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Rig Veda
Rig Veda
प्राचीनतम वेद: ऋगवेद, भारतीय साहित्य का प्राचीनतम और प्रमुख वेद है। इसे
संस्कृ त साहित्य का आदि माना जाता है।
सृष्टि के मन्त्र: ऋगवेद में ब्रह्मा, विष्णु, और शिव के समान्तर मन्त्र मौजूद हैं, जो सृष्टि
के निर्माता, पालक, और संहारक का संके त करते हैं।
देवता और ऋषि: ऋगवेद में एक दर्शनीय विविधता है, जिसमें बहुत से देवताओं के बारे
में जानकारी और ऋषियों के सुवाद हैं।
मंत्रों का संग्रह: ऋगवेद लगभग 1,028 सूक्तों (मंत्रों) का संग्रह है जो ब्राह्मणों द्वारा
विविध कलाओं और विद्याओं के लिए प्रशिक्षण देने के लिए उपयोग होते थे।
स्वर, छंद, और भाषा: ऋगवेद की भाषा सरल और भव्य है, जिसमें स्वर, छंद, और
भाषा की सुंदरता को बढ़ावा दिया गया है।
यज्ञों के मन्त्र: यज्ञों की विधियों और मन्त्रों का विस्तृत वर्णन ऋगवेद में है, जो विभिन्न
प्रकार के कर्मकाण्ड की शिक्षा प्रदान करते हैं।
विज्ञान और दर्शन: ऋगवेद में ब्रह्मा और वेदांत के सिद्धांतों के आधार पर ज्ञान की ऊँ चाइयों की
बहुतरीन विवेचना है।
सम्पूर्णता का प्रतीक: ऋगवेद को सम्पूर्णता का प्रतीक माना जाता है जिसमें संसार की सम्पूर्णता
का चित्रण है।
ऋग्वेद भारतीय साहित्य और धर्म के महत्वपूर्ण स्रोतों में से एक है, जो संस्कृ ति और ज्ञान के
समृद्धि से भरा हुआ है।