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अ य हल कये गए असाइनमट और अनुमान के लए


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समाधान इ नू पर आधा रत

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जाएगा।
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• नमूना प के ये नमूना उ र समाधान लेख क ारा छा क मदद के लए तैयार कए गए ह ता क उ ह यह पता चल सके क वह का उ र कै से दे सकता है। नमूना उ र को के वल मागदशक संदभ

साम ी के प म दे ख ा जा सकता है। काशक इन समाधान उ र क सट कता का दावा नह करता है। कसी भी चूक या ु ट के लए अ य धक खेद है हालां क इन नमूना उ र समाधान को

तैयार करते समय हर सावधानी बरती गई है। य द आपको परी ा म उप त होने से पहले कोई संदेह या म है तो कृ पया अपने श क श क से परामश ल या व व ालय क नधा रत

और अनुशं सत अ ययन साम ी दे ख ।

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इ नू पर आधा रत ये नमूना प हल
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मामले और ववाद के वल द ली े ा धकार के अधीन ह।

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अ य हल कये गए असाइनमट और अनुमान पेपर के लए

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समय घंटे अ धकतम अंक


ट पणी उ र कोई भी पांच . यास येक अनुभाग से कम से कम दो

ख ड I न न ल खत जा तय और जनजा तय को भेदभाव से बचाने के लए सरकार ने अनुसू चत जा त और अनुसू चत जनजा त अ याचार

के उ र द जए . सरकार क उपल य और क मय नवारण अ ध नयम बनाया जसम ऐसे कृ य के लए कठोर दं ड का ावधान कया गया।

का मू यांक न क जए।
भारत म सामा जक ां त.

उ र भारत म सामा जक ां त ने अपने ल य को ा त कर लया है भले ही कु छ क मयाँ ह । मौ लक का यूनतम वेतन अ ध नयम सरकार को सभी आ थक े म काम करने वाले लोग के लए यूनतम

अ धकार और नी त नदशक स ांत का उपयोग सामा जक क याण के लए कानून बनाने के आधार के प म एक वेतन तय करने का अ धकार दे ता है। का उपभो ा संर ण अ ध नयम उपभो ा क बेहतर सुर ा के लए

साथ कया गया है। सव यायालय ने मौ लक अ धकार और नी त नदशक स ांत को एक सरे का पूरक माना ावधान करता है। का समान पा र मक अ ध नयम पु ष और म हला दोन के लए समान काम के लए

है जो सामा जक ां त के मा यम से क याणकारी रा य क ापना के समान ल य को ा त करने म एक सरे क समान वेतन का ावधान करता है। ामीण गरीब को लाभकारी रोजगार दान करने के उ े य को ा त करने के लए

भू मका को पूरक बनाते ह। इसी तरह सव यायालय ने मौ लक कत का उपयोग उन कानून क संवैधा नक म संपूण ामीण रोजगार योजना सावभौ मक ामीण रोजगार काय म शु क गई थी। इस काय म को

वैधता को बनाए रखने के लए कया है जो मौ लक कत म नधा रत उ े य को बढ़ावा दे ने का यास करते ह। इन पंचायती राज सं ा के मा यम से या वत कया गया था।

कत को सभी नाग रक के लए अ नवाय माना गया है बशत क रा य एक वैध कानून के मा यम से उ ह लागू करे।

सव यायालय ने ावधान को भावी बनाने और नाग रक को अपने कत का उ चत ढं ग से पालन करने म स म

बनाने के उ े य से इस संबंध म रा य को नदश भी जारी कए ह।

भारत के लगभग सभी रा य और े म पंचायती राज व ा लागू क गई है। येक तर पर पंचायत म


कु ल सीट क एक तहाई म हला के लए आर त क गई है और बहार के मामले म आधी सीट म हला के

लए आर त क गई ह। ज मू और क मीर और नागालड को छोड़कर सभी रा य और े म यायपा लका को

कायपा लका से अलग कर दया गया है। भारत क वदे श नी त नदशक स ांत से भा वत रही है। भारत ने शां त

ापना ग त व धय म संयु रा का समथन कया भारतीय सेना ने संयु रा शां त ापना अ भयान म भाग

लया है।

अब कम ब े खतरनाक वातावरण म काम कर रहे ह ले कन गैर खतरनाक नौक रय म उनका काम मु य

प से घरेलू सहायक के प म कई आलोचक और मानवा धकार अ धव ा क नज़र म सं वधान क भावना का

उ लंघन करता है। . म लयन से यादा ब े रोज़गार म ह।

हालाँ क अभी भी कई क मयाँ ह। हमारे यहाँ अभी भी मानवा धकार का उ लंघन होता है बाल मज री गरीबी और

सावज नक अ धका रय और राजनेता के बीच ाचार क मौजूदगी के अनुसार म दे श म से भारत म हला के खलाफ हसा होती है।
व ान पर था। वष को बीआर अंबेडकर क याद म सामा जक याय का वष घो षत कया गया था।

. स ांत आधा रत और रणनी तक अ हसक आंदोलन के बीच अंतर बताएं।

सरकार अनुसू चत जा त और जनजा त के छा को च क सा और इंज ी नय रग पा म म भाग लेने के लए नःशु क उ र अ हसक आंदोलन के कार अ हसा जसका उ े य हसा के बना प रवतन ा त करना है एक दशन
पा पु तक दान करती है। वष के दौरान इस उ े य के लए . करोड़ पये क रा श जारी क गई थी। और एक रणनी त दोन है। अ हसक आंदोलन दो कार के होते ह वे आंदोलन जो अ हसक बने रहते ह य क
अनुसू चत जा तय और जनजा तय के छा को च क सा और इंज ी नय रग पा म म भाग लेने के लए नःशु क

पा पु तक दान क जाती ह।

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इ नू कनमूनानवीनतम
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वे स ांत और आंदोलन जो रणनी तक कारण से अ हसा का उपयोग करते ह। सै ां तक दाश नक या नै तक अ हसा वरोध और अनुनय के तरीके वरोध और अनुनय के तरीक म घर घर

म हसा के खलाफ धा मक आ या मक और नै तक नषेधा ा का उपयोग कया जाता है। रणनी तक साम रक या जाकर अ भयान चलाना रे डयो और ट वी कवरेज सावज नक भाषण या चकाएँ पच ेस व त रै लयाँ

ावहा रक अ हसा राजनी तक या साम रक अ हसा है। हालाँ क ये आयाम सभी अ हसक आंदोलन म एक साथ मौजूद और माच धरना तीक को पहनना झंडे दखाना गाना वाक आउट पो टर नु कड़ नाटक और अ य कार क

हो सकते ह य क वे अन य नह ह। अ हसा पर सै ां तक और ावहा रक तक पूरक माने जाते ह। भारत के वतं ता कारवाई शा मल ह। ये सभी याएँ तीका मक ह और वे सीधे तौर पर वां छत बदलाव नह ला सकती ह।

आंदोलन या अमे रक नाग रक अ धकार आंदोलन के दौरान स वनय अव ा आंदोलन ने स य के तर को आगे बढ़ाया

और सरकार के साथ साथ स ा म भी बदलाव लाया।

ये याएँ लोग को श त करती ह और एक मजबूत संदेश भेज ती ह क कु छ गलत है और लोग इसका वरोध करने

उदाहरण के लए के लए काय करने के लए तैयार ह। संदेश सा रत करके ये याएँ अ य समूह के सद य को प रव तत कर सकती

ह। ये तरीके अ धक ल त और वघटनकारी याएँ शु करने के लए अनुकू ल वातावरण बनाते ह जो आंदोलन को

उ े य को ा त करने म मदद कर सकते ह।

स ांत आधा रत अ हसक आंदोलन स ांत आधा रत अ हसक संघष

म अ यासी हसा का उपयोग कए बना संघष को हल करते ह और सावधानी के साथ उस इरादे को पूरा करते

ह। अ हसा का गांधीवाद स ांत यह है क ऐसे आंदोलन का वाथ या मनमाना उ े य नह होना चा हए य क ऐसे असहयोग के तरीके
उ े य लोग क आ या मक ऊजा को मु नह करगे। इन तरीक म सामा जक राजनी तक और आ थक असहयोग के व भ प शा मल ह जैसे सामा जक

ब ह कार वरोध व प पलायन कानून और आदे श के त स वनय अव ा चुनाव और वधायी नकाय का

ब ह कार औपचा रक शै क सं ान से हटना हड़ताल काम म मंद संचार और आदे श क लाइन को अव


भावी बनने के लए अ या सय को वाथ से ऊपर उठना पड़ता है। अनुया यय को ेम आ म ब लदान और मानवीय करना बक खात से पैसे नकालना कराया और याज का भुगतान करने से इनकार करना अंतरा ीय ापार तबंध
ग रमा के मू य के त तब होना पड़ता है। वे क सह सकते ह और सर को क नह प ँचाएँगे। इस कार
घर पर रहना और उपभो ा मक ापा रय छा और बंधन जैसे व भ समूह ारा ब ह कार।
अ हसा का अ यास ढ़ व ास और सु वधा के कारण होता है। वे अ य वक प क उपल ता क कमी के कारण

अ हसा का पालन नह करते ह ब क हसा के अमानवीय और ू र भाव के त गहरी घृण ा के कारण करते ह।

असहयोग प त म लोग वरोधी क बात मानना बंद कर दे ते ह और अपना समथन दे ने से इनकार कर दे ते ह।


रणनी तक अ हसक आंदोलन गांधी सै ां तक अ हसा के त
इन व धय को भावी होने के लए ब त से लोग के समथन क आव यकता होती है। ये व धयाँ तभी सफल प रणाम

और ई पु तक
तब थे ले कन अ धकांश तभा गय ने नै तक और आ या मक मूल के त गहरी तब ता के बना
ा त करने म भावी होती ह जब जनता क ापक भागीदारी हो।
अ हसा का उपयोग कया है। रणनी तक अ हसा के सबसे हा लया मामल म तभा गय को ेम और आ म ब लदान

के नै तक मू य से े रत नह कया गया है। उ ह ने हसक साधन क तुलना म अ धक भावी और कम खच ले साधन

से प रणाम ा त करने के लए अ हसक रणनी त का उपयोग कया है। जीन शाप जो रणनी तक अ हसक आंदोलन का
ह त ेप के तरीके
तीक ह उ ह अ हसक आंदोलन का लॉज़ वट् ज़ कहा जाता है।
ह त ेप के तरीक म शारी रक अवरोध धरना दशन सड़क को अव करना सु वधा पर अ धक भार

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डालना उपवास और भूख हड़ताल समानांतर सं ा और वैक पक था क ापना भू मगत शै णक सं ान

इमारत पर क ज़ा स वनय अव ा के सामू हक कृ य और जानबूझ कर कारावास शा मल ह। ये तरीके सीधे वरोधी के

कामकाज को भा वत करते ह। इन तरीक के अ यास म जो खम ब त अ धक है य क अ धकारी ब त हसक

त या कर सकते ह। के वल सबसे तब और सबसे अ तरह से श त लोग ही इन काय को अंज ाम दे सकते


. अ हसक आंदोलन के व भ तरीक क ा या कर।
ह। ह त ेप करने वाले तरीके अगर वफल हो जाते ह तो आंदोलन क व सनीयता को नुक सान प ंचा सकते ह।

उ र अ हसक आंदोलन के तरीके अ हसक आंदोलन क सफलता उनके ारा अपनाए गए तरीक पर नभर

करती है।

आंदोलन ारा अपने रणनी तक उ े य क पहचान करने के बाद भावी अ हसक तरीक को लागू कया जा सकता है।

तरीक का उ े य समथक क सं या और आंदोलन म उनक भागीदारी बढ़ाना होना चा हए ता क तरोध करने


. आचाय वनोबा भावे के भूदान आंदोलन पर एक सं त नबंध लख।
क मता का नमाण कया जा सके ।

अ हसक आंदोलन ारा अ भयान चलाने के लए अलग अलग तरीक का इ तेमाल कया जाता है। कु छ तरीके उ र महा मा गांधी के एक व सनीय अनुयायी आचाय वनोबा भावे ारा शु कया गया भूदान आंदोलन

सर क तुलना म ल य हा सल करने म यादा कारगर होते ह। ये तरीके चूक या कमीशन के काय हो सकते ह। चूक का के दशक क शु आत म दे श म शु आ था। यह आंदोलन भू म सुधार का एक यास था और इसका उ े य

काय कानून ारा अपे त काय को करने से इनकार करना है। कमीशन का काय कु छ ऐसे काय करना है जो कानून भारतीय समाज के सबसे अ धक डू बे ए और वं चत वग भू महीन और भू महीन लोग को भू म उपल कराकर और

ारा न ष ह। वै क दान ारा भू म का यायसंगत वतरण करके दे श म भू म सम या को एक नए तरीके से हल करना था।

गांधीवाद दशन और तकनीक से ेरणा ा त करने वाले इस आंदोलन ने कु छ वष तक भारतीय समाज म ापक

अपील करके सनसनी फै लाई और अपनी शु आत के शु आती वष म चम का रक प रणाम दे क र स दय पुरानी भू म

सम या को हल करने क उ मीद जगाई। इसने

अ हसक तरीक को तीन े णय म बांटा जा सकता है वरोध और अनुनय के तरीके असहयोग के तरीके और

ह त ेप के तरीके । इन तीन े णय के अंतगत जीन शाप ने लगभग अ हसक तरीक का उ लेख कया है जो

अ हसक कारवाई के ह थयार क तरह ह।

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यह ट शप के स ांत पर आधा रत एक बौ क आंदोलन था और इसने कृ ष समाज म वग सहयोग क आव यकता म ूण क असामा यता का पता लगाने के लए अ खल भारतीय आयु व ान सं ान नई द ली म

पर जोर दया। कए गए एक नमूना सव ण के भाग के प म भारत म एम नयोसटे सस क शु आत क गई थी। बाद म भारतीय

च क सा अनुसंधान प रषद ने इन परी ण को बंद कर दया। म पंज ाब के अमृतसर म पहला लग नधारण

इस आंदोलन क शु आत अ ैल म वनोबा के हैदराबाद म तेलंगाना के संघष त े के दौरे के दौरान ल नक खोला गया। कु छ संगठन ने लग नधारण परी ण को रोकने के लए वरोध कया ले कन वे असहाय थे

ई थी। य क मे डकल ट मनेशन ऑफ़ े नसी ए ट ने ूण क असामा यता का पता लगाने के लए परी ण क अनुम त

उ ह ने इस े म शां त का संदेश फै लाने के लए यह या ा क थी य क इस े म कृ ष आंदोलन के चलते क यु न ट द थी।

और जम दार के बीच हसक झड़प ई थ । अ ैल को पोचमप ली गांव म उनके श वर म एक छोट ले कन

असाधारण घटना घट । उस दन वनोबा को राम चं रे ी ने एकड़ जमीन क पेशकश क थी जब उ ह ने अपनी

ाथना सभा म एक त ामीण से गांव के ह रजन के लए कु छ करने क अपील क थी। यह घटना वनोबा के लए

एक रह यो ाटन क तरह थी और उ ह व ास हो गया क अगर एक उनक अपील सुनकर जमीन का दान कर क जनगणना के अनुसार वष आयु वग म बाल लग अनुपात म से घटकर म

सकता है तो न त प से अ य लोग भी उसी तरह से े रत हो सकते ह। हो गया। शहरी के जो अ धक सा र और उदार ह म म से घटकर म हो गया।

द ली म बाल लगानुपात है जो चताजनक है। इसका कारण शशु ह या और ूण ह या के त उपे ा

के प रणाम व प कम उ म लड़ कय क मृ यु दर अ धक होना हो सकता है तथा यह समाज म ात तगामी पु ष

पूवा ह को दशाता है।

ले कन अ ैल को तंगलाप ली गांव म ंक ट रे ी से सरा दान ा त करने के बाद ही उ ह ने पछले

दन के दान को भूदान बताया और महसूस कया क यह दे श म अ य धक असमानता क सम या का समाधान दान म चयना मक लग नधारण को रोकने के लए सव पूव नदान तकनीक व नयमन और पयोग

कर सकता है। इस कार वनोबा और उनके अनुया यय ने गांव गांव जाकर भू वा मय को भू महीन और भू म गरीब रोकथाम अ ध नयम लागू कया गया था। इस अ ध नयम को म संशो धत कया गया ता क इसे लग नधारण
के बीच वतरण के लए अपनी जमीन का कम से कम छठा ह सा भूदान के प म दान करने के लए राजी कया। के लए उपयु बनाया जा सके ।

तेलंगाना म वनोबा के भू म दान मशन के त उ साहजनक त या जसम उ ह ने दन म भूदान म अ ध नयम को और अ धक ापक बनाया गया तथा इसका नाम बदलकर गभधारण पूव एवं सव पूव नदान तकनीक
पदया ा एकड़ जमीन हा सल क ने वनोबा को मशन जारी रखने के लए ो सा हत कया और अंततः उ ह लग चयन तषेध अ ध नयम कर दया गया।
म गांधी के ज म दन पर तक पूरे दे श से भू महीन के लए पचास म लयन एकड़ जमीन एक करने का

संक प लेने के लए े रत कया। पीसी एवं पीएनडीट अ ध नयम के काया वयन क नगरानी के लए वा य मं ालय ारा एक क य पयवे ी

बोड और रा य तरीय पयवे ी स म तय का गठन कया गया है।

मं ालय क रपोट के अनुसार कानून के उ लंघन के मामले सामने आए ह। इनम से मामले ूण के लग


क पहचान और उसके खुलासे से संबं धत ह मामले उन लोग के खलाफ ह ज ह ने लग जांच क सु वधा

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का व ापन कया है और बाक मामले उन लोग के खलाफ ह ज ह ने ूण के लग क पहचान और उसके खुलासे
से संबं धत ह।

ये ली नक के गैर पंज ीकरण के प म ह।


इस कार एक गत यास ने एक आंदोलन का व प हण कर लया। कई मामल का पता ही नह चल पाया है और कानून भी उतना भावी नह रहा है य क मरीज उसका प रवार
इस बीच भूदान आंदोलन भू म दान आंदोलन से बदलकर ाम दान या ामदान आंदोलन बन गया था जसम और उ लंघनकता आपस म मले ए ह। पीसी और पीएनडीट क वा षक रपोट के अनुसार सा य या गवाह

गांव क पूरी या उसका बड़ा ह सा से कम ामीण ारा दान कया जाना था ज ह अपनी जमीन पर मा लकाना क अनुपल ता कानून के या वयन म मु य बाधा है।

हक पूरे गांव के प

बीच पूरी जमीन को समान


म छोड़ना था साथ ही उ ह कु छ अंतराल के बाद संशोधन के

ले कन उसके बाद से यह एक उपे


प से पुन वत रत करने का अ धकार था।

त ग त व ध बन गई।
गत भू म दान का काय म अभी भी था और ई पु तक
ावधान के साथ गांव के प रवार के

दे श भर म कई जगह पर बेईमान डॉ टर लग नधारण परी ण कर रहे ह। वतन एज सय क पकड़ से बचने

के लए वे तरह तरह के तरीके अपनाते ह। उदाहरण के लए डॉ टर मरीज से संवाद करने के लए कोड भाषा का

इ तेमाल करते ह। य द डॉ टर नीली याही से रपोट पर ह ता र करता है तो इसका मतलब लड़का है जब क लाल

याही का मतलब ब ी है। सीएमओ या सीएस को भी कानून का उ लंघन करने वाल पर मामला दज करने का पया त

अ धकार नह है। b भारत म ऑनर क लग उ र ऑनर क लग ऑनर क लग या थागत ह या तब होती है जब

. न न ल खत पर सं त ट पणी लख क भारत म क या ूण ह या प रवार कबीला या समुदाय के सद य यह मानते ए ह या कर दे ते ह क पी ड़त ने प रवार कबीले या समुदाय का

उ र क या ूण ह या ूण ह या से ता पय ूण क ह या अपमान कया है। क थत अपमान प रवार के लए अ वीकाय ेस कोड का उपयोग करने और अ य कबीले या समुदाय

या ूण क समा त से है। यह लग नधारण परी ण के बाद म हला लग के ूण के वैध े रत गभपात के के सद य के साथ

ारं भक चरण के दौरान कया जाता है। भारत ने क या ूण ह या और लग नधारण परी ण पर तबंध लगा दया संबंध के कारण होता है। ह यारे यह मानते ए ह या को

है। य द गभाव ा स ताह से अ धक नह है तो गभपात क अनुम त है। न न ल खत प र तय म स ताह से सही ठहराते ह क पी ड़त ने उनके प रवार और कबीले का अपमान कया है।

पहले गभपात क अनुम त है


य द गभाव ा से गभवती म हला के जीवन को खतरा हो या उसके मान सक और शारी रक वा य को बी
गंभीर त प ँच सकती हो।

य द ज म के बाद ब े को कसी गंभीर शारी रक या मान सक असामा यता का खतरा हो। मन राइट् स वॉच का कहना है क स मान के नाम पर कए जाने वाले अपराध हसा के कृ य ह आमतौर पर

ह या जो प रवार के सद य ारा कए जाते ह।

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इ नू कनमूनानवीनतम
प I
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प रवार के कसी अ य सद य को प रवार का अपमान करने वाला माना जाता है। एक म हला को उसके प रवार ारा और इसे के वल इस उ े य के लए बनाए गए सरकारी डपो पर ही खरीदा जा सके गा।
ऐसे कारण से नशाना बनाया जा सकता है जैसे क उसका कसी तयशुदा ववाह म वेश करने से इनकार करना

यौन उ पीड़न का शकार होना तलाक मांगना या भचार करना। गांधी ने शराबबंद पर कानून बनाने क सफा रश क और राज व के संचय पर शराब के लए तक के

खलाफ बात क । गांधी ने कहा क शराब से होने वाला राज व बेहद अपमानजनक कराधान का एक प है ।

व रहने के लए लगाए गए कसी भी कराधान को आव यक सेवा के प म करदाता को दस गुना वापस


उ र भारत म अस ह णु और क र समाज अलग अलग समुदाय के युवा लड़के लड़ कय के आपसी लगाव करना चा हए। उ ह ने कहा क उ पाद शु क लोग को उनके नै तक मान सक और शारी रक ाचार के लए
और च को वीकार करने से इनकार कर दे ता है। वे इसे अपनी कठोर मयादा का उ लंघन मानते ह। पंज ाब भुगतान करने के लए मजबूर करता है। यह उन लोग पर एक मृत भार क तरह है जो इसे सहन करने क सबसे
ह रयाणा और प मी उ र दे श म ऑनर क लग के कई मामले सामने आए ह। कम संभावना रखते ह। य द अपमानजनक कर हटा दया जाता है तो उ ह ने कहा यह पीने वाले को बेहतर कमाने

और खच करने म स म बनाता है। इससे दे श को पया त आ थक लाभ मलेगा।

लोग को लग के त अ धक संवेदनशील बनाया जाना चा हए जा त और वग के पूवा ह को यागना

चा हए। ऑनर क लग से नपटने के लए कोई वशेष कानून नह है। ऑनर क लग एक ह या का मामला है और यह


गांधीजी ने सुझ ाव दया क शराबबंद के कारण होने वाली राज व हा न क भरपाई के लए आय के
कया जाना चा हए क ऐसे अपराध करने वाल के लए कोई बच नकलने का रा ता नह है। हालां क अगर
वैक पक ोत क खोज क जानी चा हए।
भीड़ शा मल है तो अपराधी को पहचानना मु कल हो जाता है। ऐसे मामल म सबूत और च मद द गवाह मलना
उ ह ने कहा क र ा य म कटौती एक वक प होगा।
भी मु कल होता है।
ब नया
राज व घाटे के बारे म बात करना सरकार क भावना को दशाता है। गांधी के अनुसार शराबबं द नी त क शु आत

कसी भी नई कान को लाइसस दे ने से रोककर होनी चा हए जो लाइसस समा त हो चुके ह उनका नवीनीकरण नह

कया जाना चा हए और कु छ ऐसी कान को बंद कर दे ना चा हए जो जनता के लए परेशानी का कारण बनती ह।


सती था और दहेज था क तरह जहां अ धकतम और यूनतम सजा के लए कानून ह वह ऑनर क लग
के मामल से नपटने के लए वशेष कानून होने चा हए। ऐसे मामले भी ह जहां पी ड़त अनुपयु साथी के साथ भाग

जाते ह और उनके प रवार ारा ाथ मक दज कए जाने के बाद उ ह वापस घर बुला लया जाता है और फर
गांधीजी ने ा त म स ासीन कां ेसजन से नै तक और ावहा रक दोन आधार पर पूण शराबबंद लागू
प रवार ारा उनक ह या कर द जाती है। ऐसे मामल म पु लस को जोड़े क सुर ा के लए पहले से ही कारवाई
करने का आ ह कया।
करनी चा हए। ऑनर क लग के ऐसे मामल से नपटने के लए गंभीर दं डा मक तबंध को लागू कया जाना चा हए।
शराबबंद लाख लोग को नया जीवन दे क र नै तक और भौ तक श बढ़ाती है। गांधीजी ने कहा था क अगर हम

शराब के शकार बने रहे तो हमारी आज़ाद गुलाम क आज़ाद होगी

और स। उ ह ने सलेम का उदाहरण दया जहां शराबबंद उपाय को सफलतापूवक लागू कया गया था।

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भाग II न न ल खत
गांधी ने तक दया क अवैध शराबबंद क संभावना को कमजोर करेगी और यह अ य अपराध पर नयं ण
के उ र द जए . शराबबंद पर गांधीजी के वचार पर
चचा क जए। से अ धक खच नह करेगी। शराब पीने पर कठोर दं ड होना चा हए। शराब उ पादक और पीने वाल के खलाफ

उ र शराबबंद पर गांधी गांधी शराब पीने को बुराई से यादा एक बीमारी मानते थे। उ ह ने शराब पीने को स त कारवाई से अ े प रणाम मलगे। लोग खासकर गरीब इसे नह पीते अगर यह स ती न हो।

चोरी और वे यावृ से यादा नदनीय माना। उ ह ने याद दलाया क कई सा ा य अपने शासक क शराब पीने
क आदत के कारण न हो गए। रोमन सा ा य के पतन का एक कारण शराब थी। उ ह ने अपने सबसे बड़े बेटे का

भी हवाला दया। वह बहा र बु मान दे शभ


और ई पु तक
और याग करने म स म होने के बावजूद नशे का आद हो गया।

गांधीजी शराबबंद को अपने रचना मक काय म का अ भ अंग बनाना चाहते थे। गांधीजी ने जनता खास

तौर पर वै क संगठन से शराब के खलाफ नै तक आंदोलन के प म संयम शु करने का आ ान कया।

उ ह ने सुझ ाव दया क शराब पीने क आदत के पीछे के कारण का व ेषण कया जाना चा हए ता क इस बुराई

से नपटा जा सके । वै क संगठन और मुख लोग को नशे क लत के शकार लोग के साथ गत संबंध
उ ह ने कहा क शराबी प तय क म हलाएं जानती ह क
बनाने के लए शां तपूण मौन और श ा द धरना दे ना चा हए और उ ह शराब छोड़ने और शराब के ापा रय को
शराब क बुराई यह है क यह घर म व ा और शां त को कै से भा वत करती है। सरे वसाय म जाने के लए े रत करने के यास करने चा हए। श ा के लए के वल वै क यास तब तक
गांधीजी ने कहा क शराब शैतान का आ व कार है। भावी नह ह गे जब तक क इसके पहले पूण नषेध न हो। कानून और वै क यास मलकर शराब क खपत
शराब पीने वाल से उनके पैसे और उनक बु दोन छ न लेती है। उ ह ने कहा क यादातर नशेड़ी होश म होने पर को रोकने म भावी हो सकते ह।
अपनी आदत पर श मदा होते ह। गांधी को द णअ का टे न और सरे दे श म शरा बय के साथ ददनाक

अनुभव ए। उ ह ने कहा क शराबी चाहे राजकु मार ह अमीर ह या मज़ र वे बना कसी स मान के जीवन जीते
ह। गांधी को शरा बय से जुड़ी कड़वी घटना का सामना करना पड़ा और वे शराब के क र वरोधी थे। उ ह ने एक

लेख म लखा क शराब को शारी रक नै तक बौ क और आ थक प से बबाद कर दे ती है।

गांधी इस त य के त भी संवेदनशील थे क व भ सं कृ तय के लोग का शराब पीने के त अलग अलग

कोण है। कु छ सं कृ तय म शराब पीने को सामा जक री त रवाज के पमउ वीकृ त द जाती है जसम

संयम का आदश भी शा मल है। उ ह ने अमे रक योग का हवाला दया और कहा क वे इसे वफलता के पम
गांधी के अनुसार अगर उ ह दे श के लए एक घंटे के लए तानाशाह नयु कया जाता है तो सबसे पहला
नह लेते। गांधी ने कहा क भारत म शराबबंद कह अ धक आसान होगी य क यहाँ के वल एक छोटा अ पसं यक
काम जो वह करगे वह यह क बना कसी मुआ वजे के सभी शराब क कान बंद कर दगे सभी ताड़ी के पेड़ को
वग ही शराब पीता है। इसके अलावा दे श म शराब पीना अपमानजनक माना जाता है।
न कर दगे। गांधी के लए पूण नषेध का मतलब है नशीली पेय और दवा क ब पर तबंध सवाय इसके

क इस उ े य के लए लाइसस ा त च क सक ारा च क सक य पच के तहत।

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अ य हल कये गए असाइनमट और अनुमान पेपर के लए हल प I

. नया कसान आंदोलन न तो पूरी तरह गांधीवाद है और न ही पूरी तरह ां तकारी। इस कथन का अगर इसे काटना होता तो इसे गले लगाने वाली म हला को सचमुच काटना पड़ता। इस तरोध ने फल दया और

व ेषण क जए कावट के बावजूद दस साल बाद यह आंदोलन क मीर से लेक र सु र पूव म अ णाचल तक हमालय के पूरे े म
उ लेख . फै ल गया। दे श के अ य पयावरण के त संवेदनशील वन े ने इस समुदाय आधा रत तरोध को अपनाया जसका

उ र रैथा संघ के नेतृ व म कनाटक आंदोलन ने तीसरी नया मा स ले नन रोजा ल जमबग के आंत रक नेतृ व मु य प से म हला ने कया।

उप नवेशवाद के प म अपने तक के बावजूद गांधीवाद स ांत को अपनाया। इसका उ े य ाम गणरा य को

साकार करना था य लोकतं पर आधा रत सामा जक राजनी तक और आ थक संगठन का एक प । ऐसी

णाली म कई समुदाय को भा वत करने वाले मामल पर सभी भा वत को शा मल करते ए परामश क या तो फर म हलाएँ इस तरोध म इतनी आ ामक प से य शा मल पहाड़ी े का धीरे धीरे रण और

के मा यम से नणय लया जाता है । संगठना मक तर या जमीनी तर से लेक र संगठन के शीष तर तक इस वचारधारा पानी क कमी भू म क कमी चारे और जलाऊ लकड़ी क कमी ने म हला को सीधे भा वत कया य क खेती

को त ब बत कया गया। पशुधन और ब क पूरी ज मेदारी उ ह पर थी। वे कसी भी पयावरणीय आपदा का खा मयाजा सबसे पहले भुगतने

वाली ह गी। वे मनु य और जंगल के बीच पारंप रक संतुलन और र ते म व ास करती ह जसका पोषण कया जाना

चा हए।

इसने वै क तरोध और पीपु स लोबल ए न के ह से के प म कार गल के बीज को न करते समय

अ हसा का रा ता अपनाया। इसने पु लस एमएनसी कमचा रय और गैर आनुवं शक प से संशो धत जीव स हत सभी उनके लए यह के वल अ त व क लड़ाई थी।

जी वत ा णय के स मान म अ हसा के साधन का सहारा लया। हालाँ क इसने एमएनसी क संप गोदाम आ द के लगातार दबाव और आंदोलन के जोर पकड़ने पर त कालीन धानमं ी ने े म पेड़ क कटाई पर वष के

वनाश को अ हसा का ह सा माना। इसक गांधीवाद वचारधारा वै ीकरण के खलाफ इसके वक कृ त अ भयान म लए तबंध लगा दया।

भी प रल त होती है।

इन क रपंथी ले कन शां तपूण तरीक को अपनाकर म हला ने नेतृ व क त संभाली खुद को नणय लेने

क त म मजबूर कया एक भारी पतृस ा मक समाज म। हाँ ढ़वाद बुज ुग यादातर पु ष से धम कयाँ थ

ले कन इससे म हला को कोई फक नह पड़ा। उनका भ व य पयावरण से जुड़ा था।

वक प पर बहस करते ए कनाटक आंदोलन ने खाद पदा का समथन कया जसका अथ है भारत और

प मी पूंज ीवाद के बीच समान संबंध ा पत करना जो शोषण के वतमान और असमान प का ान लेगा।

समय के साथ म हला को आंदोलन क सपाही के प म अपनी मता का एहसास आ और उ ह ने अपनी

गांधीवाद वचारधारा को रैयत संघ ारा वष से अपनाई गई लंबी पैदल या ा बंद हड़ताल उपवास कर को भू मका को और बेहतर बनाया। जब तक चपको आंदोलन इस सीखने क या के त संवेदनशील रहेगा तब तक

रोकना आ द रणनी तय म भी लागू कया जाता है। इसने व ा को कसान क बात सुनने के लए तैयार करने के म हलाएँ ग त करगी और ताकतवर होती जाएँगी।

लए कु छ नई तकनीक को भी जोड़ा ज ह उ र गांधीवाद तरीके कहा जाता है। वधान सभा के सामने लगातार

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हँसना और हर समय गाँव म नौकरशाही के वेश पर रोक लगाना कु छ नई व धयाँ ह।

म हमाचल दे श रा य म म हला ने पेड़ पर राखी बहन भाइय क कलाई पर बांधती ह सुर ा का

वचन दे ती ह बांधी जो नद पर बनाए जा रहे हाइ ो डैम के खलाफ सुर ा और वरोध का संके त था जो कई एकड़

जंगल को डु बो दे गा।

शेतकारी संगठन के शरद जोशी ने दावा कया क वे न तो मा सवाद ह और न ही गांधीवाद । उ ह ने कहा क

और ई पु तक
वे इस मु े को सही करना चाहते ह। जैसा क एक व ान शो बता जैन कहती ह चपको आंदोलन को वा तव म म हला के अ धकार को

इन वचारधारा म क मयाँ ह। इस कार उ ह आधा गांधीवाद और आधा मा सवाद कहा जा सकता है। उ ह ने सुर त करने क लड़ाई म वा नक के मा यम से ानीय सामुदा यक वकास क या म और पयावरण संर ण म

भौ तकवाद कोण पूंज ीवाद संचय आंत रक उप नवेशवाद आ द जैसे अपने सै ां तक नमाण के लए मा सवाद एक मह वपूण सफलता क कहानी माना जा सकता है।

वचारधारा के कु छ पहलु को वीकार कया। हालाँ क उ ह ने अ धशेष मू य या मा स ारा सम थत ां त के स ांत

का वरोध कया उनका भारत इं डया का स ांत भी एक वतं वचार णाली है। फर भी उ ह ने ावहा रक मू य

के लए गांधीवाद अ हसा प त क सराहना क । शेतकरी संगठन सै यवाद भाषा का उपयोग करता है जो राणा नी त चपको आंदोलन ने ामीण म हला ारा नभाई गई असाधारण भू मका के कारण नया भर का यान

फौजी और सेनाप त जैसे गांधीवाद आंदोलन के साथ असंगत है।


बनाम आक षत कया। यह पूरी तरह से अ हसक था और पयावरण के े म स या ह के समान था। इसने म हला कृ त

संबंध को एक कदम आगे बढ़ाया। डॉ. वंदना शवा ने अपने काम म और अपने संयु प से ापक प से

वास के जी वत
म हलाएँ पा र तक और वकास भारत
मा रया मएस के साथ काम करना आंदोलन क पा र तक नारीवाद
कनाटक आंदोलन क तरह उ र दे श और पंज ाब के भारतीय कसान संघ और गुज रात के खे त समाज ने भी

लंबे माच धरने उपवास आ द जैसे गांधीवाद स ांत का इ तेमाल कया। वे भी सादा जीवन और वके करण के ा या करना।

गांधीवाद स ांत म व ास करते थे। सबसे पहले परंपरागत प से कृ त का म हला के साथ संबंध माना जाता है। ाचीन समय म वशेष प

से भारत म म हला को कृ त का अ भ अंग माना जाता था।

. चपको आंदोलन को अ सर पयावरण नारीवाद आंदोलन य कहा जाता है समझाइए। ी स ांत के अवतार के प म तीक के पम कृ त को जीवन का उ पादन करने और पोषण दान करने के लए

पो षत कया जाता है। कृ त सजीव और नज व दोन को ऊजा क अ भ के प म भी माना जाता है श

उ र म उ राखंड के एक जले म गौरा दे वी के नेतृ व म म हला के एक समूह ने पेड़ को गले लगाया क अभ ांड का ी और रचना मक स ांत। पु ष स ांत के साथ मलकर नया का नमाण करता है

ता क ठे के दार को पेड़ को काटने से रोका जा सके इसके ारा उ ह ने दावा कया क पेड़ उनक संप ह जन पर
कृ त
उनका पारंप रक अ धकार है।
पु ष .

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इ नू कनमूनानवीनतम
प I
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सभी जीवन के नमाण नवीनीकरण और पोषण म कृ त भी वाभा वक प से स य श शाली और आंदोलन के दौरान एक स घटना म ई जब शे रफ यूज ीन बुल कॉनर के नेतृ व म ब मघम पु लस
उ पादक श है। नया अपनी ग त व धय को पृ वी पर जीवन के प म कृ त से ा त करती है पहाड़ पेड़ ने कग स हत दशनका रय पर कु मवे शय के डंड और आग बुझ ाने वाले पाइप से हमला कया। इस भयावह और
न दयाँ जानवर आ द। मनु य को कृ त के साथ सामंज य म रहना चा हए। हालाँ क मनु य कृ त का शोषण करने ूर य को टे ली वजन पर सा रत कया गया। यह घटना
वाली एक मुख श बन गया है। यह म हला पर हावी होने और उसे दबाने क पु ष क शा त इ ा का तीक है।

अ क अमे रक समुदाय को संघष जारी रखने के लए मजबूत कया। बड़ी सं या म ेत अमे रक भी अ क

अमे र कय के मु े से सहानुभू त रखने लगे। उस घटना के बाद कग और अ य नेता ने अग त को अ क


म हला को पारंप रक ाकृ तक वै ा नक माना जाता है। उनका पा र तक और ब ल ान ाकृ तक
अमे र कय क नौक रय और वतं ता और अ धकार के लए एक वशाल माच ऑन वा शगटन का आयोजन कया।
पा र तक तं क व वधता और सं कृ तय म व वधता को दशाता है। शवा का कहना है क म हलाएँ न के वल
इस माच म लगभग दस लाख लोग ने भाग लया। अपने स भाषण म कग ने कहा मेरा एक सपना है क मेरे चार
जै वक प से जीवन का उ पादन और जनन करती ह ब क इसके पोषण और सामा जक भू मका भी दान करती
छोटे ब े एक दन ऐसे दे श म रहगे जहाँ उनका मू यांक न उनक वचा के रंग से नह ब क उनके च र क गुण व ा से
ह। कृ त के साथ म हला के वशेष संबंध के बारे म मीस का कहना है क यह पार रक पार रक या और
कया जाएगा।
सहयोग और जीवन के नमाता के प म आधा रत है। समृ और उपभो ावाद सं कृ त ारा बनाए गए उनके असंग त

के कारण ाकृ तक संबंध तनाव त हो जाते ह। शवा का कहना है क यह असंग त प मी सं कृ त क मदवाद

औ ो गक यूनतावाद उप नवेशवाद ताकत के कारण होती है। वह कहती ह क ाचीन स यता और व वध

सं कृ तय के व कोण जो स दय से जी वत ह पा र तक प से टकाऊ भ व य दान कर सकते ह।

इस माच के साथ अ क अमे र कय ने नै तक और राजनी तक प से जीत महसूस क । म अमे रक

कां ेस ने नाग रक अ धकार अ ध नयम पा रत कया जसम अ क अमे र कय और अ य अ पसं यक समुदाय को

सावज नक सु वधा और नौक रय पर समान अ धकार दान कए गए। हालाँ क इस कानून ने अ पसं यक के

खलाफ भेदभाव को समा त नह कया। द णी रा य ने संघीय नाग रक अ धकार अ ध नयम पर लगाम लगाने के

चपको आंदोलन ने पा र तक संसाधन के संर ण का बड़ा मु ा उठाया है। म हला क भागीदारी का लए नए उपाय अपनाए। उदाहरण के लए वज नया ने नाग रक अ धकार उपाय का उ लंघन करने के लए अदालत

आ थक उ े य हो सकता है ले कन यह याद रखना चा हए क जीवनयापन के लए आव यक संसाधन वा ण यक म लाए गए ेत नाग रक के कानूनी खच का भुगतान करने के लए एक आयोग का गठन कया। हालाँ क इस तरह क

ठे के दार ारा पेड़ क कटाई के यास से कह कम ह। इस लए उनक तुलना पूरी तरह से अनु चत होगी। आंदोलन के रणनी त ने संघीय सरकार क अ क अमे र कय और अ पसं यक के नाग रक अ धकार क र ा के लए और
पीछे का कारण अ पका लक आ थक उ े य हो सकता है ले कन हम वन संर ण के द घका लक लाभ को कम नह अ धक करने क भावना को मजबूत कया। म अमे रक कां ेस ने चुनाव म न लीय भेदभाव को समा त करने

आंक सकते। के लए मतदान अ धकार अ ध नयम पा रत कया।

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पा र तक नारीवाद से संबं धत तक वंदना शवा ने दए। ाचीन भारतीय स यता क पृ भू म और ाचीन

काल म कृ त और पा र तक के त स मान को यान म रखते ए पा र तक पर दबाव न डालने वाले ाटन . महा मा गांधी का योगदान या था
जीवन को अपनाना जीवन के बारे म नधा रत नयम के अनु प है। भारतीय संदभ म अ नयं त आव यकता क
द णअ का म रंगभेद वरोधी आंदोलन के त आपका या कोण है
पू त के लए कृ त का दोहन एक वदे शी अवधारणा है।
उ र द णअ का म सबसे पुराना मौजूदा राजनी तक संगठन नेटाल इं डयन कां ेस महा मा गांधी ारा

और ई पु तक
म ा पत कया गया था। वे इसके पहले स चव बने और द णअ का म अपने साल के वास के दौरान।

द णअ का क धरती पर ही गांधी ने स या ह के दशन क ापना क और उसे अपनाया।

कृ त को धरती माता और वन दे वता भू


मु मयतः
ातादे वी के प म स मान दे ना भारतीय सं कृ त वन दे वता
म कृ त को दए गए मह व को दशाता है।
गांधी एक युवा और संक ोची बै र टर म टो रया म एक भारतीय ापा रक फम के खलाफ एक

द वानी मुक दमे म नटाल म एक भारतीय ापारी का त न ध व करने के लए द णअ का प ंचे। कु छ ही दन म


चपको आंदोलन सभी के लाभ के लए कृ त को बचाने का एक यास है। शवा कहते ह क चपको आंदोलन
उ ह े न से बाहर धके ल दए जाने और फु टपाथ पर चलने के लए मारपीट कए जाने जैसे कड़वे अपमान का सामना
मह वपूण संसाधन क छपी और अ य उ पादकता और म हला क अ य उ पादकता को पुनः ा त कर सकता
करना पड़ा। इस अनुभव ने उ ह मजबूत बनाया उ ह ने कभी भी अ याय और न लवाद को वीकार या वीकार नह
है। यह समाज म म हला के लए पा र तक अंत और राजनी तक ान बना सकता है।
करने का फै सला कया ब क वरोध करने का फै सला कया।

म हलाएं अपनी सुर ा के लए अ हसक साधन उपल करा सकती ह।

यह वन क त को पुनः ा त करने क दशा म पहला कदम है। उ ह ने म नेटाल इं डयन कां ेस क ापना म मदद क जसम सभी वग के भारतीय को एक संगठन

. के दशक म अमे रका म अ ेत नाग रक अ धकार आंदोलन पर सं ेप म चचा कर। म लाया गया जो व भ भाषाएँ बोलते थे ता क वे अपने अ धकार के लए संघष कर सक। यह द णअ का का

पहला जन संगठन था।

उ र अ ेत नाग रक अ धकार आंदोलन ाउन मामले म सु ीम कोट के फै सले के बाद अ क अमे रक


नेता ने समुदाय के लए नाग रक अ धकार क मांग करते ए एक राजनी तक आंदोलन शु कया। मा टन लूथर म जब एं लो बोअर यु छड़ा तो टश सरकार ने ांसवाल और ऑरज टे ट म भारतीय मूल के

कग जू नयर ने अ क अमे र कय क सामा जक आ थक तय और नाग रक अ धकार म सुधार क मांग करते टश नाग रक के साथ भेदभाव को इसका एक कारण बताया। गांधी ने टश प क ओर से एक ए बुलस कोर का

ए अलबामा म शां तपूण माच और दशन का आयोजन और नेतृ व कया। आंदोलन को कई बाधा और वरोध का गठन कया हालां क उ ह अ कन लोग के त सहानुभू त थी।

सामना करना पड़ा और कठोर रणनी त के साथ इसे दबाने का यास कया गया।

हालाँ क यु के अंत म टश शासक ने ांसवाल म भारतीय पर अ धक कड़े तबंध लगा दए।

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म ांसवाल सरकार ने लैक ए ट लागू कया म वे द णअ का गए और जनरल बोथा तथा मट् स से मले ज ह ने लैक ए ट को नर त करने तथा

ए शयाई पंज ीकरण अ ध नयम के तहत भारतीय के लए अ नवाय पंज ीकरण और फगर टग क आव यकता जनसं या कर को समा त करने का बीड़ा उठाया।

थी। गांधी के नेतृ व म भारतीय समुदाय ने कानून का उ लंघन कया और उनके ारा शु कए गए इस पहले ले कन फर भी वचनब ता पूरी नह ई। इसके अलावा म के प सु ीम कोट के एक फै सले से
अ हसक तरोध म कई लोग को जेल म डाल दया गया। कु छ ही महीन के भीतर जनरल मट् स ने भारतीय भारतीय समुदाय नाराज था जसम कहा गया था क ईसाई री त रवाज के अनुसार और ववाह र ज ार के पास
ारा वै
स या ह
क पंज ीकरण के बदले म कै दय को रहा करने और अ ध नयम को नर त करने पर सहम त क। पंज ीकृ त ववाह के अलावा सभी ववाह द णअ का म कानून के दायरे से बाहर ह।

इसके बाद गांधीजी ने स या ह को और भी बड़े पैमाने पर पुनज वत कया और म हला तथा गर म टया
ले कन सरकार ने वादा तोड़ दया और अ ध नयम को बरकरार रखा हालां क कु छ संशोधन के साथ इस लए भारतीय समुदाय
मज र को इसम शा मल होने के लए आमं त कया। यूकै सल कोयला खदान और अ य जगह पर काम करने
ने म संघष फर से शु कया। हज़ार भारतीय ने अपने पंज ीकरण माणप जला दए। इस बार स या ह कई साल तक जारी वाले हजार मज र ने स या ह के लए अपनी जान दे द ।
रहा य क ेत अ धकारी जो वशासन के लए बातचीत कर रहे थे सामू हक गर ता रय के बजाय उ पीड़न का सहारा ले रहे थे।
नटाल तट पर त बागान के लोग हड़ताल पर चले गए और पु लस क ू र हसा का वरोध कया। हजार भारतीय

जेल गए।

भारत म जनता क राय ने कड़ी त या क और यहां तक क वायसराय लॉड हा डग ने भी द ण

अ क सरकार क आलोचना क और स या हय के त अपनी गहरी और वलंत सहानुभू त क। टे न

म भी वरोध दशन ए।
गांधी जी म भारतीय के एक त न धमंडल के साथ द णअ का को ेत शासन के तहत

वशासन दए जाने का वरोध करने के लए टे न गए थे और कई संसद सद य और सावज नक ह तय से मले


प रणाम व प जनरल मट् स ने जनवरी म गांधीजी के साथ एक समझौता कया जसम मतदान
थे। ले कन टश सरकार ने भारतीय क दलील को नज़रअंदाज़ कर दया और वा तव म अ क ब सं यक
कर को नर त कर दया गया और भारतीय ववाह को वैध कर दया गया। यह एक समझौता था य कअय
क भी और मस ा ेत अ पसं यक को स प द ।
भेदभावपूण उपाय बने रहे ले कन इससे भारतीय समुदाय को कु छ सुर ा मली। गांधीजी ने जुलाई मद ण

अ का छोड़ दया।

इस बीच स या ह को भारत म ापक यान मला। स या ह


गोपाल कृ ण गोखले एक मुख रा ीय नेता जनके साथ गांधीजी लगातार संपक म थे ने भारतीय वधान प रषद
म एक बहस शु क और म नेटाल के लए गर म टया मज र क भत पर रोक लगाने के लए एक ताव गांधीजी ने द णअ का म लोग के बीच शोषण और मानव अ धकार के उ लंघन के बारे म जाग कता

ा त कया। बढ़ाई।

रंगभेद
यह वरोधी आ दोलन अ हसा के दशन और वचारधारा पर आधा रत था।

इसके बाद टश ो साहन से गोखले ने

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• इस नमूना प हल म के वल चय नत प दान कए गए ह । • इन नमूना प हल म क के वल यूनतम आव यकता
का ही उ लेख कया गया है।
जैसे य द दए गए ह और उनसे कहा गया है क उनम से कसी का उ र द तो के वल चय नत के उ र दए जाएंगे येक का उ र नह दया
जाएगा।
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खंड म सं वधान का उ े य कानून के शासन को सं ागत बनाना है और नवा चत त न धय और अ धका रय

. शासन संबंधी मु के संबंध म वतं ता के बाद के भारत क राजनी तक संरचना के दशन का ारा पूरा कए जाने वाले कु छ ल य को नधा रत करता है। यह इन ल य को पूरा करने के लए एक परेख ा भी
मू यांक न कर। दान करता है। संवैधा नक ावधान लोग क आकां ा और व वध सामा जक आ थक हत के अनुसार
उ र राजनी तक संरचना और इसक काय णाली भारत को अपना सं वधान जनवरी को तीन आव यकता के आधार पर प रवतन के अधीन ह।
साल के कठोर वचार वमश चचा और ा पण के बाद मला। तावना म लोग को सामा जक आ थक और

राजनी तक याय का वादा कया गया था। इसम मौ लक अ धकार कत और रा य नी त के नदशक स ांत

शा मल कए गए थे। क सरकार और रा य के लए अलग अलग श य के ावधान कए गए थे। ववाद और जब मू य और वचार बदलते ह तो प रवतन भी होते ह।
अ य मामल पर नणय लेने के लए सव यायालय सव या यक नकाय बन गया। रा प त को संवैधा नक इस ावधान ने भारत को एक लोकतं बना दया है जसम नवा चत त न ध दे श पर शासन करते ह।
मुख बनाया गया त न धय को ब मत के आधार पर चुना जाता है। सं वधान म ब दलीय व ा का भी ावधान है। राजनी तक

दल स ा हा सल करने के लए चुनाव लड़ते ह। आजाद के बाद कई साल तक कां ेस पाट मुख पाट रही ले कन

अब दे श म कई अ य पा टयां स ा म आ गई ह।

दे श के वकास के लए वधायी नकाय ारा बनाई गई नी तय को लागू करने के लए कायपा लका के लए


अलग से ावधान कए गए। व आयोग और योजना आयोग क ापना क गई। कायपा लका स हत सरकार

को दे श के वकास के लए ज मेदार बनाया गया। के दशक म जेपी आंदोलन के उदय के साथ कां ेस को वप का सामना करना पड़ा। इं दरा गांधी
ारा जून म आपातकाल घो षत करने के बाद पाट अलोक य हो गई जब इलाहाबाद उ यायालय ने

के चुनाव म चुनावी कदाचार के आरोप म उ ह पद से हटा दया। वप ी नेता और कु छ कां ेस असंतु


के सुधार अ ध नयम ारा शु कए गए संघीय ढांचे को रा ीय एकता बढ़ाने और आ थक वकास को जेल म डाल दया गया। ेस ससर शप भी लगाई गई। आपातकाल क समा त के बाद के चुनाव म पाट
को बढ़ावा दे ने के लए नवीनीकृ त कया गया था। सं वधान ने तीन सू चय और शासन क तीन तरीय णा लय के को चुनावी हार का सामना करना पड़ा।
लए ावधान कए क य रा य और समवत सू चयाँ उन े को न द करती ह जहाँ क रा य और दोन

सरकार को मशः काय करने क श है।

हालां क जनता पाट क सरकार अपने नेता के बीच गुटबाजी और अहंक ार के टकराव के कारण वफल हो गई।
म म याव ध चुनाव म ीमती गांधी फर से स ा म आ । म ीमती गांधी क ह या के तुरंत बाद
सं वधान ने संसद य णाली क सरकार के लए ावधान कया है जसम लोकसभा नचला सदन और कां ेस का भु व फर से ा पत हो गया।
रा यसभा ऊपरी सदन है। लोकसभा म जनता ारा सीधे चुने गए जन त न ध शा मल होते ह। लोकसभा सव

वधायी अंग है जसका चुनाव पांच साल म एक बार होता है जब तक क कसी अ य कारण से इसे भंग न कर राजीव गांधी के नेतृ व म पाट मजबूत ई ले कन उनक ह या के बाद इसका भु व कम हो गया।

दया जाए। रा यसभा के सद य का चुनाव सीधे जनता ारा नह ब क चुने ए त न धय ारा कया जाता है।

दोन सदन को समान श ा त है सवाय धन वधेयक के जो लोकसभा म आते ह। नरे मोद के नेतृ व म भाजपा के स ा म आने से पहले कां ेस के नेतृ व वाली यूपीए सरकार ने लगभग वष
तक शासन कया।

इसके अलावा उ र दे श म समाजवाद पाट सपा और ब जन समाज पाट बसपा तथा बहार म रा ीय जनता
दल राजद बीजू जनता दल बीजद और अ य े ीय दल का भी उदय आ।

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इ नू कनमूनानवीनतम
प II
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ओ डशा म जनता दल बीजेडी त मलनाडु म एआईएडीएमके और एमडीएमके आं दे श म ट डीपी और ट आरएस। राजनी तक और नाग रक वतं ता नाग रक के बीच समानता को बढ़ावा दे ना आ थक वकास लाना और गरीबी को

ये पा टयां क म गठबंधन सरकार बनाने म अहम भू मका नभाती रही ह। मटाना एक रा और एक रा ीय सरकार बनाना और अपनी स यता म लंगर खोए बना आधु नकता के अशांत समय

से गुज रना। क मय और छपे ए खतर के बावजूद भारत लोकतं के प म जी वत रहा और ऐसा ही जारी है। भारत

ने सं वधान के तहत ावधान कए ह और उ ह हमारे लोकतं के तीन तंभ वधा यका कायपा लका और यायपा लका

राजनी तक े म इस बदलाव पर सवाल उठाए जा सकते ह राजनी तक दल के भा य म इस बदलाव का ारा लागू कया गया है। कायपा लका वधा यका और एक वतं यायपा लका के बीच श के वभाजन के
कारण कौन से
म कारक ह और दे श म पाट णाली के कामकाज म इस बदलाव के या न हताथ ह यह बदलाव इस लए साथ साथ क सरकार और रा य सरकार के बीच स ा के वक करण के साथ दे श अपने लोकतां क प म बंधन

होता है य क सामा जक आ थक समूहiiअपने हत को बढ़ावा दे ने के लए सामू हक नणय लेने को भा वत करने करने म स म रहा है।

और नयं त करने के उ े य से स ा तं को नयं त करने के लए त धा करते ह। इससे सामा जक दरार उभरती

ह और गहरी होती ह जो चुनावी या म प रल त होती ह। व वध सामा जक आ थक हत खुद को राजनी तक दल

के प म संग ठत करते ह या मौजूदा राजनी तक दल के मा यम से काम करते ह।

शासन.

भारत लोकतां क शासन म सफल रहा है। इसने रोजगार म आर ण और कई अ य योजना के मा यम से

य द हम दे श म सामा जक सृज न क बात कर तो यह समाज म आमूलचूल प रवतन है। आबाद के पछड़े वग को सुर ा दान क है। सरकार ने सु न त कया है क रा ीय संसाधन के वतरण म कोई

भेदभाव न हो। हमारे सं वधान क तावना म कहा गया है क सभी लोग समान ह और सरकार को सभी का वकास

पुन नमाण का जोर भौ तक समृ पर है जसे अभाव र हत अ े जीवन का आधार माना जाता है। आ थक समृ सु न त करना है। जा त धम या वग के नाम पर कोई भेदभाव नह है।

नै तक समृ स हत सभी कार के वकास का आधार है। इस कार इसने उ पादन णाली और दे श म सभी के लए

व तु और सेवा क उपल ता म ां तकारी बदलाव कया है। जो लोग पहले गरीबी और अभाव से पी ड़त थे उ ह

अब लभ सामा जक संसाधन तक वशेषा धकार ा त है।

. भारतीय शां त आंदोलन का वणन कर और बताएं क उ ह ने कस हद तक गांधी के शां त एजडे को

अपनाया है।
उ र भारत म शां त आंदोलन भारत म शां त आंदोलन म बौ क वखंडन और अलग थलग कामकाज के

इन अपे ा को पूरा न कर पाने के कारण वग य और े ीय न ाएं वक सत होती ह और फर वे स ा पर कारण संगठना मक संरचना का अभाव है। वे अपनी ारं भक अव ा म तीत होते ह और दे श म राजनी तक जीवन

क जा करने और नणय लेने क या म अ धक से अ धक बोलने के उ े य से े ीय रा यीय दल का गठन करते ह। का ह सा बनने से पहले उ ह एक लंबा सफर तय करना है। हालाँ क कु छ समूह वतमान राजनी तक और सामा जक

इससे
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े ीय दल का गठन आ है जो क म गठबंधन सरकार के गठन म एक मुख कारक रहे ह। आ थक संक ट के जवाब म नई करते ह।

लोकतां क शासन एक ऐसी त है जसम याय वतं ता और समानता का वादा एक लोकतां क भारत म शां त आंदोलन एक ब कु ल अलग कोण से उभरे ह। परमाणु यु के डर ने उ री गोलाध म शां त

और ई पु तक
राजनी तक ढांचे म साकार होता है जहां सरकार लोग क पहचान आकां ा और ज रत के त संवेदनशील होती आंदोलन को ज म दया। भारतीय के लए शां त का मतलब यु क अनुप त से कह यादा है। भारतीय के लए

है और जहां लोग सुर त और संतु महसूस करते ह। एक लोकतां क गणरा य के प म भारत अब साल से शां त

अ धक पुराना हो चुक ा है। भारत के लोकतं क या ा म शु ई जसम अपने सभी नाग रक को सामा जक

आ थक और राजनी तक याय वचार अ भ व ास धम और पूज ा क वतं ता और त और अवसर क इसका मतलब है स य आजी वका उ पीड़न से मु जी वत रहने के लए संसाधन तक प ँच सां कृ तक वाय ता

समानता सु न त करने का एक बड़ा वादा कया गया था। भारत ने साल पहले लोकतं के माग पर चलते ए इस और रा य ारा हसा से मु । सुर ा का मतलब सफ़ रा ीय सुर ा नह है। इसका मतलब लोग क सुर ा भी है। कोई

काय को अपने ऊपर ले लया था। यह काय एक ऐसे दे श म लोकतां क वकास का था जो टश भारत और ब त बड़ी भी आंदोलन इन सभी मु पर एक साथ यान क त नह करता।

सं या म रयासत के वलय से अ त व म आया था और एक वशाल दे श था जसम अ धकांश लोग अ श त और

गरीब थे कई अलग अलग भाषाएं बोलते थे और अलग अलग सामा जक सां कृ तक और धा मक पहचान रखते थे।

दे श मु य प से कृ ष धान था और नाम के लायक कोई व नमाण नह था। न ही इसके पास पूंज ी तकनीक और मानव शां त आंदोलन के लए गांधीवाद एजडा

श जैसे साधन थे। लोकतं क शु आत और उसके अ त व के लए आ थक वकास श ा और सामा जक स य और अ हसा के त अपनी पूण आ ा और असाधारण ावहा रक तब ता के साथ गांधी हर जगह

एक पता के उ चत तर जैसी पूव शत आसानी से मौजूद नह थ । इस लए एक टकाऊ लोकतां क भारत के शां त के पुज ारी ह। गांधी का मानना था क ायी शां त संभव है। इस संदभ म उ ह ने कहा क अगर हम ायी शां त

नमाण का काय वा तव म एक वशाल और चुनौतीपूण काय था। चुनौ तयाँ कई थ और इन चुनौ तय का सामना एक क संभावना म व ास नह करते ह तो हम मानव कृ त क ई रीयता पर अ व ास कर सकते ह। यह एक आव यक

साथ करना था बु नयाद सु वधा को सु न त करना दाश नक प रक पना हो सकती है न क कोई राजनी तक रणनी त। शां त एक राजनी तक एक अ त ववाद और एक
अ त ववाद मु ा है। इसके अलावा गांधी ने कहा वा त वक शां त क ा त तब तक असंभव है जब तक क अ धक

वै ा नक सट कता आ मा क अ धक पीड़ा अ धक धैय और वध के साधन के आ व कार और समेक न के लए

आव यक अ धक संसाधन क आव यकता न हो।

उ ह ने कहा क शां त के दौरान लाख लोग ारा ह ता रत के वल म टर रोल से शां त


ा त नह क जा सकती। गांधीवाद कोण के आलोक म मौजूदा शां त आंदोलन शां त
के लए एक मह वपूण कदम नह हो सकते।

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इसे एक ब त बड़ी सफलता माना जाएगा। अ हसक और असहकारी आंदोलन चाहे वह वतः ू त हो या सं ागत . अ हसा क मुख वशेषता क पहचान कर
गांधीवाद एजडे क आव यकता है और उन सभी लोग क भी जो शां त गरीबी पा र तक और मानवा धकार आंदोलन .

के मु से च तत ह। उ र सफल अ हसक तरोध आंदोलन म एक बात समान है वे जन भागीदारी का आनंद लेते ह वे शासन को

बदल दे ते ह और वे लचीली रणनी त अपनाते ह। जो अ हसक आंदोलन वफल ए वे इस लए वफल ए य क उनम

संगठन और अ साम रक सोच का अभाव था। अ हसक आंदोलन अ धक शां तपूण लोकतां क सरकार म सं मण के
गांधीजी स य और अ हसा के त तब थे। वे शां त के भी पुज ारी थे। उनका यह भी मानना था क लए भी बेहतर तरीके से तैयार होते ह य क वे सरकार के समानांतर संरचनाएँ बनाने म स म होते ह। उदाहरण के लए

ायी शां त संभव है। इस कार गांधीवाद रणनी त स य याग अ हसा न वाथ सेवा और सहयोग का संयोजन पोलड म सॉ लडै रट एक तरह क छाया सरकार के प म वक सत ई जसने सा यवाद के टू टने पर नेतृ व क भू मका

है। गांधीजी के अनुसार को बहा र होना चा हए कायर नह । उसे हसा कए बना अपने वचार सुझ ाव और म कदम रखने क इसक मता को सु वधाजनक बनाया। अ हसक आंदोलन क बेहतर सफलता दर और भी भावशाली

वचार तुत करने चा हए। स य और अ हसा के ह थयार से यु लड़ना चा हए। गांधीजी ने कहा क स य से बड़ा है जब हम यह मानते ह क व सद से पहले ऐसे आंदोलन ब त लभ थे। अ हसक तरीके अ सर सीखने म क ठन होते

कोई ई र नह है। गांधीजी के वचार के अनुसार अ हसा नया क हर तरह क सम या का अं तम समाधान है। ह और ोध और लड़ाई क हमारी वाभा वक वृ य पर काबू पाने के लए अ धक अनुशासन क आव यकता होती है।

गांधी का स या ह तरोध का एक राजनी तक साधन मा नह है। यह जीवन के त एक सम कोण है

जो स य और नै तक साहस के आदश पर आधा रत है। नया के कु छ महानतम दाश नक और धा मक स ांत के अ हसक वरोध और अनुनय एक ऐसा वग है जसम बड़ी सं या म व धयाँ शा मल ह जो मु य प से

साथ स या ह क समानता दे ख ी गई है और इस पर ब त कु छ लखा गया है। शां तपूण वरोध या अनुनय के यास के तीका मक काय ह जो मौ खक अ भ य से आगे बढ़ते ह ले कन
असहयोग या अ हसक ह त ेप से कम होते ह। इन व धय म परेड जागरण धरना पो टर ट च इन शोक और

वरोध सभाएँ शा मल ह। उनका उपयोग के वल यह दखा सकता है क कायकता कसी चीज़ के खलाफ ह उदाहरण
गांधीजी क स या ह णाली अ हसा असहयोग स य और ईमानदारी पर आधा रत थी। के लए धरना कसी ऐसे कानून का वरोध कर सकता है जो ज म नयं ण जानकारी के सार को तबं धत

करता है। इस वग के तरीक को कसी चीज़ के लए भी लागू कया जा सकता है उदाहरण के लए समूह लॉ बग
गांधीजी ने भारत के वतं ता सं ाम म अ हसा को मु य ह थयार के प म इ तेमाल कया और भारत वधानमंडल म लं बत व हवा बल या वदे शी सहायता का समथन कर सकती है। अ हसक वरोध और अनुनय

टश शासन से वतं हो गया। कसी सामा जक या राजनी तक मु े पर गहरी गत भावना या नै तक नदा को भी कर सकते ह
वतमान समय म कु छ जीवंत उदाहरण मौजूद ह जो गांधीवाद रणनी त का उपयोग करके अ हसक तरोध क उदाहरण के लए हरो शमा दवस पर एक जागरण उस जापानी शहर पर अमे रक परमाणु बमबारी के लए

सफलता को दशाते ह। प ाताप कर सकता है। वह कु छ जससे अ हसक दशनकारी च तत हो सकते ह वह कोई वशेष काय
गांधीजी कसी भी कार के शोषण और अ याय के खलाफ थे। कोई कानून कोई नी त कोई सामा य त या संपूण शासन या व ा हो सकती है।

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उनके अनुसार बुराइय का कसी भी क मत पर वरोध कया जाना चा हए। ले कन उ ह ने इस
बात पर जोर दया क ह थयार अ हसक और नै तक होने चा हए।
शां तपूण तरीका अपनाने से े बनता है और मन को नुक सान होता है ले कन शत यह है क वरोधी से

आपसी स मान और ेम से नपटा जाए। गांधीजी का मानना था क के वल ेम के मा यम से ही मन को ायी


प से जीता जा सकता है।


गांधी जी ने अपने पूरे जीवन म अ हसा और शां त के माग पर चलते ए नरंतरता बनाए रखी। उ ह ने कहा

ी नै तकता घसे पटे रा ते पर चलने म नह ब क अपने लए सही रा ता खोजने और नडरता से उसका


अनुसरण करने म न हत है।
और ई पु तक इस कृ य का मु य उ े य वरोधी को भा वत करना हो सकता है मु े के त यान और चार को जगाकर

और इस कार यह आशा क जाती है क समथन जो उसे प रवतन को वीकार करने के लए राजी कर सकता है
जीवन के हर े म नरंतरता ज री है। बड़ी उपल हा सल करने के लए अपने यास म नरंतरता ज री है। या उसे इस मु े पर भावना क गहराई या सीमा के बारे म चेतावनी दे क र जो प रवतन न कए जाने पर अ धक गंभीर

एक व सनीय और ज मेदार के प म पहचाने जाने के लए इसक आव यकता होती है। कारवाई क ओर ले जा सकता है। या इस कृ य का मु य उ े य जनता दशक या तीसरे प से सीधे या चार के
मा यम से संवाद करना हो सकता है ता क वां छत प रवतन के लए यान और समथन जगाया जा सके । या इस

गांधी एक सहानुभू तपूण थे जो हमेशा सर क परवाह करते थे और उनका याल रखते थे। उ ह ने कृ य का मु य उ े य शकायत समूह मु े से सीधे भा वत होने वाले को भा वत करना हो सकता है
कहा म ढ़वा दता म व ास नह करता म लोग से गत आधार पर नफरत करना पसंद करता ँ। एक ता क उ ह खुद कु छ करने के लए े रत कया जा सके जैसे क हड़ताल या आ थक ब ह कार म भाग लेना।

स े महान का मापदं ड वह श ाचार है जसके साथ वह कमतर लोग के साथ वहार करता है। आँख के
बदले आँख पूरी नया को अंधा बना दे गी।

गांधीजी ने कहा हम वह बदलाव खुद बनना चा हए जो हम नया म दे ख ना चाहते ह। भारत के वतं ता सं ाम


म और सर के जीवन म गुण ा मक अंतर लाने म उनका योगदान न ववाद है। उ ह ने नया को इस ान से अवगत

कराया क नया के सभी धम स य और अ हसा क समान मा यता को साझा करते ह जो मानव जा त के लए अ हसा वरोधी प के लोग का भी समथन ा त कर सकती है जो अ हसक दशनका रय ारा झेली गई

उनका मुख योगदान है। पीड़ा से भा वत होकर अपनी वफ़ादारी बदल सकते ह। अ हसक आंदोलन अ धक सहभागी होते ह य क वे ब
म हला वकलांग य और बुज ुग के लए भी अ हसक कारवाई के कई प म भाग लेना संभव बनाते ह।

गांधी को लोग क यादा चता थी और वे सहभागी और र ते उ मुख नेता थे। नेतृ व पर ट पणी करते ए उ ह ने

कहा मुझ े लगता है क एक समय म नेतृ व का मतलब ताकत होता था ले कन आज इसका मतलब लोग के साथ
मलकर चलना है। अ हसक आंदोलन म अ धक भागीदारी से उनका सश करण होता है। हसक आंदोलन से आम तौर पर

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रा य क श य म वृ या यहां तक क एक तानाशाही रा य क ापना भी हो सकती है। इसके वपरीत आंदोलन क सफलता इन स ांत के पालन पर नभर करती है।
अ हसक आंदोलन के प रणाम व प वक कृ त लोकतां क और भागीदारी वाली याएं सामने आती ह।

न न ल खत बारह स ांत ह . आंदोलन के सुप रभा षत


अ हसक आंदोलन का उपयोग य और शारी रक हसा के साथ साथ संरचना मक हसा स हत सभी कार क काया मक ल य होने चा हए जो अ हसक कारवाई के अनुकू ल होने चा हए।

हसा का वरोध करने के लए कया जा सकता है।

अ हसक रणनी तय के मु य घटक अ हसक आंदोलन ने अपने ल य और संचालन के . संगठन के नेतृ व प रचालन कोर और सामा य जनसं या के तर पर संगठना मक श होनी चा हए।
लए रणनी त के वचार का उपयोग कया है। रणनी त मूल प से यु और सै य अ भयान के लए बनाई

गई थी। सै य भाषा म रणनी त का मतलब सै नक क पतरेबाज़ी और तैनाती है।


. भोजन ऊजा और च क सा आपू त जैसे भौ तक संसाधन आंदोलन म तभा गय का मनोबल बनाए

रखने के लए मह वपूण ह।
रणनी त कसी आंदोलन को अंज ाम दे ने क योजना है। इसम यह शा मल है क आंदोलन को कै से वक सत

कया जाए और इसके अलग अलग घटक का उपयोग कस तरह से उ े य को सबसे अ धक लाभ द तरीके से . बाहरी सहायता और सहानुभू त के ोत को वक सत करना होगा। इस तरह के समथन पहले तीन
ा त करने के लए कया जाना चा हए। जब सी मत संसाधन और ापक अ न तता हो तो रणनी त इस बारे म स ांत को ा त करने म ब त सहायक होते ह।

होती है क या कब और कै से लड़ना है।


. आंदोलन को अपनी रणनी तक अ हसक कारवाइय का दायरा बढ़ाना चा हए। सफलता पाने के लए

रणनी त मशन को पूरा करने क अनुम त दे ती है। रणनी त को लागू करने के लए यु य और तरीक का इ तेमाल इसम लचीलापन और ब मुख ी तभा होनी चा हए।
कया जाता है। अ हसक आंदोलन म रणनी तय का इ तेमाल सबसे भावी ढं ग से हा सल करने के लए कया

जाता है। . आंदोलन का ल य वरोधी ारा नयं ण और आ ाका रता ा त करने के लए अपनाई गई रणनी त
रणनी त के बना अ हसा सफल नह हो सकती। होनी चा हए।

अ हसक आंदोलन पर अपने स ांत म जीन शाप ने रणनी तय और ग तशीलता को व त कया। . आंदोलन को वरोधी ारा इ तेमाल क जाने वाली हसा के भाव को कम करने का यास करना
उ ह ने ऐ तहा सक उदाहरण के साथ अ हसक संघष क व भ तकनीक का उ लेख कया है। शाप ने श के चा हए। उसे वरोधी ारा इ तेमाल कए जाने वाले ह थयार को न य करना चा हए।

स ांत पर चचा क और बताया क अ हसक याएँ कै से काम करती ह।


. आंदोलन को मन के समथक को अलग थलग करने के लए वरोधी के हसक दमन के यास का

उपयोग करना चा हए।

अ हसक आंदोलन का चार तरीय रणनी तक बंधन

. अ हसक तभा गय को अनुशा सत कया जाना चा हए ता क उ ह व सनीयता त ा और श

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रणनी तक अ हसक आंदोलन को व तृत योजना के साथ संग ठत कया जाता है। अ हसक आंदोलन के
रणनी तक बंधन को चार तर म वभा जत कया जाता है भ रणनी त अ भयान रणनी त और व श व धयाँ।
ा त हो।
. आंदोलन को नी त संचालन रणनी त कायनी त और रसद के तर पर यान दे ना होगा। ये रणनी तक

योजना और नणय लेने के तर ह।

ड ै टेज ी म उ े य और उ ह कै से ा त कया जाएगा शा मल ह। इसम संघष म इ तेमाल क जाने वाली


कारवाई के प शा मल ह और सभी उपयु और उपल संसाधन जैसे क मानव राजनी तक आ थक आ द के

और ई पु तक
. अ हसक आंदोलन को वरो धय क कमज़ो रय को यान म रखते ए आ ामक और र ा मक

सम वय आवंटन और समय को संबो धत कया जाता है। कारवाइय को समायो जत करना चा हए। आ ामक कारवाइयां वरोधी क लड़ाई जारी रखने क
मता को कमज़ोर करती ह। र ा मक कारवाइयां आंदोलन क लड़ाई जारी रखने क मता क

र ा करती ह।
अ भयान कसी आंदोलन के उ े य को उसक भ रणनी त के अनुसार सु ढ़ करने के लए डज़ाइन कया

गया है। यह येक मुख चरण को शु करने क योजना है। अ भयान म द घका लक उ े य को ा त करने के लए
डज़ाइन क गई ग त व धय क एक ृंख ला शा मल है। अ भयान सफलता ा त करने के लए रणनी त और तरीक . अ हसक आंदोलन को न के वल अपने ल य को पूरा करने के लए काय करना चा हए ब क वां छत

के वकास और एक करण क योजना बनाते ह। तं के लए भी काय करना चा हए जसके ारा वरोधी अंततः उस उ े य को ा त कर ले।

इस कार एक आंदोलन को सबसे पहले अपनी ापक रणनी त को प रभा षत करना होता है उपयु
रणनी त व श ल य या उ े य को ा त करने के लए काययोजनाएँ ह जो आंदोलन के बड़े उ े य म अ भयान क पहचान करनी होती है और फर उन अ भयान का समथन करने वाली व भ रणनी तय और तरीक

योगदान करती ह। संघष के एक व श चरण म एक ापक रणनी त का उपयोग कया जा सकता है। ब ग का चयन करना होता है। प रणाम आं शक प से नेता और अ य तभा गय के कौशल पर नभर करते ह।
लॉक क तरह वे अ हसक अ भयान बनाते ह। अ हसक रणनी तय क एक क म त ं पर दबाव डालती है सफलता नेता और अनुया यय क एकता और अनुशासन पर नभर करती है। सफल आंदोलन कायकता क

और आंदोलन क ग त को बनाए रखती है। भत और श ण के मा यम से उनक मता वक सत करने पर भी नवेश करते ह।

व धयाँ व श अ हसक कारवाइय को संद भत करती ह। इन व धय को तीन ापक े णय म वभा जत . अपने अनुमान म मुख पा र तक तं या ह ल खए।
कया जा सकता है अ हसक वरोध और अनुनय असहयोग और अ हसक ह त ेप। भारत के सामने या चुनौ तयाँ ह
उ र पा र तक मु े लोबल वा मग और पा र तक असंतुलन के कारण वषा म बाधा उ प होने और

च वात के आने के कारण लोग पा र तक मु के बारे म जाग क हो रहे ह। पा र तक इस कार एक ब त ही

पीटर एकरमैन और टोफर ु गर ने अपनी पु तक म रणनी तक अ हसक आंदोलन के बारह स ांत सामा य श द है भले ही इसका वै ा नक च र हो। वकास के अपने स ांत म चा स डा वन ने जानवर और उनके

सुझ ाए ह ाकृ तक आवास के बीच संबंध पर यान दलाया।


साम रक अ हसक संघष बीसव सद म जनश क ग तशीलता।

क संभावना

हम हाट् सएप कर learnmart.in


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अ य हल कये गए असाइनमट और अनुमान पेपर के लए हल प II

यह संबंध इस लए भा वत होता है य क लोग पौध और जानवर क परवाह कए बना अपनी ज़ रत और अपनी म भोपाल म जहरीली गैस के रसाव से दो हजार से अ धक लोग क मौत हो गई थी और दो लाख से अ धक

योजना को पूरा करते ह। हम अभी भी होमोसे क स टम म व ास करते ह जसम सभी ाकृ तक व तु का लोग घायल हो गए थे।

उपयोग के वल मानव शोषण के लए कया जाता है जब क पा र तक तं पर आधा रत इकोस कल स टम को हवा म मौजूद सीसा हवा म मौजूद सीसा औ ो गक करण और वायु षण के बीच संबंध को दशाता है।

दन दन अ धक समथन मल रहा है। आज कई जा तयाँ खतरे म ह और पूरी नया म षण बढ़ रहा है। वै ा नक अनुमान के अनुसार ईसा पूव से लेक र के आसपास औ ो गक ां त क शु आत तक हवा म
सीसे क मा ा कम थी।

के बाद इसम काफ वृ ई है तथा तीय व यु के बाद इसम भारी वृ ई है य क सीसायु


अगर हम संतु लत पा र तक के लाभ के बारे म जाग क हो जाएं तो पा र तक को अ धक सुर ा गैसोलीन का योग बढ़ गया है।
मल सकती है। हम मा ा मक और गुण ा मक सीमा को भी समझना होगा जसके भीतर हम बना कसी नकारा मक

प रणाम के ाकृ तक पयावरण के साथ छे ड़छाड़ कर सकते ह। सीमा का उ लंघन करने पर दं ड भी तय कया जाना ओजोन परत का रण ओजोन परत पृ वी को सूय क हा नकारक पराबगनी करण से बचाती है। यह परत
चा हए। अब लोरो लोरोकाबन सीएफसी के कारण न हो रही है जसका उपयोग एयरोसोल े कै न म णोदक के प

म रे जरेटर और एयर कं डीशनर म तरल पदाथ के प म और सुपरसो नक प रवहन वमान से नकलने वाली गैस

के प म कया जाता है।


पा र तक पयावरण के संबंध म पौध जानवर या लोग और सं ा के वै ा नक अ ययन को संद भत
करती है। पा र तक संतुलन तब होता है जब सभी घटक एक सरे के साथ सामंज य ा पत करते ह और एक या
अ धक घटक के लए हा नकारक कोई भी घटना नह होनी चा हए। पा र तक संक ट तब होता है जब कृ त और नाइ ोजन उवरक के बड़े पैमाने पर इ तेमाल और परमाणु बम के व ोट से नकलने वाली गैस भी ओजोन
मनु य ारा संतुलन को बगाड़ा जाता है।
परत को भा वत करती ह। पहली बार जमन वै ा नक ने अंटाक टका के वायुमंडल म ओजोन छ को दे ख ा।

के दशक के म य म टश वै ा नक ने पाया क द णी ुव पर छे द हर साल बढ़ रहा था और म यह संयु

रा य अमे रका के े फल के बराबर आकार का था।


पयावरण का ता पय जीवमंडल क संपूण णाली से है जसम जै वक और अजै वक दोन घटक एक सरे के
साथ पर र या करते ह और च य संतुलन क एक ृंख ला को शा मल करते ह। इस णाली म भू म जानवर

पौधे क ड़े मनु य और पानी आपस म जुड़े ए और एक सरे पर नभर ह। संपूण व और सभी जी वत णाली इस
णाली के भीतर एक जी वत जीव के प म दखती है।
ीन हाउस भाव पृ वी के वायुमंडल म काबन डाइऑ साइड CO के तशत म वृ से लोबल वा मग

होती है जससे जलवायु प रवतन होता है। वै ा नक अ ययन के अनुसार औ ो गक ां त के बाद CO म उ लेख नीय
वृ ई है और के दौरान लगभग तशत क वृ ई है।

सभी जा तयाँ नवास ान पर नभर करती ह। पयावरण का रण ह पर जीवन क वहन मता को


भा वत करता है और ह पर रहने वाले लोग क सं या को भी भा वत करता है।
पृ वी के वायुमंडल म उप त CO सूय के काश को पृ वी तक प ंचने दे ती है तथा ऊ मा को रोककर उसे अंत र

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य द ह के कई ाकृ तक संसाधन का
कह अ धक होगा।
रण हो गया तो इसका भाव मानव ारा अनुभव कए जाने वाले भाव से
म वापस जाने से रोकती है।

CO के तर म गुनी वृ से औसतन वै क तापमान म लगभग पाँच ड ी फ़ारेनहाइट क वृ हो सकती


पा र तक तं म प रवतन हो रहे ह ज ह बाढ़ सूख ा व य आग क ट महासागरीय अ लीकरण जैसी
है। यह चताजनक नह हो सकता है ले कन इससे वषा और उसके ान म मह वपूण प रवतन ह गे। कु छ े म
गड़ब ड़य के प म दे ख ा जा सकता है तथा भू म उपयोग म प रवतन षण और संसाधन का अ तदोहन भी इसके
अ धक वषा होगी और कु छ म कम। ऐसा माना जाता है क म य और प मी यू.एस.ए. म वषा म वृ होगी।
कारक ह।

जब जीवमंडल क उ पादकता मानव उपभोग और अप श उ पादन के साथ समायो जत करने म स म नह


होती है तो पा र तक तं का रण होता है। यह मानव आबाद पर नभर करता है।
और ई पु तकजलवायु प रवतन से भारत म य पूव और अ का के कु छ ह स म खेती के लए बेहतर जलवायु मलेगी।

मानव उपभोग अब हमारे पा र तक पद च को अवशो षत करने क कृ त क मता का से अ धक


है। ह के संसाधन का उपयोग उनके नवीकरण क तुलना म तेज़ है। मानव पद च अब पृ वी क पुनजनन मता से प मी अंटाक टका क बफ क चादर पघलने से समु का तर भी फ ट बढ़ जाएगा। इससे नया
भर के कई तट य शहर को खाली करना पड़ सकता है।
लगभग अ धक है। अगर यह इसी तरह चलता रहा तो यह ह के लए एक आपदा होगी।

जल षण हवा क तरह ही पानी भी इस ह पर अप रहाय है। औ ो गक करण शहरीकरण और अ य

वायु षण हम जी वत रहने और वकास संबंधी ग त व धय के कारण पानी षत हो रहा है। शहर से नकलने वाले सीवेज और कारखान से नकलने

अ े वा य के लए व और शु हवा क आव यकता है। वाले कचरे से न दय का पानी षत हो रहा है। क टनाशक शाकनाशी और कृ ष म इ तेमाल होने वाले अ य धक

हम त दन लगभग बार सांस लेते ह और लगभग कलो ाम हवा अंदर लेते ह। इस कार वायु षण उवरक ने भी पानी को षत कया है।
हमारे वा य और जीवन को भा वत करता है।

भारत वायु षण रोकथाम एवं नयं ण अ ध नयम के अनुसार वायु षण कोई भी ठोस तरल और गैसीय
पदाथ है जो वायुमंडल म ऐसी सां ता म मौजूद है जो मनु य या अ य जी वत ा णय या पौध या पयावरण क संप बाढ़ और भारी बा रश के दौरान भारी मा ा म षत पानी न दय और झील म बह जाता है।

के लए हा नकारक हो सकता है। मुख वायु षक म काबन मोनोऑ साइड काबन यौ गक स फर यौ गक


ऑ सीजन डाइ लुराइड पारा सीसा नाइ ोजन डाइऑ साइड अ लीय वषा ीनहाउस गैस और अ य शा मल ह। ताजे पानी क कमी पानी के ोत सी मत ह भले ही पानी नवीकरणीय है। हम पृ वी पर उपल ताजे पानी

का लगभग आधा ह सा इ तेमाल करते ह। कई दे श म पानी क कमी है और यह इन जगह के वा य और

अथ व ा को भा वत करता है।

कारखान और प रवहन व ा से नकलने वाले जहरीले धुए ं से हवा षत हो रही है। जहरीली गैस के मानसून के दौरान पानी क अ धकता के कारण सुनामी और बाढ़ से जान माल क त होती है लाख लोग
कारण लोग बीमार पड़ रहे ह भा वत होते ह।

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इ नू कनमूनानवीनतम
प II
जानकारी ा त करने के लए लनमाट ऐप डाउनलोड कर

नया भर म लोग पया त या व जल के बना रह रहे ह। एक टन सथे टक साम ी के उ पादन से लगभग . टन ठोस अप श उ प होता है। ला टक के सं करण से
अ ययन के अनुसार तक व क आबाद को ऐसे दे श म रहना पड़ सकता है जहां कृ ष मोनोऑ साइड नाइ ोजन और हाइ ोकाबन तथा वषा पदाथ नकलते ह।

उ ोग और घरेलू उ े य क आव यकता को पूरा करने के लए पया त ताज़ा पानी नह होगा।

अनुमान है क म अमे रका ने पैके जग के लए बारह अरब पाउं ड से यादा ला टक का इ तेमाल


कई न दयाँ साल के कसी न कसी समय सूख जाती ह। पछले साल म झील और न दय से पानी क कया था। ला टक का इ तेमाल दन ब दन बढ़ता जा रहा है। हालाँ क पयावरण को ला टक से होने वाले

नकासी दोगुनी हो गई है। तक ब लयन से यादा लोग पानी क कमी वाले इलाक म रहगे। नुक सान के बारे म जाग कता भी बढ़ रही है। गैर ज़ मेदार उ ोग के खलाफ़ वरोध दशन हो रहे ह और कु छ
दे श ने पॉली टाइ नन और सरे ला टक पर तबंध लगाने वाले कानून भी पा रत कए ह।

कृ ष म मानव ारा उपयोग कये जाने वाले ताजे पानी का ह सा खच होता है।
आबाद और शहर के आकार म वृ के साथ पानी क मांग बढ़ रही है। व बक के अ ययन म पाया गया

है क नया भर म पानी क मांग हर साल म दोगुनी हो रही है। पानी का अ धक उपयोग नया भर म जीवन अब ला टक उ ोग भी जाग कता फै ला रहा है और पयावरण के अनुकू ल ला टक पैके जग और
तर म वृ से भी जुड़ा है। उ पाद क अवधारणा को बढ़ावा दे रहा है। कु छ नमाता अब यह भी दावा कर रहे ह क वे अपघटनीय ला टक

का उ पादन करते ह जो हा नकारक नह है और पयावरण के लए फायदे मंद भी हो सकता है।


आ भू मय का ास हमारा पयावरण समृ हो रहा है

पौध जानवर और अ य जीव क लाख जा तयाँ।


जैव व वधता पा र तक के लए मह वपूण है। ला टक उ पादक ने अपने दावे को पु करने के लए दो तकनीक का इ तेमाल कया है। पहली तकनीक

पा र तक तं का वनाश और जा तय का वलु त होना अप रवतनीय नुक सान का कारण बनता है। आ भू म के म टाच क थोड़ी मा ा मलाकर ला टक को बायो ड ेडेबल बनाया जाता है। बायो ड ेडेबल ला टक उ पाद
षण और पा र तक य रण ने वन तय और जीव को नुक सान प ंचाया है। कृ ष म इ तेमाल कए जाने वाले म ऐसे रसायन होते ह जो उ ह टु क ड़े टु क ड़े करने और ला टक को बायो ड ेडेबल बनाने म मदद करते ह। सरी
उवरक और अ य इनपुट ने पयावरण के रण को बढ़ावा दया है। सुंदरबन डे टा के म ोव आधे से भी कम हो गए ह। तकनीक म उ पादक इस न कष पर प ँचते ह क ला टक उ पाद को ऐसे टु क ड़ म बदला जा सकता है ज ह
बढ़ते औ ो गक उ सजन से कोरल रीफ और म ोव भा वत ए ह। सू म जीव खा सकते ह।

ला टक उ पादक भले ही पयावरण के अनुकू ल नए उ पाद को बढ़ावा दे रहे ह ले कन वे ला टक


अ धकांश वकासशील दे श म जल का जै वक षण एक गंभीर सम या है। क टनाशक रासाय नक उ पादन क अ य धक वषा कृ त को अनदे ख ा कर रहे ह। पयावरण संर ण एजसी EPA ने कसरकारी

उवरक अ लीय वषा और भूज ल तथा अ य ाकृ तक संसाधन के अ य धक उपयोग ने सतही जल को षत कर उ सजन म रासाय नक संयं को ान दया है। इनम से ला टक उ पादन म शा मल ह। पॉली वनाइल
दया है। लोराइड PVC जैसे कु छ ला टक जनका उपयोग इनडोर और आउटडोर लं बग इले कल के बल और

अन गनत अ य उ पाद के लए कया जाता है भ मक म जलाए जाने पर या आक मक आग लगने पर अ य धक

का पानी www.estudymart.com ऑनलाइन पढ़ने का क


महासागर षण जहाज

षत होता है।
ारा डं पग परमाणु कचरे क डं पग और टकर से तेल रसाव के कारण महासागर

ापारी जहाज हर रोज समु म लगभग ला टक कं टे नर फकते ह। ला टक के


वषैले डाइऑ सन छोड़ते ह। लोरो लोरोकाबन और हाइ ो लोरो लोरोकाबन से बने पॉली टाइन फोम उ पाद
ओजोन को न करने वाले रसायन छोड़ते ह।

जाल और थैले भी समु को षत करते ह और समु प य और कछु को मारते ह। तेल रसाव से समु प य

और मछ लय को भी नुक सान प ँचता है।

भू म षण वकास और जनसं या म वृ के कारण भू म भा वत होती है। व तु

उ पादन के लए आव यक ाकृ तक संसाधन का दोहन भी भू म को भा वत करता है। भू म म प रवतन व तु

और औ ो गक अप श के नपटान से भी होता है। इनम से कई अप श कृ


और सेवा

म पदाथ होते ह और भू म को
और ई पु तक
के वन क कटाई और रे ग तानीकरण पछले कई वष म वन

रह गया है। वन म वायुमंडल से काबन डाइऑ साइड को रोकने क

होने और वन क कटाई के कारण भारत म से अ धक पौध क


े म पाँचवाँ ह सा घटकर

मता होती है। वन


ब लयन हे टे यर

तय और जीव के लु त

जा तयाँ खतरे म ह। राउवो फया सेप टया


बदसूरत बनाते ह। अप श व भ बीमा रय का कारण बनकर लोग के वा य को भी भा वत करते ह। का अ य धक दोहन कया गया है और यह लभ हो गया है य क इसका उपयोग दवाएँ बनाने के लए कया जाता

है। डायो को रया डे टोइ डया का कं द भी अ य धक सं ह के कारण वलु त होने का खतरा है। इसका उपयोग ग ठया
रोग और ने संबंधी सम या को ठ क करने के लए कया जाता है। सपगंधा

ला टक रामबाण ला टक पयावरण के लए सुर त नह है य क वे बायो ड ेडेबल नह ह। ला टक

पॉ लमर ह ब त लंबी ृंख ला वाले अणु जनम रासाय नक बंध ारा एक साथ जुड़े उप इकाइयाँ मोनोमस होती ह।

पे ोके मकल ला टक के मोनोमस टाइरीन जैसे अकाब नक पदाथ होते ह और इस लए बायो ड ेडेबल नह होते ह। वकास प रयोजना बड़े बांध के नमाण भारी औ ो गक करण शहरीकरण और बढ़ती आबाद के
कारण वन क कटाई होती है। म य अमे रका म माया स यता के रह यमयी पतन पर शोध से पता चलता है क तेज ी

से बढ़ती आबाद ने पयावरण पर दबाव डाला होगा जसके कारण यह स यता ढह गई। वन क कटाई से भू म का
कटाव होता है म स त हो सकती है और जलवायु प रवतन हो सकता है।

ला टक पे ो लयम से बने कृ म पदाथ ह।


उनम से कु छ म का और अ य काब नक पदाथ से बने होते ह।

ला टक को व भ प म ढाला ढाला नकाला या संसा धत कया जा सकता है।

जमनी के संघीय पयावरण ा धकरण ने एक अ ययन म पाया है क हजार पॉलीथीन बैग के उ पादन से इससे वषा के पैटन म भी बदलाव होता है। वन क कटाई से गलत जगह पर ब त यादा पानी जमा हो जाता

कलो ाम स फर डाइऑ साइड नकलता है। प र कृ त ाकृ तक गैस पर आधा रत एक टन सथे टक फाइबर है। वन क कटाई क वजह से अचानक बाढ़ आती है। हमालय म वन के वनाश से बाढ़ आ रही है जससे जान माल

के उ पादन से कम से कम कलो ाम नाइ ोजन ऑ साइड और कलो ाम स फर डाइऑ साइड नकलता का नुक सान हो रहा है।

है।

हमालय म वन े लगभग तशत है।

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अ य हल कये गए असाइनमट और अनुमान पेपर के लए हल प II

अब यह घटकर लगभग तशत रह गयी है। भू महीन और भू महीन के बीच वतरण। तेलंगाना म वनोबा के भू म दान मशन को मली उ साहजनक त या
वन षण और इले ॉ नक षण जसम उ ह ने दन म भूदान के तहत एकड़ जमीन हा सल क ने वनोबा को मशन जारी रखने के लए

वाहन के हॉन और लाउड ीकर क आवाज़ से व न षण होता है। व न बढ़ने से र चाप और दल क ो सा हत कया और अंततः म गांधी के ज म दन पर उ ह तक पूरे दे श से भू महीन के लए पचास

धड़कन बढ़ जाती ह। शोर से कान के पद पर भी असर पड़ता है। ट वी वी.सी.आर. मोबाइल और अ य इले ॉ नक म लयन एकड़ जमीन इक ा करने का संक प लेने के लए े रत कया। इसने व भ रा य म सव दय कायकता को

गैज ेट्स से नकलने वाले रे डएशन से भी वातावरण और मानव वा य पर असर पड़ता है। ल य ा त करने के लए अपनी ऊजा सम पत करने के लए े रत कया।

ताप परमाणु षण

परमाणु परी ण से नकलने वाले रे डयोधम अवशेष तथा परमाणु कचरे का भंडारण और नपटान भी षण इस कार एक गत यास ने एक आंदोलन का व प हण कर लया।

का कारण बनते ह। म शांत े म संयु रा य अमे रका ारा परी ण कए गए हाइ ोजन बम के कारण बड़ी इस बीच भूदान आंदोलन म प रवतन हो चुक ा था।

सं या म जापानी मछु आरे और गेलैप प के लगभग तशत ब े व करण बीमारी से पी ड़त हो गए थे। भू म उपहार आंदोलन से लेक र गांव उपहार या ामदान आंदोलन तक जसम गांव क पूरी या उसका बड़ा ह सा

से कम ामीण ारा दान कया जाना था ज ह अपनी जमीन पर मा लकाना हक पूरे गांव के प म छोड़ना था साथ

ही उ ह कु छ अंतराल के बाद संशोधन के ावधान के साथ गांव के प रवार के बीच पूरी जमीन को समान प से

पुन वत रत करने का अ धकार था। गत भू म उपहार का काय म अभी भी था ले कन उसके बाद से यह एक

चीन और ांस समेत कई दे श अभी भी वायुमंडल म इनका परी ण कर रहे ह। परमाणु ह थयार का परी ण उपे त ग त व ध बन गई।

और परमाणु ऊजा का वकास व करण का कारण बनता है। इसके अलावा परमाणु ह थयार का चयना मक वनाश

और परमाणु अप श नपटान अ धक षण का कारण बनता है। इससे द णी ुव म बफ पघलने और बड़े पैमाने पर

बाढ़ आने क संभावना है।

खंड तीय

. भूदान आंदोलन पर एक ट पणी लख। . जय काश नारायण क संपूण ां त का वणन कर और भारतीय राजनी त पर इसके भाव का आकलन

उ र महा मा गांधी के एक व सनीय अनुयायी आचाय वनोबा भावे ारा शु कया गया भूदान आंदोलन कर।

के दशक क शु आत म दे श म शु आ था। यह आंदोलन भू म सुधार का एक यास था और इसका उ े य उ र स ूण ां त म राजनी तक सामा जक आ थक सां कृ तक वैचा रक या बौ क शै क और

भारतीय समाज के सबसे अ धक डू बे ए और वं चत वग भू महीन और भू महीन लोग को भू म उपल कराकर और आ या मक ां त शा मल है और इसका मु य उ े य मौजूदा समाज म ऐसा प रवतन लाना है जो सव दय के आदश

वै क दान ारा भू म का यायसंगत वतरण करके दे श म भू म सम या को एक नए तरीके से हल करना था। के अनु प हो।

गांधीवाद दशन और तकनीक से ेरणा ा त करने वाले इस आंदोलन ने कु छ वष तक भारतीय समाज म ापक

अपील करके सनसनी फै लाई और अपने आरंभ के शु आती वष म चम का रक प रणाम दे क र स दय पुरानी भू म जेपी के पास समाज क एक ब त ही आदशवाद धारणा थी और इसी यास म वह मा सवाद से समाजवाद और बाद

सम या के समाधान क उ मीद जगाई। यह ट शप के स ांत पर आधा रत एक बौ क आंदोलन था और इसने कृ ष म सव दय क ओर चले गए।

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समाज म वग सहयोग क आव यकता पर जोर दया।

के दशक क शु आत म जेपी पूरी तरह से पाट और स ा क राजनी त से अलग हो गए और शां तपूण

तरीक से सामा जक उ ान पर यादा यान क त कया। इसका मतलब यह नह था क जेपी चुप रहे जब क

राजनी तक वतं ता म सामा जक और राजनी तक पतन क जड़ जम रही थ । त को बेहतर बनाने के लए उ ह ने

भारत के राजनी तक और आ थक जीवन म पूण प रवतन लाने क दशा म काम करना शु कया।

इस आंदोलन क शु आत अ ैल म वनोबा के हैदराबाद म तेलंगाना के संघष त


और ई पु तक
े के दौरे के दौरान शु म उ ह ने लोग को संग ठत करने और उ ह प र तय के त जाग क करने का यास कया और फर

ई थी। नेता से अपील क । ले कन कोई त या न मलने पर उ ह ने लोकतं को पतन से बचाने के लए युवा को

उ ह ने इस े म शां त का संदेश फै लाने के लए यह या ा क थी य क इस े म कृ ष आंदोलन के चलते क यु न ट संग ठत करना शु कया और इस ां त को संपूण ां त का नाम दया। आंदोलन को ग त तब मली जब गुज रात म

और जम दार के बीच हसक झड़प ई थ । अ ैल को पोचमप ली गांव म उनके श वर म एक छोट ले कन आंदोलन ए और उसके बाद बहार म भी आंदोलन ए।

असाधारण घटना घट । उस दन वनोबा को राम चं रे ी ने एकड़ जमीन क पेशकश क थी जब उ ह ने अपनी

ाथना सभा म एक त ामीण से गांव के ह रजन के लए कु छ करने क अपील क थी। यह घटना वनोबा के लए

एक रह यो ाटन क तरह थी और उ ह व ास हो गया क अगर एक उनक अपील सुनकर जमीन का दान कर

सकता है तो न त प से अ य लोग भी उसी तरह से े रत हो सकते ह। म बहार म राजनी तक सामा जक और शै णक व ा म बदलाव लाने के लए लोग ारा बड़े पैमाने

पर वरोध दशन कए गए। इस समय जेपी ने चार गुना काय योजना क घोषणा क जसका उ े य शासन को पंगु

बनाना ाम वरा य क शु आत करना और लोग क सरकार ा पत करना था। जनता क सरकार श द क ा या

करते ए जेपी ने कहा क यह गांव पंचायत या लॉक तर पर य द संभव हो तो तीन तर पर लोकतं क एक छोट

इकाई होगी।

ले कन अ ैल को तंगलाप ली गांव म ंक ट रे ी से सरा दान मलने के बाद ही उ ह ने पछले दन

के दान को भूदान बताया और महसूस कया क इससे दे श म ा त वषमता क सम या का समाधान हो सकता है।

इस लए वनोबा और उनके अनुया यय ने गांव गांव जाकर जमीन के मा लक को अपनी जमीन का कम से कम छठा इन इकाइय को शां त के समय लोग क श का ोत माना जाता था साथ ही अ याय या अ याचार के व

ह सा भूदान के प म दे ने के लए राजी कया। लड़ाई और मु य प से समानता के आधार पर समाज के पुन नमाण तथा गरीबी उ पीड़न और शोषण के उ मूलन के

लए। जेपी ने बहार के लोग से भी आ ान कया

पदया ा

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इ नू कनमूनानवीनतम
प II
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उ ह ने कहा क स ूण भारत को अपने गत एवं दलीय हत से ऊपर उठकर एकजुट होना चा हए। ाचार के कारण लोग क त खराब हो गई है खासकर गरीब और वं चत क । उ ह ने कसी भी पाट से जुड़े
बना दे श का नेतृ व करने क पहल क ।

बहार के छा को े रत करने के पीछे उनका उ े य पूरे सरकारी ढांचे और भारतीय राजनी त क व ाम

आमूलचूल प रवतन लाना था। इसी कारण उ ह ने इसे संपूण ां त कहा। जेपी ने संपूण ां त क अवधारणा को ब त संपूण ां त सात ां तय का संयोजन है सामा जक आ थक राजनी तक सां कृ तक वैचा रक या

ापक तरीके से तुत कया। संपूण ां त के वचार म समाजवाद और मानवतावाद वचार के त उनक तब ता बौ क श ा और आ या मक । उनके अनुसार यह सं या घट या बढ़ सकती है। उदाहरण के लए सां कृ तक
ब त थी। ां त म श ा और वैचा रक ां तयाँ शा मल हो सकती ह। इसी तरह मा सवाद संदभ म सामा जक ां त म
आ थक और राजनी तक ां तयाँ और उससे भी यादा शा मल ह। इस तरह हम सं या को सात से कम कर सकते

ह। हम सात ां तय म से येक को अलग अलग े णय म वभा जत करके भी इस सं या को बढ़ा सकते ह।


आ थक ां त को औ ो गक कृ ष तकनीक ां तय आ द म वभा जत कया जा सकता है। इसी तरह बौ क

उनका ल य भारत के राजनी तक और सामा जक जीवन से ाचार को जड़ से उखाड़ फकना था। इसके ां त को दो म वभा जत कया जा सकता है वै ा नक और दाश नक। और इसी तरह आगे भी।
अलावा जेपी ऐसी प र तयाँ बनाना चाहते थे जहाँ गरीबी रेख ा से नीचे रहने वाले लोग को जीवन क यूनतम

आव यकताएँ मल सक। इस कार संपूण ां त एक आदश समाज के गांधीवाद मानवतावाद सं करण को लाने

का एक साधन था।

गांधी क तरह उ ह ने भी अपने व ास के साथ योग कया अपनी धारणा का परी ण कया और
अपने वचार को संशो धत कया। संसद य लोकतं के भीतर अंत न हत वरोधाभास ने जेपी को उसम अपनी सारी संपूण ां त का वचार भारतीय समाज क वतमान संरचना और व ा म आमूलचूल प रवतन लाने का
आ ा खो द । उनका मानना था क लोकतं भ व य म लोग को बेहतर जीवन का कोई आ ासन नह दे ता है जब ल य रखता है। इसे सव दय दशन का एक मह वपूण वकास माना जा सकता है।

वे सामा जक और आ थक प से उपे त होते ह। उनका मानना था क के वल एक शां तपूण ां त ही समाज म


कु छ बदलाव ला सकती है।

. शराब नी त क मुख चता को रेख ां कत कर और


समकालीन भारत म सावज नक वा य संबंधी मु े ।

उ र भारत म बीमा रय के बोझ म शराब का सेवन एक मह वपूण योगदानकता है और यह एक मुख


जेपी के अनुसार भारत म वकास क कमी का एक मु य कारण जीवन के सभी े म ात ाचार है। सावज नक वा य चता है। दे श म हाल ही म ए सामा जक और आ थक बदलाव के समानांतर संग ठत े ारा

उनका मानना था क ब दलीय व ा और हर पाँच साल म होने वाले आम चुनाव ने ाचार को बढ़ावा दया है। न मत शराब के उ पादन और उपयोग म लगातार वृ हो रही है। फर भी भारत म उ पा दत शराब का एक बड़ा
इसके अलावा आ थक नयोजन और सावज नक नवेश क वफलता भी इसी ाचार के कारण है। ह सा अवैध है और सरकारी नयं ण से बाहर एक कु ट र उ ोग है। गैर वा ण यक शराब म ानीय कृ ष उपज का

उपयोग करके तैयार कए गए पारंप रक पेय और रसायन मलाकर या दवाइय के साथ मलाई गई अवैध शराब

www.estudymart.com ऑनलाइन पढ़ने का क शा मल है। कम क मत वाली अवैध शराब इसे गरीब वग के लए एक आकषक वक प बनाती है। व नयमन और
गुण व ा नयं ण क कमी से हा नकारक उपयोग के कारण शारी रक णता के अलावा मेथनॉल वषा ता के

इस ां त के मा यम से जेपी का उ े य समाज और समाज के त य के कोण को बदलना था। कारण मृ यु दर और अंधापन होता है।
उ ह ने बहार के कायकता से स ूण ां त के उ े य को ा त करने के लए लंबे संघष के लए तैयार रहने को

भी कहा।

उ ह ने आंदोलन क एक योजना बनाई जन श ा के


सां दा यकता और अ

पर
चार सार और दहेज था जा त संघष
ृ यता जैसी व भ सामा जक बुराइय के बारे म चेतना पैदा करने वाले रचना मक काय म

ां त कै से आगे बढ़नी चा हए। इस कार जेपी के पास सामा जक आदश और उ े य के बारे म एक ब त ही


और ई पु तक
कोण था जब उ ह ने भारतीय जनता को एक ठोस कारवाई के लए मागदशन करने का काय संभाला। भारत म उपभोग का व प कभी कभार और अनु ा नक उपयोग से बदलकर सामा जक म दरापान म बदल

गया है और यह एक वीकाय अवकाश ग त व ध बन गई है।

शराब के हा नकारक उपयोग से चोट लगने आ मह या और कई द घका लक बीमा रयाँ होती ह। हा नकारक
जय काश नारायण एक आदश समाज के साधक थे जसम समानता वतं ता शां त और भाईचारे के उपयोग से सड़क यातायात म चोट लगने और मृ यु ावसा यक सम याएँ घरेलू हसा वैवा हक और सामा जक

महान मानवीय मू य को सव म प से साकार कया जा सके । इसके लए उ ह ने संपूण ां त का आ ान कया। क ठनाइयाँ व ीय ऋण स हत अ य सम याएँ भी होती ह।
उनके राजनी तक और समाजवाद वचार वकास क एक लंबी या के मा यम से वक सत ए। उ ह ने कहा

म एक ही ल य का पीछा कर रहा ं एक ही सवाल का जवाब तलाश रहा ं भारत को कै से वतं बनाया जाए हा नकारक उपयोग के प रणाम व प उ पादकता आय और श त जनश क हा न होती है। शराब के भाव
और एक सामा जक आ थक और राजनी तक लोकतं क ापना म मदद क जाए। इस खोज ने उ ह कई गरीबी को और बढ़ा दे ते ह।

राजनी तक वचारधारा और रा त को अपनाने और बदलने के लए े रत कया और आ खरकार गांधीवाद सरी ओर शराब के उ पादन और ब से भारी कर लगता है और यह सरकार के लए राज व का एक
वचार म उनके ग तशील और ां तकारी अनुकू लन के साथ उ र मला। मुख ोत है। शराब पर शु क कु छ रा य के बजट का लगभग एक चौथाई ह सा है जससे इसे बढ़ावा दे ना एक

आकषक वक प तीत होता है। यह उ ोग रोजगार भी दान करता है और बड़ी मा ा म गैर कर यो य आय काला
धन भी दान करता है।

तब से जेपी गांधीवाद तरीक से समानता के मा यम से लोकतां क समाजवाद क ओर बढ़े और सव दय राजनी तक दल के कई चुनाव अ भयान म अ सर शराब तक प ँच को सी मत करने के वादे शा मल होते
दशन क ओर मुड़े। स र के दशक क शु आत म जब लोग क नै तकता और राजनी तक दल क नै तकता के ह जो म हला के बीच वोट जीतने का एक ज़ रया है। हालाँ क सरकार शायद ही कभी इन वाद को लागू करती ह

साथ साथ पूरी सामा जक राजनी तक व ा पूरी तरह से प तत हो चुक थी और सभी य क पूण तबंध से राज व पर बड़ा असर पड़ता है।

उ कराधान रणनी तय और शराब क उ लागत के प रणाम व प

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अ य हल कये गए असाइनमट और अनुमान पेपर के लए हल प II

व नयमन क कमी खराब गुण व ा और मेथनॉल वषा ता के खतर के साथ साथ सरकारी खजाने को होने वाले वन क कटाई के कारण के दशक म वह हमालयी े म चली ग ।
राज व के नुक सान के साथ साथ मूनशाइन बाजार म वृ ई है। सरी ओर स ती शराब और कम कर अवैध खेती को बढ़ावा दे ने के लए मवे शय को सबसे मह वपूण ोत मानते ए मीरा बेहन ने इस े म एक पशु क

शराब क मांग और आपू त को कम करते ए संग ठत े से शराब क खपत को बढ़ाते ह और वा य जो खम शु कया जसे पशुलोक पशु जगत कहा जाता है। उ ह ने यह भी दे ख ा क बांज के पेड़ गायब हो रहे ह और
म वृ से जुड़े ह। उनक जगह ावसा यक प से मह वपूण चीड़ के पेड़ आ गए ह।

बांज अ धक पयावरण अनुकू ल होने के कारण इसके त ापन ने पा र तक असंतुलन पैदा कया। हमालय के

शराब के उ पादन और ब पर पूण तबंध उदाहरण के लए गुज रात म शराबबंद कु ल खपत को कम करते तउ ा करते ए मीरा बेन कहती ह हम हमालय क परी ा नह ले रहे ह ब क हमालय हमारी
ए इसका मतलब यह नह है क इस े म शराब उपल नह है। अमीर और श शाली लोग के पास आसानी परी ा ले रहा है और हालात को दे ख कर लगता है क हम अयो य सा बत हो रहे ह। जब तक हम अपने मन को

से शराब उपल है जब क गरीब लोग फलते फू लते अवैध उ ोग पर नभर ह जसके साथ आपरा धक ग त व ध वन नह करते और एक श शाली गु के सामने श य के प म प व पवत के पास नह जाते तब तक हम
और मेथनॉल वषा ता के कारण मौत जुड़ी ई ह। अ य दे श ने ज ह ने नषेध को एक रणनी त के प म अपनाया अनु ह पाने क उ मीद नह कर सकते। म अपने लेख म उ ह ने वन क कटाई जल जमाव और म के

है अपना कोण बदल दया है ऐसा वतन वा तव म जमीन पर काम नह करता है। कटाव के नुक सान के बारे म बताया।

थोड़ा है

ग़लत है हमालय

गांधी क एक और श या सरला बहन कै थरीन मैरी हीलमैन जो म बु नयाद श ा म गांधी के योग

शराब उ ोग और इसके प र कृ त व ापन अ भयान सफल जीवनशैली को दशाते ह और समाज के अ यु म सहायता करने के लए सेवा ाम आ म म शा मल बाद म कु माऊं क पहा ड़य म काम कया और गांधीवाद तज
वग को आक षत करने का ल य रखते ह। जब क शराब उ ोग एक वैध संचालन है यूनतम जांच के साथ शराब पर लड़ कय के लए एक आ म शु कया। उ ह ने अपने इद गद सम पत युवा म हला सामा जक कायकता का
क उपल ता जो खम वाले य के लए मह वपूण वा य प रणाम उ प करती है। मी डया और जन श ा एक समूह इक ा कया और पयावरण के त जाग क होने का यास कया।
अ भयान अपने सी मत बजट के साथ उ ोग ारा ायो जत व ापन और चार के सामने कु छ भी नह कर सकते।

उ ह ने पयावरण संर ण और ानीय लोग के जीवन तर को ऊपर उठाने के ल य के साथ म उ राखंड


सव दय मंडल क ापना क ।

शराब से संबं धत कई कानून सं वधान क पु तक म मौजूद ह।


े क म हलाएं वन क र ा और अपनी आजी वका के लए दशोली ाम वराज संघ DGSS और
हालां क शराब पीकर गाड़ी चलाने से संबं धत कई नयम का उ लंघन अ धक दे ख ा जाता है। प म म शराब
गंगो ी ाम वराज संघ जैसे गांधीवाद संगठन से जुड़ । वन उ पाद पर आधा रत ावसा यक ग त व धय म
पीकर गाड़ी चलाने के नयम का स ती से पालन ज मेदार शराब पीने और ज मेदार ाइ वग का एक मुख कारण
ानीय पु ष के हत और वन संर ण पर आधा रत जी वका ग त व ध म म हला के हत के बीच एक अलगाव
है और इस कार भारत म भी इसी तरह के काया वयन क आव यकता है। इसी तरह शराब के सेवन के कारण
था। हालां क इसने चपको आंदोलन म पु ष क भू मका को कम नह कया। मीरा बहन सरला बहन बमला बहन
काम से जुड़ी घटना और अनुप त से जुड़ी मौजूदा अनुम त के बजाय नयम का पालन उ पादकता के
हरना दे वी गौरी दे वी गूंगा दे वी बचनी दे वी इ वारी दे वी और चामुन दे वी जैसी म हला ने आंदोलन म मह वपूण

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नुक सान को कम करेगा और शराब से जुड़ी सम या को शु आती और तवत चरण म बं धत करेगा।
भू मका नभाई। इसके अलावा मीरा बहन और ब गुण ा ने हमालय के जंगल के बारे म अपने दाश नक और

वैचा रक वचार कए और गढ़वाल म सरला बहन बमला बहन और कु माऊं म राधा भ ने आंदोलन क
संगठना मक न व रखी।

. चपको आंदोलन पर एक ट पणी लख।

और ई पु तक
उ र चपको आंदोलन आंदोलन चपको आंदोलन उ राखंड के गढ़वाल हमालयी े म म हला ारा
शु कया गया था जो अपनी नाजुक पा र तक के लए जाना जाता है और अ सर भूकं प और अचानक बाढ़
क आशंक ा रहती है। यह कृ ष वकास के लए भी अनुकू ल नह है। इस े के लोग चारे धन और रेश के लए
मु य प से वन संसाधन पर नभर ह। पु ष लोग आम तौर पर आय क तलाश म े से बाहर जाते ह जब क
म हला को वन संसाधन क वा त वक संर क के प म गांव म छोड़ दया जाता है। सु दरलाल ब गुण ा च डी साद भ घन याम शैलानी और धूम सह नेगी ने आंदोलन को े के व भ भाग म
फै लाने म मह वपूण भू मका नभाई।

इस े म म हला का संगठना मक आधार सबसे पहले म शराब वरोधी और नषेध आंदोलन म

पाया गया। यह ानीय लोग ारा ानीय वन संसाधन के उपयोग तक फै ल गया और वन संसाधन के ावसा यक
वा ण यक और रेल संपक उ े य के लए लकड़ी क बढ़ती मांग के कारण से के बीच
दोहन के खलाफ संग ठत वरोध दशन का कारण बना। रतूड़ी ने वन के दोहन पर न न ल खत स क वता
टश शासन के दौरान टहरी गढ़वाल रा य के जंगल को शोषण के लए ठे के दार को प े पर दे दया गया था। वन लखी
कानून ठे के दार के प म बनाए गए थे। ानीय लोग को इस नणय म कोई भू मका नह द गई थी। इस कार

ानीय लोग ने उन संसाधन पर ठे के दार ारा अ त मण का वरोध कया जन पर उनका पारंप रक अ धकार

था। अपनाना पेड़ हमारे

उ ह गरने से बचाओ
संप का हमारा ह स

पहाड़ म पेड़ क बड़े पैमाने पर कटाई और वन क कटाई के कारण ानीय लोग के लए आव यक चारा इसे लूटे जाने से बचाना
और धन जुटाना मु कल हो गया है। इसके कारण वनाशकारी बाढ़ और भू खलन क घटनाएं भी बढ़ गई ह जससे म जब मंडई म करीब राख के पेड़ क नीलामी एक खेल के सामान बनाने वाली कं पनी को क
घर और फसल डू ब गई ह और पहाड़ म लोग क आवाजाही और सचाई सु वधाएं भा वत ई ह। गई थी तो वष य यामा दे वी के नेतृ व म े क म हला ने वरोध कया और ठे के दार को वापस जाने पर
मजबूर कया ले कन बाद म यान अलकनंदा घाट के रेनी गांव पर चला गया। म इस े म आई भीषण

बाढ़ ने वग कलोमीटर मोटर सड़क को जलम न कर दया जससे सड़क बह ग ।


गांधी क करीबी सहयोगी मीरा बेन मैडे लन लेड उन पहली लोग म से एक थ ज ह ने गांधीजी क ह या
के खतरनाक भाव को महसूस कया था।

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इ नू कनमूननवीनतम
ा प II
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धातु पुल कलोमीटर मोटर सड़क बस न हो ग और घर और एकड़ धान क फसल न हो लभ व तु या बु नयाद मानव अ धकार के प म दान कया गया। भारत म ये कोण बदल रहे ह वके कृ त
ग । इस आपदा का कारण े म पेड़ क कटाई से जंगल का वनाश बताया गया। बंधन वक सत करने क इ ा बढ़ रही है जो ानीय नगर पा लका को अपने वशेष े के लए सबसे अ

आव यकता के अनुसार पानी को नयं त करने क अनुम त दे गा।

ानीय लोग के वरोध के बाद बड़े पैमाने पर नीलामी और पेड़ क कटाई क योजना को वापस ले लया
गया। गांव म पु ष क अनुप त म म हला ने वरोध कया और पेड़ क र ा करने क कसम खाई। म हला आज़ाद के बाद से भारत का ाथ मक ल य आ थक वकास और खा सुर ा रहा है जसम जल संर ण

के छोटे छोटे समूह लगातार नगरानी करते रहे और पेड़ को काटने से रोकने के लए पेड़ से लपटे रहे। को पूरी तरह नज़रअंदाज़ कया गया है। इसके कारण आज गंभीर प रणाम सामने आ रहे ह य क कई नाग रक
अभी भी इन स ांत के तहत काम करते ह।

गौरी ज ह कभी कभी गौरा भी कहा जाता है दे वी और गूंगा दे वी ने अपने सहक मय के साथ मलकर आंदोलन कई अ य वकासशील दे श खासकर चीन जैसे गंभीर जल संक ट वाले दे श के वपरीत भारतीय कानून म भूज ल

को सफल बनाया। पर व तुतः कोई कानून नह है। कोई भी पानी नकाल सकता है घर का मा लक कसान या उ ोग बशत
प रणाम व प सरकार ने े म पेड़ क कटाई पर तबंध लगा दया। पानी उनके भूख ंड के नीचे हो। स ती बजली और इले क पंप के वकास और वतरण ने भूज ल क तेज ी से पं पग

और उसके प रणाम व प जलभृत क कमी को बढ़ावा दया है।


इस घटना से े के सभी गांव को ेरणा मली और उ ह ने पेड़ क ावसा यक कटाई का वरोध कया।

म हला ने करीब दन तक र र तक पदया ा क और े के लोग को वन के शोषण के खलाफ वरोध म


शा मल होने क अपील क और उ ह संग ठत कया। पेड़ को काटने से रोकने के लए उनसे लपटने का पहला योग

धूम सह नेगी ने हेनवाल के पपलेथ गांव के पास सलेट के जंगल म कया था। म ब गुण ा ने नर नगर जले भारत म लगभग म लयन गत कु एं ह जो भूज ल क कमी म योगदान दे रहे ह। इन कु के मा लक को
के अडवाणी के जंगल म पेड़ क नीलामी और कटाई के खलाफ अनशन कया था। हालां क पेड़ क कटाई का इस पानी के लए भुगतान नह करना पड़ता है इस लए इसे संर त करने या पुनच त करने के लए कोई ो साहन

आदे श वापस नह लया गया। म हला ने एक होकर पेड़ क र ा करने क अपनी त ा के तहत उन पर प व नह है वा तव म उ ह संसाधन को अ धक मा ा म नकालने के लए ो सा हत कया जाता है। आम तौर पर वे
धागे बांधे और लगातार नगरानी रखी। लोग को े से र रखने के लए ठे के दार के मज र सश पु लस के साथ जतना अ धक पानी का उपयोग करते ह उतना ही अ धक उ पादन कर सकते ह। उ ोग भी यही तक लागू करते ह

आए थे ले कन वयंसेवक ने पहले से ही पेड़ क रखवाली कर रखी थी। ठे के दार ने म हला से सवाल कए और कू लग मशीन के लए इ तेमाल कए गए पानी का दोबारा उपयोग करने के बजाय वे इसे न दय और नहर म
जवाब म उ ह ने एक वर म न न ल खत गीत गाए वापस डाल दे ते ह साथ ही इसम जमा षण भी। भारत को अपनी बढ़ती आबाद को खलाने के लए कृ ष उ पादन

को बढ़ावा दे ने क आव यकता है ले कन उपल पानी क मा ा को खतरे म डाले बना ऐसा करने के लए कसान
को कम पानी क गहन फसल पर वच करना चा हए।

गाना www.estudymart.com ऑनलाइन पढ़ने का क


वन या उपजाते ह
भारत म क सरकार के पास पीने यो य पानी को टोर करने और अपने नाग रक तक प ंचाने क मता

भी नह है खासकर तब जब आपू त कम हो रही है। वतमान म जल भंडारण क कमी है य क भंडारण के साधन

म और हवा. पानी शु जैसे मं दर के तालाब और खड़ी कु एँ ख म हो चुके ह।

म और सारा
मौजूपानी
द सभीशु चीज़
है पृकोवीबनाए
और उस पर

रखो।

अडवानी स या ह जैसा क इसे कहा जाता है ने म हला


और ताकत द और उनम आंदोलन जारी रखने का नया आ म व ास भरा। म हला
करके भी आंदोलन म भाग लया। गौरी दे वी याद करती ह क आंदोलन के लए म हला
को अपने जंगल क र ा के लए नई दशा
और ई पु तक
ने अपने पु ष क अवहेलना
का कोई योजनाब
राज सह ने जल संसाधन को बहाल करने के लए एक अ भयान का नेतृ व कया है। उ ह ने राज
म चेक डैम बनाकर वषा जल संचयन शु

के अलवर जले म काम कर रहे ह।


कया। से त ण भगत संघ नामक संगठन के तहत वे राज
ान
ान

संगठन नह था। यह वतः ू त था। गांव म पु ष क अनुप त म म हला को पेड़ क र ा के लए आगे आना

पड़ा। म हलाएं लोग को यह समझाना चाहती थ क वे जंगल से बंधे ह। उ ह ने जले म जोहड़ झरन और न दय के पुन ार पर यान क त कया है।

के दशक क शु आत म उ ह ने स र का बाघ अभयार य म संगमरमर खननकता के खलाफ


संघष शु कया। खनन ग त व धय के कारण े म भूज ल का ास आ। उ ह ने इस मामले को उठाया और

अभयार य के बफर े और प र ध म संचा लत खदान को बंद कर दया गया। म सव यायालय


चपको आंदोलन रेनी से टहरी कु माऊं और अडवाणी अमरसर चंछनीधार डु ंगरी पटोली और ब डयागढ़ जैसे अ य ने पा र तक प से नाजुक अरावली े म खनन जारी रखने के खलाफ एक या चका पर फै सला सुनाया। मई

े म फै ल गया। सरकार ने इस े म पेड़ क कटाई पर तबंध लगा दया और बाद म एक संयु वन बंधन म पयावरण और वन मं ालय ने इस े म खनन पर तबंध लगा दया।
तं क शु आत क ।

. जल संर ण के मह व को समझाइए तथा जल संर ण के त भारत क नी तगत पहल पर ट पणी जो भी थोड़ा ब त भूज ल बचा था उसे बहाल करने के यास कए गए। न दयाँ और तालाब सूख रहे थे और
क जए। पानी क कमी और गंभीर संक ट के कारण खेती बाड़ी क ग त व धयाँ नह हो पा रही थ । े म पानी बहाल होने

के बाद ट बीएस क पहल को ज़बरद त सफलता मली।


उ र भारत म पानी क कमी क ासद यह है क बेहतर जल बंधन था के साथ इस संक ट को काफ

हद तक टाला जा सकता था। जल कानून जल संर ण जल उपयोग म द ता जल पुनच ण और बु नयाद ढांचे


पर यान दे ने म कमी रही है। ऐ तहा सक प से पानी को एक असी मत संसाधन के प म दे ख ा जाता रहा है राज सह और उनके सा थय ने भवन नमाण क पुरानी णाली को भी पुनज वत कया है। चूं क वे

जसे एक न त तरीके से बं धत करने क आव यकता नह थी। पारंप रक तरीके से ानीय लोग क ज रत कोजोहड़
पूरा करने के लए सीधे उनसे संपक करते थे इस लए सह और
उनके सा थय को ानीय अ धका रय से कड़े तरोध का सामना करना पड़ा।

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अ य हल कये गए असाइनमट और अनुमान पेपर के लए हल प II

पहला जोहड़ बनाने म उ ह तीन साल लगे ले कन चौथे साल म उ ह ने जोहड़ बना दए पांचव साल म लगभग • े घा टय क आव यकता को यान म रखते ए एक नद बे सन से सरे म ानांतरण स हत अ य े

जोहड़ बन गए और म गांव म लगभग जल संरचनाएं बन ग । ये जोहड़ समुदाय क स य भागीदारी से ानांतरण करके पानी क कमी वाले े को पानी उपल कराया जाना चा हए। • जल संसाधन वकास

से बनाए गए थे। प रयोजना क योजना जहां तक संभव हो समाज के वं चत वग स हत मानवीय और पा र तक

पहलु को यान म रखते ए एक एक कृ त और ब वषयक

कोण के साथ ब उ े यीय होनी चा हए। • पानी के आवंटन म पहली ाथ मकता पीने के पानी को द जानी

रा ीय चेतना या ा ने पानी के नजीकरण और ावसायीकरण के खलाफ वरोध जताया है। रा ीय जल चेतना चा हए उसके बाद सचाई जल व ुत पा र तक कृ ष उ ोग और गैर कृ ष उ ोग ने वगेशन और
या ा ने ानीय लोग के बीच जल संर ण के संदेश और था का सार कया। इसने न दय को पुनज वत करने अ य उपयोग को इसी म म दया जाना चा हए। • भूज ल के दोहन को पुनभरण संभावना और सामा जक
जलभृत को रचाज करने और पयावरण को फर से जीवंत करने क पहल क । इ वट के संदभ म व नय मत कया जाना चा हए । भूज ल के अ त दोहन के हा नकारक पयावरणीय

प रणाम को भावी ढं ग से रोकने क ज रत है यह सु न त करने क

आव यकता है क व भ उपयोग के लए जल शु क इस कार नधा रत कया जाए क कम से कम ार म

प रचालन एवं रखरखाव शु क तथा बाद म पूंज ीगत लागत का एक भाग कवर हो सके ।

रा ीय जल नी त और उसके भाव के बारे म जाग कता पैदा करने के लए रा ीय चेतना या ा दसंबर

को नई द ली के राजघाट से शु ई। या ा ने दे श भर म जल संबंधी मु को उजागर कया। राज सह के अलावा

या ा के अ य तभा गय म अजुन बाबा सैयद एम हसनत वंदना शवा ीमती भागीरथ गौतम बंदोपा याय डीसी जैन

हेमला सा ट के वमा और व भ गैर सरकारी संगठन के त न ध शा मल थे। या ा ने जल संसाधन के संर ण के लए

समाज को मजबूत करने के तरीक पर यान क त कया। इसने इस बात पर जोर दया क सरकार को जल संसाधन क

र ा के लए न दय को जोड़ने तालाब टक और झील के जीण ार क नी त पर वचार करना चा हए। अ भयान म चचा

का एक मु य वषय रा य ारा ब रा ीय कं प नय को जल संसाधन को बेचने का यास था। इस अ भयान म आ दवा सय

और म हला ने भी भाग लया।

• व वध उपयोग के लए जल संसाधन के बंधन म भावी और नणायक तरीके से व भ सरकारी एज सय के

साथ साथ उपयोगकता और अ य हतधारक को शा मल करके एक भागीदारी कोण को शा मल कया

रा ीय जल नी त को भारत के धानमं ी क अ य ता म रा ीय जल संसाधन प रषद ारा अ ैल जाना चा हए।


को आयो जत अपनी व बैठक म अपनाया गया था। नी त क मु य वशेषताएं न न ल खत ह

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• जहाँ भी संभव हो व वध उपयोग के लए जल संसाधन प रयोजना क योजना वकास और बंधन म नजी


• जल एक मुख ाकृ तक संसाधन एक बु नयाद मानवीय आव यकता और एक ब मू य रा ीय संप है। जल े क भागीदारी को ो सा हत कया जाना चा हए। • सतही जल और भूज ल दोन क गुण व ा क नय मत
संसाधन क योजना वकास और बंधन को रा ीय कोण से संचा लत करने क आव यकता है। • नगरानी क जानी चा हए। ाकृ तक धारा म नवहन से पहले अप श को वीकाय तर और मानक

रा ीय रा य तर पर जल संबंधी डेटा के लए एक अ तरह से वक सत सूचना णाली ा पत क जानी तक उपचा रत कया जाना चा हए। यूनतम वाह सु न त कया जाना चा हए

और ई पु तक
चा हए।

डेटा बक और डेटा बेस का नेटवक मौजूदा क य और रा य तरीय एज सय को एक कृ त और मजबूत पा र तक को बनाए रखने के लए बारहमासी धारा म जल का उपयोग करना। • जल
करेगा। के सभी व वध उपयोग म उपयोग क द ता म सुधार कया जाना चा हए और श ा व नयमन ो साहन
और हतो साहन के मा यम से संर ण चेतना को बढ़ावा दया जाना चा हए।

• दे श म उपल जल संसाधन को यथासंभव अ धकतम उपयोग यो य संसाधन क ेण ी म लाया जाना चा हए।

• समु या नद ारा भू म कटाव को उ चत लागत भावी उपाय ारा कम कया जाना चा हए। तट य े और
• जल उपयोग के लए गैर परंपरागत तरीके जैसे क अंतर बे सन ानांतरण भूज ल का कृ म पुनभरण और खारे बाढ़ के मैदानी े म अंधाधुंध क जे और आ थक ग त व धय को नयं त कया जाना चा हए। • जल

या समु जल का वलवणीकरण साथ ही पारंप रक जल संर ण प तयाँ जैसे क वषा जल संचयन जसम संसाधन के वकास के लए प रयोजना क योजना बनाते समय सूख ा त े क ज रत को ाथ मकता

छत पर वषा जल संचयन शा मल है का उपयोग कया जाना चा हए ता क उपयोग यो य जल संसाधन को द जानी चा हए। इन े को व भ उपाय के मा यम से कम संवेदनशील बनाया
और बढ़ाया जा सके । इन तकनीक के लए क त तरीके से अ णी अनुसंधान और वकास को बढ़ावा दे ना जाना चा हए। • रा य के बीच जल बंटवारा वतरण को नद बे सन के भीतर जल संसाधन क उपल ता और
आव यक है। • जल व ान इकाई के लए जल संसाधन वकास और बंधन क योजना बनानी होगी। नद ज रत को यान म रखते ए रा ीय प र े य ारा नद शत कया जाना चा हए।

घा टय के नयो जत वकास और बंधन के लए उपयु नद बे सन संगठन ा पत कए जाने चा हए।

• जल संसाधन वकास के अ भ अंग के पम श ण और अनुसंधान यास को तेज कया जाना चा हए।

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इ नू कनमूननवीनतम
ा प II
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. ह रत शां त आंदोलन के पूववत और उपल य का पता लगाएं। जलवायु प रवतन के कारण होने वाले नुक सान को अदालत म वैध बहाने के प म इ तेमाल कया गया है।

दै नक तार और

उ र ीनपीस जलवायु प रवतन शमन के लए सतत वकास प र य तैयार करने वाली पहली पा टय म से अ भभावक उ ह ने इस बरी फै सले को ाउन मं ालय के लए श मदगी बताया।

एक थी जसे उसने म तैयार कया था। समाजशा ी माक मोरम ट और ट न डासनॉय के अनुसार ीनपीस

ने के दशक म लोबल वा मग के बारे म लोग म जाग कता बढ़ाने म मह वपूण भू मका नभाई थी। अ य ऊजा के ावसायीकरण पर अपने ख के ह से के पम ीनपीस ने गो बयॉ ऑयल अ भयान

शु कया है। यह अ भयान नया म तेल क खपत को धीमा करने और अंततः समा त करने पर क त है जसम तेल

क लग को एक उ म के प म अपनाने वाली कं प नय के खलाफ़ कायकता ग त व धयाँ हो रही ह। गो बयॉ


संगठन ने सीएफसी पर भी यान क त कया है य क उनक लोबल वा मग मता और ओजोन परत पर उनका
ऑयल अ भयान क अ धकांश ग त व धयाँ आक टक और डीपवाटर होराइज़न आपदा से भा वत े म तेल क
भाव दोन ह। ीनपीस मॉ यल ोटोकॉल म ओजोन को नुक सान प ंचाने वाले पदाथ को ज द ख म करने क
लग पर क त रही ह। आक टक म ीनपीस क ग त व धय म मु य प से ए डनबग त तेल और गैस अ वेषण
वकालत करने वाले अ णी तभा गय म से एक था। के दशक क शु आत म ीनपीस ने रे जरेटर उ ोग के
कं पनी के यन एनज शा मल है और इसम के यन एनज के मु यालय पर वरोध दशन से लेक र लग या को
साथ मलकर बड़े पैमाने पर उ पादन के लए एक सीएफसी मु रे जरेटर तकनीक ीन ज वक सत क । संयु
रोकने के यास म उनके तेल रग को के ल करना शा मल है। गो बयॉ ऑयल अ भयान म उन सरकार पर
रा पयावरण काय म ने म पृ वी क ओजोन परत के संर ण म उ कृ योगदान के लए ीनपीस को
राजनी तक दबाव डालना भी शा मल है जो अपने े म तेल क खोज क अनुम त दे ती ह समूह ने कहा क गो
स मा नत कया। म नया के रे जरेटर के कु ल उ पादन का दो पांचवां ह सा ीन ज तकनीक पर आधा रत
बयॉ ऑयल अ भयान का एक मुख उ े य यह उजागर करना है क तेल उ ोग ज़मीन से आ खरी बैरल नचोड़ने
था जसम म लयन से अ धक इकाइयाँ उपयोग म थ । इसके अलावा ीन ज ौ ो गक को अमे रका म EPA

ारा रोक दया गया था जसके लए ू पॉ ट स हत रासाय नक नगम के गठबंधन ारा पैरवी क गई थी के के लए कस हद तक जाने को तैयार है और उ ोग और सरकार पर तेल से आगे बढ़ने का दबाव बनाना है।

नणय तक जसम से शु होने वाले बेन एंड जेरी और जनरल इले क के हत का हवाला दया गया था।

वतमान म ीनपीस लोबल वा मग को पृ वी के सामने सबसे बड़ी पयावरणीय सम या मानता है। ीनपीस का आ ान

है क वै क ीनहाउस गैस उ सजन म चरम पर हो और तक इसे यथासंभव शू य के करीब लाया जाए।

इसके लए ीनपीस ने औ ो गक दे श से तक अपने उ सजन म कम से कम क कटौती के तर

से करने और वकासशील दे श को ायी ऊजा मता बनाने लोबल वा मग के अप रहाय प रणाम के अनुकू ल होने

और तक वन क कटाई को रोकने के लए पया त धन दे ने का आ ान कया है। ईआरईसी के साथ मलकर

ीनपीस ने एक वै क ऊजा प र य ऊजा ां त तैयार क है जहां नया क कु ल ऊजा का नवीकरणीय

ोत से उ पा दत कया जाता है और तक ऊजा े के उ सजन को के तर से से अ धक कम

कया जाता है।

ीनपीस ने परमाणु वरोधी अ भयान शु कया है।

ीनपीस ने दो कदम उठाए ह। पहला इसके कायकता परी ण े म खुद को खतरे म डालकर परमाणु परी ण के

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गवाह बने। सरा ीनपीस ने सर को खतरे से बाहर नकाला। इसके जहाज रेनबो वॉ रयर ने र गेलैप से माजेटो तक

चार या ाएँ क और तीन सौ पवा सय को ानांत रत कया जनके ान के दौरान अमे रका ारा

कए गए परमाणु परी ण के बाद रे डयोधम से षत हो गए थे। रेनबो वॉ रयर को जुलाई को ांसीसी

सरकार के एजट ने मु रोआ एटोल म ांसीसी परमाणु परी ण का वरोध करने के लए ऑकलड के बंदरगाह म डु बो

दया था। इस घटना म ीनपीस के फोटो ाफर फनाडो परेरा क मौत हो गई थी।

और ई पु तक
य कारवाई का उपयोग करते ए ीनपीस ने यूज ीलड वालबाड ऑ े लया और यूनाइटे ड कगडम जैसे

ान पर कोयला बजली संयं पर क जा करके और कोयला शपमट और खनन काय को अव करके कोयले के

खलाफ कई बार वरोध दशन कया है। ीनपीस परमाणु ऊजा को एक अपे ाकृ त छोटा उ ोग मानता है जसम बड़ी सम याएं ह जैसे क यूरे नयम

खनन से होने वाला पयावरणीय नुक सान और जो खम परमाणु ह थयार का सार और परमाणु कचरे से संबं धत

ीनपीस भी तेल रेत से पे ो लयम नकालने क आलोचना करता है और उसने कनाडा के अथाबा का म तेल रेत अनसुलझे । संगठन का तक है क लोबल वा मग को कम करने के लए परमाणु ऊजा क मता मामूली है जो क

प रचालन को रोकने के लए य कारवाई का योग कया है। IEA ऊजा प र य का संदभ दे ता है जहां म TWh से तक TWh तक नया क परमाणु

मता म वृ से वै क ीनहाउस गैस उ सजन म से कम क कमी आएगी और तक त वष


अ टू बर म ीनपीस के छह दशनका रय को क सनॉथ पावर टे शन म घुसने मीटर ऊं चे धुंए के मेगावाट मता क परमाणु रए टर इकाइय का नमाण करना होगा।
ढे र पर चढ़ने चमनी पर गॉडन का नाम लखने और अनुमा नत £ का नुक सान प ंचाने के आरोप म गर तार

कया गया था। अपने बाद के मुक दमे म उ ह ने टे शन को बंद करने क को शश करना वीकार कया ले कन तक दया

क वे कानूनी प से उ चत थे य क वे जलवायु प रवतन को नया भर म कह और संप को अ धक नुक सान

प ंचाने से रोकने क को शश कर रहे थे। डे वड कै म न के पयावरण सलाहकार ज़ैक गो मथ जलवायु वै ा नक

जे स ई. हैनसेन और ीनलड के एक इनुइट नेता से सा य सुने गए सभी ने कहा क जलवायु प रवतन पहले से ही
ीनपीस के अनुसार धीमी नमाण अव ध नमाण म दे री और छपी ई लागत सभी परमाणु ऊजा क शमन मता को
नया भर म जीवन को गंभीर प से भा वत कर रहा है। छह कायकता को बरी कर दया गया।
सी मत करती ह। यह आईईए प र य को तकनीक और व ीय प से अवा त वक बनाता है। वे यह भी तक दे ते ह

क परमाणु ऊजा पर भारी मा ा म नवेश को बा य करने से अ धक भावी समाधान के लए धन क कमी हो जाएगी।

यह पहला मामला था जसम संप क त को रोकने के लए ीनपीस ने ओल कलुओ टो परमाणु ऊजा संयं के नमाण पर वचार कया

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अ य हल कये गए असाइनमट और अनुमान पेपर के लए हल प II

फनलड म परमाणु ऊजा संयं को नये परमाणु ऊजा संयं के नमाण म आने वाली सम या का एक उदाहरण इसके प रणाम व प व ापन पर तबंध लगा दया गया। ीनपीस ने गलती वीकार नह क यह कहते ए क

बताया गया है। कजा क तान के एक डॉ टर ने कहा था क ब े क हालत परमाणु परी ण के कारण ई थी। ीनपीस के एडम वू फ

म ीनपीस ने एक परमाणु वरोधी समाचार प व ापन का शत कया जसम दावा कया गया था क ने यह भी कहा क पचास साल पहले कई वशेष थे जो कतार म खड़े होकर कसम खाते थे क धू पान और खराब
सेलाफ परमाणु सु वधाएं अगले वष म लोग को मार दगी और हाइ ो सफ़लस से पी ड़त एक ब ेक वा य के बीच कोई संबंध नह है। संयु रा ने अनुमान लगाया है क कजा क तान म परमाणु ह थयार परी ण के

छ व कज़ा क तान म परमाणु ह थयार के परी ण का शकार बताई गई थी। व ापन मानक ा धकरण ने सेलाफ कारण तीन पी ढ़य म लगभग लोग पी ड़त ए।

से संबं धत दावे को नराधार पाया और एएसए ने यह वीकार नह कया क ब े क हालत व करण के कारण ई थी।

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नमूना प क ऑनलाइन सॉ ट कॉपी पीडीएफ ा प खरीदने के लए नयम और शत
समाधान इ नू पर आधा रत

• उपयोगकता को नमूना प हल क ऑनलाइन सॉ ट कॉपी पीडीएफ ा प खरीदने के लए वीकार वक प पर लक करने से पहले नयम और शत ट
एंड सी को यान से पढ़ना और वीकार करना होगा।
इ नू

• इस वशेष सु वधा के अंतगत आप नमूना क के वल ऑनलाइन सॉ ट कॉपी पीडीएफ ा प खरीद सकते ह इस सु वधा के अंतगत कोई हाड कॉपी या मु त
इ नू पर आधा रत पेपर हल त दान नह क जाएगी।
• इस नमूना प हल म के वल चय नत प दान कए गए ह । • इन नमूना प हल म क के वल यूनतम आव यकता
का ही उ लेख कया गया है।
जैसे य द दए गए ह और उनसे कहा गया है क उनम से कसी का उ र द तो के वल चय नत के उ र दए जाएंगे येक का उ र नह दया
जाएगा।
• यह एक भाय सु वधा ावधान है जसके अंतगत नमूने क ऑनलाइन सॉ ट कॉपी पीडीएफ ा प खरीद जा सकती है।
इ नू पर आधा रत प हल हमारी वेबसाइट के मा यम से ऑनलाइन उपल ह जसे ाहक खरीदार अपने कं यूटर पर डाउनलोड कर सकते ह। • इन
नमूना प म दए गए नमूना और उनके उ र आपको ब कु ल
सही मागदशन दान करते ह ।
वा त वक प का अनुमा नत पैटन। उ र हालां क वा त वक प क वषय व तु अंक का वतरण और क ठनाई का तर कु छ हद तक भ हो सकता है।

• नमूना प के ये नमूना उ र समाधान लेख क ारा छा क मदद के लए तैयार कए गए ह ता क उ ह यह पता चल सके क वह का उ र कै से दे सकता है। नमूना उ र को के वल मागदशक संदभ

साम ी के प म दे ख ा जा सकता है। काशक इन समाधान उ र क सट कता का दावा नह करता है। कसी भी चूक या ु ट के लए अ य धक खेद है हालां क इन नमूना उ र समाधान को

तैयार करते समय हर सावधानी बरती गई है। य द आपको परी ा म उप त होने से पहले कोई संदेह या म है तो कृ पया अपने श क श क से परामश ल या व व ालय क नधा रत

और अनुशं सत अ ययन साम ी दे ख ।

• नीरज प लके शंस साम ी के कॉपीराइट अ धकार का संर क बना रहेगा।


इ नू पर आधा रत ये नमूना प हल
• उपयोगकता कसी भी ावसा यक उ े य के लए पुन पादन डु लके ट तलप ब पुन व य या शोषण नह करने के लए सहमत है
सेवा का कोई भी भाग सेवा का उपयोग या सेवा तक प ँच।
• इन नमूना प हल क क मत बना कसी पूव सूचना के संशो धत प रव तत क जा सकती है
सूचना।

• सभी पूव ल खत या क टम ल खत साम ी के वल शोध और परी ण उ े य के लए है। हम आपको हमारी साम ी का उपयोग के वल शोध और अ ययन सहायता के
प म करने के लए ो सा हत करते ह। सा ह यक चोरी एक अपराध है और हम इस तरह के वहार का समथन करते ह। कृ पया हमारी साम ी का ज मेदारी
से उपयोग कर। • कसी भी ववाद म कोई भी अ धकतम जो दावा कर सकता है वह कसी वशेष नमूना क
लागत है
पेपर सॉ ड जसके लए उ ह ने नीरज प लके शन को भुगतान कया था। • सभी शत

मामले और ववाद के वल द ली े ा धकार के अधीन ह।

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अ य हल कये गए असाइनमट और अनुमान पेपर के लए

अ वीकरण वशेष नोट यहाँ दए गए नमूना प और उनके उ र आपको वा त वक प का अनुमा नत पैटन दान करते ह। हालाँ क वा त वक प इसक साम ी अंक के वतरण और क ठनाई के तर
म कु छ हद तक भ हो सकते ह। ये नमूना उ र समाधान लेख क ारा छा क मदद के लए तैयार कए गए ह ता क उ ह यह पता चल सके क वह का उ र कै से दे सकता है। नमूना उ र को गाइड संदभ
गाइड के प म दे ख ा जा सकता है। कसी भी चूक या ु ट के लए अ य धक खेद है हालां क इन नमूना उ र समाधान को तैयार करते समय हर सावधानी बरती गई है। य द आपको परी ा म बैठने से पहले कोई
संदेह या म है तो कृ पया अपने श क ूटर से परामश ल या व व ालय क नधा रत और अनुशं सत अ ययन साम ी दे ख ।

समय घंटे अ धकतम अंक

ट पणी उ र कोई भी पांच . यास येक अनुभाग से कम से कम दो

ख डI . इसका अथ आव यक प से वरोधी प और उसक णाली का वघटन नह है।


अ हसक आंदोलन क ग तशीलता या है यह संभव हो सकता है क वरोधी समूह आंत रक प से वभा जत हो जाए या असहयोग आंदोलन के
वे कस कार के प रणाम उ प करते ह वघटनकारी प रणाम के कारण वह अ हसक कायकता को दबाने म वफल हो जाए।
उ र अ हसक आंदोलन क ग तशीलता अ हसक संघष तब उ प होते ह जब याय ा त करने के पारंप रक

राजनी तक और कानूनी चैनल अव हो जाते ह और लोग अपने ल य को छोड़ने के लए तैयार नह होते ह। अ हसक वघटन इस तं म अ हसा आंदोलन के तभा गय ारा ापक असहयोग और अव ा के कारण
याएँ टकाऊ होती ह य क संघष के साधन के प म हसा क तुलना म उनम अ धक लाभ होते ह। हसक या क वरोधी क मशीनरी या उसक काय णाली व त हो जाती है। इसे अ हसक संघष क सव उपल माना
तुलना म अ हसक याएँ रा य बल से कम ू र तशोध को आमं त करती ह। उदाहरण के लए अ हसक भारतीय जा सकता है।
वतं ता सेना नय के खलाफ अं ेज ारा हसा का योग अ य दे श म रा वा दय के खलाफ इ तेमाल क गई हसा क
तुलना म ब त कम था। इसके अलावा अ हसक तरीक का योग वरो धय को वभा जत रखता है जब क हसा वरो धय

क एकता को मजबूत करती है और उ पीड़न को वैध बनाती है। संघष के व भ चरण म व भ समूह ारा उ े य और प र तय को यान म रखते ए व भ
तं का उपयोग कया जाता है। तं के कार और उनके योग का समय रणनी तक कृ त का होता है। उन
पर नणय लेने म आंदोलन और वरोधी के श संसाधन क गणना शा मल होती है। सभी तं म लोग क
स य भागीदारी और नेता के समथन क आव यकता होती है। जब संरचना मक हसा होती है तो
अ यायपूण शासन का मा वघटन वां छत प रवतन के लए पया त शत नह है। ऐसी त म संरचना मक
प रवतन और व ा म प रवतन के बाद र और शां तपूण त क आव यकता होती है।

अ हसक प रवतन के तं जीन शाप के अनुसार चार तं ह जो


अ हसक आंदोलन और उनके वरो धय के बीच श संबंध को भा वत करते ह और अ हसक आंदोलन के
प रणाम को नधा रत करते ह।

वे ह पांतरण बल योग समायोजन और वघटन।


अ हसक आंदोलन म नेतृ व क भू मका अ हसक आंदोलन म तीन कार के मानव
धमातरण वरोधी ावहा रक या नै तक कारण से अ हसक आंदोलन के उ े य से सहमत होता है। वह
संसाधन शा मल होते ह जैसे नेतृ व आंदोलन कायकता और आम जनता।
वां छत प रवतन करता है और अ हसक कायकता के नए कोण को वीकार करता है। ऐसा धमातरण जो
वरो धय के दल और दमाग को बदल दे ब त लभ है। धमातरण से वरोधी क मान सकता बदल जाती है।
गांधी मा टन लूथर कग जू नयर और ने सन मंडेला रदश और क र माई नेता थे। उ ह ने उ े य को ा त
करने के लए अ हसक आंदोलन का नेतृ व कया। एक भावी नेता आंदोलन के उ े य को ा त करने के
लए सद य को भा वत े रत और स म बनाता है।

समायोजन इस तं म अ हसा कायकता वरोधी के साथ समझौता करते ह। समायोजन कई या


ऐसे नेता आंदोलन को े रत करते ह ो सा हत करते ह और उसे एक उ े य दे ते ह।
के मा यम से हो सकता है। जब दोन प संघष के बढ़ने से बचने क को शश करते ह तो वे संबं धत मु पर
वह आंदोलन का भ व य का कोण भी बताते ह। वह लोकतां क और सहभागी तरीके से काम करते ह और
त बदले बना मांग को पूरा करके समायोजन को ाथ मकता दे ते ह।
आंदोलन के सामा जक आधार को ापक बनाते ह। अ हसा आंदोलन के लए ठोस नेतृ व के स ांत का
अनु योग और आंदोलन को सफल बनाने के लए नेतृ व शैली को पहचानना मह वपूण है।

समायोजन संघष क प र तय को बदल दे ता है।


जबरद ती इस तं म वरोधी को अ हसक आंदोलन क मांग को वीकार करने के लए मजबूर कया अ हसक आंदोलन के प रणाम पछले छह दशक म भारत और वदे श म
जाता है। आंदोलन ने वरोधी क इ ा के व अपने ल य को ा त कया। हालाँ क यह अ हसक आंदोलन का रकॉड मला जुला रहा है। हालाँ क अ हसक आंदोलन के प रणाम

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इ नू कनमूनानवीनतम
प III
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कु छ प र तय म सामा जक प रवतन का एक भावी तरीका रहा है और इस त य को सा बत करने वाले पया त ऐ तहा सक गांधी ने असं य गांव वाले एक वतं भारत क क पना क थी। म एक लेख म उ ह ने लखा था क जीवन

सा य ह। अ हसा आंदोलन के ज़ रए तानाशाह को उखाड़ फका गया है और लोकतां क शासन ा पत कया गया है। उ ह ने एक परा मड नह होगा जसका शीष नीचे से टका होगा। ब क यह एक महासागरीय च होगा जसका क हमेशा गांव के

समाज म हा शए पर पड़े समूह और अ पसं यक क वतं ता और अ धकार को सुर त कया है। यह कहा जा सकता है लए मरने के लए तैयार रहने वाला होगा बाद वाला गांव के च के लए मरने के लए तैयार होगा जब तक क अंततः

क अ हसक आंदोलन क उपल य का सम रकॉड हसक कारवाइय से बेहतर है। पूरा जीवन य से बना एक जीवन न बन जाए। लोग को कभी भी अहंक ार के साथ आ ामक नह होना चा हए ब क

हमेशा वन होना चा हए महासागरीय च क म हमा को साझा करना चा हए।

हाल के समय म कु छ श शाली दे श म सश मु संघष अपने उ े य को ा त करने म वफल रहे ह। द ण

अ का म रंगभेद वरोधी आंदोलन ने तब ग त क जब सश संघष को अ हसक कारवाइय के अधीन कर दया गया। पूव गांधीजी क गांव संबंधी अवधारणा को वनोबा ने और व तार दया।

तमोर म दे श के आंत रक े म गु र ला यु क तुलना म क ब और शहर म अ हसक वरोध दशन वै क समथन ा त उनके अनुसार सव दय कायकता का ल य एक रा य वहीन समाज म रहना था। हालां क उनका मानना था क ारं भक
करने म अ धक भावी रहे। फ ल तीन म पहला नह ा इं तफादा संघष फ ल तीनी कारण को वैधता दलाने म पछले चरण म सरकार का एक न त उपाय आव यक है। वे इस बात से भी सहमत नह थे क अ धनायकवाद तानाशाही

आतंक वाद अ भयान और वष के बाद सरे इं तफादा म इ तेमाल कए गए हसक साधन क तुलना म अ धक भावी रा य वहीन समाज क दशा म ग त लाएगी। इसके वपरीत वनोबा ने शासन और स ा का वक करण करके आगे बढ़ने
रहा। लोकतां क यायपूण और शोषण मु समाज क ापना के संबंध म हसक अ भयान को ब त कम सफलता मली का ताव रखा। अं तम चरण म वशु प से नै तक स ा होगी और कोई जोर जबरद ती नह होगी। ऐसे व नद शत
है इसके अलावा जान माल का ब त नुक सान आ है। समाज क ापना के लए आ म नभर इकाइय के एक नेटवक क आव यकता होगी। क के पास कम से कम संभव

अ धकार होना चा हए और उ पादन वतरण र ा श ा ानीयकृ त होनी चा हए।

अ हसक आंदोलन भी कई जगह पर वफल रहे ह। म चीन के तयानमेन म लोकतं समथक आंदोलन वफल म आंदोलन का यान ग त व ध के तीन मु य े पर था पूरे दे श म ामदान गाँव ा पत कए जाएँगे और
रहा। यांमार म सै य शासन को उखाड़ फकने के लए आंग सान सू क के नेतृ व म आंदोलन भी वफल रहा। आ म नणय के खाद तथा ाम उ i ोग वक सत कए जाएँगे इन गाँव को आ म नभर और बाहरी संसाधन से वतं बनाया जाएगा और
लए त ब तय का अ हसक संघष अपने उ े य को ा त नह कर सका। यहां तक क अमे रक नाग रक अ धकार आंदोलन कसी भी ii एक शां त सेना या शां त सेना क भत क जाएगी और उसे श त कया जाएगा ता क हसा के
ने ेत अमे रक नाग रक क मान सकता और सं ागत कामकाज म गहरे बैठे पूवा ह को नह बदला जब क इसके कोप को अ हसक तरीक से नयं त कया जा सके । सव दय समाज म ेरणा और वहार क ेरक श आपसी सहयोग
प रणाम व प अ क अमे र कय के खलाफ भेदभाव को र करने के लए कानूनी बदलाव ए। अ हसक संघष तब वफल होगी और कोई गत त iii
धा नह होगी।
होता है जब यह अ हसक अनुशासन के अनु प नह रह पाता है और आंदोलन के दौरान कभी कभार हसा का अ यास करता
है। स वनय अव ा के वचार क भी लोकतं और कानून के शासन के लए खतरे के प म आलोचना क जाती है य क यह

उनके सामा य कामकाज को बा धत करता है।

www.estudymart.com ऑनलाइन पढ़ने का क वनोबा ने दान क अवधारणा को व तृत करते ए इसम न न ल खत पहलु

के कसान को ब क शहरी पेशेवर और औ ो गक मक को भी इसम शा मल कया


को शा मल कया और न के वल गांव

आंदोलन।

i मदान इसका शा दक अथ है मदान। इसके ारा वनोबा ने लोग से अपने म का कु छ ह सा सव दय


अ हसक आंदोलन क वफलता क संभावना तब अ धक होती है जब संघष म गैर समझौता यो य मु पर अ य धक

और ई पु तक
प रयोजना म योगदान करने के लए कहा। ii स दान इसका शा दक अथ है धनदान। इसके ारा
ुवीकृ त सां दा यक समूह शा मल होते ह। ऐसी तय म अ हसक संघष गलत धारणा और घृण ा को रोकने म उतने
वनोबा ने लोग से अपनी संप
सहायक नह होते। यह सु न त नह कया जा सकता है क अ हसा के साधन के मा यम से उ े य ा त करने के बाद अ हसा
या आय का कु छ ह सा आंदोलन के लए सम पत करने के लए कहा।
और स य क भावना बल होगी। भारत ाचार और सां दा यक हसा से त है जब क अ हसक आंदोलन ने अपनी

वतं ता ा त क है। मा सवा दय का मानना है क अ हसा एक झूठा बुज ुआ आदश है जसे आम आदमी पर हसक साधन

के उपयोग क संभावना को यागने के लए मजबूर कया जाता है।


iii बु दान इसका शा दक अथ है बु का उपहार। इसके ारा वनोबा ने लोग से अपनी मान सक मता

और ान को सव दय आदश क ा त के लए सम पत करने को कहा। iv जीवनदान इसका शा दक

अथ है जीवन का उपहार। इसके ारा वनोबा ने लोग से अपना पूरा जीवन और ऊजा आंदोलन के

लए सम पत करने को कहा।

. ामदान आंदोलन क अवधारणा और मुख वशेषता पर चचा कर।

सामा यीकरण और मह वाकां ी ल य के रगामी प रणाम ए। म सरलीकृ त या नामक एक संशो धत


उ र ामदान ामदान जसका शा दक अथ है गांव का उपहार सामू हक सामुदा यक नणय के मा यम से एक
अवधारणा शु क गई। वा म व और क जा को अलग अलग कया गया। ामदान
सामा जक ां त ा त करने का यास करता है जसम भू म पर कोई गत वा म व नह होगा। यह भूदान से अलग है
सुलभ ामदान
जसका शा दक अथ है भू म दान जसका उ े य दान के गत काय के मा यम से सामा जक सुधार करना है। भूदान म
दान क गई भू म को इक ा कया जाता था और फर भू महीन के बीच पुन वत रत कया जाता था। भूदान गाँव क संरचना
नई अवधारणा के अनुसार दान क गई सारी ज़मीन ामामदान
समुदाय के पास होनी चा हए फर भी इसका उ ीस बीसवाँ
एक साधारण भारतीय गाँव क तरह ही थी सवाय इसके क भू म के कु छ ह से इस अं तम को दए गए थे। हालाँ क
ह सा दानकता के पास हो सकता था जो इसे के वल अपने उ रा धका रय को दे सकते थे। इस कार इसका उ े य गाँव
ामदान गाँव म सारी ज़मीन को एक त करके समुदाय म न हत कया जाना था। भू महीन मक दान के काय के ा तकता
क ज़मीन को समुदाय के नयं ण से बाहर जाने से रोकना था। उ पादन के साधन पर ामीण का खुद ही नयं ण था।
नह ह गे और ामदान समुदाय के अ य सभी सद य के बीच समान ह गे। इसका उ े य गाँव क वाय ता और गाँव क
सुलभ ामदान
सरकार के गांधीवाद ल य को ा त करना था।

ामदान क अवधारणा को लॉकदान जलादान और रा यदान जैसी अवधारणा के साथ और ापक बनाया

गया। लॉकदान के तहत गांव को लॉक तर पर जोड़ा गया जो सरकार के सामुदा यक वकास काय म क सबसे नचली
इकाई थी। लॉकदान

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अ य हल कये गए असाइनमट और अनुमान पेपर के लए हल प III

उस े म घो षत कया जाता है जहाँ कु ल नजी भू म का पचास तशत से अ धक ह सा नवासी नजी मा लक ारा दान व सद क पहली तमाही म । अमे रका म चच ारा क शु आत म ही संयम क शपथ शु क गई थी। सबसे

कया गया हो और जसम कम से कम तीन चौथाई वय क नवासी काय म म शा मल ए ह । जलादान तब होता था जब पहले संयम संगठन म साराटोगा यूयॉक म और म मैसाचुसेट्स म ा पत कए गए थे। यह आंदोलन तेज ी से

सभी लॉक लॉकदान क शत को पूरा करते थे और रा यदान तब होता था जब सभी जल को जलादान ा त होता था। फै ला और पूरे अमे रका म लगभग ानीय संयम संगठन का उदय आ। म सबसे पहले यूरोपीय संयम

संगठन आयरलड म ा पत कए गए थे। बाद म यह कॉटलड टे न कनाडा द ण अमे रक दे श ऑ े लया जापान

भारत द ण और प मअ का म फै ल गया। आंदोलन म चच क मह वपूण भू मका थी। संयम आंदोलन का मु य उ े य

जाग कता फै लाना और व भ दे श म नषेध पर कानून बनाने क पैरवी करना था। इस आंदोलन ने अंतररा ीय तर पर
बहार रा यदान ा त करने वाला पहला रा य था। रा य म ामदान गांव थे। आंदोलन ने दावा कया क नै तक और राजनी तक कारवाई को जोड़ा और कई म हला संगठन का समथन और भागीदारी आक षत क ।

म गांधी शता द वष के अंत तक दे श के गांव म से तक प ंच गया था।

गाँव के वकास म तीन चरण होते ह ा त इस चरण म लोग को ामदान म शा मल होने के लए

राजी कया जाता था और वे अपना वा म व ाम प रषद को ह तांत रत कर दे ते थे।

पु इस चरण म लोग ामदान क ाथ मक शत को लागू करते ह और भू महीन के बीच भू म का बीसवाँ


ह सा पुनः वत रत कया जाता है। दान का स यापन और अ धकार का कानूनी ह तांतरण कया जाता है। म लंदन म व म नषेध स मेलन का आयोजन इस आंदोलन के अंतरा ीयकरण म मील के प र म से
एक था। इसने संयु रा य अमे रका यूरोपीय दे श और कु छ औ ो गक दे श स हत अंतरा ीय म नषेध प रसंघ के गठन

म मह वपूण भू मका नभाई।

नमाण यह वह चरण है जब रचना मक वकास काय म के लए ाम सभा के मा यम से सभी आव यक

संसाधन जुटाए गए।


राजनी तक मांग के प म नषेध

तक के वल कु छ ही गांव जनम से अ धकांश आ दवासी े से थे सामुदा यक वा म व क अपनी परंपरा व सद क सरी तमाही म शराबबंद के समथक ने अमे रका के कई रा य म कानूनी तबंध लगाने के लए

के साथ नमाण चरण तक प ंच पाए थे। अ धकांश गांव चार और अ े इराद क घोषणा के शु आती चरण म थे। दबाव डाला और संयम आंदोलन फै ल गया। म मैसाचुसेट्स ने शराब क ब पर कु छ नयम लागू कए और मेन रा य

ने म पहला नषेध कानून बनाया। म अमे रका म नषेध पाट क ापना क गई। पाट ने पूरे दे श म नषेध पर

कानून क मांग करने वाले समथक के लए एक सीधा राजनी तक मंच दान कया। म एंट सैलून लीग क ापना क

ामीण को ामदान के आदश को अपनाने और वनोबा के साथ मलकर ामीण पुन नमाण के गांधीवाद माग पर गई। लीग ने भी नषेध पर कानून बनाने क मांग क । अमे रक कां ेस ने थम व यु के दौरान भोजन के प म उपयोग के

चलने के लए राजी करने के बाद आव यक कानूनी साज स ा और कृ ष व तार का बो झल काम आगे बढ़ना था। वनोबा लए अनाज को बचाने के लए एक अ ायी यु कालीन नषेध अ ध नयम पा रत कया।

लोग के रवैये म बदलाव दे ख ना चाहते थे और इस लए उनके लए सरा चरण उतना मह वपूण नह था। म उ ह ने

कहा क कृ ष उ पादन बढ़ाना भूदान और ामदान का उ े य और ल य नह है। इसका मु य उ े य पूरे समाज के त

क न ा को ापक बनाना है।

और ई पु तक
तक रा य म नषेध लागू हो गया था जसम दे श क लगभग दो तहाई आबाद शा मल थी। म

.म नषेध आंदोलन और उसके भाव का परी ण क जए। अमे रक कां ेस ारा रा ीय नषेध अ ध नयम पा रत कया गया था। बाद म संघीय सरकार ने नषेध लागू करने के अपने

वशेषकर भारतीय प र य म। समथन म ढलाई बरती।

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उ र नषेध अवधारणा और वकास

नषेध कानूनी या के मा यम से पूण संयम ा त करने के उ े य से मादक पेय पदाथ के नमाण और ब


इसके प रणाम व प अमे रका म बड़े पैमाने पर शराब का अवैध उ पादन और ब
जहाँ ानीय जनता इसके प म थी वहाँ शराबबंद लागू क गई अ य जगह पर शराब क अवैध ब
शु हो गई।
काफ आम हो गई

क कानूनी रोकथाम है। इस संदभ म इ तेमाल कया जाने वाला एक और श द संयम है जसका अथ है मादक शराब के और शराबबंद के समथक इन घटना म से नराश हो गए। रा ीय शराबबंद अ ध नयम म नर त कर दया गया।

सेवन म संयम को बढ़ावा दे ना या वै क आधार पर पूण संयम। हम नषेध और संयम श द का पर र उपयोग करगे।

उ री यूरोप म भी शराब क लत को रोकने के लए यास कए गए। के दौरान फनलड ने शराबबंद

कानून का योग कया ले कन बीयर पीने को छू ट द । वीडन ने शराब क खपत को सी मत करने के लए शराब राशन काड

इ तहास म शराबबंद कई दे श म शराबबंद क व ा शु क । जापान ने शराबबंद के नयम लागू कए और शराब पीने वाले को खुद को या सर को नुक सान प ंचाने

और संयम का इ तहास एक सरे से जुड़ा आ है। ए टे क समाज ाचीन चीन सामंती जापान पो लने शया प से रोका।

आइसलड फ़नलड नॉव वीडन स कनाडा और भारत ने शराबबंद के यास कए ह। के वल कु छ ही मु लम दे श

शराबबंद को कायम रख पाए ह। भारत म अतीत म एक समय शराब को प रभा षत कया गया था।

यूज ीलड म एक सद से भी यादा समय तक शराब वरोधी एक मज़बूत आंदोलन चला और इसे मेथो ड ट और

े बटे रयन चच और म हला समूह का समथन मला। उ ह ने शराब क खपत को तबं धत करने के लए कानून भी बनाए।

इन उपाय के बाद व सद क आ खरी तमाही म यूज ीलड म शराब क खपत म तशत क गरावट आई।
हालाँ क बौ धम के भाव के कारण यह कम और कम स मानजनक होता गया। शायद समाज के सबसे नचले

तबके को छोड़कर मादक शराब का सेवन लगभग छोड़ दया गया था। अ धकांश दे श ने इसके लागू होने के बाद नषेध उपाय

वापस ले लया है।

शराब क खपत पर उदार कानून वाले कई दे श ने शराब के उ पादन ब पर कर और शु क लगाने न द दन

पर शराब क ब पर तबंध पीने के लए यूनतम आयु नधा रत करने शराब पर नयं ण स हत कई नी तगत और

प म म शराब वरोधी आंदोलन करीब दो सद पुराना है। प मी दे श म रा य और ानीय तर पर शराबबंद के नयामक उपाय शु कए ह।

लए आंदोलन क लहर धा मक पुन ानवाद के दौरान उठ थी।

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इ नू कनमूनानवीनतम
प III
जानकारी ा त करने के लए लनमाट ऐप डाउनलोड कर

व ापन नशे म गाड़ी चलाने क घटना को कम करने और नशेड़ी लोग के हसक वहार को कम करने के लए बनाए कु छ ठे के दार और ापा रय ने बाद म वे ा से अपना वसाय और कान बंद कर द ।
गए कानून खासकर घर पर। राज व बढ़ाने का एक मह वपूण ोत शराब पर उ शु क है जसे मूल प से उपभोग के
लए एक हतो साहन के प म माना जाता है। अ भयान और संचार समाज के व भ वषम वग तक प ँचने के
अ भयान म औपचा रक बैठक दशन हड़ताल रै लयाँ पच पो टर बाँटना समाचार प और प का म
भारतीय प र य भारतीय प कहा नयाँ और लेख लखना और सरकारी अ धका रय को ापन धरना
तुत करना शा मल था। संदेश भेज ने के वैक पक
सं वधान म शराबबंद पर गांधी के वचार को शा मल कया गया है। नदशक स ांत अनु ेद म उ लेख तरीक म सावज नक ान पर अरक क थै लय को फै लाना या जलाना अरक के वाहन क आवाजाही को रोकना
कया गया है क रा य ारा नी त के प म शराबबंद का पालन कया जाएगा। सी. राजगोपालाचारी के नेतृ व म पूव म ास अरक क कान को जलाना और अरक क नीलामी रोकना शा मल था। पारंप रक मी डया का भी अरक और शराब के

ेसीडसी ने शराबबंद लागू क ले कन बाद म इसे छोड़ दया। भाव का संदेश भेज ने के लए भावी ढं ग से इ तेमाल कया गया।

गुज रात दे श का एकमा ऐसा रा य है जसने शराबबंद लागू क है। गुज रात इस बात पर भी वचार कर रहा है क
या वह दशक पुरानी पूण शराबबंद क नी त पर कायम रहेगा या राज व म भारी नुक सान के कारण इसक समी ा
करेगा।
अ य ग त व धय म नु कड़ नाटक कट बुराकथा कठपुतली शो पारंप रक गीत का गायन शा मल था। ट
वभ प ने नषेधा ा म ढ ल दे ने के सुझ ाव दए ह। मी डया ने शराबबंद आंदोलन का समथन कया। ईनाडु ने शराब वरोधी आंदोलन को अ धकतम कवरेज दया। अ य
ह रयाणा और आं दे श ने शराबबंद का योग कया और व ीय घाटे के कारण इसे छोड़ दया और य क वे अवैध तेलुगु अखबार ने भी आंदोलन का समथन कया। ानीय ट मी डया म आंदोलन क ापक कवरेज संचार और
शराबबंद और शराब क त करी को नयं त करने म असमथ थे। शराबबंद के लए अ भयान का नेतृ व करने वाली रपोट ने आंदोलन को फै लाने म मदद क । कु छ गांव म शराब के आद लोग ने नशीले पदाथ न पीने और अपने े म
म हला संगठन ने खुद ही इसे हटाने का समथन कया य क उ ह पता चला क पु ष अवैध शराब का सहारा ले रहे थे इसक ब न होने दे ने क शपथ ली। आं दे श म शराब वरोधी आंदोलन कई कारण से सफल रहा
जसके प रणाम व प नकली शराब क ास दय क बाढ़ आ गई। म आं दे श ने शराबबंद के लए लंबे समय जैसे बड़ी सं या म म हला क भागीदारी ानीय मी डया का समथन और बड़ी सं या म वै क संगठन और

तक चले आंदोलन और एक बड़े सामा जक आंदोलन के बाद अवैध शराब पर तबंध के मा यम से आं शक शराबबंद राजनी तक समूह। आंदोलन लोग साम ी और वचार जैसे आव यक संसाधन को भी भावी ढं ग से जुटा सका।
शु क।

के स टडी आं दे श म शराब अरक वरोधी आंदोलन आं दे श के ने लोर का एक सु र गांव बागुंटा रा य म शराब


वरोधी आंदोलन का उ म ल था। वय क श ा काय म से े रत होकर एक बुज ुग म हला रोसा मा ने इसक
शु आत क थी। शराब क लत म हला क मज री का खच घर का सामान बेचना और शराब पीकर झगड़ा करना
तथा घरेलू हसा के खलाफ आंदोलन मौ खक चार के मा यम से पड़ोसी गांव म फै ल गया और सामा जक नेटवक . न न ल खत पर सं त ट प णयाँ लख क कसान

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ा पत हो गया। आंदोलन क वचारधारा।
उ र कसान के मु पर मौ लक मतभेद के कारण कसान आंदोलन ने व भ वचारधारा का अनुसरण
कया।

कनाटक के कसान आंदोलन ने गांधीवाद स ांत को अपनाया ले कन इसके तक नभरता स ांत के तक के

भाग लेने वाले संगठन करीब नह थे। इसने तक दया क तीसरी नया का पछड़ा वकास उनके उप नवेशीकरण के कारण आ। उ ह ने तक
बाद म अरक वरोधी आंदोलन म शा मल कई संगठन ने पूरे रा य म म हला को संग ठत करने म मदद क । दया क वतं ता के बाद भी स ते माल गु त तकनीक डं पग पेटट व ा कृ ष उ पादन पर तबंध लगाने कमजोर

और ई पु तक
संगठन ने शराब और अरक पर तबंध के लए संघष को जारी रखने के लए म हला का समथन कया। संगठन म पूंज ीवाद और शहरीकरण प पाती नी तय जैसे व भ तरीक से उप नवेशीकरण को आगे बढ़ाया गया है। उ र दे श

रा ीय े ीय जमीनी तर क म हला इकाइयाँ और मु ा आधा रत अनौपचा रक समूह से लेक र अलग अलग वचारधारा और अ य कसान आंदोलन भी इन वचार से सहमत थे।
वाले राजनी तक दल शा मल थे। उ ह ने शराब अरक क आदत और रा य क नी त के खलाफ़ मलकर लड़ाई लड़ी।
उ ह ने सबसे पहले अरक और शराब पर तबंध के प म रा य क नी त को बदलना ज़ री समझा।

शेतकारी संगठन के तहत महारा आंदोलन


b नमदा बचाओ आंदोलन उ र नमदा बचाओ आंदोलन जे माव भारतीय ाय प म प म क ओर बनाम
आंदोलन के दौरान म हला को कई तरह क परेशा नय का सामना करना पड़ा। भाग लेने वाली बहने वाली सबसे बड़ी नद नमदा क तुलना गंगा से करते ह। इसे एक प व नद कहते ए वे इसे ोत से मुहाने तक दे श
म हला पर लाठ चाज कया गया और उनम से कु छ को पु लस ने गर तार भी कया। क सबसे खूबसूरत नद कहते ह। यह नद म य दे श के शहडोल जले म अमरकं टक के पठार पर नकलती है। म य दे श

उ ह अरक और शराब ठे के दार ारा भी धमकाया गया। के अलावा यह महारा गुज रात और राज ान के कु छ ह स को कवर करती है। अरब सागर म वलय से पहले यह हरे
कु छ म हला कायकता को ठे के दार ारा नयु गुंड ारा पीटा गया। म हला को ट मी डया और वप ी राजनी तक भरे जंगल पहा ड़य कृ ष भू म और च ानी घा टय से होकर कलोमीटर क री तय करती है। इसक लगभग
दल और उनके अ णी संगठन से समथन मला। कई संगठन के समथन से म हला ने शराब वरोधी आंदोलन को सहायक न दयाँ ह जो सतपुड़ा व य और मैक ाल क पवत ृंख ला से घरी ई ह।
चरमो कष पर प ँचाया और इस तरह इसे एक ापक आधार वाले आंदोलन म बदल दया। अभूतपूव ग त ा त करते
ए यह एक राजनी तक आंदोलन म बदल गया जसने राजनी तक त ान को झकझोर कर रख दया। सरकार को
मजबूर होकर झुक ना पड़ा और उसने अपना ख बदला और शराबबंद के लए समयब काय म बनाया।

शराब अरक के खलाफ सारा तरेक ा कायाचरण स म त के नाम से एक संगठन बनाया गया
जसम शराबबंद क मांग को लेक र धरने और वरोध दशन आयो जत कए गए शराब क
कान पर धरना दया गया और शराब क थै लयाँ जलाई ग और शराब क बोतल न क ग ।
ामीण या झु गी झोप ड़य म रहने वाल ारा शराब पीने वाले लोग पर जुमाना लगाने जैसी कई
वतः ू त कारवाइयाँ क ग ।

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अ य हल कये गए असाइनमट और अनुमान पेपर के लए हल प III

ाकृ तक संसाधन से भरपूर नद बे सन का तशत ह सा है। इन गांव म मु य प से आ दवासी आबाद है जसम संघष के दौरान आंदोलन को पु लस कारवाई और लाठ चाज का सामना करना पड़ा।

भील ग ड बैगा और अ य शा मल ह जो कृ ष पर नभर ह। ये कायकता बड़वानी कारे र अलीराजपुर और झाबुआ के थे।

नमदा घाट वकास प रयोजना योजनाकार ने नमदा घाट को पछड़ा े और सचाई एनबीए ने बांध नमाण को रोकने के लए सु ीम कोट म रट या चका दायर क । शु म कोट ने काम रोकने का आदे श

सु वधा के प म दे ख ा। वे इसके अ यु ख नज और ाकृ तक संसाधन उपयोग क गई जल व ुत श और दया और संबं धत रा य से व ा पत के लए भावी पुनवास नी त बनाने को कहा। बाद म कोट ने कु छ शत के साथ बांध

नराशाजनक बु नयाद ढाँचे क मता दे ख सकते थे। वहाँ ब त कम औ ो गक ग त व ध धीमी शहरी वृ औसत से कम नमाण क अनुम त दे द । पुनवास के मु पर वचार करने और पुनवास या क नगरानी के लए शकायत नवारण

कृ ष उ पादन कम बजली क खपत आधु नक शै क च क सा और ब कग सु वधा क कमी थी। स म तय का गठन कया गया। म कोट ने प रयोजना को तेज ी से पूरा करने क प रक पना क और एक सतक
पयवे क क भू मका नभाई। अ टू बर को सु ीम कोट ने मीटर क ऊं चाई तक बांध पर त काल नमाण क

अनुम त दे ते ए एक फै सला सुनाया। इसने मीटर क मूल नयो जत ऊं चाई पर नमाण को अ धकृ त कया बशत क इसे

नमदा नयं ण ा धकरण के राहत और पुनवास उपसमूह ारा अनुमो दत कया जाए।

प रयोजना का वचार म ही तैयार हो गया था ले कन इसक शु आत तब ई जब


नमदा जल ववाद याया धकरण एनड यूडीट ने प रयोजना क योजना और काय के लए अपनी
सहम त दे द ।
प रयोजना मा टर लान म बड़े बांध मु य नद पर और सहायक न दय पर जल व ुत योजनाएं

ब उ े शीय योजनाएं सचाई योजनाएं बड़ी म यम योजनाएं और लघु सचाई योजनाएं शा मल थ ।

इस फै सले के बाद एनबीए ने अपना संघष जारी रखा। कायकता के खलाफ़ एक अनु चत पु लस कारवाई के बाद जबलपुर

उ यायालय ने व ा पत लोग के वरोध भूख हड़ताल और शां तपूवक अपने संघष को आगे बढ़ाने के अ धकार को

इस प रयोजना क अनुमा नत लागत करोड़ पये है। इसे व बक क सहायता से बनाया गया था। मा यता द । यायालय ने रा य सरकार से स या हय को पया त मुआ वज़ा दे ने को कहा। पुनवास के मु े पर आगे चचा क

प रयोजना के लाभ म लाख हे टे यर सचाई मेगावाट बजली उ पादन और लोग को लाभ शा मल गई। भू म आधा रत पुनवास क मांग को लेक र वरोध दशन करने वाले कु छ कायकता को गर तार कया गया।

है। इससे रोजगार भी मलेगा बाढ़ पर लगाम लगेगी घरेलू और औ ो गक उपयोग के लए पानी क आपू त होगी और पयटन

को बढ़ावा मलेगा।

उ ह ने व ा पत को धनरा श वत रत करने म शा मल अ धका रय के खलाफ कारवाई क भी मांग क । इं दरा सागर

इस प रयोजना म सावधानीपूवक नयोजन और सावधानीपूवक या वयन का अभाव था य क इसम नद बे सन और कारे र के भा वत लोग ने अपनी अ न तकालीन भूख हड़ताल जारी रखी और अपने पूण अ धकार को हा सल

पर ाकृ तक संसाधन का बड़े पैमाने पर दोहन शा मल था। इससे वन और कृ ष भू म के वशाल े के जलम न होने का करने के लए संघष जारी रखने का संक प जताया।

खतरा था। भूकं प ने भी े के लए गंभीर खतरा पैदा कया जससे बांध क सुर ा को खतरा पैदा हो गया। इसने

एकड़ से अ धक वन भू म को जलम न कर दया और बाढ़ के खतरे म आने वाले वन े का कु ल े फल लगभग

हे टे यर था। जलम नता ने व ा पत लोग के बड़े पैमाने पर पलायन के कारण आस पास के े और इसके भू म संसाधन बाद म यायालय ने अपने नणय म व ा पत के पुनवास के लए संबं धत अ धका रय को फटकार लगाई।

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पर भी भारी दबाव डाला। यायालय ने बांध नमाण को जारी रखने क अनुम त द फर भी यायालय ने पुनवास काय के लए स त आदे श पा रत कए।

अपने नरंतर अ हसक संघष को मा यता दे ते ए नमदा बचाओ आंदोलन को राइट लाइवली ड अवाड से स मा नत कया

गया जसका उ े य समाज को याय दलाना था। बाबा आमटे ने इस आंदोलन म स य प से भाग लया।

व ा पत के लए भू म से लेक र रा ीय तर पर पुनवास नी त तक के व भ मु को उठाते ए नमदा बचाओ आंदोलन ने

कायपा लका वधा यका और या यक तर पर अपनी ब वध रणनी त म भावी भू मका नभाई है।

एनड यूडीट ने व ा पत लोग के लए नदश तैयार कए और उ ह दए जाने वाले मुआ वजे के बारे म बताया।

और ई पु तक
नदश म व ा पत के लए पया त पुनवास अनुदान आवास ल ाथ मक व ालय औषधालय और प रवहन सु वधा

जैसी बु नयाद सु वधा का ावधान शा मल था। हालां क नदश म व ा पत के लए भू म अ ध हण योजना शा मल नह

थी और व ा पत को सरकार ारा दए जाने वाले पुनवास धन से जमीन खरीदनी होगी। रा य के पुनवास यास अलग

अलग थे। गुज रात ने म य दे श और महारा क तुलना म बेहतर मुआ वजा और पुनवास सु वधाएं दान क । हालां क नए

बसावट वाले े म बेरोजगारी और वैक पक आय के अपया त उपाय क चुनौ तयां थ । इस संदभ म व ा पत लोग ने . रा ीय जल जाग कता अ भयान को ग त दे ने के यास पर चचा कर।

अपने अ धकार का दावा करने और याय सु न त करने के लए नमदा बचाओ आंदोलन शु कया। वतं ता के बाद के

भारत म इस आंदोलन को कसी वकास प रयोजना के खलाफ सबसे लंबे संघष म से एक माना जा सकता है। आंदोलन ने उ र जल सुर ा के लए संघष कायकता ने एनड यूपी क आलोचना करते ए कहा क यह रा य क

व ा पत के लए पया त मुआ वजे पैके ज क मांग क । ब रा ीय कं प नय के सहायक और सहायक के प म भू मका को दशाता है। उनका कहना है क लोग के हत क अनदे ख ी

क गई है। कायकता ने बु नयाद मानवा धकार क सुर ा के लए अपनी आवाज़ उठाई। आंदोलन का उ े य जल संर ण

था। दो तरह क स यताएँ ह जल के लए रा य और नाग रक समाज के बीच सहयोग जल संर ण के लए नाग रक समाज

क पहल

जल संर ण और जल ii
संसाधन के संर ण के लए रा य सरकार क ओर से कोई मदद नह क गई है।
उदाहरण के लए म य दे श सरकार ने जल संक ट से नपटने के लए रा य और नाग रक समाज के बीच सहयोगा मक
नमदा बचाओ आंदोलन या नमदा बचाओ आंदोलन म शु आ। इसने भा वत लोग के लए याय क मांग संबंध बनाने के कई यास कए ह।

क और सरदार सरोवर प रयोजना का वरोध कया। लोग ने इस मु े के बारे म जाग कता फै लाने के लए भूख हड़ताल

एकजुटता माच और बड़े पैमाने पर मी डया चार का सहारा लया। यह तक एक पूण पयावरण और आजी वका लए अ
जल संर ण केजल एकभषे
जन कआंदोलन के प म चलाए गए इस अ भयान म समुदाय के सद य ने जल संर ण के

आंदोलन बन गया। मेधा पाटकर ने कई उपवास और भूख हड़ताल क । प रयोजना के ायोजक म से एक व बक ने लए स य प से भाग लया। इस आंदोलन के रणनी तक घटक न न ल खत काय थे

प रयोजना क समी ा क और म वापस ले लया।

• समुदाय को पहल करनी चा हए और

सरकार को सु वधा दान करनी चा हए।

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इ नू कनमूनानवीनतम
प III
जानकारी ा त करने के लए लनमाट ऐप डाउनलोड कर
• ामीण लोग म जल संर ण क आव यकता और ज मेदारी क भावना के बारे म जाग कता बढ़ाना। • ामीण मनु य और मवे शय ारा पीने के उ े य से उपयोग कया जाता है। रा य के कई ह स म वा षक
जनता को नेतृ व दान करने और उनक मता नमाण के लए एक ाम तरीय सं ागत वषा ब त कम होती है और पानी पीने के लए अ य हो सकता है। जुलाई और अग त के दौरान
ढांचा ा पत करने क आव यकता है। • समुदाय को सहयोग और मागदशन दान करने के लए एक सं ागत होने वाली बा रश को जोहड़ म सं हत कया जाता है और पूरे साल इ तेमाल कया जाता है।
तं वक सत कया जाना चा हए। यह एक सु वधाकता वतक होगा न क नयं क। जोहड़ साधारण म और मलबे क बाधाएं ह जो बा रश के पानी को रोकने के लए ढलान के
समो पर बनाई जाती ह।
ये म के चेक डैम वषा जल को इक ा करने और संर त करने के लए बनाए गए ह जससे रसाव और भूज ल पुनभरण

म सुधार होता है। इ ह ढलान पर तीन तरफ ऊं चे तटबंध के साथ बनाया जाता है जब क चौथी तरफ बा रश के पानी के
वेश के लए खुला छोड़ दया जाता है। यह खेत म उप मृदा तर पर नमी के तर को भी बेहतर बनाता है खासकर नचले
• व भ सरकारी वभाग के तहत उपल व ीय संसाधन और हतधारक के योगदान का उपयोग करके ाम इलाक म जससे भूज ल और कु का पुनभरण होता है। ामीण जोहड़ बनाने के लए ानीय प से उपल संसाधन

वार जल संर ण ग त व धय क योजना बनाना और उ ह लागू करना। के साथ सरल और लागत भावी तकनीक का उपयोग करते ह।

राज सह रा ीय जल जाग कता अराभयान जलसरकारी


ीय ने बना कसी चेतनासहायता
या ा के भूजल को संर त करने का
यास कया। द णी महारा के उ मानाबाद जले म लगातार तीन वष तक भयंक र सूख ा पड़ा। राज सह और उनके सा थय ने जोहड़ बनाने क पुरानी व ा को पुनज वत कया है। चूं क वे पारंप रक
तरीके से ानीय लोग क ज रत को पूरा करने के लए सीधे उनसे संपक करते थे इस लए सह और उनके सा थय
को ानीय अ धका रय से कड़े तरोध का सामना करना पड़ा। पहला जोहड़ बनाने म उ ह तीन साल लगे ले कन चौथे
भूज ल लगभग समा त हो चुक ा है और सचाई प रयोजनाएं इस गंभीर त से नपटने म वफल रही ह। जले के लोग साल म उ ह ने जोहड़ बना दए पांचव साल म लगभग जोहड़ बन गए और म गांव म लगभग
के लए एकमा राहत ानीय अ धका रय ारा आपू त कया जाने वाला टकर पानी था। जल संरचनाएं बन ग । ये जोहड़ समुदाय क स य भागीदारी से बनाए गए थे।

ानीय अ धका रय ने रा य सरकार क मदद के बना लोग क भागीदारी से इस सम या को हल करने क

को शश क । टाटा इं ट ूट ऑफ सोशल साइंसेज ट एलएसएस के साथ मलकर उ मानाबाद जला शासन ने माच
म पानी या ा शु क। इस े ने इन जोहड़ का भरपूर लाभ उठाया। इन जोहड़ ने े क तशत कृ ष भू म को कवर कया।
म के वल कृ ष भू म पर खेती क जाती थी। गाँव को पहली बार अ त र अनाज मल सका और वे उसे
इसका उ े य ानीय लोग म भूज ल संर ण के मह व के बारे म जाग कता पैदा करना था। या ा जले के बाज़ार म बेच सके । जब उ ह ने जोहड़ के नमाण म योगदान दया तो लोग ने समुदाय को आ म नभर बनने के लए
गांव से गुज री और भूज ल संर ण के मह व का संदेश दया। या ा के दौरान ानीय कु एं से एक पानी को एक कं टे नर म ो सा हत कया। इसने लोग के बीच सामा जक सामंज य और भावना मक बंधन को भी अनुकू लत कया। लोग अपने
ले जाया गया। या ा म करीब गैर सरकारी संगठन ने सहयोग कया। कु छ गांव ने गैर सरकारी संगठन क सहायता से अ धकार और अपनी म पानी और जंगल क र ा के मह व के बारे म अ धक जाग क हो गए। लोग ने लोकतां क
कु से गाद नकालने का काम शु कया। रोजगार गारंट योजना ईजीएस के मा यमकलश
से वषा जल संचयन भी शु तरीके से स य प से भाग लया और उ ह वकास प रयोजना के नमाण और काया वयन म अपनी बात रखने का

कया गया। जल संर ण के मह व पर गांव के सरपंच के लए एक कायशाला आयो जत क गई। मौका मला।

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रा ीय जल चेतना या ा ने समुदाय क चता को संबो धत कया। इसने पानी के नजीकरण और ावसायीकरण


रा ीय जल चेतना या ा के खलाफ वरोध भी कया। रा ीय जल चेतना या ा ने ानीय लोग के बीच जल संर ण के संदेश और था

और ई पु तक
का सार कया। इसने न दय को पुनज वत करने जलभृत को रचाज करने और पयावरण को फर से जीवंत करने क
संयु रा यूएसएआईडी और व बक से मले समथन के साथ राज सह जल संसाधन को बहाल करने के पहल क ।
लए स य प से अ भयान चला रहे ह। उ ह ने राज ान म चेक डैम बनाकर वषा जल संचयन क पहल क । इसके
लए उ ह जल संसाधन वकास मं ी कहा जाता है।
जल अ भयान इसके उ े य थे जल क गुण व ा और मा ा बढ़ाने के लए जल
पु ष या राज ान का जल पु ष । उ ह ने सामुदा यक नेतृ व के लए का रेमन मै सेसे पुर कार भी संसाधन के ववेक पूण उपयोग और पुनजनन क आव यकता के बारे म जाग कता बढ़ाना।
जीता। से उनका संगठन त ण भगत संघ राज ान के अलवर जले म काम कर रहा है जो जले म जोहड़ झरन
और न दय के पुन ार पर यान क त कर रहा है।
येक नाग रक के मूल अ धकार के प म जल के बारे म जाग कता बढ़ाना तथा जल के नजीकरण के संबंध
म सरकारी नी तय के प रणाम के बारे म जाग कता बढ़ाना।
के दशक क शु आत म वे स र का बाघ अभयार य म संगमरमर खननकता के खलाफ़ अपने संघष
के लए लोक य हो गए। खनन ग त व धय के कारण े म भूज ल का ास आ। अपने सहयो गय के समथन से भारत के अलग अलग े म जल मु पर काम कर रहे कायकता से मलना और उ ह एक साथ लाना।
उ ह ने इस मामले को उठाया। आ खरकार अभयार य के बफर े और प र ध म संचा लत खदान बंद कर द ग ।
म एक या चका पर सुनवाई करते ए सव यायालय ने पा र तक प से नाजुक अरावली े म खनन रा य और रा ीय जल नी तय को अ धक जनो मुख और उ रदायी बनाने के लए दबाव समूह का गठन करना।
जारी रखने के खलाफ़ फै सला सुनाया। उसके बाद मई म पयावरण और वन मं ालय ने इस े म खनन पर
तबंध लगा दया। पूरे भारत म जल संर ण क ानीय पारंप रक था को पुनज वत करना।

रा ीय जल नी त और उसके भाव के बारे म जाग कता पैदा करना।

जो भी थोड़ा ब त भूज ल बचा था उसे बहाल करने के यास कए गए। न दयाँ और तालाब सूख रहे थे और पानी क रा ीय चेतना या ा दसंबर को नई द ली के राजघाट से शु ई थी। इस या ा ने दे श भर म जल से
कमी और गंभीर संक ट के कारण खेती बाड़ी क ग त व धयाँ नह हो पा रही थ । े म पानी बहाल होने के बाद ट बीएस क जुड़े मु को उजागर कया। इस या ा म व भ े के लोग ने ह सा लया और यह या ा द ली ह रयाणा उ र
पहल को ज़बरद त सफलता मली। दे श उ राखंड राज ान गुज रात म य दे श छ ीसगढ़ ओ डशा प म बंगाल झारखंड बहार महारा आं
दे श गोवा
जोहड़ जोहड़ मु य प से राज ान म उपयोग कए जाने वाले वषा जल भंडारण टक ह जो पूरे वष पानी एक
करते ह और सं हीत करते ह।

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अ य हल कये गए असाइनमट और अनुमान पेपर के लए हल प III

कनाटक और त मलनाडु । राज सह के अलावा या ा म अजुन बाबा सैयद एम. हसनत वंदना शवा ीमती भागीरथ गौतम जनवरी म आ दवासी संर ण संघ ने कोका कोला लांट के खलाफ़ एक तीका मक वरोध दशन कया।

बंदोपा याय डीसी जैन हेमला सा ट के वमा और व भ गैर सरकारी संगठन के त न ध शा मल थे। या ा का मु य उसके बाद गो महासभा के नेता सीके जानू ने लांट के खलाफ़ आ दवा सय और द लत को लामबंद करने क पहल क ।

उ े य जल संसाधन के संर ण के लए समाज को मजबूत बनाना था। इसने इस बात पर जोर दया क सरकार को जल ानीय समुदाय के लोग संघष म शा मल ए। कम से कम ामीण हर दन लांट के बाहर धरना दे ते थे। अ ैल

संसाधन क र ा के लए न दय को जोड़ने तालाब टक और झील के जीण ार क नी त पर वचार करना चा हए। को कोका कोला कं पनी ने संघष स म त के खलाफ़ हाईकोट म मामला दायर कया और लांट के लए पु लस सुर ा क मांग

अ भयान म चचा का एक मु य वषय रा य ारा जल संसाधन को ब रा ीय कं प नय को बेचने का यास था। क । कोट के फ़ै सले के बाद लांट को भारी पु लस सुर ा मुहैया कराई गई।

पु लस ने कई दशनका रय को गर तार कर लया जससे हसक त पैदा हो गई।


इस अ भयान म आ दवासी और म हलाएं भी शा मल थ । म य दे श के आ दवा सय ने जल संर ण पर अपने शु आत म पंचायत को नयं त करने वाली जनता दल समेत राजनी तक दल इस अ भयान के खलाफ थे। मी डया ने भी

अनुभव ज े के वयंसेवक के साथ साझा कए। वे सरकार ारा ायो जत प रयोजना के बेहतर या वयन के लए अ भयान के खलाफ वरोधा मक ख अपनाया। कोक ने संदेश दया क संघष राजनी त से े रत था। हालां क आ दवासी

सरकारी अ धका रय के साथ अपने वचार साझा करते ह। कई जगह पर अ भयान को वफल करने क को शश क गई। म हला गांधीवा दय युवा पयावरण वद और श ा वद के समथन से आंदोलन जारी रहा।

गुज रात म सरदार सरोवर प रयोजना के कु छ समथक ने या ा पर हमला कया। या ा ने ऐसी बड़ी प रयोजना का वरोध

कया और जल संक ट क सम या को हल करने के लए अपया त यास बताया।

धरना
कई संगठन ने अपनी एकजुटता दखाने के लए पूरे दे श म वरोध दशन आयो जत कए। कोक ने अपनी रणनी त

के ह से के प म वषा जल संचयन का वचार भी सामने रखा और ऐसी कई प रयोजना को लागू कया। क म स ा ढ़

या ा ने महीन म रा य के जल को कवर कया जनम गंभीर प से सूख ा भा वत रा य भी शा मल थे। पाट को छोड़कर रा ीय और ानीय दोन मुख राजनी तक दल ने अ भयान का समथन कया। संघष ने धीरे धीरे अमे रक

चूं क बड़े बांध के नमाण के कारण बड़ी सं या म लोग व ा पत हो रहे ह इस लए लोग को समझ म आ गया क सरकार सा ा यवाद के खलाफ एक बड़े संघष क छ व बना ली।

आईएमएफ ड यूट ओ और व बक जैसी वै क सं ा ारा सम थत ब रा ीय कं प नय को संर ण दे रही है।

ये आंदोलन वै क व ीय पूंज ी के लए महज एक सु वधाकता क तरह काम करते थे। इन आंदोलन ने सरकारी रणनी तय अ ैल को पे मा पंचायत ने भूज ल तर म कमी का आरोप लगाते ए लाइसस र कर दया। मामला

के खलाफ अ भयान चलाया। अदालत म गया। अपने फै सले म उ यायालय ने कहा क भूज ल एक सावज नक संप है और सरकार को इसे नजी

ा धकरण को बेचने का कोई अ धकार नह है। फरवरी म सरकार ने म य जून तक कोक ारा भूज ल के उपयोग पर तबंध
कु छ मुख अवलोकन न न ल खत ह • रा ीय जल नी त ने ानीय
लगा दया जब तक क मानसून आने क उ मीद नह थी। माच को उ यायालय ारा सरकारी आदे श को बरकरार
लोग को अलग थलग कर दया
अपने े के जल संसाधन से। रखने के बाद संयं ने प रचालन बंद कर दया।

• वतमान संक ट उपल जल संसाधन के कु बंधन को संद भत करता है न क अपया त जल आपू त को।

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• जल के वै ीकरण और नजीकरण के खलाफ लड़ने का एकमा तरीका पारंप रक जल संसाधन का पुन ार है
फरवरी को मामले क जांच के लए उ यायालय ारा ग ठत स म त ने अपनी रपोट तुत क जसम

कहा गया क पानी का अ धकतम वीकाय उपयोग त दन लीटर से अ धक नह होना चा हए। सटर फॉर साइंस

संसाधन।
एंड एनवायरनमट ारा ब त कम आंक ड़े वाली एक जवाबी रपोट का शत क गई और पंचायत के मा यम से तुत क गई

हालां क उ यायालय ने पछली स म त के न कष का पालन कया और पंचायत को एक स ताह के भीतर कं पनी को एक


• ज रत है लोग को न दय से जोड़ने क न क पानी को जोड़ने क । • नाग रक समाज को पानी जैसे ाकृ तक

और ई पु तक
नया लाइसस जारी करने का आदे श दया। इसके बाद कं पनी ने पांच साल के नवीनीकरण के लए आवेदन कया जसे पंचायत
संसाधन के संर ण म शा मल
ने उ यायालय ारा नधा रत शत को पूरा न करने के कारण खा रज कर दया। हालां क जून को उ यायालय
होना चा हए।
ने फर से पंचायत को एक स ताह के भीतर लाइसस जारी करने का आदे श दया अ यथा कं पनी को लाइसस ा त माना

जाएगा। पंचायत के पास लाइसस जारी करने के अलावा कोई वक प नह था इस लए उसने स त नयम के अधीन तीन
लाचीमाडा अ भयान
महीने का लाइसस दया। इसके बाद कं पनी ने पंचायत ारा नधा रत नयम क अनदे ख ी करते ए प रचालन फर से शु
लाचीमाडा के रल के पल कड़ जले म एक छोटा सा गांव है। यहाँ क अ धकांश आबाद आ दवासी है। यहाँ का मु य
कर दया।
वसाय कृ ष है। लगभग तशत ामीण कृ ष मज री म लगे ए ह जब क तशत अ य म ग त व धय म लगे

ए ह। म HCCBPL ने लाचीमाडा म बॉट लग लांट लगाने के लए . एकड़ जमीन का अ ध हण कया।

जनवरी को पे मा पंचायत ने लांट का नमाण शु करने क अनुम त द ।

माच म प रचालन शु आ। के रल रा य षण नयं ण बोड के एसपीसीबी ने कं पनी को त दन लीटर


ले कन लांट यादा समय तक नह चल पाया। अग त को के एसपीसीबी ने सतंबर से बोड के
पेय पदाथ बनाने क अनुम त द जसम एक लीटर पेय पदाथ के लए औसतन . लीटर पानी क आव यकता होती है।
पास लं बत आवेदन को यह कहते ए खा रज कर दया क बोड ने कं पनी ारा उ पा दत क चड़ क जांच क थी और पाया
पानी का ोत मु य प से लगभग बोरवेल और दो खुले तालाब से भूज ल था और त दन लगभग म लयन लीटर पानी
था क इसम त कलो ाम क चड़ म से मली ाम क मा ा म भारी धातु कै ड मयम मौजूद है जो सहनीय अनुमेय
नकाला जाता था। लांट म प रचालन शु होने के छह महीने के भीतर ामीण ने शकायत क क पानी पीने या खाना
सीमा से से अ धक है । के एसपीसीबी ने कं पनी को तुरंत उ पादन बंद करने का आदे श दया। नवंबर
पकाने के लए अनुपयु था यह धया सफे द हो गया था और खारा था। बाद के महीन म कई ामीण ने असामा य पेट दद
को हाई कोट ने एक बार फर पंचायत से लाइसस जारी करने क मांग क ।
क शकायत क जब क कसान ने कु के असामा य प से तेज ी से खाली होने और फसल क पैदावार कम होने क

शकायत क ।

ले कन तब तक के रल भूज ल नयं ण और व नयमन अ ध नयम ारा ा पत नए नयम भावी हो चुके थे। और नवंबर

को जल संसाधन वभाग ने लाचीमाडा को भी शा मल कर लया।

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प III
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अ तशो षत ेण ी के अंतगत जसने वा ण यक उ े य के लए आगे कोई भी न कषण रोक दया। जनवरी म बांध और जलाशय का उपयोग नद के तर और बांध के नीचे क ओर बाढ़ को नयं त करने के लए भावी ढं ग से

कं पनी ने लाचीमाडा से प रचालन ानांत रत करने के तरीक पर वचार करना शु कया और तब से संयं म कोई भी कया जा सकता है बाढ़ क मा ा को अ ायी प से सं हीत करके और बाद म इसे छोड़ कर। बाढ़ नयं ण का सबसे

प रचालन नह आ है। भावी तरीका नद बे सन म रणनी तक प से त कई ब उ े शीय बांध ारा पूरा कया जाता है। बांध को बना कसी

नुक सान के बे सन के मा यम से बाढ़ को रोकने के लए एक व श जल नयं ण योजना ारा संचा लत कया जाता है।
संघष क कृ तः आंदोलन के दो अलग अलग आधार थेः ानीय लोग ने नाग रक समाज के समथन से आंदोलन म

स य प से भागम लया पे मा पंचायत ने कोक के खलाफ कानूनी लड़ाई का नेतृ व कया। मूल नवा सय ने कं पनी के

खलाफ संघष का अ हसक प अपनाया। उ ह ने मंचन कया और। चूं कiiके रल सरकार वा शगटन सहम त के स ांत के

अनुसार कोक के प म थी इस लए यह सरकार के खलाफ एक आंदोलन भी था। जनवरी म पे मा पंचायत और पयटन के लए जलाशय और बांध का आकषण अ सर बांध के अ य उ े य के अलावा एक मह वपूण लाभ होता

कु छ वै क संगठन ने लाचीमाडा म तीन दवसीय व जल स मेलन का आयोजन कया। धरना


तभा गय ने पानी के है। यह ब त मह वपूण े है जहाँ पानी क ाकृ तक सतह लभ या न के बराबर है। झील से जुड़े मनोरंज क लाभ जैसे क

दशन नजीकरण जलवायु प रवतन और दे श म पयावरण और पानी पर कॉप रेट नयं ण पर चचा क । नौकायन तैराक मछली पकड़ना प ी दे ख ना और कृ त क सैर को योजना के चरण म ही यान म रखा जाता है साथ ही

स मेलन म अ य लोग के अलावा ांस के कसान के संगठन क फे डरेशन पेसेन के नेता जोस बोवे कनाडा त कै ने डयन अ य उ े य संतुलन प रयोजना को ा त करना होता है। बांध और जलाशय के संचालन से पयटन को बढ़ावा मल सकता है।

प लक एडवोके सी ऑगनाइजेशन क प रषद क अ य मौड बारलो

दे श के सामा जक आ थक वकास के लए ऊजा क उपल ता आव यक है। व कु शल भरोसेमंद और

नवीकरणीय ऊजा का उपयोग करना लाभदायक है। हाइ ो पावर इन सभी आव यकता को पूरा करता है। जन दे श म

अभी भी वकास क ब त अ धक आव यकता है वहाँ अ सर नवीकरणीय ऊजा ोत के लए अ त मौजूद होती है।

तकनीक प से ऊजा का सबसे उ त और कफायती ोत हाइ ो पावर है।

धारा तीय नया क अनुमा नत वहाय जल व ुत मता का से भी कम वक सत कया जा सका है। ए शया द ण

अमे रका और अ का म सबसे अ धक मता का वकास होना बाक है।


. बाँध नमाण से पा र तक संतुलन कस कार भा वत होता है उ चत उदाहरण दे क र व तार से

समझाइए।
जल व ुत प रयोजनाएं उ द ता के साथ ऊजा का उ पादन करती ह तथा भ व य क पीढ़ पर षण या अप श का बोझ
उ र बांध का पयावरण पर सकारा मक और नकारा मक भाव ब त यादा होता है। इनके लाभ जैसे जलधारा
नह डालती ह।
क व ा को नयं त करना बाढ़ को रोकना सं हत जल से घरेलू और सचाई जल ा त करना और जल व ुत से ऊजा
अंतदशीय नौवहन अंतदशीय बंदरगाह के बीच अंतदशीय जल नहर या नद आ द के मा यम से जहाज ारा
उ प करना।

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प रवहन है। राजमाग और रेल क तुलना म अंतदशीय नौवहन का लाभ बड़ी भार वहन मता बड़े आयाम के साथ काग को

संभालने क मता और धन क बचत है।


जब क बांध हमारे समाज को मह वपूण लाभ दान करते ह आसपास के े पर उनके भाव म पुनवास और पुनवास

सामा जक आ थक भाव पयावरण संबंधी चताएं अवसादन मु े सुर ा पहलू आ द शा मल ह।


उ त अंतदशीय नौवहन बांध का उपयोग करते ए ापक बे सन नयोजन और वकास का प रणाम है।

नकारा मक भाव बड़े बांध के नमाण के कारण नया भर म कई म लयन लोग का व ापन या पुनवास आ है

और ई पु तक
सकारा मक भाव नया म सामा जक आ थक वकास के लए मूलभूत आव यकता म से एक उ चत मा ा म
जससे लाख लोग के घर न हो गए ह कई मू यवान पुराता वक और सां कृ तक ल का नुक सान आ है साथ ही
पानी क उपल ता है। वष म नया भर म त पानी क मांग लगभग लीटर त दन होने क उ मीद है
मह वपूण पा र तक प रवतन भी आ है। अनुमान है क आज तक नया भर म म लयन लोग बांध नमाण के
जब नया क आबाद ब लयन से थोड़ी अ धक होगी। उ चत प से नयो जत डज़ाइन न मत और रखरखाव कए गए
प रणाम व प अपने घर से शारी रक प से व ा पत हो चुके ह।
बांध हमारी जल आपू त आव यकता को पूरा करने म मह वपूण योगदान दे ते ह। ताजे पानी क आपू त का ाथ मक ोत वषा

है। कु ल वषा म से के वल हमारी न दय के अपवाह के लए रहता है बाक घुसपैठ और वा पीकरण म खो जाता है।

हालां क यह दावा कया जाता है क बांध के जलाशय का कु छ भूकं पीय भाव होता है ले कन यह कहना आव यक

है क यह वै ा नक प से स नह है।

बांध नद के एक छोर से सरे छोर तक तैरने वाले जानवर के लए एक वा त वक बाधा है। बांध के अ त व का
मतलब है मछली जा तय के लए मौत जो वसंत म अपने जीवन का कु छ ह सा या उ शरीर वाले बांध के बाढ़ के ार
इस अपवाह का के वल ही उपयोग के लए उपल है। जल व ान च म प रवतन को समायो जत करने के लए पानी
टरबाइन और पंप म बताती ह। इस रा ते पर बनाया जाने वाला बांध इन जीव के जीवन च को बा धत करेगा और सामू हक
को सं हीत करने और फर लगातार वा षक आपू त दान करने के लए बांध और जलाशय क आव यकता होती है।
प से मृ यु का कारण बनेगा। यह दे ख ा गया है क इस उ े य के लए बायपास वाह को डज़ाइन कया गया है।

नया भर म पानी के सबसे बड़े उपयोग म से एक कृ ष सचाई है। वष तक यह त त दन लगभग

लीटर होगा। के दशक क शु आत से नया म कृ ष के लए उपयु भू म के से भी कम ह से क सचाई

क गई है और इसने व खा उ पादन म लगभग का योगदान दया है। यह अनुमान है क वष तक अ त र


पुराता वक और ऐ तहा सक ल भूवै ा नक और लाकृ तक ान के साथ साथ जो अपनी असाधारण सुंदरता
खा उ पादन का स चत भू म से आएगा। सचाई क आव यकता वाले अ धकांश े शु क े म ह जो वकासशील के कारण लभ ह जलाशय के नीचे दबने के बाद लु त हो जाते ह।
दे श के एक बड़े ह से का त न ध व करते ह। सचाई ौ ो गक म सुधार करके पानी के संर ण के ापक उपाय के साथ

भी अ धक जलाशय और बांध प रयोजना के नमाण क आव यकता होगी। जलाशय से नकलने वाले पानी म आमतौर पर ब त कम नलं बत तलछट होते ह और इसके कारण नद के तल म

गंदगी हो सकती है और नद के पानी का तापमान नमक और ऑ सीजन का वतरण जलाशय नमाण के प रणाम व प

लंबवत प से बदल सकता है। इससे नई जी वत जा तय क उ प और मूल पयावरण का त ापन हो सकता है।

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अ य हल कये गए असाइनमट और अनुमान पेपर के लए हल प III

बांध के कारण एक त लकड़ी और कचरे से जलज नत बीमा रयां जैसे टाइफस टाइफाइड बुख ार मले रया और उ सजन को म चरम पर प ंचाना और तक इसे यथासंभव शू य के करीब लाना। इसके लए ीनपीस ने

हैज ा बढ़ सकती है जो बांध और जलाशय के आसपास रहने वाले मानव वा य को भा वत करती ह। औ ो गक दे श से तक के तर से अपने उ सजन म कम से कम क कटौती करने और वकासशील

दे श को एक ायी ऊजा मता का नमाण करने लोबल वा मग के अप रहाय प रणाम के अनुकू ल होने और तक

वन क कटाई को रोकने के लए पया त धन दे ने का आ ान कया है। ईआरईसी के साथ मलकर ीनपीस ने एक वै क

सामा जक आ थक पा र तक भाव बड़े बांध के नमाण से लोग ऊजा प र य ऊजा ां त तैयार क है जहां नया क कु ल ऊजा का नवीकरणीय ोत से उ पा दत कया जाता

व ा पत होते ह और उनक आजी वका के तरीके न हो जाते ह। व ापन के साथ लोग अपनी नजी संप है और तक ऊजा े के उ सजन को के तर से से अ धक कम कया जाता है।

संप और भू म से जुड़े अपने यार लगाव और भावना को खो दे ते ह। वे अपने जीवन के सामा जक ताने बाने और अपनी

सं कृ त के पारंप रक लोकाचार को खो दे ते ह। वे अपने ही दे श म अजनबी बन जाते ह। कई लोग नकद मुआ वज़ा लेने से

इनकार कर दे ते ह और जहाँ वे ह वह रहने क अनुम त से कम पर समझौता कर लेते ह। म हलाएँ भी भा वत होती ह। बड़े

बांध के नमाण से ब े भी अपने पारंप रक सामा जक और सां कृ तक जीवन से उजड़ जाते ह। व ा पत लोग को े के

मूल नवासी घुसपै ठए के प म दे ख ते ह जससे भू म ववाद और हसक झड़प क ब त गुंज ाइश रहती है। ीनपीस ने य कारवाई का उपयोग करते ए यूज ीलड वालबाड ऑ े लया और यूनाइटे ड कगडम जैसे ान
पर कोयला बजली संयं पर क जा करके और कोयला शपमट और खनन काय को रोककर कोयले के खलाफ कई बार
वरोध दशन कया है। ीनपीस तेल रेत से पे ो लयम नकालने क भी आलोचना करता है और उसने कनाडा के अथाबा का
म तेल रेत संचालन को रोकने के लए य कारवाई का उपयोग कया है।

अ टू बर म छह ीनपीस दशनका रय को क सनॉथ पावर टे शन म घुसने मीटर ऊं चे धुंए के ढे र पर


चढ़ने चमनी पर गॉडन नाम लखने और अनुमा नत £ का नुक सान प ंचाने के आरोप म गर तार कया गया था।
व ा पत लोग को मुआ वज़े म अनुपयु और घ टया गुण व ा वाला आवास भी मलता है जससे बड़े प रवार के
अपने बाद के मुक दमे म उ ह ने टे शन को बंद करने क को शश करना वीकार कया ले कन तक दया क वे कानूनी प से
लए रहना मु कल हो जाता है। वे अपनी नजता और सुर ा भी खो दे ते ह और असु वधा का सामना करते ह।
उ चत थे य क वे जलवायु प रवतन को नया भर म कह और संप को अ धक नुक सान प ंचाने से रोकने क को शश
कर रहे थे। डे वड कै म न के पयावरण सलाहकार ज़ैक गो मथ जलवायु वै ा नक जे स ई. हैनसेन और ीनलड के एक
इनुइट नेता से सबूत सुने गए सभी ने कहा क जलवायु प रवतन पहले से ही नया भर म जीवन को गंभीर प से भा वत
बड़े बांध का पा र तक पर भी हा नकारक भाव पड़ता है। व ा पत को नए े म बसाने से संसाधन पर
कर रहा है। छह कायकता को बरी कर दया गया।
ब त दबाव पड़ता है। सी मत संसाधन के कारण लोग उन पर नयं ण पाने के लए संघष करते ह। बाढ़ के दौरान बांध से

पानी छोड़े जाने से कृ ष भू म के बड़े े को भी नुक सान प ंचता है और म का कटाव होता है।

पुनवास पुनवास और मुआ वज़े से रा य के खजाने पर भी भारी दबाव पड़ता है। शहरी इलाक म जाने का मतलब है

क लोग झु गी झोप ड़य म रहते ह जससे वा य और जीवनशैली पर बुरा असर पड़ता है।

दै नक तार और

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गो मथ और ह याड कहते ह क अपनी पारंप रक सं कृ त से वं चत होने और अपने समुदाय के समथन से वं चत अ भभावक
होने के बाद कई व ा पत लोग शहर क ओर चले जाते ह। पु ष शराब पीने म ल त हो जाते ह और म हला को अ सर

खुद का और अपने प रवार का पेट पालने के लए वे यावृ म धके ल दया जाता है। ब े कु पोषण और बीमारी से पी ड़त ह। अ य ऊजा के ावसायीकरण पर अपने ख के ह से के पम ीनपीस ने गो बयॉ ऑयल अ भयान शु
कया है। यह अ भयान नया म तेल क खपत को धीमा करने और अंततः समा त करने पर क त है जसम तेल क लग
को एक उ म के प म अपनाने वाली कं प नय के खलाफ़ कायकता ग त व धयाँ हो रही ह। गो बयॉ ऑयल अ भयान
क अ धकांश ग त व धयाँ आक टक और डीपवाटर होराइज़न आपदा से भा वत े म तेल क लग पर क त रही ह।

और ई पु तक
. यूरोप म ीनपीस के मुख यास वशेषकर परमाणु वरोधी अ भयान को सूचीब कर। आक टक म ीनपीस क ग त व धय म मु य प से ए डनबग त तेल और गैस अ वेषण कं पनी के यन एनज शा मल है
और इसम के यन एनज के मु यालय पर वरोध दशन से लेक र लग या को रोकने के यास म उनके तेल रग को

उ र ीनपीस जलवायु प रवतन शमन के लए एक सतत वकास प र य तैयार करने वाली पहली पा टय म से एक के ल करना शा मल है। गो बयॉ ऑयल अ भयान म उन सरकार पर राजनी तक दबाव डालना भी शा मल है जो अपने

थी जसे उसने म बनाया था। समाजशा ी माक मोरम ट और ट न डासनॉय के अनुसार ीनपीस ने के े म तेल क खोज क अनुम त दे ती ह समूह ने कहा क गो बयॉ ऑयल अ भयान का एक मुख उ े य यह उजागर
करना है क तेल उ ोग ज़मीन से आ खरी बैरल नचोड़ने के लए कस हद तक जाने को तैयार है और उ ोग और सरकार पर
दशक म लोबल वा मग के बारे म लोग म जाग कता बढ़ाने म मह वपूण भू मका नभाई थी। संगठन ने CFC पर भी यान
तेल से आगे बढ़ने का दबाव बनाना है।
क त कया है य क उनक लोबल वा मग मता और ओजोन परत पर उनका भाव दोन ह। ीनपीस मॉ यल ोटोकॉल

म ओजोन को कम करने वाले पदाथ को ज द ख म करने क वकालत करने वाले मुख तभा गय म से एक था।

के दशक क शु आत म ीनपीस ने रे जरेटर उ ोग के साथ मलकर बड़े पैमाने पर उ पादन के लए एक CFC मु

रे जरेटर तकनीक ीन ज वक सत क । संयु रा पयावरण काय म ने म ीनपीस को पृ वी क ओजोन

परत के संर ण म उ कृ योगदान के लए स मा नत कया। म नया के कु ल रे जरेटर उ पादन का दो पांचवां

ह सा ीन ज तकनीक पर आधा रत था जसम म लयन से अ धक इकाइयाँ उपयोग म थ । इसके अलावा ीन ज

तकनीक को अमे रका म EPA ारा रोक दया गया था जसके लए ू पॉ ट स हत रासाय नक नगम के गठबंधन ारा

पैरवी क जा रही थी जब तक क के नणय म बेन एंड जेरी और जनरल इले क के हत का हवाला नह दया गया

जो से शु आ। वतमान म ीनपीस लोबल वा मग को पृ वी के सामने सबसे बड़ी पयावरणीय सम या मानता है।


ीनपीस ने परमाणु वरोधी अ भयान शु कए ह। ीनपीस ने दो कदम उठाए ह। पहला इसके कायकता परी ण
ीनपीस ने वै क ीनहाउस गैस को कम करने का आ ान कया े म खुद को खतरे म डालकर परमाणु परी ण के गवाह बने। सरा ीनपीस ने सर को खतरे से बाहर नकाला। इसके

जहाज रेनबो वॉ रयर ने र गेलैप से माजेटो तक चार या ाएँ क और तीन सौ पवा सय को ानांत रत कया जनके ान
के दौरान अमे रका ारा कए गए परमाणु परी ण के बाद रे डयोधम से षत हो गए थे। रेनबो वॉ रयर को
जुलाई को ांसीसी सरकार के एजट ने मु रोआ एटोल म ांसीसी परमाणु परी ण का वरोध करने के लए ऑकलड
के बंदरगाह म डु बो दया था। इस घटना म ीनपीस के फोटो ाफर फनाडो परेरा क मौत हो गई थी।

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इ नू कनमूननवीनतम
ा प III
जानकारी ा त करने के लए लनमाट ऐप डाउनलोड कर

ीनपीस परमाणु ऊजा को एक अपे ाकृ त छोटा उ ोग मानता है जसम बड़ी सम याएं ह जैसे क पयावरण को स हव शता द म द णअ का को अं ेज और डच ने उप नवेश बनाया था। डच वंशज पर अं ेज के वच व
नुक सान और यूरे नयम खनन से होने वाले जो खम परमाणु ह थयार का सार और परमाणु कचरे से संबं धत अनसुलझे के प रणाम व प डच ने ऑरज टे ट और ांसवाल क नई कॉलो नयाँ ा पत क । के आसपास इन भू मय
। संगठन का तक है क लोबल वा मग को कम करने के लए परमाणु ऊजा क मता ब त कम है जो क IEA ऊजा म हीरे क खोज के प रणाम व प अं ेज ने आ मण कया जससे बोअर यु छड़ गया। इं लड से वतं ता के बाद
प र य का संदभ दे ता है जहां म TWh से तक TWh तक नया क परमाणु मता म दोन समूह के बीच असहज स ा साझाकरण के दशक तक हावी रहा जब अ कनेर नेशनल पाट एक मजबूत
वृ से वै क ीनहाउस गैस उ सजन म से कम क कमी आएगी और तक हर साल मेगावाट मता ब मत हा सल करने म स म ई।
क परमाणु रए टर इकाइय का नमाण करना होगा। ीनपीस के अनुसार धीमी नमाण अव ध नमाण म दे री और
छपी ई लागत सभी परमाणु ऊजा क शमन मता को सी मत करती ह। यह IEA प र य को तकनीक और व ीय
प से अवा त वक बनाता है। वे यह भी तक दे ते ह क परमाणु ऊजा पर भारी मा ा म नवेश को बा य करने से अ धक
भावी समाधान से धन कम हो जाएगा। ीनपीस फनलड म ओल कलूटो परमाणु ऊजा संयं के नमाण को नई नेशनल पाट के रणनी तकार ने आ थक और सामा जक व ा पर अपना नयं ण मजबूत करने के लए रंगभेद का
परमाणु ऊजा के नमाण म आने वाली सम या का एक उदाहरण मानता है। आ व कार कया। शु म रंगभेद का उ े य न लीय अलगाव को बढ़ाते ए ेत वच व को बनाए रखना था। के
दशक म शु होकर ड रंगभेद क योजना को या वत कया गया जसम े ीय अलगाव और पु लस दमन पर जोर

दया गया।

म रंगभेद कानून लागू होने के साथ ही न लीय भेदभाव सं ागत हो गया। न लीय कानून ने सामा जक

जीवन के हर पहलू को छु आ जसम अ ेत और गोर के बीच ववाह पर तबंध और के वल गोर के लए नौक रय


क मंज ूरी शा मल थी।
म ीनपीस ने एक परमाणु वरोधी समाचार प व ापन का शत कया जसम दावा कया गया था क
सेलाफ परमाणु सु वधाएं अगले वष म लोग को मार दगी और हाइ ो सफ़लस से पी ड़त एक ब ेक छव म जनसं या पंज ीकरण अ ध नयम के अनुसार सभी द णअ क लोग को न लीय प से तीन े णय म से
कज़ा क तान म परमाणु ह थयार के परी ण का शकार बताई गई थी। व ापन मानक ा धकरण ने सेलाफ से संबं धत एक म वग कृ त कया जाना चा हए ेत अ ेत अ क या रंगीन म त वंश के । रंगीन ेण ी म भारतीय और
दावे को नराधार पाया और एएसए ने यह वीकार नह कया क ब े क हालत व करण के कारण ई थी। इसके ए शयाई लोग के मुख उपसमूह शा मल थे।

प रणाम व प व ापन पर तबंध लगा दया गया। ीनपीस ने गलती वीकार नह क यह कहते ए क कज़ा क तान के

एक डॉ टर ने कहा था क ब े क हालत परमाणु परी ण के कारण ई थी। ीनपीस के एडम वू फ ने भी कहा क पचास इन े णय म वग करण उप त सामा जक वीकृ त और वंश के आधार पर कया गया था। एक ेत को दखने
साल पहले कई वशेष थे जो कतार म खड़े होकर कसम खाते थे क धू पान और खराब वा य के बीच कोई संबंध नह म प से एक ेत या आम तौर परउदाहरण
एक ेत के लएके प म वीकार कया जाता है के प म प रभा षत

है। संयु रा ने अनुमान लगाया है क कज़ा क तान म परमाणु ह थयार परी ण के कारण तीन पी ढ़य म लगभग कया गया था। य द कसी के माता पता म से कोई एक गैर ेत है तो उसे ेत नह माना जा सकता। यह नधा रत
लोग पी ड़त ए। करना क कोई प से ेत है उसक आदत श ा और भाषण और आचरण और आचरण को यान
म रखेगा। एक अ ेत एक अ क जनजा त या न ल का सद य होगा या उसके प म वीकार कया जाएगा और

एक रंगीन वह है जो काला या ेत नह है। न ल कानून का पालन न करने पर स ती से नपटा जाता था। सभी

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अ ेत को पासबुक ले जाने क आव यकता थी जसम उं ग लय के नशान फोटो और गैर काले े म वेश क
जानकारी हो।

. न न ल खत पर सं त ट प णयां लख क द णअ का म
रंगभेद णाली उ र रंगभेद जसका शा दक अथ है अलगाव द णअ का
म न लीय अलगाव क एक णाली थी जसे रा ीय पाट सरकार ारा कानून के मा यम से लागू कया गया था

और ई पु तक
से तक स ा ढ़ पाट जसके तहत ब सं यक काले नवा सय के अ धकार संघ और आंदोलन पर म बंटू ा धकरण अ ध नयम ने अ क रजव म जातीय सरकार के लए एक आधार ा पत कया

अंकु श लगाया गया था और अ कन अ पसं यक शासन को बनाए रखा गया था। रंगभेद ने मह वपूण आंत रक तरोध जसे होमलड के प म जाना जाता है। ये होमलड वतं रा य थे जनम येक अ क को सरकार ारा मूल रकॉड
और हसा को ज म दया और द णअ का के खलाफ लंबे समय तक ह थयार और ापार तबंध लगाए। जो अ सर गलत होता था के अनुसार स पा जाता था। एक अ क के पास मतदान स हत सभी राजनी तक अ धकार

के दशक से लोक य व ोह और वरोध क एक ृंख ला वप पर तबंध लगाने और रंगभेद वरोधी नेता को कै द न द मातृभू म तक ही सी मत थे। वचार यह था क वे मातृभू म के नाग रक ह गे द णअ का म अपनी नाग रकता
करने के साथ मली। जैसे जैसे अशां त फै ली और अ धक भावी और सै यीकृ त ई रा य संगठन ने दमन और हसा का खो दगे और द णअ क संसद के साथ भागीदारी के कसी भी अ धकार को खो दगे जो मातृभू म पर पूण आ धप य
जवाब दया के दशक म रंगभेद सुधार बढ़ते वरोध को दबाने म वफल रहे और म रा प त े ड रक वलेम रखती थी। से तक इनम से चार मातृभू म बनाई ग जससे नौ म लयन द णअ कय का रा ीयकरण
डी लाक ने रंगभेद को समा त करने के लए वाता शु क जसक प रण त म ब न लीय लोकतां क चुनाव हो गया। मातृभू म शासन ने नाममा क वतं ता से इनकार कर दया पूरे दे श के भीतर राजनी तक अ धकार के लए
के प म ई जसम ने सन मंडेला के नेतृ व म अ क रा ीय कां ेस ने जीत हा सल क । दबाव बनाए रखा।

फर भी अपने दे श म रहने वाले अ कय को द णअ का म वेश के लए पासपोट क आव यकता थी वे अपने ही


दे श म वदे शी थे।
म सावज नक सुर ा अ ध नयम और आपरा धक कानून संशोधन अ ध नयम पा रत कया गया जसने
सरकार को कसी कानून के वरोध या नरसन का समथन करने के लए कड़े आपातकाल क घोषणा करने और दं ड बढ़ाने
रंगभेद के अवशेष अभी भी द णअ क राजनी त और समाज को आकार दे ते ह। डे लाक ने अ टू बर म मंडेला के का अ धकार दया। दं ड म जुमाना कारावास और कोड़े मारना शा मल था। म शाप वले म अ ेत के एक बड़े समूह
गु और कई अ य राजनी तक कै दय क रहाई के साथ इसे ख म करने क या शु क । हालाँरंग
कभे
रंगदभेद का आ धका रक ने अपने पास ले जाने से इनकार कर दया सरकार ने आपातकाल क त घो षत कर द । आपातकाल दन तक
उ मूलन म शेष रंगभेद कानून को नर त करने के साथ आ ले कन गैर ेत को तक वोट दे ने क अनुम त नह चला जसम लोग मारे गए और लोग घायल ए। सावज नक सुर ा अ ध नयम और आपरा धक कानून संशोधन
थी और रंगभेद का अंत ापक प से के लोकतां क आम चुनाव से उ प माना जाता है। अ ध नयम का इ तेमाल करते ए ेत शासन का रंगभेद के अ यायपूण कानून को बदलने का कोई इरादा नह था।

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अ य हल कये गए असाइनमट और अनुमान पेपर के लए हल प III

राजनी तक वरोध यहां तक क अ हसक वरोध पर भी कठोर दं ड लगाया जाता था। आपातकाल नाग रक अ धकार वा यांश लै टन श द ius civis नाग रक के अ धकार का अनुवाद है। रोमन
के दौरान जो तक क क कर जारी रहा कसी भी को न न तरीय पु लस अ धकारी ारा नाग रक या तो वतं लबटस या दास स वटस हो सकते थे ले कन उन सभी के पास कानूनी अ धकार
सुनवाई के बना छह महीने तक हरासत म रखा जा सकता था। थे। म मलान के आदे श के बाद इन अ धकार म धम क वतं ता भी शा मल थी। म य युग के दौरान
रोमन कानूनी स ांत खो गया था ले कन धा मक स ांत के आधार पर सावभौ मक अ धकार के दावे
हज़ार लोग हरासत म मारे गए अ सर भयानक यातना के बाद। जन लोग पर मुक दमा चलाया गया अभी भी कए जा सकते थे। के ट के व ोह के नेता के अनुसार सभी बंधुआ पु ष को मु
उ ह मौत क सज़ा द गई नवा सत कया गया या ने सन मंडेला क तरह आजीवन कारावास क सज़ा द कया जा सकता है य क भगवान ने अपने ब मू य र बहाने से सभी को मु कया है।
गई।
रंगभेद औपचा रक प से म समा त हो गया जब पहला चुनाव आ जसम सभी वय क मतदाता को भाग

लेने क अनुम त द गई। उस चुनाव के साथ ने सन मंडेला द णअ का के पहले अ ेत रा प त बने। व शता द म अं ेज ी कॉमन लॉ जज सर एडवड कोक ने नाग रकता पर आधा रत अ धकार के
वचार को पुनज वत कया यह तक दे क र क अं ेज ने ऐ तहा सक प से ऐसे अ धकार का आनंद
ख पोलड म एकजुटता आंदोलन क उ प । लया है। म अं ेज ी अ धकार वधेयक को अपनाया गया। जॉज मेसन और जे स मै डसन ारा
उ र उप अ य पूव लॉक दे श के वपरीत म जब टा लन क मृ यु ई तो पोलड वज नया अ धकार क घोषणा को म अपनाया गया।
काफ शांत था और का पो लश अ टू बर उस दौरान शु नह आ था।
वज नया घोषणाप अमे रक अ धकार वधेयक का य पूवज और मॉडल है।
चेक ो लोवा कया के लज़ेन म दशन ए और जून के म य म पूव जमनी म व ोह आ ले कन पोलड ने
धीरे धीरे इस राह पर चलना शु कर दया। जब सामा जक और बौ क अशां त बढ़ने लगी तब भी रा व सद क शु आत म टे न म नाग रक अ धकार श द का इ तेमाल आम तौर पर कै थो लक
को यह एहसास था क सामू हकता म ढ ल और ससर शप म दरार के साथ एक नई शु आत क जानी के खलाफ़ कानूनी भेदभाव क सम या के लए कया जाता था। हाउस ऑफ़ कॉम स म टश नाग रक
चा हए। अ धकार आंदोलन के लए समथन वभा जत था कई और बड़े पैमाने पर जाने माने राजनेता ने
कै थो लक के त भेदभाव का समथन कया। वतं सांसद जैसे लुईस ई स और मै यू माउं टफ़ोड ने
इस अव ध के दौरान पो लश बु जीवी वग सबसे मह वपूण समूह म से एक के प म उभरा। वे के दशक के नाग रक अ धकार अ ध नयम को पा रत करने के लए बड़ी पा टय पर दबाव डाला।
एक अलग सामा जक वग से थे।
वे उ श त थे और उनक पसंद भी एक जैसी थी। जब पो लश कु लीन वग अपनी स दा और ज़मीन
खोने के बाद सा ह य कला और ां तकारी राजनी त म खुद को त रखने के लए शहर म चले गए तो के दशक म अमे र कय ने इस योग को नए मु अ ेत के लए अपनाया। कां ेस ने
उ ीसव सद म पो लश बु जी वय का उदय आ। टा लन और हटलर दोन ही इस व श सामा जक और म नाग रक अ धकार अ ध नयम लागू कए।
समूह से डरते थे और इसे पहचानते थे। तीय व यु म तशत पो लश वक ल और डॉ टर और
तशत पो लश व व ालय के ोफे सर मारे गए। जब यह समूह फर से उभरा तो इसने पो लश नाग रक अ धकार कानून के तहत समान सुर ा क गारंट दे ते ह। जब कानून के समान संर ण के
अ टू बर को ज म दया जसने साल बाद एक मह वपूण भू मका नभाई। हालाँ क पो लश बु जी वय ह से के प म सभी को नाग रक और राजनी तक अ धकार क गारंट नह द जाती है या जब ऐसी
और मज़ र वग ने अ सर अलग अलग व ोह कए और उ ह अपने उन कारण को जोड़ने म क ठनाई ई गारंट कागज़ पर मौजूद होती है ले कन वहार म उसका स मान नह कया जाता है तो वरोध कानूनी
जनके लए वे लड़ रहे थे। कारवाई और यहां तक क सामा जक अशां त भी हो सकती है।

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आंदोलन का उ म ल था य क े ओ स ने सेना को सामू हक
रा य अमे रका म नाग रक अ धकार
प से एक कृ त करने के लए सबसे
अ टू बर म ए व ोह और उसके बाद क कारवाई कई घटना और कारण का प रणाम थी। पॉ नान म मज़ र पहले यास कए थे।
का आंदोलन बु जी वय का व ोह था और इसका कोई ढांचा नह था। बु जी वय ने मज़ र के साथ मलकर कोई ठोस थॉमस जेफ रसन ारा ऑर लय स े के गवनर के प म नयु लेबोन ने दसंबर को
यास करने क को शश नह क । बु जी वय ने आंदोलन को एकजुट कया और व भ सामा जक वग को अपनी अपनी औपचा रक प से ांसीसी कॉलोनी क डलीवरी वीकार कर ली। लुइ सयाना कॉलोनी के े नश और

और ई पु तक
इ ा के अनुसार वभा जत कया। ांसीसी नयं ण के तहत दशक तक रंग के वतं लोग म ल शया के सद य थे। उ ह ने वे ा से अपनी
सेवाएँ द और लेबोन और अपने नए गोद लए गए दे श के त अपनी वफादारी क त ाक।

. संयु रा य अमे रका म नाग रक अ धकार आंदोलन या था


इस संबंध म डेमो े ट् स और रप लकन के या वचार ह ले कन क शु आत म गवनर लेबोन के नेतृ व म यू ऑर लय स म नए अमे रक शासन
को एक ऐसी वधा का सामना करना पड़ा जो पहले संयु रा य अमे रका म नह थी पहले से ा पत
उ र नाग रक अ धकार सरकार सामा जक संगठन और नजी य ारा उ लंघन से य रंगीन म ल शया क पूरी इकाइय को शा मल अथात
करके सेना का एक करण। फरवरी को यु
क वतं ता क र ा करते ह और जो बना कसी भेदभाव या दमन के समाज और रा य के नाग रक और स चव हेनरी डयरबॉन ारा लेबोन को लखे गए प को दे ख जसम कहा गया था क कोर को बढ़ाना
राजनी तक जीवन म भाग लेने क क मता सु न त करते ह। नाग रक अ धकार म लोग क नह ब क कम करना समझदारी होगी अगर ऐसा बना कसी नाराजगी के कया जा सकता है।
उदाहरण के लए

शारी रक और मान सक अखंडता जीवन और सुर ा सु न त करना जा त लग रा ीय मूल रंग यौन


अ भ व यास जातीयता धम या वकलांगता जैसे आधार पर भेदभाव से सुर ा और गत अ धकार
जैसे गोपनीयता वचार और ववेक भाषण और अ भ धम ेस सभा और आंदोलन क वतं ता
शा मल ह। नाग रक अ धकार अंतरा ीय मानवा धकार का मूल और मु य ह सा ह। संयु रा य अमे रका म नाग रक अ धकार आ दोलन ने म भावना घोषणा जैसे द तावेज
के साथ ग त पकड़ ली।
वतं ता क घोषणा के अनु प तैयार कया गया अ धकार और भावना का घोषणाप अमे रक म हला
आंदोलन का सं ापक द तावेज बन गया और इसे और जुलाई को सेनेक ा फॉ स क वशन
म अपनाया गया।
वे के मानवा धकार क सावभौ मक घोषणा के पहले भाग का गठन करते ह आ थक सामा जक
और सां कृ तक अ धकार सरे भाग म शा मल ह । मानवा धकार क तीन पी ढ़य का स ांत अ धकार नया भर म कानून के सम समानता के लए लगभग और के बीच कई राजनी तक
के इस समूह को पहली पीढ़ के अ धकार मानता है और नकारा मक और सकारा मक अ धकार का आंदोलन ए। इन आंदोलन का एक कानूनी और संवैधा नक पहलू था और इसके प रणाम व प रा ीय
स ांत उ ह आम तौर पर नकारा मक अ धकार मानता है। और अंतरा ीय दोन तर पर ब त सारे कानून बने। उनका एक कायकता प भी था खासकर उन
तय म जहाँ उ लंघन होता है

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इ नू कनमूननवीनतम
ा प III
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अ धकार क मांग ापक थी। नाग रक और राजनी तक अ धकार के पालन को सु न त करने के घो षत उ े य वाले दे श भर म कई दशक तक सैक ड़ अलग अलग समूह और सभी तरह क रणनी तय और यु य म फै ला आ
आंदोलन म शा मल थे संयु रा य अमे रका म के दशक म अमे रक नाग रक अ धकार संघष जहां काले कानूनी अवैध सं ागत गैर सं ागत हसक अ हसक। कग के मह व को कम कए बना उ ह मूल प से एक
नाग रक के अ धकार का उ लंघन कया गया था उ री आयरलड नाग रक अ धकार संघ जो म यूनाइटे ड अनाकार तरल बखरे ए आंदोलन का नेता कहना पूरी तरह से का प नक होगा।
कगडम के इस ांत म कै थो लक अ पसं यक के अ धकार का स मान करने म वफलता के बाद बना था और कई
क यु न ट दे श म आंदोलन जैसे चेक ो लोवा कया म चाटर ।
डेमो े ट और नाग रक अ धकार
डेमो े टक पाट ने हमेशा नाग रक अ धकार आंदोलन म पहल क है। सबसे भावशाली डेमो े टक रा प तय
म से एक लडन बी जॉनसन के रा प त व के दौरान नाग रक अ धकार अ ध नयम और मतदान अ धकार
अ धकांश नाग रक अ धकार आंदोलन अपने उ े य को ा त करने के लए संघष के अ हसक तरीक का उपयोग अ ध नयम दोन पा रत कए गए थे। इन उपाय ने अ ेत क राजनी तक भागीदारी को साथक बना दया। इसने
करते ए नाग रक तरोध क तकनीक पर नभर थे। कु छ दे श म नाग रक अ धकार के लए संघष के साथ साथ दे श म डेमो े टक पाट के लए एक ठोस और अटू ट मतदान लॉक भी ा पत कया। डेमो े ट अब बड़ी सं या म
नाग रक अशां त और यहां तक क सश व ोह भी आ। जब क पछले साठ वष म नाग रक अ धकार आंदोलन के नवा चत राजनी तक पद पर ह। बराक ओबामा का अमे रका के रा प त के प म पदभार हण करना डेमो े टक जीत
प रणाम व प नाग रक और राजनी तक अ धकार का व तार आ है यह या कई दे श म लंबी और क ठन थी और का एक उदाहरण है। म डेमो े ट ने संघीय सं वधान म संशोधन करके समल गक ववाह पर तबंध लगाने के
इनम से कई आंदोलन अपने उ े य को ा त नह कर पाए या पूरी तरह से ा त नह कर पाए। कसी भी कदम का वरोध कया था। वे यह भी चाहते थे क ववाह को रा य तर पर प रभा षत कया जाए।

अ क अमे रक नाग रक अ धकार आंदोलन या के दशक के नाग रक अ धकार आंदोलन म संयु रा य


अमे रका म सामा जक आंदोलन शा मल ह जनका ल य अ ेत अमे र कय के खलाफ न लीय अलगाव और भेदभाव
को समा त करना और सं वधान और संघीय कानून म उ ल खत नाग रकता अ धकार क कानूनी मा यता और संघीय
संर ण सु न त करना था।
डेमो े ट् स ने रा य दर रा य आ धका रक अं ेज ी का वरोध करके ह ै नक लोग क न ा और उनके वोट का
एक बड़ा ह सा जीता है। उ ह ने कहा क सावज नक सु वधाएं काय म और सहायता नाग रक को अं ेज ी के अलावा
इस आंदोलन क वशेषता नाग रक तरोध के मुख अ भयान थे। और के बीच अ हसक वरोध अ य भाषा म उपल कराई जानी चा हए उन लोग को यान म रखते ए जो अं ेज ी म कु शल नह ह। डेमो े ट इस
और स वनय अव ा के कृ य ने संक ट क तय और कायकता और सरकारी अ धका रय के बीच उ पादक संवाद मामले म वफल रहे ह। कई डेमो े टक गवनर ने अं ेज ी को अपने रा य क आ धका रक भाषा के प म वीकार करने
को ज म दया। संघीय रा य और ानीय सरकार वसाय और समुदाय को अ सर इन तय पर तुरंत त या के लए कदम उठाए ह जब क डेमो े ट् स ने भाषी श ा का समथन कया है। इस संबंध म कानून ने न के वल ह ै नक
दे नी पड़ती थी जो अ क अमे र कय ारा सामना क जाने वाली असमानता को उजागर करती थ । वरोध और या लोग को कम वेतन वाली नौक रयां करने के लए े रत कया है ब क उ ह और अ य भाषाई अ पसं यक को
स वनय अव ा के प म अलबामा म सफल म टगोमरी बस ब ह कार जैसे ब ह कार शा मल थे उ री राजनी तक या म कसी भी साथक भागीदारी से र रखा है। डेमो े ट् स ने गभपात का समथन कया है। और
कै रो लना म भावशाली ी सबोरो सट इन जैसे सट इन अलबामा म से मा से म टगोमरी माच के लेटफ़ॉम म उ ह ने रो वेड के अनु प हर म हला के चुनने के अ धकार को मा यता दे ने और उसका

और ई पु तक
जैसे माच और अ य अ हसक ग त व धय क एक व तृत ृंख ला। स मान करने और गभपात को सुर त कानूनी और लभ बनाने क मांग क । उनका मानना है क म हला का चुनने
का अ धकार एक संवैधा नक वतं ता थी और अदालत को इसे बनाए रखना चा हए और इसक र ा करनी चा हए।

बनाम

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नाग रक अ धकार आंदोलन के इस चरण के दौरान उ लेख नीय वधायी उपल याँ थ का नाग रक
अ धकार अ ध नयम पा रत होना जसने रोजगार था और सावज नक आवास म जा त रंग धम या रा ीय मूल के
आधार पर भेदभाव पर तबंध लगाया का मतदान अ धकार अ ध नयम जसने मतदान के अ धकार को बहाल
और संर त कया का आ जन और रा ीयता सेवा अ ध नयम जसने पारंप रक यूरोपीय समूह के अलावा अ य रप लकन और नाग रक अ धकार
अ वा सय के लए अमे रका म वेश को नाटक य प से खोल दया और का न प आवास अ ध नयम जसने इ लनोइस के रप लकन रा प त अ ाहम लकन ारा गुलामी था को समा त कर दया गया था रप लकन
आवास क ब या कराये म भेदभाव पर तबंध लगा दया। अ क अमे र कय ने द ण म राजनी त म फर से वेश पाट अ क अमे र कय से चुनावी समथन नह मांग सकती। अ ेत डेमो े टक पाट का समथन करते ह य क पाट
कया और पूरे दे श म युवा लोग को कारवाई करने के लए े रत कया गया। अ क अमे र कय क सामा जक मु क तुलना म राजनी तक सश करण को अ धक मह व दे ती है।

अ क अमे रक नेता भी रप लकन को न लवाद मानते ह और उदारवाद राय गत रप लकन को ेत वच ववाद कु

ल स लान से जोड़ती है। रप लकन नेता ने कभी भी अ ेत नाग रक अ धकार आंदोलन म कोई पहल नह क है। रप लकन को

से तक काले समुदाय म आंत रक शहर दं ग क लहर ने ेत समुदाय के समथन को कम कर दया। पारंप रक प से उनके गुलामी वरोधी ख के लए लान ारा नशाना बनाया जाता रहा है।

लैक पावर आंदोलन का उदय जो लगभग से तक चला ने अपने सहयोगी रवैये और अ हसा के लए
ा पत काले नेतृ व को चुनौती द और इसके बजाय राजनी तक और आ थक आ म नभरता क मांग क ।

रप लकन ने हमेशा घरेलू मु को चुनाव म अपना मु य मु ा बनाया है। उ ह ने समल गकता और समल गक
ववाह के त चच के वरोध को भी पारंप रक प रवार पर हमले के प म समथन और कया है। इस कार यह
जब क आंदोलन के अ धकांश लोक य त न ध व मा टन लूथर कग जू नयर के नेतृ व और दशन पर क त ह एक सामा जक प से ढ़वाद और त यावाद पाट के प म लोक य रही है।
कई व ान का मानना है क आंदोलन इतना व वधतापूण था क इसे कसी एक संगठन या रणनी त के लए
ज मेदार नह ठहराया जा सकता। समाजशा ी डग मैक एडम ने कहा है क कग के मामले म यह कहना गलत होगा
क वे आधु नक नाग रक अ धकार आंदोलन के नेता थे... ले कन इससे भी मह वपूण बात यह है क कोई एकल नाग रक रप लकन पाट ने भी स दय पुराने पा रवा रक मू य का समथन कया और गभपात तथा गभपात के प म
अ धकार आंदोलन नह था। आंदोलन वा तव म हजार ानीय यास का गठबंधन था स यता के खलाफ अपना ख अपनाया। और के चुनाव म पाट ने गभपात का कड़ा वरोध कया और
कहा क अज मे ब े को जीवन जीने का मौ लक अ धकार है जसका उ लंघन नह कया जा सकता और इस पर तबंध
लगाने क मांग क । नवंबर म रा प त

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अ य हल कये गए असाइनमट और अनुमान पेपर के लए हल प III

जॉज ड यू बुश ने आं शक ज म गभपात तबंध अ ध नयम पर ह ता र कए जो क दे र से गभपात पर तबंध लगाने ख स ूण ां त म या का तरीका।


वाला एक उपाय है और अमे रक सु ीम कोट ने ग जालेस कारहाट म अपने फै सले म अ ध नयम क उ र कायवाही का तरीका जेपी ने कायवाही क न न ल खत तीन ापक े णय पर काश डाला।
बनाम
संवैधा नकता को बरकरार रखा। रप लकन ने भाषी श ा का भी वरोध कया है। गत रप लकन
आ धका रक अं ेज ी आंदोलन म सबसे आगे रहे ह और यह रप लकन व कां ेस म था क पहली बार अं ेज ी भाषा म सामा य संवैधा नक उपाय पया त नह ह।
संशोधन ईएलए एचआर बल एमसन अं ेज ी भाषा सश करण अ ध नयम अमे रक त न ध सभा
उ ह ने कहा क लोकतां क राजनी तक व ा म अगर शासन और अ म हो जाता है तो लोग
ारा पा रत कया गया था। इसने अं ेज ी को संयु रा य अमे रका क आ धका रक भाषा घो षत करने के लए संघीय
को अ हसक कारवाई का सहारा लेना चा हए। लोकतां क व ा म स ा का क करण होने के
सं वधान म संशोधन करने क मांग क । रप लकन ने ब भाषी मतप और मतदाता सहायता को समा त करने क भी
कारण स ावाद शासक हो सकते ह और लोग क ज रत को पूरा करने क उनक मता समय के
मांग क है।
साथ कम होती जा सकती है। जेपी ने कहा क ऐसी त म लोग को अगले चुनाव का इंतजार नह

करना चा हए। लोग को अपनी आवाज उठानी चा हए और अ हसक कारवाई के ज रए इसका वरोध

करना चा हए।

यह एक त य है क नाग रक अ धकार आंदोलन ने अमे रक राजनी त और समाज को गहराई से वभा जत कर


दया है। नाग रक अ धकार के मु पर दोन मुख दल के अलग अलग ख ह। ii जेपी जमीनी तर पर लोग क स म तय के गठन के प म थे। इन स म तय का दोहरा काम होना

चा हए। उ ह लोग क ऊजा को रचना मक चैनल म जुटाना चा हए। उ ह ने कहा क इस रचना मक


. न न ल खत पर सं त ट प णयाँ लख क पयावरण संबंधी मु के भू मका म लोग क श और रा य क श के बीच एक व बातचीत होगी। उ ह ने सुझ ाव दया
समथक के प म गांधीजी।
क जन श और रा य श लोग क श और रा य क श को एक सरे का पूरक होना
उ र गांधी पयावरण के मु के च पयन गांधी के आ म म अपनाए गए उपदे श के अलावा एक संय मत जीवन
चा हए। जेपी ने यह भी सुझ ाव दया क लोग क स म तय को रा य या य के समूह के
सादा जीवन और उ वचार के लए उनका उपदे श कृ त के साथ रहने के स ांत के त उनके पालन को दशाता
अ याय और अ याचार का वरोध करना चा हए। उ ह ने कहा क अ हसा को एक सं वधान व
है। गुहा ने कहा क औ ोगीकरण के बारे म उनक शंक ा म भी पा र तक य पहलू शा मल थे। वीण सेठ के अनुसार
ह थयार के प म इ तेमाल कया जाना चा हए। उ ह ने सुझ ाव दया क जब लोकतां क व ा के
गांधी ने तीन आंदोलन के खलाफ चेतावनी द थी जो पयावरण को नुक सान प ंचाते ह नबाध औ ोगीकरण शहरीकरण
तहत सभी चैनल अव हो जाएं तो लोग को अ हसा का सहारा लेना चा हए।
और वकासशील दे श क क मत पर पूंज ीप तय का लाभ कमाने का उ े य। गांधी का ौ ो गक अथ व ा और
समाज के त एक संतु लत कोण था। इस कार अब उ ह सराहना के साथ वीकार कया गया है भले ही वतं ता
के बाद के भारत म हमारे योजनाकार ने उ ह नजरअंदाज कर दया था।

iii जेपी ने वग संघष का सुझ ाव दया। उ ह ने कहा क जा त और वग सामा जक और आ थक प से बड़े

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गांधी ने मनु य और कृ त के बीच तालमेल पर जोर दया ले कन उनक अनदे ख ी क गई। सेठ ने बताया क
पैमाने पर एक सरे से जुड़े ए ह।
गांधीवाद स ांत के अनुसार कृ त के त स मान उतना ही आव यक है जतना क व भ परंपरा सं कृ तय
गांधीजी का मानना था क अ हसा को समाज म हर कार के अ याय और अ याचार का
और सामुदा यक जीवन और आजी वका के तरीक के त स मान। पहले उनके का प नक आदश क आलोचना क
तरोध करने के लए एक ह थयार के प म इ तेमाल कया जा सकता है।
गई थी ले कन उनके वचार का स मान कया गया है। उनका सादगीपूण जीवन गत तर के साथ साथ सामा जक
मा सवाद वग संघष से इसका अंतर यह है क अ याय और अ याचार का वरोध करने का आ ह
तर पर भी अनुक रणीय उदाहरण है। उनके वचार और आदश कु मार पा और मीरा बेन जैसे उनके अनुया यय के जीवन
करके अपील को नै तक धरातल पर ले जाया जाता है। यह अ ाई और बुराई याय और अ याय
और काय म प रल त होते ह। ज रत को कम करने और यूनतम संसाधन का उपयोग करने तथा पारंप रक जीवन

और ई पु तक
शैली को ाथ मकता दे ने के गांधी के वचार ने पयावरण वद क सोच को भा वत कया है और अ हसक कोण के स य और अस य के बीच चयन करने क अ धक मा मक अपील है न क वं चत के आ थक हत

साथ आगे के पयावरण आंदोलन के लए एक ग त पैदा क है। क अपील। अ हसा उनम से एक है

स ूण ां त के लए जे.पी. ने कई कार क कायवा हय का सुझ ाव दया।

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