DIWAKAR Accounting For Manegerial Design

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GOVT.LARANG SAI P.G.

COLLEGE,
RAMANUJGANJ
JAIL ROAD RAMANUJGANJ,DIST:- BALRAMPUR RAMANUJGANJ,
CHHATTISGARH 497220
NAME – DIWAKAR SARKAR
SESSION – 2023-24
SUBJECT – ADVERTISING AND SALES MANAGEMENT

CLASS – M.COM 2nd

TOPIC – What do you understand by personal selling? Explain the functions and benefits of personal selling.
Explain its types

GUIDED BY:
PAWAN KUMAR SINGH
PRESENTED BY:
DIWAKAR SARKAR
रूपरेखा:-
1.वैयक्तिक विक्रय का अर्थ
2.वैयक्तिक विक्रय की परिभाषा
3.वैयक्तिक विक्रय के कार्य
4.वैयक्तिक विक्रय के लाभ
5.वैयक्तिक विक्रय के प्रकार
6.निष्कर्ष
(1) वैयक्तिक विक्रय का अर्थ
वैयक्तिक विक्रय का अर्थ वैयक्तिक विक्रय वस्तुओं एवं सेवाओं के विक्रय में महत्वपूर्ण है। यह विक्रय की
यह विधि है, जिसे 'प्रत्यक्ष विक्रय' कहते हैं। इसमें वस्तुओं के विक्रय के लिए ग्राहक एवं विक्रयकर्ता में
प्रत्यक्ष बातचीत होती है और विक्रयकर्ता ग्राहक को प्रभावित कर विक्रय करता है।
2. वैयक्तिक विक्रय की परिभाषा
(1) विलियम जे. स्टाण्टन के अनुसार- वैयक्तिक विक्रय में अके ला व्यक्तिगत सन्देश शामिल होता है, जो अव्यक्तिगत सन्देश,
विज्ञापन, विक्रय संवर्द्धन व अन्य संवर्द्धन उपकरणों के विपरीत है |

(2) रिचर्ड बसकिर्क के शब्दों में- वैयक्तिक विक्रय वह विक्रय है, जिसमें किसी वस्तु के सम्भावित क्रे ताओं से व्यक्तिगत सम्पर्क
स्थापित किया जाता है।
वैयक्तिक विक्रय के कार्य
(1) बिक्री करना – वैयक्तिक विक्रय का यह प्रमुख कार्य है। इसमें नए व पुराने ग्राहकों को वस्तुओं का विक्रय किया जाता है। नए ग्राहकों के आदेश, नए
आदेश एवं पुराने ग्राहकों के आदेश पुनः आदेश के नाम से जाने जाते हैं।

(2) ग्राहकों की सेवा करना - इसमें ग्राहकों को वस्तु से परिचित कराते हैं। इसके लिए विक्रयकर्ता वस्तु का प्रदर्शन करता है, ग्राहकों को उचित सलाह
देता है। वस्तु को नष्ट होने से बचाने के बारे में जानकारी देता है तथा ग्राहकों की शिकायतों को हल भो करता है।

(3) विक्रय का रिकॉर्ड रखना – विक्रयकर्ता द्वारा विक्रय सम्बन्धी रिकॉर्ड भी तैयार होता है अर्थात् बिक्री किसको व किस मात्रा में व कब की गई?
विक्रयकर्ता द्वारा कितनी मुलाकातें की गईं और उनके क्या परिणाम रहे इत्यादि बातों के रिकॉर्ड रखते हैं।

(4) प्रशासनिक कार्य – इसके अन्तर्गत साथी विक्रे ताओं को प्रशिक्षण देना, अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन विपणन कार्यक्रम व प्रबन्ध को बाजार
सम्बन्धी सूचनाएँ प्रदान करना आता है।
वैयक्तिक विक्रय के लाभ
(1) भावी ग्राहकों का पता लगाना – वैयक्तिक विक्रय के द्वारा वर्तमान एवं भावी ग्राहकों का पता लगाते हैं। इससे विक्रय प्रयासों को के न्द्रित किया जाता है, किन्तु विज्ञापन एवं विक्रय
संवर्द्धन से सम्भाव्य ग्राहकों तथा असम्भाव्य पता लगाना असम्भव होता है l

(2) ग्राहकों को अधिकतम सन्तुष्टि देना – प्रत्येक विपणन का उद्देश्य ग्राहकों को अधिकतम सन्तुष्टि देकर लाभों में वृद्धि करना है। वैयक्तिक विक्रय इस उद्देश्य की प्राप्ति में भरपूर
सहयोगी होता है। शायद इतना सहयोग विज्ञापन, विक्रय संवर्द्धन व अन्य साधनों से भी नहीं हो सकता है।

(3)शंकाओं तथा आपत्तियों को हल करना – वैयक्तिक विक्रय में विक्रे ता तथा ग्राहक सम्मुख होते हैं और वस्तु भी सामने होती है। में लगा हुआ है। अतः, क्रे ता एवं विक्रे ता परस्पर
बातचीत के द्वारा वस्तु के सम्बन्ध में उत्पन्न शंकाओं और आपत्तियों को हल करते हैं।

(4) वस्तु का प्रदर्शन – वैयक्तिक विक्रय में वस्तुओं को बेचने के लिए यह जरूरी है कि वस्तु की विशेषताओं से ग्राहक को परिचित कराया जाए। इसके लिए उसके सम्मुख वस्तु का
प्रदर्शन किया नाता है।
वैयक्तिक विक्रय के प्रकार

वैयक्तिक विक्रय के प्रमुख निम्न तीन प्रकार के होते हैं-


(1) फु टकर व्यापारियों के लिए विक्रय – इसमें वैयक्तिक विक्रय कार्य करने वाले विक्रे ताओं द्वारा उपभोक्ताओं को वस्तुओं का विक्रय होता है। विक्रे ता उपभोक्ताओं या ग्राहकों के
समक्ष वस्तुएँ प्रस्तुत करता है, उनकी विशेषताओं का वर्णन करता है। प्रतिस्पद्धा वस्तुओं की तुलना कर गुणों को स्पष्ट करता है और विभिन्न प्रकार की सेवाएँ देकर ग्राहकों को
वस्तुएँ खरीदने हेतु प्रेरित करता है।

(2) थोक व्यापारियों के लिए विक्रय - वैयक्तिक विक्रय इस स्वरूप में विक्रे ता फु टकर व्यापारियों की वस्तुओं का विक्रय करते हैं। ऐसे विक्रे ता फु टकर विक्रय संस्थाओं से
आदेश प्राप्त करने, उनकी समस्याओं का निदान करने उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण देने और विपणन शोध सम्बन्धी कार्य करते हैं। इन विक्रयकर्ताओं द्वारा कभी-कभी ग्राहक
व्यापारिक संस्थाओं के लिए विज्ञापन कार्यक्रम भी बनाते हैं।

(3) निर्माताओं के लिए विक्रय – वैयक्तिक विक्रय का यह वह स्वरूप है, जो मिश्रित प्रकृ ति देता है। इसमें विक्रयकर्ताओं को घर-घर घूमकर व्यापारिक संस्थाओं से सम्पर्क
बनाकर तथा अन्य औद्योगिक संस्थाओं एवं सरकारी संस्थानों के अधिकारियों से मिलकर माल बेचता है। इन विक्रयकर्ताओं को मध्यस्थों के साथ मिलकर संवर्द्धनात्मक कार्य
करते हैं। ये विक्रयकर्ता पेशेवर एवं सृजनात्मक होते हैं। इनका पारिश्रमिक भी उच्च्च होता है और विविध रूपों में प्रदत्त होता है।
निष्कर्ष :—

व्यक्तित्व व्यवहार करने, सोचने और महसूस करने का एक विशिष्ट तरीका है; यह महत्वपूर्ण है
क्योंकि यह हमें मानव व्यवहार का अनुमान लगाने, समझाने और समझने में मदद करता है।

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