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E
● भारत की वन ित
● भारत की मुख झील & मुख बां ध
● िविवध
IV
भारत
KL
M
E
IV
KL
M
भारत के नाम
आयवृ
ाचीन धािमक ंथों म आय के आधार पर आयवृ
जंबू ीप
ाचीन काल म उ र भारत का त ािलक भाग जंबू ीप कहलाता था, िजसका उ ेख
कई पौरािणक धािमक ंथों म िमलता है
िह दु ान
● पिशया (आधुिनक ईरान) के लोग सव थम िसंधु घाटी से वेश िकया।
● वे िसंधु का अप ंश प िह दू का योग यहां के िनवािसयों के िलए करते थे।
● िहं दुओं के दे श को िहं दु ान नाम िदया गया। िहं दु ान श का उ ेख सव थम
262 ई. के सासानी अिभलेख म
E
भारत
● सव थम उ ेख ाचीन वायु पुराण म
● राजा दु ंत की प ी शकुंतला के पु भरत के नाम पर
IV
● सव थम ामािणक उ
इं िडया
● जे अले डर ⇒ िहं दू
ेख हाथी गु फा अिभलेख
E
IV
KL
● पवतीय े का िव ार ⇒ 10.7 ितशत
M
E
● राजभाषा ⇒ िह ी
● रा ीय वा ⇒ स मेव जयते
● रा ीय ज ⇒ ितरं गा
IV
● रा ीय नदी ⇒ गंगा
● रा ीय जलीय जीव ⇒ डॉ
● रा ीय खेल ⇒ हॉकी
भारत का समु ी े
न
KL
● आधार रे खा : टे ढ़े-मेढ़े तट को िमलाने वाली क त सीधी रे खा
● आं त रक जल : थलीय भाग एवं आधार रे खा के म थत सागरीय जल
● भारत की ' ादे िशक े या े ीय िव ार सागर' की आधार रे खा से 12 समु ी मील
(नॉिटकल मील) की दू री तक
M
E
● अनुसूिचत जनजाित जनसं ा ⇒ 10,42,81,034 (कुल जनसं ा का 8.6
ितशत)
सवािधक े फल वाले रा
IV
1. राज थान : 3,42,239 वग िकमी.
2. म
सवािधक जनसं
दे श : 3,08,000 वग िकमी.
3. महारा : 3,07,713 वग िकमी
ा वाले रा
KL
1. उ र दे श : 20 करोड़
2. महारा : 11.23 करोड़
3. िबहार : 10.40 करोड़
ूनतम े फल वाले भारत के रा
M
E
सवािधक जनघन वाले रा
1. िबहार : 1102
2. पि म बंगाल : 1028
IV
3. केरल : 860
ूनतम जनघन वाले रा
1. अ णाचल दे श : 17
2. िमजोरम : 52
KL
3. िस म : 86
सवािधक िलंगानुपात वाले रा
1. केरल : 1084
2. तिमलनाडु : 996
M
3. आं दे श : 993
ूनतम िलंगानुपात वाले रा
1. ह रयाणा : 879
2. िस म : 890
3. पंजाब : 895
सवािधक सा रता वाले रा
1. केरल : 94%
2. िमजोरम : 91.3%
3. गोवा : 88.7%
ूनतम सा रता वाले रा
1. िबहार : 61.8%
2. अ णाचल दे श : 65.4%
3. राज थान : 66.1%
सवािधक मिहला सा रता वाले रा
1. केरल : 92.1%
2. िमजोरम : 89.3%
E
3. गोवा : 84.7%
ूनतम मिहला सा रता वाले रा
1. िबहार : 51.5%
IV
2. राज थान : 52.1%
3. झारखंड : 55.4%
अिधक नगरीय जनसं
1. िद ी : 97.5%
ा वाले रा
KL
2. चंडीगढ़ : 97.3%
3. ल ीप : 78.1%
ूनतम नगरीय जनसं ा वाले रा
1. िहमाचल दे श : 10%
M
2. िबहार : 13%
3. असम : 14.1%
● िजलों की सं ा : 640
● तहसीलों की सं ा : 5,924
● क ों की सं ा : 7,936
● गां वों की सं ा : 6,40,867
भारत के पड़ोसी दे श
M
KL
IV
E
भूगिभक संरचना
● भारत के उ री और तटीय मैदान भौगोिलक ि से सबसे नई संरचना है , जबिक
पठारी भाग भौगोिलक ि से सबसे ाचीन संरचना है ।
● भू-गिभक संरचना की ि से भारत को तीन भागों म बां टते ह
1. दि ण का ाय ीपीय पठार
2. उ र की िवशाल पवतमाला
3. उ र भारत का िवशाल मैदानी भाग
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IV
KL
M
E
IV
KL
M
1. आिकयन म की च ान
ये अ िधक ाचीन ाथिमक च ान ह। बुंदेलखंड नीस एवं बे ारी नीस इनम सबसे
ाचीन है । बंगाल नीस एवं नीलिग र नीस इन च ानों के उदाहरण ह।
2. धारवाड़ म की च ान
● ये आिकयन म की ाथिमक च ानों के अपरदन एवं िन ेपण से बनी परतदार
च ान ह। ये अ िधक पां त रक हो चुके ह एवं इसम जीवा नहीं िमलते ह।
● कनाटक के धारवाड़ एवं बे ारी से िमली ह। अरावली ेणी, बालाघाट, रीवा, छोटा
नागपुर आिद े ों म ये च ान िमलती ह।
● भारत के सवािधक खिनज भंडार इसी म की च ानों म िमलते ह। लौह-अय ,
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तां बा एवं ण इन च ानों म पाए जाने वाले मह पूण खिनज ह।
3. कुड ा म की च ान
● इनका िनमाण धारवाड़ म की च ानों के अपरदन एवं िन ेपण से आ है ।
IV
● इनम भी जीवा
● मु
4. िव
● कुड ा
न
प से आं
म की च ान
नहीं िमलते ह।
दे श के कुड़ ा िजले म थत ह।
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भारत का भौितक िवभाजन
IV
KL
M
● उ री पवतीय दे श
● ाय ीपीय पठारी दे श
● तटवत मैदानी दे श
● म वत मैदान दे श
● ीपीय दे श
उ री पवतीय दे श
● प रचय
● उ ि
● िवशेषताएं
● वग करण
● मह
● मुख त
E
IV
KL
M
प रचय
● नवीन भूआकृितक संरचना
● िनमाण भारतीय ेट और यूरेिशयन ेट के टकराने से
● भारत और एिशया का महान िवभाजक
● जलवायु िवभाजक, सां ृ ितक िवभाजक एवं जल िवभाजक
● चापाकार अथवा धनुषाकार आकृित
● नवीन विलत पवत ंखला
● िव की सव पवत ंखला
E
उ ि
● उ ि अंितम ि टे िशयस काल से टिशयरी काल तक दीघकािलक िववतिनकी
ि याओं के प रणाम प
● उ ि अ
ाइन पवत भी कहते ह,
स पवत की भी उ ि
ोंिक िहमालय की उ ि
● ेट िववतिनकी िस ां त
मु कारक :- टे िथस के अवसाद
म
1. टां स िहमालय
2. बृहद या महान िहमालय
3. लघु िहमालय
4. िशवािलक िहमालय
कोबर का भूस ित िस ांत
● प रभाषा : भूस ितयाँ ल े, संकरे तथा उथले जलीय भाग होती ह, िजनम
तलछटीय िन ेप के साथ-साथ तली म धंसाव होता है
● उदाहरण : रॉकी भूस ित, टे थीस भूस ितयाँ आिद
● मह : विलत पवतों का मुख िनमाणकारी कारक
● कोबर ने इसे पवतों का पालना कहा
● कोबर ने िहमालय के िनमाण की ा ा करने के िलए भूस ित के िस ां त को
ुत िकया
● कोबर के भूस ित िस ां त के अनुसार आज से लगभग 7 करोड वष पूव िहमालय के
E
थान पर टे थीस नामक भूस ित थी जो अंगारालड और गोंडवाना लड को पृथक
करती थी
● इसम लगातार अवसादो का िन ेपण होता गया, िजसके प रणाम प संल
IV
भारतीय
थल खंडो म संपीडना क बल उ
● भारतीय
ेट की गित
ेट भूगिभक
आ तथा िहमालय का िनमाण आ
प से गोंडवाना लड का िह
● लगभग 20 करोड़ वष पूव, गोंडवाना लड से िवखंिडत होकर भारतीय
ा था
ेट लगातार
KL
उ र-पूव िदशा म गित कर रही है जो िन िल खत है
● ेट टे ोिनक िस ां त के अनुसार :- काब नीफेरस काल म भारतीय ेट की
थित अ ीका, अंटाकिटका, ऑ े िलयाई और दि ण अमे रकी ेट के साथ थी
● लगभग 12 करोड़ वष पूव भारतीय ेट ने िवषुवत रे खा को पार िकया | इसी समय
M
E
● क शािसत दे श : ज ू क ीर एवं ल ाख
IV
KL
M
िहमालय के अ संघीय मोड़ (Syntaxial bend)
● िहमालय के पि मी तथा पूव छोरों पर अचानक ती प रवतन आ जाता है , इस तरह
के मोड़ को अ संघ (syntaxes) कहा जाता है ।
● इसका िनमाण दो टकराती ई ेटों के िकनारों के िनकट आ है ।
● उ र पि मी अ संघीय मोड़ नंगा पवत के िनकट है जहाँ िसंधु महाख या गॉज
थत है । इसकी तुलना हे यर-िपन से की जा सकती है ।
● िहमालय के उ र-पूव छोर पर िदहां ग गॉज (अ णाचल दे श) िमलता है । इसे भी
हे यर-िपन मोड़ कहा जाता है , जहाँ िहमालय पवत अचानक ती मोड़ बनाते ए पूव
E
िदशा म मुड़ जाता है । इसी थान पर पु नदी गॉज बनाते ए िहमालय को पार
करती है ।
जब िहमालय का उ र से दि ण की ओर अ यन िकया जाता है तो बीच म एक सूचर
IV
जोन तथा तीन ंश मौजूद ह :-
1. इं डस सां गपो सूचर जोन (ITSZ) : टां स िहमालय और वृहद िहमालय के म
एक टे
ट
ोिनक िसवनी, िजसका िनमाण भारतीय
र के प रणाम प आ
ेट और यूरेिशयन
थत
ेट के म
KL
2. मैन सटल (MCT) : वृहद िहमालय एवं लघु िहमालय के म थत एक
भूगिभक दरार
3. मैन बाउं डी (MBT) : लघु िहमालय एवं िशवािलक िहमालय के म थत
भूगिभक दरार
M
IV
Syntaxial Bends
● The western syntaxial bend occurs near the Nanga Parbat
● The eastern syntaxial bend occurs near the Namche Barwa.
KL
M
िहमालय का पवत ंखला अथवा समय के आधार पर वग करण
● टां स िहमालय
● महान िहमालय
● लघु िहमालय
● िशवािलक
E
IV
KL
M
E
IV
टांस िहमालय
KL
M
कराकोरम िहमालय
● िहमालय की उ रवत पवतीय ेणी
● उ ि मु िहमालय के साथ ही अ ाइन भूसंचलन से
● सव चोटी माउं ट के-2 / गाॅ डिवन ऑ न
● भारत की सव चोटी लेिकन वतमान म पाक अिधकृत क ीर म
● मुख चोिटयां : मासेर ूम, ासेर ूम, हरमोश, सािसर व एिलंग कंगरी
● काराकोरम े म िसयािचन व सासायनी िहमनद
● िसयािचन भारत व पािक ान के बीच िववादा द िब दु
● ेन हे डन ⇒ काराकोरम पवत ेणी ⇒ ‘उ एिशया की रीढ़’
ल ाख िहमालय
● टां स िहमालय म थत
E
● वृहद िहमालय के उ र व काराकोरम िहमालय के दि ण म थत
● औसत ऊँचाई 6000 मीटर
● सव चोटी गुरला मां धता
जा
IV● अवसादी शैलों से िनिमत
● ल ाख िहमालय के उ र म ल ाख का पठार ⇒ िस ु नदी वािहत होती है
● शीत किटबंधीय जलवायिवक दशाओं के कारण वन
र िहमालय
ित का पूणतः अभाव
KL
● ल ाख ेणी के दि ण म
● मु तः भारत और चीन के सीमावत े म
● जा र एवं ल ाख ेणी के म िस ु नदी वािहत होती है ।
कैलाश िहमालय
M
E
IV
KL
M
महान िहमालय
E
IV
● पि म से पूव की ओर लगभग 2400 िकलोमीटर की ल ाई म धनुषाकार
● िव ार पि म म नंगा पवत से पूव की ओर नामचा बरवा तक
KL
● अिधकां श भाग लगभग वषभर िहमा ािदत ⇒ ‘िहमाि ’
● औसत ऊँचाई 6000 मीटर, लेिकन कई चोिटयाँ 8000 मीटर से भी ऊँची
● सव चोटी माउं ट एवरे (नेपाल)
● भारत म थत सव चोटी : कंचनजंगा
● मुख चोिटयाँ : नंदा दे वी, केदारनाथ, ब ीनाथ, धौलािगरी, कंचनजंगा, नंगापवत,
M
E
म िहमालय
IV
KL
M
E
IV
िहमालय का पवत ंखला अथवा समय के आधार पर वग करण
● टां स िहमालय
● महान िहमालय
KL
● लघु िहमालय
● िशवािलक
िशवािलक िहमालय
M
● िहमालय का सबसे नवीन भाग
● औसत ऊँचाई 600 से 1500 मीटर
● ‘बा िहमालय’ या ‘दि णी िहमालय’ भी कहते ह
● म िहमालय से एक गहरी घाटी ारा अलग, िजसे पि मी भाग म ‘दू न’ तथा पूव की
ओर ‘दु आर’ घाटी कहते ह।
● जैसे- दे हरादू न, चु ीदू न, िकयादू न, कोटलीदू न, ह र ार व अलीपुरदु आर (पि म
बंगाल-असम) इ ािद।
िशवािलक िहमालय के िविभ नाम
E
● गोरखपुर के पास डूंडवा
● पूव की ओर चू रया और मू रया
● ज ू म ज ू पहाड़ी
IV
● अ णाचल दे श म डु ला, िमरी एवं िमशमी पहाड़ी
● म िहमालय एवं िशवािलक के म कु ू-मनाली की घाटी (िहमाचल दे श), दू न
की घाटी (उ राखंड) तथा पूव की ओर दु आर की घाटी (पि म बंगाल व असम)
KL
M
िसडनी गेरा बराड → िहमालय का नदी के आधार पर िवभाजन
● पंजाब िहमालय / क ीर िहमालय
● कुमायूं िहमालय
● नेपाल िहमालय
● असम िहमालय
E
IV
KL
M
िसडनी गेरा बराड → िहमालय का नदी के आधार पर िवभाजन
● पंजाब िहमालय / क ीर िहमालय
● कुमायूं िहमालय
● नेपाल िहमालय
● असम िहमालय
1. पंजाब िहमालय / क ीर िहमालय
● िसंधु नदी के गाॅ ज से सतलुज नदी के गाॅ ज तक
● ल ाई ⇒ लगभग 560 िकलोमीटर
E
● ज ू -क ीर, ल ाख, पंजाब और िहमाचल दे श
● िहमालय की सवािधक चौड़ाई इसी भाग म
● वै ो दे वी का मंिदर, अमरनाथ की गुफा तथा िचरार-ए-शरीफ पंजाब िहमालय के
IVअंतगत ही
● मह पूण ेिणयां : काराकोरम, ल ाख, जा
● घास के मैदान, गुलमग, सोनमग
● डल और वुलर जैसी पानी की झील
र, पीरपंजाल, धौलाधर
KL
● पैगोंग े तथा सोमुरीरी नामक लवणीय झील
● क ीर िहमायल करे वा के िलए िस , जहां पर केसर की खेती
● क ीरी भाषा म करे वा को वु कहते ह
िसडनी गेरा बराड → िहमालय का नदी के आधार पर िवभाजन
M
E
िसडनी गेरा बराड → िहमालय का नदी के आधार पर िवभाजन
● पंजाब िहमालय / क ीर िहमालय
● कुमायूं िहमालय
E
उ री कछार पहािड़याँ , िमजो पहािड़याँ , खासी, जयंितया, िमिकर इ ािद िजनम
आका, दफला, मीरी और िमशमी जैसी जनजाितयाँ िनवास करती ह।
पूव र की पहािड़याँ
IV
KL
M
E
IV
KL
● टाइगर िहल : पि म बंगाल
● अ णाचल दे श : : डु ला, िमरी, अबोर, िमशमी (जनजाितयों के नाम पर)
● पटकोई बूम : अ णाचल दे श (पूव म)
● नगा पहािड़याँ : नागालड
M
● लैमाटोल : मिणपुर
● िमजो : िमजोरम
● बराईल : असम
● रगमा और िमिकर : असम
● गारो, खासी, जयंितया : मेघालय (िहमालय की िह ा नहीं)
● खासी पहाड़ी पर ही मेघालय की राजधानी िशलां ग और चेरापूँजी
● पूरा का पूरा मेघालय पठारी े
● मेघालय म मैदान नहीं ⇒ मेघालय का पठार या िशलां ग का पठार कहते ह
● िशलां ग पठार म हीं गारो, खासी व जयंितया पहािड़याँ थत
E
IV
KL
M
िहमालय की मुख चोिटयां
E
IV
KL
M
उ राखंड
● केदारनाथ
● ब ीनाथ
● कामेथ
● नीलकंठ
● ि शूल
● नंदा दे वी
नेपाल
● धौलािगरी
● अ पूणा
● माउं ट एवरे ( सागरमाथा) :- नेपाल-ित त सीमा पर थत िव की सबसे ऊंची
चोटी (8850 मीटर)
E
● माउं ट मकालु
िस म
● कंचनजंगा :- भारत की दू सरी सबसे ऊंची चोटी (8586 मीटर)
IV
अ णाचल दे श
● नामचा बरवा
KL
M
E
IV
KL
M
िहमालय के दर
M
KL
IV
E
E
IV
KL
िहमालय का मह
● िहमालय भारतीय उपमहा ीप की ाकृितक एवं राजनीितक सीमा बनाता है । इसकी
M
E
तां बा जैसे धा क खिनज ह। इसकी जिटल भू-गिभक संरचना के कारण धा क
खिनजों का खनन अभी संभव नहीं हो पाया है ।
िहमालय का िव ार
IV
● रा : िहमाचल दे श, उ राखंड, िस
ि पुरा, मेघालय, असम व पि म बंगाल
● क शािसत दे श : ज ू क ीर एवं ल ाख
म, अ णाचल दे श, मिणपुर, िमजोरम,
से ा होता है ।
● जुलाई से नव र तक 35 ितशत और शेष जल िनचले ढ़ालों पर होने वाली वषा से
ा होता है ।
मैदान
M
KL
IV
E
प रचय
● ाय ीपीय पठार एवं िहमालय पवतीय े के म थत
● जलोढ़ िनिमत संरचना
● भारत का नवीनतम भौितक दे श
● भौगोिलक िव ार लगभग 7.5 लाख वग िकलोमीटर
● औसत ऊँचाई 50 से 300 मीटर
उ ि
● भारतीय ेट एवं यूरेिशयन ेट के अिभसरण से िहमालय के दि ण म बने गत म
E
िहमालय व ाय ीपीय पठार की निदयों ारा लाए गए जलोढ़कों के िन ेप से उ ि
● एक िन ेिपत मैदान
● इसी कारण तुलना क प से कम ऊँचे तथा ूनतम उ ावच िवषमता का दे श
IV
● वतमान म भी भारतीय ेट उ र की ओर गितशील, िजस कारण िहमालय की
निदयाँ युवाव था म अथात् ती वेग वाली बनी ई है ।
● इसी कारण निदयों ारा िहमालय का अपरदन भी ती गित से
● अतः वतमान म भी म वत मैदान िनमाण की अव था म
KL
भौितक िवशेषताएं
● भौितक ि कोण से म वत मैदानी दे श िन ऊँचाई व िन उ ावच िवषमता
का जलोढ़ िनिमत दे श है ।
● अतः भौितक ि कोण से सामा तः एक पता पाई जाती है ।
M
E
IV
KL
M
E
IV
1. राज थान का मैदान
● राज थान के पि मी भाग म अरावली से भारत-पािक
● लंबाई : 640 िकमी.
● औसत चौड़ाई : 300 मीटर
ान सीमा तक िव ार
KL
● े फल : 1.75 लाख वग िकमी.
राज थान का म थली मैदान
● बालू के टीलों की अिधकता
● कहीं-कहीं पर धरातल के ऊपर नीस, िश तथा ेनाइट च ान
● वािषक वषा 25 सेमी. से कम
M
E
IV
KL
M
E
●
IV
● उ री राज थान भी िस ु मैदान का ही;
निदयाँ वािहत होती थी।
● औसत ऊँचाई 250 से 300 मीटर
े फल : 1.75 लाख वग िकमी.
ोंिक यहाँ अतीत म सर ती व घ र
KL
● ायः बाढ़मु े ⇒ अिधक ऊँचाई
● दो निदयों के बीच का े दोआब
● ास एवं सतलुज : िब -जालंधर दोआब
● ास एवं रावी : बारी दोआब
● रावी एवं िचनाब : रे चना दोआब
M
E
IV
KL
M
E
IV
दि ण पठार म बहने वाली निदयों- चंबल, बेतवा, केन तथा सोन नदी की भी इस मैदान के
िनमाण म भूिमका
गंगा का मैदान तीन भागों म िवभ
● ऊपरी गंगा का मैदान
KL
● म गंगा का मैदान
● िन गंगा का मैदान
ऊपरी गंगा का मैदान
● उ री सीमा िशवािलक की पहािड़यां
M
E
● घाघरा, गंडक तथा कोसी मुख निदयां
● दि ण भारत की मुख सोन नदी भी
● यहां पर बहने वाली सभी निदयां वषभग माग प रवतन करती है , इसिलए बाढ़ का
E
IV
KL
M
E
● लंबाई लगभग 800 िकमी.
●
IV
● चौड़ाई लगभग 75 िकमी.
े फल 56 हजार वग िकमी
● भारत का सवािधक बाढ़ े
● तीन आरे से पवतों तथा पहािड़यों से िघरा आ मैदान
KL
● उ र म िहमालय, पूव म पटकाई एवं नागा तथा दि ण म गारो, खासी तथा जयंितयां
पहािड़यां
● पि म म भरत-बां ादे श की अंतरा ीय सीमा तथा िन गंगा का मैदान इसकी सीमा
का िनधारण करते ह
M
E
IV
ादे िशक िवभाजन
KL
M
भावर
● कंकड़-प र यु संरचना का दे श
● िसंधु से लेकर ित ा नदी तक
● ल ी जड़ों वाले बड़े -बड़े वृ अव िक ु छोटे पौधों, खेतों तथा जनसं ा का
ायः अभाव
तराई
● भावर दे श के दि ण म
● लगभग 10 से 15 िकलोमीटर की संकरी प ी म
● दलदलयु संरचना का दे श
● कृिष के िलए अिधक उपयु नहीं
● कुशल जल- बंधन एवं मृदा- बंधन ारा चावल व जूट की खेती
● ऊँची घास (कां स, हाथी घास, भाबर घास)
● मले रया के कारण जनसं ा अिधक नहीं
बांगर
● म वत मैदान के पि मी भागों म पुराने जलोढ़ के मैदान
E
● औसत ऊँचाई 100 से 300 मीटर
● सामा तः बाढ़मु े
● भारत का ह रत- ां ित का दे श
IV
खादर
● भारत का सवािधक िसंिचत दे श
● पंजाब, ह रयाणा तथा पि मी यूपी म
मैदान म िव ार
मशः िस ु के मैदान एवं ऊपरी गंगा के
KL
● औसत ऊँचाई 35 से 100 मीटर
● ेक वष बाढ़
● ेक वष नवीन जलोढ़कों का िन ेप
● उपजाऊ े
M
E
● बां गर और खादर को अलग करने वाली उ भूिम
● पि मी और पूव यूपी मशः बां गर व खादर के े , िज 100 मीटर की कंटू र
लाइन अलग करती है ।
IV
चो व चोस
● िशवािलक के दि णी ढ़ालों पर उतरती ई बरसाती निदयों को ‘चो’ कहते ह।
● ऐसी निदयों ारा िशवािलक की ढ़ाल पर ऊबड़-खाबड़ भूिम बन जाती है , िजसे
‘चोस भूिम’ कहते ह।
KL
भूड़
● बां गर मृदा के े म अप य की ि या ारा महीन िम ी के कण िव थािपत हो जाते
ह।
● फलतः मोटे कणों वाली बालू के ढ़े र कहीं-कहीं िदखाई दे ते ह, िज भूड़ कहते ह।
M
धांड
िसंधु के डे ाई दे श म पाई जाने वाली झील ह, जो निदयों के जल के एकि त होने से
िवकिसत ई ह।
रे ह या क र
● ह रत ां ित के े ों म िवकिसत लवणीय मृदा के े
● उ ि जल-जमाव एवं वा ीकरण के कारण मृदा म लवणों की मा ा म वृ होने
से
● बां गर मृदा के े म नमक यु सफेद परत वाले े
E
म वत मैदान का मह
IV
● िव का सबसे अिधक उपजाऊ और घनी जनसं
● दे श की लगभग 47 ितशत जनसं
● िहमालय पवत का उपहार
● जलोढ़ िम ी
ा िनवास
ा वाला मैदान
KL
● भारत का मुख कृिष े
● समतल भूिम ⇒ रे लमाग , जलमाग व निदयों का जाल ⇒ ापा रक और
औ ोिगक मह
● खिनज तेल एवं ाकृितक गैस की ापक संभावना
M
ाय ीपीय पठार
M
KL
IV
E
प रचय
● तीन ओर जल से िघरा भूभाग ाय ीप कहलाता है ।
● ाय ीपीय भारत का पठार गोंडवानालड का िह ा है ।
उ ि
● भारत का ाय ीपीय पठार ब त पहले यह भाग अ ीका से सटा आ था।
● इसके उ र-पूव िदशा की ओर वाह से टे िथस सागर म िन ेिपत मलबों म वलन से
िहमालय की उ ि ई।
● यह वाह अभी भी जारी है और इसी कारण िहमालय का उ ान भी जारी है ।
E
● पठार के इसी जारी वाह के कारण िहमालय म भूकंप की घटनाएं घिटत होती ह।
● हालां िक ाय ीपीय पठार िववतिनकी ि से पूरी तरह से थर है । यही कारण है
िक दि ण भारत म सामा तः ब त कम भूकंप आते ह।
IV
● पठार के दोनों तरफ यानी पि मी घाट और पूव घाट के िकनारों पर समतल मैदान
पाए जाते ह िजनका िनमाण अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी म िगरने वाली निदयों
ारा जलोढ़कों के िन ेप से आ है ।
ाय ीपीय पठार की संरचनाएँ
KL
M
● Aravalli Mountains
● Vindhya Mountains
● Satpura mountain
● Western Ghat Mountains
● Eastern Ghat Mountains
● Nilgiri Hills
● Annamalai Hill
● Cardamom hill
E
● Malwa Plateau
● Chota Nagpur Plateau
● Deccan Plateau
IV
● plateau of chhattisgarh
● shillong plateau
● Dandakaranya Plateau
KL
● Bastar plateau
M
E
IV
KL
M
अरावली
● ाय ीपीय पठार के उ र-पि मी िसरे पर िव ार
● िव का सबसे ाचीनतम विलत पवत
● गुजरात के पालमपुर से िद ी म मजनू के टीला तक िव ृत
E
IV
KL
● ल ाई लगभग 800 िकमी. & अिधकतम ल ाई राज थान म
● राज थान म अरावली : जरघा की पहािड़यां & िद ी म : िद ी रज
● बनास नदी अरावली को पि म से पूव िदशा म पार करती है ।
● सव िशखर : गु िशखर (राज थान के माउं ट आबू म; िदलवाड़ा जैन मंिदर भी)
M
िव यन पवत ेणी
● मालवा पठार के दि ण म
● िव ार पूरी तरह से म दे श म
● पूव म भां डेर पहाड़ी और कैमूर पहाड़ी के नाम से जाना जाता है
E
IV
KL
● दि ण म नमदा ंश घाटी; नमदा ंश घाटी के दि ण म सतपुड़ा पहाड़ी
● सतपुड़ा पहाड़ी के दि ण म तापी ंश घाटी
सतपुड़ा पवत ेणी
M
E
IV
KL
● तापी नदी के मुहाने से दि ण म केप कैमो रन (क ाकुमारी) तक
● िहमालय के बाद भारत म दू सरा सबसे ल ा पवत & भारत म थत भारत का
सबसे ल ा पवत ⇒ लंबाई : 1600 िकलोमीटर
M
E
जाता है ।
IV
KL
M
E
IV
KL
M
● अरावली और िव न पवतों के बीच थत
● िनमाण ालामुखी लावा से आ ⇒ बेसा च ानों का े
● यही कारण है मालवा पठार पर काली िम ी पाई जाती है ।
● ढ़ाल उ र की तरफ ⇒ मालवा पठार से िनकलने वाली च ल, बेतवा और
कालीिसंध निदयाँ उ र की ओर वािहत होती ह।
● च ल और उसकी सहायक निदयों ने मालवा पठार को अपरिदत कर िदया है । यह
अपरदन अवनािलका या ख कार का है ।
E
● इसी अपरिदत भूिम का उ ात भूिम या बीहड़ (उबड़-खाबड़) कहते ह।
द न पठार
IV
KL
M
E
IV
● सतपुड़ा पवत, पि मी घाट पवत और पूव घाट पवत के म
● मु प से द न टै प की च ानों से िनिमत
KL
● द न के पठार के अंतगत स िलत संरचनाएं : ह र ं पहाड़ी, बालाघाट पहाड़ी
अजंता पहाड़ी, गिवलगढ़ पहाड़ी
● चारों पहािड़याँ महारा म थत
● द न पठार के अंतगत ही दं डकार का पठार
M
● छ ीसगढ़ और ओिडशा म
● दं डकार पठार के अंतगत ही ब र का पठार
● भारत म िटन का एकमा भंडार ब र पठार के अंतगत
E
IV
छोटा नागपुर का पठार
KL
M
E
IV
● झारखंड और पि म बंगाल म
● दो मुख निदयाँ दामोदर और ण रे खा िनकलती ह
KL
● दामोदर नदी छोटा नागपुर पठार को दो भागों म बां टती है ⇒ उ र म
हजारीबाग पठार और दि ण म रां ची पठार।
● रां ची पठार भारत म सम ाय मैदान का उदाहरण है यानी पठार का एक ऐसा मैदान
िजसम च ान या िशखर नहीं पाए जाते ह।
M
E
IV
KL
M
● तटवत मैदान भारत के तटीय े ों म संकरी पेटी म थत जलोढ़ िनिमत संरचना है ,
िजसकी उ ि ी ोसीन से होलोसीन काल तक निदयों ारा लाए गए जलोढ़कों
के िन ेप से ई है ।
● साथ ही समु ी तरं गों ारा अपरदन की ि या एवं िन ेपण का भी इनके िवकास म
योगदान है ।
E
IV
KL
पि मी तटीय मैदान
M
E
IV
● गुजरात से लेकर क ाकुमारी तक
KL
● औसत चौड़ाई 30 से 40 िकलोमीटर
● सबसे अिधक चौड़ाई नमदा तथा तापी नदी के मुहाने पर
● नमदा व ता ी के मुहाने के पास तथा गुजरात के कािठयावाड़ मैदान म 80 से 100
िकलोमीटर तक चौड़ा
● इसका कारण नमदा व ता ी ारा अपे ाकृत अिधक मलवों का िन ेप करना तथा
M
केरल तट भी कहते ह।
● मालाबार तट पर अनेक लैगून झीले पाई जाती ह।
● उदाहरण के िलए केरल म बे ानाड झील, अ मुदी झील आिद।
● केरल म लैगून झीलों को थानीय प से कयाल कहते ह। को का बंदरगाह ऐसे
ही अनूप पर थत है ।
E
IV
● पि मी घाट का पि मी भाग कगारनुमा अथात् ती ढ़ाल वाला
● इसिलए पि मी तट पर बहने वाली निदयाँ अपने ती वेग के कारण अरब सागर म
KL
िगरते समय डे ा का िनमाण नहीं ब ए ुयरी का िनमाण करती ह।
● गुजरात म नमदा और तापी नदी, गोवा म मां डवी, जुआरी, कनाटक शरावती नदी,
केरल म भरतपूझा व पे रयार डे ा का िनमाण न करके ारनदमुख का िनमाण
करती है ।
M
E
●
IV
पूव तटीय मैदान
गली नदी के मुहाने से लेकर क ाकुमारी तक िव ार
KL
● औसत चौड़ाई 80 से 100 िकलोमीटर; सवािधक चौड़ाई तिमलनाडु म
● ओिडशा : उ ल तट
● आं दे श : उ री सरकार
● तिमलनाडु : कोरोमंडल तट
M
E
IV
● पूव तटीय मैदान पर भी कुछ लैगून झीले ह- ओिडशा म िच ा झील और
KL
आं दे श म पुलीकट झील।
● पुलीकट झील तिमलनाडु और आं दे श की सीमा पर थत है ।
● इसी झील के -बीच आं दे श म ीह रकोटा ीप थत है ।
● जहाँ पि मी तटीय मैदान की निदयाँ ए ुअरी का िनमाण करती ह, वहीं पूव तटीय
M
E
● पूव घाट की ओर ढ़ाल अपे ाकृत मंद है , िजस कारण निदयाँ ापक पैमाने पर
मलवों का िन ेप करती ह। फल प पूव तटीय मैदान अपे ाकृत अिधक चौड़ा
है ।
IV
● इसके अलावा पूव घाट तट से थोड़ी दू री पर एक अपरिदत पवत है अथात् पूव घाट
का ती अपरदन आ है , जो इसकी चौड़ाई म वृ का मुख कारण है ।
● इस कार पूव तटीय मैदान की चौड़ाई कई कारकों से िनधा रत होती है ।
KL
importance of the coastal plain
M
E
ने अपनी अपनी कोिठयाँ थािपत की।
● मदु रै, थंजावुर, कां चीपुरम, रामे रम, धनुषकोडी इ ािद ाचीन भारतीय सं ृ ित के
िच भवनों के प म िमलते ह।
●
IV ा की ि से एवं पयटन की ि से भी तट अ ंत िस
पि मी तथा पूव घाट म अंतर
ह।
KL
M
E
IV
पि मी घाट
● पि मी तट के समानां तर
KL
● तापी नदी से क ाकुमारी तक
● औसत ऊँचाई 900 से 1100 मीटर
● औसत चौड़ाई 50 से 80 िकमी.
● कगारनुमा, केवल दर के मा म से ही पार
● ाय ीपीय पठार म बहने वाली बड़ी निदयों का ोत
M
● अरब सागर से आने वाली दि णी-पि मी मानसून पवनों के लगभग लंबवत्, िजससे
पि मी तटीय मैदान म भारी वषा
पूव घाट
● पूव तट के समानां तर
● ओिडशा से नीलिग र की पहािड़यों तक
● औसत ऊँचाई 600 मीटर
● औसत चौड़ाई 100 से 200 मीटर
● बड़ी निदयों ारा कई भागों म िवभ
● िकसी नदी का उ म नहीं
● बंगाल की खाड़ी से आने वाली दि ण-पि मी मानसून के लगभग समानां तर,
इसिलए अिधक वषा नहीं
पि मी तथा पूव तटीय मैदान म अंतर
E
IV
KL
M
पि मी तटीय मैदान
● पि मी घाट तथा अरब सागर के तट के म थत
● एक संकरा मैदान, िजसकी औसत चौड़ाई 64 िकमी.
● कई छोटी एवं ती गामी निदयां , जो डे ा बनाने म असमथ
● दि ण भाग म अनेक लैगून झील
● अिधक कटा-फटा, अतः अिधक बंदरगाह
पूव तटीय मैदान
● पूव घाट तथा बंगाल की खाड़ी के म थत
E
● अपे ाकृत चौड़ा मैदान, औसत चौड़ाई 80 से 100 िकमी.
● महानदी, गोदावरी, कृ ा, कावेरी जैसी बड़ी निदयों के डे ा
● कम लैगून
IV
● कम कटा-फटा, अतः कम बंदरगाह
भारतीय ीप
● भारत म मु
● कुल 247 ीप
थल के अित र िहं द महासागर म ब त से ीप
KL
● 204 ीप बंगाल की खाड़ी म
● 43 ीप अरब सागर म
● बंगाल की खाड़ी के ीप अराकान योमा का ही जल के ऊपर उठा आ भाग
● जबिक अरब सागर के ीप ाचीन भूखंड के अविश और वाल िभि यों ारा
M
िनिमत
Andaman & Nicobar Islands
अंडमान एवं िनकोबार ीप समूह अराकान योमा का ही बंगाल की खाड़ी म िव ार है ।
अराकान योमा के जब हम दि ण की ओर बढ़ते ह तो ीपों का िन िल खत म ा
होता है -
● कोको ीप
● उ री अंडमान
● म अंडमान
● दि णी अंडमान
● िलिटल अंडमान
● 10 Degree Channel
● कार िनकोबार
● ेट िनकोबार
E
IV
KL
M
E
IV
KL
● अंडमान-िनकोबार की सबसे ऊँची चोटी सैडल पीक (उ री अंडमान)
● अंडमान-िनकोबार का सबसे बड़ा ीप म अंडमान
● 10 िड ी चैनल : िलिटल अंडमान और कार िनकोबार के बीच
● भारत का दि णतम िबंदु : इं िदरा ाइं ट (िप ेिलयन ाइं ट) - ेट िनकोबार पर
M
थत
● 10° उ री अ ां श के उ र म थत ीप : अंडमान ीप समूह
● 10° उ री अ ां श के दि ण म थत ीप : िनकोबार ीप समूह
● अंडमान के ीप समूहों म महा अंडमानी, ओंगे, जरवा और सटीनली नाम की चार
िन ेटो जाितयां ह
● िनकोबार ीपसमूह म िनकोबारी तथा शोमपेन नाम की दो मंगोलायड जाितयां ह।
ल
ीप
M
KL
IV
E
● ल ीप भारत का सबसे छोटा क शािसत दे श
● एक वाल ीप
वाल ीप
E
IV
KL
● ल ीप का सबसे बड़ा ीप ⇒ एं डोत
● 9 िड ी चैनल ⇒ ल ीप और िमिनकॉय के बीच
भारत की मु भूिम के िनकटवत ीप
● गंगा सागर और ू मूर ीप : ी नदी
M
अिलयाबेट ीप
● गुजरात म ख ात की खाड़ी म नमदा नदी के मुहाने
● पेटोिलयम के भंडार की खोज ⇒ दोहन शु नहीं
● एिलफटा ीप ⇒ मुंबई के पास थत
भारत का अपवाह तं
अपवाह तं
● िनि त वािहकाओं के मा म से हो रहे जल वाह को अपवाह कहते ह।
● इन वािहकाओं के जाल को अपवाह तं कहा जाता है ।
E
IV
KL
M
नदी का उ म ोत
● जहाँ से नदी िनकलती है ।
संगम
● वह थान जहाँ दो या दो से अिधक निदयाँ िमलती है ।
िवत रका नदी
● मु नदी से िनकलने वाली छोटी नदी जो िफर कभी इससे नहीं िमलती है ।
● इसके कारण मु नदी के पानी की मा ा म कमी आ जाती है ।
सहायक नदी
E
एक छोटी नदी या धारा जब िकसी बड़ी नदी से िमलकर इसके जल की मा ा को बढाती है
तो उसे सहायक नदी कहते है ।
नदी मुहाना
IV
वह थान जहाँ नदी का वाह ख़ होता है या यह समु से िमलती है ।
KL
M
नदी परे खा
● यह नदी ोत से मुहाने तक िविभ िबंदुओं पर नदी की गहराई का ितिनिध
करता है ।
● ाय ीपीय निदयाँ लगभग अपने अपरदन के िन र तक प ँ च चुकी ह।
िवसजन
● समय के साथ नदी म बहने वाले जल की मापी गयी मा ा।
● इसे ूसेक ( ूिबक फीट ित सेकंड) या ूमे ( ूिबक मीटर ित सेकंड) म
मापा जाता है ।
E
IV
KL
अपवाह प
● एक े म धाराओं की ािमतीय व था को अपवाह प कहा जाता है ।
● एक े म अपवाह पैटन को िनयंि त करने वाले कारक िन ह:
थलाकृित
M
E
िववतिनकी हलचल नदी के आकार, जलीय गितिविधयों , इनके बनने और िन ेपण को
भािवत करते ह।
भारत म अपवाह तं के ित प
IV
वृ ाकार/डिडिटक ित
● यह अपवाह तं
प
पेड़ की शाखाओं की तरह िदखता है , इस िलये इसे वृ ाकार /
डिडिटक अपवाह तं के प म जाना जाता है ।
● उदाहरण के िलए उ र भारत के मैदानी भाग की निदयां ।
KL
M
अरीय अपवाह ित प
● ये तब बनते ह जब निदयाँ एक पहाड़ी से िनकलकर सभी िदशाओं म वािहत होती
ह।
● उदाहरण के िलए अमरकंटक से िनकलने वाली निदयाँ ।
E
IV
KL
क ािभमुखी
● क ािभमुखी अपवाह प तब बनता है जब ब त सी निदयाँ अपने जल को सभी
िदशाओं से हण कर एक झील या एक तालाब म छोड़ दे ती ह।
● उदाहरण के िलए, मिणपुर म लोकटक झील।
M
जालीनुमा ित प
जाल प जल अपवाह तं तब बनता है जब मु निदयों की ाथिमक सहायक निदयाँ
एक दू सरे के समानां तर बहती ह और ि तीयक सहायक निदयाँ उ समकोण पर िमलती
ह।
E
IV
आयताकार ित प
● आयताकार अपवाह तं म, मु धारा और इसकी सहायक निदयाँ दोनों समकोण
KL
पर काटती ह।
● एक आयताकार अपवाह ित प अ िधक कठोर च ानों म िमलता है । उदाहरण
के िलए भारत के िवं पवत म िमलने वाली धाराएँ ।
M
वलयाकार ित प
● वृ ाकार पैटन भी कहा जाता है
● िनमाण तब जब मु अनुवत धाराओं को एक च के प म िवकिसत िकया
जाता है ।
● इस तरह के पैटन को एक प रप और िव े िदत गुंबद वाले पवत पर िवकिसत,
िजसम किठन और नरम च ानी तलों के वैक क तल की एक ृंखला होती है ।
E
IV
KL
M
IV
िमलते ह।
ितकूल अपवाह तं
अपवाह का एक ऐसा तं जो े की थलाकृित और भूिव ान के संगत नहीं होता है । ये
KL
दो कार के होते है -
1. पूवगामी असंगत अपवाह तं
2. अ ारोिपत अपवाह तं
पूवगामी असंगत अपवाह तं
● नदी के लगातार अपरदन से, नदी की सतह कम होने की बजाय इस थलाकृित के
M
E
परवत निदयां
अ अपरदना क ितरोध िवकिसत होने वाली सहायक नदी जो े ीय संरचना के साथ
समायोिजत होती है ।
IV
ानुवत निदयां
वह नदी जो शैल-समूह की नित की िवपरीत िदशा म और मूल अनुवत नदी के बहाव की
भी िवपरीत िदशा म बहती है ।
नवानुवत निदयां
KL
वह नदी जो िकसी मूल अनुवत नदी की िदशा म बहती है , पर ु उसका िवकास बाद म
होता है और वह ायः िकसी परवत स रता (subsequent river) की सहायक बन जाती है
।
भारत की निदयाँ
M
● िहमालय की निदयाँ
● ाय ीपीय भारत की निदयाँ
● भारत के अपवाह तं का िनयं ण मु तः भौगोिलक आकृितयों के ारा
● िव न पवत उ र और दि ण भारत की निदयों के बीच जल-िवभाजक
● ाय ीपीय निदयां चौड़ी, उथली तथा लगभग संतुिलत घािटयों वाली
● िहमालय की निदयों की तुलना म अिधक पुरानी
● ौढ़ अव था
● अनुवत वाह
M
KL
IV
E
● कुछ ंश े ों को छोड़कर निदयों की ढाल- वणता ब त मंद
● पि मी घाट जल-िवभाजक
● अिधकां श निदयाँ पि म से पूव िदशा म
● नमदा तथा तापी निदयाँ अपवाद, पूव से पि म म भंश घािटयों म
● निदयों का माग लगभग िनि त
● यू आकार की घाटी
● उ म से लेकर मुहाने तक कठोर च ानों पर वािहत
● सदानीरा न होकर अिधकतर मौसमी निदयां
E
दि ण भारत की बंगाल की खाड़ी म िगरने वाली निदयाँ
दामोदर, णरे खा, वैतरणी, ा णी, महानदी, गोदावरी, कृ ा, पे ार, कावेरी, वैगाई,
ता पण
IV
KL
M
M
KL
IV
E
दि ण भारत की अरब सागर म िगरने वाली निदयाँ
लूनी, साबरमती, माही, नमदा, तापी, मा वी, जुआरी, ावती, गंगावेली, पे रयार,
भरतपूझा
E
IV
KL
दामोदर नदी
● झारख के छोटा नागपुर े से
● छोटा नागपुर पठार के बीचोबीच ंश घाटी म पूव की ओर वािहत
M
E
IV
KL
M
M
KL
IV
E
● छोटा नागपुर पठार एक औ ोिगक े ⇒ औ ोिगक इकाईयों से िनकले
रसायिनक अपिश ों को ण रे खा नदी म िगराए जाने के कारण ण रे खा दू िषत
⇒ ण रे खा नदी म जलीय जीव-जंतु नहीं ⇒ ’जैिवक म थल’
E
IV
KL
वैतरणी
● ओिड़शा रा म
M
E
IV
KL
M
M
KL
IV
E
● छ ीसगढ़, म दे श, झारखंड, ओिडशा तथा महारा म वािहत
● महानदी पर हीराकुंड बाँ ध
● वाह दि ण से उ र की तरफ
● 'छ ीसगढ़ रा की गंगा'
● छ ीसगढ़ ⇒ महानदी घाटी ⇒ छ ीसगढ़ बेिसन ⇒ धान का कटोरा
गोदावरी
● महारा म पि मी घाट पहाड़ी पर थत नािसक के य क नामक थान से
● दि ण भारत की सबसे ल ी नदी
E
● 1465 िकलोमीटर
● ‘बूढ़ी गंगा’ भी कहते ह
IV
KL
M
M
KL
IV
E
● मंजीरा गोदावरी की एकमा ऐसी सहायक नदी है जो दि ण से बहकर आती है ।
● शेष सभी सहायक निदयाँ उ र से बहकर आती ह।
● वेनगंगा गोदावरी की सबसे ल ी सहायक नदी
● इ ावती नदी ओिडशा से िनकलती है और छ ीसगढ़ म ब र के पठार पर बहती
ई तेलंगाना म आकर गोदावरी नदी म िमल जाती है ।
कृ ा नदी
● दि ण भारत की दू सरी सबसे ल ी नदी
E
● महारा म पि मी घाट पर महाबले र चोटी से
● ल ाई : 1400 िकलोमीटर
IV
KL
M
M
KL
IV
E
● महारा , कनाटक, तेलंगाना, आं दे श म बहती ई बंगाल की खाड़ी म
● कृ ा नदी के िकनारे िवजयवाड़ा (आं दे श)
● िवजयवाड़ा के समीप अपना डे ा बनाती है ।
● सहायक निदयाँ ⇒ तुंगभ ा, घाट भा, दू धगंगा, पंचगंगा, भीमा, कोयना, मूसी
● भीमा (महारा ) पर उजैनी बां ध
● आं दे श तट पर कृ ा & गोदावरी निदयों का डे ा आपस म िमल गया है ।
E
● इ ीं डे ाओं के म आं दे श तट पर कोले झील
● नौका यो नहीं
● कावेरी नदी जल िववाद : महारा कनाटक और आं दे श के बीच
IV
● दो जल पात : िशवसमु म & ीरं गप नम
पे ार
● पे ार नदी कनाटक के कोलार से िनकलती है और आ
● कृ ा और कावेरी निदयों के म थत
दे श म मुहाना
KL
M
M
KL
IV
E
कावेरी
● कनाटक म पि मी घाट पर िगरी या पु िगरी चोटी से
● कनाटक और तिमलनाडु म वािहत
● दि ण भारत की गंगा या दि ण गंगा भी कहते है ।
E
IV
KL
M
M
KL
IV
E
● कावेरी नदी जल िववाद : तिमलनाडु , कनाटक, केरल, आ दे श, तेलंगाना
● कावेरी दि ण भारत की एकमा नदी है िजसम वषभर जल की पया मा ा
● सहायक नदी : हे मावती, िश ा, अकावती, कािबनी, भवानी, नो ल, अमरावती
● दि ण भारत की शेष निदयाँ ायः दि णी-पि मी मानसून से ही जल ा करती
ह।
● कावेरी नदी की घाटी धान उ ादन के िलए िस : इसिलए कावेरी नदी की घाटी
को 'दि ण भारत का धान का कटोरा' कहते ह।
● कावेरी नदी के िकनारे ित िचराप ी (तिमलनाडु ) : िह दु ओं का िस तीथ थान
E
● कावेरी नदी पर तिमलनाडु म होगेन ल जल पात
● कनाटक म भारचु ी और बालमुरी जल पात
दि ण भारत की अरब सागर म िगरने वाली निदयाँ
IV
● लूनी, साबरमती, माही, नमदा, तापी, मा
भरतपूझा
वी, जुआरी, ावती, गंगावेली, पे रयार,
KL
M
M
KL
IV
E
लूनी नदी
● अरावली के िनकट अजमेर िजले के नाग पहाड़ (snake mount) से, जहाँ इसे
सागरमती के नाम से जाना जाता है ।
● समु तट तक प ँ चने से पहले ही क के रण म िवलीन हो जाती है ।
● ाचीन नाम : लव ती
E
IV
KL
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KL
IV
E
● मौसमी नदी
● राज थान और गुजरात म वािहत
● लूनी नदी पर राज थान म िपिचयाक बां ध
● ल ाई : 495 िकमी.
● सहायक निदयां : जोजडी, मीठडी, लीलडी, बा ी, सुकड़ी, जवाई, खारी, सागी,
गुिहया
साबरमती
E
● राज थान के उदयपुर िजले म (झाड़़ौल की पहािड़या) अरावली पवतमाला म धेबार
झील से
● ख ात की खाड़ी म
IV
● राज थान और गुजरात म वािहत
● लंबाई : 371 Km.
KL
M
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IV
KL
● सहायक निदयां : वकाल, सेइ, हरनाव, हाथमती, वातरक, मधुमती
● गुजरात का अहमदाबाद एवं गां धीनगर इसी नदी के िकनारे थत
माही नदी
● म दे श के धार िजला के समीप िम ा ाम की िवं ाचल पवत ेणी से उ म
● म दे श, गुजरात, राज थान म वािहत
M
E
● ंश घाटी म वािहत होती ह
● नमदा ंश घाटी सतपुड़ा पहाड़ी के उ र म जबिक तापी ंश घाटी सतपुड़ा के
दि ण म
IV
KL
M
नमदा और तापी निदयाँ ाय ीपीय पठार के सामा ढ़ाल के िवपरीत अपनी ंश घािटयों
म पि म की ओर वािहत होती ह, ख ात की खाड़ी म अपना जल िगराती ह।
नमदा
● रे वा के नाम से भी जाना जाता है
● मैकाल पवत पर अमरकंटक चोटी म नमदा कुंड से
● अरब सागर म जल िगराने वाली ाय ीपीय भारत की सबसे ल ी नदी
● म दे श और गुजरात रा म
● लंबाई : 1,312 िकमी.
E
● भारतीय उपमहा ीप की पां चवीं सबसे लंबी नदी
● गोदावरी और कृ ा निदयों के बाद ाय ीपीय भारत की तीसरी सबसे ल ी नदी
● ‘म दे श की जीवन रे खा’ भी कहा जाता है ।
IV
● किपलधारा & धुआँधार जल पात
● सहायक निदयां : बरनार, बंजर, शेर, श
तापी
र, दू धी, तवा, गंजाल, छोटी तवा, कु ी,
दे व, गोई, िहरन, ित ोली, बरना, च केशर, कानर, मान, ऊटी, हथनी
KL
● म दे श म महादे व पहाड़ी से सटे ए बैतूल के पठार के मु ाई से
● सूरत के समीप ख ात की खाड़ी म अपना जल िगराती है ।
● अरब सागर म जल िगराने वाली ाय ीपीय भारत की दू सरी सबसे ल ी नदी
● म दे श, महारा , गुजरात म वािहत
M
● ल ाई : 724 िकमी.
● सहायक निदयां : िम ोला, िगरना, प ज़ारा, वाघूर, बोरी एवं आनेर
● सूरत ब रगाह इसी नदी के मुहाने पर
E
IV
KL
M
E
की सुनवाई करे गा।
● ािधकरण की संरचना के संबंध म व था की गई िक इस कार के ािधकरण म
एक अ तथा दो अ सद होंगे िजनकी िनयु सु ीम कोट के मु
IV
● अ
ायाधीश ारा की जाएगी।
एवं सद
िनधा रत िकया गया।
● अिधिनयम म
ों की यो ता का र सु ीम कोट के ायाधीश के सम
E
अंतररा ीय नदी िववाद ािधकरण को भेज सकती है ।
● ायािधकरण को 2 साल के िनि त समय म िववाद को सुलझाना होगा।
● ायािधकरण म 1 अ , 1 उपा और 6 सद होंगे िजनको भारत के मु
E
● वन सं रण
● िसंचाई का बंध
● म पालन
IV
KL
M
दामोदर प रयोजना
● दामोदर नदी ⇒ पि म बंगाल का शोक
● झारखंड और पि म बंगाल
● तं भारत की थम नदी घाटी प रयोजना
● बाढ़ की सम ा समाधान के िलए अमे रका की टे नेसी घाटी प रयोजना के आधार
पर 1948 म दामोदर घाटी िनगम की थापना की गई।
● बाढ़ की सम ा को रोकने के िलए कोनार, मेथान, ितलैया और पंचेतिहल आिद
बां धों का िनमाण
E
भाखड़ा नांगल प रयोजना
● सतलुज नदी ⇒ भाखड़ा नां गल बां ध
● लाभा त रा : पंजाब, ह रयाणा, िहमाचल दे श, राज थान
IV
● बां ध के िनमाण से बां ध के पीछे जो जल जमा ⇒ गोिव सागर झील या गोिवंद सागर
जलाशय कहते ह।
● इस प रयोजना म दो बां ध बनाए गए ह ⇒ भाखड़ा (िहमाचल दे श) तथा नां गल
(पंजाब)
KL
● िव का सबसे ऊंचा गु ीय बां ध
M
E
IV
KL
रह प रयोजना
● ओबरा प रयोजना भी कहते ह
● रह नदी (सोन नदी की सहायक नदी)
M
● उ र दे श तथा म दे श
● इस प रयोजना के साथ गोिवंद ब भ पंत सागर नामक झील का िनमाण भी
● गोिवंद ब भ पंत सागर झील ⇒ म दे श तथा उ र दे श की सीमा पर
● भारत की सबसे बड़ी कृि म
E
IV
KL
हीराकंु ड प रयोजना
● ओिडशा
● महानदी
● िव का सबसे ल ा बां ध ल ाई 4.8 िकमी
M
कोसी प रयोजना
● िबहार म कोसी नदी (िबहार का शोक) के ारा बाढ़ लाने के कारण इस नदी पर इस
बां ध का िनमाण
● िबहार म कोसी नदी से उ सम ा समाधान के िलए हनुमान नगर नामक थान
पर एक बां ध बनाया गया है , िजसे हनुमान नगर बैराज कहते ह।
सरदार सरोवर प रयोजना
● महारा , गुजरात, म दे श और राज थान की संयु प रयोजना
● नमदा नदी
● प रयोजना से सबसे अिधक लाभ गुजरात तथा सबसे अिधक नुकसान म दे श का
ोंिक बां ध के पीछे जल र ऊंचा उठने के कारण बाढ़ ⇒ जीव ज ु, वन ितयां
तथा जनधन की ित
● इस प रयोजना के िवरोध म ही नमदा बचाओ आं दोलन की शु आत
िटहरी बांध प रयोजना
● ओिडशा
● महानदी
● िव का सबसे ल ा बां ध ल ाई 4.8 िकमी
E
● भागीरथी तथा भीलां गना नदी के संगम पर
Par-Tapi Narmada Link Project
Gujarat & Maharashtra
IV
Kalisindh Multipurpose Irrigation Project
Rajasthan
Eastern Rajasthan Canal Project
KL
Rajasthan
Chambal River
केन-बेतवा िलंक प रयोजना
चचा म ों ?
हाल ही म नई िद ी म केन-बेतवा िलंक प रयोजना की संचालन सिमित बैठक आयोिजत
M
की गई।
मुख िबंदु
इस बैठक की अ ता जल श मं ालय के जल संसाधन, नदी िवकास और गंगा
संर ण िवभाग के सिचव ारा की गई। बैठक म म दे श और उ र दे श रा ों के
ितिनिधयों तथा नीित आयोग के अिधका रयों ने िह ा िलया।
केन-बेतवा िलंक प रयोजना
● रा ीय नदी जोड़ो प रयोजना के तहत केन-बेतवा िलंक दे श की पहली रा ीय
प रयोजना है । इस प रयोजना हे तु म दे श, उ र दे श व भारत सरकार के बीच
वष 2005 म ह ा र ए थे।
● केन-बेतवा िलंक प रयोजना को उ र दे श और म दे श म िव ृत बुंदेलखंड म
काया त िकया जाना है , जो एक सूखा- वण े है ।
● इस प रयोजना से लगभग 60 लाख हे े यर े की वािषक िसंचाई, 60 लाख लोगों
को पेयजल आपूित और 100 मेगावाट जल िवद् युत उ ादन होगा। साथ ही इससे
दे श म अ नदी-जोड़ो प रयोजनाओं का माग श होगा, िजससे दे श म जल
E
संसाधन का समुिचत िवतरण सुिनि त िकया जाएगा।
तनाव का िबंदु
प रयोजना से म दे श म प ा टाइगर रजव के कोर े का एक बड़ा िह ा जलम हो
IV
जाएगा िजससे बाघ और इसकी मुख िशकार जाितयों जैसे चीतल और सां भर लु
सकती है ।
केन नदी
● उ म: िवं ाचल पवत से
हो
KL
● म दे श और उ र दे श म वािहत
● लंबाई : 427 िकमी.
● बाँ दा (UP) म यमुना से संगम
बेतवा नदी
M
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IV
KL
M
सतलुज-यमुना िलंक (SYL) िववाद
चचा म ों ?
िपछले कुछ दशकों से ह रयाणा और पंजाब के म सतलुज-यमुना िलंक (SYL) को लेकर
िववाद चल रहा है । हाल ही म दोनों रा ों ने इस मु े का सुलझाने का पुनः एक िवफल
यास िकया।
सतलुज-यमुना िलंक (SYL) िववाद ा है ?
● SYL ह रयाणा और पंजाब के बीच रावी और ास निदयों के जल को साझा करने
के िलए प रक त 214 िकलोमीटर लंबी नहर है । इस नहर को बनाने की योजना
E
पंजाब से ह रयाणा के अलग होने के बाद वष 1966 म बनाई गई थी ।
● उस समय SYL नहर का 122 िकलोमीटर िह ा पंजाब म और 92 िकलोमीटर
िह ा ह रयाणा म िनिमत होना तय आ था। ह रयाणा ने वष 1980 म SYL नहर
IV के अपने िह
िववाद का
े का िनमाण काय पूरा कर िलया।
ा कारण है ?
● पंजाब रपे रयन िस ां त (Riparian Principles) और जल की अनुपल ता का
हवाला दे कर अपने िह े के िनमाण काय को िनरं तर लंिबत करता रहा।
KL
उ ेखनीय है िक रपे रयन िस ां त के अनुसार िकसी जल िनकाय से संल भूिम के
ामी को ही उस िनकाय के जल के उपयोग का अिधकार है ।
● इसके अलावा पंजाब का यह भी तक है िक भू-जल के अ िधक दोहन के कारण
वष 2029 के बाद पंजाब के कई े सूखे के भाव म आ सकते ह।
M
E
ा िकया जाना चािहए ?
● निदयों को रा ीय संपि घोिषत िकया जाना चािहए तथा संबंिधत रा ों के कमां ड
े के िवकास के िलए रा ीय योजनाएं आरं भ की जानी चािहए।
E
जनक ाण का पुट िनिहत हो।
● क के साथ ही रा सरकारों को इस ि कोण को अपनाने की आव कता है िक
नदी तथा जल जैसे िवषय श -िवभाजन के मामले न होकर ाकृितक धरोहर ह
IV
िजनका अिधकतम जनक
की सम
ाण के िलए सदु पयोग िकया जाना चािहए।
● इस कार के िवषयों पर िवलंब एवं संकीण राजनीितक न केवल िनकट भिव
ा को और अिधक िवकट बना दे गी ब
अंतराल बढ़ता जाएगा।
समाधान के
जल
र पर भी िनरं तर
KL
भारत की मुख झील
M
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IV
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IV
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िववतिनक झील
● धरातल के बड़े भाग के धसने या उठने से िनमाण
● वूलर झील (झेलम नदी पर)
● भारत की मीठे पानी की सबसे बड़ी झील
M
E
कोले झील (आ दे श)
● कोले झील कृ ा और गोदावरी निदयों के डे ा के बीच थत है । जबिक
पुिलकट आं दे श और तिमलनाडु की सीमा पर थत है ।
● बे
थािपत है ।
ीह रकोटा
E
● गोिवंदसागर झील सतलुज नदी पर िहमाचल दे श म थत है , िजसका िनमाण
पंजाब म िनिमत भाखड़ा-नां गल बाँ ध बनाने से आ है ।
● तेलंगाना म दो मानव-िनिमत झील ह : िनजाम सागर & नागाजुन सागर
IV
● नागाजुन सागर कृ ा नदी का पानी रोककर तथा िनजाम सागर झील मंजरा/मंजीरा
का पानी रोककर बनाई गई है ।
● उ र दे श म गोिवंदव भ पंत नामक मानव-िनिमत झील रे हं द नदी का पानी
रोककर बनाई गई है । रे हं द नदी सोन की सहायक नदी है ।
KL
● तिमलनाडु म कावेरी नदी का पानी रोककर मानव-िनिमत े नल झील का िनमाण
िकया गया है ।
● भारत की सबसे बड़ी तटीय झील : िच ा (ओिडशा)
● भारत की सबसे अिधक खारे पानी की झील : सां भर (राज थान)
M
● भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील : वूलर झील (ज ू-क ीर)
● भारत की सबसे बड़ी मानव िनिमत झील : गोिबंद ब भ पंत सागर (UP)
● भारत की सबसे ऊंचाई पर िनिमत झील : चो- ामु झील (िस म)
● पूव र भारत की सबसे बड़ी झील : लोकटक ⇒ केबुललाम जाओ (मिणपुर)
E
IV
KL
● राज थान की अिधकतर झीले लवणीय ह।
● हालाँ िक राज थान की झीले पवनों ारा िनिमत ह, लेिकन राज थान की झीले
लवणीय है , जो इस बात का माण है िक कभी इस े म टे िथस सागर का अ
था।
M
● राज थान की खारी झील टे िथस सागर का बचा आ अवशेष ह, इसिलए इनका
पानी खारा है ।
मानसून
मानसून ा है ?
● मानसून वायुदाब वणता की थित के कारण उ मौसमी पवन ह, िजनकी िदशा
म वष म दो बार प रवतन होता है ।
● मानसूनी पवन वायुदाब वणता म उ मण से उ होती ह।
● ी काल म लगभग 6 माह मानसून पवनों की िदशा दि ण-पि म से उ र-पूव की
ओर होती है , िजसे दि णी-पि मी मानसून कहते ह, जबिक शीतकाल म इनकी
िदशा उ र-पूव से दि ण-पि म की ओर होती है , िजसे उ री-पूव मानसून कहते
ह।
E
IV
● िव म मानसूनी पवन आदश प म भारतीय उपमहा ीप म
मानसून की खोज मूलतः अरब भूगोलवे ाओं एवं
वािहत होती ह।
ापा रयों ने की थी। मानसून की
KL
खोज करने का ेय अलमसूदी को जाता है ।
What is monsoon climate?
M
E
IV
Where is the monsoon climate found?
KL
M
E
IV
मानसून की ि या को समझने हे तु कुछ मह पूण त
KL
(a) थल तथा जल के गम एवं ठं डे होने की िवभेदी ि या के कारण भारत के थल भाग
पर िन दाब का े उ होता है , जबिक इसके आस-पास के समु ों के ऊपर उ दाब
का े बनता है ।
(b) ी ऋतु के िदनों म अंतः उ किटबंधीय अिभसरण े (ITCZ) की थित गंगा के
M
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IV
KL
M
िवषुवतीय पछु वा पवन की संक ना (ITCZ)
ारा ितपािदत
E
IV
KL
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जेट
IV ीम की संक ना
कोटे रम् ने भारतीय मानसून की उ ि की ा ा के संदभ
KL
पछु वा और पूव जेट ीम की वृि यों और मानसून के अ स ंधों को िकया
M
E
MISSION MONEX
IV
● उप ह आधा रत MONEX (Monsoon Experiment) अिभयान
● 1973 म भारत और पूव सोिवयत संघ ने मानसून की उ ि
समझने के िलए
● िजस वष पूव जेट ीम अिधक सि य होती है तो मानसून अ
एवं वृि यों को
ा होता है ; लेिकन
KL
पूव जेट की सि यता म प रवतनशीलता
M
Monsoon Burst
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IV
Monsoon arrival and distribution
KL
M
M
KL
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Returning of monsoon
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पि मी िव ोभ
M
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मानसून को भािवत करने वाले कारक
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IV
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एलनीनो
एलनीनो एक गम जलधारा है , िजसकी उ ि शां त महासागर म पे तट के पास
ी काल म 25 िदस र के आस-पास होती है । इसके भाव से पे तट पर पया वषा
होती है ।
E
IV
KL
M
जब कभी यह अिधक गम होती है तो यह शां त महासागर को गम करते ए िह
महासागर म वेश कर जाती है । इस समय सूय के उ रायण के कारण भारत म मानसून
की उ ि की दशाएँ िवकिसत होने लगती ह।
भाव
● अल-नीनो समु ी हवाओं के िदशा बदलने, कमजोर पड़ने तथा समु के सतही जल
के ताप म वृ म िवशेष भूिमका िनभाती है ।
● अल-नीनो का एक भाव यह होता है िक इससे वषा के मुख े बदल जाते ह।
● प रणाम प िव के ादा वषा वाले े ों म कम वषा और कम वषा वाले े ों
E
म ादा वषा होने लगती है ।
● पे के तट पर ठं डी पे िवयन धारा की वजह से आमतौर पर सतह का पानी ठं डा
होता है , लेिकन एल नीनो इसे गम कर दे ता है ।
IV
● जब पानी गम हो जाता है , तो पूव से पि म की ओर चलने वाली हवाएं , या तो अपनी
िदशा को उलट दे ती ह।
● इस गम पानी के कारण, हवा बढ़ जाती है और पूव
दाब नीचे आ जाता है ।
शां त के ऊपर सतह पर वायु
KL
● दू सरी ओर, पि मी शां त और एिशया म पानी ठं डा हो जाता है इससे िहं द
महासागर, इं डोनेिशया और ऑ े िलया म सतह के दबाव म वृ होती है ।
M
● चूंिक अब पे के तट पर दबाव गम समु के पानी की वजह से कम हो जाता है ,
इसिलए आ हवाओं का वाह पि मी शां त (उ री ऑ े िलया और दि ण-पूव
एिशया के आसपास के े ों) से पे िवयन तटों की ओर िनदिशत हो जाता है ।
E
IV
KL
● इसिलए, अब आ हवाय िज भारतीय तट की ओर बढ़ना चािहए था, पे के तट
की ओर बढ़ती ह।
● गम पानी की सतह के कारण उस े म ब त सारे बादल बनते ह, िजससे एल नीनो
के दौरान पे के रे िग ान म भारी बा रश होती है ।
● यही मानसून की बा रश के प म भारतीय उपमहा ीप बरसने वाला पानी होता है ।
M
E
● पर ु एलनीनो के भाव से यह मउ जाता है , िजससे दि णी-पि मी मानसून
कमजोर हो जाता है तथा भारत म वषा की कमी से सूखे एवं अ सूखे की संभावनाएँ
बढ़ जाती है , इसे ही ‘एलनीनो भाव’ कहते ह।
IV
लािनना भाव
जब एलनीनो जलधारा ठं डी हो जाती है तब इसे लािनना भाव कहते ह। जब एलनीनो का
भाव नहीं होता है तब लािनना का भाव उ होता है ।
KL
M
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● इसके कारण शां त महासागर एवं िह महासागर के जल का तापमान कम हो
जाता है , िजससे उ वायुदाब अिधक िवकिसत हो जाता है , जोिक मानसून के िलए
E
दोलन अिधक िवकिसत होता है तो एलनीनो अिधक गम हो जाती है । इस घटना को
‘एलनीनो दि णी दोलन’ कहते ह।
दि णी दोलन सूचकांक और भारतीय मानसून
IV
SO पूव शां त और पि मी शां त के बीच मौसम संबंधी प रवतनों का एक पैटन है । जब
भूम रे खीय पूव
था।
वॉकर च
शां त पर दबाव अिधक था, तो यह भूम रे खीय पि मी शां त पर कम
KL
● िन और उ दबाव का पैटन, भूम रे खा के साथ लंबवत प रसंचरण को ज
दे ता है , जो कम दबाव वाले े पर अपने बढ़ते अंग और उ दबाव े पर
अवरोही अंग होता है । इसे वॉकर च के नाम से जाना जाता है ।
● पि मी शां त पर कम दबाव भारत म अ ी मानसून वषा के िलए अ ा संकेत
M
माना जाता है । इसकी सामा थित से पूव की ओर थानां तरण, जैसे िक अल नीनो
वष म, भारत म मानसून की वषा को कम करता है
M
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IV
KL
● सामा तः ऐसा दे खा गया है िक जब शां त महासागर म उ वायुदाब होता है तो
िह महासागर म अपे ाकृत िन वायुदाब होता है ।
● इसके िवपरीत, जब शां त महासागर म िन वायुदाब होता है तो िह महासागर म
अपे ाकृत उ वायुदाब की थित होती है ।
M
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IV
KL
● पारं प रक अल नीनो पूव िवषुवतीय शां त े म मजबूत िवषम उ िवशेषता है ।
● जबिक, अल नीनो मोडु की म उ किटबंधीय शां त म मजबूत िवषम और पूव
और पि मी उ किटबंधीय शां त म ठं ड के साथ जुड़ा आ है ।
M
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IV
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● अल नीनो मोडु की म पे के तट तथा आ े िलया के पूव तट पर सामा थित है ,
लेिकन म सागरीय िह े म तापमान उ हो गया है ।
● िजसके कारण दो वाकर सेल का एक साथ िनमाण होता है । यह घटना अल नीनो
M
E
नकार िदया, िजसके प रणाम प 1983, 1994 और 1997 जैसे कई ENSO
वष म मानसून की बा रश म वृ ई।
● इसके अलावा, यह िदखा िक IOD के दो ुव - पूव ुव (इं डोनेिशया के आसपास)
● पैतृक शैल मृदा िनमाण के िलए आधारभूत खिनज और पोषक त दान करती है ।
पैतृक शैल मृदा िनमाण की आधारभूत इकाई है ।
● जलवायु िम ी की रासायिनक ि या और सू जैिवक ि या को िनयंि त करती है ।
● वन ित मृदा म ह्यूमस (वन ितयों और जीवों के अंश) की मा ा का िनधा रत
E
करती है । ह्यूमस को जैिवक त या काबिनक पदाथ भी कहते ह। पवतीय े ों म
वन ितयाँ अिधक होने के कारण मृदा म ह्यूमस की मा ा भी अिधक होती है ।
जैिवक त (ह्यूमस) मृदा की उपजाऊ मता को बढ़ाते ह।
IV
● भूिमगत जल मृदा को नमी दान करता है । सू जीव मृदा म वन
जीवों के अवशेषों को अपघिटत कर खिनजों और जैिवक पदाथ को अलग करते ह
और ह्यूमस का िनमाण करते ह।
ितयों और
KL
M
जलोढ़ िम ी
● निदयों ारा लाए गए जलोढ़कों के िन ेप से उ ि
● काॅ प िम ी या कछारी िम ी भी कहते ह।
● ह्यूमस, नाइटोजन और फाॅ ोरस की कमी, िक ु चूना एवं पोटाश पया मा ा म
● जलोढ़कों के महीन कण होने के कारण इस मृदा म नमी धारण करने की पया
मता
● जलोढ़ मृदा म वही िवशेषताएँ पाई जाती है जो स, उ री अमे रका, दि णी
अमे रका और अ ीका के ै पी दे शों की िवशेष उपजाऊ िम ी म
E
● भारत म सवािधक 43 ितशत े फल पर िव ृत
● भारत के म वत मैदान एवं तटवत मैदान म जलोढ़ मृदा का िव ार
● मु प से भारत म दो े ों म पाई जाती है : उ र भारत के मैदान और तटीय
IV े ों म
● उ र भारत के मैदान म जलोढ़ िम ी सतलज के मैदान से लेकर पूव म हा्रपु के
मैदान (असम) तक
● तटीय मैदान म महानदी, गोदावारी, कृ ा और कावेरी निदयों के डे ा े ों म और
KL
पि मी तटीय मैदान के अंतगत केरल और गुजरात म
लाल िम ी
● भारत का दू सरा सबसे बड़ा मृदा वग
● ह्यूमस, नाइटोजन और फाॅ ोरस की कमी पाई
M
E
IV
KL
M
काली िम ी
● ाय ीपीय पठारी भारत के द न लावा दे श म ालामुखी च ानों के अप य से
काली मृदा का िवकास
● अंतरा ीय र पर काली िम ी को चरनोजम कहा जाता है
● चूंिक काली िम ी का िनमाण द न टै प की लावा च ानों के अप य से आ है ,
इसिलए इसे लावा िम ी कहते ह।
● द न टै प के अित र काली िम ी मालवा पठार के े म भी पाई जाती है ।
● भौगोिलक िव ार उ री कनाटक, महारा , पि मी म दे श, दि णी-पूव
E
राज थान और गुजरात तक
● सवािधक िव ार महारा म
● गुजरात के कािठयावाड़ पठार, म दे श के मालवा पठार, आं दे श के तेलंगाना
E
● यही कारण है िक भारत म इन े ों म लैटेराइट िम ी का िवकास आ है ।
● भारत म लैटेराइट िम ी का सवािधक िव ार केरल तथा महारा म पाया जाता है ।
IV
KL
M
E
● लेिकन कई जगह म थलीय मृदा के नीचे जलोढ़ मृदा पाई जाती है , जहाँ बेहतर
जल एवं भूिम बंधन ारा कृिष काय िकया जा रहा है ।
● उदाहरण के िलए राज थान के गंगानगर िजले म
IV
KL
M
पवतीय िम ी
● िव ार से ज ू-क ीर, िहमाचल दे श, उ राखंड, िस म और अ णाचल
दे श तक
● मु तः वन दे शों की मृदा है । इसिलए इसे 'वनीय िम ी' भी कहते ह।
● िहमालय की पवतीय की िम ी म ह्यूमस की अिधकता
● िक ु ये जीवां श अिधकां शतः अनापघिटत होते ह फल प ह्यूिमक अ का
िनमाण होता है , िजस कारण यह मृदा अ ीय हो जाती है ।
● ढ़ालों पर थत होने के कारण यह िम ी बागानी फसलों की खेती हे तु उपयु
E
● िहमालय पवतीय दे श, ाय ीपीय पठार के पवतीय दे श म चाय, कहवा, सेब
जैसी फसलों की कृिष
● पवतीय ढ़ालों पर िवकिसत होने के कारण इस िम ी की परत अपे ाकृत पतली
IVहोती है ।
● पतली परत होने के कारण मृदा अपरदन की सम ा पाई जाती है ।
KL
M
पीट एवं दलदली िम ी
● पीट िम ी केरल और तिमलनाडु तट के अिधक वषा वाले े म पाई जाती है ।
● व ुतः केरल और तिमलनाडु के अिधक वषा वाले तटीय े ों म जल-जमाव से पीट
िम ी का िवकास आ है ।
● पीट िम ी का िनमाण मु प से गीली िम ी म वन ितयों के सड़ने से होता है ।
● पीट िम ी म ह्यूमस की मा ा अपे ाकृत अिधक होती है ।
● दलदली िम ी म पीट िम ी से अिधक गीली होती है ।
● दलदली िम ी पि म बंगाल म सुंदरवन तट और ओिडशा तट के अिधक वषा वाले
E
े ों म पाई जाती है । भारत म दलदली िम ी म सवािधक ह्यूमस की मा ा पाई
जाती है (लगभग 50 ितशत तक)।
● दलदली िम ी मु तः ऐसे तटीय े ों म पाई जाती है , जहाँ पर समु का ारीय
E
IV
KL
M
● भारत की सभी िमि यों म तीन त ों की कमी पाई जाती है - ह्यूमस, नाइटोजन,
फॉ ोरस
● यही कारण है िक भारत म, िवशेषकर उ र भारत म मृदा म इन त ों की कमी की
पूित के िलए िकसानों ारा खेत म यू रया का िछड़काव िकया जाता है । यू रया म
नाइटोजन, फॉ ोरस और पोटाश मशः 4: 2: 1 के अनुपात म होता है ।
‘मृदा सं र’
● यिद हम भूिम पर एक ग ा खोद और मृदा को दे ख तो वहाँ मृदा की तीन परत
िदखाई दे ती ह, िज सं र कहा जाता है ।
● 'क' सं र सबसे ऊपरी खंड होता है , जहाँ पौधों की वृ के िलए अिनवाय जैव
पदाथ का खिनज पदाथ, पोषक त ों तथा जल से संयोग होता है ।
● 'ख' सं र 'क' सं र तथा 'ग' सं र के बीच सं मण खंड होता है िजसे नीचे व
ऊपर दोनों से पदाथ ा होते ह। इसम कुछ जैव पदाथ होते ह तथािप खिनज
पदाथ का अप य नजर आता है ।
● 'ग' सं र की रचना ढीली जनक साम ी से होता है । यह परत मृदा िनमाण की
E
ि या म थम अव था होती है और अंततः ऊपर की दो परत इसी से बनती ह।
परतों की इस व था को मृदा प र े िदका कहा जाता है ।
IV
KL
M
● इन तीन सं रों के नीचे एक च ान होती है िजसे जनक च ान अथवा आधारी च ान
कहा जाता है । मृदा, िजसका एक जिटल तथा िभ अ है , सदै व मृदा वै ािनकों
को आकिषत करती रही है ।
● इसके मह को समझने के िलए आव क है िक मृदा का वै ािनक अ यन िकया
जाए।
● मृदा का वग करण इसी ल को ा करने का एक यास है ।
पेडोजेिनक या िम ी बनाने की ि या
● भूगभ य अप य अप ियत च ान साम ी यानी मूल साम ी का उ ादन करता है
E
और आनुवंिशक कारक िम ी के िवकास के िलए चरण िनधा रत करते ह।
● पेडोजेिनक ि याएं बेहद जिटल और गितशील ह िजनम कई रासायिनक और
जैिवक िति याएं िकसी े म एक साथ काम करती ह; शािमल ह।
IV
● एक ि या दू सरे का िवरोध कर सकती है , या एक ही प रणाम ा
दो अ
ह्यूिमिफ़केशन
ि याएं एक साथ काम कर सकती ह।
E
मृदा की ऊपरी सतह से उवर त घुलकर नीचे चले जाते ह तथा ऊपरी सतह अनुवर रह
जाती है । इस ि या को 'लीिचंग' भी कहते ह।
इ ूिवएशन
IV
िनचली परत म िम ी के पदाथ के िन ेपण की ि या को "इ
कै शिफकेशन
शु एवं अ शु िक ु अिधक िसंिचत
ूिवएशन" कहा जाता है ।
लवण मृदा की ऊपरी सतह म थानां त रत हो जाते ह। जैसे- CaCO3 or calcium ions
मृदा रण
मृदा रण वह ि या है िजससे ाकृितक कारकों ारा भूिम की ऊपर उपजाऊ परत अपने
थान से हट जाती है । पहले अप य िफर रण या अपरदन होता है ।
भारत की एक चौथाई भूिम रण से है । रण से भूिम की उपजाऊ परत अपिदत हो
जाती है या बढ़कर अ चले जाने से उसके साथ मृदा के पोषक त भी बढ़ जाते ह।
इससे भू प िबगड़ जाता है । इसे वै ािनकों ने रगती ई मृ ु कहकर पुकारा है ।
ाकृितक कारण
● निदयों ारा
● मूसलाधार वषा
● ार भाटा एवं ती समु ी लहर
● ती वायु वाह
मानवीय कारण
● वनों का कटाव
● खेतों की अवै ािनक जुताई
● भूिम उपयोग का अवै ािनक ढं ग
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● अित पशुचारण
● ती औ ोगीकरण एवं नगरीकरण
उपाय
IV
● मृदा की उवरा श
● फसल च
के हास को रोकना
को सही कार से अपनाना
● िम ी के जैिवक तथा रासायिनक त ों के संतुलन को बनाए रखना
● भूिम के ढलान को समा कर भूिम को समतल करना
KL
● अिधक ढालू भूिम पर सीढ़ीनुमा खेत बनाकर खेती करना
● अिधक पशुचारण पर िनयं ण
● वनों के काटने पर ितबंध & वृ ारोपण
मृदा ा काड
M
E
अनुसार समझा जाना चािहये।
● इसम सभी वैधािनक प से मा ता ा वन शािमल ह, चाहे उ आरि त,
संरि त या अवग कृत ेणी के प म रखा गया हो।
IV
संवैधािनक ावधान
● जंगल' या 'वन' (Forests) भारतीय संिवधान की सातवीं अनूसूची म विणत 'समवत
सूची’ म सूचीब ह। 42व संशोधन अिधिनयम, 1976 के मा म से वन और
व जीवों और पि यों के संर ण को रा सूची से समवत सूची म थानां त रत कर
KL
िदया गया।
● संिवधान के अनु े द 51 क (जी) म कहा गया है िक वनों और व जीवों सिहत
ाकृितक पयावरण की र ा एवं संव न करना ेक नाग रक का मौिलक कत
होगा।
M
IV
किटबंधीय सदाबहार वन
KL
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IV
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आ उ किटबंधीय वन
● े : पि मी घाट, अंडमान-िनकोबार ीप समूह और उ र-पूव े के साथ
दि णी भारत म
● जलवायु : 200 सेमी. से अिधक वािषक वषा और 22 िड ी से यस से अिधक
औसत वािषक तापमान वाले गम और आ े ों म
M
Note
● दि ण भारत म पवतीय वन मु प से नीलिगरी, अ ामलाई और पालनी
पहािड़यों पर पवतीय वन पाए जाते ह।
● इन तीनों पहािड़यों के कुछ-कुछ े ों म शीतो वन पाए जाते ह, िज दि ण
भारत म ‘शोला’ कहते ह।
● इसका मुख कारण यह है िक समय के साथ मूल वृ ों की जगह यूकेिल स जैसी
तेजी से बढ़ने वाली जाितयों ने थान ले िलया है ।
● रोडोडडोन, चंपा और िविभ कार के ाउं ड ोरा
पवतीय उपो किटबंधीय वन
● े : उ र-पि मी िहमालय (ल ाख और क ीर को छोड़कर), िहमाचल दे श,
उ राखंड, िस म और अ णाचल दे श म
● जलवायु : सत वषा 100-200 सेमी. और तापमान 15 िड ी से यस से 22 िड ी
से यस के म
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E
IV
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िहमालयी शु शीतो
M
और लाच
तटीय/दलदली वन
● े : ये वन अंडमान-िनकोबार ीप समूह, गंगा और पु के डे ाई े ों म पाए
जाते ह।
● अ मह पूण े ों म महानदी, गोदावरी और कृ ा डे ा ह।
● वृ : इनम से कुछ वन घने और अभे ह। इन सदाबहार वनों म सीिमत सं ाम
ही पौधे पाए जाते ह।
● उनकी जड़ मुलायम ऊतक से बनी होती ह तािक पौधे पानी म साॅ स ले सक।
● इसम मु प से खोखले पाइन, म ोव खजूर, ताड़ और बुलेटवुड शािमल ह।
भारत म म ोव वन
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IV
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● भारत म तटीय े ों म जहाँ निदयों ने अपना डे ा बनाया है
M
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भारत म म ोव वनों ( ारीय वन) के मुख प से 5 े
1. गुजरात तट
2. गंगा- पु डे ा
IV
3. महानदी डे
4. गोदावरी और कृ
ा
5. कावेरी नदी का डे
ा का डे
ा
ा
KL
M
भारत म वन थित रपोट, 2021
● क ीय वन, पयावरण एवं जलवायु प रवतन मं ालय के त ावधान म भारतीय वन
सव ण ारा कािशत
● ि वािषक रपोट
● पहली रपोट वष 1987 म कािशत
● वतमान म 17वां काशन जारी
रपोट की मुख बात
रपोट म वनों की तीन ेिणयों का सव ण िकया गया है -
E
1. अ िधक सघन वन (70% से अिधक घन ) / Highly dense forest (density
above 70%)
2. म म सघन वन (40-70%) / Medium dense forest (40-70%)
IV
3. खुले वन (10-40%) / Open Forest (10-40%)
● दे श का कुल वन
24.62 ितशत है ।
े 80.9 िमिलयन हे
E
महारा (4 वग िकमी) और कनाटक (3 वग िकमी)
● वष 2019 म वनों म मौजूद बाँ स की सं ा 13,882 िमिलयन से बढ़कर वष 2021
म 53,336 िमिलयन
IV
वन और जलवायु प रवतन
● 35.46% वन े जंगल की आग से है ।
● वष 2030 तक भारत म 45-64% वन जलवायु प रवतन और बढ़ते तापमान से
भािवत होंगे।
KL
● सभी रा ों (असम, मेघालय, ि पुरा और नागालड को छोड़कर) म वन अ िधक
संवेदनशील जलवायु वाले हॉट ॉट होंगे।
● ल ाख के सबसे अिधक भािवत होने की संभावना है ।
काबन ॉक
M
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फसल
चावल
● खरीफ की फसल
E
● िबहार जैसे कुछ रा ों म म ा रबी की ऋतु म भी उगाई जाती है ।
दाल
● भारत िव म दालों का सबसे बड़ा उ ादक तथा उपभो ा दे श है ।
IV
● शाकाहारी खाने म दाल सबसे अिधक ोटीन दायक होती ह।
● तुर (अरहर), उड़द, मूंग, मसूर, मटर और चना भारत की मु
● दालों को कम नमी की आव
उगाया जा सकता है ।
कता होती है और इ शु
दलहनी फसले ह।
प र थितयों म भी
KL
● फलीदार फसल होने के नाते अरहर को छोड़कर अ सभी दाल वायु से नाइटोजन
लेकर भूिम की उवरता को बनाए रखती ह।
● अतः इन फसलों को आमतौर पर अ फसलों के आवतन (rotating) म बोया जाता
है ।
M
E
● कपास उ ादन म भारत का िव म तृतीय थान
● द न पठार के शु तर भागों म काली िम ी कपास उ ादन के िलए उपयु
मानी जाती है ।
● महारा , गुजरात, म
तापमान, ह
कता होती है ।
ी वषा या िसंचाई, 210 पाला
खिनजीकरण की ि या का ितफल है ।
धा क खिनजों का संके ण के िलये उ रदायी कारक
● ाय ीपीय पठार गोंडवाना लड का भाग है जो आ ेय च ानों से िनिमत है । ये पृ ी
की ाचीनतम च ान ह िजसम रवेदार धा क खिनजों का िनमाण आ।
● इस े म धारवाड़ तं की संरचना म ाथिमक अवसादी च ानों का िवकास आ
जो ल े काल म म उ ताप एवं दाब के प रणाम प पा रत च ानों म
प रवितत हो गई। इन च ानों म सोना, लोहा, ोिमयम, तां बा आिद धा क खिनजों
का संके ण है ।
● काब िनफेरस काल म दरारी ालामुखी उदभेदन के प रणाम प सतह पर
लावा की एक मोटी परत जम गई जो धा क खिनज म संप थी।
भारत म खिनज की तीन मु पि याँ ह
1. दि ण-पि मी पठारी े ⇒ यह प ी कनाटक, गोवा, तिमलनाडु के सीिमत े
और केरल म िव ृत है । यह प ी लौह धातुओं तथा बॉ ाइट म समृ है ।
2. उ री पूव पठारी े ⇒ इस प ी के अ गत छोटानागपुर, ओिडशा का पठार, प.
बंगाल तथा छ ीसगढ़ के कुछ भाग आते ह। यहाँ लौह-अय , कोयला, मगनीज,
बॉ ाइट और अ क आिद पाए जाते ह।
E
3. उ र पि मी े ⇒ यह प ी राज थान म अरावली और गुजरात के कुछ भाग पर
िव ृत है । यहाँ के खिनज धारवाड़ म की शैलों से संब ह। यहाँ तां बा, िजंक
आिद मुख खिनज पाए जाते ह।
IV
KL
M
E
IV
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मै ेटाइट
भारत के कुल मै ेटाइट भंडार का 97 ितशत 4 रा ों म पाया जाता है -
M
● कनाटक 73 ितशत
● आं दे श 14 ितशत
● राज थान 5 ितशत
● तिमलनाडु 5 ितशत
लौह अय
● भारत चीन के बाद िव का दू सरा सबसे बड़ा आयातक
● भारत का सबसे बड़ा लौह-अय उ ादक रा ओिडशा 51 ितशत
● भारत का दू सरा सबसे बड़ा लौह-अय उ ादक रा छ ीसगढ 18 ितशत
E
IV
मगनीज
KL
● धारवाड़ म की अवसादी च ानों म पाया जाता है
● पाइरोलूसाइट, मगनाइट तथा रोडो ोसाइट जैसी च ानों म भी पाया जाता है
● सवािधक उ ादक रा मशः म दे श (33%) एवं महारा (25%)
● सवािधक भंडारक रा मशः ओिडशा (44%) एवं कनाटक (22%)
M
E
IV
KL
तांबा
● आ ेय, अवसादी एवं कायां त रत च ानों म ा
● सवािधक उ ादक रा मशः म दे श (53%) एवं राज थान (42%)
M
E
● काला सीसा अथवा गो भी कहते ह
● भारत म इसके मुख उ ादक रउा झारखंड, ओिडशा तथा आं दे श
● जबिक भंडारक रा मशः अ णाचल दे श
IV
KL
M
थो रयम
● इसकी ा मु तः मोनाजाइट बालुका िन ेपों से िजनका िनमाण ी-कै यन
काल की च ानों के न होकर चूण बनने से आ है ।
● यह मोनाजाइट िन ेप मु तः केरल के तटवत भागों म पाए जाते ह।
E
IV
यूरेिनयम
● धारवाड़ च ानों म
● झारखंड के िसंहभूम कॉपर बे (Singhbhum Copper Belt) के अलावा
KL
राज थान के उदयपुर, अलवर और झुंझुनू िज़ले, छ ीसगढ़ के दु ग िज़ले, महारा के
भंडारा िज़ले तथा िहमाचल दे श के कु ू िज़ले म भी यूरािनयम के भंडार
● हाल ही म आं दे श और तेलंगाना के शेषचलम वन (Seshachalam Forest)
और ीशैलम (आं के दि णी छोर से तेलंगाना के दि णी छोर) के म मह पूण
यूरेिनयम भंडार का पता चला है ।
M
E
IV
KL
● राज थान के सीकर िज़ले की खंडेला तहसील के रोिहल म े म यूरेिनयम के
भंडार िमले ह।
● वैि क र पर सवािधक यूरेिनयम का उ ादन कज़ाख ान, कनाडा और
ऑ े िलया म होता है ।
● स, नामीिबया, उ बेिक ान, यूएसए व यू े न म भी यूरेिनयम खिनज िमला है ।
M
कोयला
● भारत के लगभग 98% कोयला भंडार और कुल कोयला उ ादन का 99%
गोंडवाना े ों से ा होता है ।
● भारत के धातुकम ेड के साथ-साथ बेहतर गुणव ा वाला कोयला गोंडवाना े से
ा होता है ।
● दामोदर (झारखंड-पि म बंगाल), महानदी (छ ीसगढ़-ओिडशा), गोदावरी
(महारा ) और नमदा घािटयों म पाया जाता है ।
● टिशयरी कोयला े म काबन की मा ा ब त कम लेिकन नमी और स र की
मा ा भरपूर होती है ।
● टिशयरी कोयला े मु प से अित र ाय ीपीय े ों तक ही सीिमत है ।
● मह पूण े ों म असम, मेघालय, नगालड, अ णाचल दे श, ज ू-क ीर, पि म
बंगाल म दािजिलंग िहमालय की तलहटी, राज थान, उ र दे श और केरल शािमल
ह।
● ए ेसाइट (80-95% काबन साम ी) ज ू-क ीर म कम मा ा म पाया जाता है ।
● िबटु िमनस (60-80% काबन साम ी) झारखंड, पि म बंगाल, ओिडशा, छ ीसगढ़
E
तथा म दे श म पाया जाता है ।
● िल ाइट (40-55% काबन साम ी, उ नमी साम ी) राज थान, लखीमपुर (असम)
एवं तिमलनाडु म पाया जाता है ।
IV
● पीट [इसम 40% से कम काबन साम ी और काबिनक पदाथ (लकड़ी) से कोयले म
प रवतन के पहले चरण म ा होता है ]।
KL
M
पेटोिलयम
● पेटोिलयम मु तः टिशयरी काल की अवसादी च ानों म पाया जाता है ।
● ये च ान भारत के लगभग 40% भागों म
● इसके अलावा िवशाल समु तट का होना भी पेटोिलयम संसाधनों की ि से
मह पूण
● असम तथा अ पूव र रा ों के पु घाटी का दे श पेटोिलयम संसाधनों की
ि से मह पूण
● 1950 तक असम का िडगबोई े पेटोिलयम का एकमा मुख उ ादक े
E
● इसके अलावा असम के नाहरकिटया तथा मोरन े भी पेटोिलयम के मह पूण
उ ादक ह।
● पि मी तट पर गुजरात म अंकले र, कालोल, मेहसाणा नवागां व तथा कोसंबा
IV
● मुंबई से 107 िकलोमीटर दू र अव थत मुंबई हाई का अपतटीय
बाद पेटोिलयम पदाथ के मुख उ ादक थल के
● पूव तट पर कृ
की ि से मह पूण
प म उभरा है ।
े भी 1976 के
E
6. िवशाखाप नम-गुंटूर औ ोिगक े
7. बगलु -तिमलनाडु औ ोिगक े
8. को म-ि वनंतपुरम औ ोिगक े
IV
KL
M
13 लघु औ ोिगक े
1. ह रयाणा-पंजाब म अंबाला-अमृतसर
2. उ र दे श म सहारनपुर-मुज रनगर-िबजनौर
3. म दे श म इं दौर-दे वास-उ ैन
4. राज थान म जयपुर-अजमेर
5. महारा -कनाटक म को ापुर-दि ण क ड़
6. केरल म उ री मालाबार
7. केरल म म मालाबार
8. आं दे श म आिदलाबाद-िनजामाबाद
9. उ र दे श म इलाहाबाद-वाराणसी-िमजापुर
10. िबहार म भोजपुर-मुंगेर
11. छ ीसगढ़ म दु ग-रायपुर
E
12. छ ीसगढ़ म िबलासपुर-कोरबा
13. असम म पु घाटी
औ ोिगक िजले
IV
कानपुर, है दराबाद, आगरा, नागपुर, ािलयर, भोपाल, लखनऊ, जलपाईगुड़ी, कटक,
गोरखपुर, अलीगढ़, कोटा, पूिमया, जबलपुर, बरे ली
भारत के नदी िकनारे बसे मुख शहर
ह र ार
KL
उ राखंड म गंगा नदी के िकनारे
M
यागराज
तीन निदयों गंगा, यमुना और सर ती के संगम पर बसा आ है ।
यहां ेक छह वष पर कुंभ और 12 वष पर महाकुंभ का आयोजन होता है ।
E
IV
बनारस
गंगा तट पर
बनारस को माया और मु का शहर कहा जाता है ।
KL
M
आगरा
यमुना नदी िकनारे
E
IV
कोलकाता
गली नदी के िकनारे
KL
M
लखनऊ
गोमती नदी के िकनारे
E
IV
KL
कोटा
राज थान का कोटा शहर चंबल नदी के िकनारे थत है ।
M
E
IV
KL
अहमदाबाद
साबरमती नदी के िकनारे ,
महा ा गां धी ने इसी नदी के तट पर साबरमती आ म की थापना की थी।
M
E
IV
KL
गुवाहाटी
असम का मुख शहर गुवाहाटी पु नदी के िकनारे थत है । गुवाहाटी को "नॉथ ई
इं िडया की सेवन िस स" का वेश ार भी कहते ह।
M
M
KL
IV
E
राज थान
भारत का सबसे बड़ा रा ( े फल)
E
IV
गोवा
भारत का सबसे छोटा रा ( े फल)
KL
M
उ र दे श
भारत का सबसे बड़ा रा (जनसं ा)
E
IV
KL
िस म
भारत का सबसे छोटा रा (जनसं ा)
M
अंडमान िनकोबार ीप समूह
भारत का सबसे बड़ा क शािसत दे श ( े फल)
E
ल
IV
ीप
KL
भारत का सबसे छोटा क शािसत दे श ( े फल)
M
िद ी
भारत का सबसे बड़ा क शािसत दे श (जनसं ा)
E
ल
IVीप
KL
भारत का सबसे छोटा क शािसत दे श (जनसं ा)
M
बगलु
भारत का सबसे बडा शहर
E
IV
नई िद ी
KL
भारत की सबसे बड़ी राजधानी
M
कवर ी (ल ीप)
भारत की सबसे छोटी राजधानी
E
िच IVा झील (ओिडशा)
भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील
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वुलर झील (क ीर)
भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील
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िच
IVा झील (ओिडशा)
भारत की सबसे बड़ी लगून झील
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िच ा झील (ओिडशा)
भारत की सबसे बड़ी तटीय झील
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भारत की सबसे बड़ी कृि म झील गोिवंद सागर झील
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िटहरी बांध
(भागीरथी नदी, उ राखंड)
भारत का सबसे बड़ा बां ध
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IV
िटहरी बांध
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(भागीरथी नदी, उ राखंड)
भारत का सबसे ऊंचा बां ध
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भाखड़ा
सबसे ऊँचा गु ीय बाँ ध
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IVदे श
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भारत का सबसे अिधक वनों वाला रा
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मािसनराम
सबसे अिधक वषा वाला थान
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IV
गंगा नदी
भारत की सबसे लंबी नदी
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गोदावरी
दि णी भारत की सवािधक लंबी नदी
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IV
यमुना नदी
भारत की सबसे बड़ी सहायक नदी
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जनसं ा के आधार पर भारत के तीन सबसे बड़े शहर
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IV
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1. मुंबई
2. िद ी
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3. बगलु
े फल के आधार पर भारत के तीन सबसे बड़े शहर
1. िद ी
2. बगलु
3. पुणे
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