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HindiA-PQ2-2
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सामा य नदश :
लोकमन अपनी ृितयों म अतीत के इितहास को सुरि त रखता है । जब वह अपनी ृितयों की अिभ कथाओं
और गीतों के मा म से करता है तो वह सा के प म आने वाली पीिढ़यों तक सु रि त रहती ह। लोक गायक सीधी-सरल
िति याओं एवं अिभ ं जना को स ता और िश ता के कृि म आवरण से ढँ के िबना उसकी सहज अिभ करता है
इसिलए उसम आडं बर नही,ं स ता का अंश िदखाई दे ता है । लोकभाषाओं म रचे लोकगीतों के अ यन से भारतीय
त ता-सं ाम के िविभ संगों के ब आयामी प ों को नए सं दभ म िव ेिषत करके अ ात और अनसु लझे रह
सुलझाए जा सकते ह। लोक-सािह या लोक-गीत यु ग की धड़कनों के साथ- साथ, त ालीन मानवीय सं घष और वेदनाओं
को जानने के बे हतर मा म हो सकते ह ोंिक लोक- गीतों के रचियता िकसी सामािजक-राजनीितक चेतना या सं गठनों से
जुड़े न होकर, मानव मा की वे दना की सीधी अिभ करते ह।
यही वजह है िक ाधीनता सं ाम के दौरान ‘आ ा’ अपने असाधारण भाव के कारण लोक के बीच थान बना पाए। आ ा
लोक की जीवनी श और ऊजा का महाका है । य िप आ ा की मू ल गायकी बनाफरी बुंदेली म है ले िकन बुं देलों म
उसकी कई वणन शै िलयाँ ह। यही नही ं बै सवाड़ी, क ौजी, अवधी, भोजपुरी, बघेली, जी, कौरवी आिद लोक भाषाओं म भी
अलग-अलग वणन शैिलयों की ं खला है िजनम उस जनपद की भाषाएँ , मु हावरे और िमजाज व लोक सं ृ ित और लोक
चेतना इतनी घु लिमल गई है िक वह उस लोक की अपनी कथा बन गई है । यह परं परा लोक किव जगिनक के आ ा गायन
से ार ई।
{ ोत : लोकगीतों म दज है अनाम यो ाओं के बिलदान की कथाएँ , पि का:सबलोग (मई - 2021) ले खका : िवभा ठाकुर}
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B. आने वाली पीिढ़यों तक सु रि त रहते ह।
C. स ता और िश ता के कृि म आवरण से ढँ के िबना सहज अिभ करते ह।
D. भारतीय त ता-सं ाम के िविभ सं गों के ब आयामी प ों का िव ेषण करते ह।
3. भारतीय लोकगीतों म आ ा गायन परं परा किव जगिनक से पूव से िव मान है।
A. 1 और 2 सही ह।
B. 2 और 3 सही ह।
C. 3 और 4 सही ह।
D. 1 और 4 सही ह।
कथन (A) : लोकगीत अतीत म मानव मा के संघष और वेदनाओं को जानने के बे हतर मा म हो सकते ह।
कारण (R) : लोकगीतों के रचियता िकसी सामािजक-राजनीितक चेतना या संगठनों से नहीं जु ड़े होते ह।
A. कथन (A) गलत है , िकंतु कारण (R) सही है ।
D. कथन (A) सही है , िकंतु कारण (R) कथन (A) की सही ा ा नही ं है।
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न 2. न न ल खत का यांश पर आधा रत बहु वक पीय /व तुपरक न के उ र
सवा धक उपयु त वक प चुनकर ल खए। (1×5=5)
उड़ चल हा रल लये हाथ म
यह अकेला ओछा तनका
उषा जाग उठ ाची म
कैसी बाट, भरोसा कन का!
काँप न य य प दस दशा म
तुझे शू य नभ घेर रहा है
क न य य प उपहास जगत का
तुझको पथ से हे र रहा है !
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एक अकेला पावन तनका!
ोत: क वता कोश (अ ेय)
A. र ा मक B. सज
ृ ना मक C. संहारक D. उपकारक
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D. तनका तेरे हाथ म है / अमर एक रचना का साधन
तनका तेरे पंजे म है / वधना के ाण का पंदन!
क. म भी यव
ु ा थी और शीला अ वाल क जोशील बात ने रग म बहते खन
ू को
लावे म बदल दया था। म वा य म बद लए:
A. म यव
ु ा थी और शीला अ वाल क जोशील बात ने रग म बहते खन
ू को
लावे म बदल दया था।
B. युवाव था म शीला अ वाल क जोशील बात ने मेर रग म बहते खून को
लावे म बदल दया था।
C. शीला अ वाल क बात जोशील थीं अतः उसने युवाव था म मेर रग म
बहते खन
ू को लावे म बदल दया था।
D. म जब युवा थी तब शीला अ वाल क जोशील बात ने रग म बहते खून
को लावे म बदल दया था।
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ख. 'एक च मेवाला है िजसका नाम कै टन है ।' सरल वा य म बद लए।
A. च मेवाले का नाम कै टन है ।
B. एक च मे वाला है और उसका नाम कै टन है ।
C. जो च मा वाला है उसका नाम कै टन है ।
D. िजसका नाम कै टन है वह च मेवाला है ।
ग. ‘हड़ताल तो हुई परं तु उसका कोई नतीजा नह ं नकला।‘____________का
उदाहरण है :
A. संयु त वा य
B. म वा य
C. सरल वा य
D. सं ा वा य
घ. न न ल खत वा य म म वा य पहचानकर नीचे दए गए वक प म से
सवा धक सह वक प चु नए।
1. जो यि त प र म करता है वह सफल होता है ।
2. म कल बाजार जाऊँगा और कोट खर दँ ग
ू ा ।
3. जैसे ह पदा उठा लोग मं मु ध हो गए।
4. गंगटोक मेहनतकश बादशाह का शहर कहा जाता है ।
A. 1 और 2 सह है ।
B. 2 और 3 सह है ।
C. 1 और 3 सह है ।
D. 2 और 4 सह है ।
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B. 1-(iii) , 2-(i) , 3-(ii)
C. 1-(i) , 2 -(iii), 3-(ii)
D. 1-(ii), 2 -(i) , 3-( iii)
न 4. नदशानस
ु ार ‘वा य’ पर आधा रत पाँच बहु वक पीय न म से क ह ं चार के उ र
द िजए।
(1×4 =4)
क. नवाब साहब ने संग त के लए उ साह नह ं दखाया। (कम वा य म बद लए)
A. नवाब साहब वारा संग त के लए उ साह नह ं दखाया गया।
B. नवाब साहब संग त के लए उ सा हत नह ं थे।
C. य क नवाब साहब संग त नह ं करना चाहते थे, अतः उ ह ने उ साह नह ं
दखाया।
D. नवाब साहब वारा संग त के लए उ साह दखाया जाता है ।
ख. महा मा गांधी ने व व को शां त का संदेश दया। उपयु त वा य म वा य है —
A. कम वा य
B. भाव वा य
C. कत ृ वा य
D. कत ृ और कम वा य दोन
ग. 'हम इस खल
ु े मैदान म दौड़ सकते ह।' उपयु त वा य को भाव वा य म बद लए।
A. हम दौड़ सकते ह इस खुले मैदान म।
B. हम इस खल
ु े मैदान म दौड़ सकगे।
C. हमसे इस खुले मैदान म दौड़ा जाएगा।
D. हमसे इस खुले मैदान म दौड़ा जा सकता है ।
घ. न न ल खत वा य म कम वा य का उदाहरण है :
1. मने एक घायल यि त को अ पताल पहुँचाया।
2. अर वंद वारा वण पदक जीता गया।
3. वासी प य वारा उड़ा जाता है ।
4. नेताजी वारा दे श के लए अपना सबकुछ याग दया गया।
A. 1 और 2 सह है ।
B. 2 और 3 सह है ।
C. 1 और 4 सह है ।
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D. 2 और 4 सह है ।
ङ. सूची 1 को सूची 2 से सुमे लत क िजए और सह वक प का चयन क िजए ?
सच
ू ी 1 सच
ू ी 2
1. फूल से सग
ु ंध आती है । I. भाव वा य
2. दादा जी त दन योग करते ह। II. कत ृ वा य
3. प थक को अव य जाना होगा। III. कम वा य
वक प
A. 1. i , 2. ii , 3. iii
B. 1.ii , 2. iii , 3. i
C. 1. i , 2. iii, 3.ii
D. 1. ii, 2. i , 3. Iii
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घ. ‘हम आज भी दे श पर ाण यौछावर करने हेतु तैयार रहते ह।'--रे खां कत पद का
प रचय है -
A. पु षवाचक सवनाम, म यम पु ष, एकवचन, ी लंग, कमकारक
B. पु षवाचक सवनाम, अ य पु ष, बहुवचन, पुि लग, कताकारक
C. पु षवाचक सवनाम, उ म पु ष, बहुवचन, पिु लग, कताकारक
D. पु षवाचक सवनाम, उ म पु ष, एकवचन, ी लंग, कताकारक
ङ. ‘चंचल ब च को दे खकर मन खश
ु हो गया।'-- रे खां कत पद का प रचय है -
A. सं यावाचक वशेषण, बहुवचन, पिु लंग, ब चे ( वशे य) का वशेषण
B. गण
ु वाचक वशेषण, बहुवचन, पिु लंग, ब चे ( वशे य) का वशेषण
C. प रमाणवाचक वशेषण, एकवचन, पिु लंग, ब चे ( वशे य) का वशेषण
D. गण
ु वाचक वशेषण, बहुवचन, ी लंग, ब चे ( वशे य) का वशेषण
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D. जो रह म ग त द प क , कुल कपूत ग त सोय / बारे उिजयारे करै , बढ़े अँधेरो
होय॥— लेष अलंकार
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महसूस होता है क अपनी िजदगी
़ खुद जीने के इस आधु नक दबाव ने महानगर के लैट म
रहने वाल को हमारे इस परं परागत ‘पड़ोस-क चर’ से वि छ न करके हम कतना संकु चत,
असहाय और असुर त बना दया है । मेर कम-से-कम एक दजन आरं भक कहा नय के पा
इसी मोह ले के ह जहाँ मने अपनी कशोराव था गुज़ार अपनी युवाव था का आरं भ कया था।
क. ले खका और उसक बहन सश
ु ीला का बचपन अपने भाइय से कैसे अलग था?
A. वे लंगड़ी-टांग, सतो लया आ द खेलतीं जब क उनके भाई ग ल -डंडा, पतंग
आ द।
B. वे घर के काम-काज करती थी और उ ह खेल खेलने क अनम
ु त नह ं थी।
C. उ ह खेलने के लए घर से बाहर जाने क अनम
ु त नह ं थी।
D. उनके और उनके भाइय के बचपन म कोई अंतर नह ं था।
ख. उपयु त ग यांश म ले खका कस ज़माने (समय) क तरफ संकेत कर रह है ?
A. 1960 के बाद के दशक क
B. वतमान समय क
C. आज़ाद (1947) के ठ क पूव के दशक क
D. आज़ाद (1947) के प चात ् के दशक क
ग. परं परागत पड़ोस क चर क या वशेषताएँ थीं?
A. लोग ढ़वाद और अंध व वासी थे।
B. मोह ले भर को घर-प रवार जैसा ह समझा जाता था।
C. लोग म यि तगत वतं ता क बल चाह थी।
D. लोग के घर क द वार एक दस
ू रे से सट रहती थीं।
घ. आधु नक महानगर के लैट म रहने वाल का जीवन ____________हो गया है ।
A. सुखी और सम ृ ध
B. असहाय और असुर त
C. अशांत और द ू षत
D. मै ीपूण और वक सत
ङ. ले खका क आरं भक कहा नय के अ धकतर पा का संबंध उनके मोह ले से है ।
य क-
A. कशोर मन पर उनक गहर छाप थी।
B. मोह ले के लोग बहुत य थे।
C. अ य लोग के वषय म सी मत जानकार थी।
D. मोह ले के लोग एक प रवार क तरह रहते थे।
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न 8. ‘ तज’ के ग य पाठ के आधार न न ल खत दो बहु वक पीय न के सवा धक
उपयु त वक प चुनकर ल खए-
(1×2=2)
क. हालदार साहब ने ‘सोचा, आज वहाँ कगे नह ं, पान भी नह ं खाएँगे, मू त क तरफ
दे खगे भी नह ं, सीधे नकाल जाएंगे।’ य क वे -
A. नेताजी क मू त पर च मा न होने के कारण नाराज थे।
B. पानवाले के हसोड़ यवहार से ऊब गए थे।
C. कै टन जैसे भले यि त क मृ यु से दख
ु ी थे।
D. दे शभ त के उपहास से आहत थे।
ख. बि म ला खाँ साहब के संदभ म न न ल खत म से कौन-सा वक प सह नह ं है ?
A. वे काशी, बाबा व वनाथ और गंगा मइया के त अपार आ था रखते थे।
B. वे पाँच य त के नमाज़ी और मह
ु रम म नौहा बजाने वाले स चे मस
ु लमान
थे।
C. वे खुदा से स ध और शोहरत क कामना करते थे।
D. वे खुदा से रयाज़ और कला म स चे सुर क कामना करते थे।
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क. 'आवाज़ से राख जैसा कुछ गरता हुआ' से क व का आशय है जब आवाज़
A. म उ साह और खनक आने लगती है
B. लड़खड़ाने और मंद पड़ने लगती है ।
C. नकलना अव ध हो जाता है ।
D. ु और ती तर हो जाती है ।
त
ख. न न ल खत पंि तय म से कस पंि त से गायक के हतो सा हत होने का पता
चलता है :
A. वर को ऊँचा न उठाने क जो को शश है
B. तारस तक म जब बैठने लगता है उसका गला
C. कह ं से चला आता है संगतकार का वर
D. यह क फर से गाया जा सकता है
ग. न न ल खत कथन म से कौन सा/से संगतकार के वषय म सह नह ं है ?
A. उ साहह न मु य गायक को ढाढ़स बँधाता है ।
B. कभी-कभी यूँ ह मु य गायक का साथ दे दे ता है ।
C. उसक आवाज म कभी कोई हचक नह ं सुनाई दे ती है ।
D. वह कभी मु य गायक को अकेला नह ं होने दे ता है ।
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न 10. पा यपु तक म नधा रत क वताओं के आधार पर न न ल खत दो न के सवा धक
उपयु त वक प चुनकर ल खए —
(1×2=2)
क. न न ल खत म से कस पद म गो पय क यं य वद धता के दशन नह ं होते ह?
A. उ धव, तुम हो अ त बड़भागी।
B. मन म बचन नंद-नंदन उर, यह ढ़ क र पकर ।
C. सु तौ या ध हमक लै आए, दे खी सन
ु ी न कर ।
D. इक अ त चतरु हुते प हल ह , अब गु ंथ पढ़ाए।
खंड-ब (वणना मक न)
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(2×3=6)
क. फा गुन म कृ त म होने वाले बदलाव मानव जीवन पर या भाव डालते ह?
ख. क व जयशंकर साद ने अपनी आ मकथा के लए 'भोल ' वशेषण का योग य
कया है ?
ग. क व नागाजन
ु फसल को कन त व का प रणाम मानते ह?
घ. ल मण ने वीर यो धा क या- या वशेषताएँ बताई ह?
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न 15. कसी एक वषय पर लगभग 100 श द म प ल खए:
(5×1=5)
आपक म कृ तका ने रा य तर पर भाला फक तयो गता म थम थान ा त
कया है । अब वह अंतरा य तर पर दे श का त न ध व करने जा रह है । अपने म को
उसक सफल-सुखद या ा हे तु मंगलकामना य त करते हुए लगभग 100 श द म प ल खए।
अथवा
कसी स ध समाचार प के संपादक को 100 श द म प ल खए िजसम बढ़ती ै फक
द ु यव था के बारे म जनता और शासन को उनके दा य व का नवाह करने के लए े रत
कया गया हो।
न 16. कसी स ध समाचार प के कायालय म प कार पद के लए आवेदन करने हे तु
80 श द म अपना वव ृ लेख तत
ु क िजए।
(5×1=5)
अथवा
बक ऑफ बड़ौदा क थानीय शाखा म लॉकर क सु वधा ा त करने हे तु शाखा बंधक को
एक ईमेल 80 श द म भेिजए।
न 17. आप ' वहग' नामक वयंसेवी सं था के सद य ह। आपक सं था आपके मोह ले म
एक व ृ ारोपण काय म चलाने जा रह है । लोग को जाग क करते हुए और काय म म
आमं त करते हुए 40 श द म एक व ापन ल खए।
(4×1=4)
अथवा
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