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REET हिन्दी शिक्षण हिधिय ाँ

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REET हिन्दी शिक्षण हिधिय ाँ
1. सीतावाद्य किस तरह िी शिक्षण सहायि सामग्री है? 10. मौन ि चन कि ाँ निीं हकय ज िकत िै?
(a) दृश्य (a) िुस्तकालय में
(b) श्रव्य (b) वाचनालय में
(c) श्रव्य-दृश्य (c) पवद्यालय में
(d) स्पश्यय (d) अभभन्दन सभा में
2. किमिाांकित में से िौि सा जोडा सुमेशित िहीं है? 11. मूलय ांकन िेतु अपन यी ज ने ि िी प्रहिधिय ाँ िै -
(a) विश्वसनीयता- छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों में (a) अवलोकन व साक्षात्कार
विचलन न हो तथा पुन: मूलयांकन के पश्चात् भी अंक समान हो। (b) प्रश्नावली व चैकशलस््
(b) िस्तुवनष्ठता- परीक्षक की रुचच, भािना ि दृविकोण का मूलयांकन (c) अभभलेख व रेट्िंग स्केल
पर प्रभाि नहीं पड़ता हो। (d) उियुकक्त सभी
(c) विभेदीकरण- मूलयांकन सक्षम-असक्षम 12. हकिने उपिब्धि परीक्ष ओं को म नकीकृत ि अम नकीकृत य
छात्रों में भेद करने की सामर्थयय रखता हो। शिक्षक हनर्मित परीक्षण में िगीकृत कर प्रस्तुत हकय ?
(d) िैधता- परीक्षक की रुचच, भािना ि दृविकोण का मूलयांकन पर (a) डगलस व हॉलेण्ड
प्रभाि पड़ता हो। (b) मॉरीसन व शसम्िसन
3. सतत् एवां व्यापि मूलयाांिि िी कविेषता िहीं है- (c) वनकन व ब्क
(a) विद्यार्थियों का चहुँमुखी विकास (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
(b) विद्यार्थियों को परीक्षा के भय से मुक्त करना 13. ‘प ष ण’ िधद क अर्त स्पष्ट करने के शिए कौन-िी तकनीक
(c) वनदानात्मक ि उपचारात्मक शिक्षण में सहायक उपयुक्त रिेगी?
(d) विद्यार्थियों में रटने की प्रिृशि विकशसत करना (a) धचत्र ददखाकर
4. मूलयाांिि शिक्षण आयाम किसिे द्वारा प्रकतपादित किया गया? (b) िािाण ददखाकर
(a) ब्लूम (c) वाक्य प्रयोग करके
(b) हरबटय (d) ियाकय िब्द सुनाकर
(c) मॉरीसन 14. शिक्षणि स्त्रीय पक्ष िोत िै-
(d) ग्लोिर (a) शिक्षण िास्त्रीय ज्ञान
5. दे खो और किो हिधि क प्रयोग क्य शिख ने के शिए हकय (b) शिक्षण िास्त्रीय अभ्यास
ज त िै? (c) शिक्षण िास्त्रीय पवश्वास
(a) सस्वर वाचन (d) उियुकक्त सभी
(b) मौन वाचन 15. शिक्षण क मुख्य घटक िै-
(c) कहानी वाचन (a) सम्प्रेिण
(d) लेखन (b) िाठ्यवस्तु
6. खेि हिधि के ि म्य न्िेषण शिद्ध न्त के प्रिततक िै- (c) उियुकक्त दोनों
(a) पियाजे (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
(b) िाककहस््क 16. भ ष के अधिगम के क रक िै-
(c) मॉण््े सरी (a) भािा पवज्ञान
(d) वुण्् (b) व्याकरण
7. हिन्दी शिक्षण में म नशिक हिकि ांग छ त्रों के शिए कौन-िी (c) भािा कौिल
हिधि उपयुक्त िै? (d) उियुकक्त सभी
(a) प्रश्नोत्तर 17. भ ष शिक्षण की मुख्य हिधि िै-
(b) िुस्तक पवधि (a) अनुकरण पवधि
(c) समस्या पवधि (b) अभ्यास पवधि
(d) ड्रैकाली पवधि (c) संरचनात्मक पवधि
8. ि चन िांबांिी दोष और उनके उपच र पर हकिने प्रयोग हकये? (d) उियुकक्त सभी
(a) मैनजजल ने 18. भ ष क /के मुख्य घटक िै/िैं-
(b) बृकनेर ने (a) व्याकरण
(c) मॉण््े सरी ने (b) भािा पवज्ञान
(d) मन ने (c) भािा कौिल
9. प ठ िांिगत उप गम क आिय िै- (d) उियुकक्त सभी
(a) िाठ्यिुस्तक के िाठों के शिक्षण के दौरान ही भापिक तत्त्वों की 19. भ ष कौिि क रूप िै-
यथास्थान शिक्षा प्रदान करना। (a) बोलना-सुनना
(b) िाठ में प्रयुक्त िब्दों और वाक्यों का सही उच्चारण (b) शलखना-िढ़ना
(c) िब्दाथक, िब्द रचना एवं वाक्य रचना संबंिी क्षमताओं को प्राप्त करना (c) उियुकक्त दोनों
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
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REET हिन्दी शिक्षण हिधिय ाँ
20. भ ष क मुख्य तत्त्ि िै- 30. िांरचन त्मक आय म प्रहिय क पक्ष िै-
(a) अभभव्यशक्त (a) अभ्यास
(b) भाव एवं पवचार (b) प्रस्तुतीकरण
(c) उियुकक्त दोनों (c) उियुकक्त दोनों
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
21. व्यािरण शिक्षण िी किस प्रणािी िो कविृत रूप में ‘सुग्गा 31. “िुछ कवशिष्ट उद्दे श्यों िी पूर्तिं हेतु कवद्यार्र्िंयों िो ऐसी एि-
प्रणािी’ भी िहते हैं? दूसरे िी पूरि अिुभूकतयों से युक्त कियाएँ िरािा, जो ममििर
(a) अव्याकृवत प्रणाली एि इिाई बि जाती हैं।“ उपयुतक्त िर्ि किमि में से किससे
(b) सहयोग प्रणाली समबन्धित है?
(c) पाठ्यपुस्तक प्रणाली (a) पाठ योजना
(d) वनगमन प्रणाली (b) शिक्षण विचधयों
22. कििंडरगार्ट ि शिक्षण पद्धकत में प्रयुक्त ‘कििंडरगार्ट ि’ िब्ि िा (c) इकाई योजना
अर्ट है- (d) शिक्षण कौिल
(a) बच्चों का उद्यान 32. अभ्य ि की अिस्र् में मित्त्ि ददय ज त िै-
(b) वनिैयशक्तक भाि (a) शलखने का
(c) आन्तररक िशक्त (b) िढ़ने का
(d) उद्यान के बच्चे (c) मौखखक वाचन
23. मौखिि अभभव्यशक्त िी िक्षता में सहायि है- (d) उियुकक्त सभी
(a) प्राथयना पत्र 33. िांरचन क रूप िोत िै-
(b) िाद वििाद (a) वाक्य रूि (b) कहावत रूि
(c) वनबंध (c) सूत्र रूि (d) उियुकक्त सभी
(d) पत्र 34. िांरचन ओं में महत्त्व ददय ज त िै-
24. भ ष तत्त्िों क प्रि ि िम न िोत िै- (a) व्याकरण को
(a) शलखना-सुनना (b) अथक को
(b) बोलना-िढ़ना (c) िब्दों के िम को
(c) बोलना-सुनना (d) उियुकक्त सभी
(d) सुनना-िढ़ना 35. िांरचन ओं के चयन में मित्त्ि ददय ज त िै-
25. शिक्ष के उद्दे श्यों क िगीकरण हकय गय िै- (a) सरलता
(a) ज्ञानात्मक िक्ष का (b) शिक्षण योग्य
(b) भावात्मक िक्ष का (c) बोिगम्यता
(c) पियात्मक िक्ष का (d) उियुकक्त सभी
(d) उियुकक्त सभी 36. िांरचन त्मक आय म क शिद्ध न्त िै-
26. शिक्ष के उद्दे श्यों क िगीकरण हकय िै- (a) छात्रों की पियािीलता
(a) रॉब्क मेगर ने (b) भािायी आदतों का पवकास
(b) रॉबटय धमलर ने (c) वाचन िर बल दे ना
(c) बी.एस. ब्लूम (d) उियुकक्त सभी
(d) बी.ओ.स्स्मथ 37. िूक्ष्म शिक्षण क हिक ि हकिने हकय ?
27. कौिि त्मक उद्दे श्य में िम्म्मशित हकय ज त िै- (a) फ्लैण्डसक ने
(a) िढ़ना-शलखना (b) एन.एल. गेज ने
(b) बोलना-सुनना (c) ऐलन ने
(c) उियुकक्त दोनों (d) स्कीनर ने
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं 38. िूक्ष्म शिक्षण को प्रयुक्त करते िैं-
28. उच्चतर म ध्यधमक स्तर पर हिन्दी भ ष के उद्दे श्य िै- (a) प्रशिक्षण प्रपवधि को
(a) स्वरधचत कपवता तथा पनबन्िादद के शलए प्रोत्साहन प्रदान करना। (b) िृष्ठिोिण प्रपवधि
(b) छात्रों में िुद्ध उच्चारण तथा सजकनात्मक की वृजद्ध करना। (c) उियुकक्त दोनों
(c) छात्रों में धचन्तन की प्रकृपत का पवकास करना (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
(d) उियुकक्त सभी 39. सूक्ष्म शिक्षण की मुख्य अिस्र् िै-
29. िांरचन की हििेषत िोती िै- (a) ज्ञान प्राप्प्त
(a) साथककता (b) कौिल का अधिग्रहण
(b) उियोपगता (c) अन्तरण
(c) उियुकक्त दोनों (d) उियुकक्त सभी
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं
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40. सूक्ष्म शिक्षण क उपयोग करते िैं- 51. गद्य शिक्षण क मुख्य उद्दे श्य िै-
(a) िाठ्यवस्तु स्वाधमत्व (a) िब्द भण्डार का पवकास
(b) शिक्षण कौिल (b) िुद्ध िब्द उच्चारण
(c) कक्षा समस्या समािान (c) रचनात्मक िशक्त का पवकास
(d) शिक्षक व्यवहार में (d) उियुकक्त सभी
41. पृष्ठपोषण क मुख्य क यत िोत िै- 52. म ध्यधमक स्तर पर गद्य शिक्षण की हिधि प्रयुक्त करते िैं-
(a) स्वोििम (a) अथक बोि पवधि
(b) गपत उत्िन्न करना (b) व्याख्यान पवधि
(c) पनयन्त्रण करना (c) प्रश्नोत्तर पवधि
(d) उपयुयक्त सभी (d) उियुकक्त सभी
42. प ठ योजन क मुख्य पक्ष िै- 53. व्य करण शिक्षण की मुख्य हिधि िै-
(a) अदा (b) प्रदा (a) आगमन पवधि
(c) प्रपिया (d) उियुकक्त सभी (b) पनगमन पवधि
43. प ठ योजन की मुख्य हिय एाँ िै- (c) उियुकक्त दोनों
(a) प्रस्तुतीकरण (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
(b) शिक्षण उद्दे श्य 54. गद्य शिक्षण की प्रभ िि िी शिक्षण प्रहिधि िै-
(c) मूलयांकन (a) व्याख्या प्रपवधि
(d) उियुकक्त सभी (b) स्िष्टीकरण प्रपवधि
44. प ठ योजन के मुख्य तत्त्ि िै- (c) प्रत्यक्ष वस्तु प्रदिकन
(a) िाठ्यवस्तु के तत्त्व (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
(b) पवधि एवं प्रपवधियााँ 55. कहित िोती िै-
(c) सहायक सामग्री (a) जहााँ जीवन एक है
(d) उियुकक्त सभी (b) जहााँ जीवन अनेक है
45. प ठ य जन में ‘प्रस्तुतीकरण’ को मित्त्ि दे ते िैं- (c) अनेकत्व में एकत्व है
(a) हरब्क िाठ योजना (d) उियुकक्त सभी
(b) मूलयांकन िाठ योजना 56. कि नी क मुख्य रूप िै-
(c) उियुकक्त दोनों (a) आदिकवाद
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (b) यथाथक वाद
46. प ठ योजन उद्दे श्य केन्द्न्ित िोती िै- (c) उपयुयक्त दोनों
(a) िररिद् िाठ योजना (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
(b) ब्लूम िाठ योजना 57. कि नी शिक्षण क उद्दे श्य िै-
(c) उियुकक्त दोनों (a) स्वास््य मनोपवनोद
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (b) स्मृशत्त िशक्त का पवकास
47. प ठ योजन में प्रयुक्त करते िैं- (c) कलिना िशक्त का पवकास
(a) शिक्षा के लक्ष्य (d) उियुकक्त सभी
(b) पवशिष्ट उद्दे श्य 58. कि नी और उपन्य ि में िम नत िै-
(c) शिक्षा के ध्येय (a) िैली
(d) उियुकक्त सभी (b) कथानक
48. गद्य ि हित्य क मुख्य प्रक र/स्िरूप िै- (c) उपयुयक्त दोनों
(a) सजकनात्मक गद्य (b) वणकनात्मक गद्य (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
(c) भावात्मक गद्य (d) उियुकक्त सभी 59. ि हित्य में कि नी क उपयोग िै-
49. गद्य ि हित्य क आिय िोत िै- (a) िाठ्यवस्तु
(a) अनुभूपत होना (b) शिक्षण पवधि
(b) ज्ञान होना (c) उपयुयक्त दोनों
(c) उियुकक्त दोनों (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं 60. कि नी की हििेषत िै-
50. गद्य शिक्षण की मुख्य हिधि िै- (a) ध्यान केजन्ित
(a) उद्बोिन पवधि (b) कलिना िशक्त का पवकास
(b) प्रवचन पवधि (c) चाररपत्रक पवकास
(c) स्िष्टीकरण पवधि (d) उियुकक्त सभी
(d) उियुकक्त सभी

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REET हिन्दी शिक्षण हिधिय ाँ
61. उपन्य ि की हििेषत िै- 71. हिन्दी शिक्षण की प्रभ ििीित मूलय ांकन करते िैं-
(a) अनेक कथाएाँ (a) प्रत्यक्ष प्रपवधियों से
(b) वृहद रूि होता है (b) अप्रत्यक्ष प्रपवधियों से
(c) जीवन का व्यािक रूि (c) उियुकक्त दोनों से
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त में से काई नहीं
62. अपने भ िों एिां हिच रों की कि त्मक अभभव्यशक्त की ज ती िै- 72. हिन्दी ि हित्य शिक्षण की हिधि िै-
(a) मौखखक रचना (a) कहानी पवधि
(b) शलखखत रचना (b) ना्क पवधि
(c) उपयुयक्त दोनों (c) संवाद पवधि
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (d) उियुकक्त सभी
63. कि नी, न टक तर् कहित क रूप िै- 73. प ठ्यिस्तु स्ि धमत्ि की हिधि िैं-
(a) शलखखत रचना (a) समीक्षा पवधि
(b) मौखखक रचना (b) ियकवेक्षण पवधि
(c) उपयुयक्त दोनों (c) प्रवचन पवधि
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (d) कहानी पवधि
64. शिखखत रचन िे शिक्षण हकय ज त िै- 74. भ ष कौिि की शिक्षण हिधि िैं-
(a) भावों की अभभव्यशक्त (a) अनुकरण पवधि
(b) कलात्मक अभभव्यशक्त (b) सामूपहक अभ्यास पवधि
(c) पवचारों की अभभव्यशक्त (c) भािा प्रयोगिाला
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त सभी
65. हितीय भ ष शिक्षण में मित्त्ि दे ते िैं- 75. ि चन शिक्षण की प्रमुख हिधि िै-
(a) बोलने िर (a) अनुकरण पवधि
(b) सुनने िर (b) सम्प्रेिण पवधि
(c) दोनों िर (c) उपयुयक्त दोनों
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
66. हितीय भ ष शिक्षण की आिश्यकत िै- 76. मौन ि चन शिक्षण क उद्दे श्य िै-
(a) राजनैपतक दृपष्ट से (a) तार्किंक योग्यता का पवकास
(b) आर्थिंक दृपष्ट से (b) मनन िशक्त
(c) सांस्कृपतक दृपष्ट से (c) दोनों का पवकास
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
67. हितीय भ ष शिक्षण क हनयम िै- 77. प ठ्यिम हिक ि क िोप न िै-
(a) अभ्यास करना (a) मूलयांकन
(b) ध्वपनयों का बोि (b) िृष्ठिोिण
(c) िुद्ध उच्चारण (c) उद्दे श्य/पवधियााँ
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त सभी
68. हितीय भ ष शिक्षण की िमस्य िै- 78. शिक्ष प्रहिय क मुख्य घटक िैं-
(a) उच्चारण की (a) छात्र (b) शिक्षक
(b) लेखन की (c) िाठ्यिम (d) उियुकक्त सभी
(c) संरचना की 79. प ठ्यिम क मूि तत्त्ि िै-
(d) उियुकक्त सभी (a) िाठ्यवस्तु (b) शिक्षण पवधियााँ
69. हिन्दी शिक्षण के मुख्य घटक िै- (c) उद्दे श्य (d) उियुकक्त सभी
(a) शिक्षण आयाम 80. प ठ्यिम हिक ि की प्रकृहत िोती िै-
(b) शिक्षण पवधियााँ (a) पनरन्तरता
(c) शिक्षण प्रपवधियााँ तथा सूत्र (b) चिीय
(d) उियुकक्त सभी (c) भपवष्य उन्मुख
70. हिन्दी भ ष शिक्षण की हिधि िै- (d) उियुकक्त सभी
(a) अनुकरण पवधि 81. प ठ्यिम को प्रभ हित करने ि िे क रक िै-
(b) आगमन पनगमन पवधि (a) िरीक्षा प्रणाली
(c) भािा प्रयोगिाला (b) अध्ययन सधमपत
(d) उियुकक्त सभी (c) सामाजजक िररवतकन
(d) उियुकक्त सभी

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REET हिन्दी शिक्षण हिधिय ाँ
82. म ध्यधमक स्तर के प ठ्यिम प्र रूप क िुझ ि ददय - 92. हिन्दी शिक्षण में परीक्षण प्रयुक्त करते िैं-
(a) मुदाशलयर शिक्षा आयोग (1952-53) (a) पनष्िादन िरीक्षण
(b) कोठारी शिक्षा आयोग (1964-66) (b) पनदानात्मक िरीक्षण
(c) राष्ट्रीय शिक्षा नीपत (1986) (c) उपयुयक्त दोनों
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
83. म ध्यधमक स्तर के प ठ्यिम में िम्म्मशित हकय िै- 93. उपच र त्मक हिन्दी शिक्षण िेतु प्रयुक्त करते िैं-
(a) तीन भािाएाँ (a) मानदण्ड िरीक्षण
(b) सामाजजक अध्ययन (b) उद्दे श्य केन्िीय िरीक्षण
(c) पवज्ञान एवं गभणत (c) पनदानात्मक िरीक्षण
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
84. म ध्यधमक स्तर पर मूि प ठ्यिम के अहतररक्त अन्य तीन 94. हिन्दी शिक्षण में अिुन्द्द्धयों क पत चित िै-
हिषयों के शिए िैकब्लपक िगत है- (a) साफलय िरीक्षण
(a) सात िगय (b) पनदानात्मक िरीक्षण
(b) पाुँच िगय (c) उद्दे श्यकेजन्ित िरीक्षण
(c) दस िगय (d) मानक िरीक्षण
(d) आठ िगय 95. हनद न िेतु हिधि प्रयुक्त करते िैं-
85. प्रचशित माध्यममि पाठ्यिम िा िोष है- (a) पनरीक्षण पवधि
(a) विषयों की अचधकता (b) पनदानात्मक िरीक्षण
(b) परीक्षा केन्द्न्ित होना (c) उपयुयक्त दोनों
(c) व्यावहाररकता का अभाि (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
(d) उपयुयक्त सभी 96. भ ष शिक्षण में हनद न करते िैं-
86. पाठ्यिम िब्ि िा अर्ट होता है- (a) भािा की अिुजद्धयााँ
(a) पाठ्यिस्तु का प्रारूप (b) भािा की कदठनाई
(b) अध्ययन विषय का क्षेत्र (c) व्याकरण की अिुजद्धयााँ
(c) प्रकरणों का स्िरूप (d) उियुकक्त सभी
(d) उपयुयक्त सभी 97. हनम्नशिखखत में िे रचन शिक्षण की हिधि निीं िै-
87. प ठ्यििग मी हिय ओं क उद्दे श्य िोत िै- (a) प्रवचन पवधि
(a) भावात्मक पवकास (b) पनदे िन पवधि
(b) मानशसक पवकास (c) प्रश्नोत्तर पवधि
(c) िारीररक पवकास (d) भािा संसगक पवधि
(d) उियुकक्त सभी 98. खेि हिधि को प्रचशित करने क श्रेय िै-
88. ज्ञ न त्मक हिक ि की प ठ्यििग मी हिय िै- (a) रायबनक को
(a) िैभक्षक ियक्न (b) हैनरी कोलडवेल कुक को
(b) िुस्तकालय (c) मॉरीसन को
(c) प्रयोगिाला (d) थॉमस एम.ररस्क को
(d) उियुकक्त सभी 99. ‘इि हिधि में म तृभ ष के म ध्यम िे हकिी निीन भ ष को
89. ि स्तहिक ज्ञ न प्रद न हकय ज त िै- पढ़ य ज त िै।’ यि कर्न कौन-िी हिधि के िांदभत में कि
(a) िुस्तकालय से गय िै?
(b) िैभक्षक ियक्न से (a) गठन पवधि (b) प्रत्यक्ष पवधि
(c) वाचनालय से (c) वेस्त की पवधि (d) िरोक्ष पवधि
(d) पवद्यालय िररिद् से 100. श्रुतिेखन हिधि क उद्दे श्य निीं िै-
90. भ ष शिक्षण िे िम्बब्न्ित प ठ्यििग मी हिय िै- (a) लेखन गपत का पवकास
(a) सापहत्त्यक गपतपवधियों (b) वाचन गपत का पवकास
(b) सांस्कृपतक गपतपवधियााँ (c) एकाग्रधचत्तता का पवकास
(c) उियुकक्त दोनों (d) िुद्ध व स्िष्ट लेखन का पवकास
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं 101. “इक ई हकिी िमस्य य योजन िे िम्बन्ि जोड़ने ि िी
91. छ त्रों में पररप क क अििर ददय ज त िै- हिय ओं की िमग्रत य एकत को प्रकट करती िै।” इक ई
(a) सम्िकक कायकिमों में हिधि क यि कर्न िै-
(b) अध्ययन केन्िों िर (a) मॉरीसन
(c) गृहकायों में (b) हैनरी हैरि
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (c) थॉमस एम. ररस्क
(d) हरब्क
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REET हिन्दी शिक्षण हिधिय ाँ
102. “यदद िम च िते िैं हक हिद्य र्र्ियों क भ ष पर पूर पूर 110. हनम्नशिखखत में िे हकि हिधि ि र हिद्य र्र्ियों को मौखखक
अधिक र िो तो उन्िें ऐिे िेखकों की रचन एाँ पढ़ने को दी ज एाँ, अभभव्यशक्त में प्रेहषत हकय ज िकत िै?
न्द्जनक भ ष पर अच्छ अधिक र िो।” (a) प्रश्नोत्तरी द्वारा
यि कर्न हकि शिक्षण हिधि के िन्दभत में कि गय िै? (b) वाक्य रचना द्वारा
(a) सूत्र पवधि (c) कहानी लेखन द्वारा
(b) प्रयोग पवधि (d) धचत्र पनमाकण द्वारा
(c) भािा संसगक पवधि 111. हकि हिधि/प्रण िी में शिक्षक कर् ि चक क स्र् न ग्रिण
(d) िाठ्यिुस्तक पवधि करते हुए प्रिांग की व्य ख्य करत िै?
103. हिभ षी पद्धहत क क्षेत्र निीं िै- (a) िब्दाथक कथन पवधि/प्रणाली
(a) सम्मेलन व गोधष्ठयााँ (b) व्याख्या प्रणाली/पवधि
(b) अनुवाद शिक्षण (c) व्यास प्रणाली/पवधि
(c) प्राथधमक कक्षाएाँ (d) समीक्षा प्रणाली/पवधि
(d) पवदे िी भािा शिक्षण 112. खण्ड न्िय प्रण िी में भ िों क स्पष्टीकरण हकय ज त िै-
104. िमि य प्रण िी में शिक्षण िोत िै- (a) प्रश्नोत्तर द्वारा
(a) सभी पवियों का समेपकत ज्ञान कराना। (b) व्याख्या द्वारा
(b) गद्य, िद्य शिक्षण के साथ व्याकरण शिक्षण कराना। (c) तुलना द्वारा
(c) उत्तम लेखकों की रचनाएाँ िढ़कर व्याकरण ज्ञान कराना। (d) समीक्षा द्वारा
(d) व्याकरण का अलग से सैद्धांपतक ज्ञान कराना। 113. भ ष िांिगत प्रण िी में हििेष मित्त्ि ददय ज त िै-
105. िरबटीय हिधि क एक दोष निीं िैं- (a) सैद्धाप्न्तक ज्ञान िर
(a) यह शिक्षक को अधिक स्वतंत्रता नहीं दे ती। (b) व्यावहाररक ज्ञान िर
(b) रसानुभूपत वाले िाठों के शिक्षण हेतु अधिक उियुक्त नहीं। (c) कपवयों की जीवनी िर
(c) यह शिक्षण के मनोवैज्ञापनक शसद्धांतों िर आिाररत है। (d) पनयमों िर
(d) इसमें अधिगम की अिेक्षा शिक्षण िर अधिक बल ददया जाता 114. इनमें िे िौि-सी व्य करण शिक्षण प्रण िी अमनोिैज्ञ हनक
है। हिधि पर आि ररत प्रण िी िै?
106. शिक्षण हिधियों के िांदभत में िौि-सा कर्न ििी निीं िै? (a) िाठ्यिुस्तक प्रणाली
(a) ध्वन्यात्मक पवधि वणकमाला शसखाने से संबंधित है। (b) आगमन प्रणाली
(b) व्याख्यान पवधि में पवभभन्न प्रयोगों व दृष्टांतों का उियोग पकया (c) पनगमन प्रणाली
जा सकता है। (d) भािा संसगक प्रणाली/पवधि
(c) िाखीय अभभिधमत अनुदेिन पवधि में छात्र प्रश्न का उत्तर स्वयं 115. पठन रम्भ की योग्यत के हिक ि के शिए िि तधिक रुमचकर
बनाता है। हिधि िै-
(d) भािा शिक्षण यंत्र पवधि में सीतावाद्य आदद यंत्रों का प्रयोग पकया (a) अनुकरण पवधि
जाता है। (b) अक्षर बोि पवधि
107. िौि-सी शिक्षण हिधि के अन्तगतत शिक्षक ि र कक्ष कक्ष में (c) ध्वपन साम्य पवधि
अधिगम ि मग्री प्रद न की ज ती िै और हनदे शित हकय ज त (d) दे खो और कहो पवधि
िै हक िे इिे हिच र िे पढ़कर मित्त्िपूणत हबन्ु हनक िें, इिके 116. शिक्षण की िबिे प्र चीन हिधि िै-
पश्च त् शिक्षक की िि यत िे ि र ांि प्र प्त करें? (a) व्याख्यान पवधि
(a) प्रायोजना पवधि (b) हरब्ीय पवधि
(b) समस्या समािान पवधि (c) दृष्टान्त पवधि
(c) ियकवेभक्षत अध्ययन पवधि (d) प्रश्नोत्तर पवधि
(d) अन्वेिण पवधि 117. हकि हिधि में छ त्र हिशिष्ट िे ि म न्य की ओर अग्रिर िोते िैं-
108. हनम्न ांहकत में िे िौि-सी शिक्षण व्यूिरचन जनतांत्र त्मक िै? (a) व्याख्यान पवधि
(a) िररयोजना व्यूहरचना (b) स्रोत पवधि
(b) व्याख्यान व्यूहरचना (c) आगमन पवधि
(c) अभभिधमत अनुदेिन (d) पनगमन पवधि
(d) दृष्टांत व्यूहरचना 118. रि स्ि दन हिधि क प्रयोग िि तधिक उपयोगी िै-
109. हनम्नशिखखत में िे िौि-सी जोड़ी ििी ढां ग िे मेि निीं ख ती (a) प्राथधमक स्तर
िै? (b) माध्यधमक स्तर
(a) आगमनात्मक अधिगम – जे. एस. ब्रूनर (c) उच्च स्तर
(b) िैभक्षक उद्दे श्यों का वगीकरण – डब्लयू.एच. पकलिैदिक (d) उियुकक्त सभी
(c) संकलिना मानधचत्र – जोसफ डी. नोवक 119. रि स्ि दन हिधि आि ररत िै-
(d) ह्यूररप्स््क पवधि – एच. ई. आमकस्िांग (a) अथक (b) भाव
(c) कला (d) रस
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120. भ ष शिक्षण में ि चन िे पूित िेखन की शिक्ष क प्रहतप दन 129. ितत् एिां व्य पक मूलय ांकन िै-
हकय - (a) अध्यािक केजन्ित
(a) मॉण््े सरी ने (b) छात्र केजन्ित
(b) हेलेन िाकक हस््क ने (c) मूलयांकन केजन्ित
(c) फ्रॉबेल ने (d) पनष्िादन केजन्ित
(d) हेनरी कॉलडवेल कुक ने 130. ितत् िमग्र मूलय ांकन में ि र ांि त्मक मूलय ांकन एक भ ग िै तो
121. छ त्र में रटने की प्रिृशि हकि हिधि िे शिक्ष दे ने में बढ़ती िै? दूिर िै-
(a) आगमन पवधि (a) पनदानात्मक मूलयांकन
(b) पनगमन पवधि (b) गुणात्मक मूलयांकन
(c) दृष्टान्त पवधि (c) िररमाणात्मक मूलयांकन
(d) व्याख्यान पवधि (d) पनमाकणात्मक मूलयांकन
122. हकि शिक्षण हिधि में छ त्र-छ त्र ओं को उिम िेखकों की 131. यदद िुिेख ‘रेिग ड़ी’ को ’रेिग धड’ शिखती िै, तो एक भ ष
रचन एाँ पढ़ि ई ज ती िै न्द्जििे िे भ ष के िुद्ध रूप को ज न शिक्षक के रूप में आप क्य करेंगे?
िकें? (a) उसकी कॉिी िर ‘रेलगाड़ी’ िब्द शलखेंगे और सुलेखा से िूछेंगे
(a) अनुकरण पवधि पक शलखे हुए दोनों िब्दों में क्या अन्तर है। उसे अिना िब्द स्वयं ठीक
(b) वाचन पवधि करने के शलए कहेंगे
(c) तुलना पवधि (b) ‘रेलगाधड’ िब्द िर घेरा लगाकर सही िब्द शलखकर सुलेखा की
(d) भािा संसगक पवधि कॉिी वािस कर दें गे
123. िौि-सी शिक्षण पद्धहत हिन्दी शिक्षण के शिए उपयुतक्त िै- (c) ‘रेलगाधड’ िब्द िर घेरा लगाएाँगे और सुलेखा को डााँ्ेंगे, तापक
(a) प्रदिकन पवधि वह आगे से िब्दों को सही सही शलखे
(b) आगमन-पनगमन पवधि (d) सुलेखा से ‘रेलगाड़ी’ िब्द तीस बार शलखवाएाँगे, तापक दुबारा
(c) हरब्ीय पवधि गलती न हो
(d) उियुकक्त सभी 132. तधमि भ षी िुिेि प्र य: ‘भजन’, को ’बजन’ कित िै। भ ष
124. आत्मीकरण के पश्च त् अर्त ग्रिण में िि यत की दृहष्ट िे िौि- के शिक्षक के रूप में आप क्य करेंगे?
सा ि चन उपयुक्त िै? (a) सुहेल को उसकी त्रुद् के शलए डा्ें गे?
(a) अनुकरण वाचन (b) तधमल और पहन्दी भािा का तुलनात्मक अध्ययन करते हुए
(b) समवेत वाचन महाप्राण ध्वपनयों से युक्त भापिक सामग्री का प्रयोग करेंगे
(c) मौन वाचन (c) सुहेल को बताएंगे पक सही िब्द ‘भजन’ है
(d) आदिक वाचन (d) ‘भजन’ िब्द का बार बार उच्चारण करवाएाँगे
125. मौन ि चन क मुख्य उद्दे श्य क्य िै? 133. शिक्ष र्र्ियों के िीखने में जो कमी रि ज ती िैं, उनके िम ि न
(a) िब्द भण्डार की वृजद्ध के ब द क्य िोन च हिए?
(b) िुद्ध वाचन की क्षमता उत्िन्न करना (a) सतत् अभ्यास कायक
(c) अथक ग्रहण एवं तीव्र गपत से िढ़ने की क्षमता उत्िन्न करना (b) समुधचत उिचारात्मक कायक
(d) वणों की सही िहचान की क्षमता उत्िन्न करना। (c) पवद्यार्थिंयों और अभभभावकों को उिलब्ब्ि के बारे में बताना
126. कि नी, कहित , गीतों और न टकों के म ध्यम िे बच्चे- (d) पनिाकररत सभी िाठों की व्यवब्स्थत रूि से िुनरावृशत्त
(a) केवल अिनी तककिशक्त का पवकास करते हैं 134. नैद हनक तर् उपच र त्मक शिक्ष की प्रहिय कब तक चिती
(b) अिनी सांस्कृपतक िरोहर से जुड़ते हैं रिनी च हिए?
(c) केवल मनोरंजन प्राप्त करते हैं (a) जब तक छात्र चाहे
(d) केवल मूलयों का अजकन करते हैं (b) जब तक अध्यािक चाहे
127. प्र र्धमक स्तर पर बच्चों को भ ष शिख ने क ििोपरर उद्दे श्य िै- (c) जब तक पवद्यालय में समय धमले
(a) कहानी कपवताओं को दोहराने की कुिलता का पवकास करना (d) जब तक छात्र का पिछड़ािन दूर न हो
(b) तेज प्रवाह के साथ िढ़ने की योग्यता का पवकास करना 135. उपच र त्मक परीक्षण क उद्दे श्य िैं-
(c) अिनी बात को दूसरों के समक्ष अभभव्यक्त करने की कुिलता (a) छात्र की अभभव्यशक्त का सुिार करना
का पवकास करना (b) छात्र की भािा सम्बन्िी क्षमता का मूलयांकन करना
(d) मुहावरे लोकोशक्तयों का ज्ञान प्राप्त करना (c) छात्र की कमजोररयों का िता लगाकर सुिार करना
128. इनमें िे िौि-सा प्र र्धमक स्तर पर हिन्दी भ ष शिक्षण क (d) छात्र में सद् वृशत्तयों का पवकास करना
उद्दे श्य निीं िै? 136. उपच र त्मक परीक्षण करने की आिश्यकत िै-
(a) धचत्रकारी को स्वयं की अभभव्यशक्त का माध्यम बनाना (a) प्रपतभािाली छात्रों की िहचान के शलए
(b) बच्चों की घर की भािा और स्कूल की भािा में सम्बन्ि बनाते (b) छात्रों की कमजोरी का िता लगाने के शलए
हुए उसे पवस्तार दे ना (c) छात्रों का वगीकरण करने के शलए
(c) सुनी गई बातों को ज्यों का त्यों दोहराना (d) छात्रों की प्रगपत की जानकारी के शलए
(d) सन्दभक के अनुसार अनुमान लगाकर िढ़ने का प्रयास करना
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137. उपच र त्मक शिक्षण की आिश्यकत िोती िै- 146. प्र र्धमक स्तर पर भ ष शिक्षण क मुख्य उद्दे श्य िै-
(a) दृपष्ट दोि वाले बालकों के शलए (a) िाठ्यिुस्तक के अंत में ददए गए सभी अभ्यासों को िूरा करना
(b) कक्षा स्तर अनुकूल प्रगपत न करने वाले बालकों के शलए (b) दूसरों की बातों को िैयक से सुनना और सुनी गई बात िर अिनी
(c) आददवासी बालकों के शलए द्प्िणी दे ना
(d) सृजनिील बालकों के शलए (c) वणकमाला को िम से याद करना
138. िैक्षभणक हनद न क प्रयोजन िोत िै- (d) चार अक्षर वाले िब्द िढ़ शलख लेना
(a) बालकों की उिलब्ब्ि का िरीक्षण करना 147. उच्च प्र र्धमक स्तर पर भ ष शिक्षण क ििोपरर उद्दे श्य िै-
(b) उिचारी शिक्षण करना (a) भािा के सौंदयकिास्त्र से िररचय
(c) बालकों की िारीररक कधमयों की जानकारी प्राप्त करना (b) पनजी अनुभवों के आिार िर भािा का सृजनिील इस्तेमाल
(d) उियुकक्त सभी (c) पवभभन्न सापहत्त्यक पविाओं का गहनतम ज्ञान प्राप्त करना
139. उपच र त्मक शिक्षण ि र - (d) सरसरी तौर िर तीव्र गपत से िढ़ना
(a) अध्यािकों की कधमयों का उिचार करते हैं 148. उच्च प्र र्धमक स्तर पर िौि-सा भाषा शिक्षण क उद्दे श्य निीं िै?
(b) छात्रों के घायल होने िर उिचार करते हैं (a) मुहावरों, लोकोशक्तयों और कहावतों का सुचचिंपतत प्रयोग करने
(c) छात्रों की कमजोररयों का पनदान कर उसे दूर करने हेतु शिक्षण की प्रवृशत्त का पवकास
करते हैं (b) कदठन िब्दों के अथक िूछना
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (c) पनजी अनुभवों के आिार िर भािा का सृजनिील प्रयोग
140. उच्च रण िुि रने क क यत हकन कक्ष ओं में करन च हिए? (d) भािा के सौंदयक को समझने की क्षमता का पवकास
(a) प्रारंभभक 149. स्ि भ हिक अभभव्यशक्त, कलपन िीित , कौिि और िोच को
(b) माध्यधमक हिकशित करन -
(c) उच्च माध्यधमक (a) भाषा शिक्षण का उद्दे श्य नहीं है
(d) उच्च कक्षाओं में (b) भाषा शिक्षण का एक महत्त्विूणक उद्दे श्य है
141. हिन्दी भ ष शिक्षण में नैद हनक ज ाँच हकन हकन भ ष कौििों (c) भाषा शिक्षण को पकसी प्रकार की ददिा नहीं दे ता
में छ त्रों की गिहतयों की पिच न िेतु हकय ज त िै? (d) भाषा शिक्षण का एकमात्र उद्दे श्य है
(a) सुनना 150. ‘उिने पढ़ ।’, ‘उिने ख य ।’ और ’उिने चीख ’। जैिे भ ष
(b) बोलना एवं शलखना प्रयोग दि तते िैं
(c) िढ़ना (a) पनयम का उललंघन
(d) उियुकक्त सभी (b) संदभक की समझ न होना
142. छ त्र की भ ष शिक्षण में कमजोरी के क रणों य अधिगम की (c) पनयम कंठस्थ न होना
कदठन ई के क रणों की ज नक री हकिके म ध्यम िे की ज ती (d) पनयमों का अपत सामान्यीकरण
िै? 151. भ ष की प्रकृहत के िम्बन्ि में िौि-सा कर्न उधचत निीं िै?
(a) उिचारात्मक िरीक्षण (a) भािा कठोरता से व्याकरभणक पनयमों का अनुसरण करती है
(b) पनष्िशत्त िरीक्षण (b) भािाएाँ एक दूसरे के सापनध्य में फलतीफूलती हैं
(c) पनदानात्मक िरीक्षण (c) भािा एक पनयमबद्ध व्यवस्था है
(d) उियुकक्त सभी (d) भािा का जजतना अधिक प्रयोग पकया जाएगा, उतना ही भािा
143. हनम्नशिखखत में िे ििी िम िैं- िर िकड़ मजबूत होती जाएगी
(a) पनष्िशत्त िरीक्षण, उिचारात्मक शिक्षण, पनदानात्मक िरीक्षण 152. भ ष क प्र र्धमक रूप िै-
(b) पनदानात्मक िरीक्षण, उिचारात्मक शिक्षण, पनष्िशत्त िरीक्षण (a) पनयमबद्ध (b) व्याकरभणक
(c) उिचारात्मक शिक्षण, पनष्िशत्त िरीक्षण, पनदानात्मक िरीक्षण (c) शलखखत (d) मौखखक
(d) पनष्िशत्त िरीक्षण, पनदानात्मक िरीक्षण, उिचारात्मक शिक्षण 153. चॉम्स्की के अनुि र, बच्चों के प ि भ ष िीखने की क्षमत
144. ब िक क हिन्दी भ ष पठन कौििों िांबांिी दोष िै- जन्मज त िोती िै। अत: हिन्दी भ ष की कक्ष में बच्चों को-
(a) वह पवराम धचह्नों को ध्यान रखकर नहीं िढ़ना (a) व्याकरण के पनयम समझा ददए जाएाँ, तापक वे अिनी इस क्षमता
(b) वह िढ़ते समय उधचत स्वराघात का प्रयोग नहीं करता के माध्यम से जलदी भािा सीख सकें
(c) वह िब्दों या कभी कभी वाक्यांिों को दोहराता है (b) सतत और व्यािक आकलन की प्रपिया से मुक्त रखें, उन िर
(d) उियुकक्त सभी अनावश्यक बोझ न डालें
145. प्र र्धमक स्तर की शिक्ष में िम्प्रेषण क म ध्यम ……….. िी (c) कुछ भी न िढ़ाने की आवश्यकता नहीं है
िोनी च हिए, क्योंहक इिी भ ष में िी बच्चे क मब्स्तष्क िबिे (d) पवपवि भािा प्रयोगों में िररचय प्राप्त करने के अवसर ददए जाने चापहए
पििे हिय िीि िोत िै। 154. प्र र्धमक स्तर पर बच्चों के िुरुआती भ ष हिक ि में िि तधिक
(a) मातृभािा योगद न दे िकते/िकती िै/िैं-
(b) प्रदे ि की भािा (a) गृहकायक कर व्यय पकए जाने वाले तीस धमन्
(c) पहन्दी (b) एफ.एम. िर िन्िह धमन् सुने जाने वाले समाचार
(d) अंग्रेजी (c) िररवार में होने वाली िरस्िर गुणवत्तािूणक बातचीत
(d) ्ी.वी. िर दे खे जाने वाली िन्िह धमन् के का्ूक न कायकिम
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155. हिद्य िय आने िे पूित बच्चों के प ि- 164. हनम्नशिखखत में िे हकि उद्दे श्य के शिए प्र र्धमक स्तर भ ष
(a) अिनी भािा की जद्ल और समृद्ध संरचनाएाँ होती हैं निीं िीखी ज ती?
(b) अिनी भािा का सम्िूणक बाल सापहत्य होता है (a) जीवन की पवभभन्न ब्स्थपतयों को सािना
(c) िााँच हजार िब्द होते हैं (b) भािा का व्याकरण सीखना
(d) िााँच हजार वाक्य होते हैं (c) मन की बात कहना सुनना
156. बच्चों क भ ष यी हिक ि िि तधिक रूप िे हनभतर करत िै- (d) अिनी अनेक जरूरतों को िूरा करना
(a) िाठ्यिुस्तक िर 165. श्रिण के आि र पर भ ष क भेद िै-
(b) समृद्ध भािा िररवेि िर (a) कृपत्रम भािा, सहज भािा
(c) आकलन की औिचाररकता िर (b) अयोगात्मक और संयोगात्मक भािा
(d) संचार माध्यमों िर (c) ब्क्लष्ट और सरल भािा
157. िम रे अनुभिों को आक र दे ने में भ ष की मित्त्िपूणत भूधमक (d) मिुर भािा, कककि भािा
िोती िै। इिक िैभक्षक हनहित र्त यि िै हक भ ष की कक्ष में- 166. श्रिण कौिि क िांबांि िै-
(a) सदै व अनुभवों िर बातचीत की जाए (a) कान से (b) नाक से
(b) अनुभवों का लेखनकायक बढ़ाया जाए (c) मुाँह से (d) आाँख से
(c) डायरीलेखन िर जोर ददया जाए तापक लेखन िररिक्व बन सके 167. गद्य के कौनिे प ठ रूप में मौन ि चन अनुपयुक्त िै?
(d) बच्चों को पवपवि संदभों में अनुभव करने, पवपवि अनुभवों से (a) कहानी
स्वयं को जोड़ने के अवसर ददए जाए (b) संवाद
158. नीन की कक्ष में बच्चे अक्िर एक िांकलपन /िस्तु/प्र णी के (c) आत्मकथा
शिए अिग-अिग भ ष ओं के िधद खोजते िैं। नीन ऐि क्यो (d) जीवनी
करती िै? 168. ध्िहनयों को प्रतीकों में शिहपबद्ध कर भ ष को स्र् धयत्ि प्रद न
(a) बहुभापिकता को बढ़ावा दे ने के शलए करने को किते िैं-
(b) शिक्षक को अधिक रोचक व व्यस्ततािूणक बनाने के शलए (a) लेखन पवधि
(c) बच्चों को व्यस्त रखने के शलए (b) श्रवण पवधि
(d) बच्चों की मातृभािाओं की जानकारी प्राप्त करने के शलए (c) वाचन पवधि
159. बहुभ हषक कक्ष में शिक्षक में इतनी योग्यत अिश्य िो हक िि- (d) िठन पवधि
(a) सभी बच्चों की मातृभािाओं की संरचनाओं को जान सके 169. ि चन कौिि क उद्दे श्य िै-
(b) िाठ्यिुस्तक को जलदी िूणक करा सके (a) केवल सही व्याकरण वाली भािा का प्रयोग
(c) पवभभन्न भािाओं में िाठों की पविय वस्तु का िब्दि: अनुवाद (b) केवल बालकों का उच्चारण िुद्ध करना
कर सके (c) केवल बोलने में पवराम धचह्नों का प्रयोग करना
(d) सरल प्रश्न ित्र बना सके (d) उियुकक्त सभी
160. बहुभ हषकत - 170. हनम्नशिखखत में िे ि चन कौिि की हिधि निीं िै-
(a) बच्चे की अस्स्मता का पनमाकण करती है (a) वणकमाला िद्धपत
(b) भािा की कक्षा में अनेक प्रकार की समस्याएाँ उत्िन्न करती है (b) ध्वन्यात्मक िद्धपत
(c) एक अत्यंत जद्ल चुनौती है जजसका समािान सम्भव नहीं है (c) अक्षर बोि पवधि
(d) भािा नीपत बनाने में बहुत बड़ी बािा है (d) पवदे हात्मक िद्धपत
161. बच्च स्ि भ हिक रूप िे अपने घर जैि िम ज के ि त िरण 171. िमस्य िि करने के कौिि को हिकशित करने के शिए छ त्रों
िे …………… अर्जित करत िै। को प्रोत्ि हित करते हुए शिक्षक को हनम्नशिखखत में िे हकि िे
(a) व्याकरण बचन च हिए?
(b) भािा (a) छात्रों को पनदे िात्मक संकेत प्रदान करना।
(c) वाक्य (b) छात्रों को प्रश्न करने के शलए प्रोत्सापहत करना।
(d) िब्द (c) समस्याओं के पवभभन्न प्रकार को धडजाइन करना।
162. भ ष प्रयोग की कुिित िम्भि िै- (d) संज्ञानात्मक संघिक उत्िन्न करने के शलए समस्या धडजाइन
(a) भािा की िाठ्यिुस्तक िढ़ने से करना।
(b) अधिक से अधिक भािा प्रयोग से 172. िेखन में हकि प्रक र की अिुन्द्द्धय ाँ िोती िै?
(c) केवल भािा सुनने से (a) केवल वतकनी
(d) केवल सापहत्य िढ़ने से (b) केवल वाक्य रचना
163. भ ष िीखने के शिए िौि-सा क रक मित्त्िूपणत िै? (c) केवल पवराम धचह्न
(a) भािा के व्याकरभणक पनयम (d) उियुकक्त सभी
(b) िाठ िर आिाररत प्रश्नोत्तर 173. भ ष हनयमों ि र हनयांहत्रत ……….. क म ध्यम भर निीं िै,
(c) भािा की िाठ्यिुस्तक बब्लक यि िम री िोच को भी हनर्मित करती िै।
(d) समृद्ध भापिक वातावरण (a) कला (b) संप्रेिण
(c) संस्कृपत (d) सुंदरता
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174. कि नी िुनन भ ष की अभभव्यशक्त क िौि-सा रूप िै? 185. जो बच्च न्द्जतन जलदी बोिन िीखत िै िि उतन िी जलदी-
(a) केवल मौखखक (a) िढ़ता है
(b) केवल शलखखत (b) शलखता है
(c) शलखखत और मौखखक दोनों (c) हाँसता है
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (d) सोचता है
175. िुनन भ ष हिक ि क हनम्न चरण िै- 186. हनयधमत रूप िे हकिी भ ष को िुनकर बच्चे क्य ग्रिण करते िैं?
(a) पद्वतीय (b) प्रथम (a) िब्द
(c) तृतीय (d) चतुथक (b) ध्वपन
176. रूप रेख अनुकरण हिधि िै- (c) अथक
(a) लेखन कौिल (d) भािा की बुपनयादी संरचना
(b) श्रवण कौिल 187. कक्ष में छ त्रों की िहियत दे खी ज ती िै-
(c) वाचन कौिल (a) शिक्षक की हााँ में हााँ धमलाने से
(d) िढ़ने का कौिल (b) िोर मचाने से
177. श्य म और र ि एक दूिरे िे ब तचीत कर रिे िैं, यि रूप िै- (c) मौन बैठने में
(a) केवल सांकेपतक अभभव्यशक्त का (d) सुनने और बोलने में
(b) केवल मौखखक अभभव्यशक्त का 188. िुिेख िे त त्पयत िै-
(c) केवल शलखखत अभभव्यशक्त का (a) स्वयं से शलखा हुआ आलेख
(d) उियुकक्त सभी (b) सुना हुआ लेख
178. बोिने के आिश्यक तत्त्ि िोते िैं- (c) सुंदर लेख
(a) कलिनािीलता (d) लेख की सुंदर कलिना
(b) अथक ग्रहण 189. स्कूिों में ब िकों को िुनने की प्रहिय को बढ़ ने के शिए-
(c) भाव एवं पवचार (a) केवल पवभभन्न घ्नाओं को सुनाना चापहए
(d) स्वर एवं व्यंजन (b) केवल कपवताएाँ सुनानी चापहए
179. बच्चे भ ष क प्रयोग कैिे करते िैं? (c) केवल कहानी सुनानी चापहए
(a) केवल बोलकर (d) उियुकक्त सभी
(b) केवल सुनकर 190. भ ष यी कौिि क ििी िम िै-
(c) केवल शलखकर (a) सुनना, बोलना, शलखना, िढ़ना
(d) उियुकक्त सभी (b) सुनना, िढ़ना, शलखना, बोलना
180. हनम्न में िे मौखखक अभभव्यशक्त कौिि िै- (c) सुनना, बोलना, िढ़ना, शलखना
(a) केवल भािण (d) िढ़ना, बोलना, सुनना, शलखना
(b) केवल वाताकलाि 191. भ ष कौििों के ब रे में िौि-सा कर्न ििी िै?
(c) केवल सत्संग (a) भािा के कौिलों में से केवल िढ़ना शलखना महत्त्विूणक है
(d) उियुकक्त सभी (b) भािा के मूल रूि से कौिलों में से केवल सुनना, बोलना ही
181. भ ष कौिि क एक प्रक र निीं िै- महत्त्विूणक है
(a) संचार (c) भािा के कौिल केवल िमबद्ध रूि से ही सीखे जाते हैं
(b) लेखन (d) भािा के कौिल िरस्िर अंत: सम्बस्न्ित हैं
(c) श्रवण 192. मौन पठन क मुख्य उद्दे श्य िै-
(d) वाचन (a) सतही ढं ग से िाठ खत्म करना
182. भ ष कौिि के हकतने चरण िैं? (b) गहन अथक ग्रहण करना
(a) चार (b) िााँच (c) पबना बोले िढ़ने की कुिलता का पवकास करना
(c) दो (d) तीन (d) िाप्न्त के साथ िढ़ना
183. मौखखक अभभव्यशक्त िेतु व्य करण की आिश्यकत िोती िै, 193. हनम्नशिखखत में िे िौि-सा पठन क प्रक र निीं िै?
त हक- (a) सस्वर िठन
(a) केवल बालक भावों को िुद्ध रूि में व्यक्त कर सके (b) मौन िठन
(b) केवल भािा संबंिी अभभव्यशक्त का पवकास हो सके (c) अथक िठन
(c) केवल स्वरों के आरोह अवरोह एवं बलाघातों को समझ सके (d) िुत िठन
(d) उियुकक्त सभी 194. भ ष के िभी आि रभूत कौििों में िितप्रर्म कौिि…………
184. भ ष िीखने के प्रमुख चरण िैं- िै, न्द्जि पर अन्य कौििों क हिक ि हनभतर करत िै।
(a) केवल िढ़ना (a) शलखना
(b) केवल शलखना (b) िढ़ना
(c) केवल समझना (c) बोलना
(d) उियुकक्त सभी (d) सुनना
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195. पढ़न कौिि में आप हकिे िि तधिक मित्त्ि दें गे? 204. भ ष कौििों के िम्बन्ि में िौि-सा कर्न ििी िै?
(a) िब्दों का अथक (a) भािा के सभी कौिलों को नए शसरे से शसखाने की आवश्यकता
(b) मुख्य बबिंदु/पवचार को ग्रहण करना होती है
(c) वाक्यों का अथक (b) भािा कौिल एकदूसरे से स्वतंत्र होते हैं
(d) िुत गपत से िढ़ना (c) भािा के चारों कौिल एक िम से सीखे जाते हैं
196. भ ष शिक्षण के एक पििू के रूप में िुनने की कि क हिक ि (d) भािा के कौिल अन्त: सम्बस्न्ित होते हैं
………… की मदद िे हकय ज िकत िै। 205. भ ष ………. और ………. क एक उिम ि िन िै।
(a) केवल बातचीत (a) िढ़ने, शलखने, सम्प्रेिण
(b) लोक संगीत (b) सोचने, महसूस करने, चीजों से जुड़ने
(c) िास्त्रीय संगीत (c) िढ़ने, शलखने, समझने
(d) लोक और िास्त्रीय संगीत (d) सुनने, बोलने, सोचने
197. िेखन कौिि के हिक ि में िबिे कम प्रभ िी िैं- 206. भ ष िीखने क व्यिि रि दी दृहष्टकोण ………. पर बि दे त िै।
(a) धचत्रांकन (a) रचनात्मकता
(b) सुलेख (b) भािा प्रयोग
(c) मन की बात शलखना (c) अभभव्यशक्त
(d) घ्नाओं, दृश्यों का शलखखत वणकन (d) अनुकरण
198. भ ष िीखने के िांदभत में िौि-सा कर्न ििी िै? 207. हनम्नशिखखत में िे िौि-सा हनयम पढ़ने िीखने में मुब्श्कि पैद
(a) बच्चों में भािा सीखने की जन्मजात क्षमता होती है निीं करत ?
(b) व्याकरण का ज्ञान भािा प्रयोग की कुिलता का एकमात्र (a) बच्चों िर साविानीिूवकक िढ़ने के शलए जोर डालना
सुपनभित मानदं ड है (b) िब्दप्रपत िब्द िढ़ते हुए गपत को बढ़ाने का आग्रह करना
(c) भािा सीखना भािा की कक्षा में ही संभव है (c) धचत्र, संदभक और िूवक अनुभवों के आिार िर अनुमान लगाते हुए
(d) मानक भािा के प्रयोग िर अत्यधिक बल दे ना चापहए िढ़ने के अवसर दे ना
199. बच्चों की पठन कुिित क हिक ि करने में िि तधिक (d) यह सुपनभित करना पक ध्वपन के पनयम सीखकर उन िर अमल
मित्त्िपूणत िै- पकया जाए
(a) भापिक संरचनाओं का अभ्यास 208. कक्ष में मौजूद बहुभ हषकत -
(b) अथक की अिेक्षा उच्चारणगत िुद्धता िर पविेि ध्यान दे ना (a) बच्चों को ‘लक्ष्य भािा’ सीखने के शलए हतोत्सापहत करती है
(c) पवभभन्न संदभों से जुड़ी सामग्री (b) शिक्षक के शलए एक जद्ल और कठोर चुनौती है
(d) िाठ्यिुस्तक में ददए गए अभ्यास (c) भािा शिक्षण में बािक है
200. िेखन कुिित क हिक ि करने में िबिे कम महत्त्वपूणत िै- (d) भािा शिक्षण में एक संसािन के रूि में प्रयुक्त हो सकती है
(a) प्रपतशलपि 209. कशिक हिन्दी भ ष में बोिते िमय कई ब र अटकती िै। आप
(b) अिूरी कहानी को िूरा करना क्य करेंगे?
(c) कहानी कपवता आदद का सृजनात्मक लेखन (a) उसे प्रवाहिूणक अभभव्यशक्त के नमूने सुनाएाँगे और कहेंगे पक उसे
(d) आाँखों दे खी घ्नाओं को शलखना भी हूबहू ऐसे ही बोलना है
201. शिखन िै- (b) कक्षा के बाकी बच्चों से कहेंगे पक कशलका के समक्ष प्रवाहिूणक
(a) एक अपनवायक कुिलता है, जजसे जलदी प्राप्त पकया जाना है अभभव्यशक्त के नमूने प्रस्तुत करें
(b) एक तरह की बातचीत (c) कक्षा में केवल कशलका को ही बार बार बोलने के शलए कहेंगे
(c) एक अत्यन्त यांपत्रक प्रपिया है (d) िैयक रखते हुए उसे सहज अभभव्यशक्त के शलए प्रोत्सापहत करेंगे
(d) एक बेहद जद्ल प्रपिया है 210. भ ष अजतन के िांबांि में िौि-सा कर्न उधचत निीं िै?
202. कक्ष ‘एक’ के बच्चे अपने ………… एिां ………… िे प्र प्त (a) भािा के पनयम सीखे जाते हैं
बोिच ि की भ ष के अनुभिों को िेकर िी हिद्य िय आते िैं। (b) िररवेि से प्राप्त भापिक आाँकड़ों के आिार िर सहज रूि से
(a) घर िररवार, िररवेि भापिक पनयम बनाए जाते हैं
(b) घर िररवार, दोस्तों (c) भािा अजकन में भापिक िररवेि महत्त्वूिणक होता है
(c) घर िररवार, ्ी.वी. (d) इसमें समाज सांस्कृपतक पविेिताओं को सहज रूि से
(d) घर िररवार, िड़ोसी आत्मसात् पकया जाता है
203. कक्ष ‘एक’ और ‘दो’ के िुरुआती िमय में पढ़ने क प्र रम्भ 211. भ ष अजतन और भ ष अधिगम के िांदभत में िौि-सा कर्न
………. िे िी और हकिी ………. के शिए िो। ििी निीं िै?
(a) अक्षर ज्ञान, मनोरंजन (a) भािा अजकन में पवभभन्न संकलिनाएाँ मातृभािा मं बनती हैं
(b) िब्द िहचान, मूलयांकन (b) भािा अधिगम में कभी भी अनुवाद का सहारा नहीं शलया जाता
(c) अक्षर ज्ञान, उद्दे श्य (c) भािा अजकन सहज और स्वाभापवक होता है जबपक भािा
(d) अथक, उद्दे श्य अधिगम प्रयासिूणक होता है
(d) सांस्कृपतक पवभभन्नता भािा अजकन और भािा अधिगम को
प्रभापवत करने वाला महत्त्विूणक कारक है
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212. एक िे अधिक भ ष ओं क प्रयोग- 221. ब िकों के भ ष िीखने में एक उपयुक्त पररिेि निीं िै-
(a) कक्षायी जद्लताओं को बढ़ाया है (a) पवद्यालय
(b) शिक्षकों के शलए गहन समस्या है (b) ियाकवरण
(c) संज्ञानात्मक पवकास में सहायक है (c) समाज
(d) पकसी भी एक भािा में पनिुणता में बािक है (d) िररवार
213. एक बहुभ हषक कक्ष में आप हकिे िबिे कम मित्त्ि दें गे? 222. भ ष एक उपकरण के रूप में प्रयोग की ज ती िै-
(a) पवभभन्न प्रकार का बाल सापहत्य (a) केवल क्षमताओं का पवकास करने में
(b) कक्षा में पवभभन्न प्रकार की सामग्री से समृद्ध वातावरण (b) केवल मानव सभ्यता एवं संस्कृपत की िहचान करने में
(c) कक्षा के बहुभापिक और बहुसांस्कृपतक संदभो के प्रपत (c) केवल सीखने में
संवेदनिीलता (d) उियुकक्त सभी
(d) बच्चों को शसखाना पक दो भािाओं के मध्य पवद्यमान समानता व 223. हकिी दे ि य प्रदे ि के र जक ज य प्रि िन में न्द्जि भ ष क
अंतर का पवश्लेिण कैसे पकया जाता है प्रयोग िोत िै उिे हनम्न में िे िौि-सी भ ष किते िैं?
214. न शिर पढ़ते िमय अनेक ब र अटकती िै, उिे पढ़ने में (a) कृपत्रम भािा
कदठन ई िोती िै। उिकी िमस्य मुख्यत: ………. िे िम्बब्न्ित (b) गुप्त भािा
िै। (c) संिकक भािा
(a) बुजद्धलब्ब्ि (d) राज भािा
(b) धडस्लेब्क्सया 224. भ ष की पररपक्ित िे त त्पयत िै-
(c) धडस्ग्रापफया (a) व्याकरभणक पनयमों की जानकारी होना
(d) िठनअरुधच (b) भािा का अधिकाधिक प्रयोग करना
215. िांगीत अक्िर िधदों को उलट शिखती िै और शिखते िमय (c) भािा के अवयवों और स्वरों िर अपनयंत्रण करना
कुछ अक्षरों को छोड़ दे ती िै। उिे शिखने में कदठन ई िोती िै। (d) पवपवि भािाओं की जानकारी होना
उिकी िमस्य ………. िे िम्बब्न्ित िै। 225. भ ष िीखने की प्रहिय में ब िक िितप्रर्म हकि भ ष को
(a) धडस्केलकुशलया िीखत िै?
(b) दृपष्टबाधिता (a) दे वभािा (b) राष्ट्रभािा
(c) धडस्लेब्क्सया (c) मातृभािा (d) राजभािा
(d) धडस्ग्रापफया 226. भ ष अधिगम में हकन छ त्रों को कदठन ई निीं िोती िै?
216. बच्चे की हगनने की क्षमत के शिए एक प्र र्धमक ितत िै- (a) जजसके अभभभावक शिभक्षत हो
(a) स्थान मान अविारणा में प्रवाह हो (b) जजसमें आत्मपवश्वास की कमी हो
(b) संख्या लेखन में प्रवाह हो (c) जजनका मानशसक स्वास््य ठीक हो
(c) संख्या िब्द अनुिम के साथ प्रवाह हो (d) जजसकी िाररवाररक ब्स्थपत ठीक हो
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं 227. छ त्रों को अपनी म तृभ ष में बोिने क अििर प्रद न करन
217. हनम्नशिखखत में बच्चों की भ ष िांबांिी त्रुदटय ाँ निीं िै- च हिए, त हक-
(a) िाठ्यिुस्तक को ग्रहण करने में (a) छात्र अिने आिको कमजोर न समझे
(b) िब्दोच्चारण संबंिी (b) छात्र अिनी पनजी कदठनाइयााँ बता सकें
(c) वतकनी संबंिी (c) छात्र अिना गृहकायक आसानी से कर सके
(d) वाक्य संरचना संबंिी (d) छात्रों के शलए अधिगम प्रपिया सरल एवं सहज हो सके
218. भ ष शिक्षण में मूलय ांकन की आिश्यकत पड़ती िै- 228. बच्चे भ ष िीखने की क्षमत के ि र् पैद िोते िैं। यि कर्न
(a) केवल छात्रों की असफलता को जानने में हनम्न में िे हकिक िै?
(b) केवल छात्रों की क्षमता और कमजोररयों को जानने में (a) िावलॉव (b) पियाजे
(c) केवल शिक्षण प्रपिया को सरल व प्रभावी बनाने में (c) चॉम्सकी (d) वाइगोत्सकी
(d) उियुकक्त सभी 229. प ठ्यपुस्तक में ददए गए अभ्य ि कैिे िो?
219. भ ष शिक्षण क िक्ष्य िै- (a) जजनके उत्तर पनभित हो
(a) अध्ययन अध्यािन का पवकास (b) जो अनुमान और कलिना िर आिाररत हो
(b) मानवीय संवेदना का पवकास (c) जो बहुपवकलिीय हो
(c) भािा की समझ और अभभव्यशक्त का पवकास (d) जो व्याकरण िर ही आिाररत हो
(d) अथोिाजकन एवं यि प्राप्त करना 230. भ ष शिक्षण में प ठ्यपुस्तकों के अहतररक्त िौि-सा िबिे कम
220. हनम्नशिखखत में िे भ ष शिक्षण की चुनौहतय ाँ िै- प्रभ िि िी िै?
(a) केवल िठन से संबंधित चुनौपतयााँ (a) प्रश्नों के उत्तर शलखना
(b) केवल व्याकरण से संबंधित चुनौपतयााँ (b) संवाद अदायगी
(c) केवल लेखन से संबंधित चुनौपतयााँ (c) िररचचाक करना
(d) उियुकक्त सभी (d) घ्ना वणकन करना

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231. हिन्दी भ ष की कक्ष में िबिे मित्त्िपूणत िै- 240. हिन्दी भ ष क मूलय ांकन करते िमय आप िबिे ज्य द हकिे
(a) िाठ्यिुस्तक मित्त्ि दें गे?
(b) िरीक्षाएाँ (a) सीखने की क्षमता का आकलन
(c) िाठ्य सहगामी पियाएाँ (b) काव्यसौंदयक
(d) बच्चों की भािायी क्षमताओं में पवश्वास (c) पनबंि शलखने की योग्यता
232. हनम्नशिखखत में िे िौि-सा िमूि प्रक्षेहपत ि मग्री क िै? (d) व्याकरभणक पनयम
(a) ्े लीपवजन, शिक्षण मिीन, कम्प्यू्र, ििे् 241. मूलय ांकन क मुख्य उद्दे श्य िोन च हिए-
(b) पफलम प्स्िि, स्लाइड, ओएचिी िान्सिेरेन्सी, ओिेक प्रोजेक््र (a) पवद्यार्थिंयों की त्रुद्यााँ ढूाँ ढ़ना
(c) प्रदिकन, ओएचिी िान्सिेरेन्सी, ्े लीपवजन, प्रपतमान (b) यह पनणकय लेना पक क्या पवद्याथी को अगली कक्षा में प्रोन्नत
(d) का्ूक न्स, सूक्ष्मदिी, स्लाइड, रेधडयो, कम्प्यू्र पकया जाना चापहए
233. हनम्नशिखखत में िे कौन मुदित ि मग्री क एक प्रक र निीं िैं? (c) सीखने में होने वाली कमजोररयों का पनदान और उिचार करना
(a) कै्लॉग (d) पवद्यार्थिंयों की उिलब्ब्ि को मािना
(b) एनसाइक्लोिीधडया 242. भ ष के आकिन में िि तधिक मित्त्िपूणत िैं-
(c) अनुशिभक्षकीय (a) भािा की िाठ्यिुस्तक के अभ्यास
(d) बुलेद्न (b) पनबंिित्र आदद शलखना
234. हनम्नशिखखत में िे िौि-सा एक शिक्षक के शिए एक हनदे िक (c) पवभभन्न ब्स्थपतयों में भािा प्रयोग की कुिलता
ि मग्री िै? (d) व्याकरण िर अधिकार
(a) अनुिूरक िठन सामग्री 243. आकिन -
(b) िाठ्यचयाक गाइड (a) शिक्षणअधिगम प्रपिया का अभभन्न पहस्सा है
(c) नो्बुक्स (b) सत्रांत की गपतपवधि है
(d) ब्लैकबोडक (c) िाठ िढ़ाने के बाद ही पकया जाना चापहए
235. हनम्नशिखखत में िे िौि-सा कर्न शिक्षण में, शिक्षण अधिगम (d) बच्चों की त्रुद्यााँ ढूाँ ढने के शलए पकया जाता है
ि मग्री की उप दे यत िे िांबांधित निीं िै? 244. जब हकिी परीक्ष के ब र ब र अांकन करने पर भी कोई अन्तर
(a) प्रत्यक्ष अनुभव का अच्छा पवकलि निीं आत , उिक क रण िै-
(b) शिक्षण के मूलयांकन की प्रपिया में सहायक (a) वैिता
(c) पवियवस्तु की स्िष्टता (b) व्याकरण
(d) कक्षाकक्ष वातावरण को जीवन्त एवं सपिय बनाना (c) वस्तुपनष्ठता
236. हनम्नशिखखत में िे हकिमें अनुदेिन ि मग्री की अधिकत िोती िै? (d) पवश्वसनीयता
(a) िाठ्यिुस्तक 245. मूलय ांकन एिां परीक्ष में अन्तर िै
(b) कायक िुस्तक (a) िाठ्यिम की दृपष्ट से
(c) स्व अनुदेिन िुस्स्तका (b) व्यािकता की दृपष्ट से
(d) संसािन इकाई (c) अंकन की दृपष्ट से
237. च टत बन ते िमय हकि िोप न को ध्य न में रखन च हिए? (d) औिचाररकता की दृपष्ट से
(a) चा्क की सजाव् 246. हिच रों की अभभव्यशक्त हकि प्रक र के प्रश्नों में िो िकती िै?
(b) चा्क को प्रयोग करने की अवधि (a) वस्तुपनष्ठ
(c) चा्क की गुणवत्ता (b) पनबन्िात्मक
(d) चा्क का प्रयोग (c) लघूत्तरात्मक
238. हनम्नशिखखत में िे िौि-सी हिद्युत मब्स्तष्क के रूप में िि तधिक (d) अपतलघूत्तरात्मक
िोकहप्रय एिां ज्ञ न को अद्यतन बन ने ि िी िि यक ि मग्री िै? 247. िस्तुहनष्ठ प्रश्नों की उपयोहगत क प्रमुख क रण िै-
(a) वी.सी.आर. (b) सी.सी.्ी.वी. (a) र्न से मुशक्त
(c) ्े लीपवजन (d) कम्प्यू्र (b) िाठ्यिम व्याप्प्त
239. हनम्नशिखखत को िुमेशित कीन्द्जए- (c) पनष्िक्ष मूलयांकन
A. ग्र हिक ि मग्री (i) बुिेदटन बोडत (d) पवद्यार्थिंयों का पहत
B. प्रक्षेहपत ि मग्री (ii) म नधचत्र 248. मूलय ांकन में इक ई परख क मुख्य उद्दे श्य िै-
C. हत्रआय मी ि मग्री (iii) स्ि इड (a) अगली कक्षा में प्रोन्नत करना
D. धडस्प्िे बोडत सामग्री (iv) मॉडलस (b) प्रगपत की जानकारी करना
A B C D (c) उद्दे श्यों की िूर्तिं सीमा का ज्ञान
(a) (iii) (i) (iv) (ii) (d) कमजोररयों का पनदान करना
(b) (ii) (iii) (iv) (i) 249. उद्दे श्य क िीि िांबांि हकििे िै?
(c) (i) (ii) (iii) (iv) (a) शिक्षण (b) शिक्षा
(d) (iv) (iii) (ii) (i) (c) शिक्षक (d) िाठ

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250. हिन्दी में मूलय ांकन क प्रयोजन िै- 260. हकिके अन्तगतत हकिी गुण, योग्यत अर्ि हििेषत क मूलय
(a) पविय की जााँच करना हनि तरण हकय ज त िै अर् तत् मूलय ांकन ि र पररम ण त्मक
(b) अगली कक्षा में िमोन्नपत दे ना तर् गुण त्मक दोनों िी प्रक र की िूचन एाँ प्र प्त िोती िै?
(c) भािा के प्रपत रुधच जाग्रत करना (a) मूलयांकन
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (b) मािन
251. मूलय ांकन की दृहष्ट िे प्रश्न हकतने प्रक र क िोत िै? (c) मूलय पनिाकरण
(a) एक (b) दो (d) िरीक्षण
(c) तीन (d) चार 261. र ष्ट्रीय िैभक्षक अनुिांि न एिां प्रशिक्षण िांस्र् न, ददलिी की
252. एक अच्छे मूलय ांकन की हििेषत िै- पुस्तक “Concept of Evaluation” के अनुि र मूलय ांकन
(a) वैिता प्रहिय में मुख्यत: हकतनी ब तों को िम्म्मशित हकय गय िै?
(b) पवश्वसनीयता (a) दो
(c) व्यािकता (b) चार
(d) उियुकक्त सभी (c) तीन
253. मूलय ांकन क क्षेत्र िोत िै- (d) िााँच
(a) व्यािक 262. मूलय ांकन प्रहिय में ि धमि हकय गय िै-
(b) सीधमत (a) शिक्षण उद्दे श्य
(c) संकुधचत (b) पवधि/प्रपवधि
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (c) अधिगम अनुभव
254. हनष्पशि य उपिब्धि परीक्षणों ि र छ त्रों के हकि पक्ष क (d) उियुकक्त सभी
म पन हकय ज त िै? 263. मूलय ांकन प्रहिय के िोप न िै-
(a) ज्ञानात्मक िक्ष का (a) उद्दे श्यों का चयन एवं पनिाकरण करना
(b) भावात्मक िक्ष का (b) उद्दे श्यों का पवश्लेिण
(c) मनोिारीररक िक्ष का (c) मूलयांकन प्रपवधियों का चयन
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त सभी
255. भ ि त्मक और मनोि रीररक पक्षों के म पन िेतु िौि-सी 264. मूलय ांकन की आिश्यकत िै-
प्रहिय अधिक उपयोगी िै? (a) बालकों की मानशसक िशक्त, रुधच दृपष्टकोण का अनुमान लगाना।
(a) मािन (b) बालकों को पवभभन्न समूहों में पवभाजजत करना
(b) मूलयांकन (c) अधिगम प्रपिया में सुिार करने के शलए
(c) जााँच (d) उियुकक्त सभी
(d) िरीक्षण 265. मूलय ांकन की पररम ण त्मक य िांख्य त्मक प्रहिधिय ाँ िै-
256. मूलय ांकन एक प्रहिय िै- (a) शलखखत िरीक्षा
(a) सतत् (b) मौखखक िरीक्षा
(b) गपतिील (c) प्रयोगात्मक िरीक्षा
(c) अिमिील (d) उियुकक्त सभी
(d) सीधमत 266. मौखखक परीक्ष क िबिे पििे प्रयोग हकिने हकय र् ?
257. म पन हकिी िस्तु य उपिब्धि क म न िै- (a) इलेडाइ्् स
(a) संख्यात्मक/िररमाणात्मक (b) सुकरात
(b) गुणात्मक (c) बी.एस.ब्लूम
(c) संख्यात्मक/िररमाणात्मक और गुणात्मक (d) प्ले्ो
(d) उियुकक्त सभी 267. मौखखक परीक्ष प्रण िी क िूत्रप त हकय -
258. हकिके ि र पत िग य ज त िै हक कोई िस्तु, गुण य (a) प्ले्ो
हििेषत में हकतनी िै? (b) सुकरात
(a) मािन के द्वारा (c) मुरेनो
(b) मूलयांकन के द्वारा (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
(c) िरीक्षण द्वारा 268. हकि परीक्ष ि र ब िकों के प्रत्य स्मरण, धचन्तन तुरन्त
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं अभभव्यशक्त, हिय िीित , हिश्लेषण, पढ़ने की योग्यत एिां
259. म पन िि हिय िै न्द्जिके ि र बन य ज त िै- उच्च रण की कुिित आदद की ज ाँच की ज ती िै?
(a) पवभभन्न योग्यताओं तथा गुणों के िररमाण के संबंि में (a) प्रायोपगक िरीक्षा द्वारा
(b) पकसी गुण, योग्यता अथवा पविेिता का मूलय पनिाकरण में (b) पनबन्िात्मक िरीक्षा द्वारा
(c) शिक्षण उद्दे श्यों की प्राप्प्त में (c) मौखखक िरीक्षा द्वारा
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (d) वस्तुपनष्ठ िरीक्षा द्वारा

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269. शिखखत परीक्ष ओं के पूरक के रूप में प्रयोग हकय ज त िै- 277. हनम्नशिखखत में िे िौि-सी एक परीक्षण की तकनीकी
(a) मौखखक िरीक्षा को हििेषत निीं िै?
(b) प्रायोपगक िरीक्षा को (a) पवभेदीकरण
(c) वस्तुपनष्ठ िरीक्षा को (b) वैिता
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (c) वस्तुपनष्ठता
270. हकि परीक्ष प्रण िी के अन्तगतत ब िकों के हिषय ज्ञ न की (d) धमतव्ययता
उपिब्धि, अभभयोग्यत , अभभिृशि, अभभरुमच ि बुन्द्द्ध की ज ाँच 278. िांज्ञ न त्मक पक्ष क उच्चतम स्तर िै-
की ज ती िै? (a) ज्ञान
(a) वस्तुपनष्ठ िरीक्षा (b) मूलयांकन
(b) मौखखक िरीक्षा (c) संश्लेिण
(c) पनबन्िात्मक िरीक्षा (d) बोि
(d) प्रायोपगक िरीक्षा 279. हनम्नशिखखत में िे िौि-सी मूलय ांकन की व्य पक हििेषत निीं
271. हकि परीक्ष प्रण िी के अन्तगतत नमूनों के आि र पर ब िकों िै?
के कौिि की ज ाँच की ज ती िै? (a) पवद्याथी की र्न्त स्मृपत पकतनी बढ़ी है
(a) वस्तुपनष्ठ िरीक्षा (b) िूवक पनिाकररत उद्दे श्यों की प्राप्प्त पकस सीमा तक हो रही है
(b) मौखखक िरीक्षा (c) कक्षा में ददये जाने वाले अधिगम अनुभव पकतने प्रभावोत्िादक
(c) प्रायोपगक िरीक्षा रहे हैं
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (d) शिक्षा के उद्दे श्यों की प्राप्प्त पकतने अच्छे ढं ग से सम्िन्न हुई है
272. परीक्ष , म पन एिां मूलय ांकन के मध्य िम्बन्ि बत त िै- 280. ितत् एिां व्य पक मूलय ांकन पर प्रभ िी रूप िे बि ददय गय -
(a) ग्रानलुंड (a) रािाकृष्णन आयोग द्वारा
(b) बी.एस. ब्लूम (b) राष्ट्रीय शिक्षा नीपत, 1986 द्वारा
(c) राइ्स््ोन (c) मुदाशलयर आयोग द्वारा
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
273. अच्छे मूलय ांकन की िितप्रमुख हििेषत िोती िै- 281. ितत् एिां व्य पक मूलय ांकन क उद्दे श्य निीं िैं-
(a) सरलता (b) वैिता (a) मूलयांकन को पनयधमत एवं समग्र बनाना
(c) गोिनीयता (d) व्यािकता (b) मूलयांकन में र्ने की बजाय समझने िर बल दे ना
274. ब िक के व्यिि र में अपेभक्षत पररिततन क हनणतय अध्य पन (c) मूलयांकन में शिक्षक की भूधमका कम करना
ि र हकय ज त िै- (d) मूलयांकन में पनदान व उिचार को प्रोत्सापहत करना
(a) मूलयांकन से 282. एक उपिब्धि परीक्षण आयोन्द्जत करने क उद्दे श्य, शिि य इि
(b) प्रशिक्षण से क रण को छोड़कर अन्य िभी के शिए िोत िै-
(c) अनुदेिन से (a) उद्दे श्यों के लेखन के शलए
(d) िरीक्षा से (b) शिक्षण रणनीपतयों के संिोिन के शलए
275. “एक ऐि परीक्षण जो हिद्य र्ी की हिषय िम्बन्िी कौििों (c) शिष्यों की प्रगपत के मूलयांकन के शलए
की प्रिीणत क स्तर एिां हिषय िांबांिी आि रभूत िांकलपन एाँ, (d) शिष्यों को िररणामों के ज्ञान के माध्यम से प्रेररत करने के शलए
प्रहिय एाँ तर् ि म न्य ज्ञ न की िांप्र म्प्त क म पन करत िै”, 283. अधिगमकत तओं की उपिब्धि क आकिन शिक्षकों की
किि त िै- िि यत करत िै-
(a) भपवष्यसूचक िरीक्षण (a) शिक्षण अधिगम पवधियों की प्रभाविीलता का मूलयांकन करने में
(b) संप्राप्प्त िरीक्षण (b) कक्षाओं में अधिगमकताकओं के क्षमता समूह बनाने में
(c) पनदानात्मक िरीक्षण (c) शिक्षण के शलए गपतपवधियों की सूची तैयार करने में
(d) सवे िरीक्षण (d) अधिगमकताकओं के प्रदिकन का ररकॉडक रखने में
276. ितत् एिां व्य पक मूलय ांकन (िी.िी.ई.) के िििैभक्षक क्षेत्रों में 284. हनम्नशिखखत में िे क्य उिम उपिब्धि परीक्षण की हििेषत
ि धमि िै- निीं िै?
1. जीिन कौिि (a) पवश्वसनीयता
2. क यत शिक्ष (b) वस्तुपनष्ठता
3. दृश्य एिां प्रदितन कि (c) अस्िष्टता
4. अभभिृशि एिां मूलय (d) वैिता
उपयुतक्त ददए गए कूट में िे कुछ िमूि ददए ज रिे िैं, इनमें िे 285. हिद्य र्र्ियों के व्य पक मूलय ांकन में हनम्नशिखखत में िे िौि-सा
िि तधिक उपयुतक्त कूट िमूि क चयन कीन्द्जए- िम्म्मशित निीं िै?
(a) 1, 2 तथा 3 (a) पवद्यार्थिंयों के िैभक्षक क्षेत्र
(b) 1, 2, 3 तथा 4 (b) पवद्यार्थिंयों के व्यशक्तगत और सामाजजक गुण
(c) 1, 2 तथा 4 (c) पवद्यार्थिंयों की अभभवृशत्त, अभभरुधच और मूलय
(d) 1, 3 तथा 4 (d) बुजद्धलब्ब्ि गुणांक
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286. ितत् व्य पक मूलय ांकन में ‘व्य पक’ िधद क अभभप्र य िै- 294 CCE िे त त्पयत िै
(a) संज्ञानात्मक (a) सतत् एवं व्यािक मूलयांकन
(b) सहसंज्ञानात्मक (b) सतत् एवं सृजनात्मक मूलयांकन
(c) (a) व (b) दोनों (c) सतत् एवं पनष्किक मूलयांकन
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
287. ितत् एिां व्य पक मूलय ांकन क िबिे महत्त्वपूणत उद्दे श्य िै? 295. िीिीई………. आरांभ हकय ज त िै।
(a) पनदान करना (a) एक विक में चार बार
(b) उिचार करना (b) विक भर में
(c) अधिगम को तीव्र करना (c) समय समय िर
(d) उियुकक्त सभी (d) एक विक में दो बार
288. हनम्नशिखखत में िे िौि-सा कर्न ितत् ि व्य पक मूलय ांकन 296. ितत् एिां व्य पक मूलय ांकन के शिए हनम्नशिखखत में िे क्य
के शिए ििी निीं िै? म त्र त्मक पूि तपेक्ष क हिस्ि निीं िै?
(a) यह एक पवद्यालय आिाररत मूलयांकन है (a) कक्षाएाँ
(b) यह पवद्यार्थिंयों में तनाव को कम करता है (b) पवद्यालय
(c) इसमें नंबरों के स्थान िर ग्रेड का प्रयोग होता है (c) शिक्षक
(d) इससे शिक्षकों िर बोझ बढ़ जाता है (d) िाठ्यिम
289. अधिगमकत तओं के ितत और व्य पक मूलय ांकन के हिषय में 297. हनद न त्मक परीक्षण के ब द जरूरत पड़ती िै
हनम्नशिखखत में िे िौि-सा कर्न ििी िै? (a) उिचारात्मक शिक्षण की
(a) संकशलत (योगात्मक) आकलन औिचाररक आकलन कहलाता है (b) व्यािक व सतत् मूलयांकन की
(b) संकशलत आकलन अनौिचाररक आकलन कहलाता है (c) पियात्मक अनुसंिान की
(c) संकशलत आकलन अनुदेिन, प्रपिया के दौरान होता है (d) मनोपवश्लेिणात्मक शिक्षण की
(d) संकशलत आकलन पवद्यार्थिंयों की कदठनाइयों के पनदान िर बल 298. हनद न त्मक परीक्षण हिधि क प्रक र िै-
दे ता है (a) िरीक्षण पवधि
290. हनम्नशिखखत में िे िौि-सा उपकरण िांरचन त्मक (b) पनदानात्मक िरीक्षण
(हनम तण त्मक) आकिन के शिए उपयुक्त प्रतीत निीं िोत िै? (c) (a) व (b) दोनों
(a) प्रश्नोत्तरी (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
(b) मानदण्ड संदर्भिंत िरीक्षण 299. पद हिश्लेषण के शिए गित पदों को मित्त्ि दे ने की हिधि
(c) समूह िररचचाक किि ती िै-
(d) वाताकलाि (a) स्कीनर पवधि
291. ितत और व्य पक मूलय ांकन के हिषय में हनम्नशिखखत में िे (b) बेने् सारणी
िौि-सा कर्न गित िै? (c) स््े नले पवधि
(a) यह पवद्यालय आिाररत मूलयांकन है (d) उियुकक्त सभी
(b) इसमें पवद्यार्थिंयों के सभी िक्ष सत्म्मशलत नहीं है 300. निीन शिक्षण पद्धहतयों में ‘प्रोजेक्ट पद्धहत’ के व्य पक प्रयोग
(c) इसमें पनदानात्मक मूलयांकन सत्म्मशलत नहीं हैं क श्रेय हकिको िै?
(d) इसके शलए औिचाररक और अनौिचाररक दोनों प्रपवधियााँ प्रयोग (a) डीिी और पकलिैदिक को
की जाती है (b) स््ीवेन्सन और ररचड् कस को
292. हनम्नशिखखत में िे िौि-सा ितत और व्य पक मूलय ांकन िे (c) कुमारी हेलन िाककहस््क को
िांबांधित निीं िै? (d) कालक्न वािबनक को
(a) यह शिक्षण अधिगम प्रपिया का एक अभभन्न अंग है 301. “शिक्षकों को ब िक की रुधच क िदै ि ध्य न रखन च हिए।
(b) यह पवभभन्न शिक्षा क्षेत्रों में बच्चे की उिलब्ब्ि िर केजन्ित है जब ब िक की रुधच पढ़ने की ओर निीं िो, तो उिे निीं पढ़ न
(c) यह बच्चों को िीमे, खराब या बुजद्धमान के रूि में धचधह्नत करने च हिए। इििे उिके हिच रों में ब ि पहुाँचती िै। प ठ पढ़ ने िे
में उियोगी होता है पूित उन्िें प ठ में ब िकों की रुधच पैद करनी च हिए।” उपयुतक्त
(d) इसे भारत के शिक्षा के अधिकार अधिपनयम द्वारा अपनवायक पकया कर्न भ ष ई कौिि में हकिक िै?
गया है (a) स््ीवेन्सन का
293. ितत् एिां िमग्र मूलय ांकन में क्य ि धमि िै? (b) कालक्न का
(a) पवपवि प्रकार की रणनीपतयों का प्रयोग करते हुए दोनों (c) हरब्क का
संरचनात्मक एवं संकलनात्मक आकलन का प्रयोग करना (d) डीिी का
(b) केवल संरचनात्मक आकलन 302. हनबन्ि किेिर क मुख्य पक्ष िै-
(c) केवल संकलनात्मक आकलन (a) मध्य चरण
(d) ना तो संरचनात्मक न ही संकलनात्मक आकन (b) उिसंहार
(c) आदद चरण
(d) उियुकक्त सभी
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303. रचन के रूप िै- 313. इिाई कवमि िे किस सोपाि में गृहिायट प्रिाि किया जाता है?
(a) शलखखत रचना (b) मौखखक रचना (a) प्रथम
(c) उपयुयक्त दोनों (d) उियुकक्त में से कोई नहीं (b) तृतीय
304. िजतन त्मक अभभव्यशक्त की हिि िै- (c) षष्ठम्
(a) वणकनात्मक शलखखत रचना (d) चतुथय
(b) तुलनात्मक शलखखत रचना 314. िि शिक्षण िा सवटप्रर्म प्रयोग किया गया है-
(c) पववरणात्मक शलखखत (a) कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में
(d) उियुकक्त सभी (b) कोलंवबया विश्वविद्यालय में
305. अहिन्दी प्रदे िों में हिन्दी क शिक्षण हकय ज त िै- (c) ऑक्सफोडय विश्वविद्यालय में
(a) राष्ट्रभािा के रूि में (d) हािडय विश्वविद्यालय में
(b) प्रथम भािा के रूि में 315. भाषा सांसगट कवमि िी कविेषताओं से समबधि िहीं रििे वािे
(c) पद्वतीय भािा के रूि में िर्ि िो छाँदर्ए–
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (a) इस विचध में भाषा की शिक्षा के साथ ही व्याकरण की शिक्षा
306. हितीय भ ष शिक्षण की हिधिय ाँ िै- प्रदान की जाती है।
(a) प्रश्नोत्तर पवधि (b) इस विचध में व्याकरण का सैद्ांवतक ज्ञान न ददया जाकर
(b) अनुवाद पवधि व्यािहाररक ज्ञान प्रदान वकया जाता है।
(c) व्याख्यान पवधि (c) इस विचध में व्याकरण का व्यािहाररक ज्ञान न ददया जाकर
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं सैद्ांवतक ज्ञान ददया जाता है।
307. अनुि द प्रहिय के तत्त्ि िै- (d) इस प्रणाली में व्याकरण के वनयमों का ज्ञान कराये वबना, भाषा
(a) भािानुवाद के तत्त्व के िुद् रूप का प्रयोग शसखाया जाता है।
(b) पविाओं के अनुवाद 316. रेिीय अभभिममत अिुिेिि िा दूसरा िाम है-
(c) उियुकक्त दोनों (a) िाखीय अभभक्रचमत अनुदेिन
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (b) बाह्य अभभक्रचमत अनुदेिन
308. अनुि द शिक्षण की हिधि िै- (c) मैथेमेदटक्स अभभक्रचमत अनुदेिन
(a) िुस्तक पवधि (d) करप्यूटर सहाय अनुदेिन
(b) आगमन-पनगमन पवधि 317. किमि में िौि सी कवमि अपेक्षािृत व्यय साध्य मािी जाती है?
(c) तुलना एवं अनुकरण पवधि (a) सैवनक विचध
(d) उियुकक्त सभी (b) भाषा-शिक्षण यंत्र विचध
309. अनुि द शिक्षण क उद्दे श्य िै- (c) अभभक्रचमत अनुदेिन विचध
(a) पद्वतीय भािा की शलपि, िब्दावली तथा वतकनी का बोि करना (d) अनुकरण विचध
(b) भािा अभभव्यशक्त की क्षमता को पवकशसत करना 318. “सूक्ष्म शिक्षण अध्यापि कियांकित अभ्यास िा सूि है, जजसमें
(c) िररिाक के शलए अवसर प्रदान करना एि कवशिष्ट अध्यापि व्यवहार िो कियांकित ििाओं में सीििा
(d) उियुकक्त सभी सांभव है।" सूक्ष्म शिक्षण िी यह पररभाषा किमि में से किसिे िी?
310. अहिन्दी प्रदे िों में हिन्दी क शिक्षण हकय ज त िै- (a) बी.के. पासी (b) डेविड यंग
(a) राष्ट्रभािा के रूि में (c) एलन और ईि (d) क्क्लफ्ट
(b) प्रथम भािा के रूि में 319. अध्यापि िा सहमकत में शसर कहिािा किस पुिबटिि िे
(c) पद्वतीय भािा के रूि में अधतगटत आता है?
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (a) सकारात्मक िाब्ब्दक पुनबयलन
311. साहचयट कवमि िा आकवष्िार किसिे किया? (b) सकारात्मक अिाब्ब्दक पुनबयलन
(a) फ्रॉबेल (b) मॉण््े सरी (c) नकारात्मक िाब्ब्दक पुनबयलन
(c) हरबटय (d) चमस पाकयहस्टय (d) नकारात्मक अिाब्ब्दक पुनबयलन
312. सही सुमेशित िीजजए- 320. सांचािि, हाव-भाव, मौखिि दृश्य पररवतटि, कवराम आदि घर्ि
(ि) गद्य शिक्षण (i) रसास्वािि कवमि किमि में से किस सूक्ष्म शिक्षण िौिि िे घर्ि हैं?
(ि) रचिा शिक्षण (ii) आगमि कवमि (a) उदाहरण सवहत दृिांत कौिल
(ग) व्यािरण शिक्षण (iii) मौि वाचि (b) श्यामपट्ट लेखन कौिल
(घ) पद्य शिक्षण (iv) सांवाि िेिि (c) उद्दीपन पररितयन कौिल
ि ि ग घ (d) प्रस्तािना कौिल
(a) (ii) (iv) (iii) (i) 321. श्रवण, पठि, िेिि आदि किस उद्दे श्य िे अधतगटत आते हैं?
(b) (iv) (i) (ii) (iii) (a) भािात्मक उद्दे श्य
(c) (i) (ii) (iii) (iv) (b) ज्ञानात्मक उद्दे श्य
(d) (iii) (iv) (ii) (i) (c) सृजनात्मक उद्दे श्य
(d) कौिलात्मक उद्दे श्य
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REET हिन्दी शिक्षण हिधिय ाँ
322. भ ष क मुख्य कौिि िै- 332. म पन क क यत िोत िै-
(a) शलखना (a) पनदान
(b) िढ़ना (b) िूवक कथन
(c) बोलना (c) साफलय
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त सभी
323. भ ष क िम्बन्ि िोत िै- 333. मूलय ांकन की प्रकृहत िै-
(a) गद्य से (a) गुणात्मक
(b) व्याकरण से (b) िररमाणात्मक
(c) िद्य से (c) उपयुयक्त दोनों
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
324. भ ष क मुख्य रूप िोत िै- 334. िस्तुहनष्ठ परीक्ष की हििेषत िै-
(a) अिाखब्दक भािा (a) पवश्वसनीयता
(b) िाखब्दक भािा (b) वैिता
(c) उियुकक्त दोनों (c) वस्तुपनष्ठता
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (d) उियुकक्त सभी
325. भ ष के मुख्य तत्त्व िोते िैं- 335. गृिक यों क स्तरीकरण िोत िै-
(a) ध्वपन (a) तार्किंक ढं ग से
(b) संकेत (b) मनोवैज्ञापनक ढं ग से
(c) धचह्न (c) उियुकक्त दोनों से
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
326. हिन्दी शिक्षण में ि हित्त्यक गहतहििय ाँ िैं- 336. गृिक यों के अधिहनयम िैं-
(a) वादपववाद (a) अभभरुधच का अधिपनयम
(b) कपव सम्मेलन (b) स्िष्टता का अधिपनयत
(c) पवद्यालय िपत्रका (c) स्िष्टता का अधिनयम
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त सभी
327. हिद्य िय पहत्रक क मुख्य उद्दे श्य िैं- 337. गृिक यों के स्तरीकरण में शिक्षण िूत्र क उपयोग हकय ज त
(a) छात्रों की तार्किंक कालिपनक और मानशसक िशक्तयों का पवकास िै-
करना (a) ज्ञात से अज्ञात की ओर
(b) छात्रों की भािा और िैली को सुव्यवब्स्थत करना (b) मूतक से अमूतक की ओर
(c) पहन्दी भािा और सापहत्य के प्रपत अनुराग उत्िन्न करना (c) सरल से जद्ल की ओर
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त सभी
328. शिक्षक प ठ्यपुस्तकों क उपयोग करत िै- 338. गृिक यों की प्रमुख हििेषत िैं-
(a) अध्ययन में (a) शिक्षण अधिगम के पवशिष्ट उद्दे श्यों की प्राप्प्त में सहायक
(b) िाठ्योजना में (b) गृहकायक वह सािन है जो छात्रों को स्वयं अभ्यास करके सीखने
(c) कक्षा अनुदेिन में के शलए अवसर प्रदान करता है।
(d) उियुकक्त सभी (c) गृहकायक शिक्षक द्वारा उत्िन्न सुपनयोजजत सीखने की िररब्स्थपत है।
329. छ त्रों के शिए प ठ्यपुस्तकों क उपयोग िै- (d) उियुकक्त सभी
(a) िररिाक में 339. भ रतीय ब िक को भ ष िीखन िै-
(b) अध्ययन में (a) मातृभािा या क्षेत्रीय भािा
(c) सीखने के अनुभव में (b) अंग्रेजी भािा
(d) उियुकक्त सभी (c) अपहन्दी क्षेत्र के पहन्दी भािा
330. हिन्दी पुस्तकों के र ष्ट्रीयकरण क अर्त िै- (d) उियुकक्त सभी
(a) राष्ट्र का उत्तरदापयत्व 340. म तृभ ष क अर्त िै-
(b) राष्ट्र द्वारा प्रकािन (a) िररवार की भािा
(c) राष्ट्र का प्रकाि अधिकार (b) मााँ की भािा
(d) उियुकक्त सभी (c) पिता की भािा
331. हिन्दी प ठ्यपुस्तकों क अभ ि िै- (d) उियुकक्त सभी
(a) अच्छी िुस्तकों का 341. शिक्ष प्रद न करने क ि िन िै-
(b) उिचारी अनुदेिन (a) राष्ट्रीय भािा
(c) पनदानात्मक अनुदेिन (b) मातृभािा
(d) उियुकक्त सभी (c) क्षेत्रीय भािा
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं
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REET हिन्दी शिक्षण हिधिय ाँ
342. म तृभ ष क मुख्य उद्दे श्य िै- 353. व्य करण की हिषय िस्तु िै-
(a) मानशसक पवकास (a) सापहत्य की
(b) िारीररक पवकास (b) भािा की
(c) बौजद्धक पवकास (c) दोनों की
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
343. म तृभ ष की प्रमुख शिक्षण हिधि िै- 354. व्य करण शिक्षण क उद्दे श्य िै-
(a) आगमन पवधि (a) ज्ञान
(b) पनगमन पवधि (b) कौिल
(c) अनुकरण पवधि (c) ज्ञान प्रयोग
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त सभी
344. म तृभ ष क शिद्ध न्त िै- 355. व्य करण शिक्षण की प्रिृशि िै-
(a) पियािीलता (a) सापहत्त्यक
(b) अभ्यास (b) व्यावहाररक
(c) अनुकरण (c) उपयुयक्त दोनों
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
345. म तृभ ष की आिश्यकत िै- 356. व्य करण की मुख्य हििेषत िै-
(a) िारीररक पवकास (a) भािा की िुद्धता
(b) मानशसक पवकास (b) िब्दानुिासन
(c) सामाजजक पवकास (c) भािा का िरीर पवज्ञान
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त सभी
346. ‘कहित ’ क अर्त िै- 357. कि नी क मूि तत्त्ि िै-
(a) रागात्मक वृशत्तयों का संिोिन (a) कथा वस्तु
(b) जीवन की समालोचना (b) िैली
(c) संगीत लय पवचार अभभव्यशक्त (c) िात्र एवं चररत्र
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त सभी
347. शिक्षण में िौन्दयत तत्त्व िोते िैं- 358. पृष्ठपोषण की अिि रण िै-
(a) ध्वपन सौन्दयक (a) व्यवहार में िररवतकन
(b) भाव सौन्दयक (b) मनुष्य मिीन के समान
(c) पवचार सौन्दयक (c) कौिल में स्वाधमत्व
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त सभी
348. कहित शिक्षण िे भ िन क हिक ि िोत िै- 359. सूक्ष्म शिक्षण क उपयोग हकय ज त िै-
(a) सुन्दरम् (b) शिवम् (a) माध्यधमक कक्षाओं में
(c) सत्यम् (d) उियुकक्त सभी (b) प्राथधमक कक्षाओं में
349. कहित शिक्षण की मुख्य हिधि िै- (c) प्रशिक्षण संस्थाओं में
(a) व्याख्या पवधि (d) महापवद्यालय कक्षाओं में
(b) प्रश्नोत्तर पवधि 360. शिक्षण कौिि क अर्त िोत िै-
(c) गीत व अभभनय पवधि (a) अनुदेिनात्मक पियाएाँ
(d) उियुकक्त सभी (b) शिक्षण पियाएाँ
350. व्य ख्य न हिधि क मुख्य प्रक र िै- (c) शिक्षण व्यवहार
(a) तुलना पवधि (b) समीक्षा पवधि (d) उियुकक्त सभी
(c) व्यास पवधि (d) उियुकक्त सभी 361. शिक्षण कौिि हिक ि की प्रहिधि िै-
351. कहित शिक्षण की मुख्य प्रहिधिय ाँ िै- (a) अनुकरणीय प्रशिक्षण
(a) अन्त्याक्षरी (b) सूक्ष्म शिक्षण
(b) कपव गोष्ठी (c) अन्त:प्रपिया पवश्लेिण
(c) कपव सम्मेलन (d) पियात्मक अनुसंिान
(d) उियुकक्त सभी 362. शिक्षण कौिि क उपयोग करते िैं-
352. कहित ि चन के प्रक र िैं- (a) पवशिष्ट उद्दे श्यों हेतु
(a) सस्वर वाचन (b) समुधचत अधिगम िररब्स्थपत हेतु
(b) राग युक्त वाचन (c) समुधचत अन्त:प्रपिया हेतु
(c) भावानुसार वाचन (d) उियुकक्त सभी
(d) उियुकक्त सभी

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363. पुनबतिन कौिि क उपयोग करते िैं- 373. िधदों के िुद्ध उच्च रण क हिक ि हकय ज त िै-
(a) छात्रों को प्रोत्साहन हेतु (a) लेखन शिक्षण
(b) शिक्षण का अग्रसरण हेतु (b) वाचन शिक्षण
(c) अधिगम रुधचकर हेतु (c) दोनों से
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
364. व्य ख्य न कौिि की हिय िै- 374. ि चनशिक्षण के मुख्य प्रक र िै-
(a) भािा सरल एवं सुबोि (a) सस्वर वाचन
(b) िाठ की गपत की उियुक्तता (b) मौन वाचन
(c) स्वर की स्िष्टता (c) अध्ययन
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त सभी
365. पुनबतिन कौिि क तत्त्ि िै- 375. हिन्दी िेखन क मुख्य पक्ष िै-
(a) अपतररक्त िाखब्दक संकेत (a) सुलेख
(b) िुनरावृशत्त एवं िुनव्याकख्या (b) िाठ्यवस्तु
(c) िाखब्दक प्रबलन/प्रेरणा (c) भािा सम्बन्िी
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त सभी
366. समप्रेषण कौिि की हिय िै- 376. मॉन्टे िरी हिधि क उपयोग करते िैं-
(a) सरप्रेषण की िूणकता (a) मौन वाचन
(b) सम्प्रेिण की उियुक्तता (b) सस्वर वाचन
(c) समुधचत माध्यम का उियोग (c) लेखन शिक्षण
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त सभी
367. प ठ योजन की आिश्यकत िै- 377. िस्िर ि चन क मुख्य पक्ष िैं-
(a) प्रस्तुतीकरण का िम (a) समवेत वाचन
(b) िाठ्यवस्तु के तत्त्वों का (b) वैयशक्तक
(c) शिक्षण पियाओं का स्वरूि (c) उपयुयक्त दोनों
(d) उियुकक्त सभी (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
368. ’अमरूद’ शिख ने के शिए हकि अधिगम ि मग्री क प्रयोग 378. ि मूहिक उच्च रण प्रहिधि क उपयोग िोत िै-
हकय ज न च हिए? (a) िुद्ध शलखने में
(a) िब्द काडक (b) िुद्ध उच्चारण में
(b) वणक काडक (c) दोनों में
(c) अमरूद का धचत्र (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
(d) मात्रा तथा वणक काडक 379. भ ष में अिुन्द्द्धय ाँ िोती िै-
369. मूलय ांकन प ठ योजन के पद िोते िैं- (a) शलखने में
(a) िााँच (b) िढ़ने में
(b) तीन (c) बोलने में
(c) छह (d) उियुकक्त सभी
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं 380. िुद्ध उच्च रण की हिधि िै-
370. िेखनशिक्षण की मुख्य हिधि िै- (a) िरम्िरागत
(a) िेस््ॉलॉजी पवधि (b) वैज्ञापनक
(b) अनुकरण पवधि (c) भािा प्रयोगिाला
(c) उपयुयक्त दोनों (d) उपयुयक्त सभी
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं 381. उच्च रण िम्बन्िी दोष िै-
371. िेखन शिक्षण क उद्दे श्य िै- (a) ध्वपन तत्त्व
(a) शलखने के कौिल (b) स्वराघात
(b) बोलने के कौिल (c) ईकारउकार
(c) िढ़ने के कौिल (d) उियुकक्त सभी
(d) उियुकक्त सभी 382. िततनी अिुन्द्द्धयों िेतु उप य िै-
372. ि चनशिक्षण क उद्दे श्य िै- (a) उिचारात्मक
(a) िढ़ने के कौिल (b) पनरोिात्मक
(b) बोलने के कौिल (c) उपयुयक्त दोनों
(c) उपयुयक्त दोनों (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
(d) उियुकक्त सभी

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383. शिक्षण िि यक ि मग्री की मुख्य प्रक र िै- 394. ‘कॉलडिेि कुक’ ने हकि हिधि क प्रिततन हकय ?
(a) श्रव्य सामग्री (b) दृश्य सामग्री (a) बालोद्यान पवधि
(c) दृश्यश्रव्य सामग्री (d) उियुकक्त सभी (b) प्रोजेक्् पवधि
384. दृश्य-श्रव्य िि यक ि मग्री क उपयोग िै- (c) दल पवधि
(a) शिक्षण को रोचक बनाना (d) खेल पवधि
(b) एक से अधिक इजन्ियों का सपिय करना 395. व्य करण की िूत्र हिधि हिन्दी में हकि भ ष िे आई िै?
(c) शिक्षण कौिलों का पवकास करना (a) अंग्रेजी
(d) उियुकक्त सभी (b) संस्कृत
385. श्रव्य िि यक ि मग्री क उपयोग करते िैं- (c) अरबी
(a) िुद्ध लेखन (d) फारसी
(b) िुद्ध उच्चारण 396. िुकर त क शिक्षण आव्यूि िै-
(c) उपयुयक्त दोनों (a) प्रदिकन
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (b) प्रश्नोत्तर
386. दृश्य िि यक ि मग्री क उपयोग िोत िै- (c) प्रवचन
(a) िुद्ध उच्चारण (d) व्याख्यान
(b) िुद्ध िढ़ना 397. योजन हिधि क जन्मद त इनमें िे कौन िै?
(c) िुद्ध लेखन (a) एच.सी. मॉरीसन
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (b) जॉन डीवी
387. भ ष प्रयोगि ि क उपयोग करते िैं- (c) हरब्क
(a) िुद्ध उच्चारण (d) गाडकनर
(b) व्यशक्तगत भभन्नता हेतु 398. हकि हिधि िे शिक्ष दे ने ि िे शिक्षक को एक अच्छ िक्त िोन
(c) उपयुयक्त दोनों च हिए?
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (a) व्याख्यान पवधि
388. दूरदितन क हिन्दी शिक्षण में उपयोग करते िैं- (b) दृष्टान्त पवधि
(a) िुद्ध उच्चारण (b) िुद्ध लेखन (c) प्रदिकन पवधि
(c) िुद्ध सुनना (d) उियुकक्त सभी (d) हरब्ीय पवधि
389. प्र र्धमक स्तर पर िांि द शिक्षण की उपयुक्त प्रण िी िै- 399. नीरि हिषय को भी रोचक बन कर प्रस्तुत हकय ज त िै-
(a) आदिक नाट्य प्रणाली (a) व्याख्यान पवधि में
(b) व्याख्या प्रणाली (b) कहानी पवधि में
(c) कक्षाभभनय प्रणाली (c) सूत्र पवधि में
(d) रंगमंच प्रणाली (d) प्रदिकन पवधि में
390. भ ष तत्त्िों क ज्ञ न प्र प्त करन प्रमुख उद्दे श्य िै- 400. इनमें िे िौि-सा चरण िरबटीय हिधि क निीं िै?
(a) कपवता शिक्षण का (a) प्रस्तावना
(b) गद्य शिक्षण का (b) पवियोिस्थािन
(c) कहानी शिक्षण का (c) तुलना
(d) पनबन्ि शिक्षण का (d) पविेिीकरण
391. प्र र्धमक स्तर पर कहित शिक्षण की उपयुक्त प्रण िी िौि-सी िै? 401. हकि हिधि में प ठ्य ि मग्री को इक इयों में ब ाँट िेते िैं?
(a) व्याख्या प्रणाली (a) समवाय पवधि
(b) तुलना प्रणाली (b) दल शिक्षण पवधि
(c) गीत और अभभनय प्रणाली (c) इकाई पवधि
(d) व्यास प्रणाली (d) व्याख्यान पवधि
392. िणतन त्मक कहित शिक्षण के शिए िौि-सी हिधि उपयुक्त िै? 402. ’अनुकरण िे ब िक बहुत कुछ िीखत िैं इि शिद्ध न्त क
(a) व्याख्या प्रणाली उपयोग भ ष शिक्षण की हकि हिधि में हकय ज त िै?’
(b) तुलना प्रणाली (a) अनुकरणात्मक पवधि
(c) प्रश्नोत्तर प्रणाली (b) प्रदिकन पवधि
(d) िब्दाथक कथन प्रणाली (c) व्याख्यान पवधि
393. भ ष शिक्षण की निीन पद्धहतयों में हििेष बि ददय ज त िै- (d) उियुकक्त सभी
(a) शिक्षक की पियािीलता िर 403. दि शिक्षण हिधि अधिक उपयुक्त म नी गई िै-
(b) बालक की स्वतंत्रता िर (a) प्राथधमक कक्षाओं के शलए
(c) बालक व शिक्षक की पियािीलता िर (b) माध्यधमक कक्षाओं के शलए
(d) बालक की पियािीलता िर (c) उच्च कक्षाओं के शलए
(d) उियुकक्त सभी
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404. प्रत्यक्ष हिधि हिन्दी शिक्षण के शिए उि स्तर पर उपयोगी िै, जब 413. हनम्नशिखखत में िे िौि-सा हितीय भ ष शिक्षण क उद्दे श्य
छ त्र को ज नक री िो- निीं िै?
(a) व्याकरण की (a) पवभभन्न क्षेत्रों, ब्स्थपतयों में पहन्दी की पवभभन्न प्रयुशक्तयों को
(b) शलपि की समझने की योग्यता का पवकास
(c) अक्षर ज्ञान की (b) पहन्दी के व्याकरभणक पनयमों को कंठस्थ करना
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं (c) दै पनक जीवन में पहन्दी में समझने तथा बोलने की क्षमता का पवकास
405. हकि हिधि के शिक्षण के िमय आप मौन पठन को मित्त्ि दें गे? (d) बोलने की क्षमता के अनुरूि शलखने की क्षमता का पवकास
(a) कपवता 414. कोई भी भ ष पुस्तक तभी ििि म नी ज एगी जब-
(b) एकांकी (a) वह बच्चों में सापहत्य की िरोहर और वतकमान सापहत्य के प्रपत
(c) पनबंि उत्सुकता बनाए
(d) संवादात्मक कहानी (b) वह बच्चों को प्राचीन सापहत्य की िूरी जानकारी दे
406. उच्च प्र र्धमक स्तर पर व्य करण शिक्षण क उद्दे श्य …………. (c) वह बच्चों को व्याकरण के पनयमों से िररधचत कराए
में िि यक िोग । (d) वह बच्चों को केवल प्रशसद्ध सापहत्य से िररधचत कराए
(a) व्याकरण की िररभािाओं को कंठस्थ करने 415. प ठ्यपुस्तक में िोकगीतों को िम िेि करने क िौि-सा
(b) भािा की पनयमबद्ध प्रकृपत को समझने और उसका पवश्लेिण करने अहनि यत क रण निीं िै?
(c) भािा की पनयमबद्ध प्रकृपत को अत्यधिक महत्त्व दे ने (a) भारतीय संस्कृपत की पविेिताओं से िररचय
(d) भािा की प्रकृपत, प्रकायक और व्याकरभणक पनयमों को कंठस्थ करने (b) लोकगीतों का सौंदयक बोि
407. उच्च प्र र्धमक स्तर पर व्य करण शिक्षण की िि तधिक उधचत (c) गेयता
हिधि िै- (d) भािा के पवपवि रंग रूि
(a) पनगमन पवधि 416. प ठ्यपुस्तक में ददए गए धचत्र-
(b) आगमन पवधि (a) िाठ्यिुस्तक की िोभा बढ़ाते हैं
(c) भािासंसगक पवधि (b) अनावश्यक जगह घेरते हैं
(d) सूत्र पवधि (c) संकलिना का स्िष्टीकरण करते हैं
408. व्य करण शिक्षण की अपेक्ष कृत बेितर हिधि िै- (d) िरंिरा का पनवाकह करते हैं
(a) आगमन पवधि 417. भ ष की प ठ्यपुस्तक ऐिी िो न्द्जिमें-
(b) पनगमन पवधि (a) कपवताएाँ हों
(c) सूत्र पवधि (b) कहापनयााँ हों
(d) िुस्तक पवधि (c) अभ्यास हों
409. हिन्दी भ ष शिक्षण क एक मुख्य उद्दे श्य िै- (d) जीवन और भािा के पवपवि रंग हों
(a) भािा का ज्ञान दे ना 418. प ठ्यपुस्तक के अांत में ददए गए अभ्य ि ऐिे िो जो-
(b) प्रश्न िूछने, अिनी बात कहने का अवसर दे ना (a) व्याकरण का ज्ञान कराते हों
(c) मौन िठन के उिरांत िब्दाथक कराना (b) भािा की बारीकी और सौंदयक को उद्घाद्त करते हों
(d) व्याकरभणक पनयम कंठस्थ करना। (c) भािा की संरचना का यांपत्रक अभ्यास कराते हों
410. उच्च प्र र्धमक स्तर पर भ ष शिक्षण क मुख्य उद्दे श्य िै- (d) भािा के प्रश्नित्र बनाने में सहायता करें
(a) प्रशसद्ध सापहत्यकारों से िररधचत कराना 419. प्र र्धमक स्तर पर बच्चों के शिए ब ि ि हित्य के चयन क मुख्य
(b) सापहत्त्यक पविाओं से िररचय और व्याकरभणक पनयम शसखाना आि र क्य िोन च हिए?
(c) पहन्दी भािा की िाठ्यिुस्तक िढ़ाना (a) रोचक पवियवस्तु (b) रंगीन धचत्र
(d) इनमें से कोई नहीं (c) सरल जानकारी (d) छो्ी रचनाएाँ
411. उच्च प्र र्धमक स्तर भ ष िीखने-शिख ने क उद्दे श्य िै- 420. भ ष की प ठ्यपुस्तकों में ददए गए अभ्य ि-
(a) पवभभन्न ब्स्थपतयों में प्रभावी संप्रेिण की कुिलता का पवकास करना (a) बच्चों की भािायी और सांस्कृपतक पवपविता को सीधमत करते हैं
(b) पवभभन्न ब्स्थपतयों में मानक िब्द का ही प्रयोग करने की कुिलता (b) बच्चों को पवस्तृत अभ्यास करने और शिक्षकों को बच्चों की भािा
का पवकास में सुिार करने के तरीके बताते हैं
(c) पवभभन्न ब्स्थपतयों में मुहावरें दार भािा का प्रयोग करने की (c) बच्चों का सही सही आकलन करने में सदै व मदद करते हैं पक वे
कुिलता का पवकास क्या नहीं जानते
(d) पवभभन्न ब्स्थपतयों में व्याकरण सम्मत भािा का प्रयोग करने की (d) बच्चों को चीजों को िरखने, गहराई से जुड़ने और व्यािक
कुिलता का पवकास अनुभव स्तर से तादात्म्य का अवसर दे ते हैं
412. उच्च प्र र्धमक स्तर पर भ ष शिक्षण क उद्दे श्य िै 421. कक्ष आठ के बच्चों के शिए ि हित्य क चयन करते िमय
(a) व्याकरण के पनयमों को कंठस्थ कराना आपके शिए क्य ज नन िि तधिक जरूरी िै?
(b) भािा की पवभभन्न संरचनाओं का यांपत्रक अभ्यास कराना (a) बच्चों की भापिक िृष्ठभूधम
(c) सभी सापहत्त्यक पविाओं में लेखन की कुिलता पवकशसत करना (b) बच्चों की मनोवैज्ञापनक पविेिताएाँ और भािा प्रयोग की क्षमता
(d) भािा की बारीकी और सौन्दयकबोि को समझने की क्षमता का (c) बच्चों के भािा प्रयोग का स्तर
पवकास करना (d) अच्छे सापहत्य के प्रकािक, लेखक
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422. भ ष की प ठ्यपुस्तक में ऐिे प ठ चुने ज एां जो- 431. प ठ्य ांि के प्रस्तुतीकरण में कि त्मक क य तन्ियन िै-
(a) बच्चों के संवेदना लोक के साथी बन सकें (a) प्रदिकन तकनीक
(b) अपनवायकत: मूलयों से ओतप्रोत हों (b) शिक्षण उिकरण
(c) संभक्षप्त हों (c) िाठ की शलखखत प्रपत
(d) प्रशसद्ध लेखकों के हों (d) अधिगम तकनीक
423. भ ष की कक्ष में िम च र पत्र-पहत्रक ओं क उपयोग यि 432. दृश्य-श्रव्य ि िनों की िि यत िे अनुभिों के आि र पर एक
िुहनभश्चत करत िै हक- हििेष प्रक र क िगीकरण न्द्जिे ‘अनुभि क हत्रकोण’ के रूप
(a) बच्चों को मुख्य िीिकक याद है में ज न ज त िै, हकिके ि र प्रस्तुत हकय गय ?
(b) बच्चे प्रमाभणत लेख, समाचार आदद िर अिनी प्रपतपिया दे ने की (a) एडगर डेल
क्षमता रखते हैं (b) एस्स्िच एवं पवशलयम्स
(c) शिक्षण सामग्री का उियोग हो रहा है (c) स्स्मथ एवं मूरे
(d) बच्चों की भािा िर समाचार ित्र-िपत्रकाओं का प्रभाव िड़े (d) सूसन माककल
424. प ठ्यपुस्तकें िि यक िोती िैं- 433. हनम्नशिखखत में िे िांकलपन म नधचत्र क अन्य न म िौि-सा िै?
(a) केवल िाठ्यिम को व्यवब्स्थत िम में चलाने में (a) मानस मानधचत्र
(b) केवल शिक्षा के प्रपत रुधच उत्िन्न करने में (b) दृश्य धचत्र
(c) केवल स्व अध्यािन में (c) िब्द मानधचत्र
(d) उियुकक्त सभी (d) ज्ञान धचत्र
425. हनम्नशिखखत में िे िौि-सी एक अच्छी प ठ्यपुस्तक की 434. न टक अर्ि अभभनय उद िरण िै-
हििेषत निीं िै? (a) दृश्य सहायक सामग्री का
(a) यह एक चरण के िूरे िाठ्यिम को सत्म्मशलत नहीं कर सकती है (b) श्रव्य सहायक सामग्री का
(b) यह ज्ञान के हस्तांतरण के शलए एक तैयार उत्िाद है (c) दृश्यश्रव्य सहायक सामग्री का
(c) यह संयमी या आत्म सत्म्मशलत नहीं होनी चापहए (d) अप्रक्षेपित सहायक सामग्री का
(d) यह एक िूरे विक के शलए आवश्यक नहीं हो सकती है 435. श्रव्य शिक्षण िि यक ि मग्री क उद िरण िै-
426. अच्छी प ठ्यपुस्तक के गुण निीं िैं- (a) ललिंग्वाफोन
(a) कलात्मकता (b) ओवर हेड प्रोजेक््र
(b) छात्रों में जजज्ञासा उत्िन्न करना (c) चुम्बकीय िट्ट
(c) भािा का ब्क्लष्ट होना (d) दूरदिकन
(d) संिूणक िाठ्यिम व्यवब्स्थत ढं ग से संगृहीत होना 436. हनम्नशिखखत में िे िि तधिक प्रभ िी शिक्षण ि मग्री िै-
427. प्र र्धमक स्तर पर भ ष की प ठ्यपुस्तकों में हकि तरि की (a) श्रव्य शिक्षण सामग्री
रचन ओं को स्र् न ददय ज न च हिए? (b) दृश्य शिक्षण सामग्री
(a) पवदे िी सापहत्य की रचनाएाँ (c) दृश्य-श्रव्य शिक्षण सामग्री
(b) ऐसी रचनाएाँ जो बच्चों के िररवेि से जुड़ी हों और जजनमें भािा (d) स्िश्यक शिक्षण सामग्री
की अलग अलग छ्ाएाँ हों 437. धचत्र हिस्त रक यांत्र हकि प्रक र की िि यक ि मग्री िै?
(c) जो प्रत्यक्ष रूि से मूलयों िर आिाररत हो (a) यांपत्रक श्रव्य सामग्री
(d) केवल कहापनयााँ अथवा कपवताएाँ (b) यांपत्रक दृश्य श्रव्य सामग्री
428. िि यक ि मग्री क जनक म न ज त िै- (c) यांपत्रक दृश्य सामग्री
(a) जॉन्सन (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
(b) मॉण््े सरी 438. िि िेन बोडत क प्रयोग िोत िै-
(c) पियाजे (a) लेखन कायों में
(d) फ्रोबेल (b) श्रव्य हेतु
429. न्द्जि ि मग्री के ि र िुनकर दे खकर ज्ञ न प्र प्त हकय ज त िै, (c) धचत्र प्रदिकन हेतु
िि किि ती िै- (d) पफलम िदट्टका प्रदिकन हेतु
(a) श्रव्य सामग्री 439. शिक्षण िि यक ि मग्री क गुण िै-
(b) दृश्य सामग्री (a) केवल िररिुद्धता (b) केवल रोचकता
(c) श्रव्यदृश्य सामग्री (c) केवल प्रासंपगकता (d) उियुकक्त सभी
(d) उियुकक्त में से कोई नहीं 440. पढ़ यी ज ने ि िी शिक्षण ि मग्री को हिस्तृत कर रि परस्पर
430. कक्ष में शिक्षण िि यक ि मग्री क उपयोग हकय ज त िै- िांबांधित कर्नों क एक िेट हनम्न क कौिि किि त िै-
(a) पवशिष्ट अधिगम िररब्स्थपतयााँ पनमाकण के शलए (a) प्रपतिादन या व्याख्या करना
(b) शिक्षक के बोझ को कम करने के शलए (b) प्रदिकन करने का
(c) कक्षा में अनुिासन बनाए रखने के शलए (c) प्रश्न करने का
(d) शिक्षण में आवश्यक होने के नाते (d) व्याख्यान

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441. श्रव्यदृश्य (ओधडयोहिजुअि) िि यकों क िगीकरण ………. 451. िम च र पत्र कैिी शिक्षण ि मग्री िै?
ि र हकय गय र् । (a) दृश्य
(a) िथवाल (b) एडगर डेल (b) श्रव्य
(c) ब्लूम (d) एंडरसन (c) श्रव्य-दृश्य
442. हनम्नशिखखत में िे कौन शिक्षण ि िन के रूप में ऑधडयो टे प (d) उियुक्तक में से कोई नहीं
के हिषय में गित िैं? 452. हिभभन्न श्रव्य-दृश्य ि महग्रयों के िांबांि को प्रदर्िित करने के
(a) उन्हें आसानी से िुन: िेि पकया जा सकता है शिए अनुभिों क िांकु दे ने ि िे हिि न िै-
(b) ये सुवाह्य (िो्े बल) होते हैं (a) एडगर डेल
(c) ये महाँगे होते हैं (b) पकलिैदिक
(d) ये दृपष्टबाधित छात्रों की मदद कर सकते हैं (c) जॉन डीवी
443. प्रोजेक्टर ि र आकृहत को- (d) मॉरीसन
(a) सूक्ष्म रूि से ददखाया जाता है 453. हनम्नशिखखत में िे िौि-सी शिक्षण िि यक ि मग्री मि िीपों
(b) छो्ा करके ददखाया जाता है के आनुप हतक क्षेत्र एिां आक र को दि तने में िि तधिक उपयुक्त
(c) िदे िर ददखाया जाता है िै?
(d) िुाँिला करके ददखाया (a) पवश्व का राजनैपतक मानधचत्र
444. श्य मपट्ट को ि ि करने की ििी प्रहिय िै- (b) पवश्व का प्राकृपतक मानधचत्र
(a) ऊिर से नीचे की ओर (c) ग्लोब
(b) नीचे से ऊिर की ओर (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
(c) बाएाँ से दाएाँ की ओर 454. कक्ष में शिक्षण अधिगम ि मग्री के उपयोग के ब रे में
(d) दाएं से बाएं की ओर हनम्नशिखखत में िे िौि-सा कर्न ििी निीं िैं?
445. शिक्षण िि यक ि मग्री, शिक्षण अधिगम प्रहिय को- (a) यह पवद्यार्थिंयों की रुधच को बढ़ाता है
(a) केवल सहयोग करती है (b) शिक्षक पवद्यार्थिंयों को अिनी रचनात्मकता ददखा सकते हैं
(b) केवल प्रेररत करती है (c) वह पवद्यार्थिंयों की िैक्षभणक दक्षता को बढ़ाता है
(c) केवल प्रभापवत करती है (d) यह सपिय भागीदारी को बढ़ाता है
(d) उियुकक्त सभी 455. शिक्षण अधिगम ि मग्री के चयन क आि र िोन च हिए-
446. शिक्षण को प्रभ िि िी बन ने ि िे ि मग्री िैं- (a) मनोवैज्ञापनक शसद्धान्त
(a) केवल ब्लैक बोडक (b) समाजिास्त्रीय शसद्धान्त
(b) केवल िाठ्यिुस्तक (c) वैज्ञापनक शसद्धान्त
(c) केवल मानधचत्र (d) प्राकृपतक शसद्धान्त
(d) उियुकक्त सभी 456. प ठ्यपुस्तकों के उद्दे श्य के अांतगतत प ठ्यपुस्तकें शिक्षक य
447. कक्ष में प्रयोग की गई कोई भी ि मग्री तभी िैभक्षक ि मग्री ब िकों के शिए िै-
किी ज िकती िै जब- (a) साध्य नहीं वरन् सािन हैं।
(a) वह शिक्षक के रुधच के अनुरूि हो (b) िुस्तकें शिक्षक व शिक्षाथी के शलए साध्य हैं।
(b) छात्रों के मनोरंजन में सहायक हो (c) अध्यािन हेतु साध्य एवं सािन हैं।
(c) कक्षा के पकसी उद्दे श्य तक िहुाँचने में असफल हो (d) सािन कम साध्य अधिक हैं।
(d) वह सीखने शसखाने में उियोगी सापबत हो 457. भ ष शिक्षण में उपयोगी श्रव्य-दृश्य ि िन िै-
448. शिक्षक िि यक ि मग्री क चुन ि करते िमय ध्य न दे न (a) रेधडयो
च हिए हक िि- (b) अभभनय
(a) केवल शिक्षण बबिंदु के शलए सरल, सुगम तथा उियुक्त हो (c) श्यामिट्ट
(b) केवल प्रकरण से संबंधित हो (d) िोस््र
(c) केवल कक्षा के अधिगम लक्ष्यों की प्राप्प्त में सहायक हो 458. उि शिक्ष ि स्त्री क न म बत इए न्द्जन्िोंने कि र् , “स्कूि एक
(d) उियुकक्त सभी ब ग िै, अध्य पक एक म िी िै, और बच्चे पौिे के िम न िै।”
449. “गुरुि र ” और “ईंट की भदट्टय ाँ” दोनों िमि: - (a) वािबनक
(a) ऐपतहाशसक संसािन और आर्थिंक संसािन हैं (b) डेिाली
(b) आर्थिंक संसािन और ऐपतहाशसक संसािन हैं (c) फ्रोबेल
(c) दोनों ऐपतहाशसक संसािन हैं (d) मॉण््े सरी
(d) दोनों आर्थिंक संसािन हैं 459. र ष्ट्रहपत मि त्म ग ाँिी ि र प्रिर्तित ‘बेशिक शिक्ष ’ क एक
450. एक हिद्य र्ी, दि ांि ि िन य नी िम च र पत्र, प्रमुख शिद्ध ांत िै-
पीररय धडकलि, अन्य ग्रांर् ि मग्री आदद क एलबम बन कर उिे (a) व्यशक्तगत भभन्नता िर बल दे ना
उपयोग में ि न इि प्रक र के शिक्षण िक्ष्य िे िांबांधित िै- (b) कक्षा के स्थान िर प्रयोगिाला में शिक्षा दे ना
(a) प्रिंसा (b) पवपनमय (c) मातृभािा के माध्यम से शिक्षा प्रदान करना
(c) कौिल (d) ग्राह्यता (d) खेल के माध्यम से शिक्षा दे ना
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460. हनम्नशिखखत में िे िौि-सी बोिने की योग्यत िै? 469. “इि हिधि में अध्य पक स्ियां िी न टक क ि चन करत िै,
(a) िुद्ध वतकनी (b) सुलेख हकन्तु यि ि चन िस्तुत: ि धचक अभभनय िोत िै और प त्रों के
(c) श्रुतलेख (d) आिुभािण अनुकूि िोत िै और प त्रों के अनुकूि भ ष में उत र चढ़ ि
461. रेधडयो अधिगम ि मग्री िै- आत रित िै।”
(a) दृश्य अधिगम सामग्री (a) व्याख्या प्रणाली
(b) श्रव्यदृश्य अधिगम सामग्री (b) रंगमंच अभभनय प्रणाली
(c) श्रव्य अधिगम सामग्री (c) आदिक नाट्य प्रणाली
(d) उियुकक्त सभी (d) संयुक्त प्रणाली
462. ध्िहन, िधद एिां ि क्य रचन क ज्ञ न दे न हिन्दी शिक्षण क 470. भ ष शिक्षण हिधियों में िौि-सी हिधि प्र र्धमक हिद्य िय के
िौि-सा उद्दे श्य िै? बच्चों के शिए हनत न्त व्यर्त िै?
(a) कौिलात्मक उद्दे श्य (a) डाल्न प्रणाली
(b) सृजनात्मक उद्दे श्य (b) प्रोजेक्् प्रणाली
(c) रसात्मक उद्दे श्य (c) मॉण्टे सरी िद्धपत
(d) ज्ञानात्मक उद्दे श्य (d) पकण्डरगा्क न िद्धपत
463. शिक्षक श्य मपट्ट, कॉपी य स्िेट पर अक्षरों को शिख दे त िै 471. भ ष शिक्षण में ‘िांरचन त्मक उप गम’ क अर्त िै-
और छ त्रों को कित िै हक इन अक्षरों को दे खकर उनके नीचे (a) बालकों को कपवता िाठ करवाना
स्ियां उिी प्रक र अक्षर बन एाँ। यि हिधि िै- (b) बालकों को श्रुतलेख शलखवाना
(a) िेस््ोलॉजी पवधि (c) भािा की मूल संरचना का शिक्षण करवाना
(b) अनुकरण पवधि (d) भािा के पवकास में प्रौढ़ता लाना
(c) मॉण््े सरी पवधि 472. आज-कि हिद्य ियों में प्रयुक्त प्रोजेक्टर की व्यिस्र् स्म टत
(d) जेका्ॉ् पवधि कक्ष शिक्षण में िि यक िै-
464. बहुहिकलप, ििी गित, हिषम क चुन ि, युगिीकरण एिां ररक्त (a) श्रव्य सािन के रूि में
स्र् न की पूर्ति हकि प्रक र के प्रश्नों के भेद िैं? (b) दृश्य सािन के रूि में
(a) लघूत्तर प्रश्न (c) खेल गपतपवधियों के शलए दृश्य रूि में
(b) पनबंिात्मक प्रश्न (d) श्रव्यदृश्य सािन के रूि में
(c) वस्तुपनष्ठ प्रश्न 473. कक्ष में ब िक के हपछड़ेपन क क रण िै-
(d) उियुकक्त सभी (a) बालक का मेिावी होना
465. ि चन िांबांिी हनद न त्मक परीक्ष के पररण मों में हकिके प्रयत्न (b) बालक का न्ख् होना
महत्त्वपूणत रिे िैं? (c) बालक में हीन भावना होना
(a) डॉ. प्रेसी के प्रयत्न (d) बालक के प्रारब्ि के कारण
(b) ब्क के प्रयत्न 474. अच्छे मूलय ांकन की हििेषत एाँ िैं-
(c) ए.िी. सुखखया के प्रयत्न (a) वैिता, पवश्वसनीयता, वस्तुपनष्ठता, व्यािकता
(d) उियुकक्त सभी (b) िुनमूकलयांकन, िरीक्षक का दृपष्टकोण, िूवाकग्रह एवं व्यशक्तिरकता
466. ि चन की हनद न त्मक परीक्ष में य ांहत्रक यर् र्तत को म पने के (c) पवभेदीकरण, जीवनोियोगी, लाभिरक एवं शसद्धान्तिरक
शिए बैि डत की परीक्ष में हकतने ि म न्य िधद िैं, न्द्जनको पढ़ने (d) रोचक, भाविूणक एवं िुधचतािूणक
के शिए एक धमनट क िमय हनि तररत हकय गय िै? 475. प्र चीन क ि में प ठ्यपुस्तक के शिए हकि िधद क प्रचिन र् ?
(a) 158 (b) 100 (a) वेद
(c) 200 (d) 50 (b) िुराण
467. शिखने की शिक्षण हिधि में पेस्ट िॉजी हिधि िै- (c) उिपनिद्
(a) वणों के छो्े छो्े खण्ड कर उन खण्डों का योग करना (d) ग्रन्थ
(b) गत्ते आदद िर बने वणों िर अाँगुली घुमाना 476. शिक्षण हिधियों में ज्ञ नेन्द्न्ियों की शिक्ष पर हििेष बि दे ने ि िी
(c) िहले िढ़ना पफर वणक शलखना पद्धहत िै-
(d) श्यामिट्ट िर वणक को दे ख दे ख कर शलखना (a) स्वाध्याय पवधि
468. ‘िांरचन त्मक उप गम’ िे शिक्षण में एि.जी. फ्रेंच ने तीन (b) मॉण्टे सरी िद्धपत
शिद्ध न्त ददए िैं, ये िमि: िैं- (c) पकण्डरगा्क न िद्धपत
(a) वाचन िर बल दे ना, भािायी आदतों का पवकास करना, छात्रों (d) डाल्न िद्धपत
की पियािीलता 477. किमिशिखित में से िौि-सा शिक्षािास्िी पढ़ािे से पहिे
(b) शलपि िर बल दे ना, छात्रों की पियािीलता, भािायी आदतों का शिििा शसिािे िे पक्ष में हैं?
पवकास (a) हेलन पाकयहस्टय
(c) अक्षरों की बनाव् िर बल, भािायी आदतों का पवकास, वाचन (b) वकलपैदिक
िर बल (c) स्टीिेन्सन
(d) पियािीलता, वणों िर पवचार, छात्रों का भािा संबंिी ज्ञान (d) माररया मॉण्टे सरी
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478. मौि पठि िा िाभ है- 490. कवद्यार्ी िे िगातार मूलयाांिि हेतु उपयुक्त परीक्षा पद्धकत है -
(a) उच्चारण अभ्यास हेतु अिसर चमलता है। (a) सतत एिं व्यापक मूलयांकन पद्वत
(b) स्िाध्याय की प्रिृशि विकशसत होती है। (b) सत्रांत परीक्षा पद्वत
(c) पठन की िुद्ता का संिद्य न होता है। (c) िार्षिक परीक्षा पद्वत
(d) एकाग्रचचि होकर ध्िवनयों का िुद् उच्चारण करना। (d) मौब्खक परीक्षा पद्वत
479. बुिेदर्ि बोडट है- 491. कििाि िा महत्त्व िगण्य है, यदि-
(a) श्रव्य सामग्री (a) उसके अनुसार बच्चों का उपचार नहीं वकया जाता है।
(b) दृश्य सामग्री (b) उसके अनुसार बच्चों का उपचार वकया जाता है।
(c) आयामी सामग्री (c) उसके पररणामों पर अविश्वास वकया जाता है।
(d) कोमल सामग्री (d) उसके पररणामों की उपेक्षा की जाती है।
480. वतटिी िी कवमिवत शिक्षा िा ज्ञाि किस स्तर पर होिा चाकहए? 492. भाषायी िौिि िे कििाटररत पक्षों में िौि-सा उपयुक्त िहीं है?
(a) प्राथचमक स्तर (a) दे खना (b) सुनना
(b) उच्च प्राथचमक स्तर (c) बोलना (d) पढ़ना
(c) माध्यचमक स्तर 493. जीवि िे आरांभभि िौर में मातृभाषा सीििे िा सबसे प्रमुि
(d) उच्च माध्यचमक स्तर स्रोत है-
481. किमिशिखित में से रचिा शिक्षण िा उद्दे श्य िहीं है- (a) पुस्तक (b) विद्यालय
(a) सावहत्य सृजन की प्रेरणा दे ना (c) पररिार (d) संचार साधन
(b) क्रमबद्ता बनाना 494. किमिशिखित में से वाचि शिक्षण िा उद्दे श्य है-
(c) विविध भाषाओं का ज्ञान कराना (a) विद्यार्थियों की कलपना िशक्त का विकास करना
(d) व्याकरण सरमत कायय करना (b) विद्यार्थियों की लेखन िशक्त का विकास करना
482. ‘अभभिममत अिुिेिि कवमि’ िे शसद्धाांत में सम्ममशित है- (c) प्रत्येक िब्द पर उचचत बल दे कर पठन िशक्त का विकास करना
(a) स्िगवत का शसद्ांत (d) विभभन्न संदभों में िुतलेखन का विकास करना
(b) परगवत का शसद्ांत 495. किमिाांकित कवमियों में से व्यािरण शिक्षण िे शिए उपयुक्त
(c) समूह गवत का शसद्ांत कवमि िहीं है-
(d) कक्षीय एकता का शसद्ांत (a) भाषा संसगय विचध
483. किमिशिखित में से िौि-सा ‘सस्वर वाचि’ िा भेि िहीं है? (b) अनुकरणात्मक विचध
(a) आदिय िाचन (c) वनगमन विचध
(b) अनुकरण िाचन (d) आगमन विचध
(c) समिेत िाचन 496. किमि में से हरबर्ीय कवमि से सांबांमित िौि-सा िर्ि असत्य है?
(d) गहन िाचन (a) इस विचध के प्रितयक हरबटय हैं।
484. एि अच्छे मूलयाांिि िी कविेषता िहीं है- (b) इस विचध में पाुँच सोपानों का अनुसरण वकया जाता है।
(a) िैधता (b) िस्तुवनष्ठता (c) यह विचध स्मृवत स्तर के शिक्षण से सरबन्न्धत है।
(c) आत्मवनष्ठता (d) व्यापकता (d) यह विचध बोध स्तर के शिक्षण से सरबन्न्धत है।
485. वस्तुकिष्ठ प्रश्न िा प्रिार है- 497. किगमि कवमि िा शसद्धाांत है-
(a) आलोचनात्मक प्रश्न (a) वििेष से वििेष
(b) विश्लेषणात्मक प्रश्न (b) सामान्य से वििेष
(c) चमलान प्रश्न (c) वििेष से सामान्य
(d) व्याख्यात्मक प्रश्न (d) सामान्य से सामान्य
486. ‘भाषा प्रयोगिािा शिक्षि िे स्र्ाि पर प्रकतस्र्ापि िहीं है’ यह 498. पत्र िेखन, हनबन्ि िेखन िे शिक्षण को किते िैं-
वाक्य है- (a) मौखखक रचना
(a) असत्य (b) अस्पि (b) शलखखत रचना
(c) सत्य (d) अनुपयुक्त (c) उपयुयक्त दोनों
487. पाठ्यपुस्ति िा बाह्य गुण है- (d) उियुकक्त में से कोई नहीं
(a) विषयिस्तु (b) भाषा 499. ‘दे खो और शिखो’ शिक्षण हिधि प्रयुक्त करते िैं-
(c) िैली (d) िीषयक (a) मौखखक रचना (b) पनबन्ि रचना
488. किमिशिखित में से श्रव्य उपिरण है- (c) िुद्ध अभभव्यशक्त (d) उियुकक्त सभी
(a) पोस्टर (b) चाटय 500. हनबन्ि किेिर क मुख्य उद्दे श्य िै-
(c) ग्रामोफोन (d) मानचचत्र (a) पनरीक्षण िशक्त का पवकास
489. वस्तुकिष्ठ परीक्षा में सम्ममशित है- (b) कलात्मक लेखन क्षमता का पवकास
(a) वनबंधात्मक परीक्षा (b) चमलान पद परीक्षा (c) तकक िशक्त का पवकास
(c) लघूिरात्मक परीक्षा (d) पययिेक्षण (d) उियुकक्त सभी

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-: उिरम ि :-
प्रश्न उ प्रश्न उ प्रश्न उ प्रश्न उ प्रश्न उ प्रश्न उ प्रश्न उ प्रश्न उ प्रश्न उ प्रश्न उ
1 (b) 52 (c) 103 (c) 154 (c) 205 (b) 256 (a) 307 (c) 358 (d) 409 (b) 460 (d)
2 (d) 53 (c) 104 (b) 155 (a) 206 (d) 257 (a) 308 (d) 359 (c) 410 (b) 461 (c)
3 (d) 54 (b) 105 (c) 156 (b) 207 (c) 258 (a) 309 (d) 360 (d) 411 (c) 462 (d)
4 (a) 55 (c) 106 (c) 157 (d) 208 (d) 259 (a) 310 (c) 361 (b) 412 (d) 463 (b)
5 (a) 56 (c) 107 (c) 158 (a) 209 (d) 260 (a) 311 (b) 362 (d) 413 (b) 464 (c)
6 (a) 57 (d) 108 (a) 159 (c) 210 (a) 261 (c) 312 (d) 363 (d) 414 (a) 465 (a)
7 (d) 58 (c) 109 (b) 160 (a) 211 (c) 262 (d) 313 (d) 364 (d) 415 (c) 466 (a)
8 (b) 59 (c) 110 (a) 161 (b) 212 (c) 263 (d) 314 (d) 365 (d) 416 (c) 467 (a)
9 (d) 60 (d) 111 (c) 162 (b) 213 (a) 264 (d) 315 (c) 366 (d) 417 (d) 468 (a)
10 (d) 61 (d) 112 (a) 163 (d) 214 (b) 265 (d) 316 (b) 367 (d) 418 (b) 469 (c)
11 (d) 62 (b) 113 (b) 164 (b) 215 (d) 266 (a) 317 (b) 368 (c) 419 (a) 470 (b)
12 (a) 63 (b) 114 (a) 165 (d) 216 (c) 267 (b) 318 (c) 369 (b) 420 (d) 471 (c)
13 (b) 64 (b) 115 (d) 166 (a) 217 (a) 268 (c) 319 (b) 370 (c) 421 (a) 472 (d)
14 (d) 65 (c) 116 (a) 167 (b) 218 (d) 269 (a) 320 (c) 371 (a) 422 (a) 473 (c)
15 (c) 66 (d) 117 (c) 168 (a) 219 (c) 270 (a) 321 (d) 372 (c) 423 (d) 474 (a)
16 (d) 67 (d) 118 (a) 169 (d) 220 (d) 271 (c) 322 (d) 373 (b) 424 (d) 475 (d)
17 (d) 68 (d) 119 (d) 170 (d) 221 (b) 272 (a) 323 (b) 374 (d) 425 (b) 476 (b)
18 (d) 69 (d) 120 (a) 171 (a) 222 (d) 273 (b) 324 (c) 375 (d) 426 (c) 477 (d)
19 (c) 70 (d) 121 (b) 172 (a) 223 (d) 274 (a) 325 (d) 376 (c) 427 (b) 478 (b)
20 (c) 71 (c) 122 (d) 173 (b) 224 (a) 275 (b) 326 (d) 377 (c) 428 (d) 489 (b)
21 (c) 72 (d) 123 (d) 174 (a) 225 (c) 276 (b) 327 (d) 378 (b) 429 (c) 480 (a)
22 (a) 73 (b) 124 (c) 175 (b) 226 (c) 277 (d) 328 (d) 379 (d) 430 (a) 481 (c)
23 (b) 74 (d) 125 (c) 176 (a) 227 (d) 278 (b) 329 (d) 380 (d) 431 (a) 482 (a)
24 (d) 75 (c) 126 (b) 177 (b) 228 (c) 279 (a) 330 (d) 381 (d) 432 (a) 483 (d)
25 (d) 76 (c) 127 (c) 178 (c) 229 (b) 280 (b) 331 (d) 382 (c) 433 (a) 484 (c)
26 (c) 77 (d) 128 (c) 179 (d) 230 (a) 281 (c) 332 (d) 383 (d) 434 (c) 485 (c)
27 (c) 78 (d) 129 (b) 180 (d) 231 (d) 282 (a) 333 (c) 384 (d) 435 (a) 486 (c)
28 (d) 79 (d) 130 (d) 181 (a) 232 (b) 283 (a) 334 (d) 385 (b) 436 (c) 487 (d)
29 (c) 80 (d) 131 (a) 182 (a) 233 (c) 284 (c) 335 (c) 386 (c) 437 (c) 488 (c)
30 (c) 81 (d) 132 (b) 183 (d) 234 (a) 285 (d) 336 (d) 387 (c) 438 (c) 489 (b)
31 (c) 82 (d) 133 (a) 184 (d) 235 (b) 286 (c) 337 (d) 388 (d) 439 (d) 490 (a)
32 (c) 83 (d) 134 (d) 185 (d) 236 (d) 287 (c) 338 (d) 389 (c) 440 (a) 491 (a)
33 (d) 84 (a) 135 (c) 186 (d) 237 (c) 288 (d) 339 (d) 390 (b) 441 (b) 492 (a)
34 (b) 85 (d) 136 (b) 187 (d) 238 (d) 289 (a) 340 (d) 391 (c) 442 (c) 493 (c)
35 (d) 86 (d) 137 (b) 188 (c) 239 (b) 290 (b) 341 (b) 392 (d) 443 (c) 494 (c)
36 (d) 87 (d) 138 (b) 189 (d) 240 (a) 291 (c) 342 (d) 393 (c) 444 (c) 495 (b)
37 (c) 88 (d) 139 (c) 190 (c) 241 (c) 292 (c) 343 (c) 394 (d) 445 (d) 496 (d)
38 (c) 89 (b) 140 (a) 191 (d) 242 (c) 293 (a) 343 (d) 395 (b) 446 (d) 497 (b)
39 (d) 90 (c) 141 (d) 192 (b) 243 (a) 294 (a) 345 (d) 396 (b) 447 (d) 498 (b)
40 (b) 91 (c) 142 (c) 193 (c) 244 (c) 295 (b) 346 (d) 397 (b) 448 (d) 499 (b)
41 (d) 92 (c) 143 (d) 194 (d) 245 (b) 296 (d) 347 (d) 398 (a) 449 (a) 500 (d)
42 (d) 93 (c) 144 (d) 195 (b) 246 (b) 297 (a) 348 (d) 399 (b) 450 (c)
43 (d) 94 (b) 145 (a) 196 (b) 247 (a) 298 (c) 349 (d) 400 (d) 451 (a)
44 (d) 95 (c) 146 (b) 197 (b) 248 (b) 299 (c) 350 (d) 401 (c) 452 (a)
45 (a) 96 (d) 147 (b) 198 (a) 249 (b) 300 (a) 351 (d) 402 (a) 453 (c)
46 (c) 97 (d) 148 (b) 199 (a) 250 (a) 301 (c) 352 (d) 403 (c) 454 (b)
47 (d) 98 (b) 149 (b) 200 (c) 251 (c) 302 (d) 353 (b) 404 (a) 455 (a)
48 (a) 99 (d) 150 (b) 201 (b) 252 (d) 303 (c) 354 (d) 405 (c) 456 (a)
49 (c) 100 (b) 151 (a) 202 (a) 253 (a) 304 (d) 355 (c) 406 (b) 457 (b)
50 (d) 101 (c) 152 (d) 203 (d) 254 (a) 305 (c) 356 (d) 407 (b) 458 (c)
51 (d) 102 (c) 153 (d) 204 (d) 255 (b) 306 (b) 357 (d) 408 (a) 459 (c)

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