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पाठ - योग करो नीरोग रहो 2 (1)
पाठ - योग करो नीरोग रहो 2 (1)
अभिहस्तांकन पत्र
CLASS: VIII
२. पाठ में कुछ आसान बताए गए है जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते है । 2
इसे कुछ अन्य आसनों के नाम लिखो ।
३. 2
“स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन” से क्या अलिप्राय है ?
Sr. No. Comprehension Based Marks
४. योग में प्राणायाम का ववशेष महत्तव है । प्राण का अथथ जीवन शजक्त एवं आयाम का अथथ ऊजाथ पर 6
ननयंत्रण से होता है । अथाथत श्वास िेने संबंधी कुछ ववशेष तकनीकों द्वारा जब प्राण पर ननयंत्रण से
होता है तो उसे प्राणायाम कहते है । प्राणायाम के तीन मुख्य प्रकार होते हैं – अनुिोम- वविोम,
कपाििानत प्राणायाम और भ्रामरी प्राणायाम। योग के द्वारा मानलसक क्षमता में वद्
ृ धध होती है ।
योगाभ्यास से ना केवि शारीररक िाि होता है बजकक मानलसक ववकारों से छुटकारा िी लमिता है ।
पतंजलि द्वारा ददए गए योग सूत्र में ऐसे अनेक अभ्यास बतिाए गए हैं, जजनसे मनुष्य को असीम
शांनत लमिती है । योगाभ्यास से व्यजक्त की अनेक क्षमताओं का ववकास होता है , शरीर बिवान
बनता है साथ ही ध त
ं ा व तनाव से मुजक्त िी लमिती है इसलिए हमारे जीवन में योग का अत्यधधक
महत्व है । िारतीय धमथ और दशथन में योग का अत्यधधक महत्व है । आध्याजत्मक उन्ननत या
शारीररक और मानलसक स्वास््य के लिए योग की आवश्यकता एवं महत्व को प्रायः सिी दशथनों
एवं िारतीय धालमथक संप्रदायों द्वारा एकमत से स्वीकार ककया गया है ।
1. प्राणायाम के क्या िाि हैं और इसका हमारे शारीररक और मानलसक स्वास््य पर क्या
प्रिाव होता है ?
2. योग सूत्रों में प्रनतपाददत अभ्यासों में कौन-कौन से प्राणायाम शालमि हैं और उनके क्या
िाि हैं?
3. कैसे प्राणायाम और अन्य योगाभ्यास अपने जीवन में अंतररक्ष और समय कैसे बना सकते
हैं?
4. प्राणायाम के ववलिन्न प्रकारों में क्या अंतर होता है और इन्हें कैसे सही तरीके से ककया
जाए?
5. योग के माध्यम से आध्याजत्मक उन्ननत और मानलसक शजक्त में वद्
ृ धध के लिए प्राणायाम
का क्या महत्व है ?
S. No. Application Based Marks
५. आपके अनुसार, योग की सबसे महत्वपूणथ ववशेषता क्या है और वह आपके जीवन में कैसे मदद
3
करती है ?