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छोटा नागपुर पठार: या राजमहल गारो गैप द्वारा छोटा


• यह पठार मुख्य रूप से झारखण्ड नागपुर पठार से अलग होता है ।
तथा ननकटवती राज्ोों मे स्थथत है । • इस पठार पर लौह अयस्क, यू रेननयम,
• इस पठार की औसत ऊोंचाई 700 तथा कोयले के भण्डार पाए जाते हैं ।
मी. है । तथा सबसे ऊँची चोटी • गारो, खासी, जैननतया, पहानडयाँ इस
पारसनाथ है । पठार पर स्थथत है ।
• इस पठार पर लौह अयस्क एवों • खासी पहानडयोों पर चेरापूोंजी तथा
कोयले के भण्डार पाये जाते है । मौनसनराम नामक थथान पाये जाते हैं ,
• दामोदर, उत्तरी कोयल, बराबर, जहाँ बहुत अनिक वर्ाण प्राप्त होती है ।
बोकारो, स्वर्णरेखा, शों ख ननदयाँ इस • मौनसनराम में नवश्व की सवाणनिक औसत
पठार पर बहती है। वर्ाण प्राप्त होती है ।
• दामोदर नदी इस पठार को 2 भागो • गारो पहानडयो की सबसे ऊँची चोरी
में बाोंटती है नोकरे क हैं जो एक जै व आरनित िेत्र
(1) उत्तरी भाग - हजारी बाग तथा है ।
कोडरमा पठार • नशलौोंग चोटी खासी पहानडयो तथा
(2) दनिर्ी भाग - राँची का पठार मेघालय पठार की सबसे ऊँची चोटी है ।
• दामोदर नदी घाटी िेत्र मे कोयले
के भण्डार पाये जाते हैं । राँची के
पठार से स्वर्ण नदी का उद्गम होता
है ।
• पनिम भाग में लावा नननमणत पाट
िेत्र है नजसका सबसे ऊँचा नेतरहाट
है ।

2. मेघालय पठार:
• यह पठार छोटा नागपुर पठार का ही
भाग माना जाता है । यह मालदा भ्ाोंश
• इस पठार का ढाल पश्चिम से पूर्व की ओर
है ।

3. करबीआों गलाोंग पठार :


• यह पठार असम में स्थथत है । इस पठार
पर नमनकर तथा रें गमा पहानडयाँ स्थथत
है ।

4. दक्कन का पठार:
• यह प्रायद्वीपीय भारत में स्थथत
नत्रभु जाकार पठार हैं । इस पठार पर
लावा की परत पाई जाती है ।
• नजसके कारर् यहाँ काली मृदा का
ननमाणर् होता है ।
• काली मृदा के कारर् यह भारत का
सबसे प्रमुख कपास उत्पादक िेत्र
है ।

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