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Van Ke Maarg Mein
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Van Ke Maarg Mein
कक्षा 6
पाठ 16
वन के मार्ग में
- तुलसीदास -
जन्म : 1532, राजपरु , उत्तर प्रदे श
मत्ृ यु : 1623
गोस्वामी तल
ु सीदास भक्ति काल की रामभक्ति
शाखा के महान संत कवि थे।
श्रीराम की पत्नी सीता नगर से वन के मार्ग पर बहुत धैर्य के साथ निकलीं I वन के कठिन मार्ग
पर दो कदम अर्थात कु छ दूर चलते ही वे थक गईं I उनके माथे पर पसीने की बूँदें झलकने लगीं
I उनके मधुर होंठ सूख गए I वे व्याकु ल होकर श्रीराम से पूछने लगीं कि अब कितनी दूर और
चलना है और पर्णकु टी कहाँ बनाएँगे I अपनी प्रिय पत्नी की यह व्याकु लता देखकर श्रीराम की
सुंदर आँखों से आँसू बहने लगे I
सवैया
लरिका – boy परिखौ – wait छाँह – shade
घरीक – for a while ठाढ़े – stand
पसेऊ – sweat बयारि – air
पखारिहौं – wash भूभुरि – hot sand
श्रम – tired विलंब – for long कं टक –
thorn काढ़े – remove नेह – love
लख्यौ – to see पुलको – happy
तनु – body बारि – tears
बिलोचन – eyes बाढ़े – rolled out
सारांश
सीता श्रीराम से कहती हैं कि लक्ष्मण तो जल लाने गए हैं , वे तो लड़के हैं इसलिए उन्हें
समय लग जाएगा I उनके आने तक आप छाया में कु छ देर खड़े होकर उनकी प्रतीक्षा
कर लीजिए I मैं आपके पसीने को पोंछ कर हवा कर देती हूँ ;गरम रेत से तपे चरणों को
भी धो देती हूँ I
तुलसीदास कहते हैं कि अपनी पत्नी के ऐसे वचनों को सुनकर और सीता जी की थकान
देखकर श्रीराम पेड़ की छाया में बैठ गए I वे बहुत देर तक बैठकर सीता जी के पैरों से
काँटे निकालते रहे I अपने प्रति श्रीराम के इस प्रेम को देखकर सीता का शरीर पुलकित
हो गया और उनकी आँखों से आँसू बहने लगे I
पुनरावृत्ति
• नगर से बाहर दो कदम चलते ही सीता की क्या दशा हुई ?
नगर से बाहर दो कदम चलते ही सीता के माथे से पसीना झलकने लगा और
मधुर होंठ सूख गए I
• सीता ने श्रीराम से क्या पूछा ?
सीता ने श्रीराम से पूछा कि अब कितनी दूर चलना है और पर्नकु टी कहाँ
बनाइएगा I
• पानी लेने कौन गया था ?
• लक्ष्मण
• श्रीराम ने सीता की थकान दूर करने लिए क्या किया ?
श्रीराम ने थकी हुई सीता के पैरों से देर तक काँटे निकाले ताकि उन्हें
आराम मिल सके और उनकी थकान दूर हो जाए I
गतिविधि : कविता लेखन