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धातु और अधातु

वे छोटे से छोटा कण, िजससे पदाथ बनता है , त कहलाता ह।

त ों को उनके गुणधम के आधार पर धातु एवं अधातु म बां टा जाता है ।

∆धातु (Metals)

1- वे त , जो ऊ ा तथा िवद् युत का चालन करते ह , धातु कहलाते ह।

2- धातु वे त होते ह, जो इले ॉन दे कर धनायन बनाते है ।

3- ये कमरे के ताप पर ठोस होती है , पर ु मकरी ( Hg ) कमरे के ताप पर व अव था म होती है ।

उदाहरण- ऐलुिमिनयम ( Al), कॉपर ( Cu ),आयरन (Fe)आिद।

त ों म धातुओं की सं ा सबसे ादा है ।

धातुओं के भौितक गुण Physical Properties of Metals

घातुओं के मुख भौितक गुण िन िल खत है

1.धा क चमक Metallic Lustre

मु इले ॉनों की उप थित के कारण शु धातुओं की सतह चमकदार होती है । धातुओं पर लेप या

पॉिलश करके भी उनको सतह को चमकदार बनाया जा सकता है । उदाहरण - ताँ बा ( Cu ), सोना ( Au

), चाँ दी ( Ag ), आिद ।
धा क चमक के कारण ही इनका योग ैलरी तथा सजावट की व ुएँ बनाने म िकया जाता है ।

(2 )ऊ ीय सुचालकता Thermal Conductivity

धातु ऊ ा के सुचालक होते है ।

िस र एव कॉपर ऊ ा के सबसे अ े चालक ह लेिकन लेड तथा मकरी ऊ ा के कुचालक ह।

(3)िवद् युत की सुचालक(Electrical conductivity)

धातुएँ िवद् युत की सुचालक होती ह।आसानी से िवद् युत को अपने अ र से वािहत होने दे ती ह, ोिक

इनम मु इले ॉन उप थत होते ह ।

चाँ दी ( Ag ) और ताँ बा ( Cu ) िवद् युत के सबसे अ े सुचालक ह ।

4.आ तव नीयता (Malleability)

कुछ धातुओ को पीटकर धातु की पतली चादर ( Sheet ) बनाई जा सकती है । ( िबना टू टे ) धातुओं के

चादर म बदलने के गुण को धातु की आघातव नीयता कहते है ।

उदाहरण- चाँ दी ( Ag ), सोना ( Au ), ऐलुिमिनयम ( Al) व कॉपर ( Cu ) अ िधक आघातवधनीय धातुएं

है ।

5.त ता Ductility

कुछ धातुएँ, खींचकर पतले ( महीन ) तारों म बदला िकया जा सकता है । धातुओं के इस गुण को त ता

कहते है ।
उदाहरण -1 ाम सोने से 2 िकमी ल ी महीन तार खींची जा सकती है । चाँ दी धातु, महीन तार म खींची

जा सकते है ।

टं ग न ( W ) के लगभग अ (ब त पतले ) तार बनाये जा सकते है । टं ग न के तारों का योग

िवद् युत ब के िफलामे ( त ु ) बनाने म िकया जाता है ।

6.कठोरता Hardness

आमतौर पर धातुएँ कठोर होती है । उदाहरण- ऐलुिमिनयम ( A ), तां बा ( Cu ), लोहा ( Fe ), आिद ।

सोिडयम ( Na ) तथा पोटै िशयम ( K ) कोमल धातुएं होती है , इ चाकू से काटा जा सकता है ।

7.गलनांक Melting Point

वह ताप िजस पर कोई धातु अपनी ठोस अव था से व म बदल जाती है , उस धातु का गलनां क कहलाता

है ।

धातुओं के गलनां क ब त अिधक होते है ।

उदाहरण - कॉपर ( Cu ) धातु का गलनां क 1058° C होता है ।

8.भंगुरता Brittieness

धातुएँ सामा तया कठोर होती है , िजस कारण इनम भंगुरता का गुण पाया जाता है । जैसे - िजक ( Zn ) |

ये हतोड़ा मारने से टू टती नही ह।

9. िन Sound
धातुओं को हथौड़े से पीटने पर एक आवाज़ िनकलती है , िजसे धा क िन ( Metallic sound ) भी

कहते ह ।

उदाहरण- ू लों म लगी ई घ ी धातु की बनी होती है , िजसे लकड़ी या धातु के हथौड़े से मारने पर

ती िन िनकलती है ।

धातुओ ं के रासायिनक गुण Chemical Properties of Metals

1.धातुओ ं की वायु से अिभि या Reaction of Metals with Oxygen

धातुओं का वायु म दहन करने पर, ऑ ीजन से अिभि या करके धातु ऑ ाइड बनाती है ।

धातु +ऑ ीजन → धातु ऑ ाइड

a)जब कॉपर को वायु म गम िकया जाता है तो कॉपर, ऑ ीजन के साथ ि या करके काले रं ग का

कॉपर ऑ ाइड बनाता है ।

उदाहरण ;

2Cu+O2------->2CuO

कॉपर। कॉपर ऑ ाइड

b)कुछ धातु ऑ ाइड जल मे घुल कर ार बनाते है ।जैसे

सोिडयम ऑ ाइड व पोटै िशयम ऑ ाइड

Na2O+H2O----->2NaOH

K2O+H2O------->2KOH
_______

★NOTE

सोडीयम व पोटै िशयम धातुएं तेज़ी से अिभि या करती ह की खुले म रखने पर आग पकड़ लेती ह

इसिलए इ आग से रोकने के िलए िकरोिसन तेल म डु बो कर रखा जाता है ।

__________

c)उभयधम ऑ ाइड;

ऐलुिमिनयम का वायु की उप थित म दहन कराने पर ऐलुिमिनयम ऑ ाइड (Al2O3) बनता है ।जो की

उभयधम कृित का होता है । ोंिक यह धातु ऑ ाइड ारक व अ दोनों से अिभि या करके लवण

तथा जल दे ते ह

Al2O3+6HCl------>2AlCl3+3H2O

_______

NOTE

एनोिडकरण(Anodising)

ऐलुिमिनयम धातु को वायु म खुला छोड़ने पर धातु वायु से ि या करके ऐलुिमिनयम ऑ ाइड की पतली

सी परत बनाता है जो इसे सं ारण से बचाती है ।

इस परत का िवद् युत अपघटन करने की ि या एनोिडकरण कहलाती है ।

________
2.धातुओ की जल से अिभि या

(Reaction of Metals with Water

धातुएँ जल के साथ अिभि या करके हाइडोजन गैस तथा धातु ऑ ाइड या धातु हाइडॉ ाइड बनाती ह

। जो धातु ऑ ाइड जल म घुल जाते है ,वे जल म घुल कर धातु है डॉ ाइड बनाती है ।

धातु+जल----->धातु ऑ ाइड+हाइडोजन

धातु ऑ ाइड+जल---->धातु ऑ ाइड

उदाहरण

( a ) सोिडयम ( Na ) तथा पोटै िशयम ( K ) धातुएँ ठ े जल ( H2O ) के साथ तेज़ी से अिभि या करती

है ,

यह ि या इतनी तेज़ होती है िक िनकली ई ऊ ीय ऊजा ारा िनकली हाइडोजन गैस जलने लगती है ।

2Na +2H2O------> 2NaOH + H2+ऊ ीय ऊजा

( b ) कै यम ( Ca ) धातु की ठ े जल से अिभि या थोड़ी धीमी होती है । इस अिभि या म उ िजत

ऊ ा इतनी नहीं होती िक हाइडोजन गैस को जला कर सके ।

Ca + 2H20 ----->Ca ( OH ) 2 + H2

अिभि या म हाइडोजन गैस के बुलबुले कै यम ( Ca ) धातु की सतह पर िचपक जाते ह , िजसके

कारण यह जल की सतह पर तैरने लगती है ।


( c ) आयरन ( Fe), िजंक ( Zn ), ऐलुिमिनयम ( AI ), मै ीिशयम ( Mg ), आिद धातुएँ भाप से ि या

करके उनके ऑ ाइड तथा हाइडोजन गैस ( H2) िनिमत करती ह ।

■ लेड, कॉपर, िस र एवं गो आिद धातुएँ जल के साथ िबलकुल अिभि या नही करती ह।

3.धातुओ ं की अ ों से अिभि या

Reaction of Metals with Dilute Acids

सभी धातुएँ, तनु अ ों से ि या करके हाइडोजन गैस तथा धातु लवण िनिमत करती ह ।

धातु + तनु अ → धातु लवण + हाइडोजन

उदाहरण

( a ) धातुओं की तनु हाइडो ो रक अ ( HCI ) से अिभि या ( Reaction of Metals with Dilute

Hydrochloric Acid )

*जब धातुओं की ि या तनु हाइडो ो रक अ से होती है , तो धातु ोराइड तथा हाइडोजन गैस बनती

ह।

धातु + HCl------> धातु ोराइड + H2

उदाहरण

2Na + 2HCl ----->2NaCl + H2

-कॉपर ( Cu ), िस र ( Ag ) तथा सोना ( Au ) की कम सि यता के कारण ये धातुएँ तनु अ ों के साथ

कोई ि या नहीं करती ह ।


( b ) धातुओं की अित तनु नाइिटक अ ( HNO3 ) से अिभि या ( Reaction of Metals with Very

Dilute Nitric Acid )*

जब मै ीिशयम(Mg) व मगनीज(Mn) धातुओं की ि या नाइिटक अ से होती है , तो धातु नाइटे ट तथा

हाइडोजन गैस बनती ह ।

उदाहरण-

Mg + 2HNO3------->Mg( NO3) 2+ H2

__________

NOTE

अ राज या ऐ ा - रे िजया सा हाइडो ो रक अ ( HCI ) तथा सा नाइिटक अ ( HNO3 ) का

वह िम ण होता है , अ राज ( Aqua - regia ) कहलाता है यह भभकता व होने के साथ बल

सं ारक ( Corrosive) है । सोना ( Au ) तथा ेिटनम ( Pt ) को गलाने की मता रखता है

।__________

4.धातुओ ं की लवण िवलयनो के साथ अिभि या

(Reaction of Metals with salt solutions)

अिधक अिभि याशील धातु अपने से कम अिभ-ि याशील धातु को उसके यौिगक के िवलयन से

िव थािपत कर दे ती है ।

उदाहरण;
आयरन स फ़ेट FeSO4 के िवलयन म Zn की छड़ डालने पर िज़ंक धातु आयरन स फ़ेट के िवलयन से

आयरन को िव थािपत करके िज़ंक स े ट (ZnSO4) बनाता है ।

5.धातुओ ं की सि यता ेणी

Reactivity series of Metals

सि यता ेणी वह सूची है िजसम धातुओं की ि याशीलता को अवरोही म(घटते म) म व थत

िकया जाता है ।

वे धातुएँ,जो हाइडोजन से ऊपर थत होती है ,सि य धातुए (K,Na,Ca) तथा वह धातुएँ जो हाइडोजन से

नीचे थत होती है , अि य धातुएँ कहलाती ह।

( सबसे अिधक अिभि याशील )

K पोटे िशयम

Na सोिडयम

Ca कै शयम

Mg मै ीिशयम

Al ए ुिमिनय

Zn िजंक

Fe आयरन

Pb लेड
H हाइडोजन

Cu कॉपर

Hg मकरी

Ag िस र

Au गो

(सबसे कम अिभि याशील)

★NOTE

हाइडोजन म भी अधा क गुण होते ह,पर ु इसकी िवद् युतधना क होने के कारण इसे

सि यता ेणी म रखा गया है ।

∆अधातु

वे त जो ऊ ा तथा िवद् युत का चालन नही करते, अधातु कहलाते ह

अधातु वे त होते है ,जो इले ॉन लेकर ऋणायन बनाते ह।

उदाहरण, काबन(C), नाइटोजन(N),स र(S)

अधातुओं के भौितक गुण Physical Properties of Non - Metals

अधातुओं के भौितक गुण िन िल खत ह

( 1 ) धा क चमक Metallic Lustre


अधातुओं म कोई िवशेष चमक नहीं होती, इनकी सतह मिलन ( Dull ) होती है । उदाहरण - स र(S

) जैसे अधातुओं म कोई चमक नहीं पाई जाती है ।

_________

नोट - आयोडीन व ेफाइट चमकीले होते ।

____________

( 2) िवद् युत एवं ऊ ीय अचालकता Electrical and Thermal Non - Conductivity

अधातुएँ िवद् युत तथा ऊ ीय की कुचालक होती है ।

उदाहरण - फॉ ोरस ( P ) तथा स र ( S ) दोनों अधातु ह । दोनों के ारा ही िवद् युत तथा ऊ ीय

चालन नहीं िकया जाता ।

_________

नोट - काबन एक अधातु है ।यर कई पों म पाई जाती है ।िजसे अपर प ( Allotrope ) कहते है ।

ेफाइट िवद् युत का सुचलक है ।

__________

( 3) भंगुरता Brittleness

ठोस अधातुओं को पीटने पर ये चादर म नहीं बदलती, ोंिक ये भंगुर ( Brittle ) होती है यानी इनको

हथौड़े से पीटने पर ये छोटे - छोटे टु कड़ों म टू ट जाती ह ।

उदाहरण - स र ( S ) तथा फॉ ोरस ( P ) अधातुएँ भंगुर होती ह ।


(4) अत ता Non - Ductility

अधातुओं को खींचकर तारों म प रवितत नहीं िकया जा सकता इनम त ता की कमी होती है । इनकी

भंगुरता के कारण ये खींचने पर टू ट जाती ह ।

( 5 ) कठोरता Hardness

अिधकां श ठोस अधातुएँ जैसे- स र ( S ) और फॉ ोरस ( P ) कोमल होती ह जबिक कुछ कठोर

होती ह

उदाहरण- काबन का अपर प हीरा सवािधक कठोर पदाथ है ।

(6) गलनांक Melting point

अधातुओं के गलनां क कम होते है ।

उदाहरण- गैिलयम व सीिजयम धातुओ का गलनां क इतना कम होता ह के हथेली पर रखते ही िपघलने

लगती ह।

( 7) िन Sound

अधातुएँ अ िनक होती ह अथात् इ हथौड़े से पीटने पर कोई िन उ नहीं होती है ।

धातुओं व अधातुओं के बीच अिभि या

(Reactionbetween Metals and non metals)

उ ृ गैसे अि य होती है । ोंिक उनका अ क पूरा होता है ।


अ त भी अपने बा तम कोश म 8 इले ॉन पूण करने की कोिशश करते ह , इसके िलए ये इले ॉन

हण या ागते ह ।

धातुओं की वृि इले ॉन दे ने की होती है जबिक अधातुओं की वृि इले ॉन लेने करने की होती है ।

जब धातु व अधातु एक दू सरे से अिभि या करते ह तथा दोनों ही इले ॉनों के लेन दे न ारा अपना अ क

पूण करने की कोिशश करते है ।

उदाहरण - सोिडयम - सोिडयम का इले ॉिनक िव ास ( जोिक एक धातु है । ) का यास करते ह ।

KLM

2,8,1

इसके अ क ( अथात बा तम कोश म 8 इले ॉन ) को पूण करने के िलए सोिडयम अपने M कोश म 7

इले ॉन लेने की अपे ा 1 इले ॉन दे दे ता है ।

इस कार यह M कोश से एक इले ॉन दे कर धना क आवेश(+) हण कर लेता है । अब इसके L

कोश म 8 इले ॉन है तथा यह बा तम कोश बन जाता है । धना क आवेिशत सोिडयम धनायन या

सोिडयम आयन कहलाता है ।

इसे िन कार दिशत करते ह ।

Na +( िव ास 2,8 )

Na―>[Na + ]+ [e-]

2,8,1 2,8
समान प से यिद ोरीन का इले ॉिनक िव ास है , 2,8 , 7, जोिक एक अधातु है । ोरीन के िलए

उसके M कोश म एक इले ॉन हण करना, 7 इले ॉन दे ने की अपे ा सरल होता है ।

इस कार यह अपने M कोश म एक इले ॉन हण करता है तथा ऋणावेिशत हो जाता है , अब यह

ोराइड आयन या ऋणायन कहलाता है , इसे Cl- िव ास KLM 2,8,8 से है ।

सोिडयम तथा ोरीन आपस म आकिषत होते है व मज़बूत ब बनाकर सोिडयम ोराइड Nacl के

प म रहते है ।

आयिनक ब या िवद् युत संयोजक ब

(ionic bond or electrovalent bond)

धातु से अधातु म इले ॉन के लेन दे न ारा बने यौिगकों को आयिनक योिगक या िवद् युत संयोजक

यौिगक कहते है ।

आयिनक यौिगकों के गुणधम

(characteristics of Electrovalent or ionic compounds)

आयिनक यौिगकों के िन िल खत सामा गुणधम पर ा आपने कभी ान िदया है :

1. भौितक कृित :(crystalline nature) धन एवं ऋण आयनों के बीच मजबूत आकषण बल होने के

कारण आयिनक यौिगक ठोस तथा कुछ कठोर होते ह । आयिनक यौिगक ायः भंगुर होते ह तथा दाब

डालने पर टु कड़ों म टू ट जाते ह।

2. गलनां क एवं थनां क : आयिनक यौिगकों के गलनां क एवं थनां क ब त अिधक होते ह ोंिक

मजबूत अंतर- आयिनक आकषण को तोड़ने के िलए ऊजा की ब त अिधक मा ा म आव कता होती है


3. घुलनशीलता : वैद्युत संयोजक यौिगक जल म घुलनशील तथा िकरोिसन, पेटोल आिद जैसे िवलायकों

म अघुलनशील होते ह ।

4. िवद् युत चालकता :(electrical conductivity) आयिनक यौिगकों के जलीय िवलयन म आयन

िव मान होते ह । जब िवलयन म िवद् युत धारा वािहत की जाती है तो यह आयन िवपरीत इलै ोड की

ओर चलने लगते ह । ठोस अव था म आयिनक यौिगक िवद् युत चालन नहीं कर सकते ोंिक ठोस

अव था म ढ़ संरचना के कारण आयनों की गित संभव नहीं । पर ु आयिनक यौिगक गिलत अव था म

िवद् युत का चालन करते ह ोंिक गिलत अव था म िवपरीत आवेश वाले आयनों के बीच थर वैद्युत

आकषण बल ऊ ा के भाव से कमजोर हो जाता है । अत : आयन तं प से गमन कर सकते ह

अतः िवद् युत का चालन करते ह ।

धातुओ ं की ा (occurance of metals)

पृ ी की भूपपटी धातुओं का मु ोत है ।

समु ी जल म भी सोिडयम ोराइड , मै ीिशयम ोराइड आिद जैसे कुछ िवलेय लवण उप थत रहते

ह।

खिनज (Minerals)

पृ ी की भूपपटी म ाकृितक प से पाए जाने वाले त ों या यौिगकों को खिनज कहते ह ।

अय (Ores)

कुछ थानों पर खिनजों म कोई िवशेष धातु काफ़ी मा ा म होती है िजसे िनकालना लाभकारी होता है । इन

खिनजों को अय कहते ह ।

धातुओ का िन षण (Extraction of Metals)


धातु यौिगकों से शु धातु की ा धातु का िन षण कहलाती है ।

कुछ धातुएँ भू - पपटी म त अव था म पाई जाती ह तथा कुछ धातुएँ अपने यौिगकों के प म िमलती

ह।

सि यता ेणी म नीचे आने वाली धातुएँ सबसे कम अिभि याशील होती ह । अत : ये त अव था म

पाई जाती ह । उदाहरण - गो ( सोना ) , िस र ( चाँ दी ) , ेिटनम तथा कॉपर इ ािद ।

कॉपर एवं िस र , अपने स ाइड या ऑ ाइड के अय के प म संयु अव था म भी पाए जाते

ह।

सि यता ेणी म सबसे ऊपर की धातुएँ ( K , Na , Ca , Mg तथा AI ) अ िधक ि याशील होने के

कारण त अव था म नहीं पाई जाती ह

सि यता ेणी के म की धातुओं ( Zn , Fe , Pb आिद ) की अिभि याशीलता म म होती है । ये प

ऑ ाइड , स ाइड या काब नेट के प म पाई जाती ह

अनेक धातुओं के अय ऑ ाइड होते ह । इसका कारण ऑ ीजन की अ िधक अिभि याशीलता

तथा पृ ी पर इसका चुर मा ा म पाया जाना है । त ों के उनके अय ों से िन षण की ि या

धातुकम कहलाती है ।

इस कार , अिभि याशीलता के आधार पर हम धातुओं को िन तीन वग म वग कृत कर सकते ह

( 1 ) िन अिभि याशील धातुएँ

( 2 ) म म अिभि याशील धातुएँ


( 3) उ अिभि याशील धातुएँ

धातुओ ं के िन षण के चरण Steps Involved in the Extraction of Metal

अय से शु धातु का िन षण कई चरणों म होता है ।

1.अय ो का समृिधकरण (enrichment ऑफ Ores)

पृ ी से िनकले अय ों म िम ी , रे त जैसी कई अशु याँ होती ह िज गग ( gangue ) कहते ह ।

धातुओं के िन षण से पूव अय म अशु यों को हटाना अित आव क होता है । अय ों म से गग

को हटाने के िलए िजन रासायिनक ि याओं का योग होता है वे अय तथा गग के भौितक अथवा

रासायिनक गुणधम पर आधा रत होती ह । इस पृथकन के िलए अनेक तकनीक अपनायी जाती है ।

A)सि यता ेणी म नीचे आने वाली धातुओ का िन षण

कम अिभि याशील होने के कारण धातुओं को मा गम करने पर ही धातु की ा हो जाती है ।

उदाहरण के िलए

1. िसनाबार(Hgs) ,मकरी का एक अय है ।वायु की उप थित म गम झरने पर ये सबसे पहले

म ु रक ऑ ाइड बनाता है व अिधक गम करने पर म ु रकऑ ाइड मकरी म बदल जाती है ।

3HgS+3O2------>2HgO+2SO2

2HgO-------->2Hg+O2

इसी कार Cu2S म िव मान ताँ बे(कॉपर) को वायु म गम करके इसका अय ा िकया जा सकता है

2Cu2S+3O2------>2Cu2O+2SO2
2Cu2O+Cu2S---->6Cu+SO2

B)सि यता ेणी के म म थत धातुओ का िन षण

कृित म ये धातुएँ ायः स ाइड या काब नेट के प म पाई जाती ह । स ाइड या काबोंनेट की तुलना

म धातु को उसके ऑ ाइड से ा करना अिधक सरल है ।

स ाइड को भजन ारा ऑ ाइड म बदलते ह तथा काबोंनेट को िन ापन ारा ऑ ाइड म

प रवितत करते ह । इसके प ात् काबन जैसे उपयु अपचायक का उपयोग कर धातु ऑ ाइड से धातु

को ा िकया जाता ह ।

िजंक के िन षण के समय िन रासायिनक अिभि या होती ह

( a ) भजन ( Roasting ) स ाइड अय को वायु की उप थित म गलनां क िब दु से िन ताप पर

गम करने पर यह ऑ ाइड म प रवितत हो जाता है । इस ि या को भजन कहते ह । भजन उदाहरण -

2ZnS + 3O2 → 2ZnO+ 2SO2

( b ) िन ापन ( Calcination ) वायु की अनुप थित म सा त अय को उसके गलनां क से नीचे

पर ु उ ताप पर गम करके ऑ ाइड म प रवितत करने का म िन ापन कहलाता है । उदाहरण-

ZnCO3------>ZnO + CO2

( c ) अय ऑ ाइड का अपचयन ( Reduction of Oxide Ore ) यह धातु ऑ ाइड अय

के धातु म बदलने की ि या है । यह ऑ ाइड को गम करके की जा सकती है ।

*ZnO + C → Zn + CO
कभी - कभी िव थापन अिभि याओं को धातु ऑ ाइड के अपचयन म योग िकया जाता है । उ

ि याशील धातुएँ जैसे - सोिडयम , कै यम , ऐलुिमिनयम का योग अपचायक के प म होता है ,

ोंिक ये िन अिभि याशीलता वाली धातुओं को उनके यौिगकों से िव थािपत करती है ।

उदाहरण - मैगनीज डाइऑ ाइड की ऐलुिमिनयम चूण के साथ अिभि या

3MnO2+ 4Al —> 3Mn + 2Al2O3 + Heat

ये िव थापन अिभि याएँ उ ऊ ा ेपी होती ह , अत : उ ऊ ा की मा ा उ होती है , जो धातुओं

की िवत अव था म उ होती है । आयरन ( III ) ऑ ाइड ( FeO ) के साथ एलुिमिनयम की ि या

ारा उ आयरन का योग रे लवे पट रयों या मशीनी पुजों की दरारों को जोड़ने म करते ह । ऊ ा

एलुिमिनयम चूण के अपचायक के प म योग ारा धातु ऑ ाइड की अिभि या से धातु का िनमाण

थिमट अिभि या कहलाती है ।

Fe2O3 + 2AI→ 2Fe + AI2O3+ heat

( iii ) सि यता ेणी म सबसे ऊपर थत धातुओ ं का िन षण ( उ अिभि याशील )

ये धा क यौिगक काबन या अ अपचायकों से अिधक ब ुता के कारण अपचियत नहीं िकए जा

सकते ह , अत : िवद् युत अपघटनी अपचयन योग इन धातुओं के िलए होता है , जैसे Na , Mg , Ca

इ ािद ।

धातुओ ं का प र रण Refining of Metals

यह अपचयन के प ात् ा धातुओं के शु करण की ि या है ।


पर रण के िलए अनेक िविधयाँ योग म ली जाती ह , पर ु सबसे सामा िवद् युत अपघटनी प र रण

है ।

कॉपर िटन , िनकल , िस र , गो आिद अनेक धातुओं का प र रण िवद् युत अपघटन ारा िकया

जाता है ।

िवद् युत अपघटनी प र रण :

इस कम म , अशु धातु को ऐनोड तथा शु धातु की पतली परत को कैथोड बनाया जाता है ।

धातु के लवण िवलयन का उपयोग िवद् युत अपघ के प म होता है ।

िवद् युत अपघ से जब धारा वािहत की जाती है तब ऐनोड पर थत अशु धातु िवद् युत अपघ म

घुल जाती है । िवलेय अशु याँ िवलयन म चली जाती ह तथा अिवलेय अशु याँ ऐनोड की तली पर

िन ेिपत हो जाती ह िजसे ऐनोड पंक कहते ह ।

धातुओ ं का सं ारण Corrosion of Metals

नम वायु के स क म आने पर सतह की धातु का रण , सं ारण कहलाता है । यह एक ऑ ीकारक

म है ।

उदाहरण

1.लोहे पर जंग लगना

2.चाँ दी का बदरं ग होना

3.ताँ बे तथा काँ सा पर हरी परत का िनमाण आिद सं ारण के उदाहरण ह ।

सं ारण की रोकथाम Prevention of Corrosion


पट करके , तेल लगाकर , ीस लगाकर , यशदलेपन , ोिमयम लेपन , ऐनोडीकरण या िम धातु बनाकर

लोहे को जंग लगने से बचाया जा सकता है । कुछ िविधयों का वणन िन ह

(1) यशदलेपन ( Galvanisation )

लोहे एवं इ ात की व ुओं पर ज े ( िजंक ) की पतली परत चढ़ाने की ि या यशदलेपन कहलाती है ।

इसे ि या म व ु को िवत िजंक म डु बोकर िकया जाता है ।

( 2) धातुओं को िम धातु म बदलना धातु के गुणों म सुधार की िविध है । िजसम दो या दो से अिधक

धातुओं को िमलाते ह । जैसे पीतल - तां बा व कॉपर के िम ण से बनता है ।

( 3) रं गाई करके धातु की सतह को िकसी अ अवरोधक रं ग ( Paint ) से रं गाई करके धातु , वायु या

िकसी िवलयन के भाव से बच जाती है ।

( 4) जब ीस या तेल को लौहे की व ु की सतह पर लगा दे ते ह , तो नमी इसके स क म नहीं आ पाती

है , िजससे वह जंग से सुरि त हो जाती है ।

उदाहरण - लोहे के पुज तथा मशीनों को ीस से पोत ( Smeared ) दे ते ह । लोहे को अनेक धातु के साथ

िमलाकर िविभ िम धातुएँ बनाई जाती ह ।

िम धातु (metalloids)

दो या दो से अिधक धातुओं के समां गी िम ण को िम धातु कहते है ।

िम धातु को बनाने के िलए पहले मूल धातु को गिलत अव था म लाया जाता है तथा इसके बाद दू सरे त ों

को एक िनि त अनुपात म िमलाया जाता है ।िफर इसे कमरे के तापमान पर ठं डा िकया जाता है ।
यिद िम धातु म कोई एक धातु पारद है तो िम धातु को अमलगम कहते ह। शु धातु की तुलना म

उसके िम धातु की िवद् युत चालकता तथा गलनां क कम होता है ।

उदाहरण सीसा(Pb) तथा िटन(Sn)का िम धातु का नाम सो र है िजसका गलनां क ब त कम होता

है ।सो र का उपयोग िवद् युत तारों की पर र वै ं ग के िलये िकया जाता है ।

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