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Std. VIII - Hindi Language
Std. VIII - Hindi Language
3) िनम्निलिखत गद्यांश को ध्यान पवू र्क पिढ़ए और उस पर आधा�रत प्र�ों के उ�र दीिजए । (3x5=15)
एक िवशाल काँच के महल में न जाने िकधर से एक भटका ह�आ कु�ा घसु गया। हज़ारों काँचों के टुकड़ों में अपनी शक्ल देखकर वह
चौंका। उसने िजधर नज़र डाली, उधर ही हजारों कु�े िदखाई िदए। वह समझा िक ये सब उस पर टूट पड़ेंगे और उसे मार डालेंगे। अपनी
शान िदखाने के िलए वह भौंकने लगा, उसे सभी कु�े भौंकते िदखाई पड़े। उसक� आवाज क� ही प्रितध्विन उसके कानों में ज़ोर-ज़ोर से
आती। उसका िदल धड़कने लगा। वह और जोर से भौंका, सब कु�े भी अिधक जोर से भौंकते िदखाई िदए। आिखर वह उन कु�ों पर
झपटा, वे भी उस पर झपटे। बेचारा जोर-जोर से उछला, कूदा, भौंका और िचल्लाया। अंत में गश खाकर िगर पड़ा।
कुछ देर बाद उसी महल में एक दसू रा कु�ा आया। उसको भी हजारों कु�े िदखाई िदए। वह डरा नहीं, प्यार से उसने अपनी दमु िहलाई।
सभी कु�ों क� दमु िहलती िदखाई दी। वह खूब खश ु ह�आ और कु�ों क� ओर अपनी पँछ ू िहलाता बढ़ा। सभी कु�े उसक� ओर दमु
िहलाते बढ़े। वह प्रसन्नता से उछला - कूदा, अपनी ही छाया से खेला, खश ु ह�आ और िफर पँछ ू िहलाता बाहर चला गया।
जब मैं अपने एक िमत्र को हमेशा परे शान, नाराज़ और िचड़िचड़ाते देखता ह�ँ तब इसी िकस्से का स्मरण हो जाता है। मैं उनक� िमसाल
भौंकने वाले कु�े से नहीं देना चाहता। यह तो बड़ी अिश�ता होगी। पर इस कहानी से वे चाहें, तो कुछ सबक ज�र सीख सकते हैं।
दिु नया काँच के महल जैसी है। अपने स्वभाव क� छाया ही उस पर पड़ती है। 'आप भले तो जग भला', 'आप बरु े तो जग बरु ा'। अगर आप
प्रसन्निच� रहते हैं, दसू रों के दोषों को न देखकर उनके गणु ों क� ही ओर ध्यान देते हैं, तो दिु नया भी आपसे नम्रता और प्रेम का बतार्व
करे गी। अगर आप हमेशा लोगों के ऐबों क� ओर देखते हैं, उन्हें अपना शत्रु समझते हैं और उनक� ओर भौंका करते हैं, तो िफर वे क्यों न
आपक� ओर गस्ु से से दौड़ेंगे ? अंग्रेजी में एक कहावत है िक अगर आप हँसेंगे, तो दिु नया भी आपका साथ देगी पर अगर आपको गस्ु सा
होना और रोना ही है, तो दिु नया से दरू िकसी जंगल में चले जाना ही िहतकर होगा।
अमे�रका के मशह�र लेखक इमसर्न क� एक घटना याद आती है। उन्हें गायें पालने का शौक था, इसिलए गायें और नन्हे बछड़े उनके
मकान के पास एक कुटी में रहते थे। एक बार ज़ोर क� बा�रश आने वाली थी। सभी गायें तो झोंपड़ी के अंदर चली गई, पर एक बछड़ा
बाहर ही रह गया। इमसर्न और उनका लड़का दोनों िमलकर उस बछड़े को पकड़कर खींचने लगे िक वह कुटी में चला आए, पर ज्यों-
ज्यों उन्होंने जोर से खींचना श�
ु िकया त्यों-त्यों वह बछड़ा भी सारी ताकत लगाकर पीछे हटने लगा। बेचारे इमसर्न बड़े परे शान ह�ए। इतने
में उनक� बढ़ू ी नौकरानी उधर से िनकली। जैसे ही उसने यह तमाशा देखा, वह दौड़ी आई और अपना अँगठू ा बछड़े के मँहु में प्यार से
डालकर उसे झोंपड़ी क� तरफ ले जाने लगी। बछड़ा चपु चाप कुटी के अंदर चला गया। वह अनपढ़ नौकरानी िकताबें और किवताएँ
िलखना नहीं जानती थी, पर व्यवहार कुशल अवश्य थी और जब जानवर भी प्रेम क� भाषा समझते हैं तो िफर मनष्ु य क्यों न समझेंगे ?
10) िनम्निलिखत उपसग� का प्रयोग करते ह�ए दो-दो शब्द बनाइए। (3)
अित, स,ु अिभ
12) िनम्निलिखत िवशेषण शब्दों को भाववाचक सं�ा में प�रवितर्त क�िजए। (3)
िववश, गंभीर, भावक
ु