Download as pptx, pdf, or txt
Download as pptx, pdf, or txt
You are on page 1of 34

सत्र 3

   खोज -
जीवन के मार्गदर्शिका की
दोषों से परे सत्य तक पहुँचें ।
अजेय वैदिक सत्य
पौधों में जीवन
होता है

गाय का गोबर और
गाय के उत्पाद
खोज- जीवन के मार्गदर्शिका की
छह अंधे और एक बुद्धिमान व्यक्ति की कहानी

ज्ञान प्राप्त करने के तीन तरीके

चार दोष अपूर्ण ज्ञान की ओर ले जाते हैं।

वैज्ञानिक अनुसंधान: क्या यह पूर्ण ज्ञान प्रदान कर सकता है?

वेद संपूर्ण ज्ञान प्रदान करते हैं ।


छह अंधे और एक बुद्धिमान व्यक्ति की कहानी

आपको क्या लगता है कि वे हाथी के बारे2


5
में संपूर्ण ज्ञान कै से प्राप्त कर
4 सकते हैं?
इस सत्र के अतं में उत्तर दिया जाएगा
6
1
ज्ञान प्राप्त करने के 3 तरीके
प्रत्यक्ष प्रमाण
प्रत्यक्ष ज्ञान धारणा

? अनुमान प्रमाण
अवलोकन पर आधारित सिद्धांत (अनुमान)

शब्द प्रमाण
एक वास्तविक प्राधिकारी से सुनना
प्रत्यक्ष प्रमाण
प्रत्यक्ष इंद्रिय बोध

क्या देखक्या
ना प्रत्यक्ष
= विश्वासप्रमाण करना ?
हमें पूर्ण ज्ञान दे सकता है ?
हम भौतिक इंद्रियों, जैसे आंख, कान आदि का
रेलसकते
उपयोग करके पूर्ण ज्ञान प्राप्त नहीं कर की पटरियों
हैं ।
के मिलने का
मगृ मरीचिका
आभास होना
क्योंकि
क्यूं??
हमारे पास
चार दोष हैं
चार दोष
1. त्रुटिपूर्ण इंद्रियां

2. भ्रम में रहना

3. गलतियाँ करने की प्रवृत्ति

4. धोखा देने की प्रवृत्ति


1 चार दोष : (1) त्रुटिपूर्ण इन्द्रियाँ

नोबेल परु स्कार विजेता


भौतिकमैं विज्ञानी
ं यों की सीमाएँ हैं, तो हमारी
यदि इद्रि
यूजकरने

हमारे
ीन विग्नेरकानख
ं ें अं ध
बहरेी हैं
हैं
दुनिया का अधिक ज्ञान प्राप्त
400
के लिए उपकरणों20सेकाहर्ट्ज
700
उपयोग सेमिली
20
कर माइक्रोन
किलोहर्ट्ज़
बताते है: की
की सीमा
सीमा केके बाहर
बाहर
"भले ही हम सितारोंसकताकीहूँ तस्वीरें लें,
• अंततः हमें अपनी इद्रि ं यों से ही देखना
होगा कि फोटो क्या दिखाता है।
• इसके अलावा, हमारी इद्रि ं यों के बिना
हम एक कै मरा नहीं सभ ं ाल सकते।
• भले ही हम यंत्रों द्वारा प्रवर्धित/परिष्कृत
हों, ज्ञान हमारी अपूर्ण इद्रि
ं यों से अधिक
परिपूर्ण नहीं है।" 20 Hz
2 चार दोष :(1) भ्रम में रहना
निरीक्षण करें और पहचानें
हमारी सभी इंचीनी द्रियोंके बाद
कीसंतरा = खट्टा
जिह्वा

प्रत्येक चित्र को देखने के कम से कम दोनींब ू केे बाद


तरीक हैं जो
संतइस
रा =बात
मीठापर निर्भर
करता है कि आप प्रव
क्या त्ति
ृ हैकरना चाहते हैं।
व्यक्त
भ्रमित होना
अपनी रचनात्मकता का उपयोग करें और
गर्मप्रत्ये
हाथक से चित्र
छआ हकोआ समझने
पानी ठंडाके दो
लगता
ु ु
त्वचा

अलग-अलग तरीकों कीहै पहचान करें ।


ठंडे हाथों से छुआ हुआ पानी गर्म लगता
ऐसे अवलोकनों से आप क्या निष्कर्ष
है निकालते हैं?
3 चार दोष :(3) गलती करना
अनुसंधान कार्य में बेतहाशा गलतियां

मस्तिष्क को रक्त को ठंडा


करने वाला अंग माना जाता था

मानव शरीर में पिट्यूटरी या मास्टर ग्रंथियों


को एक अवशेष या बेकार
ऊतक माना जाता था!

हबल कॉन्सटेंट का मान (कॉस्मिक यार्डस्टिक के रूप में प्रयक्त


ु )
3 बार बदला जा चक ु ा है!
क्या यह हबल स्थिरांक या हबल चर है?
4 चार दोष : (4) धोखा देने की प्रवृत्ति

विज्ञान में धोखा


विज्ञान में धोखा घिसा हु आ मानव जबड़ा और
वानरों और मनुष्यों के वानर खोपड़ी, वानर से
बीच "लापता कड़ी" कीमानव के विकास को साबित
खोज करने की कोशिश करते हु ए

पक्षी की "लापता कड़ी"


1912का
- जड़ु झूठा
ी हुई सबूत
कड़ियां "बनाई हुई“
1953 - धोखाधड़ी का खल
ु ासा : मानव
खोपड़ी और घिसा हुआ जबड़ा
3 ज्ञान प्राप्त करने के तरीके
प्रत्यक्ष प्रमाण:
प्रत्यक्ष ज्ञान धारणा

? अनमु ान प्रमाण
अवलोकन पर आधारित सिद्धांत (अनुमान)

शब्द प्रमाण
प्रमाणिक प्राधिकारी से सुनना
? अनुमान प्रमाण
अवलोकन पर आधारित सिद्धांत
40,000
ए.आर. वालेस (22 दिसंबर, 1857)
चट्टानोंशायद
"लंबी
का ू ऐसा
भाल
"...रिमेकारागर्दन
था व्हेलकमियां
रिकॉर्ड
"विशाल
दृढ़ विश्वास
वाले जिराफ
जिराफ
" में कै से विकसित हुआ
को उनके
हैखकिलु े मबिना और
कीएक
अटकलोंछोटी
गर्दनपत्र मेंलंबी
केतैरकोई
गर्दन
, डार्विन
वाले
क्योंने लिखा:
अच्छाजिराफ और
होती है?
मल
एक ू साथ अवलोकन मौजूद नहींथे,होता है।को
लेकिन
मन
“उत्तरी
पकड़पा
ु ष्
अमे
छोटी
लियाच

य या शायद ऐसा ही था...

साल


में
गर्दन
इतनी
दकालेरों
केचरमकाम
वाले
से
भाल ू आए
को
केजिराफ
स्थिति मेंबाद


भी, मैंयदि

ने ख
गायब
के साथ
दु हो
कीड़ों को

की आप


अगर जिराफ को गर्दन खींचनी पड़ती तो क्या उन्होंने पानी नहीं पिया। ों तक
इस र्तिू विषय
गए
ते हु
स्थिर पर
क्योंकि
ए देख
थी,वेअनऔर
ा गया, इस प्रकार
मु यदिानदेभूखे
बहुत लगाने
पानी
श में बेथेहकी
तरऔर
में व्हे ल
अनकु वेूमु लित
अन
की तरह,
100,000
तिपेड़ों
कीड़ों
दी,सेऔरपत्तियों
प्रतियोगी कुछसे
पहले
मौजदू अन्य
नहीं थे,चौपायों
छोटे तो म् स
नोट तै (उदा:
झु े प्राकृ
य तिककिए;
ार चयन हिरण)
द्वारा भाल
इन्हें मैं न केे ओ बारे मेंमें एक
ं की दौड़
ु 1844 क्या? इस
में कोईस्केकठिनाई
च में सिद्धांत
नहीं दिखाईकेदेकिया।
विस्तारित अनुसार,
रही है, निष्कर्ष,
उनमें अधिकउनजोसभीसेमअधिक

ु े को
जलीय तकसंरनहींचना और पहुंच आदतेंसकते , बड़े और थे,बड़ेइसलिएमंहु के साथ मर वेजबजाना
मरतकगए; और
चाहिए।
एक लंबीव्हेलगर्दन
प्राणी बड़ी के रूपवाले
में उत्पन्नजिराफनहीं हुआबचथा।"गए।
यही कारण है कि आज कीहम
सउत्पत्ति'
ंभावित के वल लग सरहेस्करण,
(1964लंबी
थे .."पष्ठृ वाले
~ प्रजाति ं गर्दन 184) जिराफ देखते हैं।"
मनुष्य और वानर एक साथ अगर बंदर इंसानों में विकसित ~ प्रजातियों की उत्पत्ति आज भी जीवित क्यों हैं?
हो गए हैं, तो बंदर
लाखोंडार्विन
सालनेपहले
अपनेमौज ूद थेदृष्टिकोण के आधार पर अपने स्वयं के अनुमानों द्वारा
भौतिक
400,000

विकासक्रम का एक तंत्र देने का प्रयास किया। यह सच है कि वेद भी विकासक्रम की बात


करते हैं, लेकिन शरीर की नहीं, बल्कि आत्मा की। वेदों में कहा गया है कि एक शरीर में
निवास करने वाली आत्मा मत्ृ यु के समय दूसरे शरीर में जाती है, यह नहीं कि एक1 million
शरीर से
दूसरे शरीर में परिवर्तन होता है। ??? 1.5 million
2 million
शैल स्तर की आयु वर्षो में
शोध में गलतियाँ करने में क्या समस्या है?
21. . सिलिकॉन-वैली
रिसर्च लोगों क कीे लिएशोध नए में भूल:गेमि ंग गैज
थेरानोस टे ् स लेकर आई है, लेकिन इसके
लैब्स
दष्ु परिणाम
ठीक है, समस्या कईक्या गुनहै।ाआखिर तेजी सेवे कबढ़
ु छ रहे हैं। CONSEQUENCE (2016)

तो जानते हैं! वे और अधिक शोध करेंगे


और आने वाले समय में सुधार करेंगे। इस
परिणाम
बीच, उन्होंने हमें आनंद लेने के लिए बहुत
सारे अच्छे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट और अन्य
अधूरा ज्ञानविलासिता
एक खतरनाक के उपकरण
चीज है! दिया है। उनके
शोध की आलोचना क्यों?
3. बब ु ोनिक प्लेग के दौरान
शोधकर्ताओ ं ने दावा किया कि बिल्लियाँ प्लेग का कारण •• अनिद्रा
अन स
ु ध
ं ान दावे (2003) • गलत ब्लड टेस्ट से लोगों की जान को
थीं; इसलिए उन्होंने सभी बिल्लियों को मार डाला क प्यटू र विजन सिड्रं ोम (सीवीएस)
ंखतरा
: स्वचालित
और तब एहसासउपकरण हुआ कि का चहू े उपयोग
ही असलीकरके कारणरक्त
हैं; बहुत • अवसाद (एडीएचडी)
• प्रयोगशालाओ ं में परीक्षण के दौरान घायल
परीक्षण (लै
देर हो च ु ब ऑन चिप)
क ी है। • सहुनुएनेमरीज
की क्षमता मे क्षय
अब
: रक्ततो की चहू े एक
बहुत बथेंदू , लेसेकि240
न चहू सेे खाने
अधिकके लिए बिल्ली नहीं •
• मोटापा
9 अरब डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी
थी! अब प्ले ग की महामारी
चिकित्सीय स्थितियों का तत्काल निदान। हि स
ं क रूप से फै ल रही थी।
• रिश्तों
का खल ु काासाबिगड़ना
एक समस्या का समाधान
दूसरी बड़ी समस्या बन जाता है...

यह दिखाने के लिए एक उदाहरण दें कि कै से आधनिु क मनष्ु य का एक समस्या का समाधान


दसू री बड़ी समस्या की ओर ले जाता है और अतं तः हमें खश
ु ी से वंचित करता है।

.. आधा ज्ञान खतरनाक है! हमें पूर्ण ज्ञान की आवश्यकता है।


प्रसन्नता की कुं जी = पूर्ण ज्ञान
प्रत्यक्ष/अनम
ु ान प्रमाण से हम कभी भी पूर्ण ज्ञान प्राप्त नहीं
कर सकते।
?
अधूरी जानकारी से कोई भी मशीन चलाना खतरनाक है। इसी
तरह, लौकिक ब्रह्मांडीय मशीन को , इसे बनाने वाले से इसके बारे
में जाने बिना छेड़छाड़ करना खतरनाक है ।

इस ब्रह्मांडीय मशीन के संचालन की व्याख्या करने वाली नियमावली


कहां है?
अगर हम इसे प्राप्त कर सकते हैं, तो हमारे पास होगी
खुशी की कुं जी
देखो! मेरे प्रिय मित्र! कै से चार दोष हमें सत्य क्या पूर्ण सत्य को जानने के लिए प्रत्यक्ष या
के प्रति अंधे रखते हैं! अनुमान के अलावा और कोई रास्ता नहीं है ,
जो सभी खतरों से मुक्त हो?
ज्ञान प्राप्त करने के 3 तरीके
प्रत्यक्ष प्रमाण
प्रत्यक्ष ज्ञान धारणा

? अनुमान प्रमाण
अवलोकन पर आधारित सिद्धांत (अनुमान)

शब्द प्रमाण
एक प्रामाणिक प्राधिकारी से सुनना
शब्द प्रमाण
एक प्रामाणिक प्राधिकारी से सुनना
एवं परम्पराप्राप्तमिमं राजर्षयो चिकित्सक
विदवेु ःद। - माता जाँच
स कालेनेह महता
जेबस
नटि े योगे
अपनी
क फिनष्टः परन्तप
ं गरमाँ
प्रिं
भगवान टसेमेंप200॥ -२ोपपरम
ूछ ॥रु
और
ु षों जानो
की कि त
पहचान
पिता म्ु हारेमें
करने
निगमनात्मक ज्ञान

800- वे
भगवद
साल गीतालगते
4.2 हैं, जिनमें से एक आपके पिता होने की
द हमें GK देपिता कौन हैं!
एक बच्चा कै से जान सकता है कि सकते हैं - सामान्य
संभावना है!
ज्ञान ही
नहीं
उसकाईश्वरीय
पिता ज्ञान(GOD
कौन है? KNOWLEDGE)
आगमनात्मक

क्या कोई
हम आपके जीन की जांच करेंगे और आपको
बताएंगे अन्य विधि
कि आपके पिताहै?
कौन हैं
सीखने की वैदिक प्रक्रिया
अधिकृ त कॉलेज - परम्परा / संप्रदाय
प्रोफे सर - जिसने अपने गुरु से सुना है
अधिकृ त पुस्तकें - भगवद गीता जैसे वैदिक ग्रंथ
वेदों में उन्नत ज्ञान

विमान शास्त्र
अपराजेय वैदिक भविष्यवाणियां
यीशु मसीह गौतम बुद्ध
भविष्य पुराण श्रीमद्भागवतम्
1.3.24

पैगंबर मुहम्मद चाणक्य


भविष्य पुराण श्रीमद्भागवतम्
12.1.11

चैतन्य महाप्रभु सम्राट अशोक


महाभारत: 127.92.75 श्रीमद्भागवतम्
12.1.12
कै से पढ़े-लिखे भारतीयों
को वेदों में आस्था रखने
से विमुख किया गया ?
भगवद गीता का ज्ञान
भगवद गीता की प्रासंगिकता
आज की दनि ु या में
े महिला तल
अमेरिकी कांग्रस ु सी गबार्ड
द्वारा
If we accept axioms in Science, then why can’t we accept Vedic axioms?
यदि हम विज्ञान की स्वयं सिद्ध उक्तियों को स्वीकार कर सकते हैं,तो हम वैदिक स्वयं
सिद्ध उक्तियों को स्वीकार क्यों नहीं कर सकते?

स्वयं सिद्ध उक्तियों के बिना


कोई विज्ञान नहीं है
वैदिक ज्ञान के लिए संप्रदाय
चार संप्रदाय ,जिनमें वैदिक ज्ञान को आज तक आचार्यों या आध्यात्मिक गुरुओं की एक श्रृंखला
के माध्यम से सावधानीपूर्वक सौंपा गया है।

श्री ब्रह्म रुद्र कु मार


“…तेने ब्रह्म हृदा य आदिकवये ”

श्रीमद्भागवतम् 1.1.1
यह वैदिक ज्ञान सष्टि
ृ की
शरु
ु आत से गरु ु ओ ं की
ृ ला के माध्यम से
एक श्रंख
सबसे पहले सजि ृ त प्राणी,
शिष्य उत्तराधिकार में ब्रह्म के हृदय में यह वैदिक
नीचे आया ज्ञान परम- ईश्वर के द्वारा
प्रकट किया गया था
5000 साल पहले,
भगवान के एक साहित्यिक अवतार
व्यासदेव ने सभी वेदों को कलियुग में
लोगों के लाभ के लिए
लिखित रूप में
दर्ज किया था।
वैदिक ज्ञान
उद्घाटित परम सत्य:
हर शब्द हमेशा के लिए अपरिवर्तित श्रुति स्मृति ऋषियों द्वारा रचित
अलग-अलग युगों में शब्द बदल सकते हैं

वेद उपवेद अनुष्ठान सूत्र तंत्र


ऋग, यज,ु धनर्वेु द वेदांग कल्प वेदांग Shiva to Parvati
पंचरात्र पुराण इतिहास षड्दर्शन
साम, अथर्व आयुर्वेद, आदि

संहिता कल्प श्रौतसूत्र वैष्णव


18 प्रमुख
mantra Ritual details Public yajnas पद्धति

ब्राह्मण
शिक्षा गृह सूत्र
Ritual explanation 18 लघु
Pronunciation Home yajnas
Of mantra तामसिक
आरण्यक
व्याकरण धर्मसूत्र
Esoteric explanation
grammar Law books
राजसिक
Of mantra

उपनिषद निरुक्ति
ज्ञान काण्ड etymology धर्मशास्त्र
सात्विक
मनु संहिता, आदि
छंदस्
meters

ज्योतिष वेदांत मीमांसा न्याय वैशेषिक


Astronomy space (Gautama)
(Vyasa) (Jaimini)
(Epistemology, logic)
(Kanada) योग सांख्य
calculations (Metaphysics) (Hermeneutics) (Metaphysics) (Patanjali) (Atheist Kapila)
philosophy of
theology of interpreting philosophy of (Sadhana) (Metaphysics)
knowledge
Upanisads scriptural texts including logic existence

sisters sisters sisters


हमारी शिक्षाएं आधिकारिक, शुद्ध और
स्वीकार करने के लिए सुरक्षित हैं क्योंकि वे
भगवान कृ ष्ण के एक शुद्ध भक्त, ब्रह्म माधव
गौड़ीय संप्रदाय के कृ ष्णकृ पा-प्राप्त ए.सी.
भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद पर आधारित हैं।
छह अंधे और एक बुद्धिमान व्यक्ति की कहानी

सत्य का पर्ण

अंश सत्य
सारांश

ज्ञान प्राप्त करने के 3 तरीके


प्रत्यक्ष - प्रत्यक्ष इंद्रिय प्रत्यक्ष प्रमाण
बोध
चार दोष: दोषपूर्ण अनमु ान प्रमाण
अनुमान - अवलोकन पर इन्द्रियाँ, भ्रम की प्रवृत्ति,
आधारित सिद्धांत गलतियाँ करना, धोखा देने शब्द प्रमाण
की प्रवृत्ति  विज्ञान में गलतियाँ
शब्द - प्रामाणिक
आपदाएँ आगमनात्मक vs
प्राधिकारी से सुनना
निगमनात्मक ज्ञान
आधा ज्ञान खतरनाक है
वैदिक सत्य और
भविष्यवाणियां
4 संप्रदाय
वेदों की शाखाएं
आत्म साक्षात्कार की खोज

कोर्स डिजाइनर
राधेश्याम दास
संरचना और प्रवाह
व्रज कृष्ण दास, पंकज गोप दास,
अंतद्वीप दास, धवल कृष्ण दास,
राज गोपीनाथ दास, प्रिया गोपेश दास,
रसपति दास, उमा शंकर
स्लाइड डिजाइन
करुणा गौरांग दास, धवल कृष्ण दास
वीडियो उपशीर्षक
सौरभ यादव, दयालू निताई दास
हिदं ी अनुवाद
दामोदर गोविंद दास, नवनीत, उज्ज्वल, आलोक
…. आपके मंगलमय जीवन की कामना है

प्रकृति और ईश्वर के सामंजस्य, सर्वोच्च


जिनकी अनम ु ति के बिना घास का एक
तिनका भी नहीं हिल सकता है।

किसी भी स्पष्टीकरण के लिए, बेझिझक हमसे संपर्क करें :


info@voicepune.com
VOICE निदेशक: राधेश्याम दास, एम.टेक, आईआईटी मुंबई

You might also like