G9 - स्मृति - Notes - 2024-25

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स्मतृ ि

1. भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में ककस बात का डर था?


उत्तर: भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में पपटने का डर था।

2. मक्खनपुर पढ़ने जाने वाली बच्चों की टोली रास्ते में पड़ने वाले कुएँ में ढे ला क्यों
फेंकती थी?
उत्तर: मक्खनपुर पढ़ने जाने के रास्ते में एक सख
ू ा कुआँ था जजसमें साँप गिर िया
था। बच्चों की टोली उस साँप की फुसकार सन
ु ने के ललए ढे ला फेंकती थी।

3.'साँप ने फुसकार मारी या नहीीं, ढे ला उसे लिा या नहीीं, यह बात अब तक स्मरण


नहीीं' - यह कथन लेखक की ककस मनोदशा को स्पष्ट करता है ?
उत्तर: उपयक्
ु त कथन लेखक बदहवास मनोदशा को स्पष्ट करता है । जजस समय
लेखक कुएँ में ढे ला फेंक रहा था उसी वक्त उसके टोपी से icaiT\zyaaÐ गिर ियीीं। उसे
याद नहीीं कक ढे ला साँप को लिा या नहीीं, साँप ने फुसकार मारी या नहीीं क्योंकक उस
वक्त वह बहुत डर िया था।

4.ककन कारणों से लेखक ने icaiT\zyaaoM को कुएँ से ननकालने का ननणुय ललया?


उत्तर: icaiT\zyaaÐ लेखक के बड़े भाई ने डाकखाने में डालने के ललए दी थीीं। लेखक अपने
बड़े भाई से बहुत डरते थे। कुएँ में icaiT\zyaaÐ गिरने से उन्हें अपनी पपटाई का डर था
और वह झठ ू भी नहीीं बोल सकता था। इसललए भी कक उसे अपने डींडे पर भी परू ा
भरोसा था। इन्हीीं सब कारणों से लेखक ने कुएँ से icaiT\zyaaÐ ननकालने का ननणुय
ककया।

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5. साँप का ध्यान बँटाने के ललए लेखक ने क्या-क्या यजु क्तयाँ अपनाईं?
उत्तर: साँप का ध्यान बँटाने के ललए लेखक ने कई युजक्तयाँ अपनाईं। जैसे - साँप के
पास पड़ी icaiT\zyaaoM को उठाने के ललए डींडा बढ़ाया, साँप उस पर कूद पड़ा इससे डींडा
छूट िया लेककन इससे साँप का आसन बदल िया और लेखक icaiT\zyaaÐ उठाने में
सफल रहा पर डींडा उठाने के ललए उसने कुएँ की बिल से एक मट्
ु ठी लमट्टी लेकर
साँप के दाई ओर फेंकी कक उसका ध्यान उस ओर चला जाए और दस
ू रे हाथ से
डींडा खीींच ललया। डींडा बीच में होने से साँप उस पर वार नहीीं कर पाया।

6. कुएँ में उतरकर गचट्ठठयों को ननकालने सींबींधी साहलसक वणुन को अपने शब्दों में
ललखखए।
उत्तर: भाई द्वारा दी िई icaiT\zyaaÐ लेखक से कुएँ में गिर िई थीीं और उन्हें उठाना भी
ज़रुरी था। लेककन कुएँ में साँप था, जजसके काटने का डर था। परन्तु लेखक ने कुएँ
से icaiT\zyaaÐ ननकालने का ननणुय ललया। उसने अपनी और अपने भाई की धोनतयाँ
कुछ रस्सी लमलाकर बाँधी और धोती की सहायता से वह कुएँ में उतरा। अभी 4-
5 िज ऊपर ही था कक साँप फन फैलाए हुए ठदखाई ठदया। उसने सोचा धोती से
लटककर साँप को मारा नहीीं जा सकता और डींडा चलाने के ललए पयाुप्त जिह नहीीं
थी। लेखक ने डींडे से icaiT\zyaaÐ सरकाने का प्रयत्न ककया तो साँप डींडे पर ललपट िया।
साँप का पपछला ठहस्सा लेखक के हाथ को छू िया तो उसने डींडा पटक ठदया।
उसका पैर भी दीवार से हट िया और धोती से लटक िया। कफर ठहम्मत करके
उसने कुएँ की लमट्टी साँप के एक ओर फेंकी। डींडे के गिरने और लमट्टी फेंकने से
साँप का आसन बदल िया और लेखक icaiT\zyaaÐ उठाने में सफल रहा। धीरे से डींडा
भी उठा ललया और कुएँ से बाहर आ िया। वास्तव में यह एक साहलसक कायु था।

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7. इस पाठ को पढ़ने के बाद ककन-ककन बाल-सुलभ शरारतों के पवषय में पता
चलता है ?
उत्तर: 1. मौसम अच्छा होते ही खेतों में जाकर फल तोड़कर खाना।
2. स्कूल जाते समय रास्ते में शरारतें करना।
3. रास्ते में आए कुएँ, तालाब, पानी से भरे स्थानों पर पत्थर फेंकना, पानी में
उछलना।
4. जानवरों को तींि करते हुए चलना।
5. अपने आपको सबसे बहादरु समझना आठद अनेकों बाल सुलभ शरारतों का
पता चलता है।

8. 'मनुष्य का अनुमान और भावी योजनाएँ कभी-कभी ककतनी लमथ्या और उल्टी


ननकलती हैं' −का आशय स्पष्ट कीजजए।
उत्तर: मनष्ु य अपनी जस्थनत का सामना करने के ललए स्वयीं ही अनम
ु ान लिाता है
और अपने ठहसाब से भावी योजनाएँ भी बनाता है। परन्तु ये अनम
ु ान और
योजनाएँ परू ी तरह से ठीक उतरे ऐसा नहीीं होता। कई बार यह िलत भी हो जाती
हैं। जो मनुष्य चाहता है , उसका उल्टा हो जाता है । अत: कल्पना और वास्तपवकता
में हमेशा अींतर होता है ।

9. 'फल तो ककसी दस
ू री शजक्त पर ननभुर है ' − पाठ के सींदभु में इस पींजक्त का
आश्य स्पष्ट कीजजए।
उत्तर: लेखक जब कुएँ में उतरा तो वह यह सोचकर उतरा था कक या तो वह icaiT\zyaaÐ
उठाने में सफल होिा या साँप द्वारा काट ललया जाएिा। फल की गचींता ककए बबना
वह कुएँ में उतर िया और अपने दृढ़ पवश्वास से सफल रहा। अत: मनुष्य को कमु
करना चाठहए। फल दे ने वाला ईश्वर होता है । मनचाहा फल लमले या नहीीं यह दे ने
वाले की इच्छा पर ननभुर करता है। लेककन यह भी कहा जाता है , जो दृढ़ पवश्वास
व ननश्चय रखते हैं, ईश्वर उनका साथ दे ता है ।

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