Professional Documents
Culture Documents
सतत विकास
सतत विकास
“सतत या टिकाऊ विकास, विकास की वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा वर्तमान व भावी पीढ़ी की
आवश्यकताओं से समझौता किए बिना पर्यावरण तथा प्रकृ ति की सुरक्षा को ध्यान में रखकर आर्थिक
विकास किया जा सके |”
सतत विकास की आवश्यकता ?
प्रकृ ति की सुरक्षा हेतु – सतत विकास का मतलब यह नहीं है कि हमें प्राकृ तिक संसाधनों का इस्तेमाल
ही नहीं करना, बल्कि हमें प्राकृ तिक संसाधनों को सोच समझकर इस्तेमाल करना है जिससे हमारी
प्रकृ ति की उपयोगिता तथा गुणवत्ता में कमी ना हो तथा आने वाली पीढ़ी के लिए किसी भी प्रकार का
अवरोध या खतरा उत्पन्न ना हो |
भावी पीढ़ी की आवश्यकता तथा विकास में कमी ना हो – सतत विकास इस बात का समर्थन
करता है कि वर्तमान में विकास या आवश्यकता को पूरा करने के लिए हमें भावी पीढ़ी की
आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखना होगा तथा अनवीकरणीय संसाधनों का इस्तेमाल सोच-
समझकर करना होगा जिससे आने वाली पीढ़ी को संसाधनों की कमी महसूस ना हो |
आर्थिक व सामाजिक विकास -सतत विकास
इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इसके द्वारा आर्थिक व
सामाजिक विकास सही ढंग से किया जा सकता है
क्योंकि जिस प्रकार जनसंख्या निरंतर तेजी से बढ़
रही है जिसके कारण भविष्य में भोजन, पानी,
ऊर्जा तथा संसाधनों की मांग तेजी से बढ़ेग
ी,जिसके कारण हमें भयंकर दुष्परिणामों का
सामना करना पड़ सकता है|
सतत विकास मुख्यता किन तथ्यों पर आधारित है –
से
धन्यवाद
नाम - मानस चौहान