कक्षा- बारहवीं पाठ संख्या-8 1)कहानी का अर्थ बताने में सक्षम होंगे। 2)कहानी के तत्वों को विश्लेषित कर सकने में सक्षम होंगे। 3) कहानी का इतिहास बता सकें गे। 4)कहानी विधा को पहचानने में समर्थ होंगे। • अपेक्षित अधिगम 5)छोटी-छोटी कहानियों को लिखने में रुचि जागृत होगी। प्रतिफल 6) कहानियां पढ़ने के लिए प्रेरित होंगे। कहानी क्या है? कहानी का इतिहास कहानी के तत्व(कथानक, देशकाल एवं वातावरण, पात्र व • विषय का चरित्र चित्रण) अनुक्रम कहानी का चरम उत्कर्ष कठिन स्थलों की व्याख्या प्रवाह चित्र कु छ प्रसिद्ध कहानियों का स्मरण कहानी हिंदी में गद्य लेखन की सबसे लोकप्रिय विधा है। किसी घटना, पात्र या समस्या का क्रमबद्ध ब्यौरा जिसमें परिवेश हो, द्वंद्वात्मकता हो, कथा का क्रमिक विकास हो, चरम उत्कर्ष का बिंदु हो, उसे कहानी कहा जाता है। अमेरिका के कवि -आलोचक -कथाकार एडगर एलन पो के अनुसार- कहानी वह छोटी आख्यानात्मक रचना है जिसे एक बैठक में पढ़ा जा सके , जो पाठक पर एक समन्वित प्रभाव उत्पन्न करने के लिए लिखी गई हो,जिसमें उस प्रभाव को उत्पन्न करने में सहायक तत्व के अतिरिक्त और कु छ ना हो और जो अपने आप में पूर्ण हो। • कहानी का इतिहास उतना ही प्राचीन है जितना मानव इतिहास। • प्राचीन काल में कथावाचक कहानियां सुनाते थे। • किसी घटना, युद्ध, प्रेम, प्रतिशोध आदि के किस्से सुनाए जाते थे। • सच्ची घटनाओं पर आधारित कहानी सुनाते सुनाते मानव में कल्पना का सम्मिश्रण भी होने लगा। • प्राचीन काल में मौखिक कहानियां बहुत लोकप्रिय थीं। • धर्म प्रचार व शिक्षा देने के लिए कहानी विधा का प्रयोग किया गया। • हमारे देश में कहानियों की बड़ी लंबी और संपन्न परंपरा रही है-वेदों, उपनिषदों तथा ब्राह्मणों मैं वर्णित गंगावतरण, ययाति, नल दमयंती जैसे आख्यान कहानी के ही रूप हैं । • पंचतंत्र की कहानियों के अतिरिक्त हितोपदेश,बेताल पच्चीसी, सिंहासन बत्तीसी जैसे कहानी संग्रह भी लिखे गए। कहानी के तत्व 1-कथानक 2-पात्र 3-संवाद 4-देशकाल 5-भाषा शैली 6-उद्देश्य कहानी का वह संक्षिप्त रूप जिसमें आरंभ से अंत तक कहानी की सभी घटनाओं और पात्रों का उल्लेख किया गया हो कथानक कहलाता है। कथानक कहानी का एक प्रारंभिक नक्शा होता है,उसी प्रकार जैसे मकान निर्माण से पहले एक बहुत प्रारंभिक नक्शे को कागज पर बनाया जाता है। आमतौर पर कहानी का कथानक कहानीकार के मन में किसी घटना, जानकारी, अनुभव या कल्पना के कारण आता है। द्वंद के तत्वों का तात्पर्य यह है कि परिस्थितियों में इस काम के रास्ते में यह बाधा है। यदि यह बाधा समाप्त हो गई तो आगे कौन सी बाधा आ सकती है?द्वंद्व के कारण ही कहानी में रोचकता बनी रहती है। • चरित्र चित्रण का सबसे सरल तरीका है कहानीकार द्वारा पात्रों के गुणों का बखान। • पात्रों का चरित्र चित्रण उनके क्रियाकलापों से भी परिलक्षित हो जाता है। • दूसरे पात्र भी किसी का चरित्र चित्रण अपने संवादों के माध्यम से कर सकते हैं। • पात्रों की अभिरुचियों के माध्यम से भी पात्रों का चरित्र चित्रण होता है। • संवाद पात्रों के स्वभाव एवं पूरी पृष्ठभूमि के अनुकू ल हो। • संवाद पात्रों के विश्वासों, आदर्शों परिस्थितियों के भी अनुकू ल होने चाहिए। • संवाद छोटे, स्वाभाविक और उद्देश्य के प्रति सीधे लक्षित होने चाहिए। • संवादों का अनावश्यक विस्तार नहीं करना चाहिए। चरम उत्कर्ष का चित्र बड़े ही ध्यान पूर्वक करना चाहिए क्योंकि भावों अथवा पात्रों के अतिरिक्त अभिव्यक्ति चरम उत्कर्ष के प्रभाव को कम कर सकती है। सबसे अच्छा यह होता है कि चरम उत्कर्ष पाठक को स्वयं सोचने और लेखक के पक्षधर की ओर आने के लिए प्रेरित करें परंतु साथ ही पाठक को यह भी लगे कि उसे स्वतंत्रता दी गई है तथा उसने जो निर्णय निकालें हैं वह उसके अपने निर्णय हैं। कहानी का कें द्रीय बिंदु कथानक होता है कहानी का वह संक्षिप्त रूप जिसमें प्रारंभ से अंत तक कहानी की कठिन स्थलों की सभी घटनाओं और पात्रों का उल्लेख किया गया हो कथानक व्याख्या कहलाता है।कहानी का कें द्रीय बिंदु कथानक होता है। कहानी का कथानक आमतौर पर कहानीकार के मन में किसी घटना, जानकारी, अनुभव या कल्पना के कारण आता है। प्रवाह चित्र किसी घटना, पात्र अथवा समस्या का क्रमबद्ध विवरण जिसमें परिवेश हो, द्वंद्वात्मकता हो, कथा का क्रमिक कहानी के तत्व-कथानक, संवाद,पात्र, देश विकास हो, चरम उत्कर्ष का बिंदु हो, उसे कहानी कहा कहानी काल एवं वातावरण,भाषा शैली, उद्देश्य जाता है।
किसी भी कहानी में द्वंद्व दो विरोधी
तत्वों का टकराव अथवा किसी की कहानी के संवाद छोटे, खोज में आने वाली बाधाओं, स्वाभाविक और उद्देश्य के अंतर्द्वंद आदि की वजह से उत्पन्न प्रति सीधे लक्षित होने चाहिए। होता है। प्रश्न एक-कहानी किसे कहते हैं? प्रश्न दो-कहानी के इतिहास के बारे में बताइए। अधिगम का प्रश्न तीन-’कहानी का कें द्रीय बिंदु कथानक होता है।’ आकलन व्याख्या करिए। प्रश्न चार-नाटक के तत्वों का विश्लेषण कीजिए। नीचे दिए गए चित्रों के आधार पर दो छोटी-छोटी कहानियां लिखें।