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08.

18 18:19
Hindi ch-1
पाठ-1

ध्वनि

अभी न होगा मेरा अंत


अभी-अभी ही तो आया है
मेरा वन में मृदुल वसंत-
अभी न होगा मेरा अंता ।

हरे-हरे मे पात,
डालियाँ, कलियाँ, कोमल गात।
मै ही अपना स्वप्न-मृदुल-कर
फै रूं गा निद्रित कलियों पर
जगा एक प्रत्यूष मनोहर ।

पुष्प - पुष्प से तंद्रालस लालसा खींच लूंगा मैं,


अपने नव जीवन का अमृत सहर्ष सीच दूँगा मैं,

द्वार दिखा दूँगा फिर उनको।


है मेरे वे जहाँ अनंत-
अभी न होगा मेरा अंता

-सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

शब्दार्थ

मृदुल - कोमल

पात - पता

गात - शरीर

निद्रित- सोया हुआ

प्रत्यूष - प्रात काल

तंद्रालस - नींद से अलसाया हुआ

लालसा - कु छ पाने की चाह, अभिलाषा,इच्छा

पाठ का हिन्दी में अनुवाद

(संके त)= अभी न होगा------------------मेरा अंत ।

(संदर्भ)= प्रस्तुत कविता हमारी पातू पुस्तक वसंत


भाग -3 आशा के ध्वनि नामक पाठ से ली
गई इसके कवि "श्री सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

(प्रसंग)= प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने मनुष्य के


आशावादी दृष्टिकोण का वर्णन किया।

(अर्थ)= प्रस्तुत पवितृतयों में कवि कहते हैं कि अभी


उनका अंत नहीं हो सकता क्योंकि
अभी-अभी उनके जीवन मे नव यौवन रूपी
वसंत का मौसम आया हुआ है इसलिए
अभी उनका अंत नहीं हो सकता ।

प्रश्न-अभ्यास

कविता से

(1.) कवि को ऐसे विश्वास क्यों है कि उसका


अंत अभी नही होगी ?

उत्तर- कवि को ऐसा विश्वास इसलिए है क्योंकि अभी


उसके मन में नया जोश और व उमंग है। अभी
उसे इस संसार में रहकर बहुत सारे अच्छे कार्य
करने है तथा वे इस युवा पीढ़ी को आलस से
उबारना चाहते है।

(2.) फू लों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि


कौन-कौन सा प्रयास करता है?

उत्तर- फू लो को अनंत तक विकसित करने के लिए


कवि अपने यौवन रूपी पुष्प को अपने हाथो से
स्पर्श करके जाएगा तथा उसके समुख एक
सुंदर सवेरा। प्रस्तुत करेगा वे प्रत्येक पुष्प से नींद
का आलस दूर करके उन्हें अमृत पान कराएगा ।
इस प्रकार वह दिक्षित कर ईश्वर के दवार तक ले
जाएगा।

(3.) पुष्पो की तद्रा और आलस्य दूरहाटने के लिए


क्या करना चाहता है?

उत्तर- कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हताने के


लिए उनके जीवन में अमृत रूपी पराग का संचार
करना चाहता है।

कविता से आगे

(1.) वसंत की ऋतुराज क्यों कहा जाता है ? आपस में


चर्चा कीजिए।

उत्तर- वसूत की ऋतुराण कहते क्योंकि इस ऋतु में न


अधिक सर्दी पड़ती है और न क अंग्रेजी महीने के
अनुसार ये मार्च अप्रैल में होती है। "इसमें वसंत
पंचमी, नामक त्योहार आता है, पीली सरसी
खिलती है,पेड़ो पर नए पत्ते नई कोमल आती है,
आम के बौर भी लगते हैं। ये सभी के लिए
स्वास्थ्यवर्धक भी होते हैं।

(2.) वसंत ऋतु, एकत्र में आनेवाले त्योहारों के विषय


मे जानकारी "कीजिए और किसी एक त्यौहार पर
निबंध लिखिए

उत्तर- आनवाली त्योहारों के नाम-वसंत पंचमी,


महाशिवरात्री, होली, दीपावली।

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