HindiA-PQ2-2

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तदश न प (2023-24)

क ा 10वीं हंद -अ (कोड 002)


नधा रत समय: 3 घंटे
पूणाक: 80

सामा य नदश :

1. इस नप म दो खंड ह- खंड 'क' और ‘ख’। खंड क म व तप


ु रक / बहु वक पीय और
खंड-ख म व तु न ठ वणना मक न दए गए ह।
2. नप के दोन खंड म न क सं या 17 है और सभी न अ नवाय ह।
3. यथासंभव सभी न के उ र मानस
ु ार ल खए।
4. खंड 'क' म कुल 10 न ह, िजनम उप न क सं या 44 ह। दए गए नदश का
पालन करते हुए 40 उप न के उ र दे ना अ नवाय है ।
5. खंड 'ख' म कुल 7 न ह, सभी न के साथ उनके वक प भी दए गए ह।
नदशानुसार वक प का यान रखते हुए सभी न के उ र द िजए।

खंड-अ (बहु वक पीय /व तुपरक न)


1. िन िल खत ग ां श पर आधा रत ब िवक ीय /व ु परक ों के उ र सवािधक उपयु िवक चुनकर
िल खए। (1×5=5)

लोकमन अपनी ृितयों म अतीत के इितहास को सुरि त रखता है । जब वह अपनी ृितयों की अिभ कथाओं
और गीतों के मा म से करता है तो वह सा के प म आने वाली पीिढ़यों तक सु रि त रहती ह। लोक गायक सीधी-सरल
िति याओं एवं अिभ ं जना को स ता और िश ता के कृि म आवरण से ढँ के िबना उसकी सहज अिभ करता है
इसिलए उसम आडं बर नही,ं स ता का अंश िदखाई दे ता है । लोकभाषाओं म रचे लोकगीतों के अ यन से भारतीय
त ता-सं ाम के िविभ संगों के ब आयामी प ों को नए सं दभ म िव ेिषत करके अ ात और अनसु लझे रह
सुलझाए जा सकते ह। लोक-सािह या लोक-गीत यु ग की धड़कनों के साथ- साथ, त ालीन मानवीय सं घष और वेदनाओं
को जानने के बे हतर मा म हो सकते ह ोंिक लोक- गीतों के रचियता िकसी सामािजक-राजनीितक चेतना या सं गठनों से
जुड़े न होकर, मानव मा की वे दना की सीधी अिभ करते ह।

यही वजह है िक ाधीनता सं ाम के दौरान ‘आ ा’ अपने असाधारण भाव के कारण लोक के बीच थान बना पाए। आ ा
लोक की जीवनी श और ऊजा का महाका है । य िप आ ा की मू ल गायकी बनाफरी बुंदेली म है ले िकन बुं देलों म
उसकी कई वणन शै िलयाँ ह। यही नही ं बै सवाड़ी, क ौजी, अवधी, भोजपुरी, बघेली, जी, कौरवी आिद लोक भाषाओं म भी
अलग-अलग वणन शैिलयों की ं खला है िजनम उस जनपद की भाषाएँ , मु हावरे और िमजाज व लोक सं ृ ित और लोक
चेतना इतनी घु लिमल गई है िक वह उस लोक की अपनी कथा बन गई है । यह परं परा लोक किव जगिनक के आ ा गायन
से ार ई।

{ ोत : लोकगीतों म दज है अनाम यो ाओं के बिलदान की कथाएँ , पि का:सबलोग (मई - 2021) ले खका : िवभा ठाकुर}

क. लोकगीतों म आडं बर नही ं, स ता का अंश िदखाई दे ता है, ोंिक वे:


A. ृितयों म अतीत के इितहास को सु रि त रखते ह।

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B. आने वाली पीिढ़यों तक सु रि त रहते ह।
C. स ता और िश ता के कृि म आवरण से ढँ के िबना सहज अिभ करते ह।
D. भारतीय त ता-सं ाम के िविभ सं गों के ब आयामी प ों का िव ेषण करते ह।

ख. लोकगीतों की कौन-सी खू बी उ आने वाली पीिढ़यों तक सुरि त रखती है :


A. स ता और िश ता के कृि म आवरण से ढके िबना सहज अिभ करना।
B. भारतीय त ता-सं ाम के ब आयामी प ों का िव ेषण करना।
C. लोक- ृितयों को कथाओं और गीतों के मा म से अिभ करना।
D. िविवध जनपदों की भाषा, मु हावरे -िमजाज, लोक सं ृ ित और लोक चेतना की मौजूदगी।

ग. तं ता सं घष के सं दभ म लोकगीतों की िवशेषता नही ं है :


A. ये िविवध संगों के ब आयामी प ों को नए सं दभ म िव ेिषत करते ह।
B. ये अतीत के अ ात और अनसु लझे रह सुलझाते ह।
C. त ालीन मानवीय सं घष और वेदनाओं को जानने के बे हतर मा म हो सकते ह।
D. लोक- गीतों के रचियता सामािजक-राजनीितक चेतना या सं गठनों से जुड़े होते ह।

घ. िन िल खत कथनों पर आ ा के संदभ म िवचार कीिजए:

1. िविवध जनपदों की लोक सं ृ ित और लोक चे तना के मेल से िविश प िवकिसत ।

2. आ ा की गायकी मू लतः बै सवाड़ी, क ौजी, अवधी, बघे ली आिद लोक भाषाओं म है ।

3. भारतीय लोकगीतों म आ ा गायन परं परा किव जगिनक से पूव से िव मान है।

4. बुं देलों म आ ा गायन की कई वणन शैिलयाँ िव मान ह।

A. 1 और 2 सही ह।

B. 2 और 3 सही ह।

C. 3 और 4 सही ह।

D. 1 और 4 सही ह।

ङ. कथन (A) और कारण. (R) को पढ़कर उपयु िवक चुिनए:

कथन (A) : लोकगीत अतीत म मानव मा के संघष और वेदनाओं को जानने के बे हतर मा म हो सकते ह।
कारण (R) : लोकगीतों के रचियता िकसी सामािजक-राजनीितक चेतना या संगठनों से नहीं जु ड़े होते ह।
A. कथन (A) गलत है , िकंतु कारण (R) सही है ।

B. कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत ह।

C. कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही ा ा है।

D. कथन (A) सही है , िकंतु कारण (R) कथन (A) की सही ा ा नही ं है।

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न 2. न न ल खत का यांश पर आधा रत बहु वक पीय /व तुपरक न के उ र
सवा धक उपयु त वक प चुनकर ल खए। (1×5=5)

उड़ चल हा रल लये हाथ म
यह अकेला ओछा तनका
उषा जाग उठ ाची म
कैसी बाट, भरोसा कन का!

शि त रहे तेरे हाथ म


छूट न जाय यह चाह सज
ृ न क
शि त रहे तेरे हाथ म
क न जाय यह ग त जीवन क !

ऊपर ऊपर ऊपर ऊपर


बढ़ा चीर चल द म डल
अनथक पंख क चोट से
नभ म एक मचा दे हलचल!

तनका तेरे हाथ म है


अमर एक रचना का साधन
तनका तेरे पंजे म है
वधना के ाण का पंदन!

काँप न य य प दस दशा म
तुझे शू य नभ घेर रहा है
क न य य प उपहास जगत का
तुझको पथ से हे र रहा है !

ऊषा जाग उठ ाची म


आवाहन यह नत
ू न दन का
उड़ चल हा रल लये हाथ म

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एक अकेला पावन तनका!
ोत: क वता कोश (अ ेय)

क. उपयु त का यांश क कन पंि तय म साधन क साधारणता के बावजूद संक प पर


व वास जताया गया है :

A. उड़ चल हा रल लये हाथ म / यह अकेला ओछा तनका


B. ऊपर ऊपर ऊपर ऊपर / बढ़ा चीर चल द म डल
C. तनका पथ क धूल वयं तू / है अनंत क पावन धूल
D. ऊषा जाग उठ ाची म / आवाहन यह नत
ू न दन का

ख. ‘ वधना के ाण का पंदन!’ से क व का आशय है - वधाता क …………………शि त


क झलक ।

A. र ा मक B. सज
ृ ना मक C. संहारक D. उपकारक

ग. कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयु त वक प चु नए:


कथन (A) : ऊपर ऊपर ऊपर ऊपर / बढ़ा चीर चल द म डल
कारण (R) : अनथक पंख क चोट से / नभ म एक मचा दे हलचल!
A. कथन (A) गलत है, कंतु कारण (R) सह है ।
B. कथन (A) और कारण (R) दोन ह गलत ह।
C. कथन (A) और (R) सह ह और कारण (R) कथन (A) क सह या या है ।
D. कथन (A) और (R) सह ह और कारण (R) कथन (A) क सह या या नह ं
है ।

घ. का यांश क कन पंि तय म भय और अपमान से मु त रहने क ेरणा द गयी है :


A. तनका पथ क धूल वयं तू / है अनंत क पावन धूल
क तु आज तूने नभ पथ म / ण म ब ध अमरता छू ल !
B. शि त रहे तेरे हाथ म / छूट न जाय यह चाह सज
ृ न क
शि त रहे तेरे हाथ म / क न जाय यह ग त जीवन क !
C. काँप न य य प दस दशा म / तुझे शू य नभ घेर रहा है
क न य य प उपहास जगत का / तुझको पथ से हे र रहा है !

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D. तनका तेरे हाथ म है / अमर एक रचना का साधन
तनका तेरे पंजे म है / वधना के ाण का पंदन!

ङ. का यांश से ा त हो रहे संदेश के आधार पर का यांश क पंि तय का मलान


क िजए और इसी आधार पर सह वक प चु नए:
i. आ म व वास का अ. उषा जाग उठ ाची म / आवाहन यह नत
ू न
संदेश दन का!
ii. नवजागरण का आ. अनथक पंख क चोट से / नभ म एक मचा
संदेश दे हलचल!
iii. कमठता का संदेश इ. उषा जाग उठ ाची म / कैसी बाट, भरोसा
कन का!

A. i-अ, ii-आ, iii-इ


B. i-आ, ii-अ, iii-इ
C. i-इ, ii-अ, iii-आ
D. i-अ, ii-इ, iii-आ

न 3. नदशानस ु ार रचना के आधार पर वा य भेद पर आधा रत पाँच बहु वक पीय न


म से क ह ं चार के उ र द िजए। (1×4 =4)

क. म भी यव
ु ा थी और शीला अ वाल क जोशील बात ने रग म बहते खन
ू को
लावे म बदल दया था। म वा य म बद लए:
A. म यव
ु ा थी और शीला अ वाल क जोशील बात ने रग म बहते खन
ू को
लावे म बदल दया था।
B. युवाव था म शीला अ वाल क जोशील बात ने मेर रग म बहते खून को
लावे म बदल दया था।
C. शीला अ वाल क बात जोशील थीं अतः उसने युवाव था म मेर रग म
बहते खन
ू को लावे म बदल दया था।
D. म जब युवा थी तब शीला अ वाल क जोशील बात ने रग म बहते खून
को लावे म बदल दया था।

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ख. 'एक च मेवाला है िजसका नाम कै टन है ।' सरल वा य म बद लए।
A. च मेवाले का नाम कै टन है ।
B. एक च मे वाला है और उसका नाम कै टन है ।
C. जो च मा वाला है उसका नाम कै टन है ।
D. िजसका नाम कै टन है वह च मेवाला है ।
ग. ‘हड़ताल तो हुई परं तु उसका कोई नतीजा नह ं नकला।‘____________का
उदाहरण है :
A. संयु त वा य
B. म वा य
C. सरल वा य
D. सं ा वा य

घ. न न ल खत वा य म म वा य पहचानकर नीचे दए गए वक प म से
सवा धक सह वक प चु नए।
1. जो यि त प र म करता है वह सफल होता है ।
2. म कल बाजार जाऊँगा और कोट खर दँ ग
ू ा ।
3. जैसे ह पदा उठा लोग मं मु ध हो गए।
4. गंगटोक मेहनतकश बादशाह का शहर कहा जाता है ।
A. 1 और 2 सह है ।
B. 2 और 3 सह है ।
C. 1 और 3 सह है ।
D. 2 और 4 सह है ।

ङ. सूची 1 को सूची 2 से सुमे लत क िजए और सह वक प का चयन क िजए ।


सूची 1 सूची 2
1.मज़दरू खब
ू मेहनत करता है परं तु उसे लाभ नह ं मलता है । i. म वा य
2.जो बना भेदभाव सभी के क याण हे तु जीवन उ सग कर दे ता ii. सरल वा य
है वह स चा नेता होता है ।
3. खाँ साहब ने शहनाई को हमेशा इबादत क तरह बजाया । iii. संयु त वा य

A. 1-( i) , 2- (ii) , 3-(iii)

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B. 1-(iii) , 2-(i) , 3-(ii)
C. 1-(i) , 2 -(iii), 3-(ii)
D. 1-(ii), 2 -(i) , 3-( iii)

न 4. नदशानस
ु ार ‘वा य’ पर आधा रत पाँच बहु वक पीय न म से क ह ं चार के उ र
द िजए।
(1×4 =4)
क. नवाब साहब ने संग त के लए उ साह नह ं दखाया। (कम वा य म बद लए)
A. नवाब साहब वारा संग त के लए उ साह नह ं दखाया गया।
B. नवाब साहब संग त के लए उ सा हत नह ं थे।
C. य क नवाब साहब संग त नह ं करना चाहते थे, अतः उ ह ने उ साह नह ं
दखाया।
D. नवाब साहब वारा संग त के लए उ साह दखाया जाता है ।
ख. महा मा गांधी ने व व को शां त का संदेश दया। उपयु त वा य म वा य है —
A. कम वा य
B. भाव वा य
C. कत ृ वा य
D. कत ृ और कम वा य दोन
ग. 'हम इस खल
ु े मैदान म दौड़ सकते ह।' उपयु त वा य को भाव वा य म बद लए।
A. हम दौड़ सकते ह इस खुले मैदान म।
B. हम इस खल
ु े मैदान म दौड़ सकगे।
C. हमसे इस खुले मैदान म दौड़ा जाएगा।
D. हमसे इस खुले मैदान म दौड़ा जा सकता है ।

घ. न न ल खत वा य म कम वा य का उदाहरण है :
1. मने एक घायल यि त को अ पताल पहुँचाया।
2. अर वंद वारा वण पदक जीता गया।
3. वासी प य वारा उड़ा जाता है ।
4. नेताजी वारा दे श के लए अपना सबकुछ याग दया गया।
A. 1 और 2 सह है ।
B. 2 और 3 सह है ।
C. 1 और 4 सह है ।

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D. 2 और 4 सह है ।
ङ. सूची 1 को सूची 2 से सुमे लत क िजए और सह वक प का चयन क िजए ?
सच
ू ी 1 सच
ू ी 2
1. फूल से सग
ु ंध आती है । I. भाव वा य
2. दादा जी त दन योग करते ह। II. कत ृ वा य
3. प थक को अव य जाना होगा। III. कम वा य
वक प
A. 1. i , 2. ii , 3. iii
B. 1.ii , 2. iii , 3. i
C. 1. i , 2. iii, 3.ii
D. 1. ii, 2. i , 3. Iii

न 5. नदशानुसार ‘पद प रचय’ पर आधा रत पाँच बहु वक पीय न म से क ह ं चार


के उ र द िजए।
(1×4 =4)
क. ‘भारतीय वै ा नक ने चं यान 3 का सफल ेपण कया।‘ --रे खां कत पद का प रचय
है -
A. जा तवाचक सं ा, बहुवचन, ी लंग, कता कारक
B. जा तवाचक सं ा, बहुवचन, पिु लंग, कम कारक
C. जा तवाचक सं ा, बहुवचन, पिु लंग, कता कारक
D. जा तवाचक सं ा, बहुवचन, ी लंग, कम कारक
ख. ‘रे खा न य दौड़ने जाती है ।‘--रे खां कत पद का प रचय है -
A. गण
ु वाचक वशेषण, एकवचन, पिु लंग, 'दौड़ने जाता है ' या क वशेषता
B. र तवाचक या वशेषण, एकवचन, पुि लंग, 'दौड़ने जाता है ' या क
वशेषता
C. अ यय, थानवाचक या वशेषण, 'दौड़ने जाती है ' या क वशेषता
D. अ यय, कालवाचक या वशेषण, 'दौड़ने जाती है ' या क वशेषता
ग. ‘अहा! बाग़ म कैसे मीठे फल लगे ह।‘--रे खां कत पद का प रचय है -
A. जा तवाचक सं ा, ी लंग, पुि लंग, एकवचन
B. जा तवाचक सं ा, पुि लंग, एकवचन, अ धकरण कारक
C. यि तवाचक सं ा, पुि लंग, एकवचन, अ धकरण कारक
D. भाववाचक सं ा, पुि लंग, एकवचन, करणकारक

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घ. ‘हम आज भी दे श पर ाण यौछावर करने हेतु तैयार रहते ह।'--रे खां कत पद का
प रचय है -
A. पु षवाचक सवनाम, म यम पु ष, एकवचन, ी लंग, कमकारक
B. पु षवाचक सवनाम, अ य पु ष, बहुवचन, पुि लग, कताकारक
C. पु षवाचक सवनाम, उ म पु ष, बहुवचन, पिु लग, कताकारक
D. पु षवाचक सवनाम, उ म पु ष, एकवचन, ी लंग, कताकारक
ङ. ‘चंचल ब च को दे खकर मन खश
ु हो गया।'-- रे खां कत पद का प रचय है -
A. सं यावाचक वशेषण, बहुवचन, पिु लंग, ब चे ( वशे य) का वशेषण
B. गण
ु वाचक वशेषण, बहुवचन, पिु लंग, ब चे ( वशे य) का वशेषण
C. प रमाणवाचक वशेषण, एकवचन, पिु लंग, ब चे ( वशे य) का वशेषण
D. गण
ु वाचक वशेषण, बहुवचन, ी लंग, ब चे ( वशे य) का वशेषण

न 6. नदशानुसार ‘अलंकार’ पर आधा रत पाँच बहु वक पीय न म से क ह ं चार के


उ र द िजए।
(1×4 =4)
क. ‘सूरदास अबला हम भोर , गुर चाँट य पागी ' म अलंकार है --
A. उ े ा अलंकार
B. लेष अलंकार
C. यमक अलंकार
D. अनु ास अलंकार
ख. ‘सुनकर या तुम भला करोगे मेर भोल आ म-कथा? रे खां कत म अलंकार है --
A. उ े ा अलंकार
B. लेष अलंकार
C. यमक अलंकार
D. मानवीकरण अलंकार
ग. न न ल खत म से कौन-सा वक प गलत सुमे लत है ?
A. सुनत जोग लागत है ऐसौ, य क ई ककर — उ े ा अलंकार
B. पानी परात को हाथ छुयो न हं, नैनन के जल स पग धोए। — अ तशयोि त
अलंकार
C. मनका मनका डार दे मन का मनका फेर — लेष अलंकार

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D. जो रह म ग त द प क , कुल कपूत ग त सोय / बारे उिजयारे करै , बढ़े अँधेरो
होय॥— लेष अलंकार

घ. ‘सूची 1 को संबं धत अलंकार से सुमे लत क िजए और सह वक प का चयन क िजए।


सच
ू ी 1 अलंकार
1. अभी समय भी नह ,ं थक सोई है मेर मौन यथा। i. अ तशयोि त
2. र हमन पानी रा खए, बन पानी सब सून। पानी गए न ii. मानवीकरण
ऊबरे , मोती मानुष चन
ू ।।
3. छुअत टूट रघुप तहु न दोसू। मु न बनु काज क रअ कत iii. लेष
रोसू।।
वक प
A. 1. i , 2. ii , 3. iii
B. 1.ii , 2. iii , 3. i
C. 1. i , 2. iii, 3.ii
D. 1. ii, 2. i , 3. Iii
ङ. जहाँ उपमेय म उपमान क संभावना या क पना कट क जाए, वहाँ ___________
अलंकार होता है ।
A. उ े ा
B. लेष
C. मानवीकरण
D. अ तशयोि त
न 7. न न ल खत प ठत ग यांश पर आधा रत बहु वक पीय न के सवा धक उपयु त
वक प चुनकर ल खए-
(1×5 =5)
अपने से दो साल बड़ी ब हन सुशीला और मने घर के बड़े से आँगन म बचपन के सारे
खेल खेले-सतो लया, लँ गड़ी-टाँग, पकड़म-पकड़ाई, काल -ट लो...तो कमर म गु डे-गु ड़य के
याह भी रचाए, पास-पड़ोस क सहे लय के साथ। य खेलने को हमने भाइय के साथ ग ल -
डंडा भी खेला और पतंग उड़ाने, काँच पीसकर माँजा सत
ू ने का काम भी कया, ले कन उनक
ग त व धय का दायरा घर के बाहर ह अ धक रहता था और हमार सीमा थी घर। हाँ, इतना
ज़ र था क उस ज़माने म घर क द वार घर तक ह समा त नह ं हो जाती थीं बि क पूरे
मोह ले तक फैल रहती थीं इस लए मोह ले के कसी भी घर म जाने पर कोई पाबंद नह ं
थी, बि क कुछ घर तो प रवार का ह सा ह थे। आज तो मुझे बड़ी श दत के साथ यह

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महसूस होता है क अपनी िजदगी
़ खुद जीने के इस आधु नक दबाव ने महानगर के लैट म
रहने वाल को हमारे इस परं परागत ‘पड़ोस-क चर’ से वि छ न करके हम कतना संकु चत,
असहाय और असुर त बना दया है । मेर कम-से-कम एक दजन आरं भक कहा नय के पा
इसी मोह ले के ह जहाँ मने अपनी कशोराव था गुज़ार अपनी युवाव था का आरं भ कया था।
क. ले खका और उसक बहन सश
ु ीला का बचपन अपने भाइय से कैसे अलग था?
A. वे लंगड़ी-टांग, सतो लया आ द खेलतीं जब क उनके भाई ग ल -डंडा, पतंग
आ द।
B. वे घर के काम-काज करती थी और उ ह खेल खेलने क अनम
ु त नह ं थी।
C. उ ह खेलने के लए घर से बाहर जाने क अनम
ु त नह ं थी।
D. उनके और उनके भाइय के बचपन म कोई अंतर नह ं था।
ख. उपयु त ग यांश म ले खका कस ज़माने (समय) क तरफ संकेत कर रह है ?
A. 1960 के बाद के दशक क
B. वतमान समय क
C. आज़ाद (1947) के ठ क पूव के दशक क
D. आज़ाद (1947) के प चात ् के दशक क
ग. परं परागत पड़ोस क चर क या वशेषताएँ थीं?
A. लोग ढ़वाद और अंध व वासी थे।
B. मोह ले भर को घर-प रवार जैसा ह समझा जाता था।
C. लोग म यि तगत वतं ता क बल चाह थी।
D. लोग के घर क द वार एक दस
ू रे से सट रहती थीं।
घ. आधु नक महानगर के लैट म रहने वाल का जीवन ____________हो गया है ।
A. सुखी और सम ृ ध
B. असहाय और असुर त
C. अशांत और द ू षत
D. मै ीपूण और वक सत
ङ. ले खका क आरं भक कहा नय के अ धकतर पा का संबंध उनके मोह ले से है ।
य क-
A. कशोर मन पर उनक गहर छाप थी।
B. मोह ले के लोग बहुत य थे।
C. अ य लोग के वषय म सी मत जानकार थी।
D. मोह ले के लोग एक प रवार क तरह रहते थे।

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न 8. ‘ तज’ के ग य पाठ के आधार न न ल खत दो बहु वक पीय न के सवा धक
उपयु त वक प चुनकर ल खए-
(1×2=2)
क. हालदार साहब ने ‘सोचा, आज वहाँ कगे नह ं, पान भी नह ं खाएँगे, मू त क तरफ
दे खगे भी नह ं, सीधे नकाल जाएंगे।’ य क वे -
A. नेताजी क मू त पर च मा न होने के कारण नाराज थे।
B. पानवाले के हसोड़ यवहार से ऊब गए थे।
C. कै टन जैसे भले यि त क मृ यु से दख
ु ी थे।
D. दे शभ त के उपहास से आहत थे।
ख. बि म ला खाँ साहब के संदभ म न न ल खत म से कौन-सा वक प सह नह ं है ?
A. वे काशी, बाबा व वनाथ और गंगा मइया के त अपार आ था रखते थे।
B. वे पाँच य त के नमाज़ी और मह
ु रम म नौहा बजाने वाले स चे मस
ु लमान
थे।
C. वे खुदा से स ध और शोहरत क कामना करते थे।
D. वे खुदा से रयाज़ और कला म स चे सुर क कामना करते थे।

न 9. न न ल खत प ठत प यांश पर आधा रत बहु वक पीय न के सवा धक उपयु त


वक प चुनकर ल खए—
(1×5 =5)
तारस तक म जब बैठने लगता है उसका गला
ेरणा साथ छोड़ती हुई उ साह अ त होता हुआ
आवाज़ से राख जैसा कुछ गरता हुआ
तभी मु य गायक को ढाँढ़स बँधाता
कह ं से चला आता है संगतकार का वर
कभी-कभी वह य ह दे दे ता है उसका साथ
यह बताने के लए क वह अकेला नह ं है
और यह क फर से गाया जा सकता है
गाया जा चुका राग
और उसक आवाज़ म जो एक हचक साफ़ सुनाई दे ती है
या अपने वर को ऊँचा न उठाने क जो को शश है
उसे वफलता नह ं
उसक मनु यता समझा जाना चा हए।

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क. 'आवाज़ से राख जैसा कुछ गरता हुआ' से क व का आशय है जब आवाज़
A. म उ साह और खनक आने लगती है
B. लड़खड़ाने और मंद पड़ने लगती है ।
C. नकलना अव ध हो जाता है ।
D. ु और ती तर हो जाती है ।

ख. न न ल खत पंि तय म से कस पंि त से गायक के हतो सा हत होने का पता
चलता है :
A. वर को ऊँचा न उठाने क जो को शश है
B. तारस तक म जब बैठने लगता है उसका गला
C. कह ं से चला आता है संगतकार का वर
D. यह क फर से गाया जा सकता है
ग. न न ल खत कथन म से कौन सा/से संगतकार के वषय म सह नह ं है ?
A. उ साहह न मु य गायक को ढाढ़स बँधाता है ।
B. कभी-कभी यूँ ह मु य गायक का साथ दे दे ता है ।
C. उसक आवाज म कभी कोई हचक नह ं सुनाई दे ती है ।
D. वह कभी मु य गायक को अकेला नह ं होने दे ता है ।

घ. कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयु त वक प चु नए:


कथन (A) : संगतकार क आवाज म हचक है और वह अपनी आवाज को ऊँचा नह ं
उठने दे ने क को शश करता है ।
कारण (R) : संगतकार का याग उसक मनु यता का प रचायक है ।
A. कथन (A) गलत है, कंतु कारण (R) सह है ।
B. कथन (A) और कारण (R) दोन ह गलत ह।
C. कथन (A) सह है और कारण (R) कथन (A) क सह या या है ।
D. कथन (A) सह है , कंतु कारण (R) कथन (A) क सह या या नह ं है ।

ङ. ‘संगतकार’ क वता का के य भाव है -


A. सहयो गय के त संवेदनशीलता
B. सफल और असफल लोग म अंतर
C. गायन कला क बार कयाँ
D. मु य गायक के मह व

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न 10. पा यपु तक म नधा रत क वताओं के आधार पर न न ल खत दो न के सवा धक
उपयु त वक प चुनकर ल खए —
(1×2=2)
क. न न ल खत म से कस पद म गो पय क यं य वद धता के दशन नह ं होते ह?
A. उ धव, तुम हो अ त बड़भागी।
B. मन म बचन नंद-नंदन उर, यह ढ़ क र पकर ।
C. सु तौ या ध हमक लै आए, दे खी सन
ु ी न कर ।
D. इक अ त चतरु हुते प हल ह , अब गु ंथ पढ़ाए।

ख. 'यह दं तु रत मु कान' क वता म क व ने वयं को ' वासी' और 'अ य' कहा है , य क


वह
A. एक लंबे अंतराल के बाद घर आया है ।
B. वदे श म थायी प से रहने लगा है ।
C. उसका उस घर से कोई संबंध नह ं है
D. शशु और उसक माँ से अप र चत है ।

खंड-ब (वणना मक न)

न 11. ग य पाठ के आधार पर न न ल खत 4 न म से क ह ं तीन न के उ र


लगभग 25-30 श द म ल खए:
(2×3=6)
क. ‘ बना वचार, घटना और पा के, लेखक क इ छा मा से कहानी बन सकती है ।‘
इस पंि त म न हत यं य प ट क िजए।
ख. या आपक ि ट म बालगो बन भगत का अपनी पतोहू से कया गया यवहार उ चत
था? य?
ग. 'स यता और सं कृ त' क सह समझ के वकास के लए या कया जाना चा हए?
कोई दो उपाय बताइए।
घ. नेताजी क मू त क आँख पर सरकंडे से बने च मे का होना आपके अनुसार कस बात
का प रचायक है ?

न 12. नधा रत क वताओं के आधार पर न न ल खत 4 न म से क ह ं तीन न


के उ र लगभग 25-30 श द म ल खए:

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(2×3=6)
क. फा गुन म कृ त म होने वाले बदलाव मानव जीवन पर या भाव डालते ह?
ख. क व जयशंकर साद ने अपनी आ मकथा के लए 'भोल ' वशेषण का योग य
कया है ?
ग. क व नागाजन
ु फसल को कन त व का प रणाम मानते ह?
घ. ल मण ने वीर यो धा क या- या वशेषताएँ बताई ह?

न 13. परू क पा यपु तक के पाठ पर आधा रत न न ल खत 3 न म से क ह ं दो के


उ र लगभग 50-60 श द म ल खए—
(4×2=8)
क. 'माता के अंचल' पाठ म भोलानाथ और उसके सा थय वारा मस
ू न तवार और खेत
म दाना चग
ु ती च ड़य के त कया गया यवहार कहाँ तक उ चत है ? तक स हत
अपने वचार य त क िजए।
ख. एक िज मेदार युवा नाग रक के प म अंत र व ान के त अपने सा थय को
ो सा हत करने म आपक भू मका या और य होनी चा हए? 'म य लखता हूँ'
पाठ के आलोक म प ट क िजए।
ग. 'कटाओ' पर कसी भी दक
ु ान का न होना उसके लए वरदान है ।' दे श के पयटन थल
क दद
ु शा के संदभ म 'साना-साना हाथ जो ड़' पाठ म आए इस व त य क समी ा
क िजए।

न 14. न न ल खत तीन वषय म से कसी एक वषय पर 120 श द म एक अनु छे द


ल खए —
(6×1=6)
क. भूमंडल य तापन ( लोबल वा मग) : कारण और नवारण
भू-मंडल य तापन का अथ, इससे होने वाले खतरे , इसके कारण, जलवायु पर भाव,
रोकथाम के उपाय
ख. योग और छा जीवन
योग का वा त वक अथ , छा जीवन म वा य और अनुशासन का मह व, योग
वा य और एका ता का उ म मा यम
ग. अंत र म भारत के बढ़ते कदम: चं यान-3
इसरो और उसका मह व, भारत क मुख अंत र प रयोजनाएँ जैसे-चं यान, मंगलयान
आ द, इन प रयोजनाओं से लाभ, वतमान चुनौ तयाँ, भ व य क काय-योजना

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न 15. कसी एक वषय पर लगभग 100 श द म प ल खए:
(5×1=5)
आपक म कृ तका ने रा य तर पर भाला फक तयो गता म थम थान ा त
कया है । अब वह अंतरा य तर पर दे श का त न ध व करने जा रह है । अपने म को
उसक सफल-सुखद या ा हे तु मंगलकामना य त करते हुए लगभग 100 श द म प ल खए।
अथवा
कसी स ध समाचार प के संपादक को 100 श द म प ल खए िजसम बढ़ती ै फक
द ु यव था के बारे म जनता और शासन को उनके दा य व का नवाह करने के लए े रत
कया गया हो।
न 16. कसी स ध समाचार प के कायालय म प कार पद के लए आवेदन करने हे तु
80 श द म अपना वव ृ लेख तत
ु क िजए।
(5×1=5)
अथवा
बक ऑफ बड़ौदा क थानीय शाखा म लॉकर क सु वधा ा त करने हे तु शाखा बंधक को
एक ईमेल 80 श द म भेिजए।
न 17. आप ' वहग' नामक वयंसेवी सं था के सद य ह। आपक सं था आपके मोह ले म
एक व ृ ारोपण काय म चलाने जा रह है । लोग को जाग क करते हुए और काय म म
आमं त करते हुए 40 श द म एक व ापन ल खए।
(4×1=4)
अथवा

आप ऋषभ / ऋ षका ह। आपके बड़े भाई प कार ह। उ ह ने हाल ह म नई द ल म हुए


जी- 20 समारोह क बहुत अ छ रपो टग क । उ ह उनक इस सफलता के लए लगभग 40
श द म बधाई संदेश ल खए।

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