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PT5 Hindi upsc test series no 5 question paper with solutions
PT5 Hindi upsc test series no 5 question paper with solutions
Test
VsLV- 5
(oqQy VsLV¾ 38)
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VkjxsV- 2024
10. ननम्ननलखखत व्यखित् ां पर निचार कीनिये: उपययभि कर्न ां में से कौन-सा/से कर्न सही
1. दादार्ाई नौर िी है /हैं ?
2. निनलयम नडग्बी (a) केिल 1
3. न ां डले नशराि (b) केिल 2
4. िी.के.आर.िी राि (c) 1 और 2 द न ां
5. आर.सी. दे साई (d) न त 1 और न ही 2
उपर ि में से नकतने ल ग ां ने र्ारत के
औपननिेनशक ययग के दौरान राष्ट्रीय आय का 13. र्ारतीय अर्भव्यिस्था के सांदर्भ में ननम्ननलखखत पर
अनयमान लगाने का प्रयास नकया? निचार कीनिये:
(a) केिल एक 1. प्रत्यक्ष निदे शी ननिेश
(b) केिल द 2. प टभ नलय ननिेश
(c) केिल चार 3. निदे शी िानणखज्यक ऋण
(d) सर्ी पाां च 4. अांतर सरकारी ऋण
5. िस्तयओां का आयात
11. औपननिेनशक काल के दौरान र्ारत के सांदर्भ में उपर ि में से नकतने र्यगतान सांतयलन के पूांिीगत
ननम्ननलखखत कर्न ां पर निचार कीनिये: लेखा में शानमल हैं ?
1. रािस्व सांग्रह की िमीांदारी प्रणाली मयख्य रूप (a) केिल द
से बॉम्बे और पयणे के क्षेत् ां में शयरू की गई र्ी। (b) केिल तीन
2. यनद िमीांदार अांग्रेि ां क लगान दे ने में नि ल (c) केिल चार
रहते र्े, त िे अपने र्ूनम अनधकार ख दे ते (d) सर्ी पाां च
र्े।
3. कृनष में प्रौद्य नगकी के उच्च स्तर के उपय ग 14. ननम्ननलखखत में से कौन सा "प्रगनतशील कर
ने कृनष उत्पादकता के उच्च स्तर में य गदान प्रणाली" का सबसे अच्छा िणभन करता है ?
नदया। (a) आय की परिाह नकए नबना हर क ई एक ही
उपययभि कर्न ां में से नकतने कर्न सही है /हैं ? दर से कर का र्यगतान करता है ।
(a) केिल एक (b) उच्च आय िाले ल ग अपनी आय का अनधक
(b) केिल द प्रनतशत कर ां में र्यगतान करते हैं ।
(c) सर्ी तीन
(c) कम आय िाले ल ग अपनी आय का अनधक
(d) क ई र्ी नहीां
प्रनतशत कर ां में र्यगतान करते हैं ।
(d) मयद्रास्फीनत के सार् कर दरें बढ़ती हैं ।
12. ननम्ननलखखत कर्न ां पर निचार कीनिये:
1. मूल्यह्रास, दय घभटनाओां और प्राकृनतक
आपदाओां के कारण मशीनरी के अचानक
नष्ट् ह ने की खस्थनत है ।
2. ननिल घरे लू उत्पाद आनर्भक उत्पादन का एक
माप है निसे मूल्यह्रास के नलए समाय नित
नकया िाता है ।
4
15. ननम्ननलखखत में से नकसे मध्यिती िस्तयओां के रूप 18. रािक षीय उत्तरदानयत् और बिट प्रबांधन
में िगीकृत नहीां नकया िा सकता है ? (ए .आर.बी.एम.ए.) अनधननयम के प्रार्नमक
(a) बेकरी की दय कान से खरीदा गया गेहां का कायों के सांदर्भ में, ननम्ननलखखत पर निचार कीनिये:
आटा। 1. सरकारी ऋण का प्रबांधन करना और
(b) एक ननमाभ ण कांपनी द्वारा खरीदी गई राख की रािक षीय अनयशासन क बढ़ािा दे ना।
ईांटें। 2. निदे शी ननिेश के नलए कर प्र त्साहन प्रदान
(c) पररधान ननमाभ ता द्वारा खरीदी गई रे यॉन करना।
सामग्री। 3. अांतरपीढ़ीगत समानता और दीघभकानलक
(d) पररिार ां द्वारा खरीदा गया दू ध व्यापक-आनर्भक खस्थरता सयनननित करना।
4. ब्याि दर ां क समाय नित करके मयद्रास्फीनत
16. र्ारत के नलए अांग्रेि ां द्वारा अपनाई गई आनर्भक क ननयांनत्त करना।
नीनत के सांदर्भ में ननम्ननलखखत कर्न ां पर निचार ऊपर नदए गए उद्दे श्य ां में से कौन से सही हैं ?
कीनिये: (a) केिल 1 और 2
1. इसने र्ारत क नब्रटे न में आगामी आधयननक (b) केिल 2 और 3
उद्य ग ां के नलए कच्चे माल के मात् ननयाभ तक (c) केिल 1 और 3
की खस्थनत में रख नदया। (d) 1, 2 और 3
2. इसने र्ारत क नब्रटे न के उद्य ग ां द्वारा तैयार
उत्पाद ां के नलए एक निशाल बाजार में बदल 19. स्वेि नहर के सांदर्भ में ननम्ननलखखत कर्न ां पर
नदया। निचार कीनिये:
उपययभि कर्न ां में से कौन-सा/से कर्न गलत 1. यह उत्तर-पूिी नमस्र में पनामा के
E
है /हैं ? स्थलडमरूमध्य के पार उत्तर से दनक्षण तक
IN
(a) केिल 1 प्रिानहत ह ने िाला एक कृनत्म िलमागभ है ।
(b) केिल 2 2. यह र्ूमध्य सागर पर खस्थत प टभ सईद क
L
(c) 1 और 2 द न ां लाल सागर की एक प्रशाखा स्वेज की खाडी
(d) न त 1 और न ही 2 से ि डता है । N
.O
उपययभि कर्न ां में से कौन-सा/से कर्न सही
17. औपननिेनशक र्ारतीय अर्भव्यिस्था में निनर्न्न है /हैं ?
क्षेत् ां में कायभशील श्रनमक ां के नितरण के घटते क्रम
L
(a) केिल 1
में ननम्ननलखखत में से कौन सा सही क्रम है ?
IA
(b) केिल 2
(a) कृनष > सेिा > निननमाभ ण (c) 1 और 2 द न ां
(b) सेिा > निननमाभ ण > कृनष
R
(d) न त 1 और न ही 2
(c) कृनष > निननमाभ ण > सेिा
E
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20. ननम्ननलखखत कर्न ां पर निचार कीनिये: 23. अर्भव्यिस्थाओां के प्रकार के सांदर्भ में ननम्ननलखखत
1. स्वायत्त लेनदे न, र्यगतान सांतयलन की खस्थनत से कर्न ां पर निचार कीनिये:
स्वतांत् रूप से नकया िाता है । 1. पूांिीिादी अर्भव्यिस्था िह है निसमें सरकार
2. र्यगतान सांतयलन में अांतर क पाटने के नलए यह तय करती है नक समाि की िरूरत ां के
समाय नित लेनदे न नकए िाते हैं । अनयसार नकन िस्तयओां का उत्पादन नकया
उपययभि कर्न ां में से कौन-सा/से कर्न गलत िाना है ।
है /हैं ? 2. समाििादी अर्भव्यिस्था िह है निसमें
(a) केिल 1 उत्पानदत िस्तयओां क क्रय शखि के आधार
(b) केिल 2 पर ल ग ां के बीच नितररत नकया िाता है ।
(c) 1 और 2 द न ां उपययभि कर्न ां में से कौन-सा/से कर्न गलत
(d) न त 1 और न ही 2 है /हैं ?
(a) केिल 1
21. ननम्ननलखखत कर ां पर निचार कीनिये: (b) केिल 2
1. केंद्रीय उत्पाद कर (c) 1 और 2 द न ां
2. सेिा कर (d) न त 1 और न ही 2
3. केंद्रीय नबक्री कर
4. मादक पेय ां पर कर 24. र्ारतीय अर्भव्यिस्था के सांदर्भ में ननम्ननलखखत
5. चयांगी कर्न ां पर निचार कीनिये:
उपर ि में से कौन से कर ां क िीएसटी में 1. निदे शी मयद्रा की कीमत में िृखि से आयात की
शानमल नकया गया है ? माां ग कम ह िाती है ।
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(a) केिल 1, 2 और 3 2. घरे लू मयद्रा के मूल्यह्रास का अर्भ है घरे लू मयद्रा
IN
(b) केिल 1, 2, 3 और 4 के सांदर्भ में निदे शी मयद्रा की कीमत में िृखि।
(c) केिल 1, 2, 3 और 5 उपययभि कर्न ां में से कौन-सा/से कर्न सही
L
(d) 1, 2, 3, 4, और 5 है /हैं ?
(a) केिल 1
22. ननम्ननलखखत मद ां पर निचार कीनिये: (b) केिल 2 N
.O
3. गृनहनणय ां द्वारा नकया िाने िाला कायभ। 25. ननम्ननलखखत कर्न ां पर निचार कीनिये:
उपर ि में से कौन सी मदें राष्ट्रीय आय की गणना 1. सरकार की िे सर्ी प्राखप्तयाूँ , ि दे यता उत्पन्न
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उपययभि कर्न ां में से कौन-सा/से कर्न सही उपययभि कर्न ां में से नकतने कर्न सही है /हैं ?
है /हैं ? (a) केिल एक
(a) केिल 1 और 2 (b) केिल द
(b) केिल 2 औऱ 3 (c) सर्ी तीन
(c) केिल 1 और 3 (d) क ई र्ी नहीां
(d) 1, 2 और 3
28. र्ारतीय अर्भव्यिस्था के सांबांध में ननम्ननलखखत पर
26. ननम्ननलखखत कर्न ां पर निचार कीनिये: निचार कीनिये:
1. सकल घरे लू उत्पाद अिस्फीनतक और 1. सांिृखि
उपर् िा कीमत सूचकाां क में प्रत्येक िस्तय के 2. आधयननकीकरण
उत्पादन स्तर के अनयसार उनमें अांतर ह ता 3. आत्मननर्भरता
है । 4. समानता
2. सकल घरे लू उत्पाद अिस्फीनतक नकसी दे श उपर ि में से नकतने लक्ष्य र्ारत के य िना
में उत्पानदत सर्ी िस्तयओां और सेिाओां क आय ग द्वारा तैयार की गई पांचिषीय य िनाओां के
ध्यान में नहीां रखता है , िबनक उपर् िा र्े?
कीमत सूचकाां क नकसी दे श में उत्पानदत सर्ी (a) केिल एक
िस्तयओां और सेिाओां क ध्यान में रखता है । (b) केिल द
3. आयानतत िस्तयओां की कीमत उपर् िा (c) केिल तीन
कीमत सूचकाां क और सकल घरे लू उत्पाद (d) सर्ी चार
अिस्फीनतक में शानमल नहीां है ।
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उपययभि कर्न ां में से नकतने कर्न गलत हैं ? 29. िस्तयओां और सेिाओां के प्रकार के सांबांध में,
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(a) केिल एक ननम्ननलखखत पर निचार कीनिये:
(b) केिल द 1. राष्ट्रीय रक्षा
L
(c) सर्ी तीन 2. सडकें
(d) क ई र्ी नहीां 3. सरकारी प्रशासन
4. कपडे N
.O
27. र्ारत के य िना आय ग के सांदर्भ में ननम्ननलखखत 5. नसनेमा हॉल के नलये नटकट
कर्न ां पर निचार कीनिये: उपर ि में से कौन सा सािभिननक िस्तय का
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30. िह र्ारतीय साां खख्यकी सांस्थान की स्थापना में 33. र्ारतीय अर्भव्यिस्था के सांदर्भ में ननम्ननलखखत
अग्रणी व्यखि र्े और उन् न
ां े 'साां ख्य' नामक कर्न ां पर निचार कीनिए:
पनत्का र्ी शयरू की। िह दू सरी पांचिषीय य िना 1. सांिृखि से तात्पयभ िस्तयओां और सेिाओां का
के ननमाभ ण में र्ी प्रमयख िास्तयकार र्े। उत्पादन करने की दे श की क्षमता में िृखि
उपर ि अनयच्छेद में ननम्ननलखखत में से नकस ह ने से है ।
व्यखित् का सबसे अच्छा िणभन नकया गया है ? 2. िीडीपी एक िषभ के दौरान दे श में उत्पानदत
(a) प्रकाश चांद्र महालन नबस सर्ी अांनतम िस्तयओां और सेिाओां का बािार
(b) प्रशाां त चांद्र महालन नबस मूल्य है ।
(c) प्रिेश चांद्र महालन नबस उपर ि कर्न ां में से कौन-सा सही है ?
(d) प्रणय चांद्र महालन नबस (a) केिल 1
(b) केिल 2
31. ननम्ननलखखत में से कौन एक आनर्भक एिेंट का (c) 1 और 2 द न ां
सबसे अच्छा िणभन करता है ? (d) न त 1 और न ही 2
(a) एक व्यखि ि कॉलेि में अर्भशास्त्र का
अध्ययन करता है । 34. समनष्ट् अर्भशास्त्र के अध्ययन में आिश्यक रूप से
(b) क ई र्ी ऐसा व्यखि या ऐसी सांस्था ि शानमल हैं :
आनर्भक ननणभय लेता है और आनर्भक 1. राष्ट्रीय आउटपयट
गनतनिनधय ां में र्ाग लेता है । 2. बिटीय नीनतयाां
(c) शेयर बािार क निननयनमत करने के नलए 3. धन आपूनतभ में पररितभन
निम्मेदार एक सरकारी एिेंसी। 4. ब्याि की दर
E
(d) एक नित्तीय सांस्थान ि ऋण और बांधक उपर ि में से नकतने सही हैं ?
IN
प्रदान करता है । (a) केिल द
(b) केिल तीन
L
32. ननम्ननलखखत पर निचार कीनिए: (c) सर्ी चार
1. सरकार के ितभमान रािक षीय असांतयलन का (d) क ई र्ी नहीां
आकलन करना। N
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36. र्ारत के औद्य नगक नीनत सांकल्प 1956 के सांदर्भ 38. र्ारत में लघय उद्य ग ां के सांदर्भ में ननम्ननलखखत में से
में, ननम्ननलखखत कर्न ां पर निचार कीनिए: कौन से कर्न सही हैं ?
1. इस सांकल्प ने दू सरी पांचिषीय य िना का 1. किे सनमनत ने कहा नक लघय उद्य ग ग्रामीण
आधार बनाया। निकास क सांर्ि बना सकते हैं ।
2. इस नीनत का उद्दे श्य क्षेत्ीय समानता क 2. कई उत्पाद ां का उत्पादन लघय उद्य ग ां के नलए
बढ़ािा दे ना र्ा। आरनक्षत र्ा।
3. सरकार से लाइसेंस के नबना क ई र्ी नया 3. उन्ें उत्पाद शयि और बैंक ऋण पर ब्याि
उद्य ग स्थानपत करने की अनयमनत नहीां र्ी। में ररयायतें दी गईां।
उपर ि कर्न ां में से नकतने सही हैं ? नीचे नदए गए कूट का उपय ग करके सही उत्तर
(a) केिल एक चयननए:
(b) केिल द (a) केिल 1 और 2
(c) सर्ी तीन (b) केिल 2 और 3
(d) क ई र्ी नहीां (c) केिल 1 और 3
(d) 1, 2, और 3
37. ननम्ननलखखत में से कौन ररकानडभ यन समतयल्यता का
39. र्ारतीय उद्य ग ां की सयरक्षा के नलए प्रदान नकए गए
सबसे अच्छा िणभन करता है ?
क टा और टै रर के सांदर्भ में ननम्ननलखखत कर्न ां
(a) यह ऐसा निचार है नक उपर् िा दू रदशी हैं
पर निचार कीनिए:
और अपने खचभ क न केिल अपनी ितभमान
1. टै रर आयानतत िस्तयओां पर एक कर ह ता है
आय पर बखि अपनी अपेनक्षत र्निष्य की
और िे आयानतत िस्तयओां क अनधक महां गा
आय पर र्ी आधाररत करें गे, और िे समझेंगे
बनाते हैं और उनके उपय ग क हत त्सानहत
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नक आि उधार लेने का मतलब र्निष्य में
करते हैं ।
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उच्च कर है ।
2. क टा उन िस्तयओां की मात्ा नननदभ ष्ट् करता है
(b) यह ऐसा निचार है नक सरकार क अपने खचभ
निन्ें आयात नकया िा सकता है ।
L
क नित्तप नषत करने के नलए अनधक धन
उपर ि कर्न ां में से कौन-सा सही है ?
उधार लेना चानहए, क्य नां क इससे अर्भव्यिस्था
क बढ़ािा नमलेगा।
(a) केिल 1 N
.O
(b) केिल 2
(c) यह ऐसा निचार है नक घाटे क कम करने के (c) 1 और 2 द न ां
L
(d) इसमें कहा गया है नक एक नननित स्तर पर 40. पूांिीिादी अर्भव्यिस्था के सांदर्भ में ननम्ननलखखत
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नलए ह ता है ।
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उपर ि में से कौन-सा/से कर्न गलत हैं ? (d) बैंनकांग क्षेत् में गैर ननष्पानदत पररसांपनत्तय ां क
(a) केिल 1 कम करने की नीनत
(b) केिल 2 और 3
(c) केिल 1 और 3 44. ननम्ननलखखत पर निचार कीनिए:
(d) 1, 2 और 3 1. खतरनाक रसायन
2. औद्य नगक निस्फ टक
41. ननम्ननलखखत पर निचार कीनिए:
3. इलेक्ट्रॉननक्स और एयर स्पेस
1. बैंक ां से ऋण
4. औषध और ामाभस्यूनटकल्स
2. ल ग ां से उधार लेना
5. परमाणय ऊिाभ उत्पादन का एक नहस्सा
3. अांतरराष्ट्रीय सांस्थान ां से ऋण
6. रे लिे की कयछ क र गनतनिनधयाूँ
घाटे क पूरा करने के नलए सरकार उपययभि में से
1991 के उदारीकरण, ननिीकरण और िैश्वीकरण
नकतने कदम उठाती है ?
सयधार ां के बाद, उपययभि में से नकतने उद्य ग अर्ी
(a) केिल एक
र्ी सरकार के नलए आरनक्षत हैं ?
(b) केिल द
(a) केिल द
(c) सर्ी तीन
(b) केिल तीन
(d) क ई र्ी नहीां
(c) केिल चार
42. र्ारत की नई आनर्भक नीनत, 1991 के सांदर्भ में, (d) केिल पाां च
ननम्ननलखखत कर्न ां पर निचार कीनिए:
1. खस्थरीकरण उपाय पयाभ प्त निदे शी मयद्रा र्ांडार 45. ननम्ननलखखत पर निचार कीनिए:
बनाए रखने के उद्दे श्य से दीघभकानलक उपाय 1. इां नडयन ऑयल कॉपोरे शन नलनमटे ड
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र्े। 2. स्टील अर्ॉररटी ऑ इां नडया नलनमटे ड
IN
2. सांरचनात्मक सयधार नीनतयाां अर्भव्यिस्था क 3. नहां दयस्तान एयर नॉनटक्स नलनमटे ड
पयनिीनित करने के अल्पकानलक उपाय र्े। 4. र्ारतीय हिाईअड्डा प्रानधकरण
L
उपययभि कर्न ां में से कौन-सा/से सही है /हैं ? उपययभि में से नकतनी कांपननय ां क महारत्न घ नषत
(a) केिल 1 नकया गया है ?
(b) केिल 2 (a) केिल एक N
.O
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उपययभि कर्न ां में से कौन-सा/से सही है /हैं ? 49. र्ारत में नशक्षा पर ह ने िाले व्यय के सांदर्भ में,
(a) केिल 1 ननम्ननलखखत कर्न ां पर निचार कीनिए:
(b) केिल 2 1. उच्च नशक्षा कयल नशक्षा व्यय का एक बडा
(c) 1 और 2 द न ां नहस्सा ह ती है ।
(d) न त 1 और न ही 2 2. प्रारां नर्क नशक्षा का नहस्सा सबसे कम है ।
उपययभि कर्न ां में से कौन-सा/से सही है /हैं ?
47. ननम्ननलखखत में से कौन मानि पूांिी ननमाभ ण के स्र त (a) केिल 1
हैं ? (b) केिल 2
1. नशक्षा में ननिेश (c) 1 और 2 द न ां
2. नौकरी के दौरान प्रनशक्षण (d) न त 1 और न ही 2
3. स्वास्थ्य में ननिेश
4. प्रिास 50. पूांिीिादी अर्भव्यिस्था में, सरकार की आनर्भक
नीचे नदए गए कूट का उपय ग करके सही उत्तर गनतनिनधय ां में शानमल हैं :
चयननये: 1. सर्ी व्यिसाय ां और उद्य ग ां का स्वानमत् और
(a) केिल 1 और 3 सांचालन
(b) केिल 1, 2 और 4 2. कानून लागू करना और कर लगाना
(c) केिल 1, 2 और 3 3. सािभिननक सेिाएूँ प्रदान करना
(d) 1, 2, 3 और 4 4. ननिी उद्यम ां क बडा मयनाफा कमाने से
र कना
48. ननम्ननलखखत कर्न ां पर निचार कीनिए: नीचे नदए गए कूट का उपय ग करके सही उत्तर
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1. बयननयादी ढाां चे पर सरकार का नििेकाधीन चयननए:
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खचभ (a) केिल 1 और 2
2. कर दर समाय िन (b) केिल 1 और 3
L
3. सांकट के दौरान नपछले िीिन स्तर क बनाए (c) केिल 2 और 3
रखने के नलए घरे लू प्रयास (d) केिल 2 और 4
4. आनर्भक उतार-चढ़ाि के दौरान लार्ाां श N
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स्वचानलत स्टे बलाइिर के उदाहरण हैं ? बच्च ां के स्वास्थ्य दे खर्ाल पर अनयकूल प्रर्ाि
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उपययभि कर्न ां में से कौन-सा/से सही है /हैं ? (c) आय ग ने 6 से 14 िषभ की आयय के बच्च ां के
(a) केिल 1 नलए मयफ्त और अननिायभ नशक्षा प्रदान करने
(b) केिल 2 की नस ाररश की।
(c) 1 और 2 द न ां (d) क ठारी आय ग ने क्षेत्ीय र्ाषाओां, सांस्कृत के
(d) न त 1 और न ही 2 सार्-सार् अांतराभ ष्ट्रीय र्ाषाओां, अनधमानतः
अांग्रेिी क बढ़ािा दे ने की नस ाररश की।
52. ननम्ननलखखत कारक ां पर निचार कीनिए:
1. अांनतम घरे लू उपर् ग व्यय 55. बािार कीमत ां पर सकल घरे लू उत्पाद की गणना
2. अांनतम ननिेश व्यय के सांदर्भ में, ननम्ननलखखत कर्न ां पर निचार
3. मध्यिती िस्तयओां पर व्यय कीनिए:
4. अांनतम िस्तयओां और सेिा पर सरकारी व्यय 1. इसमें एक स्थानीय कांपनी द्वारा नकया गया
व्यय निनध द्वारा सकल घरे लू उत्पाद (िीडीपी) की सर्ी उत्पादन शानमल है लेनकन नकसी निदे शी
गणना में उपययभि में से नकतने कारक ां क शानमल सांस्था या नकसी दे श में गैर-ननिानसय ां द्वारा
नकया िाता है ? नकया गया उत्पादन शानमल नहीां है ।
(a) केिल एक 2. इसमें ननिल उत्पाद कर शानमल नहीां है ।
(b) केिल द उपययभि कर्न ां में से कौन-सा/से सही है /हैं ?
(c) केिल तीन (a) केिल 1
(d) सर्ी चार (b) केिल 2
(c) 1 और 2 द न ां
53. ननम्ननलखखत में से कौन-सा निकल्प तपस (d) न त 1 और न ही 2
E
मिूमदार सनमनत, 1999 के सांदर्भ की शतों का
IN
नहस्सा र्ा? 56. सरकारी घाटे और अर्भव्यिस्था की खस्थनत के बीच
(a) नशक्षा क्या सांबांध है ?
L
(b) चयनाि सयधार (a) बडा घाटा हमेशा अनधक निस्तारिादी
(c) डाटा प्राइिेसी
(d) समान नागररक सांनहता N
रािक षीय नीनत का सांकेत दे ता है ।
(b) अर्भव्यिस्था की खस्थनत की परिाह नकए नबना
.O
र्ा।
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57. आय और र िगार के ननधाभरण के सांदर्भ में, 59. ननम्ननलखखत में से कौन-सा निकल्प 'नमतव्यनयता
ननम्ननलखखत ययग् ां पर निचार कीनिए: के निर धार्ास' का सबसे अच्छा िणभन करता है ?
शब्द निशेषताएूँ (a) इसमें कहा गया है नक आनर्भक मांदी के दौरान
1. सीमाां त उपर् ग उत्पादन से अनधक व्यखि अनधक बचत करने की क नशश करते
प्रिृनत्त उपर् ग हैं , निससे कयल माां ग में नगरािट आती है ।
2. ननिेश गयणक यह सािभिननक या (b) िास्तनिक मिदू री में कमी से कांपननय ां के
ननिी ननिेश के प्रेरक मयना े में िृखि नहीां ह गी और इसके बिाय
प्रर्ाि ां से सांबांनधत है र िगार में नगरािट आएगी।
3. आय का पूणभ आय का स्तर िहाां (c) सािभिननक व्यय में िृखि से अर्भव्यिस्था क
र िगार स्तर उत्पादन के सर्ी प्र त्साहन नहीां नमलेगा बखि ऋण का ब झ
कारक पूरी तरह से बढ़े गा।
उत्पादन प्रनक्रया में (d) िस्तय की कीमत बढ़ने पर उसकी माां ग बढ़
ननय नित ह ते हैं िाती है ।
उपययभि में से नकतने ययग् सयमेनलत हैं ?
(a) केिल एक ययग् 60. प्रर्ािी माां ग के सांदर्भ में, ननम्ननलखखत कर्न ां पर
(b) केिल द ययग् निचार कीनिए:
(c) केिल तीन ययग् 1. कीनेनसयन अर्भशास्त्र में, प्रर्ािी माां ग िह नबांदय
(d) क ई र्ी ययग् नहीां है िहाां कयल माां ग कयल आपूनतभ से द गयनी ह
िाती है ।
58. राष्ट्रीय प्रय ज्य आय के सांदर्भ में, ननम्ननलखखत 2. घरे लू आय में िृखि के सार् स्वायत्त उपर् ग
E
कर्न ां पर निचार कीनिए: बढ़ता है ।
IN
1. इसमें बािार मूल्य पर शयि राष्ट्रीय उत्पाद उपययभि कर्न ां में से कौन-सा/से गलत है /हैं ?
शानमल है लेनकन शेष निश्व से शयि अन्य चालू (a) केिल 1
L
हस्ताां तरण शानमल नहीां है । (b) केिल 2
(c) 1 और 2 द न ां
2. यह घरे लू अर्भव्यिस्था के पास उपलि
िस्तयओां और सेिाओां की अनधकतम मात्ा के (d) न त 1 और न ही 2 N
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हस्ताां तरण
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62. ननम्ननलखखत पर निचार कीनिए: 65. अर्भव्यिस्था में "क्राउनडां ग आउट" घटना के नलए
1. ननिी उपर् ग माां ग सबसे उपययि स्पष्ट्ीकरण क्या है ?
2. ननिी ननिेश की माां ग (a) इसका तात्पयभ सरकारी उधारी में िृखि ह ने से
3. सरकार द्वारा िस्तयओां और सेिाओां की खरीद ननिी क्षेत् के उधारकताभ ओां के निस्थापन से है ।
4. ननिल ननयाभ त की माां ग (b) यह उस खस्थनत का िणभन करता है निसमें
उपययभि में से कौन-से कारक नकसी अर्भव्यिस्था ननिी बचत सरकारी उधार से अनधक ह ती
में समग्र माां ग का नहस्सा हैं ? है ।
(a) केिल 2, 3, और 4
(c) ननिेशक ां से धन सयरनक्षत करने में सरकार की
(b) केिल 1, 2, और 3
असमर्भता क दशाभ ता है ।
(c) 1, 2, 3 और 4
(d) इसका तात्पयभ सांसाधन की कमी के कारण
(d) केिल 1 और 2
सरकारी खचभ में कमी से है ।
E
63. ननम्ननलखखत कर्न ां पर निचार कीनिए:
66. र्ारत में कृनष क्षेत् के सांदर्भ में, ननम्ननलखखत कर्न ां
IN
1. उत्पादन कर का र्यगतान उत्पादन के सांबांध
पर निचार कीनिए:
में नकया िाता है और यह उत्पादन की मात्ा
1. सकल घरे लू उत्पाद में कृनष क्षेत् के य गदान
L
पर ननर्भर ह ता है ।
और इस क्षेत् पर ननर्भर िनसांख्या द न ां में
2. उत्पाद कर का र्यगतान प्रनत इकाई या उत्पाद
पर नकया िाता है ।
लगातार और र्ारी नगरािट दे खी गई है । N
.O
2. एलपीिी सयधार ां के बाद कृनष निकास दर में
उपययभि कर्न ां में से कौन-सा/से गलत है /हैं ?
नगरािट आई और सयधार ां से पहले की तयलना
(a) केिल 1
L
में कम रही।
(b) केिल 2
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(b) केिल 2
(c) 1 और 2 द न ां
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ननिेश हैं ।
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67. ननम्ननलखखत कर्न ां पर निचार कीनिए : उपययभि कर्न ां में से कौन-सा/से सही है /हैं ?
1. िास्तनिक सकल घरे लू उत्पाद (िीडीपी) क (a) केिल 1
कीमत ां के खस्थर समयच्चय पर मापा िाता है । (b) केिल 2
2. नॉनमनल सकल घरे लू उत्पाद (िीडीपी) क (c) 1 और 2 द न ां
ितभमान प्रचनलत कीमत ां पर मापा िाता है । (d) न त 1 और न ही 2
3. उत्पादन की मात्ा में िृखि िास्तनिक सकल
घरे लू उत्पाद में कमी का सांकेत दे ती है । 70. िीडीपी अपस्फीनतकारक के सांदर्भ में,
उपययभि कर्न ां में से कौन-सा/से सही है /हैं ? ननम्ननलखखत कर्न ां पर निचार कीनिए :
(a) केिल 1 1. यह ितभमान कीमत ां पर सकल घरे लू उत्पाद
(b) केिल 2 और 3 और खस्थर कीमत ां पर सकल घरे लू उत्पाद का
(c) केिल 1 और 2 अनयपात है ।
(d) 1, 2 और 3 2. यह दे श में उत्पानदत सर्ी िस्तयओां और
सेिाओां क सांदनर्भत करता है ।
68. िैनिक खेती के सांदर्भ में, ननम्ननलखखत कर्न ां पर 3. िीडीपी अपस्फीनतकारक में िस्तयओां और
निचार कीनिए: सेिाओां का र्ार खस्थर रहता है ।
1. िैनिक रूप से उगाए गए र् िन में नीचे नदए गए कूट का प्रय ग कर सही उत्तर
रासायननक रूप से उगाए गए र् िन की चयननए-
तयलना में अनधक प षण मूल्य ह ता है । (a) केिल 1
2. िैनिक खेती में पारां पररक खेती की तयलना में (b) केिल 1 और 2
अनधक श्रम लागत की आिश्यकता ह ती है । (c) 1, 2 और 3
E
3. नछडकाि नकए गए उत्पाद की तयलना में (d) केिल 3
IN
िैनिक उत्पाद ां में दाग-धब्बे अनधक और
अचल िीिन(शेल्फ लाइ ) कम ह सकती 71. सकल घरे लू उत्पाद (िीडीपी) के सांदर्भ में ,
L
है । ननम्ननलखखत कर्न ां पर निचार कीनिए:
उपययभि में से नकतने कर्न सही हैं ? 1. यह घरे लू सीमा के र्ीतर नननमभत िस्तयओां और
(a) केिल एक सेिाओां के मूल्य का कयल य ग है । N
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72. ग्रामीण क्षेत् ां में ऋण सयनिधाओां के सांदर्भ में, 75. मयद्रा की माां ग के सांदर्भ में, ननम्ननलखखत कर्न ां पर
ननम्ननलखखत कर्न ां पर निचार कीनिए: निचार कीनिए :
1. र्ारत ने 1969 में ग्रामीण ऋण की िरूरत ां 1. बािार में लेनदे न की मात्ा बढ़ने के सार् मयद्रा
क पयाभ प्त रूप से पूरा करने के नलए एक की माां ग कम ह िाती है ।
सामानिक बैंनकांग और बहु एिेंसी दृनष्ट्क ण 2. बैंक ां द्वारा िमा पर ब्याि दर में िृखि से मयद्रा
अपनाया। की माां ग बढ़े गी।
2. राष्ट्रीय कृनष और ग्रामीण निकास बैंक की उपर ि कर्न ां में से कौन-सा गलत है ?
स्थापना 2012 में ग्रामीण नित्तप षण प्रणाली (a) केिल 1
में शानमल सर्ी सांस्थान ां की गनतनिनधय ां के (b) केिल 2
समन्वय के नलए एक शीषभ ननकाय के रूप में (c) 1 और 2 द न ां
की गई र्ी। (d) न त 1 और न ही 2
उपर ि कर्न ां में से कौन-सा/से सही है /हैं ?
(a) केिल 1 76. ननम्ननलखखत में से नकस राज्य समूह के पास अपने
(b) केिल 2 नकसान ां के नलए िैकखल्पक निपणन चैनल के रूप
(c) 1 और 2 द न ां में अपनी मांडी, रायर्ू बाजार और उझािर
(d) न त 1 और न ही 2 सैंडीज(उसी क्रम में) हैं ?
(a) उत्तर प्रदे श, नहमाचल प्रदे श, केरल
73. ननम्ननलखखत कर्न ां पर निचार कीनिए : (b) पांिाब, हररयाणा, महाराष्ट्र
1. यह लेखा की एक सयनिधािनक इकाई के (c) मध्य प्रदे श, आां ध्र प्रदे श, केरल
रूप में कायभ करता है । (d) हररयाणा, तेलांगाना, तनमलनाडय
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2. यह आदान-प्रदान के माध्यम के रूप में कायभ
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करता है । 77. र्ारतीय ररििभ बैंक के सांदर्भ में, ननम्ननलखखत में से
3. यह व्यखिय ां के नलए मूल्य के सांचय के रूप कौन-सा कर्न सही है ?
L
में कायभ करता है । 1. यह दे श का केंद्रीय बैंक है और इसकी
उपर ि में से नकतने मयद्रा के कायभ हैं ? स्थापना 1935 में हुई र्ी।
(a) केिल एक N
2. दे श में धन की आपूनतभ मयख्य रूप से राज्य
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(d) केरल
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78. उच्च शखि िाले मयद्रा के बारे में, ननम्ननलखखत उपर ि कर्न ां में से कौन-सा/से सही है /हैं ?
कर्न ां पर निचार कीनिए: (a) केिल 1
1. उच्च शखि िाला मयद्रा दे श के मौनद्रक (b) केिल 2
प्रानधकरण का दानयत् है । (c) 1 और 2 द न ां
2. इसे मयद्रा गयणक प्रर्ाि के माध्यम से निस्ताररत (d) न त 1 और न ही 2
नकया िा सकता है ।
3. इसमें प्रचलन में मौिूद सर्ी र्ौनतक कागि, 81. र्ारतीय अर्भव्यिस्था के सांदर्भ में, 'रे प रे ट' और
नसक्के शानमल हैं लेनकन इसमें केंद्रीय बैंक 'ओपन माकेट ऑपरे शांस' शब्द ां का उपय ग
द्वारा रखे गए बैंक र्ांडार शानमल नहीां हैं । नकसके सांबांध में नकया िाता है :
उपर ि कर्न ां में से कौन-सा/से सही है /हैं ? (a) बैंनकांग पररचालन
(a) केिल 1 और 2 (b) दू रसांचार नीलामी
(b) केिल 2 और 3 (c) बािार में उपर् िा और उत्पादक ां का
(c) केिल 1 और 3 व्यिहार
(d) 1, 2 और 3 (d) औद्य नगक िस्तयओां की आपूनतभ और माां ग
79. ननम्ननलखखत में से कौन-सा कर्न बैंनकांग क्षेत् के 82. निनर्न्न प्रकार के मयद्रा के सांदर्भ में, ननम्ननलखखत
सांदर्भ में, 'स्प्रेड' शब्द का सही िणभन करता है ? ययग् ां पर निचार कीनिए:
(a) यह िमाकताभ ओां क र्यगतान की िाने िाली निनर्न्न प्रकार के निशेषताएां
ब्याि दर और बैंक ां द्वारा उधारकताभ ओां से ली मुद्रा
िाने िाली ब्याि दर के बीच का अांतर है 1. न एट मनी इनका क ई आां तररक
E
(b) यह िह दर है , निस पर िानणखज्यक बैंक मूल्य नहीां ह ता
IN
प्रनतर्ूनतय ां के सांपानश्वभक के बदले आरबीआई 2. ब्रॉड मनी इसमें नडमाां ड
से धन उधार लेते हैं । नडपॉनिट शानमल हैं ।
L
(c) यह िह दर है , निस पर िानणखज्यक बैंक 3. नैर मनी इसमें सािनध िमा
आरबीआई के पास धन िमा करते हैं ।
(d) यह न्यूनतम उधार दर है , निसके नीचे नकसी
शानमल है .
उपर ि में से नकतने ययग् सही सयमेनलत हैं ?
N
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80. बिट के सांदर्भ में, ननम्ननलखखत कर्न ां पर निचार (c) सर्ी तीन
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2. पूांिी खाते सरकार की सांपनत्त और दे नदाररय ां बैंक की दे नदारी में शानमल नहीां है ?
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सेिाओां में ननिेश शानमल है, िबनक गैर- (a) केिल 1
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य िनागत पूांिीगत व्यय में आनर्भक सेिाएां (b) केिल 2
शानमल हैं। (c) 1 और 2 द न ां
L
(b) य िनागत पूांिीगत व्यय केंद्रीय य िनाओां (d) न त 1 और न ही 2
और राज्य य िनाओां के नलए सहायता से
सांबांनधत है , िबनक गैर- य िनागत पूांिीगत
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88. र्ारतीय अर्भव्यिस्था में मयद्रा गयणक के सांदर्भ में,
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िाएगा।
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उपर ि में से नकतने कर्न गलत हैं ? उपर ि कर्न ां में से कौन-सा गलत है ?
(a) केिल एक (a) केिल 1
(b) केिल द (b) केिल 1 और 3
(c) सर्ी तीन (c) केिल 2 और 3
(d) क ई र्ी नहीां (d) केिल 2
89. ननम्ननलखखत कर्न ां पर निचार कीनिए: 92. ननम्ननलखखत में से कौन र्ारतीय ररििभ बैंक के
1. करें सी िमा अनयपात िानणखज्यक बैंक ां द्वारा 'खयले बािार सांचालन' का सबसे अच्छा िणभन
आरनक्षत नननध के रूप में रखी गई कयल िमा करता है ?
रानश का अनयपात है । (a) अनयसूनचत बैंक र्ारतीय ररििभ बैंक से उधार
2. आरनक्षत िमा अनयपात िनता द्वारा मयद्रा में लेते हैं
रखे गए धन और बैंक िमा में रखे गए धन का (b) र्ारतीय ररििभ बैंक द्वारा अर्भव्यिस्था के
अनयपात है । निनर्न्न क्षेत् ां क ऋण दे ने का निननयमन
उपर ि कर्न ां में से कौन-सा ग़लत है ? (c) र्ारतीय ररििभ बैंक द्वारा सरकारी प्रनतर्ूनतय ां
(a) केिल 1 की नबक्री और खरीद
(b) केिल 2 (d) र्ारतीय ररििभ बैंक द्वारा निदे शी मयद्रा र्ांडार
(c) 1 और 2 द न ां का रखरखाि
(d) न त 1 और न ही 2
93. सरकारी बिट के उद्दे श्य ां के सांदर्भ में,
ननम्ननलखखत ययग् ां पर निचार कीनिए:
90. ननम्ननलखखत में से नकस उपाय से र्ारतीय
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अर्भव्यिस्था में कयल मयद्रा आपूनतभ में िृखि ह गी? उद्दे श्य निशेषताएूँ
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(a) िनता द्वारा अपने बैंक खाते में बचत में िृखि सरकार का हस्तक्षेप
1. आय का पयननिभतरण
(b) केंद्रीय बैंक द्वारा िनता क सरकारी चाहे माां ग बढ़ाना ह
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प्रनतर्ूनतय ां की नबक्री। या घटाना ह
(c) अर्भव्यिस्था में प्रत्यक्ष कर ां में िृखि।
(d) केंद्र सरकार घाटे के नित्तप षण के नलए 2. खस्थरीकरण कायभ N
समतामूलक समाि
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के नलए आय, धन
र्ारतीय ररििभ बैंक से उधार लेती है ।
और अिसर ां के
नितरण के पैटनभ क
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उपर ि में से नकतने ययग् गलत सयमेनलत हैं ? 96. निनर्न्न प्रकार के बिट घाटे के सांदर्भ में,
(a) केिल एक ययग् ननम्ननलखखत ययग् ां पर निचार कीनिए:
(b) केिल द ययग्
बिट घाटा निशेषताएूँ
(c) तीन ां ययग्
(d) क ई र्ी ययग् नहीां 1. रािस्व घाटा सरकार क अपनी
उपर् ग
आिश्यकताओां के
94. रािस्व प्राखप्तय ां के सांदर्भ में, ननम्ननलखखत कर्न ां नलए उधार लेना ह गा
पर निचार कीनिए:
1. सरकार से प्राप्त िे सर्ी प्राखप्तयाूँ , ि दानयत् 2. प्रार्नमक घाटा ब्याि सनहत सरकार
द्वारा उधार लेने की
उत्पन्न करती हैं , रािस्व प्राखप्तयाूँ कहलाती हैं ।
आिश्यकता क
2. इसमें निदे श ां और अांतराभष्ट्रीय सांगठन ां से दशाभ ता है ।
नकद अनयदान सहायता शानमल है ।।
3. रािक षीय घाटा सरकार के कयल व्यय
3. रािस्व प्राखप्तयाूँ स्वर्ाितः प्रनतदे य ह ती हैं ।
और उधार सनहत
उपर ि कर्न ां में से कौन-सा सही है ? उसकी कयल प्राखप्तय ां
(a) केिल 1 और 2 के बीच का अांतर
(b) केिल 2 उपर ि में से नकतने ययग् सही सयमेनलत हैं ?
(c) केिल 2 और 3 (a) केिल एक
(d) केिल 1, 2 और 3 (b) केिल द
(c) सर्ी तीन
95. र्ारतीय अर्भव्यिस्था के सांदर्भ में ननम्ननलखखत (d) क ई नहीां
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कर्न ां पर निचार कीनिए :
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1. तरलता िाल एक ऐसी खस्थनत है , िब मौनद्रक 97. ननम्ननलखखत में से कौन-सा कर्न "िैध मयद्रा" के
नीनत उन उपर् िाओां के सार् नमलकर बहुत अर्भ का सही िणभन करता है ?
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कम ब्याि दर ां के कारण अप्रर्ािी ह िाती (a) िह मयद्रा , ि कानूनी मामल ां की ीस चयकाने
है , ि ननिेश के बिाय बचत करना पसांद
करते हैं ।
के नलए अदालत ां में नदया िाता है
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(b) िह मयद्रा, निसे लेनदार क अपने दाि ां के
.O
2. बाां ड की माां ग बढ़ने से, बाां ड पर ब्याि कम ह ननपटान में स्वीकार करने की बाध्यता ह ती है
िाता है । (c) चेक, डर ाफ्ट, निननमय नबल आनद के रूप में
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(c) 1 और 2 द न ां
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(d) न त 1 और न ही 2
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98. र्ारतीय अर्भव्यिस्था के सांदर्भ में, ननम्ननलखखत में उपर ि कर्न ां में से नकतने सही हैं ?
से कौन-सा कर्न सही है ? (a) केिल एक
(a) घरे लू बाजार में ब्याि दर ां में िृखि आम तौर (b) केिल द
पर रुपये के मूल्य में नगरािट का कारण बनती (c) सर्ी तीन
है । (d) क ई र्ी नहीां
(b) ल ग ां की आय बढ़ने से रुपये की कीमत
बढ़ती है ।
(c) िब सरकार निननमय दर बढ़ाती है त इसे
अिमूल्यन कहा िाता है ।
(d) निश्व व्यापार सांगठन अांतराभष्ट्रीय व्यापार क
ननष्पक्ष तरीके से चलाने के नलए अपनी मयद्रा
िारी करता है ।
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अपने कायों के नित्तप षण के नलए र्ारी उधार
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नलया है ।
उपर ि कर्न ां में से कौन-सा सही है ?
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(a) केिल 1
(b) केिल 2
(c) केिल 1 और 3 N
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(d) 1,2 और 3
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आयात शानमल है ।
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है ।
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14. B 39. C 64. B 89. C
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15. D 40. C 65. A 90. D
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16. D 41. C 66. B 91. C
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हरमन डे िी, एक ववख्यात पयाष वरणवादी लागत, दे री और अप्रभावी कायषक्रम कायाष न्वयि ह
अर्षशास्त्री के अिुसार, धारणीय ववकास की प्राक्ति
IN
सकता है ।
के वलये विम्नवलक्तित आवश्यकताएों हैं : सरकारी कायषक्रम ों की प्रभावी य जिा में कम से कम
• मानव जनसोंख्या को पयाथवरण की सोंसाधि ों के सार् वववशष्ट् उद्दे श्य ों क प्राि करिे के
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िारण क्षमता के स्तर तक सीलमत करना वलए सावधािीपूवषक विजाइि और सोंरचिा की पहल
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होगा। पयाष वरण की धारण क्षमता एक शावमल है । इसमें स्पष्ट् लक्ष् विधाष ररत करिा,
जहाज के भार ढ िे की क्षमता के समाि है।
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• नवीकरणीय सोंसािनोों का लनष्कर्थण चालू िाता सोंतुलि में ह ता है जब, चालू िाते में
िारणीय आिार पर हो, तावक वकसी भी प्राक्तियााँ चालू िाते के भुगताि ों के बराबर ह ती हैं ।
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से अवधक ि ह । अत: लवकल्प 2 सही है । अन्य दे श ों से लेिा है और चालू िाते के घाटे का अर्ष
• प्रदू र्ण के कारण उत्पन्न अक्षमताओों का है वक दे श अन्य दे श ों की ऋणी है । चालू िाते के
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कर्न 2 सही है : राजस्व घाटा इों वगत करता है वक सोंभाववत प्रभाव यहाों वदए गए हैं :
सरकारी राजस्व में कमी: कम कर दर ों से सरकारी
IN
सरकार अपिी वतषमाि आय से अपिे दै विक व्यय
क पूरा करिे में असमर्ष है , और उसे अपिी राजस्व में कमी आ सकती है , वजसके
पररचालि लागत क पूरा करिे के वलए ऋण या पररणामस्वरूप सोंभाववत रूप से बजट घाटा ह
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पूोंजीगत प्राक्तिय ों पर विभषर रहिा पड़ता है । यह घाटा सकता है । यह वशक्षा, स्वास्थ्य दे िभाल, बुवियादी
N
सरकार के राजक र्ीय स्वास्थ्य का आकलि करिे ढाों चे और सामावजक कल्याण कायषक्रम ों जैसी
आवश्यक सावषजविक सेवाओों क ववत्तप वर्त करिे
.O
6. Ans: A
Exp: प्रार्वमकता विधाष ररत करिे और सोंभाववत राजस्व की
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ब्रोंटलैंि कमीशि (Brundtland Commission) की कमी क पूरा करिे के वलए अपिे बजट क अवधक
1987 की ररप टष िे भावी पीढ़ी क सरों वक्षत करिे पर कुशलता से प्रबोंवधत करिे के वलए प्र त्सावहत कर
R
यह हमारा िैवतक दावयत्व है वक हम भावी पीढ़ी क और व्यवसाय ों क अवधक व्यय करिे , विवेश करिे
T
एक व्यवक्तस्थत भूमोंिल प्रदाि करें ; दू सरे शब् ों में और उपभ ग करिे के वलए प्र त्सावहत कर सकते हैं।
कहा जाए, त वतषमाि पीढ़ी क आगामी पीढ़ी द्वारा इस बढ़ी हुई आवर्षक गवतवववध से उच्च स्तर का
A
एक बेहतर पयाष वरण उत्तरावधकार के रूप में सौोंपा उत्पादि, र जगार सृजि और समग्र आवर्षक ववकास
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उपभोिा खचथ में वृक्ति: जब व्यक्तिय ों के पास कम औपविवेवशक शासक ों िे कभी भारत की राष्ट्रीय
कर ों के कारण अवधक व्यय करिे य ग्य आय ह ती तर्ा प्रलतव्यक्ति आय का आकिन करिे का
है , त वे वस्तुओों और सेवाओों पर अवधक व्यय करिे ईमािदारी से क ई भी प्रयास िहीों वकया। कुछ ल ग ों
की सोंभाविा रिते हैं , ज माों ग क बढ़ावा दे सकता िे विजी स्तर पर आकलि वकये, ऐसी आय क मापिे
है और आवर्षक गवतवववध क प्र त्सावहत कर सकता के वलए वकए गए कुछ व्यक्तिगत प्रयास ों से परस्पर
है । ववर धी और असोंगत पररणाम वमले। कुछ
उद्यलमता: कम कर ों से व्यक्तिय ों के वलए िए उल्लेििीय अिुमािकताष र्े:
व्यवसाय शुरू करिा या िवीि उद्यम ों में विवेश • दादाभाई िौर जी: दादा भाई िौर जी िे ज
करिा अवधक आकर्षक ह जाता है , वजससे उद्यवमता द पुस्तकें वलिीों, वे र्ीों 'पावर्ी एों ड अन-
क बढ़ावा वमलेगा और सोंभाववत रूप से िए उद्य ग ों लिलर्श रूि इन इों लडया' और 'पावर्ी
का ववकास ह गा। ऑफ इों लडया। अतः , लवकल्प 1 सही है ।
लवदे शी लनवेश को आकलर्थत करना: कम कर, • वववलयम विग्बी: 'समृि' वब्रवटश भारत:
वकसी दे श क ववदे शी विवेशक ों के वलए अवधक आवधकाररक ररकॉि्ष स से एक
आकर्षक बिा सकते हैं , वजससे सोंभाववत रूप से रहस्य द् घाटि, इस वब्रवटश लेिक द्वारा
पूोंजी प्रवाह और आवर्षक ववकास में वृक्ति ह सकती प्रकावशत एक पुस्तक र्ी। इस पुस्तक में
है । वब्रवटश भारत की आवर्षक क्तस्थवतय ों का
कर अनुपािन में वृक्ति: कम कर सोंभाववत रूप से वणषि वकया गया र्ा। अतः , लवकल्प 2 सही
कर अिुपालि दर ों में सुधार कर सकते हैं , क्य वों क है ।
ब झ कम ह िे पर व्यक्ति और व्यवसाय अपिे कर ों • वफोंिले वशराज। अतः , लवकल्प 3 सही है ।
का भुगताि करिे के वलए अवधक इिु क ह ते हैं । • वी.के.आर.वी राव। अतः , लवकल्प 4 सही
है ।
9. Ans: A आर.सी. दे साई। अतः , लवकल्प 5 सही है ।
Exp:
राजक र्ीय घाटा सरकार के कुल व्यय और ऋण- 11. Ans: A
ग्रहण क छ ड़कर कुल प्राक्तिय ों का अोंतर है । यह Exp:
सरकार की ऋण-ग्रहण की जरूरत ों का एक उपाय भारत में वब्रवटश काल के दौराि, कृवर् उत्पादकता
है । राजस्व घाटा सरकार के राजस्व व्यय और उसकी कम ह गई। कृवर् के तहत कुल क्षेत्र के ववस्तार के
E
राजस्व प्राक्तिय ों के बीच का अोंतर है । यह सरकार कारण इस क्षेत्र में कुछ वृक्ति दे िी गई। कृवर् क्षेत्रक
IN
की अपिे दै विक व्यय क ववत्तप वर्त करिे की में यह ठहराव मुख्य रूप से औपविवेवशक शासि
क्षमता का एक माप है । द्वारा शुरू की गई भू-व्यवस्था की वववभन्न प्रणावलय ों
सकि राजकोर्ीय घार्ा = लनवि घरे िू के कारण हुआ र्ा।
L
ऋण-ग्रहण + भारतीय ररजवथ बैंक से ऋण-ग्रहण कर्न 1 गित है : जमीोंदारी व्यवस्था मुख्य रूप से
N
+ लवदे शोों से ऋण-ग्रहण उस समय बोंगाल प्रेसीिें सी में लागू की गई र्ी, वजसमें
.O
का ध्येय भारत का आवर्षक ववकास िहीों, बक्तल्क राजस्व की लनलदथ ष्ट् रालश जमा करने की तारीखें
अपिे मूल दे श के आवर्षक वहत ों का सोंरक्षण और अोंग्रेजोों द्वारा तय की गईों, ऐसा न करने पर
E
सोंवधषि ही र्ा। इि िीवतय ों िे भारत की अर्षव्यवस्था जमी ोंदारोों से उनकी ज़मीन पर से अलिकार छीन
T
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5
12. Ans: B
Exp:
कर्न 1 गित है : पूाँजीगत वस्तुओों की वियवमत टू ट-
फूट का समाय जि करिे के क्रम में सकल विवेश
के मूल्य से वकए गए ल प क मूल्यह्रास कहते हैं ।
मूल्यह्रास, अप्रत्यावशत अर्वा अचािक हुए वविाश
या पूाँजी का दु रूपय ग ज वक दु घषटिा, प्राकृवतक
आपदा या वफर इस तरह की अन्य बाह्य पररक्तस्थवतय ों
के कारण ह ता है , िहीों कहा जाता है । Reference: NCERT, Class 12th, Introductory
कर्न 2 सही है : विवल घरे लू उत्पाद (NDP) Macroeconomics, Chapter 6
मूल्यह्रास के लेिाों कि के बाद वकसी दे श के भीतर
14. Ans: B
उत्पावदत वस्तुओों और सेवाओों के शुि मूल्य क Exp:
दशाष ता है । NDP विवल घरे लू उत्पाद = लवकल्प B सही है : "प्रगवतशील कर प्रणाली" वह है
GDP(सकि घरे िू उत्पाद)-मूल्ह्रास। जहाों वकसी व्यक्ति की आय या कमाई बढ़िे पर कर
सकल घरे लू उत्पाद और विवल घरे लू उत्पाद के बीच की दर बढ़ जाती है । इसका अर्ष यह है वक उच्च
का अोंतर मूल्यह्रास के बराबर ह ता है । आय वाले व्यक्ति कम आय वाले ल ग ों की तुलिा में
अपिी आय का अवधक प्रवतशत कर ों में भुगताि
13. Ans: C
Exp: करते हैं । एक प्रगवतशील कर प्रणाली के पीछे का
पूोंजीगत लेिा, पररसोंपवत्तय ों के समस्त अोंतराष ष्ट्रीय ववचार आय का पुिववषतरण करिा और उि ल ग ों पर
लेि-दे ि ों क दजष करता है । पररसम्पवत्त, धि क अवधक कर का ब झ िालकर आय असमािता क
रििे का क ई भी रूप ह ता है जैसे, मुद्रा, स्टॉक, कम करिा है ज अवधक भुगताि करिे में सक्षम हैं।
बोंधपत्र, सरकारी ऋण आवद। पररसम्पवत्तय ों की लवकल्प A गित है : हर क ई कर की समाि दर का
िरीद पूोंजीगत लेिा में िे वबट की जाती है । पूोंजीगत भुगताि करता है ; इस प्रणाली क "समाि कर"
प्रणाली के रूप में ववणषत वकया गया है , जहाों हर क ई
E
लेिा के कुछ घटक हैं :
● प्रत्यक्ष ववदे शी विवेश। अत: लवकल्प 1 अपिी आय के स्तर की परवाह वकए वबिा कर ों में
IN
सही है । अपिी आय का एक ही विवित प्रवतशत का भुगताि
● प टष फ वलय विवेश। अत: लवकल्प 2 सही करता है । L
है । लवकल्प C गित है : कम आय वाले ल ग अपिी आय
का अवधक प्रवतशत कर ों में भुगताि करते हैं , यह
N
● ईविटी पूोंजी
● वस्तुओ ों का लनयाथत और आयात चालू की अवधारणा से क ई सोंबोंध िहीों है ; यह सोंदवभषत
करता है वक मुद्रास्फीवत की प्रवतवक्रया में कर दरें
R
है ।
15. Ans: D
T
Exp:
A
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6
कहते हैं । वकसी वस्तु या सेवा के उपय ग क लवलनमाथण और सेवा क्षेत्रोों का लहस्सा क्रमशः 10
मध्यवती उपभ ग के रूप में वगीकृत करिे के वलए, और 15-20 प्रलतशत र्ा।
द शतों क पूरा वकया जािा चावहए: इस प्रकार, सही क्रम है : कृलर् > सेवा > लवलनमाथण
● सबसे पहले, इसे वकसी उत्पादि इकाई
द्वारा वकसी अन्य उत्पादि इकाई से िरीदा 18. Ans: C
या प्राि वकया जाता है । Exp:
● दू सरा, इसे पुिववषक्रय के वलए अवधग्रहीत अगस्त, 2003 में एफ.आर.बी.एम.ए. का
वकया जाता है , वजसका उपय ग लेिाों कि अवधवियमि ववत्तीय सुधार और वववेकपूणष ववत्तीय
अववध के दौराि उत्पादि के वलए पूरी तरह िीवत का अिुसरण करिे के वलए सोंस्थागत ढााँ चे के
से वकया जाता है । उदाहरण के लिए, एक माध्यम से सरकार क बाध्य करिे की वदशा में एक
रे स्तराों द्वारा खरीदा गया दू ि, एक र्ै क्सी महत्त्वपूणष कदम सावबत हुआ। केंद्र सरकार क यह
डर ाइवर द्वारा खरीदा गया पेर्रोि, एक वििय करिा चावहए वक अोंतपीढ़ीय समता ह और
कपडा लनमाथता द्वारा खरीदा गया रे यान पयाष ि राजस्व की प्राक्ति से दीघषकावलक समवष्ट्-
सामग्री, और एक लनमाथण कोंपनी द्वारा अर्ष-शास्त्रीय स्थावयत्व प्राि ह । मौवद्रक िीवत के
खरीदी गई ईोंर्ें। राजक र्ीय बाधा क दू र करते हुए और घाटे तर्ा
पररवारोों द्वारा खरीदा गया सामान अोंलतम ऋण-ग्रहण क सीवमत करते हुए प्रभावकारी ऋण
उपभोग के लिए होता है । उदाहरण- र्ीवी, दू ि प्रबोंध ह । इस अवधवियम के वियम ों क जुलाई,
के पैकेर्, पका हुआ भोजन, दवाइयाों, फनीचर 2004 के प्रभाव से अवधसूवचत वकया गया। अत:
आलद क मध्यवती सामग्री िहीों मािा जाता है , भले लवकल्प 1 और 3 सही हैं ।
ही वे अोंवतम उपय ग से पहले पररवतषि से गुजरते ह ,ों लवकल्प 2 गित है : एफ.आर.बी.एम.ए. अवधवियम
क्य वों क वे आवर्षक चक्र से बाहर हैं । ववदे शी विवेश के वलए कर प्र त्साहि प्रदाि िहीों
करता है । सरकार वववभन्न य जिाओों के माध्यम से
16. Ans: D ववदे शी विवेश के वलए कर प्र त्साहि प्रदाि करती है।
Exp: लवकल्प 4 गित है : मुद्रास्फीवत क वियोंवत्रत करिा
कर्न 1 सही है : वब्रवटश काल के दौराि, दे श की एफ.आर.बी.एम.ए. अवधवियम का कायष िहीों है ।
ववश्व प्रवसि वशल्प-कलाओों का पति ह ता रहा, वकोंतु मुद्रास्फीवत क मुख्य रूप से भारतीय ररजवष बैंक
उस प्रवतवित परों परा का स्थाि ले सकिे वाले वकसी द्वारा ब्याज दर ों क समाय वजत करके वियोंवत्रत
E
आधुविक औद्य वगक आधार की रचिा िहीों ह िे दी वकया जाता है ।
IN
गई। भारत के इस वव-औद्य गीकरण के पीछे ववदे शी
शासक ों का द हरा उद्दे श्य र्ा। पहला, एक त वे 19. Ans: B
भारत क इों ग्लैंि में ववकवसत ह रहे आधुविक उद्य ग Exp:
L
के वलये कच्चे माल का वियाष तक बिािा चाहते र्े। कर्न 1 गित है : स्वेज िहर उत्तर-पूवी लमस्र में
N
और दू सरा, वे उि उद्य ग ों के उत्पाद ों के वलये भारत स्वेज स्थि-सोंलि के आर-पार उत्तर से दवक्षण की
ओर प्रवावहत ह िे वाला कृवत्रम जलमागष है । स्वेज
.O
व्यावसावयक सोंरचिा, यािी, वववभन्न उद्य ग ों और क्षेत्र ों अमेररका और यूर प से आिे वाले जलयाि ों क
T
में कायषशील श्रवमक ों के आिुपावतक ववभाजि में दवक्षण एवशया, पूवी अफ्रीका तर्ा प्रशाों त महासागर
बहुत कम बदलाव दे िा गया। कृलर् क्षेत्र में कायथबि तटवती दे श ों के वलये एक छ टा और सीधा जलमागष
A
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7
E
Exp: का उत्पादि तर्ा ववतरण वकस प्रकार वकया जाए।
जीएसटी िे केन्द्र/राज्य/ केन्द्रशावसत प्रदश ों के द्वारा
IN
वसिाों ततः यह मािा जाता है वक समाजवाद में
लगाये गये वववभन्न प्रकार के कर /ों उपकर ों क ववतरण ल ग ों की आवश्यकता के आधार पर ह ता
प्रवतस्थावपत कर वदया है । केन्द्र द्वारा लगाये गये कुछ है , उिकी क्रय क्षमता के आधार पर िहीों।
L
कर केन्द्रीय उत्पाद कर, सेवा कर, केन्द्रीय वबक्री
N
वैट/सेल्सटै क्स, प्रवेश कर, ववलावसता कर, चुाँगी, कर्न 1 सही है : ववदे शी मुद्रा की कीमत में वृक्ति,
मि रों जि कर, ववज्ञापि ों पर कर, ववदे शी वस्तुओों क िरीदिे की लागत क बढ़ा दे ती
L
आवद र्े। ये सब जीएसटी में समावहत ह गये हैं । इसवलए ववदे शी मुद्रा की माों ग भी कम ह जाती है ,
वतषमाि में पेटर वलयम पदार्ों क जीएसटी से बाहर जबवक अन्य चीजें क्तस्थर रहती हैं ।
कर्न 2 सही है : ववविमय दर में वृक्ति का तात्पयष
R
उपय ग के वलये मादक पेय ों पर राज्य सरकारें मूल्य (िॉलर) की कीमत में वृक्ति हुई है । इसे ववदे शी मुद्रा
T
ववधषत कर (वैट) लगाती रहे गी। तम्बाकू तर्ा तम्बाकू (िॉलर) के सोंदभष में घरे लू मुद्रा (रुपये) का मूल्यह्रास
पदार्ों पर जीएसटी तर्ा केंद्रीय उत्पाद कर द ि ों कहा जाता है ।
A
लगेंगे।
M
C
S
P
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8
E
Exp:
कर्न 1, 2 और 3 गित हैं ।
IN
28. Ans: D
उपभ िा कीमत सूचकाों क और सकल घरे लू उत्पाद Exp:
अवस्फीवतक द ि ों ही मुद्रास्फीवत के माप हैं । वर्ष 1950 में य जिा आय ग की स्थापिा की गई,
L
लेवकि, विम्नवलक्तित कारण ों से उपभ िा कीमत वजससे भारत में पोंचवर्ीय य जिाओों के युग का
N
सूचकाों क, सकल घरे लू उत्पाद अवस्फीवतक से वभन्न सूत्रापात हुआ। इि पोंचवर्ीय य जिाओों के लक्ष् र्े:
ह सकता है : • सोंवृक्ति। अत: लवकल्प 1 सही है ।
.O
उत्पादन स्तर के अनुसार उनमें अोंतर इसका अर्ष यह िहीों है वक प्रत्येक य जिा में इि
होता है । लक्ष् ों क एक समाि महत्त्व वदया गया है । सीवमत
R
• उपभोिा कीमत सूचकाोंक में, सोंसाधि ों के कारण प्रत्येक य जिा में ऐसे लक्ष् ों का
उपभोिा लजन वस्तुओ ों का क्रय करते चयि करिा पड़ता है , वजिक प्रार्वमकता दी जािी
E
हैं , उनसे दे श में उत्पालदत सभी वस्तुओ ों है । इि य जिाओों का उद्दे श्य तेजी से औद्य गीकरण
T
का प्रलतलनलित्व नही ों होता है । सकि करिा, कृवर् उत्पादि में वृक्ति करिा, गरीबी और
घरे िू उत्पाद अवस्फीलतक में सभी ऐसी बेर जगारी क कम करिा और सामावजक कल्याण
A
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E
स्थापिा की तर्ा ‘साोंख्य’ नामक एक जनथि प्रार्वमक घाटा ऋणात्मक है , त सरकार अपिा कजष
लनकािा, ज आज भी साों क्तख्यकीववद ों के वलये
IN
कम करिे में सक्षम ह गी।
परस्पर ववचार-ववमशष हे तु एक प्रवतवित मोंच बिा
हुआ है । दू सरी पोंचवर्ीय योजना, वजसिे भारतीय 33. Ans: C
L
य जिा के लक्ष् ों के सोंबोंध में बुवियादी ववचार रिे; Exp:
N
मािा जा सकता है । दू सरी पोंचवर्ीय य जिा में भारत से है । इसका तात्पयष या त उत्पादक पूोंजी का बड़ा
में औद्य गीकरण पर भारी ज र वदया गया। भोंिार, या पररवहि और बैंवकोंग जैसी सहायक
L
आलर्थक गलतलवलियोों में भाग िेते हैं । ये उपभ िा वस्तुओों और सेवाओों का बाजार मूल्य है । वकसी दे श
T
ह सकते हैं ज यह तय करते हैं वक क्या और वकतिा की जीिीपी अर्षव्यवस्था के वववभन्न क्षेत्र ,ों अर्ाष त् कृवर्
उपभ ग करिा है । वे वस्तुओों और सेवाओों के विमाष ता क्षेत्र, औद्य वगक क्षेत्र और सेवा क्षेत्र से प्राि ह ती है ।
A
ह सकते हैं ज यह तय करते हैं वक क्या और वकतिा इिमें से प्रत्येक क्षेत्र द्वारा वकया गया य गदाि
M
उत्पादि करिा है। वे सरकार, विगम या बैंक जैसी अर्षव्यवस्था की सोंरचिात्मक सोंघटि बिाता है ।
सोंस्थाएों ह सकती हैं , ज अलग-अलग आवर्षक
C
S
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10
E
35. Ans: D 37. Ans: A
IN
Exp: Exp:
औपविवेवशक शासि के दौराि कृवर् में आया ररकाविष यि समतुल्यता पररकल्पिा में कहा गया है
ठहराव हररत क्राों वत से स्थायी रूप से टू ट गया। वक उपभ िा दू रदशी ह ते हैं और वे अपिे िचष क
L
इसका तात्पयष विम्नवलक्तित के पररणामस्वरूप ि केवल अपिी वतषमाि आय पर बक्तल्क अपिी
N
िाद्यान्न उत्पादि में हुई भारी वृक्ति से है : अपेवक्षत भववष् की आय पर भी आधाररत करें गे।
• उच्च उपज दे िे वाली वकस्म (HYV) बीज ों इसका अर्ष यह है वक अगर सरकार आज अपिे
.O
का उपय ग। अतः , लवकल्प 1 सही है । िचों क पूरा करिे के वलए पैसा उधार लेती है , त
• उवषरक का प्रय ग अतः , लवकल्प 2 सही उपभ िाओों क यह अिुमाि ह गा वक उन्ें कजष
L
• उवषरक और कीटिाशक िरीदिे के वलए ही सरकार वास्तव में कर ों में वृक्ति ि करे ।
T
ववत्तीय सोंसाधि।
A
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E
कर्न 1 सही है : टै ररफ आयावतत वस्तुओों पर एक प्रशासि के वलए, सरकार वववभन्न स्र त ों जैसे
IN
कर ह ता है और वे आयावतत वस्तुओों क अवधक कराधाि, सावषजविक क्षेत्र के उद्यम ों के माध्यम से
महों गा बिाते हैं और उिके उपय ग क हत त्सावहत पूोंजी/विवध का सृजि करती है । जब व्यय आय से
करते हैं । अवधक ह ता है , त सरकार घाटे क पूरा करिे के
L
कर्न 2 गित है : क टा उि वस्तुओों की मात्रा वलए उधार लेती है । सरकार के उधार में शावमल हैं :
N
विवदष ष्ट् करता है वजन्ें आयात वकया जा सकता है। • बैंक ों से ऋण. अतः , लवकल्प 1 सही है ।
टै ररफ और क टा का प्रभाव यह है वक वे आयात क
.O
गवतवववधयाों मुख्य रूप से पूोंजीवादी उद्यम ों द्वारा की में वगीकृत वकया जा सकता है : क्तस्थरीकरण उपाय
M
जाती हैं । व्यक्ति, विजी व्यवसाय और विगम भूवम, और सोंरचनात्मक सुिार उपाय।
श्रम और पूोंजी जैसे उत्पादि के कारक ों के स्वामी
C
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कारक ों से वभन्न है , ज राजक र्ीय प्रणाली की अत:, लवकल्प 3 गित है ।
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अोंतविषवहत ववशेर्ताएों हैं , ये अर्षव्यवस्था क क्तस्थर 2. महािगर टे लीफ ि विगम
करिे के वलए स्वचावलत रूप से काम करते हैं। वलवमटे ि।
उदाहरण के वलए, प्रगवतशील आयकर एक ● वमिीरत्न
L
स्वचावलत स्टे बलाइजर के रूप में कायष करते हैं 1. भारत सोंचार विगम वलवमटे ि
N
44. Ans: A
IA
वैश्वीकरण (एलपीजी) सुधार ों से पहले वियामक तोंत्र कर्न 1 सही है : कई अववकवसत दे श ों में, पररवार
क एक सोंरक्षणवादी िीवत के रूप में लागू वकया गया उत्पादि प्रवक्रया में महत्वपूणथ भूलमका लनभाता है ।
E
1991 और उसके बाद शुरू की गई सुधार िीवतय ों रूप में जािा जाता है , वजसमें उत्पादन (लवशेर्कर
िे कई प्रवतबोंध हटा वदए। इसके अोंतगषत औद्य वगक कृलर् में) लकसान पररवारोों द्वारा लकया जाता है ।
A
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अलिकाोंश श्रम पररवार के सदस्ोों द्वारा स्वयों स्वचावलत स्टे बलाइजर का उदाहरण है । जब व्यक्ति
लकया जाता है । उत्पादि केवल बाजार के वलए िहीों या पररवार आय में बदलाव का अिुभव करते हैं , त
है ; इसका एक बड़ा वहस्सा पररवार द्वारा उपभ ग या वे जीवि के एक विवित मािक क बिाए रििे के
जाता है । वलए अक्सर अपिे िचष के पैटिष क समाय वजत
करते हैं । उदाहरण के वलए, जब आवर्षक मोंदी के
47. Ans: D दौराि, आय कम ह ती है त पररवार आवश्यक
Exp: िपत क भारी रूप से कम करिे के बजाय
लशक्षा में लनवेश को मानव पूोंजी के मुख्य स्रोतोों में वववेकाधीि िचष क कम कर सकते हैं । िचष में यह
से एक माना जाता है । इसके कई अन्य स्र त भी हैं समाय जि समग्र कुल माों ग पर आय पररवतषि के
जैसे स्वास्थ्य में लनवेश, नौकरी के दौरान प्रभाव क कम करके अर्षव्यवस्था क क्तस्थर करिे में
प्रलशक्षण, प्रवासन और सूचना मानव पूोंजी मदद करता है ।
लनमाथण के अन्य स्रोत हैं । लबोंदु 4 सही है : आवर्षक उतार-चढ़ाव के दौराि
लशक्षा पर खचथ करने से उिकी भववष् की आय लाभाों श बिाए रििे का विगम ों का विणषय आवर्षक
बढ़ािे में मदद वमल सकती है । लशक्षा की तरह, क्तस्थवतय ों के जवाब में विगम ों द्वारा वलया गया एक
स्वास्थ्य को भी राष्ट्र के ववकास के वलए उतिा ही व्यावसावयक विणषय है। यह अर्षव्यवस्था में स्वचावलत
महत्वपूणष इिपुट मािा जाता है वजतिा वक यह क्तस्थरता भी लाता है ।
व्यक्ति के ववकास के वलए महत्वपूणष है । िौकरी के
49. Ans: D
दौराि प्रवशक्षण से सोंबोंवधत व्यय मािव पूोंजी विमाषण
Exp:
का एक स्र त है क्य वों क बढ़ी हुई श्रम उत्पादकता के
वशक्षा पर िचष ह िे वाले सकल घरे लू उत्पाद का
रूप में ऐसे व्यय की वापसी इसकी लागत से अवधक
प्रवतशत यह दशाष ता है वक हमारी आय का वकतिा
है ।
वहस्सा दे श में वशक्षा के ववकास के वलए समवपषत है ।
ल ग ऐसी िौकररय ों की तलाश में पिायन करते हैं
कर्न 1 गित है : प्रारों वभक वशक्षा कुल वशक्षा व्यय
जहाों उन्ें उिके मूल स्थाि ों की तुलिा में अवधक
का एक बड़ा वहस्सा ह ती है ।
वेति वमलता है । अतः प्रवास पर व्यय भी मािव पूोंजी
कर्न 2 गित है : उच्च/तृतीयक वशक्षा (कॉलेज,
विमाष ण का एक स्र त है ।
पॉवलटे क्तिक और ववश्वववद्यालय जैसे उच्च वशक्षा
सोंस्थाि) का वहस्सा सबसे कम है । हालााँ वक, सरकार
E
48. Ans: C
Exp: औसति उच्च वशक्षा पर कम िचष करती है , उच्च
IN
स्वचावलत स्टे बलाइजर राजक र्ीय या आवर्षक तोंत्र वशक्षा में 'प्रवत छात्र व्यय' प्रारों वभक की तुलिा में
ह ता हैं ज जािबूझकर सरकारी कारष वाई की अवधक है । L
आवश्यकता के वबिा स्वचावलत रूप से अर्षव्यवस्था
50. Ans: C
क क्तस्थर करिे में मदद करते हैं । वे तेजी और मोंदी
N
Exp:
के दौराि आवर्षक उतार-चढ़ाव क कम करके काम
ववकवसत और ववकासशील द ि ों दे श ों में, विजी
.O
करते हैं ।
पूोंजीवादी क्षेत्र के अलावा, राज्य िामक सोंस्था ह ती
लबोंदु 1 गित है : बुवियादी ढाों चे पर सरकार का
है । राज्य की भूलमका में कानून बनाना, उन्हें िागू
L
नही ों हैं ।
लबोंदु 3 सही है : आय पररवतषि के दौराि वपछले
M
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E
सकते हैं : अविवायष वशक्षा प्रदाि करिे की वसफाररश की गई।
• फमष द्वारा उत्पावदत वस्तुओों और सेवाओों लवकल्प d सही है : क ठारी आय ग िे क्षेत्रीय
IN
पर अोंवतम उपभ ग व्यय या पररवार ों द्वारा भार्ाओों, सोंस्ृत के सार्-सार् अोंतराष ष्ट्रीय भार्ाओों,
लकया गया व्यक्तिगत उपभोग, वजसका अवधमाितः अोंग्रेजी क बढ़ावा दे िे की वसफाररश की
L
भुगताि पररवार ों द्वारा सीधे उि फमों क र्ी।
N
शावमल वकया जाता है । यह दे िा गया है वक भीतर उत्पावदत सभी अोंवतम वस्तुओों और सेवाओों
IA
मध्यवती वस्तुओों पर व्यय के लवपरीत, जो का बाजार मूल्य है । बाजार कीमतें वे कीमतें ह ती हैं
जीडीपी की गणना में शालमि नही ों है , ज उपभ िाओों द्वारा भुगताि की जाती हैं । बाजार
कीमत ों में उत्पाद कर और सक्तििी भी शावमल ह ती
R
हवर्यार, स्वास्थ्य दे िभाल और वशक्षा पर करती है । या गैर-लनवालसयोों द्वारा लकया गया समग्र
M
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के स्वालमत्व में हो। इसमें सभी वस्तुओों और सेवाओों प्रवृलत्त (एमपीसी) के रूप में जाना जाता है ।
का मूल्य बाजार मूल्य पर ह ता है । एमपीसी आय स्तर के अिुसार वभन्न ह ती है और
कर्न 2 गित है : बाजार मूल्ोों पर जीडीपी में आमतौर पर उच्च आय पर कम ह ती है । उपभ ग
उत्पाद करोों के सार्-सार् सक्तििी क भी ध्याि में करिे की सीमाों त प्रवृवत्त Δc / ΔY के बराबर है , जहाों
रिा जाता है । यह कारक लागत पर सकल घरे लू Δc उपभ ग में पररवतषि है , और ΔY आय में पररवतषि
उत्पाद है वजसमें विवल उत्पाद कर शावमल िहीों है । है । औसत उपभोग प्रवृलत्त (एपीसी) आय की प्रलत
इकाई खपत है । उपभ ग करिे की औसत प्रवृवत्त
बाजार मूल् पर जीडीपी = कारक िागत पर आवर्षक गवतवववध का एक अिा सोंकेतक है क्य वों क
जीडीपी + उत्पाद कर + उत्पादन कर - उत्पाद यह दशाष ता है वक वस्तुओों और सेवाओों की वकतिी
सक्तिडी - उत्पादन सक्तिडी। माों ग है ।
युग्म 2 सुमेलित है : यह ववचार वक विवेश व्यय में
56. Ans: C क ई भी वृक्ति, चाहे वह सावषजविक ह या विजी, कुल
Exp: आय और समग्र अर्षव्यवस्था पर आिुपावतक रूप से
लवकल्प c सही है : सरकारी घाटा क्तस्थर िहीों ह ता है सकारात्मक प्रभाव से अवधक है , वजसे "विवेश
और अर्षव्यवस्था की क्तस्थवत से प्रभाववत ह ता है । गुणक" के रूप में जािा जाता है । इसकी िीोंव जॉि
आवर्षक मोंदी के दौराि, जब सकल घरे लू उत्पाद मेिािष कीन्स के आवर्षक वसिाों त में विवहत है ।
वगरता है और कर राजस्व घटता है क्य वों क फमष और युग्म 3 सुमेलित है : आय का पूणथ रोजगार स्तर
गृहस्थ कम आय सृवजत करते हैं , त सरकारी घाटे में आय का वह स्तर है जहाों उत्पादन के सभी
वृक्ति ह ती है। ऐसा इसवलए ह ता है क्य वों क आवर्षक कारक उत्पादन प्रलक्रया में पूरी तरह से लनयोलजत
मोंदी के दौराि सरकार की कर प्राक्तियााँ कम ह होते हैं और अिैक्तिक बेर जगारी का अभाव ह
जाती हैं । जाता है ।
दू सरी ओर, सरकारी घाटे में आम तौर पर आवर्षक
उछाल के दौराि वगरावट आती है जब सकल घरे लू 58. Ans: A
उत्पाद बढ़ रहा ह ता है और कर प्राक्तियाों बढ़ रही Exp:
ह ती हैं । दू सरे शब् ों में, जब अर्षव्यवस्था अिा राष्ट्रीय प्रय ज्य आय (NDI) एक महत्वपूणष आवर्षक
प्रदशषि कर रही ह ती है , त सरकारी ववत्त में सुधार सोंकेतक है ज कर ों और हस्ताों तरण ों के लेिाों कि के
ह ता है , वजससे घाटा कम ह ता है या अवधशेर् भी बाद िचष या बचत के वलए वकसी दे श के विवावसय ों
E
ह ता है । या िागररक ों के वलए उपलब्ध कुल आय का
IN
लवकल्प a गित है : क्य वों क बड़ा घाटा हमेशा प्रवतविवधत्व करता है । यह सकल घरे लू उत्पाद
अवधक ववस्तारवादी राजक र्ीय िीवत का सोंकेत िहीों (जीिीपी) की तुलिा में एक व्यापक उपाय है क्य वों क
दे ता है । घाटे और राजक र्ीय िीवत के बीच सोंबोंध यह कर ों और सरकारी हस्ताों तरण जैसे कारक ों पर
L
ववकास, राजक र्ीय समेकि, कर-जीिीपी अिुपात ववचार करता है , ज व्यक्तिय ों और पररवार ों के वलए
N
लवकल्प d गित है : क्य वों क सरकारी िचष और लनवि अन्य चािू हस्ताोंतरण। (बाकी दु लनया से
IA
कराधाि िीवतय ों सवहत राजक र्ीय िीवत का वतथमान हस्ताोंतरण में उपहार, सहायता आलद
सरकारी घाटे पर प्रभाव पड़ता है , जैसा वक कर जैसी वस्तुएों शालमि हैं )।
R
िीवतय ों और सरकारी व्यय में बदलाव के माध्यम से कर्न 2 सही है : राष्ट्रीय प्रयोज्य आय घरे िू
सरकारी घाटे क कम करिे के प्रयास ों की चचाष से अर्थव्यवस्था में वस्तुओ ों और सेवाओों की
E
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विपटाि वकए वबिा उपभ ग और बचत पर िचष कर और आय के बीच सोंबोंध का वणषि करता है । सबसे
सकता है । बुवियादी उपभ ग फलि यह धारणा बिाता है वक
आय में पररवतषि के सार् उपभ ग आिुपावतक रूप
59. Ans: A से बदलता है । हालााँ वक, भिे ही आय शून्य हो, लफर
Exp: भी कुछ उपभोग होता है । चूँलक उपभोग का यह
लवकल्प (a) सही है : इसमें कहा गया है वक आवर्षक स्तर आय से स्वतोंत्र होता है , इसलिए इसे स्वायत्त
मोंदी के दौराि व्यक्ति अवधक बचत करिे की उपभोग कहा जाता है । यह आय पर लनभथर नही ों
क वशश करते हैं , वजससे अविवायष रूप से कुल माों ग है और इसे उिार िेकर या बचत/िन का
में वगरावट आती है और इसवलए आवर्षक ववकास में उपयोग करके लवत्तपोलर्त लकया जाता है ।
वगरावट आती है । इस ववर धाभास के अिुसार, मोंदी
के दौराि बचत अर्षव्यवस्था पर एक बड़ा दबाव है ,
और कीमतें माों ग में पररवतषि के सार् समाय वजत
िहीों ह ती हैं । ववर धाभास का तात्पयष यह है वक
व्यक्तिगत बचत समग्र अर्षव्यवस्था के वलए
हाविकारक ह सकती है ।
लवकल्प (b) गित है : िागत के लवरोिाभास में
कहा गया है लक वास्तववक मजदू री में कमी से फमों
के मुिाफे में वृक्ति िहीों ह गी और इसके बजाय
र जगार में वगरावट आएगी।
लवकल्प (c) गित है : सावथजलनक घार्े का
लवरोिाभास बताता है वक सरकारी िचष बढ़िे से
अर्षव्यवस्था क बढ़ावा िहीों वमलेगा, बक्तल्क दे श पर
कजष का ब झ बढ़ जाएगा।
लवकल्प (d) गित है : लगफेन लवरोिाभास एक Fig: The Consumption Schedule
ऐसी घटिा है वजसमें वकसी वस्तु की कीमत बढने Reference:NCERT, Class 12th, Introductory
पर उसकी माोंग बढ जाती है । यह माों ग के वियम Macroeconomics, Chapter 4
का अपवाद है । यह घवटया वस्तुओों के मामले में ह ता
E
है , वजिकी कम आय पर अवधक माों ग ह ती है । मूल्य 61. Ans: C
Exp: व्यक्तिगत आय (PI) में वह सभी आय शावमल
IN
वृक्ति के पररणामस्वरूप उपभ िा घवटया वस्तुएाँ
अवधक और अन्य वस्तुएाँ कम िरीदते हैं क्य वों क ह ती है ज एक वर्ष में सभी व्यक्तिय ों क प्राि ह ती
आय प्रभाव प्रवतस्थापि प्रभाव से अवधक ह ता है । है ।
L
• यह ध्याि वदया जािा चावहए वक राष्ट्रीय
N
60. Ans: C
Exp: आय में से, ज फमों और सरकारी
.O
कर्न 1 गित है : कीनेलसयन अर्थशास्त्र में, उद्यम ों द्वारा अवजषत की जाती है , लाभ
प्रभावी माोंग सोंतुिन का लबोंदु है जहाों कुि माोंग का एक वहस्सा उत्पादि के कारक ों के
L
कुि आपूलतथ के बराबर होती है । यह उपभ िाओों बीच ववतररत िहीों वकया जाता है । इसे
अलवतररत िाभ कहा जाता है ।
IA
है ।
M
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E
है । उदाहरण के लिए, उत्पाद कर, सेवा कर, लनयाथत
IN
और आयात शुल्क आलद।
व्यक्तिगत आय (पीआई) = राष्ट्रीय -
अलवतररत िाभ – गृहस्थ ों द्वारा लकया 64. Ans: B
L
गया विवल ब्याज भुगतान - कॉपोरे र् Exp:
N
62. Ans: C
वकसी विमाष ता की 'विवेश वस्तुएों' (जैसे मशीिें) भी
Exp:
अोंवतम वस्तुओों का वहस्सा है ; वे कच्चे माल की तरह
समग्र माोंग लकसी अर्थव्यवस्था में लकसी लदए गए
R
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कमी एक ऋणात्मक इन्वेंटरी विवेश है । इन्वेंर्री उत्पावदत सभी वस्तुओों और सेवाओों के मूल्य क
लनवेश दो कारणोों से हो सकता है : दशाष ता है । वास्तववक जीिीपी आधार-वर्ष की
• कोंपनी लवलभन्न कारणोों से कुछ स्टॉक कीमत ों में व्यि की जाती है। इसकी गणना इस
रखने का लनणथय िे ती है (इसे लनयोलजत तरह की जाती है लक वस्तुओ ों और सेवाओों का
इन्वेंर्री लनवेश कहा जाता है ) मूल्ाोंकन कीमतोों के कुछ क्तस्थर समुच्चय ों (या
• सािारण लबक्री लकसी लबक्री के क्तस्थर कीमतोों) पर लकया जाता है । चूोंवक ये कीमतें
लनयोलजत स्तर से लभन्न होती है , ऐसी क्तस्थर रहती हैं , इसवलए इसे मुद्रास्फीवत-सकल घरे लू
क्तस्थलत में फमथ को मौजूदा इन्वेंर्री को उत्पाद के रूप में भी जािा जाता है । यवद वास्तववक
जोडना/घर्ाना पडता है (इसे सकल घरे लू उत्पाद में पररवतषि ह ता है त हम
अलनयोलजत इन्वेंर्री लनवेश कहा जाता विविोंत ह सकते हैं वक यह उत्पादि की मात्रा है
है )। वजसमें पररवतषि ह रहा है ।
कर्न 3 सही है : उत्पादकोों द्वारा लनवेश लनणथय, कर्न 2 सही है : िॉवमिल सकल घरे लू उत्पाद
जैसे लक नई मशीन खरीदनी है या नही ों, काफी (जीिीपी) शब् मौजूदा बाजार कीमत ों पर मूल्याों कि
हद तक बाजार की ब्याज दर पर लनभथर करते हैं । की गई जीिीपी क सोंदवभषत करता है । िॉवमिल
उदाहरण- उच्च ब्याज दरें उधार लेिा अवधक महों गा जीिीपी एक विवित समय अववध में उत्पावदत सभी
बिा दे ती हैं , वजससे विवेश हत त्सावहत ह सकता है । वस्तुओों और सेवाओों का कुल मूल्य है , ज उत्पादि
प्रवक्रया के दौराि उत्पावदत वस्तुओों के मूल्य से कम
65. Ans: A है । साल-दर-साल बढ़ती िॉवमिल जीिीपी,
Exp: उत्पावदत वस्तुओों और सेवाओों की सोंख्या में वृक्ति के
शब् "क्राउविों ग आउट" एक ऐसी क्तस्थवत का वणषि ववपरीत कीमत ों में वृक्ति क प्रवतवबोंवबत कर सकती
करता है वजसमें घाटे के ववत्तप र्ण के वलए सरकारी है ।
उधारी ववत्तीय बाजार ों में विजी क्षेत्र के उधारकताषओों कर्न 3 ग़ित है : वास्तववक जीिीपी वकसी
के सार् प्रवतस्पधाष करती है और उन्ें ववस्थावपत कर अर्षव्यवस्था में उत्पावदत सभी वस्तुओों और सेवाओों
दे ती है । जब सरकार अपिे घाटे क पूरा करिे के के कुल मूल्य क मापती है , वजसे मुद्रास्फीवत के वलए
वलए बाों ि जारी करती है , त विजी व्यक्ति और समाय वजत वकया जाता है । यह वस्तुओों और सेवाओों
सोंस्थाि इि सरकारी बाोंि ों में विवेश करिा चुि की मात्रा और कीमत ों द ि ों में पररवतषि के वलए
सकते हैं , वजससे विजी क्षेत्र के विवेश के वलए वजम्मेदार है । अत:, जब उत्पादन की मात्रा बढती
E
उपलब्ध धिरावश कम ह जाती है । है , तो यह आमतौर पर वास्तलवक सकि घरे िू
IN
उत्पाद में वृक्ति में योगदान दे ती है ।
66. Ans: B
Exp:
L
68. Ans: C
कर्न 1 गित है : कृवर् क्षेत्र के आों कड़ ों से पता
Exp:
N
67. Ans: C
Exp: वकया जाता है वजसके वलए अवधक श्रम इिपुट की
A
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E
घाटे के कारण ऋण का सोंचय ह सकता है । रूप से बाजार लेिदे ि पर केंवद्रत है - औपचाररक
IN
बाजार ों में िरीदी और बेची गई वस्तुओों और सेवाओों
70. Ans: B का उत्पादि। इसमें उन घरे िू सेवाओों को शालमि
Exp: नही ों लकया जाता है , जो मलहिाएों (या कोई भी)
L
कर्न 1 सही है : जीिीपी अपस्फीवतकारक एक अपने अवैतलनक घरे िू काम के लहस्से के रूप में
N
ऐसा माप है ज मौजूदा बाजार कीमतोों पर सकि घर पर करती हैं । इसी प्रकार, यह वस्तु-ववविमय
घरे िू उत्पाद (जीडीपी) और क्तस्थर (आिार)
.O
है और मुद्रास्फीवत या अपस्फीवत के वलए सकल कर्न 3 गित है : सकल घरे लू उत्पाद (जीिीपी)
घरे लू उत्पाद के आों कड़ ों क समाय वजत करिे के का उच्च स्तर आम तौर पर अवधक आवर्षक उत्पादि
R
सामाि उि सभी वस्तुओों का प्रवतविवधत्व िहीों करता की समग्र भिाई को व्यापक रूप से प्रलतलबोंलबत
T
है ज वकसी दे श में उत्पावदत ह ते हैं । जीडीपी नही ों करता है । प्रवत व्यक्ति उच्च सकल घरे लू
अपस्फीलतकारक ऐसी सभी वस्तुओ ों और
A
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E
सुलविाजनक इकाई के रूप में कायथ 76. Ans: D
IN
करती है । Exp:
• कर्न 2 सही है । यह लवलनमय के माध्यम यह महसूस वकया गया है वक यवद वकसाि अपिी
के रूप में कायथ करती है : धि वस्तुओों उपज सीधे उपभ िाओों क बेचते हैं , त इससे
L
और सेवाओों की िरीद या वबक्री से जुड़े उिकी आय बढ़ती है । इन चैनिोों के कुछ
N
सभी प्रकार के लेिदे ि के वलए ववविमय के उदाहरण हैं - अपनी मोंडी (पोंजाब, हररयाणा और
साधि के रूप में कायष करता है । राजस्थान); हडपसर मोंडी (पुणे); रायर्ू बाज़ार
.O
कर्न 3 भी सही है । यह व्यक्तियोों के लिए मूल् (आों ध्र प्रदे श और तेिोंगाना में सब्जी और फि
के सोंचय के रूप में कायथ कर सकता है : वकसी बाज़ार) और उझावर सैंडीज़ (तलमिनाडु में
L
74. Ans: D
'भारतीय ररजवष बैंक' है । यह एक रुपये के ि ट और
A
Exp:
'कुदु म्बश्री' केरि में वक्रयाक्तन्वत वकया जा रहा एक भारत सरकार द्वारा जारी वकए गए वकसी भी मूल्य
M
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कर्न 2 गित है : केंद्रीय बैंक, यािी 'भारतीय लवकल्प b गित है : वह दर, वजस पर वावणक्तज्यक
ररजवष बैंक', वववभन्न तरीक ,ों जैसे बैंक दर ,ों िुले बैंक प्रवतभूवतय ों के सोंपावश्वषक के बदले में आरबीआई
बाजार सोंचालि और आरवक्षत अिुपात में बदलाव के से धि उधार लेते हैं , रे प दर कहलाती है । इसका
माध्यम से दे श की मुद्रा आपूवतष क वियोंवत्रत करता उपय ग केंद्र सरकार द्वारा धि की कमी या कुछ
है , ि वक राज्य सरकार। वैधाविक उपाय ों के कारण तरलता बिाए रििे के
कर्न 3 सही है : यह सरकार के वलए बैंकर के रूप वलए वकया जाता है । मुद्रास्फीवत क वियोंत्रण में रििे
में कायष करता है । यह अर्षव्यवस्था के ववदे शी मुद्रा के वलए यह आरबीआई के मुख्य उपकरण ों में से एक
भोंिार का सोंरक्षक है । यह बैंक ों के वलए अोंवतम है ।
उपाय के ऋणदाता के रूप में भी कायष करता है । लवकल्प C गित है : वजस दर पर वावणक्तज्यक बैंक
आरबीआई के पास धि जमा करते हैं उसे ररवसथ
78. Ans: A रे पो दर कहा जाता है। बाजार में अवतररि तरलता
Exp: ह िे पर आरबीआई बैंक ों से पैसा उधार लेता है।
कर्न 1 सही है : उच्च शक्ति वािी मुद्रा को केंद्रीय बैंक के पास अपिी वहस्सेदारी पर ब्याज प्राि
'आरलक्षत मुद्रा' या 'मौलद्रक आिार' के रूप में करके बैंक ों क इससे लाभ ह ता है । अर्षव्यवस्था में
भी जाना जाता है । यह दे श के मौलद्रक प्रालिकरण मुद्रास्फीवत के उच्च स्तर के दौराि, आरबीआई
यानी आरबीआई की लजम्मेदारी है । ररजवष से ररवसष रे प बढ़ाता है । यह बैंक ों क अवतररि
तात्पयष वावणक्तज्यक बैंक जमा और केंद्रीय बैंक में इि धिरावश पर अवधक ररटिष अवजषत करिे के वलए
सोंस्थाि ों द्वारा ररजवष में रिे गए वकसी भी धि से है , आरबीआई के पास अवधक धिरावश जमा करिे के
जबवक प्रचलि में धि से तात्पयष आम जिता द्वारा वलए प्र त्सावहत करता है ।
रिी और उपय ग की जािे वाली वकसी भी चीज से लवकल्प D गित है : न्यूितम उधार दर, वजसके िीचे
है । यह साि विमाष ण के वलए आधार के रूप में कायष बैंक क उधार दे िे की अिुमवत िहीों है , उसे सीमाों त
करता है । उधार दर (MCLR) कहा जाता है । इसिे वावणक्तज्यक
कर्न 2 सही है : इसे आों लशक आरलक्षत बैंलकोंग बैंक ों के वलए ऋण दरें विधाष ररत करिे के वलए पहले
प्रणािी के मुद्रा गुणक प्रभाव के माध्यम से की आधार दर प्रणाली क प्रवतस्थावपत कर वदया।
लवस्ताररत लकया जा सकता है । मुद्रा गुणक मापता आरबीआई िे ऋण के वलए ब्याज दरें विधाष ररत करिे
है वक प्रारों वभक जमा के पररणामस्वरूप कुल मुद्रा के वलए 1 अप्रैल, 2016 क सीमाों त उधार दर
आपूवतष में बड़ी अोंवतम वृक्ति कैसे ह ती है । यह (MCLR) लागू वकया
E
वावणक्तज्यक बैंक के मुद्रा और केंद्रीय बैंक के मुद्रा
IN
का अिुपात है । यह फ्रैक्शिल ररजवष बैंवकोंग प्रणाली 80. Ans: C
पर आधाररत है , जहााँ बैंक ों क जमा का एक विवित Exp:
प्रवतशत ररजवष के रूप में रििा आवश्यक ह ता है। कर्न 1 सही है : राजस्व बजट में राजस्व व्यय और
L
कर्न 3 गित है : उच्च शक्ति वाले मुद्रा में प्रचलि राजस्व प्राक्तियााँ शावमल ह ती हैं । शब् "राजस्व
N
में मौजूद सभी भौवतक कागज और वसक्ा मुद्रा, प्राक्तप्तयाँ" से तात्पयष उन भुगतानोों से है , लजनका
.O
सार् ही केंद्रीय बैंक द्वारा रिे गए बैंक भोंिार शावमल सरकार की सोंपलत्त या दे नदाररयोों पर कोई सीिा
हैं । प्रभाव नही ों पडता है । इसमें सरकार द्वारा कर (जैसे
उत्पाद शुल्क, और आयकर) और गैर-कर स्र त ों
L
दे ते हैं , ज उधार लेिा चाहते हैं । बैंक जमाकताष ओों राजस्व खाते में केवि वे िे नदे न शालमि होते हैं ,
क ज ब्याज दर दे ते हैं , वह उधारकताष ओों से ली जािे
A
ब्याज दर ों के बीच का अोंतर, वजसे 'स्प्रेि' कहा जाता और पूोंजीगत व्यय शावमल ह ते हैं ।
है , बैंक द्वारा ववविय वजत लाभ है ।
C
S
P
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पूोंजीगत प्राक्तप्तयाों उन प्राक्तप्तयोों को दशाथती हैं , लनलवदाएों भी कहा जाता है , क्य वों क इन्ें दे श का
लजनसे सरकार की सोंपलत्त में कमी आती है या क ई भी िागररक वकसी भी प्रकार के लेिदे ि के
दे नदाररयोों में वृक्ति होती है । इसमें (i) सावषजविक विपटाि के वलए मिा िहीों कर सकता है ।
उद्यम ों के शेयर ों जैसी पररसोंपवत्तय ों (या ववविवेश) क युग्म 2 सही सुमेलित है : M3 और M4 को िॉड
बेचकर अवजषत धि और (ii) राज्य ों द्वारा उधार या मनी के रूप में जाना जाता है ।
ऋण ों के पुिभुषगताि के रूप में प्राि धि शावमल है । M4 = M3 + िाकघर बचत सोंगठि ों में कुल जमा
पूोंजीगत व्यय इसका उपयोग सोंपलत्त बनाने या (राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र ों क छ ड़कर)
दे नदाररयाों कम करने के लिए लकया जाता है । M3 = M1 + वालणक्तज्यक बैंकोों की शुि सावलि
इसमें शावमल हैं : (i) सड़क और अस्पताल जैसी जमा। 'िेट' शब् का तात्पयष यह है वक बैंक ों द्वारा
सोंपवत्त बिािे में सरकार द्वारा दीघषकावलक विवेश, रिी गई जिता की जमा रावश क ही मुद्रा आपूवतष में
और (ii) सरकार द्वारा राज्य ों क ऋण के रूप में शावमल वकया जािा है । इों टरबैंक जमा, ज एक
वदया गया धि या उसकी उधारी का पुिभुषगताि। वावणक्तज्यक बैंक अन्य वावणक्तज्यक बैंक ों में रिता है ,
क धि आपूवतष का वहस्सा िहीों मािा जािा चावहए।
81. Ans: A M1 = cu + DD, जहाों , cu जिता द्वारा रिी गई
Exp: मुद्रा (ि ट और वसक्े) है और िीिी वावणक्तज्यक
रे पो दर: वह दर, वजस पर वावणक्तज्यक बैंक बैंक ों द्वारा रिी गई शुि माों ग जमा है ।
प्रवतभूवतय ों की जमाित के बदले आरबीआई से धि लडमाोंड लडपॉलजर् को िॉड मनी में शालमि लकया
उधार लेते हैं , रे प दर कहलाती है । इसका उपय ग गया है ।
केंद्र सरकार द्वारा धि की कमी या कुछ वैधाविक युग्म 3 सही सुमेलित नही ों है : M1 और M2 को
उपाय ों के कारण तरलता बिाए रििे के वलए वकया नैरो मनी के रूप में जाना जाता है ।
जाता है । मुद्रास्फीवत क वियोंत्रण में रििे के वलए m1 = मुद्रा ि ट लस वसक्े + वावणक्तज्यक बैंक ों
यह आरबीआई के मुख्य उपकरण ों में से एक है । द्वारा रिी गई शुि माों ग जमा।
ओपन माकेर् ऑपरे शोंस: ओपि माकेट ऑपरे शोंस m2 = M1 + िाकघर बचत बैंक ों में बचत जमा।
से तात्पयष िुले बाजार में सरकार द्वारा जारी बाों ि ों की सावलि जमा को नैरो मनी में शालमि नही ों लकया
िरीद और वबक्री से है । यह िरीद-फर ख्त सरकार गया है ।
की ओर से केंद्रीय बैंक क सौोंपी जाती है।
आरबीआई जब िुले बाजार से क ई सरकारी बाों ि 83. Ans: B
E
िरीदता है त उसका भुगताि चेक दे कर करता है । Exp:
IN
यह जााँ च अर्षव्यवस्था में भोंिार की कुल मात्रा क सोंपवत्त वे चीजें हैं , ज एक फमष के पास ह ती हैं या ज
बढ़ाती है और इस प्रकार मुद्रा आपूवतष क बढ़ाती एक फमष दू सर ों से दावा कर सकती है । सोंपवत्त के
है । आरबीआई द्वारा बाजार में बाों ि बेचिे से भोंिार विम्नवलक्तित भाग हैं :
L
की मात्रा में कमी आती है और इसवलए बाजार में • भौवतक भवि और बुवियादी ढााँचा तर्ा
N
माों ग के बीच सों बोंध और जारी करिे वाली सरकार लवकल्प 3 सही है ।
बैंक द्वारा विवेश, वावणक्तज्यक बैंक की दे िदारी में
T
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E
पोंचवर्ीय य जिाओों, में उक्तल्लक्तित पररय जिाओों या एकावधकार है । इस कायष में मुद्राओों और वसक् ों
और कायषक्रम ों क विवध दे िे के वलए वकया जाता है
IN
की ववतरण की वजम्मेदारी शावमल है (उि वसक् ों
और इसमें ववकास पररय जिाओों, बुवियादी ढाों चे, की भी ज ववत्त मोंत्रालय द्वारा जारी वकए जाते हैं )।
सामावजक कायषक्रम ों और अन्य विय वजत पहल ों के
L
वलए वववशष्ट् आवोंटि शावमल ह ते हैं । इि व्यय ों क 87. Ans: B
N
जाता है । विय वजत पूोंजीगत व्यय का उद्दे श्य आवर्षक पार जाता है , त लेिदे ि के वलए धि का उपय ग
ववकास क बढ़ावा दे िा, बुवियादी ढाों चे में सुधार वकया जािा चावहए। अोंतराष ष्ट्रीय स्तर पर, ऐसी कोई
L
गैर-योजनागत पूोंजीगत व्यय: दू सरी ओर, गैर- जाती हो। इस प्रकार दे श तय करते हैं वक वे वकस
य जिागत पूोंजीगत व्यय, सरकार द्वारा प्रदाि की मुद्रा में व्यापार करिा चाहते हैं। वववभन्न दे श ों के बीच
R
जािे वाली वववभन्न सामान्य, सामावजक और आवर्षक व्यापार लेिदे ि अलग-अलग मुद्राओों में ह ता है ,
सेवाओों क कवर करता है , ज वववशष्ट् विय वजत वजसमें िॉलर भी शावमल है , लेवकि यह इन्ीों तक
E
व्यय आम तौर पर वकसी ववशेर् य जिा या लक्ष् से कर्न 2 सही है : जब द दे श ों के बीच व्यापार ह ता
बोंधे िहीों ह ते हैं , लेवकि इसमें रक्षा, प्रशासविक व्यय, है , त ववदे शी आवर्षक एजेंट एक राष्ट्रीय मुद्रा क तभी
A
सोंबोंवधत व्यय जैसे आवश्यक सरकारी कायष शावमल एक विवित मात्रा के सार् वे वजतिा सामाि िरीद
ह सकते हैं । गैर- य जिागत पूोंजीगत व्यय क सकते हैं , वह बार-बार िहीों बदलेगा। दू सरे शब्ोों
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में, मुद्रा क्तस्थर क्रय शक्ति बनाए रखेगी। इस अन्य बात ों के अलावा, व्यय के मौसमी पैटिष पर
ववश्वास के वबिा, वकसी मुद्रा का उपय ग ववविमय के विभषर करता है । उदाहरण के वलए, छु विय ों के मौसम
अोंतरराष्ट्रीय माध्यम या िाते की इकाई के रूप में के दौराि सीिीआर बढ़ जाती है क्य वों क ल ग ऐसी
िहीों वकया जाएगा, क्य वों क अोंतरराष्ट्रीय लेिदे ि में अववध के दौराि अवतररि िचष क पूरा करिे के
वकसी ववशेर् मुद्रा के उपय ग क बाध्य करिे की वलए जमा क िकद शेर् में बदल दे ते हैं ।
शक्ति वाला क ई अोंतरराष्ट्रीय प्रावधकरण िहीों है । कर्न 2 गित है : आरवक्षत जमा अिुपात
(आरिीआर) वावणक्तज्यक बैंक ों द्वारा भोंिार के रूप
88. Ans: A में रिी गई कुल जमा रावश का अिुपात है । आरवक्षत
Exp: धि में द चीजें शावमल हैं : बैंक ों में जमा िकदी और
मिी मल्टीलायर या मुद्रा गुणक एक ऐसी अवधारणा आरबीआई के पास वावणक्तज्यक बैंक ों की जमा रावश।
है , वजसमें अर्षव्यवस्था में मुद्रा का विमाष ण ऋण बैंक इस ररजवष का उपय ग िाताधारक ों की िकदी
सृजि के रूप में ह ता है । दू सरे शब् ों में, मुद्रा गुणक की माों ग क पूरा करिे के वलए करते हैं ।
क उस प्रभाव के रूप में ववणषत वकया जा सकता है ,
ज केंद्रीय बैंक आवश्यक आरवक्षत दर ों क सोंश वधत 90. Ans: D
करके मुद्रा आपूवतष विधाष ररत करता है । Exp:
कर्न 1 सही है : बैंलकोंग प्रणािी में मुद्रा का मुद्रा आपूवतष प्रचलि में धि की कुल रावश है - िकदी,
लनवेश या मुद्रा का प्रवाह, मुद्रा गुणक प्रभाव को वसक्े और बैंक िात ों में शेर्। विम्नवलक्तित से मुद्रा
बढाता है । मुद्रा गुणक, मुद्रा के प्रवाह पर अत्यवधक आपूवतष में कमी आएगी या क ई पररवतषि िहीों ह गा:
विभषर है क्य वों क यह वकसी अर्षव्यवस्था में सृवजत ● बैंकोों में मुद्रा: जब आम जिता पैसा बचािा
मुद्रा की मात्रा और बैंक ों में िाले गए िए मुद्रा की शुरू करती है और वावणक्तज्यक बैंक ों में
मात्रा का अिुपात है । जमा करती है , त बैंक ों का भोंिार बढ़ता है ,
कर्न 2 गित है : िोगोों की बैंलकोंग आदतोों में लेवकि कुल वमलाकर, जिता के हार् ों में
वृक्ति से मुद्रा गुणक में वृक्ति होगी। बैंवकोंग आदत ों िकदी कम ह जाएगी, वजससे जिता के
में वृक्ति से अर्षव्यवस्था में बेहतर क्रेविट सोंस्ृवत क वलए आपूवतष कम ह जाएगी। इससे कुल
बढ़ावा वमलता है वजससे अर्षव्यवस्था में इों जेक्ट् की मुद्रा आपूवतष पर क ई प्रभाव िहीों पड़े गा।
गई उच्च शक्ति वाली मुद्रा की तुलिा में उच्च मौवद्रक अत:, लवकल्प (a) गित है
आपूवतष ह ती है । एक मुद्रा गुणक का उपय ग यह ● सरकारी प्रलतभूलतयोों की लबक्री: केंद्रीय
E
प्रदवशषत करिे के वलए वकया जा सकता है वक बैंक की सरकारी प्रवतभूवतय ों की वबक्री
IN
वावणक्तज्यक बैंक वकसी विवित आधार धि मात्रा और बाजार में तरलता क अवश वर्त कर लेगी
आरवक्षत अिुपात के वलए वकतिा व्यापक धि जारी और जिता द्वारा िकदी धारण क कम कर
कर सकते हैं । दे गी, वजससे अर्षव्यवस्था में मुद्रा की कुल
L
कर्न 3 सही है : मुद्रा गुणक आरवक्षत अिुपात के आपूवतष कम ह जाएगी। अत:, लवकल्प (b)
N
(सीआरआर), मुद्रा गुणक सूत्र में एक पररवतषिीय ● प्रत्यक्ष करोों में वृक्ति: मुद्रास्फीवत के चरण
मात्रा है । इसका तात्पयष यह है वक जैसे-जैसे के दौराि, सरकार जिता के पास िकदी
सीआरआर घर्ता है , मुद्रा गुणक बढता है । क कम करिे के वलए प्रत्यक्ष कर दर ों क
L
वैकक्तल्पक रूप से, जैसे-जैसे सीआरआर बढ़ता है , बढ़ािे के वलए राजक र्ीय उपाय अपिाती
IA
मुद्रा गुणक कम ह जाता है , ज अर्षव्यवस्था के वलए है ; इस प्रकार, उपभ िाओों के हार् में िचष
उपलब्ध मुद्रा की मात्रा में कमी का सोंकेत दे ता है । करिे के वलए कम धिरावश ह गी, वजससे
R
89. Ans: C
Exp: है
T
कर्न 1 गित है : करें सी जमा अनुपात हालााँ वक, विम्नवलक्तित से अर्षव्यवस्था में मुद्रा आपूवतष
(सीडीआर) जनता द्वारा मुद्रा में रखे गए िन और
A
तरलता के प्रवत ल ग ों की प्रार्वमकता क दशाष ता है । घाटे के ववत्तप र्ण के वलए केंद्रीय बैंक से उधार लेती
यह पूरी तरह से एक व्यवहाररक पैरामीटर है , ज
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रििे का आदे श वदया है । वैिालनक तरिता और अर्षव्यवस्था क ववकास में वापस लािे के वलए
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अनुपात के लवपरीत, लजसे सोने या नकदी में िीवतगत उपाय
बनाए रखा जा सकता है , सीआरआर को केवि युग्म 3 सही सुमेलित है : आवोंटि कायष अध्ययि
नकदी में बनाए रखने की आवश्यकता है । करता है वक उपलब्ध सावषजविक धि से अवधकतम
L
लाभ प्राि करिे के वलए सावषजविक व्यय क सबसे
N
Exp:
सोंसाधि उपय ग क विजी और सामावजक वस्तुओों
आरबीआई 'िुले बाजार सोंचालि' के माध्यम से
के बीच ववभावजत करिे और सामावजक वस्तुओों के
अर्षव्यवस्था में धि आपूवतष क वियोंवत्रत करता है ।
वमश्रण क चुििे की प्रवक्रया है । उदाहरण- राष्ट्रीय
L
भुगताि चेक दे कर करता है । यह जााँ च अर्षव्यवस्था प्राक्तप्तयाँ होती हैं , जो कोई दे नदारी नही ों बनाती हैं
T
में भोंिार की कुल मात्रा क बढ़ाती है और इस प्रकार और सरकार के क्तखिाफ दावा नही ों करती हैं ।
धि आपूवतष क बढ़ाती है । आरबीआई द्वारा (विजी
A
की मात्रा में कमी आती है और इसवलए धि की प्राक्तियााँ सरकार की राजक र्ीय िीवत का महत्वपूणष
आपूवतष कम ह जाती है । उपकरण हैं । वे सभी सरकारी प्राक्तप्तयाँ, जो
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दे नदाररयाँ बढाती हैं या लवत्तीय पररसोंपलत्तयोों को और अोंततः सरकार क व्यय में कटौती करिे के
कम करती हैं , पूोंजीगत प्राक्तप्तयाँ कहिाती हैं वलए मजबूर ह िा पड़े गा।
(राजस्व प्राक्तप्तयाँ नही ों)। युग्म 2 सही सुमेलित नही ों है : प्रार्वमक घाटे क
चालू वर्ष के राजक र्ीय घाटे और वपछले ववत्तीय वर्ष
कर्न 2 सही है : राजस्व प्राक्तप्तयाँ- कर राजस्व,
में भुगताि वकए जािे वाले ब्याज भुगताि के बीच
राजस्व प्राक्तिय ों का एक महत्वपूणष घटक, प्रत्यक्ष
मौजूद अोंतर के रूप में जािा जाता है । प्रार्वमक
कर ों और अप्रत्यक्ष कर ों जैसे उत्पाद कर, सीमा
घाटा सरकार द्वारा उधार लेिे की आवश्यकता क
शुल्क, सेवा कर आवद में ववभावजत ह ता है । केंद्र
दशाष ता है और इसमें लकसी भी प्रकार का ब्याज
सरकार के गैर-कर राजस्व में मुख्य रूप से ब्याज
शालमि नही ों है । प्रार्लमक घार्ा = राजकोर्ीय
शावमल ह ता है सरकार द्वारा ऋण ों के कारण
घार्ा - ब्याज भुगतान।
प्राक्तियाों , सरकार द्वारा वकए गए विवेश ों पर लाभाोंश
युग्म 3 सही सुमेलित नही ों है : राजकोर्ीय घार्ा
और लाभ, और सरकार द्वारा प्रदाि की गई सेवाओों
उिार को छोडकर, सरकार के कुि व्यय और
के वलए शुल्क और अन्य प्राक्तियाों । ववदे शी दे श ों और
उसकी कुि प्राक्तप्तयोों के बीच का अोंतर दशाथता
अोंतराष ष्ट्रीय सोंगठनोों से नकद अनुदान सहायता भी
है । राजक र्ीय घाटा = कुल व्यय - सरकार की कुल
राजस्व प्राक्तप्तयोों में शालमि की जाती है ।
आय। यह सरकार द्वारा आवश्यक कुल उधारी का
95. Ans: C एक सोंकेत है । आम तौर पर, राजक र्ीय घाटा या त
Exp: राजस्व घाटे या पूोंजीगत व्यय में बड़ी बढ़ तरी के
कर्न 1 सही है : तरलता जाल तब ह ता है , जब कारण ह ता है ।
मौवद्रक िीवत उि उपभ िाओों के सार् वमलकर
बहुत कम ब्याज दर ों के कारण अप्रभावी ह जाती है , 97. Ans: B
ज उच्च प्रवतफल वाले बाों ि या अन्य विवेश ों में Exp:
लनवेश करने के बजाय बचत करना पसोंद करते जब द पक्ष ों के बीच लेि-दे ि ह ता है , त एक
हैं । तरलता जाल का मतलब है वक उपभ िाओों की मध्यवती वस्तु आवश्यक ह ती है , ज द ि ों पक्ष ों क
तरल सोंपवत्त (िकदी) के वलए प्रार्वमकता उस दर से स्वीकायष ह , एक ज वस्तु िरीद रहा है और एक ज
अवधक है , वजस दर से धि की मात्रा बढ़ रही है । वस्तु बेच रहा है । ऐसी वस्तु क मुद्रा कहा जाता है।
कर्न 2 सही है : यवद अर्षव्यवस्था में धि की आपूवतष वफर व्यक्ति मुद्रा के वलए अपिी उपज बेच सकते हैं
बढ़ती है और ल ग इस अवतररि धि से बाों ि और इस मुद्रा का उपय ग अपिी जरूरत की वस्तुएों
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िरीदते हैं , त बाोंड की माोंग बढ जाएगी, बाोंड की िरीदिे के वलए कर सकते हैं । मुद्रा क वैध मुद्रा भी
IN
कीमतें बढ जाएों गी और ब्याज दर में लगरावर् कहा जाता है क्य वों क दे श का क ई भी िागररक
आएगी। दू सरे शब् ों में, अर्ष व्यवस्था में धि की वकसी भी प्रकार के लेिदे ि के विपटाि के वलए इसे
दे िे से इिकार िहीों कर सकता है । इसका मतलब है
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बढ़ती आपूवतष के सार् आपक धि शेर् रििे के वलए
कीमत चुकािी ह गी, अर्ाष त- ब्याज दर कम ह िी वक इस मुद्रा के सार् एक िे नदार अपने दावोों के
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Exp:
युग्म 1 सही सुमेलित है : राजस्व घाटा शब् का
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राजस्व प्राक्तप्तयाँ। जब सरकार को राजस्व घार्ा लवकल्प a गित है : जब घरे लू बाजार में ब्याज दर
होता है , तो इसका मतिब है लक सरकार बचत में वृक्ति ह ती है , त ववदे शी दे श ों के विवेशक भारतीय
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कर रही है और अपने उपभोग व्यय के एक लहस्से अर्षव्यवस्था में अपिा पैसा विवेश करिा शुरू कर
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को लवत्तपोलर्त करने के लिए अर्थव्यवस्था के दे ते हैं , वजससे आम तौर पर रुपये का मूल्य बढ़ता
है ।
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99. Ans: B
Exp:
कर्न 1 गित है : सरकार का उद्दे श्य अवधकतम
लाभ कमािा िहीों है , बक्तल्क सरकारी बजट
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सावषजविक वस्तुओों के आवोंटि कायों, सोंसाधि ों के
IN
पुिववषतरण, अर्षव्यवस्था के क्तस्थरीकरण, अर्षव्यवस्था
क बढ़ावा दे िे, ऋण प्रबोंधि आवद में प्रमुि भूवमका
विभाता है ।
L
कर्न 2 सही है : राजक र्ीय घाटा सरकार के कुल
N
है ।
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