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21vi Sadi Ka Lok Vyavahar You Can Hindi LifeFeeling
21vi Sadi Ka Lok Vyavahar You Can Hindi LifeFeeling
21vi Sadi Ka Lok Vyavahar You Can Hindi LifeFeeling
लोक वहार
Why not use Allan Pease as guest speaker for your next
conference or seminar?
PEASE INTERNATIONAL PTY LTD
PO Box 1260, Buderim 4556, Queensland, AUSTRALIA
Tel: +61 7 5445 5600
Email: info@peaseinternational.com
Website: www.peaseinternational.com
Allan and Barbara Pease are the most successful relationship authors in
the business. They have written a total of 15 bestsellers - including 9 number
ones- and give serminars in up to 30 countries each year. Their books are
available inover 100 countries, are translated into 51 languages and have sold
over 25 million copies. They appear regularly in the media worldwide and
their work has been the subject of 9 television series, a stage play and a
number one box office movie which attracted a combined audience of over
100 million.
Their company, Pease international Ltd, produces videos, training courses
and seminars for business and governments worldwide. Their monthly
relationship column was read by over 20 million people in 25 countries. They
have 6 children and 5 grandkids and are based in Australia and the UK.
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Communication Skills - Managing the Differences Between Men & Woman
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Why He’s So Last Minute & She’s Got It All Wrapped Up
Why Men Can Only Do One Thing At A Time & Women Never Stop
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How Compatible Are You? Your Relationship Quiz Book
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Get it Write
इ सव सदी का
लोक वहार
The right of Allan and Barbara Pease to be identified as the authors of this work has been asserted by
them in accordance with the Copyright, Designs and Patents Act 1998.
ISBN 978-81-8322-077-4
All rights reserved. No part of this publication may be reproduced, stored in or introduced into a
retrieval system, or transmitted, in any form, or by any means (electronic, mechanical, photocopying,
recording or otherwise) without the prior written permission of the publisher. Any person who does any
unauthorized act in relation to this publication may be liable to criminal prosecution and civil claims for
damages.
आभार
हम इन लोग के आभारी ह, िज ह ने जाने – अनजाने, य या अ य प से इस
पु तक को साकार बनाने म अपना योगदान दया है :
रे और थ पीज़, डॉ. डेिनस वेटली, ेवर डो बी, मै कम एडव स, रॉन और टोबी हेल,
डेब मेहरटे स, िजम कै थकाट, टीव राइट, श गोडाड, के री–एन के नरली, बट यूटन,
िलऑन बाइनर, रॉन टैक , जेरी और कै थी ेडिबयर, कै थी कं टोिलयॉन, ेवर वे ट, के िवन
ज़र, एलन गानर, ायन ेसी, जेरी हैटन, जॉन हेपवथ, लेन े ज़र, डेिवड ि मथ,
सैली और यॉफ़ बच, डोरी साइमं स, डेिसमा मैक ले, इयान और जोएबॉट, नॉमन और
लडा िलयोनाड ।
िवषय-सूची
तावना
मानव वभाव के तीन आधारभूत स य
1. मह वपूण अनुभव करने का मह व
2. लोग क मूल िच खुद म होती है
3. कृ ित का समान ितफल का िनयम
सार
खंड अ. लोग को मह वपूण अनुभव कराना
1. स ी शंसा कै से कर
2. भावी ढंग से कै से सुन
3. ‘ध यवाद’ कै से द
4. लोग के नाम कै से याद रख
सार
खंड ब. बेहतरीन व ा कै से बन
5. लोग के साथ बात कै से कर ( और बेहद दलच प कै से बन )
6. बेहतरीन सवाल कै से पूछ
7. बातचीत कै से शु कर
8. बातचीत कै से जारी रख
9. अपनी बात म दूसर क दलच पी कै से जगाएँ
10. लोग को अपने बारे म त काल सकारा मक कै से बनाएँ
11. लोग के साथ परानुभूित कै से रख
12. सबके साथ सहमत कै से ह ( अपने आलोचक के साथ भी )
13. अपने आसपास सकारा मक ‘आभामंडल’ कै से बनाएँ
14. लोग के िलए ‘हाँ’ कहना आसान कै से बनाएँ
15. कै से बोल, ता क पु ष सुन
16. कै से बोल, ता क मिहलाएँ सुन
17. 17 शि हीन वा यांश, िज ह आपको अपनी श दावली से िनकाल देना चािहए
18. 12 सबसे सश श द
19. नकारा मक वा य को सकारा मक म बदल द
20. डर और चंता का मुक़ाबला कै से कर
सार
खंड स. िबज़नेस तुित देना
21. यादगार पहली छाप कै से छोड़
22. िबज़नेस म आलोचना से कै से िनबट
23. टेलीफ़ोन पर जवाब देने का सबसे भावी तरीक़ा
24. आलोचना या फटकार कै से लगाएँ
25. भावी भाषण कै से द
26. िवजुअल ज़े टेशन का इ तेमाल कै से कर
27. बातचीत के समय कहाँ बैठ
28. बॉडी ल वेज क 10 िवजयी रणनीितयाँ
सार
समापन
तावना
हम सभी उन लोग को देखकर दंग रह जाते ह, िजनम कसी भी अप रिचत जगह जाकर
अनजान लोग के साथ सकारा मक बातचीत करने क वाभािवक यो यता होती है।
अ सर यह माना जाता है क यह ितभा ज मजात होती है, िजसक वजह से ये लोग
‘क र माई ि व’ के धनी बन जाते ह । हालाँ क कु छ लोग उनके गुण के बारे म हैरानी
से सोचते ह, ले कन यादातर यह मान लेते ह क यह गुण ‘ज मजात’ होगा । स ाई तो
यह है क भावशाली लोग का यह ‘क र मा’ पैदाइशी नह होता है। यह तो सीखी ई
यो यता होती है और कसी भी अ य सीखी ई यो यता क तरह इसे भी सीखा जा सकता
है, िनखारा जा सकता है और आदश बनाया जा सकता है, बशत आपके पास सही
जानकारी और सीखने का संक प हो ।
हर ि के साथ भावशाली बनने के िलए आपको िजन यो यता क ज़ रत है,
इ सव सदी का लोक- वहार नामक यह पु तक आपको वे सभी यो यताएँ दान करे गी
। जब आप इन यो यता कोसीखकर इ ह अपने जीवन म उतार लगे, तो आपक
लोकि यता काफ़ बढ़ जाएगी । हैरान न ह , अगर लोग यह पूछने लग, ‘‘आपने इतनी
सफलतापूवक बात करने क कला कहाँ सीखी ? ” अगर वे नह पूछते ह, तब भी वे िनि त
प से मन ही मन इस बारे म सोच रहे ह गे, िजस तरह कभी आप सोचा करते थे ।
यह पु तक उन अिनवाय यो यता के बारे म है, िजनके ारा आप लोक– वहार म
असाधारण सफलता हािसल कर सकते ह। हमने इसे इस तरह से तैयार कया है, ता क
आप इसे कसी भी प े से खोलकर त काल एक नई यो यता सीख सकते ह। हर अ याय म
हम कसी यो यता के बारे म सीधे मु े पर बात करते ह, एक उदाहरण देते ह और फर
अपनी बात ख़ म कर देते ह। इस तावना क तरह।
एलन और बारबरा पीज़
आधी दूर क सराय
इटली म वेिनस और वेरोना शहर के बीच एक ख़ूबसूरत पहाड़ी पर एक छोटी सराय थी ।
एक रात को वहाँ एक या ी आकर ठहरा।
सराय के मािलक ने उससे पूछा, “आप कहाँ जा रहे ह? ”
या ी ने जवाब दया, “म वेिनस का ँ और वेरोना रहने जा रहा ।ँ मुझे यह बताएँ
क वेरोना म रहने वाले लोग कै से ह ? ”
सराय के मािलक ने पूछा, “आपको वेिनस म रहने वाले लोग कै से लगे ? ”
“ वे ब त बुरे थे । ” या ी ने कहा, “ वे िन ु र, भावहीन और दूर - दूर रहते ह ।
कसी क मदद करने के िलए वे एक उं गली भी नह उठाते ह । इसीिलए म उस जगह को
छोड़कर वेरोना रहने जा रहा ँ । ”
“ .ँ ..” सराय का मािलक बुदबुदाया, "तब तो आपको वेरोना म रहना पसंद नह
आएगा... वहाँ के लोग भी ऐसे ही ह । "
सराय के मािलक क बात सुनकर या ी िनराश हो गया और अपने कमरे म चला
गया ।
उसी रात को सराय म एक और या ी रात गुज़ारने आया।
सराय के मािलक ने उससे पूछा, "आप कहाँ जा रहे ह ? "
दूसरे या ी ने जवाब दया, “ म वेरोना का ँ और वेिनस रहने जा रहा ँ । वेरोना म
जो लोग रहते ह, वे कै से ह ?”
सराय के मािलक ने पूछा, “पहले आप बताएँ क वेरोना के लोग कै से थे ? ”
या ी ने कहा, "वै ब त ब ढ़या ह। वे भलेमानस, िमलनसार, दो ताना और मददगार
ह । मने बड़े दुखी मन से वह शहर छोड़ा है । "
यह सुनकर सराय का मािलक बोला, " तब तो आपको वेरोना म रहना ब त अ छा
लगेगा। वहाँ के लोग भी ऐसे ही ह । ”
सबक़
आप दूसर के साथ जैसा वहार करते ह, वे उसी के अनु प ित या करते ह।
मानव वभाव के तीन आधारभूत स य
1. मह वपूण अनुभव करने का मह व
मानव वभाव क सबसे बड़ी ज़ रत ह मह वपूण अनुभव करना, स मान पाना और
शंसा पाना ।
-थॉमस ूई
मह वपूण अनुभव करने क मानवीय आव यकता भूख जैसी शारी रक आव यकता से
यादा ऊँची होती है, य क खाना खाने के बाद ि क भूख िमट जाती है । मह वपूण
अनुभव करने क आव यकता ेम क आव यकता से भी यादा ऊँची है, य क जब ेम
हािसल हो जाता है, तो वह आव यकता भी तृ हो जाती है । यह आव यकता सुर ा से
भी यादा ऊँची है, य क जब ि सुरि त होता है, तो सुर ा का मु ा मह वपूण नह
रह जाता है।
मह वपूण अनुभव करने क इ छा सबसे बल मानवीय इ छा है और यह एक ऐसा
गुण है, जो हम जानवर से अलग करता है । इसी वजह से लोग कसी ख़ास ांड के कपड़े
पहनते ह, नई ‘लेटे ट‘ ‘ कारख़रीदते ह, अपने दरवाज़े क नेम लेट पर उपािधयाँ
िलखवाते ह या अपने ब के बारे म ड ग हाँकते ह। यही वह मुख कारण है, िजसक
वजह से ब े गली के गग म शािमल होते ह। कु छ लोग तो कु यात बनने क चाह म
अपराधी या ख़ूनी तक बन जाते ह।
वैवािहक अ ययन म यह पाया गया है क मिहला के दीघकालीन संबंध तोड़ने का
मुख कारण दु वहार, ू रता या शोषण नह होता है - असली कारण तो शंसा का
अभाव होता है। मह व पाने और सराहे जाने क इ छा सबसे शि शाली होती है और
आप कसी को िजतना मह वपूण अनुभव कराएँग,े वह आपके ित उतना ही सकारा मक
वहार करे गा ।
स ी शंसा कै से कर
शोध से पता चला है क जब आप लोग क शंसा करते ह, तो वे आपको सहानुभूितपूण,
समझदार और आकषक समझते ह । इसिलए अपने जीवनसाथी, सहक मय , कमचा रय ,
बाँस, िमलने वाल , ाहक ,डा कए, माली, ब क शंसा कर । हर एक क शंसा कर!
हर ि म कु छ न कु छ ऐसा होता है, िजसके िलए आप उसक तारीफ़ कर सकते ह, भले
ही वह आपको कतना ही तु छ या मह वहीन लगता हो। हम इस बात क गारं टी देते ह
क अगर आप िनयिमत प से हर एक को ख़ास अनुभव कराने क कोिशश करते ह,
तो आपके सामने एक नया और अलग संसार खुल जाएगा ।
शंसा करने का सबसे सामा य तरीक़ा कसी के मुँह पर उसके बारे म
सकारा मक ट पणी करना है। इस तरह क शंसा उस ि को सीधे- - सीधे यह बात
बता देती है क आप उसके वहार, िलए या व तु क शंसा करते ह।
उदाहरण के िलए :
2. या / य तकनीक
अिधकांश शंसा मक ट पिणयाँ इसिलए असफल हो जाती ह, य क वे यह तो बताती ह
क या पसंद है, ले कन यह नह बताती ह क य पसंद है। शंसा का भाव स ाई पर
िनभर करता है । अगर आप यहिसफ़़ बताते ह क आपको या पसंद है, तो अ सर
यह चापलूसी लगती है और चापलूसी कभी काम नह करती है। इसिलए हमेशा बताएँ क
आपको वह चीज़ य पसंद है । उदाहरण के िलए:
नाम लेने क आदत डाल, लोग को बताएँ क आपको उनम या पसंद है और य पसंद है
। इससे वे आपको और आपक कही बात को काफ लंबे समय तक याद रखगे । अगर आप
सचमुच वैसा महसूस नह करते ह , तो शंसा न कर । यह चापलूसी है, जो आसानी से
पहचान म आ जाती है । चापलूसी का मतलब दूसरे ि को ठीक वही बताना है, जो वह
अपने बारे म सोचता है ।
तीसरे ि के मा यम से शंसा
इस तरह क शंसा य न होकर कसी तीसरे ि के मा यम से प च ँ ाई जाती है ।
आप िजसक शंसा कर रहे ह, अगर आप उससे बात न कर रहे ह , ले कन वह आपक
शंसा सुन सकता हो, तब भी आपक बात इसी ेणी म आती है । आप िजसक
शंसा करना चाहते ह , उसके सबसे अ छे दो त या कसी बातूनी ि के सामने उसक
तारीफ़ कर द। वह उस तारीफ़ को िनि त प से सही ि तक प च ँ ा देगा । िनजी
बातचीत म होने वाली शंसा के बजाय इस तरह से होने वाली सावजिनक शंसा को
यादा िव सनीय और मह वपूण माना जाता है ।
शंसा प ँचाना
इसम आप शंसा नह करते ह, बि क कसी और का संदश
े प चँ ाते ह। आप सामने वाले
को यह बताते ह क कसी और को उसका वहार, िलया या व तुएँ य पसंद ह।
उदाहरण के िलए :
“ बॉब - जॉन ने मुझसे कहा है क आप लब के सबसे अ छे िखलाड़ी ह, य क आप हारते नह ह ।
आपक सफलता का राज़ या है ? ”
शंसा को कै से वीकार कर
जब कोई आपक शंसा करे , तो :
1. वीकार कर
2. शंसा करने के िलए उसे ध यवाद द
3. अपनी सद्भावना सािबत कर
उदाहरण के िलए :
सुनने के 5 व णम िनयम
यूनतम ो साहक श द सामने वाले क बात और दी जाने वाली जानकारी को तीन गुना
बढ़ा सकते ह ।
‘ध यवाद’ कै से
कु छ लोग को ‘ध यवाद ’ देना ब त छोटी बात लग सकती है, ले कन र ते बनाने क
कला म यह सबसे सश उपाय है । जहाँ भी संभव हो, लोग को ध यवाद देने के मौक़ क
तलाश कर ।
1. प ता से ध यवाद द
जब आप प ता से ध यवाद देते ह, तो सामने वाले के मन म कोई शंका नह रह जाती है
क आप सचमुच ध यवाद देना चाहते ह । ख़श होकर ध यवाद द। जब आप सावजिनक
प से कसी को ध यवाद देते ह, तो यह यादा भावी बन जाता है।
तकनीक 3. ‘ध यवाद’ कै से द
• प ता से ध यवाद द ।
• िजस ि को आप ध यवाद दे रहे ह, उससे नज़र िमलाएँ और छु एँ।
• सामने वाले का नाम ल।
• ध यवाद क िलिखत िचट् ठी भेज।
बेहतरीन व ा कै से बन
5
इसके बजाय यह कह :
‘यह क़दम उठाने के बाद आपको जो प रणाम िमलगे, उनसे आप रोमांिचत हो जाएँग,े य क यह चीज़
आपका और आपके प रवार का इतने तरीक़ से भला करे गी क आप क पना भी नह कर सकते ।’
बातचीत कै से शु कर
यादातर लोग आपके बारे म अपनी 90 ितशत राय आपसे मुलाक़ात के शु आती चार
िमनट के भीतर ही बना लेते ह, इसिलए यह ब त ही मह वपूण है क आपके पास हर
ि थित म बातचीत शु करने के भावी तरीक़ेे ह । बातचीत शु करने के िलए आपके
पास िसफ़ तीन शु आती मु े होते ह, िजनम से कसी एक का चुनाव कया जाता है :
• ि थित
• सामने वाला ि
• आप
और शु करने के िसफ़ तीन तरीक़ेे ह :
• सवाल पूछना
• राय करना
• त य बताना
सार
जब आप कसी क तरफ़ देखकर मु कराएँगे, तो वह भी हमेशा बदले म मु कराएगा।
कारण और प रणाम के िनयम के कारण इससे आप दोन म ही सकारा मक भावनाएँ
उ प हो जाएँगी । अ ययन से पता चलता है क जब आप िनयिमत प से मु कराने
और अ सर हँसने क आदत डाल लगे, तो आपक यादातर चचाएँ अ छी और लंबी
चलगी, उनके प रणाम अिधक सकारा मक ह गे और संबंध नाटक य प से सुधर जाएँगे ।
इस दशा म तब तक अ यास करते रह, जब तक क मु कराना आपक आदत न बन जाए
।
शोध से यह भी पता चला है क मु कराहट और हँसी आपके ितर ा तं को सुदढ़ृ
बनाती ह, बीमारी से बचाती ह, शरीर को व थ रखती ह, लोग को आपके ित
सकारा मक बनाती ह, अिधक
दो त को आक षत करती ह और दीघायु बनाती ह।
हा य से उपचार होता है।
मु कराएँ !
11
तो इस पर आपक ित या होगी:
‘म समझता ँ क आप कै सा महसूस करते ह । हमारे एक पुराने और मह वपूण ाहक को भी ऐसा ही
महसूस आ था । ले कन उ ह ने पाया क अगर वे दोपहर से पहले अपना ऑडर दे द, तो उ ह उसी दन
सामान िमल जाएगा ।’
अगर यू कहती है :
‘जि टन, मुझे नह लगता क म तुमसे यार करती ।ँ ’
तो वह कह सकता है :
‘ यू, म जानता ँ क तुम कै सा महसूस करती हो । जेिसका ने भी एक बार पॉल के बारे म ऐसा ही महसूस
कया था । ले कन जब उ ह ने बैठकर अपनी ि थित के बारे म बातचीत क , तो जेिसका ने पाया क पॉल
ब त भावुक ेमी था, जो उसे दल से चाहता था । ’
1. स य के साथ कै से सहमत ह
अपने आलोचक का मुँह बंद करने का सबसे अ छा तरीक़ा यह है क आप उसक बात क
स ाई से सहमत हो जाएँ और इसके बाद अपनी ि थित को दोबारा कर ।
उदाहरण के िलए :
2. स ाई से सहमत हो जाएँ।
दूसर को बता द क आप उनक बात से सहमत ह। अपना िसर िहलाकर कह, ‘
हाँ, आप सही ह’ या ‘ म आपसे सहमत ँ । ’
5. बहस से बच ।
बहस म आप कभी नह जीत सकते, भले ही आप सही ह । बहस करने से दो त खो जाते ह,
आपक िव सनीयता चली जाती है और लड़ाकू लोग को वह िमल जाता है, जो वे चाहते
ह - लड़ाई ।
13
2. उ साही बन
जीवन के बारे म सकारा मक आशावा दता से बात कर। न िसफ़ इससे आपक अ छी छाप
पडेगी, बि क लोग भी आपके और आपक बातचीत के बारे म उ साही बन जाएँगे । हमेशा
मु कराएँ - इससे लोग यह सोचने पर मजबूर हो जाते ह क आप अब न जाने या
करने वाले ह।
कै से बोल, ता क पु ष सुन
शोध से पता चला है क आपस म बात करते समय पु ष कु छ िविश िनयम का योग
करते ह । अगर आप मिहला ह, तो आपके िलए पु ष से बात करते समय इन िनयम को
समझना और इनका पालन करना ब त मह वपूण है।
यहाँ ‘पु षवाणी’ के िनयम बताए गए ह, जो पु ष मि त क म र वाह क
िनगरानी करने वाले ेन कै न से िमले ह
1. पु ष को एक बार म एक ही चीज़ दो
पु ष के मि त क म क पाटमट बने होते ह । ऐसा लगता है, जैसे पु ष का मि त क
छोटे– छोटे कमर म िवभािजत होता है, िजनम से हर कमरे म एक अके ले काम क जगह
होती है । कभी कसी पु ष पर एक साथ ब त से काम या चीज न थोप । अपने िवचार
को अलग - अलग रख । एक समय म एक ही मुददे् पर बात कर ।
4. उसे त य और जानकारी द
पु ष के मि त क थािनक ( spatial) काम के िलए बने ह और उनक दलच पी चीज़
के संबंध म होती है । सम या के समाधान दखाएँ, त य और माण द। भावना मक
िनवेदन करने से बच । इसके बजाय अपनी बात को सािबत कर।
5. प श द का योग कर
पु ष के वा य मिहला के वा य से छोटे होते ह और उनम यादा त य, आँकड़े
जानकारी तथा समाधान रहते ह। संकेत न द, न ही संकेत क खोज कर । अपनी बात का
मतलब प कर और सीधे मुददे् पर आ जाएँ ।
16
1. बातचीत म शािमल ह
बोलने के िलए अपनी बारी आने का इं तज़ार न कर । मिहला के मि त क एक साथ बोल
और सुन सकते ह, इसीिलए अ सर सभी मिहलाएँ एक साथ बोलती नज़र आती ह । ऐसा
इसिलए है, य क वे ऐसा कर सकती ह। अगर आप बोलने से पहले अपनी बारी
का इं तज़ार करगे, तो शायद आप बूढ़े हो जाएँगे। अगर आप मिहला के साथ बातचीत म
स य प से शािमल नह होते ह, तो वे ऐसा समझगी क आपक िच नह है या आप
उनके ित आलोचना मक राय रखते ह।
4. अ य अिभ ि कर
मिहलाएँ पु ष क तुलना म यादा लंबे वा य बोलती ह । कसी मिहला के एक ही वा य
म कई िवषय शािमल हो सकते ह, िजनम उन िवषय के बारे म उसक भावनाएँ भी
शािमल हो सकती ह । कसी मिहला के सामने त काल मुददे
् पर न आएँ, कसी सम या का
ज दी से समाधान पाने के िलए दबाव न डाल या ‘बेचने’ क आतुरता न दखाएँ।
दो ताना, सहमत और आरामदेह बन ।
17
12 सबसे सश श द
कै िलफ़ो नया यूिनव सटी म ए अ ययन से यह पता चला क इन श द के बोले जाने पर
ि कसी ताव को सबसे ज दी मान लेता है:
खोज, गारं टी, ेम, आजमाया आ, प रणाम, बचत, आसान, सेहत, धन, नया, सुर ा, आप ।
डर और चंता का मुक़ाबला कै से कर
अ ययन से पता चला है क हम जीवन म िजन चीज़ क चंता करते ह, उनम से :
87 ितशत कभी नह होती ह
7 ितशत सचमुच होती ह
6 ितशत म आपका प रणाम पर थोड़ा भाव होता है
इसका मतलब यह है क जंदगी म आप िजन चीज़ के बारे म सबसे यादा चंता करते ह,
उनम से यादातर ह गी ही नह और जो ब त कम चीज ह गी, उन पर आपका िनयं ण
कम होगा या िबलकु ल भी नह होगा । इसिलए िजन चीज़ से आप डरते ह, उनके बारे म
चंताकरने से कोई फ़ायदा नह है।
डर ( Fear) का सामना करने के िलए यह याद रख :
False झूठा
Evidence माण
Appearing जो लगे
Real स ा
तकनीक 7. बातचीत कै से शु कर
• बातचीत शु करने के िलए या तो ि थित या सामने वाले ि के बारे म बात कर।
• सवाल से शु आत कर ।
उदाहरण के िलए :
आप स ाई से सहमत हो गए ह और आपने अपने संभािवत ाहक को यह बताकर
अ छा महसूस करा दया है क उसक राय न िसफ़ सही है, बि क आपक कं पनी इसे पहले
ही अपना चुक है (या अपनाने वाली है) । जब आप ‘उसके पैर म अपना जूता’ पहना
देते ह, तो आपके संभािवत ाहक क आपि कमज़ोर पड़ जाती है और वह उसे दोबारा
उठाने क ज़ रत महसूस नह करे गा।
अगर आपक कं पनी ने सम या को सुधारने के िलए कु छ नह कया है, तो आप उस
संभािवत ाहक का िबज़नेस हािसल करने के क़ािबल ही नह है।
23
और अपने नाम को उठते ए सुर पर ख़ म कर। इससे सुनने वाला आपको अपना नाम
बताने के िलए े रत होता है और आपके बीच त काल संबंध थािपत हो सकता है। वैसे
इतना ज़ र यान रख, एलन के नह , अपने नाम का इ तेमाल कर।
24
2. ि नह , काम क आलोचना कर
उसे बताएँ क आप उससे तो खुश ह (अगर यह सच है!), ले कन उसके काम से खुश नह
ह।
भावी भाषण कै से द
जो लोग मंच पर खड़े होकर सश ेरक भाषण दे सकते ह, उनक सभी शंसा करते ह।
वसाय और समाज दोन जगह पर उ ह लीडरिशप के पद पर तर दी जाती है।
कसी भी िवषय पर त काल ेरक भाषण देने के िलए चार-क़दम के इस फ़ॉमूले पर
चल, चाहे भाषण दो िमनट का हो, बीस िमनट का हो या एक घंटे का हो। नीचे बताए गए
चार बंद ु को याद कर
1. धमाके दार बात
2. इसका िज़ य कया?
3. उदाहरण के िलए?
4. तो या कर?
2. इसका िज़ य कया ?
आपका अगला क़दम उ ह यह बताना है क आपने वह नाटक य/ दलच प/मज़ेदार कथन
या कहानी य सुनाई मह वपूण य है
3. उदाहरण के िलए?
यहाँ आपके भाषण क यादातर बात आती ह। तीन बंद ु या कारण बताएँ क आप जो कह
रहे ह, वह उनके िलए मह वपूण य है। लंबा भाषण देते समय तीन मुख बंद ु के साथ
तीन सहायक बंद ु भी बताएँ ।
4. तो या कर ?
भाषण के अंत म आपके ोता यह सोच सकते ह. ‘तो, आप मुझसे इस बारे म या
करवाना चाहते ह ?’ यहाँ पर आप उ ह अपने सुझाव पर अमल करने क दशा म े रत
करते ह ।
मान लीिजए आपको सड़क सुर ा के बारे म अिभभावक के समूह के सामने भाषण देना है
। आपको उ ह े रत करना है क वे अपने ब के साथ त सड़क को कह से भी पार न
कर, बि क ज़े ा ॉ संग का योग कर । आप यह भाषण इस तरह से द :
2. इसका िज़ य कया ?
“सािथयो, म आपको यह आँकड़े इसिलए बता रहा ,ँ य क िपछले साल इस देश म इतने
ही ब े अपने माता-िपता के पास प च
ँ ने के िलए सड़क पार करते समय कार से टकराए
थे। और इनम से 96 ितशत ब े ज़े ा ॉ संग का इ तेमाल नह कर रहे थे । म जो कहने
वाला ,ँ वह इस कमरे म बैठे आपम से हर ि के िलए मह वपूण है । और ऐसा इसिलए
है, य क आप अपने ब से यार करते ह ।”
3. उदाहरण के िलए?
( बंद ू 1) “द नेशनल से टी काउं िसल ने हाल ही म 46 कू ल के बाहर एक अ ययन
आयोिजत करवाया, िजसम यह पता चला...” (त य, आँकड़े और अ य डाटा देकर
अपने पहले बंद ु को सािबत कर । )
( बंद ु 2) “हमने अपने इलाक़े म यातायात सुर ा के ित माता-िपता के नज़ रय का
सव ण आयोिजत कया और पाया...” (अपने दूसरे बंद ु को सािबत कर) ।
( बंद ु 3) “म खुद एक िपता ँ – और म जानता ँ क आपम से यादातर लोग कै सा
महसूस करते ह - मने खुद से कई बार पूछा है...” (आपके तीसरे बंद ु म शायद
ि गत, भावना मक राय शािमल हो) ।
4. तो या कर?
“तो म आपसे यह करवाना चाहता ।ँ आज से जब भी आप अपने ब े को कू ल लेने जाएँ,
तो म चाहता ँ क...” ( ोता को अपने सुझाव पर अमल करने के िलए े रत कर।) ।
अपनी बात पूरी करने के बाद चुप हो जाएँ और बैठ जाएँ।
कभी भी ोता को अपनी बात सुनने के िलए ध यवाद न द - अगर आपने अ छा
भाषण दया है, तो ध यवाद तो उ ह देना चािहए ।
26
िवजुअल ज़े टे शन का इ तेमाल कै से कर
शोध से पता चला है क जब आप पु तक , चाट, ाफ़ या लैपटॉप का योग करके
िवज़अल ज़े टेशन (दृ या मक तुित ) देते ह, तो 82 ितशत जानकारी आँख के
मा यम से हण क जाती है, 11 ितशत कान से और 7 ितशत अ य इं य से।
पॉवर िल ट का इ तेमाल कर
तुित देते समय पेन का इ तेमाल कर। इसी दौरान उसका िववरण भी बताएँ। फर पेन
को उठाकर ोता और अपनी आँख के बीच म रख ल। इसे पॉवर िल ट कहा जाता है और
इससे ोता चुंबक य प से अपना िसर उठा लेता है। अब वह आपक तथा तुित क
ओर सीधे देख रहा है और आपक बात भी सुन रहा है । इससे आपका संदश
े यादा भावी
हो जाता है। बहरहाल, बोलते समय अपने दूसरे हाथ क हथेली दखाना न भूल।
ित पध / र ा मक ि थित (B3)
दोन प के बीच टेबल एक ठोस अवरोध है । कसी ि के ठीक सामने बैठने से
र ा मक, ित पध माहौल बन सकता है और इससे दोन ही अपने दृि कोण पर दृढ़ता से
अड़े रह सकते है ।
ावसाियक चचा के शोध से पता चला है क 56 ितशत लोग इस ि थित को
ित पध मानते ह। ावसाियक चचा के दौरान वही लोग इस ि थित म बैठते ह, जो
या तो एक-दूसरे के साथ ित पधा करते ह या फर जब एक ि दूसरे को फटकारता
है। जो लोग आमने-सामने बैठते ह, वे कम बात करते ह तथा यादा नकारा मक,
ित पध या आ ामक होते ह।
अगर आपको इस ि थित म बैठने के िलए िववश कया जाए, तो A ि से
अपनी कु स 45 िड ी घुमा ल ।
7. बाँह खोल द
सीने पर हाथ बाँधना अपने और कसी अि य चीज़ के बीच म बाधा खड़ी करने क
कोिशश है। सीने पर हाथ बाँधने पर ि को 40 ितशत बात कम याद रहती ह। अगर
कसी दूसरे ने सीने पर हाथ बाँध रखे ह , तो उसक ि थित बदलवाने के िलए उसे कु छ
पकड़ा द या करने के िलए कु छ दे द। उसे पेन, पु तक, ोशर, सपल या िलिखत टे ट दे द,
ता क वह अपनी बाँह खोलने और आगे झुकने के िलए ो सािहत हो। भावी बातचीत के
िलए आमने-सामने क मुलाक़ात म कभी सीने पर हाथ न बाँधे।
8. सामने वाले क कोहनी छु एँ
सामने वाले के पश का ित बंबन कर। अगर वह आपको नह छू ता है, तो आप भी ऐसा न
कर। बहरहाल, योग से पता चला है क जब कसी ि क कोहनी पर ह के से तीन
सेकंड से भी कम समय के िलए छु आ जाता है, तो वह 68 ितशत यादा सहयोगपूण हो
जाता है।
अ ययन से यह भी पता चला है क िजन मिहला वेटर ने भोजन करने आए ाहक
क कोहिनय और हाथ को छु आ, उ ह पु ष ाहक से सामा य से 80 ितशत यादा
टप िमली। इसी तरह दोन लंग के ाहक क कोहिनय और हाथ को छू ने पर
पु ष वेटर क आमदनी 32 ितशत बढ़ गई। दूसरे श द म, कोहनी और हाथ छू ने म
िनपुणता से आपक सफलता क संभावना तीन गुनी बढ़ सकती ह।
हाथी को िशि त कै से कर
या आपका यान कभी इस तरफ़ गया है क सकस के हाथी ज़मीन म गड़ी लोहे क खूँटी
से एक कमज़ोर जंज़ीर के सहारे बँधे रहते ह।
कसी छोटे हाथी को भी उस जंज़ीर को तोड़ने या खूँटी को उखाड़ने म कोई मुि कल
नह आएगी, ले कन वय क हाथी भागने क कोई कोिशश नह करते ह। ऐसा य होता है
?
जब हाथी क उ कम होती है, तो उनके पैर म मज़बूत जंज़ीर डालकर कं ट के
मोटे खंभे से बाँधा जाता है।
छोटे हाथी चाहे कतना ही ख च या ज़ोर लगाएँ, चीख़ या पैर पटक, वे आज़ाद नह
हो पाते ह । बड़े होने तक वे यह सीख लेते ह क चाहे वे कतनी ही कोिशश कर, जंज़ीर को
तोड़ना असंभव है। अंततः वे कोिशश करना ही छोड़ देते ह।
अब वे मानिसक प से यह मान चुके ह क उनके पैर म डली जंज़ीर अगर खूँटी से
बँध जाती है, तो
बचकर भागना असंभव है, चाहे जंज़ीर कतनी ही कमज़ोर हो या कतनी ही छोटी
खूँटी से बँधी हो। अगर जंज़ीर बँधी है, तो वे क़ै द ह।
हमारे पैदा होते ही हमारे िश क हम कं डीशन या िशि त करने लगते ह। हमारी
नैस गक वृि य के अलावा हमारे पास कोई ान नह होता है और हम जो भी करते या
सोचते ह, वह ‘ िश क ’ - हमारे माता-िपता, िपता भाई-बहन, िम , िश क, िव ापन
और टेलीिवज़न - क कं डीश नंग का प रणाम है। अिधकांश कं डीश नंग सू म और दोहराव
वाली होती है। यह हमारे अवचेतन म िव हो जाती है, ता क जीवन म बाद म िनणय
लेते समय काम आए । हालाँ क थोड़ी- ब त कं डीश नंग हम सुरि त रखने के िलए होती
है, ले कन यादातर हमारे ि गत िवकास को अव कर देती है । इस तरह हम
मानिसक और भावना मक जंज़ीर से खूट
ँ ी से बँध जाते ह।
हमारे माता- िपता हम बताते ह, ‘ब े दखने चािहए, उनक आवाज़ नह आनी चािहए
।’
हमारे िश क हम बताते ह, ‘जब कोई तुमसे बोले, तभी बोलना।’
हमारे िम , हम बताते ह ‘कभी सुरि त नौकरी मत छोड़ो।’
समाज कहता है, ‘अपना कज़ पटाओ और रटायरमट के िलए पैसे बचाओ।’
मीिडया हम बताता है क हम पया अ छे नह ह। सुखी बनने के िलए हम छरहरे होना
चािहए, हमारी वचा, बाल तथा दाँत आदश होने चािहए और हमारे पास से अ छी खुशबू
आनी चािहए।
ये सारी चेताविनयाँ सू म तथा दोहराव भरी होती ह और हमारे िव ास तं का
िह सा बन जाती ह । जब हम जीवन म िश ा हण करते ह, तो हम लगातार बताया
जाता है क हम या नह कर सकते। हम यह नह बताया जाता है क हम या कर सकते
ह।
िजस तरह हाथी को कं डीशन करके यह यक़ न दला दया जाता है क वह भाग नह
सकता, उसी तरह नकारा मक कं डीश नंग हम भी आसानी से ‘नह कर सकते’ वाला
ि बना सकती है और सफलता पाने से रोक सकती है।
िव थापन नीित
जीवन के बारे म अपनी वतमान आदत और नज़ रय क क पना बा टी म भरे पानी से
कर। बा टी म यादातर सामान दूसर ने भरा है - हमारे माता-िपता, टीचर, हमउ
लोग और मीिडया ने।
अब यह क पना कर क इस पु तक म सीखा गया हर िस ांत और सकारा मक नीित
एक कं कड़ है। जब आप इस कं कड़ को बा टी म डालगे, तो उसम से कु छ नकारा मक आदत
और नज़ रए बाहर िनकल जाएँगे। जब आप ऐसा करते रहगे, तो कं कड़ यादातर पानी क
जगह ले लगे और आपक बा टी सकारा मक कु शलता , नज़ रय और आदत से भर
जाएगी, िजनसे आपको जीवन भर लाभ होगा।
इस पु तक ने आपको वे कं कड़ दे दए ह, िजनक सहायता से आप दूसर के साथ ऊँचे
तर पर संबंध बना सकते ह, अिधक रोचक, भावशाली और चुंबक य ि बन सकते
ह, और सकारा मक िनणय तक प च ँ ने म लोग क मदद कर सकते ह। हर दन
एक िस ांत को ल और इसका तब तक अ यास कर, जब तक यह आपक आदत न बन
जाए। नई आदत डालने म 30 दन लगातार अ यास क ज़ रत होती है, तभी यह थायी
बन पाती है।
नकारा मक आदत क जगह सकारा मक आदत डालने के िलए इसी समय शु आत
कर द। आप ऐसा कै से कर सकते ह ? उसी तरह से, िजस तरह हाथी को िशि त कया
जाता है : लगातार सीखकर, सकारा मक काय का लगातार अ यास करके , ता क वे ‘कर
सकता ’ँ क आदत म बदल जाएँ।