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Law of Evidence Unit 3
Law of Evidence Unit 3
Barabanki
Syllabus(unit-3rd)
Expert witness,
who is an expert ?
Types of expert witness
Opinion on relationship especially proof of marriage
The problem of judicial defence to expert testimony
General principles concerning oral evidence
General principles concerning documentary evidence
Pankaj Katiyar
Assistant professor
Avadh Law College
Barabanki
Expert witness
Who is expert ? ( वशेष कौन है )
सा य अ ध नयम के योजन के लए वशेष उस यि त को कहते ह िजसने कसी व ान, कला
, यापार ,या यवसाय म वशेष ान कुशलता या अनभ ु व ा त कया है यह ान अ यास अवलोकन या
सावधानीपव ू क अ ययन से ा त कया गया हो सकता है ।
सा य अ ध नयम क धारा 45 म वशेष श द को वशेष कुशल यि तय के प म प रभा षत कया
गया है आमतौर से िजस यि त ने कसी वषय क व श ट श ा ा त कर लया है इस प रभाषा के अंतगत
आता है चाहे उसने इसका कभी अ यास नह ं कया है कंतु फर भी इस श द का अ भ ाय कसी वषय म कुछ
ान और यावहा रक अनभ ु व दोन से है
ी चं ब ा बनाम टे ट ऑफ यप
ू ी 1974
के बाद म माननीय उ च यायालय ने यह अवधारणा कया क इस धारा म यु त वशेषण श द को
सामान अथ म लेना चा हए आबकार इं पे टर िजसने सप स के पर ण का काम 21 वष से कया है इस धारा
के अंतगत वशेष माना जाएगा।
1- वदे शी व ध-
जब यायालय को कसी वदे शी रा क व ध के वषय म राय बनानी होती है तो उस व ध
के वशेष को यायालय के सम यह बताने के लए बल ु ाया जाता है क कसी व श ट वषय पर कसी वदे शी
रा क या व ध है ।
2- व ान या कला-
जब यायालय को कला या व ान के वषय पर राय बनानी होती है तो उस वषय पर
कल आया व ान म वशेष कुशल यि तय क राय सस ु ग
ं त त य है । च क सक य सा य (medical
evidence) व ान के अंतगत आते ह।
3-ह तलेख(handwriting)-
जब यायालय को लखावट के वषय म राय बनानी है तो वशेष क राय ाहा होती है
यायालय कसी हौसले के बारे म कोई राय या तो-
धारा 32 (5) और (6) के अधीन मत ृ क यि त का बयान िजसके पास नातेदार क जानकार का वशेष
साधन रहा हो नातेदार सा बत करने से संबं धत है जब क धारा 50 के अंतगत ऐसी नातेदार के संबध
ं म जी वत
यि त क राय को सस ु ग
ं त माना गया है िजस यि त के पास ान के वशेष साधन है उसे यायालय के सम
उपि थत होना होता है और वह धारा 50 के अंतगत बयान दे ता है ।
इस धारा के अंतगत सा य को ाहा होने के लए न न ल खत शत आव यक है -
1-सा ी को यह दखाना होगा क उसके पास नातेदार के बारे म ान के वशेष साधन है
2-उसे यायालय के सम उन यि तय का आचरण भी रखना चा हए िजनके नातेदार के बारे म वह बयान दे ता
है आचरण इस कृ त का होना चा हए जो नातेदार को य त कर।
वीन एं ेस बनाम अ द ु लाह के बाद म एक ी िजसका गला इतना कटा हुआ था क वह बोल नह ं पा रह
थी उसने हाथ के इशारे से हमलाकार का नाम बताया ऐसे मौ खक कथन माना गया।
धारा 59- मौ खक सा य वारा त य का सा बत कया जाना:-
द तावेज इले ॉ नक अ भलेखो क अंतव तु के सवाय सभी तक मौ खक सा य वारा
सा बत कए जा सकगे।
अनु तु सा य क अ ा ता के आधार-:
अनु तु साथ न न ल खत कारण से अ ाह होते ह-
1-यह शपथ पव ू क नह ं दया जाता है जो यि त कसी घटना के बारे म कसी से कहता है वह शपथ लेकर नह ं
कहता अता उसम स यता का अंश कम रहने क संभावना होती है ।
2- इसक तपर ा नह ं क जा सकती है ।
3- अ धकतर मामल म यह अनम ु ान कया जा सकता है क कुछ उ म सा य मल सकते थे कंतु वे पेश नह ं
कए गए ह।
4- इसक वीकृ त से पर ण म दे र लगती है पहले उस यि त को बल ु ाना िजसने कसी से सन
ु ा और फर उस
यि त को बल
ु ाना िजससे उसने सनु ा।
5- इसक वीकृ त से जालसाजी क संभावना बढ़ जाती है ।
6- वह यि तगत िज मेदार से संबं धत नह ं होता िजसके कारण गवाह म या बोल सकता है ।
अनु तु सा य को अपविजत करने का स धांत कई अपवाद के अधीन है जो भारतीय सा य अ ध नयम म
अलग-अलग धाराओं म उपबं धत ह जो न न ल खत है -
1-
वीकृ त और सं वीकृत-:
2-
धारा 32 के अंतगत सस
ु ग
ं त कथन-:
3-
पवू कारवाईय म कथन (धारा 33) -:
4-
लोक द तावेज म कथन(धारा 34,35) -:
5-
रे स जे टे (धारा 6) -:
6-
वशेष क पु तक म कथन (धारा 60 का परं तक
ु ) -:
टांत-
क,
ख,
ग,
घ,
(ख)- जब क मल
ू के अि त व दशा या अंतव तु को उस यि त वारा उसके व ध उसे सा बत कया जाना है या
उसके हत त न ध वारा ल खत प म वीकृत कया जाना सा बत कर दया गया है ,
(ग)- जब क मल
ू न ट हो गया है या खो गया अथवा उसक अंतव तु का सा य दे ने क थापना करने वाला
प कार अपने वयं के य त म या उपे ा से अनु त ू अ य कसी कारण से उसे यिु तयु त समय म पेश नह ं
कर सकता,
(घ)-जब क मल
ू इस कृ त का है क उसे आसानी से थानांत रत नह ं कया जा सकता,
(च)- जब मल
ू ऐसी द तावेज है क िजसक मा णत त का साथ दया जाना इस अ ध नयम वारा या भारत म
व ृ कसी अ य व ध वारा अनु ात है ,
अव था (ड.) या (च) म द तावेज क मा णत त ाहा है कंतु अ य कसी भी कार का वतीयक साथ ाहा
नह ं है ।
अव था (छ) म द तावेज के साधारण प रणाम का सा य कसी ऐसे यि त वारा दया जा सकेगा िजसने
उनक पर ा क है और जो ऐसी द तावेज क पर ा करने म कुशल है ।
4- जब क मल
ू त प ी या उसके अ भकता के पास यायालय म है
6- जब क द तावेज पर क जा रखने वाला यि त यायालय के आदे शका क पहुंच के बाहर है या ऐसी आदे शका
के अ यधीन नह ं है ।
Pankaj Katiyar
Assistant Professor
Avadh Law College
Barabanki