महाभारत की एक साँझ..

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महाभारत की एक सााँझ

अवतरण -१
जिस कालाजनि को तुिे वर्षों घि
ृ दे कर उभारा है , उस लपटों में तेरे साथी तो
स्वाहा हो गए । उसके घेरे से तू क्यों बचिा चाहता है ? अच्छी तरह समझ ले
ये तेरी आहुतत ललए बबिा शाांत ि होगी।
* Question:-
१ .’कालाजनि’ शब्द का प्रयोग ववस सांदभभ में हुआ है और क्यों?
२. ‘घत
ृ ’ शब्द का प्रयोग ककसललए कहा गया है ? ककसके साथी कब
और क्यों स्वाहा हो गए?
३. वक्ता कौि है ? उसका पररचय दीजिए।
४. तेरी आहुतत ललए बबिा शाांत ि होगा वाक्य का आशय स्पष्ट
कीजिए ?

अवतरण :2
पाांडवों की ओर से भीम गदा लेकर रण में उतरे । दोिों वीरों में घमासाि युदध
होिे लगा। सय
ु ोधि का पराक्रम सबको चककत कर दे ता था। ऐसा लगता था
मािो ववियश्री अांत में उनहीां को वरण करे गी पर तभी श्रीकृष्ण के सांकेत पर
भीम िे सय
ु ोधि की िांघा पर गदा का भीर्षण प्रहार ककया।
सवाल:
१ . उपयक्
ुभ त कथि का वक्ता और श्रोता कौि है ? पररचय दीजिए।
२. दय
ु ोधि िे क्या कहते हुए युदध करिा स्वीकार ककया और कौि सा
शस्र चुिा?
३. गदा यद
ु ध का पररणाम क्या होता है और क्यों ? कारणसहहत ललखिए ।
४. आहत दय
ु ोधि से लमलिे कौि-कौि आता है ? उिका क्या वाताभलाप
होता है ?
* Answer:
अवतरण -१

१ . ‘कालाजनि’ शब्द का प्रयोग मत्ृ यु की ज्वाला से है । दय


ु ोधि - आरां भ से ही
पाांडवो के प्रतत क्रोध और प्रततस्पधाभ की भाविा रिता था। िब उसे
यधु धष्ठीर के भावी रािा बििे के बारे में पता चला, तब वह कांु ठा से भर उठा
और अपिे मामा शकुिी की मदद से पाडांव पुरों को समाप्त करिे की
कोशीशें की। उसिे िीवि भर मयाभदाओां को तोड़कर अिौततक कायभ ककए।
उसी कालाजनि में दय
ु ोधि के सभी साथी भी समाप्त हो गए।

२. ‘घत
ृ ’ का अथभ है -‘घी’ । दय
ु ोधि िे मत्ृ यु की ज्वाला में अपिे क्रोध रूपी घी
को डालकर उसे और भड़काया था था। दय
ु ोधि के सभी साथी स्वाहा हो गए।
महाभारत में दय
ु ोधि की अक्षौहहणी सेिा िष्ट हो गई थीां। अांत में
अश्वथामा, कृपाचायभ और दय
ु ोधि के अततररक्त कोई िहीां बच सका।

३. वक्ता भीम है । भीम युधधष्ठीर का छोटा भाई है तथा प्रलसदध पााँच पाांडवों
में से दस
ू रे थे। उिमें दस हिार हाधथयों का बल था और वह गदा यद
ु ध में
पारां गत थे। भीम िे ही दय
ु ोधि और द:ु शासि सहहत गाांधारी के सौ पुरों को
मारा था।

४. इस वाक्य का अथभ है कक आि उसे स्वयां की आहुतत दे िी होगी क्योंकक


जिस कालाजनि को दय
ु ोधि िे वर्षों से उभारा है , उसकी लपटो में सब कुछ
स्वाहा हो गया है , तो वह उससे क्यों बचिा चाहता है । उसे समझ लेिा
चाहहए कक ये ज्वाला उसकी आहुतत ललए बबिा शाांत िहीां होगी।
अवतरण २.
उत्तर:
१ . उपयक्
ुभ त कथि के वक्ता सांिय और श्रोता धत
ृ राष्र है । सांिय धत
ृ राष्र
के मांरी थे, िो महाभारत के यद
ु ध का वववरण अपिी हदव्य है दृजष्ट से
दे िकर धत
ृ राष्र को सुिािे हो और धत
ृ राष्र महाभारत काल के
हजस्तिापरु के िनमाांध रािा थे। तय
ु ोधि के वपता थे। यह पाांडू इिके
छोटे भाई और पाांडव भतीिे थे।

२. दय
ु ोधि िे कहा "मुझे ववरजक्त हो गई है । मेरी समझ में आ गया है कक
अब प्राणों की तजृ प्त की चेष्टा व्यथभ है । ववफलता के इस मरुस्थल में
एक बूाँद आएगी तो भी सुिकर िो िाएगी। यहद तम्
ु हें इसी में
सांतोर्ष है कक तम्
ु हारी महत्वाकाांक्षा मेरी मत
ृ दे ह पर ियस्तांभ
उठाए तो यही सही ।᳓ यह कहते हुए दय
ु ोधि िे युदध करिे के ललए
युधधजष्ठर से गदा मााँगी ।

३. गदा यद
ु ध में दय
ु ोधि की हार होती है क्योंकक िब श्री कृष्ण दे िते है कक
भीम युदध िहीां िीत पाएगा। तो उनहोंिे सांकेत ककया। उिके सांकेत पर
भीम िे दय
ु ोधि की िांघा पर गदा यद
ु ध के तियमों के ववरुदध प्रहार
ककया है । जिसके फलस्वरूप दय
ु ोधि आहात होकर धगर पड़ता है ।

४. सबसे पहले उिसे लमलिे आश्वत्थामा आते है । वे कुरुराि की दशा


दे िकर बदला लेिे का प्रण लेके चले िाते हैं। कफर युधधजष्ठर आते है
दय
ु ोधि उिसे कोई बात िहीां करिा चाहता है , लेककि कफर भी
यधु धजष्ठर मरणासनि दय
ु ोधि को शाांतत प्रदाि करिे के उददे श्य
से आए हैं I इस समय दोिों के मध्य उधचत अिधु चत ववचारों पर
वताभलाप चल रहा है I

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