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साखी कबीर
साखी कबीर
कबीर दास जी कहते हैं कि हमें प्रेमपूर्वक बात करनी चाहिए| मीठे
वचनों के प्रयोग से सुनने वाले का अहंकार समाप्त हो जाता है और
हमारी बात ध्यान से सुनता है| प्रेम से पूर्ण मिठास भरे शब्दों का प्रयोग
करने पर बोलने वाले का भी मन शांत रहता है और सुनने वाले को
भी अच्छा लगता है| मधुर वाणी के प्रोग से कोई बात बढ़ती नहीं है
और आपसी सम्बन्ध और प्रेम भी बना रहता है|
1. मनुष्य को कै सी वाणी बोलनी चाहिए?
2. संसार खाने और सोने में मस्त क्यों है? यहाँ ‘सोना’ और ‘जागना’
किसका प्रतीक है?