Professional Documents
Culture Documents
Q - 4 भाववाचक संज्ञा
Q - 4 भाववाचक संज्ञा
किसी जाति, द्रव्य, गण ु , भाव, व्यक्ति, स्थान और क्रिया आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं।
जैसे - पशु (जाति), सन् ु दरता (गणु ), व्यथा (भाव), मोहन (व्यक्ति), दिल्ली (स्थान),
मारना (क्रिया)।
संज्ञा पाँच प्रकार की होती है -
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा।
2. जातिवाचक संज्ञा।
3. समह ू वाचक संज्ञा।
4. द्रव्यवाचक संज्ञा।
5. भाववाचक संज्ञा।
मनाली की हं ँसी थम चक
ु ी थी।
अथर्व के चेहरे पर शैतानी मस्
ु कुराहट थी।
उपयक्
ु त उदाहरण में 'हं ँस' से 'हं ँसी', ‘मस्
ु कुराना' से ‘मस्
ु कुराहट’ भाववाचक संज्ञा बनाई
गई है ।
भाववाचक संज्ञा की पहचान के लिए यह सबसे आसान तरीका है कि हम जिन संज्ञा शब्दों
को स्पर्श नहीं कर सकते केवल अनभ
ु व कर सकते हैं; वे भाववाचक संज्ञा कहलाते हैं।
उदाहरण :- परशरु ाम को क्रोध आ गया।
इस वाक्य में क्रोध भाववाचक संज्ञा है ।
हम परशरु ाम का स्पर्श तो कर सकते हैं परं तु उनके क्रोध का नहीं।
यही इसकी सबसे बड़ी पहचान है ।
कुछ संज्ञा है अपने मल ू रूप में भाववाचक होती है ।
जैसे :- सत्य, प्रेम, दया, क्षमा, जन्म, मत्ृ यु आदि।
6. वह गस्
ु से से बोला, "यह घर किसी के बाप का नहीं है ।"
('बपौती' शब्द का प्रयोग कीजिए)
उत्तर - वह गस्
ु से से बोला, "इस घर पर किसी की बपौती नहीं है ।"
7. शर्मा जी बढ़
ू े हो गए हैं अत: चल भी नहीं पाते।
('बढ़
ु ापा' शब्द का प्रयोग कीजिए)
उत्तर - बढ
ु ापे के कारण शर्मा जी चल भी नहीं पाते।