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Prelims Wallah

Test
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VkjxsV- 2024

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1

Prelims Wallah Test 2024


Test 14: Economy Part II
1. निम्ननिखित में से निसिे भारत में उद्योगोों िे 4. निम्ननिखित पर निचार िीनजए:
नििास पर ध्याि िेंनित िरिे िे निए सबसे पहिे 1. निनिमय दर निनियमि
एि राष्ट्रीय योजिा सनमनत िी स्थापिा िी? 2. सदस्य दे शोों िी अल्पिानिि निदे शी मुिा
(a) महात्मा गाों धी दे िदाररयोों िी िरीद
(b) जिाहर िाि िेहरू 3. सदस्य दे शोों िो निशेष आहरर् अनधिार
(c) िल्लभभाई पटे ि (एसडीआर) आिोंनटत िरिा
(d) सुभाष चोंि बोस उपरोि में से नितिे अोंतरात ष्ट्रीय मुिा िोष (IMF)
िे मुख्य िायत हैं ?
2. भारत में मुिा पररिततिीयता िे सोंबोंध में (a) िेिि एि
निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए: (b) िेिि दो
1. भारत िे चािू िाते में पूर्त पररिततिीयता है । (c) सभी तीि
2. भारत में व्यखियोों िो निदे शी सोंपनि, शेयर (d) िोई िहीों
आनद में असीनमत रानश नििेश िरिे िी
अिुमनत है । 5. निम्ननिखित सम्मेििोों पर निचार िीनजए:
3. 1997 में एसएस तारापोर सनमनत िी 1. पारे पर नमिामाता अनभसमय।
नसफाररशोों िे िारर् भारत में पूर्त पूोंजी िाता 2. स्थायी िाबतनिि प्रदू षिोों पर स्टॉिहोम
पररिततिीयता आई। अनभसमय
उपरोि िथिोों में से िौि-सा गित है ? 3. जैनिि निनिधता पर सोंयुि राष्ट्र अनभसमय
(a) िेिि 1 और 2 4. सोंयुक्त राष्‍टर मरुस्थिीिरर् रोिथाम
(b) िेिि 2 और 3 अनभसमय
(c) िेिि 1 और 3 िैनिि पयात िरर् सुनिधा (जीईएफ) उपरोि में से
(d) 1, 2 और 3 नितिे अनभसमयोों िे निए एि नििीय तोंत्र िे रूप
में िायत िरती है ?
3. निम्ननिखित पर निचार िीनजए: (a) िेिि एि
1. बीमा िोंपनियोों िो प्रमानर्त िरिा (b) िेिि दो
2. पॉनिसीधारिोों िे नहतोों िी रक्षा िरिा (c) िेिि तीि
3. नििादोों िा निर्तय िरिा (d) सभी चार
बीमा निनियामि एिों नििास प्रानधिरर् िे
उपरोि में से नितिे िायत हैं ? 6. निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए:
(a) िेिि एि 1. बीमा पैठ निसी नदए गए िषत में िुि
(b) िेिि दो जिसोंख्या िे निए हामीदार प्रीनमयम िा
(c) सभी तीि अिुपात है ।
(d) िोई भी िहीों 2. बीमा घित्व निसी नदए गए िषत में नदए गए
प्रीनमयम और सिि घरे िू उत्पाद (जीडीपी)
िा अिुपात है ।
2

उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ? (c) निि बैंि


(a) िेिि 1 (d) अोंतरात ष्ट्रीय मुिा िोष
(b) िेिि 2
(c) 1 और 2 दोिोों 11. निम्ननिखित दे शोों पर निचार िीनजए:
(d) ि तो 1 और ि ही 2 1. सऊदी अरब
2. सीररया
7. निम्ननिखित में से िौि-सी ररपोटत अोंतरात ष्ट्रीय मुिा 3. िेबिाि
िोष (IMF) द्वारा जारी िी जाती है ? 4. जॉडत ि
(a) िैनिि नििीय खस्थरता ररपोटत उपरोि में से नितिे दे शोों िी सीमा इजराइि से
(b) निि नििास ररपोटत िगती है ?
(c) अोंतरात ष्ट्रीय ऋर् साोंखख्यिी (a) िेिि एि
(d) व्यापार सुगमता ररपोटत (b) िेिि दो
(c) िेिि तीि
8. निम्ननिखित युग्ोों पर निचार िीनजए: (d) सभी चार
आनथति योजिाएँ निसिे द्वारा तैयार िी गईों
1. सिोदय योजिा जय प्रिाश िारायर् 12. बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष निदे शी नििेश िे सोंदभत में,
2. गाों धीिादी योजिा एमएि रॉय निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए:
3. पीपल्स प्लाि एमजी रािाडे 1. 1982 में बीमा क्षेत्र िो निजी क्षेत्र िे निए िोि
4. बोंबई योजिा पूोंजीपनतयोों नदया गया।
उपरोि में से नितिे युग् सही सुमेनित हैं ? 2. िततमाि में बीमा क्षेत्र में निदे शी नििेश िी
(a) िेिि एि सीमा 49% निधात ररत है ।
(b) िेिि दो उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ?
(c) िेिि तीि (a) िेिि 1
(d) सभी चार (b) िेिि 2
(c) 1 और 2 दोिोों
9. 'ग्लोबि नििेनबनिटी इों डेक्स' निम्ननिखित में से (d) ि तो 1 और ि ही 2
निस सोंगठि द्वारा जारी निया जाता है ?
(a) निि बैंि 13. भारतीय ररज़ित बैंि द्वारा "अोंतर्दत नष्ट्" पहि िा
(b) निि आनथति मोंच उद्दे श्य निम्ननिखित में से िौि-सा है ?
(c) इिोिॉनमि इों टेनिजेंस यूनिट (a) नििीय समािेशि
(d) आिास और शहरी मामिोों िा मोंत्रािय (b) मुिास्फीनत नियोंत्रर्
(c) क्रेनडट राशनिोंग
10. निस्ताररत फोंड सुनिधा (ईएफएफ) और नििीय (d) त्वररत सुधारात्मि िारत िाई रूपरे िा
िेिदे ि योजिा (एफटीपी) िा उपयोग अक्सर
निम्ननिखित में से निसिे सोंदभत में निया जाता है ?
(a) मुि व्यापार समझौता (एफटीए)
(b) निि व्यापार सोंगठि
3

14. निम्ननिखित सोंस्थािोों पर निचार िीनजए: (c) 1 और 2 दोिोों


1. बहुपक्षीय नििेश गारों टी एजेंसी (MIGA) (d) ि तो 1 और ि ही 2
2. अोंतरात ष्ट्रीय निि निगम (IFC)
3. अोंतरात ष्ट्रीय नििास एजेंसी (IDA) 17. निम्ननिखित घटिाओों पर निचार िीनजए:
4. अोंतरात ष्ट्रीय नििेश नििाद निपटाि िेंि 1. जीिि बीमा व्यिसाय िा राष्ट्रीयिरर्
(ICSID) 2. भारतीय सामान्य बीमा निगम (जीआईसी) िी
भारत उपरोि में से नितिे सोंस्थािोों िा सदस्य स्थापिा
है ? 3. बीमा नियामि एिों नििास प्रानधिरर्
(a) िेिि एि (आईआरडीए) िी स्थापिा
(b) िेिि दो उपरोि घटिाओों में से पहिी से अोंनतम घटिा
(c) िेिि तीि ति सही िािािुक्रनमि क्रम िा चयि िीनजए?
(d) सभी चार (a) 1-3-2
(b) 2-3-1
15. मोंिीपॉक्स रोग िे सोंदभत में निम्ननिखित में से (c) 1-2-3
िौि-सा िथि सही है ? (d) 3-2-1
1. यह एि िायरि बीमारी है जो जीिस
ऑथोपॉक्सिायरस िी एि प्रजानत िे िारर् 18. एनशयि इों फ्रास्टर क्चर इन्वेस्टमेंट बैंि (AIIB) िे
होती है । सोंबोंध में निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए:
2. यह निसी सोंक्रनमत व्यखि िे साथ शारीररि 1. यह िेिि सोंप्रभु (सरिारी) नििपोषर् प्रदाि
सोंपित िे माध्यम से मिुष्ोों में फैि सिता है । िरता है , ि नि ठोस और नटिाऊ
3. इसिे इिाज िे निए िोई िै क्सीि उपिब्ध पररयोजिाओों िे निए निजी नििपोषर्।
िहीों है 2. इसमें एनशया िे बाहर से िोई सदस्य िहीों है ।
िीचे नदए गए िूट िा उपयोग िरिे सही उिर उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ?
चुनिए: (a) िेिि 1
(a) िेिि 1 और 2 (b) िेिि 2
(b) िेिि 2 और 3 (c) 1 और 2 दोिोों
(c) िेिि 1 और 3 (d) ि तो 1 और ि ही 2
(d) 1, 2 और 3
19. राष्ट्रीय उपभोिा नििाद नििारर् आयोग
16. निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए: (NCDRC) िे सोंदभत में निम्ननिखित िथिोों पर
1. पहिी िेंिीिृत एिों एिीिृत पोंचिषीय निचार िीनजए:
योजिा सोनियत सोंघ द्वारा िागू िी गई थी। 1. यह भारत में एि अधत-न्यानयि आयोग है
2. भारतीय सोंनिधाि में आनथति एिों सामानजि नजसे 1986 िे उपभोिा सोंरक्षर् अनधनियम
नियोजि राज्य िा निषय है । िे तहत 1988 में स्थानपत निया गया था।
उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ? 2. इस आयोग िे निसी भी आदे श िे खििाफ
(a) िेिि 1 िोई अपीि िहीों िी जा सिती।
(b) िेिि 2
4

उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ? उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ?
(a) िेिि 1 (a) िेिि 1
(b) िेिि 2 (b) िेिि 2
(c) 1 और 2 दोिोों (c) 1 और 2 दोिोों
(d) ि तो 1 और ि ही 2 (d) ि तो 1 और ि ही 2

20. एनशयाई नििास बैंि (ADB) िे सोंदभत में, 23. सॉिरे ि गोल्ड बाों ड िे सोंदभत में निम्ननिखित िथिोों
निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए: पर निचार िीनजए:
1. एनशयाई नििास बैंि िी स्थापिा 2002 में 1. ये सोिे िे ग्राम में अोंनित सरिारी प्रनतभूनतयाँ
हुई थी और इसिा मुख्यािय टोक्यो, जापाि हैं ।
में है । 2. िोई िाबानिग इि बाों डोों में नििेश िहीों िर
2. भारत एनशयाई नििास बैंि में सबसे बडा सिता।
शेयरधारि है । 3. एि व्यखिगत नििेशि हर साि िेिि 4
3. एनशयाई नििास बैंि िे सदस्य एनशयि नििोग्राम सोिा िरीद सिता है ।
इों फ्रास्टर क्चर इन्वेस्टमेंट बैंि (AIIB) में शानमि उपरोि िथिोों में से नितिे सही हैं ?
िहीों हो सिते हैं । (a) िेिि एि
उपरोि िथिोों में से िौि-सा गित है ? (b) िेिि दो
(a) िेिि 1 (c) सभी तीि
(b) िेिि 2 और 3 (d) िोई भी िहीों
(c) िेिि 1 और 3

E
(d) 1, 2 और 3 24. आरनक्षत निश्त िे सोंदभत में, निम्ननिखित िथिोों

IN
पर निचार िीनजए:
21. 'ब्रुम्ब्रेिा' शब्द हाि ही में निम्ननिखित में से निसिे 1. आरनक्षत निश्त एि आपातिािीि िाता है

L
सोंदभत में समाचार में दे िा गया था? नजसे आईएमएफ सदस्य शतों से सहमत हुए
(a) जैिनिि थ्रो नबिा या सेिा शुल्क िा भुगताि निए नबिा
(b) बैडनमोंटि उपयोग िर सिते हैं । N
.O

(c) फुटबॉि 2. आईएमएफ िे पास दे शोों द्वारा रिी गई


(d) नक्रिेट आरनक्षत निश्तें उििी अोंनतम उपाय िी
L

सुनिधाएों मािी जाती हैं।


IA

22. निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए: उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ?
1. भारत िी पहिी पोंचिषीय योजिा 1951 में (a) िेिि 1
R

शुरू िी गई थी और यह है रोड-डोमर मॉडि (b) िेिि 2


E

पर आधाररत थी। (c) 1 और 2 दोिोों


T

2. प्रथम पोंचिषीय योजिा िा मुख्य फोिस (d) ि तो 1 और ि ही 2


A

नद्वतीयि क्षेत्र िा नििास था।


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25. भारत में इस्पात उद्योग िे सोंदभत में निम्ननिखित में (c) न्यू डे ििपमेंट बैंि (एिडीबी)
से िौि-सा िथि सही है ? (d) निि बैंि
1. भारत दु निया में इस्पात िे सबसे बडे
उत्पादिोों में से एि है । 28. 'राष्ट्रीय नििास पररषद (NDC)' िे सोंदभत में,
2. भारत में दु निया िे िौह अयस्क िा सातवाां निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए:
सबसे बडा भोंडार है । 1. राष्ट्रीय नििास पररषद योजिा में सहिारी
3. राजस्थाि दे श में इस्पात िा सबसे बडा सोंघिाद िो सुनिधाजिि बिािे िे निए
उत्पादि राज्य है । स्थानपत एि सोंिैधानिि नििाय है ।
िीचे नदए गए िूट िा उपयोग िरिे सही उिर 2. इसिी अध्यक्षता भारत िे राष्ट्रपनत िरते हैं
चुनिए: और इसिे सदस्योों में सभी राज्योों िे
(a) िेिि 1 और 2 मुख्यमोंत्री शानमि होते हैं ।
(b) िेिि 2 और 3 3. इसमें िेंि-प्रायोनजत योजिाओों िे
(c) िेिि 1 और 3 नक्रयान्वयि िे निए भारत िी सोंनचत निनध से
(d) 1, 2, और 3 राज्योों िो सीधे धि आिोंनटत िरिे िी शखि
है ।
26. स्टॉिहोम इों टरिेशिि पीस ररसचत इों स्टीट्यूट उपरोि िथिोों में से नितिे सही हैं ?
(SIPRI) िे सोंदभत में निम्ननिखित िथिोों पर निचार (a) िेिि एि
िीनजए: (b) िेिि दो
1. यह एि स्वतोंत्र अोंतरात ष्ट्रीय सोंस्थाि है जो (c) सभी तीि
सोंघषत, आयुध, हनथयार नियोंत्रर् और (d) िोई भी िहीों

E
निरस्त्रीिरर् पर अिुसोंधाि िे निए समनपतत

IN
है । 29. 'समािेनशता और पहुों च सूचिाों ि' िे बारे में
2. स्टॉिहोम इों टरिेशिि पीस ररसचत इों स्टीट्यूट निम्ननिखित में से िौि-सा िथि गित है ?

L
(SIPRI) िी स्थापिा सोंयुि राष्ट्र आनथति और (a) इस सूचिाों ि िो सुगम्य भारत अनभयाि िे
सामानजि पररषद (ECOSOC) द्वारा िी गई एि भाग िे रूप में िॉन्च निया गया है ।
थी। N
(b) यह सूचिाों ि फेडरे शि ऑफ इों नडयि चैंबसत
.O

उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ? ऑफ िॉमसत एों ड इों डस्टर ी (नफक्की) िे
(a) िेिि 1 सहयोग से तैयार निया गया है ।
L

(b) िेिि 2 (c) यह सूचिाों ि एि समग्र र्दनष्ट्िोर् िे साथ


IA

(c) 1 और 2 दोिोों तैयार निया गया है और इसे सोंगठिोों द्वारा


(d) ि तो 1 और ि ही 2 उििे आिार और पैमािे िी परिाह निए
R

नबिा िागू और उपयोग निया जा सिता है ।


E

27. आिखिि ररजित व्यिस्था (CRA) निम्ननिखित में (d) यह प्रत्येि िॉपोरे ट घरािे िे निए िायतस्थि
T

से निसिे सदस्य-राष्ट्रोों िे निए अनतररि तरिता िो सुिभ बिािे िे निए अपिी तैयारी िा
A

सोंरक्षर् से सोंबोंनधत है ? मूल्ाों िि िरिा अनििायत बिाता है ।


(a) एनशयाई नििास बैंि
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(b) अोंतरात ष्ट्रीय मुिा िोष


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30. गाों धी शाों नत पुरस्कार िे निए पुरस्कार निजेता िा (c) 1 और 2 दोिोों


चयि पाों च सदस्यीय जूरी द्वारा निया जाता है (d) ि तो 1 और ि ही 2
नजसमें निम्ननिखित में से िौि शानमि होता है ?
1. प्रधाि मोंत्री 33. नब्रक्स बैंि िे सोंबोंध में निम्ननिखित िथिोों पर
2. भारत िे मुख्य न्यायाधीश निचार िीनजए:
3. निपक्ष िे िेता 1. इसे फोटात िेज़ा घोषर्ा द्वारा बिाया गया था।
4. िेंिीय सोंस्कृनत मोंत्री 2. यह ऋर् और अन्य उपिरर्ोों िे माध्यम से
िीचे नदए गए िूट िा उपयोग िरिे सही उिर साितजनिि और निजी दोिोों क्षेत्रोों में
चुनिए: पररयोजिाओों िा समथति िरता है ।
(a) िेिि 1 और 2 उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ?
(b) िेिि 1, 2 और 3 (a) िेिि 1
(c) िेिि 1 और 3 (b) िेिि 2
(d) 1, 2, 3 और 4 (c) 1 और 2 दोिोों
(d) ि तो 1 और ि ही 2
31. िेंिीय निद् युत प्रानधिरर् (CEA) िे सोंदभत में
निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए: 34. अथतव्यिस्था में मनहिा श्रम बि भागीदारी दर िम
1. यह निद् युत (आपूनतत) अनधनियम, 1948 िे होिे िे निए निम्ननिखित में से िौि-से िारि
तहत गनठत एि िैधानिि नििाय है । नजम्मेदार हैं ?
2. यह राष्ट्रीय निद् युत िीनत से सोंबोंनधत मामिोों 1. उच्च नशक्षा प्राप्त िरिे िे िारर् ग्रामीर्
पर िेंि सरिार िो सिाह दे ता है । मनहिाओों िा श्रम बाज़ार में प्रिेश नििोंब से

E
उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ? हुआ।

IN
(a) िेिि 1 2. गुर्ििापूर्त िौिररयोों िा अभाि।
(b) िेिि 2 3. अिैतनिि िायों िी अपे क्षािृत अनधि

L
(c) 1 और 2 दोिोों नजम्मेदाररयाँ।
(d) ि तो 1 और ि ही 2 िीचे नदए गए िूट िा उपयोग िरिे सही उिर
चुनिए- N
.O

32. भारत में बीमा िे सोंबोंध में निम्ननिखित िथिोों पर (a) िेिि 1 और 2
निचार िीनजए: (b) िेिि 2 और 3
L

1. भारत में सोंपनियोों िा बीमा निसी निदे शी (c) िेिि 1 और 3


IA

बीमाितात से िहीों िराया जा सिता। (d) 1, 2 और 3


2. बीमा निनियामि और नििास प्रानधिरर्
R

(आईआरडीए) द्वारा नदए गए आदे श अोंनतम 35. अोंतरात ष्ट्रीय निि निगम (IFC) िे सोंदभत में,
E

हैं , और इि आदे शोों िे खििाफ िोई अपीि निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए:
1. यह निि बैंि िी निजी शािा है ।
T

िहीों िी जा सिती है ।
2. यह िेिि नििनसत दे शोों में सरिारी नििेश
A

उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ?


(a) िेिि 1 जुटािे में उत्प्रेरि िी भूनमिा निभाता है ।
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(b) िेिि 2
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उपरोि िथिोों में से िौि-सा गित है ? (b) निि आनथति मोंच


(a) िेिि 1 (c) अोंतरात ष्ट्रीय मुिा िोष
(b) िेिि 2 (d) निि बैंि
(c) 1 और 2 दोिोों
(d) ि तो 1 और ि ही 2 39. भारत में िृनष फसि मौसम िे सोंबोंध में
निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए:
36. 'नद्वतीय पोंचिषीय योजिा' िे सों दभत में, निम्ननिखित 1. भारतीय फसि मौसम िो दो मुख्य मौसमोों
िथिोों पर निचार िीनजए: में िगीिृत निया गया है , अथात त िरीफ और
1. इसिे निमात र् में पीसी महाििोनबस िे अहम रबी।
भूनमिा निभाई। 2. जायद/ज़ैद शब्द जुिाई और अक्टू बर िे
2. योजिा में तेजी से औद्योगीिरर् पर जोर नदया बीच उगाई जािे िािी फसिोों िो सोंदनभतत
गया, निशेषिर भारी और बुनियादी उद्योगोों िरता है ।
में। 3. ख़रीफ फसिोों में गेहँ, जौ और जई शानमि
3. इसिे पूोंजीगत िस्तुओों पर अनधि जोर नदया, हैं ।
नजसिे पररर्ामस्वरूप आिश्यि िस्तुओों उपरोि िथिोों में से नितिे सही हैं ?
िी िमी हो गई। (a) िेिि एि
उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ? (b) िेिि दो
(a) िेिि 1 और 2 (c) सभी तीि
(b) िेिि 3 (d) िोई भी िहीों
(c) िेिि 2 और 3

E
(d) 1, 2 और 3 40. अथतव्यिस्था िो औपचाररि बिािे में मदद िे

IN
निए सरिार द्वारा निम्ननिखित में से िौि से प्रयास
37. निम्ननिखित पर निचार िीनजए: निए गए हैं ?

L
1. निदे शी सरिारोों िी जमारानशयाँ 1. जीएसटी िी शुरुआत
2. िेंि/राज्य सरिारोों िी जमारानशयाँ 2. सखिडी/छात्रिृनि िा प्रत्यक्ष िाभ हस्ताों तरर्
3. अोंतर-बैंि जमा 3. सामानजि सुरक्षा ििरे ज िा निस्तार N
.O

उपरोि में से नितिे िा बीमा जमा बीमा और 4. भुगताि िा नडनजटिीिरर्


क्रेनडट गारों टी निगम द्वारा निया जाता है ? िीचे नदए गए िूट िा उपयोग िरिे सही उिर
L

(a) िेिि एि चुनिए-


IA

(b) िेिि दो (a) िेिि 1 और 2


(c) सभी तीि (b) िेिि 1, 2 और 4
R

(d) िोई भी िहीों (c) िेिि 3 और 4


E

(d) 1, 2, 3 और 4
T

38. 'ग्लोबि इिोिॉनमि प्रॉस्पेक्ट्स' ररपोटत


A

निम्ननिखित में से निस सोंगठि द्वारा जारी िी


जाती है ?
M

(a) आनथति सहयोग और नििास सोंगठि


C
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41. भारत में िृनष िी खस्थनत िे सोंबोंध में निम्ननिखित पोंचिषीय योजिा िा सबसे अच्छा िर्ति निया
िथिोों पर निचार िीनजए: गया है ?
1. भारत िी जीडीपी में िृनष क्षेत्र िी नहस्सेदारी (a) तीसरी पोंचिषीय योजिा
में आजादी िे बाद से िगातार िृखि दे िी गई (b) चौथी पोंचिषीय योजिा
है । (c) नद्वतीय पोंचिषीय योजिा
2. भारत िी िगभग 55% आबादी आज भी (d) िौिीों पोंचिषीय योजिा
आजीनििा िे निए िृनष क्षेत्र पर निभतर है । 44. हररत जििायु िोष िे सोंदभत में निम्ननिखित
3. िृनष पर व्यखिगत आयिर िा िोई बोझ िथिोों पर निचार िीनजए:
िहीों है । 1. इसिी स्थापिा 2010 में जििायु पररितति
4. हाि िे िषों में मैदािी और आदशत िृनष पर सोंयुि राष्ट्र फ्रेमिित िन्वेंशि िे सदस्य
पिनतयोों िे बीच उत्पादिता अोंतर िाफी दे शोों द्वारा िी गई थी।
बढ़ गया है । 2. यह फोंड नििासशीि दे शोों में िम उत्सजति
उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ? और जििायु-िचीिा नििास पररयोजिाओों
(a) िेिि 1 और 2 में अपिे सोंसाधि आिोंनटत िरता है ।
(b) िेिि 2 और 3 3. स्थायी िाबतनिि प्रदू षिोों पर स्टॉिहोम
(c) िेिि 1, 2 और 3 सम्मेिि निशेष रूप से इस निनध द्वारा निि
(d) िेिि 2 और 4 पोनषत है ।
उपरोि िथिोों में से नितिे सही हैं ?
42. 2008 में शुरू निए गए राष्ट्रीय भूनम अनभिेि (a) िेिि एि
आधुनििीिरर् िायतक्रम (एिएिआरएमपी) िा (b) िेिि दो

E
उद्दे श्य निम्ननिखित में से क्या है ? (c) सभी तीि

IN
(a) औद्योनगि पररयोजिाओों िे निए बडे पैमािे (d) िोई भी िहीों
पर भूनम अनधग्रहर् िी सुनिधा प्रदाि िरिा

L
(b) भूनम अनभिेिोों िा नडनजटिीिरर् 45. निम्ननिखित पर निचार िीनजए:
(c) निसािोों िे नहतोों िी रक्षा िे निए भूनम पट्टे िे 1. 2005 िे स्तर से 2030 ति अपिे सिि
मािदों डोों पर रोि िगािा N
घरे िू उत्पाद िी उत्सजति तीव्रता िो 33 से
.O

(d) िाद्य सुरक्षा िे निए िॉपोरे ट िेती िो बढ़ािा 35 प्रनतशत ति िम िरिा।


दे िा 2. 2030 ति अनतररि िि और िृक्ष आिरर्
L

िे माध्यम से 2.5 से 3 नबनियि टि CO2 िे


IA

43. निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए: बराबर अनतररि िाबति नसोंि बिािा।
1. पररिार नियोजि इस नििास योजिा िा एि 3. गैर-जीिाश्म ईोंधि आधाररत ऊजात सोंसाधिोों
R

प्रमुि िक्ष्य था। से िगभग 40 प्रनतशत सोंचयी निद् युत स्थानपत


E

2. यह योजिा गाडनगि रर्िीनत पर आधाररत क्षमता प्राप्त िरिा।


T

थी।
A

3. अन्य क्षेत्रोों िो आगे बढ़िे में सक्षम बिािे िे


निए िृनष िी नििास दर पर जोर नदया गया।
M

उपरोि िथिोों द्वारा निम्ननिखित में से िौि सी


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जििायु पररितति पर सोंयुि राष्ट्र फ्रेमिित अनभयाि (आरयूएसए) िो नमिािर शुरू


िन्वेंशि िे सीओपी 21 में प्रस्तुत भारत िे निया गया था।
इखच्छत राष्ट्रीय स्तर पर निधात ररत योगदाि 2. इस योजिा में स्कूि िी निनभन्न
(आईएिडीसी) में उपरोि में से नितिे िो आिश्यिताओों िी दे िभाि िे निए िानषति
शानमि निया गया था? स्कूि अिुदाि शानमि है ।
(a) िेिि एि उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ?
(b) िेिि दो (a) िेिि 1
(c) सभी तीि (b) िेिि 2
(d) िोई भी िहीों (c) 1 और 2 दोिोों
(d) ि तो 1 और ि ही 2
46. निम्ननिखित में से निस शब्द िा उपयोग िृनष
जोत िे अनधितम आिार िा िर्ति िरिे िे 49. सूक्ष्म बीमा िी अिधारर्ा भारत में निम्ननिखित में
निए निया जाता है जो एि पररिार िे पास होिी से निस निजी िोंपिी द्वारा नििनसत िी गई है ?
चानहए और उसिा स्वानमत्व होिा चानहए? (a) एचडीएफसी स्टैं डडत िाइफ इों श्योरें स
(a) आनथति होखल्डों ग (b) अिीिा िाइफ इों श्योरें स
(b) पाररिाररि होखल्डों ग (c) िेिरा बैंि इों श्योरें स
(c) इष्ट्तम होखल्डों ग (d) भारतीय सामान्य बीमा निगम (जीआईसी)
(d) पररचािि होखल्डों ग
50. निस पोंचिषीय योजिा िे दौराि भारत में
47. जििायु पररितति पर राष्ट्रीय िायत योजिा िे उदारीिरर् और िैिीिरर् िीनतयोों सनहत

E
सोंदभत में निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए: आनथति सुधारोों िो प्रमुिता नमिी?

IN
1. बारह 'राष्ट्रीय नमशि' हैं जो इस योजिा िा (a) चौथी पोंचिषीय योजिा
मूि हैं । (b) सातिीों पोंचिषीय योजिा

L
2. इस योजिा िा उद्दे श्य पाररखस्थनति खस्थरता (c) आठिीों पोंचिषीय योजिा
सुनिनित िरते हुए राष्ट्रीय नििास और गरीबी (d) दसिीों पोंचिषीय योजिा
उन्मूिि हानसि िरिा है । N
.O

उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ? 51. 2014 में प्रिानशत आईपीसीसी िी पाों चिीों
(a) िेिि 1 आििि ररपोटत (AR5) िे अिुसार, िैनिि CO2
L

(b) िेिि 2 उत्सजति में निम्ननिखित में से निस दे श िा सोंचयी


IA

(c) 1 और 2 दोिोों योगदाि सबसे अनधि है ?


(d) ि तो 1 और ि ही 2 (a) चीि
R

(b) यूएसए
E

48. समग्र नशक्षा योजिा िे बारे में निम्ननिखित िथिोों (c) भारत
T

पर निचार िीनजए: (d) रूस


A

1. इसे दो योजिाओों, अथात त् सित नशक्षा अनभयाि


(एसएसए) और राष्ट्रीय उच्चतर नशक्षा
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52. निम्ननिखित पहिोों पर निचार िीनजए: 55. भारत में िई औद्योनगि िीनत, 1991 िे अिुसरर्
1. परफॉमत अचीि एों ड टर े ड स्कीम में निम्ननिखित में से िौि-सा पररितति पेश निया
2. ऊजात दक्षता िे निए बाज़ार रूपाों तरर् गया था?
3. ऊजात दक्षता नििपोषर् मोंच 1. िई उद्योगोों में िई औद्योनगि इिाइयाँ
4. ऊजात िुशि आनथति नििास िे निए स्थानपत िरिे और मौजूदा इिाइयोों िे
रूपरे िा निस्तार िे निए निसी िाइसेंस िी
उपरोि में से नितिी पहि राष्ट्रीय उन्नत ऊजात आिश्यिता िहीों थी।
दक्षता नमशि (एिएमईईई) िे तहत हैं ? 2. निदे शी नििेश सोंिधति बोडत (FIPB) िी
(a) िेिि एि स्थापिा िी गई।
(b) िेिि दो 3. अथतव्यिस्था में निजी क्षेत्र िी भागीदारी बढ़ाई
(c) िेिि तीि गई।
(d) सभी चार उपरोि िथिोों में से नितिे सही हैं ?
(a) िेिि एि
53. 'अटिाों नटि घोषर्ा' िा उल्लेि अक्सर समाचारोों (b) िेिि दो
में निम्ननिखित में से निस दे श िे सोंदभत में निया (c) सभी तीि
जाता है ? (d) िोई भी िहीों
(a) यूिाइटे ड निोंगडम और ििाडा
(b) फ़्ाों स और सोंयुि राष्ट्र 56. िेप्टोस्पायरोनसस िे सोंदभत में निम्ननिखित िथिोों
(c) सोंयुि राज्य अमेररिा और यूिाइटे ड पर निचार िीनजए:
निोंगडम 1. यह एि िायरि बीमारी है जो िेप्टोस्पाइरा

E
(d) ििाडा और फ्राों स जीिस िे िायरस िे िारर् होती है ।

IN
2. यह बीमारी सोंक्रनमत जाििरोों िे मूत्र से फैि
54. सतत नििास पर सोंयुि राष्ट्र अनभसमय िे सोंदभत सिती है ।

L
में, निम्ननिखित पर निचार िीनजए: उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ?
1. यह 2012 में ब्राजीि िे ररयो डी जिेररयो में (a) िेिि 1
हुआ था। (b) िेिि 2 N
.O

2. सरिारोों िे नटिाऊ उपभोग और उत्पादि (c) 1 और 2 दोिोों


पैटित पर िायतक्रमोों िी 10-िषीय रूपरे िा (d) ि तो 1 और ि ही 2
L

िो अपिाया।
IA

उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ? 57. जेिेनटि इों जीनियररों ग मूल्ाों िि सनमनत िे सोंदभत
(a) िेिि 1 में निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए:
R

(b) िेिि 2 1. यह निज्ञाि और प्रौद्योनगिी मोंत्रािय िे


E

(c) 1 और 2 दोिोों प्रशासनिि नियोंत्रर् िे तहत िायत िरता है ।


T

(d) ि तो 1 और ि ही 2 2. जीईएसी िी अध्यक्षता निज्ञाि और


A

प्रौद्योनगिी मोंत्री िरते हैं ।


3. यह सनमनत पयात िरर् सोंरक्षर् अनधनियम िे
M

तहत दों डात्मि िारत िाई िर सिती है ।


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उपरोि िथिोों में से नितिे सही हैं ? 60. निस्ताररत क्रेनडट सुनिधा (ECF) िे सोंदभत में
(a) िेिि एि निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए:
(b) िेिि दो 1. ईसीएफ गरीबी न्यूिीिरर् और नििास टर स्ट
(c) सभी तीि (पीआरजीटी) िे तहत सुनिधाओों में से एि
(d) िोई भी िहीों है ।
2. निस्ताररत क्रेनडट सुनिधा िा िाभ उठािे िे
58. भारत में हररत क्राों नत िे सामानजि-आनथति और निए िोई शतत िहीों है ।
पाररखस्थनति प्रभािोों िे सोंबोंध में निम्ननिखित उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ?
िथिोों पर निचार िीनजए: (a) िेिि 1
1. हररत क्राों नत िे भारत में निसािोों िे बीच आय (b) िेिि 2
असमािताओों िो िम निया। (c) 1 और 2 दोिोों
2. हररत क्राों नत में फसि पैटित िे दिहि, (d) ि तो 1 और ि ही 2
नतिहि, मक्का और जौ िी िेती में िाफी
िृखि िी। 61. निम्ननिखित पर निचार िीनजए:
3. हररत क्राों नत िा प्रनतिूि पाररखस्थनति प्रभाि 1. जैि निनिधता सोंरक्षर्
पडा। 2. ििीिरर्ीय ऊजात
उपरोि िथिोों में से िौि-सा गित है ? 3. औद्योनगि प्रदू षर् नियोंत्रर्
(a) िेिि 1 और 2 4. जि स्वच्छता
(b) िेिि 2 और 3 उपरोि में से नितिे क्षेत्रोों में नििेश िो ग्रीि
(c) िेिि 1 और 3 फाइिेंस मािा जाएगा?

E
(d) 1, 2 और 3 (a) िेिि एि

IN
(b) िेिि दो
59. बैंि फॉर इों टरिेशिि सेटिमेंट्स (बीआईएस) िे (c) िेिि तीि

L
सोंदभत में निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए: (d) सभी चार
1. इसिी स्थापिा नद्वतीय निि युि िे बाद
राष्ट्रीय िेंिीय बैंिोों िे निए बैंनिोंग सेिाएों 62. निम्ननिखित युग्ोों पर निचार िीनजए: N
.O

प्रदाि िरिे िािे एि अोंतरराष्ट्रीय नििीय प्रजानत आईयूसीएि खस्थनत


सोंस्थाि िे रूप में िी गई थी। 1. नहमाियी भूरा भािू - गोंभीर रूप से िुप्तप्राय
L

2. भारत बैंि िा सोंस्थापि सदस्य था। 2. जेडति िे िौरसर - न्यूि नचोंताजिि


IA

उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ? 3. माउों टेि नपग्ी पॉसम - असुरनक्षत
(a) िेिि 1 उपरोि युग्ोों में से नितिे सही सुमेनित हैं ?
R

(b) िेिि 2 (a) िेिि एि


E

(c) 1 और 2 दोिोों (b) िेिि दो


T

(d) ि तो 1 और ि ही 2 (c) सभी तीि


A

(d) िोई िहीों


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63. भारतीय िृनष में फसि पैटित िे सोंबोंध में 4. प्रिासी भारतीय िामगारोों से निजी धिप्रेषर्
निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए: में भारी नगरािट
1. भारत में फसि प्रर्ानियोों िी बहुिता िा श्रेय िीचे नदए गए िूट िा उपयोग िरिे सही उिर
िषात आधाररत िृनष िी व्यापिता और चुनिए:
िृषि समुदाय िी सामानजि-आनथति (a) िेिि 1 और 2
खस्थनतयोों िो नदया जाता है । (b) िेिि 2, 3 और 4
2. भोजि िी बढ़ती माों ग िे िारर् भारत में (c) िेिि 1 और 3
फसि सघिीिरर् हुआ है । (d) 1, 2, 3 और 4
3. निसाि िे स्तर पर फसिोों और फसि
प्रर्ानियोों िा चुिाि मुख्य रूप से नमट्टी और 66. भारत में दू सरी पीढ़ी िे आनथति सुधारोों िे सोंदभत
जििायु मापदों डोों से प्रभानित होता है । में, निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए:
उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ? 1. इससे प्रशानसत मूल् तोंत्र (एपीएम) ख़त्म हो
(a) िेिि 1 और 2 गया।
(b) िेिि 2 और 3 2. इससे आनथति सुधार प्रनक्रया में राज्य सरिार
(c) िेिि 1 और 3 िी भूनमिा िम हो जाती है ।
(d) 1, 2 और 3 उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ?
(a) िेिि 1
64. भारतीय नियात त ऋर् गारों टी निगम िे सोंदभत में, (b) िेिि 2
निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए: (c) 1 और 2 दोिोों
1. यह नियात त िे निए क्रेनडट जोखिम बीमा और (d) ि तो 1 और ि ही 2

E
सोंबोंनधत सेिाएों प्रदाि िरता है ।

IN
2. यह नियात तिोों िो िराब ऋर्ोों िी िसूिी 67. निम्ननिखित युग्ोों पर निचार िीनजए:
िरिे में सहायता िरता है । स्थाि दे श

L
3. यह भारतीय नियात तिोों िो पयात प्त बैंि निि 1. अिात दाग तुितमेनिस्ताि
िी उपिब्धता िी सुनिधा प्रदाि िरता है । 2. िास पठार भारत
उपरोि में से नितिे िथि सही हैं ? 3. ख़त-अर-श्ोोंग चीि N
.O

(a) िेिि एि उपरोि युग्ोों में से नितिे युग् सही सुमेनित हैं ?
(b) िेिि दो (a) िेिि एि
L

(c) सभी तीि (b) िेिि दो


IA

(d) िोई भी िहीों (c) सभी तीि


(d) िोई भी िहीों
R

65. निम्ननिखित में से निस िारि िे 1991 िे भारत


E

िे भुगताि सोंतुिि सोंिट में योगदाि नदया?


T

1. िाडी युि िे िारर् तेि िी ऊोंची िीमतें


A

2. उच्च मुिास्फीनत
3. िम निदे शी मुिा
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68. निनििेश िे बारे में निम्ननिखित में से िौि-सा (c) यह सूक्ष्म, िघु और मध्यम उद्यम मोंत्रािय िी
िथि गित है ? एि प्रमुि योजिा है ।
(a) निनििेश सरिार द्वारा निसी िोंपिी िा (d) यह योजिा सॉफ्ट खस्कि, उद्यनमता, नििीय
स्वानमत्व बेचिे िी प्रनक्रया है । और नडनजटि साक्षरता में प्रनशक्षर् प्रदाि
(b) निनििेश बजटीय आिश्यिताओों िे निए िरती है ।
सोंसाधि जुटािे िा एि उपिरर् है ।
(c) रर्िीनति निनििेश सरिारी नहस्सेदारी िे 71. नडनजटि प्रिाशि सामग्री नशिायत पररषद
एि बडे नहस्से िी नबक्री है । (डीपीसीजीसी) िे सोंदभत में निम्ननिखित िथिोों पर
(d) निि मोंत्रािय पूरी तरह से रर्िीनति निनििेश निचार िीनजए:
िे निए साितजनिि उपक्रमोों िी पहचाि 1. इसिी स्थापिा इों टरिेट एों ड मोबाइि
िरता है । एसोनसएशि ऑफ इों नडया िे तत्वािधाि में
िी गई है ।
69. अिुसोंधाि िेशिि ररसचत फाउों डेशि निधेयि, 2. यह सूचिा एिों प्रसारर् मोंत्रािय द्वारा
2023 िे सोंदभत में निम्ननिखित िथिोों पर निचार ऑििाइि क्यूरेटे ड सामग्री िे प्रिाशिोों िे
िीनजए: निए िेिि- II स्व-नियामि नििाय िे रूप
1. यह 2008 िे निज्ञाि और इों जीनियररों ग में पोंजीिृत है ।
अिुसोंधाि बोडत अनधनियम िो निरस्त िरता उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ?
है । (a) िेिि 1
2. इस फाउों डेशि िो िेिि िेंि सरिार से (b) िेिि 2
अिुदाि और ऋर् िे माध्यम से निि पोनषत (c) 1 और 2 दोिोों

E
निया जाएगा। (d) ि तो 1 और ि ही 2

IN
3. इस फाउों डेशि िे गिनििंग बोडत िा िेतृत्व
भारत िे प्रधाि मोंत्री िरें गे। 72. राष्ट्रीय नििेश िोष (NIF) िे बारे में निम्ननिखित

L
उपरोि िथिोों में से नितिे सही हैं ? िथिोों पर निचार िीनजए:
(a) िेिि एि 1. इसिा गठि 2005 में निया गया था नजसमें
(b) िेिि दो N
िेंिीय साितजनिि क्षेत्र िे उद्यमोों िे निनििेश
.O

(c) सभी तीि से प्राप्त आय िो शानमि निया जािा था।


(d) िोई भी िहीों 2. एिआईएफ िो भारत िी सोंनचत निनध िे
L

एि अनभन्न अोंग िे रूप में बिाए रिा जाता


IA

70. प्रधािमोंत्री िौशि नििास योजिा िे सोंबोंध में है ।


निम्ननिखित में से िौि-सा िथि गित है ? उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ?
R

(a) इसिा उद्दे श्य अल्पािनध िौशि प्रनशक्षर् (a) िेिि 1


E

प्रदाि िरिे दे श में िौशि नििास िो (b) िेिि 2


T

बढ़ािा दे िा है । (c) 1 और 2 दोिोों


A

(b) यह प्रमार्ि प्रनक्रया िे माििीिरर् िो (d) ि तो 1 और ि ही 2


प्रोत्सानहत िरता है और िौशि िी एि
M

रनजस्टर ी बिािे िी िीोंि रिता है ।


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73. आनथति सुधारोों िे दौराि िैिीिरर् िो बढ़ािा (b) इस क्षेत्र में बेरोजगारी िी समस्या िा
दे िे िे निए भारत में निम्ननिखित में से िौि से समाधाि िरिे िी अपार सोंभाििाएों हैं ।
उपाय अपिाए गए? (c) एमएसएमई िो प्रोत्सानहत िरिे िे निए िुछ
1. आयात शुल्क में िमी मामिोों में 1 िरोड रुपये ति िे ऋर् िो 59
2. निदे शी नििेश िो प्रोत्साहि नमिट िे भीतर मोंजूरी दी जािी है ।
3. निनभन्न उद्योगोों िे निए िाइसेंनसोंग व्यिस्थाएों (d) नपछिे पाों च िषों िे दौराि अखिि भारतीय
शुरू िी गईों निनिमात र् उत्पादि में एमएसएमई निनिमात र्
4. निदे शी प्रौद्योनगिी समझौतोों िो प्रोत्साहि उत्पादि िी नहस्सेदारी िगभग 65% है ।
िीचे नदए गए िूट िा उपयोग िरिे सही उिर
चुनिए: 76. भारतीय पयतटि उद्योग िे सोंबोंध में निम्ननिखित में
(a) िेिि 1 और 2 से िौि-सा िथि सही है ?
(b) िेिि 2, 3 और 4 1. पयतटि मोंत्रािय िे िषत 2023 िो 'भारत
(c) िेिि 1, 2 और 4 भ्रमर्' िषत िे रूप में िानमत निया है ।
(d) िेिि 3 और 4 2. भारत पयतटि क्षेत्र में स्वचानित मागत िे तहत
100% एफडीआई िी अिुमनत दे ता है ।
74. िेंिीय जाों च ब्यूरो िे सोंदभत में निम्ननिखित िथिोों 3. प्रसाद योजिा भारत में धानमति पयतटि
पर निचार िीनजए: अिुभि िो बेहतर बिािे पर िेंनित है ।
1. इसिी स्थापिा नदल्ली निशेष पुनिस स्थापिा िीचे नदए गए िूट िा उपयोग िरिे सही उिर
(डीएसपीई) अनधनियम, 1946 िे तहत िी चुनिए:
गई है । (a) िेिि 1 और 2

E
2. राज्य में निसी अपराध िी जाों च शुरू िरिे (b) िेिि 2 और 3

IN
से पहिे उसे अनििायत रूप से राज्य सरिार (c) िेिि 1 और 3
िी सहमनत िेिी होगी। (d) 1, 2 और 3

L
3. 2015 में सहमनत िापस िेिे िािा पहिा
राज्य नमजोरम था। 77. 1991-2000 िे बाह्य क्षेत्र सुधारोों िे तहत
उपरोि नितिे िथि गित हैं ? N
निम्ननिखित में से िौि-सी िीनत अपिाई गई?
.O

(a) िेिि एि 1. आयात पर मात्रात्मि प्रनतबोंध समाप्त िरिा।


(b) िेिि दो 2. पूर्त पूोंजी िाता पररिततिीयता िी घोषर्ा।
L

(c) सभी तीि 3. एि उदार निदे शी मुिा प्रबोंधि अनधनियम िी


IA

(d) िोई िहीों घोषर्ा।


िीचे नदए गए िूट िा उपयोग िरिे सही उिर
R

75. एमएसएमई (सूक्ष्म, िघु और मध्यम उद्यम) िे चुनिए:


E

सोंबोंध में निम्ननिखित में से िौि-सा िथि गित (a) िेिि 1 और 2


T

है ? (b) िेिि 2 और 3
A

(a) एमएसएमई अनधनियम, 2006 िे अिुसार (c) िेिि 1 और 3


एमएसएमई िो निनिमात र् और सेिा उद्यमोों में (d) 1, 2 और 3
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िगीिृत निया गया है ।


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78. नििेश िे खस्वस चैिेंज मॉडि िे बारे में 3. मास रै नपड टर ाों सपोटत नसस्टम िे निमात र्,
निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए: सोंचािि और रिरिाि में स्वचानित मागत िे
1. इसिा उपयोग साितजनिि निजी भागीदारी तहत 100% एफडीआई िी अिुमनत है ।
(पीपीपी) िे साथ-साथ गैर-पीपीपी उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ?
पररयोजिाओों में भी निया जा सिता है । (a) िेिि 1 और 3
2. पररयोजिा हमेशा मूि बोिी िगािे िािे िो (b) िेिि 2 और 3
प्रदाि िी जाती है । (c) िेिि 1 और 2
3. बुनियादी ढाों चे िे नििास िे निए खस्वस चैिेंज (d) 1, 2 और 3
मॉडि िा उपयोग अभी ति भारत में िहीों
निया गया है । 81. अथतव्यिस्था में निनििेश िे सोंदभत में निम्ननिखित
उपरोि िथिोों में से नितिे सही हैं ? िथिोों पर निचार िीनजए:
(a) िेिि एि 1. निनििेश साितजनिि क्षेत्र िे उद्यमोों में सरिारी
(b) िेिि दो इनिटी बेचिे िी एि प्रनक्रया है ।
(c) सभी तीि 2. निजीिरर् से तात्पयत उि आनथति िीनतयोों से है
(d) िोई भी िहीों जो निजी क्षेत्र िे निस्तार िो बढ़ािा दे ती हैं ।
उपरोि िथिोों में से िौि-सा गित है ?
79. भारत में प्रत्यक्ष निदे शी नििेश (FDI) िे सोंबोंध में (a) िेिि 1
निम्ननिखित में से िौि-सा िथि गित है ? (b) िेिि 2
(a) 1991 में अथतव्यिस्था िे िुििे िे बाद से (c) 1 और 2 दोिोों
भारत में नििेश िे माहौि में िाफी सुधार (d) ि तो 1 और ि ही 2

E
हुआ है ।

IN
(b) निि िषत 2022-23 में भारत में एफडीआई 82. पेररस समझौते िे सोंदभत में निम्ननिखित िथिोों पर
इनिटी प्रिाह िे निए नसोंगापु र शीषत स्रोत िे निचार िीनजए:

L
रूप में उभरा। 1. यह इस बात िी पुनष्ट् िरता है नि नििनसत
(c) स्वचानित मागत िे तहत, अनििासी नििेशि दे शोों िो िम नििनसत दे शोों िो नििीय
िो नििेश िे निए भारत सरिार से निसी N
सहायता प्रदाि िरिे में अग्रर्ी भूनमिा
.O

अिुमोदि िी आिश्यिता िहीों होती है । निभािी चानहए।


(d) िॉटरी व्यिसाय में एफडीआई प्रनतबोंनधत है । 2. यह नििासशीि दे शोों िे निए जििायु सोंबोंधी
L

क्षमता-निमात र् पहिुओों िी अिदे िी िरता


IA

80. भारतीय रे ििे िे सोंदभत में निम्ननिखित िथिोों पर है ।


निचार िीनजए: उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ?
R

1. भारत िे पास दु निया िी सबसे बडी रे ििे (a) िेिि 1


E

प्रर्ािी है । (b) िेिि 2


T

2. राष्ट्रीय रे ि योजिा िा िक्ष्य माि ढु िाई में (c) 1 और 2 दोिोों


A

रे ििे िी मॉडि नहस्सेदारी िो 45% ति (d) ि तो 1 और ि ही 2


बढ़ािा है ।
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83. निम्ननिखित में से िौि मेि इि इों नडया पहि िे 86. भारत में असोंगनठत श्रनमिोों िे सोंदभत में
चार स्तोंभोों में से हैं ? निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए:
1. िई प्रनक्रयाएँ 1. असोंगनठत श्रनमि शब्द िो असोंगनठत श्रनमि
2. िया बुनियादी ढाों चा सामानजि सुरक्षा अनधनियम, 2008 िे तहत
3. िए क्षेत्र पररभानषत निया गया है ।
4. िई मािनसिता 2. असोंगनठत श्रनमि रोजगार िी अत्यनधि
िीचे नदए गए िूट िा उपयोग िरिे सही उिर मौसमी चक्र से पीनडत हैं ।
चुनिए: उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ?
(a) िेिि 1 और 3 (a) िेिि 1
(b) िेिि 2, 3 और 4 (b) िेिि 2
(c) िेिि 1, 2 और 4 (c) 1 और 2 दोिोों
(d) 1, 2, 3 और 4 (d) ि तो 1 और ि ही 2

84. निम्ननिखित में से िौि-सा नििल्प निसी 87. स्टैं ड-अप इों नडया योजिा िे सोंबोंध में निम्ननिखित
अथतव्यिस्था िे निदे शी मुिा भोंडार िा सबसे िथिोों पर निचार िीनजए :
अच्छा िर्ति िरता है ? 1. स्टैं ड-अप इों नडया योजिा मनहिाओों,
(a) िेिि स्वर्त भोंडार अिुसूनचत जानत (एससी) और अिुसूनचत
(b) िेिि स्वर्त भोंडार और निदे शी मुिा सोंपनि जिजानत (एसटी) श्रेनर्योों िे बीच उद्यनमता
(c) निदे शी मुिा सोंपनि, स्वर्त भोंडार, एसडीआर िो बढ़ािा दे िे िे निए शुरू िी गई थी।
और आईएमएफ ररजित निश्त 2. इस योजिा िे तहत ऋर् ग्रीिफील्ड और

E
(d) िेिि स्वर्त भोंडार, निदे शी मुिा सोंपनि और ब्राउिफील्ड दोिोों पररयोजिाओों िे निए

IN
एसडीआर उपिब्ध हैं ।
85. यूखिड नमशि िे सोंदभत में निम्ननिखित िथिोों पर 3. गैर-व्यखिगत उद्यमोों िे मामिे में,

L
निचार िीनजए: अनधितम 20% शेयरधाररता और नियोंत्रर्
1. यह डाित मैटर और डाित एिजी िे रहस्योों नहस्सेदारी एससी/एसटी या मनहिा उद्यनमयोों
िी जाों च िरिे िे निए एि योजिाबि नमशि िे पास होिी चानहए। N
.O

है । उपरोि िथिोों में से नितिे सही हैं ?


2. यह नमशि यूरोपीय अोंतररक्ष एजेंसी द्वारा िॉन्च (a) िेिि एि
L

निया गया था। (b) िेिि दो


IA

उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ? (c) सभी तीि


(a) िेिि 1 (d) िोई भी िहीों
R

(b) िेिि 2
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(c) 1 और 2 दोिोों
T

(d) ि तो 1 और ि ही 2
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88. हाि ही में समाचारोों में दे िा गया U-DISE+ 91. मुिा निनिमय िे सोंबोंध में निम्ननिखित िथिोों पर
निम्ननिखित में से निससे सोंबोंनधत है ? निचार िीनजए:
(a) स्कूिोों से ऑििाइि डे टा सोंग्रह िी एि 1. एि निनित निनिमय दर प्रर्ािी िा उद्दे श्य
प्रर्ािी मुिा िे मूल् िो एि सोंिीर्त दायरे में रििा
(b) सोंस्कृनत मोंत्रािय िी सोंस्कृनत जागरूिता है ।
योजिा 2. फ्लोनटों ग िरें सी व्यिस्था घरे िू मुिा िो
(c) निदे श मोंत्रािय िा प्रिासी सहभानगता मॉडि बाजार िी ताितोों िे आधार पर स्वतोंत्र रूप
(d) िौशि नििास िायतक्रम श्रम एिों रोजगार से उतार-चढ़ाि िी अिुमनत दे ती है ।
मोंत्रािय 3. प्रबोंनधत निनिमय दरोों में मुिा मूल्ोों पर
सरिार िा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाि शानमि
89. भारत िे निदे शी मुिा भोंडार िे सोंबोंध में होता है ।
निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए: उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ?
1. आरबीआई आनधिाररि तौर पर एि निनशष्ट् (a) िेिि 1 और 2
निनिमय दर िो िनक्षत िरता है । (b) िेिि 2 और 3
2. जब आरबीआई हानजर बाजार में डॉिर (c) िेिि 1 और 3
िरीदता है , तो िह अथतव्यिस्था में रुपये (d) 1, 2 और 3
डािता है ।
उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ? 92. उन्नत और उच्च प्रभाि अिुसोंधाि नमशि
(a) िेिि 1 (MAHIR) िे सोंदभत में निम्ननिखित िथिोों पर
(b) िेिि 2 निचार िीनजए:

E
(c) 1 और 2 दोिोों 1. इसे निि मोंत्रािय और ििीि एिों ििीिरर्ीय

IN
(d) ि तो 1 और ि ही 2 ऊजात मोंत्रािय द्वारा सोंयुि रूप से िॉन्च
निया गया है ।

L
90. सोंशोनधत नितरर् क्षेत्र योजिा (आरडीएसएस) िे 2. इसिा मुख्य उद्दे श्य िैनिि निद् युत क्षेत्र िे
सोंबोंध में निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए: निए उभरती प्रौद्योनगनियोों और भनिष् िी
1. यह योजिा राज्य िृनष उपज बाजार N
प्रासोंनगिता िािे क्षेत्रोों िी पहचाि िरिा है ।
.O

सनमनतयोों (एपीएमसी) िी नििीय खस्थनत में 3. उन्नत और उच्च प्रभाि अिुसोंधाि नमशि में
सुधार िे निए शुरू िी गई थी। तििीिी स्कोनपोंग सनमनत िी अध्यक्षता
L

2. इस योजिा िे तहत धिरानश जारी िरिे िो िेंिीय निद् युत प्रानधिरर् िे अध्यक्ष द्वारा िी
IA

पररर्ाम और सुधार से जोडा गया है । जाएगी।


3. इस स्कीम में िोई सिसेट िॉज िहीों है । उपरोि िथिोों में से नितिे सही हैं ?
R

उपरोि िथिोों में से िौि-सा गित है ? (a) िेिि एि


E

(a) िेिि 1 और 2 (b) िेिि दो


T

(b) िेिि 1 और 3 (c) सभी तीि


A

(c) िेिि 2 और 3 (d) िोई भी िहीों


(d) 1, 2 और 3
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93. इों डस-एक्स िे सोंदभत में निम्ननिखित िथिोों पर 2. भारत िे िगातार तीि िषों (2000-03) ति
निचार िीनजए: चािू िाते में घाटे िा अिुभि निया।
1. इसे फ्राों स और भारत िे सोंयुि रूप से िॉन्च 3. भारत िे निए चािू िाता घाटे िा स्थायी स्तर
निया है । सिि घरे िू उत्पाद िा 12.5 प्रनतशत है ।
2. इसिा उद्दे श्य दोिोों सरिारोों, व्यिसायोों और उपरोि िथिोों में से िौि-सा गित है ?
शैक्षनर्ि सोंस्थािोों िे बीच रर्िीनति (a) िेिि 1 और 2
प्रौद्योनगिी साझेदारी और रक्षा औद्योनगि (b) िेिि 2 और 3
सहयोग िा निस्तार िरिा है । (c) िेिि 1 और 3
उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ? (d) 1, 2 और 3
(a) िेिि 1
(b) िेिि 2 97. निम्ननिखित क्षेत्रोों पर निचार िीनजए:
(c) 1 और 2 दोिोों 1. दू रसोंचार एिों िेटिनििंग उत्पाद
(d) ि तो 1 और ि ही 2 2. डर ोि और डर ोि घटि
3. दिाइयाों
94. नििीय िषत 1992-93 में भारत िी मुिा प्रर्ािी में 4. िाद्य उत्पाद
निम्ननिखित में से िौि-सा बदिाि हुआ? उपरोि में से नितिे क्षेत्र उत्पादि से जुडी
(a) स्वर्त मािि से खस्थर मुिा प्रर्ािी में सोंक्रमर् प्रोत्साहि (पीएिआई) योजिा िे िाभ िे निए
(b) दोहरी निनिमय दर तोंत्र िी शुरूआत पात्र हैं ?
(c) एि आदशत फ्री-फ्लोनटों ग निनिमय दर िो (a) िेिि एि
अपिािा (b) िेिि दो

E
(d) रुपये िे मूल् िो नब्रनटश पाउों ड स्टनििंग से (c) िेिि तीि

IN
जोडिा (d) सभी चार

L
95. आनथति सुधारोों िी प्रनक्रया िे तहत 1993 में 98. बाहरी अथतव्यिस्थाओों िे साथ सरिार िे आनथति
निम्ननिखित में से निसिी अध्यक्षता में एि बीमा िेिदे ि में पूोंजी िाते िे सों बोंध में निम्ननिखित
सुधार सनमनत (आईआरसी) िी स्थापिा िी गई िथिोों पर निचार िीनजए: N
.O

थी? 1. पूोंजी िाता निसी दे श िे अन्य दे शोों िे साथ


(a) िरनसम्हा सनमनत व्यापार और सेिाओों िे सोंतुिि िो टर ै ि
L

(b) सी. रों गराजि सनमनत िरता है ।


IA

(c) मिमोहि नसोंह सनमनत 2. बैंिोों िी निदे शी मुिा जमा पूोंजी िाते िा
(d) आरएि मल्होत्रा सनमनत नहस्सा होती है ।
R

उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ?


E

96. बाह्य क्षेत्र िे सोंदभत में चािू िाते िे सोंबोंध में (a) िेिि 1
T

निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए: (b) िेिि 2


A

1. चािू िाते में नियात त, आयात, ब्याज भुगताि, (c) 1 और 2 दोिोों


निजी प्रेषर् और हस्ताों तरर् जैसे िेिदे ि (d) ि तो 1 और ि ही 2
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शानमि हैं।
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99. रे ििे सुरक्षा आयोग िे सोंदभत में निम्ननिखित 100. भुगताि सोंतुिि (बीओपी) िे सोंबोंध में
िथिोों पर निचार िीनजए: निम्ननिखित िथिोों पर निचार िीनजए:
1. यह भारत सरिार िे िागर निमािि मोंत्रािय 1. बीओपी निसी नदए गए िषत में बाहरी दु निया
िे तहत िाम िरता है । िे साथ अथतव्यिस्था िे िुि िेिदे ि िा माप
2. रे ििे सुरक्षा आयुि िे िततव्योों िा उल्लेि है ।
रे ििे अनधनियम 1989 में निया गया है । 2. ििारात्मि बीओपी आिश्यि रूप से और
उपरोि िथिोों में से िौि-सा सही है ? हमेशा अथतव्यिस्था िे निए ितरिाि खस्थनत
(a) िेिि 1 िा सोंिेत दे ता है ।
(b) िेिि 2 3. बीओपी िी गर्िा डबि-एों टर ी बहीिाता
(c) 1 और 2 दोिोों पिनत िे नसिाों तोों िे आधार पर िी जाती है ।
(d) ि तो 1 और ि ही 2 4. यनद निदे शी मुिा भोंडार ऋर्ात्मि बीओपी
िो ििर िरिे िे निए अपयात प्त है , तो इससे
बीओपी सोंिट पैदा होता है ।
उपरोि िथिोों में से नितिे सही हैं ?
(a) िेिि एि
(b) िेिि दो
(c) िेिि तीि
(d) सभी चार

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Prelims Wallah Test 2024


Test 14: Economy Part II Synopsis
1. D 26. A 51. B 76. D

2. B 27. C 52. D 77. C

3. C 28. D 53. C 78. A

4. C 29. D 54. C 79. B

5. D 30. B 55. C 80. B

6. D 31. C 56. B 81. D

7. A 32. D 57. A 82. A

8. B 33. C 58. A 83. D

9. C 34. D 59. D 84. C

10. D 35. B 60. A 85. C

11. C 36. D 61. D 86. C

12. D 37. D 62. A 87. A

13. A 38. D 63. D 88. A

14. C 39. A 64. C 89. B

E
15. A 40. D 65. D 90. B

IN
16. A 41. B 66. A 91. D

17. C 42. B 67. B 92. L B

18. D 43. B 68. D 93. B


N

19. A 44. B 69. B 94. B


.O

20. D 45. C 70. C 95. D


L

21. D 46. C 71. C 96. B


IA

22. A 47. B 72. A 97. D


R

23. B 48. B 73. C 98. B


E

24. A 49. B 74. A 99. C


T

25. A 50. C 75. D 100. C


A
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1. उत्तर : D (अवधवनयम 1999 में पाररत वकया गया था)


व्याख्या: वजसमें एक अध्यक्ष और पाों च सदस्य (दो
राष्ट्रीय योजना समिमि की स्थापना अक्टू बर पूणिकावलक और तीन अोंशकावलक सदस्य)
1938 िें सुभाष चंद्र बोस द्वारा की गई थी, सरकार द्वारा वनयुक्त और नामाों वकत वकए गए
जो उस सिय भारिीय राष्ट्रीय कांग्रेस के थे। यह प्रावधकरण भारतीय बीमा उद्योग के
अध्यक्ष थे। इसका मुख्य उद्दे श्य भारत में विवनयमन, विकास और पयििेक्षण के वलए
उद्योगोों के विकास पर ध्यान केंवित करना था। वजम्मेदार है ।
जिाहरलाल नेहरू ने इस सवमवत की अध्यक्षता प्रामिकरण की िक्तियााँ एवं कायत हैं
की। A) बीमा कोंपवनयोों को प्रमावणत करना
इस सवमवत का गठन उद्योग मोंवियोों के सम्मेलन B) पॉवलसीधारकोों के वहतोों की रक्षा करना
के दौरान पाररत प्रस्तािोों के आधार पर वकया C) वििादोों का वनणिय करना
गया था। इस सम्मेलन में माना गया वक ● आिेदक को पोंजीकरण प्रमाणपि
औद्योगीकरण भारत के आवथिक उत्थान, गरीबी जारी करना, ऐसे पोंजीकरण को
में कमी और बेरोजगारी कम करने की कुोंजी है । निीनीकृत करना, सोंशोवधत करना,
अत:, इन मुद्दोों के समाधान के वलए योजना िापस लेना, वनलोंवबत करना या रद्द
सवमवत वनयुक्त की गई थी। करना;
● पॉवलसी आिोंवित करने,
2. उत्तर: B पॉवलसीधारकोों द्वारा नामाों कन, बीमा
व्याख्या: योग्य वहत, बीमा दािे का वनपिान,
कथन 1 सही है : भारत ने 19 अगस्त 1994 को पॉवलसी की सरें डर िैल्यू और बीमा
अपने चालू खाते में पूणि पररितिनीयता हावसल अनुबोंध के अन्य वनयमोों और शतों से
कर ली। इसका मतलब है वक ितिमान उद्दे श्योों सोंबोंवधत मामलोों में पॉवलसीधारकोों के
के वलए वकसी को आिश्यक विदे शी मुिा की वहतोों की सुरक्षा;
पूरी रावश उसे आवधकाररक विवनमय दर पर ● मध्यस्थ या बीमा मध्यस्थोों और एजेंिोों
उपलब्ध कराई जाएगी, और ऐसा हो सकता है के वलए अपेवक्षत योग्यताएों , आचार
विदे शी मुिा का वनबाि ध बवहिािह हो। सोंवहता और व्यािहाररक प्रवशक्षण
कथन 2 गलि है : भारत में व्यक्तक्तयोों को वनवदि ष्ट करना।

E
विदे शी सोंपवि, शेयर आवद में वनिेश करने की ● सिेक्षकोों और घािे के

IN
अनुमवत है , लेवकन प्रवत िर्ि 2,50,000 अमेररकी मूल्याों कनकताि ओों के वलए आचार
डॉलर की सीमा है । यह कोई असीवमत रावश सोंवहता वनवदि ष्ट करना; L
नहीों है , भारतीय वनगमोों को विदे शी उद्यमोों में
500 वमवलयन अमेररकी डॉलर तक की 4. उत्तर: C
N

स्वचावलत मागि में पूणि पररितिनीयता की व्याख्या:


.O

अनुमवत है । अोंतराि ष्टरीय मुिा कोर् (आईएमएफ) 1944 में


कथन 3 गलि है : पूोंजी खाता पररितिनीयता पर अक्तस्तत्व में आया और इसके अनुच्छेद 27
L

एसएस तारापोर सवमवत (1997) की वसफाररशोों वदसोंबर, 1945 को लागू हुए, इसके मुख्य कायि
के बाद, भारत इस खाते में पूणि पररितिनीयता इस प्रकार थे:
IA

की अनुमवत दे ने की वदशा में आगे बढ़ रहा है , ● मवमनिय दर का मवमनयिन करना।


लेवकन आिश्यक सािधावनयोों के साथ। भारि ● दु मनया भर से सदस्य दे िों की
R

अभी भी पूंजी खािे िें आं मिक अल्पकामलक मवदे िी िुद्रा


E

पररवितनीयिा (40:60) वाला दे ि है । दे नदाररयों की खरीद करना।


● सदस्य दे िों को मविेष आहरण
T

3. उत्तर: C अमिकार (एसडीआर) आवंमिि


A

व्याख्या: करना।
M

बीमा वनयामक और विकास प्रावधकरण


(आईआरडीए) की स्थापना 2000 में की गई थी
C
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3

● वकसी भी तरह के बीओपी सोंकि की ● सिि काबतमनक प्रदू षकों (पीओपी)


क्तस्थवत में सदस्य अथिव्यिस्थाओों के पर स्टॉकहोि अमभसिय
वलए बेलआउि दे ना। ● सोंयुक्त राष्‍िर मरुस्थलीकरण रोकथाम
● अोंतराि ष्टरीय मौविक सहयोग को अवभसमय
सुविधाजनक बनाना। ● पारे पर मिनािािा अमभसिय।
● विवनमय दर क्तस्थरता और व्यिक्तस्थत
विवनमय व्यिस्था को बढ़ािा दे ना। यह अवभसमय, वजसके वलए जीईएफ वििीय
● भुगतान की बहुपक्षीय प्रणाली की तोंि के रूप में कायि करता है , जीईएफ के दो
स्थापना और विदे शी मुिा प्रवतबोंधोों को शासी वनकायोों: जीईएफ पररर्द और जीईएफ
समाप्त करने में सहायता करना। असेंबली को व्यापक रणनीवतक मागिदशिन
● सदस्य दे शोों को उनके भुगतान सोंतुलन प्रदान करता है । जीईएफ पररर्द इस व्यापक
(बीओपी) में गलत समायोजन को ठीक मागिदशिन को जीईएफ पररयोजनाओों के वलए
करने के वलए अस्थायी रूप से वििीय पररचालन मानदों ड (वदशावनदे श) में पररिवतित
सोंसाधन प्रदान करके सहायता करना। करती है ।

5. उत्तर : D 6. उत्तर : D
व्याख्या: व्याख्या:
ब्राजील में हाल ही में िैविक पयाि िरण सुविधा बीमा क्षेि में िृक्ति अोंतरराष्टरीय स्तर पर बीमा पैठ
(जीईएफ) पररर्द की बैठक में, शासी वनकाय ने के मानक के आधार पर मापी जाती है ।
जलिायु, जैि विविधता और प्रदू र्ण सोंकि से कथन 1 गलि है : बीमा पैठ को सकल घरे लू
वनपिने के प्रयासोों में तेजी लाने के वलए $1.4 उत्पाद (जीडीपी) के मलए मकसी मदए गए वषत
वबवलयन के वितरण को मोंजूरी दी। िें मदए गए प्रीमियि के अनुपाि के रूप िें
1992 के ररयो पृथ्वी वशखर सम्मेलन की पूिि पररभामषि मकया गया है । यह वकसी दे श में
सोंध्या पर स्थावपत िैविक पयाि िरण सुविधा बीमा क्षेि के विकास के स्तर का आकलन करने
(जीईएफ), पयाि िरण पर कारि िाई के वलए एक के वलए उपयोग वकए जाने िाले मापदों डोों में से
उत्प्रेरक है । अपने रणनीवतक वनिेशोों के माध्यम एक है । 2021-22 में भारत में बीमा की पैठ 4.2
से, जीईएफ पृथ्वी के सबसे बडे पयाि िरणीय मुद्दोों प्रवतशत (जीिन बीमा प्रिेश 3.2 प्रवतशत पर

E
से वनपिने के वलए भागीदारोों के साथ काम और स्वास्थ्य सवहत सामान्य बीमा, 1 प्रवतशत

IN
करता है । इसकी एक अवद्वतीय शासकीय पर) थी। अन्य विकवसत अथिव्यिस्थाओों जैसे
सोंरचना है जो एक विधानसभा, पररर्द, अमेररका और कनाडा (11.4 प्रवतशत) और L
सवचिालय, 18 एजेंवसयोों, एक िैज्ञावनक और उन्नत यूरोप, मध्य-पूिि और अफ्रीकी क्षेिोों की
तकनीकी सलाहकार पैनल और मूल्याों कन तुलना में यह काफी कम है ।
N

कायाि लय के आसपास व्यिक्तस्थत है । जीईएफ कथन 2 गलि है : बीिा घनत्व एक िान्यिा


.O

कई पयाि िरण अवभसमयोों के वलए एक वििीय प्राप्त बेंचिाकत है और इसे मकसी मदए गए वषत
तोंि के रूप में कायि करता है । िें कुल जनसंख्या के मलए मदए गए प्रीमियि
L

जीईएफ अोंतरराष्टरीय पयाि िरण अवभसमयोों के के अनुपाि के रूप िें पररभामषि मकया गया
उद्दे श्योों को पूरा करने में विकासशील दे शोों की है (तुलना की सुविधा के वलए अमेररकी डॉलर में
IA

सहायता के वलए धन मुहैया कराता है । जीईएफ मापा जाता है )।


पाों च अवभसमयोों के वलए "वििीय तोंि" के रूप भारत में, बीमा की पहुों च 2000 में 2.3 प्रवतशत
R

में कायि करता है : (जीिन 1.8 प्रवतशत और गैर-जीिन 0.7


E

● जैमवक मवमवििा पर संयुि राष्ट्र प्रवतशत) से बढ़कर 2013 में 3.9 प्रवतशत
अमभसिय (सीबीडी) (जीिन 3.1 प्रवतशत और गैर-जीिन 0.8
T

● जलवायु पररवितन पर संयुि राष्ट्र प्रवतशत) हो गई है । तुलनीय अिवध में, बीमा


A

फ्रेिवकत कन्वेंिन घनत्व 11 अमेररकी डॉलर से बढ़कर 52


M

(यूएनएफसीसीसी) अमेररकी डॉलर हो गया है ।


C
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4

7. उत्तर: A वदया गया। भले ही उन्ोोंने औद्योगीकरण का


व्याख्या: उल्लेख वकया था, यह एनपीसी और बॉम्बे
िैविक वििीय क्तस्थरता ररपोिि (जीएफएसआर) योजना के विपरीत, कुिीर और ग्राम-स्तरीय
अंिरातष्ट्रीय िुद्रा कोष (आईएिएफ) का एक उद्योगोों को बढ़ािा दे ने के स्तर पर था, जो भारी
प्रकािन है जो िैविक वििीय प्रणाली और और बडे उद्योगोों के वलए अग्रणी भूवमका का
वििीय क्तस्थरता के वलए सोंभावित जोक्तखमोों का समथिन करता था। इस योजना ने भारत के वलए
आकलन प्रदान करता है । यह ररपोिि आम तौर ‘आत्मवनभिर गाों िोों' के साथ एक 'विकेंिीकृत
पर िर्ि में दो बार जारी की जाती है , और यह आवथिक सोंरचना' को स्पष्ट वकया।
िैविक वििीय बाजारोों में प्रमुख विकास का युग्म 3 गलि है : 1945 में, पीपल्स प्लान
विश्लेर्ण करती है । भारतीय िर े ड यूवनयन के युद्धोत्तर पुनमनतिातण
आईएिएफ की अन्य ररपोिें : समिमि के अध्यक्ष, कट्टरपंथी िानविावादी
● िर्ल्ि इकॉनोवमक आउिलुक नेिा एिएन रॉय द्वारा िैयार मकया गया था।
● वैमिक मवत्तीय क्तस्थरिा ररपोित यह योजना मार्क्ििादी समाजिाद पर आधाररत
● वफस्कल मॉवनिर थी और लोगोों को 'जीिन की बुवनयादी जरूरतें'
मवि बैंक की ररपोित प्रदान करने की आिश्यकता की िकालत
● विि विकास ररपोिि करती थी।
● अोंतराि ष्टरीय ऋण साोंक्तख्यकी युग्म 4 सही है : बॉम्बे प्लान 'भारत के वलए
● व्यापार सुगमता ररपोिि आवथिक विकास की एक योजना' का लोकवप्रय
● िैविक आवथिक सोंभािनाएँ शीर्िक था, मजसे भारि के प्रिुख पूंजीपमियों
के एक वगत द्वारा िैयार मकया गया था। इस
8. उत्तर: B योजना में आठ पूोंजीपवत शावमल थे
व्याख्या: पुरूर्ोिमदास ठाकुरदास, जेआरडी िािा,
हालाँ वक भारत में योजनाबि आवथिक विकास जीडी वबडला, लाला श्री राम, कस्तूरभाई
1951 में पहली पोंचिर्ीय योजना की शुरुआत लालभाई, एडी श्रॉफ, अिदे वशर दलाई और जॉन
के साथ शुरू हुआ, लेवकन सैिाों वतक प्रयास मथाई। यह योजना 1944-45 में प्रकावशत हुई
बहुत पहले ही शुरू हो गए थे, यहाँ तक वक थी। इन आठ उद्योगपवतयोों में से, पुरूर्ोिमदास
आजादी से भी पहले। ठाकुरदास राष्टरीय योजना सवमवत (1938) के 15

E
युग्म 1 सही है : राष्टरीय योजना सवमवत सदस्योों में से एक थे। शेर् तीन जे.आर.डी. िािा,

IN
(एनपीसी) की ररपोिि प्रकावशत होने और जी.डी. वबडला और लाला श्री राम राष्टरीय योजना
सरकार द्वारा पोंचिर्ीय योजनाओों को अपनाने सवमवत की उप-सवमवतयोों (कुल 29) के सदस्य L
के बाद, प्रमसद्ध सिाजवादी नेिा जयप्रकाि थे।
नारायण द्वारा भारि के मनयोमजि मवकास
N

का एक खाका िैयार मकया गया था। इस 9. उत्तर: C


.O

मसलमसले िें, सवोदय योजना जनवरी 1950 व्याख्या:


िें प्रकामिि हुई। इस योजना के केंिीय विचार इकोनॉमिक इं िेमलजेंस यू मनि (ईआईयू)
L

गाों धीिादी योजना के समान थे, जैसे कृवर् पर 'ग्लोबल मलवेमबमलिी इं डेक्स' दु मनया भर के
जोर, कृवर् आधाररत लघु और कुिीर उद्योग, 173 िहरों िें मकसी व्यक्ति की जीवनिैली
IA

आत्मवनभिरता और विदे शी पूोंजी और प्रौद्योवगकी और जीवन स्तर के सािने आने वाली


पर लगभग कोई वनभिरता नहीों, भूवम सुधार, चुनौमियों का आकलन करिा है । कोविड-19
R

आत्म-वनभिर गाँि और योजना और आवथिक महामारी के बाद व्यिस्था बहाली और


E

प्रगवत का विकेन्द्रीकृत भागीदारी स्वरूप, प्रमुख विकासशील दे शोों में बेहतर स्वास्थ्य दे खभाल
हैं । और वशक्षा के साथ, इस िर्ि का औसत रहने
T

युग्म 2 ग़लि है : गांिीवादी आमथतक सोच की योग्य स्कोर 15 साल के उच्चतम स्तर पर पहुों च
A

भािना का समथिन करते हुए, श्रीिन नारायण गया है ।


M

अग्रवाल ने 1944 िें इस योजना को िैयार इस िर्ि की ररपोिि में शावमल विर्य हैं :
मकया। इस योजना में कृवर् पर अवधक जोर
C
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• दु वनया भर में वकन शहरोों में रहने ● उत्तर पूवत िें सीररया द्वारा
की क्तस्थवत और जीिन की गुणििा ● जॉडत न द्वारा पूवत और दमक्षणपूवत िें
सबसे अच्छी और सबसे खराब है ? ● मिस्र द्वारा दमक्षण पमिि िें
• कोविड-19 महामारी के बाद ● पमिि िें भूिध्य सागर द्वारा
व्यिस्था बहाली यरूशलेम सरकार की सीि और घोवर्त
• विकासशील दे श रहने लायक राजधानी है , हालाों वक राजधानी को व्यापक
क्तस्थवत में सुधार करते हैं अोंतरराष्टरीय मान्यता नहीों वमली है ।
• यूक्रेन में युि और उसके इजराइल अपेक्षाकृत विविध स्थलाकृवत िाला
पररणामस्वरूप आवथिक और एक छोिा दे श है , वजसमें एक लोंबा तिीय मैदान,
राजनीवतक व्यिधान प्रमुख शहरोों उिर और मध्य क्षेिोों में उच्च भूवम और दवक्षण
में रहने की क्षमता को कैसे में नेगेि रे वगस्तान शावमल है । दे श की पूिी सीमा
प्रभावित कर रहे हैं के साथ उिर से दवक्षण तक की लोंबाई में ग्रेि
ररफ्ट िैली का उिरी िवमिनस है । इजराइल
10. उत्तर : D राज्य आधुवनक काल में एकमाि यहूदी राष्टर है ,
व्याख्या: और जो क्षेि अब इसकी सीमाओों के भीतर
मवस्ताररि मनमि सुमविा (ईएफएफ) और आता है उसका एक लोंबा और समृि इवतहास
मवत्तीय लेनदे न योजना (एफिीपी) िब्द है जो बाइवबल के पूिि के समय से है ।
अंिरातष्ट्रीय िुद्रा कोष (आईएिएफ) से जुडे सऊदी अरब की सीिा इजराइल से नही ं
हैं । लगिी।
● मवस्ताररि मनमि सुमविा
(ईएफएफ): विस्ताररत वनवध सुविधा
(ईएफएफ) आईएमएफ द्वारा अपने
सदस्य दे शोों को प्रदान की जाने िाली
एक सेिा है जो उन्ें अपने बीओपी
सोंकि को दू र करने के वलए इससे
वकसी भी मािा में विदे शी मुिा जुिाने
के वलए अवधकृत करती है , लेवकन

E
अथिव्यिस्था में सोंरचनात्मक सुधारोों की

IN
शतों पर। यह अपनी तरह का पहला 12. उत्तर : D
समझौता है . भारत ने वििीय िर्ि व्याख्या: L
1981-82 में आईएमएफ के साथ इस कथन 1 ग़लि है : बीमा वनयामक और विकास
समझौते पर हस्ताक्षर वकए। प्रावधकरण अवधवनयम, 1999 (आईआरडीए
N

● मवत्तीय लेनदे न योजना (एफिीपी): अवधवनयम, 1999) के अवधवनयमन के बाद


.O

यह आईएिएफ का िंत्र है मजसके 2000 िें भारिीय बीिा क्षेत्र को मनजी क्षेत्र के
िाध्यि से वह अपने पररचालनों का मलए खोल मदया गया था, वजसने प्रत्यक्ष विदे शी
L

मवत्तपोषण/भुगिान करिा है । वनिेश (एफडीआई) की सीमा को 26% तक


सदस्य राष्ट्र अपने 'कोिा संसािनों' बढ़ा वदया था क्ोोंवक इस क्षेि को कवठनाइयोों
IA

से इसिें िन का योगदान करिे हैं का सामना करना पड रहा था। इसे धन की भारी
मजस पर उन्हें 'ब्याज' मिलिा है । कमी थी। आईआरडीए को अप्रैल 2000 में एक
R

िैधावनक वनकाय के रूप में वनगवमत वकया गया


E

11. उत्तर: C था। आईआरडीए के प्रमुख उद्दे श्योों में प्रवतस्पधाि


व्याख्या: को बढ़ािा दे ना शावमल है तावक बीमा की
T

इजराइल मध्य पूिि में अिक्तस्थत एक दे श है , जो वििीय सुरक्षा सुवनवित करते हुए उपभोक्ता की
A

भूमध्य सागर के पूिी छोर पर क्तस्थत है । यह पसोंद में िृक्ति और कम प्रीवमयम के माध्यम से
M

मनम्नमलक्तखि दे िों से मघरा है : ग्राहकोों की सोंतुवष्ट को बढ़ाया जा सके।


● उत्तर में लेबनान द्वारा
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कथन 2 गलि है : सरकार ने फरिरी 2015 में, ऋण दे ने के मूल उद्दे श्य से की गई थी।भारत
स्वचावलत मागि के तहत बीमा क्षेि में विदे शी IDA के संस्थापक सदस्ययं में से एक है ।
वनिेश की सीमा 26% से बढ़ाकर 49% कर दी,
और मफर 2021 िें, इसे मफर से 75% िक इं िरनेिनल बैंक फॉर ररकंस्टर क्शन एं ड
बढा मदया गया है । डे वलपिेंि (IBRD) यह विि बैंक सभी
सोंस्थानोों में सबसे पुराना है , वजसने 1945 में
13. उत्तर: A युि-ग्रस्त क्षेिोों (वद्वतीय विि युि) के पुनवनिमािण
व्याख्या: के क्षेि में और बाद में दु वनया की अथिव्यिस्थाओों
भारिीय ररजवत बैंक (RBI) अंिर्दतमष्ट् नाि से में मध्यम आय और ऋण-योग्य गरीबोों के
एक मवत्तीय सिावेिन डै िबोडत लेकर आया विकास के वलए काम करना शुरू वकया था।
है , जो एक ऐसा िंच है जो मवत्तीय सिावेिन भारत IBRD संस्थापक सदस्ययं में से एक है ।
की प्रगमि का आकलन और मनगरानी करने
के मलए अंिर्दतमष्ट् प्रदान करे गा। यह सुविधा हमें अंिरातष्ट्रीय मनवेि मववाद मनपिान केंद्र
दे श भर में विस्तृत स्तर पर वििीय बवहष्करण (ICSID), 1966 में स्थावपत, एक वनिेश वििाद
की सीमा का आकलन करने में भी सक्षम वनपिान वनकाय है वजसके वनणिय पाविि योों के
बनाएगी तावक ऐसे क्षेिोों को सोंबोवधत वकया जा वलए बाध्यकारी हैं । इसकी स्थापना राज्योों और
सके। यह डै शबोडि ितिमान में आरबीआई में अन्य राज्योों के नागररकोों के बीच वनिेश वििादोों
आों तररक उपयोग के वलए है और बहु- के वनपिारे पर 1966 कन्वेंशन के तहत की गई
वहतधारक दृवष्टकोण के माध्यम से अवधक थी।
वििीय समािेशन की सुविधा प्रदान करे गा। भारि इसका सदस्य नही ं है । ऐसा माना जाता
है वक इस पर हस्ताक्षरकताि होने से अथिव्यिस्था
14. उत्तर: C में विदे शी वनिेश प्रिाह को बढ़ािा वमलता है
व्याख्या: लेवकन स्वतोंि सोंप्रभु वनणियोों को जोक्तखम भी होता
बहुपक्षीय मनवेि गारं िी एजेंसी (MIGA) को है ।
1988 में स्थावपत वकया गया था। यह विदे शी
वनजी वनिेशकोों को गैर-िावणक्तज्यक (यानी, 15. उत्तर: A
राजनीवतक) जोक्तखमोों जैसेमुिा हस्ताों तरण, व्याख्या:

E
स्वावमत्व, युि और नागररक अशाों वत के कारण कथन 1 सही है : mpox (पू िि में मोंकीपॉर्क्)

IN
होने िाले नुकसान के क्तखलाफ बीमा (गारों िी) की रोग मोंकीपॉर्क् िायरस (आमतौर पर MPXV)
पेशकश करके विकासशील अथिव्यिस्थाओों में के कारण होता है , जो पॉर्क्विररडे पररिार मेंL
विदे शी वनिेश को प्रोत्सावहत करती है । भारत ऑथोपॉर्क्िायरस जीनस का एक वघरा हुआ
जनवरी 1994 में MIGA का सदस्य बना। डबल-स्ट्र ैं डेड डीएनए िायरस है , वजसमें
N

अंिरातष्ट्रीय मवत्त मनगि (IFC) की स्थापना िेररयोला, काउपॉर्क्, िैर्क्ीवनया और अन्य


.O

1956 में की गई थी और इसे विि बैंक की वनजी शावमल हैं । िायरस. िायरस के दो आनुिोंवशक
शाखा के रूप में भी जाना जाता है । यह अपने समूह I और II हैं ।
L

सदस्य दे शोों में वनजी क्षेि की कोंपवनयोों को धन कथन 2 सही है : एिपॉक्स का व्यक्ति-से-
उधार दे ता है । ली जाने िाली ब्याज दर व्यक्ति संचरण संक्रािक त्वचा या अन्य
IA

व्यािसावयक होती है लेवकन तुलनात्मक रूप से घावों, जैसे िुंह या जननांगों के सीिे संपकत
कम है ।भारत IFC के संस्थापक सदस्ययं में के िाध्यि से हो सकिा है । इसमें सोंपकि
R

से एक है । शावमल है जो है :
E

अंिरातष्ट्रीय मवकास एजेंसी (आईडीए), मजसे ● आमने-सामने (बात करना या साों स


विि बैंक की सॉफ्ट विोंडो के रूप में भी जाना लेना)
T

जाता है , की स्थापना 1960 में सदस्य दे शोों के ● त्वचा से त्वचा (स्पशि करना या
A

बीच ढाों चागत समथिन विकवसत करने और योवन/गुदा मैथुन)


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आवथिक सेिाओों के विकास के वलए दीघिकावलक ● मुँह से मुँह (चुोंबन)


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● मुँह से त्वचा का सोंपकि (मुख मैथुन या दे ि िें जीवन बीिा व्यवसाय/उद्योग का


त्वचा को चूमना) 1956 िें भारि सरकार द्वारा राष्ट्रीयकरण
● लोंबे समय तक वनकि सोंपकि से िसन मकया गया और एक पूणितः सरकारी स्वावमत्व
बूोंदें या कम दू री के एरोसोल िाली कोंपनी, भारतीय जीिन बीमा वनगम (LIC)
वफर िायरस किी हुई त्वचा, श्लैक्तिक सतहोों की स्थापना की गई। उस समय जीिन बीमा
(जैसे मौक्तखक, ग्रसनी, नेि, जननाों ग, एनोरे क्टल) खोंड में 245 भारतीय और विदे शी कोंपवनयाँ
या िसन पथ के माध्यम से शरीर में प्रिेश करता काम कर रही थीों।
है । एमपॉर्क् घर के अन्य सदस्योों और यौन 1971 में, सरकार ने सामान्य बीमा क्षेि में खेलने
साझेदारोों तक फैल सकता है । िाली वनजी क्षेि की कोंपवनयोों (107 भारतीय और
कथन 3 गलि है : एमपॉर्क् के उपचार का विदे शी कोंपवनयोों) का राष्टरीयकरण वकया और
लक्ष्य दानोों की दे खभाल करना, ददि का प्रबोंधन 1972 िें एक सरकारी कंपनी, जनरल
करना और जविलताओों को रोकना है । लक्षणोों इं श्योरें स कॉपोरे िन ऑफ इं मडया
को प्रबोंवधत करने और आगे की समस्याओों से (जीआईसी) का गठन मकया गया।
बचने में मदद के वलए प्रारों वभक और सहायक बीिा मनयािक और मवकास प्रामिकरण
दे खभाल महत्वपूणि है । एिपॉक्स वैक्सीन (आईआरडीए) की स्थापना 2000 िें की गई
लगवाने से संक्रिण को रोकने िें िदद मिल थी (अवधवनयम 1999 में पाररत वकया गया था)
सकिी है । यह िीका वकसी ऐसे व्यक्तक्त के वजसमें एक अध्यक्ष और पाों च सदस्य (दो
सोंपकि में आने के 4 वदनोों के भीतर वदया जाना पूणिकावलक और तीन अोंशकावलक सदस्य)
चावहए वजसे एमपॉर्क् है (या यवद कोई लक्षण सरकार द्वारा वनयुक्त और नामाों वकत वकए गए
नहीों हैं तो 14 वदनोों के भीतर)। उच्च जोक्तखम थे। यह प्रावधकरण भारतीय बीमा उद्योग के
िाले लोगोों को एमपॉर्क् के सों क्रमण को रोकने विवनयमन, विकास और पयििेक्षण के वलए
के वलए िीका लगिाने की सलाह दी जाती है , वजम्मेदार है ।
खासकर इसके प्रकोप के दौरान।
18. उत्तर : D
16. उत्तर: A व्याख्या:
व्याख्या: एमियन इं फ्रास्टर क्चर इन्वेस्टिेंि बैंक
कथन 1 सही है : पोंचिर्ीय योजनाएँ केंिीकृत (एआईआईबी), वजसकी स्थापना 2016 में हुई

E
और एकीकृत राष्टरीय आवथिक कायिक्रम थीों। इस थी और इसका मुख्यालय बीवजोंग में है , एक

IN
तरह की पहली योजना सोमवयि संघ िें 1928 बहुपक्षीय वििीय सोंस्थान है वजसकी स्थापना पूरे
िें जोसेफ स्ट्ावलन द्वारा लागू की गई थी। तब से, एवशया में चुनौतीपूणि बुवनयादी ढाों चे की जरूरतोों
L
चीन, भूिान, वियतनाम, दवक्षण कोररया, को पूरा करने के वलए दे शोों को एक साथ लाने
अजेंिीना, रोमावनया और इवथयोवपया जैसे दे शोों के वलए की गई है ।
N

ने भी पोंचिर्ीय योजनाएँ लागू की हैं । कथन 1 गलि है : एआईआईबी ऊजाि और


.O

कथन 2 ग़लि है : आमथतक एवं सािामजक वबजली, पररिहन और दू रसोंचार, ग्रामीण


मनयोजन एक सिविी मवषय है । इसके बुवनयादी ढाों चे और कृवर् विकास, जल आपूवति
L

अलािा, 'सोंघ', 'राज्य' और 'समिती' सूवचयाों और स्वच्छता, पयाि िरण सोंरक्षण, शहरी विकास
तैयार करते समय, विर्योों और अन्य प्रािधानोों और में ठोस और विकाऊ पररयोजनाओों के वलए
IA

को आिोंवित करते समय, सोंविधान राज्योों की सोंप्रभु (सरकारी) और गैर-सोंप्रभु (वनजी)


पहल और अवधकार को सों रवक्षत करते हुए वििपोर्ण प्रदान करता है ।
R

गवतविवध के आिश्यक क्षेिोों में समक्तन्वत विकास कथन 2 गलि है : एआईआईबी में सदस्यता
E

सुवनवित करने की शक्तक्त सोंघ में वनवहत करता अोंतराि ष्टरीय पुनवनिमाि ण और विकास बैंक
है , उन्ें जो क्षेि आिोंवित वकये गये हैं । (आईबीआरडी) या एवशयाई विकास बैंक
T

(एडीबी) के सदस्योों के वलए खुली होगी। बैंक में


A

17. उत्तर: C चीन के पास सबसे अवधक 27.5% िोविों ग शक्तक्त


M

व्याख्या: है , जबवक भारत के पास 7.9% िोविों ग शक्तक्त है ।


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19. उत्तर: A ● विकासशील सदस्य दे शोों में विकास


व्याख्या: नीवतयोों और योजनाओों के समन्वय में
कथन 1 सही है : राष्ट्रीय उपभोिा मववाद सहायता के अनुरोधोों का जिाब दे ना,
मनवारण आयोग (एनसीडीआरसी), भारि िें और
एक अित-न्यामयक आयोग है मजसे 1988 िें ● सहायता के अनुरोधोों का जिाब दे ना
उपभोिा संरक्षण अमिमनयि 1986 के और विकासशील सदस्य दे शोों की
िहि स्थामपि मकया गया था। इसका मुख्य विकास नीवतयोों और योजनाओों का
कायाि लय नई वदल्ली में है । विर ब्यूनल (सेिा की समन्वय करना।
शतें) वनयम, 2021 वनयम 3(12)(क) के कथन 2 गलि है : भारत एमियाई मवकास
अनुसार, आयोग का नेतृत्व भारत के सिोच्च बैंक का सोंस्थापक सदस्य है । हालाँ वक, भारि
न्यायालय के ितिमान या सेिावनिृि माननीय एमियाई मवकास बैंक का सबसे बडा
न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के ितिमान या िेयरिारक नही ं है । 31 वदसोंबर 2022 तक,
सेिावनिृि माननीय मुख्य न्यायाधीश द्वारा वकया एडीबी के पाों च सबसे बडे शे यरधारक जापान
जाता है । और सोंयुक्त राज्य अमेररका (कुल शेयरोों के
कथन 2 गलि है : उपभोक्ता सोंरक्षण 15.6% के साथ प्रत्येक), पीपुल्स ररपक्तिक
अवधवनयम, 1986 की धारा 23 में प्रािधान है वक ऑफ चाइना (6.4%), भारत (6.3%), और
एनसीडीआरसी के आदे ि से व्यमथि कोई ऑस्ट्र े वलया (5.8%) हैं ।
भी व्यक्ति ऐसे आदे ि के क्तखलाफ 30 मदनों कथन 3 गलि है : एआईआईबी में सदस्यता
की अवमि के भीिर भारि के सवोच्च अोंतराि ष्टरीय पुनवनिमाि ण और विकास बैंक
न्यायालय िें अपील कर सकिा है । (आईबीआरडी) या एमियाई मवकास बैंक
उपभोक्ता सोंरक्षण अवधवनयम, 1986 की धारा (एडीबी) के सदस्यों के मलए खुली होगी।
21 में कहा गया है वक राष्टरीय आयोग के पास दो
करोड से अवधक मूल्य की वशकायत पर विचार 21. उत्तर : D
करने का अवधकार क्षेि होगा और राज्य आयोगोों व्याख्या:
या वजला मोंचोों के आदे शोों से अपीलीय और बुम्ब्रेला का नाम एक बडे वपच किररों ग से वलया
पुनरीक्षण क्षेिावधकार भी होगा, जैसा भी मामला गया है वजसका उपयोग 1981 से 2001 तक
हो। एजबेस्ट्न में वकया गया था।

E
यह हाल के मदनों िें इं ग्लैंड द्वारा मकए गए

IN
20. उत्तर : D नवाचारों की श्ररंखला िें नवीनिि है क्ोंमक
व्याख्या: वे िे स्ट मक्रकेि को और अमिक मदलचस्प L
कथन 1 गलि है : एवशयाई विकास बैंक बनाने का प्रयास कर रहे हैं । इसमें सभी
(एडीबी), अपने सदस्य दे शोों की अोंतरराष्टरीय फीर्ल्रोों को क्लोज-कैवचोंग पोजीशन में रखा
N

साझेदारी के साथ, 1966 िें स्थामपि मकया गया था, तीन ऑफसाइड पर और तीन लेग पर,
.O

गया था और इसका िु ख्यालय िनीला, क्ोोंवक फीर्ल् सेिअप एक छतरी की तरह


मफलीपी ंस िें है । यह बैंक एवशया-प्रशाों त क्षेि में वदखता था।
L

अपने विकासशील सदस्य दे शोों की आवथिक


और सामावजक प्रगवत को बढ़ािा दे ने का कायि
IA

करता है ।
इसके प्रिुख कायत इस प्रकार हैं
R

● अपने विकासशील सदस्य दे शोों की


E

आवथिक और सामावजक उन्नवत के वलए


ऋण और इवििी वनिेश करना;
T

● विकास पररयोजनाओों और कायिक्रमोों


A

और सलाहकार सेिाओों की तैयारी


M

और कायाि न्वयन के वलए तकनीकी


सहायता प्रदान करना;
C
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9

22. उत्तर: A कथन 2 ग़लि है : एक नाबामलग इन बांडों िें


व्याख्या: मनवेि कर सकिा है । नाबावलग की ओर से
कथन 1 सही है : विभाजन की पृष्ठभूवम में, दे श आिेदन उसके अवभभािक द्वारा वकया जाता है ।
िरणामथतयों की आिद, भोजन की अत्यमिक विदे शी मुिा प्रबोंधन अवधवनयम, 1999 के तहत
किी और बढिी िुद्रास्फीमि से जूझ रहा था, पररभावर्त भारत में वनिासी व्यक्तक्त एसजीबी में
पहली पंचवषीय योजना 1951 िें िुरू की वनिेश करने के पाि हैं । योग्य वनिेशकोों में
गई थी। यह योजना है रोड-डोिर िॉडल पर व्यक्तक्त, एचयूएफ, िर स्ट्, वििविद्यालय और
आिाररि थी। वजसने सुझाि वदया वक विकास धमाि थि सोंस्थान शावमल हैं । व्यक्तक्तगत वनिेशक
दो चीजोों पर वनभिर था। पहला, उच्च स्तर की आिासीय क्तस्थवत में बाद में वनिासी से अवनिासी
बचत से अवधक वनिेश सोंभि हुआ और दू सरा, में पररितिन के बाद शीघ्र मोचन/पररपिता तक
कम पूोंजी-उत्पादन अनुपात वजसने कुशल एसजीबी को अपने पास रखना जारी रख सकते
वनिेश और उच्च विकास दर सुवनवित की। हैं ।
कथन 2 गलि है : यह िुख्य रूप से प्राथमिक कथन 3 सही है : बाों ड एक ग्राम सोने के
क्षेत्र, विशेर् रूप से करमष और मसंचाई के मूल्यिगि और उसके गुणकोों में जारी वकए जाते
मवकास पर केंमद्रि है । इस योजना का उद्दे श्य हैं । बॉन्ड िें न्यूनिि मनवेि एक ग्राि होगा,
आयात पर वनभिरता कम करने और मजसिें व्यक्तियों के मलए 4 मकलोग्राि, महं दू
आत्मवनभिरता हावसल करने के वलए दे श के अमवभामजि पररवार (एचयूएफ) के मलए 4
खाद्य उत्पादन स्तर में सुधार करना था। मकलोग्राि और सरकार द्वारा सिय-सिय
वद्वतीयक क्षेि, वजसमें उद्योग भी शावमल हैं , इस पर प्रमि मवत्तीय वषत (अप्रैल-िाचत) िें
अिवध के दौरान प्राथवमक फोकस नहीों था। अमिसूमचि िर स्टों और सिान संस्थाओं के
यवद पहली पोंचिर्ीय योजना कृवर् और ऊजाि मलए 20 मकलोग्राि की अमिकिि सदस्यिा
पर केंवित थी, तो दू सरी पोंचिर्ीय योजना सीिा होगी। सोंयुक्त होक्तर्ल्ोंग के मामले में,
साििजवनक क्षेि के विकास और तेजी से सीमा पहले आिेदक पर लागू होती है ।
औद्योगीकरण पर केंवित थी। साों क्तख्यकीविद्
पीसी महालनोवबस द्वारा तैयार की गई दू सरी 24. उत्तर: A
योजना को महालनोवबस योजना भी कहा जाता व्याख्या:
था। कथन 1 सही है : आईएमएफ को इसके

E
सदस्योों और उनके कोिा योगदान के माध्यम से

IN
23. उत्तर: B विि पोवर्त वकया जाता है । आरमक्षि मकश्त
व्याख्या: िूल रूप से एक आपािकालीन खािा है L
कथन 1 सही है : सॉवरे न गोल्ड बॉन्ड सोने के मजसे आईएिएफ सदस्य ििों से सहिि हुए
ग्राि िें अंमकि सरकारी प्रमिभूमियााँ हैं । िे मबना या सेवा िुल्क का भुगिान मकए मबना
N

भौवतक सोना रखने के विकल्प हैं । वनिेशकोों को मकसी भी सिय उपयोग कर सकिे हैं । दू सरे
.O

वनगिम मूल्य नकद में चुकाना होगा और शब्ोों में, वकसी सदस्य दे श के कोिे का एक
पररपिता पर बाों ड नकद में भुनाए जाएों गे। ये वहस्सा अपने वििेक से वनः शुल्क वनकाला जा
L

बाों ड भारत सरकार की ओर से ररजिि बैंक द्वारा सकता है ।


जारी वकया जाता है । कथन 2 गलि है : दे ि आईएिएफ के पास
IA

सोने की िह मािा वजसके वलए वनिेशक भुगतान जो आरमक्षि मकश्तें रखिे हैं , उन्हें उनकी
करता है , सुरवक्षत रहती है क्ोोंवक उसे पहली उपाय की सुमविाएं िाना जािा है ,
R

मोचन/समयपूिि मोचन के समय चालू बाजार वजसका अथि है वक िे औपचाररक क्रेवडि वकश्त
E

मूल्य प्राप्त होता है । एसजीबी भौवतक रूप में माों गने से पहले आरवक्षत वकश्त का उपयोग
सोना रखने का एक बेहतर विकल्प प्रदान करता करें ।
T

है । इससे भोंडारण के जोक्तखम और लागत सैिाों वतक रूप में, सदस्य अपने कोिे का 100%
A

समाप्त हो जाते हैं । से अवधक उधार ले सकते हैं । हालाँ वक, यवद
M

सदस्य राष्टर द्वारा माों गी जा रही रावश उसकी


आरवक्षत वकश्त क्तस्थवत (आरिीपी) से अवधक हो
C
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जाती है , तो यह एक क्रेवडि वकश्त बन जाती है


वजसे तीन साल में ब्याज के साथ चुकाना होगा।

प्रारों भ में, सदस्य दे शोों की आरवक्षत वकश्तें आम


तौर पर उनके कोिा का 25% होती हैं । हालाँ वक,
उनका आरिीपी वकसी भी उधार के अनुसार
बदल सकता है जो आईएमएफ सदस्य की मुिा
की होक्तर्ल्ोंग्स के साथ करता है।
25. उत्तर: A
व्याख्या:
कथन 1 सही है : मवत्त वषत 2023 िें 125.32
िीमिर क िन कच्चे इस्पाि का उत्पादन और
121.29 िीमिर क िन िैयार इस्पाि उत्पादन
के साथ भारि कच्चे इस्पाि का दु मनया का 26. उत्तर: A
दू सरा सबसे बडा उत्पादक है । विि िर्ि 2024 व्याख्या:
में भारत का इस्पात उत्पादन 4-7% बढ़कर कथन 1 सही है : स्टॉकहोि इं िरनेिनल
123-127 मीविर क िन होने का अनुमान है । पीस ररसचत इं स्टीट्यूि (SIPRI) एक स्विंत्र
भारतीय इस्पात क्षेि में िृक्ति लौह अयस्क और अंिरराष्ट्रीय संस्थान है जो संघषत, हमथयार,
लागत प्रभािी श्रम जैसे कच्चे माल की घरे लू हमथयार मनयंत्रण और मनरस्त्रीकरण पर
उपलब्धता से प्रेररत हुई है । पररणामस्वरूप, िोि के मलए सिमपति है । 1966 में स्थावपत,
भारत के विवनमाि ण उत्पादन में इस्पात क्षेि का स्टॉकहोि इं िरनेिनल पीस ररसचत
प्रमुख योगदान रहा है । इं स्टीट्यूि (SIPRI) नीवत वनमाि ताओों,
कथन 2 सही है : सस्ता श्रम की आसान शोधकताि ओ,ों मीवडया और इच्छु क जनता को
उपलब्धता और प्रचुर लौह अयस्क भोंडार की खुले स्रोतोों के आधार पर डे िा, विश्लेर्ण और
उपक्तस्थवत भारत को िैविक व्यिस्था में वसफाररशें प्रदान करता है ।
प्रवतस्पधी बनाती है । भारि दु मनया िें लौह
अयस्क के सातवां सबसे बडा भंडार है । कथन 2 ग़लि है : स्टॉकहोि इं िरनेिनल

E
अक्टू बर 2021 में, सरकार ने अनुमोवदत विशेर् पीस ररसचत इं स्टीट्यूि (SIPRI) की स्थापना

IN
इस्पात उत्पादन-वलोंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) स्वीमडि संसद के एक मनणतय के आिार पर
योजना के वलए वदशावनदे शोों की घोर्णा की। की गई थी और इसे स्वीवडश सरकार से िावर्िक
अनुदान के रूप में अपने विि पोर्ण का एक
L
केंिीय बजि 2023-24 के तहत, सरकार ने
इस्पात मोंिालय को 70.15 करोड रुपये बडा वहस्सा प्राप्त होता है । सोंस्थान अपने शोध
N

आिोंवित वकए। को आगे बढ़ाने के वलए अन्य सोंगठनोों से वििीय


.O

कथन 3 ग़लि है : सहायता भी माों गता है ।


राजस्थान दे श में इस्पात का सबसे बडा
27. उत्तर: C
L

उत्पादक नहीों है । भारत में सिाि वधक इस्पात


उत्पादन क्षमता िाले राज्योों में शावमल हैं : व्याख्या:
IA

● ओवडशा आकक्तिक ररजवत व्यवस्था (सीआरए) न्यू


● छिीसगढ डे वलपिेंि बैंक (एनडीबी) के सदस्य दे िों के
R

● झारखोंड मलए अमिररि िरलिा सुरक्षा से संबंमिि है ।


न्यू डे िलपमेंि बैंक को वब्रर्क् बैंक के रूप में भी
E

● कनाि िक
जाना जाता है , इसकी स्थापना उभरती
T

अथिव्यिस्थाओों में बुवनयादी ढाों चे और सतत


A

विकास पररयोजनाओों के वििपोर्ण के वलए


वब्रर्क् (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दवक्षण
M

अफ्रीका) दे शोों द्वारा की गई थी।


C
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सीआरए भुगतान सोंतुलन की समस्याओों या 28. उत्तर : D


अन्य वििीय सोंकिोों के मामले में अपने सदस्य व्याख्या:
दे शोों को वििीय सहायता प्रदान करने के वलए कथन 1 ग़लि है : राष्टरीय विकास पररर्द
एनडीबी द्वारा बनाए गए तोंिोों में से एक है । (एनडीसी) की स्थापना 6 अगस्त, 1952 को
सीआरए को चीन द्वारा 41 प्रवतशत, ब्राजील, कैवबनेि सवचिालय द्वारा जारी एक सोंकल्प द्वारा
भारत और रूस से 18 प्रवतशत और दवक्षण की गई थी। अत:, यह एक सोंिैधावनक वनकाय
अफ्रीका से 5 प्रवतशत विि पोवर्त वकया जा रहा नहीों है ।
है । कथन 2 ग़लि है : 'प्रशासवनक सुधार आयोग'
सीआरए 'भुगतान दबाि के िास्तविक या की वसफाररशोों को ध्यान में रखते हुए, एनडीसी
सोंभावित अल्पकावलक सोंतुलन के जिाब में मुिा का पुनगिठन वकया गया और 7 अक्टू बर, 1967
स्वैप के प्रािधान के वलए एक रूपरे खा है ।' को एक कैवबनेि प्रस्ताि द्वारा इसके कायों को
वफर से पररभावर्त वकया गया।
पुनगिवठत एनडीसी में प्रधान मोंिी, सभी केंिीय
कैवबनेि मोंिी, सभी राज्योों और केंि शावसत
प्रदे शोों के मुख्यमोंिी और योजना आयोग के
सदस्य शावमल हैं । इसकी अध्यक्षता भारत के
प्रधान मोंिी द्वारा की जाती है ।
कथन 3 गलि है : राष्टरीय विकास पररर्द
(एनडीसी) के पास केंि प्रायोवजत योजनाओों के
कायाि न्वयन के वलए राज्योों को सीधे धन आिोंवित
करने की शक्तक्त नहीों है । धन का आिोंिन आम
तौर पर केंिीय बजि के माध्यम से वकया जाता
है , और एनडीसी राष्टरीय विकास नीवतयोों के
सोंबोंध में केंि और राज्य सरकारोों के बीच चचाि
और समन्वय के वलए एक मोंच के रूप में कायि
करता है ।

E
29. उत्तर : D

IN
व्याख्या:
सरकार ने वदव्याों गजनोों के वलए 'सुगम्य भारत
L
अवभयान' के वहस्से के रूप में 'समािेवशता और
पहुों च सूचकाों क' लॉन्च वकया है ।
N

सरकार ने अपने प्रमुख अवभयान, 'सुगम्य भारत


.O

अवभयान' के अगले अध्याय को वचवित करने के


वलए 'समािेवशता और पहुों च सूचकाों क' लॉन्च
L

वकया।
यह सूचकाों क फेडरे शन ऑफ इों वडयन चैंबसि
IA

ऑफ कॉमसि एों ड इों डस्ट्र ी (वफक्की) के सहयोग


से तैयार वकया गया था। 'सिावेमििा और
R

पहुं च सूचकांक' उद्योगों और मनगिों को


E

मवकलांग व्यक्तियों के मलए कायतस्थल को


सुलभ बनाने के मलए उनकी ित्परिा का
T

स्वैक्तिक िूल्ांकन करके सुगम्य भारि


A

अमभयान (एआईसी) िें भाग लेने िें िदद


M

करिा है ।
C
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यह सूचकाों क एक समग्र दृवष्टकोण के साथ ● मवपक्ष के नेिा


तैयार वकया गया है और इसे सोंगठनोों द्वारा ● दो प्रमिमिि व्यक्तित्व
उनके आकार और पैमाने की परिाह वकए वबना केंद्रीय संस्करमि िंत्री समिमि के सदस्य नही ं
लागू और उपयोग वकया जा सकता है । हैं ।
कॉपोरे ि क्षेि और साििजवनक क्षेि के सोंगठनोों
द्वारा सूचकाों क के आमेलन और मान्यता से उन्ें 31. उत्तर: C
वनम्नवलक्तखत के रूप में अत्यवधक लाभ होगा: व्याख्या:
● बेंचमाकि होना कथन 1 सही है : केंद्रीय मवद् युि प्रामिकरण
● िे समथिन बढ़ाने के वलए प्रगवतशील (सीईए) मवद् युि िंत्रालय के िहि एक
कदम उठा सकेंगे। वैिामनक मनकाय है , मजसका गठन पूवतविी
● िे विविध प्रवतभा पूल का पूणि उपयोग मवद् युि (आपूमित) अमिमनयि, 1948 के िहि
कर सकेंगे। मकया गया था, मजसे मवद् युि अमिमनयि,
● कमिचारी िनिओिर कम कर सकेंगे, 2003 द्वारा प्रमिस्थामपि मकया गया था,
कमिचारी िफादारी बढ़ा सकते हैं और वजसमें सिान प्राविान िौजूद हैं । सीईए
सोंगठन में अन्य कमिचाररयोों का कायिक्रमोों के तकनीकी समन्वय और पयििेक्षण
मनोबल और उत्पादकता बढ़ाया के वलए वजम्मेदार है और उसे कई िैधावनक
जाएगा। कायि भी सौोंपे गए हैं । इसका नेतृत्व एक अध्यक्ष
● एक सकारात्मक ब्राों ड छवि बना सकते करता है , जो भारत सरकार का पदे न सवचि भी
हैं । होता है और इसमें सीईए के छह पूणिकावलक
● नए उत्पादोों और सेिाओों के माध्यम से सदस्य शावमल होते हैं ।
ग्राहक आधार का विस्तार कर सकते कथन 2 सही है : विद् युत अवधवनयम, 2003 की
हैं । धारा 73 प्रावधकरण को ऐसे कायों और कतिव्योों
● शेयरधारक मूल्य बढ़ा सकते हैं । को वनष्पावदत करने का अवधकार दे ती है जैसा
● सबसे बढ़कर, समािेवशता और पहुों च वक केंि सरकार वनधाि ररत या वनदे वशत कर
सूचकाों क मानिीय गररमा और सकती है , और विशेर् रूप से राष्ट्रीय मवद् युि
सामावजक एकजुिता को बढ़ािा दे गा नीमि से संबंमिि िािलों पर केंद्र सरकार को
जहाों सभी नागररकोों को अपनी क्षमता सलाह दे ने के मलए दीघातवमि और पररप्रेक्ष्य

E
का पूरी तरह से एहसास करने के योजनाएं तैयार करता है और राष्टरीय

IN
अिसरोों तक समान पहुों च प्राप्त होगी। अथिव्यिस्था के वहतोों की पूवति करने और सभी
उपभोक्ताओों के वलए वििसनीय और सस्ती L
30. उत्तर: B वबजली प्रदान करने के वलए सोंसाधनोों के इष्टतम
व्याख्या: उपयोग के वलए योजना एजेंवसयोों की
N

1995 में स्थावपत, गाों धी शाोंवत पुरस्कार वकसी भी गवतविवधयोों का समन्वय करता है ।
.O

योग्य व्यक्तक्त/सोंस्था/व्यक्तक्तयोों को अवहों सा के


माध्यम से सामावजक, आवथिक और राजनीवतक 32. उत्तर : D
L

पररितिन के वलए प्रदान वकया जाता है । इस व्याख्या:


पुरस्कार में एक प्रशक्तस्त पि और 1 करोड रुपये भारत में बीमा एक गवतशील क्षेि है वजसमें
IA

की रावश शावमल है और यह राष्टरीयता, नस्ल, व्यक्तक्तयोों, व्यिसायोों और सोंपवियोों को विवभन्न


भार्ा, जावत, पोंथ या वलोंग और वकसी भी सोंघ, जोक्तखमोों से बचाने के वलए उत्पादोों और सेिाओों
R

सोंस्था या सोंगठन की परिाह वकए वबना सभी की एक विस्तृत श्रृोंखला शावमल है । भारत में
E

व्यक्तक्तयोों के वलए खुला है । बीमा उद्योग को भारतीय बीमा वनयामक और


विकास प्रावधकरण (आईआरडीएआई) द्वारा
T

पुरस्कार विजेता का चयन पाों च सदस्यीय जूरी वनयोंवित वकया जाता है । सरकार ने बीमा कानून
A

द्वारा वकया जाता है वजसमें शावमल हैं : (सोंशोधन) अवधवनयम, 2015 भी लागू वकया है ।
M

● प्रिान िंत्री
● भारि के िुख्य न्यायािीि
C
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कथन 1 गलि है : भारत में सोंपवियोों का बीमा 100 वबवलयन डॉलर की एक


अब आईआरडीएआई की पूिि अनुमवत के साथ आकक्तिक ररजिि व्यिस्था (सीआरए)
एक विदे शी बीमाकताि के साथ वकया जा सकता बनाई जाएगी।
है , जो पहले केंि सरकार की मोंजूरी के साथ
वकया जाना था। 34. उत्तर : D
कथन 2 गलि है : बीमा विवनयामक और व्याख्या:
विकास प्रावधकरण (आईआरडीएआई) के घिती और कम मवहला एलएफपीआर के
आदे शोों के क्तखलाफ अपील को समथिन में वदए गए तकि आपूवति और माों ग दोनोों
प्रवतभूवतअपीलीय न्यायावधकरण (एसएिी) में पक्षोों से हैं :
भेजा जाना चावहए क्ोोंवक सोंशोवधत कानून आपूमित पक्ष कारक:
आईआरडीएआई द्वारा वकए गए वकसी भी ● ग्रामीण क्षेिोों में अवधक मवहलाएों अब
आदे श से पीवडत वकसी भी बीमाकताि या बीमा उच्च मिक्षा प्राप्त कर रही हैं , वजससे
मध्यस्थ को प्रवतभूवतयोों के वलए अपील पसोंद श्रम बाजार में उनके प्रिेश में दे री हो
करने का प्रािधान करता है । रही है ।
● उच्च िेतन स्तर के कारण ग्रामीण क्षेिोों
33. उत्तर: C में घरे लू आय में िृक्ति हुई है जो
व्याख्या: मवहलाओों को श्रम बाजार से बाहर
कथन 1 सही है : िैिीकरण की प्रवक्रया के खीोंच रही है ।
साथ, विि क्षेिीय ताकतें भी विवभन्न सोंरेखणोों के ● साों स्कृवतक कारक, सामावजक बाधाएँ
माध्यम से अपनी शक्तक्त का दािा कर रही हैं - और वपतृसिात्मक मानदों ड मवहलाओों
ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दवक्षण के की गवतशीलता और स्वतोंिता को
राष्टराध्यक्षोों की फोिाि लेजा घोर्णा (जुलाई 2014 प्रवतबोंवधत करते हैं ।
के अोंत में), दवक्षण अफ्रीका (वब्रर्क् दे श) ऐसा ● अवैिमनक कायत और अिैतवनक
ही एक और प्रयास है - वब्रर्क् बैंक यानी न्यू दे खभाल कायि की अपेक्षाकृत अवधक
डे िलपमेंि बैंक (एनडीबी) का वनमाि ण। वजम्मेदाररयाँ।
कथन 2 सही है :
बैंक के उद्दे श्य को पूरा करने के मलए, यह िांग पक्ष कारक:

E
ऋण, इमििी मनवेि और अन्य अनुरूप ● नौकरी के अवसरों और गुणवत्तापूणत

IN
उपकरणों के िाध्यि से सावतजमनक और नौकररयों की किी और महत्वपूणि
मनजी दोनों क्षेत्रों िें पररयोजनाओं का लैंवगक िेतन अोंतर अिरोधक कारक L
सिथतन करिा है । हैं ।
बैंक की प्रमुख विशेर्ताएों इस प्रकार हैं : ● कृवर् रोजगार से दू र सोंरचनात्मक
N

● बैंक की आरों वभक सदस्यता िाली पूोंजी बदलाि, और कृवर् का मशीनीकरण


.O

$50 वबवलयन होगी - वजसे पाँ च दे शोों बढ़ा।


द्वारा समान रूप से साझा वकया ● पशुपालन में वगरािि, और शहरी क्षेिोों
L

जाएगा। में श्रम-केंवित उद्योगोों के उत्पादोों की


● इस पूोंजी आधार का उपयोग शुरुआत अोंतरराष्टरीय माों ग में वगरािि।
IA

में वब्रर्क् दे शोों में बुवनयादी ढाों चे और


'सतत विकास' पररयोजनाओों के 35. उत्तर: B
R

वििपोर्ण के वलए वकया जाना है । व्याख्या:


E

● समय बढ़ने पर अन्य वनम्न और मध्यम कथन 1 सही है : अंिरातष्ट्रीय मवत्त मनगि
आय िाले दे श भी धन प्राप्त करने में (IFC) की स्थापना 1956 िें की गई थी और
T

सक्षम होोंगे। इसे मवि बैंक की मनजी िाखा के रूप िें भी


A

● भुगतान सोंतुलन की समस्याओों के जाना जािा है । यह अपने सदस्य दे शोों की


M

दौरान सदस्य दे शोों को अवतररक्त वनजी क्षेि की कोंपवनयोों को पैसा उधार दे ता है।
तरलता सुरक्षा प्रदान करने के वलए ली जाने िाली ब्याज दर व्यािसावयक है लेवकन
C
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तुलनात्मक रूप से कम है । आईएफसी के ऋण दू सरी पोंचिर्ीय योजना के बाद के िर्ों में


दे ने की कई आकर्िक विशेर्ताएों हैं । यह वनजी समस्या विकि हो गई जब खराब फसल के
वनिेशकोों के साथ साझेदारी में वनजी-साििजवनक कारण भोजन की कमी हो गई।
उद्यमोों और पररयोजनाओों के वलए वििपोर्ण पररणामस्वरूप, बाद की योजनाओों में कृवर् पर
और सलाह प्रदान करता है और, अपने अवधक ध्यान वदया गया। पूोंजीगत िस्तुओों की
सलाहकार कायि के माध्यम से, सदस्य दे शोों की भूवमका पर जोर दे ने के विपरीत, उपभोक्ता
सरकारोों को ऐसी क्तस्थवतयाँ बनाने में मदद करता िस्तुओों की भूवमका पर जोर वदया गया।
है जो घरे लू और विदे शी वनजी बचत और वनिेश
दोनोों के प्रिाह को प्रोत्सावहत करती हैं । 37. उत्तर : D
कथन 2 गलि है : यह अपने सदस्य दे शोों में व्याख्या:
उत्पादक उद्यमोों और कुशल पूोंजी बाजारोों के डीआईसीजीसी के कायि भारतीय ररजिि बैंक
विकास को प्रोत्सावहत करके आवथिक विकास द्वारा बनाए गए 'वडपॉवजि इों श्योरें स एों ड क्रेवडि
को बढ़ािा दे ने पर केंवित है । यह वकसी वनिेश गारों िी कॉरपोरे शन एक्ट, 1961'
में तभी भाग लेता है जब िह एक विशेर् योगदान (डीआईसीजीसी एक्ट) और 'वडपॉवजि इों श्योरें स
दे सकता है जो विदे शी वििीय वनिेशकोों एों ड क्रेवडि गारों िी कॉरपोरे शन जनरल
(एफएफआई) के रूप में बाजार वनिेशकोों की रे गुलेशन, 1961' के प्रािधानोों द्वारा शावसत होते
भूवमका को पूरा करता है । हैं ।
यह एक उत्प्रेरक भूमिका भी मनभािा है , जमा बीमा योजना के अोंतगित आने िाले बैंक -
मवकासिील दे िों िें मनजी मनवेि को प्रेररि भारत में कायिरत विदे शी बैंकोों की शाखाओों,
और संगमठि करिा है, यह प्रदमिति करके स्थानीय क्षेि के बैंकोों, क्षेिीय ग्रामीण बैंकोों और
मक वहां मनवेि भी लाभदायक हो सकिा है । सहकारी बैंकोों सवहत सभी िावणक्तज्यक बैंक।
DICGC मनम्नमलक्तखि प्रकार की जिाओं को
36. उत्तर : D छोडकर सभी बैंक जिाओं, जैसे बचि,
व्याख्या: सावमि, चालू, आविी, आमद का बीिा करिा
कथन 1 सही है : दू सरी पं चवषीय योजना है ।
अथतव्यवस्था के दीघतकामलक मवकास की ● मवदे िी सरकारों की जिारामियााँ;
रणनीमि पर बनाई गई थी। इस योजना का ● केंद्र/राज्य सरकारों की

E
िसौदा उस समय दे श के प्रधान मोंिी पीसी जिारामियााँ;

IN
महालनोवबस और नेहरू ने तैयार वकया था। इस ● अंिर-बैंक जिा
रणनीवत को अर्क्र नेहरू-महालनोवबस ● राज्य भूवम विकास बैंकोों की राज्य L
विकास रणनीवत कहा जाता है। सहकारी बैंकोों में जमा रावश;
कथन 2 सही है : योजना िें अथतव्यवस्था के ● भारत के बाहर प्राप्त वकसी भी जमा के
N

िेजी से औद्योगीकरण, मविेष रूप से भारी कारण दे य कोई भी रावश


.O

और बुमनयादी उद्योगों पर ध्यान केंमद्रि ● कोई भी रावश वजसे आरबीआई की


मकया गया। इसने मवदे िी ऋणों के िाध्यि वपछली मोंजूरी के साथ वनगम द्वारा
L

से भारी आयाि की वकालि की। यह तकि विशेर् रूप से छूि दी गई है ।


वदया गया वक औद्योवगक क्षेि का विकास कृवर्
IA

और अन्य क्षेिोों के विकास के वलए एक पूिि शति 38. उत्तर : D


है । अत:, योजना के इस चरण के दौरान, लोहा व्याख्या:
R

और इस्पात, भारी इों जीवनयररों ग, मशीन िू ल्स मवि बैंक द्वारा "वैमिक आमथतक संभावनाएाँ "
E

और भारी रासायवनक उद्योगोों जैसे पूोंजीगत ररपोित जारी की जािी है । यह अधि-िावर्िक


सामान उद्योगोों को उच्च प्राथवमकता दी गई। ररपोिि उभरते बाजारोों और विकासशील दे शोों
T

कथन 3 सही है : हालााँमक, इस रणनीवत की पर विशेर् ध्यान दे ने के साथ िैविक आवथिक


A

अपनी सीमाएँ थीों क्ोोंवक इसमें पूोंजीगत िस्तुओ,ों विकास और सोंभािनाओों की जाों च करती है ।
M

मजसके पररणािस्वरूप आवश्यक वस्तुओ ं विि बैंक की अन्य ररपोिें :


की किी हो गई, पर अवधक जोर वदया गया था ● िैविक वििीय विकास ररपोिि
C
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15

● अोंतराि ष्टरीय ऋण साोंक्तख्यकी मवमनिातण क्षेत्र में रोजगार िें वरक्तद्ध


● नीवत अनुसोंधान ररपोिि (पीआरआर) हुई है ।
● व्यापार सुगमता सूचकाों क ● संगमठि सािामजक सुरक्षा के
● कमोवडिी माकेि आउिलुक आवद। कवरे ज को बढाकर कायिबल के
औपचाररकीकरण की सीमा को इों वगत
39. उत्तर: A करने के वलए, सरकार ने वसतोंबर
व्याख्या: 2017 से मावसक पेरोल डे िा प्रकावशत
कथन 1 सही है : भारतीय फसल मौसम को वकया है , वजसमें नए ग्राहकोों की सोंख्या
िास्ति में मानसून के आधार पर दो मुख्य का सोंकेत वदया गया है , वजन्ोोंने तीन
मौसमोों - खरीफ और रबी - में िगीकृत वकया प्रमुख सामावजक सुरक्षा योजनाओों के
जाता है । खरीफ का मौसम दवक्षण- तहत लाभ उठाया है , अथाि त्- कमिचारी
पविम/ग्रीिकालीन मानसून के दौरान जुलाई से भविष्य वनवध (ईपीएफओ); कमिचारी
अक्टू बर तक होता है , जबवक रबी का मौसम राज्य बीमा योजना (ईएसआईसी); और
अक्टू बर से माचि (उिर-पूिि /शीतकालीन राष्टरीय पेंशन योजना (एनपीएस)।
मानसून) तक होता है ।
41. उत्तर: B
कथन 2 गलि है : जायद/जैद शब् िाचत और व्याख्या:
जून के बीच उगाई जाने वाली फसलों को कथन 1 गलि है : भारत की जीडीपी में कृवर्
संदमभति करिा है , न वक जुलाई और अक्टू बर क्षेि की वहस्सेदारी में आजादी के बाद से
के बीच। उल्लेखनीय वगरािि दे खी गई है । वििीय िर्ि
1950-51 में, सकल घरे लू उत्पाद में कृवर् का
कथन 3 ग़लि है : ख़रीफ़ फसलोों में चािल, वहस्सा लगभग 55.4% था, जबवक ितिमान में,
मक्का, ज्वार, बाजरा, रागी (अनाज), अरहर यह लगभग 15% है । यह वपछले कुछ िर्ों में
(दालें), सोयाबीन, मूोंगफली (वतलहन), कपास, समग्र अथिव्यिस्था में इसके योगदान में पयािप्त
आवद शावमल हैं। कमी को दशाि ता है ।
रबी फसलों िें गेहं, जौ, जई (अनाज),
चना/चना (दालें), अलसी, सरसों (मिलहन) कथन 2 सही है : दे श की सकल आय में घिती

E
आमद िामिल हैं । वहस्सेदारी के बािजूद, भारत की लगभग 55%

IN
आबादी अभी भी अपनी आजीविका के वलए
40. उत्तर : D कृवर् क्षेि पर वनभिर है । इसका मतलब है वकL
व्याख्या: लगभग 55 प्रवतशत आबादी भारतीय
हाल के वदनोों में सरकार अथतव्यवस्था को अथिव्यिस्था की कुल आय के लगभग 18
N

औपचाररक बनाने के प्रयास कर रही है । इस प्रवतशत के साथ ही रहती है ।


.O

वदशा में, कई पहल की गई हैं, जैसे- जीएसिी


की िुरूआि, भुगिान का मडमजिलीकरण, कथन 3 सही है : कृवर् न केिल अथिव्यिस्था
L

बैंक खािों िें सक्तिडी/छात्रवरमत्त/िजदू री का सबसे बडा क्षेि है , बक्तल्क सबसे बडा वनजी
और वेिन का प्रत्यक्ष लाभ हस्तांिरण, जन क्षेि भी है । यह एकमाि ऐसा पेशा है वजस पर
IA

िन खािे खोलना, अमिक श्रमिकों िक अभी भी व्यक्तक्तगत आयकर का कोई बोझ नहीों
सािामजक सुरक्षा कवरे ज का मवस्तार पडता है ।
R

करना।
E

इन पहलोों के पररणामस्वरूप, औपचाररक कथन 4 गलि है : हाल के िर्ों में मैदानी और


रोजगार में िृक्ति स्पष्ट है जैसा वक कई डे िा स्रोतोों आदशि कृवर् पिवतयोों के बीच उत्पादकता अोंतर
T

के माध्यम से वदखाया गया है : कम हुआ है । भारत सरकार की हावलया विज्ञक्तप्त


A

● उद्योगों के वामषतक सवेक्षण के अनुसार, चािल, गेहूों और दालोों की औसत


M

(एएसआई) के अनुसार, 'संगमठि' उत्पादकता, जो 2007-08 में 2,202 वकलोग्राम,


2,802 वकलोग्राम और 625 वकलोग्राम प्रवत
C
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हे क्टेयर थी, 2011—13 के दौरान बढ़कर कारण विकास नहीों हो सका। पररिार वनयोजन
2,346 वकलोग्राम, 3,026 वकलोग्राम और 649 कायिक्रमोों का कायाि न्वयन योजना के प्रमुख
वकलोग्राम प्रवत हे क्टेयर हो गई। लक्ष्योों में से एक था।

42. उत्तर: B 44. उत्तर: B


व्याख्या: व्याख्या:
2008 िें िुरू हुए राष्ट्रीय भूमि अमभलेख कथन 1 सही है : ग्रीन क्लाइमेि फोंड की
आिुमनकीकरण कायतक्रि स्थापना 2010 में जलिायु पररितिन पर सोंयुक्त
(एनएलआरएिपी) का लक्ष्य 12वी ं योजना राष्टर फ्रेमिकि कन्वेंशन के 194 दे शोों के सदस्योों
के अंि िक भूमि अमभलेखों को अद्यिन और द्वारा की गई थी। इसे कन्वेंशन के वििीय तोंि
मडमजिल बनाना है । अोंततः , इरादा अनुमावनत की एक पररचालन इकाई के रूप में वडजाइन
शीर्िक (जहाों वकसी शीर्िक का पोंजीकरण यह वकया गया है और इसका मुख्यालय कोररया
नहीों बताता वक मावलक का शीर्िक कानूनी रूप गणराज्य में है । यह दे शोों का प्रवतवनवधत्व करने
से िैध है ) से वनणाि यक शीर्िक (जहाों ऐसा होता िाले 24 सदस्योों िाले बोडि द्वारा शावसत होता है ,
है ) की ओर बढ़ना है । और पाविि योों के सम्मेलन (सीओपी) से मागिदशिन
इस प्रवक्रया से सोंबोंवधत महत्वपूणि वबोंदुओों को प्राप्त करता है । जलिायु पररितिन पर सोंयुक्त
सोंक्षेप में इस प्रकार प्रस्तुत वकया जा सकता है : राष्टर फ्रेमिकि कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) द्वारा
1. वडवजिलीकरण से भूवम लेनदे न की लागत वनवमित, इस फोंड का उद्दे श्य जलिायु पररितिन
को कम करने में काफी मदद वमलेगी, के प्रवत िैविक प्रवतवक्रया में एक आदशि बदलाि
जबवक वनणाि यक स्वावमत्व कानूनी का समथिन करना है ।
अवनवितता को खत्म कर दे गा और भूवम कथन 2 सही है : यह फोंड अपने सोंसाधनोों को
अवधग्रहण के वलए मध्यस्थ के रूप में विकासशील दे शोों में कम उत्सजिन और
सरकार का उपयोग करने की आिश्यकता जलिायु-प्रवतरोधी पररयोजनाओों और कायिक्रमोों
को समाप्त कर दे गा तावक स्वावमत्व को के वलए आिोंवित करता है । यह फोंड उन
'शुि' वकया जा सके। समाजोों की जरूरतोों पर विशेर् ध्यान दे ता है जो
2. इस कायिक्रम के महत्व को दे खते हुए, जलिायु पररितिन के प्रभािोों के प्रवत अत्यवधक
विवभन्न राज्योों में इसके कायािन्वयन में तेजी सोंिेदनशील हैं , विशेर् रूप से सबसे कम

E
लाने की जरूरत है - आसान और त्वररत विकवसत दे शोों (एलडीसी), छोिे द्वीप

IN
भूवम लेनदे न से विशेर् रूप से छोिे और विकासशील राज्योों (एसआईडीएस), और
मध्यम उद्यमोों को मदद वमलेगी वजनके पास अफ्रीकी राज्योों में। L
कानूनी समथिन या प्रबोंधन नहीों है । कथन 3 गलि है : स्थायी काबिवनक प्रदू र्कोों पर
स्ट्ॉकहोम कन्वेंशन मानि स्वास्थ्य और
N

43. उत्तर: B पयाि िरण को उन रसायनोों से बचाने के वलए एक


.O

व्याख्या: िैविक सोंवध है जो लोंबे समय तक पयाि िरण में


चौथी पंचवषीय योजना की अवमि 1969-74 बरकरार रहते हैं , भौगोवलक रूप से व्यापक
L

थी। यह योजना गाडमगल रणनीमि पर रूप से वितररत होते हैं , मनु ष्योों और िन्यजीिोों
आिाररि थी वजसमें क्तस्थरता के साथ विकास के िसायुक्त ऊतकोों में जमा होते हैं , और मानि
IA

और आत्मवनभिरता की वदशा में प्रगवत के विचारोों स्वास्थ्य या पयाि िरण पर हावनकारक प्रभाि
पर विशेर् ध्यान वदया गया था। सूखे और 1971- डालते हैं । वैमिक पयातवरण सुमविा स्थायी
R

72 के भारत-पाक युि अथिव्यिस्था को पूोंजी काबतमनक प्रदू षकों (पीओपी) पर स्टॉकहोि


E

विचलन की ओर ले गया, वजससे योजना के वलए कन्वेंिन को मवत्तपोमषि करिी है । जीईएफ


वििीय सोंकि पैदा हो गया। चार अन्य प्रमुख अोंतरराष्टरीय पयाि िरण सम्मेलनोों
T

अन्य क्षेत्रों को आगे बढने िें सक्षि बनाने के के वलए एक वििीय तोंि भी है :
A

मलए िुख्य जोर करमष की मवकास दर पर था। ● पारे पर वमनामाता कन्वेंशन


M

योजना के पहले दो िर्ों में ररकाडि उत्पादन ● जैविक विविधता पर सोंयुक्त राष्टर
हुआ। वपछले तीन िर्ों में खराब मानसून के सम्मेलन (यूएनसीबीडी)
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● सोंयुक्त राष्‍िर मरुस्थलीकरण रोकथाम अवतररक्त काबिन वसोंक बनाना। अत:,


अवभसमय (यूएनसीसीडी) मवकल्प 2 सही है ।
● जलिायु पररितिन पर सोंयुक्त राष्टर ● भारत में अत्याधुवनक जलिायु
फ्रेमिकि कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) प्रौद्योवगकी के त्वररत प्रसार के वलए
क्षमता वनमाि ण, घरे लू ढाोंचा और
45. उत्तर: C अोंतरराष्टरीय िास्तुकला तैयार करना
व्याख्या: और ऐसी भविष्य की प्रौद्योवगवकयोों के
वदसोंबर 2015 में पेररस में जलिायु पररितिन पर वलए सोंयुक्त सहयोगी अनुसोंधान एिों
सोंयुक्त राष्टर फ्रेमिकि कन्वेंशन विकास करना।
(यूएनएफसीसीसी) पाविि योों के सम्मेलन
(सीओपी21) के समापन तक दु वनया भर के दे श 46. उत्तर: C
एक नया अोंतरराष्टरीय जलिायु समझौता बनाने व्याख्या:
के वलए प्रवतबि हैं । दे श साििजवनक रूप से इस इष्ट्िि होक्तल्डंग, होक्तर्ल्ोंग का िह अवधकतम
बात की रूपरे खा तैयार करने के वलए सहमत आकार है जो एक पररिार के पास होना चावहए
हुए हैं वक 2020 के बाद िे एक नए अोंतरराष्टरीय और स्वावमत्व में होना चावहए।
समझौते के तहत क्ा जलिायु कारि िाई करने आमथतक होक्तल्डंग िह होक्तर्ल्ोंग है जो एक
का इरादा रखते हैं , वजसे उनके इक्तच्छत राष्टरीय पररिार में न्यूनतम सोंतोर्जनक जीिन स्तर
स्तर पर वनधाि ररत योगदान (आईएनडीसी) के सुवनवित करती है। दू सरे शब्ोों में, लाभदायक
रूप में जाना जाता है । भारत ने अक्टू बर 2015 कृवर् के वलए आवथिक जोत एक न्यूनतम
के दौरान जलिायु पररितिन पर सोंयुक्त राष्टर आिश्यक क्षेि है । पाररवाररक जोि पारों पररक
फ्रेमिकि कन्वेंशन में अपना इक्तच्छत राष्टरीय स्तर कृवर् प्रणाली के तहत एक हल िाले औसत
पर वनधाि ररत योगदान (आईएनडीसी) प्रस्तुत आकार के पररिार को काम दे ती है । दू सरे शब्ोों
वकया था। इसे अगस्त 2022 के दौरान कैवबनेि में, पाररिाररक जोत एक 'हल इकाई' है जो एक
द्वारा सोंशोवधत और अनुमोवदत वकया गया है । औसत आकार के पररिार के वलए ठीक से खेती
भारि की इक्तिि राष्ट्रीय स्तर पर मनिातररि करने के वलए न तो कम है और न ही अवधक है।
योगदान (आईएनडीसी) की िुख्य
मविेषिाएं : 47. उत्तर: B

E
● आवथिक विकास के अनुरूप स्तर पर व्याख्या:

IN
अब तक दू सरोों द्वारा अपनाए जाने िाले कथन 1 गलि है : जलिायु पररितिन पर राष्टरीय
रास्ते की तुलना में जलिायु -अनुकूल कायि योजना (एनएपीसीसी) एक राष्टरीय रणनीवत L
और स्वच्छ मागि अपनाना। की रूपरे खा तैयार करती है वजसका उद्दे श्य
● 2005 के स्तर से 2030 तक अपने दे श को जलिायु पररितिन के अनुकूल बनाने
N

सकल घरे लू उत्पाद की उत्सजिन और भारत के विकास पथ की पाररक्तस्थवतक


.O

तीव्रता को 33 से 35 प्रवतशत तक कम क्तस्थरता को बढ़ाने में सक्षम बनाना है । इसमें इस


करना। अिः , मवकल्प 1 सही है । बात पर जोर वदया गया है वक ऊोंची विकास दर
L

● ग्रीन क्लाइमेि फोंड सवहत प्रौद्योवगकी बनाए रखना जरूरी है


के हस्ताों तरण और कम लागत िाले भारत के अवधकाों श लोगोों के जीिन स्तर में िृक्ति
IA

अोंतराि ष्टरीय विि की सहायता से, 2030 और जलिायु पररितिन के प्रभािोों के प्रवत उनकी
तक गैर-जीिाश्म ईोंधन आधाररत ऊजाि सोंिेदनशीलता को कम करना।
R

सोंसाधनोों से लगभग 40 प्रवतशत सोंचयी ऐसे आठ 'राष्ट्रीय मििन' हैं जो राष्ट्रीय कायत
E

विद् युत स्थावपत क्षमता प्राप्त करना। योजना का िूलािार हैं । िे जलिायु पररितिन,
अिः , मवकल्प 3 सही है । अनुकूलन और शमन, ऊजाि दक्षता और
T

● 2030 तक अवतररक्त िन और िृक्ष प्राकृवतक सोंसाधन सोंरक्षण की समझ को बढ़ािा


A

आिरण के माध्यम से 2.5 से 3 दे ने पर ध्यान केंवित करते हैं ।


M

वबवलयन िन CO2 के बराबर 1. राष्टरीय सौर वमशन


2. राष्टरीय उन्नत ऊजाि दक्षता वमशन
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3. राष्टरीय सतत आिास वमशन में बनाए रखने के वलए अन्य सुविधाएों , इसके
4. राष्टरीय जल वमशन अलािा वशक्षा की गुणििा में सुधार के वलए
5. राष्टरीय वहमालयी पाररक्तस्थवतकी तोंि वमशन विवभन्न हस्तक्षेप (जैसे वक प्रेरण और वशक्षकोों
6. राष्टरीय हररत भारत वमशन और स्कूल प्रमुखोों का सेिाकालीन प्रवशक्षण,
7. राष्टरीय सतत कृवर् वमशन सीखने में िृक्ति कायिक्रम, वशक्षा में आईसीिी का
8. राष्टरीय जलिायु पररितिन रणनीवतक ज्ञान उपयोग, सीखने के पररणामोों का मूल्याों कन,
वमशन स्कूलोों में पुस्तकालयोों और पूरक श्रेणीबि
कथन 2 सही है : राष्टरीय जलिायु पररितिन कायि सामग्री का प्रािधान, आवद)।
योजना (एनएपीसीसी) के वसिाों त हैं :
● जलिायु पररितिन के प्रवत सोंिेदनशील 49. उत्तर: B
समािेशी और सतत विकास रणनीवत के व्याख्या:
माध्यम से गरीबोों की रक्षा करना सूक्ष्म-बीमा विशेर् रूप से कम आय िाले लोगोों
● पाररक्तस्थमिक क्तस्थरिा सुमनमिि करिे की सुरक्षा के वलए है , वजसमें वकफायती बीमा
हुए राष्ट्रीय मवकास और गरीबी उन्मूलन उत्पाद उन्ें वििीय नुकसान से वनपिने और
उद्दे श्यों को प्राप्त करना उबरने में मदद करते हैं । िोंवचत िगि के वलए
● अोंवतम-उपयोग माों ग-पक्ष प्रबोंधन के वलए बीमा की आिश्यकता को िाला नहीों जा सकता
कुशल और लागत प्रभािी रणनीवतयाँ क्ोोंवक समाज का यह िगि कई जोक्तखमोों से ग्रस्त
● अनुकूलन और शमन के वलए उपयुक्त है जो अोंततः ऐसी अवनवित क्तस्थवतयोों का सामना
प्रौद्योवगवकयोों की व्यापक और त्वररत करने में असमथिता की ओर ले जाता है। अत:,
तैनाती सूक्ष्म-बीमा की भूवमका अपररहायि हो जाती है ।
● सतत विकास के वलए नए और अवभनि िाइक्रोइं श्योरें स की अविारणा मनजी बीिा
बाजार, वनयामक और स्वैक्तच्छक तोंि। कंपनी अवीवा लाइफ इं श्योरें स (एमएफआई
के साथ साझेदारी में) द्वारा विकवसत की गई है ,
48. उत्तर: B वजसने माइक्रोफाइनेंस को बढ़ािा दे ने के वलए
व्याख्या: केनरा बैंक, पी एों ड एसबी, आरआरबी, 23
कथन 1 ग़लि है : स्कूल वशक्षा के वलए एकीकृत सहकारी सवमवतयोों आवद जैसे बैंकोों के साथ
योजना (आईएसएसई), यानी 'सिग्र मिक्षा' गठबोंधन वकया है ।

E
2018-19 में तीन पूिििती केंि प्रायोवजत सूक्ष्म बीिा मविरण िें प्रिुख चुनौमियााँ हैं : -

IN
योजनाओों, अथाि त् सिि वशक्षा अवभयान • उच्च लेनदे न और सेिा वितरण लागत
(एसएसए), राष्टरीय माध्यवमक वशक्षा अवभयान के साथ छोिे विकि का आकार। L
(आरएमएसए) और वशक्षक वशक्षा (िीई) को • ऐसे व्यिसाय मॉडल का अभाि जो
वमलाकर शुरू की गई थी। आईएसएसई स्कूली अच्छे मध्यस्थोों को आकवर्ित कर सके।
N

वशक्षा को प्रीस्कूल से िररष्ठ माध्यवमक स्तर तक • मध्यस्थोों की क्षमता वनमाि ण।


.O

एक वनरों तरता के रूप में दे खता है और इसका • बीमा कैसे काम करता है इस पर
उद्दे श्य समािेशी और समान गुणििा िाली बुवनयादी जागरूकता और ज्ञान का
L

वशक्षा सुवनवित करना है । अभाि


कथन 2 सही है : इसके तहत, राज्योों और
IA

केंिशावसत प्रदे शोों को मौजूदा सरकारी स्कूलोों 50. उत्तर: C


को मजबूत करने और सोंबोंवधत व्याख्या:
R

राज्योों/केंिशावसत प्रदे शोों से प्राप्त प्रस्तािोों के केंि में तेजी से बदलती राजनीवतक क्तस्थवत के
E

आधार पर बुवनयादी सुविधाओों के वनमाि ण और कारण 1990 में आठिीों योजना शुरू नहीों हो
िृक्ति के वलए समथिन वदया जाता है । इस योजना सकी और िर्ि 1990-91 और 1991-92 को
T

में स्कूल की विवभन्न आिश्यकताओों की िावर्िक योजना के रूप में माना गया।
A

दे खभाल के वलए वामषतक स्कूल अनुदान सोंरचनात्मक समायोजन नीवतयोों की शुरुआत के


M

िामिल है जैसे- स्वििा, वामषतक रखरखाव, बाद अोंततः 1992 में आठिीों योजना शुरू की
िौचालय और बुवनयादी ढाों चे को अच्छी क्तस्थवत गई।
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यह पहली योजना थी जो उन व्यापक-आवथिक उद्योगोों में ऊजाि दक्षता में लागत प्रभािी
नीवतयोों के आत्मवनरीक्षण के वलए चली, वजन पर सुधार के कायािन्वयन में तेजी लाने के
दे श कई दशकोों से अमल कर रहा था। वलए बाजार सहायता प्राप्त अनुपालन
तोंि को लागू करना।
51. उत्तर: B ● ऊजात दक्षिा के मलए बाजार
व्याख्या: पररवितन (एििीईई): उत्पादोों को
जलिायु पररितिन पर अोंतर सरकारी पैनल अवधक वकफायती बनाने के वलए निीन
(आईपीसीसी) दु वनया भर में जलिायु पररितिन उपायोों के माध्यम से विवशष्ट अनुप्रयोग
से सोंबोंवधत निीनतम िैज्ञावनक, तकनीकी और में ऊजाि दक्ष उपकरणोों की ओर
सामावजक-आवथिक जानकारी की समीक्षा और बदलाि में तेजी लाना।
मूल्याों कन करता है । आईपीसीसी ने 2014 में ● ऊजात दक्षिा मवत्तपोषण िंच
प्रकावशत अपनी हावलया ररपोिि पाों चिीों (ईईएफपी) : वििीय सोंस्थानोों को
आकलन ररपोिि (एआर5) में दे खा है वक ऊजाि दक्षता पररयोजनाओों और
औद्योवगक क्राों वत के आगमन के बाद से कायिक्रमोों में वनिेश करने की सुविधा
ग्रीनहाउस गैसोों (जीएचजी) के मानिजवनत प्रदान करना।
उत्सजिन में िृक्ति की प्रिृवि दे खी गई है , वजसमें ● ऊजात कुिल आमथतक मवकास के
से लगभग आधे वपछले चालीस िर्ों में इस मलए रूपरे खा (फीड) : जोक्तखम
अिवध के दौरान मानिजवनत C02 उत्सजिन न्यूनीकरण के माध्यम से ऊजाि दक्षता
हुआ। के वलए वििपोर्ण का लाभ उठाने के
जलिायु पररितिन पर अोंतर सरकारी पैनल वलए राजकोर्ीय उपकरणोों का विकास
(आईपीसीसी) की पाों चिीों मूल्याों कन ररपोिि करना:
(एआर5) विवभन्न दे शोों द्वारा िैविक CO2 1. ऊजाि दक्षता के वलए
उत्सजिन में सोंचयी योगदान का खुलासा करती आों वशक जोक्तखम
है । सोंचयी िैविक CO2 में विवभन्न दे शोों द्वारा गारों िी वनवध
योगदान (% में): सोंयुक्त राज्य अमेररका (21.2); (पीआरजीएफईई)
ईयू (18.4); चीन (10.7); रूस (7.4); ब्राजील और
(4.4); जापान (3.3); भारत (2.8); कनाडा (2.2); 2. ऊजाि दक्षता को

E
और शेर् विि (28.7)। बढ़ािा दे ने के वलए

IN
िेंचर कैवपिल फोंड
52. उत्तर : D फॉर एनजी
L
व्याख्या: एवफवशएों सी
राष्टरीय उन्नत ऊजाि दक्षता वमशन (एनएमईईई) (िीसीएफईई)।
N

जलिायु पररितिन पर राष्टरीय कायि योजना 3. राष्टरीय ऊजाि सोंरक्षण


.O

(एनएपीसीसी) के तहत आठ राष्टरीय वमशनोों में पुरस्कार एिों


से एक है । एनएमईईई का लक्ष्य अनुकूल वचिकला
L

विवनयामक और नीवत व्यिस्था बनाकर ऊजाि प्रवतयोवगता


दक्षता के वलए बाजार को मजबूत करना है और
IA

ऊजाि दक्षता क्षेि में अवभनि और विकाऊ 53. उत्तर: C


व्यापार मॉडल को बढ़ािा दे ने की पररकल्पना व्याख्या:
R

की गई है । यह वमशन 2011 से लागू वकया जा संयुि राज्य अिेररका और यूनाइिे ड


E

रहा है । मकंगडि ने इक्कीसवी ं सदी की यूएस-यूके


एनएमईईई में ऊजाि गहन उद्योगोों में ऊजाि आमथतक साझेदारी के मलए अिलांमिक
T

दक्षता बढ़ाने के वलए चार पहलें शावमल हैं जो घोषणा की घोषणा की िामक यह सुमनमिि
A

इस प्रकार हैं : मकया जा सके मक उनका अनूठा गठबंिन


M

● प्रदितन उपलक्ति और व्यापार सिय की चुनौमियों के मलए अनुकूमलि,


योजना (पीएिी) : बडे ऊजाि -गहन सुर्दढ और पुनकतक्तल्पि है । यूएस-यूके सहयोग
C
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और सोंयुक्त नेतृत्व हमेशा की तरह आिश्यक को अपनाया, जैसा वक दस्तािेज


हैं । यह अोंतरराष्टरीय स्तर पर और दोनोों दे शोों के A/CONF.216/5 में वनवहत है , और महासभा
लोगोों की सुरक्षा और समृक्ति के वलए जरूरी है । को अपने साठिें सि में वकसी भी सदस्य राज्य
अिलाों विक घोर्णा और उसके साथ जुडी कायि वनकाय को नावमत करने के वलए आमोंवित
योजना आवथिक, तकनीकी, िावणक्तज्यक और वकया।
व्यापार सोंबोंधोों के पूणि स्पेक्टरम में एक नई प्रकार
की अवभनि साझेदारी का आधार बनती है । 55. उत्तर: C
व्याख्या:
अिलांमिक घोषणा कायत योजना 1980 के दशक के दौरान पहले से प्राप्त लाभ
(एडीएपीिी) : इस योजना में वनम्नवलक्तखत पाों च को मजबूत करने और घरे लू उद्योग को अवधक
प्रमुख स्तोंभ शावमल हैं प्रवतस्पधी प्रोत्साहन प्रदान करने के वलए,
1. महत्वपूणि और उभरती प्रौद्योवगवकयोों औद्योवगक नीवत में सुधारोों की एक श्रृोंखला शुरू
में नेतृत्व। की गई थी। सरकार ने 24 जुलाई 1991 को एक
2. आवथिक सुरक्षा और प्रौद्योवगकी सुरक्षा नई औद्योवगक नीवत की घोर्णा की। 1991 में
िू लवकि और आपूवति श्रृोंखला पर स्थावपत नई औद्योवगक नीवत में उद्योग को
सहयोग, वनयोंिण मुक्त करने की माोंग की गई तावक
3. एक समािेशी और वजम्मेदार वडवजिल अवधक कुशल और प्रवतस्पधी औद्योवगक
पररितिन पर भागीदारी, अथिव्यिस्था के विकास को बढ़ािा वदया जा
4. भविष्य की स्वच्छ ऊजाि अथिव्यिस्था सके। औद्योवगक नीवत सुधारोों के कुछ तत्व थे:
का वनमाि ण, कथन 1 सही है : नई औद्योवगक नीवत
5. रक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा और अोंतररक्ष में अवधकाों श उद्योगोों के वलए औद्योवगक
गठबोंधन को और मजबूत करना। लाइसेंवसोंग की व्यिस्था को समाप्त कर दे ती है ।
इस नीवत के तहत नई औद्योवगक इकाइयोों की
54. उत्तर: C स्थापना या मौजूदा इकाइयोों की क्षमता में
व्याख्या: पयाि प्त विस्तार के वलए छोिी सूची को छोडकर
कथन 1 सही है : सिि मवकास पर संयुि वकसी लाइसेंस की आिश्यकता नहीों है । यह
राष्ट्र सम्मेलन - या ररयो+20 - 2012 िें ररयो दे श की सुरक्षा और सामररक वचोंताओों से

E
डी जनेररयो, ब्राजील िें हुआ था। इसके सोंबोंवधत उद्योगोों, खतरनाक उद्योगोों और

IN
पररणामस्वरूप एक केंवित राजनीवतक पयाि िरणीय वगरािि का कारण बनने िाले
पररणाम दस्तािेज तैयार हुआ वजसमें सतत उद्योगोों की है । L
विकास को लागू करने के वलए स्पष्ट और कथन 2 सही है : औद्योवगक नीवत 1991 ने तेजी
व्यािहाररक उपाय शावमल हैं । से औद्योवगक विकास को बढ़ािा दे ने के वलए
N

ररयो में, सदस्य राज्योों ने सतत विकास लक्ष्योों कुछ और कदमोों की घोर्णा की। इसिें कहा
.O

(एसडीजी) का एक सेि विकवसत करने के वलए गया मक सरकार भारि िें उद्योगों िें प्रत्यक्ष
एक प्रवक्रया शुरू करने का वनणिय वलया, जो मनवेि के मलए कई अंिरराष्ट्रीय कंपमनयों के
L

सहस्राब्ी विकास लक्ष्योों पर आधाररत होगा साथ बािचीि करने के मलए एक मविेष बोडत
और 2015 के बाद के विकास एजेंडे के साथ (मजसे मवदे िी मनवेि संवितन बोडत -
IA

जुड जाएगा। एफआईपीबी के रूप िें स्थामपि मकया गया


कथन 2 सही है : इस सम्मेलन ने हररत था) स्थामपि करे गी।
R

अथिव्यिस्था नीवतयोों पर महत्वपूणि वदशावनदे श कथन 3 सही है : साििजवनक क्षेि, वजसकी


E

अपनाए। सरकारोों ने सतत विकास वििपोर्ण कल्पना तीव्र औद्योवगक विकास के माध्यम के
की रणनीवत पर विकल्प तैयार करने के वलए रूप में की गई थी, िह उसे सौोंपे गए कायि को
T

महासभा के तहत एक अोंतर-सरकारी प्रवक्रया करने में काफी हद तक विफल रहा। अवधकाों श
A

स्थावपत करने का भी वनणिय वलया। साििजवनक क्षेि के उद्यम अक्षमता के प्रतीक


M

सरकारों ने मिकाऊ उपभोग और उत्पादन बन गए और अपने वनरों तर घािे के माध्यम से


पैिनत पर कायतक्रिों की 10-वषीय रूपरे खा सरकार पर भारी बोझ डाला। नई औद्योमगक
C
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नीमि सावतजमनक क्षेत्र की भूमिका को (MoEF&CC) िें कायत करिी है । वनयम,


सीमिि करने और उद्योग के व्यापक क्षेत्र िें 1989 के अनुसार, यह पयाि िरणीय दृवष्टकोण से
मनजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्सामहि करने अनुसोंधान और औद्योवगक उत्पादन में
का प्रयास करिी है । खतरनाक सूक्ष्मजीिोों और पुनः सोंयोजकोों के
बडे पैमाने पर उपयोग से जुडी गवतविवधयोों के
56. उत्तर: B मूल्याों कन के वलए वजम्मेदार है । यह सवमवत
व्याख्या: प्रायोवगक क्षेि परीक्षणोों सवहत पयाि िरण में
कथन 1 ग़लि है : लेप्टोस्पायरोमसस एक आनुिोंवशक रूप से इों जीवनयर (जीई) जीिोों और
जीवाणु रोग है जो िनुष्ों और जानवरों को उत्पादोों की ररहाई से सोंबोंवधत प्रस्तािोों के
प्रभामवि करिा है । यह लेप्टोस्पाइरा जीनस के मूल्याों कन के वलए भी वजम्मेदार है ।
बैक्टीररया के कारण होता है । उपचार के वबना, कथन 2 ग़लि है : जेनेमिक इं जीमनयररं ग
लेप्टोस्पायरोवसस से गुदे की क्षवत, मेवननजाइविस िूल्ांकन समिमि की अध्यक्षिा पयातवरण,
(मक्तस्तष्क और रीढ़ की हड्डी के आसपास की वन और जलवायु पररवितन िंत्रालय
वझल्ली की सूजन), यकृत की खराबी, िसन (MoEF&CC) के मविेष समचव/अपर समचव
सोंकि और यहाों तक वक मृत्यु भी हो सकती है । द्वारा की जािी है और सह-अध्यक्षिा जैव
कथन 2 सही है : लेप्टोस्पायरोमसस का कारण प्रौद्योमगकी मवभाग (DBT) के एक प्रमिमनमि
बनने वाले बैक्टीररया संक्रमिि जानवरों के द्वारा की जािी है । ितिमान में, इसके 24 सदस्य
िूत्र के िाध्यि से फैलिे हैं , जो पानी या मिट्टी हैं और सोंबोंवधत क्षेिोों में आिेदनोों की समीक्षा के
िें जा सकिे हैं और वहां हफ्ों से लेकर वलए हर महीने इसकी बैठक होती है ।
िहीनों िक जीमवि रह सकिे हैं । कई अलग- कथन 3 सही है : वनयम 1989 में वनधाि ररत
अलग प्रकार के जोंगली और घरे लू जानिर जीईएसी के कायि इस प्रकार हैं :
जीिाणु ले जाते हैं । वनम्नवलक्तखत इनमें शावमल हो ● पयाि िरणीय दृवष्टकोण से अनुसोंधान
सकते हैं , लेवकन इन्ीों तक सीवमत नहीों हैं : और औद्योवगक उत्पादन में खतरनाक
● पशु सूक्ष्मजीिोों और पुनः सोंयोजकोों के बडे
● सुअर पैमाने पर उपयोग से जुडी गवतविवधयोों
● घोडोों का मूल्याों कन करना।
● कुिे ● प्रायोवगक क्षेि परीक्षणोों सवहत

E
● मूर्क पयाि िरण में आनुिोंवशक रूप से

IN
जब ये जानिर सोंक्रवमत होते हैं , तो हो सकता है इों जीवनयर जीिोों और उत्पादोों की
वक उनमें बीमारी के कोई लक्षण न होों। सोंक्रवमत ररहाई से सोंबोंवधत प्रस्तािोों काL
जानिर कुछ महीनोों से लेकर कई िर्ों तक मूल्याों कन करना।
लगातार या कभी-कभार िातािरण में ● सवमवत या उसके द्वारा अवधकृत वकसी
N

बैक्टीररया का उत्सजिन जारी रख सकते हैं । भी व्यक्तक्त को पयाि िरण सोंरक्षण


.O

मनुष्य इससे सोंक्रवमत हो सकते हैं : अवधवनयम के तहत दों डात्मक कारि िाई
● सोंक्रवमत जानिरोों के मूि (या लार को करने की शक्तक्त है ।
L

छोडकर शरीर के अन्य तरल पदाथि)


के सोंपकि में आना। 58. उत्तर: A
IA

● सोंक्रवमत जानिरोों के मूि से दू वर्त व्याख्या:


पानी, वमट्टी या भोजन के सोंपकि में कथन 1 गलि है : हररत क्राों वत ने, समग्र खाद्य
R

आना। उत्पादन को बढ़ािा दे ने के साथ-साथ, भारत में


E

वकसानोों की आय में अोंतर-िैयक्तक्तक और


57. उत्तर: A अोंतर-क्षेिीय असमानताओों को बढ़ा वदया। लाभ
T

व्याख्या: समान रूप से वितररत नहीों वकए गए, वजससे


A

कथन 1 ग़लि है : जेनेमिक इं जीमनयररं ग वकसानोों के बीच असमानता बढ़ गई।


M

िूल्ांकन समिमि (GEAC) पयातवरण, वन


और जलवायु पररवितन िंत्रालय
C
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कथन 2 गलि है : हररत क्राोंवत के दौरान गेहूों कथन 1 सही है : ईसीएफ का उद्दे श्य लोंबी
और चािल की ओर फसल पैिनि में बदलाि ने भुगतान सोंतुलन समस्या िाले पीआरजीिी-योग्य
दालोों, वतलहन, मक्का और जौ की खेती को दे शोों को आवथिक कायिक्रमोों को लागू करने में
हावशये पर डाल वदया। इस बदलाि ने इन सहायता करना है जो मजबूत और विकाऊ
फसलोों के उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाि गरीबी में कमी और विकास के अनुरूप एक
डाला। क्तस्थर और विकाऊ व्यापक आवथिक क्तस्थवत की
कथन 3 सही है : हररत क्राों वत का पाररक्तस्थवतक वदशा में महत्वपूणि प्रगवत करते हैं । ईसीएफ
प्रभाि गहरा था। वमट्टी की उििरता में वगरािि, गरीबी न्यूनीकरण और मवकास िर स्ट
नई बीज वकिोों की अत्यवधक वसोंचाई (पीआरजीिी) के िहि सुमविाओं िें से एक
आिश्यकताओों के कारण वगरता जल स्तर और है । इसका उद्दे श्य विदे शी सहायता को उत्प्रेररत
रासायवनक आदानोों के अवनयोंवित उपयोग से करने में मदद करना भी है ।
पयाि िरणीय वगरािि महत्वपूणि मुद्दे थे। इसका सभी पीआरजीिी-पाि दे श भुगतान सोंतुलन की
प्रभावित क्षेिोों में कृवर् की क्तस्थरता पर लोंबी समस्या का सामना कर रहे हैं (अोंतवनिवहत
दीघिकावलक प्रभाि पडा। व्यापक आवथिक असोंतुलन का समाधान मध्यम
या लोंबी अिवध में विस्ताररत होने की उम्मीद है )
59. उत्तर : D इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं ।
व्याख्या: कथन 2 ग़लि है :
कथन 1 ग़लि है : बैंक फॉर इं िरनेिनल मवस्ताररि ऋण सुमविा की ििेाँ :
सेिलिेंि्स (बीआईएस) की स्थापना 1930 ● आवथिक कायिक्रमोों में मजबूत और
िें वसातय की संमि द्वारा लगाए गए जितन युद्ध विकाऊ गरीबी उन्मूलन और विकास
क्षमिपूमित के मलए एक सिािोिन गरह के रूप के अनुरूप एक क्तस्थर और स्थायी
िें की गई थी। यह एक अोंतरराष्टरीय वििीय व्यापक आवथिक क्तस्थवत की वदशा में
सोंस्थान है जो राष्टरीय केंिीय बैंकोों के वलए बैंवकोंग प्रगवत करने िाली नीवतयाों शावमल होनी
सेिाएों प्रदान करता है और मौविक और चावहए।
वनयामक नीवतयोों पर चचाि करने के वलए एक ● कायिक्रमोों को दे श की अपनी विकास
मोंच है । बीआईएस, वजसका स्वावमत्व 63 राष्टरीय रणनीवत के साथ जोडा जाना चावहए
केंिीय बैंकोों के पास है , दु वनया भर के उन दे शोों और उनका लक्ष्य दे श की गरीबी

E
का प्रवतवनवधत्व करता है वजनका विि सकल उन्मूलन और विकास उद्दे श्योों को आगे

IN
घरे लू उत्पाद में लगभग 95% योगदान है । यह बढ़ाना होना चावहए।
स्वतोंि आवथिक विश्लेर्ण भी प्रदान करता है । ● सशतिता उन नीवतगत कारि िाइयोों पर L
कथन 2 ग़लि है : िूल सदस्य जितनी, केंवित है जो कायिक्रम के उद्दे श्योों को
बेक्तियि, फ्रांस, मब्रिे न, इिली, जापान, प्राप्त करने के वलए महत्वपूणि हैं ।
N

अिेररका और क्तस्वि् जरलैंड थे, और भारि ● दू सरी और बाद की समीक्षाओों को पूरा


.O

इस बैंक का संस्थापक सदस्य नही ं था। इस करने के वलए आईएमएफ के


बैंक की स्थापना के कुछ समय बाद ही क्षवतपूवति कायिकारी बोडि को एक गरीबी
L

बोंद कर दी गई और बीआईएस केंिीय बैंकोों के वनिारण और विकास रणनीवत


बीच सहयोग के वलए एक मोंच और लेनदे न के (पीआरजीएस) जारी की जानी चावहए।
IA

वलए एक प्रवतपक्ष बन गया।


61. उत्तर : D
R

60. उत्तर: A व्याख्या:


E

व्याख्या: ग्रीन फाइनेंस एक व्यापक शब् है जो सतत


मवस्ताररि क्रेमडि सुमविा (ईसीएफ) कम विकास पररयोजनाओों और पहलोों, पयाि िरणीय
T

आय िाले दे शोों (एलआईसी) को लोंबी भुगतान उत्पादोों और नीवतयोों में आने िाले वििीय वनिेश
A

सोंतुलन समस्याओों के साथ मध्यम अिवध की को सोंदवभित कर सकता है जो अवधक विकाऊ


M

वििीय सहायता प्रदान करती है । अथिव्यिस्था के विकास को प्रोत्सावहत करते हैं ।


C
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ग्रीन फाइनेंस में जलिायु विि शावमल है वनिास स्थान नष्ट हो गया है , जहाों यह प्रजावत
लेवकन यह यहीों तक सीवमत नहीों है । यह अन्य पाई जाती है ।
पयाि िरणीय उद्दे श्योों की एक विस्तृत श्रृोंखला को युग्म 3 सही सुिेमलि नही ं है : वपग्मी पोसम
भी सोंदवभित करता है , उदाहरण के वलए िृक्षोों पर रहने िाले मासुिवपयल्स हैं । वसर से पूोंछ
औद्योवगक प्रदू र्ण वनयोंिण, जल स्वच्छता, या तक, िे 12 सेमी वजतने बडे हो सकते हैं और,
जैि विविधता सोंरक्षण। पूणि रूप से विकवसत होने पर, 5 सेमी वजतने
शमन और अनुकूलन विि विशेर् रूप से छोिे हो सकते हैं ! इनका िजन 10 ग्राम से 50
जलिायु पररितिन से सोंबोंवधत गवतविवधयोों से ग्राम के बीच होता है । उनकी बडी आों खें, बडे
सोंबोंवधत है : शमन वििीय प्रिाह उन कान और लोंबी मूोंछें होती हैं । उनका नरम, फर
पररयोजनाओों और कायिक्रमोों में वनिेश को वनवमित आिरण ऊपर से भूरे रों ग का और नीचे
सोंदवभित करता है जो ग्रीनहाउस गैस उत्सजिन से सफेद रों ग का होता है । कई मासुिवपयल्स की
(जीएचजी) को कम करने या उससे बचने में तरह, उनकी लोंबी पूोंछ बहुत अवधक मािा में
योगदान दे ते हैं जबवक अनुकूलन वििीय प्रिाह अवतररक्त िसा के साथ फूल जाती है ।
उन वनिेशोों को सोंदवभित करते हैं जो िस्तुओों इं िरनेिनल यूमनयन फॉर कंजवेिन ऑफ
और जलिायु पररितिन के प्रभािोों के प्रवत व्यक्तक्त नेचर (IUCN) द्वारा िाउं िेन मपग्मी पोसि को
की भेद्यता को कम करने में योगदान करते हैं । गंभीर रूप से लुप्तप्राय िाना जािा है ।
मवमभन्न क्षेत्र मजनिें मकए गए मनवेि को हररि
मनवेि िाना जािा है : 63. उत्तर : D
● अपवशष्ट प्रसोंस्करण पुनचिक्रण व्याख्या:
● जलिायु पररितिन अनुकूलन कथन 1 सही है : भारतीय कृवर् में फसल
● जैि विविधता सोंरक्षण प्रणावलयोों की बहुलता एक विवशष्ट विशेर्ता है ,
● जल स्वच्छता और इसका श्रेय िर्ाि आधाररत कृवर् और कृर्क
● औद्योवगक प्रदू र्ण वनयोंिण समुदाय की मौजूदा सामावजक-आवथिक
● निीकरणीय ऊजाि क्तस्थवतयोों को वदया जाता है ।
कथन 2 सही है : जनसोंख्या िृक्ति और
62. उत्तर: A शहरीकरण के पररणामस्वरूप भोजन की
व्याख्या: बढ़ती माों ग, कृवर् भूवम को तनाि में डालती है ।

E
युग्म 1 सही सुिेमलि है : भारत में, भूरे भालू इसके जिाब में, वकसान फसल सघनीकरण का

IN
केंि शावसत प्रदे श जम्मू और कश्मीर, और सहारा लेते हैं ।
वहमाचल प्रदे श और उिराखोंड राज्योों में 23 कथन 3 सही है : वकसी क्षेि की फसल L
सोंरवक्षत क्षेिोों (पीए) में मौजूद हैं । ऐसा अनुमान प्रणावलयाँ , बडे पैमाने पर, कई वमट्टी और
है वक उनकी िैविक सोंख्या 1,000 से कम है, जलिायु मापदों डोों द्वारा तय की जाती हैं , जो खेती
N

और सोंभितः भारत में इसकी आधी सोंख्या है । के वलए वकसी फसल या फसलोों के एक खास
.O

महिालयी भूरे भालू को अं िरातष्ट्रीय प्रकरमि प्रकार के पोर्ण और उपयुक्तता के वलए समग्र
संरक्षण संघ की लाल सूची िें "गंभीर रूप से कृवर् पाररक्तस्थवतकीय व्यिस्था वनधाि ररत करती
L

लुप्तप्राय" के रूप िें सूचीबद्ध मकया गया है । हैं ।


युग्म 2 सही सुिेमलि नही ं है : जेडतन का
IA

कौरसर राइनोमप्टलस मबिोरिािस एक 64. उत्तर: C


गंभीर रूप से लुप्तप्राय रामत्रचर पक्षी है जो व्याख्या:
R

केवल भारि के आं ध्र प्रदे ि और िेलंगाना िें ईसीजीसी वलवमिे ड (पूिि में एर्क्पोिि क्रेवडि
E

पाया जािा है । 20िीों सदी की शुरुआत से गारों िी कॉरपोरे शन ऑफ इों वडया वलवमिे ड),
1986 में दोबारा खोजे जाने तक इसे विलुप्त भारत सरकार के पूणि स्वावमत्व िाली कोंपनी, की
T

माना जाता था। मानिजवनत गवतविवधयोों में िृक्ति स्थापना 1957 में मनयाति के मलए क्रेमडि
A

के पररणामस्वरूप श्रीलोंकामलेस्वरा िन्यजीि जोक्तखि बीिा और संबंमिि सेवाएं प्रदान


M

अभयारण्य के वकनारे पर झाडीदार जोंगल का करके दे ि से मनयाति को बढावा दे ने के


उद्दे श्य से की गई थी। यह िावणज्य और उद्योग
C
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मोंिालय के प्रशासवनक वनयोंिण के तहत कायि मवत्त की उपलििा की सुमविा


करता है और इसका प्रबोंधन एक वनदे शक प्रदान करना। अिः , कथन 3 सही
मोंडल द्वारा वकया जाता है वजसमें सरकार, है ।
भारतीय ररजिि बैंक, बैंवकोंग और बीमा और 5. लाभप्रदता, वििीय और पररचालन
वनयाि त समुदाय के प्रवतवनवध शावमल होते हैं। दक्षता सोंकेतकोों के सोंदभि में बेहतर
अिः , कथन 1 सही है । प्रदशिन प्राप्त करना और वनिेश पर
ईसीजीसी मनयातिकों की कैसे िदद करिा इष्टतम ररिनि प्राप्त करना।
है ? 6. कमिचाररयोों के बीच क्रेवडि बीमा में
● ईसीजीसी वनयाि तकोों को भुगतान विि स्तरीय विशेर्ज्ञता विकवसत
जोक्तखमोों के क्तखलाफ बीमा सुरक्षा करना वनरों तर निाचार सुवनवित करना
प्रदान करता है । और उच्च गुणििा िाली सेिा प्रदान
● वनयाि त सोंबोंधी गवतविवधयोों में मागिदशिन करके उच्चतम ग्राहक सोंतुवष्ट प्राप्त
प्रदान करता है । करना है ।
● अपनी क्रेवडि रे विों ग के साथ विवभन्न 7. वनरों तर प्रचार और प्रभािी विपणन के
दे शोों के बारे में जानकारी उपलब्ध माध्यम से ग्राहकोों को वशवक्षत करना।
कराता है ।
● बैंकोों/वििीय सोंस्थानोों से वनयाि त विि 65. उत्तर : D
प्राप्त करना आसान बनाता है । व्याख्या:
● अिोध्य ऋणों की वसू ली िें 1990 के दशक की शुरुआत तक, अथिव्यिस्था
मनयातिकों की सहायिा करिा है । की प्रकृवत और सोंरचना को बदलना समय की
अिः , कथन 2 सही है । माों ग थी। भारत सरकार ने औद्योवगक नीवत की
● विदे शी खरीदारोों की साख के बारे में प्रकृवत को बदलने का वनणिय वलया, वजससे
जानकारी प्रदान करता है। अथिव्यिस्था की प्रकृवत और दायरे में स्वचावलत
मनगि ने अपने सािने मनम्नमलक्तखि उद्दे श्य रूप से बदलाि आएगा। और वफर 1991 की
मनिातररि मकये हैं : नई औद्योमगक नीमि आई। इस नीवत के साथ,
1. भारत के व्यापार के िैिीकरण को सरकार ने अथतव्यवस्था िें सुिार की प्रमक्रया
प्रोत्सावहत और सुविधाजनक बनाना। िुरू की, यही कारण है वक इस नीवत को एक

E
2. खरीदारों, बैंकरों और दे िों की नीमि से अमिक एक प्रमक्रया के रूप िें दे खा

IN
योग्यिा के बारे िें सिय पर जािा है ।
जानकारी प्रदान करके भारिीय भारत को जून 1991 में गंभीर भुगिान संिुलन L
मनयातिकों को उनके क्रेमडि संकि का सािना करना पडा। मूल रूप से,
जोक्तखिों के प्रबंिन िें सहायिा 1990 के दशक की शुरुआत में, घिनाओों का
N

करना। एक-दू सरे से जुडा हुआ रूप दे खने को वमला


.O

3. पॉवलसी, फैक्टररों ग और वनिेश बीमा था, जो भारतीय अथिव्यिस्था के वलए प्रवतकूल


सेिाओों के रूप में लागत प्रभािी होता जा रहा था:
L

क्रेवडि बीमा किर प्रदान करके ● 1990-91 के खाडी युि के कार, िेल
भारतीय वनयाि तकोों को अप्रत्यावशत की ऊंची कीििें भारत के विदे शी
IA

नुकसान से बचाने के वलए, जो भोंडार को तेजी से कम कर रही थीों।


खरीदार, बैंक की विफलता या ● खाडी युद्ध के मद्दे नजर, विशेर् रूप से
R

खरीदार के दे श के सामने आने िाली खाडी क्षेि से, प्रिासी भारतीय श्रवमकोों
E

समस्याओों के कारण उत्पन्न हो सकता द्वारा भेजे जाने वाले मनजी िन िें
है । अन्य दे शोों में वनयाि तकोों के वलए िीव्र मगरावि आई।
T

समान किर उपलब्ध हैं । ● िुद्रास्फीमि लगभग 17 प्रमििि के


A

4. प्रमिस्पिी दरों पर बैंकरों के मलए मिखर पर पहुाँ च गई थी।


M

ज़िानि बीिा कवर प्रदान करके


भारिीय मनयातिकों को पयातप्त बैंक
C
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25

● केंि सरकार का सकल राजकोषीय अरकाडाग का उद् घािन वकया, जो दु वनया में
घािा जीडीपी के करीब 8.4 फीसदी सबसे असाधारण व्यक्तक्तत्व पोंथोों में से एक को
िक पहुं च गया था। मजबूत करता है । सुरम्य कोपेि-दाग पहाडोों की
● जून 1991 के महीने तक, भारत की तलहिी में बने नए शहर का नाम गुरबाों गुली
विदे शी मुिा घिकर केिल दो सप्ताह बडीमुखामेदोि के नाम पर रखा गया है , वजन्ोोंने
के आयाि कवरे ज िक रह गई थी। 2006 और 2022 के बीच दे श पर शासन वकया
था और अब उन्ें हीरो अकिदाग (रक्षक) की
66. उत्तर: A उपावध दी जाती है ।
व्याख्या: युग्म 2 सही है : कास पठार (िहाराष्ट्र, भारि)
सरकार ने िर्ि 2000-01 में सुधारोों की दू सरी - मजसे "िहाराष्ट्र की फूलों की घािी" के रूप
पीढ़ी शुरू की। मूल रूप से, 1990 के दशक िें भी जाना जािा है - अपनी प्राकरमिक
की शुरुआत में भारत द्वारा शुरू वकए गए सुधार सुंदरिा के कारण सालभर पयतिकों के
इच्छानुसार नहीों हो रहे थे, और सरकार ने नए आकषतण का केंि है । कािी के फूल हर सात
सुधारोों की आिश्यकता महसूस की थी, वजसे या आठ साल में केिल एक बार क्तखलते हैं ।
आवथिक सुधारोों की दू सरी पीढ़ी के शीर्िक के कािी कनाि िक और केरल में भी पाए जाते हैं ,
साथ शुरू वकया गया था। इस पीढ़ी के सुधार हालाों वक, इन राज्योों में फूल आने की अिवध हर
अवधक गहरे और अवधक नाजुक थे और इसके 10 या 12 साल में एक होती है। इसके विपरीत,
वलए सरकारोों से उच्च राजनीवतक इच्छाशक्तक्त महाराष्टर में लिणता, गमि और आिि मौसम और
की आिश्यकता थी। समुि तल से ऊोंचाई के कारण ये फूल हर सात
कथन 1 सही है : भारत में सुधार प्रवक्रया की या आठ साल में एक बार क्तखलते हैं ।
सफलता के वलए इसे 'रीढ़ की हड्डी' माना जाता युग्म 3 गलि है : खि-अर-श्ोंग पूवी खासी
है , इसिें प्रिामसि िूल् िं त्र (एपीएि) को महल्स, िेघालय (भारि) िें एक घािी क्षेत्र को
खत्म करना िामिल है । संदमभति करिा है जो इलाके के कारण लोंबे
अथिव्यिस्था में ऐसे कई उत्पाद थे वजनकी समय से अलग-थलग है। कोोंगथोोंग अपने
कीमतें सरकार द्वारा तय/विवनयवमत की जाती आकर्िक स्थान और अपनी अनूठी परों परा के
थीों, जैसे पेिरोवलयम, चीनी, उििरक, दिाएों आवद। कारण एक प्रमुख गाों ि है जहाों गाों ि के वनिावसयोों
हालाों वक एपीएम के तहत उत्पादोों का एक बडा को एक धुन सौोंपी जाती है जो एक अवद्वतीय

E
वहस्सा वनजी क्षेि द्वारा उत्पावदत वकया गया था, आईडी के रूप में भी काम करती है । क्तिक्तस्लोंग

IN
लेवकन ऐसा नहीों था। बाजार वसिाों तोों पर बेचा गाों ि के नाम से मशहूर कोोंगथोोंग के वनिासी,
गया वजससे वनमाि ताओों के साथ-साथ विक्रेताओों आस-पास के गाों िोों के लोगोों के साथ, पीवढ़योों से
L
की लाभप्रदता भी बावधत हुई। इससे सोंबोंवधत इस परों परा का पालन करते आ रहे हैं , वजसे
उद्योगोों के विस्तार में भी बाधा उत्पन्न हुई, वजससे 'वजोंग्रिई इओबेई' कहा जाता है ।
N

माों ग-आपूवति में अोंतर पैदा हुआ।


.O

कथन 2 गलि है : सुधार में राज्य की भूवमका: 68. उत्तर : D


पहली बार, आमथतक सुिारों की प्रमक्रया िें व्याख्या:
L

राज्य की एक िहत्वपूणत भूमिका िैयार की मवमनवेि: यह मकसी कंपनी िें 'स्वामित्व


गई। सुधारोों के सभी नए कदम अब राज्य द्वारा बेचने' की प्रवक्रया है । तकनीकी रूप से, इस
IA

शुरू वकए जाने थे, वजसमें केंि सहायक भूवमका शब् का उपयोग वकसी भी कोंपनी (यानी, वनजी
वनभा रहा था। यह राज्योों को अवधक राजकोर्ीय स्वावमत्व िाली कोंपनी) के मामले में वकया जा
R

लाभ दे ने का भी समथिन करता है । सकता है , लेवकन व्यिहार में, इसका उपयोग


E

केिल सरकारी स्वावमत्व िाली कोंपनी के मामले


67. उत्तर: B में वकया जाता है ।
T

व्याख्या:
A

युग्म 1 सही है : िुकतिेमनस्तान ने पूिि ताकतिर तीन अोंतर-सोंबोंवधत समन्वयोों के साथ दे श में
M

नेता गुरबाों गुली बडीमुखामेदोि के सम्मान में विवनिेश की शुरुआत हुई:


बनाए गए 5 अरब डॉलर के "िािि " शहर
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● सावतजमनक क्षेत्र के सुिारों के एक (i) गवणत सवहत प्राकृवतक विज्ञान,


उपकरण के रूप में ; (ii) इों जीवनयररों ग और प्रौद्योवगकी,
● आमथतक सुिार प्रमक्रया के एक भाग (iii) पयाि िरण और पृथ्वी विज्ञान,
के रूप में (अथाि त्, उद्योगोों के (iv) स्वास्थ्य और कृवर्, और
आरक्षण-मुक्तक्त के भाग के रूप में) (v) मानविकी और सामावजक विज्ञान के
● बजिीय आिश्यकताओों के वलए िैज्ञावनक और तकनीकी इों िरफेस।
संसािन जुिाने के एक उपकरण के कथन 2 गलि है : इस फाउों डेशन को
रूप में। वनम्नवलक्तखत से वििपोवर्त वकया जाएगा:
वनिेश और साििजवनक सोंपवि प्रबोंधन विभाग ● केंद्र सरकार से अनुदान और ऋण
(DIPAM), जो विि मोंिालय के अोंतगित आता है , ● कोष िें दान
रणनीवतक विवनिेश को इस प्रकार पररभावर्त ● फाउं डेिन द्वारा प्राप्त रामि के
करता है : “रणनीवतक विवनिेश का अथि केंिीय मनवेि से आय
साििजवनक क्षेि उद्यम (CPSE) की सरकारी ● 2008 अमिमनयि के िहि स्थामपि
वहस्सेदारी के एक बडे वहस्से की वबक्री होगी। मवज्ञान और इं जीमनयररं ग अनुसंिान
यह प्रबोंधन वनयोंिण के हस्ताों तरण के साथ-साथ कोष के साथ सभी रामियााँ।
50% तक या ऐसा उच्चतर प्रवतशत जो सक्षम कथन 3 सही है : एनआरएफ िें भारि के
प्रावधकारी वनधाि ररत कर सकता है । प्रिान िंत्री की अध्यक्षिा िें एक गवमनिंग
● रणनीवतक विवनिेश बोडत होगा। यह बोडि फाउों डेशन को रणनीवतक
िंत्रालयों/मवभागों और नीमि आयोग वदशा प्रदान करे गा और कायाि न्वयन की
के बीच परािित के िाध्यि से मकया वनगरानी करे गा। बोडि के अन्य सदस्य हैं :
जाता है । ● केंिीय विज्ञान और प्रौद्योवगकी, वशक्षा
● नीमि आयोग सावतजमनक उपक्रिों मोंिी उपाध्यक्ष के रूप में
की पहचान करे गा और उनके विवभन्न ● सदस्य सवचि के रूप में प्रधान
पहलुओों पर सलाह दे गा। िैज्ञावनक सलाहकार
● सीजीडी (विवनिेश पर सवचिोों का कोर ● विज्ञान और प्रौद्योवगकी, जैि
समूह) सीसीईए (आवथिक मामलोों की प्रौद्योवगकी, और िैज्ञावनक और
कैवबनेि सवमवत) द्वारा वनणिय लेने की औद्योवगक अनुसोंधान विभागोों के

E
सुविधा के वलए नीवत आयोग की सवचि।

IN
वसफाररशोों पर विचार करे गा और
कायाि न्वयन प्रवक्रया की वनगरानी 70. उत्तर: C L
करे गा। व्याख्या:
प्रिानिंत्री कौिल मवकास योजना
N

69. उत्तर: B (पीएिकेवीवाई) को दे श में कौशल विकास


.O

व्याख्या: को प्रोत्सावहत करने और बढ़ािा दे ने के वलए


कथन 1 सही है : अनुसोंधान राष्टरीय अनुसोंधान 2015 में िुफ् अल्पकामलक कौिल
L

फाउों डेशन विधेयक, 2023 वदनाों क 4 अगस्त, प्रमिक्षण प्रदान करने और कौशल प्रमाणन के
2023 को लोकसभा में पेश वकया गया था। यह वलए युिाओों को मौविक पुरस्कार प्रदान करके
IA

मवज्ञान और इं जीमनयररं ग अनुसंिान बोडत प्रोत्सावहत करने के वलए शु रू वकया गया था।
अमिमनयि, 2008 को मनरस्त करिा है , और यह कौिल मवकास और उद्यमििा िंत्रालय
R

इसके िहि स्थामपि मवज्ञान और (MSDE) की प्रमुख योजना है।


E

इं जीमनयररं ग अनुसंिान बोडत को भंग कर


दे िा है । इस विधेयक में अनुसोंधान राष्टरीय पीएिकेवीवाई 2016-20 के उद्दे श्य:
T

अनुसोंधान फाउों डेशन (एनआरएफ) की स्थापना ● बडी संख्या िें युवाओं को उद्योगोों की
A

का प्रािधान है । एनआरएफ दे श में अनुसोंधान, जरूरतोों के वहसाब से वडजाइन वकए


M

निाचार और उद्यवमता के क्षेि में रणनीवतक गए गुणििापूणि कौशल प्रवशक्षण लेने,


वदशा प्रदान करने िाली शीर्ि सोंस्था होगी रोजगार योग्य बनने और अपनी
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आजीविका कमाने के वलए सक्षम और 71. उत्तर: C


सोंगवठत करना। व्याख्या:
● मौजूदा कायिबल की उत्पादकता कथन 1 सही है : वडवजिल प्रकाशक सामग्री
बढ़ाएों , और कौशल प्रवशक्षण को दे श वशकायत पररर्द (डीपीसीजीसी) ऑनलाइन
की िास्तविक जरूरतोों के साथ क्ूरेिे ड सामग्री प्रदाताओों (ओसीसीपी) के वलए
सोंरेक्तखत करें । एक आवधकाररक तौर पर मान्यता प्राप्त, स्वतोंि
● प्रमाणन प्रवक्रया के मानकीकरण को स्व-वनयामक वनकाय है । इसकी स्थापना जून
प्रोत्सावहत करें और कौशल की एक 2021 िें इं िरनेि एं ड िोबाइल एसोमसएिन
रवजस्ट्र ी बनाने की नीोंि रखें। ऑफ इं मडया (IAMAI) के ित्वाविान िें की
● चार िर्ों (2016- 2020) की अिवध में गई थी। डीपीसीजीसी, वशकायत वनिारण बोडि
10 वमवलयन युिाओों को लाभ। (जीआरबी) के माध्यम से, डीपीसीजीसी का
लक्ष्य एक वनिारण तोंि शुरू करना है जो दशिकोों
योजना के प्रिुख घिक: की वशकायतोों को वनष्पक्ष रूप से सोंबोवधत करने
● अल्पकामलक प्रमिक्षण: और तदथि हस्तक्षेप के वबना सामग्री प्रदवशित
पीएमकेिीिाई प्रवशक्षण केंिोों (िीसी) करने के बीच सोंतुलन सुवनवित करता है ।
में वदए जाने िाले अल्पकावलक कथन 2 सही है : डीपीसीजीसी को सूचना
प्रवशक्षण का उद्दे श्य उन उम्मीदिारोों एवं प्रसारण िंत्रालय द्वारा सूचना प्रौद्योमगकी
के वलए है जो या तो स्कूल/कॉलेज छोड (िध्यविी मदिामनदे ि और मडमजिल
चुके हैं या बेरोजगार हैं । प्रवशक्षण िीमडया आचार संमहिा) मनयि, 2021 के
राष्ट्रीय कौिल योग्यिा फ्रेिवकत िहि ऑनलाइन क्ूरेिे ड सािग्री के
(एनएसक्ूएफ) के अनुसार सॉफ्ट प्रकािकों के मलए लेवल- II स्व-मनयािक
क्तस्कल्स, उद्यमििा, मवत्तीय और मनकाय के रूप िें पंजीकरि मकया गया है ।
मडमजिल साक्षरिा पाठ्यक्रम के साथ यह ऑनलाइन क्ूरेिे ड सामग्री के प्रकाशन से
प्रदान वकया जाता है , जो पाठ्यक्रम का सोंबोंवधत आईिी वनयम 2021 और अन्य मौजूदा
एक वहस्सा है । अपने मूल्याोंकन और या नए कानूनोों और समय-समय पर इसके तहत
प्रमाणीकरण के सफल समापन पर, बनाए गए वनयमोों/विवनयमोों/वदशावनदे शोों का
उम्मीदिारोों को प्रवशक्षण भागीदारोों पालन करता है ।

E
(िीपी) द्वारा प्लेसिेंि सहायिा प्रदान

IN
की जािी है । 72. उत्तर: A
● पूवत मिक्षण की िान्यिा (आरपीएल) व्याख्या: L
- पूिि वशक्षण अनुभि या कौशल िाले कथन 1 सही है : विवनिेश वकसी कोंपनी में
व्यक्तक्तयोों को योजना के पूिि वशक्षण की 'स्वावमत्व बेचने' की प्रवक्रया है । जनिरी 2005
N

मान्यता (आरपीएल) घिक के तहत में, भारत सरकार ने एक 'राष्ट्रीय मनवेि कोष'
.O

मूल्याों कन और प्रमावणत वकया जाता (एनआईएफ) गवठत करने का वनणिय वलया,


है । वजसमें केंिीय साििजवनक क्षेि के उद्यमोों के
L

● मविेष पररयोजनाएाँ : पीएमकेिीिाई विवनिेश से प्राप्त आय को शावमल वकया जाना


के विशेर् पररयोजना घिक में सरकारी था।
IA

वनकायोों, कॉरपोरे ि् स/उद्योग वनकायोों कथन 2 ग़लि है :


के विशेर् क्षेिोों और पररसरोों में एनआईएफ की मुख्य विशेर्ताएों हैं :
R

प्रवशक्षण और उपलब्ध योग्यता पैक ● मवमनवेि से प्राप्त आय को


E

(क्ूपी)/राष्टरीय व्यािसावयक मानकोों एनआईएफ िें डाला जाएगा, मजसे


(एनओएस) के तहत पररभावर्त नहीों भारि की संमचि मनमि के बाहर
T

की गई विशेर् नौकरी भूवमकाओों में रखा जाएगा।


A

प्रवशक्षण को प्रोत्सावहत करने की ● राष्टरीय वनिेश कोर् का कोर् स्थायी


M

पररकल्पना की गई है । प्रकृवत का होगा।


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● चयवनत साििजवनक क्षेि के म्यूचुअल 74. उत्तर: A


फोंडोों द्वारा कोर् को कम वकए वबना व्याख्या:
स्थायी ररिनि प्रदान करने के वलए फोंड कथन 1 गलि है : भारत सरकार के कावमिक,
को पेशेिर रूप से प्रबोंवधत वकया पेंशन और लोक वशकायत मोंिालय के कावमिक
जाएगा। विभाग के तहत कायिरत केंिीय जाों च ब्यूरो
● इस फोंड की िावर्िक आय का 75 (सीबीआई) भारत में प्रमुख जाों च पुवलस एजेंसी
प्रवतशत का उपयोग चयवनत है । यह एक विवशष्ट शक्तक्त है जो साििजवनक
सामावजक क्षेि की योजनाओों को जीिन में मूल्योों के सोंरक्षण और राष्टरीय
वििपोवर्त करने के वलए वकया जाएगा, अथिव्यिस्था के स्वास्थ्य को सुवनवित करने में
जो वशक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को प्रमुख भूवमका वनभा रही है । यह भारत में नोडल
बढ़ािा दे ती हैं । फोंड की िावर्िक आय पुवलस एजेंसी भी है , जो इों िरपोल के सदस्य दे शोों
का शेर् 25 प्रवतशत का उपयोग की ओर से जाों च का समन्वय करती है ।
लाभदायक और पुनरुिार योग्य सीबीआई कोई वैिामनक संस्था नही ं है ।
साििजवनक उपक्रमोों की पूोंजी वनिेश इसकी जांच और क्षेत्रामिकार िक्तियां
आिश्यकताओों को पूरा करने के वलए डीएसपीई अमिमनयि, 1946 द्वारा िामसि
वकया जाएगा जो पयाि प्त ररिनि दे ते हैं , होिी हैं ।
तावक विस्तार/विविधीकरण के कथन 2 सही है : मकसी राज्य िें मकसी
वििपोर्ण के वलए उनके पूोंजी आधार अपराि की जांच िुरू करने से पहले
को बढ़ाया जा सके। अमनवायत रूप से संबंमिि राज्य सरकार की
सहिमि प्राप्त करनी होगी। डीएसपीई
73. उत्तर: C अवधवनयम की धारा 6 ("शक्तक्तयोों और अवधकार
व्याख्या: क्षेि के प्रयोग के वलए राज्य सरकार की
िैिीकरण का उद्दे श्य भारतीय अथिव्यिस्था को सहमवत") कहती है : "धारा 5 (शीर्िक "विशेर्
विि अथिव्यिस्था के साथ एकीकृत करना है । पुवलस स्थापना की शक्तक्तयोों और अवधकार क्षेि
िैिीकरण के चार मानदों ड हैं (i) व्यापार प्रिाह का अन्य क्षेिोों में विस्तार") में वनवहत वकसी भी
(ii) पूोंजी प्रिाह, (iii) प्रौद्योवगकी प्रिाह, और (iv) बात को सक्षम करने िाला नहीों माना जाएगा।
श्रम प्रिाह। वदल्ली विशेर् पुवलस प्रवतष्ठान का कोई भी

E
भारि िें वैिीकरण को बढावा दे ने के मलए सदस्य उस राज्य की सरकार की सहमवत के

IN
मकये गये उपाय िामिल हैं वबना, वकसी राज्य के वकसी भी क्षेि में, जो केंि
(i) आयाि िुल्क िें किी शावसत प्रदे श या रे लिे क्षेि नहीों है , शक्तक्तयोों और
L
(ii) मवदे िी मनवेि को प्रोत्सामहि करना, अवधकार क्षेि का प्रयोग कर सकता है ।''
और विवभन्न क्षेिोों में प्रत्यक्ष विदे शी वनिेश के कथन 3 सही है : 2015 िें सहिमि वापस लेने
N

वलए स्वचावलत स्वीकृवत प्रदान करना। वाला पहला राज्य मिजोरि था। आठ अन्य
.O

(iii) मवदे िी प्रौद्योमगकी सिझौिों को राज्योों ने सीबीआई से सहमवत िापस ले ली थी:


प्रोत्साहन महाराष्टर, पोंजाब, राजस्थान, पविम बोंगाल,
L

झारखोंड, छिीसगढ़, केरल और वमजोरम। इस


लाइसेंस रद्द करना आमथतक सुिारों का एक सोंबोंध में, सीबीआई की क्तस्थवत राष्टरीय जाों च
IA

िहत्वपूणत घिक था। लाइसेंवसोंग की एजेंसी (एनआईए) से वभन्न है , जो एनआईए


आिश्यकता िाली िस्तुओों की सोंख्या को केिल अवधवनयम, 2008 द्वारा शावसत है , और पूरे दे श
R

4 उद्योगोों की एक छोिी सूची तक सीवमत कर में इसका अवधकार क्षेि है ।


E

वदया गया था। इससे वनजी क्षेि को तेजी से


औद्योवगक इकाइयाों स्थावपत करने की आजादी 75. उत्तर : D
T

वमली। व्याख्या:
A

एमएसएमई अवधवनयम, 2006 के अनुसार


M

एमएसएमई को दो िगों में िगीकृत वकया गया


है : विवनमाि ण और सेिा उद्यम - और उन्ें सोंयोंि
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और मशीनरी में वनिेश के सोंदभि में पररभावर्त 76. उत्तर : D


वकया गया है । सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम व्याख्या:
(एमएसएमई) अथिव्यिस्था में बहुत महत्वपूणि कथन 1 सही है : भारत की जी-20 प्रेसीडें सी
भूवमका वनभाते हैं । और India@75 आजादी का अमृत महोत्सि
समारोह के आलोक में, पयििन मोंिालय ने
इस क्षेि में बेरोजगारी, क्षेिीय असोंतुलन और इनबाउों ड यािा को बढ़ािा दे ने के वलए 2023
राष्टरीय आय और धन के असमान वितरण जैसी को 'भारि भ्रिण वषत' के रूप िें नामिि
सोंरचनात्मक समस्याओों का समाधान करने में मकया है ।
मदद करने की बहुत बडी क्षमता है । तुलनात्मक कथन 2 सही है : भारि पयतिन उद्योग िें
रूप से कम पूोंजीगत लागत और अन्य क्षेिोों के स्वचामलि िागत के िहि 100% प्रत्यक्ष
साथ उनके आगे-पीछे के सोंबोंधोों के कारण, िे मवदे िी मनवेि (FDI) की अनुिमि दे िा है ।
मेक इन इों वडया पहल की सफलता में महत्वपूणि इसके अवतररक्त, उत्कृष्ट होिल, ररसॉि्ि स और
भूवमका वनभाने की ओर अग्रसर हैं । अवद्वतीय मनोरों जक सुविधाओों के विकास सवहत
पयििन वनमाि ण पररयोजनाओों के वलए 100%
वपछले कुछ िर्ों में इस क्षेि के वलए व्यिसाय एफडीआई की अनुमवत है ।
करने में आसानी बढ़ाने और उनके तेज विकास कथन 3 सही है :
पर सरकार द्वारा विशेर् ध्यान वदया गया है , प्रसाद योजना:
वजसमें 2020 की शुरुआत तक वनम्नवलक्तखत भारत सरकार ने पयििन मोंिालय के तहत िर्ि
नीवतगत कदम उठाए गए हैं : 2014-2015 में प्रसाद योजना शुरू की थी।
● ₹1 करोड िक का ऋण 59 मिनि प्रसाद योजना का पूणि रूप 'तीथियािा
के भीिर ऑनलाइन स्वीकरि मकया कायाकल्प और आध्याक्तत्मक सोंिधिन अवभयान'
जाएगा ; है ।
● सभी जीएसिी पोंजीकृत फमों को 2 यह योजना िामितक पयतिन अनुभव को
प्रवतशत की ब्याज छूि; सिरद्ध करने के मलए पूरे भारि िें िीथत स्थलों
● पीएसयू को अवनिायि रूप से GeM को मवकमसि करने और पहचानने पर केंमद्रि
पोिि ल के माध्यम से मवहला उद्यवमयोों है । इसका उद्दे श्य सोंपूणि धावमिक पयििन अनुभि
के वलए 3 प्रवतशत आरवक्षत के साथ प्रदान करने के वलए तीथि स्थलोों को प्राथवमकता,

E
25 प्रवतशत (20 प्रवतशत से अवधक) योजनाबि और विकाऊ तरीके से एकीकृत

IN
की खरीद करनी होगी; करना है । घरे लू पयििन का विकास काफी हद
● 20 प्रौद्योवगकी केंि (िीसी) और 100 तक तीथि पयििन पर वनभिर करता है । L
विस्तार केंि (ईसी) स्थावपत वकए
जाएों गे; 77. उत्तर: C
N

व्याख्या:
.O

वषत 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के िर्ि 2000-01 में सरकार ने पहली बार आवथिक
दौरान अक्तखल भारिीय मवमनिातण उत्पादन सुधारोों की दू सरी पीढ़ी की आिश्यकता की
L

िें एिएसएिई मवमनिातण उत्पादन की घोर्णा की और इसे उसी िर्ि लॉन्च वकया गया।
महस्सेदारी क्रििः 36.6%, 36.9% और जो तब तक (यानी 1991 से 2000 तक) शुरू
IA

36.2% थी और इसे उिार-चढाव के रूप िें हो चुके थे, उन्ें सरकार ने पहली पीढ़ी के सुधार
दे खा जा सकिा है । कहा था।
R

िर्ि 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के दू सरी पीढी के आमथतक सुिारों के िहि


E

दौरान भारत के सकल घरे लू उत्पाद (जीडीपी) बाहरी क्षेत्र सुिारों िें ऐसी नीमियां िामिल
में एमएसएमई सकल मूल्य िवधित (जीिीए) की थी ं-
T

वहस्सेदारी क्रमशः 30.5%, 27.2% और 29.2% ● आयाि पर िात्रात्मक प्रमिबंि सिाप्त


A

थी। करना
M

● विवनमय दर की अस्थायी मुिा व्यिस्था


पर क्तस्वच करना
C
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30

● पूणत चालू खािा पररवितनीयिा की सुगमता (ईओडीबी) के मामले में शीर्ि 100
घोषणा (पूंजी खािा पररवितनीयिा क्लबोों में शावमल है ।
नही ं) विि िर्ि 2022-23 में भारत में एफडीआई
● पूोंजी खाते में सुधार इमििी प्रवाह के मलए िीषत 5 दे िों के रूप िें
● विदे शी वनिेश की अनुमवत (प्रत्यक्ष और उभरे हैं ।
अप्रत्यक्ष), विि िर्ि 2022-23 के दौरान उच्चतम
● एक उदार मवदे िी िुद्रा प्रबंिन एफडीआई इवििी प्रिाह प्राप्त करने िाले शीर्ि
अमिमनयि की घोषणा (FEMA ने 5 क्षेि सेिा क्षेि (विि, बैंवकोंग, बीमा, गैर-
FERA का स्थान ले मलया) विि/व्यिसाय, आउिसोवसिंग, आर एों ड डी,
कूररयर, तकनीकी परीक्षण और विश्लेर्ण,
78. उत्तर: A कोंप्यूिर सॉफ्टिेयर और हाडि िेयर (15%),
व्याख्या: िर े वडों ग (6%), दू रसोंचार (6%) और ऑिोमोबाइल
कथन 1 सही है : यह अनुबोंध (यानी, उद्योग (5%) और अन्य (16%) हैं ।
साििजवनक खरीद) दे ने का एक बहुत ही लचीला स्वचावलत मागि: स्वचावलत मागि के तहत,
तरीका है वजसका उपयोग पीपीपी के साथ- अवनिासी वनिेशक या भारतीय कोंपनी को
साथ गैर-पीपीपी पररयोजनाओं िें भी मकया वनिेश के वलए भारत सरकार से मकसी
जा सकिा है । अनुिोदन की आवश्यकिा नही ं होिी है ।
कथन 2 गलि है : इसमें, एक बोली लगाने लॉिरी व्यिसाय जैसे कुछ क्षेिोों में एफडीआई
वाले को सरकार द्वारा पररयोजना के वलए वनवर्ि है , वजसमें सरकारी/वनजी लॉिरी,
प्रस्ताि प्रस्तुत करने के वलए कहा जाता है , वजसे ऑनलाइन लॉिरी, जुआ और सट्टे बाजी, वचि
सावतजमनक डोिेन िें डाल मदया जािा है । फोंड, वनवध कोंपवनयाों , हस्ताोंतरणीय विकास
बाद में, कई अन्य बोलीदािा मूल (प्रथम) बोली अवधकारोों (िीडीआर) में व्यापार, ररयल एस्ट्े ि
लगाने िाले को बेहतर बनाने और मात दे ने के व्यिसाय या फामिहाउस का वनमाि ण आवद
उद्दे श्य से अपने प्रस्ताि प्रस्तुत करते हैं - अोंत शावमल हैं।
में, एक बेहतर बोली चुनी जाती है (वजसे प्रवत-
प्रस्ताि कहा जाता है )। यवद मूल बोली लगाने 80. उत्तर: B
िाला प्रवत-प्रस्ताि से मेल खाने में सक्षम नहीों है , व्याख्या:

E
तो पररयोजना प्रमि-बोली लगाने वाले को दे कथन 1 गलि है : भारि के पास दु मनया की

IN
दी जािी है । चौथी सबसे बडी रे लवे प्रणाली है , जो केिल
कथन 3 गलि है : भारत सरकार ने पहली बार अमेररका, रूस और चीन के बाद है । भारतीय L
दे श में रे लिे स्ट्े शनोों के पुनवििकास के वलए इस रे लिे में 7,335 स्ट्े शनोों के साथ कुल िर ै क लोंबाई
मॉडल के उपयोग की घोर्णा की (2015 के अोंत 126,366 वकमी है ।
N

तक)। हालाँ वक भारत सरकार ने पहली बार इस


.O

मॉडल का उपयोग वकया था, लेवकन इसका कथन 2 सही है :


उपयोग अब तक कई राज्योों - कनाि िक, आों ध्र राष्टरीय रे ल योजना के प्रमुख उद्दे श्य हैं :-
L

प्रदे श, राजस्थान, मध्य प्रदे श, वबहार, पोंजाब और ● िाल ढु लाई िें रे लवे की महस्सेदारी
गुजरात - द्वारा सडकोों और आिास को 45% िक बढाने के मलए
IA

पररयोजनाओों के वलए वकया जा चुका है । पररचालन क्षििाओं और


वामणक्तज्यक नीमि पहल दोनों के
R

79. उत्तर: B आिार पर रणनीमि िैयार करना।


E

व्याख्या: ● मालगावडयोों की औसत गवत 50 वकमी


1991 में अथिव्यिस्था के खुलने के बाद से भारत प्रवत घोंिे तक बढ़ाकर माल ढु लाई के
T

में वनिेश के माहौल में काफी सुिार हुआ है । समय को काफी हद तक कम करना।
A

इसका िुख्य कारण भारि िें एफडीआई ● नए समवपित माल ढु लाई गवलयारोों की
M

मनयिों िें आसानी है । भारत आज कारोबार पहचान करना।


C
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● नए हाई स्पीड रे ल कॉररडोर की ● साििजवनक क्षेि के सुधारोों का एक


पहचान करना। उपकरण
● यािी यातायात के वलए रोवलोंग स्ट्ॉक ● आवथिक सुधारोों का एक वहस्सा 1991 के
की आिश्यकता के साथ-साथ माल मध्य में शुरू हुआ। इसे 'उद्योगोों के डी-
ढु लाई के वलए िैगन की आिश्यकता आरक्षण' के पूरक भाग के रूप में वकया
का आकलन करना। जाना है ।
● 100% विद् युतीकरण (हररत ऊजाि ) ● प्रारों भ में बजिीय आिोंिन के वलए सोंसाधन
और माल ढु लाई मोडल शेयर में िृक्ति जुिाने की आिश्यकता से प्रेररत।
आवद के दोहरे उद्दे श्योों को पूरा करने कथन 2 सही है : बहुत व्यापक अथत िें
के वलए लोकोमोविि आिश्यकताओों मनजीकरण िब्द का अथत उन सभी आमथतक
का आकलन करना। नीमियों से है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से
मनजी क्षेत्र या बाजार (अथिव्यिस्था) के विस्तार
कथन 3 सही है : 22 अगस्त 2014 तक, रे लिे को बढ़ािा दे ती हैं , वजन्ें विशेर्ज्ञोों और सरकारोों
क्षेि में प्रत्यक्ष विदे शी वनिेश (FDI) केिल "मास ने वनजीकरण की प्रवक्रया कहा है । हम भारत
रै वपड िर ाों सपोिि वसस्ट्म" तक ही सीवमत था। से कुछ उदाहरण दे सकते हैं : उद्योगोों को
हालाँ वक, 22 अगस्त 2014 से सरकार की लाइसेंवसोंग-मुक्त और आरक्षण-मुक्त करना,
मौजूदा एफडीआई नीवत के तहत रे लिे यहाों तक वक सक्तिडी और विदे शी वनिेश की
इन्फ्फ्रास्ट्र क्चर की वनम्नवलक्तखत गवतविवधयोों/क्षेिोों अनुमवत में किौती भी इसमें शावमल हैं।
(स्वचामलि िागत पर 100%) में एफडीआई को वनजीकरण की प्रवक्रया में राज्य के स्वावमत्व िाले
खोल/अनुमवत दी गई है :- उद्यमोों के शेयरोों को वनजी क्षेि को बेचना
"मनिातण, संचालन और रखरखाव:- शावमल है।
i. पीपीपी के माध्यम से उपनगरीय यवद कोई सोंपवि सरकार द्वारा केिल 49
गवलयारा पररयोजना; प्रवतशत तक बेची गई है तो स्वावमत्व राज्य के
ii. हाई-स्पीड िर े न पररयोजनाएँ ; पास रहता है , हालाोंवक इसे वनजीकरण माना
iii. समवपित माल ढु लाई लाइनें; जाता है । यवद राज्य के स्वावमत्व िाली सोंपवियोों
iv. रोवलोंग स्ट्ॉक, वजसमें िर े न सेि और के शेयरोों की वबक्री 51 प्रवतशत तक हो गई है ,
लोकोमोविि/कोच वनमाि ण और स्वावमत्व िास्ति में वनजी क्षेि को हस्ताों तररत कर

E
रखरखाि सुविधाएों शावमल हैं ; वदया गया है तब भी इसे वनजीकरण कहा जाता

IN
v. रे लिे विद् युतीकरण; है ।
vi. वसग्नवलोंग वसस्ट्म; L
vii. माल ढु लाई िवमिनल; 82. उत्तर: A
viii. यािी िवमिनल; व्याख्या:
N

ix. विद् युतीकृत रे लिे लाइनोों और मुख्य पेररस समझौता जलिायु पररितिन पर कानूनी
.O

रे लिे लाइन से कनेक्तक्टवििी सवहत रूप से बाध्यकारी अोंतराि ष्टरीय सोंवध है । इसे 12
रे लिे लाइन/साइवडों ग से सोंबोंवधत वदसोंबर, 2015 को पेररस, फ्राोंस में सोंयुक्त राष्टर
L

औद्योवगक पाकि में बुवनयादी ढाों चा; जलिायु पररितिन सम्मेलन (COP21) में 196
और दलोों द्वारा अपनाया गया था। यह 4 निोंबर 2016
IA

x. िास रै मपड िर ांसपोित मसस्टि ” को लागू हुआ।


● पेररस सिझौिा इस बाि की पुमष्ट्
R

81. उत्तर : D करिा है मक मवकमसि दे िों को दे िों


E

व्याख्या: को मवत्तीय सहायिा प्रदान करने िें


कथन 1 सही है : मवमनवेि सावतजमनक क्षेत्र अग्रणी भूमिका मनभानी चामहए जो
T

के उद्यिों िें सरकारी इमििी बेचने की एक कि संपन्न और अमिक असुरमक्षि


A

प्रमक्रया है । भारत में विवनिेश को तीन प्रमुख हैं , जबवक पहली बार अन्य दलोों द्वारा
M

परस्पर सोंबोंवधत क्षेिोों से जोडकर दे खा जाता है स्वैक्तच्छक योगदान को भी प्रोत्सावहत


वकया जा रहा है । कथन 1 सही है ।
C
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● शमन के वलए जलिायु विि की ● नया बुमनयादी ढांचा


आिश्यकता है , क्ोोंवक उत्सजिन को ● नए क्षेत्र
महत्वपूणि रूप से कम करने के वलए ● नई िानमसकिा
बडे पैमाने पर वनिेश की आिश्यकता इस पहल का उद्दे श्य उच्च गुणििा मानकोों और
होती है । अनुकूलन के वलए जलिायु क्तस्थरता के आयामोों को लागू करना भी है । पालन
विि भी उतना ही महत्वपूणि है , क्ोोंवक की जाने िाली प्रमुख नीवतयोों में व्यिसाय करने
प्रवतकूल प्रभािोों के अनुकूल होने और में आसानी, पुराने कानूनोों से छु िकारा, 100
बदलती जलिायु के प्रभािोों को कम िािि शहर, साििजवनक उपक्रमोों का विवनिेश,
करने के वलए महत्वपूणि वििीय युिाओों के वलए कौशल और नौकररयाों आवद
सोंसाधनोों की आिश्यकता होती है । शावमल हैं।
● पेररस समझौता जलिायु पररितिन के
प्रवत लचीलेपन में सुधार और जीएचजी पहल की प्रिुख चुनौमियों िें िामिल हैं :
उत्सजिन को कम करने दोनोों के वलए ● एक स्वस्थ कारोबारी माहौल बनाना,
प्रौद्योवगकी विकास और हस्ताोंतरण को ● प्रवतकूल कारकोों को हिाना,
पूरी तरह से साकार करने की दृवष्ट की ● भारत के एमएसएमई पर अवधक
बात करता है । यह अच्छी तरह से काम ध्यान,
कर रहे प्रौद्योवगकी तोंि को व्यापक ● विि स्तरीय अनुसोंधान और विकास
मागिदशिन प्रदान करने के वलए एक (आर एों ड डी) की कमी,
प्रौद्योवगकी ढाों चा स्थावपत करता है । ● चीन के 'मेड इन चाइना' अवभयान से
यह तोंि अपनी नीवत और कायाि न्वयन तुलना
शाखाओों के माध्यम से प्रौद्योवगकी
विकास और हस्ताों तरण में तेजी ला रहा 84. उत्तर: C
है । व्याख्या:
● सभी विकासशील दे शोों के पास वकसी अथिव्यिस्था का विदे शी मुिा भोंडार
जलिायु पररितिन से उत्पन्न अनेक ('विदे शी मुिा भोंडार' का सोंवक्षप्त रूप) उसके
चुनौवतयोों से वनपिने के वलए पयाि प्त सोने के भोंडार, एसडीआर (विशेर् आहरण
क्षमताएँ नहीों हैं । पररणामस्वरूप, अवधकार) और आईएमएफ में ररजिि वकश्त के

E
पेररस सिझौिा मवकासिील दे िों साथ जोडी गई 'विदे शी मुिा सोंपवि' है । एक

IN
के मलए जलवायु -संबंिी क्षििा- तरह से, विदे शी मुिा भोंडार िह ऊपरी सीमा है
मनिातण पर बहुि जोर दे िा है और वजसके ऊपर तक कोई अथि व्यिस्था जरूरत L
सभी विकवसत दे शोों से विकासशील पडने पर सामान्य समय में विदे शी मुिा का
दे शोों में क्षमता-वनमाि ण कायों के वलए प्रबोंधन कर सकती है । निोंबर 2023 की
N

समथिन बढ़ाने का अनुरोध करता है । आरबीआई विज्ञक्तप्त के अनुसार, भारत का


.O

कथन 2 गलि है . विदे शी मुिा भोंडार लगभग 590 वबवलयन


अमेररकी डॉलर था।
L

83. उत्तर : D
व्याख्या: 85. उत्तर: C
IA

बहुराष्टरीय और घरे लू कोंपवनयोों को भारत में व्याख्या:


अपने उत्पाद बनाने के वलए प्रोत्सावहत करने के कथन 1 सही है : डाकत िैिर और डाकत एनजी
R

वलए भारत सरकार द्वारा वसतोंबर 2014 में िेक के गहन ब्रह्ांडीय रहस्यों की जांच करने के
E

इन इं मडया लॉन्च मकया गया था। यह पहल न मलए मनयोमजि मििन यूक्तिड ने अपनी
केिल विवनमाि ण बक्तल्क प्रासोंवगक बुवनयादी ढाों चे प्रारं मभक मडजाइन सिीक्षा पास कर ली है ।
T

और सेिा क्षेिोों में भी उद्यमशीलता को बढ़ािा इससे वनमाि ण शुरू होने का रास्ता साफ हो गया
A

दे ने के वलए वनधािररत है । यह पहल चार स्तोंभोों है । यूक्तक्लड को हमें ब्रह्ाों ड के "अोंधेरे पक्ष" में
M

पर आधाररत है : महत्वपूणि नई अोंतदृि वष्ट दे ने के वलए वडजाइन


● नई प्रमक्रया वकया गया है - अथाि त् डाकि मैिर और डाकि
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एनजी, दोनोों को हमारे ब्रह्ाों ड के प्रमुख घिक 87. उत्तर: A


माना जाता है । व्याख्या:
कथन 2 सही है : यूक्तिड एक यूरोपीय आवथिक सशक्तक्तकरण और रोजगार सृजन पर
अंिररक्ष एजेंसी का मििन है मजसिें नासा ध्यान केंवित करते हुए जमीनी स्तर पर उद्यवमता
का िहत्वपूणत योगदान है , मजसिें एक को बढ़ािा दे ने के वलए 5 अप्रै ल 2016 को स्ट्ैं ड
उपकरण और मवज्ञान और डे िा मवश्लेषण के अप इों वडया योजना शुरू की गई थी। इस योजना
मलए इन्फ्फ्रारे ड मडिे क्टर िामिल हैं । यूक्तक्लड को िर्ि 2025 तक बढ़ा वदया गया है ।
कोंसोविि यम विज्ञान उपकरण और डे िा और स्टैं ड-अप इं मडया को िमहलाओं, अनुसूमचि
विज्ञान विश्लेर्ण प्रदान करे गा। नासा का जामि (एससी) और अनुसूमचि जनजामि
यूक्तक्लड पररयोजना कायाि लय जेपीएल (जेि (एसिी) श्रेमणयों के बीच उद्यमििा को बढावा
प्रोपल्शन लेबोरे िरी) पर आधाररत है । जेपीएल दे ने के मलए लॉन्च मकया गया था, तावक उन्ें
यूक्तक्लड के दो विज्ञान उपकरणोों में से एक के विवनमाि ण, सेिाओों या व्यापार क्षेि और कृवर् से
वलए इन्फ्फ्रारे ड फ्लाइि वडिे क्टर प्रदान करे गा। सोंबि गवतविवधयोों में ग्रीनफीर्ल् उद्यम शुरू
करने में मदद वमल सके। अिः , कथन 1 सही
86. उत्तर: C है ।
व्याख्या: इस योजना का उद्दे श्य सभी बैंक शाखाओों को
कथन 1 सही है : असोंगवठत श्रवमक शब् को अपने स्वयों के ग्रीनफीर्ल् उद्यम स्थावपत करने
असंगमठि श्रमिक सािामजक सुरक्षा के वलए एससी, एसिी और मवहलाओों के
अमिमनयि, 2008 के िहि घर-आिाररि उधारकताि ओों को ऋण दे ने के वलए प्रोत्सावहत
श्रमिक, स्व-रोज़गार श्रमिक या असोंगवठत करना है ।
क्षेि में मजदू री श्रवमक के रूप में पररभावर्त ऋण के मलए पात्र संस्थाएाँ :
वकया गया है और इसमें सोंगवठत क्षेि का श्रवमक ● एससी/एसिी और/या मवहला उद्यमी,
भी शावमल है । जो इनमें से वकसी भी अवधवनयम 18 िर्ि से अवधक आयु;
के अोंतगित नहीों आता है : ● इस योजना के तहत ऋण केवल ग्रीन
कमिचारी मुआिजा अवधवनयम, 1923, फील्ड पररयोजनाओं के मलए
औद्योवगक वििाद अवधवनयम, 1947, कमिचारी उपलि हैं ।
राज्य बीमा अवधवनयम, 1948, कमिचारी भविष्य (इस सोंदभि में, ग्रीनफ़ीर्ल्, विवनमाि ण,

E
वनवध और विविध प्रािधान अवधवनयम, 1952, सेिाओों या व्यापाररक क्षेि और कृवर् से

IN
मातृत्व लाभ अवधवनयम, 1961 और ग्रेच्युिी सोंबि गवतविवधयोों में लाभाथी के पहली
भुगतान अवधवनयम, 1972। बार उद्यम को दशाि ता है ) अत:, कथन
L
कथन 2 सही है : असंगमठि श्रमिक रोजगार 2 गलि है ।
की अत्यमिक िौसिीयिा, औपचाररक ● गैर-व्यक्तक्तगत उद्यमोों के मामले में,
N

वनयोक्ता-कमिचारी सोंबोंध की कमी और 51% िेयरिाररिा और वनयोंिण


.O

सामावजक सुरक्षा सुरक्षा के अभाि के चक्र से वहस्सेदारी एससी/एसिी और/या


पीवडत हैं । कई कानून, जैसे कमिचारी मुआिजा मवहला उद्यमी के पास होनी चावहए।
L

अवधवनयम, 1923; न्यूनतम िेतन अवधवनयम, अत:, कथन 3 गलि है ।


1948; मातृत्व लाभ अवधवनयम, 1961; अनुबोंध ● उधारकताि ओों को वकसी भी
IA

श्रम उन्मूलन एिों वनर्ेध अवधवनयम, 1970; भिन बैंक/वििीय सोंस्थान का वडफ़ॉल्टर
और अन्य वनमाि ण श्रवमक (रोजगार और सेिा की नहीों होना चावहए;
R

शतों का विवनयमन) अवधवनयम, 1996; और ● इस योजना में '15% तक' मावजिन मनी
E

भिन और अन्य वनमाि ण श्रवमक कल्याण की पररकल्पना की गई है , वजसे पाि


(उपकर) अवधवनयम, 1996 आवद। केंिीय/राज्य योजनाओों के साथ
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अवभसरण में प्रदान वकया जा सकता


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है । वकसी भी क्तस्थवत में, उिारकिात को


M

अपने योगदान के रूप िें


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पररयोजना लागि का न्यूनिि 10% योजना (आरडीएसएस) शुरू की गई थी। अत:,


लाना होगा। कथन 1 गलि है ।
योजना की िुख्य मविेषिाएं हैं
88. उत्तर: A i. इस योजना का लक्ष्य 2024-25 तक
व्याख्या: एिीएं डसी घािे को अक्तखल भारतीय
स्कूल मिक्षा और साक्षरिा मवभाग द्वारा िर्ि स्तर पर 12-15% तक कम करना
2018-19 में स्कूलों से ऑनलाइन डे िा संग्रह और एसीएस-एआरआर (आपूवति की
की UDISE+ प्रणाली विकवसत की गई थी। औसत लागत - औसत िसूली योग्य
UDISE+ प्रणाली में, विशेर् रूप से डे िा कैप्चर, राजस्व) अोंतर को शून्य करना है ।
डे िा मैवपोंग और डे िा सत्यापन से सोंबोंवधत क्षेिोों ii. इस योजना के दो प्रमुख घिक हैं : भाग
में सुधार वकए गए हैं। UDISE+ 2021-22 में, 'ए' - प्रीपेड िािि मीिररों ग और वसस्ट्म
NEP 2020 पहल के साथ सोंरेक्तखत करने के मीिररों ग के वलए वििीय सहायता और
वलए पहली बार महत्वपूणि सोंकेतकोों जैसे वितरण बुवनयादी ढाों चे का उन्नयन,
वडवजिल लाइब्रेरी, पीयर लवनिंग, हाडि स्पॉि और भाग 'बी' - प्रवशक्षण और क्षमता
आइडें विवफकेशन, स्कूल लाइब्रेरी में उपलब्ध वनमाि ण और अन्य सक्षम और सहायक
पुस्तकोों की सोंख्या आवद पर अवतररक्त डे िा गवतविवधयाों ।
एकि वकया गया है । iii. इस योजना के िहि िनरामि जारी
करने को पररणाि और सुिार से
89. उत्तर: B जोडा गया है । इस योजना के तहत
व्याख्या: धन जारी करने के वलए मूल्याों कन
कथन 1 गलि है : आरबीआई आवधकाररक करने से पहले वडस्कॉम द्वारा पूिि-
तौर पर न तो वकसी विशेर् विवनमय दर और न योग्यता मानदों डोों को अवनिायि रूप से
ही विदे शी मुिा भोंडार को लवक्षत करता है । पूरा वकया जाना चावहए। अिः , कथन
इसके हस्तक्षेपोों का उद्दे श्य एक विवशष्ट विवनमय 2 सही है ।
दर को बनाए रखने के बजाय विदे शी मुिा iv. इस योजना की अिवध 5 िर्ि (वििीय
बाजार में अक्तस्थरता को कम करना है । िर्ि 2021-22 से वििीय िर्ि 2025-
कथन 2 सही है : जब आरबीआई कमजोर 26) है । योजना की सिाक्तप्त मिमथ

E
रुपये को सहारा दे ने के वलए हावजर बाजार में 31.03.2026 होगी। अत:, कथन 3

IN
डॉलर खरीदता है , तो इससे वसस्ट्म में रुपये का गलि है ।
प्रिाह होता है , वजससे सों भावित रूप से आरईसी मलमििे ड और पावर फाइनेंस L
मुिास्फीवत प्रभाि पडता है । इसे कम करने के कॉपोरे िन मलमििे ड (पीएफसी) को योजना
वलए, आरबीआई स्पॉि खरीदारी को फॉरिडि में के मलए नोडल एजेंमसयों के रूप में वनयुक्त
N

पररिवतित करता है , वजससे फॉरिडि प्रीवमयम के वकया गया है और उन्ें पूरे दे श में योजना के
.O

कारण प्रत्यक्ष लागत आती है । यवद आरबीआई कायाि न्वयन की सुविधा के वलए वजम्मेदार बनाया
अवतररक्त तरलता को इकट्ठा करने के वलए खुले गया है ।
L

बाजार सोंचालन (ओएमओ) का विकल्प चुनता


है , तो इसमें लागत भी शावमल होती है । 91. उत्तर : D
IA

व्याख्या:
90. उत्तर: B कथन 1 सही है : एक वनवित विवनमय दर
R

व्याख्या: सरकार या केंिीय बैंक द्वारा लागू एक व्यिस्था


E

मवत्तीय रूप से मिकाऊ और पररचालन रूप है जो दे श की आवधकाररक मुिा विवनमय दर


से कुिल मविरण क्षेत्र के िाध्यि से को दू सरे दे श की मुिा या सोने की कीमत से
T

उपभोिाओं को मबजली आपूमित की जोडती है । एक मनमिि मवमनिय दर प्रणाली


A

गुणवत्ता और मविसनीयिा िें सुिार लाने के का उद्दे श्य िुद्रा के िूल् को एक संकीणत
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उद्दे श्य से जुलाई 2021 में सोंशोवधत वितरण क्षेि दायरे िें रखना है ।
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कथन 2 सही है : फ्लोमिं ग मवमनिय दर करना और प्रासंमगक प्रौद्योमगमकयों


प्रणाली िें, एक घरे लू िुद्रा को अपने मवदे िी का स्वदे िी एं ड-िू -एं ड मवकास
िुद्रा बाजार िें कई मवदे िी िुद्राओं के करना।
िुकाबले उिार-चढाव और अपना िूल् ● विद् युत क्षेि के वहतधारकोों को
मनिातररि करने के मलए स्विंत्र छोड मदया सामूवहक विचार-मोंथन और
जािा है । ऐसी विवनमय दरोों को बाजार- सहवक्रयाशील प्रौद्योवगकी विकास के
सोंचावलत या बाजार-आधाररत विवनमय दरें भी वलए एक साझा मोंच प्रदान करना और
कहा जाता है , जो सोंबोंवधत अथिव्यिस्था में घरे लू प्रौद्योवगकी के सुचारू हस्ताोंतरण के
और विदे शी मुिाओों की माों ग और आपूवति जैसे वलए रास्ते तैयार करना।
कारकोों द्वारा वनयोंवित होती हैं । ● स्वदे शी प्रौद्योवगवकयोों (विशेर् रूप से
कथन 3 सही है : एक प्रबोंवधत-विवनमय-दर भारतीय स्ट्ािि -अप द्वारा विकवसत) की
प्रणाली वनवित और लचीली विवनमय दर पायलि पररयोजनाओों का समथिन
प्रणावलयोों का एक सोंकर या वमश्रण है वजसमें करना और उनके व्यािसायीकरण को
अथिव्यिस्था की सरकार विदे शी मुिाओों को सुविधाजनक बनाना।
खरीदने या बेचने या अप्रत्यक्ष रूप से मौविक ● िैज्ञावनक और औद्योवगक अनुसोंधान
नीवत (अथाि त, विदे शी मुिा बैंक खातोों पर ब्याज एिों विकास को बढ़ािा दे ना, बढ़ािा
दरोों को कम या बढ़ाकर, विदे शी वनिेश को दे ना और बढ़ाना तथा दे श के विद् युत
प्रभावित करना, आवद) के माध्यम से विवनमय क्षेि में एक जीिोंत और अवभनि
दर को प्रभावित करने का प्रयास करती है । पाररक्तस्थवतकी तोंि बनाना।
आज, अवधकाों श अथिव्यिस्थाएँ विवनमय दर कथन 3 सही है : इस वमशन में दो स्तरीय
वनधाि रण की इस प्रणाली में स्थानाों तररत हो गई सोंरचना होगी - एक तकनीकी स्कोवपोंग सवमवत
हैं । जब बाजार अव्यिक्तस्थत हो जाता है , या उस और एक शीर्ि सवमवत।
समय की विवनमय दर द्वारा अथिशास्त्र के ● केंद्रीय मवद् युि प्रामिकरण के
बुवनयादी वसिाों तोों को चुनौती दी जाती है , तो अध्यक्ष की अध्यक्षिा िें िकनीकी
लगभग सभी दे श हस्तक्षेप करते हैं । स्कोमपंग समिमि मवि स्तर पर चल
रहे और उभरिे अनुसंिान क्षेत्रों की
92. उत्तर: B पहचान करे गी, वमशन के तहत

E
व्याख्या: विकास के वलए सोंभावित प्रौद्योवगवकयोों

IN
कथन 1 ग़लि है : मवद् युि िंत्रालय और की वसफाररश करे गी, तकनीकी-
नवीन एवं नवीकरणीय ऊजात िंत्रालय ने आवथिक लाभोों को उवचत ठहराएगी, L
संयुि रूप से मबजली क्षेत्र िें उभरिी अनुसोंधान की रूपरे खा प्रदान करे गी
प्रौद्योमगमकयों की िीघ्रिा से पहचान करने और अनुमोवदत परयोजनाओों के
N

और उन्ें भारत के भीतर और बाहर तैनाती के अनुसोंधान की आिवधक वनगरानी


.O

वलए बडे पैमाने पर स्वदे शी रूप से विकवसत करे गी।


करने के वलए एक राष्टरीय वमशन शुरू वकया है। ● केंिीय ऊजाि और निीन एिों
L

राष्टरीय वमशन, वजसका शीर्िक "उन्नत और निीकरणीय ऊजाि मोंिी की अध्यक्षता


उच्च-प्रभाि अनुसोंधान (एमएएचआईआर)" है , िाली शीर्ि सवमवत विकवसत की जाने
IA

का उद्दे श्य वबजली क्षेि में निीनतम और िाली प्रौद्योवगकी और उत्पादोों पर


उभरती प्रौद्योवगवकयोों के स्वदे शी अनुसोंधान, विचार-विमशि करे गी और अनुसोंधान
R

विकास और प्रदशिन को सुविधाजनक बनाना प्रस्तािोों को मोंजूरी दे गी। शीर्ि सवमवत


E

है । अोंतरराष्टरीय सहयोग पर भी गौर


कथन 2 सही है : इस वमशन के प्रमुख उद्दे श्य करे गी।
T

इस प्रकार हैं :
A

● वैमिक मवद् युि क्षेत्र के मलए उभरिी


M

प्रौद्योमगमकयों और भमवष् की
प्रासंमगकिा के क्षेत्रों की पहचान
C
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93. उत्तर:B 95. उत्तर : D


व्याख्या: व्याख्या:
कथन 1 ग़लि है : अिेररकी रक्षा मवभाग आवथिक सुधारोों की प्रवक्रया के तहत अप्रैल
(DoD) और भारिीय रक्षा िंत्रालय (MoD) 1993 िें पूवत आरबीआई गवनतर आरएन
ने IndiaU.S. रक्षा त्वरण पाररक्तस्थमिकी िंत्र िल्होत्रा की अध्यक्षिा िें एक बीिा सुिार
(INDUS-X) लॉन्च मकया। भारतीय और समिमि (आईआरसी) की स्थापना की गई।
अमेररकी रक्षा कोंपवनयाों बाजार पहुों च, व्यापार सवमवत ने वनम्नवलक्तखत प्रमुख सुझािोों के साथ
रणनीवत और प्रौद्योवगकी जानकारी में सहायता अपनी ररपोिि (जनिरी 1994) सौोंपी:
के वलए स्ट्ािि -अप के साथ औपचाररक और ● बीमा क्षेि को विवनयोंवित करना, अथाि त
अनौपचाररक सलाह स्थावपत करने के अिसरोों भारतीय और विदे शी वनजी क्षेि की
की पहचान करने का इरादा रखती हैं । बीमा कोंपवनयोों को इस क्षेि में प्रिेश की
कथन 2 सही है : इस पहल का उद्दे श्य अनुमवत दे ना (सरकार ने 1999 में
रणनीमिक प्रौद्योमगकी साझेदारी और रक्षा आईआरडीए अवधवनयम पाररत करके
का मवस्तार करना है ऐसा वकया)।
सरकारों, व्यवसायों और िैक्षमणक संस्थानों ● एलआईसी और जीआईसी का
के बीच औद्योमगक सहयोग बढ़ाना है । यह पुनगिठन करना और उनमें सरकार की
पहल जनिरी 2023 में यूएस और भारतीय वहस्सेदारी घिाकर 50 प्रवतशत करना
राष्टरीय सुरक्षा सलाहकारोों द्वारा वक्रविकल एों ड (अभी भी कोई अनुिती कारि िाई नहीों
इमवजिंग िे क्नोलॉजी (iCET) पर यूएस-भारत है , लेवकन वनजी बीमा कोंपवनयाों
पहल के वहस्से के रूप में यू एस और भारतीय उत्सुकता से इसकी माों ग कर रही हैं )।
रक्षा स्ट्ािि -अप को जोडने के वलए एक ● जीआईसी और उसकी चार सहायक
"इनोिेशन वब्रज" लॉन्च करने की प्रवतबिता पर कोंपवनयोों को अलग करना (जो 2000
आधाररत है । रक्षा उत्कृष्टता के वलए भारत के में वकया गया था)।
निाचार (iDEX) और रक्षा सवचि (OSD) का ● बीमा वनयोंिक द्वारा सिेक्षकोों को
कायाि लय क्रमशः MoD और DoD के वलए लाइसेंस दे ने की प्रणाली को ख़त्म
INDUS-X गवतविवधयोों का नेतृत्व कर रहे हैं । करना।
● िै ररफ सलाहकार सवमवत का

E
94. उत्तर: B पुनगिठन।

IN
व्याख्या:
1992-93 मवत्तीय वषत िें, भारि अपनी 96. उत्तर: B L
पद्धमि के साथ फ्लोमिं ग िुद्रा व्यवस्था िें व्याख्या:
चला गया मजसे 'दोहरी मवमनिय दर' के रूप कथन 1 सही है : बाहरी क्षेत्र का चालू खािा,
N

िें जाना जािा है । रुपये के वलए दो विवनमय सरकार की ओर से केंद्रीय बैंमकंग मनकाय
.O

दरें हैं , एक 'आवधकाररक दर' और दू सरी द्वारा बनाए रखा जािा है , मजसिें मनयाति,
'बाजार दर'। यह ध्यान वदया जाना चावहए वक आयाि, ब्याज भुगिान, मनजी प्रेषण और
L

यह रुपये की हर वदन बदलती बाजार-आधाररत हस्तांिरण जैसे मवमभन्न लेनदे न िामिल होिे
विवनमय दर है जो आवधकाररक विवनमय दर को हैं । ये लेनदे न या तो अोंतिािह या बवहप्रििाह
IA

प्रभावित करती है , न वक इसके विपरीत। (क्रेवडि या डे वबि) के रूप में दजि वकए जाते हैं ,
हालाँ वक, आरबीआई रुपये या विदे शी मुिाओों और पररणामी शेर् िर्ि के अोंत में सकारात्मक
R

की माों ग और आपूवति के माध्यम से विदे शी मुिा (अवधशेर्) या नकारात्मक (घािा) हो सकता है ।


E

बाजार में हस्तक्षेप कर सकता है । आज तक


वकसी भी अथिव्यिस्था ने आदशि फ्री-फ्लोविों ग कथन 2 गलि है : भारि का लगािार िीन
T

विवनमय दर का पालन नहीों वकया है वषों (2000-03) िक अमििेष चालू खािा


A

था, घािा नहीों। यह अिवध भारतीय आवथिक


M

इवतहास में अवद्वतीय थी क्ोोंवक दे श ने अपने


C
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चालू खाते में सकारात्मक सोंतुलन का अनुभि 13. उन्नत रसायन विज्ञान सेल (एसीसी)
वकया। बैिरी
कथन 3 गलि है : चालू खाता घािा या तो घािे 14. डर ोन और डर ोन के पुजे।
की कुल मौविक रावश को सोंख्यात्मक रूप से
या सोंबोंवधत िर्ि के वलए अथि व्यिस्था के सकल 98. उत्तर: B
घरे लू उत्पाद के प्रवतशत के रूप में दशाि या जाता व्याख्या:
है । दोनोों डे िा का उपयोग विवशष्ट आिश्यकता अोंतराि ष्टरीय मैक्रोइकॉनॉवमर्क् में पूोंजी खाता,
के अनुसार विश्लेर्ण में वकया जाता है । अप्रैल भुगतान सोंतुलन का वहस्सा है जो एक दे श में
2014 की आरबीआई मवज्ञक्तप्त के अनुसार, सोंस्थाओों के साथ बाकी दु वनया में सोंस्थाओों के
भारि के मलए चालू खािा घािे का स्थायी बीच वकए गए सभी लेनदे न को ररकॉडि करता
स्तर सकल घरे लू उत्पाद का 2.5 प्रमििि है । है । इन लेनदे न में िस्तुओ,ों सेिाओों, पूोंजी के
आयात और वनयाि त और विदे शी सहायता और
97. उत्तर : D प्रेर्ण जैसे हस्ताों तरण भुगतान शावमल हैं।
व्याख्या: कथन 1 गलि है : पूोंजी खाता व्यापार और
पीएलआई योजनाओों का उद्दे श्य प्रमुख क्षेिोों सेिाओों के सोंतुलन को ररकॉडि नहीों करता है ।
और अत्याधुवनक प्रौद्योवगकी में वनिेश आकवर्ित चालू खाता व्यापार और सेिाओों के सोंतुलन को
करना है ; दक्षता सुवनवित करना और विवनमािण दशाि ता है ।
क्षेि में आकार और पैमाने की अथिव्यिस्था लाना कथन 2 सही है : पूोंजी के रूप में मानी जाने
और भारतीय कोंपवनयोों और वनमाि ताओों को विि िाली विदे शी मुिा में प्रत्येक लेनदे न (अोंतिाि ह या
स्तर पर प्रवतस्पधी बनाना। बवहिाि ह) को इस खाते में वदखाया गया है -
पीएलआई योजना से दे श के एमएसएमई बाहरी उधार और उधार, बैंकोों की विदे शी मुिा
पाररक्तस्थवतकी तोंि पर व्यापक प्रभाि पडने की जमा, भारत सरकार द्वारा जारी वकए गए बाहरी
उम्मीद है । प्रत्येक क्षेि में बनाई जाने िाली एों कर बाों ड, विदे शी प्रत्यक्ष वनिेश (एफडीआई),
इकाइयाँ सोंपूणि मूल्य श्रृोंखला में एक नया पोिि फोवलयो वनिेश योजना (पीआईएस) और
आपूवतिकताि /विक्रेता आधार स्थावपत करने की योग्य विदे शी वनिेशकोों (क्ूएफआई) का
सोंभािना है। इनमें से अवधकाों श सहायक प्रवतभूवत बाजार वनिेश।
इकाइयोों का वनमाि ण एमएसएमई क्षेि में होने की

E
उम्मीद है । 99. उत्तर: C

IN
मजन 14 क्षेत्रों के मलए पीएलआई योजनाओं व्याख्या:
को िंजूरी दी गई है वे हैं : कथन 1 सही है : भारि सरकार के नागर L
1. मोबाइल विवनमाि ण और वनवदि ष्ट मविानन िंत्रालय के िहि कायतरि रे लवे
इलेक्टरॉवनक घिक सुरक्षा आयोग रे ल यात्रा और िर े न संचालन
N

2. महत्वपूणि प्रारों वभक सामग्री/और्वध की सुरक्षा से संबंमिि िािलों से संबंमिि है ।


.O

मध्यस्थ और सवक्रय फामाि स्युविकल रे लिे के कामकाज और सोंचालन में सुरक्षा की


सामग्री वजम्मेदारी पूरी तरह से रे लिे बोडि और क्षेिीय
L

3. वचवकत्सा उपकरणोों का विवनमाि ण रे लिे अवधकाररयोों की है । रे लिे सुरक्षा आयोग


4. ऑिोमोबाइल और ऑिो घिक का मुख्य कायि रे लिे अवधकाररयोों को वनदे श
IA

5. फामाि स्यूविकल्स और्वधयाँ दे ना, सलाह दे ना और सािधान करना है तावक


6. विशेर् इस्पात यह सुवनवित वकया जा सके वक सभी उवचत
R

7. दू रसोंचार एिों नेििवकिंग उत्पाद सािधावनयाों बरती जाएों ।


E

8. इलेक्टरॉवनक/प्रौद्योवगकी उत्पाद कथन 2 सही है : आयुक्त पर रे लिे अवधवनयम


9. बडे सामान (एसी और एलईडी) (1989) में वनधाि ररत कुछ िैधावनक कायों और
T

10. खाद्य उत्पाद कतिव्योों का आरोप लगाया गया है , जो


A

11. कपडा उत्पाद: एमएमएफ खोंड और वनरीक्षणात्मक, जाों च और सलाहकार प्रकृवत के


M

तकनीकी कपडा हैं ।


12. उच्च दक्षता िाले सौर पीिी मॉड्यूल
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● यह वनधाि ररत करने की दृवष्ट से नए विदे शी मुिा दे श के विदे शी मुिा भोंडार से


रे लिे का वनरीक्षण करना वक क्ा िे वनकाल ली जाती है ।
यावियोों की साििजवनक ढु लाई के वलए कथन 4 सही है : यमद मवदे िी िुद्रा भंडार
खोले जाने के वलए उपयुक्त हैं और इस बीओपी द्वारा बनाई गई नकारात्मकिा
अवधवनयम के तहत या इसके तहत को पूरा करने िें सक्षि नही ं है , िो इसे
अपेवक्षत केंि सरकार को ररपोिि बीओपी संकि के रूप िें जाना जािा है ,
करना; और अथिव्यिस्था उस सोंकि को हल करने
● वकसी भी रे लिे या उस पर उपयोग के वलए विवभन्न तरीकोों की कोवशश करती
वकए जाने िाले वकसी भी रोवलोंग स्ट्ॉक है वजसमें आईएमएफ से विदे शी मुिा
का ऐसा आिवधक या अन्य वनरीक्षण सहायता लेना सबसे महत्वपूणि अक्तखरी
करना जैसा वक केंि सरकार वनदे श दे ; सहारा है ।
● इस अवधवनयम के तहत रे लिे पर
वकसी भी दु घििना के कारण की जाों च
करना;
● ऐसे अन्य कतिव्योों का पालन करना जो
इस अवधवनयम या रे लिे से सोंबोंवधत
तत्समय लागू वकसी अन्य अवधवनयम
द्वारा उस पर लगाए गए हैं

100. उत्तर: C
व्याख्या:
कथन 1 सही है : भुगिान संिुलन
(बीओपी) वास्तव िें उस सिग्र लेनदे न
का प्रमिमनमित्व करिा है जो एक
अथतव्यवस्था बाहरी दु मनया के साथ
करिी है , मजसिें चालू और पूंजी दोनों
खािे िामिल हैं । यह अथत व्यवस्था के

E
मलए अनुकूल या प्रमिकूल हो सकिा है ।

IN
कथन 2 गलि है : बीओपी की
ऋणात्मकिा का अथत यह नही ं है मक यह L
प्रमिकूल है । एक ऋणात्मकिा बीओपी
वकसी अथिव्यिस्था के वलए प्रवतकूल है यवद
N

अथिव्यिस्था में ऋणात्मकिा के अोंतर को


.O

भरने के वलए साधनोों का अभाि है ।


कथन 3 सही है : मकसी अथतव्यवस्था के
L

बीओपी की गणना अकाउं िेंसी (डबल-


एं िर ी बहीखािा) के मसद्धां िों पर की
IA

जािी है और यह वकसी कोंपनी की बैलेंस


शीि की तरह वदखती है - प्रत्येक प्रविवष्ट को
R

या तो क्रेवडि (इनफ्लो) या डे वबि


E

(आउिफ्लो) के रूप में वदखाया जाता है ।


यवद िर्ि के अोंत में कोई सकारात्मक
T

पररणाम आता है , तो धन स्वचावलत रूप से


A

अथिव्यिस्था के विदे शी मुिा भोंडार में


M

स्थानाों तररत हो जाता है । और यवद कोई


नकारात्मक पररणाम आता है तो िही
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