Project for Child Care PDF

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सारांश :- खे ल वह ि या है, िजसम आ द, त ता आ ेरणा तीनो गुण िमलते हो, अ ेषण के िलए हँसने व आ द उठाने के िलए

समय जगह अवसर और अकेले था दो ो के साथ खेलना ज री है। इसिलए खे ल को ो ािहत करना आव क है। िजससे सभी ब ो
के िवकास िश ा और कर क ाण म सहयोग कर सकते ह। खेल के मा म से ब ों के शरी रक कौशल को िवकिसत करने एवं थ
रहने म सहायता िमलती है । खेल ब ो को ान बढाने म, िनणय ले ने म एवं मानिसक कौशल िवकिसत करने म सहायता करता है। खेल
के मा म से ब ों म भाषा व संचार कौशल को िवकिसत करने म सहायता िमलती है। खेल ब ो म रचना क को ो ािहत करता है।
एवं खे ल के मा म से िमलने वाली चुनौती ब ो के सवागीण िवकास म सहायक होती है।इसम ब ों म आ िव ास पैदा होता है , और
ब े े रत होते ह। ब ों के िलए खेल ाकृितक, सहज, आनं ददायक एवं लाभ द ह।खे ल के ारा ब ो के िलए खेल ाकृितक,
सहज िश ा दी जा सकती है । ब े खेल-2 काफी कुछ सीख लेते ह। खेल के ारा ब े की मां सपेिशयो का ायाम होता है। म
होता है । और साथ रहना के मा म वह काफी खे ल के का ारा ायाम का िवकास अ ब ो के सीखता है। ब े खेल से अपनी
बातचीत कालमा म अपनी बारी का इं तजार और धैय आिद िवकास होता का रा ीय र पर दे खभाल उपदे है कृ िक मा म
ार क बा ाव था िश ा काय मों का खे लकूद सीखे | ब े करके से खुद के इस प ित आव कताओं िचयो, सुमताओं और
सिम त सामािजक 'को िकया जाता ह।

ब ों के संपूण िवकास ि या िविध खोज अवधारणा तथा अ ेषण के िलए खेलों की आधारभूत सुिवधाएं अिनवाय प से ावधान
सुिनि त करना चािहए िजसके फल प ब ों का सवागीण िवकास हो सकता है पूव िश ा का उ े िविभ आयामों के तहत ब ों
के सवागीण िवकास के िलए खेल-खेल म जानकारी दान करना है।

ब ों के सीखने की ि या व मानिसक मताएं :- ब ों को िसखाने म वेश मु भूिमका िनभाता है ज से 6 वष तक इसकी


भावशीलता और भी अिधक होती है प रवेश से अिभ ाय उन भौितक सामािजक ाकृितक प र थितयों से है जो ब ों के आसपास
उपल ह जहां बालक पलटा बढ़ता इस वेश का अनुकरण कर सकता है सीखना ब े और उसके सामािजक सां ृ ितक एवं भौितक
वातावरण के बीच पार रक ि या के प रणाम प होता है।

3 से 6 आयु वग के ब ों के िलए काय म और योजना बनाने की िविधयां :- ब ों को खेल-खेल म सीखने के िलए आमतौर पर दो तरह
की काय योजना बनाई जाती है िवषय आधा रत और िवकास े आधा रत।

िवषय आधा रत ( थीम बे ड ):- खेल योजना बनाते समय िकसी एक ही िवषय पर आधा रत गितिविधयों को कि त कर एक िनि त
अविध के िलए काय योजना बनाई जाती है। इसके पीछे अवधारणा यह है िक िकसी बात को समझने के िलए िदमाग को बार-बार दोहराव
की आव कता होती है या दोहराव अलग-अलग तरीके से िकए जाने से ब ों को बो रयत नही ं होती तथा िवषय की समझ अ े से
िवकिसत हो जाती है ।

िवकास े आधा रत :- यह काय योजना बनाते समय सं ाना क िवकास भाषा िवकास सामािजक एवं संवेगा क िवकास के िलए
अलग-अलग काय योजना बनाई जाती है।

सीखने के िलए सुरि त सृजना क एवं उपयु वातावरण का िनमाण:- क का भौितक वातावरण और सजावट ब ों को सीखने
के िलए सहज ही अपनी और आकिषत करता है छोटी आयु म ब े ेक व ुओं से सीधे संबंध से आसानी से सीखते ह ब े बड़ों को
अनु करण कर व ु ओं के साथ िफर बदल कर छानबीन कर योग कर ान हािसल करते ह।

आं त रक ( भीतरी ) वातावरण:- भीतरी वातावरण छोटे ब ों की िचयां व िवकासा क आव कताओं के अनु प होना चािहए।

बाहरी वातावरण:- ब ों की मां सपेिशयों के िवकास के िलए मु प से खेल को भाग दौड़ उतारना चढ़ना उछालना आिद शारी रक
गितिविधयां मह पूण होती ह इसके िलए खुली जगह की आव कता होती है इसिलए आईसीसी केदो पर बाहर का थान खु ला होना
अ ंत आव क है ेक िदन म एक िवशेष समय अंतराल बाहरी खे लोवा गितिविधयों के िलए िनधा रत िकया जाना चािहए।

ब ों के िलए खेलों के कार:- तं खेल: इसम ब े िबना िकसी िवशेष िनदश के अपने आप खेलते ह ब ों को बाय खेलों म तं
प से खे लने का पया अवसर िमलना आव क है िजससे वह एक दू सरे से वातालाप आ दो ी कर सक।
मु व संरचना क खेल:- जब ब ा िम ी के साथ िकसी वय के ह ेप और िनदशन के िबना ही खेल रहा हो तब इसे मु खेल
कहते ह।

परी णा क खेल:- खे लों म जै से िक इनम नाम से है ब े चीजों को उलटते पलटते वह तोड़ते फोड़ते दे खे जाते ह इस तरह म
व ु ओं का परी ण करते ह।

िवधानक खेल:- व ु ओं से खेलने ब ा रचना क खे ल खेलते ह और कुछ नया बनाता है।

बौ क खेल:- इन खे लों म, ब े श िनमाण व पहे िलयां हल करते ह।

िनदिशत खेल:- इसम ब ों को कुछ िनदशों के अनुसार खे लने को कहा जाता है यानी की िवशेष िनदश के साथ खेलना।

ि या क खेल:- इसम ब े ानि य का योग कर व ु ओं को खोजते ए योग करके सीखते ह इससे कहां कैसे की िज ासा शां त
होती है िजसे ि या क खे ल कहते ह।

रचना क खेल:-इसम ब े िविभ व ुओं का उपयोग कर सकते ह योजना आ क ढं ग से व ु को एक साथ रखते ह।

सृजना क खेल:-इसम क ना सोच एवं िनणय के साथ साम ी का योग करते ए कुछ रचना करना।

िनयमब खेल:- सामूिहक खे ल ब ों को अपने वहार िनयंि त करना िनयमों को पालन करना अपनी बारी का इं तजार करना पूव
िनधा रत िनयमों का पालन सीखते ह भावुक या हार जीत न होकर आनं द की ा है।

गितशील खेल:-िकन खेलों म ब े दौड़ना छु पाना उछलना कूदना आिद िविभ अंगों से गित के साथ खेलते ह।

वै य क एवं सामूिहक खेल:- जब ब े यं और अकेले खेलते ह तो यह वैय क खेल कहलाता है और जब यह दो या दो से अिधक


ब ों के साथ खे लते ह वह सामूिहक खे ल कहलाता है।

बा ाव था म खेल के िवकास:-बचपन के शु आती िवकास म खेल के मह का उपयोग अ र ब ों के सीखने और िवकास के


पहलु ओं को ो ािहत करने के िलए िकया जाता है जबिक वह मजे कर रहे होते ह यह एक ब त ही सामािजक गितिविध हो सकती है या
अकेले की जा सकती है आप ब त शारी रक प से सि य खेल म भाग ले सकते ह जै से टै ग खेलते ए इधर-उधर दौड़ना।

बा ाव था म खेल की भूिमका:- खे ल के मा म से िमलने वाली चुनौती ब ों के सवागीण िवकास म सहायक होती है खे ल-खेल म
िश ा बोझ रिहत व मनोरं जन दायक होता है इसम ब ों म आ िव ास पैदा होता है और ब े थ े रत होते ह ब ों के िलए खे ल
ाकृितक सहज आं नदायक एवं लाभ द होता है खेल के ारा ब ों को भावी ढं ग से िश ा दी जा सकती है।

बा ाव था का मह :-जब शै शवाव था होती है तो बालक का शरीर एवं मन दोनों ही अिभषेक होते ह जैसे ही वह बा ाव था म वेश
करता है इसका पया तथा सवागीण िवकास होता है वह वातावरण से सामान जैसे बैठा लेता है बा ाव था म ही बालक सबसे ादा
सीखना है इसिलए बा ाव था ही भावी जीवन की आधारिशला है।

बा ाव था का िन ष:-बा ाव था स ूण जीवन की िदशा तय करती है या ब ों के िवकास का मह पूण अव था होती है


बा ाव था म िजस ब ों को पौि क आहार िदया जाता है उसका िवकास तेज गित से होता है और िजन ब ों को पौि क आहार
उपल नही ं होती है उनका शारी रक और मानिसक िवकास अव हो जाता है।

बा ाव था का काल:- मानव को यं संिध योनाव था के ारं भ होने तक ब ा ही समझा जाता है अथात औसत ब ा ज से 13 वष
तक की आयु अविध का होता है अतः बा ाव था ही आयु है जो ज से योन आरं भ तक होती है।

बा ाव था म कौन-कौन रोग होते ह:

 ब ों की बीमा रयां
 ब ों की बीमा रयों की एक सूची
 बचपन म होने वाला िनमोिनया
 ब ों म द
 द का इलाज
 बालक म दमा
 बचपन म होने वाला तपे िदक
 खरे जै सी अ बीमा रयां

संपूण बाल िवकास की परे खा: ब ों के सामािजक भावना क शारी रक भाषाई कौशलों बौ क सृजना क अिभ सौंदय
अनु भूित एवं खे ल गितिविधयों के िवकास से ारं िभक बा ाव था म िश ा का गुणा क उ यन हो पाएगा। खेल ब ों के िवकास के िलए
मू लभू त आव कता है ब े खे ल-खे ल म काफी कुछ सीख लेते ह इसके तहत खेल-खेल म ािणयों की चलो का चलकर और भारी या
ह ी आवाज को िनकाल कर िभ -िभ कार की ि याएं ब ों से कारण खेल ब ों की शारी रक आव कताओं की पूित करते ह
उसे जीवन की भावी मह पूण ि यो के िलए तैयार करते ह इस तरह आने वाले समय म ब ों म िनि त ही आ िव ास का संचार होगा
और वह भावना क िनयं ण व संतुलन कायम कर सकगे सं ेप म मानव िशशु इस धरती पर सबसे ती गित से सीखने वाला ाणी है
ब े जीवन के ारं िभक वष सवािधक मह पूण ह ोंिक इसी अवध म गितशीलता संवेदना सं ाना क भाषण सामािजक और
के िवकास की नी ंव रखी जाती है साल पूव िश ा म ब ों के िनमाण और ब मु खी िवकास कोई बुिनयादी तौर पर
ल माना जाता है इस तरह ब ों को थ व सकारा क माहौल म खेल-खेल म िसखाया पढ़ाया जा सकता है शाला ारं िभक
बा ाव था िश ा ब ों के िवकास के िलए है इसिलए उ क म रखकर खेलों के मा म से आधारभूत पा चया पा म और ान
की पूित करनी चािहए।

खेल-खेल म शाला पूव िश ा की गितिविधयां:

बड़े समू ह की गितिविधयां : गीत किवता कहानी नाटक वातालाप समू ह खेल ौहार ज िदन मह पूण िदवस आिद।

तं खेल: ब ों े ा से जो खेलना चाहे खे ल सकते ह।

छोटे समूह की गितिविधयां : पहचान, िमलाना, जताना, वग करण, बां टना, म से लगाना नाटक, बागवानी, िब ंग ॉक से खेलने ।

भाषा व सा रता पू व कौशल: दौड़ना संतुलन बनाना कूदना र ी पर चलना तैरना पौधारोपण बागवानी साइकिलंग ाकृितक मण
े ीय मण

रचना क गितिविधयां: संगीत लय और ताल के साथ नृ नाटक कोलाज काय िम ी के खलौने जानवरों और बगीचे की दे खभाल
आिद।

संदभ ं थ सूची:

 एनसीटीई 2009 नेशनल क रकुलम े मवक फॉर टीचर एजु केशन टु वड् स ि पेय रं ग ोफेशनल एं ड ह्यूमन टीचर 2009
ने शनल काउं िसल फॉर टीचर एजु केशनल ओ रएं ट नई िद ी।
 रं गनाथन और 2000 द ाइमरी ू ल चाइ डे वलपमट एं ड एजु केशन ओ रएं ट लोगमै न ू िद ी।
 ामीनाथन एम 1987 ब ों के िलए खेल ि याएं यूिनसेफ नई िद ी।

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