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Criminal Judgment Writing Hindi!
Criminal Judgment Writing Hindi!
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दाण्डिक प्रकरण संख्या.____________
राजस्थान राज्य
(अभियोजन)
बनाम
1. ए पुत्र........... उम्र........... व्यवसाय.............. ननवासी................
2. बी पुत्र ............... उम्र ......... व्यवसाय............ ननवासी...............
अभियुक्त(गण)
उपस्स्ट्थत अयिवक्ता:
श्री _____________अनिररक्त लोक अभियोजक, वास्िे अभियोजन
श्री _____________अधिवक्ता, वास्िे प्रनिरक्षा
निणणय
(ददनांक________2019 को सुनाया गया)
1. हस्िगि प्रकरण में अभियुक्त ए और बी को िारिीय दडि संनहिा, 1860 की िारा 427, 457, 465 सपदिि
िारा 34 के िहि अपराि काररि करने के कारण आरोनपि नकया गया
3. संभक्षप्ि में अभियोजन कहानी ननम्नानुसार है यह की आरोपी ए और बी सेमेस्टर परीक्षा, जजसके ललए वे िैयार
नहीं थे, को पास करने के ललए एक जाली प्रश्न पत्र बनाया और लगिग 9 बजे प्रोफेसर 'एक्स' के कायाालय में
गए। जो कायाालय की खिड़की िोड़कर नविाग के िवन में ण्स्थि था। वे अपने साथ उनके द्वारा िैयार नकया गया
एक प्रश्नपत्र िी साथ ले गए थे। उन्होंने अपने प्रश्न पत्र को प्रोफेसर एक्स द्वारा िैयार नकए गए प्रश्न पत्र के स्थान
पर रि ददया। जब ड्यूटी पर िैनाि गािा 'जी' इमारि के पीछे चक्कर लगाने गया िो उसने दे िा नक प्रोफेसर
एक्स के कमरे की टू टी हुई खिड़की से रोशनी आ रही है। वह वहां पहुंचा और आरोपी व्यलक्तयों को रंगे हाथ पकड़
ललया। । हालााँनक उन्होंने उसे अपना मुाँह बंद रिने के ललए 2000 रुपये ददए और िुरंि चले गए। इसके बाद गािा
ने पुललस को फोन कर ददया। सब इंस्पेक्टर मौके पर पहुंचे और स्पॉट मैप िैयार नकया गया। प्रोफेसर का प्रश्नपत्र
कमरे के कोने में फशा पर आिा जला हुआ धमला। आरोनपयों को नगरफ्िार कर लशनाख्ि परेि कराई गई, जजसमें
गािा ने आरोनपयों की लशनाख्ि की। आरोपी व्यलक्तयों के संयुक्त प्रकटीकरण बयान के आिार पर छात्रावास में
उनके कमरे से प्रनिस्थानपि प्रश्न पत्र की एक प्रनि धमली।अनुसि ं ान पूणा नकये जाने के पश्चाि् दडि प्रनिया संनहिा,
1973 (एण््स्मनपश्चाि् द.प्र.सं. से संबोधिि) की िारा 173 (2) के िहि आरोप पत्र प्रस्िुि नकया गया जजस पर
इस न्यायालय द्वारा द.प्र.सं. की िारा 190(b) के िहि प्रसंज्ञान ललया गया।
4. आरोप अभियुक्त व्यलक्तयों को पढकर सुनाए एवं स्पष्ट नकए गए, उन्होंने दोषी नहीं होने का अभिवाक् नकया िथा
नवचारण का दावा नकया एवं दडि प्रनिया संनहिा की िारा 313 के िहि उनकी व्यलक्तगि परीक्षा में, उसके द्वारा
सिी आरोपों से इंकार नकया गया एवं यह प्रनिरक्षा ली गई नक उन्होंने कोई अपराि नहीं नकया है और उन्हें झूिा
फंसाया जा रहा है क्योंनक उन्होंने प्रोफेसर एक्स के साथ कक्षा में दुव्यावहार नकया था।
इस प्रकार अविारणीय प्रश्न 1,2 व 3 को अभियोजन पक्ष द्वारा संदेह से परे सानबि नकया गया िथा अभिुयक्त A
और B ने कॉलेज की सम्पलि को नुकसान पहुचा कर ररनष्ट काररि की जो I.P.C. की िारा 427 के अन्िगाि
दडिनीय है िथा अपराि काररि करने के आशय से रात्रो-प्रछन्न ग्रह अनिचार नकया जो I.P.C. की िारा 457
के अन्िगाि दडिनीसय है िथा प्रश्नपत्र का कूट रचना कर I.P.C. की िारा 465 का अपराि काररि नकया।
7. अि: अभियोजन द्वारा अभियुक्त का दोषी होना युलक्तयुक्त संदेह से परे सानबि कर ददया गया है एवं न्यायालय
िादसं की िारा 427, 457, 465 के िहि अपराि के ललए अभियुक्त को दोषी होना ननर्णिि करिा है।
8. अभियुक्त को दडि प्रनिया संनहिा की िारा 248(2) के िहि दडिादे श के प्रश्न पर सुनने के ललए ननणाय सुनाया
जाना अस्थाई रूप से स्थनगि नकया गया।
हस्िाक्षर व मुहर
पुि: सुिवाई
10. दप्रसं की िारा 31 के अनुसार, सिी अपरािों के ललए दडि साथ साथ चलेंगे।
11. जुमााने के बदले कारावास को अभियुक्त द्वारा दप्रसं की िारा 30(2) के िहि दडिादे श की वास्िनवक अवधि को
िुगिने के पश्चाि िुगिा जाएगा।
12. अभियुक्त व्यलक्तयों द्वारा उनको प्रदान नकये गये दडिादे श के नवरूद्ध अनुसंिान, जांच एवं नवचारण के दौरान
िुगिे गए कारावास के नवरूद्ध समायोजजि नकये जाने के ललए दप्रसं की िारा 428 के िहि स्टे टमेंट िैयार नकया
जावे।
13. दप्रसं की िारा 44क के अनुसार अभियुक्त व्यलक्तयों के जमानि मुचलके ननरस्ि नकये एवं उनको अभिरक्षा में
ललया जावे िानक प्रदान नकया गया दडिादे श की िामील कराई जाए।
14. अभियुक्त व्यलक्त अपीलीय न्यायालय के समक्ष उनकी उपण्स्थनि सुननभश्चि करने के ललए दप्रसं की िारा 437क
के िहि जमानि मुचलके एवं बंिपत्र ननष्पाददि करें।
15. कुल जुमााना रालश रुपये_____ में से पीधड़ि को रुपये_____ दप्रसं की िारा 357 के िहि मुआवजे के िौर पर
अदा नकये जावें।
16. ननणाय के प्रनि अभियुक्त को दप्रसं की िारा 363 के अनुसार नन:शुल्क प्रदान की जावे।
हस्िाक्षर व मुहर
ननणाय िुले न्यायालय में ललिकर सुनाया गया ।
हस्िाक्षर व मुहर