Bagwani Mitra or Sakhi Ke Bare Mei Jaankari

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बागवानी सखी / बागवानी मित्र के बारे जानकारी

बागवानी सखी/मित्रों की भूमिका


• जिन गांवों में बागवानी की योजना क्रियान्वित की जा रही है उन गांवों में ‘ बागवानी सखी/मित्र’ का सहयोग लिया
जा सकता है |
• 5 एकड़ बागवानी योजना के लिए दो बागवानी सखी/मित्र का सहयोग लिया जा सकता है | 5 एकड़ बागवानी के
लिए प्रतिवर्ष 200 मानव दिवस का प्रावधान किया गया है |
• बागवानी सखी/ मित्र’ का सहयोग एक गाँव में व अधिकतम 5 एकड़ बागवानी के लिए लिया जायेगा |
• बिरसा बागवानी मित्रों का सहयोग महीने में अधिकतम 20 दिनों के लिए ही लिया जा सकता है |
• ‘बिरसा बागवानी मित्र’ द्वारा मुख्यतः ग्रामीणों व मेट को मनरेगा अंतर्गत क्रियान्वित बागवानी के कार्यों यथा ले-
आउट, गड्ढा खुदाई, गड्ढा भराई, जिन्दा घेरावान, अन्तः खेती (Inter croping) आदि में तकनिकी सहयोग
प्रदान करना, मनारेगा के प्रावधानों के बारे में जानकारी देना, अन्य विभाग के साथ होने वाला अभिषरण की
जानकारी देना एवं उसका कार्य योजना बनाना आदि |
• बागवानी के लाभुकों का लाभुक समूह बनाना, समूह का सफलता पूर्वक संचालन व क्षमता-वर्धन आदि कार्यो में
ग्राम-पंचायत (Programme Implementing Agency) को सहयोग करना |
योग्यता एवं कार्य अनुभव:-
• वैसे उम्मीदवार जिन्हें पढ़ना व लिखना आता हो व इस कार्य कार्य को करने को इच्छु क हो |
• ‘बागवानी सखी/ मित्र’ उसी पंचायत के निवासी हों व उनका सहयोग उनके आवासीय गाँव
या बगल के गाँव में लिया जायेगा |
• JSLPS अथवा किसी भी सरकारी या गैर-सरकारी संस्था में बागवानी सहयोगकर्ता के रूप
में या खेती-बारी (कृ षि) में सहयोगकर्ता/ किसान मित्र के रूप में कार्य करने का अनुभव हो
या वैसे किसान जिन्हें अपने आम बागवानी में 3 से 4 वर्षो तक कार्य करने का अनुभव हो
तथा अन्य किसानो को प्रशिक्षण देने में सक्षम हों |
• ‘बागवानी सखी/मित्र’ जिनकी खुद की अपनी आम बागवानी हो उन्हें वरीयता दी जायेगी |
चयन प्रक्रिया
• ‘बागवानी सखी/मित्र’ का चयन JSLPS या सम्बंधित प्रखंड में कार्यरत partner CSO ‘जो
बागवानी योजना के क्रियान्वयन, लाभुक, मेट, बागवानी सखी/मित्र, मनारेगा कर्मी का प्रशिक्षण आदि
में प्रखंड व ग्राम पंचायत को सहयोग प्रदान कर रहें है एवं स्वेच्छा से इस कार्य को गुणवत्तापूर्ण संपन्न
करने में सक्रीय सहयोग करने को इच्छु क हो’ के द्वारा चयन व प्रशिक्षण दिया जायेगा |
• JSLPS द्वारा चयनित ‘बागवानी सखी/मित्र’ को प्रशिक्षित एवं कार्य-आदेश (with work
plan) देने की जिम्मेवारी JSLPS की होगी |
• जिन प्रखंडों में अन्य partner CSOs के द्वारा बागवानी योजना में सहयोग प्रदान किया जा रहा है
उन प्रखंडो/पंचायत हेतु चयनित बागवानी सखी/मित्र का प्रशिक्षण एवं कार्य-आदेश ( with work
plan) सम्बंधित CSO के द्वारा किया जायेगा एवं प्रशिक्षण का आयोजन प्रखंड विकास पदाधिकारी
के द्वारा किया जायेगा | प्रशिक्षण में होने वाला खर्च प्रशासनिक मद से वहन किया जायेगा |
बागवानी सखी/मित्र’ का कार्य
• ‘बागवानी सखी/मित्र’ का मुख्य कार्य बागवानी वाले किसानो एवं मेट को बागवानी का प्रशिक्षण देना |

• ये बागवानी वाले लाभुकों को बिरसा हरित ग्राम योजना के सभी प्रावधानों के बारे में जानकरी प्रदान करेंगे |

• ये मेट को मुख्यतः आम बागवानी का ले-आउट, पौधा के चुनाव, गड्ढा की खुदाई व पौधा रोपाई की विधि, घेरान, बागवानी

का प्रबंधन एवं बागवानी के अन्दर होने वाले कार्यो आदि पर तकनिकी प्रशिक्षण प्रदान करना |

• ये बागवानी के लाभुकों को बागवानी पर क्षमता-वर्धन हेतू (motivational and technical) प्रशिक्षण प्रदान करेंगे |

• ‘बागवानी सखी/मित्र’ किसानों के लिए सामाजिक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेंगे |

• टोला/ ग्राम स्तर पर बागवानी वाले 10 से 20 लाभुकों का समूह बनाने एवं सभी सदस्यों को इस समूह का उद्देश्य बताने

का कार्य ‘बिरसा बागवानी मित्र’ का होगा | समूह का साप्ताहिकी बैठकी, इसका नियम-कानून बनाने, समूह का उद्देश्य

निर्धारित करने आदि निर्धारण करने व बागवानी में होने वाली कार्यो का कार्य योजना तैयार करने में किसानों को सहयोग

करेंगे |
continue
• लाभुक को उस पंचायत या प्रखंड में चल रहे अन्य योजनाओं के साथ अभिषरण स्थापित करने में
मदद प्रदान करेंगे |
• योजना के मार्गदर्शिका के अनुरूप पौधों के पोषण की योजना बनाना तथा ससमय कार्यान्वित करना |

• बागवानी में होने वाला खर्च, आमदनी, बागवानी का प्रवंधन आदि का विवरण लाभुकवार बागवानी
पंजी में संधारित करना |
• पंचायत द्वारा प्रदान किए गए प्रपत्र में बागवानी का रिपोर्ट तैयार करना एवं अपने कार्य का मासिक
प्रतिवेदन तैयार करना
• हरित ग्राम योजना का प्रचार प्रसार करना |
मानदेय एवं भुगतान की प्रक्रिया
• ‘बागवानी सखी/मित्र’ का मानदेय कार्य दिवस के आधार पर दिया जायेगा | इनका मानदेय
मनरेगा के अकु शल मजदूरी दर से दिया जायेगा | इनका मस्टर रोल के माध्यम से किया जायेगा

| अतः उनका जॉब-कार्ड एवं अपना बैध बैंक खाता होना चाहिए |

• ‘बागवानी सखी/मित्र’ किये गए कार्य को प्रपत्र-1 में भरेंगे जिसे सम्बंधित पंचायत के पंचायत

सचिव/ ग्राम रोजगार सेवक व पंचायत के मुखिया द्वारा सत्यापित किया जायेगा | सत्यापित

प्रपत्र के आधार पर प्रखंड द्वारा इनका मानदेय भुगतान किया जायेगा |

• ‘बागवानी सखी/मित्र’ का मानदेय पौधों की उत्तरजीविता के आधार पर दिया जायेगा | 90%

से अधिक पौधों को जीवित रहने पर ही पूर्ण मानदेय मजदूरी दिया जायेगा |


बागवानी सखी/मित्र’ का मुल्यांकन एवं निगरानी

• ‘बागवानी सखी/मित्र’ का मूल्यांकन JSLPS या partner CSOs के द्वारा किया

जायेगा |

• यदि किसी बागवानी सखी/मित्र के पास किसी मजदूर का जॉब कार्ड, बैंक पास बुक, मास्टर

रोल आदि पाया जाता है तो उसे इस कार्य से अविलम्ब हटा दिया जायेगा |

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