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सेमेस्टि - 4 1

हिन्दी-क : व्याविाहिक हििंदी

ववषय-सूची

इकाई I व्यावहारिक हहिं दी

पाठ 1: व्यावहारिक हहिं दी

इकाई II सिंपकक भाषा के रूप में हहिं दी के हवहवध रूप

पाठ 2: साववजहिक स्थािोिं पि हहिं दी का प्रयोग औि अिुभव-लेखि

पाठ 3: बैंकोिं औि कायाव लयोिं में प्रचहलत पारिभाहिक शब्दावली

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प्रश्न 1 - बैंहकिंग क्षेत्र में हहिंदी के प्रयोग किने में उत्पन्न प्रमुख रुकावटें कौन-कौन सी है ? इनके समाधान

के महत्वपूर्क उपाय हिखे।

उत्ति - परिचय

आधुहिक परिवेश में बैंहकिंग क्षेत्र के हवहभन्न कायव िाजभािा हहिंदी के माध्यम से हकए जा िहे
है, हजसमें हहिंदी की बैंहकिंग शब्दावली का प्रयोग हकया जाता है, वतवमाि में हहिंदी के

प्रयोग के हलए हहिंदी अहधकािी, अिुवादक, हहिंदी लेखक तथा हहिंदी टायहपिंग कििे
वाले भी उपलब्ध होते है, हिि भी बैंकोिं में प्रयोग होिे वाली हहिंदी सिल िहीिं होती

है, हजसके कािण इसके प्रयोग में असुहवधा उत्पन्न होती है, िाजभािा होिे के बावजूद हहिंदी के उपयोग में
कई सीमाएिं औि रुकावटें हदखाई पड़ती है।

बैंहकिंग हहिंदी : "बैंहकिंग हहिंदी" का अथव है बैंहकिंग क्षेत्र में हहिंदी भािा का प्रयोग। यह व्यावसाहयक सिंदभों में
हहिंदी की उपयोहगता औि महत्व को सिंदहभव त किता है , जैसे हक बैंक कायावलयोिं, शाखाओिं, औि बैंक सेवाओिं

में हहिंदी भािा का उपयोग।

बैंकोिं में हहिंदी के प्रयोग में रुकावटें

1. भाषा के शब्ोिं की जहटिता : बैंहकिंग क्षेत्र में हहिंदी की शब्दावली में कई कहठि शब्द होते है, हजिके
प्रयोग कििे में कभी-कभी कमवचारियोिं तथा ग्राहकोिं को उच्चािण कििे में समस्या का सामिा कििा पड़ता

है।

2. तकनीकी खिाबी : बैंहकिंग क्षेत्र में हहिं दी के प्रयोग के हलए उपयोग लािे वाले तकिीकी उपकिणोिं में
खिाबी के कािण अन्य भािा का हहिं दी रूपािंतिण कििे में समस्या का सामिा कििा पड़ता है।

3. शब्ाविी की कमी : बैंको में काम कििे वाले लोगोिं के पास हहिं दी की शब्दावली की कमी के कािण
अन्य हकसी के साथ हहिंदी भािा के व्यावहारिक सिंप्रेिण में समस्या उत्पन्न होती है।

4. अकुशि कमकचािी : बैंकोिं में कुछ कमवचािी वाहणज्य औि अथवशास्त्र हविय के जािकाि िहीिं होते है,
हजन्हे बैंहकिंग भािा का सिंपकव के हलए उपयोग कििे में कहठिाई का सामिा कििा पड़ता है।

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बैंकोिं में हहिंदी के प्रयोग के प्रयोग में उत्पन्न होने वािी समस्याओिं के हिए समाधान

1. कमकचारियोिं का प्रहशक्षर् : बैंकोिं में काम कििे वाले कमवचारि योिं औि

अहधकारियोिं को लिंबे समय तक गहि जािकािी औि अभ्यास कििे के हलए

प्रहशक्षण दे िे के हलए कायवशालाएिं चलाई जािी चाहहए, हजसमें हहिं दी से सिंबिंहधत


पिीक्षाएिं औि प्रहतयोहगताएिं किवाई जािी चाहहए, हजससे उन्हें बैंक में काम हहिंदी

भािा के प्रयोग का व्यावहारिक अिुभव प्राप्त हो सके। अब हम बैंकोिं के कायों में


हहन्दी भाषा के शब्ोिं का

उपयोग कि सकते है !

2. तकनीकी सुधाि : बैंकोिं को अपिे हसस्टमोिं औि सॉफ़्टवे यि को हहिंदी भािा में

सहयोग कििे के हलए िई तकिीकोिं को जोड़िा चाहहए, तकिी की उपकिणोिं में हहिंदी
भािा के शब्दोिं को जोड़ा जािा चाहहए, हजससे भािाई भािाई सिंपकव को बढ़ावा हमल

सके।

3. हहिंदी पुस्तकािय व्यवस्था : बैंकोिं मे हहिंदी पुस्तकालय की स्थापिा की जािी चाहहए

हजससे वहााँ काम कििे वाले कमवचारियोिं औि अहध कारियोिं की हहिंदी के प्रहत रुहच बढ़े
तथा हहिंदी शब्दावली में हवकास हो सके।
नमस्काि
महोदय !
4. ग्राहकोिं से हहिंदी सिंवाद : बैंकोिं को अपिे ग्राहक सेवा केंद्ोिं में हहिंदी के प्रयोग को

प्रोत्साहहत कििे के हलए सुहिहित कििा चाहहए तथा ग्राहकोिं के साथ हहिंदी भािा के

व्यावहारिक प्रयोग को बढ़ावा दे िा चाहहए।

5. सिंचाि सुहवधाओिं में हवस्ताि : बैंकोिं को हहिंदी में उपलब्ध सिंचाि की सुहवधाओिं का
हवस्ताि कििे के हलए कािव वाई कििी चाहहए तथा ग्रामीण जिता के साथ सिंवाद कििे
के हलए उिकी स्थािीय भािा या हहिंदी का प्रयोग कििा चाहहए।

6. हहिंदी प्रयोग को बढ़ावा : भाित में बैंकोिं के परिवेश में हहिंदी को सिंपकव भािा

के रूप में तीव्र गहतव से बढ़ािे की आवश्यकता है हजससे जिता को सुहवधता

प्राप्त हो सके, एविं बैंहकिंग कायों के हलए हहिंदी की पारिभाहिक शब्दावली का


प्रयोग हकया जािा चाहहए ताहक दे शभि में हहिं दी एक समाि रूप से उपयोग की
जा सके।

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बैंहकिंग क्षेत्र में हहिंदी

वतवमाि समय में व्यापाि, वाहणज्य, अथवव्यवस्था एविं हवत्तीय क्षेत्रोिं में हहन्दी भािा का
व्यावहारिक प्रयोग में हवकास हुआ है , हजसके परिणामस्वरूप भाित के हवहभन्न

बैंकोिं में हहन्दी भािा का उपयोग भाितीय परिवेश के अिुसाि जरूिी है , हजसके
हलए सिंपकव भािा के रूप में हहन्दी के हवकास के हलए हवहभन्न तकिीकी उपकिणोिं

में हहन्दी के उपयोग को बढ़ावा हदया जािा चाहहए तथा बैंहकिंग भािा को सिल
तिीके से ग्राहकोिं के साथ व्यवहाि में उपयोग कििा चाहहए।

हनष्कषक

इस प्रकाि सिंपकव भािा के रूप में हहिंदी का प्रयोग बैंहकिंग क्षेत्र में बहुत जरूिी है, हकन्तु बैंहकिंग हहिंदी की
शब्दावली कहठि है, हजसका प्रयोग आसािी से िहीिं हकया जा सकता, इसहलए आवश्यक यह है हक हहिंदी

को बैंहकिंग क्षेत्र में आसािी से प्रयोग कििे के हलए आवश्यक प्रयास हकए जािे चाहहए, हजससे हहिंदी
व्यावहारिक स्वरूप प्रदाि हकया जा सके।

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प्रश्न 2 - सिंपकक भाषा से क्या अहभप्राय है ? सामाहजक-सािंस्कृहतक गहतहवहधयोिं में सिंपकक भाषा की

उपयोहगता बताइए।

उत्ति - परिचय

भाित एक बहुभािी दे श है औि बहुभािी दे श में सम्पकव भािा का हवशेि महत्त्व है। अिेकता में एकता हमािी
अिुपम पिम्पिा िही है। वास्तव में सािंस्कृहतक दृहि से सािा भाित सदै व एक ही िहा है। हमािे इस हवशाल

दे श में जहााँ अलग-अलग िाज्योिं में हभन्न-हभन्न भािाएाँ बोली जाती हैं औि जहााँ लोगोिं के िीहत-िीवाजोिं, खाि-
पाि, पहिावे औि िहि-सहि तक में हभन्नता हो वहााँ सम्पकव भािा ही एक ऐसी कड़ी है जो एक छोि से दू सिे

छोि के लोगोिं को जोड़िे औि उन्हें एक दू सिे के समीप लािे का काम किती है ।

सिंपकक भाषा से अहभप्राय :

• सिंपकव भािा शब्द का प्रयोग अिंग्रेजी के हलिंग्वा फ्रेका (Lingua Franca) के प्रहतशब्द के रूप में हकया

जाता है। 'हलिंग्वा फ्रेका' से तात्पयव है , लोक बोली अथवा सामान्य बोली।
• हजस भािा के माध्यम से एक क्षेत्र के लोग दे श के अन्य क्षेत्रोिं के हिवाहसयोिं से अथवा एक भािा के बोलिे

वाले लोग अन्य भािा-भाहियोिं से अपिे हवचािोिं का आदाि-प्रदाि किते हैं , उसे ‘हििंग्वा फ्रेका’ अथवा
‘सिंपकक भाषा’ कहा जाता है।

हवद्वानोिं के अनुसाि

• डॉ. महेंद्र हसिंह िार्ा के शब्ोिं में , "पिस्पि हविोधी भािा या भािाओिं की उपस्थस्थहत के कािण हजस सुहवधाजिक

हवहशि भािा के माध्यम से दो व्यस्थि, दो प्रदे श, िाज्य औि केंद् तथा दो दे श सिंपकव स्थाहपत कि पाते हैं , उस भािा

हवशेि को सिंपकव भािा/सिंपकव साधक भािा कहा जा सकता है ।"

• डॉ. भोिानाथ के अनुसाि, डॉ. भोलािाथ िे सम्पकव भािा के प्रयोग क्षेत्र को तीि स्तिोिं पि हवभाहजत हकया है : एक तो

वह भािा जो एक िाज्य (जैसे महािािर या असम) से दू सिे िाज्य (जैसे बिंगाल या असम) के िाजकीय पत्र-व्यवहाि में

काम आए। दू सिे वह भािा जो केन्द्र औि िाज्योिं के बीच पत्र-व्यवहािोिं का माध्यम हो। औि तीसिे वह भािा हजसका

प्रयोग एक क्षेत्र/प्रदे श का व्यस्थि दू सिे क्षेत्र/प्रदे श के व्यस्थि से अपिे हिजी कामोिं में किें ।

• डॉ. पूिनचिंद टिं डन के अनु साि, सम्पकव भािा से तात्पयव उस भािा से है जो समाज के हवहभन्न वगों या हिवाहसयोिं के

बीच सम्पकव के काम आती है । इस दृहि से हभन्न-हभन्न बोली बोलिे वाले अिेक वगों के बीच हहन्दी एक सम्पकव भािा है
औि अन्य कई भाितीय क्षेत्रोिं में हभन्न-हभन्न भािाएाँ बोलिे वालोिं के बीच भी सम्पकव भािा है ।

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सामाहजक-सािंस्कृहतक गहतहवहधयोिं में सिंपकक भाषा की उपयोहगता

एक सवेक्षण के आधाि पि यह दे खा गया है हक भाित में हहिंदी ही एक ऐसी भािा है , हजसे भाित के अहधक

से अहधक लोग अपिे हवहभन्न दै हिक कायों के हलए या मिोििं जि से सिंबिंहधत, सामाहजक-सािंस्कृहतक, धाहमवक
तथा साहहस्थिक उद्दे श्योिं से आदाि-प्रदाि के हलए औि पिस्पि सिंपकव के हलए प्रयोग किते हैं।

1. समाहजक सिंबिंध हनमाकर् : भािा समाहजक सिंबिंध हिमावण में महत्वपूणव भूहमका हिभाती है। यह लोगोिं को

एक-दू सिे के साथ जोड़ती है , सिंचाि को मजबूत किती है औि सामाहजक गहतहवहधयोिं को सुदृढ़ बिाती है।
उदाहिर् स्वरूप, हहिंदी अपिे उद्भव के समय से ही हहिंदू-मुस्थिम, पूवव-पहिम तथा उत्ति-दहक्षण को जोड़िे

वाली कड़ी िही है। शिंकिाचायव औि िामाििंद िे सिंपूणव भाित में भ्रमण कि हहिंदी के हवकास-हवस्ताि में अपिा
पूणव सहयोग हदया।

2. साहहत्यिक अनुभव : भािा के माध्यम से साहहस्थिक अिुभव साझा हकया जा सकता है , हजससे समृद्ध
साहहस्थिक पििं पिा बिती है औि साहहि की समझ औि महत्व को बढ़ावा हमलता है।

उदाहिर् स्वरूप, आहदकाल में हहिंदी का अहधकािंश साहहि हहिंदी क्षेत्र के बाहि ही हलखा गया है। स्वयिंभू

के 'पउम चरिउ' की िचिा महािािर औि किाव टक में हुई, तो अब्दु िवहमाि िे 'सिंदेश िासक' पिंजाब में हलखा।
मध्यकाल के दौिाि दहक्षण के आचायों-वल्लभाचायव, िामािुज, हििंबाकव, िामाििंद आहद िे सिंपकव-भािा के

महत्त्व को समझा औि इसे सिंप्रेिण का माध्यम बिाया। दहक्षण में िािरकूटोिं औि यादवोिं के िाज्य में हहिंदी का
प्रचाि हुआ। मछलीपट्टठ्ठम के िादे ल्ल पुरुिोत्तम कहव िे बत्तीस हहिंदी िाटकोिं की िचिा की।

3. हवचाि-हवहनमय : भािा के माध्यम से हम अपिे हवचािोिं को व्यि किते हैं औि दू सिोिं के हवचािोिं को
समझते हैं। यह गहतहवहधयोिं में हवचाि-हवहिमय को समृद्ध किता है औि हवहभन्न दृहिकोणोिं को समझिे में

मदद किता है।

उदाहिर् स्वरूप, हहिंदी को सिंपकव भािा बिािे में बॉलीवुड का बहुत बड़ा हाथ िहा है। िे हडयो औि टी.वी.
के माध्यम से भी हहिंदी का प्रसाि हुआ है , भाित के लोग एक साथ िहते हैं औि हहिंदी के माध्यम से अपिे सािे

कायव हिपटाते हैं।

4. सािंस्कृहतक हवहनमय : भािा के माध्यम से सािंस्कृहतक हवहिमय होता है जो लोगोिं को अपिी सािंस्कृहतक
पहचाि को समझिे औि सम्माहित कििे में मदद किता है।

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उदाहिर् स्वरूप, सिंपकव भािा हवहभन्न व्यस्थियोिं, िाज्योिं एविं दे शोिं को जोड़िे का कायव किती है। यह दे श के

हवहभन्न क्षेत्रीय औि स्थािीय साहहि-कलाओिं औि हवहभन्न सिंस्कृहतयोिं को व्यि कििे का माध्यम बिती है
औि लोग उसे मि से स्वीकाि किते हैं।

5. यात्राओिं के समय : हवहभन्न यात्राओिं के दौिाि अन्य क्षेत्रोिं के लोगोिं के साथ सिंपकव भािा के रूप में हहिंदी

का उपयोग हकया जाता है, जो सामाहजक औि सािंस्कृहतक एकजुटता को बढ़ावा दे िे में सहयोग किती है ।

उदाहिर् स्वरूप, आमतौि पि जब भी हम यात्रा किते हैं , चाहे बस या िे लगाड़ी में होिं, चाहे समुद्ी या हवाई

यात्रा में होिं, हम दे खते हैं हक अलग-अलग भािा-भािी अपिा सिि एक साथ किते हैं। उस समय वे अगि

अपिी भािा के माध्यम से सिंपकव िहीिं कि पाते , तो वे अिंग्रेजी या हहिं दी से अपिा काम चलाते हैं।

हनष्कषक

सिंपकव भािा का उपयोग सामाहजक औि सािंस्कृहतक गहतहवहधयोिं में एक माध्यम के रूप में िहीिं होता है ,
बस्थि यह समृस्थद्ध, समिसता, औि समिसता को बढ़ािे में भी मदद किता है।

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प्रश्न 3 - बैंकोिं में प्रचहित पारिभाहषक शब्ाविी के बािें में हित्यखए।

उत्ति - परिचय

बैंहकिंग सेवाएाँ हमािे िोजगाि की जीविशैली में महत्त्वपूणव स्थाि िखती हैं। ये सामाहजक औि आहथवक समृस्थद्ध

में सहायक होती हैं औि लोगोिं को हवत्तीय रूप से कािी मदद किती हैं। इसके साथ ही, हहिंदी भािा का
प्रयोग इस क्षेत्र में अििंत महत्त्वपूणव है। हहिंदी की पारिभाहिक शब्दावली बैंहकिंग क्षेत्र की हवशेिताओिं औि

सेवाओिं को समझिे में मदद किती है औि लोगोिं को अपिी आहथवक गहतहवहधयोिं को बेहति ढिं ग से प्रबिंहधत
कििे में सहायक होती है।

बैंकोिं में प्रचहित पारिभाहषक शब्ाविी

खाता सिंबिंधी शब्ाविी

1. बचत खाता (Saving Account) : व्यस्थिगत बचत के हलए उपयोग में लाया जािे वाला खाता, हजसमें
जमा िाहश पि ब्याज हमलता है। यह एक सुिहक्षत औि लाभकािी हवकल्प है।

2. चािू खाता (Current Account) : व्यापारियोिं औि व्यवसाहयक सिंस्थाओिं द्वािा उपयोग हकया जािे
वाला खाता है , हजसमें बड़ी मात्रा में लेि-दे ि की सुहवधा होती है। इसमें न्यूितम शेि िाहश की आवश्यकता

होती है औि यह लेि-दे ि के हलए अहधक उपयुि है।

3. पेंशन योजना (Pension Scheme) : वृद्धावस्था में सुिहक्षत जीवि हबतािे के हलए यह योजिा िाहश
प्रदाि किती है हजसमें हियहमत हदिचयाव के हलए धि जमा हकया जा सकता है।

4. नौकिी बैंहकिंग (Salary Account) : यह हवशेि रुप से िौकिशाही लोगोिं के हलए है हजसमें वेति क्रेहडट
औि अन्य लाभ शाहमल हैं।

5. जीवन-बीमा (Life Insurance) : यह हवत्तीय सुिक्षा प्रदाि किता है औि बीमाधािक के परिवाि को

उिकी मृिु के बाद हवत्तीय समथवि सुहिहित किता है ।

िेन-दे न सिंबिंधी शब्ाविी

1. नेफ्ट (NEFT- National Electronic Funds Transfer) : इलेक्ट्रॉहिक माध्यम से एक बैंक से दू सिे
बैंक में धििाहश हस्तािंतरित कििे की हवहध।

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2. चेक (Cheque) : एक बैंहकिंग दस्तावेज हजसके माध्यम से खाताधािक बैंक को हिहित िाहश का भुगताि

कििे का हिदे श दे ता है।

3. डे हबट काडक (Debit Card) : खाताधािक को अपिे बैंक खाते से सीधे हवत्तीय लेि-दे ि के हलए अिुमहत
दे िे वाला काडव ।

4. एटीएम (ATM- Automated Teller Machine) : स्वचाहलत मशीि जो िकदी हिकासी, जमा, औि

अन्य बैंहकिंग सेवाएाँ प्रदाि किती है।

5. मोबाइि बैंहकिंग (Mobile Banking) : स्माटव िोि के माध्यम से बैंहकिंग सेवाओिं का उपयोग कििे की

सुहवधा।

ऋर् सिंबिंधी शब्ाविी

1. गृह ऋर् (Home Loan) : मकाि या अपाटव मेंट खिीदिे के हलए हलया गया ऋण।

2. वाहन ऋर् (Vehicle Loan) : वाहि खिीदिे के हलए हलया गया ऋण।

3. हशक्षा ऋर् (Education Loan) : उच्च हशक्षा के हलए हलया गया ऋण।

4. व्यापाि ऋर् (Business Loan) : व्यापाि शुरू कििे या हवस्ताि के हलए हलया गया ऋण।

5. व्यत्यिगत ऋर् (Personal Loan) : व्यस्थि द्वािा आवश्यकताओिं के हलए हलया जािे वाला असुिहक्षत
ऋण।

बैंहकिंग सिंचािन सिंबिंधी शब्ाविी

1. केवाईसी (KYC- Know Your Customer) : ग्राहक की पहचाि औि पते का सिापि कििे की
प्रहक्रया।

2. सीआिएस (CRS- Customer Relationship Summary) : बैंक औि ग्राहक के बीच सिंबिंधोिं का

सािािंश।

3. एटीएम (ATM- Automated Teller Machine) : स्वचाहलत मशीि जो िकदी हिकासी, जमा, औि
अन्य बैंहकिंग सेवाएाँ प्रदाि किती है।

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4. हडहजटि बैंहकिंग (Digital Banking) : इिं टििेट औि मोबाइल हडवाइस के माध्यम से हकए गए बैंहकिंग

लेिदे ि।

5. इिं टिनेट बैंहकिंग (Internet Banking) : ऑिलाइि प्लेटफॉमव के माध्यम से बैंक सेवाओिं का उपयोग
कििा।

हनष्कषक

उपिोि शब्दावली बैंहकिंग क्षेत्र में हहिंदी के प्रयोग की व्यापकता औि हवशेिज्ञता को दशावती है। बैंहकिंग सेवाओिं
के इि पहलुओिं को समझिा ि केवल हवत्तीय लेिदे ि में सहायक होता है , बस्थि यह हमें आहथवक साक्षिता

औि आत्महिभविता की ओि भी आगे बढ़ाता है। इस प्रकाि, हहिंदी में बैंहकिंग शब्दावली का ज्ञाि ि केवल
भािाई दक्षता बढ़ाता है बस्थि हवत्तीय समझ औि प्रबिंधि कौशल में भी वृस्थद्ध किता है।

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प्रश्न 4 - कायाकियोिं में प्रचहित पारिभाहषक शब्ाविी की व्याख्या कीहजए।

उत्ति - परिचय

कायावलयोिं में पारिभाहिक शब्दावली का प्रचलि एक महत्त्वपूणव पहलू है , क्ोिंहक यह सिंगठिात्मक सिंबिंधोिं,

व्यावसाहयक समझौतोिं, औि अिंति-सिंगठिीय सिंवादोिं को सुगमता से सिंचाहलत कििे में सहायक होती है।
इसके माध्यम से कमवचािी औि िेतृत्व एक व्यावसाहयक भािा में सहजता से सिंवाद किते हैं औि समझौतोिं

को सही रूप से िॉलो किते हैं।

कायाकियोिं में प्रचहित पारिभाहषक शब्ाविी

प्रशासहनक शब्ाविी

प्रशासहिक शब्दावली का उपयोग सिंगठि के सिंचाि औि प्रबिंधि के क्षेत्र में होता है ताहक कमवचािी औि

िेतृत्व सही से समझ सकें औि कायों को सिंचाहलत कि सकें। कुछ उदाहिण इस प्रकाि हैं -

1. कायाकिय प्रमुख (Office Head) : हकसी सिंगठि या हवभाग के प्रमुख को कायावलय प्रमुख कहा जाता

है, जो सिंगठि की समग्र गहतहवहधयोिं की हिगिािी किते हैं औि हिणवय लेते हैं।

2. आदे श (Order) : एक आहधकारिक हिदे श या आज्ञा, जो हकसी कायव को कििे या ि कििे के हलए दी
जाती है।

3. परिपत्र (Circular) : कायावलय या सिंगठि के सभी सदस्योिं को सूचिा या हिदे श प्रसारित कििे के हलए

जािी एक आहधकारिक पत्र।

4. प्रहतवेदन (Report) : हकसी कायव, परियोजिा, या अध्ययि के परिणामोिं या हिष्किों का हलस्थखत हवविण।

5. अनुशासन (Discipline) : सिंगठि में हियमोिं औि आदे शोिं का पालि कििा औि कािव वाई कििे की

भाविा।

प्रहशक्षर् सिंबिंधी शब्ाविी

कुछ उदाहिण इस प्रकाि हैं -

1. प्रहशक्षर् (Training) : एक कायव या कौशल को सीखिे के हलए दी जािे वाली हशक्षा या हसखािे की
प्रहक्रया।

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2. हशक्षक (Instructor) : एक व्यस्थि जो हकसी को कुछ हसखािे का कायव किता है औि प्रहशक्षण प्रदाि

किता है।

3. मानक (Standard) : एक हिधावरित स्ति या माप का सेट, हजसे प्रहशक्षण में मापक स्वरूप के रूप में
उपयोग हकया जाता है।

4. हशक्षाथी (Learner) : वह व्यस्थि जो हकसी प्रहशक्षण कायवक्रम में भाग लेकि िए ज्ञाि औि कौशलोिं को

सीख िहा है।

5. उत्कृष्टता (Excellence) : हशक्षा में उच्चतम स्ति की प्रास्थप्त औि हसखािे के क्षेत्र में कुशलता।

प्रशासहनक सिंचाि सिंबिंधी शब्ाविी

प्रशासहिक क्षेत्र में सिंचाि तथा प्रबिंधि को सिंवैधाहिक रूप से व्यि के हलए हजस शब्दावली का प्रयोग हकया

जाता है वह प्रशासहिक सिंचाि सिंबिंधी शब्दावली कहलाती है , हजसमें सिंचाि का अथव जािकािी को प्रस्तुत
कििा, प्राप्त कििा, समझिा औि सुििा है। यह शब्दावली प्रशासहिक क्षेत्र में सशि एविं सुगम सिंचाि को

सुहिहित कििे के हलए महत्त्वपूणव है ।

प्रशासहनक सिंचाि शब्ाविी के कुछ उदाहिर् हनम्नानुसाि हैं -

1. सिंचाि (Communication) : जािकािी को एक स्थाि से दू सिे स्थाि तक पहुाँ चािे की प्रहक्रया को सिंचाि

कहा जाता है।

2. तकनीकी सिंचाि (Technical Communication) : हवज्ञाि औि तकिीकी क्षेत्रोिं में जािकािी को स्पि

रूप से समझािे औि साझा कििे की प्रहक्रया को तकिीकी सिंचाि कहा जाता है।

3. समाचाि पहत्रका (Newsletter) : एक प्रहशक्षण कायवक्रम की सभी िवीितम जािकािी को सभी


कमवचारियोिं तक पहुाँचािे के हलए एक माहसक समाचाि पहत्रका तैयाि की जाती है ।

4. हवकास कायकक्रम (Development Program) : कमवचारियोिं को िए कौशल औि िौकिी से सिंबिंहधत

जािकािी प्रदाि कििे के हलए हवकास कायवक्रम आयोहजत हकए जाते हैं।

5. सेहमनाि (Seminar) : एक हवहशि हविय पि हवशेिज्ञोिं को बुलाकि उिके मागवदशवि में एक सेहमिाि
आयोहजत हकया जाता है।

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कायकक्रमोिं के आयोजन सिंबिंधी शब्ाविी

कायवक्रमोिं के आयोजि सिंबिंधी शब्दावली में "आयोजि" का अथव है हकसी हवशेि उद्दे श्य के हलए हकए जािे

वाले कायवक्रम को सूहचत कििे वाले शब्दोिं का प्रयोग हकया जाता है। कुछ उदाहिण इस प्रकाि हैं -

1. आयोजन (Event) : एक हवशेि उद्दे श्य के हलए हकए जािे वाले हकसी भी कायवक्रम को "आयोजि" कहा
जाता है।

2. समािोह (Celebration) : हवशेि अवसिोिं की खुशी में या महत्त्वपूणव घटिाओिं को उत्सव के रूप में
आयोहजत हकए जािे वाले कायवक्रम।

3. सिंगोष्ठी (Conference) : हवशेि हवियोिं पि हवचाि-हवमशव के हलए हवशेिज्ञोिं औि रुहच िखिे वालोिं को

एकत्र कििे के हलए आयोहजत सम्मेलि।

4. उद् घाटन समािोह (Inauguration Ceremony) : हकसी िए या महत्त्वपूणव हविय के हलए आयोहजत
औि उद् घाटि हकए जािे वाले कायवक्रम को सिंदहभवत कििे के हलए उपयुि शब्द।

5. चचाक (Discussion) : एक हविय पि हवचािहवमशव के हलए व्यस्थियोिं को हमलाकि आयोहजत हकया जािे
वाला कायवक्रम।

मानव सिंसाधन सिंबिंधी शब्ाविी

मािव सिंसाधि सिंबिंधी शब्दावली से सिंगठि के कमवचारियोिं के बीच सिंवाद को सुहिहित कििे का कायव होता

है। इसमें कमवचािी हियुस्थि, प्रोन्नहत, वेति, औि प्रदशवि मूल्ािंकि जैसे शब्द शाहमल होते हैं जो सिंगठि के

मािव सिंसाधि प्रबिंधि में महत्त्वपूणव भूहमका हिभाते हैं। कुछ उदाहिण हिम्नािुसाि हैं -

1. नौकिी हवविर् (Job Description) : यह सिंस्था द्वािा एक कमवचािी की हजम्मेदारियोिं, योग्यताओिं, औि


कायवक्षेत्र को स्पि रूप से परिभाहित कििे वाला दस्तावेज है।

2. भती (Recruitment) : िए कमवचारियोिं को सिंगठि में लािे की प्रहक्रया हजसमें उम्मीदवािोिं का चयि,

साक्षात्काि, औि प्रवेश की प्रहक्रयाएाँ शाहमल होती हैं ।

3. कमकचािी भुगतान (Employee Compensation) : यह सभी िौकरियोिं के हलए हिधावरित हवत्तीय


मुआवजे औि लाभोिं को सिंदहभवत किता है , जो एक कमवचािी को हमलते हैं।

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4. अनुशासन (Discipline) : एक सिंगठि में हियमोिं के हशक्षण औि हियमािुसाि आचिण को लागू कििे

की क्षमता।

5. प्रेिर्ा (Motivation) : उत्साह, इच्छाशस्थि, औि उत्कृिता की प्रास्थप्त के हलए एक कमवचािी को प्रेरित


कििे की क्षमता।

हवत्तीय शब्ाविी

हवत्तीय शब्दावली हवत्तीय प्रबिंधि के क्षेत्र में कायवित व्यस्थियोिं को हवत्तीय पारिभाहिक शब्दोिं को समझािे में
मदद किती है । यह शब्दावली बजट, लेखा-जोखा, हवत्तीय विव, औि ऑहडट जैसे शब्दोिं को शाहमल किती

है, जो सिंगठि की आहथवक स्थस्थहत को हिदे हशत कििे में मदद किते हैं। कुछ उदाहिण इस प्रकाि हैं -

1. बजट (Budget) : बजट सिंगठि या व्यस्थि की आहथवक योजिा होती है जो हिहदव ि समयावहध के हलए
आय औि व्यय को हिधावरित किती है , ताहक सही रूप से हवत्तीय प्रबिंधि हकया जा सके।

2. िेखा-जोखा (Accounts) : लेखा-जोखा एक सिंगठि या व्यस्थि के सभी हवत्तीय लेि-दे ि को सिंिहचत

रूप में िखिे औि दजव कििे की प्रहक्रया है।

3. हवत्तीय वषक (Financial Year) : हवत्तीय विव एक साल की अवहध है , हजसका उद्दे श्य हवत्तीय रिकॉडर ्व स

को एक साथ िखिा औि आहथवक प्रगहत का मूल्ािंकि कििा है।

4. ऑहडट (Audit) : ऑहडट एक हिष्पक्ष जााँच है जो सिंगठि के हवत्तीय रिकॉडर ्व स की सिता औि सहीपि
की जााँच कििे के हलए की जाती है।

5. रिजवक (Reserve) : रिजवव वह धि िाहश है जो सिंगठि द्वािा बचाई जाती है औि हजसका उपयोग भहवष्य
में धि की कमी का सामिा कििे के हलए हो सकता है।

हनष्कषक

कायावलयोिं में प्रचहलत पारिभाहिक शब्दावली का महत्त्व अिहधक है , क्ोिंहक यह सिंगठि के भीति औि बाहि

सही सिंवाद औि समझौते को सुहिहित कििे में सहायक है , हजससे सिंगठि का सही रूप से चलिा औि
हवकहसत होिा सिंभव होता है।

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प्रश्न 5 - हनम्नहित्यखत पि हटप्पर्ी कीहजए :

(क) व्यावहारिक हहिंदी के हवहवध रूप

(ख) बिंबइया, किकहतया औि हैदिाबादी हहिंदी

(ग) अनुभव िेखन

(घ) तकनीकी व मीहडया सिंबिंधी शब्ाविी

उत्ति -

(क) व्यावहारिक हहिंदी के हवहवध रूप

परिचय

हहिंदी भािा का उपयोग हवहभन्न क्षेत्रोिं में महत्वपूणव है , इसका उपयोग भािा औि सिंस्कृहत के सिंवाद में , िािरीय

एकता में औि सामाहजक जीवि में एक महत्वपूणव भूहमका हिभाता है। जीवि के हवहवध कायवक्षेत्रोिं से सिंबिंहधत
प्रयोग होिे वाली हहिंदी व्यावहारिक हहिंदी का स्वरूप हैं । यह सामान्य जिता तक सिंदेश पहुिंचािे, साथवक सिंवाद

स्थाहपत कििे, सामाहजक औि आहथवक सिंबिंधोिं को स्थाहपत कििे में महत्वपूणव है ।

व्यावहारिक हहिंदी का अथक : हहिंदी के व्यावहारिक होिे का अथव है हहिंदी को प्रशासि औि व्यवसाय के

कामकाज के प्रयोग की भािा बिािा।"

सिि शब्ोिं में - हकसी व्यवसाय या कायवक्षेत्र के लोगोिं द्वािा उस व्यवसाय या कायवक्षेत्र के प्रयोजि के हलए
इस्तेमाल की जािे वाली भािा “व्यावहारिक हहिंदी” या “प्रयोजनमूिक हहिंदी” कहलाती है ।

• डॉ. कृष्ण कुमाि गोस्वामी ने कहा है , "वास्तव में सामान्य भािा औि हवहशि भािा एक ही होती है ,
हकिंतु शब्दावली औि सिंिचिा की दृहि से दोिोिं अलग हो जाती हैं।"

व्यावहारिक हहिंदी में हवहशि शब्दावली का प्रयोग हकया जाता है , वहीिं सामान्य भािा में

अिौपचारिकता का भाव होता है। वैज्ञाहिक, पत्रकाि, डॉक्ट्ि, व्यापािी आहद अपिे कायव क्षेत्र से
सिंबिंहधत हहिं दी भािा के हवहशि स्वरूप को ही प्रयोजिमूलक या व्यावहारिक हहिं दी मािते हैं।

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व्यावहारिक हहिंदी के हवहवध रूप इस प्रकाि है :

1. वाहर्त्यिक औि व्यापारिक हहिंदी : व्यावहारिक हहिंदी मध्यकाल से लेकि आज तक सिंपकव भािा के

रूप में कायवित है। व्यापाि, व्यवसाय, आयात-हियावत, वाहणज्य आहद में इसका प्रयोग होता िहा है । वस्तुओिं
के खिीदिे से लेकि बेचिे तक वाहणस्थज्यक औि व्यापारिक हहिंदी का प्रयोग अिहधक प्रचहलत िहा है।

स्वतिंत्रता के बाद इसमें कई परिवतवि हुए व वाहणस्थज्यक औि व्यापारिक हहिंदी के प्रयोग को धीिे -धीिे बढ़ावा

हमला। सिकाि िे वाहणज्य हशक्षा के क्षेत्र में पाठ्यक्रमोिं की पढ़ाई के हलए कई िाज्योिं में हहिंदी को हशक्षा का
माध्यम बिाया गया।

वाहणज्य औि व्यापाि के क्षेत्र में हिहित पारिभाहिक शब्दावली एविं शैली का प्रयोग हकया जाता है , जैसे-

• 'चााँदी उछली, सोिा लुढ़का'


• टमाटि के भाव आसमाि छू िहे हैं।

2. वैज्ञाहनक एविं तकनीकी हहिंदी :

वैज्ञाहिक एविं तकिीकी हहिं दी से तात्पयव 'हवज्ञाि' के हवहवध क्षेत्रोिं में प्रयुि हहिंदी से है। आधुहिक हवज्ञाि का
जन्म 19वीिं शताब्दी में मािा जाता है। इसके अिंतगवत भौहतकी, िसायि, जीव-हवज्ञाि, हचहकत्सा, किंप्यूटि,

यािंहत्रकी आहद हविय भी आते हैं। इि हवियोिं को व्यावहारिक हहिंदी के अिंतगवत िखिे से दे श का अिहधक
कायव सुहवधापूणव ढिं ग से एविं जिहहत में होता है। इि हवियोिं का साहहि सामान्यतः हिम्नहलस्थखत माध्यमोिं में

उपलब्ध है -

• पुस्तकोिं के रुप में हवज्ञाि


• शोध पत्रोिं तथा पहत्रकाओिं के रुप में

• कोशोिं तथा हवश्व कोशोिं के रुप में


• जिसिंचाि माध्यमोिं में

3. हवहधक हहिंदी :

हवहधक हहिंदी से तात्पयव- 'िॉ या कानून' की हहिंदी से है। हजला न्यायालय, उच्च न्यायालय या उच्चतम
न्यायालय में जज के सामिे वकील दू सिे वकील से जब बहस किता है , तो इस कािूिी प्रहक्रया के दौिाि
हजस भािा का प्रयोग हकया जाता है, उसे हवहधक हहिंदी, 'लॉ या कािूि' की हहिं दी कहते हैं।

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• हिहटश काल के शुरूआती दौि में हवहधक क्षेत्र में कामकाज के हलए िािसी की जगह हहिंदी भािा का

उपयोग हकया गया, हकिंतु व्यवहाि में अदालती भािा उदू व थी। बाद में इसकी जगह अिंग्रेजी िे ले ली,
हजससे अिंग्रेजी हवहध (कािूि) की भािा बि गई औि हहिं दी का उपयोग कम हो गया।

• स्वतिंत्रता के बाद 1970 में पहली बाि हवहधक शब्दावली तैयाि की गई। सिंहवधाि में सिंघ की िाजभािा के
रूप में स्थाहपत होिे के बाद व्यावहारिक हहिंदी हवहध के क्षेत्र में ही िहीिं, अहपतु अन्य क्षेत्रोिं में भी तीव्र गहत

से हवकहसत होिे लगी।

4. कायाकियी हहिंदी : सिकािी, गैि सिकािी या हिजी कायावलयोिं के औपचारिक हलस्थखत कामकाज की भािा
को कायाव लयी भािा कहा जाता है। कोई भी भािा कायावलयी भािा हो सकती है। इसी कािण अलग-अलग

प्रदे शोिं औि दे शोिं के कायाव लयोिं में अलग-अलग भािाएाँ कायावलयी भािा के रूप में प्रयोग की जाती हैं , जैसे
महािािर में मिाठी, केिल में मलयालम, जापाि में जापािी, रूस में रूसी भािाएाँ कायावलयी भािा के रूप में

प्रयोग की जाती हैं। इि कायावलयी कायों के हलए हजस हहिंदी का प्रयोग हकया जाता है , उसे कायाव लयी हहिंदी
कहते हैं ।

• हहिंदी का यह रूप स्वतिंत्रता के बाद हवकहसत हुआ, जब 14 हसतिंबि, 1949 को सिंहवधाि के अिुच्छेद

343 में हहिंदी को सिंघ की िाजभािा के रूप में स्वीकाि हकया गया। इससे पूवव िाजभािा के रूप में मुग़ल
काल में िािसी औि हिहटश काल में अिंग्रेजी को मान्यता हमली हुई थी।

• स्वतिंत्रता के पिात् कायावलयी भािा के रूप में हहिंदी अहधक सक्षम हुई है । कायाव लयोिं में जहााँ एक ओि

व्यावहारिक हहिंदी का प्रयोग बढ़ा है , वहीिं दू सिी ओि कायावलयी भािा के रूप में इसकी अपिी
पारिभाहिक शब्दावली, पद िचिा औि वाक् हवन्यास का भी हवस्ताि दे खा जाता है।

हनष्कषक

व्यावहारिक हहिंदी के हवहवध रूपोिं का हवकास कािी तेजी से हो िहा है। जहााँ एक ओि वाहणज्य, व्यापाि,

तकिीकी औि जिसिंचाि के रूप में व्यावहारिक हहिंदी का प्रयोग क्रमबद्ध रूप से बढ़ िहा है , वहीिं जीवि के
अन्य क्षेत्रोिं जैसे हवहध क्षेत्र, कायावलयोिं के कायवक्षेत्र आहद में भी हहिंदी अपिी सशि उपस्थस्थहत दजव किवा िही

है।

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(ख) बिंबइया, किकहतया औि हैदिाबादी हहिंदी

परिचय

भाित भािाई हवहवधताओिं वाला दे श है हजसके हवहभन्न िाज्योिं में अलग-अलग भािाएिं व्यवहाि में उपयोग की

जाती है, हजसके कािण हहिं दी भािा का स्वरूप भी हवहभन्न िाज्योिं में अलग-अलग होता है । हजसके अिंतगवत
बिंबइया हहिंदी मुिंबई में बोली जाती है , कलकहतया हहिंदी को पहिम बिंगाल के कुछ क्षेत्रोिं में बोली जाती है , औि

हैदिाबादी हहिंदी तेलिंगािा औि आिं ध्र प्रदे श में सामान्य है। इन्हीिं बोहलयोिं में व्याकिण औि उच्चािण में भी
थोड़ा हभन्नता होती है। यह हभन्नता हहिंदी को हमािे समाज औि सिंस्कृहत का अहभन्न हहस्सा बिाती है ।

बिंबइया, किकहतया औि हैदिाबादी हहिंदी

बिंबइया हहिंदी का प्रयोग

बिंबइया हहिं दी मु ख्यतः महािािर में बोली जाती है । बिंबइया हहिं दी का प्रयोग क्षेत्र वृहत है । इसका प्रयोग मुख्यतः
हहिंदी हिल्ोिं में दे खिे को हमलता है। आििं भ में , बिंबइया या हफल्ी हहिं दी का प्रयोग बदमाशोिं, गुिंडोिं औि हिम्न

लोगोिं की भािा के रूप में हकया जाता था।

बिंबइया हहिंदी में प्रचहित शब् है : इसमें अपुि, तेिे को, मेिे को', 'खोपचा', 'कायको' आहद शब्द दे खिे को

हमलते हैं।

बिंबइया हहिंदी का प्रयोग हहिंदी हिल्ोिं में हदखाई दे ता है , जैसे –

• हिल् 'मुन्ना भाई' में सिंजय दत्त हकस प्रकाि से बिंबइया हहिंदी का प्रयोग किता हुआ हदखाई दे ता है औि

उसका आस-पास का वाताविण भी उसमें हलप्त होता है।


• उसी प्रकाि 'किंपिी' हिल् में भी बदमाशोिं एविं गुिंडोिं से सिंबिंहधत भािा का प्रयोग हदखाया गया है या अन्य

रूप में हकसी भी तिह का अपिाधी अिंडिवर्ल्व की हिल् में भी इसी तिह की भािा का प्रयोग किता है।

किकहतया हहिंदी का प्रयोग

कलकहतया हहिं दी का प्रयोग क्षेत्र मूलतः कोलकाता मािा जाता है। पहिम बिंगाल िाज्य की िाजधािी कोलकाता
के िाम से जािी जाती है। कला, इहतहास औि साहहि के क्षेत्र में कोलकाता िे अहम भूहमका हिभाई है।

कोलकाता में हहिंदी का कािी पुिािा इहतहास दे खा जा सकता है। हहिंदी के हवकास में पहिम बिंगाल का भी
महत्त्वपूणव योगदाि िहा है।

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• कहवगुरु िवीिंद्िाथ टै गोि, ईश्वि चिंद् हवद्यासागि औि हहिं दी आधुहिक साहहि के जिक भाितेंदु हरिििंद्

िे हहिंदी के प्रचाि-प्रसाि में महत्त्वपूणव भूहमका हिभाई है। िाजा िाममोहि िाय भी कहते हैं हक 'हहिं दी से
ही समग्र भाित को एक सूत्र में बािं धा जा सकता है।

• कोलकाता एक बहुभािी महािगि है , हजसमें हि प्रािं त के लोग िहते हैं। यहााँ की प्रमुख भािा बािंग्ला है ,
उसके बाद हहिं दी का बोलबाला है।

• कोलकाता में बोली जािे वाली हहिंदी पि बािं ग्ला का प्रभाव है। उदाहिण के हलए-
1) बच्चोिं को पीटिा यह तुम्हािा बहुत बड़ी गलती है । इस वाक् में 'तुम्हािी' शब्द की जगह 'तुम्हािा' का

प्रयोग हकया गया है।


2) अजय िे असि बात बोला है। यहााँ भी 'बोली है ' की जगह 'बोला है ' शब्द का प्रयोग बािं ग्ला के प्रभाव को

स्पि किता है ।

हैदिाबादी हहिंदी का प्रयोग

मध्य काल औि आधुहिक युग में हवहभन्न मुस्थिम शासकोिं िे हैदिाबाद पि शासि हकया। इसी कािण
हैदिाबाद में शुरू से ही उदू व का प्रचलि हुआ औि आधुहिक युग तक बोलचाल की उदू व या हहिं दुस्तािी जि

सामान्य की सिंपकव भािा के रूप में प्रचहलत हुई। उदू व जि सामान्य की भािा औि सिंपकव भािा के रूप में
चलती िही औि बाद में उदू व हमहित हहिं दी भािा के प्रयोग को बल हमला।

• हैदिाबादी हहिंदी आिं ध्र प्रदे श की िाजधािी हैदिाबाद में बोली जाती है। यह दस्थििी, मिाठी एविं तेलुगू के
हमलि से बिी है औि है दिाबाद में सामान्य बोलचाल के हलए जैसे बाजाि, हाट औि व्यापाि की भािा के

रूप में दे खी जाती है।


• हैदिाबाद की हहिंदी पि स्थािीय भािा तेलुगु का असि भी हदखाई पड़ता है। हैदिाबाद में 'मुझे चाहहए' के

हलए 'मेिे को होिा', 'क्ा चाहहए', के हलए 'क्ा होिा' आहद का प्रयोग होता है ।

हनष्कषक

बहुभािी भाित में स्थािीय भािाओिं की अिेकता के सिंदभव में हहिंदी का हवशेि महत्त्व है औि इसका प्रयोग

हम हवहभन्न स्थािोिं पि हवहभन्न रूपोिं में किते हैं। सामाहजक औि सािंस्कृहतक आधाि पि आम बोलचाल की
भािा के रूप में हहिंदी का महत्त्व अहत प्राचीि है। हहिंदी भािा दे श में सिंपकव की भािा िही है औि दे श की एक
प्रमुख भािा के रूप में अपिा स्थाि बिा चुकी है ।

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(ग) अनुभव िेखन

परिचय

बाजाि दौिे का अिुभव लेखि व्यस्थिगत औि व्यावसाहयक अिुभवोिं का सिंग्रह होता है , हजसमें व्यस्थि हवहभन्न

उत्पादोिं, सेवाओिं औि ग्राहकोिं के व्यवहाि पि ध्याि केंहद्त किता है , इसका मुख्य उद्दे श्य अिुभव साझा
किके सामाहजक औि व्यवसाहयक सिंबिंधोिं में वृस्थद्ध कििा होता है। बाजाि दौिे का अिुभव लेखि व्यस्थि के

व्यस्थिगत औि व्यावसाहयक उत्प्रेिण, ज्ञाि, औि अिुभव को साझा किता है , ताहक अन्य लोग भी उसके
अिुभवोिं से सीख सकें औि उन्हें अपिे बाजाि या खिीदािी के हिणवयोिं में मदद हमल सके।

अनुभव िेखन

अिुभव लेखि एक सामाहजक औि साहहस्थिक रूप से अपिी बात कहिे का एक अच्छा माध्यम है , हजससे
हमािी भाविाओिं औि हवचािोिं को सहजता से साझा हकया जा सकता है। इसमें हम अपिे अिुभवोिं की

गहिाइयोिं को बड़े सिल शब्दोिं में ढालते हैं ताहक अन्य लोग भी हमािे साथ सहजता से जुड़ सकें।

• यह हमें एक सिंहक्षप्त बातचीत का एक सुिंदि औि सामाहजक मिंच प्रदाि किता है , हजससे हम अपिे
परिहचतोिं एविं साहथयोिं के साथ हमलकि अहधक मजबूत रिश्ोिं का हिमावण कि सकते हैं।

• इसके माध्यम से हम हवहभन्न सामाहजक औि भािाई पृष्ठभूहमयोिं पि बातचीत कििे का अवसि प्राप्त
किते हैं , जैसे हक स्कूल, कॉलेज, या सामाहजक समािोहोिं में।

• यह हमें अपिी भािा में अपिे हवचािोिं को सही ढिं ग से व्यि कििे का एक आदशव माध्यम प्रदाि किता

है, हजससे हमािे बीच सिंवेदिशीलता बढ़ती है औि हम समृस्थद्ध से जुड़ते हैं।

अच्छे अनुभव िेखन की हवशेषताएँ :

1. व्यस्थि में अपिी भाविाओिं को भािा में व्यि कििे की क्षमता होिी चाहहए, ताहक पाठक उसकी
भाविाओिं को सहजता से समझ सकें।

2. अच्छे अिुभव लेखि की एक हवशेिता यह है हक व्यस्थि को अपिी भाविाओिं को सहज भािा में प्रस्तुत
कििा चाहहए।

3. व्यस्थि को अपिे अिुभवोिं की गहिाईयोिं में जाकि, औि उन्हें सिल शब्दोिं में बदलकि पाठकोिं को सीधे
रूप से सिंवेदिशीलता का अिुभव किािा महत्त्वपूणव है ।

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4. एक अच्छे अिुभव लेखि में, व्यस्थि को हवस्तािपूववक औि सुव्यवस्थस्थत रूप से अपिे अिुभवोिं का वणवि

कििा चाहहए।
5. अिुभव लेखि में व्यस्थि को यह भी ध्याि में िखिा चाहहए हक उसकी भािा रूहचकि औि

अहभव्यस्थिकता से भिपूि होिी चाहहए। साथ ही, पाठकोिं के साथ अपिा अिुभव साझा कििे का उत्साह
भी बिाए िखिा चाहहए।

6. एक अच्छा अिुभव वह लेखि है जब हम अपिे जीवि के महत्त्वपूणव पलोिं को दू सिोिं के साथ साझा किते
हैं औि उन्हें अपिी सिल भािा में समझाते हैं ।

अनुभव िेखन का उदाहिर्,

हहिंदी में बाजाि दौिे का अनुभव-िेखन

बाजाि दौिे का अिुभव अिेक प्रकाि के मामलोिं में हमें हसखाता है। यह एक अिुभव है जो हि व्यस्थि को
अलग-अलग ढिं ग से प्राप्त होता है। मेिा बाजाि का अिुभव भी यही कुछ है।

पन्ना, मध्यप्रदे श का एक छोटा सा शहि है जो हीिोिं, वीिोिं औि मिंहदिोिं की िगिी के रूप में अपिे ऐहतहाहसक

महत्त्व औि प्राचीि सिंस्कृहत के हलए प्रहसद्ध है। हपछले माह मैंिे पन्ना के हवहवधता औि जीविंतता के प्रहतहबिंब
चौक बाजाि में घूमिे औि खिीदािी का अिुभव प्राप्त हकया।

पन्ना के चौक बाजाि में पहुाँ चते ही मुझे वहााँ की िोटी-सब्जी की महक औि गहलयोिं में गूाँजती हुई बाजाि की

हलचल से अच्छा अिुभव हुआ। मैंिे वहााँ से अपिी िसोई के हलए आवश्यक सामाि की खिीदािी की। चावल,

दाल, मसाले औि तेल की हडब्बे औि अन्य सामाि की खिीदािी िे मुझे यादगाि अिुभव प्रदाि हकया। बाजाि
में एक मोबाइल दु काि पि गया, औि मेिे मोबाइल का स्क्रीि गाडव बदलवािे के हलए वहााँ के मोबाईल

टे कहिहशयि िे मेिी मदद की।

मेिे एक दोस्त िे मुझे बाजाि के एक प्रहसद्ध िे स्तिािं में खािे के हलए आमिंहत्रत हकया। हम वहााँ बैठे औि हवहभन्न
व्यिंजिोिं का आििंद हलया। थोड़ी दे ि पहले हुई हिी बारिश के कािण वहााँ की हवा में घुली हमट्टी की खुशबू

औि स्थािीय व्यिंजिोिं की खुशबू िे हमािे मि को आििंहदत कि हदया।

बाजाि की एक औि हवशेिता थी- बृजवासी की मशहूि लस्सी। हमिे बृजवासी से लस्सी का एक कुल्हड़
(स्पेशल लस्सी हमट्टी के कुल्हड़ में हमलती है) खिीद कि उसका स्वाद हलया। लस्सी गहमवयोिं में ठिं डक प्रदाि
किती है औि उसका स्वाद भी लाजवाब होता है।

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इसके अलावा, बाजाि में अन्य कई दु कािें थीिं जहााँ वस्त्र, गहिे, चप्पल औि अन्य सामाि खिीदे जा सकते

थे। बाजाि में भाितीय औि पहिमी-दोिोिं सिंस्कृहतयोिं का अद् भुत हमिण था।

समय हबतािे के बाद, मैंिे पन्ना के चौक बाजाि से एक अहद्वतीय अिुभव हाहसल हकया। इस अिुभव िे मेिे
मि को शािंहत औि सिंतोि से भि हदया औि मुझे पन्ना की सिंगीतमय औि जीविंत िोचकता का परिचय किवाया।

यहााँ की खाहसयतें औि स्थािीय व्यिंजिोिं की खुशबू िे मेिे अिुभव को यादगाि बिा हदया।

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(घ) तकनीकी व मीहडया सिंबिंधी शब्ाविी

परिचय

कायावलय के परिवेश में हहिं दी की पारिभाहिक शब्दावली का महत्त्वपूणव स्थाि है , जो हकसी सिंगठि या

कायावलय के सिंचाि, प्रबिंधि, औि पेशेविता को सुहिहित कििे में मदद किती है। यह शब्दावली सटीकता
औि सुगमता के साथ सिंबिंहधत होती है , हजससे सिंगठि की गहतहवहधयोिं में सुधाि होता है औि सहजता से

सिंबिंहधत जािकािी पहुाँच पाती है। कायाव लयोिं में प्रचहलत हहिंदी की पारिभाहिक शब्दावली में तकिीकी औि
मीहडया सिंबिंधी शब्दावली शाहमल हैं।

तकनीकी शब्ाविी

तकिीकी शब्दावली शब्दोिं का एक समूह है जो हकसी सिंगठि के तकिीकी क्षेत्रोिं में काम कििे वाले लोगोिं
के बीच सिंचाि को सुहवधाजिक बिाता है। इसमें किंप्यूटि, सॉफ्टवेयि, हाडव वेयि, औि िेटवहकिंग जैसे शब्द

शाहमल होते हैं , जो सिंगठि की तकिीकी आधािभूतता को समझािे में मदद किते हैं।

कुछ प्रमुख उदाहिर् इस प्रकाि हैं -

1. बायोमेहटि क्स (Biometrics) : एक प्रौद्योहगकी हजसमें व्यस्थि की शािीरिक या सािंहवदाहिक हवशेिताएाँ ,

जैसे हक उिं गली की छाप, मुाँह की छहव, या िेत्र की िे हटिा का स्कैि हकया जाता है , ताहक उसे पहचािा जा
सके।

2. आई.ओ.टी. (IoT-Internet of Things) : एक तकिीकी प्रणाली हजसमें हवहभन्न उपकिण औि उिके

साथ जुड़े हुए िेटवकव इिं टििेट के माध्यम से सिंवाद कि सकते हैं औि डे टा साझा कि सकते हैं।

3. आहटक हिहशयि इिं टेहिजेंस (Artificial Intelligence-AI) : मािव बुस्थद्धमत्ता को हमहमक (की िकल)

कििे के हलए हडजाइि हकए गए हसस्टम औि प्रोसेसेस।

4. वायिि वीहडयो (Viral Video) : एक ऑिलाइि वीहडयो जो तेजी से इिं टििेट पि िैलता है औि लाखोिं
या किोड़ोिं लोगोिं तक पहुाँचता है।

5. एआि (Augmented Reality-AR) : एक तकिीकी प्रणाली हजसमें वास्तहवक दु हिया को हडहजटल

वस्तुओिं या जािकािी से बिाया जाता है , जो उपयोगकताव को एक व्यवस्थस्थत अिुभव प्रदाि किता है।

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मीहडया सिंबिंधी शब्ाविी

मीहडया सिंबिंधी शब्दावली में वह शब्द शाहमल हैं जो समाचाि, जािकािी, हवचाि, औि मिोििं जि को व्यि

कििे औि पहुाँचािे के हलए उपयोग होते हैं । इसमें समाचाि, टीवी, पत्रकारिता, ऑिलाइि मीहडया, सोशल
मीहडया, प्रचाि-प्रसाि, िोडकास्थस्टिंग, मीहडया व्यस्थि, प्रस्तुहत औि पहत्रका जैसे शब्द शाहमल हो सकते हैं।

यह शब्दावली मीहडया क्षेत्र के हवकास, प्रसाि, औि सिंबिंधोिं को समझिे में सहायक होती है।

मीहडया सिंबिंधी शब्ाविी के कुछ उदाहिर् इस प्रकाि हैं -

1. समाचाि (News) : िवीितम घटिाओिं औि जािकािी का स्रोत, हजसे मीहडया हवहभन्न प्रपिंचोिं में प्रस्तुत

किता है।

2. टीवी चैनि (TV Channel) : हवहभन्न हवियोिं पि चचाव , समाचाि, औि मिोििं जि प्रदाि कििे वाले चैिल।

3. पत्रकारिता (Journalism) : सि, न्याय, औि साववजहिक हहत की िक्षा कििे के हलए समाचाि प्रदाि
कििे की कला औि हवज्ञाि।

4. सोशि मीहडया (Social Media) : इिं टििेट पि लोगोिं के बीच जुड़ाव बढ़ािे वाले प्लेटिॉमव, जैसे हक
िेसबुक औि हिटि।

5. ब्रोडकात्यटिं ग (Broadcasting) : वीहडयो या ऑहडयो को साववजहिक रूप से प्रसारित कििे की प्रहक्रया,

जैसे हक टीवी औि िे हडयो।

हनष्कषक

कायावलयोिं औि सिंगठिोिं में हहिंदी की पारिभाहिक शब्दावली महत्वपूणव है। तकिीकी शब्दोिं के हवकास औि

मीहडया के प्रयोग में वृस्थद्ध के साथ, इसका उपयोग कायावलयी सिंचाि में आसािी औि सुगमता लाता है।
तकिीकी शब्द जैसे "बायोमेहटर क्स" औि "आईओटी" के उपयोग से कायव को बेहति बिािे में मदद हमलती

है, जबहक मीहडया सिंबिंधी शब्दोिं के साथ "समाचाि", "टीवी चैिल", औि "सोशल मीहडया" की महत्ता बढ़ गई
है।

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