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1713896227
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पररचय
• पिु जातगरण के जन्मदाता इिली का पवू ी देशों के साथ व्यापार में एकाविकार था, वजसे
यरू ोप के कई देश तोड़िा चाहते थे।
• इसी क्रम में अिलावं िक ति पर बसे देशों िे अफ्ीका के रास्ते पवू त की ओर
वैकवपपक मागत की तलाश शरू ु कर दी।
• 1453 में, तक ु ों िे कॉन्स्िेंवििोपल पर कब्जा कर वलया और भारत और यरू ोप के बीच
व्यापार मागों को अवरुद्ध कर वदया।
• इसी क्रम में स्पेि की रािी इसाबेला और पतु तगाल के राजा हेिरी (िाववक) िे
समद्रु ी यात्राओ ं को प्रोत्सावहत वकया।
APNI PATHSHALA by Ankit Avasthi Sir 3 “एक कदम उज्जवल भववष्य की ओर”
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पतु तगाली
• 1487 ई. में बािोलोमू डायस िामक िाववक अफ़्रीका के दविणी वसरे पर पहचुँ ा, वजसे
'के प ऑफ़ गडु होप' के िाम से जािा जाता है।
• 1498 में वास्को-वड-गामा के रल के कालीकि पहचं ा। इस समय शासक जमोररि था।
• अब्दल ु मावजद गजु राती की सहायता से वास्को डी गामा भारत आये।
• उन्होंिे के रल से जो मसाले खरीदे, वे यरू ोप में 60 गिु ा अविक कीमत पर बेचे गए।
• पेड्रो अपवारे स कै िाल भारत आिे वाले दसू रे पतु तगाली थे (1505 ई.) प्रथम कारखािा-
1503 ई.।
• 1505 में, फ्ावं सस-डी अपमेडा भारत में पहले पतु तगाली गवितर थे।
• 1505 में दसू रे पतु तगाली गवितर अफोंसो डी अपबक ु कत भारत आए।
• उन्हें पतु तगाली साम्राज्य का वास्तववक सस्ं थापक मािा जाता है। उसिे बीजापरु के
शासक यसू फ ु आवदलशाह से (कृष्णदेवराय की सहायता से) गोवा जीता।
APNI PATHSHALA by Ankit Avasthi Sir 4 “एक कदम उज्जवल भववष्य की ओर”
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