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Ramavatar Yadav special issue of videha 1
Ramavatar Yadav special issue of videha 1
Ramavatar Yadav special issue of videha 1
ISSN 2229-547X(online)
मै धथिी भाषा जगज्जननी सीतायााः भाषा आसीत् । हनुमन्द्ताः उक्तिान- मानु षीधमह सं स्कृ ताम् ।
अनुक्रम
ऐ अं कमे अथि:-
पारम्पररक व्याकरण
आधुननक भाषानवज्ञान
सारां श
कक्षा १० मै छिली ले खन तिा पररमाजयन महे न्दद्र मलं नगया/ धीरे न्दद्र
प्रेमर्षि सं योजन- गणे शप्रसा् भट्टराई ।
ग्राह्य
एखन
ठाम
जकर, तकर
तननकर
अछि
विदे ह ३९६ म अं क १५ जून २०२४ (िर्ष १७ मास १९८ अं क ३९६) भाषाविद् रामाितार यादि विशे र्ां क|| 27
अग्राह्य
जे कर, ते कर
ऐि, अनह, ए।
४. 'ऐ' तिा 'औ' ततय सलखल जाय जत' स्पष्टतः 'अइ' तिा
'अउ' सदृश उच्चारण इष्ट हो। यिा- ्े खै त, िलै क, बौआ, िौक
इत्याद्।
१२. माँ ग, भाँ ग आद्क स्िानमे माङ्ग, भाङ्ग इत्याद् सलखल जाय।
विदे ह ३९६ म अं क १५ जून २०२४ (िर्ष १७ मास १९८ अं क ३९६) भाषाविद् रामाितार यादि विशे र्ां क|| 29
१३. अद्धय 'न' ओ अद्धय 'म' क ब्ला अनुसार ननह सलखल जाय,
ककितु िापाक सुनवधािय अद्धय 'ङ्ग' , 'ञ', तिा 'ण' क ब्ला
अनुस्वारो सलखल जा सकैत अछि। यिा:- अङ्ग्क, वा अं क,
अञ्चल वा अं चल, कण्ठ वा कंठ।
१५. सभ एकल कारक छचि शब््मे सटा क' सलखल जाय, हटा
क' ननह, सं युक्त नवभक्क्तक हे तु फराक सलखल जाय, यिा घर
परक।
१९. सलअ तिा द्अ शब््मे नबकारी (ऽ) ननह लगाओल जाय।
एन. एम. राये वस्का सलखै िछि- सी. फ्राइज शब्् सभकेँ चाररटा
"रूप-वगय"मे वगीकृत करै त िछि, जे सं ख्या द्वारा ननर््िष्ट अछि; आ
"प्रकायय शब््"क पन्दद्रह समूह, जे अक्षर द्वारा ननर््िष्ट अछि।
असभव्यक्क्तक चारर प्रमुख भाग (सं ज्ञा, नक्रया, नवशे षण,
नक्रयानवशे षण) जे फ्राइजक ्जय सामरीमे प्रछतस्िापनक प्रनक्रया
द्वारा स्िानपत कयल गे ल अछि, एनह तरहेँ सं ख्याकेँ िोनि कोनो
नाम ननह ्े ल गे ल अछि: वगय १, वगय २, वगय ३, वगय ४। चारर वगय
मोटा-मोटी ओनहसँ मे ल खाइत अछि जकरा अछधकां श
व्याकरणनव् सं ज्ञा आ सवयनाम, नक्रया, नवशे षण आ नक्रयानवशे षण
कहै त िछि, यद्यनप सी. फ्राइज नवशे ष रूपसँ पाठककेँ ओनह
किनक अनुवा् करबाक प्रयासक नवरुद्ध चे तावनी ्ै त िछि जे
ओ पुरान व्याकरझणक शब्् पुस्तकमे ्े खै त िछि। प्रकायय शब््क
समूहमे ननहये केवल उपसगय आ सं योजन होइत िै क, वरन् नकिु
नवसशष्ट शब्् से हो होइत िै क जकरा बे सी पारम्पररक व्याकरणनव्
एकटा नवशे ष प्रकारक सवयनाम, नक्रयानवशे षण आ नक्रयाक रूपमे
वगीकृत करै त िछि।
खण्ड एक
प्रत्यक्ष