VOICE , STYLE परिभाषा वस्तुत: वाच्य का शाब्दिक अर्थ:- “बोलने योग्य”, “जो बोलने का विषय हो” | इसे किसी बात को कहने का विशेष ढंग भी कहा जा सकता है जिसके द्वारा कोई व्यक्ति अपनी किसी बात के बिंदु को प्रमुखता से स्पष्ट करता है | वाच्य इस बात को प्रकट करता है कि कोई किस कथ्य बिंदु को अधिक महत्त्व दे रहा है – वह कर्ता है, कर्म है या क्रिया-भाव है | क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि क्रिया का मुख्य विषय कर्ता है, कर्म है अथवा भाव उसे “वाच्य” कहते हैं | प्रकार वाच्य (VOICE)
कर्तृवाच्य कर्मवाच्य भाववाच्य
ACTIVE PASSIVE IMPERSONAL कर्तृवाच्य (ACTIVE VOICE) • जिस वाक्य में क्रिया का मुख्य विषय कर्ता होता है , वहां कर्तृवाच्य होता है | • इसमें कथन का के न्द्र कर्ता होता है | • क्रिया कर्ता के अनुसार चलती है | • क्रिया सकर्मक और अकर्मक होती है (दोनों रूप हो सकती है) | • कर्ता में प्रथमा विभक्ति होती है | वाक्य में कर्ता ,कर्म और क्रिया हो का प्राधान्य हो सकता है | वाक्य का संयोजन कर्ता कर्म और क्रिया के रूप में होता है | कर्तृवाच्य कर्तृवाच्य
कर्ता कर्म क्रिया
( SUBJECT ) (OBJECT) (VERB ) प्रधान (कारक या प्र.वि. को (स.क./अ प्रथमा विभक्ति ) छोड़कर सभी वि.) क.क्रिया) कर्तृवाच्य (ACTIVE VOICE ) कर्तृवाच्य:- जिस वाक्य में कर्ता प्रधान होता है, उसे कर्तृवाच्य कहते है | इसमें क्रिया कर्ता के अनुसार आती है | राम पुस्तक पढ़ता है |
कर्ता कर्म क्रिया
राम:- कर्ता विभक्ति,पुल्लिंग,एकवचन,प्रथमपुरुष(प्रधान) पुस्तक:- कर्म कारक | क्रिया:- सकर्मक,पुल्लिंग,एकवचन ( राम के अनुसार ) अकर्मक क्रिया:-विनय सोता है|(सोता कर्ता के अनुसार) कर्मवाच्य (PASSIVE VOICE) जिस वाक्य में क्रिया का मुख्य विषय कर्म (OBJECT) होता है वहाँ कर्मवाच्य होता है | इसमें क्रिया हमेशा कर्म के अनुसार, सकर्मक और प्रधान होती है | क्रिया के लिंग-वचन कर्म के अनुसार होते हैं | प्रधान क्रिया के साथ अप्रधान अकर्मक क्रिया भी रहती है गौरव से पुस्तक पढ़ी गई थी | गौरव के द्वारा पुस्तक पढ़ी गई थी | इसमें कर्ता (SUBJECT) में तृतीया विभक्ति / करण कारक (से, द्वारा) होता है | कर्म में प्रथमा विभक्ति होती है | कर्म के अनुसार क्रिया रहती है | प्रधान क्रिया सकर्मक होती है तथा अप्रधान क्रिया अकर्मक होती है | कर्मवाच्य (PASSIVE VOICE) कर्मवाच्य
कर्ता कर्म क्रिया
(SUBJECT ) (OBJECT) (VERB ) तृतीया विभक्ति प्रथमा विभक्ति (सकर्मक क्रिया) (से/ द्वारा , BY ) (विभक्ति चिह्न (कर्म के लिंग,वचन,पुरुष कृ ष्ण से / द्वारा अदृश्य रहता है) व क्रिया रहती है) क्रिया (VERB) अप्रधान (गौण) कर्म के अनुसार लिंग,वचन,पुरुष होती है | कर्मवाच्य (PASSIVE VOICE) राके श गीत सुनाएगा | - कर्तृवाच्य (ACTIVE VOICE) कर्ता:- राके श गीत:- कर्म सुनाएगा:- क्रिया राके श से / के द्वारा गीत सुनाया जाएगा | कर्मवाच्य राके श से / के द्वारा:- कर्ता (तृतीया विभक्ति) | गीत :- कर्म (कें द्र बिन्दु) प्रथमा विभक्ति | सुनाया:-क्रिया (सकर्मक,प्रधान क्रिया,गीत के अनुसरण) जाएगा :- क्रिया (अकर्मक, अप्रधान क्रिया , कर्म का अनुगमन ) भाववाच्य (IMPERSONAL VOICE) जहाँ क्रिया का मुख्य बिन्दु कर्ता अथवा कर्म न होकर भाव होता है, वहाँ भाववाच्य होता है | ऐसे वाक्य में कर्ता या कर्म की प्रधानता न होकर क्रिया का भाव प्रमुख होता है | भाववाच्य में क्रिया सदैव एकवचन, पुल्लिंग,अकर्मक तथा अन्य पुरुष में रहती है | कर्ता में तृतीया विभक्ति होती | कर्म की अनुपस्थिति होती है | क्रिया सदैव अकर्मक रूप में होती है | सरस्वती के द्वारा पढ़ा नहीं जाता है | भाववाच्य (IMPERSONAL VOICE) *जिस वाक्य में कर्ता अज्ञात होता है, वहाँ भाववाच्य होता है – पत्र भेज दिया गया था | *जब कोई कार्य अचानक हो जाता है तो वहाँ भाववाच्य होता है – गिलास टू ट गया | * ऐसी सूचना आदि में जहाँ कर्ता का निश्चित ज्ञान नहीं होता , भाववाच्य होता है | खूब पैसा बहाया जा रहा है , रोगियों को छोड़ दिया जाएगा | * जिस वाक्य में सामर्थ्यवाचक क्रिया का प्रयोग हो, वहाँ भाववाच्य होता है | राम पढ़ नहीं सकता | मुझसे चला नहीं जाता | जहाँ क्रिया का भाव प्रधान रहता है ,वहाँ भी कर्ता के बाद की विभक्ति का प्रयोग हो तो भाववाच्य होता है | समय हो गया, अब चला जाए | खाने के बाद थोड़ा घूम लिया जाए | वाच्य परिवर्तन कर्तृवाच्य कर्मवाच्य बालक पत्र लिखता है – बालक से पत्र लिखा जाता है | गीता खाना बनाती है – गीता से खाना बनाया जाता है | अमित चाय पी रहा था – अमित द्वारा चाय पी जा रही थी | मैंने पत्र लिखा – मुझसे पत्र लिखा गया | मोहन अभी सोएगा – मोहन से अभी सोया जाएगा | वह नहीं हँसता – उससे हँसा नहीं जाता | कर्तृवाच्य भाववाच्य पक्षी आकाश में उड़ते हैं – पक्षियों द्वारा आकाश में उड़ा जाता है | बच्चें जागेंगे – बच्चों से जागा जाएगा | मैं इस गर्मी में सो नहीं सकती – मुझसे इस गर्मी में सोया नहीं जा सकता | धन्यवाद ! • बाबु लाल माली • स्नातक शिक्षक – हिन्दी • के न्द्रीय विद्यालय वायुसेना स्थल समाना • दूरभाष :- 8866036733, 8824292037 • ईमल – babulakmalitgt@gmail.com