल्द हीी साार्ववजनि�क आरााधनाा मेंं सभीी काार्ययवि�धि�योंं� कीी निं�दां ा कीी, और घोोषणाा
जर्मनी में सुधार की प् 135

कीी कि� रााजकुु माारोंं� काा आज्ञाापाालन करनाा परमेेश्वर और बलि�यााल दोोनोंं� कीी सेेवाा-टहल करनेे काा
प्रयाास करनाा थाा।
लोोगोंं� केे मन भीी, जोो पहलेे सेे हीी पोोप काा जूूआ उताारनाा शुुरू कर चुुकेे थेे, मनुुष्योंं� केे ठहरााए हुए
हर एक प्रबन्ध केे बंं धनोंं� मेंं अधीीर होो रहेे थेे। मुंं� ज़र कीी परि�वर्ततनवाादीी शि�क्षााओंं नेे, ईश्वरीीय स्वीीकृृ ति�
काा दाावाा करतेे हुए, उन्हेंं सभीी नि�यंं त्रणोंं� कोो अस्वीीकाार करनेे और अपनेे पूूर्वाा�ग्रहोंं� और जुुनूूनोंं� कोो अनि�-
यंं त्रि�त स्वतंं त्रताा कीी अनुुमति� देेनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा। रााजद्रोोह और संं घर्षष केे सबसेे भयाानक दृश्य
साामनेे आए, और जर्ममनीी केे खेेत खूून सेे तर होो गए।
वह मनोोव्यथाा जोो लूूथर नेे एरफर्टट मेंं बहुत पहलेे अनुुभव कीी थीी, अब उस पर दुगु नीी शक्ति� केे सााथ
हाावीी हुई, जब उसनेे कट्टरताा केे परि�णाामोंं� काा आरोोप सुुधाार पर लगतेे देेखाा। पोोप समर्थथक नि�र्वाा�चकोंं�
नेे घोोषणाा कीी - और कई इस कथन कोो श्रेेय देेनेे केे लि�ए तैैयाार थेे - कि� वि�द्रोोह लूूथर केे सि�द्धांं�तोंं� काा
वैैध फल थाा। हाालाँँ�कि� यह आरोोप पूूरीी तरह सेे नि�रााधाार थाा, लेेकि�न यह नि�श्चि�ित रूप सेे सुुधाारक केे
काार्यय कोो घोोर संं कट मेंं डााल सकताा थाा। यह कि� सत्य केे हि�त कोो घटि�याा हठधर्मि�ताा केे सााथ श्रेेणीीब-
द्ध करनेे केे द्वााराा इस प्रकाार बदनााम कि�याा जााए, जि�तनाा वह सहन कर सकताा थाा, उससेे कहींं� अधि�क
लग रहाा थाा। दूू सरीी ओर, वि�द्रोोहीी अगुुवेे लूूथर सेे नफरत करतेे थेे क्योंं�कि� उसनेे न केे वल उनकेे सि�द्धांं�तोंं�
काा वि�रोोध कि�याा थाा और ईश्वरीीय प्रेेरणाा केे उनकेे दाावोंं� काा खंं डन कि�याा थाा, बल्कि� उन्हेंं मनुुष्योंं� केे
ठहरााए हुए हर एक प्रबन्ध केे खि�लााफ वि�द्रोोहीी घोोषि�त कर दि�याा थाा। प्रति�शोोध मेंं उन्होंं�नेे उसेे एक नीीच
पााखंं डीी होोनेे काा दोोषीी दोोषीी ठहराायाा। वह प्रमुुख धर्माा�ध्यक्षोंं� और लोोगोंं� दोोनोंं� कीी शत्रुुताा केे लि�ए स्वयंं
जि�म्मेेदाार प्रतीीत होो रहाा थाा।
सुुधाार केे तेेज़ीी सेे पतन कोो देेखनेे कीी अपेेक्षाा करतेे हुए, रोोमनवाादि�योंं� कोो प्रसन्नताा हुई; और
उन्होंं�नेे उन भ्रमोंं� केे लि�ए भीी लूूथर कोो दोोषीी ठहराायाा, जि�न्हेंं ठीीक करनेे केे लि�ए वह पूूरीी लगन सेे प्रयाास
कर रहाा थाा। हठधर्मीी दल, बड़ेे अन्यााय काा पाात्र होोनेे काा झूठाू ा दाावाा करकेे , लोोगोंं� केे एक बड़ेे वर्गग कीी
सहाानुुभूूति� हाासि�ल करनेे मेंं सफल रहाा, और, जैैसाा कि� अक्सर गलत पक्ष लेेनेे वाालोंं� केे सााथ होोताा
हैै, उन्हेंं शहीीद माानाा जाानेे लगाा। इस प्रकाार जोो लोोग सुुधाार केे वि�रोोध मेंं पूूरीी तााकत लगाा रहेे थेे, उन्हेंं
क्रूूरताा और उत्पीीड़न केे शि�काार माानकर, उनकेे प्रति� सहाानुुभूूति� प्रकट कीी गई और उनकीी प्रशंं साा कीी
गई। यह शैैताान काा काार्यय थाा, जोो वि�द्रोोह कीी उसीी भाावनाा सेे प्रेेरि�त थाा जोो पहलेे स्वर्गग मेंं प्रकट हुई थीी।
शैैताान लगााताार लोोगोंं� कोो धोोखाा देेनेे और उन्हेंं पााप कोो धाार्मि�कताा, और धाार्मि�कताा कोो पााप कहनेे
केे लि�ए प्रेेरि�त करनेे कीी कोोशि�श कर रहाा हैै। उसकाा कााम कि�तनाा सफल रहाा हैै! कि�तनीी बाार परमेेश्वर
केे वफाादाार सेेवकोंं� पर आक्षेेप कि�याा जााताा हैै और उनकाा ति�रस्काार कि�याा जााताा हैै क्योंं�कि� वेे सत्य कीी
रक्षाा मेंं नि�डर होोकर खड़ेे होोतेे हैंं! जोो लोोग शैैताान केे दूू त हैंं, उनकीी प्रशंं साा और चाापलूूसीी कीी जाातीी हैै,
और यहांं� तक कि� उन्हेंं शहीीदोंं� केे रूप मेंं भीी देेखाा जााताा हैै, जबकि� जि�न लोोगोंं� काा, परमेेश्वर केे प्रति�
उनकीी नि�ष्ठाा केे लि�ए, सम्माान कि�याा जाानाा चााहि�ए और जि�नकोो संं भाालाा जाानाा चााहि�ए, उन्हेंं संं देेह और
अवि�श्वाास केे तहत अकेे लेे खड़ेे रहनेे केे लि�ए छोोड़ दि�याा जााताा हैै।
नकलीी पवि�त्रताा, अप्राामााणि�क पवि�त्रीीकरण, अभीी भीी धोोखेे काा कााम कर रहाा हैै। वि�भि�न्न रूपोंं�
केे तहत यह लूूथर केे दि�नोंं� कीी तरह उसीी आत्माा कोो प्रदर्शि�त करताा हैै, पवि�त्र शाास्त्र सेे ध्याान हटााताा हैै
और लोोगोंं� कोो परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे प्रति� आज्ञााकाारि�ताा केे बजााय अपनीी भाावनााओंं और धाारणााओंं
136 महाान वि�वााद

काा पाालन करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करताा हैै। पवि�त्रताा और सच्चााई पर कलंं क लगाानेे केे लि�ए यह शैैताान
कीी सबसेे सफल युुक्ति�योंं� मेंं सेे एक हैै।
लूूथर नेे नि�डर होोकर हर तरफ सेे होोनेे वाालेे हमलोंं� सेे सुुसमााचाार कीी रक्षाा कीी। परमेेश्वर केे वचन नेे
हर संं घर्षष मेंं खुुद कोो एक शक्ति�शाालीी हथि�याार सााबि�त कि�याा। उस वचन केे सााथ उसनेे पोोप कीी अन्यााय
सेे लि�ए गए अधि�काार और शि�क्षकोंं� केे तर्ककसंं गत सि�द्धांं�त केे खि�लााफ संं घर्षष कि�याा, जबकि� वह उस
हठधर्मि�ताा केे खि�लााफ एक चट्टाान केे रूप मेंं दृढ़ताा सेे खड़ाा थाा जि�सनेे खुुद कोो सुुधाार केे सााथ संं बद्ध
होोनेे काा प्रयाास कि�याा थाा।
इन वि�रोोधीी तत्वोंं� मेंं सेे प्रत्येेक अपनेे तरीीकेे सेे पवि�त्र शाास्त्र कोो अलग कर रहाा थाा और माानवीीय
ज्ञाान कोो धाार्मि�क सत्य और ज्ञाान केे स्रोोत केे रूप मेंं ऊंंचाा कर रहाा थाा। तर्ककबुुद्धि�वााद तर्कक कोो मूूर्ति�माान
करताा हैै और इसेे धर्मम काा माानदंंड बनााताा हैै। रोोमनवााद, अपनेे संं प्रभुु केे लि�ए प्रेेरि�तोंं� केे अखंं डि�त वंं श
मेंं संं चाारि�त, और वर्ततमाान और भवि�ष्य मेंं अपरि�वर्ततनीीय ईश्वर कीी प्रेेरणाा काा दाावाा करतेे हुए, धर्ममदूू-
तीीय काार्ययभाार कीी पवि�त्रताा केे तहत हर प्रकाार अपव्यय और भ्रष्टााचाार कोो छुु पाानेे काा पर्याा�प्त अवसर
देेताा हैै। मुंं� ज़र और उसकेे सहयोोगि�योंं� द्वााराा दाावाा कीी गई प्रेेरणाा कल्पनाा कीी अनि�यमि�ततााओंं सेे बढ़कर
कि�सीी उच्च स्रोोत सेे संं चाारि�त नहींं� हुई थीी, और इसकाा प्रभााव संं पूूर्णण प्रााधि�काार केे लि�ए क्रांं�ति�काारीी थाा,
चााहेे वह माानवीीय होो याा ईश्वरीीय। सच्चाा मसीीहीी धर्मम परमेेश्वर केे वचन कोो प्रेेरि�त सत्य केे महाान
भंं डाार-गृृह और संं पूूर्णण प्रेेरणाा कीी परख केे रूप मेंं स्वीीकाार करताा हैै।
वाार्टटबर्गग सेे लौौटनेे पर, लूूथर नेे नए नि�यम काा अपनाा अनुुवााद पूूराा कि�याा, और जल्द हीी जर्ममनीी
केे लोोगोंं� कोो उनकीी अपनीी भााषाा मेंं सुुसमााचाार दि�याा गयाा। सत्य सेे प्रेेम करनेे वाालेे सभीी लोोगोंं� नेे इस
अनुुवााद कोो बड़ेे हर्षष केे सााथ ग्रहण कि�याा; परन्तुु यह उन लोोगोंं� द्वााराा ति�रस्काारपूूर्ववक अस्वीीकाार कर दि�याा
गयाा जि�न्होंं�नेे माानव परंंपरााओंं और मनुुष्योंं� कीी आज्ञााओंं कोो चुुनाा थाा।
पाादरीी इस वि�चाार सेे चिं�ति�त ं थेे कि� आम लोोग अब उनकेे सााथ परमेेश्वर केे वचन केे उपदेेशोंं� पर
चर्चाा� कर सकेंं गेे, और इस प्रकाार उनकीी अपनीी अज्ञाानताा उजाागर होो जााएगीी। उनकीी सांं�साारि�क वि�वेेक
बुुद्धि� केे हथि�याार आत्माा कीी तलवाार केे साामनेे शक्ति�हीीन थेे। रोोम नेे पवि�त्रशाास्त्र केे प्रसाार कोो रोोकनेे केे
लि�ए अपनीी संं पूूर्णण शक्ति� जुुटााई; परन्तुु नि�यम, कलीीसि�याा द्वााराा धर्मम बहि�ष्काार, और याातनााएंं समाान रूप
सेे व्यर्थथ थींं�। जि�तनाा अधि�क उसनेे बााइबल काा ति�रस्काार और नि�षेेध कि�याा, लोोगोंं� कीी यह जााननेे कीी
चिं�तां ा उतनीी हीी अधि�क थीी कि� यह वाास्तव मेंं क्याा सि�खाातीी हैै। वेे सभीी जोो पढ़ सकतेे थेे वेे व्यक्ति�गत
रूप सेे परमेेश्वर केे वचन काा अध्ययन करनेे केे लि�ए उत्सुुक थेे। वेे इसेे अपनेे सााथ लेे जाातेे थेे, और
पढ़तेे और फि�र सेे पढ़तेे थेे, और तब तक संं तुुष् ट नहींं� होोतेे थेे जब तक कि� वेे इसकेे बड़ेे हि�स्सोंं� कोो यााद
नहींं� कर लेेतेे थेे। नए नि�यम कोो जि�स समर्थथन केे सााथ ग्रहण कि�याा गयाा, उसेे देेखतेे हुए लूूथर नेे तुुरंंत
पुुराानेे नि�यम काा अनुुवााद शुुरू कर दि�याा, और जैैसेे-जैैसेे अनुुवााद पूूराा होोताा गयाा, उसनेे इसेे भाागोंं� मेंं
प्रकााशि�त कि�याा।
लूूथर केे लेेखन काा शहर और गाँँ�व मेंं समाान रूप सेे स्वाागत कि�याा गयाा। «लूूथर और उसकेे
दोोस्तोंं� नेे जोो रचनाा कीी, दूू सरोंं� नेे उसेे प्रसाारि�त कि�याा। भि�क्षुु, मठवाासीी दाायि�त्वोंं� कीी अवैैधताा केे बाारेे मेंं
आश्वस्त, सक्रि�य परि�श्रम केे जीीवन केे लि�ए आलस्य केे लंं बेे जीीवन काा आदाान-प्रदाान करनेे केे इच्छुु क
थेे, परन्तुु इतनेे अज्ञाानीी थेे कि� परमेेश्वर केे वचन काा प्रचाार नहींं� कर सकतेे थेे, अतःः प्रांं�तोंं� कीी याात्राा
जर्मनी में सुधार की प् 137

कीी, और उन्होोनेंं गांं�वोंं� और उपग्राामोंं� काा दौौराा कि�याा, जहांं� उन्होंं�नेे लूूथर और उसकेे दोोस्तोंं� कीी कि�तााबेंं
बेेचींं�। जर्ममनीी जल्द हीी इन सााहसीी कॉॉलपोोर्टटरोंं� सेे भर गयाा।» — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 9, अध्यााय 11।
इन लेेखोंं� काा अध्ययन अमीीर और गरीीब, वि�द्वाान और अज्ञाानीी द्वााराा गहरीी रुचि� केे सााथ कि�याा
गयाा। राात मेंं गांं�व केे स्कूूलोंं� केे शि�क्षक आग केे पाास इकट्ठेे हुए छोोटेे समूूहोंं� कोो उन्हेंं ज़ोोर सेे पढ़कर
सुुनाायाा करतेे थेे। हर प्रयाास सेे कुु छ लोोगोंं� कोो सत्य पर वि�श्वाास होो जााताा थाा और, खुुशीी केे सााथ वचन
कोो ग्रहण करतेे हुए, वेे अपनीी बाारीी मेंं दूू सरोंं� कोो खुुशखबरीी सुुनाातेे।
प्रेेरणाा केे शब्दोंं� कोो सत्याापि�त कि�याा गयाा: «तेेरीी बाातोंं� केे खुुलनेे सेे प्रकााश होोताा हैै; उससेे भोोलेे लोोग
समझ प्रााप्‍‍त करतेे हैंं।» भजन संं हि�ताा 119:130। पवि�त्र शाास्त्र काा अध्ययन लोोगोंं� केे मन और हृदय
मेंं एक शक्ति�शाालीी परि�वर्ततन कर रहाा थाा। पोोप शाासन नेे अपनीी प्रजाा पर एक लोोहेे काा जूूआ रखाा थाा
जोो उन्हेंं अज्ञाानताा और अधोोगति� मेंं बाँँ�धेे रखताा थाा। रूपोंं� काा एक अंंधवि�श्वाासीी पाालन ईमाानदाारीी सेे
बनााए रखाा गयाा थाा; लेेकि�न उनकीी साारीी सेेवाा मेंं मन और बुुद्धि� काा बहुत कम भूूमि�काा रहीी थीी। लूूथर
केे प्रचाार नेे, परमेेश्वर केे वचन केे सााधाारण सत्य कोो साामनेे रखतेे हुए, और फि�र स्वयंं वचन कोो, जि�सेे
आम लोोगोंं� केे हााथोंं� मेंं रखाा गयाा थाा, उनकीी नि�ष्क्रि�य शक्ति�योंं� कोो जगाायाा, और न केे वल आध्याात्मि�क
प्रकृृ ति� कोो पवि�त्र और समृृद्ध कि�याा, बल्कि� बुुद्धि� कोो नई शक्ति� और नयाा जोोश प्रदाान कि�याा।
सभीी वर्गोंं केे व्यक्ति�योंं� कोो सुुधाार केे सि�द्धांं�तोंं� काा बचााव करतेे हुए, हााथोंं� मेंं बााइबि�ल लि�ए हुए देेखाा
जाानाा थाा। जि�न पोोप समर्थथकोंं� नेे पवि�त्र शाास्त्र काा अध्ययन पाादरि�योंं� और भि�क्षुुओं ं पर छोोड़ दि�याा थाा,
उन्होंं�नेे अब उन्हेंं आगेे आनेे और नई शि�क्षााओंं काा खंं डन करनेे काा आह्वाान कि�याा। लेेकि�न, पवि�त्र
शाास्त्र और परमेेश्वर कीी साामर्थ्यय सेे समाान रूप सेे अनभि�ज्ञ, पाादरीी और भि�क्षुु उन लोोगोंं� द्वााराा पूूरीी तरह
सेे परााजि�त होो गए जि�न्हेंं उन्होंं�नेे अशि�क्षि�त और वि�धर्मीी केे रूप मेंं नि�रूपि�त कि�याा थाा। «दुर्भा ु ा�ग्यवश,»
एक कैै थोोलि�क लेेखक नेे कहाा, «लूूथर नेे अपनेे अनुुयाायि�योंं� कोो पवि�त्र शाास्त्र केे अलाावाा कि�सीी अन्य
भवि�ष्यद्वााणीी याा पूूर्वव ज्ञाान केे स्रोोत मेंं वि�श्वाास नहींं� करनेे केे लि�ए रााज़ीी कि�याा थाा।» - डीी›ऑबि�ग्नेे,
पुुस्तक 9, अध्यााय 11। कम पढ़ेे-लि�खेे लोोगोंं� द्वााराा वकाालत कीी गई सच्चााई कोो सुुननेे केे लि�ए भीीड़
इकट्ठीी होोतीी थीी, और यहांं� तक कि� उनकेे द्वााराा वि�द्वाान और वााक्पटुु धर्ममशाास्त्रि�ियोंं� केे सााथ चर्चाा� भीी कीी
जाातीी थीी। इन महाापुुरुषोंं� कीी शर्ममनााक अज्ञाानताा स्पष्ट होो गई जब उनकेे तर्कोंं काा साामनाा परमेेश्वर केे
वचन कीी सरल शि�क्षााओंं सेे हुआ। पाादरि�योंं� और धर्ममज्ञोंं� कीी तुुलनाा मेंं पाादरि�योंं�, सैैनि�क, महि�लााएंं और
यहांं� तक कि� बच्चेे भीी बााइबल कीी शि�क्षााओंं सेे बेेहतर परि�चि�त थेे।
सुुसमााचाार केे शि�ष्योंं� और पोोप-संं बंं धीी अंंधवि�श्वाास केे समर्थथकोंं� केे बीीच काा अंंतर आम लोोगोंं� कीी
तुुलनाा मेंं वि�द्वाानोंं� कीी श्रेेणीी मेंं कम प्रकट नहींं� थाा। «धर्ममसत्‍‍ताा केे पुुराानेे उत्सााहीी पक्षसमर्थथकोंं� केे वि�रोोध
मेंं, जि�न्होंं�नेे भााषााओंं केे अध्ययन और सााहि�त्य कीी उन्नति� कीी उपेेक्षाा कीी थीी, ...उदाार युुवाा थेे, जोो
अध्ययन केे लि�ए समर्पि�त थेे, पवि�त्र शाास्त्र कीी जांं�च कर रहेे थेे, और पुुराातनताा कीी उत्कृृष्ट कृृ ति�योंं� सेे
खुुद कोो परि�चि�त कर रहेे थेे। सक्रि�य दि�मााग, श्रेेष् ठ आत्माा और नि�डर हृदय वाालेे इन नवयुुवकोंं� नेे शीीघ्र
हीी ऐसाा ज्ञाान प्रााप्त कर लि�याा कि� कोोई भीी लंं बेे समय तक उनकाा मुुकााबलाा नहींं� कर सकाा। तदनुुसाार,
जब धाार्मि�क सुुधाार केे येे युुवाा समर्थथक रोोमीी धर्ममज्ञोंं� सेे कि�सीी भीी सभाा मेंं मि�लतेे थेे, वेे उन पर इतनीी
सहजताा और वि�श्वाास केे सााथ आक्रमण करतेे थेे कि� येे अनभि�ज्ञ लोोग झि�झकतेे थेे, लज्जि�ित होो जाातेे
थेे, और सब कीी दृष्टि�ि मेंं अपमाान केे पाात्र होो जाातेे थेे।” —पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 9, अध्यााय 11।
138 महाान वि�वााद

जैैसेे हीी रोोमन पाादरि�योंं� नेे देेखाा कि� उनकीी मण्डलीी कम होोतीी जाा रहीी हैै, उन्होंं�नेे मजि�स्ट्रेे�टोंं� कीी
सहाायताा काा आह्वाान कि�याा, और हर तरह सेे अपनेे श्रोोतााओंं कोो वाापस लाानेे काा प्रयाास कि�याा। लेेकि�न
लोोगोंं� नेे नई शि�क्षााओंं मेंं वह पाायाा जोो उनकीी आत्माा कीी ज़रुरतोंं� कोो पूूराा करतीी थीी, और वेे उन लोोगोंं�
सेे दूू र होो गए, जि�न्होंं�नेे उन्हेंं लंं बेे समय तक अंंधवि�श्वाास और माानवीीय परंंपरााओंं केे बेेकाार भूूसेे सेे
लगााताार पोोषि�त कि�याा थाा।
जब सत्य केे शि�क्षकोंं� केे वि�रुद्ध सतााव भड़काायाा गयाा, तोो उन्होंं�नेे मसीीह कीी बाातोंं� पर ध्याान दि�याा:
«जब वेे तुुम्हेंं एक नगर मेंं सतााएँँ, तोो दूू सरेे कोो भााग जाानाा।» मत्तीी 10:23। रोोशनीी हर जगह फैै ल
गई। पलाायकोंं� कोो कहींं� न कहींं� उनकेे लि�ए एक आति�थ्यशीील घर काा द्वाार खुुलाा हुआ मि�लताा थाा, और
वहाँँ� रहतेे हुए, वेे कभीी-कभीी गि�रजााघर मेंं, याा, नि�जीी घरोंं� मेंं याा खुुलीी हवाा मेंं मसीीह काा प्रचाार करतेे
थेे। जहांं� कहींं� भीी उन्हेंं सुुनाा जाा सकताा थाा वह एक पवि�त्र मंं दि�र थाा। ऐसीी काार्ययशक्ति� और आश्वाासन
केे सााथ घोोषि�त कि�याा गयाा सत्य, अप्रति�रोोध्य शक्ति� केे सााथ फैै ल गयाा।
वि�धर्मम कोो कुु चलनेे केे लि�ए धर्मम और नगर याा रााष्ट्रर सेे संं बंं धि�त प्रााधि�काारीी वर्गग कोो व्यर्थथ हीी
आमंं त्रि�त कि�याा गयाा थाा। व्यर्थथ मेंं उन्होंं�नेे कााराावाास, याातनाा, आग और तलवाार काा सहााराा लि�याा।
हज़ाारोंं� वि�श्वाासि�योंं� नेे अपनेे वि�श्वाास केे लि�ए अपनाा खूून बहाायाा, और फि�र भीी कााम जाारीी रहाा। सतााव
नेे केे वल सत्य काा वि�स्ताार करनेे केे लि�ए काार्यय कि�याा, और जि�स कट्टरताा कोो शैैताान नेे उसकेे सााथ
मि�लाानेे काा प्रयाास कि�याा, उसकेे परि�णाामस्वरूप शैैताान केे काार्यय और परमेेश्वर केे काार्यय केे बीीच अंंतर
और अधि�क स्पष्ट होो गयाा।
11

नि�र्वाा�चकोंं� काा वि�रोोध

1529 मेंं स्पााइहज़ कीी सभाा मेंं जर्ममनीी केे मसीीहीी नि�र्वाा�चकोंं� द्वााराा कि�याा गयाा वि�रोोध सुुधाार
केे लि�ए अब तक कीी गवााहि�योंं� मेंं सेे सबसेे महाान गवााहीी थाा। परमेेश्वर केे उन लोोगोंं�
केे सााहस, वि�श्वाास और दृढ़ताा नेे बााद केे युुगोंं� केे लि�ए वि�चाार और अन्तराात्माा कीी स्वतंं त्रताा प्रााप्त कीी।
उनकेे वि�रोोध नेे सुुधाारि�त कलीीसि�याा कोो प्रोोटेेस्टेंंट काा नााम दि�याा; इसकेे सि�द्धांं�त “प्रोोटेेस्टेंंटवााद काा मूूल
तत्व” हैंं। —डीी›ऑबि�ग्नेे, पुुस्तक 13, अध्यााय 6।
सुुधाार केे लि�ए एक नि�रााशााजनक और खतरनााक दि�न आ गयाा थाा। लूूथर कोो एक अपरााधीी घोोषि�त
करतेे हुए और उसकेे सि�द्धांं�तोंं� कीी शि�क्षाा याा वि�श्वाास कोो वर्जि�त करतेे हुए, वर्म्सस केे फरमाान केे बाावजूूद ,
अब तक सााम्रााज्य मेंं धाार्मि�क सहि�ष्णुुताा प्रबल थीी। परमेेश्वर केे वि�धाान नेे सत्य काा वि�रोोध करनेे वाालीी
शक्ति�योंं� कोो रोोक रखाा थाा। चाार्ल्सस पंं चम सुुधाार कोो कुु चलनेे पर आमाादाा थाा, लेेकि�न अक्सर जब वह
प्रहाार करनेे केे लि�ए हााथ उठााताा तोो उसेे प्रहाार कोो पलटनेे केे लि�ए मजबूूर होोनाा पड़ताा थाा। बाार-बाार
उन सभीी काा तत्कााल वि�नााश, जि�न्होंं�नेे रोोम काा वि�रोोध करनेे काा सााहस कि�याा, अपरि�हाार्यय दि�खााई दि�याा;
लेेकि�न महत्वपूूर्णण क्षण मेंं तुुर्कक कीी सेेनााएंं पूूर्वीी सीीमाा पर दि�खााई दींं�, याा फ्रांं�स केे रााजाा कीी, याा यहांं� तक
कि� खुुद पोोप नेे, सम्रााट कीी बढ़तीी महाानताा सेे ईर्ष्याा� करतेे हुए, उस पर युुद्ध कि�याा; और इस प्रकाार, रााष्ट्रों��ं
केे संं घर्षष और उथल-पुुथल केे बीीच, सुुधाार कोो प्रभाावशाालीी और वि�स्ताारि�त होोनेे काा अवसर मि�लाा।
हाालाँँ�कि�, अंंत मेंं, पोोप केे संं प्रभुुओं ं नेे अपनेे झगड़ोंं� कोो दबाा दि�याा थाा, तााकि� वेे सुुधाारकोंं� केे खि�लााफ
समाान हि�त बन सकेंं । 1526 मेंं स्पााइहज़ कीी सभाा नेे एक साामाान्य समि�ति� कीी बैैठक तक प्रत्येेक रााज्य
कोो धर्मम केे माामलोंं� मेंं पूूर्णण स्वतंं त्रताा दीी थीी; लेेकि�न जैैसेे हीी इस रि�याायत कोो हाासि�ल करनेे वाालेे खतरेे
गुुजर गए, सम्रााट नेे 1529 मेंं वि�धर्मम कोो कुु चलनेे केे उद्देेश्य सेे स्पि�यर्सस मेंं दूू सरीी सभाा आयोोजि�त कीी।
शांं�ति�पूूर्णण तरीीकोंं� सेे, संं भव होोनेे पर, सुुधाार केे खि�लााफ होोनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा जाानाा थाा; लेेकि�न इनकेे
वि�फल होोनेे पर, चाार्ल्सस तलवाार काा सहााराा लेेनेे केे लि�ए तैैयाार थाा।
पोोप समर्थथक उत्सााहि�त थेे। वेे बड़ीी संं ख्याा मेंं स्पि�यर्सस मेंं दि�खााई दि�ए, और खुुलेे तौौर पर सुुधाारकोंं�
और उन सभीी केे प्रति� अपनीी शत्रुुताा प्रकट कीी जि�न्होंं�नेे उनकाा समर्थथन कि�याा। मेेलांं�कथॉॉन नेे कहाा:
140 महाान वि�वााद

«हम दुनि�या ु ा केे अभि�शााप और अवशेेष हैंं; परन्तुु मसीीह अपनेे दीीन लोोगोंं� पर दयाा करेेगाा, और उनकीी
रक्षाा करेेगाा।” —पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 13, अध्यााय 5। सभाा मेंं उपस्थि�त कट्टरपंं थीी नि�र्वाा�चकोंं� कोो अपनेे
घरोंं� मेंं सुुसमााचाार प्रचाार कराानेे सेे भीी मनाा कि�याा गयाा थाा। लेेकि�न स्पााइहज़ केे लोोग परमेेश्वर केे वचन
केे प्याासेे थेे, और नि�षेेध केे बाावजूूद , सेेक्सनीी केे नि�र्वाा�चक केे चैैपल मेंं आयोोजि�त सभााओंं केे लि�ए
हज़ाारोंं� लोोग आतेे थेे।
इससेे संं कट और बढ़ गयाा। सभाा कोो एक शााहीी संं देेश कीी घोोषणाा कीी गई कि� अंंतराात्माा कीी स्वतंं -
त्रताा देेनेे वाालेे प्रस्तााव नेे महाान वि�काारोंं� कोो जन्म दि�याा थाा, इसलि�ए सम्रााट काा आदेेश थाा कि� इसेे रद्द कर
दि�याा जााए। इस स्वैैच्छि�क आदेेश नेे धर्मम प्रचाार संं बंं धीी मसीीहि�योंं� केे आक्रोोश और बेेचैैनीी कोो उकसाायाा।
एक नेे कहाा: «मसीीह फि�र कैै फाा और पीीलाातुुस केे हााथोंं� मेंं पड़ गयाा हैै।» रोोमनवाादीी अधि�क प्रचण्ड
होो गए। एक कट्टर पोोप समर्थथक नेे घोोषणाा कीी: “तुुर्कक लूूथरन केे अनुुयाायि�योंं� सेे बेेहतर हैंं; क्योंं�कि� तुुर्कक
उपवाास केे दि�नोंं� काा पाालन करतेे हैंं, और लूूथरन उनकाा उल्लंं घन करतेे हैंं। यदि� हमेंं परमेेश्वर केे
पवि�त्र शाास्त्र और कलीीसि�याा केे पुुराानेे भ्रमोंं� केे बीीच चयन करनाा हैै, तोो हमेंं पूूर्वव कोो अस्वीीकाार कर देेनाा
चााहि�ए।» मेेलांं�कथॉॉन नेे कहाा: «हर दि�न, पूूरीी सभाा मेंं, फेे बर हम सुुसमााचाार प्रचाारकोंं� पर कोोई नयाा
पत्थर फेंंकताा हैै।» - पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 13, अध्यााय 5।
धाार्मि�क सहि�ष्णुुताा कोो काानूूनीी रूप सेे स्थाापि�त कि�याा गयाा थाा, और कट्टरपंं थीी रााज्य अपनेे अधि�काारोंं�
केे अति�क्रमण काा वि�रोोध करनेे केे लि�ए दृढ़ थेे। वर्म्सस केे अध्याादेेश द्वााराा लगााए गए प्रति�बंं ध केे तहत
लूूथर कोो अभीी भीी स्पााइहज़ मेंं उपस्थि�त होोनेे कीी अनुुमति� नहींं� थीी; लेेकि�न उसकेे स्थाान कीी आपूूर्ति� उसकेे
सहयोोगि�योंं� और हााकि�मोंं� द्वााराा कीी गई जि�न्हेंं परमेेश्वर नेे इस आपाात स्थि�ति� मेंं अपनेे पक्ष कीी रक्षाा केे
लि�ए खड़ाा कि�याा थाा। लूूथर केे पूूर्वव रक्षक सेेक्सनीी केे नेेक फ्रेेडरि�क कीी मृृत्युु होो गई थीी; लेेकि�न ड्यूूक जॉॉन,
उसकेे भााई और उत्तरााधि�काारीी नेे, खुुशीी-खुुशीी सुुधाार काा स्वाागत कि�याा, और शांं�ति� काा पक्ष समर्थथक होोतेे
हुए, उसनेे वि�श्वाास केे हि�तोंं� सेे संं बंंधि�त सभीी माामलोंं� मेंं महाान काार्ययशक्ति� और सााहस काा प्रदर्शशन कि�याा।
पाादरि�योंं� नेे मांं�ग कीी कि� जि�न रााज्योंं� नेे सुुधाार कोो स्वीीकाार कि�याा थाा, वेे रोोम केे अधि�काार क्षेेत्र कीी
अधीीनताा स्वीीकाार करेंं। दूू सरीी ओर, सुुधाारकोंं� नेे उस स्वतंं त्रताा काा दाावाा कि�याा जोो पहलेे प्रदाान कीी गई
थीी। वेे इस बाात सेे सहमत नहींं� होो सकेे कि� रोोम कोो फि�र सेे उन रााज्योंं� कोो अपनेे नि�यंं त्रण मेंं लाानाा चााहि�ए
जि�न्होंं�नेे बहुत खुुशीी केे सााथ परमेेश्वर काा वचन प्रााप्त कि�याा थाा।
एक समझौौतेे केे रूप मेंं यह अंंततःः प्रस्ताावि�त कि�याा गयाा कि� जहांं� सुुधाार स्थाापि�त नहींं� हुआ थाा,
वहांं� वर्म्सस केे अध्याादेेश कोो सख्तीी सेे लाागूू कि�याा जाानाा चााहि�ए; और यह कि� «उनमेंं जहांं� लोोग इससेे
वि�चलि�त होो गए थेे, और जहांं� वेे वि�द्रोोह केे खतरेे केे बि�नाा इसकेे अनुुरूप नहींं� होो सकतेे थेे, उन्हेंं कम सेे
कम कोोई नयाा सुुधाार नहींं� करनाा चााहि�ए, उन्हेंं कि�सीी भीी वि�वाादि�त मुुद्देे कोो नहींं� छूू नाा चााहि�ए, उन्हेंं मि�स्साा
कीी वि�धि� काा वि�रोोध नहींं� करनाा चााहि�ए, उन्हेंं कि�सीी भीी रोोमन कैै थोोलि�क कोो लूूथरवााद कोो अपनाानेे कीी
अनुुमति� नहींं� देेनीी चााहि�ए।” —पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 13, अध्यााय 5। इस उपााय नेे सभाा केे संं दर्भभ मेंं पोोप
सेे संं बंं धि�त पाादरि�योंं� और धर्माा�ध्यक्षोंं� कोो संं तुुष् ट कि�याा।
इस अध्याादेेश केे लाागूू कि�ए जाानेे पर, «सुुधाार काा नाा तोो वि�स्ताार कि�याा जाा सकताा थाा ... जहांं� अभीी
तक यह अज्ञाात थाा, और न हीी ठोोस नींं�व पर बरक़राार रखाा जाा सकताा थाा ... जहांं� यह पहलेे सेे मौौजूूद
थाा।» —पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 13, अध्यााय 5। बोोलनेे कीी स्वतंं त्रताा नि�षि�द्ध कर दीी जाातीी। धर्मम-परि�वर्ततन
निर्वाचकों का विरो 141

कीी अनुुमति� नहींं� होोतीी। और सुुधाार केे पक्ष समर्थथकोंं� केे लि�ए इन प्रति�बंं धोंं� और नि�षेेधोंं� कीी अधीीनताा
तुुरंंत स्वीीकाार करनाा आवश्यक थाा। दुनि�या ु ा कीी उम्मीीदेंं खत्म होोतीी दि�ख रहीी थींं�। «रोोम कीी धर्ममसत्‍‍ताा
कीी पुुन: स्थाापनाा ... प्रााचीीन कुु रीीति�योंं� कोो अपरि�हाार्यय रूप सेे वाापस लााएगीी;» और कट्टरताा और मतभेेद
द्वााराा «पहलेे सेे हीी इतनीी तेेज़ीी सेे बरबााद कि�ए गए काार्यय केे वि�नााश कोो पूूराा करनेे» केे लि�ए एक अवसर
आसाानीी सेे मि�ल जााएगाा। —पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 13, अध्यााय 5।
जब कट्टरपंं थीी समुुदााय वि�चाार-वि�मर्शश केे लि�ए मि�लाा, हर सदस्य नेे एक दूू सरेे कोो हैैराानीी सेे देेखाा।
एक सेे दूू सरेे नेे पूूछतााछ कीी: «क्याा कि�याा जाानाा हैै?» दुनि�या ु ा केे लि�ए महाान मुुद्देे दांं�व पर थेे। «क्याा
धर्ममसुुधाार केे प्रमुुखोंं� कोो समर्पपण कर देेनाा चााहि�ए और अध्याादेेश कोो स्वीीकाार कर लेेनाा चााहि�ए? इस
संं कट केे समय, जोो वाास्तव मेंं बहुत बड़ाा थाा, सुुधाारकोंं� नेे कि�तनीी आसाानीी सेे बहस करकेे खुुद कोो गलत
राास्तेे पर लाा दि�याा होोगाा! समर्पपण करनेे केे लि�ए उन्हेंं कि�तनेे संं तोोषजनक बहाानेे और उचि�त काारण मि�लेे
होंं�गेे! लूूथरन नि�र्वाा�चकोंं� कोो उनकेे धर्मम केे मुुक्त अभ्याास कीी गाारंंटीी दीी गई थीी। वहीी वरदाान उनकेे उन
सभीी शाासनााधीीनोंं� कोो दि�याा गयाा, जि�न्होंं�नेे इस काार्ययवााहीी केे लाागूू होोनेे सेे पहलेे सुुधाारवाादीी वि�चाारोंं� कोो
अपनाायाा थाा। क्याा यह उन्हेंं संं तुुष् ट करनेे केे लि�ए नहींं� होोनाा चााहि�ए? समर्पपण करनेे सेे कि�तनेे खतरोंं�
सेे बचाा जाा सकताा हैै! कि�न अज्ञाात खतरोंं� और संं घर्षोंं पर वि�पक्ष उन्हेंं प्राारंंभ करेेगाा! कौौन जाानताा हैै
कि� भवि�ष्य क्याा अवसर लाा सकताा हैै? शांं�ति� कोो अपनााएंं ; आइए हम रोोम केे शांं�ति� केे प्रस्तााव कोो
स्वीीकाार करेंं, और जर्ममनीी केे घाावोंं� कोो भरेंं। इस तरह केे तर्कोंं केे सााथ सुुधाारकोंं� नेे एक ऐसीी काार्ययप्र-
णाालीी कोो अपनाानेे कोो उचि�त ठहराायाा होोगाा जोो नि�श्चि�ित रूप सेे कुु छ हीी समय मेंं उनकेे अभि�याान कोो
पराास्त कर देेताा।
«खुुशीी सेे उन्होंं�नेे उस सि�द्धांं�त कोो देेखाा जि�स पर यह व्यवस्थाा आधाारि�त थीी, और उन्होंं�नेे वि�श्वाास
अपनेे कर्मोंं केे द्वााराा दि�खाायाा। वह सि�द्धांं�त क्याा थाा? अन्तराात्माा कोो वि�वश करनाा और स्वतंं त्र पूूछ-
तााछ कोो वर्जि�त करनाा रोोम काा अधि�काार थाा। लेेकि�न क्याा स्वयंं उन्हेंं और उनकीी प्रोोटेेस्टेंंट प्रजाा कोो
धाार्मि�क स्वतंं त्रताा काा आनंं द नहींं� उठाानाा थाा? हांं�, व्यवस्थाा मेंं वि�शेेष रूप सेे नि�र्धाा�रि�त एक इनाायत,
लेेकि�न अधि�काार केे रूप मेंं नहींं�। जहाँँ� तक उस व्यवस्थाा केे बााहर वाालोंं� कीी बाात हैै, सत्ताा काा महाान
सि�द्धांं�त शाासन करनाा थाा; वि�वेेक अदाालत सेे बााहर थाा; रोोम अचूूक न्याायााधीीश थाा, और उसकीी आज्ञाा
काा पाालन कि�याा जाानाा थाा। प्रस्ताावि�त व्यवस्थाा कीी स्वीीकृृ ति� एक आभाासीी स्वीीकृृ ति� होोतीी कि� धाार्मि�क
स्वतंं त्रताा कोो सुुधाारि�त सैैक्सोोनीी तक हीी सीीमि�त रखाा जाानाा चााहि�ए; और जहाँँ� तक मसीीहीी जगत केे
बााकीी सभीी लोोगोंं� कीी बाात हैै, स्वतंं त्र पूूछ-तााछ और सुुधाारि�त वि�श्वाास कीी वृृत्ति� अपरााध थेे, और उन्हेंं
काालकोोठरीी और जलााकर हत्याा सेे दंंडि�त कि�याा जाानाा चााहि�ए। क्याा वेे धाार्मि�क स्वतंं त्रताा कोो स्थाानीीय
बनाानेे केे लि�ए सहमत होो सकतेे थेे? क्याा वेे यह घोोषणाा करनेे केे लि�ए सहमत होो सकतेे थेे कि� सुुधाार नेे
अपनाा अंंति�म नयाा चेेलाा बनाायाा थाा? क्याा वेे इस बाात सेे सहमत होो सकतेे थेे कि� उन्होंं�नेे इसकेे अंंति�म
एकड़ कोो अपनेे अधीीन कर लि�याा थाा? और क्याा वेे इस बाात सेे सहमत होो सकतेे थेे कि� इस घड़ीी मेंं जहांं�
कहींं� रोोम काा बोोलबाालाा थाा, वहींं� उसकाा रााज्य बनाा रहेेगाा? क्याा सुुधाारक यह दलीील देे सकतेे थेे कि� वेे
उन सैैकड़ोंं� और हजाारोंं� लोोगोंं� कीी मृृत्युु केे दोोषीी नहींं� हैंं जि�न्हेंं, इस व्यवस्थाा काा पाालन करनेे मेंं, पोोप-
संं बंं धीी देेशोंं� मेंं अपनेे प्रााणोंं� कीी आहुति� देेनीी होोगीी? यह उस सर्वोोच्च समय मेंं, सुुसमााचाार केे हि�त मसीीहीी
जगत कीी स्वतंं त्रताा केे सााथ वि�श्वाासघाात करनाा होोताा।” —वि�लीी, पुुस्तक 9, अध्यााय 15। इसकेे
142 महाान वि�वााद

बजााय क्याा वेे «सब कुु छ, यहाँँ� तक कि� अपनेे रााज्य, अपनेे मुुकुुट, और अपनेे जीीवन काा बलि�दाान कर
देंंगेे।» —डीी›ऑबि�ग्नेे, पुुस्तक 13, अध्यााय 5।
«आइए हम इस फरमाान कोो अस्वीीकाार करेंं,” नि�र्वाा�चकोंं� नेे कहाा। «अंंतराात्माा केे माामलोंं� मेंं बहुमत
केे पाास कोोई शक्ति� नहींं� हैै।» प्रति�नि�धि�योंं� नेे घोोषणाा कीी: «यह 1526 केे आदेेश केे लि�ए हैै कि� हम
उस शांं�ति� केे लि�ए ऋणीी हैंं जि�सकाा सााम्रााज्य आनंं द लेेताा हैै: इसकाा उन्मूूलन जर्ममनीी कोो परेेशाानि�योंं� और
वि�भााजनोंं� सेे भर देेगाा। जब तक समि�ति� कीी बैैठक नहींं� होो जाातीी, तब तक सभाा धाार्मि�क स्वतंं त्रताा कोो
बनााए रखनेे केे अलाावाा और कुु छ करनेे मेंं अक्षम हैै।” -पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 13, अध्यााय। 5। अंंतःःकरण
कीी स्वतंं त्रताा कीी रक्षाा करनाा रााज्य काा कर्ततव्य हैै, और यहीी धर्मम केे माामलोंं� मेंं उसकेे अधि�काार कीी सीीमाा
हैै। प्रत्येेक धर्ममनि�रपेक्ष
े सरकाार जोो नाागरि�क प्रााधि�करण द्वााराा धाार्मि�क अनुुष् ठाानोंं� कोो वि�नि�यमि�त करनेे याा
लाागूू करनेे काा प्रयाास करतीी हैै, उसीी सि�द्धांं�त काा त्यााग कर रहीी हैै जि�सकेे लि�ए धर्मम प्रचाार संं बंं धीी मसीीहीी
समुुदााय नेे इतनीी उदाारताा केे सााथ संं घर्षष कि�याा।
पोोप समर्थथकोंं� नेे इसकाा जि�सेे उन्होोनेंं «सााहसीी हठ» कराार दि�याा, दमन करनेे काा नि�श्चय कि�याा।
उन्होंं�नेे सुुधाार केे समर्थथकोंं� केे बीीच वि�भााजन पैैदाा करनेे और उन सभीी कोो डराानेे केे प्रयाास सेे शुुरू कि�याा,
जि�न्होंं�नेे खुुलेे तौौर पर इसकेे पक्ष मेंं घोोषणाा नहींं� कीी थीी। मुुक्त शहरोंं� केे प्रति�नि�धि�योंं� कोो अंंत मेंं सभाा केे
समक्ष बुुलाायाा गयाा और उनसेे यह घोोषि�त करनेे केे लि�ए कहाा गयाा कि� वेे प्रस्तााव कीी शर्तोंं कोो स्वीीकाार
करेंंगेे याा नहींं�। उन्होंं�नेे स्थगि�त करनेे केे लि�ए गुुहाार लगााई, लेेकि�न व्यर्थथ। जब परीीक्षण केे लि�ए लाायाा
गयाा, तोो उनकीी लगभग आधीी संं ख्याा नेे सुुधाारकोंं� काा पक्ष लि�याा। जि�न लोोगोंं� नेे इस प्रकाार अंंतःःकरण
कीी स्वतंं त्रताा और व्यक्ति�गत नि�र्णणय केे अधि�काार काा त्यााग करनेे सेे इनकाार कर दि�याा, वेे अच्छीी तरह
जाानतेे थेे कि� उनकेे दृष्टि�िकोोण नेे उन्हेंं भवि�ष्य कीी आलोोचनाा, निं�दां ा और उत्पीीड़न नि�शाानाा बनाा दि�याा
थाा। प्रति�नि�धि�योंं� मेंं सेे एक नेे कहाा: “हमेंं याा तोो परमेेश्वर केे वचन काा इन्काार करनाा चााहि�ए, याा—याा
जलाा दि�याा जाानाा चााहि�ए।” —पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 13, अध्यााय 5।
सभाा मेंं सम्रााट केे प्रति�नि�धि� रााजाा फर्डि�नेंंड नेे देेखाा कि� यदि� नि�र्वाा�चकोंं� कोो इसेे स्वीीकाार करनेे और
बनााए रखनेे केे लि�ए नहींं� मनाा गयाा, अध्याादेेश केे काारण अहम वि�भााजन होो जााएंं गेे। अतःः उसनेे प्र-
तीीतीीकरण-कलाा काा प्रयोोग कि�याा, यह अच्छीी तरह सेे जाानतेे हुए कि� ऐसेे व्यक्ति�योंं� केे सााथ बल प्रयोोग
करनाा उन्हेंं और अधि�क दृढ़ बनाा देेगाा। उसनेे «नि�र्वाा�चकोंं� सेे वि�नतीी कीी कि� वेे इस आदेेश कोो स्वीीकाार
करेंं, और उन्हेंं आश्वाासन दि�याा कि� सम्रााट उनसेे बहुत प्रसन्न होोगाा।» लेेकि�न इन वफाादाार लोोगोंं� नेे
पाार्थि�व शाासकोंं� केे प्रभुुत्व सेे श्रेेष् ठ प्रभुुत्व कोो स्वीीकाार कि�याा, और उन्होंं�नेे शांं�ति� सेे उत्तर दि�याा: “हम
हर बाात मेंं सम्रााट कीी आज्ञाा काा पाालन करेंंगेे जोो शांं�ति� और परमेेश्वर केे सम्माान कोो बनााए रखनेे मेंं
योोगदाान देे सकताा हैै।” —पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 13, अध्यााय 5।
सभाा कीी उपस्थि�ति� मेंं, रााजाा नेे आखि�रकाार नि�र्वाा�चक और उसकेे दोोस्तोंं� कोो घोोषणाा कीी कि�
«आदेेश एक शााहीी फरमाान केे रूप मेंं तैैयाार कि�याा जाानेे वाालाा थाा,» और यह कि� «उनकीी एकमाात्र शेेष
क्रि�याावि�धि� बहुमत कोो प्रस्तुुत करनाा थाा।» इस प्रकाार बोोलनेे केे बााद, वह सुुधाारकोंं� कोो वि�चाार-वि�मर्शश
याा उत्तर काा कोोई अवसर नहींं� देेतेे हुए सभाा सेे चलाा गयाा। «उन्होंं�नेे व्यर्थथ हीी एक प्रति�नि�युुक्ति� भेेजकर
रााजाा सेे लौौटनेे केे लि�ए वि�नतीी कीी।» उनकेे प्रति�वााद काा उसनेे केे वल यह उत्तर दि�याा: “यह एक सुुलझाा
हुआ माामलाा हैै; केे वल आज्ञाापाालन हीी एकमाात्र उपााय हैै।” —पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 13, अध्यााय 5।
निर्वाचकों का विरो 143

शााहीी दल कोो वि�श्वाास थाा कि� मसीीहीी नि�र्वाा�चक पवि�त्र शाास्त्रोंं� कोो माानवीीय सि�द्धांं�तोंं� और अपेेक्षााओंं
सेे श्रेेष् ठ माानेंंगेे; और वेे जाानतेे थेे कि� जहाँँ� कहींं� भीी इस सि�द्धांं�त कोो स्वीीकाार कि�याा जााएगाा, वहाँँ� अंंततःः
पोोपतंं त्र कोो उखााड़ फेंंकाा जााएगाा। लेेकि�न, अपनेे समय केे हज़ाारोंं� लोोगोंं� कीी तरह, केे वल «देेखीी जाानेे
वाालीी चीीजोंं� कोो देेखकर,» उन्होंं�नेे खुुद कोो संं तुुष् ट कि�याा कि� सम्रााट और पोोप काा पक्ष प्रबल थाा, और
सुुधाारकोंं� काा पक्ष कमज़ोोर थाा। यदि� सुुधाारक केे वल माानव सहाायताा पर नि�र्भभर होोतेे, तोो वेे उतनेे हीी
शक्ति�हीीन होोतेे जि�तनाा कि� पोोप समर्थथक माानतेे थेे। लेेकि�न संं ख्याा मेंं कमज़ोोर और रोोम सेे भि�न्न होोनेे
केे बाावजूूद , उनकेे पाास उनकीी तााकत थीी। उन्होंं�नेे “सभाा कीी रि�पोोर्टट सेे लेेकर परमेेश्वर केे वचन तक,
और सम्रााट चाार्ल्सस सेे लेेकर रााजााओंं केे रााजाा और प्रभुुओं ं केे प्रभुु, यीीशुु मसीीह तक” अपीील कीी।—
पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 13, अध्यााय 6।
जैैसाा कि� फर्डि�नेंंड नेे उनकेे कर्ततव्यनि�ष्ठ वि�श्वाासोंं� कोो मााननेे सेे इनकाार कर दि�याा थाा, नि�र्वाा�चकोंं�
नेे उसकीी अनुुपस्थि�ति� पर ध्याान नहींं� देेनेे काा फैै सलाा कि�याा, लेेकि�न बि�नाा देेरीी कि�ए अपनेे वि�रोोध कोो
रााष्ट्रीी�य समि�ति� केे साामनेे लाानेे काा फैै सलाा कि�याा। इसलि�ए एक औपचाारि�क घोोषणाा तैैयाार कीी गई और
सभाा कोो प्रस्तुुत कीी गई:
«हम इन प्रस्तुुति�योंं� द्वााराा हमाारेे एकमाात्र सृृष्टि�िकर्ताा�, संं रक्षक, मुुक्ति�दााताा और उद्धाारकर्ताा� परमेेश्वर
केे साामनेे और जोो एक दि�न हमााराा न्याायीी होोगाा, सााथ हीी सभीी लोोगोंं� और सभीी जीीवोंं� केे साामनेे वि�रोोध
करतेे हैंं, कि� हम, हमाारेे लि�ए और हमाारेे लोोगोंं� केे लि�ए, न तोो सहमति� देेतेे हैंं और न हीी कि�सीी भीी तरह
सेे प्रस्ताावि�त फरमाान काा समर्थथन करतेे हैंं, न कि�सीी भीी बाात मेंं जोो परमेेश्वर केे , पवि�त्र शब्द केे , हमाारेे
सहीी वि�वेेक केे , हमाारीी आत्मााओंं केे उद्धाार केे वि�परीीत हैै।”
«क्याा! हम इस आदेेश कीी पुुष्टि�ि करतेे हैंं! हम दाावाा करतेे हैंं कि� जब सर्ववशक्ति�माान परमेेश्वर कि�सीी
व्यक्ति� काा ध्याान अपनेे ज्ञाान कीी ओर आकर्षि�त करताा हैै, तब भीी यह व्यक्ति� परमेेश्वर काा ज्ञाान प्रााप्त नहींं�
कर सकताा हैै!» «कोोई नि�श्चि�ित सि�द्धांं�त नहींं� हैै, सि�वााय उसकेे जोो परमेेश्वर केे वचन केे अनुुरूप हैै।
प्रभुु कि�सीी अन्य सि�द्धांं�त कीी शि�क्षाा देेनेे सेे मनाा करताा हैै। पवि�त्र शाास्त्र कोो अन्य और स्पष्ट पदोंं� द्वााराा
समझाायाा जाानाा चााहि�ए; ... यह पवि�त्र पुुस्तक, मसीीहीी केे लि�ए सभीी वि�षयोंं� मेंं आवश्यक, समझनेे मेंं
आसाान और अज्ञाानताा कोो दूू र करनेे केे लि�ए सुुवि�चाारि�त हैै। हम परमेेश्वर कीी कृृ पाा सेे, उसकेे एकमाात्र
वचन केे शुुद्ध और अनन्य उपदेेश कोो, इसमेंं कुु छ भीी इसकेे वि�परीीत जोोड़ेे बि�नाा, बनााए रखनेे केे लि�ए
संं कल्पि�त हैंं, बि�ल्कुुल वैैसेे हीी जैैसेे कि� यह पुुराानेे और नए नि�यम कीी बााइबि�ल कीी कि�तााबोंं� मेंं नि�हि�त
हैै। यह शब्द हीी एकमाात्र सत्य हैै; यह सभीी सि�द्धांं�तोंं� और सभीी जीीवोंं� काा नि�श्चि�ित नि�यम हैै, और कभीी
भीी हमााराा सााथ नहींं� छोोड़ सकताा हैै। जोो इस नींं�व पर आधाारि�त होोताा हैै, वह नरक कीी साारीी शक्ति�योंं�
केे वि�रुद्ध खड़ाा होोगाा, और उसकेे वि�रुद्ध व्यवस्थि�त कीी गई सभीी माानवीीय महत्वााकांं�क्षााएंं परमेेश्वर केे
सााम्हनेे गि�र जााएंं गीी।”
«इस काारण हम उस जूूए कोो जोो हम पर थोोपाा गयाा हैै, ठुु कराातेे हैंं।» «उसीी समय हम उम्मीीद
कर रहेे हैंं कि� महाामहि�म हमाारेे प्रति� एक मसीीहीी नि�र्वाा�चक कीी तरह व्यवहाार करेे गाा जोो परमेेश्वर
सेे सबसेे अधि�क प्रेेम करताा हैै; और हम स्वयंं उसेे, सााथ हीी आप अनुुग्रहकाारीी प्रभुुओं ं कोो, स्नेेह
और आज्ञााकाारि�ताा व्यक्त करनेे कीी घोोषणाा करतेे हैंं, जोो हमााराा न्याायपूूर्णण और वैैध कर्ततव्य हैै।» —
पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 13, अध्यााय 6।
144 महाान वि�वााद

सभाा पर गहराा प्रभााव पड़ाा। प्रति�वाादि�योंं� केे सााहस पर अधि�कांं�श लोोग वि�स्मय और बेेचैैनीी सेे भर
गए। भवि�ष्य उन्हेंं तूूफाानीी और अनि�श्चि�ित दि�खााई दि�याा। मतभेेद , कलह और रक्तपाात अपरि�हाार्यय
प्रतीीत होो रहेे थेे। लेेकि�न सुुधाारक, अपनेे सि�द्धाान्त केे औचि�त्य केे बाारेे मेंं आश्वस्त, और सर्ववशक्ति�माान
कीी साामर्थ्यय पर भरोोसाा करतेे हुए, «सााहस और दृढ़ताा सेे परि�पूूर्णण थेे।»
«इस सुुप्रसि�द्ध प्रति�वााद मेंं नि�हि�त सि�द्धांं�त ... प्रोोटेेस्टेंंटवााद काा साार हैंं। अब यह प्रति�वााद वि�श्वाास
केे माामलोंं� मेंं मनुुष्य कीी दोो कुु रीीति�योंं� काा वि�रोोध करताा हैै: सर्ववप्रथम सि�वि�ल मजि�स्ट्रेे�ट काा अनुुचि�त
हस्तक्षेेप हैै, और दूू सराा चर्चच कीी मनमाानीी सत्ताा। इन कुु रीीति�योंं� केे बजााय, प्रोोटेेस्टेंंटवााद अन्तराात्माा कीी
साामर्थ्यय सेे ऊपर रखताा हैै, और परमेेश्वर केे वचन केे अधि�काार कोो दृश्यमाान कलीीसि�याा केे ऊपर रखताा
हैै। सबसेे पहलेे, यह ईश्वरीीय वि�षयोंं� मेंं नगर याा रााष्ट्रर कीी शक्ति� कोो अस्वीीकाार करताा हैै, और भवि�ष्यद्व-
क्तााओंं और प्रेेरि�तोंं� केे सााथ कहताा हैै, ‹हमेंं मनुुष्य केे बजााय परमेेश्वर कीी आज्ञाा मााननीी चााहि�ए।› चाार्ल्सस
पंं चम केे रााजत्व कीी उपस्थि�ति� मेंं, यह यीीशुु मसीीह केे रााजत्व कोो ऊपर उठााताा हैै। लेेकि�न यह और भीी
आगेे जााताा हैै: यह इस सि�द्धांं�त कोो नि�र्धाा�रि�त करताा हैै कि� सभीी माानवीीय शि�क्षााएंं परमेेश्वर केे वचनोंं�
केे अधीीन होोनीी चााहि�ए।»—पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 13, अध्यााय 6। इसकेे अलाावाा प्रति�वाादि�योंं� नेे सच्चााई
केे अपनेे वि�श्वाासोंं� कोो स्वतंं त्र रूप सेे बोोलनेे केे अपनेे अधि�काार कीी पुुष्टि�ि कीी थीी। वेे न केे वल वि�श्वाास
करेंंगेे और आज्ञाा काा पाालन करेंंगेे, बल्कि� सि�खााएंं गेे कि� परमेेश्वर काा वचन क्याा प्रस्तुुत करताा हैै, और
उन्होंं�नेे पाादरीी याा मजि�स्ट्रेे�ट केे हस्तक्षेेप केे अधि�काार सेे इनकाार कि�याा। स्पााइहज़ काा प्रति�वााद धाार्मि�क
असहि�ष्णुुताा केे खि�लााफ एक महत्त्वपूूर्णण गवााह थाा, और सभीी लोोगोंं� केे अपनेे वि�वेेक केे अनुुसाार परमेे-
श्वर कीी पूूजाा करनेे केे अधि�काार काा अभि�कथन थाा।
घोोषणाा होो चुुकीी थीी। हज़ाारोंं� कीी स्मृृति� मेंं लि�खाा गयाा थाा और स्वर्गग कीी पुुस्तकोंं� मेंं दर्जज कि�याा गयाा
थाा, जहांं� मनुुष्य काा कोोई भीी प्रयाास इसेे नहींं� मि�टाा सकताा थाा। पूूरेे कट्टरपंं थीी जर्ममनीी नेे वि�रोोध कोो अपनेे
वि�श्वाास कीी अभि�व्यक्ति� केे रूप मेंं अपनाायाा। हर जगह लोोगोंं� नेे इस घोोषणाा मेंं एक नए और बेेहतर
युुग काा वाादाा देेखाा। नि�र्वाा�चकोंं� मेंं सेे एक नेे स्पााइहज़ केे प्रति�वाादि�योंं� सेे कहाा: «सर्ववशक्ति�माान, जि�सनेे
आपकोो प्रभाावशाालीी ढंंग सेे, स्वतंं त्र रूप सेे और नि�डरताा सेे स्वीीकाार करनेे केे लि�ए अनुुग्रह दि�याा हैै,
अनंं त कााल तक आपकोो उस मसीीहीी दृढ़ताा मेंं बनााए रखेंं।» —पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 13, अध्यााय 6।
यदि� सुुधाार, सफलताा कीी स्थि�ति� प्रााप्त करनेे केे बााद, संं साार कीी कृृ पाादृष्टि�ि प्रााप्त करनेे हेेतुु टाालमटोोल
करनेे केे लि�ए सहमत होो जााताा, यह परमेेश्वर और स्वयंं केे प्रति� झूठाू ा होोताा, और इस प्रकाार अपनाा वि�नााश
सुुनि�श्चि�ित करताा। इन महाान सुुधाारकोंं� केे अनुुभव मेंं आनेे वाालेे सभीी युुगोंं� केे लि�ए एक सबक हैै। परमेे-
श्वर और उसकेे वचन केे वि�रुद्ध शैैताान केे काार्यय करनेे काा तरीीकाा नहींं� बदलाा हैै; वह अभीी भीी पवि�त्र शाास्त्र
कोो जीीवन काा माार्गगदर्शशक बनााए जाानेे काा उतनाा हीी वि�रोोध करताा हैै जि�तनाा सोोलहवींं� शतााब्दीी मेंं करताा
थाा। हमाारेे समय मेंं उनकेे सि�द्धांं�तोंं� और उपदेेशोंं� सेे एक व्याापक प्रस्थाान हैै, और महाान प्रोोटेेस्टेंंट सि�द्धांं�त-
वि�श्वाास और कर्ततव्य केे माापक केे रूप मेंं बााइबल, और केे वल बााइबि�ल पर वाापसीी कीी आवश्यकताा हैै।
धाार्मि�क स्वतंं त्रताा कोो नष्ट करनेे केे लि�ए शैैताान अभीी भीी उसकेे नि�यंं त्रि�त करनेे योोग्य हर सााधन केे द्वााराा
कााम कर रहाा हैै। मसीीहीी वि�रोोधीी तााकत जि�सेे स्पााइहज़ केे प्रति�वाादि�योंं� नेे खाारि�ज कर दि�याा थाा, वह अब
नए जोोश केे सााथ अपनेे खोोए हुए वर्चचस्व कोो फि�र सेे स्थाापि�त करनाा चााह रहाा हैै। सुुधाार केे उस संं कट केे
समय प्रकट हुए परमेेश्वर केे वचन केे प्रति� वहीी अटल नि�ष्ठाा आज सुुधाार कीी एकमाात्र आशाा हैै।
निर्वाचकों का विरो 145

प्रोोटेेस्टेंंट समुुदााय केे लि�ए खतरेे केे संं केे त दि�खााई दि�ए; इस बाात केे भीी संं केे त थेे कि� वि�श्वाासि�योंं�
कीी रक्षाा केे लि�ए ईश्वरीीय हााथ बढ़ाायाा गयाा थाा। यह लगभग इस समय थाा कि� «अपनेे दोोस्त सााइमन
ग्राायनि�यस द्वााराा उससेे नदीी पाार करनेे काा आग्रह कि�ए जाानेे पर, मेेलांं�कथॉॉन जल्दबााजीी मेंं स्पााइहज़
कीी सड़कोंं� सेे होोकर रााइन कीी ओर गयाा। उत्तराार्द्धध इस तरह कीी उताावलीी सेे हैैराान रह गयाा। ‹शांं�तचि�त्त
और गम्भीीर हााव-भााव काा एक बूूढ़ाा आदमीी, जोो मेेरेे लि�ए अज्ञाात हैै,› मेेलांं�कथॉॉन नेे कहाा, ‹मेेरेे साामनेे
आयाा और बोोलाा, एक मि�नट मेंं न्यााय केे अधि�काारि�योंं� कोो फर्डि�नेंंड द्वााराा ग्राायनि�यस कोो गि�रफ्ताार करनेे
केे लि�ए भेेजाा जााएगाा।›»
दि�न केे दौौराान, एक प्रमुुख पोोप संं बंं धीी वि�द्वाान, फैै बर द्वााराा एक धर्मोोपदेेश मेंं ग्रेेनि�यस कोो बदनााम
कि�याा गयाा थाा; और अंंत मेंं, «कुु छ घृृणाास्पद त्रुुटि�योंं�» काा बचााव करनेे केे लि�ए उसकेे सााथ बहस कीी।
«फैै बर नेे अपनाा गुुस्साा शांं�त कि�याा, लेेकि�न तुुरंंत रााजाा केे पाास गयाा, जि�ससेे उसनेे हीीडलबर्गग केे प्रति�-
ष्ठि��त प्रोोफेे सर केे खि�लााफ एक आदेेश प्रााप्त कि�याा थाा। मेेलांं�कथॉॉन कोो इस बाात पर संं देेह नहींं� थाा कि�
परमेेश्वर नेे अपनेे एक पवि�त्र दूू त कोो उसेे चेेताावनीी देेनेे केे लि�ए भेेजकर उसकेे मि�त्र कोो बचाायाा थाा।
«रााइन केे तट पर गति�हीीन, वह तब तक इंं तज़ाार करताा रहाा जब तक कि� उस धााराा केे पाानीी नेे ग्रा�-
यनि�यस कोो उसकेे उत्पीीड़कोंं� सेे बचाा नहींं� लि�याा। ‹आख़ि�रकाार› मेेलांं�कथॉॉन चि�ल्लाायाा, जब उसनेे उसेे
नदीी केे उस पाार देेखाा, ‹आख़ि�रकाार वह नि�र्दोोष खूून केे प्याासेे लोोगोंं� केे क्रूूर जबड़ेे सेे बच गयाा।› जब
वह अपनेे घर लौौटाा, तोो मेेलांं�कथॉॉन कोो सूूचि�त कि�याा गयाा थाा कि� ग्राायनि�यस कीी तलााश मेंं अधि�काारि�योंं�
नेे उसकेे घर कोो ऊपर सेे नीीचेे तक लूूट लि�याा थाा।» —पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 13, अध्यााय 6।
सुुधाार कोो पृृथ्वीी केे शक्ति�शाालीी लोोगोंं� केे साामनेे अधि�क प्रमुुखताा मेंं लाायाा जाानाा थाा। कट्टर-
पंं थीी नि�र्वाा�चक कोो रााजाा फर्डि�नेंंड द्वााराा सुुनवााई सेे वंं चि�त कर दि�याा गयाा थाा; लेेकि�न उन्हेंं सम्रााट और
कलीीसि�याा और रााज्य केे एकत्रि�त गणमाान्य व्यक्ति�योंं� कीी उपस्थि�ति� मेंं अपनाा पक्ष प्रस्तुुत करनेे काा
अवसर दि�याा जाानाा थाा। सााम्रााज्य कोो परेेशाान करनेे वाालेे वि�वाादोंं� कोो शांं�त करनेे केे लि�ए, चाार्ल्सस पंं चम
नेे, स्पााइहज़ केे प्रति�वााद केे बााद केे वर्षष मेंं, ऑग्सबर्गग मेंं एक सभाा बुुलााई, जि�समेंं उसनेे व्यक्ति�गत रूप
सेे अध्यक्षताा करनेे केे अपनेे इराादेे कीी घोोषणाा कीी। वहांं� प्रोोटेेस्टेंंट अगुुवोंं� कोो बुुलाायाा गयाा।
सुुधाार पर महाान खतरोंं� केे संं केे त थेे; परन्तुु उसकेे पक्षधरोंं� नेे अपनेे अभि�याान केे लि�ए परमेेश्वर पर
भरोोसाा रखाा, और सुुसमााचाार पर दृढ़ रहनेे कीी प्रति�ज्ञाा कीी। सेेक्सनीी केे नि�र्वाा�चक कोो उसकेे सभाासदोंं�
नेे सभाा मेंं उपस्थि�त न होोनेे काा आग्रह कि�याा। उन्होंं�नेे कहाा, सम्रााट नेे नि�र्वाा�चकोंं� कोो उपस्थि�त होोनेे काा
आदेेश इसलि�ए दि�याा तााकि� उन्हेंं एक जााल मेंं फंं साायाा जाा सकेे । «क्याा यह एक शक्ति�शाालीी दुश्म ु न केे
सााथ शहर कीी दीीवाारोंं� कीी सीीमाा केे अन्दर जााकर खुुद कोो बंं द करनेे केे लि�ए सब कुु छ जोोखि�म मेंं डाालनाा
नहींं� हैै?» लेेकि�न दूू सरोंं� नेे भद्रताा सेे घोोषणाा कीी, «नि�र्वाा�चक केे वल सााहसीी व्यवहाार करेंं, और परमेेश्वर
काा ध्येेय बच जााएगाा।» «परमेेश्वर वफाादाार हैै; वह हमेंं नहींं� छोोड़ेेगाा,» लूूथर नेे कहाा। — पूूर्वोोक्त.,
पुुस्तक 14, अध्यााय 2। नि�र्वाा�चक नेे अपनेे अनुुचरोंं� केे सााथ ऑग्सबर्गग केे लि�ए प्रस्थाान कि�याा। सभीी
उन खतरोंं� सेे परि�चि�त थेे जोो उसेे डराा रहेे थेे, और कई उदाास चेेहरेे और परेेशाान मन केे सााथ आगेे बढ़ेे।
लेेकि�न लूूथर नेे, जोो उनकेे सााथ कोोबर्गग तक गयाा, उस याात्राा केे दौौराान लि�खेे गए भजन गााकर उनकेे
डूू बतेे वि�श्वाास कोो पुुनर्जीीवि�त कि�याा, «एक मजबूूत दुर्गगु हमााराा परमेेश्वर हैै।» भवि�ष्य कीी वि�पदााओ
केे कई चि�न्तााजनक पूूर्वाा�भाास दूू र होो गए, कई भाारीी मन प्रेेरक भजन कीी आवााज पर हल्काा होो गए।
146 महाान वि�वााद

सुुधाारि�त नि�र्वाा�चकोंं� नेे अपनेे वि�चाारोंं� केे वि�वरण कोो व्यवस्थि�त रूप मेंं, पवि�त्र शाास्त्र केे सााक्ष्य केे
सााथ, सभाा केे समक्ष प्रस्तुुत करनेे केे लि�ए नि�र्धाा�रि�त कि�याा थाा; और इसकीी तैैयाारीी काा काार्यय लूूथर,
मेेलांं�कथॉॉन और उनकेे सहयोोगि�योंं� कोो सौंं�पाा गयाा थाा। इस स्वीीकाारोोक्ति� कोो प्रोोटेेस्टेंंटोंं� नेे अपनेे वि�श्वाास
केे एक प्रदर्शशन केे रूप मेंं स्वीीकाार कि�याा थाा, और वेे महत्वपूूर्णण दस्ताावेेज मेंं अपनेे नााम जोोड़नेे केे
लि�ए इकट्ठेे हुए थेे। यह एक गंं भीीर और तनाावपूूर्णण समय थाा। सुुधाारक इस बाात कीी मांं�ग कर रहेे थेे
कि� उनकेे अभि�याान कोो रााजनीीति�क प्रश्नोंं� केे सााथ भ्रमि�त न कि�याा जााए; उन्होंं�नेे महसूूस कि�याा कि�
सुुधाार कोो परमेेश्वर केे वचन सेे उत्पन्न होोनेे वाालेे प्रभााव केे अलाावाा कि�सीी अन्य प्रभााव काा प्रयोोग नहींं�
करनाा चााहि�ए।
जब मसीीहीी नि�र्वाा�चक स्वीीकाारोोक्ति� पर हस्तााक्षर करनेे केे लि�ए आगेे बढ़ेे, तोो मेेलांं�कथॉॉन नेे यह
कहतेे हुए हस्तक्षेेप कि�याा: «यह धर्ममशाास्त्रि�ियोंं� और पाादरि�योंं� केे लि�ए हैै कि� वेे इन बाातोंं� काा प्रस्तााव रखेंं;
आइए अन्य बाातोंं� केे लि�ए हम पृृथ्वीी केे शूूरवीीरोंं� केे अधि�काार कोो सुुरक्षि�त रखेंं।” सेेक्सनीी केे जॉॉन नेे
उत्तर दि�याा, «परमेेश्वर न करेे,» जॉॉन ऑफ सैैक्सोोनीी नेे उत्तर दि�याा, «कि� आप मुुझेे छोोड़ देंं। मैंं अपनेे
मुुकुुट केे बाारेे मेंं खुुद कोो परेेशाान कि�ए बि�नाा, जोो सहीी हैै उसेे करनेे केे लि�ए दृढ़ संं कल्पि�त हूंं। मैंं प्रभुु कोो
स्वीीकाार करनाा चााहताा हूंं। मेेरीी नि�र्वाा�चक टोोपीी और शााहीी नैैति�क शुुद्धताा मेेरेे लि�ए इतनाा कीीमतीी नहींं� हैै
जि�तनाा कि� यीीशुु मसीीह काा क्रूूस। « ऐसाा कहकर उसनेे अपनाा नााम लि�ख लि�याा। एक और नि�र्वाा�चक
नेे कलम लेेतेे हुए कहाा: «यदि� मेेरेे प्रभुु यीीशुु मसीीह केे सम्माान केे लि�ए यह आवश्यक हैै, तोो मैंं तैैयाार हूंं
... अपनाा साामाान और जीीवन पीीछेे छोोड़नेे केे लि�ए।» उसनेे आगेे कहाा, «मैंं अपनीी प्रजाा और अपनेे
रााज्योंं� कोो त्यााग दूंं�गाा, बल्कि� अपनेे पि�ताा केे देेश कोो छोोड़ दूंं�गाा, बजााय इसकेे कि� स्वीीकाारोोक्ति� मेंं नि�हि�त
कि�सीी अन्य सि�द्धांं�त कोो प्रााप्त करूंं।» — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 14, अध्यााय 2। ऐसाा थाा परमेेश्वर केे उन
लोोगोंं� काा वि�श्वाास और सााहस।
सम्रााट केे साामनेे पेेश होोनेे काा नि�यत समय आ गयाा। चाार्ल्सस पंं चम नेे, अपनेे सिं�हां ासन पर बैैठेे,
नि�र्वाा�चकोंं� और साामंं तोंं� सेे घि�रेे हुए, प्रोोटेेस्टेंंट धर्मम सुुधाारकोंं� कीी बाात सुुनीी। उनकेे वि�श्वाास कीी स्वीीकाारो�-
क्ति� पढ़ीी गई। उस संं भ्रांं�त सभाा मेंं सुुसमााचाार कीी सच्चााइयोंं� कोो स्पष्ट रूप सेे साामनेे रखाा गयाा थाा, और
रोोमन कैै थोोलि�क कलीीसि�याा केे भ्रमोंं� कोो इंं गि�त कि�याा गयाा। उस दि�न कोो उचि�त रूप सेे « धर्मम-सुुधाार
काा सबसेे महाान दि�न, और ईसााई धर्मम और माानव जााति� केे इति�हाास मेंं सबसेे शाानदाार दि�न» केे रूप मेंं
घोोषि�त कि�याा गयाा हैै।» — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 14, अध्यााय 7।
लेेकि�न कुु छ सााल बीीत चुुकेे थेे जब वि�टनबर्गग काा भि�क्षुु वर्म्सस मेंं रााष्ट्रीी�य सभाा केे साामनेे अकेे लेे
खड़ाा थाा। अब उसकेे स्थाान पर सााम्रााज्य केे सबसेे महाान और सबसेे शक्ति�शाालीी नि�र्वाा�चक थेे। लूूथर
कोो ऑग्सबर्गग मेंं उपस्थि�त होोनेे सेे मनाा कि�याा गयाा थाा, लेेकि�न वह अपनेे शब्दोंं� और प्राार्थथनााओंं द्वााराा
उपस्थि�त थाा। «मैंं बहुत खुुश हूँँ,» उन्होंं�नेे लि�खाा, «कि� मैंं इस घड़ीी तक जीीवि�त रहाा हूँँ, जि�समेंं मसीीह कीी
इस तरह केे शाानदाार स्वीीकाारकर्ताा�ओं ं द्वााराा, और इतनीी शाानदाार सभाा मेंं साार्ववजनि�क रूप सेे प्रशंं साा कीी
गई हैै।» — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 14, अध्यााय 7। इस प्रकाार वह पूूराा हुआ जोो पवि�त्रशाास्त्र कहताा हैै: «मैंं
तेेरीी चि�तौौनि�योंं� कीी चर्चाा� रााजााओंं केे साामनेे भीी करूँँगाा।» भजन संं हि�ताा 119:46।
पौौलुुस केे समय मेंं जि�स सुुसमााचाार केे लि�ए उसेे कैै द कि�याा गयाा थाा, वह इस प्रकाार शााहीी शहर केे
रााजकुु माारोंं� और रईसोंं� केे साामनेे लाायाा गयाा थाा। तोो इस अवसर पर, जि�सेे सम्रााट नेे उपदेेश-मंं च सेे
निर्वाचकों का विरो 147

प्रचाार करनेे सेे मनाा कि�याा थाा, महल सेे घोोषि�त कि�याा गयाा; जि�सेे बहुतोंं� नेे दाासोंं� केे सुुननेे केे लि�ए भीी
अनुुपयुुक्त माानाा थाा, उसेे सााम्रााज्य केे आकााओंं और प्रभुुओं ं नेे आश्चर्यय सेे सुुनाा। रााजाा और महाापुुरुष
श्रवण थेे, मुुकुुट- धाारीी नि�र्वाा�चक उपदेेशक थेे, और उपदेेश परमेेश्वर काा शााहीी सत्य थाा। “प्रेेरि�तोंं� केे
युुग सेे,” एक लेेखक कहताा हैै, “इससेे बड़ाा काार्यय याा अधि�क भव्य अंंगीीकाार कभीी नहींं� हुआ।” —
डीी›ऑबि�ग्नेे, पुुस्तक 14, अध्यााय 7।
“लूूथरन केे अनुुयाायि�योंं� नेे जोो कुु छ कहाा हैै वह सब सच हैै; हम इसेे नकाार नहींं� सकतेे,” एक
पोोप-समर्थथक धर्माा�ध्यक्ष नेे घोोषणाा कीी। «क्याा आप नि�र्वाा�चक और उसकेे सहयोोगि�योंं� द्वााराा कीी गई
स्वीीकाारोोक्ति� काा ठोोस काारणोंं� सेे खंं डन कर सकतेे हैंं?» एक और नेे डॉॉ. ऐक सेे पूूछाा। “प्रेेरि�तोंं� और
भवि�ष्यद्वक्तााओंं केे लेेखन केे मााध्यम सेे-नहींं�!” जवााब थाा; «परन्तुु पाादरि�योंं� और महाासभााओंं केे लोोगोंं�
केे मााध्यम सेे-हाँँ�!” «मैंं समझताा हूँँ,” प्रश्नकर्ताा� नेे उत्तर दि�याा। «लूूथरन, आपकेे अनुुसाार, पवि�त्रशाा-
स्त्र मेंं हैंं, और हम बााहर हैंं।» — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 14, अध्यााय 8।
जर्ममनीी केे कुु छ नि�र्वाा�चकोंं� कोो सुुधाारि�त वि�श्वाास मेंं लाायाा गयाा। सम्रााट नेे स्वयंं घोोषि�त कि�याा कि� प्रो�-
टेेस्टेंंट लेेख सत्य थेे। स्वीीकाारोोक्ति� काा कई भााषााओंं मेंं अनुुवााद कि�याा गयाा और पूूरेे यूूरोोप मेंं प्रसाारि�त
कि�याा गयाा, और इसेे बााद कीी पीीढ़ि�योंं� मेंं लााखोंं� लोोगोंं� द्वााराा उनकेे वि�श्वाास कीी अभि�व्यक्ति� केे रूप मेंं
स्वीीकाार कि�याा हैै।
परमेेश्वर केे वफाादाार सेेवक अकेे लेे कड़ीी मेेहनत नहींं� कर रहेे थेे। जबकि� ऊँँचेे स्थाानोंं� पर प्रधाान-
तााएँँ और शक्ति�याँँ� और दुष्ु ट आत्मााएँँ उनकेे वि�रुद्ध संं गठि�त हुई थींं�, तौौभीी यहोोवाा नेे अपनीी प्रजाा कोो न
छोोड़ाा। यदि� उनकीी आंंखेंं खोोल दीी जाातींं�, तोो वेे ईश्वरीीय उपस्थि�ति� और सहाायताा केे प्रमााण कोो उसीी
स्पष्टताा सेे देेखतेे जैैसाा कि� पुुराानेे समय केे भवि�ष्यद्वक्ताा कोो दि�याा गयाा थाा। जब एलीीशाा केे सेेवक नेे
अपनेे स्वाामीी काा ध्याान उनकेे चाारोंं� ओर कीी प्रति�रोोधीी सेेनाा और बचनेे केे सभीी अवसरोंं� सेे वंं चि�त होो
जाानेे कीी ओर आकर्षि�त कि�याा, भवि�ष्यद्वक्ताा नेे प्राार्थथनाा कीी: «हेे यहोोवाा, इसकीी आँँखेंं खोोल देे कि� यह
देेख सकेे ।» 2 रााजाा 6:17। और, देेखोो, पहााड़ परमेेश्वर केे भक्त कीी रक्षाा केे लि�ए तैैनाात स्वर्गग कीी
सेेनाा, अग्नि�िमय घोोड़ोंं� और रथोंं� सेे भराा हुआ थाा। इस प्रकाार स्वर्गगदूू तोंं� नेे धर्मम-सुुधाार केे काार्ययकर्ताा�ओं ं
कीी रक्षाा कीी।
लूूथर द्वााराा सबसेे दृढ़ताा सेे बनााए गए सि�द्धांं�तोंं� मेंं सेे एक यह थाा कि� धर्मम-सुुधाार केे समर्थथन मेंं धर्मम-
नि�रपेेक्ष शक्ति� काा सहााराा नहींं� लेेनाा चााहि�ए, और इसकीी रक्षाा केे लि�ए हथि�याारोंं� कीी मांं�ग करनीी चााहि�ए।
वह आनन्दि�त हुआ कि� सााम्रााज्य केे नि�र्वाा�चकोंं� द्वााराा सुुसमााचाार कोो स्वीीकाार कि�याा गयाा थाा; लेेकि�न जब
उन्होंं�नेे एक रक्षाात्मक संं घ मेंं एकजुुट होोनेे काा प्रस्तााव रखाा, तोो उन्होंं�नेे घोोषणाा कीी कि� «सुुसमााचाार केे
सि�द्धांं�त कीी रक्षाा केे वल ईश्वर द्वााराा हीी कीी जाानीी चााहि�ए। मनुुष्य काार्यय मेंं जि�तनाा कम हस्तक्षेेप करेेगाा,
उसकीी ओर सेे परमेेश्वर काा हस्तक्षेेप उतनाा हीी अधि�क प्रभाावशाालीी होोगाा। जि�न भीी रााजनीीति�क
साावधाानि�योंं� काा सुुझााव दि�याा गयाा थाा, उनकेे वि�चाार मेंं, वेे अयोोग्य भय और पाापीी अवि�श्वाास केे
आरोोप्य थेे।» -डीी ऑबि�ग्नेे, लंं दन संं स्करण, पुुस्तक 10, अध्यााय 14।
जब शक्ति�शाालीी शत्रुु सुुधाारि�त वि�श्वाास कोो उखााड़ फेंंकनेे केे लि�ए एकजुुट होो रहेे थेे, और ऐसाा लग
रहाा थाा कि� हजाारोंं� तलवाारेंं उसकेे वि�रुद्ध म्याान सेे नि�काालीी जाा रहीी हैंं, लूूथर नेे लि�खाा: “शैैताान अपनाा
क्रोोध भड़काा रहाा हैै; अधर्मीी पोोप सााज़ि�श रच रहेे हैंं; और हमेंं युुद्ध कीी धमकीी दीी जाा रहीी हैै। लोोगोंं� कोो
148 महाान वि�वााद

वि�श्वाास और प्राार्थथनाा केे द्वााराा प्रभुु केे सिं�हां ासन केे साामनेे बहाादुरीु ी सेे लड़नेे केे लि�ए प्रोोत्सााहि�त करेंं, तााकि�
हमाारेे शत्रुु, परमेेश्वर कीी आत्माा सेे परााजि�त, शांं�ति� केे लि�ए वि�वश होो सकेंं । हमाारीी मुुख्य आवश्यकताा,
हमााराा मुुख्य श्रम, प्राार्थथनाा हैै; लोोगोंं� कोो पताा चलेे कि� वेे अब तलवाार कीी धाार और शैैताान केे क्रोोध केे
साामनेे उजाागर होो गए हैंं, और वेे प्राार्थथनाा करेंं।” —डीी औबि�ग्नेे, पुुस्तक 10, अध्यााय 14।
फि�र सेे, बााद कीी ताारीीख मेंं, सुुधाारि�त नि�र्वाा�चकोंं� द्वााराा वि�चाार कि�ए गए संं घ काा जि�क्र करतेे हुए, लूूथर नेे
घोोषणाा कीी कि� इस युुद्ध मेंं नि�योोजि�त एकमाात्र हथि�याार «आत्माा कीी तलवाार» होोनाा चााहि�ए। उसनेे सक्सोोनीी
केे नि�र्वाा�चक कोो लि�खाा: «हम अपनीी अन्तराात्माा पर प्रस्ताावि�त गठबंं धन कोो मंं ज़ूरीू ी नहींं� देे सकतेे। हम अपनेे
सुुसमााचाार कोो लहू कीी एक बूंं�द बहाातेे हुए देेखनेे केे बजााय दस बाार मरनाा पसंं द करेंंगे।े हमाारीी भूूमि�काा वध
केे मेेमनोंं� केे समाान होोनीी हैै। मसीीह काा क्रूूस वहन कि�याा जाानाा चााहि�ए। महाामहि�म कि�सीी बाात सेे नाा डरेंं। हम
अपकेे सब शत्रुुओं ं कीी अभि�माान युुक्त बाातोंं� सेे अधि�क अपनीी प्राार्थथनााओंं सेे प्रमााणि�त करेंंगे।े केे वल अपनेे
हााथोंं� कोो अपनेे भााइयोंं� केे खूून सेे न रंंगनेे देंं। यदि� सम्रााट हमेंं उसकेे न्याायााधि�करणोंं� कोो सौंं�पनाा चााहताा
हैै, तोो हम पेेश होोनेे केे लि�ए तैैयाार हैंं। आप हमाारेे वि�श्वाास कीी रक्षाा नहींं� कर सकतेे: प्रत्येेक कोो व्यक्ति�गत
रूप सेे गंं भीीर खतरेे काा जोोखि�म उठााकर वि�श्वाास करनाा चााहि�ए।” — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 14, अध्यााय 1।
प्राार्थथनाा केे गुुप्त स्थाान सेे वह शक्ति� आई जि�सनेे वि�श्व कोो महाान धर्मम सुुधाार सेे हि�लाा दि�याा। वहाँँ�,
पवि�त्र शांं�ति� केे सााथ, प्रभुु केे सेेवकोंं� नेे अपनेे कदमोंं� कोो उसकीी प्रति�ज्ञाा कीी चट्टाान पर रखाा। ऑग्सब-
र्गग मेंं संं घर्षष केे दौौराान, लूूथर नेे «प्राार्थथनाा केे लि�ए कम सेे कम तीीन घंं टेे समर्पि�त कि�ए बि�नाा एक दि�न भीी
नहींं� बि�ताायाा, और वेे उन घंं टोंं� मेंं सेे चुुनेे गए जोो अध्ययन केे लि�ए सबसेे अनुुकूूल थेे।» अपनेे कक्ष कीी
एकांं�तताा मेंं उसेे परमेेश्वर केे साामनेे अपनीी रूह कोो «आरााधनाा, भय और आशाा सेे भरेे हुए, जैैसेे कि�
कोोई मि�त्र सेे बाात करताा हैै” शब्दोंं� मेंं उंं डेेलतेे हुए सुुनाा गयाा थाा। «मैंं जाानताा हूंं कि� तूू हमााराा पि�ताा और
हमााराा परमेेश्वर हैै,” उसनेे कहाा, «और यह कि� तूू अपनेे बच्चोंं� केे उत्पीीड़कोंं� कोो ति�तर-बि�तर कर देेगाा;
क्योंं�कि� संं कट मेंं तूू भीी हमाारेे सााथ हैै। यह सााराा माामलाा तेेराा हैै, और तेेरेे हीी वि�वश करनेे सेे हीी हमनेे उस
पर हााथ रखाा हैै। तब, हेे पि�ताा, हमाारीी रक्षाा कर!” — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 14, अध्यााय 6।
मेेलांं�कथॉॉन कोो, जोो चिं�तां ा और भय केे बोोझ तलेे दबाा हुआ थाा, उसनेे लि�खाा: “मसीीह मेंं अनुुग्रह
और शाान्ति�—मैंं कहताा हूंं, मसीीह मेंं, और जगत मेंं नहींं�। आमीीन। मुुझेे उन अत्यधि�क चि�न्तााओंं सेे
अत्यधि�क घृृणाा हैै जोो तुुम्हेंं खाा जाातीी हैंं। यदि� अभि�याान अनुुचि�त हैै, तोो उसेे छोोड़ देंं , यदि� अभि�याान
न्याायसंं गत हैै, तोो हम उसकेे वाादोंं� कोो क्योंं� झुठु लााएँँ जोो हमेंं नि�डर होोकर सोोनेे कीी आज्ञाा देेताा हैै? न्यााय
और सच्चााई केे काार्यय मेंं मसीीह कीी कमीी नहींं� होोगीी। वह जीीवि�त हैै, वह रााज्य करताा हैै; तब हमेंं क्याा
भय होो सकताा हैै?” — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 14, अध्यााय 6।
परमेेश्वर नेे अपनेे दाासोंं� कीी पुुकाार अवश्य सुुनीी। उसनेे नि�र्वाा�चकोंं� और धर्ममगुुरुओंं कोो इस दुनि�या ु ा
केे अंंधकाार केे शाासकोंं� केे खि�लााफ सच्चााई बनााए रखनेे केे लि�ए अनुुग्रह और सााहस दि�याा। यहोोवाा कीी
यह वााणीी हैै: “देेखोो, मैंं सि�य्योोन मेंं कोोनेे केे सि�रेे काा चुुनाा हुआ और बहुमूूल्य पत्थर धरताा हूँँ :और जोो
कोोई उस पर वि�श्‍‍वाास करेेगाा,वह कि�सीी रीीति� सेे लज्जि�ित नहींं� होोगाा।” 1 पतरस 2:6। प्रोोटेेस्टेंंट धर्मम
सुुधाारकोंं� नेे मसीीह पर वि�श्‍‍वाास कि�याा थाा, और नरक केे द्वाार उनकेे खि�लााफ प्रबल नहींं� होो सकतेे थेे।
12

फ्रांं�सीीसीी धर्मम सुुधाार

स्पाा इहज़ केे प्रति�वााद और ऑग्सबर्गग मेंं स्वीीकाारोोक्ति�, जि�सनेे जर्ममनीी मेंं सुुधाार कीी वि�जय कोो
चि�ह्नि�ित कि�याा, केे बााद वर्षोंं तक संं घर्षष और अंंधकाार रहाा। अपनेे समर्थथकोंं� केे बीीच
वि�भााजन सेे कमज़ोोर होोनेे, और शक्ति�शाालीी दुश्म ु नोंं� केे आक्रमण केे काारण प्रोोटेेस्टेंंटवााद पूूरीी तरह
सेे नष्ट होोनेे केे लि�ए नि�यत लग रहाा थाा। हज़ाारोंं� लोोगोंं� नेे अपनाा लहू बहााकर अपनीी गवााहीी कोो
सुुनि�श्चि�ित कि�याा। गृृहयुुद्ध छि�ड़ गयाा; प्रोोटेेस्टेंंट अभि�याान कोो इसकेे प्रमुुख अनुुयाायि�योंं� मेंं सेे एक
द्वााराा नुुकसाान पहुंंचाायाा गयाा; सुुधाारि�त नि�र्वाा�चकोंं� मेंं सेे सबसेे महाान सम्रााट केे हााथोंं� मेंं पड़ गए और
उन्हेंं एक शहर सेे दूू सरेे शहर बंं दीी केे रूप मेंं घसीीटाा गयाा। लेेकि�न अपनीी दृश्यमाान वि�जय केे क्षण
मेंं, सम्रााट कोो हाार काा मुंं� ह देेखनाा पड़ाा। उसनेे देेखाा कि� शि�काार कोो उसकीी मुुट्ठीी सेे छीीन लि�याा गयाा
हैै, और आखि�रकाार उसेे उन सि�द्धांं�तोंं� कोो सहन करनेे केे लि�ए मजबूूर होोनाा पड़ाा, जि�न्हेंं नष्ट करनाा
उसकेे जीीवन कीी महत्वााकांं�क्षाा थीी। उसनेे वि�धर्मम कोो कुु चलनेे केे लि�ए अपनेे रााज्य, अपनेे खजाानेे
और जीीवन कोो हीी दांं�व पर लगाा दि�याा थाा। अब उसनेे देेखाा कि� उसकीी सेेनााएंं युुद्ध मेंं बर्बाा�द होो गई
हैंं, उसकाा खज़ाानाा खाालीी होो गयाा हैै, उसकेे कई रााज्य वि�द्रोोह सेे खतरेे मेंं थेे, जबकि� जि�स वि�श्वाास
कोो उसनेे कुु चलनेे काा व्यर्थथ प्रयाास कि�याा थाा, वह हर जगह फैै ल रहाा थाा। चाार्ल्सस पंं चम सर्ववशक्ति�माान
शक्ति� केे वि�रुद्ध संं घर्षष कर रहाा थाा। परमेेश्वर नेे कहाा थाा, «प्रकााश होो,» लेेकि�न बाादशााह नेे अंंधकाार
कोो अटूू ट रखनेे कीी कोोशि�श कीी थीी। उसकेे उद्देेश्य वि�फल होो गए थेे; और समय सेे पहलेे बुुढ़ाापेे
मेंं, लंं बेे संं घर्षष सेे जीीर्णण, उसनेे सिं�ंहाासन त्यााग दि�याा और खुुद कोो एक मठ मेंं माानोो दफन कर दि�याा।
स्वि�ट््जरलैंंड मेंं, जर्ममनीी कीी तरह, धर्मम सुुधाार केे लि�ए अंंधकाार-युुग आ गयाा। जबकि� कई प्रांं�तोंं� नेे
सुुधाारि�त वि�श्वाास कोो स्वीीकाार कर लि�याा, अन्य लोोग अंंध दृढ़ताा केे सााथ रोोम केे सि�द्धाान्त कोो पकड़ेे रहेे।
सत्य कोो प्रााप्त करनेे कीी इच्छाा रखनेे वाालोंं� केे उनकेे उत्पीीड़न नेे अंंततःः गृृहयुुद्ध कोो जन्म दि�याा। ज़्विं�ं�गलीी
और कई जोो उसकेे सााथ सुुधाार मेंं एकजुुट हुए थेे, कैै पेेल केे मैैदाान पर माारेे गए। ओइकोोलैैम्पैैडि�यस,
इन भयाानक आपदााओंं सेे अभि�भूूत होोकर जल्दीी हीी मृृत्युु कोो प्रााप्त होो गयाा। रोोम वि�जयीी थाा, और कई
जगहोंं� पर ऐसाा लग रहाा थाा कि� जोो भीी उसनेे खोोयाा थाा, वह उसेे पुुनःः प्रााप्त करनेे कोो थाा। परन्तुु जि�स कीी
150 महाान वि�वााद

सम्मति� अनन्तकााल सेे हैै, उसनेे अपनेे ध्येेय और अपनीी प्रजाा कोो नहींं� छोोड़ाा थाा। उसकाा साामर्थ्यय उनकेे
लि�ए उद्धाार लााएगाा। अन्य देेशोंं� मेंं उन्होंं�नेे सुुधाार कोो आगेे बढ़ाानेे केे लि�ए काामगाारोंं� कोो खड़ाा कि�याा थाा।
फ्रांं�स मेंं, लूूथर केे नााम कोो एक सुुधाारक केे रूप मेंं सुुनााए जाानेे सेे पहलेे, भोोर कीी शुुरुआत होो
चुुकीी थीी। प्रकााश कोो ग्रहण करनेे वाालेे पहलेे लोोगोंं� मेंं सेे एक वृृद्ध लेेफ़ेेवर थाा, व्याापक शि�क्षाा काा धनीी,
पेेरि�स वि�श्ववि�द्याालय मेंं एक प्रोोफेे सर और एक ईमाानदाार और उत्सााहीी पोोप समर्थथक। प्रााचीीन सााहि�त्य
मेंं अपनेे शोोध मेंं उसकाा ध्याान बााइबल कीी ओर थाा, और उसनेे अपनेे छाात्रोंं� केे बीीच इसकेे अध्ययन
कीी शुुरुआत कीी।
लेेफ़ेेवर पवि�त्र लोोगोंं� काा उत्सााहीी अनुुयाायीी थाा, और उसनेे कलीीसि�याा कीी किं�ंवदंंति�योंं� केे अनुुसाार
पवि�त्र लोोगोंं� और शहीीदोंं� काा इति�हाास तैैयाार करनेे काा बीीड़ाा उठाायाा थाा। यह बहुत श्रम काा कााम थाा;
लेेकि�न उसनेे पहलेे हीी इसमेंं कााफीी प्रगति� कर लीी थीी, जब यह सोोचकर कि� वह बााइबल सेे उपयोोगीी
सहाायताा प्रााप्त कर सकताा हैै, उसनेे इस उद्देेश्य केे सााथ इसकाा अध्ययन शुुरू कि�याा। यहांं� यथाार्थथ मेंं
उसेे पवि�त्र लोोगोंं� काा परि�चय मि�लाा, लेेकि�न ऐसाा नहींं� जैैसाा कि� रोोमन कैै लेंंडर मेंं अंंकि�त हैै। उसकाा मन
पवि�त्र प्रकााश सेे भर गयाा। वि�स्मय और घृृणाा मेंं वह अपनेे स्वयंं केे नि�युुक्त काार्यय सेे दूू र होो गयाा और
उसनेे खुुद कोो परमेेश्वर केे वचन केे लि�ए समर्पि�त कर दि�याा। वह जल्द हीी उन अनमोोल सच्चााइयोंं� कीी
शि�क्षाा देेनेे लगाा जोो उसेे वहाँँ� मि�लींं�।
1512 मेंं, लूूथर याा ज़्विं�ं�गलीी द्वााराा सुुधाार काा काार्यय शुुरू करनेे सेे पहलेे, लेेफ़ेेवरेे नेे लि�खाा: «यह
ईश्वर हैै जोो हमेंं वि�श्वाास सेे, वह धाार्मि�कताा देेताा हैै जोो केे वल अनुुग्रह सेे हीी अनन्त जीीवन कोो सहीी
ठहरााताा हैै।» —वि�लीी, पुुस्तक 13, अध्यााय 1। छुु टकाारेे केे रहस्योंं� पर ध्याान देेतेे हुए, उसनेे कहाा:
«ओह, उस अदलाा-बदलीी कीी अकथनीीय महाानताा, - पाापरहि�त कीी निं�दां ा कीी जाातीी हैै, और जोो दोोषीी हैै
वह मुुक्त होो जााताा हैै; आशीीष शााप भोोगताा हैै, और शाापि�त आशीीष पााताा हैै; जीीवन मरताा हैै, और मरेे
हुए जीीवि�त रहतेे हैंं; महि�माा अंंधकाार मेंं वि�ह्वल होो गई, और वह जोो लज्जाा केे अलाावाा और कुु छ नहींं�
जाानताा थाा, वह महि�माा सेे ओत-प्रोोत हैै।” - डीी›ऑबि�ग्नेे, लंं दन संं स्करण., 12, अध्यााय 2।
और यह शि�क्षाा देेतेे हुए कि� उद्धाार कीी महि�माा केे वल परमेेश्वर कीी हैै, उसनेे यह भीी घोोषि�त कि�याा
कि� आज्ञााकाारि�ताा काा कर्ततव्य मनुुष्य काा हैै। उसनेे कहाा, «यदि� आप मसीीह केे कलीीसि�याा केे सदस्य हैंं,
आप उसकेे शरीीर काा अंंग हैंं; यदि� आप उसकेे शरीीर केे हैंं, तोो आप पवि�त्र प्रकृृ ति� सेे परि�पूूर्णण हैंं। ओह,
अगर लोोग इस वि�शेेषााधि�काार कोो समझ सकतेे, तोो वेे कि�तनीी शुुद्धताा, साादगीी और पवि�त्रताा सेे रहतेे,
और उनकेे भीीतर कीी महि�माा कीी तुुलनाा मेंं, - वह महि�माा जि�सेे माानव देेह कीी आंंख नहींं� देेख सकतीी, -
इस दुनि�या
ु ा कीी साारीी महि�माा कोो कि�तनाा तुुच्छ माानतेे।” -पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 12, अध्यााय 2।
लेेफ़ेेवर केे कुु छ छाात्र ऐसेे थेे जि�न्होंं�नेे उसकीी बाातोंं� कोो उत्सुुकताा सेे सुुनाा, और जोो लंं बेे समय तक
शि�क्षक कीी आवााज़ केे शांं�त होोनेे केे लंं बेे समय बााद, सच्चााई कीी घोोषणाा करनाा ज़ाारीी रखनेे वाालेे थेे।
वि�लि�यम फरेेल उनमेंं सेे एक थाा। पवि�त्र मााताा-पि�ताा काा पुुत्र, और कलीीसि�याा कीी शि�क्षााओंं कोो नि�हि�त
वि�श्वाास केे सााथ स्वीीकाार करनेे केे लि�ए शि�क्षि�त, उसनेे प्रेेरि�त पौौलुुस केे सााथ अपनेे बाारेे मेंं घोोषणाा कीी
होोगीी: «मैंं फरीीसीी होोकर अपनेे धर्मम केे सबसेे खरेे पंं थ केे अनुुसाार चलाा।» प्रेेरि�तोंं� केे कााम 26:5। एक
समर्पि�त रोोमनवाादीी, वह कलीीसि�याा काा वि�रोोध करनेे काा सााहस करनेे वाालेे सभीी लोोगोंं� कोो नष्ट करनेे केे
जोोश सेे भराा थाा। «मैंं एक उग्र भेेड़ि�येे कीी तरह अपनेे दांं�त पीीसताा थाा, जब मैंं कि�सीी कोो पोोप केे खि�लााफ
फ्रांसीसी धर्म सु 151

बोोलतेे हुए सुुनताा थाा» उसनेे बााद मेंं अपनेे जीीवन कीी इस अवधि� काा जि�क्र करतेे हुए कहाा। -—वि�लीी,
पुुस्तक 13, अध्यााय 2। लेेफ़ेेवरेे केे सााथ पेेरि�स कीी कलीीसि�यााओंं काा दौौराा करतेे हुए, वेेदि�योंं� पर पूूजाा
करतेे हुए, और पवि�त्र मंं दि�रोंं� कोो उपहाारोंं� सेे सजाातेे हुए, वह संं तोंं� कीी आरााधनाा मेंं अथक रहाा थाा।
लेेकि�न येे अनुुष् ठाान आत्माा कीी शांं�ति� नहींं� लाा सकेे । उस पर पााप काा बोोध हाावीी होो गयाा, जि�सेे उसकेे
द्वााराा कि�ए गए तपस्याा केे सभीी कृृ त्य दूू र करनेे मेंं वि�फल रहेे। स्वर्गग सेे एक आवााज़ केे रूप मेंं उसनेे
सुुधाारक केे शब्दोंं� कोो सुुनाा: «उद्धाार अनुुग्रह काा हैै।» «नि�र्दोोष कीी निं�दां ा कीी जाातीी हैै, और अपरााधीी कोो
बरीी कर दि�याा जााताा हैै।» «यह केे वल मसीीह काा क्रूूस हैै जोो स्वर्गग केे द्वाार खोोलताा हैै, और नरक केे द्वाार
बंं द करताा हैै।» -पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 13, अध्यााय 2।
फरेेल नेे खुुशीी-खुुशीी सच्चााई कोो स्वीीकाार कर लि�याा। पौौलुुस केे समाान मन-परि�वर्ततन द्वााराा वह
परंंपराा केे बंं धन सेे मुँँ�ह फेे र कर उसनेे परमेेश्वर केे पुुत्रोंं� कीी स्वतंं त्रताा कोो अपनाा लि�याा। वह कहताा हैै,
वह “एक लाालचीी भेेड़ि�येे केे नि�र्ददयीी हृदय केे बजााय, चुुपचााप एक नम्र और नि�र्दोोष मेेमनेे कीी तरह, पूूरीी
तरह सेे अपनेे हृदय कोो पोोप सेे अलग कर, और यीीशुु मसीीह कोो देे करकेे वाापस आयाा।” —डीी›ऑ-
बि�ग्नेे, पुुस्तक 12, अध्यााय 3।
जबकि� लेेफ़ेेवर नेे अपनेे छाात्रोंं� केे बीीच प्रकााश फैै लाानाा ज़ाारीी रखाा, फ़रेेल, मसीीह केे काार्यय केे लि�ए
उतनाा हीी उत्सााहि�त जि�तनाा कि� वह पोोप केे काार्यय केे लि�ए थाा, साार्ववजनि�क रूप सेे सच्चााई कीी घोोषणाा
करनेे केे लि�ए आगेे बढ़ाा। कलीीसि�याा काा एक गणमाान्य व्यक्ति�, मेेउक्स काा बि�शप, जल्द हीी उनकेे सााथ
एकजुुट होो गयाा। अन्य शि�क्षक जोो अपनीी क्षमताा और वि�द्वत्ताा केे लि�ए उच्च स्थाान पर थेे, सुुसमााचाार
कीी घोोषणाा करनेे मेंं शाामि�ल हुए, और इसनेे सभीी वर्गोंं केे , काारीीगरोंं� और कि�साानोंं� केे घरोंं� सेे लेेकर
रााजाा केे महल तक केे अनुुयाायि�योंं� कोो जीीत लि�याा। तत्काालीीन प्रबल सम्रााट, फ्रांं�सि�स प्रथम, कीी बहन
नेे सुुधाारि�त वि�श्वाास कोो स्वीीकाार कि�याा। स्वयंं रााजाा, और राानीी माँँ�, कुु छ समय केे लि�ए इसकाा समर्थथन
करतेे हुए प्रतीीत हुए, और बड़ीी आशाा केे सााथ सुुधाारक उस समय कीी प्रतीीक्षाा करनेे लगेे जब फ्रांं�स कोो
सुुसमााचाार कोो स्वीीकाार करेेगाा।
लेेकि�न उनकीी उम्मीीदोंं� कोो पूूराा नहींं� होोनाा थाा। परीीक्षण और उत्पीीड़न मसीीह केे शि�ष्योंं� कीी प्रतीीक्षाा मेंं
थेे। हाालाँँ�कि�, यह सौौभााग्य सेे उनकीी आँँखोंं� सेे छि�पाा हुआ थाा। शांं�ति� केे समय नेे हस्तक्षेेप कि�याा, तााकि� वेे
तूूफाान काा साामनाा करनेे केे लि�ए साामर्थ्यय हाासि�ल कर सकेंं ; और धर्मम सुुधाार नेे तेेज़ीी सेे प्रगति� कीी। मेेउक्स
केे बि�शप नेे पाादरीी और लोोगोंं� दोोनोंं� कोो नि�र्देेश देेनेे केे लि�ए अपनेे स्वयंं केे धर्ममप्रदेेश मेंं जोोश सेे कााम
कि�याा। अज्ञाानीी और अनैैति�क पाादरि�योंं� कोो हटाा दि�याा गयाा, और जहाँँ� तक संं भव थाा, उनकेे स्थाान पर
वि�द्वाान और धर्ममपराायण लोोगोंं� कोो रखाा गयाा। धर्माा�ध्यक्ष कीी बहुत इच्छाा थीी कि� उसकेे लोोगोंं� कीी स्वयंं केे
लि�ए परमेेश्वर केे वचन तक पहुंंच होो, और यह जल्द हीी पूूराा होो गयाा। लेेफ़ेेवर नेे नए नि�यम केे अनुुवााद
काा बीीड़ाा उठाायाा; और ठीीक उसीी समय जब लूूथर कीी जर्ममन बााइबि�ल वि�टनबर्गग मेंं प्रेेस सेे ज़ाारीी होो रहीी
थीी, फ्रांं�सीीसीी नयाा नि�यम मेेउक्स मेंं प्रकााशि�त हुआ। बि�शप नेे इसेे अपनेे इलााकोंं� मेंं प्रसाारि�त करनेे केे लि�ए
कोोई श्रम याा खर्चच मेंं कोोई कमीी नहींं� रखीी, और जल्द हीी मेेउक्स केे कि�साानोंं� केे हााथोंं� मेंं पवि�त्र शाास्त्र थाा।
जि�स प्रकाार प्याास सेे मर रहेे याात्रीी जीीवन केे जल केे सोोतेे काा आनन्द सेे स्वाागत करतेे हैंं, उसीी
प्रकाार इन लोोगोंं� नेे स्वर्गग केे सन्देेश कोो ग्रहण कि�याा। खेेत केे मजदूू र, काार्ययशाालाा केे काारीीगर बााइबल कीी
अनमोोल सच्चााइयोंं� केे बाारेे मेंं बाात करकेे अपनेे दैैनि�क परि�श्रम करतेे हुए प्रसन्नताा काा अनुुभव करतेे
152 महाान वि�वााद

थेे। शााम कोो, शरााब कीी दुका ु ानोंं� काा सहााराा लेेनेे केे बजााय, वेे परमेेश्वर केे वचन कोो पढ़नेे और प्राार्थथनाा
और स्तुुति� मेंं शाामि�ल होोनेे केे लि�ए एक दूू सरेे केे घरोंं� मेंं इकट्ठेे होोतेे थेे। इन समुुदाायोंं� मेंं शीीघ्र हीी एक
महाान परि�वर्ततन सााफ़ दि�खााई देेनेे लगाा। यद्यपि� वेे सबसेे वि�नम्र वर्गग केे थेे, एक अशि�क्षि�त और मेेहनतीी
कृृ षक वर्गग, उनकेे जीीवन मेंं ईश्वरीीय अनुुग्रह कीी सुुधााराात्मक और प्रेेरणााप्रद शक्ति� देेखीी गई। दीीन,
प्रेेममय, और पवि�त्र, वेे इस बाात केे सााक्षीी केे रूप मेंं खड़ेे थेे कि� जोो लोोग इसेे ईमाानदाारीी सेे प्रााप्त करतेे
हैंं उनकेे लि�ए सुुसमााचाार क्याा पूूराा करेेगाा।
मेेउक्स मेंं प्रज्वलि�त प्रकााश नेे अपनीी कि�रणोंं� कोो दूू र तक भेेजाा। हर दि�न धर्मम परि�वर्ततन करनेे वाालोंं�
कीी संं ख्याा बढ़तीी जाा रहीी थीी। धर्ममसत्‍ता‍ ा काा क्रोोध कुु छ समय केे लि�ए रााजाा द्वााराा नि�यंं त्रि�त कि�याा गयाा थाा,
जोो भि�क्षुुओं ं कीी संं कीीर्णण कट्टरताा कोो तुुच्छ जाानताा थाा; लेेकि�न कैै थोोलि�क अगुुवोंं� कीी आखि�रकाार जीीत हुई।
अब नि�ष्पाादन केे लि�ए कााठ स्थाापि�त कि�याा गयाा थाा। आग और त्यााग केे बीीच चयन करनेे केे लि�ए मजबूूर,
मेेउक्स केे बि�शप नेे आसाान राास्ताा स्वीीकाार कर लि�याा; परन्तुु अगुुवेे केे समर्पपण केे बाावजूूद , उसकाा झुंं�ड
स्थि�र रहाा। आग कीी लपटोंं� केे बीीच कई लोोगोंं� नेे सच्चााई कीी गवााहीी दीी। कााठ पर भीी अपनेे सााहस और
नि�ष्ठाा सेे, इन वि�नम्र मसीीहि�योंं� नेे उन हज़ाारोंं� लोोगोंं� सेे बाात कीी, जि�न्होंं�नेे शांं�ति� केे दि�नोंं� मेंं उनकीी गवााहीी
कभीी नहींं� सुुनीी थीी।
केे वल नम्र और गरीीब हीी नहींं� थेे जि�न्होंं�नेे कष्ट और ति�रस्काार केे बीीच मसीीह केे लि�ए गवााहीी देेनेे
काा सााहस कि�याा। दुर्गगु और महल केे भव्य सभाा-गृृहोंं� मेंं महाान व्यक्ति� थेे जि�नकेे द्वााराा सत्य कोो धन याा
पद याा यहाँँ� तक कि� जीीवन सेे भीी अहम माानाा गयाा थाा। रााजाा केे कवच मेंं बि�शप केे बाागेे और टोोपीी
कीी तुुलनाा मेंं एक उच्चतर और अधि�क दृढ़ आत्माा छि�पीी हुई थीी। लुुई डीी बेेरक्वि�िन कुु लीीन जन्म काा
थाा। एक बहाादुरु और सुुसभ्य शूूरवीीर, वह अध्ययन केे लि�ए समर्पि�त थाा, शि�ष्टााचाार मेंं सुुसंंस्कृृत थाा,
और नि�र्दोोष सदााचरण काा व्यक्ति� थाा। एक लेेखक कहताा हैै, «वह कैै थोोलि�क संं घटनोंं� काा एक महाान
अनुुयाायीी थाा, और जनताा और धर्मोोपदेेशोंं� काा एक महाान श्रोोताा; ... और लूूथरनवााद केे प्रति� वि�शेेष
घृृणाा केे द्वााराा उसनेे अपनेे अन्य सभीी गुुणोंं� कोो गौौरवाान्वि�त कि�याा।» लेेकि�न, कई अन्य लोोगोंं� कीी तरह,
जि�न्हेंं ईश्वरीीय कृृ पाा सेे बााइबल कीी रााह दि�खााई गई, वह वहांं� «रोोम केे सि�द्धांं�तोंं� कोो नहींं�, बल्कि� लूूथर
केे सि�द्धांं�तोंं�» कोो देेखकर चकि�त रह गयाा। —वि�लीी, पुुस्तक 13, अध्यााय 9। इसकेे बााद सेे उसनेे खुुद
कोो पूूरीी भक्ति� केे सााथ सुुसमााचाार केे लि�ए समर्पि�त कर दि�याा।
«फ्रांं�स केे कुु लीीन व्यक्ति�योंं� मेंं सबसेे अधि�क प्रबुुद्ध,” उसकीी प्रति�भाा और वााक्पटुुताा, उसकेे अदम्य
सााहस और वीीरताापूूर्णण उत्सााह, और दरबाार मेंं उसकाा प्रभााव,—क्योंं�कि� वह रााजाा काा प्रि�य थाा,—
इनकेे काारण कई लोोग उसेे अपनेे देेश केे सुुधाारक केे रूप मेंं मााननेे लगेे। बेेज़ाा नेे कहाा: «बेेरक्वि�िन दूू सराा
लूूथर होोताा, अगर वह फ्रांं�सि�स प्रथम मेंं दूू सराा नि�र्वाा�चक पााताा।» «वह लूूथर सेे भीी बदतर हैै,» पोोप
समर्थथक चि�ल्लााए। —पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 13, अध्यााय 9। लोोग वाास्तव मेंं उससेे फ्रांं�स केे रोोमनवाादि�योंं� सेे
ज्याादाा डरतेे थेे। उन्होंं�नेे उसेे एक वि�धर्मीी केे रूप मेंं जेेल मेंं डााल दि�याा, लेेकि�न उसेे रााजाा नेे आज़ााद कर
दि�याा। वर्षोंं तक संं घर्षष जाारीी रहाा। रोोम और धर्मम-सुुधाार केे बीीच डगमगाातेे हुए फ्रांं�सि�स नेे बाारीी-बाारीी सेे
भि�क्षुुओं ं केे उग्र उत्सााह कोो सहन कि�याा और संं यमि�त कि�याा। पोोप अधि�काारि�योंं� द्वााराा बर्क्वि�ि�न कोो तीीन
बाार कैै द कि�याा गयाा थाा, केे वल सम्रााट द्वााराा रि�हाा कि�ए जाानेे केे लि�ए, जि�सनेे, उसकीी प्रति�भाा और उसकेे
चरि�त्र कीी भद्रताा कीी प्रशंं साा मेंं, धर्ममसत्‍‍ताा केे द्वेेष केे लि�ए उसेे बलि�दाान करनेे सेे इनकाार कर दि�याा थाा।
फ्रांसीसी धर्म सु 153

बर्क्वि�ि�न कोो बाार-बाार उस संं कट केे बाारेे मेंं चेेताावनीी दीी गई, जि�ससेे उसेे फ्रांं�स मेंं खतराा थाा, और
उससेे उन लोोगोंं� केे कदमोंं� काा पाालन करनेे काा आग्रह कि�याा जि�न्होंं�नेे स्वैैच्छि�क नि�र्वाा�सन मेंं सुुरक्षाा पााई
थीी। संं कोोचशीील और अवसरवाादीी इराास्मस नेे, जोो अपनीी वि�द्वताा केे सम्पूूर्णण वैैभव केे सााथ उस नैैति�क
महाानताा मेंं वि�फल रहाा जोो जीीवन और सम्माान कोो सत्य केे अधीीन रखताा हैै, बर्क्वि�ि�न कोो लि�खाा: “कि�सीी
वि�देेशीी देेश मेंं रााजदूू त केे रूप मेंं भेेजेे जाानेे केे लि�ए कहेंं; जर्ममनीी मेंं जााओ और याात्राा करोो। आप बेेदाा
और उसकेे जैैसेे कोो जाानतेे हैंं- वह हर तरफ ज़हर उगलताा एक हज़ाार सि�र वाालाा रााक्षस हैै। आपकेे
शत्रुुओं ं काा नााम सेेनाा हैै। यदि� आपकाा ध्येेय यीीशुु मसीीह सेे बेेहतर होोताा, तोो वेे आपकोो तब तक नहींं� जाानेे
देंंगेे जब तक कि� वेे आपकोो बुुरीी तरह नष्ट न कर देंं। रााजाा कीी सुुरक्षाा पर ज्याादाा भरोोसाा न करेंं। सभीी
घटनााओंं मेंं, मुुझेे धर्ममशाास्त्र केे संं कााय सेे संं कट मेंं न डाालोो।» — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 13, अध्यााय 9।
लेेकि�न जैैसेे-जैैसेे खतरेे बढ़तेे गए, बर्क्वि�ि�न काा जोोश और भीी मजबूूत होोताा गयाा। इराास्मस केे
रााजनीीति�क और स्वाार्थीी पराामर्शश कोो अपनाानेे सेे बहुत दूू र, उसनेे और भीी अधि�क सााहसि�क काार्ययवााहीी
काा नि�र्णणय लि�याा। वह न केे वल सत्य कीी रक्षाा मेंं खड़ाा होोगाा, बल्कि� वह त्रुुटि� पर प्रहाार करेेगाा। वि�धर्मम
काा आरोोप जोो रोोमनवाादीी उस पर थोोपनाा चााह रहेे थेे, वह उन पर लगाा देेगाा। शहर और रााष्ट्रर दोोनोंं� मेंं
सर्वोोच्च चर्चच-प्रााधि�काार, पेेरि�स केे महाान वि�श्ववि�द्याालय मेंं धर्ममशाास्त्र वि�भााग केे वि�द्वाान आचाार्यय और
भि�क्षुु उसकेे वि�रोोधि�योंं� मेंं सबसेे सक्रि�य और द्वेेषपूूर्णण थेे। इन आचाार्योंं केे लेेखन सेे, बर्क्वि�ि�न नेे बाारह
प्रस्तााव प्रााप्त कि�ए जि�न्हेंं उसनेे साार्ववजनि�क रूप सेे «बााइबल केे वि�परीीत, और वि�धर्मीी घोोषि�त कि�याा;”
और उसनेे रााजाा सेे वि�वााद मेंं न्याायााधीीश केे रूप मेंं काार्यय करनेे कीी अपीील कीी।
वि�रोोधीी चैंंपि�यनोंं� कीी शक्ति� और तीीक्ष्णताा काा अंंतर दि�खाानेे केे लि�ए अनि�च्छुु क नहींं�, और इन
अभि�माानीी भि�क्षुुओं ं केे गौौरव कोो नम्र करनेे केे अवसर सेे प्रसन्न होोकर, सम्रााट नेे रोोमनवाादि�योंं� कोो
बााइबि�ल द्वााराा उनकेे काारण कीी रक्षाा करनेे केे लि�ए कहाा। इस हथि�याार सेे, वेे अच्छीी तरह जाानतेे थेे, उन्हेंं
बहुत कम फाायदाा होोगाा; कााराावाास, याातनाा, और कााठ वेे हथि�याार थेे जि�न्हेंं वेे बेेहतर ढंंग सेे समझतेे थेे
कि� कैै सेे चलाानाा हैै। अब परि�स्थि�ति�याँँ� बदल चुुकीी थींं�, और उन्होंं�नेे अपनेे आप कोो लगभग उस गड््ढेे मेंं
गि�रतेे हुए देेखाा, जि�समेंं उन्होंं�नेे बर्क्वि�ि�न कोो डुुबाानेे कीी आशाा कीी थीी। वेे हैैराानीी सेे बचनेे काा कोोई उपााय
ढूंं�ढ़नेे लगेे।
«ठीीक उसीी समय एक गलीी केे कोोनेे पर कुँँ� वाारीी मरि�यम कीी एक छवि� कोो क्षत-वि�क्षत कर दि�याा
गयाा थाा।» शहर मेंं गज़ब काा उत्सााह थाा। शोोक और आक्रोोश केे भाावोंं� केे सााथ उस स्थाान पर लोोगोंं� कीी
भीीड़ उमड़ पड़ीी। रााजाा कोो भीी गहराा धक्काा लगाा। यहाँँ� एक अनुुकूूल परि�स्थि�ति� थीी जि�सकाा उपयोोग
भि�क्षुु अच्छेे परि�णााम उत्पन्न करनेे केे लि�ए कर सकतेे थेे, और वेे इसेे सुुधाारनेे केे लि�ए तत्पर थेे। «येे
बर्क्वि�ि�न केे सि�द्धांं�तोंं� केे फल हैंं,» उन्होंं�नेे कहाा। «इस लूूथरन षडयंं त्र द्वााराा- सब कुु छ उखााड़ फेंंकेे जाानेे
वाालाा हैै - धर्मम, काानूून, स्वयंं सिं�हां ासन।» — पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 13, अध्यााय 9।
फि�र सेे बर्क्वि�ि�न कोो गि�रफ्ताार कर लि�याा गयाा। रााजाा पेेरि�स सेे हट गयाा, और इस प्रकाार भि�क्षुुओं ं
कोो अपनीी इच्छाा सेे कााम करनेे केे लि�ए स्वतंं त्र छोोड़ दि�याा गयाा। सुुधाारक पर मुुकदमाा चलाायाा गयाा और
उसेे मृृत्युुदंंड दि�याा गयाा, और कदााचि�त फ्रांं�सि�स उसेे बचाानेे केे लि�ए फि�र भीी हस्तक्षेेप करताा, जि�स दि�न
सजाा सुुनााई गई, उसीी दि�न उसेे नि�ष्पाादि�त कर दि�याा गयाा। दोोपहर मेंं बर्क्वि�ि�न कोो मृृत्युु केे स्थाान पर लेे
जाायाा गयाा। इस घटनाा कोो देेखनेे केे लि�ए भाारीी भीीड़ जमाा होो गई, और कई लोोगोंं� नेे आश्चर्यय और संं देेह
154 महाान वि�वााद

केे सााथ देेखाा कि� शहीीद कोो फ्रांं�स केे कुु लीीन परि�वाारोंं� मेंं सेे सबसेे अच्छेे और सबसेे बहाादुरु परि�वाार मेंं
सेे चुुनाा गयाा थाा। वि�स्मय, क्रोोध, ति�रस्काार, और कटुु घृृणाा सेे उस बढ़तीी हुई भीीड़ केे चेेहरोंं� पर उदाासीी
छाा गई; लेेकि�न एक चेेहरेे पर छाायाा माात्र नहींं� थीी। शहीीद केे वि�चाार उस हंंगाामेे केे दृश्य सेे कोोसोंं� दूू र
थेे; वह केे वल अपनेे प्रभुु कीी उपस्थि�ति� केे प्रति� सचेेत थाा।
वह मनहूस छकड़ाा जि�स पर वह सवाार हुआ, उसकेे सताानेेवाालोंं� केे त्योोरीी चढ़ेे चेेहरेे, वह भयाानक
मृृत्युु जि�सकीी ओर वह जाा रहाा थाा—इन पर उसनेे ध्याान नहींं� दि�याा; वह जोो जीीवि�त थाा और मर गयाा
थाा, और हमेेशाा केे लि�ए जीीवि�त हैै, और जि�स केे पाास मृृत्युु और नरक कीी कुंं�जि�यांं� हैंं, उसकेे पाास थाा।
बर्क्वि�ि�न काा चेेहराा स्वर्गग केे प्रकााश और शांं�ति� सेे दीीप्ति�माान थाा। उसनेे «मखमल काा एक चोोग़ाा, सााटन
और जाामदाानीी काा एक जैैकेेट, और सुुनहराा पाायजाामाा» पहनेे हुए खुुद कोो अच्छीी तरह सेे तैैयाार कि�याा
थाा।” — डीी›ऑबि�ग्नेे, हि�स्ट्रीी� औफ द रि�फॉॉर्मेेशन इन यूूरोोप इन द टााइम ऑफ कैै ल्वि�न, पुुस्तक 2,
अध्यााय। 16। वह रााजााओंं केे रााजाा और सााक्षीी जगत कीी उपस्थि�ति� मेंं अपनेे वि�श्वाास कीी गवााहीी देेनेे
वाालाा थाा, और उसकेे आनंं द कोो झुठु लाानेे वाालाा शोोक काा कोोई नि�शाान नहींं� होोनाा चााहि�ए थाा।
जैैसेे-जैैसेे जुुलूूस भीीड़-भााड़ वाालीी सड़कोंं� सेे धीीरेे-धीीरेे आगेे बढ़ाा, लोोग उसकेे रूप और आचरण
कीी नि�र्ममल शांं�ति� और आनंं दमय वि�जय कोो देेख अचम्भेे मेंं पड़ गए। उन्होंं�नेे कहाा, “वह उसकेे समाान
हैै, जोो मन्दि�र मेंं बैैठताा और पवि�त्र वि�षयोंं� पर मनन करताा हैै।” —वि�लीी, पुुस्तक 13, अध्यााय 9।
अपनीी मृृत्युु केे स्थाान पर, बर्क्वि�ि�न नेे लोोगोंं� कोो संं क्षेेप मेंं संं बोोधि�त करनेे काा प्रयाास कि�याा; लेेकि�न
परि�णााम केे डर सेे भि�क्षुुओं ं नेे चि�ल्लाानाा शुुरू कर दि�याा, और सैैनि�कोंं� नेे अपनेे हथि�याारोंं� कोो झनझनाा,
और उनकेे कोोलााहल नेे शहीीद कीी आवााज़ कोो दबाा दि�याा। इस प्रकाार 1529 मेंं सुुसंंस्कृृत पेेरि�स केे
सर्वोोच्च सााहि�त्यि�क और चर्चच-प्रााधि�काार नेे «1793 केे संं साार केे लि�ए वध-मंं च पर मरनेे वाालेे केे पवि�त्र
शब्दोंं� कोो दबाानेे काा घटि�याा उदााहरण स्थाापि�त कि�याा।” —पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 13, अध्यााय 9।
बर्क्वि�ि�न काा गलाा घोंं�ट दि�याा गयाा, और उसकाा शरीीर आग कीी लपटोंं� मेंं जल कर भस्म होो गयाा।
उसकीी मृृत्युु कीी खबर नेे पूूरेे फ्रांं�स मेंं धर्मम-सुुधाार केे समर्थथकोंं� कोो दुख ु हुआ। लेेकि�न उसकाा उदााहरण
नष्ट नहींं� हुआ। सत्य केे गवााहोंं� नेे कहाा, «आनेे वाालेे जीीवन पर अपनीी आँँखेंं लगाातेे हुए, हम भीी,
खुुशीी-खुुशीी मृृत्युु काा साामनाा करनेे केे लि�ए तैैयाार हैंं।” —डीी›ऑबि�ग्नेे, हि�स्ट्रीी� ऑफ द रि�फॉॉर्मेेशन इन
यूूरोोप इन द टााइम ऑफ केे ल्वि�न, पुुस्तक 2, अध्यााय 16।
मेेउक्स केे उत्पीीड़न केे दौौराान, सुुधाारि�त वि�श्वाास केे शि�क्षकोंं� कोो उनकेे प्रचाार करनेे केे लााइसेंंस सेे
वंं चि�त कर दि�याा गयाा, और वेे अन्य क्षेेत्रोंं� मेंं चलेे गए। लेेफ़ेेवर नेे कुु छ समय बााद जर्ममनीी काा रुख कि�याा।
फ़रेेल अपनेे बचपन केे घर मेंं प्रकााश फैै लाानेे केे लि�ए पूूर्वीी फ्रांं�स मेंं अपनेे पैैतृृक शहर लौौट आए। मेेउक्स
मेंं जोो कुु छ होो रहाा थाा, उसकेे बाारेे मेंं पहलेे सेे हीी ख़बरेंं मि�ल चुुकीी थींं�, और जि�स सत्य काा उसनेे नि�डर
उत्सााह केे सााथ प्रचाार कि�याा थाा, उसेे श्रोोताा मि�ल गए। जल्द हीी उसेे चुुप कराानेे केे लि�ए प्रााधि�काारीी वर्गग
कोो चौौकन्नाा कि�याा गयाा, और उसेे शहर सेे नि�र्वाा�सि�त कर दि�याा गयाा। हाालाँँ�कि� वह अब साार्ववजनि�क
रूप सेे श्रम नहींं� कर सकताा थाा, फि�र भीी उसनेे देेहाात और गाँँ�वोंं� काा भ्रमण कि�याा, नि�जीी आवाासोंं� और
एकांं�त चराागााहोंं� मेंं पढ़ाायाा, और जंं गलोंं� मेंं और चट्टाानीी गुुफााओंं मेंं आश्रय लि�याा, जोो बचपन मेंं उसकाा
अड्डाा रहीी थींं�। परमेेश्वर उसेे और बड़ीी परीीक्षााओंं केे लि�ए तैैयाार कर रहाा थाा। «शैैताान केे क्रूूस, उत्पीीड़न
और षडयंं त्र, जि�नकेे बाारेे मेंं मुुझेे पहलेे सेे आगााह कि�याा गयाा थाा, कीी कमीी नहींं� थीी,» उसनेे कहाा; “वेे
फ्रांसीसी धर्म सु 155

उससेे कहींं� अधि�क कठि�न हैंं जि�तनाा मैंं खुुद सेे सहन कर सकताा थाा; परन्तुु परमेेश्वर मेेराा पि�ताा हैै; उसनेे
मुुझेे वह शक्ति� प्रदाान कीी हैै और हमेेशाा प्रदाान करेेगाा जि�सकीी मुुझेे आवश्यकताा हैै।” —डीी›ऑबि�ग्नेे,
डीी›ऑबि�ग्नेे, सोोलहवींं� शतााब्दीी केे सुुधाार काा इति�हाास, पुुस्तक 12, अध्यााय 9।
जैैसाा कि� प्रेेरि�तोंं� केे दि�नोंं� मेंं हुआ थाा, उत्पीीड़न «सुुसमााचाार कोो आगेे बढ़ाानेे मेंं परि�णि�त हुआ थाा।»
फि�लि�प्पि�योंं� 1:12। पेेरि�स और मेेउक्स सेे प्रेेरि�त होोकर, «वेे जोो वि�देेशोंं� मेंं बि�खरेे हुए थेे, उन्होंं�नेे हर
जगह वचन काा प्रचाार कि�याा।» प्रेेरि�तोंं� केे कााम 8:4। और इस प्रकाार प्रकााश नेे फ्रांं�स केे कई सुुदूूर
प्रांं�तोंं� मेंं अपनाा राास्ताा खोोज लि�याा।
परमेेश्वर अभीी भीी काार्ययकर्ताा�ओं ं कोो अपनेे उद्देेश्य काा वि�स्ताार करनेे केे लि�ए तैैयाार कर रहाा थाा।
पेेरि�स केे शि�क्षाालयोंं� मेंं सेे एक मेंं एक वि�चाारशीील, शांं�त युुवाा थाा, जोो पहलेे सेे हीी एक शक्ति�शाालीी और
मर्ममज्ञ दि�मााग काा सबूूत देे रहाा थाा, और बौौद्धि�क उत्सााह और धाार्मि�क भक्ति� कीी तुुलनाा मेंं अपनेे जीीवन
कीी नि�र्दोोषताा केे लि�ए कम प्रख्याात नहींं� थाा। उसकीी प्रति�भाा और आवेेदन नेे उसेे जल्द हीी कॉॉलेेज काा
गौौरव बनाा दि�याा, और यह वि�श्वाास केे सााथ अनुुमाान लगाायाा गयाा थाा कि� जॉॉन केे ल्वि�न कलीीसि�याा केे
सबसेे योोग्य और सबसेे सम्माानि�त रक्षकोंं� मेंं सेे एक बन जााएगाा। लेेकि�न वि�द्वताावााद और अंंधवि�श्वाास
कीी दीीवाारोंं� केे भीीतर भीी जि�नकेे द्वााराा केे ल्वि�न घि�राा हुआ थाा, पवि�त्र प्रकााश कीी एक कि�रण प्रवेेश कर
गई। थरथराातेे हुए, उसनेे नए सि�द्धांं�तोंं� केे बाारेे मेंं सुुनाा कि� इसमेंं कोोई संं देेह नहींं� थाा कि� वि�धर्मीी उस आग
केे लाायक थेे जि�स मेंं उन्हेे झोंं�काा गयाा थाा। फि�र भीी अनजाानेे मेंं उसकाा साामनाा वि�धर्मम सेे कराायाा गयाा
और उसेे प्रोोटेेस्टेंंट शि�क्षण काा मुुकााबलाा करनेे केे लि�ए कैै थोोलि�क आध्याात्मवि�द्याा कीी शक्ति� कोो परखनेे
केे लि�ए मजबूूर कि�याा गयाा।
केे ल्वि�न काा एक रि�श्तेेदाार, जोो सुुधाारकोंं� मेंं शाामि�ल हुआ थाा, पेेरि�स मेंं थाा। दोोनोंं� रि�श्तेेदाार अक्सर
मि�लतेे थेे और उन माामलोंं� पर चर्चाा� करतेे थेे जोो मसीीहीी जगत कोो परेेशाान कर रहेे थेे। “दुनि�या ु ा मेंं दोो
हीी धर्मम हैंं,” प्रोोटेेस्टेंंट, ओलि�वटन नेे कहाा। «धर्मोंं काा एक वर्गग वेे हैंं जि�नकाा आवि�ष्काार मनुुष्योंं� नेे कि�याा
हैै, जि�नमेंं सेे सभीी मेंं मनुुष्य स्वयंं कोो समाारोोहोंं� और अच्छेे काार्योंं सेे बचााताा हैै; दूू सराा वह धर्मम हैै जोो
बााइबि�ल मेंं प्रकट हुआ हैै, और जोो मनुुष्य कोो केे वल ईश्वर केे मुुफ्त अनुुग्रह द्वााराा उद्धाार कीी उम्मीीद
करनाा सि�खााताा हैै।»
«मैंं आपकेे कि�सीी भीी नए सि�द्धांं�त कोो स्वीीकाार नहींं� करताा,” केे ल्वि�न नेे कहाा; «क्याा आपकोो लगताा
हैै कि� मैंं जीीवन भर भ्रम मेंं रहाा हूंं?” — वि�लीी, पुुस्तक 13, अध्यााय 7।
लेेकि�न उनकेे मन मेंं ऐसेे वि�चाार जाागृृत होो गए थेे जि�न्हेंं वेे अपनीी मर्जीी सेे दूू र नहींं� कर सकताा थाा।
अकेे लेे अपनेे कक्ष मेंं उसनेे अपनेे रि�श्तेेदाार केे शब्दोंं� पर वि�चाार कि�याा। पााप कीी प्रतीीति� उस पर हाावीी
होो गई; उसनेे अपनेे आप कोो बि�नाा कि�सीी मध्यस्थ केे पवि�त्र और नि�ष्पक्ष न्याायीी केे सााम्हनेे देेखाा। संं तोंं�
कीी मध्यस्थताा, अच्छेे कर्मम, कलीीसि�याा केे संं स्काार, सभीी पााप काा प्राायश्चि�ित करनेे केे लि�ए शक्ति�हीीन थेे।
वह अपनेे साामनेे शााश्वत नि�रााशाा केे अंंधकाार केे अलाावाा कुु छ नहींं� देेख सकताा थाा। व्यर्थथ मेंं कलीीसि�याा
केे वि�द्वाानोंं� नेे उसकीी पीीड़ाा कोो दूू र करनेे काा प्रयाास कि�याा। स्वीीकाारोोक्ति� और तपस्याा काा व्यर्थथ मेंं सहााराा
लि�याा गयाा; वेे परमेेश्वर केे सााथ मन काा मेेल नहींं� कर सकेे ।
इन नि�ष्फल संं घर्षोंं मेंं अभीी भीी व्यस्त, एक दि�न साार्ववजनि�क चौौकोंं� मेंं सेे एक काा दौौराा करतेे समय,
केे ल्वि�न नेे वहाँँ� एक वि�धर्मीी कोो जलतेे हुए देेखाा। वह शहीीद केे चेेहरेे पर शांं�ति� कीी अभि�व्यक्ति� पर
156 महाान वि�वााद

आश्चर्यय सेे भर गयाा। उस भयाानक मौौत कीी याातनााओंं केे बीीच, और कलीीसि�याा कीी अधि�क भयाानक
निं�दां ा केे तहत, उसनेे ऐसाा वि�श्वाास और सााहस दि�खाायाा, जि�स कीी युुवाा छाात्र नेे कलीीसि�याा केे सख्त
अनुुपाालन मेंं रहतेे हुए अपनीी नि�रााशाा और उदाासीी केे सााथ कष्टपूूर्ववक तुुलनाा कीी। वह जाानताा थाा कि�
वि�धर्मि�योंं� नेे अपनाा वि�श्वाास बााइबल पर आधाारि�त कि�याा थाा। उसनेे इसकाा अध्ययन करनेे, और, यदि�
वह कर सकताा थाा, तोो आनंं द काा रहस्य खोोजनेे काा नि�श्चय कि�याा।
बााइबि�ल मेंं उसनेे मसीीह कोो पाायाा। «हेे पि�ताा,» उसनेे पुुकााराा, «उसकेे बलि�दाान नेे तेेराा क्रोोध शांं�त
कि�याा हैै; उसकेे लहू नेे मेेरीी अशुुद्धि�योंं� कोो धोो डाालाा हैै; उसकेे क्रूूस नेे मेेरेे श्रााप कोो सहाा हैै; उसकीी मृृत्युु
नेे मेेरेे लि�ए प्राायश्चि�ित कि�याा हैै। हमनेे अपनेे लि�ए बहुत सीी बेेकाार कीी मूूर्खखतााएँँ रचीी थींं�, लेेकि�न आपनेे
अपनेे वचन कोो मशााल कीी तरह मेेरेे साामनेे रखाा हैै, और आपनेे मेेरेे दि�ल कोो छुु आ हैै, तााकि� मैंं यीीशुु केे
गुुणोंं� केे अलाावाा अन्य सभीी गुुणोंं� कोो घृृणि�त ठहराा सकूंं� ।” - माार्टि�न, खंं ड 3, अध्यााय 13।
केे ल्वि�न कोो पौौरोोहि�त्य केे लि�ए शि�क्षि�त कि�याा गयाा थाा। बाारह वर्षष कीी आयुु मेंं उसेे एक छोोटीी
कलीीसि�याा केे पाादरीी केे रूप मेंं नि�युुक्त कि�याा गयाा थाा, और कलीीसि�याा केे नि�यम केे अनुुसाार बि�शप द्वााराा
उसकेे सि�र केे बााल कााट दि�ए गए थेे। उसकाा अभि�षेेक नहींं� हुआ थाा, न हीी उसनेे एक पाादरीी केे कर्ततव्योंं�
कोो पूूराा कि�याा, लेेकि�न वह पाादरीी वर्गग काा सदस्य बन गयाा, जि�सनेे अपनेे पद कीी उपााधि� धाारण कीी, और
उसकेे नि�मि�त्त एक भत्ताा प्रााप्त कि�याा।
अब, यह महसूूस करतेे हुए कि� वह कभीी भीी पाादरीी नहींं� बन सकताा थाा, उसनेे कुु छ समय केे लि�ए
काानूून केे अध्ययन कीी ओर रुख कि�याा, लेेकि�न अंंत मेंं इस उद्देेश्य कोो छोोड़ दि�याा और अपनाा जीीवन
सुुसमााचाार केे लि�ए समर्पि�त करनेे काा दृढ़ संं कल्प कि�याा। लेेकि�न वह एक साार्ववजनि�क शि�क्षक बननेे सेे
हि�चकि�चाा रहाा थाा। वह स्वााभाावि�क रूप सेे संं कोोचशीील थाा, और पद कीी भाारीी ज़ि�म्मेेदाारीी केे बोोध सेे
बोोझि�ल थाा, और वह अभीी भीी खुुद कोो अध्ययन केे लि�ए समर्पि�त करनाा चााहताा थाा। हाालाँँ�कि�, उसकेे
दोोस्तोंं� कीी गंं भीीर मि�न्नतोंं� नेे आखि�रकाार उसकीी सहमति� हाासि�ल कर लीी। «यह आश्चर्ययजनक हैै,»
उसनेे कहाा, «कि� इतनेे दीीन-हीीन मूूल मेंं सेे एक कोो इतनेे बड़ेे पद केे लि�ए गौौरवाान्वि�त कि�याा।» —
वि�लीी, पुुस्तक 13, अध्यााय 9।
केे ल्वि�न नेे शांं�ति�पूूर्णण ढंंग सेे अपनाा कााम शुुरू कि�याा, और उसकेे शब्द पृृथ्वीी कोो तरोोतााज़ाा करनेे
केे लि�ए गि�र रहीी ओस केे समाान थेे। वह पेेरि�स छोोड़ चुुकाा थाा, और अब वह एक प्रांं�तीीय शहर मेंं
रााजकुु माारीी माार्गगरेेट केे संं रक्षण मेंं थाा, जि�सनेे सुुसमााचाार सेे प्याार करतेे हुए, उसकेे शि�ष्योंं� कोो अपनीी
सुुरक्षाा प्रदाान कीी। केे ल्वि�न अभीी भीी सौौम्य, सरल स्वभााव काा एक कि�शोोर थाा। उसकाा कााम लोोगोंं� केे
सााथ उनकेे घरोंं� सेे शुुरू हुआ। घर केे सदस्योंं� सेे घि�राा हुआ वह बााइबल पढ़ताा थाा और उद्धाार केे सत्योंं�
कोो खोोलताा थाा। जि�न्होंं�नेे सन्देेश सुुनाा, उन्होंं�नेे दूू सरोंं� तक सुुसमााचाार पहुँँचाायाा, और जल्द हीी गुुरु नगर
सेे बााहर केे शहरोंं� और बस्ति�योंं� मेंं चलाा गयाा। महल और कुु टि�याा दोोनोंं� मेंं उसेे प्रवेेश मि�लाा, और उन
कलीीसि�यााओंं कीी नींं�व रखतेे हुए, जि�न्हेंं जोो सत्य केे लि�ए नि�डर गवााह होोनाा थाा, वह आगेे बढ़ाा।
कुु छ महीीनेे और वह फि�र सेे पेेरि�स मेंं थाा। ज्ञाानीी पुुरुषोंं� और वि�द्वाानोंं� केे समुुदााय मेंं असाामाान्य
हलचल थीी। प्रााचीीन भााषााओंं केे अध्ययन नेे लोोगोंं� कोो बााइबल तक पहुँँचाायाा थाा, और कई जि�नकेे
हृदय इसकीी सच्चााइयोंं� सेे अछूू तेे थेे, उत्सुुकताा सेे उन पर चर्चाा� कर रहेे थेे और यहाँँ� तक कि� रोोमनवााद
केे समर्थथकोंं� सेे लड़ भीी रहेे थेे। केे ल्वि�न, हाालांं�कि� धाार्मि�क वि�वााद केे क्षेेत्र मेंं एक सक्षम लड़नेेवाालाा थाा,
फ्रांसीसी धर्म सु 157

लेेकि�न उसकेे पाास पूूराा करनेे केे लि�ए इन मुुखर शि�क्षकोंं� केे लक्ष्य सेे उच्चतर लक्ष्य थाा। लोोगोंं� केे मन
मेंं हलचल मच गई, और उनकेे लि�ए सच्चााई कोो खोोलनेे काा समय अब थाा। जबकि� वि�श्ववि�द्याालयोंं� केे
भवन धाार्मि�क वि�वााद केे कोोलााहल सेे भरेे हुए थेे, केे ल्वि�न घर-घर जाा रहाा थाा, लोोगोंं� केे लि�ए बााइबल
खोोल रहेे थेे, और उनसेे मसीीह और उसेे सूूलीी पर चढ़ााए जाानेे केे बाारेे मेंं बाात कर रहाा थाा।
परमेेश्वर केे वि�धाान मेंं, पेेरि�स कोो सुुसमााचाार कोो स्वीीकाार करनेे केे लि�ए एक और नि�मंं त्रण प्रााप्त
होोनाा थाा। लेेफ़ेेवर और फाारेेल केे आह्वाान कोो अस्वीीकाार कर दि�याा गयाा थाा, लेेकि�न फि�र सेे उस महाान
रााजधाानीी मेंं सभीी वर्गोंं द्वााराा संं देेश सुुनाा जाानाा थाा। रााजनीीति�क वि�चाारोंं� सेे प्रभाावि�त रााजाा नेे अभीी तक
धर्मम-सुुधाार केे वि�रुद्ध रोोम काा पूूर्णण रूप सेे पक्ष नहींं� लि�याा थाा। माार्गगरेेट अभीी भीी इस उम्मीीद पर अड़ीी हुई
थीी कि� फ्रांं�स मेंं प्रोोटेेस्टेंंटवााद कोो वि�जयीी होोनाा थाा। उसनेे संं कल्प लि�याा कि� पेेरि�स मेंं सुुधाारि�त वि�श्वाास
काा प्रचाार कि�याा जाानाा चााहि�ए। रााजाा कीी अनुुपस्थि�ति� केे दौौराान, उसनेे एक प्रोोटेेस्टेंंट पाादरीी कोो शहर कीी
कलीीसि�यााओंं मेंं प्रचाार करनेे काा आदेेश दि�याा। पोोप संं बंं धीी गणमाान्य व्यक्ति�योंं� द्वााराा यह वर्जि�त होोनेे केे
काारण, रााजकुु माारीी नेे महल कोो खोोल दि�याा। एक अपाार्टटमेंंट कोो एक प्राार्थथनाालय केे रूप मेंं तैैयाार कि�याा
गयाा, और यह घोोषणाा कीी गई थीी कि� हर दि�न, एक नि�र्दि�ष्ट समय पर, एक धर्मोोपदेेश काा प्रचाार कि�याा
जााएगाा, और हर वर्गग और पद केे लोोगोंं� कोो उपस्थि�त होोनेे केे लि�ए आमंं त्रि�त कि�याा गयाा।
धर्मम सभाा केे लि�ए बड़ीी संं ख्याा मेंं लोोग आनेे लगेे। न केे वल प्राार्थथनाालय, उपकक्ष और सभाागृृह भीी
खचााखच भर जाातेे थेे। हर दि�न हज़ाारोंं� लोोग इकट्ठेे होोतेे थेे - हााकि�म, रााजनेेताा, वकीील, व्याापाारीी और
काारीीगर। रााजाा नेे सभााओंं कोो मनाा करनेे केे बजााय आदेेश दि�याा कि� पेेरि�स केे दोो गि�रि�जााघर खोोलेे
जााएंं । परमेेश्वर केे वचन सेे शहर पहलेे कभीी इतनाा प्रभाावि�त नहींं� हुआ थाा। ऐसाा लग रहाा थाा कि� स्वर्गग
सेे जीीवन कीी आत्माा लोोगोंं� पर फूंं�कीी गई होो। मद्यपाान, धूूर्ततताा, कलह और आलस्य काा स्थाान संं यम,
पवि�त्रताा, व्यवस्थाा और उद्यम लेे रहेे थेे।
लेेकि�न धर्ममसत्ताा बेेकाार नि�ष्क्रि�य नहींं� थीी। रााजाा नेे अभीी भीी प्रचाार कोो रोोकनेे केे लि�ए हस्तक्षेेप करनेे
सेे इनकाार कर दि�याा, और उन्होंं�नेे जनताा कीी ओर रुख कि�याा। अज्ञाानीी और अंंधवि�श्वाासीी भीीड़ केे भय,
पूूर्वाा�ग्रहोंं� और कट्टरताा कोो उत्तेेजि�त करनेे केे लि�ए कोोई सााधन नहींं� छोोड़ाा गयाा। उसकेे झूठेू े शि�क्षकोंं� कोो
बि�नाा सोोचेे समझेे स्वीीकाार कर, पेेरि�स, पुुराानेे यरूशलेेम कीी तरह, अपनेे क्लेेश काा समय नहींं� जाानताा थाा
और न हीी उन बाातोंं� कोो जोो उसकीी शांं�ति� सेे संं बंं धि�त थींं�। दोो वर्षष तक रााजधाानीी मेंं परमेेश्वर केे वचन
काा प्रचाार कि�याा गयाा; परन्तुु, जबकि� कई लोोग थेे जि�न्होंं�नेे सुुसमााचाार कोो स्वीीकाार कि�याा, अधि�कांं�श
लोोगोंं� नेे इसेे अस्वीीकाार कर दि�याा। फ्रांं�सि�स नेे केे वल अपनेे स्वयंं केे उद्देेश्योंं� कीी पूूर्ति� केे लि�ए सहि�ष्णुुताा
काा प्रदर्शशन कि�याा थाा, और पोोप समर्थथक प्रभुुत्व कोो पुुनःः प्रााप्त करनेे मेंं सफल रहेे। फि�र सेे गि�रजााघरोंं�
कोो बंं द कर दि�याा गयाा, प्रााण दण्ड काा सााधन स्थाापि�त कि�याा गयाा।
अपनेे भवि�ष्य केे परि�श्रम केे लि�ए अध्ययन, ध्याान और प्राार्थथनाा द्वााराा खुुद कोो तैैयाार करतेे हुए,
और प्रकााश फैै लाानाा ज़ाारीी रखतेे हुए, केे ल्वि�न अभीी भीी पेेरि�स मेंं थाा। हाालांं�कि�, अंंत मेंं, वह संं देेह केे
दाायरेे मेंं आ गयाा। प्रााधि�काारीी वर्गग नेे उसेे आग कीी लपटोंं� केे हवाालेे कर देेनेे काा फैै सलाा कि�याा। अपनेे
एकांं�त मेंं खुुद कोो सुुरक्षि�त माानतेे हुए, उसेे खतरेे काा कोोई अंंदााजाा नहींं� थाा, जब दोोस्त उसकेे कमरेे मेंं
इस खबर केे सााथ आए कि� अधि�काारीी उसेे गि�रफ्ताार करनेे आ रहेे थेे। उसीी समय बााहरीी द्वाार पर एक
ज़ोोरदाार दस्तक सुुनााई दीी। एक क्षण कीी भीी देेरीी काा समय नहींं� थाा। उसकेे कुु छ दोोस्तोंं� नेे अधि�काारि�योंं�
158 महाान वि�वााद

कोो दरवााजेे पर रोोक लि�याा, जबकि� अन्य नेे सुुधाारक कोो खि�ड़कीी सेे नीीचेे उतरनेे मेंं मदद कीी, और वह
तेेज़ीी सेे शहर केे बााहरीी इलााकेे मेंं चलाा गयाा। एक मज़दूू र कीी झोोपड़ीी मेंं आश्रय पााकर, जोो धर्मम-सुुधाार
काा समर्थथक थाा, उसनेे अपनेे मेेज़बाान केे कपड़ोंं� मेंं खुुद कोो प्रच्छन्न कि�याा, और एक कुु दााल कोो कंं धेे
पर उठााकर अपनीी याात्राा शुुरू कीी। दक्षि�ण कीी ओर याात्राा करतेे हुए, उसेे फि�र सेे माार्गगरेेट कीी रि�याासत
मेंं शरण मि�लीी। (देेखेंं डीी›ऑबि�ग्नेे, हि�स्ट्रीी� ऑफ द रि�फॉॉर्मेेशन इन यूूरोोप इन द टााइम ऑफ कैै ल्वि�न,
पुुस्तक 2, अध्यााय 30।)
यहाँँ� कुु छ महीीनोंं� केे लि�ए वह शक्ति�शाालीी मि�त्रोंं� केे संं रक्षण मेंं सुुरक्षि�त रहाा, और पहलेे कीी तरह
अध्ययन मेंं लग गयाा। लेेकि�न उसकाा दि�ल फ्रांं�स मेंं सुुसमााचाार प्रचाार पर लगाा हुआ थाा, और वह लंं बेे
समय तक नि�ष्क्रि�य नहींं� रह सकाा। जैैसेे हीी तूूफाान कुु छ हद तक कम हुआ, उसनेे पोोइटि�यर्सस मेंं श्रम काा
एक नयाा क्षेेत्र ढूंं�ढ लि�याा, जहांं� एक वि�श्ववि�द्याालय थाा, और जहांं� पहलेे सेे हीी नए वि�चाारोंं� कोो समर्थथन
मि�लाा थाा। सभीी वर्गोंं केे लोोगोंं� नेे खुुशीी-खुुशीी सुुसमााचाार कोो सुुनाा। प्रचाार साार्ववजनि�क रूप सेे नहींं� कि�याा
गयाा, लेेकि�न मुुख्य मजि�स्ट्रेे�ट केे घर मेंं, उसकेे अपनेे आवाासोंं� मेंं, और कभीी-कभीी एक साार्ववजनि�क
उद्याान मेंं, केे ल्वि�न उन लोोगोंं� कोो अनन्त जीीवन काा उपदेेश देेताा थाा जोो सुुननाा चााहतेे थेे। कुु छ समय
बााद, जैैसेे-जैैसेे सुुननेे वाालोंं� कीी संं ख्याा बढ़तीी गई, शहर केे बााहर इकट्ठाा होोनाा सुुरक्षि�त समझाा जाानेे
लगाा। एक गहरीी और संं करीी घााटीी केे कि�नाारेे कीी एक गुुफाा कोो, जहाँँ� पेेड़ोंं� और लटकतीी चट्टाानोंं� नेे
एकांं�त कोो और भीी पूूर्णण बनाा दि�याा थाा, मि�लनेे केे स्थाान केे रूप मेंं चुुनाा गयाा थाा। अलग-अलग राास्तोंं�
सेे शहर छोोड़कर छोोटीी कंं पनि�योंं� नेे यहांं� अपनाा राास्ताा ढूंं�ढ लि�याा। इस एकांं�त स्थाान मेंं बााइबि�ल कोो ज़ोोर
सेे पढ़ाा और समझाायाा जााताा थाा। यहांं� फ्रांं�स केे प्रोोटेेस्टेंंटोंं� द्वााराा पहलीी बाार प्रभुु भोोज मनाायाा गयाा। इस
छोोटीी कलीीसि�याा सेे कई वफाादाार प्रचाारकोंं� कोो बााहर भेेजाा गयाा।
एक बाार फि�र केे ल्वि�न पेेरि�स लौौटाा। वह अभीी तक इस आशाा कोो भीी नहींं� छोोड़ सकाा कि� फ्रांं�स
एक रााष्ट्रर केे रूप मेंं धर्मम सुुधाार कोो स्वीीकाार करेेगाा। लेेकि�न उसनेे काार्यय केे लगभग हर दरवााजेे कोो बंं द
पाायाा। सुुसमााचाार सि�खाानाा मृृत्युु कीी ओर सीीधीी सड़क लेेनाा थाा, और उसनेे आखि�रकाार जर्ममनीी जाानेे काा
नि�श्चय कि�याा। उसनेे फ्रांं�स छोोड़ाा हीी थाा जब प्रोोटेेस्टेंंटोंं� पर एक आपत्ति� आ पड़ीी, जोो कि�, अगर वह
बनाा रहताा, तोो नि�श्चि�ित रूप सेे उसेे साामाान्य बर्बाा�दीी मेंं शाामि�ल कर लेेतीी।
अपनेे देेश कोो जर्ममनीी और स्वि�टजरलैंंड केे सााथ तााल-मेेल बैैठाातेे हुए देेखनेे केे लि�ए उत्सुुक, फ्रांं�स
केे सुुधाारकोंं� नेे रोोम केे अंंधवि�श्वाासोंं� केे खि�लााफ पूूरेे देेश कोो जगाा नेे वाालेे एक सााहसि�क प्रहाार करनेे कीी
ठाानीी। तदनुुसाार, मि�स्साा कीी आलोोचनाा केे घोोषणाापत्र एक हीी राात मेंं पूूरेे फ्रांं�स मेंं चि�पकाा दि�ए गए। धर्मम
सुुधाार कोो आगेे बढ़ाानेे केे बजााय, इस जोोशीीलेे लेेकि�न अनुुपयुुक्त आंंदोोलन न केे वल इसकेे प्रचाारकोंं� केे
लि�ए, बल्कि� पूूरेे फ्रांं�स मेंं सुुधाारि�त वि�श्वाास केे समर्थथकोंं� केे लि�ए वि�नााशकाारीी सााबि�त हुआ। इसनेे रोोम-
नवाादि�योंं� कोो वह दि�याा जोो वेे लंं बेे समय सेे चााहतेे थेे - सिं�हां ासन कीी स्थि�रताा और रााष्ट्रर कीी शांं�ति� केे लि�ए
खतरनााक, हलचल पैैदाा करनेे वाालोंं� केे रूप मेंं वि�धर्मि�योंं� केे पूूर्णण वि�नााश कीी मांं�ग केे लि�ए एक बहाानाा।
कि�सीी गुुप्त हााथ सेे—चााहेे अनजाानेे मि�त्र काा याा धूूर्तत शत्रुु काा, कभीी पताा न चलाा —एक घोोष-
णाापत्र रााजाा केे नि�जीी कक्ष केे द्वाार सेे चि�पकाा दि�याा गयाा। सम्रााट भय सेे भर गयाा। इस पत्र मेंं, युुगोंं� कीी
श्रद्धाा प्रााप्त करनेे वाालेे अंंधवि�श्वाासोंं� पर एक कठोोर हााथ सेे हमलाा कि�याा गयाा थाा। और इन साादेे और
चौंं�काा देेनेे वाालेे कथनोंं� कोो शााहीी उपस्थि�ति� मेंं धकेे लनेे कीी अदम्य सााहस नेे रााजाा केे क्रोोध कोो भड़काा
फ्रांसीसी धर्म सु 159

दि�याा। अपनेे वि�स्मय मेंं वह कांं�पतेे और अवााक रह गयाा। तब उसकेे क्रोोध नेे भयाानक अभि�व्यक्ति� पााई:
«उन सभीी कोो बि�नाा भेेद केे पकड़ लि�याा जााए, जि�न पर लूूथरनवााद काा संं देेह हैै। मैंं उन सबकाा सफाायाा
कर दूँँ� गाा। —पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 4, अध्यााय 10। पाासाा फेंंक दि�याा गयाा थाा। रााजाा नेे स्वयंं कोो पूूरीी तरह
सेे रोोम केे पक्ष मेंं फेंंकनेे काा नि�श्चय कर लि�याा थाा।
पेेरि�स मेंं हर लूूथरन कीी गि�रफ्ताारीी केे लि�ए तुुरंंत काार्ययवााहीी कीी गई। एक गरीीब काारीीगर कोो,
सुुधाारि�त वि�श्वाास काा अनुुयाायीी, जोो वि�श्वाासि�योंं� कोो उनकीी गुुप्त सभााओंं मेंं बुुलाानेे काा आदीी थाा,
पकड़ लि�याा गयाा और, अहरन पर तत्कााल मौौत कीी धमकीी केे सााथ, उसेे प्रत्येेक प्रोोटेेस्टेंंट केे घर मेंं पोोप
केे दूू त कोो लेे जाानेे काा आदेेश दि�याा गयाा। इस घटि�याा प्रस्तााव सेे उसेे अत्यंं त घृृणाा महसूूस हुई, लेेकि�न
अंंत मेंं आग कीी लपटोंं� काा भय प्रबल होो गयाा, और वह अपनेे भााइयोंं� केे प्रति� वि�श्वाासघाातीी बननेे केे
लि�ए सहमत होो गयाा। समुुदााय केे आगेे, और पाादरि�योंं�, धूूप धाारकोंं�, भि�क्षुुओं ं और सैैनि�कोंं� सेे घि�राा,
मोोरि�न, शााहीी जाासूूस, गद्दाार केे सााथ, धीीरेे-धीीरेे और चुुपचााप शहर कीी सड़कोंं� सेे गुुज़राा। प्रदर्शशन स्पष्ट
रूप सेे «पवि�त्र संं स्काार» केे सम्माान मेंं थाा, प्रदर्शशनकाारि�योंं� द्वााराा मि�स्साा केे अपमाान केे लि�ए प्राायश्चि�ित
काा काार्यय। लेेकि�न इस श्रंंखलााबद्ध घटनााक्रम केे तहत एक घाातक उद्देेश्य छुु पाायाा गयाा थाा। लूूथरन केे
घर केे साामनेे पहुंंचनेे पर, वि�श्वाासघाातीी नेे एक संं केे त दि�याा, लेेकि�न कोोई शब्द नहींं� बोोलाा गयाा। जुुलूूस
रुक गयाा, घर मेंं प्रवेेश कि�याा गयाा, परि�वाार कोो घसीीटाा गयाा और जंं जीीरोंं� मेंं जकड़ दि�याा गयाा, और
भयाानक टोोलीी नए शि�काार कीी तलााश मेंं आगेे बढ़ीी। उन्होंं�नेे «कोोई घर नहींं� बख्शाा, चााहेे वह छोोटाा होो
याा बड़ाा, यहांं� तक कि� पेेरि�स वि�श्ववि�द्याालय केे कॉॉलेेजोंं� कोो भीी नहींं�। मोोरि�न नेे पूूरेे शहर कोो हि�लाा कर
रख दि�याा। यह आतंं क युुग थाा।” —पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 4, अध्यााय 10।
शहीीदोंं� कोो क्रूूर याातनाा केे सााथ मौौत केे घााट उताार दि�याा गयाा, और यह वि�शेेष रूप सेे आदेेश दि�याा
गयाा कि� उनकीी पीीड़ाा काा समय बढ़ाानेे केे लि�ए आग कोो कम कि�याा जाानाा चााहि�ए। लेेकि�न वेे वि�जेेताा केे
रूप मेंं मरेे। उनकीी स्थि�रताा अडि�ग थीी, उनकीी शांं�ति� नि�र्ममल। उनकेे उत्पीीड़कोंं� नेे, उनकीी अनम्य दृढ़ताा
कोो प्रभाावि�त करनेे मेंं शक्ति�हीीन, खुुद कोो परााजि�त महसूूस कि�याा। «पेेरि�स केे सभीी हि�स्सोंं� मेंं शहीीदोंं�
कोो जलाानेे केे लि�ए मचाान बाँँ�टेे गए, और दहन एक केे बााद एक आनेे वाालेे दि�नोंं� मेंं होोतेे रहेे, जि�सकाा
अभि�प्रााय व्याापक हत्यााओंं केे द्वााराा वि�धर्मम काा आतंं क फैै लाानाा थाा। हाालाँँ�कि�, लााभ, अंंत मेंं, सुुसमााचाार
केे सााथ रहाा। पूूराा पेेरि�स यह देेखनेे मेंं सक्षम थाा कि� नई रााय कि�स तरह केे पुुरुष पैैदाा कर सकतीी
हैै। शहीीद केे ढेेर जैैसाा कोोई उपदेेश-मंं च नहींं� थाा। मृृत्युु केे स्थाान कीी ओर जाातेे समय, इन लोोगोंं� केे
चेेहरोंं� कोो रोोशन करनेे वाालेे नि�र्ममल आनंं द नेे, उनकीी वीीरताा नेे जब वेे धधकतीी लपटोंं� केे बीीच खड़ेे थेे,
अत्यााचाार केे लि�ए उनकीी अहंंकाार-रहि�त क्षमाा नेे, कई घटनााओंं मेंं, क्रोोध कोो दयाा मेंं, और घृृणाा कोो
प्रेेम मेंं परि�वर्ति�त कर दि�याा, और सुुसमााचाार कीी ओर सेे प्रति�रोोधहीीन वााक्पटुुताा केे सााथ वि�नतीी कीी।”
— वि�लीी, पुुस्तक 13, अध्यााय 20।
लोोकप्रि�य रोोष कोो अपनेे चरम पर रखनेे पर तुुलेे हुए पाादरि�योंं� नेे, प्रति�वाादि�योंं� केे खि�लााफ सबसेे
भयाानक आरोोपोंं� कोो प्रसाारि�त कि�याा। उन पर कैै थोोलि�कोंं� काा नरसंं हाार करनेे, सरकाार कोो उखााड़ फेंंकनेे
और रााजाा कीी हत्याा करनेे कीी सााजि�श रचनेे काा आरोोप लगाायाा गयाा। आरोोपोंं� केे समर्थथन मेंं सबूूत कीी
छाायाा भीी पेेश नहींं� कीी जाा सकीी। तौौभीी बुुरााई कीी इन भवि�ष्यद्वााणि�योंं� कोो पूूराा होोनाा थाा; हाालांं�कि�, बहुत
अलग परि�स्थि�ति�योंं� मेंं, और वि�परीीत स्वरूप केे अभि�याानोंं� सेे। कैै थोोलि�कोंं� द्वााराा नि�र्दोोष प्रोोटेेस्टेंंटोंं� पर
160 महाान वि�वााद

कि�ए गए अत्यााचाार सेे प्रति�शोोध काा भाार बढ़ गयाा, और बााद कीी सदि�योंं� मेंं उसीी वि�नााश कोो लेेकर
आयाा, जि�सकीी उन्होंं�नेे रााजाा, उसकीी सरकाार, और उसकीी प्रजाा पर आसन्न होोनेे कीी भवि�ष्यद्वााणीी कीी
थीी; लेेकि�न यह कााफि�रोंं� और स्वयंं पोोप समर्थथकोंं� द्वााराा लाायाा गयाा। यह प्रोोटेेस्टेंंटवााद कीी स्थाापनाा नहींं�,
बल्कि� दमन थाा, कि� तीीन सौौ सााल बााद, जि�सकेे काारण फ्रांं�स पर इन भयाानक आपदााओंं कोो आनाा थाा।
संं देेह, अवि�श्वाास और आतंं क अब समााज केे सभीी वर्गोंं मेंं व्यााप्त थेे। साार्ववजनि�क आपत्ति� केे पूूर्वव-
संं केेत केे बीीच यह देेखाा गयाा कि� शि�क्षाा, प्रभााव और चरि�त्र कीी उत्कृृष्टताा केे लि�ए सर्वोोच्च स्थाान रखनेे
वाालेे व्यक्ति�योंं� केे दि�मााग पर लूूथरन शि�क्षण नेे कि�तनीी गहरीी पकड़ बनाा लीी थीी। वि�श्वाास और सम्माान केे
पद अचाानक सेे खाालीी पााए गए। काारीीगर, मुुद्रक, वि�द्वाान, वि�श्ववि�द्याालयोंं� केे प्रोोफेे सर, लेेखक और यहाँँ�
तक कि� दरबाारीी भीी गाायब होो गए। सैैकड़ोंं� पेेरि�स सेे भााग गए, अपनीी जन्मभूूमि� सेे स्व-घोोषि�त नि�र्वाा�सि�त,
कई माामलोंं� मेंं इस प्रकाार पहलीी सूूचनाा देेतेे हुए कि� वेे सुुधाारि�त वि�श्वाास केे पक्षधर थेे। उनकेे बीीच सहन
कि�ए जाानेे वाालेे असंं दि�ग्ध वि�धर्मि�योंं� केे बाारेे मेंं सोोचकर पोोप समर्थथकोंं� नेे अपनेे आस पाास घबराा कर
देेखाा। उनकाा क्रोोध उनकीी शक्ति� केे अधीीन वि�नम्र पीीड़ि�तोंं� कीी भीीड़ पर उतराा। बन्दीीगृृह भर गए थेे, और
सुुसमााचाार कोो मााननेे वाालोंं� केे लि�ए सुुलगााए गए जलतेे हुए ढेेरोंं� केे धुुएँँ सेे आकााश मेंं अँँधेेराा साा छाा गयाा।
फ़्रांं�सि�स प्रथम नेे ज्ञाान केे पुुनरुत्थाान केे महाान आंंदोोलन मेंं एक अगुुआ होोनेे काा गौौरव प्रााप्त
कि�याा थाा जोो सोोलहवींं� शतााब्दीी केे प्राारंंभ मेंं शुुरू हुआ थाा। वह अपनेे दरबाार मेंं हर देेश सेे सााहि�त्यि�क
गति�वि�धि�योंं� मेंं संं लग्न व्यक्ति�योंं� कोो इकट्ठाा करकेे प्रसन्न होोताा थाा। कम सेे कम कुु छ हद तक धर्मम सुुधाार
कोो अनुुदत्त सहनशीीलताा कीी अवस्थाा, ज्ञाान केे प्रति� उसकेे प्रेेम और भि�क्षुुओं ं कीी अज्ञाानताा और अंंध-
वि�श्वाास केे लि�ए उसकीी अवमााननाा केे काारण थीी। लेेकि�न, वि�धर्मम कोो खत्म करनेे केे जोोश सेे प्रेेरि�त
होोकर, शि�क्षाा केे इस संं रक्षक नेे एक फरमाान ज़ाारीी कि�याा कि� पूूरेे फ्रांं�स मेंं मुुद्रांं�कन कोो समााप्त कर दि�याा
जााए! फ्रांं�सि�स प्रथम इति�हाास मेंं कई उदााहरणोंं� मेंं सेे एक कोो प्रस्तुुत करताा हैै जोो दर्शाा�ताा हैै कि� बौौद्धि�क
संं स्कृृति� धाार्मि�क असहि�ष्णुुताा और उत्पीीड़न केे वि�रुद्ध बचााव नहींं� हैै।
एक औपचाारि�क और साार्ववजनि�क समाारोोह द्वााराा फ्रांं�स कोो प्रोोटेेस्टेंंटवााद केे वि�नााश केे लि�ए खुुद कोो
पूूरीी तरह सेे प्रति�बद्ध करनाा थाा। पाादरि�योंं� नेे मांं�ग कीी कि� मि�स्साा कीी निं�दां ा मेंं उज्ज्वल स्वर्गग केे प्रत्यक्ष
अपमाान काा प्राायश्चि�ित लहू केे द्वााराा कि�याा जााए, और यह कि� रााजाा, अपनेे लोोगोंं� कीी ओर सेे, साार्ववज-
नि�क रूप सेे भयाानक कााम केे लि�ए अपनीी मंं ज़ूरीू ी देे।
21 जनवरीी, 1535 कोो नृृशंंस वि�धि� केे लि�ए नि�यत कि�याा गयाा। पूूरेे देेश मेंं अंंधवि�श्वाासीी आशंं कााएंं
और धर्मांं�ध नफरत जाागृृत होो गई थींं�। सड़कोंं� पर आसपाास केे सभीी देेशोंं� सेे जमाा हुई भीीड़ सेे पेेरि�स मैंं
लोोगोंं� काा जमघट लग गयाा। दि�न कीी शुुरुआत एक वि�शााल और भव्य जुुलूूस द्वााराा कीी जाानीी थीी। «प्र-
दर्शशन केे माार्गग केे कि�नाारेे केे घरोंं� सेे माातम केे परदेे लटकााए गए, और बीीच-बीीच मेंं वेेदि�यांं� स्थाापि�त कीी
गईं।» हरदरवााज़ेे केे साामनेे «पवि�त्र संं स्काार» केे सम्माान मेंं एक जलतीी हुई मशााल थीी। भोोर सेे पहलेे
रााजाा केे महल मेंं जुुलूूस संं गठि�त हुआ। “सबसेे पहलेे कई गि�रजााघरोंं� केे ध्वज और क्रूूस आए; इसकेे
बााद दोो और दोो चलतेे हुए और मशााल लि�ए हुए नाागरि�क दि�खााई दि�ए।” भि�क्षुुओं ं केे चाार वर्गग, प्रत्येेक
अपनीी वि�शि�ष्ट पोोशााक मेंं, इनकेे पीीछेे आए। फि�र प्रसि�द्ध अवशेेषोंं� काा एक वि�शााल संं ग्रह आयाा। इनकेे
पीीछेे अपनेे बैंंगनीी और लााल रंंग केे वस्त्रोंं� और गहनोंं� वाालेे अलंं करणोंं� मेंं, एक भव्य और चमचमाातेे
प्रभाावशाालीी प्रदर्शशन मेंं उद्धत पाादरि�योंं� कीी सवाारीी आई।
फ्रांसीसी धर्म सु 161

«प्रभुु-भोोज कीी रोोटीी पेेरि�स केे बि�शप द्वााराा एक शाानदाार छत्र केे नीीचेे लेे जााई गई, ...शााहीी परि�वाार
केे चाार पुुरुष सदस्योंं� द्वााराा समर्थि�त। रोोटीी केे पीीछेे रााजाा चलाा। उस दि�न फ्रांं�सि�स प्रथम नेे न तोो तााज
पहनाा थाा और न हीी रााज्य काा वस्त्र। « फ्रांं�स काा रााजाा «बि�नाा सि�र ढकेे , आँँखेंं ज़मीीन पर टि�कााए, और
हााथ मेंं एक पतलीी मोोमबत्तीी लि�ए, एक प्राायश्चि�ित करनेे वाालेे व्यक्ति� केे रूप मेंं» दि�खााई दि�याा। —
पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 13, अध्यााय 21। हर वेेदीी पर वह दीीनताा मेंं झुक ु ताा, उसकीी आत्माा कोो अशुुद्ध करनेे
वाालेे दोोषोंं� केे लि�ए नहींं�, न हीी उस नि�र्दोोष लहू केे लि�ए जि�सनेे उसकेे हााथोंं� कोो रंंग दि�याा थाा, बल्कि�
अपनीी प्रजाा केे घाातक पााप केे लि�ए, जि�सनेे साामूूहि�क निं�दां ा करनेे काा सााहस कि�याा थाा। उसकेे बााद
राानीी और रााज्य केे गणमाान्य व्यक्ति� भीी, प्रत्येेक एक जलतीी हुई मशााल लि�ए, जोोड़ेे मेंं चलतेे हुए आए।
उस दि�न कीी वि�धि�योंं� केे एक भााग केे रूप मेंं सम्रााट नेे स्वयंं बि�शप केे महल केे महाान सभाागृृह मेंं
रााज्य केे उच्च अधि�काारि�योंं� कोो संं बोोधि�त कि�याा। एक उदाास चेेहरेे केे सााथ वह उनकेे साामनेे प्रकट हुआ
और «अपरााध, नि�न्दाा, दुःः�ख और अपमाान केे दि�न पर,» जोो रााष्ट्रर पर आयाा थाा, हृदय स्पर्शीी वााक्पटुुताा
केे शब्दोंं� मेंं शोोक व्यक्त कि�याा। और उसनेे उसकेे अधीीन हर वफाादाार व्यक्ति� सेे फ्रांं�स कोो बर्बाा�दीी काा
संं केे त देेनेे वाालेे वि�नााशक वि�धर्मम कोो मि�टाानेे मेंं सहाायताा करनेे काा अनुुरोोध कि�याा। «सर्ववश्रीी, जि�तनाा सच
यह हैै कि� मैंं तुुम्हााराा रााजाा हूंं, उतनाा हीी सच यह भीी हैै कि� अगर मुुझेे पताा थाा कि� मेेरेे अपनेे अंंगोंं� मेंं सेे
एक इस घृृणि�त सड़न सेे धब्बेेदाार याा संं क्रमि�त हैै, तोो मैंं आपकोो इसेे कााट कर अलग कर देेनेे केे लि�ए देे
देेताा। और आगेे, यदि� मैंं अपनेे बच्चोंं� मेंं सेे कि�सीी एक कोो उसकेे द्वााराा दूू षि�त होोतेे देेखताा, तोो मैंं उसेे नहींं�
बख्शताा। मैंं उसेे आप हीी सौंं�प देेताा, और उसेे परमेेश्वर केे लि�ए बलि�दाान कर देेताा।” उसकीी बाात कोो
आँँसुुओं ं नेे अवरुद्ध कर दि�याा, और पूूरीी सभाा एक स्वर मेंं यह कहतेे हुए रोो पड़ीी: «हम कैै थोोलि�क धर्मम
केे लि�ए जीीएंं गेे और मरेंंगेे!» - डीी›ऑबि�ग्नेे, हि�स्ट्रीी� ऑफ द रि�फॉॉर्मेेशन इन यूूरोोप इन द टााइम ऑफ
केे ल्वि�न, पुुस्तक 4, अध्यााय 12।
उस देेश काा अंंधकाार भयाानक होो गयाा थाा जि�सनेे सत्य केे प्रकााश कोो ठुु कराा दि�याा थाा। अनुुग्रह
«जोो उद्धाार लााताा हैै» प्रकट हुआ थाा; लेेकि�न फ्रांं�स, उसकीी शक्ति� और पवि�त्रताा कोो देेखनेे केे बााद,
हज़ाारोंं� लोोगोंं� केे उसकीी उत्कृृष्ट सुंं� दरताा सेे आकर्षि�त होोनेे केे बााद, उसकीी तेेजस्वि�ताा सेे शहरोंं� और गांं�वोंं�
केे प्रबुुद्ध होोनेे केे बााद, प्रकााश केे बजााय अंंधेरेे े कोो चुुनकर दूू र होो गयाा थाा। जब उन्हेंं स्वर्गग काा उपहाार
प्रदाान कि�याा गयाा, तब उन्होंं�नेे उसेे अपनेे सेे दूू र कर दि�याा थाा। उन्होंं�नेे बुुरााई कोो अच्छाा और अच्छााई
कोो बुुरााई कहाा थाा, जब तक कि� वेे अपनेे दुराु ाग्रहीी आत्म-धोोखेे केे शि�काार नहींं� होो गए। अब, यद्यपि� वेे
वाास्तव मेंं वि�श्वाास कर सकतेे थेे कि� वेे परमेेश्वर केे लोोगोंं� कोो सताानेे मेंं उसकीी सेेवाा कर रहेे थेे, फि�र भीी
उनकीी ईमाानदाारीी नेे उन्हेंं नि�र्दोोष नहींं� बनाायाा। वह प्रकााश जोो उन्हेंं धोोखेे सेे, उनकीी आत्माा कोो रक्त केे
दोोष सेे रंंगनेे सेे बचाा सकताा थाा, उसेे उन्होंं�नेे जाानबूूझकर खाारि�ज कर दि�याा थाा।
वि�धर्मम कोो मि�टाानेे कीी एक औपचाारि�क शपथ महाान गि�रजााघर मेंं लीी गई थीी, जहाँँ� लगभग तीीन
शतााब्दि�योंं� केे बााद, तर्कक कीी देेवीी कोो एक ऐसेे रााष्ट्रर द्वााराा वि�रााजि�त कि�याा जाानाा थाा जोो जीीवि�त ईश्वर
कोो भूूल गयाा थाा। फि�र सेे जुुलूूस संं गठि�त कि�याा गयाा, और फ्रांं�स केे प्रति�नि�धि� उस कााम कोो शुुरू करनेे
केे लि�ए नि�कल पड़ेे, जि�सेे करनेे कीी उन्होंं�नेे शपथ लीी थीी। «थोोड़ीी दूू रीी पर मचाान खड़ेे कि�ए गए थेे,
जि�न पर कुु छ प्रोोटेेस्टेंंट मसीीहि�योंं� कोो ज़िं�दां ा जलाा दि�याा जाानाा थाा, और यह व्यवस्थाा कीी गई थीी कि�
रााजाा केे प्रवेेश होोतेे हीी लकड़ि�योंं� केे गट्ठर कोो सुुलगाायाा जााए, और यह कि� प्रााण-दंंड कोो देेखनेे केे लि�ए
162 महाान वि�वााद

जुुलूूस रुक जााए।» - वि�लीी, पुुस्तक 13, अध्यााय 21। मसीीह केे लि�ए इन गवााहोंं� द्वााराा सहन कीी गई
याातनााओंं काा वि�वरण वााचन केे लि�ए बहुत कष्टदाायक हैै; लेेकि�न पीीड़ि�तोंं� कीी ओर सेे कोोई हि�चकि�-
चााहट नहींं� थीी। त्यााग करनेे काा आग्रह कि�ए जाानेे पर, एक नेे उत्तर दि�याा: “मैंं केे वल उस पर वि�श्वाास
करताा हूँँ जोो भवि�ष्यद्वक्तााओंं और प्रेेरि�तोंं� नेे पहलेे प्रचाार कि�याा थाा, और जि�स पर पवि�त्र लोोगोंं� कीी साारीी
मण्डलीी नेे वि�श्वाास कि�याा थाा। मेेरीी धाार्मि�क नि�ष्ठाा कोो परमेेश्वर मेंं वि�श्वाास हैै जोो नरक कीी सभीी
शक्ति�योंं� काा वि�रोोध करेेगाा।» - डीी›ऑबि�ग्नेे, हि�स्ट्रीी� ऑफ द रि�फॉॉर्मेेशन इन यूूरोोप इन द टााइम ऑफ
केे ल्वि�न, पुुस्तक 4, अध्यााय 12।
बाार-बाार जुुलूूस याातनाा स्थलोंं� पर रुकाा। शााहीी महल मेंं अपनेे शुुरुआतीी बिं�दुं ु पर पहुंंचनेे पर, भीीड़
ति�तर-बि�तर होो गई, और दि�न कीी काार्ययवााहीी सेे अच्छीी तरह सेे संं तुुष् ट और खुुद कोो बधााई देेतेे हुए कि�
अब शुुरू कि�याा गयाा कााम वि�धर्मम केे पूूर्णण वि�नााश तक ज़ाारीी रहेेगाा, रााजाा और धर्माा�ध्यक्ष वाापस चलेे गए।
शांं�ति� केे जि�स सुुसमााचाार कोो फ्रांं�स नेे अस्वीीकाार कर दि�याा थाा, उसेे नि�श्चि�ित रूप सेे जड़ सेे उखााड़
फेंंकाा जाानाा थाा, और इसकेे परि�णााम भयाानक होोनेे थेे। 21 जनवरीी, 1793 कोो, जि�स दि�न सेे फ्रांं�स कोो
सुुधाारकोंं� केे उत्पीीड़न केे लि�ए पूूरीी तरह सेे प्रति�बद्ध कि�याा गयाा थाा, उसीी दि�न सेे दोो सौौ अड़ताालीीस सााल
बााद, एक और जुुलूूस, एक अलग उद्देेश्य केे सााथ, पेेरि�स कीी सड़कोंं� सेे होोकर गुुज़राा। “फि�र सेे रााजाा
हीी मुुख्य व्यक्ति� थाा; फि�र सेे कोोलााहल और चि�ल्लााहट हुई; फि�र सेे और अधि�क शहीीदोंं� केे लि�ए माँँ�ग
सुुनीी गई; फि�र सेे काालेे मचाान थेे; और फि�र सेे दि�न केे दृश्योंं� काा समाापन भयाानक प्रााण-दंंडोंं� सेे हुआ;
लुुई सोोलह कोो, अपनेे जेेलरोंं� और जल्लाादोंं� केे सााथ कुु श्तीी करतेे हुए, फांं�सीी देेनेे केे तख्त तक घसीीटाा
गयाा, और कुु ल्हााड़ीी गि�रनेे तक सैैन्य बल द्वााराा दबाा कर रखाा गयाा, और उसकाा कटाा हुआ सि�र मचाान
पर लुुढ़क गयाा।” - वि�लीी, पुुस्तक 13, अध्यााय 21। न हीी रााजाा एकमाात्र शि�काार थाा; उसीी स्थाान केे
पाास आतंं क केे युुग केे भयंं कर दि�नोंं� केे दौौराान ऊर्ध्वाा�धर कर्ततरीी द्वााराा दोो हज़ाार आठ सौौ मनुुष्य माारेे गए।
धर्मम सुुधाार नेे दुनि�या
ु ा केे साामनेे एक खुुलीी बााइबि�ल पेेश कीी थीी, और परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे
आदेेशोंं� कोो प्रकट कि�याा थाा और लोोगोंं� केे वि�वेेक पर इसकेे दाावोंं� काा आग्रह कि�याा थाा। अनंं त प्रेेम नेे
मनुुष्योंं� केे लि�ए स्वर्गग कीी वि�धि�योंं� और सि�द्धांं�तोंं� कोो प्रकट कि�याा थाा। परमेेश्वर नेे कहाा थाा: «इसलि�येे
तुुम उनकोो धाारण करनाा और मााननाा; क्योंं�कि� और देेशोंं� केे लोोगोंं� केे साामनेे तुुम्हाारीी बुुद्धि� और समझ
इसीी सेे प्रगट होोगीी, अर्थाा�त्् वेे इन सब वि�धि�योंं� कोो सुुनकर कहेंंगेे, कि� नि�श्‍‍चय यह बड़ीी जााति� बुुद्धि�माान
और समझदाार हैै।» व्यवस्थाावि�वरण 4:6। जब फ्रांं�स नेे स्वर्गग केे उपहाार कोो अस्वीीकाार कर दि�याा, तोो
उसनेे अरााजकताा और बर्बाा�दीी केे बीीज बोोए; और काार्यय और प्रभााव कीी अपरि�हाार्यय प्रक्रि�याा केे परि�णाा-
मस्वरूप क्रांं�ति� और आतंं क काा युुग आयाा।
घोोषणाापत्रोंं� द्वााराा सक्रि�य कि�ए गए उत्पीीड़न सेे बहुत पहलेे, सााहसीी और उत्सााहीी फरेेल कोो अपनेे
जन्म कीी भूूमि� सेे भाागनेे केे लि�ए मजबूूर कि�याा गयाा थाा। वह स्वि�ट््जरलैंडं चलाा गयाा, और अपनीी
जीी-तोोड़ कोोशि�श द्वााराा, ज्विं�ग्ली ं ी केे कााम कोो समर्थथन देेतेे हुए, उसनेे धर्मम सुुधाार केे पक्ष मेंं नि�र्णणय लेेनेे मेंं
मदद कीी। उनकेे बााद केे वर्षष यहांं� बि�तााए जाानेे थाा, फि�र भीी उसनेे फ्रांं�स मेंं सुुधाार पर एक नि�श्चि�ित प्रभााव
डाालनाा ज़ाारीी रखाा। उसकेे नि�र्वाा�सन केे पहलेे वर्षोंं केे दौौराान, उसकेे प्रयाासोंं� काा उद्देेश्य वि�शेेष रूप सेे उसकेे
मूूल देेश मेंं सुुसमााचाार काा प्रसाार करनाा थाा। उसनेे सीीमाा केे पाास अपनेे देेशवाासि�योंं� केे बीीच प्रचाार करनेे
मेंं कााफीी समय बि�ताायाा, जहांं� अथक सतर्कक ताा केे सााथ उसनेे संं घर्षष कोो देेखाा और अपनेे प्रोोत्सााहन और
फ्रांसीसी धर्म सु 163

सलााह केे शब्दोंं� सेे सहाायताा कीी। अन्य नि�र्वाा�सि�तोंं� कीी सहाायताा सेे, जर्ममन सुुधाारकोंं� केे लेेख काा फ़्रांं�सीीसीी
भााषाा मेंं अनुुवााद कि�याा गयाा और, फ़्रांं�सीीसीी बााइबि�ल केे सााथ, बड़ीी माात्राा मेंं मुुद्रि�त कि�ए गए। कोोलपोोर्टटर्सस
द्वााराा इन लेेखोंं� कोो फ्रांं�स मेंं बड़ेे पैैमाानेे पर बेेचाा गयाा थाा। उन्हेंं कम कीीमत पर कोोलपोोर्टटरोंं� कोो आपूूर्ति� कीी
जाातीी थीी, और इस प्रकाार कााम केे मुुनााफेे नेे उन्हेंं इसेे ज़ाारीी रखनेे मेंं सक्षम बनाायाा।
फरेेल नेे एक स्कूूल माास्टर केे भेेष मेंं स्वि�ट््जरलैंंड मेंं अपनाा कााम शुुरू कि�याा। वह एक सुुनसाान
बस्तीी मेंं गयाा, और उसनेे खुुद कोो बच्चोंं� कीी शि�क्षाा केे लि�ए समर्पि�त कर दि�याा। अध्ययन कीी साामाान्य
शााखााओंं केे अलाावाा, उसनेे बच्चोंं� केे मााध्यम सेे मााताा-पि�ताा तक पहुँँचनेे कीी आशाा करतेे हुए, सााव-
धाानीीपूूर्ववक बााइबल कीी सच्चााइयोंं� काा परि�चय दि�याा। कुु छ ऐसेे भीी थेे जि�न्होंं�नेे वि�श्वाास कि�याा, लेेकि�न
पाादरीी कााम कोो रोोकनेे केे लि�ए आगेे आए, और देेश केे अंंधवि�श्वाासीी लोोगोंं� कोो इसकाा वि�रोोध करनेे केे
लि�ए उकसाायाा गयाा। «यह देेखतेे हुए कि� इसकाा प्रचाार शांं�ति� नहींं�, बल्कि� युुद्ध लााताा हैै, यह मसीीह काा
सुुसमााचाार नहींं� होो सकताा,» पाादरीी नेे आग्रह कि�याा। —वि�लीी, पुुस्तक 14, अध्यााय 3। पहलेे चेेलोंं� कीी
तरह, जब उसकोो एक शहर मेंं सतााए गयाा तोो वह दूू सरेे मेंं भााग गयाा। एक गाँँ�व सेे दूू सरेे गाँँ�व, एक शहर
सेे शहर दूू सरेे, वह पैैदल याात्राा करतेे हुए, भूूख, ठंं ड और थकाान कोो सहतेे हुए, और हर जगह अपनेे
जीीवन कोो जोोखि�म मेंं डाालतेे हुए गयाा। उसनेे बााज़ाारोंं� मेंं, कलीीसि�यााओंं मेंं, कभीी-कभीी गि�रजााघरोंं� केे
उपदेेश-मंं च सेे प्रचाार कि�याा। कभीी-कभीी उसकोो गि�रजााघर मेंं श्रोोताा नहींं� मि�लतेे थेे; कभीी-कभीी उसकेे
उपदेेश कोो चि�ल्लाानेे और उपहाास सेे बााधि�त कि�याा जााताा थाा; फि�र सेे उसेे हिं�सक ं रूप सेे उपदेेश-मंं च
सेे नीीचेे उतााराा जााताा थाा। एक सेे अधि�क बाार उस पर भीीड़ द्वााराा हमलाा कि�याा गयाा थाा और उसेे पीीट-
पीीटकर लगभग माार हीी डाालाा गयाा थाा। फि�र भीी वह आगेे बढ़ाा। हाालांं�कि� उसेे अक्सर खदेेड़ दि�याा जााताा
थाा, लेेकि�न अथक हठ केे सााथ उसीी स्थाान पर लौौट आताा थाा; और उसनेे एक केे बााद एक पोोपवााद
केे गढ़ रह चुुकेे नगरोंं� और शहरोंं� कोो सुुसमााचाार केे लि�येे अपनेे द्वाार खोोलतेे देेखाा। उस छोोटीी सेे बस्तीी
नेे जहांं� उसनेे पहलेे कााम कि�याा थाा, जल्द हीी सुुधाारि�त वि�श्वाास कोो स्वीीकाार कर लि�याा। मोोरााट और
न्यूूशटेेल केे शहरोंं� नेे भीी कैै थोोलि�क संं स्काारोंं� कोो त्यााग दि�याा और अपनेे गि�रजााघरोंं� सेे मूूर्ति�पूूजाा कीी
छवि�योंं� कोो हटाा दि�याा।
फरेेल लंं बेे समय सेे जि�नेेवाा मेंं प्रोोटेेस्टेंंट ध्वज लगाानेे कीी इच्छाा रखताा थाा। यदि� इस शहर कोो जीीताा
जाा सकताा, तोो यह फ्रांं�स, स्वि�ट््जरलैंंड और इटलीी मेंं सुुधाार काा केंंद्र होोताा। अपनेे साामनेे इस उद्देेश्य केे
सााथ, उसनेे अपनेे प्रयाासोंं� कोो तब तक ज़ाारीी रखाा थाा जब तक कि� आसपाास केे कई कस्बोंं� और बस्ति�योंं�
कोो हाासि�ल नहींं� कर लि�याा गयाा थाा। फि�र उसनेे अपनेे एक सााथीी केे सााथ जि�नेेवाा मेंं प्रवेेश कि�याा।
लेेकि�न उसेे केे वल दोो उपदेेशोंं� काा प्रचाार करनेे कीी अनुुमति� दीी गई। पुुजाारि�योंं� नेे, नाागरि�क अधि�काारि�योंं�
द्वााराा उसकेे नि�रााकरण कोो नि�श्चि�ित करनेे काा व्यर्थथ प्रयाास करकेे , उसेे एक कलीीसि�यााई सभाा केे समक्ष
बुुलाायाा, जि�समेंं वेे उसकीी हत्याा करनेे केे लि�ए दृढ़, अपनेे वस्त्रोंं� केे नीीचेे छि�पेे हुए हथि�याारोंं� केे सााथ
आए। सभाागृृह केे बााहर, सोंं�टोंं� और तलवाारोंं� केे सााथ, एक उग्र भीीड़, उसकेे सभाा सेे भाागनेे मेंं सफल
होोनेे कीी सूूरत मेंं उसकीी मृृत्युु सुुनि�श्चि�ित करनेे केे लि�ए एकत्र हुई थीी। हाालांं�कि�, मजि�स्ट्रेे�ट और एक
सशस्त्र बल कीी उपस्थि�ति� नेे उसेे बचाा लि�याा। अगलीी सुुबह उसेे उसकेे सााथीी केे सााथ झीील केे उस पाार
सुुरक्षि�त स्थाान पर लेे जाायाा गयाा। इस प्रकाार जि�नेेवाा मेंं सुुसमााचाार काा प्रचाार करनेे काा उसकाा पहलाा
प्रयाास समााप्त होो गयाा।
164 महाान वि�वााद

अगलेे परीीक्षण केे लि�ए एक नि�म्नतर सााधन कोो चुुनाा गयाा - एक युुवक, जोो दि�खनेे मेंं इतनाा वि�नम्र थाा
कि� धर्मम सुुधाार केे कथि�त मि�त्रोंं� द्वााराा भीी उसकेे सााथ रुखाा व्यवहाार कि�याा गयाा थाा। लेेकि�न वहांं� ऐसाा कोोई क्याा
कर सकताा थाा जहांं� फरेेल कोो ठुुकराा दि�याा गयाा थाा? थोोड़ेे सााहस और अनुुभव वाालाा कोोई व्यक्ति� उस तूूफाान
काा साामनाा कैै सेे कर सकताा हैै जि�सकेे साामनेे सबसेे सशक्त और सबसेे बहाादुरु भाागनेे केे लि�ए वि�वश होो गयाा
थाा? «न तोो बल सेे, और न शक्ति� सेे, परन्तुु मेेरेे आत्माा केे द्वााराा होोगाा।» जकर्यााह� 4:6। «परमेेश्वर नेे जगत
केे नि�र्बबलोंं� कोो चुुन लि�याा हैै कि� बलवाानोंं� कोो लज्जि�ित करेे।» «क्योंं�कि� परमेेश्वर कीी मूूर्खखताा मनुुष्योंं� केे ज्ञाान
सेे ज्ञाानवाान हैै, और परमेेश्वर कीी नि�र्बबलताा मनुुष्योंं� केे बल सेे बहुत बलवाान हैै।» 1 कुु रि�न्थि�योंं� 1:27,25।
फ्रोोमेंंट नेे एक स्कूूल माास्टर केे रूप मेंं अपनाा कााम शुुरू कि�याा। वह सत्य जोो वह स्कूूल मेंं बच्चोंं� कोो
पढ़ााताा थाा, वेे अपनेे घरोंं� मेंं दोोहराातेे थेे। जल्द हीी मााताा-पि�ताा बााइबल कीी व्यााख्याा सुुननेे केे लि�ए आए,
और स्कूूल काा कमराा चौौकस श्रोोतााओंं सेे भर गयाा। नए नि�यम और पुुस्ति�कााएंं स्वतंं त्र रूप सेे वि�तरि�त
कि�ए गए थेे, और वेे कई लोोगोंं� तक पहुंंचेे जि�न्होंं�नेे नए सि�द्धांं�तोंं� कोो सुुननेे केे लि�ए खुुलेे तौौर पर आनेे
कीी हि�म्मत नहींं� कीी। कुु छ समय बााद यह कााम करनेेवाालाा भीी भाागनेे कोो वि�वश होो गयाा; लेेकि�न उसकेे
द्वााराा सि�खााए गए सत्य नेे लोोगोंं� केे मनोंं� पर नि�यंं त्रण पाा लि�याा थाा। धर्मम सुुधाार काा बीीज बोो दि�याा गयाा थाा,
और यह मजबूूत और वि�स्ताारि�त होोताा रहाा। प्रचाारक लौौट आए, और उनकेे श्रम केे मााध्यम सेे अंंततःः
जि�नेेवाा मेंं प्रोोटेेस्टेंंट आरााधनाा कीी स्थाापनाा हुई।
शहर नेे पहलेे हीी धर्मम सुुधाार कीी घोोषणाा कर दीी थीी, जब केे ल्वि�न थाा, वि�भि�न्न दौौरोंंं�� और अवस्थांं�तर
केे बााद, इसकेे फााटकोंं� मेंं प्रवेेश कि�याा थाा। अपनेे जन्मस्थाान कीी अंंति�म याात्राा सेे लौौटतेे हुए, वह बाासेेल
केे राास्तेे मेंं थाा, जब चाार्ल्सस पंं चम कीी सेेनााओंं द्वााराा सीीधीी सड़क कोो अधि�कृृत पााकर, वह जि�नेेवाा केे लि�ए
घुुमाावदाार माार्गग लेेनेे केे लि�ए वि�वश होो गयाा।
इस याात्राा मेंं फरेेल नेे परमेेश्वर केे हााथ कोो पहचाान लि�याा। हाालांं�कि� जि�नेेवाा नेे सुुधाारि�त वि�श्वाास कोो
स्वीीकाार कर लि�याा थाा, फि�र भीी यहांं� एक महाान काार्यय पूूराा कि�याा जाानाा बााकीी थाा। यह समुुदाायोंं� केे रूप
मेंं नहींं� बल्कि� व्यक्ति�योंं� केे रूप मेंं हैै कि� मनुुष्य परमेेश्वर कीी ओर रुख करताा हैै; नए जन्म काा काार्यय हृदय
और वि�वेेक मेंं पवि�त्र आत्माा कीी शक्ति� सेे होोनाा चााहि�ए, न कि� सभााओंं कीी वि�धि�योंं� सेे। जबकि� जि�नेेवाा केे
लोोगोंं� नेे रोोम केे अधि�काार कोो त्यााग दि�याा थाा, वेे उसकेे शाासन मेंं पनपनेे वाालेे दोोषोंं� कोो त्याागनेे केे लि�ए
इतनेे तैैयाार नहींं� थेे। यहांं� सुुसमााचाार केे शुुद्ध सि�द्धांं�तोंं� कोो स्थाापि�त करनाा और इन लोोगोंं� कोो उस पद कोो
योोग्य रूप सेे भरनेे केे लि�ए तैैयाार करनाा, जि�स पर वि�धााताा उन्हेंं बुुलाा रहाा थाा, कोोई हल्काा कााम नहींं� थाा।
फरेेल कोो वि�श्वाास थाा कि� उसेे केे ल्वि�न मेंं एक ऐसाा व्यक्ति� मि�ल गयाा हैै जि�सेे वह इस कााम मेंं स्वयंं
केे सााथ एकजुुट कर सकताा थाा। परमेेश्वर केे नााम पर उन्होंं�नेे युुवाा प्रचाारक सेे यहांं� रहनेे और श्रम
करनेे केे लि�ए औपचाारि�क रूप सेे अनुुरोोध कि�याा। केे ल्वि�न खतरेे कोो भांं�पतेे हुए आशंं काा सेे भर गयाा
थाा। संं कोोचशीील और शांं�ति�प्रि�य, वह जि�नेेवाा केे लोोगोंं� कीी सााहसीी, स्वतंं त्र और यहांं� तक कि� हिं�सक ं
भाावनाा केे संं पर्कक सेे दूू र रहाा। उसकेे अध्ययन कीी आदतोंं� केे सााथ उसकेे स्वाास्थ्य कीी कमज़ोोरीी नेे उसेे
सेेवाानि�वृृत्ति� केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा। यह माानतेे हुए कि� अपनीी कलम सेे वह सुुधाार केे लि�ए सबसेे अच्छाा
कााम कर सकताा थाा, वह अध्ययन केे लि�ए एक शांं�त आश्रय चााहताा थाा, और वहांं�, प्रेेस केे मााध्यम सेे
कलीीसि�यााओंं कोो सि�खलाानाा और बढ़ाानाा चााहताा थाा। लेेकि�न फरेेल कीी संं स्काारपूूर्णण नसीीहत उसकेे पाास
स्वर्गग सेे बुुलाावेे केे तौौर पर आई, और उसनेे मनाा करनेे कीी हि�म्मत नहींं� कीी। उसेे ऐसाा लगाा, उसनेे कहाा,
फ्रांसीसी धर्म सु 165

«परमेेश्वर काा हााथ स्वर्गग सेे नीीचेे कीी ओर बढ़ाा हुआ थाा, कि� उसनेे उसेे पकड़ लि�याा, और उसेे उस स्थाान
पर अपरि�वर्ततनीीय रूप सेे स्थि�र कर दि�याा जहांं� सेे जाानेे केे लि�ए वह इतनाा अधीीर थाा।» - डीी›ऑबि�ग्नेे,
हि�स्ट्रीी� ऑफ द रि�फॉॉर्मेेशन इन यूूरोोप इन द टााइम ऑफ केे ल्वि�न, पुुस्तक 9, अध्यााय 17।
इस समय प्रोोटेेस्टेंंट अभि�याान कोो बड़ेे संं कटोंं� नेे घेेर लि�याा। पोोप नेे जि�नेेवाा केे खि�लााफ अभि�शााप
उगलेे, और शक्ति�शाालीी रााष्ट्रों��ं नेे इसेे वि�नााश कीी धमकीी दीी। जि�स धर्ममसत्‍‍ताा नेे अक्सर रााजााओंं और
सम्रााटोंं� कोो समर्पपण करनेे केे लि�ए मजबूूर कि�याा थाा, उसकाा वि�रोोध यह छोोटाा साा शहर कैै सेे करनेे वाालाा
थाा? यह दुनि�या ु ा केे महाान वि�जेेतााओंं कीी सेेनााओंं केे खि�लााफ कैै सेे खड़ाा होो सकताा थाा?
ु ये शत्रुुओं ं नेे धमकीी दीी थीी। धर्मम सुुधाार कीी पहलीी
पूूरेे मसीीहीी जगत मेंं, प्रोोटेेस्टेंंटवााद कोो दुर्जे
वि�जय केे बााद, रोोम नेे अपनेे वि�नााश कोो पूूराा करनेे कीी उम्मीीद मेंं, नई सेेनााओंं कोो बुुलाायाा। इस समय
जेेसुुइट््स काा वर्गग बनाायाा गयाा थाा, जोो पोोपवााद केे सभीी उत्सााहीी पक्षसमर्थथकोंं� मेंं सबसेे क्रूूर, बेेईमाान
और शक्ति�शाालीी थाा। सांं�साारि�क संं बंं धोंं� और माानवीीय हि�तोंं� सेे कटेे हुए, प्रााकृृ ति�क स्नेेह केे दाावोंं� केे प्रति�
भाावहीीन, तर्कक और वि�वेेक पूूरीी तरह सेे दबााए हुए, वेे अपनेे वर्गग केे नि�यम और बंं धन केे अलाावाा और
कि�सीी नि�यम और दाायि�त्व कोो नहींं� जाानतेे थेे, और अपनीी शक्ति� काा वि�स्ताार करनेे केे अलाावाा कि�सीी
कर्ततव्य कोो नहींं� जाानतेे थेे। (टि�प्पणीी 17 देेखेंं।) मसीीह केे सुुसमााचाार नेे अपनेे अनुुयाायि�योंं� कोो खतरेे
काा साामनाा करनेे और ठंं ड, भूूख, परि�श्रम और गरीीबीी सेे अवि�चलि�त, याातनाा देेनेे केे यंं त्र, काालकोोठरीी
और कााठ केे साामनेे सच्चााई केे समर्थथन कोो बनााए रखनेे मेंं सक्षम बनाायाा थाा। इन तााकतोंं� काा मुुकााबलाा
करनेे केे लि�ए, जेेसुुइटवााद नेे अपनेे अनुुयाायि�योंं� कोो एक कट्टरताा केे सााथ प्रेेरि�त कि�याा जि�सनेे उन्हेंं उसीी
तरह केे खतरोंं� कोो सहन करनेे मेंं, और धोोखेे केे सभीी हथि�याारोंं� सेे सत्य कीी शक्ति� काा वि�रोोध करनेे मेंं
सक्षम बनाायाा। उनकेे लि�ए कोोई भीी अपरााध इतनाा बड़ाा नहींं� थाा कि� उनकेे द्वााराा नहींं� कि�याा जाा सकताा
थाा, कोोई धोोखाा इतनाा घटि�याा नहींं� थाा, जि�सकाा वेे प्रयोोग नहींं� कर सकतेे थेे, कोोई भेेष इतनाा कठि�न
नहींं� थाा, जि�स वेे धाारण नहींं� कर सकतेे थेे। सतत गरीीबीी और वि�नम्रताा केे प्रति� वचनबद्ध, यह उनकाा
सुुवि�चाारि�त उद्देेश्य थाा कि� वेे धन और शक्ति� प्रााप्त करेंं, प्रोोटेेस्टेंंटवााद कोो उखााड़ फेंंकनेे केे लि�ए समर्पि�त
होंं�, और पोोप वर्चचस्व कीी पुुन: स्थाापनाा करेंं।
अपनेे वर्गग केे सदस्योंं� केे रूप मेंं प्रकट होोनेे पर, उन्होंं�नेे पवि�त्रताा काा वेेश धाारण कि�याा, बन्दीीगृृहोंं�
और अस्पताालोंं� काा दौौराा कि�याा, बीीमाारोंं� और गरीीबोंं� कीी सेेवाा कीी, दुनि�या ु ा कोो त्याागनेे काा दाावाा कि�याा,
और भलााई करनेे वाालेे यीीशुु केे पवि�त्र नााम कोो धाारण कि�याा। लेेकि�न इस नि�र्दोोष बााह्य स्वरूप केे तहत
अक्सर सबसेे आपरााधि�क और घाातक उद्देेश्योंं� कोो छुु पाायाा जााताा थाा। यह वर्गग काा एक मौौलि�क सि�द्धांं�त
थाा कि� सााध्य सााधनोंं� कोो सहीी ठहरााताा हैै। इस संं हि�ताा केे अनुुसाार, जब झूठू बोोलनाा, चोोरीी करनाा, झूठीू ी
गवााहीी, हत्याा, कलीीसि�याा केे हि�तोंं� केे लि�ए कााम करतेे थेे, तब वेे न केे वल क्षमाा योोग्य थेे बल्कि� प्रशंं सनीीय
भीी थेे। वि�भि�न्न भेेषोंं� केे तहत जेेसुुइट रााज्य केे पदोंं� पर आसीीन होो गए, और रााजााओंं केे सलााहकाार
बन गए और रााष्ट्रों��ं कीी नीीति� कोो आकाार देेनेे लगेे। वेे अपनेे स्वाामीी केे जाासूूसोंं� केे रूप मेंं काार्यय करनेे केे
लि�ए दाास बनेे। उन्होंं�नेे साामंं तोंं� और अभि�जाात वर्गग केे बेेटोंं� केे लि�ए कॉॉलेेज और आम लोोगोंं� केे लि�ए
स्कूूलोंं� कीी स्थाापनाा कीी; और प्रोोटेेस्टेंंट मााताा-पि�ताा केे बच्चोंं� कोो कैै थोोलि�क संं स्काारोंं� केे पाालन केे लि�ए
तैैयाार कि�याा गयाा थाा। कैै थोोलि�क आरााधनाा केे बााहरीी आडंंबर और प्रदर्शशन कोो दि�मााग कोो भ्रमि�त करनेे
और कल्पनाा कोो चकााचौंं�ध करनेे और मोोहि�त करनेे केे लि�ए प्रयोोग कि�याा गयाा थाा, और इस प्रकाार जि�स
166 महाान वि�वााद

स्वतंं त्रताा केे लि�ए पूूर्ववजोंं� नेे कड़ीी मेेहनत कीी थीी और खूून बहाायाा थाा, उसेे पुुत्रोंं� द्वााराा खतरेे मेंं डााल दि�याा
गयाा थाा। जेेसुुइट तेेज़ीी सेे यूूरोोप मेंं फैै ल गए, और वेे जहांं� भीी गए, वहांं� पोोपवााद काा पुुनरुद्धाार हुआ।
उन्हेंं और अधि�क अधि�काार देेनेे केे लि�ए, वि�धर्मि�योंं� कीी परीीक्षाा लेेनेे और उनकोो दण्ड देेनेे काा एक
न्याायाालय फि�र सेे स्थाापि�त करनेे काा एक आदेेश जाारीी कि�याा गयाा थाा। (टि�प्पणीी 18 देेखेंं।) बाावजूूद
इसकेे कि� इसेे व्याापक घृृणाा सेे देेखाा जााताा थाा, कैै थोोलि�क देेशोंं� मेंं भीी, इस भयाानक न्याायाालय कोो फि�र
सेे पोोप-संं बंं धीी शाासकोंं� द्वााराा स्थाापि�त कि�याा गयाा, और दि�न केे प्रकााश मेंं देेखेे जाानेे केे लि�ए अत्यंं त
भयाानक, अत्यााचाारोंं� कोो इसकीी गुुप्त कााल कोोठरि�योंं� मेंं दोोहराायाा जााताा थाा। कई देेशोंं� मेंं, रााष्ट्रर केे हज़ाा-
रोंं�-हज़ाारोंं� बेेहतरीीन लोोग, सबसेे पवि�त्र और कुु लीीन, सबसेे अधि�क बौौद्धि�क और उच्च शि�क्षि�त, पवि�त्र
और समर्पि�त पाादरीी, मेेहनतीी और देेशभक्त नाागरि�क, मेेधाावीी वि�द्वाान, प्रति�भााशाालीी कलााकाार, कुु शल
काारीीगर, माारेे गए याा दूू सरेे देेशोंं� मेंं पलाायन करनेे केे लि�ए वि�वश होो गए।
रोोम नेे सुुधाार केे प्रकााश कोो बुुझाानेे केे लि�ए, लोोगोंं� सेे बााइबल सेे दूूर करनेे केे लि�ए और अंंधकाार युुग
कीी अज्ञाानताा और अंंधवि�श्वाास कोो बहााल करनेे केे लि�ए इस तरह केे सााधनोंं� काा आह्वाान कि�याा थाा। लेेकि�न
परमेेश्वर केे आशीीर्वााद� और उन महाान लोोगोंं� केे प्रयाासोंं� केे तहत, जि�न्हेंं उसनेे लूूथर केे उत्तरााधि�काारीी होोनेे
केे लि�ए खड़ाा कि�याा थाा, प्रोोटेेस्टेंटं वााद पराास्त नहींं� हुआ। उसेे अपनीी शक्ति� केे लि�ए नि�र्वाा�चकोंं� कीी सहाायताा याा
कृृ पाादृष्टि�ि काा ऋणीी नहींं� होोनाा थाा। सबसेे छोोटेे देेश, सबसेे वि�नम्र और कम सेे कम शक्ति�शाालीी रााष्ट्रर, इसकेे गढ़
बन गए। उसकेे वि�नााश कीी सााजि�श रचनेे वाालेे शक्ति�शाालीी शत्रुुओं ं केे बीीच यह छोोटाा जि�नेेवाा थाा; यह उत्तरीी
समुुद्र केे रेेतीीलेे तट पर हॉॉलैंंड थाा जोो, उस समय केे रााज्योंं� मेंं सबसेे महाानतम और सबसेे भव्य सााम्रााज्य, स्पेेन
केे अत्यााचाार केे खि�लााफ लड़ रहाा थाा; यह उजााड़, दरि�द्र स्वीीडन थाा, जि�सनेे सुुधाार केे लि�ए जीीत हाासि�ल कीी।
लगभग तीीस वर्षोंं तक केे ल्वि�न नेे पहलेे जि�नेेवाा मेंं बााइबल कीी नैैति�कताा काा पाालन करनेे वाालीी एक
कलीीसि�याा स्थाापि�त करनेे केे लि�ए, और फि�र पूूरेे यूूरोोप मेंं सुुधाार कीी प्रगति� केे लि�ए कााम कि�याा। एक लोोक-
संं बंंधीी अगुुवेे केे रूप मेंं उसकीी काार्ययशैैलीी नि�र्दोोष नहींं� थीी, न हीी उसकेे सि�द्धांं�त त्रुुटि�हीीन थेे। लेेकि�न वह अपनेे
समय मेंं पोोपवााद केे तेेज़ीी सेे लौौटनेे वाालेे ज्वाार केे खि�लााफ प्रोोटेेस्टेंंटवााद केे सि�द्धांं�तोंं� कोो बनााए रखनेे मेंं, और
सुुधाारि�त कलीीसि�यााओंं मेंं कैै थोोलि�क शि�क्षाा केे तहत प्रोोत्सााहि�त गर्वव और भ्रष्टााचाार केे स्थाान पर जीीवन कीी
साादगीी और पवि�त्रताा कोो बढ़ाावाा देेनेे मेंं, वि�शेेष महत्व केे सत्य कोो प्रचाारि�त करनेे मेंं सहाायक थाा।
जि�नेेवाा सेे, प्रकााशन और शि�क्षक सुुधाारि�त सि�द्धांं�तोंं� काा प्रसाार करनेे केे लि�ए बााहर गए। इस स्थि�ति� तक
सभीी देेशोंं� केे सतााए गए लोोग नि�र्देेश, सलााह और प्रोोत्सााहन कीी तलााश मेंं थेे। केे ल्वि�न काा शहर पूूरेे पश्चि�िमीी
यूूरोोप केे ढूंं�ढेे जाा रहेे सुुधाारकोंं� कीी शरणस्थलीी बन गयाा। सदि�योंं� सेे चलीी आ रहीी भयाानक आंंधि�योंं� सेे
भाागकर, पलाायक जि�नेेवाा केे द्वाार पर आ गए। भूूखे,े घाायल, घर और नाातेेदाारोंं� सेे वंं चि�त, उनकाा गर्ममजोोशीी
सेे स्वाागत कि�याा गयाा और उनकीी कोोमलताा सेे देेखभााल कीी गई; और यहांं� एक घर पााकर, उन्होंं�नेे अपनीी
नि�पुुणताा, वि�द्याा, और धर्ममपराायणताा केे द्वााराा उन्हेंं स्वीीकाार करनेे वाालेे नगर कोो आशीीषि�त कि�याा। रोोम केे
अत्यााचाार काा वि�रोोध करनेे केे लि�ए यहांं� शरण लेेनेे वाालेे कई लोोग अपनेे देेशोंं� मेंं लौौट आए। जॉॉन नॉॉक्स,
स्कॉॉटलैंंड काा बहाादुरु सुुधाारक, कई अंंग्रेज े प्यूूरि�टन, हॉॉलैंंड और स्पेेन केे प्रोोटेेस्टेंंट, और फ्रांं�स केे हुगुुएनो�-
ट््स अपनीी जन्मभूूमि� कीी अज्ञाानताा कोो कम करनेे केे लि�ए जि�नेेवाा सेे सत्यांं� कीी मशााल लेेकर गए।
13

नीीदरलैैण्ड और स्कैंंडि�नेेवि�याा

नीी दरलैंंड मेंं पोोप केे अत्यााचाार नेे बहुत पहलेे हीी दृढ़ वि�रोोध काा होोनाा अनि�वाार्यय बनाा दि�याा थाा। लूूथर
केे समय सेे साात सौौ सााल पहलेे, रोोमन पोोप पर दोो बि�शपोंं� द्वााराा नि�डरताा सेे महााभि�योोग चलाायाा
गयाा थाा, जि�न्हेंं कि�सीी काार्यय केे नि�मि�त्त रोोम भेेजाा गयाा थाा, जहांं� उन्होंं�नेे «पोोप केे अधि�काार क्षेेत्र» कीी
वाास्तवि�क प्रकृृ ति� कोो जाानाा थाा: परमेेश्वर नेे अपनीी राानीी और पत्नीी, कलीीसि�याा कोो, उसकेे परि�वाार केे
लि�ए योोग्यताा काा एक महाान और चि�रस्थाायीी प्राावधाान प्रदाान कि�याा हैै, जोो न तोो नश्वर हैै और न हीी
दूू षणीीय हैै, और उसेे एक शााश्वत मुुकुुट और रााजदंंड दि�याा हैै; ...वह सब जोो आपकोो चोोर अवरोोधन
जैैसाा लााभ देेताा हैै। आप नेे अपनेे आप कोो परमेेश्वर केे मन्दि�र मेंं स्थाापि�त कि�याा; एक पाादरीी केे
बजााय, आप भेेड़ोंं� केे लि�ए एक भेेड़ि�याा बन गए; ... आप हमेंं वि�श्वाास दि�लााएंं गेे कि� आप एक सर्वोोच्च
बि�शप हैंं, लेेकि�न आप एक अत्यााचाारीी कीी तरह व्यवहाार करतेे हैंं। जबकि� आपकोो सेेवकोंं� काा दाास
होोनाा चााहि�ए, जैैसाा कि� आप स्वयंं कोो बुुलाातेे हैंं, आप प्रभुुओं ं केे स्वाामीी बननेे काा प्रयाास करतेे हैंं। आप
परमेेश्वर कीी आज्ञााओंं कीी अवमााननाा होोनेे काा काारण हैंं। जहाँँ� तक पृृथ्वीी फैै लीी हुई हैै, पवि�त्र आत्माा
सभीी कलीीसि�यााओंं काा नि�र्माा�ताा हैै। हमाारेे परमेेश्वर काा नगर, जि�सकेे हम नाागरि�क हैंं, आकााश केे सभीी
क्षेेत्रोंं� तक पहुंंचताा हैै; और वह पवि�त्र भवि�ष्यद्वक्तााओंं केे द्वााराा नाामि�त नगर बेेबीीलोोन नगर सेे भीी बड़ाा
हैै, जोो पवि�त्र होोनेे काा ढोंं�ग करताा हैै, स्वयंं कोो स्वर्गग केे लि�ए जीीताा हुआ माानताा हैै, और डींं�ग हांं�कताा हैै
कि� उसकीी बुुद्धि� अमर हैै; और अंंत मेंं, हाालांं�कि� बि�नाा काारण केे , कि� उसनेे कभीी गलतीी नहींं� कीी, न हीी
कभीी कर सकतीी हैै।” —जेेराार्डड ब्रांं�ट, हि�स्ट्रीी� ऑफ द रि�फॉॉर्मेेशन इन एंं ड अबााउट द लोो कंं ट्रीी�ज 1:6।
इस वि�रोोध कोो प्रति�ध्वनि�त करनेे केे लि�ए अन्य लोोग सदीी दर सदीी उठेे । और वेे शुुरुआतीी शि�क्षक,
जोो अलग-अलग देेशोंं� मेंं घूूमतेे हुए और वि�भि�न्न नाामोंं� सेे जाानेे जाातेे हुए, वडोोइस मि�शनरि�योंं� केे चरि�त्र
कोो धाारण करतेे थेे, और हर जगह सुुसमााचाार केे ज्ञाान काा प्रसाार करतेे थेे, नीीदरलैंंड मेंं प्रवेेश कर गए।
उनकेे सि�द्धांं�तोंं� काा तेेज़ीी सेे प्रसाार हुआ। उन्होंं�नेे वााल्डेेन्सि�यन बााइबि�ल काा पद्य मेंं डच भााषाा मेंं अनुुवााद
कि�याा। उन्होंं�नेे घोोषणाा कीी «कि� इसमेंं बहुत लााभ थाा; कोोई मज़ााक नहींं�, कोोई दंंतकथाा नहींं�, कोोई
छोोटीी बाात नहींं�, कोोई छल नहींं�, बल्कि� सत्य केे वचन; कि� नि�स्संंदेेह यहाँँ� वहाँँ� एक कठोोर पपड़ीी थीी,
168 महाान वि�वााद

लेेकि�न उसमेंं जोो अच्छाा और पवि�त्र थाा, उसकाा साार और उसकीी मि�ठाास आसाानीी सेे समझाा जाा सकेे ।”
-पूूर्वोोक्त। 1:14। बाारहवींं� शतााब्दीी मेंं प्रााचीीन वि�श्वाास केे समर्थथकोंं� नेे ऐसाा लि�खाा।
अब पोोपवाादीी उत्पीीड़न शुुरू हुआ; लेेकि�न लकड़ि�योंं� केे गट्ठरोंं� और याातनााओंं केे बीीच वि�श्वाासि�योंं�
कीी संं ख्याा बढ़तीी रहीी, दृढ़ताा सेे यह घोोषणाा करतेे हुए कि� धर्मम मेंं बााइबल हीी एकमाात्र अचूूक अधि�काार
हैै, और यह कि� «कि�सीी कोो भीी वि�श्वाास करनेे केे लि�ए वि�वश नहींं� कि�याा जाानाा चााहि�ए, लेेकि�न प्रचाार
केे द्वााराा जीीताा जाानाा चााहि�ए।» —माार्टि�न 2: 87।
लूूथर कीी शि�क्षााओंं कोो नीीदरलैंंड मेंं एक अनुुकूूल प्रदेेश मि�लाा, और सुुसमााचाार काा प्रचाार करनेे केे
लि�ए ईमाानदाार और वफाादाार लोोग ऊपर उठेे । हॉॉलैंंड केे एक प्रांं�त सेे मेेनोो सि�मंं स आयाा। रोोमन कैै थोोलि�क
शि�क्षाा प्रााप्त और पाादरीी पद केे लि�ए वि�धि�वत नि�युुक्त, वह बााइबल सेे पूूरीी तरह सेे अनभि�ज्ञ थाा, और
वह वि�धर्मम मेंं बहकााए जाानेे केे डर सेे इसेे नहींं� पढ़ताा थाा। जब तत्व-परि�वर्ततन केे सि�द्धांं�त केे बाारेे मेंं कोोई
संं देेह उस पर हाावीी हुआ, तोो उसनेे इसेे शैैताान कीी ओर सेे एक प्रलोोभन केे रूप मेंं माानाा, और प्राार्थथनाा और
स्वीीकाारोोक्ति� द्वााराा खुुद कोो इससेे मुुक्त करनाा चााहाा; परन्तुु उसेे सफलताा नहींं� मि�लीी। लंं पटताा केे दृश्योंं� मेंं
घुुलमि�ल कर उसनेे अंंतराात्माा कीी आवााज़ कोो दबाानेे काा प्रयाास कि�याा; लेेकि�न बि�नाा कि�सीी लााभ केे । कुु छ
समय बााद वह नए नि�यम केे अध्ययन केे लि�ए प्रेेरि�त हुआ, और इसकेे और लूूथर केे लेेखोंं� केे काारण
उसनेे सुुधाारि�त वि�श्वाास कोो स्वीीकाार कि�याा। कुु छ हीी समय बााद उसनेे पड़ोोस केे गाँँ�व मेंं एक ऐसेे व्यक्ति�
काा शि�रच्छेे दन देेखाा, जि�सेे दोोबााराा बपति�स्माा लेेनेे केे लि�ए मौौत केे घााट उताार दि�याा गयाा थाा। इसनेे उन्हेंं
शि�शुु बपति�स्माा केे संं बंं ध मेंं बााइबल काा अध्ययन करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा। उसेे पवि�त्र शाास्त्रोंं� मेंं इसकाा
कोोई प्रमााण नहींं� मि�लाा, लेेकि�न उसनेे देेखाा कि� बपति�स्माा प्रााप्त करनेे कीी शर्तत केे रूप मेंं पश्चाातााप और
वि�श्वाास हर जगह आवश्यक हैंं।
मेेनोो नेे रोोमन चर्चच छोोड़ दि�याा और अपनाा जीीवन उन सच्चााइयोंं� कोो सि�खाानेे केे लि�ए समर्पि�त कर
दि�याा जोो उसनेे ग्रहण कि�ए थेे। जर्ममनीी और नीीदरलैंंड दोोनोंं� मेंं कट्टरपंं थि�योंं� काा एक वर्गग उठ खड़ाा हुआ
थाा, जोो बेेतुुकेे और देेशद्रोोहीी सि�द्धांं�तोंं� कीी वकाालत कर रहाा थाा, अनुुशाासन और शाालीीनताा कोो भंं ग
कर रहाा थाा, और हिं�सां ा और वि�द्रोोह कीी ओर बढ़ रहाा थाा। उसनेे इन आंंदोोलनोंं� केे अपरि�हाार्यय भयाानक
परि�णाामोंं� कोो देेखाा, और उसनेे कट्टरपंं थि�योंं� कीी गलत शि�क्षााओंं और नि�रााधाार योोजनााओंं काा कड़ाा
वि�रोोध कि�याा। हाालाँँ�कि�, कई ऐसेे थेे, जोो इन कट्टरपंं थि�योंं� द्वााराा गुुमरााह कि�ए गए थेे, लेेकि�न जि�न्होंं�नेे
उनकेे हाानि�काारक सि�द्धांं�तोंं� कोो त्यााग दि�याा थाा; और अभीी भीी प्रााचीीन मसीीहि�योंं� केे कई वंं शज, वााल्डेे-
न्सि�यन शि�क्षाा केे फल शेेष थेे। इन वर्गोंं मेंं मेेनोो नेे बड़ेे जोोश और सफलताा केे सााथ कााम कि�याा।
अपनीी पत्नीी और बच्चोंं� केे सााथ, बड़ीी कठि�नााइयोंं� और कष्टोंं� कोो सहतेे हुए, और अक्सर अपनेे
प्रााण कोो जोोखि�म मेंं डाालकर उसनेे पच्चीीस वर्षोंं तक याात्राा कीी। मुुख्य रूप सेे वि�नम्र वर्गोंं केे बीीच श्रम
कि�याा, लेेकि�न व्याापक प्रभााव डाालतेे हुए, उसनेे नीीदरलैंंड और उत्तरीी जर्ममनीी कीी याात्राा कीी। स्वााभाावि�क
रूप सेे वााक्पटुु, हाालांं�कि� सीीमि�त रूप सेे शि�क्षि�त, वह एक अटूू ट सत्यनि�ष्ठाा, वि�नम्र आत्माा और सौौम्य
शि�ष्टााचाार, और ईमाानदाार और गंं भीीर धर्ममपराायणताा काा व्यक्ति� थाा, और अपनेे स्वयंं केे जीीवन मेंं उन
धर्माा�देेशोंं� काा उदााहरण देेताा थाा, जोो वह लोोगोंं� कोो सि�खााताा थाा, और वह लोोगोंं� केे वि�श्वाास केे योोग्य थाा।
उसकेे अनुुयाायीी ति�तर-बि�तर और उत्पीीड़ि�त थेे। गलतीी सेे मुंं�स्टर केे कट्टरपंं थीी समझेे जाानेे केे काारण उन्हेंं
बहुत कष्ट उठाानाा पड़ाा। फि�र भीी उसकेे प्रयाासोंं� केे तहत बड़ीी संं ख्याा मेंं लोोगोंं� काा मन-परि�वर्ततन हुआ।
नीदरलैण्ड औरस्कैंडिन 169

नीीदरलैंंड मेंं ग्रहण कि�ए जाानेे कीी तुुलनाा मेंं सुुधाारि�त सि�द्धांं�त और कहींं� भीी अधि�क साामाान्य रूप
सेे ग्रहण नहींं� कि�ए गए। कुु छ हीी देेशोंं� मेंं उनकेे समर्थथकोंं� कोो और अधि�क भयाानक उत्पीीड़न सहनाा
पड़ाा। जर्ममनीी मेंं चाार्ल्सस पंं चम नेे धर्मम सुुधाार पर प्रति�बंं ध लगाा दि�याा थाा, और वह खुुशीी-खुुशीी इसकेे सभीी
अनुुयाायि�योंं� कोो मृृत्युुदण्ड देे देेताा; परन्तुु नि�र्वाा�चक उसकेे अत्यााचाार केे वि�रुद्ध एक अवरोोध केे रूप मेंं
खड़ाा होो गयाा। नीीदरलैैण्ड मेंं उसकीी शक्ति� अधि�क थीी, और उत्पीीड़न केे आदेेश एक केे बााद एक ज़ाारीी
कि�ए गए। बााइबल पढ़नाा, उसेे सुुननाा याा उसकाा प्रचाार करनाा, याा यहाँँ� तक कि� उसकेे बाारेे मेंं बोोलनाा
भीी, कााठ केे द्वााराा मृृत्युुदंंड अपनेे ऊपर लेेनाा थाा। गुुप्त रूप सेे ईश्वर सेे प्राार्थथनाा करनाा, कि�सीी मूूर्ति� केे
आगेे झुुकनेे सेे बचनाा याा भजन गाानाा भीी मृृत्युुदंंड केे योोग्य थाा। यहाँँ� तक कि� जोो लोोग उनकेे भ्रम काा
खंं डन करतेे थेे, वेे भीी, यदि� पुुरुष तोो, तलवाार सेे माारेे जाातेे थेे; यदि� महि�लााएंं तोो, उन्हेंं ज़िं�दां ा दफनाायाा
जााताा थाा। चाार्ल्सस और फि�लि�प द्वि�तीीय केे शाासनकााल मेंं हज़ाारोंं� लोोग माारेे गए।
एक बाार एक पूूरेे परि�वाार कोो परि�प्रश्नकर्ताा�ओं ं केे साामनेे लाायाा गयाा थाा, जि�न पर मि�स्साा सेे दूू र
रहनेे और घर पर अरााधनाा करनेे काा आरोोप लगाायाा गयाा थाा। गुुप्त रूप सेे उनकेे प्रथााओंं कोो नि�भाानेे
केे संं दर्भभ मेंं उसकीी जाँँ�च काा छोोटेे बेेटेे नेे उत्तर दि�याा: «हम घुुटनेे टेेक कर प्राार्थथनाा करतेे हैंं कि� परमेेश्वर
हमाारेे मनोंं� कोो प्रकााशमाान करेे और हमाारेे पाापोंं� कोो क्षमाा करेे; हम अपनेे प्रधाान केे लि�ए प्राार्थथनाा करतेे
हैंं, कि� उसकाा रााज्य समृृद्ध होो और उसकाा जीीवन सुुखीी होो; हम अपनेे दण्डााधि�काारि�योंं� केे लि�ए प्राार्थथनाा
करतेे हैंं, कि� परमेेश्वर उन्हेंं सुुरक्षि�त रखेे।” —वि�लीी, पुुस्तक18, अध्यााय 6। कुु छ न्याायााधीीशोंं� पर
गहराा असर हुआ, फि�र भीी पि�ताा और उसकेे पुुत्रोंं� मेंं सेे एक कोो जलाा दि�याा गयाा।
सताानेे वाालोंं� काा रोोष शहीीदोंं� केे वि�श्वाास केे बरााबर थाा। न केे वल पुुरुषोंं� नेे बल्कि� नााजुुक महि�लााओंं
और युुवाा युुवति�योंं� नेे अदम्य सााहस काा परि�चय दि�याा। «पत्नि��यांं� अपनेे पति� केे कााठ केे पाास खड़ीी होोतींं�,
और जब वह आग कोो सहताा होोताा तोो वेे सांं�त्वनाा केे शब्द फुु सफुु साातीी थींं�, याा उसेे खुुश करनेे केे लि�ए
भजन गाातीी थींं�।» “युुवाा युुवति�यांं� अपनीी जीीवि�त कब्र मेंं लेेट जाातींं� माानोो वेे राात कीी नींं�द केे लि�ए अपनेे
कक्ष मेंं प्रवेेश कर रहीी होंं�; याा मचाान और आग कीी ओर अपनेे सबसेे अच्छेे परि�धाान पहनेे हुए जाातींं�,
जैैसेे कि� वेे अपनीी शाादीी केे लि�ए जाा रहीी होंं�।” —पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 18, अध्यााय 6।
उन दि�नोंं� कीी तरह जब बुुतपरस्तीी नेे सुुसमााचाार कोो नष्ट करनेे कीी कोोशि�श कीी, मसीीहि�योंं� काा खूून
बीीज थाा। (देेखेंं टर्टुु�लि�यन, अपोोलॉॉजीी, पैैरााग्रााफ 50।) सतााव नेे सच्चााई केे गवााहोंं� कीी संं ख्याा बढ़ाानेे काा
कााम कि�याा। सााल-दर-सााल सम्रााट नेे, लोोगोंं� केे अजेेय दृढ़ संं कल्प सेे क्रोोध मेंं पाागल, अपनेे क्रूूर काार्यय
पर जोोर देेताा रहाा; परन्तुु व्यर्थथ मेंं। ऑरेंंज केे महाान वि�लि�यम केे तहत क्रांं�ति� द्वााराा आखि�रकाार हॉॉलैंंड
कोो परमेेश्वर कीी पूूजाा करनेे कीी स्वतंं त्रताा मि�लीी।
पीीडमोंं�ट केे पहााड़ोंं� मेंं, फ्रांं�स केे मैैदाानीी इलााकोंं� और हॉॉलैंंड केे तटोंं� पर, सुुसमााचाार कीी प्रगति� कोो उसकेे
शि�ष्योंं� केे खूून सेे अंंकि�त कि�याा गयाा थाा। लेेकि�न उत्तर केे देेशोंं� मेंं इसेे शांं�ति�पूूर्णण प्रवेेश मि�लाा। वि�टनबर्गग केे
छाात्र, अपनेे घरोंं� कोो लौौटतेे हुए, सुुधाारि�त वि�श्वाास कोो स्कैंंडि�नेेवि�याा मेंं लेे गए। लूूथर केे लेेखोंं� केे प्रकााशन
नेे भीी प्रकााश डाालाा। उत्तर केे सीीधेे-सााधेे, नि�र्भीीक लोोग बााइबल कीी पवि�त्रताा, साादगीी और जीीवन देेनेे
वाालीी सच्चााइयोंं� काा स्वाागत करनेे केे लि�ए रोोम केे भ्रष्टााचाार, धूूमधााम और अंंधवि�श्वाासोंं� सेे दूू र होो गए।
तौौसेेन, «डेेनमाार्कक काा सुुधाारक,» एक कि�साान काा बेेटाा थाा। लड़केे नेे शीीघ्र हीी प्रखर बुुद्धि� काा प्रमााण
दि�याा; वह शि�क्षाा प्रााप्त करनाा चााहताा थाा; परन्‍‍तुु उसकेे मााताा-पि�ताा कीी परि�स्थि�ति�योंं� केे काारण वह इस
170 महाान वि�वााद

सेे वंं चि�त रह गयाा और वह एक मठ मेंं चलाा गयाा। यहांं� उसकेे जीीवन कीी पवि�त्रताा नेे उसकीी लगन और
नि�ष्ठाा केे सााथ-सााथ उनकेे वरि�ष्ठ काा अनुुग्रह भीी जीीत लि�याा। परीीक्षाा नेे सााबि�त कर दि�याा कि� उसकेे
पाास प्रति�भाा हैै जोो भवि�ष्य मेंं कलीीसि�याा केे लि�ए नि�श्चय हीी सहाायक होो सकतीी थीी। उसेे जर्ममनीी याा
नीीदरलैंंड केे वि�श्ववि�द्याालयोंं� मेंं सेे कि�सीी एक मेंं शि�क्षाा देेनेे केे लि�ए नि�र्धाा�रि�त कि�याा गयाा। एक प्राावधाान
केे सााथ कि� उसेे वि�टनबर्गग नहींं� जाानाा चााहि�ए, युुवाा छाात्र कोो अपनेे लि�ए एक स्कूूल चुुननेे कीी अनुुमति�
दीी गई थीी। कलीीसि�याा केे वि�द्वाान कोो वि�धर्मम केे वि�ष सेे संं कट मेंं नहींं� पड़नाा थाा। भि�क्षुुओं ं नेे ऐसाा कहाा।
तौौसेेन कोोलोोन गए, जोो उस समय, जैैसेे कीी अब, रोोमनवााद केे गढ़ोंं� मेंं सेे एक थाा। यहांं� उसेे जल्द
हीी शि�क्षकोंं� केे रहस्यवााद सेे घृृणाा होो गई। लगभग उसीी समय उसेे लूूथर केे लेेखन कोो प्रााप्त हुए। उसनेे
उन्हेंं आश्चर्यय और प्रसन्नताा केे सााथ पढ़ाा, और उसेे सुुधाारक कीी व्यक्ति�गत शि�क्षाा काा आनंं द लेेनेे कीी
बहुत इच्छाा थीी। लेेकि�न ऐसाा करनेे केे लि�ए उसेे अपनेे मठवाासीी वरि�ष्ठ कोो नाारााज़ करनेे और अपनाा
समर्थथन खोोनेे काा जोोखि�म उठाानाा ज़रूरीी थाा। उसनेे जल्द हीी नि�र्णणय लि�याा, और कुु छ हीी समय बााद उसेे
वि�टनबर्गग मेंं एक छाात्र केे रूप मेंं नाामांं�कि�त कि�याा गयाा थाा।
डेेनमाार्कक लौौटनेे पर, वह फि�र सेे अपनेे मठ मेंं लौौट आयाा। अभीी तक कि�सीी कोो भीी उस पर लूूथर-
नवााद काा संं देेह नहींं� थाा; उसनेे अपनेे रहस्य काा खुुलाासाा नहींं� कि�याा, लेेकि�न अपनेे सााथि�योंं� केे पूूर्वाा�ग्र-
होंं� कोो उत्तेेजि�त कि�ए बि�नाा, उन्हेंं एक खरेे वि�श्वाास और एक पवि�त्र जीीवन कीी ओर लेे जाानेे काा प्रयाास
कि�याा। उसनेे बााइबल खोोलीी, और उसकाा सहीी अर्थथ समझाायाा, और अंंत मेंं उनकेे सम्मुुख पाापीी कीी
धाार्मि�कताा और उसकेे उद्धाार कीी एकमाात्र आशाा केे रूप मेंं मसीीह काा प्रचाार कि�याा। मठााधि�काारीी, जि�सनेे
उस पर रोोम काा एक बहाादुरु रक्षक होोनेे कीी उच्च आशााएँँ आधाारि�त कीी थींं�। उसेे तुुरंंत अपनेे हीी मठ सेे
दूू सरेे मठ मेंं भेेज दि�याा गयाा और सख्त नि�गराानीी मेंं उसकेे कक्ष मेंं कैै द कर दि�याा गयाा।
उसकेे नए अभि�भाावक डर गए जब कई भि�क्षुुओं ं नेे जल्द हीी खुुद कोो प्रोोटेेस्टेंंटवााद मेंं परि�वर्ति�त
घोोषि�त कर दि�याा। अपनेे कक्ष कीी सलााखोंं� सेे तौौसेेन नेे अपनेे सााथि�योंं� कोो सच्चााई काा ज्ञाान दि�याा। यदि�
वेे डेेनि�श पाादरीी कलीीसि�याा कीी वि�धर्मम सेे नि�पटनेे कीी योोजनाा मेंं कुु शल होोतेे, तोो तौौसेेन कीी आवााज़ फि�र
कभीी नहींं� सुुनीी जाातीी; लेेकि�न उसेे कि�सीी भूूमि�गत काालकोोठरीी मेंं एक मकबरेे मेंं भेेजनेे केे बजााय,
उन्होंं�नेे उसेे मठ सेे नि�कााल दि�याा। अब वेे शक्ति�हीीन थेे। हााल हीी मेंं ज़ाारीी एक शााहीी आदेेश नेे नए सि�द्धांं�त
केे शि�क्षकोंं� कोो सुुरक्षाा प्रदाान कीी। तौौसेेन नेे उपदेेश देेनाा शुुरू कि�याा। उसकेे लि�ए गि�रजााघर खोोल दि�ए
गए, और लोोग सुुननेे केे लि�ए उमड़ पड़ेे। अन्य लोोग भीी परमेेश्वर केे वचन काा प्रचाार कर रहेे थेे। डेेनि�श
भााषाा मेंं अनुुवाादि�त नयाा नि�यम, व्याापक रूप सेे परि�चाालि�त कि�याा गयाा थाा। पोोप समर्थथकोंं� द्वााराा कााम कोो
उखााड़ फेंंकनेे केे प्रयाासोंं� केे परि�णाामस्वरूप कााम काा वि�स्ताार हुआ, और कुु छ हीी समय बााद डेेनमाार्कक नेे
सुुधाारि�त वि�श्वाास कीी स्वीीकृृ ति� कीी घोोषणाा कीी।
स्वीीडन मेंं भीी, नवयुुवक, जि�न्होंं�नेे वि�टनबर्गग केे सोोतेे सेे जल ग्रहण कि�याा थाा, जीीवन केे जल कोो
अपनेे देेशवाासि�योंं� तक लेे गए। स्वीीडि�श धर्मम-सुुधाार केे दोो अगुुओं ं मेंं सेे दोो, ओलााफ और लॉॉरेंंटि�यस
पेेट्रीी�, ओरेेब्रोो केे एक लोोहाार केे पुुत्रोंं� नेे लूूथर और मेेलांं�कथॉॉन सेे शि�क्षाा प्रााप्त कीी थीी, और जोो सत्य
काा ज्ञाान उन्होंं�नेे इस प्रकाार पाायाा थाा, वेे उसेे सि�खाानेे केे लि�ए एकााग्रचि�त्त थेे। महाान सुुधाारक कीी तरह,
ओलााफ नेे अपनेे उत्सााह और वााक्पटुुताा सेे लोोगोंं� कोो जगाायाा, जबकि� लॉॉरेंंटि�यस, मेेलांं�कथॉॉन कीी तरह,
दक्ष, वि�चाारशीील और शांं�त थाा। दोोनोंं� जोोशीीलेे धर्ममपराायण व्यक्ति� थेे, जि�न्होंं�नेे उच्च धाार्मि�क उपलब्धि�यांं�
नीदरलैण्ड औरस्कैंडिन 171

हाासि�ल कीी थींं�, और सत्य कोो आगेे बढ़ाानेे मेंं अदम्य सााहस दि�खाायाा थाा। पोोप कीी ओर सेे वि�रोोध कीी
कमीी नहींं� थीी। कैै थोोलि�क पाादरीी नेे अज्ञाानीी और अंंधवि�श्वाासीी लोोगोंं� कोो उभााराा। ओलााफ पेेट्रीी� पर
अक्सर भीीड़ द्वााराा हमलाा कि�याा जााताा थाा, और कई मौौकोंं� पर वह मुुश्कि�ल सेे अपनीी जाान बचााकर
भाागाा। हाालाँँ�कि�, इन सुुधाारकोंं� कोो रााजाा काा समर्थथन और संं रक्षण प्रााप्त थाा।
रोोमन चर्चच केे शाासन केे तहत लोोग गरीीबीी सेे ग्रसि�त और उत्पीीड़न द्वााराा क्षीीण थेे। वेे पवि�त्रशाा-
स्त्र सेे वंं चि�त थेे; और क्योंं�कि� उनकाा धर्मम संं केे त और समाारोोह प्रधाान थाा, जोो मन कोो कोोई प्रकााश नहींं�
देेतेे थेे, वेे अपनेे बुुतपरस्त पूूर्ववजोंं� कीी अंंधवि�श्वाासीी माान्यतााओंं और मूूर्ति�पूूजक प्रथााओंं कीी ओर लौौट
रहेे थेे। रााष्ट्रर वि�रोोधीी गुुटोंं� मेंं बँँटाा हुआ थाा, जि�नकेे सतत संं घर्षष नेे सभीी केे दुखोंं�
ु कोो बढ़ाा दि�याा। रााजाा
नेे रााज्य और कलीीसि�याा मेंं सुुधाार केे लि�ए दृढ़ संं कल्प कि�याा, और उसनेे रोोम केे खि�लााफ लड़ााई मेंं इन
सक्षम सहाायकोंं� काा स्वाागत कि�याा।
सम्रााट और स्वीीडन केे प्रमुुख लोोगोंं� कीी उपस्थि�ति� मेंं, ओलााफ पेेट्रीी� नेे बड़ीी क्षमताा केे सााथ कैै थोोलि�क
पक्षसमर्थथक केे खि�लााफ सुुधाारि�त वि�श्वाास केे सि�द्धांं�तोंं� काा बचााव कि�याा। उसनेे घोोषणाा कीी कि� पाादरि�योंं�
कीी शि�क्षााओंं कोो केे वल तभीी प्रााप्त कि�याा जााए जब वेे पवि�त्र शाास्त्र केे अनुुसाार होंं�; कि� वि�श्वाास केे
आवश्यक सि�द्धांं�त स्पष्ट और सरल तरीीकेे सेे बााइबल मेंं प्रस्तुुत कि�ए गए हैंं, तााकि� सभीी लोोग उन्हेंं
समझ सकेंं । मसीीह नेे कहाा, «मेेराा उपदेेश मेेराा नहींं�, परन्तुु मेेरेे भेेजनेे वाालेे काा हैै» (यूूहन्नाा 7:16);
और पौौलुुस नेे कहाा, कि� जोो सुुसमााचाार उस नेे ग्रहण कि�याा थाा, उसकेे सि�वाा यदि� वह और कोोई
सुुसमााचाार सुुनााए, तोो वह शाापि�त होोगाा (गलााति�योंं� 1:8)। «तोो, कैै सेे,» सुुधाारक नेे कहाा, «अन्य लोोग
अपनीी खुुशीी सेे हठधर्मम कोो अमल मेंं लाानेे काा सााहस करेंंगेे और उन्हेंं उद्धाार केे लि�ए अनि�वाार्यय वि�षय
माान अधि�रोोपि�त करेंंगेे?” —वि�लीी, पुुस्तक 10, अध्यााय 4। उसनेे दि�खाायाा कि� यदि� कलीीसि�याा केे
आदेेश परमेेश्वर केे आदेेशोंं� केे वि�रोोध मेंं हैंं, तोो उनकेे पाास कोोई अधि�काार नहींं� हैै, और महाान प्रोोटेे-
स्टेंंट सि�द्धांं�त कोो क़ाायम रखाा कि� «बााइबि�ल और केे वल बााइबि�ल» वि�श्वाास और अभ्याास काा सूूत्र हैै।
यह वाादवि�वााद, हाालांं�कि� अपेेक्षााकृृ त गुुप्त काार्यय क्षेेत्र मेंं आयोोजि�त, «सुुधाारकोंं� कीी सेेनाा काा गठन करनेे
वाालेे सााधाारण कर्मि�योंं� केे वर्गग» कोो दि�खाानेे काा कााम करताा हैै। वेे अनपढ़, सांं�प्रदाायि�क, मुुखर वााद-वि�वााद
करनेेवाालेे नहींं� थेे—बि�ल्कुुल नहींं�; यह वेे लोोग थेे जि�न्होंं�नेे परमेेश्वर केे वचन काा अध्ययन कि�याा थाा, और
उन हथि�याारोंं� कोो चलाानाा जाानतेे थेे जि�नकेे सााथ बााइबल केे शस्त्राागाार नेे उन्हेंं आपूूर्ति� कीी थीी। वि�द्वत्ताा केे
माामलेे मेंं वेे अपनीी उम्र सेे आगेे थेे। जब हम अपनाा ध्याान वि�टनबर्गग और ज़्यूूरि�ख जैैसेे शाानदाार केंंद्रोंं� और
लूूथर और मेेलांं�कथॉॉन, ज्विं�गं लीी और ओइकोोलैैम्पैडिै �यस केे जैैसेे शाानदाार नाामोंं� तक सीीमि�त रखतेे हैंं, तोो
हमेंं बताायाा जाा सकताा हैै कि� येे आंंदोोलन केे अगुुआ थेे, और हम स्वााभाावि�क रूप सेे उनमेंं वि�लक्षण शक्ति�
और महाान उपलब्धि�योंं� कीी अपेेक्षाा करतेे हैंं; लेेकि�न सहाायक ऐसेे नहींं� थेे। खैैर, हम स्वीीडन केे अस्पष्ट
रंंगमंं च कीी ओर मुुड़तेे हैंं, और ओलााफ और लॉॉरेंंटि�यस पेेट्रीी� केे वि�नम्र नाामोंं� कीी ओर - गुुरुओंं सेे लेेकर
शि�ष्योंं� तक - हम क्याा पाातेे हैंं? वि�द्वाान और धर्ममशाास्त्रीी; वेे लोोग जि�न्होंं�नेे सुुसमााचाार कीी सच्चााई कीी पूूरीी
प्रणाालीी मेंं पूूरीी तरह सेे महाारत हाासि�ल कर लीी हैै, और जोो अनुुयाायीी वर्गग केे ज्ञाानााश्रयीी दाार्शशनि�कोंं� और रोोम
केे गणमाान्य व्यक्ति�योंं� पर आसाानीी सेे जीीत हाासि�ल कर लेेतेे हैंं।” —पूूर्वोोक्त, पुुस्तक 10, अध्यााय 4।
इस वि�वााद केे परि�णाामस्वरूप स्वीीडन केे रााजाा नेे प्रोोटेेस्टेंंट वि�श्वाास कोो स्वीीकाार कर लि�याा, और
कुु छ हीी समय बााद रााष्ट्रीी�य सभाा नेे इसकेे पक्ष मेंं घोोषणाा कीी। नए नि�यम काा अनुुवााद ओलााफ पेेट्रीी� द्वााराा
172 महाान वि�वााद

स्वीीडि�श भााषाा मेंं कि�याा गयाा थाा, और रााजाा कीी इच्छाा पर दोोनोंं� भााइयोंं� नेे पूूरीी बााइबि�ल काा अनुुवााद
कि�याा। इस प्रकाार पहलीी बाार स्वीीडन केे लोोगोंं� नेे अपनीी माातृृभााषाा मेंं परमेेश्वर काा वचन प्रााप्त कि�याा।
सभाा द्वााराा यह आदेेश दि�याा गयाा थाा कि� पूूरेे रााज्य मेंं, पाादरि�योंं� कोो पवि�त्र शाास्त्र कीी व्यााख्याा करनीी
चााहि�ए और स्कूूलोंं� मेंं बच्चोंं� कोो बााइबल पढ़नाा सि�खाायाा जाानाा चााहि�ए।
नि�यमि�त और नि�श्चि�ित रूप सेे अज्ञाान और अंंधवि�श्वाास केे अंंधकाार कोो सुुसमााचाार केे धन्य प्रकााश
सेे दूू र कि�याा गयाा। कैै थोोलि�क उत्पीीड़न सेे मुुक्त रााष्ट्रर नेे एक ऐसीी तााकत और महाानताा हाासि�ल कीी, जि�स
तक वह पहलेे कभीी नहींं� पहुंंचाा थाा। स्वीीडन प्रोोटेेस्टेंंटवााद केे गढ़ोंं� मेंं सेे एक बन गयाा। एक सदीी बााद,
सबसेे गंं भीीर संं कट केे समय, यह छोोटाा और अब तक कमज़ोोर रााष्ट्रर-यूूरोोप मेंं एकमाात्र ऐसाा जि�सनेे
मदद करनेे काा सााहस कि�याा- तीीस सााल केे युुद्ध केे भयाानक संं घर्षष मेंं जर्ममनीी केे उद्धाार केे लि�ए आयाा।
ऐसाा लग रहाा थाा कि� सााराा उत्तरीी यूूरोोप फि�र सेे रोोम केे अत्यााचाार केे अधीीन होो जााएगाा। यह स्वीीडन कीी
सेेनाा थीी जि�सनेे जर्ममनीी कोो पोोप-संं बंं धीी सफलताा केे ज्वाार कोो मोोड़नेे मेंं, प्रोोटेेस्टेंंटोंं� केे लि�ए सहि�ष्णुुताा
जीीतनेे केे लि�ए, केे ल्वि�नवाादि�योंं� केे सााथ-सााथ लूूथरन केे लि�ए भीी, और सुुधाार कोो स्वीीकाार करनेे वाालेे
देेशोंं� केे लि�ए अंंतराात्माा कीी स्वतंं त्रताा कोो बहााल करनेे केे लि�ए सक्षम बनाायाा।
14

बााद केे अंंग्रेेज़ धर्मम सुुधाारक

ज ब लूूथर जर्ममनीी केे लोोगोंं� केे लि�ए एक बंं द बााइबि�ल खोोल रहाा थाा, तोो टिं�डें ेल कोो ईश्वर कीी आत्माा
नेे इंं ग्लैंडं केे लि�ए भीी ऐसाा करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा। वि�क्लि�फ कीी बााइबि�ल काा लाातीीनीी मूूलग्रंंथ
सेे अनुुवााद कि�याा गयाा थाा, जि�समेंं कई त्रुुटि�यांं� थींं�। यह कभीी मुुद्रि�त नहींं� हुई थीी, और पांं�डुुलि�पि� प्रति�योंं�
कीी लाागत इतनीी अधि�क थीी कि� कुु छ हीी धनीी पुुरुष याा अभि�जाात इसेे खरीीद सकतेे थेे; और, इसकेे
अलाावाा, चर्चच द्वााराा सख्तीी सेे प्रति�बंं धि�त होोनेे केे काारण, इसकाा अपेेक्षााकृृ त संं कीीर्णण प्रचलन थाा। 1516
मेंं, लूूथर कीी लेेखोंं� केे प्रकट होोनेे सेे एक सााल पहलेे, इराास्मस नेे नए नि�यम केे अपनेे यूूनाानीी और लैैटि�न
संं स्करण कोो प्रकााशि�त कि�याा। अब पहलीी बाार परमेेश्वर काा वचन मूूल भााषाा मेंं छपाा थाा। इस रचनाा मेंं
पूूर्वव संं स्करणोंं� कीी कई त्रुुटि�योंं� कोो ठीीक कि�याा गयाा थाा, और अर्थथ अधि�क स्पष्ट रूप सेे प्रस्तुुत कि�याा गयाा
थाा। इसनेे कई शि�क्षि�त वर्गोंं कोो सत्य केे बेेहतर ज्ञाान कीी ओर अग्रसर कि�याा, और धर्मम -सुुधाार केे काार्यय
कोो एक नई गति� प्रदाान कीी। लेेकि�न आम लोोग अभीी भीी कााफीी हद तक परमेेश्वर केे वचन सेे वंं चि�त थेे।
टिं�डें ेल कोो अपनेे देेशवाासि�योंं� कोो बााइबल देेनेे मेंं वि�क्लि�फ काा कााम पूूराा करनाा थाा।
एक मेेहनतीी छाात्र और सत्य केे लि�ए एक गंं भीीर सााधक, उसनेे इराास्मस केे यूूनाानीी नि�यम सेे
सुुसमााचाार प्रााप्त कि�याा थाा। उन्होंं�नेे नि�डर होोकर अपनेे वि�श्वाासोंं� काा प्रचाार कि�याा, यह आग्रह करतेे हुए
कि� सभीी सि�द्धांं�तोंं� कोो पवि�त्र शाास्त्र द्वााराा परखाा जााए। रोोमन कैै थोोलि�क दाावेे पर कि� चर्चच नेे बााइबल दीी
थीी, और केे वल चर्चच हीी इसेे समझाा सकताा थाा, टिं�ंडेेल नेे जवााब दि�याा: “क्याा आप जाानतेे हैंं कि� उकााबोंं�
कोो अपनाा शि�काार ढूँँ� ढ़नाा कि�सनेे सि�खाायाा? खैैर, वहीी परमेेश्वर अपनेे भूूखेे बच्चोंं� कोो अपनेे पि�ताा कोो
उसकेे वचन मेंं ढूँँ� ढ़नाा सि�खााताा हैै। हमेंं पवि�त्रशाास्त्र देेनाा तोो दूू र, आप हीी नेे हम सेे इसेे छि�पाा रखाा हैै;
यह आप हीी हैंं जोो उसेे सि�खाानेे वाालोंं� कोो जलाा देेतेे हैंं, और यदि� आप कर सकतेे, तोो आप स्वयंं पवि�त्र
शाास्त्र कोो हीी जलाा देेते।े ” - डीी›ऑबि�ग्नेे, हि�स्ट्रीी� ऑफ द रि�फॉॉरमेेशन ऑफ द सि�क्सटीीन्थ सेेनचुुरीी,
पुुस्तक18, अध्यााय 4।
टिं�डें ल
े केे प्रचाार नेे बड़ीी दि�लचस्पीी पैैदाा कीी; बहुतोंं� नेे सच माान लि�याा। लेेकि�न पाादरीी सतर्कक थेे, और
जैैसेे हीी उसनेे मैैदाान छोोड़ाा, उन्होंं�नेे अपनीी धमकि�योंं� और गलत बयाानीी सेे उसकेे कााम कोो नष्ट करनेे
174 महाान वि�वााद

काा प्रयाास कि�याा। बहुत बाार वेे सफल हुए। «क्याा कि�याा जााए?» उसनेे कहाा। “जब मैंं एक जगह बुुवााई
कर रहाा होोताा हूँँ, तोो मेेरेे द्वााराा छोोड़ेे गए खेेत कोो दुश्म ु न तबााह कर देेतेे हैै। मैंं हर जगह नहींं� होो सकताा।
ओह! यदि� मसीीहि�योंं� केे पाास अपनीी भााषाा मेंं पवि�त्र शाास्त्र होोतेे, तोो वेे स्वयंं इन कुु तर्कि�योंं� काा साामनाा कर
सकतेे थेे। बााइबल केे बि�नाा साामाान्य जन कोो सत्य मेंं स्थि�र करनाा असम्भव हैै।” —पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 18,
अध्यााय 4।
अब उसकेे दि�मााग पर एक नए उद्देेश्य नेे कब्ज़ाा कर लि�याा। उसनेे कहाा, «यहोोवाा केे भवन मेंं
भजन इस्रााएल कीी भााषाा मेंं गााए जाातेे थेे; तोो क्याा सुुसमााचाार हमाारेे बीीच इंं ग्लैण्ड ै कीी भााषाा मेंं नहींं� होोनाा
चााहि�ए? क्याा कलीीसि�याा कोो दोोपहर केे समय भोोर कीी तुुलनाा मेंं कम रोोशनीी मि�लनीी चााहि�ए? मसीीहि�योंं�
कोो अपनीी माातृृभााषाा मेंं नयाा नि�यम पढ़नाा चााहि�ए।» कलीीसि�याा केे आचाार्यय और शि�क्षक आपस मेंं
असहमत थेे। केे वल बााइबल केे द्वााराा हीी मनुुष्य सत्य तक पहुँँच सकतेे थेे। «एक इस आचाार्यय कोो माानताा
हैै, दूू सराा दूू सरेे केे लि�ए। अब इनमेंं सेे प्रत्येेक लेेखक एक दूू सरेे काा खंं डन करताा हैै। फि�र हम उसेे कैै सेे
पहचाान सकतेे हैंं जोो सहीी कहताा हैै और जोो गलत कहताा हैै? कैै सेे? वाास्तव मेंं परमेेश्वर केे वचन सेे।”
—पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 18, अध्यााय 4।
इसकेे कुु छ हीी समय बााद, एक वि�द्वाान कैै थोोलि�क आचाार्यय, जोो उसकेे सााथ वि�वााद मेंं उलझाा हुआ
थाा, नेे कहाा: “पोोप केे नि�यमोंं� कोो नकाारनेे केे बजााय परमेेश्वर केे नि�यमोंं� कोो नकाारनाा हमाारेे लि�ए बेेहतर
होोगाा।” टिं�डें ल े नेे उत्तर दि�याा: “मैंं पोोप और उसकेे सभीी नि�यमोंं� कीी अवहेेलनाा करताा हूँँ; और यदि� परमेे-
श्वर मेेरेे प्रााणोंं� कोो छोोड़ देे , तोो शीीघ्र हीी मैंं एक ऐसेे लड़केे कोो जोो हल चलााताा हैै, पवि�त्र शाास्त्र केे वि�षय मेंं
तुुम सेे अधि�क ज्ञाानीी बनााउंं गाा।” —एंं डरसन, एनल्स ऑफ द इंं ग्लि�श बााइबल, पृृष् ठ 19।
लोोगोंं� कोो उनकीी अपनीी भााषाा मेंं नए नि�यम काा संं देेश देेनेे काा जोो उद्देेश्य उसनेे संं जोोनाा शुुरू कि�याा
थाा, अब उसकीी पुुष्टि�ि होो गई थीी, और उसनेे तुुरंंत खुुद कोो कााम मेंं लगाा दि�याा। उत्पीीड़न केे काारण
अपनाा घर छोोड़कर वह लंं दन चलाा गयाा, और वहाँँ� कुु छ समय तक बि�नाा कि�सीी बााधाा केे वह अपनाा
काार्यय करताा रहाा। लेेकि�न फि�र सेे पोोप समर्थथकोंं� कीी हिं�सां ा नेे उसेे भाागनेे केे लि�ए मजबूूर कर दि�याा।
इंं ग्लैंडं केे सभीी दरवााज़ेे उसकेे लि�ए बंं द लग रहेे थेे, और उसनेे जर्ममनीी मेंं शरण लेेनेे काा संं कल्प लि�याा।
यहांं� उसनेे अंंग्रेेजीी नए नि�यम नि�यम काा मुुद्रांं�कन शुुरू कि�याा। दोो बाार कााम रोोक दि�याा गयाा; परन्तुु
जब एक नगर मेंं छाापनेे सेे मनाा कि�याा गयाा, तोो वह दूू सरेे नगर मेंं चलाा गयाा। आख़ि�रकाार उसनेे वर्म्सस
काा रुख कि�याा, जहांं�, कुु छ सााल पहलेे, लूूथर नेे सभाा केे साामनेे सुुसमााचाार काा बचााव कि�याा थाा। उस
प्रााचीीन शहर मेंं धर्मम सुुधाार केे कई शुुभचिं�तक ं थेे, और टिं�ंडेेल नेे बि�नाा कि�सीी बााधाा केे अपनाा कााम ज़ाारीी
रखाा। नए नि�यम कीी तीीन हज़ाार प्रति�यांं� जल्द हीी समााप्त होो गईं, और उसीी वर्षष एक और संं स्करण काा
मुुद्रांं�कन कि�याा गयाा।
बड़ीी गंं भीीरताा और लगन सेे उसनेे अपनाा कााम ज़ाारीी रखाा। हाालाँँ�कि� अंंग्रेेज़ अधि�काारि�योंं� नेे अपनेे
बंं दरगााहोंं� पर कड़ीी चौौकसीी बरतीी थीी, फि�र भीी परमेेश्वर केे वचन कोो गुुप्त रूप सेे लंं दन तक पहुँँचाायाा
गयाा और फि�र पूूरेे देेश मेंं प्रसाारि�त कि�याा गयाा। पोोप समर्थथकोंं� नेे सच्चााई कोो दबाानेे काा प्रयाास कि�याा,
लेेकि�न व्यर्थथ मेंं। डरहम केे बि�शप नेे एक बाार एक पुुस्तक वि�क्रेेताा सेे, जोो टिं�ंडेेल काा दोोस्त थाा, बााइबि�ल
काा पूूराा स्टॉॉक नष्ट करनेे केे उद्देेश्य सेे खरीीदाा, यह माानतेे हुए कि� यह कााम मेंं बहुत बााधाा डाालेेगाा।
लेेकि�न, इसकेे वि�परीीत, इस तरह सेे जुुटाायाा हुआ धन एक नए और बेेहतर संं स्करण केे लि�ए साामग्रीी
बाद के अंग्रेज़ धर्म सु 175

खरीीदनेे केे कााम आयाा, जोो इसकेे अभााव मेंं, प्रकााशि�त नहींं� कि�याा जाा सकताा थाा। बााद मेंं जब टिं�ंडेेल
कोो बंं दीी बनाायाा गयाा, तोो उसेे इस शर्तत पर आज़ाादीी कीी पेेशकश कीी गई कि� वह उन लोोगोंं� केे नााम बतााए
जि�न्होंं�नेे उसकीी बााइबलोंं� कोो छाापनेे केे खर्चच कोो पूूराा करनेे मेंं उसकीी मदद कीी थीी। उसनेे उत्तर दि�याा कि�
डरहम केे धर्माा�ध्यक्ष नेे कि�सीी अन्य व्यक्ति� सेे अधि�क कि�याा हैै; क्योंं�कि� उसकेे हााथ मेंं छोोड़ीी गई कि�तााबोंं�
कीी बड़ीी कीीमत चुुकााकर, उसनेे उसेे हि�यााव केे सााथ आगेे बढ़नेे मेंं सक्षम बनाायाा थाा।
टिं�ंडेेल कोो धोोखेे सेे उसकेे शत्रुुओं ं केे हााथोंं� मेंं देे दि�याा गयाा थाा, और एक बाार उसेे कई महीीनोंं� केे
लि�ए कााराावाास मेंं रहनाा पड़ाा थाा। उसनेे अंंततःः एक शहीीद कीी मृृत्युु केे द्वााराा अपनेे वि�श्वाास कीी गवााहीी
दीी; लेेकि�न उसकेे द्वााराा तैैयाार कि�ए गए हथि�याारोंं� नेे अन्य योोद्धााओंं कोो हमाारेे समय तक भीी सदि�योंं� सेे
युुद्ध करनेे मेंं सक्षम बनाायाा।
लैैटि�मर नेे उपदेेश-मंं च पर सेे दृढ़ताापूूर्ववक कहाा कि� बााइबल कोो लोोगोंं� कीी भााषाा मेंं पढ़ाा जाानाा चााहि�ए।
उसनेे कहाा पवि�त्र शाास्त्र काा लेेखक «स्वयंं परमेेश्वर हैंं;» और यह पवि�त्रशाास्त्र अपनेे लेेखक कीी साामर्थ्यय
और उसकेे शााश्वतत्व काा हि�स्साा हैै। «कोोई रााजाा, सम्रााट, मजि�स्ट्रेे�ट और शाासक नहींं� हैै ... लेेकि�न उसकेे
पवि�त्र वचन कोो मााननेे केे लि�ए बााध्य हैंं।» «आइए हम कोोई उपमाार्गग न लेंं, लेेकि�न परमेेश्वर केे वचन कोो
हमेंं नि�र्देेशि�त करनेे देंं: हम अपनेे पूूर्ववजोंं� केे पीीछेे न चलेंं ... और न हीी वह चााहेंं जोो उन्होंं�नेे कि�याा, बल्कि�
उसकीी तलााश करेंं जोो उन्हेंं करनाा चााहि�ए थाा।» - ह्यूूग लैैटि�मर, «फर्स्टट सर्ममन बीीफॉॉर किं�ंग एडवर्डड VI।»
बाार्न्सस और फ्रि�थ, टिं�ंडेेल केे वफाादाार दोोस्त, सच्चााई काा बचााव करनेे केे लि�ए खड़ेे हुए। उनकेे बााद
रि�डलेे और क्रैैनमर आए। अंंग्रेेज़ीी धर्मम सुुधाार मेंं येे अगुुवेे ज्ञाानीी थेे, और उनमेंं सेे अधि�कांं�श कोो रोोमन
कैै थोोलि�क समुुदााय मेंं जोोश याा धर्ममपराायणताा केे लि�ए अत्यधि�क सम्माानि�त कि�याा गयाा थाा। पोोपवााद केे
प्रति� उनकाा वि�रोोध «कैै थोोलि�क कलीीसि�याा कीी साार्ववभौौमि�क सरकाार» केे भ्रमोंं� केे बाारेे मेंं उनकेे ज्ञाान काा
परि�णााम थाा। बााबुुल केे भेेदोंं� केे बाारेे मेंं उनकेे ज्ञाान नेे उसकेे खि�लााफ उनकीी गवााहि�योंं� कोो और अधि�क
सशक्त बनाायाा।
«अब मैंं एक अजीीब सवााल पूूछूंं�गाा,» लैैटि�मर नेे कहाा। «पूूरेे इंं ग्लैंडं मेंं सबसेे मेेहनतीी बि�शप और
धर्माा�ध्यक्ष कौौन हैै? मैंं तुुम्हेंं सुुनतेे और ध्याान देेतेे देेख रहाा हूँँ कि� मुुझेे उसकाा नााम लेेनाा चााहि�ए। मैंं तुुम्हेंं
बतााताा हूँँ: यह शैैताान हैै। वह अपनेे धर्ममप्रदेेश सेे बााहर कभीी नहींं� हैै; जब चााहोो उसेे बुुलवााओ, वह सदाा
घर मेंं हैै; ... वह हमेेशाा अपनेे हल पर हैै। तुुम उसेे कभीी भीी नि�ष्क्रय नहींं� पााओगेे, मैंं तुुम्हेंं आश्वाासन
देेताा हूंं। जहाँँ� शैैताान रहताा हैै, ... वहाँँ� कि�तााबोंं� सेे दूू र, मोोमबत्ति�योंं� केे सााथ, बााइबि�ल सेे दूू र, मोोति�योंं� केे
सााथ; सुुसमााचाार केे प्रकााश सेे दूू र, और मोोमबत्ति�योंं� कीी रोोशनीी केे सााथ, हांं�, दोोपहर केे समय; ...मसीीह
काा क्रूूस स्वीीकाार नहींं�, पाापशोोधन स्थल ठग केे सााथ; ....नग्न, गरीीब और शक्ति�हीीन कोो आवृृत्त करनेे
सेे दूू र, मूूर्ति�योंं� और पशुुओं ं और पत्थरोंं� कीी सजाावट केे सााथ; मनुुष्य कीी परंंपरााओंं और उसकेे नि�यमोंं�
केे सााथ, परमेेश्वर कीी परंंपरााओंं और उसकेे सबसेे पवि�त्र वचन सेे दूू र। कााश, हमाारेे धर्माा�ध्यक्ष अच्छेे
सि�द्धांं�त काा अनााज बोोनेे केे लि�ए उतनेे हीी मेेहनतीी होोतेे, जैैसेे शैैताान धतूूराा और मोोचनीी घाास बोोताा हैै!”
— पूूर्वोोक्त., «सर्ममन ऑफ द प्लााउ।»
इन सुुधाारकोंं� द्वााराा समर्थि�त सर्ववश्रेेष् ठ सि�द्धांं�त - वहीी जोो वााल्डेंंस, जॉॉन हस, लूूथर, ज़्विं�ं�गलीी, और
उनकेे द्वााराा जोो उनकेे सााथ एकजुुट थेे, काायम रखाा गयाा थाा —वि�श्वाास और अभ्याास केे परम माानक केे
रूप मेंं पवि�त्र शाास्त्र काा अचूूक प्रााधि�काार थाा। उन्होंं�नेे धर्मम केे माामलोंं� मेंं अंंतराात्माा कोो नि�यंं त्रि�त करनेे केे
176 महाान वि�वााद

लि�ए पोोप, सभाा, पाादरि�योंं� और रााजााओंं केे अधि�काार कोो ग़लत ठहराायाा। बााइबि�ल उनकाा वि�श्वस्त सूूत्र
थीी, और इसकीी शि�क्षाा केे द्वााराा उन्होंं�नेे सभीी सि�द्धांं�तोंं� और सभीी दाावोंं� कोो परखाा। परमेेश्वर और उसकेे
वचन मेंं वि�श्वाास नेे इन पवि�त्र लोोगोंं� कोो बनााए रखाा जब उन्होंं�नेे धर्मम हेेतुु मरण कोो स्वीीकाार कि�याा और
अपनेे जीीवन कोो भेंंट चढ़ाा दि�याा। जब आग कीी लपटेंं उनकीी आवााज कोो शांं�त करनेे वाालीी थींं�, लैैटि�मर
नेे अपनेे सााथीी शहीीद सेे कहाा, «ढााढ़स बाँँ�धोो, हम इस दि�न इंं ग्लैंडं मेंं परमेेश्वर कीी कृृ पाा सेे ऐसीी मशााल
जलााएंं गेे, जोो, मुुझेे वि�श्वाास हैै कि�, कभीी भीी बुुझााई नहींं� जााएगीी।» - वर्क्सस ऑफ ह्यूूग लैैटि�मर 1:8।
स्कॉॉटलैंंड मेंं कोोलंं बाा और उसकेे सहयोोगि�योंं� द्वााराा बि�खरेे सत्य केे बीीज कभीी भीी पूूरीी तरह नष्ट
नहींं� हुए थेे। इंं ग्लैंडं कीी कलीीसि�यााओंं द्वााराा रोोम कीी अधीीनताा स्वीीकाार करनेे केे सैैकड़ोंं� वर्षोंं बााद तक,
स्कॉॉटलैंंड केे लोोगोंं� नेे अपनीी स्वतंं त्रताा बनााए रखीी। बाारहवींं� शतााब्दीी मेंं, हाालांं�कि�, पोोपवााद यहांं� स्थाापि�त
होो गयाा, और कि�सीी भीी अन्य देेश मेंं इसनेे इससेे अधि�क नि�रपेेक्ष प्रभुुत्व काा प्रयोोग नहींं� कि�याा। कहींं�
और इससेे गहराा अंंधकाार नहींं� थाा। फि�र भीी प्रकााश कीी कि�रणेंं अंंधकाार कोो भेेदनेे और आनेे वाालेे
दि�न काा वाादाा देेनेे केे लि�ए आईं। इंं ग्लैंडं सेे बााइबल और वि�क्लि�फ कीी शि�क्षााओंं केे सााथ आनेे वाालेे
लॉॉलाार्ड््�स नेे सुुसमााचाार केे ज्ञाान कोो बनााए रखनेे केे लि�ए बहुत कुु छ कि�याा, और हर सदीी मेंं इसकेे गवााह
और शहीीद हुए।
महाान धर्मम सुुधाार केे उद्घा् ाटन केे सााथ लूूथर काा लेेखन आयाा, और फि�र टिं�ंडेेल काा अंंग्रेेजीी नयाा
नि�यम। स्कॉॉटलैंंड मेंं लगभग बुुझाा दीी गई सत्य कीी मशााल कोो नए जीीवन मेंं जलाातेे हुए, और उस कााम
कोो नष्ट करतेे हुए जोो रोोम नेे चाार शतााब्दि�योंं� केे उत्पीीड़न केे लि�ए कि�याा थाा, धर्ममसत्ताा द्वााराा अलक्षि�त,
इन दूू तोंं� नेे चुुपचााप पहााड़ोंं� और घााटि�योंं� कोो पाार कि�याा।
फि�र शहीीदोंं� केे खूून नेे आंंदोोलन कोो नई गति� दीी। अचाानक उस खतरेे केे प्रति� जाागतेे हुए जि�सनेे
उनकेे अभि�याान केे लि�ए खतराा पैैदाा कर दि�याा थाा, रोोमन कैै थोोलि�क अधि�काारीी स्कॉॉटलैंंड केे पुुत्रोंं� मेंं सेे
कुु छ सबसेे महाान और सबसेे सम्माानि�त लोोगोंं� कोो मृृत्युदंु ंड केे रूप मेंं जलााकर माार डाालाा। उन्होंं�नेे केे वल
एक उपदेेश-मंं च स्थाापि�त कि�याा जि�समेंं सेे इन मरतेे हुए गवााहोंं� केे शब्द पूूरेे देेश मेंं सुुनेे गए, और उन्होंं�नेे
लोोगोंं� कीी आत्मााओंं कोो रोोम कीी बेेड़ि�योंं� कोो दूू र करनेे केे एक अमर उद्देेश्य सेे रोोमांं�चि�त कि�याा।
हैैमि�ल्टन और वि�शाार्टट, चरि�त्र मेंं श्रेेष् ठ जैैसेे कि� जन्म मेंं, वि�नम्र शि�ष्योंं� कीी एक लंं बीी कताार केे सााथ,
नेे धर्मम हेेतुु मरण कोो स्वीीकाार कि�याा और अपनेे जीीवन कोो भेंंट चढ़ाा दि�याा। लेेकि�न वि�शाार्टट केे जलतेे हुए
ढेेर सेे एक ऐसाा आयाा, जि�सेे आग कीी लपटेंं भीी शांं�त नहींं� करनेे वाालीी थींं�, एक जोो परमेेश्वर केे माातहत
स्कॉॉटलैंंड मेंं पोोपवााद कीी मौौत कीी घंं टीी पर प्रहाार करनेे वाालाा थाा।
जॉॉन नॉॉक्स नेे परमेेश्वर केे वचन कीी सच्चााईयोंं� सेे पोोषण प्रााप्त करनेे केे लि�ए कलीीसि�याा कीी
परंंपरााओंं और रहस्यवाादोंं� सेे मुंं� ह मोोड़ लि�याा थाा; और वि�शाार्टट कीी शि�क्षााओंं नेे रोोम धाार्मि�क सम्प्रदााय कोो
त्याागनेे और सतााए हुए सुुधाारकोंं� मेंं शाामि�ल होोनेे केे उसकेे दृढ़ संं कल्प कीी पुुष्टि�ि कीी थीी।
अपनेे सााथि�योंं� द्वााराा उपदेेशक काा पद लेेनेे काा आग्रह करनेे पर, वह उसकेे उत्तरदाायि�त्व सेे कांं�प
कर पीीछेे हट गयाा, और यह केे वल एकांं�त केे दि�नोंं� और खुुद केे सााथ दर्ददनााक संं घर्षष केे बााद थाा कि�
उसनेे सहमति� व्यक्त कीी। लेेकि�न एक बाार इस पद कोो स्वीीकाार कर लेेनेे केे बााद, जब तक जीीवन चलताा
रहाा, वह अनम्य दृढ़ संं कल्प और अदम्य सााहस केे सााथ आगेे बढ़ताा रहाा। इस वफाादाार सुुधाारक कोो
मनुुष्य केे चेेहरेे सेे नहींं� डर लगताा थाा। उनकेे चाारोंं� ओर धधक रहीी शहाादत कीी आग नेे उनकेे जोोश कोो
बाद के अंग्रेज़ धर्म सु 177

और तेेज़ करनेे काा कााम कि�याा। अत्यााचाारीी कीी कुु ल्हााड़ीी उसकेे सि�र पर भयाानक रूप सेे टि�कीी हुई थीी,
लेेकि�न वह अपनीी बाात पर काायम रहाा और मूूर्ति�पूूजाा कोो ध्वस्त करनेे केे लि�ए ज़ोोरदाार प्रहाार कि�याा।
जब स्कॉॉटलैंंड कीी राानीी सेे उसकाा आमनाा साामनाा हुआ, जि�सकीी उपस्थि�ति� मेंं प्रोोटेेस्टेंंट केे कई
अगुुवोंं� काा उत्सााह कम होो गयाा थाा, जॉॉन नॉॉक्स नेे सच्चााई केे लि�ए अडि�ग गवााहीी दीी। उसेे दुला ु ार सेे नहींं�
जीीताा जाानाा थाा; वह धमकि�योंं� केे आगेे चुुप नहींं� हुआ। राानीी नेे उस पर वि�धर्मम काा आरोोप लगाायाा। उसनेे
लोोगोंं� कोो रााज्य द्वााराा नि�षि�द्ध धर्मम ग्रहण करनाा सि�खाायाा थाा, उसनेे घोोषणाा कीी, और इस प्रकाार उसनेे
परमेेश्वर केे आदेेश काा उल्लंं घन कि�याा थाा जि�समेंं प्रजाा कोो अपनेे नि�र्वाा�चकोंं� काा आज्ञाापाालन करनेे काा
आदेेश दि�याा गयाा थाा। नॉॉक्स नेे दृढ़ताा सेे उत्तर दि�याा:
«जि�स प्रकाार सहीी धर्मम नेे न तोो मूूल शक्ति� और न हीी अधि�काार सांं�साारि�क नि�र्वाा�चकोंं� सेे लि�याा,
बल्कि� केे वल सनाातन ईश्वर सेे, उसीी तरह प्रजाा अपनेे धर्मम कोो अपनेे नि�र्वाा�चकोंं� कीी स्वााभाावि�क ईच्छाा
केे अनुुसाार सूूत्रबद्ध करनेे केे लि�ए बााध्य नहींं� हैंं। अक्सर ऐसाा होोताा हैै कि� परमेेश्वर केे सच्चेे धर्मम मेंं
नि�र्वाा�चक अन्य सभीी मेंं सबसेे अधि�क अज्ञाानीी होोतेे हैंं। यदि� अब्रााहम केे सभीी वंं श फि�रौौन केे धर्मम केे
होोतेे, जि�नकीी वेे लंं बेे समय सेे प्रजाा थेे, मैंं आपसेे प्राार्थथनाा करताा हूंं, महोोदयाा, दुनि�या ु ा मेंं कौौन साा धर्मम
होोताा? याा यदि� प्रेेरि�तोंं� केे दि�नोंं� मेंं सभीी मनुुष्य रोोमन सम्रााटोंं� केे धर्मम केे होोतेे, तोो पृृथ्वीी पर कौौन-साा धर्मम
होोताा? और इसलि�ए, महोोदयाा, आप समझ सकतेे हैंं कि� प्रजाा उनकेे हााकि�मोंं� केे धर्मम सेे बंं धीी नहींं� हैै,
यद्यपि� उन्हेंं आज्ञाा मााननेे काा आदेेश दि�याा गयाा हैै।»
मरि�यम नेे कहाा: “तुुम पवि�त्रशाास्त्र कीी व्यााख्याा एक तरह सेे करतेे होो, और वेे [रोोमन कैै थोोलि�क
शि�क्षक] दूू सरेे तरीीकेे सेे व्यााख्याा करतेे हैंं; मैंं कि�स पर वि�श्वाास करूंं, और न्याायीी कौौन होोगाा?”
सुुधाारक नेे उत्तर दि�याा, «तुुम परमेेश्वर कीी प्रतीीति� करोो, जोो अपनेे वचन मेंं स्पष्ट रूप सेे बोोलताा
हैै और वचन जोो तुुम्हेंं सि�खााए उससेे आगेे न तोो एक कीी प्रतीीति� करनाा और न दूू सरेे काा। परमेेश्वर
काा वचन अपनेे आप मेंं स्पष्ट हैै; और यदि� एक स्थाान पर कोोई अस्पष्टताा दि�खााई देेतीी हैै, तोो पवि�त्र
आत्माा, जोो कभीी भीी स्वयंं केे वि�परीीत नहींं� हैै, अन्य स्थाानोंं� मेंं इसेे और अधि�क स्पष्ट रूप सेे समझााताा
हैै, तााकि� इसमेंं कोोई संं देेह न रह जााए, सि�वााय उनकोो जोो हठपूूर्ववक अज्ञाानीी बनेे रहतेे हैंं।»—डेेवि�ड
लैंंग, द कलेेक्टेेड वर्क्सस ऑफ़ जॉॉन नॉॉक्स, खंं ड 2, पृृष् ठ 281, 284।
ऐसेे थेे वेे सत्य जोो नि�डर सुुधाारक नेे अपनेे जीीवन केे जोोखि�म पर, रााज परि�वाार केे काान मेंं डाालेे।
उसीी अदम्य सााहस केे सााथ वह अपनेे उद्देेश्य पर काायम रहाा, प्राार्थथनाा करताा रहाा और प्रभुु कीी लड़ााई
लड़ताा रहाा, जब तक कि� स्कॉॉटलैंंड पोोपवााद सेे मुुक्त नहींं� होो गयाा।
इंं ग्लैंडं मेंं रााष्ट्रीी�य धर्मम केे रूप मेंं प्रोोटेेस्टेंंटवााद कीी स्थाापनाा केे काारण उत्पीीड़न कम होो गयाा लेेकि�न
पूूरीी तरह सेे बंं द नहींं� हुआ। जबकि� रोोम केे कई सि�द्धांं�तोंं� कोो त्यााग दि�याा गयाा, इसकेे कई रूपोंं� कोो
बरकराार रखाा गयाा थाा। पोोप कीी सर्वोोच्चताा कोो अस्वीीकाार कर दि�याा गयाा थाा, लेेकि�न उसकेे स्थाान पर
सम्रााट कोो कलीीसि�याा केे प्रमुुख केे रूप मेंं वि�रााजमाान कि�याा गयाा। कलीीसि�याा कीी आरााधनाा मेंं अभीी भीी
सुुसमााचाार कीी पवि�त्रताा और सरलताा सेे एक व्याापक वि�चलन थाा। धाार्मि�क स्वतंं त्रताा काा महाान सि�द्धांं�त
अभीी तक समझ मेंं नहींं� आयाा थाा। यद्यपि� प्रोोटेेस्टेंंट शाासकोंं� द्वााराा शाायद हीी कभीी रोोम द्वााराा वि�धर्मम केे
वि�रुद्ध भयाानक क्रूूरतााओंं काा प्रयोोग कि�याा गयाा, फि�र भीी प्रत्येेक व्यक्ति� केे अपनेे वि�वेेक केे अनुुसाार
ईश्वर कीी आरााधनाा करनेे केे अधि�काार कोो स्वीीकाार नहींं� कि�याा गयाा थाा। सभीी केे लि�ए सि�द्धांं�तोंं� कोो
178 महाान वि�वााद

स्वीीकाार करनाा और स्थाापि�त कलीीसि�याा द्वााराा नि�र्धाा�रि�त आरााधनाा केे रूपोंं� काा पाालन करनाा आवश्यक
थाा। मतवि�रोोधि�योंं� कोो सैैकड़ोंं� वर्षोंं तक, अधि�क याा कम हद तक उत्पीीड़न काा साामनाा करनाा पड़ाा।
सत्रहवींं� शतााब्दीी मेंं हज़ाारोंं� पाादरि�योंं� कोो उनकेे पदोंं� सेे नि�ष्काासि�त कर दि�याा गयाा। उन सभााओंं कोो
छोोड़कर जि�न्हेंं कलीीसि�याा द्वााराा स्वीीकृृ त कि�याा गयाा थाा, लोोगोंं� कोो भाारीी जुुर्माा�नाा, कााराावाास और नि�र्वाा�सन
कीी धमकीी पर, कि�सीी भीी अन्य धाार्मि�क सभाा मेंं भााग लेेनेे केे लि�ए मनाा कि�याा गयाा थाा। वेे वफाादाार लोोग
जोो परमेेश्वर कीी आरााधनाा करनेे केे लि�ए इकट्ठाा होोनेे सेे परहेेज नहींं� कर सकतेे थेे, वेे अंंधेरीे ी गलि�योंं� मेंं,
अज्ञाात अटाारि�योंं� मेंं, और कुु छ अवसरोंं� पर आधीी राात कोो जंं गल मेंं मि�लनेे केे लि�ए मजबूूर होो जाातेे थेे।
शरण देेनेेवाालीी जंं गल कीी गहनताा मेंं, परमेेश्वर द्वााराा बनाायाा गयाा एक मंं दि�र, प्रभुु कीी बि�खरेे और सतााए
हुए संं ताान प्राार्थथनाा और स्तुुति� मेंं अपनीी आत्माा कोो उंं डेेलनेे केे लि�ए इकट्ठेे हुए थेे। लेेकि�न अपनीी तमााम
साावधाानि�योंं� केे बाावजूूद , बहुतोंं� कोो अपनेे वि�श्वाास केे लि�ए कष्ट सहनाा पड़ाा। बन्दीीगृृह खचााखच भरेे
थेे। परि�वाार टूू ट गए थेे। बहुतोंं� कोो वि�देेशोंं� मेंं नि�र्वाा�सि�त कर दि�याा गयाा। तौौभीी परमेेश्वर अपनेे लोोगोंं� केे
सााथ थाा, और उनकीी गवााहीी कोो चुुप कराानेे केे लि�ए उत्पीीड़न प्रबल नहींं� होो सकाा। कई लोोग समुुद्र केे
पाार अमेेरि�काा जाानेे केे लि�ए मजबूूर कि�याा गयाा थाा और यहांं� नाागरि�क और धाार्मि�क स्वतंं त्रताा कीी नींं�व
रखीी गई जोो इस देेश काा गढ़ और गौौरव रहीी हैंं।
फि�र सेे, जैैसाा कि� प्रेेरि�तोंं� केे दि�नोंं� मेंं होोताा थाा, सतााव केे परि�णाामस्वरूप सुुसमााचाार आगेे बढ़ाा। एक
घि�नौौनीी काालकोोठरीी मेंं, जोो कुु कर्मि�योंं� और गुंं�डोंं� सेे भरीी हुई थीी, जॉॉन बनि�यन नेे स्वर्गग केे वााताावरण मेंं
सांं�स लीी; और वहाँँ� उसनेे वि�नााश कीी भूूमि� सेे आकााशीीय नगर तक कीी तीीर्थथयाात्रीी कीी याात्राा काा अपनाा
अद्भु ् ुत रूपक लि�खाा। दोो सौौ सेे अधि�क वर्षोंं सेे बेेडफोोर्डड जेेल कीी उस आवााज़ नेे मनुुष्योंं� केे दि�लोंं� सेे
ज़बरदस्त शक्ति� केे सााथ बाात कीी हैै। बनि�यन कीी पि�लग्रि�म्स प्रोोग्रेेस और ग्रेेस अबााउन्डिं�गं टूू द चीीफ
ऑफ सि�नर्सस नेे कई चरणोंं� काा माार्गगदर्शशन जीीवन केे माार्गग कीी ओर कि�याा हैै।
बैैक्सटर, फ्लेेवेेल, एलीीन और अन्य प्रति�भााशाालीी शि�क्षि�त और अनुुभवीी मसीीहीी उस वि�श्वाास
केे बचााव मेंं वीीरताापूूर्ववक खड़ेे हुए जोो कभीी संं तोंं� कोो दि�याा गयाा थाा। इन लोोगोंं� द्वााराा पूूराा कि�याा हुआ
काार्यय, इस दुनि�या
ु ा केे शाासकोंं� द्वााराा नि�षि�द्ध और गैैरकाानूूनीी घोोषि�त कि�याा हुआ, कभीी भीी नष्ट नहींं� होो
सकताा। फ्लेेवेेल कीी फााउंं टेेन ऑफ लााइफ और मेेथड ऑफ ग्रेेस नेे हज़ाारोंं� लोोगोंं� कोो सि�खाायाा हैै कि�
कैै सेे अपनीी आत्माा कोो मसीीह केे प्रति� समर्पि�त करनाा हैै। बैैक्सटर कीी रि�फॉॉर्म्ड�ड पाास्टर कई लोोगोंं� केे
लि�ए एक आशीीष सााबि�त हुई हैै जोो परमेेश्वर केे काार्यय केे पुुनरुत्थाान कीी इच्छाा रखतेे हैंं, और उसकीी
सेंंट््स एवरलाास्टिं�ंग नेे लोोगोंं� कोो «वि�श्रााम» कीी ओर लेे जाानेे मेंं अपनाा कााम कि�याा हैै जोो परमेेश्वर केे
लोोगोंं� केे लि�ए बााकीी हैै।
सौौ सााल बााद, महाान आध्याात्मि�क अंंधकाार केे समय मेंं, व्हााइटफीील्ड और वेेस्लीी परि�वाार परमेे-
श्वर केे लि�ए प्रकााश वााहक केे रूप मेंं प्रकट हुए। स्थाापि�त कलीीसि�याा केे शाासन केे तहत इंं ग्लैंडं केे लोोग
धाार्मि�क पतन कीी स्थि�ति� मेंं आ गए थेे, जोो लगभग बुुतपरस्तीी केे समाान थाा। प्रााकृृ ति�क धर्मम पाादरि�योंं�
काा पसंं दीीदाा अध्ययन थाा, और इसमेंं उनकाा अधि�कांं�श धर्ममशाास्त्र शाामि�ल थाा। उच्च वर्गग धर्ममपराायणताा
काा उपहाास उड़ाातेे थेे, और जि�सेे वेे इसकीी कट्टरताा कहतेे थेे, उससेे ऊपर होोनेे पर खुुद पर गर्वव करतेे
थेे। नि�म्न वर्गग पूूरीी तरह सेे अज्ञाानीी थेे और कुु कर्मीी थेे, जबकि� कलीीसि�याा मेंं सत्य केे बर्बाा�द अभि�याान काा
समर्थथन करनेे केे लि�ए अब कोोई सााहस याा वि�श्वाास नहींं� थाा।
बाद के अंग्रेज़ धर्म सु 179

लूूथर द्वााराा इतनीी स्पष्ट रूप सेे सि�खाायाा गयाा वि�श्वाास द्वााराा धर्मीी ठहराानेे काा महाान सि�द्धांं�त, लगभग
पूूरीी तरह सेे भुुलाा दि�याा गयाा थाा; और उद्धाार केे लि�ए भलेे काामोंं� पर भरोोसाा करनेे केे रोोमन कैै थोोलि�क
सि�द्धांं�त नेे उसकाा स्थाान लेे लि�याा थाा। व्हााइटफ़ीील्ड और वेेस्लीी परि�वाार, जोो स्थाापि�त कलीीसि�याा केे सदस्य
थेे, ईश्वर केे अनुुग्रह केे सच्चेे सााधक थेे, और उन्हेंं यह सि�खाायाा गयाा थाा कि� यह एक सदााचाारीी जीीवन
और धर्मम केे नि�यमोंं� काा पाालन करकेे प्रााप्त करनाा चााहि�ए।
एक बाार जब चाार्ल्सस वेेस्लीी बीीमाार पड़ गयाा, और उसनेे यह अनुुमाान लगाायाा कि� मृृत्युु नि�कट हैै,
उससेे अनन्त जीीवन कीी उसकीी आशाा काा आधाार पूूछाा गयाा। उसकाा उत्तर थाा: «मैंंनेे परमेेश्वर कीी
सेेवाा-टहल करनेे केे लि�ए अपनेे सर्वोोत्तम प्रयाासोंं� काा उपयोोग कि�याा हैै।» जि�स मि�त्र नेे प्रश्न कि�याा थाा,
वह अपनेे उत्तर सेे पूूरीी तरह संं तुुष् ट नहींं� लग रहाा थाा, वेेस्लीी नेे सोोचाा: “क्याा! क्याा मेेरेे प्रयाास आशाा काा
पर्याा�प्त आधाार नहींं� हैंं? क्याा वह मुुझेे मेेरेे प्रयाासोंं� सेे वंं चि�त करेेगाा? मेेरेे पाास भरोोसाा करनेे केे लि�ए और
कुु छ नहींं� हैै।” - जॉॉन व्हााइटहेेड, लााइफ ऑफ द रेेव। चाार्ल्सस वेेस्लीी, पृृष् ठ 102। ऐसाा घोोर अंंधकाार
थाा जोो प्राायश्चि�ित कोो छि�पाातेे हुए, मसीीह कोो उसकीी महि�माा सेे वंं चि�त करतेे हुए, और लोोगोंं� केे मन कोो
उनकेे उद्धाार कीी एकमाात्र आशाा - क्रूूस पर चढ़ााए गए उद्धाारक काा लहू- सेे मोोड़तेे हुए कलीीसि�याा पर
छाा गयाा थाा।
वेेस्लीी और उनकेे सहयोोगि�योंं� कोो यह देेखनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा गयाा कि� सच्चाा धर्मम हृदय मेंं
वि�रााजमाान हैै, और परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा वि�चाारोंं� केे सााथ-सााथ शब्दोंं� और काार्योंं तक फैै लीी हुई हैै।
हृदय कीी पवि�त्रताा कीी अनि�वाार्ययताा केे सााथ-सााथ बााह्य आचरण कीी प्राामााणि�कताा केे बाारेे मेंं आश्वस्त
होोकर, वेे मन लगााकर एक नए जीीवन कीी ओर बढ़ गए। अत्यंं त एकााग्रचि�त्त और प्राार्थथनाापूूर्णण प्रयाासोंं� सेे
उन्होंं�नेे स्वााभाावि�क हृदय कीी बुुरााइयोंं� कोो वश मेंं करनेे काा प्रयाास कि�याा। उन्होंं�नेे आत्म-त्यााग, प्रेेम, और
दीीनताा काा जीीवन जि�याा, बड़ीी कठोोरताा और सटीीकताा केे सााथ हर उस उपााय काा पाालन कि�याा जोो उन्हेंं
लगाा कि� वेे जोो चााहतेे हैंं उसेे प्रााप्त करनेे मेंं उनकेे लि�ए सहाायक होो सकताा हैै - वह पवि�त्रताा जोो परमेेश्वर
काा अनुुग्रह प्रााप्त करवाा सकतीी थीी। लेेकि�न उन्हेंं वह लक्ष्य प्रााप्त नहींं� हुआ जि�सकेे लि�ए उन्होंं�नेे प्रयाास
कि�याा। पााप कीी निं�दां ा सेे खुुद कोो मुुक्त करनेे याा उसकीी शक्ति� कोो तोोड़नेे केे उनकेे प्रयाास व्यर्थथ थेे। यह
वहीी संं घर्षष थाा जि�सेे लूूथर नेे एरफर्टट मेंं अपनेे कक्ष मेंं अनुुभव कि�याा थाा। यह वहीी प्रश्न थाा जि�सनेे उसकीी
आत्माा कोो कष्ट पहुंंचाायाा थाा- «मनुुष्य परमेेश्वर कीी दृष्टि�ि मेंं कैै सेे धर्मीी ठहर सकताा हैै?» अय्यूूब 9:2।
प्रोोटेेस्टेंंटवााद कीी वेेदि�योंं� पर बुुझााई गई पवि�त्र सत्य कीी आग, बोोहेेमि�यन मसीीहि�योंं� द्वााराा दीी गई
प्रााचीीन मशााल सेे फि�र सेे प्रज्वलि�त कीी जाानीी थीी। धर्मम सुुधाार केे बााद, बोोहेेमि�याा मेंं प्रोोटेेस्टेंंटवााद कोो
रोोम कीी सेेनाा नेे कुु चल दि�याा थाा। सत्य कोो त्याागनेे सेे इनकाार करनेे वाालेे सभीी भाागनेे केे लि�ए वि�वश
होो गए। इनमेंं सेे कुु छ नेे, सक्सोोनीी मेंं शरण पााकर, प्रााचीीन वि�श्वाास कोो बनााए रखाा। इन मसीीहि�योंं� केे
वंं शजोंं� सेे हीी वेेस्लीी और उसकेे सााथि�योंं� कोो प्रकााश प्रााप्त हुआ।
जॉॉन और चाार्ल्सस वेेस्लीी कोो, सेेवकााई केे लि�ए नि�युुक्त कि�ए जाानेे केे बााद, एक वि�शेेष काार्यय केे लि�ए
अमेेरि�काा भेेजाा गयाा। जहााज़ पर मोोराावि�योंं� काा एक समुुदााय थाा। याात्राा केे दौौराान ज़बरदस्त तूूफाानोंं� काा
साामनाा करनाा पड़ाा, और जब जॉॉन वेेस्लीी काा मृृत्युु सेे आमनाा साामनाा हुआ, तोो उसेे लगाा कि� उसकेे पाास
परमेेश्वर केे सााथ मेेल काा आश्वाासन नहींं� हैै। इसकेे वि�परीीत, जर्ममनोंं� नेे एक शांं�ति� और वि�श्वाास प्रकट
कि�याा, जि�सकेे लि�ए वह एक अजनबीी थाा।
180 महाान वि�वााद

वह कहताा हैै, «मैंंनेे उनकेे व्यवहाार कीी संं जीीदगीी कोो बहुत पहलेे हीी देेख लि�याा थाा। अन्य याात्रि�योंं�
केे लि�ए उन दाासोंं� जैैसेे काार्योंं कोो करकेे जोो कोोई भीी अंंग्रेेज नहींं� करताा, उन्होंं�नेे अपनीी वि�नम्रताा काा
एक नि�रंं तर प्रमााण दि�याा थाा; जि�नकेे लि�ए वेे इच्छुु क थेे और कोोई मेेहनताानाा नहींं� चााहतेे थेे, यह कहतेे
हुए कि� वेे काार्यय उनकेे गर्वि�त हृदयोंं� केे लि�ए अच्छेे हैंं, और उनकेे प्रेेममय उद्धाारकर्ताा� नेे उनकेे लि�ए और
अधि�क कि�याा थाा। और प्रत्येेक दि�न नेे उन्हेंं नम्रताा दि�खाानेे काा अवसर दि�याा थाा जि�सेे कोोई चोोट नहींं�
हि�लाा सकतीी थीी। यदि� उन्हेंं धक्काा दि�याा जााताा, मााराा जााताा, याा नीीचेे फेंंकाा जााताा, तोो वेे फि�र उठकर
चलेे जाातेे; लेेकि�न उनकेे मुंं� ह सेे कोोई शि�काायत नहींं� मि�लीी। तब वहांं� यह परखनेे काा अवसर थाा कि�
क्याा वेे भय कीी भाावनाा सेे, सााथ हीी गर्वव, क्रोोध और प्रति�शोोध कीी भाावनाा सेे मुुक्त हुए थेे। जि�स स्तोोत्र
केे सााथ उनकीी आरााधनाा शुुरू हुई, उसकेे बीीच मेंं, समुुद्र कीी लहरेंं ऊंंचीी उठींं�, मुुख्य मस्तूूल पर सबसेे
नीीचेे कीी पााल कोो चीीर दि�याा, और जहााज़ केे ऊपरीी भाागोंं� पर उस तरह उमड़ कर आईं माानोो समुुद्र
नेे हमेंं नि�गल हीी लि�याा होो। अंंग्रेेज़ोंं� मेंं भयाानक चीीख-पुुकाार मच गई। जर्ममनोंं� शांं�ति� सेे गाातेे रहेे। मैंंनेे
बााद मेंं उनमेंं सेे एक सेे पूूछाा, ‹क्याा तुुम्हेंं डर नहींं� लगाा? ‹ उसनेे जवााब दि�याा, ‹नहींं�, मैंं परमेेश्वर कोो
धन्यवााद देेताा हूंं। ‹ मैंंनेे पूूछाा, ‹लेेकि�न क्याा आपकीी महि�लााओंं और बच्चोंं� कोो डर नहींं� लगाा? ‹ उसनेे
हल्केे सेे उत्तर दि�याा, ‹नहींं�; हमाारीी महि�लााएंं और बच्चेे मरनेे सेे नहींं� डरतेे। ‹” —व्हााइटहेेड, लााइफ
ऑफ द रेे व। जॉॉन वेेस्लीी, खंं ड 2, पृृष् ठ 10।
सवाानाा मेंं पहुंंचनेे पर, वेेस्लेे थोोड़ेे समय केे लि�ए मोोराावि�योंं� केे सााथ रहाा, और उनकेे मसीीहीी आचरण
सेे बहुत प्रभाावि�त हुआ। इंं ग्लैंडं कीी कलीीसि�याा कीी नि�र्जीीव रीीति�वााद केे वि�परीीत, उनकीी धाार्मि�क सभााओंं
मेंं सेे एक केे बाारेे मेंं उसनेे लि�खाा: «महाान साादगीी केे सााथ-सााथ समग्रताा कीी गंं भीीरताा नेे मुुझेे बीीच केे
लगभग सत्रह सौौ वर्षष भुुलाा दि�ए, और मुुझेे खुुद कीी कल्पनाा करनेे पर मजबूूर कर दि�याा जहांं� अनुुष् ठाान
और वर्गग नहींं� थेे; परन्तुु तंं बूू बनाानेे वाालाा, याा पतरस, मछुु आराा, अध्यक्षताा करताा थाा; तौौभीी पवि�त्र
आत्माा और साामर्थथ केे प्रमााण केे सााथ।” —पूूर्वोोक्त., पृृष् ठ 11, 12।
इंं ग्लैंडं लौौटनेे पर, वेेस्लीी, एक मोोराावीी उपदेेशक केे नि�र्देेश केे तहत, बााइबल वि�श्वाास कीी एक स्पष्ट
समझ पर पहुंंचाा। वह आश्वस्त थाा कि� उसेे उद्धाार केे लि�ए अपनेे स्वयंं केे काार्योंं पर सभीी नि�र्भभरताा कोो
त्यााग देेनाा चााहि�ए और पूूरीी तरह सेे «परमेेश्वर केे मेेम्नेे पर भरोोसाा करनाा चााहि�ए, जोो दुनि�या ु ा केे पााप
कोो उठाा लेे जााताा हैै।» लंं दन मेंं मोोराावीी समााज कीी एक सभाा मेंं लूूथर काा एक वक्तव्य पढ़ाा गयाा, जि�समेंं
उस परि�वर्ततन काा वर्णणन कि�याा गयाा जोो परमेेश्वर काा आत्माा वि�श्वाासीी केे हृदय मेंं लााताा हैै। जब वेेस्लीी
नेे सुुनाा, तोो उसकीी आत्माा मेंं वि�श्वाास जाागाा। «मुुझेे लगाा कि� मेेरेे हृदय मेंं एक अजीीब प्रति�क्रि�याा हुई,»
वह कहताा हैै। «मैंंनेे महसूूस कि�याा कि� मैंंनेे उद्धाार केे लि�ए मसीीह, केे वल मसीीह पर भरोोसाा कि�याा हैै:
और मुुझेे एक आश्वाासन दि�याा गयाा थाा, कि� उसनेे मेेरेे पाापोंं� कोो दूू र कर दि�याा, मेेरेे भीी, और मुुझेे पााप
और मृृत्युु कीी व्यवस्थाा सेे बचाायाा।» —पूूर्वोोक्त, पृृष् ठ 52।
लंं बेे वर्षोंं केे थकााऊ और परेेशाानीी भरेे प्रयाासोंं� केे दौौराान - कठोोर आत्मत्यााग, ति�रस्काार और
अपमाान केे वर्षष - वेेस्लीी नेे ईश्वर कोो खोोजनेे केे अपनेे एक उद्देेश्य काा दृढ़ताा सेे पाालन कि�याा थाा।
अब उसनेे उसेे पाा लि�याा थाा; और उसनेे पाायाा कि� जि�स अनुुग्रह कोो पाानेे केे लि�ए उसनेे प्राार्थथनाा और
उपवाास, भि�क्षाा और आत्म-त्यााग केे द्वााराा परि�श्रम कि�याा थाा, वह एक उपहाार थाा, «बि�नाा पैैसेे और
बि�नाा कीीमत केे ।»
बाद के अंग्रेज़ धर्म सु 181

एक बाार मसीीह केे वि�श्वाास मेंं स्थाापि�त होो जाानेे केे बााद, उसकाा संं पूूर्णण मन परमेेश्वर केे मुुक्त
अनुुग्रह केे आनंं दमय सुुसमााचाार केे ज्ञाान कोो हर जगह फैै लाानेे कीी इच्छाा सेे भर गयाा। «मैंं साारीी दुनि�या ु ा
कोो अपनीी कलीीसि�याा केे रूप मेंं देेखताा हूंं,» उसनेे कहाा; «मैंं इसकेे कि�सीी भीी भााग मेंं हूँँ, मैंं उन्हेंं, जोो
सुुननेे केे इच्छुु क हैंं, उद्धाार काा शुुभ समााचाार सुुनाानाा उचि�त, नि�यमाानुुसाार, और मेेराा परम कर्ततव्य माानताा
हूँँ।» —पूूर्वोोक्त, पृृष् ठ 74।
उसनेे अपनाा सख्त और आत्मत्याागीी जीीवन ज़ाारीी रखाा, अब आधाार केे रूप मेंं नहींं�, बल्कि� वि�श्वाास
केे परि�णााम केे रूप मेंं; जड़ नहींं�, बल्कि� पवि�त्रताा काा फल। मसीीह मेंं परमेेश्वर काा अनुुग्रह मसीीहीी कीी
आशाा कीी नींं�व हैै, और वह अनुुग्रह आज्ञााकाारि�ताा मेंं प्रकट होोगाा। वेेस्लीी काा जीीवन उन महाान सच्चााइयोंं�
केे प्रचाार केे लि�ए समर्पि�त थाा, जि�न्हेंं उसनेे ग्रहण कि�याा थाा - मसीीह केे प्राायश्चि�ित्त केे लहू मेंं वि�श्वाास
केे मााध्यम सेे धर्मीी ठहराायाा जाानाा, और हृदय पर पवि�त्र आत्माा कीी नवीीनीीकरण कीी शक्ति� जोो मसीीह केे
उदााहरण केे अनुुरूप जीीवन मेंं फल लाातीी हैै।
व्हााइटफ़ीील्ड और वेेस्लीी परि�वाार उनकीी खोोई हुई स्थि�ति� कीी दीीर्घघकाालीीन और स्पष्ट व्यक्ति�गत
प्रतीीति� द्वााराा अपनेे कााम केे लि�ए तैैयाार कि�ए गए थेे; और इसलि�ए कि� वेे मसीीह केे अच्छेे सैैनि�कोंं� केे रूप
मेंं कठोोरताा कोो सहन करनेे मेंं सक्षम होो सकेंं , उन्हेंं वि�श्ववि�द्याालय मेंं और जब वेे सेेवकााई मेंं प्रवेेश कर
रहेे थेे, ति�रस्काार कीी अग्नि�िपरीीक्षाा, उपहाास, और उत्पीीड़न काा पाात्र बनाायाा गयाा। वेे और उनकेे सााथ
सहाानुुभूूति� रखनेे वाालेे कुु छ अन्य लोोगोंं� कोो उनकेे अधर्मीी सााथीी छाात्रोंं� द्वााराा ति�रस्काारपूूर्ववक मेेथोोडि�स्ट
कहाा जााताा थाा - एक ऐसाा नााम जि�सेे वर्ततमाान समय मेंं इंं ग्लैंडं और अमेेरि�काा मेंं सबसेे बड़ेे संं प्रदाायोंं� मेंं
सेे एक द्वााराा सम्माानि�त माानाा जााताा हैै।
इंं ग्लैंडं कीी कलीीसि�याा केे सदस्योंं� केे रूप मेंं वेे उसकीी आरााधनाा कीी रीीति�योंं� सेे दृढ़ताा सेे जुुड़ेे हुए थेे,
लेेकि�न प्रभुु नेे उनकेे साामनेे अपनेे वचन मेंं एक उच्च माानक प्रस्तुुत कि�याा थाा। पवि�त्र आत्माा नेे उनसेे
मसीीह और उसेे सूूलीी पर चढ़ााए जाानेे काा प्रचाार करनेे काा आग्रह कि�याा। परमेेश्वर कीी साामर्थ्यय उनकेे
प्रयाासोंं� केे सााथ थीी। हज़ाारोंं� लोोगोंं� नेे अपनीी पाापीी स्थि�ति� कोो महसूूस कि�याा और वाास्तव मेंं परि�वर्ति�त होो
गए। यह आवश्यक थाा कि� इन भेेड़ोंं� कोो भूूखेे भेेड़ि�योंं� सेे बचाायाा जााए। वेेस्लीी नेे एक नयाा संं प्रदााय बनाानेे
केे बाारेे मेंं नहींं� सोोचाा थाा, लेेकि�न उसनेे उन्हेंं मेेथोोडि�स्ट कनेेक्शन केे तहत संं गठि�त कि�याा।
स्थाापि�त कलीीसि�याा कीी ओर सेे जि�स वि�रोोध काा इन प्रचाारकोंं� कोो साामनाा करनाा पड़ाा, वह रहस्यमय
और तनाावपूूर्णण थाा। अगर यह पूूरीी तरह सेे बााहर सेे आयाा होोताा, तोो यह वहांं� नहींं� पहुंंचाा होोताा, जहांं�
इसकीी इतनीी ज़रूरत थीी। लेेकि�न जैैसाा कि� पुुनरुत्थाान केे प्रचाारक पाादरीी जन थेे, और जहांं� कहींं� भीी
उन्हेंं अवसर मि�लताा थाा, कलीीसि�याा केे घेेरेे मेंं कााम करतेे थेे, सत्य कोो वहांं� प्रवेेश मि�लाा जहांं� दरवााज़ेे
अन्यथाा बंं द रहतेे। कुु छ पाादरीी अपनीी नैैति�क अवचेेतनाा सेे जाागेे और अपनेे हीी इलााकेे मेंं जोोशीीलेे
प्रचाारक बन गए। कलीीसि�यााएंं जोो रीीति�वााद सेे पथराा गई थींं�, उन मेंं जाान आ गई।
वेेस्लीी केे समय मेंं, कलीीसि�याा केे इति�हाास केे सभीी युुगोंं� कीी तरह, वि�भि�न्न योोग्यतााओंं केे व्यक्ति�योंं�
नेे अपनाा नि�यत काार्यय कि�याा। वेे सि�द्धांं�त केे हर वि�षय पर सुुसंंगत नहींं� होोतेे थेे, लेेकि�न सभीी परमेेश्वर कीी
आत्माा सेे प्रेेरि�त थेे, और आत्मााओंं कोो मसीीह केे लि�ए जीीतनेे केे नि�हि�त उद्देेश्य मेंं एकजुुट थेे। व्हााइट-
फ़ीील्ड और वेेस्लीी केे बीीच मतभेेदोंं� नेे एक समय मेंं अलगााव पैैदाा करनेे कीी आशंं काा पैैदाा कीी थीी; परन्तुु
जब उन्होंं�नेे मसीीह कीी शि�क्षाा मेंं नम्रताा सीीखीी, तोो परस्पर सहनशीीलताा और प्रेेम नेे उन मेंं साामंं जस्य
182 महाान वि�वााद

स्थाापि�त कर दि�याा। उनकेे पाास वि�वााद करनेे काा समय नहींं� थाा, जबकि� त्रुुटि� और अधर्मम हर जगह पैैदाा
होो रहाा थाा, और पाापीी वि�नााश कीी ओर जाा रहेे थेे।
परमेेश्वर केे सेेवक एक दुष्क ु र राास्तेे पर चलेे। प्रभाावशाालीी और वि�द्वाान लोोगोंं� नेे उनकेे खि�लााफ
अपनीी शक्ति�योंं� काा प्रयोोग कि�याा। एक समय केे बााद, कई पाादरि�योंं� नेे दृढ़ शत्रुुताा प्रकट कीी, और
कलीीसि�यााओंं केे दरवााज़ेे एक शुुद्ध वि�श्वाास और इसेे घोोषि�त करनेे वाालोंं� केे लि�ए बंं द कर दि�ए गए।
उपदेेश-मंं च सेे उनकीी निं�दां ा करनेे मेंं पाादरि�योंं� कीी क्रि�याावि�धि� नेे अन्धकाार, अज्ञाान और अधर्मम केे तत्वोंं�
कोो जगाायाा। परमेेश्वर कीी दयाा केे चमत्काार सेे जॉॉन वेेस्लीी बाार-बाार मृृत्युु सेे बच गयाा। जब भीीड़ काा
कोोप उस पर भड़क उठाा, और बचनेे काा कोोई राास्ताा न सूूझ रहाा थाा, तोो माानव रूप मेंं एक स्वर्गगदूू त
उसकेे पाास आयाा, भीीड़ पीीछेे हट गई, और मसीीह काा सेेवक खतरेे कीी जगह सेे सुुरक्षि�त नि�कल गयाा।
इन अवसरोंं� मेंं सेे एक पर क्रोोधि�त भीीड़ सेे अपनेे छुु टकाारेे केे बाारेे मेंं, वेेस्लीी नेे कहाा: “जब हम
पहााड़ीी सेे शहर कीी ओर जाानेे वाालेे फि�सलन भरेे राास्तेे पर जाा रहेे थेे, कई लोोगोंं� नेे यह अच्छीी तरह
सेे जाानतेे हुए कि� अगर मैंं एक बाार ज़मीीन पर गि�र गयाा, तोो मेेरेे लि�ए उठनाा असंं भव होोगाा, मुुझेे नीीचेे
गि�राानेे काा प्रयाास कि�याा। लेेकि�न जब तक मैंं पूूरीी तरह सेे उनकेे हााथ सेे बााहर नहींं� होो गयाा, तब तक
मैंंनेे न तोो ठोोकर खााई, न हीी ज़राा भीी फि�सलाा। हाालाँँ�कि� बहुतोंं� नेे मुुझेे नीीचेे खींं�चनेे केे लि�ए मेेरेे कॉॉलर
याा कपड़ोंं� कोो पकड़नेे कीी कोोशि�श कीी, वेे बि�ल्कुुल भीी नहींं� जकड़ सकेे : केे वल एक नेे मेेरेे वाास्कट केे
फ्लैैप (पल्लाा) कोो पकड़ लि�याा, जोो जल्द हीी उसकेे हााथ मेंं रह गयाा; दूू सराा फ्लैैप, जि�सकीी जेेब मेंं एक
बैंंक नोोट थाा, फटाा हुआ लेेकि�न आधाा। पीीछेे एक ज़ोोराावर आदमीी नेे बलूूत कीी एक बड़ीी छड़ीी सेे मुुझ
पर कई बाार प्रहाार कि�याा; जि�ससेे अगर वह मेेरेे सि�र केे पि�छलेे हि�स्सेे पर एक बाार वाार कर देेताा, तोो
वह आगेे कीी साारीी मुुसीीबतोंं� सेे बच जााताा। लेेकि�न हर बाार, वाार दूू सरीी तरफ मुुड़ जााताा थाा, मुुझेे नहींं�
पताा कि� कैै सेे; क्योंं�कि� मैंं न दााहि�नीी ओर हट सकताा थाा और न बांं�ए। एक और भीीड़ मेंं सेे दौौड़ताा हुआ
आयाा, और वाार करनेे केे लि�ए अपनाा हााथ उठााकर, अचाानक उसेे नीीचेे कर दि�याा, और केे वल मेेरेे
सि�र पर हााथ फेे रतेे हुए कहाा, ‹कि�तनेे मुुलाायम बााल हैंं! ‹ सबसेे पहलेे व्यक्ति� जि�नकेे मन बदल गए
थेे, वेे शहर केे नाायक थेे, सभीी अवसरोंं� पर नि�म्न वर्गग केे कप्ताान थेे, उनमेंं सेे एक बि�यर गाार्डडन (एक
ऐसाा स्थाान जहाँँ� भाालुुओं ं काा प्रदर्शशन कि�याा जााताा थाा और जहाँँ� भाालुुओं ं काा शि�काार होोताा थाा) मेंं एक
पुुरस्काार वि�जेेताा रहाा थाा।
«परमेेश्वर हमेंं अपनीी इच्छाा केे लि�ए कि�तनीी वि�नम्रताा सेे तैैयाार करताा हैै! दोो सााल पहलेे, ईंट केे
एक टुुकड़ेे नेे मेेरेे कंं धोंं� कोो खरोंं�च दि�याा थाा। यह उसकेे एक सााल बााद थाा कि� पत्थर मेेरीी आंंखोंं� केे बीीच
लगाा। पि�छलेे महीीनेे मुुझ पर एक प्रहाार कि�याा, और आज कीी सांं�झ कोो दोो, एक नगर मेंं आनेे सेे पहि�लेे,
और एक हमाारेे बााहर जाानेे केे बााद; परन्तुु दोोनोंं� हीी नहींं� केे बरााबर थेे: क्योंं�कि� भलेे हीी एक मनुुष्य नेे
अपनीी साारीी शक्ति� सेे मेेरीी छाातीी पर, और दूू सरेे नेे मुंं� ह पर शक्ति� सेे मााराा कि� खूून तुुरंंत नि�कल गयाा,
तौौभीी मुुझेे दोोनोंं� मेंं सेे कि�सीी एक सेे भीी उतनाा हीी दर्दद हुआ, जि�तनाा कि� उनकेे द्वााराा मुुझेे एक ति�नकेे केे
स्पर्शश सेे होोताा।” —जॉॉन वेेस्लीी, वर्क्सस, खंं ड 3, पृृष् ठ 297, 298।
उन शुुरुआतीी दि�नोंं� केे मेेथोोडि�स्ट— लोोगोंं� केे सााथ-सााथ प्रचाारकोंं� नेे भीी — कलीीसि�याा केे
सदस्योंं� और खुुलेे तौौर पर अधाार्मि�क लोोगोंं� कीी ओर सेे जोो उनकीी गलत बयाानीी सेे भड़क गए थेे,
उपहाास और उत्पीीड़न सहन कि�याा। उन्हेंं न्यााय कीी अदाालतोंं� केे साामनेे पेेश कि�याा गयाा थाा - केे वल नााम
बाद के अंग्रेज़ धर्म सु 183

केे लि�ए, उस समय कीी अदाालतोंं� मेंं न्यााय दुर्ललभ ु थाा। अक्सर उन्हेंं अपनेे उत्पीीड़कोंं� कीी ओर सेे हिं�सां ा
काा साामनाा करनाा पड़ताा थाा। उपद्रवीी टोोलि�यांं� घर-घर जााकर फर्नीीचर और साामाान कोो नष्ट करतींं�,
ु -
जोो कुु छ भीी वेे चााहतींं� उसेे लूूट लेेतींं�, और पुुरुषोंं�, महि�लााओंं और बच्चोंं� केे सााथ क्रूूरताापूूर्ववक दुर्व्ययव
हाार कि�याा करतीी थींं�। कुु छ घटनााओंं मेंं, मेेथोोडि�स्ट लोोगोंं� केे घरोंं� कोो लूूटनेे और खि�ड़कि�योंं� कोो तोोड़नेे
मेंं सहाायताा करनेे केे इच्छुु क लोोगोंं� कोो एक नि�श्चि�ित समय और स्थाान पर इकट्ठाा होोनेे काा आह्वाान
करतेे हुए साार्ववजनि�क नोोटि�स लगााए गए। माानवीीय और ईश्वरीीय व्यवस्थाा दोोनोंं� केे खुुलेे उल्लंं घनोंं� कोो
बि�नाा कि�सीी फटकाार केे जाानेे दि�याा गयाा। उन लोोगोंं� केे खि�लााफ एक व्यवस्थि�त उत्पीीड़न कि�याा गयाा थाा,
जि�नकाा एकमाात्र दोोष पाापि�योंं� केे चरणोंं� कोो वि�नााश केे माार्गग सेे पवि�त्रताा केे माार्गग कीी ओर मोोड़नाा थाा।
जॉॉन वेेस्लीी नेे अपनेे और अपनेे सहयोोगि�योंं� केे खि�लााफ आरोोपोंं� काा ज़ि�क्र करतेे हुए कहाा: «कुु छ
लोोग आरोोप लगाातेे हैंं कि� इन लोोगोंं� केे सि�द्धांं�त झूठेू े , गलत और उत्सााहीी हैंं; कि� वेे अब तक नए और
अनसुुनेे हैंं; कि� वेे क्वेेकरवााद, कट्टरताा, पोोपवााद हैंं। इस पूूरेे ढोंं�ग कोो पहलेे हीी जड़ सेे कााट दि�याा गयाा हैै,
यह बड़ेे पैैमाानेे पर दि�खाायाा गयाा हैै कि� इस सि�द्धांं�त कीी हर शााखाा हमाारीी अपनीी कलीीसि�याा द्वााराा व्यााख्याा
कि�ए गए पवि�त्रशाास्त्र काा स्पष्ट सि�द्धांं�त हैै। इसलि�ए यह न तोो झूठाू ा होो सकताा हैै और न हीी गलत, बशर्तेे
कि� पवि�त्रशाास्त्र सत्य होो।» «दूू सरोंं� काा आरोोप हैै, ‹उनकाा सि�द्धांं�त बहुत सख्त हैै; वेे स्वर्गग काा राास्ताा
बहुत संं कराा कर देेतेे हैंं।› और यह वाास्तव मेंं मूूल आपत्ति� हैै, (क्योंं�कि� यह कुु छ समय केे लि�ए लगभग
एकमाात्र हीी थीी) और गुुप्त रूप सेे एक हज़ाार अति�रि�क्त केे नीीचेे हैै, जोो वि�भि�न्न रूपोंं� मेंं प्रकट होोतीी हैै।
परन्तुु क्याा वेे स्वर्गग काा माार्गग हमाारेे प्रभुु और उसकेे प्रेेरि�तोंं� केे द्वााराा बनााए गए माार्गग सेे अधि�क संं कराा
कर देेतेे हैंं? क्याा उनकाा सि�द्धांं�त बााइबल केे सि�द्धांं�त सेे अधि�क कठोोर हैै? केे वल कुु छ सरल वचनोंं� पर
वि�चाार करेंं: ‹और तूू प्रभुु अपनेे परमेेश्वर सेे अपनेे साारेे मन सेे, और अपनेे साारेे प्रााण सेे, और अपनीी
साारीी बुुद्धि� सेे, और अपनीी साारीी शक्ति� सेे प्रेेम रखनाा। ‹ ‹और मैंं तुुम सेे कहताा हूँँ कि� जोो नि�कम्मीी बाातेंं
मनुुष्य कहेंंगेे, न्यााय केे दि�न वेे हर एक उस बाात काा लेेखाा देंंगेे। ‹ ‹इसलि�येे तुुम चााहेे खााओ, चााहेे पीीओ,
चााहेे जोो कुु छ करोो, सब कुु छ परमेेश्वर कीी महि�माा केे लि�येे करोो। ‹
“यदि� उनकाा सि�द्धांं�त इससेे अधि�क कठोोर हैै, तोो वेे दोोषीी हैंं; लेेकि�न आप आपकेे वि�वेेक मेंं जाानतेे हैंं
कि� ऐसाा नहींं� हैै। और परमेेश्वर केे वचन कोो भ्रष्ट कि�ए बि�नाा कौौन कम सख्त होो सकताा हैै? क्याा परमेे-
श्वर केे रहस्योंं� काा कोोई भण्डाारीी वि�श्वाासयोोग्य पाायाा जाा सकताा हैै यदि� वह उस पवि�त्र नि�क्षेेप केे कि�सीी
भााग कोो बदल देे? नहींं�। वह कुु छ भीी कम नहींं� कर सकताा, वह कुु छ भीी मृृदु नहींं� ु बनाा सकताा; वह
सब मनुुष्योंं� सेे कहनेे केे लि�ए वि�वश हैै, ‹मैंं पवि�त्र शाास्त्र कोो तुुम्हाारेे स्वााद केे अनुुसाार नहींं� ढााल सकताा।
आपकोो इसकेे बरााबर आनाा हैै, याा हमेेशाा केे लि�ए नष्ट होो जाानाा हैै। ‹ यह ‹इन पुुरुषोंं� केे संं गदि�ल होोनेे
‹ केे वि�षय मेंं लोोगोंं� केे उस अन्य मांं�ग काा वाास्तवि�क आधाार हैै। संं गदि�ल, क्याा वेे हैंं? कि�स संं बंं ध मेंं?
क्याा वेे भूूखेे कोो खाानाा नहींं� खि�लाातेे और नंं गोंं� कोो कपड़ेे नहींं� पहनाातेे? ‹नहींं�; वह बाात नहींं� हैै: वेे इसमेंं
कमीी नहींं� कर रहेे हैंं: लेेकि�न वेे न्यााय करनेे मेंं इतनेे नि�र्ददयीी हैंं! वेे सोोचतेे हैंं कि� उनकेे अपनेे व्यवस्थाापन
वाालोंं� केे अलाावाा कि�सीी कोो भीी नहींं� बचाायाा जाा सकताा हैै। ‹” -पूूर्वोोक्त., खंं ड 3, पृृष् ठ 152, 153।
वेेस्लेे केे समय सेे ठीीक पहलेे इंं ग्लैंडं मेंं जोो आध्याात्मि�क गि�राावट प्रकट हुई थीी, वह कााफीी हद तक
वि�धि�मुक्‍ति�ि�
ु शि�क्षण काा परि�णााम थीी। कई लोोगोंं� नेे पुुष्टि�ि कीी कि� मसीीह नेे नैैति�क व्यवस्थाा कोो समााप्त कर
दि�याा थाा और इसलि�ए मसीीहि�योंं� कोो इसकाा पाालन करनेे केे लि�ए कर्ततव्यबद्ध नहींं� हैै; यह कि� एक वि�श्वाासीी
184 महाान वि�वााद

«अच्छेे काामोंं� केे बंं धन» सेे मुुक्त होो गयाा हैै। « दूू सरोंं� नेे, हाालांं�कि� काानूून कीी शााश्वतताा कोो स्वीीकाार
करतेे हुए, घोोषणाा कीी कि� पाादरि�योंं� केे लि�ए लोोगोंं� कोो इसकेे उपदेेशोंं� काा पाालन करनेे केे लि�ए प्रोोत्सााहि�त
करनाा अनाावश्यक थाा, क्योंं�कि� जि�न लोोगोंं� कोो परमेेश्वर नेे उद्धाार केे लि�ए चुुनाा थाा, वेे «ईश्वरीीय अनुुग्रह
केे अप्रति�रोोध्य आवेेग सेे, धर्ममपराायणताा और सद्गुुण केे अभ्याास कीी ओर अग्रसर होंं�गेे,» जबकि� वेे जोो
अनन्त निं�दां ा केे लि�ए अभि�शप्त थेे «उनकेे पाास ईश्वरीीय व्यवस्थाा काा पाालन करनेे कीी शक्ति� नहींं� थीी।»
अन्य, यह भीी माानतेे हुए कि� « चुुनेे हुए अनुुग्रह सेे गि�र नहींं� सकतेे हैंं और न हीी ईश्वरीीय अनुुग्रह
कोो खोो सकतेे हैंं,» और भीी अधि�क घृृणि�त नि�ष्कर्षष पर पहुंंचेे कि� « वेे जोो दुष्ु ट काार्यय करतेे हैंं वेे वाास्तव
मेंं पाापमय नहींं� हैंं, और न हीी उन्हेंं ईश्वरीीय व्यवस्थाा केे उल्लंं घन केे उदााहरण केे रूप मेंं माानाा जाानाा
चााहि�ए, और यह कि�, फलस्वरूप, उनकेे पाास अपनेे पाापोंं� कोो स्वीीकाार करनेे याा पश्चाातााप द्वााराा उन्हेंं
त्यााग देेनेे काा कोोई अवसर नहींं� हैै।” —मैैक्लिं�टॉं ॉक और स्ट्रांं��ग, सााइक्लोोपीीडि�याा, आर्टट। «वि�धि�मुुक्ति�
केे समर्थथक।» इसलि�ए, उन्होंं�नेे घोोषि�त कि�याा कि� सबसेे घृृणि�त पाापोंं� मेंं सेे एक भीी, «साार्ववभौौमि�क रूप
सेे ईश्वरीीय व्यवस्थाा काा एक बड़ाा उल्लंं घन माानाा जाानेे वाालाा, परमेेश्वर कीी दृष्टि�ि मेंं पााप नहींं� हैै,»
अगर चुुनेे हुओंं मेंं सेे एक द्वााराा कि�याा जााताा हैै, «क्योंं�कि� यह चुुनेे हुओंं कीी आवश्यक और वि�शि�ष्ट
वि�शेेषतााओंं मेंं सेे एक हैै, कि� वेे ऐसाा कुु छ भीी नहींं� कर सकतेे जोो याा तोो परमेेश्वर केे लि�ए अप्रि�य होो
याा व्यवस्थाा द्वााराा नि�षि�द्ध होो।»
येे सराासर गलत सि�द्धांं�त अनि�वाार्यय रूप सेे लोोकप्रि�य शि�क्षकोंं� और धर्ममशाास्त्रि�ियोंं� केे बााद केे शि�क्षण
केे समाान हैंं - कि� सत्य केे माानक केे रूप मेंं कोोई अपरि�वर्ततनीीय ईश्वरीीय व्यवस्थाा नहींं� हैै, लेेकि�न यह
कि� नैैति�कताा काा माानक समााज द्वााराा हीी इंं गि�त कि�याा गयाा हैै, और लगााताार परि�वर्ततन काा पाात्र रहाा हैै।
येे सभीी वि�चाार उसीी गुुरु आत्माा सेे प्रेेरि�त हैंं - उसकेे द्वााराा, जि�सनेे स्वर्गग केे पााप रहि�त नि�वाासि�योंं� केे
बीीच भीी, परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे न्याायसंं गत प्रति�बंं धोंं� कोो तोोड़नेे काा प्रयाास करनेे काा अपनाा काार्यय
शुुरू कि�याा।
ईश्वरीीय आदेेशोंं� केे सि�द्धांं�त नेे, मनुुष्योंं� केे चरि�त्र कोो अपरि�वर्ततनीीय रूप सेे ठीीक करतेे हुए, कई
लोोगोंं� कोो परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कीी अप्रत्यक्ष अस्वीीकृृ ति� केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा थाा। वेेस्लीी नेे वि�धि�मुुक्ति�
केे शि�क्षकोंं� कीी भ्राान्ति�योंं� काा डटकर वि�रोोध कि�याा और दि�खाायाा कि� यह सि�द्धांं�त जोो वि�धि�मुुक्ति�वााद काा
काारण बनाा, वह पवि�त्र शाास्त्र केे वि�परीीत थाा। «क्योंं�कि� परमेेश्वर काा वह अनुुग्रह प्रगट हैै, जोो सब
मनुुष्योंं� केे उद्धाार काा काारण हैै।» “यह हमाारेे उद्धाारकर्ताा� परमेेश्वर कोो अच्छाा लगताा और भााताा भीी हैै;
जोो यह चााहताा हैै कि� सब मनुुष्योंं� काा उद्धाार होो, और वेे सत्य कोो भलीी भाँँ�ति� पहचाान लेंं। क्योंं�कि� परमेे-
श्वर एक हीी हैै, और परमेेश्वर और मनुुष्योंं� केे बीीच मेंं भीी एक हीी बि�चवई हैै, अर्थाा�त्् मसीीह यीीशुु जोो
मनुुष्य हैै; जि�सनेे अपनेे आप कोो सब केे छुु टकाारेे केे दााम मेंं देे दि�याा। « तीीतुुस 2:11; 1 तीीमुुथि�युसु
2:3-6। प्रत्येेक व्यक्ति� कोो उद्धाार केे सााधनोंं� पर पकड़ बनाानेे केे लि�ए सक्षम करनेे केे लि�ए परमेेश्वर काा
आत्माा स्वतंं त्र रूप सेे प्रदाान कि�याा जााताा हैै। इस प्रकाार मसीीह, «सच्‍‍चीी ज्योोति�,” «हर एक मनुुष्य कोो
प्रकााशि�त करतीी हैै, जोो जगत मेंं आताा हैै।» यूूहन्नाा 1:9। जीीवन केे उपहाार केे अपनेे स्वयंं केे दुराु ाग्रहीी
इनकाार केे काारण मनुुष्य उद्धाार मेंं असफल होो जाातेे हैंं।
इस दाावेे केे जवााब मेंं कि� मसीीह कीी मृृत्युु केे समय रीीति� संं बंं धीी नि�यम केे सााथ दस नि�यमोंं� केे
धर्माा�देेशोंं� कोो समााप्त कर दि�याा गयाा थाा, वेेस्लीी नेे कहाा: «दस आज्ञााओंं मेंं नि�हि�त और भवि�ष्यद्वक्तााओंं
बाद के अंग्रेज़ धर्म सु 185

द्वााराा लाागूू कि�ए गए आचरण संं बंं धीी नि�यम, उसनेे खत्म नहींं� कि�ए। इसकेे कि�सीी भीी हि�स्सेे कोो रद्द करनेे
केे लि�ए उसकेे आनेे कीी योोजनाा नहींं� थीी। यह एक ऐसीी व्यवस्थाा हैै जि�सेे कभीी तोोड़ाा नहींं� जाा सकताा,
जोो ‹स्वर्गग मेंं वि�श्वाासयोोग्य सााक्षीी कीी नााईं स्थि�र रहतीी हैै।› यह संं साार केे आरम्भ सेे हीी थीी, जोो ‹पत्थर
कीी पटि�यााओंं पर नहींं�›, परन्तुु सब मनुुष्योंं� केे हृदयोंं� पर लि�खीी गई थीी, जब सृृष्टि�िकर्ताा� नेे उन्हेंं अपनेे
हााथोंं� सेे बनाायाा थाा। और यद्यपि� जोो अक्षर कभीी परमेेश्वर कीी उंं गलीी सेे लि�खेे गए थेे, वेे अब बहुत हद
तक पााप सेे वि�रूपि�त होो गए हैंं, फि�र भीी जब तक हमाारेे पाास अच्छेे और बुुरेे कीी कोोई चेेतनाा हैै, उन्हेंं
पूूरीी तरह सेे मि�टाायाा नहींं� जाा सकताा। इस व्यवस्थाा काा प्रत्येेक भााग समस्त माानव-जााति� पर, और सभीी
युुगोंं� मेंं लाागूू रहनाा चााहि�ए; क्योंं�कि� यह परमेेश्वर कीी प्रकृृ ति�, और मनुुष्य कीी प्रकृृ ति�, और एक दूू सरेे केे
सााथ उनकेे अपरि�वर्ततनीीय संं बंं ध केे अलाावाा, न तोो समय याा स्थाान पर, न कोोई भीी अन्य परि�स्थि�ति�योंं�
पर नि�र्भभर करताा हैै जोो परि�वर्ततन केे लि�ए संं भााव्य हैै।
«›मैंं नष्ट करनेे नहींं�, बल्कि� पूूराा करनेे आयाा हूँँ।› निः�ःसंंदेेह, इस स्थाान पर उसकाा ताात्पर्यय हैै (व्यव-
स्थाापूूर्ववक उसकेे सााथ जोो कुु छ भीी पहलेे हुआ और बााद मेंं होोताा हैै) - मैंं इसेे पूूर्णणताा मेंं स्थाापि�त करनेे केे
लि�ए आयाा हूंं, मनुुष्योंं� केे बााह्य दि�खाावेे केे बाावजूूद: जोो कुु छ भीी अंंधेराे ा याा अस्पष्ट थाा, मैंं उसेे पूूर्णण और
स्पष्ट रूप सेे समझाानेे आयाा हूंं: मैंं इसकेे हर हि�स्सेे काा सहीी और पूूराा नि�हि�ताार्थथ घोोषि�त करनेे आयाा हूंं;
उसमेंं नि�हि�त हर आज्ञाा काा वि�स्ताार और गहरााई, उसकीी सभीी शााखााओंं मेंं उसकीी अकल्पनीीय शुुद्धताा
और आध्याात्मि�कताा दि�खाानेे आयाा हूंं।” -वेेस्लीी, धर्मोोपदेेश 25।
वेेस्लीी नेे व्यवस्थाा और सुुसमााचाार केे पूूर्णण साामंं जस्य कीी घोोषणाा कीी। «इसलि�ए, व्यवस्थाा और
सुुसमााचाार केे बीीच, नि�कटतम संं बंं ध कीी कल्पनाा कीी जाा सकतीी हैै। एक ओर, व्यवस्थाा लगााताार
सुुसमााचाार केे लि�ए माार्गग प्रशस्त करतीी हैै, और हमााराा ध्याान उसकीी ओर करतीी हैै; दूू सरीी ओर,
सुुसमााचाार लगााताार हमेंं व्यवस्थाा कीी अधि�क सटीीक पूूर्ति� कीी ओर लेे जााताा हैै। उदााहरण केे लि�ए,
व्यवस्थाा हम सेे अपेेक्षाा करतीी हैै कि� हम परमेेश्वर सेे प्रेेम करेंं, अपनेे पड़ोोसीी सेे प्रेेम करेंं, नम्र, वि�नम्र
याा पवि�त्र बनेंं। हमेंं लगताा हैै कि� हम इन चीीज़ोंं� केे लि�ए योोग्य नहींं� हैंं; नि�श्चि�ित रूप सेे, यह ‹मनुुष्य केे
सााथ यह असंं भव हैै; ‹ लेेकि�न हम उस प्रेेम कोो दि�ए जाानेे केे लि�ए परमेेश्वर कीी प्रति�ज्ञाा देेखतेे हैंं, और
हमेंं वि�नम्र, नम्र और पवि�त्र बनाानेे केे लि�ए परमेेश्वर कीी प्रति�ज्ञाा देेखतेे हैंं: हम इस सुुसमााचाार कोो, इस
शुुभ समााचाार कोो थााम लेेतेे हैंं; यह हमाारेे वि�श्वाास केे अनुुसाार हमाारेे लि�ए कि�याा जााताा हैै; ‹व्यवस्थाा कीी
धाार्मि�कताा हम मेंं पूूरीी होोतीी हैै,› उस वि�श्वाास केे द्वााराा जोो मसीीह यीीशुु मेंं हैै।
«मसीीह केे सुुसमााचाार केे दुश्म ु नोंं� केे उच्चतम वर्गग मेंं,» वेेस्लीी नेे कहाा, «वेे हैंं जोो खुुलेे तौौर पर और
स्पष्ट रूप सेे ‹व्यवस्थाा पर दोोष› लगाातेे हैंं, और ‹व्यवस्थाा कीी बदनाामीी करतेे हैंं; ‹ जोो मनुुष्योंं� कोो, केे वल
एक नहींं�, चााहेे उसमेंं सेे सब सेे छोोटाा याा सब सेे महाान, बल्कि� सभीी आज्ञााओंं काा एक झटकेे मेंं उल्लंं घन
करनाा (वि�घटि�त करनाा, ढीीलाा करनाा, दाायि�त्व बंं धन खोोलनाा) सि�खाातेे हैंं। इस प्रबल भ्रम केे परि�णााम-
स्वरूप हुई सभीी परि�स्थि�ति�योंं� मेंं सबसेे आश्चर्ययजनक यह हैै कि�, जोो लोोग इससेे प्रभाावि�त हैंं, वेे वाास्तव
मेंं वि�श्वाास करतेे हैंं कि� मसीीह कीी व्यवस्थाा केे वि�रुद्ध नि�र्णणय लेेकर वेे मसीीह काा सम्माान करतेे हैंं, और
जब वेे उसकेे सि�द्धांं�त कोो नष्ट कर रहेे हैंं, वेे उसकेे पद कीी महि�माा कर रहेे हैंं! हाँँ�, वेे उसकाा आदर करतेे
हैंं जैैसेे यहूदाा नेे कि�याा थाा जब उसनेे कहाा, ‹हेे स्वाामीी, और उसेे चूूमाा। ‹ और वह उनमेंं सेे हर एक सेे
उचि�त रूप सेे कह सकताा हैै, ‹क्याा तूू चूूमाा लेेकर मनुुष्य केे पुुत्र कोो पकड़वााताा हैै? ‹ उसकेे लहू कीी बाात
186 महाान वि�वााद

करनाा, और उसकाा मुुकुुट छीीन लेेनाा; सुुसमााचाार कोो आगेे बढ़ाानेे केे ढोंं�ग केे तहत, उसकीी व्यवस्थाा केे
कि�सीी भीी हि�स्सेे कोो कम आंंकनाा, उसकोो चूूम कर पकड़वाानेे केे सि�वाा और कुु छ नहींं�। न हीी वाास्तव मेंं
ऐसाा कोोई भीी इस आरोोप सेे बच सकताा हैै, जोो इस तरह सेे वि�श्वाास काा प्रचाार करताा हैै जोो प्रत्यक्ष याा
परोोक्ष रूप सेे आज्ञााकाारि�ताा कीी कि�सीी भीी शााखाा कोो अलग करनेे केे लि�ए प्रवृृत्त होोताा हैै: याा जोो मसीीह
काा प्रचाार इसलि�येे करताा हैै तााकि� कि�सीी भीी तरह सेे परमेेश्वर कीी आज्ञााओंं कोो अमाान्य ठहराायाा जाा
सकेे , याा कि�सीी भीी तरह सेे कमज़ोोर कि�याा जाा सकेे ।
उन लोोगोंं� केे लि�ए जि�न्होंं�नेे आग्रह कि�याा कि� «सुुसमााचाार काा प्रचाार व्यवस्थाा केे सभीी लक्ष्योंं� काा
खंं डन करताा हैै,” वेेस्लीी नेे उत्तर दि�याा: «हम पूूरीी तरह सेे इनकाार करतेे हैंं। यह व्यवस्थाा केे पहलेे लक्ष्य
काा खंं डन नहींं� करताा, अर्थाा�त््, मनुुष्योंं� कोो पााप केे वि�षय मेंं वि�श्वाास दि�लाानाा, उन्हेंं जगाानाा जोो अभीी भीी
नरक केे कगाार पर सोो रहेे हैंं।” प्रेेरि�त पौौलुुस घोोषणाा करताा हैै कि� «व्यवस्थाा केे द्वााराा पााप कीी पहि�चाान
होोतीी हैै;» «और जब तक मनुुष्य कोो पााप काा दोोषीी नहींं� ठहराायाा जााताा, तब तक वह वाास्तव मेंं मसीीह केे
प्राायश्चि�ित केे लहू कीी अपनीी आवश्यकताा कोो महसूूस नहींं� करेेगाा...›जोो चंं गेे हैंं,› जैैसाा कि� हमााराा प्रभुु
स्वयंं कहताा हैै, उन्हेंं चि�कि�त्सक कीी आवश्यकताा नहींं� हैै, परन्तुु बीीमाारोंं� कोो हैै। ‹ इसलि�ए, उन लोोगोंं�
केे लि�ए एक चि�कि�त्सक कीी पेेशकश करनाा बेेतुका ु ा हैै जोो चंं गेे हैंं, याा कम सेे कम खुुद कोो ऐसाा होोनेे कीी
कल्पनाा करतेे हैंं। आपकोो सबसेे पहलेे उन्हेंं यह वि�श्वाास दि�लाानाा हैै कि� वेे बीीमाार हैंं; नहींं� तोो वेे आपकोो
आपकेे श्रम केे लि�ए धन्यवााद नहींं� करेंंगेे। जि�नकाा हृदय कठोोर हैंं, क्योंं�कि� वह अब तक चकनााचूूर नहींं�
हुआ हैै, उन्हेंं मसीीह कीी पेेशकश करनाा नि�रर्थथक हैै।” —पूूर्वोोक्त., सर्ममन 35।
इस प्रकाार, परमेेश्वर केे अनुुग्रह केे सुुसमााचाार काा प्रचाार करतेे हुए, वेेस्लीी नेे, अपनेे गुुरु कीी तरह,
«व्यवस्थाा कीी बड़ााई करनेे और उसेे सम्माानजनक बनाानेे» कीी कोोशि�श कीी। « उसनेे ईमाानदाारीी सेे
परमेेश्वर केे द्वााराा दि�ए गए काार्यय कोो पूूराा कि�याा, और जि�न परि�णाामोंं� कोो देेखनेे कीी उसेे अनुुमति� दीी गई,
वेे शाानदाार थेे। उसकेे अस्सीी सेे अधि�क वर्षोंं केे लंं बेे जीीवन केे अंंत मेंं - आधीी सदीी सेे अधि�क समय
भ्रमणकाारीी सेेवकााई मेंं बि�ताायाा हुआ - उसकेे स्वीीकृृ त अनुुयाायि�योंं� कीी संं ख्याा पांं�च लााख सेे अधि�क थीी।
लेेकि�न जि�न साामाान्य लोोगोंं� कोो उसकेे श्रम केे मााध्यम सेे पााप केे वि�नााश और पतन सेे उठााकर एक
उच्चतम और शुुद्ध जीीवन मेंं लेे जाायाा गयाा थाा, और वह ताादााद जि�सनेे उसकेे शि�क्षण सेे एक अधि�क
गहराा और समृृद्ध अनुुभव प्रााप्त कि�याा थाा, वह यह तब तक ज्ञाात नहींं� होंं�गेे जब तक छुु ड़ााए गए लोोगोंं�
काा पूूराा परि�वाार परमेेश्वर केे रााज्य मेंं एकत्रि�त नहींं� होो जााएगाा। उसकाा जीीवन हर मसीीहीी केे लि�ए
अनमोोल महत्व काा उदााहरण प्रस्तुुत करताा हैै। कि�तनाा अच्छाा होो कि� मसीीह केे इस सेेवक काा वि�श्वाास
और नम्रताा, अथक उत्सााह, आत्म-बलि�दाान और भक्ति� आज कीी कलीीसि�यााओंं मेंं प्रति�बि�म्बि�त होो!
15

बााइबल और फ्रांं�सीीसीी क्रांं�ति�

सोो लहवींं� शतााब्दीी मेंं धर्मम सुुधाार नेे लोोगोंं� कोो एक साार्ववजनि�क बााइबि�ल पेेश करतेे हुए यूूरोोप केे
सभीी देेशोंं� मेंं प्रवेेश कीी मांं�ग कीी थीी। कुु छ रााष्ट्रों��ं नेे खुुशीी केे सााथ इसकाा स्वर्गग केे दूू त केे रूप मेंं
स्वाागत कि�याा। अन्य देेशोंं� मेंं पोोपतंं त्र इसकेे प्रवेेश कोो रोोकनेे मेंं कााफीी हद तक सफल रहाा; और बााइबल
ज्ञाान काा प्रकााश, इसकेे उन्नत प्रभाावोंं� केे सााथ, लगभग पूूरीी तरह सेे बााहर रखाा गयाा थाा। एक देेश मेंं,
हाालांं�कि� प्रकााश कोो प्रवेेश मि�लाा, लेेकि�न इसेे अंंधकाार नेे नहींं� समझाा। सदि�योंं� तक, सत्य और भ्रम नेे
महाारत हाासि�ल करनेे केे लि�ए संं घर्षष कि�याा। अंंत मेंं बुुरााई कीी जीीत हुई, और स्वर्गग केे सत्य कोो बााहर
नि�कााल दि�याा गयाा। «और दण्ड कीी आज्ञाा काा काारण यह हैै कि� ज्योोति� जगत मेंं आई हैै, और मनुुष्योंं� नेे
अन्धकाार कोो ज्योोति� सेे अधि�क प्रि�य जाानाा।» यूूहन्नाा 3:19। रााष्ट्रर कोो उसकेे द्वााराा चुुनीी गई क्रि�याावि�धि�
केे परि�णाामोंं� कोो भुुगतनेे केे लि�ए छोोड़ दि�याा गयाा थाा। परमेेश्वर केे आत्माा काा नि�यंं त्रण उन लोोगोंं� सेे हटाा
दि�याा गयाा जि�न्होंं�नेे उसकेे अनुुग्रह केे उपहाार कोो तुुच्छ जाानाा थाा। बुुरााई कोो परि�पक्वताा तक आनेे दि�याा
गयाा। और साारीी दुनि�या ु ा नेे जाानबूूझ कर रोोशनीी कोो नकाारनेे काा फल देेखाा।
फ़्रांं�स मेंं इतनीी शतााब्दि�योंं� तक चलेे बााइबल केे वि�रुद्ध युुद्ध, क्रांं�ति� केे दृश्योंं� मेंं परि�णत हुआ। वह
भयाानक प्रकोोप रोोम केे पवि�त्र शाास्त्र केे दमन काा तर्ककसंं गत परि�णााम थाा। (टि�प्पणीी 19 देेखेंं।) इसनेे
सबसेे आश्चर्ययजनक दृष्टांं�त प्रस्तुुत कि�याा जि�सेे दुनि�या ु ा नेे शाायद हीी कभीी पोोप कीी नीीति� सेे बााहर
नि�कलतेे हुए देेखाा हैै - उसकेे परि�णाामोंं� काा एक उदााहरण जि�सकेे प्रति� एक हजाार सेे अधि�क वर्षोंं सेे
रोोमन कलीीसि�याा कीी शि�क्षाा प्रवृृत्त होो रहीी थीी।
पोोप केे वर्चचस्व कीी अवधि� केे दौौराान पवि�त्रशाास्त्र केे दमन कीी भवि�ष्यद्वााणीी भवि�ष्यद्वक्तााओंं द्वााराा
कीी गई थीी; और प्रकााशि�तवााक्य उन भयाानक परि�णाामोंं� कीी ओर भीी इशााराा करताा हैै जोो वि�शेेष रूप सेे
फ्रांं�स कोो «पााप केे आदमीी» केे प्रभुुत्व सेे प्रााप्त होोनेे वाालेे थेे।
यहोोवाा केे दूू त नेे कहाा: “वेे पवि�त्र नगर कोो बयाालीीस महीीनेे तक रौंं�देंंगीी। मैंं अपनेे दोो गवााहोंं� कोो यह
अधि�काार दूँँ� गाा कि� टााट ओढ़ेे हुए एक हज़ाार दोो सौौ सााठ दि�न तक भवि�ष्यद्वााणीी करेंं। जब वेे अपनीी गवााहीी
देे चुुकेंंगेे, तोो वह पशुु जोो अथााह कुु ण्ड मेंं सेे नि�कलेेगाा, उनसेे लड़कर उन्हेंं जीीतेेगाा और उन्हेंं माार डाालेेगाा।
188 महाान वि�वााद

उनकेे शव उस बड़ेे नगर केे चौौक मेंं पड़ेे रहेंंगे,े जोो आत्मि�क रूप सेे सदोोम और मि�स्र कहलााताा हैै, जहाँँ�
उनकाा प्रभुु भीी क्रूूस पर चढ़ाायाा गयाा थाा। पृृथ्वीी केे रहनेेवाालेे उनकेे मरनेे सेे आनन्दि�त और मगन होंं�गेे,
और एक दूू सरेे केे पाास भेंंट भेेजेंगें ,े क्योंं�कि� इन दोोनोंं� भवि�ष्यद्वक्‍‍तााओंं नेे पृृथ्वीी केे रहनेेवाालोंं� कोो सताायाा
थाा। परन्तुु सााढ़ेे तीीन दि�न केे बााद परमेेश्वर कीी ओर सेे जीीवन काा श्वाास उनमेंं पैैठ गयाा, और वेे अपनेे
पाँँ�वोंं� केे बल खड़ेे होो गए; और उन केे देेखनेवाे ालोंं� पर बड़ाा भय छाा गयाा।» प्रकााशि�तवााक्य 11:2-11।
यहाँँ� जि�न अवधि�योंं� काा उल्लेेख कि�याा गयाा हैै - «बयाालीीस महीीनेे,» और «एक हज़ाार दोो सौौ सााठ दि�न»
- वेे समाान रूप सेे उस समय काा प्रति�नि�धि�त्व करतेे हैंं जि�समेंं मसीीह कीी कलीीसि�याा कोो रोोम सेे उत्पीीड़न काा
साामनाा करनाा थाा। पोोप केे वर्चचस्व केे 1260 सााल ईस्वीी 538 मेंं शुुरू हुए, और इसलि�ए 1798 मेंं समााप्त
होो जाातेे। (टि�प्पणीी 5 देेखें।ं ) उस समय एक फ्रांं�सीीसीी सेेनाा नेे रोोम मेंं प्रवेेश कि�याा और पोोप कोो बंं दीी बनाा
लि�याा, और नि�र्वाा�सन मेंं उसकीी मृृत्युु होो गई। हाालाँँ�कि� जल्द हीी एक नयाा पोोप चुुनाा गयाा थाा, लेेकि�न पोोप काा
पुुरोोहि�तााधि�पत्य कभीी भीी उस शक्ति� काा इस्तेेमााल करनेे मेंं सक्षम नहींं� थाा जोो उसकेे पाास पहलेे थीी।
कलीीसि�याा काा उत्पीीड़न 1260 वर्षोंं कीी पूूरीी अवधि� मेंं ज़ाारीी नहींं� रहाा। परमेेश्वर नेे अपनेे लोोगोंं�
पर दयाा करकेे उनकेे भयंं कर परीीक्षण केे समय कोो कम कर दि�याा। कलीीसि�याा पर आनेे वाालेे «भाारीी
क्लेेश» कीी भवि�ष्यद्वााणीी करतेे हुए, उद्धाारकर्ताा� नेे कहाा: «यदि� वेे दि�न घटााए न जाातेे तोो कोोई प्रााणीी न
बचताा, परन्तुु चुुनेे हुओंं केे काारण वेे दि�न घटााए जााएँँगेे।» मत्तीी 24:22। सुुधाार केे प्रभााव केे मााध्यम
सेे 1798 सेे पहलेे उत्पीीड़न कोो समााप्त कर दि�याा गयाा थाा।
दोो गवााहोंं� केे बाारेे मेंं भवि�ष्यद्वक्‍‍ताा आगेे घोोषणाा करताा हैै: «येे वेे हीी जैैतूून केे दोो पेेड़ और दोो दीीवट
हैंं, जोो पृृथ्वीी केे प्रभुु केे साामनेे खड़ेे रहतेे हैंं।» भजनहाार नेे कहाा, “तेेराा वचन मेेरेे पांं�व केे लि�येे दीीपक,
और मेेरेे माार्गग केे लि�येे उजि�याालाा हैै।” प्रकााशि�तवााक्य 11:4; भजन संं हि�ताा 119:105। दोो गवााह
पुुराानेे और नए नि�यम कीी पुुस्तकोंं� काा प्रति�नि�धि�त्व करतेे हैंं। दोोनोंं� हीी परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कीी उत्पत्ति�
और शााश्वतताा केे महत्वपूूर्णण प्रमााण हैंं। दोोनोंं� हीी उद्धाारकर्ताा� कीी योोजनाा केे भीी सााक्षीी हैंं। पुुराानेे नि�यम
केे प्ररूप, बलि�दाान और भवि�ष्यद्वााणि�यांं� एक उद्धाारकर्ताा� केे आनेे कीी ओर इशााराा करतीी हैंं। नए नि�यम
केे सुुसमााचाार और संं देेश-पत्र एक उद्धाारकर्ताा� केे बाारेे मेंं बताातेे हैंं जोो ठीीक उसीी तरह सेे आयाा हैै जैैसाा
कि� प्रकाार और भवि�ष्यद्वााणीी केे द्वााराा पूूर्वव बताायाा गयाा थाा।
«वेे टााट ओढ़ेे हुए एक हज़ाार दोो सौौ सााठ दि�न तक भवि�ष्यद्वााणीी करेंंगेे।» इस अवधि� केे अधि�कांं�श
भााग केे दौौराान, परमेेश्वर केे गवााह अस्पष्टताा कीी स्थि�ति� मेंं रहेे। पोोप कीी शक्ति� नेे लोोगोंं� सेे सच्चााई केे
वचन कोो छि�पाानेे कीी कोोशि�श कीी, और उनकेे साामनेे झूठेू े गवााहोंं� कोो उसकीी गवााहीी काा खंं डन करनेे केे
लि�ए पेेश कि�याा। (टि�प्पणीी 20 देेखेंं।) जब धाार्मि�क और धर्ममनि�रपेेक्ष शक्ति� द्वााराा बााइबल पर प्रति�बंं ध
लगाायाा गयाा थाा; जब उसकीी गवााहीी वि�कृृ त होो गई, और मनुुष्य और दुष्ु टाात्मााओंं द्वााराा हर संं भव प्रयाास
कि�याा गयाा कि� लोोगोंं� केे मन कोो उससेे फि�राा सकेंं ; जब इसकेे पवि�त्र सत्योंं� कोो घोोषि�त करनेे काा सााहस
करनेे वाालोंं� काा पीीछाा कि�याा गयाा, पकड़वाायाा गयाा, उन्हेंं याातनाा दीी गई, काालकोोठरीी मेंं दफनाायाा गयाा,
उनकेे वि�श्वाास केे लि�ए उन्हेंं शहीीद कि�याा गयाा, याा पहााड़ीी कि�लोंं�, और पृृथ्वीी कीी खोोहोंं� और गुुफााओंं
मेंं भाागनेे केे लि�ए मजबूूर कि�याा गयाा - तब वफाादाार गवााहोंं� नेे टााट ओढ़कर भवि�ष्यद्वााणीी कीी। फि�र
भीी उन्होंं�नेे 1260 वर्षोंं कीी पूूरीी अवधि� मेंं अपनीी गवााहीी ज़ाारीी रखीी। सबसेे नि�रााशााजनक समय मेंं ऐसेे
वफाादाार लोोग थेे जोो परमेेश्वर केे वचन सेे प्याार करतेे थेे और उसकेे सम्माान केे लि�ए जलन रखतेे थेे।
बाइबल और फ्रांसीसी क्र 189

इन वफाादाार सेेवकोंं� कोो इस पूूरेे समय केे दौौराान उसकीी सच्चााई घोोषि�त करनेे केे लि�ए ज्ञाान, शक्ति� और
अधि�काार दि�याा गयाा थाा।
«यदि� कोोई उनकोो हाानि� पहुँँचाानाा चााहताा हैै, तोो उनकेे मुँँ�ह सेे आग नि�कलकर उनकेे बैैरि�योंं� कोो भस्म
करतीी हैै; और यदि� कोोई उनकोो हाानि� पहुँँचाानाा चााहेेगाा, तोो अवश्य इसीी रीीति� सेे माार डाालाा जााएगाा।»
प्रकााशि�तवााक्य 11:5। मनुुष्य दण्ड सेे मुुक्ति� केे सााथ परमेेश्वर केे वचन कोो रौंं�द नहींं� सकताा। इस
भयाानक निं�दां ा काा अर्थथ प्रकााशि�तवााक्य केे अंंति�म अध्यााय मेंं बताायाा गयाा हैै: «मैंं हर एक कोो, जोो इस
पुुस्तक कीी भवि�ष्यद्वााणीी कीी बाातेंं सुुनताा हैै, गवााहीी देेताा हूँँ : यदि� कोोई मनुुष्य इन बाातोंं� मेंं कुु छ बढ़ााए तोो
परमेेश्वर उन वि�पत्ति�योंं� कोो, जोो इस पुुस्तक मेंं लि�खीी हैंं, उस पर बढ़ााएगाा। यदि� कोोई इस भवि�ष्यद्वााणीी
कीी पुुस्तक कीी बाातोंं� मेंं सेे कुु छ नि�कााल डाालेे, तोो परमेेश्वर उस जीीवन केे वृृक्ष और पवि�त्र नगर मेंं सेे,
जि�सकाा वर्णणन इस पुुस्तक मेंं हैै, उसकाा भााग नि�कााल देेगाा।» प्रकााशि�तवााक्य 22:18,19।
जोो परमेेश्वर नेे प्रकट कि�याा हैै याा आदेेश दि�याा हैै, उसेे मनुुष्योंं� कोो कि�सीी भीी तरीीकेे सेे परि�व-
र्ति�त करनेे सेे बचाानेे केे लि�ए ऐसीी चेेताावनि�याँँ� दीी हैंं। येे औपचाारि�क आक्षेेप उन सभीी पर लाागूू होोतेे हैंं
जोो अपनेे प्रभााव सेे मनुुष्योंं� कोो परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कोो हल्केे मेंं लेेनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करतेे हैंं। उनकेे
काारण उन लोोगोंं� कोो डरनाा और कांं�पनाा चााहि�ए, जोो गुुस्तााख़ीी सेे यह घोोषि�त करतेे हैंं कि� हम परमेेश्वर
कीी व्यवस्थाा काा पाालन करतेे हैंं याा नहींं� बहुत महत्वपूूर्णण मुुद्दाा नहींं� हैै। वेे सभीी जोो अपनेे स्वयंं केे वि�चाारोंं�
कोो ईश्वरीीय प्रकााशन सेे ऊपर रखतेे हैंं, वेे सभीी जोो अपनीी सुुवि�धाा केे लि�ए याा दुनि�या ु ा केे अनुुरूप होोनेे केे
लि�ए पवि�त्रशाास्त्र केे साादेे अर्थथ कोो बदल देेतेे हैंं, अपनेे ऊपर एक भयाानक ज़ि�म्मेेदाारीी लेे रहेे हैंं। लि�खि�त
वचन, परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा, प्रत्येेक व्यक्ति� केे चरि�त्र कोो माापेेगीी और उन सभीी कीी निं�दां ा करेेगाा जि�न्हेंं
यह अचूूक परीीक्षाा अभाावग्रस्त घोोषि�त करेेगीी।
«जब वेे अपनीी गवााहीी देे चुुकेंंगेे (देे रहेे होंं�गेे)।» वह अवधि� जब दोो गवााहोंं� कोो टााट ओढ़ेे हुए
भवि�ष्यद्वााणीी करनीी थीी, 1798 मेंं समााप्त हुई। जैैसेे-जैैसेे वेे अस्पष्टताा मेंं अपनेे कााम कीी समााप्ति� केे
करीीब पहुँँच रहेे थेे, उन पर उस शक्ति� द्वााराा युुद्ध कि�याा जाानाा थाा जि�सेे «अथााह कुंं�ड सेे बााहर नि�कलनेे
वाालेे पशुु» केे रूप मेंं दर्शाा�याा गयाा थाा। « यूूरोोप केे कई देेशोंं� मेंं चर्चच और रााज्य मेंं सदि�योंं� सेे शाासन करनेे
वाालीी शक्ति�योंं� कोो पोोप केे मााध्यम सेे शैैताान द्वााराा नि�यंं त्रि�त कि�याा गयाा थाा। लेेकि�न यहांं� शैैताानीी शक्ति� कीी
एक नई अभि�व्यक्ति� कोो प्रदर्शि�त कि�याा गयाा हैै।
बााइबल केे प्रति� श्रद्धाा केे ढोंं�ग कीी आड़ मेंं, इसेे एक अज्ञाात भााषाा मेंं बंं द करकेे लोोगोंं� सेे दूू र रखनाा,
रोोम कीी नीीति� रहीी थीी। उसकेे शाासन मेंं गवााहोंं� नेे “टााट ओढ़ेे हुए” भवि�ष्यद्वााणीी कीी। परन्तुु एक और
शक्ति�—अथााह गड््ढेे सेे नि�कलनेे वाालाा पशुु—कोो परमेेश्वर केे वचन केे वि�रुद्ध खुुलाा, घोोषि�त युुद्ध
करनेे केे लि�ए उठनाा थाा।
“बड़ाा नगर” जि�सकीी गलि�योंं� मेंं गवााह माारेे जाातेे हैंं, और जहाँँ� उनकीी लााशेंं पड़ीी हैंं, वह “आध्याा-
त्मि�क रूप सेे” मि�स्र हैै। बााइबल केे इति�हाास मेंं प्रस्तुुत सभीी रााष्ट्रों��ं मेंं सेे, मि�स्र नेे नि�र्भीीकताा सेे जीीवि�त
परमेेश्वर केे अस्ति�त्व कोो नकााराा और उसकीी आज्ञााओंं काा वि�रोोध कि�याा। मि�स्र केे रााजाा कीी तुुलनाा मेंं
कि�सीी भीी रााजाा नेे स्वर्गग केे अधि�काार केे खि�लााफ अधि�क साार्ववजनि�क और उद्धत वि�द्रोोह कीी शुुरुआत
नहींं� कीी। जब मूूसाा केे द्वााराा यहोोवाा केे नााम सेे यह सन्देेश उसकेे पाास पहुँँचाायाा गयाा, तब फि�रौौन नेे गर्वव
सेे उत्तर दि�याा: “यहोोवाा कौौन हैै कि� मैंं उसकाा वचन माानकर इस्रााएलि�योंं� कोो जाानेे दूँँ� ? मैंं यहोोवाा कोो
190 महाान वि�वााद

नहींं� जाानताा, और मैंं इस्रााएलि�योंं� कोो नहींं� जाानेे दूँँ� गाा।” नि�र्गगमन 5:2। यह नाास्ति�कताा हैै, और मि�स्र
द्वााराा प्रति�नि�धि�त्व कि�याा गयाा रााष्ट्रर जीीवि�त परमेेश्वर केे दाावोंं� केे समाान इनकाार कोो व्यक्त करेेगाा और
अवि�श्वाास और अवज्ञाा कीी एक समाान भाावनाा कोो प्रकट करेेगाा। «बड़ेे नगर” कीी तुुलनाा “आध्याात्मि�क
रूप सेे” सदोोम सेे भीी कीी गई हैै। परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कोो तोोड़नेे मेंं सदोोम काा भ्रष्टााचाार वि�शेेष रूप
सेे व्यभि�चाार मेंं प्रकट हुआ थाा। और इस पााप कोो उस रााष्ट्रर कीी एक प्रमुुख वि�शेेषताा भीी होोनाा थाा जि�सेे
इस वचन कीी वि�शि�ष्टतााओंं कोो पूूराा करनाा थाा।
भवि�ष्यद्वक्ताा केे शब्दोंं� केे अनुुसाार, 1798 सेे थोोड़ाा पहलेे शैैताानीी मूूल और चरि�त्र कीी कोोई शक्ति�
बााइबल पर युुद्ध करनेे केे लि�ए उठ खड़ीी होोगीी। और उस देेश मेंं जहांं� परमेेश्वर केे दोो गवााहोंं� कीी गवााहीी
कोो इस प्रकाार चुुप कराायाा जााएगाा, वहांं� फि�रौौन कीी नाास्ति�कताा और सदोोम काा व्यभि�चाार प्रकट होोगाा।
इस भवि�ष्यद्वााणीी कोो फ्रांं�स केे इति�हाास मेंं सबसेे सटीीक और आश्चर्ययजनक पूूर्ति� हुई हैै। क्रांं�ति� केे
दौौराान, 1793 मेंं, «दुनि�या ु ा नेे पहलीी बाार, सभ्यताा मेंं पैैदाा और शि�क्षि�त हुए, यूूरोोपीीय देेशोंं� मेंं सेे सबसेे श्रेेष् ठ
पर शाासन करनेे केे अधि�काार काा दाावाा करतेे हुए, मनुुष्य कीी आत्माा द्वााराा ग्रहण कि�ए गए सत्य कोो अस्वीीकाार
करनेे केे लि�ए अपनीी एकजुुट आवााज़ उठाातेे हुए, और सर्ववसम्मति� सेे एक देेवताा केे वि�श्वाास और पूूजाा सेे
इन्काार करतेे हुए, पुुरुषोंं� केे एक जमााव कोो सुुनाा।» —-सर वााल्टर स्कॉॉट, लााइफ ऑफ नेेपोोलि�यन, खंं ड
1, अध्यााय 17। «फ्रांं�स दुनि�या ु ा काा एकमाात्र रााष्ट्रर हैै जि�सकेे बाारेे मेंं प्राामााणि�क सुुरक्षि�त वि�वरण अस्ति�त्व
मेंं है,ै कि� एक रााष्ट्रर केे रूप मेंं उसनेे सृृष्टि�िकर्ताा� केे वि�रुद्ध सरेेआम वि�द्रोोह मेंं अपनाा हााथ उठाायाा। बहुत साारेे
ईशनिं�दां ा करनेे वाालेे, बहुत साारेे कााफि�र रहेे हैंं, और अब भीी इंं ग्लैंडं , जर्ममनीी, स्पेेन और अन्य जगहोंं� पर रह
रहेे हैंं; लेेकि�न फ्रांं�स दुनि�या
ु ा केे इति�हाास मेंं एक एकमाात्र रााज्य केे रूप मेंं अलग हैै, जि�सनेे अपनीी वि�धाान सभाा
केे आदेेश द्वााराा यह घोोषि�त कि�याा गयाा कि� कोोई ईश्वर नहींं� थाा, और जि�सकीी रााजधाानीी कीी पूूरीी आबाादीी,
और अन्य जगहोंं� पर एक वि�शााल बहुमत, महि�लााओंं केे सााथ-सााथ पुुरुषोंं� नेे भीी इस घोोषणाा कोो स्वीीकाार
करनेे मेंं खुुशीी केे सााथ नााच गाानाा कि�याा।” - ब्लैैकवुड्ु स् मैैगज़ीीन, नवंं बर, 1870।
फ्रांं�स नेे उन वि�शेेषतााओंं कोो भीी प्रस्तुुत कि�याा जोो वि�शेेष रूप सेे सदोोम कीी पहचाान थींं�। क्राान्ति� केे
दौौराान उसीी केे समाान नैैति�क पतन और भ्रष्टााचाार कीी स्थि�ति� प्रकट हुई, जि�सनेे समतल-प्रदेेश केे नगरोंं�
कोो नष्ट कर दि�याा। और इति�हाासकाार फ्रांं�स कीी नाास्ति�कताा और अनैैति�कताा कोो एक सााथ प्रस्तुुत करताा
हैै, जैैसाा कि� भवि�ष्यवााणीी मेंं दि�याा गयाा हैै: «धर्मम कोो प्रभाावि�त करनेे वाालेे इन नि�यमोंं� केे सााथ घनि�ष्ठ रूप
सेे वह जुुड़ाा हुआ थाा, जि�सनेे वि�वााह केे बंं धन कोो - सबसेे पवि�त्र वचनबद्धताा कोो जोो मनुुष्य नि�भाा सकताा
हैै, और जि�सकाा स्थाायि�त्व समााज केे सुुदृढ़ीीकरण कीी ओर सबसेे अधि�क प्रभाावशाालीी तरीीकेे सेे लेे जााताा
हैै - एक क्षणभंं गुुर स्वरूप केे एक माानव-समााज-संं बंं धीी अनुुबंंध माात्र, जि�समेंं कोोई भीी दोो व्यक्ति� संं लग्न
होो सकतेे हैंं और जब चााहेंं छोोड़ सकतेे हैंं, कीी स्थि�ति� मेंं लेे आयाा। यदि� घरेेलूू जीीवन मेंं जोो कुु छ भीी
आदरणीीय, सुुशोोभि�त, याा स्थाायीी हैै, उसेे सबसेे प्रभाावीी ढंंग सेे नष्ट करनेे कीी एक रीीति� कीी खोोज केे लि�ए
दुष्ु ट व्यक्ति�योंं� नेे खुुद कोो कााम पर लगाायाा होोताा, और अगर उन्हेंं उसीी समय यह आश्वाासन मि�ल गयाा
होोताा कि� जि�स शराारत कोो पैैदाा करनाा उनकाा उद्देेश्य थाा, वह एक पीीढ़ीी सेे दूू सरीी पीीढ़ीी तक बनीी रहेेगीी,
तोो वेे वि�वााह केे पतन सेे अधि�क प्रभाावीी योोजनाा काा आवि�ष्काार नहींं� कर सकतेे थेे। सोोफीी अर्नोोल्ट, एक
अभि�नेेत्रीी जोो अपनीी मज़ााकि�याा बाातोंं� केे लि�ए प्रसि�द्ध थीी, नेे स्वतन्त्र वि�वााह कोो ‹व्यभि�चाार काा संं स्काार›
बताायाा।» -स्कॉॉट, खंं ड 1, अध्यााय 17।
बाइबल और फ्रांसीसी क्र 191

«जहांं� हमाारेे प्रभुु कोो भीी सूूलीी पर चढ़ाायाा गयाा थाा।» भवि�ष्यद्वााणीी केे इस वि�नि�र्देेश कोो फ्रांं�स नेे
भीी पूूराा कि�याा थाा। कि�सीी भीी देेश मेंं मसीीह केे वि�रुद्ध शत्रुुताा कीी भाावनाा अधि�क स्पष्ट रूप सेे प्रदर्शि�त
नहींं� हुई थीी। कि�सीी भीी देेश मेंं सत्य कोो इससेे अधि�क कटुु और क्रूूर वि�रोोध काा साामनाा नहींं� करनाा पड़ाा
थाा। उस उत्पीीड़न मेंं जोो फ्रांं�स नेे सुुसमााचाार कोो मााननेे वाालोंं� पर कि�याा थाा, उसनेे अपनेे शि�ष्योंं� केे रूप
मेंं मसीीह कोो सूूलीी पर चढ़ाा दि�याा थाा।
सदीी दर सदीी पवि�त्र लोोगोंं� काा खूून बहाायाा गयाा थाा। जबकि� वााल्डेंंस केे अनुुयाायि�योंं� नेे पीीडमोंं�ट
केे पहााड़ोंं� पर «परमेेश्वर केे वचन केे लि�ए, और यीीशुु मसीीह कीी गवााहीी केे लि�ए» अपनाा जीीवन त्यााग
दि�याा, सत्य कीी इसीी तरह कीी गवााहीी उनकेे भााइयोंं�, फ्रांं�स केे एल्बि�जेेन्स द्वााराा वहन कीी गई थीी। धर्मम
सुुधाार केे दि�नोंं� मेंं उसकेे शि�ष्योंं� कोो भयाानक याातनााओंं केे सााथ मौौत केे घााट उताार दि�याा गयाा थाा। रााष्ट्रर
केे गौौरव और शौौर्यय, रााजाा और कुु लीीन व्यक्ति�योंं� नेे, कुु लीीन महि�लााओंं और सुुकुुमाार युुवति�योंं� नेे, यीीशुु
केे शहीीदोंं� कीी पीीड़ााओंं कोो खुुशीी सेे देेखाा थाा। उन अधि�काारोंं� केे लि�ए, जि�न्हेंं माानव हृदय सबसेे पवि�त्र
माानताा हैै, संं घर्षष करनेे वाालेे ह्यूूगस केे बहाादुरु अनुुयाायि�योंं� नेे, कई वि�जयीी संं घर्षोंं मेंं अपनाा खूून बहाायाा
थाा। प्रोोटेेस्टेंंटोंं� कोो अपरााधीी माानाा जााताा थाा, उनकेे सि�र पर एक कीीमत नि�र्धाा�रि�त कीी जाातीी थीी, और
उनकाा तरह पीीछाा कि�याा जााताा थाा माानोो वेे जंं गलीी जाानवर होंं�।
«रेेगि�स्ताान मेंं कलीीसि�याा», प्रााचीीन ईसााइयोंं� केे कुु छ वंं शज जोो अठाारहवींं� शतााब्दीी मेंं अभीी भीी फ्रांं�स
मेंं दक्षि�ण केे पहााड़ोंं� मेंं छि�पेे हुए रह रहेे थेे, अभीी भीी अपनेे पूूर्ववजोंं� केे वि�श्वाास कोो माानतेे थेे। जब वेे राात मेंं
पहााड़ केे कि�नाारेे याा एकांं�त घााट पर मि�लनेे केे लि�ए नि�कलेे, तोो उनकाा घुुड़सवाार सि�पााहि�योंं� द्वााराा पीीछाा कि�याा
गयाा और उन्हेंं पोोतोंं� मेंं आजीीवन दाासताा मेंं घसीीट लि�याा गयाा। लुुटेरोंं� े और हत्याारोंं� केे बीीच, सबसेे पवि�त्र,
सबसेे परि�ष्कृृत और सबसेे बुुद्धि�माान फ्रांं�सीीसि�योंं� कोो भयाानक याातनाा मेंं, जंं जीीरोंं� मेंं जकड़ दि�याा गयाा। (देेखेंं
वि�लीी, पुुस्तक। 22, अध्यााय 6।) दूू सरोंं� कोो, जि�नकेे सााथ अधि�क दयाालुु व्यवहाार कि�याा गयाा, जब वेे
नि�हत्थेे और असहााय, प्राार्थथनाा मेंं अपनेे घुुटनोंं� पर गए, नि�र्ददयताापूूर्ववक गोोलीी माार दीी गई। सैैकड़ोंं� वृृद्ध पुुरुष,
नि�स्सहााय महि�लााएंं , और नि�र्दोोष बच्चेे पृृथ्वीी पर उनकेे मि�लनेे कीी जगह पर माारेे गए। पहााड़ केे कि�नाारेे याा
जंं गल कोो पाार करतेे समय, जहाँँ� वेे इकट्ठाा होोनेे केे आदीी थेे, यह असाामाान्य नहींं� थाा कि� «हर चाार कदमोंं�
पर, घाास केे मैैदाान पर शव पााएंं जााएंं , और लााशेंं पेेड़ोंं� सेे लटकीी हुई होंं�।» तलवाार, कुु ल्हााड़ीी, लकड़ि�योंं� केे
गट्ठर सेे नष्ट कर दि�याा गयाा, उनकाा देेश, “एक वि�शााल, अन्धकाारमय वीीराानेे मेंं बदल दि�याा गयाा थाा।” «येे
अत्यााचाार कि�सीी अंंधकाार-युुग मेंं नहींं�, बल्कि� लुुई चौौदह केे शाानदाार युुग मेंं कि�ए गए थेे। तब वि�ज्ञाान कोो
उन्नत थाा, सााहि�त्यि�क संं स्कृृति� समृृद्ध थीी, दरबाार और रााजधाानीी केे धर्ममशाास्त्रीी वि�द्वाान और वााक्पटुु व्यक्ति�
थेे, और नम्रताा और प्रेेम केे गुुणोंं� काा बहुत ढोंं�ग करतेे थेे।” -पूूर्वोोक्त., पुुस्तक 22, अध्यााय 7।
लेेकि�न अपरााध कीी काालीी सूूचीी मेंं सबसेे काालाा, सभीी भयाानक सदि�योंं� केे पैैशााचि�क कर्मोंं मेंं
सबसेे भयाानक, सेंंट बाार्थोोलोोम्यूू नरसंं हाार थाा। दुनि�या ु ा अभीी भीी उस सबसेे काायराानाा और क्रूूर हमलेे
केे दृश्योंं� कोो सि�हरन उत्पन्न करनेे वाालेे डर केे सााथ यााद करतीी हैै। कैै थोोलि�क पाादरि�योंं� और धर्माा�ध्य-
क्षोंं� केे आग्रह पर फ्रांं�स केे रााजाा नेे इस भयाानक कााम कोो अपनीी मंं ज़ूूरीी देे दीी। राात केे समय बज रहीी
एक घंं टीी, वध केे लि�ए एक संं केे त थीी। हजाारोंं� कीी संं ख्याा मेंं प्रोोटेेस्टेंंट, अपनेे घरोंं� मेंं चुुपचााप सोोतेे हुए,
अपनेे रााजाा केे शपथबद्ध सम्माान पर भरोोसाा करतेे हुए, बि�नाा कि�सीी चेेताावनीी केे घसीीटेे गए और नि�र्दद-
यताापूूर्ववक माार दि�ए गए।
192 महाान वि�वााद

जैैसेे मसीीह मि�स्र केे बंं धन सेे अपनेे लोोगोंं� काा अदृश्य अगुुआ थाा, वैैसेे हीी शैैताान शहीीदोंं� कीी संं ख्याा
बढ़ाानेे केे इस भयाानक काार्यय मेंं अपनीी प्रजाा काा अदृश्य अगुुआ थाा। साात दि�नोंं� तक पेेरि�स मेंं नरसंं हाार
ज़ाारीी रहाा, पहलेे तीीन दि�नोंं� मेंं अकल्पनीीय रोोष केे सााथ। और यह केे वल शहर तक हीी सीीमि�त नहींं� थाा,
बल्कि� रााजाा केे वि�शेेष आदेेश सेे उन सभीी प्रांं�तोंं� और कस्बोंं� तक बढ़ाा दि�याा गयाा थाा जहांं� प्रोोटेेस्टेंंट पााए
गए थेे। न तोो उम्र और न हीी लिं�गं काा ध्याान रखाा गयाा थाा। न तोो माासूूम बच्चीी कोो और न हीी बूूढ़ेे व्यक्ति�
कोो बख्शाा गयाा। कुु लीीन और कि�साान, बूूढ़ेे और जवाान, माँँ� और बच्चेे कोो एक सााथ कााट दि�याा गयाा।
पूूरेे फ्रांं�स मेंं नरसंं हाार दोो महीीनेे तक जाारीी रहाा। देेश केे सत्तर हज़ाार यकीीनन श्रेेष् ठ व्यक्ति� नष्ट होो गए।
“जब नरसंं हाार कीी खबर रोोम तक पहुँँचीी, तोो पाादरि�योंं� केे बीीच हर्षष कीी कोोई सीीमाा नहींं� थीी। लोोरेेन केे
काार्डि�नल नेे दूू त कोो एक हज़ाार ब्रि�टि�श सि�क्केे पुुरस्कृृत कि�ए; सेंंट एंं जेलो े ो कीी तोोप नेे हर्षि�त सलाामीी दीी;
और प्रत्येेक घंं टााघर सेे घंं टि�यांं� बज उठींं�; अलाावोंं� नेे राात कोो दि�न मेंं बदल दि�याा; और ग्रेेगरीी तेेरह, काार्डि�-
नल्स और अन्य चर्चच केे गणमाान्य व्यक्ति�योंं� केे सााथ औपचाारि�क तरीीकेे सेे चल कर सेंंट लुुइस केे चर्चच
मेंं गयाा, जहांं� लोोरेेन केे काार्डि�नल नेे एक तेे देेम काा जााप कि�याा। नरसंं हाार कोो मनाानेे केे लि�ए एक पदक
ढाालाा गयाा, और वेेटि�कन मेंं अभीी भीी वसाारीी केे तीीन भि�त्ति�चि�त्रोंं� कोो देेखाा जाा सकताा हैै, जोो एडमि�रल
पर हमलेे काा, सभाा मेंं नरसंं हाार कीी सााजि�श रचतेे हुए रााजाा काा, और स्वयंं नरसंं हाार काा वर्णणन करतेे हैंं।
ग्रेेगरीी नेे चाार्ल्सस कोो गोोल्डन रोोज़ भेेजाा; और नरसंं हाार केे चाार महीीनेे बााद, ... उसनेे एक फ्रांं�सीीसीी पाादरीी
केे उपदेेश कोो आत्मसंं तुुष् ट रूप सेे सुुनाा, ...जि�सनेे ‹उस सुुखद दि�न केे बाारेे मेंं बाात कीी, जब परम पवि�त्र
पाादरीी कोो खबर मि�लीी, और वह वि�धि�वत्् रूप सेे परमेेश्वर और सेंंट लुुइस कोो धन्यवााद देेनेे केे लि�ए
गयाा।›» - हेेनरीी व्हााइट, द मैैसकर ऑफ सेंंट बाार्थोोलोोम्यूू , चेेप् टर14, पैैरााग्रााफ 34।
जि�स नि�यंं त्रक भाावनाा नेे सेंंट बाार्थोोलोोम्यूू नरसंं हाार काा प्रोोत्सााहि�त कि�याा, क्रांं�ति� केे दृश्योंं� कोो अग्रसर
करनेे वाालीी भीी वहीी भाावनाा थीी। यीीशुु मसीीह कोो धोोखेेबााज़ घोोषि�त कि�याा गयाा थाा, और फ्रांं�सीीसीी
कााफि�रोंं� काा नााराा थाा, «दुष्ु ट कोो कुु चल दोो» दुष्ु ट सेे उनकाा ताात्पर्यय मसीीह सेे थाा। स्वर्गग कोो चुुनौौतीी देेनेे
वाालीी ईशनिं�दां ा और घृृणि�त दुष्ु टताा सााथ-सााथ चलीी, और मनुुष्योंं� मेंं सबसेे नीीच, क्रूूरताा और अधर्मम केे
सबसेे दुराु ाचाारीी मनुुष्योंं� कीी बढ़ााई कीी गई। इस सब मेंं, शैैताान कोो सर्वोोच्च श्रद्धांं�जलि� दीी गई; जबकि�
मसीीह, सत्य, पवि�त्रताा और निः�ःस्वाार्थथ प्रेेम कीी अपनीी वि�शेेषतााओंं मेंं, क्रूूस पर चढ़ाायाा गयाा थाा।
«वह पशुु जोो अथााह कुु ण्ड मेंं सेे नि�कलेेगाा, उनसेे लड़कर उन्हेंं जीीतेेगाा और उन्हेंं माार डाालेेगाा।»
जि�स नाास्ति�क शक्ति� नेे क्रांं�ति� और आतंं क केे शाासन केे दौौराान फ्रांं�स मेंं शाासन कि�याा, उसनेे ईश्वर
और उसकेे पवि�त्र वचन केे खि�लााफ ऐसाा युुद्ध छेे ड़ दि�याा, जैैसाा दुनि�या ु ा नेे कभीी नहींं� देेखाा थाा। नेेशनल
असेंंबलीी द्वााराा ईश्वर कीी पूूजाा कोो समााप्त कर दि�याा गयाा। ति�रस्काार कीी हर संं भव अभि�व्यक्ति� केे सााथ
बााइबलोंं� कोो एकत्र कि�याा गयाा और साार्ववजनि�क रूप सेे जलाा दि�याा गयाा। परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कोो
पैैरोंं� तलेे रौंं�दाा गयाा। बााइबल कीी वि�धि�योंं� कोो समााप्त कर दि�याा गयाा। सााप्तााहि�क वि�श्रााम केे दि�न कोो
खाारि�ज कर दि�याा गयाा और उसकेे स्थाान पर प्रत्येेक दसवेंं दि�न कोो आमोोद-प्रमोोद और ईश-नि�न्दाा केे
लि�ए समर्पि�त कि�याा गयाा थाा। बपति�स्माा और प्रभुु भोोज कोो वर्जि�त कर दि�याा गयाा। और कब्रि�स्ताानोंं� पर
स्पष्ट रूप सेे लगााए गए घोोषणाा-पत्रोंं� नेे मृृत्युु कोो एक शााश्वत नींं�द घोोषि�त कर दि�याा।
परमेेश्वर केे भय काा बुुद्धि� केे आरंंभ सेे इतनाा दूू र होोनेे काा दाावाा कि�याा गयाा कि� यह मूूर्खखताा कीी
शुुरुआत थीी। स्वतंं त्रताा और देेश कीी पूूजाा कोो छोोड़कर सभीी धाार्मि�क उपाासनाा वर्जि�त कर दीी गई।
बाइबल और फ्रांसीसी क्र 193

«पेेरि�स केे संं वैैधाानि�क बि�शप कोो रााष्ट्रीी�य अभि�वेेदन केे बाावजूूद अब तक कि�ए गए सबसेे नि�र्ददयीी और
निं�दं नीीय प्रहसन मेंं मुुख्य भूूमि�काा नि�भाानेे केे लि�ए आगेे लाायाा गयाा। उसेे वि�शेेष अवसर पर बुुलााई हुई
सभाा मेंं घोोषि�त करनेे केे लि�ए कि� जि�स धर्मम कोो उसनेे इतनेे साालोंं� तक शि�क्षाा प्रदाान कीी थीी, वह हर तरह
सेे पुुरोोहि�त वृृत्‍ति��� काा एक अंंश थाा, जि�सकाा इति�हाास याा पवि�त्र सत्य मेंं कोोई आधाार नहींं� थाा। उसनेे
गंं भीीर और स्पष्ट शब्दोंं� मेंं, उस ईश्वर केे अस्ति�त्व कोो अस्वीीकाार कर दि�याा, जि�सकीी पूूजाा केे लि�ए उसेे
समर्पि�त कि�याा गयाा थाा, और भवि�ष्य मेंं खुुद कोो स्वतंं त्रताा, समाानताा, गुुण और नैैति�कताा कीी भक्ति� केे
लि�ए समर्पि�त कर दि�याा। उसकेे बााद उसनेे अपनेे धर्माा�ध्यक्षीीय अलंं करण मेेज पर रखेे, और सम्मेेलन
केे अध्यक्ष सेे भ्राातृृत्व काा आलिं�गं न प्रााप्त कि�याा। कई धर्ममत्याागीी यााजकोंं� नेे इस धर्माा�ध्यक्ष केे उदााहरण
काा अनुुसरण कि�याा।” —स्कॉॉट, खंं ड 1, अध्यााय 17।
«पृृथ्वीी केे रहनेेवाालेे उनकेे मरनेे सेे आनन्दि�त और मगन होंं�गेे, और एक दूू सरेे केे पाास भेंंट भेेजेंंगेे,
क्योंं�कि� इन दोोनोंं� भवि�ष्यद्वक्‍‍तााओंं नेे पृृथ्वीी केे रहनेेवाालोंं� कोो सताायाा थाा।» कााफि�र फ्रांं�स नेे परमेेश्वर केे
दोो गवााहोंं� कीी फटकाारनेे वाालीी आवााज़ कोो खाामोोश कर दि�याा थाा। सत्य काा वचन उसकीी गलि�योंं� मेंं मृृत
पड़ाा थाा, और जोो लोोग परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे प्रति�बंं धोंं� और अपेेक्षााओंं सेे घृृणाा करतेे थेे, वेे हर्षि�त थेे।
मनुुष्य नेे साार्ववजनि�क रूप सेे स्वर्गग केे रााजाा कीी अवहेेलनाा कीी। वेे पुुराानेे पाापि�योंं� कीी तरह बोोलेे: “परमेे-
श्वर कैै सेे जाानताा हैै? क्याा परमप्रधाान मेंं कुु छ ज्ञाान हैै?” भजन संं हि�ताा 73:11।
लगभग वि�श्वाास सेे परेे धर्ममद्रोोहीी दुःः�सााहस केे सााथ, नए वर्गग केे यााजकोंं� मेंं सेे एक नेे कहाा: «परमेे-
श्वर यदि� आप मौौजूूद हैंं, तोो अपनेे अपकृृ त नााम काा बदलाा लेंं। मैंं आपकोो चुुनौौतीी देेताा हूंं! आप चुुप हैंं;
आपनेे अपनीी फटकाार शुुरू करनेे कीी हि�म्मत नहींं� करेंं। इसकेे बााद कौौन आपकेे अस्ति�त्व पर वि�श्वाास
करेेगाा?” — लैैक्रेेटेेल, हि�स्ट्रीी� 11:309; इनेे सर आर्चीीबााल्ड एलि�सन, हि�स्ट्रीी� ऑफ यूूरोोप, खंं ड 1,
अध्यााय 10। फि�रौौन कीी माँँ�ग कीी यह कि�तनीी उचि�त प्रति�ध्वनि� हैै: «यहोोवाा कौौन हैै, कि� मैंं उसकीी बाात
माानूंं�?» “मैंं यहोोवाा कोो नहींं� जाानताा!”
«मूूर्खख नेे अपनेे मन मेंं कहाा हैै, कोोई परमेेश्वर नहींं� हैै।» भजन संं हि�ताा 14:1। और यहोोवाा
सत्य कोो वि�कृृ त करनेेवाालोंं� केे वि�षय मेंं घोोषणाा करताा हैै: «उनकीी अज्ञाानताा सब मनुुष्योंं� पर प्रगट
होो जााएगीी।» 2 तीीमुुथि�युुस 3:9। फ्रांं�स द्वााराा «अनंं त कााल मेंं नि�वाास करनेे वाालेे उच्च और उदाात्त,
जीीवि�त परमेेश्वर» कीी उपाासनाा कोो त्याागनेे केे बााद, यह केे वल कुु छ हीी समय बााद थाा कि� वह एक
चरि�त्रहीीन स्त्रीी केे रूप मेंं तर्कक शक्ति� कीी देेवीी कीी पूूजाा करकेे , अपमाानजनक मूूर्ति�पूूजाा करनेे लगाा।
और यह रााष्ट्रर कीी प्रति�नि�धि�क सभाा मेंं, और इसकेे सर्वोोच्च असैैन्य और वैैधाानि�क अधि�काारि�योंं�
द्वााराा! इति�हाासकाार कहताा हैै: “इस पाागल समय केे समाारोोहोंं� मेंं सेे एक अधर्मम केे सााथ बेेतुुकेेपन
केे लि�ए बेेजोोड़ हैै। सम्मेेलन केे दरवााज़ेे एक संं गीीत मंं डलीी केे लि�ए खोोल दि�ए गए थेे, जि�सकेे पहलेे,
नगर नि�कााय केे सदस्य स्वतंं त्रताा कीी प्रशंं साा मेंं एक भजन गाातेे हुए, और उनकीी भवि�ष्य कीी पूूजाा कीी
वस्तुु केे रूप मेंं, एक पोोशीीदाा स्त्रीी काा रक्षाार्थथ सााथ देेतेे हुए वि�धि�पूूर्णण जुुलूूस मेंं शाामि�ल हुए। मधुुशाालाा
केे भीीतर लााए जाानेे केे बााद, औपचाारि�क रूप सेे उसकाा अनाावरण कि�याा गयाा, और रााष्ट्ररपति� केे दााईं
ओर स्थाान दि�याा गयाा, जब उसेे आम तौौर पर ओपेेराा कीी एक नृृत्यांं�गनाा केे रूप मेंं पहचाानाा जााताा
थाा। इस व्यक्ति� कोो, उस तर्कक शक्ति� केे योोग्यतम प्रति�नि�धि� केे रूप मेंं, जि�सकीी वेे पूूजाा करतेे थेे, फ्रांं�स
केे रााष्ट्रीी�य सम्मेेलन नेे साार्ववजनि�क श्रद्धांं�जलि� दीी।
194 महाान वि�वााद

“इस अधर्मीी और हाास्याास्पद स्वाँँ�ग काा एक नि�श्चि�ित ढंंग थाा; और तर्कक शक्ति� कीी देेवीी कीी स्थाापनाा
काा नवीीनीीकरण और अनुुकरण संं पूूर्णण रााष्ट्रर मेंं कि�याा गयाा, ऐसेे स्थाानोंं� पर जहांं� केे नि�वाासीी खुुद कोो
क्रांं�ति� कीी सभीी ऊंंचााइयोंं� केे बरााबर दि�खाानाा चााहतेे थेे।” - स्कॉॉट, खंं ड 1, अध्यााय 17।
तर्कक शक्ति� कीी उपाासनाा काा परि�चय देेनेे वाालेे वक्ताा नेे कहाा: “वि�धाायक! कट्टरताा नेे तर्कक शक्ति� कोो
राास्ताा दि�याा हैै। उसकीी धुँँ�धलीी आँँखेंं प्रकााश कीी चमक कोो सहन नहींं� कर सकींं�। इस दि�न उन गॉॉथि�क
तहखाानोंं� केे नीीचेे एक वि�शााल भीीड़ जमाा होो गई हैै, जि�सनेे पहलीी बाार सच्चााई कोो फि�र सेे प्रति�ध्वनि�त
कि�याा। वहाँँ� फ्रांं�सीीसि�योंं� नेे एकमाात्र सच्चीी उपाासनाा कीी, - स्वााधीीनताा कीी, तर्कक शक्ति� कीी। वहांं� हमनेे
गणतंं त्र केे हथि�याारोंं� कीी समृृद्धि� केे लि�ए सााक्षाात काामनाा कीी हैै। वहाँँ� हमनेे तर्कक शक्ति� कीी नि�र्जीीव मूूर्ति�योंं�
कोो उस सजीीव छवि�, प्रकृृ ति� कीी उत्कृृष्ट कृृ ति�, केे लि�ए छोोड़ दि�याा हैै।” - एम. ए थि�यर्सस, हि�स्ट्रीी� ऑफ
द फ्रेेन्च रेेवलूूशन, खंं ड 2, पृृष् ठ 370, 371।
जब देेवीी कोो सम्मेेलन मेंं लाायाा गयाा, तोो वक्ताा नेे उसकाा हााथ पकड़ कर सभाा कीी ओर मुुड़तेे हुए कहाा:
«मनुुष्योंं�, एक परमेेश्वर जि�सकीी रचनाा तुुम्हाारेे भय नेे कीी हैै, उसकीी शक्ति�हीीन फटकाार केे साामनेे कांं�पनाा
बंं द करोो। अब सेे तर्कक शक्ति� केे अलाावाा कि�सीी ईश्वरत्व कोो स्वीीकाार नहींं� करनाा। मैंं आपकोो इसकीी सबसेे
उत्तम और शुुद्ध छवि� प्रदाान करताा हूंं; यदि� अगर आपकेे पाास मूूर्ति�याँँ� होोनीी चााहि�ए, केे वल ऐसेे केे लि�ए
बलि� चढ़ााएंं । स्वतंं त्रताा कीी सम्माान्य सि�नेेट केे साामनेे मृृत्युु कोो ग्रहण करोो, ओह! तर्कक शक्ति� काा आवरण!»
सभाापति� द्वााराा अंंगीीकाार कि�ए जाानेे केे बााद, देेवीी कोो एक शाानदाार काार पर चढ़ाा दि�याा गयाा, और
भाारीी भीीड़ केे बीीच, ईश्वर कीी जगह लेेनेे केे लि�ए नोोट्रेे� डेेम केे गि�रजााघर मेंं लेे जाायाा गयाा। वहाँँ� उसेे
ऊँँ चीी वेेदीी पर ऊपर उठाायाा गयाा, और वह सभीी उपस्थि�त लोोगोंं� कीी श्रद्धाा काा पाात्र बनीी। ‹› —एलि�सन,
खंं ड 1, अध्यााय 10।
इसकेे कुु छ हीी समय बााद, साार्ववजनि�क रूप सेे बााइबलेंं जलााई गईं। एक अवसर पर «द पॉॉपुुलर
सोोसााइटीी ऑफ़ द म्यूूज़ि�यम» नेे «वि�वेे लाा राायसन! कहतेे हुए और एक बल्लीी केे शीीर्षष पर कई पुुस्तकोंं�
केे अधजलेे अवशेेष और सााथ हीी आह्नि�िकााएंं , प्राार्थथनाा पुुस्ति�कााएंं , और पुुराानेे और नए नि�यम उठााए
नगरपाालि�काा केे हॉॉल मेंं प्रवेेश कि�याा।» सभाापति� नेे कहाा इन्होंं�नेे “उन सब मूूर्खखतााओंं कोो, जि�न्हेंं उन्होंं�नेे
मनुुष्यजााति� सेे करवााईं, एक बड़ीी आग मेंं नि�वृृत्त कर दि�याा। «—जर्ननल ऑफ़ पेेरि�स, 1793, नंं बर
318। बुुचेेज़-रौौक्स, कलैैक्शन आफ़ पाार्लि�याामेंंट्रीी� हि�स्ट्रीी� मेंं उद्धृतृ , खंं ड 30, पृृष् ठ 200, 201।
पोोपतंं त्र नेे हीी वह कााम शुुरू कि�याा थाा जि�सेे नाास्ति�कताा पूूराा कर रहीी थीी। रोोम कीी नीीति� नेे उन
साामााजि�क, रााजनीीति�क और धाार्मि�क परि�स्थि�ति�योंं� कोो उत्पन्न कि�याा, जोो फ्रांं�स कोो तेेजीी सेे वि�नााश कीी
ओर लेे जाा रहेे थेे। क्रांं�ति� कीी भयाावहताा काा उल्लेेख करतेे हुए लेेखकोंं� नेे कहाा कि� इन ज्याादति�योंं� कोो
सिं�हां ासन और चर्चच पर आरोोपि�त कि�याा जाानाा हैै। (टि�प्पणीी 21 देेखेंं।) सख्त न्यााय केे तहत उन्हेंं चर्चच
पर आरोोपि�त कि�याा जाानाा हैै। धर्मम सुुधाार कोो सम्रााट काा दुश्म ु न, रााष्ट्रर कीी शांं�ति� और सद्भा
् ाव केे लि�ए
घाातक सि�द्ध होोनेे वाालाा बताातेे हुए, पोोपवााद नेे धर्मम सुुधाार केे खि�लााफ रााजााओंं केे दि�मााग मेंं ज़हर भर
दि�याा थाा। यह रोोम कीी प्रति�भाा थीी जि�सनेे इस मााध्यम सेे सबसेे गंं भीीर क्रूूरताा और सिं�हां ासन सेे आगेे
बढ़नेे वाालेे सबसेे क्रूूर उत्पीीड़न कोो प्रेेरि�त कि�याा।
स्वतंं त्रताा कीी भाावनाा बााइबि�ल केे सााथ चलीी गई। जहांं� कहींं� भीी सुुसमााचाार ग्रहण कि�याा गयाा, लोोगोंं�
केे मन जाागृृत होो गए। उन्होंं�नेे उन बेेड़ि�योंं� कोो हटाानाा शुुरू कर दि�याा, जि�न्होंं�नेे उन्हेंं अज्ञाानताा, बुुरााई और
बाइबल और फ्रांसीसी क्र 195

अंंधवि�श्वाास काा गुुलााम बनाा रखाा थाा। वेे पुुरुषोंं� कीी तरह सोोचनेे और काार्यय करनेे लगेे। सम्रााटोंं� नेे इसेे
देेखाा और अपनीी नि�रंंकुुशताा केे काारण कांं�पनेे लगेे।
रोोम उनकेे ईर्ष्याा�लुु भय कोो भड़काानेे मेंं धीीमाा नहींं� थाा। पोोप नेे 1525 मेंं फ्रांं�स केे रााज्यााधि�काारीी सेे
कहाा: «यह उन्मााद [प्रोोटेेस्टेंंटवााद] न केे वल धर्मम कोो, बल्कि� सभीी रि�याासतोंं�, कुु लीीनोंं�, काानूूनोंं�, नि�यमोंं�,
गणोंं�, वर्गोंं कोो भ्रमि�त करेेगाा और नष्ट कर देेगाा।” - जीी। डीी फेे लि�स, हि�स्ट्रीी� ऑफ प्रोोटेेस्टेंंट्स् ऑफ
फ्रांं�स, पुुस्तक 1, अध्यााय 2, अनुुच्छेेद 8। कुु छ सााल बााद पोोप केे एक दूू त नेे रााजाा कोो चेेताावनीी दीी:
“महाारााज, धोोखाा मत खााओ। प्रोोटेेस्टेंंट सभीी नाागरि�क और सााथ हीी धाार्मि�क व्यवस्थाा कोो अस्तव्य-
स्त कर देंंगेे। सिं�हां ासन उतनाा हीी खतरेे मेंं हैै जि�तनीी कि� वेेदीी। एक नए धर्मम कीी शुुरूआत अनि�वाार्यय रूप
सेे एक नई सरकाार कीी स्थाापनाा करतीी हैै।» - डीी›ऑबि�ग्नेे, हि�स्ट्रीी� ऑफ द रि�फॉॉर्मेेशन इन यूूरोोप इन
द टााइम ऑफ केे ल्वि�न, पुुस्तक 2, अध्यााय 36। और धर्ममशाास्त्रि�ियोंं� नेे यह घोोषणाा करकेे लोोगोंं� कोो
आश्वस्त कि�याा कि� प्रोोटेेस्टेंंट सि�द्धांं�त «मनुुष्योंं� कोो नवीीनताा और मूूर्खखताा केे लि�ए लुुभााताा हैै; यह रााजाा
कोो उसकीी प्रजाा केे प्रति� समर्पि�त स्नेेह सेे वंं चि�त कर देेताा हैै, और कलीीसि�याा और रााज्य दोोनोंं� कोो तबााह
कर देेताा हैै।» इस प्रकाार रोोम फ्रांं�स कोो सुुधाार केे खि�लााफ खड़ाा करनेे मेंं सफल रहाा। «यह सिं�हां ासन कोो
बनााए रखनेे, अभि�जाातोंं� कोो संं रक्षि�त करनेे और नि�यमोंं� कोो बनााए रखनेे केे लि�ए थाा, कि� उत्पीीड़न कीी
तलवाार पहलेे फ्रांं�स मेंं अनाावृृत कीी गई थीी।” —वि�लीी, पुुस्तक। 13, अध्यााय 4।
देेश केे शाासकोंं� नेे उस घाातक नीीति� काा पूूर्वाा�नुुमाान नहींं� लगाायाा। बााइबल कीी शि�क्षाा लोोगोंं� केे मन
और हृदय मेंं न्यााय, संं यम, सत्य, समाानताा और परोोपकाार केे उन सि�द्धांं�तोंं� कोो स्थाापि�त कर देेतीी जोो
कि�सीी रााष्ट्रर कीी समृृद्धि� कीी आधाारशि�लाा हैंं। «जााति� कीी बढ़तीी धर्मम हीी सेे होोतीी हैै।» फलस्वरूप «गद्दीी
धर्मम हीी सेे स्थि�र रहतीी हैै।»
नीीति�वचन 14:34; 16:12। «धर्मम काा फल शाान्ति� और उसकाा परि�णााम सदाा काा चैैन और
नि�श्चि�िन्त रहनाा होोगाा।» यशाायााह 32:17। वह जोो ईश्वरीीय काानूून काा पाालन करताा हैै वह वाास्तव
मेंं अपनेे देेश केे काानूूनोंं� काा सम्माान और पाालन करेेगाा। जोो परमेेश्वर काा भय माानताा हैै, वह सभीी
न्याायपूूर्णण और वि�धि�सम्मत अधि�काार केे प्रयोोग मेंं रााजाा काा सम्माान करेेगाा। लेेकि�न अप्रसन्न फ्रांं�स नेे
बााइबल कोो प्रति�बंं धि�त कर दि�याा और उसकेे शि�ष्योंं� पर प्रति�बंं ध लगाा दि�याा। सदीी दर सदीी, चरि�त्र-
वाान और सत्यनि�ष्ठ व्यक्ति�, बौौद्धि�क तीीक्ष्णताा और नैैति�क शक्ति� वाालेे व्यक्ति�, जोो अपनेे धाारणााओंं कोो
खुुलेे तौौर पर स्वीीकाार करनेे काा सााहस रखतेे थेे और सत्य केे लि�ए पीीड़ि�त होोनेे काा वि�श्वाास रखतेे थेे -
सदि�योंं� तक इन लोोगोंं� नेे पोोतोंं� मेंं दाासोंं� केे रूप मेंं परि�श्रम कि�याा, कााठ पर मर गए, याा काालकोोठरीी मेंं
सड़ गए। हज़ाारोंं� कीी संं ख्याा कोो पलाायन मेंं सुुरक्षाा मि�लीी; और यह सुुधाार कीी शुुरुआत केे बााद ढााई सौौ
सााल तक जाारीी रहाा।
«शाायद हीी लंं बेे समय केे दौौराान फ्रांं�सीीसीी लोोगोंं� कीी एक पीीढ़ीी थीी जि�सनेे सुुसमााचाार केे शि�ष्योंं� कोो,
और उनकेे सााथ बुुद्धि�, कलाा, उद्योोग, समााज, जि�समेंं, आमतौौर पर, वेे वि�शेेष रूप सेे अग्रगण्य थेे, उस
भूूमि� कोो समृृद्ध करनेे केे लि�ए, जि�समेंं उन्हेंं शरण मि�लीी थीी, उत्पीीड़कोंं� केे पाागल क्रोोध सेे भाागतेे हुए नहींं�
देेखाा। और जि�स अनुुपाात मेंं उन्होंं�नेे अन्य देेशोंं� कोो इन अच्छेे उपहाारोंं� सेे भर दि�याा, उन्होंं�नेे अपनाा खुुद
केे देेश कोो उन उपहाारोंं� सेे वंं चि�त कर दि�याा। यदि� वह सब जोो अब हटाा दि�याा गयाा थाा, फ्रांं�स मेंं रखाा
गयाा होोताा; यदि�, इन तीीन सौौ वर्षोंं केे दौौराान, नि�र्वाा�सि�तोंं� काा औद्योोगि�क कौौशल उसकीी मि�ट्टीी कोो उन्नत
196 महाान वि�वााद

कर रहाा होोताा; यदि�, इन तीीन सौौ वर्षोंं केे दौौराान, उनकाा कलाात्मक झुका ु ाव उसकेे असबााब मेंं सुुधाार कर
रहाा होोताा; यदि�, इन तीीन सौौ वर्षोंं केे दौौराान, उनकीी रचनाात्मक प्रति�भाा और वि�श्लेेषणाात्मक शक्ति� उसकेे
सााहि�त्य कोो समृृद्ध कर रहीी होोतीी और उसकेे वि�ज्ञाान कोो वि�कसि�त कर रहीी होोतीी; यदि� उनकाा वि�वेेक
उसकीी सभााओंं काा माार्गगदर्शशन कर रहाा होोताा, उनकीी बहाादुरीु ी उसकीी लड़ााई लड़ रहीी होोतीी, उनकीी न्याा-
यसंं गतताा उसकेे काानूूनोंं� कोो सूूत्रबद्ध कर रहीी होोतीी, और बााइबल काा धर्मम उसकेे लोोगोंं� कीी बुुद्धि� कोो
स्वस्थ और उनकेे अंंतःःकरण कोो नि�यंं त्रि�त कर रहाा होोताा, इस दि�न फ्रांं�स कोो क्याा गौौरव प्रााप्त होोताा! वह
कि�तनाा समृृद्ध और खुुशहााल देेश होोताा—रााष्ट्रों��ं केे लि�ए एक प्रति�माान!
«लेेकि�न एक अंंधीी और कठोोर कट्टरताा नेे उसकीी मि�ट्टीी सेे हर सद्गुुण केे शि�क्षक, समि�ति� केे हर सूूरमाा,

सिं�हाासन केे हर ईमाानदाार रक्षक कोो भगाा दि�याा; उसनेे उन लोोगोंं� सेे कहाा, जि�न्होंं�नेे उनकेे देेश कोो पृृथ्वीी पर
एक ‹यशस्वीी और शोोभाा› बनाायाा होोताा, चुुन लोो, आपकोो क्याा चााहि�येे धर्मम हेेतुु मरण याा नि�र्वाा�सन। अंंत मेंं
रााज्य काा वि�नााश पूूराा होो गयाा थाा; वर्जि�त करनेे केे लि�ए अब कोोई अंंतःःकरण नहींं� बचाा; कााठ तक घसीीट कर
लेे जाानेे केे लि�ए धर्मम नहींं� बचाा; पीीछाा कर नि�र्वाा�सन मेंं भेेज देेनेे केे लि�ए और कोोई देेशभक्ति� नहींं� रहीी।” —
वि�लीी, पुुस्तक 13, अध्यााय 20। और क्रांं�ति�, अपनीी सभीी भयाावहतााओंं केे सााथ, भयाानक परि�णााम थीी।
«फ्रांं�सीीसीी प्रोोटेेस्टेंंटोंं� केे पलाायन केे सााथ फ्रांं�स पर एक साार्ववजनि�क पतन छाा गयाा। फलतेे-फूू लतेे
व्याावसाायि�क शहर नष्ट होो गए; उपजााऊ जि�लेे अपनेे मूूल वन्यताा मेंं लौौट गए; अनपेेक्षि�त प्रगति� कीी
अवधि� काा स्थाान बौौद्धि�क नीीरसताा और नैैति�क पतन नेे लेे लि�याा। पेेरि�स एक वि�शााल दाानशाालाा बन गयाा,
और यह अनुुमाान लगाायाा जााताा हैै कि�, क्रांं�ति� केे छि�ड़नेे पर, दोो लााख कंं गाालोंं� नेे रााजाा केे हााथोंं� सेे दाान
माँँ�गाा। केे वल जेेसुुइट हीी इस नष्ट होो रहेे रााष्ट्रर मेंं फलेे-फूू लेे, और उन्होंं�नेे कलीीसि�यााओंं और स्कूूलोंं� मेंं,
बन्दीीगृृहोंं� और पोोतोंं� पर भयाानक अत्यााचाार केे सााथ शाासन कि�याा।”
सुुसमााचाार फ्रांं�स मेंं उन रााजनीीति�क और साामााजि�क समस्यााओंं काा समााधाान लेेकर आताा जि�न्होंं�नेे
उसकेे पाादरि�योंं�, उसकेे रााजाा और उसकेे वि�धाायकोंं� केे कौौशल कोो माात देे दीी थीी, और अंंत मेंं देेश
कोो अरााजकताा और बर्बाा�दीी मेंं डााल दि�याा थाा। लेेकि�न रोोम केे प्रभुुत्व केे अधीीन लोोगोंं� नेे उद्धाारक-
र्ताा� केे आत्म-बलि�दाान और निः�ःस्वाार्थथ प्रेेम केे धन्य सबकोंं� कोो भुुलाा दि�याा थाा। उन्हेंं दूू सरोंं� कीी भलााई
केे लि�ए आत्म-त्यााग कीी प्रथाा सेे दूू र लेे जाायाा गयाा थाा। अमीीरोंं� कोो गरीीबोंं� केे उत्पीीड़न केे लि�ए कोोई
फटकाार नहींं� मि�लीी, गरीीबोंं� कोो उनकीी दाासताा और अपकर्षष केे लि�ए कोोई मदद नहींं� मि�लीी। धनीी और
शक्ति�शाालीी लोोगोंं� काा स्वाार्थथ अधि�क सेे अधि�क प्रत्यक्ष और दमनकाारीी होोताा गयाा। सदि�योंं� सेे अभि�जाात
केे लाालच और लाापरवााहीी केे काारण कि�साानोंं� कीी ओर सेे जबरन वसूूलीी कीी जाातीी रहीी। अमीीर गरीीबोंं�
पर अत्यााचाार करतेे थेे, और गरीीब अमीीरोंं� सेे नफरत करतेे थेे।
कई प्रांं�तोंं� मेंं जाागीीरेंं अभि�जाातोंं� केे पाास थींं�, और मजदूू र वर्गग केे वल कााश्तकाार थेे; वेे अपनेे
जमींं�दाारोंं� कीी दयाा पर नि�र्भभर थेे और उन्हेंं उनकीी अत्यधि�क मांं�गोंं� कोो स्वीीकाार करनेे केे लि�ए मजबूूर
कि�याा गयाा थाा। कलीीसि�याा और रााज्य दोोनोंं� कोो समर्थथन देेनेे काा भाार मध्यम और नि�म्न वर्गोंं पर पड़ाा,
जि�न पर नाागरि�क अधि�काारि�योंं� और पाादरि�योंं� द्वााराा भाारीी कर लगाायाा जााताा थाा। अभि�जाातोंं� कीी खुुशीी
कोो सर्वोोच्च काानूून माानाा जााताा थाा; कि�साान और देेहाातीी भूूखेे मर सकतेे थेे, क्योंं�कि� उनकेे उत्पीीड़कोंं�
कोो कुु छ भीी परवााह नहींं� थीी। लोोगोंं� कोो हर मोोड़ पर जमींं�दाार केे वि�शेेष हि�तोंं� काा ध्याान रखनेे केे लि�ए
मजबूूर कि�याा जााताा थाा। खेेति�हर मज़दूू रोंं� काा जीीवन अनवरत कााम और नि�रंंतर दुखोंं� ु काा जीीवन थाा;
बाइबल और फ्रांसीसी क्र 197

उनकीी शि�काायतोंं� कीी, यदि� उन्होंं�नेे कभीी शि�काायत करनेे काा सााहस कि�याा, धृृष् ट अवमााननाा कीी जाातीी
थीी। न्यााय कीी अदाालतेंं हमेेशाा एक कि�साान केे खि�लााफ एक कुु लीीन कीी बाात माानतीी हैंं; न्याायााधीीशोंं�
द्वााराा रि�श्वत कोो कुु ख्याात रूप सेे स्वीीकाार कि�याा जााताा थाा; और साार्ववभौौमि�क भ्रष्टााचाार कीी इस प्रणाालीी
केे आधाार पर, अभि�जाात वर्गग कीी छोोटीी सेे छोोटीी सनक मेंं काानूून काा बल थाा। एक तरफ धर्ममनि�रपेेक्ष
अमीीरोंं� द्वााराा, और दूू सरीी ओर पाादरि�योंं� द्वााराा जनसााधाारण सेे वसूूलेे गए करोंं� मेंं सेे, आधेे भीी कभीी शााहीी
याा बि�शप केे खजाानेे तक नहींं� पहुंंचेे; बााकीी कोो अपव्ययीी आसक्ति� मेंं बर्बाा�द कर दि�याा जााताा थाा। और
जोो लोोग इस प्रकाार अपनीी सााथीी प्रजाा कोो गरीीब बनाातेे थेे, वेे स्वयंं करााधाान सेे मुुक्त थेे, और रााज्य कीी
सभीी नि�युुक्ति�योंं� केे लि�ए काानूून याा प्रथाा केे हकदाार थेे। वि�शेेषााधि�काार प्रााप्त वर्गोंं कीी संं ख्याा एक लााख
पचाास हजाार थीी, और उनकीी संं तुुष्टि�ि केे लि�ए लााखोंं� लोोगोंं� कोो नि�रााश और अपमाानजनक जीीवन काा
दंंड मि�लाा। «(टि�प्पणीी 22 देेखेंं।)
अदाालत कोो वि�लाासि�ताा और भ्रष्टााचाार केे लि�ए छोोड़ दि�याा गयाा थाा। लोोगोंं� और शाासकोंं� केे बीीच
बहुत कम वि�श्वाास मौौजूूद थाा। सरकाार केे तमााम उपाायोंं� कोो षड्यंंत्रकाारीी और स्वाार्थीी होोनेे काा संं देेह पैैदाा
होो गयाा। क्रांं�ति� केे समय सेे पहलेे आधीी सदीी सेे भीी अधि�क समय तक सिं�हां ासन पर लुुई पंं द्रह थाा, जोो
उस बुुरेे समय मेंं भीी, एक अकर्ममण्य, तुुच्छ और वि�षयाासक्त सम्रााट केे रूप मेंं प्रति�ष्ठि��त थाा। एक भ्रष्ट
और क्रूूर अभि�जाात वर्गग और एक गरीीब और अज्ञाानीी नि�म्न वर्गग, आर्थि�क रूप सेे शर्मिं�दाा रााज्य और
क्रोोधि�त लोोगोंं� केे होोतेे हुए, एक भयाानक आसन्न प्रकोोप काा पूूर्वाा�नुुमाान लगाानेे केे लि�ए उसेे कि�सीी भवि�-
ष्यद्वक्ताा कीी तााड़नाा कीी आवश्यकताा नहींं� थीी। अपनेे सलााहकाारोंं� कीी चेेताावनि�योंं� केे लि�ए रााजाा जवााब
देेनेे काा आदीी थाा: “जब तक मेेरेे जीीवि�त रहनेे कीी संं भाावनाा हैै, कााम कोो जाारीी रखनेे कीी कोोशि�श करोो;
मेेरीी मृृत्युु केे बााद जैैसाा होोगाा वैैसाा हीी होोगाा।” सुुधाार कीी आवश्यकताा काा आग्रह व्यर्थथ मेंं कि�याा गयाा।
उसनेे बुुरााइयोंं� कोो देेखाा, लेेकि�न न तोो उसमेंं उनकाा साामनाा करनेे कीी हि�म्मत थीी और न हीी उनसेे मि�लनेे
कीी तााकत। उसकेे अकर्ममण्य और स्वाार्थीी उत्तर मेंं फ़्रांं�स पर आनेे वाालाा वि�नााश सत्यताा सेे चि�त्रि�त कि�याा
गयाा थाा, «मेेरेे बााद, जलप्रलय!»
रााजााओंं और शाासक वर्गोंं कीी ईर्ष्याा� पर कााम करकेे , यह जाानतेे हुए कि� रााज्य इस प्रकाार कमज़ोोर
होो जााएगाा, और इस तरह सेे शाासकोंं� और लोोगोंं� दोोनोंं� कोो अपनेे वश मेंं करनेे काा इराादाा रखतेे हुए, रोोम
नेे लोोगोंं� कोो बंं धन मेंं रखनेे केे लि�ए उन्हेंं प्रभाावि�त कि�याा थाा। दूू रदर्शीी नीीति� केे सााथ उसनेे महसूूस कि�याा
कि� पुुरुषोंं� कोो प्रभाावीी ढंंग सेे गुुलााम बनाानेे केे लि�ए, उनकीी आत्मााओंं पर बेेड़ि�योंं� कोो बांं�धनाा चााहि�ए; यह
कि� उन्हेंं उनकेे बंं धन सेे छुु टकााराा पाानेे सेे रोोकनेे काा सबसेे पक्काा तरीीकाा यह थाा कि� उन्हेंं स्वतंं त्रताा केे
लि�ए अक्षम कर दि�याा जााए। उसकीी नीीति� केे परि�णाामस्वरूप होोनेे वाालीी शाारीीरि�क पीीड़ाा सेे एक हजाार
गुुनाा अधि�क भयाानक नैैति�क पतन थाा। बााइबल सेे वंं चि�त, और कट्टरताा और स्वाार्थथ कीी शि�क्षााओंं केे
वशीीभूूत, लोोग अज्ञाानताा और अंंधवि�श्वाास घि�रेे हुए थेे, और बुुरााई मेंं डूू बेे हुए थेे, तााकि� वेे स्वशाासन केे
लि�ए पूूरीी तरह सेे अयोोग्य होो गए थेे।
लेेकि�न इन सबकाा क्रि�याान्वयन रोोम केे उद्देेश्य सेे व्याापक रूप सेे भि�न्न थाा। जनताा कोो अपनेे हठध-
र्मि�ताा केे प्रति� अंंध समर्पपण मेंं रखनेे केे बजााय, उसकेे कााम नेे उन्हेंं कााफि�र और क्रांं�ति�काारीी बनाा दि�याा।
रोोमनवााद कोो उन्होंं�नेे पुुरोोहि�त वृृत्‍ति��� केे रूप मेंं तुुच्छ जाानाा। उन्होंं�नेे पाादरि�योंं� कोो अपनेे उत्पीीड़न केे एक
पक्ष केे रूप मेंं देेखाा। वह एकमाात्र ईश्वर जि�सेे वेे जाानतेे थेे वह रोोम काा देेवताा थाा; उसकीी शि�क्षाा हीी
198 महाान वि�वााद

उनकाा एकमाात्र धर्मम थाा। वेे उसकेे लाालच और क्रूूरताा कोो बााइबल काा वैैध फल माानतेे थेे, और उन्होंं�नेे
इसेे कतई स्वीीकाार नहींं� कि�याा।
रोोम नेे परमेेश्वर केे चरि�त्र कोो गलत तरीीकेे सेे प्रस्तुुत कि�याा थाा और उसकीी अपेेक्षााओंं कोो वि�कृृ त
कि�याा थाा, और अब लोोगोंं� नेे बााइबल और उसकेे लेेखक दोोनोंं� कोो अस्वीीकाार कर दि�याा। पवि�त्र शाास्त्र
कीी दि�खाावटीी स्वीीकृृ ति� केे तहत, उसेे अपनेे हठधर्मि�ताा मेंं एक अंंध वि�श्वाास कीी अपेेक्षाा कीी थीी। प्रति�-
क्रि�याा मेंं, वोोल्टेेयर और उसकेे सहयोोगि�योंं� नेे परमेेश्वर केे वचन कोो पूूरीी तरह सेे खाारि�ज कर दि�याा और
हर जगह अधर्मम काा ज़हर फैै लाा दि�याा। रोोम नेे अपनीी याातनाा केे तहत लोोगोंं� कोो कुु चल दि�याा थाा; और
अब जनताा नेे, अपमाानि�त और प्रतााड़ि�त, उसकेे अत्यााचाार केे प्रति�घाात मेंं, सभीी संं यमोंं� कोो हटाा दि�याा।
उस चमचमाातेे प्रवंं चक सेे क्रुुद्ध होोकर, जि�सकोो उन्होंं�नेे अब तक श्रद्धांं�जलि� दीी थीी, उन्होंं�नेे सत्य और
असत्य कोो एक सााथ अस्वीीकाार कर दि�याा; और स्वच्छंंदताा कोो गलतीी सेे स्वतंं त्रताा समझ, दोोष केे दाास
अपनीी कल्पि�त स्वतंं त्रताा मेंं प्रसन्न थेे।
क्रांं�ति� कीी शुुरुआत मेंं, रााजाा कीी रि�याायत सेे, लोोगोंं� कोो कुु लीीनोंं� और पाादरि�योंं� केे संं युुक्त प्रति�नि�धि�-
त्व सेे अधि�क प्रति�नि�धि�त्व दि�याा गयाा थाा। इस प्रकाार सत्ताा काा संं तुुलन उनकेे हााथ मेंं थाा; लेेकि�न वेे इसेे
बुुद्धि� और संं यम केे सााथ इस्तेेमााल करनेे केे लि�ए तैैयाार नहींं� थेे। जोो कष्ट उन्होंं�नेे सहेे थेे, उनकेे नि�वाारण
केे लि�ए आतुुर, उन्होंं�नेे समााज काा पुुनर्नि�र्माा�ण करनेे काा संं कल्प लि�याा। एक आक्रोोशि�त जनसमुुदााय नेे,
जि�नकेे मन कड़वेे और लंं बेे समय सेे अन्यााय कीी याादोंं� सेे भरेे थेे, उस दुख ु कीी स्थि�ति� मेंं क्रांं�ति� लाानेे काा
संं कल्प लि�याा जोो असहनीीय होो गई थीी और उन लोोगोंं� सेे खुुद काा बदलाा लेेनेे काा संं कल्प लि�याा, जि�न्हेंं
वेे अपनेे कष्टोंं� केे लेेखक माानतेे थेे। उत्पीीड़ि�तोंं� नेे अत्यााचाार केे तहत जोो सबक सीीखाा थाा, उसकाा पाालन
कि�याा और उन लोोगोंं� केे उत्पीीड़क बन गए जि�न्होंं�नेे उन पर अत्यााचाार कि�याा थाा।
अप्रसन्न फ्रांं�स नेे अपनेे कि�येे काा फल भोोगाा। रोोम कीी नि�यंं त्रण शक्ति� केे प्रति� उसकेे समर्पपण केे
परि�णााम भयाानक थेे। जहांं� फ्रांं�स नेे, रोोमनवााद केे प्रभााव मेंं, सुुधाार केे शुुरूआत पर अपनाा पहलाा
वध-मंं च स्थाापि�त कि�याा थाा वहांं� क्रांं�ति� नेे अपनाा पहलाा कर्ततन-यन्त्र स्थाापि�त कि�याा थाा। उसीी स्थाान पर
जहांं� सोोलहवींं� शतााब्दीी मेंं प्रोोटेेस्टेंंट धर्मम केे पहलेे शहीीदोंं� कोो जलाायाा गयाा थाा, अठाारहवींं� शतााब्दीी मेंं
पहलेे पीीड़ि�तोंं� काा शि�रश्छेे दन कि�याा गयाा थाा। सुुसमााचाार, जोो उसेे चंं गाा कर सकताा थाा, उसकोो खदेेड़नेे
मेंं फ्रांं�स नेे अधर्मम और बर्बाा�दीी काा द्वाार खोोल दि�याा थाा। जब परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे बंं धनोंं� कोो हटाा
दि�याा गयाा, तोो यह पाायाा गयाा कि� मनुुष्य केे नि�यम माानव जुुनूून केे शक्ति�शाालीी ज्वाार कोो रोोकनेे केे लि�ए
अपर्याा�प्त थेे; और रााष्ट्रर तेेजीी सेे वि�द्रोोह और अरााजकताा कीी ओर बढ़ाा। बााइबि�ल केे खि�लााफ युुद्ध नेे
एक ऐसेे युुग काा उद्घा् ाटन कि�याा जि�सेे दुनि�या ु ा केे इति�हाास मेंं आतंं क केे शाासन केे रूप मेंं जाानाा जााताा
हैै। लोोगोंं� केे घरोंं� और दि�लोंं� सेे शांं�ति� और खुुशीी दूू र होो गई। कोोई सुुरक्षि�त नहींं� थाा। वह जोो आज
वि�जय प्रााप्त करताा थाा, उस पर शक कि�याा जााताा थाा और कल उसकोो अपरााधीी ठहराायाा जााताा थाा।
हिं�सां ा और लोोभ नि�र्वि�वााद रूप सेे हाावीी रहेे। रााजाा, पाादरि�योंं� और अभि�जाातोंं� कोो उत्तेेजि�त और क्रोोधि�त
लोोगोंं� केे अत्यााचाारोंं� कोो स्वीीकाार करनेे केे लि�ए मजबूूर कि�याा गयाा। रााजाा केे वध नेे प्रति�शोोध कीी उनकीी
प्याास कोो केे वल उकसाायाा; और जि�न्होंं�नेे उसकीी मृृत्युु काा आदेेश दि�याा थाा, वेे शीीघ्र हीी उसकेे पीीछेे -पीीछेे
वध-मंं च पहुँँच गए। क्रांं�ति� केे प्रति� शत्रुुताा केे सभीी संं दि�ग्धोंं� काा एक साार्ववजनि�क नर-संं हाार नि�र्धाा�रि�त
कि�याा गयाा। एक समय मेंं दोो लााख सेे अधि�क बंं दि�योंं� सेे बन्दीीगृृह खचााखच भरेे थेे। रााज्य केे नगर भय
बाइबल और फ्रांसीसी क्र 199

केे दृश्योंं� सेे भरेे हुए थेे। क्रांं�ति�काारि�योंं� काा एक दल दूू सरेे दल केे खि�लााफ थाा, और फ्रांं�स उनकेे जुुनूून केे
क्रोोध सेे बहकीी वि�रोोधीी जनताा केे लि�ए एक वि�शााल क्षेेत्र बन गयाा। «पेेरि�स मेंं एक केे बााद एक हिं�सक ं
आंंदोोलन हुए, और नाागरि�क गुुटोंं� केे एक मि�श्रण मेंं वि�भााजि�त होो गए, जोो केे वल परस्पर वि�नााश पर
तुुलेे हुए प्रतीीत होो रहेे थेे।» और साार्ववजनि�क दुख ु कोो बढ़ाानेे केे लि�ए, रााष्ट्रर यूूरोोप कीी महाान शक्ति�योंं� केे
सााथ एक लंं बेे और वि�नााशकाारीी युुद्ध मेंं शाामि�ल होो गयाा। «देेश लगभग दि�वाालि�याा होो गयाा थाा, सेेनााएंं
बकाायाा वेेतन कीी मांं�ग कर रहीी थींं�, पेेरि�सवाासीी भूूख सेे मर रहेे थेे, प्रांं�तोंं� कोो लुुटेेरोंं� द्वााराा बर्बाा�द कर दि�याा
गयाा थाा, और अरााजकताा और स्वच्छंंदताा मेंं सभ्यताा लगभग बुुझ गई थीी।»
बहुत अच्छीी तरह सेे लोोगोंं� नेे क्रूूरताा और याातनाा केे सबक सीीखेे थेे जोो रोोम नेे इतनीी मेेहनत सेे सि�खााए
थेे। आख़ि�रकाार प्रति�शोोध काा दि�न आ हीी गयाा। यह इस समय नहींं� थाा कि� यीीशुु केे चेेलोंं� कोो कोोठरि�योंं� मेंं
डााल दि�याा गयाा और उन्हेंं घसीीट कर कााठ पर लेे जाायाा गयाा। बहुत पहलेे येे नष्ट होो गए थेे याा नि�र्वाा�सन
मेंं खदेेड़ दि�ए गए थेे। नि�र्ददय रोोम नेे अब उन लोोगोंं� कीी घाातक शक्ति� कोो महसूूस कि�याा जि�न्हेंं उसनेे लहू
केे काार्योंं सेे प्रसन्न करनेे केे लि�ए प्रशि�क्षि�त कि�याा थाा। «फ्रांं�स केे पाादरि�योंं� नेे जोो उत्पीीड़न काा उदााहरण
इतनेे युुगोंं� तक प्रदर्शि�त कि�याा थाा, उसीी सेे अब उन पर वि�शि�ष्ट शक्ति� केे सााथ पलटवाार कि�याा गयाा थाा।
पाादरि�योंं� केे खूून सेे वध-मंं च लााल होो गए। पोोत और बन्दीीगृृह, जोो कभीी फ्रेंंच प्रोोटेेस्टेंंटोंं� सेे भरेे हुए थेे,
अब उनकेे उत्पीीड़कोंं� सेे भर गए थेे। दांं�तेेदाार पट्टीी पर जंं जीीर सेे जकड़ाा हुआ और चप्पूू चलाातेे हुए रोोमन
कैै थोोलि�क पाादरि�योंं� नेे उन सभीी पीीड़ााओंं काा अनुुभव कि�याा जोो उनकीी कलीीसि�याा नेे उदाार वि�धर्मि�योंं� पर
इतनीी बहुताायत सेे पहुंंचााई थींं�।» (टि�प्पणीी 23 शि�ष्ट देेखें।ं )
“फि�र वेे दि�न आए जब सभीी संं हि�तााओंं मेंं सबसेे बर्बबर सभीी न्याायााधि�करणोंं� केे सबसेे बर्बबर द्वााराा
प्रशाासि�त कि�याा गयाा; जब कोोई भीी व्यक्ति� अपनेे पड़ोोसि�योंं� कोो बधााई नहींं� देे सकताा नाा हीी प्राार्थथनाा कर
सकताा थाा ...मृृत्युुदंंड योोग्य अपरााध करनेे केे जोोखि�म केे बि�नाा; जब जाासूूस हर कोोनेे मेंं घाात मेंं रहतेे
थेे; जब हर सुुबह कर्ततन-यन्त्र व्यस्त होोताा थाा; जब बन्दीीगृृह दाासोंं� कोो लेे जाानेे वाालेे जहााज केे मााल
ढोोनेे वाालेे भााग कीी तरह भरेे होोतेे थेे; जब सीीन मेंं झाागदाार खूून सेे भरेे हुए परनाालेे आकर गि�रतेे थेे।
जबकि� पीीड़ि�तोंं� केे दैैनि�क माालभाार कोो पेेरि�स कीी सड़कोंं� सेे उनकेे वि�नााश केे लि�ए लेे जाायाा जााताा थाा,
दंं डााधि�काारीी, जि�नकोो संं प्रभुु समि�ति� वि�भाागोंं� कोो भेेजतीी थीी, वेे क्रूूरताा कीी ऐसीी बहुताायत मेंं आनंं द लेेतेे
थेे, जोो कि� रााजधाानीी मेंं भीी पहलेे कभीी नहींं� देेखीी गई थीी। घाातक मशीीन काा चााकूू उनकेे वध केे कााम
केे लि�ए धीीमाा पड़ गयाा। बंं दि�योंं� कीी लंं बीी कताारोंं� कोो गोोलि�योंं� सेे भूून दि�याा गयाा। खचााखच भरेे बजरोंं�
केे तल मेंं छेे द कर दि�ए जाातेे थेे। लि�योोन रेे गि�स्ताान मेंं बदल गयाा थाा। अराास मेंं कैै दि�योंं� कोो त्वरि�त मौौत
कीी क्रूूर दयाा सेे भीी वंं चि�त कर दि�याा गयाा थाा। लॉॉयर केे कि�नाारेे , सौौमुुर सेे लेेकर समुुद्र तक, कौौवोंं� और
चीीलोंं� केे बड़ेे झुंं�ड, घृृणि�त आलिं�गं न मेंं एक सााथ बंं धीी नग्न लााशोंं� कोो नौौच-नौौच कर खाातेे थेे। लिं�गं
याा उम्र केे आधाार पर कोोई दयाा नहींं� दि�खााई गई। उस निं�दं नीीय सरकाार द्वााराा माारेे गए सत्रह वर्षष केे
युुवाा लड़कोंं� और लड़कि�योंं� कीी संं ख्याा कीी गणनाा सैैकड़ोंं� मेंं कीी जाानीी हैै। दूू ध पीीतेे शि�शुुओं ं कोो उनकीी
मांं� केे स्तन सेे खींं�च जेेकोोबीीन (उग्र उन्मूूलनवाादीी) सि�पााहीी एक भाालेे सेे दूू सरेे भाालेे पर उछाालतेे थेे
(टि�प्पणीी 24 देेखेंं।) दस वर्षोंं कीी छोोटीी सीी अवधि� मेंं, बहुत सेे मनुुष्य माारेे गए।
यह सब वैैसाा हीी थाा जैैसाा शैैताान चााहताा थाा। यह वहीी थाा जोो वह सदि�योंं� सेे प्रााप्त करनाा केे लि�ए
कााम कर रहाा थाा। उसकीी नीीति� पहलेे सेे आखि�रीी तक धोोखाा हैै, और उसकाा दृढ़ उद्देेश्य मनुुष्योंं� पर
200 महाान वि�वााद

वि�पत्ति� और दुर्ददशा ु ा लाानाा, ईश्वर कीी काारीीगरीी कोो वि�कृृ त और अपवि�त्र करनाा, परोोपकाार और प्रेेम केे
पवि�त्र उद्देेश्योंं� कोो नष्ट करनाा और इस प्रकाार स्वर्गग मेंं दुःः�ख काा काारण बननाा हैै। फि�र अपनीी भ्राामक
कलााओंं केे द्वााराा वह लोोगोंं� केे दि�मााग कोो अंंधाा कर देेताा हैै, और उन्हेंं अपनेे काार्यय काा दोोष परमेेश्वर पर
डाालनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करताा हैै, माानोो यह सभीी दुख ु सृृष्टि�िकर्ताा� कीी योोजनाा काा परि�णााम होंं�। उसीी तरह,
जब उसकीी क्रूूर शक्ति� केे मााध्यम सेे अपमाानि�त और प्रतााड़ि�त लोोग अपनीी स्वतंं त्रताा प्रााप्त करतेे हैंं, तोो
वह उनसेे ज़्याादति�योंं�योंं� और अत्यााचाारोंं� काा आग्रह करताा हैै। फि�र बेेलगााम स्वच्छंंदताा कीी यह तस्वीीर
अत्यााचाारि�योंं� और उत्पीीड़कोंं� द्वााराा स्वतंं त्रताा केे परि�णाामोंं� केे उदााहरण केे रूप मेंं इंं गि�त कीी जाातीी हैै।
जब एक वेेश मेंं भ्रम काा पताा चल जााताा हैै, तोो शैैताान केे वल इसेे एक अलग भेेष मेंं छि�पाा देेताा हैै, और
साामाान्य लोोग इसेे पहलेे कीी तरह उत्सुुकताा सेे ग्रहण करतेे हैंं। जब लोोगोंं� नेे महसूूस कि�याा कि� रोोमनवााद एक
धोोखाा थाा, और वह इस एजेंंसीी केे मााध्यम सेे उन्हेंं परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे उल्लंं घन कीी ओर नहींं� लेे जाा
सकताा, तोो उसनेे उनसेे सभीी धर्मोंं कोो एक धोोखेेबााज़ और बााइबल कोो एक कहाानीी केे रूप मेंं मााननेे काा आग्रह
कि�याा; और उन्होंं�नेे ईश्‍‍वरीीय वि�धि�योंं� कोो त्याागकर अपनेे आप कोो बेेलगााम अधर्मम केे हवाालेे कर दि�याा।
फ्रांं�स केे नि�वाासि�योंं� केे लि�ए इस तरह काा दुख ु लाानेे वाालीी घाातक गलतीी इस एक महाान सत्य काा
अनदेेखाा करनाा थाा: कि� सच्चीी स्वतंं त्रताा ईश्वर कीी व्यवस्थाा केे प्रति�बंं ध मेंं नि�हि�त हैै। «भलाा होोताा कि�
तूू नेे मेेरीी आज्ञााओंं कोो ध्याान सेे सुुनाा होोताा! तब तेेरीी शाान्ति� नदीी केे समाान और तेेराा धर्मम समुुद्र कीी
लहरोंं� केे समाान होोताा।» «दुष्ु टोंं� केे लि�येे कुु छ शाान्ति� नहींं�,” यहोोवाा काा यहीी वचन हैै।» «परन्तुु जोो मेेरीी
सुुनेेगाा, वह नि�डर बसाा रहेेगाा,और बेेखटकेे सुुख सेे रहेेगाा।” यशाायााह 48:18,22; नीीति�वचन 1:33।
नाास्ति�क, कााफि�र और धर्ममत्याागीी परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा काा वि�रोोध और निं�दां ा करतेे हैंं; लेेकि�न
उनकेे प्रभााव केे परि�णााम यह सााबि�त करतेे हैंं कि� मनुुष्य कीी भलााई उसकेे द्वााराा पवि�त्र वि�धि�योंं� कीी
आज्ञााकाारि�ताा सेे बंं धीी हुई हैै। जोो लोोग परमेेश्वर कीी पुुस्तक सेे सबक नहींं� लेंंगेे, उन्हेंं रााष्ट्रों��ं केे इति�हाास
सेे सबक सीीखनेे केे लि�ए कहाा जााताा हैै।
जब शैैताान नेे रोोमन चर्चच केे मााध्यम सेे लोोगोंं� कोो आज्ञााकाारि�ताा सेे दूू र लेे जाानेे केे लि�ए कााम कि�याा,
तोो उसकेे मााध्यम कोो छुु पाायाा गयाा थाा, और उसकाा कााम इतनाा प्रच्छन्न थाा कि� उसकेे परि�णाामस्वरूप
होोनेे वाालीी अधोोगति�, और दुख ु कोो अपरााध केे फल केे रूप मेंं नहींं� देेखाा गयाा थाा। और उसकीी शक्ति�
काा परमेेश्वर केे आत्माा केे काार्यय द्वााराा इतनाा वि�रोोध कि�याा गयाा थाा कि� उसकेे उद्देेश्योंं� कोो पूूराा होोनेे सेे
रोोक दि�याा गयाा थाा। लोोगोंं� नेे इसकेे अभि�याान केे प्रभााव कीी जड़ काा पताा नहींं� लगाायाा और अपनेे दुखोंं� ु
केे स्रोोत कोो नहींं� जाानाा। लेेकि�न क्रांं�ति� मेंं रााष्ट्रीी�य सभाा द्वााराा ईश्वर कीी व्यवस्थाा कोो खुुलेे तौौर पर रद्द
कर दि�याा गयाा। और उसकेे बााद केे आतंं क केे युुग मेंं, काारण और प्रभााव कीी प्रक्रि�याा कोो सभीी केे द्वााराा
देेखाा जाा सकताा थाा।
जब फ्रांं�स नेे साार्ववजनि�क रूप सेे परमेेश्वर कोो अस्वीीकाार कर दि�याा और बााइबल कोो अलग कर
दि�याा, तोो अंंधकाार कीी शक्ति�यांं� और दुष्ु ट लोोग लंं बेे समय सेे वांं�छि�त उद्देेश्य कीी प्रााप्ति� मेंं बहुत प्रसन्न
हुए - एक ऐसाा रााज्य जोो परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे बंं धनोंं� सेे मुुक्त थाा। क्योंं�कि� बुुरेे कााम केे लि�ए दण्ड
शीीघ्रताा सेे नहींं� दि�याा गयाा थाा, इसलि�ए मनुुष्योंं� काा मन “बुुराा कााम करनेे कीी इच्छाा सेे भराा” थाा। सभोो-
पदेेशक 8:11। लेेकि�न एक न्याायसंं गत और धर्मीी व्यवस्थाा केे उल्लंं घन काा परि�णााम अनि�वाार्यय रूप सेे
दुखु और बर्बाा�दीी होोनाा थाा। हाालांं�कि� उन पर वि�पत्ति�यांं� एकदम नहींं� आई, फि�र भीी मनुुष्योंं� कीी दुष्ु टताा
बाइबल और फ्रांसीसी क्र 201

नि�श्चि�ित रूप सेे उनकेे वि�नााश काा कााम कर रहीी थीी। धर्ममत्यााग और अपरााध कीी सदि�यांं� प्रति�शोोध
केे दि�न केे प्रति� क्रोोध कोो संं चि�त कर रहीी थींं�; और जब उनकाा अधर्मम पूूराा होो गयाा, तोो परमेेश्वर केे
ति�रस्काार करनेे वाालोंं� नेे बहुत देेर सेे सीीखाा कि� ईश्वरीीय धैैर्यय कोो समााप्त करनाा एक भयाानक बाात हैै।
परमेेश्वर कीी संं यमीी आत्माा कोो, जोो शैैताान कीी क्रूूर शक्ति� पर रोोक लगाातीी हैै, कााफीी हद तक हटाा दि�याा
गयाा थाा, और जि�सकाा एकमाात्र आनंं द मनुुष्योंं� कीी दुर्ददशा ु ा हैै, उसेे अपनीी इच्छाा पूूरीी करनेे कीी अनुुमति�
देे दीी गई थीी। जि�न लोोगोंं� नेे वि�द्रोोह काा कााम करनाा चुुनाा थाा, उन्हेंं इसकेे फल भुुगतनेे केे लि�ए छोोड़
दि�याा गयाा थाा, जब तक कि� भूूमि� उन अपरााधोंं� सेे भर नहींं� गई थीी, जि�न्हेंं लि�खि�त रूप मेंं वर्णि�त नहींं�
कि�याा जाा सकताा थाा। तहस-नहस हुए प्रांं�तोंं� और उजड़ेे हुए शहरोंं� सेे एक भयाानक चीीख सुुनााई दीी -
सबसेे दुःः�खद पीीड़ाा कीी चीीख। फ्रांं�स ऐसेे हि�ल गयाा जैैसेे कि� भूूकंंप सेे। धर्मम, काानूून, साामााजि�क व्यवस्थाा,
परि�वाार, रााज्य और चर्चच - सभीी कोो उस दुष्ु ट हााथ सेे कुु चल दि�याा गयाा थाा जि�सेे परमेेश्वर केे काानूून केे
खि�लााफ उठाायाा गयाा थाा। बुुद्धि�माान व्यक्ति� नेे सचमुुच कहाा: “दुष्ु ट अपनीी दुष्ु टताा केे काारण गि�र जााताा
हैै।” «चााहेे पाापीी सौौ बाार पााप करेे और अपनेे दि�न भीी बढ़ााए, तौौभीी मुुझेे नि�श्‍‍चय हैै कि� जोो परमेेश्वर
सेे डरतेे हैंं और उसकोो अपनेे सम्मुुख जाानकर भय सेे चलतेे हैंं, उनकाा भलाा हीी होोगाा; परन्तुु दुष्‍‍ु ट काा
भलाा नहींं� होोनेे काा, और न उसकीी जीीवनरूपीी छाायाा लम्बीी होोनेे पााएगीी, क्योंं�कि� वह परमेेश्वर काा भय
नहींं� माानताा।» भजन संं हि�ताा 11:5; सभोोपदेेशक 8:12,13। «क्योंं�कि� उन्होंं�नेे ज्ञाान सेे बैैर कि�याा, और
यहोोवाा काा भय मााननाा उनकोो न भाायाा। इसलि�येे वेे अपनीी करनीी काा फल आप भोोगेंंगेे, और अपनीी
युुक्ति�योंं� केे फल सेे अघाा जााएँँगेे।» भजन संं हि�ताा 1:29,31।
ईशनिं�दां ा कीी शक्ति� सेे माारेे गए, अथााह कुु ण्ड मेंं सेे नि�कलेे «परमेेश्वर केे वफाादाार गवााह», लंं बेे
समय तक चुुप रहनेे वाालेे नहींं� थेे। «परन्तुु सााढ़ेे तीीन दि�न केे बााद परमेेश्वर कीी ओर सेे जीीवन काा
श्वाास उनमेंं पैैठ गयाा, और वेे अपनेे पाँँ�वोंं� केे बल खड़ेे होो गए, और उन केे देेखनेेवाालोंं� पर बड़ाा भय छाा
गयाा।» प्रकााशि�तवााक्य 11:11। यह 1793 मेंं थाा कि� मसीीहीी धर्मम कोो समााप्त करनेे और बााइबि�ल कोो
रद्द करनेे वाालेे फरमाानोंं� कोो फ्रांं�सीीसीी वि�धाानसभाा नेे पाारि�त कर दि�याा। सााढ़ेे तीीन सााल बााद इन आदेेशोंं�
कोो रद्द करनेे काा एक प्रस्तााव, इस प्रकाार पवि�त्र शाास्त्र कोो सहनशीीलताा प्रदाान करनाा, उसीी नि�कााय द्वााराा
अपनाायाा गयाा थाा। पवि�त्र भवि�ष्यवााणीी कीी अस्वीीकृृ ति� केे परि�णाामस्वरूप हुई अपरााध कीी घोोरताा पर
दुनि�या
ु ा स्तब्ध थीी, और लोोगोंं� नेे परमेेश्वर मेंं वि�श्वाास कीी आवश्यकताा और उसकेे वचन कोो सदााचाार
और नैैति�कताा कीी नींं�व केे रूप मेंं माान्यताा दीी। प्रभुु कहताा हैै: «तूू नेे कि�स कीी नाामधरााई और नि�न्दाा कीी
हैै? तूू नेे जोो बड़ाा बोोल बोोलाा और घमण्ड कि�याा हैै, वह कि�स केे वि�रुद्ध कि�याा हैै? इस्रााएल केे पवि�त्र केे
वि�रुद्ध,» यशाायााह 37:23। “इस काारण, इस एक बाार, मैंं इन लोोगोंं� कोो अपनाा भुुजबल और परााक्रम
दि�खााऊँँगाा, और वेे जाानेंंगेे कि� मेेराा नााम यहोोवाा हैै।” यि�र्ममयााह 16:21।
दोो गवााहोंं� केे बाारेे मेंं भवि�ष्यद्वक्ताा आगेे घोोषणाा करताा हैै: «तब उन्हेंं स्वर्गग सेे एक बड़ाा शब्द सुुनााई
दि�याा, “यहाँँ� ऊपर आओ। यह सुुन वेे बाादल पर सवाार होोकर अपनेे बैैरि�योंं� केे देेखते-े देेखतेे स्वर्गग पर
चढ़ गए। « प्रकााशि�तवााक्य 11:12। जब सेे फ्रांं�स नेे परमेेश्वर केे दोो गवााहोंं� केे सााथ युुद्ध कि�याा, उन्हेंं
पहलेे कीी तरह सम्माानि�त कि�याा गयाा। 1804 मेंं ब्रि�टि�श और वि�देेशीी बााइबि�ल सोोसाायटीी काा आयोोजन
कि�याा गयाा थाा। इसकेे बााद इसीी तरह केे संं गठन, कई शााखााओंं केे सााथ यूूरोोप महााद्वीीप मेंं आए। 1816
मेंं अमेेरि�कन बााइबल सोोसााइटीी कीी स्थाापनाा हुई। जब ब्रि�टि�श सोोसााइटीी काा गठन कि�याा गयाा, बााइबल
202 महाान वि�वााद

पचाास भााषााओंं मेंं छपीी और प्रसाारि�त कीी गई थीी। तब सेे इसकाा कई सैैकड़ोंं� भााषााओंं और बोोलि�योंं� मेंं
अनुुवााद कि�याा गयाा हैै। (टि�प्पणीी 25 देेखेंं।)
1792 सेे पहलेे केे पचाास वर्षोंं तक वि�देेशीी मि�शनोंं� केे कााम पर बहुत कम ध्याान दि�याा गयाा। कोोई
नए समााज नहींं� बनेे, और कुु छ हीी कलीीसि�यााएंं थींं� जि�न्होंं�नेे अन्यजााति�योंं� मेंं मसीीहीी केे प्रसाार केे लि�ए
कोोई प्रयाास कि�याा। लेेकि�न अठाारहवींं� शतााब्दीी केे अंंत मेंं एक महाान परि�वर्ततन हुआ। लोोग तर्ककवााद
केे परि�णाामोंं� सेे असंं तुुष् ट होो गए और उन्होंं�नेे ईश्वरीीय प्रकााश और प्रयोोगाात्मक धर्मम कीी आवश्यकताा
कोो महसूूस कि�याा। इस समय सेे वि�देेशीी मि�शनोंं� केे कााम मेंं अभूूतपूूर्वव वृृद्धि� हुई। (टि�प्पणीी 26 देेखेंं।)
मुुद्रांं�कन मेंं सुुधाार नेे बााइबल कोो प्रसाारि�त करनेे केे कााम कोो गति� दीी हैै। वि�भि�न्न देेशोंं� केे बीीच
संं चाार केे लि�ए बढ़ीी हुई सुुवि�धााओंं, पूूर्वाा�ग्रह और रााष्ट्रीी�य वि�शि�ष्टताा कीी प्रााचीीन बााधााओंं कीी समााप्ति�,
और रोोम केे पोोप द्वााराा धर्ममनि�रपेेक्ष शक्ति� केे नााश नेे परमेेश्वर केे वचन केे प्रवेेश काा माार्गग खोोल दि�याा
हैै। कुु छ साालोंं� सेे रोोम कीी गलि�योंं� मेंं बि�नाा कि�सीी रोोक-टोोक केे बााइबल बेेचीी जाा रहीी हैै, और अब इसेे
रहनेे योोग्य दुनि�याु ा केे हर हि�स्सेे मेंं पहुँँचाायाा जाा रहाा हैै।
कााफि�र वोोल्टेेयर नेे एक बाार शेेखीी बघाारतेे हुए कहाा: «मैंं लोोगोंं� कोो यह दोोहराातेे सुुनकर थक गयाा हूंं
कि� बाारह लोोगोंं� नेे मसीीहीी धर्मम कीी स्थाापनाा कीी। मैंं यह सि�द्ध करूँँगाा कि� इसेे उखााड़ फेंंकनेे केे लि�ए एक
हीी मनुुष्य कााफ़ीी हैै।” उसकीी मृृत्युु केे बााद सेे पीीढ़ि�यांं� बीीत चुुकीी हैंं। लााखोंं� लोोग बााइबल केे वि�रुद्ध युुद्ध मेंं
शाामि�ल हुए हैंं। लेेकि�न नष्ट होोनेे केे बजााय, जहांं� वोोल्टेेयर केे समय मेंं सौौ थींं�, अब परमेेश्वर कीी पुुस्तक
कीी दस हज़ाार, हांं�, एक लााख प्रति�यांं� हैंं। मसीीहीी कलीीसि�याा केे बाारेे मेंं एक प्राारंंभि�क सुुधाारक केे शब्दोंं�
मेंं, «बााइबल एक नि�हााई हैै जि�सनेे कई हथौौड़ोंं� कोो खरााब कर दि�याा हैै।» प्रभुु कहताा हैै: «क्षण भर हीी केे
लि�येे मैंं नेे तुुझेे छोोड़ दि�याा थाा, परन्तुु अब बड़ीी दयाा करकेे मैंं फि�र तुुझेे रख लूँँ�गाा।» यशाायााह 54:17।
«परमेेश्वर काा वचन सदैैव अटल रहेेगाा।» “उसकेे सब उपदेेश, वि�श्‍‍वाास योोग्य हैंं। वेे सदाा सर्ववदाा
अटल रहेंंगेे, वेे सच्‍‍चााई और सि�धााई सेे कि�ए हुए हैंं। « यशाायााह 40:8; भजन संं हि�ताा 111:7,8। जोो
कुु छ मनुुष्य केे अधि�काार पर बनाायाा गयाा हैै, वह ढाा दि�याा जााएगाा; परन्तुु जोो परमेेश्वर केे अटल वचन
कीी चट्टाान पर टि�काा हैै, वह सदाा स्थि�र रहेेगाा।
16

पि�लग्रि�म फाादर

अंं ग्रेेज़ीी सुुधाारकोंं� नेे रोोमनवााद केे सि�द्धांं�तोंं� काा परि�त्यााग करतेे हुए इसकेे कई रूपोंं� कोो बरकराार रखाा
थाा। इस प्रकाार हाालांं�कि� रोोम केे अधि�काार और धर्मम मत कोो खाारि�ज कर दि�याा गयाा थाा, लेेकि�न
उसकेे कई रीीति�-रि�वााज़ोंं� और समाारोोहोंं� कोो इंं ग्लैंडं कीी कलीीसि�याा कीी आरााधनाा मेंं शाामि�ल कि�याा गयाा
थाा। यह दाावाा कि�याा गयाा थाा कि� येे बाातेंं अंंतःःकरण काा वि�षय नहींं� थींं�; कि� यद्यपि� उन्हेंं पवि�त्रशाास्त्र मेंं
आज्ञाा नहींं� दीी गई थीी, और इसलि�ए वेे अनि�वाार्यय नहींं� थींं�। उनकेे पाालन नेे सुुधाारि�त कलीीसि�यााओंं और
रोोम कोो अलग करनेे वाालीी खााड़ीी कोो संं कीीर्णण कि�याा, और यह आग्रह कि�याा गयाा कि� वेे रोोमनवाादि�योंं�
द्वााराा प्रोोटेेस्टेंंट वि�श्वाास कीी स्वीीकृृ ति� कोो बढ़ाावाा देंंगेे।
रूढ़ि�वाादीी और समझौौताा करनेे वाालोंं� केे लि�ए, येे तर्कक नि�र्णााय� क लग रहेे थेे। लेेकि�न एक और वर्गग
थाा जोो ऐसाा नहींं� सोोचताा थाा। यह तथ्य कि� इन रीीति�-रि�वााज़ोंं� नेे «रोोम और सुुधाार केे बीीच कीी खााई कोो
पााटनेे कीी कोोशि�श कीी» (माार्टि�न, खंं ड 5, पृृष् ठ 22), उनकेे वि�चाार मेंं उन्हेंं बनााए रखनेे केे खि�लााफ एक
नि�र्णााय� क तर्कक थाा। वेे उन्हेंं उस दाासताा केे चि�ह्न केे रूप मेंं देेखतेे थेे जि�ससेे उन्हेंं छुु ड़ाायाा गयाा थाा और
जि�सकेे लि�ए उनकेे पाास लौौटनेे काा कोोई झुका ु ाव नहींं� थाा। उन्होंं�नेे तर्कक दि�याा कि� परमेेश्वर नेे अपनेे वचन
मेंं अपनीी आरााधनाा कोो नि�यंं त्रि�त करनेे वाालेे नि�यमोंं� कोो स्थाापि�त कि�याा हैै, और यह कि� मनुुष्य इन्हेंं जोोड़नेे
याा उनसेे अलग होोनेे केे लि�ए स्वतंं त्र नहींं� हैंं। महाान धर्ममत्यााग कीी शुुरुआत कलीीसि�याा केे अधि�काार द्वााराा
परमेेश्वर केे अधि�काार मेंं वृृद्धि� करनेे कीी कोोशि�श मेंं थीी। रोोम नेे उन बाातोंं� कोो लाागूू करनेे सेे शुुरू कि�याा,
जि�न्हेंं परमेेश्वर नेे मनाा नहींं� कि�याा थाा, और उन बाातोंं� केे नि�षेेध सेे समााप्त कि�याा जि�न्हेंं परमेेश्वर नेे स्पष्ट
रूप सेे आदि�ष्ट कि�याा थाा।
कई लोोग ईमाानदाारीी सेे उस शुुद्धताा और साादगीी कीी ओर लौौटनाा चााहतेे थेे जोो आदि�म कलीीसि�याा
कीी वि�शेेषताा थीी। वेे अंंग्रेेजीी कलीीसि�याा केे कई स्थाापि�त रीीति�-रि�वााजोंं� कोो मूूर्ति�पूूजाा केे स्माारकोंं� केे
रूप मेंं माानतेे थेे, और वेे पूूरेे मन सेे उसकीी आरााधनाा मेंं एकजुुट नहींं� होो सकतेे थेे। लेेकि�न कलीीसि�याा
नेे, नाागरि�क प्रााधि�करण द्वााराा समर्थि�त होोनेे केे काारण, उसकीी स्थाापि�त प्रक्रि�यााओंं सेे कि�सीी भीी तरह
केे मतभेेद कीी अनुुमति� नहींं� दीी। उसकीी धाार्मि�क सभााओंं मेंं उपस्थि�ति� काानूूनन तौौर पर अपेेक्षि�त
204 महाान वि�वााद

थीी, और धाार्मि�क आरााधनाा केे लि�ए अनधि�कृृ त सभााएंं कााराावाास, नि�र्वाा�सन और मृृत्युु कीी सजाा केे
तहत वर्जि�त थींं�।
सत्रहवींं� शतााब्दीी कीी शुुरुआत मेंं, सम्रााट नेे, जोो अभीी-अभीी इंं ग्लैंडं केे सिं�हां ासन पर बैैठाा थाा, प्यूूरि�टन
संं प्रदााय कोो «अनुुरूप बनाानेे, याा ... उन्हेंं देेश सेे बााहर नि�काालनेे, याा फि�र इससेे भीी बदतर» बनाानेे केे अपनेे
दृढ़ संं कल्प कीी घोोषणाा कीी। -जॉॉर्जज बैैनक्रॉॉफ्ट, हि�स्ट्रीी� ऑफ द यूूनााईटैैड स्टेेट्स् ऑफ अमेेरि�काा, पॉॉइंं ट1,
अध्यााय 12, पैैरााग्रााफ 6। पीीछाा कि�ए गए, सतााए गए और कैै द कि�ए गए, वेे भवि�ष्य मेंं बेेहतर दि�नोंं� कीी
आशाा नहींं� कर सकतेे थेे, और कई लोोग इस वि�श्वाास केे आगेे झुक ु गए कि� जोो लोोग अपनेे वि�वेेक केे
अनुुसाार परमेेश्वर कीी आरााधनाा करेंंगे,े उनकेे लि�ए, «इंं ग्लैंडं हमेेशाा केे लि�ए अनि�वाास्य स्थाान बननेे जाा रहाा
थाा।» -जेे. जीी. पााल्फ्रेे, हि�स्ट्रीी� ऑफ न्यूू इंं ग्लैंडं , अध्यााय 3, पैैरााग्रााफ 43। कुु छ नेे आखि�रकाार हॉॉलैंंड मेंं
शरण लेेनेे काा फैै सलाा कि�याा। कठि�नााइयोंं�, नुुकसाान और कााराावाास काा साामनाा करनाा पड़ाा। उनकेे उद्देश्योंं� े
कोो वि�फल कर दि�याा गयाा, और उन्हेंं धोोखेे सेे उनकेे शत्रुुओं ं केे हवाालेे कर दि�याा गयाा। लेेकि�न अडि�ग दृढ़ताा
नेे अंंततःः वि�जय प्रााप्त कीी, और उन्हेंं डच गणरााज्य केे मि�त्रवत तटोंं� पर आश्रय मि�लाा।
अपनीी भगदड़ मेंं उन्होंं�नेे अपनेे घर, अपनीी संं पत्ति� और अपनीी आजीीवि�काा केे सााधन छोोड़ दि�ए
थेे। अलग-अलग भााषाा और रीीति�-रि�वााज़ोंं� केे लोोगोंं� केे बीीच, वेे एक अपरि�चि�त देेश मेंं परदेेशीी थेे। वेे
अपनीी रोोटीी कमाानेे केे लि�ए नए और ऐसेे व्यवसाायोंं� काा सहााराा लेेनेे केे लि�ए मजबूूर होो गए जि�नकेे लि�ए
वेे अनुुभवहीीन थेे। मध्यम आयुु वर्गग केे व्यक्ति�योंं� कोो, जि�न्होंं�नेे अपनाा जीीवन मि�ट्टीी कीी जुुतााई मेंं बि�ताायाा
थाा, अब यांं�त्रि�क शि�ल्पकर्मम सीीखनाा थाा। लेेकि�न उन्होंं�नेे खुुशीी-खुुशीी स्थि�ति� कोो स्वीीकाार कर लि�याा और
आलस्य याा शि�काायत करनेे मेंं कोोई समय नहींं� गंं वाायाा। हाालाँँ�कि� वेे अक्सर गरीीबीी सेे घि�रेे रहतेे थेे,
फि�र भीी उन्होंं�नेे उन आशीीषोंं� केे लि�ए परमेेश्वर कोो धन्यवााद दि�याा जोो अभीी भीी उन्हेंं प्रदाान कीी गई थींं�
और उन्हेंं बााधाारहि�त आध्याात्मि�क समाागम मेंं आनंं द मि�लाा। «वेे जाानतेे थेे कि� वेे मुुसााफि�र थेे, और उन
वस्तुुओं ं पर अधि�क ध्याान नहींं� दि�याा, लेेकि�न उन्होंं�नेे अपनेे प्रि�य देेश, स्वर्गग कीी ओर अपनीी आँँखेंं उठााईं,
और अपनीी आत्मााओंं कोो शांं�त कि�याा।» - बैैनक्रॉॉफ्ट, पॉॉइंं ट1, अध्यााय 12, पैैरााग्रााफ 15।
नि�र्वाा�सन और कठि�नााई केे बीीच उनकाा प्याार और वि�श्वाास मज़बूूत हुआ। उन्होंं�नेे यहोोवाा केे वाादोंं�
पर भरोोसाा कि�याा, और ज़रूरत केे समय उसनेे उन्हेंं छोोड़ाा नहींं�। उन्हेंं प्रोोत्सााहि�त करनेे और उनकाा
समर्थथन करनेे केे लि�ए उसकेे दूू त उनकेे सााथ थेे। और जब परमेेश्वर काा हााथ उनकाा ध्याान समुुद्र केे
पाार, एक ऐसीी भूूमि� कीी ओर आकर्षि�त करताा प्रतीीत होो रहाा थाा, जहाँँ� वेे अपनेे लि�ए एक रााज्य स्थाापि�त
कर सकतेे थेे, और अपनेे बच्चोंं� कोो धाार्मि�क स्वतंं त्रताा कीी अनमोोल वि�राासत छोोड़ सकतेे थेे, तोो वेे बि�नाा
संं कोोच कि�ए, परमेेश्वर केे माार्गगदर्शशन मेंं आगेे बढ़ गए।
परमेेश्वर नेे अपनेे लोोगोंं� कोो उनकेे प्रति� उसकेे अनुुग्रहपूूर्णण उद्देेश्य कोो पूूराा करनेे केे लि�ए तैैयाार करनेे
केे लि�ए परीीक्षााओंं कोो आनेे कीी अनुुमति� दीी थीी। कलीीसि�याा कोो नीीचाा लाायाा गयाा थाा, तााकि� उसेे गौौर-
वाान्वि�त कि�याा जाा सकेे । दुनि�याु ा कोो एक और सबूूत देेनेे केे लि�ए कि� वह उन लोोगोंं� कोो नहींं� छोोड़ेेगाा जोो
उस पर भरोोसाा करतेे हैंं, परमेेश्वर उसकीी ओर सेे अपनीी शक्ति� प्रदर्शि�त करनेे वाालाा थाा। उसनेे शैैताान
केे क्रोोध काा काारण बननेे और उसकीी महि�माा कोो आगेे बढ़ाानेे और अपनेे लोोगोंं� कोो सुुरक्षाा केे स्थाान
पर लाानेे केे लि�ए दुष्ु ट लोोगोंं� कीी सााजि�शोंं� काा काारण बननेे केे लि�ए घटनााओंं कोो खाारि�ज कर दि�याा थाा।
उत्पीीड़न और नि�र्वाा�सन स्वतंं त्रताा केे माार्गग खोोल रहेे थेे।
पिलग्रिम फा 205

जब पहलीी बाार इंं ग्लि�श चर्चच सेे अलग होोनेे केे लि�ए प्यूूरि�टन लोोग वि�वश हुए, उन्होोनेंं खुुद कोो प्रभुु
केे स्वतंं त्र लोोगोंं� केे रूप मेंं, एक पवि�त्र वााचाा केे द्वााराा «उसकेे सभीी प्रकट सोोच वि�चाारोंं� मेंं, और प्रकट
कि�ए जाानेे वाालेे वि�चाारोंं� मेंं सााथ चलनेे केे लि�ए,» एक सााथ जोोड़ लि�याा। - जेे ब्रााउन, द पि�लग्रि�म फाादर्सस,
पृृष् ठ 74। यहाँँ� सुुधाार, प्रोोटेेस्टेंंटवााद केे महत्वपूूर्णण सि�द्धांं�त कीी सच्चीी भाावनाा थीी। यह इस उद्देेश्य केे
सााथ थाा कि� मुुसााफि�र न्यूू वर्ल्डड याानीी अमेेरि�काा मेंं आश्रय पाानेे केे लि�ए हॉॉलैंंड सेे चलेे गए। उनकेे पाादरीी,
जॉॉन रॉॉबि�न्सन नेे, जि�सकोो परमेेश्वर कीी दयाा सेे उनकेे सााथ जाानेे सेे रोोकाा गयाा थाा, नि�र्वाा�सि�तोंं� कोो अपनेे
वि�दााई संं बोोधन मेंं कहाा:
«हेे भााइयोो, अब कुु छ हीी समय बााद हम अलग होो जााएंं गेे, और यहोोवाा जाानताा हैै कि� मैंं तुुम्हााराा मुुख
देेखनेे केे लि�ए कभीी जीीवि�त रहूंंगाा याा नहींं�। परन्तुु चााहेे प्रभुु नेे उसेे ठहराायाा होो याा नहींं�, मैंं तुुम्हेंं परमेे-
श्वर और उसकेे धन्य स्वर्गगदूू तोंं� केे सााम्हनेे आज्ञाा देेताा हूंं कि� तुुम मेेराा उतनाा हीी अनुुसरण करोो जि�तनाा
मैंंनेे मसीीह काा अनुुसरण कि�याा हैै। यदि� परमेेश्वर अपनेे कि�सीी अन्य सााधन केे द्वााराा आप पर कुु छ भीी
प्रकट करेे, तोो उसेे प्रााप्त करनेे केे लि�ए हमेेशाा कीी तरह तैैयाार रहेंं जैैसेे आप मेेरीी सेेवकााई केे कि�सीी भीी
सत्य कोो प्रााप्त करनेे केे लि�ए थेे; क्योंं�कि� मुुझेे पूूराा भरोोसाा हैै कि� यहोोवाा केे पाास और भीी सच्चााई और
ज्योोति� हैै, जि�सेे उसकेे पवि�त्र वचन मेंं सेे उजाागर होोनाा अभीी बााकीी हैै।” —माार्टि�न 5:70।
«जहांं� तक मेेराा सवााल हैै, मैंं सुुधाारि�त कलीीसि�यााओंं कीी स्थि�ति� पर पर्याा�प्त रूप सेे शोोक नहींं� कर
सकताा, जोो धर्मम मेंं एक पूूर्णण वि�रााम पर आ गए हैंं, और वर्ततमाान मेंं अपनेे सुुधाार केे सााधनोंं� सेे आगेे नहींं�
जााएंं गेे। लूूथर केे अनुुयाायि�योंं� कोो लूूथर नेे जोो देेखाा उससेे आगेे जाानेे केे लि�ए आकर्षि�त नहींं� कि�याा जाा
सकताा हैै; ... और केे ल्वि�नवाादीी, आप देेखतेे हैंं, वहींं� थेे जहांं� वेे परमेेश्वर केे उस महाान व्यक्ति� द्वााराा छोोड़ेे
गए थेे, जि�न्होंं�नेे अभीी तक सब कुु छ नहींं� देेखाा थाा। यह बहुत दुख ु कीी बाात हैै; क्योंं�कि� भलेे हीी वेे अपनेे
समय मेंं जलतेे और दीीप्ति�माान प्रकााश थेे, तौौभीी वेे परमेेश्वर कीी संं पूूर्णण युुक्ति� तक नहींं� पहुंंचेे थेे, लेेकि�न
अगर वेे अब जीीवि�त होोतेे, तोो और अधि�क प्रकााश ग्रहण करनेे केे लि�ए उतनेे हीी इच्छुु क होोतेे जि�तनाा
कि� उन्होंं�नेे पहलेे प्रााप्त कि�याा थाा।” —डीी. नीील, हि�स्ट्रीी� ऑफ़ द प्यूूरि�टन्स 1:269।
“अपनीी कलीीसि�याा कीी वााचाा कोो स्मरण रखोो, जि�समेंं तुुम यहोोवाा कीी उन सब युुक्ति�योंं� पर चलनेे केे
लि�ए सहमत हुए होो, जोो तुुम्हेंं बतााई गई हैंं याा बतााई जाानीी हैंं। परमेेश्वर केे लि�खि�त वचन सेे जोो कुु छ
प्रकााश और सत्य तुुम्हेंं बताायाा जााएगाा, उसेे ग्रहण करनेे केे लि�ए, उसकेे और एक दूू सरेे केे सााथ कीी गई
अपनीी प्रति�ज्ञाा और वााचाा कोो स्मरण रखोो; फि�र भीी, जोो कुु छ तुुम नेे सच्‍‍चााई सेे पाायाा हैै, उस पर चौौकसीी
रखोो, और उसकोो ग्रहण करनेे सेे पहि�लेे उसकीी तुुलनाा सत्‍‍य केे दूू सरेे वचनोंं� सेे भीी करोो; क्योंं�कि� यह
संं भव नहींं� हैै कि� मसीीहीी जगत इतनेे घनेे मसीीहीी वि�रोोधीी अंंधकाार सेे हााल हीी मेंं बााहर आए, और ज्ञाान
कीी पूूर्णण पूूर्णणताा एक हीी बाार मेंं साामनेे आ जााए।” -माार्टि�न, खंं ड 5, पृृष् ठ 70, 71।
यह अंंतराात्माा कीी स्वतंं त्रताा कीी इच्छाा थीी जि�सनेे मुुसााफि�रोंं� कोो समुुद्र केे पाार लंं बीी याात्राा केे खतरोंं�
काा साामनाा करनेे केे लि�ए, जंं गल कीी कठि�नााइयोंं� और खतरोंं� कोो सहन करनेे केे लि�ए और परमेेश्वर केे
आशीीर्वााद� सेे अमेेरि�काा केे तट पर एक शक्ति�शाालीी रााष्ट्रर कीी नींं�व रखनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा। फि�र भीी
ईमाानदाार और ईश्वर सेे डरनेे वाालेे, मुुसााफि�र अभीी तक धाार्मि�क स्वतंं त्रताा केे महाान सि�द्धांं�त कोो नहींं� समझ
पााए थेे। अपनेे लि�ए जोो आजाादीी उन्होंं�नेे कुु र्बाा�न कर दीी, वेे दूू सरोंं� कोो देेनेे केे लि�ए समाान रूप सेे तैैयाार नहींं�
थेे। «यहांं� तक कि� सत्रहवींं� शतााब्दीी केे प्रमुुख वि�चाारकोंं� और नैैति�कताावाादि�योंं� मेंं सेे, कुु छ हीी थेे जि�नकोो
206 महाान वि�वााद

नए नि�यम कीी उप शााखाा, जोो ईश्वर कोो माानव वि�श्वाास केे एकमाात्र न्याायााधीीश केे रूप मेंं स्वीीकाार करताा
हैै, उस भव्य सि�द्धांं�त कीी कोोई सहीी समझ थीी।» - पूूर्वोोक्त 5:297। यह सि�द्धांं�त कि� परमेेश्वर नेे कलीीसि�याा
कोो अंंतराात्माा कोो नि�यंं त्रि�त करनेे और वि�धर्मम कोो परि�भााषि�त करनेे और दंंडि�त करनेे काा अधि�काार दि�याा हैै,
पोोप-संं बंंधीी त्रुुटि�योंं� मेंं सेे सबसेे अधि�क जड़वत्् हैै। जबकि� सुुधाारकोंं� नेे रोोम केे धर्मम मत कोो खाारि�ज कर
दि�याा, वेे उसकीी असहि�ष्णुुताा कीी भाावनाा सेे पूूरीी तरह मुुक्त नहींं� थेे। वह घनाा अँँधेेराा, जि�समेंं उसकेे शाासन
केे लंं बेे युुगोंं� केे दौौराान, पोोपवााद नेे पूूरेे मसीीहीी जगत कोो घेेर लि�याा थाा, अभीी तक पूूरीी तरह सेे छि�तराा नहींं�
थाा। मेेसााचुुसेट्े स् खााड़ीी केे उपनि�वेेश मेंं एक प्रमुुख पाादरीी नेे कहाा: “यह सहनशीीलताा हीी थीी जि�सनेे संं साार
कोो मसीीहीी वि�रोोधीी बनाा दि�याा और कलीीसि�याा कोो वि�धर्मि�योंं� कीी सजाा सेे कभीी कोोई आपत्ति� नहींं� होोतीी थीी।»
- पूूर्वोोक्त खंं ड 5, पृृष्ठ 335। उपनि�वेेशवाादि�योंं� द्वााराा वि�नि�यमन कोो अपनाायाा गयाा कि� केे वल कलीीसि�याा केे
सदस्योंं� कीी नाागरि�क सरकाार मेंं आवााज़ होोनीी चााहि�ए। एक प्रकाार कीी रााज्य कलीीसि�याा काा गठन कि�याा गयाा
थाा, और सभीी लोोगोंं� कोो पाादरीी केे समर्थथन मेंं योोगदाान देेनेे कीी अपेेक्षाा कीी जाातीी थीी, और जनपदााधीीशोंं� कोो
वि�धर्मम कोो दबाानेे केे लि�ए अधि�कृृत कि�याा गयाा। इस प्रकाार धर्ममनि�रपेक्ष े शक्ति� कलीीसि�याा केे हााथोंं� मेंं थीी।
जल्द हीी इन काार्ययवााहि�योंं� केे अपरि�हाार्यय परि�णााम साामनेे आए -उत्पीीड़न।
पहलीी कॉॉलोोनीी कीी स्थाापनाा केे ग्याारह सााल बााद, रोोजर वि�लि�यम्स न्यूू वर्ल्डड याानीी अमेेरि�काा मेंं
आयाा। प्राारंं भि�क मुुसााफि�रोंं� कीी तरह वह धाार्मि�क स्वतंं त्रताा काा आनंं द लेेनेे आयाा थाा; लेेकि�न, उनकेे
वि�परीीत, उसनेे देेखाा - जोो उसकेे समय मेंं बहुत कम लोोगोंं� नेे अभीी तक देेखाा थाा - कि� यह स्वतंं -
त्रताा सभीी काा अवि�भााज्य अधि�काार थाा, चााहेे उनकाा धर्मम मत कुु छ भीी होो। रॉॉबि�न्सन केे सााथ, जोो
यह असंं भव माानताा थाा कि� परमेेश्वर केे वचन सेे संं पूूर्णण प्रकााश अब तक ग्रहण कर लि�याा गयाा थाा,
वह सत्य काा एक सच्चाा सााधक थाा। वि�लि�यम्स «आधुुनि�क मसीीहीी जगत मेंं पहलाा व्यक्ति� थाा जि�सनेे
अंंतराात्माा कीी स्वतंं त्रताा, काानूून केे समक्ष वि�चाारोंं� कीी समाानताा केे सि�द्धांं�त पर नाागरि�क सरकाार कीी
स्थाापनाा कीी।» - बैैनक्रॉॉफ्ट, बिं�दुं ु 1, अध्यााय 15, अनुुच्छेेद 16। उसनेे अपरााध पर लगााम लगाानाा,
लेेकि�न वि�वेेक कोो कभीी भीी नि�यंं त्रि�त नहींं� करनाा, जनपदााधीीश काा कर्ततव्य घोोषि�त कि�याा। उसनेे कहाा,
«जनताा याा जनपदााधीीश तय कर सकतेे हैंं, मनुुष्य सेे मनुुष्य केे लि�ए क्याा देेय हैै; लेेकि�न जब वेे परमेे-
श्वर केे प्रति� एक व्यक्ति� केे कर्ततव्योंं� कोो नि�र्धाा�रि�त करनेे काा प्रयाास करतेे हैंं, तोो वेे सहीी जगह पर नहींं�
हैंं, और कोोई सुुरक्षाा नहींं� होो सकतीी हैै; क्योंं�कि� यह स्पष्ट हैै कि� यदि� जनपदााधीीश केे पाास शक्ति� हैै, तोो
वह माान्यतााओंं याा वि�चाारधाारााओंं केे एक संं ग्रह काा नि�र्णणय आज और दूू सरेे काा कल कर सकताा हैै;
जैैसाा कि� इंं ग्लैंंड मेंं वि�भि�न्न रााजााओंं और राानि�योंं� द्वााराा, और रोोमन कलीीसि�याा मेंं वि�भि�न्न पोोपोंं� और
सभााओंं द्वााराा कि�याा गयाा हैै; तााकि� वि�श्वाास भ्रम काा ढेेर बन जााए।» —माार्टि�न, खंं ड 5, पृृष् ठ 340।
जुुर्माा�नेे याा कााराावाास कीी सजाा केे तहत स्थाापि�त कलीीसि�याा कीी धर्मम सभााओंं मेंं उपस्थि�ति� अनि�वाार्यय
थीी। «वि�लि�यम्स नेे काानूून कीी निं�दां ा कीी; अंंग्रेजी े ी नि�यमसंं ग्रह मेंं सबसेे खरााब क़ाानूून वह थाा जि�सनेे स्थाानीीय
कलीीसि�याा केे आरााधनाालय मेंं उपस्थि�ति� कोो लाागूू कि�याा थाा। लोोगोंं� कोो एक अलग धर्मम मत केे लोोगोंं� केे
सााथ एकजुुट होोनेे केे लि�ए मजबूूर करनाा, उसनेे अपनेे प्रााकृृ ति�क अधि�काारोंं� काा खुुलाा उल्लंं घन माानाा;
अधाार्मि�क और अनि�च्छुु क लोोगोंं� कोो साार्ववजनि�क आरााधनाा करनेे केे लि�ए वि�वश करनाा, केे वल पााखंं ड कीी
आवश्यकताा कीी तरह लग रहाा थाा ....›कि�सीी कोो भीी अपनीी सहमति� केे खि�लााफ पूूजाा करनेे केे लि�ए याा
आरााधनाा काायम रखनेे केे लि�ए बााध्य नहींं� कि�याा जाानाा चााहि�ए, उसनेे कहाा। ‹ ‹›क्याा! ‹ उसकेे वि�रोोधि�योंं�
पिलग्रिम फा 207

नेे उसकेे सि�द्धांं�तोंं� पर चकि�त होोकर कहाा, ‹क्याा मज़दूू र अपनेे भााड़ेे केे योोग्य नहींं� हैै? ‹ ‹हांं�,› उसनेे उत्तर
दि�याा, ‹उनसेे जोो उसेे भााड़ेे पर लेेतेे हैंं। ‹» - बैैनक्रॉॉफ्ट, बिं�दुं ु 1, अध्यााय 15, अनुुच्छेेद 2।
रोोजर वि�लि�यम्स एक वफाादाार पाादरीी केे रूप मेंं सम्माानि�त और प्रि�य थाा, दुर्ललभ ु योोग्यतााओंं अडि�ग
अखंं डताा और सच्चीी उदाारताा काा धनीी; फि�र भीी कलीीसि�याा पर असैैन्य जनपदााधीीशोंं� केे अधि�काार सेे
लगााताार इनकाार और धाार्मि�क स्वतंं त्रताा कीी उसकीी मांं�ग कोो बर्दाा�श्त नहींं� कि�याा जाा सकताा थाा। यह
आग्रह कि�याा गयाा कि� इस नए सि�द्धांं�त काा संं प्रयोोग, देेश कीी मौौलि�क स्थि�ति� और सरकाार कोो नष्ट कर
देेगाा।» - पूूर्वोोक्त., बिं�दुं ु 1, अध्यााय 15, अनुुच्छेेद 10। उसेे उपनि�वेेशोंं� सेे नि�र्वाा�सि�त करनेे कीी सज़ाा दीी
गई थीी, और अंंत मेंं, गि�रफ्ताारीी सेे बचनेे केे लि�ए, वह अखंं ड जंं गल मेंं, ठंं ड और सर्दि�योंं� केे तूूफाानोंं� केे
बीीच भाागनेे केे लि�ए मजबूूर होो गयाा।
«चौौदह सप्तााह केे लि�ए,» वह कहताा हैै, «मैंं एक पीीड़ाादाायक समय मेंं कष्टदाायीी रूप सेे धक्केे
खााताा रहाा, जहांं� रोोटीी और बि�स्तर काा कोोई पताा नहींं� थाा।»
लेेकि�न “जंं गल मेंं कौौवोंं� नेे मुुझेे खाानाा खि�लाायाा,» और एक खोोखलाा पेेड़ प्राायःः उसकाा आश्रय होोताा
थाा। —माार्टि�न, खंं ड 5, पृृष् ठ 349, 350। इस प्रकाार उसनेे बर्फफ और पथहीीन जंं गल मेंं सेे अपनीी
दर्ददनााक याात्राा ज़ाारीी रखीी, जब तक कि� उसेे एक भाारतीीय जनजााति� केे सााथ शरण नहींं� मि�लीी, जि�सकाा
वि�श्वाास और स्नेेह उसनेे उन्हेंं सुुसमााचाार कीी सच्चााई सि�खाानेे केे प्रयाास मेंं जीीताा थाा।
महीीनोंं� केे परि�वर्ततन और भटकनेे केे बााद, नाारगांं�सेेट खााड़ीी केे तट पर पहुंंच कर, उसनेे आधुुनि�क
समय केे पहलेे रााज्य कीी नींं�व रखीी, जि�सनेे पूूर्णण अर्थोंं मेंं धाार्मि�क स्वतंं त्रताा केे अधि�काार कोो माान्यताा
दीी। रोोजर वि�लि�यम्स केे उपनि�वेेश काा मूूल सि�द्धांं�त यह थाा कि� «प्रत्येेक व्यक्ति� कोो अपनेे वि�वेेक केे
प्रकााश केे अनुुसाार ईश्वर कीी आरााधनाा करनेे कीी स्वतंं त्रताा होोनीी चााहि�ए।» - पूूर्वोोक्त., खंं ड 5, पृृष् ठ
354। उनकाा छोोटाा रााज्य, रोोड आइलैंंड, उत्पीीड़ि�तोंं� काा आश्रय बन गयाा, और यह तब तक बढ़ाा और
समृृद्ध हुआ जब तक कि� इसकेे मूूल सि�द्धांं�त-नाागरि�क और धाार्मि�क स्वतंं त्रताा-अमेेरि�कीी गणरााज्य कीी
आधाारशि�लाा नहींं� बन गए।
उस महाान पुुराानेे दस्ताावेेज़ मेंं जि�सेे हमाारेे पूूर्ववजोंं� नेे अपनेे अधि�काारोंं� केे लेेखाा पत्र केे रूप मेंं
नि�र्धाा�रि�त कि�याा थाा - स्वतंं त्रताा कीी घोोषणाा - उन्होंं�नेे घोोषि�त कि�याा: «हम इन सत्योंं� कोो स्वयंं सि�द्ध माानतेे
हैंं, कि� सभीी मनुुष्योंं� कोो समाान बनाायाा गयाा हैै; कि� वेे अपनेे सृृष्टि�िकर्ताा� द्वााराा कुु छ अपरि�हाार्यय अधि�काारोंं�
सेे संं पन्न कि�येे गए हैंं; इनमेंं जीीवन, स्वतंं त्रताा और सुुख कीी तलााश हैंं।” और संं वि�धाान सबसेे स्पष्ट
शब्दोंं� मेंं, अंंतःःकरण कीी अनुुल्लंंघनीीयताा कीी गाारंंटीी देेताा हैै: «संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा केे तहत कि�सीी
भीी पद याा साार्ववजनि�क ट्ररस्ट केे लि�ए योोग्यताा केे रूप मेंं कि�सीी भीी धाार्मि�क परीीक्षाा कीी आवश्यकताा नहींं�
होोगीी।» «कांं�ग्रेेस धर्मम कीी स्थाापनाा केे संं बंं ध मेंं याा उसकेे मुुक्त अभ्याास पर रोोक लगाानेे केे लि�ए कोोई
काानूून नहींं� बनााएगीी।»
«संं वि�धाान केे नि�र्मााता� ाओंं नेे शााश्वत सि�द्धांं�त कोो माान्यताा दीी कि� मनुुष्य काा अपनेे ईश्वर केे सााथ संं बंं ध
माानव वि�धाान सेे ऊपर हैै, और उसकेे वि�वेेक केे अधि�काार अपरि�हाार्यय हैंं। इस सत्य कोो स्थाापि�त करनेे केे
लि�ए तर्कक करनाा आवश्यक नहींं� थाा; हम अपनेे हृदयोंं� मेंं इसकेे प्रति� सचेेत हैंं। यहीी वह चेेतनाा हैै जि�सनेे
माानवीीय नि�यमोंं� कीी अवहेेलनाा करतेे हुए अनेेक शहीीदोंं� कोो याातनााओंं और आग कीी लपटोंं� मेंं जीीवि�त
रखाा हैै। उन्होंं�नेे महसूूस कि�याा कि� परमेेश्वर केे प्रति� उनकाा कर्ततव्य माानवीीय कृृ त्योंं� सेे श्रेेष् ठ हैै, और यह कि�
208 महाान वि�वााद

मनुुष्य उनकेे वि�वेेक पर कि�सीी अधि�काार काा प्रयोोग नहींं� कर सकताा। यह एक जन्मजाात सि�द्धांं�त हैै जि�सेे
कोोई मि�टाा नहींं� सकताा।” - कन्ग्रेश े नल डााक्युुमेंट्ं स् (यूूएसए), क्रमांं�क 200, दस्ताावेेज़ संं ख्याा 271।
जैैसे-े जैैसेे यूूरोोप केे देेशोंं� मेंं खबर फैै लतीी गई, एक ऐसीी भूूमि� केे बाारेे मेंं जहांं� हर आदमीी अपनेे श्रम केे
फल काा आनंं द लेे सकताा हैै और अपनेे वि�वेेक केे वि�श्वाासोंं� काा पाालन कर सकताा हैै, हज़ाारोंं� लोोग अमेेरि�काा
केे तट पर आ गए। उपनि�वेेश तेेज़ीी सेे बढ़ेे। «मैैसााचुुसेट्े स् नेे, वि�शेेष काानूून द्वााराा, साार्ववजनि�क कीीमत पर,
कि�सीी भीी रााष्ट्रीी�यताा केे मसीीहि�योंं� कोो, जोो ‹युुद्ध याा अकााल, याा उनकेे उत्पीीड़कोंं� केे उत्पीीड़न सेे बचनेे केे
लि�ए› अटलांं�टि�क केे पाार सेे भााग कर आ सकतेे थेे, स्वच्छन्द स्वाागत और सहाायताा कीी पेेशकश कीी। इस
प्रकाार, पलाायकोंं� और पददलि�तोंं� कोो, क़ाानूून द्वााराा, रााष्ट्ररमंंडल काा अति�थि� बनाायाा गयाा थाा।” -माार्टि�न, खंं ड
5, पृृष् ठ 417। प्लाायमााउथ मेंं पहलेे अवतरण सेे बीीस वर्षोंं मेंं, न्यूू इंं ग्लैंडं मेंं हजाारोंं� पथि�क बस गए थेे।
जि�स वस्तुु कीी उन्होंं�नेे तलााश कीी थीी, उसेे सुुरक्षि�त करनेे केे लि�ए, «वेे मि�तव्ययि�ताा और परि�श्रम
केे जीीवन सेे एक सााधाारण जीीवि�काा अर्जि�त करनेे मेंं संं तुुष् ट थेे। उन्होंं�नेे मि�ट्टीी सेे अपनेे श्रम केे उचि�त
प्रति�फल केे अलाावाा कुु छ नहींं� मांं�गाा। उनकेे पथ केे चाारोंं� ओर कि�सीी सुुनहरीी परि�कल्पनाा काा छलपूूर्णण
प्रभाामंं डल नहींं� थाा। वेे अपनेे साामााजि�क रााज्यतन्त्र कीी धीीमीी लेेकि�न स्थि�र प्रगति� सेे संं तुुष् ट थेे। स्वतंं त्रताा
केे वृृक्ष कोो अपनेे आँँसुुओं ं सेे, और अपनेे मााथेे केे पसीीनेे सेे सींं�चतेे हुए, जब तक कि� उसनेे उस देेश मेंं
गहरीी जड़ न जमाा लीी, उन्होंं�नेे सब्र सेे जंं गल कीी कठि�नााईयोंं� कोो सहाा।»
बााइबि�ल कोो वि�श्वाास कीी नींं�व, ज्ञाान काा स्रोोत और स्वतंं त्रताा काा अधि�काार पत्र माानतेे थेे। इसकेे
सि�द्धांं�तोंं� कोो घर मेंं, स्कूूल मेंं और चर्चच मेंं कर्ममठताा सेे पढ़ाायाा जााताा थाा, और इसकेे फल मि�तव्ययि�ताा,
बुुद्धि�, पवि�त्रताा और संं यम मेंं प्रकट होोतेे थेे। यह होो सकताा हैै कि� एक आदमीी साालोंं� सेे प्यूूरि�टन बस्तीी मेंं
रहकर भीी «पि�यक्कड़ कोो न देेखेे, न कोोई शपथ सुुनेे, न कि�सीी भि�खाारीी सेे मि�लेे।» —बैैनक्रॉॉफ्ट, बिं�दुं ु
1, अध्यााय 19, अनुुच्छेेद 25। यह प्रदर्शि�त कि�याा गयाा थाा कि� बााइबल केे सि�द्धांं�त रााष्ट्रीी�य महाानताा
केे सबसेे वि�श्वसनीीय बचााव हैंं। कमजोोर और अलग-थलग उपनि�वेेश शक्ति�शाालीी रााज्योंं� केे एक संं घ
केे रूप मेंं वि�कसि�त हुए, और दुनि�या ु ा नेे आश्चर्यय केे सााथ «एक पोोप केे बि�नाा एक कलीीसि�याा, और एक
रााजाा केे बि�नाा एक रााज्य» कीी शांं�ति� और समृृद्धि� कोो देेखाा।»
लेेकि�न लगााताार बढ़तीी संं ख्याा अमेेरि�काा केे तटोंं� कीी ओर आकर्षि�त हुई, जोो पहलेे पथि�कोंं� केे
उद्देेश्योंं� सेे व्याापक रूप सेे भि�न्न उद्देेश्योंं� सेे प्रेेरि�त थीी। यद्यपि� आदि�म आस्थाा और पवि�त्रताा नेे व्याापक
और ढाालनेे वाालाा प्रभााव डाालाा, फि�र भीी इसकाा प्रभााव कम होोताा गयाा क्योंं�कि� केे वल सांं�साारि�क लााभ
चााहनेे वाालोंं� कीी संं ख्याा मेंं वृृद्धि� हुई।
प्राारंंभि�क उपनि�वेेशवाादि�योंं� द्वााराा केे वल कलीीसि�याा केे सदस्योंं� कोो मतदाान करनेे याा नाागरि�क सरकाार
मेंं पद धाारण करनेे कीी अनुुमति� देेनेे वाालेे नि�यम केे अपनााए जाानेे केे फलस्वरूप सबसेे हाानि�काारक
परि�णााम साामनेे आए। इस उपााय कोो रााज्य कीी पवि�त्रताा कोो बनााए रखनेे केे सााधन केे रूप मेंं स्वीीकाार
कि�याा गयाा थाा, लेेकि�न इसकेे परि�णाामस्वरूप कलीीसि�याा भ्रष्ट होो गई। क्योंं�कि� धर्मम कोो अपनाानाा
मतााधि�काार और पद धाारण काा प्रति�बन्ध थाा, कई, पूूरीी तरह सेे सांं�साारि�क नीीति� केे उद्देेश्योंं� सेे प्रेेरि�त, बि�नाा
हृदय परि�वर्ततन केे कलीीसि�याा केे सााथ एकजुुट होो गए। इस प्रकाार कलीीसि�यााएंं कााफीी हद तक अपरि�-
वर्ति�त व्यक्ति�योंं� सेे बनींं�; और सेेवकााई मेंं भीी वेे थेे जोो न केे वल धर्मम-सि�द्धाान्तोंं� मेंं भ्रम कोो जगह देेतेे थेे,
परन्तुु जोो पवि�त्र आत्माा कीी नई शक्ति� सेे अनभि�ज्ञ थेे। इस प्रकाार फि�र सेे रााज्य कीी सहाायताा सेे कलीीसि�याा
पिलग्रिम फा 209

केे नि�र्माा�ण केे प्रयाास केे , उसकेे सुुसमााचाार केे समर्थथन मेंं, जि�सनेे घोोषि�त कि�याा: «मेेराा रााज्य इस संं साार काा
नहींं� हैै», धर्ममनि�रपेक्ष े शक्ति� सेे अपीील करनेे केे बुुरेे परि�णाामोंं� काा प्रदर्शशन कि�याा गयाा, जोो कॉॉन्स्टेंंटााइन केे
दि�नोंं� सेे लेेकर वर्ततमाान तक कलि�सि�याा केे इति�हाास मेंं अक्सर देेखाा गयाा थाा। यूूहन्नाा 18:36। रााज्य केे
सााथ कलीीसि�याा काा मेेल, अवस्थाा कभीी भीी इतनीी नगण्य न होो, कि� यह संं साार कोो कलीीसि�याा केे करीीब
लााताा प्रतीीत होो सकताा हैै, लेेकि�न वाास्तव मेंं कलीीसि�याा कोो संं साार केे करीीब लााताा हैै।
रॉॉबि�न्सन और रोोजर वि�लि�यम्स द्वााराा इतनीी अच्छीी तरह सेे पक्षपोोषि�त यह सि�द्धांं�त, कि� सत्य प्रगति�शीील
हैै, कि� मसीीहि�योंं� कोो परमेेश्वर केे पवि�त्र वचन सेे चमकनेे वाालेे सभीी प्रकााश कोो स्वीीकाार करनेे केे लि�ए तैैयाार
रहनाा चााहि�ए, उनकेे वंं शजोंं� द्वााराा भुुलाा दि�याा गयाा थाा। अमेेरि�काा कीी प्रोोटेेस्टेंटं कलीीसि�यााओंं नेे, — और
सााथ हीी यूूरोोप कीी भीी, — धर्मम सुुधाार कीी आशीीषेंं प्रााप्त करनेे मेंं अत्यधि�क अनुुग्रह प्रााप्त, सुुधाार केे माार्गग
मेंं आगेे बढ़नाा ज़ाारीी नहींं� रखाा। हाालाँँ�कि�, समय-समय पर कुु छ वफाादाार लोोग नए सत्य कीी घोोषणाा करनेे
और लंं बेे समय सेे पोोषि�त भ्रम कोो उजाागर करनेे केे लि�ए उठेे, अधि�कांं�श, मसीीह केे दि�नोंं� मेंं यहूदि�योंं� कीी
तरह याा लूूथर केे समय मेंं पोोप समर्थथकोंं� कीी तरह, जैैसाा कि� उनकेे पूूर्ववजोंं� नेे वि�श्वाास कि�याा थाा, और जैैसाा वेे
जीीतेे थेे वैैसेे हीी जीीनेे मेंं संं तुष्ु ट थेे। इसलि�ए धर्मम फि�र सेे औपचाारि�कताा मेंं बदल गयाा; और जि�न अंंधवि�श्वा�-
सोंं� और भ्रमोंं� कोो दूू र कि�याा जाा सकताा थाा, यदि� कलीीसि�याा परमेेश्वर केे वचन केे आलोोक मेंं चलतीी रहतीी,
उन्हेंं बरकराार रखाा गयाा और पोोषि�त कि�याा गयाा। इस प्रकाार धर्मम सुुधाार सेे प्रेेरि�त भाावनाा धीीरेे-धीीरेे समााप्त
होो गई, जब तक कि� प्रोोटेेस्टेंटं कलीीसि�याा मेंं धर्मम सुुधाार कीी लगभग उतनीी हीी आवश्यकताा होो गई, जि�तनीी
कि� लूूथर केे समय मेंं रोोमन कलीीसि�याा मेंं थीी। वहीी सांं�साारि�कताा और आध्याात्मि�क मूूढ़ताा थीी, माानव कीी रााय
केे लि�ए समाान सम्माान, और परमेेश्वर केे वचन कीी शि�क्षााओंं केे लि�ए माानवीीय सि�द्धांं�तोंं� काा प्रति�स्थाापन।
उन्नीीसवींं� शतााब्दीी केे आरंंभि�क भााग मेंं बााइबल केे व्याापक प्रसाार, और संं साार पर महाान प्रकााश केे इस
प्रकाार फैै लनेे केे बााद भीी प्रकट सत्य केे ज्ञाान मेंं, याा प्रयोोगाात्मक धर्मम मेंं एक तदनुुसाार प्रगति� नहींं� हुई। शैैताान,
पहि�लेे युुगोंं� कीी तरह, परमेेश्वर केे वचन कोो लोोगोंं� सेे दूूर नहींं� रख सकाा; इसेे सभीी कीी पहुंंच मेंं रखाा गयाा थाा;
लेेकि�न अभीी भीी अपनेे उद्देश्य े कोो पूूराा करनेे केे लि�ए, उसनेे कई लोोगोंं� कोो इसेे माात्र हल्केे ढंंग सेे महत्व देेनेे
केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा। लोोगोंं� नेे पवि�त्रशाास्त्र कोो पढ़नेे कीी उपेेक्षाा कीी, और इस प्रकाार वेे झूठीू ी व्यााख्यााओंं कोो
स्वीीकाार करतेे रहेे, और उन सि�द्धांं�तोंं� कोो संं जोोतेे रहेे जि�नकाा बााइबल मेंं कोोई आधाार नहींं� थाा।
सतााव द्वााराा सत्य कोो कुु चलनेे केे अपनेे प्रयाासोंं� कीी वि�फलताा कोो देेखकर, शैैताान नेे फि�र सेे समझौौताा करनेे
कीी योोजनाा काा सहााराा लि�याा, जि�सकेे काारण महाान धर्ममत्यााग और रोोम कीी कलीीसि�याा काा संं गठन हुआ। उन्होंं�नेे
मसीीहि�योंं� कोो अब खुुद कोो मूूर्ति�पूजक ू केे रूप मेंं नहींं�, बल्कि� उन लोोगोंं� केे सााथ गठबंं धन करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त
कि�याा थाा, जि�न्होंं�नेे इस संं साार कीी वस्तुुओं ं केे प्रति� समर्पपण सेे खुुद कोो गढ़ीी हुई मूूर्ति�योंं� केे पूूजकोंं� केे समाान
सहीी अर्थोंं मेंं मूूर्ति�पूजक
ू सााबि�त कर दि�याा थाा। और इस मि�लन केे परि�णााम पूूर्वव युुगोंं� कीी तुुलनाा मेंं अब कम
हाानि�काारक नहींं� थेे; धर्मम कीी आड़ मेंं घमंं ड और फ़ि�ज़ूलखर्ची ू ी कोो बढ़ाावाा दि�याा गयाा और कलीीसि�यााएंं भ्रष्ट
होो गईं। शैैताान लगााताार बााइबल केे सि�द्धांं�तोंं� कोो वि�कृृ त करताा रहाा, और जोो परंंपरााएँँ लााखोंं� लोोगोंं� कोो बर्बााद�
करनेे वाालीी थींं�, वेे गहरीी जड़ेंं जमाा रहीी थींं�। «उस वि�श्वाास केे लि�ए जोो एक बाार पवि�त्र लोोगोंं� कोो दि�याा गयाा
थाा», संं घर्षष करनेे केे बजााय कलीीसि�याा इन परंंपरााओंं कोो बनााए रख रहीी थीी और उनकाा बचााव कर रहीी थीी।
इस प्रकाार उन सि�द्धांं�तोंं� कोो नि�म्नीीकृृ त कि�याा गयाा जि�नकेे लि�ए सुुधाारकोंं� नेे बहुत कुु छ कि�याा और सहाा थाा।
17

सुुबह केे संं देेश

बाा इबल मेंं प्रकट सच्चााइयोंं� मेंं सेे सबसेे गंं भीीर और अभीी तक कीी सबसेे महि�माामयीी सच्चााई छुु टकाारेे
केे महाान काार्यय कोो पूूराा करनेे केे लि�ए मसीीह केे दूू सरेे आगमन सेे संं बद्ध हैै। इतनेे लंं बेे समय केे लि�ए
«मृृत्युु केे क्षेेत्र और छाायाा» मेंं रहनेे केे लि�ए छोोड़ीी हुई परमेेश्वर कीी पथि�क प्रजाा कोो उसकेे , जोो «पुुनरुत्थाान
और जीीवन» हैै, «नि�र्वाा�सि�तोंं� कीी घर-वाापसीी» केे लि�ए आगमन कीी प्रति�ज्ञाा मेंं, खुुशीी कोो प्रेेरि�त करनेे वाालीी
आशाा दीी गई हैै। दूू सरेे आगमन काा सि�द्धांं�त पवि�त्र शाास्त्र काा मूूल सि�द्धांं�त हैै। उस दि�न सेे जब पहलेे जोोड़ेे नेे
अपनेे दु:ु खद कदमोंं� कोो अदन सेे बााहर रखाा, वि�श्वाास कीी सन्ताान, वि�नााशक कीी शक्ति� कोो तोोड़नेे और उन्हेंं
फि�र सेे उस स्वर्गग मेंं लाानेे केे लि�ए, जोो उन्होंं�नेे खोो दि�याा थाा, प्रति�श्रुुत केे आगमन काा इंं तज़ाार करतेे रहेे हैंं।
पुुराानेे समय केे पवि�त्र लोोग अपनीी आशाा कीी परााकााष्ठाा केे रूप मेंं, महि�माा मेंं मसीीहाा केे आगमन कीी प्रतीीक्षाा
कर रहेे थेे। हनोोक कोो, जोो अदन मेंं रहनेे वाालोंं� सेे साातवींं� पीीढ़ीी मेंं थाा, वह जोो पृृथ्वीी पर तीीन शतााब्दि�योंं�
तक परमेेश्वर केे सााथ-सााथ चलताा रहाा, दूू र सेे उद्धाारकर्ताा� केे आगमन कोो देेखनेे कीी अनुुमति� दीी गई थीी।
उसनेे ऐलाान कि�याा, “देेखोो, प्रभुु अपनेे लााखोंं� पवि�त्रोंं� केे सााथ आयाा कि� सबकाा न्यााय करेे।» यहूदाा 14,15।
कुु लपि�ताा अय्यूूब नेे अपनेे दु:ु ख कीी राात मेंं अटल वि�श्वाास केे सााथ कहाा: «मुुझेे तोो नि�श्‍‍चय हैै कि� मेेराा छुु ड़ा�-
नेेवाालाा जीीवि�त हैै, और वह अन्त मेंं पृृथ्वीी पर खड़ाा होोगाा: ... मैंं शरीीर मेंं होोकर परमेेश्वर काा दर्शशन पााऊँँगाा:
उसकाा दर्शशन मैंं आप अपनीी आँँखोंं� सेे अपनेे लि�येे करूँँगाा, और कोोई दूू सराा नहींं�।» अय्यूूब 19:25-27।
धाार्मि�कताा केे शाासन काा सूूत्रपाात करनेे मेंं मसीीह केे आगमन नेे पवि�त्र लेेखकोंं� केे सबसेे उदाात्त और
भाावपूूर्णण कथनोंं� कोो प्रेेरि�त कि�याा हैै। बााइबि�ल केे कवि�योंं� और भवि�ष्यद्वक्तााओंं नेे आकााशीीय अग्नि�ि सेे
चमकतेे हुए शब्दोंं� मेंं इसकाा उल्लेेख कि�याा हैै। भजनहाार नेे इस्रााएल केे रााजाा कीी शक्ति� और महि�माा
काा गीीत गाायाा: «सि�य्योोन सेे, जोो परम सुुन्दर हैै, परमेेश्वर नेे अपनाा तेेज दि�खाायाा हैै। हमााराा परमेे-
श्वर आएगाा और चुुपचााप न रहेेगाा। वह अपनीी प्रजाा काा न्यााय करनेे केे लि�येे ऊपर केे आकााश कोो
और पृृथ्वीी कोो भीी पुुकाारेेगाा। « भजन संं हि�ताा 50:2-4। «आकााश आनन्द करेे, और पृृथ्वीी मगन होो;
...यह यहोोवाा केे साामनेे होो, क्योंं�कि� वह आनेेवाालाा हैै। वह पृृथ्वीी काा न्यााय करनेे कोो आनेेवाालाा हैै, वह
धर्मम सेे जगत काा, और सच्‍‍चााई सेे देेश-देेश केे लोोगोंं� काा न्यााय करेेगाा।» भजन संं हि�ताा 96: 11-13।
सुबह के संदेश 211

भवि�ष्यद्वक्ताा यशाायााह नेे कहाा: «हेे मि�ट्टीी मेंं बसनेेवाालोो, जाागकर जयजयकाार करोो! क्योंं�कि� तेेरीी
ओस ज्योोति� सेे उत्पन्न होोतीी हैै, और पृृथ्वीी मुुर्दोंं कोो लौौटाा देेगीी।» «तेेरेे मरेे हुए लोोग जीीवि�त होंं�गेे, मुुर्देे
उठ खड़ेे होंं�गेे।» «वह मृृत्युु काा सदाा केे लि�येे नााश करेेगाा, और प्रभुु यहोोवाा सभोंं� केे मुुख पर सेे आँँसूू
पोंं�छ डाालेेगाा, और अपनीी प्रजाा कीी नाामधरााई साारीी पृृथ्वीी पर सेे दूू र करेेगाा; क्योंं�कि� यहोोवाा नेे ऐसाा हीी
कहाा हैै। उस समय यह कहाा जााएगाा, “देेखोो, हमााराा परमेेश्वर यहीी हैै, हम इसीी कीी बााट जोोहतेे आए
हैंं, कि� वह हमााराा उद्धाार करेे। यहोोवाा यहीी हैै; हम उसकीी बााट जोोहतेे आए हैंं। हम उससेे उद्धाार पााकर
मगन और आनन्दि�त होंं�गेे।” यशाायााह 26:19; 25:8,9।
और हबक्कूू क नेे पवि�त्र दर्शशन मेंं मगन होोकर उसकेे प्रगट होोनेे कोो देेखाा। ईश्‍‍वर तेेमाान सेे आयाा,
पवि�त्र ईश्‍‍वर पराान पर्ववत सेे आ रहाा हैै। उसकाा तेेज आकााश पर छाायाा हुआ हैै, और पृृथ्वीी उसकीी स्तुुति�
सेे परि�पूूर्णण होो गई हैै। «उसकीी ज्योोति� सूूर्यय केे तुुल्य थीी, उसकेे हााथ सेे कि�रणेंं नि�कल रहीी थींं�।» « वह
खड़ाा होोकर पृृथ्वीी कोो नााप रहाा थाा; उसनेे देेखाा और जााति�-जााति� केे लोोग घबराा गए; तब सनाातन पर्ववत
चकनााचूूर होो गए, और सनाातन कीी पहााड़ि�याँँ� झुक ु गईं। उसकीी गति� अनन्त कााल सेे एक सीी हैै।» «तूू
अपनेे घोोड़ोंं� पर और उद्धाार करनेेवाालेे वि�जयीी रथोंं� पर चढ़कर आ रहाा थाा।» «पहााड़ तुुझेे देेखकर काँँ�प
उठेे : ... गहि�राा साागर बोोल उठाा और अपनेे हााथोंं� अर्थाा�त्् लहरोंं� कोो ऊपर उठाायाा। सूूर्यय और चन्द्रमाा
अपनेे-अपनेे स्थाान पर ठहर गए: तेेरेे उड़नेेवाालेे तीीरोंं� केे चलनेे कीी ज्योोति� सेे, और तेेरेे चमकीीलेे भाालेे
कीी झलक केे प्रकााश सेे।» «तूू अपनीी प्रजाा केे उद्धाार केे लि�येे नि�कलाा, हाँँ�, अपनेे अभि�षि�क्‍‍त केे संं ग
होोकर उद्धाार केे लि�येे नि�कलाा।» हबक्कूू क 3:3,4,6,8,10,11,13।
जब उद्धाारकर्ताा� अपनेे शि�ष्योंं� सेे अलग होोनेे वाालाा थाा, उसनेे उनकेे दुःः�ख मेंं उन्हेंं इस आश्वाासन
केे सााथ दि�लाासाा दि�याा कि� वह फि�र सेे आएगाा: «तुुम्हााराा मन व्यााकुु ल न होो। मेेरेे पि�ताा केे घर मेंं बहुत
सेे रहनेे केे स्थाान हैंं।  मैंं तुुम्हाारेे लि�येे जगह तैैयाार करनेे जााताा हूँँ। और यदि� मैंं जााकर तुुम्हाारेे लि�येे
जगह तैैयाार करूँँ , तोो फि�र आकर तुुम्हेंं अपनेे यहाँँ� लेे जााऊँँगाा।» यूूहन्नाा 14:1-3। “मनुुष्य काा पुुत्र
अपनीी महि�माा मेंं आएगाा, और सब स्वर्गगदूू त उसकेे सााथ आएँँगेे।» «वह अपनीी महि�माा केे सिं�हां ासन पर
वि�रााजमाान होोगाा: और सब जााति�याँँ� उसकेे साामनेे इकट्ठाा कीी जााएँँगीी।» मत्तीी 25:31,32।
मसीीह केे स्वर्गाा�रोोहण केे बााद ओलि�वेटे पर रहनेे वाालेे स्वर्गगदूू तोंं� नेे शि�ष्योंं� कोो उसकीी वाापसीी काा वाादाा
दोोहराायाा: “यहीी यीीशुु, जोो तुुम्हाारेे पाास सेे स्वर्गग पर उठाा लि�याा गयाा हैै, जि�स रीीति� सेे तुुम नेे उसेे स्वर्गग कोो जाातेे
देेखाा हैै उसीी रीीति� सेे वह फि�र आएगाा।” प्रेेरि�तोंं� केे कााम 1:11। और प्रेेरि�त पौौलुुस नेे, प्रेेरणाा कीी आत्माा
सेे बोोलतेे हुए, गवााहीी दीी: «प्रभुु आप हीी स्वर्गग सेे उतरेेगाा; उस समय ललकाार, और प्रधाान दूू त काा शब्द
सुुनााई देेगाा, और परमेेश्वर कीी तुुरहीी फूँँ� कीी जााएगीी।» 1 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 4:16। पतमुुस काा भवि�ष्यद्वक्ताा
कहताा हैै «देेखोो, वह बाादलोंं� केे सााथ आनेेवाालाा हैै; और हर एक आँँख उसेे देेखेगीे ी।» प्रकााशि�तवााक्य 1:7।
«जि�सकीी चर्चाा� प्रााचीीन कााल सेे परमेेश्वर नेे अपनेे पवि�त्र भवि�ष्यद्वक्‍‍तााओंं केे मुुख सेे कीी, उन सब बाातोंं� केे
सुुधाार,» कीी अप्रति�म सुुन्दरताा उसकेे आगमन कोो घेेरेे थीी।» प्रेेरि�तोंं� केे कााम 3:21। तब लंं बेे समय तक जाारीी
रहाा बुुरााई काा नि�यम टूू ट जााएगाा; “जगत काा रााज्य हमाारेे प्रभुु काा और उसकेे मसीीह काा» होो जााएगाा «और
वह युुगाानुुयुगु रााज्य करेेगाा।” प्रकााशि�तवााक्य 11:15। «यहोोवाा काा तेेज प्रगट होोगाा और सब प्रााणीी उसकोो
एक संं ग देेखेंगें ।े ” «प्रभुु यहोोवाा सब जााति�योंं� केे साामनेे धाार्मि�कताा और धन्यवााद कोो बढ़ााएगाा।» वह «अपनीी
प्रजाा केे बचेे हुओंं केे लि�येे सुुन्दर और प्रताापीी मुुकुुट ठहरेेगाा।» यशाायााह 40:5; 61:11; यशाायााह 28:5।
212 महाान वि�वााद

तब यह हैै कि� मसीीह काा शांं�ति�पूूर्णण और लंं बेे समय सेे वांं�छि�त रााज्य पूूरेे स्वर्गग केे नीीचेे स्थाापि�त
कि�याा जााएगाा। «यहोोवाा नेे सि�य्योोन कोो शाान्ति� दीी हैै, उसनेे उसकेे सब खण्डहरोंं� कोो शाान्ति� दीी हैै; वह
उसकेे जंं गल कोो अदन केे समाान और उसकेे नि�र्जजल देेश कोो यहोोवाा कीी वााटि�काा केे समाान बनााएगाा।»
«उसकीी शोोभाा लबाानोोन कीी सीी होोगीी और वह कर्मेेल और शाारोोन केे तुुल्य तेेजोोमय होो जााएगीी।» «तूू
फि�र त्याागीी हुई न कहलााएगीी, और तेेरीी भूूमि� फि�र उजड़ीी हुई न कहलााएगीी; परन्तुु तूू हेेप्सीीबाा और तेेरीी
भूूमि� ब्यूूलाा कहलााएगीी।» «जैैसेे दुल्हा ु ा अपनीी दुल्हि�न
ु केे काारण हर्षि�त होोताा हैै, वैैसेे हीी तेेराा परमेेश्वर
तेेरेे काारण हर्षि�त होोगाा।» यशाायााह 51:3; 35:2; 62:4,5, माार्जि�न।
प्रभुु काा आगमन सभीी युुगोंं� मेंं उसकेे सच्चेे अनुुयाायि�योंं� कीी आशाा रहाा हैै। ओलि�वेटे पर उद्धाारकर्ताा�
कीी वि�दााई केे समय कीी प्रति�ज्ञाा नेे, कि� वह फि�र सेे आएगाा, उसकेे शि�ष्योंं� केे लि�ए भवि�ष्य कोो रोोशन कर
दि�याा, उनकेे दि�लोंं� कोो खुुशीी और आशाा सेे भर दि�याा जि�सेे न तोो दुख ु नष्ट कर सकाा और न हीी परीीक्षण
कम कर सकेे । पीीड़ाा और उत्पीीड़न केे बीीच, «महाान परमेेश्वर और हमाारेे उद्धाारकर्ताा� यीीशुु मसीीह काा प्रकट
होोनाा» «धन्य आशाा» थीी। जब थि�स्सलुुनीीकेे केे मसीीहीी अपनेे प्रि�यजनोंं� कोो दफनाातेे हुए शोोक सेे भर गए,
जि�न्होंं�नेे प्रभुु केे आगमन कोो देेखनेे केे लि�ए जीीनेे कीी आशाा कीी थीी, उनकेे गुुरु पौौलुुस नेे उनकाा ध्याान पुुन-
रुत्थाान कीी ओर कि�याा, जोो उद्धाारकर्ताा� केे आगमन पर होोगाा। तब मसीीह मेंं मरेे हुए जीी उठेंं गे,े और जीीवि�तोंं�
केे सााथ हवाा मेंं प्रभुु सेे मि�लनेे केे लि�ए उठााए जााएंं गे।े «और इस रीीति� सेे,» उसनेे कहाा, «हम सदाा प्रभुु
केे सााथ रहेंंगे।े इस प्रकाार इन बाातोंं� सेे एक दूू सरेे कोो शाान्ति� दि�याा करोो।» 1 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 4:16-18।
चट्टाानीी पतमोोस पर प्रि�य शि�ष्य नेे वचन सुुनाा, “हाँँ�, मैंं शीीघ्र आनेेवाालाा हूँँ,” और उसकीी लाालसाा
भरीी प्रति�क्रि�याा कलीीसि�याा कीी संं पूूर्णण याात्राा कीी प्राार्थथनाा अभि�व्यक्त करतीी हैै, «हेे प्रभुु यीीशुु आ।»
प्रकााशि�तवााक्य 22:20।
सदि�योंं� सेे काालकोोठरीी, कााठ, वध-मंं च सेे, जहांं� पवि�त्र लोोगोंं� और शहीीदोंं� नेे सच्चााई केे लि�ए
गवााहीी दीी, उनकेे वि�श्वाास और आशाा कीी अभि�व्यक्ति� आतीी हैै। इन मसीीहि�योंं� मेंं सेे एक कहताा हैै,
«उसकेे व्यक्ति�गत पुुनरुत्थाान, और परि�णाामस्वरूप इस काार्यय केे लि�ए उनकेे अपनेे पुुनरुत्थाान केे लि�ए
उसकेे आगमन केे बाारेे मेंं आश्वस्त होोनेे सेे, उन्होंं�नेे मृृत्युु कोो तुुच्छ जाानाा, और इसकेे ऊपर पााए गए।»
- डैैनि�यल टीी टेेलर, द रेेन ऑफ क्रााइस्ट ऑन अर्थथ: याा, द वॉॉयस ऑफ चर्चच इन ऑल एजि�ज़, पृृष्ठ
33। वेे कब्र मेंं जाानेे केे लि�ए तैैयाार थेे, तााकि� वेे «स्वतंं त्र रूप सेे उठ सकेंं ।» —पूूर्वोोक्त., पृृष् ठ 54।
«धर्मि�योंं� केे लि�ए रााज्य केे समय लाातेे हुए», वेे «प्रभुु कोो अपनेे पि�ताा कीी महि�माा केे सााथ बाादलोंं� पर
स्वर्गग सेे आनेे» कीी बााट जोोह रहेे थेे। वााल्डेंंस नेे उसीी वि�श्वाास कोो पोोषि�त कि�याा। —पूूर्वोोक्त., पृृष् ठ
129-132। वि�क्लि�फ कलीीसि�याा कीी आशाा केे रूप मेंं मुुक्ति�दााताा केे प्रकट होोनेे कीी प्रतीीक्षाा मेंं थाा। —
पूूर्वोोक्त., पृृष् ठ 132-134।
लूूथर नेे घोोषणाा कीी: «मैंं वाास्तव मेंं अपनेे आप कोो वि�श्वाास दि�लााताा हूंं, कि� न्यााय काा दि�न पूूरेे तीीन
सौौ वर्षष तक अस्ति�त्वहीीन नहींं� रहेेगाा। परमेेश्वर इस दुष्ु ट संं साार कोो अधि�क समय तक अनुुमति� नहींं�
देेगाा, नहींं� देे सकताा।” “वह बड़ाा दि�न नि�कट आ रहाा हैै, जि�स मेंं घि�नौौनेे काामोंं� केे रााज्य कोो उखााड़
फेंंकाा जााएगाा।” —पूूर्वोोक्त., पृृष् ठ 158,134।
मेेलांं�कथॉॉन नेे कहाा, «यह पुुराानीी दुनि�या
ु ा अपनेे अंंत सेे दूू र नहींं� हैै।» केे ल्वि�न मसीीहि�योंं� कोो कहताा
हैै कि� वेे «मसीीह केे आनेे केे दि�न कोो सभीी घटनााओंं मेंं सबसेे शुुभ होोनेे कीी तमन्नाा करतेे हुए, झि�झकेे
सुबह के संदेश 213

नहींं�;» और घोोषणाा करताा हैै कि� “उस दि�न वि�श्वाासि�योंं� काा सााराा परि�वाार चौौकस रहेेगाा।” वह कहताा
हैै, «हमेंं मसीीह कीी लाालसाा रखनाा चााहि�ए, हमेंं उस महाान दि�न कीी भोोर तक तलााश करनीी चााहि�ए,
चिं�तनं करनाा चााहि�ए, जब हमााराा प्रभुु अपनेे रााज्य कीी महि�माा कोो पूूरीी तरह सेे प्रकट करेेगाा।» —
पूूर्वोोक्त., पृृष् ठ 158,134।
«क्याा प्रभुु यीीशुु हमाारेे शरीीर कोो स्वर्गग मेंं नहींं� उठाा लेे गयाा?» स्कॉॉच सुुधाारक नॉॉक्स नेे कहाा, «और
क्याा वह वाापस नहींं� आएगाा? हम जाानतेे हैंं कि� वह लौौटेेगाा, और वह भीी शीीघ्रताा सेे।” रि�डलेे और
लैैटि�मर नेे, जि�न्होंं�नेे सत्य केे लि�ए अपनेे प्रााणोंं� कीी आहुति� देे दीी, प्रभुु केे आगमन कीी आशाा कीी। रि�डलेे
नेे लि�खाा: «बि�नाा कि�सीी संं देेह केे संं साार—यह मैंं वि�श्वाास करताा हूंं, और इसलि�ए मैंं इसेे कहताा हूंं—
समााप्त होोनेे कोो हैै। आओ, हम परमेेश्वर केे दाास यूूहन्नाा केे सााथ अपनेे हृदय मेंं अपनेे उद्धाारकर्ताा�
मसीीह कीी दोोहााई देंं , आ, हेे प्रभुु यीीशुु, आ।” —पूूर्वोोक्त., पृृष् ठ 151,145।
«प्रभुु केे आनेे केे वि�चाार,» बैैक्सटर नेे कहाा, «मेेरेे लि�ए सबसेे मधुुर और आनंं दपूूर्णण हैंं।» -रि�चर्डड
बैैक्सटर, वर्क्सस, खंं ड 17, पृृष् ठ 555। «उसकेे आगमन सेे प्याार करनाा और उस धन्य आशाा कीी
प्रतीीक्षाा करनाा वि�श्वाास और उसकेे पवि�त्र लोोगोंं� कीी क्षमताा काा कााम हैै।» «यदि� मृृत्युु पुुनरुत्थाान
केे समय नष्ट होोनेे वाालाा अंंति�म शत्रुु हैै, तोो हम सीीख सकतेे हैंं कि� वि�श्वाासि�योंं� कोो मसीीह केे दूू सरेे
आगमन केे लि�ए कि�तनीी गंं भीीरताा सेे अभि�लााषाा और प्राार्थथनाा करनीी चााहि�ए, जब यह पूूर्णण और अंंति�म
वि�जय प्रााप्त कीी जााएगीी।» —पूूर्वोोक्त., खंं ड 17, पृृष् ठ 500। «यह वह दि�न हैै जि�सकेे लि�ए सभीी
वि�श्वाासि�योंं� कोो उनकेे छुु टकाारेे केे संं पूूर्णण काार्यय केे पूूराा होोनेे और उनकीी आत्मााओंं कीी सभीी इच्छााओंं
और प्रयाासोंं� केे रूप मेंं अभि�लााषाा, आशाा और प्रतीीक्षाा करनीी चााहि�ए।» «जल्दीी भेेजोो, हेे प्रभुु, यह
धन्य दि�न!» —पूूर्वोोक्त., खंं ड 17, पृृष् ठ 182,183। प्रेेरि�ति�क कलीीसि�याा, «जंं गल मेंं कीी कलीीसि�याा»
और सुुधाारकोंं� कीी आशाा ऐसीी हीी थीी।
भवि�ष्यद्वााणीी न केे वल मसीीह केे आगमन केे तरीीकेे और उद्देेश्य कीी भवि�ष्यद्वााणीी करतीी हैै, बल्कि�
ऐसेे संं केे त भीी प्रस्तुुत करतीी हैै जि�नकेे द्वााराा लोोगोंं� कोो पताा होोनाा चााहि�ए कि� यह कब नि�कट हैै। यीीशुु नेे
कहाा: “सूूरज, और चाँँ�द , और ताारोंं� मेंं चि�ह्न दि�खााई देंंगेे।” लूूकाा 21:25। “सूूरज अन्धेेराा होो जााएगाा,
और चाँँ�द प्रकााश न देेगाा; और आकााश सेे तााराागण गि�रनेे लगेंंगेे; और आकााश कीी शक्ति�यांं� हि�लााई
जााएँँगीी। तब लोोग मनुुष्य केे पुुत्र कोो बड़ीी साामर्थ्यय और महि�माा केे सााथ बाादलोंं� मेंं आतेे देेखेंंगेे। « मरकुु स
13:24-26। इस प्रकाार रहस्योोद्घा् ाटनकर्ताा� दूू सरेे आगमन सेे पहलेे केे संं केे तोंं� मेंं सेे पहलेे काा वर्णणन
करताा हैै: «एक बड़ाा भूूकम्प हुआ, और सूूर्यय कम्बल केे समाान काालाा और पूूराा चंं द्रमाा लहू केे समाान होो
गयाा।» प्रकााशि�तवााक्य 6:12।
येे संं केे त उन्नीीसवींं� शतााब्दीी कीी शुुरुआत सेे पहलेे देेखेे गए थेे। इस भवि�ष्यद्वााणीी कीी पूूर्ति� मेंं, वर्षष
1755 मेंं सबसेे भयाानक भूूकंंप हुआ, जैैसाा कि� अब तक कभीी दर्जज नहींं� कि�याा गयाा हैै। हाालांं�कि�
आमतौौर पर लि�स्बन केे भूूकंंप केे रूप मेंं जाानाा जााताा हैै, यह यूूरोोप, अफ्रीीकाा और अमेेरि�काा केे बड़ेे
हि�स्सेे तक फैै ल गयाा। यह ग्रीीनलैंंड मेंं, वेेस्ट इंं डीीज मेंं, मदीीराा द्वीीप मेंं, नॉॉर्वेे और स्वीीडन, ग्रेेट ब्रि�टेेन
और आयरलैंंड मेंं महसूूस कि�याा गयाा थाा। यह कम सेे कम चाार मि�लि�यन वर्गग मीील केे क्षेेत्र मेंं फैै लाा थाा।
अफ्रीीकाा मेंं यह झटकाा लगभग उतनाा हीी प्रचंं ड थाा जि�तनाा कि� यूूरोोप मेंं। अल्जीीयर्सस काा एक बड़ाा हि�स्साा
नष्ट होो गयाा थाा; और मोोरक्कोो सेे कुु छ हीी दूू रीी पर आठ याा दस हज़ाार कीी आबाादीी वाालाा एक गाँँ�व
214 महाान वि�वााद

नि�गल लि�याा गयाा। स्पेेन और अफ्रीीकाा केे तट पर आई एक वि�शााल लहर नेे शहरोंं� कोो अपनीी चपेेट मेंं
लेे लि�याा और भाारीी तबााहीी मचााई।
यह स्पेेन और पुुर्ततगााल मेंं थाा कि� झटकेे नेे अपनीी अत्यधि�क प्रचंं डताा प्रकट कीी। कैै डि�ज़ मेंं अंंतर्वााह� लहर
कोो सााठ फीीट ऊंंचाा बताायाा गयाा थाा। पर्ववत, «पुुर्ततगााल मेंं सबसेे बड़ोंं� मेंं सेे कुु छ, जैैसे,े उनकीी नींं�वोंं� सेे तेेजीी सेे
हि�लाा दि�ए गए थेे, और उनमेंं सेे कुु छ अपनेे शि�खर पर खुुल गए थेे, जोो एक अद्भु ् तु तरीीकेे सेे वि�भााजि�त और
दराारयुुक्त होो गए थेे, और उनकेे वि�शााल भााग समीीपवर्तीी घााटि�योंं� मेंं आकर गि�र गए थेे। लपटेंं इन पहााड़ोंं� सेे
नि�कलनेे सेे संं बंंधि�त हैंं।” —सर चाार्ल्सस लि�एल, प्रि�न्सपल्स ऑफ जि�योोलॉॉजीी, पृृष्ठ 495।
लि�स्बन मेंं «भूूमि�गत गड़गड़ााहट कीी आवााज़ सुुनााई दीी, और इसकेे तुुरंंत बााद एक प्रचंं ड झटकेे नेे
उस शहर केे बड़ेे हि�स्सेे कोो गि�राा दि�याा। लगभग छह मि�नट केे दौौराान सााठ हज़ाार लोोग माारेे गए। समुुद्र
पहलेे पीीछेे हट गयाा, और कि�नाारेे कोो सूूखाा छोोड़ दि�याा; फि�र वह अपनेे साामाान्य स्तर सेे पचाास फीीट
याा उससेे अधि�क ऊपर उठकर अंंदर आयाा।» «आपदाा केे दौौराान लि�स्बन मेंं हुई अन्य असााधाारण
घटनााओंं मेंं, एक नए घााट काा अवतलन थाा, जोो एक बहुत बड़ीी कीीमत पर पूूरीी तरह सेे संं गमरमर सेे
बनाा थाा। उसेे एक ऐसाा स्थाान माानकर जहाँँ� वेे गि�रनेे वाालेे खंं डहरोंं� कीी पहुँँच सेे बााहर होो सकतेे थेे, लोोगोंं�
कीी एक बड़ीी भीीड़ वहाँँ� सुुरक्षाा केे लि�ए एकत्र हुई थीी; परन्तुु अचाानक सब लोोगोंं� केे सााथ घााट धंं स गयाा,
और एक भीी लााश सतह पर नहींं� तैैरीी।” —पूूर्वोोक्त., पृृष् ठ 495।
भूूकंंप केे «झटकेे » केे तुुरंंत बााद हर गि�रजााघर और कॉॉन्वेंंट, लगभग सभीी बड़ेे साार्ववजनि�क भवन
और एक चौौथााई सेे अधि�क घर गि�र गए। झटकेे केे लगभग दोो घंं टेे बााद, अलग-अलग जगहोंं� पर
आग लग गई, और लगभग तीीन दि�नोंं� तक ऐसीी तीीव्रताा सेे भड़कीी कि� शहर पूूरीी तरह सेे उजााड़ होो
गयाा। भूूकंंप एक पवि�त्र दि�न पर हुआ, जब गि�रजााघर और कॉॉन्वेंंट लोोगोंं� सेे भरेे हुए थेे, जि�नमेंं सेे
बहुत कम लोोग बच पााए।” —एनसााइक्लोोपीीडि�याा अमेेरि�काानाा, आर्टट। «लि�स्बन,» नोोट (संं स्करण
1831)। “लोोगोंं� काा आतंं क वर्णणन सेे परेे थाा। कोोई रोोयाा नहींं�; यह आंंसुुओं ं सेे परेे थाा। डर और वि�स्मय
सेे व्यााकुु ल होोकर, वेे इधर-उधर भाागेे, अपनेे चेेहरोंं� और छााति�योंं� कोो पीीटतेे हुए, चि�ल्लाातेे हुए, ‹मि�स-
रि�कोोर्डि�याा! दुनि�या
ु ा काा अंंत होो रहाा हैै!›› माातााएंं अपनेे बच्चोंं� कोो भूूल गईं, और क्रूूस पर चढ़ााए गए
मसीीह कीी प्रति�मााओंं सेे लदीी हुई इधर-उधर दौौड़ींं�। दुर्भा ु ा�ग्य सेे, कई लोोग सुुरक्षाा केे लि�ए गि�रजााघरोंं� कीी
ओर भाागेे; परन्तुु व्यर्थथ मेंं प्रभुु-भोोज खोोल कर रखाा गयाा, व्यर्थथ मेंं बेेचाारेे लोोग वेेदि�योंं� सेे चि�पटेे; मूूर्ति�याँँ,�
यााजक और लोोग एक हीी साामूूहि�क खंं डहर मेंं दफन होो गए।” यह अनुुमाान लगाायाा गयाा हैै कि� उस
घाातक दि�न मेंं नब्बेे हज़ाार लोोगोंं� नेे अपनेे प्रााण गंं वााए।
पच्चीीस सााल बााद भवि�ष्यद्वााणीी मेंं उल्लि�खि�त अगलाा संं केे त दि�खााई दि�याा - सूूर्यय और चंं द्रमाा काा
काालाा पड़नाा। इसेे और अधि�क चौंं�काानेे वाालाा बनाानेे वाालीी बाात यह थीी कि� इसकीी पूूर्ति� काा समय
नि�श्चि�ित रूप सेे इंं गि�त कि�याा गयाा थाा। ओलि�वेेट पर अपनेे शि�ष्योंं� केे सााथ उद्धाारकर्ताा� कीी बाातचीीत मेंं,
कलीीसि�याा केे लि�ए परीीक्षण कीी लंं बीी अवधि� काा वर्णणन करनेे केे बााद, - 1260 वर्षोंं काा पोोप संं बंं धीी
उत्पीीड़न, जि�सकेे बाारेे मेंं उसनेे प्रति�ज्ञाा कीी थीी कि� क्लेेश कीी अवधि� कोो कम कि�याा जााएगाा, —उसनेे
अपनेे आनेे सेे पहलेे कीी कुु छ घटनााओंं काा उल्लेेख कि�याा, और इनमेंं सेे पहलेे केे देेखेे जाानेे काा समय
तय कि�याा: «उन दि�नोंं� मेंं, उस क्लेेश केे बााद सूूरज अन्धेेराा होो जााएगाा, और चाँँ�द प्रकााश न देेगाा।»
मरकुु स 13:24। 1260 दि�न, याा वर्षष, 1798 मेंं समााप्त होो गए। एक चौौथााई सदीी पहलेे, उत्पीीड़न
सुबह के संदेश 215

लगभग पूूरीी तरह सेे बंं द होो गयाा थाा। इस उत्पीीड़न केे बााद, मसीीह केे शब्दोंं� केे अनुुसाार, सूूर्यय कोो काालाा
पड़नाा थाा। 19 मई, 1780 कोो यह भवि�ष्यद्वााणीी पूूरीी हुई।
«लगभग, यदि� पूूरीी तरह सेे एकमाात्र नहींं�, तोो अपनीी तरह कीी सबसेे रहस्यमय और अभीी तक
अस्पष्टीीकृृ त घटनाा केे रूप मेंं, ... 19 मई, 1780 काा काालाा दि�न हैै, - न्यूू इंं ग्लैंडं मेंं पूूरेे दृश्यमाान
आकााश और वााताावरण काा सबसेे बेेहि�सााब अंंधेराे ा।» -आर एम. देेवेेन्स, आवर फर्स्टट सेंंचुुरीी, पृृष् ठ 89।
मैैसााचुुसेेट्स् मेंं रहनेे वाालाा एक चश्मदीीद इस घटनाा काा वर्णणन इस प्रकाार करताा हैै: “प्राातःःकााल
होोनेे पर सूूर्यय सााफ थाा, लेेकि�न जल्द हीी वह अंंधकाारमय होो गयाा। बाादल भयाानक होो गए, और जल्द हीी
काालेे और अशुुभ लगनेे लगेे, और उनमेंं सेे, बि�जलीी चमकीी, गड़गड़ााहट हुई, और थोोड़ीी बाारि�श हुई। नौौ
बजेे केे आस पाास, बाादल अघन होो गए, और उनकाा रूप पीीतल याा ताँँ�बेे केे रंंग काा, और पृृथ्वीी, चट्टाानेंं,
पेेड़, भवन, पाानीी और व्यक्ति� इस अजीीब, अलौौकि�क प्रकााश सेे बदल गए। कुु छ मि�नट बााद, क्षि�ति�ज
पर एक संं कीीर्णण कि�नाारेे कोो छोोड़कर पूूरेे आकााश मेंं एक भाारीी काालाा बाादल फैै ल गयाा, और यह उतनाा
हीी अंंधेराे ा थाा जि�तनाा आमतौौर पर गर्मीी कीी शााम कोो नौौ बजेे होोताा हैै।
«धीीरेे-धीीरेे लोोगोंं� केे मन डर, चिं�तां ा और वि�स्मय सेे भर गए। महि�लााएंं दरवााज़ेे पर खड़ीी, अंंधेरेे े
परि�दृश्य कोो देेख रहीी थींं�; लोोग खेेतोंं� मेंं कााम करकेे लौौट गए; बढ़ई नेे अपनेे औज़ाार छोोड़ दि�ए, लोोहाार
नेे अपनीी भट्टीी, व्याापाारीी नेे अपनाा कााउंं टर। स्कूूलोंं� कोो बर्खाा�स्त कर दि�याा गयाा, और बच्चेे कांं�पतेे हुए
घर कीी ओर भााग गए। याात्रीी नि�कटतम फाार्ममहााउस पर ठहर गए। ‹क्याा आ रहाा हैै? ‹ हर कि�सीी नेे
पूूछाा। ऐसाा लग रहाा थाा कि� जैैसेे कोोई तूूफाान पूूरेे देेश मेंं दस्तक देेनेे वाालाा हैै, याा माानोो यह सभीी वस्तुुओं ं
केे अंंत काा दि�न होो।
“मोोमबत्ति�योंं� काा इस्तेेमााल कि�याा गयाा; और चूूल्हेे कीी आग उतनीी हीी तेेज़ीी सेे चमकीी जि�तनीी
पतझड़ कीी अमाावस्याा कीी शााम कोो चमकतीी हैै। मुुर्गि�याँँ� अपनेे-अपनेे घरोंं� मेंं चलीी गईं और सोो गईं,
मवेेशीी चराागााहोंं� पर इकट्ठाा होो गए और रंंभाानेे लगेे, मेंंढक झाँँ�क रहेे थेे, पक्षीी शााम केे गीीत गाा रहेे थेे और
चमगाादड़ इधर-उधर उड़ रहेे थेे। लेेकि�न माानव जाानताा थाा कि� वह राात नहींं� आई थीी।
सलेेम मेंं टैैबरनेेकल चर्चच केे पाादरीी डॉॉ नथाानेेल व्हि�टेेकर नेे सभाा-घर मेंं धाार्मि�क सभााओंं काा
आयोोजन कि�याा, और एक उपदेेश काा प्रचाार कि�याा जि�समेंं उन्होंं�नेे कहाा कि� अंंधेराे ा अलौौकि�क थाा।
कई अन्य जगहोंं� पर मंं डलि�यांं� एकजुुट हुईं। ताात्काालि�क उपदेेशोंं� केे वि�षय नि�रपवााद रूप सेे वेे थेे जोो
यह संं केे त देेतेे थेे कि� अंंधेराे ा पवि�त्र शाास्त्र कीी भवि�ष्यवााणीी केे अनुुरूप थाा। ग्याारह बजेे केे तुुरंंत बााद
अँँधेेराा सबसेे घनाा थाा।” —एसेेक्स एंं टि�क्वेेरि�यन, अप्रैैल, 1899, खंं ड 3, नंं बर 4, पृृष् ठ 53, 54।
«देेश केे अधि�कांं�श हि�स्सोंं� मेंं दि�न केे समय यह इतनाा घनाा थाा कि� लोोग मोोमबत्तीी कीी रोोशनीी केे बि�नाा न
तोो हााथ-घड़ीी याा घंं टाा-घड़ीी सेे समय बताा सकतेे थेे, न हीी भोोजन कर सकतेे थेे और न हीी अपनेे घरेेलूू
कााम कर सकतेे थेे।
«इस अंंधेरेे े कीी सीीमाा असााधाारण थीी। इसेे पूूर्वव मेंं फाालमााउथ जि�तनीी दूू र देेखाा गयाा थाा। पश्चि�िम
कीी ओर यह कनेेक्टि�कट केे सबसेे दूू र केे हि�स्सेे और अल्बाानीी तक पहुंंच गयाा। दक्षि�ण कीी ओर, यह
समुुद्र तटोंं� केे समाानांं�तर देेखाा गयाा; और उत्तर मेंं जहाँँ� तक अमेेरि�कीी बस्ति�याँँ� फैै लीी हुई हैंं।” -वि�लि�यम
गॉॉर्डडन, हि�स्ट्रीी� ऑफ़ द रााइज़, प्रोोग्रेेस, एंं ड इस्टैैब्लि�शमेंंट ऑफ़ द इंं डि�पेंंडेंंस ऑफ़ द यूूनााइटेेड स्टेेट्स्
ऑफ अमेेरि�काा., खंं ड 3, पृृष् ठ 57।
216 महाान वि�वााद

दि�न केे गहरेे अंंधेरेे े केे बााद, शााम सेे एक याा दोो घंं टेे पहलेे, आसमाान आंंशि�क रूप सेे सााफ हुआ,
और सूूरज दि�खााई दि�याा, हाालांं�कि� यह अभीी भीी काालीी, भाारीी धुंं�ध सेे ढकाा हुआ थाा। «सूूर्याा�स्त केे बााद,
बाादल फि�र सेे ऊपर आ गए, और बहुत तेेज़ीी सेे अंंधेराे ा होो गयाा।» «न हीी राात काा अँँधेेराा दि�न केे अँँधेेरेे
सेे कम अनोोखाा और भयाानक थाा; लगभग पूूर्णण चंं द्रमाा होोनेे केे बाावजूूद , कोोई भीी वस्तुु दि�खााई नहींं�
देे रहीी थीी, सि�वााय कुु छ कृृ त्रि�म प्रकााश कीी मदद सेे, जोो दूू र पड़ोोसीी घरोंं� और अन्य स्थाानोंं� सेे दि�खााई
देेनेे पर, मि�स्र केे एक प्रकाार केे अंंधेरेे े कोो पाार कर, जोो कि�रणोंं� केे लि�ए लगभग अभेेद्य लग रहाा थाा,
प्रकट हुआ।” -आइसाायााह थॉॉमस, मैैसााचुुसेेट्स् स्पााय; याा, अमेेरि�कन ऑरेेकल ऑफ लि�बर्टीी, खंं ड
10, नंं बर 472 (25 मई, 1780)। इस दृश्य केे एक प्रत्यक्षदर्शीी नेे कहाा: «मैंं उस समय अपनेे आप
कोो यह कल्पनाा करनेे सेे नहींं� रोोक सकाा, कि� अगर सृृष्टि�ि मेंं हर चमकदाार नि�कााय अभेेद्य रंंगोंं� मेंं ढकाा
हुआ थाा, याा अस्ति�त्व सेे बााहर होो गयाा थाा, तोो अंंधेराे ा अधि�क पूूर्णण नहींं� होो सकताा थाा।» — लैैटर बााइ
डॉॉ. सैैमुुअल टेेनीी, ऑफ एक्सेेटर, न्यूू हैैम्पशाायर, दि�संं बर, 1785 (मैैसााचुुसेेट्स् हि�स्टोोरि�कल सोोसााइटीी
कलेेक्शंं स, 1792, मेंं, पहलीी श्रृंं�खलाा, खंं ड 1, पृृष् ठ 97)। हाालाँँ�कि� उस राात नौौ बजेे चंं द्रमाा पूूर्णण रूप सेे
उदय होो गयाा थाा, «इसकाा मृृत्युु जैैसीी छाायाा कोो दूू र करनेे केे लि�ए लेेश माात्र प्रभााव नहींं� पड़ाा।» आधीी
राात केे बााद अंंधेराे ा गाायब होो गयाा, और जब चंं द्रमाा पहलीी बाार दि�खााई दि�याा, तोो वह रक्त जैैसाा लााल
दि�खााई दि�याा।
19 मई, 1780, इति�हाास मेंं «द डाार्कक डेे» केे रूप मेंं दर्जज हैै। मूूसाा केे समय सेे अब तक समाान
घनत्व, वि�स्ताार और अवधि� केे अंंधेरेे े कीी कोोई अवधि� दर्जज नहींं� कीी गई हैै। इस घटनाा काा वि�वरण,
जैैसाा कि� प्रत्यक्षदर्शि�योंं� द्वााराा दि�याा गयाा हैै, केे वल प्रभुु केे वचनोंं� कीी प्रति�ध्वनि� हैै, जोो भवि�ष्यद्वक्ताा योोएल
द्वााराा उनकीी पूूर्ति� सेे पच्चीीस सौौ सााल पहलेे दर्जज कीी गई थीी: «यहोोवाा केे उस बड़ेे और भयाानक दि�न केे
आनेे सेे पहलेे सूूर्यय अन्धि�यााराा होोगाा और चन्द्रमाा रक्त साा होो जााएगाा।» योोएल 2:31।
मसीीह नेे अपनेे लोोगोंं� कोो अपनेे आगमन केे संं केे तोंं� कीी प्रतीीक्षाा करनेे और जब वेे अपनेे आनेे वाालेे
रााजाा केे चि�ह्नोंं� कोो देेखेंं तोो आनन्दि�त होंं�नेे केे लि�ए कहाा थाा। उसनेे कहाा, «जब येे बाातेंं होोनेे लगेंं, तोो
सीीधेे होोकर अपनेे सि�र ऊपर उठाानाा; क्योंं�कि� तुुम्हााराा छुु टकााराा नि�कट होोगाा।” उसनेे अपनेे अनुुयाायि�योंं�
काा ध्याान वसंं त केे नवोोदि�त वृृक्षोंं� कीी ओर करतेे हुए कहाा: «ज्योंं�हीी उनमेंं कोंं�पलेंं नि�कलतीी हैंं, तोो तुुम
देेखकर आप हीी जाान लेेतेे होो कि� ग्रीीष्मकााल नि�कट हैै। इसीी रीीति� सेे जब तुुम येे बाातेंं होोतेे देेखोो, तब
जाान लोो कि� परमेेश्वर काा रााज्य नि�कट हैै।» लूूकाा 21:28,30,31।
लेेकि�न जैैसेे-जैैसेे कलीीसि�याा मेंं नम्रताा और भक्ति� कीी भाावनाा नेे गर्वव और औपचाारि�कताा कोो जगह
देे दीी थीी, मसीीह केे लि�ए प्याार और उसकेे आगमन मेंं वि�श्वाास ठंं डाा होो गयाा थाा। सांं�साारि�कताा और
भोोगवााद मेंं लीीन, परमेेश्वर केे तथााकथि�त लोोग उसकेे प्रकट होोनेे केे संं केे तोंं� केे संं बंं ध मेंं उद्धाारकर्ताा� केे
नि�र्देेशोंं� केे प्रति� अंंधेे होो गए थेे। दूू सरेे आगमन केे सि�द्धांं�त कीी उपेेक्षाा कीी गई थीी; इससेे संं बंं धि�त पवि�त्र
वचन कीी गलत व्यााख्याा सेे अस्पष्ट होो गए थेे, जब तक कि� इसेे कााफीी हद तक अनदेेखाा और भुुलाा
दि�याा गयाा थाा। खाासकर अमेेरि�काा कीी कलीीसि�यााओंं मेंं ऐसाा हीी थाा। स्वतंं त्रताा और आरााम, जि�सकाा
समााज केे सभीी वर्गग आनन्द उठाातेे थेे, धनोोपाार्जजन केे लि�ए एक दि�लचस्प अनुुरााग कोो जन्म देेनेे वाालीी
धन और वि�लाासि�ताा कीी महत्त्वााकांं�क्षीी इच्छाा, सभीी कीी पहुंंच मेंं प्रतीीत होोतीी लोोकप्रि�यताा और शक्ति� केे
लि�ए उत्सुुक उताावलीी नेे मनुुष्य कोो अपनेे हि�तोंं� और आशााओंं कोो इस जीीवन कीी वस्तुुओं ं पर केंंद्रि�त
सुबह के संदेश 217

करनेे केे लि�ए और उस पवि�त्र दि�न कोो भवि�ष्य मेंं दूू र रखनेे केे लि�ए, जब चीीजोंं� काा वर्ततमाान क्रम समााप्त
होो जााएगाा, प्रेेरि�त कि�याा।
जब उद्धाारकर्ताा� नेे अपनेे अनुुयाायि�योंं� काा ध्याान अपनीी वाापसीी केे संं केे तोंं� कीी ओर कि�याा, तोो उसनेे
धर्मम त्यााग कीी स्थि�ति� कीी भवि�ष्यद्वााणीी कीी जोो उसकेे दूू सरेे आगमन सेे ठीीक पहलेे मौौजूूद होोगीी। नूूह केे
दि�नोंं� कीी तरह, सांं�साारि�क व्याापाार और भोोगवााद- लेेन–देेन, रोोपण, नि�र्माा�ण, वि�वााह-गति�वि�धि� और
हलचल होोगीी, और परमेेश्वर और भवि�ष्य केे जीीवन काा स्मृृति�-लोोप। इस समय जीीनेे वाालोंं� केे लि�ए,
मसीीह कीी नसीीहत यह हैै: «इसलि�येे साावधाान रहोो, ऐसाा न होो कि� तुुम्हाारेे मन खुुमाार, और मतवाालेेपन,
और इस जीीवन कीी चि�न्तााओंं सेे सुुस्त होो जााएँँ, और वह दि�न तुुम पर फन्देे केे समाान अचाानक आ
पड़ेे।» «इसलि�येे जाागतेे रहोो और हर समय प्राार्थथनाा करतेे रहोो कि� तुुम इन सब आनेेवाालीी घटनााओंं सेे
बचनेे और मनुुष्य केे पुुत्र केे साामनेे खड़ेे होोनेे केे योोग्य बनोो।” लूूकाा 21:34,36।
इस समय कलीीसि�याा कीी स्थि�ति� कोो उद्धाारकर्ताा� केे शब्दोंं� मेंं प्रकााशि�तवााक्य मेंं बताायाा गयाा हैै: «तूू
जीीवि�त तोो कहलााताा हैै, पर हैै मराा हुआ।» और जोो लोोग अपनीी सहज सुुरक्षाा सेे बााहर नि�कलनेे सेे
इनकाार करतेे हैंं, उन्हेंं गंं भीीर चेेताावनीी दीी जाातीी हैै: «यदि� तूू जाागृृत न रहेेगाा तोो मैंं चोोर केे समाान आ
जााऊँँगाा, और तूू कदाापि� न जाान सकेे गाा कि� मैंं कि�स घड़ीी तुुझ पर आ पड़ूँँ� गाा।» प्रकााशि�तवााक्य 3:1,3।
यह आवश्यक थाा कि� माानुुष्य कोो उनकेे खतरेे केे प्रति� जाागृृत कि�याा जााए; कि� उन्हेंं परि�वीीक्षाा कीी
समााप्ति� सेे संं बंं धि�त गंं भीीर आयोोजनोंं� केे लि�ए तैैयाार करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा जााए। परमेेश्वर काा भवि�-
ष्यद्वक्ताा घोोषणाा करताा हैै: «यहोोवाा काा दि�न बड़ाा और अति� भयाानक हैै; उसकोो कौौन सह सकेे गाा?» कौौन
खड़ाा होोगाा जब वह प्रकट होोगाा जि�सकीी «आँँखेंं ऐसीी शुुद्ध हैंं कि� वह बुुरााई कोो देेख हीी नहींं� सकताा, और
उत्पाात कोो देेखकर चुुप नहींं� रह सकताा»? योोएल 2:11; हबक्कूू क 1:13। जोो पुुकाारकर कहतेे हैंं, “हेे
हमाारेे परमेेश्वर, हम लोोग तुुझेे जाानतेे हैंं,” लेेकि�न उसकीी वााचाा काा उल्लंं घन कि�याा, और अपनेे मनोंं� मेंं
अधर्मम कोो छि�पााकर, और अधर्मम केे माार्गोंं सेे प्रीीति� रखतेे हुए, परााए देेवताा केे पीीछेे भाागतेे हैंं-उनकेे लि�ए
यहोोवाा काा दि�न «उजि�याालेे काा नहींं�, वरन्् अन्धि�याारेे हीी काा होोगाा, ऐसेे घोोर अन्धकाार काा, जि�स मेंं कुु छ
भीी चमक न होो।» होोशेे 8:2, 1; भजन संं हि�ताा 16:4; आमोोस 5:20। यहोोवाा कहताा हैै, «उस समय मैंं
दीीपक लि�ए हुए यरूशलेेम मेंं ढूँँ� ढ़–ढाँँ�ढ़ करूँँगाा, और जोो लोोग दााखमधुु केे तलछट तथाा मैैल केे समाान बैैठेे
हुए मन मेंं कहतेे हैंं कि� यहोोवाा न तोो भलाा करेेगाा और न बुुराा, उनकोो मैंं दण्ड दूँँ� गाा।» सपन्यााह 1:12। «मैंं
जगत केे लोोगोंं� कोो उनकीी बुुरााई केे काारण, और दुष्ु टोंं� कोो उनकेे अधर्मम काा दण्ड दूँँ� गाा; मैंं अभि�माानि�योंं�
केे अभि�माान काा नााश करूँँगाा, और उपद्रव करनेे वाालोंं� केे घमण्ड कोो तोोड़ूँँ� गाा।» यशाायााह 13:11। «न
तोो चाँँ�दीी सेे उनकाा बचााव होोगाा, और न सोोनेे सेे;» «तब उनकीी धन सम्पत्ति� लूूटीी जााएगीी, और उनकेे घर
उजााड़ होंं�गेे।» सपन्यााह 1:18,13।
भवि�ष्यद्वक्ताा यि�र्ममयााह नेे इस भयाानक समय कीी प्रतीीक्षाा करतेे हुए कहाा: «मेेराा हृदय भीीतर हीी
भीीतर तड़पताा हैै। मैंं चुुप नहींं� रह सकताा; क्योंं�कि� हेे मेेरेे प्रााण, नरसिं�गें े काा शब्द और युुद्ध कीी ललकाार
तुुझ तक पहुँँचीी हैै। नााश पर नााश काा समााचाार आ रहाा हैै। « यि�र्ममयााह 4:19,20।
«वह रोोष काा दि�न होोगाा, वह संं कट और सकेे तीी काा दि�न, वह उजााड़ और वि�नााश काा दि�न, वह
अन्धेेर और घोोर अन्धकाार काा दि�न, वह बाादल और काालीी घटाा काा दि�न होोगाा। वह गढ़वाालेे नगरोंं� और
ऊँँचेे गुुम्मटोंं� केे वि�रुद्ध नरसिं�गां ा फूँँ� कनेे और ललकाारनेे काा दि�न होोगाा।» सपन्यााह 1:15,16। «देेखोो,
218 महाान वि�वााद

यहोोवाा काा वह दि�न आताा हैै, कि� वह पृृथ्वीी कोो उजााड़ डाालेे और पाापि�योंं� कोो उसमेंं सेे नष्ट करेे।»
यशाायााह 13:9।
उस महाान दि�न कोो ध्याान मेंं रखतेे हुए, परमेेश्वर काा वचन, सबसेे गंं भीीर और प्रभाावशाालीी भााषाा
मेंं, अपनेे लोोगोंं� कोो उनकीी आध्याात्मि�क नि�ष्क्रि�यताा सेे जाागनेे और पश्चाातााप करनेे काा और दीीनताा केे
सााथ उसकेे दर्शशन केे खोोजीी होोनेे काा आह्वाान करताा हैै: «सि�य्योोन मेंं नरसिं�गां ा फूँँ� कोो; मेेरेे पवि�त्र पर्ववत पर
साँँ�स बाँँ�धकर फूँँ� कोो! देेश केे सब रहनेेवाालेे काँँ�प उठेंं , क्योंं�कि� यहोोवाा काा दि�न आताा हैै, वरन्् वह नि�कट
हीी हैै।» «उपवाास काा दि�न ठहरााओ, महाासभाा काा प्रचाार करोो; लोोगोंं� कोो इकट्ठाा करोो। सभाा कोो पवि�त्र
करोो; पुुरनि�योंं� कोो बुुलाा लोो; बच्चोंं� कोो भीी इकट्ठाा करोो। दुल्हा ु ा अपनीी कोोठरीी सेे, और दुल्हि�न ु भीी अपनेे
कमरेे सेे नि�कल आएँँ। यााजक जोो यहोोवाा केे टहलुुए हैंं, वेे आँँगन और वेेदीी केे बीीच मेंं रोो रोोकर कहेंं।»
«उपवाास केे सााथ रोोतेे–पीीटतेे अपनेे पूूरेे मन सेे फि�रकर मेेरेे पाास आओ। अपनेे वस्त्र नहींं�, अपनेे मन
हीी कोो फााड़कर,” अपनेे परमेेश्वर यहोोवाा कीी ओर फि�रोो; क्योंं�कि� वह अनुुग्रहकाारीी, दयाालुु, वि�लम्ब सेे
क्रोोध करनेेवाालाा, और करुणाानि�धाान हैै।» योोएल 2:1, 15-17, 12, 13।
लोोगोंं� कोो परमेेश्वर केे दि�न मेंं खड़ेे होोनेे केे लि�ए तैैयाार करनेे केे लि�ए, सुुधाार काा एक महाान काार्यय
पूूराा कि�याा जाानाा थाा। परमेेश्वर नेे देेखाा कि� उसकेे कई तथााकथि�त लोोग अनंं त कााल केे लि�ए नि�र्माा�ण नहींं�
कर रहेे थेे, और अपनीी दयाा मेंं वह उन्हेंं उनकीी मूूढ़ताा सेे जगाानेे और प्रभुु केे आगमन केे लि�ए तैैयाारीी
करनेे केे लि�ए अगुुवााई करनेे केे लि�ए चेेताावनीी काा संं देेश भेेजनेे वाालाा थाा।
यह चेेताावनीी प्रकााशि�तवााक्य 14 मेंं देेखीी जाातीी हैै। यहाँँ� स्वर्गीीय प्रााणि�योंं� द्वााराा घोोषि�त कि�ए गए
संं देेश केे रूप मेंं ति�गुुनाा संं देेश हैै और इसकेे तुुरंंत बााद मनुुष्य केे पुुत्र काा «पृृथ्वीी कीी खेेतीी» कीी लवनीी
करनेे केे लि�ए आगमन हैै। इन मेंं सेे पहलीी चेेताावनीी आनेे वाालेे फैै सलेे कीी घोोषणाा करतीी हैै। भवि�-
ष्यद्वक्ताा नेे एक स्वर्गगदूू त कोो «आकााश केे बीीच मेंं उड़तेे हुए देेखाा, जि�सकेे पाास पृृथ्वीी पर केे रहनेेवाालोंं�
कीी हर एक जााति�, और कुु ल, और भााषाा, और लोोगोंं� कोो सुुनाानेे केे लि�येे सनाातन सुुसमााचाार थाा। उसनेे
बड़ेे शब्द सेे कहाा, “परमेेश्वर सेे डरोो, और उसकीी महि�माा करोो, क्योंं�कि� उसकेे न्यााय करनेे काा समय
आ पहुँँचाा हैै; और उसकाा भजन करोो, जि�सनेे स्वर्गग और पृृथ्वीी और समुुद्र और जल केे सोोतेे बनााए।”
प्रकााशि�तवााक्य 14:6,7।
इस संं देेश कोो «सनाातन सुुसमााचाार» काा एक भााग घोोषि�त कि�याा गयाा हैै। सुुसमााचाार काा प्रचाार
करनेे काा काार्यय स्वर्गगदूू तोंं� कोो नहींं� सौंं�पाा गयाा हैै, बल्कि� मनुुष्योंं� कोो सौंं�पाा गयाा हैै। पवि�त्र स्वर्गगदूू तोंं� कोो इस
काार्यय कोो नि�र्देेशि�त करनेे केे लि�ए नि�योोजि�त कि�याा गयाा हैै, उनकेे पाास मनुुष्योंं� केे उद्धाार केे लि�ए महाान
संं गठि�त क्रि�यााओंं काा प्रभाार हैै; परन्तुु सुुसमााचाार कीी वाास्तवि�क घोोषणाा पृृथ्वीी पर मसीीह केे सेेवकोंं� द्वााराा
कीी जाातीी हैै।
वि�श्वाासयोोग्य व्यक्ति�, जोो परमेेश्वर कीी आत्माा केे प्रबोोधन और उसकेे वचन कीी शि�क्षााओंं केे
आज्ञााकाारीी थेे, उन्हेंं इस चेेताावनीी कोो दुनि�या ु ा केे साामनेे घोोषि�त करनाा थाा। येे वेे लोोग थेे जि�न्होंं�नेे «भवि�-
ष्यद्वक्तााओंं केे वचन,» «वह दीीपक, जोो अन्धि�याारेे स्थाान मेंं उस समय तक प्रकााश देेताा रहताा हैै जब
तक कि� पौौ न फटेे और भोोर काा तााराा न चमक उठेे ,» पर ध्याान दि�याा थाा।» 2 पतरस 1:19। वेे सभीी
छि�पेे हुए खजाानोंं� सेे अधि�क परमेेश्वर केे ज्ञाान कीी खोोज मेंं थेे, क्योंं�कि� वेे इसेे «चाँँ�दीी कीी प्रााप्ति� सेे बड़ीी,
और उसकाा लााभ चोोखेे सोोनेे केे लााभ सेे भीी उत्तम» माानतेे थेे। नीीति�वचन 3:14। और यहोोवाा नेे उन
सुबह के संदेश 219

पर रााज्य कीी बड़ीी बाातेंं प्रगट कींं�। «यहोोवाा केे भेेद कोो वहीी जाानतेे हैंं जोो उससेे डरतेे हैंं, और वह अपनीी
वााचाा उन पर प्रगट करेेगाा।» भजन संं हि�ताा 25:14।
वेे वि�द्वाान धर्ममशाास्त्रीी नहींं� थेे जि�न्हेंं इस सत्य कीी समझ थीी, और जोो इसकीी घोोषणाा मेंं लगेे हुए थेे।
यदि� वेे वफाादाार पहरेेदाार होोतेे, जोो कर्ममठताापूूर्ववक और प्राार्थथनाापूूर्ववक पवि�त्रशाास्त्र कीी खोोज करतेे, तोो वेे
राात केे समय कोो जाानतेे; भवि�ष्यद्वााणि�याँँ� उनकेे लि�ए होोनेे वाालीी घटनााओंं कोो प्रकााशि�त कर देेतींं�। लेेकि�न
उन्होंं�नेे इस पद कोो ग्रहण नहींं� कि�याा, और संं देेश वि�नम्र व्यक्ति�योंं� द्वााराा दि�याा गयाा। यीीशुु नेे कहाा: «यीीशुु
नेे कहाा: जब तक ज्योोति� तुुम्हाारेे सााथ हैै तब तक चलेे चलोो, ऐसाा न होो कि� अन्धकाार तुुम्हेंं आ घेेरेे।»
यूूहन्नाा 12:35। जोो लोोग परमेेश्वर द्वााराा दि�ए गए प्रकााश सेे दूू र होो जाातेे हैंं, याा जोो उसेे उनकीी पहुंंच मेंं
होोनेे पर भीी उसेे ढूँँ� ढनेे कीी उपेेक्षाा करतेे हैंं, वेे अंंधेरेे े मेंं रह जाातेे हैंं। लेेकि�न उद्धाारकर्ताा� घोोषणाा करताा हैै:
“जोो मेेरेे पीीछेे होो लेेगाा वह अन्धकाार मेंं न चलेेगाा, परन्तुु जीीवन कीी ज्योोति� पााएगाा।” यूूहन्नाा 8:12।
जोो कोोई उद्देेश्य कीी एकनि�ष्ठताा सेे परमेेश्वर कीी इच्छाा पूूरीी करनेे काा प्रयाास करताा हैै, जोो पहलेे सेे दि�ए
गए प्रकााश कोो गंं भीीरताा सेे माानताा हैै, वह अधि�क सेे अधि�क प्रकााश प्रााप्त करेेगाा; उस आत्माा कोो सम्पूूर्णण
सत्य मेंं माार्गगदर्शशन करनेे केे लि�ए स्वर्गीीय चमक काा कोोई तााराा भेेजाा जााएगाा।
मसीीह केे पहलेे आगमन केे समय, पवि�त्र शहर केे यााजकोंं� और शाास्त्रि�ियोंं� नेे, जि�न्हेंं परमेेश्वर केे
वचन सौंं�पेे गए थेे, समय केे संं केे तोंं� कोो समझ लि�याा होोगाा और प्रति�श्रुुत व्यक्ति� केे आनेे कीी घोोषणाा
कीी होोगीी। मीीकाा कीी भवि�ष्यद्वााणीी नेे उसकेे जन्मस्थाान कोो अभि�नि�हि�त कि�याा; दाानि�य्येेल नेे अपनेे
आगमन केे समय कोो नि�र्दि�ष्ट कि�याा। मीीकाा 5:2; दाानि�य्येेल 9:25। परमेेश्वर नेे इन भवि�ष्यद्वााणि�-
योंं� कोो यहूदीी अगुुवोंं� कोो सौंं�प दि�याा; उनकेे पाास यीीशुु केे शीीघ्र आगमन केे बाारेे मेंं न जााननेे और लोोगोंं�
कोो इसकीी घोोषणाा न करनेे काा कोोई बहाानाा नहींं� थाा। उनकीी अज्ञाानताा पाापपूूर्णण उपेेक्षाा काा परि�णााम थीी।
यहूदीी परमेेश्वर केे माारेे गए भवि�ष्यद्वक्तााओंं केे लि�ए स्माारकोंं� काा नि�र्माा�ण कर रहेे थेे, जबकि� पृृथ्वीी केे
महाापुुरुषोंं� केे प्रति� उनकेे सम्माान सेे वेे शैैताान केे सेेवकोंं� कोो श्रद्धांं�जलि� देे रहेे थेे। माानुुष्य केे बीीच स्थाान
और शक्ति� केे लि�ए अपनेे महत्वााकांं�क्षीी संं घर्षष मेंं लीीन, वेे स्वर्गग केे रााजाा द्वााराा प्रदाान कि�ए गए स्वर्गीीय
गौौरव कोो भूूल गए।
इस्रााएल केे पुुरनि�योंं� कोो गहरीी और श्रद्धाापूूर्णण रुचि� केे सााथ दुनि�या ु ा केे इति�हाास कीी सबसेे बड़ीी घटनाा
केे स्थाान, समय, परि�स्थि�ति�योंं� काा अध्ययन करतेे रहनाा चााहि�ए थाा - मनुुष्य केे छुु टकाारेे कोो संं पूूर्णण करनेे
केे लि�ए परमेेश्वर केे पुुत्र काा आनाा। सभीी लोोगोंं� कोो चौौकस और प्रतीीक्षाारत होोनाा चााहि�ए थाा तााकि� वेे
दुनि�या
ु ा केे मुुक्ति�दााताा काा स्वाागत करनेे वाालेे पहलेे लोोगोंं� मेंं सेे एक होो सकेंं । लेेकि�न, देेखोो, बेेथलहम
मेंं नाासरत कीी पहााड़ि�योंं� सेे दोो थकेे हुए याात्रीी, व्यर्थथ हीी राात केे लि�ए आरााम और आश्रय कीी जगह कीी
तलााश करतेे हुए, बेेतलेेहेमे मेंं नाासरत कीी पहााड़ि�योंं� सेे दोो थकेे हुए याात्रीी नगर केे पूूर्वीी छोोर तक संं करीी
गलीी कीी पूूरीी लंं बााई कोो पाार करतेे हैंं। उनकेे स्वाागत केे लि�ए कोोई द्वाार खुुलाा नहींं� हैै। मवेेशि�योंं� केे लि�ए
तैैयाार एक दयनीीय झोोपड़ीी मेंं, वेे अंंत मेंं शरण पाातेे हैंं, और वहाँँ� दुनि�या ु ा केे उद्धाारकर्ताा� काा जन्म होोताा हैै।
स्वर्गीीय स्वर्गगदूू तोंं� नेे उस महि�माा कोो देेखाा थाा जि�सेे परमेेश्वर केे पुुत्र नेे दुनि�या
ु ा केे होोनेे सेे पहलेे पि�ताा
केे सााथ सााझाा कि�याा थाा, और उन्होंं�नेे पृृथ्वीी पर उसकेे प्रकट होोनेे कोो सभीी लोोगोंं� केे लि�ए सबसेे बड़ीी
खुुशीी कीी घटनाा केे रूप मेंं गहन रुचि� केे सााथ देेखनेे कीी प्रतीीक्षाा कीी थीी। स्वर्गगदूू तोंं� कोो उन लोोगोंं� केे लि�ए
खुुशखबरीी सुुनाानेे केे लि�ए नि�युुक्त कि�याा गयाा थाा जोो इसेे प्रााप्त करनेे केे लि�ए तैैयाार थेे और जोो खुुशीी-खुुशीी
220 महाान वि�वााद

इसेे पृृथ्वीी केे नि�वाासि�योंं� कोो बतााएंं गेे। मसीीह नेे मनुुष्य काा स्वभााव धाारण करनेे केे लि�ए स्वयंं कोो नीीचाा
कि�याा थाा; अपनेे प्रााण कोो पाापबलि� काा रूप देेकर उसेे श्रााप काा अनंं त भाार सहनाा थाा; फि�र भीी स्वर्गगदूू -
तोंं� कीी इच्छाा थीी कि� अपनेे अपमाान मेंं भीी सर्वोोच्च काा पुुत्र अपनेे चरि�त्र केे अनुुरूप गरि�माा और महि�माा
केे सााथ मनुुष्योंं� केे साामनेे प्रकट होो। क्याा पृृथ्वीी केे महाापुुरुष उसकेे आगमन काा स्वाागत करनेे केे लि�ए
इस्रााएल कीी रााजधाानीी मेंं एकत्रि�त होंं�गेे? क्याा स्वर्गगदूू तोंं� कीी सेेनाा उसेे आशाान्वि�त संं गति� मेंं पेेश करेेगीी?
एक स्वर्गगदूू त पृृथ्वीी पर यह देेखनेे केे लि�ए जााताा हैै कि� यीीशुु काा स्वाागत करनेे केे लि�ए कौौन तैैयाार
हैंं। लेेकि�न वह प्रत्यााशाा केे कोोई नि�शाान नहींं� देेख सकाा। उसनेे प्रशंं साा और वि�जय कीी कोोई आवााज़ नहींं�
सुुनीी कि� मसीीहाा केे आनेे काा समय नि�कट हैै। स्वर्गगदूू त कुु छ समय केे लि�ए चुुनेे हुए शहर और मंं दि�र केे
ऊपर मंं डरााताा हैै जहाँँ� पवि�त्र उपस्थि�ति� युुगोंं� सेे प्रकट हुई हैै; लेेकि�न यहाँँ� भीी वहीी उदाासीीनताा हैै। यााजक
अपनेे आडंंबर और गर्वव मेंं, मंं दि�र मेंं प्रदूू षि�त बलि� चढ़ाा रहेे हैंं। फरीीसीी ऊँँचेे स्वर मेंं लोोगोंं� कोो सम्बोोधि�त
कर रहेे हैंं याा गलि�योंं� केे कोोनोंं� मेंं घमण्ड सेे प्राार्थथनाा कर रहेे हैंं। रााजााओंं केे महलोंं� मेंं, दाार्शशनि�कोंं� कीी
सभााओंं मेंं, रब्बि�योंं� कीी संं स्थााओंं मेंं, सभीी समाान रूप सेे उस चमत्काारि�क तथ्य सेे बेेखबर हैंं, जि�सनेे पूूरेे
स्वर्गग कोो आनंं द और प्रशंं साा सेे भर दि�याा हैै - कि� मनुुष्योंं� काा मुुक्ति�दााताा पृृथ्वीी पर प्रकट होोनेे वाालाा हैै।
इस बाात काा कोोई प्रमााण नहींं� हैै कि� मसीीह अपेेक्षि�त हैै, और जीीवन केे कर्ताा� केे लि�ए कोोई तैैयाारीी
नहींं� हैै। वि�स्मय मेंं वह आकााशीीय दूू त शर्ममनााक समााचाार केे सााथ स्वर्गग मेंं लौौटनेे वाालाा हैै, जब उसेे
चरवााहोंं� केे एक समूूह काा पताा चलताा हैै जोो राात मेंं अपनेे झुंं�डोंं� कोो देेख रहेे हैंं, और वेे ताारोंं� सेे भरेे
आकााश मेंं देेखतेे हुए, मसीीहाा केे पृृथ्वीी पर आनेे कीी भवि�ष्यद्वााणीी पर वि�चाार कर रहेे हैंं, और दुनि�या ु ा
केे उद्धाारक केे आगमन कीी अभि�लााषाा कर रहेे हैंं। यहाँँ� एक समूूह हैै जोो स्वर्गीीय संं देेश प्रााप्त करनेे केे
लि�ए तैैयाार हैै। और अचाानक यहोोवाा काा दूू त प्रकट होोताा हैै, जोो बड़ेे आनन्द काा शुुभ समााचाार सुुनााताा
हैै। आकााशीीय महि�माा पूूरेे मैैदाान मेंं फैै ल जाातीी हैै, स्वर्गगदूू तोंं� कीी एक असंं ख्य टोोलीी प्रकट होोतीी हैै, और
माानोो एक दूू त केे लि�ए स्वर्गग सेे लाानेे केे लि�ए खुुशीी बहुत अधि�क थीी, उस गाान मेंं बहुत सीी आवााज़ेंं फूू ट
पड़तीी हैंं, जि�सेे बचााए गए सभीी रााष्ट्रर एक दि�न गााएंं गेे: «आकााश मेंं परमेेश्वर कीी महि�माा और पृृथ्वीी पर
उन मनुुष्योंं� मेंं जि�नसेे वह प्रसन्न हैै, शाान्ति� होो।” लूूकाा 2:14।
ओह, बेेथलहम कीी यह अद्भु ् ुत कहाानीी क्याा बेेहतरीीन सबक हैै! यह हमाारेे अवि�श्वाास, हमाारेे गर्वव
और आत्म-नि�र्भभरताा कोो कैै सेे फटकाार लगााताा हैै। यह हमेंं कि�स प्रकाार साावधाान रहनेे कीी चेेताावनीी देेताा
हैै, कहींं� ऐसाा न होो कि� अपनीी आपरााधि�क उदाासीीनताा केे काारण हम भीी समय केे चि�न्होंं� कोो पहचााननेे
मेंं चूूक जााएँँ, और इसलि�ए हमेंं अपनीी परीीक्षाा केे दि�न काा पताा न चलेे।
यह केे वल यहूदि�याा कीी पहााड़ि�योंं� पर हीी नहींं� थाा, केे वल दीीन चरवााहोंं� मेंं सेे हीी नहींं� थाा, कि� स्वर्गग-
दूू तोंं� नेे मसीीहाा केे आगमन कीी बााट जोोहनेे वाालोंं� कोो पाायाा। अन्यजााति�योंं� केे देेश मेंं वेे भीी थेे जोो उसकीी
खोोज मेंं थेे; वेे मजूूसीी थेे, धनीी और कुु लीीन, पूूर्वव केे दाार्शशनि�क। प्रकृृ ति� केे छाात्र, मजूूसि�योंं� नेे परमेेश्वर
कोो उसकीी दस्तकाारीी मेंं देेखाा थाा। इब्राानीी शाास्त्रोंं� सेे उन्होंं�नेे यााकूू ब सेे नि�कलनेे वाालेे ताारेे केे बाारेे मेंं सीीखाा
थाा, और उत्सुुकताा सेे वेे उसकेे आनेे कीी प्रतीीक्षाा कर रहेे थेे, जोो न केे वल «इस्रााएल कीी महि�माा» होो,
बल्कि� «अन्य जााति�योंं� कोो प्रकााश देेनेे केे लि�येे ज्योोति�» होो, और «पृृथ्वीी कीी छोोर तक उद्धाार काा द्वाार
होो।» लूूकाा 2:25, 32; प्रेेरि�तोंं� केे कााम 13:47। वेे प्रकााश केे सााधक थेे, और परमेेश्वर केे सिं�हां ासन
केे प्रकााश नेे उनकेे चरणोंं� केे माार्गग कोो प्रकााशि�त कि�याा। जबकि� यरूशलेेम केे यााजक और रब्बीी,
सुबह के संदेश 221

नि�युुक्त संं रक्षक और सत्य केे व्यााख्यााकाार, अंंधेरेे े मेंं डूू बेे हुए थेे, स्वर्गग सेे भेेजेे गए ताारेे नेे इन अन्यजााति�
वि�देेशि�योंं� कोो नवजाात रााजाा केे जन्मस्थाान तक नि�र्देेशि�त कि�याा।
«जोो लोोग उसकीी बााट जोोहतेे हैंं उनकेे उद्धाार केे लि�येे» मसीीह «दूू सरीी बाार बि�नाा पााप उठााए हुए
दि�खााई देेगाा।» इब्राानि�योंं� 9:28। उद्धाारकर्ताा� केे जन्म कीी खबर कीी तरह, दूू सरेे आगमन काा संं देेश लोोगोंं�
केे धाार्मि�क अगुुवोंं� कोो नहींं� सौंं�पाा गयाा थाा। वेे परमेेश्वर केे सााथ अपनेे संं बंं ध कोो बनााए रखनेे मेंं वि�फल
रहेे थेे, और उन्होंं�नेे स्वर्गग सेे प्रकााश कोो अस्वीीकाार कर दि�याा थाा; इसलि�ए वेे प्रेेरि�त पौौलुुस द्वााराा वर्णि�त
संं ख्याा मेंं सेे नहींं� थेे: «पर हेे भााइयोो, तुुम तोो अन्धकाार मेंं नहींं� होो कि� वह दि�न तुुम पर चोोर केे समाान
आ पड़ेे। तुुम सब ज्योोति� कीी सन्ताान और दि�न कीी सन्ताान होो; हम न राात केे हैंं, न अन्धकाार केे हैंं। «
1 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 5:4,5।
सि�य्योोन कीी दीीवाारोंं� पर पहरेेदाारोंं� कोो उद्धाारकर्ताा� केे आगमन कीी ख़बरोंं� कोो समझनेे केे लि�ए प्रथम,
उसकेे नि�कट होोनेे कीी घोोषणाा करनेे कोो अपनीी आवााज़ उठाानेे केे लि�ए प्रथम, लोोगोंं� कोो उसकेे आनेे कीी
तैैयाारीी केे लि�ए चेेताावनीी देेनेे केे लि�ए प्रथम होोनाा चााहि�येे थाा। लेेकि�न वेे नि�श्चि�िन्त थेे, शांं�ति� और सुुरक्षाा
काा सपनाा देेख रहेे थेे, जबकि� लोोग अपनेे पाापोंं� मेंं सोो रहेे थेे। यीीशुु नेे अपनीी कलीीसि�याा कोो, बंं जर
अंंजीीर केे पेेड़ कीी तरह, दि�खाावटीी पत्तोंं� सेे ढकाा हुआ, अभीी भीी अनमोोल फल सेे रहि�त देेखाा। धर्मम कीी
वि�धि�योंं� काा एक शाानदाार पाालन होोताा थाा, जबकि� सच्चीी वि�नम्रताा, तपस्याा और वि�श्वाास कीी भाावनाा -
जोो ईश्वर कोो स्वीीकाार्यय सेेवाा प्रदाान कर सकतीी थीी - काा अभााव थाा। आत्मि�क वरदाानोंं� केे बजााय गर्वव,
औपचाारि�कताा, घमंं ड, स्वाार्थथ, उत्पीीड़न प्रदर्शि�त कि�ए जाातेे थेे। एक धर्ममत्यााग करनेे वाालीी कलीीसि�याा नेे
समय केे संं केे तोंं� केे लि�ए अपनीी आँँखेंं बंं द कर लींं�। परमेेश्वर नेे उन्हेंं नहींं� छोोड़ाा, याा अपनीी वि�श्वाास-
योोग्यताा कोो वि�फल नहींं� होोनेे दि�याा; परन्तुु वेे उसकेे पाास सेे चलेे गए, और उसकेे प्रेेम सेे अपनेे आप कोो
अलग कर लि�याा। चूंं�कि� उन्होंं�नेे शर्तोंं काा पाालन करनेे सेे इनकाार कर दि�याा, इसलि�ए उनसेे कि�ए गए
वाादेे पूूरेे नहींं� कि�ए गए।
परमेेश्वर द्वााराा प्रदाान कि�ए गए प्रकााश और वि�शेेषााधि�काारोंं� कीी सरााहनाा करनेे और उनमेंं सुुधाार
करनेे कीी उपेेक्षाा काा यह नि�श्चि�ित परि�णााम हैै। जब तक कलीीसि�याा प्रकााश कीी हर कि�रण कोो स्वीीकाार
करतेे हुए, प्रकट होोनेे वाालेे हर कर्ततव्य काा पाालन करतेे हुए, उसकीी प्रकट करनेे कीी प्रक्रि�याा मेंं आगेे नहींं�
बढ़ेेगीी, धर्मम अनि�वाार्यय रूप सेे वि�धि�योंं� केे पाालन मेंं वि�कृृ त होो जााएगाा, और जीीवि�त भक्ति� कीी भाावनाा
गाायब होो जााएगीी। कलीीसि�याा केे इति�हाास मेंं इस सत्य काा बाार-बाार चि�त्रण कि�याा गयाा हैै। परमेेश्वर
अपनेे लोोगोंं� सेे प्रदाान कीी गई आशीीषोंं� और वि�शेेषााधि�काारोंं� केे अनुुरूप वि�श्वाास और आज्ञााकाारि�ताा
केे काार्योंं कीी अपेेक्षाा करताा हैै। आज्ञााकाारि�ताा केे लि�ए बलि�दाान कीी आवश्यकताा होोतीी हैै और इसमेंं
एक क्रूूस शाामि�ल होोताा हैै; और यहीी काारण हैै कि� मसीीह केे बहुत सेे तथााकथि�त अनुुयाायि�योंं� नेे स्वर्गग
सेे प्रकााश प्रााप्त करनेे सेे इनकाार कर दि�याा, और पुुराानेे यहूदि�योंं� कीी तरह, उनकेे आनेे काा समय नहींं�
जाानाा। लूूकाा 19:44। उनकेे घमण्ड और अवि�श्वाास केे काारण प्रभुु नेे उनकेे पाास सेे गुुज़र गयाा और
अपनीी सच्चााई उन लोोगोंं� केे साामनेे प्रकट कीी, जि�न्होंं�नेे बेेतलेेहेमे केे चरवााहोंं� और पूूर्वीी मजूूसि�योंं� कीी
तरह, उनकेे द्वााराा प्रााप्त सभीी प्रकााश पर ध्याान दि�याा थाा।
18

एक अमेेरि�कीी सुुधाारक

ए क खराा, ईमाानदाार-हृदय कि�साान, जि�सेे पवि�त्रशाास्त्र केे ईश्वरीीय अधि�काार पर संं देहे करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त
कि�याा गयाा थाा, फि�र भीी जोो ईमाानदाारीी सेे सत्य कोो जााननाा चााहताा थाा, वह व्यक्ति� वि�शेेष रूप सेे परमेेश्वर
द्वााराा मसीीह केे दूूसरेे आगमन कीी घोोषणाा मेंं अगुुवााई करनेे केे लि�ए चुुनाा गयाा थाा। कई अन्य सुुधाारकोंं� कीी
तरह, वि�लि�यम मि�लर नेे प्राारंंभि�क जीीवन मेंं गरीीबीी सेे संं घर्षष कि�याा थाा और इस प्रकाार उसनेे काार्ययशक्ति� और
आत्म-नि�षेेध केे महाान सबक सीीखेे थेे। जि�स परि�वाार सेे वह पैैदाा हुआ थाा, उसकेे सदस्योंं� मेंं एक स्वतंं त्र, स्व-
तंं त्रताा-प्रेेमीी भाावनाा, धीीरज कीी क्षमताा और उत्सााहीी देेशभक्ति� कीी वि�शेेषताा थीी - लक्षण जोो उसकेे चरि�त्र मेंं भीी
प्रमुुख थेे। उसकेे पि�ताा क्रांं�ति� कीी सेेनाा मेंं एक कप्ताान थेे, और उस तूूफाानीी दौौर केे संं घर्षोंं और कष्टोंं� मेंं उसनेे
जोो बलि�दाान दि�याा, उससेे मि�लर केे प्राारंंभि�क जीीवन कीी तनाावपूूर्णण परि�स्थि�ति�योंं� काा पताा लगाायाा जाा सकताा हैै।
उसकाा शाारीीरि�क गठन स्वस्थ थाा, और बचपन मेंं भीी उसनेे साामाान्य सेे अधि�क बौौद्धि�क शक्ति� काा
प्रमााण दि�याा। जैैसेे-जैैसेे वह बड़ाा होोताा गयाा, यह और अधि�क स्पष्ट होोताा गयाा। उसकाा दि�मााग सक्रि�य
और अच्छीी तरह सेे वि�कसि�त थाा, और उसेे ज्ञाान कीी गहरीी प्याास थीी। यद्यपि� उसनेे एक महाावि�द्याालय
सदृश शि�क्षाा केे लााभोंं� काा आनंं द नहींं� लि�याा, लेेकि�न अध्ययन केे प्रति� उसकाा प्रेेम और सतर्कक वि�चाार
और वि�चाारशीील आलोोचनाा कीी आदत नेे उसेे सहीी नि�र्णणय और व्याापक वि�चाारोंं� काा व्यक्ति� बनाा दि�याा।
व्याापक रूप सेे अखंं डताा, मि�तव्ययि�ताा और परोोपकाार केे लि�ए सम्माानि�त, वह एक अनि�न्द्य नैैति�क चरि�त्र
और वांं�छनीीय प्रति�ष्ठाा काा धनीी थाा। काार्ययशक्ति� और अनुुप्रयोोग केे बल पर उसनेे जल्दीी हीी एक योोग्यताा
हाासि�ल कर लीी, हाालांं�कि� उसकीी अध्ययन कीी आदतेंं अभीी भीी बनीी हुई थींं�। उसनेे वि�भि�न्न नाागरि�क
और सैैन्य पदोंं� काा माान रखाा, और धन और सम्माान केे राास्तेे उसकेे लि�ए खुुलेे थेे।
उसकीी माँँ� एक धर्ममपराायण महि�लाा थीी, और बचपन मेंं, वह धाार्मि�क प्रभाावोंं� केे नि�यंं त्रण मेंं थाा।
प्राारंं भि�क प्रौौढ़ताा मेंं, हाालांं�कि�, वह देेववाादीी संं गति� मेंं पड़ गयाा जि�सकाा प्रभााव तुुलनाात्मक रूप सेे
गहराा थाा क्योंं�कि� वेे ज्याादाातर अच्छेे नाागरि�क और माानवीीय और परोोपकाारीी स्वभााव केे व्यक्ति� थेे।
मसीीहीी संं स्थााओंं केे बीीच रहतेे हुए, जैैसाा कि� उन्होंं�नेे कि�याा थाा, उनकेे चरि�त्र कुु छ हद तक उनकेे
परि�वेेश द्वााराा ढाालेे गए थेे। उन उत्कृृष्ट वि�शेेषतााओंं केे लि�ए जि�न्होंं�नेे उन्हेंं सम्माान और वि�श्वाास
एक अमेरिकी सुधारक 223

दि�लाायाा, वेे बााइबल केे ऋणीी थेे; और फि�र भीी येे अच्छेे उपहाार इतनेे वि�कृृ त थेे कि� परमेेश्वर केे
वचन केे वि�रुद्ध प्रभााव डाालतेे थेे। इन पुुरुषोंं� केे सााहचर्यय सेे मि�लर उनकीी भाावनााओंं कोो अपनाानेे केे
लि�ए प्रेेरि�त हुआ। पवि�त्रशाास्त्र कीी वर्ततमाान व्यााख्यााओंं नेे ऐसीी कठि�नााइयाँँ� प्रस्तुुत कींं� जोो उसेे दुर्गगु म
लगतीी थींं�; तौौभीी उसकेे नए वि�श्वाास नेे, बााइबल कोो अलग रखतेे हुए, उसकीी जगह लेेनेे केे लि�ए
बेेहतर कुु छ भीी नहींं� दि�याा, और वह बि�ल्कुुल संं तुुष् ट नहींं� हुआ। हाालाँँ�कि�, उसनेे लगभग बाारह वर्षोंं
तक इन वि�चाारोंं� कोो पकड़ेे रखाा। परन्तुु जब वह चौंं�तीीस वर्षष काा थाा तब पवि�त्र आत्माा नेे उसकेे हृदय
कोो उसकीी पाापपूूर्णण दशाा केे भााव सेे प्रभाावि�त कि�याा। उसनेे अपनेे पूूर्वव वि�श्वाास मेंं कब्र सेे परेे खुुशीी
काा कोोई आश्वाासन नहींं� पाायाा। भवि�ष्य अंंधकाारमय और धुंं�धलाा थाा। बााद मेंं इस समय कीी अपनीी
भाावनााओंं काा उल्लेेख करतेे हुए उसनेे कहाा:
«वि�नााश एक कठोोर और डराावनाा वि�चाार थाा, और जवााबदेेहीी नि�श्चि�ित रूप सेे सभीी केे लि�ए वि�नााश
थीी। आकााश मेेरेे सि�र केे ऊपर पीीतल केे समाान, और धरतीी मेेरेे पांं�वोंं� केे नीीचेे लोोहेे कीी नााईं थीी। अनंं त
कााल - यह क्याा थाा? और मृृत्युु—यह क्योंं� थीी? जि�तनाा अधि�क मैंंनेे तर्कक कि�याा, उतनाा हीी अधि�क
दूू र मैंं प्रदर्शशन सेे थाा। जि�तनाा अधि�क मैंंनेे सोोचाा, मेेरेे नि�ष्कर्षष उतनेे हीी बि�खरेे हुए थेे। मैंंनेे सोोचनाा बंं द
करनेे कीी कोोशि�श कीी, लेेकि�न मेेरेे वि�चाारोंं� पर कााबूू नहींं� पाायाा जाा सकाा। मैंं वाास्तव मेंं दुःः�खीी थाा, लेेकि�न
मुुझेे इसकाा काारण समझ मेंं नहींं� आयाा। मैंं बड़बड़ाायाा और मैंंनेे शि�काायत कीी, लेेकि�न नहींं� जाानताा थाा
कि�सकीी। मुुझेे पताा थाा कि� कुु छ गलत थाा, लेेकि�न यह नहींं� पताा थाा कि� सहीी कैै सेे याा कहाँँ� खोोजाा जााए।
मैंंनेे शोोक मनाायाा, लेेकि�न बि�नाा कि�सीी आशाा केे ।”
इस अवस्थाा मेंं वह कुु छ महीीनोंं� तक रहाा। «अचाानक,» वह कहताा हैै, «मेेरेे मन मेंं एक उद्धाारक-
र्ताा� काा चरि�त्र स्पष्ट रूप सेे अंंकि�त हुआ। ऐसाा लग रहाा थाा कि� कोोई इतनाा अच्छाा और दयाालुु व्यक्ति� होो
सकताा हैै कि� वह हमाारेे अपरााधोंं� काा प्राायश्चि�ित कर सकेे , और इस तरह हमेंं पााप केे दंंड कोो भुुगतनेे सेे
बचाा सकेे । मैंंनेे तुुरंंत महसूूस कि�याा कि� ऐसाा प्रााणीी कि�तनाा प्रि�य होोगाा, और मैंंनेे कल्पनाा कीी कि� मैंं अपनेे
आप कोो उसकीी बााहोंं� मेंं डााल सकताा हूंं, और उसकीी दयाा पर भरोोसाा कर सकताा हूंं। लेेकि�न सवााल
उठाा, यह कैै सेे सााबि�त कि�याा जाा सकताा हैै कि� ऐसाा कोोई प्रााणीी अस्ति�त्व मेंं हैै? बााइबल केे अलाावाा, मैंंनेे
पाायाा कि� मुुझेे ऐसेे उद्धाारकर्ताा� केे अस्ति�त्व काा, याा यहाँँ� तक कि� भवि�ष्य कीी अवस्थाा काा भीी कोोई प्रमााण
नहींं� मि�ल सकताा...।
“मैंंनेे देेखाा कि� मुुझेे जि�स प्रकाार केे उद्धाारकर्ताा� कीी आवश्यकताा थीी, बााइबल वाास्तव मेंं ठीीक वैैसेे
हीी उद्धाारकर्ताा� कोो साामनेे लााई; और मैंं यह जााननेे केे लि�ए उलझन मेंं थाा कि� कैै सेे एक बि�नाा प्रेेरणाा वाालीी
पुुस्तक ऐसेे सि�द्धांं�तोंं� कोो वि�कसि�त कर सकतीी हैै जोो एक पति�त दुनि�या ु ा कीी आवश्यकतााओंं केे लि�ए पूूरीी
तरह सेे अनुुकूूल होंं�। मैंं यह स्वीीकाार करनेे केे लि�ए वि�वश थाा कि� पवि�त्रशाास्त्र कोो परमेेश्वर कीी ओर सेे
एक रहस्योोद्घा् ाटन होोनाा चााहि�ए। वेे मेेरीी प्रसन्नताा बन गए; और यीीशुु मेंं मुुझेे एक मि�त्र मि�लाा। उद्धाारकर्ताा�
मेेरेे लि�ए दस हज़ाार मेंं सबसेे प्रमुुख बन गयाा; और पवि�त्र शाास्त्र, जोो पहलेे अंंधकाारमय और वि�रोोधााभाासीी
थाा, अब मेेरेे पैैरोंं� केे लि�ए दीीपक और मेेरेे माार्गग केे लि�ए प्रकााश बन गयाा। मेेराा मन स्थि�र और संं तुुष् ट होो
गयाा। मैंंनेे प्रभुु परमेेश्वर कोो जीीवन केे साागर केे बीीच मेंं एक चट्टाान केे रूप मेंं पाायाा। बााइबि�ल अब मेेराा
मुुख्य अध्ययन बन गई, और मैंं वाास्तव मेंं कह सकताा हूँँ, मैंंनेे इसेे बड़ेे आनंं द सेे खोोजाा। मैंंनेे पाायाा कि�
आधाा मुुझेे कभीी नहींं� बताायाा गयाा थाा। मुुझेे आश्चर्यय हुआ कि� मैंंनेे इसकीी सुंं� दरताा और महि�माा कोो पहलेे
224 महाान वि�वााद

क्योंं� नहींं� देेखाा, और मुुझेे आश्चर्यय हुआ कि� मैंं इसेे कभीी अस्वीीकाार भीी कर सकताा थाा। मैंंनेे वह सब कुु छ
जि�सकीी मेेराा हृदय इच्छाा कर सकताा हैै, और आत्माा केे प्रत्येेक रोोग केे लि�ए एक उपााय, प्रकट पाायाा। मुुझेे
अन्य पठन केे लि�ए बि�ल्कुुल रुचि� नहींं� रहीी, और मैंंनेे अपनाा मन परमेेश्वर सेे ज्ञाान प्रााप्त करनेे केे लि�ए
लगाायाा।” —एस. ब्लि�स, मैैमोोयर्सस ऑफ डब्लूूएम। मि�लर, पृृष् ठ 65-67।
मि�लर नेे साार्ववजनि�क रूप सेे उस धर्मम मेंं अपनेे वि�श्वाास काा दाावाा कि�याा जि�सेे उसनेे तुुच्छ जाानाा
थाा। लेेकि�न उसकेे कााफि�र सााथीी उन सभीी तर्कोंं कोो साामनेे लाानेे मेंं मन्द नहींं� थेे, जि�नकीी उसनेे स्वयंं
अक्सर पवि�त्र शाास्त्र केे ईश्वरीीय अधि�काार केे खि�लााफ वकाालत कीी थीी। तब वह उनकाा उत्तर देेनेे कोो
तैैयाार न थाा; परन्तुु उसनेे तर्कक दि�याा कि� यदि� बााइबल परमेेश्वर कीी ओर सेे एक प्रकााशन हैै, तोो उसेे
स्वयंं केे अनुुरूप होोनाा चााहि�ए; और जैैसाा कि� यह मनुुष्य केे नि�र्देेश केे लि�ए दि�याा गयाा थाा, इसेे उसकीी
समझ केे अनुुसाार अनुुकूूलि�त होोनाा चााहि�ए। उसनेे अपनेे लि�ए पवि�त्र शाास्त्र काा अध्ययन करनेे, और
यह सुुनि�श्चि�ित करनेे केे लि�ए कि� हर आभाासीी वि�रोोधााभाास कोो सुुसंंगत बनाायाा जाा सकताा थाा याा नहींं�।
सभीी पूूर्ववकल्पि�त मतोंं� कोो दूू र करनेे काा प्रयाास करतेे हुए, और व्यााख्याात्मक नि�बंं धोंं� केे बग़ैैर कााम
चलाातेे हुए, उसनेे उपांं�त केे संं दर्भोंं और शब्दाानुुक्रमणि�काा कीी सहाायताा सेे पद कीी तुुलनाा पद सेे कीी।
उसनेे नि�यमि�त और व्यवस्थि�त तरीीकेे सेे अपनाा अध्ययन कि�याा; उत्पत्ति� केे सााथ शुुरुआत करतेे हुए,
और पद दर पद पढ़तेे हुए, जब तक उसकेे द्वााराा पढ़ेे गए अंंशोंं� काा अर्थथ उसकेे लि�ए बि�ल्कुुल स्पष्ट नहींं�
होो जााताा थाा तब तक वह आगेे नहींं� बढ़ताा थाा। जब उसेे कुु छ भीी अस्पष्ट लगताा थाा, तोो यह उसकाा
रि�वााज़ थाा कि� वह उसकीी तुुलनाा हर दूू सरेे पद्य सेे करताा थाा, जोो वि�चाारााधीीन माामलेे सेे संं बंं धि�त प्रतीीत
होोताा थाा। प्रत्येेक शब्द कोो मूूलपााठ केे वि�षय पर अपनाा उचि�त प्रभााव डाालनेे कीी अनुुमति� थीी, और
यदि� उसकेे बाारेे मेंं उसकाा दृष्टि�िकोोण प्रत्येेक समाानाान्तर अंंश केे अनुुरूप होोताा थाा, तोो यह एक कठि�नााई
नहींं� रह जाातीी थीी। इस प्रकाार जब भीी उसकेे साामनेे कोोई ऐसाा अंंश आताा जि�सेे समझनाा मुुश्कि�ल होोताा
थाा, तोो उसेे पवि�त्र शाास्त्र केे कि�सीी अन्य भााग मेंं स्पष्टीीकरण मि�ल जााताा थाा। जैैसेे-जैैसेे उसनेे ईश्वरीीय
ज्ञाानोोदय केे लि�ए गंं भीीर प्राार्थथनाा केे सााथ अध्ययन कि�याा, जोो पहलेे उसकीी समझ मेंं गूूढ़ दि�खााई देे रहाा
थाा, वह स्पष्ट होो गयाा थाा। उसनेे भजनकाार केे शब्दोंं� कीी सच्चााई काा अनुुभव कि�याा: «तेेरीी बाातोंं� केे
खुुलनेे सेे प्रकााश होोताा हैै; उससेे भोोलेे लोोग समझ प्रााप्‍‍त करतेे हैंं।» भजन संं हि�ताा 119:130।
अन्य पदोंं� कीी तरह हीी व्यााख्याा केे सि�द्धांं�तोंं� कोो लाागूू करतेे हुए गहन रुचि� केे सााथ उसनेे दाानि�य्येेल
और प्रकााशि�तवााक्य कीी पुुस्तकोंं� काा अध्ययन कि�याा, और वह बहुत आनन्दि�त हुआ, कि� भवि�ष्य-
द्वााणीी केे चि�न्होंं� कोो समझाा जाा सकताा हैै। उसनेे देेखाा कि� भवि�ष्यद्वााणि�याँँ�, जहाँँ� तक वेे पूूरीी हुई थींं�,
अक्षरशःः पूूरीी होो चुुकीी थींं�; कि� सभीी वि�भि�न्न आकृृ ति�योंं�, रूपकोंं�, दृष्टांं�तोंं�, उपमााओंं आदि� कोो याा तोो
उनकेे ताात्काालि�क संं बंं ध मेंं समझाायाा गयाा थाा, याा जि�न शब्दोंं� मेंं उन्हेंं व्यक्त कि�याा गयाा थाा,वेे अन्य पदोंं�
मेंं परि�भााषि�त थेे, और जब इस प्रकाार समझाायाा गयाा थाा, तोो उन्हेंं यथााशब्द समझाा जाानाा थाा। «मैंं इस
प्रकाार संं तुुष् ट थाा,» वेे कहतेे हैंं, «बााइबल प्रकट सच्चााइयोंं� कीी एक प्रणाालीी हैै, जोो इतनीी स्पष्ट और
सरलताा सेे दीी गई हैै कि� परि�भ्राामीी व्यक्ति�, हाालांं�कि� एक मूूर्खख, इसमेंं गलतीी करनेे नहींं� करेेगाा।”—
ब्लि�स, पृृष् ठ 70। सच्चााई कीी श्रृंं�खलाा कीी कड़ीी केे बााद कड़ीी नेे उसकेे प्रयाासोंं� काा प्रति�फल दि�याा, कदम
दर कदम उसनेे भवि�ष्यद्वााणीी कीी महाान पंं क्ति�योंं� काा पताा लगाायाा। स्वर्गग केे दूू त उसकेे दि�मााग काा माार्गग-
दर्शशन कर रहेे थेे और पवि�त्र शाास्त्र कोो उसकीी समझ केे लि�ए खोोल रहेे थेे।
एक अमेरिकी सुधारक 225

जि�स तरह सेे भवि�ष्यद्वााणि�यांं� अतीीत मेंं पूूरीी हुई थींं�, उसेे एक माानदंंड केे रूप मेंं लेेतेे हुए, उन भवि�-
ष्यद्वााणि�योंं� केे बाारेे मेंं अनुुमाान लगाानेे केे लि�ए जोो अभीी भीी भवि�ष्य थींं�, वह संं तुुष् ट होो गयाा कि� मसीीह
केे आध्याात्मि�क रााज काा लोोकप्रि�य दृष्टि�िकोोण - अंंत सेे पहलेे एक लौौकि�क सहस्रााब्दीी काा—परमेेश्वर
केे वचन सेे समर्थि�त नहींं� थाा। इस सि�द्धांं�त नेे, प्रभुु केे व्यक्ति�गत आगमन सेे पहलेे एक हज़ाार सााल कीी
धाार्मि�कताा और शांं�ति� कीी ओर इशााराा करतेे हुए, परमेेश्वर केे दि�न कीी भयाावहताा कोो दूू र कर दि�याा।
लेेकि�न, भलेे हीी यह मनभाावन होो, यह मसीीह और उसकेे प्रेेरि�तोंं� कीी शि�क्षााओंं केे वि�परीीत हैै, जि�न्होंं�नेे
घोोषणाा कीी थीी कि� कटनीी तक, दुनि�या ु ा केे अंंत तक गेेहूँँ और जंं गलीी दाानेे एक सााथ बढ़नेे हैंं; कि� «दुष्ु ट
और बहकाानेेवाालेे धोोखाा देेतेे हुए और धोोखाा खाातेे हुए, बि�गड़तेे चलेे जााएँँगेे;» कि� अन्ति�म दि�नोंं� मेंं
कठि�न समय आएँँगेे;» और अंंधकाार काा रााज्य प्रभुु केे आगमन तक बनाा रहेेगाा और उसकेे मुँँ�ह कीी
फूँँ� क सेे माार डाालाा जााएगाा, और उसकेे आगमन केे तेेज सेे भस्म होोगाा। मत्तीी 13:30, 38-41; 2
तीीमुुथि�युसु 3:13, 1; 2 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 2:8।
संं साार केे परि�वर्ततन और मसीीह केे आत्मि�क शाासन काा सि�द्धांं�त प्रेेरि�ति�क कलीीसि�याा द्वााराा माान्य नहींं�
थाा। अठाारहवींं� शतााब्दीी कीी शुुरुआत तक यह आम तौौर पर मसीीहि�योंं� द्वााराा स्वीीकाार नहींं� कि�याा गयाा
थाा। हर दूू सरीी गलतीी कीी तरह इसकेे परि�णााम भीी बुुरेे थेे। इसनेे लोोगोंं� कोो प्रभुु केे आगमन केे लि�ए
भवि�ष्य मेंं दूू र तक देेखनेे कीी शि�क्षाा दीी और उन्हेंं उसकेे आगमन कीी घोोषणाा करनेे वाालेे संं केे तोंं� पर
ध्याान देेनेे सेे रोोकाा। इसनेे आत्मवि�श्वाास और सुुरक्षाा कीी भाावनाा कोो प्रेेरि�त कि�याा जोो अच्छीी तरह सेे
आधाारि�त नहींं� थीी और इसनेे कई लोोगोंं� कोो अपनेे प्रभुु सेे मि�लनेे केे लि�ए आवश्यक तैैयाारीी कीी उपेेक्षाा
करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा।
मि�लर नेे मसीीह केे शााब्दि�क, व्यक्ति�गत आगमन कोो पवि�त्रशाास्त्र मेंं स्पष्ट रूप सेे सि�खाायाा गयाा
पाायाा। पौौलुुस कहताा हैै: «क्योंं�कि� प्रभुु आप हीी स्वर्गग सेे उतरेेगाा; उस समय ललकाार, और प्रधाान दूू त
काा शब्द सुुनााई देेगाा, और परमेेश्वर कीी तुुरहीी फूँँ� कीी जााएगीी।» 1 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 4:16। और उद्धा�-
रकर्ताा� घोोषि�त करताा हैै: «मनुुष्य केे पुुत्र कोो बड़ीी साामर्थ्यय और ऐश्‍‍वर्यय केे सााथ आकााश केे बाादलोंं� पर
आतेे देेखेंंगेे।» «क्योंं�कि� जैैसेे बि�जलीी पूूर्वव सेे नि�कलकर पश्चि�िम तक चमकतीी हैै, वैैसेे हीी मनुुष्य केे पुुत्र
काा भीी आनाा होोगाा।» मत्तीी 24:30, 27। उसकेे सााथ स्वर्गग कीी सभीी सेेनााएँँ होंं�गीी। “जब मनुुष्य काा
पुुत्र अपनीी महि�माा मेंं आएगाा, और सब स्वर्गगदूू त उसकेे सााथ आएँँगेे। « मत्तीी 25:31। «वह तुुरहीी केे
बड़ेे शब्द केे सााथ अपनेे दूू तोंं� कोो भेेजेगाे ा, और वेे आकााश केे इस छोोर सेे उस छोोर तक, चाारोंं� दि�शााओंं
सेे उसकेे चुुनेे हुओंं कोो इकट्ठाा करेंंगेे।» मत्तीी 24:31।
उसकेे आनेे पर धर्मीी मुुर्देे जि�लााए जााएँँगेे, और जीीवि�त धर्मीी बदल जााएँँगेे। पौौलुुस कहताा हैै, «हम
सब नहींं� सोोएँँगेे, परन्तुु सब बदल जााएँँगेे, और यह क्षण भर मेंं, पलक माारतेे हीी अन्ति�म तुुरहीी फूँँ� कतेे हीी
होोगाा। क्योंं�कि� तुुरहीी फूँँ� कीी जााएगीी और मुुर्देे अवि�नााशीी दशाा मेंं उठााए जााएँँगेे, और हम बदल जााएँँगेे।
क्योंं�कि� अवश्य हैै कि� यह नााशवाान्् देेह अवि�नााश कोो पहि�न लेे, और यह मरनहाार देेह अमरताा कोो
पहि�न लेे। « 1 कुु रि�न्थि�योंं� 15:51-53। और थि�स्सलुुनीीकि�योंं� कोो लि�खेे अपनेे पत्र मेंं, प्रभुु केे आनेे काा
वर्णणन करनेे केे बााद, वह कहताा हैै: «जोो मसीीह मेंं मरेे हैंं, वेे पहलेे जीी उठेंं गेे। तब हम जोो जीीवि�त और
बचेे रहेंंगेे उनकेे सााथ बाादलोंं� पर उठाा लि�येे जााएँँगेे कि� हवाा मेंं प्रभुु सेे मि�लेंं; और इस रीीति� सेे हम सदाा
प्रभुु केे सााथ रहेंंगेे।» 1 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 4:16,17।
226 महाान वि�वााद

जब तक मसीीह काा व्यक्ति�गत आगमन नहींं� होोताा तब तक उसकेे लोोग रााज्य प्रााप्त नहींं� कर सकतेे।
उद्धाारकर्ताा� नेे कहाा: «जब मनुुष्य काा पुुत्र अपनीी महि�माा मेंं आएगाा और सब स्वर्गगदूू त उसकेे सााथ आएँँगेे,
तोो वह अपनीी महि�माा केे सिं�हां ासन पर वि�रााजमाान होोगाा। और सब जााति�याँँ� उसकेे साामनेे इकट्ठाा कीी
जााएँँगीी; और जैैसेे चरवााहाा भेेड़ोंं� कोो बकरि�योंं� सेे अलग कर देेताा हैै, वैैसेे हीी वह उन्हेंं एक दूू सरेे सेे अलग
करेेगाा। वह भेेड़ोंं� कोो अपनीी दााहि�नीी ओर और बकरि�योंं� कोो बााईं ओर खड़ाा करेेगाा। तब रााजाा अपनीी
दााहि�नीी ओर वाालोंं� सेे कहेेगाा, ‘हेे मेेरेे पि�ताा केे धन्य लोोगोो, आओ, उस रााज्य केे अधि�काारीी होो जााओ, जोो
जगत केे आदि� सेे तुुम्हाारेे लि�येे तैैयाार कि�याा गयाा हैै। « मत्तीी 25:31-34। हमनेे अभीी-अभीी दि�ए गए
पवि�त्र पदोंं� केे द्वााराा देेखाा हैै कि� जब मनुुष्य काा पुुत्र आताा हैै, तोो मरेे हुए अवि�नााशीी रूप सेे जीी उठतेे हैंं और
जीीवि�त बदल जाातेे हैंं। इस महाान परि�वर्ततन केे द्वााराा वेे रााज्य प्रााप्त करनेे केे लि�ए तैैयाार हैंं; क्योंं�कि� पौौलुुस
कहताा हैै, «मांं�स और लहू परमेेश्वर केे रााज्य केे अधि�काारीी नहींं� होो सकतेे, और न नााशवाान्् अवि�नााशीी
काा अधि�काारीी होो सकताा हैै।» 1 कुु रि�न्थि�योंं� 15:50। मनुुष्य अपनीी वर्ततमाान अवस्थाा मेंं नश्वर हैै, भ्रष्ट
हैै; परन्तुु परमेेश्वर काा रााज्य अवि�नााशीी और युुगाानुुयुगु बनाा रहेेगाा। इसलि�ए मनुुष्य अपनीी वर्ततमाान
अवस्थाा मेंं परमेेश्वर केे रााज्य मेंं प्रवेेश नहींं� कर सकताा। परन्तुु जब यीीशुु आताा हैै, तोो वह अपनेे लोोगोंं�
कोो अमरताा प्रदाान करताा हैै; और फि�र वह उन्हेंं उस रााज्य काा उत्तरााधि�काारीी होोनेे केे लि�ए बुुलााताा हैै
जि�सकेे वेे अब तक केे वल उत्तरााधि�काारीी थेे।
इन और अन्य पदोंं� नेे मि�लर केे दि�मााग कोो स्पष्ट रूप सेे सााबि�त कर दि�याा कि� आम तौौर पर मसीीह
केे आनेे सेे पहलेे जि�न घटनााओंं कीी उम्मीीद कीी गई थीी, जैैसेे कि� दुनि�या ु ा भर मेंं शांं�ति� काा शाासन और
पृृथ्वीी पर परमेेश्वर केे रााज्य कीी स्थाापनाा, वेे दूू सरेे आगमन केे बााद मेंं होोनेे वाालीी थींं�। इसकेे अलाावाा,
समय केे सभीी संं केे त और संं साार कीी स्थि�ति� अंंत केे दि�नोंं� केे भवि�ष्यसूूचक वर्णणन केे अनुुरूप थीी। केे वल
पवि�त्र शाास्त्र केे अध्ययन सेे हीी उसेे इस नि�ष्कर्षष पर पहुँँचनेे केे लि�ए वि�वश होोनाा पड़ाा कि� पृृथ्वीी कीी
अपनीी वर्ततमाान अवस्थाा मेंं बनेे रहनेे केे लि�ए आवंं टि�त अवधि� समााप्त होोनेे वाालीी थीी।
«एक अन्य प्रकाार काा प्रमााण जि�सनेे मेेरेे दि�मााग कोो अत्यधि�क प्रभाावि�त कि�याा,» वह कहताा हैै,
«शाास्त्र काा काालक्रम थाा। मैंंनेे पाायाा कि� भवि�ष्यवााणीी कीी गई घटनााएँँ, जोो अतीीत मेंं पूूरीी होो चुुकीी थींं�,
अक्सर एक नि�श्चि�ित समय केे भीीतर घटि�त होोतीी थींं�। जलप्रलय केे एक सौौ बीीस वर्षष (उत्पत्ति� 6:3);
साात दि�न जोो उसकेे पहलेे होोनेे थेे, चाालीीस दि�नोंं� कीी भवि�ष्यद्वााणीी कीी गई बाारि�श केे सााथ (उत्पत्ति�
7:4); अब्रााहम केे वंं श केे प्रवाास केे चाार सौौ वर्षष (उत्पत्ति� 15:13); पि�लाानहाारोंं� और पकाानेेहाारोंं�
केे स्वप्नोंं� केे तीीन दि�न (उत्पत्ति� 40:12-20); फि�रौौन केे साात वर्षष (उत्पत्ति� 41:28-54); जंं गल मेंं
चाालीीस वर्षष (गि�नतीी 14:34); अकााल केे सााढ़ेे तीीन वर्षष (1 रााजाा 17:1) [देेखेंं लूूकाा 4:25;] ...
सत्तर वर्षष कीी दाासताा (यि�र्ममयााह 25:11); नबूूकदनेेस्सर केे साात बाार (दाानि�य्येेल 4:13-16); और
साात सप्तााह, बाासठ सप्‍‍तााह, और एक सप्‍‍तााह, अर्थाा�त यहूदि�योंं� पर नि�र्धाा�रि�त सत्तर सप्तााह (दाानि�य्येेल
9:24-27), —इन समयोंं� द्वााराा सीीमि�त घटनााएँँ सभीी एक बाार केे वल भवि�ष्यद्वााणीी कीी बाात थींं�, और
भवि�ष्यद्वााणि�योंं� केे अनुुसाार पूूरीी हुई थींं�।” - ब्लि�स, पेेज 74, 75।
इसलि�ए, जब उसनेे बााइबल केे अपनेे अध्ययन मेंं, वि�भि�न्न काालाानुुक्रमि�क अवधि�योंं� कोो अपनीी
समझ केे अनुुसाार, मसीीह केे दूू सरेे आगमन तक वि�स्ताारि�त पाायाा, तोो वह उन्हेंं «ठहरााए हुए समय»
केे रूप मेंं देेखनेे कोो वि�वश होो गयाा, जि�न्हेंं परमेेश्वर नेे अपनेे सेेवकोंं� पर प्रकट कि�याा थाा। मूूसाा कहताा
एक अमेरिकी सुधारक 227

हैै, “गुुप्त बाातेंं हमाारेे परमेेश्वर यहोोवाा केे वश मेंं हैंं: परन्तुु जोो प्रगट कीी गई हैंं वेे सदाा केे लि�येे हमाारेे
और हमाारेे वंं श केे वश मेंं रहेंंगीी;” और यहोोवाा भवि�ष्यद्वक्ताा आमोोस द्वााराा घोोषि�त करताा हैै कि� वह
«अपनेे दाास भवि�ष्यद्वक्तााओंं पर अपनाा मर्मम बि�नाा प्रगट कि�ए कुु छ भीी न करेेगाा।” व्यवस्थाावि�वरण
29:29; आमोोस 3:7। तब, परमेेश्वर केे वचन केे वि�द्याार्थीी पूूरेे वि�श्वाास केे सााथ उम्मीीद कर सकतेे हैंं
कि� वेे माानव इति�हाास मेंं घटि�त होोनेे वाालीी सबसेे वि�स्मयकाारीी घटनाा कोो सत्य केे शाास्त्रोंं� मेंं स्पष्ट रूप
सेे इंं गि�त पााएंं गेे।
«जैैसाा कि� मैंं पूूरीी तरह सेे आश्वस्त थाा,» मि�लर कहताा हैै, «परमेेश्वर कीी प्रेेरणाा सेे रचाा गयाा
सम्पूूर्णण पवि�त्रशाास्त्र लााभदाायक हैै (2 तीीमुुथि�युसु 3:16); क्योंं�कि� कोोई भीी भवि�ष्यद्वााणीी मनुुष्य कीी
इच्छाा सेे कभीी नहींं� हुई, पर भक्‍‍त जन पवि�त्र आत्माा केे द्वााराा उभाारेे जााकर परमेेश्वर कीी ओर सेे बोोलतेे
थेे (2 पतरस 1:21), और ‹वेे हमाारीी हीी शि�क्षाा केे लि�येे लि�खीी गईं हैंं कि� हम धीीरज और पवि�त्रशाास्त्र
केे प्रोोत्सााहन द्वााराा आशाा रखेंं› (रोोमि�योंं� 15:4), मैंं केे वल बााइबल केे काालाानुुक्रमि�क अंंशोंं� कोो परमेेश्वर
केे वचन काा एक हि�स्साा माान सकताा थाा, और हमाारेे गंं भीीर वि�चाार केे लि�ए उतनाा हीी हकदाार थाा, जि�तनाा
कि� पवि�त्रशाास्त्र काा कोोई भीी अन्य भााग। इसलि�ए मैंंनेे महसूूस कि�याा कि� परमेेश्वर नेे उसकेे अनुुग्रह मेंं
हमेंं प्रकट करनेे केे लि�ए जोो उपयुुक्त देेखाा, उसेे समझनेे केे प्रयाास मेंं, मुुझेे भवि�ष्यसूूचक अवधि�योंं� कीी
उपेेक्षाा करनेे काा कोोई अधि�काार नहींं� थाा।” —ब्लि�स, पृृष् ठ 75।
भवि�ष्यद्वााणीी जोो दूू सरेे आगमन केे समय कोो प्रकट करनेे केे लि�ए सबसेे स्पष्ट प्रतीीत होोतीी थीी वह
दाानि�य्येेल 8:14 कीी थीी: “जब तक साँँ�झ और सबेेराा दोो हज़ाार तीीन सौौ बाार न होंं�, तब तक वह होोताा
रहेेगाा; तब पवि�त्रस्थाान शुुद्ध कि�याा जााएगाा।” पवि�त्रशाास्त्र कोो अपनाा स्वयंं काा व्यााख्यााकाार बनाानेे केे
अपनेे नि�यम काा पाालन करतेे हुए, मि�लर नेे सीीखाा कि� प्रतीीकाात्मक भवि�ष्यद्वााणीी मेंं एक दि�न एक वर्षष काा
प्रति�नि�धि�त्व करताा हैै (गि�नतीी 14:34; यहेेजकेेल 4:6); उसनेे देेखाा कि� 2300 भवि�ष्यसूूचक दि�नोंं�,
याा शााब्दि�क वर्षोंं कीी अवधि�, यहूदीी युुग केे अंंत सेे बहुत आगेे तक जााएगीी, इसलि�ए यह उस व्यवस्थाा
केे पवि�त्रस्थाान काा उल्लेेख नहींं� कर सकताा थाा। मि�लर नेे आम तौौर पर स्वीीकाार कि�ए गए वि�चाार कोो
स्वीीकाार कि�याा कि� मसीीहीी युुग मेंं पृृथ्वीी पवि�त्र स्थाान हैै, और इसलि�ए वह समझ गयाा कि� दाानि�य्येेल
8:14 मेंं पहलेे सेे बताायाा गयाा पवि�त्र स्थाान काा शुुद्धि�करण मसीीह केे दूू सरेे आगमन पर आग सेे पृृथ्वीी कीी
शुुद्धि� काा प्रति�नि�धि�त्व करताा हैै। यदि�, तब, 2300 दि�नोंं� केे लि�ए सहीी शुुरुआतीी क्षण पताा लगाायाा जाा
सकताा थाा, उसनेे नि�ष्कर्षष नि�काालाा कि� दूू सरेे आगमन केे समय काा आसाानीी सेे पताा लगाायाा जाा सकताा
हैै। इस प्रकाार उस महाान परााकााष्ठाा काा समय प्रकट होोगाा, वह समय जब वर्ततमाान स्थि�ति�, «अपनेे सभीी
गर्वव और शक्ति�, धूूमधााम और घमंं ड, दुष्ु टताा और अत्यााचाार केे सााथ, समााप्त होो जााएगीी;» जब श्रााप
«पृृथ्वीी पर सेे मि�ट जााएगाा, मृृत्युु काा नााश होोगाा, परमेेश्वर केे दाासोंं�, भवि�ष्यद्वक्तााओंं और संं तोंं� कोो, और
जोो उसकेे नााम काा भय माानतेे हैंं, और जोो पृृथ्वीी काा नााश करतेे हैंं, उनकाा प्रति�फल दि�याा जााएगाा।»
—ब्लि�स, पृृष् ठ 76।
एक नई और गहरीी गंं भीीरताा केे सााथ, मि�लर नेे भवि�ष्यद्वााणि�योंं� कीी जांं�च जाारीी रखीी, पूूरीी राातेंं और
सााथ हीी दि�न इस बाात केे अध्ययन केे लि�ए समर्पि�त करतेे हुए जोो अब इस तरह केे अत्यधि�क महत्व
और सर्वव-दि�लचस्प रुचि� वाालीी दि�खााई देे रहीी थीी। दाानि�य्येेल केे आठवेंं अध्यााय मेंं उसेे 2300 दि�नोंं� केे
शुुरुआतीी बिं�दुं ु काा कोोई सुुरााग नहींं� मि�लाा; स्वर्गगदूू त जि�ब्रााएल नेे, हाालाँँ�कि� दाानि�य्येेल कोो दर्शशन समझाानेे
228 महाान वि�वााद

कीी आज्ञाा दीी थीी, फि�र भीी उसेे केे वल एक आंंशि�क व्यााख्याा दीी। जैैसेे हीी कलीीसि�याा पर आनेे वाालेे
भयाानक अत्यााचाार कोो भवि�ष्यद्वक्ताा केे दर्शशन मेंं प्रकट कि�याा गयाा, शाारीीरि�क शक्ति� नेे दम तोोड़ दि�याा।
वह और अधि�क सहन न कर सकाा और स्वर्गगदूू त नेे उसेे कुु छ समय केे लि�ए छोोड़ दि�याा। दाानि�य्येेल काा
«बल जााताा रहाा, और वह कुु छ दि�न तक बीीमाार पड़ाा रहाा।» वह कहताा हैै, «परन्तुु जोो कुु छ मैंं नेे देेखाा
थाा उस सेे मैंं चकि�त रहाा, क्योंं�कि� उसकाा कोोई समझाानेे वाालाा न थाा।»
फि�र भीी परमेेश्वर नेे अपनेे दूू त कोो आज्ञाा दीी थीी: “उस जन कोो उसकीी देेखीी हुई बाातेंं समझाा देे।”
उस कााम कोो पूूराा कि�याा जाानाा चााहि�ए। इसकीी आज्ञााकाारि�ताा मेंं, स्वर्गगदूू त, कुु छ समय बााद, दाानि�य्येेल
केे पाास यह कहतेे हुए लौौटाा: “हेे दाानि�य्येेल, मैंं तुुझेे बुुद्धि� और प्रवीीणताा देेनेे कोो अभीी नि�कल आयाा हूँँ;
” «इसलि�येे उस वि�षय कोो समझ लेे और दर्शशन कीी बाात काा अर्थथ जाान लेे।” दाानि�य्येेल 8:27, 16;
9:22, 23, 25-27। अध्यााय 8 केे दर्शशन मेंं एक महत्वपूूर्णण मुुद्दाा थाा जोो अस्पष्ट रह गयाा थाा, अर्थाा�त््,
समय सेे संं बंं धि�त - 2300 दि�नोंं� कीी अवधि�; इसलि�ए स्पष्टीीकरण कोो फि�र सेे शुुरू करनेे मेंं, स्वर्गग-
दूू त मुुख्य रूप सेे समय केे वि�षय पर ध्याान केे न्द्रि�त करताा हैै: “तेेरेे लोोगोंं� और तेेरेे पवि�त्र नगर केे लि�येे
सत्तर हफ्तेे ठहरााए गए हैंं। इसलि�येे यह जाान और समझ लेे, कि� यरूशलेेम कोो फि�र बसाानेे कीी आज्ञाा
केे नि�कलनेे सेे लेेकर अभि�षि�क्त प्रधाान केे समय तक साात हफ्तेे बीीतेंंगेे। फि�र बाासठ हफ्तोंं� केे बीीतनेे
पर चौौक और खााई समेेत वह नगर कष्ट केे समय मेंं फि�र बसाायाा जााएगाा। उन बाासठ हफ्तोंं� केे बीीतनेे
पर अभि�षि�क्त पुुरुष कााटाा जााएगाा : और उसकेे हााथ कुु छ न लगेेगाा। वह प्रधाान एक सप्‍‍तााह केे लि�येे
बहुतोंं� केे संं ग दृढ़ वााचाा बाँँ�धेगाे ा: परन्तुु आधेे हीी सप्‍‍तााह केे बीीतनेे पर वह मेेलबलि� और अन्नबलि� कोो
बन्द करेेगाा।”
स्वर्गगदूू त कोो दाानि�य्येेल केे पाास उस बाात कोो स्पष्ट करनेे केे लि�ए भेेजाा गयाा थाा जि�सेे वह आठवेंं
अध्यााय केे दर्शशन मेंं समझनेे मेंं वि�फल रहाा थाा, समय केे साापेेक्ष कथन- “जब तक साँँ�झ और सबेेराा
दोो हज़ाार तीीन सौौ बाार न होंं�; तब पवि�त्रस्थाान शुुद्ध कि�याा जााएगाा।” दाानि�य्येेल सेे यह कहनेे केे बााद कि�
«उस वि�षय कोो समझ लेे और दर्शशन कीी बाात काा अर्थथ जाान लेे” स्वर्गगदूू त केे पहलेे शब्द हैंं: “तेेरेे लोोगोंं�
और तेेरेे पवि�त्र नगर केे लि�येे सत्तर सप्तााह ठहरााए गए हैंं।” यहाँँ� जि�स शब्द काा अनुुवााद «नि�र्धाा�रि�त»
कि�याा गयाा हैै, उसकाा शााब्दि�क अर्थथ हैै «कााट देेनाा।” 490 वर्षोंं कोो दर्शाा�नेे वाालेे सत्तर सप्तााह, स्वर्गग-
दूू त द्वााराा, वि�शेेष रूप सेे यहूदि�योंं� सेे संं बंं धि�त, अलग कि�ए जाानेे केे लि�ए घोोषि�त कि�ए जाातेे हैंं। लेेकि�न
वेे कि�ससेे अलग कि�ए गए थेे? चूंं�कि� 2300 दि�न अध्यााय 8 मेंं उल्लि�खि�त समय कीी एकमाात्र अवधि�
थीी, यह वह अवधि� होोनीी चााहि�ए जि�समेंं सेे सत्तर सप्तााह कााटेे गए थेे; सत्तर सप्तााह इसलि�ए 2300
दि�नोंं� काा हि�स्साा होोनाा चााहि�ए, और दोोनोंं� अवधि�योंं� कोो एक सााथ शुुरू होोनाा चााहि�ए। यरूशलेेम कोो फि�र
सेे स्थाापि�त करनेे और बनाानेे कीी आज्ञाा केे ज़ाारीी होोनेे सेे आज तक स्वर्गगदूू त द्वााराा सत्तर सप्तााह घोोषि�त
कि�ए गए थेे। यदि� इस आज्ञाा कीी ति�थि� मि�ल जाातीी, तोो 2300 दि�नोंं� कीी महाान अवधि� केे लि�ए प्राारंंभि�क
बिं�दुं ु नि�श्चि�ित होो जाातीी।
एज्राा केे साातवेंं अध्यााय मेंं यह फरमाान मि�लताा हैै। पद 12-26। अपनेे पूूर्णण रूप मेंं यह 457 ईसाा
पूूर्वव फाारस केे रााजाा अर्ततक्षत्र द्वााराा ज़ाारीी कि�याा गयाा थाा। लेेकि�न एज्राा 6:14 मेंं कहाा गयाा हैै कि� यरूशलेेम
मेंं यहोोवाा काा भवन «कुु स्रूू , दााराा, और फाारस केे रााजाा, अर्ततक्षत्र कीी आज्ञााओंं केे अनुुसाार» बनाायाा गयाा
हैै। इन तीीन रााजााओंं नेे, आदेेश कोो आरंंभ करनेे, पुुन: पुुष्टि�ि करनेे और पूूराा करनेे मेंं, 2300 वर्षोंं कीी
एक अमेरिकी सुधारक 229

शुुरुआत कोो चि�ह्नि�ित करनेे केे लि�ए भवि�ष्यद्वााणीी द्वााराा आवश्यक पूूर्णणताा तक पहुँँचाायाा। 457 ई.पूू. कोो
लेेतेे हुए, जि�स समय आज्ञाा पूूरीी हुई, आज्ञाा कीी ति�थि� केे रूप मेंं, सत्तर सप्तााहोंं� सेे संं बंं धि�त भवि�ष्यद्वााणीी
केे प्रत्येेक वि�नि�र्देेश कोो पूूराा होोतेे देेखाा गयाा।
«यरूशलेेम कोो फि�र बसाानेे कीी आज्ञाा केे नि�कलनेे सेे लेेकर अभि�षि�क्‍‍त प्रधाान केे समय तक
साात सप्तााह और फि�र बाासठ सप्तााह बीीतेंंगेे» - अर्थाा�त््, उनहत्तर सप्तााह, याा 483 वर्षष। अर्ततक्ष-
त्र काा फरमाान 457 ई.पूू. कीी शरद ऋतुु मेंं प्रभााव मेंं आयाा। इस ति�थि� सेे, 483 वर्षष 27 ईस्वीी सन््
कीी शरद ऋतुु तक वि�स्ताारि�त होोतेे हैंं। (टि�प्पणीी 27 देे खेंं।) उस समय यह भवि�ष्यद्वााणीी पूूरीी हुई
थीी। «मसीीहाा» शब्द «अभि�षि�क्त पुुरुष» कोो दर्शाा�ताा हैै। 27 ई. कीी शरद ऋतुु मेंं यूूहन्नाा नेे मसीीह कोो
बपति�स्माा दि�याा और उसनेे आत्माा काा अभि�षेेक प्रााप्त कि�याा। प्रेेरि�त पतरस गवााहीी देेताा हैै कि� «परमेे-
श्वर नेे यीीशुु नाासरीी कोो पवि�त्र आत्माा और साामर्थ्यय सेे अभि�षेेक कि�याा।» प्रेेरि�तोंं� केे कााम 10:38।
और उद्धाारकर्ताा� नेे स्वयंं घोोषि�त कि�याा: “प्रभुु काा आत्माा मुुझ पर हैै, इसलि�येे कि� उसनेे कंं गाालोंं� कोो
सुुसमााचाार सुुनाानेे केे लि�येे मेेराा अभि�षेेक कि�याा हैै। « लूूकाा 4:18। अपनेे बपति�स्मेे केे बााद वह
«परमेेश्वर केे रााज्य काा सुुसमााचाार प्रचाार करतेे हुए और यह कहतेे हुए कि� समय पूूराा हुआ हैै»
गलीील मेंं चलाा गयाा। मरकुु स 1:14,15।
«वह प्रधाान एक सप्‍‍तााह केे लि�येे बहुतोंं� केे संं ग दृढ़ वााचाा बाँँ�धेगाे ा।» यहाँँ� प्रस्तुुत कि�याा गयाा
«सप्तााह» सत्तर मेंं सेे अंंति�म हैै; यह वि�शेेष रूप सेे यहूदि�योंं� कोो आवंं टि�त अवधि� केे अंंति�म साात वर्षष
हैंं। इस समय केे दौौराान, 27 ईस्वीी सन्् सेे लेेकर 34 ईस्वीी सन्् तक, मसीीह नेे, पहलेे व्यक्ति�गत रूप सेे
और बााद मेंं अपनेे शि�ष्योंं� द्वााराा, वि�शेेष रूप सेे यहूदि�योंं� कोो सुुसमााचाार काा नि�मंं त्रण दि�याा। जब प्रेेरि�त
रााज्य केे शुुभ समााचाार केे सााथ आगेे बढ़ेे, तोो उद्धाारकर्ताा� काा नि�र्देेश थाा: “अन्यजााति�योंं� कीी ओर न
जाानाा, और साामरि�योंं� केे कि�सीी नगर मेंं प्रवेेश न करनाा, परन्तुु इस्रााएल केे घराानेे हीी कीी खोोई हुई भेेड़ोंं�
केे पाास जाानाा। « मत्तीी 10:5,6।
«आधेे हीी सप्‍‍तााह केे बीीतनेे पर वह मेेलबलि� और अन्नबलि� कोो बन्द करेेगाा।» 31 ईस्वीी सन्् मेंं,
उसकेे बपति�स्मेे केे सााढ़ेे तीीन सााल बााद, हमाारेे प्रभुु कोो क्रूूस पर चढ़ाायाा गयाा थाा। कलवरीी पर चढ़ााए
गए महाान बलि�दाान केे सााथ, बलि� चढ़ाानेे कीी वह प्रणाालीी समााप्त होो गई जोो चाार हज़ाार वर्षोंं सेे परमेे-
श्वर केे मेेमनेे कीी ओर इशााराा कर रहीी थीी। प्ररूप प्रति�रूप सेे मि�ल गयाा थाा, और आनुुष् ठाानि�क प्रणाालीी
कीी मेेलबलि� और अन्नबलि� कोो बन्द होोनाा थाा।
34 ईस्वीी सन्् मेंं, जैैसाा कि� हमनेे देेखाा, यहूदि�योंं� कोो वि�शेेष रूप सेे आवंं टि�त सत्तर सप्तााह याा
490 वर्षष समााप्त होो गए। उस समय, यहूदीी महाासभाा कीी काार्ररवााई केे मााध्यम सेे, रााष्ट्रर नेे स्ति�फनुुस
कीी शहाादत और मसीीह केे अनुुयाायि�योंं� केे उत्पीीड़न केे द्वााराा सुुसमााचाार कीी अस्वीीकृृ ति� पर मुुहर लगाा
दीी। तब उद्धाार काा संं देेश, जोो अब चुुनेे हुए लोोगोंं� तक सीीमि�त नहींं� थाा, संं साार कोो दि�याा गयाा। उत्पीीड़न
कीी वजह सेे यरूशलेेम सेे भाागनेे केे लि�ए मजबूूर होोकर शि�ष्य «जोो ति�तर–बि�तर हुए थेे, वेे सुुसमााचाार
सुुनाातेे हुए फि�रेे।» «फि�लि�प्पुुस साामरि�याा नगर मेंं जााकर लोोगोंं� मेंं मसीीह काा प्रचाार करनेे लगाा।» पतरस
नेे, ईश्‍‍वरीीय माार्गगदर्शशन मेंं, कैै सरि�याा केे सूूबेदाे ार, परमेेश्वर काा भय माान नेे वाालेे कुु रनेेलि�युसु केे लि�ए
सुुसमााचाार कोो खोोलाा; और मसीीह केे वि�श्वाास केे लि�ए उत्सााहीी पौौलुुस कोो «अन्यजााति�योंं� केे पाास दूू र–
दूू र» सुुसमााचाार लेे जाानेे केे लि�ए नि�युुक्त कि�याा गयाा थाा। प्रेेरि�तोंं� केे कााम 8:4, 5; 22:21।
230 महाान वि�वााद

इस प्रकाार अब तक भवि�ष्यद्वााणि�योंं� केे प्रत्येेक वि�नि�र्देेश आश्चर्ययजनक रूप सेे पूूरेे हुए हैंं, और
सत्तर सप्तााह कीी शुुरुआत नि�श्चि�ित रूप सेे 457 ईसाा पूूर्वव मेंं, और उनकीी समााप्ति� 34 ईस्वीी सन्् मेंं तय
कीी गई हैै। इस आँँकड़ेे सेे 2300 दि�नोंं� कीी समााप्ति� काा पताा लगाानेे मेंं कोोई कठि�नााई नहींं� हैै। सत्तर
सप्तााह - 490 दि�न - 2300 सेे कााट दि�ए जाानेे केे बााद, 1810 दि�न शेेष थेे। 490 दि�न बीीत जाानेे
केे बााद भीी 1810 दि�न पूूरेे होोनेे बााकीी थेे। 34 ईस्वीी सन्् सेे 1810 वर्षष 1844 तक वि�स्ताारि�त होोतेे
हैंं। नतीीजतन, दाानि�य्येेल 8:14 केे 2300 दि�न 1844 मेंं समााप्त होो जाातेे हैंं। इस महाान भवि�ष्यवााणीी
कीी अवधि� कीी समााप्ति� पर, परमेेश्वर केे दूू त कीी गवााहीी पर, «पवि�त्र स्थाान शुुद्ध कि�याा जााएगाा।» इस
प्रकाार पवि�त्र स्थाान शुुद्ध कि�ए जाानेे काा समय-जि�सकाा होोनाा लगभग साार्ववभौौमि�क रूप सेे दूू सरेे आगमन
पर माानाा जााताा थाा - नि�श्चि�ित रूप सेे इंं गि�त कि�याा गयाा थाा।
मि�लर और उसकेे सहयोोगि�योंं� नेे पहलेे माानाा थाा कि� 2300 दि�न 1844 केे वसंं त मेंं समााप्त होो
जााएंं गेे, जबकि� भवि�ष्यद्वााणीी उस वर्षष कीी शरद ऋतुु कीी ओर इशााराा करतीी हैै। (टि�प्पणीी 28 देेखेंं।) इस
मुुद्देे कीी गलतफहमीी उन लोोगोंं� केे लि�ए नि�रााशाा और उलझन लेेकर आई जि�न्होंं�नेे पहलेे कीी ताारीीख कोो
प्रभुु केे आनेे केे समय केे रूप मेंं तय कि�याा थाा। लेेकि�न इसनेे उस तर्कक कीी तााकत कोो बि�ल्कुुल प्रभाावि�त
नहींं� कि�याा जोो यह दर्शाा�ताा हैै कि� 1844 मेंं 2300 दि�न समााप्त होो गए थेे, और यह कि� पवि�त्र स्थाान
शुुद्ध कि�ए जाानेे द्वााराा दर्शाा�ई गई महाान घटनाा तब होोनीी चााहि�ए।
पवि�त्र शाास्त्र काा अध्ययन शूूरू करतेे हुए, जैैसाा कि� उसनेे कि�याा थाा, यह सााबि�त करनेे केे लि�ए कि�
यह ईश्वर कीी ओर सेे एक रहस्योोद्घा् ाटन थाा, शुुरुआत मेंं मि�लर कोो उस नि�ष्कर्षष पर पहुंंचनेे कीी थोोड़ीी
सीी भीी उम्मीीद नहींं� थीी जि�स पर वह अब पहुंंचाा थाा। उसेे खुुद अपनीी जाँँ�च केे परि�णाामोंं� पर वि�श्वाास
नहींं� होो रहाा थाा। लेेकि�न पवि�त्रशाास्त्र काा प्रमााण इतनाा स्पष्ट और प्रबल थाा कि� उसेे नजरअंंदााज नहींं�
कि�याा जाा सकताा थाा।
उसनेे बााइबल केे अध्ययन केे लि�ए दोो सााल समर्पि�त कि�ए थेे, जब 1818 मेंं, वह इस दृढ़ वि�श्वाास
पर पहुँँचाा कि� लगभग पच्चीीस वर्षोंं मेंं मसीीह अपनेे लोोगोंं� केे छुु टकाारेे केे लि�ए प्रकट होोगाा। मि�लर कहताा
हैै, «मुुझेे उस खुुशीी केे बाारेे मेंं जोो आनंं दमय संं भाावनाा केे परि�णाामस्वरूप मेेरेे दि�ल मेंं भर गई, न हीी
छुु ड़ााए गए लोोगोंं� कीी खुुशि�योंं� मेंं भााग लेेनेे केे लि�ए मेेरीी आत्माा कीी उत्कट लाालसाा केे बाारेे मेंं बोोलनेे कीी
आवश्यकताा नहींं� हैै। बााइबल अब मेेरेे लि�ए एक नई कि�तााब थीी। यह वाास्तव मेंं तर्कक काा पर्वव थाा; इसकीी
शि�क्षााओंं मेंं जोो कुु छ भीी मेेरेे लि�ए अंंधकाारमय, रहस्यमय, याा अस्पष्ट थाा, वह मेेरेे दि�मााग सेे उस स्पष्ट
प्रकााश सेे पहलेे गाायब होो गयाा थाा जोो अब इसकेे पवि�त्र पृृष् ठोंं� सेे आयाा थाा; और, ओह, सत्य कि�तनाा
उज्ज्वल और गौौरवशाालीी दि�खााई दि�याा! वेे सभीी वि�रोोधााभाास और असंं गति�याँँ� जोो मैंंनेे पहलेे वचन मेंं
पााई थींं�, चलीी गईं; और हाालाँँ�कि� ऐसेे कई हि�स्सेे थेे जि�नकेे बाारेे मेंं मैंं संं तुुष् ट नहींं� थाा कि� मुुझेे पूूरीी समझ
थीी, फि�र भीी इससेे इतनाा प्रकााश नि�कलाा थाा कि� मेेरीी अन्धेेरीी बुुद्धि� आलोोकि�त होो गई, और मुुझेे पवि�त्र
शाास्त्र काा अध्ययन करनेे मेंं खुुशीी महसूूस हुई जोो मैंंनेे पहलेे नहींं� माानाा थाा कि� इसकीी शि�क्षााओंं सेे प्रााप्त
कीी जाा सकतीी थीी।” —ब्लि�स, पृृष् ठ 76, 77।
«गंं भीीर दृढ़ वि�श्वाास केे सााथ कि� इतनेे कम समय मेंं पूूराा होोनेे केे लि�ए पवि�त्रशाास्त्र मेंं ऐसीी महत्वपूूर्णण
घटनााओंं कीी भवि�ष्यवााणीी कीी गई थीी, दुनि�या ु ा केे लि�ए मेेरेे कर्ततव्य केे बाारेे मेंं शक्‍ति�ि� केे प्रभााव केे सााथ यह
सवााल मेेरेे लि�ए बहुत स्पष्ट होो गयाा, उन सबूूतोंं� कोो ध्याान मेंं रखतेे हुए जि�न्होंं�नेे मेेरेे अपनेे मन कोो प्रभाावि�त
एक अमेरिकी सुधारक 231

कि�याा थाा।” —पूूर्वोोक्त., पृृष् ठ 81। वह यह महसूूस कि�ए बि�नाा नहींं� रह सकताा थाा कि� यह उसकाा कर्ततव्य थाा
कि� वह दूू सरोंं� कोो वह प्रकााश प्रदाान करेे जोो उसनेे प्रााप्त कि�याा थाा। उसेे दुष्ु टोंं� केे वि�रोोध काा साामनाा करनेे कीी
उम्मीीद थीी, लेेकि�न उसेे वि�श्वाास थाा कि� सभीी मसीीहीी उस उद्धाारकर्ताा� सेे मि�लनेे कीी आशाा मेंं आनन्दि�त होंं�गेे,
जि�स सेे वेे प्रेेम रखनेे काा दाावाा करतेे थेे। उसकाा एकमाात्र डर यह थाा कि� इतनीी जल्दीी पूूराा होोनेे वाालेे शाानदाार
छुु टकाारेे कीी संं भाावनाा पर उनकेे महाान आनंं द मेंं, कई लोोग धर्ममशाास्त्र कीी सत्यताा केे प्रदर्शशन कीी पर्यााप्त �
जांं�च कि�ए बि�नाा सि�द्धांं�त कोो ग्रहण कर लेंंगे।े इसलि�ए वह इसेे पेेश करनेे मेंं झि�झक रहाा थाा, कहींं� ऐसाा न
होो कि� वह गलतीी मेंं होो और दूू सरोंं� कोो गुुमरााह करनेे काा सााधन बन जााए। इस प्रकाार वह उन नि�ष्कर्षोंं केे
समर्थथन मेंं सबूूतोंं� कीी समीीक्षाा करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त हुआ, जि�न पर वह पहुंंचाा थाा, और हर उस कठि�नााई पर
ध्याान सेे वि�चाार करनेे केे लि�ए जोो उसकेे दि�मााग मेंं खुुद कोो प्रस्तुुत करतीी थीी। उसनेे पाायाा कि� आपत्ति�याँँ�
परमेेश्वर केे वचन केे प्रकााश केे साामनेे वैैसेे हीी ग़ाायब होो जाातीी हैंं, जैैसेे सूूरज कीी कि�रणोंं� केे साामनेे धुंं�ध।
इस तरह बि�तााए पांं�च सााल नेे उसेे अपनीी स्थि�ति� कीी यथाार्थथताा केे बाारेे मेंं पूूरीी तरह आश्वस्त कर दि�याा।
और अब दूू सरोंं� कोो यह बताानेे काा कर्ततव्य कि� जि�सेे वह पवि�त्र शाास्त्र मेंं इतनाा स्पष्ट रूप सेे सि�खाायाा
गयाा माानताा थाा, वह उसेे नई शक्ति� केे सााथ प्रेेरि�त कर रहाा थाा। «जब मैंं अपनाा कााम कर रहाा थाा,”
उसनेे कहाा, «यह लगााताार मेेरेे काानोंं� मेंं गूंं�ज रहाा थाा, ‹जााओ और दुनि�या ु ा कोो उनकेे खतरेे केे बाारेे मेंं
बतााओ।› यह वचन मेेरेे मन मेंं लगााताार घटि�त होो रहाा थाा: ‹यदि� मैंं दुष्ु ट सेे कहूँँ, ‘हेे दुष्ु ट, तूू नि�श्‍‍चय
मरेेगाा,’ तब यदि� तूू दुष्ु ट कोो उसकेे माार्गग केे वि�षय न चि�तााए, तोो वह दुष्ु ट अपनेे अधर्मम मेंं फँँसाा हुआ
मरेेगाा, परन्तुु उसकेे खूून काा लेेखाा मैंं तुुझीी सेे लूँँ�गाा। परन्तुु यदि� तूू दुष्ु ट कोो उसकेे माार्गग केे वि�षय चि�तााए
कि� वह अपनेे माार्गग सेे फि�रेे और वह अपनेे माार्गग सेे न फि�रेे, तोो वह तोो अपनेे अधर्मम मेंं फँँसाा हुआ मरेेगाा,
परन्तुु तूू अपनाा प्रााण बचाा लेेगाा। « यहेेजकेेल 33:8,9। मैंंनेे महसूूस कि�याा कि� यदि� दुष्ु टोंं� कोो प्रभाावीी
रूप सेे चेेताावनीी दीी जाा सकतीी हैै, तोो उनमेंं सेे बहुत सेे लोोग पश्चाातााप करेंंगेे; और यदि� उन्हेंं सचेेत नहींं�
कि�याा गयाा तोो, उनकेे लहू काा लेेखाा उससेे लि�याा जााएगाा।” -ब्लि�स, पृृष् ठ 92।
प्राार्थथनाा करतेे हुए कि� कुु छ पाादरीी उसकेे वि�चाारोंं� केे बल कोो महसूूस कर खुुद कोो उनकेे प्रचाार केे
लि�ए समर्पि�त कर सकतेे हैंं, उसनेे अपनेे वि�चाारोंं� कोो नि�जीी तौौर पर प्रस्तुुत करनाा शुुरू कर दि�याा। लेेकि�न
वह इस दृढ़ वि�श्वाास कोो दूू र नहींं� कर सकाा कि� चेेताावनीी देेनेे मेंं उसकाा व्यक्ति�गत कर्ततव्य थाा। उसकेे मन
मेंं येे शब्द बाार-बाार आ रहेे थेे: “जाा और दुनि�या ु ा कोो बताा; उनकेे खूून काा लेेखाा मैंं तुझी ु ी सेे लूँँ�गाा। « नौौ
सााल तक उसनेे प्रतीीक्षाा कीी, बोोझ अभीी भीी उसकीी आत्माा पर दबााव डााल रहाा थाा, जब तक कि� 1831
मेंं उसनेे पहलीी बाार साार्ववजनि�क रूप सेे अपनेे वि�श्वाास काा काारण नहींं� बताा दि�याा।
जैैसाा कि� एलीीशाा कोो खेेत मेंं उसकेे बैैलोंं� केे पीीछेे -पीीछेे चलनाा छोोड़कर भवि�ष्यद्वक्ताा केे काार्यय काा
पदभाार ग्रहण करनेे केे लि�ए बुुलाायाा गयाा थाा, उसीी तरह वि�लि�यम मि�लर कोो अपनाा हल छोोड़कर लोोगोंं�
केे लि�ए परमेेश्वर केे रााज्य केे रहस्योंं� कोो खोोलनेे केे लि�ए बुुलाायाा गयाा थाा। काँँ�पतेे हुए उसनेे अपनाा कााम
शुुरू कि�याा, और अपनेे श्रोोतााओंं कोो कदम-दर-कदम भवि�ष्यसूूचक अवधि�योंं� सेे होोकर मसीीह केे दूू सरेे
आगमन तक लेे गयाा। हर प्रयाास केे सााथ उसनेे शक्ति� और सााहस प्रााप्त कि�याा क्योंं�कि� उसनेे देेखाा कि�
उसकेे शब्दोंं� सेे व्याापक रुचि� जाागृृत होोतीी थीी।
यह केे वल उसकेे भााइयोंं� कीी यााचनाा पर थाा, जि�नकेे शब्दोंं� मेंं उसनेे ईश्वर कीी पुुकाार सुुनीी, कि� मि�लर
नेे साार्ववजनि�क रूप सेे अपनेे वि�चाार प्रस्तुुत करनेे कीी सहमति� दीी। वह अब पचाास वर्षष काा थाा, साार्ववजनि�क
232 महाान वि�वााद

रूप सेे बोोलनेे केे लि�ए अनभ्यस्त, और वह उस कााम केे लि�ए अनुुपयुुक्तताा कीी भाावनाा सेे बोोझि�ल थाा जोो
उसकेे साामनेे थाा। लेेकि�न शुुरू सेे हीी उसकाा श्रम आत्मााओंं केे उद्धाार केे लि�ए एक उल्लेेखनीीय तरीीकेे सेे
आशीीषि�त हुआ थाा। उसकेे पहलेे व्यााख्याान केे बााद एक धाार्मि�क जाागृृति� हुई जि�समेंं दोो व्यक्ति�योंं� कोो
छोोड़कर पूूरेे तेेरह परि�वाार परि�वर्ति�त हुए। उसेे तुुरंंत अन्य स्थाानोंं� पर बोोलनेे काा आग्रह कि�याा गयाा, और
लगभग हर जगह उसकेे श्रम केे परि�णाामस्वरूप परमेेश्वर काा काार्यय फि�र सेे चाालूू हुआ। पाापि�योंं� काा
हृदय परि�वर्ततन हुआ, मसीीहीी अधि�क समर्पपण केे लि�ए जााग्रत हुए, और देेवताावाादि�योंं� और कााफि�रोंं� कोो
बााइबि�ल और मसीीहीी धर्मम कीी सच्चााई कोो स्वीीकाार करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त हुए। जि�न लोोगोंं� केे बीीच उसनेे
कााम कि�याा, उनकीी गवााहीी थीी: «वह उन बुुद्धि�जीीवि�योंं� केे वर्गग तक पहुँँचताा हैै जोो अन्य पुुरुषोंं� केे प्रभााव
सेे परेे हैंं।» —पूूर्वोोक्त., पृृष् ठ 138। उसकेे उपदेेश, धर्मम कीी महाान बाातोंं� केे प्रति� जनताा कीी सोोच प्रक्रि�याा
कोो जगाानेे और युुग कीी बढ़तीी दुनि�या ु ादाारीी और वि�षयाासक्ति� पर रोोक लगाानेे केे लि�ए नि�यत कि�ए गए थेे।
लगभग हर शहर मेंं उसकेे उपदेेश केे परि�णाामस्वरूप कई, कुु छ मेंं, सैैकड़ोंं� लोोग परि�वर्ति�त हुए।
कई स्थाानोंं� पर लगभग सभीी संं प्रदाायोंं� केे प्रोोटेेस्टेंंट गि�रजााघरोंं� कोो उसकेे लि�ए खोोल दि�याा गयाा थाा, और
श्रम केे नि�मंं त्रण आमतौौर पर कई कलीीसि�यााओंं केे पाादरि�योंं� सेे आतेे थेे। कि�सीी भीी ऐसेे स्थाान पर कााम
नहींं� करनाा जहाँँ� उसेे आमंं त्रि�त नहींं� कि�याा गयाा होो, उसकाा अटल नि�यम थाा, फि�र भीी उसनेे जल्द हीी
अपनेे आप कोो आधेे अनुुरोोधोंं� कोो स्वीीकाार करनेे मेंं असमर्थथ पाायाा। कई लोोग जि�न्होंं�नेे दूू सरेे आगमन
केे सहीी समय केे बाारेे मेंं उसकेे वि�चाारोंं� कोो स्वीीकाार नहींं� कि�याा, मसीीह केे आनेे कीी नि�श्चि�ितताा और
नि�कटताा और उनकीी तैैयाारीी कीी आवश्यकताा केे प्रति� आश्वस्त होो गए। कुु छ बड़ेे शहरोंं� मेंं उनकेे कााम
नेे एक उल्लेेखनीीय प्रभााव उत्पन्न कि�याा। शरााब केे व्याापाारि�योंं� नेे व्याापाार करनाा छोोड़ दि�याा और अपनीी
ु ानोंं� कोो सभाा-घरोंं� मेंं बदल दि�याा; जुुए केे अड्डोंं� कोो तोोड़ दि�याा गयाा; कााफि�रोंं�, देेवताावाादि�योंं�, सर्वव-
दुका
हि�तवाादि�योंं�, और यहांं� तक कि� सबसेे परि�त्यक्त वि�धर्मि�योंं� मेंं भीी सुुधाार आयाा, जि�नमेंं सेे कुु छ नेे वर्षोंं
सेे अरााधनाा केे घर मेंं प्रवेेश नहींं� कि�याा थाा। वि�भि�न्न संं प्रदाायोंं� द्वााराा, अलग-अलग स्थाानोंं� पर, लगभग
हर घंं टेे, प्राार्थथनाा और स्तुुति� केे लि�ए व्याापाारि�योंं� कोो दोोपहर मेंं इकट्ठाा होोनेे केे लि�ए प्राार्थथनाा सभााओंं कीी
स्थाापनाा कीी गई थीी। कोोई असााधाारण उत्सााह नहींं� थाा, बल्कि� लोोगोंं� केे मन मेंं एक लगभग साार्ववभौौमि�क
गम्भीीरताा थीी। उसकाा कााम, शुुरुआतीी धर्मम सुुधाारकोंं� कीी तरह, केे वल भाावनााओंं कोो उत्तेेजि�त करनेे केे
बजााय समझ कोो काायल करनेे और अंंतराात्माा कोो जगाानेे केे लि�ए थाा।
1833 मेंं मि�लर कोो बैैपटि�स्ट कलीीसि�याा सेे प्रचाार करनेे काा लााइसेंंस मि�लाा, जि�सकाा वह सदस्य
थाा। बड़ीी संं ख्याा मेंं उसकेे संं प्रदााय केे पाादरि�योंं� नेे भीी उसकेे कााम कोो मंं ज़ूूरीी दीी, और यह उनकीी
औपचाारि�क मंं जूूरीी केे सााथ थाा कि� उसनेे अपनाा कााम जाारीी रखाा। उसनेे लगााताार याात्राा कीी और प्रचाार
कि�याा, हाालांं�कि� उसकीी नि�जीी सेेवकााई मुुख्य रूप सेे न्यूू इंं ग्लैंडं और मध्य रााज्योंं� तक हीी सीीमि�त थीी। कई
वर्षोंं तक उसकाा खर्चच पूूरीी तरह सेे उसकेे अपनेे नि�जीी धन सेे पूूराा हुआ, और बााद मेंं उसेे कभीी भीी इतनाा
नहींं� मि�लाा कि� वह उन स्थाानोंं� कीी याात्राा केे खर्चच कोो पूूराा कर सकेे जहाँँ� उसेे आमंं त्रि�त कि�याा गयाा थाा।
इस प्रकाार उसकाा साार्ववजनि�क काार्यय, एक आर्थि�क लााभ होोनेे केे बजााय, उसकीी संं पत्ति� पर भाारीी कर केे
समाान थाा, जोो उसकेे जीीवन कीी इस अवधि� केे दौौराान धीीरेे-धीीरेे कम होो गई। वह एक बड़ेे परि�वाार काा
पि�ताा थाा, लेेकि�न जैैसाा कि� वेे सभीी मि�तव्ययीी और मेेहनतीी थेे, उसकाा खेेत उनकेे रखरखााव केे सााथ-
सााथ उसकेे खुुद केे रखरखााव केे लि�ए भीी पर्याा�प्त थाा।
एक अमेरिकी सुधारक 233

1833 मेंं, मि�लर केे साार्ववजनि�क रूप सेे मसीीह केे जल्द आनेे केे प्रमााणोंं� कोो प्रस्तुुत करनेे केे दोो
सााल बााद, अंंति�म संं केे त प्रकट हुए जि�नकाा वाादाा उद्धाारकर्ताा� नेे उसकेे दूू सरेे आगमन केे प्रतीीक केे
रूप मेंं कि�याा थाा। यीीशुु नेे कहाा: «ताारेे आकााश सेे गि�र पड़ेंंगेे।» मत्तीी 24:29। और यूूहन्नाा नेे प्रकाा-
शि�तवााक्य मेंं घोोषि�त कि�याा, जैैसाा कि� उसनेे दर्शशन मेंं उन दृश्योंं� कोो देे खाा जोो परमेेश्वर केे दि�न कीी
घोोषणाा करेंं गेे: «आकााश केे ताारेे पृृथ्वीी पर ऐसेे गि�र पड़ेे जैैसेे बड़ीी आँँधीी सेे हि�लकर अंंजीीर केे पेेड़
मेंं सेे कच्चेे फल झड़तेे हैंं।» प्रकााशि�तवााक्य 6:13। इस भवि�ष्यद्वााणीी कोो 13 नवंं बर, 1833 कीी
महाान उल्काा बौौछाार मेंं एक आश्चर्ययजनक और प्रभाावशाालीी पूूर्ति� प्रााप्त हुई। अब तक दर्जज कि�ए
गए प्रदर्शशनोंं� मेंं गि�रतेे हुए ताारोंं� काा यह प्रदर्शशन सबसेे व्याापक और अद््भुुत थाा; «पूूराा आकााश, पूूरेे
संं युुक्त रााज्य मेंं, तब, घंं टोंं� तक, प्रज्वलि�त तहलकेे मेंं! उसकेे पहलेे उपनि�वेेशन केे समय सेे.ऐसीी
कोोई खगोोलीीय घटनाा कभीी नहींं� घटीी हैै, जि�सेे समुुदााय मेंं एक वर्गग द्वााराा इतनीी अधि�क प्रशंं साा केे
सााथ याा दूू सरेे द्वााराा इतनेे आतंं क और आकस्मि�क भय केे सााथ देे खाा गयाा। «इसकीी उदाात्तताा और
वि�स्मयकाारीी सुंं� दरताा अभीी भीी कई दि�माागोंं� मेंं हैै। उल्काापिं�ंडोंं� केे पृृथ्वीी कीी ओर गि�रनेे सेे अधि�क
घनीी बाारि�श कभीी नहींं� हुई; पूूर्वव, पश्चि�िम, उत्तर और दक्षि�ण, यह एक समाान थाा। एक शब्द मेंं,
सम्पूूर्णण आकााश गति�माान लग रहाा थाा। प्रदर्शशन, जैैसाा कि� प्रोोफेे सर सि�लि�मन्स जर्ननल मेंं वर्णि�त हैै,
पूूरेे उत्तरीी अमेेरि�काा मेंं देे खाा गयाा थाा। दोो बजेे सेे लेेकर दि�न नि�कल आनेे तक, आकााश केे पूूरीी तरह
सेे शांं�त और बाादल रहि�त होोनेे केे काारण, पूूरेे आकााश मेंं चकााचौंं�ध करनेे वाालीी तेेज रोोशनीी काा
एक नि�रंं तर प्रदर्शशन बनाा रहाा।” - आर. एम. डेेवेेन्स, अमेेरि�कन प्रोोग्रेेस; याा, द ग्रेेट इवेंंट््स ऑफ द
ग्रेेटेेस्ट सेंंचुुरीी, अध्यााय 28, पैैरााग्रााफ 1-5।
“कोोई भीी भााषाा, वाास्तव मेंं, उस शाानदाार प्रदर्शशन केे वैैभव कीी बरााबरीी नहींं� कर सकतीी; कोोई भीी
व्यक्ति� जि�सनेे इसेे नहींं� देेखाा हैै, इसकीी महि�माा कीी पर्याा�प्त अवधाारणाा नहींं� बनाा सकताा हैै। ऐसाा लग
रहाा थाा जैैसेे पूूरेे ताारोंं� वाालाा आकााश शि�रोोबि�न्दुु केे पाास एक बिं�दुं ु पर एकत्र होो गयाा थाा, और एक सााथ
क्षि�ति�ज केे हर हि�स्सेे मेंं बि�जलीी कीी गति� केे सााथ उत्सर्जजन कर रहाा थाा; और अभीी तक यह समााप्त नहींं�
हुआ थाा - हज़ाारोंं� तेेज़ीी सेे हज़ाारोंं� कीी कताारोंं� मेंं आए, जैैसेे कि� इस अवसर केे लि�ए बनाायाा गयाा होो।”
-एफ रीीड, क्रि�श्चि�ियन एडवोोकेे ट एंं ड जर्ननल मेंं, 13 दि�संं बर, 1833। «एक तेेज़ हवाा द्वााराा हि�लााए जाानेे
पर अंंजीीर गि�राातेे पेेड़ कीी एक इससेे अधि�क सहीी तस्वीीर, यह देेखनाा संं भव नहींं� थाा।» - «द ओल्ड
कंं ट्रीी�मैैन,» पोोर्टटलैंंड इवनिं�गं एडवर्टाा�इज़र मेंं, नवंं बर 26, 1833।
14 नवंं बर, 1833 केे न्यूूयॉॉर्कक जर्ननल ऑफ कॉॉमर्सस मेंं इस अद्भु ् ुत घटनाा केे बाारेे मेंं एक लंं बाा
लेेख छपाा, जि�समेंं यह कथन थाा: «कल सुुबह कीी घटनाा केे समाान घटनाा काा कि�सीी भीी दाार्शशनि�क याा
वि�द्वाान नेे न तोो उल्लेेख कि�याा और न हीी इसेे लि�पि�बद्ध कि�याा। अठाारह सौौ सााल पहलेे एक भवि�ष्यद्वक्ताा
नेे सटीीक रूप सेे भवि�ष्यद्वााणीी कीी थीी, कि� हम ताारोंं� केे गि�रनेे कोो उल्काा समझनेे कीी परेेशाानीी काा साामनाा
करेंंगेे, ... एकमाात्र अर्थथ मेंं जि�समेंं यह अक्षरशःः सत्य होोनाा संं भव हैै। «
उसकेे आनेे केे उन चि�न्होंं� मेंं सेे अन्ति�म चि�न्ह इस प्रकाार प्रगट हुआ, जि�सकेे वि�षय मेंं यीीशुु नेे अपनेे
चेेलोंं� कोो आज्ञाा दीी: मत्तीी 24:33। आकााश ऐसाा सरक गयाा जैैसाा पत्र लपेेटनेे सेे सरक जााताा हैै; पृृथ्वीी काँँ�प
उठीी और हर एक पहााड़, और टाापूू , अपनेे-अपनेे स्थाान सेे टल गयाा, और दुष्ु ट मनुुष्य केे पुुत्र केे सााम्हनेे सेे
आतंं क केे माारेे भाागनाा चााहतेे थेे। प्रकााशि�तवााक्य 6: 12-17।
234 महाान वि�वााद

कई लोोग जि�न्होंं�नेे ताारोंं� काा गि�रनाा देेखाा, उन्होंं�नेे इसेे आनेे वाालेे न्यााय केे अग्रदूू त केे रूप मेंं
देेखाा, «उस महाान और भयाानक दि�न काा एक वि�स्मयकाारीी प्रकाार, एक नि�श्चि�ित अग्रदूू त, एक दयाालुु
संं केे त।» - «द ओल्ड कंं ट्रीी�मैैन,» पोोर्टटलैंंड इवनिं�गं एडवरटााइज़र मेंं, 26 नवंं बर, 1833। इस प्रकाार
लोोगोंं� काा ध्याान भवि�ष्यद्वााणीी कीी पूूर्ति� कीी ओर नि�र्देेशि�त कि�याा गयाा, और कई लोोग दूू सरेे आगमन कीी
चेेताावनीी पर ध्याान देेनेे केे लि�ए प्रेेरि�त हुए।
वर्षष 1840 मेंं भवि�ष्यद्वााणीी कीी एक और उल्लेेखनीीय पूूर्ति� नेे व्याापक रुचि� कोो जगाायाा। दोो सााल
पहलेे, दूू सरेे आगमन काा प्रचाार करनेे वाालेे प्रमुुख पाादरि�योंं� मेंं सेे एक नेे दूू सरेे आगमन काा प्रचाार करतेे
हुए प्रकााशि�तवााक्य 9 कीी एक व्यााख्याा प्रकााशि�त कीी, जि�समेंं ऑटोोमन सााम्रााज्य केे पतन कीी भवि�-
ष्यद्वााणीी कीी गई थीी। उसकेे आकलन केे अनुुसाार, इस शक्ति� कोो «1840 ई. मेंं, अगस्त केे महीीनेे मेंं
कि�सीी समय» उखााड़ फेंंकाा जाानाा थाा; और इसकीी परि�पूूर्णणताा सेे कुु छ हीी दि�न पहलेे उसनेे लि�खाा: «यह
माानतेे हुए कि� 150 सााल कीी पहलीी अवधि� तुुर्कोंं कीी अनुुमति� सेे डेेकोोज़ केे सिं�हां ासन पर चढ़नेे सेे ठीीक
पहलेे पूूरीी हुई, और यह कि� 391 सााल, पंं द्रह दि�न, पहलीी अवधि� केे अंंत मेंं शुुरू हुए, यह 11 अगस्त,
1840 कोो समााप्त होोगाा, जब कांं�स्टेंंटि�नोोपल मेंं तुुर्कक सत्ताा केे भंं ग होोनेे कीी उम्मीीद कीी जाा सकतीी हैै।
और मुुझेे वि�श्वाास हैै कि� ऐसाा हीी होोगाा।” -योोशि�य्यााह लीीच, सााइन्स ऑफ द टााइम्स, एंं ड एक्सपोोसि�टर
ऑफ प्रॉॉफेे सीी, अगस्त 1, 1840।
नि�र्दि�ष्ट समय पर, तुुर्कीी नेे अपनेे रााजदूू तोंं� केे मााध्यम सेे, यूूरोोप कीी संं बद्ध शक्ति�योंं� केे संं रक्षण कोो
स्वीीकाार कर लि�याा, और इस प्रकाार खुुद कोो मसीीहीी रााष्ट्रों��ं केे नि�यंं त्रण मेंं देे दि�याा। घटनाा नेे भवि�ष्य-
द्वााणीी कोो सटीीक रूप सेे पूूराा कि�याा। (टि�प्पणीी 29 देेखेंं।) जब यह ज्ञाात होो गयाा, तोो मि�लर और उनकेे
सहयोोगि�योंं� द्वााराा अपनााए गए भवि�ष्यसूूचक व्यााख्याा केे सि�द्धांं�तोंं� कीी यथाार्थथताा केे बाारेे मेंं बहुत सेे लोोग
आश्वस्त होो गए और आगमन गति�वि�धि� कोो एक अद्भु ् ुत प्रेेरणाा दीी गई थीी। बुुद्धि�जीीवीी और उच्च पद
पर आसीीन लोोग उपदेेश देेनेे और मि�लर केे वि�चाारोंं� कोो प्रकााशि�त करनेे मेंं उसकेे सााथ एकजुुट होो गए,
और 1840 सेे 1844 तक कााम तेेजीी सेे बढ़ाा।
वि�लि�यम मि�लर केे पाास प्रभाावशाालीी माानसि�क क्षमतााएंं थींं�, जोो वि�चाार और अध्ययन सेे अनुुशाासि�त
थींं�; और उसनेे स्वयंं कोो ज्ञाान केे स्रोोत सेे जोोड़कर इनमेंं स्वर्गग काा ज्ञाान जोोड़ाा। वह एक उत्कृृष्ट व्यक्ति� थाा,
जि�सकाा, जहांं� भीी चरि�त्र कीी सत्यनि�ष्ठाा और नैैति�क उत्कृृष्टताा कोो महत्व दि�याा जााताा थाा, आदर और
सम्माान होोताा थाा। हृदय कीी सच्चीी दयाा कोो मसीीहीी वि�नम्रताा और आत्म-संं यम कीी शक्ति� केे सााथ
जोोड़कर, वह सभीी केे प्रति� चौौकस और मि�लनसाार थाा, और दूू सरोंं� कीी रााय सुुननेे और उनकेे तर्कोंं पर
वि�चाार करनेे केे लि�ए तैैयाार रहताा थाा। जोोश याा उत्सााह केे बि�नाा उसनेे परमेेश्वर केे वचन केे आधाार पर
सभीी सि�द्धांं�तोंं� और वि�चाारधाारााओंं कोो परखाा और उसकीी ठोोस तर्कक शक्ति� और पवि�त्र शाास्त्र केे गहन
ज्ञाान नेे उसेे भ्रम काा खंं डन करनेे और झूठू काा पर्दाा�फााश करनेे मेंं सक्षम बनाायाा।
फि�र भीी उसनेे बि�नाा कड़ेे वि�रोोध केे अपनाा कााम नहींं� कि�याा। जैैसाा कि� पहलेे केे सुुधाारकोंं� केे
सााथ हुआ, उसनेे जोो सत्य प्रस्तुुत कि�ए, उन्हेंं लोोकप्रि�य धाार्मि�क शि�क्षकोंं� काा समर्थथन नहींं� मि�लाा।
चूंं�कि� येे पवि�त्र शाास्त्र द्वााराा अपनीी स्थि�ति� कोो काायम नहींं� रख सकेे , वेे मनुुष्य केे कथनोंं� और सि�द्धांं�तोंं�,
पाादरि�योंं� कीी परंंपरााओंं काा सहााराा लेेनेे केे लि�ए वि�वश होो गए। लेेकि�न परमेेश्वर काा वचन आगमन
सत्य केे प्रचाारकोंं� द्वााराा स्वीीकाार कीी गई एकमाात्र गवााहीी थीी। “बााइबल, और केे वल बााइबल,” उनकाा
एक अमेरिकी सुधारक 235

प्रत्ययवााच थाा। उनकेे वि�रोोधि�योंं� कीी ओर सेे पवि�त्र शाास्त्र केे तर्कक कीी कमीी उपहाास और हाास्याास्पद
टि�प्पणि�योंं� द्वााराा आपूूर्ति� कीी गई थीी। समय, सााधन और प्रति�भाा काा उपयोोग उन लोोगोंं� कोो बदनााम
करनेे मेंं कि�याा गयाा जि�नकाा एकमाात्र अपरााध यह थाा कि� वेे अपनेे प्रभुु कीी वाापसीी कीी खुुशीी सेे बााट जोो
रहेे थेे और पवि�त्र जीीवन जीीनेे काा प्रयाास कर रहेे थेे और दूू सरोंं� कोो उसकेे प्रकट होोनेे कीी तैैयाारीी करनेे
केे लि�ए प्रेेरि�त कर रहेे थेे।
दूू सरेे आगमन केे वि�षय सेे लोोगोंं� केे मन कोो हटाानेे केे लि�ए गंं भीीर प्रयाास कि�ए गए। मसीीह केे
आगमन और दुनि�या ु ा केे अंंत सेे संं बंं धि�त भवि�ष्यद्वााणि�योंं� काा अध्ययन करनाा एक पााप केे रूप मेंं प्रकट
कि�याा गयाा, जि�सकेे बाारेे मेंं लोोगोंं� कोो शर्मम आनीी चााहि�ए थीी। इस प्रकाार लोोकप्रि�य सेेवकााई नेे परमेेश्वर
केे वचन मेंं वि�श्वाास कोो कम कर दि�याा। उनकीी शि�क्षाा नेे मनुुष्योंं� कोो कााफि�र बनाा दि�याा, और बहुत सेे
लोोग अपनीी अधर्मीी अभि�लााषााओंं केे अनुुसाार स्वतंं त्र रूप सेे चलनेे लगेे। फि�र अधर्मम केे रचनााकाारोंं� नेे
इस सब काा आरोोप एडवेंंटि�स्टोंं� पर लगाायाा।
बुुद्धि�माान और चौौकस श्रोोतााओंं केे भीीड़ भरेे घरोंं� कोो चि�त्रि�त करतेे समय, मि�लर काा नााम उपहाास याा
निं�दां ा केे अलाावाा धाार्मि�क प्रेेस द्वााराा शाायद हीी कभीी उल्लेेख कि�याा गयाा थाा। धाार्मि�क शि�क्षकोंं� कीी स्थि�ति�
सेे प्रोोत्सााहि�त लाापरवााह और अधर्मीी लोोगोंं� उस पर और उसकेे कााम काा अधि�क सेे अधि�क ति�रस्काार
करनेे केे प्रयाासोंं� मेंं, अपमाानजनक वि�शेेषणोंं� सेे लेेकर घटि�याा और ईशनिं�दां ापूूर्णण आलोोचनााओंं पर
उतर आए। जि�स वृृद्ध व्यक्ति� नेे अपनेे खर्चेे पर एक शहर सेे दूू सरेे शहर, एक शहर सेे दूू सरेे शहर कीी
याात्राा करनेे केे लि�ए एक आराामदाायक घर छोोड़ दि�याा थाा, दुनि�या ु ा केे साामनेे आनेे वाालेे न्यााय कीी गंं भीीर
चेेताावनीी देेनेे केे लि�ए लगााताार मेेहनत कर रहाा थाा, उसेे कट्टर, झूठाू ा कहकर उसकीी निं�दां ा कीी गई थीी।
उसपर उपहाास, झूठू , और अपशब्दोंं� कीी भरमाार नेे धर्ममनि�रपेेक्ष प्रेेस कीी ओर सेे भीी, क्रोोधपूू-
र्णण प्रति�वााद काा काारण बनीी। «इस तरह केे भाारीी ऐश्वर्यय और भयाानक परि�णाामोंं� केे वि�षय केे प्रति�,»
हल्केेपन और अशि�ष्टताा सेे पेेश आनाा, सांं�साारि�क लोोगोंं� द्वााराा «न केे वल इसकेे प्रचाारकोंं� और अधि�व-
क्तााओंं कीी भाावनााओंं केे सााथ खि�लवााड़ करनाा” बल्कि� “न्यााय केे दि�न काा मज़ााक बनाानाा, स्वयंं ईश्वर
काा उपहाास करनाा, और उसकेे न्यााय दंंड कीी भयाावहताा काा ति�रस्काार करनाा घोोषि�त कि�याा गयाा।”
-ब्लि�स, पृृष्ठ 183।
सभीी अधर्मम केे भड़काानेे वाालेे नेे न केे वल आगमन संं देेश केे प्रभााव काा प्रति�काार करनेे कीी कोोशि�श
कीी, बल्कि� स्वयंं संं देेशवााहक कोो नष्ट करनेे कीी भीी कोोशि�श कीी। मि�लर नेे अपनेे श्रोोतााओंं केे दि�लोंं� मेंं
पवि�त्रशाास्त्र कीी सच्चााई काा एक व्याावहाारि�क अनुुप्रयोोग कि�याा, और उसनेे उनकेे पाापोंं� काा खंं डन कि�याा
और उनकीी आत्म-संं तुुष्टि�ि कोो भंं ग कर दि�याा, और उसकेे स्पष्ट और कटुु शब्दोंं� नेे उनकीी शत्रुुताा कोो
जगाा दि�याा। उसकेे संं देेश केे प्रति� कलीीसि�याा केे सदस्योंं� द्वााराा प्रकट कि�ए गए वि�रोोध नेे अधर्मि�योंं� कोो
बढ़ाावाा दि�याा, और शत्रुुओं ं नेे उसकेे सभाा काा स्थाान छोोड़नेे केे समय उसकेे प्रााण लेेनेे काा षड्यन्त्र रचाा।
परन्तुु पवि�त्र दूू त उस भीीड़ मेंं थेे, और उन मेंं सेे एक नेे मनुुष्य केे रूप मेंं यहोोवाा केे इस दाास काा हााथ
पकड़ाा, और उसेे क्रोोधि�त भीीड़ सेे बचाानेे केे लि�ए सुुरक्षाा मेंं लेे गयाा। उसकाा कााम अभीी पूूराा नहींं� हुआ
थाा, और शैैताान और उसकेे दूू त अपनेे उद्देेश्य मेंं नि�रााश हुए।
तमााम वि�रोोधोंं� केे बाावजूूद , आगमन आंंदोोलन मेंं दि�लचस्पीी लगााताार बढ़तीी जाा रहीी थीी। सैैकड़ोंं�
सेे, मण्डलीी कई हज़ाारोंं� तक बढ़ गई थीी। वि�भि�न्न कलीीसि�यााओंं मेंं बड़ीी संं ख्याा मेंं लोोग जुुड़ेे थेे, लेेकि�न
236 महाान वि�वााद

एक समय केे बााद इन धर्माा�न्तरि�तोंं� केे खि�लााफ भीी वि�रोोध कीी भाावनाा प्रकट हुई, और कलीीसि�यााओंं नेे
मि�लर केे वि�चाारोंं� कोो अपनाानेे वाालोंं� केे सााथ अनुुशाासनाात्मक कदम उठाानेे शुुरू कर दि�ए। इस काार्ररवााई
नेे सभीी संं प्रदाायोंं� केे मसीीहि�योंं� कोो संं बोोधि�त करतेे हुए उसकीी कलम सेे एक प्रति�क्रि�याा काा आह्वाान
कि�याा, जि�समेंं आग्रह कि�याा गयाा कि� यदि� उसकेे सि�द्धांं�त झूठेू े थेे, तोो उसेे पवि�त्र शाास्त्र सेे उसकाा भ्रम
दि�खाायाा जाानाा चााहि�ए।
«हमनेे क्याा वि�श्वाास कि�याा हैै,” उसनेे कहाा, «जि�सकीी आज्ञाा हमेंं परमेेश्वर केे वचन द्वााराा नहींं� दीी
गई हैै, जि�सेे आप स्वयंं माानतेे हैंं कि� यह हमाारेे वि�श्वाास और अभ्याास काा नि�यम और एकमाात्र नि�यम
हैै? हमनेे क्याा कि�याा हैै जोो उपदेेश मंं च और प्रेेस सेे हमाारेे खि�लााफ इस तरह कीी द्वेेषपूूर्णण निं�दां ा कीी जााए,
और तुुम्हेंं हम एडवेंंटि�स्टोंं� कोो अपनीी कलीीसि�यााओंं और संं गति� सेे बााहर करनेे काा उचि�त काारण देेताा
हैै?” «अगर हम गलत हैंं, तोो कृृ पयाा हमेंं बतााएंं कि� हमाारीी गलतीी कहांं� हैै। हमेंं परमेेश्वर केे वचन सेे
दि�खााएंं कि� हम भ्रम मेंं हैंं; हमनेे कााफीी उपहाास सहन कि�याा हैै; जोो हमेंं कभीी वि�श्वाास नहींं� दि�लाा सकताा
कि� हम गलत हैंं; केे वल परमेेश्वर काा वचन हीी हमाारेे वि�चाारोंं� कोो बदल सकताा हैै। हमाारेे नि�ष्कर्षष सोोच-
समझकर और प्राार्थथनाापूूर्ववक तैैयाार कि�ए गए हैंं, जैैसाा कि� हमनेे पवि�त्र शाास्त्र मेंं प्रमााण देेखाा हैै।” —
पूूरवोोक्त, पृृष् ठ 250, 252।
युुग-युुग सेे परमेेश्वर नेे अपनेे सेेवकोंं� द्वााराा संं साार मेंं जोो चेेताावनि�याँँ� भेेजीी हैंं, उन्हेंं उसीी प्रकाार काा
अवि�श्वाास और असंं गतताा केे सााथ ग्रहण कि�याा गयाा हैै। जब प्रलयपूूर्वव वाासि�योंं� केे अधर्मम नेे उसेे पृृथ्वीी
पर जल कीी बााढ़ लाानेे केे लि�ए उकसाायाा, तोो उसनेे सबसेे पहलेे उन्हेंं अपनाा उद्देेश्य बताायाा, तााकि� उन्हेंं
अपनेे बुुरेे माार्गोंं सेे फि�रनेे काा अवसर मि�ल सकेे । एक सौौ बीीस वर्षष तक उनकेे काानोंं� मेंं मन फि�राानेे कीी
चेेताावनीी दीी जाातीी रहीी, ऐसाा न होो कि� उनकेे वि�नााश मेंं परमेेश्वर काा प्रकोोप प्रगट होो। लेेकि�न संं देेश
उन्हेंं एक बेेकाार कीी कहाानीी लग रहाा थाा, और उन्होंं�नेे इस पर वि�श्वाास नहींं� कि�याा। अपनीी दुष्ु टताा सेे
उत्सााहि�त होोकर उन्होंं�नेे परमेेश्वर केे दूू त काा मज़ााक उड़ाायाा, उसकीी प्राार्थथनााओंं कोो हल्केे मेंं लि�याा, और
यहाँँ� तक कि� उस पर दंंभ काा आरोोप लगाायाा। पृृथ्वीी केे सभीी महाापुुरुषोंं� केे खि�लााफ एक आदमीी खड़ेे
होोनेे कीी हि�म्मत कैै सेे करेे? यदि� नूूह काा सन्देेश सत्य थाा, तोो समस्त संं साार नेे इसेे क्योंं� नहींं� देेखाा और
इस पर वि�श्वाास क्योंं� नहींं� कि�याा? हजाारोंं� कीी बुुद्धि� केे खि�लााफ एक आदमीी काा दाावाा! वेे चेेताावनीी कोो
श्रेेय नहींं� देंंगेे, न हीी वेे जहााज़ मेंं शरण लेंंगेे।
उपहाास करनेे वाालोंं� नेे प्रकृृ ति� कीी वस्तुुओं ं कीी ओर संं केे त कि�याा, —ऋतुुओं ं केे नि�रंंतर क्रम कीी
ओर, नीीलेे आकााश कीी ओर जि�सनेे कभीी वर्षाा� नहींं� कीी, राात कीी कोोमल ओस सेे तााज़ाा हुए हरेे-भरेे
खेेतोंं� कीी ओर—और वेे चि�ल्लाा उठेे : “क्याा वह दृष्टांं�त हीी काा कहनेे वाालाा नहींं� हैै?” अवमााननाा मेंं
उन्होंं�नेे धाार्मि�कताा केे उपदेेशक कोो एक असभ्य उत्सााहीी घोोषि�त कि�याा; और वेे सुुख-वि�लाास कीी खोोज
मेंं अधि�क उत्सुुक, अपनेे बुुरेे माार्गोंं पर पहलेे सेे अधि�क दृढ़ होोकर आगेे बढ़तेे गए। लेेकि�न उनकेे
अवि�श्वाास नेे भवि�ष्यवााणीी कीी घटनाा मेंं बााधाा नहींं� डाालीी। परमेेश्वर नेे उनकीी दुष्ु टताा कोो सहाा, उन्हेंं
पश्चाातााप काा पर्याा�प्त अवसर दि�याा; लेेकि�न नि�यत समय पर उसकीी दयाा केे इनकाार करनेे वाालोंं� पर
उसकेे नि�र्णणय भेेजेे गए।
मसीीह नेे घोोषणाा कीी कि� उसकेे दूू सरेे आगमन केे संं बंं ध मेंं इसीी तरह काा अवि�श्वाास मौौजूूद होोगाा।
जैैसाा कि� नूूह केे दि�नोंं� केे लोोग “जब तक जल-प्रलय आकर उन सब कोो बहाा न लेे गयाा, तब तक उन
एक अमेरिकी सुधारक 237

कोो कुु छ माालूूम न पड़ाा; इसलि�ए, हमाारेे उद्धाारकर्ताा� केे शब्दोंं� मेंं, «मनुुष्य केे पुुत्र काा आनाा भीी होोगाा।»
मत्तीी 24:39। जब परमेेश्वर केे तथााकथि�त लोोग दुनि�या ु ा केे सााथ जुुड़ रहेे हैंं, जैैसेे दुनि�या ु ा जीीतीी हैै,
वैैसेे हीी जीी रहेे हैंं, और उनकेे सााथ वर्जि�त सुुखोंं� मेंं शाामि�ल होो रहेे हैंं; जब संं साार काा वि�लाास कलीीसि�याा
काा वि�लाास बन जााताा हैै; जब शाादीी कीी घंं टि�याँँ� बज रहीी होंं�, और सभीी कई वर्षोंं कीी सांं�साारि�क समृृद्धि�
कीी प्रतीीक्षाा कर रहेे होंं� - तब, जैैसेे हीी आकााश सेे बि�जलीी चमकेे गीी, उनकेे महाान वि�चाारोंं� और भ्रमपूू-
र्णण आशााओंं काा अंंत होो जााएगाा।
जि�स प्रकाार परमेेश्वर नेे अपनेे सेेवक कोो आनेे वाालेे जलप्रलय कीी चेेताावनीी देेनेे केे लि�ए भेेजाा
थाा, उसीी प्रकाार उसनेे चुुनेे हुए दूू तोंं� कोो अंंति�म न्यााय कीी नि�कटताा कोो बताानेे केे लि�ए भेेजाा। और जैैसेे
नूूह केे समकाालीीन धाार्मि�कताा केे उपदेेशक कीी भवि�ष्यवााणि�योंं� काा उपहाास करनेे केे लि�ए हँँसेे, वैैसेे हीी
मि�लर केे दि�नोंं� मेंं कई लोोगोंं� नेे, यहाँँ� तक कि� परमेेश्वर केे तथााकथि�त लोोगोंं� नेे भीी, चेेताावनीी केे शब्दोंं�
काा उपहाास कि�याा।
और मसीीह केे दूू सरेे आगमन काा सि�द्धांं�त और प्रचाार कलीीसि�यााओंं केे लि�ए इतनाा अप्रि�य क्योंं�
थाा? जबकि� दुुष् टोंं� केे लि�ए प्रभुु काा आगमन शोोक और उजााड़ लााताा हैै, धर्मि�योंं� केे लि�ए यह आनंं द
और आशाा सेे भराा होोताा हैै। यह महाान सत्य सभीी युुगोंं� मेंं परमेेश्वर केे वि�श्वाासयोोग्य जनोंं� केे
लि�ए सांं�त्वनाा रहाा हैै; यह अपनेे रचयि�ताा कीी तरह उसकेे तथााकथि�त लोोगोंं� केे लि�ए «ठोोकर लगनेे
काा पत्थर» और «अपमाान कीी चट्टाान» क्योंं� बन गयाा थाा? यह हमाारेे प्रभुु स्वयंं थाा जि�सनेे अपनेे
शि�ष्योंं� सेे वाादाा कि�याा थाा: «और यदि� मैंं जााकर तुुम्हाारेे लि�येे जगह तैैयाार करूँँ , तोो फि�र आकर तुुम्हेंं
अपनेे यहाँँ� लेे जााऊँँगाा।» यूूहन्नाा 14:3। यह दयाालुु उद्धाारकर्ताा� थाा, जि�सनेे अपनेे अनुुयाायि�योंं� केे
अकेे लेेपन और दुःः�ख केे पूूर्वाा�नुुमाान मेंं, स्वर्गगदूू तोंं� कोो उन्हेंं इस आश्वाासन केे सााथ दि�लाासाा देे नेे केे
लि�ए नि�युुक्त कि�याा कि� वह फि�र सेे व्यक्ति�गत रूप सेे आएगाा, उसीी रीीति� सेे जैैसेे वह स्वर्गग कोो गयाा
थाा। जब शि�ष्य अपनेे प्रि�य कीी अंंति�म झलक पाानेे केे लि�ए ऊपर कीी ओर टकटकीी लगााए खड़ेे
थेे, तोो उनकाा ध्याान इन शब्दोंं� सेे आकर्षि�त हुआ: “हेे गलीीलीी पुुरुषोंं�, तुुम क्योंं� खड़ेे आकााश कीी
ओर देे ख रहेे होो? यहीी यीीशुु, जोो तुुम्हाारेे पाास सेे स्वर्गग पर उठाा लि�याा गयाा हैै, जि�स रीीति� सेे तुुम नेे
उसेे स्वर्गग कोो जाातेे देे खाा हैै उसीी रीीति� सेे वह फि�र आएगाा।” प्रेेरि�तोंं� केे कााम 1:11। स्वर्गगदूू तोंं� केे
संं देे श सेे आशाा फि�र सेे जाागीी। शि�ष्य «उसकोो दण्डवत्् करकेे बड़ेे आनन्द सेे यरूशलेेम कोो लौौट
गए: उसकोो दण्डवत्् करकेे बड़ेे आनन्द सेे यरूशलेेम कोो लौौट गए।» लूूकाा 24:52,53। वेे इस
बाात सेे आनन्दि�त नहींं� होो रहेे थेे कि� यीीशुु उनसेे अलग होो गयाा थाा और उन्हेंं दुुनि�याा कीी परीीक्षााओंं
और प्रलोोभनोंं� सेे जूूझनेे केे लि�ए छोोड़ दि�याा गयाा थाा, बल्कि� स्वर्गगदूू तोंं� केे आश्वाासन केे काारण
कि� वह फि�र सेे आएगाा।
मसीीह केे आनेे कीी घोोषणाा अब बड़ेे आनंं द काा शुुभ संं देेश होोनाा चााहि�ए, जैैसेे कि� स्वर्गगदूू तोंं� द्वााराा
दि�याा गयाा संं देेश बेेथलहम केे चरवााहोंं� केे लि�ए थाा। जोो लोोग वाास्तव मेंं उद्धाारकर्ताा� सेे प्रेेम करतेे हैंं वेे
परमेेश्वर केे वचन पर स्थाापि�त इस घोोषणाा कीी खुुशीी केे सााथ प्रशंं साा कि�ए बि�नाा नहींं� रह सकतेे हैंं कि�
वह जि�समेंं अनंं त जीीवन कीी उनकीी आशााएंं केंंद्रि�त हैंं, फि�र सेे अपमाान, ति�रस्काार और अस्वीीकाार कि�ए
जाानेे केे लि�ए नहींं�, जैैसाा कि� उसकेे पहलेे आगमन पर हुआ थाा, लेेकि�न शक्ति� और महि�माा मेंं, अपनेे
लोोगोंं� कोो छुु ड़ाानेे केे लि�ए आ रहाा हैै। यह वेे हैंं जोो उद्धाारकर्ताा� सेे प्रेेम नहींं� करतेे हैंं जोो चााहतेे हैंं कि� वह
238 महाान वि�वााद

दूू र रहेे, और इस स्वर्गग-भेेजेे गए संं देेश सेे उत्तेेजि�त जलन और शत्रुुताा सेे अधि�क नि�र्णाा�यक प्रमााण नहींं�
होो सकताा हैै कि� कलीीसि�यााएँँ परमेेश्वर सेे वि�दाा होो गई हैंं।
जि�न लोोगोंं� नेे आगमन सि�द्धांं�त कोो स्वीीकाार कि�याा, वेे परमेेश्वर केे साामनेे पश्चाातााप और वि�नम्रताा कीी
आवश्यकताा केे प्रति� जााग गए। बहुत सेे लोोग लंं बेे समय सेे मसीीह और संं साार केे बीीच मेंं रुकेे हुए थेे; अब
उन्हेंं लगाा कि� अब नि�र्णणय लेेनेे काा समय आ गयाा हैै। «शााश्वतताा कीी बाातेंं उनकेे लि�ए एक अवांं�छि�त वाास्तवि�-
कताा माान लीी गई थींं�। स्वर्गग नि�कट लाायाा गयाा, और उन्होंं�नेे अपनेे आप कोो परमेेश्वर केे साामनेे दोोषीी महसूूस
कि�याा।” —ब्लि�स, पृृष्ठ 146। मसीीहीी नए आत्मि�क जीीवन केे लि�ए प्रोोत्सााहि�त हुए। उन्हेंं यह महसूूस कराायाा
गयाा कि� समय कम हैै, कि� उन्हेंं अपनेे सााथीी आदमि�योंं� केे लि�ए जोो करनाा हैै, वह शीीघ्रताा सेे कि�याा जाानाा
चााहि�ए। पृृथ्वीी पीीछेे हट गई, अनंं त कााल उनकेे साामनेे खुुल गयाा, और आत्माा, उस सब केे सााथ जोो उसकेे
अमर आनन्द याा शोोक सेे संं बंंधि�त थाा, हर लौौकि�क वस्तुु कोो प्रभाावहीीन करतीी महसूूस हुई। परमेेश्वर काा
आत्माा उन पर उतराा और परमेेश्वर केे दि�न केे लि�ए तैैयाार होोनेे केे लि�ए अपनेे भााइयोंं� केे सााथ-सााथ पाापि�योंं�
सेे कीी गई वि�नतीी कोो साामर्थ्यय प्रदाान कीी। उनकेे दैैनि�क जीीवन कीी मौौन गवााहीी औपचाारि�क और अप्रति�ष्ठि��त
कलीीसि�याा केे सदस्योंं� केे लि�ए एक नि�रंंतर फटकाार थीी। येे नहींं� चााहतेे थेे कि� उनकेे सुुख-वि�लाास काा शौौक,
पैैसाा बनाानेे केे प्रति� उनकाा समर्पपण, और सांं�साारि�क सम्माान केे लि�ए उनकीी महत्वााकांं�क्षाा मेंं कोोई बााधाा आए।
इसलि�ए शत्रुुताा और वि�रोोध आगमन वि�श्वाास और इसेे घोोषि�त करनेे वाालोंं� केे खि�लााफ उत्सााहि�त हुआ।
जब भवि�ष्यद्वााणि�योंं� केे तर्कोंं कोो अभेेद्य पाायाा गयाा, तोो वि�रोोधि�योंं� नेे यह शि�क्षाा देेकर वि�षय कीी
जांं�च कोो हतोोत्सााहि�त करनेे काा प्रयाास कि�याा कि� भवि�ष्यद्वााणि�योंं� पर मुुहर लगीी हुई थीी। इस प्रकाार प्रो�-
टेेस्टेंंट रोोमनवाादि�योंं� केे कदमोंं� पर चलेे। जबकि� कैै थोोलि�क कलीीसि�याा लोोगोंं� कोो बााइबल सेे वंं चि�त
रखतीी हैै, (टि�प्पणीी 30 देेखेंं), प्रोोटेेस्टेंंट कलीीसि�यााओंं नेे दाावाा कि�याा कि� पवि�त्र शाास्त्र काा एक महत्व-
पूूर्णण हि�स्साा-और यह कि� और वह हि�स्साा जोो वि�शेेष रूप सेे हमाारेे समय पर लाागूू होोनेे वाालेे सत्योंं� कोो
दृश्यमाान बनााताा हैै—समझाा नहींं� जाा सकाा।
पाादरि�योंं� और लोोगोंं� नेे घोोषणाा कीी कि� दाानि�य्येेल और प्रकााशि�तवााक्य अबोोधगम्य रहस्य हैंं। लेेकि�न
मसीीह नेे अपनेे शि�ष्योंं� कोो उनकेे समय मेंं घटि�त होोनेे वाालीी घटनााओंं केे बाारेे मेंं भवि�ष्यद्वक्ताा दाानि�य्येेल
केे शब्दोंं� कीी ओर नि�र्देेशि�त कि�याा, और कहाा: «जोो पढ़ेे, वह समझेे।» मत्तीी 24:15। और इस दाावेे
काा प्रकााशि�तवााक्य एक रहस्य हैै, जि�सेे समझाा नहींं� जाा सकताा हैै, पुुस्तक केे शीीर्षषक द्वााराा हीी खण्डन
कि�याा जााताा हैै: «यीीशुु मसीीह काा प्रकााशि�तवााक्य, जोो उसेे परमेेश्वर नेे इसलि�येे दि�याा कि� अपनेे दाासोंं�
कोो वेे बाातेंं, जि�नकाा शीीघ्र होोनाा अवश्य हैै, दि�खााए। धन्य हैै वह जोो इस भवि�ष्यद्वााणीी केे वचन कोो
पढ़ताा हैै, और वेे जोो सुुनतेे हैंं और इसमेंं लि�खीी हुई बाातोंं� कोो माानतेे हैंं; क्योंं�कि� समय नि�कट हैै। «
प्रकााशि�तवााक्य 1:1-3।
भवि�ष्यद्वक्ताा कहताा हैै: «धन्य हैै वह जोो पढ़ताा हैै» - कुु छ ऐसेे हैंं जोो नहींं� पढ़ेंंगेे; आशीीष उनकेे
लि�ए नहींं� हैै। «और वेे जोो सुुनतेे हैंं» - कुु छ ऐसेे भीी हैंं, जोो भवि�ष्यद्वााणि�योंं� केे वि�षय मेंं कुु छ भीी सुुननेे
सेे इनकाार करतेे हैंं; आशीीष इस वर्गग केे लि�ए नहींं� हैै। कुु छ ऐसेे भीी हैंं, जोो भवि�ष्यवााणि�योंं� केे वि�षय मेंं
कुु छ भीी सुुननेे सेे इनकाार करतेे हैंं; आशीीष इस वर्गग केे लि�ए नहींं� हैै। वेे सभीी जोो भवि�ष्यद्वााणीी केे वि�षयोंं�
काा उपहाास करतेे हैंं और यहाँँ� दि�ए गए प्रतीीकोंं� काा मज़ााक उड़ाातेे हैंं, वेे सभीी जोो अपनेे जीीवन कोो
सुुधाारनेे और मनुुष्य केे पुुत्र केे आगमन कीी तैैयाारीी करनेे सेे इनकाार करतेे हैंं, वेे आशीीष सेे वंं चि�त रहेंंगेे।
एक अमेरिकी सुधारक 239

प्रेेरणाा कीी गवााहीी कोो ध्याान मेंं रखतेे हुए, लोोग यह सि�खाानेे कीी हि�म्मत कैै सेे करतेे हैंं कि� प्रकााशि�-
तवााक्य माानव समझ कीी पहुंंच सेे परेे एक रहस्य हैै? यह एक रहस्य हैै जोो प्रकट कि�याा गयाा हैै, एक
कि�तााब हैै जोो खोोलीी गई हैै। प्रकााशि�तवााक्य काा अध्ययन मन कोो दाानि�य्येेल कीी भवि�ष्यद्वााणि�योंं� कीी ओर
नि�र्देेशि�त करताा हैै, और दोोनोंं� सबसेे महत्वपूूर्णण नि�र्देेश प्रस्तुुत करतेे हैंं, जोो इस दुनि�या ु ा केे इति�हाास केे
अंंत मेंं घटि�त होोनेे वाालीी घटनााओंं केे वि�षय मेंं परमेेश्वर द्वााराा मनुुष्योंं� कोो दि�ए गए हैंं।
यूूहन्नाा केे लि�ए कलीीसि�याा केे अनुुभव मेंं गहरीी और रोोमांं�चकाारीी रुचि� केे दृश्य प्रकट कि�ए गए।
उसनेे परमेेश्वर केे लोोगोंं� कीी स्थि�ति�, खतरोंं�, संं घर्षोंं और अंंति�म छुु टकाारेे कोो देेखाा। वह समाापन संं देेशोंं�
कोो दर्जज करताा हैै जोो पृृथ्वीी कीी खेेतीी कोो पकाानेे केे लि�ए हैंं, याा तोो स्वर्गीीय धाान्यकोोष्ठ केे लि�ए पूूलोंं� केे
रूप मेंं याा वि�नााश कीी आग केे लि�ए ईंधन केे गट्ठरोंं� केे रूप मेंं। उनकेे लि�ए अत्यंं त महत्वपूूर्णण वि�षय प्रकट
कि�ए गए थेे, वि�शेेष रूप सेे अंंति�म कलीीसि�याा केे लि�ए, तााकि� जोो लोोग भ्रम सेे सत्य कीी ओर रुख करेंं
उन्हेंं उनकेे साामनेे संं कटोंं� और संं घर्षोंं केे बाारेे मेंं नि�र्देेश दि�याा जाा सकेे । पृृथ्वीी पर जोो कुु छ होोनेे वाालाा हैै
उसकेे संं बंं ध मेंं कि�सीी कोो भीी अंंधकाार मेंं रहनेे कीी आवश्यकताा नहींं� हैै।
फि�र, पवि�त्र लेेख केे एक महत्वपूूर्णण भााग केे वि�षय मेंं यह व्याापक अज्ञाानताा क्योंं�? इसकीी शि�क्षााओंं
कीी जांं�च करनेे कीी यह साामाान्य अनि�च्छाा क्योंं�? यह अंंधकाार केे रााजकुु माार केे एक अध्ययन काा
परि�णााम हैै जोो लोोगोंं� सेे वह छि�पाानेे केे लि�ए अध्ययन कि�याा गयाा हैै जोो उसकेे धोोखेे कोो प्रकट करताा हैै।
इस काारण सेे, प्रकट करनेे वाालेे मसीीह नेे, प्रकााशि�तवााक्य केे अध्ययन केे वि�रुद्ध छेे ड़ेे जाानेे वाालेे युुद्ध
कोो पहलेे सेे हीी देेखतेे हुए, भवि�ष्यद्वााणीी केे शब्दोंं� कोो पढ़नेे, सुुननेे और पाालन करनेे वाालेे सभीी लोोगोंं�
केे लि�ए आशीीष कीी घोोषणाा कीी।
19

अंंधकाार केे राास्तेे प्रकााश

पृृ थ्वीी पर परमेेश्वर काा काार्यय युुग दर युुग मेंं प्रत्येेक महाान सुुधाार याा धाार्मि�क आन्दोोलन मेंं आश्च-
र्ययजनक समाानताा प्रस्तुुत करताा हैै। मनुुष्योंं� केे सााथ परमेेश्वर केे व्यवहाार केे सि�द्धांं�त हमेेशाा एक
जैैसेे होोतेे हैंं। वर्ततमाान केे महत्वपूूर्णण आंंदोोलनोंं� मेंं अतीीत केे समाानांं�तर हैंं, और पूूर्वव युुगोंं� मेंं कलीीसि�याा
केे अनुुभव हमाारेे अपनेे समय केे लि�ए महाान मूूल्य केे सबक हैंं।
बााइबल मेंं इससेे अधि�क स्पष्ट रूप सेे कोोई सच्चााई नहींं� सि�खााई गई हैै कि� परमेेश्वर अपनीी
पवि�त्र आत्माा केे द्वााराा वि�शेेष रूप सेे उद्धाार केे काार्यय कोो आगेे बढ़ाानेे केे लि�ए पृृथ्वीी पर अपनेे सेेवकोंं�
कोो महाान आंंदोोलनोंं� मेंं नि�र्देे शि�त करताा हैै। मनुुष्य परमेेश्वर केे हााथ मेंं उपकरण हैंं, जि�सेे उसकेे
द्वााराा अनुुग्रह और दयाा केे उद्देेश्योंं� कोो पूूराा करनेे केे लि�ए नि�योोजि�त कि�याा गयाा हैै। प्रत्येेक केे पाास
काार्यय करनेे काा अपनाा हि�स्साा हैै; प्रत्येेक कोो प्रकााश कीी एक माात्राा प्रदाान कीी जाातीी हैै, जोो उसकेे
समय कीी आवश्यकतााओंं केे अनुुकूूल होोतीी हैै, और उसेे उस काार्यय कोो करनेे मेंं सक्षम बनाानेे केे
लि�ए पर्याा�प्त होोतीी हैै जोो परमेेश्वर नेे उसेे करनेे केे लि�ए दि�याा हैै। लेेकि�न कोोई भीी व्यक्ति�, चााहेे वह
स्वर्गग काा कि�तनाा भीी सम्माानि�त क्योंं� न होो, उसनेे कभीी भीी छुु टकाारेे कीी महाान योोजनाा कीी पूूरीी समझ
हाासि�ल नहींं� कीी हैै, और नाा हीी अपनेे समय केे लि�ए कााम मेंं ईश्वरीीय उद्देेश्य केे पूूर्णण मूूल्यांं�कन तक
पंं हुचाा हैै। मनुुष्य पूूरीी तरह सेे यह नहींं� समझतेे हैंं कि� परमेेश्वर उस काार्यय सेे क्याा पूूराा करेे गाा जोो
वह उन्हेंं करनेे केे लि�ए देे ताा हैै; वेे उस सन्देे श कोो, उसकेे सभीी अर्थोंं मेंं, जोो वेे उसकेे नााम सेे देे तेे
हैंं, नहींं� समझतेे।
“क्याा तूू परमेेश्वर काा गूूढ़ भेेद पाा सकताा हैै? क्याा तूू सर्ववशक्ति�माान काा मर्मम पूूरीी रीीति� सेे जाँँ�च
सकताा हैै?» «क्योंं�कि� यहोोवाा कहताा हैै, मेेरेे वि�चाार और तुुम्हाारेे वि�चाार एक समाान नहींं� हैंं, न तुुम्हाारीी
गति� और मेेरीी गति� एक सीी हैै। क्योंं�कि� मेेरीी और तुुम्हाारीी गति� मेंं और मेेरेे और तुुम्हाारेे सोोच वि�चाारोंं� मेंं,
आकााश और पृृथ्वीी काा अन्तर हैै।» «परमेेश्वर मैंं हीी हूँँ, दूू सराा कोोई नहींं�; मैंं हीी परमेेश्वर हूँँ और मेेरेे
तुुल्य कोोई भीी नहींं� हैै। मैंं तोो अन्त कीी बाात आदि� सेे और प्रााचीीन कााल सेे उस बाात कोो बतााताा आयाा हूँँ
जोो अब तक नहींं� हुई।» अय्यूूब 11:7; यशाायााह 55:8,9; 46:9, 10।
अंधकार के रास्ते प् 241

यहाँँ� तक कि� भवि�ष्यद्वक्ताा जि�न्हेंं आत्माा काा वि�शेेष प्रकााश दि�याा गयाा थाा, वेे भीी उन्हेंं दि�ए गए
प्रकााशनोंं� केे महत्व कोो पूूरीी तरह सेे नहींं� समझ पााए थेे। परमेेश्वर केे लोोगोंं� कोो उसमेंं नि�हि�त नि�र्देेश कीी
आवश्यकताा केे अनुुसाार, अर्थथ कोो युुगाानुुयुगु मेंं प्रकट होोनाा थाा।
पतरस, सुुसमााचाार केे मााध्यम सेे प्रकााश मेंं लााए गए उद्धाार केे बाारेे मेंं लि�खतेे हुए, कहताा हैै: «इसीी
उद्धाार केे वि�षय मेंं उन भवि�ष्यद्वक्‍‍तााओंं नेे बहुत खोोजबीीन और जाँँ�च–पड़तााल कीी, जि�न्होंं�नेे उस अनुुग्रह
केे वि�षय मेंं जोो तुुम पर होोनेे कोो थाा, भवि�ष्यद्वााणीी कीी थीी। उन्होंं�नेे इस बाात कीी खोोज कीी कि� मसीीह काा
आत्माा जोो उनमेंं थाा, और पहलेे हीी सेे मसीीह केे दुखोंं� ु कीी और उसकेे बााद होोनेे वाालीी महि�माा कीी गवााहीी
देेताा थाा, वह कौौन सेे और कैै सेे समय कीी ओर संं केे त करताा थाा। उन पर यह प्रगट कि�याा गयाा कि� वेे
अपनीी नहींं� वरन्् तुुम्हाारीी सेेवाा केे लि�येे येे बाातेंं कहाा करतेे थेे।» 1 पतरस 1:10-12।
तौौभीी जब भवि�ष्यद्वक्तााओंं कोो उन पर प्रगट हुई बाातोंं� कोो पूूरीी रीीति� सेे समझनेे काा अवसर नहींं�
दि�याा गयाा, तोो उन्होंं�नेे उस साारीी ज्योोति� कोो प्रााप्त करनेे काा यत्न कि�याा जि�सेे प्रगट करकेे परमेेश्वर प्रसन्न
हुआ थाा। उन्होंं�नेे «बहुत खोोजबीीन और जाँँ�च–पड़तााल कीी,» «इस बाात कीी खोोज कीी कि� मसीीह काा
आत्माा जोो उनमेंं थाा वह कौौन सेे और कैै सेे समय कीी ओर संं केे त करताा थाा।» मसीीहीी युुग मेंं परमेेश्वर
केे लोोगोंं� केे लि�ए यह शि�क्षाा कि�तनीी अच्छीी हैै, जि�नकेे लााभ केे लि�ए येे भवि�ष्यद्वााणि�याँँ� उसकेे सेेवकोंं� कोो
दीी गईं! «उन पर यह प्रगट कि�याा गयाा कि� वेे अपनीी नहींं� वरन्् तुुम्हाारीी सेेवाा केे लि�येे येे बाातेंं कहाा करतेे
थेे।» परमेेश्वर केे उन पवि�त्र लोोगोंं� कीी गवााहीी देंं क्योंं�कि� उन्होंं�नेे अभीी तक अजन्मीी पीीढ़ि�योंं� केे लि�ए दि�ए
गए प्रकटीीकरणोंं� केे बाारेे मेंं «खोोजबीीन और जाँँ�च–पड़तााल» कीी थीी। उनकेे पवि�त्र उत्सााह कीी तुुलनाा
उस नि�रुत्सााहि�त उदाासीीनताा सेे करेंं जि�सकेे सााथ बााद केे युुगोंं� केे इष्ट लोोग स्वर्गग केे इस उपहाार केे प्रति�
दि�खाातेे हैंं। सहज-प्रेेमीी, वि�श्व-प्रेेमीी उदाासीीनताा कोो क्याा फटकाार हैै जोो यह घोोषणाा करनेे मेंं संं तुुष् ट हैै
कि� भवि�ष्यद्वााणि�योंं� कोो समझाा नहींं� जाा सकताा!
यद्यपि� मनुुष्योंं� काा सीीमि�त मन अनंं त कीी सलााह मेंं प्रवेेश करनेे केे लि�ए याा उसकेे उद्देेश्योंं� केे
काार्याा�न्वयन कोो पूूरीी तरह सेे समझनेे केे लि�ए अपर्याा�प्त हैै, फि�र भीी अक्सर यह कुु छ भ्रम याा स्वयंं
कीी उपेेक्षाा केे काारण होोताा हैै कि� वेे स्वर्गग केे संं देे शोंं� कोो इतनेे अस्पष्ट रूप सेे समझतेे हैंं। लोोगोंं� केे
मन, और यहाँँ� तक कि� परमेेश्वर केे सेेवकोंं� केे मन भीी माानवीीय वि�चाारोंं�, परंं परााओंं और मनुुष्योंं�
कीी झूूठीी शि�क्षाा सेे इतनेे अंंधेे होो जाातेे हैंं कि� वेे केे वल आंंशि�क रूप सेे हीी उन महाान बाातोंं� कोो समझ
पाातेे हैंं जोो उसनेे अपनेे वचन मेंं प्रकट कीी हैंं। इस प्रकाार यह मसीीह केे शि�ष्योंं� केे सााथ थाा, तब भीी
जब उद्धाारकर्ताा� व्यक्ति�गत रूप सेे उनकेे सााथ थाा। उनकेे मन मसीीहाा कीी एक अस्थाायीी रााजकुु माार
केे रूप मेंं लोोकप्रि�य अवधाारणाा सेे प्रभाावि�त होो गए थेे, जि�सेे इस्रााएल कोो साार्ववभौौमि�क सााम्रााज्य केे
सिं�ंहाासन तक पहुंंचाानाा थाा, और वेे उसकेे कष्टोंं� और मृृत्युु कीी भवि�ष्यद्वााणीी करनेे वाालेे शब्दोंं� काा
अर्थथ नहींं� समझ सकेे ।
स्वयंं मसीीह नेे उन्हेंं यह सन्देेश देेकर भेेजाा थाा: «समय पूूराा हुआ हैै, और परमेेश्वर काा रााज्य नि�कट
आ गयाा हैै; मन फि�रााओ और सुुसमााचाार पर वि�श्‍‍वाास करोो।” मरकुु स 1:15 मरकुु स 1:15। वह संं देेश
दाानि�य्येेल 9 कीी भवि�ष्यद्वााणीी पर आधाारि�त थाा। स्वर्गगदूू त द्वााराा यह घोोषि�त कि�याा गयाा थाा कि� उनहत्तर
सप्तााह «अभि�षि�क्‍‍त पुुरुष» तक वि�स्ताारि�त होंं�गेे, और उच्च आशााओंं और हर्षि�त प्रत्यााशााओंं केे सााथ
शि�ष्योंं� नेे पूूरीी पृृथ्वीी पर रााज करनेे केे लि�ए यरूशलेेम मेंं मसीीहाा केे रााज्य कीी स्थाापनाा कीी प्रतीीक्षाा कीी।
242 महाान वि�वााद

उन्होंं�नेे उस संं देेश काा प्रचाार कि�याा जोो मसीीह नेे उन्हेंं सौंं�पाा थाा, हाालाँँ�कि� उन्होंं�नेे स्वयंं इसकाा अर्थथ
गलत समझाा। जबकि� उनकीी घोोषणाा दाानि�य्येेल 9:25 पर आधाारि�त थीी, उन्होंं�नेे उसीी अध्यााय केे अगलेे
पद मेंं यह नहींं� देेखाा कि� मसीीहाा कोो कााट दि�याा जाानाा थाा। उनकेे जन्म सेे हीी उनकेे हृदय एक सांं�साारि�क
सााम्रााज्य कीी प्रत्यााशि�त महि�माा पर केे न्द्रि�त कर दि�ए गए थेे, और इसनेे उनकीी समझ कोो भवि�ष्यद्वााणीी
कीी वि�शि�ष्टतााओंं और मसीीह केे शब्दोंं� केे प्रति� समाान रूप सेे अंंधाा कर दि�याा थाा।
उन्होंं�नेे यहूदीी रााष्ट्रर कोो दयाा केे नि�मंं त्रण कोो प्रस्तुुत करनेे मेंं अपनाा कर्ततव्य नि�भाायाा, और फि�र, ठीीक
उसीी समय जब उन्होंं�नेे अपनेे प्रभुु कोो दााऊद केे सिं�हां ासन पर बैैठनेे कीी उम्मीीद कीी, उन्होंं�नेे उसेे एक
अपरााधीी केे रूप मेंं पकड़ाा हुआ पाायाा, जि�सेे कोोड़ेे माारेे गए, जि�सकाा उपहाास कि�याा गयाा, और जि�सेे दोोषीी
ठहराायाा गयाा थाा, और जि�सेे कलवरीी केे क्रूूस पर चढ़ाा दि�याा गयाा। उन शि�ष्योंं� केे हृदय कि�तनेे नि�रााश
और व्यााकुु ल थेे जब उनकाा प्रभुु कब्र मेंं सोो रहाा थाा!
मसीीह ठीीक समय पर और उसीी तरीीकेे सेे आयाा थाा जैैसाा भवि�ष्यद्वााणीी मेंं बताायाा गयाा थाा। उसकीी
सेेवकााई केे प्रत्येेक वि�वरण मेंं पवि�त्रशाास्त्र कीी गवााहीी पूूरीी होो चुुकीी थीी। उसनेे उद्धाार केे संं देेश काा प्रचाार
कि�याा थाा, और «उसकाा वचन साामर्थीी थाा।» उसकेे श्रोोतााओंं केे दि�लोंं� नेे देेखाा थाा कि� यह स्वर्गग काा थाा।
परमेेश्वर केे वचन और आत्माा नेे उसकेे पुुत्र केे पवि�त्र आदेेश कोो प्रमााणि�त कि�याा।
शि�ष्य अभीी भीी अपनेे प्रि�य गुुरु केे प्रति� अटूू ट स्नेेह केे सााथ समर्पि�त थेे। और फि�र भीी उनकेे मन
अनि�श्चि�ितताा और संं देेह मेंं डूू बेे हुए थेे। अपनीी पीीड़ाा मेंं उन्होंं�नेे तब मसीीह केे उन शब्दोंं� कोो यााद नहींं�
कि�याा जोो उसकीी पीीड़ाा और मृृत्युु कीी ओर इशााराा करतेे थेे। यदि� नाासरत काा यीीशुु सच्चाा मसीीहाा होोताा,
तोो क्याा उन्हेंं इस प्रकाार दुःः�ख और नि�रााशाा मेंं डूू बनेे दि�याा जााताा? यह वह प्रश्न थाा जोो उनकीी आत्माा कोो
सताा रहाा थाा जब उद्धाारकर्ताा� अपनीी मृृत्युु और अपनेे पुुनरुत्थाान केे बीीच उस सब्त केे नि�रााशााजनक घंं टोंं�
केे दौौराान अपनीी कब्र मेंं लेेटाा हुआ थाा।
यद्यपि� यीीशुु केे इन अनुुयाायि�योंं� केे लि�ए शोोक कीी राात अन्धकाारमय होो गई थीी, तौौभीी उन्हेंं त्याागाा
नहींं� गयाा थाा। भवि�ष्यद्वक्ताा कहताा हैै: «ज्योंं�हीी मैंं अन्धकाार मेंं पड़ूँँ� गाा त्योंं�हीी यहोोवाा मेेरेे लि�येे ज्योोति� काा
कााम देेगाा। उस समय वह मुुझेे उजि�याालेे मेंं नि�कााल लेे आएगाा, और मैंं उसकाा धर्मम देेखूँँ�गाा।» «तौौभीी
अन्धकाार तुुझ सेे न छि�पााएगाा, राात तोो दि�न केे तुुल्य प्रकााश देेगीी; क्योंं�कि� तेेरेे लि�येे अन्धि�यााराा और
उजि�याालाा दोोनोंं� एक समाान हैंं।» परमेेश्वर नेे कहाा हैै: «सीीधेे लोोगोंं� केे लि�येे अन्धकाार केे बीीच मेंं ज्योोति�
उदय होोतीी हैै।» «मैंं अन्धोंं� कोो एक माार्गग सेे लेे चलूँँ� गाा जि�सेे वेे नहींं� जाानतेे और उनकोो ऐसेे पथोंं� सेे
चलााऊँँगाा जि�न्हेंं वेे नहींं� जाानतेे। उनकेे आगेे मैंं अन्धि�याारेे कोो उजि�याालाा करूँँगाा और टेेढ़ेे माार्गोंं कोो सीीधाा
करूँँगाा। मैंं ऐसेे-ऐसेे कााम करूँँगाा और उनकोो न त्याागूँँ�गाा। « मीीकाा 7:8, 9; भजन संं हि�ताा 139:12;
112:4; यशाायााह 42:16।
प्रभुु केे नााम पर शि�ष्योंं� द्वााराा जोो घोोषणाा कीी गई थीी, वह हर तरह सेे सहीी थीी, और जि�न घटनााओंं
कीी ओर इशााराा कि�याा गयाा थाा, वेे तब भीी घटि�त होो रहीी थींं�। «समय पूूराा होो गयाा हैै, परमेेश्वर काा
रााज्य नि�कट हैै,» उनकाा संं देेश थाा। «समय» कीी समााप्ति� पर - दाानि�य्येेल 9 केे उनहत्तर सप्तााह, जोो
कि� मसीीहाा, «अभि�षि�क्त व्यक्ति�» तक वि�स्ताारि�त होोनेे वाालेे थेे - यूूहन्नाा द्वााराा बपति�स्माा दि�ए जाानेे केे बााद
मसीीह नेे आत्माा काा अभि�षेेक प्रााप्त कि�याा थाा। और «परमेेश्वर काा रााज्य» जि�सेे उन्होंं�नेे नि�कट होोनेे
कीी घोोषणाा कीी थीी, मसीीह कीी मृृत्युु केे द्वााराा स्थाापि�त कि�याा गयाा। यह रााज्य, जैैसाा कि� उन्हेंं वि�श्वाास
अंधकार के रास्ते प् 243

करनाा सि�खाायाा गयाा थाा, एक सांं�साारि�क सााम्रााज्य नहींं� थाा। न हीी यह वह आनेेवाालाा, सदाा काा रााज्य थाा
जि�सकीी स्थाापनाा तब होोगीी जब «रााज्य और प्रभुुताा और धरतीी पर केे रााज्य कीी महि�माा, परमप्रधाान हीी
कीी प्रजाा अर्थाा�त्् उसकेे पवि�त्र लोोगोंं� कोो दीी जााएगीी;» वह सदाा काा रााज्य, जि�समेंं «सब प्रभुुताा करनेेवाालेे
उसकेे अधीीन होंं�गेे और उसकीी आज्ञाा माानेंंगेे।» दाानि�य्येेल 7:27। जैैसाा कि� बााइबल मेंं प्रयोोग कि�याा
गयाा हैै, वचन «परमेेश्वर काा रााज्य» अनुुग्रह केे रााज्य और महि�माा केे रााज्य दोोनोंं� कोो नि�र्दि�ष्ट करनेे केे
लि�ए नि�योोजि�त कि�याा गयाा हैै। पौौलुुस द्वााराा इब्राानि�योंं� कोो लि�खेे पत्र मेंं अनुुग्रह काा रााज्य दि�खाायाा गयाा
हैै। मसीीह कीी ओर इशााराा करनेे केे बााद, दयाालुु मध्यस्थ जोो «हमाारीी नि�र्बबलतााओंं मेंं हमाारेे सााथ दुखी ु ी
होोताा हैै,» प्रेेरि�त कहताा हैै: “आओ, हम अनुुग्रह केे सिं�हां ासन केे नि�कट हि�यााव बाँँ�धकर चलेंं कि� हम पर
दयाा होो, और अनुुग्रह पााएँँ।” इब्राानि�योंं� 4:15,16। अनुुग्रह काा सिं�हां ासन अनुुग्रह केे रााज्य काा प्रतीीक
हैै; क्योंं�कि� एक सिं�हां ासन केे अस्ति�त्व काा ताात्पर्यय एक रााज्य केे अस्ति�त्व सेे हैै। अपनेे कई दृष्टाान्तोंं� मेंं
मसीीह नेे «स्वर्गग केे रााज्य» कीी अभि�व्यक्ति� काा उपयोोग मनुुष्योंं� केे हृदयोंं� पर ईश्वरीीय अनुुग्रह केे काार्यय
कोो नि�र्दि�ष्ट करनेे केे लि�ए कि�याा हैै।
इसलि�ए महि�माा काा सिं�हां ासन महि�माा केे रााज्य काा प्रतीीक हैै; और इस रााज्य कोो उद्धाारकर्ताा� केे शब्दोंं�
मेंं संं दर्भि�त कि�याा गयाा हैै: “जब मनुुष्य काा पुुत्र अपनीी महि�माा मेंं आएगाा और सब स्वर्गगदूू त उसकेे सााथ
आएँँगेे, तोो वह अपनीी महि�माा केे सिं�हां ासन पर वि�रााजमाान होोगाा। और सब जााति�याँँ� उसकेे साामनेे इकट्ठाा
कीी जााएँँगीी। « मत्तीी 25:31,32। यह रााज्य अभीी आनेेवाालाा हैै। यह मसीीह केे दूू सरेे आगमन तक
स्थाापि�त नहींं� होोगाा।
मनुुष्य केे पतन केे तुुरंंत बााद अनुुग्रह काा रााज्य स्थाापि�त कि�याा गयाा थाा, जब दोोषीी जााति� केे छुु टकाारेे
केे लि�ए एक योोजनाा तैैयाार कीी गई थीी। यह तब परमेेश्वर केे उद्देेश्य मेंं और उसकेे वाादेे केे द्वााराा अस्ति�त्व
मेंं थाा; और वि�श्वाास केे द्वााराा मनुुष्य इसकेे पाात्र बन सकतेे थेे। फि�र भीी यह वाास्तव मेंं मसीीह कीी मृृत्युु
तक स्थाापि�त नहींं� हुआ थाा। अपनेे सांं�साारि�क मि�शन मेंं प्रवेेश करनेे केे बााद भीी, उद्धाारकर्ताा�, मनुुष्य
केे हठ और कृृ तघ्नताा सेे थककर, कलवरीी केे बलि�दाान सेे पीीछेे हट सकताा थाा। गतसमनीी मेंं उसकेे
हााथ मेंं हााय काा प्याालाा थरथरााताा रहाा थाा। वह तब भीी अपनेे मााथेे सेे खूून काा पसीीनाा पोंं�छ सकताा
थाा और दोोषीी जााति� कोो उनकेे अधर्मम मेंं नााश होोनेे केे लि�ए छोोड़ सकताा थाा। यदि� उसनेे ऐसाा कि�याा
होोताा, तोो पति�त मनुुष्योंं� केे लि�ए कोोई छुु टकााराा नहींं� होो सकताा थाा। लेेकि�न जब उद्धाारकर्ताा� नेे अपनेे
प्रााण त्यााग दि�ए, और अपनीी दम तोोड़तीी सांं�स केे सााथ बड़ेे शब्द सेे पुुकाार कर कहाा, “पूूराा हुआ,” तब
छुु टकाारेे कीी योोजनाा कीी पूूर्ति� सुुनि�श्चि�ित होो गई थीी। अदन मेंं पाापीी जोोड़ेे केे लि�ए कि�ए गए उद्धाार केे
वाादेे कीी पुुष्टि�ि कीी गई। अनुुग्रह काा रााज्य, जोो पहलेे परमेेश्वर कीी प्रति�ज्ञाा केे द्वााराा अस्ति�त्व मेंं थाा, तब
स्थाापि�त कि�याा गयाा।
इस प्रकाार मसीीह कीी मृृत्युु - वहीी घटनाा जि�सेे शि�ष्योंं� नेे अपनीी आशाा केे अंंति�म वि�नााश केे रूप
मेंं देेखाा थाा - वह थीी जि�सनेे इसेे हमेेशाा केे लि�ए सुुनि�श्चि�ित कर दि�याा। जबकि� इससेे उन्हेंं बड़ीी नि�रााशाा
हुई थीी, यह इस प्रमााण काा चरमोोत्कर्षष थाा कि� उनकाा वि�श्वाास सहीी थाा। वह घटनाा जि�सनेे उन्हेंं शोोक
और नि�रााशाा सेे भर दि�याा थाा, वह थीी जि�सनेे आदम कीी हर संं ताान केे लि�ए आशाा काा द्वाार खोोल दि�याा
थाा, और जि�समेंं सभीी युुगोंं� मेंं परमेेश्वर केे सभीी वि�श्वाासयोोग्य लोोगोंं� केे भवि�ष्य केे जीीवन और अनंं त
खुुशीी केे न्द्रि�त थीी।
244 महाान वि�वााद

शि�ष्योंं� कीी नि�रााशाा केे बाावजूूद अनंं त दयाा केे उद्देेश्य अपनीी पूूर्णणताा तक पहुँँच रहेे थेे। जबकि� उनकेे
हृदयोंं� कोो उसकीी शि�क्षाा केे पवि�त्र अनुुग्रह और साामर्थ्यय सेे जीीत लि�याा गयाा थाा, जि�सकीी तरह “कि�सीी
मनुुष्य नेे कभीी ऐसीी बाातेंं नहींं� कींं�,” फि�र भीी यीीशुु केे लि�ए उनकेे प्रेेम केे सोोनेे केे सााथ सांं�साारि�क गर्वव
और स्वाार्थीी महत्वााकांं�क्षााओंं काा घटि�याा मि�श्र धाातुु मि�लाा हुआ थाा। फसह केे कक्ष मेंं भीी, उस पवि�त्र
समय मेंं जब उनकाा स्वाामीी पहलेे सेे हीी गतसमनीी कीी छाायाा मेंं प्रवेेश कर रहाा थाा, वहाँँ� «उनमेंं यह वााद–
वि�वााद भीी हुआ कि� उन मेंं सेे कौौन बड़ाा समझाा जााताा हैै।» लूूकाा 22:24। उनकीी दृष्टि�ि सिं�हां ासन, मुुकुुट
और महि�माा सेे भरीी हुई थीी, जबकि� उनकेे ठीीक साामनेे बगीीचेे कीी शर्मम और पीीड़ाा, न्यााय कक्ष, कलवरीी
काा क्रूूस थाा। यह उनकेे हृदय काा घमंं ड थाा, सांं�साारि�क महि�माा केे लि�ए उनकीी प्याास थीी, जि�सनेे उन्हेंं
अपनेे समय कीी झूठीू ी शि�क्षााओंं सेे इतनीी दृढ़ताा सेे चि�पकेे रहनेे केे लि�ए और उद्धाारकर्ताा� केे रााज्य कीी
वाास्तवि�क प्रकृृ ति� कोो प्रकट करनेे वाालेे और उसकीी पीीड़ाा और मृृत्युु कीी ओर इशााराा करनेे वाालेे उसकेे
शब्दोंं� कोो अनसुुनाा करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा थाा। और येे भ्रम परीीक्षण मेंं परि�णत हुए—कटुु लेेकि�न
आवश्यक—जि�सेे उनकेे सुुधाार केे लि�ए अनुुमति� दीी गई थीी। यद्यपि� चेेलोंं� नेे उनकेे संं देेश केे अर्थथ कोो
गलत समझाा थाा, और उनकीी अपेेक्षााओंं कोो पूूराा करनेे मेंं वि�फल रहेे थेे, फि�र भीी उन्होंं�नेे परमेेश्वर द्वााराा
दीी गई चेेताावनीी काा प्रचाार कि�याा थाा, और प्रभुु उनकेे वि�श्वाास काा प्रति�फल देेगाा और उनकीी आज्ञााकाा-
रि�ताा काा माान रखेेगाा। उन्हेंं सभीी रााष्ट्रों��ं कोो उनकेे पुुनर्जीीवि�त प्रभुु केे महि�माामय सुुसमााचाार कीी घोोषणाा
करनेे काा काार्यय सौंं�पाा जाानाा थाा। उन्हेंं इस कााम केे लि�ए तैैयाार करनेे केे लि�ए हीी उस अनुुभव कीी अनुुमति�
दीी गई थीी जोो उन्हेंं इतनाा कड़वाा लगताा थाा।
अपनेे जीी उठनेे केे बााद, यीीशुु इम्मााऊस केे राास्तेे मेंं अपनेे चेेलोंं� कोो दि�खााई दि�याा, और, «तब उसनेे
मूूसाा सेे और सब भवि�ष्यद्वक्‍‍तााओंं सेे आरम्भ करकेे साारेे पवि�त्रशाास्त्र मेंं सेे अपनेे वि�षय मेंं लि�खीी बाातोंं�
काा अर्थथ, उन्हेंं समझाा दि�याा।» लूूकाा 24:27। शि�ष्योंं� केे हृदय द्रवि�त होो उठेे । वि�श्वाास जाागाा। यीीशुु
केे उनकेे साामनेे स्वयंं कोो प्रकट करनेे सेे पहलेे हीी वेे उन्हेंं जीीवि�त आशाा केे लि�येे नयाा जन्म दि�याा गयाा।
उनकीी समझ कोो प्रबुुद्ध करनाा और «भवि�ष्यद्वााणीी केे दृढ़ वचन» पर उनकाा वि�श्वाास केंंद्रि�त करनाा
उसकाा उद्देेश्य थाा। वह चााहताा थाा कि� सत्य उनकेे मन मेंं जड़ पकड़ लेे, केे वल इसलि�ए नहींं� कि� यह
उसकीी व्यक्ति�गत गवााहीी द्वााराा, बल्कि� वि�शि�ष्ट व्यवस्थाा केे प्रतीीकोंं� और छाायााओंं द्वााराा प्रस्तुुत नि�र्वि�वााद
सााक्ष्योंं� केे काारण, और पुुराानेे नि�यम कीी भवि�ष्यद्वााणि�योंं� द्वााराा समर्थि�त थाा। मसीीह केे अनुुयाायि�योंं� मेंं प्र-
मााण-आधाारि�त वि�श्वाास काा होोनाा आवश्यक थाा, न केे वल अपनेे लि�ए, बल्कि� इसलि�ए भीी कि� वेे मसीीह
केे ज्ञाान कोो संं साार मेंं लेे जाा सकेंं । और इस ज्ञाान कोो प्रदाान करनेे केे पहलेे कदम केे रूप मेंं, यीीशुु नेे
शि�ष्योंं� कोो «मूूसाा और सभीी भवि�ष्यद्वक्तााओंं» कीी ओर नि�र्देेशि�त कि�याा। पुुराानेे नि�यम केे वचनोंं� केे माान
और महत्व केे बाारेे मेंं पुुनर्जीीवि�त उद्धाारकर्ताा� द्वााराा दीी गई यह गवााहीी थीी।
शि�ष्योंं� केे हृदय मेंं कि�तनाा परि�वर्ततन आयाा जब उन्होंं�नेे एक बाार फि�र अपनेे गुुरु केे प्रेेमपूूर्णण मुुख कोो
देेखाा! लूूकाा 24:32। पहलेे सेे कहींं� अधि�क पूूर्णण और सि�द्ध अर्थथ मेंं उन्होंं�नेे «उसेे पाायाा, जि�सकेे वि�षय
मेंं मूूसाा नेे व्यवस्थाा मेंं और भवि�ष्यद्वक्तााओंं नेे लि�खाा थाा।» अनि�श्चि�ितताा, वेेदनाा, नि�रााशाा काा स्थाान पूूर्णण
आश्वाासन, नि�र्ममल वि�श्वाास नेे लेे लि�याा। कि�तनेे आश्‍‍चर्यय कीी बाात हैै कि� उसकेे स्वर्गाा�रोोहण केे बााद वेे
«नि�रन्तर मन्दि�र मेंं उपस्थि�त होोकर परमेेश्वर कीी स्तुुति� और धन्यवााद करतेे थेे।» लोोग, केे वल उद्धा�-
रकर्ताा� कीी निं�दं नीीय मृृत्युु कोो जाानतेे हुए, उनकेे चेेहरोंं� पर दुःः�ख, भ्रम और हाार कीी अभि�व्यक्ति� देेखनाा
अंधकार के रास्ते प् 245

चााहतेे थेे; लेेकि�न उन्होंं�नेे वहाँँ� खुुशीी और जीीत देेखीी। क्याा तैैयाारीी कीी थीी इन चेेलोंं� नेे उस कााम केे लि�ए
जोो उनकेे साामनेे थाा! वेे सबसेे गहरीी परीीक्षाा सेे गुुज़रेे थेे जि�सकाा अनुुभव करनाा उनकेे लि�ए संं भव थाा,
और देेखाा थाा कि� कैै सेे, जब मनुुष्य कीी नज़र मेंं सब कुु छ खोो गयाा थाा, परमेेश्वर काा वचन वि�जयीी रूप
सेे पूूराा हुआ थाा। अब सेे उनकेे वि�श्वाास कोो क्याा डराा सकताा हैै याा उनकेे प्रेेम कीी ललक कोो ठंं डाा कर
सकताा हैै? तीीव्रतम दुःः�ख मेंं उनकेे पाास «दृढ़ ढााढ़स» थाा, एक आशाा जोो «हमाारेे प्रााण केे लि�येे ऐसाा
लंं गर हैै जोो स्थि�र और दृढ़ हैै» थीी। इब्राानि�योंं� 6:18,19। वेे परमेेश्वर केे ज्ञाान और शक्ति� केे सााक्षीी थेे,
और वेे «नि�श्‍‍चय जाानतेे थेे कि� न मृृत्युु, न जीीवन, न स्वर्गगदूू त, न प्रधाानतााएँँ, न वर्ततमाान, न भवि�ष्य,
न साामर्थ्यय, न ऊँँचााई, न गहरााई, और न कोोई और सृृष्टि�ि», उन्हेंं «परमेेश्वर केे प्रेेम सेे जोो हमाारेे प्रभुु
मसीीह यीीशुु मेंं हैै, अलग कर सकेे गीी।» «इन सब बाातोंं� मेंं हम उसकेे द्वााराा जि�सनेे हम सेे प्रेेम कि�याा हैै,
जयवन्त सेे भीी बढ़कर हैंं।» रोोमि�योंं� 8:38,39,37। «प्रभुु काा वचन युुगाानुुयुगु स्थि�र रहताा हैै।” 1
पतरस 1:25। और “फि�र कौौन हैै जोो दण्ड कीी आज्ञाा देेगाा? मसीीह हीी हैै जोो मर गयाा वरन्् मुुर्दोंं मेंं सेे
जीी भीी उठाा, और परमेेश्वर केे दााहि�नीी ओर हैै, और हमाारेे लि�येे नि�वेेदन भीी करताा हैै। « रोोमि�योंं� 8:34।
प्रभुु कहताा हैै: «मेेरीी प्रजाा कीी आशाा फि�र कभीी न टूू टेेगीी।» योोएल 2:26। «कदााचि�त्् राात कोो रोोनाा
पड़ेे, परन्तुु सवेेरेे आनन्द पहुँँचेेगाा।» भजन संं हि�ताा 30:5। जब उसकेे पुुनरुत्थाान केे दि�न येे शि�ष्य उद्धा�-
रकर्ताा� सेे मि�लेे, और उसकेे शब्दोंं� कोो सुुनतेे हीी उनकेे मन मेंं उत्तेेजनाा उत्पन्न हुई; जब उन्होंं�नेे वह सि�र
और हााथ और पांं�व देेखेे, जोो उनकेे लि�ए कुु चलेे गए थेे; जब यीीशुु उन्हेंं अपनेे स्वर्गाा�रोोहण सेे पहि�लेे बैैत-
नि�य्यााह तक लेे गयाा, और आशीीष देेतेे हुए हााथ उठााकर उसनेे उनसेे कहाा, “तुुम साारेे जगत मेंं जााकर
साारीी सृृष्टि�ि केे लोोगोंं� कोो सुुसमााचाार प्रचाार करोो” और सााथ हीी यह भीी कहाा “और देेखोो, मैंं जगत केे
अन्त तक सदाा तुुम्हाारेे संं ग हूँँ” (मरकुु स 16:15; मत्तीी 28:20); जब पि�न्तेेकुुस्त केे दि�न वाादाा कि�याा
हुआ सहाायक नीीचेे उतराा और स्वर्गग कीी ओर सेे साामर्थ्यय दि�याा गयाा और वि�श्वाासि�योंं� कीी आत्मााएंं अपनेे
आरोोहि�त प्रभुु कीी सचेेत उपस्थि�ति� सेे रोोमांं�चि�त होो गईं- फि�र, भलेे हीी, उसकेे माार्गग कीी तरह, उनकाा
माार्गग बलि�दाान और शहाादत सेे होोकर नि�कलाा, क्याा उन्होंं�नेे उसकेे आगमन पर प्रााप्त होोनेे वाालेे “धर्मम
केे मुुकुुट” सहि�त उसकेे अनुुग्रह केे सुुसमााचाार कीी सेेवकााई कोो एक सांं�साारि�क सिं�हां ासन कीी महि�माा
केे लि�ए, जोो उनकेे पहलेे शि�ष्यत्व कीी आशाा रहीी थीी, अदलाा-बदलीी कर दि�याा होोताा? वह जोो «ऐसाा
साामर्थीी हैै कि� हमाारीी वि�नतीी और समझ सेे कहींं� अधि�क कााम कर सकताा हैै,» उसनेे उन्हेंं अपनेे कष्टोंं�
कीी संं गति� केे सााथ, अपनेे आनंं द कीी संं गति� प्रदाान कीी थीी - «बहुत सेे पुुत्रोंं� कोो महि�माा मेंं पहुँँचाानेे» काा
आनंं द , अकथनीीय आनंं द , और «अनन्त महि�माा,» जि�सकेे साामनेे, पौौलुुस कहताा हैै, «हमााराा पल भर
काा हल्काा साा क्लेेश,» «कुु छ भीी नहींं� हैंं।»
मसीीह केे पहलेे आगमन पर «रााज्य केे सुुसमााचाार» काा प्रचाार करनेे वाालेे शि�ष्योंं� काा अनुुभव,
उसकेे दूू सरेे आगमन केे संं देेश कीी घोोषणाा करनेे वाालोंं� केे अनुुभव केे समकक्ष थाा। जैैसेे शि�ष्य प्रचाार
करतेे हुए बााहर गए, «समय पूूराा हुआ हैै, परमेेश्वर काा रााज्य नि�कट आ गयाा हैै,» इसीी प्रकाार मि�लर
और उनकेे सहयोोगि�योंं� नेे घोोषणाा कीी कि� बााइबि�ल मेंं दि�खााई देेनेे वाालीी सबसेे लंं बीी और अंंति�म भवि�-
ष्यसूूचक अवधि� समााप्त होोनेे वाालीी थीी, न्यााय नि�कट थाा, और अनन्त रााज्य काा प्रवेेश होोनाा थाा। समय
केे संं बंं ध मेंं चेेलोंं� काा उपदेेश दाानि�य्येेल 9 केे सत्तर सप्तााहोंं� पर आधाारि�त थाा। मि�लर और उसकेे
सहयोोगि�योंं� द्वााराा दि�ए गए संं देेश नेे दाानि�य्येेल 8:14 केे 2300 दि�नोंं� कीी समााप्ति� कीी घोोषणाा कीी, जि�नमेंं
246 महाान वि�वााद

सेे सत्तर सप्तााह एक हि�स्साा हैंं। प्रत्येेक काा उपदेेश एक हीी महाान भवि�ष्यसूूचक अवधि� केे एक अलग
हि�स्सेे कीी पूूर्ति� पर आधाारि�त थाा।
पहलेे शि�ष्योंं� कीी तरह, वि�लि�यम मि�लर और उसकेे सहयोोगि�योंं� नेे स्वयंं उस संं देेश केे अर्थथ कोो पूूरीी
तरह सेे नहींं� समझाा जोो उन्होंं�नेे दि�याा थाा। भ्रम जोो लंं बेे समय सेे कलीीसि�याा मेंं स्थाापि�त थाा, उन्हेंं भवि�-
ष्यद्वााणीी मेंं एक महत्वपूूर्णण मुुद्देे कीी सहीी व्यााख्याा पर पहुंंचनेे सेे रोोकताा थाा। इसलि�ए, यद्यपि� उन्होंं�नेे उस
संं देेश काा प्रचाार कि�याा, जोो परमेेश्वर नेे उन्हेंं वि�श्व कोो देेनेे केे लि�ए सौंं�पाा थाा, फि�र भीी उसकेे अर्थथ कीी
भ्रांं�ति� सेे उन्हेंं नि�रााशाा हीी हााथ लगीी।
दाानि�य्येेल 8:14 कीी व्यााख्याा करतेे हुए, «जब तक साँँ�झ और सबेेराा दोो हज़ाार तीीन सौौ बाार न होंं�;
तब पवि�त्रस्थाान शुुद्ध कि�याा जााएगाा,” मि�लर, जैैसाा कि� कहाा गयाा हैै, नेे आम तौौर पर प्रााप्त दृष्टि�िकोोण
कोो अपनाायाा कि� पृृथ्वीी पवि�त्रस्थाान हैै, और उसकाा मााननाा थाा कि� पवि�त्रस्थाान काा शुुद्ध कि�याा जाानाा प्रभुु
केे आनेे पर आग सेे पृृथ्वीी कीी शुुद्धि� काा प्रतीीक थाा। इसलि�ए, जब उसनेे पाायाा कि� 2300 दि�नोंं� केे अंंत
कीी नि�श्चि�ित रूप सेे भवि�ष्यवााणीी कीी गई थीी, तोो उसनेे नि�ष्कर्षष नि�काालाा कि� इससेे दूू सरेे आगमन काा
समय प्रकट हुआ थाा। उसकाा भ्रम पवि�त्र स्थाान केे गठन केे बाारेे मेंं लोोकप्रि�य दृष्टि�िकोोण कोो स्वीीकाार
करनेे केे परि�णाामस्वरूप हुआ।
वि�शि�ष्ट प्रणाालीी मेंं, जोो कि� मसीीह केे बलि�दाान और पदधाारीी यााजकोंं� केे समााज कीी छाायाा थीी, पवि�त्र
स्थाान कीी शुुद्धि� सेेवाा केे वाार्षि�क दौौर मेंं महाायााजक द्वााराा कीी जाानेे वाालीी अंंति�म वि�धि� थीी। यह प्राायश्चि�ित काा
समाापन काार्यय थाा - इस्रााएल सेे पााप कोो हटाानाा याा दूू र करनाा। इसनेे स्वर्गग मेंं हमाारेे महाायााजक कीी सेेवकााई
केे समाापन काार्यय कोो पूूर्ववरूप दि�याा, उसकेे लोोगोंं� केे पाापोंं� कोो हटाानेे याा मि�टाानेे मेंं, जोो स्वर्गीीय अभि�लेेखोंं�
मेंं दर्जज हैंं। इस सेेवाा मेंं जाँँ�च काा एक काार्यय, न्यााय काा एक काार्यय शाामि�ल हैै; और यह साामर्थ्यय और महाान
महि�माा केे सााथ स्वर्गग केे बाादलोंं� मेंं मसीीह केे आनेे सेे ठीीक पहलेे होोताा हैै; क्योंं�कि� जब वह आताा हैै, तोो
सब माामलोंं� काा नि�र्णणय होो चुुकाा होोताा हैै। यीीशुु कहताा हैै: «हर एक केे कााम केे अनुुसाार बदलाा देेनेे केे लि�येे
प्रति�फल मेेरेे पाास हैै।» प्रकााशि�तवााक्य 22:12। यह हैै न्यााय काा वह काार्यय, दूू सरेे आगमन सेे ठीीक पहलेे,
जि�सकीी घोोषणाा प्रकााशि�तवााक्य 14:7 केे पहलेे स्वर्गगदूू त केे संं देेश मेंं कीी गई हैै: “परमेेश्वर सेे डरोो, और
उसकीी महि�माा करोो, क्योंं�कि� उसकेे न्यााय करनेे काा समय आ पहुँँचाा हैै। «
इस चेेताावनीी कीी घोोषणाा करनेे वाालोंं� नेे सहीी समय पर सहीी संं देेश दि�याा। लेेकि�न जैैसाा कि� आरंंभि�क
शि�ष्योंं� नेे दाानि�य्येेल 9 कीी भवि�ष्यवााणीी केे आधाार पर घोोषणाा कीी कि�, “समय पूूराा हुआ हैै, और परमेेश्वर
काा रााज्य नि�कट आ गयाा हैै,” जबकि� वेे यह समझनेे मेंं वि�फल रहेे कि� उसीी पद मेंं मसीीहाा कीी मृृत्युु कीी
भवि�ष्यद्वााणीी कीी गई थीी, उसीी तरह मि�लर और उनकेे सहयोोगि�योंं� नेे दाानि�य्येेल 8:14 और प्रकााशि�तवा�-
क्य 14:7 केे आधाार पर संं देेश काा प्रचाार कि�याा, और यह देेखनेे मेंं वि�फल रहेे कि� प्रकााशि�तवााक्य 14 मेंं
देेखनेे केे लि�ए और भीी संं देेश प्रकट कि�ए गए थेे, जोो कि� प्रभुु केे आगमन सेे पहलेे दि�ए जाानेे थेे। जैैसाा कि�
सत्तर सप्तााह केे अंंत मेंं स्थाापि�त होोनेे वाालेे रााज्य केे संं बंंध मेंं चेेलोंं� कीी धाारणाा गलत थीी, उसीी तरह 2300
दि�नोंं� कीी समााप्ति� पर होोनेे वाालीी घटनाा केे संं बंंध मेंं एडवेंंटि�स्ट गलत थेे। दोोनोंं� हीी माामलोंं� मेंं लोोकप्रि�य भ्रमोंं�
कीी स्वीीकृृ ति�, याा सहीी कहेंं तोो उनकेे प्रति� लगााव थाा, जि�सनेे मन कोो सत्य केे प्रति� अंंधाा कर दि�याा थाा। दोोनोंं�
वर्गोंं नेे उस संं देेश कोो देेनेे मेंं, जि�सेे वह चााहताा थाा कि� दि�याा जााए, ईश्वर कीी इच्छाा कोो पूूराा कि�याा, और
दोोनोंं� नेे अपनेे संं देेश कोो लेेकर अपनीी गलतफहमीी केे काारण नि�रााशाा काा साामनाा कि�याा।
अंधकार के रास्ते प् 247

तौौभीी परमेेश्वर नेे न्यााय कीी चेेताावनीी कोो जैैसाा वह थाा वैैसेे हीी दि�ए जाानेे कीी अनुुमति� देेनेे मेंं अपनेे
स्वयंं केे लााभकाारीी उद्देेश्य कोो पूूराा कि�याा। महाान दि�न नि�कट थाा, और उसकीी इच्छाानुुसर लोोगोंं� कोो एक
नि�श्चि�ित समय कीी परीीक्षाा मेंं लाायाा गयाा थाा, तााकि� उनकेे दि�ल मेंं जोो कुु छ थाा उसेे प्रकट कि�याा जाा सकेे ।
संं देेश कोो कलीीसि�याा केे परीीक्षण और शुुद्धि�करण केे लि�ए नि�यत कि�याा गयाा थाा। उन्हेंं यह देेखनेे केे लि�ए
लेे जाायाा जाानाा थाा कि� उनकाा स्नेेह इस संं साार पर केंंद्रि�त हैै याा मसीीह और स्वर्गग पर। वेे उद्धाारकर्ताा� सेे
प्रेेम करनेे काा दाावाा करतेे थेे; अब उन्हेंं अपनेे प्रेेम काा सबूूत देेनाा थाा। क्याा वेे अपनीी सांं�साारि�क आशााओंं
और महत्वााकांं�क्षााओंं कोो छोोड़नेे और अपनेे प्रभुु केे आगमन काा आनंं द केे सााथ स्वाागत करनेे केे लि�ए
तैैयाार थेे? संं देेश कोो उनकीी वाास्तवि�क आध्याात्मि�क स्थि�ति� कोो समझनेे मेंं सक्षम बनाानेे केे लि�ए तैैयाार
कि�याा गयाा थाा; यह दयाा मेंं उन्हेंं पश्चाातााप और अपमाान केे सााथ यहोोवाा केे पाास जाानेे केे लि�ए जााग्रत
करनेे केे लि�ए भेेजाा गयाा थाा।
नि�रााशाा कोो भीी अच्छेे केे लि�ए खाारि�ज कि�याा जाानाा थाा, हाालांं�कि� वह उनकेे द्वााराा दि�ए गए संं देेश कोो
लेेकर उनकीी गलत समझ काा परि�णााम थीी। यह उन लोोगोंं� केे हृदयोंं� कोो परखनेे केे लि�ए थाा जि�न्होंं�नेे
चेेताावनीी प्रााप्त करनेे काा दाावाा कि�याा थाा। अपनीी नि�रााशाा केे साामनेे क्याा वेे हड़बड़ााहट मेंं अपनाा अनुुभव
छोोड़ देंंगेे और परमेेश्वर केे वचनोंं� मेंं अपनाा भरोोसाा खोो देंंगेे? याा क्याा वेे, प्राार्थथनाा और वि�नम्रताा मेंं, यह
समझनेे कीी कोोशि�श करेंंगेे कि� वेे भवि�ष्यवााणीी केे महत्व कोो समझनेे मेंं कहाँँ� असफल रहेे? कि�तनेे डर,
याा आवेेग और उत्तेेजनाा सेे प्रभाावि�त थेे? कि�तनेे नि�रुत्सााहि�त और अवि�श्वाासीी थेे? भीीड़ नेे प्रभुु केे प्रकट
होोनेे सेे प्रेेम करनेे काा दाावाा कि�याा। जब उन्हेंं संं साार केे उपहाास और ति�रस्काार, और वि�लंं ब और नि�रााशाा
कीी परीीक्षाा सहनेे केे लि�ए बुुलाायाा गयाा, तोो क्याा वेे वि�श्वाास कोो त्यााग देंंगेे? क्योंं�कि� वेे तुुरंंत उनकेे सााथ
परमेेश्वर केे व्यवहाार कोो नहींं� समझ पााए, क्याा वेे उसकेे वचन कीी सबसेे स्पष्ट गवााहीी द्वााराा समर्थि�त
सत्योंं� कोो त्यााग देंंगेे?
यह परीीक्षाा उन लोोगोंं� कीी तााकत कोो प्रकट करेेगीी जि�न्होंं�नेे सच्चेे वि�श्वाास केे सााथ उस बाात काा
पाालन कि�याा थाा जि�सेे वेे परमेेश्वर केे वचन और आत्माा कीी शि�क्षाा माानतेे थेे। यह उन्हेंं बााइबल कोो
अपनाा व्यााख्यााकाार बनाानेे केे बजााय, मनुुष्य केे सि�द्धांं�तोंं� और व्यााख्यााओंं कोो स्वीीकाार करनेे केे खतरेे केे
बाारेे मेंं सि�खााएगाा, जैैसाा कि� केे वल इस तरह केे अनुुभव उन्हेंं सि�खाा सकताा थाा। वि�श्वाास कीी सन्ताानोंं� केे
लि�ए उनकेे भ्रम केे काारण होोनेे वाालीी उलझन और दुःः�ख आवश्यक सुुधाार काा काार्यय करेंंगेे। उन्हेंं भवि�-
ष्यसूूचक शब्द केे एक गहन अध्ययन कीी ओर लेे जाायाा जााएगाा। उन्हेंं सि�खाायाा जााएगाा कि� वेे अपनेे
वि�श्वाास कीी नींं�व कोो और अधि�क साावधाानीी सेे जाँँ�चेंं, और हर उस चीीज़ कोो अस्वीीकाार करेंं जोो सत्य केे
वचनोंं� पर स्थाापि�त नहींं� थीी, हाालाँँ�कि� मसीीहीी दुनि�या
ु ा द्वााराा इसेे व्याापक रूप सेे स्वीीकाार कि�याा गयाा थाा।
इन वि�श्वाासि�योंं� केे सााथ, जैैसाा कि� पहलेे शि�ष्योंं� केे सााथ हुआ थाा, जोो कि� परीीक्षण केे समय मेंं
उनकीी समझ केे लि�ए गूूढ़ लग रहाा थाा, बााद मेंं स्पष्ट कि�याा जााएगाा। «प्रभुु काा अंंत» देेखनेे पर वेे जाानेंंगेे
कि� उनकेे भ्रमोंं� केे परि�णाामस्वरूप परीीक्षण केे बाावजूूद , उनकेे प्रति� उसकेे प्रेेम केे उद्देेश्य लगााताार पूूरेे होो
रहेे थेे। वेे एक धन्य अनुुभव सेे सीीखेंंगेे कि� वह «अत्यन्त करुणाा और दयाा वाालाा» हैै; कि� «जोो यहोोवाा
कीी वााचाा और चि�तौौनि�योंं� कोो माानतेे हैंं, उनकेे लि�येे उसकेे सब माार्गग करुणाा और सच्‍‍चााई हैंं।»
20

एक महाान धाार्मि�क जाागृृति�

प्र कााशि�तवााक्य 14 केे पहलेे दूू त केे संं देेश कीी भवि�ष्यद्वााणीी मेंं मसीीह केे जल्द आनेे कीी घोोषणाा केे
तहत एक महाान धाार्मि�क जाागरण कीी भवि�ष्यद्वााणीी कीी गई हैै। एक स्वर्गगदूू त कोो «आकााश केे बीीच
मेंं उड़तेे हुए देेखाा गयाा जि�सकेे पाास पृृथ्वीी पर केे रहनेेवाालोंं� कीी हर एक जााति�, और कुु ल, और भााषाा,
और लोोगोंं� कोो सुुनाानेे केे लि�येे सनाातन सुुसमााचाार थाा।» «उसनेे बड़ेे शब्द सेे कहाा, “परमेेश्वर सेे डरोो,
और उसकीी महि�माा करोो, क्योंं�कि� उसकेे न्यााय करनेे काा समय आ पहुँँचाा हैै; और उसकाा भजन करोो,
जि�सनेे स्वर्गग और पृृथ्वीी और समुुद्र और जल केे सोोतेे बनााए।” पद 6,7।
यह तथ्य कि� एक स्वर्गगदूू त कोो इस चेेताावनीी काा अग्रदूू त कहाा जााताा हैै, महत्वपूूर्णण हैै। स्वर्गीीय संं देे-
शवााहक कीी पवि�त्रताा, महि�माा और साामर्थ्यय केे द्वााराा, ईश्वरीीय ज्ञाान संं देेश और उसमेंं शाामि�ल होोनेे वाालीी
शक्ति� और महि�माा द्वााराा पूूराा कि�याा जाानेे वाालेे काार्यय केे उदाात्त स्वभााव कोो प्रस्तुुत करनेे सेे प्रसन्न हुआ
हैै। और स्वर्गगदूू त काा “आकााश केे बीीच मेंं” उड़नाा, वह “बड़ेे शब्द” जि�नकेे सााथ चेेताावनीी दीी जाातीी हैै,
और «पृृथ्वीी पर केे रहनेेवाालोंं�” केे लि�ए उसकीी घोोषणाा- «हर एक जााति�, और कुु ल, और भााषाा, और
लोोगोंं� केे लि�ए,” - आंंदोोलन कीी गति� और वि�श्वव्याापीी वि�स्ताार काा प्रमााण देेतेे हैंं।
यह सन्देेश स्वयंं उस समय केे बाारेे मेंं प्रकााश डाालताा हैै जब यह घटनाा होोनीी हैै। इसेे «सनाातन
सुुसमााचाार» काा हि�स्साा घोोषि�त कि�याा गयाा हैै। और यह न्यााय केे प्राारंंभ कीी घोोषणाा करताा हैै। उद्धाार केे
संं देेश काा सभीी युुगोंं� मेंं प्रचाार कि�याा गयाा हैै; लेेकि�न यह संं देेश सुुसमााचाार काा एक हि�स्साा हैै जि�सकीी
घोोषणाा केे वल अंंति�म दि�नोंं� मेंं कीी जाा सकतीी थीी, क्योंं�कि� तभीी यह सच होोगाा कि� न्यााय काा समय आ
गयाा थाा। भवि�ष्यद्वााणि�याँँ� न्यााय केे प्राारंंभ कीी ओर लेे जाानेे वाालीी घटनााओंं काा एक क्रम प्रस्तुुत करतीी हैंं।
यह वि�शेेष रूप सेे दाानि�य्येेल कीी पुुस्तक केे बाारेे मेंं सच हैै। लेेकि�न उसकीी भवि�ष्यद्वााणीी काा वह भााग जोो
अंंति�म दि�नोंं� सेे संं बंं धि�त थाा, दाानि�य्येेल कोो «अन्त समय» तक बंं द करनेे और मुुहर लगाानेे केे लि�ए कहाा
गयाा थाा। जब तक हम इस समय तक नहींं� पहुँँचतेे, तब तक इन भवि�ष्यद्वााणि�योंं� कीी पूूर्ति� केे आधाार पर,
न्यााय सेे संं बंं धि�त संं देेश कीी घोोषणाा नहींं� कीी जाा सकतीी थीी। परन्तुु अन्त समय भवि�ष्यद्वक्ताा कहताा हैै,
«बहुत सेे लोोग पूूछ–पााछ और ढूँँ� ढ़–ढाँँ�ढ़ करेंंगेे, और इस सेे ज्ञाान बढ़ भीी जााएगाा।” दाानि�य्येेल 12:4।
एक महान धार्मिक जागृ 249

प्रेेरि�त पौौलुुस नेे कलीीसि�याा कोो चेेताावनीी दीी कि� वह उसकेे दि�नोंं� मेंं मसीीह केे आगमन कीी प्रतीीक्षाा न
करेे । «वह दि�न न आएगाा,» वह कहताा हैै, «जब तक धर्मम काा त्यााग न होो लेे, और वह पााप काा पुुरुष
अर्थाा�त्् वि�नााश काा पुुत्र प्रगट न होो।» 2 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 2:3। महाान धर्ममत्यााग, और «पााप केे पुुरुष»
केे शाासन कीी लंं बीी अवधि� केे बााद तक, हम अपनेे प्रभुु केे आगमन कीी उम्मीीद नहींं� कर सकतेे। वह
«पााप काा पुुरुष,» जि�सेे «अधर्मम काा रहस्य», «वि�नााश काा पुुत्र» और «वह दुष्ु ट» भीी कहाा जााताा हैै,
पोोप जि�सेे «अधर्मम काा रहस्य,» «वि�नााश काा पुुत्र» और «वह दुष्ु ट» भीी कहाा जााताा हैै, पोोपवााद काा
प्रतीीक हैै, जि�सेे जैैसाा कि� भवि�ष्यद्वााणीी मेंं कहाा गयाा थाा, 1260 वर्षोंं तक अपनाा वर्चचस्व बनााए रखनाा
थाा। यह अवधि� 1798 मेंं समााप्त हुई। उस समय सेे पहलेे मसीीह काा आगमन नहींं� होो सकताा थाा।
पौौलुुस नेे अपनीी साावधाानीी केे सााथ पूूरीी मसीीहीी व्यवस्थाा कोो 1798 तक लि�खाा। यह उस समय काा
वह पक्ष हैै कि� मसीीह केे दूू सरेे आगमन केे संं देेश कीी घोोषणाा कीी जाानीी हैै।
पि�छलेे युुगोंं� मेंं ऐसाा कोोई संं देेश कभीी नहींं� दि�याा गयाा हैै। पौौलुुस नेे, जैैसाा कि� हमनेे देेखाा हैै, इसकाा
प्रचाार नहींं� कि�याा; उसनेे अपनेे भााइयोंं� काा ध्याान प्रभुु केे आनेे केे लि�ए तत्काालीीन सुुदूूर भवि�ष्य कीी ओर
आकर्षि�त कि�याा। सुुधाारकोंं� नेे इसकीी घोोषणाा नहींं� कीी। माार्टि�न लूूथर नेे न्यााय कोो अपनेे समय सेे लगभग
तीीन सौौ वर्षष बााद मेंं रखाा। लेेकि�न 1798 केे बााद सेे दाानि�य्येेल कीी कि�तााब कोो खोोल दि�याा गयाा हैै, भवि�-
ष्यद्वााणि�योंं� काा ज्ञाान बढ़ गयाा हैै, और कई लोोगोंं� नेे न्यााय केे गंं भीीर संं देेश कीी घोोषणाा कीी हैै, उस न्यााय
कीी जोो नि�कट हैै।
सोोलहवींं� शतााब्दीी केे महाान सुुधाार कीी तरह, मसीीहीी जगत केे वि�भि�न्न देेशोंं� मेंं एक हीी समय मेंं
आगमन आंंदोोलन दि�खााई दि�याा। यूूरोोप और अमेेरि�काा दोोनोंं� मेंं नि�ष्ठाावाान्् और प्राार्थथनाा करनेे वाालेे
पुुरुषोंं� कोो भवि�ष्यद्वााणि�योंं� काा अध्ययन करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा गयाा थाा, और, उत्प्रेेरि�त आलेेख कोो
खंं गाालनेे पर, उन्होंं�नेे इस बाात काा ठोोस सबूूत देेखाा कि� सभीी चीीज़ोंं� काा अंंत नि�कट थाा। अलग-अलग
देेशोंं� मेंं मसीीहि�योंं� केे अलग-अलग नि�कााय थेे, जोो पूूरीी तरह सेे पवि�त्र शाास्त्र केे अध्ययन सेे इस वि�श्वाास
पर पहुँँचेे कि� उद्धाारकर्ताा� काा आगमन नि�कट थाा।
1821 मेंं, न्यााय केे समय कीी ओर संं केे त करनेे वाालीी भवि�ष्यद्वााणि�योंं� कीी व्यााख्याा करनेे केे लि�ए
मि�लर केे आनेे केे तीीन सााल बााद, डॉॉ. जोोसेेफ वोोल्फ, «संं साार केे लि�ए मि�शनरीी,» नेे प्रभुु केे जल्द आनेे
कीी घोोषणाा करनाा शुुरू कि�याा। वोोल्फ काा जन्म जर्ममनीी मेंं इब्राानीी कुु ल मेंं हुआ थाा; उसकेे पि�ताा यहूदीी
रब्बीी थेे। बहुत कम उम्र मेंं हीी उसेे मसीीहीी धर्मम कीी सच्चााई काा यकीीन होो गयाा थाा। जब धर्ममनि�ष्ठ इब्रीी
प्रति�दि�न अपनेे लोोगोंं� कीी आशााओंं और प्रत्यााशााओंं, आनेे वाालेे मसीीहाा कीी महि�माा, और इस्रााएल कीी
बहाालीी कोो यााद करनेे केे लि�ए इकट्ठेे होोतेे थेे, एक सक्रि�य, पूूछतााछ करनेे वाालेे मन काा धनीी होोतेे हुए,
वह अपनेे पि�ताा केे घर मेंं होोनेे वाालीी बाातचीीत काा एक उत्सुुक श्रोोताा रहाा थाा। एक दि�न नाासरत केे यीीशुु
काा उल्लेेख सुुनकर, लड़केे नेे पूूछाा कि� वह कौौन हैै। «सबसेे महाान प्रति�भाा काा एक यहूदीी,» उत्तर
थाा; «लेेकि�न जैैसाा कि� उसनेे मसीीहाा होोनेे काा ढोंं�ग कि�याा, यहूदीी न्याायााधि�करण नेे उसेे मौौत कीी सजाा
सुुनााई।» «क्योंं�,» प्रश्नकर्ताा� नेे फि�र सेे कहाा, «क्याा यरूशलेेम नष्ट होो गयाा हैै, और हम कैै द मेंं क्योंं�
हैंं?» «हााय, हााय!» उसकेे पि�ताा नेे उत्तर दि�याा, “क्योंं�कि� यहूदि�योंं� नेे भवि�ष्यद्वक्तााओंं कोो माार डाालाा
थाा।” बच्चेे कोो तुुरंंत यह वि�चाार सुुझाायाा गयाा: «शाायद यीीशुु भीी एक भवि�ष्यद्वक्ताा थाा, और यहूदि�योंं� नेे
उसेे तब माार डाालाा जब वह नि�र्दोोष थाा।» - ट्रेे�वल्स एंं ड एडवेंंचर्सस ऑफ द रेेव. जोोसेेफ वोोल्फ, वॉॉल्यूूम
250 महाान वि�वााद

1, पृृ. 6। यह भाावनाा इतनीी प्रबल थीी कि�, हाालाँँ�कि� उसेे एक मसीीहीी आरााधनाालय मेंं प्रवेेश करनेे सेे
मनाा कि�याा गयाा थाा, वह अक्सर उपदेेश सुुननेे केे लि�ए बााहर रुकाा रहताा थाा।
जब वह केे वल साात वर्षष काा थाा, तब वह अपनेे एक बूूढ़ेे मसीीहीी पड़ोोसीी केे साामनेे मसीीहाा केे
आगमन पर इस्रााएल कीी भाावीी वि�जय कीी शेेखीी बघाार रहाा थाा, जब बूूढ़ेे व्यक्ति� नेे वि�नम्रताापूूर्ववक कहाा:
“प्रि�य बाालक, मैंं तुुम्हेंं बतााऊँँगाा कि� असलीी मसीीहाा कौौन थाा: वह नाासरत काा यीीशुु थाा, ... जि�सेे तुुम्हाारेे
पूूर्ववजोंं� नेे क्रूूस पर चढ़ाायाा, जैैसाा कि� उन्होंं�नेे पुुराानेे भवि�ष्यद्वक्तााओंं केे सााथ कि�याा थाा। घर जााओ और
यशाायााह केे ति�रपनवेंं अध्यााय कोो पढ़ोो, और तुुम आश्वस्त होो जााओगेे कि� यीीशुु मसीीह परमेेश्वर काा
पुुत्र हैै।” -पूूर्वोोक्त., खंं ड1, पृृ. 7। उसेे तुुरन्त वि�श्‍‍वाास होो गयाा। वह घर गयाा और पवि�त्र शाास्त्र पढ़ाा,
यह जााननेे कोो उत्सुुक होोतेे हुए कि� यह नाासरत केे यीीशुु मेंं कि�तनीी अच्छीी तरह सेे पूूराा हुआ थाा। क्याा
मसीीहीी कीी बाातेंं सच थींं�? लड़केे नेे अपनेे पि�ताा सेे भवि�ष्यद्वााणीी केे बाारेे मेंं स्पष्टीीकरण मांं�गाा, लेेकि�न
इतनीी कड़ीी चुुप्पीी केे सााथ जवााब मि�लाा कि� उसनेे फि�र कभीी इस वि�षय काा उल्लेेख करनेे कीी हि�म्मत
नहींं� कीी। हाालाँँ�कि�, इसनेे केे वल मसीीहीी धर्मम केे बाारेे मेंं अधि�क जााननेे कीी उसकीी इच्छाा कोो बढ़ाायाा।
उसनेे जोो ज्ञाान चााहाा थाा, उससेे उसकोो उसकेे यहूदीी घर मेंं ध्याान सेे वंं चि�त रखाा गयाा थाा; लेेकि�न,
जब वह केे वल ग्याारह वर्षष काा थाा, उसनेे अपनेे पि�ताा काा घर छोोड़ दि�याा और अपनेे लि�ए शि�क्षाा प्रााप्त
करनेे, अपनेे धर्मम और अपनेे जीीवन केे काार्यय कोो चुुननेे केे लि�ए घर सेे बााहर कीी दुनि�या ु ा मेंं चलाा गयाा।
वह कुु छ समय केे लि�ए रि�श्तेेदाारोंं� केे सााथ रहाा, लेेकि�न जल्द हीी उसेे एक धर्ममत्याागीी केे रूप मेंं नि�कााल
दि�याा गयाा, और अकेे लेे और दरि�द्रताा मेंं उसेे अजनबि�योंं� केे बीीच अपनाा नि�र्वाा�ह करनाा पड़ाा। वह जगह-
जगह जााकर मन लगााकर अध्ययन करताा और इब्राानीी शि�क्षाा देेकर अपनाा भरण-पोोषण करताा थाा।
एक कैै थोोलि�क प्रशि�क्षक केे प्रभााव सेे उन्हेंं कैै थोोलि�क वि�श्वाास कोो स्वीीकाार करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा
गयाा और अपनेे हीी लोोगोंं� केे लि�ए एक मि�शनरीी बननेे काा उद्देेश्य बनाायाा। इस उद्देेश्य केे सााथ, वह
कुु छ सााल बााद, रोोम मेंं प्रोोपेेगैंंडाा कॉॉलेेज मेंं अपनीी पढ़ााई करनेे केे लि�ए गयाा। यहाँँ� उसकेे स्वतंं त्र वि�चाार
और स्पष्ट भााषण कीी आदत नेे उस पर वि�धर्मम काा आरोोप लगाायाा। उसनेे खुुलेे तौौर पर कलीीसि�याा केे
दुर्व्ययवहा
ु ार पर हमलाा कि�याा और सुुधाार कीी आवश्यकताा काा आग्रह कि�याा। हाालाँँ�कि� पहलेे पोोप केे
गणमाान्य व्यक्ति�योंं� द्वााराा उसकेे सााथ वि�शेेष शि�ष्टााचाार बरताा गयाा थाा, लेेकि�न कुु छ समय बााद उसेे रोोम
सेे नि�कााल दि�याा गयाा। चर्चच कीी नि�गराानीी मेंं वह एक जगह सेे दूू सरीी जगह गयाा, जब तक कि� यह स्पष्ट
नहींं� होो गयाा कि� उसेे कभीी भीी रोोमनवााद केे बंं धन मेंं नहींं� लाायाा जाा सकताा। उसेे असुुधाार्यय घोोषि�त कर
दि�याा गयाा और जहाँँ� वह चााहेे वहाँँ� जाानेे केे लि�ए स्वतंं त्र छोोड़ दि�याा गयाा। वह अब इंं ग्लैंडं चलाा गयाा और
प्रोोटेेस्टेंंट वि�श्वाास कोो स्वीीकाार करतेे हुए, इंं गलि�श चर्चच केे सााथ एकजुुट होो गयाा। दोो सााल केे अध्ययन
केे बााद, 1821 मेंं, वह अपनेे मि�शन पर नि�कल पड़ाा।
जबकि� वोोल्फ नेे इस महाान सत्य कोो स्वीीकाार कि�याा कि� पहलेे आगमन पर मसीीह «दुखी ु ी पुुरुष, रोोग
सेे जि�सकीी जाान पहि�चाान थीी» केे रूप मेंं आयाा, उसनेे देेखाा कि� भवि�ष्यद्वााणि�याँँ� समाान स्पष्टताा केे सााथ
शक्ति� और महि�माा केे सााथ उसकेे दूू सरेे आगमन कोो साामनेे लाातीी हैंं। और जब उसनेे अपनेे लोोगोंं� कोो
प्रति�ज्ञाा कि�ए हुए व्यक्ति� केे रूप मेंं नाासरत केे यीीशुु केे पाास लेे जाानेे, और उनकाा ध्याान लोोगोंं� केे पाापोंं� केे
लि�ए दीीनताा मेंं बलि�दाान केे रूप मेंं उसकेे पहलेे आगमन कीी ओर आकर्षि�त करनेे कीी कोोशि�श कीी, उसनेे
उन्हेंं यह भीी सि�खाायाा कि� अपनेे दूू सरेे आगमन पर वह एक रााजाा और उद्धाारकर्ताा� केे रूप मेंं आएगाा।
एक महान धार्मिक जागृ 251

“नाासरत काा यीीशुु, सच्चाा मसीीहाा,” उसनेे कहाा, “जि�सकेे हााथ और पांं�व छेे देे गए थेे, जोो वध होोनेे
वाालेे मेेम्नेे केे समाान लाायाा गयाा थाा, जोो दुखीु ी पुुरुष थाा और जि�सकीी रोोग सेे जाान पहि�चाान थीी, जोो यहूदाा
सेे रााजदंंड और उसकेे पैैरोंं� केे बीीच सेे वि�धाायीी शक्ति� लि�ए जाानेे केे बााद, पहलीी बाार आयाा; वह स्वर्गग केे
बाादलोंं� मेंं दूू सरीी बाार आएगाा, और प्रधाान दूू त कीी तुुरहीी केे सााथ,” (जोोसेेफ वोोल्फ, रि�सर्चच एंं ड मि�शनरीी
लेेबर्सस, पृृष् ठ 62) “और जैैतूून केे पहााड़ पर खड़ाा होोगाा; और वह प्रभुुत्व, जोो एक बाार सृृष्टि�ि केे ऊपर
आदम कोो देे दि�याा गयाा थाा, और उसकेे द्वााराा खोो दि�याा गयाा थाा (उत्पत्ति� 1:26; 3:17), यीीशुु कोो
दि�याा जााएगाा। वह साारीी पृृथ्वीी काा रााजाा होोगाा। सृृष्टि�ि काा करााहनाा और वि�लााप बन्द होो जााएगाा, परन्तुु
स्तुुति� और धन्यवााद केे गीीत सुुनााई देंंगेे। जब यीीशुु अपनेे पि�ताा कीी महि�माा मेंं, पवि�त्र स्वर्गगदूू तोंं� केे सााथ
आएगाा, ...मृृत वि�श्वाासीी पहलेे जीी उठेंं गेे। 1 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 4:16; 1 कुु रि�न्थि�योंं� 15:23। इसेे हीी
हम मसीीहीी पहलाा पुुनरुत्थाान कहतेे हैंं। तब पशुु जगत अपनीी प्रकृृ ति� कोो बदल देेगाा (यशाायााह 11:6-
9), और यीीशुु केे अधीीन होो जााएगाा। भजन संं हि�ताा 8। वि�श्व शांं�ति� काायम होोगीी।” —जर्ननल ऑफ द
रेेव.। जोोसेेफ वोोल्फ, पृृष् ठ 378, 379। “यहोोवाा फि�र पृृथ्वीी पर दृष्टि�ि करेेगाा, और कहेेगाा, ‹देेखोो, वह
बहुत अच्छीी हैै।›” -पूूर्वोोक्त., पृृष् ठ 294।
वोोल्फ काा मााननाा थाा कि� प्रभुु काा आगमन नि�कट थाा, और भवि�ष्यसूूचक अवधि� कीी उसकीी व्यााख्याा
नेे महाान समााप्ति� कोो मि�लर द्वााराा बतााए गए समय केे कुु छ हीी वर्षोंं केे दाायरेे मेंं रखाा। उन लोोगोंं� केे लि�ए
जि�न्होंं�नेे पवि�त्र शाास्त्र केे आधाार पर आग्रह कि�याा, “उस दि�न और उस घड़ीी केे वि�षय मेंं कोोई नहींं�
जाानताा,” कि� मनुुष्य कोो आगमन कीी नि�कटताा केे बाारेे मेंं कुु छ भीी नहींं� जााननाा हैै, वोोल्फ नेे उत्तर दि�याा:
«क्याा हमाारेे प्रभुु नेे कहाा थाा कि� उस दि�न और घड़ीी केे वि�षय मेंं कभीी नहींं� जाानाा जााएगाा? क्याा उस नेे हमेंं
समय केे चि�न्ह नहींं� दि�ए, कि� हम कम सेे कम उसकेे आगमन कीी नि�कटताा जाान लेंं, जैैसाा कि� अंंजीीर केे
पेेड़ केे पत्तेे नि�कलनेे सेे कोोई जाान लेेताा हैै कि� ग्रीीष्म कााल नि�कट हैै? मत्तीी 24:32। क्याा हमेंं उस अवधि�
कोो कभीी नहींं� जााननाा हैै, जबकि� वह स्वयंं हमेंं भवि�ष्यद्वक्ताा दाानि�य्येेल कीी कि�तााब कोो पढ़नेे केे लि�ए हीी
नहींं�, बल्कि� उसेे समझनेे केे लि�ए भीी प्रोोत्सााहि�त करताा हैै? और उसीी दाानि�य्येेल मेंं, जहांं� यह कहाा गयाा हैै
कि� वचनोंं� कोो अन्त समय तक केे लि�येे बन्द रखाा गयाा थाा (जोो उसकेे समय मेंं थाा), और यह कि� «बहुत
सेे लोोग पूूछ–पााछ और ढूँँ� ढ़–ढाँँ�ढ़ करेंंगे»े (समय कोो देेखनेे और उस पर वि�चाार करनेे केे लि�ए एक
इब्राानीी अभि�व्यक्ति�), और इस सेे «ज्ञाान» (उस समय केे बाारेे मेंं) «बढ़ भीी जााएगाा।” दाानि�य्येेल 12:4।
इसकेे अलाावाा, हमाारेे प्रभुु केे कहनेे काा यह ताात्पर्यय नहींं� हैै, कि� समय केे आनेे काा पताा नहींं� चलेेगाा, लेेकि�न
यह कि� ‹दि�न और घड़ीी केे वि�षय मेंं कोोई नहींं� जाानताा। ‹ वह कहताा हैै, जैैसाा कि� नूूह नेे बड़ीी नााव तैैयाार
कीी थीी, हमेंं उसकेे आगमन कीी तैैयाारीी करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करनेे केे लि�ए समय केे चि�ह्नोंं� सेे बहुत कुु छ
ज्ञाात होोगाा। « -वोोल्फ, रि�सर्चेेस एंं ड मि�शनरीी लेेबर, पृृष् ठ 404, 405।
पवि�त्र शाास्त्र कीी व्यााख्याा, याा गलत व्यााख्याा करनेे कीी लोोकप्रि�य प्रणाालीी केे बाारेे मेंं, वोोल्फ नेे लि�खाा:
«मसीीहीी कलीीसि�याा चर्चच काा बड़ाा हि�स्साा इंं जीील केे साादेे अर्थथ सेे भटक गयाा हैै, और बौौद्धोंं� कीी माायाामय
प्रणाालीी मेंं बदल गयाा हैै, जि�नकाा वि�श्वाास हैै कि� माानव जााति� कीी भवि�ष्य कीी खुुशीी हवाा मेंं चलनेे मेंं
होोगीी, और जोो सोोचतेे हैंं कि� जब वेे यहूदि�योंं� कोो पढ़ रहेे हैंं तोो उन्हेंं अन्यजााति�योंं� कोो समझनाा चााहि�ए;
और जब वेे यरूशलेेम कोो पढ़ेंं, तोो उन्हेंं कलीीसि�याा कोो समझनाा चााहि�ए; और यदि� इसेे पृृथ्वीी कहाा जााए,
तोो इसकाा अर्थथ हैै आकााश; और प्रभुु केे आगमन केे लि�ए उन्हेंं मि�शनरीी समााजोंं� कीी प्रगति� कोो समझनाा
252 महाान वि�वााद

चााहि�ए; और प्रभुु केे भवन केे पर्ववत पर चढ़नाा, मेेथोोडि�स्टोंं� कीी एक भव्य सभाा कोो सूूचि�त करताा हैै।”
—जर्ननल ऑफ द रेेव.। जोोसेेफ वोोल्फ, पृृष् ठ 96।
1821 सेे 1845 तक चौौबीीस वर्षोंं केे दौौराान, वोोल्फ नेे अफ्रीीकाा मेंं, मि�स्र और एबि�सि�नि�याा; एशि�याा
मेंं, फ़ि�लि�स्तीीन, सीीरि�याा, फ़ाारस, बोोखराा और भाारत काा दौौराा करतेे हुए व्याापक रूप सेे याात्राा कीी।
उसनेे सेंंट हेेलेेनाा द्वीीप पर प्रचाार करतेे हुए याात्राा केे दौौराान संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा काा भीी दौौराा कि�याा।
वह अगस्त, 1837 मेंं न्यूूयॉॉर्कक पहुंंचाा; और, उस शहर मेंं बोोलनेे केे बााद, उसनेे फि�लााडेेल्फि�याा और
बााल्टीीमोोर मेंं प्रचाार कि�याा और अंंत मेंं वााशिं�गं टन चलाा गयाा। यहाँँ�, वह कहताा हैै, «कांं�ग्रेेस केे एक
सदन मेंं पूूर्वव रााष्ट्ररपति�, जॉॉन क्विं�ं�सीी एडम्स द्वााराा लााए गए एक प्रस्तााव पर, सदन नेे सर्ववसम्मति� सेे मुुझेे
एक व्यााख्याान केे लि�ए कांं�ग्रेेस हॉॉल काा उपयोोग करनेे कीी अनुुमति� दीी, जोो मैंंनेे एक शनि�वाार कोो दि�याा,
और यह मेेरेे लि�ए एक सम्माान कीी बाात थीी कि� कांं�ग्रेेस केे सभीी सदस्योंं�, और वर्जीीनि�याा केे बि�शप और
वााशिं�गं टन केे पाादरि�योंं� कीी उपस्थि�ति� नेे इसकीी शोोभाा बढ़ााई। वहीी सम्माान मुुझेे न्यूू जर्सीी और पेेन्सि�लवेे-
नि�याा कीी सरकाार केे सदस्योंं� द्वााराा प्रदाान कि�याा गयाा थाा, जि�नकीी उपस्थि�ति� मेंं मैंंनेे एशि�याा मेंं अपनेे शोोधोंं�
पर और यीीशुु मसीीह केे व्यक्ति�गत शाासन पर भीी व्यााख्याान दि�ए थेे।” —पूूर्वोोक्त., पृृष् ठ 398, 399।
डॉॉ. वोोल्फ नेे कि�सीी भीी यूूरोोपीीय प्रााधि�करण केे संं रक्षण केे बि�नाा सबसेे बर्बबर देेशोंं� मेंं याात्राा कीी, कई
कठि�नााइयोंं� काा साामनाा कि�याा और अनगि�नत संं कटोंं� सेे घि�रेे रहेे। उसकेे पांं�व केे तलवोंं� पर बेंंत सेे मााराा
गयाा और उसेे भूूखाा रखाा गयाा, एक गुुलााम केे रूप मेंं बेेचाा गयाा, और तीीन बाार मृृत्युु कीी सज़ाा सुुनााई
गई। वह लुुटेेरोंं� सेे घि�र गयाा थाा, और कभीी-कभीी प्याास सेे लगभग मरनेे पर होोताा थाा। एक बाार उसकेे
पाास जोो कुु छ भीी थाा उससेे छीीन लि�याा गयाा और पहााड़ोंं� केे राास्तेे सैैकड़ोंं� मीील कीी पैैदल याात्राा करनेे
केे लि�ए छोोड़ दि�याा गयाा, उसकेे चेेहरेे पर बर्फफ कीी माार पड़ीी और जमीी हुई ज़मीीन केे संं पर्कक मेंं आनेे सेे
उसकेे नंं गेे पैैर सुुन्न होो गए।
जब जंं गलीी और शत्रुुताापूूर्णण जनजााति�योंं� केे बीीच नि�हत्थेे जाानेे केे खि�लााफ चेेताावनीी दीी गई, तोो
उसनेे खुुद कोो «हथि�याारोंं� सेे लैैस» घोोषि�त कर दि�याा - “प्राार्थथनाा, मसीीह केे लि�ए जोोश, और उसकीी मदद
मेंं भरोोसाा।” उसनेे कहाा, “मेेरेे हृदय कोो परमेेश्वर और मेेरेे पड़ोोसीी केे प्रेेम सेे युुक्त कि�याा गयाा हैै और
मेेरेे हााथ मेंं बााइबल हैै।” — डब्ल्यूू.एच.डीी. एडम्स, इन पेेरि�ल्स ऑफ्ट, पृृष् ठ 192। वह जहांं� भीी जााताा
थाा, इब्राानीी और अंंग्रेेज़ीी कीी बााइबि�ल अपनेे सााथ लेे जााताा थाा। अपनीी बााद कीी याात्रााओंं मेंं सेे एक केे
बाारेे मेंं वह कहताा हैै: «मैंंनेे ... बााइबल कोो अपनेे हााथ मेंं खुुलाा रखाा। मैंंनेे अनुुभव कि�याा कि� मेेरीी साामर्थथ
पुुस्तक मेंं थीी, और इसकीी साामर्थ्यय मुुझेे सम्भाालेेगीी।” —पूूर्वोोक्त., पृृष् ठ 201।
इस प्रकाार वह तब तक अपनेे कााम मेंं लगाा रहाा जब तक कि� न्यााय काा संं देेश रहनेे योोग्य दुनि�या ु ा
ु ं और कई अन्य रााष्ट्रीी�य-
केे एक बड़ेे हि�स्सेे तक नहींं� पहुंंच गयाा। यहूदि�योंं�, तुुर्कोंं, पाारसि�योंं�, हिं�दुं ओं
तााओंं और जााति�योंं� केे बीीच उसनेे इन वि�भि�न्न भााषााओंं मेंं परमेेश्वर केे वचन कोो वि�तरि�त कि�याा और
हर जगह मसीीहाा केे आनेे वाालेे रााज्य कीी घोोषणाा कीी।
बोोखराा मेंं अपनीी याात्राा केे दौौराान उसनेे पाायाा कि� प्रभुु केे जल्द आनेे काा सि�द्धांं�त दूू रस्थ और अलग-
थलग लोोगोंं� द्वााराा समर्थि�त थाा।
वह कहताा हैै, «यमन केे अरबोंं� केे पाास सीीराा नाामक एक पुुस्तक हैै, जोो मसीीह और उसकेे रााज्य केे
महि�माा सहि�त दूू सरेे आगमन कीी सूूचनाा देेतीी हैै; और वेे वर्षष 1840 मेंं महाान घटनााओंं केे घटि�त होोनेे
एक महान धार्मिक जागृ 253

कीी अपेेक्षाा करतेे हैंं।» —जर्ननल ऑफ द रेेव.। जोोसेेफ वोोल्फ, पृृष् ठ 377। «यमन मेंं ... मैंंनेे रेेकााब
केे बच्चोंं� केे सााथ छह दि�न बि�तााए। वेे न तोो दााखमधुु पीीतेे हैंं, न दााख कीी बाारीी लगाातेे हैंं, न बीीज बोोतेे
हैंं, और तम्बुुओं ं मेंं रहतेे हैंं, और रेेकााब केे पुुत्र योोनाादााब कोो स्मरण करतेे हैंं; और मैंंनेे उनकीी संं गति� मेंं
दाान केे गोोत्र केे इस्रााएलि�योंं� कोो पाायाा ... जोो रेेकााब केे बच्चोंं� केे सााथ स्वर्गग केे बाादलोंं� मेंं मसीीहाा केे शीीघ्र
आगमन कीी प्रतीीक्षाा कर रहेे थेे।” —पूूर्वोोक्त., पृृष् ठ 389।
इसीी तरह केे वि�श्वाास कोो तााताार मेंं मौौजूूद एक अन्य मि�शनरीी द्वााराा पाायाा गयाा थाा। तााताार केे एक
यााजक नेे मि�शनरीी सेे प्रश्न कि�याा कि� मसीीह दूू सरीी बाार कब आएगाा। जब मि�शनरीी नेे उत्तर दि�याा कि�
वह इसकेे बाारेे मेंं कुु छ नहींं� जाानताा थाा, तोो यााजक कोो एक ऐसेे व्यक्ति� कीी अज्ञाानताा पर बहुत आश्चर्यय
हुआ जि�सनेे बााइबल शि�क्षक होोनेे काा दाावाा कि�याा थाा, और भवि�ष्यद्वााणीी पर आधाारि�त अपनेे स्वयंं केे
वि�श्वाास कोो बताायाा, कि� मसीीह 1844 केे आसपाास आएगाा।
बहुत जल्द 1826 मेंं इंं ग्लैंडं मेंं आगमन संं देेश काा प्रचाार कि�याा जाानेे लगाा। यहाँँ� अभि�याान नेे
इतनाा नि�श्चि�ित रूप नहींं� लि�याा जैैसाा कि� अमेेरि�काा मेंं; आगमन काा सहीी समय आम तौौर पर सि�खाायाा
नहींं� गयाा थाा, लेेकि�न बड़ीी साामर्थ्यय और ऐश्‍‍वर्यय केे सााथ मसीीह केे शीीघ्र आगमन काा महाान सत्य व्याापक
रूप सेे घोोषि�त कि�याा गयाा थाा। और यह केे वल भि�न्न-मतधाारि�योंं� और संं प्रदाायवाादि�योंं� केे बीीच हीी नहींं�।
मौौरंंट ब्रॉॉक, एक अंंग्रेेज़ लेेखक, कहताा हैै कि� चर्चच ऑफ इंं ग्लैंडं केे लगभग साात सौौ पाादरीी «रााज्य केे
सुुसमााचाार» काा प्रचाार करनेे मेंं लगेे हुए थेे। 1844 कोो प्रभुु केे आनेे काा समय बताानेे वाालाा संं देेश ग्रेेट
ब्रि�टेेन मेंं भीी दि�याा गयाा थाा। संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा सेे आगमन प्रकााशन व्याापक रूप सेे परि�चाालि�त कि�ए
गए थेे। इंं ग्लैंडं मेंं पुुस्तकोंं� और पत्रि�कााओंं काा पुुनर्प्ररकााशन हुआ। और 1842 मेंं रॉॉबर्टट विं�टं र, जन्म सेे
एक अंंग्रेेज़, जि�सनेे अमेेरि�काा मेंं आगमन वि�श्वाास ग्रहण कि�याा थाा, प्रभुु केे आनेे कीी घोोषणाा करनेे केे
लि�ए अपनेे मूूल देेश लौौट आयाा। इस कााम मेंं उसकेे सााथ कई लोोग जुुड़ेे और इंं ग्लैंडं केे वि�भि�न्न हि�स्सोंं�
मेंं न्यााय केे संं देेश कीी घोोषणाा कीी गई।
दक्षि�ण अमेेरि�काा मेंं, बर्बबरताा और यााजकोंं� कीी सााजि�श केे बीीच, लैैकुंं�जाा, एक स्पैैनि�याार्डड और
जेेसुुइट, नेे पवि�त्र शाास्त्र केे लि�ए अपनाा राास्ताा खोोज लि�याा और इस प्रकाार मसीीह कीी शीीघ्र वाापसीी काा
सत्य प्रााप्त कि�याा। चेेताावनीी देेनेे केे लि�ए प्रेेरि�त, फि�र भीी रोोम कीी निं�दां ा सेे बचनेे कीी इच्छाा रखतेे हुए,
उसनेे खुुद कोो एक परि�वर्ति�त यहूदीी केे रूप मेंं प्रस्तुुत करतेे हुए, अपनेे वि�चाारोंं� कोो «रब्बीी बेेन-एज्राा»
केे छद्म् नााम केे तहत प्रकााशि�त कि�याा। लैैकुंं�जाा अठाारहवींं� शतााब्दीी मेंं रहतेे थेे, लेेकि�न यह 1825 केे
आसपाास थाा कि� उसकीी पुुस्तक, लंं दन पहुंंचीी और अंंग्रेेजीी भााषाा मेंं अनुुवाादि�त हुई। इसकेे प्रकााशन नेे
दूू सरेे आगमन केे वि�षय मेंं इंं ग्लैंडं मेंं पहलेे सेे हीी जाागृृत रुचि� कोो गहराा करनेे काा कााम कि�याा।
जर्ममनीी मेंं इस सि�द्धांं�त कोो अठाारहवींं� शतााब्दीी मेंं लूूथरन चर्चच केे एक पाादरीी और प्रसि�द्ध बााइबि�ल
केे वि�द्वाान और आलोोचक बेंंगल द्वााराा पढ़ाायाा गयाा थाा। अपनीी शि�क्षाा पूूरीी करनेे केे बााद, बेंंगल नेे
«खुुद कोो धर्ममशाास्त्र केे अध्ययन केे लि�ए समर्पि�त कर दि�याा, और उसकेे प्राारंं भि�क प्रशि�क्षण और
अनुुशाासन सेे गहरााए उसकेे मन केे गंं भीीर और धाार्मि�क गुुण नेे स्वााभाावि�क रूप सेे उसेे इसकीी ओर
प्रवृृत्त कि�याा। वि�चाारशीील चरि�त्र केे अन्य युुवकोंं� कीी तरह, पहलेे और बााद मेंं, उसेे एक धाार्मि�क
प्रकृृ ति� कीी शंं कााओंं और कठि�नााइयोंं� सेे जूूझनाा पड़ाा, और भाावुुक होोकर वह प्रसंं गवश उल्लेेख करताा
हैै ‹कई तीीरोंं� कीी ओर जि�न्होंं�नेे उसकेे दयनीीय हृदय कोो छेे द दि�याा, और उसकीी युुवाावस्थाा कोो सहन
254 महाान वि�वााद

करनाा कठि�न बनाा दि�याा। ‹ वुुर्टेेमबर्गग केे काार्डि�नल्स कीी परि�षद काा सदस्य बनकर उसनेे धाार्मि�क स्व-
तंं त्रताा केे पक्ष कीी वकाालत कीी। «कलीीसि�याा केे अधि�काारोंं� और वि�शेेषााधि�काारोंं� कोो काायम रखतेे हुए,
वह अंंतराात्माा केे आधाार पर उसकीी सहभाागि�ताा सेे हटनेे केे लि�ए बााध्य महसूूस करनेे वाालेे लोोगोंं�
कोो प्रदाान कीी जाानेे वाालीी संं पूूर्णण उचि�त स्वतंं त्रताा केे लि�ए एक अधि�वक्ताा थाा।» - एनसााइक्लोोपी�-
डि�याा ब्रि�टाानि�काा, 9वांं� संं स्करण। «बेंंगेेल।» इस नीीति� केे अच्छेे प्रभााव अभीी भीी उसकेे मूूल प्रांं�त मेंं
महसूूस कि�ए जाातेे हैंं।
आगमन रवि�वाार केे लि�ए प्रकााशि�तवााक्य 21 सेे एक उपदेेश कीी तैैयाारीी करतेे समय बेंंगेेल केे
दि�मााग मेंं मसीीह केे दूू सरेे आगमन काा प्रकााश फूू ट पड़ाा। प्रकााशि�तवााक्य कीी भवि�ष्यद्वााणि�याँँ� उसकीी
समझ मेंं ऐसेे प्रकट हुईं जैैसेे पहलेे कभीी नहींं� हुई थींं�। भवि�ष्यद्वक्ताा द्वााराा प्रस्तुुत दृश्योंं� केे अत्यधि�क
महत्व और अत्यधि�क महि�माा कीी भाावनाा सेे अभि�भूूत, वह वि�षय केे चिं�तन ं सेे एक समय केे लि�ए मुुड़नेे
केे लि�ए वि�वश होो गयाा। पुुलपि�ट मेंं इसनेे फि�र सेे अपनेे आप कोो अपनीी साारीी जीीवंं तताा और शक्ति� केे
सााथ प्रस्तुुत कि�याा। उस समय सेे उस नेे खुुद कोो भवि�ष्यद्वााणि�योंं� केे अध्ययन केे लि�ए समर्पि�त कर दि�याा,
वि�शेेष रूप सेे सर्ववनााश केे बाारेे मेंं, और जल्द हीी इस वि�श्वाास पर पहुंंचाा कि� वेे इस ओर इशााराा कर रहीी
थींं� कि� मसीीह काा आनाा नि�कट थाा। दूू सरेे आगमन केे समय केे रूप मेंं उन्होंं�नेे जोो ताारीीख तय कीी थीी,
वह मि�लर द्वााराा बााद मेंं माान्य ठहरााए गए कुु छ हीी वर्षोंं केे दाायरेे मेंं थीी।
बेंंगेेल काा लेेखन पूूरेे मसीीहीी जगत मेंं फैै लाा हुआ हैै। भवि�ष्यद्वााणीी केे बाारेे मेंं उसकेे वि�चाार आम
तौौर पर उसकेे अपनेे रााज्य वुुर्टेेमबर्गग मेंं और कुु छ हद तक जर्ममनीी केे अन्य हि�स्सोंं� मेंं आमतौौर पर ग्रहण
कि�ए गए। उसकीी मृृत्युु केे बााद अभि�याान ज़ाारीी रहाा, और आगमन संं देेश जर्ममनीी मेंं उसीी समय सुुनाा
गयाा जब यह अन्य देेशोंं� मेंं ध्याान आकर्षि�त कर रहाा थाा। शुुरुआतीी समय मेंं कुु छ वि�श्वाासीी रूस गए
और वहाँँ� उपनि�वेेश स्थाापि�त कि�ए, और मसीीह केे जल्द आनेे काा वि�श्वाास अभीी भीी उस देेश कीी जर्ममन
कलीीसि�यााओंं द्वााराा काायम रखाा गयाा हैै।
प्रकााश फ्रांं�स और स्वि�टजरलैंंड मेंं भीी चमकाा। जेेनेेवाा मेंं जहांं� फेे रल और केे ल्वि�न नेे सुुधाार केे
सत्य कोो फैै लाायाा थाा, गौौसेेन नेे दूू सरेे आगमन केे संं देेश काा प्रचाार कि�याा। जब वह स्कूूल मेंं एक छाात्र
थाा, गॉॉसेेन नेे तर्ककवााद कीी उस भाावनाा काा साामनाा कि�याा थाा जोो अठाारहवींं� केे उत्तराार्धध और उन्नीीसवींं�
शतााब्दीी केे प्राारंंभ केे दौौराान पूूरेे यूूरोोप मेंं व्यााप्त हुई थीी; और जब उसनेे सेेवकााई मेंं प्रवेेश कि�याा तोो
वह न केे वल सच्चेे वि�श्वाास सेे अनभि�ज्ञ थाा, बल्कि� संं शयवााद कीी ओर प्रवृृत्त थाा। अपनीी युुवाावस्थाा मेंं
उसेे भवि�ष्यवााणीी केे अध्ययन मेंं रुचि� होो गई थीी। रोोलि�न केे प्रााचीीन इति�हाास कोो पढ़नेे केे बााद, उसकाा
ध्याान दाानि�य्येेल केे दूू सरेे अध्यााय कीी ओर गयाा, और वह उस अद्भु ् ुत सटीीकताा सेे प्रभाावि�त हुआ
जि�सकेे सााथ भवि�ष्यद्वााणीी पूूरीी हुई थीी, जैैसाा कि� इति�हाासकाार केे वि�वरण मेंं देेखाा गयाा हैै। यहाँँ� पवि�त्र
शाास्त्र कीी प्रेेरणाा काा प्रमााण थाा, जोो बााद केे वर्षोंं केे संं कटोंं� केे बीीच उनकेे लि�ए एक लंं गर केे रूप मेंं
काार्यय करताा थाा। वह तर्ककवााद कीी शि�क्षााओंं सेे संं तुुष् ट नहींं� होो सकताा थाा, और बााइबल काा अध्ययन
करनेे और स्पष्ट प्रकााश कीी खोोज करनेे केे बााद, वह एक समय केे बााद एक सकााराात्मक वि�श्वाास कीी
ओर अग्रसर हुआ।
जैैसेे-जैैसेे उसनेे भवि�ष्यद्वााणि�योंं� कीी अपनीी जाँँ�च-पड़तााल कीी, वह इस वि�श्वाास पर पहुँँचाा कि� प्रभुु
काा आगमन नि�कट हैै। इस महाान सत्य कीी गंं भीीरताा और महत्व सेे प्रभाावि�त होोकर, उसकीी इच्छाा इसेे
एक महान धार्मिक जागृ 255

लोोगोंं� केे साामनेे लाानेे कीी थीी; लेेकि�न यह लोोकप्रि�य धाारणाा कि� दाानि�य्येेल कीी भवि�ष्यद्वााणि�याँँ� रहस्य हैंं
और समझीी नहींं� जाा सकतींं�, उसकेे राास्तेे मेंं एक गंं भीीर बााधाा थीी। उसनेे अंंत मेंं तय कि�याा- जैैसाा कि�
उससेे पहलेे फेे रल नेे जि�नेेवाा केे प्रचाार मेंं कि�याा थाा- कि� वह बच्चोंं� केे सााथ शुुरू करेेगाा, जि�नकेे मााध्यम
सेे वह मााताा-पि�ताा कीी रुचि� उत्पन्न करनेे कीी अपेेक्षाा करताा थाा।
“मैंं इसेे समझनेे कीी इच्छाा रखताा हूंं,” इस उपक्रम मेंं अपनेे उद्देेश्य कीी बाात करतेे हुए उसनेे बााद
मेंं कहाा, «यह इसकेे साामाान्य महत्व केे काारण नहींं� हैै, बल्कि� इसकेे महाान गुुण केे काारण हैै, कि� मैंं इसेे
इस परि�चि�त रूप मेंं प्रस्तुुत करनाा चााहताा हूंं, और मैंंनेे इसेे बच्चोंं� कोो संं बोोधि�त कि�याा। मैंं चााहताा थाा कि�
मेेरीी बाात सुुनीी जााए, और मुुझेे डर थाा कि� अगर मैंं पहलेे बड़ेे लोोगोंं� कोो संं बोोधि�त करूँँ तोो मेेरीी बाात नहींं�
सुुनीी जााएगीी।” «इसलि�ए मैंंनेे सबसेे कम उम्र मेंं जाानेे काा फैै सलाा कि�याा। मैंं श्रोोताागण केे रूप मेंं बच्चोंं�
कोो इकट्ठाा करताा हूंं; यदि� समूूह बढ़ताा हैै, यदि� यह देेखाा जााताा हैै कि� वेे सुुनतेे हैंं, प्रसन्न होोतेे हैंं, रुचि�
रखतेे हैंं, कि� वेे वि�षय कोो समझतेे हैंं और समझाातेे हैंं, तोो मुुझेे यकीीन हैै कि� जल्द हीी एक दूू सराा समुुदााय
होोगाा, और उनकीी बाारीी मेंं, बड़ेे लोोग देेखेंंगेे कि� बैैठकर अध्ययन करनाा उनकेे लि�ए लााभदाायक हैै। जब
यह कि�याा जााताा हैै, तोो काार्यय बढ़ताा हैै।” —एल. गॉॉसेेन, डैैनि�यल द प्रााफि�ट, वॉॉल्यूूम 2, प्रस्ताावनाा।
प्रयाास सफल रहाा। जब उसनेे बच्चोंं� कोो संं बोोधि�त कि�याा, तोो बड़ेे लोोग सुुननेे आए। उसकेे गि�रजााघर
कीी दीीर्घाा�एँँ ध्याान सेे सुुननेे वाालोंं� सेे भरीी होोतीी थींं�। उनमेंं पदााधि�काारीी और प्रबुुद्ध पुुरुष और जि�नेेवाा आनेे
वाालेे अजनबीी और वि�देेशीी थेे; और इस प्रकाार संं देेश कोो अन्य भाागोंं� मेंं लेे जाायाा गयाा।
इस सफलताा सेे उत्सााहि�त होोकर, गौौसेेन नेे फ्रेंंच बोोलनेे वाालीी कलीीसि�यााओंं मेंं भवि�ष्यद्वााणीी कीी
कि�तााबोंं� केे अध्ययन कोो बढ़ाावाा देेनेे कीी आशाा केे सााथ अपनेे पााठ प्रकााशि�त कि�ए। गौौसेेन कहताा हैै,
“बच्चोंं� कोो दि�ए गए नि�र्देेशोंं� कोो प्रकााशि�त करनाा, वयस्कोंं� सेे कहनाा हैै, जोो अक्सर झूठीू ी बहाानेे केे तहत
ऐसीी कि�तााबोंं� कीी उपेेक्षाा करतेे हैंं कि� वेे अस्पष्ट हैंं, ‹वेे अस्पष्ट कैै सेे होो सकतीी हैंं, क्योंं�कि� आपकेे बच्चेे
उन्हेंं समझतेे हैंं? ‹“ वह आगेे कहताा हैै, «यदि� संं भव होोताा तोो हमाारेे समुुदााय मेंं प्रचलि�त भवि�ष्यद्वा�-
णि�योंं� काा ज्ञाान प्रदाान करनेे कीी मेेरीी बड़ीी इच्छाा थीी।” “वाास्तव मेंं ऐसाा कोोई अध्ययन नहींं� हैै, जोो मुुझेे
लगताा हैै कि� समय कीी जरूरतोंं� कोो बेेहतर तरीीकेे सेे पूूराा करताा हैै।” “इसीी सेे हम उस क्लेेश केे लि�येे
तैैयाार रहेंं जोो नि�कट आनेेवाालाा हैै, और जाागतेे और यीीशुु मसीीह कीी बााट जोोहतेे रहेंं।”
हाालांं�कि� फ्रांं�सीीसीी भााषाा मेंं प्रचाारकोंं� केे सबसेे प्रति�ष्ठि��त और प्रि�योंं� मेंं सेे एक, गौौसेेन कोो एक समय
केे बााद सेेवकााई सेे नि�लंं बि�त कर दि�याा गयाा, इस प्रमुुख अपरााध केे लि�ए कि�, एक सौौम्य और तर्ककसंं गत
नि�यमाावलीी, लगभग सकााराात्मक वि�श्वाास सेे रहि�त, चर्चच कीी प्रश्नोोत्तरीी केे बजााय उसनेे युुवााओंं कोो नि�र्देेश
देेनेे मेंं बााइबल काा इस्तेेमााल कि�याा थाा। वह बााद मेंं एक आध्याात्मवि�द्याा संं बंंधीी संं स्थाा मेंं शि�क्षक बन गयाा,
जबकि� रवि�वाार कोो उन्होंं�नेे बच्चोंं� कोो संं बोोधि�त करतेे हुए और उन्हेंं पवि�त्र शाास्त्र मेंं नि�र्देेश देेतेे हुए प्रश्नोोत्त-
रवाादीी केे रूप मेंं अपनाा कााम जाारीी रखाा। भवि�ष्यद्वााणीी पर उसकेे काार्योंं नेे भीी बहुत रुचि� पैैदाा कीी। प्रोोफेे सर
कीी कुु र्सीी सेे, प्रेेस केे मााध्यम सेे, और बच्चोंं� केे शि�क्षक केे रूप मेंं अपनेे पसंं दीीदाा व्यवसााय मेंं कई वर्षोंं
तक वह व्याापक प्रभााव डाालताा रहाा और उसनेे प्रभुु काा आगमन नि�कट होोनेे कीी ओर संं केे त करनेे वाालीी
भवि�ष्यद्वााणि�योंं� केे अध्ययन केे लि�ए कई लोोगोंं� काा ध्याान आकर्षि�त करनेे मेंं महत्वपूूर्णण भूूमि�काा नि�भााई।
स्कैंंडि�नेेवि�याा मेंं भीी आगमन संं देेश कीी घोोषणाा कीी गई, और एक व्याापक रुचि� कोो जााग्रत कि�याा
गयाा। बहुतोंं� कोो उनकीी लाापरवााह नि�श्चि�िन्तताा सेे चौौकन्नाा कि�याा गयाा तााकि� वेे अपनेे पाापोंं� कोो स्वीीकाार
256 महाान वि�वााद

करेंं और उन्हेंं त्यााग देंं , और मसीीह केे नााम मेंं क्षमाा मांं�गेंं। लेेकि�न रााज्य कीी कलीीसि�याा केे पाादरि�योंं� नेे
आंंदोोलन काा वि�रोोध कि�याा, और उनकेे प्रभााव सेे संं देेश काा प्रचाार करनेे वाालेे कुु छ लोोगोंं� कोो जेेल मेंं
डााल दि�याा गयाा। कई स्थाानोंं� पर जहांं� प्रभुु केे शीीघ्र आगमन केे उपदेेशकोंं� कोो इस प्रकाार चुुप कराा दि�याा
गयाा थाा, परमेेश्वर छोोटेे-छोोटेे बच्चोंं� केे मााध्यम सेे चमत्काारि�क ढंंग सेे सन्देेश भि�जवााकर प्रसन्न हुआ।
चूंं�कि� वेे कम उम्र केे थेे, रााज्य काा काानूून उन्हेंं रोोक नहींं� सकताा थाा, और उन्हेंं बि�नाा कि�सीी हस्तक्षेेप केे
बोोलनेे कीी अनुुमति� थीी।
आंंदोोलन मुुख्य रूप सेे नि�म्न वर्गग केे बीीच थाा, और यह श्रमि�कोंं� केे दीीन-हीीन आवाासोंं� मेंं थाा कि�
लोोग चेेताावनीी सुुननेे केे लि�ए इकट्ठेे होोतेे थेे। बााल-प्रचाारक स्वयंं अधि�कतर गरीीब कुु टीीर- वाासीी हुआ
करतेे थेे। उनमेंं सेे कुु छ कीी आयुु छह याा आठ वर्षष सेे अधि�क नहींं� थीी; और जबकि� उनकेे जीीवन इस
बाात केे गवााह थेे कि� वेे उद्धाारकर्ताा� सेे प्याार करतेे थेे, और परमेेश्वर कीी पवि�त्र अपेेक्षााओंं केे प्रति� आज्ञा�-
काारि�ताा मेंं जीीनेे कीी कोोशि�श कर रहेे थेे, वेे आमतौौर पर केे वल उस उम्र केे बच्चोंं� मेंं देेखीी जाानेे वाालीी बुुद्धि�
और क्षमताा कोो हीी प्रकट करतेे थेे। हाालांं�कि�, लोोगोंं� केे साामनेे खड़ेे होोनेे पर, यह स्पष्ट थाा कि� वेे अपनेे
स्वयंं केे प्रााकृृ ति�क उपहाारोंं� सेे परेे एक प्रभााव सेे प्रभाावि�त हुए थेे। बदलेे हुए स्वर और अंंदााज़, और
प्रभाावशाालीी शक्ति� केे सााथ उन्होंं�नेे पवि�त्रशाास्त्र केे इन शब्दोंं� काा प्रयोोग करतेे हुए, न्यााय कीी चेेताावनीी
दीी: “परमेेश्वर सेे डरोो, और उसकीी महि�माा करोो; क्योंं�कि� उसकेे न्यााय करनेे काा समय आ पहुँँचाा
हैै।” उन्होंं�नेे न केे वल अनैैति�कताा और अधर्मम कोो धि�क्काारतेे हुए बल्कि� दुनि�या ु ादाारीी और परमेेश्वर सेे
ं ं
वि�मुुखताा कीी निं�दाा करतेे हुए, लोोगोंं� केे पाापोंं� कीी निं�दाा कीी, और अपनेे श्रोोतााओंं कोो आनेे वाालेे क्रोोध सेे
भाागनेे केे लि�ए जल्दबााज़ीी करनेे कीी चेेताावनीी दीी।
लोोगोंं� नेे कांं�पतेे हुए सुुनाा। परमेेश्वर कीी दोोषीी सि�द्ध करनेे वाालीी आत्माा नेे उनकेे हृदयोंं� सेे बाात कीी।
कई लोोग नई और गहरीी रुचि� केे सााथ पवि�त्र शाास्त्र काा अध्ययन करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त हुए, असंं यमीी
और दुराु ाचाारि�योंं� मेंं सुुधाार हुआ, दूू सरोंं� नेे अपनीी भ्रष्ट गति�वि�धि�योंं� कोो छोोड़ दि�याा, और कााम इतनाा
उल्लेेखनीीय हुआ कि� रााज्य कीी कलीीसि�याा केे पाादरीी भीी यह स्वीीकाार करनेे केे लि�ए वि�वश होो गए कि�
आंंदोोलन मेंं परमेेश्वर काा हााथ थाा।
यह ईश्वर कीी इच्छाा थीी कि� स्कैंंडि�नेेवि�यााई देेशोंं� मेंं उद्धाारकर्ताा� केे आनेे काा समााचाार दि�याा जााए; और
जब उसकेे सेेवकोंं� कीी आवााज़ कोो शांं�त कर दि�याा गयाा, तोो उस नेे अपनाा आत्माा बाालकोंं� पर डाालाा, कि�
कााम पूूराा होो। जब यीीशुु वि�जय केे जयकाारेे और खजूूर कीी शााखााओंं कोो लहराातीी हुई, उसेे दााऊद केे
पुुत्र केे रूप मेंं घोोषि�त करतीी, आनन्दि�त भीीड़ केे सााथ यरूशलेेम केे नि�कट पहुँँचाा, तोो ईर्ष्याा�लुु फरीीसि�योंं� नेे
उन्हेंं चुुप कराानेे केे लि�ए कहाा; परन्तुु यीीशुु नेे उत्तर दि�याा, कि� यह सब भवि�ष्यद्वााणीी केे पूूराा होोनेे पर हुआ,
और यदि� येे चुुप रहेंं, तोो पत्थर चि�ल्लाा उठेंं गेे। यााजकोंं� और शाासकोंं� कीी धमकि�योंं� सेे भयभीीत लोोगोंं� नेे
यरूशलेेम केे फााटकोंं� मेंं प्रवेेश करतेे हीी अपनीी खुुशीी काा उद्घो् ोष करनाा बंं द कर दि�याा; लेेकि�न बााद मेंं
मंं दि�र केे आंंगनोंं� मेंं बाालकोंं� नेे अपाार स्तुुति� कीी, और अपनीी खजूूर कीी डाालि�याँँ� हि�लाातेे हुए पुुकाार उठेे ,
“दााऊद कीी सन्ताान कोो होोशाानाा!” मत्तीी 21:8-16। जब फरीीसि�योंं� नेे बहुत अप्रसन्न होोकर उस सेे
कहाा, “क्याा तूू सुुनताा हैै कि� येे क्याा कहतेे हैंं?” यीीशुु नेे उत्तर दि�याा, “हाँँ�; क्याा तुुमनेे यह कभीी नहींं� पढ़ाा,
बाालकोंं� और दूू ध पीीतेे बच्‍‍चोंं� केे मुँँ�ह सेे तूू नेे अपाार स्तुुति� करााई?” जैैसेे परमेेश्वर नेे मसीीह केे पहलेे
आगमन केे समय बच्चोंं� केे मााध्यम सेे काार्यय कि�याा, वैैसेे हीी उसनेे अपनेे दूू सरेे आगमन काा संं देेश देेनेे मेंं
एक महान धार्मिक जागृ 257

उनकेे मााध्यम सेे काार्यय कि�याा। परमेेश्वर काा वचन पूूराा होोनाा चााहि�ए, कि� उद्धाारकर्ताा� केे आनेे कीी घोोषणाा
सभीी लोोगोंं�, भााषााओंं और रााष्ट्रों��ं कोो दीी जाानीी चााहि�ए।
वि�लि�यम मि�लर और उनकेे सहयोोगि�योंं� कोो यह अमेेरि�काा मेंं चेेताावनीी काा प्रचाार करनेे केे लि�ए दि�याा
गयाा थाा। यह देेश महाान आगमन आंंदोोलन काा केंंद्र बन गयाा। यहींं� पर पहलेे स्वर्गगदूू त केे संं देेश कीी
भवि�ष्यद्वााणीी कीी सबसेे प्रत्यक्ष पूूर्ति� हुई थीी। मि�लर और उसकेे सहयोोगि�योंं� केे लेेखन कोो दूू र देेशोंं� मेंं लेे
जाायाा गयाा। पूूरीी दुनि�या ु ा मेंं जहांं� कहींं� भीी मि�शनरि�योंं� नेे प्रवेेश कि�याा थाा, उन्हेंं मसीीह कीी शीीघ्र वाापसीी
कीी खुुशखबरीी दीी गई थीी। सनाातन सुुसमााचाार काा संं देेश दूू र-दूू र तक फैै ल गयाा: “परमेेश्वर सेे डरोो,
और उसकीी महि�माा करोो; क्योंं�कि� उसकेे न्यााय करनेे काा समय आ पहुँँचाा हैै।”
1844 केे वसंं त मेंं मसीीह केे आनेे कीी ओर इशााराा करनेे वाालीी भवि�ष्यद्वााणि�योंं� कीी गवााहीी नेे लोोगोंं�
केे मन पर गहरीी पकड़ बनाा लीी। जैैसेे-जैैसेे संं देेश एक रााज्य सेे दूू सरेे रााज्य मेंं गयाा, हर जगह व्याापक
रुचि� जाागृृत हुई। बहुत सेे लोोग आश्वस्त होो गए थेे कि� भवि�ष्यसूूचक कााल केे तर्कक सहीी थेे, और अपनेे
मत केे घमण्ड कोो त्याागकर, उन्होंं�नेे आनन्दपूूर्ववक सत्य कोो ग्रहण कि�याा। कुु छ पाादरि�योंं� नेे अपनेे सांं�प्र-
दाायि�क वि�चाारोंं� और भाावनााओंं कोो अलग कर दि�याा, अपनेे वेेतन और अपनीी कलीीसि�यााओंं कोो छोोड़
दि�याा, और यीीशुु केे आगमन कीी घोोषणाा करनेे मेंं एकजुुट होो गए। हाालाँँ�कि�, इस संं देेश कोो स्वीीकाार
करनेे वाालेे तुुलनाात्मक रूप सेे कुु छ हीी पाादरीी थेे, इसलि�ए यह कााफीी हद तक वि�नम्र आम लोोगोंं� कोो
सौंं�पाा गयाा। कि�साानोंं� नेे अपनेे खेेत छोोड़ दि�ए, दस्तकाारोंं� नेे अपनेे औजाार, व्याापाारि�योंं� नेे अपनाा मााल,
पेेशेेवर लोोगोंं� नेे अपनेे पदोंं� कोो छोोड़ दि�याा; और फि�र भीी पूूराा कि�ए जाानेे वाालेे काार्यय कीी तुुलनाा मेंं श्रमि�कोंं�
कीी संं ख्याा कम थीी। एक अधर्मीी कलीीसि�याा और दुष्ु टताा मेंं पड़ेे संं साार कीी स्थि�ति� नेे, सच्चेे पहरेेदाारोंं� कीी
आत्मााओंं पर बोोझ डाालाा, और उन्होंं�नेे स्वेेच्छाा सेे परि�श्रम, अभााव और पीीड़ाा कोो सहाा, तााकि� वेे मनुुष्योंं�
कोो उद्धाार केे लि�ए पश्चाातााप करनेे केे लि�ए बुुलाा सकेंं । शैैताान द्वााराा वि�रोोध कि�ए जाानेे केे बाावजूूद , काार्यय
लगााताार आगेे बढ़ताा गयाा, और आगमन सत्य कोो हज़ाारोंं� लोोगोंं� नेे स्वीीकाार कि�याा।
हर जगह मर्ममज्ञ गवााहीी सुुनााई देे रहीी थीी, जोो पाापि�योंं� कोो, दुनि�या ु ावीी और कलीीसि�याा केे सदस्य
दोोनोंं� कोो, आनेे वाालेे क्रोोध सेे भाागनेे केे लि�ए चेेताावनीी देे रहीी थीी। यूूहन्नाा बपति�स्माा देेनेे वाालेे, मसीीह केे
अग्रदूू त कीी तरह, प्रचाारकोंं� नेे कुु ल्हााड़ीी कोो पेेड़ कीी जड़ पर रखाा और सभीी सेे मन फि�रााव केे योोग्य फल
लाानेे काा आग्रह कि�याा। उनकीी भााव-प्रवण गुुहाारेंं शांं�ति� और सुुरक्षाा केे आश्वाासनोंं� केे बि�ल्कुुल वि�परीीत
थींं� जोो लोोकप्रि�य उपदेेश-मंं चोंं� सेे सुुनीी गई थींं�; और जहाँँ� कहींं� सन्देेश दि�याा जााताा थाा, वह लोोगोंं� कोो
प्रभाावि�त करताा थाा। पवि�त्र आत्माा कीी साामर्थ्यय सेे घर कर गई, पवि�त्र शाास्त्र कीी सरल, सीीधीी गवााहीी,
दोोष-सि�द्धि� काा प्रभााव लेेकर आई जि�सकाा वि�रोोध कुु छ हीी कर पााए। धर्मम काा दाावाा करनेे वाालेे अपनीी
सुुरक्षाा कीी झूठीू ी भाावनाा सेे जाागेे। उन्होंं�नेे अपनेे धर्ममत्यााग कोो, अपनीी दुनि�या ु ादाारीी और अवि�श्वाास कोो,
अपनेे घमण्ड और स्वाार्थथ कोो देेखाा। बहुत सेे लोोग पश्चाातााप और नम्रताा केे सााथ प्रभुु केे पाास गए। वेे
मोोह जोो इतनेे दि�नोंं� सेे सांं�साारि�क वस्तुुओं ं सेे जुुड़ेे हुए थेे, वेे अब स्वर्गग पर स्थि�र होो गए। परमेेश्वर काा
आत्माा नेे उन पर ठहराा, और कोोमल और वशीीभूूत हुए हृदयोंं� केे सााथ वेे मि�लकर उच्च स्वर मेंं कहतेे
हैंं: “परमेेश्वर सेे डरोो, और उसकीी महि�माा करोो; क्योंं�कि� उसकेे न्यााय करनेे काा समय आ पहुँँचाा हैै।”
पाापि�योंं� नेे रोोतेे हुए पूूछाा: «उद्धाार पाानेे केे लि�ए मुुझेे क्याा करनाा चााहि�ए?» जि�न लोोगोंं� काा जीीवन
बेेईमाानीी केे लि�ए कुु ख्याात थाा, वेे क्षति�पूूर्ति� करनेे केे लि�ए व्यााकुु ल थेे। वेे सभीी जि�न्हेंं मसीीह मेंं शांं�ति�
258 महाान वि�वााद

मि�लीी हैै वेे दूू सरोंं� कोो आशीीष सााझाा करतेे देेखनाा चााहतेे हैंं। मााताा-पि�ताा केे हृदय अपनेे बच्चोंं� कीी ओर,
और बच्चोंं� केे हृदय अपनेे मााताा-पि�ताा कीी ओर मुुड़ेे। गर्वव और संं कोोच कीी बााधााएंं दूू र होो गईं। हाार्दि�क
स्वीीकाारोोक्ति�यांं� कीी गईं, और घर केे सदस्योंं� नेे उन लोोगोंं� केे उद्धाार केे लि�ए कााम कि�याा जोो सबसेे करीीबीी
और प्रि�य थेे। अक्सर मध्यस्थताा प्राार्थथनाा कीी आवााज़ सुुनीी जाातीी थीी। हर जगह गहरीी पीीड़ाा मेंं आत्मााएंं
ईश्वर सेे यााचनाा कर रहीी थींं�। बहुत सेे लोोग पूूरीी राात प्राार्थथनाा मेंं इस आश्वाासन केे लि�ए कि� उनकेे अपनेे
पााप क्षमाा होो गए हैंं, याा अपनेे रि�श्तेेदाारोंं� याा पड़ोोसि�योंं� केे धर्मम परि�वर्ततन केे लि�ए जूूझतेे थेे।
एडवेंंटि�स्ट सभााओंं मेंं सभीी वर्गोंं काा हुजूूम उमड़ पड़ाा। अमीीर और गरीीब, उच्च और नि�म्न,
वि�भि�न्न काारणोंं� सेे, दूू सरेे आगमन केे सि�द्धांं�त कोो सुुननेे केे लि�ए उत्सुुक थेे। प्रभुु नेे वि�रोोध कीी भाावनाा
कोो वश मेंं रखाा जबकि� उसकेे सेेवकोंं� नेे उनकेे वि�श्वाास केे काारणोंं� कोो समझाायाा। कभीी-कभीी उपकरण
कमज़ोोर होोताा थाा; परन्तुु परमेेश्वर केे आत्माा नेे उसकेे सत्य कोो साामर्थ्यय दीी। इन सभााओंं मेंं पवि�त्र स्व-
र्गगदूू तोंं� कीी उपस्थि�ति� महसूूस कीी जाातीी थीी, और वि�श्वाासि�योंं� मेंं प्रति�दि�न कई जुुड़ जाातेे थेे। जैैसेे-जैैसेे
मसीीह केे जल्द आनेे केे सबूूत दोोहरााए जाा रहेे थेे, बड़ीी भीीड़ पूूर्णण ख़ाामोोशीी केे सााथ पवि�त्र उपदेेश कोो सुुन
रहीी थीी। ऐसाा लग रहाा थाा कि� स्वर्गग और पृृथ्वीी एक दूू सरेे केे करीीब आ रहेे हैंं। परमेेश्वर कीी शक्ति� बूूढ़ेे
और जवाान और अधेेड़ उम्र केे लोोगोंं� पर महसूूस कीी गई। लोोग अपनेे होोठोंं� पर स्तुुति� केे सााथ अपनेे
घरोंं� कोो जाातेे थेे, और राात कीी शांं�त हवाा मेंं खुुशीी कीी आवााज़ सुुनााई देेतीी थीी। कोोई भीी जोो उन सभााओंं
मेंं शाामि�ल हुआ थाा, वह गहरीी रुचि� केे उन दृश्योंं� कोो कभीी नहींं� भूूल सकताा।
मसीीह केे आगमन केे लि�ए एक नि�श्चि�ित समय कीी घोोषणाा नेे उपदेेश-मंं च सेे लेेकर सबसेे
लाापरवााह, स्वर्गग-सााहसीी पाापीी तक, सभीी वर्गोंं केे कई लोोगोंं� द्वााराा भाारीी वि�रोोध काा आह्वाान कि�याा।
भवि�ष्यद्वााणीी केे शब्द पूूरेे हुए: «पहलेे यह जाान लोो कि� अन्ति�म दि�नोंं� मेंं हँँसीी ठट्ठाा करनेेवाालेे आएँँगेे जोो
अपनीी हीी अभि�लााषााओंं केे अनुुसाार चलेंंगेे और कहेंंगेे, “उसकेे आनेे कीी प्रति�ज्ञाा कहाँँ� गई? क्योंं�कि� जब
सेे बाापदाादाा सोो गए हैंं, सब कुु छ वैैसाा हीी हैै जैैसाा सृृष्टि�ि केे आरम्भ सेे थाा?” 2 पतरस 3:3,4। उद्धा�-
रकर्ताा� सेे प्रेेम करनेे काा दाावाा करनेे वाालेे कई लोोगोंं� नेे घोोषि�त कि�याा कि� वेे दूू सरेे आगमन केे सि�द्धांं�त केे
वि�रुद्ध नहींं� थेे; उन्होंं�नेे केे वल नि�श्चि�ित समय पर आपत्ति� जतााई। लेेकि�न परमेेश्वर कीी सर्ववदर्शीी आँँख
उनकेे हृदय कोो पढ़ लि�याा थाा। वेे जगत काा न्यााय धर्मम सेे करनेे केे लि�ए मसीीह केे आनेे केे बाारेे मेंं सुुननाा
नहींं� चााहतेे थेे। वेे वि�श्वाासघाातीी सेेवक रहेे थेे, उनकेे काार्यय हृदय-भेेदीी परमेेश्वर केे नि�रीीक्षण कोो सहन
नहींं� कर सकतेे थेे, और वेे अपनेे प्रभुु सेे मि�लनेे सेे डरतेे थेे। मसीीह केे पहलेे आगमन केे समय यहूदि�योंं�
कीी तरह वेे यीीशुु काा स्वाागत करनेे केे लि�ए तैैयाार नहींं� थेे। उन्होंं�नेे न केे वल बााइबल सेे स्पष्ट तर्कोंं कोो
सुुननेे सेे इनकाार कर दि�याा, बल्कि� उन लोोगोंं� काा उपहाास उड़ाायाा जोो प्रभुु कोो ढूंं�ढ रहेे थेे। शैैताान और
उसकेे दूू तोंं� नेे जयजयकाार कीी, और मसीीह और पवि�त्र स्वर्गगदूू तोंं� कोो ताानाा माारकर ललकााराा कि� उसकेे
तथााकथि�त लोोगोंं� मेंं उसकेे लि�ए इतनाा कम प्रेेम थाा कि� वेे उसकेे प्रकट होोनेे कीी इच्छाा नहींं� रखतेे थेे।
«उस दि�न और उस घड़ीी केे वि�षय मेंं कोोई नहींं� जाानताा» यह तर्कक सबसेे अधि�क बाार आगमन
वि�श्वाास कोो अस्वीीकाार करनेे वाालोंं� द्वााराा आगेे लाायाा गयाा थाा। वचन हैै: «उस दि�न और उस घड़ीी केे
वि�षय मेंं कोोई नहींं� जाानताा, न स्वर्गग केे दूू त और न पुुत्र, परन्तुु केे वल पि�ताा।» मत्तीी 24:36। इस पााठ
काा एक स्पष्ट और साामंं जस्यपूूर्णण वि�वरण उन लोोगोंं� द्वााराा दि�याा गयाा थाा जोो प्रभुु कोो ढूंं�ढ रहेे थेे, और
उनकेे वि�रोोधि�योंं� द्वााराा इसकाा गलत उपयोोग स्पष्ट रूप सेे दि�खाायाा गयाा थाा। आखि�रीी बाार मंं दि�र सेे वि�दाा
एक महान धार्मिक जागृ 259

होोनेे केे बााद ओलि�वेेट पर अपनेे शि�ष्योंं� केे सााथ उस याादगाार बाातचीीत मेंं मसीीह नेे येे शब्द कहेे थेे।
शि�ष्योंं� नेे प्रश्न पूूछाा थाा: «तेेरेे आनेे काा और जगत केे अन्त काा क्याा चि�ह्न होोगाा?” यीीशुु नेे उन्हेंं चि�न्ह
देेकर कहाा: «इसीी रीीति� सेे जब तुुम इन सब बाातोंं� कोो देेखोो, तोो जाान लोो कि� वह नि�कट हैै, वरन्् द्वाार
हीी पर हैै।» पद 3,33। उद्धाारकर्ताा� कीी एक कहाावत कोो दूू सरेे कोो नष्ट करनेे काा काारण नहींं� बनाानाा
चााहि�ए। यद्यपि� कोोई भीी व्यक्ति� उसकेे आनेे केे दि�न याा समय कोो नहींं� जाानताा हैै, हमेंं नि�र्देेश दि�याा गयाा
हैै और जााननाा आवश्यक हैै जब यह नि�कट हैै। हमेंं आगेे सि�खाायाा जााताा हैै कि� उसकीी चेेताावनीी कीी
अवहेेलनाा करनाा, और यह जााननेे सेे इंं काार करनाा याा उपेेक्षाा करनाा कि� उसकाा आगमन कब नि�कट हैै,
हमाारेे लि�ए उतनाा हीी घाातक होोगाा जि�तनाा कि� नूूह केे दि�नोंं� मेंं रहनेे वाालोंं� केे लि�ए इस बाात सेे अनभि�ज्ञ
रहनाा थाा कि� जलप्रलय कब आ रहाा थाा। और उसीी अध्यााय मेंं दृष्टांं�त, वि�श्वाासयोोग्य और वि�श्वाास-
घाातीी सेेवक केे बीीच अंंतर करतेे हुए, और उसकाा वि�नााश तय करतेे हुए जि�सनेे अपनेे दि�ल मेंं कहाा,
«मेेराा स्वाामीी आनेे मेंं देेर कर रहाा हैै,» दि�खााताा हैै कि� मसीीह कि�स प्रकााश मेंं उन लोोगोंं� काा सम्माान करेेगाा
और प्रति�फल देेगाा जि�न्हेंं वह बााट जोोहतेे, और उसकेे आनेे कीी शि�क्षाा देेते,े और जोो उसकाा इनकाार
करतेे पााताा हैै। «इसलि�येे जाागतेे रहोो,» वह कहताा हैै। «धन्य हैै वह दाास, जि�सेे उसकाा स्वाामीी आकर
ऐसाा हीी करतेे पााए।» पद 42,46। «यदि� तूू जाागृृत न रहेेगाा तोो मैंं चोोर केे समाान आ जााऊँँगाा, और तूू
कदाापि� न जाान सकेे गाा कि� मैंं कि�स घड़ीी तुुझ पर आ पड़ूँँ� गाा।» प्रकााशि�तवााक्य 3:3।
पौौलुुस एक ऐसेे वर्गग कीी बाात करताा हैै जि�सकेे लि�ए प्रभुु काा प्रकट होोनाा अप्रत्यााशि�त होोगाा। «जैैसाा
राात कोो चोोर आताा हैै, वैैसाा हीी प्रभुु काा दि�न आनेेवाालाा हैै। जब लोोग कहतेे होंं�गेे, कुु शल हैै, और कुु छ
भय नहींं�; तोो उन पर एकााएक वि�नााश आ पड़ेेगाा; और वेे कि�सीी रीीति� सेे न बचेंंगेे।” लेेकि�न वह आगेे
कहताा हैै, उनकेे लि�ए जि�न्होंं�नेे उद्धाारकर्ताा� कीी चेेताावनीी पर ध्याान दि�याा हैै: «पर हेे भााइयोो, तुुम तोो
अन्धकाार मेंं नहींं� होो कि� वह दि�न तुुम पर चोोर केे समाान आ पड़ेे। क्योंं�कि� तुुम सब ज्योोति� कीी सन्ताान
और दि�न कीी सन्ताान होो; हम न राात केे हैंं, न अन्धकाार केे हैंं।” 1 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 5:2-5।
इस प्रकाार यह दि�खाायाा गयाा कि� पवि�त्र शाास्त्र मनुुष्योंं� कोो मसीीह केे आनेे कीी नि�कटताा केे बाारेे मेंं
अज्ञाानताा मेंं रहनेे काा कोोई अधि�काार नहींं� देेताा हैै। लेेकि�न जोो लोोग सच्चााई कोो अस्वीीकाार करनेे केे लि�ए
केे वल एक बहाानाा चााहतेे थेे, उन्होंं�नेे इस स्पष्टीीकरण केे लि�ए अपनेे काान बंं द कर लि�ए, और येे शब्द
«उस दि�न और उस घड़ीी केे वि�षय मेंं कोोई नहींं� जाानताा» नि�र्भीीक ठट्ठाा करनेे वाालेे और यहांं� तक कि�
मसीीह केे ज़ााहि�र सेेवक द्वााराा भीी प्रति�ध्वनि�त कि�ए जाातेे रहेे। जैैसेे-जैैसेे लोोग जाागृृत हुए, और उद्धाार केे
माार्गग कीी पूूछतााछ करनेे लगेे, धाार्मि�क गुुरुओंं नेे उनकेे और सत्य केे बीीच मेंं कदम रखाा, और परमेेश्वर
केे वचन कीी गलत व्यााख्याा करकेे उनकेे डर कोो शांं�त करनेे कीी कोोशि�श कीी। वि�श्वाासघाातीी पहरेेदाार
महाान धोोखेेबााज़ केे कााम मेंं एकजुुट होो गए, और सब जगह शांं�ति� शांं�ति� कहतेे फि�रेे, जबकि� परमेेश्वर
नेे ऐसाा नहींं� कहाा थाा। मसीीह केे दि�नोंं� मेंं फरीीसि�योंं� कीी तरह, बहुतोंं� नेे स्वयंं स्वर्गग केे रााज्य मेंं प्रवेेश करनेे
सेे इनकाार कर दि�याा, और जोो प्रवेेश कर रहेे थेे उन्होंं�नेे उनकेे राास्तेे मेंं बााधाा डाालीी। उन आत्मााओंं केे
खूून काा लेेखाा इन सेे लि�याा जााएगाा।
कलीीसि�यााओंं मेंं सबसेे वि�नम्र और समर्पि�त लोोग आमतौौर पर संं देेश प्रााप्त करनेे वाालेे पहलेे व्यक्ति�
होोतेे थेे। जि�न लोोगोंं� नेे स्वयंं केे लि�ए बााइबल काा अध्ययन कि�याा वेे भवि�ष्यवााणीी केे लोोकप्रि�य वि�चाारोंं� केे
अशाास्त्रीीय लक्षण कोो देेखेे बि�नाा नहींं� रह सकतेे थेे; और जहाँँ� भीी लोोग पाादरीी वर्गग केे प्रभााव सेे नि�यंं त्रि�त
260 महाान वि�वााद

नहींं� होोतेे थेे, जहाँँ� भीी वेे स्वयंं केे लि�ए परमेेश्वर केे वचन काा अध्ययन करतेे थेे, वहाँँ� आगमन सि�द्धांं�त
कोो अपनेे स्वर्गीीय अधि�काार कोो स्थाापि�त करनेे केे लि�ए केे वल पवि�त्र शाास्त्र केे सााथ तुुलनाा करनेे कीी
आवश्यकताा होोतीी थीी।
बहुतोंं� कोो उनकेे अवि�श्‍‍वाासीी भााइयोंं� नेे सताायाा थाा। कलीीसि�याा मेंं अपनाा स्थाान बनााए रखनेे केे लि�ए,
कुु छ नेे अपनीी आशाा केे संं बंं ध मेंं चुुप रहनेे कीी सहमति� दीी; लेेकि�न दूू सरोंं� नेे महसूूस कि�याा कि� परमेे-
श्वर केे प्रति� वफाादाारीी नेे उन्हेंं इस प्रकाार उन सच्चााइयोंं� कोो छि�पाानेे सेे मनाा कि�याा जोो उसनेे रखवाालीी केे
लि�ए उन्हेंं सौंं�पेे थेे। मसीीह केे आगमन मेंं अपनेे वि�श्वाास कोो व्यक्त करनेे केे अलाावाा और कि�सीी काारण
सेे बहुत सेे लोोगोंं� कोो कलीीसि�याा कीी संं गति� सेे बेेदखल कर दि�याा गयाा। भवि�ष्यद्वक्ताा केे वचन उन लोोगोंं�
केे लि�ए बहुत अनमोोल थेे जि�न्होंं�नेे अपनेे वि�श्वाास कीी इस परीीक्षाा कोो सहाा: “तुुम्हाारेे भााई जोो तुुम सेे बैैर
रखतेे और मेेरेे नााम केे नि�मि�त्त तुुम कोो अलग कर देेतेे हैंं उन्होंं�नेे कहाा हैै, यहोोवाा कीी महि�माा बढ़ेे जि�स सेे
हम तुुम्हााराा आनन्द देेखनेे पााएँँ; परन्तुु उन्हींं� कोो लज्जि�ित होोनाा पड़ेेगाा। « यशाायााह 66:5।
परमेेश्वर केे दूू त बड़ीी दि�लचस्पीी सेे चेेताावनीी केे परि�णााम कोो देेख रहेे थेे। जब कलीीसि�यााओंं द्वााराा
संं देेश कीी साार्ववजनि�क अस्वीीकृृ ति� हुई, तोो स्वर्गगदूू तोंं� नेे उदाासीी मेंं मुंं� ह फेे र लि�याा। लेेकि�न कई ऐसेे थेे जोो
अभीी तक आगमन सत्य केे संं बंं ध मेंं परखेे नहींं� गए थेे। बहुतोंं� कोो पति�योंं�, पत्नि��योंं�, मााताा-पि�ताा, याा
बच्चोंं� द्वााराा गुुमरााह कि�याा गयाा थाा, और एडवेंंटि�स्टोंं� द्वााराा सि�खााए गए ऐसेे पााषंं ड कोो सुुननाा भीी पााप
मााननेे केे लि�ए बााध्य कि�याा गयाा थाा। इन आत्मााओंं पर वि�श्वाासयोोग्य पहराा देेनेे केे लि�ए स्वर्गगदूू तोंं� कोो
बुुलाायाा गयाा थाा, क्योंं�कि� परमेेश्वर केे सिं�हां ासन सेे उन पर एक और प्रकााश चमकनाा बााकीी थाा।
जि�न लोोगोंं� नेे संं देेश प्रााप्त कि�याा थाा, वेे अकथनीीय इच्छाा केे सााथ अपनेे उद्धाारकर्ताा� केे आनेे कीी
प्रतीीक्षाा कर रहेे थेे। जि�स समय उन्होंं�नेे उससेे मि�लनेे कीी आशाा कीी थीी वह नि�कट थाा। वेे इस घड़ीी कीी
ओर एक शांं�त गंं भीीरताा केे सााथ बढ़ेे। उन्होंं�नेे परमेेश्वर केे सााथ मधुुर संं गति� और उज्जवल भवि�ष्य मेंं
उनकीी होोनेे वाालीी शांं�ति� केे बयाानेे मेंं वि�श्रााम कि�याा। इस आशाा और वि�श्वाास काा अनुुभव करनेे वाालाा
कोोई भीी व्यक्ति� प्रतीीक्षाा केे उन अनमोोल क्षणोंं� कोो नहींं� भूूल सकताा। उस समय सेे पहलेे केे कुु छ सप्तााहोंं�
केे लि�ए, सांं�साारि�क व्यवसााय अधि�कांं�श भााग केे लि�ए अलग रख दि�याा थाा। ईमाानदाार वि�श्वाासि�योंं� नेे
अपनेे हृदय केे हर वि�चाार और भाावनाा कोो ध्याान सेे ऐसेे जांं�चाा माानोो वेे अपनीी मृृत्युुशय्याा पर होंं� और
कुु छ हीी घंं टोंं� मेंं सांं�साारि�क दृश्योंं� पर अपनीी आँँखेंं बंं द करनेे वाालेे होंं�। कोोई «स्वर्गाा�रोोहण वस्त्र» तैैयाार
नहींं� कि�ए गए (टि�प्पणीी 31 देेखेंं); लेेकि�न सभीी नेे आंंतरि�क सााक्ष्य कीी आवश्यकताा महसूूस कीी कि� वेे
उद्धाारकर्ताा� सेे मि�लनेे केे लि�ए तैैयाार थेे; उनकेे सफेे द वस्त्र आत्माा कीी शुुद्धताा थेे - मसीीह केे प्राायश्चि�ित
लहू द्वााराा पााप सेे शुुद्ध कि�ए गए चरि�त्र। कि�तनाा अच्छाा होोताा कि� परमेेश्वर केे घोोषि�त लोोगोंं� केे पाास अभीी
भीी हृदय कोो जांं�चनेे कीी वहीी भाावनाा, वहीी गंं भीीर, दृढ़ वि�श्वाास होोताा। यदि� वेे इस प्रकाार स्वयंं कोो प्रभुु
केे साामनेे दीीन करनाा ज़ाारीी रखतेे और प्राायश्चि�ित केे ढकनेे पर अपनीी यााचि�कााओंं कोो आग्रहपूूर्ववक पेेश
करतेे, तोो वेे अब कीी तुुलनाा मेंं कहींं� अधि�क समृृद्ध अनुुभव केे स्वाामीी होोतेे। प्राार्थथनाा बहुत कम हैै, पााप
काा वाास्तवि�क बोोध बहुत कम हैै, और जीीवि�त वि�श्वाास कीी कमीी बहुत सेे लोोगोंं� कोो हमाारेे मुुक्ति�दााताा
द्वााराा प्रदाान कि�ए गए अनुुग्रह सेे वंं चि�त रख देेतीी हैै।
परमेेश्वर नेे अपनेे लोोगोंं� कोो सााबि�त करनेे कीी योोजनाा बनााई। उसकेे हााथ नेे भवि�ष्यसूूचक अवधि�
केे अनुुमाान मेंं एक गलतीी कोो ढक दि�याा। एडवेंंटि�स्टोंं� नेे भ्रम कीी खोोज नहींं� कीी, न हीी उनकेे वि�रोोधि�योंं�
एक महान धार्मिक जागृ 261

मेंं सबसेे अधि�क वि�द्वाान द्वााराा खोोजाा गयाा थाा। परवर्तीी नेे कहाा: «भवि�ष्यसूूचक अवधि�योंं� काा आपकाा
अनुुमाान सहीी हैै। कोोई बड़ीी घटनाा होोनेे वाालीी हैै; लेेकि�न यह वह नहींं� हैै जि�सकीी श्रीी मि�लर नेे भवि�-
ष्यद्वााणीी कीी हैै; यह संं साार काा परि�वर्ततन हैै, न कि� मसीीह काा दूू सराा आगमन।” (टि�प्पणीी 32 देेखेंं।)
प्रतीीक्षाा काा समय बीीत गयाा, और मसीीह अपनेे लोोगोंं� केे छुु टकाारेे केे लि�ए प्रकट नहींं� हुआ। जोो
लोोग सच्चेे वि�श्वाास और प्रेेम केे सााथ अपनेे उद्धाारकर्ताा� कीी बााट जोोतेे रहेे थेे, उन्हेंं एक घोोर नि�रााशाा काा
अनुुभव हुआ। फि�र भीी परमेेश्वर केे उद्देेश्य पूूरेे होो रहेे थेे; वह उन लोोगोंं� केे हृदयोंं� कोो परख रहाा थाा जोो
उसकेे प्रगट होोनेे कीी बााट जोोह रहेे थेे। उनमेंं सेे कई ऐसेे भीी थेे जोो डर सेे बढ़कर कि�सीी और मकसद
द्वााराा प्रेेरि�त नहींं� हुए थेे। उनकेे वि�श्वाास केे स्वीीकरण नेे उनकेे हृदय याा उनकेे जीीवन कोो प्रभाावि�त नहींं�
कि�याा थाा। जब अपेेक्षि�त घटनाा घटि�त नहींं� हुई, तोो इन व्यक्ति�योंं� नेे घोोषणाा कीी कि� वेे नि�रााश नहींं� हैंं;
उन्होंं�नेे कभीी वि�श्वाास नहींं� कि�याा थाा कि� मसीीह आएगाा। वेे सच्चेे वि�श्वाासि�योंं� केे दुखु काा उपहाास करनेे
वाालोंं� मेंं सबसेे पहलेे थेे।
परन्तुु यीीशुु और साारीी स्वर्गीीय सेेनाा नेे परखेे हुए और वि�श्वाासयोोग्य परन्तुु नि�रााश लोोगोंं� कोो प्रेेम और
सहाानुुभूूति� सेे देेखाा। यदि� दृश्यमाान दुनि�या ु ा कोो अलग करनेे वाालाा पर्दाा� हटाा दि�याा गयाा होोताा, तोो स्वर्गगदूू -
तोंं� कोो इन अडि�ग आत्मााओंं केे पाास आतेे हुए और उन्हेंं शैैताान केे तीीरोंं� सेे बचाातेे हुए देेखाा गयाा होोताा।
21

एक चेेताावनीी अस्वीीकृृ त

दूू सरेे आगमन केे सि�द्धांं�त काा प्रचाार करनेे मेंं, वि�लि�यम मि�लर और उसकेे सहयोोगि�योंं� नेे मनुुष्य कोो
न्यााय केे लि�ए तैैयाारीी हेेतुु जाागृृत करनेे केे एकमाात्र उद्देेश्य केे सााथ कााम कि�याा थाा। उन्होंं�नेे धर्मम काा
दाावाा करनेे वाालोंं� कोो कलीीसि�याा कीी सच्चीी आशाा और एक गहरेे मसीीहीी अनुुभव कीी आवश्यकताा केे
प्रति� जगाानेे कीी कोोशि�श कीी थीी, और उन्होंं�नेे अपरि�वर्ति�त लोोगोंं� कोो तत्कााल पश्चाातााप और ईश्वर कीी
ओर रुख करनेे केे कर्ततव्य केे प्रति� जाागृृत करनेे केे लि�ए भीी कााम कि�याा थाा। “उन्होंं�नेे लोोगोंं� कोो धर्मम मेंं
एक संं प्रदााय याा दल मेंं परि�वर्ति�त करनेे काा कोोई प्रयाास नहींं� कि�याा। इसलि�ए उन्होंं�नेे उनकेे संं गठन याा
अनुुशाासन मेंं हस्तक्षेेप कि�ए बि�नाा सभीी दलोंं� और संं प्रदाायोंं� केे बीीच कााम कि�याा। «
मि�लर नेे कहाा, «मेेरेे सभीी प्रयाासोंं� मेंं मुुझेे मौौजूूदाा संं प्रदाायोंं� सेे कोोई अलग हि�त स्थाापि�त करनेे याा
दूू सरेे केे नुुकसाान पर एक कोो लााभ पहुंंचाानेे कीी इच्छाा याा वि�चाार नहींं� थाा। मैंंनेे सोोचाा कि� सबकाा भलाा
होो। यह माानतेे हुए कि� सभीी मसीीहीी मसीीह केे आनेे कीी संं भाावनाा मेंं आनन्दि�त होंं�गेे, और जोो लोोग मेेरीी
तरह नहींं� देेख सकतेे थेे, वेे उनसेे कम प्याार नहींं� करेंंगेे जोो इस सि�द्धांं�त कोो अपनाातेे हैंं, मैंंनेे कल्पनाा नहींं�
कीी कि� अलग-अलग सभााओंं कीी कोोई आवश्यकताा होोगीी। मेेराा पूूराा उद्देेश्य आत्मााओंं कोो परमेेश्वर
केे पाास लाानेे, आनेे वाालेे फैै सलेे केे बाारेे मेंं दुनि�या
ु ा कोो सूूचि�त करनेे, और परमेेश्वर केे सााथ मेेल रखतेे
हुए मि�लनेे हेेतुु सक्षम करनेे वाालीी हृदय कीी तैैयाारीी करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करनेे कीी इच्छाा थीी। मेेरेे प्रयाासोंं�
केे परि�णाामस्वरूप जि�न लोोगोंं� काा हृदय परि�वर्ततन हुआ थाा, उन लोोगोंं� मेंं सेे अधि�कांं�श मौौजूूदाा वि�भि�न्न
कलीीसि�यााओंं केे सााथ एकजुुट होो गए हैंं।” —ब्लि�स, पृृष् ठ 328।
चूंं�कि� उसकेे कााम काा रुख़ कलीीसि�यााओंं कोो वि�कसि�त करनेे कीी ओर थाा, इसेे कुु छ समय केे लि�ए
समर्थथन प्रााप्त हुआ। लेेकि�न जब पाादरि�योंं� और धाार्मि�क अगुुवोंं� नेे आगमन सि�द्धांं�त केे खि�लााफ फैै सलाा
कि�याा और वि�षय कीी तमााम हलचल कोो दबाानाा चााहाा, तोो उन्होंं�नेे न केे वल उपदेेश-मंं च सेे इसकाा वि�रोोध
कि�याा, बल्कि� अपनेे सदस्योंं� कोो दूू सरेे आगमन पर उपदेेश सुुननेे केे लि�ए उपस्थि�त होोनेे याा कलीीसि�याा कीी
साामााजि�क बोोलनेे तक केे वि�शेेषााधि�काार सेे भीी वंं चि�त कर दि�याा। इस प्रकाार वि�श्वाासि�योंं� नेे स्वयंं कोो बड़ीी
परीीक्षाा और उलझन कीी स्थि�ति� मेंं पाायाा। वेे अपनीी कलीीसि�यााओंं सेे प्रेेम करतेे थेे और उनसेे अलग होोनेे
एक चेतावनी अस्वीक 263

केे लि�ए अनि�च्छुु क थेे; लेेकि�न जैैसाा कि� उन्होंं�नेे देेखाा कि� परमेेश्वर केे वचन कीी गवााहीी दबाा दीी गई हैै और
भवि�ष्यद्वााणि�योंं� कीी जांं�च करनेे केे उनकेे अधि�काार सेे उन्हेंं वंं चि�त कर दि�याा गयाा हैै, उन्होंं�नेे महसूूस कि�याा
कि� परमेेश्वर केे प्रति� वफाादाारीी नेे उन्हेंं समर्पपण करनेे सेे रोोक रहीी थींं�। जि�न लोोगोंं� नेे परमेेश्वर केे वचन,
«सच्चााई केे स्तंं भ और आधाार» कीी गवााहीी कोो बंं द करनेे कीी कोोशि�श कीी, वेे उन्हेंं मसीीह कीी कलीीसि�याा
केे संं घटक केे रूप मेंं माान्य नहींं� ठहराा सकेे । इसलि�ए उन्होंं�नेे अपनेे पूूर्वव संं पर्कक सेे अलग होोनेे मेंं अपनेे
आप कोो न्याायसंं गत समझाा। 1844 कीी गर्मि�योंं� मेंं लगभग पचाास हज़ाार कलीीसि�यााओंं सेे अलग होो गए।
इस समय केे आसपाास संं युुक्त रााज्य भर मेंं अधि�कांं�श कलीीसि�यााओंं मेंं एक उल्लेेखनीीय परि�वर्ततन
स्पष्ट थाा। कई वर्षोंं सेे सांं�साारि�क प्रथााओंं और रीीति�-रि�वााजोंं� केे प्रति� एक क्रमि�क लेेकि�न लगााताार बढ़तीी
अनुुरूपताा रहीी थीी, और वाास्तवि�क आध्याात्मि�क जीीवन मेंं एक समरूपीी गि�राावट आई थीी; लेेकि�न उस
वर्षष देेश केे लगभग सभीी कलीीसि�यााओंं मेंं आकस्मि�क और स्पष्ट गि�राावट केे प्रमााण मि�लेे थेे। जबकि�
कोोई भीी काारण काा सुुझााव देेनेे मेंं सक्षम नहींं� थाा, इस तथ्य कोो व्याापक रूप सेे नोोट कि�याा गयाा थाा और
प्रेेस और उपदेेश-मंं च दोोनोंं� द्वााराा टि�प्पणीी कीी गई थीी।
फि�लााडेेल्फि�याा केे प्रेेस्बीीटेेरीी कीी एक बैैठक मेंं, व्याापक रूप सेे इस्तेेमााल कीी जाानेे वाालीी एक टि�प्पणीी
केे लेेखक और उस शहर केे प्रमुुख कलीीसि�यााओंं मेंं सेे एक केे पाादरीी श्रीी बाार्न्सस नेे कहाा कि�, «वह बीीस
सााल सेे सेेवकााई मेंं रहाा थाा, और कभीी भीी, अंंति�म प्रभुु-भोोज तक, उसनेे कलीीसि�याा मेंं अधि�क याा
कम कोो स्वीीकाार कि�ए बि�नाा वि�धि� काा संं चाालन नहींं� कि�याा थाा। लेेकि�न अब कोोई जाागृृति� नहींं� हैै, कोोई
हृदय परि�वर्ततन नहींं� हैै, प्रति�ज्ञााकाारि�योंं� मेंं अनुुग्रह मेंं बहुत स्पष्ट वृृद्धि� नहींं� हैै, और कोोई भीी उसकेे पाास
अपनीी आत्माा केे उद्धाार केे बाारेे मेंं बाात करनेे केे लि�ए नहींं� आताा हैै। व्याापाार मेंं वृृद्धि�, और वााणि�ज्य और
नि�र्माा�ण कीी उज्ज्वल संं भाावनााओंं केे सााथ, सांं�साारि�कताा मेंं वृृद्धि� हुई हैै। सभीी संं प्रदाायोंं� केे सााथ ऐसाा हीी
हैै।” —कांं�ग्रेेगेेशनल जर्ननल, मई 23, 1844।
उसीी सााल फरवरीी केे महीीनेे मेंं, ओबेेर्लि�न कॉॉलेेज केे प्रोोफेे सर फ़ि�नीी नेे कहाा: “हमाारेे दि�मााग मेंं यह
तथ्य थाा, कि� साामाान्य तौौर पर, हमाारेे देेश कीी प्रोोटेेस्टेंंट कलीीसि�यााएंं याा तोो युुग केे सभीी नैैति�क सुुधाारोंं�
केे प्रति� उदाासीीन थेे याा लगभग शत्रुुताापूूर्णण थेे। आंंशि�क अपवााद हैंं, फि�र भीी तथ्य कोो साामाान्य सेे अलग
करनेे केे लि�ए पर्याा�प्त नहींं� हैंं। हमाारेे पाास एक और पुुष् ट तथ्य भीी हैै: कलीीसि�यााओंं मेंं पुुनरुत्थाान केे
प्रभााव काा लगभग साार्ववभौौमि�क अभााव। आध्याात्मि�क उदाासीीनताा लगभग सर्ववव्याापीी हैै, और भयाानक
रूप सेे गहरीी हैै; इसलि�ए पूूरेे देेश काा धाार्मि�क प्रेेस गवााहीी देेताा हैै। बहुत बड़ेे पैैमाानेे पर, कलीीसि�याा केे
सदस्य फैै शन केे भक्त बन रहेे हैंं - पाार्टि�योंं� मेंं, नृृत्य मेंं, उत्सवोंं� मेंं, आदि� मेंं अधर्मि�योंं� केे सााथ हााथ
मि�लाातेे हैंं। लेेकि�न हमेंं इस दुःः�खद वि�षय काा वि�स्ताार करनेे कीी आवश्यकताा नहींं� हैै। यह दि�खाानेे केे
लि�ए कि� कलीीसि�यााएंं आमतौौर पर दुःः�खद रूप सेे पति�त होोतीी जाा रहीी हैंं, इतनाा हीी कहनाा कााफीी हैै कि�
हमाारेे आसपाास मौौजूूद सबूूत भाारीी भरकम हैंं। वेे यहोोवाा सेे बहुत दूू र चलेे गए हैंं, और वह उन सेे दूू र
होो गयाा हैै।”
और रि�लि�जि�यस टेेलीीस्कोोप केे एक लेेखक नेे गवााहीी दीी: “हमनेे आज तक धर्मम कीी इतनीी व्याापक
गि�राावट कभीी नहींं� देेखीी। सचमुुच, कलीीसि�याा कोो जाागनाा चााहि�ए, और इस वि�पत्ति� केे काारण कीी खोोज
करनीी चााहि�ए; क्योंं�कि� जोो कोोई सि�य्योोन सेे प्रेेम रखताा हैै, वह उसेे दु:ु ख कीी दृष्टि�ि सेे देेखेेगाा। जब हम
यााद करतेे हैंं कि� सच्चेे परि�वर्ततन केे माामलेे कि�तनेे ‹कम› हैंं, और पाापि�योंं� कीी धृृष् टताा और कठोोरताा
264 महाान वि�वााद

लगभग अद्वि�तीीय हैै, हम लगभग अनाायाास बोोल उठतेे हैंं, «›क्याा परमेेश्वर कृृ पाा करनाा भूूल गयाा हैै?
याा, क्याा दयाा काा द्वाार बंं द हैै? ’”
ऐसीी स्थि�ति� कभीी भीी बि�नाा काारण केे स्वयंं कलीीसि�याा मेंं नहींं� होोतीी। आध्याात्मि�क अंंधकाार जोो
रााष्ट्रों��ं , कलीीसि�यााओंं और व्यक्ति�योंं� पर छाा जााताा हैै, परमेेश्वर कीी ओर सेे पवि�त्र अनुुग्रह केे समर्थथन कीी
मनमाानीी वाापसीी केे काारण नहींं� हैै, बल्कि� लोोगोंं� कीी ओर सेे ईश्वरीीय प्रकााश कीी उपेेक्षाा याा अस्वीीकृृ ति�
केे काारण हैै। यहूदीी लोोगोंं� केे इति�हाास मेंं मसीीह केे समय मेंं इस सच्चााई काा एक आकर्षषक उदााहरण
प्रस्तुुत कि�याा गयाा हैै। संं साार केे प्रति� उनकीी भक्ति� और परमेेश्वर और उसकेे वचन कीी वि�स्मृृति� सेे,
उनकीी समझ अन्धकाारमय होो गई थीी, उनकेे हृदय सांं�साारि�क और वि�षयाासक्त होो गए थेे। इस प्रकाार वेे
मसीीहाा केे आगमन केे वि�षय मेंं अनभि�ज्ञ थेे, और अपनेे अभि�माान और अवि�श्वाास मेंं उन्होंं�नेे मुुक्ति�दााताा
कोो अस्वीीकाार कर दि�याा। तब भीी परमेेश्वर नेे यहूदीी रााष्ट्रर कोो उद्धाार कीी आशीीषोंं� केे ज्ञाान, याा उनमेंं
भाागीीदाारीी सेे अलग नहींं� कि�याा। परन्तुु जि�न्होंं�नेे सत्य कोो अस्वीीकाार कि�याा उन्होंं�नेे स्वर्गग केे उपहाार कीी
साारीी इच्छाा खोो दीी। उन्होंं�नेे “अन्धकाार कोो उजि�याालाा और उजि�याालेे कोो अंंधि�यााराा ठहराायाा,” जब तक
कि� वह उजि�याालाा जोो उन मेंं थाा अन्धकाार न होो गयाा; और वह अन्धकाार कि�तनाा वि�शेेष थाा!
यह शैैताान कीी नीीति� केे अनुुरूप हैै कि� माार्मि�क धाार्मि�कताा कीी भाावनाा केे अभााव मेंं मनुुष्य धर्मम केे
रूपोंं� कोो बनााए रखेे। सुुसमााचाार कोो अस्वीीकाार करनेे केे बााद, यहूदि�योंं� नेे अपनेे प्रााचीीन संं स्काारोंं� कोो
बनााए रखनेे केे लि�ए जोोश सेे कााम करनाा ज़ाारीी रखाा, उन्होंं�नेे अपनीी रााष्ट्रीी�य वि�शि�ष्टताा कोो सख्तीी सेे
बनााए रखाा, जबकि� वेे स्वयंं यह स्वीीकाार नहींं� कर सकेे कि� उनकेे बीीच परमेेश्वर कीी उपस्थि�ति� अब
ज़ााहि�र नहींं� थीी। दाानि�य्येेल कीी भवि�ष्यद्वााणीी नेे इतनेे स्पष्ट रूप सेे मसीीहाा केे आनेे केे समय कीी ओर
इशााराा कि�याा, और इतनेे सीीधेे तौौर पर उसकीी मृृत्युु कीी भवि�ष्यवााणीी कीी, कि� उन्होंं�नेे इसकेे अध्ययन कोो
हतोोत्सााहि�त कि�याा, और अंंत मेंं रब्बि�योंं� नेे समय काा हि�सााब लगाानेे काा प्रयाास करनेे वाालेे सभीी लोोगोंं� पर
श्रााप घोोषि�त कि�याा। आनेे वाालीी शतााब्दि�योंं� केे दौौराान इस्रााएल केे लोोग उद्धाार केे उदाार प्रस्ताावोंं� केे प्रति�
उदाासीीन, स्वर्गग सेे प्रकााश कोो अस्वीीकाार करनेे केे खतरेे कीी गंं भीीर और भयाानक चेेताावनीी, सुुसमााचाार
कीी आशीीषोंं� सेे अनजाान, अज्ञाानताा और पश्‍‍चााताापहीीनताा मेंं खड़ेे रहेे हैंं।
जहांं� भीी अभि�याान अस्ति�त्व मेंं होोगाा, वहीी परि�णााम होंं�गेे। वह जोो जाान-बूूझकर कर्ततव्य केे अपनेे
दृढ़ वि�श्वाास कोो दबााताा हैै क्योंं�कि� यह उसकेे झुका ु ाव केे सााथ हस्तक्षेेप करताा हैै, अंंत मेंं सत्य और भ्रम
केे बीीच अंंतर करनेे कीी शक्ति� खोो देेगाा। समझ धुँँ�धलीी होो जाातीी हैै, अंंतराात्माा कठोोर होो जाातीी हैै, हृदय
कठोोर होो जााताा हैै और आत्माा ईश्वर सेे अलग होो जाातीी हैै। जहांं� ईश्वरीीय सत्य केे संं देेश कोो ठुु कराायाा
जााताा हैै, याा उसकाा ति�रस्काार कि�याा जााताा हैै, वहांं� कलीीसि�याा पर अंंधकाार छाा जााएगाा; वि�श्वाास और
प्रेेम ठंं डेे पड़ जाातेे हैंं, और मनमुुटााव और मतभेेद प्रवेेश कर जाातेे हैंं। कलीीसि�याा केे सदस्य अपनेे हि�तोंं�
और काार्ययशक्ति� कोो सांं�साारि�क गति�वि�धि�योंं� मेंं केे न्द्रि�त करतेे हैंं, और पाापीी अपनीी पश्‍‍चााताापहीीनताा मेंं
कठोोर होो जाातेे हैंं।
प्रकााशि�तवााक्य 14 मेंं पहलेे स्वर्गग दूू त काा संं देेश, जोो परमेेश्वर केे न्यााय केे समय कीी घोोषणाा करताा
हैै और मनुुष्योंं� कोो उसकाा भय मााननेे और उसकीी आरााधनाा करनेे केे लि�ए कहताा हैै, परमेेश्वर केे
घोोषि�त लोोगोंं� कोो दुनि�याु ा केे भ्रष्ट प्रभाावोंं� सेे अलग करनेे और उन्हेंं उनकीी सांं�साारि�कताा और धर्ममत्यााग
कीी वाास्तवि�क स्थि�ति� कोो देेखनेे केे लि�ए जगाानेे केे लि�ए तैैयाार कि�याा गयाा थाा। इस संं देेश मेंं, परमेेश्वर
एक चेतावनी अस्वीक 265

नेे कलीीसि�याा कोो एक चेेताावनीी भेेजीी हैै, जि�सेे यदि� स्वीीकाार कर लि�याा जााताा, तोो वह उन बुुरााइयोंं� कोो
सुुधाार देेतीी जोो उन्हेंं उससेे दूू र कर रहीी थींं�। यदि� उन्होंं�नेे अपनेे हृदय कोो प्रभुु केे साामनेे नम्र करतेे हुए
और ईमाानदाारीी सेे उसकीी उपस्थि�ति� मेंं खड़ेे होोनेे कीी तैैयाारीी काा प्रयाास करतेे हुए, स्वर्गग सेे भेेजेे गए
संं देेश कोो ग्रहण कि�याा होोताा, तोो परमेेश्वर कीी आत्माा और साामर्थ्यय उनकेे बीीच प्रकट होोतीी। कलीीसि�याा
एक बाार फि�र सेे एकताा, वि�श्वाास और प्रेेम कीी उस धन्य अवस्थाा मेंं पहुंंच गई होोतीी जोो प्रेेरि�ति�क दि�नोंं�
मेंं वि�द्यमाान थीी, जब वि�श्‍‍वाास करनेेवाालोंं� कीी मण्डलीी «एक चि�त्त और एक मन» कीी थीी, और «परमेे-
श्वर काा वचन हि�यााव सेे सुुनाातीी थीी,» जब «उनकोो प्रभुु प्रति�दि�न उनमेंं मि�लाा देेताा थाा।» प्रेेरि�तोंं� केे कााम
4:32, 31; 2:47।
यदि� परमेेश्वर केे घोोषि�त लोोग उसकेे वचन सेे प्रकााश प्रााप्त करतेे हैंं, तोो वेे उस एकताा तक पहुंंचेंंगेे
जि�सकेे लि�ए मसीीह नेे प्राार्थथनाा कीी थीी, जि�सकाा प्रेेरि�त वर्णणन करताा हैै, «मेेल केे बन्धन मेंं आत्माा कीी
एकताा।» वह कहताा हैै, «एक हीी देेह हैै, और एक हीी आत्माा; जैैसेे तुुम्हेंं जोो बुुलााए गए थेे अपनेे बुुलााए
जाानेे सेे एक हीी आशाा हैै। एक हीी प्रभुु हैै, एक हीी वि�श्‍‍वाास, एक हीी बपति�स्माा।» इफि�सि�योंं� 4:3-5।
आगमन संं देेश कोो स्वीीकाार करनेे वाालोंं� नेे ऐसेे धन्य परि�णाामोंं� काा अनुुभव कि�याा। वेे वि�भि�न्न
संं प्रदाायोंं� सेे आए थेे, और उनकीी संं प्रदााय कीी बााधााओंं कोो पूूरीी तरह सेे हटाा दि�याा गयाा; परस्पर वि�रोोधीी
पंं थ बुुरीी तरह हि�ल गए; एक लौौकि�क सहस्रााब्दीी कीी धर्मम-शाास्त्र वि�रूद्ध आशाा कोो छोोड़ दि�याा गयाा, दूू सरेे
आगमन केे झूठेू े वि�चाारोंं� कोो सुुधााराा गयाा, दुनि�या
ु ा केे लि�ए गर्वव और ऐक्य दूू र होो गए, गलत कोो सहीी
कि�याा गयाा; हृदय सबसेे मधुुर संं गति� मेंं एकजुुट होो गए, और प्रेेम और आनंं द सर्वाा�धि�क महत्वपूूर्णण होो
गए। यदि� इस सि�द्धांं�त नेे इसेे ग्रहण करनेे वाालेे कुु छ लोोगोंं� केे लि�ए ऐसाा कि�याा, यदि� सभीी नेे इसेे ग्रहण
कि�याा होोताा तोो यह सभीी केे लि�ए ऐसाा करताा।
लेेकि�न कलीीसि�यााओंं नेे आम तौौर पर चेेताावनीी कोो स्वीीकाार नहींं� कि�याा। उनकेे पाादरीी, जि�न्हेंं
“इस्रााएल केे घराानेे” केे पहरेेदाारोंं� केे तौौर पर यीीशुु केे आनेे केे संं केे तोंं� कोो सबसेे पहलेे पहचााननाा चााहि�ए
थाा, भवि�ष्यद्वक्तााओंं कीी गवााहीी सेे याा समय केे संं केे तोंं� सेे सच्चााई जााननेे मेंं वि�फल रहेे थेे। जैैसेे-जैैसेे
सांं�साारि�क आशााएँँ और महत्वााकांं�क्षााएँँ हृदय मेंं भरतीी गईं, परमेेश्वर केे लि�ए प्रेेम और उसकेे वचनोंं�
मेंं वि�श्वाास ठंं डाा पड़ गयाा; और जब आगमन सि�द्धांं�त प्रस्तुुत कि�याा गयाा, तोो इसनेे केे वल उनकेे पूूर्वा�ा-
ग्रह और अवि�श्वाास कोो जगाायाा। यह तथ्य कि� संं देेश कााफीी हद तक आम लोोगोंं� द्वााराा प्रचाारि�त कि�याा
गयाा थाा, एक तर्कक केे रूप मेंं इसकेे खि�लााफ प्रस्तुुत कि�याा गयाा। पुुराानेे समय कीी तरह, परमेेश्वर केे
वचन कीी स्पष्ट गवााहीी केे बाारेे मेंं पूूछतााछ कीी गई: «क्याा हााकि�मोंं� याा फरीीसि�योंं� मेंं सेे कि�सीी नेे वि�श्वाास
कि�याा हैै?» और यह पाातेे हुए कि� भवि�ष्यसूूचक अवधि�योंं� सेे नि�काालेे गए तर्कोंं काा खंं डन करनाा कि�तनाा
कठि�न काार्यय थाा, कई लोोगोंं� नेे भवि�ष्यद्वााणि�योंं� केे अध्ययन कोो हतोोत्सााहि�त कि�याा, यह शि�क्षाा देेतेे हुए
कि� भवि�ष्यद्वााणि�योंं� कीी पुुस्तकोंं� कोो बंं द कर दि�याा गयाा थाा और उन्हेंं समझाा नहींं� जाानाा थाा। जनसा�-
धाारण नेे, अपनेे पाादरि�योंं� पर पूूरीी तरह भरोोसाा करतेे हुए, चेेताावनीी कोो सुुननेे सेे इंं काार कर दि�याा; और
अन्य, हाालांं�कि� सच्चााई केे प्रति� आश्वस्त थेे, इसेे स्वीीकाार करनेे कीी हि�म्मत नहींं� करतेे थेे, कहींं� ऐसाा न
होो कि� उन्हेंं «आरााधनाालय सेे बााहर कर दि�याा जााए।» परमेेश्वर नेे कलीीसि�याा कीी परीीक्षाा और शुुद्धि� केे
लि�ए जोो संं देेश भेेजाा थाा, उससेे यह भीी स्पष्ट होो गयाा थाा कि� उन लोोगोंं� कीी संं ख्याा कि�तनीी अधि�क थीी
जि�न्होंं�नेे मसीीह केे बजााय इस संं साार कीी वस्तुुओं ं पर ध्याान लगाायाा थाा। वेे बंं धन जोो उन्हेंं पृृथ्वीी सेे बांं�धेे
266 महाान वि�वााद

रखतेे थेे, स्वर्गग केे आकर्षषण सेे अधि�क मज़बूूत थेे। उन्होंं�नेे सांं�साारि�क ज्ञाान कीी आवााज़ कोो सुुननाा चुुनाा
और सत्य केे हृदय-भेेदीी संं देेश सेे दूू र होो गए।
पहलेे स्वर्गगदूू त कीी चेेताावनीी कोो नकाारनेे मेंं, उन्होंं�नेे उस सााधन कोो अस्वीीकाार कर दि�याा जोो स्वर्गग
नेे उनकीी बहाालीी केे लि�ए प्रदाान कि�याा थाा। उन्होंं�नेे उस दयाालुु संं देेशवााहक काा ति�रस्काार कि�याा जोो उन
बुुरााइयोंं� कोो सुुधाारताा जि�न्होंं�नेे उन्हेंं परमेेश्वर सेे कर दि�याा थाा, और अधि�क उत्सुुकताा केे सााथ वेे दुनि�याु ा
सेे नााताा जोोड़नेे केे लि�ए आगेे बढ़ेे। 1844 मेंं कलीीसि�यााओंं मेंं दुनि�या ु ादाारीी, धर्ममत्यााग और आध्याात्मि�क
मृृत्युु कीी भयाावह स्थि�ति� काा काारण यहाँँ� थाा।
प्रकााशि�तवााक्य 14 मेंं पहलेे स्वर्गगदूू त केे बााद दूू सरीी घोोषणाा कीी गई हैै: «बड़ाा बेेबीीलोोन गि�र पड़ाा,
जि�सनेे अपनेे व्यभि�चाार कीी कोोपमय मदि�राा साारीी जााति�योंं� कोो पि�लााई हैै।” प्रकााशि�तवााक्य 14:8।
«बेेबीीलोोन» शब्द «बााबेेल» सेे लि�याा गयाा हैै और भ्रम कोो दर्शाा�ताा हैै। यह झूठेू े याा धर्ममत्याागीी धर्मम केे
वि�भि�न्न रूपोंं� कोो नि�र्दि�ष्ट करनेे केे लि�ए पवि�त्र शाास्त्र मेंं कााम मेंं लि�याा गयाा हैै। प्रकााशि�तवााक्य 17 मेंं
बााबेेल कोो एक स्त्रीी केे रूप मेंं दर्शाा�याा गयाा हैै - एक आकृृ ति� जोो बााइबि�ल मेंं कलीीसि�याा केे प्रतीीक केे रूप
मेंं प्रयोोग कीी जाातीी हैै, एक पवि�त्र स्त्रीी जोो एक पवि�त्र कलीीसि�याा काा प्रतीीक हैै, एक भ्रष्ट स्त्रीी जोो एक
धर्ममत्याागीी कलीीसि�याा काा प्रतीीक हैै।
बााइबि�ल मेंं मसीीह और उसकीी कलीीसि�याा केे बीीच मौौजूूद संं बंं ध केे पवि�त्र और स्थाायीी चरि�त्र कोो
वि�वााह केे मि�लन द्वााराा दर्शाा�याा गयाा हैै। प्रभुु नेे अपनेे लोोगोंं� कोो एक गम्भीीर वााचाा केे द्वााराा अपनेे सााथ
जोोड़ लि�याा हैै, वह उनकाा परमेेश्वर होोनेे काा वाादाा करताा हैै, और वेे स्वयंं कोो उसकेे और सि�र्फफ उसकेे
होोनेे कीी प्रति�ज्ञाा करतेे हैंं। वह घोोषणाा करताा हैै: «मैंं सदाा केे लि�येे तुुझेे अपनीी स्त्रीी करनेे कीी प्रति�ज्ञाा
करूँँगाा, और यह प्रति�ज्ञाा धर्मम, और न्यााय, और करुणाा, और दयाा केे सााथ करूँँगाा।» होोशेे 2:19। और
फि�र सेे: «मैंं तुुम्हााराा स्वाामीी हूँँ।» यि�र्ममयााह 3:14। और पौौलुुस नए नि�यम मेंं उसीी आंंकड़ेे काा उपयोोग
करताा हैै जब वह कहताा हैै: «मैंं नेे एक हीी पुुरुष सेे तुुम्हाारीी बाात लगााई हैै कि� तुुम्हेंं पवि�त्र कुँँ� वाारीी केे
समाान मसीीह कोो सौंं�प दूँँ� ।» 2 कुु रि�न्थि�योंं� 11:2।
अपनेे वि�श्वाास और स्नेेह कोो उससेे दूू र करनेे कीी अनुुमति� देेनेे मेंं, और सांं�साारि�क वस्तुुओं ं केे प्रेेम
कोो आत्माा पर हाावीी होोनेे देेनेे मेंं मसीीह केे प्रति� कलीीसि�याा कीी बेेवफााई कीी तुुलनाा वि�वााह प्रति�ज्ञाा केे
उल्लंं घन सेे कीी जाातीी हैै। यहोोवाा सेे दूू र जाानेे मेंं इस्रााएल काा पााप इस चि�त्र केे तहत प्रस्तुुत कि�याा गयाा
हैै; और परमेेश्वर केे अद्भु ् ुत प्रेेम काा, जि�सकाा वेे इस प्रकाार ति�रस्काार करतेे थेे, माार्मि�क रूप सेे चि�त्रण
कि�याा गयाा हैै: “मैंं नेे सौौगन्ध खााकर तुुझ सेे वााचाा बाँँ�धीी, और तूू मेेरीी होो गई, प्रभुु यहोोवाा कीी यहीी वााणीी
हैै।» «और तूू अत्यन्त सुुन्दर, वरन्् राानीी होोनेे केे योोग्य होो गई। तेेरीी सुुन्दरताा कीी कीीर्ति� अन्यजााति�योंं� मेंं
फैै ल गई, क्योंं�कि� उस प्रतााप केे काारण, जोो मैंं नेे अपनीी ओर सेे तुुझेे दि�याा थाा, तूू अत्यन्त सुुन्दर थीी।
परन्तुु तूू अपनीी सुुन्दरताा पर भरोोसाा करकेे अपनीी नाामवरीी केे काारण व्यभि�चाार करनेे लगीी।» «जैैसेे
वि�श्वाासघाातीी स्त्रीी अपनेे प्रि�य सेे मन फेे र लेेतीी हैै, वैैसेे हीी हेे इस्रााएल केे घराानेे, तूू मुुझ सेे फि�र गयाा हैै,
यहोोवाा कीी यहीी वााणीी हैै;» «तूू व्यभि�चाारि�णीी पत्नीी हैै। तूू पराायेे पुुरुषोंं� कोो अपनेे पति� केे बदलेे ग्रहण
करतीी हैै!» यहेेजकेेल 16:8, 13-15, 32; यि�र्ममयााह 3:20।
नए नि�यम मेंं, बहुत हीी समाान भााषाा काा प्रयोोग तथााकथि�त मसीीहि�योंं� केे लि�ए कि�याा गयाा हैै जोो
परमेेश्वर केे अनुुग्रह सेे बढ़कर संं साार कीी मि�त्रताा चााहतेे हैंं। प्रेेरि�त यााकूू ब कहताा हैै: «हेे व्यभि�चाारि�णि�योो,
एक चेतावनी अस्वीक 267

क्याा तुुम नहींं� जाानतींं� कि� संं साार सेे मि�त्रताा करनीी परमेेश्वर सेे बैैर करनाा हैै? अत: जोो कोोई संं साार काा
मि�त्र होोनाा चााहताा हैै, वह अपनेे आप कोो परमेेश्वर काा बैैरीी बनााताा हैै।»
प्रकााशि�तवााक्य17 कीी स्त्रीी (बेेबीीलोोन) काा वर्णणन इस प्रकाार कि�याा गयाा हैै «यह स्त्रीी बैंंजनीी और
लााल रंंग केे कपड़ेे पहि�नेे थीी, और सोोनेे और बहुमूूल्य मणि�योंं� और मोोति�योंं� सेे सजीी हुई थीी, और उसकेे
हााथ मेंं एक सोोनेे काा कटोोराा थाा जोो घृृणि�त वस्तुुओं ं सेे और उसकेे व्यभि�चाार कीी अशुुद्ध वस्तुुओं ं सेे
भराा हुआ थाा। उसकेे मााथेे पर यह नााम लि�खाा थाा, “भेेद – बड़ाा बेेबीीलोोन पृृथ्वीी कीी वेेश्यााओंं और
घृृणि�त वस्तुुओं ं कीी मााताा।” भवि�ष्यद्वक्ताा कहताा हैै: «मैंं नेे उस स्त्रीी कोो पवि�त्र लोोगोंं� काा लहू और यीीशुु
केे गवााहोंं� काा लहू पीीनेे सेे मतवाालीी देेखाा; उसेे देेखकर मैंं चकि�त होो गयाा।» बेेबीीलोोन कोो आगेे घोोषि�त
कि�याा गयाा हैै «वह बड़ाा नगर जोो पृृथ्वीी केे रााजााओंं पर रााज्य करताा हैै।” प्रकााशि�तवााक्य 17:4-6,
18। जि�स रााज्य नेे इतनीी सदि�योंं� तक मसीीहीी जगत केे रााजााओंं पर नि�रंंकुुश शाासन बनााए रखाा, वह
रोोम हैै। बैंंजनीी और लााल रंंग, सोोनाा और बहुमूूल्य मणि�यांं� और मोोतीी, स्पष्ट रूप सेे रोोम केे घि�नौौनेे
धर्माा�ध्यक्षीीय सिं�हां ासन सेे प्रभाावि�त भव्यताा कोो और अत्यधि�क शााहीी आडंंबर कोो स्पष्ट रूप सेे चि�त्रि�त
करतेे हैंं। और कि�सीी भीी अन्य शक्ति� (रााज्य) कोो वाास्तव मेंं «यीीशुु केे गवााहोंं� काा लहू पीीनेे सेे मतवाालीी»
घोोषि�त नहींं� कि�याा जाा सकताा थाा, जैैसाा कि� उस कलीीसि�याा नेे कि�याा थाा जि�सनेे मसीीह केे अनुुयाायि�योंं� कोो
इतनीी क्रूूरताा सेे सताायाा थाा। बााबेेल पर «पृृथ्वीी केे रााजााओंं» केे सााथ अवैैध संं बंं ध केे पााप काा भीी आरोोप
लगाायाा गयाा हैै। यह प्रभुु सेे वि�मुुख होोकर, और अन्यजााति�योंं� केे सााथ गठबंं धन करकेे थाा, कि� यहूदीी
कलीीसि�याा एक वेेश्याा बन गई; और रोोम, सांं�साारि�क शक्ति�योंं� काा सहााराा लेेकर खुुद कोो उसीी तरह भ्रष्ट
करतेे हुए, उसीी तरह कीी निं�दां ा पााताा हैै।
बेेबीीलोोन कोो «वेेश्यााओंं कीी मााताा» कहाा जााताा हैै। उसकीी बेेटि�योंं� द्वााराा उन कलीीसि�यााओंं कोो
दर्शाा�याा जाानाा हैै जोो उसकेे सि�द्धांं�तोंं� और परंं परााओंं सेे जुुड़ीी हैंं, और दुनि�या
ु ा केे सााथ एक गैैरकाानूूनीी
गठबंं धन बनाानेे केे लि�ए सच्चााई और परमेेश्वर कीी मंं ज़ूूरीी काा त्यााग करनेे केे उनकेे उदााहरण काा
पाालन करतीी हैंं। प्रकााशि�तवााक्य 14 काा संं देेश, बेेबीीलोोन केे पतन कीी घोोषणाा उन धाार्मि�क नि�काायोंं�
पर लाागूू होोनाा चााहि�ए जोो कभीी शुुद्ध थेे और भ्रष्ट होो गए हैंं। चूंं�कि� यह संं देेश न्यााय कीी चेेताावनीी
केे बााद आताा हैै, इसेे अंंति�म दि�नोंं� मेंं दि�याा जाानाा चााहि�ए; इसलि�ए यह केे वल रोोमन कलीीसि�याा सेे
संं दर्भि�त नहींं� होो सकताा, क्योंं�कि� वह कलीीसि�याा कई सदि�योंं� सेे पति�त स्थि�ति� मेंं हैै। इसकेे अलाावाा, प्र-
कााशि�तवााक्य केे अठाारहवेंं अध्यााय मेंं परमेेश्वर केे लोोगोंं� कोो बेेबीीलोोन सेे बााहर आनेे केे लि�ए कहाा
गयाा हैै। इस आयत केे अनुुसाार, परमेेश्वर केे बहुत सेे लोोग अभीी भीी बेेबीीलोोन मेंं होंं�गेे। और अब
कौौन-सेे धाार्मि�क नि�कााय मेंं मसीीह केे अनुुयाायि�योंं� काा बड़ाा हि�स्साा पाायाा जााताा हैै? नि�स्संंदेेह, प्रोोटेेस्टेंंट
वि�श्वाास कोो मााननेे वाालीी वि�भि�न्न कलीीसि�यााओंं मेंं। अपनेे उदय केे समय इन कलीीसि�यााओंं नेे परमेे-
श्वर केे और सत्य केे लि�ए एक प्रभाावशाालीी नि�श्चि�ित नि�र्णणय लि�याा और उसकीी आशीीष उनकेे सााथ
थीी। यहाँँ� तक कि� अवि�श्वाासीी लोोग भीी उन लााभकाारीी परि�णाामोंं� कोो स्वीीकाार करनेे केे लि�ए वि�वश
होो गए जोो सुुसमााचाार केे सि�द्धांं�तोंं� कोो स्वीीकाार करनेे केे बााद हुए। इस्रााएल केे भवि�ष्यद्वक्ताा केे शब्दोंं�
मेंं: «तेेरीी सुुन्दरताा कीी कीीर्ति� अन्यजााति�योंं� मेंं फैै ल गई, क्योंं�कि� उस प्रतााप केे काारण, जोो मैंं नेे अपनीी
ओर सेे तुुझेे दि�याा थाा, तूू अत्यन्त सुुन्दर थीी, प्रभुु यहोोवाा कीी यहीी वााणीी हैै।» परन्तुु वेे उसीी अभि�लााषाा
केे काारण गि�रेे जोो इस्रााएल काा श्रााप और वि�नााश थीी - प्रथााओंं काा अनुुकरण करनेे और अधर्मीी कीी
268 महाान वि�वााद

मि�त्रताा कीी इच्छाा। “परन्तुु तूू अपनीी सुुन्दरताा पर भरोोसाा करकेे अपनीी नाामवरीी केे काारण व्यभि�चाार
करनेे लगीी। « यहेेजकेेल 16:14,15।
कई प्रोोटेेस्टेंंट कलीीसि�यााएंं «पृृथ्वीी केे रााजााओंं» केे सााथ अन्याायपूूर्णण संं बंं ध केे रोोम केे उदााहरण काा
अनुुसरण कर रहीी हैंं - रााज्य कीी कलीीसि�यााएंं , उनकेे धर्ममनि�रपेेक्ष सरकाारोंं� केे संं बंं ध केे द्वााराा, संं साार केे
अनुुमोोदन कीी इच्छाा करकेे । और शब्द «बेेबीीलोोन» -भ्रम - इन नि�काायोंं� पर उचि�त रूप सेे लाागूू कि�याा
जाा सकताा हैै, सभीी बााइबि�ल सेे अपनेे सि�द्धांं�तोंं� कोो प्रााप्त करनेे काा दाावाा करतेे हैंं, फि�र भीी व्याापक रूप
सेे परस्पर वि�रोोधीी पंं थोंं� और सि�द्धांं�तोंं� केे सााथ लगभग असंं ख्य संं प्रदाायोंं� मेंं वि�भााजि�त हैंं।
दुनि�या
ु ा केे सााथ एक पाापपूूर्णण मि�लन केे अलाावाा, रोोम सेे अलग होोनेे वाालीी कलीीसि�यााएंं उसकीी अन्य
वि�शेेषतााओंं कोो प्रस्तुुत करतीी हैंं।
एक रोोमन कैै थोोलि�क रचनाा काा तर्कक हैै कि� «यदि� रोोम कीी कलीीसि�याा संं तोंं� केे संं बंं ध मेंं कभीी
मूूर्ति�पूूजाा कीी दोोषीी थीी, तोो उसकीी बेेटीी, इंं ग्लैंडं कीी कलीीसि�याा उसीी केे लि�ए दोोषीी हैै, जि�समेंं यदि� एक
कलीीसि�याा मसीीह कोो समर्पि�त हैंं तोो दस मरि�यम कोो समर्पि�त हैै।” —रि�चर्डड चैैलेंंजर, द कैै थोोलि�क क्रि�-
श्चि�ियन इंं स्ट्ररक्टेेड, प्रीीफेे स, पृृष् ठ 21, 22।
और डॉॉ. हॉॉपकिं�ंस, «ए ट्रीी�टि�स ऑन द मि�लेेनि�यम» मेंं घोोषि�त करताा हैै: «मसीीहीी-वि�रोोधीी भाावनाा
और प्रथााओंं कोो उसीी तक सीीमि�त होोनेे, जि�सेे अब रोोम काा चर्चच कहाा जााताा हैै, पर वि�चाार करनेे काा कोोई
काारण नहींं� हैै। प्रोोटेेस्टेंंट कलीीसि�यााओंं मेंं बहुत सेे मसीीह-वि�रोोधीी हैंं, और वेे भ्रष्टााचाार और दुष्ु टताा सेे
पूूरीी तरह सेे सुुधरनेे सेे बहुत दूू र हैंं।» -सैैमुुअल हॉॉपकिं�ंस, वर्क्सस, खंं ड 2, पृृष् ठ 328।
रोोम सेे प्रेेस्बि�टेेरि�यन कलीीसि�याा केे अलग होोनेे केे बाारेे मेंं, डॉॉ. गुुथरीी लि�खताा हैै: “तीीन सौौ सााल
पहलेे, हमााराा चर्चच, अपनेे बैैनर पर एक खुुलीी बााइबि�ल और अपनेे मसौौदेे पर इस आदर्शश वााक्य केे सााथ,
‹पवि�त्र शाास्त्र मेंं ढूंं�ढोो›, रोोम केे फााटकोंं� सेे बााहर नि�कलाा।» फि�र वह महत्वपूूर्णण प्रश्न पूूछताा हैै: «क्याा
उन्होंं�नेे बााबेेल कोो पूूरीी तरह सेे त्यााग दि�याा?» —थॉॉमस गुुथरीी, द गॉॉस्पेेल इन ईजेेकीील, पृृष् ठ 237।
स्पर्जजन केे अनुुसाार, «इंं ग्लैंडं कीी कलीीसि�याा,» «संं स्काारवााद केे मााध्यम सेे हर पहलूू सेे बहि�ष्कृृ त
प्रतीीत होोतीी हैै; लेेकि�न गैैर-अनुुरूपताा लगभग उतनीी हीी बुुरीी तरह सेे दाार्शशनि�क अधर्मम सेे व्यााप्त प्रतीीत
होोतीी हैै। जि�न लोोगोंं� केे बाारेे मेंं हमनेे सोोचाा थाा कि� वेे बेेहतर हैंं, वेे एक-एक करकेे वि�श्वाास केे मूूल
सि�द्धांं�तोंं� सेे अलग होो रहेे हैंं। मेेराा मााननाा हैै कि� इंं ग्लैंडं काा केंंद्र पूूरीी तरह सेे एक निं�दं नीीय अधर्मम सेे भराा
हुआ हैै जोो अभीी भीी पुुलपि�ट मेंं जाानेे और खुुद कोो मसीीहीी कहनेे कीी हि�म्मत करताा हैै। «
महाान धर्ममत्यााग काा मूूल क्याा थाा? कलीीसि�याा सबसेे पहलेे सुुसमााचाार कीी सरलताा सेे कैै सेे दूू र हुई?
बुुतपरस्तोंं� द्वााराा मसीीहीी धर्मम कीी स्वीीकृृ ति� कोो सुुवि�धााजनक बनाानेे केे लि�ए बुुतपरस्तीी कीी प्रथााओंं केे
अनुुरूप होोकर। प्रेेरि�त पौौलुुस नेे घोोषि�त कि�याा, उसकेे दि�नोंं� मेंं भीी, «अधर्मम काा भेेद अब भीी काार्यय करताा
जााताा हैै।» 2 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 2:7। प्रेेरि�तोंं� केे जीीवन केे दौौराान कलीीसि�याा तुुलनाात्मक रूप सेे शुुद्ध
रहीी। लेेकि�न “दूू सरीी शतााब्दीी केे उत्तराार्धध मेंं अधि�कांं�श कलीीसि�यााओंं नेे एक नयाा रूप धाारण कर लि�याा;
पहलेे वाालीी साादगीी गाायब होो गई, और असंं वेेदनशीीलताा सेे, जब पुुराानेे शि�ष्य अपनीी कब्रोंं� मेंं चलेे गए,
उनकेे बच्चेे, नए धर्माा�न्तरि�तोंं� केे सााथ, ... आगेे आए और उन्होंं�नेे काार्यय कोो नयाा रूप दि�याा।» -रॉॉबर्टट
रॉॉबि�न्सन, एकलेेसि�एस्टि�कल रि�सर्चेेस, अध्यााय 6, अनुुच्छेेद 17, पृृष् ठ 51। धर्मांं�तरि�तोंं� कोो प्रााप्त करनेे
केे लि�ए, मसीीहीी वि�श्वाास केे ऊंंचेे स्तर कोो नीीचेे कि�याा गयाा, और इसकेे परि�णाामस्वरूप «एक बुुतपरस्त
एक चेतावनी अस्वीक 269

बााढ़ अपनेे सााथ, कलीीसि�याा मेंं अपनेे रीीति�-कीी, प्रथााओंं और मूूर्ति�योंं� कोो लेे आई।» - गवााज़ीी, लेेक्चर्सस,
पृृष् ठ 278। जब मसीीहीी धर्मम कोो धर्ममनि�रपेेक्ष शाासकोंं� काा पक्ष और समर्थथन प्रााप्त हुआ, तोो इसेे जनसा�-
धाारण द्वााराा नााममाात्र केे लि�ए स्वीीकाार कर लि�याा गयाा; लेेकि�न जााहि�राा तौौर पर मसीीहीी होोनेे केे बाावजूूद ,
कई «गुुप्त रूप सेे वि�शेेषकर अपनीी मूूर्ति�योंं� कीी पूूजाा करतेे हुए, वाास्तवि�क रूप सेे मूूर्ति�पूूजक बनेे रहेे।»
—पूूर्वोोक्त., पृृष् ठ 278।
क्याा यहीी प्रक्रि�याा लगभग सभीी कलीीसि�यााओंं मेंं दोोहरााई नहींं� गई हैै जोो स्वयंं कोो प्रोोटेेस्टेंंट कहतीी
हैंं? जि�नमेंं सुुधाार कीी सच्चीी भाावनाा थीी, उन संं स्थाापकोंं� केे गुुज़र जाानेे केे बााद, उनकेे वंं शज आगेे आए
और उन्होंं�नेे «काार्यय कोो नयाा रूप दि�याा।» अपनेे पूूर्ववजोंं� केे पंं थ केे सााथ आंंख मूंं� द कर जुुड़ेे हुए रहकर
और जोो उन्होंं�नेे देेखाा उससेे पहलेे कि�सीी भीी सच्चााई कोो स्वीीकाार करनेे सेे इनकाार करतेे हुए, सुुधाारकोंं�
केे बच्चेे वि�नम्रताा, आत्म-त्यााग और दुनि�या ु ा केे त्यााग केे अपनेे उदााहरण सेे व्याापक रूप सेे दूू र होो जाातेे
हैंं। इस प्रकाार «पहलेे वाालीी साादगीी गाायब होो जाातीी हैै।» एक लौौकि�क बााढ़ कलीीसि�याा मेंं अपनेे सााथ
«अपनेे रीीति�-रि�वााजोंं�, प्रथााओंं और मूूर्ति�योंं�» कोो बहाा लेे आतीी हैै।
अफ़सोोस, संं साार कीी उस मि�त्रताा कोो जोो «परमेेश्वर सेे बैैर करनाा» हैै, कि�तनीी भयाानक हद
तक अब मसीीह केे तथााकथि�त अनुुयाायि�योंं� केे बीीच संं जोोयाा जााताा हैै! पूूरेे मसीीहीी जगत मेंं लोोकप्रि�य
कलीीसि�यााएंं कि�तनेे व्याापक रूप सेे वि�नम्रताा, आत्म-त्यााग, सरलताा और भक्ति� केे बााइबल माानकोंं� सेे
दूू र होो गई हैंं! पैैसेे केे सहीी इस्तेेमााल केे बाारेे मेंं बाात करतेे हुए जॉॉन वेेस्लीी नेे कहाा: “इतनेे कीीमतीी तोोड़ेे
केे कि�सीी भीी हि�स्सेे कोो केे वल आँँखोंं� कीी इच्छाा कोो पूूराा करनेे मेंं, ज़रूरत सेे ज़्याादाा याा महँँगेे कपड़ेे,
याा बेेवजह केे गहनोंं� केे द्वााराा बर्बाा�द मत करोो। अपनेे घरोंं� कोो दि�लचस्प ढंंग सेे सजाानेे मेंं इसकाा कोोई
हि�स्साा बर्बाा�द न करेंं; ज़रूरत सेे ज़्याादाा याा महंंगेे फर्नीीचर मेंं; महंंगेे चि�त्रोंं�, रंंगसााजीी, मुुलम्माा करनेे मेंं।
जीीवन केे गौौरव कोो तृृप्त करनेे केे लि�ए, मनुुष्य कीी प्रशंं साा याा सरााहनाा प्रााप्त करनेे केे लि�ए कुु छ भीी न
रखेंं, ‹जब तूू अपनीी भलााई करताा हैै, तब वेे लोोग तेेरीी प्रशंं साा करतेे हैंं।› जब तूू ‹सूूक्ष्म सन और बैंंजनीी
रंंग केे वस्त्र धाारण करताा हैै,› और ‹सुुख–वि�लाास और धूूम–धााम केे सााथ रहताा हैै,› निः�ःसंंदेेह बहुत
सेे लोोग तेेरेे स्वााद, तेेरीी उदाारताा और आति�थ्य कीी प्रशंं साा करेंंगेे। लेेकि�न उनकीी वााह-वााहीी इतनीी भाारीी
कीीमत पर मत खरीीद। बल्कि� उस सम्माान सेे संं तुुष् ट रह जोो परमेेश्वर कीी ओर सेे मि�लताा हैै।” —
वेेस्लेे, वर्क्सस, सरमन 50, “दि� यूूज ऑफ मनीी।” लेेकि�न हमाारेे समय कीी कई कलीीसि�यााओंं मेंं ऐसीी
शि�क्षाा कीी अवहेेलनाा कीी जाातीी हैै।
धर्मम काा दाावाा करनाा दुनि�या
ु ा मेंं लोोकप्रि�य होो गयाा हैै। शाासक, रााजनेेताा, वकीील, डॉॉक्टर, व्याापाारीी,
कलीीसि�याा कोो समााज केे सम्माान और वि�श्वाास कोो हाासि�ल करनेे और अपनेे स्वयंं केे सांं�साारि�क हि�तोंं� कोो
आगेे बढ़ाानेे काा एक सााधन माानतेे हुए इसमेंं शाामि�ल होोतेे हैंं। इस प्रकाार वेे अपनेे सभीी अधाार्मि�क लेेन-
देेन पर मसीीहीी धर्मम कीी घोोषणाा केे तहत परदाा डाालनाा चााहतेे हैंं। वि�भि�न्न धाार्मि�क नि�कााय, इन बपति�स्माा
प्रााप्त संं साारि�योंं� केे धन और प्रभााव सेे प्रबलि�त, लोोकप्रि�यताा और संं रक्षण केे लि�ए और भीी अधि�क
बोोलीी लगाातेे हैंं। शाानदाार गि�रजााघर, सबसेे अपव्ययीी तरीीकेे सेे सजााए गए, लोोकप्रि�य माार्गोंं पर बनााए
जाातेे हैंं। उपाासक महंंगेे और फैै शन परस्त परि�धाानोंं� मेंं खुुद कोो सजाातेे हैंं। एक प्रति�भााशाालीी पाादरीी कोो
लोोगोंं� काा मनोोरंंजन करनेे और उन्हेंं आकर्षि�त करनेे केे लि�ए एक उच्च वेेतन काा भुुगताान कि�याा जााताा
हैै। उनकेे उपदेेशोंं� कोो लोोकप्रि�य पाापोंं� कोो नहींं� छूू नाा चााहि�ए, लेेकि�न उन्हेंं फैै शन परस्त लोोगोंं� केे काानोंं�
270 महाान वि�वााद

केे लि�ए सहज और सुुखद होोनाा चााहि�ए। इस प्रकाार फैै शन परस्त पाापि�योंं� कोो कलीीसि�याा केे अभि�लेेखोंं�
मेंं दर्जज कि�याा जााताा हैै, और व्यवहाारि�क पाापोंं� कोो भक्ति� केे ढोंं�ग केे तहत छुु पाायाा जााताा हैै।
दुनि�या
ु ा केे प्रति� तथााकथि�त मसीीहि�योंं� केे वर्ततमाान रवैैयेे पर टि�प्पणीी करतेे हुए, एक प्रमुुख लौौकि�क
पत्रि�काा कहतीी हैै: «कलीीसि�याा असंं वेेदनशीीलताा सेे युुग कीी भाावनाा केे आगेे झुक ु गई हैै, और उपाासनाा
केे अपनेे रूपोंं� कोो आधुुनि�क आवश्यकतााओंं केे अनुुकूूल बनाा लि�याा हैै।” और न्यूूयॉॉर्कक इंं डि�पेंंडेंंट मेंं एक
लेेखक मेेथोोडि�ज़्म केे बाारेे मेंं इस प्रकाार बोोलताा हैै: «ईश्वरीीय और अधाार्मि�क केे बीीच अलगााव कीी रेेखाा
एक प्रकाार कीी उपच्छाायाा मेंं मि�ट जाातीी हैै, और दोोनोंं� पक्षोंं� केे उत्सााहीी मनुुष्य अपनेे काार्यय और सुुख–
वि�लाास केे तरीीकोंं� केे बीीच सभीी अंंतरोंं� कोो खत्म करनेे केे लि�ए मेेहनत कर रहेे हैंं।» «धर्मम कीी लोोक-
प्रि�यताा उन लोोगोंं� कीी संं ख्याा मेंं कााफीी वृृद्धि� करतीी हैै जोो इसकेे कर्ततव्योंं� कोो पूूरीी तरह सेे पूूराा कि�ए बि�नाा
इसकेे लााभोंं� कोो प्रााप्त करनाा चााहेंंगेे।»
हॉॉवर्डड क्रॉॉसबीी कहतेे हैंं: “यह एक गहरीी चिं�तां ा काा वि�षय हैै कि� हम मसीीह कीी कलीीसि�याा कोो अपनेे
प्रभुु कीी योोजनााओंं कोो बहुत कम पूूराा करतेे हुए पाातेे हैंं। जैैसेे प्रााचीीन यहूदि�योंं� नेे मूूर्ति�पूूजक रााष्ट्रों��ं केे
सााथ एक परि�चि�त पाारस्परि�क व्यवहाार केे द्वााराा परमेेश्वर सेे अपनेे हृदय कोो दूू र होोनेे दि�याा, वैैसेे हीी अब
यीीशुु कीी कलीीसि�याा एक अवि�श्वाासीी दुनि�या ु ा केे सााथ अपनीी झूठीू ी सााझेेदाारीी सेे, अपनेे सच्चेे जीीवन केे
पवि�त्र तरीीकोंं� कोो छोोड़ रहीी हैै, और अपनेे आप कोो हाानि�काारक, हाालांं�कि� अक्सर प्रशंं सनीीय, एक मसीीह
रहि�त समााज कीी आदतोंं� केे आगेे झुका ु ा रहीी हैै, उन तर्कोंं काा उपयोोग करतेे हुए और उन नि�ष्कर्षोंं तक
पहुँँचतेे हुए जोो परमेेश्वर केे प्रकटीीकरण सेे भि�न्न हैंं, और अनुुग्रह मेंं समस्त वि�काास केे लि�ए प्रत्यक्ष रूप
सेे वि�रोोधीी हैंं। «—द हेेल्दीी क्रि�श्चि�ियन: एन अपीील टूू द चर्चच, पृृष् ठ 141, 142।
सांं�साारि�कताा और सुुखवााद केे इस ज्वाार मेंं, मसीीह केे लि�ए आत्म-त्यााग और आत्म-बलि�दाान
लगभग पूूरीी तरह सेे खोो गए हैंं। «हमाारीी कलीीसि�यााओंं मेंं अभीी सक्रि�य जीीवन मेंं कुु छ पुुरुषोंं� और
महि�लााओंं कोो बचपन मेंं मसीीह केे लि�ए कुु छ देेनेे याा कुु छ करनेे मेंं सक्षम होोनेे केे लि�ए बलि�दाान करनेे
केे लि�ए शि�क्षि�त कि�याा गयाा थाा।» लेेकि�न «यदि� अब धन कीी आवश्यकताा हैै, ... कि�सीी कोो देेनेे केे लि�ए
नहींं� बुुलाायाा जाानाा चााहि�ए। नहींं�, नहींं�! एक मेेलाा लगााओ, एक झांं�कीी नि�काालोो, मॉॉक ट्राा�यल करवााओ,
पुुरााताात्त्वि�क राात्रि�-भोोज काा आयोोजन करोो, याा खाानेे केे लि�ए कुु छ प्रदाान करोो - लोोगोंं� कोो खुुश करनेे
केे लि�ए कुु छ भीी।
वि�स्कॉॉन्सि�न केे गवर्ननर वााशबर्नन नेे 9 जनवरीी, 1873 कोो अपनेे वाार्षि�क संं देेश मेंं घोोषणाा कीी:
“जुुआरीी बनाानेे वाालेे स्कूूलोंं� कोो तोोड़नेे केे लि�ए कि�सीी काानूून कीी आवश्यकताा प्रतीीत होोतीी हैै। येे हर
जगह हैंं। यहाँँ� तक कि� कलीीसि�याा (निः�ःसंंदेेह, अनजाानेे मेंं) भीी कभीी-कभीी शैैताान काा कााम करतेे हुए
पाायीी जाातीी हैै। गि�फ्ट कॉॉन्सर्टट, गि�फ्ट एंं टरप्रााइज और रैैफल्स, कभीी-कभीी धाार्मि�क याा धर्माा�र्थथ वस्तुुओं ं
कीी सहाायताा मेंं, लेेकि�न अक्सर कम योोग्य उद्देेश्योंं� केे लि�ए, लॉॉटरीी, पुुरस्काार पैैकेेज आदि� सभीी, बि�नाा
मूूल्य प्रााप्त कि�ए धन प्रााप्त करनेे केे उपकरण हैंं। श्रम केे बि�नाा धन याा संं पत्ति� केे अधि�ग्रहण केे रूप मेंं,
वि�शेेष रूप सेे युुवाा लोोगोंं� केे लि�ए कुु छ भीी इतनाा भ्रष्ट करनेे वाालाा याा नशीीलाा नहींं� हैै। जब आदरणीीय
लोोग इन संं योोग उद्यमोंं� मेंं संं लग्न होोतेे होो रहेे हैंं, और अपनेे ज़मीीर कोो इस वि�चाार केे सााथ सहज कर रहेे
हैंं कि� उनकाा पैैसाा एक अच्छेे प्रयोोजन केे लि�ए जााएगाा, यह अजीीब नहींं� हैै कि� रााज्य केे युुवाा अक्सर उन
आदतोंं� मेंं पड़ जाातेे हैंं जि�न काा खतरोंं� केे खेेल केे उत्सााह सेे पैैदाा होोनाा लगभग तय हैै। «
एक चेतावनी अस्वीक 271

सांं�साारि�क अनुुरूपताा कीी भाावनाा पूूरेे मसीीहीी जगत मेंं कलीीसि�यााओंं पर आक्रमण कर रहीी हैै। रॉॉबर्टट
एटकि�न्स, लंं दन मेंं दि�ए गए एक धर्मोोपदेेश मेंं, इंं ग्लैंडं मेंं व्यााप्त आध्याात्मि�क गि�राावट कीी एक गहरीी
तस्वीीर खींं�चताा हैै: «सच्चेे धर्मीी पृृथ्वीी सेे कम होो गए हैंं, और कोोई भीी इस बाात कीी चि�न्ताा नहींं� करताा
हैै। प्रत्येेक कलीीसि�याा मेंं, धर्मम काा दाावाा करनेे वाालेे, संं साार प्रेेमीी, संं साार केे सदृश होोनेे वाालेे, जीीव सुुख
केे प्रेेमीी और सम्माान केे आकांं�क्षीी हैंं। उन्हेंं मसीीह केे सााथ दुःः�ख उठाानेे केे लि�ए बुुलाायाा गयाा हैै, परन्तुु वेे
नि�न्दाा सेे भीी कतराातेे हैंं। धर्ममत्यााग, धर्ममत्यााग, धर्ममत्यााग, प्रत्येेक कलीीसि�याा केे साामनेे खुुदाा हुआ हैै; और
क्याा उन्होंं�नेे इसेे जाानाा, और क्याा उन्होंं�नेे इसेे महसूूस कि�याा, आशाा होो सकतीी हैै; लेेकि�न अफसोोस! वेे
चि�ल्लाातेे हैंं, ‹हम धनीी हैंं, और धनवाान होो गए हैंं, और हमेंं कि�सीी वस्तुु कीी घटीी नहींं�। ‹” —सेेकंंड
एडवेंंट लााइब्रेेरीी, ट्रैै�क्ट नंं . 39।
बेेबीीलोोन केे खि�लााफ आरोोपि�त महाान पााप यह हैै कि� उसनेे «अपनेे व्यभि�चाार कीी जलजलााहट कीी
मदि�राा साारीी जााति�योंं� कोो पि�लााई।» नशेे काा यह प्याालाा जोो वह दुनि�या ु ा केे साामनेे प्रस्तुुत करतीी हैै, उन
झूठेू े सि�द्धांं�तोंं� काा प्रति�नि�धि�त्व करतीी हैै जि�न्हेंं उसनेे पृृथ्वीी केे महाान लोोगोंं� केे सााथ अपनेे अवैैध संं बंं ध
केे परि�णाामस्वरूप स्वीीकाार कि�याा हैै। दुनि�या ु ा केे सााथ मि�त्रताा उसकेे वि�श्वाास कोो भ्रष्ट कर देेतीी हैै, और
बदलेे मेंं वह उन सि�द्धांं�तोंं� कोो पढ़ाानेे केे द्वााराा दुनि�या
ु ा पर एक भ्रष्ट प्रभााव डाालतीी हैै, जोो पवि�त्र शाास्त्र केे
स्पष्ट कथनोंं� केे वि�परीीत हैंं।
रोोम नेे लोोगोंं� केे पाास बााइबल होोनेे पर रोोक लगाा दीी और सभीी लोोगोंं� सेे उसकेे स्थाान पर अपनीी
शि�क्षााओंं कोो स्वीीकाार करनेे कीी अपेेक्षाा कीी। यह लोोगोंं� कोो परमेेश्वर केे वचन कोो पुुनर्स्थाा�पि�त करनेे केे
लि�ए सुुधाार काा काार्यय थाा; लेेकि�न क्याा यह भीी सच नहींं� हैै कि� हमाारेे समय कीी कलीीसि�यााओंं मेंं लोोगोंं� कोो
पवि�त्र शाास्त्र केे बजााय अपनेे धर्मम मत और अपनीी कलीीसि�याा कीी शि�क्षााओंं पर वि�श्वाास करनाा सि�खाायाा
जााताा हैै? प्रोोटेेस्टेंंट कलीीसि�यााओंं केे बाारेे मेंं बाात करतेे हुए चाार्ल्सस बीीचर नेे कहाा: «वेे पंं थ केे खि�लााफ
कि�सीी भीी असभ्य शब्द सेे उसीी संं वेेदनशीीलताा केे सााथ सकुु चाातेे हैंं, जि�स केे सााथ वेे पवि�त्र पूूर्ववज उन
पवि�त्र लोोगोंं� और शहीीदोंं� केे , जि�नकाा वेे समर्थथन कर रहेे थेे, बढ़तेे सम्माान केे खि�लााफ एक अभद्र शब्द
सेे झि�झकतेे थेे। प्रोोटेेस्टेंंट इंं जीीलवाादीी संं प्रदाायोंं� नेे एक दूू सरेे केे और अपनेे हााथोंं� कोो इस कदर बांं�ध
लि�याा हैै कि� इन सबकेे बीीच, एक आदमीी कहींं� भीी, बााइबि�ल केे अलाावाा कि�सीी कि�तााब कोो स्वीीकाार कि�ए
बि�नाा प्रचाारक नहींं� बन सकताा हैै। इस कथन मेंं कुु छ भीी कााल्पनि�क नहींं� हैै कि� धर्मम मत कीी शक्ति� अब
बााइबल कोो वाास्तव मेंं उतनाा हीी प्रति�बंं धि�त करनाा शुुरू कर रहीी हैै जि�तनाा कि� रोोम नेे कि�याा थाा, हाालांं�कि�
एक सूूक्ष्म तरीीकेे सेे।” —फोोर्टट वाायनेे, इंं डि�याानाा मेंं फरवरीी 22, 1846 कोो दि�याा गयाा “द बााइबल ए
सफीीसि�एंं ट क्रीीड” पर उपदेेश।
जब वि�श्वाासयोोग्य शि�क्षक परमेेश्वर केे वचन कीी व्यााख्याा करतेे हैंं, तब ज्ञाानीी पुुरुष उत्पन्न होोतेे
हैंं, पवि�त्र शाास्त्र कोो समझनेे काा दाावाा करनेे वाालेे सेेवक उठतेे हैंं, जोो सहीी सि�द्धांं�त कीी पााषंं ड केे रूप मेंं
निं�दां ा करतेे हैंं, और इस प्रकाार सत्य केे जि�ज्ञाासुुओं ं कोो दूू र कर देेतेे हैंं। यदि� ऐसाा नहींं� होोताा कि� दुनि�याु ा
बेेबीीलोोन कीी मदि�राा केे नशेे मेंं बुुरीी तरह सेे मदहोोश हैै, तोो जनसााधाारण कोो अपरााध बोोध होोताा और
परमेेश्वर केे वचन केे स्पष्ट, कटुु सत्योंं� द्वााराा उनकाा हृदय परि�वर्ततन होोताा। लेेकि�न धाार्मि�क आस्थाा इतनीी
भ्रमि�त और असंं गत प्रतीीत होोतीी हैै कि� लोोग नहींं� जाानतेे कि� सत्य केे रूप मेंं क्याा माानाा जााए। दुनि�या ु ा कीी
पश्चााताापहीीनताा केे पााप केे लि�ए कलीीसि�याा ज़ि�म्मेेदाार हैै।
272 महाान वि�वााद

प्रकााशि�तवााक्य 14 केे दूू सरेे स्वर्गगदूू त केे संं देेश काा पहलीी बाार 1844 कीी गर्मि�योंं� मेंं प्रचाार कि�याा
गयाा थाा, और उसकेे बााद संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा कीी कलीीसि�यााओंं पर लाागूू होोताा थाा, जहांं� न्यााय कीी
चेेताावनीी सबसेे व्याापक रूप सेे घोोषि�त कीी गई थीी और सबसेे आम तौौर पर खाारि�ज कर दीी गई थीी, और
जहांं� कलीीसि�यााओंं मेंं पतन सबसेे तेेज़ीी सेे हुआ थाा। लेेकि�न दूू सरेे स्वर्गगदूू त काा संं देेश 1844 मेंं अपनीी
पूूर्णण पूूर्ति� तक नहींं� पहुँँचाा। आगमन संं देेश केे प्रकााश केे इनकाार केे परि�णाामस्वरूप, कलीीसि�यााओंं नेे
तब एक नैैति�क पतन काा अनुुभव कि�याा; लेेकि�न वह पतन पूूराा नहींं� हुआ थाा। क्योंं�कि� उन्होंं�नेे इस
समय केे लि�ए वि�शेेष सत्य कोो अस्वीीकाार करनाा ज़ाारीी रखाा हैै, वेे नीीचेे गि�रतेे गए। हाालाँँ�कि�, अभीी तक
यह नहींं� कहाा जाा सकताा हैै कि� «बेेबीीलोोन गि�र पड़ाा, जि�सनेे अपनेे व्यभि�चाार कीी कोोपमय मदि�राा साारीी
जााति�योंं� कोो पि�लााई हैै।” उसनेे अभीी तक सभीी रााष्ट्रों��ं सेे ऐसाा नहींं� करवाायाा हैै। दुनि�या ु ा केे अनुुरूप होोनेे
कीी भाावनाा और हमाारेे समय केे लि�ए कष्टकर सत्य केे प्रति� उदाासीीनताा मौौजूूद हैै और मसीीहीी जगत
केे सभीी देेशोंं� मेंं प्रोोटेेस्टेंंट वि�श्वाास कीी कलीीसि�यााओंं मेंं बढ़ रहीी हैै; और येे कलीीसि�यााएंं दूू सरेे स्वर्गगदूू त
कीी गंं भीीर और भयाानक भर्त्ससनाा मेंं शाामि�ल हैंं। परन्तुु धर्ममत्यााग काा काार्यय अभीी तक अपनेे चरमोोत्क-
र्षष पर नहींं� पहुँँचाा हैै।
बााइबल घोोषणाा करतीी हैै कि� प्रभुु केे आनेे सेे पहलेे, शैैताान «सब प्रकाार कीी झूठीू ी साामर्थ्यय, और
चि�ह्न, और अद्भु ् ुत कााम केे सााथ और नााश होोनेे वाालोंं� केे लि�येे अधर्मम केे सब प्रकाार केे धोोखेे केे
सााथ» कााम करेेगाा; और जि�न लोोगोंं� नेे «सत्य सेे प्रेेम नहींं� कि�याा जि�स सेे उनकाा उद्धाार होोताा,» उन्हेंं
«एक भटकाा देेनेेवाालीी साामर्थ्यय» प्रााप्त करनेे केे लि�ए छोोड़ दि�याा जााएगाा «कि� वेे झूठू कीी प्रतीीति� करेंं»।
2 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 2:9-11। जब तक यह स्थि�ति� नहींं� आएगीी, और दुनि�या ु ा केे सााथ कलीीसि�याा काा
मि�लन पूूरेे मसीीहीी जगत मेंं पूूरीी तरह सेे पूूराा नहींं� होो जााएगाा, तब तक बेेबीीलोोन काा पतन पूूराा नहींं� होोगाा।
परि�वर्ततन एक प्रगति�शीील परि�वर्ततन हैै, और प्रकााशि�तवााक्य 14:8 कीी पूूर्णण पूूर्ति� अभीी भीी भवि�ष्य हैै।
आध्याात्मि�क अंंधकाार और ईश्वर सेे अलगााव केे बाावजूूद जोो बेेबीीलोोन काा गठन करनेे वाालीी
कलीीसि�यााओंं मेंं मौौजूूद हैंं, मसीीह केे सच्चेे अनुुयाायि�योंं� केे महाान समूूह कोो अभीी भीी उनकीी संं गति� मेंं
पाायाा जाानाा हैै। इनमेंं सेे कई ऐसेे हैंं जि�न्होंं�नेे इस समय केे वि�शेेष सत्योंं� कोो कभीी नहींं� देेखाा हैै। बहुत सेे
लोोग अपनीी वर्ततमाान स्थि�ति� सेे असंं तुुष् ट हैंं और स्पष्ट प्रकााश केे लि�ए लाालाायि�त हैंं। वेे उन कलीीसि�यााओंं
मेंं जि�नसेे वेे जुुड़ेे हुए हैंं मसीीह कीी छवि� केे लि�ए व्यर्थथ खोोज-बीीन करतेे हैंं। जैैसेे-जैैसेे येे नि�कााय सच्चााई
सेे और दूू र होो जाातेे हैंं, और खुुद कोो दुनि�या ु ा केे सााथ और अधि�क नि�कटताा सेे जोोड़तेे हैंं, दोो वर्गोंं केे
बीीच काा अंंतर चौौड़ाा होोताा जााएगाा, और अंंत मेंं इसकाा परि�णााम अलगााव होोगाा। वह समय आएगाा जब
जोो लोोग परमेेश्वर सेे सर्वोोच्च प्रेेम करतेे हैंं, वेे ऐसेे लोोगोंं� केे सााथ संं बंं ध मेंं नहींं� रह पााएंं गेे जोो «परमेे-
श्वर केे नहींं� वरन्् सुुखवि�लाास हीी केे चााहनेेवाालेे होंं�गेे; वेे भक्‍ति�ि� काा भेेष तोो धरेंंगेे, पर उसकीी शक्‍ति�ि�
कोो न माानेंंगेे।»
प्रकााशि�तवााक्य 18 उस समय कीी ओर इशााराा करताा हैै जब, प्रकााशि�तवााक्य 14:6-12 कीी ति�हरीी
चेेताावनीी कोो अस्वीीकाार करनेे केे परि�णाामस्वरूप, कलीीसि�याा पूूरीी तरह सेे दूू सरेे स्वर्गगदूू त द्वााराा भवि�ष्य-
वााणीी कीी गई स्थि�ति� तक पहुँँच गई होोगीी, और परमेेश्वर केे उन लोोगोंं� कोो जोो अभीी भीी बेेबीीलोोन मेंं हैंं
उसकीी सहभाागि�ताा सेे अलग होोनेे केे लि�ए बुुलाायाा जााएगाा। यह संं देेश आखि�रीी हैै जोो दुनि�या ु ा कोो दि�याा
जााएगाा; और यह अपनाा कााम पूूराा करेेगाा। जब उन्हेंं जोो «सत्य कीी प्रतीीति� नहींं� करतेे, वरन्् अधर्मम सेे
एक चेतावनी अस्वीक 273

प्रसन्न होोतेे हैंं» (2 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 2:12), प्रबल भ्रम और झूठू कीी प्रतीीति� करनेे केे लि�येे छोोड़ दि�याा
जााएगाा, तब सत्य काा प्रकााश उन सब पर चमकेे गाा जि�नकेे हृदय इसेे ग्रहण करनेे केे लि�ए खुुलेे हैंं, और
यहोोवाा केे सभीी बच्चेे जोो बेेबीीलोोन मेंं रह गए हैंं, इस पुुकाार कोो सुुनेंंगेे: «हेे मेेरेे लोोगोंं�, उसमेंं सेे नि�कल
आओ» (प्रकााशि�तवााक्य 18:4)।
22

भवि�ष्यद्वााणि�याँँ� पूूरीी हुईं

ज ब वह समय बीीत गयाा जब पहलीी बाार प्रभुु केे आनेे कीी उम्मीीद कीी जाा रहीी थीी, —1844 केे
वसंं त मेंं, —जि�न्होंं�नेे उसकेे प्रकट होोनेे केे लि�ए वि�श्वाास मेंं बााट जोोहीी थीी वेे कुु छ समय केे लि�ए
संं देेह और अनि�श्चि�ितताा मेंं शाामि�ल थेे। जबकि� दुनि�या ु ा नेे उन्हेंं पूूरीी तरह सेे परााजि�त माानाा और भ्रम
कोो पोोषि�त कर रहेे सााबि�त कि�याा हुआ माानाा, उनकीी सांं�त्वनाा काा स्रोोत अभीी भीी परमेेश्वर काा वचन
थाा। बहुत सेे लोोगोंं� नेे पवि�त्र शाास्त्र मेंं ढूंं�ढ़नाा ज़ाारीी रखाा, और अपनेे वि�श्वाास केे प्रमााणोंं� कीी नए सि�रेे
सेे जाँँ�च कीी और अधि�क प्रकााश प्रााप्त करनेे केे लि�ए भवि�ष्यद्वााणि�योंं� काा ध्याानपूूर्ववक अध्ययन कि�याा।
उनकीी स्थि�ति� केे समर्थथन मेंं बााइबल कीी गवााहीी स्पष्ट और नि�र्णाा�यक लग रहीी थीी। संं केे त जोो गलत
नहींं� होो सकतेे थेे, वेे मसीीह केे शीीघ्र आगमन कीी ओर इशााराा कर रहेे थेे। पाापि�योंं� केे हृदय परि�वर्ततन
और मसीीहि�योंं� केे बीीच आध्याात्मि�क जीीवन केे जाागरण दोोनोंं� मेंं प्रभुु केे वि�शेेष आशीीर्वाा�द नेे गवााहीी दीी
थीी कि� संं देेश स्वर्गग काा थाा। और यद्यपि� वि�श्वाासीी अपनीी नि�रााशाा कीी व्यााख्याा नहींं� कर सकेे , उन्होंं�नेे
आश्वस्त महसूूस कि�याा कि� परमेेश्वर नेे उनकेे पि�छलेे अनुुभव मेंं उनकीी अगुुवााई कीी थीी।
जि�न भवि�ष्यद्वााणि�योंं� कोो उन्होंं�नेे माानाा थाा कि� वेे दूू सरेे आगमन केे समय लाागूू होंं�गीी, वेे नि�र्देेश थेे
जोो वि�शेेष रूप सेे उनकीी अनि�श्चि�ितताा और रहस्य कीी स्थि�ति� केे अनुुकूूल थेे, और उन्हेंं इस वि�श्वाास मेंं
धैैर्ययपूूर्ववक प्रतीीक्षाा करनेे केे लि�ए प्रोोत्सााहि�त करतेे थेे कि� अब उनकीी समझ केे लि�ए जोो अंंधेराे ा थाा वह
नि�यत समय मेंं स्पष्ट कि�याा जााएगाा।
इन भवि�ष्यद्वााणि�योंं� मेंं हबक्कूू क 2:1-4 कीी भवि�ष्यद्वााणि�याँँ� थींं�: «मैंं अपनेे पहरेे पर खड़ाा रहूँँगाा, और
गुुम्मट पर चढ़कर ठहराा रहूँँगाा, और तााकताा रहूँँगाा कि� मुुझ सेे वह क्याा कहेेगाा, और मैंं अपनेे दि�ए हुए
उलााहनेे केे वि�षय क्याा उत्तर दूँँ� । यहोोवाा नेे मुुझ सेे कहाा, “दर्शशन कीी बाातेंं लि�ख देे; वरन्् पटि�यााओंं पर सााफ़-
सााफ़ लि�ख देे कि� दौौड़तेे हुए भीी वेे सहज सेे पढ़ीी जााएँँ।  क्योंं�कि� इस दर्शशन कीी बाात नि�यत समय मेंं पूूरीी होोनेे
वाालीी हैै, वरन्् इसकेे पूूरेे होोनेे काा समय वेेग सेे आताा हैै; इसमेंं धोोखाा न होोगाा। चााहेे इसमेंं वि�लम्ब भीी होो,
तौौभीी उसकीी बााट जोोहतेे रहनाा; क्योंं�कि� वह नि�श्‍‍चय पूूरीी होोगीी और उसमेंं देेर न होोगीी। देेख, उसकाा मन
फूू लाा हुआ हैै, उसकाा मन सीीधाा नहींं� हैै; परन्तुु धर्मीी अपनेे वि�श्‍‍वाास केे द्वााराा जीीवि�त रहेेगाा। «
भविष्यद्वाणियाँ पूर 275

1842 कीी शुुरुआत मेंं इस भवि�ष्यद्वााणीी मेंं दि�ए गए नि�र्देेश “दर्शशन कीी बाातेंं लि�ख देे; वरन्् पटि�यााओंं
पर सााफ़-सााफ़ लि�ख देे कि� दौौड़तेे हुए भीी वेे सहज सेे पढ़ीी जााएँँ,» नेे चाार्ल्सस फि�च कोो दाानि�य्येेल और प्र-
कााशि�तवााक्य केे दर्शशन कोो चि�त्रि�त करनेे केे लि�ए एक भवि�ष्यसूूचक चाार्टट तैैयाार करनेे काा सुुझााव दि�याा
थाा। इस चाार्टट केे प्रकााशन कोो हबक्कूू क द्वााराा दि�ए गए आदेेश कीी पूूर्ति� माानाा गयाा। हाालाँँ�कि�, कि�सीी नेे
भीी ध्याान नहींं� दि�याा कि� दर्शशन केे समाापन मेंं एक स्पष्ट देेरीी - एक वि�लंं बि�त समय - उसीी भवि�ष्यवााणीी
मेंं प्रस्तुुत कि�याा गयाा हैै। नि�रााशाा केे बााद, यह पद बहुत महत्वपूूर्णण दि�खााई दि�याा: “इस दर्शशन कीी बाात
नि�यत समय मेंं पूूरीी होोनेे वाालीी हैै, वरन्् इसकेे पूूरेे होोनेे काा समय वेेग सेे आताा हैै; इसमेंं धोोखाा न होोगाा।
चााहेे इसमेंं वि�लम्ब भीी होो, तौौभीी उसकीी बााट जोोहतेे रहनाा; क्योंं�कि� वह नि�श्‍‍चय पूूरीी होोगीी और उसमेंं
देेर न होोगीी। धर्मीी अपनेे वि�श्‍‍वाास केे द्वााराा जीीवि�त रहेेगाा। «
यहेेजकेेल कीी भवि�ष्यवााणीी काा एक भााग भीी वि�श्वाासि�योंं� केे लि�ए शक्ति� और ढााढ़स काा स्रोोत थाा:
“हेे मनुुष्य केे सन्ताान, यह क्याा कहाावत हैै जोो तुुम लोोग इस्रााएल केे देेश मेंं कहाा करतेे होो, ‘दि�न अधि�क
होो गए हैंं, और दर्शशन कीी कोोई बाात पूूरीी नहींं� हुई? इसलि�येे उन सेे कह, ‘प्रभुु यहोोवाा योंं� कहताा हैै, वह
दि�न नि�कट आ गयाा हैै, और दर्शशन कीी सब बाातेंं पूूरीी होोनेे पर हैंं। क्योंं�कि� मैंं यहोोवाा हूँँ, जब मैंं बोोलूँँ� , तब
जोो वचन मैंं कहूँँ, वह पूूराा होो जााएगाा। उसमेंं वि�लम्ब न होोगाा।» “इस्रााएल केे घराानेे केे लोोग यह कह रहेे
हैंं, जोो दर्शशन वह देेखताा हैै, वह बहुत दि�न केे बााद पूूराा होोनेेवाालाा हैै; और कि� वह दूू र केे समय केे वि�षय
मेंं भवि�ष्यद्वााणीी करताा हैै। इसलि�येे तूू उन सेे कह, प्रभुु यहोोवाा योंं� कहताा हैै : मेेरेे कि�सीी वचन केे पूूराा होोनेे
मेंं फि�र वि�लम्ब न होोगाा, वरन्् जोो वचन मैंं कहूँँ वह नि�श्‍‍चय पूूराा होोगाा, प्रभुु यहोोवाा कीी यहीी वााणीी हैै।”
यहेेजकेेल 12:21-25, 27, 28।
प्रतीीक्षाा करनेे वाालेे आनन्दि�त हुए, यह वि�श्वाास करतेे हुए कि� वह जोो शुुरू सेे हीी अंंत कोो जाानताा
हैै, उसनेे आनेे वाालेे कई युुगोंं� मेंं देेखाा और उनकीी नि�रााशाा कोो देेखतेे हुए, उन्हेंं सााहस और आशाा केे
शब्द दि�ए थेे। यदि� पवि�त्रशाास्त्र केे ऐसेे अंंश न होोतेे, जोो उन्हेंं धैैर्यय केे सााथ प्रतीीक्षाा करनेे और परमेेश्वर
केे वचन मेंं अपनेे भरोोसेे कोो बनााए रखनेे कीी चेेताावनीी देेते,े तोो उस परीीक्षाा कीी घड़ीी मेंं उनकाा वि�श्वाास
जााताा रहताा।
मत्तीी 25 कीी दस कुँँ� वाारि�योंं� काा दृष्टांं�त भीी एडवेंंटि�स्ट लोोगोंं� केे अनुुभव कोो दर्शाा�ताा हैै। मत्तीी 24
मेंं, अपनेे आगमन और दुनि�या ु ा केे अंंत केे चि�न्ह केे बाारेे मेंं अपनेे चेेलोंं� केे सवााल केे जवााब मेंं, मसीीह
नेे दुनि�या
ु ा और कलीीसि�याा केे इति�हाास मेंं अपनेे पहलेे आगमन सेे लेेकर दूू सरेे आगमन तक कीी कुु छ
सबसेे महत्वपूूर्णण घटनााओंं कीी ओर इशााराा कि�याा थाा; अर्थाा�त््, यरूशलेेम काा वि�नााश, बुुतपरस्त और
कैै थोोलि�क उत्पीीड़न केे तहत कलीीसि�याा काा बड़ाा क्लेेश, सूूर्यय और चंं द्रमाा काा काालाा पड़नाा, और ताारोंं� काा
गि�रनाा। इसकेे बााद उसनेे अपनेे रााज्य मेंं आनेे कीी बाात कीी, और दाासोंं� केे दोो वर्गोंं काा वर्णणन करतेे हुए
दृष्टांं�त सुुनाायाा जोो उसकेे प्रकट होोनेे कीी बााट जोोहतेे हैंं। अध्यााय 25 इन शब्दोंं� केे सााथ शुुरू होोताा हैै:
«तब स्वर्गग काा रााज्य दस कुंं�वाारि�योंं� केे समाान होोगाा।» यहाँँ� अंंति�म दि�नोंं� मेंं रहनेे वाालीी कलीीसि�याा कोो प्र-
दर्शि�त कि�याा गयाा हैै, वहीी जि�सकोो अध्यााय 24 केे अंंत मेंं इंं गि�त कि�याा गयाा हैै। इस दृष्टाान्त मेंं उनकेे
अनुुभव कोो एक पूूर्वीी वि�वााह कीी घटनााओंं द्वााराा चि�त्रि�त कि�याा गयाा हैै।
“तब स्वर्गग काा रााज्य उन दस कुँँ� वाारि�योंं� केे समाान होोगाा जोो अपनीी मशाालेंं लेेकर दूू ल्हेे सेे भेंंट करनेे
कोो नि�कलींं�। उनमेंं पाँँ�च मूूर्खख और पाँँ�च समझदाार थींं�। मूूर्खोंं नेे अपनीी मशाालेंं तोो लींं�, परन्तुु अपनेे सााथ
276 महाान वि�वााद

तेेल नहींं� लि�याा; परन्तुु समझदाारोंं� नेे अपनीी मशाालोंं� केे सााथ अपनीी कुु प्पि�योंं� मेंं तेेल भीी भर लि�याा। जब
दूू ल्हेे केे आनेे मेंं देेर हुई, तोो वेे सब ऊँँ घनेे लगींं� और सोो गईं। आधीी राात कोो धूूम मचीी, ‘देेखोो, दूू ल्हाा आ
रहाा हैै! उससेे भेंंट करनेे केे लि�येे चलोो। «
मसीीह केे आगमन, जैैसाा कि� पहलेे स्वर्गगदूू त केे संं देेश द्वााराा घोोषि�त कि�याा गयाा थाा, कोो दूू ल्हेे
केे आगमन द्वााराा दर्शाा�याा गयाा समझाा गयाा। उसकेे जल्द आनेे कीी घोोषणाा केे तहत व्याापक सुुधाार,
कुंं�वाारि�योंं� केे आगेे बढ़नेे केे सदृश थाा। इस दृष्टाान्त मेंं, जैैसाा कि� मत्तीी 24 मेंं हैै, दोो वर्गोंं कोो दर्शाा�याा गयाा
हैै। सभीी नेे अपनीी मशाालेंं, बााइबल लेे लीी थींं�, और उसकीी रोोशनीी मेंं दूू ल्हेे सेे मि�लनेे केे लि�ए नि�कल
पड़ेे थेे। लेेकि�न जबकि� «मूूर्खोंं नेे अपनीी मशाालेंं तोो लींं�, परन्तुु अपनेे सााथ तेेल नहींं� लि�याा, समझदाारोंं� नेे
अपनीी मशाालोंं� केे सााथ अपनीी कुु प्पि�योंं� मेंं तेेल भीी भर लि�याा।» बााद वाालेे वर्गग नेे परमेेश्वर काा अनुुग्रह
प्रााप्त कि�याा थाा, पवि�त्र आत्माा कीी नयाा जीीवन प्रदाान करनेे वाालीी, प्रबुुद्ध करनेे वाालीी शक्ति�, जोो उसकेे
वचन कोो उनकेे पैैरोंं� केे लि�ए एक दीीपक और पथ केे लि�ए एक प्रकााश समाान प्रस्तुुत करतीी हैै। परमेे-
श्वर केे भय सेे उन्होंं�नेे सत्य कोो जााननेे केे लि�ए पवि�त्र शाास्त्रोंं� काा अध्ययन कि�याा थाा, और हृदय और
जीीवन कीी पवि�त्रताा कीी चााह कीी थीी। इनकाा एक व्यक्ति�गत अनुुभव थाा, परमेेश्वर और उसकेे वचन मेंं
वि�श्वाास, जि�सेे नि�रााशाा और देेरीी सेे खत्म नहींं� कि�याा जाा सकताा थाा। औरोंं� नेे “अपनीी मशाालेंं तोो लींं�,
और अपनेे सााथ तेेल न लि�याा।” वेे आवेेग सेे चलीी थींं�। पवि�त्र संं देेश सेे उनकाा डर उत्तेेजि�त होो गयाा थाा,
लेेकि�न वेे, अच्छीी भाावनााओंं कीी टि�मटि�माातीी रोोशनीी सेे संं तुुष् ट, सच्चााई कीी पूूरीी समझ केे बि�नाा याा हृदय
मेंं अनुुग्रह केे वाास्तवि�क काार्यय केे बि�नाा, अपनेे भााइयोंं� केे वि�श्वाास पर नि�र्भभर थेे। येे तत्कााल प्रति�फल
कीी आशाा सेे भरेे हुए प्रभुु सेे मि�लनेे केे लि�ए नि�कलेे थेे; पर वेे वि�लम्ब और नि�रााशाा केे लि�ए तैैयाार नहींं�
थेे। जब परीीक्षााएँँ आईं, तोो उनकाा वि�श्वाास जााताा रहाा, और उनकीी ज्योोति� मंं द पड़ गई।
«जब दूू ल्हेे केे आनेे मेंं देेर हुई, तोो वेे सब ऊँँ घनेे लगींं� और सोो गईं।» दूू ल्हेे काा रुकनाा उस समय केे
गुुज़रनेे काा जब प्रभुु केे आनेे कीी उम्मीीद थीी, नि�रााशाा, और प्रतीीत होोनेे वाालीी देेरीी कोो दर्शाा�ताा हैै। अनि�-
श्चि�ितताा केे इस समय मेंं, सतहीी और आधेे-अधूूरेे लोोगोंं� कीी रुचि� जल्द हीी डगमगाानेे लगीी, और उनकेे
प्रयाास शांं�त होोनेे लगेे; लेेकि�न जि�नकाा वि�श्वाास बााइबल केे व्यक्ति�गत ज्ञाान पर आधाारि�त थाा, उनकेे पैैरोंं�
केे नीीचेे एक चट्टाान थीी, जि�सेे नि�रााशाा कीी लहरेंं बहााकर नहींं� लेे जाा सकतीी थींं�। «वेे सब ऊँँ घनेे लगींं� और
सोो गईं;» एक वर्गग अपनीी आस्थाा केे प्रति� उदाासीीन और परि�त्यााग मेंं, दूू सराा वर्गग धैैर्ययपूूर्ववक प्रतीीक्षाा कर
रहाा हैै जब तक कि� स्पष्ट प्रकााश नहींं� दि�याा जााताा। फि�र भीी परीीक्षण कीी राात मेंं बााद वाालाा वर्गग कुु छ हद
तक अपनेे उत्सााह और भक्ति� कोो खोोताा हुआ प्रतीीत हुआ। सतहीी और आधेे-अधूूरेे लोोग अब अपनेे
भााइयोंं� केे वि�श्वाास पर नि�र्भभर नहींं� रह सकतेे थेे। प्रत्येेक कोो अपनेे लि�ए खड़ाा होोनाा याा गि�रनाा होोगाा।
इसीी समय कट्टरताा दि�खााई देेनेे लगीी। कुु छ लोोगोंं� नेे जि�न्होंं�नेे संं देेश मेंं उत्सााहीी वि�श्वाासीी होोनेे काा
दाावाा कि�याा थाा, उन्होंं�नेे परमेेश्वर केे वचन कोो एक अचूूक माार्गगदर्शशक केे रूप मेंं अस्वीीकाार कर दि�याा
और आत्माा द्वााराा अगुुवााई कि�ए जाानेे काा दाावाा करतेे हुए, खुुद कोो अपनीी भाावनााओंं, धाारणााओंं और
कल्पनााओंं केे नि�यंं त्रण मेंं देे दि�याा। कुु छ ऐसेे भीी थेे जि�न्होंं�नेे उनकीी क्रि�याावि�धि� कोो मंं ज़ूूरीी नहींं� देेनेे वाालेे
सभीी लोोगोंं� कीी भर्त्ससनाा करतेे हुए, वि�वेेकशूून्य और धर्माा�न्ध उत्सााह प्रकट कि�याा। उनकेे कट्टर वि�चाारोंं�
और अभ्याासोंं� कोो एडवेंंटि�स्टोंं� केे महाान नि�कााय सेे कोोई सहाानुुभूूति� नहींं� मि�लीी; फि�र भीी उन्होंं�नेे सत्य केे
काार्यय कोो बदनााम करनेे काा कााम कि�याा।
भविष्यद्वाणियाँ पूर 277

शैैताान इस मााध्यम सेे परमेेश्वर केे काार्यय काा वि�रोोध करनाा और उसेे नष्ट करनाा चााह रहाा थाा। आगमन
आंंदोोलन सेे लोोग बहुत उत्तेेजि�त होो गए थेे, हजाारोंं� पाापि�योंं� काा हृदय परि�वर्ततन हुआ, और वि�श्वाासीी जन
अपनेे आप कोो सत्य कीी घोोषणाा करनेे केे काार्यय मेंं समर्पि�त कर रहेे थेे, यहांं� तक कि� वि�लंं बि�त समय मेंं भीी।
दुष्‍‍टा
ु ात्मााओंं काा सरदाार अपनीी प्रजाा खोो रहाा थाा; और परमेेश्वर केे काार्यय पर कलंं क लाानेे केे लि�ए, उसनेे
वि�श्वाास करनेे वाालेे कुु छ लोोगोंं� कोो धोोखाा देेनेे और उन्हेंं चरम सीीमाा तक लेे जाानेे कीी कोोशि�श कीी। तब
उसकेे काारिं�ंदेे हर भ्रम, हर वि�फलताा, हर अनुुचि�त काार्यय कोो हड़पनेे केे लि�ए तैैयाार खड़ेे थेे, और एडवेंंटि�-
स्टोंं� और उनकेे वि�श्वाास कोो घृृणाास्पद बनाानेे केे लि�ए लोोगोंं� केे साामनेे इसेे अति�शयोोक्ति�पूूर्णण तरीीकेे सेे रखनेे
केे लि�ए तैैयाार थेे। इस प्रकाार जि�तनीी अधि�क संं ख्याा मेंं वह दूू सरेे आगमन मेंं वि�श्वाास कीी घोोषणाा करनेे केे
लि�ए भीीड़ लगाा सकताा थाा, जबकि� उनकेे हृदय उसकीी शक्ति� केे अधीीन थेे, वि�श्वाासि�योंं� केे पूूरेे समूूह केे प्र-
ति�नि�धि�योंं� केे रूप मेंं उनकाा ध्याान आकर्षि�त करनेे सेे वह उतनाा हीी अधि�क लााभ प्रााप्त करेेगाा।
शैैताान «भााइयोंं� काा दोोष लगाानेे वाालाा» हैै, और यह उसकीी आत्माा हैै जोो लोोगोंं� कोो प्रभुु केे लोोगोंं� केे
भ्रम और दोोषोंं� कोो देेखनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करतीी हैै, और उन पर ध्याान दि�ए जाानेे केे लि�ए योोग्य बनाातीी हैै,
जबकि� उनकेे अच्छेे कर्मम बि�नाा कि�सीी उल्लेेख केे अनदेेखाा कर दि�याा जााताा हैै। जब परमेेश्वर आत्मााओंं
केे उद्धाार केे लि�ए काार्यय करताा हैै तोो वह हमेेशाा सक्रि�य रहताा हैै। जब परमेेश्वर केे पुुत्र यहोोवाा केे साामनेे
उपस्थि�त होोनेे आतेे हैंं, तोो उनकेे बीीच शैैताान भीी आ जााताा हैै। प्रत्येेक जाागृृति� मेंं वह उन्हेंं लाानेे केे लि�ए
तैैयाार हैै जोो हृदय मेंं अपवि�त्र और मन मेंं असंं तुुलि�त हैंं। जब उन्होंं�नेे सत्य केे कुु छ मुुद्दोंं� कोो स्वीीकाार कर
लि�याा हैै, और वि�श्वाासि�योंं� केे सााथ एक स्थाान प्रााप्त कर लि�याा हैै, तोो वह उनकेे मााध्यम सेे उन सि�द्धांं�तोंं�
कोो प्रस्तुुत करनेे केे लि�ए कााम करताा हैै जोो असाावधाान कोो धोोखाा देंंगेे। कोोई भीी व्यक्ति� इसलि�ए सच्चाा
मसीीहीी सााबि�त नहींं� होोताा हैै कि� वह परमेेश्वर कीी संं ताानोंं� केे संं ग मेंं पाायाा जााताा हैै, यहांं� तक कि� पूूजाा
केे घर मेंं और परमेेश्वर कीी मेेज़ केे चाारोंं� ओर भीी। शैैताान अक्सर सबसेे पवि�त्र अवसरोंं� पर उन लोोगोंं�
केे रूप मेंं होोताा हैै जि�न्हेंं वह अपनेे काारिं�ंदोंं� केे रूप मेंं उपयोोग कर सकताा हैै।
दुष्‍‍टा
ु ात्मााओंं काा सरदाार हर उस आधाार कोो अमाान्य सि�द्ध करनेे काा प्रयत्न करताा हैै जि�स पर परमेे-
श्वर केे लोोग स्वर्गीीय शहर कीी ओर अपनीी याात्राा मेंं आगेे बढ़तेे हैंं। कलीीसि�याा केे पूूरेे इति�हाास मेंं गंं भीीर
बााधााओंं काा साामनाा कि�ए बि�नाा कोोई भीी सुुधाार आगेे नहींं� बढ़ाायाा गयाा हैै। पौौलुुस केे दि�नोंं� मेंं ऐसाा हीी
थाा। जहांं� कहींं� भीी प्रेेरि�त नेे एक कलीीसि�याा खड़ीी कीी, वहांं� कुु छ ऐसेे थेे जि�न्होंं�नेे वि�श्वाास कोो ग्रहण
करनेे काा दाावाा कि�याा, लेेकि�न जोो मताान्तरोंं� कोो लेेकर आए, जि�न्हेंं यदि� ग्रहण कर लि�याा जााताा, तोो वेे
अंंततःः सत्य केे प्रेेम कोो समााप्त कर देेते।े लूूथर कोो भीी कट्टर व्यक्ति�योंं� केे माार्गग सेे बड़ीी परेेशाानीी और
संं कट काा साामनाा करनाा पड़ाा जि�न्होंं�नेे दाावाा कि�याा कि� परमेेश्वर नेे सीीधेे उनकेे मााध्यम सेे बाात कीी थीी,
और इसलि�ए उन्होंं�नेे अपनेे स्वयंं केे वि�चाारोंं� और रााय कोो पवि�त्र शाास्त्र कीी गवााहीी सेे ऊपर रखाा। बहुत
सेे लोोग जि�नमेंं वि�श्वाास और अनुुभव कीी कमीी थीी, लेेकि�न जि�नमेंं कााफीी आत्मनि�र्भभरताा थीी, और जोो
कुु छ नई बाातेंं सुुननाा और बताानाा पसंं द करतेे थेे, वेे नए शि�क्षकोंं� केे ढोंं�गोंं� सेे बहक गए, और वेे शैैताान
केे काारिं�ंदोंं� केे सााथ उसेे नष्ट करनेे केे कााम मेंं शाामि�ल होो गए जि�सेे वि�कसि�त करनेे केे लि�ए परमेेश्वर नेे
लूूथर कोो प्रेेरि�त कि�याा थाा। और वेेस्लीी परि�वाार, और अन्य जि�न्होंं�नेे अपनेे प्रभााव और अपनेे वि�श्वाास
सेे संं साार कोो आशीीषि�त कि�याा, उन्होंं�नेे हर कदम पर अति� उत्सााहीी, असंं तुुलि�त, और अपवि�त्र लोोगोंं� कोो
हर श्रेेणीी केे कट्टरवााद मेंं धकेे लनेे मेंं शैैताान कीी चाालोंं� काा साामनाा कि�याा।
278 महाान वि�वााद

वि�लि�यम मि�लर कोो उन प्रभाावोंं� सेे कोोई सहाानुुभूूति� नहींं� थीी जोो कट्टरताा कोो जन्म देेतेे थेे। उन्होंं�नेे
लूूथर केे सााथ घोोषणाा कीी, कि� प्रत्येेक आत्माा कोो परमेेश्वर केे वचन द्वााराा परखाा जाानाा चााहि�ए। मि�लर
नेे कहाा, ‹›आज केे समय मेंं कुु छ लोोगोंं� केे दि�मााग पर शैैताान काा बड़ाा अधि�काार हैै। और हम कैै सेे
जाानेंंगेे कि� वेे कि�स प्रकाार कीी आत्माा केे हैंं? बााइबल उत्तर देेतीी हैै: ‹उनकेे फलोंं� सेे तुुम उन्हेंं पहचाान
लोोगेे। ‹ दुनि�या
ु ा मेंं कई आत्मााएंं नि�कलीी हैंं; और हमेंं आत्मााओंं कोो परखनेे काा आदेेश दि�याा गयाा हैै।
वह आत्माा जोो हमेंं इस वर्ततमाान संं साार मेंं संं यम, धाार्मि�कताा और ईश्वरीीयताा सेे जीीनेे केे लि�ए प्रेेरि�त
नहींं� करतीी हैै, वह मसीीह कीी आत्माा नहींं� हैै। मैंं अधि�क सेे अधि�क आश्वस्त हूंं कि� इन अद्भु ् ुत
गति�वि�धि�योंं� मेंं शैैताान केे पाास करनेे केे लि�ए बहुत कुु छ हैै। हममेंं सेे कई जोो पूूरीी तरह सेे पवि�त्र होोनेे
काा दि�खाावाा करतेे हैंं, मनुुष्य कीी परंं परााओंं काा पाालन कर रहेे हैंं, और स्पष्ट रूप सेे सत्य सेे अनभि�ज्ञ हैंं
जैैसेे कि� अन्य लोोग हैंं जोो ऐसाा कोोई ढोंं�ग नहींं� करतेे। «-ब्लि�स, पृृष् ठ 236, 237। “भ्रम कीी आत्माा
हमेंं सच्चााई सेे दूू र लेे जााएगीी; और परमेेश्वर काा आत्माा हमेंं सत्य मेंं लेे जााएगाा। लेेकि�न, तुुम कहतेे
होो, एक आदमीी भ्रम मेंं होो सकताा हैै, और सोोच सकताा हैै कि� उसकेे पाास सच्चााई हैै। तोो क्याा? हम
उत्तर देेतेे हैंं, आत्माा और वचन सहमत हैंं। यदि� कोोई व्यक्ति� स्वयंं कोो परमेेश्वर केे वचन सेे परखताा
हैै, और पूूरेे वचन केे शुुरू सेे अन्त तक पूूर्णण साामंं जस्य पााताा हैै, तोो उसेे वि�श्वाास करनाा चााहि�ए कि�
उसकेे पाास सत्य हैै; परन्तुु यदि� वह देेखेे, कि� जोो आत्माा उसकीी अगुुवााई कर रहीी हैै, वह परमेेश्वर
कीी व्यवस्थाा याा पुुस्तक कीी साारीी रीीति� केे अनुुसाार नहींं� हैै, तोो उसेे साावधाानीी सेे चलनाा चााहि�ए, कहींं�
ऐसाा न होो कि� वह शैैताान केे फंं देे मेंं फंं स जााए।” —द एडवेंंट हेेरााल्ड एंं ड सााइन्स ऑफ द टााइम्स
रि�पोोर्टटर, 15 जनवरीी, 1845। «मैंंनेे अक्सर मसीीहीी जगत केे साारेे शोोर कीी तुुलनाा मेंं एक चमकतीी
हुई आंंख, एक गीीलेे गााल, और एक घुुटेे हुए उच्चाारण सेे आंंतरि�क धर्ममपराायणताा काा अधि�क प्रमााण
प्रााप्त कि�याा हैै।» - ब्लि�स, पृृष् ठ 282।
सुुधाार केे दि�नोंं� मेंं इसकेे दुश्म
ु नोंं� नेे कट्टरताा कीी सभीी बुुरााइयोंं� काा आरोोप उन लोोगोंं� पर लगाायाा जोो
इसकेे खि�लााफ सबसेे अधि�क मेेहनत कर रहेे थेे। आगमन आंंदोोलन केे वि�रोोधि�योंं� नेे भीी इसीी तरह काा
राास्ताा अपनाायाा। और चरमपंं थि�योंं� और कट्टरपंं थि�योंं� केे भ्रमोंं� कोो गलत तरीीकेे सेे पेेश करनेे और बढ़ाा-
चढ़ााकर पेेश करनेे सेे संं तुुष् ट न होोकर, उन्होंं�नेे ऐसीी प्रति�कूूल खबरेंं प्रसाारि�त कींं� जि�नमेंं सच्चााई कीी थोोड़ीी
सीी भीी झलक नहींं� थीी। येे लोोग पक्षपाात और घृृणाा सेे प्रेेरि�त थेे। मसीीह केे नि�कट होोनेे कीी घोोषणाा सेे
उनकीी शांं�ति� भंं ग होो गई। उन्हेंं डर थाा कि� यह सच होो सकताा हैै, फि�र भीी उम्मीीद थीी कि� ऐसाा नहींं� थाा,
और यह एडवेंंटि�स्टोंं� और उनकेे वि�श्वाास केे खि�लााफ उनकेे युुद्ध काा रहस्य थाा।
जैैसेे कि� पौौलुुस याा लूूथर केे दि�नोंं� मेंं कलीीसि�याा मेंं कट्टरपंं थि�योंं� और धोोखेेबााजोंं� कीी उपस्थि�ति� उनकेे
कााम कीी निं�दां ा करनेे केे लि�ए पर्यााप्त � बहाानाा नहींं� थाा, यह तथ्य कि� कुु छ कट्टरपंं थीी एडवेंंटि�स्टोंं� केे वर्गोंं
मेंं गहरााई सेे शाामि�ल होो गए, यह तय करनेे काा कि� यह आंंदोोलन परमेेश्वर काा नहींं� थाा पर्यााप्त � बहाानाा
नहींं� हैै। परमेेश्वर केे लोोगोंं� कोो नींं�द सेे जाागनेे देंं और ईमाानदाारीी सेे पश्चाातााप और सुुधाार काा कााम शुुरू
करनेे देंं; उन्हेंं सत्य, जैैसाा कि� वह यीीशुु मेंं हैै, जााननेे केे लि�ए पवि�त्र शाास्त्र मेंं ढूंं�ढ़नेे देंं; उन्हेंं परमेेश्वर केे
लि�ए संं पूूर्णण समर्पपण करनेे देंं , और सबूूत कीी कमीी नहींं� होोगीी कि� शैैताान अभीी भीी सक्रि�य और सतर्कक हैै।
हर संं भव छल केे सााथ वह अपनीी शक्ति� प्रकट करेेगाा, अपनेे रााज्य केे सभीी पति�त स्वर्गगदूू तोंं� कोो अपनीी
सहाायताा केे लि�ए बुुलााएगाा।
भविष्यद्वाणियाँ पूर 279

यह दूू सरेे आगमन कीी उद्घो् ोषणाा नहींं� थीी जोो कट्टरताा और वि�भााजन काा काारण बनीी। येे 1844
कीी गर्मि�योंं� मेंं दि�खााई दि�ए, जब एडवेंंटि�स्ट अपनीी वाास्तवि�क स्थि�ति� केे बाारेे मेंं संं देेह और उलझन मेंं थेे।
पहलेे स्वर्गगदूू त केे संं देेश काा प्रचाार और «आधीी राात कीी पुुकाार» सीीधेे तौौर पर कट्टरताा और असंं तोोष कोो
दबाानेे केे लि�ए प्रवृृत्त हुआ। जि�न लोोगोंं� नेे इन गंं भीीर आंंदोोलनोंं� मेंं भााग लि�याा वेे सद्भा ् ाव मेंं थेे; उनकेे
दि�ल एक दूू सरेे केे लि�ए और यीीशुु केे लि�ए प्याार सेे भरेे हुए थेे, जि�सेे जल्द हीी देेखनेे कीी उन्हेंं उम्मीीद थीी।
एक वि�श्वाास, एक धन्य आशाा नेे उन्हेंं कि�सीी भीी माानवीीय प्रभााव केे नि�यंं त्रण सेे ऊपर उठाा लि�याा, और
शैैताान केे हमलोंं� केे खि�लााफ एक ढााल सााबि�त हुआ।
«जब दूू ल्हेे केे आनेे मेंं देेर हुई, तोो वेे सब ऊँँ घनेे लगींं� और सोो गईं। आधीी राात कोो धूूम मचीी :
देेखोो, दूू ल्हाा आ रहाा हैै! उससेे भेंंट करनेे केे लि�येे चलोो। तब वेे सब कुँँ� वाारि�याँँ� उठकर अपनीी मशाालेंं
ठीीक करनेे लगींं�। « मत्तीी 25:5-7। 1844 कीी गर्मि�योंं� मेंं, उस समय केे मध्य मेंं जब यह पहलीी बाार
सोोचाा गयाा थाा कि� 2300 दि�न समााप्त होो जााएंं गेे, और उसीी वर्षष कीी शरद ऋतुु, जि�सकेे लि�ए बााद मेंं यह
पाायाा गयाा कि� वेे वि�स्ताारि�त हुए, संं देेश कोो पवि�त्र शाास्त्र केे उन्हींं� शब्दोंं� मेंं घोोषि�त कि�याा गयाा: «देेखोो,
दूू ल्हाा आ रहाा हैै!»
इस आन्दोोलन काा काारण यह खोोज थीी कि� यरूशलेेम कीी बहाालीी केे लि�ए अर्ततक्षत्र काा आदेेश, जोो
2300 दि�नोंं� कीी अवधि� केे लि�ए शुुरुआतीी बिं�दुं ु बनाा, वर्षष 457 ईसाा पूूर्वव कीी शरद ऋतुु मेंं प्रभाावीी हुआ,
और वर्षष केे प्राारंंभ मेंं नहींं�, जैैसाा कि� पहलेे माानाा जााताा थाा। 457 कीी शरद ऋतुु सेे हि�सााब लगाातेे हुए,
2300 वर्षष 1844 कीी शरद ऋतुु मेंं समााप्त होोतेे हैंं। (टि�प्पणीी 28 देेखेंं।)
पुुराानेे नि�यम केे प्रकाारोंं� सेे लि�ए गए तर्कोंं नेे भीी उस समय केे रूप मेंं शरद ऋतुु कीी ओर इशााराा कि�याा
जब «पवि�त्र स्थाान कीी शुुद्धि�» द्वााराा दर्शााई� गई घटनाा अवश्य होोनीी चााहि�ए। यह बहुत स्पष्ट कि�याा गयाा थाा
क्योंं�कि� ध्याान उस तरीीकेे पर दि�याा गयाा थाा जि�समेंं मसीीह केे पहलेे आगमन सेे संं बंं धि�त प्रतीीक पूूरेे हुए थेे।
फसह केे मेेमनेे काा वध कि�याा जाानाा मसीीह कीी मृृत्युु काा संं केे त थाा। पौौलुुस कहताा हैै, «हमााराा भीी
फसह, जोो मसीीह हैै, बलि�दाान हुआ हैै।» 1 कुु रि�न्थि�योंं� 5:7। पहलेे फलोंं� काा पूूलाा, जोो फसह केे समय
प्रभुु केे साामनेे हि�लाायाा गयाा थाा, मसीीह केे पुुनरुत्थाान काा वि�शेेषताा सूूचक थाा। प्रभुु और उसकेे सभीी
लोोगोंं� केे पुुनरुत्थाान कीी बाात करतेे हुए पौौलुुस कहताा हैै: «पहलाा फल मसीीह, फि�र मसीीह केे आनेे पर
उसकेे लोोग।» 1 कुु रि�न्थि�योंं� 15:23। हि�लााए जाानेे वाालेे पूूलेे कीी तरह, जोो फसल सेे पहलेे इकट्ठाा कि�याा
गयाा पहलाा पकाा हुआ अनााज थाा, मसीीह छुु ड़ााए हुए लोोगोंं� कीी उस अमर फसल काा पहलाा फल हैै जोो
भवि�ष्य मेंं पुुनरुत्थाान पर परमेेश्वर केे भंं डाार मेंं इकट्ठाा कि�याा जााएगाा।
येे प्रकाार न केे वल घटनाा केे संं बंं ध मेंं, बल्कि� समय केे अनुुसाार भीी पूूरेे हुए। पहलेे यहूदीी महीीनेे केे
चौौदहवेंं दि�न, उसीी दि�न और महीीनेे मेंं पंं द्रह लंं बीी शतााब्दि�योंं� तक फसह काा मेेमनाा बलि� कि�याा गयाा थाा,
मसीीह नेे अपनेे शि�ष्योंं� केे सााथ फसह काा पर्वव खााकर, उस पर्वव कीी स्थाापनाा कीी जोो उसकीी अपनीी मृृत्युु केे
रूप मेंं मनाानेे केे लि�ए थीी जैैसाा कि� लि�खाा गयाा हैै «परमेेश्वर काा मेेमनाा, जोो जगत केे पााप उठाा लेे जााताा
हैै।” उसीी राात उसेे दुष्ु ट हााथोंं� द्वााराा सूूलीी पर चढ़ाानेे और माार डाालनेे केे लि�ए लेे जाायाा गयाा। और हि�लााए
जाानेे वाालेे पूूलेे केे प्रति�रूप केे रूप मेंं हमाारेे प्रभुु कोो तीीसरेे दि�न मरेे हुओंं मेंं सेे जि�लाायाा गयाा, «और जोो
सोो गए हैंं उनमेंं वह पहलाा फल,» सभीी पुुनरुत्थि�त धर्मीी लोोगोंं� काा एक नमूूनाा, जि�नकीी «दीीन–हीीन देेह»
कोो बदलाा जााएगाा, और «अपनीी महि�माा कीी देेह केे अनुुकूूल बनाा देेगाा।» पद 20; फि�लि�प्पि�योंं� 3:21।
280 महाान वि�वााद

उसीी तरह सेे जोो प्रकाार दूू सरेे आगमन सेे संं बंं धि�त हैंं, उन्हेंं प्रतीीकाात्मक सेेवाा मेंं बतााए गए समय पर
पूूराा होोनाा चााहि�ए। मूूसाा संं बंं धीी प्रणाालीी केे तहत पवि�त्र स्थाान कीी शुुद्धि�, याा प्राायश्चि�ित काा महाान दि�न,
साातवेंं यहूदीी महीीनेे केे दसवेंं दि�न (लैैव्यव्यवस्थाा 16:29-34) कोो हुआ, जब महाायााजक नेे समस्त
इस्रााएल केे लि�ए प्राायश्चि�ित कि�याा, और इस प्रकाार पवि�त्र स्थाान सेे उनकेे पााप दूू र कि�ए, और बााहर
आकर लोोगोंं� कोो आशीीष दीी। तोो यह माानाा जााताा थाा कि� मसीीह, हमााराा महाान महाायााजक, पााप और
पाापि�योंं� केे वि�नााश केे द्वााराा पृृथ्वीी कोो शुुद्ध करनेे केे लि�ए प्रकट होोगाा, और अपनेे प्रतीीक्षाारत लोोगोंं� कोो
अमरताा काा आशीीर्वाा�द देेगाा। साातवेंं महीीनेे काा दसवांं� दि�न, प्राायश्चि�ित काा महाान दि�न, पवि�त्र स्थाान
केे शुुद्धि�करण काा समय, जोो वर्षष 1844 मेंं 22 अक्टूू बर कोो पड़ताा थाा, प्रभुु केे आनेे काा समय माानाा
जााताा थाा। यह पहलेे सेे प्रस्तुुत कि�ए गए प्रमााणोंं� केे अनुुरूप थाा कि� 2300 दि�न शरद ऋतुु मेंं समााप्त होो
जााएंं गेे, और नि�ष्कर्षष अप्रति�रोोध्य लग रहाा थाा।
मत्तीी 25 केे दृष्टांं�त मेंं प्रतीीक्षाा और नींं�द केे समय केे बााद दूू ल्हेे काा आगमन होोताा हैै। यह अभीी
भवि�ष्यद्वााणीी और प्रतीीक दोोनोंं� सेे प्रस्तुुत कि�ए गए तर्कोंं केे अनुुसाार थाा। उन्हेंं अपनीी सच्चााई काा दृढ़
वि�श्वाास थाा; और «आधीी राात कीी पुुकाार» हज़ाारोंं� वि�श्वाासि�योंं� द्वााराा घोोषि�त कीी गई।
ज्वाार कीी लहर कीी तरह आंंदोोलन देेश भर मेंं फैै ल गयाा। शहर सेे शहर तक, गाँँ�व सेे गाँँ�व तक, और
दूू र-दरााज़ केे इलााकोंं� मेंं तब तक जााताा रहाा, जब तक कि� परमेेश्वर कीी प्रतीीक्षाा कर रहेे लोोग पूूरीी तरह
सेे जााग नहींं� गए। इस उद्घो् ोषणाा सेे पहलेे कट्टरताा ऐसेे गाायब होो गई जैैसेे उगतेे सूूरज सेे पहलेे पाालाा
गाायब होो जााताा हैै। वि�श्वाासि�योंं� नेे अपनेे संं देेह और उलझन कोो दूू र होोतेे देेखाा, और आशाा और सााहस
नेे उनकेे हृदयोंं� कोो अनुुप्रााणि�त कि�याा। यह काार्यय उन चरम सीीमााओंं सेे मुुक्त थाा जोो परमेेश्वर केे वचन
और आत्माा केे नि�यंं त्रि�त प्रभााव केे बि�नाा माानव उत्तेेजनाा होोनेे पर हमेेशाा प्रकट होोतेे हैंं। यह स्वभााव मेंं
नम्र करनेे और प्रभुु कीी ओर लौौटनेे केे उन अवसरोंं� केे समाान थाा, जोो प्रााचीीन इस्रााएल केे बीीच अपनेे
सेेवकोंं� द्वााराा तााड़नाा केे संं देेशोंं� केे बााद हुआ। इसमेंं ऐसीी वि�शेेषतााएँँ थींं� जोो हर युुग मेंं परमेेश्वर केे काार्यय
कोो चि�न्हि�त करतीी हैंं। मग्न करनेे वाालाा आनंं द थोोड़ाा थाा, बल्कि� हृदय कोो गहरााई सेे टटोोलाा जाानाा, पााप
काा अंंगीीकाार करनाा और दुनि�या ु ा कोो त्याागनाा थाा। प्रभुु सेे मि�लनेे कीी तैैयाारीी तड़पतीी आत्मााओंं काा बोोझ
थीी। नि�रंंतर प्राार्थथनाा और परमेेश्वर केे प्रति� अनाारक्षि�त समर्पपण थाा।
उस कााम काा वर्णणन करतेे हुए मि�लर नेे कहाा: «आनंं द कीी कोोई बड़ीी अभि�व्यक्ति� नहींं� हैै: अर्थाा�त््,
जैैसेे कि� भवि�ष्य केे अवसर केे लि�ए दबाा दि�याा गयाा थाा, जब सााराा स्वर्गग और पृृथ्वीी एक सााथ आनन्दि�त
और महि�माा सेे भराा होोगाा। कोोई पुुकाार नहींं� हैै: वह भीी स्वर्गग सेे जय जयकाार केे लि�ए आरक्षि�त हैै।
गाायक चुुप हैंं: वेे स्वर्गगदूू तोंं� कीी सेेनाा, स्वर्गग सेे गाानाा बजाानेे वाालोंं� मेंं शाामि�ल होोनेे कीी प्रतीीक्षाा कर रहेे हैंं।
भाावनााओंं काा कोोई टकरााव नहींं� हैै: सभीी एक हृदय और एक मन केे हैंं।” - ब्लि�स, पृृष् ठ 270, 271।
आंंदोोलन मेंं भााग लेेनेे वाालेे एक और नेे गवााहीी दीी: “इसकेे काारण हर जगह हृदय कोो गहरााई सेे
टटोोलाा जाानाा और उच्च स्वर्गग केे परमेेश्वर केे साामनेे आत्माा कोो दीीन करनाा संं भव हुआ। यह इस संं साार
कीी वस्तुुओं ं सेे लगााव कोो दूू र करनेे, वि�वाादोंं� और शत्रुुतााओंं छुु टकाारेे, गलति�योंं� कीी स्वीीकाारोोक्ति�, परमेे-
श्वर केे साामनेे दीीन होोनेे और क्षमाा और स्वीीकृृ ति� केे लि�ए उसकोो पश्चाात्ताापीी, खेेदि�त हृदय कीी प्राार्थथ-
नााएँँ प्रस्तुुत करनेे काा काारण बन गयाा। यह आत्म-ह्राास और आत्माा कीी सााष्टांं�ग प्रणााम काा काारण बनाा,
जैैसाा हमनेे पहलेे कभीी नहींं� देेखाा। जैैसेे परमेेश्वर नेे योोएल केे द्वााराा आज्ञाा दीी, कि� जब परमेेश्वर काा वह
भविष्यद्वाणियाँ पूर 281

बड़ाा दि�न नि�कट होोगाा, तब उसकेे काारण लोोग अपनेे वस्त्र नहींं�, वरन अपनेे मन हीी कोो फााड़कर अपनेे
पूूरेे मन सेे फि�रकर उपवाास और वि�लााप करतेे हुए, रोो रोोकर परमेेश्वर यहोोवाा केे पाास आए। जैैसेे परमेे-
श्वर नेे जकर्याा�ह केे द्वााराा कहाा, अनुुग्रह और यााचनाा कीी आत्माा उसकीी संं ताान पर उंं डेेलीी गई; उन्होंं�नेे
उसकीी ओर देेखाा जि�सेे उन्होंं�नेे छेे दाा थाा, देेश मेंं बड़ाा वि�लााप हुआ, ... और जोो यहोोवाा कीी बााट जोोहतेे
थेे, उन्होंं�नेे उसकेे सााम्हनेे अपनेे प्रााणोंं� कोो दु:ु ख दि�याा।” - ब्लि�स, एडवेंंट शीील्ड एंं ड रि�व्यूू , वॉॉल्यूूम। 1,
पृृष् ठ 271 (जनवरीी, 1845) मेंं।
प्रेेरि�तोंं� केे दि�नोंं� सेे अब तक केे सभीी महाान धाार्मि�क आंंदोोलनोंं� मेंं, 1844 कीी शरद ऋतुु कीी तुुलनाा
मेंं कोोई भीी माानव अपरि�पूूर्णणताा और शैैताान कीी चाालोंं� सेे अधि�क मुुक्त नहींं� रहाा हैै। अब भीी, कई वर्षोंं
केे बीीत जाानेे केे बााद, वेे सभीी जि�न्होंं�नेे उस आंंदोोलन मेंं भााग लि�याा थाा और जोो सत्य केे मंं च पर अडि�ग
खड़ेे थेे, अभीी भीी उस धन्य काार्यय केे पवि�त्र प्रभााव कोो महसूूस करतेे हैंं और गवााहीी देेतेे हैंं कि� यह ईश्वर
काा थाा।
पुुकाार पर, “दूू ल्हाा आ रहाा हैै; उससेे भेंंट करनेे केे लि�येे नि�कलोो,” जोो प्रतीीक्षाा कर रहेे थेे उन्होंं�नेे
“उठकर अपनीी मशाालेंं ठीीक कींं�;” उन्होंं�नेे रुचि� कीी तीीव्रताा केे सााथ परमेेश्वर केे वचन काा अध्ययन
कि�याा, जोो पहलेे नहींं� हुआ थाा। जोो लोोग नि�रााश होो गए थेे उन्हेंं जगाानेे और उन्हेंं संं देेश प्रााप्त करनेे केे
लि�ए तैैयाार करनेे केे लि�ए स्वर्गग सेे स्वर्गगदूू त भेेजेे गए थेे। कााम मनुुष्योंं� कीी बुुद्धि� और वि�द्याा पर नहींं�, परन्तुु
परमेेश्वर कीी साामर्थ्यय पर टि�काा थाा। यह सबसेे प्रति�भााशाालीी नहींं� थेे, लेेकि�न सबसेे वि�नम्र और समर्पि�त
थेे, जोो बुुलााहट कोो सुुननेे और मााननेे वाालेे पहलेे व्यक्ति� थेे। कि�साानोंं� नेे अपनीी फसल खेेतोंं� मेंं खड़ीी छोोड़
दीी, कर्ममकाारोंं� नेे अपनेे औज़ाार नीीचेे रख दि�ए और खुुशीी-खुुशीी आंंसूू बहाातेे हुए चेेताावनीी देेनेे नि�कल
पड़ेे। जि�न लोोगोंं� नेे पूूर्वव मेंं काार्यय मेंं अगुुवााई कीी थीी वेे इस आंंदोोलन मेंं शाामि�ल होोनेे वाालेे अंंति�म लोोगोंं�
मेंं सेे थेे। आम तौौर पर कलीीसि�यााओंं नेे इस संं देेश केे खि�लााफ अपनेे दरवााज़ेे बंं द कर दि�ए, और इसेे
प्रााप्त करनेे वाालोंं� केे एक बड़ेे समूूह नेे उनसेे अपनाा संं बंं ध समााप्त कर दि�याा। परमेेश्वर केे वि�धाान मेंं यह
उद्घो् ोषणाा दूू सरेे स्वर्गगदूू त केे संं देेश केे सााथ जुुड़ गई और उस काार्यय कोो शक्ति� प्रदाान कीी।
संं देेश, «देेखोो, दूू ल्हाा आ रहाा हैै!» इतनाा तर्कक काा वि�षय नहींं� थाा, हाालाँँ�कि� पवि�त्रशाास्त्र काा प्रमााण
स्पष्ट और नि�र्णाा�यक थाा। वहाँँ� इसकेे सााथ एक प्रेेरक शक्ति� गई जि�सनेे आत्माा कोो द्रवि�त कर दि�याा।
कोोई शक नहींं� थाा, कोोई सवााल नहींं� थाा। यरूशलेेम मेंं मसीीह केे वि�जयीी प्रवेेश केे अवसर पर, जोो लोोग
देेश केे सभीी हि�स्सोंं� सेे जैैतूून केे पहााड़ पर पर्वव मनाानेे केे लि�ए इकट्ठेे हुए थेे, और जब वेे भीीड़ मेंं शाामि�ल
होो गए जोो यीीशुु केे आगेे–आगेे और पीीछेे –पीीछेे चलीी जाा रहीी थीी, तोो उन्होंं�नेे उस समय कीी प्रेेरणाा कोो
पकड़ाा और पुुकाार–पुुकाार कर कहाा, “धन्य हैै वह जोो प्रभुु केे नााम सेे आताा हैै।” मत्तीी 21:9। उसीी
तरह उन अवि�श्वाासि�योंं� नेे जोो ऎडवॆंं �टि�स्ट सभााओंं मेंं इकट्ठेे हुए थेे—कुु छ उत्सुुकताा सेे, कुु छ केे वल
उपहाास करनेे केे लि�ए—संं देेश “देेखोो, दूू ल्हाा आ रहाा हैै!” मेंं शाामि�ल होोनेेवाालीी वि�श्वाासोोत्पाादक शक्ति�
कोो महसूूस कि�याा।
उस समय वि�श्वाास थाा जोो प्राार्थथनाा काा उत्तर देेताा थाा—वि�श्वाास जि�सकेे द्वााराा फल प्रााप्त होोताा थाा।
प्याासीी धरतीी पर बाारि�श कीी फुु हाारोंं� कीी तरह, अनुुग्रह कीी आत्माा गंं भीीर चााहनेे वाालोंं� पर उतरतीी हैै। जोो
लोोग जल्द हीी अपनेे उद्धाारक केे सााथ आमनेे-साामनेे खड़ेे होोनेे कीी उम्मीीद कर रहेे थेे, उन्होंं�नेे एक पवि�त्र
आनंं द महसूूस कि�याा जोो कि� बयांं� नहींं� कि�याा जाा सकताा थाा। पवि�त्र आत्माा कीी मृृदूूकरण, वशीीभूूत करनेे
282 महाान वि�वााद

वाालीी शक्ति� नेे हृदय कोो पि�घलाा दि�याा जब उसकीी आशीीष वि�श्वाासयोोग्य, वि�श्वाासीी लोोगोंं� कोो भरपूूर
माात्राा मेंं प्रदाान कीी गई थीी।
जि�न लोोगोंं� नेे संं देेश प्रााप्त कि�याा वेे साावधाानीी और गंं भीीरताा सेे उस समय तक आए जब उन्होंं�नेे
अपनेे प्रभुु सेे मि�लनेे कीी आशाा कीी थीी। हर सुुबह उन्हेंं लगताा थाा कि� परमेेश्वर द्वााराा स्वीीकाार कि�ए जाानेे
केे प्रमााण कोो प्रााप्त करनाा उनकाा पहलाा कर्ततव्य हैै। उनकेे हृदय घनि�ष्ठ रूप सेे जुुड़ेे हुए थेे, और उन्होंं�नेे
एक दूू सरेे केे सााथ और एक दूू सरेे केे लि�ए बहुत प्राार्थथनाा कीी। वेे अक्सर परमेेश्वर केे सााथ संं वााद करनेे
केे लि�ए एकांं�त स्थाानोंं� मेंं एक सााथ मि�लतेे थेे, और मध्यस्थताा कीी आवााज़ खेेतोंं� और उपवनोंं� सेे स्वर्गग
तक पहुँँचतीी थीी। उद्धाारकर्ताा� कीी स्वीीकृृ ति� काा आश्वाासन उनकेे लि�ए उनकेे दैैनि�क भोोजन सेे अधि�क
आवश्यक थाा; और यदि� बाादल उनकेे मन कोो अन्धि�यााराा कर देेताा, तोो वेे तब तक चैैन न पाातेे, जब
तक वह हट न जााताा। जब उन्होंं�नेे क्षमाा करनेे वाालेे अनुुग्रह कीी गवााहीी महसूूस कीी, तोो वेे उसेे देेखनेे
केे लि�ए तरस गए जि�ससेे उनकीी आत्माा कोो प्रेेम थाा।
लेेकि�न एक बाार फि�र उन्हेंं नि�रााशाा हीी हााथ लगीी। प्रतीीक्षाा काा समय बीीत गयाा, और उनकाा उद्धा�-
रकर्ताा� प्रकट नहींं� हुआ। अटूू ट वि�श्वाास केे सााथ वेे उसकेे आनेे कीी प्रतीीक्षाा कर रहेे थेे, और अब उन्हेंं
मरि�यम कीी तरह महसूूस हुआ जब उद्धाारकर्ताा� कीी कब्र पर आकर उसेे खाालीी पााकर, वह रोोतेे हुए बोोलीी:
“वेे मेेरेे प्रभुु कोो उठाा लेे गए, और मैंं नहींं� जाानतीी कि� उसेे कहाँँ� रखाा हैै।” यूूहन्नाा 20:13।
एक श्रद्धाायुुक्त भय कीी भाावनाा नेे, एक डर नेे कि� संं देेश सच होो सकताा हैै, एक समय केे लि�ए अवि�श्वाासीी
दुनि�या
ु ा पर संं यम केे रूप मेंं काार्यय कि�याा थाा। समय बीीतनेे केे बााद यह एक बाार मेंं गाायब नहींं� हुआ; पहलेे तोो
उन्होंं�नेे नि�रााश लोोगोंं� पर वि�जय पाानेे काा सााहस नहींं� कि�याा; लेेकि�न क्योंं�कि� परमेेश्वर केे क्रोोध केे कोोई संं केेत
नहींं� देेखेे गए, वेे अपनेे डर सेे उबर गए और उन्होोनेंं फि�र सेे निं�दां ा और उपहाास करनाा शुुरू कर दि�याा। एक
बड़ाा वर्गग जि�सनेे प्रभुु केे जल्द आनेे पर वि�श्वाास करनेे काा दाावाा कि�याा थाा, उसनेे अपनेे वि�श्वाास कोो त्यााग
दि�याा। कुु छ जोो बहुत आश्वस्त थेे, उनकेे घमंं ड कोो इतनीी ठेेस पहुँँचीी कि� उन्होोनेंं दुनि�या ु ा सेे भााग जाानाा चााहाा।
योोनाा कीी तरह, उन्होंं�नेे परमेेश्वर केे बाारेे मेंं शि�काायत कीी, और जीीवन केे बजााय मृृत्युु कोो चुुनाा।
जि�न लोोगोंं� नेे परमेेश्वर केे वचन पर नहींं�, बल्कि� दूू सरोंं� कीी रााय पर वि�श्वाास कि�याा थाा, वेे अब फि�र
सेे अपनेे वि�चाार बदलनेे केे लि�ए तैैयाार थेे। उपहाास करनेे वाालोंं� नेे कमज़ोोरोंं� और काायरोंं� कोो अपनेे वर्गोंं
केे लि�ए जीीत लि�याा, और येे सभीी यह घोोषणाा करनेे मेंं एकजुुट होो गए कि� अब और अधि�क भय याा
अपेेक्षााएंं नहींं� होो सकतींं�। समय बीीत चुुकाा थाा, प्रभुु नहींं� आयाा थाा, और दुनि�या ु ा हज़ाारोंं� वर्षोंं तक वैैसीी
हीी बनीी रह सकतीी हैै।
ईमाानदाार वि�श्वाासि�योंं� नेे मसीीह केे लि�ए सब कुु छ त्यााग दि�याा थाा और उसकीी उपस्थि�ति� कोो ऐसेे
सााझाा कि�याा थाा जैैसाा पहलेे कभीी नहींं� कि�याा थाा। जैैसाा कि� उनकाा वि�श्वाास थाा, उन्होंं�नेे दुनि�या ु ा कोो
अपनीी अंंति�म चेेताावनीी दीी थीी; और, जल्द हीी अपनेे पवि�त्र गुुरु और स्वर्गीीय स्वर्गगदूू तोंं� केे समााज मेंं
प्रााप्त होोनेे कीी उम्मीीद करतेे हुए, वेे कााफीी हद तक उन लोोगोंं� केे समााज सेे अलग होो गए थेे जि�न्होंं�नेे
संं देेश प्रााप्त नहींं� कि�याा थाा। हाार्दि�क इच्छाा केे सााथ उन्होंं�नेे प्राार्थथनाा कीी थीी: «आ, प्रभुु यीीशुु, और शीीघ्र
आ।» लेेकि�न वह नहींं� आयाा थाा। और अब फि�र सेे जीीवन कीी चिं�तां ाओंं और उलझनोंं� काा भाारीी बोोझ
उठाानाा, और उपहाास करनेे वाालेे लोोगोंं� केे ताानोंं� और उपहाासोंं� कोो सहनाा, वि�श्वाास और धैैर्यय कीी एक
भयाानक परीीक्षाा थीी।
भविष्यद्वाणियाँ पूर 283

फि�र भीी यह नि�रााशाा इतनीी बड़ीी नहींं� थीी जि�तनीी मसीीह केे प्रथम आगमन केे समय शि�ष्योंं� नेे
अनुुभव कीी थीी। जब यीीशुु वि�जयीी रूप सेे यरूशलेेम मेंं सवाार हुआ, तोो उसकेे अनुुयाायि�योंं� कोो यह
वि�श्वाास थाा कि� वह दााऊद केे सिं�हां ासन पर चढ़नेे वाालाा थाा और इस्रााएल कोो उसकेे उत्पीीड़कोंं� सेे छुु ड़ाानेे
वाालाा थाा। उच्च आशााओंं और हर्षि�त प्रत्यााशााओंं केे सााथ उन्होंं�नेे अपनेे रााजाा कोो सम्माान दि�खाानेे मेंं
एक दूू सरेे केे सााथ प्रति�स्पर्धाा� कीी। बहुतोंं� नेे अपनेे वस्त्र उसकेे माार्गग मेंं गलीीचेे कीी नााईं बि�छााए, वाा उसकेे
सााम्हनेे खजूूर कीी डाालि�यांं� बि�खेेरींं�। अपनेे उत्सााहपूूर्णण आनंं द मेंं वेे इस खुुशीी कीी प्रशंं साा मेंं एकजुुट हुए:
«दााऊद केे पुुत्र कोो होोशाानाा!» जब फरीीसि�योंं� नेे खुुशीी केे इस आवेेग सेे व्यााकुु ल और क्रोोधि�त होोकर
यीीशुु सेे चााहाा कि� वह अपनेे चेेलोंं� कोो डाँँ�टेे, तोो उसनेे उत्तर दि�याा: “यदि� येे चुुप रहेे, तोो पत्थर तुुरन्त
चि�ल्लाा उठेंं गेे।” लूूकाा 19:40। भवि�ष्यद्वााणीी पूूरीी होोनीी चााहि�ए। शि�ष्य परमेेश्वर केे उद्देेश्य कोो पूूराा कर
रहेे थेे; फि�र भीी उन्हेंं नि�रााशाा हीी हााथ लगीी। लेेकि�न कुु छ दि�न बीीत चुुकेे थेे जब उन्होंं�नेे उद्धाारकर्ताा� कीी
दर्ददनााक मौौत देेखीी और उसेे कब्र मेंं रख दि�याा। उनकीी अपेेक्षााएँँ कि�सीी भीी तरह सेे पूूरीी नहींं� हुई थींं�,
और उनकीी आशााएँँ यीीशुु केे सााथ मर गईं। जब तक उनकाा प्रभुु कब्र सेे वि�जयीी नहींं� हुआ तब तक वेे
यह नहींं� समझ पााए कि� भवि�ष्यद्वााणीी केे द्वााराा सब कुु छ पहलेे सेे हीी बताायाा गयाा थाा, और «मसीीह कोो
दु:ु ख उठाानाा, और मरेे हुओंं मेंं सेे जीी उठनाा, अवश्य थाा।» प्रेेरि�तोंं� केे कााम 17:3।
पाँँ�च सौौ वर्षष पहलेे, यहोोवाा नेे जकर्याा�ह भवि�ष्यद्वक्ताा केे द्वााराा यह घोोषणाा कीी थीी: «हेे सि�य्योोन बहुत
हीी मगन होो! हेे यरूशलेेम, जयजयकाार कर! क्योंं�कि� तेेराा रााजाा तेेरेे पाास आएगाा; वह धर्मीी और उद्धाार
पाायाा हुआ हैै, वह दीीन हैै, और गदहेे पर वरन्् गदहीी केे बच्‍‍चेे पर चढ़ाा हुआ आएगाा।» जकर्याा�ह 9:9।
यदि� चेेलोंं� नेे यह जाान लि�याा होोताा कि� मसीीह न्यााय और मृृत्युु केे लि�ए जाा रहाा हैै तोो वेे इस भवि�ष्यद्वााणीी
कोो पूूराा नहींं� कर सकतेे थेे।
इसीी तरह मि�लर और उसकेे सहयोोगि�योंं� नेे भवि�ष्यद्वााणीी कोो पूूराा कि�याा और एक संं देेश दि�याा
जि�सकीी भवि�ष्यद्वााणीी प्रेेरणाा नेे कीी थीी कि� दुनि�या
ु ा कोो दि�याा जाानाा चााहि�ए, लेेकि�न जि�सेे देेनेे मेंं वेे सफल
नहींं� होोतेे अगर वेे अपनीी नि�रााशाा कीी ओर इशााराा करनेे वाालीी और प्रभुु केे आनेे सेे पहलेे सभीी रााष्ट्रों��ं कोो
प्रचाार करनेे केे लि�ए एक और संं देेश देेनेे वाालीी भवि�ष्यद्वााणि�योंं� कोो पूूरीी तरह सेे समझ गए होोतेे। पहलेे
और दूू सरेे स्वर्गगदूू तोंं� केे संं देेश सहीी समय पर दि�ए गए थेे और उन्होंं�नेे उस काार्यय कोो पूूराा कि�याा जि�सेे
परमेेश्वर नेे उनकेे द्वााराा पूूराा करनेे केे लि�ए नि�यत कि�याा थाा।
दुनि�या
ु ा देेख रहीी थीी, उम्मीीद कर रहीी थीी कि� अगर समय बीीत गयाा और मसीीह प्रकट नहींं� हुआ,
तोो आगमनवााद कीी पूूरीी व्यवस्थाा कोो छोोड़ दि�याा जााएगाा। लेेकि�न जब बहुतोंं� नेे प्रबल परीीक्षाा मेंं आकर
अपनेे वि�श्वाास कोो त्यााग दि�याा, तोो कुु छ ऐसेे भीी थेे जोो अडि�ग रहेे। आगमन आंंदोोलन केे परि�णाामोंं� नेे,
वि�नम्रताा और हृदय कोो जाँँ�चनेे कीी भाावनाा नेे, दुनि�या ु ा कोो त्याागनेे और जीीवन केे सुुधाार कीी भाावनाा नेे,
जोो काार्यय मेंं शाामि�ल थीी, गवााहीी दीी कि� यह परमेेश्वर कीी ओर सेे थेे। उन्होंं�नेे इस बाात सेे इनकाार करनेे
कीी हि�म्मत नहींं� कीी कि� दूू सरेे आगमन केे प्रचाार मेंं पवि�त्र आत्माा कीी शक्ति� नेे गवााहीी दीी थीी, और वेे
भवि�ष्यसूूचक अवधि�योंं� केे अपनेे अनुुमाान मेंं कोोई त्रुुटि� नहींं� पाा सकेे । उनकेे सबसेे सक्षम वि�रोोधीी भवि�-
ष्यसूूचक व्यााख्याा कीी उनकीी प्रणाालीी कोो उखााड़ फेंंकनेे मेंं सफल नहींं� हुए थेे। वेे बााइबल केे प्रमााण केे
बि�नाा, उन वि�चाार पद्धति�योंं� कोो त्याागनेे केे लि�ए सहमत नहींं� होो सकतेे थेे, जोो परमेेश्वर केे आत्माा द्वााराा
प्रबुुद्ध मन और उसकीी जीीवि�त शक्ति� सेे उत्तेेजि�त मनोंं� द्वााराा पवि�त्र शाास्त्र केे गंं भीीर, प्राार्थथनाापूूर्णण अध्ययन
284 महाान वि�वााद

केे मााध्यम सेे ठहरााई थींं�; वि�चाार पद्धति�यांं� जि�न्होंं�नेे लोोकप्रि�य धाार्मि�क शि�क्षकोंं� और दुनि�या ु ावीी पंं डि�तोंं� केे
सबसेे अधि�क भेेदक आलोोचनााओंं और सबसेे कड़ेे वि�रोोध और मााननीीयोंं� और नीीचोंं� केे एक जैैसेे ताानेे
और धि�क्काार काा साामनाा कि�याा थाा।
सच हैै, जहाँँ� तक अपेेक्षि�त घटनाा काा संं बंं ध थाा, असफलताा मि�लीी थीी, लेेकि�न यह भीी परमेेश्वर केे
वचन मेंं उनकेे वि�श्वाास कोो हि�लाा नहींं� सकाा। जब योोनाा नेे नीीनवेे कीी गलि�योंं� मेंं घोोषणाा कीी कि� चाालीीस
दि�नोंं� केे भीीतर शहर कोो उखााड़ फेंंकाा जााएगाा, तोो प्रभुु नेे नीीनवेे केे लोोगोंं� केे वि�नम्र होोनेे कोो स्वीीकाार
कि�याा और उनकीी परि�वीीक्षाा कीी अवधि� बढ़ाा दीी; तौौभीी योोनाा काा सन्देेश परमेेश्वर कीी ओर सेे भेेजाा गयाा,
और उसकीी इच्छाा केे अनुुसाार नीीनवेे कोो परखाा गयाा। एडवेंंटि�स्टोंं� काा मााननाा थाा कि� इसीी तरह परमेे-
श्वर नेे न्यााय कीी चेेताावनीी देेनेे केे लि�ए उनकीी अगुुवााई कीी थीी। उन्होंं�नेे घोोषणाा कीी, “इसनेे उन सभीी
केे हृदयोंं� कोो परखाा हैै जि�न्होंं�नेे इसेे सुुनाा, और प्रभुु केे आगमन केे लि�ए प्रेेम जगाायाा; याा इसनेे लगभग
बोोधगम्य, लेेकि�न परमेेश्वर कोो ज्ञाात, उसकेे आगमन केे लि�ए एक घृृणाा कोो उत्पन्न कि�याा हैै। इसनेे एक
रेेखाा खींं�चीी हैै, ... तााकि� जोो लोोग अपनेे हृदयोंं� कोो जांं�चेंंगेे वेे जाान सकेंं कि� अगर प्रभुु तब आ गयाा होोताा
तोो वेे इसकेे कि�स तरफ पााए जाातेे-क्याा वेे कहतेे, “देेखोो, हमााराा परमेेश्वर यहीी हैै, हम इसीी कीी बााट
जोोहतेे आए हैंं, कि� वह हमााराा उद्धाार करेे;» याा क्याा वेे उन चट्टाानोंं� और पहााड़ोंं� कोो बुुलाातेे कि� उन पर
गि�रकर उन्हेंं उसकेे मुँँ�ह सेे जोो सिं�हां ासन पर बैैठाा हैै, और मेेम्नेे केे प्रकोोप सेे छि�पाा लेंं। इस प्रकाार परमेे-
श्वर नेे, जैैसाा कि� हम वि�श्वाास करतेे हैंं, अपनेे लोोगोंं� कीी परीीक्षाा लीी हैै, उनकेे वि�श्वाास कोो परखाा हैै,
उन्हेंं परखाा हैै, और देेखाा हैै कि� क्याा वेे परीीक्षण केे समय मेंं उस स्थि�ति� सेे पीीछेे हटेंंगेे जि�समेंं वह उन्हेंं
रखनेे केे लि�ए उचि�त समझताा हैै; और क्याा वेे इस संं साार कोो त्यााग देंंगेे और परमेेश्वर केे वचन मेंं पूूर्णण
वि�श्वाास केे सााथ भरोोसाा करेंंगेे।” —द एडवेंंट हेेरााल्ड एंं ड सााइन्स ऑफ द टााइम्स रि�पोोर्टटर, वॉॉल्यूूम
8, नंं बर 14 (13 नवंं बर, 1844)।
जोो लोोग अब भीी माानतेे थेे कि� परमेेश्वर नेे उनकेे पि�छलेे अनुुभव मेंं उनकीी अगुुवााई कीी थीी, उनकीी
भाावनााएँँ वि�लि�यम मि�लर केे शब्दोंं� मेंं व्यक्त कीी गई हैंं: «अगर मुुझेे अपनाा जीीवन फि�र सेे जीीनाा हैै, उसीी
सबूूत केे सााथ जोो उस समय मेेरेे पाास थाा, परमेेश्वर केे सााथ ईमाानदाार होोनेे केे लि�ए मुुझेे वहीी करनाा
होोगाा जोो मैंंनेे कि�याा हैै।» “मुुझेे आशाा हैै कि� मैंंनेे अपनेे वस्त्रोंं� कोो प्रााणोंं� केे लहू सेे शुुद्ध कर लि�याा हैै।
मुुझेे लगताा हैै कि�, जहाँँ� तक मेेरेे बस मेंं थाा, मैंंनेे उनकीी निं�दां ा मेंं अपनेे आप कोो सभीी दोोषोंं� सेे मुुक्त कर
लि�याा हैै। “यद्यपि� मैंं दोो बाार नि�रााश होो चुुकाा हूँँ,” परमेेश्वर केे इस जन नेे लि�खाा, “मैंं अभीी तक हतााश
याा नि�रााश नहींं� हुआ हूँँ। मसीीह केे आनेे कीी मेेरीी आशाा हमेेशाा कीी तरह अत्यधि�क हैै। मैंंनेे केे वल वहीी
कि�याा हैै जोो वर्षोंं केे गम्भीीरताापूूर्ववक वि�चाार करनेे केे बााद मुुझेे लगाा कि� ऐसाा करनाा मेेराा पवि�त्र कर्ततव्य हैै।
यदि� मुुझसेे भूूल हुई हैै, तोो वह प्रेेम, मेेरेे सााथीी लोोगोंं� केे लि�ए प्रेेम केे प्रति�, और परमेेश्वर केे प्रति� कर्ततव्य
केे दृढ़ वि�श्वाास केे पक्ष मेंं रहीी हैै।» “एक बाात तोो मैंं जाानताा हूंं, कि� मैंं नेे जि�स मेंं मैंंनेे वि�श्वाास कि�याा उस
वि�षय केे सि�वााय और कि�सीी बाात काा प्रचाार नहींं� कि�याा; और परमेेश्वर मेेरेे सााथ रहाा हैै; उसकीी साामर्थ्यय
काार्यय मेंं प्रकट हुई हैै, और बहुत कुु छ अच्छाा हुआ हैै।” «ज़ााहि�र हैै, उस समय केे प्रचाार केे द्वााराा कई
हज़ाारोंं� पवि�त्र शाास्त्र काा अध्ययन करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त हुए हैंं; और इसीी केे द्वााराा, वि�श्वाास और मसीीह
केे लोोहू केे छि�ड़केे जाानेे केे द्वााराा, परमेेश्वर केे सााथ मेेल मि�लााप हुआ हैै।” —ब्लि�स, पृृष् ठ 256, 255,
277, 280, 281। «मैंंनेे कभीी भीी गर्वव करनेे वाालोंं� कीी मुुस्काान काा स्वाागत नहींं� कि�याा, और न हीी जब
भविष्यद्वाणियाँ पूर 285

दुनि�या
ु ा नेे तेेवर दि�खााए। मैंं अब उनकीी कृृ पाादृष्टि�ि प्रााप्त नहींं� करूँँगाा, और न हीी मैंं कर्ततव्य सेे परेे जााकर
उनकीी नफरत कोो ललचााऊंंगाा। मैंं अपनेे जीीवन कोो उनकेे हााथोंं� मेंं कभीी नहींं� चााहूँँगाा, और मुुझेे आशाा
हैै कि� इसेे खोोनेे सेे कभीी पीीछेे न हटूँँ� गाा, यदि� परमेेश्वर भलााई केे तहत ऐसाा आदेेश देेताा हैै।» —जेे
व्हााइट, लााइफ ऑफ डब्ल्यूू एम। मि�लर, पृृष् ठ 315।
परमेेश्वर नेे अपनेे लोोगोंं� कोो नहींं� छोोड़ाा; उसकीी आत्माा अभीी भीी उन लोोगोंं� केे सााथ नि�वाास करतीी हैै
जि�न्होंं�नेे उस प्रकााश कोो अस्वीीकाार नहींं� कि�याा जोो उन्होंं�नेे प्रााप्त कि�याा थाा, और आगमन आंंदोोलन कीी निं�दां ा
नहींं� कीी। इब्राानि�योंं� कोो लि�खेे पत्र मेंं परखेे गए लोोगोंं� केे लि�ए प्रोोत्सााहन और चेेताावनीी केे शब्द हैंं, जोो इस संं कट
कीी घड़ीी मेंं प्रतीीक्षाा कर रहेे हैंं: “इसलि�येे अपनाा हि�यााव न छोोड़ोो, जि�सकेे बदलेे मेंं प्रति�फल काा बड़ाा फल मि�लताा
हैै। क्योंं�कि� तुुम्हेंं धीीरज धरनेे कीी आवश्यकताा हैै, कि� तुुम परमेेश्वर कीी इच्छाा पूूरीी करनेे केे बााद प्रति�ज्ञाा कोो
प्रााप्त कर सकोो। अब हीी थोोड़ाा समय रह गयाा हैै, और जोो आनेेवाालाा हैै वह आएगाा, और देेर न करेेगाा। पर
मेेराा धर्मीी जन वि�श्‍‍वाास सेे जीीवि�त रहेेगाा, और यदि� वह पीीछेे हट जााए तोो मेेराा मन उस सेे प्रसन्न न होोगाा। पर
हम हटनेे वाालेे नहींं� कि� नााश होो जााएँँ पर वि�श्‍‍वाास करनेेवाालेे हैंं कि� प्रााणोंं� कोो बचााएँँ। « इब्राानि�योंं� 10:35-39।
यह कि� यह चेेताावनीी अंंत केे दि�नोंं� मेंं कलीीसि�याा कोो संं बोोधि�त कीी गई हैै, प्रभुु केे आगमन कीी नि�कटताा
कीी ओर संं केेत करनेे वाालेे वचनोंं� सेे स्पष्ट हैै: «बहुत क्योंं�कि� अब हीी थोोड़ाा समय रह गयाा हैै, जब कि�
आनेेवाालाा आएगाा और देेर न करेेगाा।» और यह स्पष्ट रूप सेे नि�हि�त हैै कि� प्रतीीयमाान वि�लंं ब होोगाा और
यह कि� प्रभुु वि�लंं ब करताा हुआ प्रतीीत होोगाा। यहाँँ� दि�याा गयाा नि�र्देेश वि�शेेष रूप सेे इस समय एडवेंंटि�स्टोंं� केे
अनुुभव केे अनुुकूूल हैै। जि�न लोोगोंं� कोो यहांं� सम्बोोधि�त कि�याा गयाा थाा, वेे वि�श्‍‍वाास रूपीी जहााज़ केे डूू बनेे काा
काारण बननेे केे खतरेे मेंं थेे। उन्होंं�नेे परमेेश्वर केे आत्माा और उसकेे वचन केे माार्गगदर्शशन काा पाालन करतेे हुए
उसकीी इच्छाा पूूरीी कीी थीी; फि�र भीी वेे अपनेे पि�छलेे अनुुभव मेंं उसकेे उद्देश्य े कोो नहींं� समझ सकेे , न हीी वेे
अपनेे साामनेे आनेे वाालेे माार्गग कोो समझ सकेे , और वेे संं देहे करनेे कीी परीीक्षाा मेंं पड़ गए कि� क्याा वाास्तव मेंं
परमेेश्वर उनकीी अगुुवााई कर रहाा थाा। इस समय येे शब्द प्रयोोज्य थेे: «अब धर्मीी जन वि�श्वाास सेे जीीवि�त
रहेेगाा।» जब «आधीी राात कीी पुुकाार» कीी तेेज़ रोोशनीी उनकेे राास्तेे पर चमकीी थीी, और उन्होंं�नेे भवि�ष्यद्वााणि�-
योंं� कोो खोोलेे जाातेे और तेेज़ीी सेे उन संं केेतोंं� कोो, जोो बताा रहेे थेे कि� मसीीह काा आगमन नि�कट थाा, पूूराा होोतेे
देेखाा थाा, वेे माानोो रूप कोो देेखकर चलेे थे।े लेेकि�न अब, नि�रााश आशााओंं सेे हाारेे हुए, वेे केे वल परमेेश्वर और
उसकेे वचन मेंं वि�श्वाास करकेे हीी खड़ेे रह सकतेे थेे। उपहाास करनेे वाालेे लोोग कह रहेे थेे: “तुुम्हेंं धोोखाा दि�याा
गयाा हैै। अपनाा वि�श्वाास छोोड़ दोो, और कहोो कि� आगमन आंंदोोलन शैैताान काा थाा। « परन्तुु परमेेश्वर केे
वचन नेे घोोषि�त कि�याा: «और यदि� वह पीीछेे हट जााए तोो मेेराा मन उस सेे प्रसन्न न होोगाा।» अब उनकेे द्वााराा
वि�श्वाास काा त्यााग कि�याा जाानाा, और पवि�त्र आत्माा कीी उस साामर्थ्यय कोो नकाारनाा जोो संं देश े मेंं थाा, वि�नााश कीी
ओर वाापस आनाा होोगाा। उन्हेंं पौौलुुस केे शब्दोंं� द्वााराा दृढ़ताा केे लि�ए प्रोोत्सााहि�त कि�याा गयाा: «इसलि�येे अपनाा
हि�यााव न छोोड़ोो; « «तुुम्हेंं धीीरज धरनाा आवश्यक हैै,» “क्योंं�कि� अब बहुत हीी थोोड़ाा समय रह गयाा हैै,जब कि�
आनेेवाालाा आएगाा और देेर न करेेगाा।» उनकाा एकमाात्र सुुरक्षि�त माार्गग उस प्रकााश कोो संं जोोनाा थाा जोो उन्होंं�नेे
पहलेे हीी परमेेश्वर सेे प्रााप्त कर लि�याा थाा, उसकेे वाादोंं� पर टि�केे रहनाा, और पवि�त्र शाास्त्र मेंं ढूंं�ढ़नाा ज़ाारीी रखनाा,
और धैैर्ययपूर्ववक
ू अति�रि�क्त प्रकााश प्रााप्त करनेे कीी प्रतीीक्षाा करनाा थाा।
23

पवि�त्र स्थाान क्याा हैै?

व ह पद जोो अन्य सभीी केे ऊपर आगमन वि�श्वाास कीी नींं�व और केंंद्रीीय स्तंं भ दोोनोंं� थाा, यह घोोषणाा
थीी: “जब तक साँँ�झ और सवेेराा दोो हज़ाार तीीन सौौ बाार न होंं�, तब तक वह होोताा रहेेगाा; तब पवि�त्र-
स्थाान शुुद्ध कि�याा जााएगाा।” दाानि�य्येेल 8:14। प्रभुु केे जल्द आनेे केे बाारेे मेंं सभीी वि�श्वाासि�योंं� केे लि�ए येे
परि�चि�त शब्द थेे। हजाारोंं� लोोगोंं� केे होोठोंं� द्वााराा इस भवि�ष्यद्वााणीी कोो उनकेे वि�श्वाास केे प्रत्ययवााच केे रूप
मेंं दोोहराायाा गयाा थाा। सभीी नेे महसूूस कि�याा कि� उसमेंं बतााई गई घटनााओंं पर उनकीी सबसेे उज्ज्वल
अपेेक्षााएँँ और सबसेे पोोषि�त आशााएँँ नि�र्भभर थींं�। इन भवि�ष्यसूूचक दि�नोंं� कोो 1844 कीी शरद ऋतुु मेंं
समााप्त होोतेे दि�खाायाा गयाा थाा। बााकीी मसीीहीी दुनि�या ु ा केे समाान, एडवेंंटि�स्टोंं� नेे तब माानाा कि� पृृथ्वीी, याा
इसकाा कुु छ हि�स्साा, पवि�त्र स्थाान थाा। वेे समझ गए थेे कि� पवि�त्रस्थाान कीी शुुद्धि� अंंति�म महाान दि�न कीी
आग सेे पृृथ्वीी काा शुुद्धीीकरण हैै, और यह कि� यह दूू सरेे आगमन पर होोगाा। यह नि�ष्कर्षष कि� मसीीह
1844 मेंं पृृथ्वीी पर लौौटेेगाा इस काारण सेे थाा।
परन्तुु नि�यत समय बीीत चुुकाा थाा, और प्रभुु प्रकट नहींं� हुआ थाा। वि�श्वाासीी जाानतेे थेे कि� परमेे-
श्वर काा वचन वि�फल नहींं� होो सकताा; भवि�ष्यद्वााणीी कीी उनकीी व्यााख्याा मेंं दोोष होो सकताा थाा; लेेकि�न
गलतीी कहाँँ� हुई? कई लोोगोंं� नेे जल्दबााजीी मेंं इस बाात काा खंं डन करतेे हुए कठि�नााई सेे छुु टकााराा पाा
लि�याा कि� 2300 दि�न 1844 मेंं समााप्त होो गए थेे। इसकेे लि�ए कोोई काारण नहींं� दि�याा जाा सकताा
थाा, सि�वााय इसकेे कि� मसीीह उस समय नहींं� आयाा थाा जब वेे उनकीी प्रतीीक्षाा कर रहेे थेे। उन्होंं�नेे तर्कक
दि�याा कि� यदि� 1844 मेंं भवि�ष्यद्वााणीी केे दि�न समााप्त होो गए थेे, तोो मसीीह आग सेे पृृथ्वीी केे शुुद्धि�-
करण द्वााराा पवि�त्र स्थाान कोो शुुद्ध करनेे केे लि�ए वाापस आ गयाा होोगाा; और चूंं�कि� वह नहींं� आयाा थाा,
इसलि�ए दि�न समााप्त नहींं� होो सकतेे थेे।
इस नि�ष्कर्षष कोो स्वीीकाार करनाा भवि�ष्यसूूचक कााल केे अनुुमाान कोो त्याागनाा थाा। पताा चलाा थाा कि�
2300 दि�न 457 ईसाा पूूर्वव कीी शरद ऋतुु मेंं यरूशलेेम कीी बहाालीी और नि�र्माा�ण केे लि�ए अर्ततक्षत्र कीी
आज्ञाा केे लाागूू होोनेे केे समय शुुरू हुए थेे। इसेे शुुरुआतीी बिं�दुं ु केे रूप मेंं लेेतेे हुए, दाानि�य्येेल 9:25-27
मेंं उस अवधि� कीी व्यााख्याा मेंं पहलेे सेे बतााई गई सभीी घटनााओंं केे अनुुप्रयोोग मेंं पूूर्णण साामंं जस्य थाा।
पवित्र स्थान क् 287

उनहत्तर सप्तााह, 2300 वर्षोंं मेंं सेे पहलेे 483 वर्षष, अभि�षि�क्त, मसीीहाा तक पहुँँचनेे थेे; और मसीीह केे
बपति�स्मेे और पवि�त्र आत्माा द्वााराा अभि�षेेक, 27 ईस्वीी सन््, नेे सटीीक रूप सेे वि�शि�ष्टताा कोो पूूराा कि�याा।
सत्तरवेंं सप्तााह केे बीीच मेंं, मसीीहाा कोो कााट डाालाा जाानाा थाा। उसकेे बपति�स्मेे केे सााढ़ेे तीीन सााल बााद,
ईसाा मसीीह कोो 31 ईस्वीी सन्् केे वसंं त मेंं सूूलीी पर चढ़ाायाा गयाा थाा। सत्तर सप्तााह, याा 490 वर्षष, वि�शेेष
रूप सेे यहूदि�योंं� सेे संं बंं धि�त थेे। इस अवधि� कीी समााप्ति� पर रााष्ट्रर नेे अपनेे शि�ष्योंं� केे उत्पीीड़न केे द्वााराा
मसीीह कीी अस्वीीकृृ ति� पर मुुहर लगाा दीी थीी, और प्रेेरि�त 34 ईस्वीी सन्् मेंं अन्यजााति�योंं� कीी ओर मुुड़
गए। 2300 केे पहलेे 490 वर्षष समााप्त होोनेे केे बााद, 1810 वर्षष शेेष रहेंंगेे। 34 ईस्वीी सन्् सेे 1810
वर्षष 1844 तक वि�स्ताारि�त होोतेे हैंं। स्वर्गगदूू त नेे कहाा, «तब पवि�त्र स्थाान शुुद्ध होो जााएगाा।» भवि�ष्यद्वााणीी
केे सभीी पूूर्वववर्तीी वि�नि�र्देेश नि�यत समय पर नि�र्वि�वााद रूप सेे पूूरेे हुए थेे।
इस अनुुमाान केे सााथ, सब कुु छ स्पष्ट और साामंं जस्यपूूर्णण थाा, सि�वााय इसकेे कि� यह नहींं� देेखाा
गयाा कि� पवि�त्र स्थाान कीी शुुद्धि� सेे मेेल खाानेे वाालीी कोोई भीी घटनाा 1844 मेंं हुई थीी। इस बाात सेे इंं काार
करनाा कि� उस समय दि�न समााप्त होो गए थेे, पूूरेे प्रश्न कोो भ्रम मेंं डाालनाा थाा, और उन वि�चाार पद्धति�योंं�
कोो त्याागनाा थाा जोो भवि�ष्यद्वााणीी कीी अचूूक पूूर्ति� द्वााराा स्थाापि�त कीी गई थींं�।
परन्तुु परमेेश्वर नेे महाान आगमन आंंदोोलन मेंं अपनेे लोोगोंं� कीी अगुुवााई कीी थीी; उसकीी साामर्थ्यय
और महि�माा काार्यय मेंं शाामि�ल थींं�, और वह इसेे अंंधेरेे े और नि�रााशाा मेंं समााप्त नहींं� होोनेे देेनेे वाालाा नहींं�
थाा, और नाा हीी एक झूठीू ी और कट्टर उत्तेेजनाा केे रूप मेंं धि�क्काारेे जाानेे देेनेे वाालाा थाा। वह अपनेे वचन
कोो संं देेह और अनि�श्चि�ितताा मेंं उलझाा हुआ छोोड़नेे वाालाा नहींं� थाा।
हाालांं�कि� कई लोोगोंं� नेे भवि�ष्यसूूचक अवधि�योंं� केे अपनेे पूूर्वव अनुुमाान कोो छोोड़ दि�याा और उस पर
आधाारि�त आंंदोोलन केे औचि�त्य काा खंं डन कि�याा, अन्य लोोग वि�श्वाास और अनुुभव केे उन मुुद्दोंं� कोो
त्याागनेे केे लि�ए तैैयाार नहींं� थेे जोो पवि�त्र शाास्त्र और परमेेश्वर केे आत्माा कीी सााक्षीी द्वााराा स्थाापि�त कि�ए
गए थेे। उनकाा मााननाा थाा कि� उन्होंं�नेे भवि�ष्यद्वााणि�योंं� केे अपनेे अध्ययन मेंं व्यााख्याा केे ठोोस सि�द्धांं�तोंं� कोो
अपनाायाा थाा, और यह उनकाा कर्ततव्य थाा कि� वेे पहलेे सेे प्रााप्त सत्य कोो दृढ़ताा सेे पकड़ेंं, और बााइबि�ल
अनुुसंंधाान केे उसीी नि�यम कोो ज़ाारीी रखेंं। सच्चीी प्राार्थथनाा केे सााथ उन्होंं�नेे अपनीी स्थि�ति� पर पुुनर्वि�चाार
कि�याा और अपनीी गलतीी काा पताा लगाानेे केे लि�ए पवि�त्र शाास्त्र काा अध्ययन कि�याा। क्योंं�कि� उन्हेंं भवि�-
ष्यद्वााणीी कीी अवधि�योंं� केे अपनेे अनुुमाान मेंं कोोई त्रुुटि� दि�खााई नहींं� दीी, इसलि�ए वेे पवि�त्र स्थाान केे वि�षय
कीी अधि�क बाारीीकीी सेे जांं�च करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त हुए।
अपनीी जांं�च मेंं उन्हेंं पताा चलाा कि� इस लोोकप्रि�य दृष्टि�िकोोण काा समर्थथन करनेे वाालाा कोोई पवि�त्र
शाास्त्र आधाारि�त प्रमााण नहींं� हैै कि� पृृथ्वीी पवि�त्र स्थाान हैै; लेेकि�न उन्होंं�नेे बााइबल मेंं पवि�त्र स्थाान केे
वि�षय, इसकीी प्रकृृ ति�, स्थाान और वि�धि�योंं� कीी पूूरीी व्यााख्याा पााई; पवि�त्र लेेखकोंं� कीी गवााहीी इतनीी स्पष्ट
और पर्याा�प्त थीी कि� इस माामलेे कोो सभीी प्रश्नोंं� सेे परेे रखाा जाा सकेे । इब्राानि�योंं� कोो लि�खेे पत्र मेंं प्रेेरि�त
पौौलुुस कहताा हैै: «उस पहलीी वााचाा मेंं भीी सेेवाा केे नि�यम थेे, और ऐसाा पवि�त्रस्थाान थाा जोो इस जगत काा
थाा। क्योंं�कि� एक तम्बूू बनाायाा गयाा, पहलेे तम्बूू मेंं दीीवट, और मेेज़, और भेंंट कीी रोोटि�याँँ� थींं�; और वह
पवि�त्रस्थाान कहलााताा हैै। दूू सराा, परदेे केे पीीछेे वह तम्बूू थाा, जोो परम पवि�त्र स्थाान कहलााताा हैै। उसमेंं
सोोनेे कीी धूूपदाानीी, और चाारोंं� ओर सोोनेे सेे मढ़ाा हुआ वााचाा काा सन्दूू क और इसमेंं मन्नाा सेे भराा हुआ
सोोनेे काा मर्ततबाान और हाारून कीी छड़ीी जि�समेंं फूू ल फल आ गए थेे और वााचाा कीी पटि�याँँ� थींं�। उसकेे
288 महाान वि�वााद

ऊपर दोोनोंं� तेेजोोमय करूब थेे, जोो प्राायश्चि�ित्त केे ढकनेे पर छाायाा कि�ए हुए थेे; इनकाा एक–एक करकेे
वर्णणन करनेे काा अभीी अवसर नहींं� हैै। « इब्राानि�योंं� 9:1-5।
जि�स पवि�त्र स्थाान काा यहाँँ� पौौलुुस उल्लेेख कर रहाा हैै, वह परमप्रधाान केे सांं�साारि�क नि�वाास स्थाान
केे रूप मेंं परमेेश्वर केे आदेेश पर मूूसाा द्वााराा बनाायाा गयाा मि�लााप वाालाा तम्बूू थाा। जब मूूसाा परमेेश्वर केे
सााथ पर्ववत पर थाा यह नि�र्देेश दि�याा गयाा थाा «वेे मेेरेे लि�येे एक पवि�त्रस्थाान बनााएँँ कि� मैंं उनकेे बीीच नि�वाास
करूँँ » (नि�र्गगमन 25:8)। इस्रााएलीी जंं गल मेंं सेे होोकर याात्राा कर रहेे थेे, और नि�वाास स्थाान ऐसाा बनाायाा
गयाा थाा कि� वह एक स्थाान सेे दूू सरेे स्थाान पर लेे जाायाा जाा सकताा थाा; फि�र भीी यह महाान भव्यताा कीी
संं रचनाा थाा। इसकीी दीीवाारेंं सोोनेे सेे मढ़ेे हुए सीीधेे तख्तोंं� सेे बनीी थींं� और चांं�दीी कीी कुु र्सि�योंं� मेंं लगााई गई
थींं�, जबकि� छत परदेे , याा आवरणोंं� कीी एक श्रृंं�खलाा सेे बनीी थीी, जोो खाालोंं� कीी बााहरीी परत थीी, सबसेे
भीीतरीी भााग सूूक्ष्म सनीी केे कपड़ेे सेे बनाा थाा, जि�स पर कढ़ााई केे कााम कि�ए हुए करूब बनेे हुए थेे। बााहरीी
आंंगन केे अलाावाा, जि�समेंं होोम बलि� कीी वेेदीी थीी, तम्बूू मेंं हीी दोो भााग थेे जि�न्हेंं पवि�त्र और परम पवि�त्र
स्थाान कहाा जााताा थाा, जि�न्हेे एक समृृद्ध और सुंं� दर पर्देे, याा आवरण सेे अलग कि�याा गयाा थाा; इसीी तरह
काा परदाा पहलेे भााग केे प्रवेेश द्वाार कोो बंं द करताा थाा।
पवि�त्र स्थाान मेंं दक्षि�ण कीी ओर दीीवट थाा, जि�सकेे साात दीीपक पवि�त्र स्थाान कोो दि�न और राात दोोनोंं�
मेंं प्रकााश देेतेे थेे; उत्तर कीी ओर भेंंट कीी रोोटीी कीी मेेज़ थीी; और पवि�त्र कोो परम पवि�त्र सेे अलग करनेे
वाालेे पर्देे केे सााम्हनेे धूूप कीी सोोनेे कीी वेेदीी थीी, जि�स सेे सुुगन्ध काा बाादल इस्रााएल कीी प्राार्थथनााओंं समेेत
प्रति� दि�न परमेेश्वर केे सााम्हनेे चढ़ताा थाा।
सबसेे पवि�त्र स्थाान मेंं सन्दूू क थाा, कीीमतीी लकड़ीी काा एक सन्दूू क जोो सोोनेे सेे मढ़ाा हुआ थाा, पत्थर
कीी दोो पटि�यााओंं काा भंं डाार थाा जि�न पर परमेेश्वर नेे दस आज्ञााओंं कीी व्यवस्थाा कोो अंंकि�त कि�याा थाा।
सन्दूू क केे ऊपर, और पवि�त्र संं दूू क केे लि�ए आवरण बनाानेे केे लि�ए, प्राायश्चि�ित्त काा ढकनाा थाा, काारीीगरीी
काा एक शाानदाार भााग, दोो करूबोंं� सेे घि�राा हुआ थाा, प्रत्येेक छोोर पर एक, और सब कुु छ चोोखेे सोोनेे सेे
बनाा थाा। इस भााग मेंं करूबोंं� केे बीीच महि�माा केे बाादल मेंं परमेेश्वर कीी उपस्थि�ति� प्रकट थीी।
कनाान मेंं इब्राानि�योंं� केे बसनेे केे बााद, तम्बूू काा स्थाान सुुलैैमाान केे मंं दि�र नेे लेे लि�याा थाा, जोो हाालांं�कि�,
एक स्थाायीी संं रचनाा थाा और बड़ेे पैैमाानेे पर, लेेकि�न उसीी अनुुपाात केे अनुुसाार, और इसीी तरह सेे
सुुसज्जि�ित कि�याा गयाा थाा। इस रूप मेंं पवि�त्रस्थाान अस्ति�त्व मेंं थाा—सि�वााय इसकेे कि� दाानि�य्येेल
केे समय मेंं यह खंं डहर होो गयाा थाा—जब तक कि� 70 ईस्वीी सन्् मेंं रोोमि�योंं� द्वााराा इसेे नष्ट नहींं� कर
दि�याा गयाा।
यह एकमाात्र पवि�त्र स्थाान हैै जोो कभीी पृृथ्वीी पर अस्ति�त्व मेंं थाा, जि�सकेे बाारेे मेंं बााइबल कोोई
जाानकाारीी देेतीी हैै। इसेे पौौलुुस द्वााराा पहलीी वााचाा काा पवि�त्र स्थाान घोोषि�त कि�याा गयाा थाा। लेेकि�न क्याा
नई वााचाा मेंं कोोई पवि�त्र स्थाान नहींं� हैै?
इब्राानि�योंं� कीी पुुस्तक मेंं फि�र सेे जाातेे हुए, सत्य केे जि�ज्ञाासुुओं ं नेे पाायाा कि� एक दूू सरेे, याा नई-वााचाा
केे पवि�त्रस्थाान काा अस्ति�त्व, पौौलुुस केे उन शब्दोंं� मेंं नि�हि�त थाा जि�न्हेंं पहलेे हीी उद्धृृत कि�याा जाा चुुकाा
हैै: «उस पहलीी वााचाा मेंं भीी सेेवाा केे नि�यम थेे, और ऐसाा पवि�त्रस्थाान थाा जोो इस जगत काा थाा।» और
«भीी» शब्द काा प्रयोोग सूूचि�त करताा हैै कि� पौौलुुस नेे पहलेे भीी इस पवि�त्र स्थाान काा उल्लेेख कि�याा हैै।
पि�छलेे अध्यााय कीी शुुरुआत कीी ओर मुुड़तेे हुए, उन्होंं�नेे पढ़ाा: «अब जोो बाातेंं हम कह रहेे हैंं उनमेंं सेे
पवित्र स्थान क् 289

सबसेे बड़ीी बाात यह हैै कि� हमााराा ऐसाा महाायााजक हैै, जोो स्वर्गग पर महाामहि�म केे सिं�हां ासन केे दााहि�नेे जाा
बैैठाा हैै, और पवि�त्रस्थाान और उस सच्चेे तम्बूू काा सेेवक हुआ जि�सेे कि�सीी मनुुष्य नेे नहींं�, वरन्् प्रभुु नेे
खड़ाा कि�याा हैै।» इब्राानि�योंं� 8:1,2।
यहांं� नई वााचाा काा पवि�त्र स्थाान प्रकट हुआ हैै। पहलीी वााचाा काा पवि�त्रस्थाान मनुुष्य केे द्वााराा खड़ाा
कि�याा गयाा थाा, जि�सेे मूूसाा नेे बनाायाा थाा; यह प्रभुु द्वााराा खड़ाा कि�याा गयाा हैै, मनुुष्य द्वााराा नहींं�। उस पवि�त्र
स्थाान मेंं सांं�साारि�क यााजकोंं� नेे अपनीी सेेवाा कीी; इसमेंं, मसीीह, हमााराा महाान महाायााजक, परमेेश्वर केे
दााहि�नेे बैैठाा सेेवकााई करताा हैै। एक पवि�त्र स्थाान पृृथ्वीी पर थाा, दूू सराा स्वर्गग मेंं हैै।
इसकेे अलाावाा, मूूसाा द्वााराा बनाायाा गयाा तम्बूू एक नमूूनेे केे अनुुसाार बनाायाा गयाा थाा। प्रभुु नेे उसेे
नि�र्देेशि�त कि�याा: «जोो कुु छ मैंं तुुझेे दि�खााताा हूँँ, अर्थाा�त्् नि�वाास–स्थाान और उसकेे सब साामाान काा नमूूनाा,
उसीी केे अनुुसाार तुुम लोोग उसेे बनाानाा।» और फि�र सेे आज्ञाा दीी गई, «और साावधाान रहकर इन सब
वस्तुुओं ं कोो उस नमूूनेे केे समाान बनवाानाा, जोो तुुझेे इस पर्ववत पर दि�खाायाा गयाा हैै।» नि�र्गगमन 25:9,40।
और पौौलुुस कहताा हैै कि� पहलाा मि�लााप वाालाा तम्बूू «वर्ततमाान समय केे लि�येे एक दृष्टाान्त हैै; जि�समेंं ऐसीी
भेंंट और बलि�दाान चढ़ााए जाातेे हैंं;» कि� उसकेे पवि�त्र स्थाान “स्वर्गग मेंं कीी वस्तुुओं ं केे प्रति�रूप” थेे; कि�
व्यवस्थाा केे अनुुसाार भेंंट चढ़ाानेे वाालेे यााजक «स्वर्गग मेंं कीी वस्तुुओं ं केे प्रति�रूप और प्रति�बि�म्ब कीी सेेवाा
करतेे हैंं,» और कि� «मसीीह नेे उस हााथ केे बनााए हुए पवि�त्रस्थाान मेंं, जोो सच्‍‍चेे पवि�त्रस्थाान काा नमूूनाा हैै,
प्रवेेश नहींं� कि�याा पर स्वर्गग हीी मेंं प्रवेेश कि�याा, तााकि� हमाारेे लि�येे अब परमेेश्वर केे साामनेे दि�खााई देे।»
इब्राानि�योंं� 9:9, 23; 8:5; 9:24।
स्वर्गग काा पवि�त्रस्थाान, जि�समेंं यीीशुु हमाारीी ओर सेे सेेवकााई करताा हैै, वहीी महाान मूूल हैै, जि�सकीी
प्रति� मूूसाा केे द्वााराा बनााई गई थीी। परमेेश्वर नेे अपनीी आत्माा कोो सांं�साारि�क पवि�त्रस्थाान केे नि�र्माा�तााओंं
पर रखाा। इसकेे नि�र्माा�ण मेंं प्रदर्शि�त कलाात्मक कौौशल ईश्वरीीय ज्ञाान काा प्रकटीीकरण थाा। हर दि�शाा मेंं
सोोनेे कीी दीीवट केे साात दीीपकोंं� काा प्रकााश प्रति�बिं�बि�त ं करतेे हुए, दीीवाारेंं सोोनेे कीी तरह लग रहीी थींं�। भेंंट
कीी रोोटीी कीी मेेज़ और धूूप कीी वेेदीी तपााए हुए सोोनेे केे समाान चमकतीी थींं�। नीीलेे और बैंंगनीी और लााल
रंंग मेंं स्वर्गगदूू तोंं� केे आकृृ ति�योंं� सेे अलंं कृृत, छत काा नि�र्माा�ण करनेे वाालेे भव्य परदेे नेे दृश्य कीी सुंं� दरताा
कोो बढ़ाायाा। और दूू सरेे परदेे केे पाार पवि�त्र शकीीनाा थाा, परमेेश्वर कीी महि�माा काा प्रत्यक्ष प्रगटीीकरण,
जि�सकेे आगेे महाायााजक कोो छोोड़ और कोोई प्रवेेश नहींं� कर सकताा थाा और जीीवि�त नहींं� रह सकताा थाा।
सांं�साारि�क मि�लााप वाालेे तम्बूू काा अतुुलनीीय वैैभव माानवीीय दृष्टि�ि पर उस स्वर्गीीय मंं दि�र कीी महि�माा कोो
प्रति�बि�म्बि�त करताा हैै जहाँँ� मसीीह, हमााराा अग्रवर्तीी, हमाारेे लि�ए परमेेश्वर केे सिं�हां ासन केे साामनेे सेेवकााई
करताा हैै। रााजााओंं केे रााजाा काा नि�वाास-स्थाान, जहांं� उसकेे सम्मुुख हज़ाारोंं� हज़ाार लोोग उसकीी सेेवाा टहल
करतेे हैंं, और लााखोंं� लााख लोोग उसकेे साामनेे हााज़ि�र रहतेे हैंं (दाानि�य्येेल 7:10); वह मंं दि�र, अनन्त सिं�हां ासन
कीी महि�माा सेे भराा हुआ, जहाँँ� साारााप, उसकेे चमकतेे अभि�भाावक, श्रद्धाा मेंं अपनेे चेेहरोंं� कोो ढँँकतेे हैंं, माानव
हााथोंं� द्वााराा खड़ेे कि�ए गए अब तक केे सबसेे शाानदाार ढांं�चेे मेंं, अपनीी वि�शाालताा और महि�माा काा सि�र्फफ एक
फीीकाा प्रति�बिं�बं देेख सकताा थाा। फि�र भीी स्वर्गीीय पवि�त्रस्थाान और मनुुष्य केे छुु टकाारेे केे लि�ए कि�ए गए महाान
काार्यय सेे संं बंंधि�त महत्वपूूर्णण सच्चााइयोंं� कोो पाार्थि�व पवि�त्रस्थाान और इसकीी वि�धि�योंं� केे द्वााराा सि�खाायाा गयाा थाा।
स्वर्गग मेंं पवि�त्र स्थाान केे पवि�त्र स्थाानोंं� कोो पृृथ्वीी पर पवि�त्र स्थाान केे दोो भाागोंं� द्वााराा दर्शाा�याा गयाा हैै।
जैैसेे दर्शशन मेंं प्रेेरि�त यूूहन्नाा कोो स्वर्गग मेंं परमेेश्वर केे मन्दि�र केे दर्शशन कीी अनुुमति� दीी गई थीी, उसनेे वहाँँ�
290 महाान वि�वााद

“सिं�हां ासन केे सााम्हनेे आग केे साात दीीपक जलतेे हुए” देेखेे। प्रकााशि�तवााक्य 4:5। उसनेे देेखाा «फि�र
एक और स्वर्गगदूू त सोोनेे काा धूूपदाान लि�येे हुए आयाा, और वेेदीी केे नि�कट खड़ाा हुआ; और उसकोो बहुत
धूूप दि�याा गयाा कि� सब पवि�त्र लोोगोंं� कीी प्राार्थथनााओंं केे सााथ सोोनेे कीी उस वेेदीी पर, जोो सिं�हां ासन केे साामनेे
हैै चढ़ााए।» प्रकााशि�तवााक्य 8:3। यहाँँ� भवि�ष्यद्वक्ताा कोो स्वर्गग मेंं पवि�त्र स्थाान केे पहलेे भााग कोो देेखनेे
कीी अनुुमति� दीी गई थीी; और उसनेे वहाँँ� «आग केे साात दीीपक» और «सोोनेे कीी वेेदीी» देेखीी, जोो पृृथ्वीी
पर पवि�त्रस्थाान मेंं सोोनेे कीी दीीवट और धूूप कीी वेेदीी द्वााराा दर्शाा�ई गई थीी। फि�र सेे, «परमेेश्वर काा मन्दि�र
खोोलाा गयाा» (प्रकााशि�तवााक्य 11:19), और उसनेे भीीतरीी परदेे केे भीीतर परम पवि�त्र स्थाान कोो देेखाा।
यहाँँ� उसनेे “उसकीी वााचाा काा सन्दूू क” देेखाा, जोो परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कोो समााहि�त करनेे केे लि�ए मूूसाा
द्वााराा नि�र्मि�त पवि�त्र संं दूू क द्वााराा दर्शाा�याा गयाा थाा।
इस प्रकाार जोो लोोग इस वि�षय काा अध्ययन कर रहेे थेे उन्हेंं स्वर्गग मेंं एक पवि�त्र स्थाान केे अस्ति�त्व
काा नि�र्वि�वााद प्रमााण मि�लाा। मूूसाा नेे पृृथ्वीी केे पवि�त्रस्थाान कोो उस नमूूनेे केे अनुुसाार बनाायाा जोो उसेे
दि�खाायाा गयाा थाा। पौौलुुस सि�खााताा हैै कि� वह नमूूनाा सच्चाा पवि�त्रस्थाान थाा जोो स्वर्गग मेंं हैै। और यूूहन्नाा
गवााहीी देेताा हैै कि� उसनेे इसेे स्वर्गग मेंं देेखाा थाा।
स्वर्गग केे मंं दि�र मेंं, परमेेश्वर काा नि�वाास स्थाान, उसकाा सिं�ंहाासन धाार्मि�कताा और न्यााय मेंं स्थाापि�त
हैै। सबसेे पवि�त्र स्थाान मेंं उनकीी व्यवस्थाा हैै, सत्य काा महाान नि�यम जि�सकेे द्वााराा सभीी माानव जााति�
काा परीीक्षण कि�याा जााताा हैै। वह सन्दूू क जोो व्यवस्थाा कीी पटि�यााओंं कोो प्रति�ष्ठाापि�त करताा हैै, प्रााय-
श्चि�ित केे ढकनेे सेे ढकाा हुआ हैै, जि�सकेे साामनेे मसीीह पाापि�योंं� कीी ओर सेे अपनेे लहू कोो तर्कक केे रूप
मेंं प्रस्तुुत करताा हैै। इस प्रकाार माानव छुु टकाारेे कीी योोजनाा मेंं न्यााय और दयाा केे संं योोजन कोो दर्शाा�याा
गयाा हैै। इस संं योोजन कोो अपरि�मि�त ज्ञाान हीी ईजााद कर सकताा थाा और अपाार साामर्थ्यय हीी पूूराा कर
सकतीी हैै; यह एक ऐसाा संं योोजन हैै जोो साारेे स्वर्गग कोो वि�स्मय और श्रद्धाा सेे भर देेताा हैै। पाार्थि�व पवि�-
त्रस्थाान केे करूब, प्राायश्चि�ित्त केे ढकनेे केे ऊपर श्रद्धाा सेे देेखतेे हुए, उस रुचि� कोो दर्शाा�तेे हैंं जि�सकेे
सााथ स्वर्गीीय सेेनाा छुु टकाारेे केे काार्यय पर वि�चाार करतीी हैै। यह प्राायश्चि�ित्त काा रहस्य हैै जि�समेंं स्वर्गग-
दूू त देेखनाा चााहतेे हैंं - कि� यद्यपि� परमेेश्वर पश्चाातााप करनेे वाालेे पाापीी कोो न्याायोोचि�त ठहरााताा हैै और
पति�त जााति� केे सााथ उसकेे मेेल कोो बहााल करताा हैै वह न्याायीी होो सकताा हैै; कि� मसीीह असंं ख्य भीीड़
कोो वि�नााश कीी खााई सेे उठाानेे केे लि�ए झुुक सकताा हैै और उन्हेंं अपनीी धाार्मि�कताा केे नि�ष्कलंं क वस्त्र
पहनाा सकताा हैै तााकि� वेे स्वर्गगदूू तोंं� केे सााथ मि�ल सकेंं जोो कभीी गि�रेे नहींं� और परमेेश्वर कीी उपस्थि�ति�
मेंं हमेेशाा केे लि�ए नि�वाास करेंं ।
मनुुष्य केे मध्यस्थ केे रूप मेंं मसीीह काा काार्यय उसकेे बाारेे मेंं जकर्याा�ह कीी उस सुंं� दर भवि�ष्यद्वााणीी
मेंं प्रस्तुुत कि�याा गयाा हैै «जि�सकाा नााम शााख हैै।» भवि�ष्यद्वक्ताा कहताा हैै: «वहीी यहोोवाा केे मन्दि�र कोो
बनााएगाा और महि�माा पााएगाा, और अपनेे सिं�हां ासन पर वि�रााजमाान होोकर प्रभुुताा करेेगाा। उसकेे सिं�हां ासन
केे पाास एक यााजक भीी रहेेगाा, और दोोनोंं� केे बीीच मेेल कीी सम्मति� होोगीी।» जकर्याा�ह 6:12,13।
«वहीी यहोोवाा केे मन्दि�र कोो बनााएगाा।» अपनेे बलि�दाान और मध्यस्थताा केे द्वााराा मसीीह परमेे-
श्वर कीी कलीीसि�याा कीी नींं�व और उसकोो वि�कसि�त करनेे वाालाा दोोनोंं� हैै। प्रेेरि�त पौौलुुस नेे उसेे “कोोनेे काा
पत्थर; जि�स मेंं साारीी रचनाा एक सााथ मि�लकर प्रभुु मेंं एक पवि�त्र मन्दि�र बनतीी जाातीी हैै: जि�स मेंं तुुम भीी
आत्माा केे द्वााराा परमेेश्वर केे वाास-स्थाान केे लि�येे एक सााथ बनााए जाातेे होो। « इफि�सि�योंं� 2:20-22।
पवित्र स्थान क् 291

«वहीी महि�माा पााएगाा।» पति�त जााति� केे लि�ए छुु टकाारेे कीी महि�माा मसीीह कीी हैै। अनन्त कााल तक,
छुु ड़ााए हुए लोोगोंं� काा गीीत यह होोगाा: «वह हम सेे प्रेेम रखताा हैै, और उसनेे अपनेे लहू केे द्वााराा हमेंं पाापोंं�
सेे छुु ड़ाायाा हैै, ...उसीी कीी महि�माा और परााक्रम युुगाानुुयुगु रहेे।» प्रकााशि�तवााक्य 1:5,6।
वहीी «अपनेे सिं�हां ासन पर वि�रााजमाान होोकर प्रभुुताा करेेगाा। उसकेे सिं�हां ासन केे पाास एक यााजक
भीी रहेेगाा।» «उसकीी महि�माा केे सिं�हां ासन पर» अभीी नहींं�; महि�माा केे रााज्य काा अभीी तक प्रवेेश नहींं�
हुआ हैै। जब तक एक मध्यस्थ केे रूप मेंं उसकाा काार्यय समााप्त नहींं� होोगाा तब तक परमेेश्वर «उसेे उसकेे
पि�ताा दााऊद काा सिं�हां ासन नहींं� देेगाा,» एक ऐसाा रााज्य जि�सकाा «अंंत न होोगाा।» लूूकाा 1:32,33। एक
यााजक केे रूप मेंं, मसीीह अब पि�ताा केे सााथ उसकेे सिं�हां ासन पर वि�रााजमाान हैै। प्रकााशि�तवााक्य 3:21।
अनंं त, स्वयंं -अस्ति�त्व वाालेे केे सिं�हां ासन पर वह हैै जि�सनेे «हमाारेे दुखोंं� ु कोो सह लि�याा, और हमाारेे दुखोंं� ु
कोो उठाा लि�याा,» जोो «सब बाातोंं� मेंं हमाारीी नााई परखाा तोो गयाा, तौौभीी नि�ष्पााप नि�कलाा,» तााकि� «वह
उनकीी भीी सहाायताा कर सकेे जि�नकीी परीीक्षाा होोतीी हैै।» «यदि� कोोई पााप करेे, तोो पि�ताा केे पाास हमााराा
एक सहाायक हैै।» यशाायााह 53:4; इब्राानि�योंं� 4:15; 2:18; 1 यूूहन्नाा 2:1। उसकीी हि�माायत एक बेेधीी
हुई और टूू टीी हुई देेह कीी, एक बेेदााग जीीवन कीी हैै। घाायल हााथ, बेेधाा हुआ पंं जर, आहत पैैर, पति�त
मनुुष्य केे लि�ए यााचनाा करतेे हैंं, जि�सकाा उद्धाार इतनीी अपाार कीीमत पर खरीीदाा गयाा थाा।
«और दोोनोंं� केे बीीच मेेल कीी सम्मति� होोगीी।» पि�ताा काा प्रेेम, पुुत्र केे प्रेेम सेे कम नहींं�, खोोई हुई
जााति� केे लि�ए उद्धाार काा स्रोोत हैै। यीीशुु नेे जाानेे सेे पहलेे अपनेे शि�ष्योंं� सेे कहाा: «मैंं तुुम सेे यह नहींं�
कहताा, कि� मैंं तुुम्हाारेे लि�येे पि�ताा सेे वि�नतीी करूंंगाा, क्योंं�कि� पि�ताा तोो आप हीी तुुम सेे प्रेेम रखताा हैै।»
यूूहन्नाा 16:26,27। परमेेश्वर « मसीीह मेंं होोकर अपनेे सााथ संं साार काा मेेल-मि�लााप कर लि�याा।»
2 कुु रि�न्थि�योंं� 5:19। और स्वर्गग केे पवि�त्रस्थाान कीी सेेवाा मेंं, “उन दोोनोंं� केे बीीच मेेल कीी युुक्ति� होो।”
«क्योंं�कि� परमेेश्वर नेे जगत सेे ऐसाा प्रेेम रखाा कि� उसनेे अपनाा एकलौौताा पुुत्र देे दि�याा, तााकि� जोो कोोई
उस पर वि�श्‍‍वाास करेे वह नष्ट न होो, परन्तुु अनन्त जीीवन पााए।» यूूहन्नाा 3:16।
पवि�त्र स्थाान क्याा हैै? इस प्रश्न काा उत्तर पवि�त्र शाास्त्र मेंं स्पष्ट रूप सेे दि�याा गयाा हैै। शब्द «पवि�त्र
स्थाान», जैैसाा कि� बााइबल मेंं उपयोोग कि�याा गयाा हैै, सबसेे पहलेे, स्वर्गीीय वस्तुुओं ं केे नमूूनेे केे रूप मेंं
मूूसाा द्वााराा बनााए गए तम्बूू कोो संं दर्भि�त करताा हैै; और, दूू सराा, स्वर्गग मेंं «सच्चेे तम्बूू» कोो, जि�सकीी ओर
सांं�साारि�क पवि�त्रस्थाान संं केे त करताा थाा। मसीीह कीी मृृत्युु पर प्रतीीकाात्मक सेेवाा समााप्त होो गई। स्वर्गग
मेंं «सच्चाा तम्बूू» नई वााचाा काा पवि�त्र स्थाान हैै। और जैैसेे कि� दाानि�य्येेल 8:14 कीी भवि�ष्यवााणीी इस
व्यवस्थाा मेंं पूूरीी होोतीी हैै, जि�स पवि�त्रस्थाान काा यह उल्लेेख करतीी हैै वह नई वााचाा काा पवि�त्रस्थाान होोनाा
चााहि�ए। 2300 दि�नोंं� कीी समााप्ति� पर, 1844 मेंं, कई शतााब्दि�योंं� तक पृृथ्वीी पर कोोई पवि�त्रस्थाान
नहींं� थाा। इस प्रकाार भवि�ष्यद्वााणीी, “जब तक साँँ�झ और सवेेराा दोो हज़ाार तीीन सौौ बाार न होंं�, तब तक
वह होोताा रहेेगाा; तब पवि�त्रस्थाान शुुद्ध कि�याा जााएगाा,” नि�स्संंदेेह स्वर्गग मेंं पवि�त्रस्थाान कीी ओर इशााराा
करतीी हैै।
लेेकि�न सबसेे महत्वपूूर्णण सवााल काा जवााब मि�लनाा बााकीी हैै: पवि�त्रस्थाान काा शुुद्ध कि�याा जाानाा क्याा
हैै? पुुराानेे नि�यम केे पदोंं� मेंं कहाा गयाा हैै कि� सांं�साारि�क पवि�त्र स्थाान केे संं बंं ध मेंं ऐसीी सेेवाा थीी। लेेकि�न
क्याा स्वर्गग मेंं शुुद्ध होोनेे केे लि�ए कुु छ भीी होो सकताा हैै? इब्राानि�योंं� 9 मेंं पाार्थि�व और स्वर्गीीय दोोनोंं� पवि�-
त्रस्थाानोंं� कीी शुुद्धि� स्पष्ट रूप सेे सि�खााई गई हैै। «सब वस्तुुएँँ लहू केे द्वााराा शुुद्ध कीी जाातीी हैंं, और बि�नाा
292 महाान वि�वााद

लहू बहााए पाापोंं� कीी क्षमाा नहींं�। इसलि�येे अवश्य हैै कि� स्वर्गग मेंं कीी वस्तुुओं ं केे प्रति�रूप इन बलि�दाानोंं�
[पशुुओं ं केे लहू] केे द्वााराा शुुद्ध कि�ए जााएँँ, पर स्वर्गग मेंं कीी वस्तुुएँँ स्वयंं इन सेे उत्तम बलि�दाानोंं� केे द्वााराा
शुुद्ध कीी जाातींं� « (इब्राानि�योंं� 9:22,23), यहाँँ� तक कि� मसीीह केे बहुमूूल्य लहू केे द्वााराा।
शुुद्धि�, प्रतीीकाात्मक और वाास्तवि�क सेेवाा दोोनोंं� मेंं, लहू सेे पूूरीी कीी जाानीी चााहि�ए: पहलेे मेंं, पशुुओं ं केे
लहू सेे; बााद कीी मेंं, मसीीह केे लहू केे द्वााराा। पौौलुुस कहताा हैै, इस काारण सेे कि� यह शुुद्धि� लहू केे द्वााराा
कीी जाानीी चााहि�ए, और बि�नाा लहू बहााए पाापोंं� कीी क्षमाा नहींं�। क्षमाा, याा पााप कोो दूू र करनाा, वह काार्यय हैै
जि�सेे पूूराा कि�याा जाानाा हैै। लेेकि�न स्वर्गग मेंं याा पृृथ्वीी पर पवि�त्र स्थाान सेे जुुड़ाा पााप कैै सेे होो सकताा हैै? यह
प्रतीीकाात्मक सेेवाा केे संं दर्भभ मेंं सीीखाा जाा सकताा हैै; क्योंं�कि� जोो यााजक पृृथ्वीी पर काार्यय करतेे थेे, वेे स्वर्गग
मेंं कीी वस्तुुओं ं केे प्रति�रूप और प्रति�बि�म्ब कीी सेेवाा करतेे थेे। « इब्राानि�योंं� 8:5।
पाार्थि�व पवि�त्रस्थाान कीी सेेवाा मेंं दोो भााग शाामि�ल थेे; यााजक प्रति� दि�न पवि�त्र स्थाान मेंं सेेवाा टहल
कि�याा करतेे थेे, और महाायााजक पवि�त्रस्थाान कीी शुुद्धि� केे लि�ए वर्षष मेंं एक बाार परम पवि�त्र स्थाान मेंं प्रा�-
यश्चि�ित्त काा वि�शेेष कााम कि�याा करताा थाा। दि�न-ब-दि�न पश्चाातााप करनेे वाालाा पाापीी अपनीी भेंंट तम्बूू केे
द्वाार पर लााताा थाा और अपनाा हााथ बलि� केे पशुु केे सि�र पर रखकर, अपनेे पाापोंं� कोो स्वीीकाार करताा थाा,
इस प्रकाार उन्हेंं अपनेे सेे नि�र्दोोष बलि�दाान पर डााल देेताा थाा। इसकेे बााद पशुु कोो घाात कि�याा जााताा थाा।
«बि�नाा लहू बहााए,» प्रेेरि�त कहताा हैै, पाापोंं� कीी क्षमाा नहींं�। «शरीीर काा प्रााण लहू मेंं रहताा हैै।» लैैव्यव्यव-
स्थाा 17:11। परमेेश्वर कीी खंं डि�त व्यवस्थाा नेे उल्लंं घनकर्ताा� केे जीीवन कीी मांं�ग कीी। लहू, पाापीी केे ज़ब्त
जीीवन काा प्रतीीक, जि�सकाा अपरााध बलि� केे पशुु नेे उठाायाा थाा, यााजक द्वााराा पवि�त्र स्थाान मेंं लेे जाायाा
जााताा थाा और उस परदेे केे साामनेे छि�ड़काायाा जााताा थाा, जि�सकेे पीीछेे वह सन्दूू क थाा जि�समेंं व्यवस्थाा
थीी जि�सकाा पाापीी नेे उल्लंं घन कि�याा थाा। इस वि�धि� केे द्वााराा, पााप कोो लहू केे मााध्यम सेे पवि�त्र स्थाान मेंं
स्थाानाान्तरि�त कर दि�याा जााताा थाा। कुु छ माामलोंं� मेंं लहू कोो पवि�त्र स्थाान मेंं नहींं� लेे जाायाा जााताा थाा; परन्तुु
तब मांं�स यााजक कोो खाानाा होोताा थाा, जैैसाा कि� मूूसाा नेे हाारून केे पुुत्रोंं� कोो यह आज्ञाा दीी, «पाापबलि� जोो
परम पवि�त्र हैै और जि�सेे यहोोवाा नेे तुुम्हेंं इसलि�येे दि�याा हैै कि� तुुम मण्डलीी केे अधर्मम काा भाार अपनेे पर
उठााकर उनकेे लि�येे यहोोवाा केे साामनेे प्राायश्चि�ित्त करोो।» लैैव्यव्यवस्थाा 10:17। दोोनोंं� वि�धि�याँँ� समाान
रूप सेे पााप कोो प्राायश्चि�ित्त करनेे वाालेे सेे पवि�त्र स्थाान मेंं स्थाानाान्तरि�त करनेे काा प्रतीीक थींं�।
ऐसाा थाा यह कााम जोो सााल भर दि�न-ब-दि�न चलताा रहताा थाा। इस प्रकाार इस्रााएल केे पााप पवि�त्र-
स्थाान मेंं स्थाानांं�तरि�त कर दि�ए जाातेे थेे, और उन्हेंं हटाानेे केे लि�ए एक वि�शेेष काार्यय आवश्यक होो जााताा
थाा। परमेेश्वर नेे आज्ञाा दीी कि� प्रत्येेक पवि�त्र भााग केे लि�ए प्राायश्चि�ित कि�याा जााए। «वह इस्रााएलि�योंं�
कीी भाँँ�ति�-भाँँ�ति� कीी अशुुद्धताा, और अपरााधोंं�, और उनकेे सब पाापोंं� केे काारण पवि�त्रस्थाान केे लि�येे प्रा�-
यश्चि�ित करेे; और मि�लााप वाालाा तम्बूू जोो उनकेे संं ग उनकीी भाँँ�ति� भाँँ�ति� कीी अशुुद्धताा केे बीीच रहताा
हैै उसकेे लि�येे भीी वह वैैसाा हीी करेे।» वेेदीी केे लि�ए एक प्राायश्चि�ित भीी कि�याा जाानाा थाा, तााकि� वह “इस्रा�-
एलि�योंं� कीी भांं�ति�-भांं�ति� कीी अशुुद्धताा छुु ड़ााकर शुुद्ध और पवि�त्र करेे। « लैैव्यव्यवस्थाा 16:16, 19।
वर्षष मेंं एक बाार, प्राायश्चि�ित केे महाान दि�न पर, यााजक पवि�त्र स्थाान कीी शुुद्धि� केे लि�ए परम पवि�त्र
स्थाान मेंं प्रवेेश करताा थाा। वहांं� कि�ए गए काार्यय नेे सेेवाा केे वाार्षि�क दौौर कोो पूूराा कि�याा। प्राायश्चि�ित केे दि�न
बकरोंं� केे दोो बच्चेे मि�लााप वाालेे तंं बूू केे द्वाार पर लााए जाातेे थेे, और उन पर चि�ट्ठि�याँँ डा � ालीी जाातीी थीी, «एक
चि�ट्ठीी यहोोवाा केे लि�येे, और दूू सरीी अजााजेेल केे लि�येे।» पद 8। जि�स बकरेे पर यहोोवाा केे नााम कीी चि�ट्ठीी
पवित्र स्थान क् 293

नि�कलतीी थीी, उसेे लोोगोंं� केे लि�ए पाापबलि� केे रूप मेंं घाात कि�याा जाानाा थाा। और यााजक कोो उसकाा लहू
बीीच वाालेे परदेे केे भीीतर लेे जााकर प्राायश्चि�ित्त केे ढकनेे केे ऊपर और प्राायश्चि�ित्त केे ढकनेे केे सााम्हनेे
छि�ड़कनाा होोताा थाा। लहू कोो धूूप कीी वेेदीी पर भीी छि�ड़कनाा होोताा थाा जोो बीीच वाालेे परदेे केे सााम्हनेे थीी।
«और हाारून अपनेे दोोनोंं� हााथोंं� कोो जीीवि�त बकरेे पर रखकर इस्रााएलि�योंं� केे सब अधर्मम केे काामोंं�,
और उनकेे सब अपरााधोंं�, अर्थाा�त्् उनकेे साारेे पाापोंं� कोो अंंगीीकाार करेे, और उनकोो बकरेे केे सि�र पर
धरकर उसकोो कि�सीी मनुुष्य केे हााथ जोो इस कााम केे लि�येे तैैयाार होो जंं गल मेंं भेेजकर छुु ड़वाा देे। वह
बकराा उनकेे सब अधर्मम केे काामोंं� कोो अपनेे ऊपर लाादेे हुए कि�सीी नि�र्जजन स्थाान मेंं उठाा लेे जााएगाा;
इसलि�येे वह मनुुष्य उस बकरेे कोो जंं गल मेंं छोोड़ देे।» पद 21,22। अजााजेेल काा बकराा फि�र इस्रााएल
कीी छाावनीी मेंं न नहींं� आताा थाा, और जोो पुुरूष उसकोो लेे जााताा थाा, उसकोो छाावनीी मेंं लौौटनेे सेे पहि�लेे
अपनेे आप कोो और अपनेे कपड़ोंं� कोो पाानीी सेे धोोनाा होोताा थाा।
संं पूर्णण
ू वि�धि� कोो परमेेश्वर कीी पवि�त्रताा और पााप केे प्रति� उसकीी घृृणाा सेे इस्रााएलि�योंं� कोो प्रभाावि�त करनेे
केे लि�ए तैैयाार कि�याा गयाा थाा; और, आगेे, उन्हेंं यह दि�खाानेे केे लि�ए कि� वेे पााप केे संं पर्कक मेंं आकर भ्रष्ट हुए
बि�नाा नहींं� रह सकतेे थेे। जब प्राायश्चि�ित काा यह काार्यय आगेे बढ़ रहाा थाा तब प्रत्येेक मनुुष्य कोो अपनीी आत्माा
कोो दु:ु ख देेनाा आवश्यक थाा। सभीी काार्योंं कोो एक तरफ रखाा जाानाा थाा, और इस्रााएल कीी पूूरीी मण्डलीी कोो
प्राार्थथनाा, उपवाास और हृदय कोो गहरााई सेे जांं�चनेे मेंं परमेेश्वर केे साामनेे अत्यंं त दीीन होोकर दि�न बि�ताानाा थाा।
प्राायश्चि�ित सेे संं बंं धि�त महत्वपूूर्णण सत्य प्रतीीकाात्मक सेेवाा द्वााराा सि�खााए जाातेे हैंं। पाापीी केे स्थाान पर
एक वि�कल्प स्वीीकाार कि�याा जााताा थाा; लेेकि�न पीीड़ि�त केे लहू सेे पााप बलि� केे पशुु द्वााराा रद्द नहींं� होोताा थाा।
इस प्रकाार एक सााधन प्रदाान कि�याा गयाा जि�सकेे द्वााराा इसेे पवि�त्रस्थाान मेंं स्थाानांं�तरि�त कि�याा जााताा थाा।
लहू केे बलि�दाान केे द्वााराा पाापीी नेे व्यवस्थाा केे अधि�काार कोो स्वीीकाार करताा थाा, उल्लंं घन मेंं अपनेे पााप
काा अंंगीीकाार करताा थाा, और आनेे वाालेे उद्धाारक मेंं वि�श्वाास केे द्वााराा क्षमाा कीी इच्छाा व्यक्त करताा थाा;
लेेकि�न वह अभीी पूूरीी तरह सेे व्यवस्थाा केे दंंड सेे मुुक्त नहींं� होोताा थाा। प्राायश्चि�ित केे दि�न, महाायााजक,
मण्डलीी सेे एक बलि� कीी भेंंट लेेकर, इस बलि� कीी भेंंट केे लहू केे सााथ परम पवि�त्र स्थाान मेंं जााताा थाा,
ओर ठीीक व्यवस्थाा केे ऊपर उसकेे दाावोंं� कीी संं तुुष्टि�ि केे लि�ए प्राायश्चि�ित केे ढकनेे केे ऊपर छि�ड़कताा थाा।
फि�र, मध्यस्थ केे अपनेे चरि�त्र मेंं, उसनेे पाापोंं� कोो अपनेे ऊपर लेे लि�याा और उन्हेंं पवि�त्र स्थाान सेे उठाा
लेे जााताा थाा। अपनेे हााथोंं� कोो बलि� केे बकरेे केे सि�र पर रखकर, वह उन साारेे पाापोंं� कोो अंंगीीकाार करताा
थाा, और इस प्रकाार उन्हेंं खुुद सेे बकरेे मेंं स्थाानांं�तरि�त करताा थाा। तब बकराा उन्हेंं दूू र लेे जााताा थाा, और
उन्हेंं हमेेशाा केे लि�ए लोोगोंं� सेे दूू र कर दि�याा गयाा माान लि�याा जााताा थाा।
ऐसीी थीी वह सेेवाा जोो «स्वर्गग मेंं कीी वस्तुुओं ं केे प्रति�रूप और प्रति�बि�म्ब» मेंं कीी जाातीी थीी। और जोो
सांं�साारि�क पवि�त्रस्थाान केे काार्यय मेंं प्रतीीक केे रूप मेंं कि�याा गयाा थाा वह स्वर्गीीय पवि�त्रस्थाान कीी सेेवाा मेंं
वाास्तव मेंं कि�याा गयाा हैै। अपनेे स्वर्गाा�रोोहण केे बााद हमाारेे उद्धाारकर्ताा� नेे हमाारेे महाायााजक केे रूप मेंं
अपनाा कााम शुुरू कि�याा। पौौलुुस कहताा हैै: «क्योंं�कि� मसीीह नेे उस हााथ केे बनााए हुए पवि�त्रस्थाान मेंं,
जोो सच्‍‍चेे पवि�त्रस्थाान काा नमूूनाा हैै, प्रवेेश नहींं� कि�याा पर स्वर्गग हीी मेंं प्रवेेश कि�याा, तााकि� हमाारेे लि�येे अब
परमेेश्वर केे साामनेे दि�खााई देे।» इब्राानि�योंं� 9:24।
द्वाार काा रूप ग्रहण करनेे वाालेे और पवि�त्र स्थाान कोो बााहरीी प्रांं�गण सेे अलग करनेे वाालेे «परदेे केे
भीीतर» पवि�त्र स्थाान केे पहलेे भााग मेंं वर्षष भर यााजक कीी सेेवाा, मध्यस्थताा केे काार्यय काा प्रतीीक हैै जोो
294 महाान वि�वााद

मसीीह नेे अपनेे स्वर्गाा�रोोहण केे समय शुुरू कि�याा। नि�त्य सेेवाा मेंं यााजक काा काार्यय थाा कि� वह पाापबलि� काा
लहू और धूूप, जोो इस्रााएल कीी प्राार्थथनााओंं केे सााथ ऊपर उठतीी थीी, परमेेश्वर केे सााम्हनेे चढ़ााए। इसीी
तरह सेे मसीीह नेे पाापि�योंं� केे लि�ए पि�ताा केे साामनेे अपनेे लहू कोो तर्कक केे रूप मेंं पेेश कि�याा, और अपनीी
धाार्मि�कताा कीी बहुमूूल्य सुुगंंध केे सााथ, उसकेे साामनेे पश्चाातााप करनेे वाालेे वि�श्वाासि�योंं� कीी प्राार्थथनााओंं
कोो भीी प्रस्तुुत कि�याा। स्वर्गग मेंं पवि�त्र स्थाान केे पहलेे भााग मेंं सेेवाा काा काार्यय ऐसाा थाा।
जब वह उन केे देेखते–े देेखतेे ऊपर उठाा लि�याा गयाा, वहाँँ� मसीीह केे शि�ष्योंं� काा वि�श्वाास उसकेे सााथ
रहाा। यहाँँ� उनकीी आशााएँँ केे न्द्रि�त थींं�, पौौलुुस नेे कहाा «वह आशाा हमाारेे प्रााण केे लि�येे ऐसाा लंं गर हैै जोो
स्थि�र और दृढ़ हैै, और परदेे केे भीीतर तक पहुँँचताा हैै; जहाँँ� यीीशुु नेे सदाा कााल काा महाायााजक बनकर,
हमाारेे लि�येे अगुुआ केे रूप मेंं प्रवेेश कि�याा हैै।» «और बकरोंं� और बछड़ोंं� केे लहू केे द्वााराा नहींं� पर अपनेे
हीी लहू केे द्वााराा, एक हीी बाार पवि�त्रस्थाान मेंं प्रवेेश कि�याा और अनन्त छुु टकााराा प्रााप्त कि�याा।» इब्राानि�योंं�
6:19, 20; 9:12।
अठाारह शतााब्दि�योंं� केे लि�ए सेेवाा काा यह काार्यय पवि�त्रस्थाान केे पहलेे भााग मेंं जाारीी रहाा। पश्चाातााप
करनेे वाालेे वि�श्वाासि�योंं� कीी ओर सेे तर्कक केे रूप मेंं प्रस्तुुत कि�ए गए मसीीह केे लहू नेे पि�ताा केे सााथ उनकेे
लि�ए क्षमाा और स्वीीकृृ ति� प्रााप्त कीी, फि�र भीी उनकेे पााप लेेखेे जोोखेे कीी कि�तााबोंं� मेंं बनेे रहेे। जैैसेे प्रती�-
काात्मक सेेवाा मेंं वर्षष केे अंंत मेंं प्राायश्चि�ित काा काार्यय होोताा थाा, वैैसेे हीी मनुुष्योंं� केे छुु टकाारेे केे लि�ए मसीीह
काा काार्यय पूूराा होोनेे सेे पहलेे पवि�त्र स्थाान सेे पााप कोो हटाानेे केे लि�ए प्राायश्चि�ित काा काार्यय होोताा हैै। यह वह
सेेवाा हैै जोो 2300 दि�न समााप्त होोनेे पर शुुरू हुई थीी। उस समय, जैैसाा कि� भवि�ष्यद्वक्ताा दाानि�य्येेल नेे
भवि�ष्यद्वााणीी कीी थीी, हमाारेे महाायााजक नेे अपनेे पवि�त्र काार्यय केे अंंति�म भााग कोो पूूराा करनेे केे लि�ए परम
पवि�त्र स्थाान मेंं प्रवेेश कि�याा—पवि�त्र स्थाान कोो शुुद्ध करनेे केे लि�ए।
जैैसेे प्रााचीीन कााल मेंं लोोगोंं� केे पााप वि�श्वाास केे द्वााराा पाापबलि� पर रखेे जाातेे थेे और उसकेे लहू
केे द्वााराा, प्रतीीकाात्मक रूप मेंं, पृृथ्वीी केे पवि�त्रस्थाान मेंं स्थाानाान्तरि�त कि�ए जाातेे थेे, वैैसेे हीी नई वााचाा मेंं
पश्चाातााप करनेे वाालोंं� केे पााप वि�श्वाास केे द्वााराा मसीीह पर रखेे जाातेे हैंं और वेे वाास्तव मेंं स्वर्गीीय पवि�त्र
स्थाान पर स्थाानांं�तरि�त होो जाातेे हैंं। और जि�स प्रकाार सांं�साारि�क कीी प्रतीीकाात्मक शुुद्धि� उन पाापोंं� कोो हटाानेे
केे द्वााराा पूूरीी कीी गई थीी जि�नकेे द्वााराा यह दूू षि�त होो गयाा थाा, उसीी तरह स्वर्गीीय कीी वाास्तवि�क शुुद्धि� कोो
उन पाापोंं� कोो हटाानेे, याा मि�टाानेे केे द्वााराा पूूराा कि�याा जाानाा हैै, जोो वहाँँ� अभि�लि�खि�त हैंं। लेेकि�न इससेे
पहलेे कि� इसेे पूूराा कि�याा जाा सकेे , यह नि�र्धाा�रि�त करनेे केे लि�ए कि� कौौन पााप केे पश्चाातााप और मसीीह
मेंं वि�श्वाास केे मााध्यम सेे उसकेे प्राायश्चि�ित केे लााभोंं� केे हकदाार हैंं लेेखेे जोोखेे कीी कि�तााबोंं� कीी जांं�च
होोनीी चााहि�ए। इसलि�ए पवि�त्र स्थाान कीी शुुद्धि� मेंं जाँँ�च-पड़तााल काा काार्यय शाामि�ल हैै - नि�र्णणय काा काार्यय।
अपनेे लोोगोंं� कोो छुु ड़ाानेे केे लि�ए मसीीह केे आनेे सेे पहलेे यह काार्यय अवश्य कि�याा जाानाा चााहि�ए; क्योंं�कि�
जब वह आएगाा, तोो उसकाा प्रति�फल उसकेे पाास हैै, कि� वह हर एक कोो उसकेे काामोंं� केे अनुुसाार देे।
प्रकााशि�तवााक्य 22:12।
इस प्रकाार जि�न्होंं�नेे भवि�ष्यसूूचक वचन केे प्रकााश मेंं समझाा उन्होंं�नेे देेखाा कि�, 1844 मेंं 2300
दि�नोंं� कीी समााप्ति� पर पृृथ्वीी पर आनेे केे बजााय, मसीीह नेे उस समय अपनेे आगमन कीी तैैयाारीी केे रूप
मेंं प्राायश्चि�ित केे समाापन काार्यय कोो पूूराा करनेे केे लि�ए स्वर्गीीय पवि�त्र स्थाान केे सबसेे पवि�त्र स्थाान मेंं
प्रवेेश कि�याा।
पवित्र स्थान क् 295

यह भीी देेखाा गयाा कि� जबकि� पाापबलि� नेे मसीीह कोो एक बलि�दाान केे रूप मेंं इंं गि�त कि�याा, और
महाायााजक नेे मसीीह कोो एक मध्यस्थ केे रूप मेंं प्रस्तुुत कि�याा, बलि� काा बकराा पााप केे प्रवर्ततक, शैैताान
काा प्रतीीक थाा, जि�स पर अंंततःः वाास्तव मेंं पश्चाातााप करनेे वाालेे केे पााप रखेे जााएंं गेे। जब महाायााजक नेे
पाापबलि� केे लहू केे द्वााराा पवि�त्रस्थाान पर सेे पाापोंं� कोो दूू र कि�याा, तब उसनेे उन्हेंं अजााजेेल केे ऊपर रखाा।
जब मसीीह, अपनेे स्वयंं केे लहू केे आधाार पर, अपनेे लोोगोंं� केे पाापोंं� कोो अपनीी सेेवाा केे अंंत मेंं स्वर्गीीय
पवि�त्रस्थाान सेे हटाा देेताा हैै, तोो वह उन्हेंं शैैताान पर डााल देेगाा, जोो न्यााय केे नि�ष्पाादन मेंं, अंंति�म दंंड कोो
सहन करेेगाा। अजााजेेल कोो नि�र्जजन देेश मेंं भेेज दि�याा जााताा थाा, कि� वह इस्रााएल कीी मण्डलीी मेंं फि�र
कभीी न आए। इस प्रकाार शैैताान कोो हमेेशाा केे लि�ए परमेेश्वर और उसकेे लोोगोंं� केे सम्मुुख सेे नि�र्वाा�सि�त
कर दि�याा जााएगाा, और पााप और पाापि�योंं� केे अंंति�म वि�नााश मेंं उसेे अस्ति�त्व सेे मि�टाा दि�याा जााएगाा।
24

परम पवि�त्र स्थाान मेंं

प वि�त्र स्थाान काा वि�षय वह कुंं�जीी थीी जि�सनेे 1844 कीी नि�रााशाा केे रहस्य कोो खोोलाा। इसनेे सत्य कीी
एक पूूरीी प्रणाालीी कोो प्रस्तुुत कि�याा, जुुड़ाा हुआ और साामंं जस्यपूूर्णण, और यह दर्शाा�याा कि� परमेेश्वर
नेे महाान आगमन आंंदोोलन कोो नि�र्देेशि�त कि�याा थाा, और उसकेे लोोगोंं� कीी स्थि�ति� और काार्यय कोो उजाागर
कर इसनेे वर्ततमाान कर्ततव्य कोो प्रकट कि�याा। जैैसेे यीीशुु केे शि�ष्य अपनीी पीीड़ाा और नि�रााशाा कीी भयाानक
राात केे बााद «प्रभुु कोो देेखकर आनन्दि�त हुए,» वैैसेे हीी अब वेे भीी आनन्दि�त हुए जि�न्होंं�नेे वि�श्वाास केे
सााथ उसकेे दूू सरेे आगमन कीी आशाा कीी थीी। उन्होंं�नेे उम्मीीद कीी थीी कि� वह अपनेे सेेवकोंं� कोो पुुरस्काार
देेनेे केे लि�ए महि�माा मेंं प्रकट होोगाा। अपनीी आशााओंं पर पाानीी फि�र जाानेे पर, वेे यीीशुु कोो भूूल गए थेे,
और मरि�यम केे सााथ कब्र पर वेे पुुकाार उठेे : «वेे मेेरेे प्रभुु कोो उठाा लेे गए, और मैंं नहींं� जाानतीी कि� उसेे
कहांं� रखाा हैै।» अब परम पवि�त्र स्थाान मेंं उन्होंं�नेे फि�र सेे उसेे देेखाा, अपनेे दयाालुु महाायााजक कोो, जोो
शीीघ्र हीी उनकेे रााजाा और उद्धाारकर्ताा� केे रूप मेंं प्रकट होोनेे वाालाा थाा। पवि�त्र स्थाान सेे प्रकााश अतीीत,
वर्ततमाान और भवि�ष्य कोो प्रकााशि�त करताा हैै। वेे जाानतेे थेे कि� परमेेश्वर नेे अपनीी अचूूक समझदाारीी सेे
उनकीी अगुुवााई कीी थीी। हाालाँँ�कि�, पहलेे शि�ष्योंं� कीी तरह, वेे स्वयंं उस संं देेश कोो समझनेे मेंं वि�फल रहेे
थेे जोो उन्होंं�नेे दि�याा, फि�र भीी वह हर तरह सेे सहीी थाा। इसकाा प्रचाार करकेे उन्होंं�नेे परमेेश्वर काा उद्देेश्य
पूूराा कि�याा थाा, और उनकाा परि�श्रम प्रभुु मेंं व्यर्थथ नहींं� गयाा थाा। “एक जीीवि�त आशाा केे लि�ए» फि�र सेे
जन्मेे, वेे “अवर्णणनीीय और महि�माा सेे भरेे हुए आनंं द केे सााथ” आनन्दि�त हुए।
दाानि�य्येेल 8:14 कीी भवि�ष्यद्वााणीी, “जब तक साँँ�झ और सवेेराा दोो हज़ाार तीीन सौौ बाार न होंं�, तब तक
वह होोताा रहेेगाा; तब पवि�त्रस्थाान शुुद्ध कि�याा जााएगाा,” और पहलेे स्वर्गगदूू त काा संं देेश, “परमेेश्वर सेे डरोो,
और उसकीी महि�माा करोो; क्योंं�कि� उसकेे न्यााय करनेे काा समय आ पहुँँचाा हैै, « दोोनोंं� परम पवि�त्र स्थाान
मेंं मसीीह कीी सेेवकााई कीी ओर, जांं�च केे न्यााय कीी ओर, न कि� अपनेे लोोगोंं� केे छुु टकाारेे और दुष्ु टोंं� केे
वि�नााश केे लि�ए मसीीह केे आनेे कीी ओर इशााराा करतीी हैंं। गलतीी भवि�ष्यद्वााणि�योंं� कीी अवधि� केे अनुुमाान
मेंं नहींं� थीी, बल्कि� 2300 दि�नोंं� केे अंंत मेंं होोनेे वाालीी घटनाा मेंं हुई थीी। इस भ्रम केे मााध्यम सेे वि�श्वाासि�योंं�
कोो नि�रााशाा काा साामनाा करनाा पड़ाा थाा, फि�र भीी वह सब जोो भवि�ष्यद्वााणीी द्वााराा पहलेे सेे बताायाा गयाा थाा,
परम पवित्र स्था 297

और वह सब जोो पवि�त्र शाास्त्र केे साादृश्य अपेेक्षि�त थाा, पूूराा होो चुुकाा थाा। ठीीक उसीी समय जब वेे अपनीी
आशााओंं कीी वि�फलताा पर वि�लााप कर रहेे थेे, वह घटनाा घटीी थीी जि�सकीी संं देेश द्वााराा भवि�ष्यद्वााणीी कीी
गई थीी, और जि�सेे प्रभुु केे अपनेे सेेवकोंं� कोो इनााम देेनेे केे लि�ए प्रकट होोनेे सेे पहलेे पूूराा होोनाा चााहि�ए।
मसीीह पृृथ्वीी पर उस तरह सेे नहींं� आयाा, जैैसेे उन्होंं�नेे उम्मीीद कीी थीी, बल्कि�, स्वर्गग मेंं परमेेश्वर केे
मंं दि�र केे सबसेे पवि�त्र स्थाान पर उस तरह सेे आयाा जैैसेे प्रतीीक मेंं दि�खाायाा गयाा थाा। वह भवि�ष्यद्वक्ताा
दाानि�य्येेल द्वााराा इस समय अति� प्रााचीीन केे पाास आनेे केे रूप मेंं दर्शाा�याा गयाा हैै: «मैंं नेे राात मेंं स्वप्न मेंं
देेखाा, और देेखोो, मनुुष्य केे सन्ताान–साा कोोई आकााश केे बाादलोंं� समेेत आ रहाा थाा, और वह उस अति�
प्रााचीीन केे पाास पहुँँचाा, और उसकोो वेे उसकेे समीीप लााए।» दाानि�य्येेल 7:13।
आगमन कीी भवि�ष्यद्वााणीी भवि�ष्यद्वक्ताा मलााकीी द्वााराा भीी कीी गई हैै: “प्रभुु, जि�सेे तुुम ढूँँ� ढ़तेे होो, वह
अचाानक अपनेे मन्दि�र मेंं आ जााएगाा; हाँँ�, वााचाा काा वह दूू त, जि�सेे तुुम चााहतेे होो, सुुनोो, वह आताा हैै,
सेेनााओंं केे यहोोवाा काा यहीी वचन हैै। « मलााकीी 3:1। अपनेे मंं दि�र मेंं प्रभुु काा आनाा उसकेे लोोगोंं� केे लि�ए
अचाानक, अप्रत्यााशि�त थाा। वेे उसेे वहांं� नहींं� ढूंं�ढ़ रहेे थेे। उन्हेंं उम्मीीद थीी कि� वह पृृथ्वीी पर «धधकतीी हुई
आग मेंं स्वर्गग सेे प्रगट होोगाा, और जोो परमेेश्वर कोो नहींं� पहचाानतेे और हमाारेे प्रभुु यीीशुु केे सुुसमााचाार
कोो नहींं� माानतेे उनसेे पलटाा लेेगाा।» 2 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 1:8।
लेेकि�न लोोग अभीी तक अपनेे प्रभुु सेे मि�लनेे केे लि�ए तैैयाार नहींं� थेे। उनकेे लि�ए अभीी भीी तैैयाारीी काा
एक कााम पूूराा करनाा बााकीी थाा। उनकेे मन कोो स्वर्गग मेंं परमेेश्वर केे मंं दि�र कीी ओर नि�र्देेशि�त करतेे हुए,
प्रकााश दि�याा जाानाा थाा, और जैैसेे- जैैसेे उन्हेंं वि�श्वाास केे द्वााराा अपनेे महाायााजक कीी सेेवकााई मेंं सााथ
देंंगेे, नए कर्ततव्य प्रकट होंं�गेे। चेेताावनीी और नि�र्देेश काा एक और संं देेश कलीीसि�याा कोो दि�याा जाानाा थाा।
भवि�ष्यद्वक्ताा कहताा हैै: «परन्तुु उसकेे आनेे केे दि�न कोो कौौन सह सकेे गाा, और जब वह दि�खााई देे ,
तब कौौन खड़ाा रह सकेे गाा? क्योंं�कि� वह सोोनाार कीी आग और धोोबीी केे सााबुुन केे समाान हैै। वह रूपेे
(चाँँ�दीी) काा ताानेेवाालाा और शुुद्ध करनेेवाालाा बनेेगाा, और लेेवि�योंं� कोो शुुद्ध करेेगाा और उनकोो सोोनेे और
चाँँ�दीी केे समाान नि�र्ममल करेेगाा, तब वेे यहोोवाा कीी भेंंट धर्मम सेे चढ़ााएँँगेे।» मलााकीी 3:2,3। स्वर्गग मेंं पवि�त्र
स्थाान मेंं मसीीह कीी मध्यस्थताा समााप्त होोनेे पर पृृथ्वीी पर रह रहेे लोोगोंं� कोो परमेेश्वर केे साामनेे बि�नाा
कि�सीी मध्यस्थ केे खड़ाा होोनाा हैै। उनकेे वस्त्र बेेदााग होोनेे चााहि�ए, उनकाा चरि�त्र लहू केे छि�ड़कााव द्वााराा
पााप सेे शुुद्ध होोनाा चााहि�ए। परमेेश्वर केे अनुुग्रह और अपनेे स्वयंं केे परि�श्रम केे मााध्यम सेे उन्हेंं बुुरााई केे
सााथ युुद्ध मेंं वि�जयीी होोनाा चााहि�ए। जबकि� जांं�च काा न्यााय स्वर्गग मेंं आगेे बढ़ रहाा हैै, जबकि� पश्चाातााप
करनेे वाालेे वि�श्वाासि�योंं� केे पाापोंं� कोो पवि�त्र स्थाान सेे हटाायाा जाा रहाा हैै, पृृथ्वीी पर परमेेश्वर केे लोोगोंं�
केे बीीच शुुद्धि�करण, पााप कोो दूू र करनेे काा एक वि�शेेष काार्यय होोनाा हैै। यह काार्यय प्रकााशि�तवााक्य 14 केे
संं देेशोंं� मेंं अधि�क स्पष्ट रूप सेे प्रस्तुुत कि�याा गयाा हैै।
जब यह काार्यय पूूराा होो जााएगाा, तोो मसीीह केे अनुुयाायीी उसकेे प्रकट होोनेे केे लि�ए तैैयाार होंं�गेे। «तब
यहूदाा और यरूशलेेम कीी भेंंट यहोोवाा कोो ऐसीी भााएगीी, जैैसीी पहलेे केे दि�नोंं� मेंं और प्रााचीीन कााल मेंं
भाातीी थीी।» मलााकीी 3:4। फि�र वह कलीीसि�याा जि�सेे हमाारेे प्रभुु अपनेे आगमन पर स्वयंं स्वीीकाार करनेे
वाालाा हैै, «एक ऐसीी तेेजस्वीी कलीीसि�याा होोगीी, जि�समेंं न कलंं क, न झुर्रीु ी, न कोोई और ऐसीी कोोई वस्तुु
होोगीी।» इफि�सि�योंं� 5:27। तब वह ऐसीी दि�खााई पड़ेेगीी «जि�सकीी शोोभाा भोोर केे तुुल्य हैै, जोो सुुन्दरताा मेंं
चंं द्रमाा,और नि�र्ममलताा मेंं सूूर्यय, और पतााकाा फहराातीी हुई सेेनाा केे तुुल्य हैै।» श्रेेष् ठगीीत 6:10।
298 महाान वि�वााद

प्रभुु केे अपनेे मंं दि�र मेंं आनेे केे अलाावाा, मलााकीी उसकेे दूू सरेे आगमन, न्यााय केे नि�ष्पाादन केे लि�ए
उसकेे आनेे कीी भीी इन शब्दोंं� मेंं भवि�ष्यद्वााणीी करताा हैै: “तब मैंं न्यााय करनेे कोो तुुम्हाारेे नि�कट आऊँँगाा; और
टोोन्होंं�, और व्यभि�चाारि�योंं�, और झूठीू ी कि�रि�याा खाानेेवाालोंं� केे वि�रुद्ध, और जोो मज़दूू र कीी मज़दूू रीी कोो दबाातेे,
और वि�धवाा और अनााथोंं� पर अन्धेेर करतेे, और परदेेशीी काा न्यााय बि�गााड़तेे, और मेेराा भय नहींं� माानतेे, उन
सभोंं� केे वि�रुद्ध मैंं तुुरन्त सााक्षीी दूँँ� गाा, सेेनााओंं केे यहोोवाा काा यहीी वचन हैै। « मलााकीी 3:5। यहूदाा उसीी दृश्य
काा उल्लेेख करताा हैै जब वह कहताा हैै, «देेखोो, प्रभुु अपनेे लााखोंं� पवि�त्रोंं� केे सााथ आयाा कि� सबकाा न्यााय
करेे, और सब भक्‍ति�ि�हीीनोंं� कोो उनकेे अभक्‍ति�ि� केे सब काामोंं� केे वि�षय मेंं दोोषीी ठहरााए।” यहूदाा 14,15।
यह आगमन, और प्रभुु काा अपनेे मंं दि�र मेंं आनाा, अलग और अलग घटनााएँँ हैंं।
पवि�त्र स्थाान कीी शुुद्धि� केे लि�ए परम पवि�त्र स्थाान पर हमाारेे महाायााजक केे रूप मेंं मसीीह काा
आगमन, दाानि�य्येेल 8:14 मेंं देेखाा गयाा; मनुुष्य केे पुुत्र काा अति� प्रााचीीन केे पाास आनाा, जैैसाा दाानि�य्येेल
7:13 मेंं प्रस्तुुत कि�याा गयाा हैै; और मलााकीी द्वााराा भवि�ष्यद्वााणीी केे अनुुसाार प्रभुु काा अपनेे मंं दि�र मेंं
आनाा, उसीी घटनाा काा वर्णणन हैै; और यह शाादीी मेंं दूू ल्हेे केे आनेे सेे भीी दर्शाा�याा गयाा हैै, जि�सकाा वर्णणन
मसीीह नेे मत्तीी 25 कीी दस कुँँ� वाारि�योंं� केे दृष्टांं�त मेंं कि�याा हैै।
1844 कीी गर्मि�योंं� और शरद ऋतुु मेंं उद्घो् ोषणाा, «देेखोो, दूू ल्हाा आ रहाा हैै,» कीी गई। बुुद्धि�माान
और मूूर्खख कुँँ� वाारि�योंं� द्वााराा प्रस्तुुत दोो वर्गग तब वि�कसि�त हुए थेे—एक वर्गग जोो प्रभुु केे प्रकट होोनेे कीी
बााट जोोह रहाा थाा, और जोो लगन सेे उससेे मि�लनेे कीी तैैयाारीी कर रहाा थाा; एक अन्य वर्गग जोो भय सेे
प्रभाावि�त और आवेेग सेे काार्यय करताा थाा, सत्य केे एक सि�द्धांं�त सेे संं तुुष् ट थाा, लेेकि�न ईश्वर कीी कृृ पाा सेे
वंं चि�त थाा। दृष्टाान्त मेंं, जब दूू ल्हाा आयाा, “जोो तैैयाार थींं�, वेे उसकेे सााथ वि�वााह केे घर मेंं चलीी गईं।”
यहांं� दि�खाायाा गयाा दूू ल्हेे काा आनाा, वि�वााह सेे पहलेे होोताा हैै। वि�वााह मसीीह द्वााराा उसकेे रााष्ट्रर केे स्वाागत
कोो दर्शाा�ताा हैै। पवि�त्र शहर, नए यरूशलेेम कोो, जोो रााज्य कीी रााजधाानीी और प्रति�नि�धि� हैै, «दुल्हन ु , मेेम्नेे
कीी पत्नीी» कहाा जााताा हैै। स्वर्गगदूू त नेे यूूहन्नाा सेे कहाा, “इधर आ, मैंं तुुझेे दुल्हि�न ु अर्थाा�त्् मेेम्नेे कीी पत्नीी
दि�खााऊँँगाा।” तब वह मुुझेे आत्माा मेंं एक बड़ेे और ऊँँचेे पहााड़ पर लेे गयाा, और पवि�त्र नगर यरूशलेेम
कोो स्वर्गग सेे परमेेश्वर केे पाास सेे उतरतेे दि�खाायाा। « प्रकााशि�तवााक्य 21:9,10।
स्पष्ट रूप सेे, तब, दुल्हन ु पवि�त्र शहर काा प्रति�नि�धि�त्व करतीी हैै, और जोो कुँँ� वाारि�याँँ� दूू ल्हेे सेे मि�लनेे
केे लि�ए बााहर जाातीी हैंं, वेे कलीीसि�याा काा प्रतीीक हैंं। प्रकााशि�तवााक्य मेंं परमेेश्वर केे लोोगोंं� कोो वि�वााह
भोोज मेंं अति�थि� कहाा गयाा हैै। प्रकााशि�तवााक्य 19:9। अगर अति�थि� हैंं, तोो उन्हेंं दुल्हन ु केे रूप मेंं भीी
नहींं� दि�खाायाा जाा सकताा हैै। मसीीह, जैैसाा भवि�ष्यद्वक्ताा दाानि�य्येेल द्वााराा कहाा गयाा हैै, स्वर्गग मेंं अति� प्रााचीीन
सेे «प्रभुुत्व, और महि�माा, और एक रााज्य प्रााप्त करेेगाा;» वह अपनेे रााज्य कीी रााजधाानीी नयाा यरूशलेेम
प्रााप्त करेेगाा जोो, «उस दुल्हि�न ु केे समाान थीी जोो अपनेे पति� केे लि�येे सिं�गां ार कि�ए होो।» दाानि�य्येेल 7:14;
प्रकााशि�तवााक्य 21:2। रााज्य प्रााप्त करनेे केे बााद, वह अपनीी महि�माा मेंं, रााजााओंं केे रााजाा और प्रभुुओं ं
केे प्रभुु केे रूप मेंं, अपनेे लोोगोंं� केे छुु टकाारेे केे लि�ए आएगाा, जोो मेेम्नेे केे वि�वााह भोोज मेंं हि�स्साा लेेनेे केे
लि�ए उसकेे रााज्य मेंं उसकीी मेेज़ पर « « अब्रााहम, और इसहााक, और यााकूू ब केे सााथ «अब्रााहम, और
इसहााक, और यााकूू ब केे सााथ बैैठेंंगेे « (मत्तीी 8:11; लूूकाा 22:30)।
1844 कीी गर्मि�योंं� मेंं उद्घो् ोषणाा नेे, «देेखोो, दूू ल्हाा आ रहाा हैै,» हजाारोंं� लोोगोंं� कोो प्रभुु केे तत्कााल
आगमन कीी उम्मीीद करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा। नि�यत समय पर दूू ल्हाा आयाा, पृृथ्वीी पर नहींं�, जैैसाा
परम पवित्र स्था 299

कि� लोोगोंं� कोो उम्मीीद थीी, लेेकि�न स्वर्गग मेंं उस प्रााचीीन केे पाास, वि�वााह केे लि�ए, अपनेे रााज्य केे स्वाागत
समाारोोह मेंं आयाा। «जोो तैैयाार थींं�, वेे उसकेे सााथ ब्यााह केे घर मेंं चलीी गईं, और द्वाार बन्द कि�याा गयाा।»
उन्हेंं वि�वााह मेंं व्यक्ति�गत रूप सेे उपस्थि�त नहींं� होोनाा थाा; क्योंं�कि� यह स्वर्गग मेंं होोताा हैै, जबकि� वेे पृृथ्वीी पर
होोतेे हैंं। मसीीह केे अनुुयाायि�योंं� कोो «अपनेे प्रभुु कीी बााट जोोहतेे रहनाा हैै, कि� वह ब्यााह सेे कब लौौटेेगाा।»
लूूकाा 12:36। लेेकि�न उन्हेंं उसकेे कााम कोो समझनाा हैै, और जब वह परमेेश्वर केे साामनेे जााताा हैै तोो
वि�श्वाास सेे उसकेे पीीछेे होो लेेनाा हैै। इसीी अर्थथ मेंं कहाा जााताा हैै कि� वेे वि�वााह मेंं जाातेे हैंं।
दृष्टाान्त मेंं वेे वि�वााह मेंं गईं जि�नकेे पाास मशाालोंं� केे सााथ अपनीी कुु प्पि�योंं� मेंं तेेल थाा। जि�न लोोगोंं� कोो
पवि�त्रशाास्त्र केे सत्य काा ज्ञाान थाा, उनकेे पाास परमेेश्वर काा आत्माा और अनुुग्रह भीी थाा, और जि�न्होंं�नेे,
अपनेे कठोोर परीीक्षण कीी राात मेंं, स्पष्ट प्रकााश केे लि�ए बााइबल मेंं ढूंं�ढ़तेे हुए, धैैर्ययपूूर्ववक प्रतीीक्षाा कीी
थीी—इन्होंं�नेे स्वर्गग मेंं पवि�त्र स्थाान सेे संं बंं धि�त सत्य केे वि�षय मेंं सच्चााई और उद्धाारकर्ताा� कीी सेेवाा मेंं परि�-
वर्ततन कोो देेखाा, और वि�श्वाास केे सााथ वेे स्वर्गग केे पवि�त्र स्थाान मेंं उसकेे काार्यय मेंं उसकेे पीीछेे होो लि�ए।
और वेे सभीी जोो पवि�त्र शाास्त्र कीी गवााहीी केे मााध्यम सेे एक हीी सत्य कोो स्वीीकाार करतेे हैंं, और जब
मसीीह मध्यस्थताा केे अंंति�म काार्यय कोो करनेे केे लि�ए परमेेश्वर केे साामनेे प्रवेेश करताा हैै, वि�श्वाास केे
आधाार पर वेे उसकेे पीीछेे होो लेेतेे हैंं, और उसकेे रााज्य कोो प्रााप्त करनेे केे करीीब होोताा हैै - इन सभीी कोो
वि�वााह मेंं जाानेे वाालोंं� केे रूप मेंं दर्शाा�याा गयाा हैै।
मत्तीी 22 केे दृष्टांं�त मेंं वि�वााह काा एक हीी आंंकड़ाा पेेश कि�याा गयाा हैै, और जांं�च नि�र्णणय कोो स्पष्ट
रूप सेे वि�वााह सेे पहलेे होोनेे केे रूप मेंं दर्शाा�याा गयाा हैै। ब्यााह सेे पहि�लेे रााजाा अति�थि�योंं� कोो देेखनेे केे लि�ए
आताा हैै, यह देेखनेे केे लि�ए कि� सब ब्यााह केे वस्त्र पहि�नेे हैंं, और चरि�त्र काा नि�र्दोोष वस्त्र मेेम्नेे केे लोोहू
मेंं धोोकर श्वेेत कि�याा गयाा हैै। मत्तीी 22:11; प्रकााशि�तवााक्य 7:14। जि�स मेंं कमीी पााई जाातीी हैै उसेे
बााहर कर दि�याा जााताा हैै, लेेकि�न वेे सभीी जोो जांं�च कि�ए जाानेे पर शाादीी कीी पोोशााक पहनेे हुए पााए जाातेे
हैंं, वेे सभीी परमेेश्वर केे लि�ए स्वीीकाार कि�ए जाातेे हैंं और उसकेे रााज्य मेंं एक हि�स्सेे और उसकेे सिं�हां ासन
पर बैैठनेे केे योोग्य माानेे जाातेे हैंं। चरि�त्र कीी जाँँ�च काा यह काार्यय, यह नि�र्धाा�रि�त करनेे काा कि� परमेेश्वर
केे रााज्य केे लि�ए कौौन तैैयाार हैंं, यह जाँँ�च काा न्यााय हैै, जोो स्वर्गग केे पवि�त्र स्थाान मेंं समाापन काार्यय हैै।
जब जाँँ�च काा कााम पूूराा होो जााएगाा, जब हर युुग मेंं मसीीह केे अनुुयाायीी होोनेे काा दाावाा करनेे वाालोंं� केे
माामलोंं� कीी जाँँ�च कीी जाा चुुकीी होोगीी और फैै सलाा होो चुुकाा होोगाा, तब, परख अवधि� बंं द होो जााएगीी, और
दयाा काा द्वाार बंं द होो जााएगाा। इस प्रकाार एक छोोटेे सेे वााक्य मेंं, «जोो तैैयाार थींं�, वेे उसकेे सााथ वि�वााह
केे घर मेंं चलीी गईं और द्वाार बन्द कि�याा गयाा,» हमेंं उद्धाारकर्ताा� कीी अंंति�म सेेवाा केे शुुरू सेे अंंत तक उस
समय तक लेे जाायाा जााताा हैै जब मनुुष्य केे उद्धाार काा महाान काार्यय पूूराा होो जााएगाा।
पाार्थि�व पवि�त्रस्थाान कीी वि�धि� मेंं, जैैसाा कि� हमनेे देेखाा हैै, स्वर्गग मेंं सेेवाा काा एक उदााहरण हैै, जब
प्राायश्चि�ित केे दि�न महाायााजक परम पवि�त्र स्थाान मेंं प्रवेेश करताा हैै, तोो पहलेे भााग मेंं सेेवाा समााप्त होो
जाातीी हैै। परमेेश्वर नेे आज्ञाा दीी: «जब हाारून प्राायश्चि�ित्त करनेे केे लि�येे पवि�त्रस्थाान मेंं प्रवेेश करेे, तब सेे
जब तक वह बााहर न नि�कलेे तब तक कोोई मनुुष्य मण्डलीी केे मि�लााप वाालेे तम्बूू मेंं न रहेे।» लैैव्यव्यव-
स्थाा 16:17। इसलि�ए जब मसीीह नेे प्राायश्चि�ित केे समाापन काार्यय कोो करनेे केे लि�ए परम पवि�त्र स्थाान मेंं
प्रवेेश कि�याा, तोो उसनेे पहलेे भााग मेंं अपनीी सेेवाा कोो समााप्त कर दि�याा। लेेकि�न जब पहलेे भााग मेंं सेेवाा
समााप्त हुई, तोो दूू सरेे भााग मेंं सेेवाा शुुरू हुई। जब प्रतीीकाात्मक सेेवाा मेंं महाायााजक प्राायश्चि�ित्त केे दि�न
300 महाान वि�वााद

पवि�त्र स्थाान कोो छोोड़ताा थाा, वह सब इस्रााएलि�योंं� कीी ओर सेे, जोो सचमुुच अपनेे पाापोंं� सेे मन फि�राातेे थेे,
पाापबलि� काा लहू चढ़ाानेे परमेेश्वर केे सााम्हनेे जााताा थाा। इसलि�ए मसीीह नेे काार्यय केे दूू सरेे भााग मेंं प्रवेेश
करनेे केे लि�ए, हमाारेे मध्यस्थ केे रूप मेंं अपनेे काार्यय काा केे वल एक भााग पूूराा कि�याा थाा, और उसनेे अभीी
भीी पाापि�योंं� कीी ओर सेे पि�ताा केे साामनेे अपनेे लहू कोो तर्कक केे रूप मेंं प्रस्तुुत कि�याा।
1844 मेंं एडवेंंटि�स्ट इस वि�षय कोो नहींं� समझेे। जब उद्धाारकर्ताा� केे आनेे कीी उम्मीीद थीी, वह समय
बीीत जाानेे केे बााद भीी वेे माानतेे थेे कि� उसकाा आनाा नि�कट हैै; उनकाा मााननाा थाा कि� वेे एक महत्वपूू-
र्णण चरम बि�न्दुु पर पहुंंच गए थेे और यह कि� परमेेश्वर केे साामनेे मसीीह काा मनुुष्य केे मध्यस्थ केे रूप मेंं
काार्यय समााप्त होो गयाा थाा। उन्हेंं ऐसाा लगाा जैैसेे बााइबल मेंं सि�खाायाा गयाा हैै कि� स्वर्गग केे बाादलोंं� मेंं प्रभुु
केे वाास्तवि�क आगमन सेे कुु छ समय पहलेे मनुुष्य कीी परि�वीीक्षाा समााप्त होो जााएगीी। यह उन वचनोंं� सेे
सुुस्पष्ट प्रतीीत हुआ जोो उस समय कीी ओर इशााराा करतेे हैंं जब मनुुष्य दयाा केे द्वाार कोो ढूंं�ढेंंगेे, खटखटा�-
एंं गेे और रोोएंं गेे, और वह खोोलाा नहींं� जााएगाा। और यह उनकेे लि�ए एक प्रश्न थाा कि� क्याा जि�स ताारीीख
कोो उन्होंं�नेे मसीीह केे आनेे कीी आशाा कीी थीी, वह इस अवधि� कीी शुुरुआत काा संं केे त नहींं� होो सकतीी
थीी, जोो उसकेे आगमन सेे तुुरंंत पहलेे थीी। न्यााय केे नि�कट होोनेे कीी चेेताावनीी दि�ए जाानेे केे बााद, उन्होंं�नेे
महसूूस कि�याा कि� दुनि�या ु ा केे लि�ए उनकाा कााम पूूराा होो गयाा हैै, और उन्होंं�नेे पाापि�योंं� केे उद्धाार केे लि�ए
अपनीी आत्माा काा बोोझ खोो दि�याा, जबकि� दुष्ु टोंं� काा नि�र्भीीक और ति�रस्काारपूूर्णण उपहाास उन्हेंं एक और
सबूूत लग रहाा थाा कि� परमेेश्वर काा आत्माा उसकीी दयाा कोो अस्वीीकाार करनेे वाालोंं� सेे वाापस लेे लि�याा
गयाा थाा। यह सब उनकेे इस वि�श्वाास कीी पुुष्टि�ि करताा हैै कि� परि�वीीक्षाा समााप्त होो गई थीी, याा, जैैसाा कि�
उन्होंं�नेे तब व्यक्त कि�याा, «दयाा काा द्वाार बंं द होो गयाा थाा।»
लेेकि�न पवि�त्र स्थाान केे प्रश्न कीी जांं�च केे सााथ स्पष्ट प्रकााश आयाा। उन्होंं�नेे अब देेखाा कि� वेे यह
मााननेे मेंं सहीी थेे कि� 1844 मेंं 2300 दि�नोंं� कीी समााप्ति� एक महत्वपूूर्णण संं कट काा संं केे त थीी। लेेकि�न
जबकि� यह सच थाा कि� आशाा और दयाा काा वह द्वाार जि�सकेे द्वााराा पुुरुषोंं� नेे अठाारह सौौ वर्षोंं तक परमेे-
श्वर तक पहुँँच प्रााप्त कीी थीी, बंं द होो गयाा थाा, एक और द्वाार खुुल गयाा थाा, और सबसेे पवि�त्र स्थाान मेंं
मसीीह कीी मध्यस्थताा केे मााध्यम सेे पाापोंं� कीी क्षमाा कीी पेेशकश कीी गई थीी। उसकीी सेेवाा काा एक हि�स्साा
बंं द होो गयाा थाा, केे वल दूू सरेे कोो जगह देेनेे केे लि�ए। स्वर्गीीय पवि�त्रस्थाान केे लि�ए अभीी भीी एक «खुुलाा
द्वाार» थाा, जहांं� मसीीह पाापि�योंं� कीी ओर सेे सेेवाा कर रहाा थाा।
अब प्रकााशि�तवााक्य मेंं मसीीह केे उन शब्दोंं� केे लाागूू होोनेे कोो देेखाा गयाा थाा, जोो इसीी समय कलीीसि�याा
कोो सम्बोोधि�त थेे: “जोो पवि�त्र और सत्य हैै, और जोो दााऊद कीी कुंं�जीी रखताा हैै, जि�सकेे खोोलेे हुए कोो
कोोई बन्द नहींं� कर सकताा और बन्द कि�ए हुए कोो कोोई खोोल नहींं� सकताा, वह यह कहताा हैै कि� मैंं तेेरेे
काामोंं� कोो जाानताा हूँँ; देेख, मैंं नेे तेेरेे साामनेे एक द्वाार खोोल रखाा हैै, जि�सेे कोोई बन्द नहींं� कर सकताा। «
प्रकााशि�तवााक्य 3:7,8।
यह वेे हैंं जोो वि�श्वाास केे द्वााराा प्राायश्चि�ित केे महाान काार्यय मेंं यीीशुु केे पीीछेे होो लेेतेे हैंं जोो उनकीी ओर
सेे उसकीी मध्यस्थताा काा लााभ प्रााप्त करतेे हैंं, जबकि� वेे जोो उस प्रकााश कोो, जोो सेेवाा केे इस काार्यय कोो
उजाागर करताा हैै, अस्वीीकाार करतेे हैंं, इससेे लााभाान्वि�त नहींं� होोतेे हैंं। जि�न यहूदि�योंं� नेे मसीीह केे पहलेे
आगमन पर दि�ए गए प्रकााश कोो अस्वीीकाार कर दि�याा थाा, और उस पर दुनि�या ु ा केे उद्धाारकर्ताा� केे रूप मेंं
वि�श्वाास करनेे सेे इनकाार कर दि�याा थाा, वेे उसकेे मााध्यम सेे क्षमाा प्रााप्त नहींं� कर सकतेे थेे। जब यीीशुु नेे
परम पवित्र स्था 301

अपनेे स्वर्गाा�रोोहण केे समय अपनेे स्वयंं केे लहू केे द्वााराा स्वर्गीीय पवि�त्रस्थाान मेंं अपनेे शि�ष्योंं� पर अपनीी
मध्यस्थताा कीी आशीीषेंं डाालनेे केे लि�ए प्रवेेश कि�याा, तोो यहूदि�योंं� कोो उनकेे बेेकाार बलि�दाानोंं� और भेंंटोंं�
कोो ज़ाारीी रखनेे केे लि�ए पूूर्णण अंंधकाार मेंं छोोड़ दि�याा गयाा। प्रकाारोंं� और छाायााओंं कीी सेेवाा समााप्त होो
गई थीी। वह द्वाार जि�सकेे द्वााराा मनुुष्य पहलेे परमेेश्वर तक पहुँँच पाातेे थेे अब खुुलाा नहींं� थाा। यहूदि�योंं� नेे
उसेे उस एकमाात्र तरीीकेे सेे ढूंं�ढनेे सेे इनकाार कर दि�याा थाा जि�ससेे वह तब स्वर्गग मेंं पवि�त्र स्थाान मेंं सेेवाा
केे मााध्यम सेे मि�ल सकताा थाा। इसलि�ए उन्हेंं परमेेश्वर केे सााथ कोोई संं वााद नहींं� मि�लाा। उनकेे लि�ए
दरवााज़ाा बंं द थाा। उन्हेंं सच्चेे बलि�दाान और परमेेश्वर केे साामनेे एकमाात्र मध्यस्थ केे रूप मेंं मसीीह केे बाारेे
मेंं कोोई ज्ञाान नहींं� थाा; इसलि�ए वेे उसकीी मध्यस्थताा काा लााभ प्रााप्त नहींं� कर सकेे ।
अवि�श्वाासीी यहूदि�योंं� कीी स्थि�ति� घोोषि�त मसीीहि�योंं� केे बीीच लाापरवााह और अवि�श्वाासि�योंं� कीी स्थि�ति�
कोो दर्शाा�तीी हैै, जोो हमाारेे दयाालुु महाायााजक केे कााम सेे स्वेेच्छाा सेे अनभि�ज्ञ हैंं। प्रतीीकाात्मक सेेवाा मेंं,
जब महाायााजक परम पवि�त्र स्थाान मेंं प्रवेेश करताा थाा, तोो सम्पूूर्णण इस्रााएल कोो पवि�त्र स्थाान केे चाारोंं�
ओर इकट्ठाा होोकर परमेेश्वर केे साामनेे अपनीी आत्माा कोो सबसेे गंं भीीर तरीीकेे सेे समर्पि�त करनाा होोताा
थाा, तााकि� वेे अपनेे पाापोंं� कीी क्षमाा प्रााप्त कर सकेंं और मण्डलीी सेे दूू र न होो जााएंं । प्राायश्चि�ित केे इस
प्रति�रूपीी दि�न मेंं कि�तनाा अधि�क आवश्यक हैै कि� हम अपनेे महाायााजक केे काार्यय कोो समझेंं और जाानेंं
कि� हमाारेे कि�न कर्ततव्योंं� कीी आवश्यकताा हैै।
मनुुष्य दण्डमुुक्ति� केे सााथ उस चेेताावनीी कोो अस्वीीकाार नहींं� कर सकतेे जोो परमेेश्वर दयाा मेंं उन्हेंं
भेेजताा हैै। नूूह केे दि�नोंं� मेंं स्वर्गग सेे दुनि�या
ु ा कोो एक संं देेश भेेजाा गयाा थाा, और उनकाा उद्धाार इस बाात
पर नि�र्भभर थाा कि� उन्होंं�नेे उस संं देेश कोो कि�स तरह सेे लि�याा। क्योंं�कि� उन्होंं�नेे चेेताावनीी कोो ठुु कराा दि�याा,
परमेेश्वर काा आत्माा पाापीी जााति� सेे हट गयाा, और वेे जलप्रलय केे जल मेंं नााश हुए। अब्रााहम केे समय
मेंं, दयाा नेे सदोोम केे दोोषीी नि�वाासि�योंं� सेे अनुुरोोध करनाा बंं द कर दि�याा थाा, और लूूत, उसकीी पत्नीी और
दोो बेेटि�योंं� कोो छोोड़कर सब स्वर्गग सेे उतरीी आग सेे भस्म होो गए। उसीी तरह मसीीह केे दि�नोंं� मेंं। परमेे-
श्वर केे पुुत्र नेे उस पीीढ़ीी केे अवि�श्वाासीी यहूदि�योंं� सेे कहाा: «देेखोो, तुुम्हााराा घर तुुम्हाारेे लि�येे उजााड़ छोोड़ाा
जााताा हैै।» मत्तीी 23:38। अंंत केे दि�नोंं� कोो देेखतेे हुए, वहीी अनंं त शक्ति� उन लोोगोंं� केे बाारेे मेंं घोोषणाा
करतीी हैै, जि�न्होंं�नेे «सत्य सेे प्रेेम नहींं� कि�याा जि�स सेे उनकाा उद्धाार होोताा»: «इसीी काारण परमेेश्वर उनमेंं
एक भटकाा देेनेेवाालीी साामर्थ्यय कोो भेेजेेगाा कि� वेे झूठू कीी प्रतीीति� करेंं, तााकि� जि�तनेे लोोग सत्य कीी प्रतीीति�
नहींं� करतेे, वरन्् अधर्मम सेे प्रसन्न होोतेे हैंं, वेे सब दण्ड पााएँँ।» 2 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 2:10-12। जब वेे
उसकेे वचन कीी शि�क्षाा कोो अस्वीीकाार करतेे हैंं, तोो परमेेश्वर अपनीी आत्माा कोो वाापस लेे लेेताा हैै और
उन्हेंं सब प्रकाार केे धोोखेे मेंं छोोड़ देेताा हैै जि�ससेे वेे प्रसन्न होोतेे हैंं।
परन्तुु मसीीह अब भीी मनुुष्य केे लि�ए वि�नतीी करताा हैै, और जोो उसेे ढूंं�ढ़तेे हैंं उन्हेंं ज्योोति� दीी जााएगीी।
हाालांं�कि� यह पहलीी बाार एडवेंंटि�स्टोंं� द्वााराा नहींं� समझाा गयाा थाा, बााद मेंं इसेे स्पष्ट कर दि�याा गयाा क्योंं�कि�
जैैसेे-जैैसेे पवि�त्र शाास्त्र जोो उनकीी वाास्तवि�क स्थि�ति� कोो परि�भााषि�त करताा हैै, उनकेे साामनेे खुुलनेे लगाा।
1844 मेंं समय बीीतनेे केे बााद उन लोोगोंं� केे लि�ए महाान परीीक्षण कीी अवधि� थीी जोो अभीी भीी
आगमन वि�श्वाास कोो थाामेे हुए थेे। उनकीी एकमाात्र रााहत, जहांं� तक उनकीी वाास्तवि�क स्थि�ति� काा पताा
लगाानेे काा संं बंं ध थाा, वह प्रकााश थाा जोो उनकेे मन कोो स्वर्गग केे पवि�त्र स्थाान कीी ओर नि�र्देेशि�त करताा
थाा। कुु छ नेे भवि�ष्यसूूचक अवधि�योंं� केे अपनेे पूूर्वव अनुुमाान मेंं अपनेे वि�श्वाास कोो त्यााग दि�याा और
302 महाान वि�वााद

आगमन आंंदोोलन मेंं शाामि�ल पवि�त्र आत्माा केे शक्ति�शाालीी प्रभााव काा श्रेेय माानव याा शैैताानीी एजेंंसि�योंं�
कोो दि�याा। एक अन्य वर्गग काा दृढ़ वि�श्वाास थाा कि� प्रभुु नेे उनकेे पि�छलेे अनुुभव मेंं उनकीी अगुुवााई कीी
थीी; और जोो परमेेश्वर कीी इच्छाा जााननेे केे लि�ए बााट जोोहतेे रहेे और जाागतेे रहेे प्राार्थथनाा करतेे रहेे तोो
उन्होंं�नेे देेखाा कि� उनकेे महाान महाायााजक नेे सेेवाा केे दूू सरेे काार्यय मेंं प्रवेेश कर लि�याा हैै, और, वि�श्वाास सेे
उसकाा अनुुसरण करतेे हुए, उन्हेंं कलीीसि�याा केे समाापन काार्यय कोो भीी देेखनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा गयाा।
उन्हेंं पहलेे और दूू सरेे स्वर्गगदूू तोंं� केे संं देेशोंं� कीी स्पष्ट समझ थीी, और वेे प्रकााशि�तवााक्य 14 केे तीीसरेे स्व-
र्गगदूू त कीी गंं भीीर चेेताावनीी कोो प्रााप्त करनेे और उसकाा संं साार मेंं प्रचाार करनेे केे लि�ए तैैयाार थेे।
25

परमेेश्वर काा नि�यम अपरि�वर्ततनीीय

प रमेेश्वर काा जोो मन्दि�र स्वर्गग मेंं खोोलाा गयाा, और उसकेे मन्दि�र मेंं उसकीी वााचाा काा सन्दूू क दि�खााई
दि�याा।” प्रकााशि�तवााक्य 11:19। परमेेश्वर कीी वााचाा काा सन्दूू क परम पवि�त्र स्थाान मेंं हैै, जोो
पवि�त्र स्थाान काा दूू सराा भााग हैै। पाार्थि�व तम्बूू कीी सेेवाा मेंं, जोो «स्वर्गग मेंं कीी वस्तुुओं ं केे प्रति�रूप और
प्रति�बि�म्ब» मेंं कीी जाातीी थीी, यह भााग पवि�त्र स्थाान कीी शुुद्धि� केे प्राायश्चि�ित केे महाान दि�न पर हीी खोोलाा
जााताा थाा। इसलि�ए यह घोोषणाा कि� परमेेश्वर काा मंं दि�र स्वर्गग मेंं खोोलाा गयाा थाा और उसकीी वााचाा काा
सन्दूू क देेखाा गयाा थाा, 1844 मेंं स्वर्गीीय पवि�त्र स्थाान केे सबसेे पवि�त्र स्थाान केे खुुलनेे कीी ओर इशााराा
करताा हैै जब मसीीह नेे प्राायश्चि�ित केे समाापन काार्यय कोो करनेे केे लि�ए वहांं� प्रवेेश कि�याा थाा। जोो लोोग
वि�श्वाास केे द्वााराा अपनेे महाान महाायााजक केे पीीछेे होो लि�ए जब उसनेे परम पवि�त्र स्थाान मेंं उनकीी
सेेवकााई मेंं प्रवेेश कि�याा, उन्होंं�नेे उसकेे वााचाा केे सन्दूू क कोो देेखाा। जैैसाा कि� उन्होंं�नेे पवि�त्र स्थाान केे
वि�षय काा अध्ययन कि�याा थाा, वेे उद्धाारकर्ताा� कीी सेेवाा केे परि�वर्ततन कोो समझ गए थेे, और उन्होंं�नेे देेखाा
कि� अब वह परमेेश्वर केे सन्दूू क केे साामनेे काार्यय कर रहाा थाा, पाापि�योंं� कीी ओर सेे अपनेे लहू कोो तर्कक
केे रूप मेंं प्रस्तुुत कर रहाा थाा।
पृृथ्वीी पर वााचाा केे सन्दूू क मेंं पत्थर कीी दोो पटि�यााएंं थींं�, जि�न पर परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे उपदेेश
लि�खेे हुए थेे। सन्दूू क व्यवस्थाा कीी दोो पटि�यााओंं केे लि�ए एक धाारक माात्र थाा, और इन पवि�त्र उपदेेशोंं�
कीी उपस्थि�ति� नेे इसेे इसकाा महत्व और पवि�त्रताा प्रदाान कीी। जब स्वर्गग मेंं परमेेश्वर काा मन्दि�र खोोलाा
गयाा, तोो उसकीी वााचाा काा सन्दूू क दि�खााई दि�याा।
परम पवि�त्र स्थाान केे भीीतर, स्वर्गग केे पवि�त्र स्थाान मेंं, ईश्वरीीय व्यवस्थाा पवि�त्र रूप सेे स्थाापि�त हैै—
वह व्यवस्थाा जि�सेे स्वयंं परमेेश्वर नेे सि�नैै कीी गर्जजनाा केे बीीच बोोलाा थाा और पत्थर कीी पटि�यााओंं पर
अपनीी उंं गलीी सेे लि�खाा थाा।
स्वर्गग मेंं पवि�त्र स्थाान मेंं परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा महाान मूूल हैै, जि�समेंं पत्थर कीी पटि�यााओंं पर लि�खेे
हुए उपदेेश और मूूसाा कीी पाँँ�च पुुस्तकोंं� मेंं मूूसाा द्वााराा दर्जज कि�ए गए नि�यम एक अचूूक प्रति�लेेख थेे। इस
प्रकाार जोो लोोग इस महत्वपूूर्णण मुुद्देे कीी समझ पर पहुंंचेे, वेे ईश्वरीीय व्यवस्थाा केे पवि�त्र, अपरि�वर्ततनीीय
304 महाान वि�वााद

वि�शेेषताा कोो देेखनेे केे लि�ए प्रेेरि�त हुए। जैैसाा पहलेे कभीी नहींं� देेखाा, उन्होंं�नेे उद्धाारकर्ताा� केे शब्दोंं� काा
बल देेखाा: «जब तक आकााश और पृृथ्वीी टल न जााएँँ, तब तक व्यवस्थाा सेे एक माात्राा याा एक बि�न्दुु भीी
बि�नाा पूूराा हुए नहींं� टलेेगाा।» मत्तीी 5:18। परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा, उसकीी इच्छाा काा प्रकटीीकरण होोनेे केे
नाातेे, उसकेे चरि�त्र काा प्रति�लेेख होोनेे केे नाातेे, «स्वर्गग मेंं एक वि�श्वाासयोोग्य गवााह केे रूप मेंं» हमेेशाा केे
लि�ए बनीी रहेेगीी। एक भीी आदेेश रद्द नहींं� कि�याा गयाा हैै; कोोई भीी अक्षर याा अंंश नहींं� बदलाा गयाा हैै।
भजनकाार कहताा हैै: «हेे यहोोवाा, तेेराा वचन, आकााश मेंं सदाा तक स्थि�र रहताा हैै।» «उसकेे सब उपदेेश
वि�श्‍‍वाासयोोग्य हैंं। वेे सदाा सर्ववदाा अटल रहेंंगेे। « भजन संं हि�ताा 119:89; 111:7,8।
दस आदेेशोंं� केे बीीचोंं�-बीीच चौौथीी आज्ञाा हैै, जैैसाा कि� पहलेे घोोषि�त कि�याा गयाा थाा: “वि�श्रााम दि�न
कोो पवि�त्र मााननेे केे लि�येे स्मरण रखनाा। छ: दि�न तोो तूू परि�श्रम करकेे अपनाा सब कााम–कााज करनाा;
परन्तुु साातवाँँ� दि�न तेेरेे परमेेश्वर यहोोवाा केे लि�येे वि�श्रााम दि�न हैै। उसमेंं न तोो तूू कि�सीी भाँँ�ति� काा कााम–
कााज करनाा, और न तेेराा बेेटाा, न तेेरीी बेेटीी, न तेेराा दाास, न तेेरीी दाासीी, न तेेरेे पशुु, न कोोई परदेेशीी जोो
तेेरेे फााटकोंं� केे भीीतर होो। क्योंं�कि� छ: दि�न मेंं यहोोवाा नेे आकााश, और पृृथ्वीी, और समुुद्र , और जोो कुु छ
उनमेंं हैंं, सब कोो बनाायाा, और साातवेंं दि�न वि�श्रााम कि�याा; इस काारण यहोोवाा नेे वि�श्रााम दि�न कोो आशीीष
दीी और उसकोो पवि�त्र ठहराायाा। « नि�र्गगमन 20:8-11।
परमेेश्वर केे आत्माा नेे उसकेे वचन केे उन छाात्रोंं� केे हृदयोंं� कोो प्रभाावि�त कि�याा। उन पर यह दोोष
लगाायाा गयाा थाा कि� उन्होंं�नेे सृृष्टि�िकर्ताा� केे वि�श्रााम केे दि�न कीी अवहेेलनाा करकेे अनजाानेे मेंं इस नि�यम
काा उल्लंं घन कि�याा थाा। वेे परमेेश्वर द्वााराा पवि�त्र कि�ए गए दि�न केे बजााय सप्तााह केे पहलेे दि�न कोो मााननेे
केे काारणोंं� कीी जांं�च करनेे लगेे। उन्हेंं पवि�त्र शाास्त्र मेंं कोोई प्रमााण नहींं� मि�लाा कि� चौौथीी आज्ञाा कोो समााप्त
कर दि�याा गयाा थाा, याा यह कि� सब्त कोो बदल दि�याा गयाा थाा; उस आशीीष कोो जि�सनेे पहलेे साातवेंं दि�न
कोो पवि�त्र ठहराायाा थाा कभीी हटाायाा नहींं� गयाा थाा। वेे ईमाानदाारीी सेे परमेेश्वर कीी इच्छाा जााननेे और
उसेे पूूराा करनेे कीी कोोशि�श कर रहेे थेे; अब, जब उन्होंं�नेे स्वयंं कोो उसकीी व्यवस्थाा काा उल्लंं घन करनेे
वाालोंं� केे रूप मेंं देेखाा, तोो उनकेे हृदय शोोक सेे भर गए, और उन्होंं�नेे परमेेश्वर केे वि�श्रााम दि�न कोो पवि�त्र
माानकर उसकेे प्रति� अपनीी नि�ष्ठाा प्रकट कीी।
उनकेे वि�श्वाास कोो उखााड़ फेंंकनेे केे लि�ए कई और गंं भीीर प्रयाास कि�ए गए थेे। कोोई भीी यह देेखनेे सेे
चूूक नहींं� सकताा थाा कि� यदि� पाार्थि�व पवि�त्र स्थाान स्वर्गीीय काा एक रूप याा नमूूनाा थाा, तोो पृृथ्वीी पर सन्दूू क
मेंं रखीी गई व्यवस्थाा स्वर्गग मेंं सन्दूू क मेंं व्यवस्थाा काा एक सटीीक प्रति�लेेख थीी; और यह कि� स्वर्गीीय पवि�त्र-
स्थाान सेे संं बंं धि�त सत्य कीी स्वीीकृृ ति� मेंं परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे दाावोंं� और चौौथीी आज्ञाा केे सब्त केे दाायि�त्व
कीी स्वीीकृृ ति� शाामि�ल थेे। यहाँँ� स्वर्गीीय पवि�त्रस्थाान मेंं मसीीह कीी सेेवकााई कोो प्रकट करनेे वाालीी पवि�त्र शाास्त्र
कीी साामंं जस्यपूर्णण ू व्यााख्याा केे कटुु और दृढ़ वि�रोोध काा रहस्य थाा। लोोगोंं� नेे उस द्वाार कोो बंं द करनाा चााहाा
जि�सेे परमेेश्वर नेे खोोलाा थाा, और उस द्वाार कोो खोोलनाा चााहाा जि�सेे उसनेे बंं द कि�याा थाा। लेेकि�न “जि�सकेे
खोोलेे हुए कोो कोोई बन्द नहींं� कर सकताा और बन्द कि�ए हुए कोो कोोई खोोल नहींं� सकताा,» उसनेे घोोषि�त
कि�याा थाा «देेख, मैंं नेे तेेरेे साामनेे एक द्वाार खोोल रखाा हैै, जि�सेे कोोई बन्द नहींं� कर सकताा।» प्रकााशि�तवा�-
क्य 3:7,8। मसीीह नेे परम पवि�त्र स्थाान केे द्वाार, याा सेेवाा कोो खोोल दि�याा थाा, स्वर्गग मेंं पवि�त्र स्थाान केे उस
खुुलेे द्वाार सेे प्रकााश चमक रहाा थाा, और चौौथीी आज्ञाा कोो वहाँँ� स्थाापि�त व्यवस्थाा मेंं शाामि�ल होोनाा दि�खाायाा
गयाा थाा; जि�सेे परमेेश्वर नेे स्थाापि�त कि�याा थाा, उसेे कोोई मनुुष्य उलट नहींं� सकताा थाा।
परमेश्वर का नियम अपरिवर्तन 305

जि�न लोोगोंं� नेे मसीीह कीी मध्यस्थताा और परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कीी शााश्वतताा सेे संं बंं धि�त प्रकााश
कोो स्वीीकाार कि�याा थाा, उन्होंं�नेे पाायाा कि� येे प्रकााशि�तवााक्य 14 मेंं प्रस्तुुत कि�ए गए सत्य थेे। इस अध्यााय
केे संं देेशोंं� मेंं ति�हरीी चेेताावनीी हैै (टि�प्पणीी 33 देेखेंं) जोो पृृथ्वीी केे नि�वाासि�योंं� कोो प्रभुु केे दूू सरेे आगमन
केे लि�ए तैैयाार करनेे केे लि�ए हैै। यह घोोषणाा कि�, «उसकेे न्यााय काा समय आ गयाा हैै,» मनुुष्योंं� केे उद्धाार
केे लि�ए मसीीह कीी सेेवाा केे समाापन काार्यय कीी ओर इशााराा करतीी हैै। यह एक सत्य कीी सूूचनाा देेतीी हैै
जि�सकीी घोोषणाा तब तक कीी जाानीी चााहि�ए जब तक कि� उद्धाारकर्ताा� कीी मध्यस्थताा समााप्त नहींं� होो जाातीी
और वह अपनेे लोोगोंं� कोो अपनेे पाास लेे जाानेे केे लि�ए पृृथ्वीी पर वाापस नहींं� आ जााताा। 1844 मेंं शुुरू
हुआ न्यााय काा काार्यय तब तक जाारीी रहनाा चााहि�ए जब तक जीीवि�त और मृृत सभीी केे माामलोंं� काा फैै सलाा
नहींं� होो जााताा; इसलि�ए यह माानव परि�वीीक्षाा केे समाापन तक जााएगाा। तााकि� लोोग न्यााय मेंं खड़ेे होोनेे
केे लि�ए तैैयाार होो सकेंं , संं देेश उन्हेंं आज्ञाा देेताा हैै, «परमेेश्वर सेे डरोो और उसकीी महि�माा करोो,» «और
उसकाा भजन करोो, जि�सनेे स्वर्गग और पृृथ्वीी और समुुद्र और जल केे सोोतेे बनााए।” इन संं देेशोंं� कीी
स्वीीकृृ ति� काा परि�णााम इस वचन मेंं दि�याा गयाा हैै: यहाँँ� हैंं वेे «जोो परमेेश्वर कीी आज्ञााओंं कोो माानतेे और
यीीशुु पर वि�श्‍‍वाास रखतेे हैंं।» न्यााय केे लि�ए तैैयाार होोनेे केे लि�ए यह आवश्यक हैै कि� मनुुष्य परमेेश्वर कीी
व्यवस्थाा काा पाालन करेंं। न्यााय मेंं वह व्यवस्थाा चरि�त्र काा माानक होोगीी। प्रेेरि�त पौौलुुस घोोषि�त करताा हैै:
«जि�न्होंं�नेे व्यवस्थाा पााकर पााप कि�याा, उनकाा दण्ड व्यवस्थाा केे अनुुसाार होोगाा, ...जि�स दि�न परमेेश्वर मेेरेे
सुुसमााचाार केे अनुुसाार यीीशुु मसीीह केे द्वााराा मनुुष्योंं� कीी गुुप्त बाातोंं� काा न्यााय करेेगाा।» और वह कहताा
हैै कि� «व्यवस्थाा पर चलनेे वाालेे धर्मीी ठहरााए जााएँँगेे।» रोोमि�योंं� 2:12-16। परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कोो
बनााए रखनेे केे लि�ए वि�श्वाास आवश्यक हैै; क्योंं�कि� «वि�श्वाास बि�नाा उसेे प्रसन्न करनाा अनहोोनाा हैै।»
और «जोो कुु छ वि�श्‍‍वाास सेे नहींं�, वह पााप हैै।» इब्राानि�योंं� 11:6; रोोमि�योंं� 14:23।
पहलाा स्वर्गगदूू त लोोगोंं� कोो आदेेश देेताा हैै «परमेेश्वर सेे डरोो और उसकीी महि�माा करोो» और उनसेे
उसकाा भजन करनेे कोो कहताा हैै, जि�सनेे स्वर्गग और पृृथ्वीी और समुुद्र और जल केे सोोतेे बनााए। ऐसाा
करनेे केे लि�ए, उन्हेंं उसकीी व्यवस्थाा काा पाालन करनाा चााहि�ए। बुुद्धि�माान व्यक्ति� कहताा हैै: «परमेेश्वर
काा भय माान, और उसकीी आज्ञााओंं काा पाालन कर, क्योंं�कि� मनुुष्य काा संं पूूर्णण कर्ततव्य यहीी हैै।» सभोो-
पदेेशक 12:13। उसकीी आज्ञााओंं काा पाालन कि�ए बि�नाा कोोई भीी आरााधनाा परमेेश्वर कोो प्रसन्न नहींं�
कर सकतीी। «परमेेश्वर सेे प्रेेम रखनाा यह हैै कि� हम उसकीी आज्ञााओंं कोो माानेंं।» «जोो अपनाा काान
व्यवस्थाा सुुननेे सेे मोोड़ लेेताा हैै, उसकीी प्राार्थथनाा घृृणि�त ठहरतीी हैै।» 1 यूूहन्नाा 5:3; नीीति�वचन 28:9।
परमेेश्वर कीी पूूजाा करनेे काा कर्ततव्य इस तथ्य पर आधाारि�त हैै कि� वह सृृष्टि�िकर्ताा� हैै और यह कि�
अन्य सभीी प्रााणीी अपनेे अस्ति�त्व केे लि�ए उसकेे ऋणीी हैंं। और बााइबि�ल मेंं जहांं� भीी अन्यजााति�योंं� केे
देेवतााओंं केे ऊपर, श्रद्धाा और पूूजाा केे उसकेे दाावेे कोो प्रस्तुुत कि�याा गयाा हैै, वहांं� उसकीी रचनाात्मक शक्ति�
केे प्रमााण काा हवाालाा दि�याा गयाा हैै। «देेश देेश केे सब देेवताा तोो मूूरतेंं हीी हैंं: परन्तुु यहोोवाा हीी नेे स्वर्गग कोो
बनाायाा हैै।» भजन संं हि�ताा 96:5। «तुुम मुुझेे कि�सकेे समाान बतााओगेे कि� मैंं उसकेे तुुल्य ठहरूँँ ? उस
पवि�त्र काा यहीी वचन हैै। अपनीी आँँखेंं ऊपर उठााकर देेखोो, कि�सनेे इनकोो सि�रजाा? « « क्योंं�कि� यहोोवाा
जोो आकााश काा सृृजनहाार हैै, वहीी परमेेश्वर हैै; उसीी नेे पृृथ्वीी कोो रचाा और बनाायाा; वहीी योंं� कहताा हैै। मैंं
यहोोवाा हूँँ, मेेरेे सि�वााय दूू सराा और कोोई नहींं� हैै। « यशाायााह 40:25,26; 45:18। भजनकाार कहताा हैै:
«नि�श्‍‍चय जाानोो कि� यहोोवाा हीी परमेेश्वर हैै: उसीी नेे हम कोो बनाायाा, और हम उसीी केे हैंं।» «आओ हम
306 महाान वि�वााद

झुककरु दण्डवत्् करेंं, और अपनेे कर्ताा� यहोोवाा केे साामनेे घुुटनेे टेेकेंं।» भजन संं हि�ताा 100:3; 95:6।
और पवि�त्र प्रााणीी जोो स्वर्गग मेंं परमेेश्वर कीी आरााधनाा करतेे हैंं, उनकीी ओर सेे उसकोो देेय श्रद्धांं�जलि� काा
यह काारण बताातेे हैंं: «हेे हमाारेे प्रभुु और परमेेश्वर, तूू हीी महि�माा और आदर और साामर्थ्यय केे योोग्य हैै;
क्योंं�कि� तूू हीी नेे सब वस्तुुएँँ सृृजींं�।” प्रकााशि�तवााक्य 4:11।
प्रकााशि�तवााक्य 14 मेंं, मनुुष्योंं� कोो सृृष्टि�िकर्ताा� कीी आरााधनाा करनेे केे लि�ए कहाा गयाा हैै; और भवि�ष्य-
द्वााणीी एक वर्गग कोो साामनेे लाातीी हैै, जोो ति�हरेे संं देश
े केे परि�णाामस्वरूप, परमेेश्वर कीी आज्ञााओंं काा पाालन कर
रहेे हैंं। इनमेंं सेे एक आज्ञाा सीीधेे परमेेश्वर कोो सृृष्टि�िकर्ताा� केे रूप मेंं इंं गि�त करतीी हैै। चौौथीी आज्ञाा घोोषि�त करतीी
हैै: «साातवाँँ� दि�न तेेरेे परमेेश्वर यहोोवाा केे लि�येे वि�श्रााम दि�न हैै। क्योंं�कि� छ: दि�न मेंं यहोोवाा नेे आकााश, और
पृृथ्वीी, और समुुद्र, और जोो कुु छ उनमेंं हैंं, सब कोो बनाायाा, और साातवेंं दि�न वि�श्रााम कि�याा; इस काारण यहोोवाा
नेे वि�श्रााम दि�न कोो आशीीष दीी और उसकोो पवि�त्र ठहराायाा।» नि�र्गगमन 20:10,11। सब्त केे वि�षय मेंं, यहोोवाा
आगेे कहताा हैै, कि� यह «वेे मेेरेे और तुुम्हाारेे बीीच चि�ह्न ठहरेंं, और जि�ससेे तुुम जाानोो कि� मैंं तुुम्हााराा परमेे-
श्वर यहोोवाा हूँँ।» यहेेजकेेल 20:20। और इसकाा काारण यह दि�याा गयाा हैै: «क्योंं�कि� छ: दि�न मेंं यहोोवाा नेे
आकााश और पृृथ्वीी कोो बनाायाा, और साातवेंं दि�न वि�श्रााम करकेे अपनाा जीी ठण्डाा कि�याा।» नि�र्गगमन 31:17।
«सृृष्टि�ि केे स्माारक केे रूप मेंं सब्त काा महत्व यह हैै कि� यह परमेेश्वर कोो आरााधनाा देेय होोनेे केे सहीी
काारण कोो हमेेशाा वि�द्यमाान रखताा हैै» - क्योंं�कि� वह सृृष्टि�िकर्ताा� हैै, और हम उसकेे प्रााणीी हैंं। «इसलि�ए
सब्त ईश्वरीीय उपाासनाा कीी बुुनि�यााद मेंं हैै, क्योंं�कि� यह इस महाान सत्य कोो सबसेे प्रभाावशाालीी तरीीकेे
सेे सि�खााताा हैै, और कोोई अन्य संं स्थाा ऐसाा नहींं� करतीी हैै। ईश्वरीीय उपाासनाा काा सच्चाा आधाार, केे वल
साातवेंं दि�न काा नहींं�, बल्कि� सभीी आरााधनााओंं काा, सृृष्टि�िकर्ताा� और उसकेे प्रााणि�योंं� केे बीीच केे अंंतर
मेंं पाायाा जााताा हैै। यह महाान तथ्य कभीी पुुराानाा नहींं� होो सकताा, और इसेे कभीी भीी भुुलाायाा नहींं� जाानाा
चााहि�ए।” —जेे. एन एंं ड्ररयूूज, हि�स्ट्रीी� ऑफ द सब्त, अध्यााय 27। तााकि� यह सत्य मनुुष्योंं� केे मन मेंं
सदाा बनाा रहेे, कि� परमेेश्वर नेे अदन मेंं सब्त कीी स्थाापनाा कीी; और जब तक यह तथ्य कि� वह हमााराा
सृृष्टि�िकर्ताा� हैै, हमाारेे द्वााराा उसकीी आरााधनाा करनेे काा काारण बनाा रहताा हैै, तब तक सब्त उसकेे चि�न्ह
और स्माारक केे रूप मेंं बनाा रहेेगाा। यदि� सब्त काा पाालन साार्ववभौौमि�क रूप सेे कि�याा जााताा, तोो मनुुष्य केे
वि�चाार और स्नेेह, सृृष्टि�िकर्ताा� कोो श्रद्धाा और आरााधनाा केे पाात्र केे रूप मेंं माानकर, उसकीी ओर प्रेेरि�त
होोतेे, और कोोई मूूर्ति�पूूजक, नाास्ति�क, याा वि�धर्मीी कभीी नहींं� होोताा। सब्त काा पाालन करनाा सच्चेे परमेे-
श्वर केे प्रति� वफाादाारीी काा चि�न्ह हैै, “जि�सनेे स्वर्गग और पृृथ्वीी और समुुद्र और जल केे सोोतेे बनााए।”
यह इस प्रकाार हैै कि� संं देेश जोो लोोगोंं� कोो परमेेश्वर कीी आरााधनाा करनेे और उसकीी आज्ञााओंं काा पाालन
करनेे कीी आज्ञाा देेताा हैै, वि�शेेष रूप सेे उन्हेंं चौौथीी आज्ञाा काा पाालन करनेे केे लि�ए कहेेगाा।
उन लोोगोंं� केे वि�परीीत जोो परमेेश्वर कीी आज्ञााओंं कोो माानतेे हैंं और यीीशुु मेंं वि�श्वाास रखतेे हैंं, तीीसराा
स्वर्गगदूू त एक अन्य वर्गग कीी ओर संं केे त करताा हैै, जि�नकेे भ्रम केे वि�रुद्ध एक गम्भीीर और भयाानक
चेेताावनीी दीी जाातीी हैै: «फि�र इनकेे बााद एक और, तीीसराा, स्वर्गगदूू त बड़ेे शब्द सेे यह कहताा हुआ आयाा,
“जोो कोोई उस पशुु और उसकीी मूूर्ति� कीी पूूजाा करेे, और अपनेे मााथेे याा अपनेे हााथ पर उसकीी छााप लेे,
वह परमेेश्वर केे प्रकोोप कीी नि�रीी मदि�राा, जोो उसकेे क्रोोध केे कटोोरेे मेंं डाालीी गई हैै, पीीएगाा। « प्रकाा-
शि�तवााक्य 14:9, 10। इस संं देेश कोो समझनेे केे लि�ए प्रयुुक्त प्रतीीकोंं� कीी सहीी व्यााख्याा आवश्यक हैै।
पशुु, मूूरत, छााप द्वााराा क्याा दर्शाा�याा गयाा हैै?
परमेश्वर का नियम अपरिवर्तन 307

भवि�ष्यद्वााणीी कीी श्रृंं�खलाा जि�समेंं येे प्रतीीक पााए जाातेे हैंं, प्रकााशि�तवााक्य 12 सेे शुुरू होोतीी हैै, उस
अजगर केे सााथ जि�सनेे मसीीह कोो उसकेे जन्म केे समय नष्ट करनेे कीी कोोशि�श कीी थीी। अजगर कोो शैैताान
कहाा गयाा हैै (प्रकााशि�तवााक्य 12:9); वहीी थाा जि�सनेे उद्धाारकर्ताा� कोो मौौत केे घााट उताारनेे केे लि�ए हेेरोोदेेस
कोो उकसाायाा। लेेकि�न मसीीहीी युुग कीी पहलीी शतााब्दि�योंं� केे दौौराान मसीीह और उसकेे लोोगोंं� पर युुद्ध करनेे मेंं
शैैताान काा मुुख्य एजेंंट रोोमन सााम्रााज्य थाा, जि�समेंं बुुतपरस्तीी प्रचलि�त धर्मम थाा। इस प्रकाार जबकि� अजगर,
मुुख्य रूप सेे, शैैताान काा प्रति�नि�धि�त्व करताा हैै, यह द्वि�तीीयक अर्थथ मेंं, बुुतपरस्त रोोम काा प्रतीीक हैै।
अध्यााय 13 (पद 1-10) मेंं एक और पशुु काा वर्णणन कि�याा गयाा हैै, जोो «चीीतेे केे समाान थाा,» जि�सेे
अजगर नेे «अपनीी साामर्थ्यय और अपनाा सिं�हां ासन, और बड़ाा अधि�काार देे दि�याा।» यह प्रतीीक, जैैसाा कि�
अधि�कांं�श प्रोोटेेस्टेंंटोंं� नेे माानाा हैै, पोोप केे पद काा प्रति�नि�धि�त्व करताा हैै, जोो प्रााचीीन रोोमन सााम्रााज्य केे
पाास साामर्थ्यय और सिं�हां ासन और अधि�काार केे बााद सफल हुआ। चीीतेे जैैसेे पशुु केे बाारेे मेंं यह घोोषि�त
कि�याा गयाा हैै: «बड़ेे बोोल बोोलनेे और नि�न्दाा करनेे केे लि�येे उसेे एक मुँँ�ह दि�याा गयाा। उसनेे परमेेश्वर कीी
नि�न्दाा करनेे केे लि�येे मुँँ�ह खोोलाा कि� उसकेे नााम और उसकेे तम्बूू अर्थाा�त्् स्वर्गग केे रहनेेवाालोंं� कीी नि�न्दाा
करेे। उसेे यह भीी अधि�काार दि�याा गयाा कि� पवि�त्र लोोगोंं� सेे लड़ेे और उन पर जय पााए, और उसेे हर
एक कुु ल और लोोग और भााषाा और जााति� पर अधि�काार दि�याा गयाा। « यह भवि�ष्यद्वााणीी, जोो लगभग
दाानि�य्येेल 7 केे छोोटेे सींं�ग केे वि�वरण केे समाान हैै, नि�र्वि�वााद रूप सेे पोोपतंं त्र कीी ओर संं केे त करतीी हैै।
«उसेे बयाालीीस महीीनेे तक कााम करनेे काा अधि�काार दि�याा गयाा।» और, भवि�ष्यद्वक्ताा कहताा हैै, «मैंं
नेे उसकेे सि�रोंं� मेंं सेे एक पर ऐसाा भाारीी घााव लगाा देेखाा माानोो वह मरनेे पर हैै।» और फि�र: «जि�सकोो
कैै द मेंं पड़नाा हैै, वह कैै द मेंं पड़ेेगाा; जोो तलवाार सेे माारेेगाा, अवश्य हैै कि� वह तलवाार सेे मााराा जााएगाा।»
बयाालीीस महीीनेे «सााढ़ेे तीीन कााल तक» केे समाान हैंं, दाानि�य्येेल 7 केे सााढ़ेे तीीन सााल याा 1260 दि�न
- वह समय जि�सकेे दौौराान पोोप केे रााज्य कोो परमेेश्वर केे लोोगोंं� पर अत्यााचाार करनाा थाा। यह अवधि�,
जैैसाा कि� पि�छलेे अध्याायोंं� मेंं कहाा गयाा हैै, 538 ई. मेंं पोोपतंं त्र कीी सर्वोोच्चताा केे सााथ शुुरू हुई और
1798 मेंं समााप्त होो गई। उस समय फ्रांं�सीीसीी सेेनाा द्वााराा पोोप कोो बंं दीी बनाा लि�याा गयाा थाा, पोोप कीी
शक्ति� कोो इसकाा घाातक घााव मि�लाा, और भवि�ष्यद्वााणीी पूूरीी हुई, «वह जोो कैै द मेंं जााताा हैै वह कैै द
मेंं जााएगाा।»
इस जगह एक और प्रतीीक पेेश कि�याा गयाा हैै। भवि�ष्यद्वक्ताा कहताा हैै, «फि�र मैंं नेे एक और पशुु
कोो पृृथ्वीी मेंं सेे नि�कलतेे हुए देेखाा, उसकेे मेेम्नेे केे सेे दोो सींं�ग थेे।» पद 11। इस पशुु काा रूप और इसकेे
उदय केे तरीीकेे दोोनोंं� हीी संं केे त देेतेे हैंं कि� यह जि�स रााष्ट्रर काा प्रति�नि�धि�त्व करताा हैै वह पूूर्वववर्तीी प्रतीीकोंं� केे
तहत प्रस्तुुत रााष्ट्रों��ं केे वि�परीीत हैै। दुनि�या
ु ा पर शाासन करनेे वाालेे महाान रााज्य भवि�ष्यद्वक्ताा दाानि�य्येेल कोो
शि�काार केे पशुुओं ं केे रूप मेंं दि�खााए गए थेे, जोो उस समय उठेे थेे जब “महाासाागर पर चाारोंं� ओर आँँधीी
चलनेे लगीी।” दाानि�य्येेल 7:2। प्रकााशि�तवााक्य 17 मेंं एक स्वर्गगदूू त नेे समझाायाा कि� पाानीी «भीीड़, और
जााति�योंं�, और भााषााओंं» काा प्रति�नि�धि�त्व करताा हैै। प्रकााशि�तवााक्य 17:15। हवााएंं संं घर्षष काा प्रतीीक
हैंं। महाासाागर पर चलनेे वाालीी स्वर्गग कीी चाार हवााएँँ वि�जय और क्रांं�ति� केे भयाानक दृश्योंं� काा प्रति�नि�धि�-
त्व करतीी हैंं जि�नकेे द्वााराा रााज्योंं� नेे सत्ताा हाासि�ल कीी हैै।
लेेकि�न मेेम्नेे जैैसेे सींं�ग वाालेे पशुु कोो “पृृथ्वीी मेंं सेे नि�कलतेे हुए” देेखाा गयाा। खुुद कोो स्थाापि�त करनेे
केे लि�ए अन्य शक्ति�योंं� कोो उखााड़ फेंंकनेे केे बजााय, इस प्रकाार प्रति�नि�धि�त्व कि�ए गए रााष्ट्रर काा उदय
308 महाान वि�वााद

पहलेे नि�र्जजन क्षेेत्र मेंं हुआ होोगाा और धीीरेे-धीीरेे और शांं�ति� सेे वि�कसि�त हुआ होोगाा। तब, यह एफ्रोो-यूूरे�-
शि�याा कीी भीीड़ भरीी और संं घर्षषरत रााष्ट्रीी�यतााओंं केे बीीच उत्पन्न नहींं� होो सकताा थाा - «लोोगोंं�, और भीीड़,
और जााति�योंं�, और भााषााओंं» काा वह अशांं�त महाासाागर। इसेे पश्चि�िमीी महााद्वीीप मेंं ढूंं�ढाा जाानाा चााहि�ए।
1798 मेंं नई दुनि�याु ा (पृृथ्वीी काा पश्चि�िमीी गोोलाार्धध, वि�शेेष रूप सेे अमेेरि�काा) काा कौौन साा देेश तााकत
और महाानताा काा प्रमााण देेतेे हुए, और दुनि�या ु ा काा ध्याान आकर्षि�त करतेे हुए, साामर्थ्यय मेंं बढ़ रहाा थाा?
प्रतीीक काा प्रयोोग बि�नाा कि�सीी प्रश्न केे स्वीीकाार करताा हैै। एक रााष्ट्रर, और केे वल एक हीी, इस भवि�-
ष्यद्वााणीी कीी वि�शि�ष्टतााओंं कोो पूूराा करताा हैै; यह स्पष्ट रूप सेे संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा कीी ओर इशााराा
करताा हैै। बाार-बाार पवि�त्र लेेखक केे वि�चाार, लगभग सटीीक शब्द, इस रााष्ट्रर केे उत्थाान और वि�काास
काा वर्णणन करनेे मेंं वक्ताा और इति�हाासकाार द्वााराा अनजाानेे मेंं नि�योोजि�त कि�ए गए हैंं। पशुु कोो «पृृथ्वीी मेंं
सेे नि�कलतेे हुए» देेखाा गयाा थाा; और, अनुुवाादकोंं� केे अनुुसाार, यहाँँ� जि�स शब्द काा अनुुवााद «नि�कलतेे
हुए» कि�याा गयाा हैै, उसकाा शााब्दि�क अर्थथ हैै «पौौधेे केे रूप मेंं उगनाा याा उत्पन्न होोनाा।» और, जैैसाा कि�
हमनेे देेखाा हैै, रााष्ट्रर काा उदय पहलेे नि�र्जजन क्षेेत्र मेंं हुआ होोगाा। एक प्रमुुख लेेखक, संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा
केे उदय काा वर्णणन करतेे हुए, «उसकेे रि�क्त स्थाान सेे बााहर आनेे केे रहस्य» कीी बाात करताा हैै और कहताा
हैै: «एक मूूक बीीज कीी तरह हम सााम्रााज्य मेंं वि�कसि�त हुए।» --जीी. ए. टााउनसेंंड, द न्यूू वर्ल्डड कंं पेेयर्डड
वि�थ द ओल्ड, पृृष् ठ 462। 1850 मेंं एक यूूरोोपीीय पत्रि�काा नेे संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा कोो एक अद्भु ् ुत
सााम्रााज्य केे रूप मेंं बताायाा, जोो «उभर रहाा थाा,» और «पृृथ्वीी कीी चुुप्पीी केे बीीच प्रति�दि�न अपनीी शक्ति�
और गौौरव बढ़ाा रहाा थाा।» —द डबलि�न नेेशन। एडवर्डड एवरेेट नेे, इस रााष्ट्रर केे पि�लग्रि�म संं स्थाापकोंं�
पर एक भााषण मेंं कहाा: «क्याा उन्होंं�नेे एक एकांं�त स्थाान कीी तलााश कीी, अपनीी गुुमनाामीी केे काारण
नि�राापद, और इसकीी दूू रस्थताा केे काारण सुुरक्षि�त, जहांं� लेेडेेन कीी छोोटेे सीी कलीीसि�याा अंंतराात्माा कीी स्व-
तंं त्रताा काा आनंं द लेे सकतीी थीी? शक्ति�शाालीी क्षेेत्रोंं� कोो देेखेंं, जि�न पर, शांं�ति�पूूर्णण वि�जय मेंं, उन्होोनेंं क्रूूस केे
झंं डेे खड़ेे कि�ए हैंं! «—प्लाायमााउथ, मैैसााचुुसेेट्स् मेंं दि�याा गयाा भााषण, 22 दि�संं बर, 1824, पृृष् ठ 11।
«और उसकेे मेेम्नेे केे सेे दोो सींं�ग थेे।» मेेम्नेे केे सेे सींं�ग यौौवन, माासूूमि�यत और सज्जनताा काा
संं केे त देेतेे हैंं, जोो जब भवि�ष्यवक्ताा कोो प्रस्तुुत कि�ए जाानेे पर समुुचि�त तौौर सेे 1798 मेंं संं युुक्त रााज्य
केे स्वरूप कोो «नि�कलतेे हुए» दर्शाा�ताा हैै। मसीीहीी नि�र्वाा�सि�तोंं� मेंं सेे जोो सबसेे पहलेे अमेेरि�काा भााग गए
और शााहीी उत्पीीड़न और पुुरोोहि�तोंं� कीी असहि�ष्णुुताा सेे शरण प्रााप्त कीी, उनमेंं सेे कई ऐसेे थेे जि�न्होंं�नेे
नाागरि�क और धाार्मि�क स्वतंं त्रताा कीी व्याापक नींं�व पर सरकाार स्थाापि�त करनेे काा दृढ़ संं कल्प लि�याा।
उनकेे वि�चाारोंं� कोो स्वतंं त्रताा कीी घोोषणाा मेंं स्थाान मि�लाा, जोो इस महाान सत्य कोो स्थाापि�त करताा हैै कि�
«सभीी मनुुष्योंं� कोो समाान बनाायाा गयाा हैै» और उन्हेंं «जीीवन, स्वतंं त्रताा और खुुशीी काा लक्ष्य रखनेे» केे
अवि�च्छेे द्य अधि�काार केे सााथ संं पन्न कि�याा गयाा हैै। और संं वि�धाान लोोगोंं� कोो स्वशाासन केे अधि�काार कीी
गाारंंटीी देेताा हैै, बशर्तेे कि� लोोकप्रि�य वोोट द्वााराा चुुनेे गए प्रति�नि�धि� काानूूनोंं� कोो लाागूू और प्रशाासि�त करेंंगेे।
धाार्मि�क आस्थाा कीी स्वतंं त्रताा भीी प्रदाान कीी गई, प्रत्येेक व्यक्ति� कोो अपनेे वि�वेेक केे अनुुसाार परमेेश्वर
कीी पूूजाा करनेे कीी अनुुमति� दीी गई। गणतंं त्रवााद और प्रोोटेेस्टेंंटवााद रााष्ट्रर केे मूूलभूूत सि�द्धांं�त बन गए।
यहीी सि�द्धांं�त इसकीी साामर्थ्यय और समृृद्धि� काा रहस्य हैंं। पूूरेे मसीीहीी जगत मेंं उत्पीीड़ि�त और पददलि�त
लोोगोंं� नेे रुचि� और आशाा केे सााथ इस भूूमि� कीी ओर रुख कि�याा हैै। लााखोंं� लोोगोंं� नेे इसकेे कि�नाारोंं� कोो
ढूंं�ढाा हैै, और संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा पृृथ्वीी केे सबसेे शक्ति�शाालीी रााष्ट्रों��ं मेंं एक स्थाान पर पहुंंच गयाा हैै।
परमेश्वर का नियम अपरिवर्तन 309

लेेकि�न मेेम्नेे जैैसेे सींं�गोंं� वाालाा पशुु “अजगर केे समाान बोोलताा थाा। वह उस पहलेे पशुु काा सााराा
अधि�काार उसकेे साामनेे कााम मेंं लााताा थाा; और पृृथ्वीी और उसकेे रहनेेवाालोंं� सेे उस पहलेे पशुु कीी,
जि�सकाा प्रााण–घाातक घााव अच्छाा होो गयाा थाा, पूूजाा करााताा थाा। वह पृृथ्वीी केे रहनेेवाालोंं� कोो भरमााताा
थाा और पृृथ्वीी केे रहनेेवाालोंं� सेे कहताा थाा कि� जि�स पशुु केे तलवाार लगीी थीी वह जीी गयाा हैै, उसकीी मूूर्ति�
बनााओ। « प्रकााशि�तवााक्य 13:11-14।
प्रतीीक केे मेेम्नेे केे सेे सींं�ग और अजगर कीी आवााज़ इस प्रकाार प्रस्तुुत रााष्ट्रर केे दाावोंं� और अभ्याास
केे बीीच एक असााधाारण वि�रोोधााभाास कीी ओर इशााराा करतीी हैै। रााष्ट्रर काा «बोोलनाा» उसकेे वैैधाानि�क
और न्याायि�क अधि�काारि�योंं� कीी काार्ररवााई हैै। इस तरह कीी काार्ररवााई सेे वह उन उदाार और शांं�ति�पूूर्णण
सि�द्धांं�तोंं� कोो झूठाू ा ठहरााएगाा जि�न्हेंं उसनेे अपनीी नीीति� कीी नींं�व केे रूप मेंं रखाा हैै। भवि�ष्यवााणीी कि� यह
«एक अजगर केे समाान» बोोलेेगाा और «पहलेे पशुु काा सााराा अधि�काार» कााम मेंं लााएगाा, स्पष्ट रूप
सेे असहि�ष्णुुताा और उत्पीीड़न कीी भाावनाा केे वि�काास कीी भवि�ष्यद्वााणीी करताा हैै जोो अजगर और तेंंदुएु
जैैसेे पशुु द्वााराा दर्शाा�ए गए रााष्ट्रों��ं द्वााराा प्रकट कि�याा गयाा थाा। और यह कथन कि� दोो सींं�गोंं� वाालाा पशुु
«पृृथ्वीी और उसकेे रहनेेवाालोंं� सेे उस पहलेे पशुु कीी, पूूजाा करााताा थाा» इंं गि�त करताा हैै कि� इस रााष्ट्रर केे
अधि�काार काा उपयोोग कि�सीी धाार्मि�क क्रि�याा कोो लाागूू करनेे मेंं कि�याा जाानाा हैै जोो पोोप-तंं त्र केे लि�ए श्र-
द्धांं�जलि� काा काार्यय होोगाा।
इस तरह कीी काार्ररवााई इस सरकाार केे सि�द्धांं�तोंं� केे , इसकेे स्वतंं त्र संं स्थाानोंं� कीी प्रति�भाा केे , स्वतंं त्रताा
कीी घोोषणाा केे प्रत्यक्ष और गंं भीीर प्रति�ज्ञााओंं केे , और संं वि�धाान केे सीीधेे तौौर पर वि�परीीत होोगीी। रााष्ट्रर
केे संं स्थाापकोंं� नेे बुुद्धि�माानीी सेे कलीीसि�याा कीी ओर सेे धर्ममनि�रपेेक्ष शक्ति� केे नि�योोजन और इसकेे अपरि�-
हाार्यय परि�णााम -असहि�ष्णुुताा और उत्पीीड़न- केे नि�मि�त्त सुुरक्षाा कीी मांं�ग कीी। संं वि�धाान प्रदाान करताा हैै
कि� «कांं�ग्रेेस धर्मम कीी स्थाापनाा केे संं बंं ध मेंं कोोई काानूून नहींं� बनााएगीी, याा उसकेे मुुक्त अभ्याास पर रोोक
लगाा देेगीी,» और यह कि� «संं युुक्त रााज्य केे तहत कि�सीी भीी काार्याा�लय याा साार्ववजनि�क संं गठन केे लि�ए
योोग्यताा केे रूप मेंं कि�सीी भीी धाार्मि�क परीीक्षण कीी आवश्यकताा नहींं� होोगीी।» केे वल रााष्ट्रर कीी स्वतंं त्रताा
केे लि�ए इन सुुरक्षाा उपाायोंं� केे घोोर उल्लंं घन मेंं, नाागरि�क प्रााधि�करण द्वााराा कि�सीी भीी धाार्मि�क वि�धि� कोो
लाागूू कि�याा जाा सकताा हैै। लेेकि�न इस तरह कीी काार्ररवााई कीी असंं गति� प्रतीीक मेंं दर्शाा�ई गई तुुलनाा मेंं
अधि�क नहींं� हैै। यह मेेमनेे केे सेे सींं�ग वाालाा पशुु हैै- व्यवहाार मेंं शुुद्ध, कोोमल और हाानि�रहि�त - जोो एक
अजगर केे रूप मेंं बोोलताा हैै।
«पृृथ्वीी केे रहनेेवाालोंं� सेे कहताा थाा कि� जि�स पशुु केे तलवाार लगीी थीी वह जीी गयाा हैै, उसकीी मूूर्ति�
बनााओ।» यहाँँ� स्पष्ट रूप सेे सरकाार काा एक रूप प्रस्तुुत कि�याा गयाा हैै जि�समेंं वि�धाायीी शक्ति� लोोगोंं� केे
पाास हैै, एक सबसेे महत्वपूूर्णण सबूूत कि� संं युुक्त रााज्य भवि�ष्यद्वााणीी मेंं दर्शाा�याा गयाा रााष्ट्रर हैै।
लेेकि�न “पशुु कीी मूूरत” क्याा हैै? और यह कैै सेे बननेे वाालीी हैै? वह मूूरत दोो सींं�ग वाालेे पशुु सेे बनीी
हैै, और वह पहलेे पशुु कीी मूूरत हैै। इसेे पशुु कीी मूूरत भीी कहाा जााताा हैै। फि�र यह जााननेे केे लि�ए कि�
मूूरत कैै सीी हैै और यह कैै सेे बननेे वाालीी हैै, हमेंं स्वयंं पशुु अर्थाा�त पोोपतंं त्र कीी वि�शेेषतााओंं काा अध्ययन
करनाा चााहि�ए।
जब प्राारंंभि�क कलीीसि�याा सुुसमााचाार कीी सरलताा सेे हटकर और मूूर्ति�पूूजक संं स्काारोंं� और
रीीति�-रि�वााजोंं� कोो स्वीीकाार करकेे भ्रष्ट होो गई, उसनेे परमेेश्वर कीी आत्माा और साामर्थ्यय कोो खोो दि�याा;
310 महाान वि�वााद

और लोोगोंं� कीी अंंतराात्माा कोो नि�यंं त्रि�त करनेे केे लि�ए, उसनेे धर्ममनि�रपेेक्ष सत्ताा काा समर्थथन मांं�गाा। इसकाा
परि�णााम पोोपतंं त्र थाा, एक कलीीसि�याा जि�सनेे रााज्य कीी शक्ति� कोो नि�यंं त्रि�त कि�याा और इसेे अपनेे स्वयंं
केे मनोोरथ कोो आगेे बढ़ाानेे केे लि�ए नि�योोजि�त कि�याा, वि�शेेष रूप सेे «वि�धर्मम» कीी सज़ाा केे लि�ए। संं युुक्त
रााज्य अमेेरि�काा केे लि�ए पशुु कीी एक मूूरत बनाानेे केे लि�ए, धाार्मि�क शक्ति� कोो नाागरि�क सरकाार कोो इतनाा
नि�यंं त्रि�त करनाा थाा कि� रााज्य केे साामर्थ्यय कोो भीी कलीीसि�याा द्वााराा अपनेे स्वयंं केे मनोोरथोंं� कोो पूूराा करनेे
केे लि�ए नि�योोजि�त कि�याा जााएगाा।
जब भीी कलीीसि�याा नेे धर्ममनि�रपेक्ष े शक्ति� प्रााप्त कीी हैै, उसनेे इसेे अपनेे सि�द्धांं�तोंं� सेे असंं तोोष कोो दंंडि�त
करनेे केे लि�ए नि�योोजि�त कि�याा हैै। प्रोोटेेस्टेंंट कलीीसि�यााएंं जि�न्होंं�नेे रोोम केे नक्शेे-कदम पर दुनि�या ु ावीी शक्ति�योंं�
केे सााथ गठजोोड़ करकेे अनुुसरण कि�याा हैै, उन्होंं�नेे अंंतराात्माा कीी स्वतंं त्रताा कोो प्रति�बंंधि�त करनेे कीी समाान
इच्छाा प्रकट कीी हैै। इसकाा एक उदााहरण इंं ग्लैंडं कीी कलीीसि�याा द्वााराा असंं तुष्ु टोंं� केे लंं बेे समय सेे ज़ाारीी
उत्पीीड़न मेंं दि�याा गयाा हैै। सोोलहवींं� और सत्रहवींं� शतााब्दीी केे दौौराान, हज़ाारोंं� गैैर-अनुुरूपताावाादीी सोोलहवींं�
और सत्रहवींं� शतााब्दीी केे दौौराान, हज़ाारोंं� संं प्रदाायवाादीी पाादरीी अपनीी कलीीसि�यााओंं सेे भाागनेे केे लि�ए मजबूूर
होो गए, और कई पाादरीी और लोोग दोोनोंं�, जुुर्मााना� ा, कााराावाास, याातनाा और शहाादत केे पाात्र बन गए।
यह धर्ममत्यााग थाा जि�सनेे प्राारंंभि�क कलीीसि�याा कोो नाागरि�क सरकाार कीी सहाायताा लेेनेे केे लि�ए प्रेेरि�त
कि�याा, और इसनेे पोोप-तंं त्र-पशुु केे वि�काास काा माार्गग तैैयाार कि�याा। पौौलुुस नेे कहाा: «जब तक धर्मम काा
त्यााग न होो लेे, और वह पााप काा पुुरुष अर्थाा�त्् वि�नााश काा पुुत्र प्रगट न होो।» 2 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 2:3।
तोो कलीीसि�याा मेंं धर्ममत्यााग पशुु कीी मूूरत केे लि�ए राास्ताा तैैयाार करेेगाा।
बााइबल घोोषणाा करतीी हैै कि� प्रभुु केे आनेे सेे पहलेे धाार्मि�क पतन कीी स्थि�ति� मौौजूूद होोगीी जैैसीी
पहलीी शतााब्दि�योंं� मेंं थीी। «अन्ति�म दि�नोंं� मेंं कठि�न समय आएँँगेे। क्योंं�कि� मनुुष्य स्वाार्थीी, लोोभीी,
डींं�गमाार, अभि�माानीी, नि�न्दक, मााताा–पि�ताा कीी आज्ञाा टाालनेे वाालेे, कृृ तघ्न, अपवि�त्र, दयाारहि�त, क्षमा�-
रहि�त, दोोष लगाानेे वाालेे, असंं यमीी, कठोोर, भलेे केे बैैरीी, वि�श्वाासघाातीी, ढीीठ, घमण्डीी, और परमेेश्वर
केे नहींं� वरन्् सुुखवि�लाास हीी केे चााहनेेवाालेे होंं�गेे। वेे भक्‍ति�ि� काा भेेष तोो धरेंंगेे, पर उसकीी शक्‍ति�ि� कोो न
माानेंंगेे; ऐसोंं� सेे परेे रहनाा।» 2 तीीमुुथि�युसु 3:1-5। «परन्तुु आत्माा स्पष्टताा सेे कहताा हैै कि� आनेेवाालेे
समयोंं� मेंं कि�तनेे लोोग भरमाानेे वाालीी आत्मााओंं, और दुष्‍‍टा ु ात्मााओंं कीी शि�क्षााओंं पर मन लगााकर वि�श्‍‍वाास
सेे बहक जााएँँगेे।» 1 तीीमुुथि�युसु 4:1। शैैताान “सब प्रकाार कीी झूठीू ी साामर्थ्यय, और चि�ह्न, और अद्भु ् ुत
कााम केे सााथ” कााम करेेगाा। « और जि�न सभीी नेे «सत्य काा प्रेेम ग्रहण नहींं� कि�याा, कि� उनकाा उद्धाार
होो,» उन्हेंं «एक भटकाा देेनेेवाालीी साामर्थ्यय» कोो स्वीीकाार करनेे केे लि�ए छोोड़ दि�याा जााएगाा «कि� वेे झूठू
कीी प्रतीीति� करेंं।» 2 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 2:9-11। जब अभक्ति� कीी यह अवस्थाा पहुँँच जााएगीी, तोो वहीी
परि�णााम होंं�गेे जोो पहलीी शतााब्दि�योंं� मेंं थेे।
प्रोोटेेस्टेंंट कलीीसि�यााओंं मेंं वि�श्वाास कीी व्याापक वि�वि�धताा कोो कई लोोगोंं� द्वााराा नि�र्णाा�यक प्रमााण
केे रूप मेंं माानाा जााताा हैै कि� जबरन एकरूपताा कोो सुुरक्षि�त करनेे काा कोोई प्रयाास कभीी नहींं� कि�याा जाा
सकताा हैै। लेेकि�न साालोंं� सेे, प्रोोटेेस्टेंंट धर्मम कीी कलीीसि�यााओंं मेंं सि�द्धांं�त केे साामाान्य मुुद्दोंं� पर आधाारि�त
संं घ केे पक्ष मेंं एक मज़बूूत और बढ़तीी भाावनाा रहीी हैै। इस तरह केे संं घ कोो दृढ़ करनेे केे लि�ए, उन
वि�षयोंं� कीी चर्चाा� जि�न पर सभीी सहमत नहींं� थेे - चााहेे वेे बााइबल केे दृष्टि�िकोोण सेे कि�तनेे भीी महत्वपूूर्णण
क्योंं� न होंं� - अनि�वाार्यय रूप सेे छूू ट दीी जाानीी चााहि�ए।
परमेश्वर का नियम अपरिवर्तन 311

चाार्ल्सस बीीचर नेे 1846 मेंं एक धर्मोोपदेेश मेंं घोोषणाा कीी कि� «सुुसमााचाार काा प्रचाार करनेे वाालेे प्रो�-
टेेस्टेंंट संं प्रदाायोंं�» कीी सेेवकााई «केे वल माानव भय केे एक ज़बरदस्त दबााव केे तहत गठि�त नहींं� हुई हैै,
बल्कि� वेे मौौलि�क रूप सेे भ्रष्ट चीीजोंं� कीी एक परि�स्थि�ति� मेंं जीीतेे हैंं, और आगेे बढ़तेे हैंं, और सांं�स लेेतेे हैंं,
और सत्य कोो चुुप कराानेे केे लि�ए, और धर्ममत्यााग कीी शक्ति� केे साामनेे घुुटनेे टेेकनेे केे लि�ए हर घंं टेे उनकीी
प्रकृृ ति� केे हर नि�म्न तत्व कोो प्रसन्न करतेे हैै। क्याा रोोम केे सााथ ऐसाा नहींं� हुआ थाा? क्याा हम उसकाा
जीीवन फि�र सेे नहींं� जीी रहेे हैंं? और हम आगेे क्याा देेखतेे हैंं? एक और साार्ववजनि�क महाासभाा! वि�श्व
काा एक सम्मेेलन! सुुसमााचाार केे प्रचाार संं बंं धीी गठबंं धन, और साार्ववभौौमि�क पंं थ! « -» द बााइबल ए
सफीीसि�एंं ट क्रीीड» फोोर्टट वेेन, इंं डि�याानाा मेंं फरवरीी 22, 1846 कोो दि�याा गयाा उपदेेश। जब यह हाासि�ल
कर लि�याा जााएगाा, तब, पूूर्णण एकरूपताा हाासि�ल करनेे केे प्रयाास मेंं, यह बल काा सहााराा लेेनेे कीी दि�शाा मेंं
केे वल एक कदम होोगाा।
जब संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा कीी कलीीसि�यााएँँ, सि�द्धांं�त केे ऐसेे मुुद्दोंं� पर एकजुुट होोकर, जोो उनकेे द्वााराा
आम तौौर पर ग्रहण कि�ए गए हैंं, रााज्य कोो अपनेे फरमाानोंं� कोो लाागूू करनेे और अपनेे संं स्थाानोंं� कोो बनााए
रखनेे केे लि�ए प्रभाावि�त करेंंगेे, तब प्रोोटेेस्टेंंट अमेेरि�काा रोोमीी धर्ममसत्‍‍ताा काा एक प्रतीीक बनाा लेेगाा, और
असंं तुुष् टोंं� पर असैैनि�क दंंड अनि�वाार्यय रूप सेे परि�णााम होोगाा।
दोो सींं�गोंं� वाालेे पशुु नेे “छोोटेे–बड़ेे, धनीी–कंं गााल, स्वतंं त्र–दाास सब केे दााहि�नेे हााथ याा उनकेे मााथेे
पर एक छााप कराा दीी, कि� उसकोो छोोड़ जि�स पर छााप अर्थाा�त्् उस पशुु काा नााम याा उसकेे नााम काा अंंक
होो, अन्य कोोई लेेन–देेन न कर सकेे । « प्रकााशि�तवााक्य 13:16,17। तीीसरेे स्वर्गगदूू त कीी चेेताावनीी हैै:
«जोो कोोई उस पशुु और उसकीी मूूर्ति� कीी पूूजाा करेे, और अपनेे मााथेे याा अपनेे हााथ पर उसकीी छााप लेे
वह परमेेश्वर केे प्रकोोप कीी नि�रीी मदि�राा पीीएगाा।» इस संं देेश मेंं उल्लि�खि�त «पशुु», जि�सकीी उपाासनाा
दोो सींं�ग वाालेे पशुु द्वााराा लाागूू कीी जाातीी हैै, प्रकााशि�तवााक्य 13 काा पहलाा, याा चीीतेे केे समाान पशुु हैै
- पोोपतंं त्र। «पशुु कीी छााप» धर्ममत्याागीी प्रोोटेेस्टेंंटवााद केे उस रूप काा प्रति�नि�धि�त्व करताा हैै जोो तब
वि�कसि�त होोगाा जब प्रोोटेेस्टेंंट चर्चच अपनेे धर्ममसि�द्धांं�तोंं� केे प्रवर्ततन केे लि�ए असैैनि�क शक्ति� कीी सहाायताा
लेंंगेे। अभीी भीी «पशुु कीी छााप» काा परि�भााषि�त होोनाा बााकीी हैै।
पशुु और उसकीी मूूरत केे खि�लााफ चेेताावनीी केे बााद भवि�ष्यद्वााणीी कहतीी हैै: «पवि�त्र लोोगोंं� काा धीीरज
इसीी मेंं हैै, जोो परमेेश्वर कीी आज्ञााओंं कोो माानतेे और यीीशुु पर वि�श्‍‍वाास रखतेे हैंं।» चूँँ�कि� जोो लोोग परमेे-
श्वर कीी आज्ञााओंं काा पाालन करतेे हैंं उन्हेंं इस प्रकाार उन लोोगोंं� केे वि�परीीत रखाा जााताा हैै जोो पशुु और
उसकीी छााप कीी पूूजाा करतेे हैंं और उसकीी छााप प्रााप्त करतेे हैंं, यह समझ मेंं आताा हैै कि� एक ओर
परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा काा पाालन करनाा और दूू सरीी ओर उसकाा उल्लंं घन, परमेेश्वर केे उपाासकोंं� और
पशुु केे उपाासकोंं� केे बीीच भेेद करेेगाा।
पशुु कीी असााधाारण वि�शेेषताा, और इसलि�ए उसकीी मूूरत कीी, परमेेश्वर कीी आज्ञााओंं कोो तोोड़नाा हैै।
दाानि�य्येेल, छोोटेे सींं�ग, पोोपतंं त्र केे बाारेे मेंं कहताा हैै: «वह समयोंं� और व्यवस्थाा केे बदल देेनेे कीी आशाा
करेेगाा।» दाानि�य्येेल 7:25 और पौौलुुस नेे उसीी शक्ति� कोो «पााप काा पुुरुष» कहाा, जोो स्वयंं कोो परमेे-
श्वर सेे ऊपर उठाानेे वाालाा थाा। एक भवि�ष्यद्वााणीी दूू सरेे कीी पूूरक हैै। केे वल परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कोो
बदलकर हीी पोोपतंं त्र स्वयंं कोो परमेेश्वर सेे ऊपर उठाा सकताा थाा; जोो कोोई भीी इस प्रकाार बदलीी हुई
व्यवस्थाा कोो समझदाारीी सेे बनााए रखेेगाा वह उस शक्ति� कोो सर्वोोच्च सम्माान देेगाा जि�सकेे द्वााराा परि�वर्ततन
312 महाान वि�वााद

कि�याा गयाा थाा। पोोप संं बंं धीी व्यवस्थाा काा पाालन करनेे काा ऐसाा काार्यय परमेेश्वर केे स्थाान पर पोोप केे प्रति�
नि�ष्ठाा काा प्रतीीक होोगाा।
पोोपतंं त्र नेे परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कोो बदलनेे काा प्रयाास कि�याा हैै। मूूर्ति� पूूजाा पर रोोक लगाानेे वाालीी
दूू सरीी आज्ञाा कोो व्यवस्थाा सेे हटाा दि�याा गयाा हैै, और चौौथीी आज्ञाा कोो इस तरह सेे बदल दि�याा गयाा हैै कि�
साातवेंं दि�न केे बजााय सब्त केे रूप मेंं पहलेे केे पाालन कोो अधि�कृृत कि�याा जााए। लेेकि�न पोोप-समर्थथक
दूू सरीी आज्ञाा कोो छोोड़नेे केे एक काारण केे रूप मेंं, वकाालत करतेे हैंं, कि� यह अनाावश्यक हैै, क्योंं�कि� यह
पहलीी आज्ञाा मेंं सम्मि�लि�त हैै, और यह कि� वेे व्यवस्थाा कोो ठीीक वैैसेे हीी देे रहेे हैंं जैैसेे परमेेश्वर नेे इसेे
समझनेे केे लि�ए बनाायाा हैै। यह भवि�ष्यद्वक्ताा द्वााराा पहलेे सेे बताायाा गयाा परि�वर्ततन नहींं� होो सकताा हैै।
एक सााभि�प्रााय, सोोचाा-समझाा परि�वर्ततन प्रस्तुुत कि�याा गयाा हैै: «वह समय और व्यवस्थाा कोो बदलनेे केे
बाारेे मेंं सोोचेेगाा।» चौौथीी आज्ञाा मेंं परि�वर्ततन वाास्तव मेंं भवि�ष्यद्वााणीी कोो पूूराा करताा हैै। इसकेे लि�ए दाावाा
कि�याा गयाा एकमाात्र अधि�काार कलीीसि�याा काा हैै। यहाँँ� पोोप काा रााज्य खुुलेे तौौर पर खुुद कोो परमेेश्वर सेे
ऊपर नि�यत करताा हैै।
जबकि� परमेेश्वर केे उपाासक चौौथीी आज्ञाा केे प्रति� अपनीी माान्यताा सेे वि�शेेष रूप सेे पहचाानेे जााएंं गेे,
- क्योंं�कि� यह उसकीी रचनाात्मक शक्ति� काा संं केे त हैै और मनुुष्य केे आदर और श्रद्धाा पर उसकेे दाावेे काा
गवााह हैै, - पशुु केे उपाासक रोोम कीी व्यवस्थाा काा महि�माा मंं डन करनेे केे लि�ए, सृृष्टि�िकर्ताा� केे स्माारक
कोो नष्ट करनेे केे प्रयाास द्वााराा पहचाानेे जााएंं गेे। यह रवि�वाार कीी ओर सेे थाा कि� पोोपवााद नेे सबसेे पहलेे
अपनेे अहंंकाारीी दाावोंं� पर ज़ोोर दि�याा (टि�प्पणीी 34 देेखेंं); और रवि�वाार कोो «परमेेश्वर केे दि�न» केे रूप
मेंं मनाानेे केे लि�ए मजबूूर करनाा पहलाा सहााराा पहलाा थाा जोो उसनेे रााज्य कीी शक्ति� सेे लि�याा। लेेकि�न
बााइबल प्रभुु केे दि�न केे रूप मेंं साातवेंं दि�न कीी ओर संं केे त करतीी हैै, न कि� पहलेे दि�न कोो। मसीीह नेे
कहाा: “मनुुष्य काा पुुत्र सब्त केे दि�न काा भीी प्रभुु हैै।” चौौथीी आज्ञाा घोोषि�त करतीी हैै: «साातवाँँ� दि�न यहोोवाा
काा वि�श्रााम दि�न हैै।» और भवि�ष्यद्वक्ताा यशाायााह केे द्वााराा यहोोवाा इसेे नि�र्दि�ष्ट करताा हैै: «मेेराा पवि�त्र
दि�न।» मरकुु स 2:28; यशाायााह 58:13।
इतनीी बाार कि�याा गयाा यह दाावाा कि� मसीीह नेे सब्त कोो बदल दि�याा, उसकेे अपनेे शब्दोंं� द्वााराा अस्वीीकृृ त
कि�याा गयाा हैै। अपनेे पहााड़ीी उपदेेश मेंं उसनेे कहाा: «यह न समझोो, कि� मैंं व्यवस्थाा याा भवि�ष्यद्वक्तााओंं
कीी पुुस्तकोंं� कोो लोोप करनेे आयाा हूंं: मैंं लोोप करनेे नहींं�, परन्तुु पूूराा करनेे आयाा हूंं। क्योंं�कि� मैंं तुुम सेे सच
कहताा हूँँ, कि� जब तक आकााश और पृृथ्वीी टल न जााएँँ, तब तक व्यवस्थाा सेे एक माात्राा याा एक बि�न्दुु भीी
बि�नाा पूूराा हुए नहींं� टलेेगाा। इसलि�येे जोो कोोई इन छोोटीी सेे छोोटीी आज्ञााओंं मेंं सेे कि�सीी एक कोो तोोड़ेे, और
वैैसाा हीी लोोगोंं� कोो सि�खााए, वह स्वर्गग केे रााज्य मेंं सबसेे छोोटाा कहलााएगाा; परन्तुु जोो कोोई उन आज्ञााओंं काा
पाालन करेेगाा और उन्हेंं सि�खााएगाा, वहीी स्वर्गग केे रााज्य मेंं महाान्् कहलााएगाा। « मत्तीी 5:17-19।
यह एक तथ्य हैै जि�सेे आम तौौर पर प्रोोटेेस्टेंंटोंं� द्वााराा स्वीीकाार कि�याा जााताा हैै कि� पवि�त्रशाास्त्र सब्त
केे परि�वर्ततन केे लि�ए कोोई अधि�काार नहींं� देेताा हैै। यह अमेेरि�कन ट्रैै�क्ट सोोसााइटीी और अमेेरि�कन
संं डेे स्कूूल यूूनि�यन द्वााराा ज़ाारीी प्रकााशनोंं� मेंं स्पष्ट रूप सेे कहाा गयाा हैै। इन काार्योंं मेंं सेे एक “जहांं�
तक सब्त [रवि�वाार, सप्तााह काा पहलाा दि�न] केे लि�ए कि�सीी भीी स्पष्ट आदेेश याा इसकेे पाालन केे
नि�श्चि�ित नि�यमोंं� काा संं बंं ध हैै, नए नि�यम कीी पूूर्णण चुुप्पीी» कोो स्वीीकाार करताा हैै।” —जॉॉर्जज इलि�यट,
द एबााइडिं�ंग सब्त, पेेज 184।
परमेश्वर का नियम अपरिवर्तन 313

एक और कहताा हैै: “मसीीह कीी मृृत्युु केे समय तक, दि�न मेंं कोोई परि�वर्ततन नहींं� कि�याा गयाा थाा;” और,
«जहाँँ� तक अभि�लेेख दि�खााताा हैै, उन्होंं�नेे [प्रेेरि�तोंं�] नेे ... साातवेंं दि�न सब्त केे परि�त्यााग और सप्तााह केे
पहलेे दि�न इसेे मााननेे काा कोोई स्पष्ट आदेेश नहींं� दि�याा।» —ए. ई. वफ़ल, द लॉॉर्ड््�स डेे, पृृष् ठ 186-188।
रोोमन कैै थोोलि�क स्वीीकाार करतेे हैंं कि� सब्त काा परि�वर्ततन उनकेे चर्चच द्वााराा कि�याा गयाा थाा, और
घोोषणाा करतेे हैंं कि� रवि�वाार काा पाालन कर प्रोोटेेस्टेंंट उसकीी शक्ति� कोो पहचाान रहेे हैंं। मसीीहीी धर्मम कीी
कैै थोोलि�क धाार्मि�क प्रश्नोोत्तरीी मेंं, चौौथीी आज्ञाा केे पाालन मेंं मनााए जाानेे वाालेे दि�न केे बाारेे मेंं एक प्रश्न केे
उत्तर मेंं, यह कथन दि�याा गयाा हैै: «पुुराानीी व्यवस्थाा केे दौौराान, शनि�वाार काा दि�न पवि�त्र माानाा जााताा थाा;
लेेकि�न कलीीसि�याा नेे, यीीशुु मसीीह द्वााराा आदेेशि�त, और परमेेश्वर कीी आत्माा द्वााराा नि�र्देेशि�त, रवि�वाार कोो
शनि�वाार केे स्थाान पर प्रति�स्थाापि�त कर दि�याा हैै; सोो अब हम साातवेंं दि�न कोो नहींं�, पहि�लेे दि�न कोो पवि�त्र
करतेे हैंं। रवि�वाार काा अर्थथ हैै, और अब यह प्रभुु काा दि�न हैै।”
कैै थोोलि�क चर्चच केे अधि�काार केे संं केे त केे रूप मेंं, पोोपवाादीी लेेखक हवाालाा देेताा हैै «सब्त कोो रवि�वाार
मेंं बदलनेे काा काार्यय, जि�सेे प्रोोटेेस्टेंंट अनुुमति� देेतेे हैंं; ... क्योंं�कि� रवि�वाार काा पाालन करनेे सेे, वेे दाावतोंं� कोो
नि�यत करनेे और उन्हेंं पााप केे अधीीन करनेे कीी आज्ञाा देेनेे केे लि�ए चर्चच केे अधि�काार कोो स्वीीकाार करतेे
हैंं।» -हेेनरीी ट्यूूबरवि�ल, एन एब्रि�डमेंंट ऑफ़ द क्रि�स्चि��यन डॉॉक्ट्रि�िन, पृृष् ठ 58। तोो फि�र रोोमन चर्चच केे
चि�न्ह, छााप याा अधि�काार केे सि�वााय सब्त काा परि�वर्ततन क्याा हैै- «पशुु कीी छााप»?
रोोमन चर्चच नेे वर्चचस्व केे अपनेे दाावेे कोो नहींं� छोोड़ाा हैै; और जब दुनि�या ु ा और प्रोोटेेस्टेंंट कलीीसि�यााएंं
उसकेे द्वााराा ठहरााए गए सब्त कोो स्वीीकाार करतेे हैंं, जबकि� वेे बााइबल सब्त कोो अस्वीीकाार करतेे हैंं, तोो
वेे वस्तुुतःः इस धाारणाा कोो स्वीीकाार करतेे हैंं। वेे परि�वर्ततन केे लि�ए परंंपराा और पूूर्ववजोंं� केे अधि�काार काा
दाावाा कर सकतेे हैंं; लेेकि�न ऐसाा करनेे मेंं वेे उस सि�द्धांं�त कीी उपेेक्षाा करतेे हैंं जोो उन्हेंं रोोम सेे अलग करताा
हैै - कि� «बााइबल, और केे वल बााइबि�ल, प्रोोटेेस्टेंंट संं प्रदाायोंं� काा धर्मम हैै।» पोोप-समर्थथक देेख सकतेे हैंं
कि� वेे खुुद कोो धोोखाा देे रहेे हैंं, स्वेेच्छाा सेे माामलेे मेंं तथ्योंं� केे लि�ए अपनीी आँँखेंं बंं द कर रहेे हैंं। जैैसेे हीी
रवि�वाार केे प्रवर्ततन केे लि�ए आंंदोोलन कोो समर्थथन मि�लताा हैै, वह आनन्दि�त होोताा हैै, आश्वस्त महसूूस
करताा हैै कि� यह अंंततःः पूूरेे प्रोोटेेस्टेंंट जगत कोो रोोम केे बैैनर तलेे लेे आएगाा।
रोोमनवाादीी घोोषणाा करतेे हैंं कि� “प्रोोटेेस्टेंंटोंं� द्वााराा रवि�वाार काा पाालन एक श्रद्धांं�जलि� हैै, जोो वेे अपनेे
इराादेे केे वि�रुद्ध, [कैै थोोलि�क] चर्चच केे प्रभुुत्व कोो देेतेे हैंं।” — एमजीीआर. सेेगुुर, प्लेेन टॉॉक अबााउट
द प्रोोटेेस्टेंंटि�ज़्म ऑफ़ टुुडेे, पृृष् ठ 213। प्रोोटेेस्टेंंट चर्चोंं कीी ओर सेे रवि�वाार पाालन काा प्रवर्ततन पोोप-तंं त्र
कीी पूूजाा काा प्रवर्ततन हैै -पशुु कीी। जोो लोोग, चौौथीी आज्ञाा केे दाावोंं� कोो समझतेे हुए, सच्चेे सब्त केे बजााय
झूठेू े काा पाालन करनाा चुुनतेे हैंं, वेे उस शक्ति� कोो श्रद्धांं�जलि� देे रहेे हैंं जि�सकेे द्वााराा अकेे लेे हीी इसकीी आज्ञाा
दीी जाातीी हैै। लेेकि�न धर्ममनि�रपेेक्ष सत्ताा द्वााराा एक धाार्मि�क कर्ततव्य कोो लाागूू करनेे केे काार्यय मेंं, कलीीसि�यााएंं
खुुद हीी पशुु कीी एक मूूरत बनाा लेंंगीी; इसलि�ए संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा मेंं रवि�वाार पाालन काा प्रवर्ततन पशुु
और उसकीी मूूरत कीी पूूजाा काा प्रवर्ततन होोगाा।
लेेकि�न पि�छलीी पीीढ़ि�योंं� केे मसीीहि�योंं� नेे रवि�वाार काा पाालन कि�याा, यह माानतेे हुए कि� ऐसाा करनेे
सेे वेे बााइबल सब्त काा पाालन कर रहेे थेे; और अब हर कलीीसि�याा मेंं सच्चेे मसीीहीी हैंं, रोोमन कैै थोोलि�क
धाार्मि�क सम्प्रदााय सहि�त, जोो ईमाानदाारीी सेे माानतेे हैंं कि� रवि�वाार ईश्वरीीय नि�युुक्ति� काा सब्त हैै। परमेे-
श्वर अपनेे साामनेे उनकेे उद्देेश्य कीी ईमाानदाारीी और उनकीी सत्यनि�ष्ठाा कोो स्वीीकाार करताा हैै। लेेकि�न
314 महाान वि�वााद

जब रवि�वाार काा पाालन काानूून द्वााराा लाागूू कि�याा जााएगाा, और दुनि�या ु ा कोो सच्चेे सब्त केे दाायि�त्व केे बाारेे
मेंं प्रबुुद्ध कि�याा जााएगाा, तोो जोो कोोई भीी एक ऐसेे उपदेेश काा पाालन करनेे केे लि�ए जि�सकाा अधि�काार
रोोम जि�तनाा हीी श्रेेष् ठ हैै, परमेेश्वर कीी आज्ञाा काा उल्लंं घन करेेगाा, वह फलस्वरूप परमेेश्वर सेे बढ़कर
पोोपवााद काा सम्माान करेेगाा। वह रोोम और उस शक्ति� कोो श्रद्धांं�जलि� देे रहाा हैै जोो रोोम द्वााराा ठहरााई गई
व्यवस्थाा कोो लाागूू करतीी हैै। वह पशुु और उसकीी मूूरत कीी पूूजाा कर रहाा हैै। जब लोोग तब उस संं स्थाा
कोो अस्वीीकाार करतेे हैंं जि�सेे परमेेश्वर नेे अपनेे अधि�काार काा संं केे त घोोषि�त कि�याा हैै, और इसकेे स्थाान
पर उसकाा सम्माान करतेे हैंं जि�सेे रोोम नेे अपनीी सर्वोोच्चताा केे प्रतीीक केे रूप मेंं चुुनाा हैै, वेे फलस्वरूप रोोम
केे प्रति� नि�ष्ठाा केे संं केे त कोो स्वीीकाार करेंंगेे - «पशुु कीी छााप।» और यह तब तक नहींं� हैै जब तक कि�
माामलाा इस प्रकाार स्पष्ट रूप सेे लोोगोंं� केे साामनेे नहींं� रखाा जााताा हैै, और उन्हेंं परमेेश्वर कीी आज्ञााओंं
और मनुुष्योंं� कीी आज्ञााओंं केे बीीच चुुननेे केे लि�ए आश्वस्त कि�याा जााए, कि� जोो लोोग अपरााध करनाा ज़ाारीी
रखतेे हैंं उन्हेंं «पशुु कीी छााप» मि�लेेगीी।
नश्वर लोोगोंं� कोो संं बोोधि�त अब तक कीी सबसेे भयाानक धमकीी तीीसरेे दूू त केे संं देेश मेंं नि�हि�त हैै। यह
एक भयाानक पााप होोगाा जोो परमेेश्वर केे दयाा रहि�त प्रकोोप कोो भड़कााताा हैै। इस महत्वपूूर्णण माामलेे केे
बाारेे मेंं लोोगोंं� कोो अंंधेरेे े मेंं नहींं� छोोड़ाा जाानाा हैै; इस पााप केे वि�रुद्ध चेेताावनीी संं साार कोो परमेेश्वर केे न्याा-
यदण्ड केे आनेे सेे पहलेे दीी जाानीी हैै, तााकि� सभीी जाान सकेंं कि� उन्हेंं क्योंं� दण्डि�त कि�याा जाानाा हैै, और
उनकेे पाास बचनेे काा अवसर हैै। भवि�ष्यद्वााणीी बताातीी हैै कि� पहलाा स्वर्गगदूू त “हर एक जााति�, और कुु ल,
और भााषाा, और लोोगोंं�” केे लि�ए अपनीी घोोषणाा करेेगाा। « तीीसरेे स्वर्गगदूू त कीी चेेताावनीी, जोो उसीी ति�हरेे
संं देेश काा एक हि�स्साा हैै, कम व्याापक नहींं� होोनीी हैै। भवि�ष्यद्वााणीी मेंं दि�खाायाा गयाा हैै कि� स्वर्गग केे बीीच मेंं
उड़तेे हुए एक स्वर्गगदूू त नेे ऊँँचेे स्वर मेंं इसकीी घोोषणाा कीी; और यह दुनि�या ु ा काा ध्याान आकर्षि�त करेेगीी।
प्रति�योोगि�ताा केे मुुद्देे मेंं सभीी मसीीहीी जगत कोो दोो बड़ेे वर्गोंं मेंं वि�भााजि�त कि�याा जााएगाा - वेे जोो परमेे-
श्वर कीी आज्ञााओंं और यीीशुु केे वि�श्वाास कोो माानतेे हैंं, और वेे जोो पशुु और उसकीी छााप कीी पूूजाा करतेे
हैंं और उसकीी छााप प्रााप्त करतेे हैंं। यद्यपि� कलीीसि�याा और रााज्य अपनीी शक्ति� कोो «छोोटेे–बड़ेे, धनीी–
कंं गााल, स्वतंं त्र–दाास सब कोो» (प्रकााशि�तवााक्य 13:16), «पशुु कीी छााप» प्रााप्त करनेे केे लि�ए मजबूूर
करनेे केे लि�ए एकजुुट होंं�गेे, फि�र भीी परमेेश्वर केे लोोग इसेे प्रााप्त नहींं� करेंंगेे। पतमुुस काा भवि�ष्यद्वक्ताा
देेखताा हैै «जोो लोोग उस पशुु पर और उसकीी मूूर्ति� पर और उसकेे नााम केे अंंक पर जयवन्त हुए थेे, उन्हेंं
उस काँँ�च केे समुुद्र केे नि�कट परमेेश्वर कीी वीीणााओंं कोो लि�ए हुए खड़ेे देेखाा» और वेे मूूसाा और मेेम्नेे काा
गीीत गाा रहेे थेे। प्रकााशि�तवााक्य 15:2,3।
26

सुुधाार काा काार्यय

स ब्त सुुधाार काा काार्यय जोो अंंत केे दि�नोंं� मेंं पूूराा कि�याा जाानाा यशाायााह कीी भवि�ष्यद्वााणीी मेंं पूूर्ववकथि�त
हैै: «यहोोवाा योंं� कहताा हैै, “न्यााय काा पाालन करोो, और धर्मम केे कााम करोो; क्योंं�कि� मैंं शीीघ्र तुुम्हााराा
उद्धाार करूँँगाा, और मेेराा धर्मीी होोनाा प्रगट होोगाा। क्याा हीी धन्य हैै वह मनुुष्य जोो ऐसाा हीी करताा, और वह
आदमीी जोो इस पर स्थि�र रहताा हैै, जोो वि�श्रााम दि�न कोो पवि�त्र माानताा और अपवि�त्र करनेे सेे बचाा रहताा
हैै, और अपनेे हााथ कोो सब भाँँ�ति� कीी बुुरााई करनेे सेे रोोकताा हैै।” «परदेेशीी भीी जोो यहोोवाा केे सााथ इस
इच्छाा सेे मि�लेे हुए हैंं कि� उसकीी सेेवाा टहल करेंं और यहोोवाा केे नााम सेे प्रीीति� रखेंं और उसकेे दाास होो
जााएँँ, जि�तनेे वि�श्रााम दि�न कोो अपवि�त्र करनेे सेे बचेे रहतेे और मेेरीी वााचाा काा पाालन करतेे हैंं, उनकोो
मैंं अपनेे पवि�त्र पर्ववत पर लेे आकर अपनेे प्राार्थथनाा केे भवन मेंं आनन्दि�त करूँँगाा; उनकेे होोमबलि� और
मेेलबलि� मेेरीी वेेदीी पर ग्रहण कि�ए जााएँँगेे; क्योंं�कि� मेेराा भवन सब देेशोंं� केे लोोगोंं� केे लि�येे प्राार्थथनाा काा घर
कहलााएगाा।» यशाायााह 56:1,2,6,7।
येे शब्द मसीीहीी युुग मेंं लाागूू होोतेे हैंं, जैैसाा कि� संं दर्भभ द्वााराा दि�खाायाा गयाा हैै: «प्रभुु यहोोवाा, जोो नि�काालेे
हुए इस्रााएलि�योंं� कोो इकट्ठाा करनेेवाालाा हैै, उसकीी यह वााणीी हैै कि� जोो इकट्ठेे कि�ए गए हैंं उनकेे सााथ मैंं
औरोंं� कोो भीी इकट्ठाा करकेे मि�लाा दूँँ� गाा।” पद 8। यहाँँ� सुुसमााचाार द्वााराा अन्यजााति�योंं� केे जमाावड़ेे काा
पूूर्वाा�भाास दि�याा गयाा हैै। और फि�र जोो लोोग वि�श्रााम दि�न कोो माानतेे हैंं, वेे आशीीष पाातेे हैंं। इस प्रकाार
चौौथीी आज्ञाा काा दाायि�त्व मसीीह केे क्रूूस पर चढ़नेे, पुुनरुत्थाान और स्वर्गाा�रोोहण सेे आगेे बढ़कर उस समय
तक हैै जब उसकेे सेेवकोंं� कोो सभीी रााष्ट्रों��ं कोो शुुभ समााचाार काा संं देेश सुुनाानाा चााहि�ए।
उसीी भवि�ष्यद्वक्ताा केे द्वााराा यहोोवाा आज्ञाा देेताा हैै: «चि�तौौनीी काा पत्र बन्द कर दोो, मेेरेे चेेलोंं� केे बीीच
शि�क्षाा पर छााप लगाा दोो।» यशाायााह 8:16। परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कीी मुुहर चौौथीी आज्ञाा मेंं पााई जाातीी
हैै। सभीी दस मेंं सेे सि�र्फफ यहीी, व्यवस्थाा देेनेेवाालेे केे नााम और उपााधि� दोोनोंं� कोो साामनेे लााताा हैै। यह उसेे
स्वर्गग और पृृथ्वीी काा सृृष्टि�िकर्ताा� घोोषि�त करताा हैै, और इस प्रकाार अन्य सभीी केे ऊपर श्रद्धाा और पूूजाा
केे उसकेे दाावेे कोो दर्शाा�ताा हैै। इस आदेेश केे अलाावाा, बााइबि�ल केे दस आदेेशोंं� मेंं यह दि�खाानेे केे लि�ए
कुु छ भीी नहींं� हैै कि� व्यवस्थाा कि�सकेे अधि�काार सेे दीी गई हैै। जब सब्त कोो पोोप केे अधि�काार शक्ति� द्वााराा
316 महाान वि�वााद

बदल दि�याा गयाा, तोो व्यवस्थाा सेे मुुहर हटाा लीी गई। यीीशुु केे शि�ष्योंं� कोो चौौथीी आज्ञाा केे सब्त कोो सृृष्टि��-
कर्ताा� केे स्माारक और उसकेे अधि�काार केे चि�न्ह केे रूप मेंं उसकेे सहीी स्थाान पर प्रति�ष्ठि��त कर इसेे पुुन-
र्स्थाा�पि�त करनेे काा आह्वाान कि�याा गयाा हैै।
«व्यवस्थाा और चि�तौौनीी हीी कीी चर्चाा� कि�याा करोो।» जबकि� परस्पर वि�रोोधीी सि�द्धांं�त और मत प्रचुुर
माात्राा मेंं हैंं, परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा एक अचूूक नि�यम हैै जि�सकेे द्वााराा सभीी मतोंं�, सि�द्धांं�तोंं� और धर्माा�देेशोंं�
काा परीीक्षण कि�याा जाानाा हैै। भवि�ष्यद्वक्ताा कहताा हैै: «यदि� वेे लोोग इन वचनोंं� केे अनुुसाार न बोोलेंं तोो
नि�श्‍‍चय उनकेे लि�येे पौौ न फटेेगीी।» पद 20।
फि�र सेे, आदेेश दि�याा गयाा हैै: «गलाा खोोलकर पुुकाार, कुु छ न रख छोोड़, नरसिं�गें े काा साा ऊँँचाा शब्द
कर; मेेरीी प्रजाा कोो उसकाा अपरााध अर्थाा�त्् यााकूू ब केे घराानेे कोो उसकाा पााप जताा देे।» यह दुष्ु ट दुनि�या ु ा
नहींं� हैै, बल्कि� वेे हैंं जि�न्हेंं प्रभुु «मेेरीी प्रजाा» केे रूप मेंं नाामि�त करताा हैै, जि�न्हेंं उनकेे अपरााधोंं� केे लि�ए
फटकाार लगााई जाानीी हैै। वह आगेे घोोषणाा करताा हैै: «वेे प्रति�दि�न मेेरेे पाास आतेे और मेेरीी गति� जााननेे
कीी इच्छाा ऐसीी रखतेे हैंं माानोो वेे धर्मीी लोोग हैंं जि�न्होंं�नेे अपनेे परमेेश्वर केे नि�यमोंं� कोो नहींं� टाालाा।»
यशाायााह 58:1,2। यहाँँ� एक ऐसेे वर्गग कोो देेखनेे केे लि�ए लाायाा गयाा हैै जोो स्वयंं कोो धर्मीी समझतेे हैंं और
परमेेश्वर कीी सेेवाा मेंं बड़ीी रुचि� प्रकट करतेे हैंं; लेेकि�न हृदय केे खोोज कर्ताा� कीी कड़ीी और गंं भीीर फटकाार
उन्हेंं पवि�त्र उपदेेशोंं� कोो रौंं�दनेे वाालेे सााबि�त करतीी हैै।
भवि�ष्यद्वक्ताा इस प्रकाार उस कीी ओर इशााराा करताा हैै जि�सेे छोोड़ दि�याा गयाा हैै: «तूू पीीढ़ीी- पीीढ़ीी
कीी पड़ीी हुई नींं�व पर घर उठााएगाा; तेेराा नााम टूू टेे हुए बााड़ेे काा सुुधाारक और पथोंं� काा ठीीक करनेेवाालाा
पड़ेेगाा। “यदि� तूू वि�श्रााम दि�न कोो अशुुद्ध न करेे अर्थाा�त्् मेेरेे उस पवि�त्र दि�न मेंं अपनीी इच्छाा पूूरीी करनेे
काा यत्न न करेे, और वि�श्रााम दि�न कोो आनन्द काा दि�न और यहोोवाा काा पवि�त्र कि�याा हुआ दि�न समझकर
माानेे; यदि� तूू उसकाा सम्माान करकेे उस दि�न अपनेे माार्गग पर न चलेे, अपनीी इच्छाा पूूरीी न करेे, और
अपनीी हीी बाातेंं न बोोलेे, तोो तूू यहोोवाा केे काारण सुुखीी होोगाा।” पद 12-14। यह भवि�ष्यद्वााणीी हमाारेे
समय मेंं भीी लाागूू होोतीी हैै। सब्त केे दि�न कोो रोोमन शक्ति� द्वााराा बदल दि�ए जाानेे पर परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा
काा उल्लंं घन कि�याा गयाा थाा। लेेकि�न अब समय आ गयाा हैै कि� उस पवि�त्र संं स्थाान कोो फि�र सेे स्थाापि�त
कि�याा जााए। दराार कीी मरम्मत करनीी हैै और कई पीीढ़ि�योंं� कीी नींं�व कोो खड़ाा करनाा हैै।
सृृष्टि�िकर्ताा� केे वि�श्रााम और आशीीष सेे पवि�त्र होोकर, आदम नेे पवि�त्र अदन मेंं अपनीी माासूूमि�यत
मेंं सब्त काा पाालन कि�याा; आदम द्वााराा, पति�त फि�र भीी पश्चाात्ताापीी, जब उसेे उसकीी सुुखीी सम्पदाा सेे
नि�कााल दि�याा गयाा। हााबि�ल सेे लेेकर धर्मीी नूूह तक, अब्रााहम सेे लेेकर यााकूू ब तक सभीी कुु लपि�तााओंं नेे
इसकाा पाालन कि�याा। जब चुुनेे हुए लोोग मि�स्र मेंं दाासताा मेंं थेे, प्रचलि�त मूूर्ति�पूूजाा केे बीीच बहुत सेे लोोगोंं�
नेे परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे बाारेे मेंं अपनाा ज्ञाान खोो दि�याा थाा; परन्तुु जब यहोोवाा नेे इस्रााएल कोो छुु ड़ाायाा,
तब उस नेे इकट्ठीी हुई भीीड़ मेंं अपनीी व्यवस्थाा काा प्रचाार अत्यन्त भव्यताा केे सााथ कि�याा, जि�स सेे कि� वेे
उसकीी इच्छाा कोो जाान सकेंं , और उसकाा भय माानेंं, और सर्ववदाा उसकीी आज्ञाा माानेंं।
उस दि�न सेे लेेकर आज तक परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा काा ज्ञाान पृृथ्वीी पर संं रक्षि�त रखीी गई हैै, और
चौौथीी आज्ञाा केे सब्त काा पाालन कि�याा जााताा रहाा हैै। यद्यपि� «पााप काा पुुरुष» परमेेश्वर केे पवि�त्र दि�न कोो
पैैरोंं� तलेे रौंं�दनेे मेंं सफल रहाा, फि�र भीी उसकेे वर्चचस्व कीी अवधि� मेंं, गुुप्त स्थाानोंं� मेंं छि�पीी हुई, वफाादाार
आत्मााएंं थींं� जि�न्होंं�नेे इसकाा सम्माान कि�याा। सुुधाार केे बााद सेे, प्रत्येेक पीीढ़ीी मेंं इसकेे पाालन कोो बनााए
सुधार का कार् 317

रखनेे केे लि�ए कुु छ न कुु छ रहाा हैै। हाालाँँ�कि� अक्सर ति�रस्काार और उत्पीीड़न केे बीीच, परमेेश्वर कीी
व्यवस्थाा कीी शााश्वतताा और सृृष्टि�ि सब्त केे प्रति� पवि�त्र दाायि�त्व कीी नि�रंंतर गवााहीी दीी गई हैै।
येे सत्य, जैैसाा कि� प्रकााशि�तवााक्य 14 मेंं «सनाातन सुुसमााचाार» केे संं बंं ध मेंं प्रस्तुुत कि�याा गयाा हैै,
उनकेे प्रकट होोनेे केे समय मसीीह कीी कलीीसि�याा कोो अलग करेेगाा। ति�हरेे संं देेश केे परि�णााम केे रूप
मेंं इसकीी घोोषणाा कीी जाातीी हैै: «वह परमेेश्वर केे प्रकोोप कीी नि�रीी मदि�राा, जोो उसकेे क्रोोध केे कटोोरेे मेंं
डाालीी गई हैै, पीीएगाा और पवि�त्र स्वर्गगदूू तोंं� केे साामनेे और मेेम्नेे केे साामनेे आग और गन्धक कीी पीीड़ाा
मेंं पड़ेेगाा।» और यह सन्देेश यहोोवाा केे आनेे सेे पहि�लेे दि�याा जाानेे वाालाा अन्ति�म हैै। इसकीी घोोषणाा
केे तुुरंंत बााद मनुुष्य काा पुुत्र भवि�ष्यद्वक्ताा द्वााराा पृृथ्वीी कीी फसल कााटनेे केे लि�ए महि�माा मेंं आताा हुआ
दि�खााई देेताा हैै।
जि�न लोोगोंं� नेे पवि�त्रस्थाान और परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कीी अपरि�वर्ततनीीयताा केे बाारेे मेंं प्रकााश प्रााप्त
कि�याा, वेे आनंं द और आश्चर्यय सेे भर गए जब उन्होंं�नेे सत्य कीी व्यवस्थाा कीी सुंं� दरताा और साामंं जस्य
कोो देेखाा जोो उनकीी समझ केे लि�ए स्पष्ट होो गयाा थाा। वेे चााहतेे थेे कि� जोो प्रकााश उन्हेंं इतनाा लााभप्रद
दि�खााई देेताा थाा, वह सभीी मसीीहि�योंं� कोो प्रदाान कि�याा जााए; और वेे वि�श्वाास कि�ए बि�नाा नहींं� रह सकतेे
थेे कि� इसेे खुुशीी-खुुशीी स्वीीकाार कि�याा जााएगाा। लेेकि�न वेे सत्य जोो उन्हेंं दुनि�या ु ा सेे अलग करतेे थेे, मसीीह
केे अनुुयाायीी होोनेे काा दाावाा करनेे वाालेे कई लोोगोंं� केे लि�ए अप्रि�य थेे। चौौथीी आज्ञाा काा पाालन करनेे केे
लि�ए एक बलि�दाान कीी आवश्यकताा होोतीी हैै जि�ससेे अधि�कांं�श पीीछेे हट जाातेे हैंं।
जब सब्त केे दाावोंं� कोो प्रस्तुुत कि�याा गयाा, तोो बहुत सेे लोोगोंं� नेे सांं�साारि�क दृष्टि�िकोोण सेे वाादाानुुवााद कि�याा।
उन्होंं�नेे कहाा: «हम हमेेशाा रवि�वाार काा पाालन करतेे आए हैंं, हमाारेे पूूर्ववजोंं� नेे इसकाा पाालन कि�याा, और
कई अच्छेे और धर्ममपराायण लोोग इसकाा पाालन करतेे हुए खुुशीी-खुुशीी मर गए। अगर वेे सहीी थेे तोो हम
भीी हैंं। इस नए सब्त काा पाालन करनाा हमेंं दुनि�या ु ा केे सााथ हमााराा सद्भा ् ाव समााप्त कर देेगाा, और उन पर
हमााराा कोोई प्रभााव नहींं� होोगाा। साातवेंं दि�न काा पाालन करनेे वाालीी एक छोोटीी सीी मंं डलीी दुनि�या ु ा भर केे लोोगोंं�
केे साामनेे क्याा हाासि�ल करनेे कीी उम्मीीद कर सकतीी हैै जोो रवि�वाार काा पाालन कर रहेे हैंं?” इसीी तरह केे
तर्कोंं केे द्वााराा यहूदि�योंं� नेे मसीीह कोो अस्वीीकाार करनेे कोो उचि�त ठहराानेे काा प्रयाास कि�याा। उनकेे पूूर्ववजोंं� कोो
बलि� कीी भेंंट चढ़ाानेे मेंं परमेेश्वर नेे स्वीीकाार कर लि�याा थाा, और उसीी माार्गग पर चलनेे सेे उनकीी संं ताान कोो
उद्धाार क्योंं� नहींं� मि�लाा? इसलि�ए, लूूथर केे समय मेंं, पोोप समर्थथकोंं� नेे तर्कक दि�याा कि� सच्चेे मसीीहीी कैै थोोलि�क
वि�श्वाास मेंं मरेे थेे, और इसलि�ए वह धर्मम उद्धाार केे लि�ए पर्यााप्त � थाा। ऐसाा तर्कक धाार्मि�क वि�श्वाास याा अभ्याास
मेंं सभीी प्रगति� केे लि�ए एक प्रभाावीी बााधाा सााबि�त होोनेे वाालाा थाा।
कई लोोगोंं� नेे आग्रह कि�याा कि� रवि�वाार काा पाालन कई सदि�योंं� सेे एक प्रमााणि�त सि�द्धांं�त और
कलीीसि�याा काा एक व्याापक प्रचलन रहाा थाा। इस तर्कक केे खि�लााफ यह दि�खाायाा गयाा थाा कि� सब्त और
इसकाा पाालन अधि�क प्रााचीीन और व्याापक थाा, यहांं� तक कि� जगत जि�तनाा पुुराानाा, और इसेे स्वर्गगदूू तोंं�
और परमेेश्वर दोोनोंं� कीी स्वीीकृृ ति� प्रााप्त थीी। जब पृृथ्वीी कीी नींं�व डाालीी गई, जब भोोर केे ताारेे संं ग-संं ग
गाातेे थेे, और परमेेश्वर केे सब पुुत्र जयजयकाार करतेे थेे, तब वि�श्रााम दि�न कीी नींं�व डाालीी गई। अय्यूूब
38:6, 7; उत्पत्ति� 2:1-3। इस व्यवस्थाा द्वााराा हमाारेे सेे सम्माान कीी अपेेक्षाा रखनाा उचि�त हैै; इसेे कि�सीी
माानवीीय अधि�काार द्वााराा नि�र्धाा�रि�त नहींं� कि�याा गयाा थाा और यह कि�सीी माानवीीय परंंपराा पर आधाारि�त
नहींं� हैै; इसेे अति� प्रााचीीन द्वााराा स्थाापि�त कि�याा गयाा थाा और उसकेे शााश्वत वचन द्वााराा आज्ञाा दीी गई थीी।
318 महाान वि�वााद

जब सब्त सुुधाार केे वि�षय पर लोोगोंं� काा ध्याान आकर्षि�त कि�याा गयाा, तोो लोोकप्रि�य पाादरि�योंं� नेे परमेे-
श्वर केे वचन कोो वि�कृृ त कर दि�याा, इसकीी गवााहीी पर ऐसीी व्यााख्यााएँँ रखींं� जोो पूूछतााछ करनेे वाालेे
दि�माागोंं� कोो सबसेे अच्छीी तरह शांं�त कर सकेंं । और जि�न्होंं�नेे स्वयंं केे लि�ए पवि�त्र शाास्त्र मेंं नहींं� ढूंं�ढाा,
वेे अपनीी इच्छााओंं केे अनुुरूप नि�ष्कर्षोंं कोो स्वीीकाार करनेे मेंं संं तुुष् ट थेे। तर्कक -वि�तर्कक , कुु तर्कक , पूूर्ववजोंं�
कीी परंंपरााओंं और कलीीसि�याा केे अधि�काार केे द्वााराा बहुतोंं� नेे सत्य कोो उखााड़ फेंंकनेे काा प्रयाास कि�याा।
चौौथीी आज्ञाा कीी वैैधताा काा बचााव करनेे केे लि�ए इसकेे समर्थथकोंं� कोो उनकीी बााइबि�ल कीी ओर प्रेेरि�त
कि�याा गयाा। केे वल सत्य केे शब्द सेे लैैस, वि�नम्र पुुरुषोंं� नेे वि�द्वाानोंं� केे हमलोंं� काा साामनाा कि�याा, जि�न्होंं�नेे
आश्चर्यय और क्रोोध केे सााथ अपनेे वााक्पटुु कुु तर्कोंं कोो उन लोोगोंं� केे सरल, सीीधेे तर्कक केे साामनेे शक्ति�हीीन
पाायाा, जोो संं स्थााओंं कीी सूूक्ष्मताा केे बजााय पवि�त्र शाास्त्र मेंं पाारंंगत थेे। स्कूूलोंं� कीी।
उनकेे पक्ष मेंं बााइबल कीी गवााहीी केे अभााव मेंं, कई लोोगोंं� नेे बि�नाा थकेे दृढ़ताा सेे आग्रह कि�याा- यह
भूूलतेे हुए कि� कैै सेे मसीीह और उनकेे प्रेेरि�तोंं� केे खि�लााफ वहीी तर्कक काा उपयोोग कि�याा गयाा थाा: “हमाारेे
महाापुुरुष इस सब्त केे प्रश्न कोो क्योंं� नहींं� समझतेे हैंं? लेेकि�न आप कीी तरह कम हीी लोोग माानतेे हैंं। ऐसाा
नहींं� होो सकताा कि� तुुम सहीी होो और दुनि�या ु ा केे सभीी वि�द्वाान गलत हैंं। «
इस तरह केे तर्कोंं काा खंं डन करनेे केे लि�ए माात्र पवि�त्र शाास्त्र कीी शि�क्षााओंं और सभीी युुगोंं� मेंं अपनेे
लोोगोंं� केे सााथ परमेेश्वर केे व्यवहाार केे इति�हाास काा हवाालाा देेनाा आवश्यक थाा। परमेेश्वर उनकेे द्वााराा
काार्यय करताा हैै जोो उसकीी वााणीी कोो सुुनतेे और माानतेे हैंं, जोो आवश्यकताा पड़नेे पर अप्रि�य सत्य बोोलेंंगे,े
जोो लोोकप्रि�य पाापोंं� कीी निं�दां ा करनेे सेे नहींं� डरतेे। सुुधाार आंंदोोलनोंं� मेंं माार्गगदर्शशन करनेे केे लि�ए वह अक्सर
वि�द्वाानोंं� और उच्च पद केे मनुुष्योंं� कोो नहींं� चुुनताा हैै, क्योंं�कि� वेे अपनेे पंं थोंं�, सि�द्धांं�तोंं� और अपनीी धर्ममशाा-
स्त्रीीय प्रणाालि�योंं� पर भरोोसाा करतेे हैंं, और परमेेश्वर द्वााराा सि�खााए जाानेे कीी कोोई आवश्यकताा महसूूस नहींं�
करतेे हैंं। केे वल वहीी लोोग पवि�त्र शाास्त्र कोो समझनेे याा समझाानेे मेंं सक्षम हैंं जि�नकाा ज्ञाान केे स्रोोत केे सााथ
व्यक्ति�गत संं बंं ध हैै। जि�न लोोगोंं� नेे संं स्थााओंं सेे थोोड़ीी हीी शि�क्षाा प्रााप्त कीी हैै, उन्हेंं कभीी-कभीी सच्चााई कीी
घोोषणाा करनेे केे लि�ए बुुलाायाा जााताा हैै, इसलि�ए नहींं� कि� वेे ठीीक सेे शि�क्षाा प्रााप्त नहींं� हैंं, बल्कि� इसलि�ए कि�
वेे इतनेे आत्मनि�र्भभर नहींं� हैंं कि� परमेेश्वर सेे न सीीखेंं। वेे मसीीह कीी संं स्थाा मेंं सीीखतेे हैंं, और उनकीी वि�नम्रताा
और आज्ञााकाारि�ताा उन्हेंं महाान बनाातीी हैै। उन्हेंं अपनीी सच्चााई काा ज्ञाान देेकर, परमेेश्वर उन्हेंं एक सम्माान
प्रदाान करताा हैै, जि�सकीी तुुलनाा मेंं सांं�साारि�क सम्माान और माानवीीय महाानताा तुुच्छताा मेंं डूू ब जाातीी हैै।
अधि�कांं�श एडवेंंटि�स्ट लोोगोंं� नेे पवि�त्र स्थाान और परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा सेे संं बंं धि�त सत्य कोो
अस्वीीकाार कर दि�याा, और कई लोोगोंं� नेे आगमन आंंदोोलन मेंं अपनेे वि�श्वाास कोो भीी त्यााग दि�याा और
उस काार्यय पर लाागूू होोनेे वाालीी भवि�ष्यवााणि�योंं� केे गलत और परस्पर वि�रोोधीी वि�चाारोंं� कोो अपनाायाा। कुु छ
लोोगोंं� कोो बाार-बाार अपनेे वि�चाारोंं� कोो मसीीह केे आनेे केे नि�श्चि�ित समय कीी ओर नि�र्देेशि�त करनेे कीी
गलतीी कीी ओर प्रेेरि�त कि�याा गयाा। पवि�त्रस्थाान केे वि�षय पर चमक रहेे प्रकााश कोो उन्हेंं यह दि�खाानाा
चााहि�ए थाा कि� कोोई भवि�ष्यद्वााणीी अवधि� दूू सरेे आगमन तक वि�स्ताारि�त नहींं� होोतीी; यह कि� इस आगमन
केे सहीी समय कीी भवि�ष्यद्वााणीी नहींं� कीी गई हैै। परन्तुु, प्रकााश कोो अनदेेखाा करतेे हुए, वेे प्रभुु केे आनेे
केे लि�ए एक केे बााद एक समय नि�र्धाा�रि�त करतेे रहेे, और उतनीी हीी बाार वेे नि�रााश हुए।
जब थि�स्सलुुनीीकि�योंं� कीी कलीीसि�याा कोो मसीीह केे आनेे केे बाारेे मेंं गलत धाारणााएँँ मि�लींं�, तोो प्रेेरि�त
पौौलुुस नेे उन्हेंं सलााह दीी कि� वेे परमेेश्वर केे वचन केे द्वााराा अपनीी आशााओंं और प्रत्यााशााओंं कोो
सुधार का कार् 319

साावधाानीी सेे परखेंं। उसनेे उन्हेंं उन भवि�ष्यद्वााणि�योंं� काा हवाालाा दि�याा जोो मसीीह केे आनेे सेे पहलेे घटि�त
होोनेे वाालीी घटनााओंं कोो प्रकट करतीी हैंं, और दि�खाायाा कि� उनकेे पाास अपनेे दि�नोंं� मेंं उसकीी प्रतीीक्षाा
करनेे काा कोोई आधाार नहींं� थाा। «कि�सीी रीीति� सेे कि�सीी केे धोोखेे मेंं न आनाा» (2 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 2:3),
उसकेे चेेताावनीी केे शब्द हैंं। यदि� वेे उन अपेेक्षााओंं कोो पूूराा करतेे हैंं जोो पवि�त्र शाास्त्र द्वााराा स्वीीकृृ त नहींं�
हैंं, तोो वेे काार्ररवााई केे एक गलत राास्तेे पर लेे जााए जााएँँगेे; नि�रााशाा उन्हेंं अवि�श्वाासि�योंं� केे उपहाास केे लि�ए
उजाागर करेेगीी, और वेे नि�रााशाा केे आगेे झुक ु जाानेे केे खतरेे मेंं होंं�गेे और उनकेे उद्धाार केे लि�ए आवश्यक
सत्योंं� पर संं देेह करनेे केे लि�ए प्रलोोभि�त होंं�गेे। थि�स्सलुुनीीकि�योंं� केे लि�ए प्रेेरि�त कीी चेेताावनीी मेंं उन लोोगोंं�
केे लि�ए एक महत्वपूूर्णण सबक हैै जोो अंंति�म दि�नोंं� मेंं रहतेे हैंं। कई ऐडवेंंटि�स्ट लोोगोंं� नेे महसूूस कि�याा हैै
कि� जब तक वेे प्रभुु केे आगमन केे एक नि�श्चि�ित समय पर अपनेे वि�श्वाास कोो स्थि�र नहींं� कर सकतेे, वेे
तैैयाारीी केे काार्यय मेंं उत्सााहीी और एकााग्रचि�त्त नहींं� होो सकतेे। लेेकि�न जैैसेे-जैैसेे उनकीी आशााएँँ बाार-बाार
उत्तेेजि�त होोतीी हैंं, केे वल नष्ट होोनेे केे लि�ए, उनकेे वि�श्वाास कोो ऐसाा झटकाा लगताा हैै कि� भवि�ष्यवााणीी
केे महाान सत्योंं� सेे प्रभाावि�त होोनाा उनकेे लि�ए लगभग असंं भव होो जााताा हैै।
नि�र्णणय केे लि�ए एक नि�श्चि�ित समय काा प्रचाार, पहलाा संं देेश देेनेे मेंं, परमेेश्वर द्वााराा आदेेशि�त कि�याा
गयाा थाा। 1844 कीी शरद ऋतुु मेंं 2300 दि�नोंं� केे करीीब रखनेे वाालेे भवि�ष्यद्वााणि�योंं� कीी अवधि� कीी
गणनाा, जि�स पर वह संं देेश आधाारि�त थाा, बि�नाा महााभि�योोग केे खड़ाा हैै। भवि�ष्यसूूचक अवधि�योंं� कीी
शुुरुआत और समााप्ति� केे लि�ए नई ति�थि�योंं� काा पताा लगाानेे केे बाार-बाार प्रयाास, और इन स्थि�ति�योंं� कोो
बनााए रखनेे केे लि�ए आवश्यक गलत तर्कक न केे वल दि�मााग कोो वर्ततमाान सत्य सेे दूू र लेे जाातेे हैंं, बल्कि�
भवि�ष्यद्वााणि�योंं� कीी व्यााख्याा करनेे केे सभीी प्रयाासोंं� पर अवमााननाा करतेे हैंं। दूू सरेे आगमन केे लि�ए
जि�तनीी अधि�क बाार एक नि�श्चि�ित समय नि�र्धाा�रि�त कि�याा जााताा हैै, और जि�तनाा अधि�क व्याापक रूप सेे
सि�खाायाा जााताा हैै, उतनाा हीी बेेहतर यह शैैताान केे उद्देेश्योंं� केे अनुुकूूल होोताा हैै। समय बीीतनेे केे बााद, वह
उपहाास और उसकेे समर्थथकोंं� कीी अवमााननाा कोो उत्तेेजि�त करताा हैै, और इस प्रकाार 1843 और 1844
केे महाान आगमन आंंदोोलन पर फटकाार लगााताा हैै। जोो लोोग इस भ्रम मेंं बनेे रहतेे हैंं, वेे अंंतत: भवि�ष्य
मेंं मसीीह केे आगमन केे लि�ए बहुत दूू र कीी ताारीीख तय करेंंगेे। इस प्रकाार उन्हेंं एक झूठीू ी सुुरक्षाा मेंं संं तुुष् ट
होोनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा जााएगाा, और बहुत सेे तब तक धोोखेे मेंं रहेंंगेे जब तक बहुत देेर होो जााएगीी।
प्रााचीीन इस्रााएल काा इति�हाास एडवेंंटि�स्ट नि�कााय केे पि�छलेे अनुुभव काा एक आकर्षषक उदााहरण हैै।
आगमन आंंदोोलन मेंं परमेेश्वर नेे अपनेे लोोगोंं� कीी अगुुवााई, ठीीक वैैसेे हीी जैैसेे उसनेे मि�स्र सेे इस्रााएलि�-
योंं� कीी अगुुवााई कीी थीी। बड़ीी नि�रााशाा मेंं उनकेे वि�श्वाास काा परीीक्षण कि�याा गयाा जैैसाा कि� लााल समुुद्र मेंं
इब्राानि�योंं� काा कि�याा गयाा थाा। यदि� वेे अब भीी उस माार्गगदर्शशक हााथ पर भरोोसाा करतेे जोो उनकेे पि�छलेे
अनुुभव मेंं उनकेे सााथ थाा, तोो उन्होंं�नेे परमेेश्वर केे उद्धाार कोो देेखाा होोताा। यदि� 1844 मेंं कााम मेंं एकजुुट
होोकर कााम करनेे वाालेे सभीी लोोगोंं� नेे तीीसरेे स्वर्गगदूू त केे संं देेश कोो ग्रहण कि�याा होोताा और पवि�त्र आत्माा
कीी साामर्थ्यय मेंं इसकीी घोोषणाा कीी होोतीी, तोो प्रभुु नेे उनकेे प्रयाासोंं� केे मााध्यम सेे बहुत कााम कि�याा होोताा।
जगत पर प्रकााश कीी बहुताायत होोतीी। वर्षोंं पहलेे पृृथ्वीी केे नि�वाासि�योंं� कोो चेेताावनीी दीी गई होोतीी, समाापन
काार्यय पूूराा होो गयाा होोताा, और मसीीह अपनेे लोोगोंं� केे छुु टकाारेे केे लि�ए आ गयाा होोताा।
यह परमेेश्वर कीी इच्छाा नहींं� थीी कि� इस्रााएल चाालीीस वर्षष तक जंं गल मेंं भटकताा रहेे; वह उन्हेंं
सीीधेे कनाान देेश मेंं लेे जाानाा चााहताा थाा और उन्हेंं वहाँँ� एक पवि�त्र, सुुखीी जााति� केे रूप मेंं स्थाापि�त करनाा
320 महाान वि�वााद

चााहताा थाा। परन्तुु “वेे अवि�श्वाास केे काारण प्रवेेश न कर सकेे । « इब्राानि�योंं� 3:19। उनकेे भटकनेे और
धर्ममत्यााग केे काारण वेे जंं गल मेंं नााश होो गए, और अन्य लोोगोंं� कोो प्रति�ज्ञाा कि�ए गए देेश मेंं प्रवेेश करनेे
केे लि�ए उठाायाा गयाा। उसीी तरह, यह परमेेश्वर कीी इच्छाा नहींं� थीी कि� मसीीह काा आगमन इतनाा वि�लंं बि�त
होो जााए और उसकेे लोोग पााप और दुःः�ख केे इस संं साार मेंं इतनेे वर्षष तक रहेंं। परन्तुु अवि�श्वाास नेे उन्हेंं
परमेेश्वर सेे अलग कर दि�याा। क्योंं�कि� उन्होंं�नेे उस कााम कोो करनेे सेे इनकाार कर दि�याा जोो उसनेे उन्हेंं
सौंं�पाा थाा, दूू सरोंं� कोो संं देेश सुुनाानेे केे लि�ए खड़ाा कि�याा गयाा। संं साार केे लि�ए दयाा मेंं, यीीशुु अपनेे आनेे मेंं
देेरीी करताा हैै, तााकि� पाापि�योंं� कोो चेेताावनीी सुुननेे काा अवसर मि�ल सकेे और परमेेश्वर काा क्रोोध भड़कनेे
सेे पहलेे वेे उसमेंं शरण पाा सकेंं ।
अब पि�छलेे युुगोंं� कीी तरह, उस सत्य कीी प्रस्तुुति� जोो इस समय केे पाापोंं� और भ्रमोंं� कोो उलााहनाा
देेतीी हैै, वि�रोोध कोो उत्तेेजि�त करेेगीी। «जोो कोोई बुुरााई करताा हैै, वह ज्योोति� सेे बैैर रखताा हैै, और ज्योोति�
केे नि�कट नहींं� आताा, ऐसाा न होो कि� उसकेे काामोंं� पर दोोष लगाायाा जााए।» यूूहन्नाा 3:20। जब मनुुष्य
देेखतेे हैंं कि� वेे पवि�त्र शाास्त्र द्वााराा अपनीी स्थि�ति� कोो बनााए नहींं� रख सकतेे हैंं, तोो कई इसेे हर तरह सेे
बनााए रखनेे काा दृढ़ संं कल्प करतेे हैंं, और एक दुर्भा ु ा�वनाापूूर्णण भाावनाा केे सााथ वेे उन लोोगोंं� केे चरि�त्र और
उद्देेश्योंं� पर हमलाा करतेे हैंं जोो अलोोकप्रि�य सत्य केे समर्थथन मेंं खड़ेे होोतेे हैंं। यह वहीी नीीति� हैै जोो सभीी
युुगोंं� मेंं अपनााई गई हैै। एलि�य्यााह कोो इस्रााएल मेंं उपद्रवीी, यि�र्ममयााह कोो गद्दाार, पौौलुुस कोो मन्दि�र काा
प्रदूू षक घोोषि�त कि�याा गयाा। उस दि�न सेे आज तक, जोो लोोग सत्य केे प्रति� नि�ष्ठाावाान हैै, उन्हेंं देेशद्रोोहीी,
वि�धर्मीी, याा संं प्रदााय-संं बंं धीी कहकर धि�क्कााराा गयाा हैै। बहुत सेे लोोग जोो इतनेे अवि�श्वाासीी हैंं कि� वेे
भवि�ष्यद्वााणीी केे नि�श्चि�ित वचन कोो स्वीीकाार नहींं� करेंंगेे, वेे नि�र्वि�वााद सहज वि�श्वाास केे सााथ उन लोोगोंं�
केे खि�लााफ एक आरोोप स्वीीकाार करेंंगेे जोो प्रचलि�त पाापोंं� कोो धि�क्काारनेे काा सााहस करतेे हैंं। यह भाावनाा
अधि�कााधि�क रूप सेे बढ़ेेगीी। और बााइबि�ल स्पष्ट रूप सेे सि�खाातीी हैै कि� एक समय आ रहाा हैै जब रााज्य
केे नि�यम परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे इस प्रकाार प्रति�कूूल होंं�गेे कि� जोो कोोई भीी सभीी ईश्वरीीय नि�यमोंं� काा
पाालन करेेगाा, उसेे एक अपरााधीी केे रूप मेंं निं�दां ा और दंंड काा साामनाा करनाा पड़ेेगाा।
इसेे देेखतेे हुए सत्य केे दूू त काा क्याा कर्ततव्य हैै? क्याा वह यह नि�ष्कर्षष नि�काालेे कि� सच्चााई कोो प्रस्तुुत
नहींं� कि�याा जाानाा चााहि�ए, क्योंं�कि� अक्सर इसकाा एकमाात्र प्रभााव लोोगोंं� कोो इसकेे दाावोंं� सेे बचनेे याा
दूू र रहनेे केे लि�ए सचेेत करनाा होोताा हैै? नहींं�; जैैसाा कि� पहलेे केे सुुधाारकोंं� केे पाास परमेेश्वर केे वचन
कीी गवााहीी कोो रोोकनेे काा कोोई काारण नहींं� थाा, क्योंं�कि� यह वि�रोोध कोो उत्तेेजि�त करताा हैै, उसकेे पाास
भीी कोोई काारण नहींं� हैै। पवि�त्र लोोगोंं� और शहीीदोंं� द्वााराा कि�ए गए वि�श्वाास कीी स्वीीकाारोोक्ति� आनेे वाालीी
पीीढ़ि�योंं� केे लााभ केे लि�ए दर्जज कीी गई। पवि�त्रताा और दृढ़ सत्यनि�ष्ठाा केे वेे जीीवि�त उदााहरण उन लोोगोंं�
मेंं सााहस कोो प्रेेरि�त करनेे केे लि�ए दि�ए गए हैंं जि�न्हेंं अब परमेेश्वर केे लि�ए गवााह केे रूप मेंं खड़ेे होोनेे केे
लि�ए बुुलाायाा गयाा हैै। उन्होंं�नेे अनुुग्रह और सच्चााई केे वल अपनेे लि�ए ग्रहण नहींं� कीी, बल्कि� इसलि�ए कि�
उनकेे द्वााराा परमेेश्वर काा ज्ञाान पृृथ्वीी कोो आलोोकि�त करेे। क्याा परमेेश्वर नेे इस पीीढ़ीी मेंं अपनेे सेेवकोंं�
कोो प्रकााश दि�याा हैै? फि�र उन्हेंं इसेे दुनि�या ु ा केे साामनेे चमकनेे देेनाा चााहि�ए।
प्रााचीीन समय मेंं यहोोवाा नेे उसकेे नााम सेे बोोलनेे वाालेे सेे कहाा: «इस्रााएल केे घराानेे वाालेे तेेरीी सुुननेे सेे
इन्काार करेंंगेे; वेे मेेरीी भीी सुुननेे सेे इन्काार करतेे हैंं।» फि�र भीी उसनेे कहाा: «इसलि�येे चााहेे वेे सुुनेंं याा न
सुुनेंं; तौौभीी तूू मेेरेे वचन उन सेे कहनाा, वेे तोो बड़ेे वि�द्रोोहीी हैंं।» यहेेजकेेल 3:7; 2:7। आदेेश इस समय
सुधार का कार् 321

मेंं परमेेश्वर केे सेेवक कोो सम्बोोधि�त कि�याा गयाा हैै: «गलाा खोोलकर पुुकाार, कुु छ न रख छोोड़, नरसिं�गें े
काा साा ऊँँचाा शब्द कर; मेेरीी प्रजाा कोो उसकाा अपरााध अर्थाा�त्् यााकूू ब केे घराानेे कोो उसकाा पााप जताा देे।»
जहाँँ� तक उसकेे अवसरोंं� काा वि�स्ताार हैै, प्रत्येेक व्यक्ति� जि�सनेे सत्य काा प्रकााश प्रााप्त कि�याा हैै, उसकेे
पाास इस्रााएल केे भवि�ष्यद्वक्ताा केे समाान गम्भीीर और भयाानक उत्तरदाायि�त्व हैै, जि�सकेे पाास यहोोवाा काा
यह वचन आयाा थाा: «हेे मनुुष्य केे सन्ताान, मैंं नेे तुुझेे इस्रााएल केे घराानेे काा पहरुआ ठहराा दि�याा हैै; तूू
मेेरेे मुँँ�ह सेे वचन सुुन सुुनकर उन्हेंं मेेरीी ओर सेे चि�ताा देे। यदि� मैंं दुष्ु ट सेे कहूँँ, हेे दुष्ु ट, तूू नि�श्‍‍चय मरेेगाा,
तब यदि� तूू दुष्ु ट कोो उसकेे माार्गग केे वि�षय न चि�तााए, तोो वह दुष्ु ट अपनेे अधर्मम मेंं फँँसाा हुआ मरेेगाा,
परन्तुु उसकेे खूून काा लेेखाा मैंं तुुझीी सेे लूँँ�गाा। परन्तुु यदि� तूू दुष्ु ट कोो उसकेे माार्गग केे वि�षय चि�तााए कि� वह
अपनेे माार्गग सेे फि�रेे और वह अपनेे माार्गग सेे न फि�रेे, तोो वह तोो अपनेे अधर्मम मेंं फँँसाा हुआ मरेेगाा, परन्तुु
तूू अपनाा प्रााण बचाा लेेगाा। « यहेेजकेेल 33:7-9।
सत्य कीी स्वीीकृृ ति� और प्रचाार दोोनोंं� मेंं सबसेे बड़ीी बााधाा यह तथ्य हैै कि� इसमेंं असुुवि�धाा और
ति�रस्काार शाामि�ल हैै। सत्य केे वि�रुद्ध यहीी एकमाात्र तर्कक हैै जि�सकाा खंं डन इसकेे समर्थथक कभीी नहींं� कर
पााए हैंं। लेेकि�न यह मसीीह केे सच्चेे अनुुयाायि�योंं� कोो डरााताा नहींं� हैै। येे सत्य केे लोोकप्रि�य होोनेे कीी प्रतीीक्षाा
नहींं� करतेे। अपनेे कर्ततव्य केे प्रति� आश्वस्त होोनेे केे काारण, वेे जाान-बूूझकर क्रूूस कोो स्वीीकाार करतेे हैंं,
प्रेेरि�त पौौलुुस केे सााथ माानतेे हुए कि� «हमााराा पल भर काा हल्काा साा क्लेेश हमाारेे लि�येे बहुत हीी महत्वपूूर्णण
और अनन्त महि�माा उत्पन्न करताा जााताा हैै;» पुुराानेे लोोगोंं� मेंं सेे एक केे जैैसेे, «मसीीह केे काारण नि�न्दि�त
होोनेे कोो मि�स्र केे भण्डाार सेे बड़ाा धन समझाा।» 2 कुु रि�न्थि�योंं� 4:17; इब्राानि�योंं� 11:26।
उनकाा दाावाा चााहेे जोो भीी होो, धाार्मि�क बाातोंं� मेंं सि�द्धांं�त कीी जगह नीीति� सेे कााम करनेे वाालेे दि�ल सेे
दुनि�या
ु ावीी हीी होोतेे हैंं। हमेंं सहीी कोो चुुननाा चााहि�ए क्योंं�कि� यह सहीी हैै, और परि�णाामोंं� कोो परमेेश्वर पर
छोोड़ देेनाा चााहि�ए। सि�द्धांं�तवाादीी, नि�ष्ठाावाान और सााहसीी लोोगोंं� केे लि�ए, दुनि�या ु ा अपनेे महाान सुुधाारोंं� केे
लि�ए ऋणीी हैै। ऐसेे लोोगोंं� केे द्वााराा इस समय सुुधाार केे काार्यय कोो आगेे बढ़ाायाा जाानाा चााहि�ए।
यहोोवाा कहताा हैै: “हेे धर्मम केे जााननेे वाालोो, जि�नकेे मन मेंं मेेरीी व्यवस्थाा हैै, तुुम काान लगााकर मेेरीी
सुुनोो; मनुुष्योंं� कीी नाामधरााई सेे मत डरोो, और उनकेे नि�न्दाा करनेे सेे वि�स्मि�त न होो। क्योंं�कि� घुुन उन्हेंं
कपड़ेे केे समाान और कीीड़ाा उन्हेंं ऊन केे समाान खााएगाा; परन्तुु मेेराा धर्मम अनन्तकााल तक, और मेेराा
उद्धाार पीीढ़ीी सेे पीीढ़ीी तक बनाा रहेेगाा।” यशाायााह 51:7,8।
27

आधुुनि�क धाार्मि�क जाागृृति�

ज हांं� कहींं� भीी परमेेश्वर केे वचन काा वि�श्वाासपूूर्ववक प्रचाार कि�याा गयाा हैै, उसकेे परि�णााम उसकेे
स्वर्गीीय मूूल कोो प्रमााणि�त करतेे हैंं। परमेेश्वर काा आत्माा उसकेे सेेवकोंं� केे सन्देेश केे सााथ थाा,
और वचन साामर्थीी थाा। पाापि�योंं� नेे महसूूस कि�याा कि� उनकाा वि�वेेक तेेज़ होो गयाा हैै। उस «प्रकााश नेे जोो
दुनि�या
ु ा मेंं आनेे वाालेे हर आदमीी कोो रोोशन करताा हैै» उनकीी आत्मााओंं केे गुुप्त कक्षोंं� कोो रोोशन कि�याा,
और अन्धकाार कीी छि�पीी बाातेंं प्रकट कीी गईं। उनकेे दि�लोो-दि�मााग पर दोोष-सि�द्धि� हाावीी होो गई। वेे पााप
और धाार्मि�कताा और आनेे वाालेे न्यााय केे प्रति� काायल होो गए। उन्हेंं यहोोवाा कीी धाार्मि�कताा काा बोोध हुआ
और उन्हेंं अपनेे अपरााध और अपनीी अशुुद्धताा मेंं, हृदय केे खोोजनेे वाालेे केे साामनेे प्रकट होोनेे काा भय
महसूूस हुआ। पीीड़ाा मेंं वेे चि�ल्लाा उठेे : «मुुझेे इस मृृत्युु कीी देेह सेे कौौन छुु ड़ााएगाा?» जब कलवरीी काा
क्रूूस, मनुुष्योंं� केे पाापोंं� केे लि�ए अपनेे अनंं त बलि�दाान केे सााथ प्रकट हुआ, तोो उन्होंं�नेे देेखाा कि� मसीीह केे
गुुणोंं� केे अलाावाा और कुु छ भीी उनकेे अपरााधोंं� काा प्राायश्चि�ित करनेे केे लि�ए पर्याा�प्त नहींं� थाा; केे वल यहीी
मनुुष्य काा परमेेश्वर सेे मेेल कराा सकताा हैै। उन्होंं�नेे वि�श्वाास और नम्रताा केे सााथ परमेेश्वर केे मेेमनेे
कोो ग्रहण कि�याा, जोो जगत केे पााप कोो उठाा लेे जााताा हैै। यीीशुु केे लहू केे द्वााराा उन्हेंं «पहलेे कि�ए गए केे
पाापोंं� कीी क्षमाा» मि�लीी।
येे आत्मााएंं प्राायश्चि�ित काा फल लेेकर आईं। उन्होंं�नेे वि�श्वाास कि�याा और बपति�स्माा लि�याा, और
जीीवन केे नएपन मेंं चलनेे केे लि�ए जीी उठेे - मसीीह यीीशुु मेंं नए प्रााणीी; पि�छलीी अभि�लााषााओंं केे अनुुसाार
अपनेे आप कोो ढाालनेे केे लि�ए नहींं�, परन्तुु परमेेश्वर केे पुुत्र केे वि�श्वाास सेे उसकेे पद चि�न्होंं� पर चलनेे
केे लि�ए, उसकेे चरि�त्र कोो प्रति�बि�म्बि�त करनेे केे लि�ए, और जैैसेे वह पवि�त्र हैै वैैसेे हीी अपनेे आप कोो
शुुद्ध करनेे केे लि�ए। जि�न चीीज़ोंं� सेे वेे कभीी घृृणाा करतेे थेे, अब वेे उनसेे प्रेेम करतेे हैंं, और जि�न चीीज़ोंं�
सेे वेे कभीी प्रेेम करतेे थेे, उनसेे वेे घृृणाा करतेे थेे। अभि�माानीी और अपनेे ऊपर भरोोसाा रखनेे वाालेे हृदय
केे नम्र और दीीन होो गए। अहंंकाारीी और दंंभीी गंं भीीर और वि�नीीत होो गए। अपवि�त्र श्रद्धेेय बन गए, नशेे
मेंं चूूर संं यमीी बन गए, और भ्रष्ट पवि�त्र होो गए। संं साार केे खोोखलेे रीीति�-रि�वााजोंं� कोो एक तरफ रख
दि�याा गयाा। मसीीहि�योंं� नेे “दि�खाावटीी श्रृंं�गाार, अर्थाा�त्् बााल गूँँ�थनाा, और सोोनेे केे गहनेे, याा भाँँ�ति�-भाँँ�ति�
आधुनिक धार्मिक जागृ 323

केे कपड़ेे पहि�ननाा» छोोड़ दि�याा; लेेकि�न ... वरन्् छि�पाा हुआ और गुुप्त मनुुष्यत्व, नम्रताा और मन कीी
दीीनताा कीी अवि�नााशीी सजाावट सेे सुुसज्जि�ित कि�याा, क्योंं�कि� परमेेश्वर कीी दृष्टि�ि मेंं इसकाा मूूल्य बड़ाा
हैै।» 1 पतरस 3:3, 4।
धाार्मि�क जाागृृति� केे फलस्वरूप नम्रताा और अंंतर्ददर्शशन प्रवृृत्त हुए। मसीीह केे लहू कीी खरीीद केे लि�ए
आग्रहपूूर्णण संं वेेदनाा, पाापीी सेे गंं भीीर, सत्यनि�ष्ठ अनुुरोोध इनकीी वि�शेेषताा थेे। पुुरुषोंं� और महि�लााओंं
नेे आत्मााओंं केे उद्धाार केे लि�ए परमेेश्वर सेे प्राार्थथनाा कीी और प्रयत्न कि�याा। इस तरह कीी धाार्मि�क
जाागृृति�योंं� काा फल उन आत्मााओंं मेंं देेखाा गयाा जोो आत्म-त्यााग और बलि�दाान मेंं पीीछेे नहींं� हटेे,
बल्कि� आनन्दि�त हुए कि� उन्हेंं मसीीह केे लि�ए ति�रस्काार और परीीक्षण केे योोग्य माानाा गयाा। लोोगोंं� नेे
उन लोोगोंं� केे जीीवन मेंं परि�वर्ततन देेखाा जि�न्होंं�नेे यीीशुु केे नााम कोो खुुलेे आम स्वीीकाार कि�याा थाा। उनकेे
प्रभााव सेे समााज कोो लााभ हुआ। वेे मसीीह केे सााथ इकट्ठेे हुए, और अनन्त जीीवन कीी कटनीी कााटनेे
केे लि�येे आत्माा केे लि�येे बोोयाा।
यह उनकेे बाारेे मेंं कहाा जाा सकताा हैै: «तुुम नेे उस शोोक केे काारण मन फि�राायाा।» «परमेेश्वर–
भक्ति� काा शोोक ऐसाा पश्चाातााप उत्पन्न करताा हैै जि�सकाा परि�णााम उद्धाार हैै और फि�र उससेे पछताानाा
नहींं� पड़ताा। परन्तुु सांं�साारि�क शोोक मृृत्युु उत्पन्न करताा हैै। अत: देेखोो, इसीी बाात सेे कि� तुुम्हेंं परमेेश्वर–
भक्ति� काा शोोक हुआ तुुम मेंं कि�तनाा उत्सााह और प्रत्युुत्तर और रि�स, और भय, और लाालसाा, और धुुन
और दण्ड देेनेे काा वि�चाार उत्पन्न हुआ! तुुम नेे सब प्रकाार सेे यह सि�द्ध कर दि�खाायाा कि� तुुम इस बाात मेंं
नि�र्दोोष होो।» 2 कुु रि�न्थि�योंं� 7:9-11।
यह परमेेश्वर केे आत्माा केे काार्यय काा परि�णााम हैै। जब तक यह सुुधाार काार्यय नहींं� करताा तब तक
वाास्तवि�क पश्चाातााप काा कोोई प्रमााण नहींं� हैै।
यदि� वह प्रति�ज्ञाा कोो बहााल कर देेताा हैै, जोो उसनेे लूूट लि�याा थाा उसेे फि�र सेे देे देेताा हैै, अपनेे पाापोंं�
कोो स्वीीकाार कर लेेताा हैै, और परमेेश्वर और अपनेे सााथि�योंं� सेे प्रेेम करताा हैै, तोो पाापीी कोो यकीीन होो
सकताा हैै कि� उसकाा परमेेश्वर केे सााथ उसकाा मेेल होो गयाा हैै। ऐसेे प्रभााव थेे जोो कि� पूूर्वव वर्षोंं मेंं धाार्मि�क
जाागृृति� केे बााद हुए। उनकेे फलोंं� कोो देेखतेे हुए, वेे मनुुष्योंं� केे उद्धाार और माानवताा केे उत्थाान मेंं परमेे-
श्वर केे आशीीर्वाा�द केे रूप मेंं जाानेे जाातेे थेे।
लेेकि�न आधुुनि�क समय कीी कई धाार्मि�क जाागृृति�योंं� नेे ईश्वरीीय अनुुग्रह कीी उन अभि�व्यक्ति�योंं� कीी
तुुलनाा मेंं एक स्पष्ट वि�परीीत प्रस्तुुत कि�याा हैै जोो पहलेे केे दि�नोंं� मेंं परमेेश्वर केे सेेवकोंं� केे प्रयाासोंं� मेंं
प्रकट हुए थेे। यह सच हैै कि� व्याापक दि�लचस्पीी जाागीी हैै, कई लोोग मन-परि�वर्ततन काा दाावाा करतेे हैंं,
और कलीीसि�यााओंं मेंं बड़ीी संं ख्याा मेंं लोोग शाामि�ल हुए हैंं; फि�र भीी परि�णााम ऐसेे नहींं� हैंं जोो इस वि�श्वाास
कीी पुुष्टि�ि करेंं कि� वाास्तवि�क आध्याात्मि�क जीीवन मेंं तदनुुरूप वृृद्धि� हुई हैै। जोो प्रकााश कुु छ समय केे लि�ए
जलताा हैै वह जल्द हीी बुुझ जााताा हैै, जि�ससेे अंंधेराे ा पहलेे सेे अधि�क घनाा होो जााताा हैै।
लोोकप्रि�य धाार्मि�क जाागृृति� अक्सर कल्पनाा कोो भाानेे वाालेे, भाावनााओंं कोो उत्तेेजि�त करकेे , कुु छ नयाा
और चौंं�काा देेनेे वाालाा हैै, उसकेे लि�ए रुचि� कोो संं तुुष् ट करकेे कीी जाातीी हैंं। इस प्रकाार वि�श्वाास मेंं लााए गए
धर्मांं�तरि�तोंं� मेंं बााइबल कीी सच्चााई कोो सुुननेे कीी बहुत कम इच्छाा होोतीी हैै, भवि�ष्यद्वक्तााओंं और प्रेेरि�तोंं�
कीी गवााहीी मेंं बहुत कम रुचि� होोतीी हैै। जब तक कि�सीी धाार्मि�क सेेवाा मेंं कुु छ संं वेेदनाात्मक स्वरूप नहींं�
हैै, तब तक उनकेे लि�ए उसमेंं कोोई आकर्षषण नहींं� हैै। एक संं देेश जोो सााधाारण तर्कक कोो भााताा हैै कोोई
324 महाान वि�वााद

प्रति�क्रि�याा नहींं� जगााताा हैै। सीीधेे तौौर पर उनकेे शााश्वत हि�तोंं� सेे संं बंं धि�त परमेेश्वर केे वचन कीी स्पष्ट
चेेताावनि�योंं� पर ध्याान नहींं� दि�याा जााताा हैै।
वाास्तव मेंं परि�वर्ति�त प्रत्येेक आत्माा केे सााथ परमेेश्वर और सनाातन वस्तुुओं ं केे सााथ संं बंं ध जीीवन
काा महाान वि�षय होोगाा। लेेकि�न आज कीी चर्चि�त कलीीसि�यााओंं मेंं ईश्वर केे प्रति� समर्पपण कीी भाावनाा
कहांं� हैै? धर्माा�न्तरि�त लोोग अपनेे गर्वव और जगत केे प्रति� प्रेेम काा त्यााग नहींं� करतेे हैंं। उनकेे परि�वर्ततन सेे
पहलेे कीी तरह वेे स्वयंं काा इन्काार करनेे, क्रूूस उठाानेे, और दीीन और दीीन यीीशुु केे पीीछेे चलनेे केे लि�ए
तैैयाार नहींं� हैंं। धर्मम कााफि�रोंं� और संं शयवाादि�योंं� काा खेेल बन गयाा हैै क्योंं�कि� इसकाा नााम धाारण करनेे
वाालेे बहुत सेे लोोग इसकेे सि�द्धांं�तोंं� सेे अनभि�ज्ञ हैंं। बहुत सीी कलीीसि�यााओंं सेे भक्ति� कीी शक्ति� लगभग
नि�कल चुुकीी हैै। पि�कनि�क, कलीीसि�यााई अभि�नय, कलीीसि�यााई मेेलोंं�, अच्छेे घरोंं�, व्यक्ति�गत प्रदर्शशन, नेे
परमेेश्वर केे वि�चाारोंं� कोो दूू र कर दि�याा हैै। भूूमि� और संं पत्ति� और सांं�साारि�क व्यवसााय मन कोो वश मेंं
कर लेेतेे हैंं, और शााश्वत रुचि� कीी बाातेंं केे वल एक सरसरीी ध्याान प्रााप्त करतीी हैंं।
वि�श्वाास और भक्ति� कीी व्याापक गि�राावट केे बाावजूूद , इन कलीीसि�यााओंं मेंं मसीीह केे सच्चेे अनुुयाायीी
हैंं। पृृथ्वीी पर परमेेश्वर केे न्यााय केे अंंति�म आगमन सेे पहलेे प्रभुु केे लोोगोंं� केे बीीच आदि�म ईश्वरीीयताा
कीी ऐसीी जाागृृति� होोगीी जैैसीी कि� प्रेेरि�तोंं� केे समय सेे नहींं� देेखीी गई हैै। परमेेश्वर काा आत्माा उसकेे बच्चोंं�
पर आएगाा और वेे साामर्थ्यय पााएंं गेे। उस समय बहुत सेे लोोग स्वयंं कोो उन कलीीसि�यााओंं सेे अलग कर
लेंंगेे जि�नमेंं इस संं साार केे प्रेेम नेे परमेेश्वर और उसकेे वचन केे प्रेेम काा स्थाान लेे लि�याा हैै। पाादरीी-गण
और साामाान्य लोोग, दोोनोंं� मेंं सेे कई, खुुशीी सेे उन महाान सच्चााइयोंं� कोो स्वीीकाार करेंंगेे जि�न्हेंं परमेेश्वर
नेे इस समय प्रभुु केे दूू सरेे आगमन केे लि�ए लोोगोंं� कोो तैैयाार करनेे केे लि�ए घोोषि�त कि�याा हैै। मनुुष्योंं� काा
शत्रुु इस काार्यय मेंं बााधाा डाालनाा चााहताा हैै; और इस तरह केे आंंदोोलन काा समय आनेे सेे पहलेे, वह एक
प्रति�रूप पेेश करकेे इसेे रोोकनेे काा प्रयाास करेेगाा। उन कलीीसि�यााओंं मेंं जि�न्हेंं वह अपनीी भ्राामक शक्ति�
केे अधीीन लाा सकताा हैै, वह ऐसाा प्रकट करेेगाा कि� परमेेश्वर कीी वि�शेेष आशीीष उंं डेेलीी गई हैै; वहाँँ� वह
प्रकट होोगाा जि�सेे महाान धाार्मि�क हि�त माानाा जााताा हैै। बहुत सेे लोोग इस बाात पर प्रसन्न होंं�गेे कि� परमेे-
श्वर उनकेे लि�ए आश्चर्ययजनक रूप सेे काार्यय कर रहाा हैै, जबकि� काार्यय कि�सीी अन्य आत्माा काा हैै। एक
धाार्मि�क आड़ मेंं, शैैताान मसीीहीी जगत पर अपनाा प्रभााव बढ़ाानेे कीी कोोशि�श करेेगाा।
पि�छलीी आधीी शतााब्दीी केे दौौराान हुई धाार्मि�क जाागृृति�योंं� मेंं, वहीी प्रभााव कााम कर रहेे हैंं, कम याा
ज्याादाा हद मेंं, जोो भवि�ष्य केे अधि�क व्याापक आंंदोोलनोंं� मेंं प्रकट होंं�गेे। एक भाावप्रधाान जोोश हैै, असत्य
केे सााथ सत्य काा मि�श्रण, जोो गुुमरााह करनेे केे लि�ए अच्छीी तरह सेे अनुुकूूलि�त हैै। फि�र भीी कि�सीी कोो
धोोखाा खाानेे कीी ज़रुरत नहींं� हैै। परमेेश्वर केे वचन केे आलोोक मेंं इन आंंदोोलनोंं� कीी प्रकृृ ति� कोो समझनाा
कठि�न नहींं� हैै। जहाँँ� भीी लोोग बााइबल कीी गवााहीी कीी उपेेक्षाा करतेे हैंं, उन स्पष्ट, आत्माा कोो परखनेे
वाालेे सत्योंं� सेे दूू र होो जाातेे हैंं जि�नकेे लि�ए आत्म-त्यााग और संं साार केे त्यााग कीी आवश्यकताा होोतीी हैै,
वहाँँ� हम नि�श्चि�ित होो सकतेे हैंं कि� परमेेश्वर कीी आशीीष नहींं� दीी गई हैै।
और उस नि�यम केे द्वााराा जि�सेे स्वयंं मसीीह नेे दि�याा हैै, «उनकेे फलोंं� सेे तुुम उन्हेंं पहचाान लोोगेे»
(मत्तीी 7:16), यह स्पष्ट हैै कि� येे आंंदोोलन परमेेश्वर कीी आत्माा काा काार्यय नहींं� हैंं।
अपनेे वचन कीी सच्चााइयोंं� मेंं, परमेेश्वर नेे मनुुष्योंं� कोो अपनाा प्रकटीीकरण दि�याा हैै; और उन सभीी
केे लि�ए जोो उन्हेंं स्वीीकाार करतेे हैंं, वेे शैैताान केे छल केे वि�रुद्ध ढााल हैंं। यह इन सच्चााइयोंं� कीी उपेेक्षाा हैै
आधुनिक धार्मिक जागृ 325

जि�सनेे उन बुुरााइयोंं� केे द्वाार खोोल दि�ए हैंं जोो अब धाार्मि�क दुनि�या ु ा मेंं इतनीी व्याापक होो रहीी हैंं। परमेेश्वर
कीी व्यवस्थाा केे स्वभााव और महत्व कोो कााफीी हद तक भुुलाा दि�याा गयाा हैै। पवि�त्र व्यवस्थाा केे स्वभााव,
इसकीी शााश्वतताा, और इसकेे दाायि�त्व कीी एक गलत अवधाारणाा नेे मन-परि�वर्ततन और पवि�त्रीीकरण केे
संं बंं ध मेंं भ्रमोंं� कोो जन्म दि�याा हैै, और इसकेे परि�णाामस्वरूप कलीीसि�याा मेंं धर्ममपराायणताा काा स्तर कम
हुआ हैै। यहाँँ� हमाारेे समय कीी धाार्मि�क जाागृृति�योंं� मेंं परमेेश्वर केे आत्माा और उसकीी साामर्थ्यय कीी कमीी
काा रहस्य पाायाा जाानाा हैै।
वि�भि�न्न सम्प्रदाायोंं� मेंं, अपनीी धर्ममपराायणताा केे लि�ए प्रख्याात लोोग हैंं, जि�नकेे द्वााराा इस तथ्य कोो
स्वीीकाार कि�याा जााताा हैै और इसकीी निं�दां ा कीी जाातीी हैै। प्रोोफ़ेेसर एडवर्ड््�स ए. पाार्कक , वर्ततमाान धाार्मि�क
संं कटोंं� कोो बताातेे हुए कुु शलताापूूर्ववक कहतेे हैंं: “पवि�त्र व्यवस्थाा कोो लाागूू करनेे केे लि�ए उपदेेश-मंं च कीी
उपेेक्षाा ख़तरेे काा एक स्रोोत हैै। पहलेे केे दि�नोंं� मेंं उपदेेश-मंं च अंंतराात्माा कीी आवााज़ कीी प्रति�ध्वनि� थाा।
हमाारेे सबसेे प्रसि�द्ध प्रचाारकोंं� नेे गुुरु केे उदााहरण काा अनुुसरण करकेे , और व्यवस्थाा, उसकेे उपदेेशोंं�
और उसकीी धमकि�योंं� कोो प्रमुुखताा देेकर अपनेे प्रवचनोंं� कोो एक अद्भु ् ुत महि�माा दीी। उन्होंं�नेे दोो महाान
सूूक्ति�योंं� कोो दोोहराायाा, कि� व्यवस्थाा ईश्वरीीय सि�द्धतााओंं काा प्रति�लेेख हैै, और यह कि� जोो व्यक्ति� व्यवस्थाा
सेे प्रेेम नहींं� करताा वह सुुसमााचाार सेे प्रेेम नहींं� करताा; क्योंं�कि� व्यवस्थाा और सााथ हीी सुुसमााचाार एक
दर्पपण हैै जोो परमेेश्वर केे सच्चेे चरि�त्र कोो प्रति�बि�म्बि�त करताा हैै। यह ख़तराा दूू सरेे कीी ओर लेे जााताा
हैै, जोो कि� पााप कीी बुुरााई कोो, उसकीी सीीमाा कोो, उसकेे अवगुुणोंं� कोो कम करकेे आंंकनाा हैै। आज्ञाा कीी
सत्यताा उसकीी अवज्ञाा करनेे कीी गलतीी केे अनुुपाात मेंं हैै।
परमेेश्वर केे न्यााय कोो कम करकेे आंंकनेे काा खतराा पहलेे सेे हीी नाामि�त खतरोंं� सेे जुुड़ाा हुआ हैै।
आधुुनि�क उपदेेश-मंं च कीी प्रवृृत्ति� ईश्वरीीय न्यााय कोो ईश्वरीीय कृृ पाा सेे अलग करनाा हैै, कृृ पाा कोो एक
सि�द्धांं�त केे रूप मेंं वि�कसि�त करनेे केे बजााय एक भाावनाा माात्र बनाा कर रखनाा हैै। नयाा धर्ममशाास्त्रीीय
संं क्षेेत्र उसकोो अलग कर देेताा हैै जि�सेे परमेेश्वर नेे एक सााथ जोोड़ाा हैै। पवि�त्र व्यवस्थाा एक अच्छााई हैै
याा बुुरााई? यह एक अच्छााई हैै। तब न्यााय अच्छाा हैै; क्योंं�कि� यह व्यवस्थाा कोो क्रि�याान्वि�त करनेे केे लि�ए
एक प्रबंं ध हैै। पवि�त्र व्यवस्थाा और न्यााय, माानवीीय अवज्ञाा कीी सीीमाा और अवगुुण कोो कम आंंकनेे कीी
आदत सेे, मनुुष्य आसाानीी सेे उस अनुुग्रह कोो कम करकेे आंंकनेे कीी आदत मेंं पड़ जाातेे हैंं जि�सनेे पााप
केे लि�ए प्राायश्चि�ित प्रदाान कि�याा हैै। « इस प्रकाार सुुसमााचाार लोोगोंं� केे मन मेंं अपनाा मूूल्य और महत्व
खोो देेताा हैै, और जल्द हीी वेे व्याावहाारि�क रूप सेे स्वयंं बााइबि�ल कोो त्याागनेे केे लि�ए तैैयाार होो जाातेे हैंं।
कई धर्मम गुुरु दाावाा करतेे हैंं कि� मसीीह नेे अपनीी मृृत्युु केे द्वााराा व्यवस्थाा कोो समााप्त कर दि�याा हैै, और
अब मनुुष्य इसकीी अपेेक्षााओंं सेे मुुक्त हैंं। कुु छ ऐसेे हैंं जोो इसेे एक कष्टदाायक जुुए केे रूप मेंं प्रस्तुुत
करतेे हैंं, और व्यवस्थाा केे बंं धन केे वि�परीीत वेे सुुसमााचाार केे तहत आनंं द लेेनेे कीी स्वतंं त्रताा कोो प्रस्तुुत
करतेे हैंं।
परन्तुु भवि�ष्यद्वक्तााओंं और प्रेेरि�तोंं� नेे परमेेश्वर कीी पवि�त्र व्यवस्थाा कोो ऐसाा नहींं� माानाा। दााऊद नेे
कहाा: «मैंं चौौड़ेे स्थाान मेंं चलाा फि�राा करूँँगाा, क्योंं�कि� मैंं नेे तेेरेे उपदेेशोंं� कीी सुुधि� रखीी हैै।» भजन संं हि�ताा
119:45। प्रेेषि�त यााकूू ब, जि�सनेे मसीीह कीी मृृत्युु केे बााद लि�खाा थाा, दस आदेेशोंं� कोो «रााज व्यवस्थाा»
और «स्वतंं त्रताा कीी सि�द्ध व्यवस्थाा» केे रूप मेंं संं दर्भि�त करताा हैै। यााकूू ब 2:8; 1:25। और सूूलीी पर
चढ़नेे केे आधीी शतााब्दीी केे बााद, प्रकटकर्ताा� नेे उन पर आशीीष कीी घोोषणाा कीी «जोो अपनेे वस्त्र धोो लेेतेे
326 महाान वि�वााद

हैंं, क्योंं�कि� उन्हेंं जीीवन केे वृृक्ष केे पाास आनेे काा अधि�काार मि�लेेगाा, और वेे फााटकोंं� सेे होोकर नगर मेंं
प्रवेेश करेंंगेे।» प्रकााशि�तवााक्य 22:14।
यह दाावाा नि�रााधाार हैै कि� मसीीह नेे अपनीी मृृत्युु केे द्वााराा अपनेे पि�ताा कीी व्यवस्थाा कोो समााप्त कर
दि�याा। यदि� व्यवस्थाा कोो बदलनाा याा रद्द करनाा संं भव होोताा, तोो मनुुष्य कोो पााप केे दण्ड सेे बचाानेे केे लि�ए
मसीीह कोो मरनेे कीी आवश्यकताा नहींं� होोतीी। मसीीह कीी मृृत्युु, व्यवस्थाा कोो समााप्त करनेे सेे बहुत दूू र,
यह प्रमााणि�त करतीी हैै कि� यह अपरि�वर्ततनीीय हैै। परमेेश्वर काा पुुत्र «व्यवस्थाा कीी बड़ााई करनेे», और
उसेे आदर कीी बाात ठहराानेे आयाा। यशाायााह 42:21। उसनेे कहाा “यह न समझोो, कि� मैंं व्यवस्थाा कोो
लोोप करनेे आयाा हूँँ; « « जब तक आकााश और पृृथ्वीी टल न जााएँँ, तब तक व्यवस्थाा सेे एक माात्राा याा
एक बि�न्दुु भीी बि�नाा पूूराा हुए नहींं� टलेेगाा। « मत्तीी 5:17,18। हेे मेेरेे परमेेश्वर, मैंं तेेरीी इच्छाा पूूरीी करनेे
सेे प्रसन्न हूँँ; और तेेरीी व्यवस्थाा मेेरेे अन्त:करण मेंं बसीी हैै।” भजन संं हि�ताा 40:8।
परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा, अपनेे स्वभााव सेे हीी, अपरि�वर्ततनीीय हैै। यह उसकेे लेेखक कीी इच्छाा और चरि�त्र
काा रहस्योोद्घा् ाटन हैै। परमेेश्वर प्रेेम हैंं, और उसकीी व्यवस्थाा प्रेेम हैै। परमेेश्वर सेे प्रेेम और मनुुष्य सेे प्रेेम
इसकेे दोो महाान सि�द्धांं�त हैंं। «प्रेेम रखनाा व्यवस्थाा कोो पूूराा करनाा हैै।» रोोमि�योंं� 13:10। परमेेश्वर काा चरि�त्र
धाार्मि�कताा और सच्चााई हैै; ऐसीी उसकीी व्यवस्थाा कीी प्रकृृ ति� हैै। भजनकाार कहताा हैै: «तेेरीी व्यवस्थाा सत्य
हैै:» «तेेरीी सब आज्ञााएँँ धर्मममय हैंं।» भजन संं हि�ताा 119:142,172। और प्रेेरि�त पौौलुुस घोोषि�त करताा हैै:
«इसलि�येे व्यवस्थाा पवि�त्र हैै, और आज्ञाा भीी ठीीक और अच्छीी हैै।» रोोमि�योंं� 7:12। ऐसीी व्यवस्थाा, परमेे-
श्वर केे मन और इच्छाा कीी अभि�व्यक्ति� होोनेे केे नाातेे, इसकेे लेेखक केे जि�तनाा हीी स्थाायीी होोनीी चााहि�ए।
मनुुष्य कोो परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे सि�द्धांं�तोंं� केे सााथ साामंं जस्‍‍य मेंं लााकर उसकाा उससेे मेेल कराानाा
मन-परि�वर्ततन और पवि�त्रीीकरण काा काार्यय हैै। प्राारंंभ मेंं, मनुुष्य कोो परमेेश्वर केे स्वरूप मेंं बनाायाा गयाा
थाा। वह प्रकृृ ति� और परमेेश्वर केे नि�यम केे सााथ पूूर्णण साामंं जस्य मेंं थाा; धाार्मि�कताा केे सि�द्धांं�त उसकेे
हृदय पर लि�खेे हुए थेे। परन्तुु पााप नेे उसेे उसकेे रचयि�ताा सेे दूू र कर दि�याा। अब वह पवि�त्र स्वरूप कोो
ं नहींं� करताा थाा। उसकाा हृदय परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे सि�द्धांं�तोंं� केे वि�रुद्ध थाा। «शरीीर पर
प्रति�बिं�बि�त
मन लगाानाा तोो परमेेश्वर सेे बैैर रखनाा हैै, क्योंं�कि� न तोो यह परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे अधीीन हैै और न
होो सकताा हैै।» रोोमि�योंं� 8:7। परन्तुु “परमेेश्वर नेे जगत सेे ऐसाा प्रेेम रखाा, कि� उस नेे अपनाा एकलौौताा
पुुत्र देे दि�याा,” कि� मनुुष्य काा परमेेश्वर सेे मेेल होो सकेे । मसीीह केे गुुणोंं� केे द्वााराा वह अपनेे सृृष्टि�िकर्ताा�
केे सााथ साामंं जस्य स्थाापि�त कर सकताा हैै। उसकाा हृदय पवि�त्र अनुुग्रह सेे नयाा होो जााएगाा; उसेे ऊपर सेे
नयाा जीीवन मि�लेेगाा। यह परि�वर्ततन नयाा जन्म हैै, जि�सकेे बि�नाा यीीशुु कहताा हैै, «वह परमेेश्वर केे रााज्य
कोो नहींं� देेख सकताा।»
परमेेश्वर केे सााथ मेेल मेंं पहलाा कदम पााप काा बोोध हैै। «पााप तोो व्यवस्थाा काा वि�रोोध हैै।» «व्यवस्थाा
केे द्वााराा पााप कीी पहि�चाान होोतीी हैै।» 1 यूूहन्नाा 3:4; रोोमि�योंं� 3:20। अपनेे दोोष कोो देेखनेे केे लि�ए, पाापीी
कोो अपनेे चरि�त्र कोो परमेेश्वर कीी धाार्मि�कताा केे महाान स्तर सेे परखनाा होोगाा। यह एक दर्पपण हैै जोो एक
धर्मीी चरि�त्र कीी पूूर्णणताा कोो दर्शााता� ा हैै और उसेे अपनेे चरि�त्र केे दोोषोंं� कोो देेखनेे मेंं सक्षम बनााताा हैै।
व्यवस्थाा मनुुष्य कोो उसकेे पााप तोो दि�खाातीी हैै, परन्तुु कोोई उपााय नहींं� देेतीी।
जबकि� यह आज्ञााकाारीी केे लि�ए जीीवन काा वाादाा करतीी हैै, यह घोोषणाा करतीी हैै कि� मृृत्युु अपरााधीी
काा भााग हैै। केे वल मसीीह काा सुुसमााचाार हीी उसेे दण्डााज्ञाा याा पााप कीी मलि�नताा सेे मुुक्त कर सकताा हैै।
आधुनिक धार्मिक जागृ 327

उसेे परमेेश्वर केे प्रति�, जि�सकीी व्यवस्थाा काा उसनेे उल्लंं घन कि�याा गयाा हैै, पश्चाातााप करनाा चााहि�ए;
और उसकेे प्राायश्चि�ित बलि�दाान, मसीीह मेंं वि�श्वाास करनाा चााहि�ए। इस प्रकाार वह «पहलेे कि�ए गए पाापोंं�
केे लि�ए क्षमाा» प्रााप्त करताा हैै और ईश्वरीीय प्रकृृ ति� काा भाागीी बन जााताा हैै। वह परमेेश्वर कीी संं ताान
हैै, जि�सेे लेेपाालकपन कीी आत्माा मि�लीी हैै, जि�सकेे द्वााराा वह उंं चेे स्वर मेंं कहताा हैै: «अब्बाा, पि�ताा!»
क्याा वह अब परमेेश्वर केे नि�यम काा उल्लंं घन करनेे केे लि�ए स्वतंं त्र हैै? पौौलुुस कहताा हैै: “तोो क्याा
हम व्यवस्थाा कोो वि�श्वाास केे द्वााराा व्यर्थथ ठहराातेे हैंं? परमेेश्वर न करेे: हाँँ�, हम व्यवस्थाा स्थाापि�त करतेे हैंं।
«हम जब पााप केे लि�येे मर गए तोो फि�र आगेे कोो उसमेंं कैै सेे जीीवन बि�तााएँँ?» और यूूहन्नाा नेे घोोषणाा
कीी: «क्योंं�कि� परमेेश्वर सेे प्रेेम रखनाा यह हैै कि� हम उसकीी आज्ञााओंं कोो माानेंं; और उसकीी आज्ञााएँँ
कठि�न नहींं�।» रोोमि�योंं� 3:31; 6:2; 1 यूूहन्नाा 5:3। नए जन्म मेंं हृदय कोो परमेेश्वर केे सााथ साामंं जस्य
मेंं लाायाा जााताा हैै, क्योंं�कि� इसेे उसकीी व्यवस्थाा केे सााथ साामंं जस्य मेंं लाायाा जााताा हैै। जब पाापीी मेंं यह
शक्ति�शाालीी परि�वर्ततन हुआ हैै, तोो वह मृृत्युु सेे जीीवन मेंं, पााप सेे पवि�त्रताा मेंं, अपरााध और वि�द्रोोह सेे
आज्ञााकाारि�ताा और नि�ष्ठाा मेंं पाार होो गयाा हैै। परमेेश्वर सेे अलगााव काा पुुराानाा जीीवन समााप्त होो गयाा
हैै; मेेल-मि�लााप, वि�श्वाास और प्रेेम काा नयाा जीीवन शुुरू होो गयाा हैै। तब “व्यवस्थाा कीी वि�धि�” “हम मेंं,
जोो शरीीर केे अनुुसाार नहींं�, परन्तुु आत्माा केे अनुुसाार चलतेे हैंं, पूूरीी होोगीी।” रोोमि�योंं� 8:4। और आत्माा
कीी भााषाा होोगीी: «आहाा! मैंं तेेरीी व्यवस्थाा सेे कैै सीी प्रीीति� रखताा हूँँ! दि�न भर मेेराा ध्याान उसीी पर लगाा
रहताा हैै।» भजन संं हि�ताा 119:97।
«यहोोवाा कीी व्यवस्थाा खरीी हैै, वह प्रााण कोो बहााल कर देेतीी हैै।» भजन संं हि�ताा 19:7। व्यवस्थाा
केे बि�नाा, मनुुष्य केे पाास परमेेश्वर कीी शुुद्धताा और पवि�त्रताा याा अपनेे स्वयंं केे दोोष और अशुुद्धताा कीी
कोोई उचि�त धाारणाा नहींं� हैै। उन्हेंं पााप काा सच्चाा बोोध नहींं� हैै और उन्हेंं पश्चाातााप कीी कोोई आवश्यकताा
महसूूस नहींं� होोतीी हैै। परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे उल्लंं घनकर्ताा�ओं ं केे रूप मेंं अपनीी खोोई हुई स्थि�ति� कोो
न देेखतेे हुए, उन्हेंं मसीीह केे मि�लााप कराानेे वाालेे लहू कीी आवश्यकताा काा एहसाास नहींं� होोताा हैै। हृदय
मेंं मूूलक परि�वर्ततन याा जीीवन केे सुुधाार केे बि�नाा उद्धाार कीी आशाा कोो स्वीीकाार कि�याा जााताा हैै। इस प्रकाार
सतहीी परि�वर्ततन बहुताायत सेे होोतेे हैंं, और बहुत सेे लोोग जोो कभीी भीी मसीीह केे सााथ एक नहींं� हुए हैंं,
कलीीसि�याा मेंं शाामि�ल होो जाातेे हैंं।
पवि�त्र व्यवस्थाा कीी उपेेक्षाा याा अस्वीीकृृ ति� सेे उत्पन्न पवि�त्रीीकरण केे भ्राामक सि�द्धांं�तोंं� काा आज केे
धाार्मि�क आंंदोोलनोंं� मेंं प्रमुुख स्थाान हैै। येे मत सि�द्धांं�त मेंं झूठेू े और व्याावहाारि�क परि�णाामोंं� मेंं खतरनााक
दोोनोंं� हैंं; और यह तथ्य कि� वेे आम तौौर पर समर्थथन पाा रहेे हैंं, यह दोोगुुनाा आवश्यक होो जााताा हैै कि� सभीी
कोो इस बाात कीी स्पष्ट समझ होो कि� पवि�त्रशाास्त्र इस मुुद्देे पर क्याा सि�खााताा हैै।
सच्चाा पवि�त्रीीकरण एक बााइबल सि�द्धांं�त हैै। थि�स्सलुुनीीकि�योंं� कीी कलीीसि�याा कोो लि�खेे अपनेे पत्र
मेंं प्रेेरि�त पौौलुुस घोोषणाा करताा हैै: «क्योंं�कि� परमेेश्वर कीी इच्छाा यह हैै कि� तुुम पवि�त्र बनोो।» और वह
प्राार्थथनाा करताा हैै: «शाान्ति� काा परमेेश्वर आप हीी तुुम्हेंं पूूरीी रीीति� सेे पवि�त्र करेे।» 1 थि�स्सलुुनीीकि�-
योंं� 4:3; 5:23। बााइबल स्पष्ट रूप सेे सि�खाातीी हैै कि� पवि�त्रीीकरण क्याा हैै और इसेे कैै सेे प्रााप्त कि�याा
जाानाा हैै। उद्धाारकर्ताा� नेे अपनेे शि�ष्योंं� केे लि�ए प्राार्थथनाा कीी: «सत्य केे द्वााराा उन्हेंं पवि�त्र कर : तेेराा वचन
सत्य हैै।» यूूहन्नाा 17:17। और पौौलुुस सि�खााताा हैै कि� वि�श्वाासि�योंं� कोो «पवि�त्र आत्माा द्वााराा पवि�त्र»
होोनाा हैै। रोोमि�योंं� 15:16। पवि�त्र आत्माा काा काार्यय क्याा हैै? यीीशुु नेे अपनेे शि�ष्योंं� सेे कहाा: «परन्तुु जब
328 महाान वि�वााद

वह अर्थाा�त्् सत्य काा आत्माा आएगाा, तोो तुुम्हेंं सब सत्य काा माार्गग बतााएगाा।» यूूहन्नाा 16:13। और
भजनकाार कहताा हैै: “तेेरीी व्यवस्थाा सत्य हैै।” परमेेश्वर केे वचन और आत्माा केे द्वााराा मनुुष्य केे लि�ए
उसकीी व्यवस्थाा मेंं सन्नि��हि�त धाार्मि�कताा केे महाान सि�द्धांं�त स्पष्ट कर दि�ए गए हैंं। और चूँँ�कि� परमेेश्वर
कीी व्यवस्थाा «पवि�त्र, और न्याायपूूर्णण, और अच्छीी» हैै, पवि�त्र पूूर्णणताा काा एक प्रति�लेेख हैै, यह समझ मेंं
आताा हैै कि� उस व्यवस्थाा केे पाालन सेे गठि�त एक चरि�त्र पवि�त्र होोगाा। मसीीह ऐसेे चरि�त्र काा एक आदर्शश
उदााहरण हैै। वह कहताा हैै: «मैंंनेे अपनेे पि�ताा कीी आज्ञााओंं कोो माानाा हैै, और उसकेे प्रेेम मेंं बनाा रहताा
हूँँ।» «मैंं सर्ववदाा वहीी कााम करताा हूँँ जि�ससेे वह प्रसन्न होोताा हैै।” यूूहन्नाा 15:10; 8:29। मसीीह केे
अनुुयाायि�योंं� कोो उसकेे जैैसाा बननाा हैै—परमेेश्वर केे अनुुग्रह सेे उसकीी पवि�त्र व्यवस्थाा केे सि�द्धांं�तोंं� केे
अनुुरूप चरि�त्रोंं� काा नि�र्माा�ण करनाा हैै। यह बााइबि�ल काा पवि�त्रीीकरण हैै।
यह काार्यय केे वल मसीीह मेंं वि�श्वाास केे द्वााराा, परमेेश्वर केे आत्माा कीी शक्ति� केे द्वााराा हीी पूूराा कि�याा
जाा सकताा हैै। पौौलुुस वि�श्वाासि�योंं� कोो सलााह देेताा हैै: «डरतेे और काँँ�पतेे हुए अपनेे-अपनेे उद्धाार काा
काार्यय पूूराा करतेे जााओ।» क्योंं�कि� परमेेश्वर हीी हैै जि�सनेे अपनीी सुुइच्छाा नि�मि�त्त तुुम्हाारेे मन मेंं इच्छाा
और कााम, दोोनोंं� बाातोंं� केे करनेे काा प्रभााव डाालाा हैै। « फि�लि�प्पि�योंं� 2:12,13। एक मसीीहीी पााप केे
प्रलोोभनोंं� कोो महसूूस करेेगाा, परन्तुु वह इसकेे वि�रुद्ध एक नि�रंंतर संं घर्षष कोो बनााए रखेेगाा। यहींं� पर
मसीीह कीी सहाायताा कीी आवश्यकताा हैै। माानवीीय दुर्बबल ु ताा ईश्वरीीय साामर्थ्यय सेे जुुड़ जाातीी हैै, और
आस्थाा कहतीी हैै: «परमेेश्वर काा धन्यवााद होो, जोो हमाारेे प्रभुु यीीशुु मसीीह केे द्वााराा हमेंं जयवन्त करताा
हैै।» 1 कुु रि�न्थि�योंं� 15:57।
पवि�त्र शाास्त्र स्पष्ट रूप सेे दि�खााताा हैै कि� पवि�त्रीीकरण काा काार्यय प्रगति�शीील हैै। जब मन परि�वर्ततन
मेंं पाापीी प्राायश्चि�ित केे लहू केे द्वााराा परमेेश्वर केे सााथ मेेल करतेे हैंं, तोो मसीीहीी जीीवन अभीी शुुरू हीी हुआ
हैै। अब उसेे «मसीीह कीी परि�पूूर्णणताा केे कद तक» बढ़नेे केे लि�ए «पूूर्णणताा कीी ओर बढ़नाा» हैै। प्रेेरि�त
पौौलुुस कहताा हैै: «केे वल यह एक कााम करताा हूँँ कि� जोो बाातेंं पीीछेे रह गई हैंं उनकोो भूूल कर, आगेे कीी
बाातोंं� कीी ओर बढ़ताा हुआ, नि�शाानेे कीी ओर दौौड़ाा चलाा जााताा हूँँ, तााकि� वह इनााम पााऊँँ जि�सकेे लि�येे
परमेेश्वर नेे मुुझेे मसीीह यीीशुु मेंं ऊपर बुुलाायाा हैै।» फि�लि�प्पि�योंं� 3:13,14। और पतरस हमाारेे साामनेे
उन कदमोंं� कोो रखताा हैै जि�नकेे द्वााराा बााइबल काा पवि�त्रि�करण प्रााप्त कि�याा जाानाा हैै: «इसीी काारण तुुम
सब प्रकाार काा यत्न करकेे अपनेे वि�श्‍‍वाास पर सद्गुुण, और सद्गुुण पर समझ, और समझ पर संं यम, और
संं यम पर धीीरज, और धीीरज पर भक्‍ति�ि�, और भक्ति� पर भााईचाारेे कीी प्रीीति� और भााईचाारेे कीी प्रीीति� पर
प्रेेम बढ़ाातेे जााओ। क्योंं�कि� यदि� येे बाातेंं तुुम मेंं वर्ततमाान रहेंं और बढ़तीी जााएँँ, तोो तुुम्हेंं नि�ष्फल न होोनेे
देेगीी।» 2 पतरस 1:5-10।
जोो लोोग बााइबल केे पवि�त्रीीकरण काा अनुुभव करतेे हैंं वेे नम्रताा कीी भाावनाा प्रकट करेंंगेे। मूूसाा कीी
तरह, उन्होंं�नेे पवि�त्रताा कीी वि�स्मयकाारीी महि�माा काा एक दृश्य देेखाा थाा, और वेे सनाातन परमेेश्वर कीी
पवि�त्रताा और उच्च पूूर्णणताा केे वि�परीीत अपनीी खुुद कीी अयोोग्यताा कोो देेखतेे हैंं।
भवि�ष्यद्वक्ताा दाानि�य्येेल सच्चेे पवि�त्रीीकरण काा एक उदााहरण थाा। उसकाा लंं बाा जीीवन अपनेे गुुरु केे
लि�ए नेेक सेेवाा सेे भराा थाा। वह स्वर्गग काा «अत्यंं त प्रि�य» (दाानि�य्येेल 10:11) थाा। फि�र भीी शुुद्ध और
पवि�त्र होोनेे काा दाावाा करनेे केे बजााय, इस सम्माानि�त भवि�ष्यद्वक्ताा नेे स्वयंं काा इस्रााएल केे वस्तुुतःः पाापि�योंं�
केे सााथ ताादाात्म्य स्थाापि�त कि�याा जब उसनेे अपनेे लोोगोंं� कीी ओर सेे परमेेश्वर केे साामनेे यााचनाा कीी:
आधुनिक धार्मिक जागृ 329

«हम जोो तेेरेे साामनेे गि�ड़गि�ड़ााकर प्राार्थथनाा करतेे हैंं, वह अपनेे धर्मम केे काामोंं� पर नहींं�, वरन्् तेेरीी बड़ीी दयाा
हीी केे काामोंं� पर भरोोसाा रखकर करतेे हैंं।» «हम नेे पााप कि�याा हैै और दुष्ु टताा हीी कीी हैै।» वह घोोषणाा
करताा हैै: «इस प्रकाार मैंं प्राार्थथनाा करताा, और अपनेे और अपनेे इस्रााएलीी जााति�-भााइयोंं� केे पााप काा
अंंगीीकाार करताा।» और जब बााद मेंं परमेेश्वर काा पुुत्र उसेे नि�र्देेश देेनेे केे लि�ए प्रकट हुआ, दाानि�य्येेल
कहताा हैै: «मेेराा बल जााताा रहाा; मैंं भयाातुुर होो गयाा, और मुुझ मेंं कुु छ भीी बल न रहाा।» दाानि�य्येेल
9:18, 15, 20; 10:8।
जब अय्यूूब नेे बवण्डर मेंं सेे यहोोवाा कीी वााणीी सुुनीी, तब वह ऊँँचेे स्वर सेे कहनेे लगाा, «इसलि�येे
मुुझेे अपनेे ऊपर घृृणाा आतीी हैै, और मैंं धूूल और रााख मेंं पश्चाातााप करताा हूँँ।” अय्यूूब 42:6। यह
उस समय हुआ जब यशाायााह नेे यहोोवाा काा तेेज देेखाा, और करूबोंं� कोो पुुकाार पुुकाारकर कहतेे सुुनाा,
“सेेनााओंं काा यहोोवाा पवि�त्र, पवि�त्र, पवि�त्र हैै; साारीी पृृथ्वीी उसकेे तेेज सेे भरपूूर हैै।” यशाायााह 6:3,5।
पौौलुुस, तीीसरेे स्वर्गग मेंं ऊपर उठाा लि�ए जाानेे केे बााद और उन बाातोंं� कोो सुुननेे केे बााद जोो एक मनुुष्य
केे लि�ए कहनाा संं भव नहींं� थाा, अपनेे आप कोो «पवि�त्र लोोगोंं� मेंं सेे छोोटेे सेे भीी छोोटाा» कहताा हैै। 2
कुु रि�न्थि�योंं� 12:2-4, हााशि�याा; इफि�सि�योंं� 3:8। यह प्रि�य यूूहन्नाा थाा, जि�सनेे यीीशुु कीी छाातीी कीी ओर
झुके ु े हुए उसकीी महि�माा कोो देेखाा, जोो स्वर्गगदूू त केे पैैरोंं� पर मुुर्दाा� साा गि�र पड़ाा। प्रकााशि�तवााक्य 1:17।
कलवरीी केे क्रूूस कीी छाायाा मेंं चलनेे वाालोंं� कीी ओर सेे कोोई आत्म-प्रशंं साा नहींं� होो सकतीी, पााप सेे
मुुक्ति� काा कोोई डींं�ग हाँँ�कनेे वाालाा दाावाा नहींं� होो सकताा। उन्हेंं लगताा हैै कि� यह उनकाा पााप थाा जोो उस
पीीड़ाा काा काारण बनाा जि�सनेे परमेेश्वर केे पुुत्र केे हृदय कोो तोोड़ दि�याा, और यह वि�चाार उन्हेंं आत्म-
हीीनताा कीी ओर लेे जााएगाा। जोो लोोग यीीशुु केे नि�कट रहतेे हैंं वेे माानवताा कीी कमज़ोोरीी और पाापपूूर्णणताा
कोो सबसेे स्पष्ट रूप सेे समझतेे हैंं, और उनकीी एकमाात्र आशाा एक क्रूूस पर चढ़ााए गए और पुुनर्जीी-
वि�त उद्धाारकर्ताा� कीी योोग्यताा मेंं हैै।
धाार्मि�क जगत मेंं अब प्रमुुखताा प्रााप्त कर रहाा पवि�त्रीीकरण, अपनेे सााथ आत्म-प्रशंं साा कीी भाावनाा
और परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कीी अवहेेलनाा काायम रखताा हैै जोो इसेे बााइबल केे धर्मम केे लि�ए वि�देेशीी
केे रूप मेंं चि�ह्नि�ित करताा हैै। इसकेे समर्थथक सि�खाातेे हैंं कि� पवि�त्रताा एक ताात्काालि�क काार्यय हैै, जि�सकेे
द्वााराा केे वल वि�श्वाास केे मााध्यम सेे वेे पूूर्णण पवि�त्रताा प्रााप्त करतेे हैंं। «केे वल वि�श्वाास करोो,» वेे कहतेे हैंं,
«और आशीीष तुुम्हाारीी हैै।» प्रााप्तकर्ताा� कीी ओर सेे कि�सीी और प्रयाास कीी आवश्यकताा नहींं� हैै। सााथ हीी
वेे परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे अधि�काार कोो नकाारतेे हैंं, यह आग्रह करतेे हुए कि� वेे आज्ञााओंं कोो मााननेे
केे दाायि�त्व सेे मुुक्त होो गए हैंं। लेेकि�न क्याा मनुुष्योंं� केे लि�ए यह संं भव हैै कि� वेे परमेेश्वर कीी इच्छाा और
चरि�त्र केे अनुुसाार पवि�त्र होंं�, बि�नाा उन सि�द्धांं�तोंं� केे अनुुरूप हुए जोो उसकेे स्वभााव और इच्छाा कीी अभि�-
व्यक्ति� हैंं, और जोो दि�खाातेे हैंं कि� उसेे क्याा अच्छाा लगताा हैै?
एक आसाान धर्मम कीी इच्छाा नेे जि�सकेे लि�ए कि�सीी प्रयाास, कोोई आत्म-त्यााग नहींं�, दुनि�या ु ा कीी
मूूर्खखतााओंं सेे अलगााव कीी आवश्यकताा नहींं� हैै, वि�श्वाास और केे वल वि�श्वाास केे सि�द्धांं�त कोो एक
लोोकप्रि�य सि�द्धांं�त बनाा दि�याा हैै; परन्तुु परमेेश्वर काा वचन क्याा कहताा हैै? प्रेेरि�त यााकूू ब कहताा हैै: «हेे
मेेरेे भााइयोो, यदि� कोोई कहेे कि� मुुझेे वि�श्‍‍वाास हैै पर वह कर्मम न करताा होो, तोो इससेे क्याा लााभ? क्याा
ऐसाा वि�श्‍‍वाास कभीी उसकाा उद्धाार कर सकताा हैै? वैैसेे हीी वि�श्‍‍वाास भीी, यदि� कर्मम सहि�त न होो तोो अपनेे
स्वभााव मेंं मराा हुआ हैै। जब हमाारेे पि�ताा अब्रााहम नेे अपनेे पुुत्र इसहााक कोो वेेदीी पर चढ़ाायाा, तोो क्याा
330 महाान वि�वााद

वह कर्मोंं सेे धाार्मि�क न ठहराा थाा? अत: तूू नेे देेख लि�याा कि� वि�श्‍‍वाास नेे उसकेे काामोंं� केे सााथ मि�लकर
प्रभााव डाालाा हैै, और कर्मोंं सेे वि�श्‍‍वाास सि�द्ध हुआ? इस प्रकाार तुुम नेे देेख लि�याा कि� मनुुष्य केे वल
वि�श्‍‍वाास सेे हीी नहींं�, वरन्् कर्मोंं सेे भीी धर्मीी ठहरताा हैै। « यााकूू ब 2:14-24।
परमेेश्वर केे वचन कीी गवााहीी बि�नाा कर्मम केे वि�श्वाास केे इस फँँसाानेे वाालेे सि�द्धांं�त केे वि�रुद्ध हैै। यह
वि�श्वाास नहींं� हैै जोो उन शर्तोंं काा पाालन कि�ए बि�नाा स्वर्गग केे अनुुग्रह काा दाावाा करताा हैै जि�नकेे आधाार पर
दयाा कीी जाानीी हैै, यह अनुुमाान हैै; क्योंं�कि� सच्चेे वि�श्वाास कीी नींं�व शाास्त्रोंं� केे वाादोंं� और प्राावधाानोंं� मेंं हैै।
कोोई भीी अपनेे आप कोो इस वि�श्वाास केे सााथ धोोखाा न देे कि� वेे जाानबूूझकर परमेेश्वर कीी
अपेेक्षााओंं मेंं सेे एक काा उल्लंं घन करतेे हुए पवि�त्र बन सकतेे हैंं। ज्ञाात पााप काा काार्यय गवााहीी देेनेे वाालीी
आत्माा कीी वााणीी कोो मौौन कर देेताा हैै और आत्माा कोो परमेेश्वर सेे अलग कर देेताा हैै। «पााप तोो व्यवस्थाा
काा वि�रोोध हैै।» और «जोो कोोई पााप करताा हैै, उसनेे न तोो उसेे देेखाा हैै और न उसकोो जाानाा हैै।» 1
यूूहन्नाा 3:6। यद्यपि� यूूहन्नाा अपनेे पत्रोंं� मेंं पूूरीी तरह सेे प्रेेम पर ध्याान केंंद्रि�त करताा हैै, फि�र भीी वह उस
वर्गग केे सच्चेे चरि�त्र कोो प्रकट करनेे मेंं संं कोोच नहींं� करताा जोो परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे उल्लंं घन मेंं रहतेे
हुए पवि�त्र होोनेे काा दाावाा करताा हैै। जोो कोोई यह कहताा हैै, “मैंं उसेे जाान गयाा हूँँ,” और उसकीी आज्ञााओंं
कोो नहींं� माानताा, वह झूठाू ा हैै और उसमेंं सत्य नहींं� हैै। पर जोो कोोई उसकेे वचन पर चलेे, उसमेंं सचमुुच
परमेेश्वर काा प्रेेम सि�द्ध हुआ हैै।» 1 यूूहन्नाा 2:4,5। यहांं� हर आदमीी केे दाावोंं� कीी परीीक्षाा हैै। हम कि�सीी
भीी मनुुष्य कोो स्वर्गग और पृृथ्वीी पर परमेेश्वर कीी पवि�त्रताा केे एकमाात्र माानक केे मााप तक लााए बि�नाा उसेे
पवि�त्रताा प्रदाान नहींं� कर सकतेे। यदि� मनुुष्य नैैति�क व्यवस्थाा काा कोोई भाार महसूूस नहींं� करतेे हैंं, यदि�
वेे परमेेश्वर केे उपदेेशोंं� कोो तुुच्छ और हल्काा बनाातेे हैंं, यदि� वेे इन छोोटीी सेे छोोटीी आज्ञााओंं मेंं सेे एक
कोो भीी तोोड़तेे हैंं, और लोोगोंं� कोो ऐसाा सि�खाातेे हैंं, तोो स्वर्गग कीी दृष्टि�ि मेंं उनकाा कोोई मूूल्य नहींं� होोगाा, और
हम जाान सकतेे हैंं कि� उनकेे दाावेे नि�रााधाार हैंं।
और पााप रहि�त होोनेे काा दाावाा अपनेे आप मेंं इस बाात काा प्रमााण हैै कि� जोो यह दाावाा करताा हैै वह
बि�ल्कुुल भीी पवि�त्र नहींं� हैै। ऐसाा इसलि�ए हैै क्योंं�कि� उसकेे पाास परमेेश्वर कीी अनंं त शुुद्धताा और पवि�त्रताा
कीी याा इस बाात कीी कि� वेे जोो उसकेे चरि�त्र केे अनुुरूप होंं�गेे वेे क्याा बनेंंगेे, कोोई सच्चीी अवधाारणाा नहींं�
हैै; क्योंं�कि� उसकेे पाास यीीशुु कीी पवि�त्रताा और प्रशंं सनीीय मनोोहरताा, और पााप कीी दुष्ु टताा और बुुरााई कीी
कोोई सच्चीी अवधाारणाा नहींं� हैै, कि� मनुुष्य स्वयंं कोो पवि�त्र माान सकेे । स्वयंं और मसीीह केे बीीच कीी दूू रीी
जि�तनीी अधि�क होोतीी हैै, और ईश्वरीीय चरि�त्र और अपेेक्षााओंं केे बाारेे मेंं उनकीी अवधाारणााएँँ जि�तनीी
अधि�क अपर्याा�प्त होोतीी हैंं, उतनाा हीी अधि�क वह अपनीी दृष्टि�ि मेंं धर्मीी प्रकट होोताा हैै।
पवि�त्र शाास्त्र मेंं उल्लि�खि�त पवि�त्रीीकरण पूूरेे अस्ति�त्व कोो समााहि�त करताा हैै - आत्माा, प्रााण और
देेह। पौौलुुस नेे थि�स्सलुुनीीकि�योंं� केे लि�ए प्राार्थथनाा कीी कि� उनकीी «आत्माा और प्रााण और देेह हमाारेे प्रभुु
यीीशुु मसीीह केे आनेे तक पूूरेे-पूूरेे और नि�र्दोोष सुुरक्षि�त रहेंं।» 1 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 5:23। वह फि�र सेे
वि�श्वाासि�योंं� कोो लि�खताा हैै: «इसलि�येे हेे भााइयोो, मैंं तुुम सेे परमेेश्वर कीी दयाा स्मरण दि�लाा कर वि�नतीी
करताा हूँँ कि� अपनेे शरीीरोंं� कोो जीीवि�त, और पवि�त्र, और परमेेश्वर कोो भाावताा हुआ बलि�दाान करकेे
चढ़ााओ।» रोोमि�योंं� 12:1। प्रााचीीन इस्रााएल केे समय मेंं परमेेश्वर केे लि�ए बलि�दाान केे रूप मेंं लााई जाानेे
वाालीी प्रत्येेक भेंंट कीी साावधाानीी सेे जाँँ�च कीी जाातीी थीी। यदि� प्रस्तुुत कि�ए गए पशुु मेंं कोोई दोोष पाायाा जााताा
थाा, तोो उसेे मनाा कर दि�याा जााताा थाा; क्योंं�कि� परमेेश्वर नेे आज्ञाा दीी थीी कि� भेंंट «नि�र्दोोष» होो। इसलि�ए
आधुनिक धार्मिक जागृ 331

मसीीहि�योंं� कोो अपनेे शरीीरोंं� कोो «जीीवि�त, और पवि�त्र, और परमेेश्वर कोो भाावताा हुआ» बलि�दाान करकेे
चढ़ाानेे केे लि�ए कहाा गयाा हैै। « ऐसाा करनेे केे लि�ए, उनकीी सभीी शक्ति�योंं� कोो सर्वोोत्तम संं भव स्थि�ति� मेंं
संं रक्षि�त कि�याा जाानाा चााहि�ए। हर अभ्याास जोो शाारीीरि�क याा माानसि�क शक्ति� कोो कमज़ोोर करताा हैै वह
मनुुष्य कोो उसकेे सृृष्टि�िकर्ताा� कीी सेेवाा केे लि�ए अनुुपयुुक्त बनााताा हैै। और क्याा परमेेश्वर हमाारीी सर्वोोत्तम
पेेशकश सेे कम मेंं प्रसन्न होोगाा? मसीीह नेे कहाा: «तूू अपनेे परमेेश्वर अपनेे प्रभुु सेे अपनेे साारेे मन सेे
प्रेेम रख।» जोो लोोग अपनेे साारेे मन सेे परमेेश्वर सेे प्रेेम रखतेे हैंं, वेे उसेे अपनेे जीीवन कीी सबसेे अच्छीी
सेेवाा देेनेे कीी इच्छाा रखेंंगे,े और वेे लगााताार अपनेे अस्ति�त्व कीी हर शक्ति� कोो उन नि�यमोंं� केे अनुुरूप
बनाानेे कीी कोोशि�श करेंंगेे जोो उसकीी इच्छाा कोो पूूराा करनेे कीी क्षमताा कोो बढ़ाावाा देंंगे।े वेे भूूख याा जुुनूनू
केे भोोग सेे, उस भेंंट कोो कमज़ोोर याा अपवि�त्र नहींं� करेंंगेे जोो वेे अपनेे स्वर्गीीय पि�ताा कोो प्रस्तुुत करतेे हैंं।
पतरस कहताा हैै: «उन सांं�साारि�क अभि�लााषााओंं सेे जोो आत्माा सेे युुद्ध करतीी हैंं, बचेे रहोो।» 1
पतरस 2:11। हर पाापपूूर्णण संं तुुष्टि�ि संं काायोंं� कोो सुुन्न कर देेतीी हैै और माानसि�क और आध्याात्मि�क
धाारणााओंं कोो मृृत कर देेतीी हैै, और परमेेश्वर काा वचन याा उसकीी आत्माा हृदय पर केे वल एक कमज़ोोर
प्रभााव डााल सकतीी हैै। पौौलुुस कुु रि�न्थि�योंं� कोो लि�खताा हैै: «आओ, हम अपनेे आप कोो शरीीर और आत्माा
कीी सब मलि�नताा सेे शुुद्ध करेंं, और परमेेश्वर काा भय रखतेे हुए पवि�त्रताा कोो सि�द्ध करेंं।» 2 कुु रि�न्थि�योंं�
7:1। और आत्माा केे फलोंं� — “प्रेेम, आनन्द, शाान्ति�, धीीरज, कृृ पाा, भलााई, वि�श्‍‍वाास, नम्रताा,” केे
सााथ—वह «संं यम» कोो श्रेेणीीबद्ध करताा हैै। « गलााति�योंं� 5:22, 23।
इन प्रेेरि�त घोोषणााओंं केे बाावजूूद , कि�तनेे तथााकथि�त मसीीहीी लााभ याा फैै शन कीी पूूजाा कीी खोोज
मेंं अपनीी शक्ति�योंं� कोो कमज़ोोर कर रहेे हैंं; कि�तनेे लोोलुुपताा सेे, शरााब पीीनेे सेे, वर्जि�त आनंं द सेे अपनीी
ईश्वरीीय मनुुष्यताा कोो कम कर रहेे हैंं। और कलीीसि�याा, अपनेे भंं डाार कीी पुुन: पूूर्ति� केे लि�ए, जि�सकीी
आपूूर्ति� करनेे केे लि�ए मसीीह केे प्रति� प्रेेम बहुत माामूूलीी हैै, बुुरााई कीी नि�न्दाा करनेे केे बजााय, भूूख, लााभ
याा सुुख केे प्रेेम कीी इच्छाा कोो उत्तेेजि�त करकेे अक्सर उसकोो प्रोोत्सााहि�त करतीी हैै। यदि� यीीशुु आज केे
कलीीसि�यााओंं मेंं प्रवेेश करताा और वहाँँ� धर्मम केे नााम पर होोनेे वाालेे भोोज और अपवि�त्र व्याापाार कोो
देेखताा, तोो क्याा वह उन अपवि�त्र लोोगोंं� कोो बााहर नहींं� नि�कााल देेताा, जैैसेे कि� उसनेे मुुद्राा परि�वर्ततकोंं� कोो
मन्दि�र सेे भगाा दि�याा थाा?
प्रेेरि�त यााकूू ब घोोषि�त करताा हैै कि� ऊपर सेे आनेे वाालाा ज्ञाान “पहि�लेे शुुद्ध” हैै। यदि� उसनेे उन लोोगोंं�
काा साामनाा कि�याा होोताा जोो तम्बााकूू सेे दूू षि�त होोठोंं� पर यीीशुु काा अनमोोल नााम लेेतेे हैंं, जि�नकीी सांं�सेंं और
व्यक्ति�त्व इसकीी दुर्गंंु ध सेे दूू षि�त होो जाातेे हैंं, और जोो स्वर्गग कीी हवाा कोो प्रदूू षि�त करतेे हैंं और अपनेे और
अपनेे आस पाास सभीी कोो ज़हर कीी साँँ�स लेेनेे केे लि�ए मजबूूर करतेे हैंं—यदि� प्रेेरि�त सुुसमााचाार कीी
शुुद्धताा केे वि�परीीत एक अभ्याास केे संं पर्कक मेंं आयाा होोताा, तोो क्याा उसनेे इसकीी «सांं�साारि�क, वि�षयाासक्त,
शैैताानीी» केे रूप मेंं निं�दां ा नहींं� कीी होोतीी? तम्बााकूू केे दाास, संं पूूर्णण पवि�त्रीीकरण कीी आशीीष काा दाावाा करतेे
हुए, स्वर्गग कीी अपनीी आशाा कीी बाात करतेे हैंं; लेेकि�न परमेेश्वर काा वचन स्पष्ट रूप सेे घोोषि�त करताा
हैै कि� «कोोई वस्तुु उस मेंं कि�सीी रीीति� सेे प्रवेेश न करेेगीी जोो अशुुद्ध करेे।» प्रकााशि�तवााक्य 21:27।
«क्याा तुुम नहींं� जाानतेे कि� तुुम्हाारीी देेह पवि�त्र आत्माा काा मन्दि�र हैै, जोो तुुम मेंं बसाा हुआ हैै और तुुम्हेंं
परमेेश्वर कीी ओर सेे मि�लाा हैै; और तुुम अपनेे नहींं� होो? क्योंं�कि� दााम देेकर मोोल लि�येे गए होो, इसलि�येे
अपनीी देेह केे द्वााराा परमेेश्वर कीी महि�माा करोो।» 1 कुु रि�न्थि�योंं� 6: 19,20। वह जि�सकाा शरीीर पवि�त्र
332 महाान वि�वााद

आत्माा काा मंं दि�र हैै, वह एक हाानि�काारक आदत सेे गुुलााम नहींं� होोगाा। उसकीी शक्ति�याँँ� मसीीह कीी हैंं,
जि�सनेे उसेे लहू केे मूूल्य सेे मोोल लि�याा हैै। उसकीी संं पत्ति� यहोोवाा कीी हैै। इस सौंं�पीी हुई पूंं�जीी कोो लुुटाानेे
मेंं वह कैै सेे नि�र्दोोष होो सकताा हैै? तथााकथि�त मसीीहीी वाार्षि�क रूप सेे बेेकाार और हाानि�काारक भोोगोंं� पर
एक वि�शााल रााशि� खर्चच करतेे हैंं, जबकि� आत्मााएंं जीीवन केे वचन केे लि�ए नााश होो रहीी हैंं। परमेेश्वर
कोो दशमांं�श और प्रसााद मेंं लूूट लि�याा जााताा हैै, जबकि� वेे वि�नााशकाारीी लाालसाा कीी वेेदीी पर गरीीबोंं� कोो
रााहत देेनेे याा सुुसमााचाार केे समर्थथन केे लि�ए जि�तनाा देेतेे हैंं, उससेे कहींं� अधि�क व्यय कर देेतेे हैंं। यदि�
सभीी जोो मसीीह केे अनुुयाायीी होोनेे काा दाावाा करतेे हैंं, वाास्तव मेंं पवि�त्र थेे, तोो उनकेे सााधन, अनाावश्यक
और यहांं� तक कि� हाानि�काारक भोोगोंं� केे लि�ए खर्चच करनेे केे बजााय, प्रभुु केे खजाानेे मेंं भेेजेे जाातेे, और
मसीीहीी संं यम, आत्म-त्यााग और आत्म-बलि�दाान काा उदााहरण स्थाापि�त करतेे। तब वेे जगत कीी ज्योोति�
होोतब वेे जगत कीी ज्योोति� होोतेे।
दुनि�या
ु ा आत्म-भोोग मेंं लि�प्त हैै। «शरीीर कीी अभि�लााषाा और आँँखोंं� कीी अभि�लााषाा और जीीवि�काा
काा घमण्ड» लोोगोंं� कीी भीीड़ कोो नि�यंं त्रि�त करतेे हैंं। लेेकि�न मसीीह केे अनुुयाायि�योंं� केे लि�ए एक पवि�त्र
बुुलााहट हैै। «प्रभुु कहताा हैै, उनकेे बीीच मेंं सेे नि�कलोो और अलग रहोो; और अशुुद्ध वस्तुु कोो मत
छुु ओ।» परमेेश्वर केे वचन केे आलोोक मेंं हम यह घोोषणाा करनेे मेंं न्याायसंं गत हैंं कि� पवि�त्रीीकरण
वाास्तवि�क नहींं� होो सकताा हैै जोो जगत केे पाापीी काार्योंं और संं तुुष्टि�ि केे इस पूूर्णण त्यााग काा प्रभााव उत्पन्न
नहींं� करताा हैै।
शर्तोंं काा पाालन करनेे वाालोंं� केे लि�ए, «उनकेे बीीच मेंं सेे नि�कलोो और अलग रहोो; और अशुुद्ध वस्तुु
कोो मत छुु ओ,» शर्तोंं काा पाालन करनेे वाालोंं� केे लि�ए परमेेश्वर कीी प्रति�ज्ञाा हैै, «मैंं तुुम्हेंं ग्रहण करूँँगाा;
और मैंं तुुम्हााराा पि�ताा हूँँगाा, और तुुम मेेरेे बेेटेे और बेेटि�याँँ� होोगेे।यह सर्ववशक्ति�माान प्रभुु परमेेश्वर काा
वचन हैै।” 2 कुु रि�न्थि�योंं� 6:17,18। यह प्रत्येेक मसीीहीी काा वि�शेेषााधि�काार और कर्ततव्य हैै कि� वह
परमेेश्वर कीी बाातोंं� मेंं समृृद्ध और प्रचुुर अनुुभव प्रााप्त करेे। «जगत कीी ज्योोति� मैंं हूँँ,» यीीशुु नेे कहाा।
«जोो मेेरेे पीीछेे होो लेेगाा वह अन्धकाार मेंं न चलेेगाा, परन्तुु जीीवन कीी ज्योोति� पााएगाा।” यूूहन्नाा 8:12।
«धर्मि�योंं� कीी चााल उस चमकतीी हुई ज्योोति� केे समाान हैै, जि�सकाा प्रकााश दोोपहर तक अधि�क-अधि�क
बढ़ताा रहताा हैै।» नीीति�वचन 4:18। वि�श्वाास और आज्ञााकाारि�ताा काा हर कदम आत्माा काा जगत कीी
ज्योोति� केे सााथ घनि�ष्ठ संं बंं ध स्थाापि�त करााताा हैै, जि�समेंं «कोोई अंंधकाार नहींं� हैै।» धाार्मि�कताा केे सूूर्यय
कीी चमकीीलीी कि�रणेंं परमेेश्वर केे सेेवकोंं� पर चमकतीी हैंं, और उन्हेंं उसकीी कि�रणोंं� कोो प्रति�बि�म्बि�त
करनाा हैै। जैैसेे ताारेे हमेंं बताातेे हैंं कि� स्वर्गग मेंं एक महाान प्रकााश हैै जि�सकीी महि�माा सेे वेे चमकतेे हैंं, उसीी
तरह मसीीहि�योंं� कोो यह प्रकट करनाा हैै कि� संं पूूर्णण जगत केे सिं�हां ासन पर एक परमेेश्वर हैै जि�सकाा चरि�त्र
प्रशंं साा और अनुुकरण केे योोग्य हैै। उसकीी आत्माा केे उपहाार, उसकेे चरि�त्र कीी शुुद्धताा और पवि�त्रताा,
उसकेे गवााहोंं� मेंं प्रकट होंं�गेे।
कुु लुुस्सि�योंं� कोो लि�खेे अपनेे पत्र मेंं पौौलुुस परमेेश्वर कीी संं ताानोंं� कोो दीी गई भरपूूर आशीीषोंं� काा वर्णणन
करताा हैै। वह कहताा हैै: «हम भीी तुुम्हाारेे लि�येे यह प्राार्थथनाा और वि�नतीी करनाा नहींं� छोोड़तेे कि� तुुम साारेे
आत्मि�क ज्ञाान और समझ सहि�त परमेेश्वर कीी इच्छाा कीी पहि�चाान मेंं परि�पूूर्णण होो जााओ, तााकि� तुुम्हााराा
चााल–चलन प्रभुु केे योोग्य होो, और वह सब प्रकाार सेे प्रसन्न होो, और तुुम मेंं हर प्रकाार केे भलेे काामोंं�
काा फल लगेे, और तुुम परमेेश्वर कीी पहि�चाान मेंं बढ़तेे जााओ, उसकीी महि�माा कीी शक्‍ति�ि� केे अनुुसाार
आधुनिक धार्मिक जागृ 333

सब प्रकाार कीी साामर्थ्यय सेे बलवन्त होोतेे जााओ, यहाँँ� तक कि� आनन्द केे सााथ हर प्रकाार सेे धीीरज और
सहनशीीलताा दि�खाा सकोो।» कुु लुुस्सि�योंं� 1:9-11।
फि�र सेे वह अपनीी इच्छाा केे बाारेे मेंं लि�खताा हैै कि� इफि�सुुस केे भााई मसीीहीी केे वि�शेेषााधि�काार कीी
ऊंंचााई कोो समझ सकेंं । वह उनकेे साामनेे, सबसेे व्याापक भााषाा मेंं, उस अद्भु ् ुत साामर्थ्यय और ज्ञाान कोो
प्रकट करताा हैै जोो परमप्रधाान केे बेेटेे और बेेटि�योंं� केे रूप मेंं उनकेे पाास होो सकताा हैै। यह उन पर नि�र्भभर
थाा कि� वेे «उसकेे आत्माा सेे अपनेे भीीतरीी मनुुष्यत्व मेंं साामर्थ्यय पााकर बलवन्त होंं�,» «प्रेेम मेंं जड़ पकड़ेंं
और नेेव डाालेंं,» «सब पवि�त्र लोोगोंं� केे सााथ भलीी–भाँँ�ति� समझनेे कीी शक्‍ति�ि� पााएंं कि� उसकीी चौौड़ााई,
और लम्बााई, और ऊँँचााई, और गहरााई कि�तनीी हैै।» परन्तुु प्रेेरि�त कीी प्राार्थथनाा वि�शेेषााधि�काार केे चरमो�-
त्कर्षष पर पहुँँचतीी हैै जब वह प्राार्थथनाा करताा हैै कि� «तुुम परमेेश्वर कीी साारीी भरपूूरीी तक परि�पूूर्णण होो
जााओ।» इफि�सि�योंं� 3:16-19।
यहाँँ� उपलब्धि� कीी उन ऊँँचााइयोंं� कोो प्रकट कि�याा गयाा हैै जि�न तक हम अपनेे स्वर्गीीय पि�ताा कीी प्र-
ति�ज्ञााओंं मेंं वि�श्वाास केे मााध्यम सेे पहुँँच सकतेे हैंं, जब हम उसकीी अपेेक्षााओंं कोो पूूराा करतेे हैंं। मसीीह
कीी योोग्यतााओंं केे द्वााराा हमाारेे पाास अनंं त शक्ति� केे सिं�हां ासन तक पहुंंच हैै। «जि�सनेे अपनेे नि�ज पुुत्र
कोो भीी न रख छोोड़ाा, परन्तुु उसेे हम सब केे लि�येे देे दि�याा, वह उसकेे सााथ हमेंं और सब कुु छ क्योंं� न
देेगाा?» रोोमि�योंं� 8:32। पि�ताा नेे अपनेे पुुत्र कोो बहुताायत सेे अपनाा आत्माा दि�याा, और हम भीी उसकीी
पूूर्णणताा केे भाागीी होो सकतेे हैंं। यीीशुु कहताा हैै, «अत: जब तुुम बुुरेे होोकर अपनेे बच्‍‍चोंं� कोो अच्छीी वस्तुुएँँ
देेनाा जाानतेे होो: तोो स्वर्गीीय पि�ताा अपनेे माँँ�गनेे वाालोंं� कोो पवि�त्र आत्माा क्योंं� न देेगाा?” लूूकाा 11:13।
«यदि� तुुम मुुझ सेे मेेरेे नााम सेे कुु छ माँँ�गोोगेे, तोो मैंं उसेे करूँँगाा।» «माँँ�गोो, तोो पााओगेे तााकि� तुुम्हााराा
आनन्द पूूराा होो जााए।» यूूहन्नाा 14:14: 16:24।
जबकि� एक मसीीहीी वि�श्‍‍वाासीी काा जीीवन नम्रताा सेे चि�ह्नि�ित होोगाा, उदाासीी और आत्म-ह्राास उसकीी
वि�शेेषतााएंं नहींं� होोनीी चााहि�ए। जीीवि�त रहनाा प्रत्येेक व्यक्ति� काा सौौभााग्य हैै कि� परमेेश्वर उसेे स्वीीकाार
करेेगाा और आशीीष देेगाा। यह हमाारेे स्वर्गीीय पि�ताा कीी इच्छाा नहींं� हैै कि� हम हमेेशाा निं�दां ा और अंंधकाार
केे अधीीन रहेंं। सि�र झुका ु ाकर और आत्म-चिं�तन ं सेे भरेे हुए हृदय मेंं सच्चीी वि�नम्रताा काा कोोई प्रमााण
नहींं� हैै। हम यीीशुु केे पाास जाा सकतेे हैंं और शुुद्ध होो सकतेे हैंं, और बि�नाा शर्मम और पछताावेे केे व्यवस्थाा
केे साामनेे खड़ेे होो सकतेे हैंं। «अत: अब जोो मसीीह यीीशुु मेंं हैंं, उन पर दण्ड कीी आज्ञाा नहींं�। क्योंं�कि� वेे
शरीीर केे अनुुसाार नहींं� वरन्् आत्माा केे अनुुसाार चलतेे हैंं।» रोोमि�योंं� 8:1।
यीीशुु केे द्वााराा आदम केे पति�त पुुत्र «परमेेश्वर केे पुुत्र» बन जाातेे हैंं। «पवि�त्र करनेेवाालाा और जोो
पवि�त्र कि�ए जाातेे हैंं, सब एक हीी मूूल सेे हैंं; इसीी काारण वह उन्हेंं भााई कहनेे सेे नहींं� लजााताा।» इब्राानि�योंं�
2:11। मसीीहीी काा जीीवन वि�श्वाास, वि�जय और प्रभुु मेंं आनंं द काा होोनाा चााहि�ए। «जोो कुु छ परमेेश्वर
सेे उत्पन्न हुआ हैै, वह संं साार पर जय प्रााप्त करताा हैै; और वह वि�जय जि�स सेे संं साार पर जय प्रााप्त
होोतीी हैै हमााराा वि�श्‍‍वाास हैै।» 1 यूूहन्नाा 5:4। परमेेश्वर काा सेेवक नहेेम्यााह सच कहताा हैै: “यहोोवाा काा
आनन्द तुुम्हााराा दृढ़ गढ़ हैै।” नहेेम्यााह 8:10। और पौौलुुस कहताा हैै: «प्रभुु मेंं सदाा आनन्दि�त रहोो;
मैंं फि�र कहताा हूँँ, आनन्दि�त रहोो।» «सदाा आनन्दि�त रहोो। नि�रन्तर प्राार्थथनाा मेंं लगेे रहोो। हर बाात मेंं
धन्यवााद करोो; क्योंं�कि� तुुम्हाारेे लि�येे मसीीह यीीशुु मेंं परमेेश्वर कीी यहीी इच्छाा हैै। « फि�लि�प्पि�योंं� 4:4; 1
थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 5:16-18।
334 महाान वि�वााद

बााइबल केे मााध्यम सेे परि�वर्ततन और पवि�त्रीीकरण केे फल ऐसेे हैंं; और यह इसलि�ए हैै क्योंं�कि�
परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा मेंं वर्णि�त धाार्मि�कताा केे महाान सि�द्धांं�तोंं� कोो मसीीहीी जगत द्वााराा इतनीी उदाासीीनताा
सेे माानाा जााताा हैै कि� येे फल शाायद हीी कभीी देेखेे जाातेे हैंं। यहीी काारण हैै कि� परमेेश्वर केे आत्माा काा
वह गहराा, स्थाायीी काार्यय बहुत कम प्रकट होोताा हैै जोो पि�छलेे वर्षोंं मेंं धाार्मि�क जाागृृति�योंं� कोो चि�ह्नि�ित
करताा थाा।
यह देेखनेे सेे हैै कि� हम बदल जाातेे हैंं। और जब उन पवि�त्र उपदेेशोंं� कीी, जि�नमेंं परमेेश्वर नेे मनुुष्योंं�
केे लि�ए अपनेे चरि�त्र कीी पूूर्णणताा और पवि�त्रताा कोो प्रकट कि�याा हैै, उपेेक्षाा कीी जाातीी हैै, और लोोगोंं� केे
मन माानवीीय शि�क्षााओंं और सि�द्धांं�तोंं� कीी ओर आकर्षि�त होोतेे हैंं, तोो क्याा आश्चर्यय हैै कि� कलीीसि�याा मेंं
जीीवि�त पवि�त्रताा काा पतन होो गयाा हैै। प्रभुु कहताा हैै: «उन्होंं�नेे मुुझ बहतेे जल केे सोोतेे कोो त्यााग दि�याा
हैै, और उन्होंं�नेे हौौद बनाा लि�ए, वरन्् ऐसेे हौौद जोो टूू ट गए हैंं, और जि�न मेंं जल नहींं� रह सकताा।»
यि�र्ममयााह 2:13।
«क्याा हीी धन्य हैै वह पुुरुष जोो दुष्‍‍टोंं�
ु कीी युुक्ति� पर नहींं� चलताा। परन्तुु वह तोो यहोोवाा कीी व्यवस्थाा
सेे प्रसन्न रहताा; और उसकीी व्यवस्थाा पर राात दि�न ध्याान करताा रहताा हैै। वह उस वृृक्ष केे समाान हैै, जोो
बहतीी नाालि�योंं� केे कि�नाारेे लगाायाा गयाा हैै, और अपनीी ऋतुु मेंं फलताा हैै, और जि�सकेे पत्तेे कभीी मुुरझाातेे
नहींं�। इसलि�येे जोो कुु छ वह पुुरुष करेे वह सफल होोताा हैै।» भजन संं हि�ताा 1:1-3। जब परमेेश्वर कीी
व्यवस्थाा कोो उसकीी उचि�त स्थि�ति� मेंं बहााल कि�याा जााताा हैै, तभीी उसकेे तथााकथि�त लोोगोंं� केे बीीच आदि�म
वि�श्वाास और भक्ति� कीी जाागृृति� होो सकतीी हैै। «यहोोवाा योंं� भीी कहताा हैै, सड़कोंं� पर खड़ेे होोकर देेखोो,
और पूूछोो कि� प्रााचीीन कााल काा अच्छाा माार्गग कौौन साा हैै, उसीी मेंं चलोो, और तुुम अपनेे-अपनेे मन मेंं
चैैन पााओगेे।» यि�र्ममयााह 6:16।
28

जीीवन केे इति�हाास काा साामनाा करनाा

भ वि�ष्यद्वक्ताा दाानि�य्येेल कहताा हैै, “मैंं नेे देेखते-े देेखतेे अन्त मेंं क्याा देेखाा, कि� सिं�हां ासन रखेे गए,
और कोोई अति� प्रााचीीन वि�रााजमाान हुआ; उसकाा वस्त्र हि�म–साा उजलाा, और सि�र केे बााल नि�र्ममल
ऊन सरीीखेे थेे; उसकाा सिं�हां ासन अग्नि�िमय और उसकेे पहि�येे धधकतीी हुई आग केे सेे दि�खााई पड़तेे थेे।
उस प्रााचीीन केे सम्मुुख सेे आग कीी धााराा नि�कलकर बह रहीी थीी; फि�र हज़ाारोंं� हज़ाार लोोग उसकीी सेेवाा
टहल कर रहेे थेे, और लााखोंं� लााख लोोग उसकेे साामनेे हााजि�र थेे; फि�र न्याायीी बैैठ गए, और पुुस्तकेंं खोोलीी
गईं।» दाानि�य्येेल 7:9,10।
भवि�ष्यद्वक्ताा केे दर्शशन मेंं महाान और पवि�त्र दि�न प्रदर्शि�त कि�याा गयाा थाा जब मनुुष्योंं� केे चरि�त्रोंं�
और जीीवन कोो साारीी पृृथ्वीी केे न्याायााधीीश केे साामनेे समीीक्षाा मेंं गुुजरनाा होोगाा, और प्रत्येेक व्यक्ति� कोो
«उसकेे कर्मोंं केे अनुुसाार» बदलाा दि�याा जााएगाा। अति� प्रााचीीन परमेेश्वर पि�ताा हैै। भजनकाार कहताा
हैै: «इससेे पहलेे कि� पहााड़ उत्पन्न हुए, याा तूू नेे पृृथ्वीी और जगत कीी रचनाा कीी, वरन्् अनाादि� कााल
सेे अनन्तकााल तक तूू हीी परमेेश्वर हैै।» भजन संं हि�ताा 90:2। यह वह हैै, जोो सम्पूूर्णण अस्ति�त्व
काा स्रोोत हैै, और संं पूूर्णण व्यवस्थाा काा स्रोोत हैै, जि�सेे न्यााय मेंं अध्यक्षताा करनीी हैै। और सेेवकोंं� और
गवााहोंं� केे रूप मेंं पवि�त्र स्वर्गगदूू त, «जि�नकीी गि�नतीी लााखोंं� और करोोड़ोंं� कीी थीी» इस महाान न्यााया�-
धि�करण मेंं उपस्थि�त होोतेे हैंं।
«और देेखोो, मनुुष्य केे सन्ताान–साा कोोई आकााश केे बाादलोंं� समेेत आ रहाा थाा, और वह उस
अति� प्रााचीीन केे पाास पहुँँचाा, और उसकोो वेे उसकेे समीीप लााए। तब उसकोो ऐसीी प्रभुुताा, महि�माा और
रााज्य दि�याा गयाा, कि� देेश–देेश और जााति�–जााति� केे लोोग और भि�न्न–भि�न्न भााषाा बोोलनेेवाालेे सब
उसकेे अधीीन होंं�; उसकीी प्रभुुताा सदाा तक अटल, और उसकाा रााज्य अवि�नााशीी ठहराा। « दाानि�य्येेल
7:13,14। यहाँँ� वर्णि�त मसीीह काा आगमन पृृथ्वीी पर उसकाा दूू सराा आगमन नहींं� हैै। वह प्रभुुत्व और
महि�माा और एक रााज्य प्रााप्त करनेे केे लि�ए स्वर्गग मेंं उस अति� प्रााचीीन केे पाास आताा हैै, जोो उसेे एक
मध्यस्थ केे रूप मेंं उसकेे काार्यय केे अंंत मेंं दि�याा जााएगाा। वह यह आगमन हैै, न कि� पृृथ्वीी पर उसकाा
दूू सराा आगमन, जि�सकेे बाारेे मेंं भवि�ष्यवााणीी मेंं बताायाा गयाा थाा कि� यह 1844 मेंं 2300 दि�नोंं� कीी
336 महाान वि�वााद

समााप्ति� पर होोगाा। स्वर्गीीय स्वर्गगदूू तोंं� केे सााथ, हमााराा महाान महाायााजक परम पवि�त्र स्थाान मेंं प्रवेेश
करताा हैै और वहाँँ� परमेेश्वर कीी उपस्थि�ति� मेंं मनुुष्य कीी ओर सेे उसकीी सेेवकााई केे अंंति�म काार्योंं मेंं
संं लग्न होोनेे केे लि�ए प्रकट होोताा हैै—नि�रीीक्षण न्यााय काा काार्यय करनेे और उन सभीी केे लि�ए प्राायश्चि�ित
करनेे केे लि�ए जोो इसकेे लााभोंं� केे हकदाार दि�खााए गए हैंं।
प्रतीीकाात्मक सेेवाा मेंं केे वल वेे लोोग जोो स्वीीकाारोोक्ति� और पश्चाातााप केे सााथ परमेेश्वर केे साामनेे
आए थेे, और जि�नकेे पााप, पाापबलि� केे लहू केे मााध्यम सेे, पवि�त्रस्थाान मेंं स्थाानांं�तरि�त कि�ए गए थेे, प्रा�-
यश्चि�ित केे दि�न कीी सेेवाा मेंं भााग लेेतेे थेे। इसलि�ए अंंति�म प्राायश्चि�ित और जांं�च पड़तााल न्यााय केे महाान
दि�न मेंं केे वल उन माामलोंं� पर वि�चाार कि�याा जााताा हैै जोो परमेेश्वर केे घोोषि�त लोोगोंं� केे हैंं। दुष्ु टोंं� काा न्यााय
एक वि�शि�ष्ट और अलग काार्यय हैै, और बााद कीी अवधि� मेंं होोताा हैै। «वह समय आ पहुँँचाा हैै कि� पहलेे
परमेेश्वर केे लोोगोंं� काा न्यााय कि�याा जााए; और जब कि� न्यााय काा आरम्भ हम हीी सेे होोगाा तोो उनकाा क्याा
अन्त होोगाा जोो परमेेश्वर केे सुुसमााचाार कोो नहींं� माानतेे?» 1 पतरस 4:17।
स्वर्गग मेंं अभि�लेेख कीी पुुस्तकेंं, जि�नमेंं मनुुष्योंं� केे नााम और कर्मम लि�खेे हैंं, न्यााय केे नि�र्णणयोंं� कोो
नि�र्धाा�रि�त करनेे केे लि�ए हैंं। भवि�ष्यवक्‍‍ताा दाानि�य्येेल कहताा हैै: “न्याायीी बैैठ गए, और पुुस्तकेंं खोोलीी गईं।
« उसीी दृश्य काा वर्णणन करतेे हुए रहस्योोद्घा् ाटनकर्ताा� आगेे कहताा हैै: «फि�र एक और पुुस्तक खोोलीी गई,
अर्थाा�त्् जीीवन कीी पुुस्तक; और जैैसाा उन पुुस्तकोंं� मेंं लि�खाा हुआ थाा, वैैसेे हीी उनकेे काामोंं� केे अनुुसाार
मरेे हुओंं काा न्यााय कि�याा गयाा।» प्रकााशि�तवााक्य 20:12।
जीीवन कीी पुुस्तक मेंं उन सभीी केे नााम हैंं जि�न्होंं�नेे कभीी परमेेश्वर कीी सेेवाा मेंं प्रवेेश कि�याा हैै। यीीशुु
नेे अपनेे चेेलोंं� सेे कहाा: “आनन्दि�त होो कि� तुुम्हाारेे नााम स्वर्गग पर लि�खेे हैंं।” लूूकाा 10:20। पौौलुुस अपनेे
वि�श्वाासयोोग्य सहकर्मि�योंं� केे बाारेे मेंं बाात करताा हैै, “जि�नकेे नााम जीीवन कीी पुुस्तक मेंं हैंं।” फि�लि�प्पि�योंं�
4:3। «ऐसेे संं कट केे समय, जैैसाा अब तक कभीी न हुआ,» कीी ओर देेखतेे हुए दाानि�य्येेल घोोषणाा करताा
हैै कि� परमेेश्वर केे लोोग छुु ड़ााए जााएंं गेे, «जि�तनोंं� केे नााम परमेेश्वर कीी पुुस्तक मेंं लि�खेे हुए हैंं।» और
रहस्योोद्घा् ाटनकर्ताा� कहताा हैै कि� केे वल वेे हीी परमेेश्वर केे नगर मेंं प्रवेेश करेंंगेे जि�नकेे नााम «मेेम्नेे केे
जीीवन कीी पुुस्तक मेंं लि�खेे हैंं।» दाानि�य्येेल 12:1; प्रकााशि�तवााक्य 21:27।
परमेेश्वर केे साामनेे «स्मरण कीी एक पुुस्तक» लि�खीी जाातीी हैै, जि�समेंं «जोो यहोोवाा काा भय माानतेे
और उसकेे नााम काा सम्माान करतेे थेे» उनकेे भलेे काामोंं� काा लेेखाा हैै। मलााकीी 3:16। उनकेे वि�श्वाास केे
शब्द, उनकेे प्रेेम केे काार्यय स्वर्गग मेंं दर्जज कि�याा जााताा हैंं। नहेेम्यााह इसकाा उल्लेेख करताा हैै जब वह कहताा
हैै: «हेे मेेरेे परमेेश्वर! मेेराा यह कााम .... स्मरण रख, और जोो-जोो सुुकर्मम मैंं नेे अपनेे परमेेश्वर केे भवन
और उसमेंं कीी आरााधनाा केे वि�षय कि�ए हैंं उन्हेंं मि�टाा न डााल।» नहेेम्यााह 13:14। परमेेश्वर केे स्मरण
कीी पुुस्तक मेंं धाार्मि�कताा काा प्रत्येेक काार्यय अमर हैै। वहाँँ� हर प्रलोोभन जि�सकाा प्रति�रोोध कि�याा गयाा, हर
बुुरााई जि�स पर कााबूू पाायाा गयाा, कोोमल दयाा काा हर व्यक्त कि�याा गयाा शब्द, ईमाानदाारीी सेे लि�खाा गयाा
हैै। और हर बलि�दाान काा काार्यय, हर कष्ट और दुःः�ख जोो मसीीह केे लि�ए सहाा गयाा, दर्जज कि�याा गयाा हैै।
भजनकाार कहताा हैै: «तूू मेेरेे माारेे-माारेे फि�रनेे काा हि�सााब रखताा हैै; तूू मेेरेे आँँसुुओं ं कोो अपनीी कुु प्पीी मेंं
रख लेे! क्याा उनकीी चर्चाा� तेेरीी पुुस्तक मेंं नहींं� हैै?» भजन संं हि�ताा 56:8।
मनुुष्य केे पाापोंं� काा भीी एक अभि�लेेख हैै। «क्योंं�कि� परमेेश्वर सब काामोंं� और सब गुुप्‍‍त बाातोंं� काा,
चााहेे वेे भलीी होंं� याा बुुरीी, न्यााय करेेगाा।» «और मैंं तुुम सेे कहताा हूँँ कि� जोो-जोो नि�कम्मीी बाातेंं मनुुष्य
जीवन के इतिहास का सामना करना 337

कहेंंगेे, न्यााय केे दि�न वेे हर एक उस बाात काा लेेखाा देंंगेे।» उद्धाारकर्ताा� कहताा हैै: «तूू अपनीी बाातोंं� केे
काारण नि�र्दोोष, और अपनीी बाातोंं� हीी केे काारण दोोषीी ठहराायाा जााएगाा।» सभोोपदेेशक 12:14; मत्तीी
12:36, 37। गुुप्त उद्देेश्य और प्रयोोजन अचूूक पंं जि�काा मेंं प्रकट होोतेे हैंं; क्योंं�कि� परमेेश्वर «अन्धकाार
कीी छि�पीी बाातेंं ज्योोति� मेंं दि�खााएगाा, और मनोंं� केे अभि�प्राायोंं� कोो प्रगट करेेगाा।» 1 कुु रि�न्थि�योंं� 4:5।
यहोोवाा योंं� कहताा हैै: «देेखोो, यह बाात मेेरेे साामनेे लि�खीी हुई हैै, ...»तुुम्हाारेे अधर्मम केे कााम और तुुम्हाारेे
पुुरखााओंं केे भीी अधर्मम केे कााम।» यशाायााह 65:6,7।
प्रत्येेक मनुुष्य काा काार्यय परमेेश्वर केे साामनेे समीीक्षाा मेंं गुुज़रताा हैै और वि�श्वाासयोोग्यताा याा वि�श्वा�-
सघाात केे लि�ए दर्जज कि�याा जााताा हैै। स्वर्गग कीी पुुस्तकोंं� मेंं प्रत्येेक नााम केे साामनेे प्रत्येेक गलत शब्द,
प्रत्येेक स्वाार्थीी काार्यय, प्रत्येेक अधूूराा कर्ततव्य, और प्रत्येेक गुुप्त पााप, प्रत्येेक कलाात्मक छल केे सााथ
भयाानक सटीीकताा केे सााथ दर्जज कि�याा जााताा हैै। उपेेक्षि�त ईश्वरकृृ त चेेताावनि�याँँ� याा फटकाार, गँँवााए हुए
क्षण, असुुधाारि�त अवसर, अच्छााई याा बुुरााई केे लि�ए डाालाा गयाा प्रभााव, इसकेे दूू रगाामीी परि�णाामोंं� केे
सााथ, सभीी दर्जज करनेे वाालेे स्वर्गगदूू त द्वााराा लि�पि�बद्ध कि�ए जाातेे हैंं।
परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा वह माानक हैै जि�सकेे द्वााराा मनुुष्य केे चरि�त्र और जीीवन कोो न्यााय केे समय
परखाा जााएगाा। बुुद्धि�माान व्यक्ति� कहताा हैै: “परमेेश्वर काा भय माान, और उसकीी आज्ञााओंं काा पाालन
कर, क्योंं�कि� मनुुष्य काा सम्पूूर्णण कर्ततव्य यहीी हैै। क्योंं�कि� परमेेश्वर सब काामोंं� काा न्यााय करेेगाा। « सभोो-
पदेेशक 12:13,14। प्रेेरि�त यााकूू ब अपनेे भााइयोंं� कोो सलााह देेताा हैै: “तुुम उन लोोगोंं� केे समाान वचन
बोोलोो और कााम भीी करोो, जि�नकाा न्यााय स्वतंं त्रताा कीी व्यवस्थाा केे अनुुसाार होोगाा। « यााकूू ब 2:12।
वेे जोो न्यााय मेंं «योोग्य ठहरेंंगेे» धर्मि�योंं� केे पुुनरुत्थाान मेंं उनकाा भााग होोगाा। यीीशुु नेे कहाा: «पर जोो
लोोग इस योोग्य ठहरेंंगेे कि� उस युुग कोो और मरेे हुओंं मेंं सेे जीी उठनेे कोो प्रााप्त करेंं, ... वेे स्वर्गगदूू तोंं� केे
समाान होंं�गेे, और पुुनरुत्थाान कीी सन्ताान होोनेे सेे परमेेश्वर कीी भीी सन्ताान होंं�गेे।» लूूकाा 20:35,36।
और फि�र सेे वह घोोषणाा करताा हैै कि� «जि�न्होंं�नेे भलााई कीी हैै» वेे «जीीवन केे पुुनरुत्थाान केे लि�ए» आगेे
आएंं गेे। यूूहन्नाा 5:29। धर्मीी मरेे हुओंं कोो तब तक नहींं� उठाायाा जााएगाा जब तक कि� न्यााय केे बााद उन्हेंं
«जीीवन केे पुुनरुत्थाान» केे योोग्य नहींं� माानाा जााएगाा। इसलि�ए जब उनकेे जीीवन इति�हाास कीी जांं�च कीी
जााएगीी और उनकेे माामलोंं� काा फैै सलाा कि�याा जााएगाा तोो वेे न्याायााधि�करण मेंं व्यक्ति�गत रूप सेे उपस्थि�त
नहींं� होंं�गेे।
परमेेश्वर केे साामनेे उनकीी ओर सेे यााचनाा करनेे केे लि�ए, यीीशुु उनकेे सहाायक केे रूप मेंं प्रकट
होोगाा। «यदि� कोोई पााप करेे, तोो पि�ताा केे पाास हमााराा एक सहाायक हैै, अर्थाा�त्् धर्मीी यीीशुु मसीीह।» 1
यूूहन्नाा 2:1। «क्योंं�कि� मसीीह नेे उस हााथ केे बनााए हुए पवि�त्रस्थाान मेंं, जोो सच्‍‍चेे पवि�त्रस्थाान काा नमूूनाा
हैै, प्रवेेश नहींं� कि�याा पर स्वर्गग हीी मेंं प्रवेेश कि�याा, तााकि� हमाारेे लि�येे अब परमेेश्वर केे साामनेे दि�खााई देे।»
«इसीी लि�येे जोो उसकेे द्वााराा परमेेश्वर केे पाास आतेे हैंं, वह उनकाा पूूराा-पूूराा उद्धाार कर सकताा हैै, क्योंं�कि�
वह उनकेे लि�येे वि�नतीी करनेे कोो सर्ववदाा जीीवि�त हैै।» इब्राानि�योंं� 9:24; 7:25।
जैैसाा कि� न्यााय मेंं अभि�लेेख कीी पुुस्तकेंं खोोलीी जाातीी हैंं, यीीशुु पर वि�श्वाास करनेे वाालेे सभीी लोोगोंं� केे
जीीवन परमेेश्वर केे साामनेे समीीक्षाा मेंं आतेे हैंं। उन लोोगोंं� केे सााथ शुुरू कर जोो पहलेे पृृथ्वीी पर रहतेे थेे,
हमााराा सहाायक प्रत्येेक क्रमि�क पीीढ़ीी केे माामलोंं� कोो प्रस्तुुत करताा हैै, और जीीवि�त लोोगोंं� केे सााथ समााप्त
करताा हैै। हर नााम काा ज़ि�क्र हैै, हर माामलेे कीी बाारीीकीी सेे जांं�च कीी जाा रहीी हैै। नााम स्वीीकाार कि�ए
338 महाान वि�वााद

जाातेे हैंं, नााम खाारि�ज कि�ए जाातेे हैंं। जब कि�सीी केे पााप अभि�लेेख कीी पुुस्तकोंं� पर शेेष होंं�गेे, जि�सकाा
पश्चाातााप न कि�याा गयाा होो और जि�सेे क्षमाा न कि�याा गयाा होो, तोो उनकाा नााम जीीवन कीी पुुस्तक सेे मि�टाा
दि�याा जााएगाा, और उनकेे अच्छेे काार्योंं काा लेेखाा-जोोखाा परमेेश्वर केे स्मरण कीी पुुस्तक सेे मि�टाा दि�याा
जााएगाा। यहोोवाा नेे मूूसाा सेे कहाा: “जि�सनेे मेेरेे वि�रुद्ध पााप कि�याा हैै, उसीी काा नााम मैंं अपनीी पुुस्तक मेंं सेे
कााट दूंं�गाा।” नि�र्गगमन 32:33। और भवि�ष्यद्वक्ताा यहेेजकेेल कहताा हैै: “परन्तुु जब धर्मीी अपनेे धर्मम सेे
फि�रकर टेेढ़ेे कााम करनेे लगेे, तोो जि�तनेे धर्मम केे कााम उसनेे कि�ए होंं�, उनमेंं सेे कि�सीी काा स्मरण न कि�याा
जााएगाा। « यहेेजकेेल 18:24।
वेे सभीी जि�न्होंं�नेे वाास्तव मेंं पााप सेे पश्चाातााप कि�याा हैै, और वि�श्वाास केे द्वााराा मसीीह केे लहू काा अपनेे
प्राायश्चि�ित बलि�दाान केे रूप मेंं दाावाा कि�याा हैै, स्वर्गग कीी पुुस्तकोंं� मेंं उनकेे नााम केे वि�रुद्ध क्षमाा दर्जज कीी गई हैै;
जैैसाा कि� वेे मसीीह कीी धाार्मि�कताा केे भाागीी बन गए हैंं, और उनकेे चरि�त्र परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे अनुुरूप
पााए गए हैंं, उनकेे पााप मि�टाा दि�ए जााएंं गे,े और वेे स्वयंं अनन्त जीीवन केे योोग्य गि�नेे जााएंं गे।े यशाायााह भवि�-
ष्यद्वक्ताा केे द्वााराा यहोोवाा कीी यह वााणीी हैै: «मैंं वहीी हूँँ जोो अपनेे नााम केे नि�मि�त्त तेेरेे अपरााधोंं� कोो मि�टाा देेताा
हूँँ और तेेरेे पाापोंं� कोो स्मरण न करूँँगाा।» यशाायााह 43:25। यीीशुु कहताा हैै: «जोो जय पााए उसेे इसीी प्रकाार
श्वेेत वस्त्र पहि�नाायाा जााएगाा, और मैंं उसकाा नााम जीीवन कीी पुुस्तक मेंं सेे कि�सीी रीीति� सेे न कााटूंं�गाा; पर
उसकाा नााम अपनेे पि�ताा और उसकेे स्वर्गगदूू तोंं� केे साामनेे माान लूँँ�गाा।» «जोो कोोई मनुुष्योंं� केे साामनेे मुुझेे माान
लेेगाा, उसेे मैंं भीी अपनेे स्वर्गीीय पि�ताा केे साामनेे माान लूँँ�गाा। पर जोो कोोई मनुुष्योंं� केे साामनेे मेेराा इन्काार करेेगाा,
उस सेे मैंं भीी अपनेे स्वर्गीीय पि�ताा केे साामनेे इन्काार करूँँगाा। « प्रकााशि�तवााक्य 3:5; मत्तीी 10:32, 33।
सांं�साारि�क न्याायााधि�करणोंं� केे नि�र्णणयोंं� मेंं मनुुष्योंं� मेंं अभि�व्यक्‍‍त गहरीी रुचि� जीीवन कीी पुुस्तक मेंं दर्जज
नाामोंं� केे साारीी पृृथ्वीी केे न्याायााधीीश केे साामनेे समीीक्षाा मेंं आनेे पर, स्वर्गीीय अदाालतोंं� मेंं प्रदर्शि�त रुचि�
काा केे वल हल्काा साा प्रति�नि�धि�त्व करतीी हैै। पवि�त्र मध्यस्थ यह दलीील प्रस्तुुत करताा हैै कि� वेे सभीी जोो
उसकेे लहू मेंं वि�श्वाास केे मााध्यम सेे जीीत गए हैंं, उनकेे अपरााधोंं� कोो क्षमाा कि�याा जााए, कि� उन्हेंं उनकेे
अदन केे घर मेंं बहााल कि�याा जााए, और «पहलीी प्रभुुताा» केे लि�ए उसकेे स्वयंं केे सााथ संं युुक्त उत्तरा�-
धि�काारीी केे रूप मेंं तााज पहनाायाा जााए। मीीकाा 4:8। शैैताान नेे हमाारीी जााति� कोो धोोखाा देेनेे और लुुभाानेे
केे अपनेे प्रयाासोंं� मेंं मनुुष्य कीी रचनाा मेंं ईश्वरीीय योोजनाा कोो वि�फल करनेे केे बाारेे मेंं सोोचाा थाा; लेेकि�न
मसीीह अब इस योोजनाा कोो अमल मेंं लाानेे केे लि�ए कहताा हैै जैैसेे कि� मनुुष्य कभीी गि�राा हीी नहींं� थाा। वह
अपनेे लोोगोंं� सेे न केे वल सम्पूूर्णण क्षमाा और न्यााय मांं�गताा हैै, बल्कि� अपनीी महि�माा मेंं एक हि�स्साा और
अपनेे सिं�हां ासन पर एक स्थाान मांं�गताा हैै।
जबकि� यीीशुु अपनेे अनुुग्रह केे वि�षयोंं� केे लि�ए यााचनाा कर रहाा हैै, शैैताान नेे उन्हेंं परमेेश्वर केे साामनेे
अपरााधि�योंं� केे रूप मेंं आरोोपि�त कि�याा। बड़ेे धोोखेेबााज़ उन्हेंं संं देेह कीी ओर लेे जाानेे कीी कोोशि�श कीी हैै,
तााकि� वेे परमेेश्वर मेंं वि�श्वाास खोो देंं , अपनेे आप कोो उसकेे प्रेेम सेे अलग कर लेंं, और उसकीी व्यवस्थाा
कोो तोोड़ देंं। अब वह इशााराा करताा हैै उनकेे जीीवन इति�हाास कीी ओर, चरि�त्र केे दोोषोंं� कीी ओर, मसीीह
केे सााथ असमाानताा कीी ओर, जि�सनेे उनकेे उद्धाारक काा अपमाान कि�याा हैै, उन सभीी पाापोंं� कीी ओर जोो
उसनेे उन्हेंं करनेे केे लि�ए लुुभाायाा हैै, और इनकेे काारण वह उन्हेंं अपनीी प्रजाा केे रूप मेंं दाावाा करताा हैै।
यीीशुु उनकेे पाापोंं� कोो जाानेे नहींं� देेताा हैै, लेेकि�न उनकेे पश्चाातााप और वि�श्वाास कोो दि�खााताा हैै, और
उनकेे लि�ए क्षमाा काा दाावाा करतेे हुए, पि�ताा और पवि�त्र स्वर्गगदूू तोंं� केे साामनेे अपनेे घाायल हााथोंं� कोो उठाातेे
जीवन के इतिहास का सामना करना 339

हुए कहताा हैै: मैंं उन्हेंं नााम सेे जाानताा हूंं। मैंं नेे तेेराा चि�त्र अपनीी हथेेलि�योंं� पर खोोदकर बनाायाा हैै। «टूू टाा
मन परमेेश्वर केे योोग्य बलि�दाान हैै; हेे परमेेश्वर, तूू टूू टेे और पि�सेे हुए मन कोो तुुच्छ नहींं� जाानताा।»
भजन संं हि�ताा 51:17। और अपनीी प्रजाा पर दोोष लगाानेे वाालेे सेे कहताा हैै: «हेे शैैताान, यहोोवाा तुुझ
कोो घुुड़केे! यहोोवाा जोो यरूशलेेम कोो अपनाा लेेताा हैै, वहीी तुुझेे घुुड़केे! क्याा यह आग सेे नि�काालीी हुई
लुुकटीी सीी नहींं� हैै?” जकर्याा�ह 3:2। मसीीह अपनेे वि�श्वाासयोोग्य लोोगोंं� कोो अपनीी धाार्मि�कताा काा वस्त्र
पहि�नााएगाा, तााकि� वह उन्हेंं अपनेे पि�ताा केे साामनेे «एक महि�माामय कलीीसि�याा, जि�समेंं न कलंं क, न
झुर्रीु ी, न ऐसीी कोोई वस्तुु होो» प्रस्तुुत करेे। इफि�सि�योंं� 5:27। उनकेे नााम जीीवन कीी पुुस्तक मेंं लि�खेे हुए
हैंं, और उनकेे वि�षय मेंं यह लि�खाा हैै, कि�: «वेे श्वेेत वस्त्र पहि�नेे हुए मेेरेे सााथ घूूमेंंगेे, क्योंं�कि� वेे इस
योोग्य हैंं।» प्रकााशि�तवााक्य 3:4।
इस प्रकाार नई वााचाा केे वाादेे कीी पूूर्णण पूूर्ति� सााकाार कीी जााएगीी: «मैंं उनकाा अधर्मम क्षमाा करूँँगाा, और
उनकाा पााप फि�र स्मरण न करूँँगाा।» «यहोोवाा कीी यह वााणीी हैै, कि� उन दि�नोंं� मेंं इस्रााएल काा अधर्मम ढूँँ� ढ़नेे
पर भीी नहींं� मि�लेेगाा; और यहूदाा केे पााप खोोजनेे पर भीी नहींं� मि�लेंंगेे।» यि�र्ममयााह 31:34; 50:20।
«उसीी समय इस्रााएल केे बचेे हुओंं केे लि�येे यहोोवाा कीी डाालीी, भूूषण और महि�माा ठहरेेगीी, और भूूमि� कीी
उपज, बड़ााई और शोोभाा ठहरेेगीी। और जोो कोोई सि�य्योोन मेंं बचाा रहेे, और यरूशलेेम मेंं रहेे, अर्थाा�त््
यरूशलेेम मेंं जि�तनोंं� केे नााम जीीवन-पत्र मेंं लि�खेे होंं�, वेे पवि�त्र कहलााएँँगेे। « यशाायााह 4:2,3।
जांं�च पड़तााल संं बंं धीी न्यााय काा काार्यय और पाापोंं� कोो मि�टाानेे काा काार्यय प्रभुु केे दूू सरेे आगमन सेे पहलेे
पूूराा कि�याा जाानाा हैै। क्योंं�कि� पुुस्तकोंं� मेंं लि�खीी हुई बाातोंं� केे अनुुसाार मरेे हुओंं काा न्यााय कि�याा जाानाा हैै,
यह असम्भव हैै कि� मनुुष्योंं� केे पााप उस न्यााय केे बााद तक मि�टााए जााएंं जब उन केे माामलोंं� कीी जांं�च
होोनीी हैै। लेेकि�न प्रेेरि�त पतरस स्पष्ट रूप सेे कहताा हैै कि� वि�श्वाासि�योंं� केे पााप मि�टाा दि�ए जााएँँगेे, जब
«प्रभुु केे सम्मुुख सेे वि�श्राान्ति� केे दि�न आएंं गेे और वह यीीशुु मसीीह कोो भेेजेेगाा।» प्रेेरि�तोंं� 3:19,20। जब
जांं�च पड़तााल संं बंं धीी न्यााय समााप्त होो जााएगाा, तब मसीीह आएगाा, और उसकाा प्रति�फल उसकेे पाास
होोगाा कि� वह हर एक मनुुष्य कोो जैैसाा उसकाा कााम होोगाा वैैसाा हीी देे।
प्रतीीकाात्मक सेेवाा मेंं महाायााजक, इस्रााएल केे लि�ए प्राायश्चि�ित करनेे केे बााद, आगेे आताा थाा और
मण्डलीी कोो आशीीर्वाा�द देेताा थाा। उसीी तरह, मसीीह, मध्यस्थ केे रूप मेंं अपनेे कााम केे अंंत मेंं, «उद्धाार
केे लि�ए बि�नाा पााप उठााए हुए» (इब्राानि�योंं� 9:28), अपनेे प्रतीीक्षाारत लोोगोंं� कोो अनंं त जीीवन केे सााथ
आशीीर्वाा�द देेनेे केे लि�ए प्रकट होोगाा। जैैसेे यााजक नेे पवि�त्र स्थाान सेे पाापोंं� कोो हटाानेे केे लि�ए उन्हेंं बलि�
केे बकरेे केे सि�र पर स्वीीकाार कि�याा, वैैसेे हीी मसीीह इन सभीी पाापोंं� कोो पााप केे प्रवर्ततक और भड़काानेे
वाालेे शैैताान पर डााल देेगाा। अजााजेेल काा बकराा, जोो इस्रााएल केे पाापोंं� कोो उठााए हुए थाा, «एक नि�र्जजन
देेश मेंं» भेेज दि�याा जााताा थाा (लैैव्यव्यवस्थाा 16:22); इस प्रकाार शैैताान, परमेेश्वर केे लोोगोंं� सेे कि�ए
गए सभीी पाापोंं� काा दोोष अपनेे ऊपर लि�ए हुए, एक हज़ाार वर्षष तक पृृथ्वीी पर बंं धाा रहेेगाा, जोो तब उजााड़
रहेेगाा, बि�नाा कि�सीी नि�वाासीी केे , और अंंत मेंं वह उस आग मेंं जोो सब दुष्ु टोंं� कोो भस्म कर देेगीी, पााप काा
पूूराा दंंड भुुगतेेगाा। इस प्रकाार छुु टकाारेे कीी महाान योोजनाा काा समाापन पााप केे अंंति�म उन्मूूलन और जोो
बुुरााई कोो त्याागनेे केे लि�ए तैैयाार हैंं, उन सभीी केे छुु टकाारेे मेंं होोगाा।
न्यााय केे लि�ए नि�यत समय पर—1844 मेंं 2300 दि�नोंं� केे समााप्त होोनेे पर—जांं�च और पाापोंं�
कोो मि�टाानेे काा कााम शुुरू हुआ। वेे सभीी जि�न्होंं�नेे कभीी अपनेे ऊपर मसीीह काा नााम धाारण कि�याा हैै,
340 महाान वि�वााद

उन्हेंं इसकीी भेेदक जांं�च सेे गुुज़रनाा होोगाा। जीीवि�त और मृृत दोोनोंं� काा न्यााय «उन बाातोंं� केे अनुुसाार
कि�याा जााएगाा जोो उन पुुस्तकोंं� मेंं लि�खीी हुई थींं�, और उनकेे काामोंं� केे अनुुसाार।»
जि�न पाापोंं� काा पश्चाातााप नहींं� कि�याा गयाा हैै और जि�न्हेंं त्याागाा नहींं� गयाा हैै, उन्हेंं क्षमाा नहींं� कि�याा
जााएगाा और अभि�लेेख कीी पुुस्तकोंं� सेे मि�टाा दि�याा जााएगाा, लेेकि�न परमेेश्वर केे दि�न मेंं पाापीी केे खि�लााफ
गवााहीी देेनेे केे लि�ए मौौजूूद होंं�गेे। होो सकताा हैै उसनेे अपनेे बुुरेे कााम दि�न केे उजाालेे मेंं कि�ए होंं� याा राात केे
अँँधेेरेे मेंं; लेेकि�न वेे उसकेे साामनेे खुुलेे और प्रकट थेे जि�सकेे सााथ हमेंं करनाा हैै। परमेेश्वर केे स्वर्गगदूू तोंं�
नेे प्रत्येेक पााप कोो देेखाा और उसेे एकदम सहीी अभि�लेेखोंं� मेंं दर्जज कि�याा। पााप कोो छुु पाायाा जाा सकताा हैै,
नकााराा जाा सकताा हैै, पि�ताा, मााताा, पत्नीी, बच्चोंं� और सहयोोगि�योंं� सेे छुु पाायाा जाा सकताा हैै; केे वल दोोषीी
कर्ताा� गलत केे कम सेे कम संं देेह कोो संं जोो सकताा हैै; लेेकि�न यह स्वर्गग कीी बुुद्धि�मत्ताा केे साामनेे प्रकट होो
जााताा हैै। सबसेे अंंधेरीे ी राात काा अंंधेराे ा, सभीी भ्राामक कलााओंं कीी गोोपनीीयताा, एक वि�चाार कोो सनाातन
केे ज्ञाान सेे छि�पाानेे केे लि�ए पर्याा�प्त नहींं� हैै। परमेेश्वर केे पाास हर अनुुचि�त खाातेे और हर अनुुचि�त
व्यवहाार काा एक सटीीक प्रमााण हैै। वह धर्ममपराायणताा केे दि�खाावेे सेे धोोखाा नहींं� खााताा। वह अपनेे चरि�त्र
केे आकलन मेंं कोोई गलतीी नहींं� करताा हैै। मनुुष्य उन लोोगोंं� केे द्वााराा धोोखाा खाा सकताा हैै जोो हृदय मेंं
भ्रष्ट हैंं, परन्तुु परमेेश्वर सभीी भेेषोंं� कोो छेे दताा हैै और आंंतरि�क जीीवन कोो पढ़ताा हैै।
वि�चाार कि�तनाा पवि�त्र हैै! दि�न-ब-दि�न, अनंं त कााल मेंं गुुज़रतेे हुए, स्वर्गग कीी पुुस्तकोंं� केे अभि�लेेखोंं�
काा बोोझ वहन करताा हैै। एक बाार बोोलेे गए शब्द, एक बाार कि�ए गए कर्मम कभीी वाापस नहींं� आतेे। स्व-
र्गगदूू तोंं� नेे अच्छााई और बुुरााई दोोनोंं� कोो दर्जज कि�याा हैै। पृृथ्वीी काा सबसेे शक्ति�शाालीी वि�जेेताा एक दि�न काा
भीी अभि�लेेख वाापस नहींं� लेे सकताा। हमाारेे कर्मम, हमाारेे शब्द, यहाँँ� तक कि� हमाारेे सबसेे गुुप्त उद्देेश्य,
सभीी हमाारेे सुुख याा दुःः�ख केे लि�ए हमाारीी नि�यति� तय करनेे मेंं महत्वपूूर्णण होोतेे हैंं। यद्यपि� वेे हमाारेे द्वााराा
भुुलाा दि�ए जाा सकतेे हैंं, वेे उचि�त ठहराानेे याा निं�दां ा करनेे केे लि�ए अपनीी गवााहीी देंंगेे।
जि�स प्रकाार चेेहरेे कीी वि�शेेषतााएंं कलााकाार कीी परि�ष्कृृत प्लेेट पर अचूूक सटीीकताा केे सााथ पुुन: पेेश
कीी जाातीी हैंं, उसीी तरह चरि�त्र कोो उपरोोक्त पुुस्तकोंं� मेंं ईमाानदाारीी सेे चि�त्रि�त कि�याा जााताा हैै। फि�र भीी उस
आलेेख केे बाारेे मेंं कि�तनीी कम अभि�रुचि� महसूूस कीी जाातीी हैै जि�सेे स्वर्गीीय प्रााणि�योंं� द्वााराा देेखाा जाानाा
हैै। यदि� अदृश्य संं साार सेे दृश्यमाान कोो अलग करनेे वाालाा पर्दाा� वाापस हटाायाा जाा सकताा, और मनुुष्य
कीी संं ताान एक स्वर्गगदूू त कोो हर शब्द और कर्मम कोो दर्जज करतेे हुए देेख सकतेे, जोो वेे न्यााय केे समय फि�र
देेखेंगें ,े प्रति�दि�न बोोलेे जाानेे वाालेे कि�तनेे शब्द अनकहेे रह जााएंं गेे, कि�तनेे कर्मम अधूूरेे रह जाातेे।
न्यााय मेंं हर तोोड़ेे केे इस्तेेमााल कीी छाान-बीीन कीी जााएगीी। हमनेे स्वर्गग कीी पूंं�जीी कोो कैै सेे नि�योोजि�त
कि�याा हैै? क्याा प्रभुु अपनेे आगमन पर अपनोंं� कोो सूूदखोोरीी सहि�त ग्रहण करेेगाा? क्याा हमनेे हमेंं हााथ
और हृदय और मस्ति�ष्क मेंं सौंं�पीी गई शक्ति�योंं� मेंं परमेेश्वर कीी महि�माा और वि�श्व कोो आशीीषि�त करनेे
केे लि�ए सुुधाार कि�याा हैै? हमनेे अपनेे समय काा, अपनीी कलम काा, अपनीी आवााज काा, अपनेे धन काा,
अपनेे प्रभााव काा सदुपु योोग कैै सेे कि�याा हैै? हमनेे गरीीबोंं�, पीीड़ि�तोंं�, अनााथोंं� याा वि�धवााओंं केे रूप मेंं मसीीह
केे लि�ए क्याा कि�याा हैै? परमेेश्वर नेे हमेंं अपनेे पवि�त्र वचन काा भंं डाार बनाायाा हैै; मनुुष्योंं� कोो उद्धाार केे
लि�येे बुुद्धि�माान बनाानेे केे लि�येे हमेंं दीी हुई ज्योोति� और सत्य काा क्याा कि�याा हैै? मसीीह मेंं वि�श्वाास केे माात्र
अंंगीीकरण सेे कोोई मूूल्य नहींं� जुुड़ाा हैै; केे वल वहीी प्रेेम जोो कर्मोंं सेे प्रकट होोताा हैै, सच्चाा गि�नाा जााताा हैै।
फि�र भीी यह केे वल प्रेेम हीी हैै जोो स्वर्गग कीी दृष्टि�ि मेंं कि�सीी भीी काार्यय कोो मूूल्यवाान बनााताा हैै। जोो कुु छ भीी
जीवन के इतिहास का सामना करना 341

प्रेेम सेे कि�याा जााताा हैै, वह मनुुष्योंं� कीी दृष्टि�ि मेंं चााहेे कि�तनाा हीी छोोटाा क्योंं� न होो, वह परमेेश्वर कीी ओर
सेे स्वीीकृृ त और प्रति�फलि�त होोताा हैै।
मनुुष्योंं� काा छि�पाा हुआ स्वाार्थथ स्वर्गग कीी पुुस्तकोंं� मेंं प्रकट होो जााताा हैै। उद्धाारकर्ताा� केे दाावोंं� कोो भूूलनेे
काा, उनकेे सााथीी मनुुष्योंं� केे प्रति� अधूूरेे कर्ततव्योंं� काा सुुरक्षि�त वि�वरण हैै। वहाँँ� वेे देेखेंंगेे कि� कि�तनीी बाार
शैैताान कोो वह समय, वि�चाार और साामर्थ्यय दि�ए गए जोो मसीीह सेे संं बंं धि�त थेे। दु:ु खद हैै वह अभि�लेेख
जि�सेे स्वर्गगदूू त स्वर्गग लेे जाातेे हैंं। बुुद्धि�माान प्रााणीी, मसीीह केे घोोषि�त अनुुयाायीी, सांं�साारि�क संं पत्ति� केे अधि�-
ग्रहण याा सांं�साारि�क सुुखोंं� केे आनंं द मेंं लीीन हैंं। प्रदर्शशन और आत्म-भोोग केे लि�ए धन, समय और शक्ति�
काा बलि�दाान कि�याा जााताा हैै; लेेकि�न प्राार्थथनाा केे लि�ए, पवि�त्र शाास्त्र केे अध्ययन केे लि�ए, आत्माा कोो नम्र
करनेे केे लि�ए और पााप केे अंंगीीकाार केे लि�ए समर्पि�त कि�ए गए क्षण कुु छ हीी होोतेे हैंं।
शैैताान हमाारेे दि�मााग पर कब्ज़ाा करनेे केे लि�ए अनगि�नत तरकीीबेंं नि�काालताा हैै, तााकि� वेे उस कााम पर
ध्याान न देंं जि�ससेे हमेंं सबसेे अच्छीी तरह परि�चि�त होोनाा चााहि�ए। कट्टर धोोखेेबााज़ उन महाान सच्चााइयोंं� सेे
घृृणाा करताा हैै जोो एक प्राायश्चि�ित बलि�दाान और एक सर्वव-शक्ति�शाालीी मध्यस्थ कोो दि�खाातेे हैंं। वह जाानताा
हैै कि� उसकेे लि�ए सब कुु छ उसकेे मन कोो यीीशुु और उसकीी सच्चााई सेे हटाानेे पर नि�र्भभर करताा हैै।
जोो लोोग उद्धाारकर्ताा� कीी मध्यस्थताा केे लााभोंं� कोो सााझाा करनाा चााहतेे हैंं, उन्हेंं परमेेश्वर केे भय मेंं
पवि�त्रताा कोो पूूर्णण करनेे केे अपनेे कर्ततव्य मेंं हस्तक्षेेप करनेे कीी अनुुमति� नहींं� देेनीी चााहि�ए। कीीमतीी घंं टेे,
आमोोद प्रमोोद, प्रदर्शशन, लााभ कीी तलााश केे लि�ए दि�ए जाानेे केे बजााय, सत्य केे वचन केे एक गंं भीीर,
प्राार्थथनाापूूर्णण अध्ययन केे लि�ए समर्पि�त होोनाा चााहि�ए। पवि�त्रस्थाान केे वि�षय और जांं�च पड़तााल न्यााय
कोो परमेेश्वर केे लोोगोंं� द्वााराा स्पष्ट रूप सेे समझाा जाानाा चााहि�ए। सभीी कोो अपनेे लि�ए अपनेे महाान
महाायााजक केे पद और काार्यय केे बाारेे मेंं ज्ञाान कीी आवश्यकताा हैै। अन्यथाा उनकेे लि�ए उस वि�श्वाास
काा प्रयोोग करनाा जोो इस समय आवश्यक हैै याा उस पद पर आसीीन होोनाा जि�सेे भरनेे केे लि�ए परमेे-
श्वर नेे उन्हेंं तैैयाार कि�याा हैै, असंं भव होोगाा। प्रत्येेक व्यक्ति� केे पाास बचाानेे याा खोोनेे केे लि�ए एक आत्माा
हैै। प्रत्येेक काा माामलाा परमेेश्वर कीी अदाालत मेंं लंं बि�त हैै। प्रत्येेक कोो महाान न्याायीी सेे आमनेे-साामनेे
मि�लनाा चााहि�ए। तब, कि�तनाा महत्वपूूर्णण हैै कि� हर मन अक्सर उस गंं भीीर दृश्य पर वि�चाार करेे जब
न्यााय होोगाा और कि�तााबेंं खोोलीी जााएंं गीी, जब, दाानि�य्येेल केे सााथ, प्रत्येेक व्यक्ति� कोो दि�नोंं� केे अंंत मेंं
अपनेे वर्गग मेंं खड़ाा होोनाा होोगाा।
वेे सभीी जि�न्होंं�नेे इन वि�षयोंं� पर प्रकााश प्रााप्त कि�याा हैै, उन्हेंं उस महाान सत्य कीी गवााहीी देेनीी हैै जोो
परमेेश्वर नेे उन्हेंं सौंं�पीी हैै। स्वर्गग मेंं पवि�त्र स्थाान मनुुष्योंं� केे लि�ए मसीीह केे काार्यय काा केंंद्र हैै। यह पृृथ्वीी
पर रहनेे वाालीी हर आत्माा सेे संं बंं धि�त हैै। यह छुु टकाारेे कीी योोजनाा दि�खााताा हैै, और हमेंं समय केे बहुत
करीीब लेे आताा हैै और धाार्मि�कताा और पााप केे बीीच कीी लड़ााई केे वि�जयीी मुुद्देे कोो प्रकट करताा हैै। यह
अत्यंं त महत्वपूूर्णण हैै कि� सभीी कोो इन वि�षयोंं� कीी पूूरीी तरह सेे जाँँ�च करनीी चााहि�ए और उन सभीी कोो
उत्तर देेनेे मेंं सक्षम होोनाा चााहि�ए जोो उनसेे उनकीी आशाा काा काारण पूूछतेे हैंं।
ऊपर केे पवि�त्र स्थाान मेंं मनुुष्य कीी ओर सेे मसीीह कीी मध्यस्थताा उद्धाार कीी योोजनाा केे लि�ए उतनीी
हीी आवश्यक हैै जि�तनीी कि� क्रूूस पर उसकीी मृृत्युु थीी। अपनीी मृृत्युु केे द्वााराा उसनेे वह काार्यय आरंंभ कि�याा
जि�सेे उसकेे पुुनरूत्थाान केे बााद वह स्वर्गग मेंं पूूराा करनेे केे लि�ए ऊपर गयाा। हमेंं वि�श्वाास केे द्वााराा परदेे
केे भीीतर प्रवेेश करनाा चााहि�ए, «जहाँँ� यीीशुु नेे हमाारेे लि�येे अगुुआ केे रूप मेंं प्रवेेश कि�याा हैै।» इब्राानि�योंं�
342 महाान वि�वााद

6:20। वहाँँ� कलवरीी केे क्रूूस सेे प्रकााश प्रति�बि�म्बि�त होोताा हैै। वहांं� हम छुु टकाारेे केे रहस्योंं� कीी स्पष्ट
अंंतर्दृृष्टि�ि प्रााप्त कर सकतेे हैंं। मनुुष्य काा उद्धाार स्वर्गग कीी असीीमि�त कीीमत पर संं पन्न होोताा हैै; कि�याा
गयाा बलि�दाान परमेेश्वर कीी खंं डि�त व्यवस्थाा कीी व्याापक मांं�गोंं� केे बरााबर हैै। यीीशुु नेे पि�ताा केे सिं�हां ासन
काा माार्गग खोोल दि�याा हैै, और उसकीी मध्यस्थताा केे मााध्यम सेे उन सभीी कीी सच्चीी इच्छाा, जोो उसकेे पाास
वि�श्वाास सेे आतेे हैंं, परमेेश्वर केे साामनेे प्रस्तुुत कीी जाा सकतीी हैै।
«जोो अपनेे अपरााध छि�पाा रखताा हैै,उसकाा काार्यय सफल नहींं� होोताा, परन्तुु जोो उनकोो माान लेेताा और
छोोड़ भीी देेताा हैै, उस पर दयाा कीी जाायेेगीी।» नीीति�वचन 28:13। यदि� वेे जोो अपनीी गलति�योंं� कोो छुु पाातेे
हैंं और जाानेे देेतेे हैंं, देेख सकतेे हैंं कि� शैैताान उनकेे ऊपर कैै सेे आनंं दि�त होोताा हैै, कैै सेे वह मसीीह और
पवि�त्र स्वर्गगदूू तोंं� कोो उनकीी काार्ययवााहीी केे लि�ए ताानेे माारताा हैै, तोो वेे अपनेे पाापोंं� कोो स्वीीकाार करनेे और
उन्हेंं दूू र करनेे केे लि�ए जल्दबााजीी करतेे। चरि�त्र केे दोोषोंं� केे मााध्यम सेे, शैैताान पूूरेे मन पर नि�यंं त्रण पाानेे
केे लि�ए कााम करताा हैै, और वह जाानताा हैै कि� यदि� इन दोोषोंं� कोो संं जोोयाा जााए, तोो वह सफल होोगाा।
इसलि�ए वह लगााताार मसीीह केे अनुुयाायि�योंं� कोो अपनेे घाातक कुु तर्कोंं सेे, जि�न पर कााबूू पाानाा उनकेे
लि�ए असंं भव हैै, धोोखाा देेनेे कीी कोोशि�श कर रहाा हैै। परन्तुु यीीशुु उनकीी तरफ सेे अपनेे घाायल हााथोंं� कोो,
अपनीी कुु चलीी हुई देेह कोो तर्कक केे रूप मेंं प्रस्तुुत करताा हैै; और वह उन सभीी कोो, जोो उसकाा अनुुसरण
करेंंगेे, घोोषि�त करताा हैै : «मेेराा अनुुग्रह तुुम्हाारेे लि�ए पर्याा�प्त हैै।» 2 कुु रि�न्थि�योंं� 12:9। मेेराा जूूआ अपनेे
ऊपर उठाा लोो, और मुुझ सेे सीीखोो; क्योंं�कि� मैंं नम्र और मन मेंं दीीन हूँँ : और तुुम अपनेे मन मेंं वि�श्रााम
पााओगेे। क्योंं�कि� मेेराा जूूआ सहज और मेेराा बोोझ हल्काा हैै।” मत्तीी 11:29,30। फि�र, कोोई भीी अपनेे
दोोषोंं� कोो लााइलााज न समझेे। परमेेश्वर उन पर वि�जय पाानेे केे लि�ए वि�श्वाास और अनुुग्रह देेगाा।
अब हम प्राायश्चि�ित केे महाान दि�न मेंं जीी रहेे हैंं। प्रतीीकाात्मक सेेवाा मेंं, जब महाायााजक इस्रााएल केे
लि�ए प्राायश्चि�ित कर रहाा होोताा थाा, तोो सभीी कोो पााप केे पश्चाातााप और प्रभुु केे साामनेे स्वयंं कोो दीीन
करकेे अपनीी आत्माा कोो पीीड़ि�त करनाा होोताा थाा, ऐसाा न होो कि� वेे लोोगोंं� केे बीीच सेे कााट दि�ए जााएंं ।
इसीी तरह, वेे सभीी जोो अपनाा नााम जीीवन कीी पुुस्तक मेंं रखनाा चााहतेे हैंं, उन्हेंं अब अपनीी परि�वीीक्षाा केे
कुु छ शेेष दि�नोंं� मेंं पााप केे लि�ए दुख ु और सच्चेे पश्चाातााप केे द्वााराा परमेेश्वर केे साामनेे अपनीी आत्माा कोो
पीीड़ि�त करनाा चााहि�ए। हृदय मेंं गहरााई और ईमाानदाारीी सेे झाँँ�कनाा होोनाा चााहि�ए। इतनेे साारेे तथााकथि�त
मसीीहि�योंं� कीी हल्कीी, ओछीी भाावनाा कोो दूू र कि�याा जाानाा चााहि�ए। उन सभीी केे साामनेे गंं भीीर संं घर्षष हैै
जोो प्रभुुत्व केे लि�ए संं घर्षष करनेे वाालीी दुष्ु ट प्रवृृत्ति�योंं� कोो वश मेंं करेंंगेे। तैैयाारीी काा काार्यय एक व्यक्ति�गत
काार्यय हैै। हम समूूहोंं� मेंं नहींं� बचााए गए हैंं। एक कीी पवि�त्रताा और भक्ति� दूू सरेे मेंं इन गुुणोंं� कीी कमीी कोो
पूूराा नहींं� कर सकतीी। हाालाँँ�कि� सभीी रााष्ट्रों��ं कोो परमेेश्वर केे साामनेे न्यााय करनाा हैै, फि�र भीी वह प्रत्येेक
व्यक्ति� केे माामलेे कीी इतनीी बाारीीकीी सेे और खोोजबीीन केे सााथ जाँँ�च करेेगाा जैैसेे कि� पृृथ्वीी पर कोोई दूू सराा
प्रााणीी नहींं� हैै। प्रत्येेक व्यक्ति� कोो परखाा जाानाा चााहि�ए और उसेे दााग याा दोोष याा ऐसीी कि�सीी भीी चीीज़केे
बि�नाा पाायाा जाानाा चााहि�ए।
पवि�त्र प्राायश्चि�ित केे समाापन काार्यय सेे जुुड़ेे दृश्य हैंं। इसमेंं शाामि�ल हि�त महत्वपूूर्णण हैंं। न्यााय अब
स्वर्गग केे पवि�त्रस्थाान मेंं होो रहाा हैै। कई वर्षोंं सेे यह काार्यय प्रगति� पर हैै। जल्द हीी - कोोई नहींं� जाानताा कि�
कि�तनीी जल्दीी - जीीवि�त लोोगोंं� केे माामलोंं� कीी बाारीी आ जााएगीी। परमेेश्वर कीी महि�माामय उपस्थि�ति� मेंं
हमाारेे जीीवन कीी समीीक्षाा होोनीी हैै। इस समय अन्य सभीी केे ऊपर यह हर आत्माा कोो चााहि�ए कि� वह
जीवन के इतिहास का सामना करना 343

उद्धाारकर्ताा� कीी सलााह पर ध्याान देे: «जाागतेे और प्राार्थथनाा करतेे रहोो: क्योंं�कि� तुुम नहींं� जाानतेे कि� वह
समय कब आएगाा।» मरकुु स 13:33। «यदि� तूू जाागृृत न रहेेगाा तोो मैंं चोोर केे समाान आ जााऊँँगाा, और
तूू कदाापि� न जाान सकेे गाा कि� मैंं कि�स घड़ीी तुुझ पर आ पड़ूँँ� गाा।» प्रकााशि�तवााक्य 3:3।
जब जांं�च पड़तााल न्यााय काा कााम बंं द होो जााएगाा तोो सभीी कीी नि�यति� जीीवन याा मृृत्युु केे लि�ए तय
होो चुुकीी होोगीी। परि�वीीक्षाा स्वर्गग केे बाादलोंं� मेंं प्रभुु केे प्रकट होोनेे सेे कुु छ समय पहलेे समााप्त होो जाातीी हैै।
प्रकााशि�तवााक्य मेंं मसीीह, उस समय कीी प्रतीीक्षाा करतेे हुए, घोोषणाा करताा हैै: «जोो अन्यााय करताा हैै,
वह अन्यााय हीी करताा रहेे; और जोो मलि�न हैै, वह मलि�न बनाा रहेे; और जोो धर्मीी हैै, वह धर्मीी बनाा रहेे;
और जोो पवि�त्र हैै, वह पवि�त्र बनाा रहेे। “देेख, मैंं शीीघ्र आनेेवाालाा हूँँ; और हर एक केे कााम केे अनुुसाार
बदलाा देेनेे केे लि�येे प्रति�फल मेेरेे पाास हैै। « प्रकााशि�तवााक्य 22:11,12।
धर्मीी और दुष्ु ट अभीी भीी पृृथ्वीी पर अपनीी नश्वर अवस्थाा मेंं रहेंंगेे—मनुुष्य रोोपण और नि�र्माा�ण कर
रहेे होंं�गेे, खाा रहेे होंं�गेे और पीी रहेे होंं�गेे, सभीी इस बाात सेे अनजाान कि� स्वर्गग मेंं पवि�त्र स्थाान मेंं अंंति�म,
अपरि�वर्ततनीीय नि�र्णणय सुुनाायाा दि�याा गयाा हैै। जलप्रलय सेे पहलेे, नूूह केे जहााज़ मेंं प्रवेेश करनेे केे बााद,
परमेेश्वर नेे उसेे अंंदर बंं द कर दि�याा और दुष्ु टोंं� कोो बााहर कर दि�याा; लेेकि�न साात दि�नोंं� तक लोोगोंं� नेे
यह न जाानतेे हुए कि� उनकाा अंंत तय होो गयाा हैै, अपनाा लाापरवााह, सुुख-प्रि�य जीीवन ज़ाारीी रखाा और
आसन्न न्यााय कीी चेेताावनि�योंं� काा मज़ााक उड़ाायाा। «वैैसेे हीी,» उद्धाारकर्ताा� कहताा हैै, «मनुुष्य केे पुुत्र काा
आनाा भीी होोगाा।» मत्तीी 24:39। चुुपचााप, आधीी राात केे चोोर केे रूप मेंं अनदेेखाा, नि�र्णाा�यक समय
आएगाा जोो प्रत्येेक व्यक्ति� कीी नि�यति�, दोोषीी मनुुष्योंं� केे लि�ए दयाा कीी पेेशकश कीी अंंति�म वाापसीी, कोो
नि�र्धाा�रि�त करनेे काा प्रतीीक हैै।
«इसलि�येे जाागतेे रहोो: ...ऐसाा न होो कि� वह अचाानक आकर तुुम्हेंं सोोतेे पााए।» मरकुु स
13:35,36। उन लोोगोंं� कीी स्थि�ति� खतरनााक हैै, जोो जाागतेे रहनेे सेे थक कर, दुनि�या ु ा केे आकर्षषणोंं�
कीी ओर मुुड़ जाातेे हैंं। जबकि� व्याापाारीी लााभ कीी कोोशि�श मेंं लीीन हैै, जबकि� आनंं द प्रेेमीी भोोग कीी
तलााश मेंं हैै, जबकि� फैै शन कीी बेेटीी अपनेे श्रंंगाार कीी व्यवस्थाा कर रहीी हैै - होो सकताा हैै कि� उस घड़ीी
मेंं साारीी पृृथ्वीी काा न्याायााधीीश सजाा सुुनााए: «तूू माानोो तरााजूू मेंं तौौलाा गयाा और हल्काा पाायाा गयाा हैै।»
दाानि�य्येेल 5:27।
29

बुुरााई कीी उत्पत्ति�

ब हुत सेे लोोगोंं� केे लि�ए पााप कीी उत्पत्ति� और उसकेे अस्ति�त्व काा काारण बड़ीी उलझन काा स्रोोत हैै। वेे
बुुरााई केे कााम कोो उसकेे शोोक और तबााहीी जैैसेे भयाानक परि�णाामोंं� केे सााथ देेखतेे हैंं, और वेे सवााल
करतेे हैंं कि� यह सब उसकीी संं प्रभुुताा केे तहत कैै सेे होो सकताा हैै जोो ज्ञाान, शक्ति� और प्रेेम मेंं अनंं त हैै। यहाँँ�
एक रहस्य हैै जि�सकाा उन्हेंं कोोई स्पष्टीीकरण नहींं� मि�लताा। और अपनीी अनि�श्चि�ितताा और संं देेह मेंं वेे उन
सत्योंं� केे प्रति� अंंधेे होो जाातेे हैंं जोो स्पष्ट रूप सेे परमेेश्वर केे वचन मेंं प्रकट कि�ए गए हैंं और उद्धाार केे लि�ए
आवश्यक हैंं। ऐसेे लोोग हैंं, जोो पााप केे अस्ति�त्व केे बाारेे मेंं अपनीी पूूछतााछ मेंं, उसकीी खोोज करनेे काा प्रयाास
करतेे हैंं जि�सेे परमेेश्वर नेे कभीी प्रकट नहींं� कि�याा; इसलि�ए उन्हेंं अपनीी कठि�नााइयोंं� काा कोोई समााधाान नहींं�
मि�लताा; और जोो लोोग संं देेह और दुराु ाग्रह कीी प्रवृृत्ति� सेे प्रेेरि�त हैंं, वेे इसेे पवि�त्र ग्रन्थ केे शब्दोंं� कोो अस्वीीकाार
करनेे केे बहाानेे केे रूप मेंं इसकाा लााभ उठाातेे हैंं। अन्य लोोग, हाालांं�कि�, बुुरााई कीी बड़ीी समस्याा कीी संं तोोषज-
नक समझ मेंं वि�फल हैंं, इस तथ्य सेे कि� परंंपराा और गलत व्यााख्याा नेे परमेेश्वर केे चरि�त्र, उसकेे रााज्य कीी
प्रकृृ ति�, और पााप सेे नि�पटनेे केे सि�द्धांं�तोंं� केे बाारेे मेंं बााइबल कीी शि�क्षाा कोो अस्पष्ट कर दि�याा हैै।
पााप केे अस्ति�त्व काा काारण बताानेे केे लि�ए इसकीी उत्पत्ति� कीी व्यााख्याा करनाा असंं भव हैै। फि�र भीी
बुुरााई केे सााथ उसकेे सभीी व्यवहाारोंं� मेंं परमेेश्वर काा न्यााय और परोोपकाार पूूरीी तरह सेे प्रदर्शि�त करनेे
केे लि�ए पााप कीी उत्पत्ति� और उसकेे अंंति�म नि�ष्काासन दोोनोंं� केे बाारेे मेंं कााफ़ीी समझाा जाा सकताा हैै।
पवि�त्रशाास्त्र मेंं इससेे अधि�क स्पष्ट रूप सेे कुु छ भीी नहींं� सि�खाायाा गयाा हैै कि� परमेेश्वर पााप केे प्रवेेश
केे लि�ए कि�सीी भीी तरह सेे ज़ि�म्मेेदाार नहींं� थाा; ईश्वरीीय अनुुग्रह कीी मनमाानीी वाापसीी नहींं� थीी, ईश्वरीीय
रााज्य मेंं कोोई कमीी नहींं� थीी, जि�सनेे वि�द्रोोह केे उठाान काा अवसर दि�याा। पााप एक घुुसपैैठि�याा हैै,
जि�सकीी उपस्थि�ति� काा कोोई काारण नहींं� बताायाा जाा सकताा। यह रहस्यमय हैै, बेेहि�सााब हैै; इसकाा स्प-
ष्टीीकरण देेनाा इसकाा बचााव करनाा हैै। यदि� इसकेे लि�ए स्पष्टीीकरण मि�ल सकताा हैै, याा इसकेे अस्ति�त्व
काा काारण दि�खाायाा जाा सकताा हैै, यह पााप नहींं� रह जााताा। पााप कीी हमाारीी एकमाात्र परि�भााषाा वह हैै
जोो परमेेश्वर केे वचन मेंं दीी गई हैै; यह «व्यवस्थाा काा उल्लंं घन» हैै; यह एक ऐसेे सि�द्धांं�त काा काार्या�ा-
न्वयन हैै जोो ईश्वरीीय सरकाार कीी नींं�व, प्रेेम केे महाान नि�यम केे सााथ वि�वााद मेंं हैै।
बुराई की उत्प 345

बुुरााई केे आरम्भ सेे पहलेे संं पूूर्णण जगत मेंं शांं�ति� और आनंं द थाा। सब कुु छ सृृष्टि�िकर्ताा� कीी इच्छाा केे
अनुुरूप थाा। परमेेश्वर केे लि�ए प्रेेम सर्वोोच्च थाा, एक दूू सरेे केे लि�ए प्रेेम नि�ष्पक्ष। वचन मसीीह, परमेेश्वर
काा इकलौौताा पुुत्र, सनाातन पि�ताा केे सााथ एक थाा, - प्रकृृ ति� मेंं, चरि�त्र मेंं, और उद्देेश्य मेंं, - संं पूूर्णण जगत
मेंं एकमाात्र ऐसाा प्रााणीी जोो परमेेश्वर केे सभीी सुुझाावोंं� और उद्देेश्योंं� मेंं शाामि�ल होो सकताा थाा। मसीीह केे
द्वााराा पि�ताा नेे सभीी स्वर्गीीय प्रााणि�योंं� कीी रचनाा कीी। «क्योंं�कि� उसीी मेंं साारीी वस्तुुओं ं कीी सृृष्‍टि�ि� हुई, स्वर्गग
कीी होंं� अथवाा पृृथ्वीी कीी, क्याा सिं�हां ासन, क्याा प्रभुुतााएँँ, क्याा प्रधाानतााएँँ, क्याा अधि�काार» (कुु लुुस्सि�योंं�
1:16); और मसीीह केे प्रति�, पि�ताा केे बरााबर, समस्त स्वर्गग प्रति�बद्ध थाा।
प्रेेम काा नि�यम परमेेश्वर कीी सरकाार कीी नींं�व होोनेे केे काारण, सभीी सृृजि�त प्रााणि�योंं� कीी खुुशीी
धाार्मि�कताा केे उसकेे महाान सि�द्धांं�तोंं� केे सााथ उनकेे पूूर्णण साामंं जस्य पर नि�र्भभर करतीी हैै। परमेेश्वर अपनेे
सभीी प्रााणि�योंं� सेे प्रेेम कीी सेेवाा चााहताा हैै - श्रद्धांं�जलि� जोो उसकेे चरि�त्र कीी एक सजीीव प्रशंं साा सेे उत्पन्न
होोतीी हैै। वह जबरन नि�ष्ठाा मेंं कोोई आनंं द नहींं� लेेताा हैै, और सभीी कोो वह इच्छाा कीी स्वतंं त्रताा देेताा हैै,
तााकि� वेे उसेे स्वैैच्छि�क सेेवाा प्रदाान कर सकेंं ।
लेेकि�न कोोई थाा जि�सनेे इस स्वतंं त्रताा कोो वि�कृृ त करनाा चुुनाा। पााप कीी उत्पत्ति� उसकेे सााथ हुई जोो
परमेेश्वर द्वााराा, मसीीह केे बााद, सबसेे अधि�क सम्माानि�त थाा और जोो स्वर्गग केे नि�वाासि�योंं� केे बीीच साामर्थ्यय
और महि�माा मेंं सर्वोोच्च स्थाान पर थाा। अपनेे पतन सेे पहलेे लूूसि�फ़ेेर, पवि�त्र और नि�र्ममल, ढकनेे वाालेे
करूबोंं� मेंं सेे पहलाा थाा। परमेेश्वर यहोोवाा योंं� कहताा हैै : तूू तोो उत्तम सेे भीी उत्तम हैै, तूू बुुद्धि� सेे भरपूूर
और सर्वांं�ग सुुन्दर हैै। तूू परमेेश्वर कीी अदन नाामक बाारीी मेंं थाा; तेेरेे पाास सब भाँँ�ति� केे मणि� और सोोनेे
केे पहि�राावेे थेे। तूू छाानेे वाालाा अभि�षि�क्त करूब हैै; और मैंं नेे तुुझेे ऐसाा ठहराायाा हैै; तूू परमेेश्वर केे पवि�त्र
पर्ववत पर थाा; तूू आग केे पत्थरोंं� केे बीीच मेंं चहलकदमीी करताा और उतरताा रहाा हैै। जि�स दि�न सेे तूू
सि�रजाा गयाा, और जि�स दि�न तक तुुझ मेंं कुु टि�लताा न पााई गई, उस समय तक तूू अपनीी साारीी चााल-
चलन मेंं नि�र्दोोष रहाा। « यहेेजकेेल 28:12-15।
लूूसि�फ़ेेर परमेेश्वर द्वााराा अनुुग्रह प्रााप्त रह सकताा थाा, स्वर्गगदूू तोंं� केे संं पूूर्णण समूूह काा प्रि�य और उनकेे
द्वााराा सम्माानि�त, और दूू सरोंं� कोो आशीीषि�त करनेे और अपनेे सृृष्टि�िकर्ताा� कीी महि�माा करनेे केे लि�ए अपनीी
महाान शक्ति�योंं� काा प्रयोोग कर सकताा थाा। लेेकि�न, भवि�ष्यद्वक्ताा कहताा हैै, «सुुन्दरताा केे काारण तेेराा मन
फूू ल उठाा थाा; और वैैभव केे काारण तेेरीी बुुद्धि� बि�गड़ गई थीी।» पद 17। थोोड़ाा-थोोड़ाा करकेे , लूूसि�फ़ेेर
आत्म-उन्नयन कीी इच्छाा मेंं लि�प्त होो गयाा। «तूू जोो अपनाा मन परमेेश्वर–साा दि�खााताा हैै।» «तूू मन मेंं
कहताा तोो थाा, मैंं अपनेे सिं�हां ासन कोो ईश्‍‍वर केे तााराागण सेे अधि�क ऊँँचाा करूँँगाा; और उत्तर दि�शाा कीी
छोोर पर सभाा केे पर्ववत पर वि�रााजूँँ�गाा, मैंं मेेघोंं� सेे भीी ऊँँचेे-ऊँँचेे स्थाानोंं� केे ऊपर चढ़ूँँ� गाा, मैंं परमप्रधाान केे
तुुल्य होो जााऊँँगाा। « पद 6; यशाायााह 14:13,14। अपनेे प्रााणि�योंं� केे स्नेेह और नि�ष्ठाा मेंं परमेेश्वर कोो
सर्वोोच्च बनाानेे कीी कोोशि�श करनेे केे बजााय, यह लूूसि�फ़ेेर काा प्रयाास थाा कि� वह उनकीी सेेवाा और श्रद्धांं�
स्वयंं केे लि�ए जीीतेंं। और अनंं त पि�ताा द्वााराा अपनेे पुुत्र कोो दि�ए गए सम्माान कीी लाालसाा मेंं, स्वर्गगदूू तोंं� केे
इस प्रधाान नेे उस अधि�काार कीी काामनाा कीी जि�सेे धाारण करनाा अकेे लेे मसीीह काा वि�शेेषााधि�काार थाा।
ं करनेे और उसकीी स्तुुति� दि�खाानेे केे लि�ए सााराा स्वर्गग आनन्दि�त
सृृष्टि�िकर्ताा� कीी महि�माा कोो प्रति�बिं�बि�त
थाा। और जब परमेेश्वर काा इस प्रकाार आदर होोताा थाा, तोो सब कुु छ शाान्ति�पूूर्णण और आनन्दमय थाा।
लेेकि�न कलह केे एक स्वर नेे अब आकााशीीय साामंं जस्य कोो बि�गााड़ दि�याा। सृृष्टि�िकर्ताा� कीी योोजनाा केे
346 महाान वि�वााद

वि�परीीत स्वयंं कीी सेेवाा और उत्कर्षष नेे उन लोोगोंं� केे मन मेंं बुुरााई केे पूूर्वाा�भाास कोो जगाा दि�याा जि�नकेे
लि�ए परमेेश्वर कीी महि�माा सर्वोोच्च थीी। स्वर्गीीय सभााओंं नेे लूूसि�फ़ेेर सेे यााचनाा कीी। परमेेश्वर केे पुुत्र नेे
उसकेे साामनेे सृृष्टि�िकर्ताा� कीी महाानताा, अच्छााई और न्यााय, और उसकीी व्यवस्थाा कीी पवि�त्र, अपरि�वर्तत-
नीीय प्रकृृ ति� कोो प्रस्तुुत कि�याा। परमेेश्वर नेे स्वयंं स्वर्गग कीी व्यवस्थाा स्थाापि�त कीी थीी; और उससेे अलग
होोकर, लूूसि�फ़ेेर अपनेे सृृष्टि�िकर्ताा� काा अपमाान करनेे काा थाा, और खुुद कोो बर्बाा�द करनेे काा थाा। लेेकि�न
अनंं त प्रेेम और दयाा मेंं दीी गई चेेताावनीी नेे प्रति�रोोध कीी हीी भाावनाा जगााई। लूूसि�फ़ेेर नेे मसीीह केे प्रति�
ईर्ष्याा� कोो प्रबल होोनेे दि�याा, और वह और अधि�क दृढ़ होो गयाा।
अपनीी महि�माा पर गर्वव नेे सर्वोोच्चताा कीी इच्छाा कोो पोोषि�त कि�याा। लूूसि�फ़ेेर कोो प्रदाान कि�ए गए उच्च
सम्माानोंं� कोो परमेेश्वर केे उपहाार केे रूप मेंं सरााहाा नहींं� गयाा और सृृष्टि�िकर्ताा� केे प्रति� कोोई आभाार व्यक्त
नहींं� कि�याा गयाा। वह अपनीी चमक और उच्चताा मेंं गौौरवाान्वि�त थाा, और परमेेश्वर केे बरााबर होोनेे कीी
आकांं�क्षाा रखताा थाा। उसेे स्वर्गीीय सेेनाा द्वााराा प्रेेम और सम्माान प्रााप्त थाा। स्वर्गगदूू त उसकीी आज्ञााओंं कोो
पूूराा करनेे मेंं प्रसन्न थेे, और वह उन सब सेे अधि�क ज्ञाान और महि�माा सेे सुुशोोभि�त थाा। फि�र भीी परमेे-
श्वर काा पुुत्र स्वर्गग काा स्वीीकृृ त शाासक थाा, पि�ताा केे सााथ साामर्थ्यय और अधि�काार मेंं एक। परमेेश्वर केे
सभीी पराामर्शोंं मेंं, मसीीह एक प्रति�भाागीी थाा, जबकि� लूूसि�फ़ेेर कोो इस प्रकाार ईश्वरीीय उद्देेश्योंं� मेंं प्रवेेश
करनेे कीी अनुुमति� नहींं� थीी। «मसीीह केे पाास सर्वोोच्चताा क्योंं� होोनीी चााहि�ए,» इस महाान स्वर्गग दूू त नेे
सवााल कि�याा? वह इस प्रकाार लूूसि�फ़ेेर सेे अधि�क सम्माानि�त क्योंं� हैै?”
परमेेश्वर कीी तत्कााल उपस्थि�ति� मेंं अपनाा स्थाान छोोड़कर, लूूसि�फ़ेेर स्वर्गगदूू तोंं� केे बीीच असंं तोोष कीी
भाावनाा कोो फैै लाानेे केे लि�ए आगेे बढ़ाा। रहस्यमय गोोपनीीयताा केे सााथ कााम करतेे हुए, और कुु छ समय
केे लि�ए परमेेश्वर केे प्रति� श्रद्धाा कीी आड़ मेंं अपनेे वाास्तवि�क उद्देेश्य कोो छि�पाातेे हुए, उसनेे उन नि�यमोंं�
केे बाारेे मेंं असंं तोोष कोो उत्तेेजि�त करनेे काा प्रयाास कि�याा जोो स्वर्गीीय प्रााणि�योंं� कोो नि�यंं त्रि�त करतेे थेे, यह
सूूचि�त करतेे हुए कि� वेे एक अनाावश्यक प्रति�बंं ध लगाातेे थेे। चूंं�कि� उनकीी प्रकृृ ति� पवि�त्र थीी, इसलि�ए
उसनेे आग्रह कि�याा कि� स्वर्गगदूू तोंं� कोो अपनीी इच्छाा केे आदेेशोंं� काा पाालन करनाा चााहि�ए। उसनेे यह
दर्शाा�कर कि� परमेेश्वर नेे मसीीह कोो सर्वोोच्च सम्माान देेनेे मेंं उनकेे सााथ अन्यााय कि�याा हैै, अपनेे लि�ए
सहाानुुभूूति� पैैदाा करनेे कीी कोोशि�श कीी। उसनेे दाावाा कि�याा कि� अधि�क साामर्थ्यय और सम्माान कीी आकांं�क्षाा
मेंं वह आत्म-उन्नयन कोो लक्ष्य नहींं� बनाा रहाा थाा, बल्कि� स्वर्गग केे सभीी नि�वाासि�योंं� केे लि�ए स्वतंं त्रताा कोो
प्रााप्त करनेे कीी मांं�ग कर रहाा थाा, तााकि� वेे अस्ति�त्व केे उच्च स्तर कोो प्रााप्त कर सकेंं ।
दयाालुु परमेेश्वर नेे लूूसि�फ़ेेर कोो लंं बेे समय तक सहन कि�याा। जब उसनेे पहलीी बाार असंं तोोष कीी
भाावनाा कोो शाामि�ल कि�याा, तब उसेे उसकेे ऊंंचेे पद सेे तुुरंंत नीीचेे नहींं� गि�राायाा गयाा थाा, न हीी तब जब
उसनेे वफाादाार स्वर्गगदूू तोंं� केे साामनेे अपनेे झूठेू े दाावोंं� कोो पेेश करनाा शुुरू कि�याा थाा। लंं बेे समय तक उसेे
स्वर्गग मेंं रखाा गयाा थाा। बाार-बाार उसेे पश्चाातााप और समर्पपण कीी शर्तत पर क्षमाा कीी पेेशकश कीी गई। इस
तरह केे प्रयाास केे वल अनंं त प्रेेम और ज्ञाान हीी कर सकतेे थेे तााकि� उन्हेंं अपनीी त्रुुटि� काा वि�श्वाास दि�लाायाा
जाा सकेे । असंं तोोष कीी भाावनाा कोो स्वर्गग मेंं पहलेे कभीी नहींं� जाानाा गयाा थाा। लूूसि�फ़ेेर नेे स्वयंं पहलेे यह
नहींं� देेखाा कि� वह कहाँँ� बह रहाा थाा; वह अपनीी भाावनााओंं केे वाास्तवि�क स्वरूप कोो नहींं� समझ पाायाा।
लेेकि�न जब यह सााबि�त होो गयाा कि� उसकाा असंं तोोष अकाारण थाा, तोो लूूसि�फ़ेेर कोो यकीीन होो गयाा कि�
वह गलत थाा, कि� पवि�त्र दाावेे न्याायसंं गत थेे, और उसेे उन्हेंं पूूरेे स्वर्गग केे साामनेे स्वीीकाार करनाा चााहि�ए।
बुराई की उत्प 347

अगर उसनेे ऐसाा कि�याा होोताा, तोो शाायद वह खुुद कोो और कई स्वर्गगदूू तोंं� कोो बचाा लेेताा। उसनेे इस समय
परमेेश्वर केे प्रति� अपनीी नि�ष्ठाा कोो पूूरीी तरह सेे नहींं� छोोड़ाा थाा। यद्यपि� उसनेे ढकनेे वाालेे करूब केे अपनेे
पद कोो छोोड़ दि�याा थाा, फि�र भीी यदि� वह सृृष्टि�िकर्ताा� कीी बुुद्धि� कोो स्वीीकाार करतेे हुए, परमेेश्वर केे पाास
लौौटनेे केे लि�ए तैैयाार होोताा, और परमेेश्वर कीी महाान योोजनाा मेंं उसेे नि�युुक्त कि�ए गए स्थाान कोो भरनेे
केे लि�ए संं तुुष् ट होोताा, तोो उसेे उसकेे पद पर बहााल कर दि�याा गयाा होोताा। लेेकि�न गौौरव नेे उसेे समर्पपण
करनेे सेे मनाा कर दि�याा। उसनेे दृढ़ताा सेे अपनेे माार्गग काा बचााव कि�याा, कहाा कि� उसेे पश्चाातााप कीी कोोई
आवश्यकताा नहींं� हैै, और महाान वि�वााद मेंं, अपनेे सृृष्टि�िकर्ताा� केे खि�लााफ पूूरीी तरह सेे खुुद कोो समर्पि�त
कर दि�याा।
उसकेे माास्टरमााइंं ड कीी साारीी शक्ति�याँँ� अब उसकेे अधीीन स्वर्गगदूू तोंं� कीी सहाानुुभूूति� प्रााप्त करनेे केे
लि�ए धोोखेे केे कााम मेंं लग गई थींं�। यहाँँ� तक कि� यह तथ्य भीी कि� मसीीह नेे उसेे चेेताावनीी दीी थीी और
सलााह दीी थीी, वह उसकेे वि�श्वाासघाातीी मंं सूूबोंं� कोो पूूराा करनेे केे लि�ए वि�कृृ त होो गयाा। उन लोोगोंं� केे लि�ए
जि�नकेे प्याार भरेे भरोोसेे नेे उन्हेंं सबसेे अधि�क नि�कटताा सेे बांं�धाा थाा, शैैताान नेे दर्शाा�याा कि� उसेे गलत
तरीीकेे सेे आंंकाा गयाा थाा, कि� उसकेे पद काा सम्माान नहींं� कि�याा गयाा थाा, और उसकीी स्वतंं त्रताा कोो कम
कि�याा जाानाा थाा। मसीीह केे शब्दोंं� कोो गलत तरीीकेे सेे प्रस्तुुत करनेे सेे लेेकर वह परमेेश्वर केे पुुत्र पर
स्वर्गग केे नि�वाासि�योंं� केे साामनेे उसेे अपमाानि�त करनेे कीी योोजनाा काा आरोोप लगाातेे हुए झूठू बोोलनेे और
प्रत्यक्ष झूठू बोोलनेे पर उतर आयाा। उसनेे अपनेे और वफ़ाादाार स्वर्गगदूू तोंं� केे बीीच एक झूठाू ा मुुद्दाा बनाानेे
कीी भीी कोोशि�श कीी। जि�न सभीी कोो वह उलट नहींं� सकताा थाा और पूूरीी तरह सेे अपनेे पक्ष मेंं नहींं� लाा
सकताा थाा, उसनेे स्वर्गीीय प्रााणि�योंं� केे हि�तोंं� केे प्रति� उदाासीीनताा काा आरोोप लगाायाा थाा। जोो कााम वह
स्वयंं कर रहाा थाा, उसीी काा आरोोप उसनेे उन लोोगोंं� पर लगाायाा जोो परमेेश्वर केे प्रति� सच्चेे बनेे रहेे। और
अपनेे प्रति� परमेेश्वर केे अन्यााय केे अपनेे आरोोप कोो काायम रखनेे केे लि�ए, उसनेे सृृष्टि�िकर्ताा� केे वचनोंं�
और काार्योंं कीी गलत व्यााख्याा काा सहााराा लि�याा। परमेेश्वर केे उद्देेश्योंं� केे वि�षय मेंं सूूक्ष्म तर्कोंं सेे स्वर्गग-
दूू तोंं� कोो भ्रमि�त करनाा उसकीी नीीति� थीी। उसनेे हर उस चीीज़ कोो रहस्य सेे ढँँक दि�याा जोो सरल थीी, और
धूूर्तत वि�कृृ ति� द्वााराा यहोोवाा केे स्पष्टतम कथनोंं� कोो सन्देेहाास्पद बनाा दि�याा। ईश्वरीीय प्रशाासन केे सााथ
इस तरह केे घनि�ष्ठ संं बंं ध मेंं उसकेे पद नेे उसकेे बयाान कोो अधि�क बल दि�याा, और कई लोोग स्वर्गग केे
अधि�काार केे खि�लााफ वि�द्रोोह मेंं उनकेे सााथ एकजुुट होोनेे केे लि�ए प्रेेरि�त हुए।
परमेेश्वर नेे अपनीी बुुद्धि� सेे शैैताान कोो अपनाा काार्यय आगेे बढ़ाानेे कीी अनुुमति� दीी, जब तक कि�
असंं तोोष कीी भाावनाा सक्रि�य वि�द्रोोह मेंं परि�पक्व नहींं� होो गई। उसकीी योोजनााओंं केे पूूर्णण वि�कसि�त होोनेे
केे लि�ए यह आवश्यक थाा कि� उनकीी वाास्तवि�क प्रकृृ ति� और प्रवृृत्ति� सभीी कोो दि�खााई देे। लूूसि�फ़ेेर,
अभि�षि�क्त करूब केे रूप मेंं, अत्यधि�क महि�माामंं डि�त कि�याा गयाा थाा; स्वर्गीीय प्रााणीी उससेे बहुत प्रेेम
करतेे थेे, और उसकाा प्रभााव उन पर प्रबल थाा। परमेेश्वर कीी सरकाार मेंं न केे वल स्वर्गग केे नि�वाासीी
शाामि�ल थेे, बल्कि� उन सभीी लोोकोंं� केे नि�वाासीी भीी थेे जि�न्हेंं उसनेे बनाायाा थाा; और शैैताान नेे सोोचाा कि�
यदि� वह वि�द्रोोह मेंं स्वर्गग केे दूू तोंं� कोो अपनेे सााथ लेे जाा सकताा हैै, तोो वह अन्य लोोकोंं� कोो भीी लेे जाा
सकताा हैै। उसनेे अपनेे उद्देेश्योंं� कोो सुुरक्षि�त करनेे केे लि�ए परि�ष्काार और धोोखााधड़ीी कोो नि�योोजि�त करतेे
हुए, कलाात्मक रूप सेे प्रश्न काा अपनाा पक्ष प्रस्तुुत कि�याा थाा। धोोखाा देेनेे कीी उसकीी क्षमताा अत्यधि�क
थीी, और उसनेे झूठू केे लबाादेे मेंं खुुद कोो प्रच्छन्न करकेे लााभ प्रााप्त कि�याा थाा। यहाँँ� तक कि� वफ़ाादाार
348 महाान वि�वााद

स्वर्गगदूू त भीी उसकेे चरि�त्र कोो पूूरीी तरह सेे नहींं� पहचाान सकतेे थेे याा यह नहींं� देेख सकतेे थेे कि� उसकाा
काार्यय कि�स ओर लेे जाा रहाा हैै।
शैैताान कोो इतनाा अधि�क सम्माान दि�याा गयाा थाा, और उसकेे सभीी काार्यय रहस्य सेे इतनेे आच्छाादि�त
थेे, कि� स्वर्गगदूू तोंं� कोो उसकेे काार्यय काा वाास्तवि�क स्वरूप प्रकट करनाा कठि�न थाा। जब तक पााप पूूरीी तरह
सेे वि�कसि�त नहींं� होो जााताा, तब तक वह उतनाा बुुराा नहींं� लगेेगाा जि�तनाा वह थाा। अब तक इसकाा ईश्वर
कीी सृृष्टि�ि मेंं कोोई स्थाान नहींं� थाा, और पवि�त्र प्रााणि�योंं� कोो इसकीी प्रकृृ ति� और दुर्भाु ा�वनाा केे बाारेे मेंं कोोई
समझ नहींं� थीी। वेे ईश्‍‍वरीीय व्यवस्थाा कोो दरकि�नाार करनेे केे परि�णाामस्वरूप होोनेेवाालेे भयंं कर परि�णाामोंं�
कोो नहींं� समझ सकतेे थेे। शैैताान नेे, सबसेे पहलेे, परमेेश्वर केे प्रति� वफाादाारीी केे एक दि�खाावटीी व्यवहाार
केे तहत अपनेे कााम कोो छुु पाायाा थाा। उसनेे दाावाा कि�याा कि� वह परमेेश्वर केे सम्माान, उसकीी सरकाार कीी
स्थि�रताा और स्वर्गग केे सभीी नि�वाासि�योंं� कीी भलााई कोो बढ़ाावाा देेनाा चााहताा हैै। अपनेे अधीीन स्वर्गगदूू तोंं� केे
मन मेंं असंं तोोष पैैदाा करतेे हुए, उसनेे बड़ीी चतुुरााई सेे यह प्रकट कर दि�याा थाा कि� वह असंं तोोष कोो दूू र
करनाा चााहताा थाा। जब उसनेे आग्रह कि�याा कि� परमेेश्वर कीी सरकाार केे आदेेश और काानूूनोंं� मेंं बदलााव
कि�ए जााएंं , तोो यह इस ढोंं�ग केे तहत थाा कि� येे स्वर्गग मेंं सद्भा ् ाव बनााए रखनेे केे लि�ए आवश्यक थेे।
पााप केे सााथ अपनेे व्यवहाार मेंं, परमेेश्वर केे वल धाार्मि�कताा और सत्य कोो हीी नि�योोजि�त कर सकताा
थाा। शैैताान वह उपयोोग कर सकताा थाा जोो परमेेश्वर नहींं� कर सकताा थाा—चाापलूूसीी और छल। उसनेे
परमेेश्वर केे वचन कोो झूठाू ा सााबि�त करनेे कीी कोोशि�श कीी थीी और यह दाावाा करतेे हुए कि� परमेेश्वर
सि�र्फफ स्वर्गग केे नि�वाासि�योंं� पर काानूून और नि�यम स्थाापि�त करनेे मेंं न्याायसंं गत नहींं� थाा, उसनेे स्वर्गगदूू -
तोंं� केे साामनेे उसकीी योोजनाा कोो गलत तरीीकेे सेे प्रस्तुुत कि�याा थाा; कि� अपनेे प्रााणि�योंं� सेे समर्पपण और
आज्ञााकाारि�ताा कीी अपेेक्षाा मेंं, वह केे वल स्वयंं कोो ऊंंचाा करनेे कीी कोोशि�श कर रहाा थाा। इसलि�ए स्वर्गग केे
नि�वाासि�योंं� केे सााथ-सााथ सभीी लोोकोंं� केे वाासि�योंं� केे साामनेे यह प्रदर्शि�त कि�याा जाानाा चााहि�ए कि� परमेे-
श्वर काा शाासन न्याायपूूर्णण थाा, उसकीी व्यवस्थाा सि�द्ध थीी। शैैताान नेे यह प्रकट कि�याा थाा कि� वह स्वयंं
संं पूूर्णण जगत कीी भलााई कोो बढ़ाावाा देेनेे कीी कोोशि�श कर रहाा थाा। हड़पनेे वाालेे केे असलीी चरि�त्र और
उसकेे वाास्तवि�क उद्देेश्य कोो सभीी केे द्वााराा समझाा जाानाा चााहि�ए। उसकेे पाास अपनेे दुष्ु ट काार्योंं सेे स्वयंं
कोो प्रकट करनेे काा समय होोनाा चााहि�ए।
वह कलह जोो स्वर्गग मेंं उसकीी अपनीी चााल केे काारण हुआ थाा, उसकाा आरोोप शैैताान नेे परमेेश्वर कीी
व्यवस्थाा और उसकेे शाासन पर लगाायाा। उसनेे सभीी अधर्मम कोो ईश्वरीीय प्रशाासन काा परि�णााम घोोषि�त
कि�याा। उसनेे दाावाा कि�याा कि� यहोोवाा कीी वि�धि�योंं� मेंं सुुधाार करनाा उसकाा अपनाा उद्देेश्य थाा। इसलि�ए
यह आवश्यक थाा कि� वह अपनेे दाावोंं� केे स्वरूप कोो प्रदर्शि�त करेे, और पवि�त्र व्यवस्थाा मेंं अपनेे प्रस्ताा-
वि�त परि�वर्ततनोंं� कीी काार्ययप्रणाालीी कोो दर्शाा�ए। उसकेे अपनेे कााम उसेे निं�दं नीीय ठहराानेे वाालेे थेे। शैैताान
नेे शुुरू सेे दाावाा कि�याा थाा कि� वह वि�द्रोोह मेंं नहींं� थाा। संं पूूर्णण जगत कोो धोोखेेबााज़ कोो बेेपर्दाा� देेखनाा थाा।
यहांं� तक कि� जब यह नि�र्णणय लि�याा गयाा कि� वह अब स्वर्गग मेंं नहींं� रह सकताा, अनंं त ज्ञाान नेे शैैताान
कोो नष्ट नहींं� कि�याा। चूँँ�कि� प्रेेम कीी सेेवाा-टहल हीी ईश्वर कोो स्वीीकाार्यय होो सकतीी हैै, उसकेे प्रााणि�योंं� कीी
नि�ष्ठाा उसकेे न्यााय और उसकीी भलााई केे वि�श्वाास पर टि�कीी होोनीी चााहि�ए। स्वर्गग और अन्य लोोकोंं� केे
नि�वाासीी, पााप कीी प्रकृृ ति� याा परि�णाामोंं� कोो समझनेे केे लि�ए तैैयाार नहींं� होोनेे केे काारण, उस समय शैैताान
केे वि�नााश मेंं परमेेश्वर केे न्यााय और दयाा कोो नहींं� देेख सकतेे थेे। यदि� वह तुुरंंत अस्ति�त्व सेे मि�टाा दि�याा
बुराई की उत्प 349

गयाा होोताा, तोो वेे प्रेेम सेे नहींं� बल्कि� भय सेे परमेेश्वर कीी सेेवाा-टहल करतेे। धोोखेेबााज़ काा प्रभााव पूूरीी
तरह सेे नष्ट नहींं� हुआ होोताा, न हीी वि�द्रोोह कीी भाावनाा पूूरीी तरह सेे समााप्त हुई होोतीी। अधर्मम कोो परि�प-
क्वताा तक आनेे देेनाा चााहि�ए। अनंं त युुगोंं� तक संं पूूर्णण जगत कीी भलााई केे लि�ए शैैताान कोो अपनेे सि�द्धांं�तोंं�
कोो और अधि�क पूूरीी तरह सेे वि�कसि�त करनाा होोगाा, तााकि� ईश्वरीीय रााज्य केे खि�लााफ उसकेे आरोोप
सभीी सृृजि�त प्रााणि�योंं� द्वााराा उनकेे सच्चेे स्वरूप मेंं देेखेे जाा सकेंं , कि� ईश्वर केे न्यााय और अनुुग्रह और
उसकीी व्यवस्थाा कीी अपरि�वर्ततनीीयताा कोो हमेेशाा केे लि�ए नि�स्संंदेेह ठहराायाा जाा सकेे ।
शैैताान काा वि�द्रोोह आनेे वाालेे सभीी युुगोंं� मेंं संं पूूर्णण जगत केे लि�ए एक सबक, प्रकृृ ति� और पााप केे
भयाानक परि�णाामोंं� कीी एक सतत गवााहीी होोनाा थाा। शैैताान केे सि�द्धांं�त काा सफल होोनाा, मनुुष्योंं� और स्व-
र्गगदूू तोंं� दोोनोंं� पर इसकाा प्रभााव, यह दि�खााएगाा कि� ईश्वरीीय अधि�काार कीी उपेेक्षाा करनेे काा क्याा फल
होोनाा थाा। यह इस बाात कीी गवााहीी देेगाा कि� परमेेश्वर केे शाासन और उसकीी व्यवस्थाा केे अस्ति�त्व केे
सााथ उसकेे द्वााराा बनााए गए सभीी प्रााणि�योंं� कीी भलााई जुुड़ीी हुई हैै। इस प्रकाार वि�द्रोोह केे इस भयाानक
प्रयोोग काा इति�हाास सभीी पवि�त्र बुुद्धि�जीीवि�योंं� केे लि�ए एक सतत सुुरक्षाा होोनाा थाा, तााकि� उन्हेंं अपरााध
कीी प्रकृृ ति� केे बाारेे मेंं धोोखाा खाानेे सेे रोोकाा जाा सकेे , उन्हेंं पााप करनेे और उसकेे दंंड भुुगतनेे सेे बचाायाा
जाा सकेे ।
स्वर्गग मेंं वि�वााद केे अंंत तक महाान हड़पनेे वाालाा अपनेे आप कोो सहीी ठहरााताा रहाा। जब यह
घोोषणाा कीी गई कि� उसकेे सभीी समर्थथकोंं� केे सााथ उसेे आनंं द केे नि�वाास सेे नि�ष्काासि�त कर दि�याा जाानाा
चााहि�ए, तब वि�द्रोोहीी सरदाार नेे नि�डरताापूूर्ववक सृृष्टि�िकर्ताा� कीी व्यवस्थाा केे लि�ए अपनाा ति�रस्काार घोोषि�त
कि�याा। उसनेे अपनाा दाावाा दोोहराायाा कि� स्वर्गगदूू तोंं� कोो कि�सीी नि�यंं त्रण कीी आवश्यकताा नहींं� हैै, लेेकि�न
उन्हेंं अपनीी इच्छाा काा पाालन करनेे केे लि�ए छोोड़ दि�याा जाानाा चााहि�ए, जोो हमेेशाा उनकाा सहीी माार्गगदर्शशन
करेेगीी। उसनेे ईश्वरीीय वि�धि�योंं� कीी उनकीी स्वतंं त्रताा केे प्रति�बंं ध केे रूप मेंं निं�दां ा कीी और घोोषणाा कीी कि�
व्यवस्थाा कोो समााप्त करनाा उसकाा उद्देेश्य थाा; कि�, इस बंं धन सेे मुुक्त होोकर, स्वर्गग कीी सेेनाा अस्ति�त्व कीी
अधि�क उन्नत, अधि�क महि�माामय अवस्थाा मेंं प्रवेेश कर सकेंं गेे।
शैैताान और उसकीी सेेनाा नेे एकमत होोकर अपनेे वि�द्रोोह काा दोोष पूूरीी तरह सेे मसीीह पर मढ़ दि�याा,
यह घोोषि�त करतेे हुए कि� यदि� उन्हेंं फटकाार नहींं� लगााई गई होोतीी, तोो वेे कभीी भीी वि�द्रोोह नहींं� करतेे।
इस प्रकाार अपनीी बेेवफााई मेंं जि�द्दीी और उद्दंंड, परमेेश्वर कीी सरकाार कोो उखााड़ फेंंकनेे केे लि�ए व्यर्थथ कीी
मांं�ग करतेे हुए, फि�र भीी निं�दं नीीय रूप सेे खुुद कोो दमनकाारीी शक्ति� केे नि�र्दोोष पीीड़ि�त होोनेे काा दाावाा करतेे
हुए, धूूर्तत वि�द्रोोहीी और उसकेे सभीी समर्थथकोंं� कोो अंंत मेंं स्वर्गग सेे नि�र्वाा�सि�त कर दि�याा गयाा।
वहीी भाावनाा जि�सनेे स्वर्गग मेंं वि�द्रोोह कोो प्रेेरि�त कि�याा, आज भीी पृृथ्वीी पर वि�द्रोोह कोो प्रेेरि�त करतीी
हैै। शैैताान नेे मनुुष्योंं� केे सााथ वहीी नीीति� जाारीी रखीी हैै जोो उसनेे स्वर्गगदूू तोंं� केे सााथ अपनााई थीी। उसकीी
आत्माा अब आज्ञाा न मााननेे वाालोंं� मेंं रााज करतीी हैै। उसकीी तरह वेे परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे बंं धनोंं� कोो
तोोड़नाा चााहतेे हैंं और इसकेे उपदेेशोंं� केे उल्लंं घन केे मााध्यम सेे मनुुष्य कोो स्वतंं त्रताा काा वाादाा करतेे हैंं।
पााप कीी नि�न्दाा अभीी भीी घृृणाा और प्रति�रोोध कीी भाावनाा जगाातीी हैै। जब परमेेश्वर कीी ओर सेे चेेताावनीी
केे संं देेश अंंतराात्माा तक पहुँँचााए जाातेे हैंं, शैैताान लोोगोंं� कोो अपनेे आप कोो सहीी ठहराानेे और पााप केे
दौौराान दूू सरोंं� कीी सहाानुुभूूति� पाानेे केे लि�ए प्रेेरि�त करताा हैै। अपनीी गलति�योंं� कोो सुुधाारनेे केे बजााय, वेे
फटकाार लगाानेे वाालेे केे खि�लााफ आक्रोोश भड़काातेे हैंं, जैैसेे कि� वहीी कठि�नााई काा एकमाात्र काारण होो।
350 महाान वि�वााद

धर्मीी हााबि�ल केे दि�नोंं� सेे लेेकर हमाारेे समय तक ऐसीी हैै वह भाावनाा जोो उन लोोगोंं� केे प्रति� प्रदर्शि�त कीी
गई हैै जोो पााप कीी निं�दां ा करनेे काा सााहस करतेे हैंं।
परमेेश्वर केे चरि�त्र कीी उसीी गलत व्यााख्याा केे द्वााराा जैैसेे उसनेे स्वर्गग मेंं कि�याा थाा, जि�सकेे काारण
उसेे कठोोर और अत्यााचाारीी माानाा गयाा, शैैताान नेे मनुुष्य कोो पााप करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा। और यहाँँ�
तक सफल होोनेे केे बााद, उसनेे घोोषणाा कीी कि� परमेेश्वर केे अन्याायपूूर्णण प्रति�बंं धोंं� केे काारण मनुुष्य काा
पतन हुआ, जैैसेे कि� वेे उसकेे स्वयंं केे वि�द्रोोह काा काारण बनेे थेे।
लेेकि�न सनाातन परमेेश्वर स्वयंं अपनेे चरि�त्र कीी घोोषणाा करताा हैै: «यहोोवाा, यहोोवाा, ईश्‍‍वर दयाालुु
और अनुुग्रहकाारीी, कोोप करनेे मेंं धीीरजवन्त, और अति� करुणाामय और सत्य, परन्तुु दोोषीी कोो वह कि�सीी
प्रकाार नि�र्दोोष न ठहरााएगाा।” नि�र्गगमन 34:6,7।
स्वर्गग सेे शैैताान केे नि�ष्काासन मेंं, परमेेश्वर नेे अपनेे न्यााय कीी घोोषणाा कीी और अपनेे सिं�हां ासन
केे सम्माान कोो बनााए रखाा। परन्तुु जब मनुुष्य नेे इस धर्ममत्याागीी आत्माा केे बहकाावेे मेंं आकर पााप
कि�याा, तोो परमेेश्वर नेे पति�त जााति� केे लि�ए मरनेे केे लि�ए अपनेे एकलौौतेे पुुत्र कोो देे कर अपनेे प्रेेम काा
प्रमााण दि�याा।
प्राायश्चि�ित मेंं परमेेश्वर काा स्वरूप प्रकट होोताा हैै। क्रूूस काा शक्ति�शाालीी तर्कक संं पूूर्णण जगत कोो
प्रमााणि�त करताा हैै कि� लूूसि�फ़ेेर नेे जोो पााप काा राास्ताा चुुनाा थाा वह कि�सीी भीी तरह सेे परमेेश्वर केे शाासन
पर आरोोपणीीय नहींं� थाा।
मसीीह और शैैताान केे बीीच मुुकााबलेे मेंं, उद्धाारकर्ताा� कीी सांं�साारि�क सेेवकााई केे दौौराान, महाान
धोोखेेबााज काा चरि�त्र बेेनकााब होो गयाा थाा। शैैताान कोो स्वर्गीीय स्वर्गगदूू तोंं� और संं पूूर्णण वफ़ाादाार जगत केे
स्नेेह सेे कुु छ भीी शैैताान कोो इतनेे प्रभाावीी ढंंग सेे नहींं� उखााड़ सकताा थाा जैैसेे कि� दुनि�याु ा केे उद्धाारक पर
उसकेे भयाानक संं घर्षष नेे कि�याा। उसकीी नि�डर ईशनि�न्दाात्मक मांं�ग कि� मसीीह उसेे श्रद्धांं�जलि� देे , पर्ववत
शि�खर और मंं दि�र केे शि�खर पर लेे जाानेे मेंं उसकीी अभि�माानपूूर्णण नि�र्भीीकताा, द्वेेषपूूर्णण मंं शाा जोो उससेे
स्वयंं कोो ऊंंचााई सेे नीीचेे गि�राानेे काा आग्रह करनेे मेंं प्रकट हुई थीी, सक्रि�य द्वेेष जि�सनेे जगह-जगह उसकाा
पीीछाा कि�याा, यााजकोंं� और लोोगोंं� केे हृदयोंं� कोो उसकेे प्रेेम कोो अस्वीीकाार करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करनाा,
और अंंत मेंं चि�ल्लाानाा, «उसेे क्रूूस पर चढ़ााओ! उसेे क्रूूस पर चढ़ाा दोो!» - इस सब नेे संं पूूर्णण जगत केे
वि�स्मय और आक्रोोश कोो उत्तेेजि�त कर दि�याा।
यह शैैताान हीी थाा जि�सनेे संं साार कोो मसीीह कोो अस्वीीकाार करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा। दुष्ु टताा केे
सरदाार नेे यीीशुु कोो नष्ट करनेे केे लि�ए अपनीी साारीी शक्ति� और चतुुरााई काा प्रयोोग कि�याा; क्योंं�कि� उसनेे
देेखाा कि� उद्धाारकर्ताा� कीी दयाा और प्रेेम, उसकीी करुणाा और दयाा भरीी कोोमलताा, संं साार केे लि�ए परमेे-
श्वर केे चरि�त्र कोो दर्शाा� रहेे थेे। शैैताान नेे परमेेश्वर केे पुुत्र द्वााराा कि�ए गए हर दाावेे काा वि�रोोध कि�याा और
उद्धाारकर्ताा� केे जीीवन कोो पीीड़ाा और दुःः�ख सेे भरनेे केे लि�ए लोोगोंं� कोो अपनेे काारिं�ंदोंं� केे रूप मेंं नि�युुक्त
कि�याा। वह कुु तर्कक और झूठू जि�सकेे द्वााराा उसनेे यीीशुु केे कााम मेंं बााधाा डाालनेे कीी कोोशि�श कीी थीी, आज्ञाा
न मााननेे वाालोंं� केे मााध्यम सेे प्रकट घृृणाा, उसकेे खि�लााफ जि�सकाा जीीवन बेेजोोड़ अच्छााई काा थाा, उसकेे
क्रूूर आरोोप, सभीी मन मेंं दबेे हुए प्रति�शोोध सेे उत्पन्न हुए। ईर्ष्याा� और द्वेेष, घृृणाा और बदलेे कीी दबीी हुई
आग कलवरीी पर परमेेश्वर केे पुुत्र केे वि�रुद्ध भड़क उठीी, जबकि� सााराा स्वर्गग इस दृश्य कोो अत्यधि�क
डर सेे देेख रहाा थाा।
बुराई की उत्प 351

जब महाान बलि�दाान समााप्त होो गयाा थाा, तोो मसीीह स्वर्गग पर चढ़ गयाा, स्वर्गगदूू तोंं� कीी भक्ति� कोो तब
तक अस्वीीकाार करतेे हुए जब तक कि� उसनेे अनुुरोोध प्रस्तुुत नहींं� कि�याा: «मैंं चााहताा हूँँ कि� जि�न्हेंं तूू नेे
मुुझेे दि�याा हैै, जहाँँ� मैंं हूँँ वहाँँ� वेे भीी मेेरेे सााथ होंं�।» यूूहन्नाा 17:24। तब अकथनीीय प्रेेम और साामर्थ्यय
केे सााथ पि�ताा केे सिं�हां ासन सेे उत्तर आयाा: “परमेेश्वर केे सब स्वर्गगदूू त उसेे दण्डवत करेंं।” इब्राानि�योंं�
1:6। यीीशुु पर एक भीी दााग नहींं� लगाा। उसकेे अपमाान केे समााप्त होोनेे पर, उसकाा बलि�दाान पूूराा होोनेे
पर, उसेे एक नााम दि�याा गयाा जोो हर नााम सेे ऊपर हैै।
अब शैैताान काा दोोष बि�नाा बचााव केे प्रकट होो गयाा। उसनेे एक झूठेू े और हत्याारेे केे रूप मेंं अपनाा
असलीी चरि�त्र प्रकट कर दि�याा थाा। यह देेखाा गयाा कि� यदि� उसेे स्वर्गग केे नि�वाासि�योंं� कोो नि�यंं त्रि�त करनेे
कीी अनुुमति� दीी जाातीी, तोो जि�स भाावनाा केे सााथ उसनेे मनुुष्य कीी संं ताान पर, जोो उसकीी शक्ति� केे अधीीन
थीी, रााज कि�याा थाा, उसनेे उसीी भाावनाा कोो प्रकट कि�याा होोताा। उसनेे दाावाा कि�याा थाा कि� परमेेश्वर कीी
व्यवस्थाा काा उल्लंं घन स्वतंं त्रताा और उत्कर्षष लााएगाा; लेेकि�न इसकाा परि�णााम बंं धन और पतन केे रूप
मेंं देेखाा गयाा।
ईश्वरीीय चरि�त्र और अधि�काार केे वि�रुद्ध शैैताान केे झूठेू े आरोोप उनकेे वाास्तवि�क रूप मेंं प्रकट हुए।
उसनेे परमेेश्वर पर आरोोप लगाायाा थाा कि� वह अपनेे प्रााणि�योंं� सेे आज्ञााकाारि�ताा और समर्पपण कीी अपेेक्षाा
करनेे मेंं केे वल स्वयंं कीी महि�माा चााहताा थाा, और घोोषि�त कि�याा थाा कि�, जबकि� सृृष्टि�िकर्ताा� नेे अन्य सभीी
सेे आत्म-त्यााग कीी माँँ�ग कीी, उसनेे स्वयंं कोोई आत्म-त्यााग नहींं� कि�याा और कोोई बलि�दाान नहींं� कि�याा।
अब यह देेखाा गयाा कि� एक पति�त और पाापीी जााति� केे उद्धाार केे लि�ए, संं पूूर्णण जगत केे शाासक नेे सबसेे
बड़ाा बलि�दाान कि�याा थाा जोो प्रेेम कर सकताा थाा; क्योंं�कि� «परमेेश्वर नेे मसीीह मेंं होोकर अपनेे सााथ संं साार
काा मेेल मि�लााप कर लि�याा।» 2 कुु रि�न्थि�योंं� 5:19। यह भीी देेखाा गयाा कि� जबकि� लूूसि�फ़ेेर नेे सम्माान
और श्रेेष् ठताा कीी अपनीी इच्छाा सेे पााप केे प्रवेेश द्वाार कोो खोोल दि�याा थाा, तोो मसीीह नेे पााप कोो नष्ट करनेे
केे लि�ए स्वयंं कोो दीीन बनाा लि�याा और मृृत्युु तक आज्ञााकाारीी बन गयाा।
परमेेश्वर नेे वि�द्रोोह केे सि�द्धांं�तोंं� केे प्रति� अपनीी घृृणाा प्रकट कीी थीी। साारेे स्वर्गग नेे शैैताान केे दंं ड
और मनुुष्य केे छुु टकाारेे दोोनोंं� मेंं उसकेे न्यााय कोो प्रकट होोतेे देेखाा। लूूसि�फ़ेेर नेे घोोषि�त कि�याा थाा कि�
यदि� परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा अपरि�वर्ति�त थीी, और उसकेे दंं ड कोो मााफ नहींं� कि�याा जाा सकताा थाा,
तोो प्रत्येेक अपरााधीी कोो हमेेशाा केे लि�ए सृृष्टि�िकर्ताा� कीी कृृ पाादृष्टि�ि सेे वंं चि�त कर दि�याा जाानाा चााहि�ए।
उसनेे दाावाा कि�याा थाा कि� पाापीी जााति� कोो छुु टकाारेे कीी पहुँँच केे बााहर थीी और इसलि�ए वह उसकाा
सहीी शि�काार थीी। परन्तुु मसीीह कीी मृृत्युु मनुुष्य केे पक्ष मेंं एक तर्कक थीी जि�सेे पलटाा नहींं� जाा सकताा
थाा। व्यवस्थाा काा दंं ड उस पर पड़ाा जोो परमेेश्वर केे बरााबर थाा, और मनुुष्य मसीीह कीी धाार्मि�कताा कोो
स्वीीकाार करनेे केे लि�ए और जैैसेे कि� परमेेश्वर केे पुुत्र नेे वि�जय प्रााप्त कीी थीी, पश्चाातााप और दीीनताा
केे जीीवन सेे शैैताान कीी शक्ति� पर वि�जय प्रााप्त करनेे केे लि�ए स्वतंं त्र थाा। इस प्रकाार परमेेश्वर न्याायीी
हैै और फि�र भीी उन सभीी काा धर्मीी ठहराानेे वाालाा हैै जोो यीीशुु मेंं वि�श्वाास करतेे हैंं।
लेेकि�न यह केे वल मनुुष्य केे छुु टकाारेे कोो पूूराा करनेे केे लि�ए नहींं� थाा कि� मसीीह पीीड़ि�त होोनेे और
मरनेे केे लि�ए पृृथ्वीी पर आयाा। «व्यवस्थाा कीी अधि�क बड़ााई करनेे» और उसेे «प्रति�ष्ठि��त ठहराानेे» केे
लि�ए आयाा। केे वल इसलि�ए नहींं� कि� इस संं साार केे नि�वाासीी व्यवस्थाा कोो उस रूप मेंं माानेंं जैैसाा इसेे माानाा
जाानाा चााहि�ए; लेेकि�न यह सृृष्टि�ि केे सभीी लोोकोंं� कोो यह प्रदर्शि�त करनेे केे लि�ए थाा कि� परमेेश्वर कीी
352 महाान वि�वााद

व्यवस्थाा अपरि�वर्ततनीीय हैै। यदि� उसकेे दाावोंं� कोो खाारि�ज कि�याा जाा सकताा थाा, तोो परमेेश्वर केे पुुत्र कोो
उसकेे उल्लंं घन काा प्राायश्चि�ित करनेे केे लि�ए अपनाा जीीवन देेनेे कीी आवश्यकताा नहींं� थीी। मसीीह कीी
मृृत्युु इसेे अपरि�वर्ततनीीय सााबि�त करतीी हैै। और वह बलि�दाान जि�सकेे लि�ए अनंं त प्रेेम नेे पि�ताा और पुुत्र
कोो प्रेेरि�त कि�याा, कि� पाापि�योंं� कोो छुु टकााराा दि�लाायाा जाा सकेे , संं पूूर्णण जगत कोो प्रदर्शि�त करताा हैै - जि�सेे
प्रदर्शि�त करनेे केे लि�ए केे वल प्राायश्चि�ित कीी यह योोजनाा पर्याा�प्त होो सकतीी थीी - कि� न्यााय और दयाा
परमेेश्वर केे रााज्य कीी नींं�व हैै।
न्यााय केे अंंति�म नि�ष्पाादन मेंं यह देेखाा जााएगाा कि� पााप काा कोोई काारण मौौजूूद नहींं� हैै। जब साारीी
पृृथ्वीी काा न्याायीी शैैताान सेे यह पूूछेेगाा, कि� तूू नेे क्योंं� मुुझ सेे बलवाा कि�याा, और मेेरेे रााज्य कीी प्रजाा कोो
मुुझ सेे छीीन लि�याा हैै? बुुरााई काा प्रवर्ततक कोोई बहाानाा नहींं� बनाा सकताा। हर मुंं� ह बंं द होो जााएगाा, और
वि�द्रोोह केे सभीी समूूह अवााक रह जााएंं गेे।
व्यवस्थाा केे अपरि�वर्ततनीीय होोनेे कीी घोोषणाा करनेे केे सााथ-सााथ कलवरीी काा क्रूूस संं पूूर्णण जगत कोो
यह भीी घोोषि�त करताा हैै कि� पााप कीी मजदूू रीी मृृत्युु हैै। उद्धाारकर्ताा� केे मरतेे समय केे क्रंंदन «पूूराा हुआ»
मेंं, शैैताान कीी मृृत्युु कीी घंं टीी बज उठीी थीी। इतनाा बड़ाा वि�वााद जोो इतनेे दि�नोंं� सेे चल रहाा थाा, उसकाा
नि�र्णणय कि�याा गयाा और अधर्मम काा अन्ति�म उन्मूूलन नि�श्चि�ित कि�याा गयाा। परमेेश्वर काा पुुत्र कब्र केे
द्वाार सेे होोकर गुुजराा, कि� «तााकि� मृृत्युु केे द्वााराा उसेे जि�सेे मृृत्युु पर शक्‍ति�ि� मि�लीी थीी, अर्थाा�त्् शैैताान कोो
नि�कम्माा कर देे।» इब्राानि�योंं� 2:14। लूूसि�फ़ेेर कीी आत्म-उत्कृृष्टताा कीी इच्छाा नेे उसेे यह कहनेे केे लि�ए
प्रेेरि�त कि�याा थाा: «मैंं अपनेे सिं�हां ासन कोो ईश्‍‍वर केे तााराागण सेे अधि�क ऊँँचाा करूँँगाा। मैंं परमप्रधाान केे
तुुल्य होो जााऊँँगाा। « परमेेश्वर कहताा हैै: «मैंं तुुझेे भूूमि� पर भस्म कर डाालूंं�गाा’ ... और फि�र कभीी पाायाा
न जााएगाा।» यशाायााह 14:13, 14; यहेेजकेेल 28:18, 19। जब “वह धधकतेे भट्ठेे काा साा दि�न
आताा हैै, जब सब अभि�माानीी और सब दुराु ाचाारीी लोोग अनााज कीी खूँँ�टीी बन जााएँँगेे; और उस आनेेवाालेे
दि�न मेंं वेे ऐसेे भस्म होो जााएँँगेे कि� उनकाा पताा तक न रहेेगाा, सेेनााओंं केे यहोोवाा काा यहीी वचन हैै। «
मलााकीी 4:1।
सम्पूूर्णण जगत पााप केे स्वभााव और परि�णाामोंं� कीी सााक्षीी बन चुुकाा होोगाा। और इसकाा पूूर्णण वि�नााश,
जोो शुुरुआत मेंं स्वर्गगदूू तोंं� केे लि�ए भय और परमेेश्वर केे लि�ए अनाादर लाायाा होोगाा, अब उन प्रााणि�योंं� केे
सम्पूूर्णण जगत केे साामनेे उसकेे प्रेेम कोो प्रमााणि�त करेेगाा और उसकाा सम्माान स्थाापि�त करेेगाा जोो उसकीी
इच्छाा कोो पूूराा करनेे मेंं प्रसन्न हैंं और जि�नकेे दि�ल मेंं उसकीी व्यवस्थाा हैै। बुुरााई फि�र कभीी प्रकट नहींं�
होोगीी। परमेेश्वर काा वचन कहताा हैै: «वि�पत्ति� दूू सरीी बाार पड़नेे न पााएगीी।» नहूम 1:9। परमेेश्वर कीी
व्यवस्थाा, जि�सकीी शैैताान नेे बन्धन केे जूूए केे रूप मेंं नि�न्दाा कीी हैै, स्वतंं त्रताा कीी व्यवस्थाा केे रूप मेंं आदर
पााएगीी। एक परीीक्षि�त और परखीी हुई सृृष्टि�ि कभीी भीी उसकेे प्रति� नि�ष्ठााहीीन नहींं� होोगीी जि�सकाा चरि�त्र
उनकेे साामनेे अथााह प्रेेम और अनंं त ज्ञाान केे रूप मेंं पूूरीी तरह सेे प्रकट होो चुुकाा हैै।
30

मनुुष्य और शैैताान केे बीीच शत्रुुताा

«औ र मैंं तेेरेे और इस स्त्रीी केे बीीच मेंं, और तेेरेे वंं श और इसकेे वंं श केे बीीच मेंं बैैर उत्पन्न करूँँगाा;
वह तेेरेे सि�र कोो कुु चल डाालेेगाा, और तूू उसकीी एड़ीी कोो डसेेगाा।» उत्पत्ति� 3:15। मनुुष्य केे
पतन केे बााद शैैताान केे खि�लााफ सुुनााई गई सजाा भीी एक भवि�ष्यवााणीी थीी, जोो सभीी युुगोंं� कोो समय केे
अंंत समाावि�ष्ट करतीी थीी और पृृथ्वीी पर रहनेे वाालेे मनुुष्योंं� कीी सभीी जााति�योंं� कोो शाामि�ल करनेे केे लि�ए
महाान संं घर्षष काा पूूर्वाा�भाास देेतीी थीी।
परमेेश्वर घोोषणाा करताा हैै : «मेंं बैैर उत्पन्न करूँँगाा।» यह शत्रुुताा स्वााभाावि�क रूप सेे मन मेंं नहींं�
आई। जब मनुुष्य नेे ईश्वरीीय नि�यम काा उल्लंं घन कि�याा, तोो उसकीी प्रकृृ ति� दुष्ु ट होो गई, और वह शैैताान
केे सााथ साामंं जस्य मेंं थाा, न कि� मतभेेद मेंं। पाापीी मनुुष्य और पााप केे प्रवर्ततक केे बीीच स्वााभाावि�क रूप सेे
कोोई शत्रुुताा नहींं� हैै। दोोनोंं� धर्ममत्यााग केे द्वााराा दुष्ु ट बन गए। धर्ममत्याागीी कभीी शांं�त नहींं� होोताा, सि�वााय इसकेे
जब वह दूू सरोंं� कोो अपनेे उदााहरण काा अनुुसरण करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करकेे सहाानुुभूति� ू और समर्थथन प्रााप्त
करताा हैै। इस काारण सेे पति�त स्वर्गगदूू त और दुष्ु ट लोोग हतााश सााहचर्यय मेंं एक होो जाातेे हैंं। यदि� परमेेश्वर नेे
वि�शेेष रूप सेे हस्तक्षेेप नहींं� कि�याा होोताा, तोो शैैताान और मनुुष्य नेे स्वर्गग केे वि�रुद्ध गठबंं धन कर लि�याा होोताा;
और शैैताान केे वि�रुद्ध शत्रुुताा रखनेे केे बजााय, पूूराा माानव परि�वाार परमेेश्वर केे वि�रोोध मेंं एक होो जााताा।
शैैताान नेे मनुुष्य कोो पााप करनेे केे लि�ए प्रलोोभि�त कि�याा, क्योंं�कि� उसनेे स्वर्गगदूू तोंं� कोो वि�द्रोोह करनेे केे
लि�ए प्रेेरि�त कि�याा थाा, तााकि� वह स्वर्गग केे वि�रुद्ध अपनेे युुद्ध मेंं सहयोोग प्रााप्त कर सकेे । उसकेे और पति�त
स्वर्गगदूू तोंं� केे बीीच मसीीह केे प्रति� घृृणाा केे संं बंं ध मेंं कोोई मतभेेद नहींं� थाा; जबकि� अन्य सभीी मुुद्दोंं� पर
कलह थीी, वेे सृृष्टि�ि केे माालि�क केे अधि�काार काा वि�रोोध करनेे केे लि�ए दृढ़ताा सेे एकजुुट थेे। लेेकि�न जब
शैैताान नेे यह घोोषणाा सुुनीी कि� उसकेे और स्त्रीी केे बीीच और उसकेे वंं श और उसकेे वंं श केे बीीच शत्रुुताा
होोनीी चााहि�ए, तोो वह जाानताा थाा कि� माानव स्वभााव कोो भ्रष्ट करनेे केे उसकेे प्रयाासोंं� मेंं रुकाावट आएगीी;
कि� कि�सीी न कि�सीी तरह सेे मनुुष्य कोो अपनीी शक्ति� काा वि�रोोध करनेे मेंं सक्षम बनाानाा थाा।
माानव जााति� केे वि�रुद्ध शैैताान कीी शत्रुुताा भड़क उठीी हैै क्योंं�कि�, मसीीह केे द्वााराा, वेे परमेेश्वर केे
प्रेेम और दयाा केे पाात्र हैंं। वह मनुुष्य केे छुु टकाारेे केे लि�ए ईश्वरीीय योोजनाा कोो वि�फल करनाा चााहताा हैै,
354 महाान वि�वााद

परमेेश्वर काा अपमाान करनेे केे लि�ए, उसकीी करतूूत कोो वि�कृृ त और दूू षि�त करकेे ; वह स्वर्गग मेंं शोोक
उत्पन्न करेेगाा, और पृृथ्वीी कोो हााय और उजााड़ सेे भर देेगाा। और वह इस साारीी बुुरााई कीी ओर मनुुष्य
कोो बनाानेे मेंं परमेेश्वर केे काार्यय केे परि�णााम केे रूप मेंं संं केे त करताा हैै।
यह वह अनुुग्रह हैै जि�सेे मसीीह आत्माा मेंं आरोोपि�त करताा हैै जोो मनुुष्य मेंं शैैताान केे वि�रुद्ध शत्रुुताा
पैैदाा करताा हैै। इस परि�वर्ततनकाारीी अनुुग्रह और नवीीनीीकरण कीी शक्ति� केे बि�नाा, मनुुष्य शैैताान कीी कैै द
मेंं बनाा रहेेगाा, एक ऐसाा सेेवक जोो हमेेशाा उसकीी इच्छाा पूूरीी करनेे केे लि�ए तैैयाार रहताा हैै। लेेकि�न आत्माा
मेंं नयाा सि�द्धांं�त वहाँँ� संं घर्षष पैैदाा करताा हैै जहांं� अब तक शांं�ति� थीी। मसीीह जोो साामर्थ्यय प्रदाान करताा हैै वह
मनुुष्य कोो दुष्ु ट और हड़पनेे वाालेे काा वि�रोोध करनेे मेंं सक्षम बनााताा हैै। जोो कोोई भीी पााप सेे प्रेेम करनेे
केे बजााय उससेे घृृणाा करताा हैै, जोो कोोई भीी उन जुुनूूनोंं� काा, जोो भीीतर हाावीी रहेे हैंं, वि�रोोध करताा हैै
और उन पर वि�जय प्रााप्त करताा हैै, पूूरीी तरह सेे स्वर्गग सेे एक सि�द्धांं�त केे संं चाालन कोो प्रदर्शि�त करताा हैै।
मसीीह कीी आत्माा और शैैताान कीी आत्माा केे बीीच मौौजूूद शत्रुुताा दुनि�या ु ा मेंं यीीशुु केे स्वाागत मेंं शैैताान
कीी आत्माा सबसेे स्पष्ट रूप सेे प्रदर्शि�त हुई थीी। यहूदि�योंं� द्वााराा उसेे अस्वीीकाार करनेे काा मुुख्य काारण
यह नहींं� थाा कि� वह सांं�साारि�क धन, वैैभव, याा भव्यताा केे बि�नाा प्रकट हुआ थाा। उन्होंं�नेे देेखाा कि� उसकेे
पाास ऐसीी शक्ति� हैै जोो इन बााहरीी लााभोंं� केे अभााव कीी बड़ेे पैैमाानेे पर क्षति�पूूर्ति� करेेगीी। परन्तुु मसीीह
कीी नि�र्दोोषताा और पवि�त्रताा नेे उसकेे वि�रुद्ध दुष्ु टोंं� कीी घृृणाा कोो उत्पन्न कि�याा। उनकाा आत्म-त्यााग और
नि�ष्पााप भक्ति� काा जीीवन घमंं डीी, वि�षयाासक्‍‍त लोोगोंं� केे लि�ए एक सतत फटकाार थाा। यह वह थाा जि�सनेे
परमेेश्वर केे पुुत्र केे प्रति� शत्रुुताा पैैदाा कीी। शैैताान और दुष्ु ट स्वर्गगदूू त दुष्ु ट लोोगोंं� केे सााथ मि�ल गए। धर्मम-
त्यााग कीी सभीी शक्ति�योंं� नेे सत्य केे उत्सााहीी पक्षसमर्थथक केे खि�लााफ सााजि�श रचीी।
मसीीह केे अनुुयाायि�योंं� केे प्रति� वहीी शत्रुुताा प्रकट होोतीी हैै जोो उनकेे स्वाामीी केे प्रति� प्रकट हुई थीी। जोो
कोोई भीी पााप केे प्रति�काारक चरि�त्र कोो देेखताा हैै, और स्वर्गग कीी शक्ति� सेे प्रलोोभन काा वि�रोोध करताा हैै,
नि�श्चि�ित रूप सेे शैैताान और उसकीी प्रजाा केे क्रोोध कोो भड़कााएगाा। जब तक पााप और पाापीी रहेंंगेे तब तक
सत्य केे पवि�त्र सि�द्धांं�तोंं� सेे घृृणाा, और इसकेे समर्थथकोंं� काा ति�रस्काार और उत्पीीड़न मौौजूूद रहेेगाा। मसीीह
केे अनुुयाायीी और शैैताान केे सेेवक साामंं जस्य नहींं� बनाा सकतेे। क्रूूस काा अपरााध बंं द नहींं� हुआ हैै। «पर
जि�तनेे मसीीह यीीशुु मेंं भक्‍ति�ि� केे सााथ जीीवन बि�ताानाा चााहतेे हैंं वेे सब सतााए जााएँँगेे।» 2 तीीमुुथि�युसु 3:12।
परमेेश्वर कीी सत्ताा केे वि�रोोध मेंं शैैताान केे प्रति�नि�धि� उसकेे अधि�काार कोो स्थाापि�त करनेे और उसकेे
रााज्य काा नि�र्माा�ण करनेे केे लि�ए लगााताार उसकेे नि�र्देेशन मेंं कााम कर रहेे हैंं। इसकेे लि�ए वेे मसीीह केे
अनुुयाायि�योंं� कोो धोोखाा देेनाा चााहतेे हैंं और उन्हेंं उनकीी नि�ष्ठाा सेे दूू र करनाा चााहतेे हैंं। अपनेे अगुुवेे कीी
तरह, वेे अपनेे उद्देेश्य कोो पूूराा करनेे केे लि�ए पवि�त्रशाास्त्र काा गलत अर्थथ नि�काालतेे हैंं और उसेे वि�कृृ त
करतेे हैंं। जैैसेे शैैताान नेे परमेेश्वर कोो बदनााम करनेे काा प्रयाास कि�याा, वैैसेे हीी उसकेे काारिं�ंदेे परमेेश्वर केे
लोोगोंं� कोो बदनााम करनेे कीी कोोशि�श करतेे हैंं। वह आत्माा जि�स नेे मसीीह कोो माार डाालाा, दुष्ु टोंं� कोो उसकेे
अनुुयाायि�योंं� कोो नष्ट करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करतीी हैै। यह सब उस पहलीी भवि�ष्यद्वााणीी मेंं प्रति�बि�म्बि�त हैै:
“मैंं तेेरेे और इस स्त्रीी केे बीीच मेंं, और तेेरेे वंं श और इसकेे वंं श केे बीीच मेंं बैैर उत्पन्‍‍न करूंंगाा।” और
यह समय केे अंंत तक जाारीी रहेेगाा।
शैैताान अपनीी साारीी सेेनाा बुुलााताा हैै और युुद्ध मेंं अपनीी पूूरीी शक्ति� झोंं�क देेताा हैै। ऐसाा क्योंं� हैै कि� उसेे
अधि�क प्रति�रोोध काा साामनाा नहींं� करनाा पड़ताा? मसीीह केे योोद्धाा इतनेे उनिं�दां ा और उदाासीीन क्योंं� हैंं? क्योंं�कि�
मनुष्य और शैतान के बीच शत् 355

उनकाा मसीीह केे सााथ बहुत कम वाास्तवि�क संं बंंध हैै; क्योंं�कि� उनमेंं उसकेे आत्माा कीी बहुत कमीी हैै। पााप
उनकेे लि�ए घृृणाास्पद और घि�नौौनाा नहींं� हैै, जैैसाा कि� उनकेे स्वाामीी केे लि�ए थाा। वेे इसकाा नि�र्णााय� क और
दृढ़ प्रति�रोोध केे सााथ साामनाा नहींं� करतेे, जैैसाा कि� मसीीह नेे कि�याा। वेे पााप कीी अत्यधि�क बुुरााई और दुष्ु टताा
कोो महसूूस नहींं� करतेे हैंं, और वेे संं साार केे सरदाार केे चरि�त्र और शक्ति� दोोनोंं� केे प्रति� अंंधेे हैंं। शैैताान और
उसकेे काार्योंं केे प्रति� बहुत कम शत्रुुताा हैै, क्योंं�कि� उसकीी शक्ति� और द्वेेष और मसीीह और उसकीी कलीीसि�याा
केे वि�रुद्ध उसकेे युुद्ध कीी वि�शााल सीीमाा केे संं बंंध मेंं बहुत अधि�क अज्ञाानताा हैै। बड़ीी संं ख्याा मेंं लोोग यहाँँ�
भ्रमि�त हैंं। वेे नहींं� जाानतेे कि� उनकाा दुश्म ु न एक शक्ति�शाालीी सेेनाापति� हैै जोो दुष्ु ट स्वर्गगदूू तोंं� केे दि�मााग कोो
नि�यंं त्रि�त करताा हैै, और वह अच्छीी तरह सेे परि�पक्व योोजनााओंं और कुु शल आंंदोोलनोंं� केे द्वााराा आत्मााओंं
केे उद्धाार कोो रोोकनेे केे लि�ए मसीीह केे खि�लााफ युुद्ध कर रहाा हैै। कथि�त मसीीहि�योंं� केे बीीच, और यहांं� तक
कि� सुुसमााचाार केे प्रचाारकोंं� केे बीीच भीी, उपदेेश-मंं च सेे एक आकस्मि�क उल्लेेख केे सि�वााय, शाायद हीी कभीी
शैैताान केे संं दर्भभ मेंं सुुनाा जााताा हैै। वेे उसकीी नि�रन्तर गति�वि�धि� और सफलताा केे प्रमााणोंं� कोो अनदेेखाा कर
देेतेे हैंं; वेे उसकीी धूूर्ततताा केे कई संं केेतोंं� कीी उपेेक्षाा करतेे हैंं; वेे उसकेे अस्ति�त्व कीी उपेेक्षाा करतेे प्रतीीत होोतेे हैंं।
जबकि� मनुुष्य उसकेे उपकरणोंं� सेे अनभि�ज्ञ हैंं, यह सतर्कक शत्रुु हर पल उस पर नज़र रखेे हुए हैै।
वह घर केे हर वि�भााग मेंं, हमाारेे शहरोंं� कीी हर गलीी मेंं, कलीीसि�यााओंं मेंं, रााष्ट्रीी�य सभााओंं मेंं, न्यााय कीी
अदाालतोंं� मेंं अनुुचि�त रूप सेे प्रवेेश कर रहाा हैै, हर जगह पुुरुषोंं�, महि�लााओंं और बच्चोंं� कीी आत्माा और
देेह कोो बर्बाा�द कर रहाा हैै, परि�वाारोंं� कोो तोोड़ रहाा हैै, घृृणाा, अनुुकरण, कलह, देेशद्रोोह, हत्याा केे बीीज बोो
रहाा हैै। और ऐसाा प्रतीीत होोताा हैै कि� मसीीहीी जगत इन बाातोंं� कोो ऐसेे माानताा हैै माानोो परमेेश्वर नेे उन्हेंं
नि�युुक्त कि�याा हैै और उन्हेंं अस्ति�त्व मेंं होोनाा चााहि�ए।
शैैताान लगााताार उन बााधााओंं कोो तोोड़कर, जोो उन्हेंं दुनि�या ु ा सेे अलग करतीी हैंं, परमेेश्वर केे लोोगोंं� पर
वि�जय पाानेे कीी कोोशि�श कर रहाा हैै। प्रााचीीन इस्रााएलीी पााप मेंं फंं स गए थेे जब उन्होंं�नेे अन्यजााति�योंं� केे सााथ
वर्जि�त संं गति� करनेे काा जोोखि�म उठाायाा। इसीी प्रकाार आधुुनि�क इस्रााएल पथभ्रष्ट हैंं। «और उन अवि�श्वा�-
सि�योंं� केे लि�ये,े जि�न कीी बुुद्धि� इस संं साार केे ईश्‍‍वर नेे अंंधीी कर दीी हैै, तााकि� मसीीह जोो परमेेश्वर काा प्रति�रूप
हैै, उसकेे तेेजोोमय सुुसमााचाार काा प्रकााश उन पर न चमकेे ।» 2 कुु रि�न्थि�योंं� 4:4। वेे सभीी जोो मसीीह केे
नि�श्चि�ित अनुुयाायीी नहींं� हैंं, शैैताान केे सेेवक हैंं। ज़ि�द्दीी मन मेंं पााप केे लि�ए प्रेेम हैै और इसेे संं जोोनेे और क्षमाा
करनेे कीी प्रवृृत्ति� हैै। नवीीकृृ त हृदय मेंं पााप केे प्रति� घृृणाा और उसकेे वि�रुद्ध दृढ़ प्रति�रोोध हैै। जब मसीीहीी
अधर्मीी और अवि�श्वाासि�योंं� केे समााज कोो चुुनतेे हैंं, तोो वेे खुुद कोो प्रलोोभन मेंं डाालतेे हैंं। शैैताान अपनेे आप
कोो आँँखोंं� सेे ओझल करताा हैै, और चुुपकेे सेे उनकीी आंंखोंं� पर अपनेे छल काा परदाा डााल देेताा हैै। वेे यह
नहींं� देेख सकतेे कि� ऐसीी संं गति� उन्हेंं नुुकसाान पहुंंचाानेे केे लि�ए बनााई गई हैै; और हर समय चरि�त्र, शब्दोंं�
और काार्योंं मेंं दुनि�या
ु ा कोो आत्मसाात करतेे हुए, वेे अधि�क सेे अधि�क अंंधेे होोतेे जाा रहेे हैंं।
सांं�साारि�क रीीति�-रि�वााज़ोंं� सेे अनुुरूपताा कलीीसि�याा कोो दुनि�या ु ा मेंं परि�वर्ति�त कर देेताा हैै; यह दुनि�याु ा
कोो कभीी भीी मसीीह मेंं परि�वर्ति�त नहींं� करताा हैै। पााप केे सााथ परि�चि�त होोनेे केे काारण यह अनि�वाार्यय रूप
सेे कम प्रति�काारक दि�खााई देेगाा। जोो शैैताान केे सेेवकोंं� कीी संं गति� करनाा चुुनताा हैै, वह जल्द हीी अपनेे
स्वाामीी सेे डरनाा बंं द कर देेगाा। जब कर्ततव्य केे माार्गग मेंं हमेंं परीीक्षाा मेंं लाायाा जााताा हैै, जैैसाा कि� रााजाा केे
दरबाार मेंं दाानि�य्येेल कोो लाायाा गयाा थाा, तोो हम नि�श्चि�ित होो सकतेे हैंं कि� परमेेश्वर हमाारीी रक्षाा करेेगाा;
लेेकि�न अगर हम खुुद कोो प्रलोोभन मेंं डाालतेे हैंं तोो हम देेर-सवेेर गि�र हीी पड़ेंंगेे।
356 महाान वि�वााद

प्रलोोभक अक्सर उन लोोगोंं� केे मााध्यम सेे सबसेे अधि�क सफलताापूूर्ववक कााम करताा हैै जि�न पर
उसकेे नि�यंं त्रण मेंं होोनेे काा कम सेे कम संं देेह होोताा हैै। प्रति�भाा और शि�क्षाा केे धाारकोंं� कीी सरााहनाा कीी
जाातीी हैै और उनकाा सम्माान कि�याा जााताा हैै, जैैसेे कि� येे गुुण परमेेश्वर केे भय केे अभााव काा प्रााय-
श्चि�ित कर सकतेे हैंं याा लोोगोंं� कोो उसकीी कृृ पाा दृष्टि�ि केे दाावेेदाार बनाा सकतेे हैंं। प्रति�भाा और संं स्कृृति�
अपनेे आप मेंं परमेेश्वर कीी देेन हैै; लेेकि�न जब येे धर्ममपराायणताा केे स्थाान कीी आपूूर्ति� करनेे केे लि�ए
बनााए जाातेे हैंं, जब आत्माा कोो परमेेश्वर केे नि�कट लाानेे केे बजााय, वेे उससेे दूू र होो जाातेे हैंं, तब वेे
एक अभि�शााप और एक जााल बन जाातेे हैंं। कई लोोगोंं� केे सााथ यह रााय प्रचलि�त हैै कि� जोो कुु छ
शि�ष्टााचाार याा शुुद्धि�करण जैैसाा प्रतीीत होोताा हैै, वह कि�सीी न कि�सीी अर्थथ मेंं मसीीह सेे संं बंं धि�त होोनाा
चााहि�ए। इससेे बड़ीी गलतीी कभीी नहींं� हुई। इन गुुणोंं� कोो प्रत्येेक मसीीहीी केे चरि�त्र मेंं शोोभि�त होोनाा
चााहि�ए, क्योंं�कि� वेे सच्चेे धर्मम केे पक्ष मेंं एक शक्ति�शाालीी प्रभााव डाालेंंगेे; लेेकि�न उन्हेंं परमेेश्वर केे
लि�ए समर्पि�त होोनाा चााहि�ए, याा वेे भीी बुुरााई केे लि�ए शक्ति� हैंं। बहुत सेे सुुसंंस्कृृत बुुद्धि� और मनोोहर
शि�ष्टााचाार केे व्यक्ति�, जोो आमतौौर पर एक अनैैति�क काार्यय केे रूप मेंं माानाा जाानेे वाालाा अपमाानजनक
काार्यय नहींं� करेंं गेे, शैैताान केे हााथोंं� मेंं एक सुुसंंस्कृृत उपकरण माात्र हैंं। उनकेे प्रभााव और उदााहरण
काा कपटीी, भ्राामक चरि�त्र उन्हेंं अज्ञाानीी और असंं स्कृृत लोोगोंं� कीी तुुलनाा मेंं मसीीह केे काारण अधि�क
खतरनााक दुश्म ु न बनाा देेताा हैै।
ईमाानदाारीी सेे कीी गई प्राार्थथनाा केे द्वााराा और ईश्वर पर नि�र्भभरताा केे द्वााराा, सुुलैैमाान नेे ज्ञाान प्रााप्त कि�याा
जि�सनेे दुनि�या
ु ा केे आश्चर्यय और प्रशंं साा कोो उत्सााहि�त कि�याा। लेेकि�न जब वह अपनीी तााकत केे स्रोोत
सेे दूू र होो गयाा, और खुुद पर भरोोसाा करतेे हुए आगेे बढ़ाा, तोो वह प्रलोोभन काा शि�काार होो गयाा। तब
रााजााओंं मेंं इस सबसेे बुुद्धि�माान रााजाा कोो दीी गई अद्भु ् ुत शक्ति�योंं� नेे हीी उसेे आत्मााओंं केे वि�रोोधीी काा
अधि�क प्रभाावीी एजेंंट बनाा दि�याा।
जबकि� शैैताान लगााताार उनकेे दि�मााग कोो इस तथ्य केे प्रति� अंंधाा करनेे कीी कोोशि�श कर रहाा हैै,
मसीीहि�योंं� कोो यह कभीी नहींं� भूूलनाा चााहि�ए कि� उनकाा «यह मल्लयुुद्ध लहू और मांं�स सेे नहींं� परन्तुु
प्रधाानोंं� सेे, और अधि�काारि�योंं� सेे, और इस संं साार केे अन्धकाार केे हााकि�मोंं� सेे और उसकीी आत्मि�क
सेेनााओंं सेे हैै जोो आकााश मेंं हैंं।» इफि�सि�योंं� 6:12, माार्जि�न। प्रेेरि�त चेेताावनीी सदि�योंं� सेे हमाारेे समय तक
सुुनााई देे रहीी हैै: «सचेेत होो, और जाागतेे रहोो; क्योंं�कि� तुुम्हााराा वि�रोोधीी शैैताान गर्जजनेे वाालेे सिं�हं केे समाान
इस खोोज मेंं रहताा हैै कि� कि�स कोो फााड़ खााए।» 1 पतरस 5:8। «परमेेश्वर केे साारेे हथि�याार बाँँ�ध लोो
कि� तुुम शैैताान कीी युुक्ति�योंं� केे साामनेे खड़ेे रह सकोो।» इफि�सि�योंं� 6:11।
आदम केे दि�नोंं� सेे लेेकर हमाारेे अपनेे समय तक, हमााराा महाान शत्रुु अपनीी शक्ति� काा प्रयोोग
अत्यााचाार और वि�नााश करनेे केे लि�ए करताा रहाा हैै। वह अब कलीीसि�याा केे खि�लााफ अपनेे आखि�रीी
अभि�याान कीी तैैयाारीी कर रहाा हैै। वेे सभीी जोो यीीशुु काा अनुुसरण करनाा चााहतेे हैंं, उनकाा इस नि�र्ददयीी
शत्रुु केे सााथ संं घर्षष होोगाा। मसीीहीी जि�तनीी अधि�क घनि�ष्टताा सेे ईश्वरीीय स्वरूप काा अनुुकरण करताा हैै,
उतनीी हीी नि�श्चि�ितताा सेे वह शैैताान केे हमलोंं� केे लि�ए खुुद कोो एक लक्ष्य बनाा लेेगाा। वेे सभीी जोो सक्रि�य
रूप सेे परमेेश्वर केे काार्यय मेंं लगेे हुए हैंं, जोो शैैताान केे धोोखेे काा पर्दाा�फााश करनाा चााहतेे हैंं और मसीीह कोो
लोोगोंं� केे साामनेे पेेश करनाा चााहतेे हैंं, वेे पौौलुुस कीी उस गवााहीी मेंं शाामि�ल होो सकेंं गेे, जि�समेंं वह मन कीी
पूूरीी वि�नम्रताा, कई आँँसुुओं ं और प्रलोोभनोंं� केे सााथ प्रभुु कीी सेेवाा करनेे कीी बाात करताा हैै।
मनुष्य और शैतान के बीच शत् 357

शैैताान नेे अपनेे भयंं कर और धूूर्तत प्रलोोभनोंं� केे सााथ मसीीह पर हमलाा कि�याा, लेेकि�न उसेे हर संं घर्षष
मेंं खदेेड़ दि�याा गयाा। वेे लड़ााइयाँँ� हमाारीी खााति�र लड़ीी गईं; वेे वि�जयेंं हमाारेे लि�ए वि�जय प्रााप्त करनाा संं भव
बनाातीी हैंं। मसीीह उन सभीी कोो साामर्थ्यय देेगाा जोो इसेे माँँ�गतेे हैंं। कोोई भीी मनुुष्य अपनीी स्वयंं कीी सहमति�
केे बि�नाा शैैताान केे द्वााराा परााजि�त नहींं� कि�याा जाा सकताा हैै। भरमाानेे वाालेे मेंं इच्छाा-शक्ति� कोो नि�यंं त्रि�त
करनेे याा आत्माा कोो पााप करनेे केे लि�ए मजबूूर करनेे कीी शक्ति� नहींं� हैै। वह परेेशाान होो सकताा हैै, लेेकि�न
वह दूू षि�त नहींं� कर सकताा। वह पीीड़ाा काा काारण बन सकताा हैै, पर मलि�नताा काा नहींं�। इस तथ्य सेे कि�
मसीीह नेे वि�जय प्रााप्त कीी हैै, उसकेे अनुुयाायि�योंं� कोो सााहस केे सााथ पााप और शैैताान केे खि�लााफ लड़ााई
लड़नेे केे लि�ए प्रेेरि�त होोनाा चााहि�ए।
31

दुष्ु ट आत्मााओं ं केे मााध्यम

अ दृश्य संं साार केे सााथ दृश्यमाान काा संं बंं ध, परमेेश्वर केे स्वर्गगदूू तोंं� कीी सेेवकााई, और दुष्ु ट आत्मााओंं
काा सााधन, पवि�त्रशाास्त्र मेंं स्पष्ट रूप सेे प्रकट होोतेे हैंं, और माानव इति�हाास केे सााथ अवि�च्छि�न्न
रूप सेे जुुड़ेे हुए हैंं। दुष्ु ट आत्मााओंं केे अस्ति�त्व मेंं अवि�श्वाास करनेे कीी प्रवृृत्ति� बढ़तीी जाा रहीी हैै, जबकि�
पवि�त्र स्वर्गगदूू त जोो «उनकीी सेेवाा करतेे हैंं जोो उद्धाार केे वाारि�स होंं�गेे» (इब्राानि�योंं� 1:14) उन्हेंं कई लोोगोंं�
द्वााराा मृृतकोंं� कीी आत्मााओंं केे रूप मेंं माानाा जााताा हैै। लेेकि�न पवि�त्रशाास्त्र न केे वल अच्छेे और बुुरेे दोोनोंं�
तरह केे स्वर्गगदूू तोंं� केे अस्ति�त्व कीी शि�क्षाा देेताा हैै, बल्कि� नि�र्वि�वााद प्रमााण प्रस्तुुत करताा हैै कि� येे मरेे हुए
मनुुष्योंं� कीी देेह-मुुक्त आत्मााएँँ नहींं� हैंं।
मनुुष्य केे सृृजन सेे पहलेे, स्वर्गगदूू त अस्ति�त्व मेंं थेे; क्योंं�कि� जब पृृथ्वीी कीी नींं�व डाालीी गई, तब “भोोर
केे ताारेे एक संं ग आनन्द सेे गाातेे थेे और परमेेश्वर केे सब पुुत्र जयजयकाार करतेे थेे।” अय्यूूब 38:7।
मनुुष्य केे पतन केे बााद, जीीवन केे वृृक्ष कीी रक्षाा केे लि�ए स्वर्गगदूू तोंं� कोो भेेजाा गयाा थाा, और इससेे पहलेे
कि� कोोई मनुुष्य मरताा। स्वर्गगदूू त प्रकृृ ति� मेंं मनुुष्योंं� सेे श्रेेष् ठ हैंं, क्योंं�कि� भजनकाार कहताा हैै कि� मनुुष्य कोो
“स्वर्गगदूू तोंं� सेे थोोड़ाा हीी कम” बनाायाा गयाा थाा। « भजन संं हि�ताा 8:5।
हमेंं पवि�त्रशाास्त्र मेंं स्वर्गीीय प्रााणि�योंं� कीी संं ख्याा, और शक्ति� और महि�माा केे बाारेे मेंं, परमेेश्वर कीी
सत्ताा केे सााथ उनकेे संं बंं ध केे बाारेे मेंं, और छुु टकाारेे केे काार्यय केे सााथ उनकेे संं बंं ध केे बाारेे मेंं भीी बताायाा
गयाा हैै। «यहोोवाा नेे तोो अपनाा सिं�हां ासन स्वर्गग मेंं स्थि�र कि�याा हैै, और उसकाा रााज्य पूूरीी सृृष्टि�ि पर हैै।»
और, भवि�ष्यद्वक्ताा कहताा हैै, «मैंंनेे उस सिं�हां ासन और उन प्रााणि�योंं� केे चाारोंं� ओर बहुत सेे स्वर्गगदूू -
तोंं� काा शब्द सुुनाा।» रााजााओंं केे रााजाा कीी उपस्थि�ति� कक्ष मेंं वेे प्रतीीक्षाा करतेे हैंं— “स्वर्गगदूू त, जि�न
कीी गि�नतीी लााखोंं� और करोोड़ोंं� कीी थीी,” “उसकेे टहलुुए, जोो उसकीी इच्छाा पूूरीी करतेे हैंं,” “उसकेे
वचन केे मााननेे सेे उसकोो पूूराा करतेे हैंं।” भजन संं हि�ताा 103:19-21; प्रकााशि�तवााक्य 5:11। लााखोंं�
और करोोड़ोंं� स्वर्गीीय संं देेशवााहक दाानि�य्येेल द्वााराा देेखेे गए थेे। प्रेेरि�त पौौलुुस नेे उन्हेंं “लााखोंं� स्वर्गगदूू त”
घोोषि�त कि�याा। दाानि�य्येेल 7:10; इब्राानि�योंं� 12:22। परमेेश्वर केे दूू त केे रूप मेंं, वेे «बि�जलीी केे सेे»
नि�कलतेे हैंं, (यहेेजकेेल 1:14), उनकीी महि�माा इतनीी तेेज होोतीी हैै, और उनकीी उड़ाान इतनीी तेेज होोतीी
दुष्ट आत्माओं के म 359

हैै। उद्धाारकर्ताा� कीी कब्र पर जोो दूू त प्रकट हुआ, उसकाा रूप «बि�जलीी काा साा और उसकाा वस्त्र पाालेे
केे समाान उज्ज्वल थाा। उसकेे भय सेे पहरुए काँँ�प उठेे , और मृृतक समाान होो गए।» मत्तीी 28:3,4।
जब अहंंकाारीी अश्शूूरीी सन्हेेरीीब नेे परमेेश्वर कोो उलााहनाा दीी और उसकीी नि�न्दाा कीी, और इस्रााएल कोो
वि�नााश कीी धमकीी दीी, “उसीी राात मेंं क्याा हुआ कि� यहोोवाा केे दूू त नेे नि�कलकर अश्शूूरि�योंं� कीी छाावनीी
मेंं एक लााख पचाासीी हज़ाार पुुरुषोंं� कोो मााराा।” सन्हेेरीीब कीी सेेनाा मेंं सेे «सब शूूरवीीरोंं�, प्रधाानोंं� और
सेेनाापति�योंं� कोो नष्ट कि�याा» गयाा। «अत: वह लज्जि�ित होोकर अपनेे देेश कोो लौौट गयाा।» 2 रााजाा
19:35; 2 इति�हाास 32:21।
परमेेश्वर कीी सन्ताान केे पाास दयाा केे वि�शेेष काार्योंं केे लि�ए स्वर्गगदूू त भेेजेे जाातेे हैंं। अब्रााहम केे
पाास आशीीष कीी प्रति�ज्ञााओंं केे सााथ; सदोोम केे फााटकोंं� पर, कि� धर्मीी लूूत कोो उसकीी आग कीी आग
सेे बचााए; एलि�य्यााह केे पाास, जब वह जंं गल मेंं थकाावट और भूूख सेे मरनेे पर थाा; एलीीशाा केे पाास,
रथोंं� और आग केे घोोड़ोंं� केे सााथ उस छोोटेे सेे शहर केे चाारोंं� ओर जहांं� वह अपनेे शत्रुुओं ं द्वााराा घि�राा
हुआ थाा; दाानि�य्येेल केे पाास, जब वह एक मूूर्ति�पूूजक रााजाा केे दरबाार मेंं ईश्वरीीय ज्ञाान कीी तलााश कर
रहाा थाा, याा शेेरोंं� काा शि�काार बननेे केे लि�ए छोोड़ दि�याा गयाा थाा; पतरस केे पाास, जब वह हेेरोोदेेस कीी
काालकोोठरीी मेंं मौौत केे घााट उतााराा जाानेे वाालाा थाा; फि�लि�प्पीी केे बन्दि�योंं� केे पाास; समुुद्र कीी आंंधीी कीी
राात मेंं पौौलुुस और उसकेे सााथि�योंं� केे पाास; सुुसमााचाार प्रााप्त करनेे केे लि�ए कुु रनेेलि�युुस केे दि�मााग कोो
खोोलनेे केे लि�ए; पतरस कोो अन्यजााति�योंं� केे लि�ए उद्धाार केे संं देेश केे सााथ भेेजनेे केे लि�ए - इस प्रकाार
पवि�त्र स्वर्गगदूू तोंं� नेे सभीी युुगोंं� मेंं, परमेेश्वर केे लोोगोंं� कीी सेेवाा कीी।
मसीीह केे प्रत्येेक अनुुयाायीी केे लि�ए एक अभि�भाावक स्वर्गगदूू त नि�युुक्त कि�याा जााताा हैै। येे स्वर्गीीय
पहरेेदाार धर्मीी कोो दुष्ु ट केे हााथ सेे बचाातेे हैंं। यह शैैताान स्वयंं पहचाान गयाा जब उसनेे कहाा: «क्याा
अय्यूूब परमेेश्वर काा भय बि�नाा लााभ केे माानताा हैै? क्याा तूू नेे उसकीी, और उसकेे घर कीी, और जोो
कुु छ उसकाा हैै उसकेे चाारोंं� ओर बााड़ाा नहींं� बाँँ�धाा? « अय्यूूब 1:9,10। वह मााध्यम जि�सकेे द्वााराा परमेे-
श्वर अपनेे लोोगोंं� कीी रक्षाा करताा हैै, भजनकाार केे शब्दोंं� मेंं प्रस्तुुत कि�याा गयाा हैै: «यहोोवाा केे डरवैैयोंं�
केे चाारोंं� ओर उसकाा दूू त छाावनीी कि�ए हुए उनकोो बचााताा हैै।» भजन संं हि�ताा 34:7। उद्धाारकर्ताा� नेे
उन लोोगोंं� केे बाारेे मेंं कहाा जोो उस पर वि�श्वाास करतेे हैंं: «देेखोो, तुुम इन छोोटोंं� मेंं सेे कि�सीी कोो तुुच्छ न
जााननाा; क्योंं�कि� मैंं तुुम सेे कहताा हूँँ कि� स्वर्गग मेंं उनकेे दूू त मेेरेे स्वर्गीीय पि�ताा काा मुँँ�ह सदाा देेखतेे हैंं।»
मत्तीी 18:10। परमेेश्वर कीी संं ताानोंं� कीी सेेवाा करनेे केे लि�ए नि�युुक्त कि�ए गए स्वर्गगदूू तोंं� केे पाास हर समय
उसकीी उपस्थि�ति� तक पहुँँच होोतीी हैै।
इस प्रकाार, परमेेश्वर केे लोोगोंं� कोो, जोो संं साार केे सरदाार कीी भ्राामक शक्ति� और सक्रि�य द्वेेष केे
संं पर्कक मेंं हैंं, और बुुरााई कीी सभीी तााकतोंं� केे सााथ संं घर्षष मेंं हैंं, स्वर्गीीय स्वर्गगदूू तोंं� कीी नि�रंंतर संं रक्षकताा
काा आश्वाासन दि�याा जााताा हैै। न हीी ऐसाा आश्वाासन बि�नाा ज़रुरत केे दि�याा जााताा हैै। यदि� परमेेश्वर नेे
अपनेे बच्चोंं� कोो अनुुग्रह और सुुरक्षाा काा वाादाा दि�याा हैै, तोो ऐसाा इसलि�ए हैै क्योंं�कि� बुुरााई केे शक्ति�शाालीी
मााध्यमोंं� काा साामनाा कि�याा जाानाा हैै - अनगि�नत, दृढ़-नि�श्चयीी और अथक मााध्यम, जि�नकीी दुर्भा ु ा�वनाा
और शक्ति� सेे कोोई भीी सुुरक्षि�त रूप सेे अनभि�ज्ञ याा असाावधाान नहींं� होो सकताा।
शुुरुआत मेंं पाापरहि�त बनााई गईं, दुष्ु टाात्मााएँँ प्रकृृ ति�, शक्ति� और महि�माा मेंं उन पवि�त्र प्रााणि�योंं� केे
समाान थींं� जोो अब परमेेश्वर केे दूू त हैंं। परन्तुु पााप केे काारण पति�त होोकर, वेे परमेेश्वर केे अपमाान
360 महाान वि�वााद

और मनुुष्योंं� केे वि�नााश केे लि�येे एकजुुट होो गई हैै। शैैताान केे वि�द्रोोह मेंं उसकेे सााथ एकजुुट होोकर,
और उसकेे सााथ स्वर्गग सेे नि�काालेे जाानेे केे बााद, उन्होंं�नेे सभीी उत्तरगाामीी युुगोंं� मेंं, ईश्वरीीय अधि�काार केे
खि�लााफ उसकेे युुद्ध मेंं उसकाा सााथ दि�याा। पवि�त्रशाास्त्र मेंं हमेंं उनकेे संं घ और रााज केे बाारेे मेंं, उनकेे
वि�भि�न्न वर्गोंं केे बाारेे मेंं, उनकीी सुुबोोधताा और धूूर्ततताा केे बाारेे मेंं, और मनुुष्य कीी शांं�ति� और खुुशीी केे
खि�लााफ उनकेे दुर्भा ु ा�वनाापूूर्णण इराादोंं� केे बाारेे मेंं बताायाा गयाा हैै।
पुुराानेे नि�यम काा इति�हाास उनकेे अस्ति�त्व और मााध्यम काा यदाा-कदाा उल्लेेख प्रस्तुुत करताा हैै;
लेेकि�न यह उस समय केे दौौराान थाा जब मसीीह पृृथ्वीी पर थाा कि� दुष्ु टाात्मााओंं नेे अपनीी शक्ति� कोो सबसेे
आश्चर्ययजनक तरीीकेे सेे प्रकट कि�याा। मसीीह मनुुष्य केे छुु टकाारेे केे लि�ए तैैयाार कीी गई योोजनाा मेंं प्रवेेश
करनेे केे लि�ए आयाा थाा, और शैैताान नेे दुनि�या ु ा कोो नि�यंं त्रि�त करनेे केे अपनेे अधि�काार काा दाावाा करनेे
काा नि�श्चय कि�याा। वह फि�लि�स्तीीन कीी भूूमि� कोो छोोड़कर पृृथ्वीी केे हर हि�स्सेे मेंं मूूर्ति�पूूजाा स्थाापि�त करनेे
मेंं सफल रहाा थाा। एकमाात्र रााज्य केे लि�ए जोो पूूरीी तरह सेे भरमाानेे वाालेे केे प्रभााव केे अधीीन नहींं� हुआ
थाा, मसीीह लोोगोंं� पर स्वर्गग काा प्रकााश डाालनेे केे लि�ए आयाा थाा। यहांं� दोो प्रति�द्वंं द्वीी शक्ति�योंं� नेे वर्चचस्व काा
दाावाा कि�याा। यीीशुु प्रेेम काा हााथ बढ़ाा रहाा थाा, और उन सभीी कोो आमंं त्रि�त कर रहाा थाा जोो उसमेंं क्षमाा
और शांं�ति� पाानाा चााहतेे हैंं। अन्धकाार कीी सेेनााओंं नेे देेखाा कि� उनकेे पाास असीीमि�त नि�यंं त्रण नहींं� थाा,
और वेे समझ गए कि� यदि� मसीीह काा मि�शन सफल होोगाा, तोो उनकाा आधि�पत्य जल्द हीी समााप्त होो
जााएगाा। शैैताान एक जंं जीीर सेे बंं धेे हुए शेेर कीी तरह भड़क उठाा और उसनेे मनुुष्योंं� केे शरीीर केे सााथ-
सााथ उनकीी आत्मााओंं पर भीी ललकाारतेे हुए अपनीी शक्ति� काा प्रदर्शशन कि�याा।
यह तथ्य कि� मनुुष्य दुष्ु टाात्मााओंं सेे ग्रसि�त रहेे हैंं, नए नि�यम मेंं स्पष्ट रूप सेे कहाा गयाा हैै। इस प्रकाार
पीीड़ि�त व्यक्ति� केे वल प्रााकृृ ति�क काारणोंं� सेे होोनेे वाालीी बीीमाारीी सेे पीीड़ि�त नहींं� थेे। मसीीह केे पाास इस बाात
कीी पूूर्णण समझ थीी कि� वह कि�सकाा साामनाा कर रहाा थाा, और वह दुष्ु टाात्मााओंं कीी प्रत्यक्ष उपस्थि�ति� और
मााध्यम कोो पहचाानताा थाा।
उनकीी संं ख्याा, शक्ति� और दुर्भा ु ा�वनाा काा एक उल्लेेखनीीय उदााहरण, और मसीीह कीी साामर्थ्यय और
दयाा काा भीी, पवि�त्रशाास्त्र मेंं गदराा मेंं दुष्ु टाात्मााग्रस्त व्यक्ति�योंं� कीी चंं गााई केे वि�वरण मेंं दि�याा गयाा हैै। वेे
दयनीीय पाागल, साारेे संं यम कोो ठुु कराातेे हुए, करााहतेे हुए, फेे न भरतेे हुए, क्रोोधि�त होोतेे हुए, वााताावरण
कोो अपनीी चीीखोंं� सेे भर रहेे थेे, स्वयंं केे प्रति� हिं�सां ा कर रहेे थेे, और अपनेे पाास आनेे वाालेे सभीी लोोगोंं� कोो
खतरेे मेंं डााल रहेे थेे। उनकेे खूून सेे लथपथ और वि�कृृ त शरीीर और वि�चलि�त मन नेे संं साार केे सरदाार कोो
अच्छीी तरह सेे प्रसन्न करनेे वाालाा तमााशाा प्रस्तुुत कि�याा। पीीड़ि�तोंं� कोो नि�यंं त्रि�त करनेे वाालीी दुष्ु टाात्मााओंं
मेंं सेे एक नेे घोोषणाा कीी: «मेेराा नााम सेेनाा हैै: क्योंं�कि� हम बहुत हैंं।» मरकुु स 5:9। रोोमन सेेनाा मेंं एक
लशकर मेंं तीीन हज़ाार सेे पाँँ�च हज़ाार पुुरुष होोतेे थेे। शैैताान कीी सेेनााएँँ भीी इकााईयोंं� मेंं क्रमबद्ध होोतीी हैंं,
और जि�स दल सेे येे दुष्ु टाात्मााएंं जुुड़ीी थींं�, उसकीी संं ख्याा कि�सीी सेेनाा सेे कम नहींं� थीी।
यीीशुु केे आदेेश पर दुष्ु ट आत्मााएंं अपनेे शि�काारोंं� कोो वशीीभूूत, सुुबोोध और भद्र अवस्थाा मेंं उद्धा�-
रकर्ताा� केे चरणोंं� मेंं शांं�ति�पूूर्ववक बैैठाा छोोड़ उनमेंं सेे नि�कलकर चलीी गईं। लेेकि�न दुष्ु टाात्मााओंं कोो सूूअरोंं�
केे झुंं�ड कोो समुुद्र मेंं लेे जाानेे कीी अनुुमति� दीी गई; और गदराा केे नि�वाासि�योंं� केे लि�ए इनकाा नुुकसाान
उन आशीीषोंं� सेे अधि�क थाा जोो मसीीह नेे प्रदाान कीी थींं�, और पवि�त्र चंं गााई देेनेे वाालेे सेे मि�न्नत कीी गई
कि� वह वहांं� सेे चलाा जााए। यह वह परि�णााम थाा जि�सेे शैैताान नेे प्रााप्त करनेे केे लि�ए रचाा थाा। अपनेे
दुष्ट आत्माओं के म 361

नुुकसाान काा दोोष यीीशुु पर डाालकर, उसनेे लोोगोंं� केे स्वाार्थीी भय कोो जगाायाा और उन्हेंं उसकेे शब्दोंं� कोो
सुुननेे सेे रोोकाा। शैैताान लगााताार मसीीहि�योंं� पर नुुकसाान, दुर्भा ु ा�ग्य और पीीड़ाा काा काारण होोनेे काा आरोोप
लगाा रहाा हैै, बजााय इसकेे कि� वह निं�दां ा कोो सहीी जगह पर आ पड़नेे देे - अपनेे और अपनेे काारिं�ंदोंं� पर।
लेेकि�न मसीीह केे उद्देेश्य वि�फल नहींं� हुए। उसनेे दुष्ु ट आत्मााओंं कोो सूूअरोंं� केे झुंं�ड कोो नष्ट करनेे
कीी अनुुमति� दीी तााकि� उन यहूदि�योंं� कोो फटकााराा जाा सकेे जोो लााभ केे लि�ए इन अशुुद्ध जाानवरोंं� कोो
पााल रहेे थेे। यदि� मसीीह नेे दुष्ु टाात्मााओंं कोो नहींं� रोोकाा होोताा, तोो न केे वल सूूअर, बल्कि� उनकेे रखवाालेे
और माालि�क भीी समुुद्र मेंं कूू द जाातेे। रखवाालेे और माालि�क दोोनोंं� काा संं रक्षण केे वल उसकेे साामर्थ्यय केे
काारण थाा, जि�सकाा उनकेे उद्धाार केे लि�ए दयाापूूर्ववक प्रयोोग कि�याा गयाा थाा। इसकेे अलाावाा, इस घटनाा
कोो घटि�त होोनेे कीी अनुुमति� दीी गई तााकि� शि�ष्य मनुुष्य और पशुु दोोनोंं� पर शैैताान केे नि�र्ददयीी अधि�काार
कोो देेख सकेंं । उद्धाारकर्ताा� चााहताा थाा कि� उसकेे अनुुयाायि�योंं� कोो उस शत्रुु काा ज्ञाान होो जि�ससेे वेे मि�लनेे
वाालेे थेे, तााकि� वेे धोोखाा न खााएंं और उसकीी युुक्ति�योंं� सेे परााजि�त न होंं�। उसकीी इच्छाा यह भीी थीी कि�
उस क्षेेत्र केे लोोग शैैताान केे बंं धन कोो तोोड़नेे और उसकेे बंं दि�योंं� कोो छुु ड़ाानेे कीी उसकीी शक्ति� कोो देेखेंं।
और यद्यपि� यीीशुु स्वयंं चलाा गयाा, इतनेे अद्भु ् ुत तरीीकेे सेे छुु ड़ााए गए लोोग, अपनेे परोोपकाारीी कीी दयाा
कीी घोोषणाा करनेे केे लि�ए बनेे रहेे।
इसीी प्रकाार केे अन्य उदााहरण पवि�त्रशाास्त्र मेंं दर्जज हैंं। सुुरूफि�नीीकीी जााति� कीी स्त्रीी कीी बेेटीी मेंं
अशुुद्ध आत्माा थीी, जि�सेे यीीशुु नेे अपनेे वचन सेे नि�कााल दि�याा। (माार्कक 7:26-30)। «एक अंंधाा–गूँँ�गाा
जि�समेंं दुष्ु ट आत्माा थीी» (मत्तीी 12:22); दुष्ु ट आत्माा-ग्रस्त बाालक जि�समेंं गूँँ�गीी आत्माा समााई थीी,
जि�सनेे उसेे «नष्ट करनेे केे लि�येे कभीी आग और कभीी पाानीी मेंं गि�राायाा» (मरकुु स 9:17-27);
«अशुुद्ध आत्माा» (लूूकाा 4:33-36) द्वााराा सताायाा गयाा एक मनुुष्य, कफरनहूम मेंं सब्त कोो आरााध-
नाालय कीी शांं�ति� कोो भंं ग करतेे थेे - सभीी दयाालुु उद्धाारकर्ताा� द्वााराा चंं गेे होो गए। लगभग हर उदााहरण
मेंं, मसीीह नेे दुष्ु टाात्माा कोो एक सुुबोोध हस्तीी केे रूप मेंं संं बोोधि�त कि�याा, उसेे अपनेे शि�काार सेे बााहर
आनेे और उसेे और पीीड़ाा न देेनेे कीी आज्ञाा दीी। कफरनहूम केे उपाासकोंं� कोो, उसकीी परााक्रमीी शक्ति�
कोो देेखतेे हुए, «इस पर अचम्भाा हुआ, और वेे आपस मेंं बाातेंं करकेे कहनेे लगेे, “यह कैै साा वचन
हैै? क्योंं�कि� वह अधि�काार और साामर्थ्यय केे सााथ अशुुद्ध आत्मााओंं कोो आज्ञाा देेताा हैै, और वेे नि�कल
जाातीी हैंं।” लूूकाा 4:36।
जि�न लोोगोंं� मेंं दुष्ु टाात्मााएँँ होोतीी हैंं उन्हेंं आमतौौर पर बड़ीी पीीड़ाा कीी स्थि�ति� मेंं दर्शाा�याा जााताा हैै; फि�र
भीी इस नि�यम केे अपवााद थेे। अलौौकि�क शक्ति� प्रााप्त करनेे केे लि�ए कुु छ नेे शैैताानीी प्रभााव काा स्वाागत
कि�याा। बेेशक इनकाा दुष्ु टाात्मााओंं केे सााथ कोोई टकरााव नहींं� थाा। इस वर्गग मेंं सेे वेे लोोग थेे जि�नमेंं भाावीी
कहनेे वाालीी आत्माा थीी, —शमौौन मैैगस, इलीीमाास टोोन्हाा, और वह कन्याा जोो फि�लि�प्पीी मेंं पौौलुुस और
सीीलाास केे पीीछेे होो लीी थीी।
दुष्ु ट आत्मााओंं केे प्रभााव सेे उन लोोगोंं� कोो सबसेे अधि�क खतराा हैै जोो, पवि�त्र शाास्त्र कीी प्रत्यक्ष और
पर्याा�प्त गवााहीी केे बाावजूूद , शैैताान और उसकेे स्वर्गगदूू तोंं� केे अस्ति�त्व और सााधन कोो नकाारतेे हैंं। जब
तक हम उनकीी चाालोंं� सेे अनभि�ज्ञ हैंं, तब तक उनकेे पाास लगभग अकल्पनीीय लााभ हैै; बहुत सेे लोोग
उनकेे सुुझाावोंं� पर ध्याान देेतेे हैंं, जबकि� वेे स्वयंं कोो अपनीी बुुद्धि� केे आदेेशोंं� काा पाालन करनेे वाालाा माानतेे
हैंं। यहीी काारण हैै कि�, जैैसेे-जैैसेे हम समय केे करीीब आतेे हैंं, जब शैैताान कोो धोोखाा देेनेे और नष्ट करनेे
362 महाान वि�वााद

केे लि�ए सबसेे अधि�क साामर्थ्यय केे सााथ कााम करनाा हैै, वह हर जगह यह वि�श्वाास फैै लााताा हैै कि� वह
अस्ति�त्व मेंं नहींं� हैै। खुुद कोो और अपनेे कााम करनेे केे तरीीकेे कोो छुु पाानाा उसकीी नीीति� हैै।
ऐसाा कुु छ भीी नहींं� हैै जि�ससेे महाान धोोखेेबााज़ इतनाा डरताा हैै जि�तनाा इससेे कि� हम उसकीी युुक्ति�योंं�
सेे परि�चि�त होो जााएँँ। अपनेे वाास्तवि�क चरि�त्र और उद्देेश्योंं� कोो बेेहतर छि�पाानेे केे लि�ए, उसनेे खुुद कोो
इस तरह प्रस्तुुत करवाायाा हैै कि� उपहाास याा अवमााननाा सेे बढ़कर कोोई भाावनाा उत्पन्न नहींं� होोतीी। वह
एक हाास्याास्पद याा घि�नौौनीी वस्तुु, वि�कृृ त, आधेे पशुु और आधेे माानव केे रूप मेंं चि�त्रि�त कि�ए जाानेे सेे
प्रसन्न होोताा हैै। वह उन लोोगोंं� द्वााराा मनोोरंंजन और उपहाास मेंं अपनेे नााम काा इस्तेेमााल सुुनकर प्रसन्न
होोताा हैै जोो खुुद कोो बुुद्धि�माान और अच्छीी तरह सेे सूूचि�त समझतेे हैंं।
ऐसाा इसलि�ए हैै क्योंं�कि� उसनेे खुुद कोो घााघ कौौशल केे सााथ छि�पाायाा हैै कि� यह सवााल इतनेे व्याापक
रूप सेे पूूछाा जााताा हैै: «क्याा वाास्तव मेंं ऐसाा प्रााणीी अस्ति�त्व मेंं हैै?» यह उसकीी सफलताा काा प्रमााण हैै
कि� पवि�त्र शाास्त्र कीी स्पष्टतम गवााहीी कोो झूठाू ा सााबि�त करनेे वाालेे सि�द्धांं�तोंं� कोो आम तौौर पर धाार्मि�क वर्गग
मेंं स्वीीकाार कि�याा जााताा हैै। और यह इसलि�ए हैै क्योंं�कि� शैैताान उन लोोगोंं� केे दि�माागोंं� कोो सबसेे आसाानीी
सेे नि�यंं त्रि�त कर सकताा हैै जोो उसकेे प्रभााव सेे अनजाान हैंं, कि� परमेेश्वर काा वचन हमेंं उसकेे निं�दं नीीय
काार्यय केे इतनेे साारेे उदााहरण देेताा हैै, और हमाारेे साामनेे उसकीी गुुप्त शक्ति�योंं� कोो प्रकट करताा हैै, और
इस प्रकाार हमेंं उसकेे हमलोंं� केे खि�लााफ साावधाान करताा हैै।
शैैताान और उसकीी सेेनाा कीी शक्ति� और दुर्भा ु ा�वनाा वाास्तव मेंं हमेंं भयभीीत कर सकतीी हैंं अगर हम
अपनेे मुुक्ति�दााताा कीी श्रेेष् ठतर साामर्थ्यय मेंं आश्रय और उद्धाार नहींं� पाातेे। हम अपनीी संं पत्ति� और अपनेे
जीीवन कोो बुुरेे लोोगोंं� सेे बचाानेे केे लि�ए साावधाानीीपूूर्ववक अपनेे घरोंं� कोो चि�टकनि�योंं� और ताालोंं� सेे सुुरक्षि�त
करतेे हैंं; लेेकि�न हम शाायद हीी कभीी उन दुष्ु ट स्वर्गगदूू तोंं� केे बाारेे मेंं सोोचतेे हैंं जोो लगााताार हम तक पहुँँचनेे
कीी कोोशि�श कर रहेे हैंं, और जि�नकेे हमलोंं� केे खि�लााफ, हमाारीी अपनीी तााकत मेंं, बचााव काा कोोई तरीीकाा
नहींं� हैै। अगर अनुुमति� दीी जााए, तोो वेे हमाारेे दि�मााग कोो वि�चलि�त कर सकतेे हैंं, हमाारेे शरीीर कोो अव्य-
वस्थि�त कर सकतेे हैंं और पीीड़ाा देे सकतेे हैंं, हमाारीी संं पत्ति� और हमाारेे जीीवन कोो नष्ट कर सकतेे हैंं।
उनकाा एकमाात्र आनंं द दुख ु और वि�नााश मेंं हैै। उन लोोगोंं� कीी स्थि�ति� भयाावह हैै जोो ईश्वरीीय दाावोंं�
काा वि�रोोध करतेे हैंं और शैैताान केे प्रलोोभनोंं� केे आगेे झुक ु जाातेे हैंं, जब तक कि� परमेेश्वर उन्हेंं बुुरीी
आत्मााओंं केे नि�यंं त्रण मेंं नहींं� सौंं�प देेताा। लेेकि�न जोो लोोग मसीीह केे पीीछेे होो लेेतेे हैंं वेे हमेेशाा उसकीी
नि�गराानीी मेंं सुुरक्षि�त रहतेे हैंं। उनकीी रक्षाा केे लि�ए स्वर्गग सेे स्वर्गगदूू त भेेजेे जाातेे हैंं, जोो शक्ति� मेंं श्रेेष् ठ हैंं।
दुष्ु ट उस पहरेे कोो तोोड़ नहींं� सकताा जोो परमेेश्वर नेे अपनेे लोोगोंं� केे लि�ए ठहराायाा हैै।
32

शैैताान केे फंं देे

म सीीह और शैैताान केे बीीच काा महाान वि�वााद, जोो लगभग छह हज़ाार वर्षोंं सेे चलाा आ रहाा हैै, शीीघ्र
हीी समााप्त होोनेे वाालाा हैै; और दुष्ु ट मनुुष्य कीी ओर सेे मसीीह केे काार्यय कोो वि�फल करनेे और लोोगोंं�
कोो उसकेे फन्दोंं� मेंं जकड़नेे केे अपनेे प्रयाासोंं� कोो दुगु नाा कर देेताा हैै। उद्धाारकर्ताा� कीी मध्यस्थताा समााप्त
होोनेे तक और जब पााप केे लि�ए फि�र कोोई बलि�दाान बााकीी नहींं� रह जााताा, लोोगोंं� कोो अंंधकाार और
कठोोरताा मेंं रखनाा, वह उद्देेश्य हैै जि�सेे वह पूूराा करनाा चााहताा हैै।
जब उसकीी शक्ति� काा वि�रोोध करनेे केे लि�ए कोोई वि�शेेष प्रयाास नहींं� कि�याा जााताा हैै, जब कलीीसि�याा
और दुनि�याु ा मेंं उदाासीीनताा हाावीी होो जाातीी हैै, तोो शैैताान कोो कोोई फर्कक नहींं� पड़ताा; क्योंं�कि� उसेे उन लोोगोंं�
कोो खोोनेे काा कोोई खतराा नहींं� हैै जि�न्हेंं वह अपनीी इच्छाा सेे बंं दीी बनाा रहाा हैै। परन्तुु जब अनन्त वस्तुुओं ं
कीी ओर ध्याान दि�याा जााताा हैै, और आत्मााएँँ पूूछ रहीी होोतीी हैंं, «उद्धाार पाानेे केे लि�ए मुुझेे क्याा करनाा
चााहि�ए?» वह मसीीह कीी शक्ति� केे खि�लााफ अपनीी शक्ति� काा मि�लाान करनेे और पवि�त्र आत्माा केे प्रभााव
काा प्रति�काार करनेे केे लि�ए लोोगोंं� केे बीीच होोताा हैै।
पवि�त्र शाास्त्र घोोषणाा करताा हैै कि� एक अवसर पर, जब परमेेश्वर केे दूू त स्वयंं कोो परमेेश्वर केे
साामनेे उपस्थि�त होोनेे केे लि�ए आए, तोो शैैताान भीी उनकेे बीीच आयाा (अय्यूूब 1:6), अनन्त रााजाा कोो
दंंडवत करनेे केे लि�ए नहींं�, बल्कि� धर्मीी लोोगोंं� केे वि�रुद्ध अपनीी दुर्भा
ु ा�वनाापूूर्णण योोजनााओंं कोो आगेे बढ़ाानेे
केे लि�ए। इसीी उद्देेश्य सेे जब मनुुष्य परमेेश्वर कीी पूूजाा केे लि�ए एकत्रि�त होोतेे हैंं तोो वह उपस्थि�त होोताा
हैै। हाालांं�कि� दृष्टि�ि सेे छि�पाा हुआ हैै, वह उपाासकोंं� केे मन कोो नि�यंं त्रि�त करनेे केे लि�ए पूूरीी लगन सेे कााम
कर रहाा हैै। एक कुु शल सेेनाापति� कीी भाँँ�ति� वह अपनीी योोजनााएँँ पहलेे हीी बनाा लेेताा हैै। जब वह परमेे-
श्वर केे दूू त कोो पवि�त्र शाास्त्र काा अध्ययन करतेे हुए देेखताा हैै, तोो वह लोोगोंं� केे साामनेे प्रस्तुुत कि�ए जाानेे
वाालेे वि�षय पर ध्याान देेताा हैै। फि�र वह अपनीी साारीी धूूर्ततताा और चतुुरााई काा उपयोोग परि�स्थि�ति�योंं� कोो
वश मेंं करनेे केे लि�ए करताा हैै तााकि� सन्देेश उन लोोगोंं� तक न पहुँँचेे जि�न्हेंं वह उसीी समय धोोखाा देे रहाा
हैै। जि�स व्यक्ति� कोो चेेताावनीी कीी सबसेे अधि�क आवश्यकताा हैै, उसेे कि�सीी ऐसेे व्याापाारि�क लेेन-देेन मेंं
शाामि�ल होोनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा जााएगाा, जि�समेंं उसकीी उपस्थि�ति� कीी आवश्यकताा होो, याा कि�सीी अन्य
364 महाान वि�वााद

मााध्यम सेे उन शब्दोंं� कोो सुुननेे सेे रोोकाा जााएगाा, जोो उसकेे लि�ए जीीवन केे नि�मि�त्त जीीवन कीी सुुगन्ध
सााबि�त होो सकतेे हैंं।
एक बाार फि�र, शैैताान प्रभुु केे सेेवकोंं� कोो उस आत्मि�क अंंधकाार केे काारण बोोझि�ल देेखताा हैै जोो
लोोगोंं� कोो घेेर लेेताा हैै। वह उदाासीीनताा, लाापरवााहीी और आलस्य केे जाादूू कोो तोोड़नेे कीी शक्ति� केे लि�ए
ईश्वरीीय अनुुग्रह और साामर्थ्यय केे लि�ए उनकीी प्राार्थथनााएंं सुुनताा हैै। फि�र नए जोोश केे सााथ वह अपनीी
युुक्ति�ओंं कोो आगेे बढ़ााताा हैै। वह मनुुष्योंं� कोो भूूख कीी आसक्ति� याा कि�सीी अन्य प्रकाार कीी आत्म-संं तुुष्टि�ि
केे लि�ए प्रलोोभि�त करताा हैै, और इस प्रकाार उनकीी संं वेेदनााओंं कोो सुुन्न कर देेताा हैै तााकि� वेे उन चीीजोंं�
कोो सुुननेे मेंं असफल होो जााएँँ जि�न्हेंं उन्हेंं सीीखनेे कीी सबसेे अधि�क आवश्यकताा हैै।
शैैताान अच्छीी तरह सेे जाानताा हैै कि� वह जि�न लोोगोंं� कोो प्राार्थथनाा और पवि�त्र शाास्त्र केे अध्ययन कीी
उपेेक्षाा करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कर सकताा हैै, वेे उसकेे हमलोंं� सेे वशीीभूूत होो जााएंं गेे। इसलि�ए वह मन कोो
वश मेंं करनेे केे लि�ए हर संं भव उपााय काा आवि�ष्काार करताा हैै। ईश्वरत्व काा दाावाा करनेे वाालाा एक वर्गग
हमेेशाा रहाा हैै, जोो सत्य कोो जााननेे केे लि�ए अनुुसरण करनेे केे बजााय, उनमेंं जि�नसेे वेे सहमत नहींं� होोतेे
हैंं, चरि�त्र केे कि�सीी दोोष याा वि�श्वाास केे भ्रम कोो ढूंं�ढ़नाा अपनाा धर्मम बनाा लेेताा हैै। ऐसेे हीी शैैताान केे दााहि�नेे
हााथ केे सहाायक होोतेे हैंं। भााइयोंं� पर दोोष लगाानेे वाालेे कम नहींं� हैंं, और वेे हमेेशाा सक्रि�य रहतेे हैंं जब
परमेेश्वर कााम कर रहाा होोताा हैै और उसकेे सेेवक उसेे सच्चीी श्रद्धांं�जलि� देे रहेे होोतेे हैंं। वेे उन लोोगोंं� केे
शब्दोंं� और काार्योंं कोो गलत ढंंग सेे पेेश करेंंगेे जोो सत्य सेे प्रेेम करतेे हैंं और उसकाा पाालन करतेे हैंं। वेे
भ्राामकोंं� याा भरमााए हुओंं केे रूप मेंं मसीीह केे सबसेे ईमाानदाार, उत्सााहीी, आत्म-त्यााग करनेे वाालेे सेेवकोंं�
काा प्रति�नि�धि�त्व करेंंगेे। हर सच्चेे और नेेक कााम केे मकसद कोो गलत तरीीकेे सेे पेेश करनाा, आक्षेेपोंं� कोो
प्रसाारि�त करनाा और अनुुभवहीीन केे मन मेंं संं देेह पैैदाा करनाा उनकाा कााम हैै। वेे हर कल्पनीीय तरीीकेे सेे
यह प्रयाास करेंंगेे कि� जोो शुुद्ध और धर्मीी हैै उसेे घृृणि�त और भ्राामक माानाा जााए।
लेेकि�न उनकेे बाारेे मेंं कि�सीी कोो धोोखाा खाानेे कीी ज़रुरत नहींं� हैै। यह आसाानीी सेे देेखाा जाा सकताा हैै
कि� वेे कि�सकेे बच्चेे हैंं, वेे कि�सकेे उदााहरण काा अनुुसरण करतेे हैंं, और वेे कि�सकाा कााम करतेे हैंं। «आप
उनकोो उनकेे फलोंं� सेे जाानेंंगेे।» मत्तीी 7:16। उनकाा चााल चलन शैैताान, वि�षक्त निं�दं क, “हमाारेे भााइयोंं�
पर दोोष लगाानेेवाालेे” सेे मि�लताा-जुुलताा हैै। प्रकााशि�तवााक्य 12:10।
महाान धोोखेेबााज़ केे पाास कई एजेंंट हैंं जोो आत्मााओंं कोो फंं साानेे केे लि�ए कि�सीी भीी और हर तरह
केे भ्रम कोो प्रस्तुुत करनेे केे लि�ए तैैयाार हैंं - वि�धर्मि�योंं� कोो उन लोोगोंं� केे वि�भि�न्न रुचि�योंं� और क्षमतााओंं
केे अनुुरूप तैैयाार कि�याा गयाा हैै जि�न्हेंं वह नष्ट कर देेगाा। यह उसकीी योोजनाा हैै कि� वह कलीीसि�याा मेंं
कपटीी, ज़ि�द्दीी तत्वोंं� कोो लााए जोो संं देेह और अवि�श्वाास कोो प्रोोत्सााहि�त करेे, और उन सभीी कोो बााधि�त
करेे जोो परमेेश्वर केे काार्यय कोो आगेे बढ़तेे देेखनाा और उसकेे सााथ आगेे बढ़नाा चााहतेे हैंं। बहुत सेे लोोग
जि�न्हेंं ईश्वर याा उसकेे वचन मेंं कोोई वाास्तवि�क वि�श्वाास नहींं� हैै, वेे सत्य केे कुु छ सि�द्धांं�तोंं� कोो स्वीीकाार
करतेे हैंं और मसीीहीी केे रूप मेंं माान्य ठहरााए जाातेे हैंं, और इस प्रकाार वेे अपनेे भ्रमोंं� कोो पवि�त्र शाास्त्र सेे
लि�ए गए सि�द्धांं�तोंं� केे रूप मेंं पेेश करनेे मेंं सक्षम होोतेे हैंं।
यह दृष्टि�िकोोण कि� मनुुष्य जोो वि�श्वाास करतेे हैंं उसकाा कोोई महत्व नहींं� हैै, यह शैैताान केे सबसेे
सफल धोोखेे मेंं सेे एक हैै। वह जाानताा हैै कि� उसकेे प्रेेम मेंं प्रााप्त सत्य, पाानेे वाालेे कीी आत्माा कोो पवि�त्र
कर देेताा हैै; इसलि�ए वह लगााताार झूठेू े सि�द्धांं�तोंं�, दंंतकथााओंं, कि�सीी अन्य सुुसमााचाार कोो प्रति�स्थाापि�त
शैतान के फंदे 365

करनेे कीी कोोशि�श कर रहाा हैै। शुुरू सेे हीी परमेेश्वर केे सेेवकोंं� नेे झूठेू े शि�क्षकोंं� केे खि�लााफ संं घर्षष कि�याा
हैै, जोो माात्र शााति�र लोोग नहींं� थेे, बल्कि� आत्माा केे लि�ए घाातक झूठीू ी बाातोंं� केे प्रेेरक भीी थेे। एलि�य्यााह,
यि�र्ममयााह, पौौलुुस नेे दृढ़ताा और नि�डरताा सेे उनकाा वि�रोोध कि�याा जोो मनुुष्योंं� कोो परमेेश्वर केे वचन सेे
भटकाा रहेे थेे। वह उदाारताा जोो एक सहीी धाार्मि�क वि�श्वाास कोो महत्वहीीन माानतीी हैै, उसेे सच्चााई केे इन
पवि�त्र रक्षकोंं� काा कोोई समर्थथन नहींं� मि�लाा।
पवि�त्र शाास्त्र कीी अस्पष्ट और कााल्पनि�क व्यााख्यााएंं , और धाार्मि�क आस्थाा सेे संं बंं धि�त कई परस्पर
वि�रोोधीी सि�द्धांं�त, जोो मसीीहीी दुनि�या
ु ा मेंं पााए जाातेे हैंं, हमाारेे मन कोो भ्रमि�त करनेे केे लि�ए हमाारेे महाान
वि�रोोधीी केे कााम हैै तााकि� वेे सच्चााई कोो न समझ सकेंं । और जोो कलह और वि�भााजन मसीीहीी जगत कीी
कलीीसि�यााओंं केे बीीच मौौजूूद हैंं, वेे एक पसंं दीीदाा सि�द्धांं�त काा समर्थथन करनेे केे लि�ए पवि�त्र शाास्त्र कोो
हड़पनेे कीी प्रचलि�त प्रथाा केे काारण बड़ेे पैैमाानेे पर हैंं। परमेेश्वर कीी इच्छाा काा ज्ञाान प्रााप्त करनेे केे लि�ए
हृदय कीी वि�नम्रताा केे सााथ परमेेश्वर केे वचन काा ध्याानपूूर्ववक अध्ययन करनेे केे बजााय, बहुत सेे लोोग
केे वल कुु छ अजीीब याा मौौलि�क खोोज करनाा चााहतेे हैंं।
गलत सि�द्धांं�तोंं� याा गैैर-मसीीहीी प्रथााओंं कोो बनााए रखनेे केे लि�ए, कुु छ लोोग संं दर्भभ सेे अलग कि�ए
गए पवि�त्रशाास्त्र केे अंंशोंं� काा उपयोोग करेंंगेे, शाायद अपनीी बाात कोो सााबि�त करनेे केे लि�ए एक हीी पद
केे आधेे हि�स्सेे कोो उद्धृृत करतेे हुए, जबकि� शेेष भााग अर्थथ कोो बि�ल्कुुल वि�परीीत दि�खााएगाा। सर्पप कीी
चाालााकीी सेे वेे अपनेे आप कोो अपनीी शाारीीरि�क इच्छााओंं केे अनुुरूप समझेे जाानेे वाालेे असंं गत कथनोंं�
केे पीीछेे सुुरक्षि�त कर लेेतेे हैंं। इस प्रकाार बहुत सेे लोोग जाानबूूझकर परमेेश्वर केे वचन कोो वि�कृृ त करतेे
हैंं। अन्य, जि�नकेे पाास एक सक्रि�य कल्पनाा हैै, पवि�त्र लेेख केे आंंकड़ोंं� और प्रतीीकोंं� काा उपयोोग करतेे
हैंं, अपनीी कल्पनाा केे अनुुरूप उनकीी व्यााख्याा करतेे हैंं, पवि�त्रशाास्त्र कीी गवााहीी कोो अपनेे स्वयंं केे व्याा-
ख्यााकाार केे रूप मेंं बहुत कम माानतेे हैंं, और फि�र वेे अपनीी मनमाानीी कोो बााइबल कीी शि�क्षााओंं केे रूप
मेंं प्रस्तुुत करतेे हैंं।
जब भीी पवि�त्रशाास्त्र काा अध्ययन प्राार्थथनाापूूर्णण, वि�नम्र भाावनाा केे बि�नाा शुुरू कि�याा जााताा हैै, तोो स्प-
ष्टतम और सरलतम अंंशोंं� केे सााथ-सााथ सबसेे कठि�न अंंश भीी उनकेे वाास्तवि�क अर्थथ सेे हटाा दि�ए
जााएंं गेे। कैै थोोलि�क अगुुवेे पवि�त्रशाास्त्र केे ऐसेे अंंशोंं� काा चयन करतेे हैंं जोो उनकेे उद्देेश्य कोो पूूराा करतेे
हैंं, स्वयंं केे अनुुरूप व्यााख्याा करतेे हैंं, और फि�र इन्हेंं लोोगोंं� केे साामनेे प्रस्तुुत करतेे हैंं, जबकि� वेे उन्हेंं
स्वयंं केे लि�ए बााइबल काा अध्ययन करनेे और इसकेे पवि�त्र सत्य कोो समझनेे केे वि�शेेषााधि�काार सेे वंं चि�त
करतेे हैंं। पूूरीी बााइबल लोोगोंं� कोो वैैसेे हीी दीी जाानीी चााहि�ए जैैसाा कि� उसमेंं लि�खाा गयाा हैै। उनकेे लि�ए
यह बेेहतर होोगाा कि� इस तरह गलत तरीीकेे सेे दीी गई पवि�त्र शाास्त्र कीी शि�क्षाा उनकेे पाास बााइबल नि�र्देेश
बि�ल्कुुल भीी न होो।
बााइबि�ल कोो उन सभीी केे लि�ए, जोो अपनेे सृृष्टि�िकर्ताा� कीी इच्छाा सेे परि�चि�त होोनाा चााहतेे हैंं, एक
माार्गगदर्शशक केे रूप मेंं नि�योोजि�त कि�याा गयाा थाा। परमेेश्वर नेे मनुुष्योंं� कोो भवि�ष्यद्वााणीी काा पक्काा वचन
दि�याा; स्वर्गगदूू त और यहाँँ� तक कि� स्वयंं मसीीह भीी दाानि�य्येेल और यूूहन्नाा कोो वेे बाातेंं बताानेे केे लि�ए
आयाा जोो शीीघ्र हीी घटि�त होोनेेवाालीी थींं�। वेे महत्वपूूर्णण बाातेंं जि�नकाा संं बंं ध हमाारेे उद्धाार सेे हैै, उन्हेंं रहस्य
मेंं शाामि�ल नहींं� छोोड़ाा गयाा। उन्हेंं इस तरह प्रकट नहींं� कि�याा गयाा थाा कि� वेे सत्य कीी खोोज करनेे वाालेे
ईमाानदाार सााधक कोो व्यााकुु ल और भ्रमि�त कर देंं। भवि�ष्यद्वक्ताा हबक्कूू क केे द्वााराा यहोोवाा नेे कहाा:
366 महाान वि�वााद

«दर्शशन कीी बाातेंं लि�ख देे; वरन्् पटि�यााओंं पर सााफ़-सााफ़ लि�ख देे कि� दौौड़तेे हुए भीी वेे सहज सेे पढ़ीी
जााएँँ।» हबक्कूू क 2:2। परमेेश्वर काा वचन उन सभीी केे लि�ए स्पष्ट हैै जोो प्राार्थथनाापूूर्णण हृदय सेे इसकाा
अध्ययन करतेे हैंं। प्रत्येेक सच्चीी ईमाानदाार आत्माा सत्य केे प्रकााश मेंं आएगीी। “धर्मीी केे लि�येे ज्योोति�
कोो बोोयाा गयाा हैै।” भजन संं हि�ताा 97:11। और कोोई भीी कलीीसि�याा पवि�त्रताा मेंं तब तक आगेे नहींं�
बढ़ सकतीी जब तक कि� उसकेे सदस्य छि�पेे हुए खजाानेे कीी तलााश करनेे केे समाान सच्चेे मन सेे सत्य
कीी खोोज न करेंं।
उदाारताा केे नाारेे सेे मनुुष्य अपनेे वि�रोोधीी कीी युुक्ति�योंं� केे प्रति� अन्धाा होो जााताा हैै, जबकि� वह हर
समय अपनेे उद्देेश्य कीी सि�द्धि� केे लि�ए नि�रंंतर काार्ययरत रहताा हैै। जैैसेे हीी वह माानवीीय अटकलोंं� केे द्वााराा
बााइबल कोो बदलनेे मेंं सफल होोताा हैै, परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कोो दरकि�नाार कर दि�याा जााताा हैै, और
कलीीसि�यााएंं पााप केे बंं धन मेंं होोतीी हैंं जबकि� वेे स्वतंं त्र होोनेे काा दाावाा करतीी हैंं।
कई लोोगोंं� केे लि�ए वैैज्ञाानि�क शोोध एक अभि�शााप बन गयाा हैै। परमेेश्वर नेे वि�ज्ञाान और कलाा कीी
खोोजोंं� मेंं दुनि�या
ु ा पर प्रकााश डाालनेे कीी अनुुमति� दीी हैै; लेेकि�न यहांं� तक कि� महाानतम दि�मााग भीी, यदि�
उनकेे अनुुसंंधाान मेंं परमेेश्वर केे वचन द्वााराा नि�र्देेशि�त नहींं� होोतेे हैंं, तोो वेे वि�ज्ञाान और प्रकााशि�तवााक्य केे
संं बंं धोंं� कीी जांं�च करनेे केे अपनेे प्रयाासोंं� मेंं भ्रमि�त होो जाातेे हैंं।
भौौति�क और आध्याात्मि�क दोोनोंं� बाातोंं� काा माानव ज्ञाान आंंशि�क और अपूूर्णण हैै; इसलि�ए बहुत सेे
लोोग वि�ज्ञाान केे बाारेे मेंं अपनेे वि�चाारोंं� कोो पवि�त्रशाास्त्र केे कथनोंं� केे सााथ मि�लाानेे मेंं असमर्थथ हैंं। बहुत सेे
लोोग वैैज्ञाानि�क तथ्योंं� केे रूप मेंं माात्र सि�द्धांं�तोंं� और अनुुमाानोंं� कोो स्वीीकाार करतेे हैंं, और वेे सोोचतेे हैंं कि�
परमेेश्वर केे वचन कोो «तथााकथि�त वि�ज्ञाान» कीी शि�क्षााओंं द्वााराा परखाा जाानाा हैै। 1 तीीमुुथि�युसु 6:20।
सृृष्टि�िकर्ताा� और उसकेे काार्यय उनकीी समझ सेे परेे हैंं; और क्योंं�कि� वेे प्रााकृृ ति�क नि�यमोंं� द्वााराा इनकीी
व्यााख्याा नहींं� कर सकतेे, इसलि�ए बााइबल इति�हाास कोो अवि�श्वसनीीय माानाा जााताा हैै। जोो लोोग पुुराानेे
और नए नि�यम केे अभि�लेेखोंं� कीी वि�श्वसनीीयताा पर संं देेह करतेे हैंं वेे भीी अक्सर एक कदम आगेे बढ़तेे
हैंं और ईश्वर केे अस्ति�त्व पर संं देेह करतेे हैंं और अनंं त शक्ति� काा श्रेेय प्रकृृ ति� कोो देेतेे हैंं। अपनाा लंं गर
छोोड़ देेनेे केे बााद, उन्हेंं अवि�श्वाास कीी चट्टाानोंं� सेे टकराानेे केे लि�ए छोोड़ दि�याा जााताा हैंं।
इस प्रकाार बहुत सेे लोोग वि�श्वाास सेे भटक जाातेे हैंं और शैैताान केे बहकाावेे मेंं आ जाातेे हैंं। मनुुष्योंं�
नेे अपनेे सृृष्टि�िकर्ताा� सेे अधि�क बुुद्धि�माान होोनेे काा प्रयाास कि�याा हैै; माानव दर्शशन नेे उन रहस्योंं� कोो ढूंं�ढनेे
और समझाानेे काा प्रयाास कि�याा हैै जोो अनंं त युुगोंं� केे मााध्यम सेे कभीी प्रकट नहींं� होंं�गेे। यदि� मनुुष्य यह
ढूंं�ढेेगाा और समझेेगाा कि� परमेेश्वर नेे स्वयंं और उसकेे उद्देेश्योंं� केे बाारेे मेंं क्याा बताायाा हैै, तोो वेे यहोोवाा
कीी प्रति�ष्ठाा, महि�माा, और साामर्थ्यय काा ऐसाा दृश्य प्रााप्त करेंंगेे कि� उन्हेंं अपनीी हीीनताा काा एहसाास होोगाा
और वेे उसीी सेे संं तुुष् ट होंं�गेे जोो उनकेे और उनकेे बच्चोंं� केे लि�ए प्रकट कि�याा गयाा हैै।
लोोगोंं� केे मनोंं� कोो उसकेे संं बंं ध मेंं खोोजनेे और अनुुमाान लगाानेे मेंं लगााए रखनाा जि�सेे परमेेश्वर नेे
प्रकट नहींं� कि�याा हैै और जि�सेे हमाारेे द्वााराा समझेंं जाानेे काा वह इराादाा नहींं� रखताा हैै, शैैताान केे धोोखेे
कीी एक उत्कृृष्ट कृृ ति� हैै। इस प्रकाार लूूसि�फ़ेेर नेे स्वर्गग मेंं अपनाा स्थाान खोो दि�याा। वह असंं तुुष् ट होो गयाा
क्योंं�कि� उसेे परमेेश्वर केे उद्देेश्योंं� केे सभीी रहस्य नहींं� बतााए गए थेे, और उसनेे पूूरीी तरह सेे उसकीी
अवहेेलनाा कीी जोो उसेे सौंं�पेे गए ऊँँचेे पद पर उसकेे अपनेे काार्यय केे बाारेे मेंं प्रकट कि�याा गयाा थाा। अपनेे
अधीीन स्वर्गगदूू तोंं� मेंं उसीी असंं तोोष कोो जगााकर, वह उनकेे पतन काा काारण बनाा। अब वह मनुुष्योंं� केे
शैतान के फंदे 367

मनोंं� कोो उसीी भाावनाा सेे भर देेनाा चााहताा हैै और उन्हेंं भीी परमेेश्वर कीी सीीधीी आज्ञााओंं कीी अवहेेलनाा
करनेे कीी ओर लेे जाानाा चााहताा हैै।
जोो लोोग बााइबल केे सीीधेे-सााधेे, कटुु सत्योंं� कोो स्वीीकाार करनेे केे इच्छुु क नहींं� हैंं, वेे नि�रन्तर
अंंतःःकरण कोो शांं�त करनेे वाालीी मनभाावन दंंतकथााओंं कीी खोोज मेंं रहतेे हैंं। प्रस्तुुत कि�ए गए सि�द्धांं�त
जि�तनेे कम आध्याात्मि�क, आत्म-त्याागीी और वि�नीीत करनेेवाालेे होोतेे हैंं, उन्हेंं उतनाा हीी अधि�क समर्थथन
केे सााथ ग्रहण कि�याा जााताा हैै। येे व्यक्ति� अपनीी शाारीीरि�क इच्छााओंं कीी पूूर्ति� केे लि�ए बौौद्धि�क शक्ति�योंं� कोो
नि�म्नीीकृृ त कर देेतेे हैंं। अपनीी दृष्टि�ि मेंं वेे इतनेे बुुद्धि�माान हैंं कि� वेे आत्म-ग्लाानि� और ईश्वरीीय माार्गगदर्शशन
केे लि�ए सच्चीी प्राार्थथनाा केे सााथ पवि�त्र शाास्त्र मेंं नहींं� ढूंं�ढतेे हैै, और इसलि�ए उनकेे पाास भ्रम सेे बचनेे केे
लि�ए कोोई ढााल नहींं� हैै। शैैताान दि�ल कीी इच्छाा कोो पूूराा करनेे केे लि�ए तैैयाार हैै, और वह सच्चााई केे स्थाान
पर अपनेे फरेेबोंं� कोो धोोखेे सेे गलेे मढ़ देेताा हैै। यह इस प्रकाार थाा कि� पोोपतंं त्र नेे लोोगोंं� केे दि�माागोंं� पर
नि�यंं त्रण हाासि�ल कर लि�याा; और सत्य कोो अस्वीीकाार करकेे क्योंं�कि� इसमेंं एक क्रूूस शाामि�ल हैै, प्रोोटेेस्टेंंट
उसीी माार्गग काा अनुुसरण कर रहेे हैंं। जोो लोोग सुुवि�धाा और नीीति� काा अध्ययन करनेे केे लि�ए परमेेश्वर
केे वचन कीी उपेेक्षाा करतेे हैंं, कि� वेे दुनि�या ु ा केे सााथ वि�रक्त न होंं�, धाार्मि�क सत्य केे लि�ए निं�दं नीीय वि�धर्मम
कोो प्रााप्त करनेे केे लि�ए छोोड़ दि�ए जााएंं गेे। हर कल्पनीीय भ्रम कोो वेे लोोग स्वीीकाार करेंंगेे जोो जाानबूूझकर
सत्य कोो अस्वीीकाार करतेे हैंं। वह जोो एक छल कोो भय कीी दृष्टि�ि सेे देेखताा हैै, वह तुुरन्त दूू सराा पाा लेेताा
हैै। एक ऐसेे वर्गग केे बाारेे मेंं बाात करतेे हुए जि�सनेे “सत्य सेे प्रेेम नहींं� कि�याा जि�स सेे उनकाा उद्धाार होोताा,”
प्रेेरि�त पौौलुुस घोोषि�त करताा हैै: «इसीी काारण परमेेश्वर उनमेंं एक भटकाा देेनेेवाालीी साामर्थ्यय कोो भेेजेेगाा
कि� वेे झूठू कीी प्रतीीति� करेंं, तााकि� जि�तनेे लोोग सत्य कीी प्रतीीति� नहींं� करतेे, वरन्् अधर्मम सेे प्रसन्न होोतेे
हैंं, वेे सब दण्ड पााएँँ।» 2 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 2:10-12। हमाारेे साामनेे इस तरह कीी चेेताावनीी केे होोतेे हुए
हमेंं साावधाान रहनाा चााहि�ए कि� हम कौौन सेे सि�द्धांं�त ग्रहण करतेे हैंं।
महाान बाातोंं� केे मााध्यमोंं� मेंं सेे सबसेे सफल मााध्यम अध्याात्मवााद कीी भ्राामक शि�क्षााएँँ और झूठेू े
चमत्काार हैंं। प्रकााश केे दूू त केे रूप मेंं प्रच्छन्न, वह अपनाा जााल वहाँँ� फैै लााताा हैै जहाँँ� कम सेे कम संं देेह
होोताा हैै। यदि� मनुुष्य केे वल परमेेश्वर कीी पुुस्तक काा गहन प्राार्थथनाा केे सााथ अध्ययन करेंंगेे तााकि� वेे इसेे
समझ सकेंं , तोो वेे झूठेू े सि�द्धांं�तोंं� कोो प्रााप्त करनेे केे लि�ए बेेख़बर नहींं� छोोड़ेे जााएँँगेे। लेेकि�न जब वेे सत्य
कोो अस्वीीकाार करतेे हैंं तोो वेे धोोखेे काा शि�काार होो जाातेे हैंं।
एक और खतरनााक भ्रम वह सि�द्धांं�त हैै जोो मसीीह केे ईश्वरत्व कोो नकाारताा हैै, यह दाावाा करतेे
हुए कि� इस दुनि�याु ा मेंं उसकेे आगमन सेे पहलेे उसकाा कोोई अस्ति�त्व नहींं� थाा। इस सि�द्धांं�त कोो एक बड़ेे
वर्गग काा समर्थथन प्रााप्त हैै जोो बााइबल मेंं वि�श्वाास करनेे काा दाावाा करताा हैै; फि�र भीी यह पि�ताा केे सााथ
हमाारेे उद्धाारकर्ताा� केे संं बंं ध, उसकेे ईश्वरीीय चरि�त्र, और उसकेे पूूर्वव-अस्ति�त्व सेे संं बंं धि�त स्पष्ट कथनोंं�
काा सीीधेे तौौर पर खंं डन करताा हैै। पवि�त्र शाास्त्र केे सबसेे अनुुचि�त उलट पलट केे बि�नाा इस पर वि�चाार
नहींं� कि�याा जाा सकताा। यह न केे वल छुु टकाारेे केे काार्यय केे बाारेे मेंं मनुुष्य कीी धाारणााओंं कोो कम करताा हैै,
बल्कि� परमेेश्वर कीी ओर सेे प्रकटीीकरण केे रूप मेंं बााइबल मेंं वि�श्वाास कोो कमज़ोोर करताा हैै। जबकि�
यह इसेे और अधि�क खतरनााक बनाा देेताा हैै, यह इसेे अनुुभव करनाा भीी कठि�न बनाा देेताा हैै। यदि�
मनुुष्य मसीीह केे ईश्वरत्व केे वि�षय मेंं प्रेेरि�त पवि�त्र शाास्त्र कीी गवााहीी कोो अस्वीीकाार करतेे हैंं, तोो उनकेे
सााथ बहस करनाा व्यर्थथ हैै; क्योंं�कि� कोोई भीी तर्कक , चााहेे कि�तनाा भीी नि�र्णाा�यक क्योंं� न होो, उन्हेंं मनाा नहींं�
368 महाान वि�वााद

सकताा। «परन्तुु शाारीीरि�क मनुुष्य परमेेश्वर केे आत्माा कीी बाातेंं ग्रहण नहींं� करताा, क्योंं�कि� वेे उसकीी दृष्टि�ि
मेंं मूूर्खखताा कीी बाातेंं हैंं, और न वह उन्हेंं जाान सकताा हैै क्योंं�कि� उनकीी जाँँ�च आत्मि�क रीीति� सेे होोतीी हैै।»
1 कुु रि�न्थि�योंं� 2:14। जोो कोोई भीी इस भ्रम कोो पकड़ कर रखताा हैै, उसेे मसीीह केे वि�शेेष गुुण याा मि�शन
कीी सहीी समझ नहींं� होो सकतीी हैै।
एक और धूूर्तत और हाानि�प्रद भ्रम तेेज़ीी सेे फैै लतीी धाारणाा हैै कि� शैैताान काा एक व्यक्ति�गत हस्तीी
केे रूप मेंं कोोई अस्ति�त्व नहींं� हैै; कि� पवि�त्रशाास्त्र मेंं नााम काा प्रयोोग केे वल मनुुष्योंं� केे बुुरेे वि�चाारोंं� और
इच्छााओंं कोो दर्शाा�नेे केे लि�ए कि�याा गयाा हैै।
यह शि�क्षाा लोोकप्रि�य मंं चोंं� सेे इतनीी व्याापक रूप सेे प्रति�ध्वनि�त हुई, कि� मसीीह काा दूू सराा आगमन
मृृत्युु केे समय प्रत्येेक व्यक्ति� केे पाास आनाा हैै, यह स्वर्गग केे बाादलोंं� मेंं उसकेे व्यक्ति�गत आगमन सेे लोोगोंं�
केे मन कोो मोोड़नेे कीी एक युुक्ति� हैै। वर्षोंं सेे शैैताान इस प्रकाार कहताा आ रहाा हैै, ‹›देेखोो, वह कोोठरि�योंं�
मेंं हैै›› (मत्तीी 24:23-26); और इस धोोखेे कोो स्वीीकाार कर कई आत्मााएंं खोो गई हैंं।
पुुनःः, सांं�साारि�क ज्ञाान सि�खााताा हैै कि� प्राार्थथनाा आवश्यक नहींं� हैै। वि�ज्ञाान मेंं वि�श्वाास करनेे वाालेे लोोग
दाावाा करतेे हैंं कि� प्राार्थथनाा काा कोोई वाास्तवि�क उत्तर नहींं� होो सकताा; कि� यह व्यवस्थाा काा उल्लंं घन होोगाा,
एक चमत्काार होोगाा, और चमत्काारोंं� काा कोोई अस्ति�त्व नहींं� हैै। संं पूूर्णण जगत, वेे कहतेे हैंं, नि�श्चि�ित
नि�यमोंं� द्वााराा नि�यन्त्रि��त हैै, और स्वयंं परमेेश्वर इन नि�यमोंं� केे वि�परीीत कुु छ भीी नहींं� करताा हैै। इस प्रकाार
वेे परमेेश्वर कोो उसकेे स्वयंं केे नि�यमोंं� द्वााराा बंं धाा हुआ दर्शाा�तेे हैंं- माानोो ईश्वरीीय नि�यमोंं� काा संं चाालन
ईश्वरीीय स्वतंं त्रताा कोो वंं चि�त कर सकताा हैै। ऐसीी शि�क्षाा पवि�त्र शाास्त्र कीी गवााहीी केे वि�रोोध मेंं हैै। क्याा
मसीीह और उसकेे प्रेेरि�तोंं� द्वााराा चमत्काार नहींं� कि�ए गए थेे? वहीी दयाालुु उद्धाारकर्ताा� आज भीी जीीवि�त
हैै, और वह वि�श्वाास कीी प्राार्थथनाा कोो सुुननेे केे लि�ए उतनाा हीी इच्छुु क हैै जि�तनाा कि� वह तब थाा जब वह
लोोगोंं� केे बीीच प्रत्यक्ष रूप सेे चलताा थाा। प्रााकृृ ति�क अलौौकि�क केे सााथ सहयोोग करताा हैै। यह वि�श्वाास
कीी प्राार्थथनाा केे उत्तर मेंं हमेंं वह प्रदाान करनेे कीी परमेेश्वर कीी योोजनाा काा एक हि�स्साा हैै, जोो वह हमाारेे
द्वााराा इस प्रकाार नहींं� मांं�गेंं जाानेे पर नहींं� देेगाा।
असंं ख्य गलत सि�द्धांं�त और कााल्पनि�क वि�चाार हैंं जोो मसीीहीी जगत कीी कलीीसि�यााओंं केे बीीच
प्रााप्त होो रहेे हैंं। परमेेश्वर केे वचन द्वााराा नि�र्धाा�रि�त प्रमुुख वि�शेेषतााओंं मेंं सेे कि�सीी एक कोो हटाानेे केे बुुरेे
परि�णाामोंं� काा अनुुमाान लगाानाा असंं भव हैै। कुु छ जोो ऐसाा करनेे काा सााहस करतेे हैंं, एक सत्य केे बहि�-
ष्करण केे सााथ रुक जाातेे हैंं। अधि�कांं�श सत्य केे सि�द्धांं�तोंं� कोो एक केे बााद एक अलग करनाा ज़ाारीी रखतेे
हैंं, जब तक कि� वेे वाास्तवि�क कााफि�र नहींं� बन जाातेे।
लोोकप्रि�य धर्ममशाास्त्र कीी त्रुुटि�योंं� नेे कई लोोगोंं� कोो संं देेह कीी ओर धकेे ल दि�याा हैै जोो अन्यथाा पवि�त्र
शाास्त्र मेंं वि�श्वाास कर सकतेे थेे। उसकेे लि�ए ऐसेे सि�द्धांं�तोंं� कोो स्वीीकाार करनाा असंं भव हैै जोो उसकीी
न्यााय, दयाा और परोोपकाार कीी भाावनाा काा अपमाान करतेे हैंं; और चूँँ�कि� इन्हेंं बााइबल कीी शि�क्षाा केे
रूप मेंं प्रस्तुुत कि�याा जााताा हैै, इसलि�ए वह इसेे परमेेश्वर केे वचन केे रूप मेंं ग्रहण करनेे सेे इंं काार कर
देेताा हैै।
और यहीी वह उद्देेश्य हैै जि�सेे शैैताान पूूराा करनाा चााहताा हैै। परमेेश्वर और उसकेे वचन मेंं वि�श्वाास
कोो नष्ट करनेे केे अलाावाा और कुु छ नहींं� हैै जोो वह चााहताा हैै। शैैताान सन्देेह करनेे वाालोंं� कीी बड़ीी सेेनाा
केे मुुखि�याा केे रूप मेंं खड़ाा हैै, और वह अपनीी सेेनाा मेंं लोोगोंं� कोो बहकाानेे केे लि�ए अपनीी पूूरीी तााकत सेे
शैतान के फंदे 369

कााम करताा हैै। सन्देेह करनाा फैै शन बनताा जाा रहाा हैै। एक बड़ाा वर्गग हैै जि�सकेे द्वााराा परमेेश्वर केे वचन
कोो उसीी काारण सेे अवि�श्वाास कीी दृष्टि�ि सेे देेखाा जााताा हैै जैैसाा कि� इसकेे लेेखक कोो देेखाा जााताा थाा -
क्योंं�कि� यह पााप कीी कटुु आलोोचनाा और निं�दां ा करताा हैै। जोो लोोग इसकीी माँँ�गोंं� कोो मााननेे कोो तैैयाार
नहींं� हैंं, वेे इसकेे अधि�काार कोो उखााड़ फेंंकनेे काा प्रयाास करतेे हैंं। वेे केे वल पवि�त्र शाास्त्र याा धर्मोोपदेेश
मेंं दोोष नि�काालनेे केे लि�ए बााइबल पढ़तेे हैंं, याा पवि�त्र उपदेेश-मंं च सेे प्रस्तुुत कीी गई उसकीी शि�क्षााओंं
कोो सुुनतेे हैंं। कर्ततव्य कीी उपेेक्षाा मेंं खुुद कोो सहीी ठहराानेे याा छुु टकााराा पाानेे केे लि�ए कई कााफि�र बन
जाातेे हैंं। अन्य लोोग गर्वव और आलस्य सेे संं शयवाादीी सि�द्धांं�तोंं� कोो अपनाा लेेतेे हैंं। वेे इतनेे आलसीी हैंं
कि� वेे सम्माान केे योोग्य कुु छ भीी हाासि�ल करकेे , जि�सकेे लि�ए प्रयाास और आत्म-त्यााग कीी आवश्यकताा
होोतीी हैै, इसलि�ए वेे बााइबल कीी आलोोचनाा करकेे श्रेेष् ठ ज्ञाान केे लि�ए ख्यााति� प्रााप्त करनेे काा लक्ष्य रखतेे
हैंं। बहुत कुु छ ऐसाा हैै जि�सेे सीीमि�त मन, ईश्वरीीय ज्ञाान सेे अनभि�ज्ञ, समझनेे केे लि�ए असमर्थथ हैै; और
इस प्रकाार उन्हेंं आलोोचनाा करनेे काा अवसर मि�ल जााताा हैै। ऐसेे कई लोोग हैंं जोो यह महसूूस करतेे हैंं
कि� अवि�श्वाास, संं शयवााद और अंंधवि�श्वाास केे पक्ष मेंं खड़ाा होोनाा एक गुुण हैै। लेेकि�न स्पष्टवाादि�ताा
केे आभाास केे नीीचेे यह पाायाा जााएगाा कि� ऐसेे व्यक्ति� आत्मवि�श्वाास और गर्वव सेे प्रेेरि�त होोतेे हैंं। बहुत सेे
लोोग दूू सरोंं� केे मन कोो भ्रमि�त करनेे केे लि�ए पवि�त्र शाास्त्र मेंं कुु छ खोोजनेे मेंं प्रसन्न होोतेे हैंं। कुु छ लोोग
शुुरू मेंं केे वल वि�वााद मेंं रुचि� केे काारण, आलोोचनाा करतेे हैंं और गलत पक्ष पर तर्कक करतेे हैंं। वेे नहींं�
समझतेे कि� वेे इस प्रकाार बहेेलि�ए केे जााल मेंं फंं स रहेे हैंं। लेेकि�न खुुलेे तौौर पर अवि�श्वाास व्यक्त करनेे
केे बााद, उन्हेंं लगताा हैै कि� उन्हेंं अपनीी स्थि�ति� बनााए रखनीी चााहि�ए। इस प्रकाार वेे दुष्ु टोंं� केे सााथ जुुड़
जाातेे हैंं और अपनेे लि�ए स्वर्गग केे द्वाार बंं द कर लेेतेे हैंं।
परमेेश्वर नेे अपनेे वचन मेंं इसकेे ईश्वरीीय चरि�त्र काा पर्याा�प्त प्रमााण दि�याा हैै। हमाारेे छुु टकाारेे सेे
संं बंं धि�त महाान सत्य स्पष्ट रूप सेे प्रस्तुुत कि�ए गए हैंं। पवि�त्र आत्माा कीी सहाायताा सेे, जि�सकाा वाादाा उन
सभीी सेे कि�याा जााताा हैै जोो इसेे ईमाानदाारीी सेे खोोजतेे हैंं, प्रत्येेक व्यक्ति� इन सच्चााइयोंं� कोो स्वयंं समझ
सकताा हैै। परमेेश्वर नेे मनुुष्योंं� कोो एक मज़बूूत नींं�व दीी हैै जि�स पर वेे अपनाा वि�श्वाास रख सकतेे हैंं।
फि�र भीी मनुुष्योंं� काा सीीमि�त मस्ति�ष्क सनाातन परमेेश्वर कीी योोजनााओंं और उद्देेश्योंं� कोो समझनेे
केे लि�ए पूूरीी तरह सेे अपर्याा�प्त हैै। खोोजनेे सेे हम ईश्वर कोो कभीी नहींं� पाा सकतेे। हमेंं अहंंकाारीी हााथ सेे
उस परदेे कोो उठाानेे काा प्रयाास नहींं� करनाा चााहि�ए जि�सकेे पीीछेे वह अपनीी महि�माा कोो छि�पााताा हैै। प्रेेरि�त
कहताा हैै: «उसकेे वि�चाार कैै सेे अथााह, और उसकेे माार्गग कैै सेे अगम हैंं!» रोोमि�योंं� 11:33। हम अब
तक हमाारेे सााथ उसकेे व्यवहाार कोो समझ सकतेे हैंं, और उन उद्देेश्योंं� कोो समझ सकतेे हैंं जि�नकेे द्वााराा
वह काार्यय करताा हैै, तााकि� हम असीीमि�त प्रेेम और दयाा कोो अनंं त शक्ति� सेे जोोड़ सकेंं । स्वर्गग मेंं हमााराा
पि�ताा ज्ञाान और धाार्मि�कताा मेंं सब कुु छ क्रम मेंं रखताा हैै, और हमेंं असंं तुुष् ट और अवि�श्वाासीी नहींं� होोनाा
चााहि�ए, बल्कि� आदरपूूर्णण समर्पपण मेंं झुक ु नाा चााहि�ए। वह हमेंं उसकेे उद्देेश्योंं� केे बाारेे मेंं उतनाा हीी बतााएगाा
जि�तनाा जााननाा हमाारीी भलााई केे लि�ए हैै, और इससेे परेे हमेंं उस हााथ पर जोो सर्ववशक्ति�माान हैै, उस हृदय
पर जोो प्रेेम सेे भराा हैै, भरोोसाा करनाा चााहि�ए।
जबकि� परमेेश्वर नेे वि�श्वाास केे लि�ए पर्याा�प्त प्रमााण दि�ए हैंं, वह अवि�श्वाास केे लि�ए सभीी बहाानेे
कभीी नहींं� हटााएगाा। वेे सब जोो अपनेे सन्देेहोंं� कोो लटकाानेे केे लि�ए हुक ढूँँ� ढ़तेे हैंं, वेे उन्हेंं पाा लेंंगेे। और
जोो लोोग परमेेश्वर केे वचन कोो तब तक स्वीीकाार करनेे और पाालन करनेे सेे इनकाार करतेे हैंं जब तक
370 महाान वि�वााद

कि� हर आपत्ति� कोो हटाा नहींं� दि�याा जााताा हैै, और संं देेह काा कोोई अवसर नहींं� रह जााताा हैै, वेे कभीी भीी
प्रकााश मेंं नहींं� आएंं गेे।
ईश्वर केे प्रति� अवि�श्वाास एक अनवीीकृृ त हृदय काा स्वााभाावि�क वि�काास हैै, जोो उसकेे सााथ शत्रुुताा
रखताा हैै। लेेकि�न वि�श्वाास पवि�त्र आत्माा सेे प्रेेरि�त होोताा हैै, और यह तभीी फलताा-फूू लताा हैै जब इसेे पोोषि�त
कि�याा जााताा हैै। बि�नाा दृढ़ प्रयाास केे कोोई भीी मनुुष्य वि�श्वाास मेंं दृढ़ नहींं� होो सकताा। जैैसे-े जैैसेे अवि�श्वाास
प्रोोत्सााहि�त कि�याा जााताा हैै वह मज़बूूत होोताा जााताा हैै; और यदि� मनुुष्य, परमेेश्वर द्वााराा उनकेे वि�श्वाास कोो
बनााए रखनेे केे लि�ए दि�ए गए सबूूतोंं� पर नि�र्भभर रहनेे केे बजााय, खुुद कोो सवााल करनेे और नुुक्तााचीीनीी करनेे
कीी अनुुमति� देेतेे हैंं, तोो वेे पााएंं गेे कि� उनकाा संं देेह लगााताार अधि�क पक्काा होोताा जाा रहाा हैै।
परन्तुु जोो लोोग परमेेश्वर केे वाादोंं� पर सन्देेह करतेे हैंं और उसकेे अनुुग्रह केे आश्वाासन पर
अवि�श्वाास करतेे हैंं, वेे उसकाा अनाादर कर रहेे हैंं; और उनकाा प्रभााव, दूू सरोंं� कोो मसीीह कीी ओर
आकर्षि�त करनेे केे बजााय, उन्हेंं उससेे दूू र करनेे कोो प्रवृृत होोताा हैै। वेे अनुुत्पाादक पेेड़ हैंं, जोो अपनीी
काालीी शााखााओंं कोो दूू र-दूू र तक फैै लाातेे हैंं, अन्य पौौधोंं� सेे सूूर्यय केे प्रकााश कोो दूू र करतेे हैंं, और ठंं डाा
करनेे वाालीी छाायाा केे नीीचेे उनकेे मुुरझाानेे और मरनेे काा काारण बनतेे हैंं। इन व्यक्ति�योंं� काा जीीवन काार्यय
उनकेे वि�रुद्ध कभीी न समााप्त होोनेे वाालेे सााक्षीी केे रूप मेंं प्रकट होोगाा। वेे संं देेह और संं शयवााद केे बीीज
बोो रहेे हैंं जोो एक अबााध फसल देेगाा।
उन लोोगोंं� केे लि�ए केे वल एक माार्गग हैै जोो ईमाानदाारीी सेे संं देेह सेे मुुक्त होोनेे कीी इच्छाा रखतेे हैंं। जोो
कुु छ वेे नहींं� समझतेे हैंं, उसकेे बाारेे मेंं प्रश्न करनेे और नुुक्तााचीीनीी करनेे केे बजााय, उन्हेंं उस प्रकााश पर
ध्याान देेनाा चााहि�ए जोो पहलेे सेे हीी उन पर चमक रहाा हैै, और वेे अधि�क प्रकााश प्रााप्त करेंंगेे। उन्हेंं वह
हर कर्ततव्य करनेे देंं जोो उनकीी समझ केे लि�ए स्पष्ट कि�याा गयाा हैै, और वेे उन काार्योंं कोो समझनेे और
करनेे मेंं सक्षम होंं�गेे जि�नकेे बाारेे मेंं उन्हेंं अब संं देेह हैै।
शैैताान सत्य सेे मि�लतीी जुुलतीी नकल इतनीी बाारीीकीी सेे प्रस्तुुत कर सकताा हैै कि� यह उन लोोगोंं� कोो
धोोखाा देेतीी हैै जोो धोोखाा खाानेे केे इच्छुु क हैंं, जोो सत्य द्वााराा मांं�गेे गए आत्म-त्यााग और बलि�दाान सेे दूू र
रहनाा चााहतेे हैंं; लेेकि�न उसकेे लि�ए अपनीी शक्ति� केे तहत एक आत्माा कोो पकड़ कर रखनाा असंं भव
हैै जोो सच्चााई कोो जााननेे केे लि�ए कि�सीी भीी कीीमत पर ईमाानदाारीी सेे इच्छाा करताा हैै। मसीीह सत्य
और «ज्योोति� हैै, जोो संं साार मेंं आनेे वाालेे प्रत्येेक मनुुष्य कोो प्रकााशि�त करतीी हैै।» यूूहन्नाा 1:9। सत्य
काा आत्माा लोोगोंं� कोो सभीी सत्य काा माार्गगदर्शशन करनेे केे लि�ए भेेजाा गयाा हैै। और परमेेश्वर केे पुुत्र केे
अधि�काार पर यह घोोषि�त कि�याा गयाा हैै: «ढूँँ� ढोो, और तुुम पााओगेे।» «यदि� कोोई उसकीी इच्छाा पर चलनाा
चााहेे, तोो वह इस उपदेेश केे वि�षय मेंं जाान जााएगाा।» मत्तीी 7:7; यूूहन्नाा 7:17।
मसीीह केे अनुुयाायीी उन षड़यन्त्रोंं� केे बाारेे मेंं बहुत कम जाानतेे हैंं जोो शैैताान और उसकीी सेेनाा उनकेे
वि�रुद्ध रच रहेे हैंं। परन्तुु वह जोो स्वर्गग मेंं वि�रााजमाान हैै, वह अपनीी गूूढ़ योोजनााओंं कोो पूूराा करनेे कीी
इन सब युुक्ति�योंं� कोो नि�ष्प्रभााव कर देेगाा। प्रभुु अपनेे लोोगोंं� कोो प्रलोोभन कीी अग्नि�िपरीीक्षाा केे अधीीन होोनेे
कीी अनुुमति� देेताा हैै, इसलि�ए नहींं� कि� वह उनकेे संं कट और कष्ट मेंं आनंं द लेेताा हैै, बल्कि� इसलि�ए
कि� यह प्रक्रि�याा उनकीी अंंति�म जीीत केे लि�ए आवश्यक हैै। वह लगााताार अपनीी महि�माा सेे उन्हेंं परीीक्षाा
सेे नहींं� बचाा सकताा थाा; क्योंं�कि� परीीक्षाा काा उद्देेश्य हीी उन्हेंं बुुरााई केे सभीी प्रलोोभनोंं� काा वि�रोोध करनेे केे
लि�ए तैैयाार करनाा हैै।
शैतान के फंदे 371

यदि� वेे, नम्र, पश्चााताापीी हृदयोंं� केे सााथ, अपनेे पाापोंं� कोो स्वीीकाार करेंंगेे और दूू र करेंंगे,े और वि�श्वाास
सेे उसकीी प्रति�ज्ञााओंं काा दाावाा करेंंगेे तोो न तोो दुष्ु ट लोोग और न हीी शैैताान परमेेश्वर केे कााम मेंं बााधाा डााल
सकतेे हैंं, याा परमेेश्वर कीी उपस्थि�ति� सेे उन्हेंं वंं चि�त कर सकतेे हैंं। हर प्रलोोभन काा, हर वि�रोोधीी प्रभााव काा,
चााहेे खुुलाा होो याा गुुप्त, सफलताापूूर्ववक वि�रोोध कि�याा जाा सकताा हैै, «न तोो बल सेे, और न शक्‍ति�ि� सेे, परन्तुु
मेेरेे आत्माा केे द्वााराा होोगाा, मुुझ सेेनााओंं केे यहोोवाा काा यहीी वचन हैै।» जकर्यााह� 4:6।
«प्रभुु कीी आँँखेंं धर्मि�योंं� पर लगीी रहतीी हैंं, और उसकेे काान उनकीी वि�नतीी कीी ओर लगेे रहतेे हैंं।
यदि� तुुम भलााई करनेे केे लि�येे उत्तेेजि�त रहोो तोो तुुम्हाारीी बुुरााई करनेेवाालाा फि�र कौौन हैै? «1 पतरस
3:12,13। जब भरपूूर प्रति�फल केे वाादेे सेे मोोहि�त होोकर बि�लााम नेे इस्रााएल केे वि�रुद्ध जाादूू -टोोनाा
कि�याा, और यहोोवाा कोो बलि�दाान चढ़ााकर अपनीी प्रजाा पर श्रााप देेनेे काा यत्न कि�याा, तोो परमेेश्वर केे
आत्माा नेे उस बुुरााई कोो रोोक दि�याा, जि�सेे वह सुुनाानाा चााहताा थाा, और बि�लााम कोो यह कहनेे केे लि�ए
वि�वश होो गयाा: «परन्तुु जि�न्हेंं परमेेश्वर नेे शााप नहींं� दि�याा उन्हेंं मैंं क्योंं� शााप दूँँ� ? और जि�न्हेंं यहोोवाा नेे
धमकीी नहींं� दीी उन्हेंं मैंं कैै सेे धमकीी दूँँ� ? «सौौभााग्य, यदि� मेेरीी मृृत्युु धर्मि�योंं� कीी सीी, और मेेराा अन्त भीी
उन्हींं� केे समाान होो!” जब बलि�दाान फि�र सेे चढ़ाायाा गयाा, तोो अधर्मीी भवि�ष्यद्वक्ताा नेे घोोषणाा कीी: «देेख,
आशीीर्वाा�द हीी देेनेे कीी आज्ञाा मैंंनेे पााई हैै :वह आशीीष देे चुुकाा हैै, और मैंं उसेे नहींं� पलट सकताा। उसनेे
यााक़ूूब मेंं अनर्थथ नहींं� पाायाा; और न इस्रााएल मेंं अन्यााय देेखाा हैै। उसकाा परमेेश्वर यहोोवाा उसकेे संं ग
हैै, और उनमेंं रााजाा कीी सीी ललकाार होोतीी हैै।» «नि�श्‍‍चय कोोई मंं त्र यााक़ूूब पर नहींं� चल सकताा, और
इस्रााएल पर भाावीी कहनाा कोोई अर्थथ नहींं� रखताा; परन्तुु यााक़ूूब और इस्रााएल केे वि�षय मेंं अब यह कहाा
जााएगाा, कि� ईश्‍‍वर नेे क्याा हीी वि�चि�त्र कााम कि�याा हैै!» फि�र भीी तीीसरीी बाार वेेदि�याँँ� बनााई गईं, और
फि�र सेे बि�लााम नेे श्रााप देेनेे काा प्रयत्न कि�याा। परन्तुु भवि�ष्यद्वक्ताा केे अनि�च्छुु क होोठोंं� सेे, परमेेश्वर केे
आत्माा नेे अपनेे चुुनेे हुए लोोगोंं� कीी भलााई कीी घोोषणाा कीी, और उनकेे शत्रुुओं ं कीी मूूर्खखताा और द्वेेष कोो
फटकााराा: «जोो कोोई तुुझेे आशीीर्वाा�द देे वह आशीीष पााए, और जोो कोोई तुुझेे शााप देे वह शाापि�त होो।”
गि�नतीी 23:8, 10, 20, 21, 23; 24:9।
इस समय इस्रााएल केे लोोग परमेेश्वर केे प्रति� वफाादाार थेे; और जब तक वेे उसकीी व्यवस्थाा काा
पाालन करतेे रहेे, पृृथ्वीी याा नरक कीी कोोई भीी शक्ति� उनकेे वि�रुद्ध प्रबल नहींं� होो सकीी। परन्तुु बि�लााम कोो
परमेेश्वर केे लोोगोंं� कोो जि�स श्रााप कोो देेनेे कीी अनुुमति� नहींं� दीी गई थीी, वह अन्त मेंं उन्हेंं बहकााकर पााप
करनेे मेंं सफल हुआ। जब उन्होंं�नेे परमेेश्वर कीी आज्ञााओंं काा उल्लंं घन कि�याा, तब उन्होंं�नेे अपनेे आप
कोो उससेे अलग कर लि�याा, और उन्हेंं वि�ध्वंंसक कीी शक्ति� काा अनुुभव करनेे केे लि�ए छोोड़ दि�याा गयाा।
शैैताान अच्छीी तरह सेे जाानताा हैै कि� मसीीह मेंं रहनेे वाालीी सबसेे कमज़ोोर आत्माा भीी अंंधकाार कीी
सेेनााओंं केे लि�ए एक प्रति�द्वंं दीी सेे कहींं� अधि�क हैै, और अगर वह खुुद कोो खुुलेे तौौर पर प्रकट करताा हैै,
तोो उसकाा साामनाा कि�याा जााएगाा और उसकाा वि�रोोध कि�याा जााएगाा। इसलि�ए वह क्रूूस केे सैैनि�कोंं� कोो
उनकीी मज़बूूत कि�लेेबंंदीी सेे दूू र करनाा चााहताा हैै, जबकि� वह अपनीी सेेनाा केे सााथ घाात लगााकर बैैठाा हैै,
और उसकेे मैैदाान पर आनेे वाालेे सभीी लोोगोंं� कोो नष्ट करनेे केे लि�ए तैैयाार हैै। केे वल परमेेश्वर पर वि�नम्र
नि�र्भभरताा और उसकीी सभीी आज्ञााओंं काा पाालन करनेे सेे हीी हम सुुरक्षि�त रह सकतेे हैंं।
प्राार्थथनाा केे बि�नाा कोोई भीी व्यक्ति� एक दि�न याा एक घंं टेे केे लि�ए भीी सुुरक्षि�त नहींं� हैै। हमेंं वि�शेेष रूप
सेे परमेेश्वर सेे उसकेे वचन कोो समझनेे केे लि�ए बुुद्धि� केे लि�ए वि�नतीी करनीी चााहि�ए। यहाँँ� भरमाानेे वाालेे
372 महाान वि�वााद

कीी चाालेंं और वेे उपााय बतााए गए हैंं जि�नकेे द्वााराा उसकाा सफलताापूूर्ववक वि�रोोध कि�याा जाा सकताा हैै।
शैैताान पवि�त्र शाास्त्र कोो उद्धृृत करनेे मेंं एक वि�शेेषज्ञ हैै, और वह उन अंंशोंं� पर अपनीी व्यााख्याा रखताा
हैै, जि�सकेे द्वााराा वह हमेंं ठोोकर पहुँँचाानेे कीी आशाा करताा हैै। हमेंं हृदय कीी वि�नम्रताा केे सााथ बााइबल
काा अध्ययन करनाा चााहि�ए, और परमेेश्वर पर अपनीी नि�र्भभरताा कोो कभीी नहींं� भूूलनाा चााहि�ए। जबकि�
हमेंं लगााताार शैैताान कीी युुक्ति�योंं� सेे साावधाान रहनाा चााहि�ए, हमेंं वि�श्वाास केे सााथ नि�रंंतर प्राार्थथनाा करनीी
चााहि�ए: «हमेंं परीीक्षाा मेंं न लाा।»
33

पहलाा बड़ाा धोोखाा

म नुुष्य केे आरंंभि�क इति�हाास केे सााथ, शैैताान नेे हमाारीी जााति� कोो धोोखाा देेनेे केे अपनेे प्रयाास आरंंभ
कि�ए। जि�सनेे स्वर्गग मेंं वि�द्रोोह कोो उकसाायाा थाा वह पृृथ्वीी केे नि�वाासि�योंं� कोो परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा
केे खि�लााफ अपनेे युुद्ध मेंं उसकेे सााथ एकजुुट होोनेे केे लि�ए लाानाा चााहताा थाा। आदम और हव्वाा पर-
मेेश्वर कीी व्यवस्थाा काा पाालन करनेे मेंं पूूरीी तरह सेे खुुश थेे, और यह तथ्य उस दाावेे केे खि�लााफ एक
नि�रंंतर गवााहीी थीी जि�सेे शैैताान नेे स्वर्गग मेंं आग्रह कि�याा थाा, कि� परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा थीी और उसकेे
प्रााणि�योंं� कीी भलााई केे वि�रुद्ध थीी। और इसकेे अलाावाा, पाापरहि�त जोोड़ेे केे लि�ए तैैयाार कि�ए गए सुंं� दर
घर कोो देेखकर शैैताान कीी ईर्ष्याा� उत्तेेजि�त होो गई। उसनेे उन्हेंं गि�राानेे काा नि�श्चय कि�याा, कि� वह उन्हेंं
परमेेश्वर सेे अलग करकेे , और उन्हेंं अपनेे वश मेंं करकेे , पृृथ्वीी पर अधि�काार कर सकेे , और यहांं�
परमप्रधाान केे वि�रोोध मेंं अपनाा रााज्य स्थाापि�त करेे।
यदि� शैैताान नेे स्वयंं कोो अपनेे वाास्तवि�क चरि�त्र मेंं प्रकट कि�याा होोताा, तोो उसेे तुुरंंत खदेेड़ दि�याा गयाा
होोताा, क्योंं�कि� आदम और हव्वाा कोो इस खतरनााक शत्रुु केे खि�लााफ चेेताावनीी दीी गई थीी; लेेकि�न उसनेे
अपनेे उद्देेश्य कोो छुु पाातेे हुए गुुप्त रूप सेे काार्यय कि�याा, तााकि� वह अपनेे उद्देेश्य कोो अधि�क प्रभाावीी ढंंग सेे
पूूराा कर सकेे । सर्पप कोो अपनाा मााध्यम बनााकर, जोो उस समय आकर्षषक रूप काा प्रााणीी थाा, उसनेे स्वयंं
हव्वाा सेे कहाा: “क्याा सच हैै कि� परमेेश्वर नेे कहाा, ‘तुुम इस वााटि�काा केे कि�सीी वृृक्ष काा फल न खाानाा?”
उत्पत्ति� 3:1। यदि� हव्वाा नेे प्रलोोभक केे सााथ बहस करनेे सेे परहेेज कि�याा होोताा, तोो वह सुुरक्षि�त रहतीी;
लेेकि�न उसनेे उसकेे सााथ बाातचीीत करनेे काा सााहस कि�याा और उसकीी चाालााकीी काा शि�काार होो गई। यह
इस प्रकाार हैै कि� कई अभीी भीी वशीीभूूत होो जाातेे हैंं। वेे परमेेश्वर कीी अपेेक्षााओंं केे वि�षय मेंं संं देेह और
तर्कक करतेे हैंं; और ईश्वरीीय आज्ञााओंं काा पाालन करनेे केे बजााय, वेे माानवीीय सि�द्धांं�तोंं� कोो स्वीीकाार करतेे
हैंं, जोो शैैताान कीी चाालोंं� कोो छि�पाातेे हैंं।
स्त्रीी नेे सर्पप सेे कहाा, “इस वााटि�काा केे वृृक्षोंं� केे फल हम खाा सकतेे हैंं; 3पर जोो वृृक्ष वााटि�काा केे बीीच
मेंं हैै, उसकेे फल केे वि�षय मेंं परमेेश्वर नेे कहाा हैै कि� न तोो तुुम उसकोो खाानाा और न उसकोो छूू नाा, नहींं�
तोो मर जााओगेे।” तब सर्पप नेे स्त्रीी सेे कहाा, “तुुम नि�श्‍‍चय न मरोोगेे! वरन्् परमेेश्वर आप जाानताा हैै कि�
374 महाान वि�वााद

जि�स दि�न तुुम उसकाा फल खााओगेे उसीी दि�न तुुम्हाारीी आँँखेंं खुुल जााएँँगीी, और तुुम भलेे बुुरेे काा ज्ञाान
पााकर परमेेश्वर केे तुुल्य होो जााओगेे।” पद 2-5। उसनेे घोोषणाा कीी कि� वेे परमेेश्वर केे तुुल्य होो जााएंं गेे,
और पहलेे सेे अधि�क ज्ञाानवाान होो जााएंं गेे और अस्ति�त्व कीी एक उच्च स्थि�ति� केे लि�ए सक्षम होंं�गेे। हव्वाा
प्रलोोभन केे आगेे झुक ु गई; और उसकेे प्रभााव सेे, आदम कोो पााप मेंं लेे जाायाा गयाा। उन्होंं�नेे सर्पप केे
वचनोंं� कोो स्वीीकाार कि�याा, कि� परमेेश्वर काा ताात्पर्यय वह नहींं� थाा जोो उसनेे कहाा; उन्होंं�नेे अपनेे सृृष्टि�िक-
र्ताा� पर अवि�श्वाास कि�याा और कल्पनाा कीी कि� वह उनकीी स्वतंं त्रताा कोो सीीमि�त कर रहाा हैै और यह कि�
उसकीी व्यवस्थाा काा उल्लंं घन करकेे वेे महाान ज्ञाान और गौौरव प्रााप्त कर सकतेे हैंं।
लेेकि�न आदम नेे अपनेे पााप केे बााद इन शब्दोंं� काा अर्थथ क्याा पाायाा, «जि�स दि�न तूू उसकाा फल
खााएगाा उसीी दि�न अवश्य मर जााएगाा”? क्याा उसनेे उनकाा अर्थथ वहीी पाायाा, जैैसाा कि� शैैताान नेे उसेे
वि�श्वाास दि�लाायाा थाा, कि� उसेे अस्ति�त्व कीी अधि�क उन्नत स्थि�ति� मेंं लेे जाायाा जाानाा थाा? तब वाास्तव मेंं
अपरााध सेे बहुत लााभ प्रााप्त होोनाा थाा, और शैैताान माानव जााति� काा हि�तैैषीी सााबि�त हुआ। लेेकि�न आदम
नेे पाायाा कि� ईश्वरीीय वचन काा अर्थथ यह नहींं� थाा। परमेेश्वर नेे घोोषणाा कीी कि� उसकेे पााप केे दंंड केे
रूप मेंं, मनुुष्य कोो उस मि�ट्टीी मेंं लौौट जाानाा चााहि�ए जहांं� सेे उसेे नि�काालाा गयाा थाा: «तूू मि�ट्टीी तोो हैै और
मि�ट्टीी हीी मेंं फि�र मि�ल जााएगाा।” पद 19। शैैताान केे शब्द, «तुुम्हाारीी आँँखेंं खुुल जााएँँगीी,» इसीी अर्थथ
मेंं सच सााबि�त हुईं: आदम और हव्वाा द्वााराा परमेेश्वर कीी आज्ञाा न मााननेे केे बााद, उनकीी आंंखेंं खोोल
दीी गईं तााकि� वेे अपनीी मूूर्खखताा कोो समझ सकेंं ; उन्होंं�नेे बुुरााई काा ज्ञाान हुआ, और उन्होंं�नेे अपरााध काा
कड़वाा फल चखाा।
अदन केे बीीच मेंं जीीवन काा वृृक्ष थाा, जि�सकेे फल मेंं जीीवन कोो चि�राायुु बनाानेे कीी शक्ति� थीी। अगर
आदम परमेेश्वर केे प्रति� आज्ञााकाारीी बनाा रहताा, तोो वह इस पेेड़ तक अबााध पहुँँच काा आनंं द लेेताा और
हमेेशाा केे लि�ए जीीवि�त रहताा। परन्तुु जब उसनेे पााप कि�याा तोो उसेे जीीवन केे वृृक्ष काा फल खाानेे सेे वंं चि�त
कर दि�याा गयाा, और वह मृृत्युु केे अधीीन होो गयाा। ईश्वरीीय वचन, «तूू मि�ट्टीी तोो हैै और मि�ट्टीी हीी मेंं फि�र
मि�ल जााएगाा,” जीीवन केे पूूर्णण रूप सेे वि�लुुप्त होोनेे कीी ओर इशााराा करताा हैै।
अमरताा, जि�सकाा आज्ञााकाारि�ताा कीी शर्तत पर मनुुष्य सेे वाादाा कि�याा गयाा थाा, अपरााध केे काारण गँँवाा
दीी गई थीी। आदम अपनेे वंं शजोंं� कोो वह नहींं� देे सकताा थाा जोो उसकेे पाास नहींं� थाा; और यदि� परमेेश्वर
अपनेे पुुत्र केे बलि�दाान द्वााराा अमरताा कोो उनकीी पहुंंच मेंं नहींं� लाायाा होोताा, पति�त जााति� केे लि�ए कोोई
आशाा नहींं� होो सकतीी थीी। जबकि� «मृृत्युु सब मनुुष्योंं� मेंं फैै ल गई, क्योंं�कि� सब नेे पााप कि�याा,» मसीीह
नेे «मृृत्युु काा नााश कि�याा और जीीवन और अमरताा कोो उस सुुसमााचाार केे द्वााराा प्रकााशमाान कर दि�याा।»
रोोमि�योंं� 5:12; 2 तीीमुुथि�युसु 1:10। और केे वल मसीीह केे द्वााराा हीी अमरत्व प्रााप्त कि�याा जाा सकताा हैै।
यीीशुु नेे कहाा, «जोो पुुत्र पर वि�श्‍‍वाास करताा हैै, अनन्त जीीवन उसकाा हैै; परन्तुु जोो पुुत्र कीी नहींं� माानताा,
वह जीीवन कोो नहींं� देेखेेगाा।” यूूहन्नाा 3:36। प्रत्येेक व्यक्ति� इस अमूूल्य वरदाान कोो प्रााप्त कर सकताा हैै
यदि� वह शर्तोंं काा पाालन करेेगाा। वेे सभीी «जोो सुुकर्मम मेंं स्थि�र रहकर महि�माा, और आदर, और अमरताा
कीी खोोज मेंं हैंं, «अनन्त जीीवन» प्रााप्त करेंंगेे। रोोमि�योंं� 2:7।
अवज्ञाा मेंं आदम कोो जीीवन देेनेे काा वाादाा करनेे वाालाा एकमाात्र महाान मज़बूूत थाा। और अदन मेंं
हव्वाा कोो सर्पप कीी घोोषणाा— “तुुम नि�श्चय न मरोोगेे” —आत्माा कीी अमरताा पर दि�याा गयाा पहलाा
उपदेेश थाा। फि�र भीी यह घोोषणाा, पूूरीी तरह सेे शैैताान केे अधि�काार पर टि�कीी हुई हैै, मसीीहीी जगत केे
पहला बड़ा धोख 375

उपदेेश-मंं चोंं� सेे प्रति�ध्वनि�त होोतीी हैै और अधि�कांं�श माानव जााति� द्वााराा उतनीी हीी तत्परताा सेे ग्रहण कीी
जाातीी हैै जि�तनीी कि� हमाारेे पहलेे मााताा-पि�ताा द्वााराा ग्रहण कीी गई थीी। ईश्वरीीय वााक्य, «जोो प्रााणीी पााप
करेे वहीी मरेेगाा» (यहेेजकेेल 18:20), कोो यह अर्थथ दि�याा गयाा हैै: वह प्रााणीी जोो पााप करताा हैै, वह
मरेेगाा नहींं�, परन्तुु अनन्त कााल तक जीीवि�त रहेेगाा। हम उस अजीीब मोोह पर आश्चर्ययचकि�त हुए बि�नाा
नहींं� रह सकतेे जोो मनुुष्योंं� कोो शैैताान केे शब्दोंं� केे प्रति� इतनाा वि�श्वाासीी और परमेेश्वर केे वचनोंं� केे संं बंं ध
मेंं इतनाा अवि�श्वाासीी बनाा देेताा हैै।
यदि� मनुुष्य कोो उसकेे पतन केे बााद जीीवन केे वृृक्ष तक अबााध पहुंंच कीी अनुुमति� दीी गई होोतीी, तोो
वह हमेेशाा केे लि�ए जीीवि�त रहताा, और इस प्रकाार पााप अमर होो जााताा। परन्तुु करूबोंं� और ज्वाालाामय
तलवाार नेे «जीीवन केे वृृक्ष केे माार्गग» कीी रक्षाा कीी (उत्पत्ति� 3:24), और आदम केे परि�वाार मेंं सेे कि�सीी
कोो भीी उस बााड़ कोो पाार करनेे और जीीवन देेनेे वाालेे फल काा भाागीी होोनेे कीी अनुुमति� नहींं� दीी गई।
इसलि�ए कोोई अमर पाापीी नहींं� हैै।
लेेकि�न पतन केे बााद, शैैताान नेे अपनेे स्वर्गगदूू तोंं� कोो मनुुष्य कीी प्रााकृृ ति�क अमरताा मेंं वि�श्वाास पैैदाा
करनेे केे लि�ए एक वि�शेेष प्रयाास करनेे कोो कहाा; और लोोगोंं� कोो इस भ्रम कोो स्वीीकाार करनेे केे लि�ए
प्रेेरि�त करनेे केे बााद, उन्हेंं इस नि�ष्कर्षष पर लेे जाानाा थाा कि� पाापीी अनन्त दुख ु मेंं जीीएगाा। अब संं साार काा
सरदाार, अपनेे कर्ममकोंं� केे मााध्यम सेे कााम करतेे हुए, परमेेश्वर कोो एक प्रति�शोोधीी अत्यााचाारीी केे रूप मेंं
दर्शाा�ताा हैै, यह घोोषणाा करतेे हुए कि� वह उन सभीी कोो नरक मेंं डााल देेताा हैै जोो उसेे प्रसन्न नहींं� करतेे हैंं,
और उन्हेंं हमेेशाा केे लि�ए अपनेे क्रोोध काा अनुुभव करााताा हैै; और यह कि� जब वेे अकथनीीय पीीड़ाा सहतेे
हैंं और अनन्त ज्वाालाा मेंं तड़पतेे हैंं, तोो उनकाा सृृष्टि�िकर्ताा� उन्हेंं संं तुुष्टि�ि केे सााथ देेखताा हैै।
इस प्रकाार शैैताान माानव जााति� केे सृृष्टि�िकर्ताा� और संं रक्षक कोो अपनेे गुुणोंं� काा वस्त्र पहि�नााताा हैै।
क्रूूरताा शैैताानीी हैै। परमेेश्वर प्रेेम हैै; और जोो कुु छ उसनेे बनाायाा वह तब तक शुुद्ध, पवि�त्र और मनोोहर थाा,
जब तक कि� पहलेे महाान वि�द्रोोहीी द्वााराा पााप नहींं� लाायाा गयाा थाा। शैैताान स्वयंं शत्रुु हैै जोो मनुुष्य कोो पााप
करनेे केे लि�ए प्रलोोभि�त करताा हैै, और फि�र यदि� उसकेे लि�ए उसेे नष्ट करनाा संं भव हैै तोो वह ऐसाा करताा
हैै; और जब वह अपनेे शि�काार केे बाारेे मेंं नि�श्चि�िन्त होो जााताा हैै, फि�र वह अपनेे द्वााराा कीी गई बर्बाा�दीी पर
बहुत प्रसन्न होोताा हैै। यदि� अनुुमति� दीी जाातीी, तोो वह पूूरीी मनुुष्य जााति� कोो अपनेे जााल मेंं फँँसाा लेेताा।
यदि� ईश्वरीीय शक्ति� काा हस्तक्षेेप नहींं� होोताा, तोो आदम काा एक भीी पुुत्र याा पुुत्रीी बच नहींं� पाातेे।
शैैताान आज मनुुष्योंं� पर वि�जय पाानेे कीी कोोशि�श कर रहाा हैै, जैैसेे उसनेे सृृष्टि�िकर्ताा� मेंं हमाारेे पहलेे
मााताा-पि�ताा केे वि�श्वाास कोो डांं�वााडोोल कर और उन्हेंं उसकेे प्रशाासन कीी बुुद्धि�मताा और उसकेे नि�यमोंं� केे
औचि�त्य पर संं देेह करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कर उन पर वि�जय पाानेे कीी कोोशि�श कीी थीी। शैैताान और उसकेे
दूू त अपनेे स्वयंं केे द्वेेष और वि�द्रोोह कोो सहीी ठहराानेे केे लि�ए परमेेश्वर कोो स्वयंं सेे भीी बदतर केे रूप मेंं
दर्शाा�तेे हैंं। धूूर्तत धोोखेेबााज़ हमाारेे स्वर्गीीय पि�ताा पर चरि�त्र कीी अपनीी भयाानक क्रूूरताा कोो स्थाानांं�तरि�त करनेे
काा प्रयाास करताा हैै, तााकि� वह स्वर्गग सेे अपनेे नि�ष्काासन केे काारण खुुद कोो बहुत हीी उत्पीीड़ि�त सााबि�त
कर सकेे क्योंं�कि� उसनेे अन्याायपूूर्णण हााकि�म केे आगेे समर्पपण नहींं� कि�याा। यहोोवाा केे कठोोर आदेेशोंं� द्वााराा
लगााए गए बंं धन केे वि�परीीत, वह दुनि�या ु ा केे साामनेे वह स्वतंं त्रताा प्रस्तुुत करताा हैै जि�सकाा आनंं द वेे
उसकेे दयाालुु शाासन केे तहत लेे सकतेे हैंं। इस प्रकाार वह लोोगोंं� कोो ईश्वर केे प्रति� उनकीी नि�ष्ठाा सेे दूू र
करनेे मेंं सफल होोताा हैै।
376 महाान वि�वााद

यह सि�द्धांं�त कि� दुष्ु ट मृृतकोंं� कोो हमेेशाा केे लि�ए जलनेे वाालेे नरक मेंं आग और गंं धक सेे तड़पाायाा
जााताा हैै; कि� एक संं क्षि�प्त सांं�साारि�क जीीवन केे पाापोंं� केे लि�ए जब तक परमेेश्वर जीीवि�त रहेेगाा उन्हेंं
याातनाा सहनीी होोगीी, प्रेेम और दयाा कीी हर भाावनाा और यहांं� तक कि� न्यााय कोो लेेकर हमाारीी समझ केे
अनुुसाार भीी बहुत हीी घृृणि�त हैै। फि�र भीी इस सि�द्धांं�त कोो व्याापक रूप सेे सि�खाायाा गयाा हैै और अभीी भीी
मसीीहीी जगत केे कई पंं थोंं� मेंं सन्नि��हि�त हैै। एक धर्ममज्ञ नेे कहाा: «नरक कीी पीीड़ाा केे दर्शशन संं तोंं� कीी खुुशीी
कोो हमेेशाा केे लि�ए बढ़ाा देंंगेे। जब वेे दूू सरोंं� कोो, जोो इसीी स्वभााव केे हैंं और समाान परि�स्थि�ति�योंं� मेंं पैैदाा
हुए हैंं, इस तरह केे दुख ु मेंं डूू बेे हुए, और खुुद कोो इतनाा प्रति�ष्ठि��त देेखतेे हैंं, तोो उन्हेंं यह समझ मेंं आ
जााएगाा कि� वेे कि�तनेे खुुश हैंं।» एक अन्य नेे इन शब्दोंं� काा प्रयोोग कि�याा: «जब क्रोोध केे पाात्रोंं� पर दण्ड
कीी आज्ञाा अनन्तकााल तक काार्याा�न्वि�त होोतीी हैै, तोो उनकीी पीीड़ाा काा धुंं�आ दयाा केे पाात्रोंं� केे सााम्हनेे सदाा
उठताा रहेेगाा, जोो, इन दयनीीय पाात्रोंं� काा पक्ष कोो लेेनेे केे बजााय कहेंंगेे, आमीीन, हल्‍लि�ि�लूूय्यााह! यहोोवाा
कीी स्तुुति� करोो!”
परमेेश्वर केे वचन केे पन्नोंं� मेंं ऐसीी शि�क्षाा कहाँँ� मि�लतीी हैै? क्याा उद्धाार पााए हुए लोोग जोो स्वर्गग मेंं
हैंं दयाा और करुणाा कीी सभीी भाावनााओंं, और यहाँँ� तक कि� साामाान्य माानवताा कीी भाावनााओंं सेे भीी
वंं चि�त होो जााएँँगेे? क्याा इन्हेंं रूढ़ि�वाादि�योंं� कीी उदाासीीनताा याा बर्बबरताापूूर्णण लोोगोंं� कीी क्रूूरताा सेे बदलाा जाानाा
चााहि�ए? नहींं� - नहींं�; परमेेश्वर कीी पुुस्तक कीी शि�क्षाा ऐसीी नहींं� हैै। जोो लोोग ऊपर दि�ए गए उद्धरणोंं� मेंं
व्यक्त वि�चाार प्रस्तुुत करतेे हैंं वेे वि�द्वाान और ईमाानदाार जन भीी होो सकतेे हैंं, लेेकि�न वेे शैैताान केे कुु तर्कोंं
सेे बहकााए जाातेे हैंं। वह उन्हेंं पवि�त्र शाास्त्र कीी महत्वपूूर्णण अभि�व्यक्ति�योंं� काा गलत अर्थथ नि�काालनेे केे लि�ए
प्रेेरि�त करताा हैै, भााषाा कोो कड़वााहट और द्वेेष काा रंंग देेताा हैै जोो स्वयंं उससेे संं बंं धि�त हैै, लेेकि�न हमाारेे
सृृष्टि�िकर्ताा� सेे नहींं�। «परमेेश्वर यहोोवाा कीी यह वााणीी हैै : मेेरेे जीीवन कीी सौौगन्ध, मैंं दुष्ु ट केे मरनेे सेे कुु छ
भीी प्रसन्न नहींं� होोताा, परन्तुु इससेे कि� दुष्ु ट अपनेे माार्गग सेे फि�रकर जीीवि�त रहेे; हेे इस्रााएल केे घराानेे, तुुम
अपनेे-अपनेे बुुरेे माार्गग सेे फि�र जााओ; तुुम क्योंं� मरोो?» यहेेजकेेल 33:11।
परमेेश्वर कोो क्याा प्रााप्त होोगाा यदि� हम यह माान लेंं कि� वह नि�रंंतर याातनााओंं कोो देेखकर प्रसन्न
होोताा हैै; कि� वह उन पीीड़ि�त प्रााणि�योंं� कीी करााहोंं� और चीीखोंं� और नि�न्दााओंं सेे अभि�भूूत हैै जि�न्हेंं वह
नरक कीी आग मेंं रखताा हैै? क्याा येे भयाानक आवााज़ेंं अनंं त प्रेेम अर्थाा�त परमेेश्वर केे काानोंं� केे लि�ए
संं गीीत होो सकतीी हैंं? यह आग्रह कि�याा जााताा हैै कि� दुष्ु टोंं� पर अंंतहीीन दुखोंं� ु काा प्रहाार पााप केे प्रति�
परमेेश्वर कीी घृृणाा कोो एक बुुरााई केे रूप मेंं दि�खााएगाा जोो संं पूूर्णण सृृष्टि�ि कीी शांं�ति� और व्यवस्थाा केे लि�ए
वि�नााशकाारीी हैै। ओह, भयाानक ईश-नि�न्दाा! माानोो परमेेश्वर कीी पााप केे प्रति� घृृणाा हीी वह काारण हैै
जि�सकेे काारण इसेे क़ाायम रखाा गयाा हैै। क्योंं�कि�, इन धर्ममशाास्त्रि�ियोंं� कीी शि�क्षााओंं केे अनुुसाार, दयाा कीी
आशाा केे बि�नाा नि�रंंतर याातनाा उसकेे दुखी ु ी पीीड़ि�तोंं� कोो गुुस्सेे सेे पाागल कर देेतीी हैै, और जैैसेे हीी वेे शााप
और ईश-नि�न्दाा मेंं अपनाा क्रोोध उण्डेेलतेे हैंं, वेे हमेेशाा केे लि�ए अपनेे अपरााध केे बोोझ कोो बढ़ाा रहेे
होोतेे हैंं। इस प्रकाार अनंं त युुगोंं� मेंं लगााताार बढ़तेे हुए पााप कोो क़ाायम रखनेे सेे परमेेश्वर कीी महि�माा नहींं�
बढ़तीी हैै।
यह माानव मन कीी शक्ति� सेे परेे हैै कि� वह उस बुुरााई काा अनुुमाान लगाा सकेे जोो अनन्त पीीड़ाा केे
वि�धर्मम सेे उत्पन्न हुई हैै। प्रेेम और भलााई सेे भराा और करुणाा सेे भरपूूर बााइबि�ल काा धर्मम अंंधवि�-
श्वाास सेे अंंधकाारमय और आतंं क सेे ढकाा हुआ हैै। जब हम इस बाात पर वि�चाार करतेे हैंं कि� शैैताान नेे
पहला बड़ा धोख 377

परमेेश्वर केे चरि�त्र कोो कि�स झूठेू े रंंग मेंं रंंग दि�याा हैै, तोो क्याा हम आश्चर्यय कर सकतेे हैंं कि� हमाारेे दयाालुु
सृृष्टि�िकर्ताा� सेे मनुुष्य भयभीीत हैै और उससेे घृृणाा भीी करताा हैै? उपदेेश-मंं च कीी शि�क्षााओंं सेे दुनि�या ु ा
भर मेंं प्रसाारि�त परमेेश्वर केे भयाावह रूप नेे, हज़ाारोंं�, हाँँ�, लााखोंं� लोोगोंं� कोो संं शयवाादीी और कााफि�र बनाा
दि�याा हैै।
अनन्त पीीड़ाा काा सि�द्धांं�त उन झूठेू े सि�द्धांं�तोंं� मेंं सेे एक हैै जोो बााबुुल कीी घृृणि�त वस्तुुओं ं कीी मदि�राा
हैै, जोो वह सभीी रााष्ट्रों��ं कोो पि�लाातीी हैै। प्रकााशि�तवााक्य 14:8; 17:2। यह कि� मसीीह केे सेेवकोंं� नेे इस
वि�धर्मम कोो स्वीीकाार कि�याा और पवि�त्र उपदेेश-मंं च सेे इसकीी घोोषणाा कीी, यह वाास्तव मेंं एक रहस्य हैै।
उन्होंं�नेे इसेे रोोम सेे ग्रहण कि�याा, जैैसेे उन्होंं�नेे झूठाू ा सब्त स्वीीकाार कि�याा। सच हैै, यह महाान और अच्छेे
व्यक्ति�योंं� द्वााराा सि�खाायाा गयाा हैै; लेेकि�न इस वि�षय पर प्रकााश प्रााप्त नहींं� हुआ थाा जैैसाा कि� यह हमेंं प्रााप्त
हुआ हैै। वेे केे वल उस प्रकााश केे लि�ए उत्तरदाायीी थेे जोो उनकेे समय मेंं चमकाा थाा; हम उसकेे लि�ए
जवााबदेेह हैंं जोो हमाारेे दि�नोंं� मेंं चमकताा हैै। यदि� हम परमेेश्वर केे वचन कीी गवााहीी सेे मुँँ�ह मोोड़तेे हैंं,
और झूठेू े उपदेेशोंं� कोो ग्रहण करतेे हैंं, क्योंं�कि� हमाारेे बााप दाादोंं� नेे उन्हेंं सि�खाायाा, तोो हम बााबुुल केे दण्ड
केे भाागीी होंं�गेे; हम उसकीी घृृणि�त वस्तुुओं ं कीी मदि�राा पीी रहेे हैंं।
एक बड़ाा वर्गग जि�सकेे लि�ए शााश्वत पीीड़ाा काा सि�द्धांं�त घि�नौौनाा हैै, वि�परीीत भ्रम केे लि�ए प्रेेरि�त होोताा
हैै। वेे देेखतेे हैंं कि� पवि�त्र शाास्त्र परमेेश्वर कोो प्रेेम और करुणाा सेे भरपूूर हस्तीी केे रूप मेंं प्रस्तुुत करताा
हैै, और वेे वि�श्वाास नहींं� कर सकतेे कि� वह अपनेे प्रााणि�योंं� कोो एक अनन्त जलतीी हुई नरक कीी आग
मेंं डााल देेगाा। लेेकि�न यह माानतेे हुए कि� आत्माा स्वााभाावि�क रूप सेे अमर हैै, उन्हेंं यह नि�ष्कर्षष नि�काालनेे
केे अलाावाा कोोई वि�कल्प नहींं� दि�खताा हैै कि� अंंततःः सम्पूूर्णण माानव जााति� कोो बचाायाा जााएगाा। बहुत सेे
लोोग माानतेे हैंं कि� बााइबल कीी धमकि�याँँ� केे वल लोोगोंं� कोो आज्ञााकाारि�ताा केे लि�ए डराानेे केे लि�ए तैैयाार
कीी गई हैंं, न कि� शााब्दि�क रूप सेे पूूरीी होोनेे केे लि�ए। इस प्रकाार पाापीी परमेेश्वर कीी अपेेक्षााओंं कीी
अवहेेलनाा करतेे हुए, स्वाार्थीी आनंं द मेंं जीी सकताा हैै, और फि�र भीी अंंततःः उसकेे पक्ष मेंं ग्रहण कि�ए
जाानेे कीी अपेेक्षाा कर सकताा हैै। ऐसाा सि�द्धांं�त, परमेेश्वर कीी दयाा पर वि�श्वाास करतेे हुए, लेेकि�न उनकेे
न्यााय कीी उपेेक्षाा करतेे हुए, सांं�साारि�क हृदय कोो प्रसन्न करताा हैै और दुष्ु टोंं� कोो उनकेे अधर्मम मेंं प्रो�-
त्सााहि�त करताा हैै।
यह दि�खाानेे केे लि�ए कि� कि�स प्रकाार साार्ववभौौमि�क उद्धाार मेंं वि�श्वाास करनेे वाालेे आत्माा कोो नष्ट करनेे
वाालेे सि�द्धांं�तोंं� कोो बनााए रखनेे केे लि�ए पवि�त्र शाास्त्र कोो वि�कृृ त करतेे हैंं, केे वल उनकेे स्वयंं केे कथनोंं�
कोो उद्धृतृ करनाा आवश्यक हैै। एक अधाार्मि�क युुवक केे अंंति�म संं स्काार मेंं, जोो एक दुर्घघु टनाा सेे तुुरंंत
मााराा गयाा थाा, एक पाादरीी नेे, जोो सभीी केे उद्धाार मेंं वि�श्वाास रखताा थाा, अपनेे मुुख्य पद केे रूप मेंं दााउद
केे बाारेे मेंं पवि�त्रशाास्त्र केे कथन कोो चुुनाा: «अम्नोोन जोो मर गयाा थाा, इस काारण उसनेे उसकेे वि�षय मेंं
शाान्ति� पााई।» 2 शमूूएल 13:39।
«मुुझसेे अक्सर पूूछाा जााताा हैै,» वक्ताा नेे कहाा, «उन लोोगोंं� काा भााग्य क्याा होोगाा जोो पााप मेंं दुनि�या ु ा
कोो छोोड़ देेतेे हैंं, मर जाातेे हैंं, शाायद, नशेे कीी हाालत मेंं, उनकेे वस्त्रोंं� सेे अपरााध केे मैैलेे धब्बोंं� केे सााथ
मर जाातेे हैंं, याा ऐसेे मर जाातेे हैंं जैैसेे यह युुवक मराा थाा, जि�सनेे कभीी धर्मम कोो स्वीीकाार नहींं� कि�याा और
नाा हीी धर्मम केे अनुुभव काा आनंं द लि�याा। हम पवि�त्र शाास्त्र सेे संं तुुष् ट हैंं; इसकाा उत्तर घोोर समस्याा काा
समााधाान करेेगाा। अम्नोोन अत्यंं त पाापीी थाा; वह अपश्चााताापीी थाा, उसेे मतवाालाा बनाा दि�याा गयाा थाा, और
378 महाान वि�वााद

नशेे मेंं हीी मााराा गयाा थाा। दााऊद परमेेश्वर काा भवि�ष्यद्वक्ताा थाा; वह जाानताा होोगाा कि� आनेे वाालीी दुनि�या ु ा
मेंं अम्नोोन केे लि�ए यह अच्छाा होोगाा याा बुुराा। उसकेे हृदय केे भााव क्याा थेे?
‹दााऊद केे मन मेंं अबशाालोोम केे पाास जाानेे कीी बड़ीी लाालसाा रहीी; क्योंं�कि� अम्नोोन जोो मर गयाा थाा,
इस काारण उसनेे उसकेे वि�षय मेंं शाान्ति� पााई। ‹ पद 39।
«और इस भााषाा सेे क्याा नि�ष्कर्षष नि�काालाा जाा सकताा हैै? क्याा ऐसाा नहींं� हैै कि� अंंतहीीन पीीड़ाा उसकेे
धाार्मि�क वि�श्वाास काा हि�स्साा नहींं� थीी? इस प्रकाार हम कल्पनाा करतेे हैंं; और यहाँँ� हम परम साार्ववभौौ-
मि�क पवि�त्रताा और शांं�ति� कीी अधि�क सुुखद, अधि�क प्रबुुद्ध, अधि�क उदाार अवधाारणाा केे समर्थथन मेंं
वि�जयीी तर्कक पाातेे हैंं। अपनेे बेेटेे कोो मराा हुआ देेखकर उसेे तसल्लीी हुई। और ऐसाा क्योंं�? क्योंं�कि� भवि�-
ष्यद्वााणीी कीी आँँखोंं� सेे वह महि�माामय भवि�ष्य कीी ओर देेख सकताा थाा और देेख सकताा थाा कि� वह पुुत्र
सभीी परीीक्षााओंं सेे बहुत दूू र हैै, बंं धनोंं� सेे मुुक्त हैै और पााप केे भ्रष्टााचाार सेे वि�शुुद्ध कि�याा गयाा हैै, और
पर्याा�प्त रूप सेे पवि�त्र और प्रबुुद्ध होोनेे केे बााद, आरोोहीी और आनन्दि�त आत्मााओंं कीी सभाा मेंं शाामि�ल
कि�याा गयाा हैै। उसकाा एकमाात्र आश्वाासन यह थाा कि�, पााप और पीीड़ाा कीी वर्ततमाान स्थि�ति� सेे हटााए जाानेे
पर, उसकाा प्रि�य पुुत्र वहाँँ� चलाा गयाा थाा जहाँँ� उसकीी उदाास आत्माा पर पवि�त्र आत्माा बहुताायत सेे उंं डेेलाा
जााएगाा, जहाँँ� उसकाा मन स्वर्गग केे ज्ञाान और अमर प्रेेम केे मधुुर उत्सााह केे प्रति� खुुल जााएगाा, और इस
प्रकाार यह स्वर्गीीय वि�राासत केे वि�श्रााम और संं गति� काा आनंं द लेेनेे केे लि�ए एक पवि�त्र प्रकृृ ति� केे सााथ
तैैयाार कि�याा जााएगाा।
“इन वि�चाारोंं� मेंं यह समझाा जााएगाा कि� हम माानतेे हैंं कि� स्वर्गग काा उद्धाार इस बाात पर नि�र्भभर नहींं�
करताा हैै कि� हम इस जीीवन मेंं क्याा कर सकतेे हैंं; न तोो वर्ततमाान हृदय परि�वर्ततन पर, न हीी वर्ततमाान
वि�श्वाास पर, याा धर्मम कीी वर्ततमाान घोोषणाा पर। «
इस प्रकाार मसीीह केे कथि�त सेेवक नेे अदन मेंं सर्पप द्वााराा कहेे गए झूठू कोो दोोहराायाा: «तुुम नि�श्‍‍चय
न मरोोगेे।» «जि�स दि�न तुुम उसकाा फल खााओगेे उसीी दि�न तुुम्हाारीी आँँखेंं खुुल जााएँँगीी, और तुुम परमेे-
श्वर केे तुुल्य होो जााओगेे।” वह घोोषणाा करताा हैै कि� पाापि�योंं� मेंं सबसेे घि�नौौनाा - हत्यााराा, चोोर और
व्यभि�चाारीी - मृृत्युु केे बााद अमर आनंं द मेंं प्रवेेश करनेे केे लि�ए तैैयाार कि�याा जााएगाा।
और पवि�त्र शाास्त्र कोो वि�कृृ त करनेे वाालाा अपनाा नि�ष्कर्षष कि�ससेे नि�काालताा हैै? दााउद केे समर्पपण
सेे लेेकर ईश्वरीीय रक्षाा कीी व्यवस्थाा तक व्यक्त करनेे वाालेे एक वााक्य सेे। उसकेे मन मेंं «अबशाालोोम
केे पाास जाानेे कीी बड़ीी लाालसाा रहीी; क्योंं�कि� अम्नोोन जोो मर गयाा थाा, इस काारण उसनेे उसकेे वि�षय मेंं
शाान्ति� पााई।» समय केे सााथ कम हुई उसकेे दुःः�ख कीी माार्मि�कताा, मृृत पुुत्र सेे जीीवि�त पुुत्र कीी ओर फि�र
गए उसकेे वि�चाार, उसकेे अपरााध कीी उचि�त सज़ाा केे डर सेे स्वयंं अलग होो गई। और यह इस बाात काा
प्रमााण हैै कि� व्यभि�चाार करनेे वाालाा, नशेे मेंं धुुत अम्नोोन मृृत्युु केे समय तुुरंंत आनंं द केे नि�वाास स्थाान
पर पहुँँचाायाा गयाा थाा, वहाँँ� शुुद्ध होोनेे और नि�ष्पााप स्वर्गगदूू तोंं� केे सााहचर्यय केे लि�ए तैैयाार होोनेे केे लि�ए!
वाास्तव मेंं एक मनभाावन कथाा हैै, जोो सांं�साारि�क हृदय कोो तृृप्त करनेे केे लि�ए उपयुुक्त हैै! यह शैैताान
काा अपनाा सि�द्धांं�त हैै, और यह अपनाा कााम प्रभाावीी ढंंग सेे करताा हैै। क्याा हमेंं तााज्जुुब होोनाा चााहि�ए कि�
ऐसेे उपदेेश सेे दुष्ु टताा बहुताायत सेे होोतीी हैै?
इस एक झूठेू े शि�क्षक द्वााराा अपनााई गई वि�चाारधााराा कई अन्य लोोगोंं� कीी वि�चाारधााराा कोो दर्शाा�तीी
हैै। पवि�त्र शाास्त्र केे कुु छ शब्द संं दर्भभ सेे अलग कि�ए गए हैंं, जोो कई माामलोंं� मेंं उनकेे अर्थथ कोो उनकेे
पहला बड़ा धोख 379

द्वााराा दीी गई व्यााख्याा केे बि�ल्कुुल वि�परीीत बताातेे हैंं; और ऐसेे असम्बद्ध अंंश वि�कृृ त हैंं और उन सि�द्धांं�तोंं�
केे प्रमााण केे रूप मेंं उपयोोग कि�ए जाातेे हैंं जि�नकाा परमेेश्वर केे वचन मेंं कोोई आधाार नहींं� हैै। सााक्ष्य
केे रूप मेंं उद्धृतृ गवााहीी कि� शरााबीी अम्नोोन स्वर्गग मेंं हैै, पवि�त्रशाास्त्र केे स्पष्ट और सकााराात्मक कथन
सेे सीीधेे तौौर पर वि�रोोधााभाासीी हैै कि� कोोई भीी शरााबीी परमेेश्वर केे रााज्य काा उत्तरााधि�काारीी नहींं� होोगाा।
1 कुु रि�न्थि�योंं� 6:10। इस प्रकाार संं देेह करनेे वाालेे, अवि�श्वाासीी और संं शयवाादीी सत्य कोो झूठू मेंं बदल
देेतेे हैंं। और बड़ीी संं ख्याा मेंं लोोग उनकेे कुु तर्कोंं द्वााराा धोोखाा खाा गए हैंं और सांं�साारि�क सुुरक्षाा केे पाालनेे
मेंं थपथपाा कर सुुलाा दि�याा गयाा हैै।
यदि� यह सच होोताा कि� सभीी मनुुष्योंं� कीी आत्मााएँँ मृृत्युु केे समय सीीधेे स्वर्गग मेंं जाातीी हैंं, तोो हम
जीीवन केे बजााय मृृत्युु कोो चााह सकतेे हैंं। बहुत सेे लोोग इस वि�श्वाास केे काारण अपनेे अस्ति�त्व कोो
समााप्त करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त हुए हैंं। जब हम परेेशाानीी, व्यााकुु लताा और नि�रााशाा सेे अभि�भूूत होो जाातेे
हैंं, तोो जीीवन केे भंं गुुर धाागेे कोो तोोड़नाा और अनन्त संं साार केे आनंं द मेंं दूू र उड़ जाानाा एक आसाान बाात
लगतीी हैै।
परमेेश्वर नेे अपनेे वचन मेंं नि�र्णाा�यक प्रमााण दि�याा हैै कि� वह अपनीी व्यवस्थाा काा उल्लंं घन करनेेवाालोंं�
कोो दण्ड देेगाा। जोो लोोग स्वयंं कोो प्रसन्न करतेे हैंं कि� वह इतनाा दयाालुु हैै कि� वह पाापि�योंं� पर न्यााय कोो
लाागूू नहींं� करेेगाा, उन्हेंं केे वल कलवरीी केे क्रूूस कीी ओर देेखनाा हैै। परमेेश्वर केे नि�ष्कलंं क पुुत्र कीी मृृत्युु
इस बाात कीी गवााहीी देेतीी हैै कि� «पााप कीी मज़दूू रीी तोो मृृत्युु हैै,» कि� परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे प्रत्येेक
उल्लंं घन कोो उसकाा उचि�त प्रति�शोोध मि�लनाा चााहि�ए। नि�ष्पााप मसीीह मनुुष्य केे लि�ए पााप बन गयाा। जब
तक उसकाा हृदय टूू टाा और उसकाा जीीवन नष्ट न होो गयाा, तब तक उसनेे अपरााध काा दोोष और अपनेे
पि�ताा केे  मुुख काा छि�पाायाा जाानाा सहन कि�याा। यह सााराा बलि�दाान पाापि�योंं� कोो छुु टकााराा दि�लाानेे केे लि�ए
दि�याा गयाा थाा। कि�सीी भीी अन्य तरीीकेे सेे मनुुष्य कोो पााप केे दण्ड सेे मुुक्त नहींं� कि�याा जाा सकताा थाा। और
प्रत्येेक मनुुष्य जोो इतनीी कीीमत पर प्रदाान कि�ए गए प्राायश्चि�ित काा भाागीी बननेे सेे इंं काार करताा हैै, उसेे
अपनेे आप मेंं आज्ञाा उल्लंं घन काा दंंड और अपरााध बोोध वहन करनाा होोगाा।
आइए हम इस बाात पर वि�चाार करेंं कि� बााइबल अधर्मीी और अपश्चााताापीी लोोगोंं� केे बाारेे मेंं आगेे
क्याा सि�खाातीी हैै, जि�न्हेंं स्वर्गग मेंं सभीी केे उद्धाार-प्रााप्ति� मेंं वि�श्वाास करनेे वाालेे पवि�त्र, सुुखीी स्वर्गगदूू तोंं� केे
रूप मेंं स्वर्गग मेंं स्थाान देेतेे हैंं।
«मैंं प्याासेे कोो जीीवन केे जल केे सोोतेे मेंं सेे सेंंतमेंंत पि�लााऊँँगाा।» प्रकााशि�तवााक्य 21:6। यह वाादाा
केे वल उनकेे लि�ए हैै जोो प्याासेे हैंं। केे वल उन्हेंं जोो जीीवन केे जल कीी आवश्यकताा महसूूस करतेे हैंं, और
अन्य सभीी चीीजोंं� केे नुुकसाान पर इसकीी तलााश करतेे हैंं, आपूूर्ति� कीी जााएगीी। «जोो जय पााए वहीी इन
वस्तुुओं ं काा वाारि�स होोगाा, और मैंं उसकाा परमेेश्वर होोऊँँगाा और वह मेेराा पुुत्र होोगाा।» पद 7। यहांं� भीी
शर्तेंं बतााई गई हैंं। सभीी चीीज़ोंं� कोो वि�राासत मेंं पाानेे केे लि�ए, हमेंं पााप काा वि�रोोध करनाा चााहि�ए और उस
पर वि�जय प्रााप्त करनीी चााहि�ए।
यशाायााह भवि�ष्यद्वक्ताा केे द्वााराा यहोोवाा कीी यह वााणीी हैै: «धर्मि�योंं� सेे कहोो कि� उनकाा भलाा होोगाा।»
«दुष्ु ट पर हााय! उसकाा बुुराा होोगाा, क्योंं�कि� उसकेे काामोंं� काा फल उसकोो मि�लेेगाा।» यशाायााह 3:10,11।
«चााहेे पाापीी सौौ बाार पााप करेे और अपनेे दि�न भीी बढ़ााए,» बुुद्धि�माान व्यक्ति� कहताा हैै, «तौौभीी मुुझेे
नि�श्‍‍चय हैै कि� जोो परमेेश्वर सेे डरतेे हैंं और उसकोो अपनेे सम्मुुख जाानकर भय सेे चलतेे हैंं, उनकाा
380 महाान वि�वााद

भलाा हीी होोगाा; परन्तुु दुष्ु ट काा भलाा नहींं� होोनेे काा।» सभोोपदेेशक 8:12,13। और पौौलूूस इस बाात कीी
गवााहीी देेताा हैै कि� पाापीी «उसकेे क्रोोध केे दि�न केे लि�येे, जि�समेंं परमेेश्वर काा सच्‍‍चाा न्यााय प्रगट होोगाा,
अपनेे लि�येे क्रोोध कमाा रहाा हैै। वह हर एक कोो उसकेे काामोंं� केे अनुुसाार बदलाा देेगाा;» «और क्लेेश और
संं कट हर एक मनुुष्य केे प्रााण पर जोो बुुराा करताा हैै आएगाा।» रोोमि�योंं� 2:5, 6, 9।
«कि�सीी व्यभि�चाारीी, याा अशुुद्ध जन, याा लोोभीी मनुुष्य कीी, जोो मूूर्ति�पूूजक केे बरााबर हैै, मसीीह और
परमेेश्वर केे रााज्य मेंं मीीराास नहींं�।» इफि�सि�योंं� 5:5। «सबसेे मेेल मि�लााप रखोो, और उस पवि�त्रताा केे
खोोजीी होो जि�सकेे बि�नाा कोोई प्रभुु कोो कदाापि� न देेखेेगाा।» इब्राानि�योंं� 12:14। “धन्य वेे हैंं, जोो अपनेे
वस्त्र धोो लेेतेे हैंं, क्योंं�कि� उन्हेंं जीीवन केे वृृक्ष केे पाास आनेे काा अधि�काार मि�लेेगाा, और वेे फााटकोंं� सेे
होोकर नगर मेंं प्रवेेश करेंंगेे। पर कुु त्तेे, और टोोन्हेंं, और व्यभि�चाारीी, और हत्याारेे और मूूर्ति�पूूजक, और
हर एक झूठू काा चााहनेेवाालाा और गढ़नेे वाालाा बााहर रहेेगाा। « प्रकााशि�तवााक्य 22:14,15।
परमेेश्वर नेे मनुुष्योंं� कोो अपनेे चरि�त्र और पााप सेे नि�पटनेे केे अपनेे तरीीकेे कीी घोोषणाा दीी हैै।
“यहोोवाा, यहोोवाा, ईश्‍‍वर दयाालुु और अनुुग्रहकाारीी, कोोप करनेे मेंं धीीरजवन्त, और अति� करुणाामय
और सत्य, हज़ाारोंं� पीीढ़ि�योंं� तक नि�रन्तर करुणाा करनेेवाालाा, अधर्मम और अपरााध और पााप काा क्षमाा
करनेेवाालाा हैै, परन्तुु दोोषीी कोो वह कि�सीी प्रकाार नि�र्दोोष न ठहरााएगाा।” नि�र्गगमन 34:6,7। «सब दुष्ु टोंं�
काा सत्याानााश करताा हैै।» «परन्तुु अपरााधीी एक सााथ नष्ट कि�ए जााएँँगेे; दुष्ु टोंं� काा अन्त फल सर्ववनााश
हैै।» भजन संं हि�ताा 145:20; 37:38। ईश्वरीीय प्रबंं धन कीी शक्ति� और अधि�काार कोो वि�द्रोोह कोो दबाानेे
केे लि�ए नि�योोजि�त कि�याा जााएगाा; फि�र भीी प्रति�शोोधाात्मक न्यााय कीी सभीी अभि�व्यक्ति�याँँ� एक दयाालुु,
सहनशीील, परोोपकाारीी हस्तीी केे रूप मेंं परमेेश्वर केे चरि�त्र केे सााथ पूूरीी तरह सेे संं गत होंं�गीी।
ईश्वर कि�सीी कीी इच्छाा याा नि�र्णणय कोो मजबूूर नहींं� करताा हैै। गुुलाामीी कीी आज्ञााकाारि�ताा मेंं उसेे कोोई
आनंं द नहींं� आताा। वह चााहताा हैै कि� उसकेे हााथोंं� केे प्रााणीी उससेे प्रेेम करेंं क्योंं�कि� वह प्रेेम केे योोग्य हैै।
वह उनसेे अपनीी आज्ञाा काा पाालन करवााएगाा क्योंं�कि� वेे उसकीी बुुद्धि�, न्यााय और परोोपकाार कीी सुुबोोध
सरााहनाा करतेे हैंं। और वेे सभीी जि�नकेे पाास इन गुुणोंं� कीी न्याायपूूर्णण अवधाारणाा हैै, वेे उससेे प्रेेम करेंंगेे
क्योंं�कि� वेे उसकेे गुुणोंं� कीी प्रशंं साा मेंं उसकीी ओर आकर्षि�त होोतेे हैंं।
हमाारेे उद्धाारकर्ताा� द्वााराा सि�खााए गए और उदााहरण देे कर समझााए गए दयाालुुताा, करुणाा और प्रेेम
केे सि�द्धांं�त परमेेश्वर कीी इच्छाा और चरि�त्र काा प्रति�लेेख हैंं। मसीीह नेे घोोषणाा कीी कि� उसनेे अपनेे पि�ताा
सेे जोो प्रााप्त कि�याा थाा, उसकेे अलाावाा कुु छ भीी नहींं� सि�खाायाा। ईश्वरीीय व्यवस्थाा केे सि�द्धांं�त उद्धाारकर्ताा�
केे उपदेेश, «अपनेे शत्रुुओं ं सेे प्रेेम करोो» केे सााथ पूूर्णण साामंं जस्य मेंं हैंं। परमेेश्वर दुष्ु टोंं� पर न्यााय लाागूू
करताा हैै, संं पूूर्णण सृृष्टि�ि कीी भलााई केे लि�ए, और यहांं� तक कि� उन लोोगोंं� कीी भलााई केे लि�ए भीी जि�न पर
उसकेे दंंड कीी आज्ञाा भेेजीी जाातीी हैै। यदि� वह अपनीी व्यवस्थाा केे नि�यमोंं� और अपनेे चरि�त्र कीी सत्यताा
केे अनुुसाार ऐसाा कर सकताा हैै तोो वह उन्हेंं प्रसन्न करेेगाा। वह अपनेे प्रेेम कीी नि�शाानि�योंं� सेे उन्हेंं घेेर लेेताा
हैै, वह उन्हेंं अपनीी व्यवस्थाा काा ज्ञाान देेताा हैै, और अपनीी दयाा कीी पेेशकश केे सााथ उनकेे पीीछेे आताा
हैै; परन्तुु वेे उसकेे प्रेेम कोो तुुच्छ जाानतेे हैंं, उसकीी व्यवस्थाा कोो व्यर्थथ ठहराातेे हैंं, और उसकीी करूणाा कोो
तुुच्छ अस्वीीकाार करतेे हैंं। लगााताार उसकेे उपहाारोंं� कोो प्रााप्त करनेे केे बाावजूूद , वेे देेनेे वाालेे काा अपमाान
करतेे हैंं; वेे परमेेश्वर सेे घृृणाा करतेे हैंं क्योंं�कि� वेे जाानतेे हैंं कि� वह उनकेे पाापोंं� सेे घृृणाा करताा हैै। यहोोवाा
उनकीी दुष्ु टताा कोो सह लेेताा हैै; परन्तुु नि�र्णाा�यक घड़ीी अन्त मेंं आएगीी, जब उनकीी नि�यति� काा नि�र्णणय
पहला बड़ा धोख 381

होोनाा हैै। तोो क्याा वह इन वि�द्रोोहि�योंं� कोो अपनेे पक्ष मेंं बाँँ�ध लेेगाा? क्याा वह उन्हेंं अपनीी इच्छाा पूूरीी करनेे
केे लि�ए वि�वश करेेगाा?
जि�न लोोगोंं� नेे शैैताान कोो अपनाा अगुुवाा चुुनाा हैै और जोो उसकीी शक्ति� द्वााराा नि�यंं त्रि�त कि�ए गए हैै,
वेे परमेेश्वर कीी उपस्थि�ति� मेंं प्रवेेश करनेे केे लि�ए तैैयाार नहींं� हैंं। अभि�माान, कपट, व्यभि�चाार, क्रूूरताा,
उनकेे चरि�त्रोंं� मेंं जड़ जमाा चुुकेे हैंं। क्याा वेे उन लोोगोंं� केे सााथ हमेेशाा केे लि�ए रहनेे केे लि�ए स्वर्गग मेंं प्रवेेश
कर सकतेे हैंं जि�नसेे वेे पृृथ्वीी पर घृृणाा करतेे थेे? झूठेू े कोो सच कभीी राास नहींं� आताा; नम्रताा आत्म-
सम्माान और गर्वव कोो संं तुुष् ट नहींं� करेेगीी; पवि�त्रताा भ्रष्टााचाारि�योंं� कोो स्वीीकाार्यय नहींं� हैै; निः�ःस्वाार्थथ प्रेेम स्वाार्थीी
कोो आकर्षषक नहींं� लगताा। जोो पूूरीी तरह सेे सांं�साारि�क और स्वाार्थीी हि�तोंं� मेंं लीीन हैंं, उन्हेंं स्वर्गग आनंं द काा
कौौन साा स्रोोत प्रदाान कर सकताा हैै?
क्याा वेे जि�नकाा जीीवन परमेेश्वर केे प्रति� वि�द्रोोह मेंं व्यतीीत होो चुुकाा हैै, अचाानक स्वर्गग मेंं पहुँँचााए
जाा सकतेे हैंं और उच्च, पूूर्णणताा कीी पवि�त्र अवस्थाा केे सााक्षीी बन सकतेे हैंं, जोो हमेेशाा वहाँँ� मौौजूूद हैंं,
- प्रेेम सेे भरीी हुई हर आत्माा, खुुशीी सेे दमक रहाा हर चेेहराा, परमेेश्वर और मेेमनेे केे सम्माान मेंं उठनेे
वाालेे मधुुर स्वरोंं� मेंं मंं त्रमुुग्ध कर देे नेे वाालाा संं गीीत, और सिं�ंहाासन पर बैैठनेे वाालेे केे चेेहरेे सेे छुु टकााराा
पाानेे वाालोंं� पर प्रकााश कीी नि�रंं तर बहतीी धाारााएंं , - क्याा वेे जि�नकेे हृदय ईश्वर, सत्य और पवि�त्रताा
केे प्रति� घृृणाा सेे भरेे हुए हैंं, स्वर्गग कीी भीीड़ केे सााथ मि�ल जाातेे हैंं और उनकेे स्तुुति� केे गीीतोंं� मेंं शाामि�ल
होो जाातेे हैंं? क्याा वेे परमेेश्वर और मेेम्नेे कीी महि�माा कोो सह सकतेे थेे? नहींं� - नहींं�; परि�वीीक्षाा केे
वर्षष उन्हेंं दि�ए गए थेे, तााकि� वेे स्वर्गग केे पाात्र बन सकेंं ; लेेकि�न उन्होंं�नेे कभीी मन कोो पवि�त्रताा सेे प्रेेम
करनेे केे लि�ए प्रशि�क्षि�त नहींं� कि�याा; उन्होंं�नेे कभीी स्वर्गग कीी भााषाा नहींं� सीीखीी, और अब बहुत देे र होो
चुुकीी हैै। परमेेश्वर केे वि�रूद्ध वि�द्रोोह केे जीीवन नेे उन्हेंं स्वर्गग केे लि�ए अयोोग्य बनाा दि�याा हैै। इसकीी
नि�र्दोोषताा, पवि�त्रताा और शांं�ति� उनकेे लि�ए याातनाा होोगीी; परमेेश्वर कीी महि�माा भस्म करनेेवाालीी आग
होोगीी। वेे उस पवि�त्र स्थाान सेे भाागनेे कीी लाालसाा करेंं गेे। वेे वि�नााश काा स्वाागत करेंं गेे, तााकि� वेे उसकेे
मुुख सेे छि�प जााएँँ जोो उन्हेंं छुु टकााराा दि�लाानेे केे लि�ए मराा। दुुष् टोंं� कीी नि�यति� उनकीी अपनीी इच्छाा सेे
तय होोतीी हैै। स्वर्गग सेे उनकेे बहि�ष्काार केे लि�ए वेे स्वयंं जि�म्मेेदाार हैंं, और ईश्वर कीी ओर सेे न्यााय-
पूूर्णण और दयाालुु हैै।
महााप्रलय केे जल केे समाान महाान दि�न कीी आग परमेेश्वर केे नि�र्णणय कीी घोोषणाा करतीी हैै कि� दुष्ु ट
असााध्य हैंं। उनकीी प्रवृृत्ति� ऐसीी नहींं� कि� ईश्वरीीय सत्ताा केे साामनेे समर्पपण करेंं। उनकीी इच्छाा कोो वि�द्रोोह
मेंं अभ्यस्त कि�याा गयाा हैै; और जब जीीवन समााप्त होो जााताा हैै, तोो उनकेे वि�चाारोंं� केे प्रवााह कोो वि�परीीत
दि�शाा मेंं मोोड़नेे मेंं बहुत देेर होो गई होोतीी हैै, अपरााध सेे आज्ञााकाारि�ताा कीी ओर, घृृणाा सेे प्रेेम कीी ओर
मुुड़नेे मेंं बहुत देेर होो गई होोतीी हैै।
हत्याारेे कैै न केे जीीवन कोो बख्शनेे मेंं, परमेेश्वर नेे दुनि�या ु ा कोो एक उदााहरण दि�याा कि� पाापीी कोो
बेेलगााम अधर्मम केे पथ पर बनेे रहनेे केे लि�ए जीीवि�त रहनेे कीी अनुुमति� देेनेे काा क्याा परि�णााम होोगाा।
कैै न कीी शि�क्षाा और उदााहरण केे प्रभााव सेे, उसकेे वंं शजोंं� कीी बड़ीी संं ख्याा पााप मेंं पड़ गई, जब तक कि�
«मनुुष्य कीी दुष्ु टताा पृृथ्वीी पर बढ़ गई» और «उसकेे मन केे वि�चाार मेंं जोो कुु छ उत्पन्न होोताा थाा वह
नि�रन्तर बुुराा हीी होोताा थाा।» «उस समय पृृथ्वीी परमेेश्वर कीी दृष्टि�ि मेंं बि�गड़ गई थीी, और उपद्रव सेे भर
गई थीी।» उत्पत्ति� 6:5,11।
382 महाान वि�वााद

संं साार पर दयाा करकेे , परमेेश्वर नेे नूूह केे समय मेंं उसकेे दुष्ु ट नि�वाासि�योंं� कोो मि�टाा दि�याा। दयाा मेंं
उसनेे सदोोम मेंं भ्रष्ट नि�वाासि�योंं� कोो नष्ट कर दि�याा। शैैताान कीी भ्राामक शक्ति� केे मााध्यम सेे अधर्मम केे
काार्ययकर्ताा� सहाानुुभूूति� और प्रशंं साा प्रााप्त करतेे हैंं, और इस प्रकाार लगााताार दूू सरोंं� कोो वि�द्रोोह कीी ओर
लेे जाा रहेे हैंं। कैै न केे और नूूह केे दि�नोंं� मेंं, और अब्रााहम और लूूत केे दि�नोंं� मेंं ऐसाा हीी थाा; हमाारेे समय
मेंं भीी ऐसाा हीी हैै। यह संं पूूर्णण जगत केे लि�ए दयाा केे काारण हैै कि� परमेेश्वर अपनीी कृृ पाा केे अस्वीीकाार
करनेे वाालोंं� कोो अंंत मेंं नष्ट कर देेगाा।
«पााप कीी मज़दूू रीी तोो मृृत्युु हैै, परन्तुु परमेेश्वर काा वरदाान हमाारेे प्रभुु मसीीह यीीशुु मेंं अनन्त जीीवन
हैै।» रोोमि�योंं� 6:23। जबकि� जीीवन धर्मि�योंं� कीी मीीराास हैै, मृृत्युु दुष्ु टोंं� काा भााग हैै। मूूसाा नेे इस्रााएल कोो
घोोषि�त कि�याा: «आज मैंं नेे तुुझ कोो जीीवन और मरण, हाानि� और लााभ दि�खाायाा हैै।» व्यवस्थाावि�वरण
30:15। इन आयतोंं� मेंं उल्लि�खि�त मृृत्युु वह नहींं� हैै जोो आदम केे लि�ए घोोषि�त कीी गई, क्योंं�कि� साारीी
माानव-जााति� उसकेे अपरााध काा दंंड भुुगततीी हैै। यह “दूू सरीी मृृत्युु” हैै जोो अनन्त जीीवन केे वि�परीीत
रखीी गई हैै।
आदम केे पााप केे परि�णाामस्वरूप, मृृत्युु पूूरीी माानव-जााति� मेंं फैै ल गई। सभीी समाान रूप सेे कब्र मेंं
चलेे जाातेे हैंं। और उद्धाार कीी योोजनाा केे प्राावधाानोंं� केे द्वााराा, सभीी कोो उनकीी कब्रोंं� सेे बााहर लाायाा जाानाा
हैै। «धर्मीी और अधर्मीी दोोनोंं� काा जीी उठनाा होोगाा।» «और जैैसेे आदम मेंं सब मरतेे हैंं, वैैसेे हीी मसीीह
मेंं सब जि�लााए जााएँँगेे।» प्रेेरि�तोंं� केे कााम 24:15; 1 कुु रि�न्थि�योंं� 15:22। लेेकि�न साामनेे लााए गए दोो
वर्गोंं केे बीीच एक अंंतर कि�याा जााताा हैै। «जि�तनेे कब्रोंं� मेंं हैंं वेे उसकाा शब्द सुुनकर नि�कल आएँँगेे;
जि�न्होंं�नेे भलााई कीी हैै वेे जीीवन केे पुुनरुत्थाान केे लि�येे जीी उठेंं गेे और जि�न्होंं�नेे बुुरााई कीी हैै वेे दण्ड केे
पुुनरुत्थाान केे लि�येे जीी उठेंं गेे।» यूूहन्नाा 5:28,29। वेे जोो जीीवन केे पुुनरुत्थाान केे «भाागीी हैंं» वेे «धन्य
और पवि�त्र» हैंं। «ऐसोंं� पर दूू सरीी मृृत्युु काा कुु छ भीी अधि�काार नहींं�।» प्रकााशि�तवााक्य 20:6। लेेकि�न
जि�न्होंं�नेे पश्चाातााप और वि�श्वाास केे मााध्यम सेे क्षमाा प्रााप्त नहींं� कीी हैै, उन्हेंं नि�श्चि�ित रूप सेे अपरााध काा
दंंड मि�लेेगाा - «पााप कीी मजदूू रीी।» वेे «उनकेे काार्योंं केे अनुुसाार,» भि�न्न-भि�न्न अवधि� और तीीव्रताा मेंं
दंंड भुुगततेे हैंं, लेेकि�न अंंत मेंं दूू सरीी मृृत्युु मेंं समााप्त होोतेे हैंं। चूँँ�कि� परमेेश्वर केे लि�ए, लगााताार उसकेे
न्यााय और दयाा केे सााथ, पाापीी कोो उसकेे पाापोंं� सेे बचाानाा असंं भव हैै, इसलि�ए वह उसेे उस अस्ति�त्व सेे
वंं चि�त करताा हैै जि�सेे उसकेे अपरााधोंं� नेे खोो दि�याा हैै और जि�सकेे लि�ए उसनेे खुुद कोो अयोोग्य सााबि�त
कर दि�याा हैै। एक उत्प्रेेरि�त लेेखक कहताा हैै: “थोोड़ेे दि�न केे बीीतनेे पर दुष्ु ट रहेेगाा हीी नहींं�; और तूू उसकेे
स्थाान कोो भलीी भांं�ति� देेखनेे पर भीी उसकोो न पााएगाा।” और दूू सराा घोोषि�त करताा हैै: «वेे ऐसीी होो जााएंं गेे
जैैसीी कभीी हुए हीी नहींं�।» भजन संं हि�ताा 37:10; ओबद्यााह 16। बदनाामीी सेे आच्छाादि�त, वेे नि�रााशाा-
जनक, शााश्वत वि�स्मृृति� मेंं डूू ब जाातेे हैंं।
इस प्रकाार पााप काा, उसकेे सााथ उत्पन्न होोनेे वाालीी सभीी वि�पत्ति�योंं� और बर्बाा�दि�योंं� केे सााथ अंंत कर
दि�याा जााएगाा। तूू नेे जााति�-जााति� कोो झि�ड़काा और दुष्ु ट कोो नष्ट कि�याा हैै, उनकाा नााम नि�शाान भीी मि�ट
गयाा हैै। शत्रुु जोो हैंं, वेे मर गए, वेे अनन्तकााल केे लि�येे उजड़ गए हैंं। « भजन संं हि�ताा 9:5,6। यूूहन्नाा,
प्रकााशि�तवााक्य मेंं, शााश्वत अवस्थाा कीी ओर देेखतेे हुए, कलह केे एक स्वर सेे अवि�चलि�त स्तुुति� काा
एक साार्ववभौौमि�क गाान सुुनताा हैै। स्वर्गग और पृृथ्वीी केे प्रत्येेक प्रााणीी कोो परमेेश्वर कीी महि�माा करतेे हुए
सुुनाा गयाा। प्रकााशि�तवााक्य 5:13। तब परमेेश्वर कीी नि�न्दाा करनेे केे लि�ए कोोई खोोई हुई आत्माा नहींं�
पहला बड़ा धोख 383

होोगीी जब वेे कभीी न खत्म होोनेे वाालीी पीीड़ाा मेंं छटपटाातेे हैंं; नरक मेंं कोोई भीी अभाागाा प्रााणीी बचााए गए
लोोगोंं� केे गीीतोंं� केे सााथ अपनीी चीीखेंं नहींं� मि�लााएगाा।
प्रााकृृ ति�क अमरताा केे मौौलि�क भ्रम पर मृृत्युु मेंं चेेतनाा काा सि�द्धांं�त टि�काा हुआ हैै - एक सि�द्धांं�त, जोो
शााश्वत पीीड़ाा कीी तरह, पवि�त्र शाास्त्र कीी शि�क्षााओंं, वि�चाार शक्ति� केे माार्गगदर्शशक सि�द्धांं�तोंं� और माानवताा
कीी हमाारीी भाावनााओंं केे वि�रुद्ध हैै। लोोकप्रि�य धाारणाा केे अनुुसाार, स्वर्गग मेंं छुु ड़ााए गए लोोग पृृथ्वीी पर
होोनेे वाालीी हर घटनाा सेे परि�चि�त होोतेे हैंं और वि�शेेष रूप सेे उन दोोस्तोंं� केे जीीवन सेे जि�न्हेंं वेे पीीछेे छोोड़
गए हैंं। लेेकि�न जीीवि�तोंं� कीी परेेशाानि�योंं� कोो जााननाा, अपनोंं� द्वााराा कि�ए गए पाापोंं� कोो देेखनाा और उन्हेंं
जीीवन केे सभीी दुखोंं� ु , नि�रााशााओंं और पीीड़ााओंं कोो सहतेे हुए देेखनाा मृृतकोंं� केे लि�ए खुुशीी काा स्रोोत कैै सेे
होो सकताा हैै? जोो लोोग पृृथ्वीी पर अपनेे दोोस्तोंं� केे ऊपर मंं डराा रहेे थेे, वेे स्वर्गग केे आनंं द काा कि�तनाा
आनंं द उठाा पााएंं गेे? और यह वि�श्वाास कि�तनाा हीी घि�नौौनाा हैै कि� साँँ�स केे शरीीर सेे नि�कलतेे हीी अपश्चा�-
त्ताापीी कीी आत्माा नरक कीी आग मेंं झोंं�क दीी जाातीी हैै! वेे लोोग कि�तनीी पीीड़ाा कीी गहरााई मेंं डूू बेे होंं�गेे जोो
अपनेे मि�त्रोंं� कोो बि�नाा तैैयाारीी केे कब्र मेंं जाातेे हुए देेखतेे हैंं, शोोक और पााप कीी अनंं तताा मेंं प्रवेेश करनेे
केे लि�ए! इस दु:ु खद वि�चाार सेे बहुत सेे लोोग पाागल होो गए हैंं।
इन बाातोंं� केे वि�षय मेंं पवि�त्र शाास्त्र क्याा कहताा हैै? दााउद नेे घोोषणाा कीी कि� मनुुष्य मृृत्युु मेंं सचेेत
नहींं� हैै। «उसकाा भीी प्रााण नि�कलेेगाा, वह भीी मि�ट्टीी मेंं मि�ल जााएगाा; उसीी दि�न उसकीी सब कल्पनााएँँ
नष्ट होो जााएँँगीी।» भजन संं हि�ताा 146:4। सुुलैैमाान वहीी गवााहीी देेताा हैै: «जीीवतेे तोो इतनाा जाानतेे
हैंं कि� वेे मरेंंगेे, परन्तुु मरेे हुए कुु छ भीी नहींं� जाानतेे।» «उनकाा प्रेेम और उनकाा बैैर और उनकीी डााह
नष्ट होो चुुकीी, और अब जोो कुु छ सूूर्यय केे नीीचेे कि�याा जााताा हैै उसमेंं सदाा केे लि�येे उनकाा और कोोई
भााग न होोगाा।» «अधोोलोोक मेंं जहाँँ� तूू जाानेे वाालाा हैै, न कााम न युुक्‍ति�ि� न ज्ञाान और न बुुद्धि� हैै।»
सभोोपदेेशक 9:5,6,10।
जब, उसकीी प्राार्थथनाा केे उत्तर मेंं, हि�जकि�य्यााह काा जीीवन पंं द्रह वर्षष काा होो गयाा, आभाारीी रााजाा नेे
परमेेश्वर कोो उसकीी महाान दयाा केे लि�ए स्तुुति� काा उपहाार दि�याा। इस गीीत मेंं वह काारण बतााताा हैै कि�
वह इस प्रकाार क्योंं� आनन्दि�त होोताा हैै: «अधोोलोोक तेेराा धन्यवााद नहींं� कर सकताा, न मृृत्युु तेेरीी स्तुुति�
कर सकतीी हैै;जोो कबर मेंं पड़ेंं वेे तेेरीी सच्‍‍चााई कीी आशाा नहींं� रख सकतेे। जीीवि�त, हाँँ� जीीवि�त हीी तेेराा
धन्यवााद करताा हैै, जैैसाा मैंं आज कर रहाा हूँँ। « यशाायााह 38:18,19। लोोकप्रि�य धर्ममशाास्त्र स्वर्गग मेंं
धर्मीी मृृतकोंं� काा प्रति�नि�धि�त्व करताा हैै, जोो पूूर्णण सुुख कीी स्थि�ति� मेंं पहुंंच गए हैंं और एक अमर जीीभ
केे सााथ परमेेश्वर कीी स्तुुति� कर रहेे हैंं; परन्तुु हि�जकि�य्यााह मृृत्युु मेंं ऐसीी कोोई महि�माामय आशाा नहींं�
देेख सकताा थाा। उसकेे शब्दोंं� सेे भजनहाार कीी गवााहीी सहमत हैै: «मृृत्युु केे बााद तेेराा स्मरण नहींं� होोताा;
अधोोलोोक मेंं कौौन तेेराा धन्यवााद करेेगाा?» «मृृतक जि�तनेे चुुपचााप पड़ेे हैंं, वेे तोो यााह कीी स्तुुति� नहींं� कर
सकतेे।» भजन संं हि�ताा 6:5; 115:17।
पि�न्तेेकुुस्त केे दि�न पतरस नेे घोोषणाा कीी कि� कुु लपि�ताा दााऊद «तोो मर गयाा और गााड़ाा भीी गयाा और
उसकीी कब्र आज तक हमाारेे यहाँँ� वि�द्यमाान हैै।» «क्योंं�कि� दााऊद तोो स्वर्गग पर नहींं� चढ़ाा।» प्रेेरि�तोंं� केे
कााम 2:29,34। यह तथ्य कि� दााऊद कब्र मेंं तब तक रहेेगाा जब तक कि� पुुनरुत्थाान यह सााबि�त कर
देेताा कि� धर्मीी लोोग मृृत्युु केे समय स्वर्गग नहींं� जाातेे। यह केे वल पुुनरुत्थाान केे मााध्यम सेे हैै, और इस तथ्य
केे आधाार पर कि� मसीीह जीी उठाा हैै, कि� दााउद अंंत मेंं परमेेश्वर केे दााहि�नेे हााथ पर बैैठ सकताा हैै।
384 महाान वि�वााद

और पौौलुुस नेे कहाा: «और यदि� मुुर्देे नहींं� जीी उठतेे, तोो मसीीह भीी नहींं� जीी उठाा; और यदि� मसीीह
नहींं� जीी उठाा, तोो तुुम्हााराा वि�श्‍‍वाास व्यर्थथ हैै, और तुुम अब तक अपनेे पाापोंं� मेंं फँँसेे होो। वरन्् जोो मसीीह
मेंं सोो गए हैंं, वेे भीी नष्ट हुए।» 1 कुु रि�न्थि�योंं� 15:16-18। यदि� चाार हज़ाार वर्षोंं तक धर्मीी लोोग मृृत्युु
केे समय सीीधेे स्वर्गग चलेे गए होोतेे, तोो पौौलुुस कैै सेे कह सकताा थाा कि� यदि� पुुनरुत्थाान नहींं� होोताा, «जोो
मसीीह मेंं सोो गए हैंं, वेे भीी नष्ट हुए»? कोोई पुुनरुत्थाान आवश्यक नहींं� होोताा।
शहीीद टिं�ंडेेल नेे मृृतकोंं� कीी स्थि�ति� काा ज़ि�क्र करतेे हुए घोोषि�त कि�याा: «मैंं खुुलेे तौौर पर स्वीीकाार
करताा हूंं, कि� मुुझेे यकीीन नहींं� हैै कि� वेे पहलेे सेे हीी उस पूूर्णण महि�माा मेंं हैंं जि�समेंं मसीीह हैै, याा जि�समेंं
परमेेश्वर केे चुुनेे हुए स्वर्गगदूू त हैंं। न हीी यह मेेरेे वि�श्वाास काा कोोई लेेख हैै; क्योंं�कि� यदि� ऐसाा होोताा, तोो
मैंं इसकेे वि�परीीत नहींं� देेखताा, कि� देेह केे पुुनरुत्थाान काा प्रचाार व्यर्थथ थाा।” —वि�लि�यम टिं�ंडेेल, प्रीीफेे स
टूू न्यूू टेेस्टाामेंंट (संं पाादन 1534)। ब्रि�टि�श रि�फॉॉर्ममर्सस मेंं पुुनर्मुु�द्रि�त - टिं�ंडल, फ्रि�थ, बाार्न्सस, पृृष् ठ 349।
यह एक नि�र्वि�वााद तथ्य हैै कि� मृृत्युु पर अमर आशीीष कीी आशाा केे परि�णाामस्वरूप पुुनरुत्थाान केे
बााइबल सि�द्धांं�त कीी व्याापक उपेेक्षाा हुई हैै। इस प्रवृृत्ति� पर डॉॉ. एडम क्लाार्कक नेे टि�प्पणीी कीी थीी, जि�सनेे
कहाा थाा: “ऐसाा प्रतीीत होोताा हैै कि� पुुनरुत्थाान काा सि�द्धांं�त आदि�म ईसााइयोंं� केे बीीच अब कीी तुुलनाा मेंं
कहींं� अधि�क महत्वपूूर्णण माानाा जााताा हैै! यह कैै सेे हैै? प्रेेरि�त लगााताार इस पर ज़ोोर देे रहेे थेे, और परमेे-
श्वर केे अनुुयाायि�योंं� कोो इसकेे मााध्यम सेे परि�श्रम, आज्ञााकाारि�ताा और प्रफुु ल्लताा केे लि�ए उत्सााहि�त
कर रहेे थेे। और आज केे समय मेंं उनकेे उत्तरााधि�काारीी शाायद हीी कभीी इसकाा उल्लेेख करतेे हैंं! इस
तरह प्रेेरि�तोंं� नेे प्रचाार कि�याा, और इस तरह आदि�म मसीीहि�योंं� नेे वि�श्वाास कि�याा; इस तरह हम प्रचाार
करतेे हैंं, और इस तरह हमाारेे सुुननेे वाालेे वि�श्वाास करतेे हैंं। सुुसमााचाार मेंं ऐसाा कोोई सि�द्धांं�त नहींं� हैै
जि�स पर इससेे अधि�क ज़ोोर दि�याा गयाा होो; और प्रचाार कीी वर्ततमाान प्रणाालीी मेंं ऐसाा कोोई सि�द्धांं�त नहींं� हैै
जि�सकेे सााथ इससेे अधि�क उपेेक्षाा केे सााथ व्यवहाार कि�याा जााताा हैै!” —काामन्टेेरीी, 1 कुु रि�न्थि�योंं� 15,
अनुुच्छेेद 3 पर टि�प्पणीी।
यह तब तक जाारीी रहाा जब तक कि� पुुनरुत्थाान काा गौौरवशाालीी सत्य मसीीहीी दुनि�या ु ा द्वााराा लगभग
पूूरीी तरह सेे अस्पष्ट नहींं� कर दि�याा गयाा हैै और भुुलाा नहींं� दि�याा गयाा हैै। इस प्रकाार एक प्रमुुख धाार्मि�क
लेेखक, 1 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 4:13-18 मेंं पौौलुुस केे शब्दोंं� पर टि�प्पणीी करतेे हुए कहताा हैै: «सहूलि�यत
केे सभीी व्याावहाारि�क उद्देेश्योंं� केे लि�ए धर्मि�योंं� कीी धन्य अमरताा काा सि�द्धांं�त हमाारेे लि�ए प्रभुु केे दूू सरेे
आगमन केे कि�सीी भीी संं दि�ग्ध सि�द्धांं�त काा स्थाान लेेताा हैै। हमाारीी मृृत्युु पर प्रभुु हमाारेे लि�ए आताा हैै। यहीी
हैै जि�सकाा हमेंं इंं तज़ाार करनाा हैै। मृृतक पहलेे हीी महि�माा मेंं चलेे गए हैंं। वेे अपनेे फैै सलेे और आशीीर्वाा�द
केे लि�ए तुुरहीी काा इंं तजाार नहींं� करतेे हैंं।”
लेेकि�न जब यीीशुु अपनेे चेेलोंं� कोो छोोड़कर जाानेे पर थाा, तोो उसनेे उनसेे यह नहींं� कहाा कि� वेे जल्द
हीी उसकेे पाास आएंं गेे। «मैंं तुुम्हाारेे लि�येे जगह तैैयाार करनेे जााताा हूँँ,» उसनेे कहाा। «और यदि� मैंं जााकर
तुुम्हाारेे लि�येे जगह तैैयाार करूँँ , तोो फि�र आकर तुुम्हेंं अपनेे यहाँँ� लेे जााऊँँगाा।» यूूहन्नाा 14:2,3। और
पौौलुुस हमेंं आगेे बतााताा हैै कि�, «प्रभुु आप हीी स्वर्गग सेे उतरेेगाा; उस समय ललकाार, और प्रधाान दूू त काा
शब्द सुुनााई देेगाा, और परमेेश्वर कीी तुुरहीी फूँँ� कीी जााएगीी; और जोो मसीीह मेंं मरेे हैंं, वेे पहलेे जीी उठेंं गेे।
तब हम जोो जीीवि�त और बचेे रहेंंगेे उनकेे सााथ बाादलोंं� पर उठाा लि�येे जााएँँगेे कि� हवाा मेंं प्रभुु सेे मि�लेंं;
और इस रीीति� सेे हम सदाा प्रभुु केे सााथ रहेंंगेे।» और वह आगेे कहताा हैै: «इस प्रकाार इन बाातोंं� सेे एक
पहला बड़ा धोख 385

दूू सरेे कोो शाान्ति� दि�याा करोो।» 1 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 4:16-18। दि�लाासाा देेनेे वाालेे इन शब्दोंं� और सभीी केे
उद्धाार मेंं वि�श्वाास रखनेे वाालेे पाादरीी द्वााराा उद्धृृत कि�ए गए शब्दोंं� केे बीीच कि�तनाा व्याापक अंंतर हैै! बााद
वाालेे नेे शोोक संं तप्त मि�त्रोंं� कोो इस आश्वाासन केे सााथ सांं�त्वनाा दीी कि� मृृतक चााहेे कि�तनाा भीी पाापीी क्योंं�
न रहाा होो, जब वह यहाँँ� मृृत्युु कोो प्रााप्त होोताा हैै तब स्वर्गगदूू तोंं� केे बीीच उसकाा स्वाागत कि�याा जाानाा थाा।
पौौलूूस अपनेे भााइयोंं� काा ध्याान प्रभुु केे भाावीी आगमन कीी ओर आकर्षि�त करताा हैै, जब कब्र कीी बेेड़ि�योंं�
कोो तोोड़ाा जााएगाा, और «मसीीह मेंं मरेे हुओंं» कोो अनंं त जीीवन केे लि�ए जि�लाायाा जााएगाा।
इससेे पहलेे कि� कोोई धन्य लोोगोंं� केे महलोंं� मेंं प्रवेेश कर सकेे , उनकेे माामलोंं� कीी जांं�च कीी जााएगीी,
और उनकेे चरि�त्रोंं� और उनकेे कर्मोंं कोो परमेेश्वर केे साामनेे समीीक्षाा होोगीी। सब काा न्यााय पुुस्तकोंं� मेंं
लि�खीी हुई बाातोंं� केे अनुुसाार कि�याा जााएगाा, और जैैसेे उन केे कर्मम रहेे हैंं उसकेे अनुुसाार उन्हेंं प्रति�फल
दि�याा जााएगाा। यह नि�र्णणय मृृत्युु पर नहींं� होोताा हैै। इंं तज़ाार केे शब्दोंं� पर ध्याान देंं: «उसनेे एक दि�न
ठहराायाा हैै, जि�समेंं वह उस मनुुष्य केे द्वााराा धाार्मि�कताा सेे जगत काा न्यााय करेेगाा, जि�सेे उसनेे ठहराायाा हैै,
और उसेे मरेे हुओंं मेंं सेे जि�लााकर यह बाात सब पर प्रमााणि�त कर दीी हैै।” प्रेेरि�तोंं� 17:31। यहाँँ� प्रेेरि�त नेे
स्पष्ट रूप सेे कहाा कि� एक नि�र्दि�ष्ट समय, फि�र भवि�ष्य, संं साार केे न्यााय केे लि�ए नि�यत कि�याा गयाा थाा।
यहूदाा इसीी अवधि� कोो संं दर्भि�त करताा हैै: «जि�न स्वर्गगदूू तोंं� नेे अपनेे पद कोो स्थि�र न रखाा वरन्् अपनेे
नि�ज नि�वाास कोो छोोड़ दि�याा, उसनेे उनकोो भीी उस भीीषण दि�न केे न्यााय केे लि�येे अन्धकाार मेंं, जोो सदाा
कााल केे लि�येे हैै, बन्धनोंं� मेंं रखाा हैै।» और, फि�र सेे, वह हनोोक केे शब्दोंं� कोो उद्धृतृ करताा हैै: «देेखोो,
प्रभुु अपनेे लााखोंं� पवि�त्रोंं� केे सााथ आयाा कि� सबकाा न्यााय करेे।» यहूदाा 6,14,15। यूूहन्नाा नेे घोोषणाा
कीी कि� उसनेे “छोोटेे बड़ेे सब मरेे हुओंं कोो सिं�हां ासन केे साामनेे खड़ेे हुए देेखाा, और पुुस्तकेंं खोोलीी गईं:
...और जैैसाा उन पुुस्तकोंं� मेंं लि�खाा हुआ थाा, वैैसेे हीी उनकेे काामोंं� केे अनुुसाार मरेे हुओंं काा न्यााय कि�याा
गयाा।» प्रकााशि�तवााक्य 20:12।
लेेकि�न अगर मृृतक पहलेे सेे हीी स्वर्गग केे आनंं द काा आनंं द लेे रहेे हैंं याा नरक कीी आग मेंं तड़प रहेे
हैंं, तोो भाावीी नि�र्णणय कीी आवश्यकताा क्योंं�? इन महत्वपूूर्णण मुुद्दोंं� पर परमेेश्वर केे वचन कीी शि�क्षााएँँ न
तोो अस्पष्ट हैंं और न हीी वि�रोोधााभाासीी हैंं; उन्हेंं आम लोोग समझ सकतेे हैंं। लेेकि�न कौौन साा नि�ष्कपट
दि�मााग वर्ततमाान सि�द्धांं�त मेंं याा तोो ज्ञाान याा न्यााय देेख सकताा हैै? क्याा धर्मीी, न्यााय केे समय उनकेे माामलोंं�
कीी जांं�च केे बााद, यह सरााहनाा प्रााप्त करेंंगेे, «धन्य, हेे अच्छेे और वि�श्वाासयोोग्य दाास: ...अपनेे स्वाामीी
केे आनन्द मेंं सहभाागीी होो,» जब वेे उसकीी उपस्थि�ति� मेंं नि�वाास करतेे रहेे हैंं, शाायद बहुत युुगोंं� सेे? क्याा
दुष्ु टोंं� कोो पीीड़ाा केे स्थाान सेे बुुलाायाा गयाा हैै कि� वेे साारीी पृृथ्वीी केे न्याायीी सेे दण्ड पााएंं : “हेे शाापि�त लोोगोंं�,
मेेरेे साामनेे सेे उस अनन्त आग मेंं चलेे जााओ «? मत्तीी 25:21,41। ओह, संं गीीन उपहाास! परमेेश्वर
कीी बुुद्धि� और न्यााय काा शर्ममनााक अपमाान!
आत्माा कीी अमरताा काा सि�द्धांं�त उन झूठेू े सि�द्धांं�तोंं� मेंं सेे एक थाा जि�सेे रोोम नेे बुुतपरस्तीी सेे उधाार
लेेकर मसीीहीी जगत केे धर्मम मेंं शाामि�ल कर लि�याा थाा। माार्टि�न लूूथर नेे इसेे «रााक्षसीी दंंतकथााओंं केे सााथ
वर्गीीकृृ त कि�याा, जोो कि� रोोमन डनघि�ल ऑफ डि�क्रेेटल्स काा हि�स्साा हैंं।» - ई पेेटाावेेल, प्रौौब्लम ऑफ
इमॉॉर्टैैलि�टीी, पृृष् ठ 255। सभोोपदेेशक मेंं सुुलैैमाान केे शब्दोंं� पर टि�प्पणीी करतेे हुए, कि� मृृतक कुु छ भीी
नहींं� जाानतेे, सुुधाारक कहताा हैै: “एक और जगह यह सााबि�त करतीी हैै कि� मृृतकोंं� मेंं कोोई भाावनाा नहींं�
हैै। वह कहताा हैै, वहाँँ� कोोई कर्ततव्य नहींं� हैै, कोोई वि�ज्ञाान नहींं� हैै, कोोई ज्ञाान नहींं� हैै, कोोई वि�वेेक नहींं�
386 महाान वि�वााद

हैै। सुुलैैमाान रााय देेताा हैै कि� मृृत सोो रहेे हैंं, और कुु छ भीी महसूूस नहींं� करतेे हैंं। क्योंं�कि� मुुर्देे वहींं� पड़ेे
रहतेे हैंं, न तोो दि�न और न सााल काा हि�सााब रखतेे हैंं, लेेकि�न जब वेे जाागतेे हैंं, तोो ऐसाा लगताा हैै कि� वेे
मुुश्कि�ल सेे एक मि�नट सोोए हैंं।» - माार्टि�न लूूथर, एक्स्पज़ि�शन ऑफ सोोलोोमंं स बुुक कॉॉल्ड इक्लीीज़ीी-
ऐस्टीीज़, पृृष् ठ 152।
पवि�त्र शाास्त्र मेंं कहींं� भीी यह कथन नहींं� पाायाा जााताा हैै कि� मृृत्युु पर धर्मीी अपनाा प्रति�फल पाातेे हैंं
याा दुष्ु ट अपनीी सजाा पाातेे हैंं। कुु लपि�तााओंं और भवि�ष्यद्वक्तााओंं नेे ऐसाा कोोई आश्वाासन नहींं� छोोड़ाा
हैै। मसीीह और उसकेे प्रेेरि�तोंं� नेे इसकाा कोोई संं केे त नहींं� दि�याा हैै। बााइबल स्पष्ट रूप सेे शि�क्षाा देेतीी हैै
कि� मृृतक तुुरन्त स्वर्गग नहींं� जाातेे। उन्हेंं पुुनरुत्थाान तक सोोतेे हुओंं केे रूप मेंं दर्शाा�याा गयाा हैै। 1 थि�स्स-
लुुनीीकि�योंं� 4:14; अय्यूूब 14:10-12। जि�स दि�न चाान्दीी काा ताार दोो टुुकड़ेे होो जााताा हैै और सोोनेे काा
कटोोराा टूू ट जााताा हैै (सभोोपदेेशक 12:6), उसीी दि�न मनुुष्य कीी कल्पनााएंं नााश होो जाातीी हैंं। जोो कब्र मेंं
दफन हैंं वेे मौौन हैंं। उन सब काामोंं� कोो जोो संं साार मेंं कि�ए जाातेे हैंं वेे उनकाा हााल नहींं� जाानतेे। अय्यूूब
14:21। थकेे हुए धर्मीी केे लि�ए धन्य वि�श्रााम! समय, चााहेे वह बहुत होो याा कम, उनकेे लि�ए केे वल
एक क्षण होोताा हैै। वेे सोोतेे हैंं; वेे एक महि�माामयीी अमरताा केे लि�ए परमेेश्वर कीी तुुरहीी सेे जाागृृत होोतेे
हैंं। «क्योंं�कि� तुुरहीी फूँँ� कीी जााएगीी और मुुर्देे अवि�नााशीी दशाा मेंं उठााए जााएँँगेे। क्योंं�कि� जब यह नााशवाान््
अवि�नााश कोो पहि�न लेेगाा, और यह मरनहाार अमरताा कोो पहि�न लेेगाा, तब वह वचन जोो लि�खाा हैै पूूराा
होो जााएगाा, जय नेे मृृत्युु कोो नि�गल लि�याा।» 1 कुु रि�न्थि�योंं� 15:52-54। जब उन्हेंं उनकीी गहरीी नींं�द
सेे बााहर बुुलाायाा जााताा हैै, वेे वहाँँ� सेे हीी सोोचनेे लगतेे हैंं जहांं� सेे उन्होंं�नेे सोोचनाा बंं द कि�याा थाा। अंंति�म
अनुुभूूति� मृृत्युु कीी वेेदनाा थीी; आखि�रीी वि�चाार, कि� वेे अधोोलोोक केे वश मेंं होो रहेे थेे। जब वेे कब्र सेे
उठेंं गेे, तोो उनकाा पहलाा ख़ुुशनुुमाा ख़यााल वि�जयीी ललकाार मेंं प्रति�ध्वनि�त होोगाा: “हेे मृृत्युु, तेेराा डंंक कहाँँ�
रहाा? हेे मृृत्युु, तेेरीी जय कहाँँ� रहीी?” पद 55।
34

क्याा हमाारेे मृृतक हमसेे बाात कर सकतेे हैंं?

प वि�त्र स्वर्गगदूू तोंं� कीी सेेवकााई, जैैसाा कि� पवि�त्र शाास्त्र मेंं प्रस्तुुत कि�याा गयाा हैै, मसीीह केे प्रत्येेक
अनुुयाायीी केे लि�ए सबसेे अधि�क सुुकूून देेनेे वाालाा और कीीमतीी सत्य हैै। लेेकि�न इस मुुद्देे पर
बााइबल कीी शि�क्षाा लोोकप्रि�य धर्ममशाास्त्र केे भ्रमोंं� द्वााराा अस्पष्ट और वि�कृृ त कर दीी गई हैै। बुुतपरस्त
धाारणाा सेे उधाार लि�ए गए प्रााकृृ ति�क अमरताा केे सि�द्धांं�त नेे, और मसीीहीी धर्मम मेंं शाामि�ल महाान धर्ममत्यााग
केे अंंधकाार नेे, पवि�त्रशाास्त्र मेंं अत्यंं त स्पष्ट रूप सेे सि�खााए गए इस सत्य कोो दबाा दि�याा हैै कि� «मृृत
कुु छ भीी नहींं� जाानतेे हैंं।» बहुत सेे लोोग यह मााननेे लगेे हैंं कि� यह मृृतकोंं� कीी आत्मााएँँ हैंं जोो «सेेवाा करनेे
वाालीी आत्मााएँँ हैंं, जोो उनकेे लि�ए सेेवकााई केे लि�ए भेेजीी जाातीी हैंं जोो उद्धाार कीी वाारि�स होंं�गीी।» और यह
स्वर्गीीय स्वर्गगदूू तोंं� केे अस्ति�त्व केे लि�ए पवि�त्रशाास्त्र कीी गवााहीी, और मनुुष्य कीी मृृत्युु सेे पहलेे मनुुष्य केे
इति�हाास केे सााथ उनकाा संं बंं ध केे बाावजूूद हैै।
मृृत्युु मेंं मनुुष्य कीी चेेतनाा केे सि�द्धांं�त नेे, वि�शेेष रूप सेे यह वि�श्वाास कि� मृृतकोंं� कीी आत्मााएंं जीीवि�तोंं�
कीी सेेवाा मेंं लौौट आतीी हैंं, आधुुनि�क अध्याात्मवााद काा माार्गग तैैयाार कि�याा हैै। यदि� मृृतकोंं� कोो परमेे-
श्वर और पवि�त्र स्वर्गगदूू तोंं� कीी उपस्थि�ति� मेंं स्वीीकाार कि�याा जााताा हैै, और जोो ज्ञाान उनकेे पाास पहलेे
सेे थाा उससेे कहींं� अधि�क ज्ञाान काा वि�शेेषााधि�काार उन्हेंं दि�याा जााताा हैै तोो उन्हेंं जीीवि�त लोोगोंं� कोो प्रबुुद्ध
करनेे और नि�र्देेश देेनेे केे लि�ए पृृथ्वीी पर क्योंं� नहींं� लौौटनाा चााहि�ए? यदि�, जैैसाा कि� लोोकप्रि�य धर्ममशाा-
स्त्रि�ियोंं� द्वााराा सि�खाायाा गयाा हैै, मृृतकोंं� कीी आत्मााएंं पृृथ्वीी पर अपनेे दोोस्तोंं� केे आसपाास मंं डराा रहीी हैंं, तोो
उन्हेंं उनकेे सााथ संं वााद करनेे कीी, उन्हेंं बुुरााई केे खि�लााफ चेेताावनीी देेनेे कीी, याा उन्हेंं दुःः�ख मेंं सांं�त्वनाा
देेनेे कीी अनुुमति� क्योंं� नहींं� दीी जाानीी चााहि�ए? जोो लोोग मृृत्युु मेंं मनुुष्य कीी चेेतनाा मेंं वि�श्वाास करतेे हैंं,
वेे उसकोो जोो महि�माामंं डि�त आत्मााओंं द्वााराा प्रकट कि�ए गए पवि�त्र प्रकााश केे रूप मेंं उनकेे पाास आताा
हैै कैै सेे अस्वीीकाार कर सकतेे हैंं? यहाँँ� एक मााध्यम हैै जि�सेे पवि�त्र माानाा जााताा हैै, जि�सकेे द्वााराा शैैताान
अपनेे उद्देेश्योंं� कीी सि�द्धि� केे लि�ए कााम करताा हैै। गि�रेे हुए स्वर्गगदूू त जोो उसकीी आज्ञाा काा पाालन करतेे हैंं,
आत्मि�क संं साार केे दूू तोंं� केे रूप मेंं प्रकट होोतेे हैंं। जीीवि�तोंं� कोो मृृतकोंं� केे सााथ संं चाार मेंं लाानेे काा दाावाा
करतेे हुए, संं साार काा सरदाार उनकेे मन पर अपनाा जाादुईु प्रभााव डाालताा हैै।
388 महाान वि�वााद

उसकेे पाास लोोगोंं� केे साामनेे उनकेे दि�वंं गत दोोस्तोंं� कोो प्रकट करनेे कीी शक्ति� हैै। नकलीी एकदम सहीी
हैै; परि�चि�त रूप, शब्द, स्वर, अद्भु ् ुत वि�शि�ष्टताा केे सााथ पुुन: प्रस्तुुत कि�ए जाातेे हैंं। कई लोोगोंं� कोो इस
आश्वाासन सेे सांं�त्वनाा मि�लतीी हैै कि� उनकेे प्रि�यजन स्वर्गग केे आनंं द काा आनंं द लेे रहेे हैंं, और खतरेे कीी
आशंं काा केे बि�नाा, वेे «भरमाानेे वाालीी आत्मााओंं, और दुष्ु ट आत्मााओंं कीी शि�क्षााओंं» पर ध्याान देेतेे हैंं। «
जब उन्हेंं यह वि�श्वाास दि�लाायाा जााताा हैै कि� मृृतक वाास्तव मेंं उनसेे संं वााद करनेे केे लि�ए वाापस
लौौटतेे हैंं, तोो शैैताान उन्हेंं प्रकट करताा हैै जोो बि�नाा तैैयाारीी केे कब्र मेंं गए थेे। वेे स्वर्गग मेंं सुुखीी होोनेे काा
दाावाा करतेे हैंं और यहांं� तक कि� वहांं� ऊंंचेे पदोंं� पर आसीीन होोनेे काा दाावाा करतेे हैंं, और इस प्रकाार
व्याापक रूप सेे यह भ्रम सि�खाायाा जााताा हैै कि� धर्मीी और दुुष् ट केे बीीच कोोई अंंतर नहींं� कि�याा जााताा
हैै। आत्मााओंं कीी दुुनि�याा सेे आनेे वाालेे तथाा-कथि�त आगंं तुुक कभीी-कभीी चेेताावनीी और संं केे त देे तेे
हैंं जोो सहीी सााबि�त होोतेे हैंं। फि�र, जैैसेे-जैैसेे वि�श्वाास प्रााप्त होोताा हैै, वेे ऐसेे सि�द्धांं�त प्रस्तुुत करतेे हैंं
जोो प्रत्यक्ष रूप सेे पवि�त्र शाास्त्र मेंं वि�श्वाास कोो कमजोोर करतेे हैंं। पृृथ्वीी पर अपनेे दोोस्तोंं� कीी भलााई
मेंं गहरीी दि�लचस्पीी केे दि�खाावेे सेे, वेे परोोक्ष रूप सेे सबसेे खतरनााक भ्रम सुुझाातेे हैंं। यह तथ्य कि� वेे
कुु छ सत्य बताातेे हैंं, और कभीी-कभीी भवि�ष्य कीी घटनााओंं कीी भवि�ष्यवााणीी करनेे मेंं सक्षम होोतेे हैंं,
उनकेे बयाानोंं� कोो वि�श्वसनीीयताा काा प्रकटन देेताा हैै; और उनकीी झूूठीी शि�क्षााओंं कोो जन-सााधाारण
द्वााराा इतनीी आसाानीी सेे स्वीीकाार कर लि�याा जााताा हैै, और आंंख मूंं� द केे वि�श्वाास कर लि�याा जााताा हैै,
जैैसेे कि� वेे बााइबल केे सबसेे पवि�त्र सत्य होंं�। परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कीी उपेेक्षाा कीी जाातीी हैै, अनुुग्रह
कीी आत्माा कोो तुुच्छ जाानाा जााताा हैै, वााचाा केे लहू कोो अपवि�त्र वस्तुु गि�नाा जााताा हैै। आत्मााएँँ मसीीह
केे ईश्वरत्व कोो नकाारतीी हैंं और यहाँँ� तक कि� सृृष्टि�िकर्ताा� कोो भीी अपनेे सााथ एक स्तर पर रखतीी हैंं।
इस प्रकाार एक नए भेेष मेंं महाान वि�द्रोोहीी अभीी भीी परमेेश्वर केे वि�रुद्ध अपनाा युुद्ध ज़ाारीी रखेे हुए हैै,
जोो स्वर्गग मेंं शुुरू हुआ और लगभग छह हज़ाार वर्षोंं तक पृृथ्वीी पर ज़ाारीी रहाा।
कई लोोग आध्याात्मि�क अभि�व्यक्ति�योंं� केे लि�ए पूूरीी तरह सेे मााध्यम कीी ओर सेे धोोखााधड़ीी और हााथ
कीी सफााई कोो ज़ि�म्मेेदाार ठहराातेे हुए स्पष्टीीकरण देेनेे काा प्रयाास करतेे हैंं। लेेकि�न जबकि� यह सच हैै
कि� चाालबााज़ीी केे परि�णाामोंं� कोो अक्सर वाास्तवि�क अभि�व्यक्ति�योंं� केे रूप मेंं स्वीीकाार करवाायाा गयाा हैै,
अलौौकि�क शक्ति� केे उल्लेेखनीीय प्रदर्शशन भीी हुए हैंं। जि�स रहस्यमय रैैपिं�गं (कथि�त आत्माा संं चाार केे
सााधन) केे सााथ आधुुनि�क अध्याात्मवााद शुुरू हुआ, वह माानवीीय प्रवंं चनाा याा धूूर्ततताा काा परि�णााम नहींं�
थाा, बल्कि� दुष्ु ट स्वर्गगदूू तोंं� काा प्रत्यक्ष काार्यय थाा, जि�न्होंं�नेे इस प्रकाार सबसेे सफल आत्माा-वि�नााशकाारीी
भ्रमोंं� मेंं सेे एक कोो पेेश कि�याा। बहुत सेे लोोग इस वि�श्वाास केे जााल मेंं फंं स जााएंं गेे कि� अध्याात्मवााद
केे वल एक माानवीीय ढोंं�ग हैै; जब उनकाा आमनाा साामनाा उन अभि�व्यक्ति�योंं� सेे होोताा हैै जि�न्हेंं वेे नि�श्चि�ित
रूप सेे अलौौकि�क माानतेे हैंं, तोो वेे धोोखाा खाा जााएंं गेे, और उन्हेंं उनकोो परमेेश्वर कीी महाान शक्ति� केे रूप
मेंं स्वीीकाार करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा जााएगाा।
येे लोोग शैैताान और उसकेे एजेंंटोंं� द्वााराा कि�ए गए चमत्काारोंं� केे बाारेे मेंं पवि�त्र शाास्त्र कीी गवााहीी कोो
अनदेेखाा करतेे हैंं। यह शैैताानीी सहाायताा सेे थाा कि� फि�रौौन केे जाादूू गरोंं� कोो परमेेश्वर केे काार्यय कीी नक़ल
करनेे मेंं सक्षम बनाायाा गयाा थाा। पौौलूूस गवााहीी देेताा हैै कि� मसीीह केे दूू सरेे आगमन सेे पहलेे शैैताानीी शक्ति�
कीी समाान अभि�व्यक्ति�याँँ� होंं�गीी। प्रभुु केे आनेे सेे पहलेे «शैैताान केे काार्यय सब प्रकाार कीी झूठीू ी साामर्थ्यय,
और चि�ह्न, और अद्भु ् ुत कााम केे सााथ» होोनेे हैै। 2 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 2:9, 10। और प्रेेरि�त यूूहन्नाा,
क्या हमारे मृतक हमसे बात कर सकतेह 389

उस चमत्काार-काार्यय करनेे वाालीी शक्ति� काा वर्णणन करतेे हुए जोो अंंति�म दि�नोंं� मेंं प्रकट होोगीी, घोोषणाा करताा
हैै: «वह बड़ेे–बड़ेे चि�ह्न दि�खााताा थाा, यहाँँ� तक कि� मनुुष्योंं� केे साामनेे स्वर्गग सेे पृृथ्वीी पर आग बरसाा देेताा
थाा। उन चि�ह्नोंं� केे काारण, जि�न्हेंं उस पशुु केे साामनेे दि�खाानेे काा अधि�काार उसेे दि�याा गयाा थाा, वह पृृथ्वीी
केे रहनेेवाालोंं� कोो भरमााताा थाा।» प्रकााशि�तवााक्य 13:13,14। यहाँँ� माात्र पााखंं डि�योंं� कीी भवि�ष्यद्वााणीी
नहींं� कीी गई हैै। मनुुष्य उन चमत्काारोंं� सेे धोोखाा खाातेे हैंं जि�न्हेंं करनेे कीी शैैताान केे कर्ममकोंं� केे पाास शक्ति�
हैै, न कि� वेे जोो करनेे काा वेे दि�खाावाा करतेे हैंं।
संं साार काा सरदाार, जि�सनेे इतनेे लंं बेे समय तक अपनीी असमाान बुुद्धि� कीी शक्ति�योंं� कोो धोोखेे केे
कााम मेंं झोंं�क दि�याा हैै, कुु शलताा सेे सभीी वर्गोंं और परि�स्थि�ति�योंं� केे लोोगोंं� केे लि�ए अपनेे प्रलोोभनोंं� कोो
अनुुरूप बनाा लेेताा हैै। सुुसंंस्कृृत और सभ्य व्यक्ति�योंं� केे साामनेे वह अध्याात्मवााद कोो उसकेे अधि�क
परि�ष्कृृत और बौौद्धि�क पहलुुओं ं मेंं प्रस्तुुत करताा हैै, और इस प्रकाार बहुतोंं� कोो अपनेे जााल मेंं फंं साानेे
मेंं सफल होोताा हैै। अध्याात्मवााद जोो ज्ञाान प्रदाान करताा हैै वह प्रेेरि�त यााकूू ब द्वााराा वर्णि�त हैै, जोो «वह
नहींं� जोो ऊपर सेे उतरताा हैै, वरन्् सांं�साारि�क, और शाारीीरि�क, और शैैताानीी हैै।» यााकूू ब 3:15।
हाालांं�कि�, महाान धोोखेेबााज तब छुु पााताा हैै जब छि�पाानाा उसकेे उद्देेश्य केे लि�ए सबसेे अच्छाा होोगाा।
वह जोो प्रलोोभन केे जंं गल मेंं मसीीह केे साामनेे स्वर्गीीय सााराापोंं� कीी चमक धाारण कि�ए हुए दि�खााई देे
सकताा हैै, वह लोोगोंं� केे लि�ए प्रकााश केे दूू त केे रूप मेंं सबसेे आकर्षषक तरीीकेे सेे लोोगोंं� केे पाास आताा
हैै। वह उत्सााह बढ़ाानेे वाालेे वि�षयोंं� कीी प्रस्तुुति� द्वााराा तर्कक कीी दि�लचस्पीी जगााताा हैै; वह मोोहक दृश्योंं�
केे सााथ कल्पनाा कोो प्रसन्न करताा हैै; और वह प्रेेम और दयाा-भााव केे अपनेे वााक्पटुु चि�त्रण द्वााराा
लगााव कोो बढ़ााताा हैै। वह कल्पनाा कोो ऊंंचीी उड़ाान भरनेे केे लि�ए उत्तेेजि�त करताा हैै, लोोगोंं� कोो अपनीी
बुुद्धि� पर इतनाा अधि�क गर्वव करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करताा हैै कि� वेे अपनेे हृदय मेंं सनाातन परमेेश्वर
कोो तुुच्छ समझतेे हैंं। वह परााक्रमीी प्रााणीी जोो दुनि�या ु ा केे उद्धाारकर्ताा� कोो एक बहुत ऊंंचेे पहााड़ पर लेे
जाा सकाा और उसकेे साामनेे पृृथ्वीी केे सभीी रााज्योंं� और उनकेे वैैभव कोो लाा सकाा, वह लोोगोंं� केे लि�ए
अपनेे प्रलोोभनोंं� कोो इस तरह सेे प्रस्तुुत करेे गाा कि� जोो ईश्वरीीय शक्ति� द्वााराा सुुरक्षि�त नहींं� कि�ए गए हैंं,
उन सभीी कीी इंं द्रि�यांं� वि�कृृ त होो जााएंं गीी।
शैैताान अब आदमि�योंं� कोो वैैसेे हीी बहकााताा हैै जैैसेे उसनेे अदन मेंं फुु सलाा कर, वर्जि�त ज्ञाान प्रााप्त
करनेे कीी इच्छाा जगााकर, आत्म-उन्नयन केे लि�ए रोोमांं�चक महत्वााकांं�क्षाा द्वााराा हव्वाा कोो बहकाायाा थाा।
यह उन बुुरााइयोंं� कोो संं जोो रहाा थाा जोो उसकेे पतन काा काारण बनींं�, और उनकेे मााध्यम सेे वह मनुुष्योंं�
कीी बर्बाा�दीी कोो घेेरनाा चााहताा हैै। वह घोोषणाा करताा हैै, «तुुम भलेे बुुरेे काा ज्ञाान पााकर परमेेश्वर केे तुुल्य
होो जााओगेे।” उत्पत्ति� 3:5। अध्याात्मवााद सि�खााताा हैै «कि� मनुुष्य प्रगति� काा प्रााणीी हैै; यह कि� उसकेे
जन्म सेे लेेकर, यहांं� तक कि� अनंं त कााल तक, ईश्वरत्व कीी ओर प्रगति� करनाा उसकीी नि�यति� हैै।» और
फि�र सेे: «प्रत्येेक मन खुुद कोो आंंकेेगाा और दूू सरेे कोो नहींं�।» «आंंकलन सहीी होोगाा, क्योंं�कि� यह स्वयंं
काा आंंकलन हैै। सिं�हां ासन तुुम्हाारेे भीीतर हैै। « जब एक अध्याात्मवाादीी शि�क्षक केे भीीतर «आध्याात्मि�क
चेेतनाा» जााग उठीी उसनेे कहाा: «मेेरेे सााथि�योंं�, सभीी नि�र्दोोष अलौौकि�क प्रााणीी थेे।» और दूू सराा कहताा हैै:
“कोोई भीी न्याायीी और सि�द्ध प्रााणीी मसीीह हैै।”
इस प्रकाार, आरााधनाा केे वाास्तवि�क पाात्र, सनाातन परमेेश्वर केे स्थाान पर, माानव प्रााप्ति� केे सच्चेे
माानक, उसकीी व्यवस्थाा कीी पूूर्णण धाार्मि�कताा केे स्थाान पर, शैैताान नेे स्वयंं मनुुष्य केे पाापीी, दोोषीी स्वभााव
390 महाान वि�वााद

कोो हीी आरााधनाा केे एकमाात्र पाात्र, न्यााय केे एकमाात्र नि�यम, याा चरि�त्र केे माानक केे रूप मेंं प्रति�स्थाापि�त
कर दि�याा हैै। यह प्रगति� हैै, ऊपर कीी ओर नहींं�, बल्कि� नीीचेे कीी ओर।
यह बौौद्धि�क और आध्याात्मि�क प्रकृृ ति� दोोनोंं� काा नि�यम हैै कि� देेखनेे सेे हम बदल जाातेे हैंं। मन
धीीरेे-धीीरेे खुुद कोो उन वि�षयोंं� केे अनुुकूूल बनाा लेेताा हैै जि�न पर उसेे रहनेे कीी अनुुमति� हैै। यह उससेे
आत्मसाात होो जााताा हैै जि�ससेे वह प्रेेम और श्रद्धाा काा आदीी होो जााताा हैै। मनुुष्य कभीी भीी पवि�त्रताा याा
अच्छााई याा सच्चााई केे अपनेे माानक सेे ऊपर नहींं� उठेे गाा। यदि� आत्महि�त उसकाा सबसेे ऊंंचाा आदर्शश
हैै, तोो वह कभीी भीी इससेे अधि�क ऊंंचाा कुु छ हाासि�ल नहींं� कर पााएगाा। बल्कि�, वह लगााताार नीीचेे और
नीीचेे जााएगाा। केे वल परमेेश्वर केे अनुुग्रह मेंं हीी मनुुष्य कोो ऊंंचाा उठाानेे कीी शक्ति� हैै। अगर उसेे खुुद पर
छोोड़ दि�याा जााए, तोो उसकाा राास्ताा अनि�वाार्यय रूप सेे नीीचेे कीी ओर हीी जााएगाा।
आत्म-भोोगीी, आनंं द-प्रेेमीी, वि�षयाासक्त कोो, अध्याात्मवााद अधि�क सभ्य और बौौद्धि�क कीी तुुलनाा मेंं
कम रहस्यपूूर्णण भेेष मेंं प्रस्तुुत करताा हैै; इसकेे स्थूूल रूपोंं� मेंं वेे उसेे पाातेे हैंं जोो उनकेे झुका ु ाव केे अनुुरूप
हैै। शैैताान माानव प्रकृृ ति� कीी कमज़ोोरीी केे हर संं केे त काा अध्ययन करताा हैै, वह उन पाापोंं� पर ध्याान देेताा
हैै जोो प्रत्येेक व्यक्ति� करनेे केे लि�ए इच्छुु क हैै, और फि�र वह इस बाात काा ध्याान रखताा हैै कि� बुुरााई कीी
प्रवृृत्ति� कोो संं तुुष् ट करनेे केे लि�ए अवसरोंं� काा अभााव नहींं� होंं�। वह मनुुष्योंं� कोो उस चीीज़ मेंं अधि�कताा केे
लि�ए प्रलोोभि�त करताा हैै जोो अपनेे आप मेंं वैैध हैै, जि�सकेे काारण असंं यम केे मााध्यम सेे वेे शाारीीरि�क,
माानसि�क और नैैति�क शक्ति� कोो कमज़ोोर कर देेतेे हैंं। उसनेे अभि�लााषााओंं केे भोोग केे मााध्यम सेे हज़ाारोंं�
लोोगोंं� कोो नष्ट कर दि�याा हैै और नष्ट कर रहाा हैै, और इस प्रकाार मनुुष्य कीी संं पूूर्णण प्रकृृ ति� कोो क्रूूर
बनाा रहाा हैै। और अपनेे कााम कोो पूूराा करनेे केे लि�ए, वह आत्मााओंं केे मााध्यम सेे घोोषणाा करताा हैै कि�
«सच्चाा ज्ञाान मनुुष्य कोो संं पूूर्णण व्यवस्थाा सेे ऊपर रखताा हैै;» कि� «जोो कुु छ भीी हैै, सहीी हैै;» कि� «ईश्वर
निं�दां ा नहींं� करताा;» और यह कि� «सभीी पााप जोो कि�ए गए हैंं वेे नि�र्दोोष हैंं।» जब लोोगोंं� कोो इस प्रकाार
वि�श्वाास दि�लाायाा जााताा हैै कि� इच्छाा सर्वोोच्च काानूून हैै, कि� स्वतंं त्रताा लााइसेंंस हैै, और यह कि� मनुुष्य
केे वल स्वयंं केे प्रति� जवााबदेेह हैै, तोो कौौन आश्चर्यय कर सकताा हैै कि� भ्रष्टााचाार और दुराु ाचाार हर तरफ
हैै? बहुत सेे लोोग उत्सुुकताा सेे उन शि�क्षााओंं कोो स्वीीकाार करतेे हैंं जोो उन्हेंं शाारीीरि�क हृदय कीी प्रेेरणााओंं
काा पाालन करनेे केे लि�ए स्वतंं त्र छोोड़तीी हैंं। आत्म-संं यम कीी लगााम लाालसाा कीी गर्ददन पर डााल दीी जाातीी
हैै, मन और आत्माा कीी शक्ति�योंं� कोो पााशवि�क प्रवृृत्ति�योंं� केे अधीीन कर दि�याा जााताा हैै, और शैैताान खुुशीी
सेे अपनेे जााल मेंं उन हजाारोंं� लोोगोंं� कोो फँँसाा लेेताा हैै जोो मसीीह केे अनुुयाायीी होोनेे काा दाावाा करतेे हैंं।
लेेकि�न अध्याात्मवााद केे झूठेू े दाावोंं� सेे कि�सीी कोो धोोखाा नहींं� खाानाा चााहि�ए। परमेेश्वर नेे संं साार कोो
इतनाा प्रकााश दि�याा हैै कि� वेे फन्देे काा पताा लगाा सकेंं । जैैसाा कि� पहलेे हीी दि�खाायाा जाा चुुकाा हैै, वह
सि�द्धांं�त जोो अध्याात्मवााद कीी बुुनि�यााद बनााताा हैै, पवि�त्रशाास्त्र केे सबसेे स्पष्ट कथनोंं� केे सााथ असहमत
हैै। बााइबल घोोषणाा करतीी हैै कि� मृृतक कुु छ भीी नहींं� जाानतेे, कि� उनकेे वि�चाार नााश होो गए हैंं; जोो कुु छ
संं साार मेंं कि�याा जााताा हैै उस मेंं उनकाा कोोई भााग नहींं�; वेे उन लोोगोंं� केे सुुख याा दुख ु केे बाारेे मेंं कुु छ नहींं�
जाानतेे जोो पृृथ्वीी पर उनकेे सबसेे प्रि�य थेे।
इसकेे अलाावाा, परमेेश्वर नेे स्पष्ट रूप सेे दि�वंं गत आत्मााओंं केे सााथ सभीी प्रकाार केे संं चाार कोो प्र-
ति�बंं धि�त कर दि�याा हैै। इब्राानि�योंं� केे दि�नोंं� मेंं लोोगोंं� काा एक वर्गग थाा जोो मृृतकोंं� केे सााथ संं चाार रखनेे काा
दाावाा करताा थाा, जैैसाा कि� आज केे अध्याात्मवाादीी करतेे हैंं। लेेकि�न «परि�चि�त आत्मााएंं ,» जैैसाा कि� अन्य
क्या हमारे मृतक हमसे बात कर सकतेह 391

दुनि�या
ु ा केे इन आगंं तुकोंं� ु कोो कहाा जााताा थाा, बााइबल द्वााराा «शैैताान कीी आत्मााएंं » घोोषि�त कीी जाातीी हैंं।
(गि�नतीी 25:1-3; भजन संं हि�ताा 106:28; 1 कुु रि�न्थि�योंं� 10:20; प्रकााशि�तवााक्य 16:14 कीी तुुलनाा
करेंं।) परि�चि�त आत्मााओंं सेे नि�पटनेे केे काार्यय कोो प्रभुु केे लि�ए घृृणि�त घोोषि�त कि�याा गयाा थाा, और मृृत्युदंु ंड
केे तहत पूूरीी तरह सेे मनाा कि�याा गयाा थाा। लैैव्यव्यवस्थाा 19:31; 20:27। जाादूू टोोनाा केे नााम तक कोो
ति�रस्काार योोग्य माानाा जााताा हैै। इस दाावेे कोो कि� मनुुष्य बुुरीी आत्मााओंं केे सााथ मेेल-जोोल कर सकतेे हैंं,
अंंधकाार युुग कीी दंंतकथाा माानाा जााताा हैै। लेेकि�न अध्याात्मवााद, जि�सकेे परि�वर्ति�त लोोगोंं� कीी संं ख्याा सैैकड़ोंं�
हज़ाारोंं�, हांं�, लााखोंं� मेंं हैै, जि�सनेे वैैज्ञाानि�क हलकोंं� मेंं अपनाा राास्ताा बनाा लि�याा हैै, जि�सनेे कलीीसि�यााओंं पर
आक्रमण कि�याा हैै, और वि�धाायीी नि�काायोंं� मेंं, और यहांं� तक कि� रााजााओंं केे दरबाारोंं� मेंं भीी समर्थथन पाायाा हैै
- यह वि�शााल धोोखाा प्रााचीीन कााल सेे निं�दि�त ं और नि�षि�द्ध जाादूू टोोनेे काा, एक नए भेेष मेंं, एक जाागृृति� हीी हैै।
यदि� अध्याात्मवााद केे वाास्तवि�क चरि�त्र काा कोोई अन्य प्रमााण नहींं� थाा, तोो यह मसीीहीी केे लि�ए
पर्याा�प्त होोनाा चााहि�ए कि� आत्मााएँँ धाार्मि�कताा और पााप, मसीीह केे प्रेेरि�तोंं� मेंं सबसेे महाान और शुुद्धतम
और शैैताान केे सेेवकोंं� मेंं सबसेे भ्रष्ट केे बीीच कोोई अंंतर नहींं� करतीी हैंं। मनुुष्योंं� मेंं सबसेे नीीच मनुुष्य
केे स्वर्गग मेंं होोनेे और वहाँँ� उसकेे अत्यधि�क गौौरवाान्वि�त होोनेे कोो दर्शाा�नेे केे द्वााराा, शैैताान दुनि�या ु ा सेे
कहताा हैै: “चााहेे आप कि�तनेे हीी दुष्ु ट क्योंं� न होो; इससेे कोोई फर्कक नहींं� पड़ताा कि� आप परमेेश्वर और
बााइबि�ल मेंं वि�श्वाास करतेे हैंं याा अवि�श्वाास करतेे हैंं। जैैसाा चााहोो वैैसेे जि�योो; स्वर्गग तुुम्हााराा घर हैै। «
अध्याात्मवाादीी शि�क्षक वाास्तव मेंं घोोषि�त करतेे हैंं: “जोो कोोई बुुरााई करताा हैै वह यहोोवाा कीी दृष्टि�ि मेंं
अच्छाा हैै, और वह उन सेे प्रसन्न रहताा हैै; वाा न्यााय करनेेवाालाा परमेेश्वर कहांं� हैै?” मलााकीी 2:17।
परमेेश्वर काा वचन कहताा हैै: “हााय उन पर जोो बुुरेे कोो भलाा और भलेे कोो बुुराा कहतेे हैंं; जोो अंंधि�याारेे
कोो उजि�याालाा और उजि�याालेे कोो अंंधि�यााराा ठहराातेे हैंं।” यशाायााह 5:20।
इन झूूठ बोोलनेे वाालीी आत्मााओंं केे रूप मेंं प्रेेरि�तोंं� सेे पृृथ्वीी पर रहतेे हुए पवि�त्र आत्माा केे आदेेश
पर लि�खीी गई बाातोंं� काा खंं डन करवाायाा जााताा हैै। वेे बााइबल कीी पवि�त्र उत्पत्ति� कोो नकाारतेे हैंं, और
इस प्रकाार मसीीहीी कीी आशाा कीी नींं�व कोो तोोड़ देेतेे हैंं और उस प्रकााश कोो बुुझाा देेतेे हैंं जोो स्वर्गग केे माार्गग
कोो प्रकट करताा हैै। शैैताान दुनि�या ु ा कोो यह वि�श्वाास दि�लाा रहाा हैै कि� बााइबि�ल केे वल एक कल्पनाा हैै,
याा कम सेे कम एक कि�तााब हैै जोो माानव जााति� कीी शैैशवाावस्थाा केे अनुुकूूल हैै, लेेकि�न अब इसेे हल्केे
ढंं ग सेे माानाा जााताा हैै, याा अप्रचलि�त केे रूप मेंं छोोड़ दि�याा जााताा हैै। और परमेेश्वर केे वचन काा स्थाान
लेेनेे केे लि�ए वह आत्मि�क अभि�व्यक्ति�याँँ� करताा हैै। यहांं� एक मााध्यम पूूरीी तरह सेे उसकेे नि�यंं त्रण मेंं हैै;
इस मााध्यम सेे वह दुनि�या ु ा कोो वि�श्वाास दि�लाा सकताा हैै कि� वह क्याा चााहताा हैै। वह उस पुुस्तक कोो,
जोो उसकाा और उसकेे अनुुयाायि�योंं� काा न्यााय करनेे केे लि�येे हैै, छाायाा मेंं रखताा हैै, जहांं� वह उसेे चााहताा
हैै; दुनि�या
ु ा केे उद्धाारकर्ताा� कोो वह एक आम आदमीी बनाा कर रख देेताा हैै। और जि�स प्रकाार यीीशुु कीी
कब्र कीी नि�गराानीी करनेे वाालेे रोोमीी पहरेे दाार नेे वह झूूठीी खबर फैै लााई जि�सेे यााजकोंं� और प्रााचीीनोंं� नेे
उसकेे पुुनरुत्थाान काा खंं डन करनेे केे लि�ए उनकेे मुँँ�ह मेंं डाालाा थाा, वैैसेे हीी आध्याात्मि�क अभि�व्यक्ति�-
योंं� मेंं वि�श्वाास करनेे वाालेे यह प्रकट करनेे कीी कोोशि�श करतेे हैंं कि� हमाारेे उद्धाारकर्ताा� केे जीीवन कीी
परि�स्थि�ति�योंं� मेंं कुु छ भीी चमत्काारीी नहींं� हैै। इस प्रकाार यीीशुु कोो पृृष् ठभूूमि� मेंं रखनेे कीी कोोशि�श करनेे
केे बााद, वेे अपनेे स्वयंं केे चमत्काारोंं� कीी ओर ध्याान आकर्षि�त करतेे हैंं, यह घोोषणाा करतेे हुए कि� येे
मसीीह केे काार्योंं सेे कहींं� अधि�क हैंं।
392 महाान वि�वााद

यह सच हैै कि� अध्याात्मवााद अब अपनाा रूप बदल रहाा हैै और अपनेे कुु छ अधि�क आपत्ति�जनक
लक्षणोंं� पर पर्दाा� डाालकर मसीीहीी भेेष धाारण कर रहाा हैै। लेेकि�न मंं च और प्रेेस सेे इसकीी कहीी गई बाातेंं
बरसोंं� सेे जनताा केे साामनेे हैंं और इन्हींं� मेंं इसकीी असलि�यत साामनेे आतीी हैै। इन शि�क्षााओंं कोो न तोो
नकााराा जाा सकताा हैै और न हीी छुु पाायाा जाा सकताा हैै।
यहांं� तक कि� अपनेे वर्ततमाान रूप मेंं भीी, पूूर्वव कीी तुुलनाा मेंं सहन करनेे केे अधि�क योोग्य होोनेे सेे बहुत
दूू र, यह वाास्तव मेंं अधि�क खतरनााक हैै, क्योंं�कि� एक अधि�क कपटीी, धोोखाा हैै। जबकि� इसनेे पहलेे मसीीह
और बााइबल कीी नि�न्दाा कीी थीी, अब यह दोोनोंं� कोो स्वीीकाार करनेे काा दाावाा करतीी हैै। लेेकि�न बााइबल कीी
व्यााख्याा इस तरह सेे कीी गई हैै कि� यह अनवीीकृृ त हृदय कोो भाातीी हैै, जबकि� इसकेे गंं भीीर और महत्वपूूर्णण
सत्य प्रभाावहीीन बनाा दि�ए जाातेे हैंं। प्रेेम कोो ईश्वर केे मुुख्य गुुण केे रूप मेंं माानाा जााताा हैै, लेेकि�न इसेे एक
कमज़ोोर भाावुुकताा केे रूप मेंं नि�म्नीीकृृ त कर दि�याा जााताा हैै, जोो भलााई और बुुरााई केे बीीच बहुत कम अंंतर
करताा हैै। परमेेश्वर काा न्यााय, उसकेे द्वााराा पााप कीी नि�न्दाा, उसकीी पवि�त्र व्यवस्थाा कीी आज्ञााएँँ, सभीी कोो
नज़रोंं� सेे दूू र रखाा जााताा हैै। लोोगोंं� कोो दस आज्ञााओंं कोो एक अन्धपत्र केे रूप मेंं मााननाा सि�खाायाा जााताा हैै।
मनभाावन, मनमोोहक दंंतकथााएँँ इंं द्रि�योंं� कोो मोोहि�त करतीी हैंं और लोोगोंं� कोो उनकेे वि�श्वाास कीी नींं�व केे रूप
मेंं बााइबल कोो अस्वीीकाार करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करतीी हैंं। मसीीह कोो वाास्तव मेंं पहलेे कीी तरह नकााराा गयाा
हैै; परन्तुु शैैताान नेे लोोगोंं� कीी आंंखेंं ऐसीी अंंधीी कर दीी हैंं, कि� छल काा पताा नहींं� चलताा।
ऐसेे बहुत कम लोोग हैंं जि�नकेे पाास अध्याात्मवााद कीी भ्राामक शक्ति� और उसकेे प्रभााव मेंं आनेे केे
खतरेे केे बाारेे मेंं कोोई उचि�त धाारणाा हैै। कई लोोग अपनीी जि�ज्ञाासाा शांं�त करनेे केे लि�ए इसमेंं छेे ड़छााड़
करतेे हैंं। उनकाा इसमेंं कोोई वाास्तवि�क वि�श्वाास नहींं� हैै और वेे आत्मााओंं केे नि�यंं त्रण केे लि�ए खुुद कोो
प्रस्तुुत करनेे केे वि�चाार सेे आतंं क सेे भर जााएंं गेे। परन्तुु वेे नि�षि�द्ध क्षेेत्र पर कदम रखनेे काा सााहसि�क
प्रयत्न करतेे हैंं, और परााक्रमीी वि�ध्वंंसक उनकीी इच्छाा केे वि�रुद्ध उन पर अपनीी शक्ति� काा प्रयोोग करताा
हैै। एक बाार उन्हेंं अपनेे मन कोो उसकीी दि�शाा मेंं समर्पि�त करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कर दि�याा जााए, और वह
उन्हेंं बंं दीी बनाा लेेताा हैै। उनकेे लि�ए, अपनेे बल पर, मनमोोहक, आकर्षषक सम्मोोहन सेे दूू र होोनाा असंं भव
हैै। वि�श्वाास कीी सच्चीी प्राार्थथनाा केे उत्तर मेंं प्रदाान कीी गई परमेेश्वर केे साामर्थ्यय केे अलाावाा कुु छ भीी जााल
मेंं फँँसेे हुए इन प्रााणि�योंं� कोो नहींं� छुु ड़ाा सकताा हैै।
वेे सभीी जोो चरि�त्र केे पाापमय गुुणोंं� मेंं लि�प्त हैंं, याा जाानबूूझकर कि�सीी ज्ञाात पााप कोो संं जोोतेे हैंं, वेे
शैैताान केे प्रलोोभनोंं� कोो आमंं त्रि�त कर रहेे हैंं।
वेे स्वयंं कोो परमेेश्वर सेे और उसकेे स्वर्गगदूू तोंं� कीी पहरेेदाारीी सेे अलग कर लेेतेे हैंं; जब दुष्ु ट छल
करताा हैै, तब वेे बि�नाा सुुरक्षाा केे होोतेे हैंं और एक आसाान शि�काार बन जाातेे हैंं। जोो लोोग इस प्रकाार
स्वयंं कोो उसकीी शक्ति� केे अधीीन कर देेतेे हैंं वेे यह नहींं� जाानतेे कि� उनकाा माार्गग कहाँँ� समााप्त होोगाा। उन्हेंं
उखााड़ फेंंकनेे केे बााद, प्रलोोभक उन्हेंं दूू सरोंं� कोो बर्बाा�द करनेे केे लि�ए लुुभाानेे केे लि�ए अपनेे एजेंंट केे
रूप मेंं नि�युुक्त करेेगाा।
भवि�ष्यद्वक्ताा यशाायााह कहताा हैै: «जब लोोग तुुम सेे कहेंं, “ओझााओंं और टोोन्होंं� केे पाास जााकर
पूूछोो जोो गुुनगुनाु ातेे और फुु सफुु साातेे हैंं,” तब तुुम यह कहनाा, “क्याा प्रजाा कोो अपनेे परमेेश्वर हीी केे
पाास जााकर न पूूछनाा चााहि�येे? क्याा जीीवतोंं� केे लि�येे मुुर्दोंं सेे पूूछनाा चााहि�येे? व्यवस्थाा और चि�तौौनीी हीी
कीी चर्चाा� कि�याा करोो! यदि� वेे लोोग इन वचनोंं� केे अनुुसाार न बोोलेंं तोो नि�श्‍‍चय उनकेे लि�येे पौौ न फटेेगीी।
क्या हमारे मृतक हमसे बात कर सकतेह 393

« यशाायााह 8:19,20। यदि� मनुुष्य पवि�त्र शाास्त्र मेंं मनुुष्य कीी प्रकृृ ति� और मृृतकोंं� कीी स्थि�ति� केे बाारेे मेंं
स्पष्ट रूप सेे बतााए गए सत्य कोो ग्रहण करनेे केे इच्छुु क होोतेे, तोो वेे अध्याात्मवााद केे दाावोंं� और अभि�-
व्यक्ति�योंं� मेंं देेखतेे कि� शैैताान साामर्थ्यय और चि�न्होंं� और झूठेू े आश्चर्ययकर्मोंं केे द्वााराा कााम करताा हैै। लेेकि�न
सांं�साारि�क हृदय कोो इतनीी स्वीीकाार्यय स्वतंं त्रताा समर्पि�त करनेे और उन पाापोंं� काा, जि�नसेे वेे प्रेेम करतेे हैंं,
त्यााग करनेे केे बजााय, बहुत सेे लोोग प्रकााश केे लि�ए अपनीी आँँखेंं बंं द कर लेेतेे हैंं और चेेताावनि�योंं� केे
बाावजूूद चलतेे जाातेे हैंं, जबकि� शैैताान उनकेे चाारोंं� ओर अपनेे जााल बुुनताा हैै, और वेे उसकाा शि�काार बन
जाातेे हैंं। «क्योंं�कि� उन्होंं�नेे सत्य सेे प्रेेम नहींं� कि�याा जि�स सेे उनकाा उद्धाार होोताा। इसीी काारण परमेेश्वर उनमेंं
एक भटकाा देेनेवाे ालीी साामर्थ्यय कोो भेेजेगाे ा कि� वेे झूठू कीी प्रतीीति� करेंं।» 2 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 2:10,11।
जोो अध्याात्मवााद कीी शि�क्षााओंं काा वि�रोोध करतेे हैंं, वेे केे वल मनुुष्य पर हीी नहींं�, परन्तुु शैैताान और
उसकेे दूू तोंं� पर भीी आक्रमण कर रहेे हैंं। उन्होंं�नेे प्रधाानोंं� और अधि�काारि�योंं� और दुष्ु ट आत्मााओंं केे
वि�रुद्ध, जोो आकााश मेंं हैंं, एक प्रति�योोगि�ताा मेंं प्रवेेश कि�याा हैै। शैैताान तब तक थोोड़ाा साा भीी नहींं� झुके ु े गाा
जब तक कि� वह स्वर्गीीय दूू तोंं� कीी शक्ति� द्वााराा पीीछेे नहींं� ढकेे लाा जााताा। परमेेश्वर केे लोोगोंं� कोो उसकाा
साामनाा करनेे मेंं सक्षम होोनाा चााहि�ए, जैैसाा कि� हमाारेे उद्धाारकर्ताा� नेे उसकाा साामनाा कि�याा थाा इन शब्दोंं� केे
सााथ: «यह लि�खाा हैै।» शैैताान अब पवि�त्रशाास्त्र कोो मसीीह केे दि�नोंं� कीी तरह उद्धृतृ कर सकताा हैै, और
वह अपनेे भ्रमोंं� कोो बनााए रखनेे केे लि�ए इसकीी शि�क्षााओंं कोो वि�कृृ त कर देेगाा। जोो लोोग संं कट केे इस
समय मेंं स्थि�र रहेंंगेे उन्हेंं स्वयंं केे लि�ए पवि�त्र शाास्त्र कीी गवााहीी कोो समझनाा चााहि�ए।
बहुत सेे लोोगोंं� काा साामनाा शैैताानोंं� कीी आत्मााओंं सेे होोगाा जोो प्रि�य रि�श्तेेदाारोंं� याा दोोस्तोंं� काा रूप धाारण
करतेे हैंं और सबसेे खतरनााक वि�धर्मोंं कीी घोोषणाा करतेे हैंं। येे आगंं तुुक हमाारीी सबसेे कोोमल सहाानुुभूूति�
काा आह्वाान करेंंगेे और अपनेे ढोंं�ग कोो बनााए रखनेे केे लि�ए चमत्काार करेंंगेे। हमेंं बााइबल कीी इस
सच्चााई केे सााथ उनकाा साामनाा करनेे केे लि�ए तैैयाार रहनाा चााहि�ए कि� मरेे हुए कुु छ भीी नहींं� जाानतेे हैंं
और जोो इस प्रकाार प्रकट होोतेे हैंं वेे शैैताान कीी आत्मााएँँ हैंं।
हमाारेे ठीीक साामनेे हैै «परीीक्षाा काा समय, जोो पृृथ्वीी पर रहनेेवाालोंं� केे परखनेे केे लि�येे साारेे संं साार
पर आनेेवाालाा हैै।» प्रकााशि�तवााक्य 3:10। वेे सभीी जि�नकाा वि�श्वाास परमेेश्वर केे वचन पर दृढ़ताा सेे
स्थाापि�त नहींं� हैै, धोोखाा खााएंं गेे और परााजि�त होंं�गेे। शैैताान “अधर्मम केे सब प्रकाार केे धोोखेे केे सााथ होोगाा”
तााकि� वह इंं साानोंं� कीी संं ताान पर अधि�काार कर सकेे , और उसकेे धोोखेे लगााताार बढ़तेे जााएँँगेे। लेेकि�न
वह अपनेे उद्देेश्य कोो तभीी प्रााप्त कर सकताा हैै जब लोोग स्वेेच्छाा सेे उसकेे प्रलोोभनोंं� केे आगेे झुक ु जाातेे
हैंं। जोो लोोग ईमाानदाारीी सेे सत्य केे ज्ञाान कीी खोोज कर रहेे हैंं और आज्ञााकाारि�ताा केे मााध्यम सेे अपनीी
आत्माा कोो शुुद्ध करनेे काा प्रयाास कर रहेे हैंं, इस प्रकाार वह करतेे हुए जोो वेे संं घर्षष केे लि�ए तैैयाार होोनेे
केे लि�ए कर सकतेे हैंं, सत्य केे परमेेश्वर मेंं, एक नि�श्चि�ित बचााव पााएंं गेे। «तूू नेे मेेरेे धीीरज केे वचन कोो
थाामाा हैै, इसलि�येे मैंं भीी तुुझेे परीीक्षाा केे उस समय बचाा रखूँँ�गाा» (पद 10), उद्धाारकर्ताा� काा वाादाा हैै। उस
पर वि�श्वाास करनेे वाालीी एक भीी आत्माा कोो शैैताान द्वााराा परााजि�त होोनेे केे लि�ए छोोड़ देेनेे केे बजााय, वह
अपनेे लोोगोंं� कीी रक्षाा केे लि�ए हर स्वर्गगदूू त कोो जल्द हीी स्वर्गग सेे बााहर भेेज देेगाा।
भवि�ष्यद्वक्ताा यशाायााह दुष्ु टोंं� पर आनेे वाालेे भयाानक धोोखेे कोो प्रदर्शि�त करताा हैै, जि�स केे काारण वेे
स्वयंं कोो परमेेश्वर कीी दंंडााज्ञााओंं सेे सुुरक्षि�त समझेंंगेे: “हम नेे मृृत्युु सेे वााचाा बाँँ�धीी और अधोोलोोक सेे
प्रति�ज्ञाा करााई हैै; इस काारण वि�पत्ति� जब बााढ़ केे समाान बढ़ आए तब हमाारेे पाास न आएगीी; क्योंं�कि�
394 महाान वि�वााद

हमनेे झूठू कीी शरण लीी और मि�थ्याा कीी आड़ मेंं छि�पेे हुए हैंं।” यशाायााह 28:15। यहाँँ� वर्णि�त वर्गग मेंं वेे
लोोग शाामि�ल हैंं जोो अपनीी हठपूूर्णण धृृष् टताा मेंं खुुद कोो इस आश्वाासन केे सााथ दि�लाासाा देेतेे हैंं कि� पाापीी
केे लि�ए कोोई दंंड नहींं� होोगाा; कि� साारीी माानव जााति�, चााहेे वह कि�तनीी भीी भ्रष्ट क्योंं� न होो, परमेेश्वर केे
दूू तोंं� केे समाान होोनेे केे लि�ए स्वर्गग तक ऊँँचाा कि�याा जााएगाा। लेेकि�न इससेे भीी अधि�क सशक्त रूप सेे वेे
हैंं जोो मृृत्युु केे सााथ एक वााचाा और नरक केे सााथ एक समझौौताा करतेे हैंं, जोो उन सच्चााइयोंं� काा त्यााग
करतेे हैंं जि�न्हेंं स्वर्गग नेे मुुसीीबत केे दि�न धर्मि�योंं� केे लि�ए सुुरक्षाा केे रूप मेंं प्रदाान कि�याा हैै, और इसकेे
बदलेे मेंं शैैताान द्वााराा दि�ए गए झूठू कीी शरण कोो स्वीीकाार करतेे हैंं— अध्याात्मवााद काा भ्राामक दि�खाावाा।
इस पीीढ़ीी केे लोोगोंं� काा अंंधाापन अभि�व्यक्ति� सेे परेे अद्भु ् तु हैै। हज़ाारोंं� लोोग परमेेश्वर केे वचन कोो
वि�श्वाास केे अयोोग्य माानकर अस्वीीकाार करतेे हैंं और बड़ेे आत्मवि�श्वाास केे सााथ शैैताान केे धोोखेे कोो स्वीीकाार
करतेे हैंं। संं शयवाादीी और उपहाास करनेे वाालेे उन लोोगोंं� कीी कट्टरताा कीी निं�दां ा करतेे हैंं जोो भवि�ष्यवक्तााओंं
और प्रेेरि�तोंं� केे वि�श्वाास केे लि�ए संं घर्षष करतेे हैंं, और वेे मसीीह और उद्धाार कीी योोजनाा और सत्य कोो नकाारनेे
वाालोंं� पर आनेे वाालेे प्रति�शोोध केे बाारेे मेंं पवि�त्र शाास्त्र कीी पवि�त्र घोोषणााओंं केे उपहाास काा समर्थथन करकेे
खुुद कोो वि�चलि�त करतेे हैंं। वेे ऐसेे संं कीीर्णण, कमज़ोोर और अंंधवि�श्वाासीी लोोगोंं� केे लि�ए बहुत दयाा दि�खाातेे हैंं
जोो परमेेश्वर केे दाावोंं� कोो स्वीीकाार करतेे हैंं और उसकीी व्यवस्थाा कीी मांं�गोंं� काा पाालन करतेे हैंं। वेे उतनेे हीी
आश्वाासन कोो प्रकट करतेे हैंं माानोो, वाास्तव मेंं, उन्होंं�नेे मृृत्युु केे सााथ एक वााचाा बांं�धीी होो और नरक केे सााथ
एक समझौौताा कि�याा होो- माानोो उन्होंं�नेे अपनेे और परमेेश्वर केे प्रति�शोोध केे बीीच एक अगम्य, अभेेद्य बााधाा
खड़ीी कर दीी होो। कुु छ भीी उनकेे डर कोो जाागृृत नहींं� कर सकताा। वेे प्रलोोभक केे आगेे इस हद तक झुक ु गए
हैंं, वेे उसकेे सााथ इतनीी नि�कटताा सेे जुुड़ गए हैंं, और उसकीी आत्माा सेे इतनीी अच्छीी तरह सेे ओत-प्रोोत होो
गए हैंं, कि� उनकेे पाास न तोो साामर्थ्यय हैै और न हीी उसकेे जााल सेे नि�कलनेे कीी प्रवृृत्ति� हैै।
शैैताान लंं बेे समय सेे दुनि�या
ु ा कोो धोोखाा देेनेे केे अपनेे अंंति�म प्रयाास कीी तैैयाारीी कर रहाा हैै। अदन मेंं हव्वाा
कोो दि�ए गए आश्वाासन केे द्वााराा उसकेे काार्यय कीी नींं�व रखीी गई: “तुुम नि�श्‍‍चय न मरोोगेे!» «जि�स दि�न तुुम
उसकाा फल खााओगेे उसीी दि�न तुुम्हाारीी आँँखेंं खुुल जााएँँगीी, और तुुम भलेे बुुरेे काा ज्ञाान पााकर परमेेश्वर केे
तुुल्य होो जााओगेे।” उत्पत्ति� 3:4,5। थोोड़ाा-थोोड़ाा करकेे उन्होंं�नेे अध्याात्मवााद केे वि�काास मेंं धोोखेे कीी अपनीी
उत्कृृष्ट कृृ ति� केे लि�ए राास्ताा तैैयाार कि�याा हैै। वह अभीी तक अपनीी योोजनााओंं केे पूूर्णण समाापन तक नहींं� पहुँँचाा
हैै; लेेकि�न यह समय केे अंंति�म चरण मेंं पहुंंच जााएगाा। भवि�ष्यद्वक्ताा कहताा हैै: «मैंं नेे तीीन अशुुद्ध आत्मााओंं
कोो मेंंढकोंं� केे रूप मेंं नि�कलतेे देेखाा; ... चि�ह्न दि�खाानेे वाालीी दुष्ु ट आत्मााएंं हैंं, जोो साारेे संं साार केे रााजााओंं केे
पाास नि�कलकर इसलि�येे जाातीी हैंं कि� उन्हेंं सर्ववशक्ति�माान परमेेश्वर केे उस बड़ेे दि�न कीी लड़ााई केे लि�येे इकट्ठाा
करेंं।» प्रकााशि�तवााक्य 16:13,14। उन लोोगोंं� कोो छोोड़कर जि�नकीी रक्षाा परमेेश्वर कीी साामर्थ्यय सेे वि�श्‍‍वाास
केे द्वााराा कीी जाातीी हैै, पूूरीी दुनि�या
ु ा इस भ्राान्ति� केे वर्गोंं मेंं आ जााएगीी। लोोगोंं� कोो तेेज़ीी सेे एक घाातक सुुरक्षाा कीी
दि�शाा मेंं बहकाायाा जाा रहाा हैै, केे वल परमेेश्वर केे क्रोोध केे प्रकोोप सेे जाागृृत होोनेे केे लि�ए।
प्रभुु यहोोवाा योंं� कहताा हैै: «और मैंं न्यााय कोो डोोरीी और धर्मम कोो सााहुल ठहरााऊँँगाा; और तुुम्हााराा झूठू
काा शरणस्थाान ओलोंं� सेे बह जााएगाा, और तुुम्हाारेे छि�पनेे काा स्थाान जल सेे डूू ब जााएगाा। तब जोो वााचाा तुुम
नेे मृृत्युु सेे बाँँ�धीी हैै वह टूू ट जााएगीी, और जोो प्रति�ज्ञाा तुुम नेे अधोोलोोक सेे करााई वह न ठहरेेगीी; जब वि�पत्ति�
बााढ़ केे समाान बढ़ आए, तब तुुम उस मेंं डूू ब हीी जााओगेे। « यशाायााह 28:17,18।
35

वि�वेेक कीी स्वतंं त्रताा कोो खतराा

रोो मनवााद कोो अब प्रोोटेेस्टेंंटोंं� द्वााराा पूूर्वव वर्षोंं मेंं मि�लेे समर्थथन कीी तुुलनाा मेंं कहींं� अधि�क समर्थथन केे सााथ
माानाा जााताा हैै। उन देेशोंं� मेंं जहांं� कैै थोोलि�क धर्मम प्रबलताा मेंं नहींं� हैै, और पोोप समर्थथक प्रभााव हाासि�ल
करनेे केे लि�ए एक समझौौताावाादीी राास्ताा अपनाा रहेे हैंं, वहांं� उन सि�द्धांं�तोंं� केे प्रति� उदाासीीनताा बढ़ रहीी हैै जोो
सुुधाारि�त कलीीसि�यााओंं कोो कैै थोोलि�क पदाानुुक्रम सेे अलग करतेे हैंं; यह रााय प्रबल होो रहीी हैै कि�, आखि�र-
काार, हम महत्वपूूर्णण मुुद्दोंं� पर इतनेे व्याापक रूप सेे भि�न्न नहींं� हैंं जैैसाा कि� माानाा गयाा हैै, और यह कि� हमाारीी
ओर सेे थोोड़ीी सीी रि�याायत रोोम केे सााथ हमााराा बेेहतर ताालमेेल करााएगीी। समय वह थाा जब प्रोोटेेस्टेंंटोंं� नेे अंं-
तराात्माा कीी स्वतंं त्रताा कोो अति� महत्वपूूर्णण माानतेे थेे जि�सेे इतनीी बड़ीी कीीमत पर प्रााप्त कि�याा गयाा थाा। उन्होंं�नेे
अपनेे बच्चोंं� कोो पोोपवााद सेे घृृणाा करनाा सि�खाायाा और उनकाा मााननाा थाा कि� रोोम केे सााथ साामंं जस्य स्थाापि�त
करनाा ईश्वर केे प्रति� नि�ष्ठााहीीनताा होोगीी। लेेकि�न अब भाावनााएँँ कि�तनीी व्याापक रूप सेे व्यक्त कीी जाातीी हैंं!
पोोपवााद केे समर्थथकोंं� नेे घोोषणाा कीी कि� कलीीसि�याा कोो बदनााम कि�याा गयाा हैै, और प्रोोटेेस्टेंंट जगत
बयाान कोो स्वीीकाार करनेे केे लि�ए प्रवृृत्त हैै। बहुत सेे लोोग आग्रह करतेे हैंं कि� आज कीी कलीीसि�याा कोो
उन घि�नौौनेे काार्योंं और वि�संं गति�योंं� केे आधाार पर आंंकनाा अन्याायपूूर्णण हैै जोो अज्ञाान और अंंधकाार कीी
सदि�योंं� केे दौौराान उसकेे शाासन कीी वि�शेेषताा थींं�। वेे समय कीी बर्बबरताा केे परि�णााम केे रूप मेंं उसकीी
भयाानक क्रूूरताा कोो क्षमाा कर देेतेे हैंं और दलीील देेतेे हैंं कि� आधुुनि�क सभ्यताा केे प्रभााव नेे उसकीी
भाावनााओंं कोो बदल दि�याा हैै।
क्याा येे लोोग इस घमण्डीी शक्ति� द्वााराा आठ सौौ वर्षोंं सेे कि�ए गए अचूूकताा केे दाावेे कोो भूूल गए हैंं?
त्यााग कि�ए जाानेे केे वि�परीीत, उन्नीीसवींं� शतााब्दीी मेंं इस दाावेे कीी कहींं� अधि�क सकााराात्मकताा केे सााथ
पुुष्टि�ि कीी गई थीी। जैैसाा कि� रोोम काा दाावाा हैै कि� “कलीीसि�याा नेे कभीी गलतीी नहींं� कीी; न हीी यह, पवि�त्र
शाास्त्र केे अनुुसाार, कभीी गलतीी करेेगीी” (जॉॉन एल. वॉॉन मोोशेेम, इंं स्टि�ट्यूूट ऑफ एक्लेेसि�याास्टि�कल
हि�स्ट्रीी�, पुुस्तक 3, शतााब्दीी II, भााग 2, अध्यााय 2, खंं ड 9, नोोट 17), वह उन सि�द्धांं�तोंं� काा त्यााग कैै सेे
कर सकतीी हैै जोो पि�छलेे युुगोंं� मेंं उसकीी काार्ययप्रणाालीी कोो नि�यंं त्रि�त करतेे थेे?
396 महाान वि�वााद

कैै थोोलि�क कलीीसि�याा अचूूकताा केे अपनेे दाावेे कोो कभीी नहींं� छोोड़ेेगीी। जोो कुु छ भीी उसनेे
अपनेे हठधर्मि�ताा कोो अस्वीीकाार करनेे वाालोंं� केे उत्पीीड़न मेंं कि�याा हैै उसेे वह सहीी माानतीी हैै; और
यदि� अवसर दि�याा जााए क्याा वह उन्हींं� कृृ त्योंं� कोो नहींं� दोोहरााएगीी? यदि� वर्ततमाान समय मेंं धर्मम-
नि�रपेेक्ष सरकाारोंं� द्वााराा लगााए गए प्रति�बंं धोंं� कोो हटाा दि�याा जााए और रोोम कोो उसकीी पूूर्वव शक्ति� मेंं
बहााल कर दि�याा जााए, तोो उसकेे अत्यााचाार और उत्पीीड़न काा तेेजीी सेे पुुनःः प्रचलन होोगाा।
इस प्रकाार एक प्रसि�द्ध लेेखक अंंतराात्माा कीी स्वतंं त्रताा केे संं बंं ध मेंं कैै थोोलि�क पदाानुुक्रम केे रवैैयेे,
और उन संं कटोंं� केे बाारेे मेंं बाात करताा हैै जोो वि�शेेष रूप सेे संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा कीी नीीति� कीी सफलताा
केे लि�ए खतराा हैंं:
«ऐसेे कई लोोग हैंं जोो संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा मेंं रोोमन कैै थोोलि�कवााद केे कि�सीी भीी डर केे लि�ए
कट्टरताा याा बचकाानेेपन कोो ज़ि�म्मेेदाार ठहराातेे हैंं। ऐसेे लोोग रोोमनवााद कीी वि�शेेषताा और दृष्टि�िकोोण मेंं
ऐसाा कुु छ भीी नहींं� देेखतेे हैंं जोो हमाारीी स्वतंं त्र संं स्थााओंं केे प्रति� शत्रुुताापूूर्णण होो, न हीी इसकेे वि�काास मेंं
कुु छ भीी अनि�ष्टसूूचक नहींं� पाातेे। आइए पहलेे हम अपनीी व्यवस्थाा केे कुु छ मूूलभूूत सि�द्धांं�तोंं� कीी तुुलनाा
कैै थोोलि�क कलीीसि�याा केे सि�द्धांं�तोंं� सेे करेंं।
«संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा काा संं वि�धाान अंंतराात्माा कीी स्वतंं त्रताा कीी गाारंंटीी देेताा हैै। कुु छ भीी इससेे
अधि�क प्रि�य याा अधि�क मौौलि�क नहींं� हैै। पोोप पाायस IX नेे अपनेे एन्सााइक्लि�कल लेेटर ऑफ ऑगस्ट
15, 1854 मेंं कहाा: ‹अंंतराात्माा कीी स्वतंं त्रताा कीी रक्षाा मेंं बेेतुके ु े और गलत सि�द्धांं�त याा प्रलााप एक सबसेे
घाातक त्रुुटि� हैै - एक कीीट, अन्य सभीी सेे, एक रााज्य मेंं सबसेे ज्याादाा खतरनााक ‹ उसीी पोोप नेे अपनेे
एन्सााइक्लि�कल लेेटर ऑफ डि�सेेम्बर 8,1864 मेंं उन लोोगोंं� कीी निं�दां ा कीी, ‹जोो अंंतराात्माा और धाार्मि�क
पूूजाा कीी स्वतंं त्रताा पर ज़ोोर देेतेे हैंं,› उनकीी भीी ‹जोो माानतेे हैंं कि� चर्चच बल प्रयोोग नहींं� कर सकताा›
«संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा मेंं रोोम केे शांं�त वााताावरण काा ताात्पर्यय हृदय परि�वर्ततन सेे नहींं� हैै। जहाँँ� वह
असहााय हैै, वहाँँ� वह सहि�ष्णुु हैै। बि�शप ओ›कॉॉनर केे अनुुसाार: ‹धाार्मि�क स्वतंं त्रताा केे वल तब तक सहन
कीी जाातीी हैै जब तक कि� कैै थोोलि�क ‹धाार्मि�क स्वतंं त्रताा केे वल तब तक सहन कीी जाातीी हैै जब तक कि�
कैै थोोलि�क जगत केे लि�ए वि�परीीत बि�नाा कि�सीी जोोखि�म केे लाागूू कि�याा जाा सकताा हैै।› सेंंट लुुइस केे
आर्ककबि�शप नेे एक बाार कहाा थाा: ‹वि�धर्मम और अवि�श्वाास अपरााध हैंं; और मसीीहीी देेशोंं� मेंं, जैैसेे कि�
इटलीी और स्पेेन मेंं, उदााहरण केे लि�ए, जहाँँ� सभीी लोोग कैै थोोलि�क हैंं, और जहाँँ� कैै थोोलि�क धर्मम देेश केे
काानूून काा एक अनि�वाार्यय हि�स्साा हैै, उन्हेंं अन्य अपरााधोंं� केे रूप मेंं दंंडि�त कि�याा जााताा हैै। ‹
«कैै थोोलि�क चर्चच मेंं प्रत्येेक काार्डि�नल, आर्ककबि�शप और बि�शप पोोप केे प्रति� नि�ष्ठाा कीी शपथ लेेताा हैै,
जि�समेंं नि�म्नलि�खि�त शब्द होोतेे हैंं: ‹मैंं वि�धर्मि�योंं�, संं प्रदााय-सम्बन्धि�योंं�, और हमाारेे कथि�त प्रभुु (पोोप),
याा उनकेे पूूर्वोोक्त उत्तरााधि�काारि�योंं� केे वि�द्रोोहि�योंं� काा अत्यधि�क उत्पीीड़न और वि�रोोध करूंंगाा। ‹› जोोसि�याा
स्ट्रॉॉ�न्ग, अवर कंं ट्रीी�, अध्यााय 5, अनुुच्छेेद 2-4। [संं शोोधि�त संं दर्भोंं केे लि�ए टि�प्पणीी 35 देेखेंं।]
यह सच हैै कि� रोोमन कैै थोोलि�क समुुदााय मेंं वाास्तवि�क मसीीहीी हैंं। उस कलीीसि�याा मेंं हजाारोंं� लोोग
अपनीी सर्वोोत्तम ज्योोति� केे अनुुसाार परमेेश्वर कीी उपाासनाा कर रहेे हैंं। उन्हेंं उसकेे वचन तक पहुँँचनेे
कीी अनुुमति� नहींं� हैै, और इसलि�ए वेे सत्य कोो नहींं� पहचाानतेे हैंं। [1888 और 1911 मेंं प्रकााशि�त।
टि�प्पणीी 36 देेखेंं।] उन्होंं�नेे कभीी भीी जाानदाार हाार्दि�क आरााधनाा और महज रूपोंं� और समाारोोहोंं� केे दौौर
केे बीीच अंंतर नहींं� देेखाा हैै। ईश्वर इन आत्मााओंं कोो करुणाामयीी दृष्टि�ि सेे देेखताा हैै, क्योंं�कि� वेे एक ऐसेे
विवेक की स्वतंत्रता को 397

वि�श्वाास मेंं शि�क्षि�त हैंं जोो भ्राामक और असंं तोोषजनक हैै। वह प्रकााश कीी कि�रणोंं� कोो उनकेे चाारोंं� ओर
केे घनेे अँँधेेरेे मेंं प्रवेेश करनेे देेगाा। वह उन पर सच्चााई कोो प्रकट करेेगाा जैैसाा कि� यीीशुु मेंं हैै, और बहुत
सेे लोोग अभीी भीी उसकेे लोोगोंं� केे सााथ अपनाा स्थाान ग्रहण करेंंगेे।
लेेकि�न एक प्रणाालीी केे रूप मेंं रोोमनवााद अब मसीीह केे सुुसमााचाार केे सााथ अपनेे इति�हाास केे कि�सीी
भीी पूूर्वव कााल कीी तुुलनाा मेंं अधि�क सुुसंंगत नहींं� हैै। प्रोोटेेस्टेंंट कलीीसि�यााएँँ घोोर अन्धकाार मेंं हैंं, नहींं� तोो
वेे समय केे चि�ह्नोंं� कोो पहचाान लेेतींं�। रोोमन चर्चच अपनीी योोजनााओंं और संं चाालन केे तरीीकोंं� मेंं दूू रगाामीी
हैै। संं साार पर नि�यंं त्रण हाासि�ल करनेे केे लि�ए एक भयंं कर और दृढ़ संं घर्षष कीी तैैयाारीी मेंं वह अपनाा प्रभााव
बढ़ाानेे और अपनीी शक्ति� बढ़ाानेे केे लि�ए हर तरह केे हथकंं डेे अपनाा रहीी हैै तााकि� वह उत्पीीड़न कोो फि�र
सेे स्थाापि�त कर सकेे और प्रोोटेेस्टेंंटवााद नेे जोो कुु छ भीी कि�याा हैै, उस काार्यय कोो भ्रष्ट कर सकेे । कैै थो�-
लि�कवााद हर तरफ अपनीी स्थि�ति� सुुदृढ़ कर रहाा हैै। प्रोोटेेस्टेंंट देेशोंं� मेंं उसकीी कलीीसि�यााओंं और प्राार्थथ-
नाालयोंं� कीी बढ़तीी संं ख्याा कोो देेखेंं। अमेेरि�काा मेंं उसकेे कॉॉलेेजोंं� और मदरसोंं� कीी लोोकप्रि�यताा कोो देेखेंं,
जि�सेे प्रोोटेेस्टेंंटोंं� द्वााराा व्याापक रूप सेे संं रक्षण प्रााप्त हैै। इंं ग्लैंडं मेंं कर्ममकााण्ड केे वि�काास और कैै थोोलि�कोंं�
केे वर्गोंं केे लि�ए लगााताार दल-बदल कोो देेखेंं। इन बाातोंं� सेे उन सभीी कीी चिं�तां ा जाागृृत होोनीी चााहि�ए जोो
सुुसमााचाार केे पवि�त्र सि�द्धांं�तोंं� कीी कद्र करतेे हैंं।
प्रोोटेेस्टेंंटोंं� नेे पोोपवााद केे सााथ गुुप्त व्यवहाार रखाा हैै और प्रति�पाालन कि�याा हैै; उन्होंं�नेे समझौौतेे
कि�ए हैंं और रि�याायतेंं दीी हैंं जि�न्हेंं पोोप समर्थथक स्वयंं देेखकर हैैराान हैंं और समझनेे मेंं वि�फल हैंं। लोोग
रोोमनवााद केे वाास्तवि�क स्वरूप और उसकेे वर्चचस्व सेे अनुुभव कि�ए जाानेे वाालेे खतरोंं� केे प्रति� अपनीी
आँँखेंं बंं द कर रहेे हैंं। नाागरि�क और धाार्मि�क स्वतंं त्रताा केे इस सबसेे खतरनााक दुश्म ु न केे आगेे बढ़नेे काा
वि�रोोध करनेे केे लि�ए लोोगोंं� कोो जगाानेे कीी ज़रुरत हैै।
कई प्रोोटेेस्टेंंट माानतेे हैंं कि� कैै थोोलि�क धर्मम नीीरस हैै और इसकीी पूूजाा समाारोोह काा एक सुुस्त, अर्थथहीीन
दौौर हैै। यहांं� वेे गलतीी करतेे हैंं। जबकि� रोोमनवााद धोोखेे पर आधाारि�त हैै, यह एक असभ्य और भद्दाा ढोंं�ग
नहींं� हैै। रोोमन कलीीसि�याा द्वााराा कीी जाानेे वाालीी आरााधनाा सबसेे प्रभाावशाालीी समाारोोह हैै। इसकाा भव्य
प्रदर्शशन और पवि�त्र संं स्काार लोोगोंं� कीी इंं द्रि�योंं� कोो मोोहि�त करतेे हैंं और तर्कक और अंंतराात्माा कीी आवााज़
कोो खाामोोश कर देेतेे हैंं। नज़र मंं त्रमुुग्ध होो जाातीी हैै। शाानदाार गि�रि�जााघर, प्रभाावशाालीी जुुलूसू , सुुनहरीी
वेेदि�यांं�, रत्नोंं� सेे जड़ेे मंं दि�र, चुुनि�न्दाा चि�त्रकाारीी, और बेेहतरीीन मूूर्ति�यांं� सुंं� दरताा केे प्रेेम कोो आकर्षि�त करतीी
हैंं। काान भीी मोोहि�त होो जाातेे हैंं। संं गीीत बेेजोोड़ होोताा हैै। मंं द्र स्वरक ऑर्गगन केे मधुुर स्वर, कई आवााज़ोंं�
केे मााधुुर्यय केे सााथ एक सुुर मेंं होोतेे हुए, उसकेे भव्य गि�रजााघरोंं� केे ऊँँचेे गुुम्बदोंं� और स्तंं भि�त गलि�याारोंं�
मेंं गूँँ�जतीी कई स्वरोंं� कीी धुुन मन कोो वि�स्मय और श्रद्धाा सेे प्रभाावि�त करनेे मेंं असफल नहींं� होो सकतेे।
यह बााहरीी वैैभव, धूूमधााम और समाारोोह, जोो केे वल पााप-बीीमाार आत्माा कीी लाालसााओंं काा मजााक
उड़ाातेे हैंं, आन्तरि�क भ्रष्टााचाार काा प्रमााण हैै। मसीीह केे धर्मम कोो इसकीी अनुुशंंसाा करनेे केे लि�ए ऐसेे
आकर्षषणोंं� कीी आवश्यकताा नहींं� हैै। क्रूूस सेे चमकनेे वाालीी रोोशनीी मेंं, सच्चीी मसीीहत इतनीी पवि�त्र और
मनोोहर लगतीी हैै कि� कोोई भीी बााहरीी सजाावट उसकीी वाास्तवि�क अच्छााई कोो बढ़ाा नहींं� सकतीी। यह
पवि�त्रताा कीी सुंं� दरताा हैै, एक नम्र और शांं�त आत्माा, जोो परमेेश्वर केे लि�ए मूूल्यवाान हैै।
शैैलीी कीी चमक आवश्यक रूप सेे पवि�त्र, उच्च वि�चाार कीी सूूचक नहींं� हैै। कलाा कीी उच्च अवधाार-
णााएँँ, स्वााद काा सूूक्ष्म परि�ष्काार, अक्सर उन दि�माागोंं� मेंं मौौजूूद होोताा हैै जोो सांं�साारि�क और काामुुक होोतेे
398 महाान वि�वााद

हैंं। वेे अक्सर शैैताान द्वााराा लोोगोंं� कोो आत्माा कीी आवश्यकतााओंं कोो भूूलनेे, भाावीी अनंं त जीीवन कोो
अनदेेखाा करनेे, अपनेे अनंं त सहाायक सेे दूू र होोनेे और केे वल इस दुनि�या ु ा केे लि�ए जीीनेे केे लि�ए प्रेेरि�त
करनेे केे लि�ए नि�योोजि�त कि�ए जाातेे हैंं।
बााहरीी स्वरूप काा धर्मम एक कठोोर हृदय केे लि�ए आकर्षषक होोताा हैै। कैै थोोलि�क आरााधनाा केे
धूूमधााम और समाारोोह मेंं मोोहक, मंं त्रमुुग्ध करनेे वाालीी शक्ति� होोतीी हैै, जि�सकेे द्वााराा कई लोोग धोोखाा
खाा जाातेे हैंं; और वेे रोोमन चर्चच कोो स्वर्गग केे द्वाार केे रूप मेंं देेखतेे हैंं। केे वल वेे हीी उसकेे प्रभााव केे
वि�रुद्ध प्रति�रोोध करनेे योोग्य हैंं जि�न्होंं�नेे अपनेे पांं�व सत्य कीी नींं�व पर दृढ़ताा सेे जमााए हैंं, और जि�नकेे
हृदय परमेेश्वर कीी आत्माा द्वााराा नए कि�ए गए हैंं। जि�न हज़ाारोंं� लोोगोंं� कोो मसीीह काा प्राायोोगि�क ज्ञाान
नहींं� हैै, वेे साामर्थ्यय सेे रहि�त धाार्मि�कताा केे रूपोंं� कोो स्वीीकाार करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त होंं�गेे। ऐसाा हैै वह धर्मम
जोो साामाान्य लोोग चााहतेे हैंं।
क्षमाा केे अधि�काार केे लि�ए चर्चच काा दाावाा रोोमनवाादि�योंं� कोो पााप करनेे कीी स्वतंं त्रताा कीी ओर लेे
जााताा हैै; और स्वीीकाारोोक्ति� काा नि�यम, जि�सकेे बि�नाा क्षमाा नहींं� दीी जाातीी हैै, बुुरााई कोो लााइसेंंस देेनेे
कीी भीी प्रवृृत्ति� रखताा हैै। वह जोो पति�त मनुुष्य केे साामनेे घुुटनेे टेेकताा हैै, और स्वीीकाारोोक्ति� मेंं अपनेे
हृदय केे गुुप्त वि�चाारोंं� और कल्पनााओंं कोो खोोलताा हैै, वह अपनीी मनुुष्यताा कोो भ्रष्ट कर रहाा हैै और
अपनीी आत्माा कीी हर महाान प्रवृृत्ति� कोो नि�म्नीीकृृ त कर रहाा हैै। एक यााजक केे साामनेे अपनेे जीीवन केे
पाापोंं� कोो उजाागर करनेे मेंं, एक स्खलि�त, पाापीी नश्वर, और अक्सर शरााब और स्वच्छंंदताा सेे भ्रष्ट,
चरि�त्र काा उसकाा माानक गि�र जााताा हैै, और इस काारण सेे वह अशुुद्ध होो जााताा हैै। परमेेश्वर कोो पति�त
मनुुष्य केे समाान माानकर उसकेे बाारेे मेंं मनुुष्य काा वि�चाार वि�कृृ त होो जााताा हैै, क्योंं�कि� यााजक परमेे-
श्वर केे प्रति�नि�धि� केे रूप मेंं खड़ाा होोताा हैै। मनुुष्य सेे मनुुष्य कीी यह अपमाानजनक स्वीीकाारोोक्ति� गुुप्त
स्रोोत हैै जि�ससेे बहुत साारीी बुुरााई नि�कलीी हैै जोो दुनि�या ु ा कोो भ्रष्ट कर रहीी हैै और इसेे अंंति�म वि�नााश केे
लि�ए उपयुुक्त बनाा रहीी हैै। फि�र भीी जोो आत्म-संं तुुष्टि�ि सेे प्रेेम करताा हैै, उसकेे लि�ए आत्माा कोो ईश्वर केे
साामनेे खोोलनेे कीी तुुलनाा मेंं एक सााथीी नश्वर केे समक्ष अंंगीीकाार करनाा अधि�क सुुखद हैै। पााप त्याागनेे
कीी अपेेक्षाा तपस्याा करनाा माानव स्वभााव केे लि�ए अधि�क रुचि�कर हैै; शरीीर कीी अभि�लााषााओंं कोो सूूलीी
पर चढ़ाानेे कीी तुुलनाा मेंं टााट और बि�च्छूू पौौधोंं� और कष्टप्रद जंं जीीरोंं� सेे शरीीर कोो दुःः�ख देेनाा आसाान
हैै। मसीीह केे जूूए केे साामनेे झुकने ु े केे बजााय जि�सेे सहन करनेे केे लि�ए सांं�साारि�क हृदय तैैयाार हैै वह
जूूआ भाारीी हैै।
मसीीह केे पहलेे आगमन केे समय रोोम कीी कलीीसि�याा और यहूदीी कलीीसि�याा केे बीीच आश्चर्यय-
जनक समाानताा हैै। जबकि� यहूदीी परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे प्रत्येेक सि�द्धांं�त कोो गुुप्त रूप सेे रौंं�दतेे थेे,
वेे बााह्य रूप सेे इसकेे उपदेेशोंं� केे पाालन मेंं कठोोर थेे, और इसेे आहरणोंं� और परंंपरााओंं केे सााथ लााद
देेतेे थेे जि�सनेे आज्ञााकाारि�ताा कोो दर्ददनााक और बोोझि�ल बनाा दि�याा थाा। जैैसेे यहूदीी व्यवस्थाा काा सम्माान
करनेे काा दाावाा करतेे थेे, वैैसेे हीी रोोमनवाादीी क्रूूस काा सम्माान करनेे काा दाावाा करतेे हैंं। वेे मसीीह केे कष्टोंं�
केे प्रतीीक कीी प्रशंं साा करतेे हैंं, जबकि� अपनेे जीीवन मेंं वेे उसकाा इन्काार करतेे हैंं जि�सकाा यह प्रति�नि�-
धि�त्व करताा हैै।
पोोप समर्थथक अपनेे गि�रजााघरोंं� पर, अपनीी वेेदि�योंं� पर और अपनेे कपड़ोंं� क्रूूस धाारण करतेे हैंं। हर
जगह क्रूूस काा चि�न्ह दि�खााई देेताा हैै। हर जगह इसेे बााहरीी रूप सेे सम्माानि�त और ऊंंचाा कि�याा जााताा हैै।
विवेक की स्वतंत्रता को 399

लेेकि�न मसीीह कीी शि�क्षााएँँ बेेतुुकीी परंंपरााओंं, झूठीू ी व्यााख्यााओंं और कठोोर आहरणोंं� केे ढेेर केे नीीचेे दबीी
हुई हैंं। कट्टर यहूदि�योंं� केे बाारेे मेंं उद्धाारकर्ताा� केे शब्द, रोोमन कैै थोोलि�क कलीीसि�याा केे अगुुवोंं� पर और
भीी अधि�क बल केे सााथ लाागूू होोतेे हैंं: «वेे एक ऐसेे भाारीी बोोझ कोो जि�सकोो उठाानाा कठि�न हैै, बाँँ�धकर
उन्हेंं मनुुष्योंं� केे कन्धोंं� पर रखतेे हैंं; परन्तुु स्वयंं उसेे अपनीी उंं गलीी सेे भीी सरकाानाा नहींं� चााहतेे।» मत्तीी
23:4। ईमाानदाार आत्मााओंं कोो नाारााज़ परमेेश्वर केे प्रकोोप केे लगााताार आतंं क मेंं रखाा जााताा हैै, जबकि�
कलीीसि�याा केे कई गणमाान्य लोोग वि�लाासि�ताा और इन्द्रि�य प्रि�य आनंं द मेंं रह रहेे हैंं।
मूूर्ति�योंं� और अवशेेषोंं� कीी पूूजाा, संं तोंं� काा आह्वाान, और पोोप कीी महि�माा परमेेश्वर और उनकेे पुुत्र
सेे लोोगोंं� केे मन कोो वि�चलि�त करनेे केे लि�ए शैैताान केे उपकरण हैंं। उनकेे नााश कोो पूूराा करनेे केे लि�ए,
वह उनकाा ध्याान उस सेे हटाानेे काा प्रयाास करताा हैै जोो उनकेे उद्धाार काा एकमाात्र स्रोोत हैै। वह उन्हेंं कि�सीी
भीी ऐसीी वस्तुु कीी ओर नि�र्देेशि�त करेेगाा जोो परमेेश्वर केे लि�ए प्रति�स्थाापि�त कीी जाा सकतीी हैै जि�सनेे कहाा
हैै: “हेे सब परि�श्रम करनेेवाालोो और बोोझ सेे दबेे हुए लोोगोो, मेेरेे पाास आओ; मैंं तुुम्हेंं वि�श्रााम दूँँ� गाा। «
मत्तीी 11:28।
परमेेश्वर केे चरि�त्र, पााप कीी प्रकृृ ति�, और महाान वि�वााद मेंं दांं�व पर लगेे वाास्तवि�क मुुद्दोंं� कोो गलत
तरीीकेे सेे प्रस्तुुत करनाा शैैताान काा नि�रंं तर प्रयाास हैै। उसकाा कुु तर्कक पवि�त्र व्यवस्थाा केे दाायि�त्व कोो कम
करताा हैै और मनुुष्योंं� कोो पााप करनेे काा अधि�काार देेताा हैै। सााथ हीी वह उन्हेंं परमेेश्वर केे बाारेे मेंं झूूठीी
धाारणााओंं कोो संं जोोनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करताा हैै तााकि� वेे उसेे प्रेेम केे बजााय भय और घृृणाा सेे देेखेंं।
उसकेे अपनेे चरि�त्र मेंं नि�हि�त क्रूूरताा काा श्रेेय सृृष्टि�िकर्ताा� कोो दि�याा जााताा हैै; यह धर्मम कीी प्रणाालि�योंं� मेंं
सन्नि��हि�त हैै और पूूजाा केे तरीीकोंं� मेंं व्यक्त कि�याा जााताा हैै। इस प्रकाार मनुुष्योंं� केे मन वि�वेेकशूून्य होो
जाातेे हैंं, और शैैताान उन्हेंं परमेेश्वर केे वि�रुद्ध युुद्ध करनेे केे लि�ए अपनेे प्रति�नि�धि� केे रूप मेंं हाासि�ल कर
लेेताा हैै। पवि�त्र गुुणोंं� कीी वि�कृृ त धाारणााओंं केे द्वााराा, मूूर्ति�पूूजक रााष्ट्रोंं�� कोो यह वि�श्वाास करनेे केे लि�ए
प्रेेरि�त कि�याा गयाा कि� ईश्वर कीी कृृ पाादृष्टि�ि कोो प्रााप्त करनेे केे लि�ए माानव बलि�दाान आवश्यक हैंं; और
मूूर्ति�पूूजाा केे वि�भि�न्न रूपोंं� केे तहत भयाानक क्रूूरताा ज़ाारीी रखीी गई हैै।
बुुतपरस्तीी और मसीीहीी धर्मम केे रूपोंं� कोो एकजुुट करतेे हुए, और बुुतपरस्तीी कीी तरह, परमेेश्वर केे
चरि�त्र कोो गलत तरीीकेे सेे पेेश करतेे हुए, रोोमन कैै थोोलि�क चर्चच नेे उतनीी हीी क्रूूर और घि�नौौनीी प्रथााओंं
काा सहााराा लि�याा हैै। रोोम केे वर्चचस्व केे दि�नोंं� मेंं उसकेे सि�द्धांं�तोंं� कोो स्वीीकाार करनेे केे लि�ए मजबूूर करनेे
केे लि�ए याातनाा केे सााधन थेे। उसकेे दाावोंं� कोो अस्वीीकाार करनेे वाालोंं� केे लि�ए मृृत्युु थीी। बड़ेे पैैमाानेे
पर नरसंं हाार हुए थेे जोो फैै सलेे मेंं प्रकट होोनेे तक कभीी ज्ञाात नहींं� होंं�गेे। अपनेे गुुरु शैैताान केे माातहत,
कलीीसि�याा केे गणमाान्य लोोगोंं� नेे अधि�कतम संं भव याातनाा देेनेे और पीीड़ि�त केे जीीवन कोो समााप्त न करनेे
केे सााधनोंं� काा आवि�ष्काार करनेे काा अध्ययन कि�याा। कई माामलोंं� मेंं माानव सहनशक्ति� कीी चरम सीीमाा
तक नाारकीीय प्रक्रि�याा कोो दोोहराायाा जााताा थाा, जब तक कि� प्रााण-शक्ति� संं घर्षष छोोड़ देेतीी थीी, और पीीड़ि�त
मृृत्युु कोो एक सुुखद रि�हााई केे रूप मेंं स्वीीकाार कर लेेताा थाा।
रोोम केे वि�रोोधि�योंं� कीी नि�यति� ऐसीी थीी। अपनेे अनुुयाायि�योंं� केे लि�ए उसकेे पाास चााबुुक, अत्यधि�क
भूूख, हर बोोधगम्य, हृदय केे लि�ए अति� दुखदा ु ाई रूप मेंं शाारीीरि�क संं यम काा अभ्याास थाा। स्वर्गग कीी
कृृ पाादृष्टि�ि प्रााप्त करनेे केे लि�ए प्राायश्चि�ित करनेे वाालेे प्रकृृ ति� केे नि�यमोंं� काा उल्लंं घन करकेे ईश्वर
केे नि�यमोंं� काा उल्लंं घन करतेे थेे। उन्हेंं उन बंं धनोंं� कोो तोोड़नाा सि�खाायाा जााताा थाा जोो उसनेे मनुुष्य केे
400 महाान वि�वााद

सांं�साारि�क प्रवाास कोो आशीीषि�त और आनंं दि�त करनेे केे लि�ए बनााए हैंं। गि�रजेे केे कब्रि�स्ताान मेंं लााखोंं�
पीीड़ि�त हैंं जि�न्होंं�नेे अपनेे स्वााभाावि�क लगाावोंं� कोो वश मेंं करनेे केे लि�ए, परमेेश्वर केे लि�ए अप्रि�य, अपनेे
सााथीी प्रााणि�योंं� केे प्रति� हर वि�चाार और सहाानुुभूूति� कीी भाावनाा कोो दबाानेे केे लि�ए व्यर्थथ प्रयाासोंं� मेंं अपनाा
जीीवन बि�ताायाा।
यदि� हम शैैताान कीी कृृ तसंं कल्प क्रूूरताा कोो समझनेे कीी इच्छाा रखतेे हैंं, जोो सैैकड़ोंं� वर्षोंं सेे प्रकट हुई
हैै, उन लोोगोंं� केे बीीच नहींं� जि�न्होंं�नेे परमेेश्वर केे बाारेे मेंं कभीी नहींं� सुुनाा, लेेकि�न मसीीहीी जगत कीी जड़
और हद केे प्रत्येेक भााग मेंं, हमेंं केे वल रोोमनवााद केे इति�हाास कोो देेखनाा होोगाा। धोोखेे कीी इस वि�शााल
प्रणाालीी केे मााध्यम सेे संं साार काा सरदाार परमेेश्वर कोो बदनााम करनेे और मनुुष्य कोो नीीचाा दि�खाानेे केे
अपनेे उद्देेश्य कोो प्रााप्त करताा हैै। और जब हम देेखतेे हैंं कि� कैै सेे वह कलीीसि�याा केे अगुुवोंं� केे मााध्यम
सेे अपनाा भेेष बदलनेे और अपनेे कााम कोो पूूराा करनेे मेंं सफल होोताा हैै, तोो हम बेेहतर ढंंग सेे समझ
सकतेे हैंं कि� उसकेे मन मेंं बााइबल केे प्रति� इतनीी अधि�क शत्रुुताा क्योंं� हैै। यदि� उस पुुस्तक कोो पढ़ाा
जााए, तोो परमेेश्वर कीी दयाा और प्रेेम प्रगट होोगाा; यह देेखाा जााएगाा कि� वह मनुुष्योंं� पर इनमेंं सेे कोोई
भीी भाारीी बोोझ नहींं� डाालताा हैै। वह केे वल एक टूू टाा हुआ और पश्चााताापीी हृदय, एक वि�नम्र, आज्ञााकाारीी
आत्माा माँँ�गताा हैै।
मसीीह अपनेे जीीवन मेंं पुुरुषोंं� और महि�लााओंं केे लि�ए स्वर्गग केे योोग्य बननेे केे लि�ए मठोंं� मेंं खुुद कोो
बंं द करनेे केे लि�ए कोोई उदााहरण नहींं� देेताा हैै। उसनेे कभीी यह नहींं� सि�खाायाा कि� प्रेेम और सहाानुुभूूति�
कोो दबाानाा चााहि�ए। उद्धाारकर्ताा� काा हृदय प्रेेम सेे परि�पूूर्णण थाा। मनुुष्य नैैति�क पूूर्णणताा केे जि�तनाा नि�कट
आताा हैै, उसकीी संं वेेदनााएँँ उतनीी हीी तीीव्र होोतीी हैंं, पााप केे प्रति� उसकाा बोोध उतनाा हीी तीीव्र होोताा हैै, और
पीीड़ि�तोंं� केे प्रति� उसकीी सहाानुुभूूति� उतनीी हीी गहरीी होोतीी हैै। पोोप मसीीह काा प्रति�नि�धि� होोनेे काा दाावाा
करताा हैै; लेेकि�न उसकेे चरि�त्र कीी तुुलनाा हमाारेे उद्धाारकर्ताा� केे चरि�त्र सेे कैै सेे कीी जाा सकतीी हैै? क्याा
मसीीह कभीी लोोगोंं� कोो जेेल मेंं याा याातनाा देेनेे केे यंं त्र पर भेेजनेे केे लि�ए जाानाा जााताा थाा क्योंं�कि� उन्होंं�नेे
उसेे स्वर्गग केे रााजाा केे रूप मेंं श्रद्धांं�जलि� नहींं� दीी थीी? क्याा उसकीी आवााज़ उन लोोगोंं� कोो, जि�न्होंं�नेे उसेे
स्वीीकाार नहींं� कि�याा थाा, मृृत्युुदंंड देेतेे हुए सुुनााई देेतीी थीी? जब एक साामरीी गाँँ�व केे लोोगोंं� नेे उसेे ति�रस्कृृत
कि�याा, तोो प्रेेरि�त यूूहन्नाा क्रोोध सेे भर गयाा, और उसनेे पूूछाा: “हेे प्रभुु, क्याा तूू चााहताा हैै कि� हम आज्ञाा
देंं , कि� आकााश सेे आग गि�रकर उन्हेंं भस्म कर देे?” यीीशुु नेे अपनेे चेेलेे पर तरस खाायाा, और उसकेे
कठोोर मन कोो यह कहतेे हुए डांं�टाा: “मनुुष्य काा पुुत्र लोोगोंं� केे प्रााणोंं� काा नााश करनेे नहींं� वरन्् बचाानेे
केे लि�ए आयाा हैै।” लूूकाा 9:54,56। मसीीह द्वााराा अभि�व्यक्त भाावनाा उसकेे तथााकथि�त प्रति�नि�धि� कीी
भाावनाा सेे कि�तनीी अलग हैै।
भयाानक क्रूूरतााओंं केे उसकेे इति�हाास पर परदाा डाालतेे हुए, रोोमन चर्चच अब दुनि�या ु ा केे साामनेे एक
नि�ष्पक्ष मोोर्चाा� प्रस्तुुत करताा हैै। उसनेे मसीीह केे समाान वस्त्र धाारण कि�ए हैंं; लेेकि�न वह अपरि�वर्ति�त हैै।
पि�छलेे युुगोंं� मेंं मौौजूूद पोोपवााद काा हर सि�द्धांं�त आज भीी मौौजूूद हैै। सबसेे अंंधकाारमय युुगोंं� मेंं तैैयाार
कि�ए गए सि�द्धांं�त अभीी भीी काायम हैंं। कोोई अपनेे आप कोो धोोखाा न देे। जि�स पोोपतंं त्र कोो माान्य ठहराानेे
केे लि�ए प्रोोटेेस्टेंंट अब इतनेे तैैयाार हैंं, वह वहीी हैै जि�सनेे धर्मम -सुुधाार केे दि�नोंं� मेंं दुनि�या
ु ा पर शाासन कि�याा
थाा, जब परमेेश्वर केे लोोग अपनेे जीीवन केे जोोखि�म पर उसकेे अधर्मम कोो उजाागर करनेे केे लि�ए खड़ेे
हुए थेे। उसकेे पाास वहीी गर्वव और अहंंकाारीी धाारणाा हैै जि�सनेे उसेे रााजााओंं और रााजकुु माारोंं� पर हाावीी
विवेक की स्वतंत्रता को 401

कि�याा, और परमेेश्वर केे वि�शेेषााधि�काारोंं� काा दाावाा कि�याा। उसकीी भाावनाा अब कम क्रूूर और नि�रंंकुुश
नहींं� हैै जब उसनेे माानव स्वतंं त्रताा कोो कुु चल दि�याा और परमप्रधाान केे पवि�त्र लोोगोंं� कोो माार डाालाा।
पोोपतंं त्र वहीी हैै जोो भवि�ष्यवााणीी नेे घोोषणाा कीी थीी कि� वह होोगाा, बााद केे समय केे दौौराान धर्मम-
त्यााग। 2 थि�स्सलुुनीीकि�योंं� 2:3, 4। यह उसकीी नीीति� काा एक हि�स्साा हैै कि� वह उस चरि�त्र कोो ग्रहण
करेे जोो उसकेे उद्देेश्य कोो पूूराा करेेगाा; लेेकि�न गि�रगि�ट केे परि�वर्ततनशीील रूप केे नीीचेे वह सर्पप केे अपरि�-
वर्ततनीीय वि�ष कोो छुु पााताा हैै। «वि�श्वाास कोो वि�धर्मि�योंं� केे सााथ नहींं� रखाा जाानाा चााहि�ए, न हीी वि�धर्मम केे
सन्दि�ग्धोंं� केे सााथ» (लेेनफ़ैंंट, खंं ड 1, पृृष् ठ 516), वह घोोषणाा करताा हैै। क्याा यह शक्ति�, जि�सकाा एक
हज़ाार सााल काा वि�वरण पवि�त्र लोोगोंं� केे लहू मेंं लि�खाा हैै, अब मसीीह कीी कलीीसि�याा केे हि�स्सेे केे रूप मेंं
स्वीीकाार कीी जााएगीी?
यह बि�नाा काारण नहींं� हैै कि� प्रोोटेेस्टेंंट देेशोंं� मेंं यह दाावाा कि�याा गयाा हैै कि� कैै थोोलि�क धर्मम पूूर्वव समय
कीी तुुलनाा मेंं प्रोोटेेस्टेंंटवााद सेे कम व्याापक रूप सेे भि�न्न हैै। एक परि�वर्ततन हुआ हैै; लेेकि�न परि�वर्ततन
पोोपतंं त्र मेंं नहींं� हैै। कैै थोोलि�क धर्मम वाास्तव मेंं अब मौौजूूद अधि�कांं�श प्रोोटेेस्टेंंटवााद सेे मि�लताा-जुुलताा हैै,
क्योंं�कि� सुुधाारकोंं� केे दि�नोंं� सेे प्रोोटेेस्टेंंटवााद बहुत अधि�क वि�कृृ त होो गयाा हैै।
जि�स तरह प्रोोटेेस्टेंंट कलीीसि�यााएंं संं साार काा समर्थथन प्रााप्त करनेे काा प्रयाास कर रहीी हैंं, झूठेू े प्रेेम नेे
उन्हेंं अंंधाा कर दि�याा हैै। वेे केे वल यह देेखतेे हैंं कि� सभीी बुुरााईयोंं� कीी भलााई मेंं वि�श्वाास करनाा सहीी हैै,
और अपरि�हाार्यय परि�णााम केे रूप मेंं वेे अंंततःः सभीी अच्छााइयोंं� कीी बुुरााई मेंं वि�श्वाास करेंंगेे।
कि�सीी समय पवि�त्र लोोगोंं� कोो दि�ए गए वि�श्वाास कीी रक्षाा मेंं खड़ेे होोनेे केे बजााय, वेे अब, एक तरह
सेे, रोोम सेे उसकेे बाारेे मेंं अपनीी अनुुचि�त रााय केे लि�ए क्षमाा माँँ�ग रहेे थेे, अपनीी कट्टरताा केे लि�ए क्षमाा
माँँ�ग रहेे थेे।
एक बड़ाा वर्गग, यहांं� तक कि� जोो लोोग रोोमनवााद काा समर्थथन नहींं� करतेे हैंं, हैंं, उसकीी शक्ति� और
प्रभााव सेे थोोड़ाा खतराा अनुुभव करतेे हैै। बहुत सेे लोोग आग्रह करतेे हैंं कि� मध्य युुग केे दौौराान व्यााप्त
बौौद्धि�क और नैैति�क अंंधकाार नेे उसकेे धर्ममसि�द्धांं�तोंं�, अंंधवि�श्वाासोंं� और उत्पीीड़न केे प्रसाार काा समर्थथन
कि�याा, और यह कि� आधुुनि�क समय कीी और अधि�क बुुद्धि�मत्ताा, ज्ञाान काा साामाान्य प्रसाार, और धर्मम केे
माामलोंं� मेंं बढ़तीी उदाारताा असहि�ष्णुुताा और नि�रंंकुुशताा केे पुुनःः प्रचलन कोो रोोकतीी हैै। यह वि�चाार हीी
उपहाास काा पाात्र हैै कि� इस प्रबुुद्ध युुग मेंं ऐसीी स्थि�ति� मौौजूूद होोगीी। यह सच हैै कि� इस पीीढ़ीी पर महाान
बौौद्धि�क, नैैति�क और धाार्मि�क प्रकााश चमक रहाा हैै। परमेेश्वर केे पवि�त्र वचन केे खुुलेे पृृष् ठोंं� मेंं, दुनि�या ु ा
पर स्वर्गग सेे प्रकााश डाालाा गयाा हैै। लेेकि�न यह यााद रखनाा चााहि�ए कि� जि�तनाा बड़ाा प्रकााश दि�याा जााताा हैै,
उतनाा हीी अधि�क अंंधकाार उन लोोगोंं� काा होोताा हैै जोो इसेे वि�कृृ त और अस्वीीकाार करतेे हैंं।
बााइबल काा एक प्राार्थथनाापूूर्णण अध्ययन प्रोोटेेस्टेंंटोंं� कोो पोोपतंं त्र केे वाास्तवि�क चरि�त्र कोो दि�खााएगाा और
उन्हेंं इससेे घृृणाा करनेे और इसेे दूू र करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करेेगाा; लेेकि�न बहुत सेे लोोग अपनेे दंंभ मेंं इतनेे
बुुद्धि�माान हैंं कि� उन्हेंं वि�नम्रताापूूर्ववक परमेेश्वर कोो ढूंं�ढनेे कीी, तााकि� उन्हेंं सच्चााई मेंं लेे जाायाा जाा सकेे ,
कोोई आवश्यकताा महसूूस नहींं� होोतीी हैै। हाालाँँ�कि� उन्हेंं अपनीी प्रबुुद्धताा पर गर्वव हैै, वेे पवि�त्र शाास्त्र और
परमेेश्वर कीी शक्ति� दोोनोंं� सेे अनभि�ज्ञ हैंं। उनकेे पाास अपनेे वि�वेेक कोो शांं�त करनेे केे लि�ए कुु छ सााधन
होोनेे चााहि�ए, और वेे वह चााहतेे हैंं जोो बहुत हीी कम आध्याात्मि�क होो और कम सेे कम दीीन करनेे वाालाा
होो। वेे जोो चााहतेे हैंं वह परमेेश्वर कोो भूूलनेे कीी एक वि�धि� हैै जोो उसेे यााद करनेे कीी एक वि�धि� केे रूप
402 महाान वि�वााद

मेंं स्वीीकृृ त होोगीी। इन सभीी कीी ज़रुरतोंं� कोो पूूराा करनेे केे लि�ए पोोपतंं त्र अच्छीी तरह सेे अनुुकूूलि�त हैै।
यह माानव जााति� केे दोो वर्गोंं केे लि�ए तैैयाार कि�याा गयाा हैै, जि�समेंं लगभग पूूरीी दुनि�या ु ा शाामि�ल हैै - वेे
जोो अपनीी योोग्यतााओंं सेे बचााए जााएंं गेे, और वेे जोो अपनेे पाापोंं� सेे बचााए जााएंं गेे। यहांं� जाानि�ए इसकीी
तााकत काा रााज।
महाान बौौद्धि�क अंंधकाार केे एक दि�न कोो पोोपतंं त्र कीी सफलताा केे अनुुकूूल दि�खाायाा गयाा हैै। यह
फि�र भीी प्रदर्शि�त कि�याा जााएगाा कि� महाान बौौद्धि�क प्रकााश काा दि�न इसकीी सफलताा केे लि�ए समाान
रूप सेे अनुुकूूल हैै। पि�छलेे युुगोंं� मेंं, जब मनुुष्य परमेेश्वर केे वचन केे बि�नाा और सत्य केे ज्ञाान केे बि�नाा
थेे, उनकीी आँँखोंं� पर पट्टीी बंं धीी हुई थीी, और अपनेे पैैरोंं� केे लि�ए फैै लााए हुए जााल सेे बेेखबर, हजाारोंं�
लोोग फँँस गए थेे। इस पीीढ़ीी मेंं ऐसेे कई लोोग हैंं जि�नकीी आँँखेंं माानवीीय अटकलोंं� कीी चकााचौंं�ध
सेे चौंं�धि�याा जाातीी हैंं, «वि�ज्ञाान कोो झूूठाा कहाा जााताा हैै;» वेे जााल कोो नहींं� पहचाानतेे, और आसाानीी
सेे उसमेंं चलेे जाातेे हैंं माानोो आंंखोंं� पर माानोो पट्टीी बंं धीी होो। परमेेश्वर नेे नि�यत कि�याा कि� मनुुष्य कीी
बौौद्धि�क शक्ति�योंं� कोो उसकेे नि�र्माा�ताा सेे एक उपहाार केे रूप मेंं रखाा जाानाा चााहि�ए और सच्चााई और
धाार्मि�कताा कीी सेेवाा मेंं लगाायाा जाानाा चााहि�ए; लेेकि�न जब गर्वव और महत्वााकांं�क्षाा कोो पोोषि�त कि�याा
जााताा हैै, और मनुुष्य अपनेे स्वयंं केे सि�द्धांं�तोंं� कोो परमेेश्वर केे वचन सेे ऊपर उठाातेे हैंं, तोो अज्ञाान कीी
अपेेक्षाा ज्ञाान अधि�क हाानि� कर सकताा हैै। इस प्रकाार वर्ततमाान समय काा झूूठाा वि�ज्ञाान, जोो बााइबि�ल मेंं
वि�श्वाास कोो कम करताा हैै, अपनेे मनभाावन रूपोंं� केे सााथ पोोप-तंं त्र कीी स्वीीकृृ ति� केे लि�ए राास्ताा तैैयाार
करनेे मेंं उतनाा हीी सफल सााबि�त होोगाा, जि�तनाा कि� अंंधकाार युुग मेंं इसकेे वि�स्ताार केे लि�ए राास्ताा
खोोलनेे मेंं ज्ञाान कोो रोोक कर रखनेे नेे कि�याा।
संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा मेंं चल रहेे आंंदोोलनोंं� मेंं कलीीसि�याा कीी वि�धि�योंं� और रि�वााज़ोंं� केे लि�ए रााज्य
काा समर्थथन सुुरक्षि�त करनेे केे लि�ए, प्रोोटेेस्टेंंट पोोप समर्थथकोंं� केे कदमोंं� पर चल रहेे हैंं। नहींं�, और भीी, वेे
प्रोोटेेस्टेंंट अमेेरि�काा मेंं उस प्रभुुत्व कोो पुुनःः प्रााप्त करनेे केे लि�ए पोोपतंं त्र केे लि�ए द्वाार खोोल रहेे हैंं जि�सेे
उसनेे पुुराानीी दुनि�या ु ा मेंं खोो दि�याा हैै। और जोो इस आंंदोोलन कोो अधि�क महत्व देेताा हैै वह यह तथ्य हैै
कि� जि�स मुुख्य मुुद्देे पर वि�चाार कि�याा गयाा हैै वह रवि�वाार केे पाालन काा प्रवर्ततन हैै - एक प्रथाा जोो रोोम
सेे उत्पन्न हुई थीी, और जि�सेे वह अपनेे अधि�काार केे संं केे त केे रूप मेंं दाावाा करताा हैै। यह पोोपवााद कीी
भाावनाा हैै - सांं�साारि�क रीीति�-रि�वााजोंं� केे अनुुरूप होोनेे कीी भाावनाा, ईश्वर कीी आज्ञााओंं सेे ऊपर माानव
परंंपरााओंं केे प्रति� श्रद्धाा - जोो प्रोोटेेस्टेंंट कलीीसि�यााओंं मेंं व्यााप्त होो रहीी हैै और उन्हेंं रवि�वाार कीी महि�माा
करनेे केे उसीी काार्यय कोो करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कर रहीी हैै जोो उनसेे पहलेे पोोपवााद नेे कि�याा हैै।
यदि� पााठक जल्द हीी आनेे वाालेे संं घर्षष मेंं नि�योोजि�त होोनेे वाालेे मााध्यमोंं� कोो समझनाा चााहेे, तोो उसेे
केे वल उन सााधनोंं� केे अभि�लेेख काा पताा लगाानाा होोगाा, जोो रोोम नेे युुगोंं� मेंं उसीी उद्देेश्य केे लि�ए नि�योोजि�त
कि�ए थेे। यदि� वह जााननाा चााहताा हैै कि� पोोप समर्थथक और प्रोोटेेस्टेंंट एकजुुट होोकर उन लोोगोंं� केे सााथ
कैै साा व्यवहाार करेंंगेे जोो उनकेे धर्ममसि�द्धांं�तोंं� कोो अस्वीीकाार करतेे हैंं, तोो उसेे उस भाावनाा कोो देेखनेे देंं जोो
रोोम नेे सब्त और उसकेे रक्षकोंं� केे प्रति� प्रकट कीी थीी।
शााहीी फरमाान, साामाान्य सभााएंं , और धर्ममनि�रपेेक्ष शक्ति� द्वााराा काायम रखेे गए कलीीसि�यााई नि�यम
वेे कदम थेे जि�नकेे द्वााराा बुुतपरस्त समाारोोह नेे मसीीहीी जगत मेंं सम्माान कीी स्थि�ति� प्रााप्त कीी। रवि�वाार
केे पाालन कोो लाागूू करनेे वाालाा पहलाा साार्ववजनि�क उपााय कॉॉन्स्टेंंटााइन द्वााराा बनाायाा गयाा काानूून थाा।
विवेक की स्वतंत्रता को 403

(ईसवीी 321; पृृष् ठ 53 केे लि�ए परि�शि�ष्ट नोोट देेखेंं।) इस आदेेश केे अनुुसाार शहर-वाासि�योंं� कोो «सूूर्यय
केे आदरणीीय दि�न» पर वि�श्रााम करनाा थाा, लेेकि�न ग्रााम-वाासि�योंं� कोो अपनीी कृृ षि� गति�वि�धि�योंं� कोो जाारीी
रखनेे कीी अनुुमति� थीी। हाालांं�कि� वस्तुुतःः एक बुुतपरस्त क़ाानूून, इसेे सम्रााट द्वााराा मसीीहीी धर्मम कीी नााममाात्र
स्वीीकृृ ति� केे बााद लाागूू कि�याा गयाा थाा।
शााहीी जनाादेेश ईश्वरीीय अधि�काार केे लि�ए पर्याा�प्त वि�कल्प सााबि�त नहींं� हुआ, इसलि�ए यूूसेेबि�यस
नाामक एक बि�शप नेे जोो कलीीसि�याा पदाानुुक्रम केे वरि�ष्ठ सदस्योंं� कीी कृृ पाा-दृष्टि�ि कीी इच्छाा रखताा थाा,
और जोो कॉॉन्स्टेंंटााइन काा वि�शेेष मि�त्र और खुुशाामदीी थाा, दाावाा प्रस्तुुत कि�याा कि� मसीीह नेे रवि�वाार कोो
सब्त काा दि�न ठहराा दि�याा थाा। नए सि�द्धांं�त केे प्रमााण मेंं पवि�त्र शाास्त्र कीी एक भीी गवााहीी नहींं� दीी गई थीी।
यूूसेेबि�यस स्वयंं अनजाानेे मेंं इसकीी असत्यताा कोो स्वीीकाार करताा हैै और परि�वर्ततन केे वाास्तवि�क लेेखकोंं�
कीी ओर इशााराा करताा हैै। «सभीी चीीज़ेंं,» वह कहताा हैै, «सब्त केे दि�न जोो कुु छ भीी करनाा कर्ततव्य थाा,
उसेे हमनेे प्रभुु केे दि�न पर अंंतरण कर दि�याा हैै।» - रॉॉबर्टट कॉॉक्स, सब्बााथ लॉॉज़ एंं ड सब्बााथ ड्यूूटीीज़,
पृृष् ठ 538। लेेकि�न रवि�वाार केे तर्कक नेे, जोो नि�रााधाार थाा, प्रभुु केे सब्त कोो रौंं�दनेे मेंं लोोगोंं� कोो प्रोोत्सााहि�त
करनेे काा काार्यय कि�याा। संं साार कीी ओर सेे सम्माानि�त होोनेे कीी इच्छाा रखनेे वाालेे सभीी लोोगोंं� नेे लोोकप्रि�य
त्योोहाार कोो स्वीीकाार कर लि�याा।
जैैसेे-जैैसेे पोोपतंं त्र दृढ़ताा सेे स्थाापि�त होोताा गयाा, रवि�वाार केे उत्कर्षष काा काार्यय जाारीी रहाा। कुु छ समय
केे लि�ए लोोग कृृ षि� श्रम मेंं लग जाातेे थेे जब वेे चर्चच नहींं� जाातेे थेे, और साातवेंं दि�न कोो अभीी भीी सब्त
केे रूप मेंं माानाा जााताा थाा। लेेकि�न धीीरेे-धीीरेे एक परि�वर्ततन संं पन्न हुआ। पवि�त्र पदोंं� पर बैैठेे लोोगोंं� कोो
रवि�वाार कोो कि�सीी भीी माानव-समााज-संं बंं धीी वि�वााद मेंं फैै सलाा सुुनाानेे सेे मनाा कि�याा गयाा थाा। इसकेे तुुरंंत
बााद, सभीी व्यक्ति�योंं� कोो, चााहेे कि�सीी भीी कोोटि� केे होंं�, साामाान्य श्रम सेे परहेेज करनेे काा आदेेश दि�याा गयाा
थाा अन्यथाा स्वतंं त्र व्यक्ति�योंं� कोो जुुर्माा�नाा देेनाा होोताा थाा और नौौकरोंं� केे माामलेे मेंं कोोड़ेे कीी माार कीी सज़ाा
होोतीी थीी। बााद मेंं यह आदेेश दि�याा गयाा कि� अमीीर लोोगोंं� कोो सज़ाा केे तौौर पर उनकीी आधीी संं पत्ति� सेे
वंं चि�त कि�याा जााए; और अंंत मेंं, कि� अगर वेे हठपूूर्ववक अड़ेे रहेंं तोो उन्हेंं गुुलााम बनाा लि�याा जााए। नि�म्न
वर्गोंं कोो सदाा केे लि�ए नि�र्वाा�सन भुुगतनाा पड़ताा थाा।
चमत्काारोंं� कीी भीी मांं�ग कीी जाातीी थीी। अन्य चमत्काारोंं� केे बीीच यह बताायाा गयाा कि� एक कि�साान नेे,
जोो रवि�वाार कोो अपनेे खेेत कीी जुुतााई करनेे वाालाा थाा, अपनेे हल कोो लोोहेे सेे सााफ कि�याा, लोोहाा उसकेे
हााथ मेंं बुुरीी तरह सेे चि�पक गयाा, और दोो सााल तक वह उसेे अपनेे सााथ लि�ए घूूमताा रहाा, «और उसनेे
अत्यधि�क दर्दद और शर्मम काा साामनाा कि�याा।» - फ्रांं�सि�स वेेस्ट, हि�स्टोोरि�कल एंं ड प्रैैक्टि�कल डि�स्कोोर्सस ऑन
द लॉॉर्ड््�स डेे, पृृष् ठ 174।
बााद मेंं पोोप नेे नि�र्देेश दि�याा कि� इलााकेे केे पाादरीी कोो रवि�वाार केे उल्लंं घनकर्ताा�ओं ं कोो चेेताावनीी देेनीी
चााहि�ए और उन्हेंं गि�रि�जााघर जाानेे और अपनीी प्राार्थथनाा करनेे केे लि�ए कहनाा चााहि�ए, ऐसाा न होो कि� वेे
अपनेे और पड़ोोसि�योंं� पर कोोई बड़ीी वि�पत्ति� लााएँँ। एक कलीीसि�यााई सभाा नेे इस तर्कक कोो आगेे बढ़ाायाा,
चूंं�कि� इतनेे व्याापक रूप सेे प्रयोोग मेंं लाायाा गयाा थाा, यहांं� तक कि� प्रोोटेेस्टेंंटोंं� द्वााराा भीी, कि� क्योंं�कि� रवि�वाार
कोो कााम करतेे समय लोोगोंं� पर बि�जलीी गि�र गई थीी, इसलि�ए यह सब्त काा दि�न होोनाा चााहि�ए। «यह
स्पष्ट हैै,» धर्माा�धि�काारि�योंं� नेे कहाा, «इस दि�न कीी उपेेक्षाा पर परमेेश्वर कीी नाारााजगीी कि�तनीी अधि�क
थीी।» तब एक नि�वेेदन कि�याा गयाा कि� यााजक और पाादरीी, रााजाा और प्रधाान, और सभीी वफाादाार लोोग
404 महाान वि�वााद

«अत्यधि�क प्रयाास करेंं और ध्याान देंं कि� उस दि�न कोो उसकेे सम्माान मेंं बहााल कि�याा जााए, और, मसीीहीी
धर्मम केे श्रेेय केे लि�ए, आनेे वाालेे समय केे लि�ए और अधि�क श्रद्धाापूूर्ववक मनाायाा जााए।» —थॉॉमस मोोरर,
डि�स्कोोर्सस इन सि�क्स डाायलॉॉग्स ऑन द नेेम, नोोशन, एंं ड ऑब्ज़र्वेेशन ऑफ़ द लॉॉर्ड््�स डेे, पृृष् ठ 271।
सभााओंं केे आदेेश अपर्याा�प्त सााबि�त हुए, धर्ममनि�रपेेक्ष अधि�काारि�योंं� सेे लोोगोंं� केे दि�लोंं� मेंं आतंं क
पैैदाा करनेे वाालेे और उन्हेंं रवि�वाार कोो श्रम सेे वि�रत रहनेे केे लि�ए मजबूूर करनेे वाालेे एक आदेेश ज़ाारीी
करनेे केे लि�ए कहाा गयाा। रोोम मेंं आयोोजि�त एक धर्ममसभाा मेंं, पि�छलेे सभीी नि�र्णणयोंं� कीी अधि�क बल और
गम्भीीरताा केे सााथ पुुन: पुुष्टि�ि कीी गई थीी। उन्हेंं कलीीसि�यााई व्यवस्थाा मेंं भीी शाामि�ल कि�याा गयाा और
लगभग संं पूूर्णण मसीीहीी जगत मेंं नाागरि�क अधि�काारि�योंं� द्वााराा लाागूू कि�याा गयाा थाा। (हेेयलि�न, हि�स्ट्रीी� ऑफ
द सब्बााथ, भााग 2, अध्यााय 5, भााग 7 देेखेंं।)
फि�र भीी रवि�वाार पाालन केे लि�ए पवि�त्र शाास्त्र केे अनुुमोोदन केे अभााव मेंं जोो उलझन उत्पन्न हुई
वह कम नहींं� थीी। लोोगोंं� नेे सूूर्यय केे दि�न काा सम्माान करनेे केे लि�ए यहोोवाा कीी स्पष्ट घोोषणाा, “साातवाँँ�
दि�न तेेरेे परमेेश्वर यहोोवाा काा वि�श्रााम दि�न हैै,” कोो रद्द करनेे केे अपनेे गुुरुओंं केे अधि�काार पर
सवााल उठाायाा। बााइबल गवााहीी कीी कमीी कोो पूूराा करनेे केे लि�ए, अन्य उपााय आवश्यक थेे। बाारहवींं�
शतााब्दीी केे अंंत केे करीीब इंं ग्लैंंड कीी कलीीसि�यााओंं काा दौौराा करनेे वाालेे रवि�वाार केे एक उत्सााहीी
अधि�वक्ताा काा सच्चााई केे लि�ए वफाादाार गवााहोंं� द्वााराा वि�रोोध कि�याा गयाा; और उसकेे प्रयाास इतनेे
नि�ष्फल रहेे कि� वह कुु छ समय केे लि�ए देे श सेे चलाा गयाा और अपनीी शि�क्षााओंं कोो लाागूू करनेे
केे लि�ए कि�सीी सााधन केे लि�ए अपनाा दि�मााग लगाायाा। जब वह लौौटाा, तोो कमीी कीी आपूूर्ति� कीी
गई, और उसकेे बााद केे श्रम मेंं उसेे अधि�क सफलताा मि�लीी। वह अपनेे सााथ एक दस्ताावेेज लाायाा
और उसनेे दाावाा कि�याा कि� वह स्वयंं परमेेश्वर कीी ओर सेे थाा, जि�समेंं रवि�वाार केे पाालन केे लि�ए
आवश्यक आदेे श थाा, जि�समेंं अवज्ञााकाारीी कोो डराानेे केे लि�ए भयाानक धमकि�यांं� थींं�। इस बहुमूूल्य
दस्ताावेेज— जोो उस संं स्थाा केे जि�तनाा हीी नकलीी थाा, जि�सकाा वह समर्थथन करताा थाा— केे बाारेे मेंं
कहाा जााताा थाा कि� यह स्वर्गग सेे गि�राा थाा और यरूशलेेम मेंं, गोोलगोोथाा मेंं सेंंट शि�मोोन कीी वेेदीी पर
पाायाा गयाा थाा। लेेकि�न, वाास्तव मेंं, रोोम मेंं पोोप काा महल स्रोोत थाा जहांं� सेे यह आगेे बढ़ाा। कलीीसि�याा
कीी शक्ति� और समृृद्धि� कोो आगेे बढ़ाानेे केे लि�ए धोोखााधड़ीी और जाालसााजीी कोो सभीी युुगोंं� मेंं पोोप
पदाानुुक्रम द्वााराा वैैध माानाा गयाा हैै।
दस्ताावेेज केे अनुुसाार, शनि�वाार दोोपहर नौौवेंं घंं टेे, तीीन बजेे सेे सोोमवाार कोो सूूर्योोदय तक काार्यय नहींं�
करनाा थाा; और इसकेे अधि�काार कीी कई चमत्काारोंं� द्वााराा पुुष्टि�ि कीी गई थीी। यह बताायाा गयाा थाा कि�
नि�यत घंं टेे सेे अधि�क कााम करनेे वाालेे व्यक्ति� पक्षााघाात सेे पीीड़ि�त हुए थेे। एक चक्कीी चलाानेे वाालेे नेे,
जि�सनेे अपनेे मकई कोो पीीसनेे काा प्रयाास कि�याा, आटेे केे बजााय, खूून कीी एक धाार नि�कलतेे हुए देेखीी,
और पाानीी केे तेेज़ प्रवााह केे बाावजूूद चक्कीी काा पहि�याा स्थि�र थाा। एक महि�लाा नेे, जि�सनेे अवन मेंं आटाा
रखाा थाा, उसेे बााहर नि�काालनेे पर कच्चाा पाायाा, हाालांं�कि� अवन बहुत गर्मम थाा। एक अन्य व्यक्ति� जि�सनेे
नौौवेंं घंं टेे मेंं रोोटीी बनाानेे केे लि�ए आटाा तैैयाार कि�याा थाा, लेेकि�न इसेे सोोमवाार तक अलग रखनेे काा फैै सलाा
कि�याा, अगलेे दि�न पाायाा कि� उसकीी रोोटि�यांं� बनााकर ईश्वरीीय शक्ति� द्वााराा पकाायाा गयाा थाा। शनि�वाार
कोो नौौवेंं घंं टेे केे बााद रोोटीी सेंंकनेे वाालेे एक व्यक्ति� नेे पाायाा, कि� जब उसनेे अगलीी सुुबह उसेे तोोड़ाा, तोो
वहांं� सेे खूून बहनाा शुुरू होो गयाा। इस तरह केे बेेतुुकेे और अंंधवि�श्वाासीी छलरचनााओंं सेे रवि�वाार केे
विवेक की स्वतंत्रता को 405

पैैरोोकाारोंं� नेे इसकीी पवि�त्रताा स्थाापि�त करनेे काा प्रयाास कि�याा। (देेखेंं रोोजर डीी होोवेेडेेन, एनल्स, खंं ड 2,
पृृष् ठ 526-530।)
स्कॉॉटलैंंड मेंं, जैैसाा कि� इंं ग्लैंडं मेंं थाा, रवि�वाार कोो प्रााचीीन सब्त केे एक हि�स्सेे केे सााथ जोोड़ कर
उसकेे लि�ए एक बृृहत्तर सम्माान सुुरक्षि�त कि�याा गयाा। लेेकि�न पवि�त्र बनााए रखनेे केे लि�ए आवश्यक
समय अलग-अलग थाा। स्कॉॉटलैंंड केे रााजाा केे एक फरमाान मेंं ऐलाान कि�याा गयाा थाा कि� «शनि�वाार कोो
दोोपहर बाारह बजेे सेे पवि�त्र माानाा जाानाा थाा,» और उस समय सेे सोोमवाार सुुबह तक कि�सीी भीी इंं साान कोो
सांं�साारि�क कााम नहींं� करनाा चााहि�ए। —मोोरर, पृृष् ठ 290, 291।
लेेकि�न रवि�वाार कीी पवि�त्रताा स्थाापि�त करनेे केे सभीी प्रयाासोंं� केे बाावजूूद , पोोप समर्थथकोंं� नेे खुुद साार्वव-
जनि�क रूप सेे सब्त केे दि�न केे ईश्वरीीय अधि�काार और उस संं स्थाा कीी माानव उत्पत्ति� कोो स्वीीकाार कि�याा,
जि�सकेे द्वााराा इसेे प्रति�स्थाापि�त कि�याा गयाा थाा। सोोलहवींं� शतााब्दीी मेंं एक पोोप सभाा नेे स्पष्ट रूप सेे
घोोषणाा कीी: «सभीी मसीीहि�योंं� कोो यााद रखनाा चााहि�ए कि� साातवेंं दि�न कोो परमेेश्वर द्वााराा पवि�त्र ठहराायाा
गयाा थाा, और न केे वल यहूदि�योंं� द्वााराा, बल्कि� उन सभीी लोोगोंं� द्वााराा स्वीीकाार कि�याा गयाा हैै और मनाायाा
गयाा हैै, न केे वल यहूदि�योंं� द्वााराा, बल्कि� उन सभीी लोोगोंं� द्वााराा जोो परमेेश्वर कीी पूूजाा करनेे काा ढोंं�ग करतेे
हैंं; यद्यपि� हम मसीीहि�योंं� नेे उनकेे सब्त कोो प्रभुु केे दि�न मेंं बदल दि�याा हैै।” —पूूर्वोोक्त, पृृष् ठ 281,
282। जोो लोोग ईश्वरीीय व्यवस्थाा केे सााथ छेे ड़छााड़ कर रहेे थेे, वेे अपनेे कााम केे स्वरूप सेे अनजाान
नहींं� थेे। वेे जाानबूूझकर खुुद कोो परमेेश्वर सेे ऊपर रख रहेे थेे।
जोो रोोम सेे असहमत थेे उन लोोगोंं� केे प्रति� उसकीी नीीति� काा एक उल्लेेखनीीय उदााहरण वााल्डेंंस (एक
प्यूूरि�टन धाार्मि�क संं प्रदााय) केे , जि�नमेंं सेे कुु छ सब्त काा पाालन करनेे वाालेे थेे, दीीर्घघकाालीीन और रक्त-
पाातपूूर्णण उत्पीीड़न मेंं दि�याा गयाा थाा। दूू सरोंं� कोो चौौथीी आज्ञाा केे प्रति� नि�ष्ठाा केे लि�ए इसीी तरह सेे पीीड़ि�त
होोनाा पड़ाा। इथि�योोपि�याा और अबीीसीीनि�याा कीी कलीीसि�यााओंं काा इति�हाास वि�शेेष रूप सेे महत्वपूूर्णण हैै।
अंंधकाार-युुग कीी नि�रााशाा केे बीीच, मध्य अफ्रीीकाा केे मसीीहीी दुनि�या ु ा कीी नज़रोंं� सेे ओझल होो गए थेे
और उन्हेंं भुुलाा दि�याा गयाा थाा, और कई शतााब्दि�योंं� तक उन्होंं�नेे अपनेे वि�श्वाास केे अभ्याास मेंं स्वतंं -
त्रताा काा आनंं द लि�याा। लेेकि�न अंंत मेंं रोोम कोो उनकेे अस्ति�त्व केे बाारेे मेंं पताा चलाा, और अबीीसीीनि�याा
केे सम्रााट कोो जल्द हीी पोोप कोो मसीीह केे प्रति�नि�धि� केे रूप मेंं स्वीीकाार करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा गयाा।
उसकेे बााद अन्य रि�याायतेंं कीी गईं।
एक आदेेश ज़ाारीी कि�याा गयाा थाा जि�समेंं कठोोर दंंड केे तहत सब्त केे पाालन पर रोोक लगााई गई
थीी। (देेखेंं मााइकल गेेडेेस, चर्चच हि�स्ट्रीी� ऑफ इथि�योोपि�याा, पृृष् ठ 311, 312।) लेेकि�न पोोप अत्यााचाार
जल्द हीी एक जूूआ बन गयाा जोो इतनाा भयाानक होो गयाा कि� एबि�सि�नि�योंं� नेे इसेे अपनीी गर्ददन सेे हटाानेे
काा फैै सलाा कि�याा। एक भयाानक संं घर्षष केे बााद रोोमनवाादि�योंं� कोो उनकेे प्रभुुत्व सेे हटाा दि�याा गयाा,
और प्रााचीीन वि�श्वाास कोो बहााल कि�याा गयाा। कलीीसि�यााओंं नेे अपनीी स्वतंं त्रताा काा आनंं द लि�याा, और
वेे धोोखेे, कट्टरताा और रोोम कीी नि�रंंकुुश शक्ति� केे बाारेे मेंं सीीखेे गए सबक कोो कभीी नहींं� भूूलेे। अपनेे
एकाान्त दाायरेे मेंं वेे बनेे रहनेे केे लि�ए संं तुुष् ट थेे, जोो बााकीी मसीीहीी जगत केे लि�ए अज्ञाात थाा।
अफ्रीीकाा कीी कलीीसि�यााओंं नेे सब्त कोो उसीी तरह माानाा जैैसेे कि� यह कैै थोोलि�क कलीीसि�याा द्वााराा
उसकेे पूूर्णण धर्ममत्यााग सेे पहलेे माानाा जााताा थाा। जबकि� उन्होंं�नेे परमेेश्वर कीी आज्ञाा काा पाालन करनेे मेंं
साातवेंं दि�न काा पाालन कि�याा, वेे कलीीसि�याा केे रि�वााज़ केे अनुुरूप रवि�वाार कोो श्रम सेे दूू र रहेे। सर्वोोच्च
406 महाान वि�वााद

शक्ति� प्रााप्त करनेे पर, रोोम नेे परमेेश्वर केे सब्त केे दि�न कोो अपनेे आप कोो ऊँँचाा उठाानेे केे लि�ए कुु चल
दि�याा थाा; लेेकि�न अफ्रीीकाा कीी कलीीसि�याा नेे, लगभग एक हजाार वर्षोंं तक गुुप्त, इस धर्ममत्यााग मेंं हि�स्साा
नहींं� लि�याा। जब उन्हेंं रोोम केे प्रभााव मेंं लाायाा गयाा, तोो उन्हेंं वाास्तवि�क कोो खाारि�ज करनेे और झूठेू े सब्त
केे दि�न कोो प्रति�ष्ठि��त करनेे केे लि�ए मजबूूर कि�याा गयाा; लेेकि�न जैैसेे हीी उन्होंं�नेे अपनीी स्वतंं त्रताा हाासि�ल
कर लीी, वेे चौौथीी आज्ञाा काा पाालन करनेे पर लौौट आए। (टि�प्पणीी 37 देेखेंं।)
अतीीत केे येे अभि�लेेख स्पष्ट रूप सेे वाास्तवि�क सब्त केे दि�न और उसकेे रक्षकोंं� केे प्रति� रोोम कीी
शत्रुुताा, और उन सााधनोंं� कोो, जि�न्हेंं वह अपनेे सृृजन कीी संं स्थाा काा सम्माान करनेे केे लि�ए उपयोोग करतीी
हैै, प्रकट करतेे हैंं। परमेेश्वर काा वचन सि�खााताा हैै कि� येे दृश्य दोोहरााए जााएंं गेे क्योंं�कि� रोोमन कैै थोोलि�क
और प्रोोटेेस्टेंंट रवि�वाार कोो प्रति�ष्ठि��त करनेे केे लि�ए एकजुुट होंं�गेे।
प्रकााशि�तवााक्य 13 कीी भवि�ष्यद्वााणीी घोोषणाा करतीी हैै कि� मेेमनेे केे समाान सींं�ग वाालेे पशुु द्वााराा
दर्शाा�ई गई शक्ति� «पृृथ्वीी और उसकेे रहनेे वाालोंं�» केे लि�ए पोोपतंं त्र कीी पूूजाा करनेे काा काारण बनेेगीी
- वहाँँ� «एक चीीतेे केे समाान» पशुु द्वााराा चि�न्हि�त कि�याा गयाा हैै। « दोो सींं�ग वाालेे पशुु कोो «पृृथ्वीी और
उसकेे रहनेेवाालोंं�» सेे कहेेगाा कि� «वेे उस पशुु कीी मूूरत बनााएंं ;» और, इसकेे अलाावाा, यह «छोोटेे–बड़ेे,
धनीी–कंं गााल, स्वतंं त्र–दाास» सभीी कोो पशुु कीी छााप प्रााप्त करनेे केे लि�ए आज्ञाा देेगाा। प्रकााशि�तवााक्य
13:11-16। यह दि�खाायाा गयाा हैै कि� संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा वह शक्ति� हैै जि�सेे मेेम्नेे केे सेे दोो सींं�ग वाालेे
पशुु द्वााराा दर्शाा�याा गयाा हैै, और यह कि� भवि�ष्यद्वााणीी तब पूूरीी होोगीी जब संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा रवि�वाार
केे पाालन कोो लाागूू करेेगाा, जि�सकाा रोोम उसकेे वर्चचस्व कीी वि�शेेष स्वीीकृृ ति� केे रूप मेंं दाावाा करताा हैै।
लेेकि�न पोोपतंं त्र कोो इस श्रद्धांं�जलि� मेंं संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा अकेे लाा नहींं� होोगाा। उन देेशोंं� मेंं रोोम काा
प्रभााव जि�न्होंं�नेे एक बाार उसकेे प्रभुुत्व कोो स्वीीकाार कर लि�याा थाा, अभीी भीी नष्ट होोनेे सेे बहुत दूू र हैै।
और भवि�ष्यद्वााणीी पहलेे सेे उसकीी शक्ति� कीी बहाालीी केे बाारेे मेंं बताातीी हैै। «मैंं नेे उसकेे सि�रोंं� मेंं सेे एक
पर ऐसाा भाारीी घााव लगाा देेखाा माानोो वह मरनेे पर हैै, फि�र उसकाा प्रााणघाातक घााव अच्छाा होो गयाा, और
साारीी पृृथ्वीी केे लोोग उस पशुु केे पीीछेे –पीीछेे अचम्भाा करतेे हुए चलेे।» पद 3। घाातक घााव कीी प्रतााड़नाा
1798 मेंं पोोपतंं त्र केे पतन कीी ओर इशााराा करतीी हैै। इसकेे बााद, भवि�ष्यद्वक्ताा कहताा हैै, «उसकाा प्रााण-
घाातक घााव अच्छाा होो गयाा, और साारीी पृृथ्वीी केे लोोग उस पशुु केे पीीछेे –पीीछेे अचम्भाा करतेे हुए चलेे।»
पौौलुुस स्पष्ट रूप सेे कहताा हैै कि� «पााप काा मनुुष्य» दूू सरेे आगमन तक बनाा रहेेगाा। 2 थि�स्सलुुनीीकि�-
योंं� 2:3-8। वह समय केे अंंत तक धोोखेे केे कााम कोो आगेे बढ़ााएगाा। और रहस्योोद्घा् ाटन करनेेवाालाा
पोोपतंं त्र काा भीी उल्लेेख करतेे हुए घोोषणाा करताा हैै: «पृृथ्वीी केे वेे सब रहनेेवाालेे, जि�नकेे नााम जीीवन
कीी पुुस्तक मेंं लि�खेे नहींं� गए।» प्रकााशि�तवााक्य 13:8। पुुराानीी और नई दुनि�या ु ा दोोनोंं� मेंं, पोोपतंं त्र कोो
रवि�वाार संं स्थाापन कोो दि�ए जाानेे वाालेे सम्माान मेंं सम्माान प्रााप्त होोगाा, जोो पूूरीी तरह सेे रोोमन कलीीसि�याा
केे अधि�काार पर नि�र्भभर करताा हैै।
उन्नीीसवींं� शतााब्दीी केे मध्य सेे, संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा मेंं भवि�ष्यद्वााणीी केे छाात्रोंं� नेे इस गवााहीी कोो
दुनि�या
ु ा केे साामनेे प्रस्तुुत कि�याा हैै। अब होोनेे वाालीी घटनााओंं मेंं भवि�ष्यद्वााणीी कीी पूूर्ति� कीी दि�शाा मेंं त्वरि�त
प्रगति� देेखीी जाा रहीी हैै। प्रोोटेेस्टेंंट शि�क्षकोंं� केे लि�ए रवि�वाार केे पाालन केे लि�ए ईश्वरीीय अधि�काार काा
वहीी दाावाा हैै, और पवि�त्र शाास्त्रोंं� केे सााक्ष्य काा उतनाा हीी अभााव हैै, जैैसाा कि� पोोप संं बंं धीी अगुुवोंं� केे सााथ
थाा, जि�न्होंं�नेे परमेेश्वर सेे एक आदेेश कीी जगह कीी आपूूर्ति� करनेे केे लि�ए चमत्काारोंं� कोो गढ़ाा थाा। यह
विवेक की स्वतंत्रता को 407

दाावाा कि� रवि�वाार-सब्त केे उल्लंं घन केे लि�ए मनुुष्य पर परमेेश्वर कीी दंंडााज्ञाा आएगीी, दोोहराायाा जााएगाा;
पहलेे सेे हीी इसकाा ज़ोोर देेकर समर्थथन कि�याा जाानेे लगाा हैै। और रवि�वाार केे पाालन कोो लाागूू करनेे काा
एक आंंदोोलन तेेज़ीी सेे ज़ोोर पकड़ रहाा हैै।
रोोमन कलीीसि�याा अपनीी चतुुरााई और चाालााकीी मेंं अद्भु ् ुत हैै। वह समझ सकतीी हैै कि� क्याा होोनाा
हैै। वह उपयुुक्त क्षण कीी प्रतीीक्षाा करतीी हैै, यह देेखतेे हुए कि� प्रोोटेेस्टेंंट कलीीसि�यााएंं झूठेू े सब्त कीी
स्वीीकृृ ति� मेंं उसेे श्रद्धांं�जलि� देे रहीी हैंं और वेे इसेे उन्हीी सााधनोंं� द्वााराा लाागूू करनेे कीी तैैयाारीी कर रहीी हैंं जोो
उसनेे खुुद पि�छलेे दि�नोंं� मेंं नि�योोजि�त कि�ए थेे। जोो लोोग सत्य केे प्रकााश कोो अस्वीीकाार करतेे हैंं, वेे अभीी
भीी उस स्व-घोोषि�त अचूूक शक्ति� कीी सहाायताा मांं�गेंंगेे तााकि� उस प्रति�ष्ठाापन कोो गौौरवाान्वि�त कर सकेे
जोो उसकेे सााथ अस्ति�त्व मेंं आयाा थाा। इस कााम मेंं वह कि�तनीी तत्परताा सेे प्रोोटेेस्टेंंटोंं� कीी मदद कोो आगेे
आएगीी, इसकाा अंंदााज़ाा लगाानाा मुुश्कि�ल नहींं� हैै। पोोप संं बंं धि�त अगुुवोंं� सेे बेेहतर कौौन समझताा हैै कि�
चर्चच कीी अवज्ञाा करनेे वाालोंं� सेे कि�स तरह काा व्यवहाार कि�याा जााए?
रोोमन कैै थोोलि�क चर्चच, दुनि�या ु ा भर मेंं अपनीी सभीी शााखााओंं केे सााथ, पोोप केे अधि�काार क्षेेत्र केे
नि�यंं त्रण मेंं एक वि�शााल संं गठन बनााताा हैै, और उसकेे हि�तोंं� काा समर्थथन करनेे केे लि�ए नि�यत कि�याा गयाा
हैै। दुनि�या
ु ा केे हर देेश मेंं इस कलीीसि�याा केे लााखोंं� सदस्योंं� कोो नि�र्देेश दि�याा जााताा हैै कि� वेे खुुद कोो पोोप
केे प्रति� नि�ष्ठाा सेे बंं धेे हुए समझेंं। उनकीी रााष्ट्रीी�यताा याा उनकीी सरकाार जोो भीी होो, उन्हेंं चर्चच केे अधि�काार
कोो अन्य सभीी सेे ऊपर मााननाा हैै। हाालाँँ�कि� वेे रााज्य केे प्रति� अपनीी वफाादाारीी कीी शपथ लेे सकतेे हैंं,
फि�र भीी इसकेे पीीछेे रोोम केे प्रति� आज्ञााकाारि�ताा काा वचन नि�हि�त हैै, जोो उन्हेंं उसकेे हि�तोंं� केे प्रति� वि�रोोधीी
हर प्रति�ज्ञाा सेे मुुक्त करताा हैै।
इति�हाास रााष्ट्रों��ं केे माामलोंं� मेंं स्वयंं कोो पैैठाानेे केे और एक मुुकााम हाासि�ल करनेे पर, प्रधाानोंं� और
लोोगोंं� कीी बर्बाा�दीी पर भीी, अपनेे लक्ष्य कोो आगेे बढ़ाानेे केे उसकेे कुु शल और लगााताार प्रयाासोंं� कीी गवााहीी
देेताा हैै। वर्षष 1204 मेंं, पोोप इनोोसेंंट III नेे एराागोोन केे रााजाा, पीीटर II सेे नि�म्नलि�खि�त असााधाारण शपथ
लीी: «मैंं, पीीटर, अराागोोनि�योंं� काा रााजाा, अपनेे प्रभुु, पोोप इनोोसेंंट केे प्रति�, उसकेे कैै थोोलि�क उत्तरााधि�काारि�-
योंं� केे प्रति�, और रोोमन चर्चच केे प्रति� हमेेशाा वफाादाार और आज्ञााकाारीी रहनेे काा, और कैै थोोलि�क वि�श्वाास
कीी रक्षाा करतेे हुए, और वि�धर्मीी भ्रष्टताा कोो प्रतााड़ि�त करतेे हुए, उसकीी आज्ञााकाारि�ताा मेंं अपनेे रााज्य कोो
ईमाानदाारीी सेे संं रक्षि�त करनेे काा दाावाा और प्रति�ज्ञाा करताा हूंं।» - जॉॉन डााउलिं�गं , द हि�स्ट्रीी� ऑफ रोोमनि�ज्म,
पुुस्तक 5, अध्यााय 6, खंं ड 55। यह रोोमन पोोप कीी शक्ति� केे बाारेे मेंं दाावोंं� केे अनुुरूप हैै «कि� सम्रााटोंं� कोो
पदच्युुत करनाा उसकेे लि�ए वैैध हैै» और «यह कि� वह प्रजाा कोो अधाार्मि�क शाासकोंं� केे प्रति� उनकीी नि�ष्ठाा
सेे मुुक्त कर सकताा हैै।» - मोोशेेम, पुुस्तक 3, बिं�दुं ु 2, अध्यााय 2, खंं ड 9, टि�प्पणीी 17। (पृृष् ठ 447 केे
लि�ए टि�प्पणीी 34 भीी देेखें।ं )
और यह स्मरण रहेे, यह रोोम काा डींं�ग हांं�कनाा हैै कि� वह कभीी नहींं� बदलताा। ग्रेेगरीी VII और
इनोोसेंंट III केे सि�द्धांं�त अभीी भीी रोोमन कैै थोोलि�क चर्चच केे सि�द्धांं�त हैंं। और अगर उसकेे पाास अधि�काार
होोताा, तोो वह पि�छलीी शतााब्दि�योंं� कीी तरह अब भीी उतनेे हीी जोोश केे सााथ उन्हेंं व्यवहाार मेंं लाातीी। प्रो�-
टेेस्टेंंट कम हीी जाानतेे हैंं कि� वेे क्याा कर रहेे हैंं जब वेे रवि�वाार केे उत्कर्षष केे काार्यय मेंं रोोम कीी सहाायताा
स्वीीकाार करनेे काा प्रस्तााव रखतेे हैंं। जबकि� वेे अपनेे उद्देेश्य कीी सि�द्धि� पर तुुलेे हुए हैंं, रोोम अपनीी खोोई
हुई सर्वोोच्चताा कोो पुुनःः प्रााप्त करनेे केे लि�ए अपनीी शक्ति� कोो फि�र सेे स्थाापि�त करनेे काा लक्ष्य बनाा रहाा
408 महाान वि�वााद

हैै। संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा मेंं एक बाार सि�द्धांं�त स्थाापि�त होो जाानेे देंं कि� चर्चच रााज्य कीी शक्ति� कोो नि�योोजि�त
याा नि�यंं त्रि�त कर सकताा हैै; कि� धर्ममनि�रपेेक्ष काानूूनोंं� द्वााराा धाार्मि�क क्रि�यााओंं कोो लाागूू कि�याा जाा सकताा
हैै; संं क्षेेप मेंं, कि� चर्चच और रााज्य काा अधि�काार अंंतराात्माा पर हाावीी होोनाा हैै, और इस देेश मेंं रोोम कीी
वि�जय सुुनि�श्चि�ित हैै।
परमेेश्वर केे वचन नेे आसन्न खतरेे कीी चेेताावनीी दीी हैै; इसेे अनसुुनाा कर देंं , और प्रोोटेेस्टेंंट दुनि�या ु ा
सीीखेेगीी कि� वाास्तव मेंं रोोम केे उद्देेश्य क्याा हैंं, केे वल तभीी जब फंं देे सेे बचनेे केे लि�ए बहुत देेर होो चुुकीी
होोगीी। वह चुुपचााप सत्ताा हाासि�ल कर रहीी हैै। उसकेे सि�द्धांं�त वि�धाायीी सभाागृृहोंं� मेंं, कलीीसि�यााओंं मेंं,
और मनुुष्य केे दि�लोंं� मेंं अपनाा प्रभााव बढ़ाा रहेे हैंं। वह अपनेे ऊँँचेे और वि�शााल भवनोंं� काा नि�र्माा�ण कर
रहीी हैै जि�सकेे गुुप्त खांं�चोंं� मेंं उसकेे पूूर्वव उत्पीीड़न कोो दोोहराायाा जााएगाा। वह चुुपकेे सेे और बि�नाा कि�सीी
संं देेह केे अपनेे स्वयंं केे अंंत कोो आगेे बढ़ाानेे केे लि�ए अपनीी सेेनाा कोो सशक्त कर रहाा हैै जब उसकेे लि�ए
हमलाा करनेे काा समय आएगाा। वह जोो कुु छ चााहताा हैै वह सहूलि�यत काा मैैदाान हैै, और यह पहलेे सेे
हीी उसेे दि�याा जाा रहाा हैै। हम जल्द हीी देेखेंंगेे और महसूूस करेंंगेे कि� रोोमन मूूलतत्त्व काा उद्देेश्य क्याा हैै।
जोो कोोई भीी परमेेश्वर केे वचन पर वि�श्वाास करेेगाा और उसकाा पाालन करेेगाा, वह इस प्रकाार ति�रस्काार
और उत्पीीड़न काा भाागीी होोगाा।
36

आसन्न संं घर्षष

स्व र्गग मेंं महाान वि�वााद कीी शुुरुआत सेे हीी शैैताान काा उद्देेश्य परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कोो उखााड़
फेंंकनाा रहाा हैै। इसेे पूूराा करनेे केे लि�ए हीी वह सृृष्टि�िकर्ताा� केे वि�रुद्ध अपनेे वि�द्रोोह मेंं शाामि�ल होो
गयाा, और यद्यपि� उसेे स्वर्गग सेे नि�कााल दि�याा गयाा थाा, उसनेे पृृथ्वीी पर उसीी युुद्ध कोो ज़ाारीी रखाा हैै। मनुुष्योंं�
कोो धोोखाा देेनाा, और इस प्रकाार उन्हेंं परमेेश्वर केे नि�यमोंं� काा उल्लंं घन करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करनाा, वह
लक्ष्य हैै जि�सेे पाानेे कीी उसनेे दृढ़ताा सेे कोोशि�श कीी हैै। चााहेे यह व्यवस्थाा कोो पूूरीी तरह सेे अलग कर
संं पन्न कि�याा जााए, याा इसकेे कि�सीी एक उपदेेश कोो अस्वीीकाार कर दि�याा जााए, परि�णााम अंंततःः एक
हीी होोगाा। वह जोो «एक हीी बाात» मेंं पूूरीी व्यवस्थाा केे लि�ए अवमााननाा दि�खााताा हैै; उसकाा प्रभााव और
उदााहरण अपरााध कीी ओर हैै; वह «सब बाातोंं� मेंं दोोषीी» बन जााताा हैै। यााकूू ब 2:10।
ईश्वरीीय वि�धि�योंं� काा ति�रस्काार करनेे कीी कोोशि�श मेंं, शैैताान नेे बााइबि�ल केे सि�द्धांं�तोंं� कोो वि�कृृ त कर
दि�याा हैै, और इस प्रकाार भ्रम उन हजाारोंं� लोोगोंं� केे वि�श्वाास मेंं शाामि�ल होो गए हैंं जोो पवि�त्र शाास्त्र कोो
मााननेे काा दाावाा करतेे हैंं। सत्य और भ्रम काा अन्ति�म महाासंं घर्षष परमेेश्वर केे वि�धाान कोो लेेकर लम्बेे
समय सेे चलेे आ रहेे वि�वााद काा अन्ति�म संं घर्षष हैै। इस लड़ााई मेंं हम अब प्रवेेश कर रहेे हैंं - मनुुष्य केे
नि�यमोंं� और यहोोवाा केे उपदेेशोंं� केे बीीच, बााइबि�ल केे धर्मम और कल्पि�त कथाा और परंंपराा केे धर्मम केे
बीीच कीी लड़ााई।
इस प्रति�योोगि�ताा मेंं सच्चााई और धाार्मि�कताा केे खि�लााफ एकजुुट होोनेे वाालेे मााध्यम अब सक्रि�य रूप
सेे कााम कर रहीी हैंं। परमेेश्वर काा पवि�त्र वचन, जोो हमेंं इतनीी पीीड़ाा और लहू कीी कीीमत पर सौंं�पाा गयाा
हैै, लेेकि�न उसेे बहुत कम महत्व दि�याा गयाा हैै। बााइबि�ल सभीी कीी पहुंंच मेंं हैै, लेेकि�न कुु छ हीी हैंं जोो
वाास्तव मेंं इसेे जीीवन केे माार्गगदर्शशक केे रूप मेंं स्वीीकाार करतेे हैंं। न केे वल संं साार मेंं बल्कि� कलीीसि�याा मेंं
भीी बेेवफााई खतरनााक हद तक व्यााप्त हैै। बहुत सेे लोोग उन सि�द्धांं�तोंं� कोो नकाारनेे आए हैंं जोो मसीीहीी
वि�श्वाास केे वाास्तवि�क स्तंं भ हैंं। प्रेेरि�त लेेखकोंं� द्वााराा प्रस्तुुत सृृजन केे महाान तथ्य, मनुुष्य काा पतन, प्रा�-
यश्चि�ित, और परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कीी शााश्वतताा, कथि�त रूप सेे मसीीहीी दुनि�या ु ा केे एक बड़ेे हि�स्सेे द्वााराा
पूूरीी तरह सेे याा आंंशि�क रूप सेे खाारि�ज कर दि�ए गए हैंं। हजाारोंं� लोोग जोो अपनीी बुुद्धि� और स्वतंं त्रताा पर
410 महाान वि�वााद

गर्वव करतेे हैंं, वेे इसेे बााइबल मेंं नि�हि�त वि�श्वाास रखनेे कीी कमज़ोोरीी काा प्रमााण माानतेे हैंं; वेे पवि�त्र शाास्त्र
मेंं दोोष ढूंं�ढनेे और उसकीी सबसेे महत्वपूूर्णण सच्चााइयोंं� कोो आध्याात्मि�क बनाानाा और उसकीी व्यााख्याा द्वााराा
उसकेे महत्व कोो कम करनाा श्रेेष् ठ प्रति�भाा और ज्ञाान काा प्रमााण माानतेे हैंं। कई पाादरीी अपनेे लोोगोंं� कोो
सि�खाा रहेे हैंं, और कई प्रोोफेे सर और शि�क्षक अपनेे छाात्रोंं� कोो नि�र्देेश देे रहेे हैंं कि� परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा
कोो बदल दि�याा गयाा हैै याा नि�रस्त कर दि�याा गयाा हैै; और जोो लोोग इसकीी माँँ�गोंं� कोो अभीी भीी माान्य माानतेे
हैंं, अक्षरशःः पाालन करनेे केे लि�ए, वेे केे वल उपहाास याा अवमााननाा केे योोग्य माानेे जाातेे हैंं।
सत्य कोो अस्वीीकाार करनेे मेंं, मनुुष्य इसकेे रचयि�ताा कोो अस्वीीकाार करतेे हैंं। परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा
कोो रौंं�द कर, वेे व्यवस्थाा देेनेे वाालेे केे अधि�काार कोो नकाारतेे हैंं। झूठेू े मतोंं� और सि�द्धांं�तोंं� कीी मूूर्ति� बनाानाा
उतनाा हीी आसाान हैै जि�तनाा लकड़ीी याा पत्थर कीी मूूर्ति� बनाानाा। परमेेश्वर केे गुुणोंं� कोो गलत तरीीकेे सेे
प्रस्तुुत करनेे केे द्वााराा, शैैताान लोोगोंं� कोो झूठेू े चरि�त्र मेंं परमेेश्वर कीी कल्पनाा करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करताा
हैै। कई लोोगोंं� केे लि�ए, यहोोवाा केे स्थाान पर एक दाार्शशनि�क मूूर्ति� वि�रााजमाान हैै; जबकि� जीीवि�त परमेे-
श्वर, जैैसाा कि� वह अपनेे वचन मेंं, मसीीह मेंं, और सृृष्टि�ि केे काार्योंं मेंं प्रकट होोताा हैै, कुु छ हीी लोोगोंं� द्वााराा
पूूजाा जााताा हैै। हजाारोंं� लोोग प्रकृृ ति� कोो देेवताा माानतेे हैंं जबकि� वेे प्रकृृ ति� केे परमेेश्वर कोो नकाारतेे हैंं।
हाालांं�कि� एक अलग रूप मेंं, मूूर्ति�पूूजाा आज भीी मसीीहीी जगत मेंं उसीी तरह सेे मौौजूूद हैै जैैसेे एलि�य्यााह
केे दि�नोंं� मेंं प्रााचीीन इज़रााएल मेंं मौौजूूद थीी। अनेेक तथााकथि�त ज्ञाानि�योंं�, दाार्शशनि�कोंं�, कवि�योंं�, रााजनीीति�-
ज्ञोंं�, पत्रकाारोंं� काा परमेेश्वर— सभ्य आधुुनि�क हलकोंं� काा परमेेश्वर, कई कॉॉलेेजोंं� और वि�श्ववि�द्याालयोंं�
काा, यहांं� तक कि� कुु छ धाार्मि�क संं स्थाानोंं� काा भीी —फीीनि�शि�याा केे सूूर्यय देेवताा बााल सेे थोोड़ाा हीी बेेहतर हैै।
मसीीहीी जगत द्वााराा स्वीीकाार कि�याा गयाा कोोई भीी भ्रम स्वर्गग केे अधि�काार केे खि�लााफ अधि�क सााह-
सपूूर्ववक हमलाा नहींं� करताा हैै, कोोई भीी प्रत्यक्ष रूप सेे तर्कक केे आदेेशोंं� केे वि�रुद्ध नहींं� हैै, कि� परमेेश्वर
कीी व्यवस्थाा अब मनुुष्योंं� पर बााध्यकाारीी नहींं� हैै, इतनीी तेेज़ीी सेे लोोकप्रि�य होो रहेे इस आधुुनि�क सि�द्धांं�त
कीी तुुलनाा मेंं कोोई भीी अपनेे परि�णाामोंं� मेंं अधि�क हाानि�काारक नहींं� हैै। प्रत्येेक रााष्ट्रर केे अपनेे काानूून होोतेे
हैंं, जि�नकाा सम्माान और पाालन कि�याा जााताा हैै; उनकेे बि�नाा कोोई सरकाार अस्ति�त्व मेंं नहींं� होो सकतीी;
और क्याा यह कल्पनाा कीी जाा सकतीी हैै कि� स्वर्गग और पृृथ्वीी केे सृृष्टि�िकर्ताा� केे पाास अपनेे द्वााराा बनााए
गए प्रााणि�योंं� पर शाासन करनेे केे लि�ए कोोई व्यवस्थाा नहींं� हैै? माान लीीजि�ए कि� प्रमुुख पाादरि�योंं� कोो साार्वव-
जनि�क रूप सेे यह सि�खाानाा थाा कि� जोो काानूून उनकेे देेश काा संं चाालन करतेे हैंं और अपनेे नाागरि�कोंं� केे
अधि�काारोंं� कीी रक्षाा करतेे हैंं वेे अनि�वाार्यय नहींं� हैंं—कि� वेे लोोगोंं� कीी स्वतंं त्रताा कोो प्रति�बंं धि�त करतेे थेे,
और इसलि�ए उनकाा पाालन नहींं� कि�याा जाानाा चााहि�ए; कब तक ऐसेे लोोगोंं� कोो उपदेेश-मंं च पर सहन
कि�याा जााताा? लेेकि�न क्याा रााज्योंं� और रााष्ट्रों��ं केे काानूूनोंं� कीी अवहेेलनाा करनाा उन ईश्वरीीय उपदेेशोंं� कोो
रौंं�दनेे कीी तुुलनाा मेंं अधि�क गंं भीीर अपरााध हैै जोो सम्पूूर्णण शाासन प्रणाालीी कीी नींं�व हैंं?
रााष्ट्रों��ं केे लि�ए यह कहींं� अधि�क सुुसंंगत होोगाा कि� वेे अपनीी वि�धि�योंं� कोो समााप्त कर देंं , और लोोगोंं�
कोो अपनीी इच्छाानुुसाार करनेे कीी अनुुमति� देंं , बजााय इसकेे कि� सृृष्टि�ि काा माालि�क अपनीी व्यवस्थाा कोो
रद्द कर देे , और संं साार कोो दोोषि�योंं� कीी निं�दां ा करनेे याा आज्ञााकाारि�योंं� कोो न्याायोोचि�त ठहराानेे केे लि�ए बि�नाा
कि�सीी माानक केे छोोड़ देे। क्याा हम परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कोो शूून्य करनेे काा परि�णााम जाान पााएंं गेे?
प्रयोोग आजमाायाा हुआ हैै। जब नाास्ति�कताा नि�यंं त्रण करनेे वाालीी शक्ति� बन गई तोो फ़्रांं�स मेंं व्यवहाार
मेंं लााए गए भयाानक थेे। तब दुनि�या ु ा कोो दि�खाायाा गयाा कि� परमेेश्वर द्वााराा लगााई गई बंं दि�शेंं तोोड़ देेनाा
आसन्न स ंघर 411

नि�रंंकुुश शाासकोंं� मेंं सबसेे नि�रंंकुुश शाासक केे शाासन कोो स्वीीकाार करनाा हैै। जब धाार्मि�कताा केे माानक
कोो हटाा दि�याा जााताा हैै, तोो संं साार केे सरदाार केे लि�ए धरतीी पर अपनीी शक्ति� स्थाापि�त करनेे काा राास्ताा
खुुल जााताा हैै।
जहाँँ� भीी ईश्वरीीय उपदेेशोंं� कोो अस्वीीकाार कर दि�याा जााताा हैै, वहाँँ� पााप पाापमय याा धाार्मि�कताा
वांं�छनीीय प्रतीीत नहींं� होोतीी। जोो लोोग परमेेश्वर केे शाासन-क्रम केे अधीीन होोनेे सेे इंं काार करतेे हैंं वेे स्वयंं
पर नि�यंं त्रण करनेे केे लि�ए पूूरीी तरह सेे अयोोग्य हैंं। उनकीी हाानि�काारक शि�क्षााओंं केे मााध्यम सेे बच्चोंं�
और युुवााओंं केे दि�लोंं� मेंं, जोो स्वााभाावि�क रूप सेे नि�यंं त्रण केे प्रति� असहि�ष्णुु होोतेे हैंं, अवज्ञाा कीी भाावनाा
काा आरोोपण कि�याा जााताा हैै; और इसकेे परि�णाामस्वरूप समााज कीी एक व्यवस्थाा वि�रुद्ध, स्वेेच्छााचाारीी
स्थि�ति� पैैदाा होो जाातीी हैै। परमेेश्वर कीी आज्ञााओंं काा पाालन करनेे वाालोंं� केे सहज वि�श्वाास काा मज़ााक
उड़ाातेे हुए, साामाान्य लोोग शैैताान केे भ्रमोंं� कोो उत्सुुकताा सेे स्वीीकाार करतेे हैंं। वेे लोोभ कोो खुुलीी छूू ट देेतेे
हैंं और उन पाापोंं� काा अभ्याास करतेे हैंं, जि�न्होंं�नेे अन्यजााति�योंं� पर दण्ड कीी आज्ञाा काा आह्वाान कि�याा हैै।
जोो लोोगोंं� कोो परमेेश्वर कीी आज्ञााओंं कोो हल्केे मेंं लेेनाा सि�खाातेे हैंं, वेे अनााज्ञााकाारि�ताा बोोतेे हैंं और
अनााज्ञााकाारि�ताा कााटतेे हैंं। ईश्वर व्यवस्थाा द्वााराा लगााए गए संं यम कोो पूूरीी तरह सेे हटाा देंं , और माानवीीय
नि�यमोंं� कीी जल्द हीी अवहेेलनाा होोगीी। क्योंं�कि� परमेेश्वर भ्रष्ट परंंपरााएंं , लोोभ, झूठू , और छल वर्जि�त
करताा हैै, मनुुष्य अपनीी सांं�साारि�क समृृद्धि� मेंं बााधाा केे रूप मेंं उसकीी वि�धि�योंं� कोो रौंं�दनेे केे लि�ए तैैयाार हैंं;
लेेकि�न इन उपदेेशोंं� सेे छुु टकााराा पाानेे केे परि�णााम ऐसेे होंं�गेे जि�नकीी उन्हेंं आशाा नहींं� हैै। यदि� व्यवस्थाा
बंं धनकाारीी नहींं� थीी, तोो फि�र उलंं घन करनेे सेे कोोई क्योंं� डरेे? संं पत्ति� अब सुुरक्षि�त नहींं� होोगीी। मनुुष्य
हिं�सां ा सेे अपनेे पड़ोोसीी कीी संं पत्ति� प्रााप्त करेेगाा, और सबसेे शक्ति�शाालीी सबसेे अमीीर बन जााएगाा। जीीवन
काा भीी ख्यााल नहींं� रखाा जााएगाा। वि�वााह प्रति�ज्ञाा अब परि�वाार कीी रक्षाा केे लि�ए एक पवि�त्र दीीवाार केे
रूप मेंं नहींं� रहेेगीी। जि�सकेे पाास शक्ति� थीी, यदि� वह चााहताा तोो अपनेे पड़ोोसीी कीी पत्नीी कोो बल प्रयोोग
द्वााराा लेे लेेताा। चौौथीी आज्ञाा केे सााथ-सााथ पाँँ�चवींं� आज्ञाा कीी उपेेक्षाा कीी जााएगीी। बच्चेे अपनेे मााताा-पि�ताा
कीी जाान लेेनेे सेे पीीछेे नहींं� हटेंंगेे यदि� ऐसाा करकेे वेे अपनेे भ्रष्ट हृदयोंं� कीी इच्छाा कोो पूूराा कर सकतेे हैंं।
सभ्य संं साार लुुटेेरोंं� और हत्याारोंं� कीी भीीड़ बन जााएगीी; और शांं�ति�, वि�श्रााम और खुुशीी कोो पृृथ्वीी सेे हटाा
दि�याा जााएगाा।
पहलेे सेे हीी इस सि�द्धांं�त नेे कि� मनुुष्योंं� कोो परमेेश्वर कीी आज्ञााओंं केे प्रति� आज्ञााकाारि�ताा सेे मुुक्त कर
दि�याा गयाा हैै, नैैति�क दाायि�त्व कीी शक्ति� कोो कमजोोर कर दि�याा हैै और दुनि�या ु ा पर अधर्मम केे बााढ़ केे द्वाार
खोोल दि�ए हैंं। अरााजकताा, लंं पटताा और भ्रष्टााचाार एक प्रचंं ड ज्वाार कीी तरह हम पर हाावीी होो रहेे हैंं।
परि�वाार मेंं शैैताान कााम कर रहाा हैै। उनकाा ध्वज लहरााताा हैै, यहाँँ� तक कि� तथााकथि�त मसीीहीी घरोंं� मेंं
भीी। ईर्ष्याा�, बुुरेे–बुुरेे सन्देेह, पााखंं ड, मनमुुटााव, बरााबरीी कीी चेेष् टाा, कलह, पवि�त्र वि�श्‍‍वाास सेे भटकााव,
व्यर्थथ और हाानि�काारक लाालसााएंं व्यााप्त हैै। धाार्मि�क सि�द्धांं�तोंं� और वि�चाारधाारााओंं कीी पूूरीी व्यवस्थाा, जि�सेे
साामााजि�क जीीवन कीी नींं�व और ढांं�चाा बननाा चााहि�ए, एक डगमगााताा हुआ द्रव्यमाान प्रतीीत होोताा हैै, जोो
गि�रनेे केे लि�ए तैैयाार हैै। सबसेे घृृणि�त अपरााधीी, जब अपनेे अपरााधोंं� केे लि�ए जेेल मेंं डााल दि�ए जाातेे हैंं,
तोो उन्हेंं अक्सर उपहाार और तवज्जोो दीी जाातीी हैै, जैैसेे कि� उसनेे एक वांं�छनीीय वि�शि�ष्टताा हाासि�ल कर
लीी होो। उनकेे चरि�त्र और अपरााधोंं� काा खूूब प्रचाार होोताा हैै। प्रेेस अधर्मम केे घि�नौौनेे वि�वरण प्रकााशि�त
करतीी हैै, और इस प्रकाार दूू सरोंं� कोो धोोखााधड़ीी, डकैै तीी और हत्याा केे अभ्याास मेंं शाामि�ल करतीी हैै; और
412 महाान वि�वााद

शैैताान अपनीी नाारकीीय योोजनााओंं कीी सफलताा पर हर्षि�त होोताा हैै। अधर्मम काा मोोह, जीीवन काा प्रचंं ड
हनन, असंं यम और हर प्रकाार और स्तर केे अधर्मम कीी भयाानक वृृद्धि� कोो, परमेेश्वर काा भय मााननेे
वाालोंं� कोो यह जााननेे केे लि�ए जााग्रत करनाा चााहि�ए कि� बुुरााई केे ज्वाार कोो रोोकनेे केे लि�ए क्याा कि�याा
जाा सकताा हैै।
न्यााय कीी अदाालतेंं भ्रष्ट हैंं। शाासक लााभ कीी इच्छाा और वि�षयाासक्त आनंं द केे प्रेेम सेे प्रेेरि�त होोतेे
हैंं। असंं यम नेे बहुतोंं� कीी क्षमतााओंं कोो अस्पष्ट कर दि�याा हैै जि�ससेे कि� शैैताान काा उन पर लगभग पूूराा
नि�यंं त्रण होो गयाा हैै। न्याायवि�दोंं� कोो पथ भ्रष्ट कर दि�याा जााताा हैै, उन्हेंं रि�श्वत दीी जाातीी हैै, उन्हेंं भ्रमि�त
कि�याा जााताा हैै। नि�यमोंं� कोो संं चाालि�त करनेे वाालोंं� मेंं मतवाालाापन और आमोोद प्रमोोद, जुुनूून, ईर्ष्याा�,
हर तरह कीी कुु टि�लताा काा प्रति�नि�धि�त्व कि�याा जााताा हैै। «न्यााय पीीछेे हटाायाा गयाा और धर्मम दूू र खड़ाा रह
गयाा; सच्‍‍चााई बााजाार मेंं गि�र पड़ीी, और सि�धााई प्रवेेश नहींं� करनेे पाातीी।» यशाायााह 59:14।
रोोम कीी सर्वोोच्चताा केे तहत व्यााप्त अधर्मम और आध्याात्मि�क अंंधकाार उसकेे द्वााराा पवि�त्र शाास्त्र केे
दमन काा अपरि�हाार्यय परि�णााम थाा; लेेकि�न धाार्मि�क स्वतंं त्रताा केे एक युुग मेंं सुुसमााचाार प्रकााश कीी पूूर्णण
चमक केे तहत व्याापक अभक्ति�, परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कीी अस्वीीकृृ ति�, और परि�णाामस्वरूप होोनेे वाालेे
भ्रष्टााचाार काा काारण कहाँँ� पाायाा जााताा हैै? अब जब शैैताान पवि�त्र शाास्त्र कोो रोोक कर रखनेे सेे जगत
कोो अपनेे नि�यंं त्रण मेंं नहींं� रख सकताा हैै, तोो वह उसीी उद्देेश्य कोो पूूराा करनेे केे लि�ए अन्य तरीीकोंं� काा
सहााराा लेेताा हैै। बााइबल मेंं वि�श्वाास कोो नष्ट करनाा उसकेे उद्देेश्य केे लि�ए उतनाा हीी उपयोोगीी हैै जि�तनाा
कि� यह बााइबि�ल कोो नष्ट करनेे मेंं सहाायक हैै। इस वि�श्वाास कीी शुुरुआत कर कि� परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा
बााध्यकाारीी नहींं� हैै, वह प्रभाावीी रूप सेे लोोगोंं� कोो अपरााध कीी ओर लेे जााताा हैै जैैसेे कि� वेे इसकेे उपदेेशोंं�
सेे पूूरीी तरह अनभि�ज्ञ होंं�। और अब, पि�छलेे युुगोंं� कीी तरह, उसनेे अपनीी योोजनााओंं कोो आगेे बढ़ाानेे केे
लि�ए कलीीसि�याा केे मााध्यम सेे कााम कि�याा हैै। इस समय केे धाार्मि�क संं गठनोंं� नेे पवि�त्र शाास्त्र मेंं स्पष्ट रूप
सेे साामनेे लााए गए अलोोकप्रि�य सत्योंं� कोो सुुननेे सेे इनकाार कर दि�याा हैै, और उनकाा मुुकााबलाा करनेे मेंं
उन्होंं�नेे व्यााख्यााओंं कोो अपनाायाा हैै और ऐसीी स्थि�ति�याँँ� अपनााई हैंं जि�न्होंं�नेे संं शयवााद केे बीीज बोोए हैंं।
प्रााकृृ ति�क अमरताा और मृृत्युु मेंं मनुुष्य कीी चेेतनाा केे कैै थोोलि�क भ्रम सेे जुुड़ेे रहकर
उन्होंं�नेे अध्याात्मवााद केे भ्रम केे खि�लााफ एकमाात्र बचााव कोो खाारि�ज कर दि�याा हैै। अनन्त पीीड़ाा केे
सि�द्धांं�त नेे बहुतोंं� कोो बााइबल पर अवि�श्वाास करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा हैै। और जब लोोगोंं� पर चौौथीी
आज्ञाा केे दाावोंं� काा आग्रह कि�याा जााताा हैै, तोो यह पाायाा जााताा हैै कि� साातवेंं दि�न सब्त काा पाालन करनाा
अनि�वाार्यय हैै; और स्वयंं कोो उस कर्ततव्य सेे, जि�सेे वेे करनेे कोो तैैयाार नहींं� हैंं, मुुक्त करनेे केे एकमाात्र तरीीकेे
केे रूप मेंं, कई लोोकप्रि�य शि�क्षक घोोषणाा करतेे हैंं कि� परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा अब बााध्यकाारीी नहींं� हैै।
इस प्रकाार उन्होंं�नेे व्यवस्थाा और सब्त कोो एक सााथ त्यााग दि�याा। जैैसेे-जैैसेे सब्त सुुधाार काा काार्यय वि�स्तृृत
होोताा हैै, चौौथीी आज्ञाा केे दाावोंं� सेे बचनेे केे लि�ए ईश्वरीीय व्यवस्थाा कीी यह अस्वीीकृृ ति� लगभग साार्ववभौौ-
मि�क होो जााएगीी। धाार्मि�क अगुुवोंं� कीी शि�क्षााओंं नेे अभक्ति�, अध्याात्मवााद, और परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा
कीी अवमााननाा केे लि�ए द्वाार खोोल दि�याा हैै; और इन अगुुवोंं� पर मसीीहीी जगत मेंं मौौजूूद अधर्मम केे लि�ए
एक भयाावह जि�म्मेेदाारीी ठहरतीी हैै।
फि�र भीी इसीी वर्गग नेे यह दाावाा कि�याा कि� तथााकथि�त «मसीीहीी सब्त» काा ति�रस्काार करनाा तेेजीी सेे
फैै ल रहेे भ्रष्टााचाार केे लि�ए मुुख्य रूप सेे जि�म्मेेदाार हैै, और यह कि� रवि�वाार केे पाालन कोो लाागूू करनेे सेे
आसन्न स ंघर 413

समााज कीी नैैति�कताा मेंं बहुत सुुधाार होोगाा। इस दाावेे काा वि�शेेष रूप सेे अमेेरि�काा मेंं आग्रह कि�याा गयाा हैै,
जहांं� सच्चेे सब्त केे सि�द्धांं�त काा व्याापक रूप सेे प्रचाार कि�याा गयाा हैै। यहाँँ� संं यम काार्यय कोो, जोो कि� सबसेे
प्रमुुख और महत्वपूूर्णण नैैति�क सुुधाारोंं� मेंं सेे एक हैै, कोो अक्सर रवि�वाार आंंदोोलन केे सााथ जोोड़ दि�याा
जााताा हैै, और रवि�वाार आंंदोोलन केे अधि�वक्ताा खुुद कोो समााज केे सर्वोोच्च हि�त कोो बढ़ाावाा देेनेे केे लि�ए
प्रयाास करतेे हुए केे रूप मेंं प्रस्तुुत करतेे हैंं; और जोो उनकेे सााथ एकजुुट होोनेे सेे इनकाार करतेे हैंं उनकीी
संं यम और सुुधाार केे दुश्म ु न केे रूप मेंं निं�दां ा कीी जाातीी हैै। लेेकि�न यह तथ्य कि� भ्रम कोो स्थाापि�त करनेे काा
आंंदोोलन एक ऐसेे काार्यय सेे जुुड़ाा हैै जोो अपनेे आप मेंं अच्छाा हैै, भ्रम केे पक्ष मेंं तर्कक नहींं� हैै। हम ज़हर
कोो पौौष्टि�िक भोोजन मेंं मि�लााकर भलेे हीी छि�पाा लेंं, लेेकि�न हम उसकेे स्वभााव कोो नहींं� बदलतेे। इसकेे
वि�परीीत, इसेे और अधि�क खतरनााक होो जााताा हैै, क्योंं�कि� इसकेे अनजाानेे मेंं लि�ए जाानेे कीी संं भाावनाा
अधि�क होोतीी हैै। झूठू केे सााथ इतनाा सत्य जोोड़ देेनाा कि� वह सत्य प्रतीीत होो सकेे , शैैताान कीी चाालोंं� मेंं सेे
एक हैै। रवि�वाार आंंदोोलन केे अगुुवेे उन सुुधाारोंं� कीी जि�नकीी लोोगोंं� कोो ज़रुरत हैै, सि�द्धांं�त जोो बााइबि�ल
केे अनुुरूप हैंं, वकाालत कर सकतेे हैंं; तौौभीी जबकि� इनकेे सााथ ऐसीी आज्ञाा हैै, जोो परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा
केे वि�रूद्ध हैै, तोो उसकेे दाास उनकेे सााथ एक नहींं� होो सकतेे। मनुुष्योंं� केे उपदेेशोंं� केे लि�ए परमेेश्वर कीी
आज्ञााओंं कोो टाालनेे मेंं कोोई भीी उन्हेंं उचि�त नहींं� ठहराा सकताा।
दोो महाान भ्रमोंं�, आत्माा कीी अमरताा और रवि�वाार कीी पवि�त्रताा केे द्वााराा, शैैताान लोोगोंं� कोो अपनेे
बहकाावेे मेंं लााएगाा। जबकि� पहलाा भ्रम अध्याात्मवााद कीी नींं�व रखताा हैै, बााद वाालाा रोोम केे सााथ
सहाानुुभूूति� काा बंं धन बनााताा हैै। संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा केे प्रोोटेेस्टेंंट अध्याात्मवााद काा हााथ थाामनेे केे
लि�ए खााड़ीी एक सि�रेे सेे दूू सरेे सि�रेे तक अपनेे हााथ फैै लाानेे मेंं सबसेे आगेे होंं�गेे; वेे रोोमन शक्ति� सेे हााथ
मि�लाानेे केे लि�ए रसाातल केे ऊपर तक पहुँँचेंंगेे; और इस ति�हरेे संं घ केे प्रभााव मेंं, यह देेश अंंतराात्माा केे
अधि�काारोंं� कोो कुु चलनेे मेंं रोोम केे कदमोंं� काा पाालन करेेगाा।
अध्याात्मवााद उस समय केे नााममाात्र मसीीहीी धर्मम काा अधि�क बाारीीकीी सेे अनुुकरण करताा हैै,
इसलि�ए इसमेंं धोोखाा देेनेे और फंं साानेे कीी अधि�क शक्ति� होोतीी हैै। आधुुनि�क व्यवस्थाा केे अनुुसाार शैैताान
स्वयंं परि�वर्ति�त होो गयाा हैै। वह प्रकााश केे दूू त केे कि�रदाार मेंं दि�खााई देेगाा। अध्याात्मवााद केे मााध्यम सेे,
चमत्काार कि�ए जााएंं गेे, बीीमाार चंं गेे होंं�गेे, और कई नि�र्वि�वााद चमत्काार कि�ए जााएंं गेे। और जब आत्मााएंं
बााइबल मेंं वि�श्वाास काा दाावाा करेंंगीी, और कलीीसि�याा कीी संं स्थााओंं केे प्रति� सम्माान प्रकट करेंंगीी, तोो
उनकेे काार्यय कोो ईश्वरीीय शक्ति� कीी अभि�व्यक्ति� केे रूप मेंं स्वीीकाार कि�याा जााएगाा।
तथााकथि�त मसीीहि�योंं� और अधर्मि�योंं� केे बीीच कीी रेेखाा अब मुुश्कि�ल सेे हीी पहचााननेे केे लि�ए पर्याा�प्त
स्पष्ट हैै। कलीीसि�याा केे सदस्य उससेे प्रीीति� रखतेे हैंं जि�सेे सर्ववसााधरण लोोग पसन्द करतेे हैंं और उनकेे
सााथ जुुड़नेे केे लि�ए तैैयाार हैंं, और शैैताान उन्हेंं एक नि�कााय मेंं एकजुुट करनेे काा फैै सलाा करताा हैै और
इस तरह सभीी कोो अध्याात्मवााद कीी श्रेेणीी मेंं लााकर अपनेे उद्देेश्य कोो मजबूूत करताा हैै। पोोप समर्थथक
जोो चमत्काारोंं� काा सच्चीी कलीीसि�याा काा एक नि�श्चि�ित संं केे त होोनेे काा दाावाा करतेे हैंं, इस चमत्काारीी शक्ति�
सेे आसाानीी सेे धोोखाा खाा जााएंं गेे; और सत्य कीी ढााल कोो त्यााग देेनेेवाालेे प्रोोटेेस्टेंंट भीी भरमााए जााएंं गेे।
पोोप समर्थथक, प्रोोटेेस्टेंंट, और भोोगीी समाान रूप सेे साामर्थ्यय रहि�त भक्‍ति�ि� केे रूप कोो स्वीीकाार करेंंगेे, और
वेे इस संं घ मेंं सर्वव-सााधाारण लोोगोंं� केे मन-परि�वर्ततन केे लि�ए एक बड़ाा संं चाार और लंं बेे समय सेे प्रत्याा-
शि�त सहस्रााब्दीी कीी शुुरुआत देेखेंंगेे।
414 महाान वि�वााद

अध्याात्मवााद केे मााध्यम सेे, शैैताान जााति� केे हि�तैैषीी केे रूप मेंं प्रकट होोताा हैै, लोोगोंं� कीी बीीमाारि�योंं�
कोो ठीीक करताा हैै, और धाार्मि�क वि�श्वाास कीी एक नई और अधि�क उन्नत व्यवस्थाा पेेश करनेे काा दाावाा
करताा हैै; लेेकि�न सााथ हीी वह वि�ध्वंंसक केे रूप मेंं कााम करताा हैै। उसकेे प्रलोोभन बड़ीी संं ख्याा मेंं लोोगोंं�
कोो वि�नााश कीी ओर लेे जाा रहेे हैंं। असंं यम तर्कक काा अधि�काार छीीन लेेताा हैै; परि�णााम होोताा हैै भोोग, संं घर्षष
और रक्तपाात। शैैताान युुद्ध मेंं प्रसन्न होोताा हैै, क्योंं�कि� यह आत्माा केे सबसेे बुुरेे जुुनूून कोो उत्तेेजि�त करताा
हैै और फि�र पााप और रक्त मेंं डूू बेे हुए अपनेे शि�काार कोो अनंं त दण्ड कीी ओर ढकेे ल देेताा हैै। उसकाा
उद्देेश्य रााष्ट्रों��ं कोो एक दूू सरेे केे वि�रुद्ध युुद्ध करनेे केे लि�ए उकसाानाा हैै, क्योंं�कि� इस प्रकाार वह लोोगोंं� केे
मन कोो परमेेश्वर केे दि�न खड़ेे होोनेे कीी तैैयाारीी केे काार्यय सेे हटाा सकताा हैै।
शैैताान तत्वोंं� केे मााध्यम सेे भीी बेेतैयाै ार आत्मााओंं कीी फसल कोो इकट्ठाा करनेे केे लि�ए कााम करताा हैै।
उसनेे प्रकृृ ति� कीी प्रयोोगशाालााओंं केे रहस्योंं� काा अध्ययन कि�याा हैै, और जहाँँ� तक परमेेश्वर अनुुमति� देेताा
हैै, वह तत्वोंं� कोो नि�यंं त्रि�त करनेे केे लि�ए अपनीी साारीी शक्ति� काा उपयोोग करताा हैै। जब उसेे अय्यूूब कोो
दु:ु ख देेनेे दि�याा गयाा, तोो कि�तनीी जल्दीी भेेड़-बकरीी और गााय-बैैल, नौौकर-चााकर, घर, बच्चेे सब नष्ट होो
गए, माानोो पल भर मेंं एक केे बााद एक वि�पत्ति� आ रहीी होो। यह परमेेश्वर हैै जोो अपनेे प्रााणि�योंं� कीी रक्षाा
करताा हैै और उन्हेंं वि�ध्वंंसक कीी शक्ति� सेे सुुरक्षि�त रखताा हैै। लेेकि�न मसीीहीी जगत नेे यहोोवाा कीी व्यवस्थाा
काा ति�रस्काार कि�याा हैै; और प्रभुु वहीी करेेगाा जोो उसनेे घोोषि�त कि�याा हैै कि� वह करेेगाा—वह पृृथ्वीी सेे
अपनीी आशीीषोंं� कोो वाापस लेे लेेगाा और उन लोोगोंं� सेे अपनीी सुुरक्षाात्मक देेखभााल हटाा देेगाा जोो उसकीी
व्यवस्थाा और शि�क्षाा केे खि�लााफ वि�द्रोोह कर रहेे हैंं और दूू सरोंं� कोो भीी ऐसाा करनेे केे लि�ए मजबूूर कर रहेे
हैंं। शैैताान काा उन सभीी पर नि�यंं त्रण हैै जि�नकीी परमेेश्वर वि�शेेष रूप सेे रक्षाा नहींं� करताा। वह अपनीी खुुद
कीी योोजनााओंं कोो आगेे बढ़ाानेे केे लि�ए कुु छ लोोगोंं� पर कृृ पाा करेेगाा और उन्हेंं समृृद्ध करेेगाा, और वह दूू सरोंं�
पर मुुसीीबत लााएगाा और लोोगोंं� कोो यह वि�श्वाास दि�लााएगाा कि� वह परमेेश्वर हैै जोो उन्हेंं पीीड़ि�त कर रहाा हैै।
मनुुष्य कीी संं ताान केे लि�ए एक महाान चि�कि�त्सक केे रूप मेंं प्रकट होोतेे हुए जोो उनकीी सभीी बीीमाारि�योंं�
कोो ठीीक कर सकताा हैै, वह तब तक बीीमाारीी और वि�पत्ति� लााएगाा, जब तक कि� आबाादीी वाालेे शहर
बर्बाा�द और उजााड़ नहींं� होो जाातेे। अब भीी वह कााम पर हैै। समुुद्र और भूूमि� पर होोनेे वाालीी दुर्घघु टनााओंं
और वि�पत्ति�योंं� मेंं, बड़ीी आग मेंं, भयंं कर बवंं डर और भयाानक ओलाा-वृृष्टि�ि मेंं, तूूफ़ाान, बााढ़, चक्रवाात,
ज्वाार कीी लहरोंं� और भूूकंंपोंं� मेंं, हर जगह और एक हज़ाार रूपोंं� मेंं, शैैताान अपनीी शक्ति� काा प्रयोोग कर
रहाा हैै। वह पकीी हुई फसल कोो नष्ट कर देेताा हैै, और उसकेे फलस्वरूप अकााल और संं कट आतेे हैंं।
वह हवाा कोो घाातक रूप सेे दूू षि�त कर देेताा हैै, और महाामाारीी सेे हज़ाारोंं� नष्ट होो जाातेे हैंं। येे वि�पत्ति�याँँ�
और अधि�क नि�यमि�त और वि�नााशकाारीी होो जााएंं गीी। वि�नााश मनुुष्य और पशुु दोोनोंं� पर होोगाा। «जगत
कुु म्हलााएगाा और मुुर्झाा� जााएगाा,» «पृृथ्वीी केे महाान्् लोोग भीी कुु म्हलाा जााएँँगेे। पृृथ्वीी अपनेे रहनेेवाालोंं� केे
काारण अशुुद्ध होो गई हैै, क्योंं�कि� उन्होंं�नेे व्यवस्थाा काा उल्लंं घन कि�याा और वि�धि� कोो पलट डाालाा, और
सनाातन वााचाा कोो तोोड़ दि�याा हैै।» यशाायााह 24:4,5।
और तब महाान धोोखेेबााज लोोगोंं� कोो वि�श्वाास दि�लााएगाा कि� जोो लोोग परमेेश्वर कीी सेेवाा-टहल
करतेे हैंं वेे इन बुुरााइयोंं� काा काारण हैंं। जि�स वर्गग नेे स्वर्गग कीी नाारााज़गीी कोो भड़काायाा हैै, वेे अपनीी साारीी
परेेशाानि�योंं� काा भाार उन लोोगोंं� पर डाालेंंगेे जि�नकाा परमेेश्वर कीी आज्ञााओंं काा पाालन करनाा अपरााधि�योंं� केे
लि�ए एक चि�रस्थाायीी फटकाार हैै। यह घोोषि�त कि�याा जााएगाा कि� रवि�वाार सब्त केे उल्लंं घन केे द्वााराा मनुुष्य
आसन्न स ंघर 415

परमेेश्वर काा अपमाान कर रहेे हैंं; कि� यह पााप वि�पत्ति�याँँ� लाायाा हैै जोो तब तक समााप्त नहींं� होंं�गीी जब
तक रवि�वाार काा पाालन सख्तीी सेे लाागूू नहींं� कि�याा जााएगाा; और यह कि� जोो लोोग चौौथीी आज्ञाा केे दाावोंं� कोो
प्रस्तुुत करतेे हैंं, और इस प्रकाार रवि�वाार केे प्रति� श्रद्धाा कोो नष्ट कर देेतेे हैंं, वेे लोोगोंं� केे लि�ए परेेशाानीी काा
काारण हैंं, क्योंं�कि� वेे उनकेे लि�ए ईश्वरीीय कृृ पाा और लौौकि�क समृृद्धि� कीी बहाालीी कोो रोोकतेे हैंं। इस प्रकाार
परमेेश्वर केे दाास केे वि�रुद्ध अतीीत मेंं लगााए गए और समाान रूप सेे अच्छीी तरह सेे स्थाापि�त आधाारोंं� पर
आरोोप कोो दोोहराायाा जााएगाा: «एलि�य्यााह कोो देेखतेे हीी अहााब नेे कहाा, “हेे इस्रााएल केे सताानेेवाालेे क्याा
तूू हीी हैै?” उस नेे उत्तर दि�याा, “मैंं नेे इस्रााएल कोो कष्ट नहींं� दि�याा, परन्तुु तूू हीी नेे और तेेरेे पि�ताा केे घराानेे
नेे दि�याा हैै; क्योंं�कि� तुुम यहोोवाा कीी आज्ञााओंं कोो टाालकर बााल देेवतााओंं कीी उपाासनाा करनेे लगेे।» 1
रााजाा 18:17, 18। जब झूठेू े आरोोपोंं� सेे लोोगोंं� काा क्रोोध भड़क उठेे गाा, तब वेे परमेेश्वर केे दूू तोंं� केे वि�रुद्ध
लगभग वैैसाा हीी राास्ताा अपनााएंं गेे जोो धर्ममत्याागीी इस्रााएल नेे एलि�य्यााह केे लि�ए अपनाायाा थाा।
अध्याात्मवााद केे मााध्यम सेे प्रकट होोनेे वाालीी चमत्काार करनेे वाालीी शक्ति� उन लोोगोंं� केे नि�मि�त्त
अपनाा प्रभााव डाालेेगीी जोो मनुुष्य केे बजााय ईश्वर कीी आज्ञाा काा पाालन करनाा चुुनतेे हैंं। आत्मााओंं सेे
संं चाार यह घोोषि�त करेेगाा कि� परमेेश्वर नेे उन्हेंं अपनेे भ्रम केे रवि�वाार कोो अस्वीीकाार करनेे वाालोंं� कोो
समझाानेे केे लि�ए भेेजाा हैै, यह पुुष्टि�ि करतेे हुए कि� भूूमि� केे नि�यमोंं� काा परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे रूप मेंं
पाालन कि�याा जाानाा चााहि�ए। वेे दुनि�या ु ा मेंं महाान दुष्ु टताा शोोक प्रकट करेंंगेे और धर्ममगुुरुओंं कीी गवााहीी
काा, कि� रवि�वाार कीी अपवि�त्रताा केे काारण नैैति�कताा कीी अवनति� हुई हैै, समर्थथन करेंंगेे। उन सब केे
वि�रुद्ध जोो उनकीी गवााहीी कोो मााननेे सेे इन्काार करतेे हैंं, बड़ाा क्रोोध भड़केे गाा।
परमेेश्वर केे लोोगोंं� केे सााथ इस अंंति�म संं घर्षष मेंं शैैताान कीी नीीति� वहीी हैै जोो उसनेे स्वर्गग मेंं महाान
वि�वााद कीी शुुरुआत मेंं अपनााई थीी। उसनेे ईश्वरीीय प्रबन्ध कीी स्थि�रताा कोो बढ़ाावाा देेनेे कीी कोोशि�श करनेे
काा दाावाा कि�याा, जबकि� वह गुुप्त रूप सेे इसेे उखााड़ फेंंकनेे केे लि�ए हर संं भव प्रयाास कर रहाा थाा। और
जि�स कााम कोो करनेे काा वह यत्न कर रहाा थाा, उसीी कोो उस नेे वफ़ाादाार स्वर्गगदूू तोंं� पर आरोोपि�त कि�याा।
धोोखेे कीी यहीी नीीति� रोोमन चर्चच केे इति�हाास कीी एक उल्लेेखनीीय वि�शेेषताा रहीी हैै। इसनेे खुुद कोो परमेे-
श्वर सेे ऊपर उठाानेे और उसकीी व्यवस्थाा कोो बदलनेे कीी मांं�ग करतेे हुए, स्वर्गग केे प्रति�नि�धि� केे रूप मेंं
काार्यय करनेे काा दाावाा कि�याा हैै। रोोम केे शाासन केे अधीीन, जि�न्होंं�नेे सुुसमााचाार केे प्रति� अपनीी नि�ष्ठाा केे
काारण मृृत्युु कोो सहाा, उन्हेंं कुु कर्मि�योंं� केे रूप मेंं धि�क्कााराा गयाा; उन्हेंं शैैताान केे सााथ परस्पर मि�लेे हुए
घोोषि�त कि�याा गयाा थाा; और उन्हेंं बदनााम करनेे केे लि�ए हर संं भव सााधन काा इस्तेेमााल कि�याा गयाा थाा,
तााकि� वेे लोोगोंं� कीी नज़रोंं� मेंं और यहाँँ� तक कि� खुुद कीी नज़र मेंं भीी सबसेे घृृणि�त अपरााधीी केे रूप मेंं
दि�खााई देंं। अब भीी ऐसाा हीी होोगाा। जबकि� शैैताान उन लोोगोंं� कोो नष्ट करनाा चााहताा हैै जोो परमेेश्वर कीी
व्यवस्थाा काा सम्माान करतेे हैंं, वह उन पर व्यवस्थाालंं घीी होोनेे काा आरोोप लगााएगाा, ऐसेे लोोग होोनेे काा जोो
परमेेश्वर काा अपमाान कर रहेे हैंं और जगत पर दंंडााज्ञाा लाा रहेे हैंं।
परमेेश्वर कभीी इच्छाा याा वि�वेेक कोो बााध्य नहींं� करताा; लेेकि�न शैैताान काा नि�त्य युुक्ति�—उन पर
नि�यंं त्रण पाानेे केे लि�ए जि�न्हेंं वह अन्यथाा बहकाा नहींं� सकताा—क्रूूरताा द्वााराा वि�वशताा हैै। भय याा बल
केे मााध्यम सेे वह अंंतराात्माा पर रााज करनेे और खुुद केे लि�ए श्रद्धांं�जलि� प्रााप्त करनेे काा प्रयाास करताा
हैै। इसेे पूूराा करनेे केे लि�ए, वह धाार्मि�क और धर्ममनि�रपेेक्ष दोोनोंं� अधि�काारि�योंं� केे मााध्यम सेे कााम करताा
हैै, उन्हेंं परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे वि�रुद्ध माानव काानूूनोंं� केे प्रवर्ततन केे लि�ए प्रेेरि�त करताा हैै।
416 महाान वि�वााद

जोो लोोग बााइबल सब्त कोो माानतेे हैंं, उन्हेंं काानूून और व्यवस्थाा केे दुश्म ु न, समााज केे नैैति�क
प्रति�बंं धोंं� कोो तोोड़नेे, अरााजकताा और भ्रष्टााचाार पैैदाा करनेे और पृृथ्वीी पर परमेेश्वर कीी दंंडााज्ञाा काा
आह्वाान करनेे वाालोंं� केे रूप मेंं दोोषीी ठहराायाा जााएगाा। उनकीी कर्ततव्यनि�ष्ठ शंं कााओंं कोो दुःः�सााध्यपन,
हठधर्मि�ताा और अधि�काार कीी अवमााननाा कहाा जााएगाा। उन पर सरकाार केे प्रति� असंं तोोष काा आरोोप
लगाायाा जााएगाा। ईश्वरीीय व्यवस्थाा केे दाायि�त्व सेे इनकाार करनेे वाालेे पाादरीी उपदेेश-मंं च सेे प्रस्तुुत करेंंगेे
कि� नाागरि�क अधि�काारि�योंं� केे प्रति� आज्ञााकाारीी होोनेे काा कर्ततव्य परमेेश्वर द्वााराा ठहराायाा हुआ हैै। वि�धाायीी
सभाागृृहोंं� और न्यााय कीी अदाालतोंं� मेंं, आज्ञाा रखनेे वाालोंं� कोो गलत तरीीकेे सेे प्रस्तुुत कि�याा जााएगाा और
उनकीी निं�दां ा कीी जााएगीी। उनकीी बाातोंं� कोो झूठाू ा रंंग दि�याा जााएगाा; घटि�याा आशय उनकेे इराादोंं� पर
थोोपाा जााएगाा।
चूंं�कि� प्रोोटेेस्टेंंट कलीीसि�यााएंं परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे बचााव मेंं स्पष्ट, पवि�त्र शाास्त्रीीय तर्कोंं कोो
अस्वीीकाार करतीी हैंं, वेे उन लोोगोंं� कोो चुुप कराानाा चााहेंंगीी जि�नकेे वि�श्वाास कोो वेे बााइबल सेे उखााड़ नहींं�
सकतीी थींं�। यद्यपि� वेे इस तथ्य केे प्रति� अपनीी आंंखेंं मूंं� द लेेतेे हैंं, वेे अब एक ऐसाा माार्गग अपनाा रहेे हैंं जोो
उन लोोगोंं� केे उत्पीीड़न काा काारण बनेेगाा जोो ईमाानदाारीी सेे वह करनेे सेे इनकाार करतेे हैंं जोो बााकीी मसीीहीी
लोोग कर रहेे हैंं, और कैै थोोलि�क सब्त केे दाावोंं� कोो स्वीीकाार करतेे हैंं।
कलीीसि�याा और रााज्य केे गणमाान्य व्यक्ति� रवि�वाार काा पाालन करनेे केे लि�ए सभीी वर्गोंं कोो रि�श्वत
देेनेे, रााजीी करनेे याा मजबूूर करनेे केे लि�ए एकजुुट होंं�गेे। ईश्वरीीय अधि�काार कीी कमीी कोो दमनकाारीी
नि�यमोंं� द्वााराा पूूराा कि�याा जााएगाा। रााजनीीति�क भ्रष्टााचाार न्यााय केे प्रति� प्रेेम और सत्य केे प्रति� सम्माान
कोो नष्ट कर रहाा हैै; और यहांं� तक कि� स्वतंं त्र अमेेरि�काा मेंं भीी, शाासक और वि�धाायक, साार्ववजनि�क
कृृ पाादृष्टि�ि कोो प्रााप्त करनेे केे लि�ए, रवि�वाार केे पाालन कोो लाागूू करनेे वाालेे काानूून कीी लोोकप्रि�य मांं�ग
केे आगेे झुकें ु ं गेे। अंंतःःकरण कीी स्वतंं त्रताा काा, जि�सकेे लि�ए इतनाा बड़ाा बलि�दाान चुुकाानाा पड़ाा हैै, अब
और सम्माान नहींं� कि�याा जााएगाा। जल्द हीी आनेे वाालेे संं घर्षष मेंं हम देेखेंंगेे कि� भवि�ष्यवक्ताा केे शब्दोंं� कोो
उदााहरण देे कर समझाायाा गयाा हैै: «तब अजगर स्त्रीी पर क्रोोधि�त हुआ, और उसकीी शेेष सन्ताान सेे, जोो
परमेेश्वर कीी आज्ञााओंं कोो माानतेे और यीीशुु कीी गवााहीी देेनेे पर स्थि�र हैंं, लड़नेे कोो गयाा। और वह समुुद्र
केे बाालूू पर जाा खड़ाा हुआ।» प्रकााशि�तवााक्य 12:17।
37

पवि�त्र शाास्त्र एक सुुरक्षाा कवच

«व्य वस्थाा और चि�तौौनीी हीी कीी चर्चाा� कि�याा करोो! यदि� वेे लोोग इन वचनोंं� केे अनुुसाार न बोोलेंं
तोो नि�श्‍‍चय उनकेे लि�येे पौौ न फटेेगीी।» यशाायााह 8:20। परमेेश्वर केे लोोगोंं� कोो झूठेू े
शि�क्षकोंं� केे प्रभााव और अंंधकाार कीी आत्मााओंं कीी भ्रमकाारीी शक्ति� केे खि�लााफ उनकीी सुुरक्षाा केे रूप
मेंं पवि�त्र शाास्त्र कीी ओर नि�र्देेशि�त कि�याा जााताा हैै। शैैताान मनुुष्योंं� कोो बााइबल काा ज्ञाान प्रााप्त करनेे सेे
रोोकनेे केे लि�ए हर संं भव युुक्ति� काा प्रयोोग करताा हैै; क्योंं�कि� बााइबल कीी सीीधीी-साादीी बाातेंं उसकेे धोोखोंं�
कोो उजाागर करतीी हैंं। परमेेश्वर केे काार्यय कीी प्रत्येेक धाार्मि�क जाागृृति� पर संं साार काा सरदाार और अधि�क
तीीव्र गति�वि�धि� केे लि�ए सक्रि�य होो जााताा हैै; अब वह मसीीह और उसकेे अनुुयाायि�योंं� केे वि�रुद्ध एक अंंति�म
संं घर्षष केे लि�ए अपनाा भरसक प्रयाास कर रहाा हैै। अन्ति�म महााभ्रम शीीघ्र हीी हमाारेे साामनेे प्रकट होोनेे
वाालाा हैै। मसीीह-वि�रोोधीी कोो हमाारीी आँँखोंं� केे साामनेे अपनेे अद्भु ् ुत काार्योंं कोो करनाा हैै। नकल इतनीी
बाारीीकीी सेे सच केे समाान होोगीी कि� उनकेे बीीच पवि�त्र शाास्त्र केे अलाावाा अंंतर करनाा असंं भव होोगाा।
उनकीी गवााहीी सेे हर बयाान और हर चमत्काार कोो परखाा जाानाा चााहि�ए।
जोो परमेेश्वर कीी सभीी आज्ञााओंं काा पाालन करनेे काा प्रयाास करतेे हैंं उनकाा वि�रोोध कि�याा जााएगाा
और उनकाा उपहाास कि�याा जााएगाा। वेे परमेेश्वर मेंं हीी स्थि�र रह सकतेे हैंं। उनकेे साामनेे परीीक्षण कोो
सहनेे केे लि�ए, उन्हेंं परमेेश्वर कीी इच्छाा कोो समझनाा चााहि�ए जोो उसकेे वचन मेंं प्रकट हुई हैै; वेे उसकाा
सम्माान केे वल इसलि�ए कर सकतेे हैंं जब उनकेे पाास उसकेे चरि�त्र, उसकीी व्यवस्थाा और उद्देेश्योंं� कीी
सहीी अवधाारणाा हैै, और वेे उसकेे अनुुसाार काार्यय करतेे हैंं। केे वल वेे लोोग जि�न्होंं�नेे मन कोो बााइबल
कीी सच्चााइयोंं� सेे दृढ़ कि�याा हैै, अंंति�म महाान संं घर्षष मेंं स्थि�र रहेंंगेे। प्रत्येेक आत्माा केे लि�ए जाँँ�च संं बंं धीी
परीीक्षण आएगाा: क्याा मैंं मनुुष्योंं� केे बजााय परमेेश्वर कीी आज्ञाा माानूंं�? नि�र्णाा�यक घड़ीी अब भीी नि�कट
हैै। क्याा हमाारेे पैैर परमेेश्वर केे अपरि�वर्ततनीीय वचन कीी चट्टाान पर टि�केे हुए हैंं? क्याा हम परमेेश्वर कीी
आज्ञााओंं और यीीशुु केे वि�श्वाास कीी रक्षाा केे लि�ए दृढ़ताा सेे खड़ेे होोनेे केे लि�ए तैैयाार हैंं?
अपनेे क्रूूस पर चढ़नेे सेे पहलेे उद्धाारकर्ताा� नेे अपनेे शि�ष्योंं� कोो समझाायाा कि� उसेे मौौत केे घााट उताार
दि�याा जाानाा थाा और कब्र सेे फि�र सेे उठनाा थाा, और स्वर्गगदूू त उसकेे शब्दोंं� काा मन और हृदय पर प्रभााव
418 महाान वि�वााद

डाालनेे केे लि�ए उपस्थि�त थेे। लेेकि�न शि�ष्य रोोमन दमनकाारीी शाासन सेे सांं�साारि�क छुु टकााराा चााह रहेे थेे,
और वेे इस वि�चाार कोो बर्दाा�श्त नहींं� कर सकतेे थेे कि� जि�स पर उनकीी साारीी आशााएंं केे न्द्रि�त थींं�, वह एक
शर्ममनााक मौौत काा शि�काार होो। जि�न शब्दोंं� कोो उन्हेंं यााद रखनेे कीी आवश्यकताा थीी, वेे उनकेे दि�मााग सेे
नि�कल गए थेे; और जब परीीक्षाा काा समय आयाा, तोो पाायाा गयाा कि� वेे तैैयाार नहींं� थेे। यीीशुु कीी मृृत्युु नेे
उनकीी आशााओंं कोो ऐसेे पूूर्णणतयाा नष्ट कर दि�याा जैैसेे कि� उसनेे उन्हेंं पहलेे सेे आगााह नहींं� कि�याा थाा।
अतःः भवि�ष्यवााणि�योंं� मेंं भवि�ष्य हमाारेे साामनेे वैैसेे हीी स्पष्ट रूप सेे प्रकट कि�याा जााताा हैै जैैसेे मसीीह केे
वचनोंं� केे द्वााराा शि�ष्योंं� केे लि�ए प्रकट कि�याा गयाा थाा। परि�वीीक्षाा कीी समााप्ति� सेे जुुड़ीी घटनााओंं और संं कट
केे समय कीी तैैयाारीी केे काार्यय कोो स्पष्ट रूप सेे प्रस्तुुत कि�याा गयाा हैै। लेेकि�न अधि�कांं�श लोोगोंं� कोो इन
महत्वपूूर्णण सच्चााइयोंं� कीी इतनीी हीी समझ हैै जि�तनीी कि� उन्हेंं तब होोतीी जब इन्हेंं कभीी प्रकट नहींं� कि�याा
गयाा होोताा। शैैताान हर उस प्रभााव कोो दूू र करनेे केे लि�ए चौौकस रहताा हैै जोो उन्हेंं उद्धाार प्रााप्‍‍त करनेे केे
लि�ए बुुद्धि�माान बनााएगीी, और संं कट काा समय उन्हेंं तैैयाार नहींं� पााएगाा।
जब परमेेश्वर मनुुष्योंं� कोो इतनीी महत्वपूूर्णण चेेताावनि�याँँ� भेेजताा हैै कि� उनकाा वर्णणन स्वर्गग केे बीीच
मेंं उड़नेे वाालेे पवि�त्र स्वर्गगदूू तोंं� द्वााराा घोोषि�त कि�ए जाानेे केे रूप मेंं कि�याा जााताा हैै, तोो वह तर्कक शक्ति� सेे
संं पन्न प्रत्येेक व्यक्ति� सेे सन्देेश पर ध्याान देेनेे कीी अपेेक्षाा करताा हैै। पशुु और उसकीी मूूरत कीी पूूजाा केे
वि�रुद्ध घोोषि�त भयाावह दंंडााज्ञाा सेे (प्रकााशि�तवााक्य 14:9-11), सभीी कोो भवि�ष्यद्वााणि�योंं� केे एकााग्र-
चि�त्त अध्ययन केे लि�ए प्रेेरि�त होोनाा चााहि�ए तााकि� वेे सीीख सकेंं कि� पशुु कीी छााप क्याा हैै, और उन्हेंं इसेे
प्रााप्त करनेे सेे कैै सेे बचनाा हैै। परन्तुु बहुत सेे लोोग अपनेे काान सत्य सेे फेे र लेेतेे हैंं, और कथाा-कहाानि�-
योंं� पर लगाातेे हैंं। प्रेेरि�त पौौलुुस नेे अंंत केे दि�नोंं� कोो देेखतेे हुए घोोषि�त कि�याा: «ऐसाा समय आएगाा जब
लोोग खराा उपदेेश न सह सकेंं गेे।» 2 तीीमुुथि�युसु 4:3। वह समय पूूरीी तरह आ गयाा हैै। साामाान्य लोोग
बााइबल सत्य नहींं� चााहतेे, क्योंं�कि� यह पाापीी, संं साार-प्रेेमीी हृदय कीी इच्छााओंं मेंं बााधाा डाालताा हैै; और
शैैताान छल प्रदाान करताा हैै जि�ससेे वेे प्रेेम करतेे हैंं।
लेेकि�न परमेेश्वर केे पाास पृृथ्वीी पर एक अनुुचर वर्गग होोगाा जोो बााइबि�ल, और केे वल बााइबि�ल, कोो
सभीी सि�द्धांं�तोंं� केे माानक और सभीी सुुधाारोंं� केे आधाार केे रूप मेंं बरकराार रखेेगाा। वि�द्वाान पुुरुषोंं� कीी
रााय, वि�ज्ञाान केे अनुुमाान, कलीीसि�याा संं बंं धीी सभााओंं केे सि�द्धाान्त याा नि�र्णणय, जोो उतनेे हीी असंं ख्य और
असंं गत हैंं जि�तनीी वेे कलीीसि�यााएंं हैंं जि�नकाा वेे प्रतीीक हैंं, अधि�कांं�श कीी रााय - इनमेंं सेे एक कोो भीी
याा सभीी कोो धाार्मि�क वि�श्वाास केे कि�सीी भीी मुुद्देे केे पक्ष मेंं याा उसकेे वि�रुद्ध सााक्ष्य केे रूप मेंं नहींं� माानाा
जाानाा चााहि�ए। कि�सीी भीी सि�द्धांं�त याा उपदेेश कोो स्वीीकाार करनेे सेे पहलेे, हमेंं इसकेे समर्थथन मेंं «यहोोवाा
योंं� कहताा हैै» कीी मांं�ग करनीी चााहि�ए।
शैैताान लगााताार परमेेश्वर केे स्थाान पर मनुुष्य कीी ओर ध्याान आकर्षि�त करनेे काा प्रयाास कर रहाा हैै।
वह लोोगोंं� कोो उनकेे कर्ततव्य कोो स्वयंं जााननेे केे लि�ए पवि�त्र शाास्त्र मेंं ढूंं�ढनेे केे बजााय, उनकेे माार्गगदर्शशक केे
रूप मेंं बि�शप, पाादरि�योंं�, धर्ममशाास्त्र केे प्रोोफेे सरोंं� कीी ओर देेखनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करताा हैै। फि�र, इन अगुुवोंं�
केे दि�मााग कोो नि�यंं त्रि�त करकेे , वह अपनीी इच्छाा केे अनुुसाार जन-सााधाारण कोो प्रभाावि�त कर सकताा हैै।
जब मसीीह जीीवन कीी बाातेंं कहनेे आयाा, तोो आम लोोगोंं� नेे उन्हेंं खुुशीी सेे सुुनाा; और बहुतोंं� नेे,
यााजकोंं� और प्रधाानोंं� मेंं सेे भीी, उस पर वि�श्वाास कि�याा। लेेकि�न यााजक वर्गग काा प्रमुुख और रााष्ट्रर केे
प्रमुुख व्यक्ति� उसकीी शि�क्षााओंं कीी निं�दां ा और खंं डन करनेे केे लि�ए दृढ़ थेे। हाालाँँ�कि� वेे उसकेे खि�लााफ
पवित्र शास्त्र एक सुरक 419

आरोोप लगाानेे केे अपनेे सभीी प्रयाासोंं� मेंं चकरााए हुए थेे, हाालाँँ�कि� वेे नि�श्चि�ित रूप सेे ईश्वरीीय शक्ति� और
ज्ञाान केे प्रभााव कोो महसूूस कर सकतेे थेे जोो उसकेे शब्दोंं� मेंं शाामि�ल थेे, फि�र भीी उन्होंं�नेे खुुद कोो पूूर्वाा�ग्रह
सेे ग्रसि�त कर लि�याा; उन्होंं�नेे उसकेे मसीीहाा होोनेे केे स्पष्ट प्रमााण कोो अस्वीीकाार कर दि�याा, कहींं� ऐसाा न होो
कि� वेे उसकेे चेेलेे बननेे केे लि�ए वि�वश होो जााएंं । यीीशुु केे येे वि�रोोधीी वेे पुुरुष थेे जि�न्हेंं आदर देेनाा लोोगोंं�
कोो शैैशवाावस्थाा सेे हीी सि�खाायाा गयाा थाा, जि�नकेे प्रभुुत्व केे आगेे वेे सि�र झुका ु ानेे केे अभ्यस्त थेे। उन्होंं�नेे
पूूछाा, “यह कैै सेे होो सकताा हैै कि� हमाारेे हााकि�म और वि�द्वाान शाास्त्रीी यीीशुु पर वि�श्वाास नहींं� करतेे? यदि�
वह मसीीह होोताा तोो क्याा येे धर्ममपराायण लोोग उसेे ग्रहण नहींं� करतेे?” यह ऐसेे शि�क्षकोंं� काा प्रभााव थाा
जि�सनेे यहूदीी रााष्ट्रर कोो अपनेे मुुक्ति�दााताा कोो अस्वीीकाार करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा।
जि�स भाावनाा नेे उन यााजकोंं� और शाासकोंं� कोो प्रेेरि�त कि�याा, वह अभीी भीी कई लोोगोंं� द्वााराा प्रकट
कि�याा जााताा हैै जोो धर्ममपराायणताा काा खुुलेे आम दाावाा करतेे हैंं। वेे इस समय केे वि�शेेष सत्य केे वि�षय मेंं
पवि�त्र शाास्त्र कीी गवााहीी कीी जांं�च करनेे सेे इनकाार करतेे हैंं। वेे अपनीी संं ख्याा, धन और लोोकप्रि�यताा कीी
ओर इशााराा करतेे हैंं, और सत्य केे पैैरोोकाारोंं� कोो थोोड़ेे, गरीीब और अलोोकप्रि�य केे रूप मेंं ति�रस्काार कीी
दृष्टि�ि सेे देेखतेे हैंं, जि�नकाा एक वि�श्वाास हैै जोो उन्हेंं दुनि�या
ु ा सेे अलग करताा हैै।
मसीीह नेे पहलेे हीी देेख लि�याा थाा कि� शाास्त्रि�ियोंं� और फरीीसि�योंं� द्वााराा अधि�काार कीी अनुुचि�त धाारणाा
कीी आसक्ति� यहूदि�योंं� केे फैै लााव केे सााथ समााप्त नहींं� होोगीी। उसकेे पाास वि�वेेक कोो नि�यंं त्रि�त करनेे केे
लि�ए माानव अधि�काार कोो बढ़ाावाा देेनेे केे काार्यय काा एक भवि�ष्यसूूचक दृष्टि�िकोोण थाा, जोो सभीी युुगोंं� मेंं
कलीीसि�याा केे लि�ए इतनाा भयाानक अभि�शााप रहाा हैै। और शाास्त्रि�ियोंं� और फरीीसि�योंं� कीी उसकीी भयाानक
भर्त्ससनाा, और लोोगोंं� कोो इन अंंधेे अगुुवोंं� काा अनुुसरण न करनेे कीी उसकीी चेेताावनि�योंं� कोो भवि�ष्य कीी
पीीढ़ि�योंं� केे लि�ए एक तााड़नाा केे रूप मेंं दर्जज कि�याा गयाा।
रोोमन चर्चच पवि�त्र शाास्त्र कीी व्यााख्याा करनेे काा अधि�काार पाादरि�योंं� केे पाास सुुरक्षि�त रखताा हैै। इस
आधाार पर कि� केे वल पाादरीी लोोग हीी परमेेश्वर केे वचन कीी व्यााख्याा करनेे मेंं सक्षम हैंं, इसेे आम लोोगोंं�
सेे रोोकाा जााताा हैै। [टि�प्पणीी 36 देेखेंं।] हाालांं�कि� धर्मम-सुुधाार नेे सभीी कोो पवि�त्रशाास्त्र दि�याा, फि�र भीी
वहीी सि�द्धांं�त जोो रोोम द्वााराा बनााए रखाा गयाा थाा, प्रोोटेेस्टेंंट कलीीसि�यााओंं मेंं साामाान्य लोोगोंं� कोो अपनेे लि�ए
बााइबि�ल मेंं ढूंं�ढनेे सेे रोोकताा हैै। उन्हेंं इसकीी शि�क्षााओंं कोो चर्चच द्वााराा कीी गई व्यााख्याा केे अनुुसाार स्वीीकाार
करनाा सि�खाायाा जााताा हैै; और ऐसेे हज़ाारोंं� लोोग हैंं जोो कुु छ भीी ऐसाा ग्रहण करनेे काा सााहस नहींं� करतेे
हैंं, पवि�त्रशाास्त्र मेंं चााहेे वह कि�तनाा हीी स्पष्ट रूप सेे प्रकट कि�ए गयाा होो उनकेे पंं थ याा उनकेे चर्चच कीी
माान्यताा-प्रााप्त शि�क्षाा केे वि�परीीत हैै।
यद्यपि� बााइबल झूठेू े शि�क्षकोंं� केे वि�रूद्ध चेेताावनि�योंं� सेे भरीी हुई हैै, बहुत सेे लोोग अपनीी आत्माा कोो
पाादरीी वर्गग केे हवाालेे करनेे केे लि�ए तैैयाार हैंं। आज धर्मम केे हज़ाारोंं� दाावेेदाार हैंं जोो वि�श्वाास केे मुुद्दोंं� केे लि�ए
अपनेे धाार्मि�क अगुुवोंं� द्वााराा दि�ए गए नि�र्देेश केे अलाावाा कोोई अन्य काारण नहींं� देे सकतेे हैंं। वेे उद्धाारकर्ताा�
कीी शि�क्षााओंं कोो लगभग अनदेेखाा कर देेतेे हैंं, और पाादरि�योंं� केे शब्दोंं� मेंं नि�हि�त वि�श्वाास रखतेे हैंं। लेेकि�न
क्याा पाादरीी अचूूक होोतेे हैंं? जब तक हम परमेेश्वर केे वचन सेे यह नहींं� जाानतेे कि� वेे प्रकााश केे वााहक हैंं,
तब तक हम अपनेे प्रााणोंं� कोो उनकेे माार्गगदर्शशन केे हााथ मेंं कैै सेे सौंं�प सकतेे हैंं? जगत केे पि�टेे हुए राास्तेे सेे
हटनेे केे लि�ए नैैति�क सााहस कीी कमीी कई लोोगोंं� कोो वि�द्वाान पुुरुषोंं� केे नक्शेेकदम पर चलनेे केे लि�ए प्रेेरि�त
करतीी हैै; और स्वयंं कीी जांं�च करनेे कीी उनकीी अनि�च्छाा केे काारण, वेे नि�रााशााजनक रूप सेे भ्रम कीी जंं जीीरोंं�
420 महाान वि�वााद

मेंं जकड़ेे जाा रहेे हैंं। वेे देेखतेे हैंं कि� इस समय केे लि�ए सच्चााई स्पष्ट रूप सेे बााइबल मेंं साामनेे लााई गई
हैै; और वेे महसूूस करतेे हैंं कि� पवि�त्र आत्माा कीी साामर्थथ इसकीी घोोषणाा मेंं शाामि�ल होो रहीी हैै; फि�र भीी वेे
पाादरि�योंं� केे वि�रोोध कोो उन्हेंं प्रकााश सेे दूू र करनेे कीी अनुुमति� देेतेे हैंं। यद्यपि� काारण और वि�वेेक आश्वस्त
होो जाातेे हैंं, येे भ्रमि�त आत्मााएंं पाादरीी सेे अलग सोोचनेे कीी हि�म्मत नहींं� करतींं�; और उनकेे व्यक्ति�गत नि�र्णणय,
उनकेे शााश्वत हि�तोंं� कोो दूू सरेे केे अवि�श्वाास, गर्वव और पूूर्वाा�ग्रह केे लि�ए बलि�दाान कर दि�याा जााताा हैै।
ऐसेे बहुत सेे तरीीकेे हैंं जि�नकेे द्वााराा शैैताान अपनेे बंं दि�योंं� कोो बााध्य करनेे केे लि�ए माानवीीय प्रभााव
केे मााध्यम सेे कााम करताा हैै। वह मसीीह केे क्रूूस केे शत्रुुओं ं कोो स्नेेह कीी रेेशमीी डोोरि�योंं� सेे जनसााधाारण
केे सााथ जोोड़कर बहुतोंं� कोो अपनेे लि�ए सुुरक्षि�त करताा हैै। यह आसक्ति� मााताा-पि�ताा, पुुत्रोोचि�त, दााम्पत्य
याा साामााजि�क कुु छ भीी होो, प्रभााव एक हीी होोताा हैै; सत्य केे वि�रोोधीी वि�वेेक कोो नि�यंं त्रि�त करनेे केे लि�ए
अपनीी शक्ति� काा प्रयोोग करतेे हैंं, और उनकेे अधीीन रहनेे वाालीी आत्मााओंं मेंं अपनेे स्वयंं केे कर्ततव्य केे
वि�श्वाासोंं� काा पाालन करनेे केे लि�ए पर्याा�प्त सााहस याा स्वतंं त्रताा नहींं� होोतीी हैै।
सत्य और परमेेश्वर कीी महि�माा अवि�भााज्य हैंं; हमाारेे लि�ए यह असंं भव हैै, क्योंं�कि� बााइबि�ल हमाारीी पहुंंच
केे भीीतर हैै, गलत वि�चाारोंं� सेे परमेेश्वर काा सम्माान करनाा असंं भव हैै। बहुत सेे लोोग दाावाा करतेे हैंं कि� यह
माायनेे नहींं� रखताा कि� कोोई क्याा माानताा हैै, अगर उसकाा जीीवन सहीी हैै। लेेकि�न जीीवन वि�श्वाास सेे ढाालाा जााताा
हैै। यदि� प्रकााश और सत्य हमाारीी पहुंंच मेंं हैै, और हम इसेे सुुननेे और देेखनेे केे वि�शेेषााधि�काार मेंं सुुधाार करनेे
कीी उपेेक्षाा करतेे हैंं, तोो हम वस्तुुतःः इसेे अस्वीीकाार कर देेतेे हैंं; हम प्रकााश केे बजााय अंंधकाार कोो चुुन रहेे हैंं।
«ऐसाा भीी माार्गग हैै, जोो मनुुष्य कोो सीीधाा जाान पड़ताा हैै, परन्तुु उसकेे अन्त मेंं मृृत्युु हीी मि�लतीी हैै।»
नीीति�वचन 16:25। अज्ञाानताा भ्रम याा पााप केे लि�ए कोोई बहाानाा नहींं� हैै, जब परमेेश्वर कीी इच्छाा कोो
जााननेे काा हर अवसर होोताा हैै। एक आदमीी याात्राा कर रहाा हैै और एक ऐसेे स्थाान पर आताा हैै जहांं� कई
सड़केंं हैंं और एक दि�शाा नि�र्देेश पट्ट इंं गि�त करताा हैै कि� हर एक कहांं� जाातीी हैै। यदि� वह दि�शाा नि�र्देेश पट्ट
कीी अवहेेलनाा करताा हैै, और जोो भीी राास्ताा उसेे सहीी लगताा हैै, लेेताा हैै, तोो वह हमेेशाा इतनाा ईमाानदाार
होो सकताा हैै, लेेकि�न पूूरीी संं भाावनाा हैै कि� वह खुुद कोो गलत राास्तेे पर पााएगाा।
परमेेश्वर नेे हमेंं अपनाा वचन दि�याा हैै तााकि� हम उसकीी शि�क्षााओंं सेे परि�चि�त होो सकेंं और स्वयंं जाान
सकेंं कि� वह हमसेे क्याा चााहताा हैै। जब व्यवस्थाापक यीीशुु केे पाास प्रश्न केे सााथ आयाा, “अनन्त जीीवन काा
वाारि�स होोनेे केे लि�येे मैंं क्याा करूँँ ?” उद्धाारकर्ताा� नेे उसेे पवि�त्र शाास्त्र काा हवाालाा देेतेे हुए कहाा: “व्यवस्थाा मेंं क्याा
लि�खाा हैै? तूू कैै सेे पढ़ताा हैै?” अज्ञाानताा युुवाा याा बूूढ़ेे कोो क्षमाा नहींं� करेेगीी, न हीी उन्हेंं परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे
उल्लंं घन केे लि�ए दंंड सेे मुुक्त करेेगीी; क्योंं�कि� उनकेे हााथोंं� मेंं उस व्यवस्थाा और उसकेे सि�द्धांं�तोंं� और दाावोंं� कीी
एक वि�श्वसनीीय प्रस्तुुति� हैै। अच्छेे इराादेे होोनाा हीी कााफीी नहींं� हैै; एक आदमीी जि�सेे सहीी सोोचताा हैै वह करनाा
याा जि�सेे पाादरीी सहीी बतााताा हैै वह करनाा पर्यााप्त � नहींं� हैै। उसकीी आत्माा काा उद्धाार दांं�व पर हैै, और उसेे अपनेे
लि�ए पवि�त्र शाास्त्र मेंं ढूँँ� ढनाा चााहि�ए। उसकाा वि�श्वाास कि�तनाा भीी दृढ़ क्योंं� न होो, उसेे कि�तनाा हीी वि�श्वाास होो
कि� पाादरीी जाानताा हैै कि� सत्य क्याा हैै, यह उसकीी नींं�व नहींं� हैै। उसकेे पाास एक चाार्टट हैै जोो स्वर्गग कीी याात्राा केे
सभीी राास्तोंं� कोो इंं गि�त करताा हैै, और उसेे कि�सीी भीी चीीज़ काा अनुुमाान नहींं� लगाानाा चााहि�ए।
पवि�त्र शाास्त्र सेे सत्य क्याा हैै, यह सीीखनाा और फि�र प्रकााश मेंं चलनाा और दूू सरोंं� कोो उनकेे
उदााहरण काा अनुुसरण करनेे केे लि�ए प्रोोत्सााहि�त करनाा प्रत्येेक बुुद्धि�माान प्रााणीी काा पहलाा और सर्वोोच्च
कर्ततव्य हैै। हमेंं दि�न-ब-दि�न लगन सेे बााइबल काा अध्ययन करनाा चााहि�ए, हर वि�चाार कोो तौौलनाा चााहि�ए
पवित्र शास्त्र एक सुरक 421

और पवि�त्र लेेख कीी तुुलनाा पवि�त्र लेेख सेे करनीी चााहि�ए। ईश्वरीीय सहाायताा सेे हमेंं अपनेे लि�ए अपनीी
रााय बनाानीी हैै जैैसेे कि� हमेंं ईश्वर केे साामनेे अपनेे लि�ए जवााब देेनाा हैै।
बााइबल मेंं सबसेे स्पष्ट रूप सेे प्रकट कि�ए गए सत्य वि�द्वाानोंं� द्वााराा संं देेह और अंंधकाार मेंं शाामि�ल
कि�ए गए हैंं, जोो महाान ज्ञाान केे ढोंं�ग केे सााथ सि�खाातेे हैंं कि� पवि�त्र शाास्त्र मेंं एक रहस्यमय, एक गुुप्त,
आध्याात्मि�क अर्थथ हैै जोो नि�योोजि�त भााषाा मेंं स्पष्ट नहींं� हैै। येे लोोग झूठेू े शि�क्षक हैंं। यह ऐसेे वर्गग केे लि�ए
थाा कि� यीीशुु नेे घोोषि�त कि�याा: «तुुम न तोो पवि�त्रशाास्त्र हीी कोो जाानतेे होो, और न हीी परमेेश्वर कीी साामर्थ्यय
कोो?» मरकुु स 12:24। बााइबि�ल कीी भााषाा कोो उसकेे स्पष्ट अर्थथ केे अनुुसाार समझाायाा जाानाा चााहि�ए,
जब तक कि� कोोई प्रतीीक याा आकृृ ति� नि�योोजि�त न होो। मसीीह नेे प्रति�ज्ञाा दीी हैै: «यदि� कोोई उसकीी इच्छाा
पर चलनाा चााहेे, तोो वह इस उपदेेश केे वि�षय मेंं जाान जााएगाा।» यूूहन्नाा 7:17। यदि� मनुुष्य बााइबल कोो
उसीी रूप मेंं ग्रहण करतेे जैैसाा उस मेंं लि�खाा हैै, यदि� उनकेे दि�मााग कोो गुुमरााह करनेे और भ्रमि�त करनेे
केे लि�ए कोोई झूठेू े शि�क्षक नहींं� होोतेे, तोो एक ऐसाा कााम पूूराा होोताा जोो स्वर्गगदूू तोंं� कोो खुुश करताा और जोो
हजाारोंं�-हजाारोंं� लोोगोंं� कोो जोो अभीी भटक रहेे हैंं मसीीह कीी भेेड़शाालाा मेंं लााएगाा।
हमेंं पवि�त्र शाास्त्र केे अध्ययन मेंं मन कीी सभीी शक्ति�योंं� काा प्रयोोग करनाा चााहि�ए और जहांं� तक
नश्वर कर सकतेे हैंं, परमेेश्वर कीी गूूढ़ बाातोंं� कोो समझनेे केे लि�ए समझ कोो उसकीी सीीमाा तक उपयोोग
करनाा चााहि�ए; फि�र भीी हमेंं यह नहींं� भूूलनाा चााहि�ए कि� बच्चेे समाान वि�नम्रताा और समर्पपण सीीखनेे वाालेे
कीी सच्चीी भाावनाा हैै। पवि�त्र शाास्त्रीीय कठि�नााइयोंं� कोो कभीी भीी उन तरीीकोंं� सेे नि�यंं त्रि�त नहींं� कि�याा जाा
सकताा हैै जोो दाार्शशनि�क समस्यााओंं सेे नि�पटनेे केे लि�ए नि�योोजि�त हैंं। हमेंं बााइबल केे अध्ययन मेंं उस
आत्मनि�र्भभरताा केे सााथ संं लग्न नहींं� होोनाा चााहि�ए जि�सकेे सााथ इतनेे साारेे लोोग वि�ज्ञाान केे क्षेेत्र मेंं प्रवेेश
करतेे हैंं, लेेकि�न ईश्वर पर प्राार्थथनाापूूर्णण नि�र्भभरताा और उसकीी इच्छाा कोो जााननेे कीी सच्चीी इच्छाा केे सााथ।
हमेंं महाान परमेेश्वर सेे ज्ञाान प्रााप्त करनेे केे लि�ए वि�नम्र और सि�खाानेे योोग्य स्वभााव केे सााथ आनाा
चााहि�ए। अन्यथाा, दुष्ु ट स्वर्गगदूू त हमाारेे दि�मााग कोो इतनाा अंंधाा कर देंंगेे और हमाारेे हृदयोंं� कोो इतनाा
कठोोर कर देंंगेे कि� हम सच्चााई सेे प्रभाावि�त नहींं� होंं�गेे।
पवि�त्र शाास्त्र काा बहुत साा भााग जि�सेे वि�द्वाान पुुरुष एक रहस्य घोोषि�त करतेे हैंं, याा महत्वहीीन केे रूप
मेंं पाारि�त होो जाातेे हैंं, जोो मसीीह केे स्कूूल मेंं पढ़ााए गए हैंं, उनकेे लि�ए ढााढ़स और नि�र्देेश सेे भराा हैै। कई
धर्ममशाास्त्रि�ियोंं� केे पाास परमेेश्वर केे वचन कीी स्पष्ट समझ न होोनेे काा एक काारण यह हैै कि� वेे उन सत्योंं�
केे प्रति� अपनीी आँँखेंं बंं द कर लेेतेे हैंं जि�नकाा वेे अभ्याास नहींं� करनाा चााहतेे हैंं। बााइबल कीी सच्चााई कीी
समझ खोोज केे लि�ए लााई गई बुुद्धि� कीी शक्ति� पर इतनाा नि�र्भभर नहींं� करतीी हैै जि�तनाा कि� उद्देेश्य कीी एकताा
पर, धाार्मि�कताा कीी उत्कट लाालसाा पर नि�र्भभर करतीी हैै।
प्राार्थथनाा केे बि�नाा कभीी भीी बााइबल काा अध्ययन नहींं� करनाा चााहि�ए। केे वल पवि�त्र आत्माा हीी हमेंं
उन बाातोंं� केे महत्व कोो महसूूस कराा सकताा हैै जोो आसाानीी सेे समझीी जाा सकतीी हैंं, याा हमेंं उन सत्योंं� कोो
जीीतनेे सेे रोोक सकतीी हैंं जि�न्हेंं समझनाा मुुश्कि�ल हैै। यह स्वर्गीीय स्वर्गगदूू तोंं� काा काार्यय हैै कि� वेे परमेेश्वर
केे वचन कोो समझनेे केे लि�ए हृदय कोो तैैयाार करेंं तााकि� हम इसकीी सुंं� दरताा सेे मंं त्रमुुग्ध होो जााएंं , इसकीी
चेेताावनि�योंं� सेे प्रेेरि�त होंं�, याा इसकेे वाादोंं� सेे अनुुप्रााणि�त और सुुदृढ़ होंं�। हमेंं भजनहाार कीी यााचि�काा कोो
अपनाा बनाानाा चााहि�ए: «मेेरीी आँँखेंं खोोल देे , कि� मैंं तेेरीी व्यवस्थाा कीी अद्भु ् ुत बाातेंं देेख सकूँँ� ।» भजन
संं हि�ताा 119:18। प्रलोोभन अक्सर अप्रति�रोोध्य दि�खााई देेतेे हैंं क्योंं�कि�, प्राार्थथनाा कीी उपेेक्षाा और बााइबल
422 महाान वि�वााद

केे अध्ययन केे मााध्यम सेे, परीीक्षाा लेेनेे वाालाा व्यक्ति� आसाानीी सेे परमेेश्वर केे वाादोंं� कोो यााद नहींं� कर
सकताा हैै और पवि�त्रशाास्त्र केे हथि�याारोंं� केे सााथ शैैताान सेे नहींं� मि�ल सकताा हैै। परन्तुु जोो ईश्वरीीय बाातोंं�
कीी शि�क्षाा पाानेे केे इच्छुु क हैंं, उनकेे चाारोंं� ओर स्वर्गगदूू त हैंं; और बड़ीी आवश्यकताा केे समय मेंं वेे उन
सच्चााइयोंं� कोो यााद दि�लााएंं गेे जि�नकीी आवश्यकताा हैै। इस प्रकाार «जब शत्रुु महाानद केे समाान चढ़ााई
करेंंगेे तब यहोोवाा काा आत्माा उसकेे वि�रुद्ध झण्डाा खड़ाा करेेगाा।» यशाायााह 59:19।
यीीशुु नेे अपनेे शि�ष्योंं� सेे वाादाा कि�याा: «सहाायक अर्थाा�त्् पवि�त्र आत्माा जि�सेे पि�ताा मेेरेे नााम सेे भेेजेेगाा,
वह तुुम्हेंं सब बाातेंं सि�खााएगाा, और जोो कुु छ मैंं नेे तुुम सेे कहाा हैै, वह सब तुुम्हेंं स्मरण करााएगाा।» यूूहन्नाा
14:26। लेेकि�न परमेेश्वर कीी आत्माा केे लि�ए मसीीह कीी शि�क्षााओंं कोो पहलेे सेे हीी हृदय मेंं रख छोोड़ाा
जाानाा चााहि�ए तााकि� संं कट केे समय मेंं उन्हेंं हमाारीी यााद मेंं लाायाा जाा सकेे । «मैंं नेे तेेरेे वचन कोो अपनेे
हृदय मेंं रख छोोड़ाा हैै, कि� तेेरेे वि�रुद्ध पााप न करूँँ ।» भजन संं हि�ताा 119:11।
वेे सभीी जोो अपनेे शााश्वत हि�तोंं� कोो महत्व देेतेे हैंं, उन्हेंं संं शयवााद कीी घुुसपैैठ सेे साावधाान रहनाा
चााहि�ए। सत्य कीी बुुनि�यााद हीी पर हमलाा कि�याा जााएगाा। आधुुनि�क अधर्मम केे व्यंंग्य और कुु तर्कोंं,
कपटीी और वि�नााशक शि�क्षण कीी पहुंंच सेे परेे रहनाा असंं भव हैै। शैैताान अपनेे प्रलोोभनोंं� कोो सभीी
वर्गोंं केे अनुुकूूल बनााताा हैै। वह अनपढ़ोंं� पर मज़ााक याा उपहाास केे सााथ हमलाा करताा हैै, जबकि� वह
शि�क्षि�तोंं� सेे वैैज्ञाानि�क आपत्ति�योंं� और दाार्शशनि�क तर्कक केे सााथ साामनाा करताा हैै, समाान रूप सेे शाास्त्रोंं�
केे प्रति� अवि�श्वाास याा अवमााननाा कोो उत्तेेजि�त करनेे केे लि�ए सुुवि�चाारि�त होोतीी हैै। यहांं� तक कि�
कम अनुुभव वाालेे युुवाा भीी मसीीहीी धर्मम केे मूूल सि�द्धांं�तोंं� केे बाारेे मेंं संं देेह जताानेे काा अनुुमाान लगाातेे
हैंं। और यह युुवाावस्थाा कीी अभक्ति�, जोो उथलीी हैै, काा प्रभााव होोताा हैै। इस प्रकाार कई लोोग अपनेे
पूूर्ववजोंं� केे वि�श्वाास काा मज़ााक उड़ाानेे और अनुुग्रह कीी आत्माा कीी ति�रस्काारपूूर्णण अवहेेलनाा करनेे केे
लि�ए प्रेेरि�त होोतेे हैंं। इब्राानि�योंं� 10:29। बहुत सेे जीीव जि�न्होंं�नेे परमेेश्वर केे लि�ए एक सम्माान और
दुनि�या
ु ा केे लि�ए एक वरदाान होोनेे काा वाादाा कि�याा थाा, वेे अधर्मम कीी दुर्गंंु ध सेे झुुलस गए हैंं। वेे सभीी
जोो माानवीीय वि�वेेक केे दम्भीी नि�र्णणयोंं� पर वि�श्वाास करतेे हैंं और यह कल्पनाा करतेे हैंं कि� वेे ईश्वरीीय
रहस्योंं� कीी व्यााख्याा कर सकतेे हैंं और बि�नाा परमेेश्वर कीी बुुद्धि� केे सत्य तक पहुँँच सकतेे हैंं, वेे शैैताान
केे जााल मेंं फँँस जाातेे हैंं।
हम इस वि�श्व केे इति�हाास केे सबसेे महत्त्वपूूर्णण कााल मेंं जीी रहेे हैंं। पृृथ्वीी केे बड़ीी संं ख्याा मेंं लोोगोंं� कीी
नि�यति� काा फैै सलाा होोनेे वाालाा हैै। हमााराा अपनाा आगाामीी हि�त और अन्य आत्मााओंं काा उद्धाार भीी जीीवन
केे उस ढंंग पर नि�र्भभर करताा हैै जि�सकाा हम अभीी अनुुसरण करतेे हैंं। हमेंं सत्य कीी आत्माा द्वााराा नि�र्देेशि�त
होोनेे कीी आवश्यकताा हैै। मसीीह केे प्रत्येेक अनुुयाायीी कोो गंं भीीरताा सेे पूूछतााछ करनीी चााहि�ए: «हेे प्रभुु,
तूू मुुझसेे क्याा करवाानाा चााहताा हैै?» हमेंं उपवाास और प्राार्थथनाा केे सााथ प्रभुु केे साामनेे स्वयंं कोो दीीन
करनेे कीी, और उसकेे वचन पर, वि�शेेष रूप सेे न्यााय केे दृश्योंं� पर, अधि�क मनन करनेे कीी आवश्य-
कताा हैै। हमेंं अब परमेेश्वर कीी बाातोंं� मेंं एक गहन और जीीवि�त अनुुभव काा प्रयाास करनाा चााहि�ए।
हमाारेे पाास खोोनेे केे लि�ए एक पल भीी नहींं� हैै। हमाारेे चाारोंं� ओर अत्यधि�क महत्व कीी घटनााएँँ होो रहीी हैंं;
हम शैैताान कीी मंं त्रमुुग्ध ज़मीीन पर हैंं। सोोओ मत, परमेेश्वर केे प्रहरीी; शत्रुु नि�कट घाात लगााए बैैठाा हैै,
यदि� तुुम सुुस्त और उनींं�दाा होो जााओगेे, तुुम पर झपट पड़नेे केे लि�ए और तुुम्हेंं अपनाा शि�काार बनाानेे केे
लि�ए कि�सीी भीी क्षण तैैयाार हैै।
पवित्र शास्त्र एक सुरक 423

बहुत सेे लोोग परमेेश्वर केे साामनेे अपनीी वाास्तवि�क स्थि�ति� केे बाारेे मेंं धोोखाा खाा जाातेे हैंं। वेे उन
गलत काामोंं� केे लि�ए खुुद कोो बधााई देेतेे हैंं जोो वेे नहींं� करतेे हैंं, और उन अच्छेे और नेेक काामोंं� कीी गि�नतीी
करनाा भूूल जाातेे हैंं जि�नकीी ईश्वर उनसेे अपेेक्षाा करताा हैै, लेेकि�न जि�न्हेंं करनेे मेंं उन्होंं�नेे उपेेक्षाा कीी हैै।
यह कााफीी नहींं� हैै कि� वेे परमेेश्वर केे बगीीचेे मेंं पेेड़ हैंं। उन्हेंं फल पैैदाा करकेे उसकीी अपेेक्षााओंं काा उत्तर
देेनाा हैै। वह उन्हेंं उन सभीी अच्छेे काामोंं� कोो पूूराा करनेे मेंं उनकीी वि�फलताा केे लि�ए ज़ि�म्मेेदाार ठहरााताा हैै
जोो वेे, उसकेे अनुुग्रह सेे बलवन्त होोतेे हुए, कर सकतेे थेे। स्वर्गग कीी कि�तााबोंं� मेंं उन्हेंं धरतीी कोो बोोझि�ल
करनेे वाालोंं� केे रूप मेंं दर्जज कि�याा गयाा हैै। फि�र भीी इस वर्गग कीी स्थि�ति� भीी पूूरीी तरह नि�रााशााजनक नहींं�
हैै। उन लोोगोंं� केे सााथ जि�न्होंं�नेे परमेेश्वर कीी दयाा काा अपमाान कि�याा हैै और उनकीी कृृ पाा काा दुरुु पयोोग
कि�याा हैै, सहनशीील प्रेेम काा हृदय अभीी भीी यााचनाा करताा हैै। इस काारण वह कहताा हैै, “हेे सोोनेे वाालेे,
जााग और मुुर्दोंं मेंं सेे जीी उठ; तोो मसीीह कीी ज्योोति� तुुझ पर चमकेे गीी।” इसलि�येे ध्याान सेे देेखोो, कि�
कैै सीी चााल चलतेे होो, ....अवसर कोो बहुमूूल्य समझोो, क्योंं�कि� दि�न बुुरेे हैंं।» इफि�सि�योंं� 5:14-16।
जब परीीक्षाा काा समय आएगाा, तोो वेे प्रकट होंं�गेे जि�न्होंं�नेे परमेेश्वर केे वचन कोो अपनेे जीीवन काा
नि�यम बनाा लि�याा हैै। गर्मि�योंं� मेंं सदााबहाार और अन्य पेेड़ोंं� केे बीीच कोोई वि�शेेष अंंतर नहींं� होोताा हैै;
लेेकि�न जब सर्दि�योंं� काा प्रकोोप आताा हैै, तोो सदााबहाार अपरि�वर्ति�त रहतेे हैंं, जबकि� अन्य पेेड़ोंं� सेे उनकेे
पत्तेे नि�कल जाातेे हैंं। इसीी तरह अभीी धूूर्तत ढोंं�गीी और वाास्तवि�क मसीीहीी मेंं भेेद नहींं� कि�याा जाा सकताा
हैै, लेेकि�न समय आनेे वाालाा हैै जब अंंतर स्पष्ट होोगाा। वि�रोोध कोो उठनेे दोो, कट्टरताा और असहि�ष्णुुताा
कोो फि�र सेे हाावीी होोनेे दोो, अत्यााचाार कोो सुुलगनेे दोो, और आधेे-अधूूरेे और पााखंं डीी डगमगाानेे लगेंंगेे
और वि�श्वाास कोो त्यााग देंंगेे; लेेकि�न सच्चाा मसीीहीी चट्टाान कीी तरह दृढ़ रहेेगाा, उसकाा वि�श्वाास दृढ़ होोगाा,
उसकीी आशाा समृृद्धि� केे दि�नोंं� कीी तुुलनाा मेंं उज्जवल होोगीी।
भजनहाार कहताा हैै: “तेेरीी चि�तौौनि�यांं� मेेराा ध्याान हैंं।” «तेेरेे उपदेेशोंं� केे द्वााराा मैंं समझ प्रााप्त करताा
हूंं, इस काारण मैंं सब मि�थ्याा माार्गोंं सेे बैैर रखताा हूंं।» भजन संं हि�ताा 119:99, 104।
«क्याा हीी धन्य हैै वह मनुुष्य जोो बुुद्धि� पााए।» «वह उस वृृक्ष केे समाान होोगाा जोो नदीी केे कि�नाारेे लगाा
होो और उसकीी जड़ जल केे पाास फैै लीी होो; जब धूूप होोगीी तब उसकोो न लगेेगीी, उसकेे पत्तेे हरेे रहेंंगेे,
और सूूखेे वर्षष मेंं भीी उनकेे वि�षय मेंं कुु छ चि�न्ताा न होोगीी, क्योंं�कि� वह तब भीी फलताा रहेेगाा। नीीति�वचन
3:13; यि�र्ममयााह 17:8।
38

अंंति�म चेेताावनीी

«मैंं नेे एक स्वर्गगदूू त कोो स्वर्गग सेे उतरतेे देेखाा, जि�सेे बड़ाा अधि�काार प्रााप्‍‍त थाा; और पृृथ्वीी उसकेे तेेज सेे
चमक उठीी। उसनेे ऊँँचेे शब्द सेे पुुकाारकर कहाा, “गि�र गयाा, बड़ाा बेेबीीलोोन गि�र गयाा हैै! वह दुष्ु टा�-
त्मााओंं काा नि�वाास, और हर एक अशुुद्ध आत्माा काा अड्डाा, और हर एक अशुुद्ध और घृृणि�त पक्षीी काा अड्डाा
होो गयाा।» «फि�र मैंं नेे स्वर्गग सेे एक और शब्द सुुनाा, “हेे मेेरेे लोोगोो, उस मेंं सेे नि�कल आओ कि� तुुम उसकेे
पाापोंं� मेंं भाागीी न होो, और उसकीी वि�पत्ति�योंं� मेंं सेे कोोई तुुम पर आ न पड़ेे।» प्रकााशि�तवााक्य 18:1,2,4।
यह वचन, एक ऐसेे समय कीी ओर इशााराा करताा हैै जब बााबुुल काा गठन करनेे वाालेे वि�भि�न्न
संं गठनोंं� मेंं प्रवेेश कर रहेे भ्रष्टााचाार केे अति�रि�क्त उल्लेेख केे सााथ, प्रकााशि�तवााक्य 14 (वचन 8) केे
दूू सरेे स्वर्गगदूू त द्वााराा बेेबीीलोोन केे पतन कीी घोोषणाा कीी गई, क्योंं�कि� वह संं देेश पहलीी बाार 1844 कीी
गर्मि�योंं� मेंं दि�याा गयाा थाा। यहाँँ� धाार्मि�क दुनि�या
ु ा कीी भयाानक स्थि�ति� काा वर्णणन कि�याा गयाा हैै। सत्य कीी हर
अस्वीीकृृ ति� केे सााथ लोोगोंं� कीी बुुद्धि� अन्धेेरीी होो जााएगीी, उनकेे मन अधि�क कठोोर होो जााएंं गेे, जब तक कि�
वेे एक कााफि�र कट्टरताा मेंं जड़वत्् नहींं� होो जाातेे। परमेेश्वर द्वााराा दीी गई चेेताावनि�योंं� कीी अवहेेलनाा मेंं,
वेे तब तक दस आज्ञााओंं मेंं सेे एक कोो रौंं�दतेे रहेंंगेे, जब तक कि� वेे उन लोोगोंं� कोो सताानेे केे लि�ए प्रेेरि�त
न होंं� जोो इसेे पवि�त्र माानतेे हैंं। मसीीह उसकेे वचन और उसकेे लोोगोंं� केे प्रति� अवमााननाा मेंं मसीीह कीी
अवहेेलनाा होोतीी हैै। जि�स प्रकाार अध्याात्मवााद कीी शि�क्षााओंं कोो कलसि�यााओंं द्वााराा स्वीीकाार कि�याा जााताा
हैै, वैैसेे हीी सांं�साारि�क हृदय पर लगाायाा गयाा संं यम हटाा दि�याा जााताा हैै, और धर्मम काा खुुलेे आम दाावाा
करनाा नि�म्नतम अधर्मम कोो छि�पाानेे काा लबाादाा बन जााएगाा। आध्याात्मि�क अभि�व्यक्ति�योंं� मेंं वि�श्वाास
झांं�साा देेनेे वाालीी आत्मााओंं और शैैताानोंं� केे सि�द्धांं�तोंं� केे द्वाार खोोलताा हैै, और इस प्रकाार कलीीसि�यााओंं मेंं
दुष्ु ट स्वर्गगदूू तोंं� केे प्रभााव कोो महसूूस कि�याा जााएगाा।
बेेबीीलोोन केे बाारेे मेंं, इस भवि�ष्यद्वााणीी मेंं दि�खााए जाानेे केे समय, यह घोोषि�त कि�याा गयाा हैै: «क्योंं�कि�
उसकेे पाापोंं� काा ढेेर स्वर्गग तक पहुँँच गयाा हैै, और उसकेे अधर्मम परमेेश्वर कोो स्मरण आए हैंं।» प्रकाा-
शि�तवााक्य 18:5। उस नेे अपनेे अधर्मम काा घड़ाा भर दि�याा हैै, और वि�नााश उस पर टूू ट पड़नेे वाालाा
हैै। परन्तुु परमेेश्वर केे पाास अभीी भीी बेेबीीलोोन मेंं लोोग हैंं; और उसकेे नि�र्णणयोंं� केे प्रकटन सेे पहलेे इन
अंतिम चेतावनी 425

वि�श्वाासयोोग्य लोोगोंं� कोो बााहर बुुलाायाा जाानाा चााहि�ए, तााकि� वेे उसकेे पाापोंं� मेंं भाागीी न होंं� और «उसकीी
वि�पत्ति�योंं� मेंं सेे कोोई उन पर आ न पड़ेे।» इसलि�ए इस आंंदोोलन कोो स्वर्गग सेे नीीचेे आनेे वाालेे स्वर्गगदूू त
द्वााराा दर्शाा�याा गयाा हैै, जोो अपनीी महि�माा केे सााथ पृृथ्वीी कोो रोोशन कर रहाा हैै और बेेबीीलोोन केे पाापोंं� कीी
घोोषणाा करतेे हुए एक ऊँँचेे शब्द केे सााथ चि�ल्लाा रहाा हैै। उसकेे संं देेश केे संं बंं ध मेंं यह पुुकाार सुुनीी जाातीी
हैै: «हेे मेेरीी प्रजाा, उसमेंं सेे नि�कल आओ।» येे घोोषणााएँँ, तीीसरेे स्वर्गगदूू त केे संं देेश केे सााथ मि�लकर,
पृृथ्वीी केे नि�वाासि�योंं� कोो दीी जाानेे वाालीी अंंति�म चेेताावनीी काा गठन करतीी हैंं।
भयाानक हैै वह मुुद्दाा जि�स पर संं साार कोो पुुनःः नि�र्दि�ष्ट कि�याा जाानाा हैै। पृृथ्वीी कीी शक्ति�याँँ�, परमेे-
श्वर कीी आज्ञााओंं केे वि�रुद्ध युुद्ध केे लि�ए एकजुुट होोकर, यह आदेेश देंंगीी कि� «छोोटेे और बड़ेे, अमीीर
और गरीीब, स्वतंं त्र और दाास सभीी» (प्रकााशि�तवााक्य 13:16), झूठेू े सब्त केे पाालन कलीीसि�याा केे
रीीति�-रि�वााजोंं� केे अनुुरूप होंं�गेे। अनुुपाालन सेे इनकाार करनेे वाालेे सभीी लोोगोंं� कोो आर्थि�क जुुर्माा�नाा
भरनाा होोगाा, और अंंत मेंं यह घोोषि�त कि�याा जााएगाा कि� वेे मृृत्युुदंंड केे योोग्य हैंं। दूू सरीी ओर, सृृष्टि�िक-
र्ताा� केे वि�श्रााम केे दि�न सेे जुुड़ीी परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा आज्ञााकाारि�ताा कीी मांं�ग करतीी हैै और उन सभीी केे
खि�लााफ प्रचण्ड क्रोोध कीी धमकीी देेतीी हैै जोो इसकेे नि�यमोंं� काा उल्लंं घन करतेे हैंं।
इस प्रकाार स्पष्ट रूप सेे उसकेे साामनेे लााए गए मुुद्देे केे सााथ, जोो कोोई भीी माानव काानूून काा पाालन
करनेे केे लि�ए परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कोो रौंं�देेगाा, वह पशुु कीी छााप प्रााप्त करताा हैै; वह परमेेश्वर केे
बजााय उस शक्ति� केे प्रति� नि�ष्ठाा केे संं केे त कोो स्वीीकाार करताा हैै जि�सकीी आज्ञाा मााननाा वह चुुनताा हैै।
स्वर्गग सेे चेेताावनीी हैै: “जोो कोोई उस पशुु और उसकीी मूूर्ति� कीी पूूजाा करेे, और अपनेे मााथेे याा अपनेे हााथ
पर उसकीी छााप लेे वह परमेेश्वर केे प्रकोोप कीी नि�रीी मदि�राा, जोो उसकेे क्रोोध केे कटोोरेे मेंं डाालीी गई हैै,
पीीएगाा और पवि�त्र स्वर्गगदूू तोंं� केे साामनेे और मेेम्नेे केे साामनेे आग और गन्धक कीी पीीड़ाा मेंं पड़ेेगाा। « प्र-
कााशि�तवााक्य 14:9, 10।
लेेकि�न कि�सीी कोो भीी परमेेश्वर केे क्रोोध काा साामनाा नहींं� करनाा पड़ताा हैै जब तक कि� सत्य कोो उसकेे
मन और वि�वेेक सेे अवगत नहींं� कराायाा जााताा और उसेे अस्वीीकाार न कर दि�याा जााताा। ऐसेे बहुत सेे लोोग
हैंं जि�न्हेंं इस समय केे वि�शेेष सत्योंं� कोो सुुननेे काा अवसर कभीी नहींं� मि�लाा। चौौथीी आज्ञाा केे दाायि�त्व कोो
उसकेे वाास्तवि�क प्रकााश मेंं कभीी भीी उनकेे साामनेे नहींं� रखाा गयाा हैै। वह जोो प्रत्येेक हृदय कोो पढ़ताा हैै
और हर उद्देेश्य कोो परखताा हैै, वह उस कि�सीी कोो भीी नहींं� छोोड़ेेगाा जोो सच्चााई काा ज्ञाान चााहताा हैै, वि�वााद
केे मुुद्दोंं� केे रूप मेंं धोोखाा दि�याा जााए। लोोगोंं� सेे आंंख मूंं� दकर इस फरमाान काा आग्रह नहींं� कि�याा जाानाा
चााहि�ए। प्रत्येेक व्यक्ति� केे पाास अपनाा नि�र्णणय बुुद्धि�माानीी सेे करनेे केे लि�ए पर्याा�प्त प्रकााश होोनाा चााहि�ए।
सब्त नि�ष्ठाा कीी महाान परीीक्षाा होोगीी, क्योंं�कि� यह सत्य काा वि�शेेष रूप सेे वि�वाादि�त मुुद्दाा हैै। जब
अंंति�म परीीक्षाा मनुुष्योंं� पर लाायीी जााएगीी, तब परमेेश्वर कीी सेेवाा-टहल करनेे वाालोंं� और उसकीी सेेवाा
न करनेे वाालोंं� केे बीीच भेेद कीी रेेखाा खींं�चीी जााएगीी। जबकि� रााज्य कीी व्यवस्थाा केे अनुुसाार झूठेू े सब्त
काा पाालन, चौौथीी आज्ञाा केे वि�परीीत, उस शक्ति� केे प्रति� नि�ष्ठाा कीी घोोषणाा होोगीी जोो परमेेश्वर केे वि�रोोध
मेंं हैै, परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे अनुुसाार सच्चेे सब्त काा पाालन करनाा, सृृष्टि�िकर्ताा� केे प्रति� वफाादाारीी काा
प्रमााण हैै। जबकि� एक वर्गग, सांं�साारि�क शक्ति�योंं� केे प्रति� समर्पपण केे चि�न्ह कोो स्वीीकाार करकेे , पशुु कीी
छााप प्रााप्त करताा हैै, दूू सराा, ईश्वरीीय अधि�काार केे प्रति� नि�ष्ठाा केे प्रतीीक कोो चुुनकर, परमेेश्वर कीी
मुुहर प्रााप्त करताा हैै।
426 महाान वि�वााद

अब तक जोो लोोग तीीसरेे स्वर्गगदूू त केे संं देेश कीी सच्चााइयोंं� कोो प्रस्तुुत करतेे थेे, उन्हेंं अक्सर केे वल
भयभीीत करनेे वाालेे माानाा जााताा थाा। उनकीी भवि�ष्यद्वााणि�योंं� कोो कि� धाार्मि�क असहि�ष्णुुताा संं युुक्त रााज्य
अमेेरि�काा मेंं नि�यंं त्रण हाासि�ल कर लेेगीी, कि� कलीीसि�याा और रााज्य उन लोोगोंं� कोो सताानेे केे लि�ए एकजुुट
होंं�गेे जोो परमेेश्वर कीी आज्ञााओंं काा पाालन करतेे हैंं, नि�रााधाार और बेेतुका ु ा घोोषि�त कि�याा गयाा हैै। यह
पूूरेे वि�श्वाास केे सााथ घोोषि�त कि�याा गयाा हैै कि� यह देेश कभीी भीी इससेे अलग नहींं� बन सकताा हैै जोो
यह रहाा हैै- धाार्मि�क स्वतंं त्रताा काा रक्षक। लेेकि�न जैैसाा कि� रवि�वाार केे पाालन कोो लाागूू करनेे काा सवााल
व्याापक रूप सेे उकसाायाा गयाा हैै, जि�स घटनाा कोो लेेकर इतनेे लंं बेे समय सेे संं देेह और अवि�श्वाास थाा,
नि�कट आतीी दि�ख रहीी हैै, और तीीसराा संं देेश एक ऐसाा प्रभााव पैैदाा करेेगाा जोो पहलेे नहींं� होो सकताा थाा।
हर पीीढ़ीी मेंं परमेेश्वर नेे संं साार और कलीीसि�याा दोोनोंं� मेंं पााप कीी नि�न्दाा करनेे केे लि�ए अपनेे सेेवकोंं�
कोो भेेजाा हैै। परन्तुु लोोग चााहतेे हैंं कि� उनसेे चि�कनीी चुुपड़ीी बाातेंं कीी जााएंं और शुुद्ध और सरल सत्य
स्वीीकाार्यय नहींं� हैै। कई सुुधाारकोंं� नेे अपनेे कााम मेंं प्रवेेश करतेे हुए, कलीीसि�याा और रााष्ट्रर केे पाापोंं� पर
हमलाा करनेे मेंं बड़ीी समझदाारीी दि�खाानेे काा संं कल्प लि�याा। उन्हेंं उम्मीीद थीी कि� एक खराा मसीीहीी जीीवन
काा उदााहरण लोोगोंं� कोो बााइबल केे सि�द्धांं�तोंं� कीी ओर वाापस लेे जााएगाा। परन्तुु परमेेश्वर काा आत्माा जैैसेे
एलि�य्यााह पर उतराा थाा, वैैसेे हीी उन पर भीी उतराा, और उसेे दुष्ु ट रााजाा और धर्ममत्याागीी प्रजाा केे पाापोंं� कोो
घुुड़कनेे केे लि�ए उभााराा; वेे बााइबल केे स्पष्ट कथनोंं� काा प्रचाार करनेे सेे परहेेज नहींं� कर सकतेे थेे—ऐसेे
सि�द्धांं�त जि�न्हेंं प्रस्तुुत करनेे मेंं वेे अनि�च्छुु क थेे। उन्हेंं उत्सााहपूूर्ववक सच्चााई और उस खतरेे कीी घोोषणाा
करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा गयाा जोो मनुुष्य केे लि�ए खतराा थाा। जोो सन्देेश यहोोवाा नेे उन्हेंं दि�याा, उन्होंं�नेे उसेे
परि�णााम कीी परवााह कि�ए बि�नाा बेेधड़क अभि�व्यक्त कि�याा, और लोोग चेेताावनीी सुुननेे कोो वि�वश होो गए।
इस प्रकाार तीीसरेे स्वर्गगदूू त केे संं देेश कीी घोोषणाा कीी जााएगीी। जब इसेे सबसेे अधि�क साामर्थ्यय केे
सााथ देेनेे काा समय आएगाा, तोो प्रभुु वि�नम्र उपकरणोंं� केे मााध्यम सेे काार्यय करेेगाा, जोो उन लोोगोंं� केे मनोंं�
कीी अगुुवााई करेेगाा जोो उसकीी सेेवाा केे लि�ए खुुद कोो समर्पि�त करतेे हैंं। सेेवक सााहि�त्यि�क संं स्थाानोंं� केे
प्रशि�क्षण केे बजााय उसकीी आत्माा केे अभि�षेेक सेे योोग्य ठहरााए जााएंं गेे। वि�श्वाास रखनेे वाालेे और
प्राार्थथनाा करनेे वाालेे लोोग पवि�त्र उत्सााह केे सााथ परमेेश्वर द्वााराा दि�ए गए सन्देेश कीी घोोषणाा करनेे केे
लि�ए वि�वश होो जााएंं गेे। बेेबीीलोोन केे पााप खुुल जााएँँगेे। नाागरि�क प्रााधि�करण द्वााराा कलीीसि�याा कीी धाार्मि�क
क्रि�यााओंं कोो लाागूू करनेे केे भयाानक परि�णााम, अध्याात्मवााद काा अति�क्रमण, कैै थोोलि�क शक्ति� कीी चोोरीी-
छि�पेे लेेकि� हज़ाारोंं� न तेेज़ीी सेे प्रगति�-सब कुु छ बेेनकााब होो जााएगाा। इन गम्भीीर चेेताावनि�योंं� सेे लोोगोंं� मेंं
हलचल मच जााएगीी। हजाारोंं�-लााखोंं� लोोग सुुनेंंगेे जि�न्होंं�नेे इस तरह केे शब्द कभीी नहींं� सुुनेे हैंं। वि�स्मय
मेंं वेे गवााहीी सुुनतेे हैंं कि� बेेबीीलोोन कलीीसि�याा हैै, जि�सकाा उसकेे दोोषोंं� और पाापोंं� केे काारण पतन हुआ,
क्योंं�कि� उसनेे स्वर्गग सेे भेेजेे गए सत्य कोो अस्वीीकाार कर दि�याा। जब लोोग अपनेे भूूतपूूर्वव गुुरुओंं केे पाास
उत्सुुक पूूछतााछ केे सााथ जाातेे हैंं, क्याा येे बाातेंं ऐसीी हैंं? पाादरीी उनकेे डर कोो शांं�त करनेे और जाागृृत
वि�वेेक कोो शांं�त करनेे केे लि�ए दंंतकथााएंं पेेश करतेे हैंं, चि�कनीी-चुुपड़ीी बाातेंं करतेे हैंं। लेेकि�न चूंं�कि� बहुत
सेे लोोग मनुुष्य केे अधि�काार माात्र सेे संं तुुष् ट होोनेे सेे इनकाार करतेे हैंं और «यहोोवाा योंं� कहताा हैै» कीी एक
स्पष्ट मांं�ग करतेे हैंं, लोोकप्रि�य सेेवकााई, पुुराानेे फरीीसि�योंं� कीी तरह उनकेे अधि�काार पर सवााल उठााए
जाानेे केे काारण क्रोोधि�त होोकर, संं देेश कीी शैैताान कीी ओर सेे होोनेे केे रूप मेंं निं�दां ा करेेगीी और पााप-प्रेेमीी
भीीड़ कोो इसकाा ति�रस्काार करनेे और इसकाा प्रचाार करनेे वाालोंं� कोो सताानेे केे लि�ए उकसााएगीी।
अंतिम चेतावनी 427

जैैसे-े जैैसेे वि�वााद नए क्षेेत्रोंं� मेंं फैै लताा हैै और लोोगोंं� केे मन परमेेश्वर कीी रौंं�दीी हुई व्यवस्थाा कीी ओर
आकर्षि�त कि�ए जाातेे हैंं, शैैताान व्यााकुु ल होो जााताा हैै। संं देेश मेंं शाामि�ल होोनेे वाालीी शक्ति� उन लोोगोंं� कोो बेेहद
परेेशाान कर देेगीी जोो इसकाा वि�रोोध करतेे हैंं। पाादरीी वर्गग प्रकााश कोो दूू र रखनेे केे लि�ए लगभग अति�माानवीीय
प्रयाास करेेगाा, ऐसाा न होो कि� यह उनकेे झुंं�ड पर चमकेे । वेे उनकेे बस मेंं हर सााधन सेे इन महत्वपूूर्णण प्रश्नोंं�
कीी चर्चाा� कोो दबाानेे काा प्रयाास करेंंगे।े कलीीसि�याा नाागरि�क शक्ति� केे दृढ़ समर्थथन कीी गुुहाार करताा हैै, और,
इस कााम मेंं पोोप समर्थथक और प्रोोटेेस्टेंंट एकजुुट होो जाातेे हैंं। जैैसे-े जैैसेे रवि�वाार प्रवर्ततन केे लि�ए आंंदोोलन
अधि�क सााहसि�क और दृढ़ होोगाा, आज्ञाा पाालन करनेे वाालोंं� केे खि�लााफ काानूून लाागूू कि�याा जााएगाा। उन्हेंं
जुुर्माा�नेे और कााराावाास कीी धमकीी दीी जााएगीी, और कुु छ कोो उनकेे वि�श्वाास कोो त्याागनेे केे लि�ए प्रलोोभन केे
रूप मेंं प्रभाावशाालीी पदोंं�, और अन्य पुुरस्काारोंं� और लााभ कीी पेेशकश कीी जााएगीी। लेेकि�न उनकाा अटल
जवााब हैै: “परमेेश्वर केे वचन सेे हमेंं हमााराा दोोष दि�खाा” —वहीी दलीील जोो लूूथर नेे समाान परि�स्थि�ति�-
योंं� मेंं दीी थीी। जोो लोोग अदाालतोंं� केे साामनेे पेेश कि�ए जाातेे हैंं, वेे सच्चााई काा दृढ़ताापूूर्ववक समर्थथन करतेे हैंं,
और कुु छ जोो उन्हेंं सुुनतेे हैंं, वेे परमेेश्वर कीी सभीी आज्ञााओंं काा पाालन करनेे काा संं कल्प लेेतेे हैंं। इस प्रकाार
हज़ाारोंं� लोोगोंं� केे साामनेे प्रकााश लाायाा जााएगाा जोो अन्यथाा इन सच्चााइयोंं� केे बाारेे मेंं कुु छ नहींं� जाानतेे होंं�गेे।
परमेेश्वर केे वचन केे प्रति� कर्ततव्य नि�ष्ठ आज्ञााकाारि�ताा कोो वि�द्रोोह माानाा जााएगाा। शैैताान द्वााराा वि�वेे-
कशूून्य, मााताा-पि�ताा वि�श्वाास करनेे वाालेे बच्चेे केे प्रति� कठोोरताा और नि�ष्ठुु रताा काा प्रयोोग करेंंगेे; स्वाामीी
याा माालकि�न आज्ञाा पाालन करनेे वाालेे सेेवक पर अत्यााचाार करेंंगेे। स्नेेह वि�मुुख होो जााएगाा; बच्चोंं� कोो
बेेदखल कर घर सेे भगाा दि�याा जााएगाा। पौौलुुस केे शब्द अक्षरश पूूरेे होंं�गेे: «पर जि�तनेे मसीीह यीीशुु मेंं
भक्‍ति�ि� केे सााथ जीीवन बि�ताानाा चााहतेे हैंं वेे सब सतााए जााएँँगेे।» 2 तीीमुुथि�युसु 3:12। जब सत्य केे
रक्षक रवि�वाार-सब्त काा सम्माान करनेे सेे इनकाार करतेे हैंं, उनमेंं सेे कुु छ कोो जेेल मेंं डााल दि�याा जााएगाा,
कुु छ कोो नि�र्वाा�सि�त कर दि�याा जााएगाा, कुु छ केे सााथ दाासोंं� जैैसाा व्यवहाार कि�याा जााएगाा। माानवीीय ज्ञाान
कोो अब यह सब असंं भव लगताा हैै; लेेकि�न जब मनुुष्य परमेेश्वर कीी नि�रोोधक आत्माा सेे वंं चि�त होो
जााएगाा, और वह शैैताान केे नि�यंं त्रण मेंं होोगाा, तब जोो ईश्वरीीय उपदेेशोंं� सेे घृृणाा करताा हैै, वहाँँ� अजीीब
घटनााएँँ होंं�गीी। जब परमेेश्वर केे भय और प्रेेम कोो दूू र कर दि�याा जााताा हैै, हृदय बहुत क्रूूर होो सकताा हैै।
जैैसेे-जैैसेे तूूफ़ाान नि�कट आताा हैै, एक बड़ाा वर्गग जोो तीीसरेे दूू त केे संं देेश मेंं वि�श्वाास करताा हैै,
लेेकि�न सत्य कीी आज्ञााकाारि�ताा केे मााध्यम सेे पवि�त्र नहींं� कि�याा गयाा हैै, अपनेे पद कोो त्यााग देेताा हैै और
वि�पक्ष कीी श्रेेणीी मेंं शाामि�ल होो जााताा हैै। संं साार केे सााथ जुुड़कर और उसकेे स्वभााव केे समभाागीी होोकर,
वेे माामलोंं� कोो लगभग एक हीी रोोशनीी मेंं देेखनेे लगेे हैंं; और जब परीीक्षण लाायाा जााताा हैै, तोो वेे आसाान,
लोोकप्रि�य पक्ष चुुननेे केे लि�ए तैैयाार होोतेे हैंं। प्रति�भाावाान और मनभाावन आचरण वाालेे व्यक्ति�, जोो कभीी
सच्चााई मेंं आनन्दि�त होोतेे थेे, अपनीी क्षमताा काा उपयोोग लोोगोंं� कोो धोोखाा देेनेे और गुुमरााह करनेे केे
लि�ए करतेे हैंं। वेे अपनेे पहलेे वाालेे भााइयोंं� केे सबसेे कटुु दुश्म ु न बन जाातेे हैंं। जब सब्त केे पाालन करनेे
वाालोंं� कोो उनकेे वि�श्वाास केे लि�ए जवााब देेनेे केे लि�ए अदाालतोंं� केे साामनेे लाायाा जााताा हैै, तोो येे धर्ममत्याागीी
शाासकोंं� कोो उनकेे खि�लााफ भड़काानेे केे लि�ए झूठीू ी रि�पोोर्टट और आक्षेेप द्वााराा शैैताान केे सबसेे कुु शल
काारिं�ंदेे होोतेे हैंं जोो उन्हेंं गलत तरीीकेे सेे पेेश करतेे हैंं और उन पर आरोोप लगाातेे हैंं।
अत्यााचाार केे इस समय मेंं प्रभुु केे सेेवकोंं� केे वि�श्वाास कीी परीीक्षाा होोगीी। उन्होंं�नेे केे वल परमेेश्वर
और उसकेे वचन कोो देेखतेे हुए, नि�ष्ठाापूूर्ववक चेेताावनीी दीी हैै। परमेेश्वर कीी आत्माा नेे, उनकेे हृदयोंं� पर
428 महाान वि�वााद

चलतेे हुए, उन्हेंं बोोलनेे केे लि�ए वि�वश कि�याा हैै। पवि�त्र उत्सााह सेे प्रेेरि�त होोकर, और उन पर प्रबल
ईश्वरीीय आवेेग केे सााथ, उन्होंं�नेे लोोगोंं� कोो उस वचन कोो, जोो प्रभुु नेे उन्हेंं दि�याा थाा, सुुनाानेे केे परि�णाामोंं�
कोो ठंं डेे दि�मााग सेे नि�र्धाा�रि�त कि�ए बि�नाा अपनेे कर्ततव्योंं� काा पाालन करनाा शुुरू कर दि�याा। उन्होंं�नेे अपनेे
लौौकि�क हि�तोंं� कीी सलााह नहींं� लीी हैै, न हीी अपनीी प्रति�ष्ठाा याा अपनेे जीीवन कोो बनााए रखनेे कीी कोोशि�श
कीी हैै। फि�र भीी जब वि�रोोध और नि�न्दाा कीी आंंधीी उन पर अचाानक आतीी हैै, तोो कुु छ, घबरााहट सेे
अभि�भूूत होोकर, यह कहनेे केे लि�ए तैैयाार होंं�गेे: “यदि� हमनेे अपनेे शब्दोंं� केे परि�णााम कोो पहलेे सेे भाँँ�प
लि�याा होोताा, तोो हम चुुप रहतेे।” वेे मुुश्कि�लोंं� सेे घि�र जाातेे हैंं। शैैताान उन पर भयंं कर प्रलोोभनोंं� सेे हमलाा
करताा हैै। जि�स काार्यय कोो करनेे काा उन्होंं�नेे बीीड़ाा उठाायाा हैै उसेे पूूराा करनाा उनकीी क्षमताा सेे कहींं� अधि�क
लगताा हैै। उन्हेंं वि�नााश कीी धमकीी दीी जाातीी हैै। उत्सााह जोो उन्हेंं अनुुप्रााणि�त करताा थाा वह ठंं डाा पड़
जााताा हैै; तौौभीी वेे पीीछेे नहींं� हट सकतेे। फि�र, अपनीी अत्यधि�क लााचाारीी कोो महसूूस करतेे हुए, वेे शक्ति�
केे लि�ए उस सर्ववशक्ति�माान केे पाास आतेे हैंं। उन्हेंं यााद आताा हैै कि� जोो बाातेंं उन्होंं�नेे कहीी हैंं, वेे उनकीी
नहींं� थींं�, बल्कि� उसकेे कहनेे वाालोंं� नेे उन्हेंं चेेताावनीी दीी थीी। परमेेश्वर नेे उनकेे हृदयोंं� मेंं सत्य डाालाा, और
वेे इसकीी घोोषणाा करनाा सहन न कर सकेे ।
पि�छलेे युुगोंं� मेंं परमेेश्वर केे लोोगोंं� द्वााराा समाान परीीक्षणोंं� काा अनुुभव कि�याा गयाा हैै। वााइक्लि�फ,
हस, लूूथर, टिं�डें ेल, बैैक्सटर, वेेस्लेे नेे आग्रह कि�याा कि� सभीी सि�द्धांं�तोंं� कोो बााइबि�ल केे आधाार पर परखाा
जााए और घोोषि�त कि�याा कि� वेे हर उस चीीज काा त्यााग करेंंगेे जि�सकीी वह निं�दां ा करताा हैै। इन व्यक्ति�योंं�
पर अथक रोोष केे सााथ अत्यााचाार कि�याा गयाा; तौौभीी उन्होंं�नेे सत्य बताानाा न छोोड़ाा। कलीीसि�याा केे इति�हाास
मेंं अलग-अलग अवधि�योंं� मेंं सेे प्रत्येेक कोो कुु छ वि�शेेष सत्य केे वि�काास द्वााराा चि�ह्नि�ित कि�याा गयाा हैै,
जोो उस समय परमेेश्वर केे लोोगोंं� कीी आवश्यकतााओंं केे अनुुकूूल थाा। प्रत्येेक नए सत्य नेे घृृणाा और
वि�रोोध केे वि�रुद्ध अपनाा राास्ताा बनाा लि�याा हैै; जोो इसकेे प्रकााश सेे धन्य थेे, वेे परीीक्षाा मेंं पड़ेे और परखेे
गए। संं कट मेंं लोोगोंं� केे लि�ए यहोोवाा एक वि�शेेष सत्य देेताा हैै। कौौन इसेे प्रकााशि�त करनेे सेे इंं काार करनेे
कीी हि�म्मत करताा हैै? वह अपनेे सेेवकोंं� कोो आदेेश देेताा हैै कि� जगत कोो दयाा काा अंंति�म नि�मंं त्रण पेेश
करेंं। वेे अपनीी आत्माा कोो जोोखि�म मेंं डाालेे बि�नाा चुुप नहींं� रह सकतेे। मसीीह केे दूू तोंं� कोो परि�णाामोंं� सेे कोोई
लेेनाा-देेनाा नहींं� हैै। उन्हेंं अपनाा कर्ततव्य नि�भाानाा चााहि�ए और परि�णााम परमेेश्वर पर छोोड़ देेनाा चााहि�ए।
जैैसेे-जैैसेे वि�रोोध एक भयंं कर ऊँँचााई तक पहुँँचताा हैै, परमेेश्वर केे सेेवक फि�र सेे हैैराान होो जाातेे
हैंं; क्योंं�कि� उन्हेंं लगताा हैै कि� वेे संं कट लााए हैंं। परन्तुु वि�वेेक और परमेेश्वर काा वचन उन्हेंं वि�श्वाास
दि�लााताा हैै कि� उनकाा माार्गग सहीी हैै; और यद्यपि� परीीक्षााएँँ ज़ाारीी रहतीी हैंं, तौौभीी उन्हेंं सहनेे कीी शक्ति�
मि�लतीी हैै। मुुकााबलाा करीीब और तेेज़ होोताा जााताा हैै, लेेकि�न संं कटकााल केे सााथ उनकाा वि�श्वाास और
सााहस बढ़ जााताा हैै। उनकीी गवााहीी हैै: “हम परमेेश्वर कीी पवि�त्र व्यवस्थाा कोो वि�भााजि�त कर उसकेे
वचन सेे छेे ड़छााड़ करनेे काा सााहस नहींं� करेंं; दुनि�या ु ा काा पक्ष लेेनेे केे लि�ए एक हि�स्सेे कोो ज़रूरीी और
दूू सरेे कोो गैैर ज़रूरीी बताातेे हुए। जि�स प्रभुु कीी हम सेेवाा करतेे हैंं वह हमेंं छुु ड़ाानेे मेंं समर्थथ हैै। मसीीह नेे
पृृथ्वीी कीी शक्ति�योंं� पर वि�जय प्रााप्त कर लीी हैै; और क्याा हम उस संं साार सेे भयभीीत होंं� जि�सेे पहलेे हीी
जीीत लि�याा गयाा हैै?”
अपनेे वि�भि�न्न रूपोंं� मेंं उत्पीीड़न एक ऐसेे सि�द्धांं�त काा वि�काास हैै जोो तब तक अस्ति�त्व मेंं रहेेगाा जब
तक कि� शैैताान मौौजूूद हैै और मसीीहीी धर्मम मेंं जीीवि�त शक्ति� हैै। कोोई भीी मनुुष्य अपनेे वि�रुद्ध अंंधकाार
अंतिम चेतावनी 429

कीी सेेनााओंं काा वि�रोोध कि�ए बि�नाा परमेेश्वर कीी सेेवाा नहींं� कर सकताा। चिं�ति�त ं होोकर कि� उसकाा प्रभााव
उनकेे हााथोंं� सेे शि�काार लेे रहाा हैै, दुष्ु ट स्वर्गगदूू त उस पर आक्रमण करेंंगेे। उसकेे उदााहरण सेे धि�क्काारेे
हुए दुष्ु ट मनुुष्य प्रलोोभनोंं� केे द्वााराा उसेे परमेेश्वर सेे अलग करनेे कीी कोोशि�श मेंं उनकेे सााथ एकजुुट
होो जााएँँगेे। जब येे सफल नहींं� होोतेे हैंं तोो अंंतःःकरण कोो बााध्य करनेे केे लि�ए एक सम्मोोहक शक्ति� काा
प्रयोोग कि�याा जााताा हैै।
लेेकि�न जब तक यीीशुु स्वर्गग मेंं पवि�त्र स्थाान मेंं मनुुष्य काा मध्यस्थ बनाा रहताा हैै, तब तक पवि�त्र
आत्माा काा अवरोोधक प्रभााव शाासकोंं� और लोोगोंं� द्वााराा महसूूस कि�याा जााताा हैै। यह अभीी भीी कुु छ हद
तक देेश केे काानूून कोो नि�यंं त्रि�त करताा हैै। यदि� येे काानूून न होोतेे तोो संं साार कीी स्थि�ति� आज सेे कहींं�
अधि�क खरााब होोतीी। जबकि� हमाारेे कई शाासक शैैताान केे सक्रि�य काारिं�ंदेे हैंं, रााष्ट्रर केे श्रेेष् ठ व्यक्ति�योंं� केे
बीीच परमेेश्वर केे भीी काारिं�ंदेे हैंं। शत्रुु अपनेे सेेवकोंं� कोो उन उपाायोंं� काा प्रस्तााव करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त करताा
हैै जोो परमेेश्वर केे काार्यय कोो अत्यधि�क बााधि�त करेंंगेे; लेेकि�न ऐसेे रााजनेेताा जोो प्रभुु काा भय माानतेे हैंं,
पवि�त्र स्वर्गगदूू तोंं� सेे प्रभाावि�त होोकर ऐसेे प्रस्ताावोंं� काा अचूूक तर्कोंं केे सााथ वि�रोोध करतेे हैंं। इस प्रकाार
कुु छ लोोग बुुरााई कीी एक तेेज़ धााराा कोो रोोक कर रखेंंगेे। सत्य केे शत्रुुओं ं काा वि�रोोध संं यमि�त रहेेगाा तााकि�
तीीसरेे स्वर्गगदूू त काा संं देेश अपनाा कााम कर सकेे । जब अंंति�म चेेताावनीी दीी जााएगीी, तोो यह उन प्रमुुख
लोोगोंं� काा ध्याान हटाा देेगीी जि�नकेे द्वााराा अब प्रभुु काार्यय कर रहाा हैै, और उनमेंं सेे कुु छ इसेे स्वीीकाार करेंंगेे,
और संं कट केे समय मेंं परमेेश्वर केे लोोगोंं� केे सााथ खड़ेे रहेंंगेे।
स्वर्गगदूू त जोो तीीसरेे स्वर्गगदूू त केे संं देेश कीी घोोषणाा मेंं एकजुुट होोताा हैै, वह अपनीी महि�माा सेे पूूरीी
पृृथ्वीी कोो रोोशन करेेगाा। वि�श्वव्याापीी वि�स्ताार और अवांं�छि�त शक्ति� केे काार्यय कीी यहाँँ� भवि�ष्यवााणीी कीी गई
हैै। 1840-44 काा आगमन आंंदोोलन परमेेश्वर कीी शक्ति� काा एक शाानदाार प्रदर्शशन थाा; पहलेे स्वर्गगदूू त
काा संं देेश दुनि�या ु ा केे हर मि�शनरीी स्टेेशन तक पहुँँचाायाा गयाा थाा, और कुु छ देेशोंं� मेंं सबसेे बड़ीी धाार्मि�क
रुचि� थीी जोो सोोलहवींं� शतााब्दीी केे सुुधाार केे बााद सेे कि�सीी भीी देेश मेंं देेखीी गई हैै; लेेकि�न तीीसरेे स्वर्गगदूू त
कीी अंंति�म चेेताावनीी केे तहत शक्ति�शाालीी आंंदोोलन द्वााराा इन्हेंं पाार कि�याा जाानाा हैै।
यह काार्यय पि�न्तेेकुुस्त केे दि�न केे समाान होोगाा। जैैसेे कि� सुुसमााचाार केे उद्घा् ाटन पर पवि�त्र आत्माा
केे उंं डेेलेे जाानेे मेंं, अनमोोल बीीज केे अंंकुुरण काा काारण बननेे केे लि�ए, «पहलीी वर्षाा�» दीी गई थीी, वैैसेे
हीी उसकेे समााप्त होोनेे केे समय फ़सल केे पकनेे केे लि�ए «अगलीी वर्षाा�» दीी जााएगीी। «आओ, हम ज्ञाान
ढूँँ� ढ़ेंं, वरन्् यहोोवाा काा ज्ञाान प्रााप्त करनेे केे लि�येे यत्न भीी करेंं; क्योंं�कि� यहोोवाा काा प्रगट होोनाा भोोर काा साा
नि�श्‍चि�ि�त हैै; वह वर्षाा� केे समाान हमाारेे ऊपर आएगाा, वरन्् बरसाात केे अन्त कीी वर्षाा� केे समाान जि�स सेे
भूूमि� सिं�चती ं ी हैै।” होोशेे 6:3। “हेे सि�य्योोन केे लोोगोंं�, तुुम अपनेे परमेेश्वर यहोोवाा केे काारण मगन होो,
और आनन्द करोो; क्योंं�कि� तुुम्हाारेे लि�येे वह वर्षाा�, अर्थाा�त्् बरसाात कीी पहलीी वर्षाा� बहुताायत सेे देेगाा; और
पहलेे केे समाान अगलीी और पि�छलीी वर्षाा� कोो भीी बरसााएगाा। « योोएल 2:23। «परमेेश्वर कहताा हैै,
कि� अन्त केे दि�नोंं� मेंं ऐसाा होोगाा कि� मैंं अपनाा आत्माा सब मनुुष्योंं� पर उँँडेेलूँँ�गाा।» «और जोो कोोई प्रभुु काा
नााम लेेगाा, वह उद्धाार पााएगाा।» प्रेेरि�तोंं� केे कााम 2:17,21।
सुुसमााचाार काा महाान काार्यय परमेेश्वर कीी साामर्थ्यय केे उसीी प्रकटीीकरण केे सााथ समााप्त होोगाा जि�सनेे
इसकेे उद्घा् ाटन कोो चि�न्हि�त कि�याा थाा। वेे भवि�ष्यद्वााणि�याँँ� जोो पहलीी वर्षाा� केे उँँडेेलेे जाानेे पर सुुसमााचाार
केे आरंंभ मेंं पूूरीी हुई थींं�, वेे फि�र सेे उसकेे समााप्त होोनेे केे समय अगलीी वर्षाा� मेंं पूूरीी होंं�गीी। यहाँँ�
430 महाान वि�वााद

“वि�श्राान्ति� केे दि�न” हैंं जि�सकीी प्रेेरि�त पतरस प्रतीीक्षाा कर रहाा थाा जब उसनेे कहाा: «इसलि�येे, मन
फि�रााओ और लौौट आओ कि� तुुम्हाारेे पााप मि�टााए जााएँँ, जि�ससेे प्रभुु केे सम्मुुख सेे वि�श्राान्ति� केे दि�न
आएँँ, और वह यीीशुु कोो भेेजेे जोो तुुम्हाारेे लि�येे पहलेे हीी सेे मसीीह ठहराायाा गयाा हैै।» प्रेेरि�तोंं� 3:19,20।
परमेेश्वर केे दाास, पवि�त्र अभि�षेेक सेे आलोोकि�त और कांं�ति�माान चेेहरोंं� केे सााथ स्वर्गग सेे संं देेश
कीी घोोषणाा करनेे केे लि�ए जगह-जगह दौौड़ेंंगेे। हज़ाारोंं� आवााज़ोंं� केे द्वााराा, साारीी पृृथ्वीी पर, चेेताावनीी दीी
जााएगीी। चमत्काार कि�ए जााएंं गेे, बीीमाार चंं गेे होो जााएंं गेे, और चि�न्ह और चमत्काार वि�श्वाासि�योंं� केे सााथ
होंं�गेे। शैैताान बड़ेे–बड़ेे चि�ह्न दि�खााकर भीी कााम करताा हैै, यहाँँ� तक कि� मनुुष्योंं� केे साामनेे स्वर्गग सेे पृृथ्वीी
पर आग बरसाा देेताा हैै। प्रकााशि�तवााक्य 13:13। इस प्रकाार पृृथ्वीी केे नि�वाासि�योंं� कोो नि�र्णणय लेेनेे केे
लि�ए मजबूूर कि�याा जााएगाा।
संं देेश तर्कक सेे इतनाा अधि�क नहींं� पहुँँचाायाा जााएगाा जि�तनाा कि� परमेेश्वर केे आत्माा द्वााराा गहरेे
वि�श्वाास सेे। तर्कक प्रस्तुुत कर दि�ए गए हैंं। बीीज बोोयाा गयाा हैै, और अब वह उगेेगाा और फल लााएगाा।
मि�शनरीी काार्ययकर्ताा�ओं ं द्वााराा वि�तरि�त प्रकााशनोंं� नेे अपनाा प्रभााव डाालाा हैै, फि�र भीी जि�न लोोगोंं� केे मन
प्रभाावि�त हुए थेे, उन्हेंं सत्य कोो पूूरीी तरह सेे समझनेे याा आज्ञाापाालन करनेे सेे रोोकाा गयाा हैै। अब प्रकााश
कीी कि�रणेंं हर जगह प्रवेेश करतीी हैंं, सत्य अपनीी स्पष्टताा मेंं दि�खााई देेताा हैै, और परमेेश्वर केे ईमाानदाार
बच्चेे उन बंं धनोंं� कोो तोोड़ देेतेे हैंं जि�न्होंं�नेे उन्हेंं जकड़ रखाा हैै। पाारि�वाारि�क संं बंं ध, कलीीसि�याा केे संं बंं ध,
अब उन्हेंं रोोक पाानेे मेंं असमर्थथ हैंं। सत्य इसकेे अलाावाा सभीी सेे अधि�क कीीमतीी हैै। सत्य केे खि�लााफ
एजेंंसि�योंं� केे संं युुक्त होोनेे केे बाावजूूद , बड़ीी संं ख्याा मेंं लोोग परमेेश्वर केे पक्ष मेंं अपनाा नि�र्णणय लेेतेे हैंं।
39

संं कट काा समय

“उ सीी समय मीीकााएल नाामक बड़ाा प्रधाान, जोो तेेरेे जााति�-भााइयोंं� काा पक्ष करनेे कोो खड़ाा रहताा हैै,
वह उठेे गाा। तब ऐसेे संं कट काा समय होोगाा, जैैसाा कि�सीी जााति� केे उत्पन्न होोनेे केे समय सेे लेेकर
अब तक कभीी न हुआ, न होोगाा; परन्तुु उस समय तेेरेे लोोगोंं� मेंं सेे जि�तनोंं� केे नााम परमेेश्वर कीी पुुस्तक
मेंं लि�खेे हुए हैंं, वेे बच नि�कलेंंगेे। « दाानि�य्येेल 12:1।
जब तीीसरेे स्वर्गगदूू त काा संं देेश समााप्त होो जााताा हैै, तोो दयाा पृृथ्वीी केे दोोषीी नि�वाासि�योंं� केे लि�ए कीी
यााचनाा करनाा बंं द कर देेतीी हैै। परमेेश्वर केे लोोगोंं� नेे अपनाा कााम पूूराा कर लि�याा हैै। उन्होंं�नेे “अगलीी
वर्षाा�,” “प्रभुु केे सम्मुुख सेे वि�श्रााम” प्रााप्त कि�याा हैै, और वेे उनकेे साामनेे आनेे वाालीी परीीक्षाा कीी घड़ीी
केे लि�ए तैैयाार हैंं। स्वर्गग मेंं स्वर्गगदूू त फुु र्तीी सेे आ जाा रहेे हैंं। पृृथ्वीी सेे लौौटनेे वाालाा एक दूू त घोोषणाा करताा
हैै कि� उसकाा कााम पूूराा होो गयाा हैै; अंंति�म परीीक्षाा दुनि�या ु ा पर लााई गई हैै, और सभीी जि�न्होंं�नेे खुुद कोो
ईश्वरीीय उपदेेशोंं� केे प्रति� वफाादाार सााबि�त कि�याा हैै, उन्होंं�नेे «जीीवि�त परमेेश्वर कीी मुुहर» प्रााप्त कीी हैै।
तब यीीशुु ऊपर केे पवि�त्रस्थाान मेंं अपनीी मध्यस्थताा बन्द करताा हैै। वह अपनेे हााथोंं� कोो ऊपर उठााताा हैै
और ऊँँचेे स्वर मेंं कहताा हैै, “होो गयाा;” और जब वह गम्भीीर घोोषणाा करताा हैै, «जोो अन्यााय करताा हैै,
वह अन्यााय हीी करताा रहेे; और जोो मलि�न हैै, वह मलि�न बनाा रहेे; और जोो धर्मीी हैै, वह धर्मीी बनाा रहेे;
और जोो पवि�त्र हैै; वह पवि�त्र बनाा रहेे» तोो साारीी स्वर्गगदूू तोंं� कीी सेेनाा अपनेे मुुकुुट उताार देेतीी हैै।» प्रकाा-
शि�तवााक्य 22:11। जीीवन याा मृृत्युु केे लि�ए हर माामलेे काा फैै सलाा कि�याा गयाा हैै। मसीीह नेे अपनेे लोोगोंं�
केे लि�ए प्राायश्चि�ित कि�याा और उनकेे पाापोंं� कोो मि�टाा दि�याा। उसकीी प्रजाा कीी संं ख्याा नि�श्चि�ित कर दीी गई
हैै; «रााज्य और प्रभुुताा और धरतीी पर केे रााज्य कीी महि�माा,» उद्धाार केे वाारि�सोंं� कोो दीी जाानेे वाालीी हैै,
और यीीशुु रााजााओंं केे रााजाा और प्रभुुओं ं केे प्रभुु केे रूप मेंं रााज्य करेेगाा।
जब वह पवि�त्रस्थाान छोोड़ देेताा हैै, तोो पृृथ्वीी केे रहनेेवाालोंं� पर अन्धकाार छाा जााताा हैै। उस भयाानक
समय मेंं धर्मि�योंं� कोो बि�नाा कि�सीी मध्यस्थ केे पवि�त्र परमेेश्वर कीी दृष्टि�ि मेंं रहनाा होोगाा। दुष्ु टोंं� पर जोो नि�य-
न्त्रण रहाा थाा, उसेे हटाा दि�याा गयाा हैै, और अंंत मेंं पश्चाातााप करनेेवाालेे पर शैैताान काा पूूराा नि�यन्त्रण हैै।
परमेेश्वर कीी सहनशीीलताा समााप्त होो गई हैै। संं साार नेे उसकीी दयाा कोो ठुु कराायाा हैै, उसकेे प्रेेम कोो तुुच्छ
432 महाान वि�वााद

जाानाा हैै, और उसकीी व्यवस्थाा कोो कुु चलाा हैै। दुष्ु टोंं� नेे अपनीी परि�वीीक्षाा कीी सीीमाा पाार कर लीी हैै; परमेे-
श्वर काा आत्माा, जि�सकाा लगााताार वि�रोोध कि�याा, अंंत मेंं वाापस लेे लि�याा गयाा हैै। ईश्‍‍वरीीय अनुुग्रह सेे
अरक्षि�त, उनकेे पाास दुष्ु ट केे वि�रुद्ध कोोई सुुरक्षाा नहींं� हैै। तब शैैताान पृृथ्वीी केे नि�वाासि�योंं� कोो एक बड़ीी,
अन्ति�म वि�पत्ति� मेंं डााल देेगाा। जैैसेे हीी परमेेश्वर केे दूू त माानव जुुनूून कीी प्रचंं ड हवााओंं कोो रोोकेे रखनाा
बंं द कर देंंगेे, संं घर्षष केे सभीी तत्वोंं� कोो मुुक्त कर दि�याा जााएगाा। सााराा संं साार उस वि�नााश सेे भीी भयाानक
वि�नााश मेंं शाामि�ल होोगाा जोो पुुराानेे यरूशलेेम पर आयाा थाा।
एक अकेे लेे स्वर्गगदूू त नेे मि�स्रि�योंं� केे सभीी पहि�लौौठोंं� कोो नष्ट कर दि�याा और देेश कोो शोोक सेे भर
दि�याा। जब दााऊद नेे लोोगोंं� कीी गि�नतीी करकेे परमेेश्वर केे वि�रुद्ध अपरााध कि�याा, तब एक स्वर्गगदूू त नेे
भयाानक वि�नााश उत्पन्न कि�याा जि�सकेे द्वााराा उसकेे पााप कोो दंंडि�त कि�याा गयाा। परमेेश्वर केे आदेेश पर
पवि�त्र स्वर्गगदूू तोंं� द्वााराा उपयोोग कीी जाानेे वाालीी वहीी वि�नााशकाारीी शक्ति� उसकेे अनुुमति� देेनेे पर दुष्ु ट स्व-
र्गगदूू तोंं� द्वााराा प्रयोोग कीी जााएगीी। ऐसीी तााकतेंं हैंं जोो अब तैैयाार हैंं, और हर जगह तबााहीी फैै लाानेे केे लि�ए
केे वल ईश्वरीीय अनुुमति� कीी प्रतीीक्षाा कर रहीी हैंं।
जोो लोोग परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा काा सम्माान करतेे हैंं, उन पर दुनि�या ु ा पर न्यााय लाानेे काा आरोोप
लगाायाा गयाा हैै, और उन्हेंं प्रकृृ ति� केे भयाानक झटकेे और मनुुष्योंं� केे बीीच संं घर्षष और रक्तपाात काा काारण
माानाा जााएगाा जोो पृृथ्वीी कोो शोोक सेे भर रहेे हैंं। अंंति�म चेेताावनीी देेनेे वाालीी शक्ति� नेे दुष्ु टोंं� कोो क्रोोधि�त
कि�याा हैै; उनकाा क्रोोध उन सब पर भड़काा हुआ हैै, जि�न्होंं�नेे सन्देेश प्रााप्त कि�याा हैै, और शैैताान घृृणाा
और अत्यााचाार कीी आत्माा कोो और भीी अधि�क तीीव्रताा सेे भड़कााएगाा।
जब अंंततःः यहूदीी रााष्ट्रर सेे परमेेश्वर कीी उपस्थि�ति� वाापस लेे लीी गई, यााजक और लोोग इसेे नहींं�
जाानतेे थेे। हाालांं�कि� वेे शैैताान केे नि�यंं त्रण मेंं थेे, और सबसेे भयाानक और घाातक जुुनूून सेे प्रभाावि�त थेे,
फि�र भीी वेे खुुद कोो परमेेश्वर काा चुुनाा हुआ माानतेे थेे। मन्दि�र मेंं सेेवकााई चलतीी रहीी; इसकीी प्रदूू षि�त
वेेदि�योंं� पर बलि�दाान चढ़ााए जाातेे थेे, और परमेेश्वर केे प्रि�य पुुत्र केे लहू केे दोोषीी और उसकेे यााजकोंं� और
प्रेेरि�तोंं� कोो माारनेे कीी कोोशि�श करनेे वाालेे लोोगोंं� पर दैैनि�क रूप सेे ईश्वरीीय आशीीर्वाा�द काा आह्वाान कि�याा
जााताा थाा। इसलि�ए जब पवि�त्रस्थाान काा अटल नि�र्णणय घोोषि�त कि�याा गयाा हैै और दुनि�या ु ा कीी नि�यति�
हमेेशाा केे लि�ए तय कीी गई हैै, तोो पृृथ्वीी केे नि�वाासीी इसेे नहींं� जाान पााएंं गेे। धर्मम केे रूपोंं� कोो उन लोोगोंं�
द्वााराा जाारीी रखाा जााएगाा जि�नसेे परमेेश्वर कीी आत्माा अंंततःः वाापस लेे लीी गई हैै; और वह शैैताानीी जोोश
जि�सकेे सााथ संं साार काा सरदाार उन्हेंं अपनेे घाातक इराादोंं� कीी सि�द्धि� केे लि�ए प्रेेरि�त करेेगाा, परमेेश्वर केे
लि�ए उत्सााह कीी झलक देेगाा।
जैैसाा कि� सब्त पूूरेे मसीीहीी जगत मेंं वि�वााद काा वि�शेेष मुुद्दाा बन गयाा हैै, और धाार्मि�क और धर्ममनि�-
रपेेक्ष अधि�काारीी रवि�वाार केे पाालन कोो लाागूू करनेे केे लि�ए एक होो गए हैंं, लोोकप्रि�य मांं�ग कोो मााननेे केे
लि�ए एक छोोटेे सेे अल्पसंं ख्यक काा लगााताार इनकाार उन्हेंं साार्ववभौौमि�क घृृणाा काा पाात्र बनाा देेगाा। यह
आग्रह कि�याा जााएगाा कि� कुु छ लोोग जोो कलीीसि�याा कीी एक संं स्थाा और रााज्य केे एक काानूून केे वि�रोोध
मेंं खड़ेे होोतेे हैंं, उन्हेंं बर्दाा�श्त नहींं� कि�याा जााए; कि� साारीी जााति�योंं� केे भ्रम और अधर्मम मेंं झोंं�क दि�ए जाानेे
सेे, उन काा दुख ु उठाानाा भलाा हैै। यहीी तर्कक कई शतााब्दि�योंं� पहलेे «लोोगोंं� केे सरदाारोंं�» द्वााराा मसीीह केे
वि�रुद्ध लाायाा गयाा थाा। चतुुर कैै फाा नेे कहाा, “हमाारेे लोोगोंं� केे लि�येे एक मनुुष्य मरेे, और साारीी जााति� नष्ट
न होो।” यूूहन्नाा 11:50। यह तर्कक नि�र्णाा�यक प्रतीीत होोगाा; और आखि�रकाार चौौथीी आज्ञाा केे सब्त कोो
संकट का समय 433

पवि�त्र मााननेे वाालेे लोोगोंं� केे खि�लााफ एक फरमाान ज़ाारीी कि�याा जााएगाा, जोो उन्हेंं कड़ीी सेे कड़ीी सज़ाा केे
योोग्य घोोषि�त करेेगाा और एक नि�श्चि�ित समय केे बााद लोोगोंं� कोो उन्हेंं मौौत केे घााट उताारनेे कीी स्वतंं त्रताा
देेगाा। पुुराानीी दुनि�या
ु ा मेंं रोोमनवााद और नई दुनि�या ु ा मेंं धर्ममत्याागीी प्रोोटेेस्टेंंटवााद उन लोोगोंं� केे प्रति� एक
समाान माार्गग अपनााएगाा जोो सभीी ईश्वरीीय उपदेेशोंं� काा सम्माान करतेे हैंं।
तब परमेेश्वर केे लोोग संं कट और क्लेेश केे उन दृश्योंं� मेंं डूू ब जााएंं गेे जि�नकाा वर्णणन भवि�ष्यद्वक्ताा नेे
यााकूू ब केे संं कट केे समय केे रूप मेंं कि�याा हैै। «यहोोवाा योंं� कहताा हैै: थरथराा देेनेेवाालाा शब्द सुुनााई देे रहाा
हैै, शाान्ति� नहींं�, भय हीी काा हैै। सब केे मुुख पीीलेे पड़ गए हैंं। हााय, हााय, वह दि�न क्याा हीी भाारीी होोगाा!
उसकेे समाान और कोोई दि�न नहींं�; वह यााकूू ब केे संं कट काा समय होोगाा; परन्तुु वह उस सेे भीी छुु ड़ाायाा
जााएगाा। « यि�र्ममयााह 30:5-7।
यााकूू ब कीी पीीड़ाा कीी राात, जब उसनेे एसााव केे हााथ सेे छुु टकाारेे केे लि�ए प्राार्थथनाा मेंं मल्लयुुद्ध कि�याा
(उत्पत्ति� 32:24-30), संं कट केे समय मेंं परमेेश्वर केे लोोगोंं� केे अनुुभव काा प्रतीीक हैै। एसााव केे लि�ए
अपनेे पि�ताा काा आशीीर्वाा�द प्रााप्त करनेे केे लि�ए कि�ए गए धोोखेे केे काारण, यााकूू ब अपनेे भााई कीी घाातक
धमकि�योंं� सेे भयभीीत होोकर अपनेे प्रााण बचाानेे केे लि�ए भााग गयाा थाा। कई वर्षोंं तक नि�र्वाा�सन मेंं रहनेे
केे बााद, वह परमेेश्वर कीी आज्ञाा पर, अपनीी पत्नि��योंं� और बच्चोंं�, अपनेे भेेड़-बकरि�योंं� और गााय-बैैलोंं�
केे सााथ अपनेे मूूल देेश लौौटनेे केे लि�ए नि�कल पड़ाा थाा। भूूमि� कीी सीीमााओंं पर पहुंंचनेे पर, योोद्धााओंं
केे एक दल केे नेेतृत्व ृ मेंं एसााव केे आनेे कीी खबर सेे वह आतंं क सेे भर गयाा, नि�स्संंदेेह कि� वह बदलाा
लेेनेे पर आमाादाा थाा। यााकूू ब कीी टोोलीी, नि�हत्थाा और नि�स्सहााय, हिं�सां ा और वध केे असहााय शि�काार
होोकर गि�रनेे केे कगाार पर प्रतीीत होो रहीी थीी। और चिं�तां ा और भय केे बोोझ मेंं आत्म-निं�दां ा काा कुु चलनेे
वाालाा भाार जुुड़ गयाा थाा, क्योंं�कि� यह उसकाा अपनाा पााप थाा जोो इस खतरेे कोो लेेकर आयाा थाा। उसकीी
एकमाात्र आशाा परमेेश्वर कीी दयाा मेंं थीी; उसकाा एकमाात्र बचााव प्राार्थथनाा होोनाा चााहि�ए। फि�र भीी वह
अपनेे भााई केे प्रति� नााइंं सााफ़ीी काा प्राायश्चि�ित करनेे और खतरेे कोो टाालनेे केे लि�ए अपनीी ओर सेे कुु छ भीी
अधूूराा नहींं� छोोड़ताा हैै। उसीी तरह सेे मसीीह केे अनुुयाायि�योंं� कोो, जैैसेे-जैैसेे वेे संं कट केे समय केे नि�कट
आतेे हैंं, लोोगोंं� केे साामनेे खुुद कोो उचि�त प्रकााश मेंं रखनेे केे लि�ए, पूूर्वाा�ग्रह कोो दूू र करनेे केे लि�ए, और
अंंतराात्माा कीी स्वतंं त्रताा कोो खतरेे मेंं डाालनेे वाालेे खतरेे कोो दूू र करनेे केे लि�ए हर प्रयाास करनाा चााहि�ए।
अपनेे परि�वाार कोो वि�दाा करनेे केे बााद, तााकि� वेे उसकेे संं कट कोो न देेखेंं, यााकूू ब परमेेश्वर सेे वि�नतीी
करनेे केे लि�ए अकेे लाा रहताा हैै। वह अपनेे पााप कोो स्वीीकाार करताा हैै और उसकेे प्रति� परमेेश्वर कीी
दयाा कोो कृृ तज्ञताापूूर्ववक स्वीीकाार करताा हैै और सााथ-सााथ बड़ीी दीीनताा केे सााथ वह अपनेे पूूर्ववजोंं� केे सााथ
कीी गई वााचाा और बेेथेल े मेंं और अपनेे नि�र्वाा�सन कीी भूूमि� मेंं खुुद सेे कि�ए गए वाादोंं� कोो तर्कक केे रूप मेंं
प्रस्तुुत करताा हैै। उसकेे जीीवन मेंं संं कट आ गयाा हैै; सब कुु छ दांं�व पर हैै। अंंधेरेे े और एकांं�त मेंं वह
प्राार्थथनाा करनाा और खुुद कोो परमेेश्वर केे साामनेे दीीन करनाा ज़ाारीी रखताा हैै। अचाानक उसकेे कंं धेे पर
एक हााथ पड़ाा। वह सोोचताा हैै कि� एक दुश्म ु न उसकीी जाान लेेनेे कीी कोोशि�श कर रहाा हैै, और नि�रााशाा
कीी साारीी शक्ति� केे सााथ वह अपनेे हमलाावर सेे लड़ताा हैै। जैैसेे-जैैसेे पौौ फटनेे लगतीी हैै, अजनबीी अपनीी
अलौौकि�क शक्ति� प्रकट करताा हैै; उसकेे स्पर्शश सेे बलवाान आदमीी लकवााग्रस्त हुआ प्रतीीत होोताा हैै, और
वह अपनेे रहस्यमय प्रति�पक्षीी कीी गर्ददन पर एक असहााय, रोोताा हुआ यााचक, गि�र जााताा हैै। यााकूू ब
अब जाानताा हैै कि� यह वााचाा काा दूू त हैै जि�सकेे सााथ वह संं घर्षष कर रहाा थाा। अपााहि�ज होोतेे हुए और
434 महाान वि�वााद

घोोर पीीड़ाा सहतेे हुए भीी वह अपनेे उद्देेश्य कोो नहींं� छोोड़ताा। लंं बेे समय सेे उसनेे अपनेे पााप केे लि�ए
व्यााकुु लताा, पश्चाातााप और परेेशाानीी कोो सहाा हैै; अब उसकेे पाास यह आश्वाासन होोनाा चााहि�ए कि� उसेे
क्षमाा कर दि�याा गयाा हैै। ऐसाा प्रतीीत होोताा हैै कि� ईश्वरीीय अति�थि� वि�दाा होोनेे वाालाा हैै; परन्तुु यााकूू ब उससेे
लि�पटाा रहाा, और आशीीष कीी यााचनाा करताा रहाा। स्वर्गगदूू त आग्रह करताा हैै, “मुुझेे जाानेे देे , क्योंं�कि� भोोर
होोनेे वाालाा हैै,” लेेकि�न कुु लपि�ताा नेे कहाा, “जब तक तूू मुुझेे आशीीर्वाा�द न देे , तब तक मैंं तुुझेे जाानेे न
दूँँ� गाा।” क्याा आत्मवि�श्वाास, कि�तनीी दृढ़ताा और अटलताा, यहाँँ� प्रदर्शि�त कि�ए गए हैंं! यदि� यह एक डींं�ग
माारनेे वाालाा, अभि�माानीी दाावाा होोताा, तोो यााकूू ब कोो तुुरंंत नष्ट कर दि�याा जााताा; लेेकि�न यह उस व्यक्ति� काा
आश्वाासन थाा जोो अपनीी कमजोोरीी और अयोोग्यताा कोो स्वीीकाार करताा हैै, फि�र भीी एक वााचाा-पाालन
करनेे वाालेे परमेेश्वर कीी दयाा पर भरोोसाा करताा हैै।
«वह दूू त सेे लड़ाा, और जीीत भीी गयाा।” होोशेे 12:4। दीीनताा, पश्चाातााप और आत्म-समर्पपण केे
मााध्यम सेे, यह पाापीी, पाापीी नश्वर स्वर्गग कीी महि�माा केे सााथ प्रबल हुआ। उसनेे परमेेश्वर केे वाादोंं� पर
अपनीी कांं�पतीी हुई पकड़ कोो दृढ़ कर लि�याा थाा, और अनंं त प्रेेम काा हृदय पाापीी कीी यााचनाा कोो नाामंं ज़ूूर
नहींं� कर सकाा। उसकीी जीीत केे प्रमााण केे रूप मेंं और दूू सरोंं� कोो उसकेे उदााहरण काा अनुुकरण करनेे
केे लि�ए एक प्रोोत्सााहन केे रूप मेंं, उसकेे नााम कोो उससेे बदलकर जोो उसकेे पााप कीी यााद दि�लााताा थाा,
वह कर दि�याा गयाा जोो कि� उसकीी जीीत काा अभि�नंं दन करताा थाा। और यह तथ्य कि� यााकूू ब परमेेश्वर
केे सााथ प्रबल हुआ थाा, एक आश्वाासन थाा कि� वह मनुुष्योंं� केे सााथ प्रबल होोगाा। वह अब अपनेे भााई
केे क्रोोध काा साामनाा करनेे सेे नहींं� डरताा थाा, क्योंं�कि� यहोोवाा उसकाा बचााव थाा।
शैैताान नेे परमेेश्वर केे दूू तोंं� केे साामनेे यााकूू ब पर दोोष लगाायाा थाा, और उसकेे पााप केे काारण उसेे
नष्ट करनेे केे अधि�काार काा दाावाा कि�याा थाा; उसनेे एसााव कोो उसकेे वि�रुद्ध कूू च करनेे केे लि�ए प्रभाावि�त
कि�याा थाा; और कुु लपि�ताा कीी कुु श्तीी कीी लंं बीी राात केे दौौराान, शैैताान नेे उसेे हतोोत्सााहि�त करनेे और परमेे-
श्वर पर उसकीी पकड़ ढीीलीी करनेे केे लि�ए उस पर उसकेे अपरााध-बोोध काा दबााव डाालनेे काा प्रयाास
कि�याा। यााकूू ब लगभग नि�रााश होो गयाा थाा; परन्तुु वह जाानताा थाा कि� बि�नाा स्वर्गग कीी सहाायताा केे उसकाा
नााश अवश्य होोगाा। उसनेे ईमाानदाारीी सेे अपनेे भयाानक पााप काा पश्चाातााप कि�याा थाा, और उसनेे परमेे-
श्वर कीी दयाा कीी यााचनाा कीी। वह अपनेे उद्देेश्य सेे हटनेे वाालाा नहींं� थाा, इसकेे बजााय उसनेे स्वर्गगदूू त
कोो दृढ़ताा सेे पकड़ेे रखाा और जब तक वह जीीत नहींं� गयाा, तब तक वह गंं भीीर, दर्ददनााक रुदन केे सााथ
दृढ़ताापूूर्ववक अनुुनय करताा रहाा।
जैैसेे शैैताान नेे एसााव कोो यााकूू ब केे वि�रुद्ध चढ़ााई करनेे केे लि�येे उभााराा, वैैसेे हीी वह दुष्ु टोंं� कोो
उभाारेेगाा कि� वेे संं कट केे समय परमेेश्वर केे लोोगोंं� काा नााश करेंं। और जैैसेे उस नेे यााकूू ब पर दोोष
लगाायाा, वैैसेे हीी वह परमेेश्वर केे लोोगोंं� पर भीी दोोष लगााएगाा। वह संं साार कोो अपनीी प्रजाा केे रूप मेंं
गि�नताा हैै; लेेकि�न परमेेश्वर कीी आज्ञााओंं कोो मााननेे वाालेे छोोटेे समूूह उसकेे प्रभुुत्व काा वि�रोोध कर रहेे
हैंं। यदि� वह उन्हेंं पृृथ्वीी पर सेे मि�टाा सकताा, तोो उसकीी वि�जय पूूरीी होो जाातीी। वह देेखताा हैै कि� पवि�त्र
स्वर्गगदूू त उनकीी रखवाालीी कर रहेे हैंं, और वह अनुुमाान लगााताा हैै कि� उनकेे पााप क्षमाा कर दि�ए गए हैंं;
परन्तुु वह यह नहींं� जाानताा कि� उनकेे मुुक़द्दमोंं� काा नि�र्णणय ऊपर केे पवि�त्रस्थाान मेंं होो चुुकाा हैै। उसकेे
पाास उन पाापोंं� काा सटीीक ज्ञाान हैै जोो उसनेे उन्हेंं करनेे केे लि�ए प्रलोोभि�त कि�याा हैै, और वह उन्हेंं अति�-
शयोोक्ति�पूूर्णण प्रकााश मेंं परमेेश्वर केे साामनेे प्रस्तुुत करताा हैै, और इन लोोगोंं� कोो परमेेश्वर केे अनुुग्रह
संकट का समय 435

सेे अपवर्जजन केे लि�ए स्वयंं केे समाान सुुपाात्र होोनेे जैैसेे दर्शाा�ताा हैै। वह घोोषणाा करताा हैै कि� प्रभुु न्यााय
मेंं ऐसाा नहींं� कर सकताा हैै कि� उनकेे पाापोंं� कोो क्षमाा कर देे और फि�र भीी उसेे और उसकेे स्वर्गगदूू तोंं� कोो
नष्ट कर देे। वह दाावाा करताा हैै कि� वेे उसकाा शि�काार हैंं और मांं�ग करताा हैै कि� उन्हेंं नष्ट करनेे केे लि�ए
उसकेे हााथोंं� मेंं देे दि�याा जााए।
चूंं�कि� शैैताान परमेेश्वर कीी प्रजाा पर उनकेे पाापोंं� केे काारण दोोष लगााताा हैै, और यहोोवाा उसेे उन्हेंं पूूरीी
तरह सेे परखनेे कीी अनुुमति� देेताा हैै। परमेेश्वर मेंं उनकेे भरोोसेे, उनकेे वि�श्वाास और दृढ़ताा कीी कड़ीी
परीीक्षाा होोगीी। जैैसेे-जैैसेे वेे अतीीत कीी समीीक्षाा करतेे हैंं, उनकीी आशााएँँ डूू बतीी जाातीी हैंं; क्योंं�कि� अपनेे
पूूरेे जीीवन मेंं वेे थोोड़ाा हीी अच्छाा देेख सकतेे हैंं। वेे अपनीी दृढ़ताा और अयोोग्यताा केे प्रति� पूूरीी तरह सचेेत
हैंं। शैैताान उन्हेंं इस सोोच सेे भयभीीत करनेे काा प्रयाास करताा हैै कि� उनकेे माामलेे नि�रााशााजनक हैंं, कि�
उनकीी अशुुद्धताा काा दााग कभीी नहींं� धुुलेेगाा। वह उनकेे वि�श्वाास कोो नष्ट करनेे कीी आशाा करताा हैै कि�
वेे उसकेे प्रलोोभनोंं� केे आगेे झुक ु जााएंं गेे और परमेेश्वर केे प्रति� अपनीी नि�ष्ठाा सेे वि�मुुख होो जााएंं गेे।
यद्यपि� परमेेश्वर केे लोोग उन शत्रुुओं ं सेे घि�रेे होंं�गेे जोो उनकेे वि�नााश पर आमाादाा हैंं, फि�र भीी जोो
पीीड़ाा वेे सहतेे हैंं वह सत्य केे लि�ए उत्पीीड़न काा भय नहींं� हैै; उन्हेंं डर हैै कि� हर पााप काा पश्चाातााप नहींं�
कि�याा गयाा हैै, और यह कि� अपनेे आप मेंं कि�सीी दोोष केे काारण वेे उद्धाारकर्ताा� केे वाादेे कोो पूूराा करनेे मेंं
वि�फल रहेंंगेे: «मैंं तुुझेे परीीक्षाा केे उस समय बचाा रखूँँ�गाा जोो साारेे संं साार पर आनेेवाालाा हैै।» प्रकााशि�-
तवााक्य 3:10। यदि� उन्हेंं क्षमाा काा आश्वाासन मि�ल जााताा तोो वेे याातनाा याा मृृत्युु सेे पीीछेे नहींं� हटतेे;
लेेकि�न अगर वेे अयोोग्य सााबि�त होोतेे हैंं, और अपनेे चरि�त्र केे दोोषोंं� केे काारण अपनाा जीीवन खोो देेतेे हैंं,
तोो परमेेश्वर केे पवि�त्र नााम कीी नि�न्दाा होोगीी।
हर तरफ वेे देेशद्रोोह कीी सााजि�शेंं सुुनतेे हैंं और वि�द्रोोह कीी सक्रि�य काार्ययप्रणाालीी देेखतेे हैंं; और उनकेे
भीीतर एक तीीव्र इच्छाा, आत्माा कीी उत्कट लाालसाा जााग्रत होोतीी हैै, कि� यह महाान धर्ममत्यााग समााप्त होो
जााए और दुष्ु टोंं� कीी दुष्ु टताा समााप्त होो जााए। लेेकि�न जब वेे वि�द्रोोह केे काार्यय कोो रोोकनेे केे लि�ए परमेेश्वर
सेे यााचनाा करतेे हैंं, तोो यह आत्म-निं�दां ा कीी तीीव्र भाावनाा केे सााथ हैै कि� उनकेे पाास अधर्मम केे शक्ति�शाालीी
ज्वाार काा वि�रोोध करनेे और उसेे पीीछेे ढकेे लनेे कीी और साामर्थ्यय नहींं� हैै। उन्हेंं लगताा हैै कि� अगर उन्होंं�नेे
हमेेशाा मसीीह कीी सेेवाा मेंं अपनीी साारीी क्षमताा लगाा दीी होोतीी, धीीरेे-धीीरेे अधि�क सफलताा केे सााथ आगेे
बढ़तेे हुए, शैैताान कीी तााकतोंं� केे पाास उन पर हाावीी होोनेे कीी शक्ति� कम होोतीी।
वेे परमेेश्वर केे साामनेे अपनीी आत्माा कोो पीीड़ि�त करतेे हैंं, अपनेे कई पाापोंं� केे अपनेे अतीीत केे
पश्चाातााप कीी ओर इशााराा करतेे हैंं, और उद्धाारकर्ताा� कीी प्रति�ज्ञाा कोो तर्कक केे रूप मेंं प्रस्तुुत करतेे हैंं:
«मेेरेे सााथ मेेल करनेे कोो वेे मेेरीी शरण लेंं, वेे मेेरेे सााथ मेेल कर लेंं।» यशाायााह 27:5। उनकाा वि�श्वाास
इसलि�ए नहींं� टूू टताा क्योंं�कि� उनकीी प्राार्थथनााओंं काा तुुरंंत उत्तर नहींं� मि�लताा। अत्यधि�क चिं�तां ा, आतंं क
और संं कट सहतेे हुए भीी, वेे अपनीी प्राार्थथनााएंं बंं द नहींं� करतेे। वेे परमेेश्वर कीी शक्ति� कोो वैैसेे हीी थाामेे
रहतेे हैंं जैैसेे यााकूू ब नेे स्वर्गगदूू त कोो पकड़ेे रखाा थाा; और उनकेे मन कीी भाावनाा होोतीी हैै: “जब तक तूू
मुुझेे आशीीर्वाा�द न देे , तब तक मैंं तुुझेे जाानेे न दूंं�गाा।”
यदि� यााकूू ब नेे कपट द्वााराा पहि�लौौठेे काा अधि�काार प्रााप्त करनेे केे अपनेे पााप काा पहलेे सेे पश्चाातााप
नहींं� कि�याा होोताा, तोो परमेेश्वर नेे उसकीी प्राार्थथनाा नहींं� सुुनीी होोतीी और दयाापूूर्ववक उसकेे जीीवन कीी
रक्षाा नहींं� कीी होोतीी। इसलि�ए, संं कट केे समय मेंं, यदि� परमेेश्वर केे लोोगोंं� केे पाास भय और पीीड़ाा सेे
436 महाान वि�वााद

पीीड़ि�त होोनेे केे दौौराान उनकेे साामनेे प्रकट होोनेे केे लि�ए वेे पााप होोतेे जोो उन्होंं�नेे स्वीीकाार नहींं� कि�ए, तोो
वेे अभि�भूूत होो जाातेे; नि�रााशाा उनकेे वि�श्वाास कोो खत्म कर देेतीी, और उनमेंं छुु टकाारेे केे लि�ए परमेेश्वर
सेे यााचनाा करनेे काा आत्मवि�श्वाास नहींं� होोताा। लेेकि�न जबकि� उन्हेंं अपनीी अयोोग्यताा काा गहराा बोोध हैै,
उनकेे पाास प्रकट करनेे केे लि�ए कोोई छि�पेे हुए पााप नहींं� हैंं। उनकेे पााप पहलेे सेे न्यााय केे लि�ए पहुँँच
गए, और मि�टाा दि�ए गए हैंं, और वेे उनकाा स्मरण नहींं� कर सकतेे।
शैैताान बहुतोंं� कोो वि�श्वाास दि�लााताा हैै कि� परमेेश्वर जीीवन केे छोोटेे माामलोंं� मेंं उनकीी बेेवफ़ााई कोो
नज़रअंंदााज़ कर देेगाा; परन्तुु यहोोवाा यााकूू ब केे सााथ अपनेे व्यवहाार मेंं दि�खााताा हैै कि� वह कि�सीी भीी
प्रकाार सेे बुुरााई कोो न तोो मंं ज़ूूर करेेगाा और न हीी सहन करेेगाा। वेे सभीी जोो अपनेे पाापोंं� कोो क्षमाा करनेे
याा छुु पाानेे काा प्रयाास करतेे हैंं, और उन्हेंं बि�नाा अंंगीीकाार कि�ए उनकेे लि�ए बि�नाा क्षमाा प्रााप्त कि�ए स्वर्गग कीी
पुुस्तकोंं� मेंं बनेे रहनेे देेतेे हैंं, शैैताान द्वााराा परााजि�त होंं�गेे। उनकाा पेेशाा जि�तनाा ऊंंचाा होोताा हैै और उनकाा
पद जि�तनाा अधि�क सम्मााननीीय होोताा हैै, ईश्वर कीी दृष्टि�ि मेंं उनकाा चााल चलन उतनाा हीी अधि�क दुःः�खद
और उनकेे महाान वि�रोोधीी कीी जीीत उतनीी हीी अधि�क सुुनि�श्चि�ित होोतीी हैै। जोो लोोग परमेेश्वर केे दि�न
कीी तैैयाारीी मेंं वि�लम्ब करतेे हैंं, वेे उसेे वि�पत्ति� केे समय याा बााद केे कि�सीी समय मेंं प्रााप्त नहींं� कर सकतेे।
ऐसेे सभीी काा माामलाा नि�रााशााजनक हैै।
वेे तथााकथि�त मसीीहीी जोो बि�नाा तैैयाारीी केे उस अंंति�म भयाानक संं घर्षष तक पहुँँचतेे हैंं, अपनीी नि�रााशाा
मेंं, अपनेे पाापोंं� कोो तीीव्र पीीड़ाा केे शब्दोंं� मेंं स्वीीकाार करेंंगेे, जबकि� दुष्ु ट उनकेे संं कट पर हर्षि�त होोतेे हैंं।
येे अंंगीीकाार उसीी प्रकाार केे हैंं जैैसेे एसााव याा यहूदाा केे थेे। जोो उन्हेंं करतेे हैंं, वेे अपरााध केे परि�णााम पर
वि�लााप करतेे हैंं, परन्तुु उसकेे दोोष केे लि�ए नहींं�। उन्हेंं कोोई सच्चाा पश्चाातााप महसूूस नहींं� होोताा, बुुरााई
केे प्रति� कोोई घृृणाा नहींं� होोतीी। वेे दण्ड केे भय सेे अपनेे पााप कोो स्वीीकाार करतेे हैंं; लेेकि�न, पुुराानेे समय
केे फि�रौौन कीी तरह, यदि� न्यााय कोो हटाा दि�याा जााताा हैै तोो वेे स्वर्गग कीी अपनीी अवहेेलनाा पर लौौट आएंं गेे।
यााकूू ब काा इति�हाास भीी एक आश्वाासन हैै कि� परमेेश्वर उन्हेंं नहींं� त्याागेेगाा जि�न्हेंं छलाा गयाा भरमाायाा
गयाा और धोोखेे सेे पााप करवाायाा गयाा, लेेकि�न जोो सच्चेे पश्चाातााप केे सााथ उसकेे पाास लौौट आए हैंं।
जबकि� शैैताान इस वर्गग कोो नष्ट करनाा चााहताा हैै, परमेेश्वर संं कट केे समय उन्हेंं सांं�त्वनाा देेनेे और उनकीी
रक्षाा करनेे केे लि�ए अपनेे स्वर्गगदूू तोंं� भेेजेेगाा। शैैताान केे हमलेे भयंं कर और दृढ़ हैंं, उसकेे भ्रम भयाानक
हैंं; परन्तुु यहोोवाा कीी दृष्टि�ि अपनीी प्रजाा पर लगीी रहतीी हैै, और उसकाा काान उनकीी दोोहााई सुुनताा हैै।
उनकाा दु:ु ख बड़ाा हैै, भट्ठेे कीी लपटेंं उन्हेंं भस्म करतीी हुई जाान पड़तीी हैंं; परन्तुु शुुद्ध करनेेवाालाा उन्हेंं आग
मेंं तपााए सोोनेे जैैसाा नि�काालेेगाा। उनकेे सबसेे गंं भीीर परीीक्षण कीी अवधि� केे दौौराान परमेेश्वर केे बच्चोंं�
केे लि�ए परमेेश्वर काा प्रेेम उतनाा हीी गहराा और कोोमल हैै जि�तनाा कि� उनकीी सबसेे अधि�क समृृद्धि� केे
दि�नोंं� मेंं; थाा; परन्तुु उनकाा आग केे कुु ण्ड मेंं डाालाा जाानाा आवश्यक हैै; उनकीी पाार्थि�वताा कोो भस्म करनाा
ज़रूरीी हैै, तााकि� मसीीह कीी छवि� पूूरीी तरह सेे प्रति�बिं�बि�त ं होो सकेे ।
हमाारेे साामनेे संं कट और पीीड़ाा केे समय केे लि�ए एक ऐसेे वि�श्वाास कीी आवश्यकताा होोगीी जोो
थकाान, देेरीी और भूूख कोो सहन कर सकेे - एक ऐसाा वि�श्वाास जोो गंं भीीर रूप सेे परखेे जाानेे पर भीी
मंं ज़ूरू न पड़ेे। उस समय कीी तैैयाारीी केे लि�ए सभीी कोो परि�वीीक्षाा कीी अवधि� प्रदाान कीी जाातीी हैै। यााकूू ब
जीीत गयाा क्योंं�कि� वह हठीी और दृढ़ थाा। उसकीी जीीत आग्रहपूूर्णण प्राार्थथनाा कीी शक्ति� काा प्रमााण हैै। वेे
सभीी जोो परमेेश्वर कीी प्रति�ज्ञााओंं कोो थाामेे रहेंंगेे, जैैसाा कि� उसनेे कि�याा थाा, और उतनेे हीी ईमाानदाार और
संकट का समय 437

दृढ़ होंं�गेे जि�तनाा वह थाा, वेे सफल होंं�गेे जैैसेे वह सफल हुआ थाा। जोो स्वयंं कोो नकाारनेे, परमेेश्वर केे
साामनेे कड़ाा संं घर्षष करनेे, उसकीी आशीीष केे लि�ए लंं बीी और ईमाानदाारीी सेे प्राार्थथनाा करनेे केे इच्छुु क नहींं�
हैंं, वेे इसेे प्रााप्त नहींं� करेंंगेे। परमेेश्वर केे सााथ मल्लयुुद्ध करनाा— कि�तनेे कम लोोग जाानतेे हैंं कि� यह
क्याा हैै! कि�तनेे कम लोोगोंं� नेे अपनीी आत्माा कोो इच्छाा कीी तीीव्रताा केे सााथ परमेेश्वर केे अनूूरूप बनाायाा हैै
जब तक कि� हर शक्ति� काा अधि�कतम उपयोोग नहींं� कि�याा जााताा। जब नि�रााशाा कीी लहरेंं, जि�सेे कोोई भीी
भााषाा अभि�व्यक्त नहींं� कर सकतीी, यााचनाा करनेे वाालेे पर हाावीी होो जाातीी हैै, तोो कि�तनेे कम लोोग परमेे-
श्वर केे वाादोंं� पर दृढ़ वि�श्वाास केे सााथ टि�केे रहतेे हैंं।
जोो लोोग इस समय मेंं कम वि�श्वाास करतेे हैंं, वेे शैैताानीी भ्रमोंं� कीी शक्ति� और अंंतराात्माा कोो मजबूूर
करनेे केे फरमाान केे तहत गि�रनेे केे सबसेे बड़ेे खतरेे मेंं हैंं। और यदि� वेे परीीक्षाा मेंं टि�क भीी जाातेे हैंं, तोो वेे
संं कट केे समय और भीी गहरेे संं कट और मनोोव्यथाा मेंं डूू ब जााएंं गेे, क्योंं�कि� उन्होंं�नेे परमेेश्वर पर भरोोसाा
रखनेे कीी आदत कभीी नहींं� बनााई। वि�श्वाास केे जि�न सबकोंं� कीी उन्होंं�नेे उपेेक्षाा कीी हैै, उन्हेंं वेे नि�रााशाा
केे भयाानक दबााव मेंं सीीखनेे केे लि�ए मजबूूर होो जााएंं गेे।
हमेंं अब परमेेश्वर केे वाादोंं� कोो सि�द्ध करकेे स्वयंं कोो परमेेश्वर सेे परि�चि�त कराानाा चााहि�ए। स्वर्गगदूू त हर
उस प्राार्थथनाा कोो दर्जज करतेे हैंं जोो हाार्दि�क और सच्चीी होोतीी हैै। हमेंं ईश्वर केे सााथ संं गति� कीी उपेेक्षाा करनेे
केे बजााय स्वाार्थीी संं तुष्टि�ि
ु सेे दूू र रहनाा चााहि�ए। सबसेे अधि�क गरीीबीी, सबसेे बड़ाा आत्म-त्यााग जोो उसकीी
अनुुमति� सेे होो वह उस धन, सम्माान, सहजताा और मि�त्रताा सेे बेेहतर हैै जोो उसकीी स्वीीकृृ ति� केे बि�नाा हैै।
हमेंं प्राार्थथनाा केे लि�ए समय नि�काालनाा चााहि�ए। यदि� हम अपनेे मन कोो सांं�साारि�क हि�तोंं� मेंं लीीन होोनेे देेतेे हैंं,
तोो होो सकताा हैै किं�ं प्रभुु हमसेे सोोनेे कीी, घरोंं� कीी, याा उपजााऊ भूूमि� कीी मूूर्ति�योंं� कोो हटााकर हमेंं समय देे।
युुवाा पााप मेंं बहकाावेे मेंं नहींं� आएंं गेे यदि� वेे उस माार्गग कोो छोोड़कर जि�स पर वेे परमेेश्वर काा
आशीीर्वाा�द मांं�ग सकतेे हैंं, कि�सीी भीी माार्गग मेंं प्रवेेश करनेे सेे इनकाार करतेे हैंं। यदि� दुनि�या ु ा केे लि�ए अंंति�म
गंं भीीर चेेताावनीी देेनेे वाालेे संं देेशवााहक परमेेश्वर केे आशीीर्वाा�द केे लि�ए प्राार्थथनाा करेंंगेे, ठंं डेे, उदाासीीन,
आलसीी तरीीकेे सेे नहींं�, बल्कि� जोोश और वि�श्वाास केे सााथ, जैैसाा कि� यााकूू ब नेे कि�याा थाा, तोो उन्हेंं कई
अवसर मि�लेंंगेे जहाँँ� वेे कह सकतेे थेे: “परमेेश्वर कोो आमनेे–साामनेे देेखनेे पर भीी मेेराा प्रााण बच गयाा
हैै।” उत्पत्ति� 32:30। उन्हेंं स्वर्गग मेंं प्रधाानोंं� केे रूप मेंं माानाा जााएगाा, जि�नकेे पाास परमेेश्वर और मनुुष्य
केे सााथ प्रबल होोनेे कीी शक्ति� होोगीी।
“वि�पत्ति� काा ऐसाा समय, जैैसाा कभीी न थाा,” जल्द हीी हम पर आनेे वाालाा हैै; और हमेंं एक
ऐसेे अनुुभव कीी आवश्यकताा होोगीी जोो अब हमाारेे पाास नहींं� हैै और जि�सेे प्रााप्त करनेे केे लि�ए बहुत
सेे आलसीी हैंं। अक्सर ऐसाा होोताा हैै कि� परेेशाानीी यथाार्थथ सेे अधि�क प्रत्यााशाा मेंं होोतीी हैै; लेेकि�न यह
हमाारेे साामनेे संं कट काा सच नहींं� हैै। सबसेे ज्वलंं त प्रस्तुुति� कठि�न परीीक्षाा केे परि�मााण तक नहींं� पहुँँच
सकतीी। परीीक्षाा केे उस समय मेंं, हर आत्माा कोो परमेेश्वर केे साामनेे अपनेे लि�ए खड़ाा होोगाा। «चााहेे नूूह,
दाानि�य्येेल और अय्यूूब भीी उसमेंं होंं�, तौौभीी, प्रभुु यहोोवाा कीी यह वााणीी हैै, मेेरेे जीीवन कीी सौौगन्ध, वेे न
पुुत्रोंं� कोो और न पुुत्रि�योंं� कोो बचाा सकेंं गेे, अपनेे धर्मम केे द्वााराा वेे केे वल अपनेे हीी प्रााणोंं� कोो बचाा सकेंं गेे।»
यहेेजकेेल 14:20।
अब, जबकि� हमााराा महाान महाायााजक हमाारेे लि�ए प्राायश्चि�ित कर रहाा हैै, हमेंं मसीीह मेंं परि�पूूर्णण
बननेे काा प्रयाास करनाा चााहि�ए। एक वि�चाार माात्र सेे भीी हमाारेे उद्धाारकर्ताा� कोो प्रलोोभन कीी शक्ति� केे
438 महाान वि�वााद

अधीीन नहींं� लाायाा जाा सकताा थाा। शैैताान इंं साानोंं� केे दि�लोंं� मेंं कोोई मुुद्दाा पााताा हैै जहाँँ� वह पैैर जमाा सकताा
हैै; कोोई पाापपूूर्णण इच्छाा पोोषि�त होोतीी हैै, जि�सकेे द्वााराा उसकाा प्रलोोभन अपनीी शक्ति� काा दाावाा करताा हैै।
लेेकि�न मसीीह नेे अपनेे बाारेे मेंं घोोषणाा कीी: «इस संं साार काा सरदाार आताा हैै। मुुझ पर उसकाा कोोई
अधि�काार नहींं�।» यूूहन्नाा 14:30। शैैताान कोो परमेेश्वर केे पुुत्र मेंं ऐसाा कुु छ भीी नहींं� मि�लाा जोो उसेे
वि�जय प्रााप्त करनेे मेंं सक्षम बनााताा। उसनेे अपनेे पि�ताा कीी आज्ञााओंं काा पाालन कि�याा थाा, और उसमेंं
ऐसाा कोोई पााप नहींं� थाा जि�सेे शैैताान अपनेे लााभ केे लि�ए इस्तेेमााल कर सकेे । यह वह स्थि�ति� हैै जि�समेंं
उन्हेंं मि�लनाा चााहि�ए जोो संं कट केे समय खड़ेे रहेंंगेे।
इसीी जीीवन मेंं हैै कि� हमेंं मसीीह केे प्राायश्चि�ित लहू मेंं वि�श्वाास केे द्वााराा पााप कोो अपनेे सेे अलग
करनाा हैै। हमााराा प्रि�य उद्धाारकर्ताा� हमेंं आमंं त्रि�त करताा हैै कि� हम अपनेे आप कोो उसकेे सााथ जोोड़ लेंं,
अपनीी कमज़ोोरि�योंं� कोो उसकीी तााकत सेे, हमाारीी अज्ञाानताा कोो उसकीी बुुद्धि� सेे, हमाारीी अयोोग्यताा कोो
उसकीी खूूबि�योंं� सेे जोोड़ देंं। परमेेश्वर काा वि�धाान वह पााठशाालाा हैै जि�समेंं हमेंं यीीशुु कीी नम्रताा और
दीीनताा कोो सीीखनाा हैै। प्रभुु हमेेशाा हमाारेे साामनेे वह तरीीकाा नहींं� जोो हम चुुनतेे हैंं, जोो हमेंं आसाान और
सुुखद लगताा हैै, लेेकि�न जीीवन काा सच्चाा उद्देेश्य हैै, रख रहाा होोताा हैै। यह हमाारेे ऊपर हैै कि� हम उन
सााधनोंं� केे सााथ सहयोोग करेंं जोो स्वर्गग हमाारेे चरि�त्रोंं� कोो ईश्वरीीय प्रति�माान केे अनुुरूप बनाानेे केे कााम मेंं
लगााताा हैै। कोोई भीी अपनीी आत्माा कोो सबसेे भयाानक संं कट मेंं डाालेे बि�नाा इस कााम कीी उपेेक्षाा याा इसेे
स्थगि�त नहींं� कर सकताा हैै।
प्रेेरि�त यूूहन्नाा नेे दर्शशन मेंं स्वर्गग सेे यह बड़ाा शब्द आतेे हुए सुुनाा: «हेे पृृथ्वीी, और समुुद्र , तुुम पर हााय!
क्योंं�कि� शैैताान बड़ेे क्रोोध केे सााथ तुुम्हाारेे पाास उतर आयाा हैै, क्योंं�कि� जाानताा हैै कि� उसकाा थोोड़ाा हीी समय
और बााकीी हैै।” प्रकााशि�तवााक्य 12:12। डराावनेे हैंं वेे दृश्य जोो स्वर्गग सेे इस बड़ेे शब्द कोो उकसाातेे
हैंं। जैैसेे-जैैसेे शैैताान काा समय कम होोताा जााताा हैै, उसकाा क्रोोध बढ़ताा जााताा हैै, और उसकेे छल और
वि�नााश काा काार्यय संं कट केे समय अपनेे चरमोोत्कर्षष पर पहुँँच जााएगाा।
चमत्काार करनेे वाालीी दुष्ु ट आत्मााओंं कीी शक्ति� केे प्रतीीक केे रूप मेंं, एक अलौौकि�क स्वरूप केे
भयाानक दृश्य जल्द हीी आकााश मेंं प्रकट होंं�गेे। दुष्ु टोंं� कीी आत्मााएंं पृृथ्वीी और पूूरीी दुनि�या ु ा केे रााजााओंं
केे पाास जााएंं गीी, तााकि� उन्हेंं धोोखेे मेंं जकड़ेंं, और स्वर्गग केे रााज्य केे खि�लााफ शैैताान केे आखि�रीी संं घर्षष मेंं
उसकेे सााथ एकजुुट होोनेे केे लि�ए प्रोोत्सााहि�त करेंं। इन मााध्यमोंं� सेे शाासक और प्रजाा दोोनोंं� समाान रूप
सेे धोोखाा खाा जााएंं गेे। लोोग स्वयंं मसीीह होोनेे काा ढोंं�ग करतेे हुए उठेंं गेे, और उस अधि�काार और पूूजाा
काा दाावाा करेंंगेे जोो दुनि�या ु ा केे उद्धाारक सेे संं बंं धि�त हैंं। वेे चंं गााई केे अद्भु
् ुत चमत्काार करेंंगेे और पवि�त्र
शाास्त्र कीी गवााहीी खंं डन करतेे हुए स्वर्गग सेे प्रकटीीकरण होोनेे काा दाावाा करेंंगेे।
धोोखेे केे महाान नााटक मेंं सर्वोोच्च काार्यय केे रूप मेंं, शैैताान स्वयंं मसीीह काा रूप धाारण करेेगाा।
कलीीसि�याा नेे लंं बेे समय सेे उद्धाारकर्ताा� केे आगमन कोो उसकीी आशााओंं कीी पूूर्ति� केे रूप मेंं देेखनेे काा
दाावाा कि�याा हैै। अब वह बड़ाा भरमाानेे वाालाा यह जतााएगाा कि� मसीीह आ गयाा हैै। पृृथ्वीी केे वि�भि�न्न
भाागोंं� मेंं, शैैताान स्वयंं कोो मनुुष्योंं� केे बीीच चौंं�धि�याानेे वाालीी चमक केे प्रताापीी प्रााणीी केे रूप मेंं प्रकट करेेगाा,
जोो प्रकााशि�तवााक्य मेंं यूूहन्नाा द्वााराा दि�ए गए परमेेश्वर केे पुुत्र केे वर्णणन केे समाान होोगाा। प्रकााशि�त-
वााक्य 1:13-15। उसकेे चाारोंं� ओर जोो महि�माा हैै वह ऐसीी कि�सीी भीी चीीज़ सेे बढ़कर हैै जि�सेे नश्वर
आँँखोंं� नेे अभीी तक देेखाा हैै। हवाा मेंं वि�जय कीी ललकाार गूँँ�जतीी हैै: “मसीीह आ गयाा हैै! मसीीह आ
संकट का समय 439

गयाा हैै! « लोोग उसकेे साामनेे आरााधनाा मेंं दण्डवत करतेे हैंं, जबकि� वह अपनेे हााथोंं� कोो ऊपर उठााताा
हैै और उन्हेंं आशीीर्वाा�द देेताा हैै, जैैसेे मसीीह अपनेे शि�ष्योंं� कोो आशीीर्वाा�द देेताा थाा जब वह पृृथ्वीी पर थाा।
उसकीी आवााज़ कोोमल और मंं द हैै, फि�र भीी मााधुुर्यय सेे भरपूूर हैै। कोोमल, दयाालुु स्वरोंं� मेंं वह उद्धाार-
कर्ताा� द्वााराा बतााई गईं सौौम्य, स्वर्गीीय सच्चााईयोंं� मेंं सेे कुु छ कोो प्रस्तुुत करताा हैै; वह लोोगोंं� कीी बीीमाारि�योंं�
कोो चंं गाा करताा हैै, और फि�र, मसीीह केे अपनेे कल्पि�त चरि�त्र मेंं, वह सब्त कोो रवि�वाार मेंं बदलनेे काा
दाावाा करताा हैै, और सभीी कोो उस दि�न कोो पवि�त्र करनेे काा आदेेश देेताा हैै जि�सेे उसनेे धन्य माानाा हैै।
वह घोोषणाा करताा हैै कि� जोो लोोग साातवेंं दि�न कोो पवि�त्र रखनाा जाारीी रखतेे हैंं, वेे प्रकााश और सत्य केे
सााथ भेेजेे गए उसकेे दूू तोंं� कोो सुुननेे सेे इनकाार करकेे उसकेे नााम कीी नि�न्दाा कर रहेे हैंं। यह प्रभााव-
शाालीी, लगभग हाावीी होोनेे वाालाा भ्रम हैै। शमौौन मैैगस द्वााराा बहकााए गए साामरि�योंं� कीी तरह, साामाान्य
लोोग, छोोटेे सेे लेेकर बड़ेे तक, इन टोोनेे-टोोटकोंं� पर ध्याान देेतेे हुए कहतेे हैंं: यह «परमेेश्वर कीी महाान
शक्ति� हैै।» प्रेेरि�तोंं� केे कााम 8-10।
लेेकि�न परमेेश्वर केे लोोग गुुमरााह नहींं� होंं�गेे। इस झूठेू े मसीीह केे उपदेेश पवि�त्र शाास्त्र केे अनुुसाार
नहींं� हैै। उसकीी आशीीष उस पशुु और उसकीी मूूर्ति� केे उपाासकोंं� कोो दीी जाातीी हैै, वहीी वर्गग जि�स पर
बााइबल घोोषणाा करतीी हैै कि� परमेेश्वर काा नि�राा क्रोोध उंं डेेलाा जााएगाा।
और, इसकेे अलाावाा, शैैताान कोो मसीीह केे आगमन केे तरीीकेे कीी नक़ल करनेे कीी अनुुमति� नहींं� हैै।
उद्धाारकर्ताा� नेे अपनेे लोोगोंं� कोो इस मुुद्देे पर धोोखेे केे खि�लााफ चेेताावनीी दीी हैै, और स्पष्ट रूप सेे अपनेे
दूू सरेे आगमन केे तरीीकेे कीी भवि�ष्यवााणीी कीी हैै। “झूठेू े मसीीह और झूठेू े भवि�ष्यद्वक्‍‍ताा उठ खड़ेे होंं�गेे,
और बड़ेे चि�ह्न, और अद्भु ् ुत कााम दि�खााएँँगेे कि� यदि� होो सकेे तोो चुुनेे हुओंं कोो भीी भरमाा देंं। इसलि�येे
यदि� वेे तुुम सेे कहेंं, ‘देेखोो, वह जंं गल मेंं हैै’, तोो बााहर न नि�कल जाानाा; याा ‘देेखोो, वह कोोठरि�योंं� मेंं हैै’,
तोो वि�श्‍‍वाास न करनाा। “क्योंं�कि� जैैसेे बि�जलीी पूूर्वव सेे नि�कलकर पश्चि�िम तक चमकतीी हैै, वैैसेे हीी मनुुष्य
केे पुुत्र काा भीी आनाा होोगाा। « मत्तीी 24:24-27, 31; 25:31; प्रकााशि�तवााक्य 1:7; 1 थि�स्सलुुनीीकि�-
योंं� 4:16, 17। इस आगमन मेंं जाालसााजीी कीी कोोई संं भाावनाा नहींं� हैै। यह साार्ववभौौमि�क रूप सेे जाानाा
जााएगाा - पूूरीी दुनि�या ु ा द्वााराा देेखाा जााएगाा।
केे वल वेे लोोग जोो पवि�त्र शाास्त्र केे परि�श्रमीी छाात्र रहेे हैंं और जि�न्होंं�नेे सत्य काा प्रेेम प्रााप्त कि�याा हैै,
वेे हीी उस शक्ति�शाालीी भ्रम सेे सुुरक्षि�त रहेंंगेे जोो दुनि�या
ु ा कोो बंं दीी बनाा लेेताा हैै। बााइबल कीी गवााहीी सेे येे
आवााज़ कोो उसकेे भेेष मेंं पहचाान लेंंगेे। सभीी केे लि�ए परीीक्षण काा समय आएगाा। प्रलोोभन केे भेेद सेे
वाास्तवि�क मसीीहीी काा खुुलाासाा होोगाा। क्याा परमेेश्वर केे लोोग अब उसकेे वचन पर इतनीी दृढ़ताा सेे स्थि�र
होो गए हैंं कि� वेे अपनीी इंं द्रि�योंं� केे प्रमााण केे साामनेे नहींं� झुकें
ु ं गेे? क्याा वेे ऐसेे संं कट मेंं केे वल बााइबि�ल
और बााइबि�ल कोो पकड़ेे रहेंंगेे? यदि� संं भव होो तोो, शैैताान उन्हेंं उस दि�न खड़ेे होोनेे कीी तैैयाारीी करनेे सेे
रोोकेे गाा। वह उनकेे राास्तेे कोो घेेरनेे केे लि�ए माामलोंं� कीी व्यवस्थाा करेेगाा, उन्हेंं सांं�साारि�क आकर्षषणोंं� सेे
उलझााएगाा, उन्हेंं एक भाारीी, थकााऊ बोोझ उठाानेे काा काारण बनेेगाा, तााकि� उनकेे हृदय इस जीीवन कीी
ज़ि�म्मेेदाारि�योंं� सेे बोोझि�ल होो जााएंं और परीीक्षण काा दि�न उन पर एक चोोर कीी नााईं आ जााए।
जब मसीीहीी जगत केे वि�भि�न्न अधि�काारि�योंं� द्वााराा आज्ञाापाालकोंं� केे खि�लााफ जाारीी कि�ए गए आदेेश
केे अनुुसाार सरकाारीी संं रक्षण वाापस लेे लि�याा जााएगाा और उन्हेंं उन लोोगोंं� केे लि�ए छोोड़ दि�याा जााएगाा
जोो उनकेे वि�नााश कीी इच्छाा रखतेे हैंं, तब परमेेश्वर केे लोोग नगरोंं� और गाँँ�वोंं� सेे भााग जााएँँगेे और सबसेे
440 महाान वि�वााद

उजााड़ और एकाान्त स्थाानोंं� मेंं नि�वाास करतेे हुए समूूहोंं� मेंं एक सााथ जुुड़ेंंगेे। बहुत सेे लोोग पहााड़ोंं� केे गढ़ोंं�
मेंं शरण पााएंं गेे। पीीडमोंं�ट घााटि�योंं� केे मसीीहि�योंं� कीी तरह, वेे पृृथ्वीी केे ऊंंचेे स्थाानोंं� कोो अपनेे शरणस्थाान
बनाा लेंंगेे और «चट्टाानोंं� केे गढ़ोंं�» केे लि�ए परमेेश्वर काा धन्यवााद करेंंगेे। यशाायााह 33:16। लेेकि�न
उच्च और नि�म्न, अमीीर और गरीीब, काालेे और सफेे द, सभीी रााष्ट्रों��ं और सभीी वर्गोंं कोो सबसेे अन्यााय-
पूूर्णण और क्रूूर बंं धन मेंं डााल दि�याा जााएगाा। परमेेश्वर केे प्रि�य जंं जीीरोंं� मेंं बंं धेे, जेेल कीी सलााखोंं� केे पीीछेे
कैै द, वध कि�ए जाानेे केे लि�ए दंंडि�त, कुु छ अंंधेरेे े और घृृणि�त काालकोोठरि�योंं� मेंं स्पष्टतयाा भूूख सेे मरनेे
केे लि�ए छोोड़ेे हुए, थकाान भरेे दि�न कााट रहेे थेे। उनकीी करााह सुुननेे केे लि�ए कोोई माानव काान खुुलाा नहींं�
हैै; कोोई भीी माानवीीय हााथ उनकीी मदद केे लि�ए तैैयाार नहींं� हैै।
क्याा इस कठि�न घड़ीी मेंं प्रभुु अपनेे लोोगोंं� कोो भूूल जााएगाा? क्याा वह वि�श्वाासयोोग्य नूूह कोो भूूलाा
जब प्रलयपूूर्वव संं साार पर दंंड भेेजाा गयाा थाा? जब मैैदाान केे नगरोंं� कोो भस्म करनेे केे लि�येे आकााश सेे
आग उतरीी क्याा वह लूूत कोो भूूलाा? क्याा वह मि�स्र मेंं मूूर्ति�पूूजकोंं� सेे घि�रेे यूूसुुफ कोो भूूलाा? जब ईज़ेेबेल े
कीी शपथ नेे उसेे बााल केे नबि�योंं� केे अंंत जैैसाा अंंत होोनेे कीी धमकीी दीी थीी क्याा वह एलि�य्यााह कोो भूूलाा?
क्याा वह यि�र्ममयााह कोो उसकेे बंं दीीगृृह केे अँँधेेरेे और नि�रााशााजनक गड््ढेे मेंं भूूलाा? क्याा वह उन तीीनोंं�
योोग्योंं� कोो धधकतीी भट्टीी मेंं भूूलाा? याा सिं�होंं�ं कीी मांं�द मेंं दाानि�य्येेल कोो?
परन्तुु सि�य्योोन नेे कहाा, “यहोोवाा नेे मुुझेे त्यााग दि�याा हैै, मेेराा प्रभुु मुुझेे भूूल गयाा हैै। “क्याा यह होो
सकताा हैै कि� कोोई मााताा अपनेे दूू ध-पीीतेे बच्चेे कोो भूूल जााए और अपनेे जन्मााए हुए लड़केे पर दयाा न
करेे? हाँँ�, वह तोो भूूल सकतीी हैै, परन्तुु मैंं तुुझेे नहींं� भूूल सकताा। देेख, मैंं नेे तेेराा चि�त्र अपनीी हथेेलि�योंं�
पर खोोदकर बनाायाा हैै। « यशाायााह 49:14-16। क्योंं�कि� सेेनााओंं काा यहोोवाा योंं� कहताा हैै: «जोो तुुम
कोो छूू ताा हैै, वह मेेरीी आँँख कीी पुुतलीी हीी कोो छूू ताा हैै।» जकर्याा�ह 2:8।
हाालाँँ�कि� दुश्म
ु न उन्हेंं जेेल मेंं डााल सकतेे हैंं, फि�र भीी काालकोोठरीी कीी दीीवाारेंं उनकीी आत्मााओंं और
मसीीह केे बीीच संं चाार कोो नहींं� कााट सकतींं�। जोो उनकीी हर कमजोोरीी कोो देेखताा हैै, जोो हर परीीक्षाा सेे
परि�चि�त हैै, वह सभीी सांं�साारि�क शक्ति�योंं� सेे ऊपर हैै; और स्वर्गगदूू त स्वर्गग सेे प्रकााश और शांं�ति� लाातेे हुए
एकांं�त कोोठरि�योंं� मेंं उनकेे पाास आएंं गेे। कााराागृृह महल जैैसाा होोगाा; क्योंं�कि� वि�श्वाास केे धनीी लोोग वहांं�
नि�वाास करतेे हैंं, और अंंधेरीे ी दीीवाारेंं स्वर्गीीय प्रकााश सेे रोोशन होंं�गीी जैैसेे तब हुई थींं� जब पौौलुुस और
सि�लाास नेे प्राार्थथनाा कीी और फि�लि�पि�यन काालकोोठरीी मेंं आधीी राात कोो स्तुुति� गााई।
परमेेश्वर केे न्यााय काा उन लोोगोंं� पर प्रभााव पड़ेेगाा जोो उसकेे लोोगोंं� पर अत्यााचाार करनाा और उन्हेंं
नष्ट करनाा चााहतेे हैंं। दुष्ु टोंं� केे सााथ उसकीी दीीर्घघकाालीीन सहनशीीलताा लोोगोंं� कोो अपरााध करनेे केे लि�ए
प्रोोत्सााहि�त करतीी हैै, लेेकि�न फि�र भीी उनकाा दंंड नि�श्चि�ित और भयाानक हैै क्योंं�कि� यह लंं बेे समय सेे
वि�लंं बि�त हैै। «यहोोवाा ऐसाा उठ खड़ाा होोगाा जैैसाा वह परााज़ीीम नाामक पर्ववत पर खड़ाा हुआ और जैैसाा
गि�बोोन कीी तरााई मेंं उसनेे क्रोोध दि�खाायाा थाा; वह अब फि�र क्रोोध दि�खााएगाा जि�ससेे वह अपनाा कााम करेे,
जोो अचंं भि�त कााम हैै, और वह काार्यय करेे जोो अनोोखाा हैै।» यशाायााह 28:21। हमाारेे दयाालुु परमेेश्वर
केे लि�ए दण्ड काा काार्यय एक वि�चि�त्र काार्यय हैै। «परमेेश्वर यहोोवाा कीी यह वााणीी हैै : मेेरेे जीीवन कीी सौौगन्ध,
मैंं दुष्ु ट केे मरनेे सेे कुु छ भीी प्रसन्न नहींं� होोताा।» यहेेजकेेल 33:11। यहोोवाा «दयाालुु और अनुुग्रहकाारीी,
कोोप करनेे मेंं धीीरजवन्त, और अति� करुणाामय और सत्य, ....अधर्मम और अपरााध और पााप काा क्षमाा
करनेेवाालाा हैै।» परन्तुु वह “दोोषीी कोो वह कि�सीी प्रकाार नि�र्दोोष न ठहरााएगाा।” «यहोोवाा वि�लम्ब सेे क्रोोध
संकट का समय 441

करनेेवाालाा और बड़ाा शक्‍ति�ि�माान हैै; वह दोोषीी कोो कि�सीी प्रकाार नि�र्दोोष न ठहरााएगाा।» नि�र्गगमन 34:6,
7; नहूम 1:3। धाार्मि�कताा मेंं भयाानक काामोंं� केे द्वााराा वह अपनीी कुु चलीी हुई व्यवस्थाा केे अधि�काार कोो
दोोषमुुक्त करेेगाा। न्यााय करनेे केे लि�ए प्रभुु कीी अनि�च्छाा सेे उल्लंं घनकर्ताा� कीी प्रतीीक्षाा कर रहेे प्रति�शोोध
कीी गंं भीीरताा काा अंंदााजाा लगाायाा जाा सकताा हैै। जि�स रााष्ट्रर कोो लंं बेे समय तक सहन कि�याा हैै, और जि�सेे
वह तब तक हाानि� नहींं� पहुँँचााएगाा जब तक कि� वह परमेेश्वर केे खाातेे मेंं अपनेे अधर्मम काा घड़ाा भर न
देे , वह अंंत मेंं केे प्रकोोप कीी नि�रीी मदि�राा कोो पीीएगाा।
जब मसीीह पवि�त्रस्थाान मेंं अपनीी मध्यस्थताा कोो समााप्त कर देेताा हैै, तोो उस पशुु और उसकीी मूूर्ति�
कीी पूूजाा करनेे वाालोंं� और उसकीी छााप प्रााप्त करनेे वाालोंं� केे खि�लााफ क्रोोध जि�सकाा पूूर्वाा�भाास दि�याा गयाा
थाा (प्रकााशि�तवााक्य 14:9, 10), उंं डेेलाा जााएगाा। मि�स्र पर वि�पत्ति�याँँ� जब परमेेश्वर इस्रााएल कोो छुु ड़ाानेे
वाालाा थाा, स्वरूप मेंं उन अधि�क भयाानक और व्याापक दंंडोंं� केे समाान थेे जोो परमेेश्वर केे लोोगोंं� केे
अंंति�म छुु टकाारेे सेे ठीीक पहलेे दुनि�या ु ा पर आनेे वाालेे हैंं। उन भयाानक वि�पत्ति�योंं� काा वर्णणन करतेे हुए प्र-
कटकर्ताा� कहताा हैै: «तब उन मनुुष्योंं� केे , जि�न पर पशुु कीी छााप थीी और जोो उसकीी मूूर्ति� कीी पूूजाा करतेे
थेे, एक प्रकाार काा बुुराा और दु:ु खदााई फोोड़ाा नि�कलाा।» समुुद्र «मरेे हुए मनुुष्य केे लहू जैैसाा बन गयाा,
और समुुद्र मेंं काा हर एक जीीवधाारीी मर गयाा।» और «नदि�यांं� और पाानीी केे सोोतेे ... लहू बन गए।»
इन वि�पत्ति�योंं� कीी तरह भयाानक, परमेेश्वर काा न्यााय पूूरीी तरह सेे दोोषमुुक्त ठहराा। परमेेश्वर काा दूू त
घोोषणाा करताा हैै: “हेे पवि�त्र, तूू न्याायीी हैै, ... और तूू नेे यह न्यााय कि�याा। क्योंं�कि� उन्होंं�नेे पवि�त्र लोोगोंं�
और भवि�ष्यद्वक्तााओंं काा लहू बहाायाा थाा, और तूू नेे उन्हेंं लहू पि�लाायाा; क्योंं�कि� वेे इसीी योोग्य हैंं।” प्र-
कााशि�तवााक्य 16:2-6। परमेेश्वर केे लोोगोंं� कोो मृृत्युुदंंड देेकर, उन्होंं�नेे वाास्तव मेंं उनकेे खूून काा दोोष
अपनेे ऊपर लेे लि�याा हैै माानोो यह उनकेे हााथोंं� सेे बहाायाा गयाा होो। इसीी प्रकाार मसीीह नेे अपनेे समय केे
यहूदि�योंं� कोो उन सभीी पवि�त्र लोोगोंं� केे खूून केे लि�ए दोोषीी घोोषि�त कि�याा जोो हााबि�ल केे दि�नोंं� सेे बहाायाा
गयाा थाा; क्योंं�कि� उनमेंं वहीी आत्माा समााई हुई थीी, और वेे भवि�ष्यद्वक्तााओंं केे इन हत्याारोंं� केे सााथ भीी
वैैसाा हीी कााम करनाा चााहतेे थेे।
इसकेे बााद आनेे वाालीी वि�पत्ति� मेंं, सूूर्यय कोो “मनुुष्योंं� कोो आग सेे झुलसा ु ा देेनेे काा अधि�काार दि�याा
गयाा। और मनुुष्य बड़ीी तपन सेे झुलस ु गए।” पद 8, 9। भवि�ष्यद्वक्ताा इस भयाानक समय मेंं पृृथ्वीी कीी
स्थि�ति� काा इस प्रकाार वर्णणन करताा हैै: «भूूमि� वि�लााप करतीी हैै; क्योंं�कि� अन्न नष्ट होो गयाा हैै।  सब वृृक्ष
सूूख गए हैंं; और मनुुष्योंं� काा हर्षष जााताा रहाा हैै।» «बीीज ढेेलोंं� केे नीीचेे झुलस ु गए, भण्डाार सूूनेे पड़ेे हैंं;
खत्तेे गि�र पड़ेे हैंं ...। पशुु कैै सेे करााहतेे हैंं? झुण्ड ु केे झुण्ड ु गााय–बैैल वि�कल हैंं, क्योंं�कि� उनकेे लि�येे
चरााई नहींं� रहीी। जल केे सोोतेे सूूख गए, और जंं गल कीी चरााइयाँँ� आग काा कौौर होो गईं।» «परमेेश्वर
यहोोवाा कीी वााणीी हैै, “उस दि�न रााजमन्दि�र केे गीीत हााहााकाार मेंं बदल जााएँँगेे, और शवोंं� काा बड़ाा ढेेर
लगेेगाा; और सब स्थाानोंं� मेंं वेे चुुपचााप फेंंक दि�ए जााएँँगेे।” योोएल 1:10-12, 17-20; आमोोस 8:3।
येे वि�पत्ति�याँँ� साार्ववभौौमि�क नहींं� हैंं, अन्यथाा पृृथ्वीी केे नि�वाासीी पूूरीी तरह सेे नष्ट होो जााएँँगेे। फि�र भीी
वेे सबसेे भयाानक वि�पत्ति�याँँ� होंं�गीी जोो शाायद हीी नश्वर लोोगोंं� द्वााराा कभीी अनुुभव कीी गई होंं�। परि�वीीक्षाा
कीी समााप्ति� सेे पहलेे, मनुुष्योंं� पर सभीी नि�र्णणयोंं� मेंं दयाा शाामि�ल थीी। तर्कक केे रूप मेंं प्रस्तुुत कि�याा गयाा
मसीीह केे लहू नेे पाापीी कोो उसकेे अपरााध काा पूूराा मााप प्रााप्त करनेे सेे बचाा लि�याा हैै; परन्तुु अन्ति�म न्यााय
मेंं, क्रोोध बि�नाा दयाा केे उण्डेेलाा जााताा हैै।
442 महाान वि�वााद

उस दि�न, बहुतेेरेे लोोग परमेेश्वर कीी करूणाा केे आश्रय कीी इच्छाा करेंंगेे, जि�सकाा वेे इतनेे दि�नोंं� सेे
ति�रस्काार करतेे आए हैंं। «परमेेश्वर यहोोवाा कीी यह वााणीी हैै, देेखोो, ऐसेे दि�न आतेे हैंं, जब मैंं इस देेश
मेंं महँँगीी करूँँगाा; उस मेंं न तोो अन्न कीी भूूख और न पाानीी कीी प्याास होोगीी, परन्तुु यहोोवाा केे वचनोंं� केे
सुुननेे हीी कीी भूूख प्याास होोगीी। लोोग यहोोवाा केे वचन कीी खोोज मेंं समुुद्र सेे समुुद्र तक और उत्तर सेे पूूरब
तक माारेे-माारेे फि�रेंंगेे, परन्तुु उसकोो न पााएँँगेे।” आमोोस 8:11,12।
परमेेश्वर केे लोोग पीीड़ाा सेे मुुक्त नहींं� होंं�गेे; लेेकि�न सतााए जाानेे और परेेशाान होोनेे केे दौौराान, जबकि�
वेे अभााव सहेंंगेे और भोोजन कीी कमीी सेे पीीड़ि�त होंं�गेे, उन्हेंं नष्ट होोनेे केे लि�ए नहींं� छोोड़ाा जााएगाा। वह
परमेेश्वर जि�सनेे एलि�य्यााह कीी देेखभााल कीी थीी, वह अपनेे आत्म-बलि�दाानीी बच्चोंं� मेंं सेे एक कोो भीी
नहींं� छोोड़ेेगाा। जोो उनकेे सि�र केे बााल गि�नताा हैै वहीी उनकीी सुुधि� लेेगाा, और अकााल केे समय वेे तृृप्त
कि�ए जााएंं गेे। जबकि� दुष्ु ट लोोग भूूख और मरीी सेे मर रहेे हैंं, स्वर्गगदूू त धर्मि�योंं� कीी रक्षाा करेंंगेे और उनकीी
घटीी पूूरीी करेंंगेे। उसकेे लि�ए जोो «धर्मम सेे चलताा हैै» यह प्रति�ज्ञाा हैै: «उसकोो रोोटीी मि�लेेगीी और पाानीी कीी
घटीी कभीी न होोगीी।” «जब दीीन और दरि�द्र लोोग जल ढूंं�ढ़नेे पर भीी न पााएंं , और उनकाा ताालूू प्याास केे
माारेे सूूख जााए, तब मैंं यहोोवाा उनकीी वि�नतीी सुुनूंं�गाा, मैंं इस्रााएल काा परमेेश्वर उन कोो त्यााग न दूंं�गाा।»
यशाायााह 33:15, 16; 41:17।
«चााहेे अंंजीीर केे वृृक्षोंं� मेंं फूू ल न लगेंं, और न दााखलतााओंं मेंं फल लगेंं, जलपााई केे वृृक्ष सेे केे वल
धोोखाा पाायाा जााए और खेेतोंं� मेंं अन्न न उपजेे, भेेड़शाालााओंं मेंं भेेड़–बकरि�याँँ� न रहेंं,और न थाानोंं� मेंं गााय
बैैल होंं�;» तौौभीी जोो उसकाा भय माानतेे हैंं, वेे ‹›यहोोवाा केे काारण आनन्दि�त›› होंं�गेे और अपनेे उद्धाार
करनेेवाालेे परमेेश्वर केे द्वााराा अति� प्रसन्न होंं�गेे। हबक्कूू क 3:17,18।
«यहोोवाा तेेराा रक्षक हैै; यहोोवाा तेेरीी दााहि�नीी ओर तेेरीी आड़ हैै। न तोो दि�न कोो धूूप सेे, और न राात
कोो चाँँ�दनीी सेे तेेरीी कुु छ हाानि� होोगीी। यहोोवाा साारीी वि�पत्ति� सेे तेेरीी रक्षाा करेेगाा:
यहोोवाा साारीी वि�पत्ति� सेे तेेरीी रक्षाा करेेगाा।” «वह तुुझेे बहेेलि�येे केे जााल सेे, और महाामाारीी सेे
बचााएगाा। वह तुुझेे अपनेे पंं खोंं� कीी आड़ मेंं लेे लेेगाा, और तूू उसकेे परोंं� केे नीीचेे शरण पााएगाा, उसकीी
सच्‍‍चााई तेेरेे लि�येे ढााल और झि�लम ठहरेेगीी। तूू न राात केे भय सेे डरेेगाा, और न उस तीीर सेे जोो दि�न कोो
उड़ताा हैै, न उस मरीी सेे जोो अन्धेेरेे मेंं फैै लतीी हैै, और न उस महाारोोग सेे जोो दि�न–दुपु हरीी मेंं उजााड़ताा
हैै। तेेरेे नि�कट हज़ाार, और तेेरीी दााहि�नीी ओर दस हज़ाार गि�रेंंगेे; परन्तुु वह तेेरेे पाास न आएगाा। परन्तुु
तूू अपनीी आँँखोंं� सेे दृष्टि�ि करेेगाा और दुष्ु टोंं� केे अन्त कोो देेखेेगाा। तूू नेे जोो परमप्रधाान कोो अपनाा धााम
माान लि�याा हैै, इसलि�येे कोोई वि�पत्ति� तुुझ पर न पड़ेेगीी, न कोोई दु:ु ख तेेरेे डेेरेे केे नि�कट आएगाा।” भजन
संं हि�ताा 121:5-7; 91:3-10।
फि�र भीी माानवीीय दृष्टि�ि सेे यह प्रतीीत होोगाा कि� परमेेश्वर केे लोोगोंं� कोो जल्द हीी अपनेे लहू सेे अपनीी
गवााहीी कोो सुुनि�श्चि�ित करनाा होोगाा जैैसाा कि� उनसेे पहलेे केे शहीीदोंं� नेे कि�याा थाा। वेे स्वयंं इस बाात सेे डरनेे
लगतेे हैंं कि� यहोोवाा नेे उन्हेंं उनकेे शत्रुुओं ं केे हााथ सेे गि�रनेे केे लि�ए छोोड़ दि�याा हैै। यह भयाानक पीीड़ाा
काा समय हैै। वेे दि�न-राात छुु टकाारेे केे लि�ए परमेेश्वर कीी दुहाु ाई देेतेे हैंं। दुष्ु ट लोोग जयजयकाार करतेे हैंं,
और ठट्ठाा करनेे वाालोंं� कीी यह पुुकाार सुुनााई देेतीी हैै: “कहाँँ� गयाा तेेराा वि�श्वाास? यदि� तुुम सचमुुच उसकीी
प्रजाा होो, तोो परमेेश्वर तुुम्हेंं हमाारेे हााथ सेे क्योंं� नहींं� छुु ड़ाा लेेताा?” लेेकि�न प्रतीीक्षाा करनेे वाालेे यााद करतेे
हैंं कि� यीीशुु कलवरीी केे क्रूूस पर मर रहाा थाा और महाायााजक और हााकि�म उपहाास मेंं चि�ल्लाा रहेे थेे:
संकट का समय 443

“इसनेे औरोंं� कोो बचाायाा, और अपनेे आप कोो नहींं� बचाा सकताा। यह तोो ‘इस्रााएल काा रााजाा’ हैै। अब
क्रूूस पर सेे उतर आए तोो हम उस पर वि�श्‍‍वाास करेंं।” मत्तीी 27:42। यााकूू ब कीी तरह, सभीी परमेेश्वर
सेे मल्लयुुद्ध कर रहेे हैंं। उनकेे चेेहरेे उनकेे आंंतरि�क संं घर्षष कोो व्यक्त करतेे हैंं। हर चेेहरेे पर पीीलाापन छाा
जााताा हैै। फि�र भीी वेे अपनीी सच्चीी हि�माायत करनाा बंं द नहींं� करतेे।
यदि� मनुुष्य स्वर्गीीय दृष्टि�ि सेे देेख सकतेे, तोो वेे मसीीह केे धीीरज केे वचन कोो थाामनेे वाालोंं� केे
आस-पाास उन स्वर्गगदूू तोंं� केे दल कोो देेखतेे जोो बड़ेे वीीर हैंं। सहाानुुभूूति�पूूर्णण कोोमलताा केे सााथ, स्वर्गगदूू -
तोंं� नेे उनकेे संं कट कोो देेखाा हैै और उनकीी प्राार्थथनाा सुुनीी हैै। वेे अपनेे प्रधाान केे आदेेश काा इंं तज़ाार कर
रहेे हैंं तााकि� उन्हेंं उनकेे संं कट सेे नि�काालाा जाा सकेे । लेेकि�न उन्हेंं अभीी थोोड़ाा और इंं तजाार करनाा होोगाा।
परमेेश्वर केे लोोगोंं� कोो उस कटोोरेे सेे पीीनाा होोगाा और वह बपति�स्माा लेेनाा होोगाा जोो यीीशुु नेे लि�याा थाा।
देेरीी हीी, जोो उनकेे लि�ए बहुत दर्ददनााक हैै, उनकीी यााचि�कााओंं काा सबसेे अच्छाा जवााब हैै। जब वेे प्रभुु
केे कााम करनेे केे लि�ए भरोोसेे केे सााथ प्रतीीक्षाा करनेे काा प्रयाास करतेे हैंं तोो वेे वि�श्वाास, आशाा और धैैर्यय
काा प्रयोोग करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त होोतेे हैंं, जोो उनकेे धाार्मि�क अनुुभव केे दौौराान बहुत कम प्रयोोग कि�ए गए
हैंं। तौौभीी चुुनेे हुओंं केे काारण वि�पत्ति� काा समय घटाायाा जााएगाा। «क्याा परमेेश्वर अपनेे चुुनेे हुओंं काा
न्यााय न चुुकााएगाा, जोो राात–दि�न उसकीी दुहाु ाई देेतेे रहतेे हैंं? ... मैंं तुुम सेे कहताा हूँँ, वह तुुरन्त उनकाा
न्यााय चुुकााएगाा।” लूूकाा 18:7,8। अंंत मनुुष्योंं� कीी अपेेक्षाा सेे अधि�क शीीघ्र आएगाा। गेेहूँँ इकट्ठाा कि�याा
जााएगाा, और परमेेश्वर केे खत्तेे केे लि�येे पूूलोंं� मेंं बाान्धाा जााएगाा; जंं गलीी दाानेे वि�नााश कीी आग केे लि�ए
लकड़ि�योंं� केे गट्ठर कीी नााईं बाान्धेे जााएंं गेे।
स्वर्गीीय प्रहरीी, अपनेे भरोोसेे केे प्रति� वफाादाार, अपनीी नि�गराानीी जाारीी रखतेे हैंं। हाालांं�कि� एक
साामाान्य आदेेश नेे समय नि�र्धाा�रि�त कि�याा हैै जब आज्ञाा रखनेे वाालोंं� कोो मौौत केे घााट उतााराा जाा सकताा हैै,
उनकेे दुश्म ु न कुु छ माामलोंं� मेंं आदेेश काा अनुुमाान लगााएंं गेे, और नि�र्दि�ष्ट समय सेे पहलेे, उनकीी जाान
लेेनेे काा प्रयाास करेंंगेे। लेेकि�न हर वफाादाार व्यक्ति� केे आस-पाास तैैनाात शक्ति�शाालीी संं रक्षकोंं� कोो कोोई भीी
पाार नहींं� कर सकताा। कुु छ पर शहरोंं� और गांं�वोंं� सेे उनकीी उड़ाान केे वक्त हमलाा कि�याा जााताा हैै; परन्तुु
उनकेे वि�रुद्ध उठााई गई तलवाारेंं टूू टकर ति�नकेे केे समाान नि�र्बबल होोकर गि�र पड़तीी हैंं। दूू सरोंं� काा योोद्धाा
केे रूप मेंं स्वर्गगदूू तोंं� द्वााराा बचााव कि�याा जााताा हैै।
सभीी युुगोंं� मेंं, परमेेश्वर नेे अपनेे लोोगोंं� कीी सहाायताा और छुु टकाारेे केे लि�ए पवि�त्र स्वर्गगदूू तोंं� केे
मााध्यम सेे कााम कि�याा हैै। स्वर्गीीय प्रााणि�योंं� नेे मनुुष्योंं� केे माामलोंं� मेंं सक्रि�य भााग लि�याा हैै। वेे ऐसेे वस्त्र
पहि�नेे हुए दि�खााई दि�ए हैंं जोो बि�जलीी केे समाान चमकतेे हैंं; वेे पथि�कोंं� केे भेेष मेंं मनुुष्य बनकर आए हैंं।
स्वर्गगदूू त माानव रूप मेंं परमेेश्वर केे लोोगोंं� केे साामनेे प्रकट हुए हैंं। माानोो वेे थकेे हुए होंं�, उन्होंं�नेे दोोपहर
केे समय बलूूत वृृक्षोंं� केे नीीचेे आरााम कि�याा हैै। उन्होंं�नेे माानव घरोंं� काा आति�थ्य स्वीीकाार कि�याा हैै। उन्होंं�नेे
अधीीर याात्रि�योंं� केे लि�ए माार्गगदर्शशक केे रूप मेंं कााम कि�याा हैै। उन्होंं�नेे अपनेे हााथोंं� सेे वेेदीी पर आग जलााई
हैै। उन्होंं�नेे बन्दीीगृृह केे द्वाार खोोल दि�ए हैंं और यहोोवाा केे सेेवकोंं� कोो मुुक्त कर दि�याा हैै। स्वर्गग काा सर्वांं�ग
कवच पहनेे हुए, वेे उद्धाारकर्ताा� कीी कब्र सेे पत्थर लुुढ़काानेे आए।
मनुुष्योंं� केे रूप मेंं, स्वर्गगदूू त अक्सर धर्मि�योंं� कीी सभााओंं मेंं होोतेे हैंं; और जैैसेे वेे सदोोम कोो गए थेे, वेे
दुष्ु टोंं� कीी सभाा मेंं उनकेे काामोंं� काा लेेखाा लेेनेे केे लि�ए, उनकेे द्वााराा परमेेश्वर कीी सहनशीीलताा कीी सीीमाा
कोो लांं�घेे जाानेे कीी संं भाावनाा काा पताा लगाानेे केे लि�ए जाातेे हैंं। यहोोवाा दयाा सेे प्रसन्न होोताा हैै; और थोोड़ेे
444 महाान वि�वााद

सेे लोोगोंं� केे लि�ए जोो वाास्तव मेंं उसकीी सेेवाा करतेे हैंं, वह वि�पत्ति�योंं� कोो रोोकताा हैै और जनसााधाारण
कीी शांं�ति� कोो बढ़ााताा हैै। परमेेश्वर केे वि�रुद्ध पााप करनेे वाालोंं� कोो कम हीी पताा चलताा हैै कि� वेे अपनेे
जीीवन केे लि�ए उन कुु छ वि�श्वाासपाात्रोंं� केे ऋणीी हैंं जि�नकाा वेे उपहाास और दमन करनेे मेंं प्रसन्न होोतेे हैंं।
यद्यपि� संं साार केे शाासक यह नहींं� जाानतेे, फि�र भीी प्रााय: उनकीी सभााओंं मेंं स्वर्गगदूू त प्रवक्ताा रहेे हैंं।
मनुुष्य कीी आंंखोंं� नेे उन पर दृष्टि�ि कीी हैै; माानव काानोंं� नेे उनकीी पुुकाार सुुनीी हैै; माानवीीय होोठोंं� नेे उनकेे
सुुझाावोंं� काा वि�रोोध कि�याा हैै और उनकीी सलााहोंं� कीी खि�ल्लीी उड़ााई हैै; माानवीीय हााथोंं� नेे उनकाा अपमाान
कि�याा हैै और उन्हेंं गाालीी दीी हैै। सभाागृृह और न्याायाालय मेंं इन स्वर्गीीय दूू तोंं� नेे माानव इति�हाास केे सााथ
घनि�ष्ठ परि�चय दि�खाायाा हैै; उन्होंं�नेे अपनेे योोग्य और सबसेे वााक्पटुु रक्षकोंं� कीी तुुलनाा मेंं उत्पीीड़ि�तोंं� केे
काारण कीी पैैरवीी करनेे मेंं खुुद कोो बेेहतर सााबि�त कि�याा हैै। उन्होंं�नेे उद्देेश्योंं� कोो वि�फल कर दि�याा हैै और
उन बुुरााइयोंं� कोो रोोक दि�याा हैै जोो परमेेश्वर केे काार्यय कोो बहुत धीीमाा कर देेतींं� और उसकेे लोोगोंं� कोो बहुत
पीीड़ाा पहुँँचाातींं�। संं कट और संं कट कीी घड़ीी मेंं «यहोोवाा केे डरवैैयोंं� केे चाारोंं� ओर उसकाा दूू त छाावनीी कि�ए
हुए उनकोो बचााताा हैै।» भजन संं हि�ताा 34:7।
बड़ीी लाालसाा केे सााथ, परमेेश्वर केे लोोग अपनेे आनेे वाालेे रााजाा केे चि�न्होंं� कीी प्रतीीक्षाा करतेे हैंं।
जैैसाा कि� पहरुओंं सेे पूूछाा जााताा हैै, «राात काा क्याा समााचाार हैै?» उत्तर अवि�चल रूप सेे दि�याा जााताा हैै,
«भोोर होोतीी हैै और राात भीी।» यशाायााह 21:11, 12। पहााड़ोंं� कीी चोोटि�योंं� केे ऊपर बाादलोंं� पर रोोशनीी
चमक रहीी हैै। जल्द हीी उसकीी महि�माा काा खुुलाासाा होोगाा। धर्मम काा सूूर्यय उदय होोनेे वाालाा हैै। भोोर और
राात दोोनोंं� नि�कट हैंं—धर्मि�योंं� केे लि�येे अनन्त दि�न काा उदय होोनाा, और दुष्ु टोंं� केे लि�येे सदाा कीी राात
काा अन्त होो जाानाा।”
जैैसेे हीी मल्लयुुद्ध करनेे वाालेे परमेेश्वर केे साामनेे अपनीी यााचि�कााओंं काा आग्रह करतेे हैंं, उन्हेंं
अदृश्य सेे अलग करनेे वाालाा पर्दाा� लगभग हटाा दि�याा गयाा प्रतीीत होोताा हैै। अनन्त दि�न कीी सुुबह केे
सााथ आकााश चमकताा हैै, और स्वर्गगदूू तोंं� केे गीीतोंं� कीी धुुन कीी तरह येे शब्द काानोंं� पर पड़तेे हैंं: «अपनीी
नि�ष्ठाा केे लि�ए दृढ़ताा सेे खड़ेे रहोो। मदद आ रहीी हैै।” मसीीह, सर्ववशक्ति�माान वि�जेेताा, अपनेे थकेे हुए
सैैनि�कोंं� कोो अमर महि�माा काा मुुकुुट देेताा हैै; और उसकीी आवााज़ अधखुुलेे फााटकोंं� सेे आतीी हैै: “देेखोो,
मैंं तुुम्हाारेे सााथ हूँँ। डरोो नहींं�। मैंं तुुम्हाारेे सब दुखोंं�
ु सेे परि�चि�त हूंं; मैंंनेे तुुम्हाारेे दुखोंं�
ु कोो सहाा हैै। आप
अपरीीक्षि�त शत्रुुओं ं सेे युुद्ध नहींं� कर रहेे हैंं। मैंंनेे तुुम्हाारीी ओर सेे लड़ााई लड़ीी हैै, और मेेरेे नााम सेे तुुम
जयवंं तोंं� सेे बढ़कर होो।”
अनमोोल उद्धाारकर्ताा� मदद भेेजेेगाा जब हमेंं इसकीी आवश्यकताा होोगीी। स्वर्गग काा माार्गग उसकेे
पदचि�न्होंं� द्वााराा पवि�त्र कि�याा गयाा हैै। हर एक काँँ�टाा जोो हमाारेे पाँँ�व कोो घाायल करताा हैै, उसनेे उसकेे
पाँँ�व कोो घाायल कि�याा हैै। प्रत्येेक क्रूूस जि�सेे उठाानेे केे लि�ए हमेंं बुुलाायाा गयाा हैै, उसनेे हमाारेे साामनेे उठाा
लि�याा हैै। आत्माा कोो शांं�ति� केे लि�ए तैैयाार करनेे केे लि�ए प्रभुु संं घर्षष कीी अनुुमति� देेतेे हैंं। संं कट काा समय
परमेेश्वर केे लोोगोंं� केे लि�ए भयाानक परीीक्षाा हैै; लेेकि�न यह हर सच्चेे वि�श्वाासीी केे लि�ए ऊपर देेखनेे काा
समय हैै, और वि�श्वाास केे द्वााराा वह प्रति�ज्ञाा केे धनुुष कोो अपनेे चाारोंं� ओर देेख सकताा हैै।
यहोोवाा केे छुु ड़ााए हुए लोोग लौौटकर जयजयकाार करतेे हुए सि�य्योोन मेंं आएँँगेे, और उनकेे सि�रोंं� पर
अनन्त आनन्द गूँँ�जताा रहेेगाा; वेे हर्षष और आनन्द प्रााप्त करेंंगेे, और शोोक और सि�सकि�योंं� काा अन्त होो
जााएगाा। मैंं हीी वह हूंं जोो तुुम्हेंं शाान्ति� देेताा हैै; और अपनेे कर्ताा� यहोोवाा कोो भूूल गए; ... तूू कौौन हैै जोो
संकट का समय 445

मरनेे वाालेे मनुुष्य सेे, और घाास केे समाान मुुर्झाा�नेे वाालेे आदमीी सेे डरताा हैै और अत्यााचाारीी केे रोोष सेे हर
दि�न लगााताार डरताा हैै; ... जब द्रोोहीी नााश करनेे कोो तैैयाार होोताा हैै तब उसकीी जलजलााहट सेे दि�न भर
लगााताार थरथरााताा हैै? परन्तुु द्रोोहीी कीी जलजलााहट कहाँँ� रहीी? बन्दीी शीीघ्र हीी स्वतन्त्र कि�याा जााएगाा;
वह गड््ढेे मेंं न मरेेगाा और न उसेे रोोटीी कीी कमीी होोगीी। जोो समुुद्र कोो उथल–पुुथल करताा जि�ससेे उसकीी
लहरोंं� मेंं गरजन होोतीी हैै, वह मैंं हीी तेेराा परमेेश्वर यहोोवाा हूँँ, मेेराा नााम सेेनााओंं काा यहोोवाा हैै। मैंं नेे तेेरेे
मुँँ�ह मेंं अपनेे वचन डाालेे, और तुुझेे अपनेे हााथ कीी आड़ मेंं छि�पाा रखाा हैै। « यशाायााह 51:11-16।
«इस काारण हेे दुखिु �याारीी, सुुन, तूू मतवाालीी तोो हैै, परन्तुु दााखमधुु पीीकर नहींं�; तेेराा प्रभुु यहोोवाा जोो
अपनीी प्रजाा काा मुुक़द्दमाा लड़नेेवाालाा तेेराा परमेेश्वर हैै, वह योंं� कहताा हैै, “सुुन, मैंं लड़खड़ाा देेनेेवाालेे मद
केे कटोोरेे कोो अर्थाा�त्् अपनीी जलजलााहट केे कटोोरेे कोो तेेरेे हााथ सेे लेे लेेताा हूँँ; तुुझेे उस मेंं सेे फि�र कभीी
पीीनाा न पड़ेेगाा; और मैंं उसेे तेेरेे उन दु:ु ख देेनेेवाालोंं� केे हााथ मेंं दूँँ� गाा, जि�न्होंं�नेे तुुझ सेे कहाा, ‘लेेट जाा,
कि� हम तुुझ पर पाँँ�व रखकर आगेे चलेंं; ’ और तूू नेे औंंधेे मुँँ�ह गि�रकर अपनीी पीीठ कोो भूूमि� और आगेे
चलनेे वाालोंं� केे लि�येे सड़क बनाा दि�याा।” पद 21-23।
युुगोंं� सेे देेख रहीी परमेेश्वर कीी दृष्टि�ि, उस संं कट पर टि�कीी हुई थीी जि�सकाा उसकेे लोोगोंं� कोो साामनाा
करनाा हैै, जब सांं�साारि�क शक्ति�योंं� कोो उनकेे वि�रुद्ध तैैयाार कि�याा जााएगाा। बंं धुुआ नि�र्वाा�सि�त व्यक्ति� कीी
तरह, वेे भुुखमरीी याा हिं�सां ा सेे मृृत्युु केे भय मेंं होंं�गेे। परन्तुु पवि�त्र वहीी हैै जि�सनेे इस्रााएल केे साामनेे लााल
समुुद्र कोो वि�भााजि�त कि�याा, वह अपनीी परााक्रमीी शक्ति� कोो प्रकट करेेगाा और उनकीी बन्धुुवााई कोो लौौटाा
देेगाा। «सेेनााओंं काा यहोोवाा यह कहताा हैै, “जोो दि�न मैंं नेे ठहराायाा हैै, उस दि�न वेे लोोग मेेरेे वरन्् मेेरेे
नि�ज भााग ठहरेंंगेे, और मैंं उन सेे ऐसीी कोोमलताा करूँँगाा जैैसीी कोोई अपनेे सेेवाा करनेेवाालेे पुुत्र सेे करेे।
« मलााकीी 3:17। यदि� इस समय मसीीह केे वि�श्वाासयोोग्य गवााहोंं� काा लहू बहाायाा जााताा, तोो वह शहीीदोंं�
केे लहू कीी तरह, परमेेश्वर केे लि�ए एक फसल पैैदाा करनेे केे लि�ए बोोए गए बीीज केे रूप मेंं नहींं� होोताा।
उनकीी नि�ष्ठाा दूू सरोंं� कोो सत्य काा वि�श्वाास दि�लाानेे कीी गवााहीी नहींं� होोगीी; क्योंं�कि� हठीीलेे हृदय नेे दयाा कीी
लहरोंं� कोो तब तक पीीछेे धकेे लाा हैै, जब तक कि� वेे फि�र न लौौटेंं। यदि� धर्मि�योंं� कोो अब उनकेे शत्रुुओं ं
काा शि�काार बननेे केे लि�ए छोोड़ दि�याा गयाा, तोो यह संं साार केे सरदाार, अर्थाा�त शैैताान कीी वि�जय होोगीी।
भजनकाार कहताा हैै: «क्योंं�कि� वह तोो मुुझेे वि�पत्ति� केे दि�न मेंं अपनेे मण्डप मेंं छि�पाा रखेेगाा; अपनेे तम्बूू
केे गुुप्‍‍त स्थाान मेंं वह मुुझेे छि�पाा लेेगाा, और चट्टाान पर चढ़ााएगाा।» भजन संं हि�ताा 27:5। «हेे मेेरेे लोोगोो,
आओ, अपनीी-अपनीी कोोठरीी मेंं प्रवेेश करकेे कि�वााड़ोंं� कोो बन्द करोो; थोोड़ीी देेर तक जब तक क्रोोध शाान्त
न होो तब तक अपनेे कोो छि�पाा रखोो। क्योंं�कि� देेखोो, यहोोवाा पृृथ्वीी केे नि�वाासि�योंं� कोो अधर्मम काा दण्ड देेनेे
केे लि�येे अपनेे स्थाान सेे चलाा आताा हैै। « यशाायााह 26:20,21। महि�माामय होोगाा उनकाा छुु टकााराा जोो
धैैर्ययपूूर्ववक उसकेे आगमन कीी बााट जोोहतेे रहेे हैंं और जि�नकेे नााम जीीवन कीी पुुस्तक मेंं लि�खेे हैंं।
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परमेेश्वर केे लोोगोंं� काा उद्धाार

ज ब परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा काा सम्माान करनेे वाालोंं� सेे माानव काानूूनोंं� काा संं रक्षण वाापस लेे लि�याा
जााएगाा, तोो अलग-अलग देेशोंं� मेंं उनकेे वि�नााश केे लि�ए एक समकाालीीन आंंदोोलन होोगाा। जैैसेे-
जैैसेे आदेेश मेंं नि�यत समय नि�कट आएगाा, लोोग घृृणि�त संं प्रदााय कोो जड़ सेे खत्म करनेे कीी सााजि�श
रचेंंगेे। यह एक राात एक नि�र्णाा�यक झटकाा, जोो असहमति� और फटकाार केे शब्द कोो पूूरीी तरह सेे शांं�त
कर देेगाा, देेनेे केे लि�ए दृढ़ संं कल्पि�त होोगाा।
परमेेश्वर केे लोोग - कुु छ जेेल कीी कोोठरि�योंं� मेंं, कुु छ जंं गलोंं� और पहााड़ोंं� मेंं एकांं�त मेंं छि�पेे हुए हैंं -
अभीी भीी ईश्वरीीय सुुरक्षाा कीी यााचनाा करतेे हैंं, जबकि� हर जगह दुष्ु ट स्वर्गगदूू तोंं� केे सेेनााओंं द्वााराा प्रोोत्साा-
हि�त कि�ए गए सशस्त्र पुुरुषोंं� केे समूूह मृृत्युु केे काार्यय केे लि�ए तैैयाार होो रहेे। यह अब, अत्यधि�क चरम समय
मेंं हैै, कि� इस्रााएल काा परमेेश्वर अपनेे चुुनेे हुए लोोगोंं� केे छुु टकाारेे केे लि�ए वि�नतीी करेेगाा। यहोोवाा कहताा हैै;
«तब तुुम पवि�त्र पर्वव कीी राात काा साा गीीत गााओगेे, और जैैसाा लोोग यहोोवाा केे पर्ववत कीी ओर उस सेे मि�लनेे
कोो, जोो इस्रााएल कीी चट्टाान हैै, ... जाातेे हैंं, वैैसेे हीी तुुम्हाारेे मन मेंं भीी आनन्द होोगाा। और यहोोवाा अपनीी
प्रताापीी वााणीी सुुनााएगाा, और अपनाा क्रोोध भड़कााताा और आग कीी लौौ सेे भस्म करताा हुआ, और प्रचण्ड
आँँधीी और अति� वर्षाा� और ओलोंं� केे सााथ अपनाा भुुजबल दि�खााएगाा। « यशाायााह 30:29,30।
वि�जय, उपहाास और नि�न्दाा केे जयकाारेे लगाातेे हुए, दुष्ु टोंं� कीी भीीड़ अपनेे शि�काार पर प्रहाार करनेे
वाालीी हैै, जब, देेखोो, राात केे अंंधेरेे े सेे भीी गहराा एक घनाा काालाापन, पृृथ्वीी पर छाा जााताा हैै। तब एक
मेेघधनुुष, जोो परमेेश्वर केे सिं�हां ासन सेे महि�माा केे सााथ चमकताा हुआ, आकााश मेेहरााब मेंं बनााताा हैै
और प्रत्येेक प्राार्थथनाा करनेे वाालीी मंं डलीी कोो घेेरेे हुए प्रतीीत होोताा हैै। क्रोोधि�त भीीड़ कोो अचाानक गि�रफ्ताार
कर लि�याा जााताा हैै। उनकीी उपहाासपूूर्णण आवााज़ेंं मंं द पड़ जाातीी हैंं। उनकेे जाानलेेवाा क्रोोध केे उद्देेश्योंं� कोो
भुुलाा दि�याा गयाा हैै। भयाानक पूूर्वाा�भाास केे सााथ वेे परमेेश्वर कीी वााचाा केे प्रतीीक पर टकटकीी लगााए हुए
हैंं और उसकीी प्रबल चमक सेे बचााव केे लि�ए लाालाायि�त हैंं।
परमेेश्वर केे लोोगोंं� कीी ओर सेे एक स्पष्ट और मधुुर वााणीी सुुनााई देेतीी हैै, जोो कहतीी हैै, «ऊपर
देेखोो,» और वेे अपनीी आंंखेंं स्वर्गग कीी ओर उठााकर, प्रति�ज्ञाा काा धनुुष देेखतेे हैंं। आकााश कोो ढंं कनेे
परमेश्वर के लोगों का उद् 447

वाालेे काालेे, क्रोोधि�त बाादल छंं ट जाातेे हैंं, और वेे स्ति�फनुुस कीी तरह दृढ़ताा सेे स्वर्गग कीी ओर देेखतेे हैंं
और परमेेश्वर कीी महि�माा और मनुुष्य केे पुुत्र कोो उसकेे सिं�ंहाासन पर वि�रााजमाान देेखतेे हैंं। उसकेे
पवि�त्र रूप मेंं वेे उसकीी दीीनताा केे चि�न्होंं� कोो पहचाानतेे हैंं; और उसकेे होोठोंं� सेे वेे उसकेे पि�ताा और
पवि�त्र स्वर्गगदूू तोंं� केे साामनेे प्रस्तुुत कि�ए गए अनुुरोोध कोो सुुनतेे हैंं: «मैंं चााहताा हूंं कि� वेे भीी, जि�न्हेंं तूू नेे
मुुझेे दि�याा हैै, जहांं� मैंं हूंं , वहांं� मेेरेे सााथ रहेंं।» यूूहन्नाा 17:24। फि�र सेे एक संं गीीतमय और वि�जयीी
आवााज़, यह कहतेे हुए सुुनााई देेतीी हैै: «वेे आतेे हैंं! वेे आतेे हैंं! पवि�त्र, हाानि�रहि�त और नि�र्ममल।
उन्होंं�नेे मेेरेे धीीरज केे वचन कोो माानाा हैै; वेे स्वर्गगदूू तोंं� केे बीीच फि�रेंं गेे; और जि�न लोोगोंं� नेे अपनेे
वि�श्वाास कोो थाामेे रखाा हैै, उनकेे पीीलेे, काँँ�पतेे होंं�ठ वि�जय काा जयघोोष करतेे हैंं।
यह आधीी राात कोो हैै कि� परमेेश्वर अपनेे लोोगोंं� केे छुु टकाारेे केे लि�ए अपनीी साामर्थ्यय प्रकट करताा हैै।
सूूर्यय अपनेे पूूरेे तेेज केे सााथ चमकताा हुआ प्रकट होोताा हैै। संं केे त और चमत्काार तेेज़ीी सेे एक केे बााद एक
होोतेे हैंं। दुष्ु ट इस दृश्य कोो भय और वि�स्मय सेे देेखतेे हैंं, जबकि� धर्मीी आनन्द केे सााथ अपनेे छुु टकाारेे
केे चि�न्होंं� कोो देेखतेे हैंं। प्रकृृ ति� मेंं सब कुु छ अपनेे पथ सेे बााहर होो गयाा लगताा हैै। धाारााएंं बहनाा बंं द कर
देेतीी हैंं। काालेे, भाारीी बाादल उठतेे हैंं और एक दूू सरेे सेे टकराातेे हैंं। क्रोोधि�त आकााश केे बीीच मेंं अवर्णण-
नीीय महि�माा काा एक स्पष्ट स्थाान हैै, जहांं� सेे परमेेश्वर कीी वााणीी बहुत सेे जल कीी घरघरााहट कीी तरह
आतीी हैै और कहतीी हैंं: “होो चुुकाा। « प्रकााशि�तवााक्य 16:17।
वह आवााज़ आकााश और पृृथ्वीी कोो हि�लाा देेतीी हैै। एक ऐसाा बड़ाा भूूकम्प आयाा कि�, «जब सेे
मनुुष्य कीी उत्पत्ति� पृृथ्वीी पर हुई, तब सेे ऐसाा बड़ाा भूूकम्प कभीी न आयाा थाा।» प्रकााशि�तवााक्य 17,
18। आकााश खुुलताा और बंं द होोताा प्रतीीत होोताा हैै। ऐसाा लगताा हैै कि� परमेेश्वर केे सिं�हां ासन सेे महि�माा
झलक रहीी हैै। पहााड़ हवाा मेंं सरकंं डेे कीी तरह काँँ�पतेे हैंं, और चाारोंं� ओर टुुकड़ेे-टुुकड़ेे हुई चट्टाानेंं बि�खरीी
पड़ीी हैंं। आनेे वाालेे तूूफ़ाान कीी गर्जजन होोतीी हैै। समुुद्र अत्यंं त अशांं�त होो जााताा हैै। वि�नााश केे मि�शन पर
रााक्षसोंं� कीी आवााज कीी तरह एक तूूफाान कीी गड़गड़ााहट सुुनााई देेतीी हैै। साारीी पृृथ्वीी समुुद्र कीी लहरोंं� केे
समाान कांं�पतीी और उठतीी हैै। इसकीी सतह टूू ट रहीी हैै। इसकीी नींं�व हीी हि�लतीी नज़र आ रहीी हैै। पर्ववत
श्रृंं�खलााएंं बैैठ रहीी हैंं। आबााद द्वीीप गाायब होो जाातेे हैंं। बन्दरगााह जोो दुष्ु टताा केे लि�ए सदोोम केे समाान बन
गए हैंं, प्रचंं ड जल मेंं समाा गए हैंं। बड़ाा बााबुुल परमेेश्वर केे स्मरण मेंं आयाा हैै, «कि� वह उसेे अपनेे क्रोोध
कीी भयाानक दााखमधुु काा कटोोराा देे।» «मन–मन भर केे » बड़ेे-बड़ेे ओलेे अपनाा वि�नााश काा काार्यय कर
रहेे हैंं। पद 19,21। पृृथ्वीी केे गौौरवपूूर्णण नगरोंं� कोो नीीचाा दि�खाायाा गयाा हैै। रााजसीी महल, जि�न पर दुनि�या ु ा
केे महाापुुरुषोंं� नेे अपनीी महि�माा केे लि�ए अपनाा धन लुुटाायाा हैै, उनकीी आंंखोंं� केे साामनेे चकनााचूूर होो रहेे
हैंं। जेेल कीी दीीवाारेंं तोोड़ दीी जाातीी हैंं, और परमेेश्वर केे लोोग, जि�न्हेंं उनकेे वि�श्वाास केे लि�ए बंं धन मेंं रखाा
गयाा हैै, मुुक्त कर दि�ए जाातेे हैंं।
कब्रेंं खोोलीी जाातीी हैंं, और «जोो भूूमि� केे नीीचेे सोोए रहेंंगेे उन मेंं सेे बहुत सेे लोोग जााग उठेंं गेे, कि�तनेे
तोो सदाा केे जीीवन केे लि�येे, और कि�तनेे अपनीी नाामधरााई और सदाा तक अत्यन्त घि�नौौनेे ठहरनेे केे
लि�येे।» दाानि�य्येेल 12:2। वेे सभीी जोो तीीसरेे स्वर्गगदूू त केे संं देेश केे वि�श्वाास मेंं मर गए हैंं, कब्र सेे महि�माा
पाातेे हुए बााहर आतेे हैंं, तााकि� वेे उन लोोगोंं� केे सााथ परमेेश्वर कीी शांं�ति� कीी वााचाा कोो सुुन सकेंं जि�न्होंं�नेे
उसकीी व्यवस्थाा काा पाालन कि�याा हैै। «जि�न्होंं�नेे उसेे बेेधाा थाा वेे भीी» (प्रकााशि�तवााक्य 1:7), जि�न्होंं�नेे
मसीीह केे मरतेे वक्त उसकीी वेेदनााओंं काा मज़ााक उड़ाायाा और उसकाा उपहाास कि�याा, और उसकीी सच्चााई
448 महाान वि�वााद

और उसकेे लोोगोंं� केे सबसेे हिं�सक ं वि�रोोधीी, उसकीी महि�माा मेंं उसेे देेखनेे केे लि�ए और वफाादाार और
आज्ञााकाारीी लोोगोंं� कोो दि�ए गए सम्माान कोो देेखनेे केे लि�ए जि�लााए जाातेे हैंं।
आसमाान मेंं अभीी भीी घनेे बाादल छााए हुए हैंं; तौौभीी सूूर्यय बीीच-बीीच मेंं दि�खााई पड़ताा हैै, और यहोोवाा
कीी पलटाा लेेनेे वाालीी आंंख केे समाान दि�खााई देेताा हैै।
आकााश सेे भयंं कर बि�जलि�याँँ� झपटतीी हैंं, और पृृथ्वीी कोो आग कीी चाादर मेंं ढँँक लेेतीी हैंं। गड़ग-
ड़ााहट कीी भयाानक गर्जजन केे ऊपर, आवााज़ेंं, रहस्यमय और भयाानक, दुष्ु टोंं� केे सर्ववनााश कीी घोोषणाा
करतीी हैंं। बोोलेे गए शब्द सभीी कीी समझ मेंं नहींं� आतेे हैंं; लेेकि�न झूठेू े शि�क्षकोंं� द्वााराा उन्हेंं स्पष्ट रूप सेे
समझाा जााताा हैै। जोो कुु छ समय पहलेे इतनेे लाापरवााह, इतनेे घमंं डीी और उद्दंंड थेे, परमेेश्वर कीी आज्ञाा
काा पाालन करनेे वाालेे लोोगोंं� केे प्रति� अपनीी क्रूूरताा मेंं इतनेे आनंं दि�त थेे, अब वेे आतंं क सेे अभि�भूूत हैंं
और भय सेे काँँ�प रहेे हैंं। तत्वोंं� कीी ध्वनि� केे ऊपर उनकाा वि�लााप सुुनााई देेताा हैै। दुष्ु टाात्मााएँँ मसीीह केे
ईश्वरत्व कोो स्वीीकाार करतीी हैंं और उसकीी शक्ति� केे आगेे काँँ�पतीी हैंं, जबकि� मनुुष्य दयाा कीी यााचनाा कर
रहेे हैंं और घोोर आतंं क मेंं काँँ�प रहेे हैंं।
प्रााचीीन भवि�ष्यद्वक्तााओंं नेे परमेेश्वर केे दि�न कोो पवि�त्र दर्शशन मेंं देेखकर कहाा थाा: «हााय–हााय
करोो, क्योंं�कि� यहोोवाा काा दि�न समीीप हैै; वह सर्ववशक्ति�माान कीी ओर सेे माानोो सत्याानााश करनेे केे लि�येे
आताा हैै।» यशाायााह 13:6। «यहोोवाा केे भय केे काारण और उसकेे प्रतााप केे माारेे चट्टाान मेंं घुुस जाा,
और मि�ट्टीी मेंं छि�प जाा। आदमि�योंं� कीी घमण्ड भरीी आँँखेंं नीीचीी कीी जााएँँगीी और मनुुष्योंं� काा घमण्ड दूू र
कि�याा जााएगाा; और उस दि�न केे वल यहोोवाा हीी ऊँँचेे पर वि�रााजमाान रहेेगाा। क्योंं�कि� सेेनााओंं केे यहोोवाा
काा दि�न सब घमण्डि�योंं� और ऊँँ चीी गर्ददन वाालोंं� पर और उन्नति� सेे फूू लनेे वाालोंं� पर आएगाा; और वेे
झुका ु ाए जााएँँगेे।» «उस दि�न लोोग अपनीी चाँँ�दीी–सोोनेे कीी मूूरतोंं� कोो जि�न्हेंं उन्होंं�नेे दण्डवत्् करनेे केे लि�येे
बनाायाा थाा, छछूंं� दरोंं� और चमगाादड़ोंं� केे आगेे फेे केंंगेे, और जब यहोोवाा पृृथ्वीी कोो कम्पि�त करनेे केे लि�ए
उठेे गाा तब वेे उसकेे भय केे काारण और उसकेे प्रतााप केे माारेे चट्टाानोंं� कीी दराारोंं� और पहााड़ि�योंं� केे छेे दोंं�
मेंं घुुसेंंगेे।» यशाायााह 2:10-12, 20, 21, माार्जि�न।
बाादलोंं� मेंं एक दराार मेंं सेे एक तााराा चमकताा हैै जि�सकीी चमक अंंधेेरेे केे वि�परीीत चाार गुुनाा बढ़
जाातीी हैै। यह वि�श्वाासि�योंं� केे लि�ए आशाा और खुुशीी काा संं केे त हैै, लेेकि�न परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे
उल्लंं घनकर्ताा�ओं ं केे लि�ए गंं भीीरताा और क्रोोध काा। जि�न्होंं�नेे मसीीह केे लि�ए अपनाा सब कुु छ बलि�दाान
कर दि�याा हैै वेे अब सुुरक्षि�त हैंं, जैैसेे प्रभुु केे मण्डप केे रहस्य मेंं छि�पेे हुए हैंं। वेे परखेे गए हैंं, और
संं साार केे सााम्हनेे और सत्य केे ति�रस्काार करनेेवाालोंं� केे सााम्हनेे उस पर जोो उनकेे लि�येे मराा, अपनीी
भक्ति� अभि�व्यक्त कीी हैै। उन लोोगोंं� मेंं एक अद््भुुत परि�वर्ततन आयाा हैै जि�न्होंं�नेे मृृत्युु काा साामनाा करतेे
हुए भीी अपनीी सत्यनि�ष्ठाा कोो दृढ़ताा सेे थाामेे रखाा हैै। वेे क्रूूर दुुष् ट और अमाानवीीय व्यक्ति�योंं� मेंं परि�-
वर्ति�त पुुरुषोंं� केे अंंधेेरेे और भयाानक अत्यााचाार सेे अचाानक मुुक्त कि�ए गए हैंं। उनकेे चेेहरेे , हााल हीी
मेंं इतनेे पीीलेे, चिं�ंति�त और थकेे हुए, अब आश्चर्यय, वि�श्वाास और प्रेेम सेे दमक रहेे हैंं। वि�जयीी गीीत
मेंं उनकेे स्वर उठतेे हैै: «परमेेश्वर हमााराा शरणस्थाान और बल हैै, संं कट मेंं अति� सहज सेे मि�लनेे
वाालाा सहाायक। इस काारण हम कोो कोोई भय नहींं� चााहेे पृृथ्वीी उलट जााए, और पहााड़ समुुद्र केे
बीीच मेंं डााल दि�ए जााएँँ ; चााहेे समुुद्र गरजेे और फेे न उठााए, और पहााड़ उसकीी बााढ़ सेे काँँ�प उठेे ।»
भजन संं हि�ताा 46:1-3।
परमेश्वर के लोगों का उद् 449

जबकि� पवि�त्र भरोोसेे केे येे शब्द परमेेश्वर केे पाास ऊपर उठतेे हैंं, बाादल पीीछेे हट जाातेे हैंं, और
ताारोंं� वाालाा आकााश दि�खााई देेताा हैै, दोोनोंं� तरफ काालेे और क्रोोधि�त आकााश केे वि�परीीत अकथनीीय
रूप सेे शाानदाार। अधखुुलेे फााटकोंं� सेे स्वर्गीीय नगरीी कीी महि�माा झरतीी हैै। फि�र वहाँँ� आकााश सेे एक
सााथ मुुड़ीी हुई पत्थर कीी दोो तख़्ति�याँँ� पकड़ेे हुए एक हााथ दि�खााई देेताा हैै। भवि�ष्यद्वक्ताा कहताा हैै: «स्वर्गग
उसकेे धर्मीी होोनेे काा प्रचाार करेेगाा क्योंं�कि� परमेेश्वर तोो आप हीी न्याायीी हैै।» भजन संं हि�ताा 50:6। वह
पवि�त्र व्यवस्थाा, परमेेश्वर कीी धाार्मि�कताा, जोो गरज और ज्वाालाा केे बीीच जीीवन केे माार्गगदर्शशक केे रूप मेंं
सीीनैै सेे घोोषि�त कीी गई थीी, अब न्यााय केे माानक केे रूप मेंं मनुुष्योंं� पर प्रकट कीी गई हैै। हााथ तख़्ति�योंं�
कोो खोोलताा हैै, और वहाँँ� दस आज्ञााओंं केे नि�र्देेश, माानोो आग कीी कलम सेे लि�खेे गए होंं� दि�खााई देेतेे
हैंं। शब्द इतनेे सरल हैंं कि� सभीी उन्हेंं पढ़ सकतेे हैंं। स्मृृति� जााग्रत होोतीी हैै, अंंधवि�श्वाास और वि�धर्मम
काा अंंधकाार प्रत्येेक मन सेे दूू र होो जााताा हैै, और परमेेश्वर कीी दस आज्ञााएंं , संं क्षि�प्त, व्याापक और
आधि�काारि�क, पृृथ्वीी केे सभीी नि�वाासि�योंं� केे देेखनेे केे लि�ए प्रस्तुुत कीी जाातीी हैंं।
उन लोोगोंं� कीी भयाावहताा और नि�रााशाा काा वर्णणन करनाा असंं भव हैै जि�न्होंं�नेे परमेेश्वर कीी पवि�त्र
आवश्यकतााओंं कोो रौंं�दाा हैै। यहोोवाा नेे उन्हेंं अपनीी व्यवस्थाा दीी; होो सकताा हैै कि� उन्होंं�नेे अपनेे चरि�त्रोंं�
कीी तुुलनाा इसकेे सााथ कीी होो और अपनेे दोोषोंं� कोो जाानाा होो, जब अभीी भीी पश्चाातााप और सुुधाार काा
अवसर थाा; परन्तुु संं साार काा समर्थथन पाानेे केे लि�ए उन्होंं�नेे उसकेे उपदेेशोंं� कोो टााल दि�याा, और दूू सरोंं�
कोो उल्लंं घन करनाा सि�खाायाा। उन्होंं�नेे परमेेश्वर केे लोोगोंं� कोो उसकेे सब्त कोो अपवि�त्र करनेे केे लि�ए
वि�वश करनेे काा प्रयाास कि�याा हैै। अब वेे उस व्यवस्थाा केे द्वााराा दण्डि�त हैंं जि�सकाा उन्होंं�नेे ति�रस्काार
कि�याा थाा। भयाानक वि�शि�ष्टताा केे सााथ वेे देेखतेे हैंं कि� उनकेे पाास कोोई बहाानाा नहींं� हैंं। उन्होंं�नेे चुुनाा
कि� वेे कि�सकीी सेेवाा और आरााधनाा करेंंगेे। «तब तुुम फि�रकर धर्मीी और दुष्ु ट काा भेेद , अर्थाा�त्् जोो
परमेेश्वर कीी सेेवाा करताा हैै, और जोो उसकीी सेेवाा नहींं� करताा, उन दोोनोंं� काा भेेद पहि�चाान सकोोगेे।»
मलााकीी 3:18।
परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे दुश्मु न, पाादरि�योंं� सेे लेेकर उनमेंं सेे सबसेे छोोटेे तक, सत्य और कर्ततव्य
कीी एक नई अवधाारणाा रखतेे हैंं। वेे बहुत देेर सेे देेखतेे हैंं कि� चौौथीी आज्ञाा काा सब्त जीीवि�त परमेे-
श्वर कीी मुुहर हैै। बहुत देेर सेे वेे अपनेे झूठेू े सब्त केे वाास्तवि�क स्वरूप और उस रेेतीीलीी नींं�व कोो देेखतेे
हैंं जि�स पर वेे नि�र्माा�ण कर रहेे हैंं। वेे पाातेे हैंं कि� वेे परमेेश्वर केे वि�रुद्ध लड़ रहेे हैंं। धाार्मि�क शि�क्षकोंं� नेे
स्वर्गग केे द्वाार तक उनकाा माार्गगदर्शशन करनेे काा दाावाा करतेे हुए आत्मााओंं कोो नरकवाास मेंं डााल दि�याा हैै।
अंंति�म हि�सााब केे दि�न तक यह ज्ञाात नहींं� होोगाा कि� पवि�त्र ओहदोंं� पर लोोगोंं� कीी ज़ि�म्मेेदाारीी कि�तनीी बड़ीी
हैै और उनकीी बेेवफााई केे परि�णााम कि�तनेे भयाानक हैंं। केे वल अनंं त कााल मेंं हीी हम कि�सीी एक आत्माा
केे नुुकसाान काा सहीी अनुुमाान लगाा सकतेे हैंं। उसकाा वि�नााश भयाानक होोगाा जि�ससेे परमेेश्वर कहेेगाा:
वि�दाा होो, दुष्ु ट दाास।
परमेेश्वर कीी आवााज़ स्वर्गग सेे सुुनााई देेतीी हैै, जोो यीीशुु केे आनेे केे दि�न और घड़ीी कीी घोोषणाा करतीी
हैै, और अपनेे लोोगोंं� कोो सदाा कीी वााचाा देेतीी हैै। सबसेे तेेज गड़गड़ााहट कीी गरज कीी तरह उसकेे शब्द
पृृथ्वीी पर तरंंगि�त होोतेे हैंं। परमेेश्वर काा इस्रााएल अपनीी आंंखेंं ऊपर कीी ओर लगााए हुए खड़ेे-खड़ेे सुुनताा
हैै। उनकेे चेेहरेे उसकीी महि�माा सेे रोोशन हैंं, और जैैसेे मूूसाा काा चेेहराा सीीनैै सेे उतरतेे समय चमक रहाा
थाा, वैैसेे हीी उनकाा चेेहराा चमक रहाा थाा। दुष्ु ट उनकीी ओर नहींं� देेख सकतेे। और जब आशीीष उन्हेंं दीी
450 महाान वि�वााद

जाातीी हैै जि�न्होंं�नेे परमेेश्वर केे वि�श्रााम दि�न कोो पवि�त्र माानकर उसकाा आदर कि�याा हैै, तोो जयजयकाार
काा बड़ाा शब्द होोताा हैै।
जल्द हीी पूूर्वव मेंं एक छोोटाा काालाा बाादल दि�खााई देेताा हैै, जोो एक आदमीी केे हााथ केे आकाार काा
लगभग आधाा होोताा हैै। यह वह बाादल हैै जोो उद्धाारकर्ताा� कोो घेेरेे हुए हैै और जोो दूू र सेे अंंधेेरेे मेंं लपेेटाा
हुआ प्रतीीत होोताा हैै। परमेेश्वर केे लोोग इसेे मनुुष्य केे पुुत्र केे चि�न्ह केे रूप मेंं जाानतेे हैंं। जैैसेे-जैैसेे
यह पृृथ्वीी केे नि�कट आताा हैै, और हल्काा और अधि�क महि�माामय होोतेे हुए एक बड़ाा सफेे द बाादल
बन जााताा हैै, जि�सकाा आधाार भस्म करनेे वाालीी आग कीी तरह और जि�सकेे ऊपर वााचाा काा इंं द्रधनुुष
होोताा हैै, वेे शाान्त चुुप्पीी सााधेे इसेे देेखतेे हैंं। यीीशुु एक शक्ति�शाालीी वि�जेेताा केे रूप मेंं आगेे बढ़ताा हैै।
शर्मम और हााय काा कड़वाा प्याालाा पीीनेे केे लि�ए अब «दु:ु खीी पुुरुष» नहींं�, वह जीीवि�त और मृृत लोोगोंं�
काा न्यााय करनेे केे लि�ए स्वर्गग और पृृथ्वीी मेंं वि�जयीी होोकर आताा हैै। «वि�श्वाासयोोग्य और सत्य» «वह
धर्मम केे सााथ न्यााय और युुद्ध करताा हैै।» और «स्वर्गग कीी सेेनाा» (प्रकााशि�तवााक्य 19:11,14) उसकेे
पीीछेे -पीीछेे आतीी हैै। स्वर्गीीय रााग केे गीीत गाातेे हुए पवि�त्र स्वर्गगदूू तोंं� काा एक वि�शााल, असंं ख्य समूूह,
उसकेे राास्तेे मेंं उसकीी सेेवाा-टहल करताा हैै। आकााश दीीप्ति�माान रूपोंं� सेे भराा हुआ प्रतीीत होोताा हैै -
«लााखोंं� और करोोड़ोंं�।» कोोई माानव कलम इस दृश्य कोो चि�त्रि�त नहींं� कर सकतीी; कोोई माानव दि�मााग़
इसकीी भव्यताा कीी कल्पनाा करनेे केे लि�ए पर्याा�प्त नहींं� हैै। «उसकाा तेेज आकााश पर छाायाा हुआ हैै,
और पृृथ्वीी उसकीी स्तुुति� सेे परि�पूूर्णण होो गई हैै। उसकीी ज्योोति� सूूर्यय केे तुुल्य थीी।» हबक्कूू क 3:3,4।
ज्योंं�-ज्योंं� जीीवि�त बाादल और नि�कट आताा जााताा हैै, प्रत्येेक आँँख जीीवन केे कर्ताा� कोो नि�हाारतीी हैै।
अब उस पवि�त्र सि�र पर काँँ�टोंं� काा कोोई तााज नहींं�; परन्तुु महि�माा काा मुुकुुट उसकेे पवि�त्र मााथेे पर
रहताा हैै। दोोपहर केे सूूरज कीी चमकदाार चमक सेे उसकाा चेेहराा चमक उठताा हैै। «उसकेे वस्त्र और
जाँँ�घ पर यह नााम लि�खाा हैै, “रााजााओंं काा रााजाा और प्रभुुओं ं काा प्रभुु।” प्रकााशि�तवााक्य 19:16।
उसकीी उपस्थि�ति� मेंं «सब केे मुुख पीीलेे पड़ गए हैंं;» परमेेश्वर केे अनुुग्रह कोो अस्वीीकाार करनेे वाालोंं�
पर अनन्त नि�रााशाा काा आतंं क छाा जााताा हैै। «मन कच्चाा होो गयाा, और पाँँ�व काँँ�पतेे हैंं; ...और उन सभोंं�
केे मुुख काा रंंग उड़ गयाा हैै।” यि�र्ममयााह 30:6; नहूम 2:10। धर्मीी काँँ�पतेे हुए पुुकाारतेे हैंं: “अब कौौन
ठहर सकताा हैै?” स्वर्गगदूू तोंं� काा गीीत नि�स्तब्ध होो जााताा हैै, और भयाानक सन्नााटेे काा दौौर होोताा हैै। फि�र
यीीशुु कीी आवााज़ यह कहतेे हुए सुुनााई देेतीी हैै: «मेेराा अनुुग्रह तेेरेे लि�ए बहुत हैै।» धर्मि�योंं� केे मुुख पर
ज्योोति� आ जाातीी हैै, और सब केे मन आनन्द सेे भर जाातेे हैंं। और स्वर्गगदूू त उच्चतर स्वर लगाातेे हैंं और
फि�र सेे गाातेे हैंं जब वेे पृृथ्वीी केे और भीी करीीब आतेे हैंं।
रााजााओंं काा रााजाा धधकतीी हुई आग मेंं लि�पटेे हुए बाादल पर उतरताा हैै। आकााश ऐसाा सरक गयाा
जैैसाा पत्र लपेेटनेे सेे सरक जााताा हैै, पृृथ्वीी उसकेे सााम्हनेे कांं�प उठीी, और हर एक पहााड़ और टाापूू अपनेे-
अपनेे स्थाान सेे टल गयाा। हमााराा परमेेश्वर आएगाा और चुुपचााप न रहेेगाा,आग उसकेे आगेे-आगेे भस्म
करतीी जााएगीी; और उसकेे चाारोंं� ओर बड़ीी आँँधीी चलेेगीी। वह अपनीी प्रजाा काा न्यााय करनेे केे लि�येे ऊपर
केे आकााश कोो और पृृथ्वीी कोो भीी पुुकाारेेगाा। « भजन संं हि�ताा 50:3,4।
«तब पृृथ्वीी केे रााजाा, और प्रधाान, और सरदाार, और धनवाान और साामर्थीी लोोग, और हर एक
दाास और हर एक स्वतंं त्र पहााड़ोंं� कीी खोोहोंं� मेंं और चट्टाानोंं� मेंं जाा छि�पेे, और पहााड़ोंं� और चट्टाानोंं� सेे
कहनेे लगेे, हम पर गि�र पड़ोो; और हमेंं उसकेे मुँँ�ह सेे जोो सिं�हां ासन पर बैैठाा हैै, और मेेम्नेे केे प्रकोोप
परमेश्वर के लोगों का उद् 451

सेे छि�पाा लोो। क्योंं�कि� उसकेे प्रकोोप काा भयाानक दि�न आ पहुँँचाा हैै, अब कौौन ठहर सकताा हैै?”
प्रकााशि�तवााक्य 6:15-17।
उपहाास केे ठहााकेे बंं द होो गए हैंं। झूठू बोोलनेे वाालेे होंं�ठ मौौन होो जाातेे हैंं। «लहू मेंं लथड़ेे हुए कपड़ोंं�»
(यशाायााह 9:5) और भ्राामक शोोर केे सााथ लड़ााई काा कोोलााहल, और हथि�याारोंं� काा टकरााव शांं�त होो
जााताा हैै। अब प्राार्थथनाा केे स्वर और रोोनेे और वि�लााप कीी आवााज़ केे अलाावाा और कुु छ सुुनााई नहींं� पड़ताा
हैै। हााल हीी मेंं ठट्ठाा कर रहेे होोठोंं� सेे आवााज़ नि�कलतीी हैै: «उसकेे प्रकोोप काा भयाानक दि�न आ पहुँँचाा
हैै, अब कौौन ठहर सकताा हैै?” दुष्ु ट प्राार्थथनाा करतेे हैंं कि� वेे पहााड़ोंं� कीी चट्टाानोंं� केे नीीचेे दबेे रहेंं, बजााय
इसकेे कि� वेे उसकेे चेेहरेे सेे मि�लेंं जि�सेे उन्होंं�नेे ति�रस्कृृत और अस्वीीकाार कि�याा हैै।
मुुर्दोंं केे काानोंं� मेंं जोो आवााज़ उतरतीी हैै, वेे जाानतेे हैंं। कि�तनीी बाार इसकेे शोोकााकुु ल, कोोमल स्वर
नेे उन्हेंं पश्चाातााप केे लि�ए बुुलाायाा हैै। कि�तनीी बाार यह एक मि�त्र, एक भााई, एक मुुक्ति�दााताा केे हृदय-
स्पर्शीी अनुुनय-वि�नय मेंं सुुनाा गयाा हैै। उनकेे अनुुग्रह कोो अस्वीीकाार करनेे वाालोंं� केे लि�ए और कुु छ भीी
इतनीी भर्त्ससनाा सेे भराा, निं�दां ा सेे इतनाा बोोझि�ल नहींं� होो सकताा थाा, जैैसेे कि� वह आवााज़ थीी जि�सनेे इतनेे
लंं बेे समय सेे नि�वेेदन कि�याा थाा: «तुुम अपनेे-अपनेे बुुरेे माार्गग सेे फि�र जााओ; तुुम क्योंं� मरोो?» यहेेजकेेल
33:11। ओह, यह उनकेे लि�ए एक अजनबीी कीी आवााज थीी! यीीशुु कहताा हैै: «मैंं नेे तोो पुुकााराा परन्तुु
तुुम नेे इन्काार कि�याा, और मैंं नेे हााथ फैै लाायाा, परन्तुु कि�सीी नेे ध्याान न दि�याा, वरन्् तुुम नेे मेेरीी साारीी
सम्मति� कोो अनसुुनाा कि�याा, और मेेरीी तााड़नाा काा मूूल्य न जाानाा।» नीीति�वचन 1:24,25। वह आवााज
उन याादोंं� कोो जगाातीी हैै जि�न्हेंं वेे मि�टाा देेनाा चााहतेे हैंं - ति�रस्कृृत चेेताावनि�याँँ�, अस्वीीकृृ त नि�मंं त्रण, तुुच्छ
जाानेे गए वि�शेेषााधि�काार।
ऐसेे लोोग हैंं जि�न्होंं�नेे मसीीह कोो उसकीी दीीनताा मेंं ठट्ठोंं� मेंं उड़ाायाा। उनकेे मन मेंं भय सेे सि�हरन
उत्पन्न करनेे वाालीी साामर्थ्यय केे सााथ पीीड़ि�त केे शब्द आए, जब, महाायााजक द्वााराा आदेेश दि�ए जाानेे
पर, उसनेे सत्यनि�ष्ठाा सेे घोोषणाा कीी: «तुुम मनुुष्य केे पुुत्र कोो सर्ववशक्ति�माान केे दााहि�नीी ओर बैैठेे, और
आकााश केे बाादलोंं� पर आतेे देेखोोगेे।” मत्तीी 26:64। अब वेे उसेे उसकीी महि�माा मेंं देेखतेे हैंं, और उन्हेंं
अभीी उसेे साामर्थीी केे दााईं ओर बैैठेे हुए देेखनाा बााकीी हैै।
जि�न लोोगोंं� नेे उसकेे परमेेश्वर केे पुुत्र होोनेे केे दाावेे काा उपहाास उड़ाायाा थाा, वेे अब अवााक हैंं।
वहाँँ� घमण्डीी हेेरोोदेेस हैै जि�सनेे उसकीी शााहीी उपााधि� काा उपहाास कि�याा और उपहाास करतेे सैैनि�कोंं� कोो
रााजाा काा मुुकुुट पहनाानेे काा आदेेश दि�याा। यहाँँ� वहीी पुुरुष हैंं जि�न्होंं�नेे दुष्ु ट हााथोंं� सेे उसकोो बैंंजनीी वस्त्र
पहि�नाायाा थाा, उसकेे पवि�त्र सि�र पर काँँ�टोंं� काा मुुकुुट रखाा थाा, और उसकेे अवि�रोोधीी हााथ मेंं नकलीी
रााजदंंड दि�याा थाा, और उसकेे आगेे घुुटनेे टेेककर उसेे ठट्ठोंं� मेंं उड़ाायाा थाा। जि�न लोोगोंं� नेे जीीवन केे कर्ताा�
कोो मााराा थाा और उस पर थूूकाा थाा, अब उसकीी भेेदीी नि�गााहोंं� सेे मुंं� ह फि�राा लेेतेे हैंं और उसकीी उपस्थि�ति�
कीी प्रबल महि�माा सेे भाागनेे कीी कोोशि�श करतेे हैंं। जि�न्होंं�नेे उसकेे हााथोंं� और पैैरोंं� केे आर पाार कीीलेंं
ठोोकीी थीी, जि�स सि�पााहीी नेे बरछीी सेे उसकाा पंं जर बेेधाा थाा, वेे इन नि�शाानोंं� कोो आतंं क और पछताावेे केे
सााथ देेखतेे हैंं।
यााजक और शाासक बड़ीी स्पष्टताा केे सााथ कलवरीी कीी घटनााओंं कोो यााद करतेे हैंं। सि�हरन भरीी
भयाावहताा केे सााथ वेे यााद करतेे हैंं कि� कैै सेे, शैैताानीी उल्लाास मेंं अपनाा सि�र हि�लाातेे हुए, उन्होंं�नेे कहाा
थाा: “इसनेे दूू सरोंं� कोो बचाायाा; वह स्वयंं कोो नहींं� बचाा सकताा। यह तोो ‘इस्रााएल काा रााजाा’ हैै। अब क्रूूस
452 महाान वि�वााद

पर सेे उतर आए तोो हम उस पर वि�श्‍‍वाास करेंं। उसनेे परमेेश्वर पर भरोोसाा रखाा हैै; यदि� वह इस कोो
चााहताा हैै, तोो अब इसेे छुु ड़ाा लेे।” मत्तीी 27:42,43।
स्पष्ट रूप सेे वेे उन कि�साानोंं� केे उद्धाारकर्ताा� केे दृष्टांं�त कोो यााद करतेे हैंं जि�न्होंं�नेे अपनेे स्वाामीी कोो
दााख कीी बाारीी काा फल देेनेे सेे इनकाार कर दि�याा, जि�न्होंं�नेे उसकेे नौौकरोंं� कोो गाालीी दीी और उसकेे बेेटेे
कोो माार डाालाा। उन्हेंं वह वााक्य भीी यााद हैै जोो उन्होंं�नेे खुुद सुुनाायाा थाा: दााख कीी बाारीी काा स्वाामीी «उन
बुुरेे लोोगोंं� कोो बुुरीी रीीति� सेे नष्ट करेेगाा।» उन वि�श्वाासघाातीी मनुुष्योंं� केे पााप और दण्ड मेंं यााजकोंं� और
प्रााचीीनोंं� कोो अपनाा माार्गग और अपनाा न्याायसंं गत वि�नााश दि�खााई देेताा हैै। और अब माानवीीय पीीड़ाा कीी
पुुकाार उठतीी हैै। यरुशलेेम कीी गलि�योंं� मेंं सुुनााई देेनेे वाालेे शोोर «वह क्रूूस पर चढ़ाायाा जााए,” सेे भीी
अधि�क भयाानक, नि�रााशााजनक वि�लााप उमड़ पड़ताा हैै, «वह परमेेश्वर काा पुुत्र हैै! “सचमुुच यह
परमेेश्वर काा पुुत्र थाा!” वेे रााजााओंं केे रााजाा केे साामनेे सेे भाागनाा चााहतेे हैंं। वेे तत्वोंं� केे परस्पर-वि�रोोध
सेे कट कर पृृथक हुई पृृथ्वीी कीी गहरीी गुुफााओंं मेंं छि�पनेे काा व्यर्थथ प्रयाास करतेे हैंं।
सत्य कोो अस्वीीकाार करनेे वाालेे सभीी लोोगोंं� केे जीीवन मेंं ऐसेे क्षण आतेे हैंं जब वि�वेेक जाागताा हैै,
जब स्मृृति� पााखंं ड केे जीीवन कीी याातनाापूूर्णण स्मृृति� प्रस्तुुत करतीी हैै और आत्माा व्यर्थथ पछताावेे सेे परेेशाान
होो जाातीी हैै। लेेकि�न येे उस दि�न केे पछताावेे कीी तुुलनाा मेंं क्याा हैंं जब “भय आँँधीी केे समाान आ पड़ेेगाा,”
जब “वि�पत्ति� बवण्डर केे समाान आ पड़ेेगीी”! नीीति�वचन 1:27। जोो लोोग मसीीह और उसकेे वि�श्वा�-
सयोोग्य लोोगोंं� कोो नष्ट कर देेतेे वेे अब उस महि�माा कोो देेखतेे हैंं जोो उन पर छाा जाातीी हैै। अपनेे आतंं क
केे बीीच वेे संं तोंं� कीी हर्षि�त स्वरोंं� मेंं यह कहतेे हुए आवााज़ेंं सुुनतेे हैंं: «देेखोो, हमााराा परमेेश्वर यहीी हैै, हम
इसीी कीी बााट जोोहतेे आए हैंं, कि� वह हमााराा उद्धाार करेे।» यशाायााह 25:9।
पृृथ्वीी कीी हलचल केे बीीच, बि�जलीी कीी चमक, और गर्जजन कीी गड़गड़ााहट, परमेेश्वर केे पुुत्र कीी
आवााज़ सोोए हुए पवि�त्र लोोगोंं� कोो पुुकाारतीी हैै। वह धर्मि�योंं� कीी कब्रोंं� कोो देेखताा हैै, फि�र स्वर्गग कीी ओर
हााथ उठााकर, वह पुुकाारताा हैै: «जाागोो, जाागोो, जाागोो, हेे मि�ट्टीी मेंं सोोनेे वाालोंं�, और उठोो!” पृृथ्वीी कीी
लंं बााई और चौौड़ााई मेंं मृृतक उस आवााज़ कोो सुुनेंंगेे, और जोो सुुनेंंगेे वेे जीीवि�त रहेंंगेे। और साारीी पृृथ्वीी हर
एक जााति�, कुु ल, भााषाा, और लोोगोंं� कीी बहुत बड़ीी सेेनाा केे चलनेे सेे थरथराा उठेे गीी। मृृत्युु केे कााराागाार सेे
वेे अमर वैैभव काा वस्त्र पहनेे हुए, कहतेे हुए आतेे हैंं: «हेे मृृत्युु, तेेराा डंंक कहाँँ� रहाा? हेे मृृत्युु, तेेरीी जय
कहाँँ� रहीी?» 1 कुु रि�न्थि�योंं� 15:55। और जीीवि�त धर्मीी और जीी उठेे हुए पवि�त्र लोोग अपनीी आवााज़ कोो
जय केे एक लम्बेे, आनंं दि�त जयकाारेे मेंं मि�लाातेे हैंं।
सभीी अपनीी कब्रोंं� सेे उसीी कद-कााठीी मेंं नि�कलतेे हैंं जैैसेे वेे तब थेे जब उन्होंं�नेे कब्र मेंं प्रवेेश कि�याा
थाा। आदम, जोो जीी उठीी हुई भीीड़ केे बीीच मेंं खड़ाा हैै, डीील-डौौल मेंं ऊँँचेे कद और रााजसीी रूप काा हैै,
लेेकि�न परमेेश्वर केे पुुत्र सेे थोोड़ाा कम हैै। वह बााद कीी पीीढ़ि�योंं� केे लोोगोंं� केे लि�ए एक स्पष्ट वि�परीीतताा
प्रस्तुुत करताा हैै; इस एक संं दर्भभ मेंं जााति� कीी महाान गि�राावट कोो दि�खाायाा गयाा हैै। लेेकि�न सभीी शााश्वत
यौौवन कीी आवााज़ और जोोश केे सााथ उठतेे हैंं। शुुरुआत मेंं, मनुुष्य कोो न केे वल चरि�त्र मेंं, बल्कि� डीील-
डौौल और वि�शेेषताा मेंं भीी परमेेश्वर कीी समाानताा मेंं बनाायाा गयाा थाा। पााप नेे पवि�त्र छवि� कोो वि�कृृ त
कर दि�याा और लगभग मि�टाा दि�याा; परन्तुु वह जोो खोो गयाा थाा, मसीीह उसेे लौौटाानेे आयाा। वह हमाारेे
घि�नौौनेे शरीीरोंं� कोो बदल देेगाा और उन्हेंं अपनीी महि�माामयीी देेह केे समाान बनाा देेगाा। माानवीीय, नश्वर
रूप, सुंं� दरताा सेे रहि�त, जोो कभीी पााप सेे दूू षि�त थाा, पूूर्णण, सुंं� दर और अमर होो जााताा हैै। सभीी दोोषोंं� और
परमेश्वर के लोगों का उद् 453

वि�कृृ ति�योंं� कोो कब्र मेंं छोोड़ दि�याा जााताा हैै। लंं बेे समय सेे खोोए हुए अदन मेंं जीीवन केे वृृक्ष केे पाास आनेे
काा अधि�काार पााकर, छुु ड़ााए गए लोोग जााति� केे पूूर्णण डीील-डौौल तक, जैैसेे कि� यह अपनेे आदि�काालीीन
गौौरव मेंं थीी, «बढ़ जााएंं गेे»। (मलााकीी 4:2)। पााप केे श्रााप केे अंंति�म नि�शाान हटाा दि�ए जााएंं गेे, और
मसीीह केे वि�श्वाासीी «हमाारेे परमेेश्वर यहोोवाा कीी मनोोहरताा» मेंं मन और आत्माा और शरीीर मेंं अपनेे प्रभुु
कीी सि�द्ध छवि� कोो प्रति�बिं�बि�त ं करतेे हुए दि�खााई देंंगेे। ओह, अद्भु ् ुत छुु टकााराा! लंं बेे समय सेे चर्चि�त,
लंं बेे समय सेे वांं�छि�त, उत्सुुक प्रत्यााशाा केे सााथ अपेेक्षि�त, लेेकि�न पूूरीी तरह सेे कभीी नहींं� समझाा गयाा।
जीीवि�त धर्मीी «यह क्षण भर मेंं, पलक माारतेे हीी» बदल जाातेे हैंं। परमेेश्वर कीी वााणीी सेे वेे गौौरवा�-
न्वि�त हुए; अब उन्हेंं अमर कर दि�याा गयाा हैंं और जीी उठेे हुए पवि�त्र लोोगोंं� केे सााथ हवाा मेंं अपनेे प्रभुु
सेे मि�लनेे केे लि�ए उठाा लि�ए गए हैंं। स्वर्गगदूू त «पृृथ्वीी केे इस छोोर सेे आकााश केे उस छोोर तक, चाारोंं�
दि�शााओंं सेे अपनेे चुुनेे हुए लोोगोंं� कोो इकट्ठाा करेेगाा।» पवि�त्र स्वर्गगदूू त बच्चोंं� कोो उनकीी माातााओंं कीी बााहोंं�
मेंं पहुंंचाातेे हैंं। लंं बेे समय सेे मृृत्युु सेे बि�छड़ेे हुए मि�त्र एक होो जाातेे हैंं, फि�र कभीी जुुदाा नहींं� होोनेे केे लि�ए,
और आनंं द केे गीीतोंं� केे सााथ परमेेश्वर केे नगर कीी ओर बढ़तेे हैंं।
मेेघमय रथ केे दोोनोंं� ओर पंं ख हैंं, और उसकेे नीीचेे जीीवि�त पहि�ए हैंं; और जैैसेे-जैैसेे रथ ऊपर कीी
ओर चढ़ताा हैै, वैैसेे-वैैसेे पहि�ए “पवि�त्र,” और पंं ख हि�लतेे हुए “पवि�त्र” पुुकाारतेे हैंं, और स्वर्गगदूू तोंं� केे
दल पुुकाारतेे हैंं, “पवि�त्र, पवि�त्र, प्रभुु परमेेश्वर सर्ववशक्ति�माान।» और छुु ड़ााए हुए ऊँँचेे स्वर मेंं कहतेे हैंं,
“अल्लेेलूूयाा!” जैैसेे-जैैसेे रथ नए यरूशलेेम कीी ओर बढ़ताा हैै।
परमेेश्वर केे नगर मेंं प्रवेेश करनेे सेे पहलेे, उद्धाारकर्ताा� अपनेे अनुुयाायि�योंं� कोो वि�जय काा प्रतीीक
प्रदाान करताा हैै और उन्हेंं उनकीी शााहीी अवस्थाा केे चि�न्ह सेे सुुसज्जि�ित करताा हैै। जि�सकाा रूप
महि�माा मेंं संं त और स्वर्गगदूू त सेे बहुत ऊपर हैै, जि�सकाा चेेहराा उनकेे प्रति� सौौम्य प्रेेम सेे भराा हुआ
हैै, अर्थाा�त उनकेे रााजाा केे चाारोंं� ओर एक वर्गग केे रूप मेंं चमचमाातेे पंं क्ति�बद्ध सैैनि�क व्यवस्थि�त हैंं।
छुु ड़ााए हुओंं कीी अनगि�नत भीीड़ मेंं हर दृष्टि�ि उस पर टि�कीी हैै, हर आंंख उसकीी महि�माा कोो नि�हाारतीी
हैै जि�सकाा «रूप यहाँँ� तक बि�गड़ाा हुआ थाा कि� मनुुष्य काा साा न जाान पड़ताा थाा और उसकीी सुुन्दरताा
भीी आदमि�योंं� कीी सीी न रह गई थीी।» वि�जेेतााओंं केे सि�र पर, यीीशुु अपनेे दााहि�नेे हााथ सेे महि�माा काा
मुुकुुट रखताा हैै। प्रत्येेक केे लि�ए एक मुुकुुट हैै, जि�स पर उसकाा अपनाा «नयाा नााम» (प्रकााशि�तवााक्य
2:17) और उत्कीीर्णणन हैै, «प्रभुु केे लि�ए पवि�त्रताा।» प्रत्येेक हााथ मेंं वि�जेेताा काा वि�जय चि�ह्न और
चमकतीी हुई वीीणाा रखीी जाातीी हैै। फि�र, जैैसेे हीी प्रधाान स्वर्गगदूू त सुुर लगाातेे हैंं, हर हााथ कुु शल स्पर्शश
केे सााथ वीीणाा केे ताारोंं� कोो छेे ड़ताा हैै और सुुस्वर, मधुुर स्वरोंं� मेंं मधुुर लय कोो जगााताा हैै। अवर्णण-
नीीय उत्सााह हर हृदय कोो रोोमांं�चि�त कर देेताा हैै, और हर आवााज़ कृृ तज्ञ स्तुुति� मेंं उठतीी हैै: «वह हम
सेे प्रेेम रखताा हैै, और उसनेे अपनेे लहू केे द्वााराा हमेंं पाापोंं� सेे छुु ड़ाायाा हैै, और हमेंं एक रााज्य और
अपनेे पि�ताा परमेेश्वर केे लि�येे यााजक भीी बनाा दि�याा; उसीी कीी महि�माा और परााक्रम युुगाानुुयुुग रहेे।»
प्रकााशि�तवााक्य 1:5,6।
छुु ड़ााए गए लोोगोंं� केे साामनेे वह पवि�त्र नगर हैै। यीीशुु मोोतीी केे फााटकोंं� कोो चौौड़ाा करताा हैै, और
जि�न जााति�योंं� नेे सत्य काा पाालन कि�याा हैै वेे प्रवेेश करतीी हैंं। वहाँँ� वेे परमेेश्वर केे स्वर्गगलोोक कोो देेखतेे हैंं,
जोो आदम कीी नि�र्दोोषताा केे दि�नोंं� मेंं उसकाा घर थाा। फि�र वह आवााज़, जोो मनुुष्य केे काानोंं� मेंं पड़ेे कि�सीी
भीी संं गीीत सेे कहींं� अधि�क सुुस्वर थीी, यह कहतेे हुए सुुनााई देेतीी हैै: «तुुम्हााराा संं घर्षष समााप्त हुआ।» «हेे
454 महाान वि�वााद

मेेरेे पि�ताा केे धन्य लोोगोो, आओ, उस रााज्य केे अधि�काारीी होो जााओ, जोो जगत केे आदि� सेे तुुम्हाारेे लि�येे
तैैयाार कि�याा गयाा हैै।»
अब उद्धाारकर्ताा� कीी अपनेे शि�ष्योंं� केे लि�ए प्राार्थथनाा पूूरीी हुई: «मैंं चााहताा हूँँ कि� जि�न्हेंं तूू नेे मुुझेे दि�याा हैै,
जहाँँ� मैंं हूँँ वहाँँ� वेे भीी मेेरेे सााथ होंं�।» «अपनीी महि�माा कीी भरपूूरीी केे साामनेे मगन और नि�र्दोोष» (यहूदाा
24) मसीीह पि�ताा कोो अपनेे लहू कीी खरीीद कीी घोोषणाा करतेे हुए प्रस्तुुत करताा हैै: «मैंं यहाँँ� हूँँ, और येे
बच्चेे जि�न्हेंं तूू नेे मुुझेे दि�याा हैै।» «जि�न्हेंं तूू नेे मुुझेे दि�याा हैै, मैंंनेे उनकीी रक्षाा कीी हैै।» ओह, मोोल लेेकर
व्यवस्थाा केे शााप सेे छुु ड़ाानेे वाालेे प्रेेम केे चमत्काार! उस घड़ीी काा उत्सााह जब अनंं त पि�ताा, छुु ड़ााए गए
लोोगोंं� कोो देेखतेे हुए, उसकेे स्वरूप कोो देेखेेगाा, पााप द्वााराा हुए असाामंं जस्य कोो दूू र हुए, उसकेे दोोष कोो
दूू र हुए, और माानव काा एक बाार फि�र परमाात्माा केे सााथ साामंं जस्य स्थाापि�त हुए देेखेेगाा!
अवर्णणनीीय प्रेेम केे सााथ, यीीशुु अपनेे वि�श्वाासयोोग्य लोोगोंं� काा उनकेे प्रभुु केे आनन्द मेंं स्वाागत
करताा हैै। उद्धाारकर्ताा� काा आनंं द महि�माा केे रााज्य मेंं, उन आत्मााओंं कोो देेखनेे मेंं हैै जोो उसकीी पीीड़ाा और
दीीनताा सेे बचााई गई हैंं। और छुु ड़ााए हुए उसकेे आनन्द मेंं सहभाागीी होंं�गेे, जब वेे धन्य लोोगोंं� केे बीीच
उन्हेंं देेखेंंगेे जोो अपनीी प्राार्थथनााओंं, अपनेे प्रयाासोंं�, और अपनेे प्रेेममय बलि�दाान केे द्वााराा मसीीह केे लि�ए
जीीतेे गए हैंं। जब वेे महाान श्वेेत सिं�हां ासन केे पाास इकट्ठाा होंं�गेे, तोो उनकेे हृदय अकथनीीय आनंं द सेे
भर जााएंं गेे जब वेे उन्हेंं देेखेंंगेे जि�न्हेंं उन्होंं�नेे मसीीह केे लि�ए जीीताा हैै, और सुुनि�श्चि�ित करेंंगेे कि� एक नेे
दूू सरोंं� कोो जीीताा हैै, और इन्होंं�नेे और भीी अन्य लोोगोंं� कोो, सभीी कोो वि�श्रााम केे आश्रय मेंं यीीशुु केे चरणोंं�
मेंं अपनेे मुुकुुट रखनेे केे लि�ए और अनंं त कााल केे अंंतहीीन चक्रोंं� केे शुुरू सेे अन्त तक उसकीी स्तुुति�
करनेे केे लि�ए लाायाा गयाा हैै।
जब छुु ड़ााए गए लोोगोंं� काा परमेेश्वर केे नगर मेंं स्वाागत कि�याा जााताा हैै, तोो हवाा मेंं आरााधनाा कीी
एक उल्लाासपूूर्णण पुुकाार सुुनााई देेतीी हैै। दोोनोंं� आदम मि�लनेे वाालेे हैंं। परमेेश्वर काा पुुत्र हमाारीी जााति� केे
पि�ताा काा स्वाागत करनेे केे लि�ए बााहेंं फैै लााए खड़ाा हैै - वह जि�सेे उसनेे बनाायाा, जि�सनेे अपनेे रचनााकाार
केे खि�लााफ पााप कि�याा, और जि�सकेे पााप केे लि�ए उद्धाारकर्ताा� केे रूप पर क्रूूस पर चढ़ााए जाानेे केे नि�शाान
हैंं। जब आदम क्रूूरताा सेे ठोोकीी गई कीीलोंं� केे नि�शाानोंं� कोो पहचाानताा हैै, तोो वह अपनेे प्रभुु कीी छाातीी पर
नहींं� गि�रताा, बल्कि� दीीनताा मेंं खुुद कोो उसकेे चरणोंं� मेंं गि�राा देेताा हैै, और ऊँँचेे शब्द सेे कहताा हैै: “वध
कि�याा हुआ मेेम्नाा योोग्य हैै!” उद्धाारकर्ताा� कोोमलताा सेे उसेे उठााताा हैै और अदन केे घर पर एक बाार फि�र
सेे नज़र डाालनेे केे लि�ए कहताा हैै, जहाँँ� सेे वह इतनेे लंं बेे समय सेे नि�र्वाा�सि�त थाा।
अदन सेे उसकेे नि�ष्काासन केे बााद, पृृथ्वीी पर आदम काा जीीवन दुखोंं� ु सेे भर गयाा। हर मुुरझााताा
हुआ पत्ताा, बलि�दाान काा हर शि�काार, प्रकृृ ति� केे सुुनहरेे चेेहरेे पर पड़ाा हर कलंं क, मनुुष्य कीी पवि�त्रताा पर
लगाा हर दााग, उसकेे पााप काा तााज़ाा अनुुस्माारक थाा। पश्चाातााप कीी पीीड़ाा भयाानक थीी जब उसनेे अधर्मम
कोो फैै लतेे देेखाा, और, उसकीी चेेताावनि�योंं� केे जवााब मेंं, पााप केे काारण केे रूप मेंं खुुद पर डाालेे गए
ति�रस्काार काा साामनाा कि�याा। धैैर्यययुक्त ु वि�नम्रताा केे सााथ, उसनेे लगभग एक हज़ाार वर्षोंं तक अपरााध काा
दंंड सहाा। वि�श्वाासपूूर्ववक उसनेे अपनेे पााप काा पश्चाातााप कि�याा और वाादाा कि�ए गए उद्धाारकर्ताा� केे गुुणोंं�
पर भरोोसाा कि�याा, और वह पुुनरुत्थाान कीी आशाा मेंं मर गयाा। परमेेश्वर केे पुुत्र नेे मनुुष्य कीी वि�फलताा
और पतन काा प्राायश्चि�ित्त कि�याा; और अब, प्राायश्चि�ित केे काार्यय केे द्वााराा, आदम कोो उसकेे पहलेे प्रभुुत्व
मेंं बहााल कर दि�याा गयाा हैै।
परमेश्वर के लोगों का उद् 455

आनंं द सेे वि�भोोर होोकर, वह उन वृृक्षोंं� कोो देेखताा हैै जोो कभीी उसकाा आनंं द थेे - उन्हींं� वृृक्षोंं� केे फल
जि�नकेे फल उसनेे स्वयंं अपनेे नि�र्दोोषताा और आनंं द केे दि�नोंं� मेंं एकत्रि�त कि�ए थेे। वह उन लतााओंं कोो
देेखताा हैै जि�न्हेंं उसनेे अपनेे हााथोंं� सेे सधाायाा हैै, उन्हींं� फूू लोंं� कोो देेखताा हैै जि�नकीी देेखभााल करनाा उसेे
कभीी बहुत अच्छाा लगताा थाा। उसकाा मन दृश्य कीी वाास्तवि�कताा कोो समझ लेेताा हैै; वह समझ जााताा हैै
कि� यह वाास्तव मेंं बहााल कि�याा गयाा अदन हैै, उस समय सेे अधि�क सुंं� दर थाा जब उसेे वहांं� सेे नि�कााल
दि�याा गयाा थाा। उद्धाारकर्ताा� उसेे जीीवन केे वृृक्ष केे पाास लेे जााताा हैै और शाानदाार फल तोोड़ताा हैै और
उससेे खाानेे केे लि�ए कहताा हैै। वह अपनेे चाारोंं� ओर नज़र डाालताा हैै ओर अपनेे परि�वाार केे बहुत सेे
छुु ड़ााए गए सदस्योंं� कोो परमेेश्वर केे स्वर्गगलोोक मेंं खड़ेे देेखताा हैै। फि�र वह अपनाा चमकताा हुआ मुुकुुट
यीीशुु केे चरणोंं� मेंं डााल देेताा हैै और उद्धाारकर्ताा� केे गलेे लग जााताा हैै। वह सुुनहरीी वीीणाा कोो छूू ताा हैै, और
स्वर्गग केे गुुम्बज वि�जयीी गीीत कोो प्रति�ध्वनि�त करतेे हैंं: «वध कि�याा हुआ मेेम्नाा हीी योोग्य हैै, और फि�र
सेे जीीवि�त हैै!» आदम केे परि�वाार जन स्वर पकड़तेे हैंं और आरााधनाा मेंं उद्धाारकर्ताा� केे साामनेे दण्डवत््
करतेे हुए अपनेे मुुकुुट उसकेे चरणोंं� मेंं डााल देेतेे हैंं।
यह पुुनर्मि�लन उन स्वर्गगदूू तोंं� द्वााराा देेखाा गयाा हैै जोो आदम केे पतन पर रोोए थेे और आनन्दि�त हुए
थेे जब यीीशुु, अपनेे पुुनरुत्थाान केे बााद, उसकेे नााम पर वि�श्वाास करनेे वाालेे सभीी लोोगोंं� केे लि�ए कब्र
खोोलकर, स्वर्गग कोो चलाा गयाा। अब वेे छुु टकाारेे केे काार्यय कोो पूूराा होोतेे हुए देेखतेे हैंं, और वेे स्तुुति� केे
गीीत मेंं अपनाा स्वर मि�लाातेे हैंं।
सिं�हां ासन केे साामनेे बि�ल्‍‍लौौर केे समाान काँँ�च केे सेे समुुद्र केे ऊपर, वह कांं�च काा समुुद्र माानोो आग
सेे मि�लाा हुआ थाा, — परमेेश्वर कीी महि�माा सेे इतनाा अधि�क प्रकााशमाान, —वेे लोोग इकट्ठेे हुए थेे जोो
“उस पशुु पर और उसकीी मूूर्ति� पर और उसकेे नााम केे अंंक पर जयवन्त हुए थेे।” सि�य्योोन पर्ववत पर
मेेमनेे केे सााथ, «परमेेश्वर कीी वीीणााओंं कोो लि�येे हुए,» वेे एक लााख चौौवाालीीस हज़ाार खड़ेे हैंं जि�न्हेंं
मनुुष्योंं� मेंं सेे मोोल लि�याा गयाा थाा; और जल कीी बहुत धाारााओंं काा शब्द, और बड़ेे गर्जजन काा साा शब्द
सुुनााई देेताा हैै, माानोो «वीीणाा बजाानेे वाालेे वीीणाा बजाा रहेे होंं�।» और वेे सिं�हां ासन केे साामनेे «एक नयाा
गीीत» गाातेे हैंं, एक ऐसाा गीीत जि�सेे एक लााख चौौवाालीीस हज़ाार लोोगोंं� केे अलाावाा कोोई नहींं� सीीख सकताा।
यह मूूसाा और मेेम्नेे काा गीीत हैै—छुु टकाारेे काा गीीत। एक लााख चौौवाालीीस हज़ाार जन केे अलाावाा कोोई
भीी उस गीीत कोो नहींं� सीीख सकताा हैै; क्योंं�कि� यह उनकेे अनुुभव काा गीीत हैै—एक ऐसाा अनुुभव जोो
कि�सीी अन्य मंं डलीी नेे कभीी अनुुभव नहींं� कि�याा। «येे वेे हीी हैंं कि� जहाँँ� कहींं� मेेम्नाा जााताा हैै, वेे उसकेे
पीीछेे होो लेेतेे हैंं।» इन्हेंं जीीवि�तोंं� मेंं सेे, पृृथ्वीी पर सेे छुु ड़ााकर प्रि�य पुुत्र केे रााज्य मेंं प्रवेेश करााए जाानेे केे
बााद, «परमेेश्वर और मेेम्नेे केे लि�ए पहलेे फल» केे रूप मेंं गि�नाा जााताा हैै। प्रकााशि�तवााक्य 15:2, 3;
14:1-5। “येे वेे हैंं, जोो महाा-क्लेेश सेे नि�कलकर आए हैंं;” वेे ऐसेे संं कट केे समय सेे गुुजरेे हैंं जैैसाा
कि�सीी रााष्ट्रर केे अस्ति�त्व मेंं आनेे केे समय सेे लेेकर अब तक कभीी नहींं� आयाा; उन्होंं�नेे यााकूू ब केे संं कट
केे समय कीी पीीड़ाा कोो सहाा हैै; वेे परमेेश्वर केे प्रकोोप केे कटोोरोंं� केे उंं डेेलेे जाानेे केे दौौराान बि�नाा कि�सीी
मध्यस्थ केे खड़ेे रहेे हैंं। लेेकि�न उन्हेंं छुु ड़ाायाा गयाा हैै, क्योंं�कि� उन्होंं�नेे “अपनेे-अपनेे वस्त्र मेेम्नेे केे लहू मेंं
धोोकर श्वेेत कि�ए हैंं।” «उनकेे मुँँ�ह सेे कभीी झूठू न नि�कलाा थाा, वेे नि�र्दोोष हैंं।» «इसीी काारण वेे परमेे-
श्वर केे सिं�हां ासन केे साामनेे हैंं, और उसकेे मन्दि�र मेंं दि�न–राात उसकीी सेेवाा करतेे हैंं, और जोो सिं�हां ासन
पर बैैठाा हैै, वह उनकेे ऊपर अपनाा तम्बूू ताानेेगाा।» उन्होंं�नेे पृृथ्वीी कोो अकााल और मरीी सेे उजड़तेे, और
456 महाान वि�वााद

सूूर्यय कोो मनुुष्योंं� कोो बड़ीी तपन सेे झुलसा ु ातेे देेखाा हैै, और उन्होंं�नेे स्वयंं पीीड़ाा, भूूख और प्याास कोो सहाा
हैै। लेेकि�न «वेे फि�र भूूखेे और प्याासेे न होंं�गेे; और न उन पर धूूप, न कोोई तपन पड़ेेगीी। क्योंं�कि� मेेम्नाा
जोो सिं�हां ासन केे बीीच मेंं हैै उनकीी रखवाालीी करेेगाा, और उन्हेंं जीीवन रूपीी जल केे सोोतोंं� केे पाास लेे जाायाा
करेेगाा; और परमेेश्वर उनकीी आँँखोंं� सेे सब आँँसूू पोंं�छ डाालेेगाा। « प्रकााशि�तवााक्य 7:14-17।
सभीी युुगोंं� मेंं उद्धाारकर्ताा� केे चुुनेे हुओंं कोो परीीक्षण केे शि�क्षाालय मेंं शि�क्षि�त और अनुुशाासि�त कि�याा
गयाा हैै। वेे पृृथ्वीी पर संं करेे माार्गोंं सेे चलेे; वेे दु:ु ख कीी भट्टीी मेंं शुुद्ध कि�ए गए। यीीशुु कीी ख़ााति�र उन्होंं�नेे
वि�रोोध, घृृणाा, बदनाामीी कोो सहाा। वेे संं घर्षोंं केे दौौराान उस पीीछेे -पीीछेे चलेे; उन्होंं�नेे आत्म-त्यााग कोो सहन
कि�याा और दुख ु द नि�रााशााओंं काा अनुुभव कि�याा। अपनेे स्वयंं केे दर्ददनााक अनुुभव सेे उन्होंं�नेे पााप कीी
बुुरााई, उसकीी शक्ति�, उसकेे दोोष, उसकीी पीीड़ाा कोो जाानाा; और वेे उसेे घृृणाा कीी दृष्टि�ि सेे देेखतेे हैंं। इसकेे
प्रति�काार केे लि�ए कि�ए गए अनंं त बलि�दाान कीी भाावनाा उन्हेंं अपनीी दृष्टि�ि मेंं वि�नम्र करतीी हैै और उनकेे
दि�लोंं� कोो कृृ तज्ञताा और प्रशंं साा सेे भर देेतीी हैै, जि�सकीी वेे जोो कभीी नहींं� गि�रेे हैंं सरााहनाा नहींं� कर सकतेे।
वेे बहुत प्रेेम करतेे हैंं क्योंं�कि� उन्हेंं बहुत क्षमाा मि�लीी हैै। मसीीह केे कष्टोंं� मेंं सहभाागीी होोनेे केे काारण, वेे
उसकेे सााथ उसकीी महि�माा मेंं सहभाागीी होोनेे केे योोग्य हैंं।
परमेेश्वर केे वाारि�स गढ़ि�योंं� सेे, झोोपड़ि�योंं� सेे, कााल कोोठरि�योंं� सेे, मचाानोंं� सेे, पहााड़ोंं� सेे, रेेगि�स्ताानोंं�
सेे, धरतीी कीी गुुफााओंं सेे, समुुद्र कीी गुुफााओंं सेे आए हैंं। पृृथ्वीी पर वेे «कंं गाालीी मेंं थेे, क्लेेश मेंं थेे, और
दु:ु ख भोोगतेे थेे।» लााखोंं� लोोग अपयश सेे भरीी कब्र मेंं चलेे गए क्योंं�कि� उन्होंं�नेे शैैताान केे भ्राामक दाावोंं�
केे साामनेे झुकने ु े सेे दृढ़ताा सेे इनकाार कर दि�याा। माानव न्याायााधि�करणोंं� द्वााराा उन्हेंं अपरााधि�योंं� मेंं सबसेे
नीीच घोोषि�त कि�याा गयाा। पर अब «परमेेश्वर आप हीी न्याायीी हैै।» भजन संं हि�ताा 50:6। अब धरतीी
केे फैै सलेे पूूर्णणतयाा बदल दि�ए गए हैंं। «वह अपनीी प्रजाा कीी नाामधरााई साारीी पृृथ्वीी पर सेे दूू र करेेगाा।»
यशाायााह 25:8। «और लोोग उनकोो पवि�त्र प्रजाा और यहोोवाा केे छुु ड़ााए हुए कहेंंगेे।» उसनेे «उन्हेंं सि�र
पर कीी रााख दूू र करकेे सुुन्दर पगड़ीी, उनकाा वि�लााप दूू र करकेे हर्षष काा तेेल और उनकीी उदाासीी हटााकर
यश काा ओढ़नाा» देेनाा नि�युुक्त कि�याा हैै। « यशाायााह 62:12; 61:3। वेे अब कमज़ोोर, पीीड़ि�त, बि�खरेे
हुए और उत्पीीड़ि�त नहींं� हैंं। अब सेे वेे हमेेशाा प्रभुु केे सााथ रहेंंगेे। वेे सिं�हां ासन केे साामनेे पृृथ्वीी केे सबसेे
प्रति�ष्ठि��त लोोगोंं� केे द्वााराा धाारण कि�ए गए वस्त्रोंं� कीी तुुलनाा मेंं अधि�क बहुमूूल्य वस्त्र पहनेे हुए खड़ेे होोतेे
हैंं। सांं�साारि�क रााजााओंं केे मााथेे पर रखेे गए मुुकुुटोंं� कीी तुुलनाा मेंं उन्हेंं अधि�क शाानदाार तााज पहनााए
जाातेे हैंं। दर्दद और वि�लााप केे दि�न हमेेशाा केे लि�ए खत्म कर दि�ए जाातेे हैंं। प्रताापीी रााजाा नेे सभोंं� केे मुुख
पर सेे आंंसूू पोंं�छ दि�ए हैंं; दु:ु ख केे हर काारण कोो हटाा दि�याा गयाा हैै। खजूूर कीी डाालि�योंं� केे बीीच वेे स्तुुति�
काा गीीत गाातेे हैंं, स्पष्ट, मधुुर और लयबद्ध; हर आवााज़ ऊंंचेे स्वर मेंं गाातीी हैै, जब तक कि� गाान स्वर्गग
केे गुंं�बजोंं� मेंं तरंंगि�त नहींं� होो जााताा: “उद्धाार केे लि�येे हमाारेे परमेेश्वर काा, जोो सिं�हां ासन पर बैैठाा हैै, और
मेेम्नेे काा जय–जय काार होो!” और स्वर्गग केे सभीी नि�वाासीी अभि�स्वीीकृृ ति� मेंं जवााब देेतेे हैंं: “आमीीन!
हमाारेे परमेेश्वर कीी स्तुुति� और महि�माा और ज्ञाान और धन्यवााद और आदर और साामर्थ्यय और शक्‍ति�ि�
युुगाानुुयुगु बनीी रहेंं।” प्रकााशि�तवााक्य 7:10,12।
इस जीीवन मेंं हम छुु टकाारेे केे अद्भु ् ुत वि�षय कोो केे वल समझनाा शुुरू कर सकतेे हैंं। अपनीी सीीमि�त
समझ केे सााथ हम सबसेे ईमाानदाारीी सेे ति�रस्काार और महि�माा, जीीवन और मृृत्युु, न्यााय और दयाा पर
वि�चाार कर सकतेे हैंं, जोो क्रूूस मेंं परि�पूूर्णण होोतेे हैंं; फि�र भीी अपनीी माानसि�क शक्ति�योंं� केे अत्यधि�क वि�स्ताार
परमेश्वर के लोगों का उद् 457

केे सााथ हम इसकेे पूूर्णण अर्थथ कोो समझनेे मेंं वि�फल रहतेे हैंं। छुु टकााराा दि�लाानेे वाालेे प्रेेम कीी लंं बााई और
चौौड़ााई, गहरााई और ऊंंचााई, केे वल अस्पष्ट रूप सेे समझीी जाातीी हैै। छुु टकाारेे कीी योोजनाा कोो पूूरीी तरह
सेे नहींं� समझाा जााएगाा, तब भीी जब छुु ड़ााए गए लोोग वैैसेे हीी देेखतेे हैंं जैैसेे वेे देेखेे जाातेे हैंं और जाानतेे
हैंं जैैसेे वेे जाानेे जाातेे हैंं; लेेकि�न अनंं त युुगोंं� केे शुुरू सेे अन्त तक वि�स्मि�त और प्रसन्न मन कोो नयाा सत्य
लगााताार प्रकट होोगाा। यद्यपि� पृृथ्वीी केे दुःः�ख और दर्दद और प्रलोोभन समााप्त कर दि�ए गए हैंं और काारण
दूू र कर दि�याा गयाा हैै, परमेेश्वर केे लोोगोंं� कोो हमेेशाा एक स्पष्ट, सुुबोोध ज्ञाान होोगाा कि� उनकेे उद्धाार कीी
कीीमत क्याा हैै।
मसीीह काा क्रूूस अनंं त कााल तक छुु टकााराा पााए हुओंं काा वि�ज्ञाान और गीीत होोगाा। गौौरवाान्वि�त
मसीीह मेंं वेे क्रूूस पर चढ़ााए गए मसीीह कोो देेखेंंगेे। यह कभीी नहींं� भुुलाायाा जााएगाा कि� परमेेश्वर काा प्रि�य,
स्वर्गग कीी महि�माा, वह जि�सकीी शक्ति� नेे अंंतरि�क्ष केे वि�शााल क्षेेत्रोंं� केे शुुरू सेे अन्त तक अनगि�नत लोोकोंं�
कोो बनाायाा और बनााए रखाा, वह जि�सकीी करूब और चमकतेे हुए साारााप पूूजाा करनेे मेंं प्रसन्न होोतेे थेे
- उसनेे पति�त मनुुष्य केे उत्थाान केे लि�ए खुुद कोो तब तक दीीन कि�याा; कि� उसनेे अपरााध और पााप कीी
शर्मिं�दगीी, और अपनेे पि�ताा केे मुँँ�ह छि�पाानेे कोो तब तक सहाा, जब तक कि� एक खोोई हुई दुनि�या ु ा केे संं कट
नेे उसकेे दि�ल कोो तोोड़ नहींं� दि�याा और कलवरीी केे क्रूूस पर उसकेे जीीवन कोो कुु चल नहींं� दि�याा। यह कि�
सभीी लोोकोंं� केे सृृजनहाार, सभीी नि�यति�योंं� केे मध्यस्थ नेे अपनीी महि�माा कोो एक तरफ रख दि�याा और
खुुद कोो मनुुष्य केे प्रति� प्रेेम केे काारण दीीन कि�याा, संं पूूर्णण जगत केे आश्चर्यय और श्रद्धाा कोो हमेेशाा प्रेेरि�त
करेेगाा। जब बचााए हुओंं केे रााष्ट्रर अपनेे उद्धाारकर्ताा� कोो देेखतेे हैंं और पि�ताा कीी अनंं त महि�माा कोो उसकेे
चेेहरेे पर चमकतेे हुए देेखतेे हैंं; जब वेे उसकेे सिं�हां ासन कोो देेखतेे हैंं, जोो अनाादि� कााल सेे अनन्त तक हैै,
और जाान जाातेे हैंं कि� उसकेे रााज्य काा कोोई अंंत नहींं� हैै, तोो वेे हर्षोोल्लाास सेे गाानेे लगतेे हैंं: «वध कि�याा
हुआ मेेम्नाा योोग्य हैै, और उसनेे हमेंं अपनेे बहुमूूल्य लहू केे द्वााराा परमेेश्वर केे लि�येे मोोल लि�याा हैै!»
क्रूूस काा रहस्य अन्य सभीी रहस्योंं� कीी व्यााख्याा करताा हैै। परमेेश्वर केे गुुण जि�न्होंं�नेे हमेंं भय और
वि�स्मय सेे भर दि�याा थाा कलवरीी सेे प्रवााहि�त होोनेे वाालेे प्रकााश मेंं सुंं� दर और आकर्षषक दि�खााई देेतेे हैंं।
दयाा, कोोमलताा और मााताा-पि�ताा काा प्रेेम पवि�त्रताा, न्यााय और शक्ति� केे सााथ जुुड़तेे देेखाा जााताा हैै। जब
हम उसकेे सिं�हां ासन कीी महि�माा कोो देेखतेे हैंं, ऊंंचाा और ऊपर उठाायाा हुआ, हम उसकेे चरि�त्र कोो उसकेे
अनुुग्रहपूूर्णण अभि�व्यक्ति�योंं� मेंं देेखतेे हैंं, और उस प्रीीति�कर शीीर्षषक, «हेे हमाारेे पि�ताा» केे महत्व कोो पहलेे
सेे कहींं� बेेहतर समझतेे हैंं।
यह देेखाा जााएगाा कि� वह जोो ज्ञाान मेंं अनंं त हैै, अपनेे पुुत्र केे बलि�दाान कोो छोोड़कर हमाारेे उद्धाार केे
लि�ए कोोई योोजनाा नहींं� बनाा सकाा। इस बलि�दाान काा मुुआवजाा पृृथ्वीी कोो छुु ड़ााए हुए, पवि�त्र, सुुखीी और
अमर प्रााणि�योंं� सेे आबााद करनेे काा आनंं द हैै। अंंधकाार कीी शक्ति�योंं� केे सााथ उद्धाारकर्ताा� केे संं घर्षष काा
परि�णााम छुु टकााराा पाानेे वाालोंं� केे लि�ए आनंं द हैै, अनंं त कााल तक परमेेश्वर कीी महि�माा केे लि�ए पुुनरााव-
र्ति�त होोताा हैै। और आत्माा कीी कीीमत इतनीी हैै कि� बााप भुुगताान कीी गई कीीमत सेे संं तुुष् ट हैंं; और स्वयंं
मसीीह, उसकेे महाान बलि�दाान काा फल देेखकर संं तुुष् ट हुआ।
41

पृृथ्वीी काा वि�नााश

«उ सकेे पाापोंं� काा ढेेर स्वर्गग तक पहुँँच गयाा हैै, और उसकेे अधर्मम परमेेश्वर कोो स्मरण आए
हैंं। जि�स कटोोरेे मेंं उसनेे भर दि�याा थाा उसीी मेंं उसकेे लि�येे दोो गुुणाा भर दोो। जि�तनीी उसनेे
अपनीी बड़ााई कीी और सुुख–वि�लाास कि�याा, उतनीी उसकोो पीीड़ाा और शोोक दोो; क्योंं�कि� वह अपनेे मन
मेंं कहतीी हैै, ‘मैंं राानीी होो बैैठीी हूँँ, वि�धवाा नहींं�; और शोोक मेंं कभीी न पड़ूँँ� गीी। इस काारण एक हीी दि�न
मेंं उस पर वि�पत्ति�याँँ� आ पड़ेंंगीी, अर्थाा�त्् मृृत्युु, और शोोक, और अकााल; और वह आग मेंं भस्म कर
दीी जााएगीी, क्योंं�कि� उसकाा न्याायीी प्रभुु परमेेश्वर शक्ति�माान हैै। पृृथ्वीी केे रााजाा जि�न्होंं�नेे उसकेे सााथ
व्यभि�चाार और सुुख–वि�लाास कि�याा, जब उसकेे जलनेे काा धुुआँँ देेखेंंगेे, तोो उसकेे लि�येे रोोएँँगेे और
छाातीी पीीटेंंगेे। ... वेे बड़ीी दूू र खड़ेे होोकर कहेंंगेे, हेे बड़ेे नगर, बेेबीीलोोन! हेे दृढ़ नगर, हााय! हााय! घड़ीी
भर मेंं हीी तुुझेे दण्ड मि�ल गयाा हैै।” प्रकााशि�तवााक्य 18:5-10।
“पृृथ्वीी केे व्याापाारीी,» जोो «उसकेे सुुख–वि�लाास कीी बहुताायत केे काारण धनवाान हुए हैंं,» «उसकीी
पीीड़ाा केे डर केे माारेे बड़ीी दूू र खड़ेे होोकर और रोोतेे हुए और कलपतेे हुए चि�ल्‍‍लाा चि�ल्‍‍लााकर कहेंंगेे,
हााय! हााय! यह बड़ाा नगर जोो मलमल, और बैंंजनीी और लााल रंंग केे कपड़ेे पहि�नेे थाा, और सोोनेे और
रत्नोंं� और मोोति�योंं� सेे सजाा थाा! घड़ीी भर मेंं हीी उसकाा ऐसाा भाारीी धन नष्ट होो गयाा। « प्रकााशि�तवा�-
क्य 18:11, 3, 15-17।
परमेेश्वर केे क्रोोध केे प्रकटन केे दि�न बेेबीीलोोन पर ऐसेे हीी दण्ड आतेे हैंं। उसनेे अपनेे अधर्मम काा
घड़ाा भर दि�याा हैै; उसकाा समय आ गयाा हैै; वह वि�नााश केे लि�ए तैैयाार हैै।
जब परमेेश्वर कीी आवााज़ अपनेे लोोगोंं� कीी कैै द कोो बदल देे तीी हैै, तोो उन लोोगोंं� कीी भयाानक
जाागृृति� होोतीी हैै जि�न्होंं�नेे जीीवन केे महाान संं घर्षष मेंं अपनाा सब कुु छ खोो दि�याा हैै। जबकि� परि�वीीक्षाा
ज़ाारीी रहीी वेे शैैताान केे धोोखेे सेे अंंधेे होो गए थेे, और उन्होंं�नेे अपनेे पााप केे माार्गग कोो उचि�त ठहराायाा।
अमीीर लोोगोंं� कोो कम संं पन्न लोोगोंं� सेे अधि�क श्रेेष् ठ होोनेे काा गर्वव थाा। उन्होंं�नेे भूूखोंं� कोो खाानाा
खि�लाानाा, नंं गोंं� कोो कपड़ेे पहनाानाा, न्यााय सेे पेेश आनाा और दयाा सेे लगााव रखनाा छोोड़ दि�याा थाा।
उन्होंं�नेे खुुद कोो ऊंंचाा उठाानेे और अपनेे सााथीी प्रााणि�योंं� कीी श्रद्धांं� प्रााप्त करनाा चााहाा थाा। अब उनसेे
पृथ्वी का विन 459

वह सब कुु छ छीीन लि�याा गयाा हैै जि�सनेे उन्हेंं महाान बनाायाा और वेे नि�रााश्रि�त और नि�स्सहााय रह
गए हैंं। वेे उन मूूरतोंं� केे वि�नााश कोो देे खकर डरतेे हैंं, जि�न्हेंं उन्होंं�नेे अपनेे बनाानेेवाालेे सेे अधि�क
चााहाा थाा। उन्होंं�नेे अपनीी आत्माा कोो सांं�साारि�क धन और आनंं द केे लि�ए बेेच दि�याा हैै, और परमेे-
श्वर केे लि�ए धनवाान बननेे कीी कोोशि�श नहींं� कीी हैै। परि�णााम यह होोताा हैै कि� उनकेे जीीवन
असफल हैै; उनकाा सुुख-वि�लाास अब पि�त्त बन गयाा हैै, उनकाा खज़ाानाा नााश होो गयाा हैै। जीीवन
भर कीी कमााई पल भर मेंं छि�न जाातीी हैै। धनीी लोोग अपनेे भव्य घरोंं� केे नष्ट होो जाानेे, अपनेे सोोनेे-
चाँँ�दीी केे बि�खरनेे काा शोोक मनाातेे हैंं। लेेकि�न उनकाा वि�लााप इस डर सेे शांं�त होो जााताा हैै कि� वेे खुुद
अपनीी मूूर्ति�योंं� केे सााथ नााश होो जााएंं गेे।
दुष्ु ट लोोग पछताावेे सेे भर जाातेे हैंं, परमेेश्वर और अपनेे संं गीी मनुुष्योंं� कीी पाापपूूर्णण उपेेक्षाा करनेे कीी
वजह सेे नहींं�, बल्कि� इसलि�ए कि� परमेेश्वर नेे जय पााई हैै। वेे वि�लााप करतेे हैंं कि� परि�णााम वहीी हैै जोो
यह हैै; परन्तुु वेे अपनीी दुष्ु टताा सेे पछताातेे नहींं�। यदि� वेे कर सकतेे तोो वेे जीीतनेे केे लि�ए कोोई कसर
नहींं� छोोड़ेंंगेे।
जि�स वर्गग काा उन्होंं�नेे उपहाास कि�याा और हंंसीी उड़ााई, और जि�सकोो उन्होंं�नेे नष्ट करनाा चााहाा थाा,
दुनि�या
ु ा उसीी वर्गग कोो महाामाारीी, तूूफाान और भूूकंंप सेे सुुरक्षि�त नि�कलतेे देेखतीी हैै। जोो उसकीी व्यवस्थाा
केे उल्लंं घन करनेे वाालोंं� केे लि�येे भस्म करनेेवाालीी आग हैै, वह अपनीी प्रजाा केे लि�ए महफूू ज मण्डप हैै।
मनुुष्‍‍य काा समर्थथन पाानेे केे लि�ए सत्‍‍य काा बलि�दाान करनेे वाालाा पाादरीी अब उसकीी शि�क्षााओंं कीी
वि�शेेषताा और प्रभााव कोो समझ जााताा हैै। यह स्पष्ट हैै कि� जब वह उपदेेश-मंं च पर थाा, सड़कोंं� पर
चल रहाा थाा, जीीवन केे वि�भि�न्न दृश्योंं� मेंं लोोगोंं� केे सााथ घुुलमि�ल रहाा थाा, तोो परमेेश्वर कीी नज़र उसपर
थीी। आत्माा काा हर
भााव, लि�खीी गई हर पंं क्ति�, बोोलाा गयाा हर शब्द, झूठू कीी शरण मेंं लेे जाानेे वाालाा हर कर्मम, बीीज
बि�खेेरताा रहाा हैै; और अब, उसकेे चाारोंं� ओर दीीन, खोोई हुई आत्मााओंं मेंं, वह फसल कोो देेखताा हैै।
यहोोवाा कहताा हैै «उन्होंं�नेे, ‘शाान्ति� हैै, शाान्ति�’ ऐसाा कह कहकर मेेरीी प्रजाा केे घााव कोो ऊपर हीी
ऊपर चंं गाा कि�याा, परन्तुु शाान्ति� कुु छ भीी नहींं� हैै।» «तुुम नेे जोो झूठू कहकर धर्मीी केे मन कोो उदाास कि�याा
हैै, यद्यपि� मैंं नेे उसकोो उदाास करनाा नहींं� चााहाा, और तुुमनेे दुष्ु ट जन कोो हि�यााव बन्धाायाा हैै, तााकि� वह
अपनेे बुुरेे माार्गग सेे न फि�रेे और जीीवि�त रहेे।» यि�र्ममयााह 8:11; यहेेजकेेल 13:22।
“उन चरवााहोंं� पर हााय जोो मेेरीी चरााई कीी भेेड़–बकरि�योंं� कोो ति�तर–बि�तर करतेे और उनकाा
नााश करतेे हैंं! ... इस काारण मैंं तुुम्हाारेे बुुरेे काामोंं� काा दण्ड दूँँ� गाा।” «हेे चरवााहोो, हााय-हााय करोो, और
चि�ल्लााओ, हेे बलवन्त मेेढ़ोो और बकरोो, रााख मेंं लोोटोो, क्योंं�कि� तुुम्हाारेे वध होोनेे केे दि�न आ पहुँँचेे हैंं; ...
उस समय न तोो चरवााहोंं� केे भाागनेे केे लि�येे कोोई स्थाान रहेेगाा, और न बलवन्त मेेढ़ेे और बकरेे भाागनेे
पााएँँगेे।” यि�र्ममयााह 23:1, 2; 25:34, 35, माार्जि�न।
पाादरीी और लोोग देेखतेे हैंं कि� उन्होंं�नेे परमेेश्वर केे सााथ सहीी संं बंं ध काायम नहींं� रखाा हैै। वेे देेखतेे हैंं
कि� उन्होंं�नेे सभीी न्याायपूूर्णण और धर्मीी व्यवस्थाा केे रचयि�ताा केे वि�रुद्ध वि�द्रोोह कि�याा हैै। ईश्वरीीय उपदेेशोंं�
कोो दरकि�नाार करनेे सेे बुुरााई, कलह, घृृणाा, अधर्मम केे हज़ाारोंं� स्रोोतोंं� कोो जन्म दि�याा, जब तक कि� पृृथ्वीी
संं घर्षष काा एक वि�शााल क्षेेत्र, भ्रष्टााचाार कीी एक हौौदीी बन गई। यह वह दृश्य हैै जोो अब उन लोोगोंं� कोो
दि�खााई देेताा हैै जि�न्होंं�नेे सत्य कोो अस्वीीकाार कर दि�याा और भ्रम कोो संं जोोनाा चुुनाा। कोोई भीी भााषाा उस
460 महाान वि�वााद

लाालसाा कोो व्यक्त नहींं� कर सकतीी हैै जोो अवज्ञााकाारीी और वि�श्वाासघाातीी उसकेे लि�ए महसूूस करतेे हैंं
जि�सेे उन्होंं�नेे हमेेशाा केे लि�ए खोो दि�याा हैै - अनंं त जीीवन। जि�न लोोगोंं� कोो जगत नेे उनकीी प्रति�भाा और
वााकपटुुताा केे लि�ए पूूजाा हैै, वेे अब इन चीीजोंं� कोो अपनेे सच्चेे प्रकााश मेंं देेखतेे हैंं। वेे जाानतेे हैंं कि�
उन्होंं�नेे अपरााध करकेे क्याा खोोयाा हैै, और वेे उन लोोगोंं� केे चरणोंं� मेंं गि�र जाातेे हैंं जि�नकीी वफाादाारीी काा
उन्होंं�नेे ति�रस्काार कि�याा और उपहाास कि�याा, और स्वीीकाार करतेे हैंं कि� परमेेश्वर नेे उनसेे प्रेेम कि�याा हैै।
प्रजाा कोो एहसाास होोताा हैै कि� उन्हेंं धोोखाा दि�याा गयाा हैै। वेे वि�नााश कीी ओर लेे जााए जाानेे केे लि�ए
एक दूू सरेे पर आरोोप लगाातेे हैंं; लेेकि�न पाादरि�योंं� कीी कड़ीी निं�दां ा करनेे मेंं सभीी एकजुुट होो जाातेे हैंं।
वि�श्वाासघाातीी पाादरि�योंं� नेे चि�कनीी-चुुपड़ीी बाातोंं� कीी भवि�ष्यद्वााणीी कीी हैै; उन्होंं�नेे अपनेे सुुननेे वाालोंं� कोो
परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा कोो व्यर्थथ ठहराानेे, और उसेे पवि�त्र मााननेे वाालोंं� कोो सताानेे मेंं अगुुवााई कीी हैै। अब,
अपनीी नि�रााशाा मेंं, येे गुुरु जगत केे साामनेे अपनेे धोोखेे केे कााम कोो कबूूल करतेे हैंं। जन-सााधाारण लोोगोंं�
मेंं रोोष भर जााताा हैै। «हम बरबााद होो गए हैंं!» वेे चि�ल्लाातेे हैंं, «और तूू हमाारेे वि�नााश काा काारण हैै;»
और वेे झूठेू े चरवााहोंं� पर टूू ट पड़तेे हैंं। वहीी लोोग जोो एक बाार उनकीी सबसेे अधि�क प्रशंं साा करतेे थेे, वेे
उन्हेंं सबसेे भयाानक श्रााप देंंगेे। वहीी हााथ जोो एक बाार उन्हेंं गौौरव काा तााज पहनाातेे थेे, उनकेे वि�नााश केे
लि�ए उठााए जााएंं गेे। तलवाारेंं जोो परमेेश्वर केे लोोगोंं� कोो माारनेे केे लि�ए थींं� अब उनकेे शत्रुुओं ं कोो नष्ट
करनेे केे लि�ए उपयोोग कीी जाातीी हैंं। हर तरफ माारपीीट और खूून खरााबाा हैै।
«पृृथ्वीी कीी छोोर लोंं� भीी कोोलााहल होोगाा, क्योंं�कि� सब जााति�योंं� सेे यहोोवाा काा मुुक़द्दमाा हैै; वह सब
मनुुष्योंं� सेे वाादवि�वााद करेेगाा, और दुष्ु टोंं� कोो तलवाार केे वश मेंं कर देेगाा।» यि�र्ममयााह 25:31। छह
हज़ाार वर्षोंं सेे महाान वि�वााद चल रहाा हैै; परमेेश्वर काा पुुत्र और उसकेे स्वर्गीीय दूू त माानव संं ताान कोो
चेेताावनीी देेनेे, प्रबुुद्ध करनेे और बचाानेे केे लि�ए शैैताान कीी शक्ति� केे सााथ संं घर्षष करतेे रहेे हैंं। अब सबनेे
अपनाा नि�र्णणय कर लि�याा हैै; दुष्ु ट परमेेश्वर केे वि�रुद्ध शैैताान केे युुद्ध मेंं उसकेे सााथ पूूरीी तरह सेे एक होो
गए हैंं। समय आ गयाा हैै कि� परमेेश्वर अपनीी कुु चलीी हुई व्यवस्थाा केे अधि�काार कोो सहीी ठहरााए। अब
यह वि�वााद केे वल शैैताान केे सााथ नहींं�, बल्कि� मनुुष्योंं� केे सााथ हैै। «सब जााति�योंं� सेे यहोोवाा काा मुुक़द्दमाा
हैै; वह दुष्ु टोंं� कोो तलवाार केे वश मेंं कर देेगाा।»
उन मनुुष्योंं� केे मााथोंं� पर चि�ह्न लगाा दि�याा गयाा हैै जोो «उन सब कि�ए जाानेे वाालेे घृृणि�त काामोंं� केे
काारण साँँ�सेंं भरतेे और दु:ु ख केे माारेे चि�ल्‍‍लाातेे हैंं।» अब, यहेेजकेेल केे दर्शशन मेंं वध करनेे वाालेे शस्त्र-
धाारीी पुुरूषोंं� केे द्वााराा दर्शाा�याा गयाा मृृत्युु काा दूू त आगेे बढ़ताा हैै जि�सेे यह आज्ञाा दीी गई हैै: «बूूढ़ेे, युुवाा,
कुँँ� वाारीी, बााल–बच्चेे, स्त्रि�ियाँँ�, सब कोो माारकर नष्ट करोो, परन्तुु जि�स कि�सीी मनुुष्य केे मााथेे पर वह चि�ह्न
होो, उसकेे नि�कट न जाानाा। मेेरेे पवि�त्रस्थाान हीी सेे आरम्भ करोो।” भवि�ष्यद्वक्ताा कहताा हैै: «अत: उन्होंं�नेे
उन पुुरनि�योंं� सेे आरम्भ कि�याा जोो भवन केे साामनेे थेे।» यहेेजकेेल 9:1-6। वि�नााश काा काार्यय उन लोोगोंं�
केे बीीच शुुरू होोताा हैै जि�न्होंं�नेे लोोगोंं� केे आध्याात्मि�क अभि�भाावक होोनेे काा दाावाा कि�याा हैै। झूठेू े पहरेेदाार
सबसेे पहलेे गि�रतेे हैंं। ऐसाा कोोई नहींं� जि�स पर दयाा कीी जााए याा जि�सेे छोोड़ दि�याा जााए। पुुरुष, महि�लााएंं ,
युुवति�यांं� और छोोटेे बच्चेे एक सााथ नष्ट होोतेे हैंं।
«यहोोवाा पृृथ्वीी केे नि�वाासि�योंं� कोो अधर्मम काा दण्ड देेनेे केे लि�येे अपनेे स्थाान सेे चलाा आताा हैै, और
पृृथ्वीी अपनाा खूून प्रगट करेेगीी और घाात कि�ए हुओंं कोो और अधि�क न छि�पाा रखेेगीी।» यशाायााह
26:21। «जि�तनीी जााति�योंं� नेे यरूशलेेम सेे युुद्ध कि�याा हैै उन सभोंं� कोो यहोोवाा ऐसीी माार सेे माारेेगाा, कि�
पृथ्वी का विन 461

खड़ेे-खड़ेे उनकाा मांं�स सड़ जााएगाा, और उनकीी आँँखेंं अपनेे गोोलकोंं� मेंं सड़ जााएँँगीी, और उनकीी जीीभ
उनकेे मुँँ�ह मेंं सड़ जााएगीी। उस समय यहोोवाा कीी ओर सेे उनमेंं बड़ीी घबरााहट पैैठेेगीी, और वेे एक दूू सरेे
केे हााथ कोो पकड़ेंंगेे, और एक दूू सरेे पर अपनेे-अपनेे हााथ उठााएँँगेे। « जकर्याा�ह 14:12,13। अपनेे-
अपनेे भयंं कर जुुनूून केे उन्मत्त कलह मेंं, और परमेेश्वर केे नि�रेे क्रोोध केे भयाानक प्रकोोप सेे, पृृथ्वीी
केे दुष्ु ट नि�वाासीी - यााजक, प्रधाान और प्रजाा, अमीीर और गरीीब, उच्च और नि�म्न नष्ट होो जाातेे हैंं।
«उस समय यहोोवाा केे माारेे हुओंं केे शव पृृथ्वीी केे एक छोोर सेे दूू सरेे छोोर तक पड़ेे रहेंंगेे। उनकेे लि�येे
कोोई रोोनेे–पीीटनेे वाालाा न रहेेगाा, और उनकेे शव न तोो बटोोरेे जााएँँगेे और न कबरोंं� मेंं रखेे जााएँँगेे।»
यि�र्ममयााह 25:33।
मसीीह केे आनेे पर दुष्ु टोंं� कोो साारीी पृृथ्वीी केे ऊपर सेे मि�टाा दि�याा जााताा हैै - उसकेे मुंं� ह कीी आत्माा
सेे भस्म और उसकीी महि�माा कीी चमक सेे नष्ट होो जााताा हैै। मसीीह अपनेे लोोगोंं� कोो परमेेश्वर केे नगर
मेंं लेे जााताा हैै, और पृृथ्वीी अपनेे नि�वाासि�योंं� सेे खाालीी होो जाातीी हैै। «सुुनोो, यहोोवाा पृृथ्वीी कोो नि�र्जजन और
सुुनसाान करनेे पर हैै, वह उसकोो उलटकर उसकेे रहनेेवाालोंं� कोो ति�तर बि�तर करेेगाा।» «पृृथ्वीी शूून्य और
उजााड़ होो जााएगीी; क्योंं�कि� यहोोवाा हीी नेे यह कहाा हैै।» «क्योंं�कि� उन्होंं�नेे व्यवस्थाा काा उल्लंं घन कि�याा
और वि�धि� कोो पलट डाालाा, और सनाातन वााचाा कोो तोोड़ दि�याा हैै। इस काारण पृृथ्वीी कोो शााप ग्रसेेगाा और
उस मेंं रहनेेवाालेे दोोषीी ठहरेंंगेे; और इसीी काारण पृृथ्वीी केे नि�वाासीी भस्म होंं�गेे और थोोड़ेे हीी मनुुष्य रह
जााएँँगेे।” यशाायााह 24:1,3,5,6।
पूूरीी पृृथ्वीी एक उजााड़ जंं गल कीी तरह दि�खााई देेतीी हैै। भूूकंंप सेे नष्ट हुए शहरोंं� और गाँँ�वोंं� केे
खंं डहर, उखड़ेे हुए पेेड़, समुुद्र द्वााराा फेंंकीी गई उखड़ीी हुई चट्टाानेंं याा पृृथ्वीी सेे हीी फटीी हुई चट्टाानेंं, इसकीी
सतह पर बि�खरीी हुई हैंं, जबकि� वि�शााल गुुफााएँँ उस स्थाान कोो चि�ह्नि�ित करतीी हैंं जहाँँ� पहााड़ अपनीी नींं�व
सेे वि�खंं डि�त होो गए हैंं।
अब प्राायश्चि�ित केे दि�न कीी अंंति�म पवि�त्र वि�धि� मेंं पूूर्वाा�भाासि�त, घटनाा घटि�त होोतीी हैै। जब परम
पवि�त्र स्थाान कीी सेेवकााई पूूरीी होो जाातीी थीी, और पाापबलि� केे लहू केे प्रभााव सेे इस्रााएल केे पााप पवि�-
त्रस्थाान सेे दूू र होो जाातेे थेे, तब अजााजेेल कोो यहोोवाा केे सााम्हनेे जीीवि�त खड़ाा कि�याा जााताा थाा; और
महाायााजक मण्डलीी केे सााम्हनेे «इस्रााएलि�योंं� केे सब अधर्मम केे काामोंं� कोो, और उनकेे सब अपरााधोंं� कोो,
अर्थाा�त्् उनकेे साारेे पाापोंं� कोो बकरेे केे सि�र पर धरकर» अंंगीीकाार करताा थाा। लैैव्यव्यवस्थाा 16:21।
इसीी प्रकाार, जब स्वर्गीीय पवि�त्र स्थाान मेंं प्राायश्चि�ित काा काार्यय पूूराा होो जााएगाा, तब परमेेश्वर और स्वर्गीीय
स्वर्गगदूू तोंं� और छुु ड़ााए हुए लोोगोंं� केे समुुदााय केे साामनेे परमेेश्वर केे लोोगोंं� केे पााप शैैताान पर डााल दि�ए
जााएँँगेे; वह उन सब बुुरेे काामोंं� काा दोोषीी ठहराायाा जााएगाा जोो उस नेे उन सेे करााए हैंं। और जैैसेे अजााजेेल
कोो नि�र्जजन देेश मेंं भेेज दि�याा जााताा थाा, वैैसेे हीी शैैताान कोो उजााड़ पृृथ्वीी एक नि�र्जजन और सुुनसाान जंं गल
मेंं भेेज दि�याा जााएगाा।
रहस्योोद्घा् ाटनकर्ताा� शैैताान केे नि�ष्काासन और अरााजकताा और वीीराानीी कीी स्थि�ति� कीी, जि�समेंं पृृथ्वीी
कोो परि�वर्ति�त होोनाा हैै, भवि�ष्यद्वााणीी करताा हैै और वह घोोषणाा करताा हैै कि� यह स्थि�ति� एक हज़ाार वर्षोंं
तक मौौजूूद रहेेगीी। प्रभुु केे दूू सरेे आगमन और दुष्ु टोंं� केे वि�नााश केे दृश्योंं� कोो प्रस्तुुत करनेे केे बााद,
भवि�ष्यद्वााणीी ज़ाारीी रहतीी हैै: «फि�र मैंं नेे एक स्वर्गगदूू त कोो स्वर्गग सेे उतरतेे देेखाा, जि�सकेे हााथ मेंं अथााह–
कुंं�ड कीी कुंं�जीी और एक बड़ीी जंं जीीर थीी। उस नेे उस अजगर, अर्थाा�त्् पुुराानेे साँँ�प कोो, जोो इब्लीीस और
462 महाान वि�वााद

शैैताान हैै, पकड़ केे हज़ाार वर्षष केे लि�येे बाँँ�ध दि�याा, और उसेे अथााह–कुंं�ड मेंं डाालकर बन्द कर दि�याा और
उस पर मुुहर लगाा दीी कि� वह हज़ाार वर्षष केे पूूरेे होोनेे तक जााति�-जााति� केे लोोगोंं� कोो फि�र न भरमााए।
इसकेे बााद अवश्य हैै कि� वह थोोड़ीी देेर केे लि�येे फि�र खोोलाा जााए। « प्रकााशि�तवााक्य 20:1-3।
यह कि� अभि�व्यक्ति� «अथााह कुंं�ड» अव्यवस्थाा और अंंधकाार कीी स्थि�ति� मेंं पृृथ्वीी काा प्रति�नि�धि�-
त्व करतीी हैै अन्य पदोंं� सेे स्पष्ट हैै। “आदि� मेंं” पृृथ्वीी कीी स्थि�ति� केे बाारेे मेंं बााइबल अभि�लेेख कहताा
हैै कि� «यह पृृथ्वीी बेेडौौल और सुुनसाान पड़ीी थीी, और गहरेे जल केे ऊपर अन्धि�यााराा थाा।» [यहाँँ� जि�स
इब्राानीी शब्द काा अनुुवााद «गहराा» कि�याा गयाा हैै, उसकाा अनुुवााद इब्राानीी पुुराानेे नि�यम केे सेेप् टुुआजेंंट
(यूूनाानीी) अनुुवााद मेंं उसीी शब्द सेे कि�याा गयाा हैै जि�सकाा अनुुवााद प्रकााशि�तवााक्य 20:1-3 मेंं «अथााह
गड््ढाा» कि�याा गयाा हैै।]
उत्पत्ति� 1:2। भवि�ष्यद्वााणीी सि�खाातीी हैै कि� इसेे आंंशि�क रूप सेे कम सेे कम इस स्थि�ति� मेंं वाापस
लाायाा जााएगाा। परमेेश्वर केे उस महाान दि�न कीी ओर देेखतेे हुए, भवि�ष्यद्वक्‍‍ताा यि�र्ममयााह ऐलाान करताा
हैै: «मैंं नेे पृृथ्वीी पर देेखाा, वह सूूनीी और सुुनसाान पड़ीी थीी; और आकााश कोो, और उसमेंं कोोई ज्योोति�
नहींं� थीी। मैंं नेे पहााड़ोंं� कोो देेखाा, वेे हि�ल रहेे थेे, और सब पहााड़ि�योंं� कोो कि� वेे डोोल रहीी थींं�। फि�र मैंं नेे
क्याा देेखाा कि� कोोई मनुुष्य भीी न थाा और सब पक्षीी भीी उड़ गए थेे। फि�र मैंं क्याा देेखताा हूँँ कि� यहोोवाा
केे प्रतााप और उस भड़केे हुए प्रकोोप केे काारण उपजााऊ देेश जंं गल, और उसकेे साारेे नगर खण्डहर होो
गए थेे।” यि�र्ममयााह 4:23-26।
यहाँँ� एक हज़ाार सााल केे लि�ए शैैताान और उसकेे दुष्ु ट दूू तोंं� काा घर होोनाा हैै। पृृथ्वीी तक सीीमि�त,
उसेे उन लोोगोंं� कोो लुुभाानेे और परेेशाान करनेे केे लि�ए अन्य ग्रहोंं� तक पहुंंच नहींं� होोगीी जोो कभीी पति�त
नहींं� हुए। यह इस अर्थथ मेंं हैै कि� वह बंं धाा हुआ हैै: कोोई भीी शेेष नहींं� हैै, जि�स पर वह अपनीी शक्ति� काा
प्रयोोग कर सकेे । वह धोोखेे और बर्बाा�दीी केे कााम सेे पूूरीी तरह सेे अलग होो गयाा हैै, जोो कि� इतनीी सदि�योंं�
सेे उसकाा एकमाात्र आनंं द रहाा हैै।
भवि�ष्यद्वक्ताा यशाायााह, शैैताान केे वि�नााश केे समय कीी ओर देेख हुए, कहताा हैै: “हेे भोोर केे चमकनेे
वाालेे ताारेे, तूू कैै सेे आकााश सेे गि�र पड़ाा हैै? तूू जोो जााति�-जााति� कोो हराा देेताा थाा, तूू अब कैै सेे कााटकर
भूूमि� पर गि�राायाा गयाा हैै! तूू मन मेंं कहताा तोो थाा, ‘मैंं स्वर्गग पर चढ़ूँँ� गाा; मैंं अपनेे सिं�हां ासन कोो ईश्‍‍वर केे
तााराागण सेे अधि�क ऊँँचाा करूँँगाा। मैंं परमप्रधाान केे तुुल्य होो जााऊँँगाा। परन्तुु तूू अधोोलोोक मेंं उस गड़हेे
कीी तह तक उतााराा जााएगाा। जोो तुुझेे देेखेंंगेे तुुझ कोो तााकतेे हुए तेेरेे वि�षय मेंं सोोच सोोचकर कहेंंगेे, क्याा
यह वहीी पुुरुष हैै जोो पृृथ्वीी कोो चैैन सेे रहनेे न देेताा थाा और रााज्य मेंं घबरााहट डााल देेताा थाा; जोो जगत
कोो जंं गल बनााताा और उसकेे नगरोंं� कोो ढाा देेताा थाा, और अपनेे बंं दि�योंं� कोो घर जाानेे नहींं� देेताा थाा? «
यशाायााह 14:12-17।
छह हज़ाार साालोंं� सेे, शैैताान केे बगाावत केे कााम नेे «पृृथ्वीी कोो चैैन सेे न रहनेे दि�याा।» उसनेे “संं साार
कोो जंं गल बनाा डाालाा, और उसकेे नगरोंं� कोो ढाा दि�याा हैै।” और उसनेे «अपनेे बंं दि�योंं� कोो घर नहींं� जाानेे
दि�याा।” छ: हज़ाार वर्षष तक उसकेे बन्दीीगृृह मेंं परमेेश्वर केे लोोग आए, और उसनेे उन्हेंं सदाा केे लि�ए
बन्धुुआई मेंं रखाा होोताा; परन्तुु मसीीह नेे उसकेे बन्धनोंं� कोो तोोड़कर बन्दि�योंं� कोो छुु ड़ाा लि�याा हैै।
यहांं� तक कि� दुष्ु टोंं� कोो भीी अब शैैताान कीी शक्ति� सेे परेे रखाा गयाा हैै, और अपनेे दुष्ु ट स्वर्गगदूू तोंं� केे
सााथ वह अकेे लाा पााप द्वााराा लााए गए श्रााप केे प्रभााव कोो महसूूस करनेे केे लि�ए रहताा हैै। «जााति�-जााति�
पृथ्वी का विन 463

केे सब रााजाा अपनेे-अपनेे घर [कब्र] पर महि�माा केे सााथ आरााम सेे पड़ेे हैंं। परन्तुु तूू नि�कम्मीी शााख केे
समाान अपनीी कबर मेंं सेे फेंंकाा गयाा। तूू उनकेे सााथ कब्र मेंं न गााड़ाा जााएगाा, क्योंं�कि� तूू नेे अपनेे देेश कोो
उजााड़ दि�याा, और अपनीी प्रजाा काा घाात कि�याा हैै।” यशाायााह 14:18-20।
एक हज़ाार वर्षोंं तक, शैैताान उजााड़ पृृथ्वीी पर इधर-उधर भटकताा रहेेगाा तााकि� परमेेश्वर कीी
व्यवस्थाा केे वि�रुद्ध अपनेे वि�द्रोोह केे परि�णाामोंं� कोो देेख सकेे । इस दौौराान उसकीी पीीड़ाा तीीव्र होोतीी हैै।
उसकेे पतन केे समय सेे उसकेे नि�रंंतर क्रि�याा-कलााप केे जीीवन नेे गहन चि�न्तन छोोड़ दि�याा हैै; लेेकि�न
अब वह अपनीी शक्ति� सेे वंं चि�त हैै और उस हि�स्सेे पर वि�चाार करनेे केे लि�ए छोोड़ दि�याा गयाा हैै जोो
उसनेे तब सेे कि�याा हैै जब उसनेे पहलेे स्वर्गग केे रााज्य केे खि�लााफ वि�द्रोोह कि�याा थाा, और उस भयाानक
भवि�ष्य केे लि�ए कांं�पतेे हुए और आतंं क केे सााथ प्रतीीक्षाा करनेे केे लि�ए छोोड़ दि�याा गयाा हैै जब उसेे उस
सभीी दुष्ु टताा केे लि�ए जोो उसनेे कीी हैै, पीीड़ि�त होोनाा होोगाा और उन पाापोंं� केे लि�ए जोो उसनेे कि�ए हैंं दंंड
भुुगतनाा होोगाा।
शैैताान काा कैै द कि�याा जाानाा परमेेश्वर केे लोोगोंं� केे लि�ए आनन्द और सुुख लााएगाा। भवि�ष्यद्वक्ताा
कहताा हैै: «जि�स दि�न यहोोवाा तुुझेे तेेरेे सन्तााप और घबरााहट सेे, और उस कठि�न श्रम सेे जोो तुुझ सेे
लि�याा गयाा वि�श्रााम देेगाा, उस दि�न तूू बेेबीीलोोन केे रााजाा [यहांं� शैैताान कोो दर्शाा�तेे हुए], पर ताानाा माारकर
कहेेगाा, “परि�श्रम कराानेे–वाालाा कैै साा नष्ट होो गयाा हैै! ... यहोोवाा नेे दुष्ु टोंं� केे सोंं�टेे कोो और अन्यााय सेे
शाासन करनेेवाालोंं� केे लठ कोो तोोड़ दि�याा हैै, जि�ससेे वेे मनुुष्योंं� कोो लगााताार रोोष सेे माारतेे रहतेे थेे, और
जााति�-जााति� पर क्रोोध सेे प्रभुुताा करतेे और लगााताार उनकेे पीीछेे पड़ेे रहतेे थेे।” पद 3-6।
पहलेे और दूू सरेे पुुनरुत्थाान केे बीीच हज़ाार वर्षोंं केे दौौराान दुष्ु टोंं� काा न्यााय होोताा हैै। प्रेेरि�त पौौलुुस इस
न्यााय कोो दूू सरेे आगमन केे बााद कीी घटनाा केे रूप मेंं इंं गि�त करताा हैै। “जब तक प्रभुु न आए, समय
सेे पहलेे कि�सीी बाात काा न्यााय न करोो : वहीी अन्धकाार कीी छि�पीी बाातेंं ज्योोति� मेंं दि�खााएगाा, और मनोंं� केे
अभि�प्राायोंं� कोो प्रगट करेेगाा।” 1 कुु रि�न्थि�योंं� 4:5। दाानि�य्येेल नेे घोोषणाा कीी कि� जब अति� प्रााचीीन आयाा,
«परमप्रधाान केे पवि�त्र लोोग न्याायीी ठहरेे।» दाानि�य्येेल 7:22। इस समय धर्मीी परमेेश्वर केे लि�ए रााजाा
और यााजक केे रूप मेंं शाासन करतेे हैंं। प्रकााशि�तवााक्य मेंं यूूहन्नाा कहताा हैै: «फि�र मैंंनेे सिं�हां ासन देेखेे,
और उन पर लोोग बैैठ गए, और उनकोो न्यााय करनेे काा अधि�काार दि�याा गयाा।» «वेे परमेेश्वर और
मसीीह केे यााजक होंं�गेे और उसकेे सााथ हज़ाार वर्षष तक रााज्य करेंंगेे।» प्रकााशि�तवााक्य 20:4,6। यह
वह समय हैै जब, जैैसाा कि� पौौलुुस नेे भवि�ष्यवााणीी कीी थीी, “पवि�त्र लोोग जगत काा न्यााय करेंंगेे।” 1
कुु रि�न्थि�योंं� 6:2। मसीीह केे सााथ मि�लकर वेे दुष्ु टोंं� काा न्यााय करतेे हैंं, उनकेे काार्योंं कीी तुुलनाा क़ाानूून कीी
कि�तााब, बााइबल सेे करतेे हैंं, और शरीीर मेंं कि�ए गए कर्मोंं केे अनुुसाार हर माामलेे काा फैै सलाा करतेे हैंं।
तब दुष्ु टोंं� कोो जोो भााग भुुगतनाा पड़ेेगाा, वह उनकेे काामोंं� केे अनुुसाार दि�याा जााएगाा; और यह उनकेे नााम
केे सम्मुुख मृृत्युु कीी पुुस्तक मेंं लि�खाा जााताा हैै।
शैैताान और दुष्ु ट स्वर्गगदूू तोंं� काा भीी मसीीह और उसकेे लोोगोंं� द्वााराा न्यााय कि�याा जााताा हैै। पौौलुुस
कहताा हैै: “क्याा तुुम नहींं� जाानतेे, कि� हम स्वर्गगदूू तोंं� काा न्यााय करेंंगेे?” पद 3। और यहूदाा यह घोोषणाा
करताा हैै कि� «जि�न स्वर्गगदूू तोंं� नेे अपनेे पद कोो स्थि�र न रखाा वरन्् अपनेे नि�ज नि�वाास कोो छोोड़ दि�याा,
उसनेे उनकोो भीी उस भीीषण दि�न केे न्यााय केे लि�येे अन्धकाार मेंं, जोो सदाा कााल केे लि�येे हैै, बन्धनोंं� मेंं
रखाा हैै।» यहूदाा 6।
464 महाान वि�वााद

हज़ाार सााल केे अंंत मेंं दूू सराा पुुनरुत्थाान होोगाा। तब दुष्ु ट मरेे हुओंं मेंं सेे जीी उठेंं गेे और «ठहरााए हुए
दण्ड» केे नि�ष्पाादन केे लि�ए परमेेश्वर केे साामनेे प्रकट होंं�गेे। इस प्रकाार, धर्मीी केे पुुनरुत्थाान काा वर्णणन
करनेे केे बााद, रहस्योोद्घा् ाटनकर्ताा� कहताा हैै: «जब तक येे हज़ाार वर्षष पूूरेे न हुए तब तक शेेष मरेे हुए न
जीी उठेे । यह तोो पहलाा पुुनरुत्थाान हैै।» प्रकााशि�तवााक्य 20:5। और यशाायााह दुष्ु टोंं� केे वि�षय मेंं यह
घोोषणाा करताा हैै: «वेे बन्दि�योंं� केे समाान गड़हेे मेंं इकट्ठेे कि�ए जााएँँगेे और बन्दीी–गृृह मेंं बन्द कि�ए जााएँँगेे;
और बहुत दि�नोंं� केे बााद उनकीी सुुधि� लीी जााएगीी।» यशाायााह 24:22।
42

वि�वााद समााप्त हुआ

ह ज़ाार सााल केे अंंत मेंं, मसीीह फि�र सेे धरतीी पर लौौटताा हैै। उसकेे सााथ छुु ड़ााए गए लोोगोंं� काा एक दल
हैै और स्वर्गगदूू तोंं� काा एक दल उसकीी सेेवाा मेंं हैै। जब वह भयाानक भव्यताा मेंं उतरताा हैै तोो वह आज्ञाा
देेताा हैै कि� दुष्ु ट मृृतक अपनाा दण्ड प्रााप्त करनेे केे लि�ए उठ खड़ेे होंं�। वेे एक बलवन्त जााति�, समुुद्र कीी बाालूू
केे कि�नकोंं� केे समाान अनगि�नत नि�कल कर आतेे हैंं। पहलेे पुुनरुत्थाान केे समय जि�लााए गए लोोगोंं� सेे कि�तनाा
अलग! धर्मीी लोोग अमर यौौवन और सौंं�दर्यय सेे ओत-प्रोोत थेे। दुष्ु टोंं� पर रोोग और मृृत्युु केे चि�ह्न होोतेे हैंं।
उस वि�शााल भीीड़ कीी प्रत्येेक आँँख परमेेश्वर केे पुुत्र कीी महि�माा कोो देेखनेे केे लि�ए मुुड़ीी हुई हैै।
दुष्ु ट समूूह एक स्वर सेे कहताा हैै: “धन्य हैै वह जोो यहोोवाा केे नााम सेे आताा हैै!” यह यीीशुु केे प्रति� प्रेेम
नहींं� हैै जोो इस कथन कोो प्रेेरि�त करताा हैै। सत्य कीी शक्ति� अनि�च्छुु क होोठोंं� सेे शब्दोंं� कोो प्रेेरि�त करतीी हैै।
जैैसेे दुष्ु ट अपनीी कब्रोंं� मेंं गए थेे, वैैसेे हीी वेे मसीीह केे प्रति� वैैसीी हीी शत्रुुताा और वि�द्रोोह कीी उसीी भाावनाा
केे सााथ बााहर आए। उनकेे पाास अपनेे पि�छलेे जन्मोंं� केे दोोषोंं� कोो दूू र करनेे केे लि�ए कोोई नई परि�वीीक्षाा
नहींं� होोगीी। इससेे कुु छ हाासि�ल नहींं� होोगाा। जीीवन भर केे अपरााध नेे उनकेे दि�लोंं� कोो नरम नहींं� कि�याा
हैै। एक दूू सरीी परि�वीीक्षाा, यदि� यह उन्हेंं दीी गई होोतीी, तोो परमेेश्वर कीी मांं�गोंं� सेे बचनेे और उसकेे वि�रुद्ध
वि�द्रोोह कोो उत्तेेजि�त करनेे मेंं पहलीी परि�वीीक्षाा जैैसेे प्रवृृत्त होोतीी।
मसीीह जैैतूून केे पहााड़ पर उतरताा हैै, जहाँँ� सेे, उसकेे पुुनरुत्थाान केे बााद, वह स्वर्गग कोो गयाा, और
जहाँँ� स्वर्गगदूू तोंं� नेे उसकीी वाापसीी काा वाादाा दोोहराायाा। भवि�ष्यद्वक्ताा कहताा हैै: «मेेराा परमेेश्वर यहोोवाा
आएगाा, और सब पवि�त्र लोोग उसकेे सााथ होंं�गेे।» «उस दि�न वह जैैतूनू केे पर्ववत पर पाँँ�व रखेेगाा, जोो
पूूर्वव कीी ओर यरूशलेेम केे साामनेे हैै; तब जैैतूून काा पर्ववत पूूर्वव सेे लेेकर पश्चि�िम तक बीीचोंं� बीीच सेे फटकर
बहुत बड़ाा खड्ड होो जााएगाा; तब यहोोवाा साारीी पृृथ्वीी काा रााजाा होोगाा; और उस दि�न एक हीी यहोोवाा और
उसकाा नााम भीी एक हीी माानाा जााएगाा।» जकर्याा�ह 14:5,4,9। जब नयाा यरूशलेेम, अपनीी चकााचौंं�ध
भरीी भव्यताा मेंं, स्वर्गग सेे नीीचेे आताा हैै, तोो यह उस स्थाान पर टि�कताा हैै जि�सेे शुुद्ध कि�याा गयाा थाा और
इसेे ग्रहण करनेे केे लि�ए तैैयाार कि�याा गयाा थाा, और मसीीह, अपनेे लोोगोंं� और स्वर्गगदूू तोंं� केे सााथ, पवि�त्र
शहर मेंं प्रवेेश करताा हैै।
466 महाान वि�वााद

अब शैैताान वर्चचस्व केे लि�ए अंंति�म शक्ति�शाालीी संं घर्षष कीी तैैयाारीी करताा हैै। अपनीी शक्ति� सेे वंं चि�त होोनेे
और अपनेे धोोखेे केे कााम सेे कटेे रहनेे केे दौौराान, दुष्ु टताा काा सरदाार दुखी ु ी और नि�रााश थाा; लेेकि�न जैैसे-े
जैैसेे दुष्ु ट मृृतक जीी उठतेे हैंं और वह वि�शााल भीीड़ कोो अपनेे पक्ष मेंं देेखताा हैै, उसकीी आशााएँँ फि�र सेे
जीीवि�त होो जाातीी हैंं, और वह महाान वि�वााद कोो स्वीीकाार नहींं� करनेे काा नि�श्चय करताा हैै। वह हाारेे हुए लोोगोंं�
कीी सभीी सेेनााओंं कोो अपनेे पक्ष मेंं सुुव्यवस्थि�त करेेगाा और उनकेे मााध्यम सेे अपनीी योोजनााओंं कोो क्रि�या�-
न्वि�त करनेे काा प्रयाास करेेगाा। दुष्ु ट शैैताान केे बंं दीी हैंं। मसीीह कोो अस्वीीकाार करकेे उन्होंं�नेे वि�द्रोोहीी अगुुआ
केे रााज कोो स्वीीकाार कर लि�याा हैै। वेे उसकेे सुुझााव स्वीीकाार करनेे और उसकीी आज्ञाा मााननेे केे लि�ए तैैयाार
हैंं। फि�र भीी, अपनीी शुुरुआतीी चाालााकीी केे अनुुसाार, वह खुुद कोो शैैताान नहींं� माानताा। वह वह सरदाार होोनेे
काा दाावाा करताा हैै जोो दुनि�या ु ा काा असलीी माालि�क हैै और जि�सकीी वि�राासत उससेे अवैैध रूप सेे छीीन लीी
गई हैै। एक उद्धाारक केे रूप मेंं वह उसकेे बहकाावेे मेंं आई प्रजाा केे साामनेे खुुद कोो प्रस्तुुत करताा हैै, उन्हेंं
वि�श्वाास दि�लााताा हैै कि� उसकीी शक्ति� नेे उन्हेंं उनकीी कब्रोंं� सेे बााहर नि�काालाा हैै और वह उन्हेंं सबसेे क्रूूर
अत्यााचाार सेे बचाानेे वाालाा हैै। मसीीह कीी उपस्थि�ति� कोो हटाा दि�याा गयाा हैै, शैैताान उसकेे दाावोंं� काा समर्थथन
करनेे केे लि�ए चमत्काार करताा हैै। वह नि�र्बबलोंं� कोो बलवाान बनााताा हैै और अपनेे उत्सााह और अपनीी ऊर्जाा�
सेे सभीी कोो प्रेेरि�त करताा हैै। वह पवि�त्र लोोगोंं� केे डेेरेे केे वि�रुद्ध उनकाा नेेतृत्व ृ करनेे और परमेेश्वर केे नगर
पर अधि�काार करनेे काा प्रस्तााव रखताा हैै। पैैशााचि�क उल्लाास केे सााथ वह उन असंं ख्य लााखोंं� लोोगोंं� कीी ओर
इशााराा करताा हैै जोो मृृतकोंं� मेंं सेे जि�लाायाा गयाा हैै और घोोषणाा करताा हैै कि� उनकेे अगुुआ केे रूप मेंं वह
नगर कोो उखााड़ फेंंकनेे और अपनेे सिं�हां ासन और अपनेे रााज्य कोो वाापस पाानेे मेंं सक्षम हैै।
उस वि�शााल भीीड़ मेंं बहुत समय तक रहनेे वाालीी जााति� केे लोोग हैंं, जोो जलप्रलय सेे पहलेे अस्ति�त्व
मेंं थीी; ऊँँचेे कद और अद्भु ् ुत ज्ञाान केे धनीी पुुरुष, जि�न्होंं�नेे पति�त स्वर्गगदूू तोंं� केे नि�यंं त्रण मेंं आनेे केे बााद,
अपनेे सम्पूूर्णण कौौशल और ज्ञाान कोो स्वयंं केे उत्थाान केे लि�ए समर्पि�त कर दि�याा; ऐसेे लोोग जि�नकीी कलाा
केे अद्भु ् ुत काार्योंं नेे मनुुष्योंं� कोो उनकीी प्रति�भाा कोो मूूर्ति�माान करनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा, लेेकि�न जि�नकीी
क्रूूरताा और जि�नकेे बुुरेे आवि�ष्काारोंं� नेे, पृृथ्वीी कोो अशुुद्ध कर दि�याा और परमेेश्वर कीी छवि� कोो ख़रााब
कर दि�याा, जि�सकेे काारण उसनेे उन्हेंं अपनीी सृृष्टि�ि केे चेेहरेे सेे मि�टाा दि�याा। ऐसेे रााजाा और सेेनाापति� हैंं
जि�न्होंं�नेे रााष्ट्रों��ं पर वि�जय प्रााप्त कीी, वीीर पुुरुष जोो कभीी युुद्ध नहींं� हाारेे, अभि�माानीी, महत्वााकांं�क्षीी योोद्धाा
जि�नकेे पहुँँचनेे पर रााज्य कांं�प जाातेे थेे। मृृत्युु मेंं इनमेंं कोोई परि�वर्ततन नहींं� हुआ। जैैसेे हीी वेे कब्र सेे ऊपर
आतेे हैंं, वेे अपनेे वि�चाारोंं� केे प्रवााह कोो वहींं� सेे फि�र सेे शुुरू कर देेतेे हैंं जहांं� यह रुकाा थाा। वेे जीीतनेे कीी
उसीी इच्छाा सेे प्रेेरि�त होोतेे हैंं जोो उनकेे पतन केे समय उन पर हाावीी थीी।
शैैताान पहलेे अपनेे स्वर्गगदूू तोंं� सेे, और फि�र इन रााजााओंं और वि�जेेतााओंं और महाान लोोगोंं� सेे
पराामर्शश करताा हैै। वेे अपनेे पक्ष कीी तााकत और संं ख्याा कोो देेखतेे हैंं, और घोोषणाा करतेे हैंं कि� नगर कीी
सीीमाा केे अन्दर कीी सेेनाा उनकीी तुुलनाा मेंं छोोटीी हैै, और यह कि� उस पर जय पााई जाा सकतीी हैै। उन्होंं�नेे
नए यरुशलेेम केे धन और वैैभव कोो अपनेे कब्ज़ेे मेंं लेेनेे कीी योोजनाा बनााई। सभीी तुुरंंत लड़ााई कीी तैैयाारीी
करनेे लगतेे हैंं। कुु शल काारीीगर युुद्ध केे औजाार बनाातेे हैंं। सैैन्य सरदाार, अपनीी सफलताा केे लि�ए प्रसि�द्ध,
रणकुु शल पुुरुषोंं� कीी भीीड़ कोो टोोलि�योंं� और वर्गोंं मेंं सुुव्यवस्थि�त करतेे हैंं।
अंंत मेंं आगेे बढ़नेे काा आदेेश दि�याा जााताा हैै, और अनगि�नत भीीड़ आगेे बढ़तीी हैै - एक ऐसीी सेेनाा
जि�सेे सांं�साारि�क वि�जेेतााओंं द्वााराा कभीी नहींं� बुुलाायाा गयाा थाा, ऐसीी कि� पृृथ्वीी पर युुद्ध शुुरू होोनेे केे समय
विवाद समाप्त 467

सेे सभीी युुगोंं� कीी संं युुक्त सेेनाा कभीी बरााबरीी नहींं� कर सकतीी थीी। शैैताान, योोद्धााओंं मेंं सबसेे तााकतवर,
सेेनाामुुख काा नेेतृत्वृ करताा हैै, और उसकेे स्वर्गगदूू त इस अंंति�म संं घर्षष केे लि�ए अपनीी सेेनाा कोो एकजुुट
करतेे हैंं। रााजाा और योोद्धाा उसकेे काारवाँँ� मेंं हैंं, और भीीड़ वि�शााल टोोलि�योंं� मेंं, प्रत्येेक अपनेे नि�युुक्त
सरदाार केे अधीीन, उसकेे पीीछेे -पीीछेे चलतीी हैै। सैैन्य सटीीकताा केे सााथ वेे संं हत जत्थेे पृृथ्वीी कीी टूू टीी
और ऊबड़-खााबड़ सतह सेे परमेेश्वर केे नगर कीी ओर बढ़तेे हैंं। यीीशुु कीी आज्ञाा सेे, नए यरूशलेेम केे
फााटक बंं द कर दि�ए जाातेे हैंं, और शैैताान कीी सेेनााएँँ शहर कोो घेेर लेेतीी हैंं और आक्रमण केे लि�ए तैैयाार
होो जाातीी हैंं।
अब मसीीह फि�र सेे अपनेे शत्रुुओं ं कीी दृष्टि�ि मेंं प्रकट होोताा हैै। नगर केे बहुत ऊपर, तपााए हुए सोोनेे
कीी नींं�व पर, एक सिं�हां ासन हैै, जोो बहुत हीी ऊंंचाा हैै। इस सिं�हां ासन पर परमेेश्वर काा पुुत्र वि�रााजमाान हैै,
और उसकेे चाारोंं� ओर उसकेे रााज्य कीी प्रजाा हैै। मसीीह कीी शक्ति� और महि�माा काा वर्णणन कोोई भााषाा नहींं�
कर सकतीी, कोोई कलम चि�त्रि�त नहींं� कर सकतीी। अनन्तकााल केे पि�ताा कीी महि�माा उसकेे पुुत्र कोो घेेरेे
हुए हैै। उसकीी उपस्थि�ति� काा तेेज परमेेश्वर केे नगर मेंं भर जााताा हैै, और फााटकोंं� केे परेे प्रवााहि�त होोताा
हैै, और साारीी पृृथ्वीी कोो उसकेे तेेज सेे भर देेताा हैै।
सिं�ंहाासन केे सबसेे नि�कट वेे हैंं जोो एक समय शैैताान केे काार्यय मेंं उत्सााहीी थेे, लेेकि�न जोो आग सेे
नि�काालीी हुई लुुकटीी समाान, गहन, एकााग्रचि�त्त भक्ति� केे सााथ अपनेे उद्धाारकर्ताा� केे पीीछेे -पीीछेे चलेे
हैंं। इसकेे बााद वेे हैंं जि�न्होंं�नेे झूूठ और अधर्मम केे बीीच मेंं मसीीहीी चरि�त्रोंं� कोो सि�द्ध कि�याा, जि�न्होंं�नेे
परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा काा माान रखाा जब मसीीहीी जगत नेे इसेे शूून्य घोोषि�त कर दि�याा, और लााखोंं�,
सभीी उम्र केे , जोो अपनेे वि�श्वाास केे लि�ए शहीीद होो गए। और इससेे परेे “हर एक जााति�, और कुु ल,
और लोोग, और भााषाा मेंं सेे वह बड़ीी भीीड़ हैै, जि�सेे कोोई गि�न नहींं� सकताा थाा… सिं�ंहाासन केे साामनेे,
और मेेम्नेे केे सााम्हनेे, श्वेेत वस्त्र पहि�नेे हुए, और अपनेे हााथोंं� मेंं खजूूर कीी टांं�गेंं लि�ए हुए हैंं।” प्र-
कााशि�तवााक्य 7:9। उनकाा युुद्ध समााप्त होो गयाा हैै, उनकीी जीीत हुई हैै। वेे दौौड़ दौौड़ चुुकेे हैंं और
पुुरस्काार तक पहुँँच चुुकेे हैंं। उनकेे हााथोंं� मेंं खजूूर कीी शााखाा उनकीी वि�जय काा प्रतीीक हैै, श्वेेत वस्त्र
मसीीह कीी नि�ष्कलंं क धाार्मि�कताा काा प्रतीीक हैै जोो अब उनकाा हैै।
छुु ड़ााए हुए लोोग स्तुुति� काा एक गीीत गाातेे हैंं जोो स्वर्गग केे गुंं�बदोंं� केे एक ओर सेे दूू सरीी ओर प्रति�ध्व-
नि�त होोताा हैै: “उद्धाार केे लि�येे हमाारेे परमेेश्वर काा, जोो सिं�हां ासन पर बैैठाा हैै, और मेेम्नेे काा जय–जयकाार
होो!” पद 10। और स्वर्गगदूू त और साारााप आरााधनाा मेंं अपनीी आवााज़ेंं मि�लाातेे हैंं। चूंं�कि� छुु ड़ााए हुए
लोोगोंं� नेे शैैताान कीी शक्ति� और दुष्ु टताा कोो देेखाा हैै, उन्होंं�नेे देेखाा हैै, जैैसाा पहलेे कभीी नहींं� देेखाा थाा, कि�
मसीीह कीी शक्ति� केे अलाावाा और कोोई शक्ति� उन्हेंं वि�जेेताा नहींं� बनाा सकतीी थीी। उस चमकतीी हुई भीीड़ मेंं
कोोई नहींं� हैै जोो अपनेे ऊपर उद्धाार काा श्रेेय खुुद कोो देे सकेे , माानोो वेे अपनीी शक्ति� और अच्छााई सेे प्रबल
हुए होंं�। उन्होंं�नेे जोो कुु छ कि�याा याा सहाा उसकेे बाारेे मेंं कुु छ नहींं� कहाा गयाा हैै; परन्तुु हर गीीत काा साार,
और हर गीीत काा मूूल स्वर हैै: “उद्धाार केे लि�येे हमाारेे परमेेश्वर काा और मेेम्नेे काा जय–जयकाार होो!”।
पृृथ्वीी और स्वर्गग केे इकट्ठेे हुए नि�वाासि�योंं� कीी उपस्थि�ति� मेंं परमेेश्वर केे पुुत्र काा अंंति�म रााज्यभि�-
षेेक होोताा हैै। और अब, सर्वोोच्च प्रतााप और साामर्थ्यय सेे प्रदत्त, रााजााओंं काा रााजाा उसकीी व्यवस्थाा केे
खि�लााफ वि�द्रोोहि�योंं� कोो सज़ाा सुुनााताा हैै और उन लोोगोंं� पर काार्ययवााहीी करताा हैै जि�न्होंं�नेे उसकीी व्यवस्थाा
काा उल्लंं घन कि�याा हैै और उसकेे लोोगोंं� पर अत्यााचाार कि�याा हैै। परमेेश्वर काा भवि�ष्यद्वक्ताा कहताा हैै:
468 महाान वि�वााद

«मैंं नेे एक बड़ाा श्वेेत सिं�हां ासन और उसकोो, जोो उस पर बैैठाा हुआ हैै, देेखाा; उसकेे साामनेे सेे पृृथ्वीी और
आकााश भााग गए, और उनकेे लि�येे जगह न मि�लीी। फि�र मैंं नेे छोोटेे बड़ेे सब मरेे हुओंं कोो सिं�हां ासन केे
साामनेे खड़ेे हुए देेखाा, और पुुस्तकेंं खोोलीी गईं; और फि�र एक और पुुस्तक खोोलीी गई, अर्थाा�त्् जीीवन कीी
पुुस्तक; और जैैसाा उन पुुस्तकोंं� मेंं लि�खाा हुआ थाा, वैैसेे हीी उनकेे काामोंं� केे अनुुसाार मरेे हुओंं काा न्यााय
कि�याा गयाा।” प्रकााशि�तवााक्य 20:11,12।
जैैसेे हीी जीीवन इति�हाास कीी पुुस्तकेंं खोोलीी जाातीी हैंं, और यीीशुु कीी दृष्टि�ि दुष्ु टोंं� पर पड़तीी हैै, वेे हर
उस पााप केे प्रति� सचेेत होो जाातेे हैंं जोो उन्होंं�नेे कभीी कि�याा हैै। वेे वहींं� देेखतेे हैंं जहांं� उनकेे पांं�व नि�र्दोोषताा
और पवि�त्रताा केे माार्गग सेे भटक गए थेे, गर्वव और वि�द्रोोह परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे उल्लंं घन मेंं उन्हेंं
कि�तनीी दूू र लेे गए थेे। जि�न मोोहक प्रलोोभनोंं� कोो उन्होंं�नेे पााप मेंं लि�प्त होोनेे केे द्वााराा, आशीीषोंं� कोो वि�कृृ त
करनेे केे द्वााराा, परमेेश्वर केे दूू तोंं� काा ति�रस्काार करनेे केे द्वााराा, चेेताावनि�योंं� कीी अस्वीीकृृ ति� द्वााराा, हठीी,
अपश्चााताापीी हृदय द्वााराा दयाा कीी लहरोंं� कोो पीीछेे धकेे लनेे केे द्वााराा बढ़ाावाा दि�याा- येे सब आग केे अक्षरोंं�
मेंं लि�खेे हुए प्रतीीत होोतेे हैंं।
सिं�हां ासन केे ऊपर क्रूूस प्रकट होोताा हैै; और आदम केे प्रलोोभन और पतन केे दृश्य, और छुु टकाारेे
कीी महाान योोजनाा मेंं उत्तरोोत्तर कदम एक वि�शाालदर्शीी दृश्य कीी तरह दि�खााई देेतेे हैंं। उद्धाारकर्ताा� काा
दीीन जन्म; साादगीी और आज्ञााकाारि�ताा काा उसकाा प्राारंंभि�क जीीवन; यरदन नदीी मेंं उसकाा बपति�स्माा;
जंं गल मेंं उपवाास और प्रलोोभन; उसकीी साार्ववजनि�क सेेवकााई, मनुुष्योंं� केे लि�ए स्वर्गग कीी सबसेे उत्कृृष्ट
आशीीषोंं� कोो प्रकट करनाा; प्रेेम और दयाा केे कर्मोंं सेे भरेे दि�न, प्राार्थथनाा कीी राातेंं और पहााड़ोंं� केे एकांं�त मेंं
बााट जोोहनाा; ईर्ष्याा�, घृृणाा और द्वेेष कीी सााज़ि�शेंं जि�न्होंं�नेे उसकेे लााभोंं� काा प्रति�फल दि�याा; संं पूूर्णण जगत केे
पाापोंं� केे कुु चलनेे वाालेे वज़न केे नीीचेे गतसमनीी मेंं भयाानक, हाार्दि�क वेेदनाा; धोोखेे सेे उसेे नि�र्ददयीी भीीड़ केे
हााथोंं� मेंं दि�याा जाानाा; आतंं क कीी उस राात कीी भयाावह घटनााएँँ— अपनेे सबसेे प्रि�य शि�ष्योंं� द्वााराा त्यााग
दि�याा गयाा अप्रति�रोोध्य कैै दीी, यरूशलेेम कीी सड़कोंं� पर बेेरहमीी और शीीघ्रताा सेे लेे जाायाा गयाा; हन्नाा केे
साामनेे हर्षोोल्लाास सेे पेेश कि�याा गयाा परमेेश्वर काा पुुत्र, महाायााजक केे महल मेंं, पि�लाातुुस केे न्यााय कक्ष
मेंं, काायर और क्रूूर हेेरोोदेेस केे साामनेे दोोषीी ठहराायाा गयाा, उपहाास कि�याा गयाा, अपमाानि�त कि�याा गयाा,
प्रतााड़ि�त कि�याा गयाा, दोोषीी ठहराायाा गयाा- —इन सभीी कोो स्पष्ट रूप सेे चि�त्रि�त कि�याा गयाा हैै।
और अब चलतीी हुई भीीड़ केे साामनेे अंंति�म दृश्य प्रकट होोतेे हैंं- कलवरीी केे राास्तेे पर चलताा हुआ
धैैर्ययवाान पीीड़ि�त; क्रूूस पर लटकाा हुआ स्वर्गग काा रााजकुु माार; उसकीी दर्ददनााक मौौत केे अंंति�म चरण कीी
पीीड़ाा काा मज़ााक उड़ाातेे घमण्डीी यााजक और ताानाा माारनेे वाालाा समूूह; अलौौकि�क अंंधकाार; कांं�पतीी हुई
धरतीी, फटीी हुई चट्टाानेंं, खुुलीी कब्रेंं, उस क्षण कोो चि�न्हि�त करतेे हुए जब जगत केे उद्धाारकर्ताा� नेे अपनेे
प्रााण त्यााग दि�ए।
भयाानक दृश्य वैैसाा हीी दि�खााई देेताा हैै जैैसाा वह थाा। शैैताान, उसकेे दूू तोंं�, और उसकीी प्रजाा केे पाास
अपनेे स्वयंं केे काार्यय कीी तस्वीीर सेे मुँँ�ह मोोड़नेे कीी साामर्थ्यय नहींं� हैै। प्रत्येेक कर्ताा� उस काार्यय कोो यााद करताा
हैै जोो उसनेे कि�याा थाा। हेेरोोदेेस, जि�सनेे बेेतलेेहेमे केे नि�र्दोोष बच्चोंं� कोो माार डाालाा तााकि� वह इस्रााएल केे
रााजाा कोो नष्ट कर सकेे ; अधम हेेरोोडि�याास, जि�सकीी दोोषीी आत्माा पर यूूहन्नाा बपति�स्माा देेनेे वाालेे काा लहू
हैै; कमज़ोोर, अवसरवाादीी पीीलाातुुस; उपहाासपूूर्णण सैैनि�क; यााजकोंं� और हााकि�मोंं� और पाागल लोोगोंं� कीी
भीीड़ जि�स नेे बड़ेे शब्द सेे पुुकाारकर कहाा थाा, “इसकाा खूून हम पर और हमाारेे लड़केे -बाालोंं� पर होो!”
विवाद समाप्त 469

—सब अपनेे अपरााध कीी गंं भीीरताा कोो देेखतेे हैंं। वेे व्यर्थथ मेंं सूूर्यय कीी महि�माा सेे अधि�क चमकतेे हुए
उसकेे मुुख केे पवि�त्र तेेज सेे छि�पनेे कीी कोोशि�श करतेे हैंं, जबकि� छुु ड़ााए हुए अपनेे मुुकुुट उद्धाारकर्ताा� केे
चरणोंं� मेंं रख देेतेे हैंं, यह कहतेे हुए: «वह मेेरेे लि�ए मराा!»
छुु ड़ााई हुई भीीड़ केे बीीच हैंं मसीीह केे प्रेेरि�त, बहाादुरु पौौलुुस, उत्सााहीी पतरस, प्रि�य और प्रेेममय
यूूहन्नाा, और उनकेे नि�ष्कपट भााई, और उनकेे सााथ शहीीदोंं� काा समूूह; जबकि� शहरपनााह केे बााहर, हर
तरह कीी घृृणि�त और घि�नौौनीी वस्तुु केे सााथ, वेे हैंं जि�नकेे द्वााराा उन्हेंं सताायाा गयाा थाा, कैै द कि�याा गयाा
थाा, और माार डाालाा गयाा थाा। वहाँँ� क्रूूरताा और पााप काा रााक्षस, नीीरोो हैै, जोो उन लोोगोंं� केे आनंं द और
उत्थाान कोो देेख रहाा हैै जि�न्हेंं उसनेे कभीी प्रतााड़ि�त कि�याा थाा, और जि�सकीी चरम पीीड़ाा मेंं उसनेे शैैताानीी
आनंं द मि�लताा थाा। उसकीी माँँ� अपनेे स्वयंं केे कर्मोंं काा फल देेखनेे केे लि�ए मौौजूूद हैै; यह देेखनेे केे लि�ए
कि� कि�स प्रकाार चरि�त्र कीी दुष्ु ट मुुहर उसकेे बेेटेे पर हस्तांं�तरि�त कीी गई, कि�स प्रकाार उसकेे प्रभााव और
उदााहरण सेे प्रेेरि�त और वि�कसि�त हुए जुुनूून उन अपरााधोंं� मेंं फलवंं त हुए, जि�न्होंं�नेे दुनि�या ु ा कोो झकझोोर
कर रख दि�याा थाा।
पोोप समर्थथक यााजक और धर्माा�धि�काारीी, जोो मसीीह केे रााजदूू त होोनेे काा दाावाा करतेे थेे, अभीी भीी
अपनेे लोोगोंं� केे वि�वेेक कोो नि�यंं त्रि�त करनेे केे लि�ए दांं�तेेदाार पट्टीी, काालकोोठरीी और खूंं�टीी काा इस्तेेमााल
करतेे थेे। ऐसेे अभि�माानीी बि�शप हैंं जि�न्होंं�नेे खुुद कोो परमेेश्वर केे ऊपर उठाा लि�याा और परमप्रधाान कीी
व्यवस्थाा कोो बदलनेे कीी धृृष् टताा कीी। कलीीसि�याा केे उन तथाा-कथि�त पाादरि�योंं� केे पाास परमेेश्वर कोो देेनेे
केे लि�ए एक स्पष्टीीकरण हैै जि�ससेे वेे स्वेेच्छाा सेे छुु टकााराा पाानाा चााहेंंगेे। बहुत देेर सेे उन्हेंं यह देेखनेे कोो
मि�लताा हैै कि� परमेेश्वर अपनीी व्यवस्थाा केे लि�ए जलन रखताा हैै और वह कि�सीी भीी तरह सेे दोोषीी कोो
नि�र्दोोष नहींं� ठहरााएगाा। वेे अब सीीखतेे हैंं कि� मसीीह अपनेे हि�त काा अपनेे पीीड़ि�त लोोगोंं� केे हि�त केे सााथ
ताादाात्म्य स्थाापि�त कि�याा; और वेे उसकेे अपनेे वचनोंं� केे प्रभााव कोो महसूूस करतेे हैंं: «तुुमनेे जोो मेेरेे इन
छोोटेे सेे छोोटेे भााइयोंं� मेंं सेे कि�सीी एक केे सााथ कि�याा, वह मेेरेे हीी सााथ कि�याा।» मत्तीी 25:40।
सभीी दुष्ु ट लोोग स्वर्गग कीी व्यवस्थाा केे खि�लााफ उच्च रााजद्रोोह केे आरोोप मेंं परमेेश्वर कीी अदाालत
मेंं दोोषीी ठहरााए गए हैै। उनकेे पाास अपनाा पक्ष रखनेे केे लि�ए कोोई नहींं� हैै; वेे क्षमाा योोग्य नहींं� हैंं; और
उनकेे वि�रुद्ध अनन्त मृृत्युु कीी दण्डाादेेश सुुनाायाा जााताा हैै।
अब यह सभीी केे लि�ए स्पष्ट हैै कि� पााप कीी मज़दूू रीी उत्तम स्वतंं त्रताा और अनन्त जीीवन नहींं� हैै,
बल्कि� दाासताा, बर्बाा�दीी और मृृत्युु हैै। दुष्ु ट देेखतेे हैंं कि� वि�द्रोोह केे अपनेे जीीवन सेे उन्होंं�नेे क्याा खोोयाा
हैै। उन्हेंं भेंंट कीी गई कहींं� अधि�क महत्वपूूर्णण और अनन्त महि�माा काा ति�रस्काार कि�याा गयाा थाा; लेेकि�न
अब यह कि�तनाा वांं�छनीीय प्रतीीत होोताा हैै। “यह सब,” खोोई हुई आत्माा रोोतीी हैै, “होो सकताा हैै मेेरेे पाास
होोताा; लेेकि�न मैंंनेे इन चीीज़ोंं� कोो अपनेे सेे दूू र रखनाा चुुनाा। ओह, अजीीब मोोह! मैंंनेे शांं�ति�, खुुशीी और
सम्माान कोो दरि�द्रताा, बदनाामीी और नि�रााशाा केे लि�ए बदल दि�याा हैै।” सभीी देेखतेे हैंं कि� स्वर्गग सेे उनकाा
बहि�ष्काार न्याायपूूर्णण हैै। उन्होंं�नेे अपनेे जीीवन केे द्वााराा घोोषि�त कि�याा हैै: “हम नहींं� चााहतेे कि� यह मनुुष्य
[यीीशुु] हम पर रााज्य करेे।”
माानोो मोोहि�त होो गए होंं�, दुष्ु टोंं� नेे परमेेश्वर केे पुुत्र केे रााज्यभि�षेेक कोो देेखाा हैै। वेे उसकेे हााथोंं� मेंं
ईश्वरीीय व्यवस्थाा कीी तख्ति�याँँ� देेखतेे हैंं, जि�न वि�धि�योंं� कोो उन्होंं�नेे तुुच्छ जाानाा और उनकाा उल्लंं घन
कि�याा हैै। वेे बचााए गए लोोगोंं� केे वि�स्मय, उत्सााह, और आरााधनाा केे प्रस्फुु टन कोो देेखतेे हैंं; और
470 महाान वि�वााद

जैैसेे-जैैसेे गीीत कीी लहर नगर केे बााहर कीी भीीड़ मेंं तरंंगि�त होोतीी हैै, सब केे सब एक स्वर सेे कहतेे हैंं,
“हेे सर्ववशक्ति�माान प्रभुु परमेेश्वर, तेेरेे काार्यय महाान्् और अद्भु ् ुत हैंं, हेे युुग–युुग केे रााजाा” (प्रकााशि�तवा�-
क्य 15:3); और सााष्टांं�ग दंंडवत होोकर वेे जीीवन केे कर्ताा� कीी पूूजाा करतेे हैंं।
जब शैैताान मसीीह कीी महि�माा और प्रतााप कोो देेखताा हैै, वह लकवााग्रस्त प्रतीीत होोताा हैै। वह जोो
कभीी ढांं�कनेे वाालाा करूब थाा, वह यााद करताा हैै कि� वह कहाँँ� सेे गि�राा हैै। एक चमकताा हुआ साारााप,
“भोोर काा पुुत्र;” कि�तनाा बदलाा हुआ, कि�तनाा पति�त! उस सभाा सेे जहांं� कभीी उसकाा सम्माान कि�याा
जााताा थाा, उसेे हमेेशाा केे लि�ए बााहर कर दि�याा गयाा। वह दूू सरेे कोो, उसकीी महि�माा पर पर्दाा� डाालतेे हुए,
अब पि�ताा केे पाास खड़ाा देेखताा हैै। उसनेे ऊँँचेे कद और गौौरवमय आकृृ ति� वाालेे स्वर्गगदूू त द्वााराा मसीीह
केे सि�र पर रखेे गए मुुकुुट कोो देेखाा हैै, और वह जाानताा हैै कि� इस स्वर्गगदूू त काा ऊंंचाा ओहदाा उसकाा
होो सकताा थाा।
वह अपनीी माासूूमि�यत और पवि�त्रताा केे दि�नोंं� केे घर कोो यााद करताा हैै, उस शांं�ति� और संं तोोष कोो
यााद करताा हैै जोो तब तक उसकाा थाा जब तक कि� वह परमेेश्वर केे खि�लााफ कुु ड़कुु ड़ाानेे और मसीीह सेे
ईर्ष्याा� करनेे मेंं लि�प्त नहींं� थाा। उसकेे दोोषाारोोपण, उसकाा वि�द्रोोह, स्वर्गगदूू तोंं� कीी सहाानुुभूूति� और समर्थथन
पाानेे केे लि�ए उसकीी प्रवंं चनााएंं , आत्म-सुुधाार केे लि�ए कोोई प्रयाास न करनेे कीी उसकीी हठ, जबकि� परमेे-
श्वर नेे उसेे क्षमाा प्रदाान कर दीी होोतीी—सभीी स्पष्ट रूप सेे उसकेे साामनेे आतेे हैंं। वह मनुुष्योंं� केे बीीच
अपनेे कााम और उसकेे परि�णाामोंं� कीी समीीक्षाा करताा हैै - अपनेे सााथीी मनुुष्य केे प्रति� मनुुष्य कीी शत्रुुताा,
जीीवन काा भयाानक वि�नााश, रााज्योंं� काा उत्थाान और पतन, सिं�हां ासनोंं� काा उलटनाा, कोोलााहल, संं घर्षोंं
और क्रांं�ति�योंं� काा लंं बाा सि�लसि�लाा। वह मसीीह केे काार्यय काा वि�रोोध करनेे और मनुुष्य कोो नि�चलेे स्तर पर
लेे जाानेे केे अपनेे नि�रंंतर प्रयाासोंं� कोो यााद करताा हैै। वह देेखताा हैै कि� उसकेे नाारकीीय षड़यन्त्र उन लोोगोंं�
कोो नष्ट करनेे केे लि�ए असमर्थथ रहेे हैंं जि�न्होंं�नेे अपनाा भरोोसाा यीीशुु पर रखाा हैै। जब शैैताान अपनेे रााज्य
कोो देेखताा हैै, जोो उसकेे परि�श्रम काा फल हैै, तोो वह केे वल असफलताा और बर्बाा�दीी देेखताा हैै। उसनेे
लोोगोंं� कोो वि�श्वाास दि�लाायाा हैै कि� परमेेश्वर काा नगर एक आसाान शि�काार होोगाा; लेेकि�न वह जाानताा हैै
कि� यह झूठू हैै। बाार-बाार, महाान वि�वााद कीी प्रगति� मेंं, वह हाारताा रहाा हैै और समर्पपण करनेे केे लि�ए
वि�वश होोताा रहाा हैै। वह सनाातन कीी साामर्थ्यय और महि�माा कोो अच्छीी तरह जाानताा हैै।
महाान वि�द्रोोहीी काा उद्देेश्य सदैैव स्वयंं कोो न्याायोोचि�त ठहराानाा और वि�द्रोोह केे लि�ए स्वर्गीीय व्यवस्थाा
कोो उत्तरदाायीी सि�द्ध करनाा रहाा हैै। इस उद्देेश्य केे लि�ए उसनेे अपनीी असााधाारण बुुद्धि� कीी साारीी शक्ति�
झोंं�क दीी हैै। लंं बेे समय सेे चलेे आ रहेे महाान वि�वााद केे अपनेे वि�वरण कोो स्वीीकाार करनेे केे लि�ए बड़ीी
संं ख्याा मेंं लोोगोंं� कीी अगुुवााई करतेे हुए, उसनेे सोोच-समझकर और व्यवस्थि�त रूप सेे और अद्भु ् ुत
सफलताा केे सााथ कााम कि�याा हैै। षड़यन्त्रोंं� केे इस सरदाार नेे हजाारोंं� वर्षोंं सेे सत्य केे लि�ए असत्य कोो
धोोखाा देेकर गलेे मढ़ाा हैै। लेेकि�न अब वह समय आ गयाा हैै जब वि�द्रोोह कोो अंंततःः परााजि�त करनाा हैै
और शैैताान केे इति�हाास और चरि�त्र कोो प्रकट करनाा हैै। मसीीह काा अधि�काार छीीननेे, उसकेे लोोगोंं� कोो
नष्ट करनेे, और परमेेश्वर केे नगर पर कब्ज़ाा करनेे केे अपनेे अंंति�म महाान प्रयाास मेंं, कट्टर धोोखेेबााज़
पूूरीी तरह सेे बेेनकााब होो गयाा हैै। जोो लोोग उसकेे सााथ एकजुुट होो गए हैंं, वेे उसकेे ध्येेय कीी पूूर्णण
वि�फलताा देेखतेे हैंं। मसीीह केे अनुुयाायीी और वफ़ाादाार स्वर्गगदूू त परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे वि�रुद्ध उसकीी
षड़यन्त्रोंं� केे साारेे पहलुुओं ं काा अवलोोकन करतेे हैंं। वह सर्ववव्याापीी द्वेेष काा पाात्र हैै।
विवाद समाप्त 471

शैैताान कोो समझ आताा हैै कि� उसकेे स्वैैच्छि�क वि�द्रोोह नेे उसेे स्वर्गग केे लि�ए अयोोग्य ठहराायाा हैै।
उसनेे अपनीी क्षमतााओंं कोो परमेेश्वर केे वि�रुद्ध युुद्ध करनेे केे लि�ए अभ्यस्त कि�याा हैै; स्वर्गग कीी पवि�त्रताा,
शांं�ति� और सद्भा ् ाव उसकेे लि�ए घोोर याातनाा होंं�गेे। परमेेश्वर कीी दयाा और न्यााय केे खि�लााफ उसकेे
आरोोप अब चुुप कर दि�ए गए हैंं। जि�स नाामधरााई कोो उस नेे यहोोवाा पर डाालनेे कीी चेेष् टाा कीी, वह
पूूरीी रीीति� उसीी पर आ पड़ीी हैै। और अब शैैताान झुक ु ताा हैै और अपनेे दंंड कीी न्यााय-संं गतताा कबूूल
करताा हैै।
“हेे प्रभुु, कौौन तुुझ सेे न डरेेगाा और तेेरेे नााम कीी महि�माा न करेेगाा? क्योंं�कि� केे वल तूू हीी पवि�त्र
हैै। साारीी जााति�याँँ� आकर तेेरेे साामनेे दण्डवत्् करेंंगीी, क्योंं�कि� तेेरेे न्यााय केे कााम प्रगट होो गए हैंं।” पद
4। लंं बेे समय सेे चलेे आ रहेे वि�वााद मेंं सत्य और भ्रम केे हर सवााल कोो अब स्पष्ट कर दि�याा गयाा हैै।
वि�द्रोोह केे परि�णााम, पवि�त्र सि�द्धांं�तोंं� कोो दरकि�नाार करनेे केे फल, सभीी सृृजि�त बुुद्धि�जीीवि�योंं� कीी दृष्टि�ि केे
लि�ए प्रकट कर दि�ए गए हैंं। परमेेश्वर कीी सत्ताा केे वि�परीीत शैैताान कीी व्यवस्थाा काा क्रि�याान्वयन संं पूूर्णण
जगत केे साामनेे प्रस्तुुत कि�याा गयाा हैै। शैैताान केे अपनेे काामोंं� नेे उसेे दोोषीी ठहराायाा हैै। परमेेश्वर काा
ज्ञाान, उसकाा न्यााय और उसकीी भलााई पूूरीी तरह सेे न्याायसंं गत ठहरााए गए हैै। यह देेखाा गयाा हैै कि�
महाान वि�वााद मेंं उसकेे सभीी काार्यय उसकेे लोोगोंं� कीी शााश्वत भलााई और उसकेे द्वााराा बनााए गए सभीी
ग्रहोंं� कीी भलााई केे संं बंं ध मेंं कि�ए गए हैंं। “हेे यहोोवाा, तेेरीी साारीी सृृष्टि�ि तेेराा धन्यवााद करेेगीी, और तेेरेे
भक्त लोोग तुुझेे धन्य कहाा करेंंगेे।” भजन संं हि�ताा 145:10। पााप काा इति�हाास अनंं त कााल तक इस
बाात काा सााक्षीी रहेेगाा कि� परमेेश्वर कीी व्यवस्थाा केे अस्ति�त्व केे सााथ उन सभीी प्रााणि�योंं� कीी खुुशीी बंं धीी
हुई हैै जि�न्हेंं उसनेे बनाायाा हैै। महाान वि�वााद केे सभीी तथ्योंं� कोो ध्याान मेंं रखतेे हुए, संं पूूर्णण जगत, वफाादाार
और वि�द्रोोहीी दोोनोंं�, एक सहमति� केे सााथ घोोषि�त करतेे हैंं: “हेे सर्ववशक्ति�माान प्रभुु परमेेश्वर, तेेरेे काार्यय
महाान्् और अद्भु ् ुत हैंं।”
संं पूूर्णण जगत केे साामनेे मनुुष्य केे लि�ए पि�ताा और पुुत्र द्वााराा कि�ए गए महाान बलि�दाान कोो स्पष्ट रूप
सेे प्रस्तुुत कि�याा गयाा हैै। वह समय आ गयाा हैै जब मसीीह अपनाा सहीी स्थाान ग्रहण करेे और प्रधाान-
तााओंं और अधि�काारोंं� और हर नाामि�त नााम केे ऊपर महि�माा पााए। यह उस आनन्द केे लि�ए थाा जोो उसकेे
साामनेे रखाा गयाा थाा—तााकि� वह बहुत सेे पुुत्रोंं� कोो महि�माा मेंं लाा सकेे —कि� उसनेे क्रूूस कोो सहाा और
लज्जाा काा ति�रस्काार कि�याा। और जैैसेे कि� दु:ु ख और लज्जाा अकल्पनीीय रूप सेे बहुत अधि�क थीी, फि�र
भीी आनंं द और महि�माा उससेे अधि�क हैै। वह छुु ड़ााए हुए लोोगोंं� कोो, स्वयंं अपनेे स्वरूप मेंं नवीीकृृ त हुए,
प्रत्येेक हृदय कोो परमाात्माा कीी पूूर्णण छााप धाारण कि�ए हुए, प्रत्येेक चेेहरेे कोो अपनेे रााजाा कीी समाानताा कोो
दर्शाा�तेे हुए देेखताा हैै। वह उनमेंं अपनीी आत्माा केे कष्ट काा परि�णााम देेखताा हैै, और वह संं तुुष् ट होोताा
हैै। फि�र, एक ऊंंचेे स्वर मेंं जोो धर्मीी और दुष्ु टोंं� कीी इकट्ठीी भीीड़ तक पहुँँचताा हैै, वह घोोषणाा करताा हैै:
“देेखोो, मेेरेे लहू कीी खरीीद! इनकेे लि�येे मैंं नेे दुख ु उठाायाा, इनकेे लि�येे मैंं मराा, तााकि� वेे अनन्त युुगोंं� तक

मेेरेे सााथ वाास करेंं।” और सिं�हाासन केे चाारोंं� ओर श्वेेत वस्त्र वाालोंं� कीी ओर सेे स्तुुति� काा गीीत गूँँ�जताा
हैै: “वध कि�याा हुआ मेेम्नाा हीी साामर्थ्यय और धन और ज्ञाान और शक्‍ति�ि� और आदर और महि�माा और
धन्यवााद केे योोग्य हैै!” प्रकााशि�तवााक्य 5:12।
इस बाात केे बाावजूूद कि� शैैताान कोो परमेेश्वर केे न्यााय कोो स्वीीकाार करनेे और मसीीह कीी सर्वोोच्चताा
केे साामनेे झुकने ु े केे लि�ए वि�वश होो गयाा हैै, उसकाा चरि�त्र अपरि�वर्ति�त रहाा हैै। वि�द्रोोह कीी भाावनाा, एक
472 महाान वि�वााद

तेेज़ धााराा कीी तरह, फि�र सेे फूू ट पड़तीी हैै। आवेेश सेे भराा हुआ, वह महाान वि�वााद कोो न छोोड़नेे काा
नि�श्चय करताा हैै। स्वर्गग केे रााजाा केे खि�लााफ अंंति�म अंंधााधुंं�ध संं घर्षष काा समय आ गयाा हैै। वह अपनीी
प्रजाा केे बीीच मेंं बड़ीी जल्दबााज़ीी केे सााथ जााताा हैै और उन्हेंं अपनेे क्रोोध सेे प्रेेरि�त करनेे काा प्रयाास करताा
हैै और उन्हेंं तत्कााल युुद्ध केे लि�ए उकसााताा हैै। लेेकि�न उन सभीी अनगि�नत लााखोंं� लोोगोंं� मेंं सेे जि�न्हेंं उसनेे
वि�द्रोोह केे लि�ए भरमाायाा हैै, अब कोोई भीी उसकीी सर्वोोच्चताा कोो स्वीीकाार करनेे वाालाा नहींं� हैै। उसकीी सत्ताा
समााप्त होोनेे कोो हैै। दुष्ु ट परमेेश्वर केे प्रति� उसीी घृृणाा सेे भरेे हुए हैंं जोो शैैताान कोो प्रेेरि�त करतीी हैै; परन्तुु वेे
देेखतेे हैंं कि� उनकाा माामलाा व्यर्थथ हैै, और वेे यहोोवाा पर प्रबल नहींं� होो सकतेे। शैैताान और उसकेे धोोखेे केे
दूू तोंं� केे वि�रुद्ध उनकाा कोोप भड़क उठाा हैै, और वेे दुष्ु टाात्मााओंं कीी जलजलााहट सेे उन पर भड़क उठेे हैंं।
यहोोवाा कीी यह वााणीी हैै: «तूू जोो अपनाा मन परमेेश्वर–साा दि�खााताा हैै, इसलि�येे देेख, मैंं तुुझ पर ऐसेे
परदेेशि�योंं� सेे चढ़ााई करााऊँँगाा, जोो सब जााति�योंं� सेे अधि�क क्रूूर हैंं, वेे अपनीी तलवाारेंं तेेरीी बुुद्धि� कीी शोोभाा
पर चलााएँँगेे और तेेरीी चमक–दमक कोो बि�गााड़ेंंगेे। वेे तुुझेे कबर मेंं उताारेंंगेे।» «हेे छाानेे वाालेे करूब मैंं नेे
तुुझेे आग सरीीखेे चमकनेे वाालेे मणि�योंं� केे बीीच सेे नष्ट कि�याा हैै।  मैंं नेे तुुझेे भूूमि� पर पटक दि�याा; और
रााजााओंं केे साामनेे तुुझेे रखाा कि� वेे तुुझ कोो देेखेंं। मैंं नेे तुुझेे सब देेखनेेवाालोंं� केे साामनेे भूूमि� पर भस्म कर
डाालाा हैै। तूू भय काा काारण हुआ हैै और फि�र कभीी पाायाा न जााएगाा।” यहेेजकेेल 28:6-8, 16-19।
«युुद्ध मेंं लड़नेेवाालेे सि�पााहि�योंं� केे जूूतेे और लहू मेंं लथड़ेे हुए कपड़ेे सब आग काा कौौर होो जााएँँगेे।»
«यहोोवाा सब जााति�योंं� पर क्रोोध कर रहाा हैै, और उनकीी साारीी सेेनाा पर उसकीी जलजलााहट भड़कीी हुई
हैै, उसनेे उनकाा सत्याानााश होोनेे, और संं हाार होोनेे कोो छोोड़ दि�याा हैै।» «वह दुष्ु टोंं� पर फन्देे बरसााएगाा;
आग और गन्धक और प्रचण्ड लूूह उनकेे कटोोरोंं� मेंं बाँँ�ट दीी जााएँँगीी।» यशाायााह 9:5; 34:2; भजन
संं हि�ताा 11:6, माार्जि�न। परमेेश्वर कीी ओर सेे स्वर्गग सेे आग उतरतीी हैै। धरतीी फट जाातीी हैै। इसकीी
गहरााइयोंं� मेंं छि�पेे हथि�याार बााहर खींं�चेे जाातेे हैंं। भस्म करनेे वाालीी लपटेंं हर गहरीी और फैै लीी हुई खााई सेे
नि�कलतीी हैंं। चट्टाानेंं तक जल रहीी हैंं। वह दि�न आ गयाा हैै जोो धधकतेे भट्ठेे केे समाान तपेेगाा। प्रचंं ड गर्मीी
सेे तत्व पि�घल जाातेे हैंं, पृृथ्वीी भीी, और उस पर केे कााम जल जाातेे हैंं। मलााकीी 4:1; 2 पतरस 3:10।
पृृथ्वीी कीी सतह एक पि�घलाा हुआ द्रव्यमाान लगताा हैै - आग कीी एक वि�शााल, खौौलतीी हुई झीील। यह
अधर्मीी मनुुष्योंं� केे न्यााय और वि�नााश काा समय हैै— «पलटाा लेेनेे कोो यहोोवाा काा एक दि�न और सि�य्योोन
काा मुुक़द्दमाा चुुकाानेे काा एक वर्षष।» यशाायााह 34:8।
दुष्ु टोंं� कोो उनकाा बदलाा धरतीी मेंं मि�लताा हैै। नीीति�वचन 11:31। वेे “अनााज कीी खूँँ�टीी बन जााएँँगेे;
और उस आनेे वाालेे दि�न मेंं वेे ऐसेे भस्म होो जााएँँगेे, सेेनााओंं केे यहोोवाा काा यहीी वचन हैै।» मलााकीी 4:1।
कुु छ एक पल मेंं नष्ट होो जाातेे हैंं, जबकि� अन्य कई दि�नोंं� तक पीीड़ि�त रहतेे हैंं। सभीी कोो “उनकेे कर्मोंं केे
अनुुसाार” दण्ड दि�याा जााताा हैै। धर्मि�योंं� केे पााप शैैताान कोो स्थाानांं�तरि�त कर दि�ए जाानेे पर, उसेे न केे वल
अपनेे स्वयंं केे वि�द्रोोह केे लि�ए, बल्कि� उन सभीी पाापोंं� केे लि�ए पीीड़ि�त कि�याा जााताा हैै जोो उसनेे परमेेश्वर
केे लोोगोंं� सेे करवााए हैंं। उसकाा दण्ड उन लोोगोंं� सेे कहींं� अधि�क बड़ाा हैै जि�न्हेंं उसनेे भरमाायाा हैै। उसकेे
धोोखोंं� केे द्वााराा पति�त हुओंं केे नष्ट होो जाानेे केे बााद, उसेे अभीी भीी जीीनाा और पीीड़ि�त होोनाा बााकीी हैै।
शुुद्ध करनेे वाालीी लपटोंं� मेंं दुष्ु ट अंंत मेंं नष्ट होो जाातेे हैंं, जड़ और शााखाा—शैैताान जड़, उसकेे अनुुयाायीी
शााखााएंं । व्यवस्थाा काा पूूराा दंंड दि�याा जाा चुुकाा हैै; न्यााय कीी मांं�ग पूूरीी कीी जाा चुुकीी हैै; स्वर्गग और पृृथ्वीी,
देेखतेे हुए, यहोोवाा कीी धाार्मि�कताा कीी घोोषणाा करतेे हैंं।
विवाद समाप्त 473

शैैताान काा तबााहीी काा कााम हमेेशाा केे लि�ए खत्म होो गयाा हैै। छह हज़ाार वर्षोंं तक उसनेे अपनीी इच्छाा
पूूरीी कीी, पृृथ्वीी कोो शोोक सेे भर दि�याा और संं पूूर्णण जगत केे लि�ए दुख ु काा काारण बनाा। पूूरीी सृृष्टि�ि पीीड़ाा मेंं
एक सााथ करााहीी और तड़पीी हैै। अब परमेेश्वर केे प्रााणीी हमेेशाा केे लि�ए उसकीी उपस्थि�ति� और प्रलोोभनोंं�
सेे मुुक्त होो गए हैंं। «अब साारीी पृृथ्वीी कोो वि�श्रााम मि�लाा हैै, वह चैैन सेे हैै; लोोग ऊँँचेे स्वर सेे गाा उठेे
हैंं।» यशाायााह 14:7। और समस्त नि�ष्ठाावाान सृृष्टि�ि सेे स्तुुति� और वि�जय काा जयघोोष होोताा हैै। «बड़ीी
भीीड़ काा साा और बहुत जल काा साा शब्द, और गर्जजन काा साा बड़ाा शब्द» यह कहतेे हुए सुुनााई देेताा हैै:
“हल्‍लि�ि�लूूय्यााह! क्योंं�कि� प्रभुु हमााराा परमेेश्वर सर्ववशक्ति�माान रााज्य करताा हैै।» प्रकााशि�तवााक्य 19:6।
जब पृृथ्वीी वि�नााश कीी आग मेंं लि�पटीी हुई थीी, तब धर्मीी पवि�त्र नगर मेंं सुुरक्षि�त वाास कर रहेे थेे।
उन पर जोो पहलेे पुुनरुत्थाान केे भाागीी थेे, दूू सरीी मृृत्युु काा कोोई अधि�काार नहींं�। जबकि� परमेेश्वर दुष्ु टोंं�
केे लि�ए भस्म करनेेवाालीी आग हैै, वह अपनेे लोोगोंं� केे लि�ए सूूरज और ढााल दोोनोंं� हैै। प्रकााशि�तवााक्य
20:6; भजन संं हि�ताा 84:11।
«मैंंनेे नए आकााश और नई पृृथ्वीी कोो देेखाा, क्योंं�कि� पहलाा आकााश और पहलीी पृृथ्वीी जाातीी रहीी
थीी, और समुुद्र भीी न रहाा।» प्रकााशि�तवााक्य 21:1। दुष्ु टोंं� कोो भस्म करनेेवाालीी अग्नि�ि पृृथ्वीी कोो पवि�त्र
करतीी हैै। अभि�शााप काा हर नि�शाान मि�टाा दि�याा जााताा हैै। छुु ड़ााए हुए लोोगोंं� केे साामनेे कोोई हमेेशाा केे
लि�ए जलताा हुआ नरक पााप केे भयाानक परि�णाामोंं� कोो नहींं� रखेेगाा।
केे वल एक अनुुस्माारक शेेष रह जााताा हैै: हमााराा मुुक्ति�दााताा सदैैव अपनेे क्रूूस पर चढ़ााए जाानेे केे
नि�शाानोंं� कोो धाारण करेेगाा। उसकेे घाायल सि�र पर, उसकेे पंं जर पर, उसकेे हााथोंं� और पैैरोंं� पर, उस
अमाानवीीय कृृ त्य केे एकमाात्र चि�ह्न हैंं जोो पााप नेे कि�याा हैै। मसीीह कोो उसकीी महि�माा मेंं देेखकर भवि�-
ष्यद्वक्ताा कहताा हैै: «उसकेे हााथ सेे कि�रणेंं नि�कल रहीी थींं�; और इनमेंं उसकाा साामर्थ्यय छि�पाा हुआ थाा।»
हबक्कूू क 3:4, माार्जि�न। वह बेेधाा हुआ पंं जर जहांं� सेे लहू कीी धााराा प्रवााहि�त हुई जि�सनेे मनुुष्य और परमेे-
श्वर काा मेेल कराायाा— वहांं� उद्धाारकर्ताा� कीी महि�माा हैै, वहांं� «उसकाा साामर्थ्यय छि�पाा हुआ हैै।» छुु टकाारेे केे
बलि�दाान केे मााध्यम सेे, «उद्धाार करनेे मेंं परााक्रमीी,» इसलि�ए वह उन पर न्यााय करनेे मेंं सक्षम थाा जि�न्होंं�नेे
परमेेश्वर केे अनुुग्रह काा ति�रस्काार कि�याा थाा। और उसकीी दीीनताा केे प्रतीीक उसकाा सर्वोोच्च सम्माान हैै;
अनंं त कााल तक कलवरीी केे घााव उसकाा गुुणाानुुवााद करेंंगेे और उसकीी साामर्थ्यय कीी घोोषणाा करेंंगे।े
«हेे एदेेर केे गुुम्मट, हेे सि�य्योोन कीी पहााड़ीी, पहलीी प्रभुुताा अर्थाा�त्् यरूशलेेम काा रााज्य तुुझेे मि�लेेगाा।»
मीीकाा 4:8। जि�स समय कीी पवि�त्र लोोगोंं� नेे तब सेे बड़ीी इच्छाा सेे उम्मीीद कीी हैै जब सेे ज्वाालाामय तलवाार
नेे पहलेे युुग्म कोो अदन कीी वााटि�काा मेंं आनेे सेे कोो प्रति�बंं धि�त कर दि�याा थाा, वह आ गयाा हैै, «उसकेे
मोोल लि�येे हुओंं केे छुु टकाारेे» काा समय। इफि�सि�योंं� 1:14। पृृथ्वीी जोो मूूल रूप सेे मनुुष्य कोो उसकेे
रााज्य केे रूप मेंं दीी गई थीी, जोो उसकेे द्वााराा शैैताान केे हााथोंं� मेंं देे दीी गई थीी और जोो इतनेे लंं बेे समय तक
शक्ति�शाालीी शत्रुु केे अधि�काार मेंं थीी, उसेे छुु टकाारेे कीी महाान योोजनाा द्वााराा बहााल कर दीी गई हैै। पााप
केे काारण जोो कुु छ खोो गयाा थाा, वह पुुन: स्थाापि�त कर दि�याा गयाा हैै। «यहोोवाा योंं� कहताा हैै ... उसीी नेे
पृृथ्वीी कोो रचाा और बनाायाा, उसीी नेे उसकोो स्थि�र भीी कि�याा; उसनेे उसेे सुुनसाान रहनेे केे लि�येे नहींं� परन्तुु
बसनेे केे लि�येे रचाा हैै।» यशाायााह 45:18। पृृथ्वीी कीी सृृष्टि�ि मेंं परमेेश्वर काा मूूल उद्देेश्य पूूराा होो गयाा हैै
क्योंं�कि� इसेे छुु ड़ााए गए लोोगोंं� काा शााश्वत नि�वाास बनाा दि�याा गयाा हैै। «धर्मीी लोोग पृृथ्वीी केे अधि�काारीी
होंं�गेे, और उस मेंं सदाा बसेे रहेंंगेे।» भजन संं हि�ताा 37:29।
474 महाान वि�वााद

इस डर नेे कि� भवि�ष्य कीी वि�राासत बहुत अधि�क अनाात्मीीय नाा लगेे, कई लोोगोंं� कोो उस सत्य कोो
शााब्दि�क रूप सेे नहींं� लेेनेे केे लि�ए प्रेेरि�त कि�याा हैै जोो हमेंं इसेे अपनेे घर केे रूप मेंं देेखनेे केे लि�ए प्रेेरि�त
करतीी हैंं। मसीीह नेे अपनेे शि�ष्योंं� कोो आश्वाासन दि�याा कि� वह पि�ताा केे घर मेंं उनकेे लि�ए भवन तैैयाार
करनेे गयाा थाा। जोो लोोग परमेेश्वर केे वचन कीी शि�क्षााओंं कोो स्वीीकाार करतेे हैंं वेे स्वर्गीीय नि�वाास केे वि�षय
मेंं पूूरीी तरह सेे अनभि�ज्ञ नहींं� होंं�गेे। और फि�र भीी, “जोो बाातेंं आँँख नेे नहींं� देेखींं� और काान नेे नहींं� सुुनींं�,
और जोो बाातेंं मनुुष्य केे चि�त मेंं नहींं� चढ़ींं�, वेे हीी हैंं जोो परमेेश्वर नेे अपनेे प्रेेम रखनेे वाालोंं� केे लि�येे तैैयाार
कीी हैंं।” 1 कुु रि�न्थि�योंं� 2:9। धर्मीी केे प्रति�फल काा वर्णणन करनेे केे लि�ए माानव भााषाा अपर्यााप्त � हैै। यह तोो
देेखनेे वाालेे हीी जाान पााएंं गेे। कोोई भीी सीीमि�त मन परमेेश्वर केे स्वर्गग कीी महि�माा कोो नहींं� समझ सकताा।
बााइबल मेंं बचााए गए लोोगोंं� कीी वि�राासत कोो «एक देेश» कहाा गयाा हैै। इब्राानि�योंं� 11:14-16।
वहाँँ� स्वर्गीीय चरवााहाा अपनेे झुण्ड ु कोो जीीवि�त जल केे सोोतोंं� केे पाास लेे जााताा हैै। जीीवन काा वृृक्ष हर
महीीनेे फलताा हैै, और उस वृृक्ष केे पत्तेे जााति�–जााति� केे लोोगोंं� कीी चंं गााई केे लि�येे हैंं। वहाँँ� हमेेशाा बहनेे
वाालीी धाारााएँँ हैंं, बि�ल्‍‍लौौर कीी सीी नि�र्ममल, और उनकेे कि�नाारेे लहराातेे पेेड़ यहोोवाा केे छुु ड़ााए हुए लोोगोंं� केे
लि�ए तैैयाार कि�ए गए राास्तोंं� पर अपनीी छाायाा डाालतेे हैंं। वहांं� दूू र-दूू र तक फैै लेे हुए मैैदाान सुंं� दर पहााड़ि�योंं�
मेंं बदल जाातेे हैंं, और परमेेश्वर केे पर्ववत उनकेे ऊँँचेे शि�खरोंं� कीी पृृष् ठभूूमि� बनाातेे हैंं। उन शांं�ति�पूूर्णण
मैैदाानोंं� पर, उन जीीवंं त जल-धाारााओंं केे कि�नाारेे, परमेेश्वर केे लोोग, अब तक तीीर्थथयाात्रीी और घुुमक्कड़,
एक घर पााएंं गेे।
«मेेरेे लोोग शाान्ति� केे स्थाानोंं� मेंं नि�श्चि�िन्त रहेंंगेे, और वि�श्रााम केे स्थाानोंं� मेंं सुुख सेे रहेंंगेे।» «तेेरेे देेश
मेंं फि�र कभीी उपद्रव और तेेरीी सीीमााओंं केे भीीतर उत्पाात याा अन्धेेर कीी चर्चाा� न सुुनााई पड़ेेगीी; परन्तुु तूू
अपनीी शहरपनााह काा नााम उद्धाार और अपनेे फााटकोंं� काा नााम यश रखेेगीी।» «वेे घर बनााकर उन मेंं
बसेंंगेे; वेे दााख कीी बाारि�याँँ� लगााकर उनकाा फल खााएँँगेे। ऐसाा नहींं� होोगाा कि� वेे बनााएँँ और दूू सराा बसेे;
याा वेे लगााएँँ, और दूू सराा खााए। मेेरेे चुुनेे हुए अपनेे काामोंं� काा पूूराा लााभ उठााएँँगेे।” यशाायााह 32:18;
60:18; यशाायााह 65:21, 22।
वहांं�, «जंं गल और नि�र्जजल देेश प्रफुु ल्लि�त होंं�गेे, मरुभूूमि� मगन होोकर केे सर केे समाान फूू लेेगीी।»
«तब भटकटैैयोंं� केे बदलेे सनौौवर उगेंंगेे; और बि�च्छूू पेेड़ोंं� केे बदलेे मेंंहदीी उगेेगीी; और इस सेे यहोोवाा
काा नााम होोगाा, जोो सदाा काा चि�ह्न होोगाा और कभीी न मि�टेेगाा।” «तब भेेड़ि�याा भेेड़ केे बच्चेे केे संं ग
रहाा करेेगाा, और चीीताा बकरीी केे बच्चेे केे सााथ बैैठाा करेेगाा; ....और एक छोोटाा लड़काा उनकीी अगुुवााई
करेेगाा।” «मेेरेे साारेे पवि�त्र पर्ववत पर न तोो कोोई दु:ु ख देेगाा और न हाानि� करेेगाा,» यहोोवाा कहताा हैै।
यशाायााह 35:1; 55:13; यशाायााह 11:6,9।
कष्ट स्वर्गग केे वााताावरण मेंं मौौजूूद नहींं� होो सकताा। अब कोोई आंंसूू नहींं� होंं�गेे, शव कोो दफनाानेे
केे लि�ए लेे जाा रहेे लोोगोंं� केे कोोई जुुलूूस नहींं� होंं�गेे, शोोक केे कोोई चि�ह्न नहींं� होंं�गेे। «इसकेे बााद मृृत्युु
न रहेेगीी, और न शोोक, न वि�लााप, न पीीड़ाा रहेेगीी; पहलीी बाातेंं जाातीी रहींं�।” «कोोई नि�वाासीी न कहेेगाा
कि� मैंं रोोगीी हूँँ; और जोो लोोग उसमेंं बसेंंगेे, उनकाा अधर्मम क्षमाा कि�याा जााएगाा।” प्रकााशि�तवााक्य 21:4;
यशाायााह 33:24।
वह रहाा नयाा यरूशलेेम, महि�माामयीी नई पृृथ्वीी काा महाानगर, «यहोोवाा केे हााथ मेंं एक शोोभाायमाान
मुुकुुट और अपनेे परमेेश्वर कीी हथेेलीी मेंं रााजमुुकुुट।” «उसकीी ज्योोति� बहुत हीी बहुमूूल्य पत्थर,
विवाद समाप्त 475

अर्थाा�त्् बि�ल्‍‍लौौर केे समाान यशब कीी तरह स्वच्छ थीी।» «जााति�–जााति� केे लोोग उसकीी ज्योोति� मेंं चलेे–
फि�रेंंगेे, और पृृथ्वीी केे रााजाा अपनेे-अपनेे तेेज काा साामाान उसमेंं लााएँँगेे।” यहोोवाा कहताा हैै: «मैंं आप
यरूशलेेम केे काारण मगन, और अपनीी प्रजाा केे हेेतुु हर्षि�त हूँँगाा।» “परमेेश्वर काा डेेराा मनुुष्योंं� केे
बीीच मेंं हैै। वह उनकेे सााथ डेेराा करेेगाा, और वेे उसकेे लोोग होंं�गेे, और परमेेश्वर आप उनकेे सााथ
रहेेगाा और उनकाा परमेेश्वर होोगाा।” यशाायााह 62:3; प्रकााशि�तवााक्य 21:11, 24; यशाायााह 65:19;
प्रकााशि�तवााक्य 21:3।
परमेेश्वर केे नगर मेंं «राात न होोगीी।» कि�सीी कोो वि�श्रााम कीी आवश्यकताा याा इच्छाा नहींं� होोगीी।
परमेेश्वर कीी इच्छाा पूूरीी करनेे और उसकेे नााम काा गुुणगाान करनेे मेंं कोोई थकाान नहींं� होोगीी। हम हमेेशाा
सुुबह कीी तााजगीी महसूूस करेंंगेे और हमेेशाा इसकेे खत्म होोनेे सेे दूू र रहेंंगे।े «उन्हेंं दीीपक और सूूर्यय केे
उजि�याालेे कीी अवश्यकताा न होोगीी, क्योंं�कि� प्रभुु परमेेश्वर उन्हेंं उजि�याालाा देेगाा।» प्रकााशि�तवााक्य 22:5।
सूूर्यय केे प्रकााश कोो एक ऐसेे तेेज सेे वि�स्थाापि�त कि�याा जााएगाा जोो अप्रीीति�कर रूप सेे चौंं�धि�याानेे वाालाा नहींं�
हैै, फि�र भीी जोो हमाारेे दोोपहर केे समय कीी चमक सेे बढ़कर हैै। परमेेश्वर और मेेम्नेे कीी महि�माा पवि�त्र
नगर कोो अमि�ट प्रकााश सेे भर देेतीी हैै। छुु टकााराा पााए हुए नि�त्य दि�न कीी धूूप रहि�त महि�माा मेंं चलतेे हैंं।
«मैंं नेे उसमेंं कोोई मन्दि�र न देेखाा, क्योंं�कि� सर्ववशक्ति�माान प्रभुु परमेेश्वर और मेेम्नाा उसकाा मन्दि�र
हैै।» प्रकााशि�तवााक्य 21:22। परमेेश्वर केे लोोगोंं� कोो पि�ताा और पुुत्र केे सााथ खुुलीी संं गति� करनेे काा
वि�शेेषााधि�काार प्रााप्त हैै। «अभीी हमेंं दर्पपण मेंं धुँँ�धलाा साा दि�खााई देेताा हैै।» 1 कुु रि�न्थि�योंं� 13:12। हम
परमेेश्वर केे स्वरूप कोो, माानोो एक दर्पपण मेंं, प्रकृृ ति� केे काार्योंं और मनुुष्योंं� केे सााथ उसकेे व्यवहाार मेंं प्र-
ं देेखतेे हैंं; लेेकि�न तब हम उसेे, बीीच मेंं बि�नाा कि�सीी मंं द कर देेनेे वाालेे परदेे केे , आमनेे-साामनेे
ति�बिं�बि�त
देेखेंंगेे। हम उसकीी उपस्थि�ति� मेंं खड़ेे होंं�गेे और उसकेे मुुख कीी महि�माा कोो नि�हाारेंंगेे।
वहांं� छुु टकााराा पााए हुए लोोग ऐसीी पूूरीी रीीति� सेे पहि�चाानेंंगेे, जैैसेे वेे पहचाानेे गए हैंं। जोो प्रेेम और
सहाानुुभूूति� स्वयंं परमेेश्वर नेे आत्माा मेंं बोोए हैंं, वहांं� सबसेे सच्चाा और मधुुर अभ्याास पााएंं गेे। पवि�त्र
प्रााणि�योंं� केे सााथ शुुद्ध संं वााद, धन्य स्वर्गगदूू तोंं� और सभीी युुगोंं� केे वफाादाार लोोगोंं� केे सााथ जि�न्होंं�नेे अपनेे–
अपनेे वस्त्र मेेम्नेे केे लहू मेंं धोोकर श्वेेत कि�ए हैंं, साामंं जस्यपूूर्णण साामााजि�क जीीवन, पवि�त्र बंं धन जोो
«स्वर्गग और पृृथ्वीी पर पूूरेे परि�वाार कोो» एक सााथ बांं�धतेे हैंं» (इफि�सि�योंं� 3:15) —येे छुु ड़ााए हुए लोोगोंं�
केे सुुख कोो पूूर्णणताा प्रदाान करनेे मेंं मदद करतेे हैंं।
वहांं�, अमर मन रचनाात्मक शक्ति� केे चमत्काारोंं�, प्याार कोो छुु ड़ाानेे केे रहस्योंं� पर कभीी न चूूकनेे वाालेे
आनंं द केे सााथ चिं�तन ं करेंंगेे। कोोई नि�र्ददयीी, धोोखेेबााज शत्रुु नहींं� होोगाा जोो परमेेश्वर कोो वि�स्मृृत करनेे केे
लि�ए प्रलोोभि�त करेे। हर योोग्यताा काा वि�काास कि�याा जााएगाा, हर क्षमताा बढ़ााई जााएगीी। ज्ञाान कीी प्रााप्ति�
न तोो मन कोो थकााएगीी और न हीी ऊर्जाा�ओं ं कोो समााप्त करतीी हैै। वहांं� सर्ववश्रेेष् ठ उद्यमोंं� कोो आगेे बढ़ाायाा
जाा सकताा हैै, सबसेे ऊंंचीी आकांं�क्षााओंं कोो हाासि�ल कि�याा जाा सकताा हैै, उच्चतम महत्वााकांं�क्षााओंं कोो
सााकाार कि�याा जाा सकताा हैै; और फि�र भीी पाार करनेे केे लि�ए नई ऊँँचााइयाँँ�, सरााहनाा करनेे केे लि�ए नए
चमत्काार, समझनेे केे लि�ए नए सत्य, मन और आत्माा और शरीीर कीी शक्ति�योंं� कोो प्रेेरि�त करनेे केे लि�ए
नए उद्देेश्य साामनेे आएंं गेे।
सृृष्टि�ि केे सभीी खजाानेे परमेेश्वर केे छुु ड़ााए हुए लोोगोंं� केे अध्ययन केे लि�ए खुुलेे रहेंंगेे। नश्वरताा सेे
अप्रभाावि�त, वेे अपनीी अथक उड़ाान कोो सुुदूूर ग्रहोंं� तक लेे जाातेे हैंं - ग्रह जोो मनुुष्य कीी दयनीीयताा केे
476 महाान वि�वााद

दृश्य पर दुःः�ख सेे व्यााकुु ल होोतेे हैंं और एक बचााई गई आत्माा कीी ख़बर पर खुुशीी केे गीीतोंं� सेे गूंं�जतेे हैै।
पृृथ्वीी केे बच्चेे अकथनीीय प्रसन्नताा केे सााथ अपति�त प्रााणि�योंं� केे आनंं द और ज्ञाान मेंं प्रवेेश करतेे हैंं। वेे
परमेेश्वर कीी हस्तकलाा केे चिं�तन ं मेंं कई युुगोंं� सेे प्रााप्त ज्ञाान और समझ केे खजाानेे कोो सााझाा करतेे हैंं।
स्पष्ट दृष्टि�ि सेे वेे सृृष्टि�ि कीी महि�माा नि�हाारतेे हैंं —सूूर्योंं और ताारोंं� और व्यवस्थााओंं कोो देेखतेे हैंं, सभीी
अपनेे नि�यत क्रम मेंं परमेेश्वर केे सिं�हां ासन कीी परि�क्रमाा करतेे हैंं। छोोटेे सेे लेेकर बड़ेे तक, सभीी चीीजोंं�
पर, सृृष्टि�िकर्ताा� काा नााम लि�खाा हैै, और सभीी मेंं उसकीी साामर्थ्यय काा धन प्रदर्शि�त होोताा हैै।
और अनन्त कााल केे वर्षष, जैैसेे-जैैसेे बीीतेंंगेे, परमेेश्वर और मसीीह केे अधि�क समृृद्ध और अधि�क
महि�माामय आवि�र्भाा�व लााएंं गेे। जैैसेे ज्ञाान प्रगति�शीील हैै, वैैसेे हीी प्रेेम, श्रद्धाा और सुुख मेंं वृृद्धि� होोगीी।
मनुुष्य जि�तनाा अधि�क परमेेश्वर केे बाारेे मेंं सीीखेंंगेे, उसकेे चरि�त्र केे प्रति� उनकीी श्रद्धाा उतनीी हीी अधि�क
होोगीी। जैैसाा कि� यीीशुु उनकेे साामनेे छुु टकाारेे कीी दौौलत और शैैताान केे सााथ महाान वि�वााद मेंं आश्चर्यय-
जनक उपलब्धि�योंं� कोो खोोलताा हैै, छुु ड़ााए गए लोोगोंं� केे दि�ल अधि�क उत्कट भक्ति� केे सााथ रोोमांं�चि�त होोतेे
हैंं, और अधि�क उत्सााहीी आनंं द केे सााथ वेे सोोनेे कीी वीीणाा बजाातेे हैंं; और लााखोंं� और करोोड़ोंं� आवााज़ेंं
स्तुुति� केे ज़ोोरदाार साामूूहि�क स्वर कोो बढ़ाानेे केे लि�ए एकजुुट होोतेे हैंं।
«फि�र मैंं नेे स्वर्गग मेंं, और पृृथ्वीी पर, और पृृथ्वीी केे नीीचेे, और समुुद्र कीी सब सृृजीी हुई वस्तुुओं ं कोो,
और सब कुु छ कोो जोो उनमेंं हैंं, यह कहतेे सुुनाा, जोो सिं�हां ासन पर बैैठाा हैै उसकाा और मेेम्नेे काा धन्यवााद
और आदर और महि�माा और रााज्य युुगाानुुयुगु रहेे!» प्रकााशि�तवााक्य 5:13।
महाान वि�वााद समााप्त होो गयाा हैै। पााप और पाापीी नहींं� रहेे। संं पूूर्णण जगत नि�र्दोोष हैै। वि�शााल सृृष्टि�ि
मेंं सद्भा
् ाव और खुुशीी काा एक मनोोभााव हैै। उस सेे जि�सनेे सब कुु छ बनाायाा, जीीवन और प्रकााश और
आनंं द कोो अनंं त अंंतरि�क्ष केे दाायरेे मेंं प्रवााहि�त होोताा हैै। अति� सूूक्ष्म परमााणुु सेे लेेकर सबसेे बड़ेे ग्रह
तक, सभीी वस्तुुएंं, सजीीव और नि�र्जीीव, उनकीी बेेदााग़ सुंं� दरताा और पूूर्णण आनंं द मेंं, घोोषणाा करतीी हैंं
कि� परमेेश्वर प्रेेम हैै।
परि�शि�ष्ट
साामाान्य टि�प्पणि�यांं�
ई.जीी. व्हााइट ट्ररस्टीी द्वााराा 19 नवंं बर, 1956, 6 दि�संं बर, 1979 और 8 जनवरीी, 1993 कोो
अपनााए गए संं शोोधन
टि�प्पणीी 1। उपपद —रोोमन कैै थोोलि�क कैै नन लॉॉ, याा कॉॉर्पपस ज्यूूरि�स कैै नोोनि�कीी मेंं शाामि�ल एक
उद्धरण मेंं, पोोप इनोोसेंंट तृृतीीय नेे घोोषणाा कीी कि� रोोमन पोंं�टि�फ «पृृथ्वीी पर प्रति�नि�धि� हैै, माात्र मनुुष्य
काा नहींं�, बल्कि� संं पूूर्णण परमेेश्वर काा;» और परि�च्छेे द पर एक टि�प्पणीी मेंं यह समझाायाा गयाा हैै कि� यह
इसलि�ए हैै क्योंं�कि� वह मसीीह काा प्रति�नि�धि� हैै, जोो «संं पूूर्णण परमेेश्वर और संं पूूर्णण मनुुष्य» हैै। डि�क्रेेटेेलस
डोोमि�नीी ग्रेेगोोरीी पाापााए IX (डि�क्रेेटल्स ऑफ लॉॉर्डड पोोप ग्रेेगरीी IX), लि�बर 1, डीी ट्रां��स ं लेेशन एपि�स्कोो-
पोोरम, (बि�शप केे स्थाानांं�तरण पर), भााग 7, अध्यााय 3; कॉॉर्पपस ज्यूूरि�स कैै नोोनि�कीी (दूू सराा लीीपज़ि�ग
संं स्करण, 1881), खण्ड 99; (पेेरि�स, 1612), टॉॉम 2, डि�क्रीीटेेल्स, खण्ड 205 देेखेंं। अध्याादेेशोंं� काा
गठन करनेे वाालेे दस्ताावेेजोंं� कोो ग्रेेटि�यन द्वााराा इकट्ठाा कि�याा गयाा थाा, जोो बोोलोोग्नाा वि�श्ववि�द्याालय मेंं वर्षष
1140 केे आस-पाास पढ़ाा रहाा थाा। 1234 मेंं जाारीी एक संं स्करण मेंं पोोप ग्रेेगरीी IX द्वााराा उसकेे लेेखन
कोो संं कलि�त कि�याा गयाा और फि�र सेे संं पाादि�त कि�याा गयाा। समय-समय पर आनेे वाालेे वर्षोंं मेंं अन्य
दस्ताावेेज साामनेे आए, जि�नमेंं एक्सट्राा�वगेंंटेेस भीी शाामि�ल हैै, पंं द्रहवींं� शतााब्दीी केे करीीब जोोड़ेे गए, येे
सभीी, ग्रैैटि�यंंस डि�क्रेेटम केे सााथ, 1582 मेंं कॉॉर्पपस ज्यूूरि�स कैै नोोनि�कीी केे रूप मेंं प्रकााशि�त हुए थेे। पोोप
पाायस X नेे 1904 मेंं धर्मम-वि�धाान मेंं संं हि�तााकरण कोो अधि�कृृत कि�याा, और परि�णाामीी कोोड 1918 मेंं
प्रभाावीी होो गयाा।
«लॉॉर्डड गॉॉड द पोोप» शीीर्षषक केे लि�ए एक्सट्राा�वाागेंंटेेस ऑफ पोोप जॉॉन XXII, शीीर्षषक 14, अध्यााय
4, डि�क्लेेराामस पर एक टि�प्पणीी देेखेंं। 1584 दि�नांं�कि�त एक्सट्राा�वगेंंटेेस केे एक एंं टवर्पप संं स्करण मेंं,
शब्द «डोोमि�नम देेउम नॉॉस्ट्ररम पाापम» («आवर लॉॉर्डड गॉॉड द पोोप») कॉॉलम 153 मेंं पााए जाातेे हैंं।
1612 केे पेेरि�स संं स्करण मेंं, वेे कॉॉलम 140 मेंं पााए जाातेे हैंं। 1612 सेे प्रकााशि�त कई संं स्करणोंं� मेंं
«देेउम» («परमेेश्वर») शब्द कोो हटाा दि�याा गयाा हैै।
टि�प्पणीी 2। अचूूकताा। —1870-71 कीी वेेटि�कन कााउंं सि�ल मेंं नि�र्धाा�रि�त अचूूकताा केे सि�द्धांं�त
पर, फि�लि�प शेेफ़, द क्रीीड््स ऑफ़ क्रि�स्चि��यनडम, वॉॉल्यूूम 2, डॉॉगमैैटि�क डि�क्रीीज़ ऑफ़ द वेेटि�कन
कााउंं सि�ल, पृृष् ठ 234-271 देेखेंं, जहांं� लाातीीनीी और अंंग्रेेजीी दोोनोंं� अवतरण दि�ए गए हैंं। चर्चाा� केे लि�ए
देेखेंं, रोोमन कैै थोोलि�क दृष्टि�िकोोण केे लि�ए, द कैै थोोलि�क इनसााइक्लोोपीीडि�याा, खंं ड 7। पैैट्रि�िक जेे टोोनर
द्वााराा «इन्फैै लि�बि�लि�टीी,» 790ff.; जेेम्स काार्डि�नल गि�बन्स, द फेे थ ऑफ आवर फाादर्सस (बााल्टीीमोोर:
जॉॉन मर्फीी कंं पनीी, 110वांं� संं स्करण, 1917), अध्यााय 7, 11। पोोप कीी अचूूकताा केे सि�द्धांं�त केे रोोमन
कैै थोोलि�क वि�रोोध केे लि�ए, जोोहाान जोोसेेफ इग्नााज़ वॉॉन डॉॉलिं�गं र (छद्म् नााम «जाानूूस») द पोोप एंं ड द
कााउंं सि�ल (न्यूूयॉॉर्कक : चाार्ल्सस स्क्रि�ब्नर्सस संं स, 1869); और डब्ल्यूू.जेे. स्पैैरोो सि�म्पसन, रोोमन कैै थोोलि�क
ओपोोजि�शन टूू पाापल इनफि�लि�बि�लि�टीी (लंं दन: जॉॉन मुुरेे, 1909) देेखेंं। गैैर-रोोमन दृष्टि�िकोोण केे लि�ए
देेखेंं, जॉॉर्जज सैैल्मन, इन्फैै लि�बि�लि�टीी ऑफ़ द चर्चच (लंं दन: जॉॉन मरेे, रेेव। एजुुकेेशन, 1914।
478 महाान वि�वााद

टि�प्पणीी 3। मूूर्ति�पूूजाा— “मूूर्ति�योंं� कीी पूूजाा ... मसीीहीी धर्मम केे उन भ्रष्टााचाारोंं� मेंं सेे एक थीी जोो
कलीीसि�याा मेंं चोोरीी-छि�पेे और लगभग बि�नाा सूूचनाा याा अवलोोकन केे घुुस आई थीी। यह भ्रष्टााचाार,
अन्य वि�धर्मोंं कीी तरह, एक बाार मेंं हीी वि�कसि�त नहींं� हुआ, क्योंं�कि� उस स्थि�ति� मेंं इसेे नि�श्चि�ित निं�दां ा
और फटकाार काा साामनाा करनाा पड़ताा: लेेकि�न, एक नि�ष्पक्ष भेेष केे तहत अपनीी शुुरुआत करतेे हुए,
इसकेे संं बंं ध मेंं एक केे बााद एक अभ्याास इतनाा धीीरेे-धीीरेे शुुरू कि�याा गयाा, कि� कलीीसि�याा न केे वल बि�नाा
कि�सीी प्रभाावशाालीी वि�रोोध केे , बल्कि� लगभग बि�नाा कि�सीी नि�श्चि�ित प्रति�वााद केे व्याावहाारि�क मूूर्ति�पूूजाा मेंं
गहरााई सेे डूू ब गई; और जब बहुत समय बााद इसेे जड़ सेे उखााड़नेे काा प्रयाास कि�याा गयाा, तोो बुुरााई कोो
इतनीी गहरााई सेे दृढ़ कि�याा हुआ पाायाा गयाा कि� उसेे दूू र करनाा असंं भव थाा। इसकाा मूूल माानव हृदय कीी
मूूर्ति�पूूजक प्रवृृत्ति� और सृृष्टि�िकर्ताा� सेे अधि�क प्रााणीी कीी सेेवाा करनेे कीी प्रवृृत्ति� मेंं होोनाा चााहि�ए।
प्रति�मााओंं और चि�त्रोंं� कोो पहलेे गि�रजााघरोंं� मेंं व्यवहाार मेंं लाायाा गयाा थाा, पूूजाा करनेे केे लि�ए नहींं�,
बल्कि� याा तोो कि�तााबोंं� केे स्थाान पर उन लोोगोंं� कोो नि�र्देेश देेनेे केे लि�ए जोो पढ़ नहींं� सकतेे थेे, याा दूू सरोंं� केे
मन मेंं भक्ति� कोो जगाानेे केे लि�ए। इस तरह केे उद्देेश्य केे लि�ए यह कि�तनाा उपयोोगीी रहाा हैै यह संं दि�ग्ध
हैै; लेेकि�न, यह माानतेे हुए भीी कि� ऐसाा कुु छ समय केे लि�ए हीी थाा, जल्द हीी ऐसाा होोनाा बंं द होो गयाा, और
यह पाायाा गयाा कि� गि�रजााघरोंं� मेंं लााए गए चि�त्रोंं� और बुुतोंं� नेे अज्ञाानीी लोोगोंं� कीी बुुद्धि� कोो प्रबुुद्ध करनेे केे
बजााय अंंधेराे ा कर दि�याा - उपाासक कीी भक्ति� कोो उन्नत करनेे केे बजााय वि�कृृ त कर दि�याा। तााकि�, भलेे
हीी उनकाा इराादाा मनुुष्योंं� केे मन कोो परमेेश्वर कीी ओर नि�र्देेशि�त करनेे काा होो, वेे उन्हेंं उससेे हटााकर
सृृजि�त वस्तुुओं ं कीी आरााधनाा कीी ओर लेे आए।» -जेे मेंंधम, सेेवन्थ जनरल कााउंं सि�ल, द सेेकेंंड ऑफ
नााइसि�याा, इंं ट्रोो�डक्शन, पेेज III-VI।
प्रति�मााओंं कीी पूूजाा स्थाापि�त करनेे केे लि�ए बुुलााई गई द सेेकेंंड कााउंं सि�ल ऑफ नााइसि�याा, 787 ई.
कीी काार्ययवााहीी और नि�र्णणयोंं� केे रि�कॉॉर्डड केे लि�ए देेखेंं बैैरोोनि�यस, एक्लीीसि�स्टि�कल एनााल्स, खंं ड 9, पृृष् ठ
391-407 (एंं टवर्पप, 1612); जेे मेंंधम, सेेवन्थ जनरल कााउंं सि�ल, द सेेकेंंड ऑफ नााइसि�याा, इंं ट्रोो�ड-
क्शन। स्टि�लिं�गं फ्लीीट, डि�फेे न्स ऑफ द डि�स्कोोर्सस कंं सर्निं�ग द आइडाालट्रीी� प्रैैक्टि�स्ड इन द चर्चच आफ रोोम
(लंं दन, 1686); ए सि�लेेक्ट लााइब्रेेरीी ऑफ नााइसीीन एंं ड पोोस्ट-नि�केेन फाादर्सस, 2डीी सीीरीीज, खंं ड 14,
पृृष् ठ 521-587 (न्यूूयॉॉर्कक , 1900); चाार्ल्सस जेे. हेेफ़ेेल, ए हि�स्ट्रीी� ऑफ़ द कााउंं सि�ल ऑफ़ द चर्चच, फ्रॉॉम
द ओरि�जि�नल डॉॉक्युुमेंंट्स् , बीी. 18, अध्यााय. 1, अनुुभााग 332, 333; अध्यााय 2, अनुुभााग 345-
352 (टीी. और टीी. क्लाार्कक एजुुकेेशन, 1896), खंं ड 5, पृृष् ठ 260-304, 342-372।
टि�प्पणीी 4। कॉॉन्सटेंंटााइन काा रवि�वाार काा काानूून। —सम्रााट कॉॉन्सटेंंटााइन द्वााराा 7 माार्चच, 321 ई
कोो, श्रम सेे आरााम केे एक दि�न केे बाारेे मेंं जाारीी कि�याा गयाा काानूून इस प्रकाार हैै:
«सभीी न्याायीी और शहर केे लोोग और काारीीगर सूूर्यय केे पूूज्य दि�न पर वि�श्रााम करेंंगेे। ग्राामीीण लोोग,
हाालांं�कि�, स्वतंं त्र रूप सेे खेेतोंं� कीी जुुतााई कर सकतेे हैंं, क्योंं�कि� अक्सर ऐसाा होोताा हैै कि� हल-रेेखााओंं
मेंं अनााज बोोनेे केे लि�ए याा गड््ढोंं� मेंं अंंगूूर कीी बेेलेंं लगाानेे केे लि�ए कोोई अन्य दि�न बेेहतर अनुुकूूलि�त
नहींं� होोताा हैै। तााकि� स्वर्गीीय वि�धाान द्वााराा दि�याा गयाा लााभ थोोड़ेे समय केे अवसर केे लि�ए नष्ट न होो।»
जोोसेेफ कुु लेेन आयर, ए सॉॉर्सस बुुक फॉॉर एन्सि�एंंट चर्चच हि�स्ट्रीी� (न्यूूयॉॉर्कक : चाार्ल्सस स्क्रि�ब्नर्सस संं स, 1913),
div. 2, per. 1, अध्यााय 1, sec. 59, g, पृृष्ठ 284, 285।
लैैटि�न मूूल कोोडेेक्स जस्टि�नि�याानीी (कोोडेेक्स ऑफ़ जस्टि�नि�यन), लि�ब 3,
परिशिष् 479

शीीर्षषक 12, लेेक्स 3। काानूून लाातीीनीी मेंं और अंंग्रेेजीी अनुुवााद मेंं फि�लि�प शेेफ्स हि�स्ट्रीी� ऑफ द
क्रि�श्चि�ियन चर्चच, खंं ड 3, 3d period, अध्यााय 7, भााग 75, पृृष् ठ 380, फुु टनोोट 1; मेंं दि�याा गयाा
हैै; और जेेम्स ए. हेेस्सेसे बैैम्पटन लेेक्चर्सस मेंं, संं डेे, लेेक्चर 3, अनुुच्छेेद1, 3d संं स्करण., 1866
कीी मुुरेे कीी छपााई, पृृष् ठ 58। शेेफ़ मेंं चर्चाा� देेखेंं, जैैसाा ऊपर बताायाा गयाा हैै; अल्बर्टट हेेनरीी न्यूूमैैन,
ए मैैनुुअल ऑफ चर्चच हि�स्ट्रीी� (फि�लााडेेल्फि�याा: द अमेेरि�कन बैैपटि�स्ट पब्लि�केेशन सोोसााइटीी, 1933
कीी छपााई), संं शोोधि�त संं स्करण, खंं ड 1, पृृष् ठ 305-307; और लेेरॉॉय ई. फ्रूूम मेंं, द प्रोोफेे टि�क फेे थ
ऑफ अवर फाादर्सस (वााशिं�गं टन, डीी.सीी.: रि�व्यूू एंं ड हेेरााल्ड पब्लि�शिं�गं असोोशीीऐशन., 1950), खंं ड 1,
पृृष् ठ 376-381।
टि�प्पणीी 5। भवि�ष्यसूूचक ति�थि�याँँ�—समय कीी भवि�ष्यद्वााणि�योंं� केे संं बंं ध मेंं भवि�ष्यसूूचक व्यााख्याा
मेंं एक महत्वपूूर्णण सि�द्धांं�त वर्षष-दि�न काा सि�द्धांं�त हैै, जि�सकेे तहत भवि�ष्यसूूचक समय केे एक दि�न कोो
ऐति�हाासि�क समय केे कैै लेंंडर वर्षष केे रूप मेंं गि�नाा जााताा हैै। यहेेजकेेल 4इस्रााएलि�योंं� नेे कनाान देेश मेंं प्रवेेश
करनेे सेे पहलेे बाारह भेेदि�योंं� कोो जाँँ�च करनेे केे लि�ए आगेे भेेजाा। जाासूूस वहाँँ� चाालीीस दि�नोंं� तक रहेे,
और उनकेे लौौटनेे पर, इब्रि�योंं� नेे उनकीी रि�पोोर्टट सेे भयभीीत होोकर, ऊपर जाानेे और वाादाा कि�ए गए देेश
पर कब्जाा करनेे सेे इनकाार कर दि�याा। परि�णााम यह हुआ कि� प्रभुु नेे उनकोो दंंड दि�याा: «जि�तनेे दि�न तुुम
उस देेश काा भेेद लेेतेे रहेे, अर्थाा�त्् चाालीीस दि�न, उनकीी गि�नतीी केे अनुुसाार, दि�न पीीछेे एक वर्षष, अर्थाा�त््
चाालीीस वर्षष तक तुुम अपनेे अधर्मम काा दण्ड उठााए रहोोगेे।» गि�नतीी 14:34। भवि�ष्यद्वक्ताा यहेेजकेेल केे
मााध्यम सेे भवि�ष्य केे समय कीी गणनाा करनेे कीी एक समाान वि�धि� काा संं केे त दि�याा गयाा हैै। अधर्मम केे लि�ए
चाालीीस वर्षष कीी सजाा यहूदाा केे रााज्य कीी प्रतीीक्षाा कर रहीी थीी। यहोोवाा नेे भवि�ष्यद्वक्ताा केे द्वााराा कहाा: «जब
इतनेे दि�न पूूरेे होो जााएँँ, तब तूू दााहि�नीी करवट लेेटकर यहूदाा केे घराानेे केे अधर्मम काा भाार सह लेेनाा; मैंं नेे
उसकेे लि�येे भीी और तेेरेे लि�येे एक वर्षष केे बदलेे एक दि�न अर्थाा�त्् चाालीीस दि�न ठहरााए हैंं।» यहेेजकेेल
4:6। इस वर्षष-दि�न केे सि�द्धांं�त काा «साँँ�झ और सबेेराा दोो हज़ाार तीीन सौौ बाार» कीी भवि�ष्यद्वााणीी केे समय
(दाानि�य्येेल 8:14) और 1260-दि�न कीी अवधि� कीी व्यााख्याा करनेे मेंं एक महत्वपूूर्णण अनुुप्रयोोग हैै, जि�सेे
वि�भि�न्न रूप सेे बताायाा गयाा हैै - «सााढ़ेे तीीन कााल» (दाानि�य्येेल 7:25), “बयाालीीस महीीनेे” (प्रकााशि�त-
वााक्य 11:2; 13:5), और “एक हजाार दोो सौौ सााठ दि�न” (प्रकााशि�तवााक्य 11:3; 12: 6)।
टि�प्पणीी 6। जाालीी लेेख—दस्ताावेेजोंं� मेंं सेे जोो वर्ततमाान समय मेंं आम तौौर पर जाालीी होोनेे केे लि�ए
स्वीीकाार कि�ए जाातेे हैंं, द डोोनेेशन ऑफ कॉॉन्सटेंंटााइन और सूूडोो-इसीीडोोरि�यन डि�क्रेेटल्स प्रााथमि�क
महत्व केे हैंं। «नााम ‹द डोोनेेशन ऑफ कॉॉन्सटेंंटााइन› वह नााम हैै जोो बााद केे मध्य युुग केे बााद सेे, परं�-
पराागत रूप सेे उस दस्ताावेेज़ पर लाागूू होोताा हैै जि�सेे, कॉॉन्सटेंंटााइन द ग्रेेट द्वााराा पोोप सि�ल्वेेस्टर प्रथम
कोो संं बोोधि�त कि�याा जाानाा थाा, जोो संं भवत: नवींं� शतााब्दीी केे प्राारंं भ मेंं पहलीी बाार पेेरि�सीी पांं�डुुलि�पि�
(Codex lat. 2777) मेंं मि�लताा हैै। ग्याारहवींं� शतााब्दीी केे बााद सेे इसेे पोोप केे दाावोंं� केे पक्ष मेंं एक
शक्ति�शाालीी तर्कक केे रूप मेंं इस्तेेमााल कि�याा गयाा हैै, और परि�णाामस्वरूप बाारहवींं� शतााब्दीी केे बााद सेे
यह एक जोोरदाार वि�वााद काा वि�षय रहाा हैै। सााथ हीी, पोोपतंं त्र कोो मूूल और मध्ययुुगीीन रोोमन सााम्रााज्य
केे बीीच एक मध्य अवधि� केे रूप मेंं मााननाा संं भव बनााकर, और इस प्रकाार मध्य युुग मेंं रोोमन काानूून
केे अभि�ग्रहण केे लि�ए नि�रंं तरताा काा एक सैैद्धांं�ति�क आधाार तैैयाार करनेे केे लि�ए, लौौकि�क इति�हाास पर
इसकाा बहुत प्रभााव पड़ाा हैै।” —द न्यूू
480 महाान वि�वााद

शेेफ़-हर्ज़ोोग एनसााइक्लोोपीीडि�याा ऑफ़ रि�लि�जि�यस नॉॉलेेज, खंं ड 3। «डोोनेेशन ऑफ कॉॉन्सटेंं-


टााइन» पृृष् ठ 484,485।
«डोोनेेशन» मेंं वि�कसि�त ऐति�हाासि�क सि�द्धांं�त कीी पूूरीी तरह सेे हेेनरीी ई. काार्डि�नल मैैनिं�गं कीी द
टेेम्पोोरल पाावर ऑफ द वि�कर ऑफ जीीसस क्रााइस्ट, लंं दन, 1862 मेंं चर्चाा� कीी गई हैै। «डोोनेेशन» केे
तर्कक वि�द्वताापूूर्णण प्रकाार केे थेे, और पंं द्रहवींं� शतााब्दीी मेंं ऐति�हाासि�क आलोोचनाा केे उदय तक जाालसााजीी
कीी संं भाावनाा काा उल्लेेख नहींं� कि�याा गयाा थाा। कूू साा केे नि�कोोलस पहलेे नि�ष्कर्षष नि�काालनेे वाालोंं� मेंं
सेे थेे कि� कॉॉन्सटेंंटााइन नेे ऐसाा कोोई योोगदाान कभीी नहींं� कि�याा। इटलीी मेंं लोोरेंंज़ाा वल्लाा नेे 1450
मेंं इसकीी अप्राामााणि�कताा काा शाानदाार प्रदर्शशन कि�याा। क्रि�स्टोोफर बीी. कोोलमैैन ट्रीी�टि�स ऑफ लोोरेंंज़ाा
वल्लाा ऑन डोोनेेशन ऑफ कॉॉन्सटेंंटााइन (न्यूूयॉॉर्कक , 1927)। हाालाँँ�कि�, एक सदीी सेे अधि�क समय तक,
«डोोनेेशन» और फॉॉल्स डि�क्रीीटेेल्स (झूठेू े फरमाानोंं�) कीी प्राामााणि�कताा मेंं वि�श्वाास कोो जीीवि�त रखाा गयाा
थाा। उदााहरण केे लि�ए, माार्टि�न लूूथर नेे पहलेे फरमाानोंं� कोो स्वीीकाार कि�याा, लेेकि�न जल्द हीी उन्होंं�नेे ऐक
सेे कहाा: «मैंं इन फरमाानोंं� कोो चुुनौौतीी देेताा हूंं;» और स्पैैलैैटि�न सेे कहाा: «वह [पोोप] अपनेे फरमाान मेंं
मसीीह कोो, जोो सत्य हैै, वि�कृृ त करताा हैै और क्रूूस पर चढ़ााताा हैै।»
यह पुुष् ट माानाा जााताा हैै कि� (1) «डोोनेेशन» एक जाालसााजीी हैै, (2) यह एक व्यक्ति� याा अवधि� काा
कााम हैै, (3) जाालसााज नेे पुुराानेे दस्ताावेेजोंं� काा उपयोोग कि�याा हैै, (4) जाालसााजीी कीी उत्पत्ति� लगभग
752 और 778 हुई। जहांं� तक कैै थोोलि�कोंं� कीी बाात हैै, उन्होंं�नेे 1592 मेंं बैैरोोनि�यस, एक्लेेसि�या�-
स्टि�कल एनल्स केे सााथ दस्ताावेेज़ कीी प्राामााणि�कताा केे प्रति�वााद कोो छोोड़ दि�याा। सर्ववश्रेेष् ठ अवतरण केे
लि�ए, फेे स्टगााबेे फर रुडोोल्फ वॉॉन गनि�स्ट (बर्लि�न, 1888) मेंं केे . ज़ीीमर कीी रााय लेे। कोोलमैैन ट्रीी�टि�स
मेंं अनुुवाादि�त, ऊपर संं दर्भि�त, और अर्नेेस्ट एफ हेंंडरसन मेंं, मध्य युुग केे ऐति�हाासि�क दस्ताावेेजोंं� काा
चयन करेंं (न्यूूयॉॉर्कक , 1892), पृृष् ठ 319; ब्रीीफवेेचसेेल (वीीमर एड.), पृृष् ठ 141, 161। द न्यूू शेेफ़-
हर्ज़ोोग एनसााइक्लोोपीीडि�याा ऑफ़ रि�लि�जि�यस नॉॉलेेज (1950), खंं ड भीी देेखेंं। 3, पृृ. 484; एफ. ग्रेे-
गोोरोोवि�यस, मध्य युुग मेंं रोोम, वॉॉल्यूूम। 2, पृृ. 329; और जोोहाान जोोसेेफ इग्नााज़ वॉॉन डॉॉलिं�गं र, मध्य
युुग केे पोोप्स काा सम्माान करनेे वाालीी दंंतकथााएंं (लंं दन, 1871)।
अवतरण मेंं संं दर्भि�त «झूठेू े लेेखन» मेंं अन्य जाालसााज़ि�योंं� केे सााथ सूूडोो-इसीीडोोरि�यन डि�क्रेेटल्स भीी
शाामि�ल हैंं। सूूडोो-इसीीडोोरि�यन डि�क्रेेटल्स कुु छ कााल्पनि�क पत्र हैंं जोो क्लीीमेंंट (ए.डीी. 100) सेे लेेकर ग्रेेगरीी
द ग्रेेट (ए.डीी. 600) तक केे शुुरुआतीी पोोपोंं� कोो दि�ए गए हैंं, जि�न्हेंं नौौवींं� शतााब्दीी केे संं ग्रह मेंं शाामि�ल कि�याा
गयाा हैै, जि�सेे «इसि�डोोर मर्केेटर» द्वााराा बनााए जाानेे काा दाावाा कि�याा जााताा हैै। पंं द्रहवींं� शतााब्दीी मेंं आलोोचनाा
केे आगमन केे बााद सेे «सूूडोो-इसीीडोोरि�यन डि�क्रेेटल्स» नााम काा उपयोोग कि�याा गयाा हैै।
सूूडोो-इसीीडोोर नेे अपनीी जाालसााज़ि�योंं� केे आधाार केे रूप मेंं हि�स्पाानाा गैैलि�काा ऑगस्टोोडुुनेंंसि�स
नाामक वैैध काानूूनोंं� काा एक संं ग्रह लि�याा, और इस प्रकाार पताा लगाानेे केे खतरेे कोो कम कि�याा, क्योंं�कि�
काानूूनोंं� केे संं ग्रह आमतौौर पर पुुराानेे मेंं नयाा वि�षय-वस्तुु जोोड़कर बनााए जाातेे थेे। इस प्रकाार वाास्तवि�क
वि�षय-वस्तुु केे सााथ शाामि�ल कि�ए जाानेे पर जाालसााज़ि�याँँ� कम प्रतीीत हुआ करतीी थीी। आंंतरि�क सााक्ष्य,
स्रोोतोंं� कीी जांं�च, उपयोोग कीी जाानेे वाालीी वि�धि�योंं� और वि�षय-वस्तुु केे 852 सेे पहलेे अज्ञाात होोनेे केे
तथ्य द्वााराा सि�द्ध कीी गई, सूूडोो-इसीीडोोरि�यन छलरचनााओंं कीी असत्यताा अब नि�र्वि�वााद रूप सेे स्वीीकाार
कीी जाातीी हैै। इति�हाासकाार इस बाात सेे सहमत हैंं कि� संं ग्रह केे पूूराा होोनेे केे लि�ए 850 याा 851 सबसेे
परिशिष् 481

संं भाावि�त ताारीीख हैै, क्योंं�कि� दस्ताावेेज़ कोो पहलीी बाार 857 मेंं क्वि�िर्सीी केे कैै पि�टुुलरीी केे एडमोोनि�टि�योो
मेंं उद्धृृत कि�याा गयाा हैै।
इन जाालसााज़ि�योंं� केे लेेखक काा पताा नहींं� हैै। यह संं भव हैै कि� वेे कलीीसि�याा कीी आक्राामक नई पाार्टीी
सेे नि�कलेे जोो नौौवींं� शतााब्दीी मेंं रि�म्स, फ्रांं�स मेंं बनीी थीी। यह स्वीीकाार कि�याा गयाा हैै कि� रि�म्स केे बि�शप
ं ार नेे सोोइसन्स केे रोोथड केे अपनेे बयाान मेंं इन डि�क्रेेटल्स काा इस्तेेमााल कि�याा, जोो 864 मेंं डि�क्रेे-
हिं�कमा
टल्स रोोम मेंं लाायाा थाा और उन्हेंं पोोप नि�कोोलस प्रथम केे साामनेे रखाा थाा।
उनकीी प्राामााणि�कताा कोो चुुनौौतीी देेनेे वाालोंं� मेंं कूू साा केे नि�कोोलस (1401-1464), चाार्ल्सस डुुमौौलि�न
(1500-1566), और जॉॉर्जज कैै सेंंडर (1513-1566) थेे। उनकीी असत्यताा काा अकााट्य प्रमााण
डेेवि�ड ब्लोंं�डेेल, 1628 द्वााराा व्यक्त कि�याा गयाा थाा।
मि�ग्नेे पेेट्रोो�लोोजि�याा लैैटि�नाा, CXXX मेंं एक प्राारंंभि�क संं स्करण दि�याा गयाा हैै। सबसेे पुुराानीी और
सबसेे अच्छीी पांं�डुुलि�पि� केे लि�ए, पीी. हिं�स्चि�� ं यस, डि�क्रेेटेेल्स सूूडोो-इसि�डोोरि�याानााए एट कैै पि�टुुलाा एंं गि�-
लराामनीी (लीीपज़ि�ग, 1863) देेखेंं। द न्यूू शेेफ़-हर्ज़ोोग एनसााइक्लोोपीीडि�याा ऑफ़ रि�लि�जि�यस नॉॉलेेज
(1950), खंं ड 9 पृृष् ठ 343-345 देेखेंं। एच एच मि�लमैैन, लैैटि�न क्रि�स्टि�याानि�टीी, खंं ड 3; जोोहाान
जोोसेेफ इग्नााज़ वॉॉन डॉॉलिं�गं र, द पोोप एंं ड द कााउंं सि�ल (1869); और केे नेेथ स्कॉॉट लैैटौौरेेटेे, ए हि�स्ट्रीी�
ऑफ द इक्स्पैैन्शन ऑफ  क्रि�स्चीीऐनि�टीी (1939), खंं ड 3; द कैै थोोलि�क एनसााइक्लोोपीीडि�याा, खंं ड
5 भीी देेखेंं। रि�व्यूू डीी›हि�स्टोोयर एक्लेेसि�याास्टि�क (लौौवेेन) खंं ड 7 (1906) और खंं ड 8 (1907) मेंं
«फााल्स डि�क्रेेटल्स,» और फोोर्नि�यर, «एट्यूूड््स श्योोर लेेस फॉॉसेेस डि�क्रेेटल्स» देेखेंं।
टि�प्पणीी 7। द डि�क्टेेट ऑफ हि�ल्डेेब्रांं�ड (ग्रेेगरीी VII) —मूूल लैैटि�न संं स्करण केे लि�ए देेखेंं
बैैरोोनि�यस, एनााल्स एक्लेेसि�याास्टि�कीी, ऐन 1076, 1869 कीी पेेरि�स छपााई काा खंं ड 17, पृृष् ठ 405,
406; और माान्यूूमेंंटाा जर्ममनि�याा हि�स्टोोरि�काा सेेलेेक्टाा, खंं ड 3, पृृष् ठ 17। अंंग्रेेजीी अनुुवााद केे लि�ए देेखेंं
फ्रेेडरि�क ए. ऑग, सोोर्सस बुुक ऑफ मि�डि�वल हि�स्ट्रीी� (न्यूूयॉॉर्कक : अमेेरि�कन बुुक कंं पनीी, 1907), अध्यााय
6, भााग. 45, पृृष् ठ 262-264; और ओलि�वर जेे. थैैचर और एडगर एच. मैैकनीील, सोोर्सस बुुक फॉॉर
मि�डि�वल हि�स्ट्रीी� (न्यूूयॉॉर्कक : चाार्ल्सस स्क्रि�ब्नर्सस संं स, 1905), भााग 3, आइटम 65, पृृष् ठ 136-139।
डि�क्टेेट कीी पृृष् ठभूूमि� कीी चर्चाा� केे लि�ए, जेेम्स ब्रााइस, द होोलीी रोोमन एम्पाायर, संं शोोधि�त देेखेंं।
संं स्करण, अध्यााय 10; और जेेम्स डब्ल्यूू. थॉॉम्पसन और एडगर एन. जॉॉनसन, इन्ट्रोो�डक्शन टूू
मेेडि�यवल यूूरोोप, 300-1500, पृृष् ठ 377-380।
टि�प्पणीी 8। पर्गगटॉॉरीी (पाापशोोधन स्थल) - डॉॉ जोोसेेफ फाा डि� ब्रूूनोो पाापशोोधन स्थल कोो इस प्रकाार
परि�भााषि�त करताा हैै: पर्गगटॉॉरीी इस जीीवन केे बााद पीीड़ाा कीी स्थि�ति� हैै, जि�समेंं उन आत्मााओंं कोो एक
समय केे लि�ए रोोक कर रखाा जााताा हैै, जोो दााग और अपरााध और उनकोो देेय चि�रस्थाायीी पीीड़ाा सेे
संं बंं धि�त उनकेे घाातक पााप क्षमाा कर दि�ए जाानेे केे बााद इस जीीवन कोो छोोड़ देेतेे हैंं; लेेकि�न जि�नकोो उन
पाापोंं� केे काारण अभीी भीी अस्थाायीी सजाा काा कुु छ कर्जज चुुकाानाा हैै; सााथ हीी वेे आत्मााएंं भीी जोो केे वल
माामूूलीी पाापोंं� केे लि�ए दोोषीी इस दुनि�या ु ा कोो छोोड़ देेतेे हैंं।» कैै थोोलि�क बि�लीीफ (1884 संं स्करण; इम्प्रि�-
मााटुुर आर्ककबि�शप ऑफ न्यूू यॉॉर्कक ), पृृष् ठ 196।
केे .आर. हेेगेेनबैैक, सि�द्धांं�तोंं� केे इति�हाास काा संं ग्रह (टीी. और टीी. क्लाार्कक संं स्करण) खंं ड भीी
देे खेंं। 1, पृृष् ठ 234-237, 405, 408; खंं ड। 2, पृृष् ठ 135-150, 308, 309; चाार्ल्सस इलि�यट,
482 महाान वि�वााद

डि�लि�नीीऐशन ऑफ रोोमन कैै थोोलि�सि�स्म, बीी. 2, अध्यााय। 12; कैै थोोलि�क एन्सााइक्लोोपीीडि�याा,
खंं ड। 12। «पर्गगटॉॉरीी।»
टि�प्पणीी 9। इन्डल्जेेनसि�ज़ - इन्डल्जेेनसि�ज़ (पााप द्वााराा लााए गए लौौकि�क दंंड कीी क्षमाा) केे
सि�द्धांं�त केे वि�स्तृृत इति�हाास केे लि�ए मैंंडेेल क्रेेयटन, ए हि�स्ट्रीी� ऑफ़ द पोोपेेसीी फ्रॉॉम द ग्रेेट स्कि�ज़्म टूू
द सैैक ऑफ़ रोोम (लंं दन: लॉॉन्गमैैन्स, ग्रीीन एंं ड कंं पनीी, 1911), खंं ड 5, पृृष् ठ 56-64, 71; डब्ल्यूू
एच केंंट, «इन्डल्जेेनसि�ज़ ,» कैै थोोलि�क एन्सााइक्लोोपीीडि�याा, खंं ड 7, पृृष् ठ 783-789; एच. सीी. लीी,
ए हि�स्ट्रीी� ऑफ़ ऑरि�क्यूूलर कन्फेे शन एंं ड इंं डल्जेंंसेेस इन द लैैटि�न चर्चच (फि�लााडेेल्फि�याा: लीी ब्रदर्सस एंं ड
कंं पनीी, 1896); थॉॉमस एम. लिं�डसे ं े, ए हि�स्ट्रीी� ऑफ़ द रि�फॉॉर्मेेशन (न्यूूयॉॉर्कक ; चाार्ल्सस स्क्रि�बनर्सस सन्स,
1917), खंं ड 1, पृृष् ठ 216-227; अल्बर्टट हेेनरीी न्यूूमैैन, ए मैैनुुअल ऑफ चर्चच हि�स्ट्रीी� (फि�लााडेेल्फि�याा:
द अमेेरि�कन बैैपटि�स्ट पब्लि�केेशन सोोसााइटीी, 1953), खंं ड 2, पृृष् ठ 53, 54, 62; लि�योोपोोल्ड रांं�केे,
हि�स्ट्रीी� ऑफ़ द रि�फॉॉर्मेेशन इन जर्ममनीी (दूू सराा लंं दन संं स्करण, 1845), सााराा ऑस्टि�न द्वााराा अनुुवाादि�त,
खंं ड 1, पृृष् ठ 331, 335-337, 343-346; प्रीीज़र्व्ड�ड स्मि�थ, द एज ऑफ द रि�फॉॉर्मेेशन (न्यूूयॉॉर्कक :
हेेनरीी होोल्ट एंं ड कंं पनीी, 1920), पृृष् ठ 23-25, 66 देेखेंं।
रि�फॉॉर्मेेशन (सुुधाार) कीी अवधि� केे दौौराान भोोग केे सि�द्धांं�त केे व्याावहाारि�क परि�णाामोंं� पर डॉॉ. एच.सीी.
लीी काा एक पेेपर देेखेंं, जि�सकाा शीीर्षषक हैै, «इन्डल्जेेनसि�ज़ इन स्पेेन,» पेेपर्सस ऑफ द अमेेरि�कन
सोोसााइटीी ऑफ चर्चच हि�स्ट्रीी�, खंं ड 1, पृृष् ठोंं� 129-171मेंं प्रकााशि�त। इस ऐति�हाासि�क पहलूू केे महत्व केे
बाारेे मेंं डॉॉ. लीी अपनेे शुुरुआतीी पैैरााग्रााफ मेंं कहताा हैै: “लूूथर और डॉॉ. एक और सि�लवेेस्टर प्रि�येेरि�याा
केे बीीच हुए वि�वााद सेे बेेपरवााह, स्पेेन नेे शांं�ति�पूूर्ववक पुुराानेे और नि�यमि�त राास्तेे पर चलनाा जाारीी रखाा,
और हमेंं इति�हाास केे शुुद्ध प्रकााश मेंं माामलेे कीी जांं�च करनेे मेंं सक्षम बनाानेे वाालेे नि�र्वि�वााद आधि�काारि�क
दस्ताावेेज उपलब्ध करााताा हैै।»
टि�प्पणीी 10। द माास—ट्रें�टं कीी सभाा मेंं दि�ए गए माास केे सि�द्धांं�त केे लि�ए देेखेंं द कैै नन्स एंं ड
डि�क्रीीज ऑफ द कााउंं सि�ल ऑफ ट्रें�टं इन फि�लि�प शााफ, क्रीीड््स ऑफ क्रि�स्चि��यनडम, खंं ड 2, पृृष् ठ
126-139, जहांं� लैैटि�न और अंंग्रेेजीी दोोनोंं� अवतरण दि�ए गए हैंं। एच.जीी. श्रोोएडर, कैै नन्स एंं ड
डि�क्रीीज ऑफ द कााउंं सि�ल ऑफ ट्रें�टं (सेंंट लुुइस, मि�सौौरीी: बीी. हेेरडर, 1941) भीी देेखेंं।
माास कीी चर्चाा� केे लि�ए द कैै थोोलि�क इनसााइक्लोोपीीडि�याा, खंं ड 5, देे खेंं। जोोसफ पोोहलेे द्वााराा
‹›यूूखरि�स्त››, पृृष् ठ 572एफ.; नि�कोोलस गि�हर, होोलीी सैैक्रि�फााइस ऑफ द माास, डॉॉगमैैटि�कलीी,
लि�टर्जि�कलीी, एसेेटि�कलीी एक्सप्लेेन, 12वांं� संं स्करण। (सेंंट लुुइस, मि�सौौरीी: बीी हर्डडर, 1937);
जोोसेेफ एंं ड्रि�ियाास जुंं� गमैैन, द माास ऑफ़ द रोोमन रााइट, इट््स ऑरि�जिं�ंस एंं ड डेेवलपमेंंट, फ्रांं�सि�स
ए. ब्रूूनर द्वााराा जर्ममन सेे अनुुवाादि�त (न्यूूयॉॉर्कक : बेंंज़ि�गर ब्रदर्सस, 1951)। गैैर-कैै थोोलि�क दृष्टि�िकोोण
केे लि�ए देे खेंं, जॉॉन केे ल्वि�न, इन्स्टि�ट्यूूट ऑफ द क्रि�स्चि��यन रि�लि�जन, बीी 4, अध्यााय 17,
18; और एडवर्डड बुुवेेरीी पुुसेे, द डॉॉक्ट्रि�िन ऑफ़ द रि�यल प्रेेजेंंस (ऑक्सफ़ोोर्डड, इंं ग्लैंंड: जॉॉन एच.
पाार्ककर, 1855)।
टि�प्पणीी 11। वॉॉल्डेेनसस मेंं सब्त।—ऐसेे लेेखक हैंं जि�न्होंं�नेे कहाा हैै कि� वॉॉल्डेेनसस (एक
प्यूूरि�टन ईसााई संं प्रदााय) नेे साातवेंं दि�न सब्त काा पाालन करनेे कोो एक साामाान्य अभ्याास बनाा दि�याा।
यह अवधाारणाा उन स्रोोतोंं� सेे उत्पन्न हुई हैै जोो मूूल लैैटि�न मेंं वॉॉल्डेेनसस कोो डााइज़ डोोमि�नि�काालि�स, याा
परिशिष् 483

लॉॉर्ड््�स डेे (रवि�वाार) काा पाालन करनेे वाालोंं� केे रूप मेंं वर्णि�त करतेे हैंं, लेेकि�न जि�समेंं एक अभ्याास केे
मााध्यम सेे जोो सुुधाार सेे शुुरू होोताा हैै, «रवि�वाार» केे लि�ए शब्द काा अनुुवााद «सब्बााथ» कि�याा गयाा हैै।”
लेेकि�न वॉॉल्डेेनसस लोोगोंं� केे बीीच साातवेंं-दि�न सब्त केे कुु छ पाालन काा ऐति�हाासि�क प्रमााण हैै। जि�स
धर्मम न्याायााधि�करण केे सम्मुुख पंं द्रहवींं� शतााब्दीी केे मध्य मेंं मोोराावि�याा केे कुु छ वॉॉल्डेेनसस लोोगोंं� कोो लाायाा
गयाा, उसकीी एक रि�पोोर्टट नेे घोोषणाा कीी कि� वॉॉल्डेेनसस मेंं «वाास्तव मेंं बहुत सेे यहूदि�योंं� केे सााथ सब्त काा
जश्न मनाातेे हैंं।» (रि�पोोर्टटस ऑन द हि�स्ट्रीी� ऑफ द मि�डल ऐजि�ज़), म्यूूनि�ख, 1890, 2d भााग, पृृष् ठ
661। इसमेंं कोोई संं देेह नहींं� होो सकताा कि� यह स्रोोत साातवेंं दि�न केे सब्त केे पाालन काा संं केे त देेताा हैै।
टि�प्पणीी 12। बााइबि�ल केे वााल्डेेन्सि�यन संं स्करण। -वााल्डेंंसि�यन पांं�डुुलि�पि�योंं� कीी हााल कीी खोोजोंं�
पर देेखेंं एम एस्पोोसि�टोो, «सुुर क्वेेल्क्स मैैनुुस्क्रि�ट््स डेे ल›एन्सि�एन लि�टरेेचर डेेस वौौडोोइस डूू पि�मोंं�ट,»
रेेव्यूू डीी›हि�स्टोोयर एक्लेेसि�याास्टि�क (लौौवेेन, 1951), खंं ड 46 मेंं, पृृष् ठ 130ff.; एफ. जोोस्टेेस, «डााई
वााल्डेंंसरबि�बेलन े ,» इन हि�स्टोोरि�सचेेस जाारबच, 1894; डीी. लॉॉर्टटश, हि�स्टॉॉयर डेे लाा बााइबल एन फ्रांं�स
(पेेरि�स, 1910), अध्यााय 10।
वााल्डेेन्सि�यन «बाार्ब्सस» मेंं सेे एक द्वााराा लि�खि�त एक उत्कृृष्ट कृृ ति� हैै जीीन लेेगर, हि�स्टॉॉयर जेेनरल
डेेस एग्लि�स इवेंंजेलिे �क्स डेे वैैलेेस डीी पि�मोंं�ट (लेेडेेन, 1669), जोो महाान उत्पीीड़न केे समय लि�खाा गयाा
थाा और इसमेंं चि�त्र केे सााथ प्रत्यक्ष जाानकाारीी शाामि�ल हैै।
वााल्डेेन्सि�यन अवतरणोंं� केे सााहि�त्य केे लि�ए देेखेंं ए. डीी स्टेेफ़ाानोो, सि�वि�ल्टाा मेेडि�योोवाालेे (1944);
और रि�फोोर्मेेटोोरीी एड इरेेटि�कीी नेेल मेेडि�ओव (पलेेर्मोो, 1938); जेे.डीी. बााउंं स, द वााल्डेंंसि�यन पटोोइस
ऑफ प्रमोोल (नैैशवि�लेे, 1936); और ए. डोंं�डााइन, आर्कि�वम फ्रेेट्ररम प्रेेडि�केे टरम (1946)।
वॉॉल्डेेनसस केे इति�हाास केे लि�ए कुु छ और हाालि�याा, वि�श्वसनीीय काार्यय हैंं: ई. कोोम्बाा, इटलीी मेंं
वााल्डेंंस काा इति�हाास (बााद मेंं टोोरेे पेेलि�स, 1934 मेंं प्रकााशि�त इताालवीी संं स्करण देेखेंं); ई. गेेभाार्टट,
मि�स्टि�क्स एंं ड हेेरेेटि�क्स (बोोस्टन, 1927); जीी गोोननेेट, Il वैैल्डि�स्मोो मेेडि�योोवाालेे। प्रोोलेेगोोमेेनीी (टोोरेे
पेेलि�स, 1942); और जााल्लाा, हि�स्टॉॉयर डेेस वौौडोोइस एट लेेउर्सस कॉॉलोोनि�यांं� (टोोरेे पेेलि�स, 1935)।
टि�प्पणीी 13। वॉॉल्डेेनसस केे खि�लााफ अध्याादेेश-1487 मेंं इनोोसेंंट VIII द्वााराा वॉॉल्डेेनसस केे
खि�लााफ जाारीी कि�ए गए पोोप द्वााराा जाारीी घोोषणाा केे अवतरण काा एक बड़ाा हि�स्साा (जि�सकाा मूूल कैै म्ब्रि�ज
वि�श्ववि�द्याालय केे पुुस्तकाालय मेंं हैै) एक अंंग्रेेजीी अनुुवााद मेंं, जॉॉन डॉॉवलिं�गं हि�स्ट्रीी� ऑफ़ रोोमनि�ज़्म
(1871 संं स्करण), बीी. 6, अध्यााय 5, भााग 62 मेंं दि�याा गयाा हैै।
टि�प्पणीी 14। वााइक्लि�फ-इति�हाासकाार कोो पताा चलताा हैै कि� वााइक्लि�फ केे नााम कीी वर्ततनीी
केे कई अलग-अलग रूप हैंं। इनकीी पूूरीी चर्चाा� केे लि�ए जेे. डहमस, द प्रॉॉसि�क्यूूशन ऑफ जॉॉन
वााईक्लि�फ (न्यूू हेेवन: येेल यूूनि�वर्सि�टीी प्रेेस, 1952), पृृष् ठ 7 देेखेंं।
टि�प्पणीी 15। पोोप द्वााराा जाारीी घोोषणााएंं । वााईक्लि�फ केे खि�लााफ अंंग्रेेजीी अनुुवााद केे सााथ जाारीी
कीी गई पोोप कीी घोोषणााओंं केे मूूल अवतरण केे लि�ए देेखेंं जेे. डहमस, द प्रॉॉसि�क्यूूशन ऑफ जॉॉन
वााईक्लि�फ (न्यूू हेेवन: येेल यूूनि�वर्सि�टीी प्रेेस, 1952), पृृष् ठ 35-49; जॉॉन फॉॉक्स, एक्ट््स एंं ड मॉॉन्यूू-
मेंंट््स ऑफ द चर्चच (लंं दन: प्रैैट टााउनसेंंड, 1870), खंं ड 3, पृृष् ठ 4-13।
कैंंटरबरीी केे आर्ककबि�शप, किं�ंग एडवर्डड और ऑक्सफोोर्डड वि�श्ववि�द्याालय केे चांं�सलर कोो भेेजीी गई
इन घोोषणााओंं केे साारांं�श केे लि�ए देेखेंं मर्लेे डीी ऑबि�ग्नेे, द हि�स्ट्रीी� ऑफ द रि�फॉॉर्मेेशन इन द सि�क्सटीीन्थ
484 महाान वि�वााद

सेंंचुुरीी (लंं दन: ब्लैैकीी एंं ड सन, 1885), खंं ड 4, भााग 7, पृृष् ठ 93; अगस्त नि�एंं डर, जेेनरल हि�स्ट्रीी�
ऑफ द क्रि�श्चि�ियन चर्चच (बोोस्टन: क्रोोकर एंं ड ब्रूूस्टर, 1862), खंं ड 5, पृृष् ठ 146, 147; जॉॉर्जज साार्जेंंट,
क्रि�श्चि�ियन चर्चच काा इति�हाास (डलाास: फ्रेेडरि�क पब्लि�शिं�गं हााउस, 1948), पृृष् ठ 323; गॉॉथर्डड वीी.
लेेक्लर, जॉॉन वााइक्लि�फ और उनकेे अंंग्रेेजीी प्रीीकर्ससर्सस (लंं दन: द रि�लि�जि�यस ट्रैै�क्ट सोोसााइटीी, 1878),
पृृष् ठ 162-164; फि�लि�प शेेफ़, हि�स्ट्रीी� ऑफ़ द क्रि�स्चि��यन चर्चच (न्यूूयॉॉर्कक : चाार्ल्सस स्क्रि�ब्नर केे संं स,
1915), खंं ड 5, भााग 2, पृृष् ठ 317।
टि�प्पणीी 16। कााउंं सि�ल ऑफ़ कॉॉन्स्टेंंस —कााउंं सि�ल ऑफ़ कॉॉन्स्टेंंस काा एक प्रााथमि�क स्रोोत हैै
उलरि�च वॉॉन रि�चेंंटल, दाास कॉॉन्सि�लि�यम सोो ज़ूू कॉॉन्स्टैैन् ज़ गेेहलटेेन इस्ट वर्डेेन (ऑग्सबर्गग, 1483,
इंं कुुन।)। «ऑलेंंडोोर्फफ कोोडेेक्स» पर आधाारि�त इस अवतरण काा एक दि�लचस्प, हाालि�याा अध्ययन स्पेंंसर
कलेेक्शन ऑफ द न्यूूयॉॉर्कक पब्लि�क लााइब्रेेरीी मेंं हैै, जि�सेे काार्लल कुु प, उलरि�च वॉॉन रि�चेंंटल केे क्रॉॉनि�कल
ऑफ द कााउंं सि�ल ऑफ कॉॉन्स्टेंंस (न्यूूयॉॉर्कक , 1936) द्वााराा प्रकााशि�त कि�याा गयाा हैै। एच. फि�न्केे
(संं पाादि�त), एक्टाा कॉॉन्सि�लीी कॉॉन्स्टेंंसेंसि�स ं (1896), खंं ड 1; हेेफ़ेेलेे, कॉॉन्सि�लि�एन्गेस्चि��चे
े े (9 खंं ड),
खंं ड 6, 7; एल. मि�र्बबट, क्वेेलेने ज़ुरु गेेस्चि��चतेे डेेस पैैपस्टटम्स (1934); मि�लमैैन, लैैटि�न क्रि�स्चि��यनि�टीी,
खंं ड 7, पृृष् ठ 426-524; पाादरीी, द हि�स्ट्रीी� ऑफ़ द पोोप्स (34 खंं ड।), खंं ड। 1, पृृष् ठ 197ff भीी देेखें।ं
कााउंं सि�ल पर हााल केे प्रकााशन हैंं केे . ज़हरिं�ंगर, दाास कर्डि�नल कोोलेेजि�यम ऑफ डेेम कोोन्स्टन-
ज़र कोोन्ज़ि��ल (मुंं� स्टर, 1935); थ्योो. एफ. ग्रोोगााऊ, द कॉॉन्सि�लि�यर थ्योोरीी एज़ इट मैैनि�फेेस्टेेड एट
द कााउंं सि�ल ऑफ कॉॉन्स्टेंंस (वााशिं�गं टन, 1949); फ्रेेडरि�क ए. क्रेेम्पल, कल्चरल ऐस्पेेक्टस ऑफ़ द
कााउंं सि�ल्ज़ ऑफ़ कॉॉन्स्टेंंस ऐन्ड बेेसल (मि�नि�याापोोलि�स: यूूनवर्सि�टीी ऑफ़ मि�नि�याापोोलि�स., 1954); जॉॉन
पैैट्रि�िक मैैकगोोवन, डेेलीी एंं ड द कााउंं सि�ल ऑफ कॉॉन्स्टेंंस (वााशिं�गं टन: कैै थोोलि�क यूूनि�वर्सि�टीी, 1936)।
जॉॉन हस केे लि�ए देेखेंं जॉॉन हस, लेेटर्सस, 1904; ई. जेे. कि�ट््स, पोोप जॉॉन XXIII और माास्टर
जॉॉन हस (लंं दन, 1910); डीी.एस. शेेफ़, जॉॉन हस (1915); श्वाार्ज़़, जॉॉन हस (1915); और मैैथ्यूू
ं ा, जॉॉन हस एंं ड द चेेक रि�फॉॉर्मम (1941)।
स्पिं�का
टि�प्पणीी 17। जेेसुुइटि�ज्म - इस आर्डडर केे सदस्योंं� द्वााराा उल्लि�खि�त «सोोसााइटीी ऑफ जीीसस» कीी
उत्पत्ति�, सि�द्धांं�तोंं� और उद्देेश्योंं� केे बाारेे मेंं एक बयाान केे लि�ए, रेेवरेंंड जॉॉन जेेराार्डड, एस.जेे. द्वााराा संं पाादि�त
और कैै थोोलि�क ट्रुुथ सोोसााइटीी द्वााराा 1902 मेंं लंं दन मेंं प्रकााशि�त, जेेसुुइट््स केे संं बंं ध मेंं एक काार्यय देेखेंं।
इस कााम मेंं कहाा गयाा हैै, «समााज केे पूूरेे संं गठन कीी मुुख्य प्रेेरणाा संं पूूर्णण आज्ञााकाारि�ताा कीी भाावनाा हैै:
‹हर एक,› संं त इग्नााटि�यस लि�खताा हैै, ‹खुुद कोो समझााए कि� जोो लोोग आज्ञााकाारि�ताा केे तहत रहतेे हैंं
उन्हेंं खुुद कोो अपनेे वरि�ष्ठोंं� केे मााध्यम सेे परमेेश्वर द्वााराा स्थाानांं�तरि�त और नि�र्देेशि�त होोनेे देेनाा चााहि�ए,
जैैसेे कि� वेे एक मृृत शरीीर थेे, जोो खुुद कोो कहींं� भीी लेे जाानेे और कि�सीी भीी तरह सेे व्यवहाार करनेे कीी
अनुुमति� देेताा हैै, याा एक बूूढ़ेे व्यक्ति� कीी लााठीी केे रूप मेंं, जोो उसकीी सेेवाा करताा हैै जोो उसेे, जैैसाा वह
चााहताा हैै, अपनेे हााथ मेंं रखताा हैै।›
«यह पूूर्णण समर्पपण अपनेे मकसद सेे उदाात्त होोताा हैै, और होोनाा चााहि�ए, ... संं स्थाापक आगेे कहताा
हैै, ‹उद्यत, हर्षि�त और दृढ़। आज्ञााकाारीी धाार्मि�क जन उस बाात कोो खुुशीी-खुुशीी पूूराा करतेे हैंं जोो उनकेे
वरि�ष्ठ जनोंं� नेे उन्हेंं आम भलााई केे लि�ए बतााई हैै, आश्वस्त कि� इसकेे द्वााराा वह ईश्वरीीय इच्छाा केे
सााथ सहीी माायनेे मेंं मेेल खााताा हैै।» - द कॉॉमटेेस आर. डीी कौौरसन, इन कन्सर्निं�ग जेेसुुइट््स, पृृष् ठ 6।
परिशिष् 485

एल.ई. डुुपि�न, ए कॉॉम्पेंंडि�अस हि�स्ट्रीी� ऑफ़ द चर्चच, सेंंट 16, चौौ। 33 (लंं दन, 1713, खंं ड 4,
पृृष् ठ132-135); मोोशि�म, एकलेेसि�याास्टि�कल हि�स्ट्रीी�, सेंंट 16, भााग 3, बि�न्दुु 1, अध्यााय 1, परि�च्छेे द
10 (नोोट््स सहि�त); एनसााइक्लोोपीीडि�याा ब्रि�टाानि�काा (9वांं� संं स्करण), भीी देेखेंं। «जेेसुुइट््स;» सीी. पैैरो�-
इसि�यन, द प्रिं�सि� ं पल्स ऑफ द जेेसुुइट््स, डेेवलप्ड इन ए कलैैक्शन ऑफ एक्सट्रेे�क्ट्स् फ्रॉॉम देेयर ओन
ऑथर्सस (लंं दन, 1860—एक पुुराानाा संं स्करण 1839 मेंं छपाा); डब्ल्यूू.सीी. काार्टटरााईट, द जेेसुुइट््स,
देेयर कॉॉन्स्टीीट्यूूशन एंं ड टीीचिं�गं (लंं दन, 1876); ई. एल. टॉॉन्टन, द हि�स्ट्रीी� ऑफ़ द जेेसुुइट््स इन
इंं ग्लैंडं , 1580-1773 (लंं दन, 1901)।
एच. बोोहेेमर, द जेेसुुइट््स (जर्ममन फि�लााडेेल्फि�याा, कैै सल प्रेेस सेे अनुुवााद, 1928); ई. गोोथि�न,
इग्नााटि�यस वॉॉन लोोयोोलाा एंं ड डााई गेेगेेन रि�फॉॉर्मेेशन (हाालेे, 1895); टीी. कैंंपबेेल, द जेेसुुइट््स, 1534-
1921 (न्यूूयॉॉर्कक , 1922)।
टि�प्पणीी 18। द इन्क्वि��िज़ि�शन - रोोमन कैै थोोलि�क दृष्टि�िकोोण केे लि�ए द कैै थोोलि�क इनसााइक्लोोपी�-
डि�याा, खंं ड 8 देेखेंं। «इन्क्वि��िज़ि�शन» जोोसेेफ ब्लॉॉटज़र द्वााराा, पृृष् ठ 26ff.: और ई. वैैकैंंडर्डड, द इनक्वि��-
ज़ि�शन: ए क्रि�टि�कल एंं ड हि�स्टोोरि�कल स्टडीी ऑफ़ द कोोर्सि�व पाावर ऑफ़ द चर्चच (न्यूूयॉॉर्कक : लॉॉन्गमैैन्स,
ग्रीीन एंं ड कंं पनीी, 1908)।
एंं ग्लोो-कैै थोोलि�क दृष्टि�िकोोण केे लि�ए हॉॉफमैैन नि�कर्ससन, द इंं क्वाायरीी: ए पॉॉलि�टि�कल एंं ड मि�लि�ट्रीी�
स्टडीी ऑफ इट््स एस्टैैब्लि�शमेंंट देेखेंं। गैैर-कैै थोोलि�क दृष्टि�िकोोण केे लि�ए देेखेंं, फि�लि�प वैैन लि�म्बोोर्चच,
हि�स्ट्रीी� ऑफ़ द इनक्वि�िज़ि�शन; हेेनरीी चाार्ल्सस लीी, ए हि�स्ट्रीी� ऑफ़ द इनक्वि�िज़ि�शन ऑफ़ द मि�डल
ऐजि�ज़, खंं ड 3; ए हि�स्ट्रीी� ऑफ़ द इनक्वि�िज़ि�शन ऑफ़ स्पेेन, 4 खंं ड, और द इनक्वि�िज़ि�शन इन द
स्पैैनि�श डि�पेंंडेंंसीीज़; और एच.एस. टर्बबर्वि�ल, मि�डि�वल हेेरेेसीी एंं ड द इनक्वि�िजि�शन (लंं दन: सीी. लॉॉकवुुड
एंं ड सन, 1920-एक मध्यस्थ दृश्य)।
टि�प्पणीी 19। फ्रांं�सीीसीी क्रांं�ति� केे काारण—फ्रांं�स केे लोोगोंं� द्वााराा बााइबि�ल और बााइबि�ल धर्मम कीी
अस्वीीकृृ ति� केे दूू रगाामीी परि�णाामोंं� पर, एच. वॉॉन सि�बेेल, हि�स्ट्रीी� ऑफ़ द फ्रेंंच रेेवलूूशन, बीी. 5, अध्यााय
1, परि�च्छेे द 3-7; हेेनरीी थॉॉमस बकल, इंं ग्लैंडं मेंं सभ्यताा काा इति�हाास, अध्यााय 8, 12, 14 (न्यूूयॉॉर्कक ,
1895, खंं ड 1, पृृष् ठ 364-366, 369-371, 437, 540, 541, 550); ब्लैैकवुडु कीी पत्रि�काा, खंं ड
34, न. 215 (नवंं बर, 1833), पृृष् ठ 739; जेे. जीी. लोोरि�मर, एन हि�स्टॉॉरि�कल स्केेच ऑफ़ द प्रोोटेे-
स्टेंंट चर्चच इन फ्रांं�स,अध्यााय 8, परि�च्छेे द 6, 7 देेखेंं।
टि�प्पणीी 20। बााइबल कोो दबाानेे और नष्ट करनेे केे प्रयाास— द कााउंं सि�ल ऑफ़ टूू लूूज़ नेे, जोो
अल्बि�गेंंस केे खि�लााफ धर्ममयुद्धु केे समय केे बाारेे मेंं बैैठीी, फैै सलाा सुुनाायाा: «आम लोोगोंं� केे द्वााराा पुुराानेे
और नए नि�यम कीी प्रति�यांं� रखनेे कोो हम प्रति�बंं धि�त करतेे हैंं। हम उन्हेंं उपरोोक्त पुुस्तकोंं� कोो लोोकप्रि�य
स्थाानीीय भााषाा मेंं रखनेे केे लि�ए सबसेे सख्तीी सेे मनाा करतेे हैंं। «जि�लोंं� केे स्वाामीी आवाासोंं�, झोोपड़ि�योंं�
और जंं गलोंं� मेंं वि�धर्मि�योंं� कीी साावधाानीीपूूर्ववक खोोज करेंंगेे, और यहांं� तक कि� उनकेे भूूमि�गत आश्रयोंं�
कोो भीी पूूरीी तरह सेे मि�टाा दि�याा जााएगाा।» - कॉॉन्सि�ल। टोोलोोसाानम, पोोप ग्रेेगरीी IX, अन्नोो। क्राानि�कल
1229। काानूून 14 और 2। यह महाासभाा अल्बि�गेंंस केे खि�लााफ धर्ममयुद्धु केे समय हुई।
«इस कीीट [बााइबि�ल] नेे इतनाा वि�स्ताार लेे लि�याा थाा कि� कुु छ लोोगोंं� नेे अपनेे स्वयंं केे यााजक नि�युुक्त
कर लि�ए, और यहांं� तक कि� कुु छ इंं जीीलवाादीी भीी जि�न्होंं�नेे सुुसमााचाार कीी सच्चााई कोो वि�कृृ त और नष्ट
486 महाान वि�वााद

कर दि�याा और अपनेे स्वयंं केे उद्देेश्य केे लि�ए नए सुुसमााचाार बनाा लि�ए। (वेे जाानतेे हैंं कि�) आम सदस्योंं�
केे लि�ए बााइबल काा प्रचाार और व्यााख्याा पूूरीी तरह सेे वर्जि�त हैै।” —एक्ट््स ऑफ इनक्वि�िजि�शन,
फि�लि�प वैैन लि�म्बोोर्चच, हि�स्ट्रीी� ऑफ द इनक्वि�िजि�शन, अध्यााय 8।
द कााउंं सि�ल ऑफ़ टैैराागोोनाा, 1234, नेे फैै सलाा सुुनाायाा कि�: «रोोमांं�स भााषाा (लाातीीनीी भााषाा) मेंं
कि�सीी केे पाास पुुराानेे और नए नि�यम कीी कि�तााबेंं नहींं� होंं�, और अगर कि�सीी केे पाास हैै तोो उसेे इस
फरमाान केे लाागूू होोनेे केे आठ दि�नोंं� केे भीीतर उन्हेंं स्थाानीीय बि�शप कोो सौंं�प देेनाा चााहि�ए, तााकि� उन्हेंं
जलाायाा जाा सकेे , नहींं� तोो चााहेे वह एक पाादरीी होो याा आम आदमीी, उस पर तब तक शक कि�याा जााए
जब तक कि� वह सभीी संं देेह सेे मुुक्त न होो जााए।” - डीी लॉॉर्टटश, हि�स्टॉॉयर डेे लाा बााइबि�ल एन फ्रांं�स,
1910, पृृष् ठ 14।
1415 मेंं कााउंं सि�ल ऑफ़ कॉॉन्स्टेंंस, कैंंटरबरीी केे आर्ककबि�शप अरुंं डेेल द्वााराा मरणोोपरांं�त वि�क्लि�फ
कीी इस प्रकाार निं�दां ा कीी गई थीी, «वह निं�दं नीीय वि�धर्मीी जि�सनेे अपनीी माातृृभााषाा मेंं शाास्त्रोंं� केे एक नए
अनुुवााद काा आवि�ष्काार कि�याा।»
रोोमन कैै थोोलि�क चर्चच द्वााराा बााइबि�ल काा वि�रोोध सदि�योंं� सेे जाारीी हैै और वि�शेेष रूप सेे बााइबि�ल
सोोसााइटि�योंं� कीी स्थाापनाा केे समय बढ़ गयाा थाा। 8 दि�संं बर, 1866 कोो, पोोप पाायस IX नेे अपनेे
पोोप-परि�पत्र क्वांं�टाा क्यूूराा मेंं, दस अलग-अलग शीीर्षषकोंं� केे तहत अस्सीी त्रुुटि�योंं� काा एक पााठ्यक्रम जाारीी
कि�याा। शीीर्षषक IV केे तहत हम सूूचीीबद्ध पाातेे हैंं: «समााजवााद, सााम्यवााद, गुुप्त समााज, बााइबि�ल समााज
सोोसााइटि�याँँ�। इस प्रकाार केे कीीटोंं� कोो हर संं भव तरीीकेे सेे नष्ट कि�याा जाानाा चााहि�ए।»
टि�प्पणीी 21। आतंं क काा शाासन—फ्रांं�सीीसीी क्रांं�ति� केे इति�हाास मेंं एक वि�श्वसनीीय, संं क्षि�प्त परि�चय
केे लि�ए देेखेंं एल. गेेर्शोोय, द फ्रेंंच रेेवोोल्यूूशन (1932); जीी. लेेफेेब्रेे, द कमिं�गं ऑफ द फ्रेंंच रेेवोोल्यूूशन
(प्रिं�सं टन, 1947); और एच. वॉॉन सि�बेेल, हि�स्ट्रीी� ऑफ द फ्रेंंच रेेवोोल्यूूशन (1869), 4 खंं ड।
मोोनि�टूू र ऑफि�सि�यल क्रांं�ति� केे समय सरकाारीी पेेपर थाा और एक प्रााथमि�क स्रोोत हैै, जि�समेंं वि�धा�-
नसभााओंं द्वााराा कीी गई काार्ररवााइयोंं� काा तथ्याात्मक लेेखाा-जोोखाा, दस्ताावेेजोंं� केे पूूर्णण पााठ आदि� नि�हि�त
हैंं। इसेे पुुनर्मुु�द्रि�त कि�याा गयाा हैै। ए. ऑलाार्डड, क्रि�स्चि��यनि�टीी एंं ड द फ्रेंंच रेेवोोल्यूूशन (लंं दन, 1927) कोो
भीी देेखेंं, जि�समेंं 1802 तक काा लेेखाा-जोोखाा रखाा गयाा हैै—एक उत्कृृष्ट अध्ययन; डब्ल्यूूएच जर्वि�स,
द गैैलि�कन चर्चच एंं ड द रेेवोोल्यूूशन (लंं दन, 1882),जोो एक एंं ग्लि�कन द्वााराा साावधाानीीपूूर्ववक कि�याा गयाा
कााम हैै, लेेकि�न कैै थोोलि�क धर्मम केे लि�ए वरीीयताा दि�खााताा हैै।
फ्रांं�सीीसीी क्रांं�ति� केे दौौराान फ्रांं�स मेंं चर्चच और रााज्य केे संं बंं ध पर देेखेंं हेेनरीी एच. वॉॉल्श, द कॉॉनकॉॉ-
र्डेेट ऑफ़ 1801: ए स्टडीी ऑफ़ नेेशनलि�ज़्म इन रि�लेेशन टूू चर्चच एंं ड स्टेेट (न्यूूयॉॉर्कक , 1933); चाार्ल्सस
लेेद्रेे, एल›एग्लीीस डीी फ्रांं�स सूूस लाा रेेवोोल्यूूशन (पेेरि�स, 1949)।
क्रांं�ति� केे धाार्मि�क महत्व पर कुु छ समकाालीीन अध्ययन इस प्रकाार हैंं जीी. चााइस डेे सोोर्सससोोल,
लेे लि�वरेे डेेस मेेनि�फेेस्टेेस (एवि�ग्नन, 1800), जि�समेंं लेेखक नेे उथल-पुुथल केे काारणोंं� और इसकेे
धाार्मि�क महत्व आदि� काा पताा लगाानेे काा प्रयाास कि�याा; जेेम्स बि�चेेनोो, द सााइन्स ऑफ़ द टााइम्स (लंं दन,
1794); जेेम्स वि�न्थ्रोोप, ए सि�स्टमैैटि�क अरैैन्ज्मन्ट ऑफ सेेवरल स्क्रि�पचर प्रोोफेे सीीज़ रि�लेेटिं�ंग टूू एंं टी�-
क्रि�स्ट; और इसकेे सााथ देेयर एप्लीीकेे शन टूू द कोोर्सस ऑफ हि�स्ट्रीी� (बोोस्टन, 1795); और लैैथ्रोोप, द
प्रॉॉफेे सीी ऑफ डेेनि�यल रि�लेेटिं�ंग टूू द टााइम ऑफ द एंं ड (स्प्रिं�गं फीील्ड, मैैसााचुुसेेट्स् , 1811)।
परिशिष् 487

क्रांं�ति� केे दौौराान चर्चच केे लि�ए देेखेंं डब्ल्यूू. एम. स्लोोन, द फ्रेंंच रेेवोोल्यूूशन एंं ड रि�लि�जि�यस रि�फॉॉर्मम
(1901); पीीएफ लाा गॉॉर्सस, हि�स्टॉॉयर रि�लि�जि�यस डेे लाा रेेवोोल्यूूशन (पेेरि�स, 1909)।
पोोप तंं त्र केे सााथ संं बंं धोंं� पर देेखेंं वेेटि�कन मेंं गुुप्त फााइलोंं� केे आधाार पर जीी. बॉॉर्गि�न, लाा फ्रांं�स एट
रोोम डीी 1788-1797 (पेेरि�स, 1808); ए. लैैट्रेे�लीी, एल› एग्लेेस कैै थोोलि�क एट लाा रेेवोोल्यूूशन (पेेरि�स,
1950), वि�शेेष रूप सेे पाायस VI और धाार्मि�क संं कट, 1775-1799 पर दि�लचस्प।
क्रांं�ति� केे दौौराान प्रोोटेेस्टेंंट केे लि�ए, प्रेेसेंंस (एड.), द रेेन ऑफ टेेरर (सि�नसि�नााटीी, 1869) देेखेंं।
टि�प्पणीी 22। जनताा और वि�शेेषााधि�काार प्रााप्त वर्गग—क्रांं�ति� कीी अवधि� सेे पहलेे फ्रांं�स मेंं प्रचलि�त
साामााजि�क परि�स्थि�ति�योंं� पर देेखेंं, एच. वॉॉन होोल्स्ट, लेेक्चर्सस ऑन द फ्रेंंच रेेवोोल्यूूशन, लेेक्चर 1 देेखेंं;
टााइन, एनसि�एन व्यवस्थाा, और ए. यंं ग, ट्रेे�वल्स इन फ्रांं�स भीी।
टि�प्पणीी 23। प्रति�शोोध —फ्रांं�सीीसीी क्रांं�ति� केे प्रति�शोोधीी चरि�त्र सेे संं बंं धि�त अधि�क जाानकाारीी केे
लि�ए देेखेंं, थॉॉमस एच. गि�ल, द पाापल ड्राा�माा, बीी. 10; एडमंं ड डीी प्रेेसेंंस, द चर्चच एंं ड फ्रेंंच रेेवोोल्यूूशन,
बीी 3, अध्यााय 1।
टि�प्पणीी 24। आतंं क केे शाासन केे अत्यााचाार—एम. ए. थि�यर्सस, हि�स्ट्रीी� ऑफ द फ्रेंंच रेेवो�-
ल्यूूशन, खंं ड 3, पृृष् ठ 42-44, 62-74, 106 (न्यूूयॉॉर्कक , 1890, एफ शोोबर्लल द्वााराा अनुुवाादि�त); एफ
ए मि�गनेेट, हि�स्ट्रीी� ऑफ द फ्रेंंच रेेवोोल्यूूशन, अध्यााय 9, परि�च्छेे द 1 (बोोन, 1894); ए एलि�सन, यूूरोोप
काा इति�हाास, 1789-1815, खंं ड 1, अध्यााय 14 (न्यूूयॉॉर्कक , 1872, खंं ड 1, पृृष् ठ 293-312)।
टि�प्पणीी 25। पवि�त्र शाास्त्र काा प्रचलन—1804 मेंं, ब्रि�टि�श एंं ड फॉॉरेेन बााइबल सोोसााइटीी केे श्रीी
वि�लि�यम कैंंटन केे अनुुसाार, “दुनि�या ु ा मेंं मौौजूूद सभीी बााइबि�ल, पांं�डुुलि�पि� मेंं याा प्रिं�टं मेंं, हर देेश मेंं हर
संं स्करण कीी गि�नतीी करतेे हुए, चाार मि�लि�यन सेे अधि�क परि�कलि�त नहींं� कीी गई थीी। वेे वि�भि�न्न भााषााएँँ
जि�नमेंं उन चाालीीस लााख बााइबलोंं� कोो लि�खाा गयाा थाा, जि�नमेंं उल्फ़ि��लाास कीी मोोसोो-गोोथि�क और बेेडेे कीी
एंं ग्लोो-सैैक्सन जैैसेे पुुराानीी बोोलीी शाामि�ल हैंं, उनकीी संं ख्याा लगभग पचाास बतााई गई हैै।” —बााइबल
सोोसााइटीी क्याा हैै? संं शोोधि�त संं स्करण., 1904, 23।
अमेेरि�कन बााइबि�ल सोोसााइटीी नेे 1816 सेे 1955 तक 481,149,365 बााइबि�ल, टेेस्टाामेंंट और
टेेस्टाामेंंट केे अंंशोंं� केे वि�तरण कीी सूूचनाा दीी। इसमेंं ब्रि�टि�श और वि�देेशीी बााइबि�ल सोोसाायटीी द्वााराा
वि�तरि�त 600,000,000 सेे अधि�क बााइबल याा पवि�त्रशाास्त्र केे अंंश जोोड़ेे जाा सकतेे हैंं। अकेे लेे वर्षष
1955 केे दौौराान अमेेरि�कन बााइबल सोोसााइटीी नेे पूूरीी दुनि�या ु ा मेंं कुु ल मि�लााकर 23,819,733 बााइबल,
नि�यम, और नि�यम केे अंंश वि�तरि�त कि�ए।
पवि�त्र शाास्त्र, पूूरेे याा आंंशि�क रूप सेे, दि�संं बर 1955 तक 1,092 भााषााओंं मेंं मुुद्रि�त कि�याा गयाा
हैै; और नई भााषााओंं कोो लगााताार जोोड़ाा जाा रहाा हैै।
टि�प्पणीी 26। वि�देेशीी मि�शन-प्राारंंभि�क मसीीहीी कलीीसि�याा कीी मि�शनरीी गति�वि�धि� कोो आधुुनि�क
समय तक दोोहराायाा नहींं� गयाा हैै। यह वाास्तव मेंं वर्षष 1000 तक समााप्त होो गयाा थाा, और इसकेे
बााद क्रूूसेेड््स (धर्ममयुद्धु ) केे सैैन्य अभि�याान हुए। रि�फॉॉर्मेेशन युुग मेंं शुुरुआतीी जेेसुुइट््स केे हि�स्सेे कोो
छोोड़कर, बहुत कम वि�देेशीी मि�शन काा कााम देेखाा गयाा। धर्ममनि�ष्ठ धाार्मि�क जाागृृति� नेे कुु छ मि�शनरि�योंं�
कोो जन्म दि�याा। अठाारहवींं� शतााब्दीी मेंं मोोराावि�यन चर्चच काा कााम उल्लेेखनीीय थाा, और उपनि�वेेशि�त
उत्तरीी अमेेरि�काा मेंं कााम करनेे केे लि�ए अंंग्रेेज़ोो द्वााराा कुु छ मि�शनरीी समााज बनााए गए थेे। लेेकि�न वि�देेशीी
488 महाान वि�वााद

मि�शनरीी गति�वि�धि� काा महाान पुुनरुत्थाान वर्षष 1800 केे आसपाास «अन्त केे समय» सेे शुुरू होोताा हैै।
दाानि�य्येेल 12:4। 1792 मेंं बैैपटि�स्ट मि�शनरीी सोोसााइटीी काा गठन कि�याा गयाा, जि�सनेे कैै रीी कोो भाारत
भेेजाा। 1795 मेंं लंं दन मि�शनरीी सोोसााइटीी काा आयोोजन कि�याा गयाा थाा, और 1799 मेंं एक और
सोोसााइटीी काा जोो 1812 मेंं चर्चच मि�शनरीी सोोसााइटीी बन गई थीी। कुु छ हीी समय बााद वेेस्लेेयन मि�शनरीी
सोोसााइटीी कीी स्थाापनाा हुई। संं युुक्त रााज्य अमेेरि�काा मेंं वि�देेशीी मि�शनोंं� केे लि�ए अमेेरि�कीी बोोर्डड ऑफ
कमि�श्नर्सस काा गठन 1812 मेंं कि�याा गयाा थाा, और उस वर्षष एडोोनीीरााम जडसन कोो कलकत्ताा भेेजाा गयाा
थाा। उसनेे अगलेे सााल बर्माा� मेंं खुुद कोो स्थाापि�त कि�याा। 1814 मेंं अमेेरि�कन बैैपटि�स्ट मि�शनरीी यूूनि�यन
काा गठन हुआ। 1837 मेंं प्रेेस्बि�टेेरि�यन बोोर्डड ऑफ फॉॉरेेन मि�शन्स काा गठन कि�याा गयाा थाा।
«1800 ई. मेंं, ... अधि�कांं�श मसीीहीी उन लोोगोंं� केे वंं शज थेे जि�न्हेंं 1500 ई. सेे पहलेे जीीत लि�याा
गयाा थाा। अब, उन्नीीसवींं� शतााब्दीी मेंं, मसीीहीी धर्मम काा और वि�स्ताार हुआ। इतनेे महााद्वीीपोंं� याा प्रमुुख
देेशोंं� मेंं पहलीी बाार प्रवेेश नहींं� कि�याा गयाा थाा जैैसाा कि� पि�छलीी तीीन शतााब्दि�योंं� मेंं हुआ थाा। यह असंं भव
होोताा, क्योंं�कि� ऑस्ट्रेे�लि�याा कोो छोोड़कर पृृथ्वीी केे सभीी बड़ेे भूूभाागोंं� पर और अधि�क संं ख्याा मेंं लोोगोंं�
केे बीीच और उच्च सभ्यताा केे सभीी क्षेेत्रोंं� मेंं मसीीहीी धर्मम काा सूूत्रपाात 1800 ईसवीी मेंं कि�याा गयाा थाा।
अब जोो हुआ वह नए आधाारोंं� काा अधि�ग्रहण थाा उन क्षेेत्रोंं� मेंं और उन लोोगोंं� केे बीीच जि�न तक पहलेे
हीी पहुंंचाा जाा चुुकाा थाा, नए और पुुराानेे दोोनोंं� आधाारोंं� सेे अभूूतपूूर्वव वि�स्ताार, और अधि�कांं�श ऐसेे देेशोंं�,
द्वीीपोंं�, लोोगोंं� और जनजााति�योंं� मेंं मसीीहीी धर्मम काा प्रवेेश, जहाँँ� पहलेे नहींं� पहुंंचाा गयाा थाा।
«उन्नीीसवींं� सदीी मेंं मसीीहीी धर्मम काा प्रसाार मुुख्य रूप सेे मसीीहीी आवेेग सेे उत्पन्न धाार्मि�क जीीवन केे
एकााएक प्रकट होो जाानेे केे काारण हुआ थाा। कभीी भीी कि�सीी भीी संं गत अवधि� मेंं मसीीहीी आवेेग नेे इतनेे
साारेे नए आंंदोोलनोंं� कोो जन्म नहींं� दि�याा थाा। पश्चि�िमीी यूूरोोपीीय लोोगोंं� पर इसकाा इतनाा बड़ाा प्रभााव कभीी
नहींं� पड़ाा थाा। यह इस प्रचुुर उत्सााह सेे थाा कि� वहाँँ� मि�शनरीी उद्यम जाारीी हुआ जि�सनेे उन्नीीसवींं� शतााब्दीी
केे दौौराान संं ख्याात्मक शक्ति� और मसीीहीी धर्मम केे प्रभााव कोो इतनाा बढ़ाायाा।» - केे नेेथ स्कॉॉट लैैटौौरेेटेे, ए
हि�स्ट्रीी� ऑफ द इक्स्पैैन्शन ऑफ क्रि�स्चीीऐनि�टीी, खंं ड IV, द ग्रेेट सेंंचुुरीी ए.डीी. 1800 - ए.डीी. 1914
(न्यूूयॉॉर्कक : हाार्पपर एंं ड ब्रदर्सस, 1941), पृृष् ठ 2-4।
टि�प्पणीी 27, टि�प्पणीी 28। भवि�ष्यसूूचक ति�थि�याँँ�— यहूदि�योंं� कीी गणनाा केे अनुुसाार अर्ततक्षत्र
केे शाासनकााल केे साातवेंं वर्षष काा पाँँ�चवाँँ� महीीनाा (अब) 23 जुुलााई सेे 21 अगस्त, 457 ईसाा पूूर्वव तक
थाा। वर्षष कीी शरद ऋतुु मेंं एज्राा केे यरूशलेेम पहुँँचनेे केे बााद, रााजाा काा आदेेश लाागूू हुआ। 457 ईसाा
पूूर्वव कोो अर्ततक्षत्र काा साातवांं� वर्षष होोनेे कीी नि�श्चि�ितताा केे लि�ए देेखेंं, एस एच हॉॉर्नन और एल.एच. वुुड, द
क्रोोनोोलॉॉजीी ऑफ़ एज्राा 7 (वााशिं�गं टन, डीी.सीी.: रि�व्यूू एंं ड हेेरााल्ड पब्लि�शिं�गं एसोोसि�एशन., 1953);
ई. जीी. क्रेेलिं�गं , द ब्रुुकलि�न म्यूूज़ि�यम अराामााइक पपााइरीी (न्यूू हेेवन ऑर लंं दन, 1953), पृृष् ठ 191-
193; एस.डीी.ए. बााइबल कमेंंट्रीी� 3:97-110 (हैैगर्ससटााउन, एमडीी: रि�व्यूू एंं ड हेेरााल्ड पब्लि�शिं�गं एसो�-
सि�एशन, 1954, 1977)।
टि�प्पणीी 29। ओटोोमन सााम्रााज्य काा पतन - 1453 मेंं कांं�स्टेंंटि�नोोपल केे पतन केे बााद यूूरोोप पर
मुुस्लि�म तुुर्कीी काा प्रभााव उतनाा हीी गंं भीीर थाा जि�तनाा पूूर्वीी रोोमन सााम्रााज्य पर मोोहम्मद कीी मृृत्युु केे बााद
डेेढ़ शतााब्दीी केे दौौराान, मुुस्लि�म साार्केेन्स कीी वि�नााशकाारीी वि�जय थीी। सुुधाार युुग केे दौौराान, यूूरोोपीीय
मसीीहीी जगत केे पूूर्वीी द्वाार पर तुुर्कीी एक नि�रंंतर खतराा थाा; सुुधाारकोंं� केे लेेखन तुुर्कक सत्ताा कीी निं�दां ा सेे
परिशिष् 489

भरेे हुए हैंं। मसीीहीी लेेखक तब सेे भवि�ष्य मेंं होोनेे वाालीी दुनि�या ु ा कीी घटनााओंं मेंं तुुर्कीी कीी भूूमि�काा सेे
ं हैंं, और भवि�ष्यद्वााणीी पर टि�प्पणीीकाारोंं� नेे पवि�त्रशाास्त्र मेंं तुुर्कीी शक्ति� और उसकेे पतन केे पूूर्वा�ा-
चिं�ति�त
नुुमाान कोो देेखाा हैै।
बााद केे अध्यााय केे लि�ए, «घंं टेे, दि�न, महीीनेे, वर्षष» भवि�ष्यद्वााणीी केे तहत, छठीी तुुरहीी केे हि�स्सेे केे
रूप मेंं, योोशि�य्यााह लि�च नेे अगस्त, 1840 मेंं तुुर्कीी कीी स्वतंं त्रताा कोो समााप्त करतेे हुए, समय कीी भवि�-
ष्यद्वााणीी केे एक अनुुप्रयोोग कोो काारगर कि�याा। लि�च काा दृष्टि�िकोोण उसकीी द प्रोोबेेबि�लि�टीी ऑफ द सेेकेंंड
कमिं�गं ऑफ क्रााइस्ट लगभग अबााउट ए डीी 1843 (जूून, 1838 मेंं प्रकााशि�त) मेंं पाायाा जाा सकताा हैै;
एन एड्रेे�स टूू द क्लर्जीी (1840 केे वसंं त मेंं प्रकााशि�त; एक दूू सराा संं स्करण, ऐति�हाासि�क डेेटाा केे सााथ, जोो
कि� ओटोोमन सााम्रााज्य केे पतन तक फैै लीी भवि�ष्यवााणीी अवधि� कीी पूूर्वव गणनााओंं कीी सटीीकताा केे समर्थथन
मेंं, 1841 मेंं प्रकााशि�त हुआ थाा); और सााइन्स ऑफ़ द टााइम्स एंं ड एक्सपोोज़ि�टर ऑफ़ प्रॉॉफेे सीी मेंं एक
लेेख, 1 अगस्त, 1840। द सााइन्स ऑफ़ द टााइम्स एंं ड एक्सपोोज़ि�टर ऑफ़ प्रॉॉफेे सीी मेंं लेेख भीी देेखें,ं 1
फरवरीी, 1841; और जेे. एन. लॉॉघबरोो, द ग्रेेट सेेकेंंड एडवेंंट मूूवमेंटं (1905 संं स्करण), प्रि�स्थ। 129-
132। ऊरि�य्यााह स्मि�थ कीी कि�तााब, थॉॉट््स ऑन डेेनि�यल एंं ड द रेेवलेेशन, 1944 केे संं शोोधि�त संं स्करण,
पृृष् ठ 506-517 पर इस भवि�ष्यवााणीी केे भवि�ष्यसूूचक समय पर चर्चाा� करताा हैै।
ओटोोमन (उस्माान रााजवंं शीीय) सााम्रााज्य केे पहलेे केे इति�हाास और तुुर्कीी शक्ति� केे पतन केे लि�ए,
वि�लि�यम मि�लर, द ओटोोमन एम्पाायर एंं ड इट््स सक्सेेसर्सस, 1801-1927 (कैै म्ब्रि�ज, इंं ग्लैंडं : यूूनि�व-
र्सि�टीी प्रेेस, 1936); जॉॉर्जज जीी.एस.एल. एवरस्लेे, द टर्कि�श एम्पाायर फ्रॉॉम 1288 टूू 1914 (लंं दन:
टीी. फि�शर अनवि�न, लि�मि�टेेड, दूू सराा संं स्करण, 1923); जोोसेेफ वॉॉन हैैमर-पर्गगस्टााल, गेेशि�चतेे डेेस
ओस्माानि�सचेेन रीीचेेस (पेेस्थ: सीी. ए. हाार्टटलेेबेने , 2डीी संं स्करण, 1834-36), 4 खंं ड; हर्बबर्टट ए. गि�बन्स,
फ़ााउंं डेेशन ऑफ़ द ओटोोमन एम्पाायर, 1300-1403 (ऑक्सफोोर्डड: यूूनि�वर्सि�टीी प्रेेस, 1916);
अर्नोोल्ड जेे. टॉॉयनबीी और केे नेेथ बीी. कि�र्ककवुुड, तुुर्कीी (लंं दन, 1926) भीी देेखेंं।
टि�प्पणीी 30। लोोगोंं� सेे बााइबल कोो रोोक कर रखनाा —पााठक पहचाानेंंगेे कि� इस खंं ड काा वि�षय
वस्तुु वेेटि�कन कााउंं सि�ल II सेे पहलेे लि�खाा गयाा थाा, जि�समेंं पवि�त्र शाास्त्र कोो पढ़नेे केे संं बंं ध मेंं इसकीी
कुु छ बदलीी हुई नीीति�यांं� थींं�।
सदि�योंं� सेे, आम लोोगोंं� केे बीीच स्थाानीीय भााषााओंं मेंं पवि�त्र शाास्त्र केे प्रसाार केे प्रति� रोोमन कैै थोोलि�क
चर्चच काा रवैैयाा नकााराात्मक रूप मेंं दि�खााई देेताा हैै। उदााहरण केे लि�ए देेखेंं जीी पीी. फि�शर, द रि�फॉॉ-
र्मेेशन, अध्यााय 15, अवतरण 16 (1873 संं स्करण, पृृष् ठ 530-532); जेे. काार्डि�नल गि�बन्स, द
फेे थ ऑफ़ अवर फाादर्सस, अध्यााय 8 (49वांं� संं स्करण, 1897), पृृष् ठ 98-117; जॉॉन डााउलिं�गं , हि�स्ट्रीी�
ऑफ रोोमनि�स्म, बीी 7, अध्यााय 2 भााग 14; और बीी 9, अध्यााय 3, भााग 24-27 (1871 संं स्करण,
पृृष् ठ 491-496, 621-625); एल. एफ. बुंं�गेेर, हि�स्ट्रीी� ऑफ ट्रें�टं कााउन्सल, पृृष् ठ 101-110 (दूू सराा
एडि�नबर्गग संं स्करण, 1853, डीी. डीी. स्कॉॉट द्वााराा अनुुवाादि�त); जीी. एच. पूूतनम, बुुक्स एंं ड देेयर मेेकर्सस
ड्यूूरिं�ंग द मि�डल एजेेज़, खंं ड 1, भााग 2, अध्यााय 2, अवतरण 49, 54-56। इन डेेक्स ऑफ प्रोोहि�-
बि�टेेड बुुक्स (वेेटि�कन पॉॉलीीग्लॉॉट प्रेेस, 1930), पृृष् ठ IX, X; टि�मोोथीी हर्लेे, ए कमेेन्ट्रीी� ऑन द प्रेेजेंटं
इंं डेेक्स लेेजि�स्लेेशन (न्यूूयॉॉर्कक : बेंंजीीगर ब्रदर्सस, 1908), पृृष् ठ 71; ट्रैै�न्स्लैैशन ऑफ द ग्रेेट एन्सि�क्लि�कल
लेेटर्सस ऑफ लि�योो XIII (न्यूूयॉॉर्कक : बेंंजीीगर ब्रदर्सस, 1903), पृृष् ठ 413 भीी देेखेंं।
490 महाान वि�वााद

लेेकि�न हााल केे वर्षोंं मेंं इस संं बंं ध मेंं प्रभाावशाालीी और सकााराात्मक बदलााव आयाा हैै। एक ओर,
कलीीसि�याा नेे मूूल भााषााओंं केे आधाार पर तैैयाार कि�ए गए कई संं स्करणोंं� कोो स्वीीकृृ ति� दीी हैै; दूू सरीी ओर,
इसनेे मुुफ्त वि�तरण और बााइबि�ल संं स्थाानोंं� केे मााध्यम सेे पवि�त्र शाास्त्र केे अध्ययन कोो बढ़ाावाा दि�याा हैै।
हाालाँँ�कि�, चर्चच नेे अपनीी परंंपराा केे आलोोक मेंं बााइबल कीी व्यााख्याा करनेे काा वि�शेेष अधि�काार अपनेे
लि�ए आरक्षि�त रखाा हैै, और इस प्रकाार उन सि�द्धांं�तोंं� कोो सहीी ठहराायाा हैै जोो बााइबि�ल कीी शि�क्षााओंं केे
अनुुरूप नहींं� हैंं।
टि�प्पणीी 31। स्वर्गाा�रोोहण वस्त्र— वह कहाानीी कि� ऐडवेंंटि�स्टोंं� नेे «हवाा मेंं प्रभुु सेे मि�लनेे केे लि�ए»
ऊपर उठााए जाानेे केे लि�ए वस्त्र बनााए, उन लोोगोंं� द्वााराा ईजााद कीी गई थीी, जोो एडवेंंट उपदेेश कीी नि�न्दाा
करनाा चााहतेे थेे। इसेे इतनीी मेेहनत सेे प्रसाारि�त कि�याा गयाा थाा कि� कई लोोगोंं� नेे इस पर वि�श्वाास कर
लि�याा, लेेकि�न साावधाानीीपूूर्ववक जांं�च नेे इसेे झूठाू ा सााबि�त कर दि�याा। कई वर्षोंं तक इस बाात केे प्रमााण केे
लि�ए, कि� ऐसीी एक घटनाा कभीी हुई हैै, पर्याा�प्त इनााम कीी पेेशकश कीी गई थीी लेेकि�न कोोई प्रमााण प्रस्तुुत
नहींं� कि�याा गयाा हैै। कोोई भीी जोो उद्धाारकर्ताा� केे प्रकट होोनेे सेे प्रेेम करताा थाा पवि�त्र शाास्त्र कीी शि�क्षााओंं
सेे इतनाा अनभि�ज्ञ नहींं� थाा कि� यह माान लेेताा थाा कि� जोो वस्त्र वेे बनाा सकतेे हैंं वह उस अवसर केे लि�ए
आवश्यक होोगाा। पवि�त्र लोोगोंं� कोो प्रभुु सेे मि�लनेे केे लि�ए जि�स एकमाात्र वस्त्र कीी आवश्यकताा होोगीी वह
मसीीह कीी धाार्मि�कताा हैै। देेखेंं यशाायााह 61:10; प्रकााशि�तवााक्य 19:8।
स्वर्गाा�रोोहण वस्त्रोंं� कीी किं�ंवदंंतीी केे पूूर्णण खंं डन केे लि�ए, फ्रांं�सि�स डीी. नि�कोोल, मि�डनााइट क्रााई (वााशिं�गं टन,
डीी.सीी.: रि�व्यूू एंं ड हेेरााल्ड पब्लि�शिं�गं एसोोसि�एशन, 1944), अध्यााय 25-27 देेखेंं और परि�शि�ष्ट एच-जेे
लेेरॉॉय एडवि�न फ्रूूम, प्रोोफेे टि�क फेे थ ऑफ आवर फाादर्सस (वााशिं�गं टन, डीी.सीी.: रि�व्यूू एंं ड हेेरााल्ड पब्लि�शिं�गं
एसोोसि�एशन., 1954), खंं ड 4, पृृष् ठ 822-826 भीी देेखें।ं
टि�प्पणीी 32। भवि�ष्यद्वााणीी काा काालक्रम - न्यूूयॉॉर्कक सि�टीी वि�श्ववि�द्याालय मेंं इब्राानीी और पूूर्वीी
सााहि�त्य केे प्रोोफेे सर डॉॉ जॉॉर्जज बुुश नेे वि�लि�यम मि�लर कोो संं बोोधि�त और एडवेंंट हेेरााल्ड एंं ड सााइन्स ऑफ
द टााइम्स रि�पोोर्टटर, बोोस्टन, माार्चच 6 और 13, 1844 मेंं प्रकााशि�त एक पत्र मेंं भवि�ष्यद्वााणीी केे समय कीी
उसकीी गणनाा केे संं बंं ध मेंं कुु छ महत्वपूूर्णण स्वीीकाारोोक्ति�याँँ� प्रस्तुुत कींं�। डॉॉ बुुश नेे लि�खाा:
«जैैसाा कि� मैंं सोोचताा हूंं , न तोो आप पर और नाा हीी आपकेे दोोस्तोंं� पर आपत्ति� कीी जाानीी चााहि�ए,
कि� आपनेे भवि�ष्यवााणीी केे काालक्रम केे अध्ययन केे लि�ए बहुत समय और ध्याान दि�याा हैै, और इसकीी
महाान अवधि�योंं� कीी शुुरुआत और समाापन ति�थि�योंं� कोो नि�र्धाा�रि�त करनेे केे लि�ए बहुत मेेहनत कीी हैै।
यदि� येे अवधि�यांं� वाास्तव मेंं भवि�ष्यसूूचक पुुस्तकोंं� मेंं पवि�त्र आत्माा द्वााराा दीी गई हैंं, तोो नि�:संं देेह इस
योोजनाा केे सााथ दीी गई हैंं कि� उनकाा अध्ययन कि�याा जाानाा चााहि�ए, और शाायद, अंंत मेंं, पूूरीी तरह
सेे समझाा जाानाा चााहि�ए; और कि�सीी भीी ऐसेे व्यक्ति� पर अभि�माानीी मूूर्खखताा काा आरोोप नहींं� लगाायाा
जाानाा चााहि�ए जोो आदरपूूर्ववक ऐसाा करनेे काा प्रयाास करताा हैै। एक दि�न कोो एक वर्षष केे लि�ए भवि�ष्य-
सूूचक शब्द केे रूप मेंं लेेनेे पर, मेेराा मााननाा हैै कि� आप सबसेे मजबूूत व्यााख्याा द्वााराा समर्थि�त हैंं, सााथ
हीी [जोोसेेफ] मेेडेे, सर आइज़क न्यूूटन, बि�शप [थॉॉमस] न्यूूटन, [वि�लि�यम] कि�र्बीी, [जेेम्स] स्कॉॉट,
[अलेेक्जेंंडर] कीीथ, और कई अन्य जोो बहुत पहलेे इस वि�षय पर कााफ़ीी हद तक आपकेे नि�ष्कर्षष पर
पहुंंचेे हैंं। वेे सभीी इस बाात सेे सहमत हैंं कि� दाानि�य्येेल और यूूहन्नाा द्वााराा उल्लि�खि�त प्रमुुख अवधि�याँँ�
वाास्तव मेंं दुनि�या
ु ा केे इस युुग केे समय मेंं समााप्त होो जाातीी हैंं, और यह एक अजीीब तर्कक होोगाा जोो
परिशिष् 491

आपकोो उन्हींं� वि�चाारोंं� कोो लाागूू करनेे केे लि�ए वि�धर्मम काा दोोषीी ठहरााएगाा जोो इन प्रति�ष्ठि��त पवि�त्र
भवि�ष्यद्वााणि�योंं� कीी सूूचनााओंं मेंं प्रमुुखताा सेे साामनेे आतेे हैंं।” «जांं�च केे इस क्षेेत्र मेंं आपकेे परि�णााम
मुुझेे सत्य याा कर्ततव्य केे कि�सीी भीी महाान हि�त कोो प्रभाावि�त करनेे सेे दूू र कर नेे जि�तनाा प्रभाावि�त नहींं�
करतेे हैंं।» «आपकीी त्रुुटि�, जैैसाा कि� मुुझेे लगताा हैै, आपकेे काालक्रम सेे हटकर मेंं दूू सरीी दि�शाा मेंं हैै।»
«आपनेे उन घटनााओंं कीी प्रकृृ ति� कोो पूूरीी तरह सेे गलत समझाा हैै जोो उन अवधि�योंं� केे समााप्त होोनेे पर
घटि�त होंं�गीी। यह आपकेे वर्णणनाात्मक अपमाान कीी प्रमुुख वि�शेेषताा हैै।» लेेरॉॉय एडवि�न फ्रूूम, प्रोोफेे टि�क
फेे थ ऑफ अवर फाादर्सस (वााशिं�गं टन, डीी सीी: रि�व्यूू एंं ड हेेरााल्ड पब्लि�शिं�गं एसोोसि�एशन., 1950), खंं ड
1, अध्यााय 1, 2 भीी देेखेंं।
टि�प्पणीी 33। एक ति�हराा संं देेश—प्रकााशि�तवााक्य 14:6, 7 पहलेे स्वर्गगदूू त केे संं देेश कीी घोोषणाा
कीी भवि�ष्यद्वााणीी करताा हैै। इसकेे बााद भवि�ष्यद्वक्‍‍ताा आगेे कहताा हैै: “फि�र इसकेे बााद एक और,
दूू सराा, स्वर्गगदूू त यह कहताा हुआ आयाा, “गि�र पड़ाा, वह बड़ाा बेेबीीलोोन गि�र पड़ाा।” अंंग्रेेजीी बााइबि�ल मेंं
«फाालोोड» (इसकेे बााद आयाा) शब्द काा अर्थथ हैै «सााथ जाानाा,» «कि�सीी केे पीीछेे चलनाा,» «उसकेे सााथ
जाानाा।» हेेनरीी जॉॉर्जज लि�डेेल और रॉॉबर्टट स्कॉॉट, ग्रीीक इंं ग्लि�श लेेक्सि�कन (ऑक्सफोोर्डड: क्लेेरेंंडन प्रेेस,
1940), खंं ड 1, पृृष् ठ 52 देेखेंं। इसकाा अर्थथ «सााथ आनाा» भीी हैै। जॉॉर्जज एबट-स्मि�थ, ए मैैनुुअल ग्रीीक
लेेक्सि�कन ऑफ़ द न्यूू टेेस्टाामेंंट (एडि�नबर्गग: टीी. और टीी. क्लाार्कक , 1950), पृृष् ठ 17। यह वहीी शब्द
हैै जि�सकाा प्रयोोग मरकुु स 5:24 मेंं कि�याा गयाा हैै, «तब वह (यीीशुु) उसकेे सााथ चलाा; और बड़ीी भीीड़
उसकेे पीीछेे होो लीी, यहाँँ� तक कि� लोोग उस पर गि�रेे पड़तेे थेे।» यह प्रकााशि�तवााक्य 14:4 मेंं छुु ड़ााए हुए
एक लााख चौौवाालीीस हजाार केे लि�ए भीी इस्तेेमााल कि�याा गयाा हैै, जहांं� यह कहाा गयाा हैै, «वेे हीी हैंं कि�
जहाँँ� कहींं� मेेम्नाा जााताा हैै, वेे उसकेे पीीछेे होो लेेतेे हैंं।» इन दोोनोंं� जगहोंं� पर यह स्पष्ट हैै कि� जि�स वि�चाार
कोो संं प्रेेषि�त करनेे काा इराादाा हैै वह हैै «एक सााथ जाानाा,» «संं गति� मेंं।» अतःः 1 कुु रि�न्थि�योंं� 10:4 मेंं,
जहाँँ� हम इस्रााएल केे सन्ताान केे बाारेे मेंं पढ़तेे हैंं कि� «वेे उस आत्मि�क चट्टाान सेे पीीतेे थेे जोो उनकेे सााथ–
सााथ चलतीी थीी,» शब्द «सााथ–सााथ चलतीी» उसीी यूूनाानीी शब्द सेे अनुुवाादि�त हैै, और माार्जि�न मेंं हैै,
«उसकेे सााथ चलाा।» इससेे हम सीीखतेे हैंं कि� प्रकााशि�तवााक्य 14:8, 9 मेंं वि�चाार केे वल यह नहींं� हैै कि�
दूू सरेे और तीीसरेे स्वर्गगदूू तोंं� नेे समय केे संं दर्भभ मेंं पहलेे केे बााद आए, बल्कि� यह कि� वेे उसकेे सााथ गए।
तीीन संं देेश केे वल एक ति�हराा संं देेश हैंं। वेे केे वल अपनेे उत्थाान केे क्रम मेंं तीीन हैंं। लेेकि�न उठनेे केे बााद,
वेे एक सााथ चलतेे हैंं और अवि�भााज्य हैंं।
टि�प्पणीी 34। रोोम केे धर्माा�ध्यक्षोंं� कीी सर्वोोच्चताा - रोोम केे धर्माा�ध्यक्षोंं� द्वााराा सर्वोोच्चताा कीी धाारणाा
मेंं प्रमुुख परि�स्थि�ति�योंं� केे लि�ए देेखेंं, रॉॉबर्टट फ्रांं�सि�स काार्डि�नल बेेलाार्माा�इन, पाावर ऑफ़ द पोोप्स इन
टेेम्पोोरल अफेे यर्सस (कांं�ग्रेेस केे पुुस्तकाालय, वााशिं�गं टन, डीी.सीी. मेंं एक अंंग्रेेजीी अनुुवााद हैै); हेेनरीी एडवर्डड
काार्डि�नल मैैनिं�गं , द टेेम्पोोरल पाावर ऑफ़ द वि�कर ऑफ़ जीीसस क्रााइस्ट (लंं दन: बर्न्सस एंं ड लैैम्बर्टट, 2d
संं स्करण, 1862); और जेेम्स काार्डि�नल गि�बन्स, फेे थ ऑफ आवर फाादर्सस (बााल्टीीमोोर: जॉॉन मर्फीी
कंं पनीी, 110वांं� संं स्करण, 1917), अध्यााय 5, 9, 10, 12। प्रोोटेेस्टेंंट लेेखकोंं� केे लि�ए देेखेंं, ट्रेे�वर
गेेरवाासेे जाालैंंड, द चर्चच एंं ड द पाापेेसीी (लंं दन: सोोसााइटीी फॉॉर प्रमोोटिं�ंग क्रि�स्चि��यन नॉॉलेेज, 1944, एक
बैैम्पटन लेेक्चर); और रि�चर्डड फ्रेेडरि�क लि�टि�लडेेल, पेेट्रि�िन क्लेेम्स (लंं दन: सोोसााइटीी फॉॉर प्रमोोटिं�ंग क्रि�-
स्चि��यन नॉॉलेेज, 1899)। पेेट्रि�िन सि�द्धांं�त कीी प्राारंंभि�क शतााब्दि�योंं� केे स्रोोतोंं� केे लि�ए, जेेम्स टीी. शॉॉटवेेल
492 महाान वि�वााद

और लुुईस रोोप्स लूूमि�स, द सीी ऑफ पीीटर (न्यूूयॉॉर्कक : कोोलंं बि�याा यूूनि�वर्सि�टीी प्रेेस, 1927) देेखेंं। भ्राामक
«डोोनेेशन ऑफ कॉॉन्सटेंंटााइन» केे लि�ए क्रि�स्टोोफर बीी. कोोलमैैन, द ट्रीी�टीीज ऑफ लोोरेंंजोो वल्लाा ऑन
द डोोनेेशन ऑफ कॉॉन्सटेंंटााइन (न्यूूयॉॉर्कक , 1914) देेखेंं, जोो पूूर्णण लाातीीनीी इबाारत और अनुुवााद, और
दस्ताावेेज़ और इसकेे पूूर्वव पक्ष वि�षय कीी पूूर्णण समीीक्षाा देेताा हैै।
टि�प्पणीी 35। योोशि�य्यााह स्ट्रॉॉ�न्ग केे उद्धरण- आवर कंं ट्रीी� केे अपनेे पहलेे संं स्करण मेंं, योोशि�य्यााह
स्ट्रॉॉ�न्ग, प्रााथमि�क स्रोोतोंं� तक पहुंंच केे बि�नाा, पोोप पाायस IX केे लि�ए दि�ए गए बयाानोंं� कोो गलत तरीीकेे
सेे संं दर्भि�त करताा हैै।
पहलेे उद्धरण केे लि�ए सहीी संं दर्भभ पोोप ग्रेेगोोरीी सोोलहवेंं काा अगस्त 15, 1832 काा पोोप-परि�पत्र हैै।
प्राासंं गि�क पैैरााग्रााफ यहांं� पूूर्णण रूप सेे उद्धृृत कि�याा गयाा हैै:

वि�वेेक कीी स्वतंंत्रताा


«उदाासीीनताा काा यह शर्ममनााक स्रोोत उस बेेतुुकेे और गलत प्रस्तााव कोो जन्म देेताा हैै जोो दाावाा करताा
हैै कि� सभीी केे लि�ए अंंतराात्माा कीी स्वतंं त्रताा कोो बनााए रखाा जाानाा चााहि�ए। यह पवि�त्र और नाागरि�क
माामलोंं� मेंं बर्बाा�दीी फैै लााताा हैै, हाालांं�कि� कुु छ लोोग बाार-बाार सबसेे अधि�क दुस्सा
ु ाहस केे सााथ दोोहराातेे हैंं
कि� इससेे धर्मम कोो कुु छ लााभ मि�लताा हैै। ‹लेेकि�न आत्माा कीी मृृत्युु त्रुुटि� कीी स्वतंं त्रताा सेे भीी बदतर हैै,›
जैैसाा कि� ऑगस्टीीन कहनेे काा अभ्यस्त काा थाा। जब सब बंं धनोंं� कोो हटाा दि�याा जााताा हैै जि�ससेे मनुुष्य
सत्य केे संं कीीर्णण माार्गग पर चलताा रहताा हैै, तोो उसकाा स्वभााव, जोो पहलेे सेे हीी बुुरााई कीी ओर प्रवृृत्त हैै,
उसेे वि�नााश कीी ओर धकेे लताा हैै। तब वाास्तव मेंं ‹अथााह कुु ण्ड› कोो खोोलाा गयाा, यूूहन्नाा नेे देेखाा कि�
कुु ण्ड मेंं सेे बड़ीी भट्ठीी काा साा धुुआँँ उठाा, जि�ससेे सूूर्यय अन्धकाारमय होो गयाा और जि�समेंं मेंं सेे पृृथ्वीी कोो
उजााड़नेे केे लि�ए टि�ड्डि�याँँ� नि�कलींं�। इस केे बााद आताा हैै मन काा परि�वर्ततन, युुवााओंं काा भ्रष्टााचाार, पवि�त्र
चीीजोंं� और पवि�त्र नि�यमोंं� काा ति�रस्काार - अन्य शब्दोंं� मेंं, कि�सीी भीी अन्य महाामाारीी कीी तुुलनाा मेंं रााज्य
केे लि�ए अधि�क घाातक महाामाारीी। प्रााचीीन समय सेे हीी अनुुभव दि�खााताा हैै कि� धन, प्रभुुत्व और वैैभव
केे लि�ए वि�ख्याात शहर इस एक बुुरााई केे परि�णाामस्वरूप नष्ट होो गए, अर्थाा�त्् रााय कीी अत्यधि�क स्वतंं -
त्रताा, स्वतंं त्र अभि�व्यक्ति� काा लााइसेंंस, और नवीीनताा कीी इच्छाा, आई एच एम, द पाापल एनसाायक्लि�-
कल्स, 1740-1878 (एन आर्बबर, मि�शि�गन: द पि�यरि�यन प्रेेस, 1990) 1:238।
दूू सरेे उद्धरण काा श्रेेय पोोप पाायस IX केे सि�लेेबस ऑफ एरर्सस कोो दि�याा जाानाा चााहि�ए, जोो 8
दि�संं बर, 1864 केे उसकेे पोोप-परि�पत्र केे सााथ थाा। 80 त्रुुटि�याँँ� जि�नकीी निं�दां ा कीी गई उन मेंं शाामि�ल हैंं:
“24। कलीीसि�याा केे पाास बल प्रयोोग करनेे कीी शक्ति� नहींं� हैै, न हीी उसकेे पाास प्रत्यक्ष याा अप्रत्य-
क्ष रूप सेे कोोई लौौकि�क शक्ति� हैै।—अपोोस्टोोलि�क लेेटर ‹एड एपोोस्टोोलि�केे,› अगस्त 22, 1851।”
“78। इसलि�ए, कुु छ कैै थोोलि�क देेशोंं� मेंं काानूून द्वााराा यह समझदाारीी सेे तय कि�याा गयाा हैै कि� वहांं�
रहनेे वाालेे लोोग अपनीी खुुद कीी अजीीबोोगरीीब पूूजाा केे साार्ववजनि�क अभ्याास काा आनंं द लेंंगेे।—आवंं टन
‹एसरबि�स्सि�मम›, सि�तंं बर 27, 1852।
“79। इसकेे अलाावाा, यह झूठू हैै कि� हर प्रकाार कीी पूूजाा कीी नाागरि�क स्वतंं त्रताा, और सभीी कोो
दीी गई पूूर्णण शक्ति�, खुुलेे तौौर पर और साार्ववजनि�क रूप सेे कि�सीी भीी रााय और वि�चाारोंं� कोो प्रकट करनेे केे
लि�ए, लोोगोंं� केे नैैति�कताा और दि�मााग कोो भ्रष्ट करनेे केे लि�ए और उदाासीीनताा केे कीीट काा प्रचाार करनेे
परिशिष् 493

केे लि�ए और अधि�क आसाानीी सेे प्रेेरि�त करतीी हैै। - एलोोक्यूूशन ‹ननक्वााम फोोर›, 15 दि�संं बर, 1856।
-ऐन फ़्रेे मेंंटल, संं स्करण, द पाापल एनसाायक्लि�कल्स इन देेयर हि�स्टोोरि�कल कॉॉन्टेेक्स्ट (न्यूूयॉॉर्कक : जीी.
पीी. पुुटनम्स सन्स, 1956), 146, 152 मेंं छपाा हुआ।
यह भीी ध्याान दि�याा जाानाा चााहि�ए कि� पोोप केे प्रति� नि�ष्ठाा कीी शपथ, स्ट्रॉॉ�न्ग सेे उद्धरण केे अंंति�म
पैैरााग्रााफ मेंं उद्धृृत, बि�शप कीी शपथ थीी, न कि� काार्डि�नल्स द्वााराा लीी गई।
टि�प्पणीी 36। लोोगोंं� सेे बााइबल कोो रोोक कर रखनाा—टि�प्पणीी 30 केे लि�ए नोोट देेखेंं।
टि�प्पणीी 37। इथि�योोपि�यन कलीीसि�याा और सब्त—बल्कि� हााल केे वर्षोंं तक इथि�योोपि�याा कीी
कॉॉप्टि�िक कलीीसि�याा नेे साातवांं� दि�न सब्त मनाायाा। इथि�योोपि�याा केे लोोगोंं� नेे मसीीहीी लोोगोंं� केे रूप मेंं अपनेे
पूूरेे इति�हाास मेंं सप्तााह केे पहलेे दि�न काा भीी पाालन कि�याा। इन दि�नोंं� गि�रजााघरोंं� मेंं वि�शेेष धाार्मि�क सभााएंं
होोतीी थींं�। हाालाँँ�कि�, साातवेंं दि�न सब्त काा पाालन आधुुनि�क इथि�योोपि�याा मेंं लगभग समााप्त होो गयाा हैै।
इथि�योोपि�याा मेंं धाार्मि�क दि�नोंं� केे चश्मदीीद गवााहोंं� केे लि�ए देेखें,ं पेेरोो गोोम्स डीी टेेक्सीीराा, द डि�स्कवरीी ऑफ
एबि�सि�नि�याा बााय द पोोर्तुु�गीीज इन 1520 (लंं दन मेंं अंंग्रेजी े ी मेंं अनुुवाादि�त: ब्रि�टि�श संं ग्रहाालय, 1938),
पृृष् ठ 79; फाादर फ्रांं�सि�स्कोो अल्वाारेेज़, नैैरेेटि�व ऑफ़ द पोोर्तुु�गीीज एंं बेेसीी टूू एबि�सि�नि�याा ड्यूूरिं�ंग द ईयर्सस
1520-1527 हक्लुुइट सोोसााइटीी (लंं दन, 1881) केे रि�कॉॉर्डड, खंं ड 64, पृृष् ठ 22-49 मेंं; मााइकल
रसेेल, नूूबि�याा और एबि�सि�नि�याा (1622 मेंं इथि�योोपि�याा मेंं कैै थोोलि�क मि�शनरीी फाादर लोोबोो कोो उद्धृतृ
करतेे हुए) (न्यूूयॉॉर्कक : हाार्पपर एंं ड ब्रदर्सस, 1837), पृृष् ठ 226-229; एस. गि�यााकोोमोो बरत्तीी, लेेट ट्रेे�वल्स
इन द रि�मोोट कंं ट्रीी�ज ऑफ एबि�सि�नि�याा (लंं दन: बेंंजाामि�न बि�लिं�ग्स ं लेे, 1670), पृृष् ठ 134-137; जॉॉब
लुुडॉॉल्फस, ए न्यूू हि�स्ट्रीी� फॉॉर इथि�योोपि�याा (लंं दन: एस. स्मि�थ, 1682), पृृष् ठ 234-357; सैैमुअल ु
गोोबट, जर्ननल ऑफ़ थ्रीी इयर्सस रेेजि�डेंंस इन एबि�सि�नि�याा (न्यूूयॉॉर्कक : 1850 काा संं स्करण), पृृष् ठ 55-58,
83-98। प्रश्न सेे संं बंं धि�त अन्य काार्योंं केे लि�ए, देेखेंं पीीटर हेेलि�न, हि�स्ट्रीी� ऑफ़ द सब्बााथ, दूू सराा
संं स्करण, 1636, खंं ड 2, पृृष् ठ 198-200; आर्थथर पीी. स्टेेनलीी, लेेक्चर्सस ऑन द हि�स्ट्रीी� ऑफ़ द ईस्टर्नन
चर्चच (न्यूूयॉॉर्कक : चाार्ल्सस स्क्रि�बनर्सस संं स, 1882), व्यााख्याान 1, अनुुच्छेेद। 1; सीी. एफ. रेे, रोोमाान्स ऑफ
द पोोर्तुु�गीीज इन एबि�सि�नि�याा (लंं दन: एफ. एच. और जीी. वि�दरलेे, 1929), पृृष् ठ 59, 253-297।
महान
�ववाद
आपको क्या लगता है िक सं सार बेहतर हो रहा है या बदतर? इसमें
कोई आश्चयर् की बात नही ं है िक आजकल अिधकतर लोग मानते
हैं िक सं सार बदतर हो रहा है। शायद यह सावर्भौिमक िनराशावाद
एक ऐसी सं स्कृ ित का पिरणाम है जो बुरी खबरो ं में डू बी हुई है, या
शायद हम स्वाभािवक रूप से इस पुस्तक के कें द्र में प्रस्तुत पृथ्वी को
िहला देने वाले सत्य को जानते हैं: हमारे ग्रह के साथ कु छ बहुत गलत

महान �ववाद
है, और हम इसे ठीक करने में असमथर् हैं।
‘महान िववाद’ न के वल मानव पतन की उत्पित्त का खुलासा
करती है, वरन यह महामािरयो ं और सं कट, भ्रष्टाचार और नरसं हार,
हत्या और अराजकता के शोर के नीचे चल रहे भयानक सं घषर् को
भी उजागर करती है। इस अदभ ् ुत कायर् में आप पाएं गे िक बुराई का
एक चेहरा है, भलाई का एक नायक है, और पाप का अंत है। यिद
आप इस जगत के अंत और आने वाली मिहमा से भरे जगत के िलए
तैयार होना चाहते हैं, तो आपको यह पुस्तक अवश्य पढ़नी चािहए।

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