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On Tripura in Hindi by Ashutosh
On Tripura in Hindi by Ashutosh
बांस फर्नीचर पूरे विश्व में अपने सुंदर आकार एवं डिज़ाइन के लिए विख्यात है जिस वजह से इनकी आयात निर्यात
क्षमता भी काफी अच्छी है।
बांस की चटाइयाँ पूरे राज्य भर में विशेष रूप से जनजातीय आबादी द्वारा ही बूनी जाती हैं और इनकी
कलात्मक सुंदरता को देख सब मुग्ध हो जाते हैं।
र्पूर्वोतर राज्यों में त्रिपुरा को "बांस का घर" कहा जाता है क्योंकि वहाँ लगभग बांस की
21 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। त्रिपुरा अगरबत्तियों हेतु प्रतिवर्ष 45000 मीट्रिक टन बांस
की तीलियों का उत्पादन करती हैं तथा इन्हें अगली प्रक्रिया के लिए कर्नाटक और
गुजरात में भेजा जाता हैं।
आइए त्रिपुरा के लोगों की कला देखें
त्रिपुरा बांस मिशन
त्रिपुरा प्राकृ तिक गैस उद्योग पूर्वोत्तर राज्यों के प्रमुख उद्योगों में से एक है। यह राज्य
प्राकृ तिक गैस का कोष व भण्डार है। यह गैस अपनी गुणवत्ता में उच्च है और इसमें ९७% से
भी अधिक मीथेन पाया जाता है तथा इसमें सल्फर एवं अन्य हानिकारक व ज़हरीले पदार्थ
अनुपस्थित हैं। तेल और प्राकृ तिक गैस निगम लिमिटेड पर्यावरण के अनुकू ल ऐसी गैस
बनाती है जो वाहनों से निकलने वाले धुँए व प्रदूषण को रोकने में अपना योगदान दे सके
और जो सुरक्षित एवं स्वस्थ भी हो।
त्रिपुरा वन विकास और वृक्षारोपण निगम लिमिटेड
वन/ रबर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना और ग्रामीण क्षेत्रों से बेरोज़गारी के काले अंधेरे को दूर करना।
तथा विलुप्त होने के कगार पर वन्य जीवन को बचाने में अपना योगदान देना।
त्रिपुरा रबर उद्योग
त्रिपुरा के रबर आधारित उद्योगों के विकास हेतु त्रिपुरा सरकार पश्चिम त्रिपुरा के
बोधंगनगर में त्रिपुरा औद्योगिक रबर पार्क स्थापित कर रही है तथा यह के रल के
बाद भारत का दूसरा सबसे बढ़ा रबर उत्पादक है। इसका लक्ष्य भारत रबर उद्योगों
की प्रगति की ओर अपना योगदान देना है। यह रबर बैंड, टायर, नली, जूते, चटाई,
इत्यादि के भी उत्पादन पर ध्यान देता है।
त्रिपुरा
राष्ट्रीय इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी
संस्थान