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KERALA SAMAJAM MODEL SCHOOL

HALF-YEARLY EXAMINATION 2023 – 24


Std ---VIII HINDI LANGUAGE
F.M---80 Time-- 2Hrs+15min

1) िनम्निलिखत िवषयों में से िकसी एक िवषय पर िनबंध िलिखए । (15)


क) " मेरी क�ा के छात्र परू ी तरह अनशु ासनहीन हो गए हैं "।िकसी िश�क क� यह उि� क्या सत्य है ?यिद हाँ तो िवद्यालयों में फै लती
अनश ु ासनहीनता के कारणों तथा उनके िनराकरण के िलए समाधान भी दीिजए।
ख) काम को कल पर टालने से मन का भारीपन बढ़ता है ।जबिक कल करने वाले काम को आज ही परू ा कर लेने से हमारी कायर्�मता
बढ़ती है और मानिसक सतं ोष भी प्रा� होता है। बताइए िक एक िवद्याथ� के िलए समय का क्या महत्व है?
ग) 'मीठी बोली वह मंत्र है जो पत्थर को मोम बना देती है '।यह कथन िकतना सत्य है ,इस पर अपने िवचार देते ह�ए िनबंध िलखें।
घ) यिद आप पिु लस अिधकारी होते तो अपने शहर को अपराध म� ु करने क� आपक� क्या कायर् योजना होती और आप जनता का
सहयोग िकस प्रकार लेते ।इस पर प्रकाश डालते ह�ए िनबंध िलिखए।
ड़) एक कहानी िलिखए िजसका आधार िनम्निलिखत उि� हो "जैसी करनी वैसी भरनी"।

2) िनम्निलिखत िवषयों में से िकसी एक िवषय पर पत्र िलिखए । (10)


क) आप कई िदनों से िवद्यालय में िनधार्�रत समय पर नहीं पह�चँ पा रहे हैं। प्रधानाचायार् को िवलंब से पह�चँ ने का कारण बताते ह�ए
�मादान हेतु पत्र िलिखए।
ख) इस वषर् क� प्रथम आविधक परी�ा के आपके खराब प�रणाम से आपके दादाजी बह�त दख ु ी हैं ।अपने दादाजी को अधर्वािषर्क
परी�ा में पढ़ाई में अिधक प�रश्रम करने और बेहतर प�रणाम का भरोसा िदलाते ह�ए एक पत्र िलिखए ।

3) िनम्निलिखत गद्यांश को ध्यान पवू र्क पिढ़ए और उस पर आधा�रत प्र�ों के उ�र दीिजए । (3x5=15)
एक िवशाल काँच के महल में न जाने िकधर से एक भटका ह�आ कु�ा घसु गया। हज़ारों काँचों के टुकड़ों में अपनी शक्ल देखकर वह
चौंका। उसने िजधर नज़र डाली, उधर ही हजारों कु�े िदखाई िदए। वह समझा िक ये सब उस पर टूट पड़ेंगे और उसे मार डालेंगे। अपनी
शान िदखाने के िलए वह भौंकने लगा, उसे सभी कु�े भौंकते िदखाई पड़े। उसक� आवाज क� ही प्रितध्विन उसके कानों में ज़ोर-ज़ोर से
आती। उसका िदल धड़कने लगा। वह और जोर से भौंका, सब कु�े भी अिधक जोर से भौंकते िदखाई िदए। आिखर वह उन कु�ों पर
झपटा, वे भी उस पर झपटे। बेचारा जोर-जोर से उछला, कूदा, भौंका और िचल्लाया। अंत में गश खाकर िगर पड़ा।
कुछ देर बाद उसी महल में एक दसू रा कु�ा आया। उसको भी हजारों कु�े िदखाई िदए। वह डरा नहीं, प्यार से उसने अपनी दमु िहलाई।
सभी कु�ों क� दमु िहलती िदखाई दी। वह खूब खश ु ह�आ और कु�ों क� ओर अपनी पँछ ू िहलाता बढ़ा। सभी कु�े उसक� ओर दमु
िहलाते बढ़े। वह प्रसन्नता से उछला - कूदा, अपनी ही छाया से खेला, खश ु ह�आ और िफर पँछ ू िहलाता बाहर चला गया।
जब मैं अपने एक िमत्र को हमेशा परे शान, नाराज़ और िचड़िचड़ाते देखता ह�ँ तब इसी िकस्से का स्मरण हो जाता है। मैं उनक� िमसाल
भौंकने वाले कु�े से नहीं देना चाहता। यह तो बड़ी अिश�ता होगी। पर इस कहानी से वे चाहें, तो कुछ सबक ज�र सीख सकते हैं।
दिु नया काँच के महल जैसी है। अपने स्वभाव क� छाया ही उस पर पड़ती है। 'आप भले तो जग भला', 'आप बरु े तो जग बरु ा'। अगर आप
प्रसन्निच� रहते हैं, दसू रों के दोषों को न देखकर उनके गणु ों क� ही ओर ध्यान देते हैं, तो दिु नया भी आपसे नम्रता और प्रेम का बतार्व
करे गी। अगर आप हमेशा लोगों के ऐबों क� ओर देखते हैं, उन्हें अपना शत्रु समझते हैं और उनक� ओर भौंका करते हैं, तो िफर वे क्यों न
आपक� ओर गस्ु से से दौड़ेंगे ? अंग्रेजी में एक कहावत है िक अगर आप हँसेंगे, तो दिु नया भी आपका साथ देगी पर अगर आपको गस्ु सा
होना और रोना ही है, तो दिु नया से दरू िकसी जंगल में चले जाना ही िहतकर होगा।

अमे�रका के मशह�र लेखक इमसर्न क� एक घटना याद आती है। उन्हें गायें पालने का शौक था, इसिलए गायें और नन्हे बछड़े उनके
मकान के पास एक कुटी में रहते थे। एक बार ज़ोर क� बा�रश आने वाली थी। सभी गायें तो झोंपड़ी के अंदर चली गई, पर एक बछड़ा
बाहर ही रह गया। इमसर्न और उनका लड़का दोनों िमलकर उस बछड़े को पकड़कर खींचने लगे िक वह कुटी में चला आए, पर ज्यों-
ज्यों उन्होंने जोर से खींचना श�
ु िकया त्यों-त्यों वह बछड़ा भी सारी ताकत लगाकर पीछे हटने लगा। बेचारे इमसर्न बड़े परे शान ह�ए। इतने
में उनक� बढ़ू ी नौकरानी उधर से िनकली। जैसे ही उसने यह तमाशा देखा, वह दौड़ी आई और अपना अँगठू ा बछड़े के मँहु में प्यार से
डालकर उसे झोंपड़ी क� तरफ ले जाने लगी। बछड़ा चपु चाप कुटी के अंदर चला गया। वह अनपढ़ नौकरानी िकताबें और किवताएँ
िलखना नहीं जानती थी, पर व्यवहार कुशल अवश्य थी और जब जानवर भी प्रेम क� भाषा समझते हैं तो िफर मनष्ु य क्यों न समझेंगे ?

(i) दोनों कु�ों के व्यवहार में क्या अतं र था ?


(ii) लेखक ने दिु नया को काँच के महल जैसी क्यों कहा है ?
(iii) लेखक के अनसु ार उसके िमत्र इस कहानी से क्या सीख सकते हैं ?
(iv) 'आप भले तो जग भला' कहानी के संदभर् में पंि� का आशय स्प� क�िजए।
(v) इमसर्न कौन थे और उनक� परे शानी का क्या कारण था ? उसक� परे शानी िकसने दरू क� और कै से ?

4) िवद्यालय द्वारा आयोिजत 'र�दान िशिवर 'पर एक प्रितवेदन िलिखए। (5)

5) िनम्निलिखत शब्दों के दो दो पयार्यवाची शब्द िलिखए। (4)


इद्रं ाणी, उदार, गंगा, कोयल

6) िनम्निलिखत शब्दों के िवलोम िलिखए। (4)


अग्रज , आगत , अनरु ाग, आनंद, आदशर् , आरोह , इच्छा, आशा ।

7) िनम्निलिखत अनेकाथ� शब्दों के दो दो अथर् िलिखए। (4)


घन, नायक, तीर, प्रसाद

8) िनम्निलिखत अनेक शब्दों के बदले एक शब्द िलिखए। (3)


i. िजसका कोई इलाज ना हो सके ii. िजसक� तलु ना न क� जा सके iii. आशा से अिधक

9) िनम्निलिखत महु ावरे के अथर् िलखकर िकन्हीं दो से वाक्य बनाएँ। (3+3=6)


i. उन्नीस बीस का अंतर ii. कमर कसना iii. उल्टी गंगा बहाना

10) िनम्निलिखत उपसग� का प्रयोग करते ह�ए दो-दो शब्द बनाइए। (3)
अित, स,ु अिभ

11) िनम्निलिखत शब्दों के तत्सम �प िलिखए। (3)


अचरज, कान, गेह�ँ

12) िनम्निलिखत िवशेषण शब्दों को भाववाचक सं�ा में प�रवितर्त क�िजए। (3)
िववश, गंभीर, भावक

13) िनद�शानसु ार वाक्य प�रवतर्न क�िजए। (5)


क) मैं रिववार के िदन तम्ु हारे घर आऊँ गा। (वाक्य शद्ध
ु क�िजए )
ख) अध्यािपका ने क�ा में आज नहीं पढ़ाया। ( संय� ु वाक्य में बदिलए)
ग) सम्राट ने साधु का सत्कार िकया। (िलंग बदिलए )
घ) यिद मोहन प�रश्रम करे गा तो वह सफल होगा । (भतू काल में बदिलए )
ड़) एक नवयवु क को यह बंधन पसंद नहीं आया । ('पसंद 'के स्थान पर 'अच्छा' शब्द का प्रयोग क�िजए)

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