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यात्रा वर्णन
यात्रा वर्णन
समूह का सदस्य
DEVANSH MARIYAM MAYANK
THAKUR GULECHA
PRATHAM SOHAN
भूमिका (यात्रा वर्णन एवं लेखक का
परिचय)
यह साहित्य की वह विधा है जिसमें लेखक किसी स्थान की यात्रा का वर्णन करता है |और यह वर्णन रोचक होता है| वर्णन के दौरान लेखक किसी स्थान के
इतिहास,भूगोल, संस्कृ ति, अर्थव्यवस्था आदि से पाठक को परिचित कराया जाता है| यात्रा वृतांत मे संस्मरण और रेखाचित्र का मिलाजुला रूप देखने को
मिलता है|किसी भी यायावर( घूमने वाला व्यक्ति ) के अनुभव में विविधता होती है यात्रा वृतांत में यायावर के अनुभव की व्याख्या नहीं होती है, बल्कि निश्चित
दृष्टिकोण से दर्शनीय स्थानों को देखा जाता है|एक यात्री उन समस्त बिंदुओं को उल्लास और ऊर्जा के भाव से देखने का प्रयास करता है , जहां पर वह यात्रा के
दौरान गया होता है|यात्रा वृतांत की दो खूबियां होती है- एक तो सौंदर्य का बोध और दूसरा कौतूहल को जगाए रखना|देश काल के संदर्भ में किसी भी पाठक की
जानकारी को बढ़ाना यात्रा वृतांत का प्रमुख उद्देश्य होता है |
रामधारी सिंह 'दिनकर' (1908-1974) हिन्दी साहित्य के एक महान
कवि, लेखक और निबंधकार थे। यद्यपि वे ओज और शृंगार, दोनों भावों की
कविताएँ निरंतर लिखते रहे, किन्तु उनकी लेखनी ने राष्ट्रहित का खयाल
हमेशा रखा है। अपने कवि जीवन के आरंभिक दिनों में वे एक ओजस्वी कवि
के रूप में उभर कर समाज के सामने आये और अपने हुंकार से स्वतंत्रता
आन्दोलन को उन्होंने एक नयी दिशा और एक तीव्र वेग प्रदान किया है।