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रा नीित के िनदशा क िस ा DIRECTIVE PRINCIPLE OF STATE POLICY (DPSP)

सं िवधान के िनमाण हे तु िविभ सिमितयों का गठन िकया गया था। मौिलक अिधकारों की सू ची के
अिधिनयमन हे तु मौिलक अिधकार उपसिमित का गठन िकया गया था। जे बी कृपलानी इस सिमित के अ थे ।
इस सिमित ने मौिलक अिधकारों से सं बंिधत ापक तथा िव ृ त द ावे ज़ ु त िकए। सं िवधान सभा के
सलाहकार बीएन राऊ ने मौिलक अिधकारों को दो भागों म िवभ करने का सु झाव िदया िजसम पहला भाग
ायोिचत/ ायसं गत [justifiable] अिधकारों का है तथा दू सरे को डीपीएसपी के तौर पर वग कृत िकया गया है ।
चूँिक मौिलक अिधकार रा के िव उपल ह अतः सरकार को मौिलक अिधकारों को भावी बनाने हे तु
िव ृ त िव ीय सं साधनों की आव कता होती जो त ता के तुरंत बाद उपल नही ं थे । अतः कुछ मौिलक
अिधकारों को संिवधान के चौथे भाग म थान िदया गया िज डीपीएसपी की सं ा दी गई है । यह मौिलक
अिधकारों का िव ार है ।
डीपीएसपी भारत सरकार अिधिनयम 1935 [Government of India Act-1935] के अनु देश प
[instrument of instructions] से िलए गए ह। यह आं िशक प से आयरलड के सं िवधान से भी े रत ह।
आय रश सं िवधान ने े िनश सं िवधान से डीपीएसपी की ेरणा ा की है ।
डीपीएसपी की िवशे षताएँ
शासन के मू ल िस ा Fundamentals of Governance- सं िवधान के अनु े द 37 म कहा गया है िक
डीपीएसपी िकसी ायालय ारा वतनीय [enforceable] नही ं होंगे, िक ु िफर भी इनम अिधकिथत दे श दे श
के शासन म मूलभू त ह और िविध िनमाण करने के दौरान इन त ों को भावी बनाना रा का कत होगा। अतः
डीपीएसपी को रा के िव नही ं माना जाता। हालाँ िक, डीपीएसपी का भावीकरण रा की इ ा पर िनभर
करता है ।
A. लोक िहतकारी रा Welfare State: - डीपीएसपी संिवधान का एकमा भाग है िजसम अनु े द 38 के
अंतगत लोक िहतकारी रा का उ ेख िकया गया है । रा सामािजक, आिथक तथा राजनै ितक ाया पर
आधा रत सामािजक व था को ो ािहत करे गा। रा आमदनी म असमानता को ू न करने का यास
करे गा तथा ित ा, सुिवधाओं एवं अवसरों म असमानताओं के शमन हे तु भी त र रहे गा।
B. समाजवादी रा का आधार Basis of Socialist State: भारतीय सं िवधान उदार लोकत की िवशे षताओं
को समाजवादी िस ां तों के साथ स ि त करता है । हालाँ िक, “समाजवाद” श ावना म 42व
सं वैधािनक सं शोधन के ारा वष 1976 म जोड़ा गया है । िक ु चौथे भाग म डीपीएसपी के मा म से
समाजवाद के आदश को पू व म ही थान दे िदया गया है ।
अनु े द 39(b) कहता है िक समुदाय के भौितक सं साधनों का ािम एवं िनयं ण इस कार िवत रत िकया
जाएगा िजससे सवसाधारण के िहत को ो ाहन िमले। अनु े द 39 (c) के अनु सार आिथक व था इस
कार सं चािलत की जाएगी िजससे धन एवं उ ादन के साधनों का सवसाधारण हे तु अिहतकारी सं क ीकरण
न हो।

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त ता के बाद भारत ने िमि त आिथक व था अपनाई है । सरकार के ारा सावजिनक े की
उ े खनीय उपल यों [Commanding heights of public sector] को और भी सश िकया गया।
भारत ने वष 1991 म िनजीकरण के आिथक मॉडल को अपनाया। भारतीय अथ व था अब समाजवादी नही ं
रही है । अथ व था की काय मता को दे खते ए दीघकाल म बाज़ार अथ व था के मॉडल को ही
ाथिमकता दी जा रही है । सश अथ व था के अभाव म सामािजक ाय के आदश की ा सं भव नही ं
है । अतः बाज़ार अथ व था डीपीएसपी के अं तगत िनधा रत ल ों के हनन नही ं अिपतु यह इन ल ों की
ितपू ित का मा म है । चीन ने भी बाज़ार अथ व था तथा समाजवाद के सं े षण का यास िकया है ।
बाज़ार बेहतर उ ादन को ो ािहत करता है जबिक समाजवाद मा ायपू ण िवतरण पर के त है ।
C. सामािजक-आिथक अिधकार Social Economic Rights – डीपीएसपी समूहों के अिधकार सु िनि त करता
है । अनु े द 41 के अं तगत काम करने के अिधकार तथा िश ा के अिधकार का ावधान िकया गया है ।
बेरोज़गारी, वृ ाव था, िवकलां गता अथवा रोग इ ािद अ अनह अभाव [undeserved want] की
प र थितयों म रा ारा सहयोग का ावधान भी िकया गया है । अनु े द 45 के अं तगत, रा छह वष तक
के सभी ब ों हे तु ार क बा ाव था दे खरे ख और िश ा का उपबंध करने का यास करे गा। रा समाज
के कमजोर वग के शै िणक तथा आिथक िहतों को ो ािहत करे गा। यह ावधान अनु सूिचत जाित तथा
अनु सूिचत जनजाित समुदायों के सद ों को सामािजक अ ाय तथा शोषण के सभी पों से सं रि त करने
हे तु िकया गया है ।
D. गाँ धीवादी िस ा : डीपीएसपी उदारवादी िस ां तों के आदश का प रल ण करते ह। अनु े द 44 के
अंतगत समान नाग रक सं िहता का ावधान िकया गया है । अनु े द 50 के तहत रा ायपािलका को
कायपािलका से पृ थक करने हे तु यासरत रहे गा।
इसके अित र डीपीएसपी म गाँ धीवादी आदश को भी थान िदया गया है । अनु े द 47 के अनु सार, रा
नाग रकों के पोषण तथा जीवन र म वृ करने हे तु यासरत रहे गा। लोक ा म बेहतरी करना रा का
ाथिमक कत होगा। रा िवशेषकर मादक पेय पदाथ और ा के िलए हािनकारक औषिधयों [drugs]
के, औषधीय योजनों से िभ , उपभोग को ितबंिधत करने का यास करे गा। रा कृिष और पशु पालन को
वै ािनक णािलयों से सं गिठत करने का यास करे गा और िविश तया, गायों, बछड़ों तथा अ दु धा एवं वाहक
पशु ओं की न ों के प रर ण और सु धार के िलए कदम उठाएगा।
अनु े द 40 कहता है िक रा ाम पं चायत के सं गठन हे तु कदम उठाएगा और उ ऐसी श एवं ािधकार से
स करे गा जै सी उनके -शासन ईकाई के प म िवकिसत होने हे तु स म करने के िलए आव क होगी।
E. अं तरा ीय शां ित:- डीपीएसपी के अनु े द 51 के अनुसार रा -
i. अं तरा ीय शां ित एवं सु र ा म अिभवृ करने का
ii. रा ों के बीच ायसं गत एवं स ानपू ण सं बंध बनाए रखने का
iii. सं गिठत यों के एक दू सरे के साथ वहार म अं तरा ीय िविध और सं िध कत ों के ित आदर
बढ़ाने का
iv. अं तरा ीय िववादों के म थता ारा िन ारण को ो ािहत करने का
यास करे गा।

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अ वतनीय तथा गै र- ायोिचत Non-enforceable-Non Justiciable
सं िवधान के तृ तीय भाग म उ खत मौिलक अिधकारों की तु लना म डीपीएसपी ायालय ारा वतनीय नहीं
होंगे। अनु े द 37 कहता है िक इ वतनीय बनाना रा का कत होगा। डीपीएसपी के वतन हे तु कोई भी
सव ायालय म नही ं जा सकता। रा के ारा िनिमत िकए गए िकसी भी कानू न को डीपीएसपी के उ ं घन
के आधार पर सव ायालय म चु नौती नही ं दी जा सकती। आलोचकों का कहना है िक डीपीएसपी बक के उस
चेक की भाँ ित ह जो स म होने पर दे य होगा।
डीपीएसपी की गैर- वतनीयता के कारण, संिवधान सभा के कई सद ों ने इसकी आलोचना की। टीटी
कृ मचारी ने कहा था िक डीपीएसपी यथाथ म भावनाओं का कूड़ादान है । एचएन कुंज ने िनदशा क िस ां तों
को थ करार िदया। इवोर जे ि ं जैसे अ यनकताओं ने कहा है िक यह एक पिव मह ाकां ा है ।
िनदशा क िस ा फैिबयन समाजवाद की ओर सं केत करते ह।
वही ं दू सरी ओर, सं िवधान सभा के कई सद ों ने िनदशा क िस ा ों का बचाव भी िकया। पि कर ने कहा है
िक यह आिथक े म समाजवाद का ितिनिध करते ह। अं बेडकर के अनु सार यह आिथक लोकत के तीक
ह। Granville Austin ने कहा था िक, “रा के इन सकारा क कत ों का गठन करके, सं िवधान सभा के
सद ों ने गत त ता तथा सावजिनक िहत के बीच, कुछ की सं पि तथा िवशे षािधकारों के सं र ण तथा
सावजिनक िहत म समान योगदान करने हे तु सभी की मताओं को बंधनमु करने के उ े से अने कों पर लाभ
दान करने के बीच, म माग की खोज करने को भावी सरकारों का उ रदािय बना िदया।“
डीपीएसपी की वतनीयता Enforcement of D.P.S.P.

सं िवधान के अनु े द 37 के अं तगत, डीपीएसपी ायालय के ारा वतनीय नही ं ह। यह भारत की भावी सरकारों
की चे तना के र क ह। िक ु डीडी बसु का कहना है िक अनु े द 365 के अं तगत डीपीएसपी वतनीय ह। यह
कहता है िक जब रा सं घ सरकार के िनदशों का अनु पालन करने म असफल रह तो इसका अथ यह होगा िक
रा सरकार सं वैधािनक तं के अनु सार संचािलत नही ं हो रही है । ावहा रक प से , अनु े द 365 के अं तगत
सं घ सरकार के िनदशों के उ ं घन को आधार बना कर कभी भी अनु े द 356 को लागू नही ं िकया गया है ।

डीपीएसपी का भावीकरण Implementation of D.P.S.P.


अं बेडकर ने डीपीएसपी के मह का अथपूण बचाव िकया था और कहा था िक लोकत म नाग रकों की इ ा
ायालय से अिधक मह पू ण है । कोई भी चु नी ई सरकार चु नाव म पराजय का सामना नही ं करना चाहती अतः
वह कभी भी डीपीएसपी को अनदे खा नही ं करे गी। डीपीएसपी को भाव म लाने हे तु ही थम सं वैधािनक सं शोधन
लाया गया था। सं िवधान के तृतीय भाग से सं पि के मौिलक अिधकार को हटा िदया गया। इ रा गाँ धी ने
डीपीएसपी पर अ िधक ान के त करते ए इनके िविभ त ों को 42व सं वैधािनक सं शोधन म स िलत
करके भारत म समाजवाद को सश करने का यास िकया-
1. अनु े द 39 (A)- रा समानतापू ण ाय तथा मु कानू नी सहायता को ो ािहत करे गा। सं सद ने रा ीय
िविधक से वा ािधकरण अिधिनयम-1987 [national legal services authority Act-1987 (NALSA)] को
अिधिनयिमत िकया है । भारत म लोक अदालतों का गठन नालसा की ही दे न है ।
2. अनु े द 43(A)- उ ोगों म बंधन म कमचा रयों/ िमकों के सहभाग की अनु मित दान करता है ।

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3. अनु े द 48(A) के अं तगत रा पयावरण की र ा और सु धार करने तथा दे श के वनों एवं व जीवों के
संर ण का यास करे गा। इस अनु े द के अं तगत ही वष 1985 म पयावरण, वन तथा जलवायु प रवतन
मं ालय का गठन िकया गया था। िविभ रा सरकारों ने गोवंश के वध पर ितबंध लगा िदया है तथा इसे
एक दं डनीय अपराध करार दे िदया है । िबहार सरकार ने डीपीएसपी को भावी करने हे तु मादक पदाथ के
उ ादन तथा य पर ितबंध लगा िदया है । डीपीएसपी म िनिहत पं चायती राज के ि कोण को 73व
संवैधािनक सं शोधन के ारा यथाथ बनाने का यास िकया गया है । अतः डीपीएसपी मा भावनाओं का
कूड़े दान नहीं ह। सरकार सामािजक ाय तथा लोकिहत को ान म रखते ए कई योजनाओं का संचालन
कर रही है । उदाहरण- नरे गा, उ ला, धानमं ी आवास योजना, आयु ान भारत योजना। अतः नाग रकों
हे तु डीपीएसपी का मह मौिलक अिधकारों से अिधक है ।
उदारीकरण के यु ग म डीपीएसपी का मह Importance of D.P.S.P. in Age of Liberalization
डीपीएसपी लोकिहतकारी रा की संक ना पर के त ह अतः रा िश ा तथा िनशु ा सु िवधाओं
जै सी सामािजक व ु ओं का िवतरण करे गा। िक ु बाज़ार अथ व था के वतमान काल म, िश ा े भी िनजीकृत
हो चुका है । डीपीएसपी को भाव म लाने के माग म यह एक मुख चु नौती है ।
डीपीएसपी उ ादन के साधनों के सामुदाियक ािम का उ े ख करता है । अनु े द 39(b) तथा (c) के अं तगत
कुछ यों के हाथों म सं पि के संकि करण से ितरोध करने का उ े ख िकया गया है । हालाँ िक, िनजीकरण
के दौर म कुछ यों की सं पि म वृ होना तय है । िदन पर िदन, स तथा िवप वग के म अं तर बढ़ता
जा रहा है । सरकार ावसाियक े म अिधक िच दिशत कर रही है अतः वह भू िम अिध हण क़ानू नों म सु धार
की ओर अ सर है । डीपीएसपी बंधन म िमकों की सहभािगता सु िनि त करने का उ े ख भी करते ह। अतः ,
सरकार को िमकों हे तु बेहतर काय-प र थितयाँ सु िनि त करनी चािहए। हालाँ िक, यह तीत होता है िक
डीपीएसपी के अं तगत उ खत उ े उदारीकरण की तु लान म िवरोधाभासी ह।
अथ व था के सश करण हे तु बाज़ार अथ व था का गठन पहला कदम है । लोकिहतकारी रा सामािजक
व ु ओं के िवतरण पर ान के त करता है । हालाँ िक, सश अथ व था की अनु प थित म, िवतरण का कोई
अथ नही ं रह जाता। समाजवादी अथ व था भी दोषमु नही ं है ।
मौिलक अिधकारों तथा डीपीएसपी के म सं बंध
A. सामं ज : अनु े द 32 के अंतगत मौिलक अिधकार ायालय ारा वतनीय ह। अतः सव ायालय
इनका सं र ण करने हे तु बा है । सव ायालय म चं पकम दोराई राजन मामला (1951) मौिलक
अिधकारों तथा डीपीएसपी के म िववाद से सं बंिधत पहला मु कदमा था। सव ायालय ने मेिडकल
कॉलेज म आर ण से सं बंिधत म ास सरकार ारा िनिमत अिधिनयम को र कर िदया। ने ह सरकार ने
थम सं वैधािनक सं शोधन पा रत िकया। इसने डीपीएसपी के अिधिनयमन को पु नः जीवं त िकया और सव
ायालय के िनणय को ू न कर िदया।
B. मौिलक अिधकारों की सव ता- वष 1967 म सव ायालय ने कहा था िक मौिलक अिधकार सव प र
तथा पिव ह। सं सद भी इनका सं शोधन नही ं कर सकती। सव ायालय ने यह िनणय ऐितहािसक
गोलकनाथ बनाम पं जाब रा मामले म िदया। अतः सरकार गोलक नाथ मामले के िनणय के कारण
डीपीएसपी को भाव म लाने म अ म रही।
C. डीपीएसपी की ाथिमकता- इ रा गाँ धी सरकार सव ायालय के िनणय को ू न करने हे तु अ सर
थी। सं सद ने 25वाँ सं वैधािनक सं शोधन पा रत िकया। सं वैधािनक इितहास म यह पहला अवसर था जब

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डीपीएसपी को मौिलक अिधकारों पर ाथिमकता दान की गई। मौिलक अिधकारों के अनु े द 14, 19 तथा
31 की तु लना म डीपीएसपी के अनु े द 39(b) तथा (c) को े थान दान िकया गया। इन अनु े दों के
अिधिनयमन हे तु मौिलक अिधकारों का हनन िकया जा सकता है । 42व सं वैधािनक सं शोधन के ारा,
डीपीएसपी को और भी सश कर िदया गया। इसके अंतगत यह ावधान िकया गया िक स ू ण डीपीएसपी
मौिलक अिधकारों से अिधक े ह।
D. सामं ज पू ण िनमाण Harmonious Construction- ऐितहािसक िमनवा िम मामले(1980) म सव
ायालय ने िववाद का िन ारण िकया। ायालय ने कहा था िक नाग रकों के िहत के नाम पर मौिलक
अिधकारों को अनदे खा नहीं िकया जा सकता। ावना त ता तथा समानता के म सं तुलन थािपत
करती है । सव ायालय के अनुसार मा अनु े द 39 (b) तथा (c) ही अनु े द 14, 19 तथा 31 से अिधक
मह पू ण ह। िकंतु अ मौिलक अिधकारों तथा डीपीएसपी के म सं बंध सामंज पू ण होने चािहए। अतः यह
दोनों सं पूरक ह और कोई भी भाग दू सरे से अिधक मह पू ण नही ं है ।

E. ायपािलका की सि य भूिमका तथा डीपीएसपी- 1980 के दशक म सव ायालय ने जनिहत


यािचका की पहल की। ायालय ने अनु े द 21 के अं तगत द जीवन तथा िनजी त ता के अिधकार का
िव ार िकया। ायालय ने कहा िक जीवन के अिधकार म िनशु तथा अिनवाय िश ा का अिधकार, दू षण
मु पयावरण का अिधकार तथा ू नतम आजीिवका का अिधकार इ ािद अिधकार िनिहत ह।
जीवन के अिधकार की उदार ा ा म डीपीएसपी के मुख त िनिहत ह। अतः डीपीएसपी मौिलक
अिधकारों का िव ार माने जा सकते ह। अतः मौिलक अिधकारों तथा डीपीएसपी के म िववाद अथहीन हो
गए तथा वतमान म वे दोनों एक दू सरे के पू रक ह।
सं िवधान की अ ः चे तना/अ ः करण Conscience of the Constitution

Granville Austin ने कहा है िक भारतीय संिवधान एक कानू नी द ावेज़ नही,ं ब एक सामािजक द ावे ज़ है ।
यह भारत म सामािजक ा लाने हे तु आव क साधन है । भारतीय सं िवधान की सं रचना भारत सरकार
अिधिनयम 1955 से ली गई है । शासन का संसदीय प तथा सं घीय शासन सामािजक ाय के उ े की
ितपू ित हे तु आव क साधन ह। सं िवधान के मौिलक अिधकारों तथा डीपीएसपी से सं बंिधत भाग भारतीय
सं िवधान के उ े ों का उ े ख करते ह। मौिलक अिधकारों ने उदार समाज की नी ंव रखी िजसके अं तगत सभी
यों की ग रमा को समान स ान दान िकया जाएगा। हालाँ िक, िनदशा क िस ा समानतापू ण
सामािजक तथा आिथक प र थितयाँ बरकरार रखने का यास करते ह। यह मौिलक अिधकारों म िनिहत
तं ताओं के उपभोग हे तु आधार के िनमाण हे तु आव क है । मौिलक अिधकार जीवन की त ता का
उ े ख करते ह िजसकी ितपू ित डीपीएसपी म उ खत िश ा तथा ा के अिधकारों के िबना सं भव नही ं
है ।
समान नाग रक सं िहता Uniform Civil Code (UCC)
डीपीएसपी का भावीकरण सं तोषजनक रहा है िक ु समान नाग रक संिहता पर कायवाही अभी शे ष है । नाग रक
सं िहता का अथ है सभी नाग रकों हे तु िववाह, तलाक, तथा गोद लेने की ि याओं हे तु समान क़ानू नों का
अिधिनयमन। हालाँ िक, सभी नाग रकों हे तु आपरािधक कानू न समान ह िक ु नाग रक कानू न समान नही ं है । यह
सभी धािमक पं थों हे तु िभ ह। िह दू िववाह अिधिनयम-1955 िहं दुओ,ं िसखों, जै नों तथा बौ ों पर लागू होता है ।
मु म िनजी कानू न-1937 मु मों पर लागू होता है । इसाइयों तथा पारिसयों हे तु भी िविभ कानू न ह। अनु े द

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37 के अनु सार, समान नाग रक संिहता का वतन रा का कत है । समान नाग रक सं िहता से िन िल खत मु े
जु ड़े ए ह-
A. िविध के सम समानता: शाह बानो मामले (1985) म सव ायालय ने िनणय िदया िक िविध के शासन
को बनाए रखने हे तु समान नाग रक संिहता आव क है । ायालय ने कहा था िक नाग रकों ारा िनिमत
सकारा क कानू न धािमक कानू न से अिधक मह पू ण ह। शरीयत से अिधक मह भारतीय दं ड सं िहता का
है । अतः आपरािधक ि या सं िहता [criminal procedure code (CRPC)] तथा शरीयत के म िववाद
उ होने की थित म सीआरपीसी को ाथिमकता दी जाएगी। सीआरपीसी के तहत, तलाक होने की थित
म मिहलाओं को भ ा पाने का अिधकार है । हालाँ िक, शरीयत तलाक़शु दा मु म मिहलाओं हे तु भ े का
ावधान नही ं करती। ायालय का कहना है िक धािमक िव ासों के परे , सभी मिहलाओं पर समान कानू न
लागू होते ह।
B. पं थिनरपे रा : पं थिनरपे रा भौितक े से सं बंिधत है । अतः रा के सामािजक, आिथक तथा
राजनै ितक मु ों का शासन पं थिनरपे िविध के अंतगत िकया जाएगा। समान नाग रक सं िहता के अभाव म,
े क धािमक पं थ अपनी पर राओं तथा िववाह, तलाक एवं गोद लेने से सं बंधी थाओं का अनुपालन करता
है । धम-आधा रत कानू न तथा पं थिनरपे रा एक दू सरे से िवरोधा क तीत होते ह।
C. नारी सश करण: नारी सश करण रा का उ े है । तलाक होने की थित म े क मिहला को
गुज़ारा भ ा ा करने का अिधकार है । ब िववाह नारी की ग रमा का उ ं घन है । शरीयत के अनु सार
ब िववाह की अनु मित दी गई है । िह दू िववाह अिधिनयम म इसकी अनुमित नही ं है ।
D. धािमक अिधकार: अनु े द 25 के अं तगत, धािमक अिधकार मौिलक अिधकार ह। अतः िववाह, तलाक तथा
गोद लेना धािमक थाओं से संबंिधत ह। आलोचकों के अनुसार, समान नाग रक सं िहता बनाने का यास
तृ तीय भाग के मौिलक अिधकारों का हनन करता है । यह उ ेखनीय है िक धािमक अिधकार असीिमत नही ं
ह। लोक िहत हे तु, मौिलक अिधकारों को सीिमत िकया जा सकता है ।
E. सम पता Uniformity: सं िवधान धािमक समु दायों को िववाह से सं बंिधत अपनी पर राओं के पालन की
अनुमित दान करता है । असम, मेघालय, ि पु रा तथा िमज़ोरम को छठी अनु सूची म थान िदया गया है ।
अनु े द 37 1(A) के अं तगत, नगा जनजाितयों को अपनी िववाह थाओं के अनुपालन की अनु मित दान की
गई है । अतः समान नाग रक सं िहता ब लतापू ण समाज के आदश का हनन है । एकता का अथ सम पता
नही ं है ब एकता का अथ है अनेकता म एकता की ा ।
F. संवैधािनक ावधान Constitutional Provision: चूँिक, डीपीएसपी गैर वतनीय, गै र- ायसं गत तथा गैर-
बा कारी ह अतः इ अिधिनयिमत करना रा का कत है । यहाँ रा का ता य “क ” तथा “रा ”
सरकार दोनों से है । गोवा भारतीय सं घ का एकमा रा है िजसने डीपीएसपी को लागू कर िदया है । वष
2018 म सव ायालय ने रत तीन तलाक के ावधान [तलाक-ए-िब त] को ू न तथा शू घोिषत कर
िदया [सायरा बानो मामला]। यह स है िक सव ायालय समान नाग रक सं िहता के प म है िक ु
राजनै ितक तौर पर एक िववािदत िवषय है ।
िन ष
सामािजक सु धार तथा मिहला सश करण हे तु समान नाग रक सं िहता आव क है । वतमान म यह वोट बक की
राजनीित का मु ा बन चु का है ।

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मौिलक अिधकारों तथा डीपीएसपी के म तुलना
1. अनु े द 32 एक अं तगत मौिलक अिधकार ायसंगत ह िक ु अनु े द 37 के अं तगत डीपीएसपी ायसं गत
नही ं ह। सव ायालय मौिलक अिधकारों के अिधिनयमन हे तु िविभ रट जारी कर सकता है । िक ु यह
रट डीपीएसपी पर लागू नहीं होती ं।
2. मौिलक अिधकार अिभ की त ता, अ ः करण की त ता तथा जीवन के अिधकार जै से नाग रक
अिधकार ह। वही ं दू सरी ओर, डीपीएसपी सामािजक तथा आिथक अिधकारों को स िलत करते ह।
उदाहरण-िश ा का अिधकार, काम करने का अिधकार तथा कामगारों के अिधकार।
3. मौिलक अिधकार रा की गितिविधयों को सीिमत करते ह अतः यह नकारा क ह। रा को अतािकक
आधारों पर नाग रकों की त ता को सीिमत करने का अिधकार नही ं है । डीपीएसपी रा को कुछ करने
का िनदश दे ते ह। अतः डीपीएसपी की कृित सकारा क है ।
4. रा ीय आपातकाल के दौरान मौिलक अिधकार थिगत िकए जा सकते ह िक ु डीपीएसपी तब तक थिगत
नही ं िकए जा सकते जब तक उ अिधिनयिमत नही ं कर िदया जाता।
5. मौिलक अिधकारों के अं तगत, “रा ” क सरकार, रा सरकार तथा थानीय सरकार की ओर सं केत करता
है । डीपीएसपी लोकिहतकारी रा की अवधारणा के प रचायक ह।
6. मौिलक अिधकार आं िशक प से उदार-लोकता क िवचारधारा की ओर सं केत करते ह िक ु डीपीएसपी
उदारवादी, समाजवादी तथा गाँ धीवादी िवचारधारा के सं े षण की ओर सं केत करते ह।
िन ष-
उ खत तकनीकी अंतरों के अलावा, मौिलक अिधकार तथा डीपीएसपी एक दू सरे के सं पूरक ह। रा के पास
िव ीय तथा शासिनक सं साधनों के अभाव के कारण, डीपीएसपी को तृ तीय भाग से बाहर रखा गया है ।

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