21vi Sadi Ka Lok Vyavahar You Can Hindi LifeFeeling

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इ सव सदी का

लोक वहार
Why not use Allan Pease as guest speaker for your next
conference or seminar?
PEASE INTERNATIONAL PTY LTD
PO Box 1260, Buderim 4556, Queensland, AUSTRALIA
Tel: +61 7 5445 5600
Email: info@peaseinternational.com
Website: www.peaseinternational.com

Allan and Barbara Pease are the most successful relationship authors in
the business. They have written a total of 15 bestsellers - including 9 number
ones- and give serminars in up to 30 countries each year. Their books are
available inover 100 countries, are translated into 51 languages and have sold
over 25 million copies. They appear regularly in the media worldwide and
their work has been the subject of 9 television series, a stage play and a
number one box office movie which attracted a combined audience of over
100 million.
Their company, Pease international Ltd, produces videos, training courses
and seminars for business and governments worldwide. Their monthly
relationship column was read by over 20 million people in 25 countries. They
have 6 children and 5 grandkids and are based in Australia and the UK.

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Get it Write
इ सव सदी का
लोक वहार

एलन और बारबरा पीज़


अनुवाद : डॉ. सुधीर दीि त

मंजुल पि ल शंग हाउस


First published in India by

Manjul Publishing House Pvt. Ltd.


Corparate and Editorial Office
nd
• 2 Floor, Usha Preet Complex, 42 Malviya Nagar, Bhopal 462 003 - India
Email: manjul@manjulindia.com Website: www.manjulindia.com
Sales and Marketing Office
• 7/32, Ground Floor, Ansari Road, Daryaganj, New Delhi 110 002
Email: sales@manjulindia.com
Distribution Centres
Ahmedabad, Bengaluru, Bhopal, Kolkata, Chennai,
Hyderabad, Mumbai, New Delhi, Pune
Hindi translation of YOU CAN - People Skills for Life
by Allan and Barbara Pease.

This edition first published in 2008


Seventh impression 2015

Copyright © 2007 by Allan Pease

All rights reserved


Published by agreement with PEASE INTERNATIONAL PTY. LTD.
AUSTRALIA, c/o Dorie Simmonds Literary Agency.

Translation copyright © 2007 by Manjul Publishing House Pvt. Ltd.

The right of Allan and Barbara Pease to be identified as the authors of this work has been asserted by
them in accordance with the Copyright, Designs and Patents Act 1998.

ISBN 978-81-8322-077-4

Translation: Dr. Sudhir Dixit

All rights reserved. No part of this publication may be reproduced, stored in or introduced into a
retrieval system, or transmitted, in any form, or by any means (electronic, mechanical, photocopying,
recording or otherwise) without the prior written permission of the publisher. Any person who does any
unauthorized act in relation to this publication may be liable to criminal prosecution and civil claims for
damages.
आभार
हम इन लोग के आभारी ह, िज ह ने जाने – अनजाने, य या अ य प से इस
पु तक को साकार बनाने म अपना योगदान दया है :
रे और थ पीज़, डॉ. डेिनस वेटली, ेवर डो बी, मै कम एडव स, रॉन और टोबी हेल,
डेब मेहरटे स, िजम कै थकाट, टीव राइट, श गोडाड, के री–एन के नरली, बट यूटन,
िलऑन बाइनर, रॉन टैक , जेरी और कै थी ेडिबयर, कै थी कं टोिलयॉन, ेवर वे ट, के िवन
ज़र, एलन गानर, ायन ेसी, जेरी हैटन, जॉन हेपवथ, लेन े ज़र, डेिवड ि मथ,
सैली और यॉफ़ बच, डोरी साइमं स, डेिसमा मैक ले, इयान और जोएबॉट, नॉमन और
लडा िलयोनाड ।
िवषय-सूची
तावना
मानव वभाव के तीन आधारभूत स य
1. मह वपूण अनुभव करने का मह व
2. लोग क मूल िच खुद म होती है
3. कृ ित का समान ितफल का िनयम
सार
खंड अ. लोग को मह वपूण अनुभव कराना
1. स ी शंसा कै से कर
2. भावी ढंग से कै से सुन
3. ‘ध यवाद’ कै से द
4. लोग के नाम कै से याद रख
सार
खंड ब. बेहतरीन व ा कै से बन
5. लोग के साथ बात कै से कर ( और बेहद दलच प कै से बन )
6. बेहतरीन सवाल कै से पूछ
7. बातचीत कै से शु कर
8. बातचीत कै से जारी रख
9. अपनी बात म दूसर क दलच पी कै से जगाएँ
10. लोग को अपने बारे म त काल सकारा मक कै से बनाएँ
11. लोग के साथ परानुभूित कै से रख
12. सबके साथ सहमत कै से ह ( अपने आलोचक के साथ भी )
13. अपने आसपास सकारा मक ‘आभामंडल’ कै से बनाएँ
14. लोग के िलए ‘हाँ’ कहना आसान कै से बनाएँ
15. कै से बोल, ता क पु ष सुन
16. कै से बोल, ता क मिहलाएँ सुन
17. 17 शि हीन वा यांश, िज ह आपको अपनी श दावली से िनकाल देना चािहए
18. 12 सबसे सश श द
19. नकारा मक वा य को सकारा मक म बदल द
20. डर और चंता का मुक़ाबला कै से कर
सार
खंड स. िबज़नेस तुित देना
21. यादगार पहली छाप कै से छोड़
22. िबज़नेस म आलोचना से कै से िनबट
23. टेलीफ़ोन पर जवाब देने का सबसे भावी तरीक़ा
24. आलोचना या फटकार कै से लगाएँ
25. भावी भाषण कै से द
26. िवजुअल ज़े टेशन का इ तेमाल कै से कर
27. बातचीत के समय कहाँ बैठ
28. बॉडी ल वेज क 10 िवजयी रणनीितयाँ
सार
समापन
तावना
हम सभी उन लोग को देखकर दंग रह जाते ह, िजनम कसी भी अप रिचत जगह जाकर
अनजान लोग के साथ सकारा मक बातचीत करने क वाभािवक यो यता होती है।
अ सर यह माना जाता है क यह ितभा ज मजात होती है, िजसक वजह से ये लोग
‘क र माई ि व’ के धनी बन जाते ह । हालाँ क कु छ लोग उनके गुण के बारे म हैरानी
से सोचते ह, ले कन यादातर यह मान लेते ह क यह गुण ‘ज मजात’ होगा । स ाई तो
यह है क भावशाली लोग का यह ‘क र मा’ पैदाइशी नह होता है। यह तो सीखी ई
यो यता होती है और कसी भी अ य सीखी ई यो यता क तरह इसे भी सीखा जा सकता
है, िनखारा जा सकता है और आदश बनाया जा सकता है, बशत आपके पास सही
जानकारी और सीखने का संक प हो ।
हर ि के साथ भावशाली बनने के िलए आपको िजन यो यता क ज़ रत है,
इ सव सदी का लोक- वहार नामक यह पु तक आपको वे सभी यो यताएँ दान करे गी
। जब आप इन यो यता कोसीखकर इ ह अपने जीवन म उतार लगे, तो आपक
लोकि यता काफ़ बढ़ जाएगी । हैरान न ह , अगर लोग यह पूछने लग, ‘‘आपने इतनी
सफलतापूवक बात करने क कला कहाँ सीखी ? ” अगर वे नह पूछते ह, तब भी वे िनि त
प से मन ही मन इस बारे म सोच रहे ह गे, िजस तरह कभी आप सोचा करते थे ।
यह पु तक उन अिनवाय यो यता के बारे म है, िजनके ारा आप लोक– वहार म
असाधारण सफलता हािसल कर सकते ह। हमने इसे इस तरह से तैयार कया है, ता क
आप इसे कसी भी प े से खोलकर त काल एक नई यो यता सीख सकते ह। हर अ याय म
हम कसी यो यता के बारे म सीधे मु े पर बात करते ह, एक उदाहरण देते ह और फर
अपनी बात ख़ म कर देते ह। इस तावना क तरह।
एलन और बारबरा पीज़
आधी दूर क सराय
इटली म वेिनस और वेरोना शहर के बीच एक ख़ूबसूरत पहाड़ी पर एक छोटी सराय थी ।
एक रात को वहाँ एक या ी आकर ठहरा।
सराय के मािलक ने उससे पूछा, “आप कहाँ जा रहे ह? ”
या ी ने जवाब दया, “म वेिनस का ँ और वेरोना रहने जा रहा ।ँ मुझे यह बताएँ
क वेरोना म रहने वाले लोग कै से ह ? ”
सराय के मािलक ने पूछा, “आपको वेिनस म रहने वाले लोग कै से लगे ? ”
“ वे ब त बुरे थे । ” या ी ने कहा, “ वे िन ु र, भावहीन और दूर - दूर रहते ह ।
कसी क मदद करने के िलए वे एक उं गली भी नह उठाते ह । इसीिलए म उस जगह को
छोड़कर वेरोना रहने जा रहा ँ । ”
“ .ँ ..” सराय का मािलक बुदबुदाया, "तब तो आपको वेरोना म रहना पसंद नह
आएगा... वहाँ के लोग भी ऐसे ही ह । "
सराय के मािलक क बात सुनकर या ी िनराश हो गया और अपने कमरे म चला
गया ।
उसी रात को सराय म एक और या ी रात गुज़ारने आया।
सराय के मािलक ने उससे पूछा, "आप कहाँ जा रहे ह ? "
दूसरे या ी ने जवाब दया, “ म वेरोना का ँ और वेिनस रहने जा रहा ँ । वेरोना म
जो लोग रहते ह, वे कै से ह ?”
सराय के मािलक ने पूछा, “पहले आप बताएँ क वेरोना के लोग कै से थे ? ”
या ी ने कहा, "वै ब त ब ढ़या ह। वे भलेमानस, िमलनसार, दो ताना और मददगार
ह । मने बड़े दुखी मन से वह शहर छोड़ा है । "
यह सुनकर सराय का मािलक बोला, " तब तो आपको वेरोना म रहना ब त अ छा
लगेगा। वहाँ के लोग भी ऐसे ही ह । ”
सबक़
आप दूसर के साथ जैसा वहार करते ह, वे उसी के अनु प ित या करते ह।
मानव वभाव के तीन आधारभूत स य
1. मह वपूण अनुभव करने का मह व
मानव वभाव क सबसे बड़ी ज़ रत ह मह वपूण अनुभव करना, स मान पाना और
शंसा पाना ।
-थॉमस ूई
मह वपूण अनुभव करने क मानवीय आव यकता भूख जैसी शारी रक आव यकता से
यादा ऊँची होती है, य क खाना खाने के बाद ि क भूख िमट जाती है । मह वपूण
अनुभव करने क आव यकता ेम क आव यकता से भी यादा ऊँची है, य क जब ेम
हािसल हो जाता है, तो वह आव यकता भी तृ हो जाती है । यह आव यकता सुर ा से
भी यादा ऊँची है, य क जब ि सुरि त होता है, तो सुर ा का मु ा मह वपूण नह
रह जाता है।
मह वपूण अनुभव करने क इ छा सबसे बल मानवीय इ छा है और यह एक ऐसा
गुण है, जो हम जानवर से अलग करता है । इसी वजह से लोग कसी ख़ास ांड के कपड़े
पहनते ह, नई ‘लेटे ट‘ ‘ कारख़रीदते ह, अपने दरवाज़े क नेम लेट पर उपािधयाँ
िलखवाते ह या अपने ब के बारे म ड ग हाँकते ह। यही वह मुख कारण है, िजसक
वजह से ब े गली के गग म शािमल होते ह। कु छ लोग तो कु यात बनने क चाह म
अपराधी या ख़ूनी तक बन जाते ह।
वैवािहक अ ययन म यह पाया गया है क मिहला के दीघकालीन संबंध तोड़ने का
मुख कारण दु वहार, ू रता या शोषण नह होता है - असली कारण तो शंसा का
अभाव होता है। मह व पाने और सराहे जाने क इ छा सबसे शि शाली होती है और
आप कसी को िजतना मह वपूण अनुभव कराएँग,े वह आपके ित उतना ही सकारा मक
वहार करे गा ।

2. लोग क मूल िच ख़द म होती है


दूसरे आपम िजतनी यादा िच रखते ह, उससे यादा िच ख़द म रखते ह, इसिलए उनके
साथ बातचीत करते समय आपका मुख ल य यह होना चािहए क आप अपने बारे म
नह , बि क उनके बारे म बात कर ।
उदाहरण के िलए, आपको इस बारे म बातचीत करनी चािहए :
उनक भावनाएँ
उनके प रवार
उनके िम
उनक ित ा
उनक आव यकताएँ
उनके िवचार
उनक व तुएँ
कभी भी अपने बारे म बात न कर - जब तक क वे ख़द आपके बारे म न पूछ ।
दूसरे श द म. मूलभूत बात यह है क लोग क दलच पी िसफ़ और िसफ़ ख़द म
होती है। उनक दलच पी इस बात म होती है क ‘इसम मेरे िलए या है। ‘ लोक–
वहार म सफल होने के िलए आपको इस िनयम को मानवीय संबंध क बुिनयाद मान
लेना चािहए । और अगर कोई आपके बारे म नह पूछता है, तो इसका मतलब यह है क
उसक आपम दलच पी नह है, इसिलए बेहतर यही होगा क आप अपने बारे म चचा न
छेड़ ।
कु छ लोग मानव वभाव के इस मूलभूत िस ांत से िनराश हो जाते ह और दूसर को
वाथ मानते ह। यह सोचना फ़ै शन म है क हम देते समय बदले म कु छ पाने क आशा
नह करनी चािहए । िन वाथ भाव से देने वाले यादातर लोग इस आधारभूत िनयम
पर चलते ह, “आप जो दगे, वह कसी न कसी तरह, कसी न कसी समय, सूद समेत
आपके पास वापस लौट आएगा । ” ले कन स ाई तो यह है क जीवन म हमारा हर काम
आ म– िच या वाथ ारा े रत होता है आप परोपकारी सं था को जो दान देते ह, वह
भी आ म - िच ारा े रत होता है, य क दान देते समय आप उदारता क भावना
महसूस करते ह। िन कष यह है क गोपनीय दान करने के बावजूद आपको उसका पुर कार
िमल जाता है। मदर टेरेसा ने दूसर क सेवा म अपना पूरा जीवन लगा दया, ता क वे
ई र क सेवा करने क संतुि महसूस कर सक। और ये सभी काम नकारा मक नह ,
सकारा मक ह ।
जो लोग दूसर से यह अपे ा रखते ह क वे ख़द म िच लेना छोड़ द, वे लगातार
िनराश होते ह और मानव वभाव पर दुखी होते रहते ह।
इसके बारे म श मदगी महसूस करने या माफ़ माँगने क कोई ज़ रत नह है -
ज़ंदगी इसी तरह चलती है । ख़द के िलए काम करना आ म-र ा का सहज भाव है, जो
हमारे मन म गहराई तक रचा - बसा है। यह शु आत से ही इं सान का गुण रहा है ।
यह आ म - र ा का आधार है । हम सभी अपने वाथ को सबसे पहले रखते ह, यह जानना
लोक - वहार म सफलता पाने क मुख कुं जी है।

स मान और सराहना करके लोग को मह वपूण


महसूस कराने का अ यास तीस दन तक हर रोज़
करगे, तो यह आपक थायी आदत बन जाएगी ।

3. कृ ित का समान ितफल का िनयम


इं सान के अवचेतन मन म एक बल इ छा होती है क उसे जो दया गया है, वह भी बदले
म उतने ही मू य क कोई चीज़ लौटाए । अगर आपने कसी को उसक कोई मनपसंद चीज़
दी है, तो वह भी बदले म आपको कोई ऐसी चीज़ देना चाहेगा या कोई ऐसा काम
करना चाहेगा, जो आपको पसंद आए । उदाहरण के िलए, अगर कसी ि को अपने ऐसे
िम का काड िमलता है. िजसे उसने काड नह भेजा था, तो उसके मन म त काल अपने
उस िम को काड भेजने क इ छा जाग जाएगी और वह तुरंत काड भेजने क कोिशश
करे गा ।
जब आप कसी पर उपकार करते ह, तो वह आम तौर पर इसका बदला चुकाने के
अवसर क तलाश म रहेगा । अगर आप कसी क शंसा म कोई बात कहते ह, तो वह न
िसफ़ आपको पसंद करे गा, बि क इसके बदले म आपक शंसा करने क कोिशश भी करे गा
। ले कन अगर आप अलग - थलग या एकांति य दखगे, तोलोग आपको ग़ैर - दो ताना
मान लगे और आपके साथ दो ताना वहार नह करगे । अगर आप उदासीन रहते ह, तो
लोग आपको खा या बेपरवाह मान लगे और आपके साथ भी वैसा ही वहार करगे ह,
अगर आप कसी का अपमान करते ह, तो उसके मन म उसका बदला चुकाने क इ छा
जाग जाती है। जब आप कोई नकारा मक काम करते ह, तो आपको बदले म उससे भी
यादा नकारा मक चीज़ िमलती है। बहरहाल, जब आप कोई सकारा मक काम करते ह,
तो कसी न कसी मोड़ पर आपको बदले म सकारा मक चीज़ िमलेगी। यह कृ ित का
िनयम है, जो शायद ही कभी असफल होता है ।
लोकि य बनने के िलए कसी न कसी तरह लोग को यह एहसास कराएँ क वे
आपसे यादा मह चपूण ह। अगर आप इस तरह वहार करगे क आप उनसे बेहतर ह,
तो वे या तो हीन भावना से त हो जाएँगे या फर आपसे ई या करने लगगे।
यह सकारा मक संबंध बनाने के िलए हािनकारक है।
उदाहरण के िलए, अगर आपको कसी दन कसी रे तराँ म ब त अ छा खाना
िमलता है या टोर म से समैन आपके हाल - चाल पूछता है या हवाई जहाज़ म सफ़ाई -
कमचारी आपके गंदे बतन ले जाती है, तो मु कराकर उसके िश ाचार के िलए उसे
ध यवाद द।
जब आप इन तीन आधारभूत पहलु को समझ लगे और वीकार कर लगे, तो आप
यह देखकर हैरान रह जाएँगे क आपम दूसर को भािवत करने क आ यजनक शि आ
गई है।
सार
1. मानव वभाव क सबसे बल इ छा मह वपूण अनुभव करना और शंसा पाना है
• आाप कसी को िजतना मह वपूण अनुभव कराएँगे, वह आपके ित उतना ही
सकारा मक वहार करे गा।
2. लोग क मूलभूत िच ख़द म होती है
• लोग के साथ वहार करते समय यह िवचार कर क वे या सोचते ह और वे
या चाहते ह।
3. कृ ित का समान ितफल का िनयम
• आप जो भी चीज़ दगे, बदले म कभी न कमी, कह न कह आपको वही चीज़ कई
गुना होकर वापस िमलेगी ।
खंड अ

लोग को मह वपूण अनुभव कराना


1

स ी शंसा कै से कर
शोध से पता चला है क जब आप लोग क शंसा करते ह, तो वे आपको सहानुभूितपूण,
समझदार और आकषक समझते ह । इसिलए अपने जीवनसाथी, सहक मय , कमचा रय ,
बाँस, िमलने वाल , ाहक ,डा कए, माली, ब क शंसा कर । हर एक क शंसा कर!
हर ि म कु छ न कु छ ऐसा होता है, िजसके िलए आप उसक तारीफ़ कर सकते ह, भले
ही वह आपको कतना ही तु छ या मह वहीन लगता हो। हम इस बात क गारं टी देते ह
क अगर आप िनयिमत प से हर एक को ख़ास अनुभव कराने क कोिशश करते ह,
तो आपके सामने एक नया और अलग संसार खुल जाएगा ।
शंसा करने का सबसे सामा य तरीक़ा कसी के मुँह पर उसके बारे म
सकारा मक ट पणी करना है। इस तरह क शंसा उस ि को सीधे- - सीधे यह बात
बता देती है क आप उसके वहार, िलए या व तु क शंसा करते ह।
उदाहरण के िलए :

इन तीन म से वहार के बारे म क गई शंसा का सबसे यादा भाव होता है ।


इस तरह क शंसा दो तकनीक के योग से यादा असरदार बन जाती है :
1. ि के नाम का योग
ि के नाम के इ तेमाल से वह बातचीत म यादा िच लेने लगता है। इस वजह से वह
नाम के बाद वाली बात को यान से सुनता है । जब भी आप कोई मह वपूण बात कहने
वाले हो, तो उससे पहले ोता का नाम ज़ र ल । इससे इस बात क संभावना बढ़
जाती है क वह आपक उस बात को सुनेगा और याद भी रखेगा ।

2. या / य तकनीक
अिधकांश शंसा मक ट पिणयाँ इसिलए असफल हो जाती ह, य क वे यह तो बताती ह
क या पसंद है, ले कन यह नह बताती ह क य पसंद है। शंसा का भाव स ाई पर
िनभर करता है । अगर आप यहिसफ़़ बताते ह क आपको या पसंद है, तो अ सर
यह चापलूसी लगती है और चापलूसी कभी काम नह करती है। इसिलए हमेशा बताएँ क
आपको वह चीज़ य पसंद है । उदाहरण के िलए:

नाम लेने क आदत डाल, लोग को बताएँ क आपको उनम या पसंद है और य पसंद है
। इससे वे आपको और आपक कही बात को काफ लंबे समय तक याद रखगे । अगर आप
सचमुच वैसा महसूस नह करते ह , तो शंसा न कर । यह चापलूसी है, जो आसानी से
पहचान म आ जाती है । चापलूसी का मतलब दूसरे ि को ठीक वही बताना है, जो वह
अपने बारे म सोचता है ।

तीसरे ि के मा यम से शंसा
इस तरह क शंसा य न होकर कसी तीसरे ि के मा यम से प च ँ ाई जाती है ।
आप िजसक शंसा कर रहे ह, अगर आप उससे बात न कर रहे ह , ले कन वह आपक
शंसा सुन सकता हो, तब भी आपक बात इसी ेणी म आती है । आप िजसक
शंसा करना चाहते ह , उसके सबसे अ छे दो त या कसी बातूनी ि के सामने उसक
तारीफ़ कर द। वह उस तारीफ़ को िनि त प से सही ि तक प च ँ ा देगा । िनजी
बातचीत म होने वाली शंसा के बजाय इस तरह से होने वाली सावजिनक शंसा को
यादा िव सनीय और मह वपूण माना जाता है ।

शंसा प ँचाना
इसम आप शंसा नह करते ह, बि क कसी और का संदश
े प चँ ाते ह। आप सामने वाले
को यह बताते ह क कसी और को उसका वहार, िलया या व तुएँ य पसंद ह।
उदाहरण के िलए :
“ बॉब - जॉन ने मुझसे कहा है क आप लब के सबसे अ छे िखलाड़ी ह, य क आप हारते नह ह ।
आपक सफलता का राज़ या है ? ”

इं टर ू के िलए संभािवत ाहक को फ़ोन करने वाला िबज़नेसमैन कह सकता है :


“ िम टर जॉनसन, मने सुना है क आप शहर के सबसे अ छे अकाउं टट ह, य क आप प रणाम हािसल
करते ह । या यह सही है ? ”

इससे तनाव कम होता है और आम तौर पर सामने वाला हँस देता है ।

शंसा को कै से वीकार कर
जब कोई आपक शंसा करे , तो :
1. वीकार कर
2. शंसा करने के िलए उसे ध यवाद द
3. अपनी सद्भावना सािबत कर

उदाहरण के िलए :

जब आप शंसा को वीकार कर लेते ह, तो दूसरे जान जाते ह क आपक आ म - छिव


अ छी है । शंसा को नकारने का आम तौर पर यह मतलब िनकाला जाता है क आप
शंसा करने वाले को ही अ वीकार कर रहे ह ।
अभी से यह आदत डाल ल क आप वहार, िलए या व तु के िलए हर दन तीन
लोग क शंसा करगे । उनक ित या पर गौर कर । आपको यह ज दी ही पता चल
जाएगा क शंसा करना शंसा पाने से यादा फ़ायदे का सौदा होता है ।
2

भावी ढंग से कै से सुन


हम सभी अ छे व ा को जानते ह, ले कन हम अ छे ोता के साथ समय िबताना
चाहते ह । मनमोहक व ा वह होता है, जो कसी दूसरे के बोलते समय पूरे यान से सुनता
है।
अ छे व ा क तुलना म अ छे ोता क पहली छाप यादा अ छी पड़ती है।
40 ितशत लोग डॉ टर के पास बीमारी का इलाज करवाने नह जाते ह बि क इसिलए
जाते ह, य क वे चाहते ह क कोई उनक बात सुने ।
अिधकांश मामल म, गु सैल ाहक, असंतु कमचारी और ठे िम िसफ़ यह
चाहते ह क कोई उनक सम या के बारे म सुन ले।
य द आप अ छे व ा बनना चाहते ह, तो पहले अ छे ोता बने।
हम िजतनी तेज़ी से सुन सकते ह, उससे तीन गुना तेज़ी से सोच सकते ह। इसिलए
यादातर लोग को भावी ढंग से सुनने म मुि कल आती है। िबज़नेस म पहला क़दम खुद
को और फर अपने िवचार, ॉड ट, सेवा या ताव को बेचना होता ह। इस अव था को
‘सुनने क अव था’ कहा जाता है। आपका ल य यहहोना चािहए क आप पहले तो अपनी
अ छी छिव बना ल और फर अपने ॉ पे स तथा उनक आव यकता के बारे म
ासंिगक सवाल पूछ, ता क आपको उनक मुख इ छा या ‘हॉट बटन ‘ का पता चल
जाए ।

सुनने के 5 व णम िनयम

1. ‘ स यता से सुनना ‘ सीख


‘स स यता से सुनना’ दूसर को बोलते रहने के िलए ो सािहत करने का अ भुत तरीक़ा
है । इससे आप यह भी सुिनि त कर लेते ह क आप सामने वाले क बात समझ गए ह।
‘स यता से सुनने ’ के िलए आपको िसफ़ सामने वाले क बात को अपने श द म
सं ेप म दोहराना है, िजसम पहला श द ‘आप’ होना चािहए ।
इसका एक उदाहरण देिखए:

अगर आपको लगता है क आप कसी क बात ठीक से नह सुन पाए ह, तो आिखर


म यह भी जोड़ द, " या म सही ँ ? ”
उदाहरण के िलए :
जब आप स यता से सुनते ह, तो दूसरे खुलकर अपनी बात कह सकते ह, य क आप
अपनी राय नह दे रहे ह या उनक आलोचना नह कर रहे ह । इसका यह भी मतलब है
क आप यह नह सोच रहे ह क आपको अगली बात या कहना है।

2. यूनतम ो साहक श द का इ तेमाल कर


जब सामने वाला बोल रहा हो, तो इन यूनतम ो साहक श द का इ तेमाल करके उसे
बोलते रहने के िलए ो सािहत कर :
अ छा ...
,ँ ओह ...
सचमुच?
फर या आ ...

यूनतम ो साहक श द सामने वाले क बात और दी जाने वाली जानकारी को तीन गुना
बढ़ा सकते ह ।

3. सामने वाले से नज़र िमलाएँ


जब तक सामने वाला आपसे नज़र िमलाता रहे, तब तक आप भी नज़र िमलाते रह । कसी
ि क िनगाह का ित बंबन करने से तालमेल बनता है ।

4. सुनते समय सामने वाले क तरफ़ झुक


हम उन लोग से दूर झुकते ह या पीछे हटते ह, िज ह हम पसंद नह करते ह या िजनसे हम
ऊब जाते ह। ह। आगे क तरफ़ झुक - यह दखाएँ क आप िच ले रहे ह।

5. व ा क बात म बाधा न डाल, उसी मु े पर बोल


िवषय बदलने क ज दबाज़ी न कर । उ ह अपनी बात पूरी कर लेने द।
3

‘ध यवाद’ कै से
कु छ लोग को ‘ध यवाद ’ देना ब त छोटी बात लग सकती है, ले कन र ते बनाने क
कला म यह सबसे सश उपाय है । जहाँ भी संभव हो, लोग को ध यवाद देने के मौक़ क
तलाश कर ।

भावी ‘ ‘ध यबाद‘ क 4 कुं िजयाँ

1. प ता से ध यवाद द
जब आप प ता से ध यवाद देते ह, तो सामने वाले के मन म कोई शंका नह रह जाती है
क आप सचमुच ध यवाद देना चाहते ह । ख़श होकर ध यवाद द। जब आप सावजिनक
प से कसी को ध यवाद देते ह, तो यह यादा भावी बन जाता है।

2. सामने वाले क तरफ देख और उसे छु एँ


सामने वाले के साथ नज़र िमलाने से आपक ईमानदारी पता चलती है । अगर आप उसक
कोहनी को ह के से छू दगे, तो इससे आपके ध यवाद को बल िमलेगा और वह यादा
यादगार बन जाएगा ।

3. सामने वाले के नाम का इ तेमाल कर


नाम बोलकर अपने ध यवाद को ि गत बनाएँ। िसफ़ "ध यावाद" कहने के बजाय
"ध यवाद, सूज़न ” कहना यादा असरदार होता है।
4. ‘ ध यवाद ‘ क िलिखत िच ी भेज
जब ऐसा करना संभव हो, तो यह ‘ध यवाद‘ देने का सबसे अ छा तरीक़ा है । आमने –
सामने दया जाने वाला ‘ध यवाद‘ इसके बाद आता है और इसके बाद टेलीफ़ोन पर दए
गए ‘ध यवाद‘ ‘ क बारी आती है। और ई- मेल का ध यवाद कु छ न कहने से यादा
अ छा होता है।
जब आप कसी को ध यवाद द, तो पूरी ईमानदारी से द। उसे यह जता द क आपका
ध यवाद स ा है । अगर आप सच नह बोलगे, तो आपक देहभाषा स ाई बता देगी ।
ध यवाद बाँटते रह । ध यवाद देने के अवसर क तलाश करते रह, चाहे मुददा
् कतना
ही छोटा या अ प य न हो ।
4

लोग के नाम कै से याद रख


हर ि के िलए उसका नाम दुिनया क सबसे मधुर विन है। उसके िलए यह उसके
समूचे व प का तीक है। अ ययन से पता चलता है क जब कसी ि के नाम से
कोई वा य शु होता है, तो वह उसे पूरे यान से सुनता है ।
हमम से यादातर लोग जब पहली बार िमलते ह, तो हम लोग के नाम याद नह
रख पाते ह । ऐसा इसिलए होता है, य क हम यही सोचते रहते ह क सामने वाले पर
हमारा कै सा भाव पड़ रहा है । इसी चंता क वजह से हम उसका नाम तक नह सुन पाते
ह । ऐसा नह है क हम उसका नाम भूल जाते ह – दरअसल हम उसका नाम सुनते ही
नह ह ।
यहाँ याददा त बढ़ाने के तीन सश क़दम बताए जा रहे ह :

पहला कदम : नाम दोहराएँ


जब आपका प रचय कसी नए ि से कराया जाए, तो दो बार जोर से उसका नाम
लेकर यह प ा कर ल क आपने सही नाम सुना है। इससे आपको नाम याद करने का मौक़ा
भी िमल जाता है। अगर आपका प रचय सूज़न से कराया जाता है, तो कह, सूज़न... आपसे
िमलकर अ छा लगा, सूज़न । ” अगर नाम थोड़ा मुि कल हो, तो सामने वाले से इसक
पे लंग पूछ ल । इससे आपको नाम याद करने का और यादासमय िमल जाता है ।

दूसरा क़दम : नाम को कसी चीज म बदल ल


नाम याद रखना इसिलए मुि कल होता है, य क यह ठोस चीज़ नह होती है, िजसक
दमाग म त वीर बन सके । कसी ि का नाम याद करने के िलए अपने दमाग म ऐसी
त वीर बना ल, जो उसके नाम से मेल खाती हो । मसलन ‘ बारबरा ‘ नाम ‘ बा ड वायर ‘
( कँ टीले तार ) जैसा सुनाई देता है, ‘ जैक ‘ कार के जैक जैसा लगता है और ‘ कै थी ‘ के
िलए ‘ कै ट ’ यानी िब ली क क पना कर ।

तीसरा क़दम : हा या पद दृ य क क पना कर


इसके बाद यह क पना कर क वह व तु हा या पद तरीके से उस ि के कसी िविश
या असामा य अंग से जुड़ी ई है । उदाहरण के िलए, अगर बारबरा क नाक सामा य से
यादा लंबी है, तो यह क पना कर क उसक नाक म काँटेदार तार बँधा है और आप
उसे पकड़कर बारबरा को अपने पीछे - पीछे घुमा रहे ह । अगर जैक क ठु ी यादा उभरी
ई है, तो क पना कर क जैक लगाकर उसे ऊपर कया जा रहा है । अगर कै थी के कान म
बािलयाँ पहनने के िलए तीन छेद ह, तो क पना कर क िब ली अपने पंज के बलउसके
कान से लटक रही है । रह य यह है – दृ य िजतना यादा हा या पद होगा, उसे याद
रखना उतना ही आसान होगा ।
आगे पु ष और मिहला के 50 सबसे सामा य नाम क सूची दी गई है । इस सूची
म हमने बताया है क इन नाम को त काल याद करने के िलए कन ठोस त वीर का
इ तेमाल कया जा सकता है । इन त वीर का इ तेमाल शु कर द । जब आप ऐसा करगे,
तो हर ि आपको जीिनयस मानने लगेगा । कभी कसी को यह न बताएँ क आप नाम
याद रखने म इतने िनपुण कै से बने, य क इससे आप अपने दो त खो सकते ह - ख़ास तौर
पर जब आप ूस (गूूज़ यानी हंस) और जेिनफ़र (िचन ऑफ़ फ़र यानी फर वाली ठु ी )
से िमलगे ।

पु ष के नाम याद रखने क कुं जी


मिहला के नाम याद रखने क कुं जी
सबसे सामा य नाम याद रखने क कुं जी
सार
तकनीक 1. स ी शंसा कै से कर
• सामने वाले के वहार, िलए या व तु क शंसा कर ।
• बताएँ क आपको या पसंद है और य पसंद है ।
• ि के नाम से अपनी शंसा शु कर ।
• अगर कोई आपक शंसा करता है, तो उसे वीकार कर, उसे ध यवाद द और यह
बताएँ क आप शंसा के िलए कृ त य ह ।

तकनीक 2. भावी ढंग से कै से सुन


• ‘स यता से सुनने’ का योग कर । सामने वाले क बात को अपने श द म
दोहराएँ और अपना वा य ‘आप’ श द से शु कर ।
• व ा क बात म बाधा न डाल।
• मुददे
् से न भटक।
• उसे अपनी बात पूरी करने द ।
• यूनतम ो साहक श द का इ तेमाल कर।

तकनीक 3. ‘ध यवाद’ कै से द
• प ता से ध यवाद द ।
• िजस ि को आप ध यवाद दे रहे ह, उससे नज़र िमलाएँ और छु एँ।
• सामने वाले का नाम ल।
• ध यवाद क िलिखत िचट् ठी भेज।

तकनीक 4. लोग के नाम कै से याद रख


• नाम दोहराएँ।
• नाम को कसी व तु म बदल ल ।
• उनके सबसे िविश या असामा य अंग से उस व तु के जुड़ाव क कसी हा या पद
त वीर क क पना कर।
खंड ब

बेहतरीन व ा कै से बन
5

लोग के साथ बात कै से कर (और बेहद दलच प कै से


बन )
दलच प समझे जाने वाले लोग सामने वाले के ि य िवषय - यानी उसके ख़द के बारे म
बात करते ह । ऐसा करने के तीन तरीक़े ह:

1. दूसर म दलच पी ल और उ ह अपने तथा अपनी िचय के बारे म बात


करने के िलए ो सािहत कर ।
कसी ि को अ का म ए स से पीिड़त क सं या से यादा दलच पी अपनी नाक के
मुँहासे म होती है । अगर आप ख़द म दूसर क दलच पी जगाने क कोिशश करते रहगे,
तो दस साल बाद भी आपके उतने दो त नह बन पाएँग,े िजतने क चार स ाह तक
दूसर म िच लेने से बन जाएँगे।

2. अपनी श दावली से ‘म’ और ‘मेरा’ श द हटा द तथा इनक जगह पर


‘आप’ और‘आपका’ रख द।
यह न कह :
‘म जानता ँ क यह योजना ब त सफल है, य क मेरे ाहक ने मुझे बताया है क मेरी सलाह से वे
अपनी मनचाही चीज़ हािसल कर पाए।’’

इसके बजाय यह कह :
‘यह क़दम उठाने के बाद आपको जो प रणाम िमलगे, उनसे आप रोमांिचत हो जाएँग,े य क यह चीज़
आपका और आपके प रवार का इतने तरीक़ से भला करे गी क आप क पना भी नह कर सकते ।’

3. िसफ़ सवाल पूछ, ता क वे अपने बारे म बोल सक


‘‘आपक छु याँ कै सी बीत ?’’
‘‘आप इस इलाक़े म रहने कै से आए?’’
‘‘आपके बेटे को नए कू ल म कै सा लग रहा है?’’
‘‘आपको या लगता है, अगला चुनाव कौन जीतेगा?’’
‘‘आप (जो भी िवषय हो ) के बारे म या सोचते ह ?’’
िन कष – लोग क दलच पी आपम या मुझम नह है – उनक िच तो िसफ़-और-िसफ़
ख़द म है । अगर आप इससे परे शान हो जाते ह तो परे शान होना छोड़ द। इसे जीवन क
स ाई के प म वीकार कर ।
6

बेहतरीन सवाल कै से पूछ


यादातर चचाएँ ठीक से शु नह हो पाती ह या जारी नह रह पाती ह । इसका कारण
यह नह होता है क ग़लत िवषय छेड़े जाते ह, बि क यह होता है क ग़लत तरह के सवाल
पूछे जाते ह ।
आप दो तरह के सवाल पूछ सकते ह :

1. बंद िसरे वाले सवाल


बंद िसरे वाले सवाल (closed - ended questions) का जवाब िसफ़ एक– दो श द का
होता है और उसके बाद बातचीत ख़ म हो जाती है।
उदाहरण के िलए,
बंद िसरे वाले सवाल के कारण बातचीत सवाल - जवाब या जाँच-पड़ताल क तरह लगने
लगती है ।

2. खुले िसरे वाले सवाल


खुले िसरे वाले सवाल (open– ended questions) प ीकरण, राय और िव तार से वणन
करने का आ ह करते ह । इनक बदौलत आपका लोग से बेहतर तालमेल बन जाता है,
य क इनसे लोग को पता चलता है क आप उनम और उनक बात म िच ले रहे ह ।
जो लोग खुले िसरे वाले सवाल पूछते ह, उ ह रोचक, ईमानदार, गितशील और परवाह
करनेवाला समझा जाता है ।
आप शु आत म ये चार सबसे सश खुले िसरे वाले सवाल पूछ सकते ह:
कै से... ?
मुझ.े .. के बारे म बताएँ।
कस तरह... ?
य ... ?

खुले िसरे वाले ये सवाल इस तरह पूछे जा सकते ह :


िसफ़ खुले िसरे वाले सवाल पूछने का अ यास कर । अगर आपको बंद िसरे वाले सवाल
पूछने ही ह , तो उसके त काल बाद एक खुले िसरे वाला सवाल पूछ ल ।
उदाहरण के िलए :
7

बातचीत कै से शु कर
यादातर लोग आपके बारे म अपनी 90 ितशत राय आपसे मुलाक़ात के शु आती चार
िमनट के भीतर ही बना लेते ह, इसिलए यह ब त ही मह वपूण है क आपके पास हर
ि थित म बातचीत शु करने के भावी तरीक़ेे ह । बातचीत शु करने के िलए आपके
पास िसफ़ तीन शु आती मु े होते ह, िजनम से कसी एक का चुनाव कया जाता है :
• ि थित
• सामने वाला ि
• आप
और शु करने के िसफ़ तीन तरीक़ेे ह :
• सवाल पूछना
• राय करना
• त य बताना

1. ि थित के बारे म बात करना


आप दोन िजस ि थित म ह, उसके बारे म बात करना आम तौर पर बातचीत शु करने
का सबसे आसान तरीक़ा होता है । बस चार तरफ़ नज़र दौड़ाएँ और जो दखे, उसके बारे
म एक खुले िसरे वाला सवाल पूछ ल । यह काम कह भी कया जा सकता है । उदाहरण
के िलए-
2. सामने वाले ि के बारे म बात करना
लोग को ख़द के बारे म बात करना ब त अ छा लगता है और आप उनके बारे म जो
सवाल पूछते ह, उसका जवाब देने म उ ह ख़शी होती है ।
3. ख़द के बारे म बात करना
यहाँ पर िनयम ब त ही आसान है - जब तक कोई आपसे आपके , आपके प रवार, आपक
व तु या आपके वसाय के बारे म सवाल न पूछे, तब तक यही समझ क इन चीज़ म
उसक िच नह है । बातचीत शु करते समय अपनी तरफ़ से अपने बारे म
कोई जानकारी कभी न द, जब तक क कोई उस बारे म न पूछे ।
8

बातचीत कै से जारी रख पुल का इ तेमाल कर


जो लोग खुले िसरे वाले सवाल के छोटे जवाब देते ह, उनसे लगातार बात करवाने के िलए
‘ पुल ’ का इ तेमाल सबसे अ छा होता है। पुल एक तरह से खुले िसरे वाले सवाल के
संि प होते ह। इनका इ तेमाल उन लोग के साथ सबसे अ छा होता है, जो खुले िसरे
के सवाल के संि जवाब देते ह।
पुल के कु छ उदाहरण ह :
यानी..... ?
उदाहरण के तौर पर.. ?
तो फर... ?
इसिलए ... ?
फर आपने... ?
इसका मतलब है... ?

पुल का इ तेमाल करने के बाद आपको िबलकु ल ख़ामोश हो जाना चािहए ।


इस उदाहरण म जॉन ने दो पुल का इ तेमाल कया । उसने गद सामने वाले के पाले म
रखी और ऐसा भी ज़ािहर नह होने दया क वह सवाल पूछ रहा है । और यादातर
बातचीत वह नह , बि क सामने वाला कर रहा था ।
सेतु या पुल का सफल इ तेमाल करने के िलए आपको दो शारी रक मु ा के योग
क ज़ रत होती है :
1. जब आप पुल का योग कर, तो अपनी हथेली खुली रखकर आगे क तरफ़ झुक
2. पुल का योग करने के बाद बोलना बंद कर द और पीछे क तरफ़ झुक जाएँ
हथेली खोलकर आगे क तरफ़ झुकने से यह पता चलता है क आप आ ामक नह ह और
ोता को यह पता चल जाता है क आपने िनयं ण ‘उसे थमा’ दया है तथा अब बोलने क
उसक बारी है।
पुल का इ तेमाल करने के बाद ख़ामोश हो जाएँ! पुल के इ तेमाल के बाद कई बार
लंबी ख़ामोशी छा सकती है। इसे तोड़ने के िलए अपने ान के मोती िबखेरने क इ छा पर
क़ाबू रख । खुली हथेली के कारण आगे बोलने क िज़ मेदारी ोता पर आ जाती
है, इसिलए अगला वा य उसे ही बोलने द । िनयं ण देने के बाद पीछे क तरफ़ टक जाएँ
या झुक जाएँ,अपना हाथ अपनी ठु ी पर रख ल और अपना िसर िहलाएँ । इससे ोता को
बोलते रहने का ो साहन िमलता है ।
पुल का योग मज़ेदार होता है । उनसे चचाएँ यादा सफल होती ह और आपको
शांत िनयं ण क शि िमल जाती है । जब पुल का इ तेमाल यूनतम ो साहक श द के
साथ कया जाता है, तो वे बातचीत जारी रखने के सबसे सफल साधन बन जाते ह।
9

अपनी बात म दूसर क दलच पी कै से जगाएँ


कौन सबसे यादा दो त बनाता है और हर िमलने वाले का ेम हमेशा हािसल कर लेता है
? जवाब है - कु ा । वह आपको देखते ही रोमांच से अपनी पूँछ िहलाने लगता है, आपको
हर दृि से आदश मानता है और आपम - और िसफ़ आपम – िच लेता है । वह आपके
बारे म कभी कोई नकारा मक बात नह कहता है, आपको महान गायक मानता है और जब
आप रात को घर लौटते है, तो आपको देखकर बेहद रोमांिचत हो जाता है ।
वह िबना शत ेम देता है, उसके कोई िछपे इरादे नह होते ह, वह भुगतान नह
माँगता है और वह आपको जीवन बीमा क पॉिलसी भी नह बेचना चाहता है।
लोग से िसफ़ उन चीज़ के बारे म बात कर, िजनम उनक िच हो । उन चीज़ के
बारे म बात न कर, िजनम आपक िच हो । यादातर लोग को िसफ़ यही परवाह होती
है क वे या चाहते ह और उनक दलच पी कन चीज़ म है। उ ह इस बात क
कोई परवाह नह होती है क आप या चाहते ह।
देिखए, अगर आप मछली पकड़ने जाते ह, तो काँटे म चारा फँ साते समय ऐसी चीज़
लगाने का कोई फ़ायदा नह है, िजसे आप खाना चाहते ह – जैसे टीक, हैमबगर या
चॉकलेट आइस म । काँटे म उस चीज़ का चारा फँ साएँ, िजसे मछली पसंद करती हो –
क ड़ा या बदबूदार झ गा । दूसर को भािवत करने का यही एक तरीक़ा है । िसफ़ उस
बारे म बात कर, जो वे चाहते ह ।
यादातर लोग दूसर के साथ बातचीत करते समय भावी या दलच प इसीिलए
नह हो पाते ह, य क वे िसफ़ अपने और अपनी आव यकता के बारे म बात करते
रहते ह।
आप दूसर का यान तभी आक षत कर सकते ह, जब आप इस बारे म बात कर क
वे या चाहते ह और फर उ ह बता द क वे अपनी मनचाही चीज़ कै से हािसल कर सकते
ह।
10

लोग को अपने बारे म त काल सकरा मक कै से


बनाएँ
आपके चेहरे पर जैसे भाव ह गे, सामने वाला वैसे ही भाव लौटाएगा। शोध से पता चला है
क मु कराते चेहरे के ित सकारा मक ित या करना हमारे मि त क क गहराई म
रचा– बसा है। मु कराहट से यह संदश े जाता है, ‘ म आपको देखकर खुश आ और म
आपको वीकार करता ँ । ’ इसीिलए हर ि मु कराने वाल से हमेशा ेम
करता है, जैसे ब से ।
यूिनव सटी कॉलेज, लंदन क ोफ़े सर थ कपबेल ने मि त क म एक ‘िमरर यूरॉन’
खोजा है। यह ‘ िमरर यूरॉन’ चेहर और भाव को पहचानने वाले िह से को स य कर
देता है और ित या म त काल ित बंबन (mirroring) क त वीर बनाता है। दूसरे
श द म, चाहे हम इस बात का एहसास या न हो, हम जो भाव देखते ह, हमारे चेहरे पर
भी वैसे ही भाव आ जाते ह।
नरवानर (primates) क तरह ही इं सान म भी मु कराहट क यही ित या होती
है। इससे सामने वाले ि को पता चल जाता है क आपसे उसे कोई ख़तरा नह है,
इसिलए वह आपको ि गत तौर पर वीकार कर लेता है। यह ित या भी मि त क
क गहराई म रची - बसी है।
इसीिलए िनयिमत प से मु कराने को अपनी बॉडी ल वेज या देहभाषा म शािमल
करना ब त मह वपूण है, भले ही आप मु कराना न चाह । आपके मु कराने से यह तय
होता है क आपके ित सामने बाले का नज़ रया और उसक ित या कै सी होगी।
दूसरी तरफ़, बात करते समय कु टी चढ़ाना एक नकारा मक भाव है, य क इससे
सामने वाले को लगता है क या तो आप उसे पसंद नह करते ह या फर उसक आलोचना
कर रहे ह। अगर
आपक कू टी चढ़ाने क आदत है, तो बात करते समय अपना हाथ माथे पर रखने
क कोिशश कर, ता क आप इस िवनाशक आदत को छोड़ने के िलए ख़द को िशि त कर
ल।

सार
जब आप कसी क तरफ़ देखकर मु कराएँगे, तो वह भी हमेशा बदले म मु कराएगा।
कारण और प रणाम के िनयम के कारण इससे आप दोन म ही सकारा मक भावनाएँ
उ प हो जाएँगी । अ ययन से पता चलता है क जब आप िनयिमत प से मु कराने
और अ सर हँसने क आदत डाल लगे, तो आपक यादातर चचाएँ अ छी और लंबी
चलगी, उनके प रणाम अिधक सकारा मक ह गे और संबंध नाटक य प से सुधर जाएँगे ।
इस दशा म तब तक अ यास करते रह, जब तक क मु कराना आपक आदत न बन जाए

शोध से यह भी पता चला है क मु कराहट और हँसी आपके ितर ा तं को सुदढ़ृ
बनाती ह, बीमारी से बचाती ह, शरीर को व थ रखती ह, लोग को आपके ित
सकारा मक बनाती ह, अिधक
दो त को आक षत करती ह और दीघायु बनाती ह।
हा य से उपचार होता है।
मु कराएँ !
11

लोग के साथ परानुभूित कै से रख


यादातर लोग यह चाहते ह क दूसरे उनके या उनक बात के ित परानुभूित
(empathy) रख और उ ह समझे । इसके िलए महसूस करना – महसूस कया – पाया
तकनीक ब तआदश है । इस तकनीक से लोग आपके ित सकारा मक हो जाते ह। कसी
िशकायत से असहमत होने के बजाय आप यह कहते ह :
‘‘ म समझता ँ क आप कै सा महसूस करते ह। म एक ऐसे ि को जानता ,ँ जो आप जैसी ही ि थित म
था और उसे भी ऐसा ही महसूस आ था। उसने पाया क ( अपना समाधान द ) ऐसा करने पर उसने
सकारा मक प रणाम पाए। ’’

अगर कोई कहता है :


‘म आपक कं पनी के साथ िबजनेस नह करना चाहता ,ँ य क मने सुना है क आपक सेवाएँ बड़ी ख़राब
ह ।’,

तो इस पर आपक ित या होगी:
‘म समझता ँ क आप कै सा महसूस करते ह । हमारे एक पुराने और मह वपूण ाहक को भी ऐसा ही
महसूस आ था । ले कन उ ह ने पाया क अगर वे दोपहर से पहले अपना ऑडर दे द, तो उ ह उसी दन
सामान िमल जाएगा ।’

अगर यू कहती है :
‘जि टन, मुझे नह लगता क म तुमसे यार करती ।ँ ’

तो वह कह सकता है :
‘ यू, म जानता ँ क तुम कै सा महसूस करती हो । जेिसका ने भी एक बार पॉल के बारे म ऐसा ही महसूस
कया था । ले कन जब उ ह ने बैठकर अपनी ि थित के बारे म बातचीत क , तो जेिसका ने पाया क पॉल
ब त भावुक ेमी था, जो उसे दल से चाहता था । ’

इन दोन मामल म आप सामने वाले से असहमत नह ए या मु े पर बहस नह क ।


दरअसल, आपक बात से तो ऐसा लग रहा था, जैसे आप उससे सहमत ह । कसी के
हमले का बचाव न कर;, सामने वाले क भावना को वीकार कर ।
12

सबके साथ सहमत कै से ह ( अपने आलोचक के


साथ भी )
सहमत होना मानव वहार क एक ब त ही मह वपूण आदत है, जो आपम होनी ही
चािहए। लोग अपनी बात से सहमत होने वाल को पसंद करते ह और असहमत होने वाल
को नापसंद करते ह । अपने आलोचक के साथ सहमत होने के दो तरीक़े ह। अगर उनक
बातसच है, तो फौरन सहमत हो जाएँ। अगर उनक बात आपको सच नह लगती है, तो
इस बात से सहमत हो जाएँ क आलोचक को अपनी राय रखने का अिधकार है।

1. स य के साथ कै से सहमत ह
अपने आलोचक का मुँह बंद करने का सबसे अ छा तरीक़ा यह है क आप उसक बात क
स ाई से सहमत हो जाएँ और इसके बाद अपनी ि थित को दोबारा कर ।
उदाहरण के िलए :

बेटी अपनी माँ क आलोचना क स ाई से सहमत हो गई, ले कन साथ ही उसने अपनी


ि थित भी प कर दी ।

एडम यू क बात क स ाई से सहमत हो गया । उसने उसके साथ बहस नह क और खुद


को या उसे नीचा नह दखाया, ले कन इसके बावजूद वह िबना आ ामक ए अपनी बात
परक़ायम रहा ।

2. अपने आलोचक के राय देने के अिधकार से कै से सहमत ह


अ सर आप अपने आलोचक क राय से असहमत ह गे, ले कन इसके बावजूद आप राय देने
के उनके अिधकार से सहमत हो सकते ह, भले ही आपके िहसाब से उनक राय कतनी ही
मूखतापूण हो ।
उदाहरण के िलए:
लेन और मोिनका दोन ही अपने आलोचक के राय देने के अिधकार से सहमत हो गए -
लेन तो स ाई से भी सहमत हो गया – ले कन दोन म से कोई भी अपनी ि थित से पीछे
नह हटा और उसने सामने वाले को भी गलत सािबत नह कया। भले ही आप आलोचना
से पूरी तरह असहमत ह , ले कन आम तौर पर सहमत होने का कोई न कोई तरीक़ा ज़ र
होता है, िजसके बाद आप उस बात को भी बता सकते ह, जो आपके िहसाब से सच है ।
आपका ल य हमेशा दूसर को सही सािबत करना होना चािहए, भले ही जब आप उनसे
सहमत न ह ।
सहमत ि बनने क पाँच कुं िजयाँ ये ह :

1. आप िजस भी ि से िमल, उससे सहमत होने का फ़ै सला कर ।


सहमत होने का वभाव िवकिसत कर और दूसर को सही महसूस कराएँ ।

2. स ाई से सहमत हो जाएँ।
दूसर को बता द क आप उनक बात से सहमत ह। अपना िसर िहलाकर कह, ‘
हाँ, आप सही ह’ या ‘ म आपसे सहमत ँ । ’

3. अपने आलोचक के राय देने के अिधकार से सहमत ह ।


भले ही आपको लगे क आलोचक मूखतापूण बात कर रहा है, ले कन यह मान ल क
उसका उस तरह से सोचना ठीक है, हालाँ क साथ ही यह भी बता द क आपके िहसाब
से स ाई या है।
4. जब आप गलत ह , तो अपनी ग़लती मान ल ।
जो लोग अपनी गलती मान लेते ह, दूसरे उनक शंसा करते ह, ले कन यादातर लोग
गलती को अ वीकार करना, झूठ बोलना या दोष मढ़ना यादा पसंद करते ह। अगर
आप ग़लत ह , तो कह:
‘िनि त प से मने गलत समझा था...’
‘मने इसे बबाद कर दया...’
‘ म ग़लत था...’

5. बहस से बच ।
बहस म आप कभी नह जीत सकते, भले ही आप सही ह । बहस करने से दो त खो जाते ह,
आपक िव सनीयता चली जाती है और लड़ाकू लोग को वह िमल जाता है, जो वे चाहते
ह - लड़ाई ।
13

अपने आसपास सकारा मक ‘आभामंडल’ कै से बनाएँ


लोग मुलाक़ात के चार िमनट के भीतर ही हमारे बारे म 90 ितशत राय क़ायम कर लेते ह
और उनका शु आती मू यांकन मूलतः हमारी बॉडी ल वेज या देहभाषा के िव ेषण पर
आधा रत होता है। फर वे हमारी बात सुनते ह और यह तय करते ह क वे हम कतना
स मान द या हमम कतनी दलच पी ल।
शु आती मुलाक़ात म ज दी ही शंसा और स मान पाने के िलए नीचे दए तीन
काम कर :

1. अपने व प और काम के ित सकारा मक बने


जीवन म अपनी ि थित के बारे म उ साह से बात कर और यह भी बताएँ क यह आपको
य पसंद है। कभी भी ऐसी बात कहकर खुद को नीचा न दखाएँ, ‘म तो बस एक लक
,ँ िसफ गृिहणी ,ँ आ द । ’ इसके बजाय कह, ‘ म देश के सबसे बड़े बक म काम करता ँ
और लोग के िनवेश ल य ा करने म उनक मदद करता ।ँ या, ‘ म दो सुंदर ब क
माँ ँ और जॉन क जीवनसाथी ।ँ ’
अगर आप खुद अपने व प के बारे म सकारा मक नह ह, तो कोई दूसरा भी नह
होगा ।

2. उ साही बन
जीवन के बारे म सकारा मक आशावा दता से बात कर। न िसफ़ इससे आपक अ छी छाप
पडेगी, बि क लोग भी आपके और आपक बातचीत के बारे म उ साही बन जाएँगे । हमेशा
मु कराएँ - इससे लोग यह सोचने पर मजबूर हो जाते ह क आप अब न जाने या
करने वाले ह।

3. कभी कसी ि या चीज क आलोचना न कर


जब आप आलोचना करते ह, तो दूसरे इसे हीन आ म-छिव, समझ के अभाव
याआ मिव ास क कमी का प रचायक मान लेते ह। अगर कोई आपके ित पध का िज़
छेड़ दे, तो उसके अ छे गुण क शंसा कर। अगर आप कोई सकारा मक बात नह कह
सकते, तो ख़ामोश रह। कसी दूसरे को नीचे िगराकर खुद को ऊपर उठाने क कोिशश न
कर।
14

लोग के िलए ‘हाँ’ कहना आसान कै से बनाएँ


आपके ताव पर कसी ि से ‘हाँ’ कहलवाने के चार तरीके ह ।

1. कोई ऐसा कारण खोज, िजससे सामने वाला ‘हाँ’ कह दे


हम जीवन म जो भी काम करते ह या जो भी दशा चुनते ह, वह कसी ख़ास कारण ारा
े रत होती है। कई बार कसी काम को करने के ब त से कारण होते ह, ले कन हमेशा एक
ऐसा कारण होता है, जो मुख होता है और आपको इसी को खोजने क ज़ रत होती है ।
आप यह पूछ सकते ह, ‘ आपक पहली ाथिमकता या है ? ‘ फर िबना बाधा डाले
सामने वाले का जवाब सुन । सामने वाला खुद ही आपको बता देगा क वह कन कारण से
कसी काम को करने के िलए े रत होगा । कभी यह अनुमान न लगाएँ क आप सामने
वाले के काम करने के मुख कारण को जानते ह, य क आप ग़लत सािबत हो सकते ह
और अगर आप गलत ए, तो वह े रत नह होगा और वह काम भी नह करे गा । कभी
भी कसी ि को अपने ि गत कारण न बताएँ, जब तक क आप दोन के कारण
मेल न खाते ह । जब आप यह पता लगा ल क सामने वाला या चाहत है, तो उसे बताएँ
क आपके समाधान का योग करके वह अपनी मनचाही चीज़ कै से पा सकता है । लोग
कसी काम को करने के िलएआपक बात से उतने तैयार नह होते ह, िजतने क खुद क
खोजी ई बात से । उ ह अपनी सम या के समाधान खुद खोजने द । आपको तो िसफ
इतना करना है क सही सवाल पूछ, जो उ ह सही िन कष तक ले जाएँ। जब आप अपना
समाधान प कर, तो उ ह श द को दोहराएँ, जो उ ह ने अपनी पहली ाथिमकता के
बारे म कहे थे ।

2. िसफ़ ‘हाँ’ वाले सवाल पूछ


बातचीत शु करते समय िसफ़ वही सवाल पूछ, िजनका जवाब ‘हाँ’ म दया जा सकता
हो । ‘नह ’ जवाब वाले सवाल पूछने से बच।
‘हाँ’ जवाब वाले सवाल के कु छ उदाहरण ह:
‘ या आपक पैसे कमाने म दलच पी है?’
‘ या म सही सोचता ँ क आप अपने प रवार को ख़श देखना चाहते ह?’
‘ या आप अपने ब के साथ यादा समय िबताना चाहगे?’

अगर आप अपनी मुलाक़ात को ‘हाँ’ के सकारा मक अनुभव से शु करगे, तो बाद म उ ह


आपसे ‘नह ’ कहने म द त आएगी। दूसर को भािवत करते समय यह याद रख क
आपका ल य उ ह गलत नह , बि क सही सािबत करना है – भले ही आप उनके दृि कोण
से सहमत न ह ।

3. अपना िसर िहलाएँ


सकारा मक महसूस करने पर हम अपना िसर िहलाते ह । शोध से पता चलता है क अगर
आप जान– बूझकर अपना िसर िहलाने लग, तो आप सकारा मक भाव अनुभव करने लगते
ह। अपने ‘हाँ’ वाले सवाल पूछते समय या जवाब सुनते समय अपना िसर िहलाते
रह ज दी ही सामने वाला भी अपना िसर िहलाने लगेगा और आपके ताव के बारे
म सकारा मक महसूस करने लगेगा ।

4. उसके सामने ‘हाँ’ के दो िवक प म से कसी एक को चुनने का ताव


रख
जब आप िसफ़ एक ही िवक प देते ह, तो सामने वाला ि ‘हाँ’ या ‘नह ’ म से कसी
एक पर फै सला करने के िलए िववश होता है- और आम तौर पर यादातर लोग ‘नह ’
वाला िवक प चुनते ह, य क यह सुरि त होता है। आप उनसे जो दो काम करवाना
चाहते ह, उनम से कसी एक को चुनने का िवक प द ।
उदाहरण के िलए :
‘म आपसे 3 बजे िमलूँ या 4 बजे का समय आपके िलए यादा अ छा रहेगा?’
‘आपको हरा पसंद है – या फर नीला यादा पसंद है?’
‘आप े िडट काड का इ तेमाल करगे या फर नक़द आपके िलए यादा उपयु रहेगा?’
‘आप कब शु करगे - बुधवार को या गु वार को?’
15

कै से बोल, ता क पु ष सुन
शोध से पता चला है क आपस म बात करते समय पु ष कु छ िविश िनयम का योग
करते ह । अगर आप मिहला ह, तो आपके िलए पु ष से बात करते समय इन िनयम को
समझना और इनका पालन करना ब त मह वपूण है।
यहाँ ‘पु षवाणी’ के िनयम बताए गए ह, जो पु ष मि त क म र वाह क
िनगरानी करने वाले ेन कै न से िमले ह

1. पु ष को एक बार म एक ही चीज़ दो
पु ष के मि त क म क पाटमट बने होते ह । ऐसा लगता है, जैसे पु ष का मि त क
छोटे– छोटे कमर म िवभािजत होता है, िजनम से हर कमरे म एक अके ले काम क जगह
होती है । कभी कसी पु ष पर एक साथ ब त से काम या चीज न थोप । अपने िवचार
को अलग - अलग रख । एक समय म एक ही मुददे् पर बात कर ।

2. उसे बोलने का मौक़ा द


पु ष के मि त क क ऐसी संरचना होती है क वे या तो बोल सकते ह या फर सुन सकते
ह । यादातर पु ष ये दोन काम एक साथ नह कर सकते, इसीिलए पु ष बारी- बारी से
बोलते ह । उसे बोलने का मौक़ा द और अपना वा य पूरा करने द। बीच म टीका– टाक न
कर।

3. सुनते समय भावहीन चेहरा रख


पु ष सोचते ह क सुनते समय अगर कसी के चेहरे पर ब त यादा भाव आते ह, तो
उसके साथ मानिसक या भावना मक सम याएँ ह । कसी पु ष क बात सुनते समय चेहरे
पर गंभीर भाव रख और सुनते समय हाँ- ँ करते रह जैसे, ‘ओह...,’ ‘अ छा…,’ ‘ .ँ ..,’
‘हाँ, हाँ... ’ ता क उसे आगे बोलते रहने का ो साहन िमले ।

4. उसे त य और जानकारी द
पु ष के मि त क थािनक ( spatial) काम के िलए बने ह और उनक दलच पी चीज़
के संबंध म होती है । सम या के समाधान दखाएँ, त य और माण द। भावना मक
िनवेदन करने से बच । इसके बजाय अपनी बात को सािबत कर।

5. प श द का योग कर
पु ष के वा य मिहला के वा य से छोटे होते ह और उनम यादा त य, आँकड़े
जानकारी तथा समाधान रहते ह। संकेत न द, न ही संकेत क खोज कर । अपनी बात का
मतलब प कर और सीधे मुददे् पर आ जाएँ ।
16

कै से बोल, ता क मिहलाएँ सुन


शोध से पता चला है क मिहलाएँ आपस म बातचीत करने के िलए कु छ ख़ास िनयम का
इ तेमाल करती ह। अगर आप पु ष ह, तो कसी मिहला के साथ बातचीत करते समय
आपके िलए इन िनयम को समझना और इनका पालन करना ब त मह वपूण होता है।
यहाँ ‘मिहलावाणी’ के िनयम बताए गए ह, जो मिहला मि त क म र वाह क
िनगरानी करने वाले ेन कै न से िमले ह:

1. बातचीत म शािमल ह
बोलने के िलए अपनी बारी आने का इं तज़ार न कर । मिहला के मि त क एक साथ बोल
और सुन सकते ह, इसीिलए अ सर सभी मिहलाएँ एक साथ बोलती नज़र आती ह । ऐसा
इसिलए है, य क वे ऐसा कर सकती ह। अगर आप बोलने से पहले अपनी बारी
का इं तज़ार करगे, तो शायद आप बूढ़े हो जाएँगे। अगर आप मिहला के साथ बातचीत म
स य प से शािमल नह होते ह, तो वे ऐसा समझगी क आपक िच नह है या आप
उनके ित आलोचना मक राय रखते ह।

2. सुनते समय चेहरे के भाव का इ तेमाल कर


कसी मिहला के चेहरे के भाव उसक भावना को उजागर कर देते ह, इसिलए उसके
साथ बातचीत करते समय उससे तालमेल बनाने के िलए उसके भाव और मु ा को
ित बंिबत कर । यान रख, कसी पु ष के साथ बातचीत करते समय ऐसा कदािप न कर

3. उसे ि गत जानकारी द और भावनाएँ बताएँ
मिहला मि त क दूसर क भावना को समझने और लोग के आपसी संबंध के
मू यांकन के िलए बना होता है। उसे अपने और अपने प रवार के बारे म ि गत
जानकारी द । इसके अलावा, उसके िबना पूछे चीज़ के बारे म अपनी ि गत भावनाएँ
बताएँ ।

4. अ य अिभ ि कर
मिहलाएँ पु ष क तुलना म यादा लंबे वा य बोलती ह । कसी मिहला के एक ही वा य
म कई िवषय शािमल हो सकते ह, िजनम उन िवषय के बारे म उसक भावनाएँ भी
शािमल हो सकती ह । कसी मिहला के सामने त काल मुददे
् पर न आएँ, कसी सम या का
ज दी से समाधान पाने के िलए दबाव न डाल या ‘बेचने’ क आतुरता न दखाएँ।
दो ताना, सहमत और आरामदेह बन ।
17

17 शि हीन वा यांश, िज ह आपको अपनी


श दावली से िनकाल देना चािहए
यहाँ उन सबसे िवनाशक श द और वा यांश क सूची दी जा रही है, जो आप बोल सकते
ह। इन वा यांश का मतलब तो कु छ होता है, ले कन दरअसल इनसे बोलने वाले क
भावनाएँ और पूवा ह होते ह। इ ह अपनी श दावली से हटा दे, य क इनसे
आपक िव सनीयता कम होती है।
इन लचर श द और वा यांश के ित सजग रह तथा इ ह अपनी श दावली से िनकालने
का संक प कर ल ।
18

12 सबसे सश श द
कै िलफ़ो नया यूिनव सटी म ए अ ययन से यह पता चला क इन श द के बोले जाने पर
ि कसी ताव को सबसे ज दी मान लेता है:
खोज, गारं टी, ेम, आजमाया आ, प रणाम, बचत, आसान, सेहत, धन, नया, सुर ा, आप ।

इन आज़माए ए श द क खोज से आपको नए प रणाम िमलगे, जो आपको म े तथा


बेहतर सेहत क गारं टी दगे और आपके धन क बचत करगे। ये पूरी तरह सुरि त ह और
इनका योग करना आसान है ।
इन श द का अ यास कर और इ ह अपनी रोज़मरा क बातचीत का िह सा बना ल ।
19

नकारा मक वा य को सकारा मक म बदल द


आप हमेशा िवनाशकारी आलोचना को सकारा मक शंसा म बदलने का कोई न कोई
तरीक़ा खोज सकते ह। दूसर क असफलता क आलोचना करने के बजाय आप कोिशश
करने या सुधार करने के िलए उनक शंसा कर सकते ह।
इन उदाहरण पर िवचार कर:
20

डर और चंता का मुक़ाबला कै से कर
अ ययन से पता चला है क हम जीवन म िजन चीज़ क चंता करते ह, उनम से :
87 ितशत कभी नह होती ह
7 ितशत सचमुच होती ह
6 ितशत म आपका प रणाम पर थोड़ा भाव होता है

इसका मतलब यह है क जंदगी म आप िजन चीज़ के बारे म सबसे यादा चंता करते ह,
उनम से यादातर ह गी ही नह और जो ब त कम चीज ह गी, उन पर आपका िनयं ण
कम होगा या िबलकु ल भी नह होगा । इसिलए िजन चीज़ से आप डरते ह, उनके बारे म
चंताकरने से कोई फ़ायदा नह है।
डर ( Fear) का सामना करने के िलए यह याद रख :

False झूठा
Evidence माण
Appearing जो लगे
Real स ा

डर अवांिछत प रणाम के बारे म सोचने क शारी रक ित या से अिधक कु छ


नह है । आपक यादातर चंताएँ तो वैसे भी िनरथक ह, य क वे कभी ह गी ही नह ,
इसिलए वे झूठा माण जो लगे स ा (False Evidence Appearing Real) से यादा
कु छ नह ह।
जो आप नह चाहते ह, उसके बारे म कभी न सोच । िसफ़ उसी बारे म सोच, जो आप
चाहते ह, भले ही प रणाम जो भी िनकले । आप िजस बारे म सोचते ह, आम तौर पर
आपको वही िमलेगा ।
सार
तकनीक 5. लोग से कै से बोल
• लोग क मूलभूत दलच पी खुद म होती है ।
• अपनी श दावली से ‘म’ और ‘मेरा’ श द हटाकर उनक जगह पर ‘आप’ और ‘आपका’
रख ल।

तकनीक 6. बेहतरीन सवाल कै से पूछ


• खुले िसरे वाले सवाल पूछ। ‘कै से?’,‘ य ?’,‘ कस तरह ?’, ‘मुझे... बारे म बताएँ...’ से
अपनी बात शु कर ।

तकनीक 7. बातचीत कै से शु कर
• बातचीत शु करने के िलए या तो ि थित या सामने वाले ि के बारे म बात कर।
• सवाल से शु आत कर ।

तकनीक 8. बातचीत कै से जारी रख


• पुल का इ तेमाल कर, मसलनः ‘जैसे?’, ‘ तो फर...?’ ‘इसिलए?’, ‘ फर आप...?’,
‘िजसका मतलब है...?’

तकनीक 9. अपनी बात म दूसर क दलच पी कै से जगाएँ


• िस फ़ उनक मनचाही चीज़ के बारे म बात कर और उ ह बता द क आपके
समाधान से वे उसे कै से पा सकते ह।

तकनीक 10. लोग को अपने बारे म त काल सकारा मक कै से बनाएँ


• सबक तरफ़ देखकर मु कराएँ। मु कराहट यह संदश
े देती है, ‘म आपको देखकर खुश ँ
और आपको वीकार करता ँ ।’

तकनीक 11. लोग के साथ परानुभूित कै से रख


• दूसर को बताएँ क आप उनक भावना को समझते ह और दूसर ने भी ऐसा
ही महसूस कया है। फर यह बताएँ क दूसर ने समाधान कै से पाए थे ।

तकनीक 12. सबके साथ सहमत कै से ह


• अपनी आलोचना क स ाई से सहमत हो जाएँ।
• आलोचक के राय देने के अिधकार से सहमत हो जाएँ।

तकनीक 13. अपने आसपास सकारा मक ‘ आभामंडल’ कै से बनाएँ


• अपने व प और काम के बारे म सकारा मक बन।
• बोलते समय उ साही बन।
• कसी ि या व तु क आलोचना न कर।

तकनीक 14. लोग के िलए ‘हाँ’ कहना आसान कै से बनाएँ


• ऐसा कोई कारण खोज, िजससे वे ‘हाँ’ कह द।
• िसफ़ ‘हाँ’ जवाब वाले सवाल पूछ।
• बोलते और सुनते समय अपना िसर िहलाएँ।
• दो ‘हाँ’ के बीच म िवक प द।

तकनीक 15. कै से बोल, ता क पु ष सुन


• कसी पु ष से एक समय म एक ही बात कर।
• त य और जानकारी द।
• उसे बोलने का मौक़ा द।
• भावहीन चेहरा रख और सुनते समय हाँ- ँ करते रह।
• प बात कह।

तकनीक 16. कै से बोल, ता क मिहलाएँ सुन


• बातचीत म भाग ल। अपनी बारी आने का इं तज़ार न कर।
• सुनते समय चेहरे के भाव का इ तेमाल कर ।
• ि गत िववरण द और भावनाएँ बताएँ।
• समाधान या िन कष तक प च ँ ने क ज दबाज़ी न दखाएँ।
• अ य बातचीत कर । यादा दबाव न डाल।

तकनीक 17. 17 शि हीन वा यांश, िज ह आपको अपनी श दावली से


िनकाल देना चािहए
• अपनी श दावली से ऐसे वा यांश और श द हटा दे, िजनसे आपक िव सनीयता कम
होती है। इनम ये शािमल ह -
एक तरह से, यानी क, आप समझ गए ना क म या कहना चाहता ,ँ प ी/ पित/
पाटनर, सच कहता ,ँ प क ँ तो, ईमानदारी से, क़सम से, मेरा यक़ न कर, ज़ािहर
है, चािहए, मुझे ग़लत न समझे, मेरी िवन राय म, म आपको... नह
प चँ ाना चाहता, म कोिशश क ँ गा, म अपना सबसे अ छा यास क ँ गा, स मान के
साथ ।

तकनीक 18. 12 सबसे सश श द


• आप िजन 12 सबसे मह वपूण श द का इ तेमाल कर सकते ह, वे ह - खोज, गारं टी,
ेम, आज़माया आ, प रणाम, बचत, आसान, सेहत, धन, नया, सुर ा, आप।

तकनीक 19. नकारा मक वा य को सकारा मक म बदल


• िवनाशकारी आलोचना को सकारा मक शंसा म बदलने का तरीक़ा खोज ।

तकनीक 20. डर और चंता का मुक़ाबला कै से कर


• आप िजन चीज़ के बारे म चंता करते ह, उनम से अिधकांश कभी नह ह गी और जो
थोड़ी- ब त ह गी, उन पर आपका ब त कम िनयं ण होगा । इसिलए कसी चीज़ के
बारे म चंता न कर ।
• डर का सामना करते समय यह याद रख क यादातर मामल म यह F alse
E vidence A ppearing R eal होता है, यानी झूठा माण जो स ा
लगता है ।
खंड स

िबज़नेस तुित देना


21

यादगार पहली छाप कै से छोड़


पहली छाप िबज़नेस क दुिनया का ‘पहली-नजर-का- ेम’ है।
यहाँ पर नौ व णम शु आती क़दम बताए जा रहे ह :
1. आपका वेश : जब आपको कमरे म बुलाया जाए, तो बेिझझक अंदर चले जाएँ।
दरवाज़े क चौखट पर कू ल के उस शरारती ब े क तरह न खड़े रह, िजसे हेडमा टर
ने फटकारने के िलए बुलाया है। िजन लोग म िव ास क कमी होती है, वे कमरे म
दािख़ल होते समय धीमे हो जाते ह या थोड़ी देर िझझकते ह। िव ास के साथ
दरवाज़े से अंदर जाएँ और उसी र तार से चलते रह।
2. समीप प ँचने पर : तेज़ी से चल। िजन भावी लोग क तरफ़ सबका यान रहता
है, वे फ़ु त से म यम डग भरते ए चलते ह। जो लोग ब त धीमे चलते ह या लंबे-लंबे
डग भरते ह, वे यह करते ह क उनके पास ब त समय है, उनक अपने काम म
कोई िच नह है या उनके पास करने के िलए और कु छ नह ह।
3. हाथ िमलाना : अपनी हथेली खड़ी (vertical) रख और सामने वाला िजतना दबाव
डाले, आप भी उतना ही दबाव डाल। उसे ही यह फ़ै सला करने द क हाथ कब छु ड़ाना
है। कभी भी डे क के पार से हाथ न िमलाएँ, य क इससे सामने वाले को आप पर
‘ऊपरी हाथ’ रखने का मौक़ा िमल सकता है ।
4. आपक मु कान : यह सुिनि त कर क मु कराते समय आपके दाँत दख। िसफ़
ह ठ से नह , बि क पूरे चेहरे से मु कराएँ।
5. भ ह उठाना : यह मि त क म गहराई से थािपत एक ाचीन वीकृ ित संकेत है।
कसी ि से िमलते समय अपनी भ ह एक पल के िलए उठा ल।
6. जब आप बात कर : पहले 15 सेकंड म ि का नाम दो बार बोल और कभी भी
एक बार म 30 सेकंड से यादा न बोल। सामने वाले क तुलना म थोड़ी धीमी गित से
बोल।
7. जब आप बैठ : अगर आपको कसी ि के ठीक सामने नीची कु स पर बैठा दया
जाए, तो थोड़े से टेढ़े होकर उस ि से 45 िड ी का कोण बना ल, ता क ‘फटकार’
क मु ा से बच सक । अगर आप अपनी कु स को नह मोड़ सकते, तो अपने शरीर का
कोण बदल ल ।
8. आपक मु ाएँ : संयत, शांत और अपने भाव पर िनयं ण रखने वाले लोग प
और आसान मु ा का योग करते ह। ऊँचे ओहदे वाले ि कम ओहदे वाले
ि य से कम मु ा का योग करते ह। अपने हाथ को अपनी ठु ी से यादा
ऊँचा न उठाएँ। तालमेल बनाने के िलए सामने वाले क मु ा और अिभ ि य को
ित बंिबत कर।
9. जब आप लौट : जब आप अपनी बात पूरी कर ल, तो अपना सामान शांित से समेट
- हड़बड़ी या ज दबाज़ी म यह काम कभी न कर। संभव हो, तो हाथ िमलाएँ और
फर मुड़कर चल द। अगर आपके भीतर आते समय दरवाज़ा बंद था, तो बाहर
िनकलते समय भी उसे बंद करना न भूल। आपके बाहर िनकलते समय लोग आपको
पीछे से देखते ह, इसिलए अगर आप पु ष ह तो यह सुिनि त कर ल क आपके जूते
के िपछले िह से चमकदार ह । िछपे ए कै मर से पता चला है क लौटते समय लोग
मिहला के िपछले िह से को देखते ह – चाहे आप इसे पसंद कर या न कर। इसिलए
अगर आप मिहला ह, तो दरवाज़े तक प च ँ कर धीरे से मुड़ और मु कराएँ। यह यादा
अ छा है क वे आपके िपछले िह से के बजाय आपके मु कराते ए चेहरे को याद रख।
22

िबज़नेस म आलोचना से कै से िनबट


अगर कोई ाहक या संभािवत ाहक आपक या आपक कं पनी क आलोचना करता है,
तो ि थित को सुधारने के िलए ‘उसके पैर म अपना जूता पहनाने’ क तकनीक का
इ तेमाल कर । उससे बस इतना भर पूछ ल क अगर वह आपक जगह होता और कोई
उसक आलोचना करता, तो वह या करता।
चाहे वह जो भी कहे, उस पर यह ित या कर :
‘‘आपने िबलकु ल सही कहा ! हमने यही कया था !’’ या, ‘‘आपने ठीक कहा ! हम यही करने वाले ह !’’

उदाहरण के िलए :
आप स ाई से सहमत हो गए ह और आपने अपने संभािवत ाहक को यह बताकर
अ छा महसूस करा दया है क उसक राय न िसफ़ सही है, बि क आपक कं पनी इसे पहले
ही अपना चुक है (या अपनाने वाली है) । जब आप ‘उसके पैर म अपना जूता’ पहना
देते ह, तो आपके संभािवत ाहक क आपि कमज़ोर पड़ जाती है और वह उसे दोबारा
उठाने क ज़ रत महसूस नह करे गा।
अगर आपक कं पनी ने सम या को सुधारने के िलए कु छ नह कया है, तो आप उस
संभािवत ाहक का िबज़नेस हािसल करने के क़ािबल ही नह है।
23

टे लीफ़ोन पर जवाब देने का सबसे भावी तरीक़ा


यादातर लोग फ़ोन पर इस तरह जवाब देते ह :
‘‘ए स वाय ज़ेड कॉरपोरे शन... एलन बोल रहा ।ँ ’’

अगर आप कसी क तरफ़ चलकर जाते ह, तो आप यह नह कहते ह, ‘‘म एलन ,ँ


चल रहा ।ँ ’’ फ़ोन पर यह प होता है क आप बोल रहे ह, इसिलए ‘बोल रहा ’ँ श द
कभी न बोल।
शोध से पता चला है क जब आप फ़ोन पर जवाब देते ह, तो सामने वाला ि
आपका कहा आिख़री श द याद रखता है, इसिलए अपना नाम सबसे आिख़र म बोल और
उठते ए सुर (Rising Terminal) म बोल। उठता आ सुर वह होता है, िजसम आप
अपनी आवाज़ का वॉ यूम और टोन दोन ऊपर उठाते ह। अ ययन से पता चला है क
ऐसा करने पर 86 ितशत लोग आपका नाम याद रख पाते ह, जब क ‘एलन बोल रहा ’ँ
म िसफ़ 6 ितशत लोग ही आपका नाम याद रख पाते ह।
आज से फ़ोन पर इस तरह जवाब द :
“ए स वाय ज़ेड कॉरपोरे शन... म एलन।”

और अपने नाम को उठते ए सुर पर ख़ म कर। इससे सुनने वाला आपको अपना नाम
बताने के िलए े रत होता है और आपके बीच त काल संबंध थािपत हो सकता है। वैसे
इतना ज़ र यान रख, एलन के नह , अपने नाम का इ तेमाल कर।
24

आलोचना या फटकार कै से लगाएँ


लीडर के प म कई बार आपको कसी को जवाबदेह ठहराना पड़ता है या अवांिछत
वहार के िलए फटकार लगानी होती है। हमम से अिधकांश लोग कसी को फटकारने या
अनुशािसत करने के िवचार से घबराते ह। नीचे 6 िह स क एक ऐसी तकनीक बताई गई
है, िजससे यह या सभी के िलए आसान और ददरिहत बन जाती है।

सफल आलोचना, फटकार या मू यांकन के 6 व णम िनयम

1. सडिवच तकनीक का इ तेमाल कर


याज़ को जब अके ला खाया जाता है, तो उसका वाद कड़वा लगता है, ले कन जब उसे
सलाद क दूसरी चीज़ के साथ िमलाया जाता है, तो वह वा द लगता है । हार को
नम बनाने के िलए उस ि के कसी सकारा मक काम के िलए उसक शंसा कर । फर
उसक गलती बताएँ और उसके बाद उसके दशन के बारे म कोई सकारा मक बात कह द।

2. ि नह , काम क आलोचना कर
उसे बताएँ क आप उससे तो खुश ह (अगर यह सच है!), ले कन उसके काम से खुश नह
ह।

3. उसक मदद माँग


कभी भी यह न कह क सामने वाला ‘बस आदेश का पालन करे ।’ इसके बजाय यह कह क
आपको कोई सम या सुलझाने म उसका सहयोग और मदद चािहए।
4. वीकार कर क आपने भी ऐसी ही ग़लितयाँ क ह और फर समाधान
बताएँ
आलोचना क शु आत म उसी कार क कसी ग़लती का िज़ कर, जो आपने अतीत म
क हो । इससे आपक आलोचना अिधक सहनीय बन जाती है । यह वैसा ही है, जैसे कसी
ि के दाँत म ि ल करने से पहले ड ट ट उसे सु कर देता है। यह प कर क आप
(या कसी दूसरे ) के सामने भी अतीत म इसी तरह क चुनौितयाँ आई थ और यह बताएँ
क आपने उस सम या को कै से दूर कया। जब आप यह वीकार करते ह क आप आदश
नह ह, तो दूसरे आपका अनुसरण करने के िलए े रत होते ह ।

5. आलोचना िसफ़ एक बार कर और अके ले म कर


कभी भी कसी ि को अ य लोग के सामने न फटकार। यह काम बंद दरवाज़े के पीछे
शांित से कर। ग़लती और उसे सुधारने के तरीक़े का िज़ िसफ़ एक बार कर । ि क
असफलता के बारे म लगातार, बार-बार न बोलते रह।

6. दो ताना अंदाज पर बात ख़ म कर


सम या सुलझाने म सहयोग देने के िलए उसे ध यवाद द। इसके बाद कह क काम करने के
िजन नए तरीक़ पर बातचीत ई है, आप उ ह अमल म देखने के िलए उ सुक ह।
25

भावी भाषण कै से द
जो लोग मंच पर खड़े होकर सश ेरक भाषण दे सकते ह, उनक सभी शंसा करते ह।
वसाय और समाज दोन जगह पर उ ह लीडरिशप के पद पर तर दी जाती है।
कसी भी िवषय पर त काल ेरक भाषण देने के िलए चार-क़दम के इस फ़ॉमूले पर
चल, चाहे भाषण दो िमनट का हो, बीस िमनट का हो या एक घंटे का हो। नीचे बताए गए
चार बंद ु को याद कर
1. धमाके दार बात
2. इसका िज़ य कया?
3. उदाहरण के िलए?
4. तो या कर?

1. घमाके दार बात


जब आप बोलने के िलए खड़े होते ह, तो ोता मन ही मन म सोचते है, ‘ओह... एक और
नीरस व ा आ गया!’ इसिलए आपको अपनी बात कसी नाटक य, दलच प या मजेदार
कहानी, वा य या कथन से शु करनी चािहए, ता क ोता नीरसता से बाहर िनकल आएँ
और उनका यान फ़ौरन आक षत हो जाए।

2. इसका िज़ य कया ?
आपका अगला क़दम उ ह यह बताना है क आपने वह नाटक य/ दलच प/मज़ेदार कथन
या कहानी य सुनाई मह वपूण य है
3. उदाहरण के िलए?
यहाँ आपके भाषण क यादातर बात आती ह। तीन बंद ु या कारण बताएँ क आप जो कह
रहे ह, वह उनके िलए मह वपूण य है। लंबा भाषण देते समय तीन मुख बंद ु के साथ
तीन सहायक बंद ु भी बताएँ ।

4. तो या कर ?
भाषण के अंत म आपके ोता यह सोच सकते ह. ‘तो, आप मुझसे इस बारे म या
करवाना चाहते ह ?’ यहाँ पर आप उ ह अपने सुझाव पर अमल करने क दशा म े रत
करते ह ।

मान लीिजए आपको सड़क सुर ा के बारे म अिभभावक के समूह के सामने भाषण देना है
। आपको उ ह े रत करना है क वे अपने ब के साथ त सड़क को कह से भी पार न
कर, बि क ज़े ा ॉ संग का योग कर । आप यह भाषण इस तरह से द :

1. धमाके दार बात


“िपछले साल 2,355 ब े अनाव यक प से अपंग ए या मर गए – और इसके िलए उनके
माता- िपता दोषी ह। आँकड़ के िहसाब से इस कमरे म बैठे आपम से दो लोग के ब े
ज दी ही अ पताल म भत ह गे और आप उनके ठीक होने क ाथना कर रहे ह गे ।
अब सवाल यह है – वे दो लोग आपम से कौन ह गे ?”

2. इसका िज़ य कया ?
“सािथयो, म आपको यह आँकड़े इसिलए बता रहा ,ँ य क िपछले साल इस देश म इतने
ही ब े अपने माता-िपता के पास प च
ँ ने के िलए सड़क पार करते समय कार से टकराए
थे। और इनम से 96 ितशत ब े ज़े ा ॉ संग का इ तेमाल नह कर रहे थे । म जो कहने
वाला ,ँ वह इस कमरे म बैठे आपम से हर ि के िलए मह वपूण है । और ऐसा इसिलए
है, य क आप अपने ब से यार करते ह ।”

3. उदाहरण के िलए?
( बंद ू 1) “द नेशनल से टी काउं िसल ने हाल ही म 46 कू ल के बाहर एक अ ययन
आयोिजत करवाया, िजसम यह पता चला...” (त य, आँकड़े और अ य डाटा देकर
अपने पहले बंद ु को सािबत कर । )
( बंद ु 2) “हमने अपने इलाक़े म यातायात सुर ा के ित माता-िपता के नज़ रय का
सव ण आयोिजत कया और पाया...” (अपने दूसरे बंद ु को सािबत कर) ।
( बंद ु 3) “म खुद एक िपता ँ – और म जानता ँ क आपम से यादातर लोग कै सा
महसूस करते ह - मने खुद से कई बार पूछा है...” (आपके तीसरे बंद ु म शायद
ि गत, भावना मक राय शािमल हो) ।

4. तो या कर?
“तो म आपसे यह करवाना चाहता ।ँ आज से जब भी आप अपने ब े को कू ल लेने जाएँ,
तो म चाहता ँ क...” ( ोता को अपने सुझाव पर अमल करने के िलए े रत कर।) ।
अपनी बात पूरी करने के बाद चुप हो जाएँ और बैठ जाएँ।
कभी भी ोता को अपनी बात सुनने के िलए ध यवाद न द - अगर आपने अ छा
भाषण दया है, तो ध यवाद तो उ ह देना चािहए ।
26

िवजुअल ज़े टे शन का इ तेमाल कै से कर
शोध से पता चला है क जब आप पु तक , चाट, ाफ़ या लैपटॉप का योग करके
िवज़अल ज़े टेशन (दृ या मक तुित ) देते ह, तो 82 ितशत जानकारी आँख के
मा यम से हण क जाती है, 11 ितशत कान से और 7 ितशत अ य इं य से।

बताओ, दखाओ और शािमल करो


अमे रका म हाटन ारा कए गए अ ययन से पता चला क शाि दक तुितय से बाद म
िसफ़ 10 ितशत जानकारी याद रहती है, जब क शाि दक और दृ या मक तुितय को
िमलाने पर जानकारी याद रहने का ितशत 51 हो जाता है। इसका मतलब है क
अगर आप िवज़अल ज़े टेशन ए स का इ तेमाल करते ह, तो
आपक सफलता 400 ितशत यादाबढ़ जाती है।
इस अ ययन म यह भी पता चला क िवज़अल ए स के इ तेमाल से िबज़नेस मी टंग
म लगने वाला औसत समय 25.7 िमनट से घटकर 18.6 िमनट रह जाता है – यानी 28
ितशत समय क बचत होती है।
बहरहाल, जब हम अपनी बात तुत करने के िलए शाि दक, दृ या मक और
भावना मक तीन तरीक़ का इ तेमाल करते ह, तो लोग को हमारी 92 ितशत बात
याद रहती ह।
हम याद रखते ह :
सुनी ई बात का 10 ितशत
देखी और सुनी ई बात का 51 ितशत
देखी, सुनी और क ई बात का 92 ितशत
इसिलए िसफ़ बोलने का सबसे कम भाव पड़ता है। बोलने और दखाने से थोड़ा
यादा भाव पड़ता है। बोलने, दखाने और दूसर को शािमल करने से आपक बात सबसे
यादा याद रहती ह ।

पॉवर िल ट का इ तेमाल कर
तुित देते समय पेन का इ तेमाल कर। इसी दौरान उसका िववरण भी बताएँ। फर पेन
को उठाकर ोता और अपनी आँख के बीच म रख ल। इसे पॉवर िल ट कहा जाता है और
इससे ोता चुंबक य प से अपना िसर उठा लेता है। अब वह आपक तथा तुित क
ओर सीधे देख रहा है और आपक बात भी सुन रहा है । इससे आपका संदश
े यादा भावी
हो जाता है। बहरहाल, बोलते समय अपने दूसरे हाथ क हथेली दखाना न भूल।

तुित के दौरान पु ष से यादा देर तक िनगाह िमलाएँ, ले कन मिहला के साथ कम


देर तक िमलाएँ । अगर आपको इस बारे म संशय हो, तो उतनी ही देर िनगाह िमलाएँ,
िजतनी देर सामने वाला िमला रहा हो।
27

बातचीत के समय कहाँ बैठ


कु सय और बैठने क ि थितय से ऑ फ़स या घर म सकारा मक या नकारा मक मूड
बनाया जा सकता है ।
कसी आयताकार टेबल पर आप पाँच ि थितय म बैठ सकते ह। मान लीिजए क
आप B ह और सामने वाला A है।

ित पध / र ा मक ि थित (B3)
दोन प के बीच टेबल एक ठोस अवरोध है । कसी ि के ठीक सामने बैठने से
र ा मक, ित पध माहौल बन सकता है और इससे दोन ही अपने दृि कोण पर दृढ़ता से
अड़े रह सकते है ।
ावसाियक चचा के शोध से पता चला है क 56 ितशत लोग इस ि थित को
ित पध मानते ह। ावसाियक चचा के दौरान वही लोग इस ि थित म बैठते ह, जो
या तो एक-दूसरे के साथ ित पधा करते ह या फर जब एक ि दूसरे को फटकारता
है। जो लोग आमने-सामने बैठते ह, वे कम बात करते ह तथा यादा नकारा मक,
ित पध या आ ामक होते ह।
अगर आपको इस ि थित म बैठने के िलए िववश कया जाए, तो A ि से
अपनी कु स 45 िड ी घुमा ल ।

सहयोगी ि थित (B2)


जब दो लोग एक जैसा सोच रहे ह या कसी ोजे ट पर एक साथ काम कर रहे ह , तो वे
अ सर इस ि थित म बैठते ह। अ ययन से पता चला है क 55 ितशत लोग क राय म
यह सबसे सहयोगी ि थित थी । जब इन लोग से कसी दूसरे के साथ िमलकर काम
करने के िलए कहा गया, तो वे सहजता से इसी ि थित म बैठ गए । अपनी बात कहने और
उसे मनवाने के िलए यह ब त अ छी ि थित होती है। इससे िनगाह का अ छा संपक
रहता है और सामने वाले क बॉडी ल वेज को ित बंिबत करने का अवसर भी िमल जाता
है।

कोने वाली ि थित (B1)


इस ि थित म वे लोग बैठते ह, जो दो ताना या ह क -फु क बातचीत करते ह। यह सबसे
मह वपूण ि थित है, जहाँ से आप अपनी तुित दे सकते ह, यह मानते ए क A ोता है।
अपनी कु स को B1 क ि थित तक प च ँ ाकर आप तनावपूण माहौल को शांत कर सकते ह
और सकारा मक प रणाम क संभावना को बढ़ा सकते ह।
B4 और B5 ि थितय को पु तकालय म वतं ता दशाने के िलए चुना जाता है और
तुितयाँ देते समय इनसे बचना चािहए।

अगर आपको कसी ि के ऑ फ़स, या घर म कसी अनौपचा रक े म जैसे गोल


कॉफ टेबल पर, बैठने का आमं ण दया जाए, तो यह एक सकारा मक संकेत है, य क
िबज़नेस म 95 ितशत अ वीकृ ितयाँ डे क के पीछे से दी जाती ह। कभी भी सोफ़े म इतने
नीचे न धँस जाएँ, िजससे आपके पैर बड़े दख, धड़ नज़र ही न आए और िसर छोटा दखे।
अगर ज़ री हो, तो कु स के िसरे पर तनकर बैठ, ता क आप अपनी बॉडी ल वेज को
िनयंि त कर सक और उस ि से 45 िड ी का कोण बना सक।
28

बॉडी ल वेज क 10 िवजयी रणनीितयाँ


जैसा हमने बताया है, लोग आपके बारे म चार िमनट से भी कम समय म अपनी 90
ितशत राय बना लेते ह और आपका उन पर जो 60-80 ितशत भाव पड़ता है, वह
अशाि दक होता है। नीचे दस रणनीितयाँ बताई जा रही ह, जो आपको दूसर पर
सकारा मक भाव डालने का सव े अवसर दगी।

1. अपनी हथेिलयाँ ऊपर रख


बोलते समय आपक हथेिलयाँ दूसर को दखनी चािहए। इस ाचीन संकेत क ित या
मि त क क गहराई म रची-बसी है। इससे लोग आपको अहािनकर मानगे और आपके
ित सकारा मक ित या करगे।

2. अपनी उं गिलयाँ जोड़कर रख


जो लोग अपनी उं गिलयाँ जोड़े रखते ह और अपने हाथ अपनी ठु ी के नीचे रखते ह, उनक
तरफ़ लोग का सबसे यादा यान आक षत होता है। खुली उं गिलय का इ तेमाल करने
या ठु ी से ऊपर हाथ रखने को कम भावी माना जाता है।

3. अपनी कोहिनयाँ बाहर रख


अपनी कोहिनय को कु स के ह थे पर रखना शि का प रचायक है और इससे सश ,
स ी छिव बनती है। असफल और परािजत ि अपनी कोहनी को कु स के ह थे के
भीतर लटकने देते ह और आ म-र ा के िलए कोहिनय को अपने शरीर से सटाकर रखते ह
। ऐसे लोग को डरा आ या नकारा मक माना जाता है, इसिलए इस तरह बैठने से बच।
4. अपनी दूरी बनाए रख
दूसरे ि के ि गत े का स मान कर, जो कसी नई मुलाक़ात क शु आत म
सबसे यादा होगा । य द आप यादा क़रीब जाएँगे, तो सामने वाला पीछे हट सकता है,
पीछे झुक सकता है या ऐसी मु ा का योग कर सकता है, िजससे उसक िचढ़ कट
हो, जैसे अपनी उं गिलय से कसी चीज़ को तबले जैसा बजाना या पेन को ि लक करना।
प रिचत लोग के करीब बैठे, ले कन अजनबी लोग से दूर बैठे। हमउ लोग के यादा
क़रीब बैठे, ले कन अपने से ब त यादा या कम उ वाले लोग से थोड़ी दूर बैठे।

5. सामने वाले क बॉडी ल वेज का ित बंबन कर


सामने वाले क बॉडी ल वेज और भाषाई संरचना का ित बंबन करने से त काल तालमेल
बनता है। कसी के साथ पहली मुलाक़ात म उसके बैठने क ि थित, भंिगमा, शरीर के
कोण, मु ा , चेहरे के भाव और आवाज़ क टोन का ित बंबन कर। ज दी ही उसे
यह महसूस होने लगेगा क आपम ऐसा कु छ है, जो उसे पसंद है-वह आपको ब त
आरामदेह ि मान लेगा।
दंपितय के सामने से स टॉक करते समय यह देख क उनम से कौन सा ि
कसक मु ा को दोहरा रहा है। इससे आप िनणय लेने वाले को पहचान लेते ह। अगर
मिहला शु आती गितिविध करती है और पु ष उसक नक़ल करता है, तो पु ष से िनणय
लेने का आ ह करने म यादा समझदारी नह है।

6. सामने वाले के बोलने क गित क बराबरी कर


ि के बोलने क गित यह बता देती है क उसका दमाग़ कतनी तेज़ी से सूचना का
िव ेषण कर सकता है। सामने वाले ि के समान या उससे थोड़ी कम गित से बोल और
उसक टोन तथा उतार-चढ़ाव का ित बंबन कर। अ ययन से पता चला है क जब कोई
सामने वाले से यादा तेज़ी से बोलता है, तो वह ‘दबाव‘ महसूस करने लगता है।

7. बाँह खोल द
सीने पर हाथ बाँधना अपने और कसी अि य चीज़ के बीच म बाधा खड़ी करने क
कोिशश है। सीने पर हाथ बाँधने पर ि को 40 ितशत बात कम याद रहती ह। अगर
कसी दूसरे ने सीने पर हाथ बाँध रखे ह , तो उसक ि थित बदलवाने के िलए उसे कु छ
पकड़ा द या करने के िलए कु छ दे द। उसे पेन, पु तक, ोशर, सपल या िलिखत टे ट दे द,
ता क वह अपनी बाँह खोलने और आगे झुकने के िलए ो सािहत हो। भावी बातचीत के
िलए आमने-सामने क मुलाक़ात म कभी सीने पर हाथ न बाँधे।
8. सामने वाले क कोहनी छु एँ
सामने वाले के पश का ित बंबन कर। अगर वह आपको नह छू ता है, तो आप भी ऐसा न
कर। बहरहाल, योग से पता चला है क जब कसी ि क कोहनी पर ह के से तीन
सेकंड से भी कम समय के िलए छु आ जाता है, तो वह 68 ितशत यादा सहयोगपूण हो
जाता है।
अ ययन से यह भी पता चला है क िजन मिहला वेटर ने भोजन करने आए ाहक
क कोहिनय और हाथ को छु आ, उ ह पु ष ाहक से सामा य से 80 ितशत यादा
टप िमली। इसी तरह दोन लंग के ाहक क कोहिनय और हाथ को छू ने पर
पु ष वेटर क आमदनी 32 ितशत बढ़ गई। दूसरे श द म, कोहनी और हाथ छू ने म
िनपुणता से आपक सफलता क संभावना तीन गुनी बढ़ सकती ह।

9. सामने वाले का नाम दोहराएँ


जब आप अगली बार कसी नए ि से िमल और हाथ िमलाएँ, तो हाथ िमलाते समय
अपनी बाई बाँह बढ़ाकर ह के से उसक कोहनी या हाथ को छु एँ। साथ ही उसका नाम
दोहराकर यह सुिनि त कर क आपने उसे सही तरह से सुन िलया है। इससे न िसफ़ वह
ि मह वपूण अनुभव करता है, बि क इससे आपको उसका नाम याद रखने म भी
आसानी होती है।

10. अपने चेहरे को छू ने से बच


अ ययन से पता चला है क जब कोई ि कोई बात िछपाता है या झूठ बोलता है, तो
र चाप म वृि होने के कारण वह अपने नाक और चेहरे को यादा बार छू ने लगता है।
अगर आपक नाक म खुजली हो, तो अप रिचत लोग यह सोच सकते ह क आप झूठ बोल
रहे ह। इसिलए अपने हाथ को चेहरे से दूर रख।

इन सारी बात का अ यास कर


कसी मह वपूण इं टर ू या मी टंग म जाने से पहले कु छ िमनट शांित से बैठकर ऊपर
बताई बात का अ यास कर ल और मन म इ ह अ छी तरह से करने क का पिनक त वीर
देख। जब आपको मन म ये सारी चीज़ प ता से दख जाएँगी, तो आपका शरीर उ ह
अ छी तरह से करने म स म होगा। आपको इं टर ू म िव सनीय दखना चािहए,
इसिलए अगर आप यह चाहते ह क दूसरे आपको गंभीरता से ल, तो पहले से ही अपने
वहार का मानिसक अ यास कर ल।
अ ययन से पता चलता है क अ यास करने पर ये यो यताएँ ज दी ही आपक आदत
बन जाती ह और जीवन भर आपके काम आती ह। ह।
सार
तकनीक 21. यादगार पहली छाप कै से छोड़
• कमरे म दािखल होते समय िबना िझझके तेज़ी से अंदर जाएँ।
• हाथ िमलाते समय अपने हाथ को खड़ा रख और उतना ही दबाव डाल, िजतना सामने
वाला डाल रहा हो।
• मु कराएँ। अपने दाँत दखाएँ और पूरे चेहरे से मु कराएँ।
• एक पल के िलए अपनी भ ह उठाएँ।
• पहले 15 सेकंड म सामने वाले का नाम दो बार ल।
• अपने शरीर को सामने वाले से 45 िड ी मोड़ ल।
• प , आसान और सही मु ा व गितिविधय का योग कर।
• वापस लौटने क तैयारी करते समय अपना सामान शांित से समेट। अगर आप मिहला
ह, तो बाहर िनकलते समय मुड़कर मु कराएँ।

तकनीक 22. िबज़नेस म आलोचना से कै से िनबट


• ‘अपना जूता सामने वाले के पैर म पहना द’ और उससे पूछे क अगर वह आपक जगह
होता और कोई उसक कं पनी क आलोचना करता, तो वह या करता।

तकनीक 23. टे लीफ़ोन पर जवाब देने का सबसे भावी तरीक़ा


• अपना नाम वा य के अंत म बोल और ऊँचे सुर का इ तेमाल कर।

तकनीक 24. आलोचना या फटकार कै से लगाएँ


• ‘सडिवच तकनीक‘ का इ तेमाल कर
• ि नह , काम क आलोचना कर
• उसक मदद माँग
• वीकार कर क आपने भी एक बार ऐसी ही गलती क है और समाधान बताएँ
• आलोचना एक बार ही कर और अके ले म कर
• दो ताना अंदाज़ पर बात ख़ म कर

तकनीक 25. भावी भाषण कै से द


• धमाके दार बात - कसी नाटक य, दलच प या मज़ा कया कहानी या कथन से शु आत
कर।
• इसका िज़ य कया ? - अपने ोता को बताएँ क आपने यह बात य कही और
यह उनके िलए मह वपूण य है।
• उदाहरण के िलए ? - तीन सश बंद ु बताएँ और हर मुख बंद ु के िलए तीन सहायक
बंद ु द।
• तो या कर ? - अपने ोता को अपना सुझाया काम करने के िलए े रत कर।

तकनीक 26. िवज़अल ज़े टे शन का इ तेमाल कै से कर


• लोग को चीज़ दखाने और शािमल करने से वे आपक बात को सबसे यादा याद रख
सकते ह।
• उनक आँख ऊपर उठवाने के िलए पॉवर िल ट का इ तेमाल कर, ता क वे आपक
तुित को देख और सुन सक।

तकनीक 27. बातचीत के समय कहाँ बैठे


• ित पध / र ा मक ि थित म बैठने से बच।
• सहयोगी या कोने वाली ि थित म बैठ।

तकनीक 28. बॉडी ल वेज क 10 िवजयी रणनीितयाँ


• आपक हथेिलयाँ दखती रहनी चािहए
• अपनी उगिलयाँ एक साथ रख
• अपनी कोहिनयाँ बाहर रख
• अपनी दूरी बनाए रख
• सामने वाले क बॉडी ल वेज को ित बंिबत कर
• सामने वाले के बोलने क गित क बराबरी कर
• बाँह खुली रख
• सामने वाले क कोहनी का पश कर
• सामने वाले का नाम दोहराएँ
• अपना चेहरा न छु एँ
समापन

हाथी को िशि त कै से कर
या आपका यान कभी इस तरफ़ गया है क सकस के हाथी ज़मीन म गड़ी लोहे क खूँटी
से एक कमज़ोर जंज़ीर के सहारे बँधे रहते ह।
कसी छोटे हाथी को भी उस जंज़ीर को तोड़ने या खूँटी को उखाड़ने म कोई मुि कल
नह आएगी, ले कन वय क हाथी भागने क कोई कोिशश नह करते ह। ऐसा य होता है
?
जब हाथी क उ कम होती है, तो उनके पैर म मज़बूत जंज़ीर डालकर कं ट के
मोटे खंभे से बाँधा जाता है।
छोटे हाथी चाहे कतना ही ख च या ज़ोर लगाएँ, चीख़ या पैर पटक, वे आज़ाद नह
हो पाते ह । बड़े होने तक वे यह सीख लेते ह क चाहे वे कतनी ही कोिशश कर, जंज़ीर को
तोड़ना असंभव है। अंततः वे कोिशश करना ही छोड़ देते ह।
अब वे मानिसक प से यह मान चुके ह क उनके पैर म डली जंज़ीर अगर खूँटी से
बँध जाती है, तो
बचकर भागना असंभव है, चाहे जंज़ीर कतनी ही कमज़ोर हो या कतनी ही छोटी
खूँटी से बँधी हो। अगर जंज़ीर बँधी है, तो वे क़ै द ह।
हमारे पैदा होते ही हमारे िश क हम कं डीशन या िशि त करने लगते ह। हमारी
नैस गक वृि य के अलावा हमारे पास कोई ान नह होता है और हम जो भी करते या
सोचते ह, वह ‘ िश क ’ - हमारे माता-िपता, िपता भाई-बहन, िम , िश क, िव ापन
और टेलीिवज़न - क कं डीश नंग का प रणाम है। अिधकांश कं डीश नंग सू म और दोहराव
वाली होती है। यह हमारे अवचेतन म िव हो जाती है, ता क जीवन म बाद म िनणय
लेते समय काम आए । हालाँ क थोड़ी- ब त कं डीश नंग हम सुरि त रखने के िलए होती
है, ले कन यादातर हमारे ि गत िवकास को अव कर देती है । इस तरह हम
मानिसक और भावना मक जंज़ीर से खूट
ँ ी से बँध जाते ह।
हमारे माता- िपता हम बताते ह, ‘ब े दखने चािहए, उनक आवाज़ नह आनी चािहए
।’
हमारे िश क हम बताते ह, ‘जब कोई तुमसे बोले, तभी बोलना।’
हमारे िम , हम बताते ह ‘कभी सुरि त नौकरी मत छोड़ो।’
समाज कहता है, ‘अपना कज़ पटाओ और रटायरमट के िलए पैसे बचाओ।’
मीिडया हम बताता है क हम पया अ छे नह ह। सुखी बनने के िलए हम छरहरे होना
चािहए, हमारी वचा, बाल तथा दाँत आदश होने चािहए और हमारे पास से अ छी खुशबू
आनी चािहए।
ये सारी चेताविनयाँ सू म तथा दोहराव भरी होती ह और हमारे िव ास तं का
िह सा बन जाती ह । जब हम जीवन म िश ा हण करते ह, तो हम लगातार बताया
जाता है क हम या नह कर सकते। हम यह नह बताया जाता है क हम या कर सकते
ह।
िजस तरह हाथी को कं डीशन करके यह यक़ न दला दया जाता है क वह भाग नह
सकता, उसी तरह नकारा मक कं डीश नंग हम भी आसानी से ‘नह कर सकते’ वाला
ि बना सकती है और सफलता पाने से रोक सकती है।

िव थापन नीित
जीवन के बारे म अपनी वतमान आदत और नज़ रय क क पना बा टी म भरे पानी से
कर। बा टी म यादातर सामान दूसर ने भरा है - हमारे माता-िपता, टीचर, हमउ
लोग और मीिडया ने।
अब यह क पना कर क इस पु तक म सीखा गया हर िस ांत और सकारा मक नीित
एक कं कड़ है। जब आप इस कं कड़ को बा टी म डालगे, तो उसम से कु छ नकारा मक आदत
और नज़ रए बाहर िनकल जाएँगे। जब आप ऐसा करते रहगे, तो कं कड़ यादातर पानी क
जगह ले लगे और आपक बा टी सकारा मक कु शलता , नज़ रय और आदत से भर
जाएगी, िजनसे आपको जीवन भर लाभ होगा।
इस पु तक ने आपको वे कं कड़ दे दए ह, िजनक सहायता से आप दूसर के साथ ऊँचे
तर पर संबंध बना सकते ह, अिधक रोचक, भावशाली और चुंबक य ि बन सकते
ह, और सकारा मक िनणय तक प च ँ ने म लोग क मदद कर सकते ह। हर दन
एक िस ांत को ल और इसका तब तक अ यास कर, जब तक यह आपक आदत न बन
जाए। नई आदत डालने म 30 दन लगातार अ यास क ज़ रत होती है, तभी यह थायी
बन पाती है।
नकारा मक आदत क जगह सकारा मक आदत डालने के िलए इसी समय शु आत
कर द। आप ऐसा कै से कर सकते ह ? उसी तरह से, िजस तरह हाथी को िशि त कया
जाता है : लगातार सीखकर, सकारा मक काय का लगातार अ यास करके , ता क वे ‘कर
सकता ’ँ क आदत म बदल जाएँ।

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